छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक प्राइवेट स्कूल के 5 साल के छात्र को पेड़ पर लटकाने वाली टीचर नाबालिग है। टीचर के बारहवीं के सर्टिफिकेट में दर्ज जन्मतिथि के मुताबिक उसकी उम्र 18 साल पूरी नहीं हुई है। सूरजपुर DEO ने जांच के बाद स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है। वहीं पुलिस ने भी निजी स्कूल संचालक के खिलाफ FIR दर्ज किया है। इस मामले को हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई की थी और चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने स्कूल शिक्षा सचिव से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा था। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद स्कूल प्रशासन के खिलाफ एक्शन लिया गया है। स्कूल के 60 से अधिक बच्चे दूसरे स्कूल में शिफ्ट किए जाएंगे। होमवर्क नहीं करने पर टीचर ने लटकाया दरअसल, यह मामला नारायणपुर के हंसवानी विद्या मंदिर का है। 24 नवंबर को यहां नर्सरी क्लास की टीचर ने बच्चों का होमवर्क चेक किया। केजी 2 के एक छात्र ने अपना होमवर्क नहीं किया था, जिसे टीचर ने सजा के तौर पर क्लास से बाहर निकाल दिया और उसे स्कूल परिसर में एक पेड़ पर रस्सी के सहारे लटका दिया था। रस्सी के सहारे बच्चा घंटों लटकता रहा। टीचर भी नाबालिग, संचालक के खिलाफ FIR बच्चे को पेड़ से लटकाने के बाद प्रशासन ने स्कूल की जांच कराई। हंसवानी विद्या मंदिर में जिस टीचर ने बच्चे को पेड़ से लटकाया था, वह भी नाबालिग है। टीचर ने साल 2020 में हाईस्कूल की सर्टिफिकेट परीक्षा हायर सेकेंडरी स्कूल देवनगर से पास की थी। दसवीं की अंकसूची में उसकी जन्मतिथि 02 दिसंबर 2007 दर्ज है। टीचर ने वर्ष 2022 में बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की और वर्तमान में कॉलेज की पढ़ाई करने के साथ ही वह निजी स्कूल में बतौर टीचर काम कर रही थी। अंकसूची में दर्ज जन्मतिथि के अनुसार टीचर की आयु 02 दिसंबर 2025 को 18 वर्ष पूर्ण होगी। 18 वर्ष पूर्ण होने के पहले ही उसे निजी स्कूल ने नौकरी में रख लिया था। स्कूल संचालक के खिलाफ मामला दर्ज मामला संज्ञान में आने के बाद परिजनों ने स्कूल पहुंचकर हंगामा किया था। डीईओ सूरजपुर द्वारा गठित जांच टीम के साथ ही रामानुजनगर पुलिस ने भी स्कूल पहुंचकर जांच की एवं परिजनों का बयान लिया। मामले में पुलिस ने स्कूल में संचालक सुभाष शिवहरे के खिलाफ धारा 127 (2) एवं किशोर न्याय बोर्ड की धारा 75, 82 के तहत अपराध दर्ज किया है। स्कूल की मान्यता रद्द, दूसरे स्कूल में शिफ्ट होंगे बच्चे हाईकोर्ट की सख्ती एवं डीपीआई से मिले निर्देश के बाद सूरजपुर डीईओ अजय कुमार मिश्रा ने हंसवानी विद्या मंदिर की मान्यता रद्द कर दी है। स्कूल में केजी 1 से लेकर आठवीं तक 60 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल की मान्यता रद्द करने की जानकारी डीपीआई रायपुर को भेज दी गई है। इन बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि क्षेत्र के पेरेंट्स स्कूल को बंद करने के पक्ष में नहीं थे। अभिभावकों ने विधायक भूलन सिंह मरावी के समक्ष स्कूल को यथावत संचालित करने की मांग रखी। विधायक ने सूरजपुर कलेक्टर को फोन भी किया, लेकिन कलेक्टर ने उन्हें बताया कि मान्यता रद्द की जा चुकी है। संचालक सरकारी स्कूल में गेस्ट टीचर हंसवानी विद्या मंदिर का संचालन करने वाले सुभाष शिवहरे स्वयं सरकारी स्कूल में गेस्ट टीचर हैं। उनकी नियुक्ति रामानुजनगर क्षेत्र में है। उन्होंने निजी स्कूल का रजिस्ट्रेशन कराया और स्कूल का संचालन किया जा रहा था। बताया गया है कि स्कूल संचालन के लिए तय मापदंडों की अनदेखी एवं शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण स्कूल की मान्यता रद्द की गई है। मामले में बीईओ रामानुजनगर डीएस लकड़ा ने विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश की थी। .......................... इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें... होमवर्क नहीं करने पर स्टूडेंट को पेड़ से लटकाया...VIDEO: परिजनों का हंगामा, संचालक बोला-सिर्फ डराने के लिए सजा दी, टीचर रोते हुए बोली-गलती हो गई छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में एक प्राइवेट स्कूल में केजी-टू के छात्र (5 वर्ष) को होमवर्क न करने पर टीचर ने घंटों पेड़ से लटकाए रखा। घटना का वीडियो सामने आने के बाद पेरेंट्स का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में परिजनों ने स्कूल के बाहर हंगामा कर दिया। पढ़ें पूरी खबर...
पलवल में ऑटो पलटने से व्यक्ति की मौत:ड्यूटी से लौटते समय हादसा; 7 दिन बाद इलाज दौरान तोड़ा दम
पलवल जिले में ड्यूटी खत्म कर अपने गांव लौट रहे एक व्यक्ति की ऑटो पलटने से मौत हो गई। यह हादसा ऑटो ड्राइवर की लापरवाही के कारण हुआ। पुलिस ने मृतक के साले की शिकायत पर अज्ञात ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हादसा 19 नवंबर को घटित हुआ था। गांव जाने के लिए पकड़ा था ऑटो मुंडकटी थाना प्रभारी तेजपाल ने बताया कि मथुरा (यूपी) के कोटा-घरौरा गांव के भगवान सिंह ने यह शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के अनुसार, उनके जीजा 45 वर्षीय मदन सिंह, जो मथुरा (यूपी) के सैदपुर गांव के रहने वाले थे, पलवल में नौकरी करते थे। 19 नवंबर को नौकरी से छुट्टी के बाद मदन सिंह पलवल से अपने गांव के लिए ऑटो में सवार हुए थे। नेशनल हाईवे-19 पर ऑटो ड्राइवर तेज गति और लापरवाही से वाहन चला रहा था। इसी दौरान कश्मीरा धान मिल के पास नेशनल हाईवे-19 पर ऑटो पलट गया, जिससे मदन सिंह को गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने परिजनों को सौंपा शव घायल मदन सिंह को पहले होडल के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद उन्हें पलवल जिला नागरिक अस्पताल, नोएडा के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और फिर केडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। 25 नवंबर को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। मथुरा की छाता पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया था। ऑटो ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज भगवान सिंह ने बताया कि वे अपने जीजा के इलाज में व्यस्त होने के कारण तुरंत शिकायत दर्ज नहीं करा सके थे। 27 नवंबर को अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्होंने मुंडकटी थाने में लिखित शिकायत दी। मुंडकटी थाना पुलिस ने 27 नवंबर की देर रात शिकायत के आधार पर अज्ञात ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि ऑटो के नंबर के आधार पर ड्राइवर की पहचान कर उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार की मौत:हरदोई में दूसरा व्यक्ति गंभीर, लखनऊ ट्रामा सेंटर भेजा गया
हरदोई के सवाजपुर कोतवाली क्षेत्र में कटरा बिल्हौर हाईवे पर एक अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार एक युवक की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। यह घटना बरसोहिया और शेखपुर गांव के बीच देर रात करीब 10 बजे हुई। बारसोईया गांव निवासी परमेश्वर दयाल गुप्ता और मनमोहन सिंह उर्फ मोलू रूपापुर से अपने एक मित्र के यहां दावत खाकर वापस लौट रहे थे। शेखपुर गांव के पास उनकी बाइक को पीछे से आ रहे एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों बाइक सवारों के पैर कटकर दूर जा गिरे। ग्रामीणों की सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे और दोनों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हरपालपुर ले गए। सीएचसी हरपालपुर के चिकित्सकों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें हरदोई जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां से दोनों को लखनऊ ट्रामा सेंटर भेजा गया। लखनऊ में इलाज के दौरान मनमोहन सिंह उर्फ मोल (लगभग 25 वर्ष) की मृत्यु हो गई, जबकि परमेश्वर दयाल की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
सरमथुरा पुलिस ने अवैध चंबल रेता माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए चार ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को जब्त किया है। ये ट्रैक्टर-ट्रॉलियां चंबल रेता से भरी हुई थीं। हालांकि, सभी ट्रैक्टरों के ड्राइवर मौके से फरार होने में सफल रहे, जिनकी तलाश जारी है। थानाधिकारी कृपाल सिंह के निर्देश पर पुलिस टीम ने अवैध रेता माफिया के खिलाफ अभियान चलाया। पुलिस ने ट्रैक्टरों को आवाज देकर और घेरा बनाकर रोकने का प्रयास किया। इस दौरान ट्रैक्टर ड्राइवरों ने सभी चारों ट्रॉलियों के प्रेशर उठाकर उनमें भरा कुछ रेता खाली कर दिया। पुलिस का पीछा करते देख चालक शीतलपुरा गांव के पास बाबू महाराज मंदिर वाले रास्ते पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को खड़ा कर जंगल की ओर भाग गए। थानाधिकारी और जाप्ते ने काफी तलाश की, लेकिन रात और घने जंगल के कारण वे पकड़ में नहीं आ सके। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रॉलियों में अवैध चंबल रेता भरा हुआ पाया। जांच में पता चला कि इन ट्रैक्टरों के पास चंबल बजरी के परिवहन के लिए कोई वैध अनुज्ञापत्र नहीं था। यह रेता चंबल घड़ियाल प्रतिबंधित क्षेत्र से चोरी-छिपे लाया जा रहा था। इस मामले में ट्रैक्टर चालकों के खिलाफ तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाने के आरोप में मुकदमा नंबर 325/25, धारा 112(2), 281, 303(2) BNS, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 29/51 और वन अधिनियम की धारा 41, 42 के तहत मामला दर्ज किया गया है। फरार ड्राइवरों की तलाश जारी है और अवैध चंबल रेता माफिया के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा।
इंदौर के एमवाय अस्पताल से शुक्रवार सुबह एक कैदी चौथी मंजिल से फरार हो गया। जानकारी के अनुसार, अस्पताल में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान लगाई गई मचान के सहारे वह नीचे उतरा। जब जेल गार्ड ने उसे बेड पर नहीं पाया, तो उसने अधिकारियों और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद संयोगितागंज थाना पुलिस उसकी तलाश में जुट गई। फरार कैदी हत्या के मामले में जेल में बंद था। संयोगितागंज पुलिस के मुताबिक, कैदी का नाम विशाल पुत्र खरदे, निवासी कुलकर्णी का भट्टा है। बीमार होने के चलते उसे सेंट्रल जेल से इलाज के लिए एमवाय अस्पताल लाया गया था और 23 नंबर वार्ड में भर्ती किया गया था। शुक्रवार सुबह पुलिस गार्ड किसी काम से बाहर गया, तभी विशाल वार्ड से बाहर आया और बालकनी से मचान के सहारे नीचे उतरकर भाग गया। पुलिस का कहना है कि विशाल ने 2023 में बाणगंगा क्षेत्र में अपने साथियों के साथ एक युवक की हत्या की थी, जिसके बाद से वह जेल में था। उसके फरार होने की सूचना परदेशीपुरा और बाणगंगा पुलिस को भी दे दी गई है।
गुना में खाद के लिए हुई महिला किसान की मौत के बाद केंद्रों पर अफरा-तफरी मची थी। किसानों की लंबी कतारों और जद्दोजहद के बीच शुक्रवार सुबह कलेक्टर किशोर कन्याल ने स्वयं मोर्चा संभाला। उन्होंने माइक लेकर व्यवस्था संभाली और किसानों को आश्वस्त किया कि खाद पर्याप्त है और सभी को मिलेगी। इस दौरान कलेक्टर ने प्रत्येक किसान को 10-10 बोरी खाद देने की घोषणा की। खाद के एक-एक कट्टे के लिए हो रही जद्दोजहद के बीच कलेक्टर कन्याल ने किसानों से सीधे बात की। उन्होंने कहा, “भैया...जिसकी पर्ची कट गई है उसे दस बोरी खाद मिलेगी।” इसके साथ उन्होंने किसानों से अपील की कि रात को कोई लाइन में नहीं रुके। कल सुबह 7 बजे से टोकन बांटे जाएंगे और शाम 6 बजे तक खाद वितरण जारी रहेगा। बुजुर्गों की सुरक्षा और युवाओं को समझाइश कलेक्टर ने बुजुर्गों को लाइन में खड़ा करने पर नाराजगी जताई और युवाओं को बुजुर्गों का ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी आप लोग जवान हैं। किसी दादा-दादी, नाना-नानी को लेकर मत आना। कल मैंने एक जवान युवक को दादा को लाइन में लगाने पर बहुत डांटा। यह अच्छी बात नहीं है। वितरण व्यवस्था में सुधार के निर्देश कलेक्टर ने मौके पर प्रबंधक से काउंटरों की जानकारी ली। प्रबंधक ने बताया कि दो सामान्य और एक विकलांग काउंटर हैं। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि विकलांग काउंटर से भी सामान्य वितरण किया जाए और कोई दिव्यांग किसान आए तो उसे पहले खाद दी जाए। कलेक्टर ने लाइन में लगी महिला किसानों से उनकी जमीन और किसी और के लिए लाइन में तो नहीं लगी यह भी पूछा। उनके सीधे संवाद और त्वरित कार्रवाई से किसानों में संतोष देखा गया। मारकीमहू से 55 किमी दूर रात 3 बजे खाद लेने आए किसान दीपक यादव ने कहा, “पहले पांच कट्टे मिल रहे थे, अब कलेक्टर साहब 10 कट्टे देने के आदेश दे गए हैं। महिला की मौत के बाद बढ़ा था विवाद बता दें कि बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात खाद के लिए लाइन में लगी महिला किसान भूरी बाई की तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई थी। इस घटना के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। स्वयं गुना से भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने एक कार्यक्रम में कलेक्टर को घेरते हुए उनसे खाद के लिए लंबी लाइनें लगने और महिला की मौत पर जवाब मांगा था। विधायक शाक्य ने कहा था कि जवाब वह कलेक्टर साहब से विधानसभा में लेंगे, अगर यहां नहीं मिला तो। इस घटनाक्रम के बाद कलेक्टर का खुद मैदान में उतरकर व्यवस्था संभालना और किसानों को खाद की पर्याप्तता और सुगम वितरण का आश्वासन देना एक बड़ा कदम माना जा रहा है। उनकी घोषणा और अपील से जहां एक ओर किसानों को बड़ी राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की व्यवस्थाओं को लेकर चल रही खींचतान पर भी विराम लगा है। अब किसान उम्मीद कर रहे हैं कि खाद वितरण की यह सुधरी हुई व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी।
जिले के अमानीगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत बकचुना के ग्रामीणों ने मां कामाख्या धाम मार्ग में बदलाव के विरोध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी मिल्कीपुर सुधीर कुमार को सौंपा है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रस्तावित मार्ग को कुछ 'विरोधी तत्वों' द्वारा बदला जा रहा है, जिससे उन्हें असुविधा होगी। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि शासन द्वारा मां कामाख्या धाम के लिए प्रस्तावित मार्ग बकचुना गांव से होकर गुजरना था। इस मार्ग पर गांव के अंदर 400 मीटर आरसीसी सड़क भी स्वीकृत की गई थी। हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि अब कुछ लोग लोक निर्माण विभागको गुमराह कर मार्ग को दूसरी तरफ से निकलवाना चाहते हैं, जहां आबादी बहुत कम है। ग्रामीणों के अनुसार, यदि मार्ग दूसरी तरफ से निकाला जाता है, तो उन्हें भारी असुविधा होगी और वे सड़क सुविधा से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने लगभग छह माह पहले गांव के दोनों तरफ जेसीबी मशीन लगाकर खुदाई की थी, लेकिन बाद में मिट्टी नहीं डाली गई। पवन शुक्ला का कहना है कि उन्हें लगातार आश्वासन दिया जा रहा है कि मार्ग उनके गांव से ही गुजरेगा, लेकिन इसके विपरीत दूसरी तरफ से मार्ग की खुदाई की जा रही है। उन्होंने कई बार तहसील दिवस में भी शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और केवल आश्वासन ही मिलता रहा। जिस वैकल्पिक मार्ग की खुदाई की जा रही है, वह काश्तकारों के खेतों और वन विभाग की भूमि से होकर गुजरता है। ग्रामीणों ने एक जनप्रतिनिधि पर आरोप लगाया है कि वे दूसरे क्षेत्र में निवास करते हुए भी मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उनका दावा है कि यह जनप्रतिनिधि बकचुना गांव के ब्राह्मण बहुल होने के कारण वहां से मार्ग नहीं निकलवाना चाहते हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि बकचुना गांव के मुख्य मार्ग पर आज भी कीचड़ युक्त पानी भरा रहता है, जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।ज्ञापन पर पवन शुक्ला, उमाशंकर तिवारी, मयंक शुक्ला, अजय कुलदीप कुमार, पवन कुमार, आनंद कुमार, रत्नेश तिवारी सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने हस्ताक्षर किए हैं।