बांग्लादेश की टीम 29 अगस्त से शुरू हो रहे एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट में पाकिस्तान की जगह खेल सकती है। यह टूर्नामेंट बिहार के राजगीर में आयोजित होने जा रहा है। हॉकी इंडिया के एक सीनियर अधिकारी ने PTI से कहा- 'अगर पाकिस्तान अगले 2 दिनों में अपनी भागीदारी की पुष्टि नहीं करता है, तो उसे बांग्लादेश से बदला जा सकता है।' रिपोर्ट के अनुसार, आयोजकों ने पाकिस्तान की जगह बांग्लादेश से संपर्क किया है, लेकिन हॉकी इंडिया का कहना है कि स्थिति अगले 48 घंटों में क्लियर होगी। एक महीने पहले पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (PHF) ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए भारत आने से इनकार कर दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कहा कि वह पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा देगी। हॉकी इंडिया के अधिकारी ने कहा- भारत सरकार पहले ही वीजा देने की बात कह चुकी है, लेकिन अगर वे (पाकिस्तानी खिलाड़ी) नहीं आना चाहते तो यह हमारी समस्या नहीं है। पाकिस्तान के नहीं आने की स्थिति में बांग्लादेश को आमंत्रित किया गया है, लेकिन हमें दो दिन और इंतजार करना होगा। अधिकारी ने आगे कहा- न तो पाकिस्तान और न ही बांग्लादेश ने अभी तक हमें कोई आधिकारिक पुष्टि दी है, लेकिन पाकिस्तान की जगह बांग्लादेश के उतरने की संभावना ज्यादा है। PHF ने कहा था- हमारे खिलाड़ियों की सुरक्षा की क्या गारंटी है PHF प्रमुख ने यह भी सवाल उठाया कि भारत में उनकी टीम की सुरक्षा की क्या गारंटी है। हमने उनसे पूछा है कि वे हमें यह बताएं कि हमारे खिलाड़ियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी और वे टूर्नामेंट पर कैसे ध्यान दे पाएंगे। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हाल ही में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा था कि टीम भारत की यात्रा नहीं करेगी। -------------------------------------- टूर्नामेंट से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए... राजगीर में 29 अगस्त से हीरो एशिया कप हॉकी चैंपियनशिप बिहार के राजगीर खेल परिसर में 29 अगस्त से 7 सितंबर तक हीरो एशिया कप पुरुष हॉकी के 12वें संस्करण का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर टूर्नामेंट के शुभंकर 'चांद' का अनावरण किया गया है। जो हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को समर्पित है। पढ़ें पूरी खबर
बिहार के राजगीर खेल परिसर में 29 अगस्त से 7 सितंबर तक हीरो एशिया कप पुरुष हॉकी के 12वें संस्करण का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर टूर्नामेंट के शुभंकर 'चांद' का अनावरण किया गया है। जो हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को समर्पित है। टूर्नामेंट का शुभंकर एक बाघ के रूप में डिजाइन किया गया है। जिसे 'चांद' नाम दिया गया है। यह नाम स्वयं में एक गहरा संदेश समेटे हुए हैं। मेजर ध्यानचंद की याद में, जो चांदनी रातों में अभ्यास करके हॉकी की दुनिया में अमर हो गए। शुभंकर के सीने पर पद्मभूषण का मेडल लगाया गया है, जो उनके असाधारण योगदान को दर्शाता है। राष्ट्रीय पशु बाघ का चयन कोई संयोग नहीं है। यह साहस, स्फूर्ति और कौशल का प्रतीक है। वे गुण जो हर हॉकी खिलाड़ी में होने चाहिए। 'चांद' का लाल लबादा शक्ति और उत्साह को दर्शाता है, जबकि जादूगर की टोपी मेजर ध्यानचंद की जादूगरी का प्रतीक है। एशिया की दिग्गज टीमों का जमावड़ा इस बार के टूर्नामेंट में एशिया की सात टीमें भाग ले रही हैं। भारत की मेजबानी में चीन, जापान, चीनी ताइपे, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और ओमान की टीमें अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगी। हालांकि, पाकिस्तान की टीम किसी कारणवश इस बार भाग नहीं ले रही है। इस टूर्नामेंट की महत्ता इसलिए और भी बढ़ जाती है कि विजेता टीम को विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट में सीधे प्रवेश का अधिकार मिलेगा। यह अवसर हर टीम के लिए सुनहरा है और निश्चित रूप से प्रतिस्पर्धा को और भी रोमांचक बनाएगा। ट्रॉफी की गौरव यात्रा रविवार से शुरू हुई ट्रॉफी गौरव यात्रा का आयोजन एक सराहनीय पहल है। यह यात्रा केवल बिहार के सभी जिलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि चेन्नई, चंडीगढ़, दिल्ली, ओडिशा, असम और झारखंड जैसे राज्यों में भी जाएगी। यह न केवल टूर्नामेंट के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी बल्कि हॉकी के प्रति युवाओं में उत्साह भी जगाएगी। ट्रॉफी की यात्रा के लिए दो अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं। पहला मार्ग वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज और सीवान होते हुए 28 अगस्त को राजगीर पहुंचेगा। दूसरा मार्ग भोजपुर, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया होते हुए राजगीर तक जाएगा। एशिया कप का गौरवशाली इतिहास एशिया कप हॉकी की शुरुआत 1982 में पाकिस्तान के कराची में हुई थी। तब से लेकर अब तक यह टूर्नामेंट एशियाई हॉकी का सबसे प्रतिष्ठित आयोजन बना हुआ है। इसके इतिहास में सबसे सफल टीम दक्षिण कोरिया रही है, जिसने पांच बार यह खिताब अपने नाम किया है। कब कहां विजेता उपविजेता भारत और पाकिस्तान दोनों ने तीन-तीन बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया है। दिलचस्प बात यह है कि भारत आठ बार फाइनल में पहुंची है, लेकिन पांच बार हार का सामना करना पड़ा है। यह आंकड़ा भारतीय हॉकी की निरंतरता और दृढ़ता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में आज हीरो एशिया कप 2025 के आधिकारिक शुभंकर 'चांद' और ट्रॉफी का भव्य अनावरण किया। यह प्रतिष्ठित पुरुष हॉकी टूर्नामेंट का 12वां संस्करण बिहार में पहली बार 29 अगस्त से 7 सितंबर तक राजगीर खेल परिसर के मॉडर्न अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में आयोजित होगा। मुख्यमंत्री ने 1 अणे मार्ग से ट्रॉफी गौरव यात्रा को भी हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हीरो एशिया कप- 2025 का आयोजन हम सभी के लिए गौरव की बात है। यह न केवल राज्य की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल आयोजन की क्षमता को प्रदर्शित करेगा बल्कि पर्यटन, कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी बिहार की वैश्विक छवि को और सुदृढ़ करेगा। राजगीर खेल परिसर में विश्वस्तरीय हॉकी स्टेडियम बनाया गया है। राजगीर के इस खेल परिसर में राज्य सरकार ने कई प्रकार के खेलों के प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता आयोजन के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की हैं। