राजनाथ ने भरी हुंकार, भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जाने से नहीं हिचकिचाएगा
Rajnath Singh in Parliament: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में बताया कि पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) भारत की इस नीति को स्पष्ट करता है ...
पहलगाम दुखद, पर खेल चलता रहना चाहिए: भारत-पाकिस्तान मैच पर सौरव गांगुली का बड़ा बयान
Sourav Ganguly IND vs PAK Asia Cup : भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने रविवार को कहा कि उन्हें आगामी एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के एक ही ग्रुप में होने से कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद खत्म होना चाहिए, लेकिन खेल जारी रहना चाहिए। एशिया कप के कार्यक्रम के अनुसार चिर-प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान को ग्रुप ए में रखा गया है और वे 14 सितंबर को दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में आमने-सामने होंगे। गांगुली ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘मैं इसके कार्यक्रम से सहमत हूं। खेल जारी रहना चाहिए। पहलगाम में जो हुआ वह कभी नहीं होना चाहिए, लेकिन हम उसे खेल को रोकने नहीं दे सकते। आतंकवाद खत्म होना चाहिए। भारत ने इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, अब यह अतीत की बात है। खेल जारी रहना चाहिए।’’ भारत एशिया कप में अपने अभियान की शुरुआत 10 सितंबर को यूएई के खिलाफ करेगा। उम्मीद है कि वह अपने सभी मैच दुबई में खेलेगा। भारत और पाकिस्तान 21 सितंबर को सुपर फोर चरण में फिर से भिड़ सकते हैं। ALSO READ: खिसियाए स्टोक्स का हैंडशेक ड्रामा, नहीं झुके जडेजा और सुंदर, दिलाया सम्मानजनक ड्रॉ [VIDEO] #WATCH | Kolkata: On India-Pakistan placed in the same group in the Asia Cup, former Indian cricketer Saurav Ganguly says, I am okay. The sport must go on. At the same time Pahalgam should not happen, but the sport must go on. Terrorism must not happen; it needs to be stopped.… pic.twitter.com/Qrs17KOKrN — ANI (@ANI) July 27, 2025 भारत के ग्रुप ए में पाकिस्तान, यूएई और ओमान शामिल हैं, जबकि ग्रुप बी में श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और हांगकांग हैं। एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) 19 मैचों के इस टूर्नामेंट के लिए 17 सदस्यीय टीमों को अनुमति देगी, जिसमें मैच दुबई और अबू धाबी में खेले जायेंगे। बीसीसीआई एशिया कप के इस सत्र आधिकारिक मेजबान है लेकिन इसका आयोजन यूएई किया जा रहा है क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सीमा पर तनाव के कारण 2027 तक केवल तटस्थ स्थानों पर खेलने पर सहमत हुए हैं। पहलगाम हमले के बाद दोनों देश युद्ध के कगार पर आ गए थे, जिसका भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साथ जवाब दिया था। (भाषा) ALSO READ: Asia Cup 2025 में 14 और 21 सितंबर को होगा भारत-पाक का महामुकाबला, पढ़े पूरा शेड्यूल
अपने भड़काऊ और विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले मौलाना तौकीर रज़ा ने सीधे शब्दों में कहा कि बीजेपी की सरकार जालिमों की सरकार है। उन्होंने कहा कि बीजेपी, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठन आतंकवादी संगठन हैं। यह तमाम संगठन एक ही माँ के बच्चे हैं और वह माँ है – आरएसएस। आरएसएस ने जो संस्कार दिए हैं, उसी आधार पर ये संगठन काम कर रहे हैं। बीजेपी और उसके सहयोगी संगठन जो कुछ कर रहे हैं, वो खुला आतंकवाद है। और इस आतंकवाद को सरकार बढ़ावा दे रही है। सरकार इनकी सरपरस्ती करती है और मुस्लिम दुश्मनी को खुलेआम प्रमोट कर रही है। पढ़िए दैनिक भास्कर से खास बातचीत देश में दो कानून चल रहे हैं, एक मुसलमानों के लिए और एक बाकियों के लिए उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में आज दो कानून चल रहे हैं। एक कानून वो है जो इन आतंकवादी संगठनों को खुली छूट देता है – वो मुसलमानों को सताते रहें, बहन-बेटियों को बेइज्जत करते रहें, धर्म परिवर्तन कराते