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार में खेल मंत्री गौरव गौतम को झटका देते हुए उनकी 7-11 की अपील को डिसमिस कर दिया है। इस केस में अब 4 दिसंबर को इश्यू फ्रेम करने के लिए हाईकोर्ट की तरफ से तारीख दी गई है। खेल मंत्री पर विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान धर्म के नाम पर वोट मांगने के आरोप को लेकर पिछले एक साल से कार्ट में यह केस चल रहा है। मंत्री की तरफ से केस को रद्द करने के लिए अपील लगाई गई थी। क्या है पूरा मामला खेल मंत्री गौरव गौतम के खिलाफ कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल ने अक्तूबर 2024 में हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि गौरव गौतम ने विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान जनसभा में धर्म के नाम पर वोट मांगकर भ्रष्ट आचरण किया। पूर्व मंत्री दलाल की याचिका में आरोप है कि गौतम ने चुनावी समर्थन हासिल करने के इरादे से अपने चुनाव अभियान को धार्मिक भावनाओं से जोड़कर और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित कर वोट मांगे हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने मंत्री को नोटिस भेजकर मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। कोर्ट ने गौरव गौतम को 14 दिसंबर 2024 को नोटिस भेजा था। इस नोटिस का जवाब मंत्री को 6 जनवरी 2025 तक दाखिल करना था। हालांकि, मंत्री गौरव गौतम ने नोटिस का जवाब नहीं दिया था। इसके बाद जस्टिस अर्चना पुरी की कोर्ट में एडवोकेट मोहन जैन ने दलील दी कि गौरव गौतम हाईकोर्ट के नियमों के खंड-20 (C) के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना लिखित बयान दाखिल करने में विफल रहे हैं। पूर्व मंत्री के वकील ने कहा कि अब मंत्री का बचाव बंद कर दिया जाना चाहिए। मामले पर गौर करते हुए जस्टिस पुरी ने गौतम को अगली सुनवाई से पहले अपना लिखित बयान दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है। 28 मार्च को गौतम के वकील ने दाखिल किया जवाब खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम की तरफ उनके वकील विजय कुमार जिंदल ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया। वकील ने गौरव गौतम के जवाब में कहा कि उन पर लगे सभी आरोप निराधार है। उन्होंने चुनाव के दौरान ऐसा कोई वीडियो पोस्ट नहीं किया है, जिससे ये साबित हो सके की धार्मिक भावनाओं से जोड़कर और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित कर वोट हासिल किए गए है। 12 नवंबर को ऑर्डर रिजर्व रखा था ऑर्डर खेल राज्यमंत्री गौरव गौतम के वकील ने इस पिटीशन को खारिज करने के लिए अदालत में सीपीसी के नियम 7 रूल 11 के तहत याचिका को खारिज करने की मांग की थी। शुक्रवार को कोर्ट ने राज्यमंत्री गौरव गौतम की 7-11 की अपील को डिसमिस करते हुए इश्यू फ्रेम के लिए बृहस्पतिवार, 4 दिसंबर 2025 की तारीख भी लगाई है। अदालत ने करण दलाल की रिट पिटीशन के विरोध में गौरव गौतम द्वारा दायर रूल 7 नियम 11 की बहस सुनने के बाद 12 नवंबर को ऑर्डर रिजर्व रखा था, जिसपर आज शुक्रवार को फैसला सुनाया गया। खेल राज्यमंत्री गौरव गौतम की अपील खारिज होने के बाद अब पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल की याचिका पर हाई कोर्ट में केस चलेगा। पिछले लगभग एक साल में कई महिनों से चली बहस में दोनों पक्षों को सुनने के बाद आज हाईकोर्ट ने केस चलाने का निर्देश दिया। दलाल बोले जनता की जीत पूर्व मंत्री करण दलाल ने माननीय अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अदालत में यह मेरी जीत नहीं बल्कि पलवल विधानसभा क्षेत्र सहित समूचे हरियाणा की जनता की जीत है। उन्होंने कहा कि माननीय अदालत ने 4 दिसंबर 2025 को इश्यू फ्रेम की तारीख लगाई है, जिसके बाद आने वाले समय में जल्द ही केस पूरा होगा और उम्मीद है कि अब जल्द ही इस केस में उनकी जीत होगी और देश में धर्म के नाम पर वोट मांगकर जनता को गुमराह करने वालों को सबक मिलेगा। ये वीडियो साल 2024 में सिंतबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव कैंपेन के है। इन्ही वीडियो को आधार बनाकर पूर्व मंत्री करण सिहं दलाल की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। इस चुनाव में करण सिंह दलाल को भाजपा के उम्मीदवार गौरव गौतम के सामने हार का सामना करना पड़ा था गौरव गौतम ने उनको 33 हजार वोटों से हराया था।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला के धरमजयगढ़ वन मंडल में 20 हाथियों का दल सुबह 4 बजे गांव में पहुंच गया। जहां उसने एक कच्चे मकान को तोड़ा और घर के ग्रामीणों ने किसी तरह बाहर निकलकर अपनी जान बचायी। इसके अलावा हाथियों ने धान भी नुकसान किया है। जिसका आंकलन विभाग द्वारा किया जा रहा है। मामला कापू रेंज का है। मिली जानकारी के मुताबिक कापू वन परिक्षेत्र के जंगल में 20 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। जहां आज सुबह तकरीबन 4 बजे हाथियों का दल जंगल से निकलकर मिरीमुड़ा बीट के फिटिंगपारा में पहुंच गए। यहां खाने की तालाश में दल के 2 हाथी रूचा यादव के घर के कच्चे दीवार को ढहा दिया। हाथियों के दल की जानकारी होने के बाद किसी तरह रूचा यादव और परिवार के अन्य सदस्य किसी तरह घर से बाहर निकले और अंधेरे में सुरक्षित स्थान की ओर भाग कर अपनी जान बचाई। वहीं बताया जा रहा है कि खम्हार के पूर्व सरपंच चिंतामणि राठिया ने अपने खेत में मिसाई के लिए धान को इक्ट्ठा कर रखा था। जिसे हाथी दल ने रौंदकर बर्बाद कर दिया। वहीं हाथियों के आने की जानकारी वन अमला को दी गई। जहां वनकर्मी मौके पर पहुंचे और नुकसान का आंकलन शुरू कर दिया है। दल में शावक भी शामिलधरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की संख्या पिछले दिनों की अपेक्षा कम है, लेकिन खाने की तालाश में दल गांव और खेतों के करीब पहुंच रहे हैं। पूरे धरमजयगढ़ वन मंडल में 31 हाथियों की मौजूदगी है। जिसमें 17 नर, 9 मादा और 5 शावक शामिल हैं। हाथी कई रेंज में अकेले विचरण कर रहे हैं तो 20 हाथियों का दल कापू रेंज में मौजूद है।
राइफल की सफाई करते में चली गोली:आगरा में पूर्व फौजी के बेटे की हुई मौत, पुलिस ने शुरू की जांच
आगरा में बंदूक की सफाई करते समय गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। घटना से परिवार में मातम छा गया है। परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।थाना सदर क्षेत्र के पन्ना पैलेस राजपुर चुंगी के पास ब्राह्मण महासभा के संस्थापक एवं रिटायर्ड फौजी सत्यदेव शर्मा रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा ज्ञानेश शर्मा(42) आज सुबह लाइसेंसी सेमी आटोमेटिक राइफल छत पर बैठकर साफ कर रहा था। तभी अचानक गोली चल गई। गोली की आवाज सुनते ही पत्नी छत की तरफ भागी। ज्ञानेश खून से लथपथ पड़े थे। उनके सिर में गोली लगी थी।घटना के बाद परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है। ज्ञानेश पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे और उनके दो पुत्र हैं। वह एक कंपनी में वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे। अपनी पत्नी के साथ घर पर थे। उनके पिता सत्यदेव शर्मा और माता पड़ोस में गमी में शामिल होने गए थे। ज्ञानेश के दोनों बेटे स्कूल गए थे। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
आईएएस संतोष वर्मा के बयान पर कटनी में विरोध:ब्राह्मण समाज ने पुतला फूंका, कड़ी कार्रवाई की मांग की
कटनी में मध्य प्रदेश में कार्यरत आईएएस और अजाक्स प्रांतीय अध्यक्ष संतोष वर्मा की ओर से ब्राह्मण मातृ शक्तियों के संबंध में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। शुक्रवार दोपहर को ब्राह्मण समाज के महिला और पुरुषों ने सुभाष चौक पर एकत्रित होकर उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने संतोष वर्मा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पुतला फूंका। विवादित बयान को बताया निंदनीय किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व ब्राह्मण समाज की महिला जिला अध्यक्ष उषा पांडे ने किया। उन्होंने आईएएस संतोष वर्मा के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति ऐसे बयान देना निंदनीय है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार से आईएएस पर कड़ी कार्रवाई की मांग पांडे ने सरकार से संतोष वर्मा को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से भविष्य में कोई भी अधिकारी इस तरह की टिप्पणी करने की हिम्मत नहीं करेगा। आक्रोशित ब्राह्मण समाज ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि संतोष वर्मा की टिप्पणी से न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे देश का ब्राह्मण वर्ग आक्रोशित है। समाज ने वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की मांग की है।
हरदोई में अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। जिले में कुछ घंटों के भीतर दो हत्याओं से सनसनी फैल गई है। कछौना थाना क्षेत्र के ग्राम सभा समौधा मजरा सेदूपुर में एक महिला की हत्या कर उसका नग्न शव रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया। मृतका की पहचान सोनेश्वरी के रूप में हुई है, जिसकी शादी 18 साल पहले सेदूपुर निवासी नरेश से हुई थी। मृतका के भतीजे गौरव बंसल ने बताया कि नरेश शराब का आदी था और अक्सर घर में झगड़ा करता था। शुक्रवार तड़के नरेश की मां ने सोनेश्वरी के मायके फोन कर बड़े विवाद की सूचना दी और उन्हें सोनेश्वरी को घर ले जाने को कहा। सुबह 6 बजे जब परिजन सेदूपुर पहुंचे, तो उन्हें सोनेश्वरी की हत्या और उसका शव रेलवे लाइन पर पड़े होने की जानकारी मिली। परिजनों का आरोप है कि नरेश ने पहले अपनी पत्नी की हत्या की। इसके बाद उसने शव को गांव के बाहर एक पेड़ पर लटका दिया। सुबह होने पर उसने शव को उतारा, अपनी आर.बी. पब्लिक इंटर कॉलेज की बस में रखा और लगभग 1 किलोमीटर दूर रेलवे ट्रैक के पास ले जाकर नग्न अवस्था में फेंक दिया। कुछ देर बाद वहां से गुजरी ट्रेन से शव के टुकड़े बिखर गए। घटनास्थल गेट संख्या 1134 के पास मिला। जब परिजनों ने नरेश से पूछताछ की, तो वह भागने लगा, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया। परिजनों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। सूचना पर क्षेत्राधिकारी बघौली प्रवीण कुमार यादव, चौकी इंचार्ज और पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। परिजनों से तहरीर मिलने के बाद पति नरेश के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। मृतका के दो बच्चे, पुत्र विशाल और पुत्री दिव्या, इस घटना के बाद बेसहारा हो गए हैं।
कोंडागांव में नेशनल हाईवे- 30 पर लगे एक स्टॉपर से टकराने के बाद बाइक सामने से आ रही दूसरी बाइक से भिड़ गई। हादसे में एक युवक की मौत हो गई। जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना फरसगांव थाना क्षेत्र की है। जानकारी के मुताबिक, ग्राम मांझीआठ गांव में सड़क किनारे स्थित एक स्कूल में जोन स्तरीय प्रतियोगिता चल रही थी। रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सड़क पर अवरोधक (स्टॉपर) लगाए गए थे। हादसे में पहली मोटरसाइकिल पर सवार किरण नेताम की मौके पर ही मौत हो गई। वो स्टॉपर से टकराने के बाद अपनी बाइक पर नियंत्रण खो बैठा और सामने से आ रही दूसरी बाइक से जा भिड़ा। दूसरी बाइक पर सवार मंगल राम नाग गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे फौरन इलाज के लिए पास के अस्पताल ले जाया गया। जहां उसका इलाज जारी है। फरसगांव पुलिस ने मृतक किरण नेताम के शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। फिलहाल, पुलिस मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
देशभर में वैश्य समाज के सबसे बड़े धाम अग्रोहा धाम में आज से श्रीमद्भागवत कथा शुरू हो गई है। यह कथा 7 दिन तक चलेगी। कथा के शुभारंभ पर 1008 महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। अग्रोहा धाम वैश्य समाज के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग के नेतृत्व में यह भव्य कलश यात्रा बैंड-बाजे के साथ निकली। कलश यात्रा में 1008 महिला व धर्म प्रेमियों ने भारी संख्या भाग लिया। कथा वाचन में बृज रतन त्रिलोक महाराज वृंदावन वाले पहुंचे हैं। इस मौके पर अग्रोहा धाम वैश्य समाज के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि भागवत हमें जीवन जीने का सलीका सिखाती है। आंतरिक शांति और खुशी प्राप्त करने के तरीके बताती है और ईश्वर की भक्ति और ज्ञान के माध्यम से संसार से मुक्ति का मार्ग दिखाती है। कथा वाचक ने भागवत कथा की महिमा बताई कथा वाचक बृज रतन त्रिलोक महाराज ने बताया कि भागवत यह सिखाती है कि मोह और अहंकार को त्याग कर सभी ईश्वर को देखकर और धर्म के प्रति निष्ठा रखते हुए जीवन जीना चाहिए। जीवन में कितनी भी मुसीबतें आए हमें मुस्कुराते हुए हर पल बिताना चाहिए। भगवत गीता हमें निस्वार्थ कर्म, मानसिक और भक्ति के माध्यम से आंतरिक शांति और उपदेश की प्राप्ति करना सिखाती है। श्रीमद्भागवत कथा में आए हुए अतिथियों को बजरंग गर्ग ने स्मृति चिन्ह भेंटकर के सम्मानित किया। इस अवसर पर कथा संयोजक सुभाष चन्द्र गर्ग व पवन बंसल, बजरंग असरावां, अमित बंसल, तरुण गर्ग, अरुण गर्ग, राजेश गुप्ता, किशन गोपाल गर्ग, आनंद गर्ग, अनिल गोयल,सीताराम सिंगला, रवि सिंगला, श्री भगवान मित्तल, अनिल गोयल, विजय अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, सुमित अग्रवाल, राजेश मित्तल, महेश अग्रवाल, मनोज सांगला, संदीप कुमार आदि समाज के प्रतिनिधि भारी संख्या में भाग लिया। 4 दिसंबर को होगा भव्य भजन समारोह अग्रोहा धाम में 4 दिसंबर को पूर्णिमा पर भव्य भजन समारोह, छप्पन भोग, सवामणि व भंडारा का आयोजन होगा कथा के समापन पर 5 दिसंबर को हवन-पूजन व भंडारा होगा। गर्ग ने कहा कि अग्रोहा धाम में बांके बिहारी जी के मंदिर व झांकियां का पूरी तरह सौंदर्यीकरण किया जाएगा जबकि अग्रोहा धाम में सभी देवी-देवताओं के मंदिर बने हुए हैं। अग्रोहा धाम में महाराजा अग्रसेन जी का व अग्रवाल समाज के 18 गोत्र वाला भव्य मंदिर बना हुआ है। अग्रोहा धाम में माता वैष्णो देवी व अमरनाथ का 400 मीटर लंबी गुफा में विशाल मंदिर बना हुआ है। गुफा के साथ-साथ अग्रोहा धाम का सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। अग्रोहा धाम में अप्पू घर का विस्तार किया जाएगा। जिसमें कई और नए झूले लगाए जाएंगे।
लखनऊ में मुस्लिम धर्म गुरु ने SIR को लेकर किया अपील। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि सबकी जिम्मेदारी है नाम जुड़वाने की प्रक्रिया में हिस्सा लें । मौलाना ने कहा कि सभी लोग SIR के आवेदन फॉर्म बिल्कुल सही तरीक़े से भरकर जल्द से जल्द अपने-अपने BLO को जमा करें। SIR फॉर्म से ही वोट की रक्षा होगी। मतदाता सूची में नाम जुड़वायें मौलाना ने कहा कि SIR फ़ॉर्म भरना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। मतदाता सूची न केवल चुनावी प्रक्रिया को मज़बूत बनाती है, बल्कि हर व्यक्ति के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा भी करती है। सबकी जिम्मेदारी है कि अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वायें। अक्सर छोटी-छोटी गलतियों की वजह से लोगों के नाम वोटर लिस्ट से छूट जाते हैं, इसलिए सभी लोग समय रहते फ़ॉर्म भरकर जमा करदे । SIR फॉर्म सबकी जिम्मेदारी मौलाना ने कहा कि यह बहुत ज़रूरी है कि हर इंसान SIR फ़ॉर्म भरकर जल्द से जल्द BLO तक पहुँचा दे। प्रत्येक नागरिक कि ज़िम्मेदारी और लोकतांत्रिक भागीदारी का मूल है। किसी भी वोटर का नाम कटेगा नहीं । किसी के बहकावे में ना आए और अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए नाम समय से जुड़वा लें। सामाजिक कार्यकर्ताओं और पढ़े-लिखे लोगों की जिम्मेदारी है कि अपने आसपास जो बुजुर्ग और कम पढ़े-लिखे लोग हैं उनकी मदद करते हुए उनके भी फॉर्म भरकर जमा करवाए।
बोलेरो ने बाइक सवारों को मारी टक्कर, 1 की मौत:एक की हालत गंभीर, बोलेरो चालक हिरासत में
