यूपी में आज घना कोहरा छाया है। लखनऊ-प्रयागराज में विजिबिलिटी शून्य है। प्रदेश के 50 से ज्यादा जिले आज घने कोहरे की चपेट में हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में पश्चिमी विक्षोभ के असर से पश्चिमी और पूर्वी दोनों संभागों में तापमान में हल्की बढ़त तो रही, लेकिन कोहरे का कहर बरकरार रहा। कानपुर चिड़ियाघर में शेर, बाघ और तेंदुए को ठंड से बचाने के लिए हीटर, ब्लोअर और बल्ब लगाए गए हैं। खाने में मांस बढ़ाया गया है। भालू को दोगुना शहद पिलाया जा रहा है। उसे शकरकंद और अंडा खिलाया जा रहा है। जू में पक्षियों के बाड़े को तिरपाल से ढक दिया गया है। घोंसलों वाली मटकियों में पुआल रखा गया है, जिससे गर्माहट बनी रहे। अजगर-सांपों के बाड़े बंद कर दिए गए हैं। अब इन्हें होली तक मौसम हल्का गर्म होने पर ही देख पाएंगे। आंचलिक माैसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया- गुरुवार से दो दिन पूर्वी और मध्य यूपी में दिन के तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसके बाद विक्षोभ का असर खत्म होगा, हवा का रुख बदलेगा और पहाड़ों पर बर्फबारी के असर से यूपी में गलन भरी उत्तरी-पछुआ हवा चलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक, क्रिसमस और नए साल पर भी मौसम बिगड़ा रहेगा। भीषण कोहरा पड़ेगा, सर्द हवाएं चलेंगी और बादल भी छाए रहेंगे। क्रिसमस पर पारा 6 डिग्री से 11 डिग्री के बीच रहेगा। कोहरे का असर ट्रेनों पर भी देखने को मिल रहा है। 50 से ज्यादा ट्रेनें 2 से 10 घंटे की देरी से चल रही हैं। इसके अलावा गोरखपुर से 7 फ्लाइटें लेट उड़ीं। मौसम की तस्वीरें देखिए- इन जिलों में आज घने कोहरे का अलर्टकौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, मिर्जापुर, संत रवि दास नगर, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर। राहत आयुक्त बोले- अफसर अलर्ट रहेंसरकार भी अलर्ट मोड पर है। राहत आयुक्त ने 26 जिलों के अफसरों के साथ बैठक की। उन्हें अलर्ट रहने को कहा है। साथ ही वीडियो जारी कर लोगों से अपील की है कि कोहरे में अगर एक्सीडेंट हों तो तत्काल 108 और 112 नंबर पर जानकारी दें। एक्सप्रेसवे और हाईवे पर वाहनों की स्पीड 60 से 80 किमी प्रति घंटा कर दी गई है। 15 जिलों में स्कूलों में छुट्टी घोषित लखनऊ, गोंडा समेत 8 जिलों में मंगलवार को स्कूल बंद कर दिए गए। 7 जिलों (रायबरेली, वाराणसी, जौनपुर, उन्नाव, सोनभद्र, मिर्जापुर, संभल) में पहले से स्कूल बंद थे। यानी अब तक 15 जिलों में डीएम ने स्कूलों में छुट्टी की है। मौसम से जुड़ी अपडेट्स के लिए नीचे एक-एक ब्लॉग से गुजर जाइए...
अरावली को लेकर कुछ लोग झूठ बोल रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने परिभाषा स्वीकृत करने के साथ ही कहा है कि अरावली में कोई नई माइनिंग लीज नहीं दी जाएगी। पहले मैनेजमेंट साइंटिफिक प्लान बनेगा, फिर ICFRE उसका इवेल्युएशन करेगी। माइनिंग देते समय सस्टनेबिलिटी को देखा जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ये बातें दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान कहीं। दरअसल, अरावली पर्वतमाला को लेकर सुप्रीम कोर्ट की नई परिभाषा को स्वीकृति देने के बाद से सियासत चरम पर है, जिसके अनुसार 100 मीटर या उससे ज्यादा ऊंचाई वाली भू-आकृतियों को ही ‘अरावली’ माना जाएगा। कई पर्यावरण प्रेमी इसका विरोध कर रहे हैं। नई परिभाषा में ऐसा क्या है? क्या इससे अरावली क्षेत्र में बस रहे लोगों को चिंता करनी चाहिए? पहाड़ियों की ऊंचाई की 100 मीटर की गणना कैसे होगी, इसे कैसे नापा जाएगा? ऐसे कई सवालों के जवाब हमने केंद्रीय मंत्री से लिए। भास्कर : राजस्थान की सियासत में आवाज गूंज रही है कि 'अरावली खतरे में है।' आम जनता आंदोलन की राह पर है, पर्यावरण मंत्री होते हुए आप इसे कैसे देखते हैं? भूपेंद्र यादव : कुछ लोग इसको लेकर झूठ बोल रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं। कांग्रेस सरकार के समय से अरावली का ये विषय सर्वोच्च न्यायालय में पेंडिंग था। मूल विषय था अवैध खनन। अवैध खनन होने का ये अर्थ है कि जिले में अरावली के आइडेंटिफिकेशन को लेकर कोई एक सार नहीं था कि अरावली किसे कहें? सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उस समय की कांग्रेस सरकार अरावली की एक परिभाषा लेकर आई। उन्होंने अरावली को चिह्नित किया और उसके आधार पर माइनिंग लीज के पट्टे दे दिए। जो आज भी हैं। बाद में सर्वोच्च न्यायालय में ये विषय आया कि अरावली एक राज्य में नहीं है, ये चार राज्यों में हैं। ऐसे में अरावली की चारों राज्यों में एक जैसी परिभाषा होनी चाहिए। भास्कर : क्या सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब सरकार अरावली रेंज में 100 मीटर से नीचे की पहाड़ियों पर खनन की अनुमति देने वाली है? भूपेंद्र यादव : सर्वोच्च न्यायालय ने अरावली की परिभाषा देने के साथ ही कहा कि अरावली में कोई नई माइनिंग लीज नहीं दी जाएगी। पहले जिला अनुसार मैनेजमेंट साइंटिफिक प्लान बनेगा, दूसरा साइंटिफिक प्लान बनने के बाद जो ICFRE हैं, वो उसका इवेल्युएशन करेगी। फिर माइनिंग देते समय सस्टनेबिलिटी को देखा जाएगा। आप धरती से अगर खनिज निकाल रहे हो उसकी क्षतिपूर्ति मतलब उसको हरित करके तो वापस दो। बहुत क्रिटिकल मिनरल की माइनिंग को भी बहुत एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी तरीके से दिया जाएगा। भास्कर : अरावली रेंज में पहाड़ियों की ऊंचाई की ये 100 मीटर की गणना कैसे होगी, इसे कैसे नापा जाएगा? भूपेंद्र यादव : नहीं, कोई भी पहाड़ी कैसे चिह्नित करोगे? एक पर्वत मतलब सिंगल यूनिट अगर है तो 100 मीटर की ऊंचाई होनी चाहिए, लेकिन ऊपर से नहीं होनी चाहिए। उसका नीचे तक का धरातल होना चाहिए। ऐसे में उसके फैलाव में पूरा आ जाएगा और उसके आस-पास की सभी छोटी-मोटी पहाड़ियां आ जाएंगी। नीचे वहां होगा, जो उसके लैंडफॉर्म का सबसे नीचे होगा। अब फिर अरावली रेंज किसे कहेंगे? तो 200 मीटर की जो पहाड़ियां हैं, उसके बीच का जितना भी भू भाग है, छोटी-बड़ी जो भी पहाड़ियां हैं, वो सब अरावली रेंज है। तो इससे तो 90 प्रतिशत भाग स्वयं अरावली और अरावली रेंज में आ जाता है। भास्कर : अशोक गहलोत का आरोप है कि उनकी सरकार में जो परिभाषा तय की गई थी, उस रिपोर्ट को कोर्ट ने तब खारिज कर दिया था। अब उसी को आधार बनाकर फैसला आया है? भूपेंद्र यादव : उनकी कोई रिपोर्ट खारिज भी नहीं हुई और स्वीकार भी नहीं हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई जिसमें पर्यावरण मंत्रालय के सेक्रेटरी को रखा। साथ ही जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया, सुप्रीम कोर्ट की अपनी सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी और चारों राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के सचिव को इसमें शामिल किया गया था। ऐसे में ये इन चारों राज्यों की एक वृहद कमेटी बनी। अब इसमें अशोक गहलोत कहां फिट होते हैं। उन्होंने जो माइनिंग दी है, वो तो इसी आधार पर दी है। वो ये क्यों नहीं कहते हैं कि उन्होंने माइनिंग किस आधार पर दी है? भास्कर : अरावली को लेकर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब राजस्थान के कितने क्षेत्र में खनन की अनुमति मिलने वाली है? भूपेंद्र यादव : देखिए, अरावली में दिल्ली में तो खनन हो ही नहीं सकता है। वहां बैन है। केवल 2 प्रतिशत में ही माइनिंग हो सकती है। इससे ज्यादा तो हो ही नहीं सकता है। जब साइंटिफिक मैनेजमेंट प्लान बना लोगे तो टाइगर रिजर्व, वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में सब छोटी-बड़ी पहाड़ियां बैन हैं। जलाशय के आस-पास भी ऐसा ही नियम है। जहां शहर आ गए हैं, वहां तो माइनिंग हो ही नहीं सकती है। अब जहां पर 100 मीटर के बीच का जितना भी क्षेत्र है वो सब श्रृंखला के रूप में चिह्नित होगा। इसके बाद भी माइनिंग तब तक नहीं होगी, जब तक एक साइंटिफिक मैनेजमेंट प्लान न बन जाए और ICFRE की स्वीकृति न मिल जाए। हमारी मुख्य समस्या अवैध खनन है। पुलिस अगर केस भी दर्ज कराना चाहेगी तो जो चिह्नित ही नहीं है तो उसे अवैध खनन में कैसे कहोगे? इसलिए अरावली को पूरी तरह से आइडेंटिफाई करने का प्रयास है। भास्कर : विपक्ष आरोप लगाता है कि सरिस्का में क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट इसलिए बदला गया कि वहां बंद पड़ी खानों काे चालू कराया जा सके? भूपेंद्र यादव : नहीं, सरिस्का में एक तो सीटीएच पूरा नहीं हुआ है। किसी भी टाइगर सेंचुरी में दो तरीके से होता है। एक तो कोर हैबिटेट है। कोर हैबिटेट वहीं होता है कि जिसमें कुछ हो ही नहीं सकता है तो वहां तो कोई माइनिंग हो ही नहीं सकती है, क्योंकि वो तो कोर है। कोर के बाद दूसरा जो होता है वो सेंचुरी का निर्माण होता है, उसमें इसके लिए पब्लिक हियरिंग की जाती है। कोर और बफर को लेकर पब्लिक हियरिंग की प्रोसेस सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार चल रही है। ऐसे में जब उसकी ये हियरिंग होगी और उसकी जो रिपोर्ट बनेगी तभी हो सकता है। अभी वहां पर भी कुछ फाइनल नहीं है। भास्कर : अरावली की तलहटी में अजमेर जैसे शहर और कई गांव बसे हैं। उन लोगों की इस फैसले के बाद अपनी चिंताएं हैं। ऐसे में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के नाते उन्हें क्या सन्देश देंगे? भूपेंद्र यादव : ये केवल माइनिंग के लिए है…इट्स ओनली फॉर माइनिंग। भ्रम तो अब लगभग साफ हो गया है, मेरे कहने के बाद काफी चीजें अब क्लियर हो गई हैं। .... अरावली से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ेंः 1. पीली हो जाएगी गुलाबी नगरी, बिना झीलों का उदयपुर:दिनभर धूल के तूफान, बिना मास्क सांस नहीं, AI से देखिए अरावली खत्म होने के खतरे राजस्थान से अरावली की पहाड़ियां खत्म हो गईं तो यहीं मजाक डरावनी हकीकत बनकर सामने आ सकता है। एक नई परिभाषा के अनुसार 100 मीटर से ऊंची पहाड़ी को ही अरावली माना जाएगा। पूरी खबर पढ़िए...
गोरखपुर के गीता वाटिका में श्रीराधाबाबा की 114वें जन्म महोत्सव के अवसर पर भक्तमाल कथा और रासलीला का भव्य आयोजन किया गया है। 23 से 28 दिसंबर तक आयोजित इस कथा के दूसरे दिन कथा व्यास मदन मोहनदास ने बताया कि भक्तों को हर परिस्थति में भगवान को याद करना चाहिए। इस दौरान परिसर में ज्यादा संख्या में भक्त मौजूद रहें। सभी ने भक्ति में डूब कर कथा का आनंद लिया। साथ ही रासलीला को देखकर भाव विभोर हो उठे। कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास मदन मोहन दास ने बताया कि ब्रह्माजी कहते हैं कि आप मोर-मुकुट धारण किए हुए हैं। हे नन्दलाल ! मैं आपको प्रणाम करता हूं। फिर भी आप ब्रह्माजी की ओर दृष्टि नहीं डालते, जबकि अपने साधकों की पुकार आप तुरंत सुन लेते हैं। भक्त प्रतिकूल परिस्थितियों में प्रभु को देता दोष तब ब्रह्माजी फिर कहते हैं कि संसार में मनुष्य अनुकूल परिस्थितियों में तो भगवान को स्मरण करता है, किंतु प्रतिकूल परिस्थितियों में दोष देने लगता है। यह स्थिति उचित नहीं है। अनुकूल और प्रतिकूल दोनों ही परिस्थितियों में भक्त को भगवान का स्मरण करना चाहिए। हृदय में जैसे भाव होते हैं, उसी के अनुसार आनंद की अनुभूति होती है। सभी परिस्थितियों में ईश्वर की महान कृपा का अनुभव करना ही भक्त का कर्तव्य है। इसलिए हृदय में प्रभु के नाम के प्रति प्रेम जगाएं, निरंतर नाम-जप करें भगवान स्वयं आपको दर्शन देंगे। इस अवसर पर वृंदावन की रामजी शर्मा, निकुंज बिहारी की रासमंडली की ओर से ‘‘छ: दिवसीय भव्य रासलीला’’ का आयोजन भी आयोजन किया गया है। दूसरे दिन भक्त नामदेव लीला का भावपूर्ण प्रस्तुती किया गया। 28 को आयोजित होगा भव्य जन्मोत्सवसंस्था के सचिव उमेश कुमार सिंहानिया ने बताया कि भक्तमाल कथा और रासलीला दर्शन का यह क्रम 23 दिसम्बर से 28 दिसंबर 2025 तक चलेगा। पौष शुक्ल अष्टमी/नवमी के दिन 28 दिसंबर को श्रीराधाबाबा का भव्य जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण ने अपनी औद्योगिक भूखंड योजना के तहत 124.02 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया। 10 भूखंडों की योजना को निकाला गया था। जिसका रिजर्व प्राइज 49.27 करोड़ रुपए था। इसके लिए 214 लोगों ने आवेदन किया। जिसमें 170 आवेदकों बोली प्रक्रिया में हिस्सा लिया। 10 भूखंडों के लिए 173.29 की बोली लगाई गई। प्राधिकरण को सीधे तौर पर 124.02 करोड़ का राजस्व मिला। प्राधिकरण ने बताया कि दस भूखंडों से प्राधिकरण पर निर्माण के बाद करीब 600 करोड़ का निवेश और 2200 लोगों को रोजगार मिलेगा। बोली लगाने वाली कंपनियों को लीज डीड के अनुसार निर्माण और कार्यशील सर्टिफिकेट हासिल करना होगा। इन कंपनियों को मिला भूखंड
अमेठी के रहने वाले आरिफ के पास अब उनका दोस्त सारस वापस नहीं जाएगा। क्योंकि अब इस मादा सारस को कानपुर जू में अपना नया नर जीवन साथी मिल गया है। अब दोनों सारस बाड़े में एक साथ रहते हैं।साथ में डांस भी करते हैं। साथ ही उसकी डाइट भी बदली है। पहले ये सारस उबले अंडे, पके हुए चावल, खीर खाता था। डॉक्टर नासिर के मुताबिक धीरे-धीरे हम लोगों ने उसको बर्ड नेचर में परिवर्तित किया। अब ये मक्का, दाल, मूंगफली, पत्ता गोभी, पालक और छोटी मछलियां खाने लगा है। ये सारस 25 मार्च 2023 को जब कानपुर प्राणि उद्यान (जू) में आया था। यहीं पर सबसे पहले सारस का डीएनए टेस्ट करवाया गया था। जिसमें इस सारस के मादा होने की पुष्टि हुई थी। उदासी छोड़ अब डांस कर रही मादा सारस रेंजर मोहम्मद फिरोज खान ने बताया कि जब मादा सारस आरिफ से दूर हुई थी तो वह मायूस रहती थी। हम लोगों ने उसे ऐसे बाड़े में डाला, जिसमें पहले से एक सारस (मर्द) रहता था। अब करीब 2 साल बाद मादा सारस की न सिर्फ एक्टिविटी बदली, बल्कि उसका रहन-सहन और खानपान भी बदल गया। मादा सारस की नर सारस की दोस्ती हो गई। तब से मादा सारस अब डांस करने लगी है। बाड़े में इधर-उधर दौड़ भी लगाती है। बताया कि हंस और सारस अपने पूरे जीवन काल में एक ही साथी का चयन करते हैं। उन्होंने बताया कि जब ये मादा सारस आरिफ के पास घर पर रहता थी। तब ये उबले अंडे, पके हुए चावल और खीर खाती थी। मगर अब ये मक्का, दाल, मुंगफली, पत्ता गोभी, पालक और छोटी मछलियां खाने लगी है। पहले जू प्रशासन ने सारस के मिलने पर लगाए थे प्रतिबंध 26 मार्च 2023 को वन विभाग ने पक्षी की सुरक्षा के लिए अहम कदम उठाया था। इसके बाद आरिफ के सारस को अधिकारियों ने घर से ले जाकर कानपुर चिड़ियाघर में रखा था। जू में पहुंचने के बाद एक अलग बाड़े में क्वॉरेंटाइन किया गया। बीते कुछ दिनों तक प्रशासन ने उसकी सीसीटीवी कैमरे के जरिए निगरानी की। आरिफ से बिछड़ने के बाद सारस मायूस रहने लगी थी। कुछ दिनों तक जू प्रशासन ने आरिफ को सारस से मिलने की अनुमति नहीं दी थी। जब आरिफ कुछ दिनों बाद सारस से मिलने के लिए पहुंचा तो सारस उसे देखते ही झूम- झूम कर नाचने लगी। मादा सारस की लगातार हो रही मॉनिटरिंग आरिफ से बिछड़ने के बाद उसने खाना-पीना कम कर दिया था। लेकिन कुछ समय बाद उसने अब अपनी रूटीन डाइट लेनी शुरू कर दी है। अब उसने अपना एक जीवनसाथी (नर) बना लिया है। जिसके साथ वह काफी ज्यादा खुश है। यूं कहे अब वह आरिफ को भी पूरी तरह से भूल चुकी है। उसने नॉर्मल डायट को छोड़कर जो सारस की रियल डाइट है- जैसे कि गोभी के पत्ते के कीड़ों के अलावा कई अन्य चीजों को भी खाना शुरू कर दिया है। वह अब पूरी तरीके से स्वस्थ है। डॉक्टरों की टीम के द्वारा उसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। चलिए अब आपको 7 महीने पहले हुई आरिफ से सारस की दोस्ती और फिर बिछड़ने की कहानी बताते हैं... आरिफ और सारस की दोस्ती अगस्त 2022 में हुई थी। आरिफ बताते हैं, रोज की तरह मैं अपने खेत पर काम करने जा रहा था। तभी मुझे रास्ते में एक बड़ा सा पंख दिखाई दिया। मैं थोड़ा आगे बढ़ा तो बड़ा सा सारस जमीन पर पड़ा हुआ था। पहले मैं उसको देखकर डर गया। पहली बार सारस को सामने से देखा था। इसकी चोंच बहुत बड़ी थी। मुझे डर लग रहा था कि कहीं ये मुझे मार न दे। मैं कुछ देर वहीं पर खड़ा रहा। उसको लगातार देख रहा था। वो हिल भी नहीं पा रहा था। उसके पैर पर चोट थी। खून निकल रहा था। किसी तरह हिम्मत करके मैं उसके पास गया। उसके ऊपर हाथ फेरा तो वो थोड़ा सा मेरी तरफ घूम गया। इसके बाद मैंने सारस को पानी पिलाया। फिर उसको अपने खेत पर ले गया। उसके पैर पर दवा लगाकर पट्टी बांध दी। उसके बाद सारस को खेत पर किनारे लेटा दिया। आरिफ आगे कहते हैं, कुछ देर बाद मैं खाना खाने जा रहा था। तभी मैंने सारस की ओर देखा। मैंने सोचा उसको भी कुछ खिला दूं लेकिन डर था कहीं वो चोंच मार न दे। तभी मैंने उसको दूर से रोटी फेंक कर दे दी। जो उसने खा ली। उसके बाद एक रोटी और दे दी। जब मैं घर जाने लगा तो छोटे भाई को बुला लिया। उसके साथ मिलकर सारस को घर ले गया। वहां उसको घर के अंदर बिस्तर पर रखा। रात में फिर से खाना खिलाया। ऐसा लगभग डेढ़ महीने तक मैं करता रहा। घर की देसी दवाई से उसका पैर धीरे-धीरे ठीक हो गया। वो अब अपने पैरों पर चलने लगा था। मेरा डर भी अब खत्म हो चुका था। घर के दूसरे लोग भी उससे डरा नहीं करते थे। सारस के ठीक होने पर मैंने सोचा अब वो उड़ जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मैंने कभी देखा नहीं था कि किसी ने घर पर सारस को पाल रखा हो। फिल्मों में भी ऐसा नहीं देखा है। सब लोग घर पर कुत्ता, बिल्ली, बंदर, तोता यही सब पालते हैं। इसलिए मैंने भी इसको पालने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन मेरा दोस्त सारस खुद ही मेरे पास रहने लगा। मुझे भी उससे इतना ज्यादा लगाव हो गया कि उसको घर पर रख लिया। 7 महीने से हम लोग साथ थे, पता नहीं था इस तरह से अलग होंगे। ठीक होने के बाद सारस ने आरिफ का नहीं छोड़ा साथ आरिफ और उनके परिजनों को उम्मीद थी कि सारस ठीक होने के बाद उड़ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आरिफ की सेवा ने सारस पक्षी का ऐसा दिल मोहा कि वह उनके घर के पास ही रहने लगा। तब से लेकर अब तक आरिफ का परिवार ही सारस का परिवार बन गया है। जहां-जहां आरिफ जाते, सारस उनके साथ जाता था। वह उनके साथ ही भोजन करता, साथ ही रहता। इतना ही नहीं जब वह बाइक से बाजार जाते, तो सारस उड़ते हुए उनके साथ चलता। अखिलेश यादव हो गए थे दोस्ती के मुरीद पक्षी और इंसान की दोस्ती को देखकर सपा मुखिया अखिलेश यादव भी मुरीद हो गए। अखिलेश यादव अमेठी दौरे के दौरान मंडका गांव पहुंचे। जहां आरिफ और सारस की दोस्ती को उन्होंने महसूस किया और जमकर तारीफ की थी। इससे आरिफ भी बेहद खुश थे। अखिलेश के पहुंचते ही सरकार ने लिया एक्शन 19 मार्च को अमेठी दौरे पर अखिलेश यादव ने आरिफ से मुलाकात की थी। आरिफ और सारस की दोस्ती के चर्चे प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में हुए। लेकिन इसी बीच यूपी सरकार ने आरिफ को नोटिस जारी कर दिया। लखनऊ से वन विभाग ने नोटिस दिया कि सारस को सही वातावरण में नहीं रखा जा रहा है। अब बात उस दिन कि जब वन विभाग की टीम सारस को लेने पहुंची... आरिफ को नोटिस देने के बाद बीते 21 मार्च को वन विभाग की टीम सारस को लेने के लिए मुंडका गांव पहुंच गई। उस दौरान आरिफ बार-बार टीम से गुहार लगाता रहा कि आप लोग सारस को चेक कर लो। मैं इसका पूरा ध्यान रखता हूं। हमेशा साथ में रखता हूं। खाने-पीने से लेकर, सोने-बैठने सब का इंतजाम घर पर इसके लिए कर रखा है। ये भी मेरे साथ बहुत खुश रहता है। आपको यकीन न हो तो गांव वालों से पूछ लो। आरिफ के इतना कहने के बाद भी वन विभाग की टीम सारस को आरिफ से छीन कर ले गई। आरिफ बुरी तरह टूटकर रोने लगा। लेकिन टीम के सदस्य नहीं माने। अखिलेश यादव ने लगातार सरकार को घेरा वन विभाग द्वारा सारस को ले जाने के बाद अखिलेश यादव ने ट्विट कर इसका विरोध किया। इसके बाद वन विभाग ने तर्क दिया कि सारस के अनुसार, आरिफ के घर का वातावरण ठीक नहीं है। यही वजह रही कि मंगलवार को पक्षी को आरिफ के घर से लाकर रायबरेली के पक्षी विहार में छोड़ दिया गया। फिलहाल, इन सबके बीच एक खूबसूरत दोस्ती का सफर खत्म हो गया है। अब आरिफ-सारस न साथ में खाएंगे, न साथ में घूमेंगे और न ही साथ में खेलेंगे। कुछ दिन पहले आरिफ जिन चीजों को जी रहा था, अब वो सब याद बनकर रह गया है।
137 साल पुरानी डफरिन ब्रिज (मालवीय पुल/राजघाट पुल) पर पीडब्ल्यूडी विभाग ने मेगा ब्लॉक 13 जनवरी तक लिया है। इस दौरान पुल पर मौजूद 71 ड्रेनेज स्पाउट एक्सपेंशन ज्वाइंट को बदला जाएगा। पीडब्ल्यूडी की टीम मंगलवार रात 11 बजे से ही कार्य कर रही है। ऐसे में वाराणसी ट्रैफिक विभाग ने भी मेगा डायवर्जन प्लान जारी किया है और राजघाट पुल को नो व्हीकल जोन बना दिया गया है। इसपर सिर्फ पैदल और साईकिल को आवाजाही की इजाजत है। ऐसे में चंदौली से वाराणसी को जोड़ने वाले लाइफ लाइन पुल से आने जाने वालों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। किसी का एग्जाम छूटा तो किसी को ऑफिस में बॉस सेडांट मिली। सभी ने सरकार को पहले वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कही। उसके बाद ब्लॉक लगाने को कहा। स्कूल-कालेज जाने वालों ने बताया एग्जाम के टाइम यह हुआ है। हमें डर है कि कहीं हमारा एग्जाम छूट न जाए। वहीं ऑफिस में जॉब करने वाले बोले कोई न कोई विकल्प तो होना चाहिए। ऐसे में दैनिक भास्कर राजघाट पुल पहुंचा और वहां से पैदल गुजर रहे लोगों से बातचीत की साथ ही अधिकारियों को समस्या बताओ तो अधिकारियों ने क्या कुछ कहा; पढ़िए इस रिपोर्ट में... सबसे पहले जानिए रात 11 बजे मंगलवार को क्या हुआ ? पुल को बंद किया गया तो लोगों ने किया हंगामा राजघाट पुल पर ड्रेनेज स्पाउट एक्सपेंशन ज्वाइंट मरम्मत कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग ने 13 जनवरी तक ब्लॉक लिया है। इस दौरान किसी भी वहां का आवागमन पुल से नहीं होगा। ऐसे में 24 दिसंबर से शुरू होने वाले इस ब्लॉक को 23 दिसंबर की रत 11 बजे से ही शुरू किया गया जिसपर लोग आक्रोशित हो गए। जिन्हे नहीं पता तो वो पुलिस से बहस करते भी दिखे। 12 बजे की जगह 11 बजे ही बंद कर दिया गया एसीपी ट्रेफिक ओमवीर सिंह सिरोही ने बताया - हमने पुल के दोनों तरफ बोल्डर रखकर बंद करना शुरू किया था रत 11 बजे और उस समय पड़ाव से कई बाइक अंदर घुस गयी जिनकी वजह से राजघाट पुल के पास बंद किया गया रास्ता फिर खोला गया। इसमें समय लगा और रात करीब साढ़े 12 बजे बंद किया गया। कुछ लोग इसी बात पर हंगामा कर रहे थे कि कुछ को जाने दिया हमें रोक दिया। अब जानिए 24 दिसंबर सुबह का हाल... कैसी हुई दुश्वारियां लोग दिखे बेहाल सुबह से लग गई पैदल की कतार, लोग परेशानसुबह 9 बजे जब दैनिक भास्कर पड़ाव चौराहे पर पहुंचा तो बैरिकेडिंग वाराणसी पुलिस ने की हुई थी। उसके बावजूद कार और दो पहिया वाहन सवार पुल की तरफ जाने की जिद कर रहे थे। जिन्हे पुलिसकर्मी समझाकर वापस भेज रहे थे। सूजाबाद चौकी के पास 50 से अधिक मोटरसाइकिल वाले मौजूद थे जबकि यातायात पुलिस का बड़ा-बड़ा साइनेज लगा हुआ था कि सभी प्रकार के वाहन प्रतिबंधित हैं। पैदल जाने वालों की कतार लगी थी लेकिन लोग प्रशासन के इस मनमाने रवैये से नाराज थे। पुल की मरम्मत से पब्लिक को दिक्कत स्थानीय निवासी और मॉर्निंग वॉकर नारायण यादव ने बताया - पुल की मरम्मत से पब्लिक को दिक्कत है। हम लोग रोजाना आते-जाते हैं। हमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन जो लोग यात्री हैं। वो बीच-बीच में बैठ-बैठ कर पुल को क्रास कर रहे हैं। वहीं एक अन्य संजय यादव ने बताया - मै स्थानीय हूं, लेकिन पुल बंद होने से काफी दिक्कत है। ट्रेन और फ्लाइट पकड़ने वालों को काफी दिक्कतों को का सामना करना पड़ रहा है। यातायात विभाग ने क्लियर नहीं किया की कब बंद करेंगे। इससे काफी दिक्कत हुई। सरकार ने एक नया ब्रिज बनाने की कवायद कर रहा है लेकिन हाल फिलहाल कोई वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए। नाव मुफ्त चलती तो राहत रहती सूजाबाद के नईम अहमद अब 65 साल के हो गए हैं। कमर झुक गई है। आर्मी बैज के कारीगर नईम 20 वर्ष पहले सूजाबाद आये और मकान बनाकर यहीं रहने लगे। नईम ने कैमरे पर कुछ नहीं बोला। पर बताया कि अपना और अपनी पत्नी का खर्च बैज बनाकर चलाता हूं। लेकिन वहां भी समय से नहीं पहुंचो तो काम नहीं मिलता। ऐसे में ऑटो से जाता था लेकिन अब ऑटो नहीं चल रहा। रामनगर से घूमकर जाने में पैसे के साथ ही साथ समय भी ज्यादा लगेगा। इसलिए बुढ़ौती में पैदल पुल क्रास करना पड़ रहा है। साल 2007 में जब पुल बंद हुआ तब नीचे से नाव और बजड़ा चल रहा था। सिर पर खिचड़ी लादकर पहुंचे जितेंद्र सिंह जितेंद्र सिंह चंदौली से अपनी बेटी की खिचड़ी लेकर गाजियाबाद जा रहे हैं। पड़ाव पहुंचे तो ऑटो ने कहा आप अब पैदल जाइये। जितेंद्र ने कहा - हमें पहले से पता ही नहीं था। हमें ट्रेन पकड़नी है। गाजियाबाद जाना है। लेकिन अब क्या होगा पता नहीं क्योंकि पैदल बोझा लेकर कितनी देर में उस पर पहुंचूंगा यह कह नहीं सकता। जितेंद्र ने कहा सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए की पब्लिक का क्या होगा। वहीं पुराने पुल की पूजा भी अपनी बेटी की खिचड़ी पहुंचाने जा रही थीं। पैदल ही घर से निकल पड़ीं। सिर पर बोझ लिए पूजा ने झल्लाते हुए कहा बहुत दिक्कत है। अब पैदल ही जा रहे क्या करें। पढ़ाने और पढ़ने जाने वालों की दिक्कत सरिता पटेल वाराणसी की रहने वाली हैं और चंदौली के राजकीय इंटर कालेज में अध्यापिका हैं। सरिता ने बताया दो साल से वो जॉब कर रही हैं। सरिता ने बताया - आज से बहुत समस्या हो गयी पैदल जाना पड़ रहा है। प्रशासन को चाहिए की कम से कम बलुआ पुल को शुरू कर दें। ताकि समस्या का संधान हो सके। प्लान वे में काम होना चाहिए। जिन्हे चंदौली से वाराणसी आना है वो तो आसानी से आ जाएंगे लेकिन वाराणसी से सुबह चंदौली ड्यूटी करने वालों को बहुत दिक्कत हो रही है। कुछ करना चाहिए सरकार को। हिमांशी गुप्ता मुगलसराय की रहने वाली हैं और हरिश्चंद्र कालेज में पढती हैं। उनका एग्जाम चल रहा है। 10 बजे से एग्जाम था और 9 बजकर 27 मिनट पर वो राजघाट पुल पर थीं। बोली भइया लेट हो रहा 10 बजे से पेपर है। बात नहीं कर पाएंगे। वहीं प्रियंका सिंह बसंत कालेज, राजघाट में स्टूडेंट हैं। बोली बहुत दिक्कत हो रही है। लेकिन अभी छुट्टी हो जाएगी तब तक शायद ठीक हो जाए पर तू व्हीलर आती तो अच्छा रहता। हम लोगों के लिए प्रॉब्लम बढ़ गयी है। कुछ ने कहा बनना जरूरी, वरना आगे दिक्कत होगी चुनार में एएनएम वाराणसी की मनभा कुमारी ने बताया - पुल बंद होने से दिक्कत हो गई है। लेकिन इसका बनना भी जरूरी है। क्योंकि यह जर्जर हो गया है। थोड़े दिन की दिक्कत है लेकिन बाद में सब सही रहेगा। अब जानिए पुलिस ने क्या किया है रुट डायवर्जन और क्या होगी वैकल्पिक व्यवस्था ? वाराणसी ट्रैफिक पुलिस ने पुल पर नो व्हीकल जोन बनाया है। ऐसे में सभी गाड़ियां सामने घाट होकर शहर में जा रही हैं। वहीं मालवाहकों को विश्व सुंदरी पुल से गंतव्य को भेजा जा रहा है। एसीपी ट्रैफिक ने बताया - मरम्मत का कार्य अति आवश्यक था। बाइक से व्यवधान हो रहा था। इसलिए उसे भी प्रतिबंधित किया गया है। थोड़ी दिक्कत तो होगी ही एसीपी ने बताया - लोगों को दिक्कत हो रही है लेकिन यदि ये नहीं बनेगा और बिना मरम्मत हुए कोई दिक्कत हुई तो काफी दिक्कतों का सामना करना पडेगा। ऐसे में आवागमन रोका गया। वहीं उनसे जब वैकल्पिक व्यवस्था की बात कही गयी तो उन्होंने कहा जब तक इंसान नाव तक जाएगा उतनी देर में पुल पार कर जाएगा। उन्होंने अपनी घडी दिखाई और कहा मुझे 13 मिनट लगे तो कोई भी आदमी उसे 15 मिनट में क्रास कर सकता है। जानिए डायवर्जन प्लान जो 13 जनवरी तक वाराणसी में लागू है... 1 - ड्रेनेज स्पाउट एक्सपेंशन ज्वाइंट के मरम्मत के कार्य को दौरान 24 दिसंबर से 13 जनवरी तक नमो घाट से पड़ाव चौराहे तथा पड़ाव चौराहे से नमोघाट की तरफ केवल पैदल व्यक्ति को आवाजाही की अनुमति होगी। 2 - उक्त कार्य के दौरान नमो घाट से पड़ाव तथा पड़ाव से नमोघाट की किसी भी प्रकार के वाहन नहीं जाएंगे। इस दौरान रामनगर सामने घाट पुल से केवल दो पहिया, आटो, ई-रिक्शा, हल्के चार पहिया, एम्बुलेंस, शव वाहनो, की आवाजाही होगी। 3 - इस 25 दिन की अवधि में राजघाट/सामने घाट पुल से सभी प्रकार के सवारी वाहनों एवं हल्के भारी मालवाहकों का आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। 5 - राजघाट पुल से सभी प्रकार के वाहनों का आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। 6 - इस दौरान ट्रामा सेन्टर चौराहे तथा मालवीय चौराहे पर अधिक दबाव होने के करण विश्व सुन्दरी पुल तथा डाफी टोल प्लाजा के बीच में पड़ने वाले लौटूबीर अण्डर पास पर जर्सी बैरियर लगाया जायेगा। जिससे बीएचयू/ट्रामा सेन्टर आने वाले मरीजों को जाम से निजात मिल सके। 7 - इस दौरान चंदौली से वाराणसी तथा वाराणसी से चंदौली की तरफ आने वाले हल्के व भारी माल वाहकों, बसो का रामनगर चौराहे से टेंगरा मोड, विश्व सुन्दरी पुल, डाफी टोल प्लाजा होते हुए अमरा अखरी व मोहन सराय तथा चंदौली, पंचपेड़वा रिंगरोड होते हुए वाराणसी शहर में आवाजाही की जा सकेगी
पंजाब में जिला परिषद व ब्लॉक समिति चुनाव में ड्यूटी पर जाते हुए सड़क दुर्घटना में एक टीचर दंपत्ति की मौत हो गई। टीचर दंपत्ति की मौत से पंजाब भर के टीचर्स संगठनों में भारी रोष है। टीचर्स संगठनों ने CM मान से टीचर दंपत्ति के परिवार के लिए दो-दो करोड़ रुपए की मुआवजा राशि मांगी। सीएम मान ने टीचर दंपत्ति के परिवार के लिए 10-10 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की जिसका टीचर्स संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया। टीचर्स संगठनों ने इसे उनके परिवार के साथ क्रूर मजाक बताया। टीचर्स संगठनों ने मुआवजा राशि दो-दो करोड़ करवाने के लिए सरकार के खिलाफ संघर्ष करने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला मृतक टीचर दंपत्ति जसकरण सिंह भुल्लर और उनकी पत्नी कमलजीत कौर की अंतिम अरदास के बाद विभिन्न टीचर्स, किसान और अन्य संगठनों ने लिया। बच्चों की पढ़ाई व सरकारी नौकरी की लिखित गारंटी दे सरकार टीचर्स संगठनों ने पंजाब सरकार से उनके बच्चों के लिए दो-दो करोड़ रुपए मुआवजा मांगा है और इस मुआवजा राशि को तुरंत जारी करने की मांग की है। इसके अलावा सरकार से मांग की हे कि बच्चों की पूरी पढ़ाई का खर्च सरकार उठाए और पढ़ाई पूरी होने के बाद बच्चों को सरकारी नौकरी की लिखित गारंटी दी जाए। यह हादसा नहीं, हत्या है टीचर संगठन के नेताओं ने कहा कि दंपत्ति ऑन ड्यूटी जा रहे थे। कमलजीत कौर की ड्यूटी दूर लगाए जाने के कारण जसकरण सिंह उन्हें छोड़ने गए थे, उसी दौरान दोनों की मौत हुई। नेताओं ने इसे दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही से हुई हत्या बताया और इसके लिए मोगा सिविल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। टीचर्स संगठनों ने किया कैंडल मार्च का ऐलान टीचर्स संगठनों ने फैसला किया कि मृतक टीचर दंपत्ति के जिले मोगा में तीन कैंडल मार्च निकाले जाएंगे। 27 दिसंबर को गांव धूड़कोट रणसिंह में शाम 4 बजे, 29 दिसंबर को गांव खोटे (जहां जसकरण सिंह पढ़ाते थे) में शाम 4 बजे और 31 दिसंबर को गांव पत्तो हीरा सिंह (जहां कमलजीत कौर पढ़ाती थीं) में शाम 4 बजे कैंडल मार्च निकाला जाएगा। राज्य स्तरीय आंदोलन की तैयारी टीचर्स संगठनों ने बताया गया कि पंजाब की 15 टीचर संगठन मिलकर जल्द ही मोगा में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करेंगी। इसके लिए टीचर संगठन एक प्रदेश स्तरीय ऑनलाइन बैठक करेंगे और उसमें फैसला लिया जाएगा। उन्होंने साफ कर दिया कि जब तक टीचर्स दंपत्ति के परिवार को उनका हक नहीं मिलता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर खत्म होने के साथ ही उत्तरी हवाएं फिर से मैदानी राज्यों में आने लगीं। बुधवार को राज्य में सर्द हवाओं के कारण पारा 7 डिग्री तक गिर गया। सीकर, फतेहपुर, माउंट आबू में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ। शेखावाटी के इलाके में तेज सर्दी से ओस की बूंदें जम गईं। अगले 2 दिन तक चूरू, झुंझुनूं, सीकर और नागौर जिलों में कोल्ड-वेव की चेतावनी जारी की गई है। हालांकि घने कोहरे से बुधवार को राहत रही। प्रदेश के अधिकांश शहरों में आसमान साफ रहा, जिससे दिन में तेज धूप रही। मौसम केन्द्र जयपुर ने राज्य में अगले एक सप्ताह मौसम शुष्क रहने और सर्द हवाएं चलने से तेज सर्दी रहने की संभावना जताई है। पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे कम तापमान फतेहपुर में 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। नागौर में 3.4, माउंट आबू में 4 और सीकर में 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। लूणकरणसर में न्यूनतम तापमान 5.4, चूरू में 5.8, झुंझुनूं, पाली में 6.8, करौली में 6.9, पिलानी में 7.2, दौसा में 8.1, सिरोही में 9.3, बीकानेर, जैसलमेर में 8.8, अलवर में 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सीकर, फतेहपुर, चूरू, बीकानेर के इलाके में कल सर्द हवाओं का असर रहा। यहां सुबह-शाम सर्द हवाएं चलने से तेज सर्दी रही। सर्द हवाओं के असर से कल दिन के अधिकतम तापमान में भी कई शहरों में बड़ी गिरावट हुई। सिरोही में सबसे ठंडा दिन, 16 शहरों में अधिकतम तापमान 25 से नीचेबुधवार को प्रदेश के सभी शहरों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ। सबसे ठंडा दिन सिरोही में रहा, जहां का अधिकतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सिरोही के अलावा बारां में अधिकतम तापमान 22.6, करौली में 22.7, जयपुर में 22.3, अलवर में 22, झुंझुनूं में 22.8, दौसा में 23.8, गंगानगर में 23.5, चूरू में 23.6, बीकानेर में 23.8, कोटा में 23.3, अजमेर में 24.3, भीलवाड़ा में 24.4, पिलानी में 24.8, नागौर में 24.4 और पाली में 24.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। आगे कैसा रहेगा मौसम इन जिलों में कोल्ड-वेव का अलर्ट मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि अगले 2 दिन राज्य में सर्द हवाओं का बहुत असर रहेगा, जिससे तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है, जबकि अगले एक सप्ताह मौसम शुष्क रहेगा।
वल्लभ गार्डन की पॉल कभी भी टूट सकती है। निगम ने इससे जुड़े लोगों और संसाधन को अलर्ट मोड पर डाल दिया। पंप, जेसीबी और ट्रैक्टर समेत तमाम श्रमिकों को तैयार रहने के लिए कहा है। बुधवार को इंजीनियर्स की टीम ने वल्लभ गार्डन का दौरा किया। यह इसीलिए क्योंकि सीएम भजनलाल शर्मा के सौ करोड़ देने की घोषणा पर डीएलबी डायरेक्टर और वित्त विभाग के अधिकारियों ने पानी फेरने की ठान ली है। इसीलिए ड्रेनेज प्रोजेक्ट की फाइल 5 महीने से आगे नहीं बढ़ने दे रहे। पाल दो दिन पहले ही टूटने वाली थी, मगर तब निगम अभियंताओं ने कुछ पानी को खुले खेतों में छोड़कर खतरा टाल दिया। आवक अधिक होने के कारण पानी फिर भी कम नहीं हो रहा। निगम अभियंता भी समझ रहे हैं कि पॉल का टूटना तय है, इसलिए वापस पॉल को बांधने के लिए संसाधन तैयार कर लिए हैं। जेसीबी, पंप और ट्रैक्टर तैयार रखने के लिए कहा है। तैयारी इतनी कि पॉल टूटने के बाद सड़क पार करने में करीब दो घंटे लगेगा। अगर सर्दी में कॉलोनियां डूबीं तो जिम्मेदार कौन-कौन? आईएएस प्रतीक जुइकर ये डीएलबी डायरेक्टर हैं। पांच महीने पहले नगर निगम बीकानेर से टेंडर होकर फाइल जयपुर मांग ली गई थी, ये कहते हुए कि इसका वर्कआर्डर जयपुर से होगा। उसके बाद पांच महीने से डीएलबी डायरेक्ट्रेट में फाइल धूल फांकती रही। जुइकर 2021 बैच के आईएएस हैं और निगम आयुक्त मयंक मनीष उनसे सीनियर हैं, लेकिन बीकानेर हित को देखते हुए वे खुद जयपुर पहुंचे। फाइल पर जो भी सवाल थे उनको सुलझाया, मगर फाइल फिर भी डीएलबी में ही पड़ी है। सूत्र बताते हैं कि एक बार फाइल डीएलबी से वित्त विभाग पहुंची और वापस वित्त विभाग से डीएलबी आ गई। एक सप्ताह पहले फिर आईएएस मयंक मनीष और जुइकर के बीच बातचीत हुई बताई जा रही है, मगर उसका नतीजा कुछ नहीं निकला। वित्त विभाग में बैठे तीन आईएएस वित्त विभाग में 3-3 आईएएस बैठे हैं। प्रिंसिपल सेक्रेट्री वैभव गलारिया, टीना सोनी, सचिव एक्सपेंडीचर, राजन विशाल सचिव बजट और कुमार पाल गौतम सचिव रेवेन्यू हैं। कुमारपाल गौतम तो बीकानेर कलेक्टर में भी रह चुके हैं। उनको यहां के हालात पता हैं। गलारिया, सोनी और राजन विशाल के लिए भले ही ये सिर्फ प्रोजेक्ट हो, मगर शहर की एक लाख आबादी के लिए डूबने से बचाने के लिए तिनके जैसा सहारा है। वल्लभ गार्डन की पॉल जब टूटती है तो चार कॉलोनियों के हजारों लोग डूबते हैं। उन्हें और उनके बच्चों को रेस्क्यू करना पड़ता है। अरे माननीय.... आपकी भी कोई जिम्मेदारी है या नहीं विधानसभा चुनाव में जनता ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 7 में से 6 विधायक चुनकर भाजपा की झोली में डाले। लगातार चौथी बार सांसद को जिताया। पांच साल मेयर भी भाजपा की रहीं। अपने-अपने चहेतों के ट्रांसफर, उनको राजनीतिक पोस्टिंग और अपनी-अपनी विधानसभा के लिए तमाम चीजों के लिए हमारे माननीय सीएम से लेकर हर जगह पहुंच जाते हैं। आप लोगों के कहने पर ही सीएम ने 100 करोड़ रुपए का बजट दिया था। करीब 34 महीने बाद भी वो प्रोजेक्ट कागजों में ही घूम रहा है। पांच महीने से डीएलबी में धूल फांक रहा है। जनता हर साल यहां रेस्क्यू की जाती हैं। क्या आपकी जिम्मेदारी नहीं कि मुख्यमंत्री को ये जानकारी दी जाए कि आपके प्रोजेक्ट पर कैसे ब्यूरोक्रेसी पानी फेर रही है। राजनीतिक रूप से भी देखें तो अगर मौजूदा सीएम के कार्यकाल में अगर ये प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ तो इसका फायदा होना दूर उल्टा जनता विरोध करेगी क्योंकि पैसा मिलने के बाद भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो रहा। सच्ची मगर कड़वी बात जिले में तैनात आईएएस में से एक आईएएस ने भास्कर से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि अगर इस प्रोजेक्ट को थोड़ा सा भी पॉलिटिकल सपोर्ट मिल जाता तो अब तक काम शुरू हो जाता क्योंकि जिले से जितना हो सकता था वो किया गया। यानी जो विधायक सीएम से मिलकर आते हैं वे अगर इस प्रोजेक्ट पर चर्चा कर लेते तो ये प्रोजेक्ट सिरे चढ़ चुका होता। मुझे नहीं पता कि अभी फाइल कहां हैं पर ये खबर जरूर है कि जल्दी ही वर्कआर्डर हो सकता है। -मयंक मनीष, कमिश्नर, नगर निगम
