फतेहाबाद जिले में अब कोई भी प्राइवेट स्कूल सरकारी छुट्टी के दिन नहीं खुल सकेगा। शिक्षा विभाग ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। डीईओ संगीता बिश्नोई ने सभी बीईओ को लेटर जारी कर निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में छुट्टी के दिन स्कूल न खुले। दरअसल, विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई प्राइवेट स्कूल प्रबंधन छुट्टी के दिन पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) के बहाने स्कूल खुला रखते हैं। खासकर दूसरे शनिवार की छुट्टी पर अधिकांश स्कूल पीटीएम का आयोजन कर लेते हैं। रतिया में हुआ था मामला, एसडीएम ने करवाई जांच कुछ दिन पहले हरियाणा दिवस पर रतिया की अकाल एकेडमी में सरकारी छुट्टी के दिन भी क्लासें चलती मिली थीं। प्रशासन को इसकी शिकायत मिली तो एसडीएम ने बीडीपीओ को मौके पर जांच के लिए भेजा। बीडीपीओ पहुंचे तो स्कूल में बच्चे मौजूद मिले और पढ़ाई चल रही थी। इसके बाद और सख्ती का फैसला लिया गया। जिले में 200 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल जिले में 200 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्कूल तक शामिल हैं। पहले भी छुट्टी के दिन स्कूल खुले रखने के कई मामले सामने आ चुके हैं। पिछले दिनों महेंद्रगढ़ जिले में हुई हादसे के बाद शिक्षा विभाग और ज्यादा सख्त हुआ था। मगर कुछ दिनों बाद ही स्कूल प्रबंधन नियमों की अवहेलना फिर से शुरू कर देते हैं। डीईओ बोलीं – छुट्टी का मतलब स्कूल बंद डीईओ संगीता बिश्नोई ने कहा छुट्टी का दिन स्कूल बंद रखने के लिए होता है। किसी भी बहाने से स्कूल खोलना नियमों के खिलाफ है। सभी प्राइवेट स्कूल संचालकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे छुट्टी के दिन स्कूल न खोलें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
जिस बेटे को मैंने अपने हाथों से पाला, बड़ा किया आखिरी बार उसकी सूरत देखना भी नसीब नहीं हुआ। घर की देहरी से मेरे बेटे की लाश चली गई। मैं उसे जीभर देख न पाई। बम ब्लास्ट ने मेरे बच्चे को मुझसे छीना, कम से कम उसके दफीने का हक तो मुझे मिलना चाहिए था, लेकिन बहू ने वो हक भी मुझसे छीन लिया। मेरे बेटे की रूह को कैसे इंसाफ मिलेगा। रोती हुई संजीदा का झीना दुपट्टा उसके आंसुओं से तर हो चुका था। अपने बेटे को खोने वाली बूढ़ी मां यही कहती रही कि ये दोहरा जख्म आखिरी सांस तक मुझे सालता रहेगा। दिल्ली ब्लास्ट में मेरठ के मोहसिन की भी मौत हो गई। मोहसिन ईरिक्शा चलाता था। मोहसिन का शव मेरठ उसके पैतृक घर आया, लेकिन दिल्ली में रहने वाली उसकी पत्नी, शौहर की लाश को दिल्ली ले गई। पत्नी का कहना था कि उसका पति दिल्ली ही उसके मायके में रहता था वहीं उसका दफीना होगा..बेटे की आखिरी झलक देखने के लिए मोहसिन की मां तरसती रह गई। दैनिक भास्कर ने मोहसिन के परिवार से इस हादसे पर उनसे बातचीत की तो घरवालों ने अपना दर्द बयां किया..पढ़िए... अब कभी बेटे को नहीं देख पाऊंगी कहने को मेरे 9 बेटे हैं। लोग कहते बड़ी किस्मतवाली हूं। लेकिन 2 बेटों को बहूओं ने घरजमाई बना दिया। मोहसिन और बड़े बेटे को उनकी पत्नियां दिल्ली अपने मायके ले गईं। बेटों को हमसे छीन लिया। मोहसिन मुझे सबसे प्यारा था। अब तक ये तसल्ली थी कि वो दिल्ली से कभीकभार फोन पर बात कर लेगा। मेरठ आकर हमें देख लेगा। लेकिन अब उसकी सूरत कभी नहीं देख पाऊंगी। मेरा सबसे प्यारा बच्चा चला गया। जिस बच्चे को जिगर का खून पिलाकर पाला उसका दफीना भी नहीं कर सकी। मुझसे अभागिन मां कौन सी होगी? जवान बच्चा चला गया उसे आखिरी बार देख भी नही ंपाए। बेटे की लाश को घर की मिट्टी भी नसीब नहीं हुई रोते-रोत संजीदा, गमगीन हो जाती है। कहती है मेरा बेटा तो चला गया, उसकी लाश भी मुझे नसीब नहीं हुई। जिस बेटे को मैंने इन हाथों से पाला बड़ा किया उसकी सूरत भी आखिरी बार नहीं देख पाई। सारा परिवार, सारी रजामंदी थी कि उसका दफीना मेरठ में अपने घर पर हो। यही तो इंसान का नसीब होता है। लेकिन बहू पता नहीं क्या चाहती है। मैंने उसकी मिन्नतें की हैं, हाथपैर जोड़ लिए लेकिन वो नहीं मानी। जिसे मैंने पाला उसकी लाश से हक खत्म हो गया बहू ने किराए के घर में जाकर मेरे बेटे की लाश रख दी। जबकि उसका अपना इतना बड़ा मकान पड़ा है। घर की देहरी से लाश को कलेश करके ले गई। मेरे बेटे को अपने घर की मिट्टी भी नसीब नहीं हुई। मैं तो बहू और उसके बच्चों को सबको रखना चाहती हूं लेकिन उसे तो मायका पसंद है। जिस बेटे को मैंने पालापोसा उससे मेरा ही अधिकार खत्म हो गया। दो दिन की आई बहू बेटे को लेकर चली गई। बच्चे को इंसाफ मिले यही चाहती हूं आगे संजीदा कहती हैं मेरे बच्चे को तो इंसाफ मिला नहीं, लेकिन अब मुझे तो इंसाफ मिलना चाहिए। आरोपियों को कड़ी सजा मिलना चाहिए। मुझे तो जान के बदले जान चाहिए, उन आतंकवादियों को सजा मिलना चाहिए, मेरा परिवार ही बिखर गया, मेरे पास तो कुछ नहीं बचा। मैंने बहू से ये भी कहा कि पैसे भी तू ले लेना लेकिन मेरे बेटे का दफीना तो यहां उसके वतन उसकी मिट्टी में होना चाहिए। लेकिन बहू नहीं मानी। मेरा बेटा तो सालों से अपनी कमाई का एक पैसा भी मुझे नहीं दे रहा था, मुझे उससे पैसे थोड़े चाहिए थी। मैं क्या अपने बेटे की लाश के पैसे लूंगी। चाचा बोले हम हिंदुस्तान में सुकून चाहते हैं मोहसिन के चाचा सलीम कहते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा होना चाहिए, ताकि उनकी पीढ़ियां भी इस तरह की हरकत नहीं कर सके, ये लोग इंसानियत के दुश्मन हैं, इन्हें पकड़कर गोलियों से छलनी कर देना चाहिए। हमेशा बेगुनाह ही मरते हैं, बार-बार बेगुनाह इस आतंकवाद की भेंट चढ़ जाते हैं, हम हिंदुस्तान में पैदा हुए हैं, ये हमारे हिंदुस्तान मे ंपता नहीं क्या करना चाहते हैं, हम बस हिंदुस्तान में सुकून चाहते हैं। 15 दिन पहले हुई थी बेटे से बात मोहसिन के पिता रफीक ने बताया कि वो हमारे यहां से हमारे बेटे की लाश ले गए, एक एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ी आई थी, कब्र से लाश उठाकर ले गए, हमारा कोई रिश्तेदार वहां उसके दफीने में शामिल नही हो सका। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। 20 दिन पहले ही मैं दिल्ली गया था तब बहू, बेटे से बात हुई थी। नॉर्मल काम की बातें हुई थी। दो महीने पहले ही बेटा यहां आया था।
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर पीठ ने जोधपुर के AIIMS रोड पर अतिक्रमण की समस्या को लेकर सख्त आदेश जारी किए हैं। जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्रसिंह भाटी और जस्टिस अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने बुधवार को दिए आदेश में स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया कि एम्स के गेट नंबर 3 और 4 पर स्थित सभी अतिक्रमणकारियों को हटाया जाए और AIIMS कैंपस के साथ पूरी मुख्य सड़क को भी अतिक्रमण मुक्त किया जाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि इस रोड पर सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक किसी भी भारी वाहन को चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जनहित याचिका में हालात की भयावहता इस मुद्दे को लेकर चंद्रशेखर की ओर से गत वर्ष जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें एम्स रोड पर लगातार बढ़ते अतिक्रमण और यातायात की समस्या को लेकर राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से एम्स रोड पर अतिक्रमण और इसकी वजह से हो रहे भयावह हालात की तरफ कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया गया। सरकार की तरफ से AAG ने पेश की रिपोर्ट कोर्ट के पहले के आदेश के अनुसार अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार ने रिपोर्ट पेश की, जिसे कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया। इस रिपोर्ट में संभवतः AIIMS रोड की वर्तमान स्थिति और अतिक्रमण की समस्या का विवरण दिया गया था। कोर्ट: 9 दिसंबर तक सुधार लें हालात हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 9 दिसंबर के लिए तय करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि इस तारीख से पहले गेट नंबर 3 और 4 पर स्थित सभी अतिक्रमणकारियों को हटाया जाना जरूरी है। साथ ही AIIMS कैंपस के साथ-साथ पूरी मुख्य सड़क को भी अतिक्रमण मुक्त करना होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस रोड पर सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक किसी भी भारी वाहन को चलने की अनुमति नहीं होगी। जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी कोर्ट ने जिला कलेक्टर और अन्य सभी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि इस आदेश का सख्ती से पालन किया जाए। कोर्ट ने कहा कि जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि अतिक्रमण हटाने और भारी वाहनों पर पाबंदी लगाने के निर्देशों का पूर्णतः अनुपालन हो। निगम ने पार्किंग के नाम पर स्लीप लेन पर कराया अतिक्रमण जोधपुर का AIIMS रोड एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जहां रोजाना हजारों मरीज और उनके परिजन आते-जाते हैं। अतिक्रमण और भारी वाहनों की आवाजाही से यहां यातायात की गंभीर समस्या बनी हुई थी। हालात तो ये है कि एम्स के बाहर पार्किंग के लिए नगर निगम ने ठेका दे रखा है, लेकिन इसी ठेके की वजह से एम्स के बाहर मुख्य मार्ग के साथ चलने वाली स्लीप लेन पर भी अतिक्रमण हो रखा है। सरस ने भी बिना सोचे समझ दिया बूथ इतना ही नहीं, इसी रोड पर एम्स के ठीक सामने अनगिनत ठेले और ढाबे तो लगे ही हैं, साथ ही साथ सरस पार्लर भी बिना किसी वैध तरीके से लगा हुआ है। जिसके बाहर गाड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। हैरानी की बात तो ये भी है कि नगर निगम ने कई बार इस रोड पर दिखावे के लिए कार्रवाई की, लेकिन इस बूथ के संचालक को इसकी भनक लगते ही वो गायब हो जाता है, ताकि निगम की टीम को परमिशन नहीं दिखानी पड़े। निगम टीम भी जानबूझकर इसे छोड़ देता है और इसी की वजह से आसपास ढाबे फिर से लग जाते हैं।
मध्य प्रदेश में मतदाता सूची को लेकर स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR की प्रक्रिया पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। इस महाअभियान में बूथ लेवल अधिकारी यानी बीएलओ को बिना गणना पत्रक (एन्यूमरेशन शीट) के ही मैदान में उतार दिया। दरअसल, इंदौर की जिस फर्म को गणना पत्रक छापने का टेंडर दिया है। उसने समय पर इन्हें नहीं छापा। इसकी वजह से 4 नवंबर से शुरू हुआ डोर-टू डोर अभियान पिछड़ गया है। हालांकि, जिस फर्म को ये ठेका मिला है उसका कहना है कि जिलों के निर्वाचन कार्यालयों की तरफ से डेटा मांगा गया था और उन्होंने जानकारी समय पर नहीं दी। जिन्होंने जानकारी दी वो भी आधी अधूरी थी। कई जिलों के अफसरों ने तो मतदाता सूची के बंडल ही गायब कर दिए। इंदौर की जो फर्म गणना पत्रक की प्रिटिंग का काम कर रही है भास्कर ने उस फर्म से बात कर समझा कि आखिर अब हालात क्या है, जो समय निकल चुका है उसकी भरपाई कैसे की जाएगी और अभी कितना काम बाकी है। पढ़िए रिपोर्ट 4 नवंबर को बीएलओ के हाथ में फॉर्म की जगह था आईपैड इंदौर के ही उदाहरण से समझे तो यहां 28.46 लाख से अधिक मतदाताओं का भौतिक सत्यापन किया जाना है। 4 नवंबर को अभियान की औपचारिक शुरुआत के साथ ही बीएलओ को घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क साधना था। लेकिन, ज्यादातर इलाकों में बीएलओ जब अपने क्षेत्र में निकले, तो उनके हाथ में आधुनिक आईपैड तो था, मगर सबसे जरूरी गणना पत्रक (Enumeration Sheet) और फॉर्म नदारद थे। बीएलओ को आईपैड और टैबलेट इसलिए दिया है,ताकि वह 2003 की पुरानी वोटर लिस्ट और 2025 की नई वोटर लिस्ट के डेटा का मिलान कर सके। चुनाव आयोग का नियम है कि बिना फॉर्म पर मतदाता के हस्ताक्षर के डेटा को ऐप में एंट्री नहीं किया जा सकता। ऐसे में, कई बीएलओ को या तो अपना काम रोकना पड़ा या फिर पुराने ड्राफ्ट फॉर्म के सहारे अस्थायी रूप से जानकारी जुटानी पड़ी। फर्म ने बताई डेटा की गड़बड़ी इस बार मतदाता सूची के फॉर्म की छपाई का काम तकनीकी रूप से बेहद जटिल था। हर फॉर्म पर एक यूनीक क्यूआर कोड छापा जाना था, जो हर मतदाता की पहचान से जुड़ा है। इसका मतलब था कि एक फॉर्म का इस्तेमाल कोई दूसरा मतदाता नहीं कर सकता। यह बड़ा और महत्वपूर्ण टेंडर इंदौर की एमजी कॉमर्शियल कंपनी को 1 रुपए 49 पैसे प्रति फॉर्म की दर से दिया गया था। फर्म को कुल 11 करोड़ 40 लाख फॉर्म छापने का ऑर्डर मिला। प्रक्रिया के तहत, प्रत्येक बूथ केंद्र के अनुसार मतदाता सूची को पहले डिजिटली अपलोड किया गया और फिर उसी डेटा के आधार पर छपाई होनी थी। लेकिन डिजिटल डेटा से हार्ड कॉपी तक का यह सफर उम्मीद से कहीं ज्यादा पेचीदा साबित हुआ। एमजी कॉमर्शियल के मैनेजर अयाज खान ने बताया कि देरी का मुख्य कारण डेटा ट्रांसफर में आई दिक्कतें थीं। कुछ जिलों से भेजी गई पीडीएफ फाइलें डाउनलोड हो रही थीं, तो कुछ नहीं हो रही थीं। डेटा अधूरा आ रहा था। इस समस्या से निपटने के लिए हमने अपने स्टाफ को प्रदेश के सभी जिलों में भेजकर पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क के माध्यम से डेटा मंगवाया। कई जिलों का बंडल गुम तो कुछ फॉर्म मिसिंगएमजी कॉमर्शियल के मैनेजर अयाज खान बताते हैं कि हमें 11 करोड़ 40 लाख के आसपास फॉर्म छापने का टेंडर मिला है, जिन्हें आगे-पीछे दोनों तरफ छापना था। यह पूरे प्रदेश का काम है। हमने 99 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। अब केवल वही काम बाकी है, जैसे किसी का बंडल गुम हो गया या किसी अन्य वजह से कुछ फॉर्म मिसिंग हैं। खान ने यह भी बताया कि इस काम को समय पर पूरा करने के लिए कंपनी ने युद्ध स्तर पर तैयारी की थी। प्रदेशभर में 700 से 800 प्रिंटिंग मशीनें और 1000 से 1500 लोगों का स्टाफ इस काम में लगाया गया था। उनका दावा है कि डेटा की समस्या के बावजूद उन्होंने अपनी तरफ से काम को बहुत तेजी से खत्म किया है। एन्यूमरेशन फॉर्म में क्या है खास?इस बार का फॉर्म सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि एक सुरक्षित डिजिटल दस्तावेज की तरह है। पहला पेज: इस पर मतदाता की पूरी बेसिक जानकारी, जैसे नाम, EPIC नंबर, फोटो, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, और आधार नंबर दर्ज किया जाना है। साथ ही, पिता, माता, या पति/पत्नी का नाम और पिछली सूची में रिश्तेदारी का विवरण भी शामिल है। यह सारा डेटा तभी वैध माना जाएगा जब बीएलओ अपने डिवाइस से फॉर्म पर छपे यूनीक क्यूआर कोड को स्कैन करेगा। दूसरा पेज: इस पर निर्वाचक सूची में संशोधन से जुड़े दिशा-निर्देश और एक चेतावनी है। मतदाता को बताया गया है कि वे अपनी जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट (eci.gov.in) पर सत्यापित करें। यदि डेटाबेस में कोई भिन्नता पाई जाती है, तो संबंधित मतदाता को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा। इसके अलावा, जन्मतिथि के सत्यापन के लिए 12 विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों की सूची भी दी गई है। नए नियमों ने बढ़ाई बीएलओ की मुश्किलेंफॉर्म की देरी के अलावा, चुनाव आयोग के एक नए नियम ने भी फील्ड में मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस बार नियम बनाया गया है कि बीएलओ केवल वही व्यक्ति बन सकता है, जिसका नाम उसी बूथ की मतदाता सूची में हो या जो उसी वार्ड का कोई सरकारी कर्मचारी हो। यह नियम सैद्धांतिक रूप से तो अच्छा लगता है, लेकिन व्यवहार में इसने कई अनुभवी बीएलओ को इस महत्वपूर्ण काम से बाहर कर दिया है। सालों से यह काम कर रहे अनुभवी लोगों की जगह नए बीएलओ की नियुक्ति की गई है, जिनमें से कई अभी तक सिस्टम, ऐप और पूरी प्रक्रिया को ठीक से समझ नहीं पाए हैं। दो-दो बार ट्रेनिंग दिए जाने के बावजूद, फील्ड से लगातार ऐप क्रैश होने और लॉगिन में एरर आने की शिकायतें मिल रही हैं। मतदान केंद्रों के युक्तियुक्तकरण पर भी पड़ेगा असरSIR अभियान का एक और महत्वपूर्ण लक्ष्य मतदान केंद्रों का युक्तियुक्तकरण भी है, ताकि हर मतदाता को अपने घर के पास वोट डालने की सुविधा मिल सके। इंदौर जिले में वर्तमान में 2625 मतदान केंद्र हैं, जहां 28.67 लाख मतदाता पंजीकृत हैं। यहां 34 केंद्र ऐसे हैं जहां 500 से भी कम मतदाता हैं। इंदौर से 585 नए केंद्र बनाने का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा गया है, लेकिन उस पर अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। फॉर्म में देरी और अभियान के पिछड़ने का असर इस महत्वपूर्ण कार्य पर भी पड़ना तय है। ये खबर भी पढ़ें... MP में वोटिंग करना है…11 प्रकार के दस्तावेज जरूरी:आज से वोटरलिस्ट वेरिफिकेशन, कैसे और कब होगा सत्यापन; 9 सवालों में जानिए पूरी प्रोसेस वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR की 103 दिन की प्रोसेस होगी। ये प्रोसेस अगले साल 7 फरवरी 2026 को खत्म होगी और इस दिन फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी। SIR की इस प्रोसेस का मकसद वोटर लिस्ट को पूरी तरह से अपडेट करना है। जिसमें फर्जी मतदाताओं के नाम हटाना, जिनकी मृत्यु हो चुकी है उनके नाम डिलीट करना, जो नाम छूट गए हैं उन नामों को जोड़ना है। इस प्रोसेस में बीएलओ घर-घर जाकर वोटर्स के नाम सत्यापित करेंगे। पूरी खबर पढ़ें...
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी आज मेरठ में रहेंगे। दोनों यहां सदर बाजार शिव चौक से सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर निकलने वाली पदयात्रा समेत कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। दोनों लगभग पांच घंटे तक कार्यकर्ताओ के बीच रहेंगे। एक नजर उप मुख्यमंत्री के कार्यक्रम पर उप मुख्यमंत्री कार्यालय लखनऊ से जारी हुए कार्यक्रम के अनुसार- उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक गाजियाबाद में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समारोह में शामिल होंगे। दोपहर 2:15 बजे वह मेरठ पहुंचकर सदर बाजार शिव चौक से सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती पर आयोजित पदयात्रा में शामिल होंगे। जनसभा को भी करेंगे संबोधित इसके बाद वह बेगमपुल रोड मुख्य बाजार वैरायटी स्टोर में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे। शाम 4:30 बजे वह डी ब्लॉक शास्त्री नगर स्थित बालेराम बृजभूषण सरस्वती शिशु मंदिर 23वें अखिल भारतीय विज्ञान मेले में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। शाम 7 बजे में हिंडन एयरपोर्ट के लिए रवाना हो जाएंगे। सड़क मार्ग द्वारा मेरठ पहुंचेंगे प्रदेश अध्यक्षभारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व एमएलसी भूपेंद्र चौधरी भी गाजियाबाद के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद सड़क मार्ग द्वारा मेरठ के लिए प्रस्थान करेंगे। 1 बजे वह भारतीय जनता पार्टी के मेरठ बागपत रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। बैठक के बाद होंगे यूपी भवन रवाना दोपहर 2:00 बजे से 3:00 तक वह मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करेंगे। उपमुख्यमंत्री के साथ वह भी शाम के कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां से वह अकेले ही एक्सप्रेसवे के रास्ते यूपी भवन पहुंचकर विश्राम करेंगे।
गोरखपुर में फोटोग्राफी वर्कशॉप:लखनऊ से आए ट्रेनर, वेडिंग फोटो, वीडियो शूट के लिए बेहतरीन तरीके बताए
गोरखपुर के मोहद्दीपुर स्थित व्ही पार्क में बुधवार को एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें वेडिंग के लिए बेहतरीन फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी के लिए लखनऊ से आए ट्रेनर ने कैमरा के कुछ इंपॉर्टेंट टूल के विषय में समझाया। इस वर्कशॉप का आयोजन गोरखपुर फोटोग्राफर एसोसिएशन और कैनन के ओर से किया गया था। जिसमें शहर के साथ-साथ आसपास के लगभग 50 से अधिक फोटोग्राफर पहुंचे थे। जिन्होंने इसकी ट्रेनिंग ली। शहर के विभिन्न कैमरा मैन और वेडिंग फोटोग्राफर को आजकल के कैमरे में हुए अपडेट और एआई से संबंधित नई जानकारियां विस्तार से दी गई। प्रैक्टिकली सीखा आउटडोर फोटोग्राफी इस वर्कशॉप में आए सभी फोटोग्राफर्स ने प्रैक्टिकली फोटो और वीडियो के माध्यम से लाइटिंग, जूमिंग और कलर टोन के बारे में सीखा। ट्रेनर ने उन्हें कैमरा में हर ची सामने दिखा कर सभी डाउट्स क्लियर किए। इतना ही नहीं फोटो शूटिंग के लिए मॉडल को भी बुलाया गया था। जिससे अलग-अलग पोजेज में कैमरा एंगल बेहतर ढंग से सीखा जा सके। एक एक करके सभी ने डिजिटल कैमरे के हर टूल के यूज को समझा। शटर, एपर्चर, आईएसओ पर दें विशेष ध्यान कैनन टीम के सदस्य अंजनी ने बताया- एक फोटोग्राफर को बेहतरीन क्लिक के लिए सबसे ज्यादा ध्यान शटर, एपर्चर, आईएसओ पर देना चाहिए। यही वह की- पॉइंट है जो जिसपर फोकस करने से बेहतरीन फोटो और वीडियो बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया- इसके अलावा लाइटिंग, एंगल, मूवमेंट और अन्य चीजों पर भी ध्यान देना चाहिए। वेडिंग शूट के लिए तो खास कर लाइटिंग और कलर का ध्यान रखना चाहिए। एक गलत कलर फोटो या वीडियो को पूरा खराब कर सकता है। कैमरे के हर बदलाव का ज्ञान जरुरी वहीं गोरखपुर फोटोग्राफर एसोसिएशन के अध्यक्ष बैजू गुप्ता ने बताया- फोटोग्राफी आजकल मैनुअल से डिजिटल हो चुका है। इस लिए कैमरे के हर बदलाव का ज्ञान जरुरी है। उन्होंने कहा बेसिक सीखने के बाद अपडेट की जानकारी रखना जरुरी है। एक्सपोजर, फोकस, आईएसओ और व्हाइट बैलेंस पहले मैनुअल फिक्स किया जाता था अब ये सब काम डिजिटली होता है। वहीं एआई के आने से फोटोग्राफी का माहौल बदल गया। इसीलिए जानकारी के बिना काम नहीं चलने वाला। बहुत कुछ सीखा इस वर्कशॉप में आए फोटो और वीडियो ग्राफर ने कहा कि यहां आकर बहुत कुछ सीखने को मिला है। जिन छोटी-छोटी चीजों पर हम पहले ध्यान नहीं देते थे। आज उनके बेहतर इस्तेमाल को बताया गया। जिसका रिजल्ट हमनें लाइव देखा।
दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद आगरा में भी हाई अलर्ट है। आगरा पुलिस ने ताजमहल समेत स्मारकों, मेट्रो व रेलवे स्टेशन पर सख्ती बरती है। अब इसके बाद आगरा की तमाम पार्किंग को लेकर भी पुलिस अलर्ट पर है। पार्किंग में लंबे समय से खड़ी गाड़ियों की जानकारी जुटाई जा रही है। पार्किंग ठेकेदारों को भी ऐसी गाड़ियों की पुलिस को सूचना देनी होगी। इसके अलावा ठेल ढकेल पर भी नजर रखी जा रही है। दिल्ली के चांदनी चौक में कार में हुए ब्लास्ट में 10 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में विस्फोटक से भरी कार कई घंटे पार्किंग में खड़ी रही थी। ऐसे में अब आगरा पुलिस ने आगरा की सभी पार्किंग में संदिग्ध लोग व लंबे समय से खड़ी गाड़ियों की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि आगरा की जितनी भी पार्किंग है, वहां पर निगरानी की जा रही है। नगर निगम की पार्किंग में तय सीमा के बाद जो भी गाड़ी खड़ी होगी,उसकी जानकारी तत्काल पुलिस को देने के लिए कहा गया है। साथ ही निजी पार्किंग व ऐसी कोई भी जगह जहां पर लावारिस गाड़ी खड़ी है, उस पर पुलिस नजर रखेगी। जानकारी मिलते ही तत्काल कार्रवाई की जाएगी। पार्किंग ठेकेदारों से कहा गया है कि वो गाड़ी पार्क करने वाले से पूछे कि कितने देर के लिए गाड़ी खड़ी होगी। अगर कोई भी संदिग्ध गतिविधि लगती है तो उसकी सूचना पुलिस को दें। ठेलों पर भी रहेगी नजरपुलिस कमिश्नर ने बताया कि पार्किंग के अलावा पुराने शहर व आगरा किला के आसपास ठेल-ढकेल पर भी नजर रखी जा रही है। रात में सड़क किनारे ठेलों को खड़ा कर दिया जाता है। ऐसी ठेलों को हटाने के लिए कहा गया है। सोशल मीडिया साइट पर भी नजरआगरा पुलिस सोशल मीडिया साइट पर भी नजर रखे हुए है। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि सोशल मीडिया साइट पर कोई भी अफवाह या भ्रामक सूचना डालेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर पीठ ने जैसलमेर के ऐतिहासिक गड़ीसर तालाब के संरक्षण और विस्तार को लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस विनीत कुमार माथुर और जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि रेगिस्तान के बीच स्थित गड़ीसर तालाब को पर्याप्त बारिश का पानी मिल रहा है, तो राज्य सरकार का दायित्व बनता है कि वह मीठे पानी के संरक्षण के लिए योजनाएं बनाए। मामले में अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी। याचिकाकर्ता सुनील पालीवाल ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर गड़ीसर तालाब के कैचमेंट एरिया को बढ़ाने की मांग की है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि 12 जून 1961 की अधिसूचना में उल्लेखित सीमाओं को बनाए रखा जाए और गड़ीसर तालाब को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश पंवार और अतिरिक्त महाधिवक्ता राकेश शर्मा ने पक्ष रखा। जैसलमेर की पर्यटन महत्ता पर कोर्ट की टिप्पणी कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जैसलमेर विश्व मानचित्र पर एक बेहद प्रमुख और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसलिए गड़ीसर तालाब के कैचमेंट एरिया को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए यह जनहित याचिका महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने माना कि तालाब का संरक्षण न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी जरूरी है। पिछले 2-3 सीजन में तालाब/झील में भरपूर पानी कोर्ट ने यह भी नोट किया कि पिछले दो-तीन सीजन में गड़ीसर तालाब को पर्याप्त पानी मिला है और यह अपनी कुल क्षमता से अधिक भरा हुआ बताया गया था। रेगिस्तान के बीच में यदि गड़ीसर तालाब को पर्याप्त पानी मिल रहा है, तो कोर्ट ने माना कि क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा के कारण मीठे पानी के संरक्षण और परिरक्षण के लिए योजनाएं बनाना राज्य सरकार का बाध्यकारी कर्तव्य है। राज्य सरकार को निर्देश कोर्ट ने राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि जनहित याचिका का जवाब दाखिल करते समय वह आदेश में की गई टिप्पणियों को ध्यान में रखे। सरकार की तरफ से वकील ने याचिका का जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। गड़ीसर तालाब/झील का ऐतिहासिक महत्व गड़ीसर तालाब जैसलमेर की पहचान है और यह सदियों से शहर की जलापूर्ति का मुख्य स्रोत रही है। यह तालाब न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि विश्वभर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। कोर्ट का यह आदेश तालाब के संरक्षण और विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