सिद्धार्थनगर के मोहाना थाना क्षेत्र अंतर्गत युसुफपुर चौराहे पर शुक्रवार को दोपहर लगभग 12:30 बजे एक तेज रफ्तार बोलेरो ने बाइक सवारों को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में हरदिहवा निवासी मोहम्मद ईसा (55) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पुरैना निवासी मैनुद्दीन (42) गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों स्टेरिंग मिस्त्री बताए जा रहे हैं और किसी काम से बर्डपुर की ओर जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक सवार लगभग 15 मीटर दूर तक उछलकर सड़क पर जा गिरे। स्थानीय लोगों ने तत्काल घायल मैनुद्दीन को उठाकर सीएचसी बर्डपुर पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उनकी नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें माधव प्रसाद तिवारी मेडिकल कॉलेज, सिद्धार्थनगर रेफर कर दिया। मृतक मोहम्मद ईसा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मोहाना थानाप्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि बोलेरो ने बाइक सवारों को पीछे से टक्कर मारी थी। हादसे के बाद बोलेरो और उसका चालक दोनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उन्होंने बताया कि चालक से पूछताछ जारी है और वाहन की जांच के लिए घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। थानाप्रभारी ने स्पष्ट किया कि लापरवाही से लोगों की जान लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि युसुफपुर चौराहा तेज रफ्तार वाहनों के कारण अक्सर हादसों का केंद्र रहा है। कुछ ही दिनों के भीतर यह हाईवे पर तीसरा बड़ा हादसा बताया जा रहा है। लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि चौराहे पर स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक नियंत्रण की उचित व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। थानाप्रभारी जितेंद्र सिंह ने आगे बताया कि घायल मैनुद्दीन का इलाज लगातार जारी है और उनके परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। पुलिस ने कहा कि पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषी चालक तथा वाहन के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
उन्नाव में सर्व ब्राह्मण समाज ने आईएएस संतोष वर्मा द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया है। समाज के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को प्रशासन को एक लिखित पत्र सौंपकर इस गंभीर मामले पर ध्यान आकर्षित किया। यह टिप्पणी 23 नवंबर को भोपाल में आयोजित अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन के दौरान ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर की गई थी। समाज के सदस्यों का आरोप है कि मंच से की गई ये बातें न केवल अनुचित थीं, बल्कि पूरे ब्राह्मण वर्ग की महिलाओं का अपमान करने वाली और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली थीं। सर्व ब्राह्मण समाज के अनुसार, आईएएस संतोष वर्मा ने आरक्षण प्रणाली पर टिप्पणी करते हुए कहा था, “एक परिवार में एक व्यक्ति को आरक्षण मिलना चाहिए, जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं कर दे या उससे मेरा बेटा संबंध नहीं बना ले।” संगठन का कहना है कि यह बयान स्पष्ट रूप से आपत्तिजनक, जातीय रूप से भड़काऊ और समाज की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला है। समाज ने जोर देकर कहा कि इस बयान से ब्राह्मण समाज की बेटियों का अपमान हुआ है और इससे सामाजिक वातावरण में तनाव तथा वैमनस्य फैल सकता है। सर्व ब्राह्मण समाज, उन्नाव के प्रतिनिधि अखिलेश अवस्थी ने हस्ताक्षरित पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने आग्रह किया है कि आईएएस संतोष वर्मा के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की जाए और मामले की गंभीर, निष्पक्ष व त्वरित जांच कराई जाए। समाज का तर्क है कि एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा इस प्रकार की टिप्पणी पद की गरिमा के विरुद्ध और आचरण नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। समाज के सदस्यों का मानना है कि यदि ऐसी घटनाओं पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में समाज में अशांति और विभाजन बढ़ सकता है। उनका कहना है कि किसी भी वर्ग या समुदाय की महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध है, और प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
प्रयागराज में माघ मेला 2026 में श्रद्धालुओं के लिए बाइक टैक्सी सेवा शुरू होगी। महाकुंभ 2025 में सफल रही इस योजना को माघ मेले में भी लागू करने का फैसला लिया गया है। मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल और पुलिस आयुक्त जोगेंद्र कुमार की अध्यक्षता में इस पर निर्णय लिया गया है। बैठक में यह तय किया गया कि ओला, ऊबर और रैपिडो जैसी कंपनियों को बाइक टैक्सी सेवा के लिए शामिल किया जाएगा। इन कंपनियों के द्वारा श्रद्धालुओं को निकटतम पार्किंग से मेला क्षेत्र के अंदर तक दोपहिया वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे और वाहनों को निर्धारित रूट पर चलाने की अनुमति मिलेगी। कंपनियों को अपने ड्राइवरों की संख्या और विवरण प्रशासन को देना अनिवार्य होगा ताकि सुरक्षा और नियम पालन सुनिश्चित किया जा सके। बाइक टैक्सी सेवा 1 जनवरी से 15 फरवरी तक तब उपलब्ध रहेगी जब भीड़ कम हो। मेला अवधि के दौरान परिवहन की सुविधा के लिए 75 इलेक्ट्रिक शटल बसें और 200 डीजल बसें भी चलाई जाएंगी। साथ ही जाम से बचने के लिए मुख्य संवेदनशील स्थानों जैसे जीटी जवाहर की सड़कों पर बसें नहीं लाई जाएंगी। ऐसा मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने निर्देशित किया है।
पीलीभीत जिले के गजरौला कला थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक 50 वर्षीय बुजुर्ग का शव जामुन के पेड़ के नीचे संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। यह घटना माला रेंज के गड़ा बीट 135 ए में हुई। मृतक की पहचान बैजू नगर निवासी जीवनलाल पुत्र जानकी प्रसाद के रूप में हुई है। शव के पास से उनके जूते और एक दरांती भी बरामद हुई, जिससे मामले की गुत्थी उलझ गई है। शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजे, जंगल के पास स्थित खेत से गुजर रहे ग्रामीणों ने पेड़ के नीचे शव देखा। इसके बाद मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को घटना की सूचना दी। वन दरोगा रामभरत यादव के अनुसार, मृतक जीवनलाल का खेत जंगल से सटा हुआ है। गुरुवार से ही उनकी तलाश की जा रही थी। वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर गजरौला कला पुलिस को घटना से अवगत कराया।। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष ब्रजवीर सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया और आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए। थानाध्यक्ष ने बताया कि यह मामला प्रथम दृष्टया संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि मौत के सही कारणों का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा। मृतक जीवनलाल के परिवार में उनकी पत्नी कमला देवी, बेटी गीता देवी और बेटा प्रेमपाल हैं। उनके छोटे भाई का नाम कालीचरण है। मृतक के चचेरे भाई माखनलाल ने जानकारी दी कि जीवनलाल गुरुवार दोपहर से ही घर से लापता थे। देर शाम तक घर न लौटने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। शुक्रवार सुबह जंगल से उनके शव मिलने की सूचना प्राप्त हुई। परिजनों ने पुलिस को बताया कि जीवनलाल लंबे समय से कर्ज में डूबे हुए थे और इसी कारण वे मानसिक तनाव से गुजर रहे थे। परिजनों ने आशंका व्यक्त की है कि इसी मानसिक दबाव के कारण उन्होंने यह कदम उठाया होगा। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की सभी पहलुओं से जांच कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
भारतीय किसान यूनियन ने बांदा जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है। यूनियन ने आरोप लगाया है कि जनपद में चकबंदी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा लगातार की जा रही अनियमितताओं के कारण किसानों के हित बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए हैं। ज्ञापन में बताया गया है कि ग्राम खप्टिहा खुर्द, बहिंगा, अमलीकौर, महबरा, सिलेहटा और माचा जैसे गाँव सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। चकबंदी विभाग में सभी स्तरों पर गंभीर अनियमितताएं बरती गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। किसानों ने पिछले दो वर्षों से जिलाधिकारी, चित्रकूट धाम बांदा के आयुक्त, चकबंदी आयुक्त और मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। हालांकि, उनकी शिकायतों पर अपेक्षित जांच या कार्रवाई नहीं की गई। यूनियन ने आरोप लगाया कि शिकायतों पर कागजी प्रगति दिखाकर लीपापोती की गई और जांच उन्हीं अधिकारियों या निचले स्तर के अधिकारियों से कराकर गुणवत्ताहीन और फर्जी निस्तारण किया गया। मुख्यमंत्री जनता दर्शन में दर्जनों शिकायतें चकबंदी आयुक्त के आदेश के बावजूद लंबित हैं। पूर्व में हुई जांचों की किसी भी सिफारिश पर कोई अमल नहीं किया गया। हाल ही में आयुक्त चित्रकूट धाम बांदा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में डीडीसी महोबा और बांदा को शिकायत पत्रों की जांच के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कई स्मरण पत्र भेजने के बावजूद आज तक जांच शुरू नहीं हुई है। ग्राम बहिंगा, खप्टिहा खुर्द, अमलीकौर और महबरा के ग्राम पंचायत प्रस्तावों पर भी विचार नहीं किया गया और उन्हें निदेशालय नहीं भेजा गया। विरासत, दाखिल-खारिज, चाकमार्गों/चकनिर्माण के निर्माण तथा अंश विभाजन आपत्ति/अपीलों में व्यापक धांधली के कारण किसानों को भारी आर्थिक और मानसिक क्षति हुई है। ज्ञापन में सहायक चकबंदी अधिकारी नीरज, अरुण नारायण, रामबिलास आजाद, अजय कुमार, चकबंदी अधिकारी पैलानी अखिलेश कुमार, निवर्तमान और वर्तमान बंदोबस्त अधिकारी तथा कुछ लेखपाल/कानूनगो की भूमिका को किसानों और चकबंदी प्रावधानों के खिलाफ बताया गया है। किसानों का कहना है कि इन अधिकारियों के रहते उनके हित सुरक्षित नहीं हैं और न्याय की अंतिम आशा के रूप में अब केवल अनशन या सत्याग्रह ही विकल्प बचा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार सुबह रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू के साथ दिल्ली से चंडीगढ़ तक रेल खंड का विस्तृत निरीक्षण किया। यह निरीक्षण अत्याधुनिक विंडो ट्रेलिंग सिस्टम के माध्यम से किया गया, जिसके तहत दोनों मंत्रियों ने चलती ट्रेन से रेल लाइन, ट्रैक, सिग्नल सिस्टम और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान रेल मंत्री ने रेल लाइन की सुरक्षा से जुड़े फील्ड कर्मचारियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने ट्रैक मेंटेनर, पीडब्ल्यूआई (स्थायी मार्ग निरीक्षक) और सिग्नल विभाग के कर्मचारियों से बातचीत करते हुए उनके दैनिक कार्य, चुनौतियों और तकनीकी समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। कर्मचारियों ने फील्ड में काम करने के अपने अनुभव भी साझा किए। सिग्नल और ट्रैक सिस्टम के रखरखाव पर हुई चर्चा निरीक्षण के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सिग्नल, रिले, पॉइंट्स, टर्न आउट, लेवल क्रॉसिंग सहित अन्य तकनीकी उपकरणों के रखरखाव को लेकर कर्मचारियों से सवाल किए। उन्होंने यह जाना कि इन प्रणालियों के रखरखाव में किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। ट्रैक मेंटेनरों ने जमीनी स्तर पर आने वाली चुनौतियों जैसे मौसम की मार, भारी ट्रैफिक दबाव, समय पर मरम्मत की बाधाओं और सुरक्षा से जुड़े जोखिमों के बारे में रेलवे मंत्री को अवगत कराया। अंतरराष्ट्रीय तकनीकों की दी जानकारी इस दौरान रेल मंत्री ने विश्व भर में अपनाई जा रही आधुनिक सिग्नल और ट्रैक मेंटेनेंस तकनीकों की जानकारी भी कर्मचारियों के साथ साझा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार ऑटोमेटेड सिग्नलिंग, स्मार्ट ट्रैक मॉनिटरिंग और ड्रोन तकनीक का उपयोग करके ट्रैक सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने कर्मचारियों को बेहतर कार्य प्रणालियां अपनाने और तकनीकी दक्षता को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद निरीक्षण के दौरान उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा, दिल्ली रेल मंडल के प्रबंधक पी आर त्रिपाठी, अंबाला रेल मंडल के प्रबंधक विनोद भाटिया सहित विभिन्न विभागों के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। रेल सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ट्रैक और सिग्नल सिस्टम की बेहतर निगरानी से दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निरीक्षण के दौरान सामने आई कमियों को शीघ्र दूर किया जाए। इस निरीक्षण को रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है, जिससे भविष्य में रेल परिचालन और अधिक सुरक्षित, सुचारु और विश्वसनीय बनाया जा सकेगा।
सूरजपुर जिले के चांदनी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नवाटोला में बाइक चोरी का मामला सामने आया है। 25 नवंबर की रात तीन नकाबपोश बदमाशों ने एक घर के बाहर खड़ी मोटरसाइकिल चुरा ली। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, ग्राम नवाटोला निवासी जनार्दन यादव की मोटरसाइकिल (CG 16 CN 4402) उनके घर के बाहर दरवाजे पर खड़ी थी, जिसे अज्ञात बदमाशों ने चुराया। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि बदमाशों में से एक ने पहले मोटरसाइकिल को घुमाया। इसके बाद दो अन्य बदमाशों ने बिना लॉक तोड़े, मोटरसाइकिल के अगले टायर को उठाकर उसे मौके से दूर ले जाते हुए दिखाई दिए। पीड़ित जनार्दन यादव ने इसकी सूचना चांदनी पुलिस को दी। पुलिस ने उनकी रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और चोरों की तलाश कर रही है।
आगरा के बीकानेर स्वीट्स के कई खाद्य पदार्थों में मिलावट मिली है। FSDA ने यहां से लिए सैंपलों की जांच रिपोर्ट जारी की है। जिसमें बूंदी लड्डू, घी, बेसन, पनीर सहित कई सैंपलों में मिलावट मिली है। सिकंदरा निवासी यतीन्द्र यादव ने ऑनलाइन शिकायत की थी। यतीन्द्र यादव ने शिकायत में बताया था कि उन्होंने ऑनलाइन भुगतान कर बीकानेर स्वीट्स से 1 किलो बूंदी के लड्डू खरीदे थे। लड्डू खाने के बाद पूरे परिवार को उल्टी, सिरदर्द और पेट खराब की समस्या हुई। इस शिकायत के बाद FSDA की टीम ने 11 जुलाई को दुकान से बूंदी लड्डू, घी, बेसन, पनीर सहित कई नमूने जांच के लिए भेजे।विभाग के अधिकारियों के अनुसार जांच रिपोर्ट में बूंदी के लड्डू अशुद्ध, घी अशुद्ध (शुद्ध घी के नाम पर भारी मिलावट), बेसन अधोमानक व असुरक्षित (गुणवत्ता बेहद खराब, सेहत के लिए जोखिम), पनीर – अधोमानक व असुरक्षित (बैक्टीरिया स्तर मानक से अधिक) पाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 का उल्लंघन हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार अधोमानक पनीर में बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं। अशुद्ध घी से फूड पॉइजनिंग और लिवर संबंधी खतरे बढ़ते हैं। खराब बेसन में फफूंदी व रासायनिक मिलावट पाई जा सकती है। बूंदी लड्डू में मिलावट बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है। यतीन्द्र यादव के परिवार को हुई तबीयत बिगड़ने की शिकायत भी मिलावट के दुष्प्रभाव से जुड़ी मानी जा रही है। बीकानेर स्वीट्स के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। इसके तहत दुकान पर जुर्माना, लाइसेंस निलंबन या रद्द होना भी संभव है। इस दुकान की आगे भी बार-बार सैंपलिंग की जाएगी।
हाथरस में लेखपाल संघ ने शुक्रवार को सदर तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन फतेहपुर में एक लेखपाल द्वारा अधिकारियों के उत्पीड़न से आत्महत्या करने के विरोध में किया गया। जिला लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष बलबीर सिंह ने बताया कि फतेहपुर में कार्यरत 2024 बैच के लेखपाल सुधीर कुमार की शादी 26 नवंबर 2025 को तय थी। उन्होंने छुट्टी के लिए लगातार अधिकारियों से निवेदन किया, लेकिन एसआईआर ड्यूटी के नाम पर उन्हें छुट्टी नहीं दी गई। शादी की व्यवस्थाओं के कारण सुधीर कुमार 22 नवंबर 2025 को एसआईआर की बैठक में उपस्थित नहीं हो सके। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और कथित तौर पर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली। लेखपाल संघ ने मुख्यमंत्री को भेजे एक ज्ञापन में कई मांगें रखी हैं। संघ ने मुख्य आरोपी संजय कुमार सक्सेना, जो एक पीसीएस अधिकारी हैं, का नाम एफआईआर में अज्ञात के स्थान पर दर्ज करने की मांग की है। इसके अतिरिक्त, मृतक की माता को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी अनुरोध किया गया है। एसआईआर की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग... ज्ञापन में एसआईआर की अंतिम तिथि आगे बढ़ाने की मांग की गई है, क्योंकि कम समय में काम पूरा करने का दबाव कर्मचारियों के स्वास्थ्य और जीवन को खतरे में डाल रहा है। संघ ने सभी जिलाधिकारियों और उपजिलाधिकारियों को अधीनस्थ कर्मचारियों/लेखपालों के साथ सद्व्यवहार, संवेदनशीलता और संवाद स्थापित करने तथा उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के पदाधिकारियों के साथ नियमित बैठकें करने के निर्देश जारी करने का भी आग्रह किया है। लेखपालों को सामान्य/उपचुनाव तथा मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान अपरिभाषित ड्यूटी (मौखिक/लिखित) के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में एक माह के वेतन के बराबर मानदेय भुगतान हेतु निर्वाचन कार्यालय के कर्मचारियों के साथ सूचीबद्ध करने की भी मांग की गई है। इस मौके पर मुख्य रूप से आकाश वशिष्ठ, मेघा जैन, गुंजन उपाध्याय, सादिक खान, विनय चौधरी और रेनू शर्मा सहित कई लेखपाल मौजूद थे।