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले देशों के खिलाड़ियों को मैं बधाई व शुभकामनाएं देता हूं। भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ का प्रतीक हीरो एशिया कप 2025 का आधिकारिक शुभंकर 'चांद' साहस, स्फूर्ति और कौशल से परिपूर्ण भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ का प्रतीक है। इसका लाल लबादा शक्ति और उत्साह को दर्शाता है, जबकि जादूगर की टोपी हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की असाधारण प्रतिभा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती है। 'चांद' का नाम मेजर ध्यानचंद से प्रेरित है, जिन्होंने चांदनी रातों में अभ्यास कर हॉकी में इतिहास रचा। यह शुभंकर बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के गौरवशाली बाघ से भी प्रेरणा लेता है, जो शक्ति, चपलता और आत्मविश्वास का प्रतीक है। हॉकी स्टिक थामे और लक्ष्य पर केंद्रित 'चांद' अनुशासन, समर्पण और जीत के जुनून को दर्शाता है। इसकी टोपी खेल की जादुई कला और बाघ का रूप साहस व निर्भीकता का प्रतीक है। इसके सीने पर 'पद्म भूषण' मेजर ध्यानचंद के योगदान को सम्मान देता है। बिहार के गौरव और खेल की भावना का प्रबल प्रतीक 'चांद' सिर्फ एक शुभंकर नहीं बल्कि हॉकी के जज्बे, बिहार के गौरव और खेल की भावना का प्रबल प्रतीक है। यह टूर्नामेंट 29 अगस्त (राष्ट्रीय खेल दिवस और मेजर ध्यानचंद की जयंती) को शुरू होगा, जो हॉकी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। बिहार में पहली बार आयोजित हीरो एशिया कप 2025 टूर्नामेंट में भारत, चीन, जापान, चीनी ताइपे, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, ओमान और बांग्लादेश की टीमें हिस्सा लेंगी। हीरो एशिया कप का विजेता हॉकी विश्व कप के लिए सीधे क्वालीफाई करेगा। दक्षिण कोरिया ने अब तक सर्वाधिक 5 खिताब जीते हैं, जबकि भारत और पाकिस्तान तीन-तीन बार चैंपियन रह चुके हैं। हॉकी के जुनून को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 17 अगस्त से शुरू होने वाली ट्रॉफी गौरव यात्रा बिहार के सभी जिलों के साथ-साथ चेन्नई, चंडीगढ़ (पंजाब, हरियाणा), दिल्ली, ओडिशा, असम और झारखंड राज्यों से होकर गुजरेगी। इस यात्रा का उद्देश्य युवाओं में हॉकी के प्रति रुचि जगाना, खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और इस ऐतिहासिक आयोजन में जनभागीदारी सुनिश्चित करना है। बिहार के लोगों का हॉकी के प्रति गहरा लगाव हॉकी इंडिया के गोलकीपर पी०आर० सृजेश ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि बिहार के लोगों का हॉकी के प्रति गहरा लगाव है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में खेल के क्षेत्र में भी बिहार काफी प्रगति कर रहा है। बिहार में बेहतर ढंग से आयोजित की गयी खेल प्रतियोगिताओं की देश-विदेश में चर्चा हो रही है। राजगीर में बना खेल स्टेडियम मॉडर्न सुविधाओं से लैश है। खेल स्टेडियम के पास ही खिलाड़ियों के लिये बने हॉस्टल में सारी सुविधायें हैं, जिससे खिलाड़ियों को काफी सुविधा होती है। बिहार आकर काफी अच्छा लग रहा है। शुभंकर का प्रतीक चिह्न भेंट किया हॉकी इंडिया के जेनरल सेक्रेटरी भोला नाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को हॉकी इंडिया की तरफ से मोमेंटो व इंडियन हॉकी टीम के गोलकीपर पी०आर० सृजेश ने हीरो एशिया कप- 2025 के शुभंकर का प्रतीक चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम के दौरान बिहार के राजगीर में आयोजित होने वाले हीरो एशिया कप- 2025 से संबंधित एक लघु फिल्म प्रस्तुत की गयी। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, सामान्य प्रशासन तथा खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० बी० राजेंदर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण, खेल विभाग के निदेशक महेन्द्र कुमार, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष भोला नाथ सिंह सहित खेल विभाग के अन्य वरीय अधिकारी एवं ओलंपिक खिलाड़ी उपस्थित थे।
सीएम नीतीश कुमार ने आज रविवार को 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ परिसर में हीरो एशिया कप 2025 के आधिकारिक ‘चांद’ और ट्रॉफी का अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने ट्रॉफी गौरव यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया। यह प्रतिष्ठित पुरुष हॉकी टूर्नामेंट पहली बार बिहार में आयोजित हो रहा है। यह प्रतियोगिता 29 अगस्त से 7 सितंबर तक राजगीर स्थित अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में आयोजित की जाएगी। एशिया कप-2025 का आयोजन बिहार के लिए गौरव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि एशिया कप-2025 का आयोजन बिहार के लिए गौरव की बात है। इससे न केवल राज्य की खेल क्षेत्र में क्षमता का प्रदर्शन होगा बल्कि पर्यटन, कला और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि राजगीर खेल परिसर में विश्वस्तरीय खेल सुविधाएं विकसित की गई हैं, जहां विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण और प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकती हैं। सीएम ने टूर्नामेंट में भाग लेने वाले सभी देशों के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। बता दें कि हीरो एशिया कप 2025 के शुभंकर ‘चांद’ को भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ और हॉकी के ‘जादूगर’ मेजर ध्यानचंद से प्रेरित होकर तैयार किया गया है। इसका लाल लबादा शक्ति और जोश का प्रतीक है, जबकि जादूगर की टोपी मेजर ध्यानचंद की अद्भुत प्रतिभा को श्रद्धांजलि स्वरूप है। 29 अगस्त से हो रही शुरुआत चांद बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गौरवशाली बाघ का प्रतीक भी है। यह शुभंकर अनुशासन, समर्पण और जीत के जज्बे का प्रतिनिधित्व करता है। खास बात यह है कि टूर्नामेंट 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस और मेजर ध्यानचंद की जयंती के दिन शुरू होगा। इस बार एशिया कप में भारत, चीन, जापान, चीनी ताइपे, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, ओमान और बांग्लादेश की टीमें हिस्सा लेंगी। टूर्नामेंट का विजेता सीधे हॉकी विश्व कप के लिए क्वालीफाई करेगा। अब तक दक्षिण कोरिया ने सबसे अधिक पांच बार यह खिताब जीता है, जबकि भारत और पाकिस्तान तीन-तीन बार विजेता रहे हैं। इन राज्यों से होकर गुजरेगी यात्रा हॉकी के प्रति जनसमर्थन बढ़ाने के उद्देश्य से ट्रॉफी गौरव यात्रा बिहार के सभी जिलों के अलावा चेन्नई, चंडीगढ़, दिल्ली, ओडिशा, असम और झारखंड से होकर गुजरेगी। यह यात्रा युवाओं में हॉकी के प्रति रुचि बढ़ाने और इस ऐतिहासिक आयोजन में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निकाली जा रही है। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष भोला नाथ सिंह, इंडियन हॉकी टीम के गोलकीपर पी.आर. सृजेश सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और ओलंपिक खिलाड़ी उपस्थित थे।