आगरा में नकली पनीर सुपरेटा दूध, पाम ऑयल व अन्य केमिकल से तैयार किया जा रहा था। FSDA की कार्रवाई में 4 क्विंटल पनीर को नष्ट कराया गया था। विभाग द्वारा जांच के लिए सैंपल भेजे गए हैं। सहायक आयुक्त (खाद्य) सय्यद शाहनवाज हैदर आबिदी के नेतृत्व में मंडलीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी नन्द लाल यादव, खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेन्द्र कुमार चौरसिया,चंद्र विजय सिंह द्वारा पुरानी मंडी फतेहाबाद रोड, स्थित नरेन्द्र राठौर पुत्र श्री श्यामलाल निवासी-हुज्जुपुरा, ताजगंज, फतेहाबाद रोड के गोदाम पर छापा मारा। गोदाम पर नरेन्द्र राठौर को अन्य खाद्य पदार्थों के साथ डीप फ्रीजर में लगभग नब्बे किलोग्राम पनीर स्टोर करते हुए पाया गया। गोदाम पर ही एक बोलेरो कार में चार क्विंटर पनीर मिला। इस पनीर को खेरागढ़ के बिरहरू की कान्हा डेयरी के मालिक सुनील कुमार द्वारा स्टोर किया गया था। पूछताछ पर सुनील कुमार ने बताया कि पनीर को सुपरेटा दूध, पाम ऑयल और केमिकल के प्रयोग से बनाते हैं। पनीर को खाद्य व्यवसायियों को बेचते हैं। नरेंद्र राठौर ने भी यह बताया कि उनके पास मौजूद पनीर भी इसी प्रकार का बना हुआ है, जो किसी अन्य द्वारा सप्लाई किया गया है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि जल्दी और ज्यादा पैसा कमाने के लिए इस तरह से पनीर तैयार कर बेचते थे। इस एक किलो पनीर को 80 रुपये में तैयार कर 220 प्रति किलो के हिसाब से बेचते थे।गोदाम से एक लाख 10 हजार रुपये का पनीर मिला। पनीर को जेसीबी से गहरा गड्ढा खुदवा कर उसमें दफन कर नष्ट किया गया। नरेन्द्र राठौर के रजिस्ट्रेशन और कान्हा डेयरी के लाइसेंस सस्पेंशन की संस्तुति की गई है।
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को आयोजित हो रहा है। इस बार का समारोह कई मायनों में खास है - जहां 111 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी जाएगी, वहीं 94 टॉपर्स को गोल्ड मेडल से नवाज़ा जाएगा। समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी। उनके साथ मंच साझा करेंगे झारखंड के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संतोष गंगवार, जिन्हें इस बार “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित किया जाएगा। समारोह में आईआईटी रोपड़ (पंजाब) के निदेशक प्रो. राजीव अहूजा मुख्य अतिथि होंगे। सुबह पहुंचेगी राज्यपाल, दोपहर बाद लौटेंगी लखनऊ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल गुरुवार 10:50 बजे विश्वविद्यालय पहुंचेंगी। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वे दोपहर 3 बजे लखनऊ के लिए रवाना होंगी। दीक्षांत समारोह को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में बीते कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं, जिनको मंगलवार देर शाम अंतिम रूप दिया गया। संतोष गंगवार को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड इस बार दीक्षांत समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें शिक्षा, शोध और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है। संतोष गंगवार रुहेलखंड विश्वविद्यालय के शुरुआती छात्रों में रहे हैं और विश्वविद्यालय की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही है। 111 शोधार्थियों को डिग्री, 94 गोल्ड मेडलिस्ट्स होंगे सम्मानित समारोह में 111 शोधार्थियों को उनके शोध कार्य के लिए पीएचडी की डिग्री दी जाएगी। वहीं स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 94 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाज़ा जाएगा। कार्य परिषद ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। कार्य परिषद की बैठक में लिए गए अहम फैसले दीक्षांत समारोह से पहले कुलपति प्रो. के.पी. सिंह की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। 1. विश्वविद्यालय में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड की परंपरा की शुरुआत की गई।2. बेस्ट रिसर्चर अवार्ड की घोषणा की गई, जो यूजीसी के नियमों के अनुरूप होगा।3. छात्रावासों के नाम बदले गए - मुख्य छात्रावास का नाम अब ‘अरावली छात्रावास’, न्यू बॉयज हॉस्टल का ‘नीलगिरी छात्रावास’ और पीजी हॉस्टल का नाम ‘मानसरोवर छात्रावास’ रखा गया है।4. सात शिक्षकों की पदोन्नति और कृषि संकाय में नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई।5. “प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस” के तहत सात नए शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय हुआ।6. इतिहास विभाग में ‘एक्सपीरियंशियल लर्निंग ग्रुप’ की शुरुआत की गई, जिसके तहत छात्र ‘पांचाल संग्रहालय’ से जुड़कर आगंतुकों को जानकारी देंगे। बैठक में घनश्याम खंडेलवाल (गवर्नर नॉमिनी), प्रो. रजनी रंजन, कुलसचिव हरिश्चंद, वित्त अधिकारी विनोद कुमार, प्रो. श्याम बिहारी लाल, प्रो. विजय बहादुर यादव, प्रो. विनय ऋषिवाल, डॉ. रामकेवल, डॉ. आशीष जैन, डॉ. विमल कुमार, डॉ. सौरभ वर्मा, प्रो. विनय कुमार समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे। राज्यपाल करेंगी 5 प्रमुख परियोजनाओं का लोकार्पण राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपने करकमलों से पांच प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगी - 1. प्रो. एस. बी. सिंह सभागारएमबीए विभाग के नवसुसज्जित सभागार का नाम विभाग के संस्थापक प्रो. एस. बी. सिंह के नाम पर रखा गया है। सभागार में अत्याधुनिक ऑडियो-वीडियो सिस्टम और आकर्षक पैनलिंग की गई है। 2. मल्टीपरपज क्रिकेट स्टेडियमविश्वविद्यालय परिसर में लगभग 20 हजार वर्गमीटर में फैला नया क्रिकेट स्टेडियम तैयार हुआ है। दो अंतरराष्ट्रीय पिचों, टीम स्टैंड और दर्शक गैलरी के साथ यह स्टेडियम हॉकी, फुटबॉल और वॉलीबॉल जैसे खेलों के लिए भी इस्तेमाल होगा। 3. स्वर्ण जयंती द्वारविश्वविद्यालय के 50 वर्ष पूरे होने पर ‘स्वर्ण जयंती द्वार’ का निर्माण किया गया है, जो प्रशासनिक भवन को बीसलपुर रोड से जोड़ेगा। 4. योग वाटिकाराज्यपाल के निर्देश पर कुलपति आवास के पास सुंदर योग वाटिका तैयार की गई है, जहां शिक्षक, कर्मचारी और छात्र नियमित योग कर सकेंगे। वाटिका में हरियाली के साथ एक आकर्षक ट्री हाउस भी बनाया गया है। 5. कृषि संकायकुलपति प्रो. के.पी. सिंह के प्रयासों से नवगठित कृषि संकाय में बीएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर और एमएससी एग्रोनॉमी, हॉर्टिकल्चर, जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग जैसे कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। आधुनिक तकनीक से लैस यह फैकल्टी क्षेत्र के किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के लिए बड़ा केंद्र बनेगी। समारोह में मौजूद रहेंगे देशभर के शिक्षाविद समारोह में आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो. राजीव अहूजा मुख्य अतिथि होंगे। उनके साथ प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी सहित देशभर के शिक्षाविद मौजूद रहेंगे। तैयार है विश्वविद्यालय, इंतजार सिर्फ राज्यपाल का दीक्षांत समारोह के लिए विश्वविद्यालय परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। मंच, सभागार और सुरक्षा के सभी इंतज़ाम पूरे हो चुके हैं। छात्र और शिक्षक दोनों ही इस गौरवशाली पल के साक्षी बनने को उत्साहित हैं।
बरेली में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने अदालत और पुलिस दोनों को चौंका दिया है। IMC के युवा जिलाध्यक्ष साजिद सकलैनी पर आरोप है कि उन्होंने अदालत को गुमराह करते हुए एक मृत व्यक्ति के नाम पर जमानत ले ली। यह वही साजिद सकलैनी हैं, जिन पर भाजपा नेता शारिक अब्बासी और उनकी पत्नी के साथ मारपीट कर गर्भपात कराने का आरोप पहले से चल रहा है। अब कोर्ट ने इस नए मामले में गंभीरता दिखाते हुए संज्ञान ले लिया है और कोतवाली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मारपीट से हुआ था गर्भपात, 2023 में दर्ज हुआ था केसभाजपा नेता शारिक अब्बासी ने बताया कि वह बारादरी थाना क्षेत्र के पुराना शहर चक महमूद के निवासी हैं। उनकी पत्नी फिजा भाजपा से पार्षद का चुनाव लड़ चुकी हैं। इसी रंजिश में IMC नेता साजिद सकलैनी ने उनसे दुश्मनी पाल ली। आरोप है कि साजिद ने उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की, और विरोध करने पर 2023 में अपने साथियों के साथ मिलकर शारिक और उनकी पत्नी को बेरहमी से पीटा। इस हमले के बाद उनकी पत्नी का गर्भपात हो गया। इस मामले में बारादरी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसकी चार्जशीट पुलिस ने अदालत में दाखिल कर दी थी। मृत व्यक्ति के नाम पर कराई जमानतमुकदमे की कार्यवाही के दौरान आरोपी साजिद सकलैनी को जमानत लेनी थी। लेकिन चौंकाने वाली बात ये रही कि आरोपी पक्ष ने जमानत के लिए जिस व्यक्ति का नाम और दस्तावेज लगाए- वह व्यक्ति पहले ही मर चुका था। जमानती अनीस अहमद पुत्र अब्दुल मजीद की मृत्यु 27 जून 2023 को हो चुकी थी, जिसका डेथ सर्टिफिकेट नगर निगम बरेली से जारी हुआ है। इसके बावजूद, 23 अक्टूबर 2025 को अनीस अहमद के नाम से जमानतनामा कोर्ट में दाखिल कर दिया गया और उसी आधार पर जमानत स्वीकार कर ली गई। फर्जी दस्तावेजों से अदालत को गुमराह करने का आरोपशारिक अब्बासी का कहना है कि उन्होंने जब जमानतनामे की प्रति निकलवाने की कोशिश की, तो कोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय में मिली फाइल से वह दस्तावेज गायब था। उन्होंने आरोप लगाया कि कोर्ट के तत्कालीन लिपिक राजकुमार और साजिद सकलैनी की मिलीभगत से मूल जमानतनामा फाइल से हटवा दिया गया और दूसरा फर्जी जमानतनामा दाखिल कर दिया गया। उन्होंने इस संबंध में सबूत के तौर पर अपने मोबाइल से जमानतनामे की फोटो भी संलग्न की है। कोर्ट ने लिया संज्ञान, मांगी रिपोर्टशारिक अब्बासी ने इस पूरे मामले की शिकायत पहले स्थानीय पुलिस से की, फिर एसएसपी बरेली को भी रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने बरेली के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। अदालत ने अब मामले की गंभीरता को देखते हुए संज्ञान लिया है और थाना कोतवाली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। फर्जीवाड़े का पूरा विवरण कोर्ट में उजागरशिकायत में कहा गया है कि आरोपी साजिद सकलैनी, शमशाद हुसैन, रईस मियां, नजीबुर्रहमान और राजकुमार सहित अन्य लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए अदालत को गुमराह किया। आरोपियों ने मृत व्यक्ति अनीस अहमद के आधार कार्ड और वाहन आरसी का इस्तेमाल करते हुए झूठा जमानतनामा तैयार कराया और हलफनामे पर फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठा निशान तक लगवाया। जान को खतरा है - बोले भाजपा नेता शारिक अब्बासीशारिक अब्बासी ने कहा, “मैंने इस मामले की शिकायत कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक की है, लेकिन अभी तक साजिद सकलैनी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वह बहुत दबंग और प्रभावशाली व्यक्ति है। मेरी और मेरी पत्नी की जान को खतरा है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो किसी दिन बड़ी वारदात हो सकती है।” पुलिस की भूमिका पर भी उठे सवालपीड़ित ने आरोप लगाया कि लगातार शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने अब तक इस फर्जीवाड़े पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया। कोर्ट में दाखिल प्रार्थना पत्र में उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि यह पूरा मामला अदालत को धोखे में रखकर जमानत लेने का है, जो गंभीर आपराधिक अपराध की श्रेणी में आता है। अब निगाहें कोर्ट की अगली सुनवाई परफिलहाल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) बरेली की अदालत ने कोतवाली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद यह तय होगा कि साजिद सकलैनी और अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और दस्तावेजों की जालसाजी का नया मुकदमा दर्ज होगा या नहीं। बरेली बबाल का आरोपी भी है साजिद सकलैनी बरेली में 26 सितंबर को हुए बबाल मामले में भी साजिद सकलैनी आरोपी है। उसके खिलाफ पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है। साजिद सकलैनी के ऊपर 15 हजार का इनाम भी घोषित किया जा चुका है। फिलहाल वो फरार है और पुलिस को उसकी तलाश है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज बरेली दौरे पर रहेंगे। उनका कार्यक्रम बेहद व्यस्त है। सुबह 11:45 बजे वह बरेली एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे, जहां पार्टी पदाधिकारियों और स्थानीय नेताओं की मौजूदगी में उनका स्वागत किया जाएगा। एयरपोर्ट से निकलने के बाद अखिलेश यादव नैनीताल रोड स्थित एक होटल जाएंगे। अताउर्रहमान की बेटी के विवाह में होंगे शामिल अखिलेश यादव विधायक अताउर्रहमान की बेटी के विवाह समारोह में शिरकत करेंगे। अखिलेश यादव करीब एक घंटे तक ठहरेंगे और अतिथियों से मुलाकात करेंगे। सीबीगंज और किला में नेताओं से मुलाकात का कार्यक्रमइसके बाद सपा मुखिया सीबीगंज स्थित भोजीपुरा विधायक शहजिल इस्लाम से मुलाकात करेंगे। यहां से निकलकर वह किला निवासी अंतर्राष्ट्रीय शायर पूर्व एमएलसी प्रोफेसर वसीम बरेलवी के घर जाएंगे। यहां करीब आधे घंटे तक अखिलेश यादव रुकेंगे। डोहरा रोड पर विवाह समारोह में देंगे आशीर्वादकरीब दोपहर 2 बजे अखिलेश यादव डोहरा रोड पहुंचेंगे। यहां वह पूर्व विधायक सुल्तान बेग की बेटी के विवाह समारोह में शामिल होंगे और नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देंगे। पूर्व सांसद और जिलाध्यक्ष से भी होगी मुलाकातशाम होते-होते अखिलेश यादव का कार्यक्रम पूर्व सांसद वीरपाल सिंह और पूर्व जिलाध्यक्ष अगम मौर्य से मुलाकात का भी है। यह मुलाकात पार्टी के भीतर संगठनात्मक चर्चा को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। शाम 4:10 बजे बरेली से लौटेंगे लखनऊसभी कार्यक्रमों के बाद अखिलेश यादव शाम 4:10 बजे बरेली एयरपोर्ट से लखनऊ के लिए रवाना होंगे। पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक, इस दौरान जिले के कई नेता उनसे मुलाकात कर संगठन की गतिविधियों और 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं।
गोरखपुर में टैटू का ट्रेंड:शादी से पहले पार्टनर के नाम का टैटू, तस्वीर भी बनवाते कपल
गोरखपुर में वेडिंग सीजन शुरू होते ही अपने पार्टनर का टैटू बनवाने का ट्रेंड भी बढ़ गया है। हसबैंड और वाइफ एक दूसरे से अपना प्यार जताने के लिए के उनके नाम का टैटू करवा रहे हैं। जन्मों- जन्मों तक साथ निभाने के लिए इंगेजमेंट के बाद से ही कपल टैटू पार्लर पहुंचना शुरू कर चुके हैं। कोई अपने पति या पत्नी के नाम का पहला लेटर लिखवा रहा है तो कोई पूरा नाम ही। इतना ही नहीं कुछ लोग तो अपने पार्टनर को इतना मानते हैं कि उनकी पूरी तस्वीर ही छपवा ले रहे हैं। टैटू पार्लर में हर रोज ऐसे कई लोग पहुंच रहे हैं। एक लेटर का ट्रेंड ज्यादा शहर के गोलघर स्थित मंगलम टॉवर में टैटू आर्टिस्ट ऋषभ ने बताया- पिछले 10 दिनों में मेरे पास कम से कम 15 लोग अपने पार्टनर के नाम का टैटू बनवाने के लिए आ चुके हैं। जिनमें सबसे ज्यादा नाम के पहले अक्षर का टैटू बनवाया जा रहा है। पूरा नाम भी लिखवाते लोग ऋषभ ने बताया- फर्स्ट लेटर के अलावा ज्यादातर लोग पूरा नाम भी लिखवाते है। अपने पार्टनर का नाम लिखवाने के लिए अधिकतर लोग इंगेजमेंट के बाद ही आते हैं। इसके अलावा नई-नई शादी वाले कपल भी आते हैं। पार्टनर के नाम की रिंग नहीं उनका नाम ही दिखें उन्होंने बताया- कुछ कस्टमर्स ऐसे भी होते हैं जो रिंग फिंगर पर फर्स्ट लेटर का टैटू करवाते हैं। इनमें ज्यादातर शादी फिक्स होने के बाद और इंगेजमेंट से पहले वाले लोग होते हैं। उनका शौक होता है कि जिस फिंगर में उनके पार्टनर के नाम की रिंग होगी क्यों न वहां उनका नाम ही रहे। कलाई पर सजता नाम ऋषभ ने बताया- पार्टनर के नाम का टैटू करवाने के लिए लोग सबसे ज्यादा हाथ की कलाई को ही चुनते है। यहां का खूबसूरत लुक आता है। और फ्रंट पर भी रहता है। नाम लिखवाने के लिए ज्यादातर महिलाएं ही आती हैं। हार्ट शेप देता सुंदर लुक ऋषभ ने बताया- आज कल नाम सिंपल तरीके से नहीं लिखवाया जाता। कस्टमर उसके साथ हार्ट शेप भी बनवाते हैं। कोई छोटा शेप बनवाता तो कोई बड़ा। इसके अलावा कोई सिंगल हार्ट, तो कोई डबल या उससे ज्यादा। कैलीग्राफी स्टाइल करते पसंद टैटू आर्टिस्ट ने बताया- जो भी टैटू करवाते है, वे नाम लिखने के बेहतरीन डिजाइन को चुनते हैं। जिसमें सबसे ज्यादा कैलीग्राफी स्टाइल को पसंद किया जाता है। यह देखने में काफी खूबसूरत लगता है। टैटू बनवाने के बाद रखें ये ध्यान ऋषभ ने बताया-
दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार की गई लखनऊ की डॉ. शाहीन को लेकर अब कई खुलासे सामने आ रहे हैं। गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग में कार्यरत रही शाहीन के बारे में कॉलेज के शिक्षकों और सहयोगियों ने बताया कि वह बेहद शांत स्वभाव की थीं और अपने काम से काम रखने वाली थीं। विभाग के एचओडी डॉ. वीरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि शाहीन हमेशा विभागीय कार्यों में गंभीरता दिखाती थीं और छात्रों को पढ़ाने में पूरी तरह समर्पित रहती थीं। किसी भी तरह की गतिविधि या बयान से कभी यह संकेत नहीं मिला कि वह किसी गलत संगत में हैं। चरमपंथी झुकाव या कट्टर सोच नहीं देखी शाहीन के पूर्व पति डॉ. जफर हयात ने भी दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि 2003 में दोनों की शादी हुई थी और 2013 में तलाक हो गया। उन्होंने कहा कि शाहीन के स्वभाव में कभी कोई चरमपंथी झुकाव या कट्टर सोच नहीं देखी। हां, उनकी एक इच्छा थी कि वह यूरोपियन सिटी में रहना चाहती थीं। इसी बात को लेकर दोनों के बीच मतभेद हुए और रिश्ता टूट गया। हमेशा हिजाब पहनकर क्लास लेती थीं वहीं, कॉलेज की कुछ महिला प्रोफेसरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डॉ. शाहीन हमेशा हिजाब पहनकर क्लास लेती थीं। कई बार स्टाफ की ओर से उन्हें इस पर टोक भी दिया गया, लेकिन उन्होंने हिजाब उतारने से साफ इनकार कर दिया। इस बात को लेकर सीनियर अधिकारियों से भी उनकी कई बार बहस हुई थी। स्टाफ के अनुसार, वह अपनी धार्मिक पहचान और पहनावे के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करती थीं। विभाग के शिक्षकों में हैरानी है कॉलेज प्रशासन ने बताया कि 2013 में बिना किसी सूचना के वह कॉलेज से अनुपस्थित हो गई थीं, जिसके बाद 2021 में उनकी सेवा समाप्त कर दी गई। अब दिल्ली ब्लास्ट में उनकी गिरफ्तारी के बाद विभाग के शिक्षकों में हैरानी है कि इतनी शांत, पढ़ी-लिखी और समर्पित दिखने वाली डॉक्टर इस तरह की आतंकी गतिविधियों में कैसे शामिल हो सकती हैं।
झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के सामने आरोपी ने जिस गर्लफ्रेंड को गोली मारी, उसका 3 घंटे तक ऑपरेशन चला। डॉक्टरों ने रीढ़ की हड्डी के पास फंसी हुई गोली को तो निकाल दिया गया। मगर छात्रा कृतिका चौबे (20) के दोनों पैर सुन्न (बेजान) बताए जा रहे हैं। वह चल सकेगी या नहीं, ये अब घाव भरने के बाद ही क्लियर हो सकेगा। भोपाल एम्स के डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन के बाद रीढ़ की हड्डी में छल्ले डाले हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि गोली ज्यादा देर तक रीढ़ की हड्डी में फंसने की वजह से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ गया था। आंखों में आंसू लिए कृतिका के पिता गौरी शंकर कहते हैं- बेटी की हालत नाजुक बनी हुई है। उसे अभी ICU में रखा गया है। बेटी को होश आ गया है, वो बात कर पा रही है। मगर दुखी है, उसके शरीर के नीचे का हिस्सा काम नहीं कर रहा। डॉक्टर कहते हैं कि धीरे-धीरे उसकी स्थिति में सुधार आ सकता है। मनीष साहू और उसकी गर्लफ्रेंड कृतिका के घर के हालात समझने के लिए दैनिक भास्कर टीम उनके घर पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… पहले कृतिका के परिवार की बात घर पर ताला, परिवार भोपाल में इलाज करवा रहा कृतिका चौबे का घर ललितपुर शहर के तालाबपुरा मोहल्ले में है। वह बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में MBA फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। उसने इसी साल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था। वह यूनिवर्सिटी कैंपस के PG हॉस्टल में रहती थी। परिवार में 3 बहनों में कृतिका दूसरे नंबर की बेटी थी। हमें कृतिका के घर पर लॉक लगा हुआ मिला। पड़ोसियों ने बताया कि उनका परिवार इलाज के लिए भोपाल गया हुआ है। हमने इसके बाद कृतिका के पिता गौरी शंकर से फोन पर बात की। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सक्सेसफुल हुआ है, मगर बेटी चल पाएगी या नहीं, ये अभी डॉक्टर भी नहीं बता पा रहे। वो कहते हैं कि धीरे-धीरे घाव भरेंगे। उसके बाद ही पैरों के मूवमेंट की कंडीशन साफ हो सकेगी। अब मनीष के परिवार की बात मनीष, कृतिका साथ पढ़े, स्कूल में दोस्ती हुई कृतिका के पिता से बात करने के बाद हम मनीष साहू (25) के घर पहुंचे। वो भी उसी मोहल्ले का रहने वाला था। ललितपुर में दोनों की प्राइमरी एजुकेशन साथ हुई थी। एक ही मोहल्ले के होने के नाते साथ में आना-जाना भी था। परिवार के करीबी लोगों ने बताया, 2018 से दोनों के बीच अफेयर हुआ था। एजुकेशन लाइफ में दोनों ने एक साथ जीने-मरने की कसमें खा लीं। लेकिन प्रॉब्लम तब शुरू हुई, जब मनीष ने 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। इसी वजह से उसकी जॉब भी नहीं लगी। मनीष समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता था। वह लोहिया वाहिनी विंग से जुड़ा था। छात्र सभा का पूर्व नगर अध्यक्ष भी रह चुका था। मनीष के खिलाफ मारपीट की 3 एफआईआर भी लिखी गई थी, ये सभी अलग-अलग मामलों की हैं। मनीष को पता था कि कृतिका से शादी तभी हो सकती है, जब वह पैसे कमाने लगे। मनीष ने तभी एक सरकारी विभाग की कार चलाने की जॉब कर पकड़ ली। लेकिन कृतिका को ये कतई मंजूर नहीं था। मां बोलीं- कृतिका हमारे घर कभी नहीं आई मनीष के घर पर हमारी मुलाकात उसकी मां रामसखी से हुई। हमने पूछा- 9 नवंबर को क्या हुआ था? वह कहती हैं- सुबह मनीष जल्दबाजी में घर से निकला था। मैंने पूछा भी था कि कहां जा रहे हो। लेकिन उसने जवाब नहीं दिया। फिर शाम को 4 बजे झांसी से पुलिस वालों की कॉल आई कि यहां घटना हुई है। हमने पूछा- कभी कृतिका आपके घर आई थी? उन्होंने कहा- नहीं, उनके संबंधों के बारे में हमें तो कुछ पता ही नहीं था। कृतिका हमारे घर कभी भी नहीं आई। मनीष ने कभी हमें उसके बारे में बताया भी नहीं। मुझे इस बात का दुख है कि हमें कम से कम बताना चाहिए था कि परेशानी क्या है। परिवार के लोग कुछ सोचते या कुछ बात करते। पिता बोले- बेटा नहीं रहा, इससे ज्यादा दुख क्या होगा मनीष ने कृतिका को गोली मारने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मनीष का शव 10 नवंबर को ललितपुर पहुंचा। गोविंद सागर बांध की तलहटी स्थित सीतापाठ के निकट अस्थाई श्मशान घाट पर रात 9 बजे उसका अंतिम संस्कार किया गया। मनीष के चचेरे भाई ने उसे मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में मनीष के दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसी सहित लगभग 50 लोग शामिल हुए। घर पर भी मोहल्ले की महिलाएं और रिश्तेदार मौजूद थे। बुंदेलखंड की परंपरा के अनुसार, बेटे की अंतिम यात्रा में पिता शामिल नहीं होते हैं। इसी कारण मनीष के पिता अपनी 5 साल की पोती को गोद में लिए घर पर ही बैठे रहे। हमसे बातचीत के दौरान उन्होंने कहा- 20 साल पहले बस एक्सीडेंट में एक हाथ कट गया। मैं पेशे से कारपेंटर था। अब मेरा बेटा भी चला गया। इससे बड़ा दुख क्या हो सकता है। 3 महीने पहले मनीष ने पत्नी को तलाक दिया परिवार के लोगों ने बताया कि एक साल पहले मनीष की भावना से शादी कर दी गई थी। मगर ये शादी मनीष को मंजूर नहीं थी। उसने पत्नी को अपनाने से मना कर दिया। शादी के 2 महीने बाद ही पत्नी से नाता तोड़ दिया। परिवार से झगड़ा करके 3 महीने पहले पंचायत बुलाकर उसने पत्नी को तलाक दे दिया। अब मर्डर की प्लानिंग की कहानी जानिए.... भले ही मनीष ने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया था, लेकिन कृतिका ने मनीष से दूरी बना ली थी। वहीं, मनीष किसी भी कीमत पर उसे छोड़ना नहीं चाहता था। कृतिका उससे बात नहीं कर रही थी। उसने मनीष का नंबर भी ब्लॉक कर दिया था। इससे वह डिप्रेशन में चला गया और कृतिका के हॉस्टल के आसपास घूमने लगा था। पुलिस ने जब दोनों के परिवारों से बात की, तो सामने आया कि दीपावली पर मनीष और कृतिका झांसी में मिलने आए थे। तब कृतिका ने मनीष को बता दिया था- अब हमारी आगे से बात नहीं होगी। तुम भले ही अपनी पत्नी को छोड़ रहे हो, मगर मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती। मगर मनीष उसे बार-बार फोन करके आखिरी बार मिलने के लिए बुला रहा था। पुलिस को कृतिका के मोबाइल में मनीष के नंबर से लगातार कॉलिंग मिली है। कृतिका के दोस्तों से एक बात और पता चली कि एक दिन क्लास में कृतिका का मोबाइल लगातार बज रहा था, वो फोन नहीं उठा रही थी। अचानक कृतिका झल्ला गई, उसने फोन उठाया और बुरी तरह से डांट दिया। यहां तक कहा कि अगर अब फोन किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। बाद में पता चला कि ये कॉल मनीष ही कर रहा था। 7 नवंबर को मनीष ने फिर कृतिका को कॉल करके कहा- मैं अब दिल्ली जा रहा हूं। तुम्हें कभी परेशान नहीं करूंगा। अब हमारे रास्ते अलग-अलग होंगे। मगर उससे पहले एक बार मिल लेते हैं। इस वजह से कृतिका मिलने के लिए राजी हो गई। दोनों के बीच मुलाकात के लिए कॉलेज की छुट्टी वाला दिन 9 नवंबर रविवार को तय हुआ। आखिरी बार मिलने के बहाने उसने कृतिका को बुलाया। 9 नवंबर को दोनों हवाना रेस्टोरेंट में गए और नूडल, बर्गर और फ्रेंच फ्राई खाया। फिर यूनिवर्सिटी पहुंचे। यहां दोपहर 2:15 बजे मनीष ने कृतिका को गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। …………ये भी पढ़ें - MBA छात्रा को गोली मारने से पहले नूडल-बर्गर खाया: झांसी के रेस्टोरेंट में रील बनाई, 1.45 घंटे तक दोनों वहां रहे झांसी बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के सामने बॉयफ्रेंड ने 7 साल पुरानी गर्लफ्रेंड को गोली मार दी। फिर खुद भी गोली मारकर सुसाइड कर लिया। रेस्टोरेंट हवाना में पहुंचने के बाद दोनों खुश थे। मर्डर से पहले मनीष ने हक्का नूडल, बर्गर और फ्रेंच फ्राई मंगवाई। उसने 604 रुपए का बिल भी पेमेंट किया। फिर करीब 1.45 घंटे तक दोनों रेस्टोरेंट की लॉबी में रील्स बनाते रहे। कभी गार्ड से फोटो खींचने को कहते, कभी मनीष कृतिका की तस्वीरें खींचता दिखा। पढ़िए पूरी खबर...
नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने सिक्का इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को उसके सेक्टर 143बी स्थित ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट ‘सिक्का कर्णम ग्रीन्स’ के लिए राज्य सरकार की रुकी परियोजनाओं वाली नीति के तहत लाभ बहाल करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह राहत तभी प्रभावी होगी जब बिल्डर अपनी लंबित पुनरीक्षण याचिका राज्य सरकार से वापस लेगा। प्राधिकरण ने पहले सिका के सभी लाभ रद्द कर 252 करोड़ की वसूली आरसी जारी की थी। अब शर्तों के पूरा होने पर यह आरसी वापस ली जाएगी। साथ ही स्वामी इंवेस्टमेंट फंड के पक्ष में दोबारा मॉर्गेज ( पीटीएम) की अनुमति दी जाएगी। इससे बिल्डर को केंद्र सरकार समर्थित स्ट्रेस फंड से वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे अधूरी परियोजना पूरी की जा सकेगी। 111 बिना बिके फ्लैट गारंटी पर प्राधिकरण को दिएसिक्का ने प्राधिकरण को 111 बिना बिके फ्लैट और दुकानें कुल 252 करोड़ मूल्य की गारंटी के रूप में दी हैं। इनमें से 31 यूनिट सील की जा चुकी हैं, शेष 80 को सील किया जा रहा है। कंपनी का कहना है कि पीटीएम मंजूरी मिलने पर ही स्वामी फंड लोन जारी कर पाएगा।यह परियोजना 36,851 वर्गमीटर भूमि पर विकसित की जा रही है, जिसमें कुल 1,351 फ्लैट स्वीकृत हैं। अब तक 749 फ्लैट तैयार हुए हैं और 2019 में तीन टावरों के लिए आंशिक ओसी जारी की गई थी। लिगेसी का दिया था लाभराज्य सरकार की 21 दिसंबर 2023 की “लेगेसी स्टाल्ड प्रोजेक्ट पॉलिसी” के तहत बिल्डरों को बकाया का 25% अग्रिम और शेष दो सालों में भुगतान की अनुमति दी गई थी। सिक्का को 208 करोड़ में से 52 करोड़ तुरंत देने थे, पर उसने केवल 4 करोड़ ही जमा किए।अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड का यह फैसला वित्तीय सुरक्षा बनाए रखते हुए बिल्डर को अंतिम अवसर देने का प्रयास है। यह कदम अन्य रुकी परियोजनाओं के लिए भी मिसाल साबित हो सकता है।
देश को विश्व-विजेता बनाने वाली महिला क्रिकेट टीम पर पैसे की बारिश हो रही है। अलग-अलग राज्य अपने-अपने खिलाड़ियों को इनाम बांट रहे। यूपी सरकार ने भी भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा रहीं दीप्ति शर्मा को डेढ़ करोड़ रुपए बतौर पुरस्कार देने की घोषणा की है। मूलरूप से आगरा की रहने वाली दीप्ति को एशियन गेम्स में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पहले भी 3 करोड़ रुपए बतौर पुरस्कार मिल चुके हैं। इसके अलावा उन्हें डिप्टी एसपी के पद पर नियुक्ति भी दी जा चुकी है। विश्वविजेता टीम में यूपी की इकलौती खिलाड़ी दीप्ति को मिलने वाले डेढ़ करोड़ कई राज्यों में खिलाड़ियों को बतौर पुरस्कार मिलने वाली रकम से कम है। ऐसे में सवाल उठता है कि कौन-कौन राज्य अपने-अपने खिलाड़ियों को कितनी कितनी रकम दे रहे? यूपी में खिलाड़ियों को मिलने वाले पुरस्कार के क्या नियम हैं? पहले से डिप्टी एसपी के पद पर तैनात दीप्ति को क्या प्रमोशन मिल सकता है? इन सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर... सबसे पहले दीप्ति शर्मा के बारे में जानिएदीप्ति ने अपने आलराउंडर प्रदर्शन से भारत को विश्वविजेता बनने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने बल्ले का जौहर दिखाते हुए वर्ल्ड-कप में कुल 215 रन बनाए। 22 विकेट झटके। इसी हरफनमौला प्रदर्शन के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' का खिताब भी मिला। इसके बाद यूपी सरकार ने दीप्ति शर्मा को 1.5 करोड़ रुपए का इनाम देने की घोषणा की। किस राज्य ने किसे कितना दिया विश्वविजेता महिला क्रिकेट टीम में शामिल हर राज्य ने अपने खिलाड़ियों को पुरस्कार देने की घोषणा की है। सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश सरकार ने अपने प्रदेश की खिलाड़ी श्री चरणी को 2.5 करोड़ रुपए दिए। साथ ही सरकारी नौकरी और घर बनाने के लिए 1000 स्क्वायर गज का प्लाट देने की घोषणा की। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने अपने राज्य की खिलाड़ी स्मृति मंधाना, जेमिमा रोड्रिगेज, राधा यादव को 2.25-2.25 करोड़ रुपए देने की घोषणा की। टीम की कप्तान रहीं पंजाब की हरमनप्रीत कौर, अमनजीत कौर और हरलीन को पंजाब सरकार 1.5-1.5 करोड़ रुपए देगी। इसी तरह मध्यप्रदेश की क्रांति गौड़ और हिमाचल प्रदेश की रेणुका सिंह को वहां की सरकारों ने 1-1 करोड़ रुपए का पुरस्कार दिया है। हरियाणा सरकार ने अपने राज्य की खिलाड़ी शेफाली वर्मा के लिए अभी तक कोई घोषणा नहीं की है। वर्ल्ड-कप फाइनल में दीप्ति के प्रदर्शन पर नजर यूपी में क्या है नियम उत्तर प्रदेश में खेल सचिव सुहास एलवाई खुद पैरा बैडमिंटन के खिलाड़ी है और कई पदक जीत चुके हैं। सुहास एलवाई ने बताया कि यूपी में खेल नीति- 2023 के तहत खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जाता है। विश्वकप में अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम का हिस्सा रहे प्रदेश के खिलाड़ियों को 1.5 करोड़ रुपए दिए जाते हैं। दीप्ति शर्मा को भी 1.5 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। अलग-अलग खेलों के लिए अलग-अलग पुरस्कार हैं। दीप्ति शर्मा को एशियन गेम्स में अच्छे प्रदर्शन के लिए पहले भी 3 करोड़ रुपए यूपी सरकार दे चुकी है। सुहास बताते हैं कि प्रदेश सरकार ने उन्हें डिप्टी एसपी का पद भी दिया। अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी में नौकरी और पैसे दोनों दिए जा रहे हैं। बाकी राज्यों में या तो नौकरी दी गई या पैसा दिया गया। ज्यादातर राज्यों में इसके लिए कोई नीति नहीं है। जिन राज्यों ने सवा दो करोड़ या ढाई करोड़ रुपए का इनाम दिया है, वहां कोई नीति फिलहाल नहीं है। दीप्ति शर्मा अभी DSP हैं, क्या प्रमोशन मिल सकता है?दीप्ति शर्मा वर्तमान में यूपी पुलिस में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें यह पद 2024 में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने के लिए दिया गया था। मुख्यमंत्री योगी ने अपने हाथों से दीप्ति शर्मा को नियुक्ति पत्र सौंपा था। सुहास एलवाई बताते हैं कि एक बार नियुक्ति हाेने के बाद प्रमोशन बाकी अफसरों की तर्ज पर ही मिलता है। ------------------------- ये खबर भी पढ़ें... एक पेटी शराब यूपी से बिहार भेजने का रेट ₹5000, स्टिंग के दौरान रिपोर्टर किडनैप, मारपीट 'हम ट्रेन में माल चढ़वा देंगे… 1200 रुपए लगेंगे। अगर उस तरफ (बिहार) प्लेटफॉर्म तक शराब पहुंचाना है तो वह भी कर देंगे…। लेकिन एक पेटी के 5000 रुपए लेंगे। अपनी सभी ट्रेनों में सेटिंग है…। इस बार बिहार चुनाव में इतना कमाया कि मकान बना लिया।' यूपी से बिहार शराब तस्करी करने वाले सनी सिंह ने यह बात कही। पढ़ें पूरी खबर
दीपावली के अगले दिन 21 अक्टूबर को सिद्धार्थनगर में लोग मूर्ति विसर्जन करने जा रहे थे। कुछ झगड़ा हुआ। 4 पुलिसवालों ने एक युवक को बाइक पर बैठाया। उसे ले जाते हुए सीसीटीवी में कैद हुए। 14 मिनट उसके साथ रहे। एक घंटे के बाद वह युवक सड़क के किनारे बेहोशी की हालत में मिला। हाथ-पैर, सिर और जबड़ा टूटा हुआ था। सीएचसी ले गए, वहां डॉक्टरों ने जिला हॉस्पिटल रेफर किया। स्थिति गंभीर थी, इसलिए गोरखपुर भेजा गया। वहां भी डॉक्टर युवक की स्थिति देखकर हैरान थे। लखनऊ भेज दिया गया। 20 दिन से ज्यादा हो गए, युवक का इलाज लखनऊ के मैक्स हॉस्पिटल में चल रहा। उसे होश नहीं आया है। एक तरह से वह कोमा में चला गया है। परिवार का कहना है कि हर दिन 1 लाख रुपए खर्च हो रहे। प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। पुलिस ने फरार आरोपी पुलिसवालों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया था। घटना के 10 दिन बाद सभी को पकड़ लिया गया था। यह घटना कैसे हुई? वजह क्या थी? पुलिस की थ्योरी क्या है? परिवार क्या कहता है? परिवार अब क्या चाहता है? इन सवालों का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम सिद्धार्थनगर में पीड़ित परिवार से मिली। सिलसिलेवार पूरा मामला पढ़िए… मूर्ति विसर्जन करने रात में निकलेसिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर चंपापुर गांव है। यहीं अशोक कुमार पटेल का घर है। अशोक शिक्षामित्र हैं। 2 बेटे हैं, बड़ा बेटा रजनीश लखनऊ के एक कॉलेज से बी-फॉर्मा कर रहा। दूसरा अवनीश गांव में ही अभी पढ़ाई कर रहा। 20 अक्टूबर को दीपावली पर रजनीश लखनऊ से सिद्धार्थनगर अपने घर गया था। इस त्योहार पर यहां अलग-अलग गांव में लक्ष्मीजी की मूर्ति स्थापित होती है। उनकी पूजा होती है और अगले दिन धूमधाम से विसर्जन होता है। चंपापुर गांव में 22 अक्टूबर की शाम को विसर्जन का कार्यक्रम शुरू हुआ। आसपास सभी गांव की मूर्तियां मोहाना घाट पर विसर्जित करनी थीं। चंपापुर के साथ पकर भिटवा, बनगई गांव की मूर्तियां अपने गांव से निकलकर सड़क पर आ गईं। हर गांव की मूर्ति के साथ डीजे भी था। मूर्तियों को घाट तक ले जाने के दौरान मोहाना थाने के पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। झगड़ा हुआ और गाड़ी आगे बढ़ गईचंपापुर से करीब 1 किलोमीटर आगे बर्डपुर मैरिज हॉल के पास रात के 11 बजे झगड़ा हो गया। सभी डीजे आगे बढ़ गए और मूर्तियां पीछे रह गईं। मूर्तियों को आगे जाने से रजनीश और उनके साथियों ने रोका था। झगड़े की स्थिति बनने पर मोहाना थाने के 4 पुलिसकर्मी राजन सिंह, मनोज यादव, मंजीत सिंह, अभिषेक गुप्ता यहां पहुंचे। मूर्ति की गाड़ी को आगे ले जाने की बात कही। रजनीश तैयार नहीं हुए। तभी पुलिसकर्मियों ने कहा कि तुम्हें तुम्हारे पापा बुला रहे हैं, गाड़ी पर बैठो। रजनीश नहीं बैठ रहे थे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरदस्ती बाइक पर बैठा लिया। रजनीश के भाई अवनीश कहते हैं- भइया को पुलिस बाइक पर बैठाकर अपने साथ ले गई। पेट्रोल पंप के सीसीटीवी में भी दिखा। फिर उन्हें वहीं फेंक दिया गया। भइया पुलिस की गिरफ्त में 14 मिनट तक रहे। इसके बाद पुलिसवाले उन्हें छोड़कर चले गए। 1 घंटे तक उनका कुछ भी पता नहीं चला। बाकी जो लोग थे, वो उन्हें खोज रहे थे। हम लोग भी पहुंचे। करीब 1 घंटे बाद उसी जगह पर रजनीश भइया बेहोशी की हालत में मिले। हाथ-पैर और जबड़ा टूटा, 3 अस्पतालों ने जवाब दियाअवनीश कहते हैं- हम लोग भइया को बाइक पर बैठाकर बर्डपुर सीएचसी लेकर आए। यहां डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया। फिर उन्हें जिला हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। वहां के डॉक्टरों ने देखा, स्थिति बहुत खराब थी। उन्होंने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया। वहां एक दिन तक भइया भर्ती रहे। 24 अक्टूबर को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया। रजनीश के पिता अशोक से हमारी बातचीत फोन पर हुई। वह कहते हैं- हम बेटे की स्थिति देखकर परेशान थे। कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करें? जो जैसे बताता रहा था, हम वैसे ही बेटे को लेकर भागते रहे। मेरे ससुराल के कुछ लोग मेरे साथ थे। जब गोरखपुर में भी डॉक्टरों ने रेफर किया तब हम लखनऊ के लिए चले। लेकिन कहां ले जाना है, इसका पता नहीं था। कुछ लोगों ने कहा कि मैक्स लेकर जाइए, वहां ठीक रहेगा। हम मैक्स लेकर चले आए। बेटे के सिर के दोनों साइड चोट लगी है। हाथ और पैर टूटा हुआ था। अशोक कहते हैं- डॉक्टरों ने पैर की सर्जरी कर दी है। उसके लिए 2 लाख 70 हजार रुपए जमा कराया गया था। चेहरे पर जो चोट थी, वह भी इलाज से सही हो रही। हाथ की सर्जरी पर वह कहते हैं कि होश आने पर ही किया जाएगा। हमने खर्च को लेकर पूछा। अशोक कहते हैं- हर दिन 60-70 हजार रुपए खर्च हो रहे हैं। कुछ मदद शिक्षक साथियों ने की है। विधायक और सांसद जी ने 50-50 हजार रुपए दिए। अब तक 10 लाख से ज्यादा खर्च हुआ है। इधर-उधर से उधार लेकर मैनेज कर रहे हैं। प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। पुलिस का काम सुरक्षित रखना था, मारना नहींरजनीश के घर पर ही हमें कांति देवी मिलीं। वह कहती हैं- रजनीश ने अगर कोई झगड़ा भी किया तो उसे थाने में रखना चाहिए था। पुलिस को जनता मारेगी, तब कैसा लगेगा? पुलिस के मुताबिक, रजनीश गाड़ी से कूद गया, जिसकी वजह से उसकी यह स्थिति हुई। इसे लेकर रजनीश के घर पर बैठी पड़ोसी सुषमा कहती हैं- अभी बच्चे को होश नहीं आया। पुलिस की पिटाई से नहीं हुआ, तो फिर वह लेकर क्यों गए। आखिर पुलिस ने नहीं मारा तो फिर क्या वह अपने आप झटककर कैसे गिर गया। वह तो बीच में बैठा था, वो गिर गया और दोनों लोग बच गए। उसको पीटा गया है। हम चाहते हैं कि आरोपी पुलिसकर्मियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। पुलिसकर्मी फरार हुए, तो 25 हजार इनाम घोषित हुआ22 तारीख की रात हुई इस घटना के बाद चारों आरोपी पुलिसवाले राजन सिंह, मनजीत सिंह, मनोज यादव, अभिषेक फरार हो गए। अगले दिन उनका कुछ पता नहीं चल सका। चारों के खिलाफ हत्या का प्रयास, अपहरण समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। डीआईजी ने मोहाना थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया। करीब एक हफ्ते बाद इनपुट मिला कि राजन सिंह और मनोज यादव हिमाचल प्रदेश के मनाली में मौज-मस्ती कर रहे हैं। पुलिस की टीम लोकेशन के जरिए उन तक पहुंची और 1 नवंबर को दोनों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार दोनों पुलिसवालों से पूछताछ हुई। इनपुट मिला कि बाकी दोनों फरार सिपाही मंजीत और अभिषेक किसी और दिशा में भागे हैं। जांच में इनपुट मिला कि ये नेपाल सीमा क्षेत्र या फिर दिल्ली की तरफ भाग चुके हैं। दिल्ली पुलिस और उत्तराखंड पुलिस तक सूचना पहुंचाई गई। फिर सर्च अभियान तेज किया गया। 4 नवंबर को दोनों पुलिसकर्मी थाने में रखी अपनी बाइक लेने आए। यहीं से पुलिस ने इन्हें घेरकर पकड़ लिया। अब सभी चारों पुलिसकर्मी जेल भेज दिए गए हैं। पुलिस अफसरों का कहना है कि इस मामले में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। केस की गंभीरता से जांच करके कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... लड़कों को छोड़ने के 25 हजार मांगने वाले पुलिसकर्मी सस्पेंड, सिद्धार्थनगर में भास्कर के कैमरे पर मांगी थी घूस यूपी के सिद्धार्थनगर में पैसा मांगने वाले 2 पुलिसकर्मियों पर एक्शन हुआ है। दैनिक भास्कर के स्टिंग के बाद चिल्हिया थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल पवन मौर्या और वासिद अली को सस्पेंड कर दिया गया। दोनों ने ऑन कैमरा 5 लड़कों को छोड़ने के लिए 25 हजार रुपए की सौदेबाजी की थी। पढ़ें पूरी खबर
मेरे बुलाने पर नहीं आते। सही से काम नहीं करते। जूते उतारकर मारूंगा। तुम भ्रष्टाचार फैला रहे हो। जनता सवाल मुझसे कर रही। तुम मेरा फोन नहीं उठाते हो। मेरी विधानसभा में भ्रष्टाचार फैल रहा है। मैं यह बर्दाश्त नहीं करूंगा। अगर जनता के पैसों से खिलवाड़ हुआ तो तुम्हें नंगा करके चौराहे पर घुमाऊंगा। हम किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेंगे। ये बातें शोहरतगढ़ के विधायक विनय वर्मा ने सिद्धार्थनगर के PWD विभाग के एक्सईएन कमल किशोर से कही थी। XEN सोमवार को रेस्ट हाउस में उन ठेकेदारों के साथ बैठक कर रहे थे, जिन ठेकेदारों को विभाग भ्रष्टाचार के आरोप में ब्लैक लिस्ट कर चुका है। राज्यपाल के कार्यक्रम से लौट रहे अपना दल (सोनेलाल) के विधायक अचानक रेस्ट हाउस पहुंच गए। बाहर गाड़ियों देख गार्ड से पूछा कि ये किसकी हैं, तो जवाब मिला एक्सईएन साहब अंदर ठेकेदारों के साथ बैठक कर रहे हैं। बस यहीं से विधायक का पारा चढ़ गया, उन्होंने फेसबुक पर लाइव आकर कमरे में जाकर एक्सईएन को फटकारा। दैनिक भास्कर से बातचीत में विधायक ने कहा- मैं अपने कहे गए एक एक शब्द पर अडिग हूं…आज अगर विधायकों और अफसरों की जांच हो जाए तो यूपी के बड़े-बड़े अफसर जेल में होंगे। पढ़िए पूरा इंटरव्यू... सवाल : आपने XEN को जूते मारने, नंगा करके घुमाने की बात क्यों कही?जवाब : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी पूरे प्रदेश को चमका रहे हैं। कुछ अधिकारी उनका नाम खराब कर रहे हैं। उसमें एक्सईएन कमल किशोर भी हैं। कमल किशोर को उनके दो साल के कार्यकाल में मैंने कई बार फोन किया, लेकिन कमल किशोर कभी पेट दर्द का बहाना, कभी कमर दर्द का बहाना बनाते रहे। देवरिया में 3 करोड़ के घोटाले में सस्पेंड हुए थे। कोर्ट के आदेश पर दोबारा ज्वॉइनिंग कर ली। ये हमारी विधानसभा का कभी प्रस्ताव नहीं भेजते। जेई और एई भी ऐसा करते हैं। अभी नए चीफ आनंद आए थे, उनसे भी मैंने कहा था। उन्होंने कमल किशोर को कहा था कि विधायक जी का प्रस्ताव दे दो। लेकिन उनकी भी बात नहीं सुनी। इसके बाद भी मैंने कई उच्च अधिकारियों को फोन किया, लेकिन कोई भी रिस्पांस नहीं मिला। इसलिए कल मैं अचानक पहुंचा तो पता चला कि यहां मीटिंग हो रही है, इसलिए मैंने फेसबुक लाइव आकर सबकुछ सबके सामने कहा। सवाल : अफसर ने ऐसा क्या कर दिया कि आपकी बेइज्जती हो गई?जवाब : कोई भी क्षेत्र का विधायक अफसर से ही काम के लिए कहेगा। सीधे मुख्यमंत्री से तो कहेगा नहीं। जब अधिकारी रहेगा तो उससे कहा जाएगा। लेकिन अधिकारी लाइन पर हैं ही नहीं। इसलिए मजबूरन वो बातें कहनी पड़ीं। मैंने जो शब्द कहे हैं, बिल्कुल सही बोले हैं। मैं किसी भी शब्द से पीछे नहीं हटूंगा। यह भी जान लीजिए, अभी मैंने एक्सइएन के बारे में बहुत कम बोला हूं। सवाल : आप IPS के खिलाफ धरने दे चुके, क्या आपकी आवाज दबाई जा रही?जवाब : मैं प्राची सिंह के खिलाफ एक दलित परिवार के लिए धरने पर बैठा था। व्यक्तिगत काम के लिए नहीं बैठा था। जैसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ईमानदार छवि से बैठते हैं, इस तरीके से शोहरतगढ़ विधायक भी बैठता है। मेरे अंदर ईमानदारी नहीं होती तो मैं आवाज नहीं उठा पाता। कुछ दिन पहले एक फिल्म मुख्यमंत्री पर आई है, उसमें भी दिखाया गया है कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बार धरने पर बैठ चुके हैं। मैं अधिकारियों से दलाली नहीं लेता। अगर मेरी क्षेत्र की जनता का काम नहीं होगा तो मैं लगातार आवाज उठाता रहूंगा। सवाल : सरकार की नीतियां ठीक हैं, क्या अफसरशाही में गड़बड़ी है?जवाब : हमारे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन अधिकारी गलत काम कर रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री से शिकायत करूंगा कि अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस की जांच होनी चाहिए। यही नहीं, विधायकों की भी जांच हो जाए। मैं विश्वास दिलाता हूं कि अधिकारी जेल चले जाएंगे। सवाल : क्या अफसर सिर्फ बीजेपी विधायकों की सुनते?जवाब : अफसर को सबकी सुननी चाहिए, चाहे बीजेपी का हो या किसी भी पार्टी का। जो नेता अपने विधानसभा से जीता है, वह विधायक ही होता है। मुख्यमंत्री जब निधि देते हैं तो सबको देते हैं। वो ये नहीं देखते कि कौन किस पार्टी का विधायक है। इसलिए विधायक सब एक हैं, और अधिकारी को भी ईमानदारी से काम करना चाहिए। ----------------------------------- ये खबर भी पढ़ें अखिलेश बोले- केशव के साथ मुझे देखकर वो घबरा गए:अब कम्युनल स्पीच देने लगे हैं; बिना नाम लिए योगी पर निशाना अखिलेश यादव ने बुधवार को 8 दिन पहले पटना एयरपोर्ट पर हुई डिप्टी सीएम केशव मौर्य से मुलाकात का जिक्र किया, हालांकि उन्होंने केशव का नाम नहीं लिया। सपा प्रमुख ने कहा, सीएम बहुत सांप्रदायिक (कम्युनल) स्पीच देने लगे हैं। जब उन्हें लगता है कि जनता या पार्टी के लोग उनके खिलाफ हैं, तो वे ऐसे भाषण देने लगते हैं। कोई (केशव मौर्य) पटना एयरपोर्ट पर मिठाई खिलाने की बात कर रहा था, इससे वे घबरा गए हैं। पूरी खबर पढ़ें
स्पोर्ट्स सिटी भूखंड संख्या एससी-01 सेक्टर 152 नोएडा का आवंटन 16 जुलाई 2015 को एटीएस होम्स प्राइवेट लिमिटेड कंसोर्टियम के पक्ष में किया गया। यह परियोजना कुल 10 सब डिवीजन में विभाजित है। जिनमें से चार उप-भूखंडों पर चार आवासीय टावर व 04 वाणिज्यिक भूखंडों के मानचित्र स्वीकृत किए गए। नियमों का उल्लंघन करने पर प्राधिकरण ने लीड मैंबर को नोटिस जारी किया है। समय पर नहीं किया निर्माण पूरा लीज डीड की शर्तों के अनुसार आवंटी को 5 साल के अंदर खेल सुविधाओं का पूर्ण निर्माण व सात साल यानी 29 दिसंबर 2022 तक आवासीय, वाणिज्यिक निर्माण पूर्ण कर अधिभोग प्रमाण पत्र प्राप्त करना था।प्राधिकरण के निरीक्षण एवं वर्क सर्किल टीम ने 4 नवंबर 2025 को किए गए स्थलीय निरीक्षण किया गया। यहां भूखंड पर निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया ऐसा पाया गया। यही नहीं डेवलपर ने अन्य सदस्य व मेंबर द्वारा प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत प्लान व बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार निर्धारित अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। ग्रीन एरिया के अनुसार नहीं शुरू किया काम इसके अतिरिक्त, उप-भूखंडों में ग्रीन कवरेज व हरित क्षेत्र की स्वीकृत मात्रा के अनुसार भी निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है। बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद भी आवंटी द्वारा प्राधिकरण का बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में प्राधिकरण ने उप-भूखण्ड के निर्धारित लीज डीड एवं न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के क्रम में लीड मैंबर को नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस भेजे गए।
मध्य प्रदेश में निगम-मंडल और प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियों का रास्ता अब लगभग साफ हो गया है। बीजेपी के 'एक पद' फॉर्मूले पर केंद्रीय नेतृत्व ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है, जिसके बाद सत्ता के गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव के बाद सिलसिलेवार तरीके से निगम-मंडलों में नियुक्तियों की प्रोसेस शुरू कर दी जाएगी। इस लिस्ट में कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायकों के साथ संगठन से जुड़े पदाधिकारियों के नाम शामिल हैं। फरवरी 2024 में सभी 46 निगम, मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियां रद्द कर दी गई थीं। इसके बाद सरकार ने जन अभियान परिषद, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से लेकर निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति को हरी झंडी दी है। सूत्रों का कहना है कि निगम मंडल में नियुक्तियों का आधार क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के साथ सत्ता और संगठन में समन्वय का भी रहेगा। ये नियुक्तियां एक साथ न होकर चरणबद्ध तरीके से होंगी। कहा जा रहा है कि बिहार चुनाव के बाद निगम मंडलों में कुछ नियुक्तियां हो सकती हैं। पढ़िए, ये रिपोर्ट... राष्ट्रीय संगठन महामंत्री से प्रदेश अध्यक्ष की मीटिंगनई नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ दो दौर की चर्चा हो चुकी है। वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बैठक में शामिल होने आए बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने भी 10 नवंबर को मुख्यमंत्री यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद शर्मा के साथ दो घंटे तक बातचीत की। इस बातचीत को निगम मंडल में होने वाली नियुक्तियों से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे पहले पिछले ही महीने भोपाल में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसमें प्रमुख नामों के पहले दौर की सूची पर गहन मंथन किया गया था। क्या है सत्ता-संगठन में संतुलन बनाने की रणनीति 1. प्रदेश कार्यकारिणी में जिन क्षेत्रों को तवज्जो नहीं, वहां फोकसयह पूरी कवायद सत्ता और संगठन के बीच एक महीन संतुलन स्थापित करने की रणनीति पर आधारित है। हाल ही में घोषित भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणी में क्षेत्रीय समीकरणों पर विशेष ध्यान दिया गया था, लेकिन इसमें मालवा क्षेत्र का दबदबा साफ तौर पर दिखाई दिया। प्रदेश कार्यकारिणी में मालवा से 11 पदाधिकारी बनाए गए जबकि मध्य भारत से पांच, बुंदेलखंड से तीन, ग्वालियर-चंबल से पांच, महाकौशल से दो और विंध्य से केवल तीन पदाधिकारियों को जगह मिली। अब इस क्षेत्रीय असंतुलन को निगम-मंडलों की नियुक्तियों के माध्यम से दूर करने की योजना है। रणनीति यह है कि जिन क्षेत्रों को संगठन में कम प्रतिनिधित्व मिला है, जैसे महाकौशल, विंध्य और ग्वालियर-चंबल, उन्हें सत्ता में यानी निगम-मंडलों में अधिक महत्व दिया जाएगा। 2. जातीय समीकरणों को भी साधने की कोशिशइसके साथ ही, जातीय समीकरणों को भी साधने का पूरा प्रयास किया जाएगा। प्रदेश कार्यकारिणी में जहां सामान्य वर्ग से 14, ओबीसी से छह, एसटी से तीन और एससी वर्ग से दो पदाधिकारी शामिल किए गए हैं, वहीं अब निगम-मंडलों में भी इसी तरह का सामाजिक संतुलन देखने को मिलेगा। अब जानिए, किन चेहरों को शामिल किया जाएगानिगम-मंडलों में नियुक्ति की पहली सूची में उन पूर्व मंत्रियों का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है, जो विधानसभा चुनाव हार गए थे या जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी थी। इन नामों में अरविंद भदौरिया, रामनिवास रावत और इमरती देवी के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं। रावत ने लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी जॉइन की थी। उन्हें प्रदेश सरकार में वन मंत्री बनाया गया था, लेकिन वो विजयपुर का उपचुनाव हार गए थे। इमरती देवी सिंधिया कोटे से पहले भी लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वह डबरा सीट से चुनाव हार चुकी हैं। शिवराज सरकार में मंत्री रहे अरविंद भदौरिया संगठन में भी अहम पदों पर रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता और अंचल सोनकर के नामों पर भी चर्चा है, हालांकि अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। पूर्व विधायक और संगठन से जुड़े नेताओं की भी लंबी फेहरिस्तइन बड़े नामों के अलावा, कई पूर्व विधायक और संगठन के समर्पित कार्यकर्ता भी इस दौड़ में शामिल हैं। संगठन से जुड़े नामों की बात करें तो आशुतोष तिवारी (पूर्व संगठन मंत्री), विजय दुबे (पूर्व संभागीय प्रभारी), केशव भदौरिया (प्रदेश कार्यसमिति सदस्य), विनोद गोटिया (पूर्व प्रदेश महामंत्री), गौरव सिरोठिया (पूर्व जिला अध्यक्ष), श्याम सुंदर शर्मा (प्रदेश कार्यसमिति सदस्य), संजय नगाइच (पूर्व अध्यक्ष, जिला सहकारी बैंक), शैतान सिंह पाल (पूर्व निगम अध्यक्ष) और सुनील पांडे शामिल हैं। विधायक- सांसद और जिलाध्यक्षों की पसंद से बनेंगे एल्डरमैनप्रदेश के नगरीय निकायों में एल्डरमैन की नियुक्ति का प्रावधान है। ऐसे लोगों को एल्डरमैन बनाया जाता है, जिन्हें प्रशासनिक और नगर पालिका अधिनियम के बारे में जानकारी होती है। वह राजनीतिक दल के सदस्य भी हो सकते हैं। आमतौर पर क्षेत्र के सक्रिय पार्टी कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन नियुक्त करने के लिए संगठन की ओर से नाम प्रस्तावित किए जाते हैं। परिषद के कार्यकाल तक इनका भी कार्यकाल रहता है। मध्य प्रदेश के 16 नगर निगम में से 4 नगर निगम (इनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है), में 12-12 एल्डरमैन की नियुक्तियां की जाएंगी। बचे हुए 12 नगर निगम में 10-10 एल्डरमैन की नियुक्ति होना है। इसके अलावा नगर पालिका में 6 और नगर परिषद में 4 एल्डरमैन नियुक्त होंगे। जब अपनी ही सरकार की नियुक्तियां हुईं निरस्तयह पहली बार है कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार ने अपनी ही पिछली सरकार द्वारा की गई नियुक्तियों को रद्द किया हो। डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद 13 फरवरी 2024 को एक झटके में 46 निगम, मंडल और प्राधिकरणों में अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया था। ये सभी नियुक्तियां पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुई थीं और इनमें से कई का कार्यकाल बचा हुआ था। सिलसिलेवार तरीके से होगीं नियुक्तियांप्रदेश में कुल 48 निगम, मंडल और प्राधिकरण हैं, जिनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के लगभग 1200 पदों पर नियुक्तियां होनी हैं। सरकार इन सभी पदों को एक साथ भरने की जल्दी में नहीं है। संगठन के सूत्रों का कहना है कि ये नियुक्तियां चरणबद्ध तरीके से की जाएंगी, ताकि राजनीतिक संदेश और संतुलन को प्रभावी ढंग से साधा जा सके। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने भी प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा के बाद इसके संकेत दिए थे। कार्यकर्ताओं के लिए अंत्योदय समितियों का रास्ता साफनिगम-मंडलों के अलावा जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदारी देने के लिए दीनदयाल अंत्योदय समितियों का पुनर्गठन भी जल्द किया जाएगा। ये समितियां सरकारी योजनाओं की निगरानी का काम ग्राम पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक करेंगी। राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष मुख्यमंत्री और जिला स्तरीय समितियों के अध्यक्ष प्रभारी मंत्री होंगे। इन समितियों को 'दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम का क्रियान्वयन अधिनियम 1991' के तहत कई प्रशासनिक अधिकार भी मिलेंगे, जिससे ये केवल नाम की समितियां न रहकर प्रभावी भूमिका निभा सकेंगी।
पट्टाचार्य विशुद्ध सागर ससंघ आज झापन में
सागर | चर्याशिरोमणी पट्टाचार्य विशुद्ध सागर महाराज का ससंघ विहार जबलपुर से शांतिनाथ धाम सिरोंजा सागर के लिए चल रहा है। गुरुवार को आचार्य संघ की आहारचर्या झलौन में होगी। शुक्रवार को छिरारी में आहारचर्या होगी। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आचार्य संघ रहली, पटना बुजुर्ग होकर ढाना पहुंचेगा। 16 नवंबर को सुबह सिरोंजा में प्रवेश होगा।
जनजातीय गौरव दिवस 15 नवंबर को मनाया जाएगा
सागर| छात्रावासों में 24 घंटे साल के 365 दिन ड्यूटी करने वाले सहायक वार्डनों को अब साप्ताहिक अवकाश मिलेगा। श्रम सहायक आयुक्त ने इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक को निर्देश जारी किए थे। इसके बाद राज्य शिक्षा केंद्र ने भी आदेश जारी कर दिए हैं। यह मांग लंबे समय से की जा रही थी। 163500 (+4000) न्यूनतम सागर| शासन ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया है। राज्य स्तर व जिला स्तर पर कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके लिए अतिथि भी तय कर दिए हैं। सागर में होने वाले जनजातीय गौरव दिवस के अतिथि खाद्य आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजूपत होंगे। (रेट प्रति किलोग्राम में। ) 22 कैरेट 115900 (रेट प्रति 10 ग्राम में, जीएसटी एक्स्ट्रा) अधिकतम (+1480) (+1600)
दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार हुई डॉ. शाहीन शाहिद उर्फ डॉ. शाहीन सईद काफी शातिर है। उसने ही छोटे भाई डॉ. परवेज अंसारी का ब्रेन-वॉश किया। ATS के सूत्रों का कहना है कि अपने भाई को आतंक की राह पर शाहीन ने ही आगे बढ़ाया। हाईस्कूल से एमबीबीएस तक फर्स्ट डिविजनर रहा डॉ. परवेज अंसारी भी बहन शाहीन के बहकावे में आ गया। इसके बाद वह न केवल कट्टरपंथ की ओर बढ़ता गया, बल्कि पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के संपर्क में आकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तैयार हो गया। फरीदाबाद से डॉ. आदिल अहमद राठर के पकड़े जाने के बाद परवेज को भी खुद के जल्द ही पकड़े जाने की भनक लग गई थी। इसीलिए उसने लखनऊ के इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज से इस्तीफा दे दिया। ATS, इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज और डॉ. परवेज को जानने वालों से हमने बात की। वो बताते हैं कि डॉ.परवेज अंसारी पर उसकी बड़ी बहन डॉ. शाहीन का शुरू से ही प्रभाव था। 24 दिसंबर, 1984 को लखनऊ में जन्मे परवेज ने बड़ी बहन के डॉक्टर बनने के बाद खुद भी डॉक्टर बनने की राह चुनी। 2011 में एरा मेडिकल यूनिवर्सिटी से परवेज ने एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। उसके बाद 2015 में आगरा की बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से संबद्ध सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज से इंटरनल मेडिसिन में एमडी की डिग्री हासिल की। 2015-16 में उसने सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में ही सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम किया। उसके बाद 2016-17 में सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में बतौर सीनियर रेजिडेंट काम किया। 2018-20 तक वह खुद का क्लिनिक चलाता रहा। इसके बाद 2021 में सहायक आचार्य के रूप में इंटीग्रल मेडिकल यूनिवर्सिटी में जॉइन की। डॉ. आदिल की गिरफ्तारी से सहम गया था परवेजजम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में डॉ. आदिल राठर के एके 47 के साथ गिरफ्तार होने के बाद डॉ. परवेज अंसारी सहम गया था। उसे भनक लग गई थी कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अब फरीदाबाद में बड़ी बहन डॉ. शाहीन, डॉ. आदिल, डॉ. मुजम्मिल और उस तक पहुंच जाएगी। 5 से 7 नवंबर के बीच फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल और सहारनपुर में डॉ. आदिल के गिरफ्तार होते ही डॉ. परवेज ने 7 नवंबर को ई-मेल से इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में सहायक आचार्य पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने की वजह किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर सिलेक्शन होना बताया। लेकिन, डॉ. परवेज ने कहीं भी जॉइन नहीं किया। वह मीडिया में आ रही खबरों और अपने आतंकी नेटवर्क के जरिए पुलिस और यूपी ATS की कार्रवाई पर नजर रखने लगा। कट्टरपंथी बनता गया डॉ. परवेजइंटीग्रल यूनिवर्सिटी के अधिकारी बताते हैं कि 2021 में जब डॉ. परवेज ने बतौर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर यहां जॉइन किया, तो वह क्लीन शेव रहता था। पहनावा भी पैंट-शर्ट ही था। स्वभाव में शालीन था। लेकिन, धीरे-धीरे वह लंबी दाढ़ी रखने लगा। कुर्ता, पजामा और टोपी लगाने लगा। कम बोलता था, अलग-थलग रहताइंटीग्रल यूनिवर्सिटी के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सूत्र बताते हैं कि बीते 3 साल से डॉ. परवेज ने कम बोलना और अलग-थलग रहना शुरू कर दिया था। वह स्टूडेंट्स और साथी डॉक्टर्स से भी कम बात करता था। जितना पूछा जाता था, उतना ही बोलता था। ग्राउंड में वॉक भी अकेले ही करता था। इलाज से ज्यादा पढ़ने-पढ़ाने में दिलचस्पी थीइंटीग्रल यूनिवर्सिटी के अधिकारी बताते हैं कि डॉ. परवेज की मरीजों के इलाज से ज्यादा बच्चों को पढ़ाने में दिलचस्पी थी। वह ओपीडी में बहुत कम प्रैक्टिस करता था। यही कारण है कि वह ज्यादा लोगों की नजर में भी नहीं आया। हालांकि, इसकी वजह ये भी हो सकती है कि यूनिवर्सिटी स्टाफ और प्रशासन उसकी गतिविधियों पर नजर रखने से चूक गया। 1.70 लाख रुपए महीने सैलरी थीडॉ. परवेज अंसारी ने 16 जुलाई, 2021 को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में जॉइन किया था। उस समय उसका वेतन 1.20 लाख रुपए महीने था। 2022 में उसे सहायक आचार्य के रूप में पदोन्नत किया गया था। नौकरी छोड़ते समय उनका वेतन 1.70 लाख रुपए महीने था। डॉ. परवेज ने इंटीग्रल में भी एसोसिएट प्रोफेसर पद पदोन्नत के लिए आवेदन किया था। प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन उससे पहले ही वह रिजाइन कर गया। हर महीने वेतन यूनिवर्सिटी परिसर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में स्थित परवेज के खाते में ही जमा होता था। फोटो और नंबर डिलीट किएइंटीग्रल यूनिवर्सिटी के इंटरनल मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों, स्टूडेंट्स और कर्मचारियों ने डॉ. परवेज अंसारी का मोबाइल नंबर और उनके साथ खींचे गए फोटो भी डिलीट कर दिए हैं। साथी डॉक्टर्स और करीबी स्टूडेंट्स में डर है कि कहीं एनआईए, एटीएस या जम्मू-कश्मीर पुलिस उन्हें भी पूछताछ के दायरे में न ले। साथी कर्मचारी बताते हैं कि जब उन्हें खबर लगी तो एकाएक विश्वास नहीं हुआ कि डॉ. परवेज ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। लेकिन, जब एलआईयू की टीम ने इसकी पुष्टि की तो वो लोग चौंक गए। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में तीसरा मामलाडॉ.परवेज अंसारी से पहले भी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के 2 डॉक्टर और कर्मचारी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। बटला हाउस कांड में गिरफ्तार आरोपी आतंकी हाकिम भी इसी यूनिवर्सिटी में बायोटेक का स्टूडेंट था। हालांकि, वह बाद में बरी हो गया था। दुबग्गा में प्रेशर कुकर बम कांड में गिरफ्तार आतंकी की पत्नी भी इसी यूनिवर्सिटी में काम करती थी। पत्नी-बच्चों की डिटेल नहीं दीडॉ. परवेज अंसारी ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में जॉइनिंग फॉर्म में खुद को शादीशुदा बताया। लेकिन, पत्नी-बच्चों के नाम का कॉलम खाली छोड़ दिया था। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी का कहना है कि डॉ. परवेज अंसारी ने 16 जुलाई, 2021 को जॉइन किया था। 7 नवंबर को मेल पर रिजाइन किया। वह स्वभाव से बहुत शांत-शालीन है। रिजर्व रहता था। इन तस्वीरों से समझिए दिल्ली में कहां हुआ था धमाका ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... डॉ. परवेज के घर से मिले 3 की-पैड फोन, दिल्ली ब्लास्ट के बाद ATS ने लखनऊ में की थी छापेमारी जम्मू-कश्मीर पुलिस और यूपी एटीएस की संयुक्त जांच में लखनऊ के डॉ. परवेज अंसारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने डॉ. परवेज के 3 की-पैड फोन, एक हार्ड डिस्क और कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, डॉ. परवेज आतंकी मॉड्यूल के मुख्य आरोपी डॉ. मुजाम्मिल शकील और अपनी बड़ी बहन डॉ. शाहीन शाहिद के संपर्क में था। पढ़ें पूरी खबर
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बीते दो साल में डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर एक दिलचस्प ट्रेंड दिखा है। गोवा और जयपुर की वेडिंग बुकिंग्स में गिरावट आई। इसके उलट यूपी के शहरों में अचानक डिमांड बढ़ गई है। अयोध्या, बनारस, प्रयागराज, आगरा और मथुरा अब सिर्फ तीर्थ या पर्यटन स्थल नहीं रहे। ये अब डेस्टिनेशन वेडिंग के नए ठिकाने बन चुके हैं। लंदन से आए एनआरआई कपल सरयू घाट पर फेरे ले रहे। मुंबई के परिवार ताजमहल की छाया में मंडप सजा रहे। जब इतना हो रहा है, तो यूपी के कपल भी कह रहे कि जब बाहर वाले हमारे यूपी शादी करने आ रहे हैं, तो हम बाहर क्यों जाए? वे अपने आसपास के शहर में ही ड्रीम डेस्टिनेशन वेडिंग प्लान कर रहे हैं। सीरीज के दूसरे एपिसोड में हम बताएंगे यूपी के ऐसे डेस्टिनेशन, जहां यादगार शादी हो सकती है। अवध की नवाबी से लेकर पूर्वांचल की भोजपुरिया ठसक तक, मनचाही थीम और अनूठे अंदाज में... अन्वेष और कृति बेंगलुरु में काम करते हैं। उनकी कहानी स्कूल की दोस्ती से शुरू हुई थी। 9वीं क्लास में हुई दोस्ती पहले बेस्ट फ्रेंडशिप में बदली, फिर जिंदगीभर के साथ में। कृति हंसते हुए कहती हैं, “हमने हर चीज एक साथ ही की। पहले पढ़ाई, फिर जॉब और अब शादी की प्लानिंग।” दोनों किसी दूसरे शहर जाकर शादी करना चाहते थे। वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए गोवा, केरल, हिमाचल से होती हुई उनकी तलाश लखनऊ पर ठहरी। कृति कहती हैं, “लखनऊ की बोली, मेहमाननवाजी और खाना सब कुछ खास है।” दोनों ने इसे डेस्टिनेशन वेडिंग ऑन बजट की तरह प्लान किया। महंगे रिसॉर्ट की जगह एक पुराना हवेली-स्टाइल गेस्टहाउस बुक किया। सजावट में लोकल फूलों और फैब्रिक का इस्तेमाल किया। खाने लोकल केटरर से बनवाया। अन्वेष मुस्कुराकर कहते हैं, “हमने शादी को शाही भी रखा और सस्ती भी। रॉयल टच चाहिए तो महंगा खर्च जरूरी नहीं, बस शहर से जुड़ाव होना चाहिए।” उनकी ये शादी बन गई- लखनऊ की शान और सादगी का परफेक्ट मेल। अब एक्सपर्ट्स से जानिए बजट फ्रेंडली डेस्टिनेशन वेडिंग के टिप्स आध्यात्मिकता, संस्कृति और हेरिटेज का संगम उत्तर प्रदेश यूपी वेडिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मनीष अग्रवाल कहते हैं कि यूपी परंपरा, आस्था और इतिहास का अद्भुत संगम है। यही वजह है कि कपल यहां डेस्टिनेशन वेडिंग करने आ रहे हैं। आप शादी में अगर रॉयल टच चाहते हैं, तो आगरा इसका गेटवे है। ताजमहल और फतेहपुर सीकरी का बुलंद दरवाजा इंटरनेशनल लैंडमार्क टाइमलेस एहसास देते हैं। आध्यात्मिक माहौल के लिए अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहर बेमिसाल हैं। मथुरा-वृंदावन प्रेम और पवित्रता का माहौल देते हैं। वहीं, चित्रकूट जैसी शांत और नेचुरल जगह उन कपल्स को के लिए है। जो सादगी के बीच अपने खास पल बिताना चाहते हैं। उधर, राजधानी लखनऊ का अपना ही अंदाज है। नवाबी तहजीब और मेहमाननवाजी शादी के लिए एक परफेक्ट शहरी डेस्टिनेशन बनाती है। इसके अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद जैसे तेजी से डेवलप होते शहर लग्जरी रिसॉर्ट्स और बेहतरीन कनेक्टिविटी के साथ कपल्स की पसंद बन रहे। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश ऐसा स्टेट है, जो रॉयल, ट्रेडिशनल, स्पिरिचुअल, नेचुरल हर थीम को अपने अनोखे अंदाज में पूरा करता है। रॉयल और नवाब थीम डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए लखनऊ-आगरा परफेक्ट वेडिंग प्लानर हामिद हुसैन का कहना है कि रॉयल और नवाबी थीम डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए लखनऊ एकदम परफेक्ट है। यहां आपको बजट के हिसाब से शानदार ऑप्शन मिल जाएंगे। सफेद बारादरी शहर की सबसे खूबसूरत और ऐतिहासिक जगहों में से एक है। नवाब वाजिद अली शाह की बनवाई इस बारादरी के चारों तरफ गार्डन और फव्वारे बने हैं। इसके सफेद रंग की वजह से रात में बिजली की झालरें माहौल को बेहद खूबसूरत बना देती हैं। दिलकुशा गार्डन भी एक बढ़िया लोकेशन है। ये अंग्रेजों का दौर याद दिलाता है। इन प्रीमियम लोकेशन के अलावा जो कपल सीमित बजट में रॉयल डेस्टिनेशन वेडिंग चाहते हैं, उनके लिए भी ये शहर किफायती है। करीब 5 लाख रुपए के अंदर वेन्यू और डेकोरेशन दोनों अच्छे से मैनेज किए जा सकते हैं। इसके अलावा आगरा, फतेहपुर सीकरी और फैजाबाद में भी रॉयल और नवाबी थीम्ड डेस्टिनेशन वेडिंग हो सकती है। लखनऊ से पहले फैजाबाद (जिला अयोध्या) ही नवाबों की राजधानी हुआ करता था। वहां रामायण थीम वेडिंग भी हो सकती है क्योंकि अयोध्या भी पास ही है। सरयू तट के पास बने लॉन और रामपथ पर बने वेडिंग रिसॉर्ट्स आपकी ये डिमांड भी पूरी कर देंगे। आगरा और फतेहपुर सीकरी मुगलों का गढ़ रहा है तो वहां भी रॉयल थीम्ड वेडिंग हो सकती है। कम दाम में स्मार्ट वेडिंग के लिए आगरा के बजाय फतेहपुर सीकरी बेहतर रहेगा। आध्यात्मिक और नेचुरल थीम के लिए चित्रकूट शानदार वेडिंग प्लानर रोमित अग्रवाल बताते हैं कि जो कपल शादी के लिए किसी स्पिरिचुअल और नेचर की खूबसूरती से भरी जगह ढूंढ रहे, उनके लिए चित्रकूट शानदार जगह है। पिछले कुछ समय में ये शहर आध्यात्मिक माहौल और प्राकृतिक सुंदरता की वजह से डेस्टिनेशन वेडिंग के पसंदीदा ठिकानों में शामिल हो गया है। यहां कई छोटे-छोटे रिसॉर्ट और आश्रम हैं, जो 2 से 5 लाख रुपए में बेहद खूबसूरत और शांत माहौल वाला सेटअप तैयार कर देते हैं। इसके लिए श्रीरामस्वरूप वाटिका भी अच्छा ऑप्शन हो सकता है। आप चाहें तो लोक संगीत कलाकारों को भी शामिल कर सकते हैं। ढोलक, झांझ, मजीरे की धुन से पुराने समय की शादियों जैसा माहौल बन जाता है। मंदाकिनी नदी के किनारे पर पक्षियों की चहचहाहट और वेद मंत्रों के बीच शादी में ऐसा आध्यात्मिक अनुभव देते हैं, जो मन और आत्मा को छू जाता है। गोरखपुर में मिलेंगी स्पिरिचुअल और मॉडर्न वेडिंग लोकेशन इवेंट प्लानर जितेंद्र मिश्रा बताते हैं कि गोरखपुर अब तेजी से स्मार्ट वेडिंग स्पॉट के रूप में उभर रहा है। यहां परंपरा, आस्था और आधुनिक सुविधाओं का बेहतरीन मेल देखने को मिलता है। गोरखनाथ मंदिर की वजह से ये शहर आध्यात्मिक रूप से खास है। वहीं, रामगढ़ ताल और उसके आसपास के इलाकों में बने वेन्यू शादी को खास बना देते हैं। नारायणी रिसॉर्ट और सहारा स्टेट जैसी जगहें कपल्स की पहली पसंद बन रही हैं। इसके अलावा जंगली इलाके में बनी 18 एकड़ की एक प्राइवेट प्रॉपर्टी भी लॉन सेटअप में शादी की बुक होती है। ये जगहें 2 से 3 लाख रुपए में बुक हो जाती हैं। गोरखपुर की सबसे बड़ी खूबी अन्य शहरों से इसकी कनेक्टिविटी है। रेल, एयरपोर्ट और होटल सब पास में हैं। 150 गेस्ट के साथ दो दिन की शादी 5 से 7 लाख रुपए में आराम से हो सकती है। स्मार्ट कनेक्टिविटी से हर डेस्टिनेशन तक पहुंचना आसान डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए सिर्फ खूबसूरत लोकेशन या शानदार थीम डेकोरेशन ही जरूरी नहीं। बेहतर कनेक्टिविटी और रिसोर्सेज पर भी बहुत कुछ निर्भर होता है। इस लिहाज से यूपी देश के कई राज्यों से बेहतर है। यहां का हर बड़ा धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल सड़क, रेल और हवाई रास्ते से जुड़ा है। एक्सप्रेस-वे नेटवर्क इसकी सबसे बड़ी ताकत है। यमुना एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स ने राज्य के बड़े शहरों और पड़ोसी राज्यों से जोड़ा है। अगर आप दिल्ली से निकलते हैं तो यमुना एक्सप्रेस-वे से सिर्फ 3.5 घंटे में आगरा, 5.5 घंटे में लखनऊ और 6-7 घंटे में अयोध्या या प्रयागराज पहुंच सकते हैं। जयपुर से लखनऊ तक करीब 8 घंटे में आ सकते हैं। हवाई कनेक्टिविटी के मामले में भी यूपी ने बड़ी छलांग लगाई है। राज्य में 5 इंटरनेशनल और 16 डोमेस्टिक एयरपोर्ट हैं। इस वजह से दिल्ली से लखनऊ 1 घंटे 10 मिनट, मुंबई से बनारस 2 घंटे और कोलकाता से अयोध्या डेढ़ घंटे में पहुंच सकते हैं। मतलब साफ है, कपल चाहे उत्तर प्रदेश से हो या देश के किसी और राज्य से, यहां शादी के लिए पहुंचना बेहद आसान, बजट फ्रेंडली और टाइम सेविंग है। हर इलाके का अलग अंदाज और बेजोड़ स्वाद उत्तर प्रदेश की संस्कृति, परंपरा और इतिहास ही नहीं, यहां के खानपान की वैराइटी भी इसे डेस्टिनेशन वेडिंग के लिहाज से खास बनाती है। अवधी, ब्रज, कन्नौजी, भोजपुरी और बुंदेली भाषी इलाकों की अपनी अलग खानपान परंपराएं हैं। ये विविधता शादी के मेन्यू में भी झलकती है। लखनऊ और आसपास के इलाकों का अवधी खाना मसालेदार और चटपटे स्वाद के लिए मशहूर है। गलौटी कबाब, निहारी और शीरमाल जैसी डिशेज किसी भी वेडिंग मेन्यू को शाही बना देती हैं। ब्रज में शादी के खाने का स्वाद थोड़ा पारंपरिक और सादा होता है। यहां दही, पूड़ी-कचौड़ी और आलू की सब्जी जैसे व्यंजन रस्मों का हिस्सा माने जाते हैं। पूर्वांचल की बात करें तो लिट्टी-चोखा, चना-चावल और मट्ठा मेहमाननवाजी का अहम हिस्सा है। वहीं, इटावा-मैनपुरी बेल्ट में आलू के अलग-अलग पकवान और देसी मिठाइयां शादी के देसी स्वाद घोल देता है। यूपी के कई इलाकों में आज भी बुफे की जगह बैठाकर खाने खिलाने की परंपरा है। परोसने वाले खूब मान-मनुहार करके मेहमानों को भोजन कराते हैं। इस तरह न केवल खाने की बर्बादी रुकती है, बल्कि मेहमान को भगवान मानने वाली परंपरा की झलक भी दिखती है। इस वजह से शादी में बेहद खास फूड एक्सपीरियंस के लिए यूपी एक परफेक्ट जगह है। डेस्टिनेशन वेडिंग में डेकोरेशन का जादू थीम बेस्ड डेकोरेशन डेस्टिनेशन वेडिंग का सबसे अहम और यादगार हिस्सा होता है। मथुरा-वृंदावन के अलावा अन्य शहरों में भी ब्रज थीम वेडिंग का क्रेज है। ये थोड़ा सा महंगा, लेकिन बेहद खूबसूरत होता है। वेन्यू के मेनगेट से लेकर स्टेज और पूरे पंडाल का एक-एक कोना यूं लगता है, जैसे ब्रज के किसी इलाके में हैं। इसके अलावा अवध थीम भी खूब लोकप्रिय हो रही है। इसमें शहनाई-कव्वाली जैसे ट्रेडिशनल म्यूजिक के साथ-साथ नवाबी रंग शामिल होती है। गंगा आरती थीम में बनारसी ठाठ की झलक साफ दिखती है। इसके अलावा रामायण, मुगल, अवधी, देसी थीम वेडिंग भी ट्रेंड में है। ओल्ड स्टाइल थीम में सजे मैरिज होम आधुनिकता और परंपरा का सुंदर मेल बन जाते हैं। यहां लाइटिंग, फूल, फर्नीचर और बैकड्रॉप तक हर चीज को थीम के हिसाब से प्लान किया जाता है। इस वजह से शादी तो यादगार बनती ही है, बल्कि कैमरे में कैद होने वाले पल भी बेहद खूबसूरत होते हैं। कल हम आपको बताएंगे कैसे डेकोरेशन, खानपान और एंटरटेनमेंट के जरिए आप अपनी शादी में लगा सकते हैं यूपी का देसी तड़का... अवध की पिट्ठी पूड़ी से बुंदेलखंडी ठडुला तक, पूर्वांचल के सोहर से ब्रज की रास मंडली तक वो सबकुछ जो शादी को लोकल टच देगा। **** कॉपी एडिट- कृष्ण गोपाल ग्राफिक- सौरभ कुमार
खेल अनुशासन और आत्मविश्वास विकसित करते हैं
उज्जैन | खेल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का आधार हैं बल्कि टीम भावना के साथ ही अनुशासन और आत्मविश्वास को भी विकसित करते हैं। यह बात प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, माधव महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. कल्पना सिंह ने शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज मैदान पर आयोजित जिला स्तरीय महिला एवं पुरुष हॉकी प्रतियोगिता के दौरान कही। वे यहां कार्यक्रम में पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित रहीं। प्रतियोगिता का आयोजन कालिदास गर्ल्स कॉलेज और शासकीय महाविद्यालय कायथा के तत्वावधान में खेल क्रीड़ा प्रकोष्ठ की प्रभारी प्रो. इंदु बंसल के संयोजन में किया गया। प्राचार्य डॉ. वंदना गुप्ता ने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ाते हैं।
पुरानी दुकानें 34, नए कॉम्प्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर में 28 ही बना रहे
रीगल टॉकीज जमीन पर बनने वाले कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का काम फिर कानूनी पेच में उलझ गया है। तीन माह पहले भूमि पूजन कर चुके हैं लेकिन निर्माण अब तक शुरू नहीं हो सका है। वजह पुरानी दुकानों को अब तक खाली नहीं कराया जाना और अब यह तय नहीं हो पाना कि किन छह दुकानदारों को नई भवन में ऊपर यानी पहली मंजिल पर जगह दी जाएगी। दरअसल रीगल टॉकीज परिसर में फिलहाल नगर निगम की 34 दुकानें चल रही हैं। निगम ने दुकानदारों को नोटिस जारी कर 10 नवंबर तक दुकानें खाली करने का समय दिया था। नोटिस में यह भी कहा था कि बकाया किराया जमा कराने पर ही विस्थापन का लाभ मिलेगा लेकिन अब दुकानदारों ने दुकानें खाली करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक यह साफ नहीं किया जाता कि ग्राउंड फ्लोर पर किसे जगह मिलेगी और किसे ऊपर वाली दुकानें दी जाएगी, वे दुकानें नहीं छोड़ेंगे। प्रोजेक्ट के अनुसार नए रीगल कॉम्प्लेक्स में 45 दुकानों का निर्माण होगा, जिनमें से 28 ग्राउंड फ्लोर और शेष 17 पहली मंजिल पर होंगी। निगम का कहना है कि छह दुकानों को पहली मंजिल पर भेजने का निर्णय नियमानुसार किया जाएगा लेकिन इसी विवाद ने काम रोक दिया है। निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने बताया मामला कोर्ट में है, निगम की ओर से जवाब दाखिल कर दिया है। फैसला आते ही काम शुरू किया जाएगा। रीगल टॉकीज भूमि के लिए 20 साल तक लड़ी लड़ाई रीगल टॉकीज की 36 हजार स्क्वेयर फीट भूमि पर सिंहस्थ मद से 25.14 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक कॉम्प्लेक्स और दो बेसमेंट पार्किंग का निर्माण होना है। इसमें 92 चौपहिया और 70 दोपहिया वाहनों की पार्किंग की सुविधा होगी। कॉम्प्लेक्स बन जाने से गोपाल मंदिर, छत्री चौक और फ्रीगंज क्षेत्र की यातायात समस्या काफी हद तक दूर हो सकेगी। इसी भूमि को वापस लेने के लिए नगर निगम को लगभग 20 साल तक कोर्ट में लड़ाई लड़ना पड़ी। अब सुप्रीम कोर्ट से निगम के पक्ष में फैसला आया और निर्माण का रास्ता साफ हुआ, तब 6 दुकानों के ग्राउंड या पहली मंजिल पर जाने का विवाद एक बार फिर पूरे प्रोजेक्ट को रोक रहा है।
उप पंजीयक कार्यालय के कर्मचारी रावत को रिश्वत लेने पर चार साल कारावास
उज्जैन | रजिस्ट्री की सत्यापित प्रतिलिपि देने के एवज में चार हजार की रिश्वत लेते ट्रेप हुए उप पंजीयन कार्यालय के कर्मचारी को कोर्ट ने सजा सुनाई है। विशेष न्यायालय ने कर्मचारी नारायणसिंह रावत को चार साल सश्रम कारावास की सजा दी तथा आठ हजार रुपए जुर्माना भी किया। 7 अप्रैल 2021 को आवेदक शैलेंद्रसिंह पंवार निवासी तराना ने लोकायुक्त संगठन के कोठी स्थित एसपी कार्यालय पर रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। बताया था कि चाचा को मकान लोन लेना है, जिसकी रजिस्ट्री की सत्यापित प्रति देने में पंजीयन कार्यालय का कर्मचारी रावत चार हजार रुपए की घूस मांग रहा है। शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम ने रंगे नोट देकर फरियादी को उप पंजीयन कार्यालय भेजा था, जहां टीम ने कर्मचारी को पकड़ा और कार्रवाई की। निरीक्षक दीपक शेजवार ने विशेष न्यायालय में चालान पेश किया था, जहां विशेष लोक अभियोजक मनोजकुमार पाठक ने पैरवी की और सबूतों के आधार पर कर्मचारी को सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
आज गुरुवारिया हाट बाजार नहीं लगेगा
उज्जैन | प्रत्येक गुरुवार को हरिफाटक ब्रिज के नीचे लगने वाला हाट बाजार इस आज नहीं लगेगा। इस जगह पर टाटा कंपनी द्वारा सीवरेज लाइन का काम किया जा रहा है, जिस कारण काफी क्षेत्र की रोड खुदी हुई है। इसलिए अगर हाट बाजार लगता है तो यातायात बाधित होगा और दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी। बुधवार को मुनादी नगर निगम द्वारा करवाई जा चुकी है।
निगम स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, 5 क्विंटल अमानक प्रतिबंधित पॉलीथिन जब्त
उज्जैन | नगर निगम के स्वास्थ्य अमले ने बुधवार को जोन 3 दूध तलाई स्थित परफेक्ट रोड लाइंस से 5 क्विंटल अमानक पॉलीथिन जब्त की। उपायुक्त संजेश गुप्ता ने बताया सूचना मिली थी कि इंदौर से सुबह 6 बजे परफेक्ट रोड लाइंस ट्रांसपोर्ट पर प्रतिबंधित पॉलीथिन उतारा है। सूचना पर स्वास्थ्य विभाग ने दबिश दी और सभी सामग्री को जब्त करते हुए ग्रांड होटल स्टोर रूम में रखवाया गया, जिसमें पॉलीथिन के 16 कट्टे जब्त किए। 10 कट्टे कृष्णा, 3 कट्टे राहुल एवं 3 कट्टे कुंज नाम के जब्त किए।
2003 की सूची में नाम ढूंढना शहर में बड़ी चुनौती, क्योंकि लोगों ने कई बार घर बदले
22 साल बाद हो रहे निर्वाचन आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सर्वे में ग्रामीण क्षेत्रों से ज्यादा शहरी क्षेत्र में काम करना ज्यादा मुश्किल रहेगा, क्योंकि 40 प्रतिशत शहरी लोगों ने कई बार अपने घर बदले। ऐसे मतदाताओं का 2003 की सूची से मिलान करना ज्यादा मुश्किल रहेगा। हालांकि यह प्रक्रिया फॉर्म वापस जमा कराने के लिए शुरू होने वाले सेकंड फेज में शुरू होगी, क्योंकि पहले चरण में मतदाताओं को अभी जो फॉर्म दिए जा रहे हैं, उन्हें दूसरे चरण में बीएलओ पुन: डोर टू डोर संपर्क करते हुए संबंधितों से वापस लेंगे लेकिन 22 साल बाद हो रहे एसआईआर सर्वे के कारण शहरी मतदाताओं को पुराना रिकॉर्ड ढूंढने के लिए मशक्कत करना पड़ेगी। समस्या को पहले से भांपते हुए प्रशासन ने पहले से ही शहरी क्षेत्र में बीएलओ की मदद के लिए स्थानीय निकाय के कर्मचारियों की अलग से ड्यूटी लगा दी, ताकि वार्ड प्रभारी मतदाता का आसानी से मिलान कराते हुए फॉर्म भरवा लें। मृत, स्थाई रूप से विस्थापित और अनुपस्थित मतदाताओं की भी बीएलओ को ऑनलाइन एप पर एंट्री करना होगी। 16 लाख मतदाता, 32 लाख फॉर्म भरेंगे: 4 नवंबर से शुरू एसआईआर सर्वे 4 दिसंबर तक चलेगा। जिले के 15 लाख 96 हजार 103 सभी मतदाताओं को 2-2 यानी 32 लाख फॉर्म भरना होंगे। प्रशासन ने जिले के 1871 बीएलओ को डोर-टू- डोर सर्वे के लिए मैदान में उतार दिया। 12 नवंबर की रात तक 7 लाख (करीब 50%) मतदाताओं को फॉर्म बांट दिए। यानी 15 नवंबर तक 100% फॉर्म बांटने का लक्ष्य रखा है। 15 से वापस फॉर्म करेंगे कनेक्ट : उप जिला निर्वाचन अधिकारी उज्जैन संदीप सिंह ने बताया कि अगले 3-4 दिन में सभी मतदाताओं को फॉर्म बंट जाएंगे। बीएलओ को जिम्मेदारी दी गई है कि वे मतदाताओं की मदद करते हुए सही जानकारी दर्ज कराते हुए फॉर्म भरवाकर कलेक्ट करें। इसके लिए सभी बीएलओ 15 नवंबर के बाद वापस घर-घर पहुंचेंगे। 1. 2003 की विधानसभा सूची में अपना, पिता या दादा के नाम की एंट्री। 2. उस समय का दर्ज गांव/शहर, जिला व विधानसभा का पोलिंग बूथ सर्च करना पड़ेगा। फिर वहां के पोलिंग बूथ की सूची का अवलोकन कर अपनी डिटेल ढूंढना होगी। 3. सूची में अपना खुद का, पिता या दादा के नाम की एंट्री भी फॉर्म में दर्ज करना होगी। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक और सूची के पेज पर दर्ज भाग संख्या व इपिक नंबर भी बताना अनिवार्य है।
मेरा नाम उन्होंने नैंसी रख दिया था…हमें लड़की बनकर अमेरिकी लोगों से चैट करने और ठगने का टारगेट मिलता था….टारगेट पूरा किया तो ठीक नहीं तो बंद कमरे में करंट लगाते थे। मैंने 1 महीने में 10 बुजुर्गों को झांसे में लिया, उनमें से 3 में कामयाब हो गया था। ये खौफनाक सच झुंझुनूं के अविनाश (27) ने हमें बताया। अविनाश नौकरी की तलाश में म्यांमार गया था। वहां जाते ही पासपोर्ट छीन लिया। बंधक बनाकर रखा गया था। अविनाश अकेला नहीं है, ऐसे 500 युवा हैं जिन्हें थाइलैंड-म्यांमार से भारत सरकार के एक खास ऑपरेशन के तहत छुड़ाकर भारत लाया गया है। उनमें 20 राजस्थान के युवा हैं। करीब 17 को जयपुर वापस लाया जा चुका है। कुछ युवाओं से इंटेलिजेंस पूछताछ कर रही है। भास्कर टीम ने साइबर ठगों से मुक्त कराए गए ऐसे 3 युवाओं से बात की। पहली बार ऑन कैमरा बताया कि कैसे वो इस जाल में फंसे और साइबर ठग बन गए। पढ़िए ये रिपोर्ट… अमेरिका NRI को फंसाना था टारगेट अविनाश ने बताया- मैं बीएससी एग्रीकल्चर से ग्रेजुएट हूं। यहां ठीक ठाक नौकरी कर रहा था। एक एजेंट ने थाईलैंड की बड़ी कंपनी में नौकरी का झांसा दिया। इसके लिए अपनी पुरानी नौकरी छोड़ विदेश जाने की तैयारी कर ली। पहले मुझे थाईलैंड ले जाया गया, फिर जंगलों के रास्ते म्यांमार पहुंचाया गया। वहां पहुंचते ही उसे एक बड़े परिसर में बंद कर दिया गया, जहां चारों ओर हथियारबंद गार्ड थे। बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। अविनाश ने बताया- वहां अमेरिका के नागरिकों से ठगी करवाने का काम कराया जाता था। सुंदर लड़कियों की तस्वीरों वाले फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर उनसे अमेरिकी नागरिकों से बात करने को कहा जाता था। उसमें अलग-अलग लड़कियों के नाम से अकाउंट बने होते थे। कभी नैंसी तो कभी नताशा। उन अकाउंट के जरिए बुजुर्गों का भरोसा जीतकर उनकी निजी जानकारियां और बैंक डिटेल्स निकालवाई जाती थी। कोई टारगेट पूरा नहीं करता था, तो उसे सजा दी जाती थी। कभी 7-8 घंटे तक हाथों में बोतल पकड़वाकर खड़ा रखा जाता था, खाना तक नहीं दिया जाता था। कई बार चार लोगों को सिर्फ एक पैकेट मैगी दिया जाता था। हमसे कहा गया – काम नहीं करोगे तो आर्मी के हवाले कर देंगे राजसमंद के रहने वाले कुलदीप सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उसने बताया कि वह पहले टोल बूथ पर फास्ट टैग का काम करता था। एक एजेंट ने कहा कि विदेश में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी है। जयपुर से अहमदाबाद और फिर दिल्ली पहुंचने के बाद मुझे बैंकॉक भेजा गया। बैंकॉक से जंगलों के रास्ते म्यांमार ले जाया गया। वहां पहुंचकर जबरन एक एग्रीमेंट साइन कराया गया। मुझसे कहा गया कि अगर वह ठगी का काम नहीं करेगा, तो भारी रकम चुकानी पड़ेगी। कुलदीप ने बताया- हमें अमेरिका में रहने वाले 50 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीयों (NRI) को ठगने का टारगेट दिया जाता था। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर मॉडल्स की फर्जी प्रोफाइल बनाकर उनसे संपर्क किया जाता, फिर उनकी डिटेल्स निकालकर कंपनी को दी जाती थी। अगर कोई काम से मना करता था, तो उसे 16-17 घंटे तक धूप में खड़ा रखा जाता। कई बार तो इलेक्ट्रिक शॉक (करंट के झटके) देकर प्रताड़ित किया जाता था। SMS में नौकरी छोड़ गया विदेश, वहां मिला साइबर ठगी का काम दौसा जिले के सोहनलाल सैनी ने बताया कि वो पहले एसएमएस अस्पताल में लैब टेक्नीशियन था। एक एजेंट ने बैंकॉक बुलाकर अस्पताल में जॉब देने का झांसा दिया। वहां से म्यांमार भेज दिया गया। रास्ते में एक रात जंगल में रुकना पड़ा। वहां 24 घंटे में 18 घंटे तक काम करवाया जाता था। समय पर नहीं पहुंचने पर फाइन या सजा दी जाती थी। मुझे अमेरिकी नागरिकों से लड़की बनकर मीठी-मीठी चैटिंग करने को कहा जाता था। मैंने 3 अमेरिकियों की संपर्क जानकारी जुटाई थी- उनमें एक रिटायर्ड व्यक्ति और दो बिजनेसमैन थे। अगर कोई गलती करता था, तो उसे धूप में 20 किलो की बोतलें पकड़वाई जाती थी। जब हालात असहनीय हो गए, तो मैंने अपने भाई से संपर्क किया, जिसने भारतीय एंबेसी को सूचना दी और इसके बाद उन्हें छुड़ाया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजस्थान के तीन युवाओं को अभी दिल्ली में ही रोका गया है। उनके इस नेटवर्क से सीधे जुड़े होने के शक में उनसे पूछताछ जारी है। माना जा रहा है कि यह तीनों युवक उस गिरोह के भारतीय एजेंटों के संपर्क में थे जो चीन के साइबर फ्रॉड सिंडिकेट के लिए काम करते हैं। दिल्ली पुलिस और इंटरपोल की टीम इनसे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। अब भी कई भारतीय इन कैंप में फंसे म्यांमार के जंगलों में 'IT पार्क' नाम से साइबर ठगी के कई सेंटर चल रहे हैं। उन पार्कों में युवाओं से साइबर कॉल सेंटर में ठगी का काम कराया जाता है। यह पूरा सेटअप चीनी नागरिकों के नियंत्रण में है, जो अमेरिका सहित अन्य देशों में रहने वाले भारतीयों को ऑनलाइन स्कैम का शिकार बनाते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इंटरपोल और म्यांमार पुलिस के सहयोग से अब तक करीब 500 भारतीयों को छुड़ाया है। लेकिन अभी भी लगभग 200 भारतीय म्यांमार के ऐसे ही कैंपों में फंसे हैं। 2 बैच में 20 राजस्थानी लौटे घर साइबर एसपी शांतनु कुमार ने बताया कि कुल 500 भारतीयों को दो बैचों में लाया गया है। पहले बैच में 270 और दूसरे बैच में करीब 230 भारतीय शामिल थे। पहले बैच में 16 लोग राजस्थान के थे, जबकि दूसरे बैच में 7 राजस्थानी हैं। इनमें से 3 लोगों को शक के आधार पर दिल्ली में ही रोक लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं 4 लोगों को जयपुर भेजा गया है, जिनसे उनके संबंधित थाने जांच कर रहे हैं। उसके बाद उन्हें घर भेज दिया जाएगा। गृह मंत्रालय ने चेतावनी जारी की है कि कोई भी व्यक्ति फ्री वीजा या हाई सैलरी की विदेशी जॉब के झांसे में न आए। विदेश में नौकरी के लिए रजिस्टर्ड एजेंट्स से ही संपर्क करें।