कासगंज रेलवे स्टेशन के समीप सहावर गेट पर बने रेलवे फाटक पर लगने वाले जाम की समस्या से अब लोगों को निजात मिल गई है। 16 महीने में तैयार हुए अंडरपास का शुक्रवार को आम जनता के लिए शुभारंभ कर दिया गया। सहावर गेट के इस रेलवे फाटक से रोजाना 50,000 से अधिक वाहन गुजरते थे। फाटक बंद होने पर घंटों तक लंबा जाम लग जाता था, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। एम्बुलेंस और पुलिस के वाहन भी अक्सर जाम में फंस जाते थे। 3 तस्वीरें देखिए... इस समस्या को देखते हुए रेलवे ने अंडरपास बनाने का निर्णय लिया था। अंड रपास बनाने बाली कार्यदाई संस्था हनु इंटर प्राईजेज के ठेकेदार नीरज यादव ने बताया कि यह 900 मीटर लंबा अंडरपास 10 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 14 से 16 महीने में बनकर तैयार हुआ है। अंडरपास से गुजर रहे लोगों ने बताया कि इसके बनने से उन्हें अब काफी राहत मिली है। पहले फाटक पर घंटों जाम में फंसना पड़ता था, जिससे समय और ईंधन दोनों की बर्बादी होती थी। अब आवागमन सुगम हो गया है।
हापुड़। फतेहपुर जिले में लेखपाल सुधीर कुमार की संदिग्ध मौत के बाद प्रदेशभर में आक्रोश फैल गया है। इसी क्रम में शुक्रवार को हापुड़ तहसील में लेखपालों ने धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने अधिकारियों के संवेदनहीन व्यवहार और संवादहीनता का विरोध करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और न्याय की मांग की। जिला मंत्री विवेक चौधरी ने बताया कि लेखपाल संघ के आह्वान पर पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि फतेहपुर में तैनात लेखपाल सुधीर कुमार को SIR (सर्वे इन राइट) ड्यूटी के कारण लगातार अवकाश नहीं दिया गया। अत्यधिक कार्यभार और मानसिक दबाव के बीच बैठक में अनुपस्थित रहने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था। लेखपाल संघ का दावा है कि इसी उत्पीड़न से क्षुब्ध होकर सुधीर कुमार ने आत्महत्या कर ली। 50 लाख का मिले मुआवजा लेखपाल संगठन ने इस पूरे प्रकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। जिला मंत्री विवेक चौधरी ने विशेष रूप से पीसीएस अधिकारी संजय सक्सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। संगठन का आरोप है कि संजय सक्सेना के दबाव और रवैये ने सुधीर कुमार को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। इसके अतिरिक्त, लेखपालों ने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और SIR की अंतिम तिथि बढ़ाने जैसी प्रमुख मांगें भी रखीं। संगठन का तर्क है कि कम समय-सीमा के कारण निचले स्तर के कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव बढ़ता है, जिससे तनाव और मानसिक उत्पीड़न की स्थिति उत्पन्न होती है। कार्यवाही नहीं तो चलेगा धरना धरना प्रदर्शन कर रहे लेखपालों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदर्शन में संगठन के कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे, जिन्होंने अपने साथी के लिए न्याय की आवाज उठाई। इस दौरान ओमप्रकाश, अलोक यादव, कुलदीप कुमार, अरुणवीर सिंह, शांति देवी, डिंपल चौधरी, कृष्णा शामिल रहे।
देवरिया में सदर सांसद शशांक मणि ने शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी डाक बंगले पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR) की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। सांसद मणि ने कहा कि यह अभियान केवल एक औपचारिक रिपोर्ट नहीं है। यह राज्य की सुरक्षा, विकास और लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। बैठक के दौरान, सांसद मणि ने देवरिया लोकसभा क्षेत्र के सभी मंडलों के अध्यक्षों से पुनरीक्षण कार्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक गांव और हर मतदाता तक संपर्क सुनिश्चित किया जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र लोगों का एसआईआर फॉर्म भरा जा चुका हो। सांसद ने यह भी कहा कि यदि किसी स्तर पर कोई समस्या आती है, तो तत्काल बीएलओ, बीएलए-2 या पार्टी द्वारा निर्धारित जिम्मेदार पदाधिकारियों से संपर्क किया जाए। इससे सभी वैध मतदाताओं को समय रहते मतदाता सूची में शामिल किया जा सकेगा। सांसद ने इस बात पर जोर दिया कि मतदाता सूची का सही और पूर्ण होना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का आधार है। इसलिए, इस कार्य को पूरी सजगता, तत्परता और जिम्मेदारी से पूरा किया जाना चाहिए। इस बैठक में अभियान के जिला संयोजक गंगा शरण पांडे, सह संयोजक विजय पटेल, अभिषेक राय अंकुर और वंदे मातरम अभियान के जिला संयोजक संजय तिवारी उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त, सभी मंडलों के वर्तमान और पूर्व मंडल अध्यक्ष भी मौजूद रहे।
बहराइच जिले के जरवल स्थित पंचायत हरना में स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में एक स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। यह मेला पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया और मोबियस फाउंडेशन के सहयोग से 'उम्मीद परियोजना' के तहत आयोजित हुआ। इस मेले में कुल 587 ग्रामीणों ने अपना पंजीकरण कराया। इनमें 427 महिलाएँ और पुरुष तथा 198 किशोर-किशोरियाँ शामिल थे। मेले के दौरान मौके पर ही 99 लाभार्थियों को अस्थायी परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराए गए। इसके अतिरिक्त, 50 आयुष्मान कार्ड बनाए गए और 65 महिलाओं व किशोरियों को सेनेटरी पैड वितरित किए गए। कुल 208 लाभार्थियों की चिकित्सीय जांच कर उन्हें परामर्श और आवश्यक दवाएँ भी प्रदान की गईं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सरजू खान ने इस अवसर पर कहा कि परिवार नियोजन को केवल गर्भनिरोधक उपाय के रूप में नहीं, बल्कि मातृ स्वास्थ्य सुरक्षा के रूप में समझना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि दो गर्भधारण के बीच कम से कम तीन वर्ष का अंतर रखने से महिला का शरीर मजबूत रहता है, रक्ताल्पता और प्रसव संबंधी जटिलताओं का जोखिम कम होता है, साथ ही शिशु बेहतर पोषण के साथ जन्म लेता है। खान ने यह भी जानकारी दी कि गर्भनिरोधक गोलियाँ, कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा इंजेक्शन और महिला-पुरुष नसबंदी जैसे आधुनिक साधन सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध हैं। आरबीएसके टीम की डॉ. पूनम ने अपने संबोधन में कहा कि एक स्वस्थ परिवार की नींव सुरक्षित महिलाओं और बच्चों से पड़ती है, जिसके लिए सामाजिक सोच में बदलाव लाना अनिवार्य है। उन्होंने जोर दिया कि कम उम्र में विवाह और बार-बार गर्भधारण महिलाओं को शारीरिक रूप से कमजोर बनाते हैं और गर्भावस्था व प्रसव के जोखिमों को बढ़ाते हैं। डॉ. पूनम ने कहा कि किशोरियों को वयस्क होने का पूरा समय मिलना चाहिए, तभी मातृत्व और बचपन सुरक्षित रह पाएंगे। इस कार्यक्रम में आरबीएसके टीम से शाकिब अहमद, आयुष्मान मित्र प्रतिनिधि पंकज कुमार, ग्राम प्रधान उमाकांत मिश्रा, प्राथमिक विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाचार्य पुष्पेंद्र मिश्रा, एएनएम अंजू कुमारी, आशा एवं आशा संगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, कम्युनिटी चैंपियन, समूह सखियाँ, तथा पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के जिला व ब्लॉक प्रतिनिधि और फील्ड फैसिलिटेटर्स सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
कोटा में दिल्ली से इंदौर जा रही कल्पना ट्रेवल्स की बस शुक्रवार सुबह आगे चल रहे वाहन में घुस गई। हादसे के वक्त बस में 42 लोग सवार थे। इनमें से 2 की मौत हो गई। वहीं 12 घायल हैं। ज्यादातर यात्रियों के सिर व पैर में चोट लगी है। बस में सवार यात्रियों ने बताया- ड्राइवर काफी तेज गाड़ी चला रहा था। उसे धीरे चलाने को कहा, लेकिन उसने नहीं सुना। नतीजा बस का एक्सीडेंट हो गया। ज्यादातर यात्री नींद में थे। अचानक हुए हादसे के बाद बस में भगदड़ मच गई। बर्थ पर लेटे यात्री नीचे गिर गए। लहूलुहान यात्रियों ने जैसे तैसे बाहर निकल कर खुद की जान बचाई। बस में सवार मेरठ यूपी निवासी सौरभ रस्तोगी, उसके छोटा भाई गौरव और मां अनीता, नई दिल्ली निवासी किशन जैन व सरोज (पति पत्नी), इंदौर एमपी निवासी अविनाश व प्रियंका (पति पत्नी) भी घायलों में शामिल हैं। यात्रियों की आप बीती NIT फरीदाबाद निवासी मोहित कक्कड़ ने बताया- मैं गुड़गांव से रात को 10 बजे बस में बैठा था। सारा सफर अच्छे से चल रहा था। बस रास्ते में रुकी। हमने चाय नाश्ता किया। सुबह करीब 4:30 बजे का टाइम था। हम आधी नींद में थे। मैं नीचे वाली सीट पर बैठा था। टेढ़ा होकर सो रहा था। एकदम से झटका लगा देखा, तो मेरे नाक से खून बहने लगा। मेरे आस-पास के लोग लहूलुहान हो रखे थे। ऊपर की बर्थ पर लेटे हुए लोग नीचे गिर चुके थे। बस में भगदड़ मच गई थी। बस की खिड़की का कांच टूटा हुआ था। किसी तरह से कूदकर बाहर निकला। अपनी जान बचाई। बाहर निकल कर 112 व एंबुलेंस के कॉल किया। सभी यात्री डरे व सहमे हुए थे। दो भाई और मां घायल हुए यूपी के मेरठ निवासी सौरभ रस्तोगी अपने छोटे भाई गौरव व मां अनीता के साथ बस में सफर कर रहे थे। वो तीनों भी चोटिल हुए है। सौरभ ने बताया- मैं पांडिचेरी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं। अपने भाई गौरव व मां अनीता के साथ दिल्ली से उज्जैन महाकालेश्वर दर्शन के लिए जा रहे थे। दिल्ली में कश्मीरी गेट से बस में बैठे थे। ड्राइवर ने रात 11- 12 बजे ढाबे पर बस को रोका था। हमने चाय नाश्ता किया। इसके बाद बस रवाना हुई। हम बस में सो रहे थे। सौरभ ने बताया- करीब 1 बजे मैं टॉयलेट के लिए उठा। गाड़ी काफी स्पीड से चल रही थी। मैने ड्राइवर से बोला गाड़ी को धीरे चलाओ। पर उसने नहीं सुना। करीब 4:30 बजे अचानक से झटके लगने शुरू हुए। बस में से चीखने चिल्लाने की आवाज आने लगी। मेरी मम्मी आगे बैठी हुई थी। मैं सो रहा था। झटका लगते ही मैं आगे जाकर टकराया। मेरे मुंह से खून बहने लगा। बस में आगे बैठे लोग तड़पने लगे। देखा तो लोग बस फंसे हुए थे। ड्राइवर ने बहुत ही खतरनाक तरीके से आगे चल रही गाड़ी को ठोका था। हमने एंबुलेंस के कॉल किया।पुलिस को सूचना दी। हम लोग 1 घंटे तक काफी परेशान रहे।42 ये खबर भी पढ़ें कोटा में 8 लाइन पर हादसा, 2 की मौत:दिल्ली से इंदौर जा रही बस का एक्सीडेंट, ड्राइवर गाड़ी में फंसा, 42 यात्री सवार थे कोटा में 8 लाइन पर प्राइवेट स्लीपर बस हादसे का शिकार हो गई। हादसे में दो लोगों की मौके पर की मौत हो गई, जबकि 12 यात्री घायल हुए हैं। कल्पना ट्रेवल्स की बस दिल्ली से इंदौर जा रही थी। बस में करीब 42 व्यक्ति सवार थे। घायलों को इलाज के लिए कोटा के न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया है। घटना तड़के करीब 4:30 बजे की है। (पढ़ें पूरी खबर)
डिंडोरी में ब्राह्मण समाज ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार आर.पी. मार्को को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन आईएएस संतोष वर्मा द्वारा समाज की बेटियों के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी के विरोध में था। समाज ने तीन दिन के भीतर वर्मा के खिलाफ कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है, जिसकी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश शासन की होगी। कृषि विभाग में उप सचिव स्तर के अधिकारी संतोष वर्मा ने हाल ही में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद एक प्रांतीय अधिवेशन में आरक्षण का समर्थन करते हुए बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जब तक ब्राह्मण अपनी बेटी दान न करें, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। हालांकि, इस बयान के अगले ही दिन अधिकारी ने समाज से माफी भी मांग ली थी। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष यू.के. पटेरिया ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए बताया कि आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को 2021 में गलत तरीके से आईएएस अवॉर्ड दिया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि वर्मा चार साल जेल में भी रह चुके हैं। पटेरिया ने आरोप लगाया कि वर्मा अपने बयान से सामुदायिक वैमनस्यता फैला रहे हैं और सरकार को तत्काल उनका आईएएस अवॉर्ड निरस्त कर उन्हें निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज कर जेल भेजना चाहिए।
अंबेडकरनगर के पुलिस अधीक्षक अभिजीत आर. शंकर ने शुक्रवार को रिजर्व पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में साप्ताहिक परेड की सलामी ली। इस दौरान उन्होंने परेड, शस्त्रागार और डायल 112 के वाहनों का निरीक्षण किया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। सलामी लेने के बाद पुलिस अधीक्षक ने पुलिस बल को दौड़ कराई और टोलीवार परेड ड्रिल का निरीक्षण किया। उन्होंने आरक्षियों को परेड ड्रिल के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान की। इसके उपरांत, यूपी 112 पीआरवी वाहनों का गहन निरीक्षण किया गया। संबंधित कर्मियों को निर्देश दिए गए कि वे पीआरवी के मानक के अनुसार हेडलाइट, हूटर, इंडिकेटर और फर्स्ट एड किट जैसे सभी आवश्यक उपकरण अपने पास रखें। साथ ही, उनके सुव्यवस्थित रखरखाव और साफ-सफाई सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। पुलिस अधीक्षक ने क्वार्टर गार्ड और शस्त्रागार का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने प्रशिक्षणरत आरक्षी रंगरूटों का भी मुआयना किया और उन्हें महत्वपूर्ण निर्देश प्रदान किए। साप्ताहिक परेड के समापन के बाद पुलिस अधीक्षक ने पुलिस लाइन आदेश कक्ष में विभिन्न रजिस्टरों और अभिलेखों की जांच की। उन्होंने संबंधित कर्मियों को इन अभिलेखों को अद्यतन रखने के सख्त निर्देश दिए। इस अवसर पर क्षेत्राधिकारी लाइन शुभम कुमार और क्षेत्राधिकारी प्रशिक्षु अक्षय कुमार भी उपस्थित रहे।
बस्ती शहर के गांधीनगर में गुरुवार देर रात एक बड़ा हादसा टल गया। सड़क से गुजर रहे एक ट्रक में बिजली का केबल फंसने से दो बिजली के खंभे टूट गए और 11 हजार वोल्ट की लाइन सड़क पर गिर गई। इससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। जानकारी के अनुसार, गांधीनगर में दो महीने पहले खुले तारों की जगह केबल लगाए गए थे। सड़क पार कर रहा यह केबल पिछले लगभग दस दिनों से काफी नीचे झूल रहा था। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत बिजली विभाग के अधिकारियों से की थी। विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर आकर जांच भी की थी, लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया गया। बड़ी गाड़ियां गुजरते समय लोग डंडे के सहारे तार को ऊपर करते थे। गुरुवार रात करीब 10 बजे एक तेज रफ्तार ट्रक वहां से गुजरा और उसमें केबल फंस गया। इससे एक तरफ का सीमेंट का खंभा पूरी तरह टूट गया, जबकि दूसरी तरफ 11 हजार वोल्ट की सप्लाई वाला खंभा नीचे से टूटकर झूल गया। सड़क पर केबल गिरने से हड़कंप मच गया। उस समय सड़क पर भारी यातायात था। लोग चिल्लाकर वाहनों को रुकवा रहे थे। तत्काल गिदही सब-स्टेशन को फोन कर एसबीआई फीडर बंद कराया गया। कुछ देर बाद बिजली कर्मी मौके पर पहुंचे और केबल काटकर रास्ता साफ किया, जिसके बाद यातायात सामान्य हो सका। घटना के लगभग 15 घंटे बाद भी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। करीब ढाई हजार उपभोक्ता बिना बिजली के हैं।