हरियाणा के खेल विभाग की डिप्टी डायरेक्टर सुनीता खत्री अब ऐसी लड़कियों को खेलने का मौका दिला रही हैं, जो पिछड़े गांव-समाज से आती हैं। इसके पीछे वजह है कि उन्होंने खुद बहुत झेला है। वह जींद के जिस सफाखेड़ी गांव से हैं, वहां लड़कियों को खेलने की सोचना तो दूर घर से बाहर निकलते की भी इजाजत नहीं थी। सुनीता ने बताया कि पिता रोहतक के जाट कॉलेज में आते तो लड़कियों को खेलते देखते। फिर हमें बताते। मैंने खेलने की सोची तो नानी ने साफ मना कर दिया। उन्होंने बताया कि पिता की जिद के कारण खेलना शुरू किया, तो यह किसी जंग जीतने से कम नहीं था। शुरुआत में तो सूट-सलवार पहनकर हॉकी खेलीं। पहली बार ट्रेनिंग कैंप में ट्रैक सूट, जुराब व जूते पहनने को मिले तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। एशियन गेम में जीते मेडल ने ग्रामीणों की मानो सोच ही बदल दी। अब कोशिश रहती है कि ऐसी लड़कियों को आगे बढ़ने का मौका दे पाऊं, जो ऐसे हालात झेलती हैं। पढ़िए तानों के बीच खेल शुरू करने से लेकर एशियन गेम में मेडल जीतने तक का सफर… पिता फौजी रहे, उन्होंने ही खेल का सपना देखासुनीता खत्री का जन्म कब हुआ, उन्हें खुद भी नहीं पता, लेकिन कागजों में 15 जनवरी 1980 लिखवाया गया। पिता रणबीर सिंह फौज में थे, जो कुछ समय बाद ही नौकरी छोड़कर आ गए। मां राजपति देवी अनपढ़ हैं, जिन्होंने हमेशा खेतों का काम किया। 6 भाई बहन हैं। बैकवर्ड एरिया से निकलना बेहद कठिन रहासुनीता खत्री ने बताया कि उनका जन्म ननिहाल जींद जिले के गांव सफाखेड़ी में हुआ। साल 1987 के उस दौर में जब वह हॉकी खेलने के लिए बाहर जाती तो गांव वालों ने काफी रोकने का प्रयास किया। टीशर्ट व लोअर तो दूर की बात, सूट सलवार में ही मुश्किल से खेलते थे। घर में नानी ने भी उनके खेलने का काफी विरोध किया। सुनीता ने बताया कि गांव सफाखेड़ी बैकवर्ड एरिया है, जहां लड़कियों को उस समय पढ़ने लिखने भी नहीं देते थे। घर से बाहर जाना मतलब किसी चुनौती से कम नहीं था। अंधेरा होने से पहले घर लौटना लड़कियों के लिए जरूरी था, वर्ना अगले दिन घर से बाहर पांव भी निकालने नहीं देते थे। उस माहौल से निकलकर यहां तक पहुंचना बहुत कठिन काम था। नानी व ग्रामीण के एतराज के बावजूद पिता जिद्द पर अटल रहेसुनीता ने बताया कि उसके पिता हमेशा अपने बच्चों के लिए लड़ते रहे। नानी व गांव वालों के एतराज के बावजूद पिता रणबीर सिंह ने खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित किया। जब रोहतक आते तो जाट कॉलेज में खिलाड़ियों को खेलते देखा करते। नानी कहतीं लड़कियों को बाहर मत भेजो, इनकी शादी कर दो। उनकी सभी सहेलियों की शादी भी जल्दी ही करवा दी थी। देहरादून कैंप में पहली बार टीशर्ट व लोअर पहनने को मिलासुनीता ने बताया कि उनका चयन 1989 में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) में हो गया। देहरादून जाना था। नानी ने मना कर दिया। पिता को घर में लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी तो आखिर अनुमति मिली। देहरादून में पहली बार टीशर्ट व लोअर पहनने का मिला। लेकिन जब भी गांव आते तो प्रैक्टिस करने में परेशानी होती। ग्रामीणों के उठने से पहले घर पहुंचती थींसुनीता ने बताया कि सफाखेड़ी के पास घरो व खरक गांव हैं। वह अपने गांव से नहर किनारे-किनारे दूसरे गांव में जातीं और प्रैक्टिस करके सुबह ग्रामीणों के उठने से पहले ही वापस आ जातीं, ताकि किसी को पता ना चले। ना जूते, ना जुराब, सूट में खेलने को मजबूरसुनीता खत्री ने बताया कि उस दौर में लड़कियों को ना जूते मिलते थे और ना जुराब। पहली बार जूते व जुराब देहरादून कैंप में मिले थे। गांव में जब तक रहे, चप्पलों व सूट सलवार में ही प्रैक्टिस करते थे। लड़कियों का खेलना उस समय लोगों को पसंद नहीं था और उनका गांव के लोगों की सोच तो ऐसी कि लड़कियां बाहर चली गईं तो पता नहीं क्या हो जाएगा। पहला टूर्नामेंट रहा सब जूनियर नेशनलसुनीता खत्री ने बताया कि हरियाणा की तरफ से पहला टूर्नामेंट 1992 में सब जूनियर नेशनल पुणे में खेलने का मौका मिला। अपने पहले ही मैच में गोल की हैट्रिक लगाई तो लोगों ने खूब तारीफ की। उन्हें एक छोटी सी ट्रॉफी भी मिली। जब अखबार में फोटो छपी तो पिता रणबीर सिंह ने पूरे गांव में घूमकर दिखाया। सुनीता ने बताया कि जब टूर्नामेंट जीतकर वह लौटीं तो ग्रामीणों ने उनका स्वागत भी किया। किसी ने 10 रुपए, किसी ने 20 रुपए तो किसी ने 50 रुपए देकर उन्हें सम्मानित भी किया। जो लोग पहले उन्हें खेलने के लिए मना करते थे, उनका नजरिया ही बदल गया और वो भी उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखने लगे। 16 साल बाद एशियन में दिलाया मेडलसुनीता खत्री ने बताया कि नेशनल से इंटरनेशनल खिलाड़ी बनने का सफर भी आसान नहीं रहा। दिन में चार बार प्रैक्टिस करते और अपने अंदर वो जुनून पैदा किया, जिसके चलते 1998 में 16 साल बाद एशियन खेलों में इंडिया को सिल्वर मेडल व 1999 में सीनियर एशिया कप में सिल्वर मेडल दिलाने में कामयाब हुए। भारतीय टीम में उनके साथ उनकी बहन कमला दलाल भी खेल रहीं थी। सुनीता खत्री ने बताया कि जब इंटरनेशनल मेडल लेकर गांव सफाखेड़ी व पैतृक गांव चिड़ी गए तो लोगों ने लड़कों की तरह उनका स्वागत किया। ट्रैक्टर पर बैठाकर पूरे गांव में जुलूस निकाला और सोने के मेडल बनवाकर ग्रामीणों ने दिए। साथ ही किसी ने देसी घी तो किसी ने रुपए देकर सम्मानित किया। पूरे गांव ने उन्हें माला पहनाकर स्वागत किया। सारे भाई बहन बने खिलाड़ी सुनीता ने बताया कि उनकी बड़ी बहन कमला दलाल भी हॉकी की इंटरनेशनल खिलाड़ी रही हैं। छोटा भाई राजीव दलाल भी हॉकी खिलाड़ी रहा, जिसका 4 साल पहले देहांत हो गया। उससे छोटे सज्जन सिंह, हरियाणा पुलिस में डीएसपी हैं। छोटी बहन कविता दलाल हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और एक बेहतरीन एथलीट रहीं। सबसे छोटा भाई मंदीप दलाल पूना आर्मी में बॉक्सिंग कोच हैं। 2010 में छोड़ा खेल, 2016 में बनी असिस्टेंट डायरेक्टरसुनीता खत्री ने बताया कि 2010 में उन्हें बेटा हुआ तो उनका ओलिंपिक टीम में शामिल होने का अवसर चूक गया। बेटा होने के बाद मास्टर्स में खेलती रहीं, लेकिन 2016 में वह असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर नियुक्त हो गई। आज वह खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर हैं और खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्हें अपनी कहानी भी बताती हैं, ताकि उनके अंदर हिम्मत को बढ़ाया जा सके।
मेजबान पंजाब ने तमिलनाडु को 8-4 से हराया