भोपाल के अयोध्या बायपास को 10 लेन में तब्दील करने के लिए 7871 पेड़ों को काटने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) रोक लगा दी गई है। अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। इससे पहले पेड़ों को कटने से बचाने के लए गुरुवार को लोग सड़क पर उतरेंगे। पर्यावरणविद् का कहना है कि जिन पेड़ों को एनएचएआई नगर निगम के जरिए काट रहा है, उनकी उम्र 40 से 80 साल तक है। भले ही 81 हजार पौधे रोपने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन इन पौधों को पेड़ बनने में सालों लग जाएंगे। ऐसे में एनएचएआई 10 की बजाय सिक्सलेन बनाने पर जोर दें। जिससे हरियाली नहीं उजड़ेंगी और सड़क भी चौड़ी हो जाएगी। पर्यावरणप्रेमी पेड़ों से लिपटकर आंदोलन करेंगेपेड़ों को बचाने के लिए गुरुवार दोपहर 2 बजे कई पर्यावरणप्रेमी काकड़ा फार्म हाउस अयोध्या बायपास पर पहुंचेंगे और पेड़ों से लिपटकर उन्हें बचाने की गुहार लगाएंगे। इंफ्रास्क्ट्रचर एक्सपर्ट सुयश कुलश्रेष्ठ ने कहा कि 10 लेन रोड किसी को नहीं चाहिए। वर्तमान में चार लेन रोड है, उसे अधिक से अधिक छह लेन करना उचित है। वहां पर जितना ट्रैफिक है, उसके हिसाब से इतनी लेन की रोड की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा नेशनल हाईवे अथॉरिटी को शहर के अंदर रोड बनाने का अधिकार नहीं है, उनको शहर के बाहर की रोड पर बनाना चाहिए । पर्यावरणविद् उमाशंकर तिवारी ने बताया कि पेड़ों को बचाने के लिए अब सड़क पर उतरेंगे। अयोध्या बायपास का इलाका काफी हरा-भरा है। ऐसे में पेड़ों को काट दिया जाता है तो हरियाली उजड़ जाएगी। इसलिए गुरुवार को बड़ी संख्या में लोग एकसाथ जुटेंगे और पेड़ों को बचाने की गुहार लगाएंगे। 16 किमी लंबा 10 लेनआसाराम चौराहा से रत्नागिरि तिराहे तक 16 किमी लंबे अयोध्या बायपास को दस लेन बनाया जाना है। तीन दिन पहले गठित कमेटी के आदेश के बाद नगर निगम के माध्यम से एनएचएआई ने पेड़ कटवाने का काम शुरू किया।पर्यावरणविद् नितिन सक्सेना ने यह याचिका लगाई थी। उन्होंने बताया कि जब तक एनजीटी अपने स्पष्ट आदेश जारी नहीं कर देती, तब तक पेड़ों की कटाई नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन गठित कमेटी ने आदेश जारी कर दिए। इसलिए 8 जनवरी तक पेड़ काटने पर रोक लगाई गई है। एनजीटी में इस मामले की सुनवाई जस्टिस पुष्पा सत्यनारायणा और एक्सपर्ट मेंबर सुधीर कुमार चतुर्वेदी की पीठ ने की। ट्रिब्यूनल ने सख्त रुख अपनाते हुए निर्देश दिया है कि CEC कमेटी की बैठक के मिनट्स अभी तक पेश नहीं किए गए हैं। इसलिए अगली सुनवाई तक प्रोजेक्ट स्थल पर पेड़ों की कटाई या कटाई नहीं की जाए। हालांकि, एनजीटी ने स्पष्ट किया है कि एनएचएआई पेड़ों को काटे बिना सड़क प्रोजेक्ट का अन्य कार्य जारी रख सकता है।दूसरी ओर, एनएचएआई का तर्क है कि सीईसी की बैठक के सारे मिनट्स एनजीटी में पेश कर दिए गए। बावजूद 8 जनवरी तक पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई गई है। इस संबंध में अपना पक्ष भी रखेंगे। कांग्रेस का दो दिन तक प्रदर्शनबता दें कि सोमवार को अयोध्या बायपास पर कई पेड़ों को काटने की कार्रवाई की गई थी। इसका कांग्रेस ने विरोध किया। एनएचएआई ठेकेदार के जरिए पेड़ कटवा रहा है। मौके पर पहुंचे कांग्रेस नेता अभिनव बरोलिया ने कार्रवाई का विरोध जताया। साथ ही इसे तुरंत रोकने की मांग की। अगले दिन मंगलवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, रविंद्र साहू झूमरवाला समेत कई कांग्रेसियों ने मास्क पहनकर विरोध प्रदर्शन किया था। पर्यावरणविद उमाशंकर तिवारी ने बताया कि बायपास के दोनों ओर जो भी पेड़ काटे जा रहे हैं, उनकी उम्र 80 से 100 साल या इससे अधिक है। इनके बदले यदि नए पौधे लगाए भी जाएंगे तो उनके पेड़ बनने में सालों बीत जाएंगे। विकास के नाम पर हरियाली का विनाश मंजूर नहीं है। एनएचएआई पेड़ों की कटाई तुरंत रोके। ताकि, हरियाली बचाई जा सके। NHAI ने पेड़ों के बदले यह प्लान बनाया था दस लेन सड़क बनाने के बदले कुल 7871 पेड़ कटेंगे। उनके एवज में एनएचएआई कुल 81 हजार पौधे लगाएगा। दोनों ओर दो-दो सर्विस लेन भी बनेगीयह सड़क दस लेन होगी। मुख्य सड़क सिक्सलेन होगा, जबकि इसके दोनों तरफ 2-2 लेन सर्विस रोड बनेगी। यह भी एनएचएआई ही बनाएगा। इससे कॉलोनी के लोगों को आने-जाने में आसानी होगी। हर रोज गुजरते हैं 40 हजार वाहनएनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर देवांश नुवल ने बताया कि अयोध्या बायपास की 40 हजार वाहन की क्षमता है, जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा 45 हजार प्रतिदिन है। आसपास विकसित हो रही आवासीय कॉलोनियों से यातायात सीधे मुख्य मार्ग पर आने के कारण इस खंड पर यातायात दबाव बढ़ता जा रहा है। दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। इस मार्ग पर वर्तमान में तीन ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किए गए हैं। ताकि, हादसे कम हो। सड़क के दोनों ओर सर्विस रोड का निर्माण किया जा रहा है। जिससे कॉलोनियों से आने-जाने वाले स्थानीय वाहनों को पृथक मार्ग उपलब्ध होगा और मुख्य कैरिज-वे पर यातायात दबाव कम होगा। पूरे बायपास को छह लेन में विकसित किया जा रहा है। इसका डिजाइन इस प्रकार तैयार किया गया है कि यह वर्ष 2050 तक के अनुमानित यातायात दबाव को सुचारु रूप से संभाल सके। बेहतर एवं चौड़ी सड़क उपलब्ध होने से यात्रा समय में कमी, ईंधन की बचत और प्रदूषण में कमी आएगी। इसी साल अगस्त में कॉन्ट्रैक्टएनएचएआई के मुताबिक, दिसंबर 2024 में टेंडर फाइनल हुआ। 11 अगस्त 2025 को कॉन्ट्रैक्ट हो गया था। इसके बाद पेड़ कटाई मामला चलता रहा। प्रोजेक्ट से यह फायदाशहरी ट्रैफिक के अलावा विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम और इंदौर से आने-जाने वाला भारी ट्रैफिक इसी पर चलता है। बायपास पर अक्सर जाम और हादसे होते हैं। छह लेन सड़क बनने से हर रोज लाखों राहगीरों को बड़ा फायदा मिलेगा। इस लेन पर 3 बड़े फ्लाईओवर, करोंद, पीपुल्स मॉल और मीनाल के पास बनेंगे। कुल लागत 836.91 करोड़ रुपए है और 2 साल में काम पूरा होना है। बायपास करीब 16 किलोमीटर लंबा है।
12 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा था। इस पत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा गया था। गृह मंत्रालय के पत्र के अनुसार, शिवराज सिंह चौहान के संबंध में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा इंटरेस्ट दिखाया जा रहा है। इस गंभीरता को देखते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ाने के आदेश जारी किए गए। लेकिन, मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने केन्द्रीय कृषि मंत्री को सुरक्षा देने में एक महीने का वक्त लगा दिया। इस पत्र की प्रतिलिपि मध्य प्रदेश के डीजीपी और दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (सुरक्षा) को भी भेजी गई थी। पत्र की कॉपी भास्कर के पास है। 30 दिन बाद बढ़ाई गई सुरक्षा 12 नवंबर के पत्र पर भोपाल पुलिस ने एक महीने बाद तत्परता दिखाई। यानी 12 दिसंबर को भोपाल के 74 बंगला स्थित शिवराज सिंह चौहान के आवास बी-8 और बी-9 के सामने बैरिकेडिंग कर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई। पत्र में लिखा- आईएसआई ने शिवराज सिंह से संबंधित जानकारी जुटाने में रुचि दिखाई 12 नवंबर 2025 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय (आईएस-1 डिवीजन, वीआईपी सुरक्षा इकाई) ने मध्यप्रदेश सरकार को पत्र लिखकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण सूचना दी। पत्र में बताया गया है कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने शिवराज सिंह चौहान से संबंधित जानकारी जुटाने में रुचि दिखाई है। इस सुरक्षा इनपुट को ध्यान में रखते हुए शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई है। वर्तमान में वे केंद्र सरकार द्वारा Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति हैं और मध्यप्रदेश राज्य सरकार द्वारा भी उन्हें Z+ श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। पत्र में मध्यप्रदेश सरकार और दिल्ली पुलिस से अनुरोध किया गया है कि इस इनपुट को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा व्यवस्था को समुचित रूप से मजबूत और संतुलित किया जाए, ताकि किसी भी संभावित अप्रिय घटना को रोका जा सके। जीतू पटवारी बोले- ये लापरवाही है शिवराज की सुरक्षा पर एक महीने बाद संज्ञान लिए जाने के मामले पर एमपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि हमारे पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं, सुरक्षा की बात है तो स्वाभाविक है, सरकार को जागना चाहिए। एक महीने पहले लेटर आना और एक महीने बाद सिक्योरिटी पर संज्ञान लेना, ये लापरवाही है। इस पर केन्द्र और राज्य को ध्यान देना चाहिए था। मैं समझता हूं कि अगर कोई थ्रेट है तो सरकार को इसमें सकारात्मकता से काम करना चाहिए। लगातार हो रही हैं शिवराज का काफिला रोकने की घटनाएं पिछले तीन-चार महीनों से लगातार शिवराज सिंह चौहान का काफिला रोकने और सुरक्षा घेरा तोड़ने के मामले सामने आ रहे हैं। खातेगांव: शिवराज की कार के सामने बैठा युवक दो दिन पहले, 23 दिसंबर को, खातेगांव दौरे पर पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के काफिले को कांग्रेस नेता रोहित बंडावाला ने रोक लिया। कांग्रेस नेता अचानक शिवराज की गाड़ी के आगे बैठ गए। उन्होंने रेलवे और हाईवे में किसानों की जमीनों के अधिग्रहण के मामले को लेकर शिवराज को अपनी बात रखी। अचानक कार के सामने युवकों के आ जाने से सुरक्षाकर्मी तनाव में आ गए, हालांकि उन्होंने स्थिति को संभाल लिया। शिवराज सिंह को घेरा, जमकर की नारेबाजी:सीहोर में कांग्रेस ने रोका काफिला6 अक्टूबर को सीहोर जिले के बिलकिसगंज में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के काफिले को कांग्रेस नेताओं ने रोक लिया। कांग्रेस नेताओं ने किसानों को मुआवजा और फसल बीमा की समस्याओं को लेकर विरोध जताया और इस संबंध में उन्हें ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस नेताओं ने शिवराज सिंह चौहान को गुलाब का फूल भी दिया। काफिला रोके जाने पर शिवराज सिंह चौहान ने हल्के अंदाज में कहा- 'हम तो मामा हैं यार, जहां कहते हैं रुकते हैं, सबकी सुनते हैं। पहले बात हो जाने दो, फिर नारे लगाना।' शिवराज की यह बात सुनकर कांग्रेस नेता भी मुस्कुराने लगे। सतना में खाद के लिए रोका शिवराज सिंह का काफिला 11 सितंबर को सतना में कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का काफिला रोक दिया। कांग्रेस जिला अध्यक्ष और विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने शिवराज सिंह ने से खाद की कमी समेत किसानों को हो रही समस्याओं को लेकर बात की। कांग्रेस विधायक ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि सतना जिले में किसानों को खाद की उपलब्धता और वितरण में लगातार परेशानी हो रही है। समय पर खाद न मिलने से उनकी फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने साफ कहा कि किसान पहले ही प्राकृतिक आपदाओं और महंगे खेती खर्च से जूझ रहे हैं, ऊपर से खाद का संकट उन्हें और नुकसान पहुंचा रहा है। ये खबर भी पढ़ें... केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह को पाकिस्तान से खतरा:गृह मंत्रालय ने सुरक्षा बढ़ाई केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जान का खतरा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को उन पर हमले का इनपुट मिला है। जिसके बाद शुक्रवार देर रात भोपाल और दिल्ली में शिवराज के आवास पर सुरक्षा और बढ़ा दी गई। भोपाल में 74 बंगला स्थित बी-8 आवास के चारो तरफ पुलिस ने अतिरिक्त बैरिकेडिंग की है। दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। पढ़िए पूरी खबर।
चार साल पहले नशे के सौदागर तसलीम के घर पर तहखाना पकड़ा गया था। अब उसी तहखाने के साथ पुलिस को एक सुरंग मिली है। सुरंग इसलिए ताकि पुलिस को चकमा दिया जा सके। केवल तसलीम व उसका बेटा शाहबाज ही इसका प्रयोग करते थे। बुधवार को पूरे दिन पुलिस ने तसलीम के घर पर डेरा डाले रखा। बताया जाता है कि पुलिस इस सुरंग को बंद कराएगा। जब तक सुरंग बंद नहीं हो जाती, तब तक निगरानी होती रहेगी। फिलहाल घर पर ताला डाल दिया गया है। एक नजर तीन तस्वीरों पर : पहले एक नजर अभी तक की कार्रवाई पर पुलिस की कई टीमों ने मंगलवार रात रेलवे रोड के मछेरान में रहने वाले नशे के सौदागर तसलीम के घर पर दबिश डाली। खास बात यह थी कि रेलवे रोड और सदर बाजार थाने की पुलिस को इस कार्रवाई से एकदम अलग रखा गया। पुलिस अपने साथ यहां तसलीम के बेटे शाहबाज को लेकर आई थी, जिसकी निशानदेही पर घर के भीतर से पुलिस ने स्मैक बरामद की। इसके बाद पुलिस लौट आई। परतापुर से तसलीम के बेटे का चालान पुलिस अफसरों का दावा है कि तसलीम के बेटे शाहबाज व उसके साथी सलमान पुत्र मोहम्मद निवासी लालकुर्ती को परतापुर टोल के निकट से एक बड़ी गाड़ी में पकड़ा गया था। उनके पास से नशे का सामान मिला था, जिसके बाद रात में शाहबाज के घर पर पुलिस ने कार्रवाई की। बुधवार को शाहबाज व सलमान को कोर्ट में पेश कर दिया गया। सुबह फिर तसलीम का घर घेरा मंगलवार रात की कार्रवाई के बाद यह माना जा रहा था कि पुलिस तसलीम के पीछे लग गई है लेकिन यह जरा भी एहसास नहीं था कि पुलिस उसके घर का कुछ घंटे बाद ही दोबारा रूख करेगी। बुधवार सुबह पुलिस फोर्स दोबारा तसलीम के घर पहुंची और डेरा डाल लिया। पुलिस तसलीम के घर से लेकर मछेरान मुख्य मार्ग तक निगरानी कर रही थी। तहखाने में मिला एक गुप्त रास्ता पुलिस को नशे के सौदागर तसलीम के तहखाने की भनक नहीं थी। चार साल पुराने तहखाने का जिक्र जब हुआ तो बुधवार को पुलिस उसी तहखाने में पहुंच गई। खुफिया विभाग की टीम ने भी मछेरान पहुंचकर मकान में बने तहखाने को देखा। इसी दौरान पुलिस को एक बंद दरवाजा दिखाई दिया। उस दरवाजे को खुलवाया गया तो वह यहां से करीब 100 मीटर दूर एक विवाह मंडप में निकल रहा था। गुरुवार को बंद होगा गुप्त रास्ता तहखाने को लेकर चर्चा में रहे तसलीम के यहां अब सुरंग की तरह दिखने वाला एक रास्ता भी मिल गया। फर्क इतना है कि यह जमीन के भीतर नहीं बल्कि ऊपर है। पुलिस को जानकारी मिली है कि इसी तहखाने में तसलीम व शाहबाज छिपकर पुलिस को धोखा देते थे। तहखाने पुलिस की नजर में आया तो यह गुप्त रास्ता तैयार कर लिया। इसी रास्ते से आते जाते थे दोनों तसलीम को लंबे समय से पुलिस तलाश कर रही है। यह भी जानकारी मिली है कि इसी रास्ते से तसलीम अपने घर आया करता था। इसके जरिए वह पुलिस को चकमा देता आ रहा था। शाहबाज की गिरफ्तारी के बाद ही यह रास्ता भी सामने आया है। गुरुवार को अफसर इस तहखाने व रास्ते को देखेंगे और फिर उसके बाद उसे बंद कराने का काम किया जाएगा।
बॉलीवुड के प्रतिष्ठित कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा को राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (रिफ) 2026 में रिफ - 2026 ऑनरेरी अवॉर्ड ऑफ़ एक्सीलेंस फ़ॉर कंट्रीब्यूशन इन इंडियन सिनेमा से नवाज़ा जाएगा। रिफ के संस्थापक सोमेन्द्र हर्ष ने बताया कि यह पुरस्कार 4 फरवरी 2026 को मेहरानगढ़ फोर्ट में आयोजित होने वाली रिफ अवॉर्ड नाईट में दिया जाएगा। मुकेश छाबड़ा ने चिल्लर पार्टी, रॉकस्टार, गैंग्स ऑफ वासेपुर, क्वीन, दिल्ली क्राइम, सेक्रेड गेम्स और धुरंधर सहित 300 से अधिक फिल्मों और वेब सीरीज़ के लिए कास्टिंग की है। 3 फरवरी को विशेष मास्टर क्लास मुकेश छाबड़ा 3 फरवरी 2026 को मिराज सिनेमा, ब्लूसिटी मॉल, जोधपुर में अभिनय की कला को खोजना (Discovering the Craft of Acting) विषय पर एक विशेष मास्टर क्लास आयोजित करेंगे। इस सत्र में वे फिल्म उद्योग में अभिनय की बारीकियों, ऑडिशन प्रक्रिया, किरदार की समझ और एक अभिनेता के रूप में खुद को तैयार करने के व्यावहारिक अनुभव साझा करेंगे। यह मास्टर क्लास विशेष रूप से नए और भावी कलाकारों, अभिनेताओं, फिल्म स्टूडेंट्स और यंग आर्टिस्ट्स के लिए आयोजित की जा रही है, जो इंडस्ट्री की वास्तविक समझ और प्रोफेशनल गाइडेंस प्राप्त करना चाहते हैं। मुकेश छाबड़ा का करियर मुकेश छाबड़ा ने अपने करियर की शुरुआत सहायक कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में की थी और जल्द ही इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने बजरंगी भाईजान, पीके, संजू, दंगल जैसी व्यावसायिक रूप से सफल फिल्मों के साथ-साथ स्कैम 1992 और दिल्ली क्राइम जैसी प्रशंसित वेब सीरीज़ के लिए कास्टिंग की है। 2020 में उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत और संजना सांघी अभिनीत फिल्म दिल बेचारा से निर्देशन में कदम रखा। मुकेश छाबड़ा नए और सच्चे टैलेंट को मंच देने के लिए जाने जाते हैं और उनका योगदान भारतीय सिनेमा की नई पीढ़ी को गढ़ने में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। रिफ 2026 का 12वां संस्करण फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया (FFSI) नॉर्थ रीजन द्वारा मान्यता प्राप्त राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का 12वां संस्करण 31 जनवरी से 4 फरवरी 2026 तक मिराज सिनेमा, ब्लूसिटी मॉल, सर्किट हाउस रोड, जोधपुर में आयोजित किया जाएगा। राजस्थान पर्यटन विभाग एवं कला, साहित्य, संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार और स्टेज ओटीटी प्लेटफॉर्म के सहयोग से आयोजित इस फेस्टिवल की थीम सिनेमास्थान – आपका लेंस, हमारा राजस्थान है। यह आयोजन राजस्थान में सिनेमा को प्रोत्साहित करने में रिफ की सफल यात्रा के एक दशक को भी चिह्नित करेगा। रिफ फिल्म क्लब के मैनेजिंग ट्रस्टी एवं रिफ के फाउंडर, सीईओ एवं फेस्टिवल डायरेक्टर सोमेंद्र हर्ष ने बताया कि 31 जनवरी 2026 को मिराज सिनेमाज़, ब्लू सिटी मॉल में उद्घाटन समारोह आयोजित होगा। इसके बाद फिल्म स्क्रीनिंग, ओपन फ़ोरम, टॉक शो, वर्कशॉप, एग्ज़िबिशन, व्यूइंग रूम - ब्लैक बॉक्स इन रिफ फिल्म मार्केट और कई अन्य कार्यक्रम 31 जनवरी से 4 फरवरी 2026 तक आयोजित किए जाएंगे। रिफ की क्लोज़िंग सेरेमनी और रिफ अवॉर्ड नाइट 2026, 4 फरवरी 2026 को जयपोल, मेहरानगढ़ फोर्ट एवं चौकेलाओ महल टैरेस, जोधपुर में मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित होगी। फिल्म प्रविष्टियों की अंतिम तिथि रिफ 2026 के लिए शॉर्ट, डॉक्यूमेंट्री, एनिमेशन, म्यूजिक वीडियो एल्बम, वर्टिकल फिल्म्स, वेब सीरीज़, ऐड फिल्म्स, फीचर फिल्म, रीजनल फिल्म, राजस्थानी फिल्म और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित हैं। फिल्में www.riffjaipur.org और FilmFreeWay के माध्यम से जमा की जा सकती हैं। फिल्मों को जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 है।
पाली में तस्कर को पकड़ने के बाद 2 लाख रुपए में उसे छोड़ने के चारों आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। एसपी आदर्श सिधु ने कहा कि अपराधियों से मिलीभगत करने वाले किसी भी पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। मामला 18 दिसंबर का है। जानकारी के अनुसार देसूरी और सादड़ी थाने के आरोपी पुलिसकर्मी सरकारी काम से पाली आए थे। वापस लौटते समय उन्होंने ड्रग्स से भरी कार को चेकिंग के दौरान पकड़ा था। फिर रिश्वत लेकर तस्कर को छोड़ दिया। सीनियर अधिकारियों को नहीं दी जानकारी पाली एसपी ने बुधवार को हेड कॉन्स्टेबल सोहनलाल, कॉन्स्टेबल बंशीलाल, सादड़ी थाने के हेड कॉन्स्टेबल रामकेश और कॉन्स्टेबल नच्छुराम को बर्खास्त किया है। आरोप है कि उन्होंने 18 दिसंबर को बूसी- सोमेसर के बीच डोडा- पोस्त से भरी कार को रूकवाया। लेकिन कार्रवाई करने और उच्चाधिकारियों को बताने की बजाय 2 लाख रुपए की डील कर तस्कर को छोड़ दिया। हालांकि, नाकाबंदी के दौरान पुलिस ने पाली के पणिहारी चौराहे पर डोडा-पोस्त से भरी गाड़ी को पकड़ लिया था। तीसरे थाने की पुलिस ने पकड़ा तो तस्कर बोला- अभी तो डील हुई है पकड़े गए तस्कर जोधपुर निवासी धीरेन्द्र ने सदर थानाप्रभारी को बताया कि कुछ देर पहले ही उसने पुलिसकर्मियों से 2 लाख की डील की है, इसके बाद उसे छोड़ा गया है। यह जानकारी सदर थाना पुलिस ने एसपी आदर्श सिधु को दी। इसके बाद मामले में एसपी की ओर से जांच के निर्देश दिए गए थे। एसपी ने जांच के बाद चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की कार्रवाई की। साथ ही आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सदर थाने में मामला भी दर्ज करवाया। अब चारों पुलिसकर्मियों को राजकीय सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई है। पाली में डील हुई, जोधपुर में परिचित को दिलवाई रकम कार में पकड़े गए ड्राइवर धीरेंद्र के मोबाइल से पुलिसकर्मियों ने तस्कर भंवर खिलेरी से संपर्क किया। बातचीत में 2 लाख रुपए में मामला निपटाने की डील तय हुई। भंवर ने पैसे जुटाने के लिए समय मांगा तो पुलिसकर्मियों ने जोधपुर में ही रुपए दिलाने को कहा। इसके बाद भदवासिया पुलिया के पास श्रीराम हॉस्पिटल के नजदीक एक बेयरिंग की दुकान पर पुलिसकर्मियों के परिचित को 2 लाख रुपए दिलवाए गए। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने तस्कर को छोड़ दिया। .... राजस्थान में ड्रग्स से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... दाऊद के गुर्गे ने बताई थी राजस्थानी तस्करों की लोकेशन:मुंबई के माफिया कर रहे थे फंडिंग; झुंझुनूं की ड्रग्स फैक्ट्री का D कंपनी से कनेक्शन झुंझुनूं में पकड़ी गई ड्रग फैक्ट्री में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। फैक्ट्री का असली मास्टरमाइंड पूर्व सरपंच का भतीजा नहीं बल्कि मुंबई-गुजरात में बैठा ड्रग्स माफिया है। पूरी खबर पढ़िए...
जुलाई में अनुपस्थित मिलीं प्राचार्य, दिसंबर में निलंबित
सागर| जुलाई में निरीक्षण में अनुपस्थित मिलीं छिरारी स्कूल की प्राचार्य को चार महीने बाद दिसंबर में निलंबित कर दिया गया है। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण की रिपोर्ट में बताया कि 18 जुलाई को सुबह 10.40 बजे स्कूल का आकस्मिक निरीक्षण किया था। प्रभारी प्राचार्य एवं शिक्षक नहीं मिले। इस कारण अनीता कोरी प्रभारी प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा। 22 जुलाई को जवाब आया, जो संतोषप्रद नहीं था। इस कारण अनुपस्थित शिक्षकों का अनुपस्थिति दिनांक का वेतन काटे जाने के निर्देश दिए। संस्था का कक्षा 10वीं एवं 12वीं का परीक्षा परिणाम 30 एवं 28 प्रतिशत था। मौजूदा सत्र में भी पढ़ाई ठीक नहीं चल रही। प्राचार्य कोरी शासन से जारी नियम/ निर्देशों की अवहेलना कर रही हैं।
मौसम का हाल:दिन और रात का तापमान सामान्य से ज्यादा
हर रोज तापमान में उतार-चढ़ाव जारी है। एक दिन पहले यानी मंगलवार को प्रदेश में दिन का तापमान सबसे ज्यादा था, तो बुधवार को एक बार फिर से प्रदेश के सबसे ज्यादा न्यूनतम तापमान वाले टॉप-5 शहरों में सागर शामिल है। बुधवार को सुबह से ही मौसम साफ रहा और पूरे दिन धूप खिली रही। पिछले 24 घंटों में दिन के तापमान में 2.5 डिग्री की गिरावट व रात के तापमान में 2.4 डिग्री का उछाल दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार शहर का अधिकतम तापमान 27.1 डिग्री व न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री दर्ज किया गया। बुधवार को दिन व रात का तापमान सामान्य से 1-1 डिग्री ज्यादा रहा। सागर मौसम केंद्र के वैज्ञानिक विवेक छलोत्रे ने बताया कि वर्तमान में उत्तर पूर्व भारत के ऊपर उपोष्ण पश्चिमी जेट स्ट्रीम हवाएं लगभग 240 किमी प्रति घंटे की गति से बह रही हैं। वहीं एक पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी क्षोभमंडलीय स्तरों में ट्रफ के रूप में मध्य समुद्र तल से करीब 5.8 किमी की ऊंचाई पर अवस्थित है, जो पूर्व-उत्तर पूर्व दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है।
मध्य प्रदेश की राजनीति, नौकरशाही और अन्य घटनाओं पर चुटीली और खरी बात का वीडियो (VIDEO) देखने के लिए ऊपर क्लिक करें। इन खबरों को आप पढ़ भी सकते हैं। 'बात खरी है' मंगलवार से रविवार तक हर सुबह 6 बजे दैनिक भास्कर ऐप पर मिलेगा। सीएम ने पूछा- कौन-कौन गुड़ लगाता हैमुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुंह से कुछ ऐसी बात निकली, जिस पर विपक्ष को उन्हें घेरने का मौका मिल गया है। क्रिकेट की भाषा में इसे यूं भी कह सकते है कि सीएम ने कांग्रेस को फुलटॉस बॉल डाल दी है। दरअसल, सीएम दो दिन पहले मंगलवार को बैतूल आए थे। यहां उन्होंने कहा कि बैतूल में गुड़ बहुत अच्छा होता है। ऐसे में गुड़ के उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक क्लस्टर बनाना चाहिए। बताओ कौन-कौन गुड़ लगाता है, जिनकी अपनी खेती होती है। सीएम की इस बात पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर लिखा- मुख्यमंत्री जी, इसमें आपकी गलती नहीं है। आप कभी खेतों में गए नहीं, किसानों से संवाद किया नहीं, इसलिए स्वाभाविक है कि आपको यह जानकारी नहीं होगी कि गुड़ खेत में नहीं उगता। इधर, सीएम की बात सुनकर मुलताई में अनिल सोनी नाम का शख्स एसडीएम के पास पहुंच गया और गुड़ के बीज उपलब्ध कराने की मांग कर डाली। उसने बाकायदा इसके लिए ज्ञापन भी सौंपा। अब बात निकली तो राजस्थान तक पहुंची। यहां केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। निशाने पर थे राहुल गांधी। शिवराज सिंह ने कहा कि राहुल बाबा कभी खेतों में गए हो क्या ? कहते हैं गुड़ कहां लगता है, ये आता कहां से है। अब खरी बात ये है कि किसानों के नाम पर राजनीति तो खूब होती है। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक खुद को किसान हितैषी बताता है। लेकिन किसानों के हालात तो नहीं बदल रहे। ऐसे में सरकारों को उन किसानों की सुध लेनी चाहिए, जिनकी मेहनत का गुड़ गोबर हो रहा है। स्वागत में फजीहत, नेता जी का मंच गिरादेवास में कांग्रेस का मंच टूट गया। जिससे अपने नेता का स्वागत करने उमड़े कार्यकर्ता नेता समेत धड़ाम से नीचे गिर पड़े। हालांकि अच्छी बात ये रही कि किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई। लेकिन इस घटना ने कांग्रेस की फजीहत जरूर करा दी। हुआ यूं कि युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यश घनघोरिया देवास पहुंचे थे। यहां कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। ढोल-ढमाके बजे, आतिशबाजी की गई। नेता जी को बड़ी सी माला पहनाई गई। नेता जी के स्वागत के उत्साह में मंच पर भीड़ जमा हो गई। जिससे मंच वजन नहीं सह पाया और टूट गया। जिससे ये हादसा हो गया। अब लोग तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि अध्यक्ष ने सोचा भी नहीं होगा कि उनका ऐसा इस्तकबाल होगा। किसी ने कहा- कार्यकर्ताओं का जोश है। सब चलता है। कलेक्टर ने पटवारियों को लगाई लताड़अपनी वर्किंग स्टाइल को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े 'पुष्पा' स्टाइल में नजर आए। उन्होंने कहा- ये मत समझना कि मैं झुक जाऊंगा। झुकने वाला मैं हूं नहीं। दरअसल, कलेक्टर वानखेड़े बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे पटवारियों पर भड़क गए। उन्होंने पटवारियों से कहा- आप लोगों को लग रहा है कि दो-तीन नेताओं के चक्कर में आप साठ लोग आओगे और मेरे पर दबाव बनाओगे। मैं नहीं सुनूंगा। हाल ही में कलेक्टर का एक वीडियो सामने आया था। जिसमें वो लापरवाही को लेकर एक पटवारी को निलंबित करते नजर आए थे। इस कार्रवाई के विरोध में पटवारी मिलकर कलेक्टर से मिलने आए थे। कलेक्टर ने कहा कि किसी मुद्दे पर बात करनी थी तो तीन-चार प्रतिनिधि आ सकते थे, लेकिन बार-बार झुंड बनाकर आना न केवल गलत है, बल्कि यह प्रशासन पर जानबूझकर दबाव बनाने की कोशिश है। इस तरह से झुंड बनाकर आना न केवल अवैधानिक है बल्कि जनता के साथ धोखा भी है। उन्होंने कहा- मैं पैसों के लिए काम नहीं करता, हम सब जनता के लिए काम करते हैं। जनता के दुख देखेंगे तो गुस्सा आएगा और कार्रवाई भी होगी। इंतहा हो गई इंतजार की.. भड़क गए सांसदराजगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान हर कोई उस वक्त हैरान रह गया, जब भाजपा सांसद रोडमल नागर ने सबके सामने अधिकारियों के पैर छू लिए। हालांकि ये उनका गुस्सा था। ऐसा करके उन्होंने अपना विरोध जताया। मामला जिले के एक गांव में जल अर्पण कार्यक्रम का है। सांसद यहां पहले ही पहुंच गए थे, जबकि मेहमान बनकर दिल्ली से आए अफसर लेट हो गए। इस पर सांसद इस कदर बिगड़े कि उन्होंने अफसरों से कह दिया- मुझे बेवकूफ की तरह डेढ़ घंटे इंतजार कराया गया। सांसद से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनकी नाराजगी किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं थी, बल्कि जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट में हो रही देरी को लेकर थी। इनपुट सहयोग - इर्शाद हिंदुस्तानी (बैतूल), अशोक पटेल (देवास), राधावल्लभ मिश्रा (दतिया), मनीष सोनी (राजगढ़)ये भी पढ़ें - खुद को मूंछों में देखकर धीरेंद्र शास्त्री चौंक गए: सांसद की महिलाओं को सलाह- थोड़ी रंगदारी दिखाओ पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपनी खुद की मूंछ वाली फोटो देखकर चौंक गए। दरअसल, मुंबई में कथा के दौरान एक भक्त पंडित धीरेंद्र शास्त्री की मूंछ वाली फोटो लहरा रहा था। इस पर नजर पड़ी तो धीरेंद्र शास्त्री ने पूछ लिया- भैया तुमने हमारी फोटो में मूंछ क्यों लगा दी। पूरी खबर पढ़ें
चांदी एक बार फिर निवेश और सर्राफा बाजार की सुर्खियों में है। साल 2025 के आखिरी महीने में चांदी ने ऐसी रफ्तार पकड़ी है, जिसने न केवल सर्राफा कारोबारियों को चौंका दिया, बल्कि आम उपभोक्ताओं की जेब पर भी सीधा असर डाला है। बीकानेर सर्राफा बाजार में बुधवार को चांदी के भाव 2 लाख 22 हजार रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए। महज एक दिन में करीब 6 हजार रुपए प्रति किलो की तेजी ने बाजार में हलचल मचा दी। अगर पूरे साल पर नजर डालें तो जनवरी 2025 में चांदी जहां 90,500 रुपए प्रति किलो थी, वहीं दिसंबर के अंत तक यह 145 प्रतिशत से अधिक उछल चुकी है। खास बात यह है कि अकेले दिसंबर महीने में ही चांदी करीब 25 प्रतिशत महंगी हो गई। इतनी तेज बढ़ोतरी ने चांदी को निवेश का आकर्षक विकल्प बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही सर्राफा बाजार में ग्राहकी पर ब्रेक भी लगा दिया है। लगातार बढ़ते भावों के बीच बाजार में अलग-अलग धारणाएं बन रही हैं। कोई इसे ढाई लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंचने का अनुमान लगा रहा है, तो कोई तेज गिरावट की आशंका जता रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर चांदी की यह तेजी कहां तक जाएगी और इसका असर बाजार व आमजन पर कितना पड़ेगा। भास्कर इनसाइट- निवेशक खुश, ग्राहक परेशान चांदी की इस रिकॉर्ड तोड़ तेजी ने बाजार को दो हिस्सों में बांट दिया है। निवेशकों के लिए यह तेजी मुनाफे का अवसर बनकर आई है, वहीं आम ग्राहक और छोटे व्यापारी परेशान नजर आ रहे हैं। सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि चांदी के गहनों और बर्तनों की मांग में साफ गिरावट आई है। शादी-विवाह और सामाजिक आयोजनों के बावजूद ग्राहक खरीदारी टाल रहे हैं। एक सर्राफा व्यापारी के अनुसार, भाव इतने तेज हैं कि ग्राहक सिर्फ रेट पूछकर लौट जा रहे हैं। पहले जहां 2-3 किलो की खरीद होती थी, अब लोग ग्रामों में खरीद पर आ गए हैं। क्यों बढ़ रही है चांदी...मांग, निवेश और उद्योग का मेल: विशेषज्ञों के अनुसार चांदी की तेजी के पीछे कई कारण हैं, जिसमें औद्योगिक मांग: सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों में चांदी का उपयोग तेजी से बढ़ा है। निवेश का विकल्प: महंगाई और वैश्विक अनिश्चितता के बीच निवेशक सोने के साथ-साथ चांदी को भी सुरक्षित निवेश मान रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार- वैश्विक स्तर पर चांदी के दामों में मजबूती का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा है। बाजार में फिलहाल दो तरह की धारणाएं चल रही हैं। एक वर्ग का मानना है कि अगर यही ट्रेंड रहा तो चांदी ढाई लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है। वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि इतनी तेज बढ़ोतरी के बाद मुनाफावसूली आ सकती है, जिससे कीमतों में तेज गिरावट भी संभव है। भास्कर एक्सपर्ट- -रेवंत जाखड़, सर्राफा कारोबारी, बीकानेर चमक बरकरार, लेकिन सतर्कता जरूरी : चांदी की चमक फिलहाल बरकरार है और 2025 में इसने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। हालांकि, इतनी तेज तेजी के बीच बाजार विशेषज्ञ सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि चांदी नई ऊंचाइयों को छूती है या फिर बाजार में ठहराव और गिरावट का दौर शुरू होता है।
नमस्कार, कानपुर में कल (बुधवार) की बड़ी खबर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के सपा विधायक पर भड़कने की रही। सदन में सपा विधायक ने कानपुर की हवा की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भड़क गए। उन्होंने कहा- गुमराह मत करिए। वहीं दिन का न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इतना ही नैनीताल और शिलांग का भी रहा। वहीं लव अफेयर में 8वीं की छात्रा के सुसाइड की रही। प्रेमी से बात करने पर पिता ने पीटा तो उसने फंदा लगा लिया। वहीं फसल खराब होने से परेशान युवक ने सुसाइड कर लिया। कानपुर की ऐसी ही 10 बड़ी खबरों से गुजरने के लिए ऊपर वीडियो पर क्लिक करें…।
संचेतना महोत्सव आज, संगोष्ठी में वक्ता के उद्बोधन होंगे
उज्जैन | 43वां राष्ट्रीय संचेतना महोत्सव गुरुवार को निजी होटल में आयोजित किया जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी और महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा होगी। डॉ. जवाहर कर्नावट और डॉ. अमिता दुबे आदि वक्ता विचार साझा करेंगे। समारोह में संस्था के वरिष्ठ सदस्यों और 55 साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा।
सुदामा चरित्र व परीक्षित मोक्ष प्रसंग के साथ श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहुति
उज्जैन | क्षीरसागर स्थित नीमा धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन बुधवार को कथाव्यास गोवर्धनेश महोदय, अहमदाबाद ने सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष और पूर्णाहुति के प्रसंगों का संगीतमय रसपान करवाया। श्रीमद्भागवत जी की आरती के बाद ठाकुरजी की दान लीला मनोरथ के दर्शन हुए। गोवर्धन एम. नीमा ने बताया महाराज ने सात दिवसीय कथा में हर प्रसंग को संगीतमय शैली में प्रस्तुत किया। कथा के दौरान नृत्यांगना सोनल नीमा, मयूरी नीमा, प्रवीणा नीमा, दीपा नीमा और ऋचा नीमा ने सुंदर प्रस्तुतियां दीं। नीमा पंचायत, नीमा युवक संगठन, चतुर्वेदी समाज, गुजराती समाज और माहेश्वरी समाज की कार्यकारिणी ने महाराज का स्वागत किया। लक्ष्मीनारायण नीमा, जितेंद्र गांधी, गिरधर गोपाल नीमा, ब्रजमोहन नीमा, मोहनलाल नीमा, कमलेश नीमा आदि मौजूद थे।
चंडीगढ़ में कैसे बनेगा BJP का मेयर:एक वोट दूर मेयर की कुर्सी, 30 दिसंबर को जरनल हाउस की बैठक
नगर निगम में अब भारतीय जनता पार्टी फुल हाउस के आधे पार्षद लेकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। नगर निगम की भाजपा मेयर हरप्रीत कौर बबला द्वारा 30 दिसंबर को जरनल हाउस की बैठक बुलाई है। इससे पहले दो पार्षदों को भाजपा में शामिल कर कई तरह की चर्चाएं छेड़ दी गई हैं। सही समय पर हुई दल बदली से भाजपा ने दो निशाने साधे हैं। एक तो नव वर्ष के पहले ही माह में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनाव होने हैं। इससे भाजपा को बड़ा फायदा होने वाला है और जरनल हाउस की बैठक में पिछले कई माह से लटक रहे प्रस्तावों को पारित करवाने के लिए भी भाजपा की यह जुगत हो सकती है। इसमें सबसे बड़ा प्रस्ताव मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट और चंडीगढ़ में 24 घंटे पानी सप्लाई के प्रोजेक्ट का है। सांसद को मिलाकर 36 वोट, मेयर पद से एक वोट दूर भाजपा चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं। मेयर चुनाव में चंडीगढ़ सांसद का वोट भी मान्य होता है। इसके अलावा 9 पार्षद नॉमिनेटेड होते हैं, जिनके पास वोटिंग राइट्स नहीं हैं। ऐसे में 36 वोटों में से भाजपा के पास अब तक 16 और AAP के पास 13 वोट थे। मगर, अब 2 पार्षदों के AAP छोड़ने के बाद भाजपा के पास 18 और AAP के पास 11 वोट रह गए हैं। कांग्रेस के पास 6 पार्षद और सांसद मनीष तिवारी को मिलाकर कुल 7 वोट हैं। मेयर बनाने के लिए कुल 19 वोट चाहिए। भाजपा के पास अब 18 वोट हो गए हैं। ऐसे में भाजपा को एक वोट की दरकार है। चंडीगढ़ में भाजपा कैसे मेयर बना सकती है, 2 सिनेरियो पिछली बैठक में दो प्रस्तावों को लेकर वोटिंग पर अड़ गया था विपक्ष हम अभी चुनावी मोड़ में नहीं, भाजपा अध्यक्षभारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जतिंदर पाल मलहोत्रा कहते हैं कि अभ हम चुनावी मोड में नहीं हैं। जब मेयर पद का चुनाव आएगा तब देखेंगे। तो इस समय पार्षदों के पाला बदलने पर उनका कहना है कि वह नरेंद्र मोदी जी और सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए हैं। मेयर पद का चुनाव अभी दूर है, जब आएगा तब देखेंगे क्या करना है। सत्ता के लिए हॉर्स ट्रेडिंग जैसे अनैतिक हथकंडों का सहारा ले रही भाजपा, कांग्रेस अध्यक्ष कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एचएस लक्की का कहना है कि भाजपा ने एक बार फिर अपना असली रंग दिखा दिए हैं। सत्ता से चिपके रहने के लिए उसने खुलेआम और बेशर्मी से हॉर्स ट्रेडिंग जैसे अनैतिक हथकंडों का सहारा लिया है। इस तरह की शर्मनाक गतिविधियां भाजपा की सत्ता की भूख को पूरी तरह उजागर करती हैं। वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी की कमजोरी और राजनीतिक असहायता भी पूरी तरह सामने आ गई है। इन्हीं अलोकतांत्रिक प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए हम नगर निगम में मेयर का पांच वर्षों का निश्चित कार्यकाल लागू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि स्थिरता, पारदर्शिता और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।
जितेंद्र सिंह के बलिदान दिवस पर पुष्पांजलि आज
उज्जैन | शहर के सपूत शहीद जितेंद्र सिंह चौहान के 21वें बलिदान दिवस पर 27 दिसंबर को पुष्पांजलि कार्यक्रम नगर निगम द्वारा आयोजित किया जाएगा। अमर शहीद जितेंद्र सिंह चौहान स्मृति के संयोजक धर्मेंद्र सिंह चौहान के अनुसार आगर रोड स्थित गणेश कॉलोनी स्थित शहीद के निवास शाम 4 बजे राष्ट्रभक्त उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर पंपलेट्स वितरण कर लोगों को जागरूक किया
उज्जैन | अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन ने बुधवार को शहीद पार्क पर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया। इस अवसर पर उपभोक्ताओं के अधिकारों और सजगता पर पंपलेट्स वितरित किए गए। कार्यक्रम का नेतृत्व जिलाध्यक्ष रवि यादव और शहर अध्यक्ष शिवप्रकाश मैहर ने किया। अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम भारद्वाज, संतोष बनेटिया और आनंद बागोरिया थे। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष रवि यादव ने की। यूथ विंग प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भारद्वाज और जिलाध्यक्ष ओजस गुप्ता ने बताया कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर हुई श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की बैठक
उज्जैन | श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा परिसर में सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। इसका नेतृत्व महामंडलेश्वर राहुल नाथ महाराज ने किया। मां शिप्रा का पूजन कर बैठक शुरू हुई। सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए दवाइयां, स्वास्थ्य सुविधाएं, शुद्ध पेयजल, और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। राहुल नाथ महाराज ने कहा संत समाज को सरकार के साथ श्रद्धालुओं की सेवा में योगदान देना चाहिए। 2028 सिंहस्थ की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बैठक में साईंनाथ महाराज, भैरव गिरि महाराज, रवि गिरि महाराज, काटकर महाराज, नीतेश गिरि महाराज, शिवाजी महाराज, सहयोग गिरि महाराज, राजेश्वर नाथ महाराज (त्र्यंबकेश्वर), राजू महाराज (बुलढाणा), भरत गिरि महाराज (बुलढाणा), वेदांत गिरि महाराज, कामाख्यापुत्र हिमालय गिरि बाबा सहित साधु-संत उपस्थित थे।
पौष दशमी पर हुई नृत्य स्पर्धा में जैन और मारू प्रथम
उज्जैन | नवकार सेवा संस्थान द्वारा पौष दशमी के अवसर पर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें सरिता जैन रत्नबोहरा और सरिता मारू को प्रथम पुरस्कार, रीना दुग्गड़ और प्रमिला चौपड़ा को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में संस्थापक अध्यक्ष श्वेता भंडारी, आशा पालरेचा, अंजु सुराना, निर्मला कांठेड़, रश्मि गादिया, मोनिका चेलावत, संगीता नाहर, नीता भटेवरा, नीता जैन, राजप्रभा जैन, शीला श्रीमाल, आभा गुप्ता, संगीता गादिया, सुमिना लिग्गा, नेहा लिग्गा, आशा सेठिया, परिधि दाता आदि उपस्थित थे। संचालन संस्था अध्यक्ष सीमा दुग्गड़ ने किया। आभार श्वेता चौपड़ा ने माना।
फादर डेमियन गोम्स ने दिया संदेश- क्रिसमस केवल त्योहार नहीं:मानवता के लिए ईश्वर के प्रेम का है प्रतीक
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर स्थित ऐतिहासिक सेंट मैरी चर्च में प्रभु यीशु के जन्मोत्सव क्रिसमस पर विशेष आयोजन हुए। इस अवसर पर चर्च के फादर डेमियन गोम्स ने मसीही समाज और सुल्तानपुर के लोगों को शांति व प्रेम का संदेश दिया। फादर गोम्स ने बताया कि क्रिसमस केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि मानवता के लिए ईश्वर के प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने जोर दिया कि प्रभु यीशु शांति के दूत बनकर धरती पर आए थे, और वर्तमान समय में आपसी भाईचारे की सबसे अधिक आवश्यकता है। उन्होंने सुल्तानपुर की गंगा-जमुनी तहजीब को बनाए रखने और एक-दूसरे के प्रति प्रेम-भाव रखने की अपील की। फादर ने कहा कि सच्चा क्रिसमस तभी है जब हम किसी जरूरतमंद के चेहरे पर मुस्कान ला सकें, क्योंकि सेवा ही सच्ची इबादत है। फादर ने विशेष रूप से सुल्तानपुर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उन्होंने यह भी कहा कि त्योहार धर्मों की सीमाओं से परे होते हैं और क्रिसमस का यह प्रकाश हर घर के अंधेरे को दूर करे। उन्होंने बताया कि यह चर्च अब केवल मसीही समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि शांति में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति के लिए आस्था का केंद्र बन गया है। इस अवसर पर फादर डेमियन गोम्स ने प्रभु यीशु के संदेशों और संस्कारों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों के पैर धोने के बाद ही संस्कार की स्थापना की थी।फादर के अनुसार, प्रभु यीशु ने रोटी तोड़ी और कहा, लो और खाओ, यह मेरा शरीर है। इसके बाद उन्होंने अंगूर का रस (दाखरस) लिया और कहा, लो और पियो, और मेरी याद में ऐसा किया करो। फादर ने संस्कार ग्रहण करने के नियमों को भी स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि यह प्रभु का दिया हुआ एक वरदान है, लेकिन इसे प्राप्त करने के कुछ नियम हैं। केवल ईसाई परिवार में जन्म लेने से ही यह संस्कार नहीं मिलता। यह संस्कार केवल उन्हीं लोगों को दिया जाता है जिन्होंने दीक्षा (होली कम्युनियन/कन्फर्मेशन) प्राप्त की है। ईसाई परिवार के बच्चों को भी तब तक यह नहीं मिलता, जब तक वे विधिवत दीक्षा न ले लें। देखें फोटो...