सीतापुर में जिलाधिकारी डॉ. राजागपति आर ने शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय (बालिका) रहीमाबाद का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय की व्यवस्थाओं को परखा और कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने परिसर में सुरक्षा व्यवस्था में हिला हवाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्कूल पारसी को सुदृढ़ करने पर जोर देते हुए कहा कि विद्यालय में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि प्रत्येक गतिविधि की निगरानी बेहतर ढंग से हो सके। निरीक्षण में कुल 370 छात्राएं उपस्थित पाई गईं। जिलाधिकारी ने छात्राओं की सुविधाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी बच्चियों को जूते-मोजे उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने विद्यालय में लगे आरओ की जल गुणवत्ता की भी जांच कराई। इसके बाद किचन परिसर में पहुंचकर भोजन के मैन्यू, साफ-सफाई और बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को देखा। मेडिकल कक्ष, प्रयोगशाला, पुस्तकालय और डाइनिंग हॉल का भी उन्होंने निरीक्षण किया। इस दौरान विद्यालय में गंदगी देखकर साफ सफाई के निर्देश दिए है। कक्षाओं में पहुँचकर जिलाधिकारी ने छात्राओं से संवाद किया और विद्यालय में दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी कक्षा-कक्षों में स्मार्ट बोर्ड लगाए जाएं, जिससे शिक्षा और प्रभावी व सुगम बन सके। शिक्षकों की उपस्थिति, चिकित्सकीय व्यवस्था एवं रजिस्टरों की स्थिति पर भी जिलाधिकारी ने विस्तृत जानकारी लेते हुए प्रधानाचार्य और लेखाकार को निर्देशित किया कि सभी अभिलेखों को अद्यतन रखा जाए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी छात्रावास भी पहुंचे, जहाँ उन्होंने बेडशीट, शौचालय, स्वच्छता एवं अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने कड़े निर्देश दिए कि छात्रावास और विद्यालय की नियमित साफ-सफाई कराई जाए तथा परिसर में डस्टबिन की संख्या बढ़ाई जाए। विद्यालय भवन की बाउंड्री दीवार ऊंचाई में कम पाए जाने पर उन्होंने उसे मानक के अनुरूप बढ़ाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिला समाज कल्याण अधिकारी मोती लाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे।
मध्य प्रदेश में पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा गंभीर मरीजों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है। आपातकालीन स्थितियों में यह सेवा मरीजों को नई जिंदगी दे रही है। अनूपपुर जिले में पहली बार पीएमश्री एयर एम्बुलेंस पहुंची, जिसने एक 55 वर्षीय लकवाग्रस्त व्यक्ति को एयरलिफ्ट किया। विवेक नगर निवासी 55 वर्षीय रविंद्र साहू को कुछ दिन पहले जिला चिकित्सालय अनूपपुर में भर्ती कराया गया था। उनके शरीर का एक हिस्सा काम नहीं कर रहा था। जिले में न्यूरो सर्जन और न्यूरो फिजिशियन की अनुपलब्धता के कारण उनका उपचार अनूपपुर में संभव नहीं था। भोपाल एम्स रेफर चिकित्सकों की टीम की सलाह पर, उच्च स्वास्थ्य संस्था में उपचार के लिए उन्हें भोपाल एम्स रेफर किया गया। शुक्रवार को एकलव्य विद्यालय के मैदान से एयर एम्बुलेंस ने अनूपपुर से भोपाल के लिए उड़ान भरी। कलेक्टर हर्षल पंचोली के मार्गदर्शन में मरीज को पीएमश्री एयर एम्बुलेंस हेली के माध्यम से एयरलिफ्ट किया गया। इस प्रक्रिया में अपर कलेक्टर दिलीप पांडेय, सिविल सर्जन डॉ. एस.आर. परस्ते, डॉ. एस.सी. रॉय, डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा, डॉ. एन.पी. मांझी, डॉ. राजकुमार सिंह, डॉ. शिवेंद्र द्विवेदी, भाई लाल पटेल और जिला चिकित्सालय की टीम का विशेष सहयोग रहा। न्यूरो सर्जन और न्यूरो फिजिशियन नहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अलका तिवारी ने बताया कि अस्पताल में न्यूरो सर्जन और न्यूरो फिजिशियन नहीं होने के कारण व्यक्ति का उपचार अनूपपुर में नहीं हो सकता था। चूंकि मरीज आयुष्मान कार्डधारी थे, उन्हें पीएमश्री एम्बुलेंस का लाभ मिला। उन्होंने यह भी बताया कि अनूपपुर जिला शहडोल संभाग का पहला जिला है जिसने इस एयर एम्बुलेंस सेवा का लाभ लिया है, और यह एक तरह से 'ट्रायल' के रूप में किया गया है।
अमरोहा जिले में विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) चल रहा है। इसी क्रम में जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने गजरौला स्थित शिव इंटर कॉलेज का निरीक्षण किया। उन्होंने अभियान में लगे बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) और अन्य कर्मचारियों से बातचीत कर फीडबैक लिया। निरीक्षण के दौरान मेरठ जिले की रहने वाली बीएलओ गीता ने जिलाधिकारी के सामने अपनी समस्या रखी। उन्होंने बताया कि जब वह लोगों से फॉर्म जमा करने के लिए कहती हैं, तो वे गलत तरीके से बात करते हैं। जिन लोगों के गांव और शहर दोनों जगहों पर वोट हैं, वे कहते हैं कि उनकी डीएम से जान-पहचान है और उनके वोट नहीं कटेंगे। इस पर जिलाधिकारी ने बीएलओ गीता को समझाकर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि देशभर में बीएलओ इस समय काफी तनाव में हैं। हालांकि, निरीक्षण के दौरान जहां कार्य प्रगति धीमी पाई गई, वहां जिलाधिकारी ने बीएलओ को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने उपस्थित लोगों से भी बातचीत की और उनसे समय पर फॉर्म भरकर जमा करने का आग्रह किया। जिलाधिकारी ने फॉर्म भरने के लिए आवश्यक जानकारी भी प्रदान की।
प्रयागराज के धनुपुर हंडिया स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में वार्षिकोत्सव और 'पंख' करियर गाइडेंस मेले का आयोजन किया गया। इसमें धनुपुर की ब्लॉक प्रमुख ज्योति यादव मुख्य अतिथि थीं। डॉ सीमी आज़म, डॉ के एन उपाध्याय, डॉ ऋतुराज, डॉ प्रमिला वर्मा और डॉ अमिता यादव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ शेफाली रावत ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि छात्राओं के समग्र विकास के लिए ऐसी गतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं, जो उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने और भविष्य के लिए सही दिशा चुनने में मदद करती हैं। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों और विशेषज्ञों ने छात्राओं को करियर गाइडेंस पर उपयोगी सुझाव दिए। उन्होंने उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं, प्रोफेशनल कोर्स, स्वास्थ्य, कला और तकनीकी शिक्षा से जुड़े विभिन्न विकल्पों की विस्तृत जानकारी दी। विशेषज्ञों ने छात्राओं को अपनी रुचि और क्षमता पहचानकर आगे बढ़ने तथा सही मार्गदर्शन, समय प्रबंधन और लक्ष्य निर्धारण के महत्व पर जोर दिया। वार्षिकोत्सव के तहत छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से 'विविधता में एकता' का संदेश दिया। पांच विभिन्न राज्यों की संस्कृति पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्राओं की ऊर्जा और रंग-बिरंगी वेशभूषा ने सभागार का माहौल जीवंत बना दिया। कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि और प्रधानाचार्या ने 'पंख करियर गाइडेंस' के प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिए। वार्षिकोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया। अतिथियों ने विद्यालय की आयोजन व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं के आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने मतदाता पुनरीक्षण (SIR) फॉर्म को लेकर बड़ा विवादित बयान दिया है। गोंडा के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचीं पल्लवी पटेल ने साफ कहा—“मैं SIR फॉर्म नहीं भरूंगी। यह प्रक्रिया ही गलत है। मैं इस देश की नागरिक हूं, मेरे पास सभी वैध दस्तावेज हैं, तो मैं फॉर्म क्यों भरूं?” वह सरदार पटेल सेवा संस्थान में पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक कर रही थीं। “मैं वोटर हूं, हमेशा से वोट दे रही हूं… फॉर्म न भरने से मेरा मताधिकार नहीं छिनेगा” पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि फॉर्म न भरने पर क्या उनका नाम वोटर सूची से कट जाएगा, तो उन्होंने तुरंत पलटकर कहा—“मैं कैसे वंचित रह जाऊंगी? मैं जन्म से वोटर हूं, हमेशा से वोट दे रही हूं। आज अगर फॉर्म नहीं भरूंगी तो क्या मेरे अधिकार खत्म हो जाएंगे?” पटेल ने कहा कि उनके पास सभी दस्तावेज हैं और वोटिंग का लंबा इतिहास है, ऐसे में पुनरीक्षण की जरूरत ही नहीं है। “SIR फॉर्म भरना है या नहीं… यह जनता की मर्जी” उन्होंने कहा—“अगर जनता SIR को ठीक समझती है तो फॉर्म भरे। अगर नहीं ठीक समझती तो न भरे। यह अधिकार जनता का है।” पटेल ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा—“यह भी महिलाओं के आरक्षण जैसा है… कागजों में घोषणा, जमीन पर कुछ नहीं। SIR भी एक जुमला बनकर रह जाएगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया का असली उद्देश्य मतदाता सूची को सुधारना नहीं, बल्कि दूर-दराज के दलित, पिछड़े, गरीब और मजलूमों के वोट अधिकार को कमजोर करना है। “यह लोकतंत्र पर हमला है।” “जहां चुनाव, वहीं SIR… हमें सरकार की नीयत पर शक है” पल्लवी पटेल ने कहा कि विपक्ष इसलिए सवाल उठा रहा है, क्योंकि“जहां-जहां चुनाव होने हैं, जहां सरकार को ज्यादा सीट चाहिए, वहां SIR की आड़ में खेल किया जा रहा है। नीयत साफ नहीं है।” बीएलओ पर दबाव को बताया अमानवीय पटेल ने आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया में बीएलओ और अधिकारियों पर अत्यधिक दबाव डाला जा रहा है।“काम पूरा न होने पर तनख्वाह रोकने की धमकी दी जा रही है। यह अमानवीय है। एक सरकारी कर्मचारी 30 दिन काम अपनी सैलरी के लिए करता है, उसका वेतन रोकना गलत है।” डिटेंशन सेंटर पर सरकार को घेरा घुसपैठियों को लेकर बन रहे डिटेंशन सेंटर पर भी उन्होंने सवाल उठाए—“पहले बताइए इसका आधार क्या है? प्लान-B क्या है? सिर्फ घोषणा कर देने से क्या हो जाएगा? आगे की रणनीति क्या है?” रामभद्राचार्य के बयान पर सवाल टाला जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य के महिलाओं से जुड़े विवादित बयान पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर पल्लवी पटेल ने कहा—“मेरे कार्यक्रम से जुड़े सवाल पूछिए… बाकी दुनिया भर की बातें क्यों पूछ रहे हैं?” गोंडा में पल्लवी पटेल का यह बयान दिनभर चर्चा में रहा। SIR पहले से ही कई जिलों में विवादों में है और अब पल्लवी पटेल के इस बयान ने राजनीतिक गर्मी और बढ़ा दी है।
पलामू में अवैध शराब के साथ बोलेरो जब्त:पुलिस को देख भाग रहा चालक गिरफ्तार, 700 बोतल बरामद
पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र में पुलिस ने नारायणपुर बाजार के पास छापेमारी कर एक बोलेरो वाहन से भारी मात्रा में अवैध देशी शराब बरामद की है। बुधवार रात गश्ती के दौरान पुलिस ने वाहन चालक को भी गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, गश्ती दल रात करीब 8:30 बजे नारायणपुर बाजार के पास पहुंचा था। तभी पथरा गांव की ओर से आ रही एक सफेद रंग की बोलेरो पुलिस टीम को देखकर अचानक घूमकर भागने लगी। गश्ती दल ने तत्काल घेराबंदी कर वाहन और चालक को पकड़ लिया। पूछताछ में चालक की पहचान सौरभ सिंह (24) के रूप में हुई, जो हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के अलीनगर गांव का रहने वाला है। वाहन की तलाशी लेने पर प्लास्टिक के पांच बोरों में कुल 28 पेटी देशी टनाका शराब बरामद हुई। प्रत्येक पेटी में 25 पीस शराब थी, जिससे कुल 700 बोतल (300 एमएल प्रत्येक) शराब जब्त की गई। चालक कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सका। पुलिस ने बोलेरो वाहन सहित बरामद शराब जब्त कर ली है। हुसैनाबाद थाना में बीएनएस और उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी चालक सौरभ सिंह को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
बुधनी में महिला ने नर्मदा नदी में लगाई छलांग:आस पास मौजूद लोगों ने बचाई जान, अस्पताल पहुंचाया
सीहोर जिले के बुधनी में एक महिला ने पुल से नर्मदा नदी में छलांग लगा दी। गनीमत रही कि वहां मौजूद लोगों की नजर उस पर पड़ गई। लोगों ने तुरंत उसे नदी से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है। जानकारी के अनुसार, आज एक महिला ने बुधनी स्थित नर्मदा नदी में अचानक छलांग लगाई। वहां से गुजर रहे राहगीरों ने उसे कूदते देखा और तत्काल अन्य लोगों को मदद के लिए बुलाया। इसके बाद महिला को सुरक्षित नदी से बाहर निकाल लिया गया। पुलिस महिला की पहचान में जुटीघटना की सूचना बुधनी थाना पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि महिला कौन है और उसने किस कारण से नर्मदा नदी में छलांग लगाई। पूरा घटनाक्रम इतनी तेजी से हुआ कि किसी को कुछ भी समझने का मौका नहीं मिला। इस मामले में एसडीओपी रवि शर्मा ने बताया कि महिला अभी बोलने की स्थिति में नहीं है, जिसके कारण वह कुछ भी बता नहीं पा रही है। अस्पताल में उसका इलाज जारी है, स्थिति बेहतर लगने पर महिला से पूछताछ की जाएगी।
उज्जैन में शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के छोटे बेटे डॉ. अभिमन्यु यादव की शादी समारोह की शुरुआत हुई। पहले दिन माता पूजन कार्यक्रम में सीएम यादव की पत्नी सहित बड़े बेटे वैभव यादव, बेटी डॉ आकांक्षा यादव, बड़े भाई नारायण यादव, बहन कलावती यादव सहित पूरे परिवार ने जमकर किया डांस। हालांकि सुबह शुरू हुए कार्यक्रम में सीएम यादव शामिल नहीं हो पाए हैं। वे दोपहर बाद उज्जैन पहुंचेंगे। इसके बाद होने वाले अन्य कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सीएम के बेटे डॉ अभिमन्यु का विवाह खरगोन की डॉ. इशिता से सामूहिक विवाह समारोह में 30 नवम्बर को होने जा रहा है। सामूहिक विवाह समारोह के लिए उज्जैन के सांवरा खेड़ी में इसकी तैयारी चल रही है। यहां 22 जोड़े एक साथ फेरे लेंगे। इसमें सीएम के बेटे और और बहू भी शामिल होंगे। शुक्रवार सुबह सीएम के गीता कॉलोनी स्थित निवास से माता पूजन का कार्यक्रम शुरू हुआ। जिसमें बैंड बाजे के साथ परिवार और करीबी लोग के साथ दोस्त भी शामिल हुए। इस दौरान भाजपा नेता भी कार्यक्रम में में शामिल रहे। माता पूजन के कार्यक्रम भाजपा शहर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, रवि सोलंकी, जगदीश पांचाल, मुकेश यादव सहित कई पार्षद और लोग शामिल हुए। इस दौरान सभी ने डीजे और ढोल पर डांस भी किया। सीएम की बेटी बोली- पूरा परिवार शादी एन्जॉय कर रहा माता पूजन कार्यक्रम में शामिल सीएम की बेटी डॉ आकांक्षा यादव अपने भाई की शादी में जश्न मनाते हुए नजर आई। उन्होंने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा कि भाई की शादी है एन्जॉय कर रही हूं। घर में खुशियों का प्रसंग आया सीएम की बहन कलावती यादव ने कहा कि बाबा महाकाल की कृपा से घर में खुशियों का प्रसंग आया है। हर्ष उल्लास की घड़ी है। सभी के जीवन में ऐसी खुशियां भरे भगवान महाकाल। सोशल मीडिया में वायरल हो रही पत्रिका मुख्यमंत्री मोहन यादव बेटे की शादी सामूहिक विवाह सम्मेलन में कर रहे है। हर कोई इनकी इस सादगी की तारीफ कर रहा है। बेटे की शादी का कार्ड भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने सन्देश देते हुए इस विवाह का निमंत्रण पत्र भी बेहद सामान्य प्रिंट कराया है। पढ़ें क्या लिखा है पत्रिका में उपहार के लिये क्षमा..., आपका आशीर्वाद ही नवयुगल हेतु अमूल्य उपहार है आप सादर सविनय आमंत्रित है, मेरे आत्मज डॉ. अभिमन्यु यादव (M.B.B.S., M.S.) संग डॉ. ईशिता यादव पटेल (M.B.B.S.) के मंगल परिणय के पावन प्रसंग पर शुभदिन है 30 नवम्बर 2025, अगहन शुक्ल दशमी, रविवार। बेटे के शुभ विवाह को हमारे परिजनों की शुभेच्छानुसार सामूहिक विवाहोत्सव में परिणीत किया है, सामाजिक सरोकार के पावन उद्देश्य से रचे पगे सामूहिक विवाह समारोह के उल्लास में सामाजिक समरसता और सद्भाव से परिपूर्ण इस सामूहिक परिणय मंगल समारोह में 21 नवयुगल परिणय बंधन में गुंथित होंगे। इन्हीं 21 जोड़ो के साथ गठबंधन में सप्तपदी सप्तवचनों के साथ मेरे सुपुत्र भी गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करेंगे। इस पवित्र आयोजन में आपका आगमन हमारा और नवयुगलों का परम सौभाग्य होगा। सभी नवदम्पत्ति आपके आशीर्वाद से अभिसिंचित होकर सौभाग्यशाली होंगे। आपके पधारने से कार्यक्रम की गरिमा में भी अभिवृद्धि होगी। आपके शुभाशीष के आकांक्षी ...उपहार के लिये क्षमा..., आपका आशीर्वाद ही नवयुगल हेतु अमूल्य उपहार है। यह खबर भी पढें... सीएम के बेटे की शादी सामूहिक विवाह सम्मेलन में:उज्जैन में 5 दिन चलेंगी रस्में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के छोटे बेटे डॉ. अभिमन्यु यादव की शादी खरगोन की डॉ. इशिता से सामूहिक विवाह समारोह में होगी। करीब 5 दिन तक चलने वाले कार्यक्रम के लिए उज्जैन में दो होटल बुक किए गए हैं। कुछ रस्में उज्जैन स्थित सीएम हाउस यानी वीआईपी आवास जबकि कुछ अथर्व होटल में होंगी। पढ़ें पूरी खबर...