कामाख्या तीर्थ दर्शन यात्रा 19 नवंबर तक आवेदन
अशोकनगर। पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजनांतर्गत वर्ष 2025-26 के लिए रिक्त 17 सीटों के विरूद्ध योजना नियम व प्रावधानों के तहत पात्र अभ्यर्थियों के चयन आवेदन मप्र स्टेट स्कॉलरशिप पोर्टल 2.0 पर URL-https://heschola करें। अशोकनगर। तीर्थ यात्रा के लिए इच्छुक तीर्थयात्री 19 नवंबर तक आवेदन पत्र नपा कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं। कामाख्या तीर्थ दर्शन हेतु विशेष ट्रेन 3 दिसंबर को शिवपुरी एवं गुना से होते हुए कामाख्या के लिए रवाना होगी तथा 8 दिसंबर को वापिस लौटेगी। अशोकनगर। शंकरपुर पछार की 150 बीघा भूमि अतिक्रमण से मुक्त कर उक्त भूमि में से लगभग 30 बीघा जमीन खेल विभाग को आवंटन के साथ सीमांकन कर कब्जा सौंपा गया। शीघ्र ही इस भूमि पर मल्टीपरपज स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। . प्रश्न मंच प्रतियोगिता कहां : नेहरू डिग्री कॉलेज समय : सुबह 11 बजे
बड़वानी | राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम व निजी अस्पताल भोपाल के सहयोग से इस्माइल टेन अंतर्गत जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र जिला चिकित्सालय बड़वानी में बुधवार को कटे होंठ व फटे तालू व हार्निया बीमारी से ग्रसित बच्चों का निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। आरबीएसके मोबाइल हेल्थ टीम ने 14 बच्चों का चिह्नांकन डिलेवरी पाईंट, आंगनवाड़ी व स्कूल स्तर पर किया गया। डॉ. निशांत गिरासे व डीईआसी के डॉ. प्रांकुर शुक्ला डेंटल सर्जन ने आठ, कटे होंठ व फटे तालू व एक जुड़ी-उंगली के बच्चों को चिन्हित किया। उनमें से आठ बच्चों की सर्जरी, इस्माइल टेन अंतर्गत की जाएगी। एक बच्चे की जुड़ी-अंगली की सर्जरी आयुष्मान योजना अंतर्गत की जाएगी। पांच बच्चों का पुनः फॉलोअप के लिए बुलाया जाएगा। हॉस्पिटल द्वारा निशुल्क सर्जरी की जाएगी।
खरगोन | भीकनगांव थाना क्षेत्र के ग्राम केदवा बीड़ में 35 वर्षीय युवक की कीटनाशक पीने से मौत हो गई। जिला अस्पताल पुलिस के अनुसार गांव के जयराम पिता जलाल ने 9 नवंबर को कीटनाशक पी लिया था। घटना के बाद से उसका उपचार जिला अस्पताल में चल रहा था। उपचार के दौरान बुधवार सुबह 6.30 बजे उसकी मौत हो गई।
राज्य स्तरीय बॉक्सिंग में मयंक रहे विजेता
वरला/बलवाड़ी | जबलपुर में आयोजित 36वीं राज्य स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में मयंक मनोहर निगवाल ने जीत दर्ज कर जिले का नाम रोशन किया। उनका चयन राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए हुआ। मध्य प्रदेश अध्यक्ष वरुण तन्खा की उपस्थिति में हुए कार्यक्रम में उन्हें पुरस्कृत किया गया। मयंक के पिता मनोहर निगवाल बलवाड़ी वन विभाग में डिप्टी रेंजर के पद पदस्थ हैं।
शासकीय कन्या महाविद्यालय में हुई प्रश्नोत्तरी स्पर्धा
बड़वानी | शहर के शासकीय कन्या महाविद्यालय में बुधवार को प्राचार्य डॉ. कविता भदौरिया के मार्गदर्शन में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती व जनजातीय गौरव दिवस के तहत मप्र का समृद्ध जनजातीय इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान विषय पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. भदौरिया व कार्यक्रम प्रभारी डॉ. महेश कुमार निंगवाल ने प्रतियोगिता का निरीक्षण किया। प्रश्नोत्तरी में छात्राओं ने उत्साह से हिस्सा लिया। बीए प्रथम वर्ष की छात्रा काजल चौहान प्रथम, बीए तृतीय वर्ष की छात्रा पूजा चौहान द्वितीय व बीए तृतीय वर्ष की छात्रा पायल जामोद ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
झांसी में एक युवक ने अपनी चाची शीला का मर्डर कर दिया। सिर, गले और शरीर पर हंसिया से ताबड़तोड़ वार कर किए। वारदात में उसकी मां भी शामिल थी। हत्या के बाद दोनों ने लाश को जंगल में झाड़ियों के पीछे एक गड्ढ़े में छुपा दिया। शाम को ताई घर नहीं पहुंची तो भतीजा परिजनों के साथ करीब 16 घंटे तक उनको ढूंढ़ने का ड्रामा करता रहा। जब ताई की लाश मिली तो मौके से दो रंग की चूड़ियां मिली। एक ताई की थी, जबकि दूसरी आरोपी की मां की निकली। शक के आधार पर मां-बेटे से पूछताछ हुई। इसमें दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। 11 नवंबर को हुई शीला की हत्या में पुलिस ने भतीजे बृजलाल और उसकी मां मीरा देवी को गिरफ्तार कर लिया। बृजलाल ने पुलिस को बताया- हमारे बीच जमीन को लेकर विवाद है। चाची शीला अक्सर मुझे और मेरी मां को सरेआम बेइज्जत करती थी। कुछ दिन पहले विवाद के बाद शीला ने गाली-गलौज की थी। इसका बदला लेने के लिए उसने मां के साथ मिलकर वारदात की। पुलिस ने कत्ल में इस्तेमाल हंसिया बरामद कर लिया है। आए दिन होता था दोनों परिवारों का झगड़ा सीओ सदर रामवीर सिंह ने बताया- मुखिया नगर में बृजलाल के पास करीब 66 डिसमिल सिंचित जमीन है। उसके पिता जगन की मौत हो गई। अब उसकी मां मीरा जमीन की देखरेख करती हैं, जबकि बृजलाल परिवार के साथ बड़ा तालाब गांव स्थित पुश्तैनी मकान में रहता है। पड़ोस में उसका चाचा गणेश भी परिवार के साथ रहता है। रास्ते की जमीन को लेकर उनके बीच अक्सर झगड़ा होता था। पूछताछ में बृजलाल ने बताया कि कुछ दिनों पहले गणेश के परिजन उसकी जमीन से ट्रैक्टर लेकर जा रहे थे। मां मीरा के विरोध करने पर उन लोगों ने गाली-गलौज की। चाची शीला ने मां मीरा एवं उसे गालियां दी। सबके सामने हुई बेइज्जती उसे सहन नहीं हुई। तब उसने मां के साथ मिलकर शीला की हत्या का प्लान बनाया और मौके की तलाश में जुट गया। हाथ बांधकर हंसिया से किए थे वार 10 नवंबर को शीला घर से खेतों की तरफ जा रही थी। तब बृजलाल अपनी मां के साथ शीला के पास पहुंच गया। दोनों शीला को बातों में उलझाकर गांव से दूर पहाड़ी के पास ले गए। दोनों ने मिलकर शीला के हाथ साड़ी से बांध दिए। इसके बाद हंसिया से गोदकर हत्या कर दी। शव फेंककर दोनों घर लौट आए। मंगलवार को शव मिला तो पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उनको हिरासत में लिया था। पुलिस टीम में थाना प्रभारी तुलसीराम पांडेय, उपनिरीक्षक सुनील त्रिपाठी, संत प्रकाश त्रिपाठी आदि शामिल थे। हत्या कर घर आकर धुल दिए खून से सनी जैकेट पूछताछ में बृजलाल ने बताया कि हत्या करने के बाद वह सीधे घर आया। सबसे पहले खून से सनी जैकेट को साफ किया, जबकि जींस साफ नहीं कर सका था। पुलिस को उसके घर से जैकेट को साफ करने के निशान मिले। जींस भी पुलिस ने बरामद कर ली। उसने बताया कि कपड़े धोते समय ही उसके चाचा कमल का फोन आ गया था। इस वजह से वह जींस धुल नहीं सका। जींस को वहीं छोड़कर चाची को तलाशने निकल गया। सुबह आकर उसे नींद लग गई। घटनास्थल से बरामद हुई चूड़ियों ने खोला राज घटनास्थल से पुलिस को दो अलग-अलग रंग की चूड़ियां बरामद हुई थीं। शीला ने लाल रंग की चूड़ियां पहन रखी थीं। उसके हाथ में पहनीं चूड़ियां वहां बिखरी पड़ी थीं, जबकि घटना के पास ही रंग बिरंगी चूड़ियां भी मिलीं। इन चूड़ियों के मिलने से पुलिस को यकीन हो गया कि घटनास्थल पर किसी दूसरी महिला की मौजूदगी थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह की चूड़ियां घटनास्थल से मिलीं, वैसी चूड़ियां मीरा ने भी पहन रखी थी। इस वजह से उन दोनों पर पुलिस का शक गहरा हो गया। पूछताछ में मालूम चला कि बृजलाल ने सोमवार को ही हत्या कर शीला की लाश जंगल के अंदर छिपा दी थी। जब शीला के परिजन उसे तलाश रहे थे तब बृजलाल तलाशने के बहाने उनको लेकर दूसरी ओर निकल गया। घंटों वे लोग मोहल्लों में तलाशते रहे। इस वजह से सोमवार को शीला की लाश नहीं मिल सकी। मंगलवार सुबह उसकी लाश बरामद हो सकी।
कॉलेज में विद्यार्थियों ने स्पर्धा में लिया हिस्सा
बड़वानी | भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मप्र शासन के निर्देश पर 1 से 15 नवंबर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस एसबीएन शासकीय पीजी कॉलेज में बुधवार को राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विभिन्न प्रतियोगिताओं व जनजागरण कार्यक्रम आयोजन। कार्यक्रम की शुरुआत जननायक भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। विद्यार्थियों ने जनजातीय संस्कृति, परंपरा और आदिवासी नायकों के योगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से निबंध लेखन, मेहंदी, चित्रकला व रंगोली प्रतियोगिताओं आयोजित कर उसमें सहभागिता की। कार्यक्रम के बाद जनजागरूकता रैली निकाली। जिसमें विद्यार्थियों ने बिरसा मुंडा के आदर्शों पर आधारित नारे लगाते हुए समाज में एकता, और जनजातीय गौरव का संदेश दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रणजीत सिंह मेवाड़े ने किया। विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस दौरान कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजमलसिंह राव, छात्रा कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रंजना चौहान व डॉ. निर्मला मौर्य के साथ करीब 225 स्वयंसेवक मौजूद थे।
कार चोरी कर रिश्तेदार के घर के पास सुनसान में रखी, पकड़ाया
भास्कर संवाददाता | बड़वानी पिछले दिनों शहर की कॉलोनी से कार चोरी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने कार चोरी कर शहर की अन्य कॉलोनी में अपने रिश्तेदार के घर के पास सुनसान क्षेत्र में छिपा दी थी ताकि पुलिस को गुमराह कर सके लेकिन पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज व मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। जानकारी के अनुसार 8 नवंबर को कैलाश पिता हीरालाल काग निवासी साईनाथ कॉलोनी बड़वानी ने थाना बड़वानी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसने अपनी सफेद रंग की कार (एमपी 09 एएफ 2757) घर के सामने खड़ी की थी। जिसे कोई अज्ञात बदमाश चोरी कर ले गया। टीम ने आरोपी विशाल पिता पूनमचंद माली (23) निवासी माली मोहल्ला बड़वानी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने अपराध करना स्वीकार कर उसकी निशानदेही पर चोरी की गई कार को रेवा कॉलोनी से जब्त किया गया, जिसकी कीमत 5.50 लाख थी। शहर के मुख्य चौराहे व रास्तों पर लगाए कैमरे से पकड़ा रहे आरोपी शहर में चोरी व अन्य अपराधों को कम करने के उद्देश्य से मुख्य चौराहे व रास्तों पर हाई क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाएं गए है। साथ ही रात के समय साफ विजन व तेज गति से गुजरने वाले वाहनों को स्पष्ट देखा जा सकता है। इसके लगने के बाद शहर में चोरी व अन्य वारदातों में कमी आ रही है। इसके लगातार प्रयास से पुलिस को आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिल रही है।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने जोधपुर के सालावास रेलवे स्टेशन पर डीजल से भरे वैगन से 1500 लीटर डीजल की चोरी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए दो बदमाशों मूलतया बाड़मेर के बायतू में सिंघोड़िया हाल सालावास निवासी देवेंद्र चौधरी पुत्र चेनाराम और सालावास रेलवे स्टेशन रोड निवासी अचलाराम पुत्र भींयाराम के खिलाफ रेलवे संपत्ति चोरी का मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया है। इनके बताए ठिकाने से वारदात में प्रयुक्त पिकअप और 880 लीटर डीजल बरामद किया है, जबकि तीसरे आरोपी की तलाश की जा रही है। चोरी की गई रेल संपत्ति की कुल कीमत लगभग 1.35 लाख रुपये आंकी गई है, जिसमें से 79,200 रुपये कीमत का डीजल बरामद हो चुका है। आरपीएफ इंस्पेक्टर मदनलाल भाटी ने बताया कि 11 नवंबर की सुबह करीब 9:25 बजे सालावास रेलवे स्टेशन मास्टर ने उप निरीक्षक सिद्धार्थ सिंह को सूचना दी कि रात करीब 3:35 बजे स्टेशन की लाइन 5 पर डीजल से भरे वैगनों की मालगाड़ी संख्या IOTES को स्टेबल किया गया था। सुबह लगभग 9:10 बजे जब ट्रेन मैनेजर रामजीलाल मीणा और कांटेवाला सुनील गाड़ी पर आए, तो गार्ड ब्रेक के पास वाले एक वैगन का ढक्कन खुला मिला। इसकी सूचना तुरंत भगत की कोठी RPF पोस्ट को दी गई। उप निरीक्षक टीम के साथ मौके पर पहुंचे, तब तक उक्त गाड़ी IOCL डिपो में प्लेसमेंट हो चुकी थी। डिपो पहुंचकर डिपो के प्रतिनिधि और वाणिज्य विभाग के साथ मिलकर संयुक्त निरीक्षण नोट तैयार किया गया, जिसमें 1500 लीटर डीजल कम होना पाया गया। इस कमी के आधार पर सालावास स्टेशन मास्टर ने दोपहर लगभग 2:50 बजे चोरी का मेमो जारी किया। CCTV फुटेज से मिला सुराग मामला रेल संपत्ति चोरी का पाए जाने पर निरीक्षक मदनलाल भाटी भी मौके पर पहुंचे और आसपास के CCTV फुटेज खंगाले। इसमें एक संदिग्ध कैंपर गाड़ी नंबर RJ-19-GG-6945 दिखाई दी। पड़ताल करने पर गाड़ी देवेन्द्र चौधरी की होना सामने आया। इस पर उसके घर दबिश देकर उसे पकड़ा, तो देवेंद्र ने अपने दोस्त अचलाराम तथा लक्ष्मण के साथ डीजल चोरी करना स्वीकार किया। आरपीएफ ने देवेन्द्र चौधरी को गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद उसके साथी अचलाराम को IOCL डिपो के पास से गिरफ्तार किया। इन दोनों को साथ लेकर लक्ष्मण के घर दबिश दी गई, लेकिन वो पकड़ में नहीं आया। डीजल बरामदगी और गिरफ्तारी आरपीएफ की टीम ने बुधवार को दोनों आरोपियों की निशानदेही पर पिकअप गाड़ी मोगड़ा गांव की ओरण में बबूल की झाड़ियों से बरामद कर लिया। उसमें 4 प्लास्टिक के ड्रम में भरा हुआ 880 लीटर डीजल बरामद हुआ। इनके साथी आरोपी लक्ष्मण को की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है, ताकि उसे गिरफ्तार कर शेष डीजल की बरामदगी की जा सके। तरीका-ए-वारदात आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि रात को खड़ी मालगाड़ी के वैगन के ऊपर का ढक्कन खोलकर उसमें पाइप डालकर पिकअप गाड़ी में रखे ड्रमों को भरकर 1500 लीटर डीजल की चोरी की गई। आरोपियों ने यह वारदात सालावास रेलवे स्टेशन पर रात के अंधेरे में अंजाम दी, जब मालगाड़ी स्टेबल थी। आरपीएफ की कार्रवाई में ये रहे शामिल यह कार्रवाई प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त ज्योति कुमार सतीजा RPF उत्तर-पश्चिम रेलवे जयपुर, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त नितीश शर्मा जोधपुर और सहायक सुरक्षा आयुक्त चन्द्रप्रकाश मिर्धा जोधपुर के निर्देशन में की गई। इस RPF टीम में इंस्पेक्टर मदनलाल भाटी (थाना भगत की कोठी), इंस्पेक्टर नवीन कुमार राही (क्राइम ब्रांच जोधपुर), उप निरीक्षक सिद्धार्थ सिंह, एएसआई राजेन्द्र विश्नोई, कांस्टेबल अजयसिंह और कांस्टेबल अभय सिंह शामिल थे।
आपको हम बता रहे हैं, भोपाल शहर में आज कहां-क्या हो रहा है। यहां हर वो जानकारी होगी, जो आपके काम आएगी। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट से लेकर मौसम, सिटी ट्रैफिक, बिजली-पानी की सप्लाई से जुड़ा हर अपडेट मिलेगा। काम की जरूरी लिंक्स
राजस्थान में बर्फीली हवाओं के चलते सर्दी का प्रकोप बढ़ गया है। प्रदेश अगले चार दिनों तक प्रदेश में इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है। सीकर में पहले से ही जारी शीतलहर का प्रभाव अब झुंझुनूं में भी शुरू हो गया। झुंझुनूं और उसके आसपास के एरिया में सुबह-शाम कोल्ड-वेव चलनी शुरू हो गई। मौसम विभाग ने इन दोनों जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटे के दौरान राजस्थान के 9 शहरों में न्यूनतम तापमान सिंगल डिजिट में दर्ज हुआ। सबसे ज्यादा सर्दी बुधवार को सिरोही में रही, जहां का न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सीकर के पास फतेहपुर में न्यूनतम तापमान 8.8, नागौर में 8.7, सीकर में 8.3, अलवर में 9.2, वनस्थली (टोंक) 9.4, चूरू में 9.5, बारां में 9.3, करौली में 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। दिन में तेज धूप से राहतसुबह-शाम राजस्थान में सर्दी के बाद दिन में तेज धूप से लोगों को राहत है। राज्य के अधिकांश शहरों में दिन का अधिकतम तापमान 28 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हो रहा है। बुधवार दिन का सबसे अधिक तापमान 32.9 डिग्री सेल्सियस बाड़मेर में दर्ज हुआ। जैसलमेर में अधिकतम तापमान 31.4, जोधपुर में 31, पिलानी में 31.2, वनस्थली टोंक में 30.6, चित्तौड़गढ़, बीकानेर में 30.2-30.2, फलोदी में 30.8, चूरू, जालौर में 30.9-30.9, नागौर में 29.7, बारां में 29.1, गंगानगर में 28.2, उदयपुर में 28.6, कोटा में 29.5, सीकर में 27.8, जयपुर में 29.2 और अजमेर में 29.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
अलीगढ़ के नगर निगम क्षेत्र में आने वाली 65 हजार स्ट्रीट लाइटें अब ऑटोमैटिक होने जा रही हैं। इन्हें जलाने और बंद करने के लिए किसी कर्मचारी की जरूरत नहीं पड़ेगी। लाइटें सुबह अपने आप बंद हो जाएंगी और शाम होते ही खुद ही जल उठेंगी। वहीं इनके खराब होने की जानकारी भी अधिकारियों को तुरंत मिलेगी। इसके ऑटोमेशन का काम फिरदौस नगर सेशुरू हो गया है। नोएडा के बाद अलीगढ़ प्रदेश का पहला शहर बन चुका है, जहां स्ट्रीट लाइटों के ऑटोमेशन एंड मेंटीनेंस का काम किया गया है। नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा के नेतृत्व में अलीगढ़ नगर निगम ने कुछ ही महीनों में इस काम को पूरा करते हुए शहरवासियों को राहत दी जाएगी। कंट्रोल रूम के जरिए अब इस पर नजर रखी जाएगी। आगामी दो महीने में शुरू होगा संचालन स्ट्रीट लाइटों का ऑटोमेशन और मेंटीनेंस का काम पूरा हो चुका है। शहर को अंधेरे से मुक्ति दिलाने के लिए नगर निगम ने तेजी से इस काम को पूरा किया है। अब शहर के सभी चार जोन का सर्वे किया जाएगा और आगामी महीनों में ऑटोमैटिक मोड को शुरू कर दिया जाएगा। मेयर प्रशांत सिंघल और नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा के नेतृत्व में टीम तेजी से इस पर काम कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि आगामी 2 महीने में शहर की सभी स्ट्रीट लाइटें ऑटोमेटिक रूप से संचालित होगी। शहर के हर कोने, गली मोहल्ले, पार्क, शासकीय भवन में लगी लाइट भी इस ऑटोमेशन की परिधि में लायी जाएगी। कंट्रोल रूम से बंद-चालू होंगी लाइटें शहर की सभी स्ट्रीट लाइटों की निगरानी कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर में स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से की जाएगी। यही से लाइट को बंद किया जाएगा और शाम को चालू किया जाएगा। अगर किसी मुहल्ले में कोई स्ट्रीट लाइट खराब होती है, तो इसकी सूचना भी तुरंत अधिकारियों को मिलेगी। कंट्रोल रूम बंद लाइट को तत्काल डिटेक्ट कर लेगा और अधिकारियों को सूचना देगा। लाइट बंद होने की सूचना पर तत्काल लाइट ठीक करने वाली कंपनी तक पहुंचेगी। जिसके बाद कार्यदायी कंपनियां तत्काल एक्टिव हो जाएगी। इसके लिए अधिकारियों ने संबंधित कंपनियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। शहरवासियों को अंधकार से मिलेगी मुक्ति अधिकारियों ने बताया कि शहर की स्ट्रीट लाइटे ऑटोमैटिक होने के बाद पुलिस विभाग को भी बड़ी राहत मिलेगी। निश्चित रूप से रात में होने वाली अप्रिय घटनाएं जैसे चोरी, लूटपाट, चैन स्नेचिंग की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी। इसके साथ ही रात में शहर में निकलने वाली महिलाओं, दिव्यांगजन, बुजुर्गों और बच्चों को भी सुरक्षा व्यवस्था का एहसास होगा। फिरदौस नगर से हुई ऑटोमेशन की शुरूआत स्ट्रीट लाइटों के ऑटोमेशन काम बुधवार को मेयर प्रशांत सिंघल और नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने किया। पार्षद मोहम्मद गुलजार के वार्ड 64 फिरदौस नगर पुल के नीचे से इसकी शुरूआत की गई। ऑटोमेशन काम के लिए नामित एजेंसी मेसर्स ट्रेडिंग इंजीनियर्स झांसी व मेसर्स मैट्रिक्स पीवीटी एलटीडी ग्रेटर नोएडा को महापौर और नगर आयुक्त ने अगले दो महीने में 65000 लाइटों के ऑटोमेशन के साथ-साथ पार्क, शासकीय, भवन, डिवाइडर,गली मोहल्ले में लगी सभी लाइटों को ऑटोमेशन की रेंज में लाने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान पार्षद मोहम्मद गुलजार, अधिशासी अभियंता अजय कुमार सक्सेना, स्टेनो देश दीपक, मीडिया सहायक एहसान रब, डॉ तरुण शर्मा मौजूद रहे।
इंदौर के एमवाय अस्पताल में सितंबर माह में चूहों ने दो मासूमों के हाथों की उंगलियां कुतर दी थी। इसके बाद नवंबर की शुरुआत में शास्त्री ब्रिज की रोड का कुछ हिस्सा भी चूहों के कारण धंस गया था। जिसमें सुधार जारी है। शास्त्री ब्रिज पर जहां सड़क का हिस्सा धंस गया था, उस गड्ढे में दीवार तो बना दी गई है। अब यहां पर चूहों के लिए ट्रीटमेंट का काम किया जाएगा, जिससे चूहे यहां ओर नुकसान ना कर सके। दूसरी ओर, अब जनकार्य प्रभारी के पास गांधी प्रतिमा के यहां भी चूहों को लेकर शिकायतें मिली है। जिसे देखने के लिए वे गुरुवार को जाएंगे। अगर यहां भी स्थिति ठीक नहीं मिलती है तो इसे भी प्लानिंग भी शामिल कर इसका सुधार काम कराया जाएगा। 2 नवंबर को हुआ था ब्रिज में गड्ढा2 नवंबर को शास्त्री मार्केट की तरफ जाने वाले ब्रिज की रोड का हिस्सा अचानक धंस गया था। जिससे यहां 5 फीट गहरा और 6 फीट लंबा गड्ढा हो गया था। जैसे ही इसकी जानकारी मिली तो पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोड का ट्रैफिक थोड़ा डायवर्ट कर दिया था। बाद में निगम की टीम ने उस गड्ढे को भर दिया था। नगर निगम के जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर ने मौका मुआयना किया। एसजीएसआईटीए के शिक्षक और निगम के इंजीनियरों को भी बुलवाया। उन्होंने वहां निरीक्षण किया। जहां पर रोड धंसी थी उसकी पास में ही एक चाय की दुकान थी। जिसे बंद करा दिया गया। वहीं गड्ढे को भरने के लिए गड्ढे के अंदर दीवार बनवाई गई। जिसके बाद इसे भरने का काम किया गया। हालांकि अभी काम पूरा नहीं हुआ है। चूहों के लिए कराया जाएगा ट्रीटमेंट जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर ने बताया कि शास्त्री ब्रिज पर हुए गड्ढे को भरने के पहले चूहों के लिए ट्रीटमेंट कराया जाएगा। इसे खोदकर इसमें चूहों के लिए ट्रीटमेंट किया जाएगा, ताकि चूहे दोबारा बिल ना बना सके। ट्रीटमेंट के बाद गड्ढे को भरा जाएगा और ऊपर ब्लॉक लगाकर उसे ठीक कर दिया जाएगा। फिलहाल गड्ढे के अंदर की तरफ से दीवार उठा दी गई है। दीवार पर प्लास्टर और ट्रीटमेंट कराया जाएगा। मैं गुरुवार को शास्त्री ब्रिज पर जाऊंगा और ट्रीटमेंट को लेकर वहां की वस्तुस्थिति देखूंगा। गांधी प्रतिमा के पास भी मिली चूहों की शिकायतें राजेंद्र राठौर ने बताया कि रीगल तिराहे पर भी बनी गांधी प्रतिमा के पास भी चूहों की शिकायतें मिली है। उन्होंने बताया कि शास्त्री ब्रिज की घटना के बाद कई लोगों द्वारा कॉल कर शिकायत की गई है कि यहां पर चूहे हो रहे हैं। यहां पर कई लोग पक्षियों को दाना डालते हैं। इसके चलते यहां कई पक्षी दाना खाना आते हैं। दाना प्रतिमा के आसपास भी फैला रहता है। जिसके चलते यहां चूहे होने की शिकायत लोगों ने की है। हालांकि यहां पर क्या वस्तु स्थिति, इसे भी गुरुवार को देखने जाएंगे। उनका कहना है कि अगर यहां भी कुछ ऐसी स्थिति मिलती है तो इसे भी प्लानिंग में लिया जाएगा और यहां का भी सुधार काम करवाया जाएगा। यह खबर भी पढ़ें...12 जनवरी 1953 को हुआ था शास्त्री ब्रिज का उद्घाटन शास्त्री ब्रिज मध्यभारत की सबसे बड़ी योजनाओं में शामिल था। ब्रिज का उद्घाटन करने के लिए खुद लाल बहादुर शास्त्री इंदौर आए थे। यह उस वक्त का पहला ऐसा ब्रिज था जो रेलवे ओवर ब्रिज कहलाया। उस जमाने में शास्त्री ब्रिज से चंद कारों के अलावा बग्गी, साइकिलें,तांगे ही गुजरा करते थे। यहां पढ़े पूरी खबर...
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के बयान पर पलटवार किया है। दिग्विजय ने कहा कि संघ जैसे अन रजिस्टर्ड संगठन की हिंदू समाज से तुलना करके उन्होंने सनातन धर्म का अपमान किया है। भोपाल में अपने सरकारी आवास पर दिग्विजय सिंह ने प्रेस से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले बेंगलुरू में आरएसएस का शताब्दी वर्ष का आयोजन हुआ था। जिसमें मोहन भागवत ने अपने विचार रखे थे। उस समय का पूरा आयोजन आरएसएस के पदाधिकारियों तक सीमित था, जिसमें उन्होंने बड़ी चौंकाने वाली बात की थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पहली बात तो उन्होंने कही कि लोग ये शिकायत करते हैं कि आरएसएस अपंजीकृत है, भागवत जी ने इसका काउंटर करते हुए कहा कि अगर आरएसएस अपंजीकृत है तो हिंदू धर्म भी अपंजीकृत है, इस्लाम भी अपंजीकृत है। मोहन भागवत के इस बयान पर मुझे घोर आपत्ति है। मैं उसकी निंदा करता हूं। वे सैकड़ों साल से चली आ रही हिंदू धर्म सनातनी परंपराओं की एक अनरजिस्टर्ड संगठन से तुलना कर रहे हैं। मोहन भागवत जी आपने सनातन धर्म का अपमान किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि बड़े से बड़ा नेता, प्रधानमंत्री जी ख़ुद को संघ का कार्यकर्ता बोलते हैं। अगर आप संघ के सदस्य हैं तो मेंबरशिप फॉर्म बताइए। देश से माफी मांगें मोहन भागवतदिग्विजय सिंह ने कहा- मैं डिवोटी हिंदू और एक ऐसा सनातन धर्मी हूं। जिसने न केवल धर्म का पालन किया है बल्कि हर तरह से मैंने धार्मिक संस्थाओं का सम्मान किया है। मैंने जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद जी से 1983 में दीक्षा ली हुई है। मैं हिंदू होने के नाते आपकी घोर निंदा करता हूं। आपने सनातन धर्म को पंजीकृत होने का बयान दिया है। मैं इसके खिलाफ हूं। इसके लिए आपको देश से माफी मांगना चाहिए और हर हिंदू धर्म और सनातन धर्म का पालन करने वालों से आपको माफी मांगना चाहिए। संत-महात्माओं चारों पीठों के शंकराचार्यों से आपको माफी मांगना चाहिए। सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए दिग्विजय सिंह ने कहा- आपने दूसरा प्रहार यह किया है कि हिंदू धर्म का पालन करने वालों में मुस्लिम, ईसाई भी शामिल कर लिए। सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए। मैं हमेशा से इस बारे में कहता आया हूं। स्वामी विवेकानंद जी ने भी यही बात कही है कि सनातन धर्म सभी धर्मों का सम्मान करता है। मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलते हैं प्रचारकदिग्विजय सिंह ने कहा- आप (संघ) के कार्यकर्ता आपके प्रचारक और आपके नेता मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलते हैं। मैं उसकी भी निंदा करता हूं। मुसलमानों, ईसाईयों, जैनियों, सिखों का क्या कसूर है? अगर वे किसी अन्य धर्म मैं अपनी आस्था रखते हैं और वह अन्य धर्म का पालन करते हैं तो आपको यह अधिकार नहीं है कि आप उनके खिलाफ जहर उगलें। आपका संगठन और आपका मोर्चा संगठन बीजेपी पूरी तरीके से नफरत फैला रहे हैं। सांप्रदायिक सद्भाव का अपमान कर रहे हैं। अपराध हुआ तो मुसलमानों के घर क्यों तोड़े जाते हैंपूर्व सीएम ने कहा- अगर कहीं पर हिंदू-मुस्लिम का छोटा-मोटा झगड़ा होता है तो हिंदुओं पर कानूनन कार्रवाई तो होती ही है लेकिन मुसलमान ने अगर जुर्म किया तो उनके परिवार पर कार्रवाई क्यों करते हैं। उनका घर तोड़ते हैं। मैं उसका भी विरोध करता हूं। रजिस्टर्ड नहीं तो इनकम टैक्स से छूट कैसे मिलीदिग्विजय सिंह ने कहा आपने (मोहन भागवत) कई बार यह भी कहा है कि आपको गुरु दक्षिणा आती है। यह बताना चाहिए कि कौन से खाते में गुरु दक्षिणा आती है? आप कहते हैं कि हमको इनकम टैक्स से माफ कर दिया है। आपका संगठन पंजीकृत ही नहीं है तो इनकम टैक्स का कौन सा ऑर्डर है जिससे आपको माफ किया है। आपने यह भी कहा है कि इनकम टैक्स ने आरएसएस को टैक्स से मुक्त कर दिया है। जब आपकी संस्था ही पंजीकृत नहीं हैं उसका कोई अकाउंट ही नहीं है तो फिर किस बात पर आपको टैक्स से मुक्ति दी है। आपने कहा कि हमें तो न्यायालय ने हमें इस मामले में मान्यता दी हुई है। कैसे मान्यता दे दी? कौन से जज ने दे दी और कौन से कोर्ट ने दी है? मैं यह जानना चाहता हूं। आजादी के पहले और बाद में भी पंजीयन नहीं करायादिग्विजय सिंह ने बताया कि आपने (मोहन भागवत) कहा है कि 1925 में कोई कानून नहीं था, जिसमें हम पंजीकृत करवाते और ब्रिटिश हुकूमत थी। ब्रिटिश हुकूमत का हम साथ नहीं देना चाहते थे।मोहन भागवत जी, मैं बड़ी विनम्रता से कहना चाहता हूं कि हेडगेवार साहब ने जंगल सत्याग्रह में भाग लिया था। वे जेल भी गए थे। लेकिन, उसके बाद पूरे संघ ने अपने पूरे कार्यकर्ताओं से कहा था कि आपको ब्रिटिश हुकूमत का साथ देना है। द्वितीय विश्वयुद्ध में कहा था कि आपको ब्रिटिश आर्मी में भर्ती होना चाहिए। क्या आपकी यही राष्ट्रभक्ति थी? 1925 में कई संगठन रजिस्टर्ड हुए, RSS ने पंजीयन नहीं करायादिग्विजय सिंह ने कहा- 1860 में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट आ गया था। हर संस्था को पंजीकृत होना जरूरी था। उस समय ब्रह्म समाज, आर्य समाज, रामकृष्ण मिशन, अखिल विश्व गायत्री सहित तमाम समाज संगठन रजिस्टर्ड हुए। लेकिन, आरएसएस 1925 में पंजीकृत नहीं हुआ। आपने न तो तब का कानून माना और न आजादी के बाद का कानून माना। संघ पर PMLA के तहत कार्रवाई होदिग्विजय सिंह ने कहा- मैंने वित्त मंत्री को 2021 में एक पत्र लिखा था। कोविड काल के समय पर RSS के ऑफिशियल हैंडल पर यह कहा था कि हमने कोविड के समय पर 7 करोड़ रुपए खर्च किए। तब मैंने उसका उल्लेख करते हुए मांग की थी कि इसको आप संज्ञान में लेते हुए इन पर आप प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट लगाइए कि यह इनका काला धन है। जब इनका कोई अकाउंट नहीं है तो कौन से अकाउंट से इन्होंने पैसा निकाल कर खर्च किया? उसका जवाब मुझे आज तक नहीं मिल पाया है। पीएम कहते हैं कि संघ सबसे बड़ा एनजीओपूर्व सीएम ने कहा- मैं राज्यसभा में भी जब प्रश्न पूछता हूं तो उसका उत्तर नहीं मिल पाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को प्रधानमंत्री जी लाल किले से कहते हैं कि यह सबसे बड़ा NGO है। ये ऐसा NGO है जो अपनी तुलना धर्म से करता है। ऐसा NGO है जिसका पंजीकरण नहीं है। जिसकी सदस्यता नहीं है। जिसका अकाउंट नहीं है। सबसे बड़ा संगठन और एनजीओ है। नाथूराम गोडसे संघ का कार्यकर्ता थादिग्विजय ने कहा- नाथूराम गोडसे के लिए कह दिया कि वह हमारा मैंबर नहीं है। नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी तो लोगों ने आरोप लगाया कि यह आरएसएस का कार्यकर्ता था और यह सही आरोप लगाया क्योंकि नाथूराम गोडसे के भाई ने भी यह बात स्वीकार की थी कि वह RSS के कार्यकर्ता है। जब सदस्यता ही नहीं होगी तो मालूम कैसे चलेगा इस देश के कानून का पालन RSS पर नहीं हो सकता। जब तक रजिस्ट्रेशन नहीं है तो कौन से कानून का पालन आप करेंगे कौन से लेकिन के अंतर्गत इन पर कार्रवाई की जाएगी। पूर्व सीएम ने कहा कि कोई भी अगर अपराध करता है तो कहते हैं हमारा सदस्य नहीं है। आतंकवादी गतिविधियों में कोई भी शामिल हो जाता है आईएसआई के लिए कोई भी जासूसी करते पकड़ा जाता है और कहते हैं यह हमारा सदस्य नहीं है। यह भी पढ़िए.... भागवत बोले- संघ की शाखा में मुस्लिम-ईसाई भी आते हैं कर्नाटक के बेंगलुरु में विश्व संवाद केंद्र में 8-9 नवंबर तक दो दिन के '100 इयर्स ऑफ संघ जर्नी: न्यू होराइजन्स' लेक्चर सीरीज में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा- संघ की सोच समावेशी है। शाखा में मुस्लिम भी आते हैं, ईसाई भी आते हैं और हिंदू भी आते हैं। हम यह नहीं पूछते कि कौन क्या है। हम सब भारत माता के पुत्र हैं। यही संघ की कार्यशैली है।यहां पढ़ें पूरी खबर...