किशोरी दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर खाया जहर:हालत गंभीर, झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर; FIR दर्ज
ललितपुर में एक किशोरी से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आया है। घटना से मानसिक रूप से परेशान किशोरी ने बुधवार दोपहर जहर खा लिया। जिससे उसकी हालत गंभीर बनी है। उसे पहले जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां से हालत नाजुक होने पर झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। मामला बानपुर थाना क्षेत्र के एक गांव का है। पीड़िता के पिता ने बुधवार शाम पुलिस को दी तहरीर में बताया कि एक युवक उनकी बेटी को स्कूल जाते समय बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। आरोपी ने कई बार किशोरी का शारीरिक शोषण किया। मोबाइल से उसकी अश्लील तस्वीरें खींचकर लंबे समय से उसे ब्लैकमेल कर रहा था। पीड़िता के पिता के अनुसार, आरोपी किशोरी को जान से मारने की धमकी देकर चुप रहने पर मजबूर करता रहा। जब किशोरी ने परिजनों को आपबीती बताई, तो वह डर और अवसाद में चली गई। इसी तनाव में उसने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। बानपुर थाना पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर आरोपी अमजद खान पुत्र शकुर खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई है। थानाध्यक्ष अरुण तिवारी ने बताया कि पीड़िता के पिता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। आरोपी को एक दिन पहले मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान में वह जेल में बंद है। पुलिस मामले से जुड़े सभी तथ्यों की गहनता से जांच कर रही है।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में प्रशासनिक भवन स्थित समिति कक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध सभी महाविद्यालयों में ग्रेजुएशन दूसरे सेमेस्टर से स्किल एनहांसमेंट कोर्सेज (SEC) को SWAYAM (Study Webs of Active-Learning for Young Aspiring Minds) प्लेटफार्म के माध्यम से अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। यह निर्णय विद्यार्थियों को परंपरागत एकेडमिक नॉलेज के साथ-साथ व्यावहारिक और जॉब ओरिएंटेड स्किल प्रदान करने की दिशा में विश्वविद्यालय का बड़ा कदम है। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने सभी विभागाध्यक्षों और अधिष्ठातागण को निर्देशित किया कि इस संदर्भ में जल्द से जल्द आवश्यक प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जाए, ताकि इस व्यवस्था का क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से सुनिश्चित हो सके। हिंदी और इंग्लिश दोनों माध्यमों में उपलब्धचयनित सभी कोर्स में 8 से 12 सप्ताह की अवधि के 3-क्रेडिट कोर्स होंगे और विश्वविद्यालय के साथ संबद्ध महाविद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थी इनसे लाभान्वित होंगे। विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों में टैक्सेशन और वित्तीय साक्षरता, मोबाइल और वायरलेस संचार तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल लर्निंग टूल्स, एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स, व्यक्तित्व विकास, कम्युनिकेशन स्किल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवश्यक अंग्रेजी दक्षता जैसी क्षमताओं का विकास किया जाएगा। कम से कम 40 पर्सेंट मार्क्स लाना अनिवार्यइससे विद्यार्थी न केवल शैक्षणिक रूप से, बल्कि पेशेवर और व्यवहारिक दृष्टि से भी सशक्त बन सकेंगे। मूल्यांकन प्रणाली के अंतर्गत 30 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा, जिसमें कम से कम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त 70 अंकों की एंड सेमेस्टर परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें भी न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक होगा। एंड सेमेस्टर परीक्षा का आयोजन डीडीयू की ओर से किया जाएगा और पात्र विद्यार्थियों को निर्धारित नियमों के अनुसार क्रेडिट ट्रांसफर किया जाएगा। यूजीसी के निर्देशानुसार विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम का 40 प्रतिशत तक क्रेडिट SWAYAM जैसे राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अर्जित कर सकते हैं। विश्वविद्यालय की ओर से उठाया गया यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की उस मूल भावना के अनुरूप है, जिसके अंतर्गत शिक्षा को कौशल आधारित, रोजगारोन्मुख और बहुआयामी बनाया जाना प्रस्तावित है। स्किल डेवलपमेंट में मिलेगा मदद कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि SWAYAM आधारित स्किल एनहांसमेंट कोर्सेज विद्यार्थियों को केवल डिग्री ही नहीं, बल्कि जीवन और करियर के लिए आवश्यक कौशल भी प्रदान करते हैं। इससे विद्यार्थी आत्मनिर्भर, तकनीक-सक्षम और भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप तैयार हो सकेंगे।
बरेली में खुद को कानून से ऊपर समझने वाला बसपा नेता तौफीक प्रधान आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। इंस्पेक्टर को खुलेआम धमकाने और उसका ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने वाला तौफीक अब सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। गिरफ्तारी के बाद थाने में उसका अंदाज पूरी तरह बदला हुआ दिखा। जो नेता फोन पर रौब दिखा रहा था, वही पुलिस के सामने माफी मांगता और नरम पड़ता नजर आया। पुलिस ने उसे ऐसा सबक सिखाया कि अब वो सही से चल भी नहीं पा रहा है।पुलिस ने उसे अवैध तमंचा और जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इंस्पेक्टर को दी थी खुली धमकी, ऑडियो किया था वायरलपूरा मामला बारादरी थाना क्षेत्र का है। पशुपति बिहार कॉलोनी निवासी तौफीक प्रधान ने दो दिन पहले इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय को फोन पर धमकी दी थी। बातचीत में उसने कहा था कि तुम मुझे जानते नहीं हो, मेरा नाम तौफीक प्रधान है और मैं मुकदमों से डरता नहीं हूं। यही नहीं, उसने इस बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। ऑडियो के साथ उसने एक तरफ अपनी फोटो और दूसरी तरफ इंस्पेक्टर का नाम लगाकर खुद को प्रभावशाली दिखाने की कोशिश की। सोशल मीडिया की धमकी पड़ी भारी, पुलिस हुई अलर्टऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। अफसरों ने तौफीक की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी। पुलिस को अंदेशा था कि तौफीक किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकता है या फिर दोबारा किसी पुलिसकर्मी से उलझ सकता है। इसके बाद उसे पकड़ने के लिए रणनीति बनाई गई। गश्त के दौरान पुलिस से उलझा, तलाशी में निकला तमंचाबुधवार को पुलिस टीम इलाके में गश्त कर रही थी। ठंड के चलते कुछ लोग अलाव ताप रहे थे, जिनसे पुलिस पूछताछ कर रही थी। इसी दौरान तौफीक प्रधान वहां पहुंचा और पुलिसकर्मियों से बदतमीजी करने लगा। उसने रौब दिखाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस को उस पर शक हो गया। जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से एक अवैध तमंचा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए। इसके बाद पुलिस ने उसे मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। थाने में बदला अंदाज, माफी मांगता दिखा तौफीकगिरफ्तारी के बाद तौफीक का पूरा रवैया बदल गया। थाने पहुंचते ही उसकी दबंगई खत्म हो गई। वह पुलिसकर्मियों से माफी मांगता और खुद को निर्दोष बताने की कोशिश करता नजर आया। पुलिस ने उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। हिस्ट्रीशीटर है तौफीक, दर्ज हैं 9 संगीन मुकदमेतौफीक प्रधान मूल रूप से फतेहगंज पूर्वी थाना क्षेत्र के नगरिया कला गांव का रहने वाला है। वह फतेहगंज पूर्वी थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और मारपीट जैसे गंभीर मामलों सहित कुल नौ मुकदमे दर्ज हैं। इसके बावजूद वह खुद को राजनीतिक रसूखदार बताकर पुलिस को चुनौती देता रहा। ओवैसी की पार्टी से लेकर बसपा तक का सफरराजनीतिक सफर की बात करें तो तौफीक प्रधान पहले ओवैसी की पार्टी में भी रह चुका है। बाद में उसने बसपा का दामन थाम लिया। वह विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है, हालांकि उसे कोई खास सफलता नहीं मिली। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद साफ संदेश गया है कि धमकी और दबंगई दिखाने वालों के लिए कानून का शिकंजा तैयार है।
6 गुरुद्वारों से निकाली प्रभात फेरी, आज नगर कीर्तन, कल शौर्य यात्रा
सिख पंथ के दसवें गुरु श्री गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर पांच दिनी समारोह की शुरुआत बुधवार से हो गई। सुबह शहर के प्रमुख 6 गुरुद्वारों से प्रभातफेरी निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में समाजजन सहभागी बने। सुबह 6 बजे चामुंडा माता चौराहा पर सभी प्रभातफेरियों का मिलन हुआ। गुरुद्वारों में दिनभर कथा और कीर्तन के कार्यक्रम हुए। सिख पंथ में गुरुबाणी का महत्व मनाया गया है। प्रत्येक सिख को प्रतिदिन गुरबाणी का पाठ करना और सुनना चाहिए। सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता एसएस नारंग के अनुसार 25 दिसंबर को दोपहर 2 बजे गुरुद्वारा सुख सागर, फ्रीगंज से नगर कीर्तन निकाला जाएगा, जो गुरुनानक मार्केट, शहीद पार्क, टावर चौक, चामुंडा माता चौराहा, देवास गेट, मालीपुरा, दौलतगंज, इंदौर गेट, रेलवे स्टेशन होते हुए गुरुद्वारा दूधतलाई पहुंचेगा। यहां पर अटूट लंगर होगा। कार्यक्रम की शृंखला में 26 दिसंबर को सुबह 9.30 बजे वीर बाल दिवस पर गुरुद्वारा सुखसागर, फ्रीगंज से शौर्य यात्रा निकाली जाएगी जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए गुरुद्वारा साहिब माता गुजरीजी गीता कॉलोनी पहुंचेगी।
उज्जैन | मप्र की 24 सदस्यीय साइकिल पोलो टीम गुरुवार को आरा, बिहार के लिए रवाना होगी। इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान में टीम की घोषणा की गई। 40वीं सब जूनियर, 44वीं जूनियर और 46वीं सीनियर बालक वर्ग की टीम भाग लेगी। प्रतियोगिता 26 से 30 दिसंबर तक आयोजित की जा रही है।
वार्ड 80 की स्थिति:देश के सबसे स्वच्छ शहर में नाले की सफाई में निकला सोफा और प्लास्टिक का दरवाजा
सफाई के दौरान कचरा, गंदगी व पॉलिथीन निकलना तो आम बात है, लेकिन स्वच्छता में लगातार आठ बार नंबर-1 रहने वाले इंदौर में नाले की सफाई के दौरान सोफा, प्लास्टिक का दरवाजा व अन्य घरेलू निकला। यह देख सफाईकर्मियों के साथ आमजन भी चौंक गए। सामान निकालने के लिए निगम कर्मियों को जेसीबी बुलाना पड़ी। दरअसल, वार्ड 80 में रेती मंडी क्षेत्र में लॉ कॉलेज के पास सफाई कर्मियों द्वारा नाले की सफाई की जा रही थी। इस दौरान कर्मचारियों को नाले में प्लास्टिक की थैलियों, बाल्टी के साथ ही सोफा व दरवाजा नजर आया। इस पर उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी। क्षेत्रीय पार्षद प्रशांत बड़वे व नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने जेसीबी की मदद से सोफा, दरवाजा व अन्य सामान बाहर निकलवाया। पार्षद बड़वे ने बताया कि यह क्षेत्र सुनसान है। इसके आसपास सीसीटीवी भी नहीं लगे हैं, इसलिए लोग यहां बड़ी मात्रा में कचरा फेंक जाते हैं। इसे रोकने के लिए एनजीओ के सदस्यों को निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। भविष्य में यदि यहां कोई कचरा फेंकते हुए मिला तो उस पर स्पॉट फाइन के साथ ही कार्रवाई की जाएगी। साथ ही क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना भी बनाई जा रही है। शादियों में उड़ रही पन्नियांपार्षद ने बताया कि कई शादियों में मशीनों से बारीक पन्नियां उड़ाई जा रही हैं, जो सफाई कर्मियों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। कर्मचारियों को इन्हें साफ करने में काफी दिक्कत आती है। उन्होंने कहा कि शहर के 90 प्रतिशत लोग तो स्वच्छता को लेकर सजग हैं, लेकिन 10 प्रतिशत की लापरवाही पूरे शहर की सफाई व्यवस्था पर भारी पड़ती है। लगातार सख्ती, फिर भी लोग कचरा फेंक रहेसफाई व्यवस्था को लेकर निगम लगातार सख्ती कर रहा है, लेकिन उसके बाद भी लोग सुनसान इलाकों में बड़ी मात्रा में कचरा फेंक रहे हैं। बुधवार को राऊ क्षेत्र में नाले से बड़ी मात्रा में घरेलू सामान निकला। जेसीबी बुलवाना पड़ी।
शहर में अवैध शराब की तस्करी का नया ट्रेंड सामने आया है। किराना सामान, गिफ्ट आइटम, स्कूल बैग व अटैची में डिलीवरी बॉय के रूप में एजेंट घर-घर शराब पहुंचा रहे हैं। शराब ठेकेदारों के एजेंट शहर में सक्रिय हैं, जो पढ़ाई करने वाले युवाओं व बेरोजगारों को टारगेट करते हैं। उन्हें 30 प्रतिशत कमीशन का लालच देकर अवैध शराब तस्करी के लिए एजेंट बना रहे हैं। आबकारी विभाग की धरपकड़ में शहर में शराब तस्करी के हर महीने 100 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। कोई डिलीवरी बॉय बनकर शराब पहुंच रहा है तो कोई गिफ्ट आइटम के रूप में पैक कर घर-घर डिलीवरी कर रहा है। शराब तस्करी रोकने के लिए आबकारी विभाग की शहर के 15 वृत्त (सर्कल) में टीमें तैनात हैं। इनकी मॉनिटरिंग के लिए 15 एडीईओ और एक स्पेशल स्क्वॉड भी बनी है। शराब तस्करी करने वालों को लगातार पकड़ रहे हैंशहर में अवैध शराब की तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। स्कूल बैग, किराना सामान के साथ, ट्रैवलर बैग व डिलीवरी बॉय के रूप में अवैध शराब की तस्करी हो रही है। अधिकांश आरोपी नई उम्र के मिले हैं। जिन्हें मोटे कमीशन का लालच देकर एजेंट बनाया जा रहा है। -अभिषेक तिवारी, असिस्टेंट आबकारी आयुक्त केस-1 : डिलीवरी बॉय के रूप में आया, 24 बोतल शराब मिली17 दिसंबर 2025 को आबकारी टीम ने आरोपी राकेश बलवानी निवासी द्वारिकापुरी को पकड़ा। इसके पास से 24 बोतल शराब मिली ।केस-2 : झोले में 97 हजार की शराब14 दिसंबर 2025 को डिप्टी कंट्रोलर मनोज अग्रवाल की टीम ने स्कूटर आरोपी विनोद (27) चौहान निवासी छोटा बांगड़दा को पकड़ा। ये किराना दुकान की थैली में परचून के सामान की आड़ में शराब की तस्करी कर रहा था। केस-3 : ट्रैवलर बैग में मिली शराब 18 दिसंबर 2025 को पलासिया (वृत्त) की प्रभारी प्रियंका रानी चौरसिया की टीम ने राजेंद्र नगर एबी रोड से बाइक पर ट्रैवलर बैग में अवैध शराब लेकर आए आरोपी को पकड़ा। बैग में 97 हजार की शराब मिली।केस-4 : स्कूल बैग में मिली शराब24 नवंबर 2025 को मीरा सिंह की टीम ने चोइथराम चौराह से तीन पहिया वाहन चालक आरोपी गौरव (25) मालवीय निवासी रतलाम को पकड़ा। बैग में 40 हजार की शराब मिली। केस-5 : गिफ्ट के रूप में पैक कर ले जा रहा था 1 लाख रुपए की शराब24 नवंबर 2025 को चोइथराम मंडी के पास स्कूटी सवार आरोपी हर्ष (23) को पकड़ा तो इसके पास एक कार्टून बॉक्स मिला। जिसे इसने गिफ्ट के रूप में पैकिंग कर रखी थी। इससे 1 लाख से ज्यादा की शराब जब्त की गई। 9 महीनों में 3 करोड़ 67 लाख 50 हजार की अवैध शराब पकड़ीकलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि शहर में अवैध शराब कारोबार पर नकेल कसने के लिए प्रतिदिन आबकारी विभाग की मॉनिटरिंग होती है। अवैध शराब, मनमाने रेट पर शराब बेचने और लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन करने वाले, लाइसेंस शराब ठेकेदारों की भी डे टू डे मॉनिटरिंग की जा रही है। 1 अप्रैल से 15 दिसंबर तक आबकारी विभाग ने 6 हजार 600 केस रजिस्टर्ड कर करीब 6 हजार से ज्यादा अवैध शराब तस्करों को पकड़ा है। इस कार्रवाई में 35 हजार 146 बल्क लीटर शराब, 85 किलो 760 ग्राम महुआ लाहन और 981 किलो भांग जब्त की है। जिसकी कीमत 3 करोड़ 67 लाख 50 हजार है। वहीं 88 दो पहिया वाहन, 5 तीन पहिया और 8 चार पहिया वाहन भी जब्त किए हैं, जिनकी कीमत 1 करोड़ 29 लाख 58 हजार 400 रुपए है।
क्या जान की कोई कीमत नहीं...:जो दवाएं स्वास्थ्य के लिए घातक, वे सभी दुकानों पर आसानी से मिल रहीं
छिंदवाड़ा सिरप कांड में 24 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने 11 अप्रैल 2025 को “जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम” बताते हुए 35 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं को अनअप्रूव्ड घोषित कर उन्हें बनाने और बेचने पर रोक लगा दी थी। इंदौर और आसपास के मेडिकल स्टोर्स और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर भी ये दवाएं आसानी से उपलब्ध हैं। दैनिक भास्कर की पड़ताल में इंदौर, धार, देवास, उज्जैन के करीब 75 से ज्यादा मेडिकल स्टोर पर ये अनअप्रूव्ड दवाएं मिलीं। इन दवाओं का इस्तेमाल बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों में खांसी-जुकाम, बुखार, चर्म रोग और शुगर जैसी बीमारियों के लिए किया जा रहा है। औषधि महानियंत्रक ने इन दवाओं को अनअप्रूव्ड घोषित किया 1. ऑफ्लॉक्सासिन 50mg + ऑर्निडाजोल 125mg + रेसैकैडोट्रिलउपयोग: बच्चों को डायरिया (दस्त), पेचिश, पेट दर्द, और डिहाइड्रेशन रोकने।2. नॉरफ्लॉक्सासिन 125mg + मेट्रोनिडाजोल 120mg + सिमेथिकोनउपयोग: दस्त व पेट के संक्रमण में।3. सेफिक्सिम 200mg + एज़िथ्रोमाइसिन 250mg + लैक्टिक-ऐसिड बैसिलस टैबउपयोग: कान, गला, सांस की नली, फेफड़े, त्वचा, पेट संबंधी संक्रमण में।4. मेटफॉरमिन हाइड्रोक्लोराइड (एसआर) 500एमजी+ वोग्लिबोस 0.2उपयोग: टाइप-2 डायबिटीज़ में।5. ग्लिमाप्राइड आईपी 1 एमजी + मेटफॉर्मिन एचसीएल आईपी 500 एमजीउपयोग - शुगर पेशेंट के लिए।6. कीटोकोनाज़ोल + नियोमाइसिन+ आयोडोक्लोरहाइड्रॉक्सीक्विनोलिन+(क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट)उपयोग - बैक्टीरिया और फंगस के त्वचा संक्रमणों में। क्या है एफडीसी दवाएंफिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दो या दो से अधिक ड्रग मिलाकर तैयार की जाती है। अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में एफडीसी दवाओं की प्रचुरता पर रोक है। भास्कर एक्सपर्ट ये बेसिक प्रिंसिपल ऑफ मेडिसिन के खिलाफ है। बच्चों में बिना डॉक्टरी सलाह के दें तो जानलेवा हो सकती हैं। -डॉ. एसके भंडारी, एमडी शिशुरोग कहीं तुरंत मिल गई, कहीं बाहर से मंगवा कर दी मेडिसिन के बेसिक प्रिंसिपल के ही खिलाफ हैं ये कॉम्बिनेशन ऐसी सभी दवाएं बुरी नहीं हैं। पिल बर्डन कम करने ये काम में ली जाती हैं। बिना डॉक्टर की परमिशन नहीं लेनी चाहिए। -डॉ. संदीप जुल्का, एमडी डॉक्टर्स सिंगल ड्रग लिखने की कोशिश करें। केंद्र की गाइडलाइन का पालन करें। - दिलीप चिंचोलेकर, रिटा. डिप्टी डायरेक्टर फूड एंड ड्रग जिम्मेदरों ने - इस तरह झाड़ा पल्ला ये राज्य का काम हैसवाल - अब भी अनअप्रूव्ड दवा बिक रही हैं?जवाब - ये देखना राज्य का काम है, हमें जानकारी नहीं।कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे?आप दिल्ली हेड ऑफिस या मिनिस्ट्री में बात करें।- गौरव कुमार, उप औषधि नियंत्रक (भारत) कई सालों से बिक रही हैं...सवाल - अनअप्रूव्ड दवाओ की बिक्री कैसे हो सकती है? जवाब - कई सालों से बिक रही हैं, क्या करें?रोक के लिए क्या कर रहे हैं?25-30 साल से बिक रही हैं। लंबी कहानी है, इसमें क्या बताएं। -दिनेश श्रीवास्तव, ड्रग कंट्रोलर, एमपी हमें कोई जानकारी नहींसवाल- अनअप्रूव्ड दवाएं बिक रही हैं?जवाब- हमारे यहां ऐसी कोई दवाई नहीं बिक रही।डीसीजीआई के निर्देश की जानकारी नहीं है क्या?अगर आपके पास आदेश है तो हमें शेयर करें, दिखवा लेंगे। -कमल अहिरवार, ड्रग इंसपेक्टर, इंदौर
कलेक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया और उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत के बीच चल रहा टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। सांसद रावत की ओर से मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र के बाद अब कलेक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया ने मुख्य सचिव को विस्तृत पत्र भेजते हुए सांसद के आरोपों को तथ्यों के विपरीत बताया है। कलेक्टर ने न केवल डीएमएफटी फंड से जुड़े तथ्यों को सामने रखा, बल्कि पत्राचार की भाषा, मर्यादा और महिला अधिकारी की गरिमा से जुड़े गंभीर सवाल भी उठाए हैं। कलेक्टर ने लिखा है कि सांसद मन्नालाल रावत स्वयं एक राजकीय राजपत्रित अधिकारी रह चुके हैं और उन्हें प्रशासनिक प्रक्रियाओं की पूरी जानकारी है। इसके बावजूद उन्होंने मुख्यमंत्री और अधिकारियों को तथ्यों के विपरीत पत्र व अशासकीय भाषा में पत्र प्रेषित किया। कलेक्टर ने इसे एक महिला अधिकारी की छवि धूमिल करने और मानसिक मनोबल कमजोर करने की नियत से किया गया कृत्य बताया। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और कार्मिक विभाग के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी, विशेषकर महिला अधिकारी के संदर्भ में पत्राचार करते समय भाषा और मर्यादा का पालन अनिवार्य है। कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधि किसी अधिकारी के स्थानांतरण, चार्जशीट या पदस्थापन की मांग नहीं कर सकते, क्योंकि यह प्रक्रिया सीसीए और आरएसआर नियमों के तहत निर्धारित हेरारकी से ही संभव है। कलेक्टर ने यह भी उल्लेख किया कि प्रतापगढ़ जिले की कुल 8 पंचायत समितियों में से केवल धरियावद पंचायत समिति उदयपुर लोकसभा क्षेत्र में आती है, जबकि पीपलखूंट बांसवाड़ा और शेष 6 पंचायत समितियां चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में शामिल हैं। इसके बावजूद सांसद रावत द्वारा डीएमएफटी की अधिकांश राशि अपने क्षेत्र में उपयोग करवाने का दबाव बनाया जा रहा है, जो अनुपातिक वितरण के सिद्धांत के विरुद्ध है। सांसद रावत ने कहा- कुछ कहूंगा तो बखेड़ा खड़ा होगाइस पूरे विवाद पर जब दैनिक भास्कर ने सांसद मन्नालाल रावत से बातचीत की तो उन्होंने कहा, मैं इस मामले में कुछ कहूंगा तो बखेड़ा खड़ा हो जाएगा। किसी के माइंड में इस तरह की बातें चलती हैं, जिसे अलोकतांत्रिक कहते हैं। जनता की मांग स्वाभाविक होती है और हर जनप्रतिनिधि का यह धर्म है कि वह विकास कार्यों के लिए आवाज उठाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे भावनात्मक मुद्दों में नहीं जाते, बल्कि सरकार में जनता के विकास के काम होने चाहिए।
कानपुर में गंगा बैराज पर 3 पुलिसवालों को रौंदने वाली कार को पुलिस सिर्फ 7.5Km तक ट्रेस कर सकी। कोठारी चौराहा (बिठूर) तक कार CCTV में दिखी, उसके बाद गायब हो गई। पुलिस के मुताबिक, यहां से कार सिर्फ 3 रूट पर जा सकती है। पहला- कल्याणपुर की तरफ। दूसरा- बिठूर के अंदर। तीसरा- मंधना की तरफ। इस रूट से बदमाश कन्नौज होकर झांसी या औरेया की तरफ जा सकते हैं, या लखनऊ की तरफ भी भागकर आ सकते हैं। सबसे बड़ी बात ये रही कि हुंडई ऑरा कार पर नंबर प्लेट नहीं थी। इसलिए पुलिस कार सवारों को खोज नहीं पा रही है। पढ़िए रिपोर्ट... पुलिस वाले की आंखों देखी 250 मीटर पहले कार रुकी, फिर 110 की रफ्तार में बैरिकेडिंग से टकराई गंगा बैराज पर हुए हिट एंड रन मामले में घायल दरोगा पूरन सिंह से 'दैनिक भास्कर' टीम ने बात की। उन्होंने 23 दिसंबर की शाम को 6.30 बजे हुई पूरी वारदात का आखों देखा हाल बताया। पढ़िए बातचीत… 'कोहना थाना प्रभारी प्रतीक सिंह के साथ अटल घाट चौकी प्रभारी संजय कुमार थे। मैं भी फोर्स के साथ वहीं तैनात था। बैराज रोड पर बैरिकेडिंग की गई थी। हम लोग संदिग्ध गाड़ियों को चेकिंग के लिए रोक रहे थे। मैं सड़क के दाईं ओर डिवाइडर पर खड़ा था। चौकी प्रभारी संजय कुमार, होमगार्ड हरि किशन, कोहना थाना प्रभारी के साथ सड़क के बाएं ओर खड़े हुए थे। कार और उसमें बैठे लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ा जा रहा था। एक लाल रंग की कार को चेक करने के बाद मैं डिवाइडर पर खड़ा हो गया था। इसी दरम्यान नवाबगंज की तरफ से एक काली रंग की ऑरा कार आती हुई दिखाई दी। पुलिस चेकिंग देखकर कार के ड्राइवर ने करीब 250 मीटर पहले ही गाड़ी को रोक दिया। फिर कार बहुत स्लो स्पीड में हमारी तरफ बढ़ने लगी। हमें लगा कि बैरिकेडिंग पर आकर कार रुक जाएगी, मगर ड्राइवर ने अचानक स्पीड बढ़ा दी। तेजी से बैरिकेडिंग को टक्कर मार दी। मैं जब तक कुछ समझ पाता, तब तक बैरिकेडिंग के नीचे दब चुका था। मैंने सिर उठाकर देखा तो सड़क पर चौकी प्रभारी संजय कुमार और होमगार्ड हरिकिशन पड़े हुए थे। हरिकिशन के सिर से खून निकल रहा था। हमारे साथियों ने कार का पीछा करने का प्रयास किया, लेकिन कार करीब 110–120 की रफ्तार से निकल गई। चौकी प्रभारी और होमगार्ड को साथी पुलिसकर्मियों ने उठाया और मुझे बाइक सवार दो युवकों ने उठाकर पुलिस जीप में बैठाया था। फिर मुझे अस्पताल ले जाया गया। जहां मेरा इलाज हुआ।' अब घायल पुलिसवालों का मेडिकल बुलेटिन जानिए दरोगा का गाजियाबाद में ऑपरेशन होगा इस वारदात में 3 पुलिसवाले घायल हुए हैं। अटल घाट चौकी के इंचार्ज संजय कुमार के दाएं पैर की हड्डी टूटी है। शरीर पर भी 3-4 जगह पर चोटें हैं। उनको बुधवार को डिस्चार्ज किया गया है। वहीं, दरोगा पूरन सिंह के घुटने के नीचे जॉइंट वाली हड्डी टूट गई है। पैर में कुछ गहरे घाव हैं, जिस पर टांके लगाने पड़े हैं। उनके घुटने का ऑपरेशन करना पड़ेगा, इसके लिए वो गाजियाबाद जाएंगे। होमगार्ड हरिकिशन के सिर, हाथ और पैर पर चोट आई हैं। बदमाशों तक पहुंचने के लिए 4 पुलिस टीमों को एक्टिव किया है- टीम 1. RTO - पता किया जा रहा है कि कानपुर जिले में कितनी ऑरा कार हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन है। टीम 2. CCTNS कंट्रोल रूम - CCTV की मदद से बदमाशों को ट्रेस किया जा रहा है। टीम 3. गंगा बैराज - कंट्रोल रूम के CCTV फुटेज भी ली गई है। इसमें कार के मूवमेंट को देखा जा रहा है। टीम 4. कानपुर और देहात के थाने- पिछले 6 महीने में चोरी हुई ऑरा कारों की डिटेल जुटा रही है, पुलिस मान नही है कि इस वारदात में चोरी की गाड़ी का इस्तेमाल हो सकता है। चेकिंग की वजह जानिए विधायक लिखी कार में शराब पीते मिले लड़के जहां ये वारदात हुई है, वहीं पर शनिवार को डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिसवालों के साथ चेकिंग की थी। इस दौरान 2 कार सवार नशे में मिले थे। इसमें 1 कार पर विधायक का पास भी लगा हुआ था। पुलिस अफसर क्या कहते हैं... इस मामले में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आशुतोष कुमार ने कहा- पुलिस ने संभावित स्थान जैसे जिससे गंगा बैराज और कोठारी चौराहे के आसपास के इस्कॉन मंदिर, एनआरआई सिटी, सिंहपुर चौराहे, मैनावती रोड के 150 CCTV देखें हैं, लेकिन नंबर प्लेट नहीं होने से थोड़ा वक्त लग रहा है। वह कहते हैं- घटना के बाद आरोपी करीब 120 किमी की रफ्तार से भागे हैं, आखिरी बार उन्हें करीब 7.5 किलोमीटर दूर कोठारी चौराहे पर देखा गया। जहां पहुंचने में उन्हें अधिकतम एक घंटे का समय लगा होगा, इसलिए आरोपियों की तलाश के लिए गंगा बैराज और कोठारी चौराहे पर बीटीएस (बेस ट्रांस-सीवर स्टेशन) का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके जरिए पुलिस घटना के समय गंगा बैराज पर मौजूद और कुछ समय बाद कोठारी चौराहे पर मौजूद नंबरों का डेटा फिलट्रेशन कर संदिग्धों की तलाश की जा रही है। ................. ये पढ़ें - कानपुर में कार सवारों ने 2 दरोगा- होमगार्ड को रौंदा, एक SI 10 फीट दूर गिरा; आरोपी तीन बैरियर तोड़कर भाग निकले कानपुर में कार सवारों की दबंगई सामने आई है। कार ड्राइवर ने 2 दरोगा और एक होमगार्ड को रौंद दिया। टक्कर से दरोगा और होमगार्ड 10 फीट दूर जा गिरे। इससे दरोगा का बायां पैर टूट गया और होमगार्ड गंभीर घायल है। वहीं, दूसरे दरोगा को हल्की चोटें आईं हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पढ़िए पूरी खबर...