रहें, और उन्हें कुछ नहीं कहा जाएगा। दूसरा कानून वो है जो अगर किसी मुसलमान से ज़रा सी भी गलती हो जाए तो उसे बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित किया जाता है और उस पर सख्त कार्रवाई की जाती है। संविधान की शपथ लेने वालों की जिम्मेदारी है कि यह देश एक कानून से चले, लेकिन सरकार ने यह जिम्मेदारी छोड़ दी है। धर्मांतरण के आरोप झेल रहे छांगुर बाबा के समर्थन में उतरे तौकीर रज़ा मौलाना ने धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार छांगुर बाबा का बचाव करते हुए कहा कि वो अपने धर्म का प्रचार कर रहे थे, जो हर किसी का अधिकार है। उन्होंने कहा – “अगर यही पैमाना है, तो मुझे भी छांगुर बाबा बना दिया जाएगा। मेरे खिलाफ भी ISI, लश्करे तैयबा, पाकिस्तान से संबंध, विदेशी फंडिंग जैसे आरोप दिखाए जा सकते हैं। जो भी सरकार के खिलाफ बोलेगा, उसके साथ यही होगा।”उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस देश में अपने मजहब की अच्छाई बयान करने का अधिकार है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस जैसे संगठन हमारा यह हक छीन रहे हैं। उन्होंने कहा कि छांगुर बाबा की सिर्फ इतनी गलती थी कि उनके पास जो लोग धर्म परिवर्तन के लिए आ रहे थे वो उन्हें डीएम के पास भेजते। छांगुर बाबा एक पीर है। इस्लाम नया धर्म है, इसलिए लोग पुराने को छोड़कर इसे अपना रहे हैं तौकीर रज़ा ने कहा – “इस्लाम नया मजहब है, और इंसान का स्वभाव होता है कि वो नया अपनाता है और पुराने को रिजेक्ट करता है। जब इस्लाम भारत आया था, तब पूरी की पूरी बस्तियां मुसलमान बन गईं। इस्लाम की अच्छाईयां थीं, इसलिए लोगों ने उसे अपनाया।”उन्होंने कहा – “हमारा मजहब दूसरों को मुसलमान बनाने पर नहीं, पहले खुद को मुसलमान बनाने पर जोर देता है। सबसे पहले जिम्मेदारी यह है कि मुसलमान खुद सही अमल करें, वरना गैर-मुस्लिम को मुसलमान बनाने की कोई अहमियत नहीं।” मुसलमान को मुसलमान बनाना असल जिम्मेदारी, लालच देकर धर्म परिवर्तन इस्लाम में नहीं उन्होंने साफ कहा कि मोहब्बत, नौकरी, या किसी भी लालच के नाम पर धर्म परिवर्तन कराना इस्लाम में मना है। जो मुसलमान भटक गए हैं, उन्हें मुसलमान बनाना मस्जिदों, उलमा की जिम्मेदारी है। अगर कोई मुस्लिम लड़का या लड़की धर्म बदलवाने के नाम पर काम कर रहा है, तो वह गलत है और इस्लाम के खिलाफ है। उन्होंने कहा – “जो लोग इस्लाम की तस्वीर बिगाड़ रहे हैं, वे भी गुनहगार हैं।” मोदी, योगी, धामी और हेमंता सिर्फ नफरत की राजनीति कर रहे हैं मौलाना तौकीर रज़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा शर्मा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा – “इनमें कुछ नया करने की ताकत नहीं है। ये सिर्फ हिंदू-मुसलमान की बात कर नफरत फैला रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी इसी राह पर चलकर पीएम बने, अब ये लोग भी उसी फॉर्मूले पर चल रहे हैं।”हेमंता शर्मा को विदेशी बताते हुए मौलाना बोले – “वह बोलता नहीं, बकता है। उसकी बातें झूठी हैं और वह खुद विदेशी एजेंडे का हिस्सा है।” मोहिबुल्ला नदवी ने मस्जिद को बदनाम किया सांसद मोहिबुल्ला नदवी पर निशाना साधते हुए तौकीर रज़ा बोले – “मोहिबुल्ला नदवी ने मस्जिद को सियासत का अड्डा बना दिया। मस्जिद इबादत की जगह है, राजनीति की नहीं। मस्जिद में मीटिंग कर उन्होंने पूरी मुस्लिम कौम को आहत किया है। यह हर मुसलमान की धार्मिक भावना से खिलवाड़ है। अगर अंग्रेजों के खिलाफ जंग के वक्त मस्जिदों में मीटिंग होती थीं, तो वो अलग दौर था। लेकिन आज राजनीति के लिए मस्जिद का इस्तेमाल बेहद गलत है।” मस्जिदों की तस्वीर और रस्म-रिवाज पर बोले – “हिंदू परंपराएं हमारी मस्जिदों तक आ गई हैं” उन्होंने कहा कि “जब इस्लाम भारत में आया, तो लोगों ने अपने रस्म-रिवाज के साथ इस्लाम अपनाया। शगुन, लगन, मूर्ति, तस्वीर जैसी चीज़ें हमारे घर और मस्जिदों में नहीं होनी चाहिए थीं, लेकिन सदियों से वो शामिल होती चली गईं। अगर किसी मुस्लिम ने मंदिर को मस्जिद बनाया होता, तो वह मंदिर की तरह न रहता। लेकिन असल में यह मंदिर को मस्जिद की शक्ल देने वालों की धार्मिक ईमानदारी थी।”