भास्कर न्यूज | जालंधर 15वीं हॉकी इंडिया जूनियर मेंस नेशनल हॉकी चैंपियनशिप के 5वें दिन मेजबान पंजाब ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तमिलनाडु को 8-4 से हराकर तीन अंक हासिल किए। यह मुकाबला ओलिंपियन सुरजीत हॉकी स्टेडियम में खेला गया। पहले हाफ के अंत तक स्कोर 3-3 की बराबरी पर था। पंजाब की ओर से 5वें मिनट में चरणजीत सिंह ने गोल किया। 12वें मिनट में तमिलनाडु के आकाश ने बराबरी का गोल किया। 21वें मिनट में मनीमरन ने तमिलनाडु के लिए दूसरा गोल किया, लेकिन उसी मिनट पंजाब के अमनदीप ने स्कोर 2-2 कर दिया। 27वें मिनट में मनीमरन ने फिर से गोल कर तमिलनाडु को 3-2 की बढ़त दिलाई। 29वें मिनट में लवनूर सिंह ने गोल कर स्कोर 3-3 कर दिया। दूसरे हाफ में 40वें मिनट में मनीमरन ने हैट्रिक पूरी करते हुए तमिलनाडु को 4-3 की बढ़त दिलाई। 43वें मिनट में लवनूर ने बराबरी का गोल किया। इसके बाद पंजाब ने लगातार गोल दागे। 44वें मिनट में कप्तान गुरसेवक सिंह, 52वें मिनट में लवनूर सिंह और 53वें व 54वें मिनट में जोबनप्रीत सिंह ने गोल कर स्कोर 8-4 कर दिया। लवनूर सिंह ने भी हैट्रिक पूरी की। चंडीगढ़ ने शानदार खेल दिखाते हुए हिमाचल प्रदेश को 5-3 से हराया जम्मू-कश्मीर ने अरुणाचल को 5-4 से हराया दिल्ली ने उत्तराखंड को 3-0 से हराया हरियाणा ने दादरा नगर हवेली को 3-0 से हराया कर्नाटक ने आंध्र प्रदेश को 10-1 से हराया। टीम ने बढ़िया प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश ने महाराष्ट्र को 9-2 से हराया सुबह 6:00 बजे – बिहार बनाम असम सुबह 7:30 बजे – उत्तराखंड बनाम बंगाल सुबह 9:00 बजे – कर्नाटक बनाम ओडिशा सुबह 10:30 बजे – हरियाणा बनाम मणिपुर दोपहर 1:30 बजे – उत्तर प्रदेश बनाम झारखंड दोपहर 3:00 बजे – पंजाब बनाम मध्य प्रदेश
राजगीर में हॉकी उत्सव के दौरान दीवारों पर करोड़ों रुपए खर्च कर उकेरी गई खूबसूरत कलाकृतियां पहली बरसात भी नहीं झेल सकी। महज आठ महीने के भीतर ही इन पेंटिंग्स की परतें उखड़कर गिरने लगी है। जिससे शहर की सुंदरता पर दाग लग गया है। इस घटिया काम से स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। गुस्सा तब और बढ़ गया जब उन्हें पता चला कि नगर परिषद ने कथित तौर पर मरम्मत का ठेका भी उसी कंपनी को दे दिया है, जिसने यह काम किया था। पिछले साल हॉकी खेल उत्सव के समय राजगीर के आरओबी और दीवारों पर बड़े पैमाने पर 2डी और 3डी वॉल पेंटिंग कराई गई थी। स्थानीय निवासी कुणाल कुमार और रोहित कुमार ने बताया कि लगभग दो करोड़ रुपए के इस काम की गारंटी कम से कम दो साल होनी चाहिए थी, लेकिन यह आठ महीने में ही खराब हो गई। पेंट की पपड़ियां निकल रही हैं और रंग फीके पड़ गए हैं। घटिया काम का मिला इनाम अजीत कुमार, सिद्धांत कुमार, विकास कुमार कुणाल अभय ने आरोप लगाते हुए कहा कि 'डिजाइन पॉइंट' नामक कंपनी ने पिछली बार घटिया गुणवत्ता वाली सामग्री का इस्तेमाल किया। अब फिर से मरम्मत के लिए उसी को काम सौंप दिया। गांधी टोला के निवासी कुणाल कुमार ने कहा की यह तो घटिया काम का इनाम देने जैसा है। जब पहली बार काम ठीक नहीं किया तो दोबारा क्या उम्मीद करें। सरकार का पैसा ऐसे ही बर्बाद होता रहेगा। ठेकेदार बदलने की मांग स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच हो और घटिया काम करने वाली कंपनी को काली सूची में डाला जाए। उन्होंने कहा कि यह ठेका किसी ऐसी कंपनी को दिया जाना चाहिए जो गुणवत्तापूर्ण काम की गारंटी दे, ताकि सरकारी पैसे का सदुपयोग हो सके और शहर की सुंदरता बनी रहे। राजगीर नगर परिषद द्वारा जारी एक कार्यालय आदेश से भी लोगों के आरोपों को बल मिला है। इस आदेश में शहर में कलात्मक वॉल पेंटिंग के लिए दो एजेंसियों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें 'डिजाइन पॉइंट' का नाम भी शामिल है। आदेश के अनुसार, 2डी पेंटिंग के लिए 161 रुपए प्रति वर्ग फीट और 3डी पेंटिंग के लिए 200 रुपए प्रति वर्ग फीट की दर तय की गई है।
आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एक पुराने वीडियो ने पंजाब की राजनीति में नया भूचाल खड़ा कर दिया है। वीडियो में सिसोदिया यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि चुनाव जीतने के लिए “साम, दाम, दंड, भेद, जो भी करना पड़े, किया जाएगा। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, पंजाब के कई नेताओं ने इसे साझा कर AAP पर तीखे हमले शुरू कर दिए। इस वीडियो को साझा करने वालों में शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल तथा जालंधर कैंट से कांग्रेस विधायक सरदार परगट सिंह सहित कई नेता शामिल हैं। नेताओं ने सिसोदिया के बयान को पंजाब की राजनीति और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया है और चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की मांग की है। सुखबीर सिंह बादल का तीखा प्रहार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि आम आदमी पार्टी का असली चेहरा अब उजागर हो चुका है। AAP अब सत्ता के लालच में किसी भी हद तक जाने को तैयार है। झूठ, धोखा, फरेबी वादों और गंदी राजनीति से लेकर दंगे और हिंसा तक उनकी मंशा साफ हो चुकी है। यह बात उनके ही शीर्ष नेता सिसोदिया ने खुले तौर पर मान ली है। उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में AAP के पंजाब में आने के बाद 2015 से बेअदबी की घटनाओं की शुरुआत हुई थी। 2016 मलेरकोटल बेअदबी मामले में उनके ही एक विधायक को दोषी करार दिया गया था। इससे साफ हो जाता है कि उन घटनाओं के पीछे कौन था। उन्होंने आरोप लगाया कि AAP ने पंजाबियों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कर भाईचारे को तोड़ने और अकाली दल को कमजोर करने की साजिश रची। बादल ने चुनाव आयोग से मांग की कि इस मामले का तुरंत संज्ञान लिया जाए। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया की भ्रष्टाचार मामले में मिली जमानत रद्द की जानी चाहिए और AAP को पंजाब की राजनीति से प्रतिबंधित कर देना चाहिए ताकि राज्य को फिर से खून-खराबे की ओर धकेलने से रोका जा सके। परगट सिंह ने AAP को बताया गुंडों की पार्टी इधर, जालंधर कैंट के कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री व पूर्व हॉकी खिलाड़ी सरदार परगट सिंह ने भी अपने सोशल मीडिया पर यह वीडियो साझा करते हुए AAP पर जमकर हमला बोला। उन्होंने लिखा- AAP दिल्ली की लीडरशिप ने खुद स्वीकार कर लिया है कि वह 2027 के चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाएगी। आप के लिए झूठ, फरेब और गुंडागर्दी तक आम बात है। आम आदमी पार्टी अब गुंडों और सत्ता-लोभी नेताओं की ब्रिगेड बन चुकी है। यह पंजाब और लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। परगट सिंह ने कहा कि पंजाब जैसे संवेदनशील राज्य में इस तरह के बयान बेहद खतरनाक हैं। जो पार्टी खुलेआम कहे कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हथकंडे का इस्तेमाल करेगी, उस पर भरोसा कैसे किया जा सकता है? यह सीधे तौर पर लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है।