नमस्कार, कल की बड़ी खबर उन्नाव रेप केस से जुड़ी रही। पीड़ित का UP के मंत्री ने मजाक उड़ाया। दूसरी बड़ी खबर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी को लेकर रही। यूपी विधानसभा में योगी ने किसकी चुटकी ली और किसे खरी-खरी सुनाई, यह भी हम आपको बताएंगे। चलिए सिलसिलेवार पढ़ते हैं... ⏰ आज का प्रमुख इवेंट, जिस पर रहेगी नजर... कल की बड़ी खबरें... 1. उन्नाव रेप पीड़ित राहुल से मिली, बोली- रेपिस्ट को जमानत मिली; मुझे बंधक बनाया था, मेरी जान को खतरा यूपी के उन्नाव रेप केस की पीड़ित ने दिल्ली में राहुल और सोनिया गांधी से मुलाकात की। उसने कहा कि देश में पहली बार रेप मामले की सजा पर रोक लगाकर आरोपी को जमानत दे दी गई। देश की बेटियां डरी हुई हैं कि उनके साथ रेप होगा और अपराधी बच जाएंगे। पीड़ित लड़की ने आगे कहा;- दिल्ली में निर्भया को मार दिया गया। हाथरस में पीड़िता को मार दिया गया। मैं बच गई, इसलिए मुझे जिंदा रहते हुए सजा दी जा रही। ये लोग मेरे परिवार और गवाहों को मार देंगे। राहुल बोले- लड़की को न्याय मिले, न कि डर: राहुल ने पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को मिली जमानत को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि लड़की डर के साए में जी रही है। उसे न्याय मिलना चाहिए, न कि बेबसी, भय और अन्याय। दरअसल, उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने बेल दे दी गई है। मंत्री ने पीड़ित का मजाक उड़ाया: यूपी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने कहा कि कुलदीप सेंगर को पीड़ित से 5 किलोमीटर दूर रहने का आदेश है। ऐसे में लड़की की जान को खतरा कैसे हो सकता है? इसके बाद राजभर मजाक उड़ाते हुए हंसने लगे। पढ़ें पूरी खबर... 2. सरकार से दिल्ली हाईकोर्ट का सवाल, साफ हवा नहीं, तो एयर प्यूरीफायर पर टैक्स क्यों दिल्ली हाईकोर्ट ने खराब एयर क्वालिटी और बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया. कोर्ट ने कहा- जब लोगों को साफ हवा नहीं मिल रही, तो एयर प्यूरीफायर पर 18% GST क्यों लगाया जा रहा है। इसे कम करके 5% करना चाहिए। दरअसल, याचिकाकर्ता ने एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस मानकर GST 5% करने की मांग की थी। 40% प्रदूषण ट्रांसपोर्ट सेक्टर से हो रहा: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक प्रोग्राम में कहा कि दिल्ली में दो से तीन दिन रहने पर मुझे इन्फेक्शन हो जाता है। प्रदूषण का 40% हिस्सा ट्रांसपोर्ट सेक्टर ही फैला रहा है, जिसका मैं मंत्री हूं। पढ़ें पूरी खबर... 3. योगी बोले- मैं भजन करने नहीं आया, उसके लिए मठ है, हेकड़ी वालों को ठीक किया यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र खत्म हो गया। आखिरी दिन बुधवार को सीएम योगी ने कहा- यूपी में दंगा और अराजकता नहीं है। दंगे का उपचार क्या है? इस बारे में बरेली के मौलाना से पूछ लीजिए। यूपी में न कर्फ्यू है, न दंगा। अब सब कुछ चंगा है। योगी ने भागवत गीता का श्लोक भी पढ़ा- परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। फिर कहा- मैं यहां भजन करने के लिए नहीं बैठा। अगर भजन करना होता, तो हमारे पास मठ है। हम चेहरा देकर लाभ नहीं देते: योगी ने कहा कि राशन देने में भेदभाव है क्या? जिसको आपने भेदभाव का शिकार बनाया था, उन्हें फायदा दे रहे हैं। हम चेहरा नहीं देखते। ऐसे ही सीएम रिलीफ फंड से पैसा देते हैं। चेहरा देखकर पेसा देना हमारे लिए पाप है। पढ़ें पूरी खबर... 4. उद्धव-राज ठाकरे की पार्टी में 20 साल बाद गठबंधन, कहा- हमारी सोच एक, बंटेंगे तो बिखरेंगे उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की मनसे ने BMC समेत 29 नगर निगम चुनावों के लिए 20 साल बाद गठबंधन किया। जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने कहा कि हमारी सोच एक है, बंटेंगे तो बिखरेंगे। राज ठाकरे ने कहा कि इस बार मुंबई का मेयर मराठी होगा। महाराष्ट्र में BMC समेत 29 नगर निगमों में 15 जनवरी को वोटिंग होगी। 16 जनवरी को रिजल्ट आएगा। उद्धव-राज के अलग होने की कहानी: 1989 में 21 साल की उम्र में राज ठाकरे शिवसेना की स्टूडेंट विंग के अध्यक्ष बने। 2003 में बालासाहेब ठाकरे ने राज से कहा- 'उद्धव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाओ। राज ने पूछा, ‘मेरा और मेरे लोगों का क्या होगा।’ 2005 तक उद्धव पार्टी पर हावी होने लगे। आखिरकार 9 मार्च 2006 को उन्होंने अलग होकर मनसे बनाई, जिसे उन्होंने ‘मराठी मानुस की पार्टी’ कहा। पढ़ें पूरी खबर... 5. सोने-चांदी के दाम लगातार तीसरे दिन ऑल टाइम हाई पर: चांदी एक दिन में ₹7,983 बढ़ी सोने-चांदी के दाम नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए हैं। 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 344 रुपए बढ़कर 1,36,627 रुपए हो गई है। इस साल सोने के दाम 60,473 रुपए बढ़े हैं। वहीं, चांदी 7,983 रुपए बढ़कर 2,18,983 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई हैं। पिछले 10 दिन में इसकी कीमत 30,703 रुपए बढ़ी है। इस साल चांदी 1,32 ,966 रुपए महंगी हुई है। गोल्ड में तेजी की 3 बड़ी वजह चांदी में तेजी की 3 बड़ी वजह पढ़ें पूरी खबर... 6. वैभव सूर्यवंशी ने 39 साल पुराना वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा, लिस्ट-ए के सबसे युवा सेंचुरियन विजय हजारे ट्रॉफी में वैभव सूर्यवंशी ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ महज 36 गेंदों में शतक लगाया। वे दुनिया के सबसे युवा लिस्ट-A सेंचुरियन बन गए। उन्होंने जहूर इलाही का 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। वहीं, साकिबुल गनी ने 32 गेंद और ईशान किशन ने 33 गेंद में शतक लगाया। विराट-रोहित शर्मा ने शतक लगाए: विराट कोहली ने बेंगलुरु में दिल्ली के लिए 131 और रोहित शर्मा ने जयपुर में मुंबई के लिए 155 रन बनाए। दोनों ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर अपनी टीमों को जीत दिलाई। यह विजय हजारे ट्रॉफी दोनों के लिए अहम है, क्योंकि अब वे सिर्फ वनडे खेलते हैं। पढ़ें पूरी खबर... 7. अमेरिका बोला- चीन दोहरी चाल चल रहा, भारत से नजदीकियां बढ़ा रहा, पाकिस्तान को हथियार भी दे रहा अमेरिका ने भारत को चेताया कि चीन एक तरफ LAC पर तनाव कम करने की बात कर रहा है, जबकि दूसरी तरफ पाकिस्तान को हथियार देकर सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है। पेंटागन के मुताबिक, चीन भारत को अमेरिका से दूर रखना चाहता है, जबकि अरुणाचल पर विवाद बरकरार है। पाकिस्तान को हथियार बेच रहा: चीन 2020 से पाकिस्तान को 36 J-10C फाइटर जेट दे चुका है और दोनों मिलकर JF-17 भी बना रहे हैं। चीन पाकिस्तान को ड्रोन, नौसैनिक हथियार और ट्रेनिंग दे रहा है। भविष्य में पाक में चीनी सैन्य ठिकाने भी बन सकते हैं। पढ़ें पूरी खबर... आज का कार्टून ⚡ कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… ️ बयान जो चर्चा में है... खबर हटके... पंचायत में महिलाओं के स्मार्टफोन चलाने पर बैन लगाया राजस्थान के जालोर में पंचायत ने 15 गांव की महिलाओं और बच्चियों के कैमरे वाले स्मार्टफोन पर 26 जनवरी से पाबंदी लगा दी। वे सिर्फ की-पैड फोन उपयोग कर सकेंगी। विरोध होने पर पंचायत ने तर्क दिया कि मोबाइल चलाने से आंखें खराब हो जाती हैं। फोटो जो खुद में खबर है भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… करेंट अफेयर्स ⏳आज के दिन का इतिहास बाजार का हाल ️ मौसम का मिजाज वृष राशि के लोगों को मेहनत का फल मिलेगा। मिथुन राशि वालों के बिजनेस में बड़ी डील हो सकती है। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
निलंबित आबकारी अफसर मंदाकिनी को राहत नहीं
शराब ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में सहायक आबकारी अधिकारी मंदाकिनी दीक्षित को शासन ने निलंबित कर दिया। आरोप है कि सहायक आबकारी अधिकारी दीक्षित की प्रताड़ना से तंग आकर ठेकेदार ने आत्महत्या की। मामले में मंदाकिनी दीक्षित ने निलंबन के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने फिलहाल अंतरिम राहत नहीं दी और सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। दीक्षित ने याचिका में उल्लेख किया कि उनका पक्ष सुने बिना ही शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया। वहीं, शासन ने हाई कोर्ट में कहा कि यह याचिका चलने योग्य नहीं है। निलंबित अफसर को पहले राज्यपाल के समक्ष अपनी बात रखनी चाहिए थी। वहां प्रतिवेदन दिए बिना ही हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई। इस घटना की पुलिस अभी जांच कर रही है। दीक्षित का ऑडियो भी सामने आया है, जिसमें शराब ठेकेदार को प्रताड़ित किए जाने की बात सामने आई है। ऐसे में बहाल किया गया तो पद पर रहते हुए साक्ष्य प्रभावित किए जा सकते हैं। हाई कोर्ट अब जनवरी में मामले की सुनवाई करेगा।
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यूपी विधानमंत्री के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन बुधवार को सीएम योगी विपक्ष पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा- जो भी कब्जा करेगा, उसे नहीं छोड़ूंगा। अवैध कब्जे पर बुलडोजर को चलने से कोई नहीं रोक सकता। सीएम ने शिवपाल यादव की चुटकी ली। कहा-ये तो भर्ती के मास्टर हैं। VIDEO में देखिए यूपी विधानसभा के टॉप मोमेंट्स...
58 करोड़ रुपए के बैंक लोन मामले में शाहरा व सीए के यहां ईडी की कार्रवाई
सट्टा एप मामले में विशेष अदालत में चालान पेश करने के साथ ही रुचि ग्लोबल समूह के बैंक लोन डिफाल्टर मामले में भी जांच तेज कर दी गई है। बुधवार को दिल्ली से आए ईडी के अधिकारियों ने समूह के उमेश शाहरा और कंपनी के सीए रहे ईश्वर कलंत्री के चार ठिकानों पर जांच करके संबंधित दस्तावेज खंगाले। कुछ दस्तावेज भी ले गए हैं। ईडी 2021 में हुए 58 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में जांच कर रही है। इस संबंध में निदेशालय लगातार रुचि ग्लोबल के कर्ताधर्ताओं से पूछताछ कर रहा है। बता दें, 2021 में बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों ने मेसर्स रुचि ग्लोबल के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ लोन फर्जीवाड़े की शिकायत करवाई थी। आरोप है, कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लिया और चुकाया नहीं। ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की है।
उन्नाव का बहुचर्चित रेप केस...। बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन कारावास की सजा हुई। वह करीब 7 साल जेल में रहा। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने सजा सस्पेंड कर दी है। इस फैसले के बाद पीड़ित दिल्ली में इंडिया गेट के सामने अपनी मां के साथ धरने पर बैठ गई। पीड़ित का कहना है कि कुलदीप अगर बाहर आएगा तो मुझे और मेरे परिवार के बचे हुए लोगों को मार देगा। कभी ये दोनों परिवार साथ थे। कुलदीप को गांव का प्रधान बनाया। साथ उठते-बैठते थे। फिर अचानक दूरियां आ गईं। पहले झगड़ा हुआ। फिर रेप। कुलदीप और उसके भाइयों ने पीड़िता के पिता को पुलिस कस्टडी में ही मरवा दिया। पीड़िता की चाची और मौसी की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई। जिस ट्रक ने टक्कर मारी, उसकी नंबर प्लेट पर कालिख पुता था। जैसे-तैसे वो वक्त आया, जब पीड़ित को न्याय मिला। कुलदीप को ताउम्र जेल में रहने की सजा मिली। लेकिन यह जितना आसान मामला दिखता है, उतना है नहीं। आइए आज इस मामले को एक तरफ से समझते हैं... 2000 के पंचायत चुनाव में कुलदीप प्रधान बनाउन्नाव जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर माखी गांव है। लखनऊ से इस गांव की दूरी 63 किलोमीटर है। गांव बड़ा है, आबादी 10 हजार से ज्यादा है। इसी गांव में कुलदीप सिंह सेंगर का घर है। कुलदीप के घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर पीड़ित लड़की का भी घर है। आज से 25 साल पहले दोनों ही परिवारों में कोई विवाद नहीं था। पीड़िता के पिता और चाचा अक्सर कुलदीप के घर आते थे। कुलदीप के भाई मनोज उर्फ लंकेश और अतुल का भी पीड़िता के घर आना जाना था। साल 2000 से पहले गांव में तय हुआ कि इस बार कुलदीप सिंह को गांव का प्रधान बनाया जाएगा। सभी एकमत हुए। पीड़ित के पिता और चाचा ने भी कुलदीप के लिए वोट मांगा। लेकिन चुनाव के दौरान ही आपस में विवाद हो गया। पीड़ित के चाचा ने कुलदीप के भाई अतुल पर हमला बोल दिया। अतुल की पिटाई हुई। इस मामले पर कुलदीप ने पीड़ित के चाचा पर अतुल को जान से मारने का मुकदमा दर्ज करवाया। इसी मामले के बाद से दोनों परिवारों में खटास बढ़ने लगी। कुलदीप पॉवरफुल हुआ, फिर अत्याचार शुरू कियाकुलदीप प्रधानी का चुनाव जीत गया। कुलदीप ने इसके बाद सियासी लोगों से मुलाकातें शुरू की। इसका असर यह हुआ कि 2002 में उसे बसपा ने टिकट दे दिया। कुलदीप उन्नाव की सदर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बन गया। यहां से उसका रसूख बढ़ने लगा। 2005 में उसने अपने रसूख का इस्तेमाल करके छोटे भाई मनोज सिंह उर्फ लंकेश को मियागंज का ब्लॉक प्रमुख बनवा दिया। 2007 में उसने सपा जॉइन कर ली। बांगरमऊ से विधायक बना। 2012 में भगवंतनगर की सीट से विधायक बन गया। पिछले 15 सालों में स्थिति एकदम पलट चुकी थी। अब कुलदीप प्रदेश के बड़े नेताओं में गिना जाने लगा। दूसरी तरफ पीड़ित का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होता चला गया। पीड़ित के चाचा दिल्ली में रहते हैं, वहीं उनका अपना बिजनेस था। गांव आते तो अब कुलदीप का अलग लेवल नजर आता था। दोनों परिवारों के बीच पहले से भी विवाद था, बीच में फिर से हुआ। इस बार कुलदीप के भाइयों ने पीड़ित के पिता को पीट दिया। पिता को पेड़ में बांधकर पीटा और मुकदमा भी दर्ज करवाया4 जून 2017 की बात है। पीड़ित लड़की, कुलदीप के घर गई थी। साथ में परिवार की एक और लड़की थी। दोनों कुलदीप के घर पहुंचे तो वह लड़की कहीं चली गई। पीड़ित कहती है, सेंगर ने मेरा हाथ खींचा, मैंने विरोध किया तो धमकी दी कि चुप रहो नहीं तो पूरे परिवार को मरवा दूंगा। इसके बाद मैं डर गई, उसने मेरे साथ रेप किया। मैं घर आई लेकिन किसी को कुछ नहीं बताया। 11 जून को मुझे घर के बाहर से 5 लोग किडनैप करके उठा ले गए। रास्ते में चलती कार में मेरे साथ रेप किया। पीड़ित के मुताबिक 10 दिन बाद मुझे औरैया लेकर गए। दूसरी तरफ मेरे चाचा मुझे खोज रहे थे। मेरी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई गई। इसके 10 दिन बाद मुझे बरामद किया गया। औरैया से आने के बाद मुझे महिला थाने में ही 8 दिन रखा गया। पूछा गया कि घर जाओगी कि चाचा के पास जाओगी? मैं इतनी डरी हुई थी कि मैंने कह दिया कि मुझे चाचा के पास दिल्ली जाना है। पूरा परिवार कुलदीप के खिलाफ केस दर्ज करवाने के लिए दौड़ता रहा। लेकिन केस दर्ज नहीं हो पाया। माखी गांव में ही पुलिस थाना था। पुलिस के लोग अक्सर कुलदीप के सामने नतमस्तक नजर आते थे। यहां केस दर्ज नहीं हुआ तो पीड़ित अपनी मां के साथ मजिस्ट्रेट कोर्ट चली गई। इस बात की जानकारी जैसे ही कुलदीप को हुई, उसके भाई पीड़ित के परिवार को दबाने में लग गए। एक दिन तो पीड़ित के पिता को पेड़ में बांधकर बंदूक के बट से पीटे जाने की खबर सामने आई। पुलिस कस्टडी में पिता की हत्या हो गईकुलदीप अपने खिलाफ होने वाली संभावित कार्रवाई को लेकर डर गया था। उसने 3 अप्रैल, 2018 को पीड़ित के पिता को पकड़ा, पीटा और फिर पुलिस को सौंप दिया। 5 अप्रैल को उसके पिता का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह कहते हुए नजर आए कि मुझे फंसाया गया है, इन लोगों ने बहुत पीटा है। लेकिन पुलिस उन्हें धक्का देते हुए ले गई और फिर जेल भेज दिया गया। पीड़ित लखनऊ पहुंची और सीएम योगी के आवास के बाहर खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। यह पहला मौका था, जब मामला स्टेट लेवल पर उठ गया। सीएम योगी ने हस्तक्षेप किया और कार्रवाई की बात कही। लेकिन अगले दिन खबर आती है कि पुलिस कस्टडी में पीड़ित के पिता की मौत हो गई। पुलिस ने इसे नेचुरल मौत बताया। लेकिन पोस्टमॉर्टम में सारी पोल खुल गई। शरीर पर 14 चोटों के निशान थे। मारपीट के मामले में कुलदीप सेंगर, उसके भाई अतुल सिंह और मौजूदा एसएचओ समेत 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया। 13 अप्रैल को यह पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। अगले दिन सुबह 4 बजे सेंगर को हिरासत में लिया गया और फिर गिरफ्तार करके रिमांड पर ले लिया गया। मुख्य गवाह की संदिग्ध मौत, बिना पोस्टमॉर्टम अंतिम संस्कारपीड़ित के पिता को पीटने के मामले में गांव का मोहम्मद युनुस मुख्य गवाह था। उसने देखा था कि कुलदीप के भाई अतुल और उसके 4 साथियों ने पीड़िता के पिता की बेरहमी से पिटाई की थी। 18 अगस्त को उसकी मौत हो गई। बिना पोस्टमॉर्टम के ही यूनुस का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शुरुआत में कहा गया कि युनूस को जहर देकर मारा गया, परिवार ने भी आशंका जताई, लेकिन कुछ दिन बाद कहने लगे कि लिवर सिरोसिस से पीड़ित था, इसलिए मौत हो गई। युनूस सीबीआई के भी गवाह थे। पीड़ित के चाचा ने उन्नाव एसपी को चिट्ठी लिखी और सवाल उठाते हुए कब्र खोदकर पोस्टमॉर्टम करवाने की मांग की। कहा कि इससे पता चलेगा कि मौत किस वजह से हुई। लेकिन एसपी ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था। तर्क दिया था कि परिवार इसे नेचुरल मौत मान रहा है। पीड़िता को न्याय से पहले उसके चाचा को 10 साल की सजाऊपर आपने पढ़ा कि साल 2000 में पंचायत चुनाव के दौरान कुलदीप के परिवार की तरफ से पीड़िता के चाचा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। कुलदीप जब फंसा तो उसने उस मामले की पैरवी तेज की और 4 जुलाई 2019 को 19 साल पुराने इस मामले में कोर्ट ने पीड़िता के चाचा को 10 साल की सजा सुना दी। इसके तुरंत बाद ही उन्हें जेल भेज दिया गया। वह आज भी दिल्ली के तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं। यहां एक बड़ी घटना होती है। 28 जुलाई को पीड़ित अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ जा रही थी। रायबरेली में गलत दिशा से आए एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मारी। टक्कर ऐसी कि मौके पर ही मौसी और चाची की मौत हो गई। पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल हुए। दोनों को लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती करवाया गया। जिस ट्रक ने टक्कर मारी थी, उसके नंबर प्लेट पर कालिख लगी थी। ड्राइवर ट्रक छोड़कर भाग गया। इसलिए मामला और संवेदनशील हो गया। आरोप लगा कि कुलदीप सेंगर ने इन सबको खत्म करवाने के लिए यह किया। मामला सीबीआई के पास था, इसलिए तुरंत ही सीबीआई सक्रिय हो गई। जांच शुरू हुई तो पता चला कि जिस ट्रक से यह एक्सीडेंट हुआ है, वह फतेहपुर के देवेंद्र पाल की है। इसे ड्राइवर आशीष पाल चला रहा था। साथ में क्लीनर मोहन भी था। ये लोग बांदा से मौरंग लादकर रायबरेली में उतारकर वापस आ रहे थे। दो दिन के अंदर तीनों को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ शुरू हुई। कुलदीप का घर भी फतेहपुर में ही था, इसलिए कनेक्शन जोड़ा जाने लगा। देवेंद्र के परिजन बोले, हमारी कभी भी उनसे कोई मुलाकात नहीं हुई है। इस एक्सीडेंट के मामले में भी कुलदीप सेंगर और उसके भाई मनोज सेंगर को आरोपी बनाया गया। सीबीआई ने इस एक्सीडेंट के मामले की जांच की। कोर्ट में उन्होंने जो रिपोर्ट लगाई, उसमें भी इसमें एक्सीडेंट ही बताया। ये ट्रक एक साल पहले लिया गया था, दो किस्त इसकी बाउंस हो गई थी। रिकवरी एजेंट ट्रक रोककर उठा न ले जाए इसलिए ट्रक के नंबर को ढका गया था। हालांकि पीड़ित परिवार इसे साजिश करार देता रहा। सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप, केस दिल्ली ट्रांसफरइस ट्रक हादसे ने इस केस को देशव्यापी बना दिया। सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस पूरे मामले को उन्नाव से सीधे दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में शिफ्ट कर दिया। तुरंत ही आदेश दिया कि पीड़ित को दिल्ली में रहने की व्यवस्था की जाए और सीआरपीएफ की सुरक्षा दी जाए। कोर्ट के आदेश का पालन हुआ। उस वक्त तमाम संगठन भी मदद के लिए आगे आए और पीड़ित के परिवार को आर्थिक मदद की। चीफ जस्टिस के आदेश के बाद इस मामले की कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ी। 14 अगस्त, 2019 कुलदीप सेंगर समेत 9 लोगों के खिलाफ पीड़ित के पिता की मौत मामले में आरोप तय हो गया। 11 अक्तूबर, 2019 को पीड़ित की कार पर हुए हमले के मामले में भी चार्जशीट लगा दी। 16 दिसंबर को कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को पीड़ित के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। पीड़ित लड़की ने शादी की, मां से विवाद भी हुआइन फैसलों के बाद पीड़ित लड़की का जीवन स्थिर हुआ। उसे दिल्ली में दो कमरों का फ्लैट मिला। सीआरपीएफ की सुरक्षा मिली थी, वह आज भी बरकरार है। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पीड़ित की मां को विधानसभा का टिकट दिया, हालांकि वह अपनी जमानत नहीं बचा सकीं। दूसरी तरफ पीड़ित ने उन्नाव के ही एक लड़के से शादी कर ली। वह लड़का भी उसी फ्लैट में रहता है। आज से दो साल पहले पीड़ित का अपनी मां से पैसों को लेकर विवाद हो गया। पीड़ित के मुताबिक इस मामले में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा मिले थे, लेकिन मुझे कुछ भी नहीं दिया गया। सारा पैसा मां ने रख लिया। हालांकि बाद में दोनों के बीच ये मनमुटाव खत्म हुआ। 23 दिसंबर को जब कुलदीप सेंगर की सजा को दिल्ली हाईकोर्ट ने सस्पेंड की, तब पीड़ित के साथ उसकी मां भी इंडिया गेट के सामने धरने पर बैठी थीं। पीड़ित चाहती है कि जिसने मेरा जीवन बर्बाद किया उसे क्यों जमानत दी जा रही, वह बाहर आएगा तो मुझे और मेरे परिवार को मार देगा। ............ ये खबर भी पढ़ें... पूर्व भाजपा MLA को जमानत, पीड़िता बोली-ये मुझे मार देंगे:यूपी में रेपिस्ट कुलदीप सेंगर बाहर आ रहा, मेरे चाचा आज तक जेल में ही बंद ‘दिल्ली में निर्भया को मार दिया गया। हाथरस में पीड़िता को मार दिया गया। मैं बच गई, इसलिए मुझे जिंदा रहते हुए सजा दी जा रही। ये लोग मेरे परिवार और गवाहों को मार देंगे।’ ये शब्द उन्नाव रेप पीड़िता के हैं। इस मामले में दोषी भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने सेंगर की सजा को अपील पर सुनवाई पूरी होने तक सस्पेंड कर दिया। पढ़िए पूरी खबर...
हाल ही में हुई 2 घटनाएं याद कीजिए- 1. Wagon R का CNG सिलेंडर फटने से 5 की मौत। 2. एक्सप्रेस-वे पर 7 बसें और 3 कारों की टक्कर से 19 की मौत। प्रारंभिक जांच में कारों के CNG सिलेंडर फटने से आग लगी। हो सकता है इन कारों में जो CNG सिलेंडर लगे थे, उनकी टेस्टिंग में फर्जीवाड़ा किया हो। यानी CNG सिलेंडर को खोले बगैर और प्रॉपर टेस्ट किए बगैर ही उन्हें अगले 3 साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिया हो? क्योंकि, यूपी में ऐसा हो रहा है। एजेंसियां पैसा लेकर मोबाइल पर कारों के सिलेंडर देखकर उनके फिटनेस सर्टिफिकेट दे रही हैं। जब दैनिक भास्कर की टीम ने इन्वेस्टिगेशन किया तो ये बात सही साबित हो गई। पढ़िए, पूरा खुलासा… इन्वेस्टिगेशन के लिए हमने कानपुर शहर चुना, क्योंकि यह सीधे दिल्ली-नोएडा से जुड़ा है। यहां बगैर टेस्टिंग के CNG सिलेंडरों के फिटनेस सर्टिफिकेट देने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। हमने सबसे पहले कानपुर में CNG फिटनेस सेंटर्स की जानकारी जुटाई। यहां 3 एजेंसियां हैं, जिन्हें सरकार ने गाड़ियों के CNG फिटनेस करने के अधिकार दिए हैं। ये हैं वे 3 एजेंसी हमने बारी-बारी से तीनों एजेंसियों की हकीकत जानने की प्लानिंग की। इसके लिए एक ऐसी कार का इंतजाम किया, जिसके CNG सिलेंडर के फिटनेस सर्टिफिकेट को एक्सपॉयर हुए 6 महीने बीत चुके थे। इस कार और इसके डॉक्यूमेंट लेकर हम सबसे पहले कानपुर के फजलगंज स्थित पांडेय मोटर्स पर पहुंचे। ये गो ऑन ग्रीन कंपनी से जुड़े हैं। यहां हमें शैलेंद्र पांडेय मिले। यहां हमने ये जानने की कोशिश की कि गाड़ी का CNG सिलेंडर खोले बगैर फिटनेस सर्टिफिकेट बनाया जाता है या नहीं? रिपोर्टर: भैया गाड़ी की CNG फिटनेस करानी है… एक्सपॉयर हो चुकी है? शैलेंद्र पांडेय: सिलेंडर खोलें या न खोलें…? (जबकि नियमानुसार सिलेंडर खोलकर उसका हाइड्रोस्टेटिक टेस्ट अनिवार्य है, नहीं खोलने का सवाल ही खड़ा नहीं होता) रिपोर्टर: नहीं, इतना टाइम नहीं है… बस टेस्टिंग रिपोर्ट बन जाए…। शैलेंद्र पांडेय: ठीक है बन जाएगी… यह कंपनी फिटिंग है… इसलिए कोई दिक्कत नहीं है… बाहर से किट लगी होती तो टेस्ट करा सकते थे…। रिपोर्टर: क्या करना होगा…? कितना टाइम लगेगा…? शैलेंद्र पांडेय: बस 10 मिनट…। रिपोर्टर: ठीक है… बना दीजिए…। शैलेंद्र पांडेय ने CNG सिलेंडर और कार के 4-5 फोटो लिए, फिर हमसे गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) लिया। रिपोर्टर: बिना टेस्ट कराए ही करा रहे हैं… कोई दिक्कत तो नहीं होगी…? शैलेंद्र पांडेय: नहीं… सर्टिफिकेट के साथ आपको एक स्टील प्लेट देंगे… कोई मांगता है तो दिखा दीजिएगा…। रिपोर्टर: CNG नोजल के पास प्लेट लगाना नहीं पड़ेगा…? शैलेंद्र पांडेय: नहीं… इसमें लगाने की जगह नहीं है…। रिपोर्टर: कोई बता रहा था… सिलेंडर में ऑयल और गंदगी जमा हो जाती… दिक्कत तो नहीं होगी… बोलिए तो सिलेंडर खुलवा दें…? शैलेंद्र पांडेय: इसलिए हमने आपसे पहले ही पूछा- कंपनी फिटिंग है या बाहर की… बाहर की होती तो मैं आपको चेक कराने को बोलता भी… कंपनी फिटिंग में कोई दिक्कत नहीं है…। रिपोर्टर: दिल्ली-NCR में गाड़ी चलाने पर कोई दिक्कत तो नहीं होगी…? शैलेंद्र पांडेय: कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी… यह आपस की बात है… इसलिए बिना टेस्टिंग के कर दे रहे हैं… दूसरों को इतना नहीं समझाते…। रिपोर्टर: मेरा एक्सपॉयर ओवर तो नहीं हो गया है…? शैलेंद्र पांडेय: अभी 6 महीने पहले ही एक्सपॉयर हुआ है… इससे कोई दिक्कत नहीं है…। रिपोर्टर: नया सर्टिफिकेट कब से वैलिड होगा…? शैलेंद्र पांडेय: आज से… जैसे इंश्योरेंस होता… उसी तरह इसकी भी एक्सपायरी होती है… जिस दिन हुआ… उस दिन से मान्य होगा…। रिपोर्टर: बस दिक्कत यह है कि बाहर बहुत जाते हैं गाड़ी लेकर… कोई दिक्कत न हो। शैलेंद्र पांडेय: कोई दिक्कत नहीं होगी… RTO में कोई काम तो नहीं हो रहा गाड़ी का…? रिपोर्टर: नहीं, कोई काम नहीं हो रहा…। शैलेंद्र पांडेय: फिर तो बस आप 300 रुपए की प्लेट बनवा लेंगे… उससे भी काम चल जाएगा…। रिपोर्टर: क्या करना होगा…? कोई दिक्कत तो नहीं होगी सिलेंडर में…? शैलेंद्र पांडेय: इसमें कुछ भी नहीं करना है… हम आपको अभी पेपर बनाकर देंगे और एक प्लेट देंगे…। रिपोर्टर: गाड़ी लोन पर चल रही है… एक साल बाद खत्म होगा…। शैलेंद्र पांडेय: तब की तब देखी जाएगी… तब मेरे पास चले आना… आपसे कुछ पैसा लेंगे… उसका सर्टिफिकेट भी बनाकर दे देंगे… कुछ पैसा लेंगे बस… बहुत नहीं लेंगे। रिपोर्टर: …तो अभी बना दीजिए… उसका भी। शैलेंद्र पांडेय: अरे भैया… हर चीज की वैधता होती है… पाइप लाइन की 3 महीना होती है… अभी बनवाकर क्या करेंगे…? 3 महीने में एक्सपॉयर हो जाएगा…। रिपोर्टर: …तो क्या जिनके पास गाड़ी है… वो हर तीन महीने पर कराते हैं? शैलेंद्र पांडेय: यह सब शुरुआत में होता है… बाद में कोई नहीं कराता... कोई नहीं चेक करता। रिपोर्टर: RTO को भी पैसा जाता है क्या इसका…? शैलेंद्र पांडेय: सच बता रहे हैं… हम लोग सिर्फ पैसा देकर यह सब करा देते हैं… पहले 150 लेते थे… फिर 300 लेने लगे… अब अपना 400 लेते हैं…। रिपोर्टर: हम लोगों से कितना लेंगे…? शैलेंद्र पांडेय: अरे… यहां आपसे पैसे की कोई बात नहीं है… ज्यादा नहीं लेंगे…। रिपोर्टर: फिर भी कितना लेंगे…? शैलेंद्र पांडेय: अरे… 100-150 रुपए लेंगे… अपना, बाकी जो देना है… वहां (RTO में) वो लेंगे…। रिपोर्टर: टोटल कितना लगेगा…? शैलेंद्र पांडेय: 1000 रुपए लेंगे आपसे… कंपनी फिटिंग का 1400 रुपया लेते हैं… हम क्या सभी इतना ही लेते हैं… आपसे बात हुई है… इसलिए 1000 रुपए ही लेंगे…। रिपोर्टर: जिसकी एजेंसी है वो कमाता होगा…? शैलेंद्र पांडेय: हां वो लेता है एक्स्ट्रा पैसा… 1400 रुपए हम लोग लेते हैं… 900 रुपए उसको देते हैं… 500 रुपए हमें बच जाता है… आपसे हम बस 100 रुपए लेंगे… इसलिए आपको 1000 रुपए बताए… इसमें 100 रुपए हमारा बनेगा…। रिपोर्टर: ठीक है बना दीजिए…। शैलेंद्र पांडेय: ठीक है… अभी बना देंगे… कल सुबह आकर ले लीजिएगा…। रिपोर्टर: आज दे दीजिए… आज ही रात में दिल्ली निकलना है…। शैलेंद्र पांडेय: अच्छा… अभी कहां जा रहे हैं…? रिपोर्टर: अभी यहीं पास में कुछ काम है…। शैलेंद्र पांडेय: ठीक है… आधे घंटे बाद आइए… ले लीजिएगा…। गो ऑन ग्रीन कंपनी का सर्टिफिकेट दे दियाइसके बाद हमने शैलेंद्र पांडेय को 1000 रुपए ऑनलाइन पेमेंट किया। आधे घंटे बाद एक लड़का साइकिल से CNG फिटनेस सर्टिफिकेट और स्टील का टोकन लेकर आया। ये शैलेंद्र ने हमें दिया। ये सर्टिफिकेट गो ऑन ग्रीन कंपनी का था। अब बगैर कार के फिटनेस सर्टिफिकेटकार ले जाकर CNG सिलेंडर खोले बगैर तो हमने फिटनेस बनवा लिया। अब हमारे सामने सवाल था कि क्या ये काम कार ले जाए बगैर ही कराया जा सकता है? इसके जवाब के लिए हम कानपुर RTO ऑफिस के बाहर पहुंचे। यहां हमें दलाल राज सिंह मिला। इससे हमने 2 तरह की बातें कीं। पहली- कार नहीं लाए हैं। दूसरी- गो ऑन ग्रीन कंपनी के अलावा बाकी 2 अन्य कंपनी में किसी एक का सर्टिफिकेट बनवाना है। रिपोर्टर: भाई CNG फिटनेस बनवाना है… गाड़ी का…। दलाल राज सिंह: हां… हो जाएगा…। रिपोर्टर: …लेकिन गाड़ी यहां नहीं है… गाड़ी दिल्ली में है…। दलाल राज सिंह: सिलेंडर और गाड़ी के फोटो के साथ पेपर मंगा लीजिए… हो जाएगा। रिपोर्टर: हां… वो तो है मेरे पास… सब। दलाल राज सिंह: फिर हो जाएगा…। रिपोर्टर: कितना पैसा लग जाएगा…? दलाल राज सिंह: 1200 रुपए लगेंगे…। रिपोर्टर: तुरंत बन जाएगा न…? दलाल राज सिंह: हां, सिलेंडर की सफाई तो होनी नहीं है…। रिपोर्टर: नहीं, सिलेंडर में कोई दिक्कत नहीं है… बस पेपर न होने से दिक्कत करते हैं दिल्ली में…। दलाल राज सिंह: सिर्फ पेपर बनवाने का चार्ज अलग है… सफाई का चार्ज अलग है…। रिपोर्टर: किस कंपनी से कराएंगे…? दलाल राज सिंह: गो ऑन ग्रीन से होगा…। रिपोर्टर: गो ऑन ग्रीन से नहीं कराना है… उसका ऑनलाइन दिखता नहीं है… इसलिए फर्जी मान लेते हैं सब… और किसी से करा दीजिए…। दलाल राज सिंह: ठीक है… और किसी से करा देंगे…। रिपोर्टर: पैसा देख लीजिए… कुछ कम करा दीजिए…? दलाल राज सिंह: कागज तो अभी मिल जाएगा… लेकिन उसका स्टील प्लेट कल मिल पाएगा…। रिपोर्टर: शाम तक दे दीजिए…। दलाल राज सिंह: शाम तक नहीं मिल पाएगा… सुबह ही मिलेगा… 2 बजे के पहले आए होते तो आज ही मिल जाता…। रिपोर्टर: कितना पैसा लगेगा…? दलाल राज सिंह: 1200 रुपए दे दीजिएगा… सिलेंडर की सफाई कराएंगे तो उसका 400 रुपए अलग से देना होगा… टोटल 1600 रुपए लगेगा…। रिपोर्टर: अभी तो आपने 1200 रुपए बताया था…? दलाल राज सिंह: पेपर बनाने का 1200 रुपया लगेगा… 400 रुपए सफाई का है… जब सफाई करानी होगी तो वही पेपर दिखाकर सिलेंडर की सफाई हो जाएगी…। रिपोर्टर: अरे… जब सफाई करानी होगी… तब देखा जाएगा… अभी सिर्फ पेपर ही चाहिए… गैस डलवाने में दिक्कत हो रही है…। दलाल राज सिंह: यह आप समझो… हमें क्या… आप जैसे बोलोगे… वैसे करा देंगे। रिपोर्टर: अभी बस पेपर और स्टील प्लेट मिल जाए बनकर…। दलाल राज सिंह: हो जाएगा… आप 1100 रुपया दे दीजिएगा…। रिपोर्टर: भैया… पेपर में क्या-क्या देना होगा…? दलाल राज सिंह: गाड़ी की फोटो, RC और सिलेंडर नंबर की फोटो लगेगी…। रिपोर्टर: ठीक है… अभी दे देते हैं… कुछ एडवांस पैसे दे देते हैं… बाकी कल दे देंगे…। दलाल राज सिंह: ठीक है… दे दीजिए…। रिपोर्टर: अच्छा ये बताइए.. किस कंपनी का होगा… गो ऑन ग्रीन का नहीं कराना है…। दलाल राज सिंह: (साइड में जाकर किसी से फोन पर बात करने के बाद) FMS प्रोजेक्ट कंपनी का हो जाएगा…। रिपोर्टर: आपको मैंने पेपर भेज दिया फोन पर… अब बताइए और क्या लगेगा…? दलाल राज सिंह: ठीक है जाइए… कल आइएगा… इसके अलावा कुछ और लगेगा तो फोन कर दूंगा आपको…। FMS प्रोजेक्ट कंपनी का फिटनेस पेपर दे दियाअगले दिन सुबह दलाल राज सिंह ने वॉट्सऐप पर बारकोड भेजकर पेमेंट मांगा। हमने 1100 रुपए ट्रांसफर किए। कुछ देर बाद उसका फोन आया, कहा- पेपर बनकर आ गए हैं, ले जाइए। हम दलाल राज सिंह के पास पहुंचे। उसने FMS प्रोजेक्ट कंपनी का CNG फिटनेस सर्टिफिकेट और स्टील प्लेट दी। जिस पर गाड़ी, CNG सिलेंडर की फोटो प्रिंट थी। पेपर की वैधता 3 साल यानी 2028 तक की है। तीसरी कंपनी भी फर्जी तरीके से दे रही सर्टिफिकेटअब हमारे सामने सवाल था कि क्या कानपुर की तीसरी कंपनी भी फर्जी तरीके से CNG फिटनेस सर्टिफिकेट बनाकर दे रही? यह जानने के लिए हमने कानपुर RTO ऑफिस के बाहर बैठने वाले दलाल चंदन द्विवेदी से संपर्क किया। चंदन तीसरी कंपनी स्वास्तिक CNG गैस ऑटो सर्विस का सर्टिफिकेट बनाकर देने को तैयार हो गया। रिपोर्टर: कार का CNG टेस्टिंग सर्टिफिकेट बनवाना है… बन जाएगा क्या…? दलाल चंदन द्विवेदी: किस गाड़ी का है…? रिपोर्टर: Wagon R है… कितना खर्च आएगा…? लेकिन गाड़ी यहां नहीं है…? दलाल चंदन द्विवेदी: रुकिए… बात करके बताता हूं…। रिपोर्टर: क्या-क्या पेपर लगेंगे… और कितना पैसा लगेगा…? दलाल चंदन द्विवेदी: कब एक्सपायर हुआ है… गाड़ी कब की है…? रिपोर्टर: अभी 3 महीने पहले खत्म हुआ है… गाड़ी 4 साल पुरानी है…। दलाल चंदन द्विवेदी: (किसी से फोन पर बात करने के बाद) 1500 रुपया लगेगा…। रिपोर्टर: पेपर में क्या-क्या देना होगा…? दलाल चंदन द्विवेदी: फोन लग नहीं रहा है… कुछ देर रुकिए… अभी सब बताता हूं…। करीब 10 मिनट बाद… दलाल चंदन द्विवेदी: हां, भैया… 1500 रुपया लगेगा…। रिपोर्टर: किस कंपनी से कराएंगे… यह कंफर्म कीजिए…? दलाल चंदन द्विवेदी: किसी भी कंपनी से करा देंगे… उसमें क्या…? रिपोर्टर: गो ग्रीन या FMS से नहीं कराना है… किसी और से कराइए…। दलाल चंदन द्विवेदी: जिस कंपनी से बोलेंगे… उससे हो जाएगा…। रिपोर्टर: लेकिन समस्या यह है कि गाड़ी दिल्ली में है… फिर कैसे होगा…? दलाल चंदन द्विवेदी: आप मुझे बस गाड़ी की RC दे दो… गाड़ी की फोटो और CNG सिलेंडर की फोटो दे दीजिए… हो जाएगा…। रिपोर्टर: आप यहीं मिलोगे न… आप अपना नंबर दे दो… मैं फोन करके आऊंगा…। दलाल चंदन द्विवेदी: नंबर नोट कर लो… आप पेपर, फोटो और पैसा भेज देना… मैं बनवा दूंगा…। अब जानिए, क्या है CNG फिटनेस का सही तरीका?PESO (पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्ज सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन) और CMVR (सेंट्रल मोटर व्हीकल रुल्स) ने गाड़ियों में लगे CNG सिलेंडरों में विस्फोट न हो, इसके लिए कुछ नियम अनिवार्य किए हैं। इसके तहत हर 3 साल में CNG सिलेंडर का हाइड्रो-स्टेटिक टेस्ट अनिवार्य है। इसमें गाड़ी में से CNG सिलेंडर को निकाला जाता है। फिर तय क्षमता 250 Kg प्रति वर्ग सेमी से डेढ़ गुना ज्यादा प्रेशर देकर यह देखा जाता है कि सिलेंडर में कोई लीकेज तो नहीं। अगर लीकेज मिला तो सिलेंडर रिजेक्ट कर दिया जाता है। क्योंकि, CNG भरने पर लीकेज बड़ा हो जाएगा और सिलेंडर फट सकता है। अगर लीकेज नहीं है तो फिर जंग, डेंट, वेल्डिंग और वॉल्व की हालत चेक करते हैं। अगर सभी ठीक हैं, तब अगले 3 साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। इस टेस्टिंग के लिए एजेंसियां नियुक्त की गई है। अब ये एजेंसियां ही बगैर टेस्टिंग के सर्टिफिकेट जारी कर रही हैं। CNG पंप पर इस सर्टिफिकेट के बगैर CNG नहीं डाली जाती। अब जानिए, उल्लंघन पर क्या कहता है कानून?सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आयुष शुक्ला ने बताया- किसी भी तरह के फर्जी कागजात बनाना गंभीर अपराध है। इसके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) और नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत कई धाराएं (जैसे IPC 465, 467, 471; BNS 335, 336) हैं। जिनमें धोखा देने या नुकसान पहुंचाने के इरादे से झूठे दस्तावेज बनाना शामिल है। डीएम बोले- जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करेंगेDM कानपुर जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा- फिलहाल ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है, लेकिन अगर बिना जांच किए गाड़ियों का CNG फिटनेस हो रहा है तो यह बेहद गंभीर विषय है। RTO ने कहा- संबंधित विभागों को पत्र लिखेंगेकानपुर RTO राजेंद्र सिंह ने कहा- CNG गाड़ियों और उनके पेपर की जांच तो RTO डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी है। लेकिन CNG हाइड्रा टेस्टिंग एजेंसियों के जांच की जिम्मेदारी अन्य विभागों की है। CNG टेस्टिंग एजेंसियां मौन, जवाब देने को तैयार नहींगो ऑन ग्रीन के मैनेजर अनुज ने कहा- हम इस पर कुछ नहीं बोल सकते। ऐसा नहीं हो सकता कि बिना टेस्ट किए सर्टिफिकेट बन जाए। स्वास्तिक CNG टेस्टिंग के मैनेजर सुमित से बात की तो उन्होंने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया। FMS प्रोजेक्ट के मालिक और मैनेजर से संपर्क नहीं हो सका। ----------------------- ये खबर भी पढ़ें... चायपत्ती का रंग चढ़ाकर बना रहे देसी अंडे, यूपी में ठगी के नए तरीके का पहली बार कैमरे पर खुलासा गर्म पानी में 10 रुपए की चायपत्ती और 2 रुपए का कत्था मिलाइए… 210 रुपए के 30 हैदराबादी सफेद अंडे गर्म पानी में डालो और तत्काल निकाल लो… अब ये अंडे हल्के ब्राउन हो गए हैं… इस कलर को पक्का करने के लिए 10 रुपए का सरसों का तेल कपड़े पर लेकर अंडों पर मल दें… केवल 40 रुपए खर्च करके 210 रुपए के 30 अंडे अब 500 रुपए में बेचकर 250 रुपए का मुनाफा कमा लीजिए। आजकल उत्तर प्रदेश में ठगी का ये नया तरीका भी निकाल लिया गया है। यह गिरोह पोल्ट्री फॉर्म के सफेद अंडों को कलर करने के बाद देसी बताकर दोगुना कीमत पर बेच रहा। सर्दी से बचने, क्रिसमस मनाने और सेहत बनाने के लिए देसी अंडों की डिमांड खूब है। इसका फायदा उठाकर मार्केट में नकली देसी अंडे बेचे जा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर
50 पैसे किलो बिक रहा था गन्ना, किसान बोला- आग लगा दूंगा, लेकिन कम दाम में नहीं बेचूंगा। पत्नी ने कहा- आग लगाने से पहले थोड़ा गन्ना निकाल लेना, सिरका बनाना है। ‘भाग्यवान’ के जुगाड़ ने ‘भाग्य’ खोल दिया। सड़क किनारे से शुरू हुआ बिजनेस एक करोड़ के टर्नओवर तक पहुंच गया और मुनाफा 45 लाख से ऊपर… 1980, बस्ती का केशवपुर। सभापति शुक्ला का परिवार गांव के संपन्न घरों में गिना जाता था। दो भाई सरकारी नौकरी में थे, इसलिए जिम्मेदारियों का बोझ बंटा हुआ था। बस सभापति के काम-धंधे का जुगाड़ कुछ सेट नहीं हो रहा था। घाट-घाट से पानी भरने के बाद सभापति ठेकेदारी करने लगे। किस्मत का सिक्का चल निकला, काम जम गया। आसपास के इलाकों में पहचान बनने लगी। काम बढ़ा तो पैसे भी आने लगे। सभापति की हालत सुधरने लगी थी। फिर जिंदगी ने अचानक करवट ली। एक दिन वे काम के सिलसिले में घर से निकले और रात तक वापस नहीं आए। खबर मिली कि रास्ते में उनका भयानक एक्सीडेंट हो गया है। शरीर का पिछला हिस्सा बुरी तरह छिल चुका था। इलाज लंबा और तकलीफदेह था। कई महीनों तक पीठ के बल सो भी नहीं पाए। मजबूरी में पेट के बल सोना पड़ता था। रात में नींद के दौरान करवट बदली तो कपड़े घाव से चिपक जाते। उसे हटाने की कोशिश में ऐसा भीषण दर्द उठता कि जान ही निकल जाए। समय बीता, जख्म भर गए, शरीर ने साथ देना शुरू कर दिया। लेकिन जिंदगी वहां से आगे नहीं बढ़ी, जहां रुकी थी। उनका पूरा धंधा बिखर चुका था। ठेकेदारी हाथ से निकल गई थी। जिन लोगों के सहारे काम चलता था, वो संपर्क भी टूट चुके थे। घर की जिम्मेदारियां कम होने के बजाय और बढ़ गई थीं। बच्चे बड़े हो रहे थे, उनकी पढ़ाई और भविष्य की चिंता सिर उठाने लगी थी। जिंदगी उन्हें फिर उसी मोड़ पर ले आई थी, जहां से बाहर आने में कई साल लगे थे। उस शाम सभापति बहुत उदास बैठे थे, दिन ढल चुका था। उन्होंने चुपचाप खाना खाया और बिस्तर पर जाकर लेट गए। मन में चल रही उथल-पुथल चेहरे से साफ झलक रही थी। पत्नी शकुंतला लोटे में पानी लेकर आईं और उनके पास बैठ गईं। धीरे से पूछा- “क्या हुआ, मुंह क्यों लटका है?” सभापति ने भारी आवाज में कहा- “जो कुछ जमा-बचत थी, सब दवाई में चली गई… और इस शरीर के साथ अब ठेकेदारी भी नहीं होगी। समझ नहीं आ रहा नइया कैसे पार होगी।” शकुंतला कुछ देर चुप रहीं। फिर शांत आवाज में बोलीं- “रामजी ने कुछ तो सोचा ही होगा। जब वो सोचेंगे तो कुछ अच्छा ही होगा।” कमरे में कुछ देर तक खामोशी पसरी रही। फिर सभापति बोले- “खेतीबाड़ी ही देखी जाए क्या… गन्ना तो खूब होता है अपनी तरफ।” पत्नी ने बस इतना कहा- “भगवान का नाम लेकर शुरू कीजिए, जो होगा देखा जाएगा।” पत्नी की इस बात ने सभापति को हौसला मिला। साल था 1984, सभापति ने गन्ने की खेती शुरू कर दी। खूब मेहनत की, मजदूरों के साथ खुद भी जुटे रहे। फसल बेचने का वक्त आया तो निराशा हाथ लगती। लागत के हिसाब से मुनाफा बहुत कम था। मेहनत, वक्त और उम्मीद सब जैसे मिट्टी हो मालूम होता था। एक दिन सभापति बाजार से घर लौटे। गमछा एक तरफ फेंकते हुए बोले- पचास रुपए क्विंटल गन्ना खरीद रहे हैं। मैं नहीं बेचूंगा। शकुंतला चूल्हे पर खाना बना रही थीं। उन्होंने पलटकर देखा और बोलीं- बेचेंगे नहीं तो क्या करेंगे? सभापति- मेहनत की कोई कीमत ही नहीं रह गई। बीज, खाद, पानी सब महंगा और दाम कौड़ियों के। शकुंतला- गुस्से से पेट नहीं भरता। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, घर के खर्चे सब कैसे चलेगा। इस बार बेच दो, अगली बार से कुछ और सोचेंगे। सभापति ने जवाब नहीं दिया। उनका चेहरा तना हुआ था। वो बिना कुछ बोले बाहर चले गए। शकुंतला बुदबुदाईं- किसान होना ही सबसे बड़ी सजा है। सभापति शाम को घर लौटे। चुपचाप आकर आंगन में बैठ गए। शकुंतला पानी लेकर आईं और बैठ गईं। सभापति ने लोटे से पानी पीया, लेकिन नजरें जमीन में गड़ी थीं। शकुंतला धीरे से बोलीं- गुस्सा न हों तो एक बात कहें। सभापति ने कोई जवाब नहीं दिया। आपकी बात सही है। इतनी मेहनत का इतना दाम तो मजाक है, लेकिन इतना गन्ना घर में रखकर क्या करेंगे? सभापति भड़क गए- तो क्या औने-पौने में बेच दूं? महीनों खेत में खपाया है खुद को। शकुंतला बोली- मैं ये नहीं कह रही हूं। बस रास्ता सोच रही हूं। सभापति ने कहा- गन्ना धूप में सुखाकर घर में रखेंगे और ठंड में अलाव तापेंगे। शकुंतला चुप हो गईं। उनकी आंखें भर आई थीं- अलाव तापेंगे तो पेट कैसे भरेगा? बच्चों की पढ़ाई-लिखाई… सभापति सिर पकड़कर बैठ गए, बोले- सब पता है लेकिन इस दाम पर बेचकर क्या मिलेगा? शकुंतला बोलीं- फसल जला दी तब तो कुछ भी नहीं बचेगा। सभापति की आवाज भारी हो गई- तो क्या करें शकुंतला? किसान होना ही गुनाह हो गया है। सभापति ने आंगन की तरफ देखा, जहां गन्ने के ढेर लगे थे। आंखों में नमी थी और आवाज में थकान- इतनी मेहनत का ये अंजाम होगा, कभी सोचा नहीं था। पत्नी और बच्चों का मुंह देखकर सभापति शुक्ला ने एक बार फिर हिम्मत जुटाई। गन्ना बेचने के बजाय उसके रस से गुड़ बनाने का सोचा। जो कुछ भी पूंजी बची थी, उसे लगाकर गुड़ की भट्ठी लगाई। खेत से गन्ने की कटाई होती। गन्नों को छीलकर कोल्हू में डाला जाता। जैसे ही कोल्हू घूमता, हरे रंग का रस नीचे रखे बर्तनों में इकट्ठा होने लगता। उस रस को देखकर सभापति को थोड़ी उम्मीद बंध रही थी। लेकिन रस से गुड़ बनने तक का सफर आसान नहीं था। पहले रस साफ करके बड़ी-सी कढ़ाही में धीमी आंच पर चढ़ाया जाता। धीरे-धीरे उबाल आने लगता और मैल ऊपर आकर जमने लगता। उसे छन्ने से लगातार निकाला जाता। घंटों की मेहनत के बाद रस कुछ चाशनी जैसा बनने लगता। सही गाढ़ापन आने पर कढ़ाही को उतार लिया जाता। थोड़ा ठंडा होने पर कलछी से फेंटा जाता, तब जाकर कहीं रस से गुड़ बन पाता। उस पल सभापति को लगता कि शायद ये रास्ता उन्हें मुश्किलों से बाहर निकाल लेगा। इतनी मेहनत के बावजूद तकदीर का पहिया नहीं घूमा। आसपास के इलाकों में पहले से ही कई लोग गुड़ बना रहे थे। उनका तरीका भी वही था। बाजार में ग्राहक पुराने भरोसेमंद लोगों के पास ही जाते थे। नया होने के कारण सभापति को खरीदार नहीं मिलते थे। खेतीबाड़ी की बदौलत ही किसी तरह घर चल रहा था। शकुंतला अपने पति के साथ जिम्मेदारियों का बोझ बराबर से उठा रही थीं। साल 2001 की बात है। एक दिन शकुंतला बोलीं- मुझे गन्ने का रस चाहिए, एक काम है। सभापति ने सवाल किया- कौन-सा काम? शकुंतला- सिरका बनाऊंगी… सभापति कुछ पल चुप रहे, फिर बोले- सिरका बनाकर क्या करोगी? शकुंतला बोली- अरे, घर में काम आएगा। अचार में डालते हैं, सत्तू के साथ खाया जाएगा। सभापति ने माथा खुजाते हुए कहा- कितना लाऊं?\पचास किलो… सभापति हंस पड़े- पचास किलो में क्या होगा? शकुंतला- पचास किलो नहीं और ज्यादा लाइएगा…। ये सुनकर सभापति को हैरानी तो हुई, लेकिन पत्नी के लहजे ने उन्हें कुछ कहने से रोक दिया। अगले ही दिन सभापति गन्ने का 70-80 किलो रस लेकर घर पहुंचे। शकुंतला ने बड़ा सा ड्रम धो-पोंछकर तैयार कर लिया था। सारा का सारा रस उसी में उड़ेल दिया गया। शकुंतला पूरे मन से काम में जुट गईं। सिरका बनाना उनके लिए कोई नया प्रयोग नहीं था। ये उन्होंने अपनी मां से सीखा था। रस को संभालकर रखा गया, दिन के साथ महीने गुजरते गए। समय के साथ रस का रंग, स्वाद और गंध बदलने लगा। रस सिरके में बदल रहा था। करीब 5 महीने बाद सिरका तैयार था। अब एक नया सवाल सामने था। इतना सिरका आखिर किया क्या जाए? शकुंतला ने सहजता से कहा- “थोड़ा घर में रख लेते हैं और कुछ आस-पड़ोस में दे देते हैं।” सभापति कुछ बोतलें लेकर आसपास के लोगों में बांट आए। लोगों ने चखा, स्वाद की तारीफ हुई। किसी ने कहा “सिरका बढ़िया बना है”, तो कोई बोला “बाजार वाले सिरके से अच्छा है।” कुछ लोगों ने ताने भी मारे। लोग कहते- “कोई काम इसके बस का नहीं है। ठेकेदारी कर ली, खेती कर ली, गुड़ बना लिया, अब सिरका बेचेंगे…” गांव के आदमी तो एक तरफ औरतें भी पीछे नहीं थीं। कहतीं- “सिरका कौन खरीदेगा। सबके घर में लीटर-दो लीटर निकल आएगा।” बात भी सही थी। गांव में लोग घरेलू इस्तेमाल के लिए सिरका खुद ही बना लेते हैं। फिर भी सभापति चुपचाप सब सुन लेते। रास्ता साफ नहीं था, लेकिन भीतर कहीं उम्मीद फिर से सिर उठा रही थी। ये एक छोटी शुरुआत थी, जिसे उस वक्त कोई बड़ी कामयाबी नहीं मान रहा था। शकुंतला उदास हो गईं, बोलीं- लोग रोज ताने मारते हैं। कहते हैं अब ब्राह्मण घर-घर जाकर सिरका बेचेगा। सभापति ने शांत आवाज में कहा- लोग तो कहते रहेंगे। कुछ नहीं करेंगे, तब भी कहेंगे। घर में पूरा करने कोई नहीं आएगा। शकुंतला की आंखें भर आईं। कुछ देर चुप्पी रही। फिर सभापति बोले- कुछ बोतलें फैजाबाद वाले अजय वैद्य की दुकान रखवा देता हूं। अगले दिन सभापति फैजाबाद पहुंच गए। अजय वैद्य ने उन्हें देखते ही पूछा- कहिए शुक्ला जी, क्या लाए हैं? सभापति ने बोतल आगे बढ़ाई, बोले- बेचने नहीं, चखाने के लिए लाया हूं। अजय ने बोतल खोली तो सिरके की खुशबू दुकान में फैल गई। उन्होंने थोड़ा-सा सिरका साथ में लेकर चखा। कुछ पल चुप रहे, फिर बोले- ऐसा सिरका मैंने बहुत सालों बाद चखा है। एकदम देसी स्वाद है। बाजार में सब केमिकल वाला सिरका बिक रहा है। सभापति ध्यान से सुन रहे थे। अजय बोले- इसी काम में आ जाओ। ईमानदारी से करोगे तो बहुत आगे जाओगे। सभापति की हिम्मत मजबूत हुई। कुछ बोतलें बिना दाम तय किए वहीं दुकान पर रख दीं। इस उम्मीद में कि सैंपल माल बिके तो आगे की तैयारी की जाए। कुछ ही दिनों में सारी बोतलें बिक गईं। ये उनके लिए अच्छा संकेत था। शायद आगे का रास्ता यहीं से निकलने वाला था। सभापति शुक्ला गांव के पास बस्ती-लखनऊ रोड पर तखत लगाकर सिरका बेचने लगे। रोज सुबह बोतलें सजाकर बैठ जाते। शुरुआत में बहुत कम ग्राहक आते थे। कई बार तो पूरा दिन गुजर जाता और एक भी बोतल नहीं बिकती। उस वक्त मन में डर उठता कि कहीं फिर से कोई गलत फैसला तो नहीं ले लिया। धीरे-धीरे लोग रुकने लगे। कोई चखकर देखता, कोई बनाने का तरीका जानना चाहता। बोतलें बिकने लगीं। आसपास के गांव में फेरी लगाने वाले भी सिरका लेने लगे। लेकिन, नेचुरल प्रोसेस से बिना केमिकल इस्तेमाल किए सिरका बनने में काफी वक्त लगता है। सभापति ने एक बात अपने मन में पक्की कर ली थी कि स्वाद और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करेंगे। इसी सोच के साथ हर बैच में वही मेहनत जारी रही। साल 2002-03 में अगली खेप के लिए सभापति ने चार क्विंटल गन्ने का रस कुछ ड्रमों में भरवा दिया। पत्नी शकुंतला इसकी देख-रेख करती रहीं। धीरे-धीरे पड़ोसी जिलों के दुकानदारों ने भी अपने काउंटर पर सिरका रखना शुरू कर दिया। कमाई बहुत ज्यादा नहीं थी, लेकिन घर का खर्च चल रहा था। उस समय यही बहुत था। कुछ दिनों बाद सभापति ने सरकार से फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग ली। वहां उन्हें बताया गया कि टैबलेट और केमिकल डालकर सिरका जल्दी तैयार किया जा सकता है। उन्होंने वो तरीका अपनाकर देखा। सिरका तो जल्दी बन गया, लेकिन कुछ ही दिनों में खराब भी होने लगा। कई बार पूरा बैच फेंकना पड़ा। उन्हें समझ में आया कि जल्दी का रास्ता लंबे समय तक साथ नहीं देता। इसके बाद उन्होंने दोबारा वही तरीका अपनाया जो पत्नी शकुंतला ने अपनी मां से सीखा था। वही देसी तरीका, वही लंबा वक्त लेने वाला प्रोसेस। गन्ने का ताजा रस बिना उबाले, बिना कोई केमिकल के ड्रमों में भरकर छोड़ दिया जाता। कुछ दिनों में रस सड़ने लगता, फरमेंटेशन शुरू हो जाता। फिर रंग बदलता और मिठास खट्टेपन में बदलने लगती। करीब पांच महीने में रस पूरी तरह सिरके में बदल जाता। इसके बाद कहीं बोतलों में भरकर बिक्री होती। इसी लंबे और नेचुरल प्रोसेस की वजह से सभापति शुक्ला के सिरके की मांग बढ़ने लगी। जहां कभी दो-चार सौ रुपए की बिक्री भी बड़ी बात लगती थी, वहां हजारों के हिसाब से कमाई होने लगी। समय के साथ काम बढ़ता गया। आज सभापति शुक्ला सालाना एक करोड़ रुपए से ऊपर का कारोबार करते हैं। इसमें 40 से 45 लाख रुपए शुद्ध मुनाफा होता है। बस्ती-लखनऊ रोड अब नेशनल हाईवे- 28 हो गया है। हाईवे किनारे शुक्ला जी की दुकान पर रोजाना करीब 60 हजार रुपए की बिक्री होती है और 12-15 हजार रुपए की ऑनलाइन बिक्री। शुक्ला जी ने चार क्विंटल गन्ने से सिरका बनाने की शुरुआत की थी। आज करीब 4 हजार क्विंटल गन्ना खरीदते हैं। उसका रस निकालकर सिरका बनाते हैं। इतना ही नहीं वे अंगूर, सेब और जामुन से भी सिरका बनाते हैं। इसके अलावा 60 तरह के अन्य प्रोडक्ट भी बनाते हैं। देश के कई बड़े शहरों तक उनका सिरका पहुंचता है। सभापति शुक्ला की कहानी जुगाड़ से निकले बिजनेस की कहानी नहीं है। ये उस जिद की कहानी है जो हालातों से हार मानने से इनकार कर देती है। ये उस भरोसे की कहानी है जो पत्नी के एक छोटे से सुझाव से जन्म लेता है और मेहनत के साथ एक बड़े कारोबार में बदल जाता है। *** स्टोरी एडिट- कृष्ण गोपाल *** कहानी को रोचक बनाने के लिए क्रिएटिव लिबर्टी ली गई है। ---------------------------------------------------------- सीरीज की ये स्टोरी भी पढ़ें... सोचा नहीं था कबाड़ भी इतना महंगा बिकेगा, हाउसवाइफ मां और बेरोजगार बेटी ने खड़ा किया ₹10 करोड़ का बिजनेस इनोवेशन के लिए महंगे संसाधन या बड़ी टेक्नोलॉजी की जरूरत नहीं होती। असली इनोवेशन जरूरत और समझ से पैदा होता है। यही ‘जरूरत’ मेरे स्टार्टअप का आइडिया बनी। शिखा शाहबनारस में पैदा हुई और यहां के घाट-गलियों में खेली और पली-बढ़ीं। पूरी स्टोरी पढ़ें...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (गुरुवार) लखनऊ में बने राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का लोकार्पण करेंगे। योगी सरकार ने प्रेरणा स्थल को जनसंघ के संस्थापक और संस्थापक सदस्य रहे 3 बड़े ब्राह्मण नेताओं को समर्पित किया है। यह प्रेरणा स्थल आने वाले कई सालों तक यूपी में ब्राह्मण वोटबैंक को साधने में मदद करेगा। बसपा के अंबेडकर और कांशीराम पार्क, सपा के लोहिया और जनेश्वर मिश्र पार्क के बाद भाजपा ने भी प्रेरणा स्थल के रूप में बड़ी लकीर खींची है। 3 बड़े ब्राह्मण नेताओं को समर्पितराष्ट्रीय प्रेरणा स्थल में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाई गई हैं। तीनों देश की राजनीति के बड़े ब्राह्मण चेहरे रहे हैं। सपा ने जनेश्वर मिश्र पार्क बनायासपा की मुलायम सिंह सरकार में गोमती नगर में 76 एकड़ में डॉ. राम मनोहर लोहिया पार्क और अखिलेश यादव सरकार में 376 एकड़ में जनेश्वर मिश्र पार्क बनाया गया। दोनों पार्क लखनऊ शहर के बीचोंबीच स्थित हैं। जनता के लिए भी काफी उपयोगी साबित हो रहे हैं। मायावती ने बनवाया था अंबेडकर पार्कबसपा सरकार में सीएम मायावती ने गोमतीनगर में गोमती नदी के किनारे 108 एकड़ में अंबेडकर पार्क बनाया था। अंबेडकर पार्क शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम की स्मृति में आशियाना में 86 एकड़ में कांशीराम स्मृति उपवन भी बनवाया था। डॉ. भीमराव अंबेडकर की पत्नी रमाबाई अंबेडकर की स्मृति में भी 50 एकड़ में रमाबाई अंबेडकर पार्क बनवाया था। जानिए कैसे बना राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही यूपी में अपने बड़े नेताओं को समर्पित एक स्मारक या पार्क की योजना बनी थी। भाजपा नेतृत्व का मानना था कि लखनऊ में जनसंघ के संस्थापक सदस्यों की स्मृति में एक बड़ा पार्क होना चाहिए। उसी सोच के तहत राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल बनाया गया। यहां से निकली सोचयूपी के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह बताते हैं- राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल की सोच प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी की है। करीब 6 साल पहले हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में यह विचार किया गया कि लखनऊ अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मभूमि रही है। अटलजी का लखनऊ से और लखनऊ के लोगों का अटलजी से गहरा जुड़ाव रहा है। अटलजी की स्मृति को अमिट बनाने के लिए ऐसा कोई पार्क या स्थल होना चाहिए, जहां उनकी विशाल प्रतिमा लगाई जाए। पहले सिर्फ अटलजी की प्रतिमा लगाने का ही विचार था। लेकिन, बाद में यह फैसला लिया गया कि भाजपा का उदय जनसंघ से हुआ है। जनसंघ के संस्थापक सदस्य डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की भी प्रतिमा वहां लगाई जाए। इसके बाद संघ, सरकार और भाजपा ने तय किया कि यहां तीनों राष्ट्रवादी नेताओं की विशाल प्रतिमा लगाई जाएगी। इसलिए यह स्थल युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्थल बने। इसके लिए एक संग्रहालय भी बनाया गया है, जहां तीनों महापुरुषों की जीवनी के दर्शन होंगे। जानिए भाजपा ने क्यों ब्राह्मणों को साधा ब्राह्मणों ने बनवाई थी बसपा की सरकारबसपा ने 2007 के विधानसभा चुनाव में तिलक-तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार का नारा छोड़कर बहुजन हिताय-सर्वजन सुखाय का नारा दिया। सतीश मिश्रा और नकुल दुबे जैसे ब्राह्मण चेहरों को आगे कर चुनाव लड़ा। नतीजा यह रहा कि यूपी का ब्राह्मण वोट एकतरफा बसपा के साथ चला गया। इसके बाद बसपा की पहली पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। मुलायम सिंह ने भी ब्राह्मणों को साधायूपी में ब्राह्मणों के महत्व को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने हमेशा ध्यान रखा। जनेश्वर मिश्र को पार्टी का ब्राह्मण चेहरा बनाया। उसके बाद भी माता प्रसाद पांडेय, राजाराम पांडेय, शिवाकांत ओझा, पवन पांडेय, संतोष पांडेय, मनोज पांडेय जैसे ब्राह्मणों को आगे रखा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष में ब्राह्मण समाज के माता प्रसाद पांडेय को बनाया। अब जानिए तीनों बड़े ब्राह्मण चेहरों के बारे में -------------------------------- यह खबर भी पढ़ें यूपी में 50 ब्राह्मण विधायकों की बैठक के बाद हलचल, शिवपाल बोले- सपा में आ जाइए, सम्मान मिलेगा यूपी में विधानमंडल का शीतकालीन सत्र को बीच ब्राह्मण विधायकों का कुटुंब तैयार हो गया। मंगलवार शाम को कुशीनगर के भाजपा विधायक पीएन पाठक (पंचानंद पाठक) की पत्नी के जन्मदिन के नाम पर उनके लखनऊ आवास पर बैठक हुई। इसमें पूर्वांचल और बुंदेलखंड के 45 से 50 ब्राह्मण विधायक शामिल हुए। यहां पढ़े पूरी खबर
मेले में देर रात तक लगती रहीं दुकानें, उद्घाटन आज
मेले की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। मेला परिसर में टेंट, पंडाल, बिजली, पानी, सड़क, पार्किंग और सुरक्षा से जुड़ी व्यवस्थाएं अंतिम चरण में हैं। हालांकि दुकानों और स्टॉल की साज-सज्जा में अभी 4 से 5 दिन का समय और लगने की संभावना है। गुरुवार को मेले का उद्घाटन होना है। ऐसे में देर रात तक मेले में दुकानें तैयार होती रहीं। मेले के अलग-अलग सेक्टर में लगभग 600 दुकान और शोरूम को बनाने का काम चल रहा है। सैलानियों के बीच सबसे अधिक प्रिय झूला सेक्टर अभी शुरू नहीं हो सका है। मेला प्रशासन के अनुसार इस बार व्यापार मेले में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, घरेलू सामान, रेडीमेड कपड़े, हस्तशिल्प और खानपान से जुड़े सैकड़ों स्टॉल लगाए जाएंगे। ऑटोमोबाइल सेक्टर को लेकर ग्राहकों में खासा उत्साह है। वाहन कंपनियों ने मेले के लिए विशेष ऑफर और आकर्षक छूट की तैयारी कर रखी है। रोड टैक्स की घोषणा होते ही अगले दिन डिलीवरी शुरू हो जाएगी: परिवहन विभाग व ऑटोमोबाइल कारोबारियों का कहना है कि जैसे ही वाहनों पर रोड टैक्स में छूट की आधिकारिक घोषणा होगी, उसके अगले ही दिन से डिलीवरी शुरू हो जाएगी। व्यापारियों का कहना है कि मेले में ग्राहकों की भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। खासकर ऑटोमोबाइल और घरेलू उपयोग के सामानों की बिक्री को लेकर कारोबारी आशान्वित हैं। मेला प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए हैं। परिसर में सीसीटीवी कैमरे, पुलिस बल और निजी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा रही है।
मप्र में औद्योगिक निवेश लाने के लिए पिछले वर्ष शुरू किए गए उद्योग वर्ष का समापन भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101 वीं जयंती पर किया जाएगा। ग्वालियर व्यापार मेला मैदान में गुरुवार को होने वाली अभ्युदय ग्रोथ समिट 2025 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 2 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों के साथ इस उद्योग वर्ष का समापन करेंगे। साथ ही इस मौके पर 10 हजार करोड़ रुपए के विभिन्न इंडस्ट्रीज प्रोजेक्ट का भूमिपूजन एवं लोकार्पण भी होगा। इस समिट में देश के 11 बड़े औद्योगिक घराने शामिल होंगे। इसमें ग्रीन एनर्जी, सीमेंट व फूड सेक्टर के लिए अंचल में निवेश की संभावना है। समिट सुबह 11.30 बजे से होगी, जिसमें सरकार निवेश और निवेश से रोजगार की जमीनी हकीकत का खाका भी जनता के सामने रखेगी। निर्माता और निर्यात विशेषज्ञ करेंगे संवाद: राष्ट्रीय संस्थानों और निर्यात संगठनों के प्रतिनिधि भी समिट में भाग लेकर इस सेक्टर की जानकारी देंगे। जिनमें डीआईसीसीआई के फाउंडर चेयरमैन पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबले, एफआईईओ के एडिशनल डायरेक्टर जनरल सुविध शाह, एसईपीसी के डायरेक्टर जनरल डॉ. अभय सिन्हा, ईईपीसी के एडिशनल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रजत श्रीवास्तव, ईएक्सआईएम बैंक के डिप्टी जनरल मैनेजर एंड रीजनल हेड आनंद सिंह शामिल होंगे। शाह के जाने के बाद होंगी इंडस्ट्रीज वर्कशॉप: सत्र 1 में एमएसएमई प्रदर्शन में वृद्धि विषय पर दोपहर 2:30 बजे से 3:30 बजे तक वर्कशॉप होगी। इसमें उद्यमियों को व्यावसायिक विकास और नवाचार संरक्षण के पहलुओं पर जानकारी दी जाएगी। वहीं दूसरा सत्र निर्यात और ओडीओपी पर दोपहर 2:30 से 3:30 बजे तक होगा। मप्र के निर्यात को 90 हजार करोड़ से 1 लाख करोड़ के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट पर एक्सपर्ट जानकारी देंगे। केंद्रीय गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से की चर्चा, संगठन नेताओं से आज मिलेंगे अटल जी की 101वीं जयंती पर आयोजित अभ्युदय एमपी ग्रोथ समिट में शामिल होने आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रात को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से चर्चा की और उसके बाद विश्राम के लिए अपने कक्ष में चले गए। वे ऊषा किरण पैलेस होटल के कमरा नंबर 105 महाराज हिस्टोरिकल सुइट में रुके हैं। उनके पास ही कमरा नंबर 111 में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ठहरे हैं। उनके विश्राम के लिए जाने के बाद पार्टी के नेता भी यहां से रवाना हो गए। गुरुवार को सुबह वे प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से संगठन की स्थिति को लेकर चर्चा करेंगे। इस दौरान वे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से भी उनकी मुलाकात होगी। तय कार्यक्रम के अनुसार यह चर्चा बुधवार को उनके ग्वालियर आने के बाद होना थी, लेकिन ग्वालियर आने में देरी होने के कारण के कारण वे विश्राम के लिए चले गए। रात 9:30 बजे आए, एयरपोर्ट पर पार्टी नेताओं ने की मुलाकातरात साढ़े नौ बजे करीब ग्वालियर हवाई अड्डे पर उतरे केंद्रीय गृहमंत्री की अगवानी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार के मंत्रीगण कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, नारायण सिंह कुशवाह, चेतन्य काश्यप, राकेश शुक्ला, सांसद भारत सिंह कुशवाह, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, अनूप मिश्रा व डॉ. नरोत्तम मिश्र, प्रदेश भाजपा प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, पूर्व सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने की। ग्वालियर बेल्ट औद्योगिक क्षेत्र के रूप में आदर्श बनेगा: सीएम मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में ग्वालियर बेल्ट औद्योगिक क्षेत्र के रूप में आदर्श बेल्ट बनेगा। यहां टेलीकॉम सेक्टर सहित अन्य औद्योगिक इकाइयां लगेंगी। उन्होंने कहा कि यह देश में पहला मौका है जब लगभग दो लाख करोड़ के कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन व्यापार मेले में गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे। सीएम ग्वालियर में संवाददाताओं से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले दिनों में लगभग साढ़े आठ लाख करोड़ के निवेश के लिए उद्योगपतियों ने सरकार पर भरोसा जताया है। सीएम ने कहा कि ग्वालियर मेला जिसकी शुरुआत स्वर्गीय माधवराव सिंधिया ने की थी, व्यापार का ही केंद्र है। ऐसे में यहां उद्योगों की इस प्रकार की समिट का आयोजन अटल जी की जन्म सदी पर सरकार की ओर से श्रद्धांजलि और आदरांजलि होगी। ये उद्योगपति होंगे समिट में शमिल एमपी ग्रोथ समिट में शामिल न हुए तो छात्रवृत्ति रोकने की धमकी समिट में सहभागिता को लेकर कुछ कॉलेजों पर छात्रों को दबाव बनाने के आरोप लगे हैं। छात्रवृत्ति रोकने के वायरल मैसेज की जब भास्कर के रिपोर्टर ने संपर्क किया। कॉल रिसीव करने वाले व्यक्ति ने स्वयं को जय श्री श्याम कॉलेज का एचओडी रवि परिहार बताया और कहा कि समिट में शामिल न होने पर सुविधाओं से वंचित किया जाएगा। हालांकि परिचय सामने आते ही वह अपने बयान से पलट गए।
जयपुर की आबोहवा और भविष्य की पीढ़ियों के हक में बुधवार रात शहर की सड़कों पर Gen-Z युवाओं का आक्रोश फूट पड़ा। अरावली पर्वतमाला को बचाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में युवा हाथों में मशालें लेकर सड़क पर उतरे और पर्यावरण विरोधी फैसलों के खिलाफ खुला विरोध दर्ज कराया। रामबाग सर्किल से लेकर अमर जवान ज्योति तक निकाले गए मशाल जुलूस में युवाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान युवाओं ने प्रतीकात्मक रूप से सरकारी आदेशों की कॉपी जलाकर अपना विरोध जताया। इसके साथ ही नकली नोट हवा में उड़ाकर यह संदेश दिया कि पैसों के लालच में प्रकृति का सौदा अब स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन में शामिल Gen-Z कार्यकर्ता कार्तिकेय भारद्वाज ने कहा कि अब जयपुर के युवाओं के जागने का समय आ चुका है। उन्होंने कहा कि ढोल का बाग पहले ही नष्ट किया जा चुका है। अब अरावली पर्वतमाला को निशाना बनाया जा रहा है। यह सीधे तौर पर जयपुरवासियों के स्वच्छ हवा में सांस लेने के अधिकार पर हमला है। कार्तिकेय ने कहा कि प्रदूषण, खनन और अंधाधुंध कटाई के नाम पर आने वाली पीढ़ियों और परिवारों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। अरावली सिर्फ पहाड़ नहीं है, यह जयपुर की लाइफलाइन है। अगर इसे नुकसान पहुंचा तो इसकी भारी कीमत हमारी आने वाली पीढ़ियों को चुकानी पड़ेगी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अरावली पर्वतमाला जयपुर के पर्यावरण संतुलन, भूजल स्तर और वायु गुणवत्ता के लिए बेहद अहम है। इसके बावजूद लगातार विकास के नाम पर पहाड़ियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जो शहर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। Gen-Z युवाओं ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर अरावली के खिलाफ किसी भी तरह की गतिविधियां नहीं रुकीं, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। युवाओं का कहना है कि यह सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि जयपुर की सांसों और भविष्य को बचाने की लड़ाई है।
डिजिटल अरेस्ट व अन्य प्रकार की ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने वाली गैंग का पर्दाफाश हुआ है। क्राइम ब्रांच ग्वालियर ने सायबर फ्रॉड के लिए खाते खरीदने-बेचने वाला गिरोह पकड़ा है। जिसमें एक ऑनलाइन कियोस्क संचालक समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस गैंग का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी उजागर हुआ है। गैंग के सदस्यों से कुल 84 एटीएम बरामद किए गए हैं। साथ ही 9 मोबाइल फोन जब्त हुए हैं। इन मोबाइल के माध्यम से रुपए का लेन-देन हुआ है। साथ ही इसमें चीन और नाइजिरिया में बैठे आकाओं के चैट भी हुई है। गैंग में अधिकांश युवा हैं, जो जल्द करोड़पति बनना चाहते थे। इसलिए वह ऑनलाइन ठगी के काम से जुड़े। आरोपी ऑनलाइन ठगी की राशि को क्रिप्टो करेंसी में कनवर्ट कर विदेश भेजते थे। चीन, नाइजिया और ब्रिटेन का कनेक्शन अभी तक पकड़ में आ चुका है। कियोस्क पर रोज मजदूरों की भीड़ से बढ़ा संदेह, छापे में खुलासा: नया बाजार में बाबा महाकाल के नाम से नरेंद्र सिंह सिकरवार का एमपी ऑनलाइन क्योस्क है। इस पर अधिकांश दिन मजदूरों की भीड़ लगती थी। इस पर आसपास के लोगों को संदेश हुआ। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी। पुलिस ने मुखबिर तंत्र एक्टिव किया। 23 दिसंबर को पुलिस नया बाजार के ऑनलाइन कियोस्क पर साइबर क्राइम प्रभारी धर्मेंद्र कुशवाह के नेतृत्व में दबिश दी गई। कियोस्क द्वारा खोले गए बैंक खातों का रिकॉर्ड चेक किया, तो पाया कि उनमें ज्यादातर बैंक खाते बाहरी राज्यों से सायबर फ्रॉड में रिपोर्टेड हैं। कियोस्क संचालक से फ्रॉड के लिए उपयोग होने वाले फिनो पैमेंट बैंक के 84 एटीएम कार्ड की किट भी बरामद की गई। जांच में पीएनबी, एसबीआई, कोटक एवं यूनियन बैंक के खाते भी पकड़े हैं। ग्वालियर में खुले खाते उदयपुर में बिकते थे पुलिस ऐसे 100 खाताधारकों को पकड़ेगी कियोस्क संचालक नरेंद्र सिंह सिकरवार को जब पुलिस ने पकड़ा तो उसने पूछताछ में बताया कि इस गैंग के अन्य सदस्य हैं, जो बैंक खाता खुलवाने के साथ ही खरीदने व बेचने का कार्य करते है। पुलिस ने नरेंद्र के 5 साथियों को हिरासत में लिया। पूछताछ में पता लगा कि सोनू जाटव ग्वालियर में म्यूल खाते खरीदने व बेचने का मास्टरमाइंड है। ग्वालियर में जितने भी म्यूल बैंक खाते खुलवाए जाते हैं, वह बैंक खाते इस व्यक्ति के द्वारा खरीदे जाते हैं। सूचना पर पुलिस टीम द्वारा तकनीकी जानकारी के आधार पर सोनू जाटव को अभिरक्षा में लिया। सोनू ने बताया कि ग्वालियर से बैंक खाते वह उदयपुर में अपने साथी को बेचता था। उसने बताया कि साइबर फ्रॉड की राशि को क्रिप्टो करेंसी (यूएसडीटी) में कन्वर्ट करके विदेश भेजते थे। आरोपी के मोबाइल की चेट चेक की गई तो नाइजीरिया, चीन और ब्रिटेन आदि देशों में बातचीत होना पाया गया है। ग्वालियर के 100 के करीब बैंक खाते यह गैंग ऑनलाइन ठगी के लिए बेच चुकी है। अब पुलिस के रडार पर बैंक में खाता खुलवाने वाले ऐसे खाताधारक और बैंक के कर्मचारी है। भास्कर अलर्ट - लालच में न आएं, अपने दस्तावेज न दें मनी म्यूल आपको पहुंचा सकता है जेल डिजिटल लेनदेन के बढ़ते इस दौर में सायबर ठगी से बचने के लिए लोगों को अत्याधिक अलर्ट रहने की जरूरत है। आजकल साइबर ठग कम शिक्षित, गरीब एवं लालची लोगों को ‘मनी म्यूल’ बना रहे हैं। मनी म्यूल मतलब उनके बैंक खातों का उपयोग अवैध धन (धोखाधड़ी की कमाई) को छिपाने के लिए कर रहे हैं। ये ठग लोगों को कमीशन का लालच देकर या “घर बैठे नौकरी’ के बहाने नए खाते खुलवाते हैं, या खाते में पैसे मंगवाते हैं। फिर ठगी की इस रकम को वे दूसरे खातों में ट्रांसफर करवाते हैं। लोगों को इस संदर्भ में अत्याधिक अलर्ट रहना चाहिए। क्योंकि किसी अनजान व्यक्ति का आपके बैंक खाते में किया गया एक भी ट्रांजेक्शन आपको अपराधी बना सकता है। इससे न सिर्फ आपका खाता फ्रीज हो सकता है, बल्कि जेल भी हो सकती है। अपना खाता, सिम या ओटीपी कभी साझा न करें। कोई शक होने पर सायबर क्राइम पोर्टल या 1930 पर कॉल करें।- धर्मवीर सिंह, एसएसपी, ग्वालियर म्यूल बैंक खाता: ठगी की रकम छिपाने का सबसे आसान रास्ता म्यूल बैंक खाता: यह ऐसे व्यक्ति के नाम पर खुलवाया जाता है, जो खुद ठगी में सीधे शामिल नहीं होता, लेकिन उसका खाता ठगी की रकम के लेन-देन में उपयोग होता है। अक्सर यह खाते जरूरतमंद लोगों के नाम पर खुलवाए जाते हैं। ठग बच जाते हैं, लेकिन फंसता खाता धारक है। 25 हजार का बिकता है खाता: ठग लोगों को 2 से 5 हजार रुपए का लालच देकर उनके दस्तावेज लेते हैं। खाता खुलते ही ATM कार्ड, चेकबुक और मोबाइल नंबर ठग अपने पास रखते हैं। एजेंट ठगों को 10 से 25 हजार में एक खाता बेच देते हैं। मिलीभगत: इसमें बैंक का स्टॉफ भी मिला होता है। बैंक मित्र और कियोस्क ऑपरेटर केवायसी में गड़बड़ी करते हैं। बैंक कर्मचारी फील्ड वेरिफिकेशन नहीं करते हैं। बिना जांच के एटीएम, पासबुक तुरंत जारी कर देते हैं। इस मामले में बैंक की भूमिका भी संदेश में हैं।
लोग हो रहे परेशान:निगम में 276 बिल्डिंगों की फायर NOC अटकी, सर्वे होने के बाद डंप की फाइलें