जौनपुर में विवाहिता का शव फंदे पर लटका मिला:मायके वालों ने लगाया हत्या का आरोप , पति हिरासत में
जौनपुर जनपद के मछली शहर थाना क्षेत्र के सरावा गांव में शुक्रवार सुबह एक विवाहिता का शव उसके कमरे में पंखे से लटका मिला। घटना की सूचना मिलते ही मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। मृतका की पहचान सुजानगंज थाना क्षेत्र के बेनीपुर गांव निवासी हरि लाल विश्वकर्मा की पुत्री अनीता विश्वकर्मा (25) के रूप में हुई है। अनीता की शादी पांच साल पहले सरावा गांव निवासी वीरेंद्र उर्फ शिवम के साथ हुई थी। पिता ने ससुराल पक्ष पर आरोप लगाया। अनीता के पिता हरि लाल विश्वकर्मा ने आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए फंदे पर लटकाया गया है। वहीं, मृतका के ससुर धर्मजीत विश्वकर्मा ने बताया कि घटना के समय उनका बेटा घर पर नहीं था। सुबह करीब 6:30 बजे जब अनीता नहीं उठी, तो उनकी पत्नी ने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा न खुलने पर धक्का देने पर वह खुल गया और अनीता पंखे से लटकी मिली। उन्होंने तुरंत उसे नीचे उतारा और मायके वालों को सूचना दी। पुलिस कर रही मामले की जांच। मछली शहर कोतवाल विनीत राय ने बताया कि विवाहिता के पति वीरेंद्र उर्फ शिवम को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस मामले की गहनता से छानबीन कर रही है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह आत्महत्या है या हत्या।
मुरादाबाद में शुक्रवार को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के बैनर तले क्षत्रिय समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन सपा प्रवक्ता मनोज यादव द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और क्षत्रिय समाज के प्रति की गई कथित अभद्र टिप्पणी के विरोध में था। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर नारेबाजी की और मनोज यादव तथा आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मनोज यादव की टिप्पणियाँ क्षत्रिय समाज का अपमान हैं। उन्होंने सरकार से सपा प्रवक्ता के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज करने और उन्हें माफी मांगने के लिए बाध्य करने की मांग की। इसके अतिरिक्त, आईएएस संतोष वर्मा पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की मांग की गई। कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के दौरान मनोज यादव मुर्दाबाद, क्षत्रिय समाज की जय और संतोष वर्मा को बर्खास्त करो जैसे नारे लगाए गए। समाज के लोगों ने हाथों में बड़े बैनर, तख्तियां और झंडे लेकर अपना विरोध दर्ज कराया। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर किया जाएगा। प्रदर्शन स्थल पर किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहा। जिलाधिकारी ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि इस प्रकरण की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अमेठी। पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह रविवार को अमेठी पहुंचे। वे जिला पंचायत अध्यक्ष और उद्योगपति राजेश अग्रहरि (राजेश मसाला) के यहां आयोजित बहूभोज कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। यहां उन्होंने अग्रहरि परिवार के आवास पर जाकर नव दंपति को आशीर्वाद दिया। करीब 11:30 बजे बृजभूषण शरण सिंह अपने उड़न-खटोले से राजेश मसाला फैक्ट्री परिसर में बने हेलीपैड पर उतरे। वहां से वे सीधे जिला पंचायत अध्यक्ष के आवास पहुंचे, जहां करीब आधे घंटे रुककर उन्होंने शुभकामनाएं दीं। इसके बाद वे अगले कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए। हिमांशु अग्रहरि की शादी के बाद बहू भोज जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि के बड़े बेटे हिमांशु अग्रहरि की शादी 24 नवंबर को सम्पन्न हुई थी। इसके बाद आज राजेश मसाला फैक्ट्री परिसर में भव्य बहूभोज का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेशभर से राजनीतिक हस्तियों के आने का सिलसिला जारी है। कई मंत्रियों और नेताओं की उपस्थिति बहू भोज कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आज प्रदेश के कई मंत्री और विधायक अमेठी पहुंचे हैं। इनमें प्रमुख रूप से—
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने आज शुक्रवार को यमुनानगर जिले के रेलवे स्टेशन पर स्वदेशी जागरूकता अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने सैकड़ों यात्रियों से संवाद किया और उन्हें स्वदेशी उत्पाद अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनके साथ यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा भी मौजूद रहे। मंत्री रेलवे स्टेशन पर पहुंचे लगभग डेढ़ घंटे तक वहां रुके। इस दौरान उन्होंने प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों से बातचीत की, पर्चे बांटे और स्वदेशी वस्तुओं के लाभ समझाए। वे ट्रेन के अंदर भी गए और विभिन्न कोच में यात्रियों से मुलाकात की। कई यात्री मंत्री को देखकर आश्चर्यचकित हुए और उनके साथ सेल्फी लेने लगे। स्वदेशी अपनाना क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि श्याम सिंह राणा ने यात्रियों को संबोधित करते हुए कहा, आजादी के 75 वर्ष बाद भी अधिकतर लोग विदेशी सामान पर निर्भर हैं। स्वदेशी अपनाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है उन क्रांतिकारियों को जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिए। जब आप स्वदेशी सामान खरीदते हैं तो उसका पैसा हमारे किसान, कारीगर और मजदूर के पास जाता है। विदेशी सामान खरीदने से हमारा पैसा विदेश चला जाता है और आत्मनिर्भर भारत का सपना अधूरा रह जाता है। उन्होंने कहा कि दीपावली, रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर भी हमें स्वदेशी ही अपनाना चाहिए। मंत्री ने यात्रियों से कहा कि मोबाइल में चाइनीज ऐप की जगह भारतीय ऐप इस्तेमाल करें, कपड़े में खादी और हैंडलूम को प्राथमिकता दें तथा रोजमर्रा की वस्तुओं में भी स्वदेशी ब्रांड चुनें। स्वदेशी अपनाना राष्ट्रीय गौरव का विषय यमुनानगर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने भी लोगों से अपील की कि स्वदेशी अपनाना केवल आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को जन-जन तक पहुंचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। विधायक ने बताया कि यह अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है और आने वाले दिनों में वे अन्य रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों और बाजारों में भी जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। उनका कहना था कि जब तक हर नागरिक स्वदेशी के प्रति जागरूक नहीं होगा, तब तक देश मजबूत नहीं बनेगा। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा सहित कई नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र में जमीन कब्जाने की एक हैरान कर देने वाली चाल सामने आई है। आरोप है कि 15 करोड़ की जमीन हड़पने के लिए एक चाचा ने अपने ही परिवार के तीन मृत सदस्यों को कागजों में “जिंदा” दिखा दिया। फर्जी हलफनामों के आधार पर 15 बीघा कृषि भूमि को आबादी घोषित कराने की कोशिश की गई। परिवार के लोगों ने बताया कि समरपाल नामक रिश्तेदार ने अपने चचेरे भाई मदनपाल, धर्मपाल और रिश्तेदार विक्रम सिंह—जो कई साल पहले मर चुके हैं—उनके नाम से हलफनामे दाखिल करवा दिए। तहसील में यह दस्तावेज जमा कर जमीन को आबादी क्षेत्र में बदलवाने और आगे प्लॉटिंग करने की तैयारी की जा रही थी।इन्हें जिंदा बता दिया... पुलिस में शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं, पीड़ित पहुंचे एसएसपी कार्यालय मृतकों के परिजनों ने पुलिस से शिकायत कर मामला दर्ज कराया था, लेकिन जांच की रफ्तार से वे संतुष्ट नहीं हैं।गुरुवार को पीड़ित परिवार कचहरी स्थित एसएसपी कार्यालय पहुंचा। उन्होंने एसपी ग्रामीण आदित्य बंसल से मिलकर कहा कि जांच में गंभीर लापरवाही की गई है। परिजनों का आरोप—“10–12 साल पहले मर चुके लोगों के एफिडेविट कैसे बन गए?” पीड़ित पक्ष के रिश्तेदार श्रवण कुमार ने बताया— उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरुआत में सिर्फ साधारण धाराओं में FIR दर्ज की, जबकि उनकी मांग थी कि फर्जीवाड़े की गंभीरता को देखते हुए धारा 420, 471 और बीएनएस की धारा 338 लगाई जाए।“आठ महीने से हम चक्कर काट रहे हैं, लेकिन तहसील और थानों में सुनवाई नहीं हो रही। जब तक खाता-तक्सीम नहीं हुआ, कोई अधिकार नहीं बनता, फिर भी प्लॉटिंग कर रहे हैं,” श्रवण ने कहा। एसपी ग्रामीण बोले—फर्जी एफिडेविट के आधार पर लाभ लेने की कोशिश, जांच जारी एसपी ग्रामीण आदित्य बंसल ने बताया—“शिकायत मिली थी कि मृत व्यक्तियों के नाम से फर्जी एफिडेविट लगाकर जमीन में लाभ लेने की कोशिश हुई। CO भोपा की रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी के आदेश से भोपा थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।मामले की विस्तृत जांच चल रही है। विवेचना के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” जमीन विवाद के पीछे 15 करोड़ की कीमत, परिजनों में नाराजगी परिवार का कहना है कि जमीन की कीमत बहुत अधिक होने के कारण यह पूरी साजिश रची गई। मृतकों को जिंदा दिखाना सिर्फ कागजी खेल नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का प्रयास है। पीड़ित परिवार ने स्पष्ट कहा—“अगर यहां न्याय नहीं मिला तो हम कहां जाएंगे?” मुजफ्फरनगर पुलिस अब इस अनोखे जमीन फर्जीवाड़े की तह तक पहुंचने में जुटी है। मामला गंभीर है और जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रशासनिक मशीनरी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, इसके बावजूद आगरा में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) जोर नहीं पकड़ पा रहा। 27 नवंबर तक जिले में सिर्फ 36% ही डिजिटलाइजेशन का काम पूरा हो सका है। 64% फार्मों की फीडिंग बाकी है। ऐसे में जिला निर्वाचन अधिकारी/डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिए हैं। 4 दिसंबर तक जमा होंगे फार्म4 दिसंबर को विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) खत्म हो रहा है। समय कम बचा है, जबकि 64% से अधिक वोटर ने अपने फॉर्म जमा नहीं किए हैं। जबकि मतदाताओं से लगातार अपील की जा रही है कि फॉर्म जमा करने के लिए लास्ट डेट का इंतजार न करें। जिससे कि उनकी फीडिंग की जा सके। डीएम की वोटर से अपीलडीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने साफ कहा है-जिसका फॉर्म जमा नहीं होगा, उसका नाम वोटर लिस्ट में नहीं आएगा। उन्होंने वोटर को आगाह किया कि फॉर्म के साथ न तो कोई प्रमाणपत्र लगाना है और न ही कोई ओटीपी देना है। डीएम ने कहा-एक से अधिक फॉर्म भरने वाले व्यक्ति को सजा का प्रावधान है। आगरा में 3696 BLO के माध्यम से कुल 36,00,071 सत्यापन कराया जा रहा है। बूथों का हाल वहीं, कुछ मतदाताओं का रिकॉर्ड नहीं मिल रहा, ऐसे में वे इधर से उधर भटक रहे हैं। शुक्रवार को दैनिक भास्कर की टीम जब आजमपाड़ा स्थित बूथ पर पहुंची तो यहां कई मतदाता ऐसे मिले, जिन्हें अब तक फॉर्म नहीं मिले हैं। अमर विहार निवासी मीरा देवी इन्हीं में से एक हैं, उनका कहना है कि वे कई दिनों से बूथ के चक्कर काट रहीं हैं लेकिन अब तक उन्हें फॉर्म नहीं मिला है। हेल्प डेस्क बनाए गएनगरीय क्षेत्रों में अभियान-2026 की प्रगति धीमी है। इस कारण 87-आगरा कैंट में 30 हेल्प डेस्क, 88-आगरा साउथ में 23 और 89-आगरा नॉर्थ में 25 हेल्प डेस्क तत्काल प्रभाव से सक्रिय करने के निर्देश दिए। यहां गणना पत्र भरने, सहयोग और संकलन का कार्य किया जाएगा। विशेष रणनीति के तहत बीएलओ और सुपरवाइजर के साथ एनएसएस तथा नागरिक सुरक्षा आगरा के वार्डन और वॉलेंटियर को क्षेत्रवार टीम बनाकर लगाने के निर्देश दिए गए। इनका कार्य जनजागरूकता करना और गणना पत्र भरवाने में सहायता देना होगा।इतना ही नहीं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को भी लोगों को जागरूक करने के लिए लगाया गया है। फॉर्म जल्दी जमा करने की अपीलउपजिला निर्वाचन अधिकारी/एडीएम सिटी यमुनाधर चौहान ने बताया-SIR कार्य अति महत्वपूर्ण है। मतदाता भी जिम्मेदारी समझें और बीएलओ का सहयोग करें। उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि वे फार्म जमा करने के लिए अंतिम समय का इंतजार न करें। जितना जल्दी हो सके, वे फार्म जमा करें। जिससे कि फीडिंग का काम समय पर पूरा हो सके। यदि मतदाता ऐन वक्त पर फार्म जमा करेंगे तो फीडिंग का काम नहीं हो जाएगा।प्रभारी नोडल/सहायक नोडल अधिकारीडीएम ने 87-आगरा कैंट के लिए डीएसओ आनंद कुमार सिंह, 88-आगरा दक्षिण के लिए डीसी (मनरेगा) रामायण सिंह यादव, 89-आगरा उत्तर के लिए डीसी (एनआरएलएम) राजन राय और 90-आगरा ग्रामीण के लिए समाज कल्याण अधिकारी जीआर प्रजापति को नोडल अधिकारी नामित किया। उपजिला निर्वाचन अधिकारी/एडीएम सिटी यमुनाधर चौहान ने मतदाताओं से अपील की है कि वे 4 दिसंबर का इंतजार न करें। किसी भी प्रकार की सूचना के लिए बूथ पर तैनात बीएलओं से सम्पर्क करें। इसके अतिरिक्त मतदाता https://voters.eci.gov.in पोर्टल से भी अपना गणना प्रपत्र भर सकेते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं। मेरा अब तक फॉर्म नहीं भरा गया है, कई दिनों से चक्कर काट रही हूं। न ही मुझे अब तक कोई संतोषजनक जवाब मिला है। मीरा देवी, वोटर मुझे फॉर्म भरने में कोई दिक्कत नहीं आई। बीएलओ की मदद से मैंने अपना फार्म भर दिया है। आदर्श कपूर, वोटर
युवक की मौत, परिजन ने मारपीट का आरोप लगाया:देवास पुलिस को बेहोशी की हालत में मिला था
देवास में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। युवक 25 नवंबर को घर से निकला था और अगले दिन पुलिस को प्रताप नगर में बेहोश मिला। परिवार का कहना है कि उसके साथ मारपीट की गई हो सकती है। सिविल लाइन पुलिस ने युवक को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी पहचान सौरभ उर्फ विक्की (25) पिता हनुमान प्रसाद मिश्रा, निवासी कवि कालिदास मार्ग, पुराना बस स्टैंड के रूप में हुई। 26 नवंबर की सुबह परिजनों को सौरभ एमजी अस्पताल में मिला। उनका कहना है कि उसके शरीर पर चोट के निशान थे। जिला अस्पताल से परिजन उसे बांगर के अमलतास अस्पताल ले गए, लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे फिर एमजी अस्पताल लाया गया। इलाज के दौरान रात में उसकी मौत हो गई। सौरभ अविवाहित था और बैंकों से कमीशन पर लोन दिलाने का काम करता था। उसके भाई ने मारपीट की आशंका जताई है। मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मऊ में IAS संतोष वर्मा के खिलाफ प्रदर्शन:ब्राह्मण विकास परिषद ने की कार्रवाई की मांग
मऊ जिला कलेक्ट्रेट परिसर में ब्राह्मण विकास परिषद के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज के खिलाफ दिए गए कथित आपत्तिजनक बयान के विरोध में था। परिषद ने अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि आईएएस संतोष वर्मा ने एक संगठन के प्रांतीय सम्मेलन में ब्राह्मण समाज के विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी की थी। परिषद के अनुसार, उनके इस कथन से पूरा ब्राह्मण समाज आंदोलित और मर्माहत है। ब्राह्मण विकास परिषद ने मांग की है कि ऐसे अधिकारी के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाए। परिषद ने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरे प्रदेश का ब्राह्मण समाज आंदोलन करेगा। संगठन के अध्यक्ष ऋषिकेश पांडेय ने बताया कि मऊ में ब्राह्मण समाज के लोगों ने आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ ज्ञापन दिया है, जिन्होंने ब्राह्मण कन्याओं के विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी की थी। उन्होंने ऐसे अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई और सेवा से बर्खास्त करने की मांग की। पांडेय ने कहा कि ऐसे अधिकारी को नैतिक रूप से पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इस प्रदर्शन के दौरान संगठन के अध्यक्ष ऋषिकेश पांडेय के साथ संजय कुमार त्रिपाठी, डॉ. एस.सी. तिवारी, संदीप मिश्रा सहित कई अन्य सदस्य मौजूद रहे।