कैथल में लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के सुप्रीमो एवं कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद राजकुमार सैनी ने कांग्रेस और भाजपा पर जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की हार का कारण उनके प्रस्ताव की अनदेखी करना रहा। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ समझौता करके प्रदेश में कुछ सीटें देने की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस ने उनकी बात नहीं मानी और हार का मुंह देखना पड़ा। हार पाकर क्या कांग्रेस ने अपनी झोली भर ली? कहा- सीएम को वोट डलवाकर भाईचारा निभाया ऐसे में उन्होंने अपने समर्थकों की पूरी वोट भाजपा को डलवाई। तब जाकर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद आगे आकर पार्टी की वोट भाजपा के सीएम नायब सैनी को डलवाई। ऐसा करके उन्होंने ओबीसी समाज का भाईचारा निभाया। राजकुमार सैनी कैथल के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में कार्यकर्ता से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने वहां से जारी एक वीडियो में कहा कि पहले हरियाणा में बैकवर्ड क्लास को राजनीति में बड़ा स्थान नहीं मिला था, लेकिन अब मौका मिला है तो वे इसमें अडंगा नहीं पाना चाहते। वे शुरू से ही जातिगत जनगणना के समर्थन में थे। अब भाजपा सरकार की ओर से इस पर विचार किया जा रहा है। वे कुछ समय इंतजार करेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे अपनी रणनीति बनाएंगे। बोले- प्रदेश सरकार में पीछे बैठे लोग खा रहे मलाई उन्होंने यह भी कहा कि, सीएम नायब सैनी को सरकार ने केवल आगे किया है, लेकिन प्रदेश कोई ओर चला रहा है ताकि आरोप लगें तो सीएम पर लगें और मलाई पीछे बैठे लोग खाते रहें। यह एक बड़ी विडंबना है। यह सेटिंग की राजनीति ज्यादा नहीं चलने वाली। उन्होंने कहा कि सरकारें देश की मजबूती की बात करती हैं, लेकिन देश तभी मजबूत होगा, जब यहां काम करने वाले लोगों के हाथ मजबूत होंगे। हमारे देश में तो केवल धर्म के नाम पर राजनीति की जा रही है। कांग्रेस के नेताओं को वहम था कि वे बड़े नेता हैं, इसी कारण उनके सत्ता में आने के सपने धरे धराए रह गए।
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में स्वामी आत्मानंद हिंदी मीडियम स्कूल के प्रिंसिपल का एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह स्टूडेंट्स के करियर को खराब करने की धमकी देते और हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते दिख रहे हैं। मामला पामगढ़ ब्लॉक के डोंगाकहरौद आत्मानंद स्कूल का है। प्रिंसिपल का नाम कुंज किशोर है। जानकारी के मुताबिक, प्रिसिंपल ने स्टूडेंट्स से क्लासरूम की पुताई करवाई थी। छात्रों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की थी। जिससे नाराज होकर उन्होंने स्कूल कैंपस में स्टूडेंट्स के सामने कहा कि मेरा जितना बिगाड़ना है बिगड़ चुके। अब मैं तुम्हारे टीसी-सीसी में ऐसा लिखा दूंगा कि मर जाओगे। जो उखाड़ना है उखाड़ लेना। वहीं, एक और वीडियो में प्रिंसिपल स्कूल के बच्चों के सामने देवी-देवताओं और सांस्कृतिक परंपराओं पर टिप्पणी कर रहे हैं। जिसमें वे ब्रह्मा, सरस्वती और मत्स्य पुराण का जिक्र करते हुए विवादास्पद बातें कहते नजर आ रहे हैं। पहले देखिए ये तस्वीरें- डेढ़ साल पुराना वीडियो वायरल दरअसल, देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी वाला वीडियो डेढ़ साल पुराना बताया जा रहा है। जो कि अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें प्रिंसिपल ये कहते नजर आए कि ब्रह्मा ने तीन बूंद छिड़के, जिससे 3 देवियां प्रकट हुईं। जिनमें से एक देवी सरस्वती हैं। उन्होंने मत्स्य पुराण का हवाला देते हुए कहा कि वहां किसी स्कूल या ज्ञान देने का वर्णन नहीं है। वे आगे टिप्पणी करते हैं कि जब ये देवियां बड़ी हुईं, तो उनकी खूबसूरती इतनी थी कि पिता और पति दोनों का नाम मत्स्य पुराण में ब्रह्मा ही बताया गया है। प्राचार्य के अनुसार ब्रह्मा जी ने 100 सालों तक पुत्री को अपनी पत्नी बनाकर रखा और उनके पुत्र भी हैं। बहुत सारी चीजें हैं जिसे स्वीकार करना थोड़ा सा कठिन हो जाता है। आइए और सच की ओर एक कदम बढ़ाएं। प्रिंसिपल पर पहले ही हुई कार्रवाई- DEO इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक सिन्हा ने कहा कि वायरल वीडियो पुराना है। उससे पहले हुए शिकायत पर प्रिंसिपल को पद से हटाकर लेक्चरर के पद पर हाई स्कूल भुईगांव में पदस्थ किया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर पामगढ़ एसडीएम और तहसीलदार की टीम ने स्कूल पहुंचकर छात्रों से बातचीत की और स्कूल के कमरे की पुताई से जुड़े मामले की जानकारी ली। जांच में पता चला कि प्रभारी प्राचार्य ने बोर्ड परीक्षा की कक्षा के छात्रों को पुताई नहीं करने पर प्रैक्टिकल में कम अंक देने की धमकी दी थी। इसी कारण दसवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने यह वीडियो बनाया था। प्रिंसिपल ने छात्रों से पैसे भी वसूले थे कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन राज्य संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, इंद्रावती भवन रायपुर को भेज दिया है। जांच में यह भी सामने आया कि प्रिंसिपल ने निःशुल्क शिक्षा के स्थान पर छात्रों से यूनिफॉर्म खरीदने के लिए दबाव बनाया और उनसे पैसे भी वसूले थे। ................................... यह खबर भी पढ़ें... प्रिंसिपल ने छात्रों से क्लासरूम की पुताई करवाई VIDEO: प्रैक्टिकल नंबर बढ़ाने का लालच दिया; कांग्रेस बोली- शिक्षा के मंदिर में बच्चे बने मजदूर जांजगीर-चांपा जिले में स्कूली छात्रों से पुताई कराए जाने का मामला सामने आया है। पामगढ़ के डोंगाकोहरौद स्थित स्वामी आत्मानंद हाई स्कूल का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें छात्र-छात्राएं क्लासरूम की पुताई करते दिख रही है। पढ़ें पूरी खबर...
मेरठ में पिछले तीन दिन से चल रही तेज सर्द हवाओं से मौसम तो ठंडा हो गया है लेकिन एयर क्वालिटी इंडेक्स में फिर से बढ़ोतरी हो गई है और एक्यूआई लाल श्रेणी में पहुंच गया। मेरठ समेत एनसीआर में प्रदूषण का लेवल लाल श्रेणी में चलने से लोगों को परेशानी हो रही है। धूप में भी दिखी धुंध बुधवार को दिनभर मौसम साफ रहा और धूप निकलने के बाद भी प्रदूषण का असर कम नहीं हुआ। आसमान में स्मॉग छाई दिखी ताे अस्पतालों में भी आंखों में जलन के मरीजों में बढ़ोतरी दिखाई दी। सुबह के समय दिन के मुकाबले में प्रदूषण का स्तर ज्यादा दर्ज किया गया। निगम करा रहा छिड़काव और ऐंटी फागिंग स्प्रे बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए नगर निगम भी अपने स्तर से प्रयास कर रहा है। नगर आयुक्त ने बताया कि शहर में सड़कों पर धूल को कम करने के लिए पानी का डिड़काव और एंटी फॉगिंग मशाीन भी चलवाई जा रही है। इसके साथ साथ डस्ट के लिए भी सड़कों पर ऐंटी डस्टिंग गाड़ियों से सफाई की जा रही है। प्रदूषण विभाग ने कोल्हू किए सील बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए और प्लास्टिक और अन्य प्रदूषण बढ़ाने वाली चीजों को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने की शिकायत पर प्रदूषण विभाग की टीम ने गांव खरदौनी में 9 कोल्हूओं पर भी सील लगा दी गई । उन्होंने कहा कि देहात क्षेत्र में अब यह कार्रवाई जारी रहेगी। आसपास के कुछ जिलों का AQI
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने सभी विवि के कुलपतियों को पत्र लिखकर अनुपालन करने के लिए कहा है। पत्र में प्रो. मनीष आर जोशी ने कहा है कि देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र कल्याण, मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की रोकथाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर 2025 को कड़ा रुख अपनाया था। अदालत ने कहा कि यह मामला सीधे छात्रों के जीवन और सम्मान से जुड़ा है, लेकिन लगभग 57,000 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने अब तक नेशनल टास्क फोर्स (एनटीएफ) के सर्वे में कोई सहयोग नहीं किया है। यह छात्रों के हित की पहल है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अदालत ने आगे कहा कि यदि कोई संस्था इस सर्वे में भाग नहीं लेती है, तो ऐसे आदेश जारी किए जा सकते हैं जो उनके लिए अपमानजनक और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले साबित होंगे। अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि जहां अब तक संयुक्त सचिव स्तर के नोडल अधिकारी नियुक्त नहीं हुए हैं, वहां तुरंत नियुक्ति की जाए। साथ ही, सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को चेतावनी दी गई कि यह अंतिम मौका है- नेशनल टास्क फोर्स सर्वे में भाग लें, अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी संस्थानों को यह निर्देश तुरंत भेजा जाए और 14 नवंबर 2025 को अगली सुनवाई में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। अदालत ने यह भी कहा कि एनटीएफ की कार्यवाही छात्रों के हित में है और सभी संस्थानों का त्वरित गति से ईमानदार सहयोग अपेक्षित है। झारखंड के भी किसी कॉलेज में इस निर्देश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।
इंदौर में एक 10 साल के बच्चे की दोनों किडनी खराब हो गई। जानकर हैरानी भी होगी कि बच्चे की यह दुर्दशा किसी गंभीर हादसे से नहीं बल्कि व्हाइटनर, थिनर और पेट्रोल जैसे नशे की लत से हुई है। यह नशा वह पिछले दो सालों से कर रहा था। बच्चे की मां अब दुखी मन से कह रही है कि अन्य बच्चे भी नशे के आदी हैं। पिछले दिनों मूसाखेड़ी क्षेत्र में सड़क किनारे एक 10 वर्षीय बालक बेसुध मिला था। बच्चे का एमवाय अस्पताल में इलाज चल रहा है। दरअसल, उसकी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं, इसलिए उसका नियमित डायलिसिस किया जा रहा है। उसकी मां, अस्पताल स्टाफ और महाकाल संस्था के सेवादार उसकी सेवा में जुटे हैं। इस मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बच्चा दो साल से ड्रग का आदी थी। उसे क्षेत्र से ही अपने साथियों के साथ ड्रग की लत लगी थी। इस कारण उसकी किडनी पर असर पड़ा और दोनों खराब हो गई। इस घटना ने क्षेत्र में बिक रहे नशे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नशे से दोनों किडनी खराब, डॉक्टर भी हैरानदरअसल, जब बालक को एडमिट किया गया था तो उसकी हालत काफी क्रिटिकल थी। तब परिवार का पता नहीं चलने से संस्था और स्टाफ ने उसकी कई जांचें करवाई तो पता चला था कि दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। फिर संस्था द्वारा उसके परिवार का पता लगाया गया तो मां और मामा को अस्पताल बुलाया गया। चूंकि इसके पूर्व न तो परिजन थे और न ही परिवार की कोई मेडिकल हिस्ट्री पता थी। इसके चलते किडनी खराब होने का कारण भी डॉक्टर नहीं जान पाए थे। बहरहाल, धीरे-धीरे जब उसकी हालत में सुधार हुआ तो अस्पताल स्टाफ और सेवादारों से बातचीत में सामने आया कि वह व्हाइटर, सिलोचन (पंक्चर पकाने का), थिनर, पेट्रोल, तंबाकू, देसी शराब का आदी है। उसने बताया कि मां काम पर (केटरिंग) के लिए कई दिनों के लिए बाहर जाती है। वह नानी के पास रहता है तो फिर दिन में अपने साथियों के साथ बिताता है। उन्हीं के साथ वह भी इनका सेवन करने लगा। मां ने बताया कि अब इलाज के अलावा कोई रास्ता नहीं है। नशे ने बेटे की ऐसी हालत कर दी है। तंबाकू से लेकर व्हाइटनर तक का नशा क्षेत्र में ऐसे कई बच्चे हैं जिनके माता-पिता सुबह से काम पर चले जाते हैं और शाम को लौटते हैं। ऐसे में ये बच्चे खुलेआम ऐसा नशा करते हैं। पहले उन्होंने इसकी शुरुआत तंबाकू से की। फिर देसी शराब पीने लगे। फिर पैसे नहीं होने या कम होने पर स्टेशनरी की दुकानों से व्हाइटर खरीदकर उसे सूंघने का नशा लगे। इसी तरह पंक्चर में काम आने वाला सिलोचन भी उपयोग करने लगे। मां ने भी इसकी पुष्टि की कि बेटा इसका आदी हो चुका हूं। निश्चित रूप से नशा किडनी पर असर डालता है और खराब हो जाती है। इस केस में अभी परिवार की मेडिकल हिस्ट्री अभी पता नहीं चली है। क्या यह बीमारी उसे आनुवांशिकता के कारण है, पुरानी बीमारी रही है या कुछ अन्य कारण है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन बच्चे द्वारा नशा किया जाना चिंतनीय है। - डॉ. प्रीति मालपानी, सुपरिटेंडेंट, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय बच्चे की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। पहले उसका क्रिएटिनिन और यूरिया काफी बढ़ा हुआ था। हीमोग्लोबिन भी बहुत कम था और अन्य तकलीफ भी थी।। अभी उसका नियमित डायलिसिस चल रहा है।- डॉ. जितेंद्र वर्मा, डिप्टी सुपरिटेंडेंट एमवायएच क्षेत्र में बिक रहे नशे को लेकर मैं कई बार पुलिस को शिकायत कर चुका हूं, यह गंभीर मामला है। कई बार मामला उठा चुके हैं। दरअसल क्षेत्र में अवैध शराब, ब्राउन शुगर, गांजा आदि का नशा खुलेआम बिक रहा है। कई बच्चे इसकी गिरफ्त में हैं। - महेश बसवाल, क्षेत्रीय पार्षद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय दे चुके हैं चेतावनी नशे को लेकर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कई बार मुद्दा उठा चुके हैं और चेतावनी भी दे चुके हैं। उन्होंने पिछले साल 21 सितंबर को इंदौर के भागीरथपुरा में पुलिस चौकी के पास एक कार्यक्रम में पुलिस अफसरों को तीन दिन की मोहलत दी थी कि तीन दिन में यहां जितने भी नशा बेचने वाले, नशा करने वाले लोग हैं, उन पर सख्त एक्शन लें। चाहे वो कोई भी हो। उन्हें उठाकर उल्टा लटका देना।हम आएं तो हमें एक मोटी माला पहना देते हैं, फिर गलत धंधे करते हैं। आप बिल्कुल चिंता मत करना। तीन दिन का समय दे रहा हूं, नहीं तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे। ये खबर भी पढ़ें... पत्नी ने 8 पथरी वाली किडनी दी...पति की जान बचाई धार के 114 किलो वजन वाले मेहमूद मोहम्मद (47) की जिंदगी तब थमने लगी, जब दोनों किडनियां फेल हो गईं। तीन साल तक डायलिसिस पर गुजरे। डॉक्टरों ने ट्रांसप्लांट को जोखिम भरा बताया, लेकिन उनकी पत्नी नजमा बी (45) ने हार नहीं मानी। हैरानी की बात यह कि नजमा की किडनी में भी आठ स्टोन थे। फिर भी उन्होंने वही किडनी पति को दान कर दी। पूरी खबर पढ़ें
रांची की महिला डॉक्टर से ईडी के नाम पर डरा कर 10 लाख रुपए ठगने वाला नोएडा से गिरफ्तार
रांची| रांची की एक महिला डॉक्टर को ईडी की कार्रवाई के नाम पर धमका, उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर 10 लाख रुपए की ठगी करने वाले अभियुक्त को साइबर क्राइम थाना रांची की पुलिस ने नोयडा पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया है। अभियुक्त का नाम विकास कुमार है। वह सेक्टर-63 नोयडा उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। इसके पास से कई बैंक खाते, वाट्सएप चैट और इस मामले में प्रयुक्त मोबाइल को जब्त किया गया है। साइबर ठगी की शिकार महिला डॉक्टर ने साइबर थाना रांची में 22 अगस्त को ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। गिरफ्तार विकास कुमार ने पीड़िता को यह बता कर झांसे में लिया था कि वह प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी है। उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसका डर दिखा कर पहले उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया। इसके बाद धमका कर उनके यूनियन बैंक के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 10 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए थे। अनुसंधान के क्रम में साइबर क्राइम थाना रांची की टीम डिजिटल साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त विकास तक पहुंची और उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तार विकास कई राज्यों में लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर धोखाधड़ी करने में शामिल रहा है। इसके लिए उसने कई म्यूल खातों (दूसरों के नाम पर बैंक एकाउंट) की व्यवस्था कर रखी थी। साइबर क्राइम थाना रांची की पुलिस ने विकास कुमार को गिरफ्तार कर एक बड़े नेटवर्क को ध्वस्त किया है। जो फर्जी ईडी अधिकारी बन लोगों को डरा धमका कर वसूली करते थे। साइबर थाना की पुलिस को जानकारी मिली है कि विकास कुमार के विरुद्ध नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल के माध्यम से 10 शिकायतें दर्ज हैं। कोई भी व्यक्ति सरकारी जांच एजेंसी का अधिकारी बन कर फोन या वीडियो कॉल कर पैसे की मांग करता है तो उसको इंटरटेन न करें। क्योंकि जांच एजेंसी किसी को भी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती।अज्ञात कॉलर्स के दबाव में कभी न आएं और डर कर उनके खाते में कभी पैसे ट्रांसफर न करें।किसी भी तरह की धोखाधड़ी के लिए तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.i n पर शिकायत दर्ज कराएं।
रवींद्र भवन का होगा उद्घाटन, स्मार्ट सिटी में इको पार्क, एयरपोर्ट से बिरसा चौक तक चौड़ी सड़क
झारखंड सरकार राज्य के 25वें स्थापना दिवस पर राज्यवासियों को बड़ा तोहफा देने जा रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 15 नवंबर को रांची में होने वाले मुख्य समारोह में कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं, डिग्री कॉलेज, अस्पताल और अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसके अलावा कचहरी रोड में नवनिर्मित रवींद्र भवन का भी उद्घाटन करेंगे। इस दिन 5992 करोड़ की 166 योजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा। इन योजनाओं के अमल में आने के बाद राजधानी अब एक नए रूप में दिखेगी। झारखंड सरकार और रांची स्मार्ट सिटी लिमिटेड मिलकर शहर को हरित, आधुनिक और सुविधायुक्त बनाने की दिशा में कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल रांची को एक मॉडल स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना है, बल्कि नागरिकों को बेहतर जीवन-स्तर और पर्यावरण अनुकूल वातावरण प्रदान करना भी है। स्मार्ट सिटी क्षेत्र में सामुदायिक पार्क और इको पार्क को विकसित किया जाएगा, जहां लोगों को मनोरंजन, व्यायाम और परिवार संग समय बिताने की आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। शहर की सुंदरता बढ़ाने के लिए हरमू चौक और सहजानंद चौक के गोलंबरों का हार्ड स्केप और सॉफ्ट स्केप विकास किया जाएगा, जिससे चौक आकर्षक और व्यवस्थित दिखेंगे।
जीएनआईपीएस की छात्राओं ने जीता क्विज में तीसरा पुरस्कार
लुधियाना| गुरु नानक इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, आई-ब्लॉक, बीआरएस नगर की छात्रा ब्रह्मलीन कौर और आरुशी कुमारी ने एलएसएससी क्विज प्रतियोगिता में तीसरा पुरस्कार जीतकर अपने विद्यालय का नाम रोशन किया है। यह प्रतियोगिता आदर्श पब्लिक स्कूल, हैबोवाल कलां में आयोजित की गई थी। ब्रह्मलीन कौर और आरुशी कुमारी, जो कक्षा 11 (मेडिकल) की छात्रा हैं, ने अपनी टीम वर्क और ज्ञान के बल पर यह उपलब्धि हासिल की है।
माताओं और बच्चों ने एक साथ डांस किया
लुधियाना| दृष्टि डॉ. आरसी जैन इनोवेटिव पब्लिक स्कूल में मदर्स एंड किड्स डांस एक्टिविटी परफॉर्मेंस का आयोजन किया गया। यह आयोजन माताओं और उनके बच्चों के बीच के विशेष बंधन का एक सुंदर उत्सव था। नन्हे-मुन्नों ने अपनी माताओं के साथ मिलकर मनमोहक और उत्साह से भरे नृत्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्राचार्या डॉ. मनीषा गंगवार और सेक्टर हेड रुपिंदर ग्रेवाल ने अपनी गरिमामय उपस्थिति से शोभा बढ़ाई और सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों और आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ऐसे सह-पाठ्यक्रमिक कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया, जो छोटे बच्चों में आत्मविश्वास, टीमवर्क और भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहित करते हैं।
ईशमीत सिंह म्यूजिक इंस्टीट्यूट ने मनाया वार्षिक समारोह, प्रस्तुति देकर बच्चों ने जीता दिल
भास्कर न्यूज। लुधियाना ईशमीत सिंह म्यूजिक इंस्टीट्यूट का वार्षिक समारोह वलवले 2025 बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया, जिसमें छात्रों ने गायन, वादन और नृत्य की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। समारोह की शुरुआत निदेशक डॉ. चरण कमल सिंह ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों और अभिभावकों का स्वागत करते हुए की। उन्होंने बताया कि संस्थान का उद्देश्य छात्रों को संगीत और नृत्य के क्षेत्र में उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मविश्वास और पहचान देना है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि संजीव अरोड़ा, कैबिनेट मंत्री उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों के रूप में पूनमप्रीत कौर, एसडीएम पश्चिमी लुधियाना, अनिरुद्ध गुप्ता और गुनमीत कौर लुधियाना मौजूद रहे। कार्यक्रम में ईशमीत सिंह म्यूजिक इंस्टीट्यूट के छात्रों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। संगीत प्रस्तुतियों में राशी, जीनीयल, समीक्षा, अनिल सूद, अनहद, जसप्रीत, अवीनादर, दशमीत, दविंदर, खुशपाल, बिदीशा, श्रवण आदि ने सुरों से माहौल को सुरमय बना दिया। वादन विभाग में ड्रम, की-बोर्ड और गिटार की शानदार प्रस्तुतियों ने तालियों की गड़गड़ाहट बटोरी। नृत्य विभाग की छात्राओं ने कथक, बॉलीवुड और भांगड़ा नृत्यों से मंच को जीवंत बना दिया। मुख्य अतिथि संजीव अरोड़ा ने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि यह मंच न केवल कला का विकास कर रहा है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी सशक्त बना रहा है। समारोह में गुरपिंदर सिंह, नितिश सिंघानिया, निखिल शर्मा, सतनाम सिंह सन्नी मास्टर, मुखविंदर सिंह, जसमेल सिंह आदि उपस्थिति रहे।
भाजपा ने धर्मांतरण निषेध कानून बना कर बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि : दास
जमशेदपुर| पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को कहा कि बिरसा मुंडा धर्मांतरण के विरोधी थे। जब झारखंड में भाजपा सरकार थी, तब धर्मांतरण निषेध कानून बनाकर बिरसा मुंडा को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई थी। झारखंड स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर हम धरती आबा के आदर्श पर चलकर झारखंड और भारत को आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता और संस्कृति की दिशा में आगे ले जाएं, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में डबल इंजन सरकार के समय रांची के उस कारागार में जहां बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली थी, वहां भव्य स्मारक एवं संग्रहालय का निर्माण कराया गया। नई दिल्ली स्थित बसेरा पार्क में धरती आबा की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। रघुवर साकची स्थित भाजपा कार्यालय में बोल रहे थे। मौके पर भाजपा महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा, रमेश हांसदा आदि थे। झारखंड में पेसा कानून को अविलंब लागू करे सरकार : रघुवर दास ने राज्य सरकार से झारखंड में पेसा कानून को अविलंब लागू करने की मांग की। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी समाज के उत्थान और स्वशासन को सशक्त करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। 1996 के पेसा कानून को प्रभावी रूप से लागू करने वाले 10 राज्यों में से सात ने 2014 के बाद ही पेसा कानून को लागू कर दिया था। इससे ग्राम सभाओं को जल, जंगल और जमीन पर वास्तविक अधिकार मिला है।
फायरलेस कुकिंग एक्टिविटी का आयोजन किया
लुधियाना| एचवीएम कॉन्वेंट स्कूल, करमसर कॉलोनी, न्यू सुभाष नगर, बस्ती जोधेवाल द्वारा यूकेजी से कक्षा द्वितीय तक के नन्हे-नन्हे बच्चों के लिए उत्साहपूर्ण फायरलेस कुकिंग एक्टिविटी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उत्साह और नवाचार से परिपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ।इस स्वादिष्ट पकवान गतिविधि के लिए बच्चों ने आवश्यक सामग्री घर से लाकर किसी एक व्यंजन जैसे सैंडविच, सेवपुरी, भेलपुरी, फ्रूट चाट या स्प्राउट चाट को बनाने का चयन किया। प्रत्येक छात्र अपने घर से पहले से कटी और सुव्यवस्थित सामग्री, एक प्लेट तथा चम्मच या कांटा लेकर आया था। बच्चों ने अपनी सामग्री को सलीके से सजाया और रचनात्मकता के साथ अपना पसंदीदा व्यंजन तैयार किया। छोटे-छोटे पेय पैक ने इस गतिविधि में ताजगी और आनंद का स्पर्श जोड़ कर व्यंजन को और स्वादिष्ट बना दिया। विद्यालय की प्रबंधक समिति के सभी सम्मानित सदस्यों और प्रधानाचार्या मनिंदर कौर ने कहा कि यह फायरलेस कुकिंग एक्टिविटी बच्चों में स्वावलंबन, स्वच्छता और स्वस्थ भोजन के आनंद जैसे मूल्यों को विकसित करने का एक शानदार मंच सिद्ध हुई।
बीबीए दूसरे सेमेस्टर में शाइना कॉलेज में प्रथम
भास्कर न्यूज | लुधियाना एसडीपी कॉलेज फॉर वुमन की बीबीए दूसरे सेमेस्टर की शाइना ने पंजाब यूनिवर्सिटी में दसवां, लुधियाना जिले में सातवां और कॉलेज में प्रथम स्थान प्राप्त किया। आयशा ने दूसरा और कीर्ति ने कॉलेज में तीसरा स्थान प्राप्त किया। मेहनती छात्राओं ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवारों के अटूट सहयोग और एसडीपी कॉलेज के संकाय सदस्यों के अथक प्रयासों को दिया। एसडीपी सभा एवं एसडीपी कॉलेज प्रबंधक समिति के अध्यक्ष बलराज कुमार भसीन, कॉलेज की प्रिंसिपल और स्टाफ सदस्यों ने छात्राओं को बधाई दी।
वर्ष 2000 में झारखंड के साथ छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड अलग राज्य बना था। झारखंड 15 नवंबर को 25 साल पूरे कर रहा है। लेकिन इन तीनों राज्यों के राजनीतिक सफर को देखें तो झारखंड में सबसे ज्यादा 14 बार सरकार बनी। सात नेताओं ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली। हेमंत सोरेन चार बार, शिबू सोरेन व अर्जुन मुंडा तीन-तीन बार और बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, मधु कोड़ा और चंपाई सोरेन एक-एक बार मुख्यमंत्री बने। जबकि छत्तीसगढ़ में चार बार ही सरकार बनी, जबकि उत्तराखंड में 11 बार। झारखंड में वर्ष 2014 के बाद स्थिर सरकार का दौर शुरू हुआ। इससे पहले नौ सरकारें बनीं तो झारखंड में तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लगा। सर्वाधिक सात साल सीएम रहने का रिकॉर्ड हेमंत सोरेन के पास है। वहीं दूसरे और तीसरे स्थान पर रघुवर दास और अर्जुन मुंडा का नाम है। 2014 से स्थिरता की ओर बढ़ा झारखंड 13 जुलाई 2013 को झामुमो के हेमंत सोरेन कांग्रेस और राजद के समर्थन से मुख्यमंत्री बने। यह गठबंधन सरकार अपेक्षाकृत स्थिर रही ओर 23 दिसंबर 2014 तक चली। हेमंत सोरेन 527 दिन तक मुख्यमंत्री रहे। दिसंबर 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला और रघुवर दास मुख्यमंत्री बने। वे झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री थे। भाजपा की यह सरकार पांच साल तक चली, जो राज्य के इतिहास में कार्यकाल पूरा करने वाली पहली सरकार रही। 2006-2013 तक अस्थिरता का दौर {वर्ष 2006 में भाजपा के कुछ सहयोगियों के बागी रुख के चलते अर्जुन मुंडा की सरकार गिर गई। 14 सितंबर 2006 को निर्दलीय मधु कोड़ा ने कांग्रेस, झामुमो और राजद के समर्थन से सरकार बनाई। यह झारखंड का पहला निर्दलीय मुख्यमंत्री का काल था। यह सरकार 709 दिन चली। 27 अगस्त 2008 में झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन फिर मुख्यमंत्री बने, लेकिन 144 दिन बाद 18 जनवरी 2009 को उनकी सरकार गिर गई। विश्वास मत हारने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। -शेष पेज 11 पर 2019 से महागठबंधन की सरकार, हेमंत 4 बार सीएम 2019 में झामुमो-कांग्रेस व राजद गठबंधन की सरकार बनी। हेमंत सोरेन दूसरी बार सीएम बने। लेकिन एक फरवरी 2014 को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 1496 दिन सीएम रहने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दो फरवरी को झामुमो के चंपाई सोरेन सीएम बनाए गए। 152 दिन सीएम रहने के बाद 31 जुलाई 2024 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद हेमंत सोरेन तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस और राजद की सरकार 28 नवंबर 2024 को बनी और अभी यह सरकार चल रही है। सबसे ज्यादा सात साल सीएम हरने का रिकॉर्ड हेमंत सोरेन का 15 नवंबर... स्थापना दिवस दूसरे व तीसरे स्थान पर रघुवर दास और अर्जुन मुंडा का नाम। सर्वाधिक सात साल सीएम रहने का रिकार्ड हेमंत सोरेन के नाम। वर्ष 2014 के बाद राज्य में स्थिर सरकार का दौर शुरू हुआ। हेमंत सोरेन चार बार , शिबू सोरेन व अर्जुन मुंडा 3-3 बार और बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, मधु कोड़ा व चंपाई सोरेन 1-1 बार बने मुख्यमंत्री रहे।
बीबीए सेकेंड सेमेस्टर में पलक ने यूनिवर्सिटी में चौथा स्थान हासिल किया
भास्कर न्यूज | लुधियाना आर्य कॉलेज के बीबीए सेकेंड सेमेस्टर की पलक गोयल ने 8.83 एसजीपीए के साथ यूनिवर्सिटी में चौथा और कॉलेज में पहला स्थान प्राप्त किया। वहीं, अनिकेत गर्ग और राहुल ने कॉलेज में दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया है। कॉलेज की मैनजेमेंट कमेटी के सचिव डॉ. एसएम शर्मा ने स्टूडेंट्स को उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए बधाई दी। आर्य कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सूक्ष्म अहलूवालिया ने भी इस शानदार उपलब्धि पर अत्यधिक गर्व और प्रसन्नता व्यक्त की। हेड ऑफ डिपार्टमेंट शैलजा आनंद ने छात्राओं की कड़ी मेहनत की सराहना की और अपने विभाग की ओर से वादा किया कि वे उत्कृष्टता के लिए प्रयास करते रहेंगे।
800 करोड़ के जीएसटी घोटाले के आरोपी को जमानत देने से हाईकोर्ट ने किया इनकार
करीब 800 करोड़ रुपए के जीएसटी घोटाले के आरोपी शिवकुमार देवड़ा और मोहित देवड़ा को जमानत देने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया। जस्टिस एसएन प्रसाद की कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। बुधवार को याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से कहा गया था कि आरोपी गंभीर वित्तीय अपराध में संलिप्त हैं। इनके खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं। अदालत ने ईडी के तर्क पर सहमति जताते हुए कहा कि इस स्तर के आर्थिक अपराध में जमानत नहीं दी जा सकती है। यह मामला शेल कंपनियों के नाम पर की गई फर्जी जीएसटी एंट्री के जरिए करीब 800 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़ा है। ईडी ने जांच के दौरान इस मामले में अब तक चार से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें शिवकुमार देवड़ा, मोहित देवड़ा, जमशेदपुर के जुगसलाई के कारोबारी विक्की भालोटिया और कोलकाता के कारोबारी अमित गुप्ता शामिल हैं। आरोप है कि इन्होंने करीब 14,325 करोड़ रुपए का फर्जी चालान तैयार किया। इसके आधार पर 800 करोड़ रुपए का फर्जी जीएसटी क्रेडिट दावा किया। इससे केन्द्र आैर राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है। इस मामले में विक्की भलोटिया बिरसा मुंडा जेल में बंद है। पिछले दिनों जेल में शराब घोटाले आैर जमीन घोटाले के आरोपियों के साथ डांस पार्टी करते हुए उसका वीडियो वायरल हुआ था।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर लगाया 50 हजार रुपए जुर्माना
रांची | झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी अखिलेश प्रसाद की याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने सरकार पर 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की राशि प्रतिवादी को देने और छह माह के अंदर दोषी अधिकारी से राशि की वसूली करने का निर्देश दिया है। अखिलेश प्रसाद ने बिहार विभाजन के बाद झारखंड में प्रशासनिक सेवा में आए थे। लेकिन उनका पदस्थापन नहीं किया गया। उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट के एकल पीठ ने भी उनके पक्ष में फैसला सुनाया। हाईकोर्ट के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने खंडपीठ में अपील दाखिल की। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद अपील खारिज करते हुए कहा कि सरकार अपने ही कर्मचारियों को न्याय से वंचित रखने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटा रही है।
पुरुषों को 1600 मीटर दौड़ छह मिनट में, महिलाओं को 10 मिनट में पूरी करनी होगी
कैबिनेट ने कुल 18 प्रस्तावों पर दी मंजूरीपुलिस रेडियो में एसआई वायरलेस में बहाली के लिए 2016 में बनी नियमावली और इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) में सिपाही पद पर नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया गया है। दोनों बहाली में पहले पुरुष अभ्यर्थी को 8 किलोमीटर और महिलाओं को 4 किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ती थी। संशोधन के बाद अब पुरुष अभ्यर्थी को 1600 मीटर की दौड़ 6 मिनट में और महिलाओं को 1600 मीटर की दौड़ 10 मिनट में पूरी करनी होगी। बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस संशोधन को मंजूरी दी गई। बैठक में कुल 18 प्रस्ताव पास किए गए। पिछले साल उत्पाद सिपाही की बहाली के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान दौड़ में 14 अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी। इसके बाद उत्पाद सिपाही की दौड़ में संशोधन किया गया था। बाद में झारखंड पुलिस के सिपाही, जेल के सिपाही, वन विभाग में सिपाही, उत्पाद सिपाही आदि की बहाली के लिए एक संयुक्त नियमावली बनाई गई। इसमें शारीरिक जांच परीक्षा में दौड़ की दूरी आैर समय को घटाया गया था। इसी को देखते हुए अब पुलिस रेडियो में एसआई वायरलेस और आईआरबी सिपाही नियमावली में संशोधन किया गया। झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलेगा। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई। अब इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कैबिनेट ने एक अन्य अहम फैसले में नेतरहाट विद्यालय में नियुक्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देने के फैसले को भी मंजूरी दे दी। साथ ही उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत विश्व बैंक सम्पोषित पॉलिटेकनिक शिक्षा सुदृढ़ीकरण परियोजना के अन्तर्गत संविदा के आधार पर नियुक्त 24 शिक्षकेत्तर कर्मियों की सेवा नियमितीकरण की भी स्वीकृति दी गई। वहीं राज्य के सभी 24 जिलों में एक-एक सीएम स्कूल अॉफ एक्सीलेंस को लैबोरेटरी और आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए 20-20 लाख रुपए मंजूर किए गए। देशी मांगुर झारखंड की राजकीय मछली, प्रधान वनरक्षी के 1315 पद सृजित होंगे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्- राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (आईसीएआर नेशनल ब्यूरो ऑफ जेनेटिक रिसोर्स) लखनऊ के अनुरोध पर देशी मांगुर को झारखंड की राजकीय मछली घोषित करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इसके साथ ही तीन नए आपराधिक कानून के कार्यान्वयन हेतु मॉडल रूल्स - ई साक्ष्य एवं ई सम्मन को अधिसूचित किए जाने की स्वीकृति दी गई। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अंतर्गत वनरक्षी संवर्ग के स्वीकृत कुल 3883 पदों में से 1315 पदों का प्रत्यर्पण कर प्रधान वनरक्षी के 1315 पदों के सृजन की स्वीकृति हेतु जारी अधिसूचना में संशोधन की स्वीकृति दी गई। देवघर में पीपीपी मोड पर बनेगा राज्य का पहला 4 स्टार होटल वैद्यनाथ विहार देवघर में राज्य का पहला 4 स्टार होटल बनेगा। होटल वैद्यनाथ विहार देवघर को 113.97 करोड़ की अनुमानित परियोजना लागत के साथ पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा। यह होटल 1.05 एकड़ में फैला हुआ है, जो वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। इस होटल को विकसित करने का उद्देश्य पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध कराने के अलावा स्थानीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार भी है। पीपीपी मोड में निजी निवेशकों को यह होटल रियायत पर 50 साल के पट्टे पर दी जाएगी। वैद्यनाथ विहार में 100 कमरे होंगे। साथ ही 400 लोगों के बैठने का वैंक्वेट हॉल होगा। 100 कमरों में दो कमरे हमेशा जेटीडीसी के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे। कैबिनेट के अन्य अहम फैसले... गारंटी मोचन निधि के संचालन के लिए आरबीआई से मिली अधिसूचना के प्रारूप पर सहमति। {भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा केन्द्रीय सेक्टर स्कीम अन्तर्गत उप योजना के तहत स्वीकृत सेतु बंधन परियोजना के लिए कुल राशि 37.27 करोड़ का प्रावधान झारखंड आकस्मिकता निधि से कराने की स्वीकृति दी गई। डॉ. मैथिलीशरण, ट्यूटर, माईक्रोबायोलॉजी विभाग, पाटलीपुत्र मेडिकल कॉलेज, धनबाद सम्प्रति सेवा से बर्खास्त को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के आलोक में सेवा से बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करने की स्वीकृति दी गई। पथ प्रमंडल, गिरिडीह अन्तर्गत सड़क के टू लेन चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए भू-अर्जन सहित कुल 133.01 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। पथ प्रमंडल, सिमडेगा अन्तर्गत “सिमडेगा रेंगारी- केरसई- बोलवा-उड़ीसा बोर्डर पार्ट-1 एवं पार्ट-2 के राईडिंग क्वालिटी में सुधार कार्य के लिए 29.76 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति।
रात में पेट्रोलिंग टीम ने खुले में कूड़ा फेंकने पर 47 लोगों के किए चालान
भास्कर न्यूज | लुधियाना खुले में कूड़ा फेंकने के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत जोनल कमिश्नर नीरज जैन की अगुवाई में नगर निगम की टीम ने रात को ज़ोन-बी के अधीन आने वाले विभिन्न इलाकों में कार्रवाई की। इस दौरान खुले में कूड़ा फेंकने वाले 47 उल्लंघनकर्ताओं के चालान किए। शिंगार सिनेमा रोड, हरगोबिंद नगर, गुरु अर्जन देव नगर, मेट्रो रोड सहित अन्य इलाकों के निवासियों और रेहड़ी-फड़ी वालों के चालान किए गए। चालान जारी करने के अलावा उल्लंघन करने वालों को सड़कों के किनारे फेंका गया कूड़ा उठाने के भी निर्देश दिए गए। जोनल कमिश्नर नीरज जैन ने बताया कि मेयर इंदरजीत कौर और नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल के निर्देशों पर शहर में खुले में कूड़ा फेंकने और कूड़ा जलाने के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है। स्वास्थ्य शाखा के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उल्लंघनकर्ताओं पर भारी जुर्माने लगाएं और यदि आवश्यकता पड़ी तो खुले में कूड़ा फेंकते पकड़े जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। शहरभर में जागरूकता और सफाई अभियानों को भी चलाया जा रहा है और विभिन्न बाजारों में दुकानदारों के खिलाफ खुले में कूड़ा फेंकने के लिए चालान जारी किए जा रहे हैं।
ऑनलाइन एफआईआर को रजिस्टर करे सरकार, स्टेटस रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल करे : हाईकोर्ट
गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने राज्य सरकार को अमन की मां की ओर से किए गए ऑनलाइन एफआईआर को जल्द रजिस्टर करने का आदेश दिया। साथ ही राज्य सरकार को ऑनलाइन एफआईआर के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया। अब मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि सात माह बीत जाने के बावजूद अब तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई। जब सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी बनाम राज्य वाले फैसले में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य बताया गया है, तो इसे टालने का कोई औचित्य नहीं है। इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अमन साहू की मां की ओर से की गई ऑनलाइन एफआईआर को अब तक पुलिस ने रजिस्टर नहीं किया है। यह मामला कॉग्निजेंस ऑफेंस का है। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सीआईडी ने अमन साहू के मामले में एक एफआईआर दर्ज की थी। उसी के साथ अमन के परिजनों की ओर से की गई ऑनलाइन एफआईआर में कही गई बातों का भी अनुसंधान किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इन घटनाओं पर अलग-अलग एफआईआर दर्ज की जा सकती थी। 11 मार्च को एनकाउंटर में पुलिस ने अमन को मार गिराया था 11 मार्च को पलामू में पुलिस ने अमन को कथित एनकाउंटर में मार गिराया था। उसकी मां किरण देवी ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की थी। किरण ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, सीबीआई निदेशक, झारखंड के गृह सचिव, डीजीपी, एसएसपी रांची और एटीएस के अधिकारियों को अमन साहू को छत्तीसगढ़ के रायपुर सेंट्रल जेल से रांची में एनआईए कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। किरण देवी ने कहा है कि उन्हें आशंका थी कि पुलिस साजिश रचेगी और इसे एनकाउंटर दिखाकर उनके बेटे की हत्या कर देगी। गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई
सिर्फ अस्सिटेंट प्रोफेसर की होगी नियुक्ति, जीडीएमओ की प्रोन्नति पर भी स्वीकृति नहीं
रिम्स शासी परिषद की 63वीं बैठक में 15 एजेंडों पर चर्चा हुई। लेकिन ज्यादातर एजेंडे पर मुहर नहीं लग सकी। चार-पांच एजेंडे में पेंच लगाकर अगली जीबी की बैठक में रखने की बात कही गई है। रिम्स में फैकल्टी की कमी सबसे बड़ी समस्या है। इसे दूर करने के लिए बैठक में बतौर एजेंडा शामिल किया गया था। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर पुन: रिव्यू करने की बात कह कर इसे लटका दिया है। बता दें कि रिम्स में असिस्टेंट प्रोफेसर से लेकर प्रोफेसर तक की नियुक्ति के लिए दो बार विज्ञापन निकाला गया, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। अब केवल असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति करने की अनुमति दी गई है। जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर (जीडीएमओ) की प्रोन्नति का मामला भी एजेंडा में शामिल था, लेकिन इस पर भी प्रोन्नति नियमावली बनाकर इसे अगली बैठक में रखने की बात कही गई। रिम्स में सुधार के लिए बनने वाली एडवाइजरी कमेटी में पूर्व निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद को शामिल करना था, पर इस कमेटी में भी लोकल स्तर के अन्य 3-4 चिकित्सकों को शामिल किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री अपने स्तर से इसमें नाम जोड़ कर इसे लागू करेंगे। पुरानी बिल्डिंग दुरुस्त कराने पर भी सहमति रिम्स की बिल्डिंग पुरानी हो चुकी है। इसे देखते हुए तत्काल भवन को दुरुस्त कराने पर जीबी में सहमति दी गई। मंत्री ने कहा कि रिम्स का भवन पुराना हो चुका है। इसलिए इसे तत्काल मरम्मत कराने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा उन्होंने वेंटिलेटर की क्रय भी तत्काल करने का निर्देश प्रबंधन को दिया है। इन महत्वपूर्ण एजेंडे पर लिया गया निर्णय... {रिम्स किचन का टेंडर फाइनल करने पर सहमति बन गई है। बता दें कि कोलकाता की एक कंपनी किचन टेंडर में एल-1 हुई है। जल्द ही यह कंपनी रिम्स में मरीजों को खाना परोसेगी। वर्तमान एजेंसी को 6 दिसंबर तक का एक्सटेंशन दिया गया है। {निजी अस्पताल मरीजों को गंभीर अवस्था में रिम्स रेफर कर देते हैं, इससे न केवल रिम्स का भार बढ़ता है, बल्कि रिम्स में मृत्यु का आंकड़ा भी बढ़ता है। बैठक में इस पर चर्चा हुई, जिसके बाद सदस्यों ने कानूनी पक्षों के साथ एसओपी तैयार करने पर सहमति दी। {रिम्स में बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर तीन बार ईआेआई जारी किया गया है, लेकिन हर बार सिंगल बिडर के कारण एजेंसी का चयन नहीं हो सका। इस पर भी शासी परिषद ने सहमति प्रदान की है। {झारखंड में शत प्रतिशत नैट टेस्टिंग लागू करने का निर्देश दिया गया है। इसे देखते हुए ऑटोमेटिक नैट टेस्ट मशीन खरीद पर सहमति। डॉ. इरफान... आप देश की रक्षा करें, रिम्स की हम कर लेंगे इधर, रक्षा राज्यमंत्री के आरोप पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि रक्षा राज्यमंत्री देश की रक्षा करें, रिम्स की रक्षा हम कर लेंगे। उन्होंने कहा कि वे एक मेंबर हैं, अंदर कुछ कहते हैं तथा बाहर कुछ और बोलते हैं। ऐसी कोई बात ही नहीं हुई है बैठक में। मैं चेयरमैन हूं, वे मेरे बगल में बैठते हैं। अंदर वे अच्छा सुझाव देते हैं और बाहर व्यवस्था डी-रेल होने की बात कहते हैं। ये तो ठीक बात नहीं है। मैं ऐसे नहीं चलने दूंगा। उन्हें मैं बैठक में बुला रहा हूं तो उन्हें अच्छे सुझाव देना चाहिए। मैं उसे इंप्लीमेंट करूंगा। संजय सेठ... मंत्री-निदेशक में तालमेल नहीं, व्यवस्था बेपटरी रिम्स जीबी की बुधवार को हुई 63वीं बैठक में माहौल गर्म रहा। बैठक से निकल कर जीबी के सदस्य रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ रिम्स की व्यवस्था पर खुलकर बोले। कहा कि मंत्री व रिम्स निदेशक के बीच आपसी तालमेल नहीं हैं, इसलिए यहां की व्यवस्था बेपटरी हो गई है। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से रिम्स में हस्तक्षेप करने की अपील की। कहा कि अगर वे ध्यान नही देंगे तो रिम्स में मरीजों का इलाज कराना भी मुश्किल हो जाएगा। रिम्स जीबी की बैठक के बाद रक्षा राज्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री में आरोप-प्रत्यारोप...