हेरिटेज और ग्रेटर निगम एक होने के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है, बल्कि परेशानियां बढ़ गई है। लोग 20 किमी दूर से लालकोठी निगम मुख्यालय पहुंच रहे हैं। यहां भी राजधानी के 50 लाख लोगों को सुनने वाला कोई नहीं है। हालात यह है कि निगम अधिकारी भूखंड के पट्टे दो साल में भी जारी नहीं कर पाएं हैं। वहीं दूसरी तरफ अब पट़्टों का जैसा हाल फायर एनओसी का हो गया है। बिल्डिंगों का सर्वे होने के बाद भी निगम में 276 फायर एनओसी अटकी हुई है। इसमें से 125 बिल्डिंगों ने तो 30 दिन पहले ही फायर एनओसी के लिए आवेदन किया है। वहीं, करीब 100 आवेदन ऐसे हैं, जिन्हें 30 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है। बाकी आवेदन लंबे समय से पेंडिंग चल रहे हैं। इनमें से कुछ को एक साल और कई काे दो साल हो चुका है। इसके बावजूद भी एनओसी जारी नहीं हुई है। यह स्थिति तो तब है जबकि गोवा के क्लब में हादसा हो चुका है। इसके बावजूद भी निगम अधिकारी नहीं चेते हैं। दूसरी तरफ 10 प्रकरणों में फाइल तेजी से निगम में दौड़ी। इनकी एनओसी 14 दिनों में ही जारी कर दी गई। यहां तक कि एक ही दिन में फाइल को 6-6 अधिकारियों ने स्वीकृति जारी करी। दो साल चक्कर लगा रहे हैं, अब कर दी निरस्त फायर शाखा के अधिकारी मनमर्जी से एनओसी जारी कर हैं। किसी को कुछ दिन में तो किसी की दो साल तक जारी नहीं करते। शाखा में कुछ फाइलें एक साल से पेंडिंग चल रही थी। ये बिल्डिंग मालिक चक्कर लगाते रहे। अब अधिकारियों ने फायर फाइटिंग उपकरण प्रॉपर नहीं होने और नियमों का हवाला देकर निरस्त कर दी। एक फाइल ताे ऐसी थी, जो 680 से ज्यादा दिन से पेंडिंग थी, लेकिन वाटर टैंक कैपेसिटी कम होने का हवाला दे निरस्त किया गया। बाबूओं के यहां ज्यादा लंबित255 में से 124 फाइलें ऐसी हैं, जो डिलिंग बाबू (डीए) के स्तर पर पेंडिंग है। बाबू उन्हीं को मूव करते हैं, जिन पर निर्देश होते हैं। 45 से ज्यादा फाइलों सीएफओ और 30 फाइलें डीसी के स्तर पर पेंडिंग पड़ी है। फायर एनओसी नहीं मिलने की कई शिकायतें मिली है। इनकी जांच कराई जा रही है। वहीं अधिकारियों को 30 दिन में फाइल डिस्पोजल करने के निर्देश दिए हैं। -पूनम, प्रशासक, नगर निगम
गोरखपुर के सहजनवां इलाके में बुधवार सुबह 26 साल के विशाल यादव की कीचड़ से सनी लाश मिली। घटना स्थल पर संघर्ष के निशान भी मिले। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि विशाल मंगलवार की रात गर्लफ्रेंड की कॉल आने पर खाना छोड़कर अचानक निकला था। इसके बाद पूरी रात वह घर वापस नहीं लौटा। ये रील विशाल यादव ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर डाली थी, ऐसी कई धाकड वाली रील वह हमेशा डालता रहता था। इधर कुछ दिनों से वह सैड सांग पर रील बना रहा था। बुधवार सुबह हत्या कर उसकी लाश मिली। इस मामले में पुलिस ने उसकी गर्लफ्रेंड, और उसे परिवार के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है। सुबह उसकी गेहूं के खेत में कीचड़ से सनी लाश मिली। विशाल के सिर पर चोट के निशान थे। उसके मुंह पर खून के निशान थे। परिजनों की तहरीर पर सहजनवां पुलिस ने गर्लफ्रेंड, उसके पिता और भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। तीनों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। वहीं सोशल मीडिया पर विशाल यादव हमेशा सक्रिय रहता था। उसने कई धाकड़ वाली रील्स भी बनाई है। मौत के बाद काफी लोगों ने उसकी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की है। वहीं एसपी नॉर्थ ज्ञानेंद्र प्रसाद ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पूछताछ कर साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम के बाद शव पहुंचा तो ग्रामीणों ने किया जाम बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दोपहर करीब 3 बजे विशाल के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद परिजनों संग ग्रामीण एंबुलेंस से शव लेकर सहजनवां थाना चौराहे 6:15 पर पहुंचे। ग्रामीण एम्बुलेंस को फोरलेन पर रोक दिए। इस वजह से 25 मिनट तक फोरलेन पर लंबा जाम लग गया। सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने परिवार को समझाया। 20 मिनट तक बातचीत करने के बाद सड़क से भीड़ को हटाया गया। इस दौरान परिजनों ने 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग की। घटना में शामिल हत्यारों की 24 घंटे के अंदर गिरफ्तारी की मांग की। करीब 7:10 बजे एंबुलेंस से शव लेकर गांव पहुंचे। जहां से थोड़ी ही देर बाद शव लेकर कालेसर घाट निकल गए। रात करीब 8 बजे दाह संस्कार किया गया। इस दौरान एसपी नार्थ ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद ,तहसीलदार राकेश कनौजिया, CO गीडा कमलेश सिंह, CO कैंपियरगंज अनुराग सिंह, चिलुआताल थानाध्यक्ष सूरज सिंह सहित सहजनवां, गीडा, हरपुर बुदहट की पुलिस सुरक्षा के लिए डटी रही।तस्वीरें देखिए- अब विस्तार से जानें पूरा मामला गोरखपुर में मंगलवार सुबह 26 साल के युवक का शव गेहूं के खेत में मिला। युवक के सिर पर गंभीर चोट के निशान पाए गए हैं। पुलिस हत्या की आशंका जता रही है। घटना सहजनवां थाना क्षेत्र के जोगिया कोल कटाई टीकर रोड किनारे की है। घटनास्थल की स्थिति को देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा था कि हत्या से पहले युवक और हमलावरों के बीच काफी संघर्ष हुआ था। शव की पहचान कुआवल कला निवासी 26 साल के विशाल यादव के रूप में हुई है। विशाल मुंबई में कार पेंट-पॉलिश का काम करता था। परिजनों के अनुसार, विशाल मंगलवार रात एक फोन कॉल आने के बाद घर से निकला था। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा और बुधवार सुबह उसका शव खेत में पाया गया। मंगलवार की सुबह जब स्थानीय ग्रामीण जोगिया कोल कटाई टीकर मार्ग पर टहलने के लिए निकले थे, तभी उनकी नजर सड़क किनारे गेहूं के खेत में पड़ी एक लाश पर गई। शव देखते ही इलाके में शोर मच गया और देखते ही देखते वहां ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। संघर्ष के निशान और बिखरी मिट्टी बयां कर रही मंजरसूचना मिलते ही सहजनवां थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। युवक के सिर वाले हिस्से पर किसी भारी वस्तु से प्रहार के गंभीर निशान मिले हैं। घटनास्थल पर मिट्टी चारों तरफ बिखरी हुई थी, जिसे देखकर यह अंदेशा जताया जा रहा है कि युवक को वहां जिंदा लाया गया था। उसने अपनी जान बचाने के लिए हमलावरों से काफी संघर्ष किया। संघर्ष के दौरान ही हमलावरों ने उसके सिर पर वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। जेब से मिला मोबाइल और बाइक कि चाबी पुलिस को मृतक की तलाशी के दौरान उसकी जेब से एक मोबाइल फोन और एक बाइक की चाबी मिली है। इसके अलावा, शव से कुछ ही दूरी पर युवक की चप्पलें और एक तौलिया भी बरामद हुआ है। पुलिस ने मोबाइल के आधार पर युवक की पहचान की है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। थाना प्रभारी का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह मामला हत्या का लग रहा है। मोबाइल कॉल डिटेल्स और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि युवक वहां कैसे पहुंचा और उसके साथ कौन-कौन लोग थे। नाराज ग्रामीणों ने किया चक्का जाम सहजनवां में कुआवल कला निवासी 26 वर्षीय विशाल यादव का शव संदिग्ध परिस्थितियों में एक गेहूं के खेत में पड़ा मिला। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने लखनऊ-गोरखपुर फोरलेन को सहजनवां थाना चौराहे के पास जाम कर दिया। करीब आधे घंटे तक चले इस हंगामे के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इससे यात्रियों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मौके पर एसपी नॉर्थ ज्ञानेंद्र सिंह, सीओ गीडा कमलेश सिंह, थानाध्यक्ष गीडा अश्विन पांडेय, और सहजनवां एसओ महेश चौबे भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। कड़ी मशक्कत और मान-मनौवल के बाद करीब आधे घंटे बाद जाम खुला और यातायात सामान्य हो सका। रात को फोन आने पर घर से निकला, सुबह मिली लाश मृतक विशाल यादव मुंबई में कारपेंटर का काम करता था। परिजनों के अनुसार, मंगलवार की रात घर में सब कुछ सामान्य था। मां शकुंतला देवी ने रात का खाना तैयार कर लिया था और पूरा परिवार एक साथ भोजन करने की तैयारी में था। इसी बीच विशाल के मोबाइल पर एक अज्ञात फोन आया। विशाल ने मां से कहा, बस अभी थोड़ी देर में आ रहा हूं। यह कहकर घर से निकल गया। जब वह देर रात तक वापस नहीं लौटा, तो परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला।डेढ़ माह पहले हुई थी पिता की मौत अभी महज डेढ़ महीने पहले ही उसके पिता श्रीप्रकाश यादव का निधन हुआ था। पिता के क्रिया-कर्म के लिए ही विशाल मुंबई से घर आया था। वह परिवार का बड़ा बेटा था और घर का खर्च उसी की कमाई से चलता था। दो दिन बाद ही उसे वापस मुंबई काम पर लौटना था, लेकिन एक शादी का रिश्ता आया था। परिजनों के साथ उसे भी लड़की देखने जाना था। इसलिए विशाल रूका हुआ था। शादी तय होने के बाद वह मुंबई निकलने का प्रोग्राम बनाया था। लेकिन इससे पहले उसकी मौत हो गई। यह कहकर मां शकुंतला देवी और छोटे भाई छोटू का रो-रोकर बुरा हाल है।
जबलपुर में महज 4 साल के एक बच्चे ने अपने नाम 11 वर्ल्ड रिकॉर्ड्स दर्ज कराए हैं। इनमें वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इन्फ्लूएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, आई बीआर अचीवर, वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स सुपर टेलेंटेड किड, ग्लोबल किड्स अचीवर्स अवार्ड्स जैसे अवार्ड्स शामिल हैं। फतेह गायकवाड़ नाम का इस बच्चे की पिक्चर मेमोरी शार्प है। वो जो एक बार देख लेता है और जान लेता है उसे याद रह जाता है। ये सभी अवार्ड्स इसी मेमोरी के बलबूते हासिल किए हैं। वो 35 से ज्यादा पशु पक्षियों के नाम और 49 से ज्यादा देवी-देवताओं के नाम मिनटों में बता देता है। इस उम्र में ये सब किसी सामान्य बच्चे के लिए मुश्किल होता है। दैनिक भास्कर ने बच्चे की प्रतिभा तो ऑन कैमरा रिकॉर्ड किया। किड्स स्कूल में पढ़ने वाले फतेह ने 30 से ज्यादा पक्षियों को झट से पहचान लिया। वह शरीर के अंगों और देवी-देवताओं की तस्वीर देखते ही पहचान लेता है। उन्हें तुरंत बता भी देता है। बच्चे की मां पलक तिवारी से उससे जुड़ी बातें शेयर की। पढ़िए… 3 साल की उम्र से बनाने लगा वर्ल्ड रिकॉर्ड्सबच्चे की मां पलक तिवारी ने कहा कि फतेह ने 3 साल की उम्र से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिए थे। 6 दिसंबर को ही उसका जन्मदिन था। अभी उसके पास 11 वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और एक इंटरनेशनल रिकॉग्निशन है। ये सब इसलिए संभव हो पाया क्योंकि जिस दिन से वो पैदा हुआ था हमने उसी दिन से उसके सेंसेस पर काम करना शुरू कर दिया था। इसके बाद 3 महीने से हम उस पर प्रोफेशनली काम करने लगे थे। वह बहुत सारे पौधों के नाम बता सकता है। करीब 50 हिन्दू देवी-देवताओं के नाम उसे पता हैं। इसके अलावा वो शरीर के भीतरी और बाहरी 48 अंगों के नाम बता सकता है। इस तरीके से वो काफी सारी चीजें बता सकता है। ये सभी इसलिए संभव हो पा रहा है कि हम सभी उसको सीखने की मेहनत कर प रहे हैं। बच्चे सभी इंटेलिजेंट होते हैं, बस उसकी स्किल पहचानी होती हैबच्चे की मां ने कहा- सभी बच्चे होशियार होते हैं, हमें बस उसके हुनर को पहचानना होता है। जैसे हमने पहचाना कि उसकी फोटोग्राफिक मेमोरी बहुत तेज है। उसको पुरानी बातें भी याद रहती थीं। जब वो एक डेढ़ साल का था तब भी वो चीजें बताता था। उसे गाने के लिरिक्स भी बहुत जल्दी याद होते हैं। पहले बर्थडे पर भी उसे बोलना नहीं आता था लेकिन वो धुन पर गुनगुनाने लगता था। इसी तरह हर मां बाप को उसके बच्चे की स्किल की पहचान करनी चाहिए ताकि वो उसे और बेहतर बना सकें। मैं खुद एजुकेशन लिस्ट हूं ज्यादातर समय बच्चों के साथ रहती हूं। इसलिए बच्चों की एक्टिविटी को ऑब्जर्व करना ठीक से आता है। 1100 दिन का था तब मिला का पहला अवॉर्डफतेह को पहला अवॉर्ड वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से मिला था जहां उसने कुछ ही मिनट में 27 प्लांट्स के नाम बताए थे। वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से उसके पास 3 रिकॉर्ड्स हैं। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड जो काफी नामी वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। इसके उसके पास दो रिकॉर्ड्स हैं। ऐसे टोटल मिला कर उसके पास 11 रिकॉर्ड्स हैं। इन सभी रिकॉर्ड्स में अपने बच्चे का नाम नॉमिनेट करने के लिए आपको ऑनलाइन अप्लाई करना होता है। फतेह के रिकॉर्ड्स की लिस्ट: उम्र: 3 साल 11 दिन 5 मिनट में प्लांट्स को पहचाना और उनके नाम बताए। उम्र: 3 साल 3 महीने 9 मिनट में 35 पक्षियों को पहचाना और उनके नाम बताए। उम्र: 3 साल 3 महीने 27 प्लांट्स और 38 पक्षियों को पहचाना और नाम बताए। उम्र: 3 साल 7 महीना 49 देवी देवताओं को पहचाने और नाम बताने वाला सबसे कम उम्र का बच्चा बना। उम्र: 3 साल 8 महीने 9 मिनट में 47 देवी देवताओं के नाम पहचाने और नाम बताए उम्र: 3 साल 8 महीने 12 मिनट में 49 देवी देवताओं के नाम पहचाने और बताने वाला कम उम्र का बच्चा बना। उम्र: 3 साल 9 महीने 16 मिनट में 49 देवी देवताओं के नाम बताए। उम्र: 3 साल 9 महीने 49 देवी देवताओं के नाम बताए। वन इन आ मिलियन किड के तौर पर रिकग्नाइज किया गया। उम्र: 3 साल 8 महीने उम्र: 3 साल 11 महीने फ्लैश कार्ड देख कर शरीर के अंदरूनी और बाहरी अंगों नाम बताए। य उम्र: 3 साल 11 महीने 11 मिनट में 45 बॉडी पार्ट्स को फ्लैश कार्ड में देखकर पहचाना और नाम बताए।
हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान के रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी है। क्रिसमस और नववर्ष के दौरान यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे ने बड़ी सुविधा दी है। उत्तर रेलवे द्वारा कुरुक्षेत्र–फुलेरा–कुरुक्षेत्र और फुलेरा–शकूरबस्ती–फुलेरा के बीच दो जोड़ी अनारक्षित स्पेशल ट्रेनों के संचालन का निर्णय लिया गया है। ये ट्रेनें पूरी तरह अनारक्षित होंगी, जिससे यात्री सामान्य टिकट लेकर आसानी से यात्रा कर सकेंगे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन नंबर 09711/09712 (कुरुक्षेत्र–फुलेरा–कुरुक्षेत्र) का संचालन कुल चार फेरों में किया जाएगा। यह स्पेशल ट्रेन कुरुक्षेत्र स्टेशन से 29 दिसंबर से 1 जनवरी 2026 तक चलेगी, जबकि फुलेरा से वापसी में इसका संचालन 30 दिसंबर से 2 जनवरी 2026 तक रहेगा। ट्रेन में कुल 14 कोच लगाए जाएंगे, जिनमें 12 साधारण कोच और 2 एसएलआर कोच शामिल होंगे। यह है समय सारिणी समय-सारिणी के अनुसार, ट्रेन कुरुक्षेत्र (KKDE) से रात 11:30 बजे प्रस्थान करेगी। इसके बाद यह रोहतक स्टेशन पर 02:28 बजे पहुंचेगी और 02:30 बजे रवाना होगी। रेवाड़ी में इसका ठहराव 04:25 से 04:27 बजे तक रहेगा। नारनौल स्टेशन पर ट्रेन 05:19 बजे पहुंचेगी और 05:21 बजे आगे रवाना होगी। अंतिम स्टेशन फुलेरा पर इसका आगमन 08:30 बजे निर्धारित है। दिल्ली शकूरबस्ती से भी चलेगी इसी तरह दूसरी जोड़ी 09713/09714 (फुलेरा–शकूरबस्ती–फुलेरा) भी कुल चार फेरों में चलाई जाएगी। इसका संचालन फुलेरा और शकूरबस्ती दोनों से 29 दिसंबर 2025 से 1 जनवरी 2026 तक किया जाएगा। इस ट्रेन में भी 14 कोच (12 साधारण + 2 एसएलआर) होंगे। यह रहेगा इसका समय यह ट्रेन फुलेरा से सुबह 10:40 बजे रवाना होगी और रिंग्स में 11:45 से 11:50 बजे तक रुकेगी। इसके बाद नारनौल में 13:38 से 13:40 बजे, रेवाड़ी में 14:48 से 14:50 बजे और गुड़गांव में 15:28 से 15:30 बजे ठहराव रहेगा। शकूरबस्ती स्टेशन पर इसका आगमन 16:30 बजे होगा। तीन राज्यों के लोगों को लाभ रेलवे ने स्पष्ट किया है कि ये दोनों स्पेशल ट्रेनें पूरी तरह अनारक्षित हैं और इनका संचालन विशेष रूप से X-MAS और New Year Rush के दौरान अतिरिक्त यात्रियों की भीड़ को क्लियर करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इससे हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली मार्ग पर यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा।
देवास जिले के सतवास कस्बे में एक दंपती के कथित तौर पर आग लगाने के मामले में एक नया वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में दंपती तहसीलदार से बहस करने के साथ माचिस जलाने की कोशिश कर रहे हैं तभी एक महिला उनपर बोतल में रखा पदार्थ फेंकती है और अचानक आग लग जाती है। साथ ही ये भी खुलासा हुआ है कि जिस मकान के अतिक्रमण को लेकर ये पूरा घटनाक्रम और विवाद हुआ, वो पिछले 5 महीने से चल रहा था। पहले भी पड़ोसियों ने अतिक्रमण की शिकायत की थी जिसके बाद कुछ दिनों तक इसके निर्माण पर रोक लग गई थी। बता दें कि सतवास बस स्टैंड पर स्टेशनरी और फोटोकॉपी की दुकान चलाने वाले संतोष व्यास वार्ड नंबर 5 में मकान बनवा रहे हैं। प्रशासन को शिकायत की गई थी कि व्यास ने नाली पर अतिक्रमण किया है। 24 दिसंबर की दोपहर तहसीलदार अरविंद दिवाकर जेसीबी मशीन के साथ अतिक्रमण हटाने के लिए मौके पर पहुंचे थे। कार्रवाई के दौरान संतोष और उनकी पत्नी जयश्री व्यास की तहसीलदार से बहस हो गई। दंपती ने तहसीलदार के सामने ही कथित तौर पर अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। दोनों को इंदौर रेफर किया गया जहां जयश्री की हालत गंभीर है। इस घटना से गुस्साए लोगों ने 6 घंटे तक चक्काजाम किया। प्रशासन ने तहसीलदार और नगर पालिका सीएमओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई है। पढ़िए रिपोर्ट एक नाली से शुरू हुआ विवादविवाद की जड़ सतवास बस स्टैंड क्षेत्र में स्टेशनरी और फोटोकॉपी की दुकान चलाने वाले संतोष व्यास के एक निर्माणाधीन मकान से जुड़ी है। संतोष व्यास वार्ड नंबर 5 की शास्त्री कॉलोनी में एक पुराना मकान खरीदकर, उसे तोड़कर नया निर्माण करवा रहे थे। यहीं उनके पड़ोसी मोहनदास बैरागी और कुछ अन्य लोगों ने प्रशासन से शिकायत की। शिकायत में आरोप लगाया गया कि संतोष व्यास सार्वजनिक गंदे पानी की नाली के ऊपर निर्माण कर रहे हैं, जिससे नाली की निकासी का रास्ता बंद हो गया है। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि इससे पानी उनके घरों और आम रास्ते पर भर रहा है, जिससे गंदगी और महामारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है। इसी शिकायत के आधार पर बुधवार दोपहर को सतवास के तहसीलदार अरविंद दिवाकर, नगर परिषद के अमले और एक जेसीबी मशीन के साथ मौके पर पहुंचे। उनका उद्देश्य कथित अतिक्रमण को हटाना था। इसी दौरान संतोष व्यास और उनकी पत्नी की तहसीलदार और टीम से तीखी बहस हो गई। परिजन के अनुसार, वे कार्रवाई के लिए लिखित आदेश मांग रहे थे, जो उन्हें नहीं दिखाया गया। बहस के कुछ ही पलों में यह खौफनाक घटना घट गई। 5 महीने से चल रहा विवादयह विवाद अचानक पैदा नहीं हुआ, बल्कि ये पिछले चार-पांच महीने से भीतर ही भीतर सुलग रहा था। 8 अगस्त 2025: मिली थी निर्माण की अनुमतिदस्तावेजों के अनुसार, नगर परिषद की तरफ से संतोष व्यास को मकान निर्माण की विधिवत अनुमति दी गई थी। 8 अगस्त 2025 को ये अनुमति पत्र जारी हुआ था। इसमें स्पष्ट लिखा था कि यह स्वीकृति 7 अगस्त 2028 तक मान्य रहेगी। इसमें यह भी शर्त थी कि निर्माण पूरा होने के 15 दिन के भीतर परिषद को सूचित करना होगा। संतोष व्यास ने बताया था कि उन्होंने यह 40 साल पुराना जर्जर मकान खरीदा था और वे इसे फिर से बना रहे हैं। 20 अगस्त 2025: शिकायत के बाद निर्माण पर रोकनिर्माण शुरू होते ही पड़ोसियों ने नाली पर अतिक्रमण की शिकायत कर दी। इस पर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 20 अगस्त को निर्माण कार्य पर रोक लगा दी। यह रोक कई हफ्तों तक जारी रही। रोक हटी और फिर शुरू हुआ निर्माणहाल ही में प्रशासन की तरफ से लगाई गई यह रोक हटा दी गई, जिसके बाद संतोष व्यास ने निर्माण कार्य फिर से शुरू किया। 19 दिसंबर को संतोष व्यास ने वन विभाग को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने अपने 40 साल पुराने जर्जर मकान को तोड़कर पुनर्निर्माण करने की जानकारी दी और पुराने मकान से निकली सागौन की लकड़ियों के सत्यापन का अनुरोध किया। 23 दिसंबर: जनसुनवाई में शिकायत और प्रशासन की सक्रियताजैसे ही निर्माण दोबारा शुरू हुआ, शिकायतकर्ता मोहनदास बैरागी ने 23 दिसंबर को जनसुनवाई में फिर से शिकायत दर्ज करा दी। जनसुनवाई में हुई शिकायत पर प्रशासन ने इस बार और भी तेजी दिखाई। दो पक्ष, दो अलग-अलग दावे परिजनों का पक्ष: घर के बीच में कौन नाली रखता है?पीड़ित के परिजन धर्मेंद्र व्यास ने प्रशासन के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'हमने पुराना घर खरीदा था, उसे तोड़कर नया बना रहे हैं। नाली पर अतिक्रमण का सवाल ही नहीं उठता। नाली घर के सामने है, घर के बीच में नहीं। शिकायतकर्ता कह रहे हैं कि घर के अंदर नाली थी, उसे बनाया जाए। आप ही बताइए, घर के बीच में कौन नाली रखता है?' उन्होंने यह भी बताया कि यह मामला पहले से ही एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन था और अगली सुनवाई 29 दिसंबर को होनी थी। उनका आरोप है, 'जब मामला कोर्ट में था, तो सुनवाई से पहले जेसीबी लेकर कार्रवाई करने क्यों आ गए? हमने कार्रवाई का आदेश मांगा, तो देने से मना कर दिया। नियमानुसार पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था, जो नहीं दिया गया।' प्रशासन का पक्ष: नाले के ऊपर से मकान हटाने की समझाइश दी जा रही थीदेवास कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने घटना को दो निजी व्यक्तियों के बीच का विवाद बताया। उन्होंने कहा, जिनके द्वारा आग लगाई गई है, उनके द्वारा कथित रूप से नाले के ऊपर मकान बना लिया गया था, जिससे 8-10 घरों का पानी रुक रहा था। इसी शिकायत पर नगर पालिका और तहसीलदार मौके पर समझाइश देने गए थे कि नाले के ऊपर से निर्माण हटा लिया जाए। सोशल मीडिया से दंपती द्वारा आग लगाने की जानकारी मिली। यह एक निजी मामला था। फिलहाल, स्थिति को देखते हुए तहसीलदार को वहां से हटाकर देवास कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। प्रशासनिक कार्रवाई और जनता का आक्रोशइस घटना के बाद सतवास में माहौल तनावपूर्ण हो गया। नाराज स्थानीय लोगों ने सतवास थाने के सामने चक्काजाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई और उनकी ज्यादती के कारण यह दुखद घटना हुई। प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार अरविंद दिवाकर पर केस दर्ज करने और नगर पालिका सीएमओ चुन्नीलाल जूनवाल को भी पद से हटाने की मांग की । मामला बढ़ता देख कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से तहसीलदार को देवास अटैच करते हुए निलंबित कर दिया। इन सवालों का प्रशासन के पास जवाब नहीं
रात दो बजे भामोरी खदान पर छापा:माफिया ट्रैक्टर लेकर फरार, नर्मदा में मिलाए रेत के ढेर
देवास और हरदा के बीच बह रही नर्मदा नदी में रेत माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन और परिवहन कर रहे हैं। पुलिस, राजस्व और खनिज विभाग की टीमें माफिया पर लगाम नहीं कस पा रही हैं। मंगलवार रात करीब दो बजे खनिज विभाग की टीम ने भमोरी में नर्मदा किनारे छापा मारा। टीम के पहुंचने से पहले ही माफिया ट्रैक्टर-ट्राॅली लेकर भाग निकले। मौके पर रेत के ढेर मिले। जेसीबी से रेत को वापस नर्मदा में मिला दिया गया। खनिज निरीक्षक मनीषा तावड़े टीम के साथ भमोरी पहुंचीं। टीम को देख माफिया में हड़कंप मच गया। आधी रात के बाद पहुंची टीम की भनक माफिया को पहले ही लग गई थी। इससे साफ है कि माफिया का नेटवर्क विभाग से ज्यादा मजबूत है। कार्रवाई के दौरान करीब 20 घनमीटर रेत जब्त की गई, जिसे बाद में नर्मदा में फेंक दिया गया। नर्मदा के किनारे गोंदागांव गंगेश्वरी, छीपानेर, लछोरा, सुरजना, मनोहरपुरा, भमोरी, गोला-मैदा, ऊंचान सहित कई जगहों से माफिया अवैध रेत निकाल रहे हैं। दिन में नाव से रेत निकालकर किनारे जमा करते हैं। रात में शहर में रेत का अवैध परिवहन होता है। कार्रवाई से बचने के लिए माफिया नाव सहित नर्मदा के दूसरे छोर पर चले जाते हैं। इससे टीम उन्हें पकड़ नहीं पाती।
वर्दी वाला गुंडा...:जब तक स्टार नहीं लगे, तब तक नहीं पहनी वर्दी, पारदी गैंग से अपराध करवाए
यह कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि उस हकीकत की है जिसमें खाकी वर्दी अपराध की ढाल बन गई। यह कहानी है रामवीर सिंह कुशवाह उर्फ रामवीर दाऊ की- जिसका नाम कभी पारदी अपराधों पर नकेल कसने वाले ‘सुपर कॉप’ के रूप में लिया जाता था और जो आज आत्माराम पारदी केस में जेल में है। मामला चर्चा में इसलिए है कि कभी पारदी गैंग में रहे आत्माराम पारदी की आत्महत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में अगले साल सुनवाई तय है, लेकिन इस बहाने रामवीर सिंह का मामला फिर गर्मा गया है...। 1997–2004: सिपाही से ‘सुपर कॉप’ बनने तक : रामवीर सिंह कुशवाह 1997 में मध्यप्रदेश पुलिस में आरक्षक के रूप में भर्ती हुआ। शुरुआती पोस्टिंग गुना जिले में रही। 2004 में श्रीराम कॉलोनी में हुए चिंटू उर्फ राजकुमार शर्मा एनकाउंटर ने उसकी किस्मत बदल दी। एनकाउंटर टीम को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला और रामवीर सीधे हेड कांस्टेबल बन गया। यहीं से पुलिस सिस्टम में उसकी पहचान एक तेज और असरदार अफसर के रूप में बनने लगी। इसके बाद वह कुछ समय शिवपुरी में एडी और एसटीएफ में रहा। 2010 में एएसआई और 2014 में प्रमोशन पाकर एसआई बनकर वह दोबारा गुना लौटा। यही वह दौर था, जब रामवीर का रसूख तेजी से बढ़ा। वर्दी से पहले रुतबा... पुलिस महकमे में यह चर्चा आम थी कि जब तक कंधे पर सितारे नहीं लगे, रामवीर वर्दी नहीं पहनता था। ओपन जीप में बंदूकधारी गार्डों के साथ चलना, अफसरों से ठसक में बात करना और ट्रांसफर–पोस्टिंग की चर्चाओं में बने रहना उसकी पहचान बन चुका था। पुलिस सूत्र बताते हैं कि देश में कहीं भी पारदी पैटर्न की डकैती होती, तो सबसे पहले रामवीर का नाम लिया जाता। पारदी गैंग से रिश्ता और अपराधों का नेटवर्क : गुना जिले के पारदी समुदाय के लोग लंबे समय से देशभर में डकैती और संगठित अपराधों के लिए कुख्यात रहे हैं। आत्माराम की आत्महत्या से रामवीर का क्या कनेक्शन? आत्माराम पारदी गुना जिले का रहने वाला था और पारदी गैंग से जुड़ा था। आरोप है कि 2015-16 में वह रामवीर के लिए खतरा बन गया। जांच में सामने आया कि आत्माराम को प्रताड़ित किया गया, गोली चलने की घटना में रामवीर की भूमिका रही। घायल आत्माराम को गाड़ी में डालकर ले जाया गया, जिसके बाद वह लापता हो गया। मामला दो साल दबा रहा। 2017 में हैबियस कॉर्पस, 2019 में एफआईआर और जांच सीआईडी को दी गई। इसके बाद रामवीर दाऊ पर आत्महत्या के लिए उकसाने, हत्या से जुड़ी भूमिका, गवाहों को धमकाने, सबूत मिटाने और पद के दुरुपयोग के आरोप लगे और 7 केस दर्ज हुए। रामवीर फरार होकर भगोड़ा घोषित हुआ। सितंबर 2024 में हाई कोर्ट से जमानत के बाद गुना लौटा, जहां वीडियो वायरल हुए। इसके बाद एसपी अंकित सोनी के निर्देश पर स्पेशल टीम ने उसे गिरफ्तार किया।
पर्यावरण सुरक्षा:अरावली में 2024 से सवा सौ खानों की टेंडरिंग, अब इनमें भी खनन नहीं
केंद्र की ओर से अरावली में नई लीज जारी करने पर रोक का असर राजस्थान से जुड़ी सवा सौ से अधिक उन खानों पर होगा, जिनकी टेंडरिंग खान विभाग कर चुका है और कागजों में ग्रांटिंग का प्रोसेस शेष है। सुप्रीम कोर्ट में ये मामला उठने के बाद खान विभाग ने 24 मई 2024 के बाद अरावली क्षेत्र में 100 मीटर से कम ऊंचाई की पहाड़ी पर टेंडरिंग की थी, लेकिन एलओआई समेत खनन संबंधित शेष प्रोसेस को पूरा नहीं किया था। हाल ही में 50 खानों का टेंडर किया गया था। विवाद के बीच खान विभाग इस टेंडरिंग प्रोसेस को रोक सकता था। विभाग ने हाईकोर्ट में हलफनामा दिया था कि विभाग ने नियमों के तहत टेंडरिंग की है। केंद्र के दिशा-निर्देशों के बाद इन खानों की टेंडरिंग पर असर तय है। खान विभाग ने 126 खानों के टेंडर किए थे। इनमें 50 खदानें अरावली रेंज के दायरे में थीं। भास्कर एक्सपर्ट- संदीप सिंह, माइनिंग एक्सपर्ट विभाग को नोटिफिकेशन का इंतजार करना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों में कहा था कि पर्यावरण मंत्रालय व अन्य एजेंसियां माइनिंग प्लान तैयार करें। इसके बाद नई लीजों पर काम करना है। विभाग को अरावली से जुड़ी नई लीजों पर काम कराने से पहले नोटिफिकेशन का इंतजार करना चाहिए था। किन जगहों पर अलॉट की गई अलवर: 20 कोटपूतली बहरोड़: 7 खेरथल तिजारा: 2 जयपुर: 6 राजसमंद: 2 झुंझुनूं: 1 सिरोही: 5 भीलवाड़ा: 6 दौसा: 1 लीज नोट: ये अरावली रेंज के निकट 100 मी. से कम ऊंचाई की पहाड़ियां हैं।
जिंसी स्टालर हाउस:पुराने स्लाटर हाउस जितने ही एनिमल की स्लॉटिंग हो पा रही
जिंसी में बना करीब 35 करोड़ रुपए की लागत वाला जीरो वेस्ट मॉडर्न स्लॉटर हाउस आखिरकार शुरू तो हो गया, लेकिन इसमें अभी पुराने स्लाटर हाउस जितने ही एनीमल की स्लॉटिंग हो रहे हैं। यानी अब भी सिर्फ 150 बड़े एनीमल की स्लॉटिंग हो पा रही है, जबकि करीब 800 बकरे अब भी दुकानों में अवैध रूप से काटे जा रहे हैं। यानी जिस उद्देश्य से इसे बनाया गया था, वह अभी पूरी तरह जमीन पर उतरता नहीं दिख रहा। थोड़ी राहत यह है कि अब पुराने स्लाटर हाउस में स्लॉटिंग के बाद आने वाला वेस्ट बंद हो गया है। नगर निगम व निजी कंपनी के बीच पीपीपी मोड पर बने इस स्लॉटर हाउस की फाइल एक साल से अटकी थी। 5 महीने से कन्सर्न टू ऑपरेट की फाइल शासन स्तर पर अटकी हुई थी। वहां से मंजूरी के बाद एमआईसी ने अक्टूबर को मंजूरी दे दी थी। 8 दिसंबर से इसे गुपचुप चालू कर दिया गया। शुरू में सिर्फ बड़े जानवरों की स्लॉटिंग हुई, जबकि शहर में रोज कटने वाले सैकड़ों बकरे-बकरियों की व्यवस्था अब भी पूरी तरह शिफ्ट नहीं हो पाई है। नगर निगम की योजना और सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी के निर्देशों के अनुसार ये होना था अभी बड़े एनिमल की स्लॉटिंग हो रही स्लॉटर हाउस को 8 दिसंबर से शुरू कर दिया गया है। अभी बड़े एनिमल की स्लॉटिंग हो रही है। दुकानों में स्लॉटिंग की अनुमति नहीं है, सभी को स्लॉटर हाउस ही आना चाहिए। - असलम कुरैशी, डायरेक्टर, लाइवस्टॉक फूड प्रोसेसर्स अवैध स्लॉटिंग पर सख्ती की जाएगी एमआईसी की मंजूरी के साथ स्लॉटर हाउस शुरू हो गया है। अवैध स्लॉटिंग पर सख्ती की जाएगी। - संस्कृति जैन, आयुक्त, नगर निगम भोपाल
आगरा के किरावली थाने में किसान को थर्ड डिग्री देने के मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों की मुश्किल बढ़ गई है। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज हो गया है। वहीं, अब पीड़ित के परिजन भी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए आज पुलिस कमिश्नर से मिलेंगे। उनका कहना है कि इस लड़ाई को वो अंत तक लडे़ंगे। वहीं, बुधवार को कांग्रेस पार्टी ने पीड़ित से मुलाकात की। पहले जानिए ये था मामला करहारा में 6 जून को किसान वनवीर सिंह (58) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वनवीर के भाई हरेंद्र सिंह के अनुसार, वह अपने घर पर अकेले रहते थे। 5 जून की रात करीब 11 बजे तक वनवीर सिंह से फोन पर बात हुई थी। सुबह करीब 10 बजे जब हरेंद्र सिंह पहुंचे तो उन्होंने अपने भाई को मरा हुआ पाया। घटनास्थल पर घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था। वनवीर के मोबाइल से सिम कार्ड गायब था। हरेंद्र सिंह ने 112 पर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की और शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। घरवालों का कहना है कि वनवीर के गले पर निशान मिले थे, जिससे हत्या की आशंका जताई जा रही। केस में राजू से पूछताछ की, 2 दिन पहले बुलाया, फिर हिरासत में रखा इस मामले में पुलिस ने 20 दिसंबर को पूछताछ के लिए गांव के ही रहने वाले राजू (35) को बुलाया। घरवालों का कहना है कि पुलिस कई बार राजू से पूछताछ कर चुकी है। लेकिन, दो दिन पहले फिर पुलिस ने उसे बुलाया। इसके बाद राजू को नहीं छोड़ा। 21 दिसंबर की शाम पता चला कि राजू को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। उसके दोनों पैरों में काफी चोट है। जब वो अस्पताल पहुंचे, तो राजू ने पुलिस की थर्ड डिग्री के बारे में बताया। पुलिस ने पैरों में जमकर डंडे बरसाएराजू ने घरवालों को बताया- पुलिस ने मेरे पैरों पर जमकर डंडे बरसाए। मारते-मारते 5 डंडे भी टूट गए। मुझे उल्टा भी लटकाया। हाथ जोड़ता रहा, लेकिन पुलिस वालों का दिल नहीं पसीजा। वो मुझे पीटते रहे। इससे मैं बेहोश हो गया। जब मेरी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, तो पुलिसवाले घबरा गए। प्राइवेट गाड़ी से हॉस्पिटल में भर्ती कराया मेरी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर पुलिसवाले मुझे प्राइवेट गाड़ी से किरावली हॉस्पिटल लेकर आए। यहां पर मेरा इलाज चल रहा है। मेरे दोनों पैरों में प्लास्टर है। पुलिस मुझ पर हत्या में शामिल होने की बात कबूल करवाने का दबाव डाल रही थी। इसीलिए इतना मारा। दो दिन तक लगातार टॉर्चर करते रहे। पुलिसवालों का कहना था कि हत्या का बात कबूल लो। दैनिक भास्कर ऐप पर खबर प्रकाशित होते ही पुलिस कमिश्नर ने संज्ञान लेते हुए एसीपी रामप्रवेश गुप्ता का ट्रांसफर कर दिया। थाना प्रभारी नीरज कुमार, एसआई व बीट कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया। मानवाधिकार आयोग में केस दर्जमामला सुर्खियों में आने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने पुलिस की थर्ड डिग्री के खिलाफ उप्र मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि बुधवार को उनका केस दर्ज कर लिया गया। अब मानवाधिकार आयोग इस मामले की जांच करेगा। ऐसे में यातना देने वाले पुलिसकर्मियों की मुश्किल अब बढ़ गई हैं। पीड़ित परिवार भी दर्ज कराएगा एफआईआरहत्या के मामले में जबरन जुर्म कबूल कराने के लिए किसान को थर्ड डिग्री देने से पीड़ित के परिजन भी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि वो आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। इसके लिए आज गुरुवार को वो तहरीर लेकर पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा तहरीर की कॉपी मुख्यमंत्री को भी भेजेंगे। पीड़ित के पिता का कहना है कि वो आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अंत तक लडे़ंगे। केंद्रीय मंत्री की भी नहीं सुनीपीड़ित के चचेरे भाई संजय शर्मा ने बताया कि उनके चाचा ने बताया था कि राजू को पुलिस ने थाने में बैठा लिया है। उससे मिलने नहीं दे रहे। पुलिस पहले भी कई बार उनसे पूछताछ कर चुकी थी। ऐसे में उन्होंने पूरे मामले को केंद्रीय राज्यमंत्री व आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल को बताया। केंद्रीय राज्यमंत्री ने खुद थाने फोन कर पीड़ित को पूछताछ के बाद छोड़ने के लिए कहा था। मगर, पुलिस ने केंद्रीय मंत्री की बात भी नहीं सुनी। बल्कि उसे थर्ड डिग्री देकर टॉर्चर किया। ---------------------- ये खबर भी पढ़ें... पत्नी ने दो बॉयफ्रेंड संग कारोबारी पति के टुकड़े किए, सोते वक्त ग्राइंडर से हाथ-पैर काटे संभल में मेरठ के सौरभ हत्याकांड जैसी वारदात सामने आई है। यहां पत्नी ने दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर कारोबारी पति की हत्या कर दी। तीनों ने पहले लोहे की रॉड, जूते में कील ठोकने वाले हथौड़े से उसके सिर पर वार किए। फिर मौत होने के बाद ग्राइंडर से शव के कई टुकड़े कर दिए। पढ़ें पूरी खबर...