नालंदा जिले के राजगीर हॉकी मैदान में 19 से 23 अगस्त तक जिला स्तरीय मशाल खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। जिला खेल पदाधिकारी शालिनी प्रकाश के अनुसार प्रतियोगिता को दो मुख्य समूहों में विभाजित किया गया है। पहला चरण 19-20 अगस्त को अंडर-14 आयु वर्ग के बालक-बालिकाओं के लिए आयोजित किया जाएगा। इन युवा खिलाड़ियों को 18 अगस्त की शाम तक राजगीर में निर्धारित आवासीय सुविधा में पहुंचना होगा। 20 अगस्त तक खिलाड़ियों को पहुंचना होगा दूसरे चरण में अंडर-16 आयु वर्ग के प्रतिभागियों की प्रतियोगिता 21-22 अगस्त को संपन्न होगी। इस श्रेणी के खिलाड़ियों से अपील की गई है कि वे 20 अगस्त तक राजगीर के निर्धारित आवासन स्थल पर पहुंच जाएं। व्यापक खेल गतिविधियों का कार्यक्रम पांच दिवसीय खेल महोत्सव में विभिन्न खेल विधाओं का आयोजन किया जाएगा। एथलेटिक्स खंड में 60 मीटर स्प्रिंट रेस और 600 मीटर मध्यम दूरी की दौड़ शामिल है। फील्ड इवेंट्स में लंबी कूद और क्रिकेट बॉल थ्रो प्रतियोगिताएं होंगी। इसके अतिरिक्त साइकिल रेस जैसी रोमांचक प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। टीम स्पोर्ट्स के अंतर्गत फुटबॉल, कबड्डी और वॉलीबॉल की प्रतियोगिताएं होंगी, जो स्थानीय खिलाड़ियों में काफी लोकप्रिय हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर इस बार समारोह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के गिरी सेंटर में किया गया। इसमें सामाजिक न्याय और अधिकारिता, अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग कल्याण और अंत्योदय मंत्री कृष्ण कुमार बेदी मुख्यअतिथि के रूप में शामिल हुए। मंत्री ने सुबह 9 बजे ध्वजारोहण किया। 11 बजे तक पूरा आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों की तरफ से रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। वहीं जिले में बेहतर करने वाले समाजसेवी, कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। इसको लेकर प्रशासन की तरफ से लिस्ट फाइनल कर दी गई है। स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए 300 पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे। स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम महाबीर स्टेडियम में आयोजित होता था। मगर दो साल से लगातार 15 अगस्त के दिन या उससे पहले बारिश होने के कारण गिरी सेंटर में कार्यक्रम को आयोजित किया गया। यहां-यहां होगी पार्किंग, यहां होंगे नाके वीआईपी पार्किंग के लिए एचएयू में हॉकी ग्राउंड के सामने साईं के पास की गई। वहीं फुटबाल मैदान और क्रिकेट ग्राउंड के अंदर आमजन वाहन पार्किंग कर सकेंगे। एचएयू के 1, 3 और 4 नंबर गेट पर नाकाबंदी की गई। सेंटर के चारों तरफ सुरक्षा घेरा लगाया गया है। गिरी सेंटर और उसके आस पास के क्षेत्र और शहर में करीब 300 पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया गया। ट्रैफिक व्यवस्था को देखने के साथ किसी को भी दिक्कत न हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। गिरी सेंटर के आस पास पुलिस की तरफ से नाके लगाए गए। सुरक्षा को लेकर जिले में धारा-163 लागूजिलाधीश अनीश यादव ने 15 अगस्त को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय स्थित गिरी सेंटर में आयोजित जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की सुरक्षा के दृष्टिगत रेड जोन घोषित कर धारा 163 लागू करने के आदेश जारी किए गए। जिलाधीश द्वारा जारी आदेशों के अनुसार कार्यक्रम स्थल के 2 किलोमीटर के दायरे में लाठी-डंडे, तलवार, गंडासी, अग्नेय सशस्त्र, किसी भी प्रकार के घातक हथियार लेकर चलने, खुले पेट्रोल-डीजल की बोतल और केन इत्यादि में रखने और बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही 75 मीटर के दायरे में सड़क के दोनों तरफ कोई भी वाहन खड़ा करने को पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है।
जिला स्तर पर 70 जने होंगे सम्मानित
भास्कर न्यूज | प्रतापगढ़ जिला स्तरीय स्वाधीनता दिवस समारोह शुक्रवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के हॉकी मैदान प्रतापगढ़ में आयोजित किया जाएगा। कलेक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया ने बताया कि जिला स्तरीय स्वाधीनता दिवस समारोह सुबह 9 बजे ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा। इसके पश्चात मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री हेमंत मीणा द्वारा परेड निरीक्षण और मार्च पास्ट की सलामी ली जाएगी। इसके पश्चात राज्यपाल का संदेश वाचन और मुख्य अतिथि का उद्बोधन होगा। इसके पश्चात सामूहिक व्यायाम प्रदर्शन, समूह नृत्य, पुरस्कार वितरण कार्यक्रम होगा। 70 से ज्यादा लोगों का सम्मान किया जाएगा। जिला स्तरीय समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा। हर्षिता कुंवर चूंडावत, मोनिका जैन, चेतना जगरवाल, हर्षितराज सिंह राठौड़, सिमरन पाटीदार, प्रिया टेलर, युवराज सिंह झाला, याशी जैन, प्रतिभा राठौर, सिमरन मेघवाल, जयपाल सिंह राणावत, दीपक राज सोनी, विनोद सोनी, नीमा सोनी, अमर पैमाल, जितेन्द्र सिंह राणावत, प्रियांशु पालीवाल, ठाकुर प्रसाद खत्री, नंदलाल गुर्जर, उत्तम सेवा फाउन्डेशन धरियावद, पहल फाउण्डेशन, नागरिक सुरक्षा टीम, श्री सावरिया सेवा संस्थान, पर्वत सिंह चूण्डावत, अभिषेक मीणा, नवधा परदेशी, महावीर प्रसाद जैन, नितिन मेरावत, डॉ. राधेश्याम कच्छावा, जितेन्द्र कुमार बागड़िया, ललिता मेघवाल, सुनील गायरी, कंचन रावत, दीपशिखा उपाध्याय, देवीलाल मीणा, दिनेश पंचोली, अजहरूद्दीन शेख, होशियार सिंह, धीरज कुमार शर्मा, सुनील कुमार बम्बोरिया, राजमल खटीक, राजेन्द्र निनामा, फतेहलाल आंजना, महेश चंद्र गरासिया, जावेद खान, अनिल मेहता, नन्द किशोर प्रजापत, महिपाल राठौड़, विशाल गांधी, मनोज कजानी, रेखा देवी, सागरबाई, अमर सिंह जाट, गोपाल लाल तेली, मोहम्मद रफीक खान, सुरेश चन्द्र मीणा, मानसिंह देवड़ा, डॉ. पण्ड्या हार्दिक, नवीन सोनी, खुशबु पाटीदार, चिराग सुथार, कारूलाल, रामराज, मुकेश, संजय, हनुमाराम और विनोद शामिल हैं।
चंडीगढ़ ने अरुणाचल प्रदेश को 4-3 से हराया