फतेहपुर में एसआईआर फॉर्म भरने में दिक्कत:बीएलओ और मतदाता समय-सीमा को लेकर परेशान
फतेहपुर में चुनाव आयोग के निर्देश पर एसआईआर (SIR) फॉर्म भरवाने का कार्य चल रहा है। इस प्रक्रिया में लगे बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) और मतदाताओं दोनों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक भास्कर टीम से बातचीत में उन्होंने अपनी परेशानियां साझा कीं। जिले में अब तक चार लाख से अधिक ऑनलाइन आवेदन एसआईआर के लिए किए जा चुके हैं। मुराइन टोला की बीएलओ राधा देवी ने बताया कि उन्हें अपने वार्ड में 900 मतदाताओं के फॉर्म भरवाने हैं। फॉर्म घर-घर जाकर दिए गए, लेकिन जानकारी के अभाव में मतदाता रात 11 बजे या सुबह 6 बजे से ही फोन करना शुरू कर देते हैं। कम समय में फॉर्म भरवाने और फिर उन्हें फीड करने के दबाव से उन्हें मानसिक परेशानी हो रही है। राधा देवी ने कहा कि अधिकारियों के निर्देश का पालन तो करना ही है, लेकिन अगर इसकी समय-सीमा बढ़ा दी जाती तो उन्हें और आराम मिलता। वहीं, मतदाता और अधिवक्ता प्रमोद उपाध्याय ने भी अपनी समस्या बताई। उन्होंने कहा कि एसआईआर फॉर्म में कई त्रुटियां हैं, जैसे 2003 से पहले मतदाता कहां थे, इसका जिक्र मांगा गया है, जिसे भरने में मतदाता असमर्थ हैं। उपाध्याय ने सुझाव दिया कि चुनाव आयोग को निर्धारित समय-सीमा बढ़ानी चाहिए और शिविरों (कैंप) के माध्यम से फॉर्म भरवाने चाहिए। अधिवक्ता उपाध्याय ने यह भी आशंका जताई कि जिस तरह से यह कार्य किया जा रहा है, उससे कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कट सकते हैं। उन्होंने जोर दिया कि सही तरीके से फॉर्म भरने के लिए पर्याप्त समय और सुविधाएँ मिलनी चाहिए।
फिरोजाबाद के रजाबली थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक 32 वर्षीय युवक द्वारा आत्मदाह करने की दर्दनाक घटना सामने आई। पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगाने से युवक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। फतेहपुर निवासी था मृतक मान सिंह पुलिस के अनुसार मृतक की पहचान फतेहपुर के रहने वाले मान सिंह पुत्र महाराज सिंह के रूप में हुई है। वह फिरोजाबाद के नगला पान सहाय इलाके में नौकरी करता था और किराए पर रहता था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, युवक ने अचानक खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और उसे बचाने का अवसर भी नहीं मिल सका। युवक के पास से मिली पेट्रोल की बोतल थाना अध्यक्ष ब्रजकिशोर ने बताया कि मौके से पेट्रोल से भरी एक बोतल बरामद की गई है, जिससे स्पष्ट होता है कि युवक ने खुद आग लगाई है। हालांकि यह कदम उठाने के पीछे की वजह अभी सामने नहीं आई है। पुलिस युवा के परिजनों से संपर्क कर कारणों के बारे में जानकारी जुटा रही है। आत्महत्या के कारणों की जांच जारी पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयान के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। फिलहाल सुसाइड नोट मिलने की कोई जानकारी नहीं है। घटना की सूचना मिलते ही मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया। परिवारजन का रो-रोकर बुरा हाल है।
देवरिया में फतेहपुर तहसील के लेखपाल सुधीर कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद जिले भर के लेखपालों में आक्रोश है। शुक्रवार को देवरिया सदर सहित विभिन्न तहसीलों में लेखपालों ने कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करने और मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की। लेखपाल सुधीर कुमार की शादी 26 नवंबर को तय थी, लेकिन SIR (सर्वे ऑफ विलेजेज एंड मैपिंग विद इम्प्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी इन विलेज एरियाज) ड्यूटी और अन्य कार्यों के कारण उन्हें छुट्टी नहीं मिली थी। लेखपाल संघ के अनुसार, 22 नवंबर को एसआई बैठक में अनुपस्थित रहने पर ईओ संजय कुमार सक्सेना ने उन्हें निलंबित कर दिया था। इसके बाद 25 नवंबर को राजस्व निरीक्षक शिवराम कथित तौर पर सुधीर कुमार के घर पहुंचे। उन्होंने सुधीर पर दबाव बनाते हुए कहा कि वे SIR का काम पूरा कर दें या किसी और से पैसे देकर करवा लें, अन्यथा निलंबन के बाद उनकी सेवा समाप्त भी हो सकती है। लेखपाल संगठन और मृतक के परिवार का आरोप है कि इस चेतावनी ने सुधीर पर मानसिक दबाव और बढ़ा दिया। छुट्टी न मिलने, निलंबन और कथित डांट-फटकार से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया। सदर तहसील के लेखपाल संगठन अध्यक्ष दिवाकर झां ने इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि असंवेदनशीलता और लगातार दबाव का परिणाम बताया है। लेखपाल संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि परिजनों द्वारा तहरीर दिए जाने के बावजूद 30 घंटे तक नामजद एफआईआर दर्ज नहीं की गई। लेखपाल संगठन ने शासन को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कई मांगें रखी गई हैं। इनमें ईओ संजय कुमार सक्सेना को नामजद करते हुए नई एफआईआर दर्ज करना, मृतक की मां को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देना और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करना शामिल है। संगठन ने SIR अभियान की अंतिम तिथि बढ़ाने की भी मांग की है, ताकि कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव कम हो सके। इसके अतिरिक्त, अधिकारियों द्वारा अनुचित दबाव रोकने, संवाद बढ़ाने और नियमित बैठकें करने के निर्देश जारी करने की अपील की गई है। लेखपालों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
50 स्वयंसेवकों को आपदा प्रशिक्षण के लिए रवाना:डीएम जसजीत कौर ने एसडीआरएफ लखनऊ के लिए हरी झंडी दिखाई
बिजनौर, 28 नवंबर, 2025: जिलाधिकारी जसजीत कौर ने आज कलेक्ट्रेट परिसर से 'आपदा मित्र योजना' के तहत प्रथम चरण में 50 स्वयंसेवकों को आपदा प्रशिक्षण के लिए हरी झंडी दिखाकर एसडीआरएफ लखनऊ के लिए रवाना किया। इन स्वयंसेवकों को आपदा का सामना करने में सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, ये आपदा मित्र जिले में 'फर्स्ट रिस्पांडर' के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालेंगे। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग ने एनसीसी, एनएसएस और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) से इन स्वयंसेवकों का चयन किया है। केंद्र सरकार द्वारा सामुदायिक जागरूकता के माध्यम से आपदाओं के समय होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से इस योजना को लागू किया जा रहा है। 'आपदा मित्र परियोजना' का संचालन आपदा मोचक निधि से किया जाएगा। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वान्या सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में 50 आपदा मित्रों को शुक्रवार सुबह एसडीआरएफ लखनऊ भेजा जा रहा है। इनका 12 दिवसीय प्रशिक्षण 29 नवंबर से शुरू होगा। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दिशा-निर्देशों पर इन स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन, आपदा पूर्व तैयारी, भूकंप सुरक्षा, खोज एवं बचाव, अग्नि सुरक्षा, बरसात में बाढ़, आकाशीय बिजली और सीपीआर जैसे विषयों पर निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत, उन्हें आपातकालीन किट उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें फर्स्ट एड किट, लाइफ जैकेट, टॉर्च, सुरक्षा हेलमेट, लाइटर, बहु उपयोगी रस्सी, कटर और सीटी जैसे उपकरण शामिल होंगे। इनका उपयोग आपदा के समय किया जा सकेगा। इस अवसर पर जिला आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ प्रशांत श्रीवास्तव सहित अन्य आपदा मित्र भी उपस्थित थे।
गुमला जिले के सिसई थाना क्षेत्र के जुरा करंज टोली निवासी 58 वर्षीय दुर्गा उरांव की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। दुर्गा उरांव सिसई बाजार से पैदल घर लौट रहे थे और इसी दौरान यह हादसा हुआ। मृतक के परिजन लालू उरांव ने बताया कि एक अज्ञात कार ने उन्हें टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गई। स्थानीय लोगों ने घायल दुर्गा उरांव को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर सिसई थाना के एसआई नरेंद्र सरदार ने शव को अपने कब्जे में लिया। शुक्रवार को सदर अस्पताल गुमला में शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। पुलिस अज्ञात कार और उसके चालक का पता लगाने के लिए छानबीन कर रही है। गुमला जिले में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है।
बदायूं में सोशल मीडिया पर हिंदू देवी-देवताओं और महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी वाला एक वीडियो वायरल हुआ है। इसके बाद शहर में रोष फैल गया। हिंदूवादी संगठनों ने सिविल लाइंस थाने पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। यह मामला सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के शेखूपुर गांव का है। गांव निवासी इशहाक मोहम्मद उर्फ नन्हें ने यह आपत्तिजनक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया। वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया। पुलिस ने देर रात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। थाने पर पहुंचे हिंदूवादी संगठनों के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए इस तरह की हरकतों को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश बताया। हिंदूवादी नेता जोगपाल सिंह ने कहा कि ऐसे लोगों पर तुरंत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए आश्वस्त किया कि घटना को गंभीरता से लिया गया है और आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। घटना के बाद ग्रामीण इलाकों से लेकर शहर तक इस मुद्दे पर चर्चा जारी है। पुलिस की साइबर सेल भी वीडियो की तकनीकी जांच कर रही है ताकि इसके प्रसार का पता लगाया जा सके। सिविल लाइंस एसएचओ नीरज मलिक ने बताया कि आरोपी की तलाश जारी है।
इटावा। सैफई कस्बे और इसके आसपास गुरुवार तड़के उस समय सनसनी फैल गई, जब सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर में सवार दो अज्ञात युवकों ने सड़क किनारे खड़ी कारों पर अचानक हमला बोल दिया। सुबह करीब 5:30 बजे हुई इस वारदात में युवकों ने कई किलोमीटर के क्षेत्र में खड़ी दर्जनों कारों के शीशे तोड़ डाले। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई, जिसमें दोनों हमलावर लोहे के सरिए से गाड़ियों पर वार करते हुए और तुरंत कार में बैठकर फरार होते दिखाई दे रहे हैं। इस घटना का सीसीटीवी वीडियो वायरल हो रहा है। हमलावरों की इस हरकत ने कस्बे में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। उनकी गतिविधियां सैफई मुख्य कस्बे से लेकर मेडिकल यूनिवर्सिटी क्षेत्र, अस्पताल गेट नंबर 4, राजस्थानी मार्केट, प्रोफेसर मार्केट, पीजीआई चौराहा और अमरसीपुर गांव तक फैली रहीं। अधिकतर गाड़ियां घरों व दुकानों के बाहर मुख्य सड़क किनारे खड़ी थीं, जिनको अज्ञात युवकों ने निशाना बनाया। सुबह होते ही पीड़ित वाहन मालिक अपनी क्षतिग्रस्त कारों के साथ सैफई थाने पहुंचे और सामूहिक तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। शिकायतकर्ताओं में अमरसीपुर निवासी रजनी पत्नी संजय कुमार, नगला नया मैनपुरी निवासी राहुल पुत्र विजयपाल सिंह, सैफई निवासी संजय पुत्र विद्याराम, पिंडारी निवासी देवेंद्र पुत्र रूप सिंह, सैफई निवासी संत कुमार पुत्र रामस्वरूप, राजकुमार पुत्र प्रकाश चंद्र शर्मा, न्यू कैंपस निवासी डॉ. शिवाजी चौहान और हैवरा कोठी निवासी अंकित यादव शामिल हैं। सभी की गाड़ियां अलग-अलग स्थानों पर खड़ी थीं और उनके शीशे टूटे मिले। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी है। प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र राठी ने बताया कि विभिन्न स्थानों से सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लेकर हमलावरों की पहचान की कोशिश की जा रही है। फुटेज में सफेद स्विफ्ट डिजायर और उसमें सवार दोनों युवक स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। पीड़ितों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।
कुशीनगर मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड से बुधवार सुबह लापता हुआ नवजात शिशु 30 घंटे बाद गुरुवार रात सकुशल मिल गया। पुलिस–प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई और ग्रामीणों की सजगता से मासूम को एक घर से बरामद किया गया। बच्चे के पिता प्रदीप ने कहा—“15 साल बाद हमारा बेटा हुआ था, उसके गायब होने से हम टूट गए थे… लेकिन पुलिस और मीडिया की मदद से वह वापस मिल गया।” कैमरे बंद, गार्ड नदारद… संवेदनशील वार्ड में सुरक्षा की पोल खुली नवजात के गायब होने ने मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एसएनसीयू जैसे हाई–रिस्क वार्ड में कैमरे बंद मिले। प्रवेश–निकास का सिस्टम फेल था। एक बाहरी महिला बिना रोक-टोक अंदर पहुंच गई।प्रबंधन की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कैमरा तकनीशियन का भुगतान महीनों से लंबित था, इसी कारण CCTV काम नहीं कर रहे थे। घटना वाले दिन वार्ड में 51 बच्चे भर्ती थे, जबकि स्टाफ बेहद कम था। पहले भी दलाल सक्रियता और चोरी की घटनाएं, लेकिन इस बार सबसे बड़ी सुरक्षा चूक मेडिकल कॉलेज में पहले बाइक चोरी और दलालों की आवाजाही जैसी शिकायतें मिलती रही हैं। लेकिन नवजात गायब होना अब तक की सबसे गंभीर घटना है। जिला प्रशासन ने इसे ‘सिस्टम फेलियर’ का मामला बताया है। गांव में संदिग्ध महिला के घर से मिला नवजात गुरुवार शाम पडरौना कोतवाली क्षेत्र के मनिकौरा गांव से सूचना मिली कि एक महिला के घर में संदिग्ध हालत में नवजात देखा गया है। ग्राम प्रधान नंदलाल साहनी की सूचना पर SWAT टीम और जटहां बाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और तलाशी के दौरान बच्चा सकुशल मिल गया।बच्चे को ले जाने वाली महिला की पहचान माया (निवासी—मनीकौरा बिनटोली) के रूप में हुई है। छह माह पहले उसके पति की मौत हुई थी। उसकी तीन बेटियां हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मानसिक तनाव में वह इस कदम की ओर बढ़ी। बच्चा सौंपने के बाद महिला मौके से भाग निकली। उसकी तलाश जारी है। डीएम–एसपी ने बनाई थीं कई टीमें, थानों से लेकर गांवों तक फोटो भेजी गई घटना के बाद DM और SP ने तुरंत कई टीमें लगाईं। नवजात की फोटो और जानकारी सभी थानों, अस्पतालों और ग्राम प्रधानों तक भेजी गई। एम्बुलेंस कर्मियों, अस्पताल स्टाफ, गार्डों और CCTV की जांच शुरू हुई, तभी खुलासा हुआ कि कैमरे बंद थे। परिजन बोले—सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक वार्ड में प्रवेश नहीं मिला, दरवाजा खुला तो बच्चा गायब मूल रूप से नेबुआ नौरंगिया निवासी प्रदीप की पत्नी रीना ने बुधवार सुबह 5:40 बजे बेटे को जन्म दिया। बच्चे को 6:45 बजे एसएनसीयू में शिफ्ट किया गया।परिजनों का आरोप है कि सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक उन्हें वार्ड में जाने नहीं दिया गया। जब दरवाजा खोला गया तो बच्चा वहां नहीं था। SP बोले—महिला CCTV में दिख रही है, तलाश जारी; DM ने प्रशासनिक कार्रवाई के संकेत दिए SP कुशीनगर ने बताया कि संदिग्ध महिला CCTV फुटेज में दिखाई दे रही है। उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं।वहीं DM ने मेडिकल कॉलेज की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। सुरक्षा प्रोटोकॉल की पूरी समीक्षा शुरू कर दी गई है। सवाल यह—इतने बड़े संस्थान में सुरक्षा इतनी कमजोर कैसे? मामला शांत जरूर हो गया है, लेकिन सवाल नहीं। 30 घंटे की दहशत ने जिले की स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत उजागर कर दी है।लोग अब पूछ रहे हैं— कुशीनगर प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से बच्चा मिल गया, लेकिन यह घटना सिस्टम की उन खामियों को सामने ले आई है जिन्हें सुधारना अब अनिवार्य हो गया है।