नागरिक आज की कमाई से कल की चिंता मिटाएं, ‘पेंशन से प्रगति’ कार्यक्रम कल
लुधियाना| लुधियाना में अब आम नागरिकों को अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने और आर्थिक रूप से सशक्त बनने का अवसर मिलने जा रहा है। दैनिक भास्कर और पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के संयुक्त प्रयास से “पेंशन से प्रगति” विषय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 14 नवंबर 2025, शुक्रवार को होटल ए बाय ग्रेवल्स, फिरोज गांधी मार्केट रोड, मॉडल ग्राम, लुधियाना में दोपहर 2:30 से 5:00 बजे तक आयोजित होगा। प्रतिभागियों से अनुरोध है कि वे 15 मिनट पूर्व पहुंचें। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। इसमें बताया जाएगा कि कैसे एनपीएस से व्यक्ति अपने बुढ़ापे को आर्थिक सुरक्षा दे सकता है और यह निवेश योजना सेवानिवृत्ति के बाद भी स्थायी आय सुनिश्चित करती है। केवल 500 रुपए से खाता खोलकर कोई भी व्यक्ति एनपीएस से जुड़ सकता है। यह योजना सरकारी और निजी दोनों कर्मचारियों के लिए समान रूप से लाभकारी है। कार्यक्रम पूर्णतः निशुल्क है और इसमें प्रवेश पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। पंजीकरण के लिए इच्छुक व्यक्ति 8094939430 पर मिस कॉल कर सकते हैं। आयोजन के बाद जलपान की व्यवस्था रहेगी और प्रत्येक प्रतिभागी को विशेष गिफ्ट भी प्रदान किया जाएगा। पीएफआरडीए के विशेषज्ञ बताएंगे कि कैसे पेंशन योजना आत्मनिर्भर भारत के विजन को सशक्त बनाती है और पेंशन से प्रगति तक –एनपीएस जरूरी है” को व्यवहार में लाने में मदद करती है।
रांची सदर अस्पताल में पहली बार हुई जटिल ब्रेन-स्पाइन सर्जरी सफल
राज्य के मॉडल जिला अस्पताल में न्यूरोसर्जरी में बड़ी उपलब्धि मिली है। अस्पताल में पहली बार अत्यंत जटिल ब्रेन व स्पाइन (क्रानिओ-सेर्विकल जंक्शन) की सर्जरी सफलतापूर्वक की है। यह सर्जरी न्यूरोसर्जन डॉ. विकास कुमार ने की। जिसमें मरीज के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के जोड़ पर बने दबाव को फोरामेन मैग्नम डीकम्प्रेशन प्रक्रिया से हटाया गया। डॉ. विकास कुमार ने बताया कि मरीज पिछले कई महीनों से गंभीर सिरदर्द, चक्कर, गर्दन में जकड़न और हाथ-पैरों में कमजोरी से पीड़ित था। कई निजी अस्पतालों में लाखों के खर्च और जोखिम की बात कहकर इलाज टाला जा रहा था। आखिरकार रांची सदर अस्पताल में सर्जरी का निर्णय लिया गया और ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने कहा डॉ. विकास और उनकी टीम की यह उपलब्धि रांची सदर अस्पताल के लिए गर्व की बात है। अब सदर अस्पताल में उच्चस्तरीय न्यूरोसर्जरी सुविधाएं भी उपलब्ध है। अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विमलेश सिंह ने कहा यह सर्जरी न केवल चिकित्सा उपलब्धि है बल्कि सामाजिक संदेश भी है कि सरकारी अस्पतालों में भी उत्कृष्ट इलाज संभव है। लक्ष्य है सदर अस्पताल को झारखंड का प्रमुख न्यूरोसर्जरी सेंटर बनाना न्यूरोसर्जन डॉ. विकास कुमार ने कहा यह सर्जरी तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण थी। सिविल सर्जन और उपाधीक्षक के दूरदर्शी सहयोग से यह संभव हो सका। हमारी टीम के सहयोग से यह ऐतिहासिक उपलब्धि मिली। हमारा लक्ष्य है कि रांची सदर को झारखंड का प्रमुख न्यूरोसर्जरी सेंटर बनाया जाए ताकि मरीजों को बाहर न जाना पड़े। पिछले कई महीनों से लाखों के खर्च और जोखिम कहकर टाला जा रहा था ने कहा डॉ. विकास और उनकी टीम की यह उपलब्धि रांची सदर अस्पताल के लिए गर्व की बात है। अब सदर अस्पताल में उच्चस्तरीय न्यूरोसर्जरी सुविधाएं भी उपलब्ध है। अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विमलेश सिंह ने कहा यह सर्जरी न केवल चिकित्सा उपलब्धि है बल्कि सामाजिक संदेश भी है कि सरकारी अस्पतालों में भी उत्कृष्ट इलाज संभव है।
मॉडिफाइड वाहनों के 122 चालान; इन जुगाड़ू वाहनों पर पुलिस कब करेगी कार्रवाई?
भास्कर न्यूज | लुधियाना पंजाब में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर डीजीपी ट्रैफिक अमनदीप सिंह राय ने सोमवार को लुधियाना में अहम मीटिंग की थी और राज्यभर के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी सूरत में मॉडिफाइड या जुगाड़ू वाहन सड़कों पर नहीं चलने चाहिए। उन्होंने कहा था कि ऐसे वाहनों को पकड़ने पर न सिर्फ चालक, बल्कि वाहन तैयार करने वाले के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा। लेकिन, डीजीपी के इन सख्त आदेशों के बावजूद लुधियाना की सड़कों पर नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शहर में अब भी जुगाड़ू वाहन और मॉडिफाइड बाइक बिना रोक-टोक के दौड़ रहे हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम के कुछ कर्मचारी भी कूड़ा उठाने के लिए इन्हीं अवैध वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे प्रशासनिक अमल की पोल खुल गई है। वहीं, लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट ने डीजीपी के आदेशों के बाद मोडिफाइड वाहनों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया है। स्पेशल डीजीपी ट्रैफिक एंड रोड सेफ्टी, पंजाब के आदेशों के तहत यह ड्राइव शुरू की गई, जिसमें ट्रैफिक पुलिस की टीमों ने अब तक 122 वाहन चालकों के चालान जारी किए हैं। इनमें गैरकानूनी साइलेंसर, एग्जॉस्ट सिस्टम, बदले हुए चेसिस और अनधिकृत मॉडिफिकेशन वाले वाहन शामिल हैं। एडीसीपी ट्रैफिक, गुरप्रीत कौर पुरेवाल (पीपीएस) ने बताया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और सड़कों पर अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
अपर बाजार में नक्शा का उल्लंघन कर बन रहा भवन किया जाएगा सील
रांची नगर निगम के अपर प्रशासक ने अपर बाजार में अग्रसेन पथ स्थित अशोक कुमार जैन के भवन को सील करने का निर्देश दिया है। जैन द्वारा नक्शा का उल्लंघन करके भवन का निर्माण किया जा रहा है। अपर प्रशासक के न्यायालय के निर्देश पर संबंधित भवन की जांच कराई गई थी। इसमें पाया गया कि उक्त भवन का नक्शा आवासीय स्वीकृत है,लेकिन वहां बेसमेंट,ग्राउंड फ्लोर के अलावा तीन तल्ले व्यवसायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है। 24 अक्टूबर को उक्त भवन का निर्माण बंद करने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रहा। रिपोर्ट मिलने पर भवन को सील करने का निर्देश दिया गया है। हरमू साकेत नगर में नाले के ऊपर अतिक्रमण, 19 को नोटिस हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में वार्ड 26 हरमू साकेत नगर में जल-जमाव की समस्या के निदान के लिए बुधवार को अपर प्रशासक के नेतृत्व में निगम की टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। पता चला कि अतिक्रमण की वजह से जल जमाव हो रहा है। 19 भवन मालिकों को नोटिस दिया गया जिसकी सुनवाई की जा रही है। इधर, अपर प्रशासक ने निगम के अमीन, अरगोड़ा अंचल के अमीन, अभियंत्रण शाखा के अभियंता एवं नगर निवेशक की एक संयुक्त टीम गठित कर क्षेत्र की जांच, मापी एवं विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एक सप्ताह के अंदर दें।
रांची को राज्य की सांस्कृतिक और रचनात्मक पहचान का प्रतीक बनाने के लिए कला को मिले उचित सम्मान
हरेन ठाकुर केवल एक कलाकार नहीं हैं; वे जीवन के एक मौन पर्यवेक्षक हैं, एक दार्शनिक हैं जिनका कैनवास एक आध्यात्मिक परिदृश्य बन जाता है। शांतिनिकेतन के एक छिपे हुए र| के रूप में, उनकी रचनात्मक यात्रा रवींद्रनाथ टैगोर की मानवतावादी परंपराओं में गहराई से निहित है। 1976 में झारखंड आना उनकी आत्मा की घर वापसी थी। यहां उन्होंने खुद को शहरी चकाचौंध से दूर आदिवासी जीवन की शांत और धीर-गंभीर लय में डुबो दिया। उन्होंने अपनी चित्रकला के माध्यम से रांची को देशभर में प्रतिष्ठित किया। विकास में इन बातों का भी हो ध्यान राज्य के विकास को प्राकृतिक संसाधनों और पारिस्थितिकी तंत्र के अनुरूप होना चाहिए, न कि उसे बाधित करनेवाला। आदिवासियों का सहज ज्ञान बहुमूल्य है। इसे अनुसंधान व आधुनिक शिक्षा प्रणालियों में शामिल किया जाना चाहिए। प्रकृति और पर्यावरण के बीच बने उनके पारंपरिक, इको-फ्रेंडली घरों को संरक्षित किया जाना चाहिए। चौराहों पर फव्वारे व स्मारक स्थापित किए जाने चाहिए दैनिक भास्कर झारखंड ने जब मुझे हमारे राज्य के भविष्य पर लिखने के लिए कहा, तो मुझे वास्तव में बहुत खुशी हुई, खासकर तब जब झारखंड 25 साल पूरे कर रहा है। मेरे विचार से राजधानी रांची को पूरे राज्य की सांस्कृतिक और रचनात्मक पहचान का प्रतीक बनाना हमारा मुख्य लक्ष्य होना चाहिए। सड़कों और सार्वजनिक दीवारों पर बिना किसी उचित प्रदर्शन, रंग योजना, या रचना के किए गए आदिवासी चित्रों को नियंत्रित किया जाए। हमारी पवित्र और जातीय आदिवासी कला को उसका उचित सम्मान और गरिमा मिलनी चाहिए। चौराहों पर केवल राजनीतिक नेताओं की मूर्तियों के बजाय, रचनात्मक मूर्तिकला, फव्वारे, भित्ति चित्र और स्मारक स्थापित किए जाने चाहिए। शिक्षा व स्वास्थ्य समाज की रीढ़, इन्हें विकसित किया जाए संस्थागत संरचना और विजनरी नेतृत्व : झारखंड के लिए एक सशक्त भविष्य का मार्गप्रशस्त करने हेतु एक समर्पित और निस्वार्थ नेतृत्व समूह की आवश्यकता है। इसके लिए दूरदर्शी राजनीतिक हस्तियों, उच्च-पदस्थ नौकरशाहों और समाज के रचनात्मक बुद्धिजीवियों की एक उच्च शक्ति प्राप्त कोर कमेटी का गठन होना चाहिए। सांस्कृतिक आधारभूत संरचना : पर्यटन व संस्कृति को राजस्व का मुख्य स्रोत बनाने के लिए ओडिशा के रघुराजपुर की तर्ज पर कलाकार ग्राम बनाया जाए, जो एक ही मंच पर बाजार सृजित कर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करे। सुरक्षा में स्थानीय भागीदारी : सांस्कृतिक लय को बनाए रखने के लिए संग्रहालय, आर्ट गैलरी, परफॉर्मेंस ऑडिटोरियम, ओपन-एयर थिएटर, अखड़ा व धुमकुड़िया भवन जैसे केंद्र महत्वपूर्ण हैं। शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्रों को समाज की रीढ़ मानते हुए इन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों पर विकसित किया जाना चाहिए। राजधानी का विस्तार: मेकॉन, सीएमपीडीआई, सीसीएल व अन्य क्षेत्रों को शामिल करते हुए रांची शहर का उचित योजना के साथ विस्तार किया जाना चाहिए। विजन 2040 झारखंड के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। नया झारखंड, नायक झारखंड झारखंड की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और रचनात्मक गौरव का संरक्षण जरूरी, इसके लिए निस्वार्थ नेतृत्व समूह की आवश्यकता
फील्ड गंज में दो हाई मास्ट लाइटों का उद्घाटन
लुधियाना| मार्केट एसोसिएशन से किए गए वादे को निभाते हुए सीनियर डिप्टी मेयर राकेश पराशर ने बुधवार को फील्ड गंज क्षेत्र में दो हाई मास्ट लाइटों का उद्घाटन किया। इस अवसर पर फील्ड गंज मार्केट एसोसिएशन के सदस्य और स्थानीय निवासी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सीनियर डिप्टी मेयर पराशर ने कहा कि इन हाई मास्ट लाइटों की स्थापना से क्षेत्र में रोशनी व्यवस्था में सुधार होगा, जिससे व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और जन सुरक्षा में भी इज़ाफ़ा होगा। इन दोनों हाई मास्ट लाइटों की स्थापना पर करीब 9 लाख रुपए की लागत आई है।
हरियाणा के पंचकूला में रह रहे पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के खिलाफ FIR करवाने वाले शमशुद्दीन चौधरी की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही हैं। शमशुद्दीन चौधरी को DIG हरचरण भुल्लर का दलाल बताते हुए शिकायत CBI को सौंपी गई है। पंजाब में मलेरकोटला के अनवर महबूब ने बुधवार को एक शिकायत DGP विजिलेंस ब्यूरो पंजाब व एसपी CBI चंडीगढ़ को सौंपी। इसमें कहा गया कि शमशुद्दीन चौधरी IPS भुल्लर के लिए दलाली करता था, जो भुल्लर के घर पर कबाब भी पहुंचाने का काम करता था। संगरूर में साल 2011 से 2013 तक हरचरण भुल्लर बतौर SSP तैनात रहे। शिकायत में आरोप है कि उसी दौरान शमशुद्दीन ने भुल्लर के लिए दलाली का काम किया। इससे पहले मलेरकोटला हाउस नाम से बने फेसबुक पेज पर शमशुद्दीन के खिलाफ पोस्ट डाली गई, जिसमें उन्हें लव-जिहाद करने वाला बताया गया। इस पेज पर मुस्तफा परिवार से जुड़ी जानकारियां साझा होती हैं। दैनिक भास्कर एप से बातचीत में शिकायतकर्ता अनवर महबूब ने कहा कि CBI अगर शमशुद्दीन चौधरी के खातों की जांच करेगी तो सारा कुछ क्लियर हो जाएगा। शमशुद्दीन चौधरी के पास बड़े पैमाने पर बेनामी संपत्ति है और उसकी कई कंपनियां दूसरों के नाम पर चल रही हैं। 6 मिनट की ऑडियो में क्या... ऑडियो में सुनाई दे रहा है कि एक शख्स किसी युवती से बात करते हुए शादी के लिए पूछ रहा है। युवती: परिवार के लोग नहीं मान रहे।शख्स: क्यों, मैं हिंदू हूं? युवती: नहीं वह बात नहीं है। तुम्हारी-हमारी ऐज में ज्यादा गैप है।शख्स: मेरी 1984 का बर्थ है। तुम कितने की हो?युवती: मैं तो 1995 की हूं। 11 साल का गैप है। शख्स: मेरे अंदर कोई नुक्स बता दो, फिर मैं मान लूंगा।युवती: नहीं मुझे नहीं कराना, तेरे साथ नहीं। शख्स: मेरे साथ क्यों नहीं करवाना?युवती: मैंने किसी के साथ नहीं करवाना। शख्स: तू एक काम कर, मेरे साथ बात जारी रख। जब तुझे लगे मैं ठीक हूं तो कर लेना।युवती: नहीं मुझे नहीं करना। शख्स: तुझे मेरे से कोई काम हो तो बताना।युवती: मुझे कोई काम नहीं करवाना तेरे से। शख्स: तू मेरे से खीझती क्यों है?युवती: नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। शख्स: तूने मुझे सताया क्यों हुआ है?युवती: मैंने नहीं सताया। शख्स: मैनू तेरे से प्यार हो गया।युवती: मुझे तो नहीं है। शमशुद्दीन चौधरी ने दी थी मर्डर की FIR27 अगस्त 2025 को पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसकी मां और बहन सहित उसका पूरा परिवार उसे मारने या झूठे मामले में फंसाने की साजिश रच रहा है। 16 अक्टूबर को पंचकूला में उसकी मौत हो गई थी। उस वीडियो को आधार बनाते हुए मलेरकोटला के शमशुद्दीन चौधरी ने पूर्व DGP मुस्तफा के परिवार के खिलाफ मर्डर की FIR दर्ज करवाई। 23 अक्टूबर को हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से इस मामले की जांच CBI को सौंपने का आग्रह किया था, और वर्तमान में इस मामले की जांच CBI द्वारा की जा रही है। मलेरकोटला पुलिस से मांगी सिक्योरिटीपूर्व DGP मुस्तफा के परिवार के खिलाफ FIR दर्ज करवाने वाले शमशुद्दीन चौधरी ने मलेरकोटला पुलिस से अपनी व परिवार के लिए सिक्योरिटी मांगी है। शमशुद्दीन चौधरी ने मलेरकोटला SSP को किए आवेदन में कहा है कि अगर उसके परिवार को कोई नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदारी पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा की होगी। इस पर पुलिस अभी जांच कर रही है कि वाकई उसे सुरक्षा की जरूरत भी है। CBI ने शुरू किए बयान दर्ज करनाअकील अख्तर डेथ केस में CBI शमशुद्दीन चौधरी के बयान दर्ज कर चुकी है। अब पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के नौकरों व सुरक्षाकर्मियों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। इसके लिए उन्हें नोटिस भी जारी हो चुका है, लेकिन अभी मुस्तफा फैमिली को जांच में शामिल नहीं किया है। 4 पॉइंट्स में दिया शमशुद्दीन ने दिया जवाब... ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढे़ं... पंचकूला में पूर्व DGP पर दर्ज मर्डर केस में ट्विस्ट:शिकायतकर्ता पर लव जिहाद का आरोप; मलेरकोटला हाउस पेज की पोस्ट में दावा पंचकूला में रह रहे पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा और उनके परिवार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराने वाले शमशुद्दीन चौधरी पर अब लव जिहाद का आरोप लगा है। यह आरोप मलेरकोटला हाउस नामक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट के माध्यम से लगाया गया है। पूरी खबर पढे़ं...