भास्कर न्यूज | जालंधर चंडीगढ़ और उत्तराखंड की टीमों ने 15वीं हॉकी इंडिया जूनियर राष्ट्रीय पुरुष हॉकी चैंपियनशिप में अपने-अपने लीग मैच जीतकर तीन-तीन अंक हासिल किए। हॉकी पंजाब द्वारा राउंड ग्लास स्पोर्ट्स और अन्य खेल उद्योगों के सहयोग से आयोजित चैंपियनशिप में हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की टीमें एक अन्य लीग मैच में 5-5 से बराबरी पर रहीं। वीरवार को भारी बारिश के कारण ड्रॉ से शुरू हुए मैचों में, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की टीमें पहले मैच में 5-5 से बराबरी पर रहीं। जम्मू-कश्मीर के कप्तान राजवीर सिंह ने हैट्रिक बनाई। हिमाचल प्रदेश हाफ टाइम तक 3-2 से आगे था। दूसरे मैच में, चंडीगढ़ ने कड़े मुकाबले के बाद अरुणाचल प्रदेश को 4-3 से हराकर तीन अंक हासिल किए। हाफ टाइम तक चंडीगढ़ 2-1 से आगे था। तीसरे मैच में, उत्तराखंड ने असम को 5-1 के अंतर से हराकर तीन अंक अर्जित किए। इस मौके पर मुख्य अतिथि ओलिंपियन वरुण कुमार, अरपिंदर सिंह निज्जर और ओलिंपियन राजिंदर सिंह सीनियर ने टीमों का परिचय कराया। ओलिंपियन संजीव कुमार, अमरीक सिंह पवार महासचिव, ओलिंपियन समीर दाद, गुरमीत सिंह मीता, सरबजीत कुमार, रिपुदमन कुमार सिंह, हरिंदर संघा, कुलदीप सिंह, राम सरन, सुरिंदर सिंह, नरिंदर सिंह उपस्थित थे। मैच के दौरान गोल करने का प्रयास करते हुए खिलाड़ी। मैच में ग्राउंड पर घूम रहा स्ट्रे डॉग । ड्रेनेज सिस्टम खराब, ग्राउंड में दौड़ते रहे स्ट्रे डॉग्स, खिलाड़ी परेशान सुरजीत हॉकी स्टेडियम में वीरवार को व्यवस्था खराब रही। सफाई न होने से बारिश के चलते पुरा ड्रेनेज सिस्टम ओवर फ्लो हो गया और पानी भी टर्फ पर भर गया, जिससे खिलाड़ियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा नेशनल चैंपियनशिप होने के बावजूद अंदर स्ट्रे डॉग्स को रोकने में हॉकी पंजाब फेल साबित हो रही है चलते मैच में ही खिलाड़ियों के बीच में कुत्ते घूमते नजर आ रहे है जिससे खिलाड़ियों को चोट लगने का डर बना हुआ है। हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी नेशनल चैंपियनशिप चल रही है जिसमें 30 स्टेट और यूटी की टीमें हिस्सा ले रही हों, हॉकी इंडिया ने 15 लाख रुपए की ग्रांट भी हॉकी पंजाब को जारी की है लेकिन बावजूद इसके व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया है। वीरवार को खिलाड़ियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
हॉकी प्रतियोगिता में 12 विद्यार्थियों का हुआ चयन
बौंदकलां | सन राईज हाई स्कूल सांवड़ की 7 छात्राओं का चयन 17 आयु वर्ग लड़कियों की राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में हुआ है। इसी वर्ग में एक छात्र का भी चयन हुआ है। इसके साथ ही लड़कों के 14 आयु वर्ग में भी 4 छात्रों का चयन हुआ है। हेड मास्टर राजेश शर्मा ने बताया कि राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में लड़कियों के वर्ग में 17 आयु वर्ग में अक्षिता यादव, पूजा शर्मा, कनिका परमार, गोलू वशिष्ठ, खुशी शर्मा, पूर्वी शर्मा और हिमांशी शेखावत का चयन हुआ है। इसके साथ ही राज्य स्तरीय हॉकी में लड़कों के 14 आयु वर्ग में मंजीत परमार, अनुज शर्मा, दिनकर परमार और लितेश परमार और 17 आयु वर्ग लड़कों में रितेश शेखावत का हुआ है।
उदयपुर को प्रदेश की पहली लेक्रोज खेल एकेडमी मिली है। महाराणा प्रताप खेलगांव स्थित हॉकी एस्ट्रो टर्फ मैदान के पास ही उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) ने काम शुरू कर दिया है। 82 लाख रुपए खर्च कर अक्टूबर तक सभी काम पूरा करने का लक्ष्य है। ऐसे में दीपावली तक एकेडमी शुरू होने की उम्मीद है। एकेडमी के तैयार होने के बाद यहां राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं हो सकेंगी। उदयपुर सहित प्रदेशभर के लेक्रोज खिलाड़ी यहां प्रशिक्षण ले सकेंगे। अभी खिलाड़ियों को तैयारी के लिए हॉकी एस्ट्रो टर्फ या मीरा गर्ल्स कॉलेज के बदहाल मैदान पर अभ्यास करना पड़ता है। एकेडमी बनने के साथ ही उभरते हुए इस खेल से जुड़े एक हजार से अधिक खिलाड़ियों को सीधा फायदा मिल सकेगा। खिलाड़ियों के उम्दा प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने दिखाई दिलचस्पी, दी मंजूरी पिछले 2 साल में ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस खेल ने नए मुकाम हासिल किए हैं। उदयपुर की इंटरनेशनल खिलाड़ी सुनीता मीणा के नेतृत्व में भारतीय टीम ने एशियन प्रतियोगिता में पहली बार रजत पदक जीता। हाल ही नेशनल में पहली बार राजस्थान ने जूनियर व सीनियर सभी स्तर पर विजेता बनी। इस प्रदर्शन को देखते हुए सीएम भजनलाल शर्मा ने उदयपुर के लिए एकेडमी की घोषणा की थी। फिर खेलगांव में जमीन तय की गई। कोच नीरज बत्रा उदयपुर में खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं। तीन स्टाइल में यह खेल, हर एक में बढ़ते-घटते हैं खिलाड़ी फील्ड लेक्रोज : 110 मीटर लंबे व 60 मीटर चौड़े मैदान में 15-15 मिनट के कुल 4 क्वार्टर में 60 मिनट तक खेला जाता है। इसमें 30 लोगों की टीम होती है। मैदान पर गोल कीपर सहित 10 खिलाड़ी खेलते हैं। सिक्सेज : इसमें एक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं। खेल के दौरान मैदान पर एक समय में एक गोलकीपर सहित 6 खिलाड़ी खेलते ही हैं। बॉक्स लेक्रोज : यह इस खेल का सबसे आधुनिक स्वरूप है। इसमें भी खेल के दौरान गोलकीपर समेत छह खिलाड़ी मैदान पर रहते हैं। 1908 के बाद 2028 में फिर से ओलिंपिक में शामिल होगा लेक्रोज सन 1908 में ओलिंपिक में खेले जाने वाला खेल लेक्रोज साल 2028 में फिर से ओलिंपिक में शामिल होने जा रहा है। अभी यह खेल 100 से अधिक देशों में खेला जा रहा है। लेक्रोज फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रयासों से भारत में भी यह तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। अब तक लेक्रोज की तीन राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित हो चुकी हैं। इनमें 25 राज्यों ने निरंतर सहभागिता की है। राष्ट्रीय स्तर पर तीनों विधाओं में सीनियर, जूनियर व सब जूनियर के कुल 372 महिला व पुरुष खिलाड़ी खेल रहे हैं। खेल गांव में हॉकी एस्ट्रो टर्फ मैदान के पास लेक्रोज अकेडमी का काम शुरू।
केंद्र सरकार लगातार बैठकें कर रही, अहमदाबाद की एक टीम जल्द मुआयना करेगी ओलिंपिक-2036 और कॉमनवेल्थ 2030 की मेजबानी के भारत ने पूरी ताकत झोंक दी है। भारत अहमदाबाद को केंद्र बनाकर आगे बढ़ रहा है। बर्लिन, कतर और दुबई भी मेजबानी की रेस में हैं, पर अहमदाबाद की तैयारियां यह संकेत देती हैं कि भारत को मेजबानी मिलने की प्रबल संभावना है। अहमदाबाद में 26 नए स्टेडियम, होटल तैयार हो रहे हैं। खेलगांव के लिए जमीन अधिग्रहीत कर ली गई है। यह मेजबानी अहमदाबाद को मिलती है, तो भोपाल को भी बड़ाफायदा होगा। क्योंकि वाटर स्पोर्ट्स, शूटिंग और हॉकी जैसे तीन बड़े खेलों की मेजबानी मिल सकती है। इसलिए भोपाल ने भी इन खेलों की मेजबानी के लिए ताकत झोंक दी है। भोपाल में बरखेड़ा नाथू मल्टी स्पोर्ट्स कॉम्प्लैक्स लगभग तैयार हो चुका है और दूसरा फेज भी शुरू हो गया है। इसके अलावा तीनों खेलों की सुविधाएं भोपाल में वर्ल्ड लेवल की हैं। सबसे मजबूत दावेदारी वाटर स्पोर्ट्स की है। इसके बाद शूटिंग और हॉकी की संभावनाएं हैं। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया से मप्र खेल मंत्री विश्वास सारंग पहले ही इस संदर्भ में मुलाकात कर चुके हैं और खुद केंद्रीय मंत्री ने इसे सकारात्मक संकेतों के रूप में देखा है। गुजरात स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के डायरेक्टर आईएएस संदीप सागले और पूरी टीम भोपाल की वाटर स्पोर्ट्स फैसिलिटी का मौका-मुआयना करने आने वाले हैं। इस बात से संकेत मिलता है कि भोपाल भी ओलिंपिक पटल पर होगा। वाटर स्पोर्ट्स... हम हर साल नेशनल चैम्पियनशिप कराते हैं, ऐसा इन्फ्रा कहीं नहीं… बीते 2 ओलिंपिक मल्टी वेन्यू सिस्टम में हुए टोक्यो और पेरिस ओलिंपिक में भी कुछ आयोजन स्थल मुख्य शहर से 400 किमी दूर थे। ऐसे में मल्टी वेन्यू ओलिंपिक अब नया नॉर्म बन चुका है। अहमदाबाद की मेजबानी तय होती है तो भारत सरकार भोपाल, दिल्ली जैसे शहरों को उप-स्थल बना सकती है। शूटिंग... ओलिंपिक से पहले हमारी अकादमी में ही खिलाड़ी तैयार होते हैं, मेडल जीतते हैं मप्र राज्य शूटिंग अकादमी को देश की सबसे उन्नत शूटिंग सुविधाओं में गिना जाता है। यह अकादमी बरखेड़ा नाथू मल्टीस्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के ठीक सामने, लगभग 35 एकड़ में फैली है। टीटी नगर स्टेडियम से करीब 11 किलोमीटर दूर है। यहां राइफल, शॉटगन और पिस्टल तीनों प्रमुख विधाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की रेंज तैयार है। हॉकी... 7 टर्फ मैदान पहले से तैयार, ये अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हैं अगर ओलिंपिक में हॉकी की मेजबानी भोपाल को मिलती है, तो शहर के पास पहले से ही 7 हॉकी टर्फ मैदान मौजूद रहेंगे। इनमें ऐशबाग स्टेडियम, मेजर ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम, लिंक रोड नंबर-1 पर दो टर्फ, साई सेंटर ग्राम गोरा में दो टर्फ और बरखेड़ा नाथू मल्टी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में दो टर्फ, जो लगभग तैयार हैं। भोपाल को वाटर स्पोर्ट्स मिलना लगभग तय भास्कर एक्सपर्ट - राजिंदर सिंह, पूर्व डायरेक्टर, साई भोपाल व दिल्ली 2036 ओलंपिक की दौड़ में अहमदाबाद तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर रहा है। यदि अहमदाबाद मेजबानी हासिल कर लेता है, तो भोपाल को वाटर स्पोर्ट्स जैसे इवेंट की मेजबानी मिलना तय है। आजकल अंतरराष्ट्रीय खेलों में मल्टी-सिटी वेन्यू का चलन बढ़ा है। इसलिए पूरी संभावना है कि दिल्ली, भोपाल को भी कुछ खेलों की मेजबानी मिल सकती है। हालांकि, गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (जीटीसीसी)यरपोर्ट, होटल, कनेक्टिविटी, मेडिकल और स्पोर्ट्स सुविधाओं का आकलन करती है। मैं भोपाल को नजदीक से जानता हूं। यहां का भोपाल का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत है। साई की उपस्थिति और खेलो इंडिया जैसी सफल मेजबानी के बाद भोपाल नेशनल गेम्स, कॉमनवेल्थ और ओलिंपिक के कुछ खेलों की मेजबानी के लिए तैयार है। मेजबानी मिली तो विकास के लिए फंड की कमी नहीं पड़ेगी
हॉकी चैंपियनशिप... रांची एयरपोर्ट पर विजेता झारखंड टीम का शानदार स्वागत
रांची| काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) में 1 से 12 अगस्त तक आयोजित 15वीं हॉकी इंडिया जूनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप 2025 में झारखंड महिला हॉकी टीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया। फाइनल मुकाबले में झारखंड ने हरियाणा को मात देकर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। विजेता बनने के बाद बुधवार को पूरी टीम हवाई मार्ग से रांची पहुंची, जहां एयरपोर्ट पर हॉकी झारखंड के पदाधिकारियों, खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। एयरपोर्ट पर ही खिलाड़ियों, कोच सुधीर गोला और टीम के सभी सहयोगी सदस्यों को माला पहनाकर सम्मानित किया गया।
जांजगीर चांपा के हॉकी मैदान में छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका कल्याण संघ ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संगठन की प्रमुख मांग है कि उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे कम मानदेय में पूर्ण काम कर रहे हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश की तरह साल 10 प्रतिशत मानदेय वृद्धि की मांग की है। पदोन्नति से जुड़ी मांगों में पर्यवेक्षक भर्ती की तत्काल शुरुआत और 50 प्रतिशत पदोन्नति में आयु सीमा हटाने की मांग शामिल है। सहायिकाओं के लिए शत-प्रतिशत पदोन्नति की भी मांग की गई है। 5G मोबाइल की मांग पोषण ट्रैक ऐप से जुड़ी तकनीकी समस्याओं को भी उठाया गया। इनमें वजन का बार-बार बदलना और 5G मोबाइल की कमी से नए वर्जन का सपोर्ट न मिलना प्रमुख हैं। कार्यकर्ताओं ने 5G मोबाइल की मांग के साथ नेट खर्च बढ़ाने की मांग भी की। सेवा समाप्ति पर 10 लाख रुपए का भुगतान, प्रभारी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि और सुपोषण चौपाल तथा मातृत्व वंदना की राशि का प्रतिमाह भुगतान शामिल है।
प्रतापगढ़ में स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। उदयपुर जोन प्रभारी डॉ. विक्रम सिंह के निर्देश पर एंटी सबोटाज टीम मंगलवार शाम प्रतापगढ़ पहुंची। टीम ने हॉकी मैदान का आधुनिक उपकरणों और खोजी कुत्तों से निरीक्षण किया। टीम इंचार्ज मुकेश नागदा के नेतृत्व में मैदान के हर कोने की जांच की गई। सुरक्षा मानकों का मूल्यांकन करने के बाद मैदान को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया। मैदान में सशस्त्र गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। 15 अगस्त को राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ध्वजारोहण करेंगे। वे मार्च पास्ट की सलामी लेंगे। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाएगा। समारोह में जिला कलेक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया और पुलिस अधीक्षक बी. आदित्य मौजूद रहेंगे। जनप्रतिनिधि और जिला स्तरीय अधिकारी भी शामिल होंगे। स्कूली विद्यार्थी और हजारों नागरिकों की भी कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी।
स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को किया गया याद
रांची|रांची रेल मंडल द्वारा ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के अंतर्गत, मंडल रेल प्रबंधक करुणा निधि सिंह के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में मंडल के सभी शाखा अधिकारी, अन्य अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए। यह यात्रा हटिया में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय परिसर से प्रारंभ होकर हटिया रेलवे स्टेशन, सेरसा हॉकी स्टेडियम और रेलवे कॉलोनी हटिया से होते हुए मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में समाप्त हुई। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक के हृदय में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और गौरव की भावना जागृत करना तथा देशभक्ति को जन-जन तक पहुंचाने और भारत की एकता, अखंडता और विविधता में एकता के संदेश को सशक्त करना है। तिरंगा यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को राष्ट्रीय ध्वज के महत्व से अवगत कराना और स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान को स्मरण करते हुए देश के प्रति कर्तव्य भावना को प्रोत्साहित करना है। यात्रा में शामिल सभी प्रतिभागियों ने देशभक्ति के नारे लगाए और राष्ट्रीय ध्वज के साथ उत्साह एवं एकजुटता से हिस्सा लिया। इस तिरंगा यात्रा में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजू तिर्की, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सह मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शुचि सिंह, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक विनोद कुमार, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी राजा, अन्य शाखा अधिकारी, अधिकारीगण व कर्मचारीगण ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