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) नए साल में भोपाल में संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 4 बड़े कार्यक्रम करने जा रहा है, जिन्हें आरएसएस प्रमुख (सरसंघचालक) मोहन भागवत संबोधित करेंगे। 2 व 3 जनवरी को होने वाले इन कार्यक्रमों के जरिए संघ अपने 100 वर्ष पूरे होने के बाद भविष्य की राह क्या होगी, इसे समाज के सामने लाएगा। 2 जनवरी को युवा संवाद व प्रमुख जन गोष्ठी होगी। 3 जनवरी को सामाजिक सद्भाव सम्मेलन व शक्ति (महिला) संवाद कार्यक्रम हो गा। युवा संवाद में भारत को दुनिया के सामने संगठित, सशक्त व समर्थ राष्ट्र के रूप में खड़ा करने में युवाओं की भूमिका पर व्याख्यान होगा। संकल्प पूरा करने कार्यक्रम शताब्दी वर्ष में संघ ने समाज की सज्जन शक्ति को साथ लेकर विश्व के सामने आदर्श प्रस्तुत करने वाला संगठित, सशक्त और समर्थ भारत निर्माण करने का संकल्प लिया है। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए समाज के प्रतिष्ठित और प्रभावशाली लोगों से देशभर के प्रमुख शहरों में संवाद कार्यक्रम हो रहे हैं।
मप्र में सरकारी स्कूलों से लगातार बच्चे दूरी बना रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग में एक जानकारी एकत्रित की गई है, जिसमें दिसंबर तक डाटा सामने आया है। इसके अनुसार मप्र में केवल एक साल में सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या बीते साल से 7.44 लाख कम रही। इतने बच्चे कहां गए, स्कूल के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। यदि बीते साल का आंकड़ा भी इसमें जोड़ लें तो यह संख्या करीब 14 लाख पार कर जाएगी। सरकारी स्कूलों में कम प्रवेश लेने के मामले में आदिवासी जिले सबसे आगे हैं। इनमें बड़वानी में करीब 21 हजार, बैतूल में करीब 14 हजार, सिंगरौली में करीब 17 हजार 500, खंडवा में 14740, अलीराजपुर में लगभग 16 हजार, झाबुआ में 24992 और धार में 32348 बच्चों ने स्कूल से दूरी बनाई। यह स्थिति तब है, जबकि सीएम ने प्रवेश बढ़ाने का टारगेट स्कूलों को दिया था। 55 जिले, 3500 स्कूल... एक भी बच्चे का प्रवेश नहीं हाल यह है कि मप्र के 55 जिलों में इस साल साढ़े तीन हजार सरकारी स्कूलों से अधिक में एक भी बच्चे ने प्रवेश नहीं लिया है। वहीं 6500 से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं, जिनमें बच्चों का एडमिशन दहाई का अंक भी नहीं छू सका है। जब अधिकारी निरीक्षण करने जाते हैं तो उन्हें ही बताया जाता है कि इतने ही बच्चे हैं। अब इसको रोकने के लिए विभाग के अधिकारियों ने हेडमास्टर और शिक्षकों को कहा है कि वे स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के नाम की लिस्ट नोटिस बोर्ड पर चस्पा करें। इस मामले में विभागीय मंत्री उदय प्रताप सिंह का कहना है कि ड्रापआउट के कारण जानने के लिए लगातार हम प्रयास कर रहे हैं और सुधार भी हो रहा है। मॉनीटरिंग करने वाले अफसर के पद खाली: विभाग ने बच्चों के स्कूल छोड़ने के कारणों की जानकारी जुटाई तो उसमें मॉनीटरिंग करने वाले अफसरों की कमी भी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग में जिला स्तर पर जिला परियोजना समन्वयक व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में करीब 35% पद रिक्त हैं। इसकी वजह से निरीक्षण, मॉनिटरिंग व स्कूलों की वास्तविक रिपोर्ट समय पर नहीं आ पा रही है। भोपाल में भी डीपीसी की जिम्मेदारी राजस्व सेवा के अफसर के पास है और यहां इस साल करीब 51 हजार बच्चों ने सरकारी स्कूलों में कम प्रवेश लिया है।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा:14 लाख अपात्रों के नाम हटाए गए, घर- घर राशन योजना का विस्तार
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि सीएम डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सार्वजनिक वितरण प्रणाली, उपभोक्ता संरक्षण, किसान हित व गैस आपूर्ति के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गई हैं। विभाग द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं तकनीक आधारित निगरानी व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने विभाग की दो साल की उपलब्धियों का लेखा-जोखा सामने रखा। हितग्राहियों को एसएमएस से दी जा रही राशन की जानकारी मंत्री राजपूत ने बताया कि अपात्र लोगों को राशन बांटने की जांच कर लगातार कार्रवाई हो रही है। 14 लाख नाम हटाए हैं। राजपूत ने कहा कि निजी सरकारी गोदाम मिलाकर पर्याप्त स्टोरेज उपलब्ध है। निजी गोदाम कई बार खाली रह जाते हैं, इसलिए एक्सपर्ट्स के माध्यम से आयोजन करेंगे। उन्हें अन्य उत्पादों के भण्डारण की तरफ डायवर्ट करेंगे। मंत्री के मुताबिक 89 आदिवासी ब्लॉक में घर पर राशन भेजने की सुविधा है, इसको जल्द पूरे प्रदेश में लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत प्रदेश के 5 करोड़ 25 लाख से अधिक हितग्राहियों को लगभग 22 हजार 800 करोड़ रुपए मूल्य का नि:शुल्क खाद्यान्न वितरित किया गया। राशन वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम लागू किया। हितग्राहियों को एसएमएस से राशन आने व वितरण की जानकारी दी जा रही है। 15 जिलों में राशन दुकान से बेचेंगे किराना: विभाग ने इंदौर में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करके राशन दुकानों से अनाज के अलावा किराना, जनरल स्टोर व ओडीओपी उत्पाद आदि बेचने की शुरुआत की थी। अब सीएम पोषण मार्ट के तहत भोपाल सहित 15 अन्य जिलों में ये योजना लागू होगी, ताकि राशन दुकान संचालकों की आय बढ़े और ग्राहक को एक जगह सब सामान मिले।
सांसद खेल महोत्सव आज से होगा शुरू:पीएम नरेन्द्र मोदी इंदौर के दिव्यांग खिलाड़ियों से करेंगे संवाद
खेल संस्कृति को जन-आंदोलन का रूप देने देशभर में सांसद खेल महोत्सव के आयोजन किए जा रहे हैं। 25 दिसंबर यानी आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन महोत्सव में शामिल खिलाड़ियों से संवाद करेंगे। इंदौर में यह आयोजन वैष्णव महाविद्यालय में होगा। स्पर्धा के समन्वयक कपिल जैन ने बताया कि पीएम 11 बजे कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे और देशभर के खिलाड़ियों से संवाद करेंगे। कपिल जैन ने बताया कि पीएमओ से इंदौर सहित कुछ अन्य शहरों को स्पेशल केटेगरी में रखा गया है। जहां के खिलाड़ियों से पीएम बातचीत भी करेंगे। इंदौर में भी टू वे कान्फ्रेसिंग सिस्टम लगाया गया है। सांसद शंकर लालवानी के नेतृत्व में आयोजित खेल महोत्सव का उद्देश्य केवल प्रतियोगिताएं कराना नहीं, बल्कि खेल को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना, युवाओं को फिटनेस से जोड़ना और छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे लाना है।इस बार लगभग 1000 से अधिक दिव्यांग खिलाड़ी सांसद खेल महोत्सव से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इनसे सीधा संवाद करेंगे। उनका यह संवाद खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाएगा और भविष्य में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगा। जैन ने बताया कि सांसद खेल महोत्सव–2025 का उद्देश्य केवल प्रतियोगिताएं कराना नहीं, बल्कि खेल को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना, युवाओं को फिटनेस से जोड़ना और छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे लाना है। इस वर्ष ग्रामीण, शहरी, महिला, युवा और दिव्यांग खिलाड़ियों की व्यापक सहभागिता देखने को मिल रही है, जो इंदौर में मजबूत होती खेल संस्कृति को दर्शाती है। पीएम ने खेलों को जन-जन तक पहुंचायासांसद शंकर लालवानी ने कहा कि आज पीएम के मार्गदर्शन और प्रेरणा से इंदौर में इतना बड़ा खेल आयोजन संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र के लिए सही मायनों में राष्ट्रनायक हैं, जिनकी सोच ने फिट इंडिया और खेलों को जन-जन तक पहुंचाया है। इस आयोजन की सबसे खास बात यह है कि इस बार लगभग 1000 से अधिक दिव्यांग खिलाड़ी सांसद खेल महोत्सव–2025 से जुड़ रहे हैं। यह मंच दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए आत्मविश्वास, सम्मान और राष्ट्रीय पहचान का एक बड़ा अवसर बन रहा है।
मध्य प्रदेश के राजगढ़ ब्यावरा का एक गांव 'कड़िया सांसी' यहां छह से सात साल का बच्चा भी चोरी करने में माहिर है। सांसी गैंग देश के बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित कई गांव में चोरी की वारदात कर चुके हैं। सांसी समुदाय के लोग शादियों में चोरी करने में माहिर हैं। यह एकजुट होकर रहते हैं, यही कारण है कि यहां पुलिस को घुसने में भी डर लगता है। इसी गांव का एक 9 साल के बालक 'छोटू' की तलाश पुलिस को है।इस छोटू को सांसी गैंग का सरगना शिवा सिसोदिया (सांसी) ग्वालियर में चोरी के लिए लेकर आया था। गैंग के एक सदस्य को पिछले सप्ताह पुलिस ने पकड़कर मामले का खुलासा भी किया है। जिससे खुलासा हुआ था कि छोटू को उसके पिता ने शादियों में चोरी की ट्रेनिंग दी थी। इसके बाद 2 लाख रुपए सलाना पर शिवा की गैंग को ठेका पर दिया था। छोटू एक बच्चा है, जबकि गांव के बच्चों को इसी तरह तैयार कर अन्य शहर व राज्यों में वारदात के लिए भेजा जाता है। दो लाख रुपए सालाना और हर चोरी पर 10 फीसदी कमीशनपुलिस जांच में सामने आया है कि कड़िया सांसी गैंग बच्चों से भी चोरी कराती थी। पुलिस ने पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा क्षेत्र के बोडा कस्बे से कड़िया सांसी गैंग के एक सदस्य संतोष सिसोदिया (सांसी) को गिरफ्तार किया था। आरोपी के पास से 7.80 लाख रुपए नकद बरामद किए गए। तीन दिन की पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि अभिनंदन वाटिका से 11 लाख रुपए की चोरी एक 9 साल के बच्चे ‘छोटू’ ने की थी। आरोपी के मुताबिक, छोटू चोरी करने में माहिर है और उसे छह साल की उम्र से ही उसके पिता ने शादियों में चोरी की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। ट्रेनिंग के बाद बच्चे को कड़िया सांसी गांव के शिवा सिसोदिया (सांसी) की गैंग को दो लाख रुपए प्रति वर्ष के ठेके पर सौंप दिया गया। इसके अलावा, हर चोरी में बच्चे के हिस्से के रूप में 10 फीसदी कमीशन तय किया गया था। पुलिस के अनुसार, इस खुलासे के बाद न सिर्फ गैंग की गतिविधियों बल्कि बच्चों को अपराध में झोंकने के पूरे नेटवर्क की गंभीरता से जांच की जा रही है। शादियों में चोरी से लेकर पकड़े जाने पर बचाव तक की ट्रेनिंगपुलिस जांच में सामने आया है कि कड़िया सांसी गैंग में शामिल गांव के बच्चों को शादियों में चोरी करने की पूरी और व्यवस्थित ट्रेनिंग दी जाती थी। गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि यह बच्चा चोरी करने में माहिर है। उसे सिखाया गया था कि मेहमान बनकर शादियों के पंडाल में कैसे घुसना है, किन जगहों पर हाथ की सफाई दिखाई जा सकती है और किस तरह टारगेट चुनना है। इतना ही नहीं, गैंग बच्चों को यह भी प्रशिक्षण देती थी कि अगर चोरी के दौरान पकड़े जाएं तो लोगों और पुलिस के सामने कैसा व्यवहार करना है। बचाव के तरीकों के तहत बच्चों को समझाया जाता था कि वे खामोश रहें, क्योंकि नाबालिग होने के कारण पुलिस उन पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल नहीं कर सकती।आरोपी के अनुसार, बच्चों को यह भी सिखाया गया था कि यदि पुलिस सख्ती करे या हाथ उठाए तो तबीयत खराब होने का नाटक करें, ताकि दबाव बनाया जा सके। पुलिस इस पूरे नेटवर्क को गंभीर मानते हुए जांच में जुटी है और बच्चों को अपराध में झोंकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है। सालभर चोरी कर एक जगह छिपाते हैं पैसाअभिनंदन वाटिका में 11 लाख रुपए की चोरी के मामले में गिरफ्तार संतोष सांसी ने पूछताछ में बताया कि उसका दामाद बंटी सांसी, निवासी लक्ष्मीपुरा थाना छबड़ा, जिला बारां (राजस्थान) है। बंटी का भाई शिवा सिसोदिया उर्फ मटरू सिसोदिया (सांसी) गांव के एक छोटे बच्चे के साथ मिलकर ग्वालियर के शादी गार्डन से 11 लाख रुपए चोरी कर चुका है। संतोष के मुताबिक, चोरी के बाद शिवा ने 7 लाख 80 हजार रुपए उसे छिपाकर रखने के लिए पॉलीथिन में दिए थे। बाद में पैसे वापस लेने के लिए शिवा ने उसे बोडा हनुमान मंदिर के पास बुलाया, जहां पुलिस ने संतोष को पकड़ लिया। आरोपी ने यह भी बताया कि शिवा की गैंग में कई बच्चे शामिल हैं, जिन्हें ठेके पर लिया गया है। यह गैंग पूरे शादी सीजन में चोरी करती है, सारा माल एक जगह इकट्ठा किया जाता है और सीजन के अंत में बंटवारा होता है। CCTV फुटेज से हुई मास्टरमाइंड शिवा की पहचान28 नवंबर को ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र स्थित अभिनंदन वाटिका में रिटायर्ड बीएसएफ अधिकारी के बेटे के लगुन-फलदान कार्यक्रम के दौरान 11 लाख रुपए चोरी हो गए थे। वारदात के बाद पुलिस ने मैरिज गार्डन के CCTV फुटेज खंगाले, जिसमें 8 से 9 साल का एक बच्चा और एक युवक चोरी करते व रैकी करते नजर आए। पुलिस को पहले से जानकारी थी कि शादियों में चोरी करने वाली गैंग राजगढ़ जिले के तीन गांवों से जुड़ी है। जब CCTV फुटेज वायरल किए गए तो युवक की पहचान शातिर चोर शिवा सिसोदिया (सांसी) के रूप में हुई। जांच में सामने आया कि शिवा हाल ही में कड़िया सांसी गांव में गैंग बना चुका है, जिसमें 2 से 3 बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस जब शिवा तक पहुंची तो वह फरार मिला, लेकिन उसका पैसा ठिकाने लगाने वाला संतोष सांसी पकड़ा गया। राजस्थान से आकर राजगढ़ में बसे, बनाई चोरी की गैंगपुलिस के अनुसार, राजगढ़ जिले के ब्यावरा-बोडा क्षेत्र के कड़िया सांसी गांव में बसे सांसी समुदाय के लोग मूल रूप से राजस्थान के बारां जिले के छबड़ा क्षेत्र के निवासी हैं। पलायन कर यहां बसने के बाद उन्होंने संगठित गिरोह बनाए।जानकारी के मुताबिक, गांव में कई चोरी गैंग सक्रिय हैं, जिनमें बच्चों को भी शामिल किया जाता है। कड़िया सांसी गांव में कई चोर गिरोह और अवैध शराब का कारोबार भी सक्रिय है। हालात ऐसे हैं कि पुलिस सीधे गांव में दबिश नहीं देती। कार्रवाई से पहले पूरी प्लानिंग और घेराबंदी की जाती है। ऐसे समझिए पूरा मामला ग्वालियर के गोला का मंदिर, पिंटो पार्क सैनिक कॉलोनी निवासी भुवनेश सिंह तोमर, बीएसएफ से रिटायर्ड अधिकारी हैं। 28 नवंबर की रात उनके बेटे का लगुन-फलदान कार्यक्रम अभिनंदन वाटिका, भिंड रोड पर आयोजित था। कार्यक्रम में समधी पक्ष ने 11 लाख रुपए नकद दिए, जो भुवनेश के पिता गजेंद्र सिंह तोमर को सौंपे गए। उन्होंने रकम से भरा बैग मैरिज गार्डन के एक कमरे में रजाई-गद्दे के नीचे रखकर बाहर से ताला लगा दिया। रात करीब एक बजे जब वे बैग लेने पहुंचे तो कमरे का ताला लगा था, लेकिन खिड़की खुली मिली। अंदर बैग गायब था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। डीएसपी क्राइम व सीएसपी नागेन्द्र सिंह सिकरवार ने बताया कि अभिनंदन वाटिका में 11 लाख रुपए कैश चोरी का खुलासा कर दिया है। कड़िया सांसी गैंग के एक सदस्य को पकड़कर काफी हद तक कैश बरामद हो गया है। शेष आरोपियों की तलाश की जा रही है। यह गैंग शादियों में चोरी करने में माहिर है।
राज्य सरकार को अब हर उस इवेंट पर टीडीएस की राशि काटकर आयकर विभाग को देना होगी जिसमें सिंगर, डांसर और कवि बुलाए जाते हैं और उन्हें मोटी फीस दी जाती है। इसके साथ ही अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम जो लाखों रुपए खर्च कर आयोजित किए जाते हैं उन पर भी टीडीएस जमा करना जरूरी है। आयकर विभाग ने ऐसे आयोजनों पर निगरानी रखने के साथ राज्य सरकार के विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर ऐसे आयोजन की टीडीएस राशि मांगना भी शुरू कर दिया है। जो विभाग राशि नहीं देंगे, उनके विरुद्ध आयकर विभाग के टीडीएस अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश के लोक निर्माण विभाग, संस्कृति विभाग, लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग, खनिज साधन विभाग के अलावा अन्य ऐसे विभाग जो टेंडर के जरिए ठेकेदारों को काम सौंपते हैं या कोई इवेंट, सांस्कृतिक कार्यक्रम कराते हैं, उन सभी विभागों को टीडीएस काटना अनिवार्य कर दिया गया है। टीडीएस कटौती के दायरे में कमीशन, टेक्निकल सर्विस या प्रोफेशनल सेवाओं को भी शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही सार्वजनिक उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड, कोल माइंस और अन्य संस्थान भी टीडीएस कटौती के दायरे में आते हैं। प्रावधान की जानकारी नहीं, इसलिए पत्र लिखकर बता रहेआयकर विभाग की आयुक्त टीडीएस विंग भारती सिंह बताती हैं कि राज्य सरकार के विभागों को इसकी जानकारी नहीं है कि अब आयकर अधिनियम के अंतर्गत किन सेवाओं में टीडीएस कटौती शुरू हो गई है। इसलिए विभाग संबंधित विभागों की जानकारी लेकर उन्हें पत्र लेकर आयकर अधिनियमों की जानकारी देता है और टीडीएस काटा है तो उस राशि को आयकर कोष में जमा करने के लिए कहा जाता है और अगर नहीं काटा है तो टीडीएस कटौती के लिए कहा जाता है। कमिश्नर भारती सिंह का कहना है कि एमपी सरकार के विभागों को पत्र लिखने का काम शुरू कर दिया है। लोक निर्माण विभाग से पिछले चार माह में टीडीएस रेवेन्यू आया भी है। टीडीएस जमा कराने की अधिकांश कार्रवाई आयकर अधिनियम की धारा 194 (जे) के आधार पर की जाती है। संस्कृति विभाग में किया सर्वे, टीडीएस जमा करने कहामध्यप्रदेश का संस्कृति विभाग एक नवंबर को स्थापना दिवस पर सिंगर, डांसर और अन्य कलाकारों को बुला चुका है। इसके अलावा प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों के लिए भी विभाग ने बाहर से आर्टिस्ट बुलाए हैं। इसलिए आयकर विभाग के अफसरों ने पिछले दिनों संस्कृति विभाग पहुंचकर टीडीएस की जानकारी ली है और आयोजनों की जानकारी लेकर टीडीएस कैलकुलेट कर आयकर कोष में जमा कराने को कहा है। 33 हजार करोड़ के राजस्व में 21 हजार करोड़ आता है टीडीएस से आयकर विभाग की टीडीएस कमिश्नर भारती सिंह का कहना है कि एमपी-सीजी में आयकर विभाग को हर साल मिलने वाले राजस्व का एक बड़ा हिस्सा टीडीएस से ही आता है। एक साल में 33 हजार करोड़ का राजस्व आयकर विभाग जुटाता है जिसमें 21 हजार करोड़ टीडीएस कटौती से आते हैं। इसके अलावा छापे और अन्य तरह की कार्यवाही से बाकी राजस्व आता है। हेल्थ और स्कूल एजुकेशन में कर चुके आउटरीच प्रोग्रामआयकर विभाग ने टीडीएस से होने वाली आमदनी को बढ़ाने के लिए लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के सीएमएचओ को बुलाकर आउटरीच प्रोग्राम भी किया है। इसके साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग में विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को भी बुलाकर जानकारी दी गई है कि किस तरह से टीडीएस की कटौती करना है। इनके विरुद्ध विभाग को गड़बड़ी की शिकायतें भी मिल रही थीं, इसलिए भी इन्हें बुलाकर समझाईश देने का काम किया गया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में गुरुवार (25 दिसंबर) को ग्वालियर के मेला ग्राउंड में ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट –निवेश से रोजगार’ का राज्य स्तरीय कार्यक्रम किया जा रहा है। यह आयोजन औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन और रोजगार आधारित विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। कार्यक्रम में निवेशकों को सिंगल क्लिक से औद्योगिक प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंच से 02 लाख करोड़ रुपए की औद्योगिक इकाइयों का भूमि पूजन व लोकार्पण करेंगे। कार्यक्रम में भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित ग्रोथ समिट आत्मनिर्भर, समृद्ध और रोज़गार-समृद्ध मध्यप्रदेश के संकल्प को रेखांकित करेगी। बुधवार को सीएम डॉ. मोहन यादव व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया था। ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट में 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों के लिए भूमि आवंटन किया जायेगा। इसके साथ ही 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की औद्योगिक परियोजनाओं का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया जाएगा। इससे प्रदेश में विकासात्मक गतिविधियों को और अधिक गति मिलेगी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित इस ग्रोथ समिट से प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर होगा। “निवेश से रोजगार व अटल संकल्प, उज्ज्वल मध्यप्रदेश” की थीम पर आधारित इस समिट में विगत 2 वर्षों में प्रदेश में हुए औद्योगिक विस्तार, निवेश उपलब्धियों और रोज़गार सृजन के वास्तविक परिणामों को सबके साथ साझा किया जाएगा।सुबह 11.50 बजे कार्यक्रम में पहुंचेंगे अमित शाहग्वालियर के मेला मैदान में गुरुवार सुबह 11.50 बजे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह कार्यक्रम में पहुंचेंगे। यहां करीब दो घंटे रहने के बाद वह 1.50 बजे एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे। इस दो घंटे के कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में स्थानीय लोगों के समग्र विकास के लिये उन्हें सीधे रोजगार और आजीविका से जोड़ने के लिये ग्रोथ समिट का आयोजन किया जा रहा है। इस समिट से नए औद्योगिक क्षेत्र, क्लस्टर और प्लग-एंड-प्ले इकाइयों की शुरुआत से स्थानीय स्तर पर उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा। इससे युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे।17 घंटे हाई अलर्ट पर शहरकेन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा के चलते 17 घंटे शहर हाई अलर्ट पर है। जिन स्थानों पर देश के गृहमंत्री का कार्यक्रम है, उन स्थानों पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए है। सुरक्षा ऐसी है कि इन स्थानों पर परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। गुरुवार को गृहमंत्री के गोरखी और मेला ग्राउंड में कार्यक्रम है, इसके बाद वह एयरपोर्ट रवाना होगे। इस दौरान इन मार्गो पर यातायात रोका जाएगा। जिससे वाहन चालक जाम में फंस सकते है। पुलिस ने शहरवासियों से अपील की है कि इन मार्गो के स्थान पर डायवर्ट मार्ग का प्रयोग करे, जिससे परेशानी का शिकार ना हो। CRPF ने संभाली सुरक्षा की कमानगृह मंत्री अमित शाह के आने से पूर्व उनकी सुरक्षा की कमान सीआरपीएफ के कमांडो ने संभाल ली है। बुधवार को सुबह से ही सीआरपीएफ कमांडेंट ने पुलिस अफसरों के साथ हर उस स्थान और मार्ग का निरीक्षण किया। जिन मार्गो से गृहमंत्री को कार्यक्रम स्थल पर जाना है। साथ ही जब तक गृह मंत्री अमित शाह ग्वालियर में रहेंगे पूरा क्षेत्र नो फ्लाइंग जोन रहेगा। इसके साथ ही पुलिस अफसरों के साथ सीआरपीएफ ने फाइनल कारकेड निकालकर तैयारियों में किसी तरह की कमी तो नहीं इसे परखा।उद्योग जगत की सहभागिताग्रोथ समिट में देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति और औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इनमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गौतम सोलर, हीडलबर्ग सीमेंट, एलएनजे भीलवाड़ा समूह, जेके टायर, टोरेंट पावर, मैकेन फूड, एलिक्सर इंडस्ट्रीज, ग्रीनको, जुपिटर वैगन्स, डाबर इंडिया, वर्धमान समूह, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसे प्रमुख औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।प्रदर्शनी भी आकर्षण का केन्द्रकार्यक्रम स्थल पर स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन, विचारों और विकास दृष्टि पर आधारित विशेष प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश में बीते 2 वर्षों में हुए औद्योगिक सुधारों, निवेश प्रयासों और रोजगार उपलब्धियों को दर्शाने वाली प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिससे मध्यप्रदेश की औद्योगिक यात्रा को एक ही स्थान पर देखा जा सकेगा। समारोह में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री एदल सिंह कंषाना, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग सहित अन्य कैबिनेट मंत्री उपस्थित रहेंगे।
31 दिसंबर को लेकर इंदौर में पुलिस ने प्लानिंग की है। होटल, पब, बार, फॉर्म हाउस, मैरिज गार्डन संचालकों को बताया कि उन्हें 31 दिसंबर को क्या करना है और कैसे करना है। इसके साथ ही उन्हें कई दिशा-निर्देश दिए है। दरअसल, 31 दिसंबर यानी नए साल को देखते हुए सुरक्षा, शांति व्यवस्था, ट्रैफिक के सुचारू संचालन और ध्वनि नियंत्रण को देखते हुए इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने इंदौर पुलिस को सभी से समन्वय कर प्रभावी कार्रवाई करने के लिए कहा। जिसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों सहित कुछ थाना प्रभारियों के साथ मिलकर बार-पब, होटल, फॉर्म हाउस, मैरिज गार्डन संचालकों के साथ चर्चा की। खासतौर पर विजय नगर, बायपास सहित अन्य छोटे-बड़े होटल,बार-पब संचालकों को बुलाया। इसमें करीब 150 लोग शामिल हुए। इसमें पुलिस अधिकारियों ने दोनों बातें बताई यानी इस दिन क्या करना है और क्या नहीं करना है। क्या करना है सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भीड़ और ट्रैफिक मैनेजमेंट महिला और लोगों की सुरक्षा पुलिस अधिकारियों ने ये भी बताया कि क्या नहीं करना है पुलिस अधिकारियों ने ये भी बताया कि विवाद होने या कोई अप्रिय घटना होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दे। पुलिस और इमरजेंसी नंबर आवश्यक रूप से प्रदर्शित करें। निर्देशों का सख्ती से पालन करने होगा अगर नियमों का उल्लंघन करते मिलने पर लाइसेंस निरस्तीकरण, सीलिंग, जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी अप्रिय घटना के संबंध में पूरी जिम्मेदारी आयोजक प्रबंधक की होगी।
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा:कमलनाथ सरकार ने फर्जी किसानों' की लोन माफी योजना को लागू किया
खेल-युवा कल्याण एवं सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने आरोप लगाया है कि कमलनाथ सरकार ने जो 'फर्जी किसानों' की लोन माफी योजना लागू की थी, उससे सहकारी समितियों और बैंकों की हालत बिगड़ गई थी। बीते दो सालों में इन बैंकों की हालत सुधारने की कोशिश हुई है। मंत्री सारंग ने भोपाल में बुधवार को अपने विभागों की उपलब्धियां सामने रखीं। खाद की कमी नहीं, जल्द किसानों के दरवाजे पर पहुंचाएंगे खाद की कमी पर होने वाले किसानों के लगातार प्रदर्शन पर सारंग ने कहा कि 20 साल में खाद की उपलब्धता 9 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 41 एलएमटी की है। कहीं कमी नहीं है। जल्द ई विकास पोर्टल से खाद किसान के घर या सीधे खेत तक भी पहुंचाएंगे। सहकारी समितियों के 13 लाख डिफॉल्टर किसानों के लिए एकमुश्त योजना बन रही है। मंत्री सारंग ने बताया कि साल 2047 तक मप्र को स्पोर्ट्स हब बनाने का प्लान है। प्रदेश में 20 हॉकी टर्फ, 10 एथलेटिक ट्रैक और 120 स्टेडियम बनेंगे। बेहतर ट्रेनिंग देने खिलाड़ियों को विदेश भेज रहे हैं, विदेशी कोच भी बुला रहे हैं। बड़े खेल आयोजन करके स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ावा देंगे। इससे होटल, ट्रासंपोर्ट और स्थानीय रोजगार बढ़ेंगे। खेल कोटे से हर साल 10 एसआई और 50 कांस्टेबल बनाएंगे। दो साल में सुधार देंगे स्थिति... 38 में से 15 सहकारी बैंकों की हालत खराब होने के प्रश्न पर मंत्री सारंग ने कहा कि सरकार ने मार्च 2025 में इन बैंकों के लिए 300 करोड़ दिए, जिनसे 6 बैंकों को 50-50 करोड़ रुपए दिए हैं। उन्होंने ये भी कहा- बैंक जो खराब हालत में आए, वैसे तो ये विषय पॉलिटिकल नहीं है पर उन्हें कहने में संकोच नहीं है कि 15 महीने की कांग्रेस सरकार में जो 'फर्जी किसानों' के ऋण माफी की योजना लागू की थी, इससे सहकारी समितियों (पैक्स) व सहकारी बैंकों की आर्थिक हालत बिगड़ी थी। सरकार दो सालों में इनका संचालन सुचारु कर देगी।
इंदौर के हीरानगर में सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वायरल वीडियो में वह एक पुलिसकर्मी गोरख खेम के साथ बदसलूकी करते हुए दिखा था। भीड़ इकट्ठा कर वह जबदस्ती माफी मंगवाने की बात करते नजर आया था। इस मामले की जानकारी वरिष्ठ अफसरों तक पहुंची तो उन्होंने मामले में संज्ञान लिया है। सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के खिलाफ हेड कांस्टेबल ने भी लिखित में शिकायत दी है। इसे लेकर अफसर कार्रवाई का मन बना चुके हैं।एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक इन्फ्लूएंसर सोनू उर्फ पंकज वर्मा को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ। जिसमें वह हीरानगर के एक हेड कांस्टेबल के साथ बदसलूकी करते नजर आ रहा है। इस मामले को संज्ञान में लिया गया है। वहीं वरिष्ठ अफसरों के आदेश के बाद मामले में सोनू पर कार्रवाई की जा रही है।डायल 112 के पाइंट पर पहुंचा था पुलिसकर्मीइस मामले में टीआई सुशील पटेल ने गोरख को बुलाकर पूछताछ की। उसने बताया कि रात में वह ड्यूटी पर था। उसे डॉयल 112 से पाइंट मिला था। जिसमें सूचना के बाद वह मौके पर पहुंचा था। यहां भीड़ में मौजूद सोनू की उससे धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद वह खुद को सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर बताते हुए विवाद करने लगा। उसने मौके पर वीडियो बनाया और माफी मांगने की बात करते रहा। वह यहां पर कार्रवाई को बीच में रोक रहा था। अफसरों के कहने पर गौरख खेम से एक लिखित आवेदन लेकर कार्रवाई की बात कही गई। इस तरह के व्यवहार चिंताजनक हैं: डीसीपीएडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने इस तरह के इन्फ्लूएंसर के व्यवहार को चिंताजनक माना है। उन्होंने बताया कि किसी को पुलिस की कार्रवाई को रोकने का इस तरह का अधिकार नहीं है। इंदौर कमिश्नरी में पुलिस पर किसी तरह का दबाव बर्दाश्त नही किया जाएगा।नकली गोविंदा मांग चुका है माफीकुछ दिन पहले नकली गोविंदा का वीडियो पुलिस वर्दी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। मध्य प्रदेश पुलिस की वर्दी पहनकर उसने एक वीडियो बनाया था। जब मामले की जानकारी इंदौर पुलिस के अफसरों को लगी थी तो एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया से आफिस आकर सार्वजनिक रूप से उसने माफी मांगी थी। ये खबर भी पढ़ें... इंदौर में इन्फ्लूएंसर और पुलिसकर्मी के बीच विवाद इंदौर के हीरानगर थाना क्षेत्र का एक वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर सामने आया है। जिसमें पुलिस कर्मी और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के बीच विवाद चल रहा है। वीडियो में खुद को इन्फ्लूएंसर बताने वाला सोनू हीरानगर थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल खेम सिंह को थप्पड़ मारने और सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करने की धमकी दे रहा है। पूरी खबर पढ़ें
तेंदुए की खाल की तस्करी करने के मामले में भोपाल कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए चार-चार साल की सजा सुनाई है। प्रत्येक आरोपी पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अग्निध्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने सुनाया। आरोपियों के नाम बिल्लौर सिंह सोलंकी और कैलाश सोलंकी हैं। दोनों ही तेंदुए की खाल को झोले में भरकर बेचने के लिए ले जा रहे थे। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुधा विजय सिंह भदौरिया ने प्रभावी पैरवी की। 2018 की है घटना: खरगोन जिले के है दोनों आरोपी घटना 19 फरवरी 2018 की है। एसटीएफ कार्यालय जबलपुर को सूचना मिली थी कि खरगोन जिले के रहने वाले दोनों आरोपी तेंदुए की खाल बेचने का प्रयास कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर एसटीएफ भोपाल को अलर्ट किया गया। इसके बाद 21 फरवरी 2018 को एसटीएफ की टीम ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को जबलपुर में झोला लिए पकड़ा। कपड़े में लिपटी तेंदुए की खाल बरामद हुई। खाल चार टुकड़ों में थी, जिसमें धड़, पूंछ सहित जबड़ा और दांत भी शामिल थे। इसके बाद भोपाल एसटीएफ थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। कोर्ट में प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी पाया गया, जिसके बाद अदालत ने सजा सुनाई। शेड्यूल-I प्राणी है तेंदुआ: तेंदुआ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की शेड्यूल-I सूची में है। इस श्रेणी देश में तेंदुए का शिकार करना, उसे रखना, परिवहन करना, उसकी खाल का व्यापार करना गंभीर और गैर-जमानती अपराध है। दोषी पर 3 से 7 साल तक की सजा-जुर्माने का प्रावधान है।
जोधपुर की एक बालिका वधु को 19 साल बाद बाल विवाह के बंधन से मुक्ति मिली है। जब वह 34 दिन की थी तो साल 2005 में उसकी शादी कर दी गई। बाल विवाह की शिकार बालिका वधु सोनिया ने करीब 19 साल तक दंश झेला, अब जाकर वह बाल विवाह की जंजीरों से मुक्त हुई हैं। जोधपुर पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 के न्यायाधीश सतीश चंद्र गोदारा ने सोनिया के बाल विवाह निरस्त का फैसला सुनाया। इसके साथ ही सोनिया व परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक गए। सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती के संबल और प्रयासों से सोनिया का बाल विवाह निरस्त हो पाया। साल 2005 में विवाह, 2022 मे हुआ गौना सोनिया का बाल विवाह जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2005 में हुआ था, जब वह केवल 34 दिन की ही थीं। साल 2022 में गौना होने के बाद ससुराल भेजा गया, लेकिन कुछ अभद्रता के कारण मजबूरन पिता के घर लौटीं। इस पीड़ा के बीच सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी और चाइल्ड एंड वूमन राइट्स एडवोकेट डॉ. कृति भारती की बाल विवाह निरस्त की मुहिम के बारे में पता चला। डॉ. कृति के संबल से सोनिया ने हिम्मत जुटाई और पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 में बाल विवाह निरस्तीकरण का वाद दायर किया। काउंसलिंग में सहमति, कोर्ट में 5 माह में सुनाया फैसला डॉ. कृति भारती ने दोनों पक्षों की काउंसलिंग की। जिसमें दोनों पक्षों की बाल विवाह निरस्त करने पर सहमति बन गई। वर पक्ष के अधिवक्ता प्रकाश विश्नोई का भी सकारात्मक सहयोग रहा। न्यायालय में बाल विवाह के तथ्यों और दस्तावेजों को पेश किया गया। जिस पर पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 के न्यायाधीश सतीश चंद्र गोदारा ने सुनवाई कर बाल विवाह निरस्त का फैसला सुनाया। सोनिया को केवल 5 माह की न्यायिक प्रक्रिया में ही बाल विवाह से मुक्ति मिल गई। बाल विवाह एक जघन्य अपराध फैसला सुनाते हुए पारिवारिक न्यायालय संख्या-1 के न्यायाधीश सतीश चंद्र गोदारा ने बाल विवाह की कुप्रथा पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह बच्चों के बचपन, शिक्षा और स्वास्थ्य को छीनने वाला जघन्य कृत्य है। ऐसी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। डॉ. कृति भारती ने 53 बाल विवाह निरस्त कराए, 2200 रुकवाए उल्लेखनीय है कि सारथी ट्रस्ट की डॉ. कृति भारती ने ही देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाया था। अब तक उन्होंने 53 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवा दिए हैं तथा करीब 2200 से अधिक बाल विवाह रोके हैं। साहसिक मुहिम के लिए वर्ल्ड रिकार्ड्स इंडिया,एशिया बुक और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज है। सीबीएसई ने उनकी मुहिम को कक्षा 11 के पाठ्यक्रम में शामिल किया। डॉ. कृति को टेफ्ड मैगजीन की वर्ल्ड टॉप टेन एक्टिविस्ट सूची, बीबीसी की 100 प्रभावशाली महिलाओं की सूची, मारवाड़-मेवाड़ रत्न सहित कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है। अब संवारूंगी अपना भविष्य फैसले के बाद सोनिया ने कहा -मुझे बाल विवाह कभी स्वीकार नहीं था। डॉ. कृति दीदी की मदद से मैंने लड़ाई लड़ी और अब आजाद हूं। अब पढ़ाई और आगे बढ़कर अपना भविष्य संवारूंगी। वहीं डॉ.कृति भारती ने कहा कि सोनिया को बाल विवाह से मुक्ति मिलना हमारी मुहिम की एक और जीत है। अब सोनिया के बेहतरीन पुनर्वास के लिए प्रयास कर रहे हैं।
SMS स्टेडियम में IPL जैसा नजारा:उम्मीद 3000 तक की, स्टेडियम पहुंच गए लगभग 20 हजार क्रिकेटप्रेमी
न कोई इंटरनेशनल क्रिकेट मैच और ना ही आईपीएल का मैच, लेकिन SMS स्टेडियम दर्शकों से हाउसफुल था।क्रिसमस ईव पर स्टेडियम का यह नजारा पूरी तरह से IPL जैसा था। दुनिया के नंबर-वन वनडे बल्लेबाज हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा को देखने के लिए स्टेडियम में जनसैलाब उमड़ा। स्टेडियम में लगभग 20 हजार दर्शक पहुंच गए, जबकि उम्मीद 2 से 3 हजार दर्शक की थी। यानी लगभग 600 प्रतिशत ज्यादा दर्शक पहुंच गए अपने पसंदीदा खिलाड़ी को देखने। काफी संख्या में तो दर्शक स्टेडियम में घुस ही नहीं पाए। रोहित के चाहने वाले इतनी संख्या में पहुंच गए कि टोंक रोड तक पर जाम लग गया। उल्लेखनीय है कि आईपीएल के दौरान 23 से 24 हजार दर्शक मैच देखने पहुंचते हैं। मैच शुरू होने से पहले ही पहुंच गए 3000 दर्शक 20000 क्रिकेट प्रेमी रोहित को देखने पहुंचे200+ पुलिसकर्मियों को मोर्चे पर लगाया50+ प्राइवेट बाउंसर सुरक्षा में लगे पहली बार डोमेस्टिक क्रिकेट में SMS हाउसफुल हुआ मैच 9 बजे शुरू होना था, लेकिन क्रिकेटप्रेमी सुबह 6 बजे से ही स्टेडियम पहुंचना शुरू हो गए थे। जब मैच शुरू हुआ, उस समय तक स्टेडियम में 3000 के करीब दर्शक थे। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा दर्शकों की संख्या बढ़ती गई और स्टेडियम हाउसफुल हो गया। 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को स्टेडियम में मोर्चे पर लगाया। 50 से ज्यादा बाउंसर भी स्टेडियम के चप्पे-चप्पे पर तैनात थे। सिक्किम टीम, ऐसा लगा जैसे सीधे बॉर्डर से आई है सिक्किम टीम को मैच में 8 विकेट से हार मिली। टीम के खिलाड़ी जो यूनिफॉर्म पहनकर बैठे थे, ऐसा लगा जैसे कि वे सीधे बॉर्डर से मैच खेलने आए हैं।
शहर में एक्स्ट्रा हाईटेंशन लाइन के नीचे और आसपास अवैध निर्माण अब सीधे कार्रवाई की जद में आ गए हैं। 132 केवी और 220 केवी क्षमता की हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइनों के खतरे के दायरे में शहर के 855 मकान, छज्जे, छत और बाउंड्रीवॉल आ चुके हैं। मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) ने गुरुवार को इन सभी मकान मालिकों और भू-स्वामियों को 15 दिन के भीतर निर्माण हटाने की आखिरी चेतावनी देते हुए नोटिस थमा दिए हैं। कंपनी ने चार महीने बाद दोबारा एडवाइजरी जारी कर साफ किया है कि हाईटेंशन लाइन के दोनों ओर तय सुरक्षा कॉरिडोर में किसी भी तरह का निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद जिन इलाकों में कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं और प्लॉट काटे जा रहे हैं, वहां अब सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है। एमपी ट्रांसको के अधिकारियों के मुताबिक सर्वे पूरा हो चुका है। पहले चरण में 23 मकानों के छज्जे और बाउंड्री वॉल को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई पुलिस बल की मौजूदगी में शुक्रवार से शुरू होगी। इसके बाद अन्य क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से अतिक्रमण हटाया जाएगा। खतरे के दायरे में 855 मकान, छज्जे, छत और बाउंड्रीवॉल हैं इन इलाकों को हाई रिस्क जोन कैटगरी में रखा- नारियलखेड़ा, भानपुर, देवकी नगर, करोंद, कृषि उपज मंडी क्षेत्र, संत हिरदाराम नगर, लालघाटी, आनंद नगर, जैन कॉलोनी और गोविंदपुरा। कंपनी के अनुसार इन इलाकों में कई जगह सुरक्षा दूरी सबसे कम रह गई है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। मुनादी व जागरूकता अभियान एमपी ट्रांसको के मुख्य अभियंता डीके अग्रवाल ने बताया कि लोगों को चेताने और जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से विशेष अभियान चलाया गया। प्रभावित इलाकों में मुनादी कराकर लोगों को बताया जा रहा है कि ट्रांसमिशन लाइन के प्रतिबंधित क्षेत्र में रहना व निर्माण करना जानलेवा साबित हो सकता है। 900 गुना ज्यादा घातक यह बिजली बिजली ट्रांसमिशन से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार एक्स्ट्रा हाईटेंशन लाइन की बिजली घरेलू बिजली की तुलना में 650 से 900 गुना ज्यादा घातक होती है। इन लाइनों के आसपास आने से इंडक्शन करंट उत्पन्न होता है, जो बिना सीधे संपर्क के भी जानलेवा हो सकता है। खासकर छज्जे, छत और लोहे की रेलिंग जैसे हिस्से सबसे ज्यादा जोखिम में रहते हैं। क्यों जरूरी है तय सुरक्षा दूरी? विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रांसमिशन लाइन झूलती रहती है और मौसम, हवा व तापमान के कारण इसकी ऊंचाई और फैलाव बदलता है। यदि तय दूरी का उल्लंघन हुआ तो- क्या हैं नियम और मापदंड एमपी ट्रांसको ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के विद्युत सुरक्षा संबंधित उपाय विनियम 2023 व इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है- प्लॉट खरीदने से पहले यह देखें
दहेज हत्या:कोर्ट ने पति को 5 साल की सजा सुनाई
दहेज हत्या के मामले में भोपाल कोर्ट ने आरोपी राहुल कुशवाहा को दोषी ठहराते हुए 5 साल की सजा सुनाई है और 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। अभियोजन के अनुसार, शादी के बाद से राहुल पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करता था। उसने अपने ससुराल पक्ष से करीब 90 हजार रुपए नकद लिए थे, इसके बावजूद वह पैसों की मांग करता और उसके साथ मारपीट करता रहा। लगातार प्रताड़ना से परेशान होकर पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना 6 मई 2022 की स्टेशन बजरिया थाना क्षेत्र की है। मृतका के भाई ने बताया कि उसकी बहन की शादी 8 दिसंबर 2015 को राहुल कुशवाहा से हुई थी और उसकी एक 4 साल की बेटी है। घटना की रात 11:40 बजे मृतका ने घरवालों को कॉल कर मारपीट और पैसों की मांग की जानकारी दी थी। रात करीब 1:30 बजे पुलिस ने आत्महत्या की सूचना दी थी। आरोपी ने रची थी ये कहानी आरोपी पति राहुल के अनुसार, घटना की रात 11 बजे उसकी पत्नी पड़ोस में आयोजित बर्थ-डे पार्टी से घर लौटी थी और सीधे अपने कमरे में चली गई। कुछ देर बाद जब राहुल कमरे में पहुंचा, तो दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा न खुलने पर खिड़की से देखने पर पत्नी फांसी पर लटकी मिली।
हरियाणा के रोहतक में मगन सुहाग सुसाइड केस में आरोपी पत्नी दिव्या के कथित बॉयफ्रेंड महाराष्ट्र पुलिस कॉन्स्टेबल दीपक सोनवणे के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। इस मामले में 14 जनवरी 2026 को अगली सुनवाई होगी। चार्जशीट में कई अहम खुलासे हैं। इनमें दीपक से हुई पूछताछ के दौरान सामने आई बातें भी शामिल हैं। 644 पन्नों की चार्जशीट में जिक्र है कि पुलिस पूछताछ के दौरान दीपक ने माना कि वह और दिव्या यह सोचते थे कि किस तरह मगन सुहाग को तंग किया जाए ताकि वो परेशान हो जाए। दिव्या ने अपनी और बॉयफ्रेंड की आपत्तिजनक वीडियो मगन के मोबाइल पर सेंड की, जिससे मगन परेशान हो गया और फांसी लगा ली। दिव्या ने बताया था कि उसके पति मगन के पास गांव में बहुत महंगी जमीन है। गांव डोभ निवासी मगन ने 18 जून को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मरने से पहले मगन ने वीडियो बनाकर अपनी मौत के लिए पत्नी दिव्या व उसके बॉयफ्रेंड दीपक को जिम्मेदार ठहराया था। मगन की वीडियो के आधार पर ही पुलिस ने केस दर्ज कर दिव्या को काबू किया था, जबकि मामले में आरोपी दीपक को हाईकोर्ट से राहत मिल गई और उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। अब जानिए, 644 पेज की चार्जशीट में क्या-क्या... मगन के परिवार ने लगाए ये आरोप... दिव्या के पहले पति को पैसे देकर की थी सेटलमेंटमगन से शादी करने से पहले दिव्या का पहले पति विक्की से एक बेटा भी है, जो अपने पिता के पास रहता है। विक्की भी मुंबई में ही रहता है। मगन ने मरने से पहले जो वीडियो बनाई, उसमें साफ कहा कि उसे शादी के डेढ़ साल बाद दिव्या की पहली शादी के बारे में पता चला। पता चलने के बाद दिव्या के पहले पति को पैसे देकर सेटलमेंट की गई। 21 दिन के बेटे को लेकर ससुराल गई दिव्याजमानत याचिका में कहा कि 3 जुलाई 2019 को दिव्या व मगन ने प्रेम विवाह किया। परिवार के लोगों ने शादी को स्वीकार नहीं किया तो मगन के साथ रोहतक में किराए पर रहने लगी। 2021 में लड़के को जन्म दिया। जब लड़का 21 दिन का था तो दिव्या अपने ससुराल में रहने लगी। लेकिन ससुराल में मगन के परिवार ने जाति व दहेज के लिए दिव्या से झगड़ा करना शुरू कर दिया। मां बाप को जान से मारने की दी थी धमकीमगन के पिता रणबीर सिंह ने आरोप लगाया कि दिव्या व उसके प्रेमी दीपक ने फोन पर मगन को धमकी दी थी कि अपने माता पिता को मार दे और जमीन बेचकर मुंबई में जमीन खरीदेंगे। ऐसा मगन ने अपनी वीडियो में भी बताया है। पैसों के लिए मगन को बार बार परेशान किया जा रहा था। जानिए, इससे पहले दिव्या की चार्जशीट में कौन से अहम खुलासे...