फरीदाबाद के मुस्लिम बहुल गांव धौज में बनी अल फलाह यूनिवर्सिटी टेरर मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद फंडिंग, प्रबंधन और कैंपस कल्चर पर सवाल खड़े हो गए हैं। जांच एजेंसियां अब यूनिवर्सिटी के 70 एकड़ के विशाल कैंपस को छान रही हैं। एजेंसियां को शक है कि यह यूनिवर्सिटी शिक्षा के नाम पर रेडिकलाइजेशन का सेंटर बनी है। कैंपस में 800 बेड का सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल भी है, जो 1997 में छोटे डिस्पेंसरी से शुरू हुआ । यहां मरीजों का मुफ्त इलाज होता है। अब यह अस्पताल और लैब्स जांच के केंद्र में हैं, क्योंकि संदेह है कि यहां विस्फोटक बनाने के लिए सामग्री का दुरुपयोग हुआ। यूनिवर्सिटी को दिल्ली के ओखला में रजिस्टर्ड अल-फला चैरिटेबल ट्रस्ट चलाता है। विवादों व जांच के दायरे में आने 4 दिन बाद यूनिवर्सिटी की ओर से आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर सफाई दी गई। यूनिवर्सिटी की उपकुलपति प्रो. भुपिंदर कौर आनंद की तरफ से बयान जारी किया गया। जिसमें कहा-पता चला है कि हमारे दो डॉक्टरों को जांच एजेंसियों द्वारा हिरासत में लिया गया है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी का इन व्यक्तियों से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि वे यूनिवर्सिटी में अपनी आधिकारिक भूमिकाओं में कार्यरत थे। अरब देशों से दान, FCRA रिकॉर्ड्स की कमीअल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के फाउंडर और चांसलर जवाहर अहमद सिद्दीकी हैं, जो अल फलाह इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। ट्रस्टी में उनके परिवार के सदस्य जैसे सुफयान अहमद सिद्दीकी और फरहीन बेग शामिल हैं, जो यूनिवर्सिटी में टीचर हैं। सिद्दीकी की डिजिटल प्रोफाइल सीमित है, लेकिन पुराने फ्रॉड और लीगल केसेज से जुड़े नाम सामने आए हैं। पिछले 10 सालों के फाइनेंशियल फाइलिंग्स और FCRA रिकॉर्ड्स सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं। FCRA पोर्टल पर ट्रस्ट का डेटा नहीं मिला। हालांकि यूनिवर्सिटी को अरब देशों से सालाना दान मिलता है। विदेशी फंडरेजर साल में एक बार कैंपस आते हैं। फंडिंग के दुरुपयोग के संदेह के चलते NIA अब विदेशी दान के स्रोतों की जांच कर रही है। विवादित बैकग्राउंड वाले फैकल्टी की भर्तीबोर्ड ऑफ गवर्नर्स में चांसलर जवाहर अहमद सिद्दीकी प्रमुख हैं, जबकि वाइस चांसलर प्रो. भूपिंदर कौर हैं। उनका प्रोफेशनल नेटवर्क शिक्षा और चैरिटी तक सीमित लगता है, लेकिन हालिया गिरफ्तारियों ने सवाल खड़ा किया है। तीन डॉक्टर डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. शाहीन सईद और डॉ. उमर नबी इस यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज से जुड़े थे। डॉ. निसार-उल-हसन, जो मेडिसिन डिपार्टमेंट में प्रोफेसर थे, इन्हें 2023 में JK LG द्वारा टेरर लिंक्स के लिए बर्खास्त किया गया था, फिर भी यहां भर्ती हो गए। जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से कई नाम पहले विवादित NGO या इस्लामिक एजुकेशनल नेटवर्क से जुड़े रहे। डॉ. उमर नबी को JK से रेडिकलाइजेशन के लिए निकाला गया था। प्रबंधन का सामाजिक नेटवर्क अल्पसंख्यक वेलफेयर पर केंद्रित है, लेकिन बैकग्राउंड चेक की कमी नजर आती है। हालांकि यूनिवर्सिटी ने बयान जारी कर कहा कि हमारे पास आरोपी से केवल प्रोफेशनल संबंध था। मेडिकल फैकल्टी में 20% जम्मू को डॉक्टरयूनिवर्सिटी UG, PG, डिप्लोमा और PhD कोर्स चलाती है। मेडिकल में MBBS (200 सीटें), MD/MS (50 सीटें), BDS, B.Pharm; इंजीनियरिंग में B.Tech (कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल, सिविल); सोशल साइंस में BA (इंग्लिश, उर्दू, हिस्ट्री, जर्नलिज्म)। हालांकि कोई कोर्स में डिफेंस, बायो-केमिकल रिसर्च या एक्सप्लोसिव से जुड़ा कंटेंट नहीं, लेकिन लैब्स में अमोनियम नाइट्रेट जैसी सामग्री संदेह के घेरे में है। मेडिकल फैकल्टी में JK से 20% से अधिक डॉक्टर हैं, जिनकी स्क्रीनिंग कमजोर पाई गई है। मॉयनोरिटी के लिए शुरूअल फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना 1997 में अल फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी, जो अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत संचालित है। यह ट्रस्ट 1995 में दिल्ली के ओखला में रजिस्टर्ड हुआ। 2014 में हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट के तहत इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला। कैंपस फरीदाबाद के धौज गांव में अरावली की तलहटी में फैला है, जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। शुरू में इसका उद्देश्य मेवात बेल्ट के अल्पसंख्यक और वंचित छात्रों को तकनीकी व मेडिकल शिक्षा देना था। यह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया का विकल्प बनने का दावा करता था। यूनिवर्सिटी का फोकस मेवात एरिया, जम्मू-कश्मीर व बिहार पर रहा है। यहीं के छात्र भी ज्यादा हैं। कैंपस कल्चर में इस्लामिक ग्रुप्स का रुझानकैंपस में इस्लामिक स्टूडेंट्स ग्रुप्स सक्रिय हैं, जो धार्मिक सेमिनार आयोजित करते हैं। अल फलाह स्कॉलरशिप स्कीम विदेशी स्टूडेंट़्स को फाइनेंशियल स्पोर्ट भी देती है। सेमिनारों में स्पीकर्स मुख्य रूप से शिक्षा और इस्लामिक स्टडीज पर होते हैं, लेकिन अब रेडिकलाइजेशन के आरोप लग रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल की आखिरी जांच 2019 में की। अब पढ़िए यूनिवर्सिटी के आधारिक बयान की 4 प्रमुख बातें
8 करोड़ से फोकल पॉइंट के फेज 1 से 8 की सड़कें होंगी रोशन, 2 हजार नई एलईडी लगेंगी
भास्कर न्यूज | लुधियाना नगर निगम अब जल्दी ही शहर के फोकल पॉइंट एरिया को पूरी तरह से रोशनी देगा। निगम ने करीब 8 करोड़ रुपए खर्च करते हुए फोकल पॉइंट की सभी मेन सड़कों पर नई स्ट्रीट लाइटें लगाने वाला है। इसका बाकायदा टेंडर लगाया जा चुका है। इसकी पुष्टि लाइट ब्रांच के एक्सईएन ने की है। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की लंबे समय से मांग थी कि यहां पर रात के समय कई जगहों पर लाइटें खराब हैं, जिसके कारण रात के समय कई घटनाएं तक हो चुकी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए करीब 2 हजार नई एलईडी लाइटें लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अलावा जो पुरानी लाइटें और पोल लगे हैं, उन्हें भी दुरुस्त किया जाएगा। जिससे फोकल पॉइंट के फेज 1 से लेकर 8 तक की सभी प्रमुख सड़कों पर अब रात के समय कभी अंधेरा नहीं रहेगा। इससे फायदा ये भी होगा कि इसकी मेंटीनेंस भी उसी कंपनी को काम सौंपा जाएगा, जिससे ये काम करवाया जाएगा। जबकि बिजली के बिल निगम खुद अदा करेगा। एलईडी लाइटें लगाने से बिजली की सेविंग से निगम को फायदा पहुंचेगा। अभी तक शहर में एलईडी लाइटें टाटा कंपनी की तरफ से लगाई गई थी, जबकि अब निगम अलग से टेंडर लगाकर जो भी इसमें हिस्सा लेकर बोली लगाएगा, उसे काम सौंपा जाएगा। फोकल पॉइंट के कारोबारी राहुल वर्मा ने बताया कि निगम के इस कदम से फोकल पॉइंट इंडस्ट्री में रात की शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों को बड़ी राहत रहेगी। क्योंकि फोकल पॉइंट एरिया में रात के समय जहां सड़कों पर अंधेरा रहता है, वहां पर लूट की घटनाएं काफी होती हैं। अब फोकल पॉइंट की सभी सड़कों पर रोशनी होने पर कर्मचारी को भी राहत होगी।
हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) अपने स्थापना दिवस पर प्रदेश में बड़ा राजनीतिक धमाका कर सकती है। जजपा 7 दिसंबर को स्थापना दिवस पर जुलाना में रैली करने जा रही है। इस रैली में प्रदेश के कई बड़े नेताओं को पार्टी JJP ज्वाइनिंग करवाकर माहौल बनाना चाहती है। जजपा की ओर से पार्टी में शामिल करवाने के लिए उन नेताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा। JJP स्थापना दिवस पर रणजीत चौटाला को पार्टी में शामिल करवाना चाहती है और उसके लिए वह जल्द ही पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला को निमंत्रण दे सकती है। इसकी पुष्टि करते हुए जजपा के यूथ प्रेसिडेंट दिग्विजय चौटाला ने बताया कि स्थापना दिवस पर जुलाना में बड़ा कार्यक्रम होगा और इसमें कई बड़े नेता पार्टी में शामिल होंगे। रणजीत चौटाला जी को भी निमंत्रण दिया जाएगा इस बारे में पार्टी के पदाधिकारी फैसला लेंगे। वहीं दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उनकी रणजीत चौटाला से अंतिम मुलाकात दिवाली पर हुई थी। उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं रणजीत चौटाला ने जजपा जॉइन करने की बात से इनकार करते हुए कहा कि अभी कहीं जाने का इरादा नहीं है। वह फरवरी या मार्च में हिसार में एक बड़ी रैली करेंगे, जिसमें वह वर्करों से पूछकर ही कोई फैसला करेंगे। 2018 में चौटाला परिवार में फूट पड़ीअक्टूबर 2018 में इनेलो (INLD) की गोहाना में रैली हुई थी। यहां ओमप्रकाश चौटाला और अभय चौटाला के सामने दुष्यंत चौटाला को अगला मुख्यमंत्री बनाने के नारे लगे। इस पर ओमप्रकाश चौटाला ने अनुशासनहीनता के आरोप में अपने बड़े बेटे अजय चौटाला और उनके 2 बेटों दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके बाद 2018 में INLD से अलग होकर उन्होंने जननायक जनता पार्टी बनाई। 2019 में विधानसभा चुनाव हुए तो JJP ने 10 सीटें जीती। चुनी गई सरकार के किंग मेकर बने और मात्र 31 साल की उम्र में दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम बने। इसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले BJP-JJP का गठबंधन टूट गया। लोकसभा चुनाव में JJP ने अपने प्रत्याशी उतारे, लेकिन सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इसके बाद 7 विधायक भी जजपा से बागी हो गए। इनेलो और जजपा का वोट बैंक कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हो गया था। विधानसभा चुनाव में रानिया में मदद कर चुकी जजपादरअसल, अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में सिरसा की रानियां विधानसभा से पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस दौरान उन्होंने जजपा की मदद ली थी। रणजीत चौटाला ने डबवाली से जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह चौटाला से मदद मांगी थी। इसके बाद रणजीत चौटाला ने डबवाली में दिग्विजय और उचाना में दुष्यंत चौटाला की मदद की थी। बदले में JJP ने रानिया से अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। साथ ही पार्टी ने रणजीत सिंह चौटाला की मदद भी की थी। हिसार में आमने-सामने चुनाव लड़ चुका परिवारइससे पहले, लोकसभा चुनाव में चौटाला परिवार हिसार सीट पर आमने-सामने था। यहां भाजपा ने रणजीत चौटाला, इनेलो ने सुनैना चौटाला और JJP ने नैना चौटाला को उम्मीदवार बनाया गया था। हालांकि, चौटाला परिवार का कोई सदस्य यह चुनाव नहीं जीत पाया। हिसार से कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी ने चौटाला परिवार को हरा दिया था। कांग्रेस में जाने की चर्चाएं भी चली थी, मगर निर्दलीय लड़ेपहला वाकया नहीं है जब रणजीत चौटाला की किसी पार्टी में जाने की चर्चाएं चली हों। 2024 विधानसभा चुनाव में उनके कांग्रेस में जाने की भी चर्चाएं चली थी। भाजपा ने पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला को टिकट देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में डेरा डाल लिया था। इसी बीच चर्चा चली थी कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि रणजीत चौटाला ने तब कहा था, 'मैं कांग्रेस में नहीं जा रहा। भाजपा में ही रहूंगा। भाजपा ने मुझे मान सम्मान दिया है।' इसके बाद वह निर्दलीय रानिया से चुनाव लड़े थे।
लुधियाना बनेगा अंतरराष्ट्रीय खेलों का केंद्र, फरवरी 2026 में होगी एशियन सॉफ्ट टेनिस चैंपियनशिप
भास्कर न्यूज | लुधियाना एक बार फिर लुधियाना अंतरराष्ट्रीय खेलों का केंद्र बनने जा रहा है। आगामी एशियन सॉफ्ट टेनिस चैंपियनशिप 8 फरवरी 2026 से लुधियाना में आयोजित की जाएगी। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में 34 देशों के करीब 800 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। यह आयोजन भारत की बढ़ती खेल क्षमता और पंजाब की खेल व्यवस्था का बड़ा प्रमाण माना जा रहा है। पंजाब सॉफ्ट टेनिस फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अनुमीत सिंह हीरा सोढी ने बताया कि इस चैंपियनशिप को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार से पूर्ण मंजूरी मिल चुकी है। हाल ही में उन्होंने इस विषय पर केंद्रीय खेल मंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात की, जिन्होंने आयोजन के सफल संचालन के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है। -प्रतियोगिता में 15, 18 और 21 वर्ष आयु वर्ग के लड़के और लड़कियां भाग लेंगे- अनुमीत सिंह हीरा सोढी ने कहा कि टूर्नामेंट की तैयारियां पहले ही शुरू कर दी गई हैं। आयोजन स्थल को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है ताकि खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों को सर्वश्रेष्ठ अनुभव मिल सके। प्रतियोगिता में 15, 18 और 21 वर्ष आयु वर्ग के लड़के और लड़कियां भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि जापान से विशेष प्रतिनिधिमंडल पंजाब पहुंचा है जिसने आयोजन स्थल का निरीक्षण किया और यहां की खेल व्यवस्थाओं की सराहना की। उनका कहना था कि भारत विशेष रूप से पंजाब, एशिया में सॉफ्ट टेनिस के उभरते केंद्र के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अनुमीत सिंह हीरा सोढी ने कहा, “यह आयोजन सिर्फ पंजाब के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है। यह टूर्नामेंट देश के खेल इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा और आने वाले वर्षों में पंजाब को अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों का हब बना देगा। जापान से आए प्रतिनिधिमंडल के साथ जानकारी साझा करते अनुमीत सोढी।
हरियाणा के फरीदाबाद में 2900 किलो विस्फोटक मिलने के मामले में 40 साल का इमाम इश्तियाक जांच एजेंसियों की हिरासत में है। इमाम मूलरूप से नूंह के गांव सिंगार का रहने वाला है। वह वर्षों से फरीदाबाद के धौज में रह रहा है। 20 साल पहले अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस से सटी मस्जिद में इमाम को नौकरी मिली। उसे मस्जिद में ही रहने को घर मिला। इसी दौरान डॉ. मुजम्मिल शकील के संपर्क में आया। डॉ. शकील पांचों वक्त का नमाजी था। इमाम से रिश्ता इतना गहरा हुआ कि कई बार उसके घर दावत पर भी आया। बताया जा रहा है कि डॉ. शकील जब पुलवामा में 15 दिन की छुट्टी बिताकर लौटा तो एक रात इमाम के घर पर ही बिताई। विस्फोटक छिपाने के लिए डॉ. शकील ने इमाम के फतेहपुरा तगा स्थित घर को चुना। इस घर से विस्फोटक बरामदगी के बाद ही इमाम को हिरासत में लिया गया। विस्फोटक को खाद की बोरियां बताकर रखा गया। जांच कर रही एजेंसियों ने अभी यह सार्वजनिक नहीं किया है कि क्या यह सिर्फ इसलिए कस्टडी में लिया है कि जहां से विस्फोटक मिला, वह घर इमाम का था। या फिर इस पूरे आतंकी मॉड्यूल में भी इमाम की कोई भी भूमिका मिली है? इमाम की नूंह से शिफ्ट होने से लेकर आतंकी कनेक्शन तक की कहानी... इस्लामिक पढ़ाई की, कभी स्कूल नहीं गयाइमाम इश्तियाक मूलरूप से नूंह जिले के गांव सिंगार का है। इश्तियाक ने झिमरावट के मदरसे से इस्लामिक पढ़ाई की थी। स्कूल वह कभी नहीं गया। उसके 3 और भाई हैं। इन तीनों भाइयों ने हज यात्रा नहीं की है। इश्तियाक का झुकाव शुरू से ही धर्म की तरफ रहा। वह कट्टर भी है। गांव के सरपंच साकित खान ने दैनिक भास्कर एप को बताया इश्तियाक पहले गांव में तीनों भाइयों के साथ ही रहता था। परिवार दिहाड़ी-मजदूरी करने वाला ही है। करीब 2 दशक पहले इश्तियाक बीवी के साथ फरीदाबाद के धौज में शिफ्ट हो गया। धौज में ही अल-फलाह यूनिवर्सिटी है। यूनिवर्सिटी कैंपस में बड़ी मस्जिद, उसी में इमाम लगा अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस से सटी बड़ी मस्जिद है। इश्तियाक को इसी में इमाम की नौकरी मिली। इमाम के भाई मुबीन ने बताया कि इश्तियाक 2005 में अल-फलाह यूनिवर्सिटी की मस्जिद में पढ़ाने के लिए गया था। इसके बाद पूरे परिवार को अपने साथ ले गया। वह मस्जिद में बने एक छोटे से कमरे में रहता था। उसके 4 बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियां हैं। पत्नी मूलरूप से राजस्थान की है। वह भैंस भी पालता था, जिनका दूध वह यूनिवर्सिटी में डॉक्टरों को सप्लाई करता था। 9 हजार रुपए पगार, सरपंच बोले- गांव कम ही आता थावर्तमान में इमाम की पगार करीब 9000 महीना थी। हालांकि, उसे मस्जिद के पास ही रहने के लिए छोटा सा मकान मिला, जिसमें वह बीवी व 4 बच्चों के साथ रहता है। सरपंच साकित खान बताते हैं कि फरीदाबाद शिफ्ट होने के बाद इश्तियाक कभी-कभार ही गांव में दिखा। उसका चेहरा भी ठीक से याद नहीं। अब जब पुलिस ने उसे हिरासत में लिया, तब उसके गांव में चर्चे छिड़े। भाई मुबीन ने बताया कि इश्तियाक करीब 15 दिन पहले नूंह में हुए इस्लामिक जलसे में आया था। इसके अलावा वह बीच-बीच में मां को देखने के लिए आता रहता है। पिता का इंतकाल हो चुका है। परिवार के लोगों को नहीं पता कि उसका संपर्क किससे था। इमाम की डॉ. मुजम्मिल से ऐसे बढ़ी करीबी...
हरियाणा में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन एकता पदयात्रा’ आज (13 नवंबर) को छठा एवं आखिरी दिन है। आज यात्रा होडल अनाज मंडी से चलेगी। होडल अनाज मंडी से यात्रा सुबह 8 बजे के करीब शुरू होगी। दोपहर बाद बॉर्डर को क्रॉस कर जाएगी। यात्रा पिछले 5 दिनों से हरियाणा में है। आज यात्रा करीब 8 किलोमीटर चलेगी। इसके बाद यात्रा उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। बुधवार को धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा के दौरान अचानक तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें 100 डिग्री बुखार था। वे सड़क पर ही लेट गए थे। डॉक्टरों ने उनका वहीं पर इलाज किया और उन्हें 2 दिन आराम करने की सलाह दी थी। लेकिन धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी यात्रा जारी रखी। इस बीच रास्ते में मुस्लिम सरपंच ने उनका स्वागत किया था। यहां शास्त्री ने उन्हें कहा कि तुम्हारी कौम पर हर बार सवाल उठता है। आप अपने युवाओं को समझाइए। अपनी शिक्षा नीति में बदलाव लाइए। वहीं, बुधवार को ही BJP विधायक हरेंद्र सिंह का एक बयान वायरल हुआ। उनसे सवाल किया गया कि वे दिल्ली में कार ब्लास्ट पर क्या कहना चाहेंगे? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि ये कुछ लोगों की मानसिकता है। ऐसे छोटे-मोटे ब्लास्टों से कुछ होने वाला नहीं है।
भिवानी जिले के गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी करीब 19 वर्षीय लेडी टीचर मनीषा के शव को मिले हुए आज पूरे 3 महीने हो चुके हैं। मनीषा का शव गांव सिंघानी के खेतों में 13 अगस्त को पड़ा हुआ मिला था। वहीं अब मनीषा मौत मामले में जांच तेज करने और परिवार के मामले जांच कहां तक पहुंची यह स्पष्ट करने की मांग को लेकर 30 नवंबर को गांव ढाणी लक्ष्मण में धरना दिया जाएगा और भूख हड़ताल की जाएगी। इधर, मनीषा के पिता संजय ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। CBI जांच में देरी होगी तो केस ढीला होगा। वहीं रफा-दफा करने का भी डर है। मनीषा के पिता संजय से बातचीत पत्रकार : अप तक कि CBI की जांच में आपको क्या बताया गया है?संजय : CBI की जांच में कुछ बताया तो नहीं गया। लेकिन CBI के ऑफिसर यह कह रहे हैं कि जांच सही और स्टीक दिशा में चल रही है। पत्रकार : अब परिवार की तरफ से क्या मांग है?संजय : हम तो मांग यही करते हैं कि बेटी को जल्दी से जल्दी न्याय मिले। जिन्होंने यह घिनौना जो कांड हमारी बेटी के साथ इतना बड़ा अपराध किया है। वो दरिंदे बाहर आएं। CBI से उम्मीद करते हैं कि उनको जल्दी से जल्दी बाहर निकालकर लाएं। उनको कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। पत्रकार : CBI की जांच शुरू हुए दो-तीन महीने हो चुके हैं, क्या लग रहा है?संजय : CBI की जांच हम चाहते हैं कि तेजी से काम करे। अगर धीरे-धीरे काम करेगी तो हम तो गरीब घर से हैं और परिवार हमारा गरीब है। इतना ही बड़ा गांव है हमारा। जितना टाइम लगेगा उतना केस हमारा ढीला होता जाएगा। लोग सोचेंगे केस को बाद में रफा-दफा कर दिया जाएगा। हम किसके सहारे रहेंगे। हम किससे उम्मीद करेंगे। पत्रकार : मनीषा करीब 3 माह पहले लापता हुई और शव मिला?संजय : मनीषा लापता नहीं हुई, सीधा मर्डर हुआ है। लापता तो 11 तारीख को हुई थी, इसके बाद 13 तारीख को सीधी डेड बॉडी ही मिली है। पत्रकार : अभी तक CBI ने कुछ बताया हो या रिपोर्ट आई हों?संजय : नहीं बताया। लेकिन रिपोर्ट तो आई होगी, दिल्ली एम्स की रिपोर्ट मिली होगी और अन्य खुद की रिपोर्ट भी मिली होंगे। खुद भी तथ्य निकाले होंगे। पत्रकार : CBI से अंतिम बार कब बात हुई थी और क्या बताया था?संजय : दीपावली से पहले बात हुई थी। वे कह रहे हैं कि हम काम कर रहे हैं और सही दिशा में जा रहे हैं। पत्रकार : परिवार अभी तक CBI की जांच से कितना संतुष्ट है?संजय : परिवार CBI की जांच से संतुष्ट है। लेकिन कितने दिन तक चलेगा इस तरीके से। हम तो यह चाहते हैं कि CBI हमें जल्दी से जल्दी न्याय दे। इसलिए हमारी एक मीटिंग हुई थी। पत्रकार : अभी तक किसी आरोपी का नाम बताया गया हो?संजय : नहीं बताया गया। पत्रकार : आपको क्या लगता है?संजय : हम तो शुरुआत से ही कह रहे हैं कि आइडियल कॉलेज में गई है हमारी बेटी। आइडियल कॉलेज में ही हुआ होगा यह काम। पत्रकार : CBI ने परिवार से कितनी बार पूछताछ की?संजय : परिवार से तीन-चार बार पूछताछ की है। वहीं पूरे परिवार को इकट्ठे में ही पूछताछ की है। पत्रकार : 30 नवंबर को धरने के लिए और क्या मांग हैं?संजय : मांग है कि हमारी बेटी के मामले में सरकार CBI से कहे कि इस मामले में जल्दी से जल्दी खुलासा करे। धरने पर जितने भी लोग आएंगे और हमारा पूरा परिवार उपवास पर रहेगा। 30 नवंबर को देंगे धरनामंगलवार को गांव ढाणी लक्ष्मण में पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास के गांवों के लोग और मनीषा का परिवार शामिल हुआ। वहीं पंचायत ने चर्चा के बाद फैसला लिया कि 30 नवंबर को गांव में धरना दिया जाएगा। पंचायत में फैसला हुआ कि धरने मे शामिल लोग भूख हड़ताल भी करेंगे। मनीषा का परिवार भी शामिल होगा। पंचायत में शामिल लोगों ने मांग की कि CBI जांच में जो भी अपडेट चल रहा है, उन्हें इसकी पूरी जानकारी दी जाए। साथ ही जांच भी तेज की जाए। 11 अगस्त को लापता हुई, 13 को लाश मिलीगांव ढाणी लक्ष्मण निवासी संजय ने बताया था कि उसकी बेटी मनीषा 11 अगस्त को प्ले स्कूल में ड्यूटी पर गई थी। इसके बार वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जाने की बात कहकर गई थी। जिसके बाद मनीषा घर नहीं लौटी। इसके बाद 13 अगस्त को मनीषा का शव गांव सिंघानी के खेतों में पड़ा हुआ मिला। इसके बाद परिवार ने हत्या का आरोप लगाया और पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। लोगों ने मनीषा को न्याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन किया। वहीं 18 अगस्त को पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया। इसके बाद लोगों का विरोध बढ़ गया। बढ़ते आंदोलन को देखते हुए मनीषा का तीसरी बार दिल्ली एम्स में पोस्टमॉर्टम करवाया और जांच CBI को सौंप दी। CBI कर रही मामले की जांचमनीषा की मौत मामले में CBI की जांच जारी है। टीम जांच के लिए 3 बार भिवानी आ चुकी है और अपने स्तर पर जांच कर चुकी है। वहीं CBI की टीम 27 अक्टूबर सोमवार को भिवानी से दिल्ली लौट गई। इसके बाद दिल्ली में ही रहकर जांच कर रही है। लेकिन CBI की तरफ से अभी तक कोई ऑफिशियल जानकारी साझा नहीं की गई।
हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र नारनौल में आज पूर्व सांसद चौ. बृजेंद्र सिंह की सद्भाव यात्रा पहुंचेगी। इस यात्रा के पहुंचने पर कई जगह स्वागत कार्यक्रम होगा। वहीं शहर के बीचों बीच से यह यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा एक दिन नारनौल विधानसभा क्षेत्र में रहेगी। आपको बता दें कि पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की सद्भाव यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत राजस्थान के बॉर्डर पर स्थित गांव राय मलिकपुर से मंगलवार को हुई थी। जिसके बाद यात्रा मंगलवार और बुधवार को नांगल चौधरी विधानसभा के गांवों से गुजरी। यहां पर यात्रा का अनेक जगह स्वागत हुआ। आज पहुंचेगी नारनौल यह यात्रा आज कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र नारनौल में आज पहुंचेगी। नारनौल विधानसभा में भी यात्रा दो दिनों तक रहेगी। जिसके तहत पहले दिन यात्रा शहर में रहेगी। शहर नारनौल में यात्रा की शुरुआत चितवन वाटिका से सुबह करीब 10 बजे होगी। इसके बाद यह यात्रा शहर में रहेगी। यह रहेगा सद्भाव यात्रा का रुट शहर में सद्भाव यात्रा का रुट चितवन वाटिका, महावीर चौक, पुल बाजार, मानक चौक, आजाद चौक, किलारोड, अनाज मंडी, राजीव गांधी चौक, अग्रसेन चौक, गोशाला रोड, सीएल फॉर्म हाउस, गांव पटीकरा होते हुए शाम को गांव नीरपुर में समाप्त होगी। इसके बाद रात का विश्राम सीएल फॉर्म हाउस में होगा।
पंजाब यूनिवर्सिटी (PU), चंडीगढ़ में सीनेट इलेक्शन की तारीख को लेकर चल रहे प्रदर्शन में खालिस्तानी घुसपैठ की कोशिश में हैं। वह स्टूडेंट यूनियन के नेताओं के बयानों को खालिस्तान से जोड़ रहे हैं। यही नहीं, विदेश में बैठकर धमकी भी दे रहे हैं कि अगर इन्हें अरेस्ट किया तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खालिस्तान समर्थकों ने एक 2 मिनट 28 सेकेंड का वीडियो वायरल किया है। जिसमें वह स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन सथ के अध्यक्ष और पंजाब यूनिवर्सिटी कौंसिल के चुने गए उपाध्यक्ष अशमीत सिंह की तारीफ कर रहे हैं। अशमीत के पंजाब और सिख हितों के बयानों पर समर्थन जता रहे हैं। यही नहीं, घुसपैठ के लिए वह दीप सिद्धू और सिद्धू मूसेवाला का भी नाम ले रहे हैं, ताकि वह तुरंत यूथ की नजर में आ सकें। हालांकि इनके कुछ चैनल भारत में बैन किए गए हैं। जिस संगठन खालिस्तान कोकस फाउंडेशन (KCF) की तरफ यह वीडियो जारी किया गया है, वह खालिस्तान समर्थक माना जाता है। जानिए, खालिस्तानी वीडियो में क्या कह रहे.. कौन है अशमीत सिंहअशमीत सिंह पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ लीगल स्टडीज का स्टूडेंट है। वह स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन सथ का अध्यक्ष है। उसे 2025 में पंजाब यूनिवर्सिटी कौंसिल के हुए चुनाव में उपाध्यक्ष चुना गया था। वह एक्टिविस्ट जसवंत सिंह खालड़ा को अपना आदर्श बताता है। हाल ही में गुरु तेग बहादुर जी की जयंती पर सेमिनार में जसवंत सिंह खालड़ा के भाई अमरजीत सिंह खालड़ा और अजमेर सिंह को वक्ता के तौर पर निमंत्रित किया था, जिस कारण यूनिवर्सिटी ने उन्हें सेमिनार करवाने के लिए इजाजत नहीं दी थी। इसके बावजूद सथ की तरफ से यह सेमिनार करवाया गया था। ------------- ये खबर भी पढ़ें... चंडीगढ़ PU में स्टूडेंट्स का प्रदर्शन, गेट तोड़ यूनिवर्सिटी में घुसे, पुलिस ने लाठीचार्ज किया; किसानों ने बैरिकेड तोड़ा चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट इलेक्शन की तारीख अनाउंस करने की मांग को लेकर सोमवार को बवाल हुआ। किसानों ने स्टूडेंट्स के साथ मिलकर मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर आने-जाने वाली सारी सड़कें जाम कर दीं। इस वजह से बच्चों को स्कूल से लाने वाले पेरेंट्स भी फंस गए। पूरी खबर पढ़ें...
ऊर्जा विहार क्षेत्र में हुई नकबजनी की वारदात में पुलिस ने चोरी किए गए सोने-चांदी के जेवर खरीदने वाले आरोपी लक्ष्मण सोनी को गिरफ्तार किया है। इससे पहले इस प्रकरण में मुख्य आरोपी चन्द्रप्रकाश उर्फ मोगली उर्फ चन्दु को गिरफ्तार कर उससे करीब 25 तोला सोना और सवा किलो चांदी के आभूषण बरामद किए गए थे। ये है मामला ऊर्जा विहार निवासी ईश्वरलाल पुत्र सोहनलाल सुथार ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में रिपोर्ट 5 सितम्बर 2025 को अपने परिवार सहित पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने माता का थान गए हुए थे। शाम करीब 6.30 बजे लौटने पर घर का ताला टूटा मिला। अंदर प्रवेश करने पर घर का सारा सामान अस्त-व्यस्त पाया गया और अलमारी से सोने-चांदी के आभूषण व ₹1.80 लाख नकद चोरी मिले। अज्ञात चोर सोने के रखड़ी सेट, कंगन, पेंडल सेट, टोपस, अंगूठियां, कुल करीब 40 तोला सोना, 20 जोड़ी चांदी की पायल, मूर्तियां, तुलसी, लोटा, गले का रोट व दो जेंट्स घड़ियां चुरा लिया। रिपोर्ट के बाद पुलिस ने वारदात के बाद सुराग जुटाकर मुख्य आरोपी चन्द्रप्रकाश को गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर बड़ी मात्रा में चोरी किया गया माल बरामद हुआ। पहले भी खरीदी थी चोरी की ज्वेलरी प्रकरण में चोरी किए गए जेवर खरीदने वाले आरोपी लक्ष्मण सोनी (42) पुत्र हंसराज सोनी निवासी गली नंबर 1, परिहार नगर, भदवासिया थाना माता का थान, जोधपुर पूर्व को दस्तयाब कर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि आरोपी लक्ष्मण सोनी पूर्व में भी इसी प्रकार की चोरी के माल की खरीद-फरोख्त के मामलों में थाना बनाड़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।
हरियाणा में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन एकता पदयात्रा’ आज (13 नवंबर) को छठा एवं आखिरी दिन है। आज यात्रा होडल अनाज मंडी से चलेगी। होडल अनाज मंडी से यात्रा सुबह 8 बजे के करीब शुरू होगी। दोपहर बाद बॉर्डर को क्रॉस कर जाएगी। यात्रा पिछले 5 दिनों से हरियाणा में है। आज यात्रा करीब 8 किलोमीटर चलेगी। इसके बाद यात्रा उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। बुधवार को धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा के दौरान अचानक तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें 100 डिग्री बुखार था। वे सड़क पर ही लेट गए थे। डॉक्टरों ने उनका वहीं पर इलाज किया और उन्हें 2 दिन आराम करने की सलाह दी थी। लेकिन धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी यात्रा जारी रखी। इस बीच रास्ते में मुस्लिम सरपंच ने उनका स्वागत किया था। यहां शास्त्री ने उन्हें कहा कि तुम्हारी कौम पर हर बार सवाल उठता है। आप अपने युवाओं को समझाइए। अपनी शिक्षा नीति में बदलाव लाइए। वहीं, बुधवार को ही BJP विधायक हरेंद्र सिंह का एक बयान वायरल हुआ। उनसे सवाल किया गया कि वे दिल्ली में कार ब्लास्ट पर क्या कहना चाहेंगे? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि ये कुछ लोगों की मानसिकता है। ऐसे छोटे-मोटे ब्लास्टों से कुछ होने वाला नहीं है।
पंजाब से आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद व पर्यावरणविद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने लुधियाना में बुड्ढा दरिया की सफाई को लेकर अफसरों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 650 करोड़ रुपए दिए, इसके बाद भी सफाई नहीं हुई। इसके लिए DC और नगर निगम कमिश्नर जिम्मेदार हैं। अफसर काम नहीं करते और बदनामी सरकार की हो रही है। सरकार तब दोषी होती अगर सरकार पैसे नहीं देती। सांसद संत बलबीर सिंह सींचेवाल का कहना है कि तमाम सिस्टम होने और सरकार की तरफ से पैसे जारी होने बावजूद अगर काम नहीं हो रहा है तो नगर निगम का कमिश्नर व जिले के DC पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अफसरों की मानसिकता बन गई है कि हमें क्या? उन्हें नहीं पता कि इस पानी को लोग मालवा व राजस्थान में पीते हैं। इन्हें किसने अधिकार दिया है कि वो गंदगी लोगों को पीने के लिए सप्लाई करें। सांसद संत सीचेवाल की अहम बातें... सतगुरु उदय सिंह ने भी अफसरों को ठहराया था जिम्मेदार650 करोड़ रुपए का बुड्ढा दरिया कायाकल्प प्रोजेक्ट शुरू हुआ था तो उस समय कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने श्री भैणी साहिब के प्रमुख सतगुरु उदय सिंह को कैबिनेट रैंक देकर दरिया की सफाई की देखरेख करने का जिम्मा सौंपा था। उन्होंने भी कारसेवा करके दरिया को साफ करने की कोशिश की। वो उस समय अफसरों को कहते रहे कि डेयरियों का गोबर दरिया में गिरने से रोको लेकिन अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कई बार अफसरों की शिकायत मुख्यमंत्री तक की पर तात्कालिक अफसरों ने भी इस पर कोई काम नहीं किया। उसके बाद उन्होंने भी बुड्ढा दरिया की सफाई के प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए।
मालवा कॉलेज में सजी रंगों की दुनिया
भास्कर न्यूज | लुधियाना सिविल लाइंस स्थित मालवा सेंट्रल कॉलेज ऑफ एजुकेशन फॉर वुमन की फाइन आर्ट सोसाइटी ने 10 से 12 नवम्बर तक एक कला और शिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया। प्रदर्शनी में पेंटिंग, कैलीग्राफी, फूलदान और मिट्टी के बर्तनों की सजावट, मंडला आर्ट, रंगोली मैट्स और ट्रे डेकोरेशन जैसे विभिन्न कला रूपों को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कॉलेज की प्रभारी प्राचार्या डॉ. त्रिप्ता ने संकाय सदस्यों के साथ किया। उन्होंने स्टूडेंट्स के प्रयासों की सराहना की। यह प्रदर्शनी स्टूडेंट्स के लिए स्वयं को अभिव्यक्त करने, अपनी रचनात्मकता को खोजने और कॉलेज समुदाय के साथ अपनी कला के प्रति प्रेम साझा करने का एक उत्कृष्ट मंच साबित हुई।
क्रिएटिव क्लब के मेंबर्स ने खेल, संगीत और स्वाद का लिया भरपूर आनंद
लुधियाना। क्रिएटिव लेडीज क्लब की मेंबर्स ने साड्डा पिंड में दिनभर मस्ती और पंजाबी रंग में डूबकर पिकनिक का आनंद लिया। सभी मेंबर्स पारंपरिक लुक में पहुंचीं और गांव की संस्कृति से रूबरू हुईं। पिकनिक का आगाज बस में हुई म्यूजिकल एंट्री के साथ हुआ, जहां अंताक्षरी, डांस और मस्ती का दौर चलता रहा। साड्डा पिंड पहुंचकर मेंबर्स ने गांव की लोक संस्कृति को करीब से महसूस किया। यहां उन्होंने पारंपरिक खेलों में हिस्सा लिया, मिट्टी के बर्तन बनाने की कला देखी और ढोल की थाप पर भांगड़ा गिद्दा करते हुए खूब मस्ती की। गांव के माहौल में सजे देसी पकवान मक्की दी रोटी, सरसों दा साग और लस्सी ने पिकनिक का स्वाद और बढ़ा दिया। क्लब की मेंबर्स ने कहा कि इस तरह के स्थान न सिर्फ मनोरंजन का जरिया हैं, बल्कि अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर भी देते हैं। पूरे दिन चली इस पिकनिक में मेंबर्सने आपसी मेलजोल बढ़ाया, गेम्स खेले, फोटोज क्लिक कीं और खूबसूरत यादें संजोईं। दिन का समापन हंसी, संगीत और दोस्ती के रंगों से सराबोर माहौल में हुआ।
त्वचा की निखार का प्राकृतिक राज़ बना बाजरा
भास्कर न्यूज | लुधियाना सर्दियों के मौसम में जहां शरीर को अंदर से पोषण की जरूरत होती है, वहीं त्वचा की देखभाल के लिए भी प्राकृतिक उपाय बेहद प्रभावी माने जाते हैं। ऐसा ही एक पारंपरिक और पोषक तत्वों से भरपूर अनाज है बाजरा, जो न केवल खाने में फायदेमंद है बल्कि त्वचा के लिए भी बेहद उपयोगी माना जाता है। बाजरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, अमीनो एसिड्स, जिंक, आयरन, विटामिन बी कॉमप्लेक्स और मिनरल्स त्वचा को मुलायम, चमकदार और ग्लोइंग बनाए रखने में मदद करते हैं। यह त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है और डेड स्किन सेल्स को हटाकर नेचुरल ग्लो प्रदान करता है। बाजरा पूरी तरह से प्राकृतिक है और हर प्रकार की त्वचा के लाभदायक भी है। अगर बाजरे के आटे का उपयोग फेस पैक 3या स्क्रब के रूप में किया जाए, तो यह त्वचा को मुलायम, साफ और हेल्दी बनाता है। इसमें मौजूद फाइबर और मिनरल्स स्किन को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं, जिससे ब्लैकहेड्स और टैनिंग जैसी समस्याएं दूर होती हैं। बाजरे में पाया जाने वाला आयरन और जिंक त्वचा की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है, जिससे त्वचा पर प्राकृतिक निखार आता है। साथ ही, यह झुर्रियां और झाइयां कम करने में सहायक होता है, जिससे त्वचा टाइट और यंग बनी रहती है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण स्किन इंफेक्शन, एक्ने को कम करने में और क्लियर स्किन देने में मदद करते है। बाजरा को लगाने के तरीके: {फेसपैक: बाजरे का फेसपैक बनाने के लिए एक चम्मच बाजरे का आटा लें। उसमें एक चम्मच दही और आधा चम्मच शहद मिलाएं। इस घोल को चेहरे पर 15 मिनट लगाएं। 15 मिनट पूरे हो जाने के बाद मुंह को हल्के गुनगुने पानी से धो लें। {स्क्रब: बाजरे के आटे में गुलाबजल मिलाकर एक घोल तैयार करें। उस घोल को चेहरे पर हल्के हाथ से मसाज करें। मसाज को भी 15 मिनट तक करें और उसके बाद पानी से धो लें। इससे डेड स्किन और टैनिंग हटेगी। {रोजाना केयर: फेसपैक या स्क्रब को हफ्ते में 1 या 2 बार इस पैक का इस्तेमाल करें। इसकी मदद से त्वचा को प्राकृतिक चमक और नरमी मिलती है।