जूनियर नेशनल महिला हॉकी चैंपियनशिप में लगातार दूसरी बार चैंपियन बना झारखंड
स्पोर्ट्स रिपोर्टर| रांची अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर झारखंड की जूनियर महिला हॉकी टीम ने पूरे प्रदेश को स्वर्ण पदक का तोहफा दिया। 15वीं हॉकी इंडिया जूनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में झारखंड ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी हरियाणा को 2-1 से मात देकर लगातार दूसरे वर्ष खिताब अपने नाम किया। यह मुकाबला 1 से 12 अगस्त तक काकीनाडा में आयोजित हुआ। फाइनल में झारखंड की शुरुआत दमदार रही। 10वें मिनट में टीम की स्टार स्ट्राइकर स्वीटी डुंगडुंग ने पहला गोल दागा, जो इस टूर्नामेंट में उनका पांचवां गोल रहा। स्वीटी एक बार फिर टूर्नामेंट की टॉप स्कोरर बनीं। इसके दो मिनट बाद 12वें मिनट में शांति कुमारी ने शानदार फील्ड गोल कर झारखंड को 2-0 की मजबूत बढ़त दिलाई।
1.40 करोड़, अब सभी कैंपस में एंटी-ड्रग सेल
रांची विश्वविद्यालय में (सत्र 2025-26) स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटी के लिए 1.40 करोड़ रुपए का बजट तैयार कर लिया गया है, जिसे स्वीकृति के लिए राजभवन भेजा जाएगा। मंगलवार को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) धर्मेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में स्पोर्ट्स एंड कल्चरल कंट्रोल बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके अलावा इस शैक्षणिक सत्र में आयोजित होने वाले स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटी के कैलेंडर के प्रारुप को सहमति प्रदान कर दी गई। प्रभारी वीसी ने कहा कि यह राज्य खेलों और संस्कृति के प्रति अपने जुनून के लिए जाना जाता है। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी और सिल्वानुस डुंगडुंग जैसे दिग्गजों का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां की मिट्टी से संगीत और खेल की खुशबू आती है। सफलता केवल क्लास रूम की डिग्री से नहीं मिलती, बल्कि इसके लिए शारीरिक रूप से फिट होना भी जरूरी है। बैठक में वीसी के अलावा डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू, रजिस्ट्रार डॉ जीसी साहू, डीआर डॉ प्रीतम कुमार, परीक्षा नियंत्रक संजय कुमार सिंह, एफओ डॉ दिलीप साहू, प्रो. अशोक कुमार सिंह, डॉ अरुण कुमार सिंह समेत अन्य सदस्य थे। युवाओं को खेल से जोड़ना राज्य के युवाओं को विभिन्न खेलों की ओर आकर्षित करने और उनके जुनून को बढ़ाने के लिए प्रयास करना। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर स्पोर्ट्स इवेंट आयोजित किए जा सकते हैं। इनोवेशन और स्टार्टअप इनोवेशन और स्टार्टअप क्लबों का विकास करना, विवि में साइंस एग्जीबिशन के लिए सीड ग्रांट का प्रावधान। इससे छात्र कल्चरल इवेंट में भी हिस्सा ले सकेंगे। इवेंट किस कॉलेज को मिली जिम्मेवारी हॉकी (पुरुष और महिला) बिरसा कॉलेज, खूंटी फुटबॉल बेड़ो कॉलेज, गुमला क्रिकेट (महिला) के.ओ. कॉलेज, गुमला वॉलीबॉल, टेबल टेनिस, कराटे डोरंडा कॉलेज, रांची कबड्डी (महिला) जेवियर कॉलेज, रांची तीरंदाजी सिल्ली कॉलेज बैडमिंटन निर्मला कॉलेज, रांची पावर लिफ्टिंग/ कुश्ती मारवाड़ी कॉलेज योग पीजी आरयू बास्केटबॉल जेवियर कॉलेज, रांची हैंडबॉल केसीबी वीमेंस कॉलेज, गुमला शूटिंग बिरसा कॉलेज, खूंटी तैराकी खेलगांव, रांची टीम में बदलाव खेल सलाहकारों की टीम में केवल प्राचार्यों को ही नहीं, खेल प्रशिक्षकों को भी शामिल करना। इससे विवि के छात्रों को उचित समय पर सही और सुदृढ़ मार्गदर्शन मिलेगा। स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटी के बजट को पारदर्शी व जवाबदेह बनाना। विश्वविद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाना, ताकि छात्रों को सही गाइडलाइन मिले। एंटी-ड्रग सेल सभी विश्वविद्यालयों कैंपस में एंटी-ड्रग सेल का गठन करना और डोपिंग के प्रति जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करना। इसका उद्देश्य छात्रों को नशे की लत से दूर रखना है। खेल प्रोत्साहन जिन खेलों में विश्वविद्यालय अच्छा प्रदर्शन करता है, उनके लिए बजट और प्रशिक्षण बढ़ाना। इससे वहां के छात्रों को खेलों में विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। स्पोर्ट्स में राज्य का नाम भी ऊंचा होगा। स्पोर्ट्स एंड कल्चरल बोर्ड की बैठक में उपस्थित अधिकारीगण।
जहीर खान और उनकी पत्नी सागरिका घाटगे ने ‘Akutee’ ब्रांड की शुरुआत की
बेंगलुरु। पल्लू, दुपट्टे और जैकेट पर खूबसूरत रंगों में की गई कढ़ाई और पेंटिंग घाटगे शाही परिवार का एक रहस्य रहा होगा, जिसका इस्तेमाल प्रियजनों के कपड़ों को प्यार से सजाने के लिए किया जाता था। हालांकि क्रिकेटर जहीर खान की व्यावसायिक समझ से अब यह एक ब्रांड अकुती में तब्दील हो गया है। अभिनेत्री, मॉडल एवं राष्ट्रीय स्तर की पूर्व हॉकी चैंपियन सागरिका घाटगे अकुती ब्रांड को अपनी मां उर्मिला घाटगे के साथ चलाती हैं। सागरिका घाटगे ने कहा, “हाथ से पेंटिंग मेरे बचपन का हिस्सा रहे हैं। मेरी मां लंबे समय से यह करती रही हैं। हालांकि शुरू में मैं इसे उतनी गंभीरता से नहीं लेती थी, लेकिन मेरे पति (जहीर खान) ने मुझे इसे एक विशेष कलेक्शन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। मां-बेटी की जोड़ी ने बेंगलुरु में ‘फोर सीजन्स’ में अपने कलेक्शन की शुरुआत की। सोलह मई को होटल में एक दिन के लिए साड़ियों, दुपट्टों और ब्लेजर का संग्रह प्रदर्शित किया गया। घाटगे ने कहा कि जब उन्होंने लगभग एक साल पहले इसकी शुरुआत करने का फैसला किया, तो एक ब्रांड नाम के लिए ‘अकुती’ एक स्वाभाविक पसंद बन गई, जिसका मराठी में अर्थ राजकुमारी होता है। इसे भी पढ़ें: Cannes Film Festival में दिखाई गई श्याम बेनेगल की फिल्म मंथन, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह मौजूद खान ने कहा, ‘‘हां, वह एक राजकुमारी है। घाटगे ने कहा कि यह नाम सिर्फ उनके खानदान का संकेत नहीं है, बल्कि उनके परिवार की सभी महिलाओं के लिए एक सम्मान भी है। घाटगे ने कहा, अकुती समय में पीछे ले जाता है। उन्होंने कहा कि डिज़ाइन की प्रेरणा सीधे कोल्हापुर के शाही घाटगे परिवार के बगीचों से आती है। घाटगे ने कहा, मेरी मां वास्तव में बागवानी में रुचि रखती हैं और हमारे बगीचे में खिलने वाले फूल हमारे कपड़ों पर हाथ से पेंट की गई डिजाइन में तब्दील हो जाते हैं।