ऑनलाइन ग्रूमिंग:नाबालिग से वॉट्सएप पर दोस्ती कर न्यूड फोटो-वीडियो बुलाए, 3 साल की सजा
नाबालिग से दोस्ती के बाद चैट वायरल करने की धमकी देकर न्यूड फोटो वीडियो बुलाने के आरोपी सुयश श्रीवास्तव को कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 6 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) कुमुदिनी पटेल ने सुनाया है। ऐसे मामलों को ऑनलाइन ग्रूमिंग कहा जाता है। आरोपी ने पहले पीड़िता से वॉट्सएप पर दोस्ती की। इसके बाद दोनों के बीच हुई बातचीत को वायरल करने की धमकी देकर उससे न्यूड फोटो और वीडियो मंगाने लगा। सुयश पीड़िता से कहता था कि तुम बहुत सुंदर हो, इसलिए अपनी न्यूड फोटो भेजो। पीड़िता की मां ने आरोपी को भेजी गई न्यूड फोटो व वीडियो देख ली थी। इसके बाद साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक दिव्या शुक्ला और नवीन श्रीवास्तव ने पैरवी की है। मां ने मोबाइल चेक किया तो हुआ खुलासा घटना 28 अक्टूबर 2019 से 14 फरवरी 2020 के बीच की है। आरोपी ने पीड़िता को अंजान नंबर से वॉट्सएप पर मैसेज किया था। वह आरोपी को नहीं जानती थी। आरोपी ने पहले उससे बात की और फिर दोस्ती की। इसके बाद आरोपी ने उसे डरा धमकाकर उसकी न्यूड फोटो और वीडियो वॉट्सएप पर बुलवाई। पीड़िता ने बताया कि 4 फरवरी 2020 को वो घर पर मां से छिपकर मोबाइल पर इंस्टाग्राम चला रही थी। इस दौरान मां ने उससे मोबाइल छीन लिया था। मोबाइल चैक करने पर उसमें वॉट्सएप पर भेजी गई न्यूड फोटो और वीडियो मिली थीं। इसके बाद मां ने आरोपी का नंबर ब्लॉक कर दिया था। 14 फरवरी को उन्होंने आरोपी का नंबर ब्लॉक लिस्ट से हटाया था। इसके बाद आरोपी ने उसे वैलेंटाइन डे विश किया था। फिर मां ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। स्कूल के दोस्तों को फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी देता था पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने अक्टूबर 2019 में उससे चैट वायरल करने की धमकी देकर वॉट्सएप पर न्यूड फोटो बुलवाई थी। इसके बाद उसने 20 जनवरी 2020 को पीड़िता से दोबारा से न्यूड वीडियो मांगी थी। पीड़िता के मना करने पर सुयश ने कहा था कि वो पहले की न्यूड फोटो उसके स्कूल के दोस्तों को भेज देगा। इसके बाद आरोपी ने उसे वीडियो कॉल पर न्यूड वीडियो कैसे बनानी है, इसकी जानकारी दी थी। पीड़िता ने डर के कारण आरोपी को दोबारा से वीडियो बनाकर भेज दी थी। ऑनलाइन ग्रूमिंग क्या है... पहले आरोपी सोशल मीडिया पर नाबालिग से दोस्ती करता है। उसकी तारीफ करके भरोसा जीतता है। फिर फोटो और वीडियो की मांग करता है। मना करने पर वायरल करने की धमकी दी जाती है। आरोपी पहले अंजान नंबर से मैसेज करता है। चैट को सीक्रेट रखने की सलाह देता है। फिर डर पैदा कर ब्लैकमेल करता है। परिजनों को चाहिए कि वे अपने बच्चों के मोबाइल समय-समय पर चेक करें।
हरियाणा के यमुनानगर जिले में हिंदू युवक मांगे राम और मुस्लिम युवती शबाना की अंतरधार्मिक प्रेम कहानी ने अब अपहरण, हिंसा और वायरल वीडियो का रूप ले लिया है। तीन साल पुरानी लव स्टोरी से शुरू हुई यह घटना 27 अक्टूबर को कोर्ट मैरिज के बाद रविवार (21 दिसंबर) को ससुराल जाते समय किडनैपिंग में बदल गई। सोमवार (22 दिसंबर) को शबाना का एक 29 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उसने जबरन शादी और धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया। पति मांगे राम का दावा है कि वीडियो दबाव में बनवाया गया है, जबकि पुलिस हिमाचल प्रदेश में उसके रिश्तेदारों पर दबिश दे रही है। तीन दिन बाद भी शबाना का कोई सुराग नहीं लगा है। ऐसे में मांगे राम ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि तीन दिन से पुलिस 24 के भीतर शबाना काे बरामद करने का आश्वासन दे रही है, लेकिन अभी तक यह भी पता नहीं लगा पाई है कि आखिर वह है कहां हिमाचल में हरियाणा में या फिर कहीं ओर। चाचा ने किया सबसे ज्यादा विरोध इन हालातों के बीच मांगे राम ने शबाना के चाचा जोकि फौजी हैं को उनकी लव स्टोरी का सबसे बड़ा विलेन बताया है। दैनिक भास्कर एप से बातचीत में मांगे राम ने कहा कि शबाना अक्सर कहती थी कि उन दोनों के रिश्ते में यदि सबसे ज्यादा किसी को एतराज होगा तो उसके चाचा को होगा, क्योंकि वो बहुत स्ट्रिक्ट हैं। शादी से तीन माह पहले जब शबाना के घर पर उन दोनों के रिलेशनशिप के बारे में पता चला था तो उस दौरान भी सबसे ज्यादा आपत्ति उसके चाचा ने ही दिखाई थी। इतना ही नहीं उन्हें धमकी भी दी थी और कहा था कि वह जब छुट्टी पर आएगा तो शबाना की सारी कॉल डिटेल निकलवाकर लाएगा, जिससे पता चलेगा कि यह सब कबसे चल रहा था। खामियाजा भुगतना पडे़गा। चाचा के घर पहुंचने से पहले भागने का प्लान मांगेराम ने बताया कि शबाना को उसी दिन से चाचा की कही बातें परेशान करने लगी थीं। कुछ दिन बात पता चला कि उसके चाचा 27 अक्तूबर को फौज से छुट्टी लेकर आ रहे हैं। ऐसे में शबाना के मन में डर बैठ गया कि अगर उसके चाचा आ गए तो वह फिर किसी भी बहाने से घर से बाहर नहीं निकल पाएगी और शायद उसकी शादी जबरन कहीं ओर भी न करा दें। ऐसे में उन्होंने आपस में फोन पर चाचा के घर पहुंचने से पहले 27 अक्तूबर की सुबह ही घर से भागकर शादी करने का प्लान बनाया। प्लान के मुताबिक शबाना वह अपने घर से यमुनानगर कंप्यूटर सेंटर जाने के लिए निकली और सीधा मांगे राम से जाकर मिली। शबाना के परिवार के 5 लोगों से बताया था खतरा मांगे राम ने बताया कि इस शादी के बारे में उसके खुद के(मांगे राम के) परिवार वालों को भी नहीं पता था। सिर्फ उसके जीजा और एक दोस्त को इसकी जानकारी थी। कोर्ट मैरिज में भी ये दोनों ही गवाह बने।उन्होंने इसी दिन 27 अक्तूबर को ही फर्कपुर स्थित नीलकंठ महाकाली मंदिर में जाकर हिंदु रीति रिवाज के अनुसार शादी कर ली। मांगे राम ने बताया कि शादी के बाद उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस को शबाना के परिवार के पांच नाम बताए, जिसमें सबसे पहला नाम उसके चाचा का ही था। वहीं उसके साथ शबाना के माता-पिता और दो अन्य रिश्तेदार जोकि रिश्ते में शबाना के चाचा ही लगते हैं के नाम शामिल थे। चाचा ने छुट्टी 30 से बढ़ाकर की 45 दिन की मांगे राम ने बताया कि जब पुलिस कागजात लेकर शबाना के घर पर पहुंची तो सभी ने उसके ऊपर साइन किए, लेकिन अकेले उसके चाचा ने सिग्नेचर करने से मना कर दिया। मांगे राम ने बताया कि शादी के बाद वह शबाना के साथ करीब 16 दिन सेफ सेल में रहे। इस दौरान उन्हें शबाना के चाचा ने देखते ही गोली मारने की धमकी भी दी। मांगे राम के अनुसार शबाना का चाचा फौज से सिर्फ 30 दिन की छुट्टी लेकर ही आया था, लेकिन यहां पर शबाना और उसने शादी कर ली तो उसके चाचा ने 15 की छुट्टी और बढ़वा ली और उन्हें तलाशते रहे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह फौज में लौट गए। मांगे राम का आरोप है कि शबाना के अपहरण के लिए जो गाडियां आई थी उसके लाल रंग की ब्रेजा गाड़ी शबाना के फौजी चाचा की ही थी। मांगे राम ने बताया कि रविवार को जब आरोपियों ने उनकी गाड़ी पर लाठी डंडे बरसाए थे तो उनमें से किसी एक का कीपेड वाला मोबाइल वहीं गिर गया था, जोकि पुलिस के पास ही है। शबाना की हर जगह की जा रही तलाश: थाना प्रभारी छछरौली थाना प्रभारी रोहताश ने कहा कि वे शबाना की हर जगह तलाश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। मांगे राम द्वारा बयान में यह भी बताया गया कि शबाना का एक चाचा फौज में है, जिसने उन्हें कई बार धमकी दी है। अब वह चाचा छुट्टी पूरी करके अपनी ड्यूटी पर जा चुका है। मामले की जांच जारी है।
अरावली के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जहां राजस्थान में आंदोलन हो रहे हैं। ऐसे आंदोलनों की सुगबुगाहट हरियाणा में भी होने का अंदेशा है। वहीं अरावली पर्वतमालाओं की बात की जाए तो पूरे दक्षिणी हरियाणा में अरावली पर्वत श्रंखला आती है। इसलिए इसको बचाने के लिए न केवल कांग्रेस पार्टी, बल्कि पर्यावरण प्रेमी भी सामने आने लगे हैं। हरियाणा में अरावली दक्षिणी हरियाणा के गुरुग्राम, नूंह, रेवाड़ी, फरीदाबाद और महेंद्रगढ़ जिले में फैली है। इसके अलावा भिवानी के तोशाम में भी अरावली पर्वत श्रंखला के ही पहाड़ हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को अरावली नहीं माना जाए। जिसके बाद से राजस्थान में आंदोलन हो रहे हैं। ढोसी का पहाड़ सबसे ऊंचा महेंद्रगढ़ जिले की बात की जाए तो अरावली की यहां पर अनेक पहाड़ियां हैं। इनमें ढोसी की पहाड़ी ही ऐसी पहाड़ी है, जिसकी ऊंचाई 652 मीटर है। इनके अलावा पास के गांव रघुनाथपुरा की पहाड़ी, निजामपुर क्षेत्र के अनेक गांव बेरुंडला, मेघोत बिंजा, बिहारीपुर, जैनपुर, आंतरी, मौसमपुर व छापड़ा, खातोली अहीर, जाट, सरेली, घाटाशेर, टहला, मुकंदपुरा, मूसनौता व पांचनौता गांवों में पहाड़ हैं। कुछ में होता है खनन इसके अलावा बायल, बखरीजा और बसीरपुर में खनन होता है। यहां पर पहाड़ी ग्राउंड स्पेश जैसी है। वहीं गोलवा और खालड़ा की पहाड़ियों में खनन होता है। खालड़ा की पहाड़ी को छोड़ दें तो अन्य पहाड़ियां बहुत छोटी हैं। महेंद्रगढ़ में माधोगढ़ की पहाड़ी के अलावा सतनाली के पास लगती हुई पहाड़ियां भी अरावली का ही हिस्सा हैं। माधोगढ़ पहाड़ी की ऊंचाई भी ज्यादा है। रेवाड़ी, गुरुग्राम व नूहं में भी अनेक पहाड़ियां महेंद्रगढ़ के अलावा रेवाड़ी के कुंड और पाली के पास, गुरुग्राम में मानेसर के पास तथा नूहं में भी अरावली पर्वत श्रंखला की पहाड़ियां आती हैं। इनमें रेवाड़ी और गुरुग्राम की पहाड़ियों की ऊंचाई बहुत ही कम है। उठने लगे विरोध के स्वर सुप्रीम कोर्ट के अरावली पर दिए गए फैसले के बाद राजस्थान के साथ-साथ अब हरियाणा में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं। कांग्रेस इसको लेकर अग्रेसिव है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने एक वीडियो जारी कर इसके नुकसान के बारे में बताया है। वहीं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा भी इसको लेकर आवाज उठाएंगे। दिल्ली तक फैल जाएगा रेगिस्तान इस बारे में पर्यावरणविद रघुविंद्र यादव ने बताया कि अरावली की पहाड़ियों पर दिया गया फैसला सही नहीं है। प्रदेश में सभी पहाड़ियों की ऊंचाई 100 मीटर से कम ही है। इसको नापने का पैमाना क्या है। अगर इसको समुद्र तल से नापा जाए तो सही रहेगा। अगर पहाड़ ही कट गए तो दिल्ली तक रेगिस्तान फैल जाएगा। स्टीक क्षेत्रफल बताना मुश्किल हरियाणा में अरावली पर्वत श्रृंखला का सटीक कुल क्षेत्रफल बताना मुश्किल है, क्योंकि यह एक विशाल श्रृंखला का हिस्सा है जो कई राज्यों में फैली है, लेकिन यह गुरुग्राम, नूंह और महेंद्रगढ़ जैसे जिलों में है। गुरुग्राम में यह लगभग 11,256 हेक्टेयर (9.48%) में फैली है और इसका सबसे ऊंचा पॉइंट महेंद्रगढ़ के पास ढोसी पहाड़ी (652 मीटर) है, जो अरावली का उत्तरी छोर है और यह थार मरुस्थल को फैलने से रोकने और भूजल स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण है।मुख्य पॉइंट:फैलाव: अरावली हरियाणा के दक्षिणी भाग में गुरुग्राम, नूंह, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर और भिवानी जिलों में फैली हुई है।क्षेत्रफल (गुरुग्राम में): गुरुग्राम जिले के कुल क्षेत्रफल का 9.48% (लगभग 11,256 हेक्टेयर) अरावली पहाड़ियों से घिरा है।सबसे ऊंचा स्थान: हरियाणा में अरावली की सबसे ऊंची चोटी महेंद्रगढ़ जिले के कुलताजपुर गांव के पास ढोसी पहाड़ी (652 मीटर) है।महत्व: यह भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है जो थार रेगिस्तान के विस्तार को रोकती है, भूजल को रिचार्ज करती है और जैव विविधता का समर्थन करती है।
हरियाणा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज की वर्कशॉप में सामान तोड़-फोड़ करने की एक रील तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह रील कुछ स्टूडेंट्स ने बनाई है। जिसका टाइटल दिया है- फ्यूचर इंजीनियर। पड़ताल में पता चला कि ये वीडियो नूंह जिले के मालब स्थित गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक का है। जिसमें स्टूडेंट्स रील बनाने के चक्कर में कॉलेज वर्कशॉप में तोड़-फोड़ कर दिख रहे हैं। बैकग्राउंड में मेवाती सिंगर का गाना लगा है। जिसके बोल हैं- ’अब तक याने भेड़ चराई, अब फैशन कु पचरो, उल्टी बुरसट पहनके कहरो केसों में लगरों..’। पता चला कि यह इकलौती रील नहीं बल्कि स्टूडेंट्स के बीच एक-दूसरे से बढ़कर तोड़फोड़ करने और ज्यादा से ज्यादा नुकसान करने की रील बनाने की होड़ लगी है। इस बारे में जब पॉलिटेक्निक प्रिंसिपल रहीश अहमद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वीडियो संज्ञान में आई है। एचओडी को ऐसे स्टूडेंट्स की पहचान करने को कहा गया है, ताकि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके। अब व्यवस्था टाइट करेंगे। सोशल मीडिया पर मशहूर होने के लिए रीलसोशल मीडिया पर बनी TAURU_VINSE1 आईडी पर कॉलेज और क्लासरूम की कई वीडियो अपलोड हैं। इनमें से एक वीडियो ऐसी भी है, जिसमें पढ़ाई करते वक्त छात्र कुर्सियों, मेज-बेंच और हथौड़ी सहित अन्य सामानों को तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि वर्कशॉप में कुछ युवक मेवाती गाने के ताल पर जमकर हंगामा मचा रहे है। ये छात्र अनपढ़ सु करा दी मेरी शादी, मोलू यूरिया की चाय बना दी जैसे मेवाती गानों पर रील बना रहे हैं। वायरल होने के चक्कर में इन्होंने ऐसे कई वीडियो बनाई हैं। कुछ वीडियो में छात्र रोशनदान और दीवारों से चढ़कर अपनी जान जोखिम में डालकर कॉलेज में प्रवेश करते हुए भी दिखाई दिए। कॉलेज प्रबंधन की भूमिका को लेकर उठ रहे सवालमेवात छात्र एकता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरमान खान ने बताया कि जब उक्त छात्रों की वीडियो वायरल हुई तो उन्हें समझाया गया। लेकिन उन्होंने हमें फोन कर न केवल गाली दी, बल्कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। अरमान खान ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल कॉलेज प्रबंधन की भूमिका को लेकर उठ रहा है। न तो समय रहते इस पर रोक लगाई गई और न ही कोई सख्त चेतावनी दी। जिम्मेदार अधिकारी मानो सब कुछ देखकर भी अनदेखा कर रहे हों। यह केवल अनुशासनहीनता का मामला नहीं, बल्कि शैक्षणिक वातावरण के साथ खुला खिलवाड़ है। जिन कुर्सियों पर किताबें खुलनी चाहिए थी, वही अब कैमरे और रील का सहारा बन चुकी हैं। प्राचार्य ने HOD को दिए कार्रवाई के निर्देशकॉलेज के प्राचार्य रहीस अहमद ने बताया कि उनके संज्ञान में अब यह मामला आया है। वर्कशॉप में कुछ पुरानी कुर्सियां पड़ी हुई थी। जिसके साथ कुछ असामाजिक तत्व छात्र तोड़फोड़ कर रहे हैं, जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने HOD को छात्रों की पहचान करने के निर्देश दे दिए हैं। जल्द ही छात्रों की पहचान कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिस गाने पर रील बनी…उसके मेवाती बोलअब तक याने भेड़ चराई अब फैशन कु पचरो उल्टी बुरसट पहनके कहरो केसों में लगरों। हंसा-हंसा के नी पागल बना दी मोलू यूरिया की चाय बना दी...अनपढ़ सु करा दी मेरी शादी मोलू यूरिया की चाय बना दी।इस सॉन्ग का मतलब है- अभी तक इसने भेड़ चराई हैं, लेकिन अब फैशन की कोशिश कर रहा है। उल्टी शर्ट पहनकर कह रहा है कि मैं कैसा लग रहा हूं। हंस हंसकर में पागल हो गई। अनपढ़ व्यक्ति से कर दी मेरी शादी। मेरे लिए यूरिया की चाय बना दी।
पंजाब के लुधियाना का हौजरी कारोबारी भवनीश जैन 32 साल की उम्र में देश की 22 ऊंची चोटियों को फतह कर चुके हैं। भवनीश जैन को पर्वतारोहण का ऐसा जनून है कि वह बिना ट्रेनिंग के ही ऊंची चोटियों पर चढ़ने लगे। उन्होंने अपनी बेटी का नाम तक K-2 रख दिया। यही नहीं 2019 में गंभीर रूप से बीमार होने के बाद उन्होंने पर्वतारोहण का शौक नहीं छोड़ा और बीमारी से उबरने के बाद उन्होंने 6000 मीटर ऊंची 3 चोटियां फतह कर दी। भवनीश जैन एक दिन पहले ही लेह लद्दाख की 6080 मीटर ऊंची UT-कांगड़ी हिल को फतेह करके आया है। उसने UT-कांगड़ी हिल पर देश का तिरंगा व जैन संप्रदाय का झंडा फहराया। इस चोटी को फतह करने में उनके साथ नोएडा की पर्वतारोही पूजा भी शामिल थी। इस चोटी को फतह करने में उन्हें चार दिन का समय लगा। पर्वतारोहण को लेकर कारोबारी ने क्या बताया बिना ट्रेनिंग के शुरू किया था पर्वतारोहणकारोबारी भवनीश जैन ने बताया कि पर्वतारोहण बेहद ही टेक्निकल काम है। उसके लिए काफी सारी तकनीकों की जरूरत होती है लेकिन उन्होंने बिना ट्रेनिंग और कोर्स किए ही पर्वतारोहण शुरू कर दिया था। यहां तक कि 6000 मीटर की दो चोटियां और एवरेस्ट के बेस कैंप-3 तक पर्वतारोहण बिना ट्रेनिंग के ही किया। उसके बाद बिना ट्रेनिंग के ही लेह लद्दाख की स्टोक कांगड़ी को फतह किया। फिर एवरेस्ट के बेस कैंप-3 तक फतह की। दिक्कत आई तो दार्जिलिंग से कोर्स कियाभवनीश जैन ने बताया कि 2020 में उत्तराखंड की कलंदी खाल चोटी को फतह किया तो उस दौरान लगा कि अब उन्हें तकनीकी तौर पर फिट होने के लिए ट्रेनिंग लेनी होगी। इसके बाद से ही पर्वतारोहण का कोर्स करने के लिए इंस्टीट्यूट देख रहे थे। फार्म भरे लेकिन नंबर नहीं पड़ा। 2024 में उन्हें HMI में दाखिला मिला और फिर उन्होंने अप्रैल 2025 में अपना कोर्स पूरा किया। अब वो तकनीकी तौर पर भी पर्वतारोहण के लिए फिट हैं। साथी गले तक बर्फ में फंसा, 2 दिन खाना नहीं मिलाकारोबारी भवनीश जैन बताते हैं कि जब वह गंगोत्री से बद्रीनाथ के बीच की चोटियां यानी कलंदी खान पर चढ़ने गए थे। जहां कई बुरे अनुभव हुए। 110 किलोमीटर के इस रास्ते में एक साथी बर्फ में गले तक धंस गया। उसे निकाला तो कुछ आगे जाकर मैं खुद बर्फ में धंस गया। इस दौरान लगा कि अब घर वापस नहीं जाएंगे। 13 दिन की इस यात्रा में 2 दिन बगैर खाने के चलते रहे। थोड़े से ड्राईफ्रूट्स पड़े थे सभी उनसे ही काम चला रहे थे। फिर माना टॉप की तरफ आर्मी कैंप में गए और वहां पर खाना मिला। एवरेस्ट फतह करना मुख्य लक्ष्यभवनीश जैन ने बताया कि उनका अगला लक्ष्य दुनिया के सभी सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह करना है। उन्होंने बताया कि माउंट एवरेस्ट फतह करना उनका मुख्य लक्ष्य है। माउंट एवरेस्ट से पहले वो 7000 मीटर ऊंची कुछ चोटियों को फतह करेंगे और उसके बाद माउंट एवरेस्ट पर चढ़ेंगे। पर्वतारोहण कितना मुश्किल, जानिए वजहें... फोटोग्राफी के शौक ने बना दिया पर्वतारोहीकारोबारी भवनीश जैन को फोटोग्राफी का शौक है और वो फोटोग्राफी के लिए पहाड़ों पर जाते रहे हैं। फोटोग्राफी में उन्हें सनराइज व सनसेट की फोटो खींचना बेहद पसंद है। सनराइज व सनसेट की बेहतरीन लोकेशन ढूंढ़ने के लिए वो पहाड़ों की चोटियों पर जाते रहे और धीरे-धीरे पहाड़ों पर चढ़ना उन्हें अच्छा लगने लगा और वो पर्वतारोही बन गए। ट्रिप से आता था तो दादी बोलती थी फोटो दिखाभवनीश जैन का कहना है कि उसे पर्वतारोही बनाने में उसकी दादी का अहम योगदान है। उन्होंने बताया कि उनकी दादी बुजुर्ग होने की वजह से कहीं आ जा नहीं सकती थी। उन्होंने बताया कि जब मैं किसी ट्रिप से घर आता था तो मेरी दादी सबसे पहले उस जगह की फोटो मांगती थी। इसलिए ट्रिप पर जाने से पहले वो अच्छी फोटो प्लान कर लेते थे। दादी को दिखाने के लिए फोटो खींचते-खींचते फोटोग्राफी का शौक पैदा हुआ और फिर उसी शौक ने पर्वतारोही बना दिया। बेटी के नाम K पर रखना था तो मैंने K2 रख दियाभवनीश जैन ने बताया कि वो अपना कारोबार चलाते हैं लेकिन उनके दिमाग में दुनिया की ऊंची चोटियां घूमती हैं। जब उनकी बेटी हुई और उसका नामकरण हो रहा था तो पंडित जी ने कहा कि K पर नाम रखना है तो मैंने तुरंत कह दिया कि K-2 रख दो। घर के लोगों ने भी उसका यह नाम स्वीकार कर दिया। अब सभी उसे इसी नाम से पुकारते हैं। माउंट एवरेस्ट के बाद केटू दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है।
राजधानी की सुबह और शाम अब साफ नहीं रहीं। लोगों को जो हल्की धुंध दिख रही है, वह कोहरा नहीं बल्कि स्मॉग है। धूल और प्रदूषण का खतरनाक मिश्रण। इसका सीधा असर लोगों की सेहत पर दिखने लगा है। आंखों में जलन, चुभन, भारीपन और सांस के मरीजों की परेशानी तेजी से बढ़ी है। बुधवार को शहर के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स तो 110 से 161 यानी मॉडरेट रहा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एक्यूआई कम होने के बाद भी धूल-प्रदूषण का मिश्रण ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। टीटी नगर में भारी ट्रैफिक के कारण ग्राउंड लेवल ओजोन 141 माइक्रोग्राम दर्ज की गई। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह 60 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसका असर विजिबिलिटी पर पड़ रहा है और सुबह इलाके में धुंध छा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक पीएम 2.5 जैसे सूक्ष्म कण आंखों की नमी घटा रहे हैं, जिससे ड्राई आई, एलर्जी और सांस की दिक्कतें बढ़ रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से समझें इसकी तीन वजह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल डायरेक्टर डॉ. बृजेश शर्मा के अनुसार शहर में स्मॉग के पीछे तीन बड़े कारण हैं, यह धूल, वाहन और मौसम की वजह से है स्मॉग के दिनों में सुबह की सैर सीमित रखें। बच्चों को खुले मैदान में ज्यादा देर न भेजें और एन 95 या अच्छी क्वालिटी का मास्क जरूर पहनें। एलर्जी, अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी की जरूरत है। -डॉ. विकास मिश्रा, सांस संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञ धुंध और स्मॉग में बड़ा फर्क... अक्सर लोग स्मॉग को धुंध समझ लेते हैं, जबकि दोनों में फर्क बड़ा है। धुंध (फॉग) पानी या आसमान से गिरने वाली ओस के सूक्ष्म कणों से बनती है और आमतौर पर ज्यादा खतरनाक नहीं होती। वहीं, स्मॉग धूल (पीएम 2.5, पीएम 10), धुआं और जहरीली गैसों पर धूप के रिएक्शन से बनता है। लंबे समय तक टिके रहने वाले धूल के कण छोटे होकर सांस नली में चिपकते हैं, फिर फेफड़ों, आंखों और दिल को प्रभावित करते हैं। तेज ठंड से थोड़ी राहत 20 दिन बाद 10 डिग्री के पास पारा, 2- 3 दिन ऐसा मौसम करीब 20 दिनों तक 10 डिग्री से नीचे रहा शहर का न्यूनतम तापमान मंगलवार को 2.4 डिग्री तक बढ़ा। यह 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह और शाम सर्द हवा का असर बना रहा, लेकिन ठिठुरन गायब हो गई। मौसम विभाग के अनुसार इससे पहले 4 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री था। क्यों मिली ठंड से राहत : मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के मुताबिक, उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं की रफ्तार में कमी आई है। पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कमजोर पड़ने से बादल और नमी सीमित रही, जिससे रात के तापमान में 2.4 डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। आगे क्या : 11 डिग्री तक रहेगा पारामौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो से तीन दिनों तक न्यूनतम तापमान 9 से 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रह सकता है। दिन में धूप निकलने से दोपहर के समय हल्की गर्माहट महसूस होगी, जबकि सुबह और देर शाम हल्की सर्द हवा चलने की संभावना है।
डार्कवेब के जरिये सेंधमारी, मप्र सरकार की 32 वेबसाइट पर रैनसमवेयर अटैक
मप्र सरकार की 32 वेबसाइट पर हैकर्स द्वारा रैनसमवेयर अटैक का मामला सामने आया है। हैकर्स ने डार्क वेब के जरिए जीरो-डे वलनरेबिलिटी का इस्तेमाल किया और साइटों में घुस गए। दो दिन पहले जैसे ही इसका पता चला साइबर सिक्योरिटी पर काम करने वाली मप्र कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (एमपी सर्ट) ने 48 घंटे आपरेशन चलाया। सरकार की वेबसाइटों की निगरानी करने वाली एमपीएसईडीसी और एमसर्ट के अधिकारियों का दावा है कि साइबर अटैक से साइटों को बचा लिया गया है। टीम इसे हैकर्स के एक थ्रेट (धमकी) की तरह देख रही है। बताया जा रहा है कि यह अटैक मप्र के साथ दूसरे राज्यों में भी हुआ था। विशेषज्ञों के मुताबिक हैकर्स साइट पर अटैक करते हैं तो किसी भी वेबसाइट को खोला जाए तो सीधे बेटिंग साइट खुल जाती है। एमपी सर्ट को पता चला, तब तक 10 साइटें प्रभावित हो चुकी थीं। पड़ताल हुई तो पता चला कि जीरो-डे-वलनरेबिलिटी सॉफ्टवेयर की खामी का इस्तेमाल करके हैकर्स साइट में घुसे। छानबीन आगे बढ़ी तो प्रभावित वेबसाइटों की संख्या 32 तक पहुंच गई। 21 एप्लीकेशन भी शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि मप्र ने केरल और जम्मू-कश्मीर को भी अटैक के बारे में बताया है। आईआईएस सर्वर से जितनी भी वेबसाइट जुड़ी हैं, उन सभी को यह खतरा था। क्या है रैनसमवेयर अटैक यह एक साइबर हमला है। इससे कंप्यूटर या नेटवर्क की फाइलों को लॉक (एन्क्रिप्ट) किया जा सकता है। वापस एक्सेस देने के बदले फिरौती (रैनसम) मांगी जाती है। यह फिशिंग ईमेल, संक्रमित लिंक, या सॉफ्टवेयर की कमजोरियों से फैलता है। हैकर्स डेटा लीक करने की धमकी देते हैं। क्या है जीरो-वलनरेबिलिटी यह सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर में एक ऐसी सुरक्षा खामी होती है, जिसके बारे में सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी या डेवलपर को भी पता नहीं होता। हैकर्स इस खामी का फायदा उठाकर हमला करते हैं, क्योंकि उनके पास इसे ठीक करने के लिए ‘शून्य दिन’ का समय होता है, जिससे यह बेहद खतरनाक होती है। इससे सिस्टम में घुसकर डेटा चुराया जा सकता है।
श्यामधनी इंडस्ट्रीज के एसएमई आईपीओ को मिला 918 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ
जयपुर | प्रीमियम मसाला कंपनी श्यामधनी इंडस्ट्रीज के एसएमई आईपीओ को 918 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है। इसके साथ ही कंपनी का 38 करोड़ रुपए का आईपीओ 24 दिसंबर को बंद हो गया। एसएमई प्लेटफॉर्म पर सब्सक्रिप्शन के लिहाज से यह देश में दूसरा सबसे सफल आईपीओ रहा। आईपीओ को इंस्टीट्यूशनल कैटेगरी में 256 गुना, एचएनआई कैटेगरी में 1613 गुना व रिटेल इंवेस्टर कैटेगरी में 1138 गुना का सब्सक्रिप्शन मिला। आईपीओ के तहत 10 रु. अंकित मूल्य के शेयर का प्राइजबैंड 70 रुपए तय किया गया था। कंपनी के शेयर 30 दिसंबर को एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने की संभावना है। कंपनी के एमडी रामावतार अग्रवाल ने बताया कि आईपीओ से जुटाई राशि का इस्तेमाल नई मशीनरी खरीदने, सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाने, मौजूदा कर्ज का कुछ हिस्सा चुकाने और वर्किंग कैपिटल के लिए किया जाएगा।
बीयूवीएम का राष्ट्रीय सम्मेलन अगले माह जयपुर में
जयपुर | भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) और राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार मंडल का राष्ट्रीय सम्मेलन यानी ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री’ 10 व 11 जनवरी को जयपुर में होगी। इसमें देशभर के व्यापारी जुटेंगे। बीयूवीएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि इसके उद्घाटन सत्र में ‘राजस्थान में निवेश की संभावनाएं’ विषयक चर्चा होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को आमंत्रित किया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘वन नेशन-वन इलेक्शन‘ तथा कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल केंद्रीय उद्योग-व्यापार प्रोत्साहन योजनाओं की जानकारी देंगे। सम्मेलन में निवेश, जीएसटी, खनन नीति, श्रम नीति, कृषि नीति, उपभोक्ता नीति, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, निर्यात संवर्धन पर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन का पहला निमंत्रण मोती डूंगरी गणेशजी के नाम मंदिर के महंत कैलाश शर्मा को दिया गया। इस मौके पर बीयूवीएम उपाध्यक्ष रामावतार अग्रवाल, ममता अग्रवाल, सुरेश सैनी, प्रेम प्रकाश गुप्ता, किशोर नाजवानी, कैलाश चंद कायथवाल और सत्यनारायण चितलांग्या उपस्थित रहे।
शुक्र है... 6371 पेड़ों की जिंदगी का संकट टला
अयोध्या बायपास की पहचान सड़कों के दोनों ओर खड़े हरे-भरे बड़े पेड़ों से रही है। गर्मी में छांव देने वाले 7851 पेड़ों में से निगम ने करीब 1500 पेड़ काट दिए। हालांकि, 22 दिसंबर के एनजीटी के आदेश से 6371 पेड़ फिलहाल कटने से बच गए। लाल निशान लगे कई पेड़ अब भी खड़े हैं। कुछ की मार्किंग नहीं की गई है। नगर निगम ने दो दिनों में आसाराम चौराहा से रत्नागिरि तिराहे तक दोनों ओर 16-16 मीटर में कटाई की। मशीनी कटर से पेड़ 15 सेकंड में गिराए गए और जेसीबी से जमीन समतल कर दी गई। नाले, दलदल और पानी भरे इलाकों में भी पेड़ काटे गए। निगम कमिश्नर संस्कृति जैन ने माना कि ढाई दिन में करीब 1500 पेड़ कटे। एनजीटी के आदेश के बाद कार्रवाई रोक दी गई। मजे की बात ये कि ग्रीन जोन में मौजूद अतिक्रमणों को निगम अमले ने हाथ तक नहीं लगाया। अयोध्या बायपास पर 7851 में से 1500 पेड़ कटे... एनजीटी के आदेश के बाद शेष पेड़ों की कटाई रुकी एनजीटी ने राज्य सरकार को भी फटकारा, 1 हफ्ते में कमेटी के मिनट्स जमा करने के दिए निर्देश कमेटी का फैसला रिकॉर्ड में आए बिना कटाई नहीं राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए एनजीटी ने एक हफ्ते में कमेटी के मिनट्स जमा करने के निर्देश दिए। यह मामला नितिन सक्सेना बनाम एनएचएआई से जुड़ा है। याचिकाकर्ता के वकील हरप्रीत सिंह गुप्ता ने आरोप लगाया कि पेड़ काटने से पहले न वैकल्पिक योजना बनी और न मुआवजा वनीकरण हुआ। सेंट्रली एम्पावर्ड कमेटी की बैठक के मिनट्स और अंतिम फैसला ट्रिब्यूनल में पेश नहीं किए गए। एनजीटी ने कहा, रिकॉर्ड आने तक पेड़ नहीं काटे जा सकते। एनएचएआई को अगली सुनवाई तक रिपोर्ट पेश करनी होगी। आज जनता करेगी विरोध... अयोध्या बायपास पर पेड़ों की कटाई के विरोध में आम जनता ने आज आंदोलन का ऐलान किया है। आंदोलन दोपहर 2 बजे अवध पैलेस के सामने होगा।
कीमत ऑल टाइम हाईचांदी 9400 और सोना 600 रुपए महंगा हुआ
जयपुर | अंतरराष्ट्रीय बाजार में बुधवार को सोना-चांदी ऑलटाइम हाई होने से जयपुर सर्राफा बाजार में कीमत का नया रिकॉर्ड बन गया। साल की दूसरी बड़ी तेजी के साथ चांदी एक ही दिन में 9,400 रुपए प्रति किलोग्राम की छलांग लगाकर 2.25 लाख रुपए प्रति किलोग्राम के पार हो गई। वहीं, सोना भी 600 रु. महंगा होकर 1.40 लाख रुपए प्रति दस ग्राम के भाव बिक गया। कॉमेक्स में फरवरी डिलीवरी सोना 14.60 डॉलर घटकर 4,491.10 डॉलर तथा मार्च डिलीवरी चांदी 0.432 डॉलर गिरावट से 70.705 डॉलर प्रति आउंस पर ट्रेड कर रही थी। सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी, जयपुर के भाव : चांदी (999) 225.7 चांदी रिफाइनरी 225.2 रुपए प्रति ग्राम। सोना स्टैंडर्ड 14,040 रुपए, सोना जेवराती 13,130 तथा वापसी 12,830 रुपए प्रति ग्राम।
केएल जैन व रेणु भंडारी आरडीटीएसी के सदस्य
जयपुर | राजस्थान चैंबर के अध्यक्ष डॉ. के. एल जैन और महासचिव रेणु भंडारी को क्षेत्रीय प्रत्यक्ष कर सलाहकार समिति (आरडीटीएसी) का सदस्य बनाया गया है। जैन ने बताया कि कमेटी विभाग और करदाताओं के बीच समन्वय बनाने का काम करती है। इस मंच से प्रत्यक्ष कर संबंधित नीतिगत सुझाव दिए जा सकते हैं।
ओला इलेक्ट्रिक का हाइपर सर्विस सेंटर शुरू
जयपुर | ओला इलेक्ट्रिक ने हाइपर सर्विस सेंटर की शुरुआत की है। इनके माध्यम से ग्राहकों को एक ही दिन में सर्विस की गारंटी दी जाएगी। इस पहल के तहत ओला के मौजूदा सर्विस सेंटर्स को भी हाइपर सर्विस सेंटर में बदला जाएगा। इसका उद्देश्य व्हीकल की सर्विस को आसान और तेज बनाना है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इन सेंटरों में ग्राहकों को रियल टाइम डिजिटल जानकारी मिलेगी।
सीटू का राज्य सम्मेलन संपन्न, मजदूर विरोधी नीतियों पर संघर्ष का ऐलान
भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) राजस्थान राज्य कमेटी का तीन दिवसीय 18वां राज्य सम्मेलन 20, 21 व 22 दिसंबर को राजधानी जयपुर में संपन्न हुआ। सम्मेलन के लिए गठित स्वागत समिति के अध्यक्ष का. रविंद्र शुक्ला रहे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष कामरेड भंवर सिंह शेखावत ने की, जबकि संचालन प्रदेश महामंत्री कामरेड वी.एस. राणा ने किया। सम्मेलन की शुरुआत झंडारोहण एवं श्रमिक आंदोलनों के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर हुई। उद्घाटन संबोधन में सीटू के अखिल भारतीय महामंत्री कामरेड तपन सेन ने चारों लेबर कोड्स को मजदूर वर्ग पर सीधा हमला बताते हुए कहा कि 21 नवंबर 2025 को इन्हें लागू कर सरकार ने कॉरपोरेट हितों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने इसके खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच से व्यापक संघर्ष की घोषणा की। सम्मेलन को एटक, आरसीटू व एसएफआई के नेताओं ने भी संबोधित किया। राज्य महामंत्री ने तीन वर्षों की गतिविधि रिपोर्ट तथा कोषाध्यक्ष ने आय-व्यय विवरण प्रस्तुत किया, जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया। सम्मेलन में 15 प्रस्ताव पारित हुए, जिनमें चार लेबर कोड्स निरस्त करने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए तय करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने व स्मार्ट मीटर का विरोध शामिल है। समापन सत्र में 19 जनवरी 2026 को एकता दिवस और 20-22 जनवरी को तीन दिवसीय आंदोलन का आह्वान किया गया।