गाजीपुर जिला जेल का डीएम-एसपी ने किया निरीक्षण:परिसर में कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली
गाजीपुर जिला कारागार में शुक्रवार को जिलाधिकारी अविनाश कुमार और पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करना और बंदियों की गतिविधियों पर सीधी नजर रखना था। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि जेल में कोई भी वर्जित सामान न पहुंचे। निरीक्षण के दौरान, डीएम और एसपी ने बंदी बैरक, बंदी अस्पताल और विभिन्न रजिस्टरों की गहन जांच की। उन्होंने रिकॉर्ड की स्थिति और बंदियों को दी जा रही सुविधाओं का बारीकी से परीक्षण किया। जांच में कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली। हालांकि, यदि कोई अनियमितता या कमी पाई गई, तो उसे तुरंत ठीक करने के निर्देश दिए गए, ताकि जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन बना रहे। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने जेल अधीक्षक को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर मोबाइल, कैमरा या अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं किसी भी हाल में प्रवेश नहीं करनी चाहिए। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने, नियमित निगरानी बढ़ाने और जेल स्टाफ की जिम्मेदारियों के प्रति सख्ती बरतने पर भी जोर दिया गया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने निलंबित तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान की याचिका पर सुनवाई करते हुए FIR निरस्त करने के आवेदन को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि दुष्कर्म के मामले को निरस्त किया जाए। महिला थाना ग्वालियर में एक 34 वर्षीय महिला ने तत्कालीन तहसीलदार शत्रुघन सिंह के खिलाफ 15 जनवरी 2025 को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। इस मामले में लगातार फरारी काटने वाले निलंबित तहसीलदार ने सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत निरस्त होने के बाद 30 जून को ग्वालियर जिला कोर्ट में सरेंडर किया था। मामले में अब निलंबित तहसीलदार की याचिका पर दुष्कर्म की FIR निरस्त करने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और कहा कि इस केस में घटनाओं का क्रम और उनकी टाइमिंग देखकर ये प्रतीत होता है कि निजी दुश्मनी या फिर बदला लेने के उद्देश्य से एफआईआर दर्ज कराई गई है। ऐसे में प्रकरण की ट्रायल को जारी रखना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग जैसा होगा। आरोपी की ओर से पैरवी करते हुए पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता राजीव शर्मा ने तर्क दिया है कि पीड़िता ने एक अन्य मामले में स्वयं को 2010 से 2020 के बीच अमित यादव की पत्नी बताया। 2014 में उसके बेटे को जन्म देना बताया। पीड़िता के एक ही बेटा है और इसके अलावा उसके कोई संतान नहीं है। बाद में आरोप लगाया कि 2014 में जन्म लेने वाले बेटे का पिता आरोपी शत्रुघन सिंह चौहान है। ऐसे में जब पीड़िता ने 2014 में केवल एक ही बालक को जन्म दिया और उसके कोई दूसरा बच्चा नहीं है तो फिर वह उसके जैविक पिता के रूप में दो लोगों के नाम कैसे ले सकती है। ये संभव नहीं कि एक बच्चे के दो-दो जैविक पिता हों। वहीं, पीड़िता की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, वो जांच की विषय वस्तु हैं। आरोपी के अनुसार, पीड़िता पहले ही शादीशुदा है और उसके एक बच्चा भी है। इन तमाम बिंदुओं पर जांच होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अब जानें पूरा मामला-कब क्या हुआ ऐसे समझिए पूरा मामला ग्वालियर के थाटीपुर निवासी मूल रूप से भिंड में रहने वाली एक 34 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने उसके पति के देहांत के बाद उसके जेठ से दोस्ती कर उसके साथ प्रेम विवाह किया। रतनगढ़ मंदिर पर मांग में सिंदूर भरकर शादी करने के बाद शारीरिक संबंध स्थापित किए और लगातार शोषण करता रहा। आरोपी से उसे साल 2014 में एक बच्चे का जन्म हुआ है। उसके बाद उसे पता लगा कि आरोपी की तीन पत्नी और हैं। जिसका विरोध करने पर वह उसे परेशान करने लगा। इससे परेशान होकर पीड़िता ने महिला थाना में शिकायत की थी, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
पीलीभीत में तहसील परिसर में लेखपाल संघ का धरना:SIR कार्य के दबाव में लेखपाल की आत्महत्या पर रोष
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने शुक्रवार को पीलीभीत की पूरनपुर तहसील परिसर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन SIR (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) कार्य के अत्यधिक दबाव और उच्चाधिकारियों के उत्पीड़न के विरोध में किया गया। संघ ने फतेहपुर के लेखपाल स्वर्गीय सुधीर की आत्महत्या के लिए कार्य के भारी दबाव को जिम्मेदार ठहराया है। सुबह 11 बजे शुरू हुए इस धरने में संघ के पदाधिकारियों और बड़ी संख्या में लेखपालों ने भाग लिया। तहसील अध्यक्ष शिशुपाल यादव ने लेखपाल सुधीर की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए बताया कि सरकार ने SIR कार्य को 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कम समय-सीमा के बावजूद उच्चाधिकारियों द्वारा लगातार मानसिक दबाव बनाया जा रहा था। लेखपाल संघ ने स्पष्ट आरोप लगाया कि इसी मानसिक दबाव और उत्पीड़न के कारण लेखपाल सुधीर ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। संघ ने पीसीएस अधिकारी संजय कुमार सक्सेना और शिवराज पर अनावश्यक दबाव डालकर सुधीर को आत्महत्या के लिए उकसाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने इन अधिकारियों के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज करने की मांग की। धरने में शामिल लेखपालों ने मृतक के परिवार के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग की। उनकी अन्य प्रमुख मांगों में SIR कार्य के दौरान लेखपालों पर अनावश्यक मानसिक व शारीरिक दबाव समाप्त करना, लेखपालों को एक माह के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि प्रदान करना और SIR की समय सीमा को तुरंत बढ़ाना शामिल हैं। लेखपाल अनिल चौधरी, कमल किशोर, सौरभ, गौस मोहम्मद, सतीश राणा, आशुतोष कुमार, वीरेंद्र यादव सहित कई अन्य लेखपालों ने धरने को संबोधित किया। संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे राज्य-व्यापी बड़ा आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे। इस घटना से पूरे राजस्व विभाग में आक्रोश व्याप्त है।
श्रीगंगानगर जिले की घमूड़वाली थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 21 किलो 700 ग्राम अवैध डोडा पोस्त के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपी जल उपभोक्ता संगम कार्यालय के नजदीक डोडा पोस्त बेचने की फिराक में घूम रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। थानाधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया- रात के समय पुलिस टीम गस्त पर थी। इस दौरान पुलिस टीम बींझबायला से कैंचियां रोड 6 मासी नहर की पुलिया के नजदीक जल उपभोक्ता संगम कार्यालय के पास पहुंची तो दो संदिग्ध दिखाई दिए। आरोपी प्लास्टिक के कट्टे लेकर घूम रहे थे। पुलिस टीम ने आरोपियों को संदिग्ध लगने पर उनके पास जाकर कट्टों की तलाशी ली। कट्टों में भारी मात्रा में भरा हुआ अवैध डोडा पोस्त बरामद हुआ। जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान गौरव (26) व शिवलाल (18) के रूप में हुई है। पकड़े गए दोनों आरोपी घमूड़वाली थाना क्षेत्र श्रीगंगानगर के रहने वाले हैं। आरोपी गौरव के कब्जे से पुलिस ने 16 किलो 400 ग्राम व आरोपी शिवलाल के कब्जे से 5 किलो 300 ग्राम डोडा पोस्त बरामद किया है। फिलहाल पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है। आरोपियों से कई और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
रायबरेली में एक लेखपाल की कथित आत्महत्या के मामले में, प्रदेश भर के लेखपालों ने धरना प्रदर्शन किया है। उनकी मुख्य मांग है कि एफआईआर में मुख्य आरोपी के रूप में एक पी०सी०एस० अधिकारी का नाम शामिल किया जाए और मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता व सरकारी नौकरी दी जाए। लेखपाल संघ का आरोप है कि दर्ज एफआईआर में मुख्य आरोपी श्री संजय कुमार सक्सेना, पी०सी०एस० का नाम शामिल नहीं किया गया है। रिपोर्ट में केवल एक राजस्व निरीक्षक को नामजद किया गया है। संघ इसे प्रशासन द्वारा मामले को कमजोर करने का प्रयास बता रहा है। मृतक के परिजन भी इस कार्रवाई से असंतुष्ट हैं। संघ के अनुसार, लेखपालों पर विभागीय कार्यों के अतिरिक्त अन्य विभागों से संबंधित कार्य भी जल्दबाजी में पूरा करने का दबाव लगातार बढ़ रहा है। अधिकारियों द्वारा संबंधित विभागों की समीक्षा न करके अंतिम समय में लेखपालों पर अव्यवहारिक दबाव डाला जाता है। इस दबाव के कारण, अधिकारियों द्वारा लेखपालों के साथ सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार, वेतन रोकने, निलंबन, प्रतिकूल प्रविष्टि और एफआईआर जैसी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की जाती है। संघ का कहना है कि अधिकारी अब व्यावहारिक या तकनीकी समस्याओं को सुनने के बजाय केवल 'डंडे के बल पर' प्रथम रैंकिंग पाने की होड़ में लगे हैं। इस अत्यधिक दबाव और उत्पीड़न के चलते कई लेखपाल बीपी, शुगर, एंजाइटी, डिप्रेशन और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। लेखपाल संघ ने मांग की है कि एफआईआर में मुख्य आरोपी श्री संजय कुमार सक्सेना, पी०सी०एस० अधिकारी का नाम अज्ञात के स्थान पर स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाए। इसके अतिरिक्त, मृतक की माता को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए। संघ ने एस०आई०आर० की अंतिम तिथि आगे बढ़ाने और कम समय में काम पूरा करने का दबाव समाप्त करने की भी अपील की है, क्योंकि यह कर्मचारियों के स्वास्थ्य और जीवन को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने समस्त जिला अधिकारियों एवं उपजिलाधिकारियों से अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ सद्व्यवहार, संवेदनशीलता और संवाद स्थापित करने तथा लेखपाल संघ पदाधिकारियों के साथ नियमित बैठकें करने के निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही, लेखपालों को सामान्य/उपनिर्वाचन तथा मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान अपरिभाषित ड्यूटी (मौखिक/लिखित) हेतु प्रोत्साहन राशि के रूप में एक माह के वेतन के बराबर मानदेय भुगतान के लिए निर्वाचन कार्यालय के कर्मचारियों के साथ सूचीबद्ध करने की भी मांग की गई है।
मैनपुरी में नवागत पुलिस उपाधीक्षक (DSP) दीपशिखा सिंह ने अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक (SP) गणेश प्रसाद शाह और सिटी एसपी अरुण कुमार सिंह ने उनके कंधे पर बैच और स्टार लगाकर उन्हें बधाई दी तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। दीपशिखा सिंह को हाल ही में मैनपुरी जनपद में प्रशिक्षण अवधि के लिए भेजा गया था। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान जिले के अधिकारियों से मुलाकात की और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया। प्रशिक्षण अवधि पूरी होने पर उन्हें सभी ने बधाई दी। उनके कंधों पर स्टार लगाकर उन्हें औपचारिक रूप से पदोन्नत किया गया। इस खुशी के मौके पर DSP दीपशिखा सिंह के परिवार के सदस्यों ने भी जश्न मनाया और मिठाई बांटी। उनके परिवार ने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि अब वह जनता की सेवा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में रेल की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई। वो रेलवे लाइन से गुजर रहा था कि रेल के अंतिम डिब्बे की चपेट में आ गया, जिससे उसका पैर कट गया। पीबीएम अस्पताल लाया गया, इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मृतक श्रीडूंगरगढ़ का सूडसर निवासी चालीस साल का टोडरमल नायक पुत्र पुरखाराम नायक था। पुलिस के अनुसार सूडसर रेलवे स्टेशन पर गुरुवार शाम सात बजे बीकानेर हिसार-डेमू ट्रेन के आने की चपेट में आने से टोडरमल नायक की मौत हो गई। वो पटरियां पार कर रहा था कि अचानक ट्रेन की चपेट में आ गया। युवक को घायलावस्था में पीबीएम अस्पताल ले जाया गया जहां बीती रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। चाय पीने गया था बताया जा रहा है कि युवक स्टेशन पर चाय पीने आया था। चाय पी कर वह लौटते समय वह ट्रेन की चपेट में आ गया। सवाल ये खड़ा हाे रहा है कि वो ट्रेक अंतिम डिब्बे की चपेट में कैसे आया? सांवतसर के एक यात्री ने सूडसर स्टेशन पर नापासर की ओर बने रेलवे फाटक के गेट मैन को सूचना दी। गेट मैन ने स्टेशन मास्टर को बताया व एंबुलेंस बुलाकर घायल युवक को पीबीएम ले जाया गया। जहां देर रात युवक ने दम तोड़ दिया। युवक चार मासूम बच्चों का पिता था। घटना से परिजन व्यथित हो गए और परिवार में मातम छा गया है। रेलवे पुलिस को सूचना दे दी गई है और हैड कांस्टेबल हजारा पठान द्वारा आगामी कार्रवाई की जा रही है। पैर कट गया था टोडरमल का एक पैर कट गया था, जिससे काफी मात्रा में खून बह गया। परिजनों ने ये भी आरोप लगाया है कि पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में उसका समय रहते इलाज शुरू नहीं हो पाया। इसीजी मशीन भी खराब थी। आधा घंटे तक इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा।
भरतपुर के सरकारी स्कूल में एक कुत्तिया से बच्चे इतने डरे हुए है कि यहां आने से भी वे डर रहे है। यह कुत्तिया 10 बच्चों और टीचर को काट चुकी है। मामला जिले के हलैना थाना इलाके के राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत स्कूल का है। टीचर ज्ञानवती ने बताया कि इसकी शिकायत भी वे कर चुके लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई। स्कूल परिसर में फीमेल डॉग ने दिए बच्चे राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय हलैना की टीचर ज्ञानवती ने बताया कि स्कूल में करीब 2 महीने से एक फीमेल डॉग आ रही है। वह शुरुआत में किसी पर अटैक नहीं करती थी। दीपावली के त्योहार की स्कूल की छुट्टियां हुई। इस दौरान फीमेल डॉग ने स्कूल परिसर में बच्चों को जन्म दिया। छुट्टियों के बाद जब स्कूल खुले तो, फीमेल डॉग और उसके बच्चे स्कूल परिसर में ही थे। फीमेल डॉग के डर के कारण स्कूल नहीं आ रहे बच्चे जैसे ही बच्चे स्कूल के ग्राउंड में जाते तो, फीमेल डॉग उन पर अटैक कर देती। ऐसा करीब 1 महीने से चल रहा है। महिला टीचर ने बताया कि ये फीमेल डॉग उन्हें भी काट चुकी है। इसके अलावा 10 बच्चों पर भी हमला किया है। स्कूल के टीचर ने कई बार टोल फ्री नंबर 181 पर शिकायत कि लेकिन, शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई। अब हालात यह हैं कि बच्चों ने फीमेल डॉग के डर के कारण स्कूल आना ही कम कर दिया है। इन बच्चों और टीचर पर किया हमला पांचवीं क्लास में पढ़ने वाले बादल और हिमांशु, छठी क्लास के संजू, गायत्री और रीमा, तीसरी क्लास की गुंजन और खुशी, आठवीं के अभिषेक और दिगम्बर और पहली क्लास में पढ़ने वाली निधि पर कुत्तिया हमला कर चुकी है। वहीं 19 नवंबर को टीचर ज्ञानवती के पैरों में कुत्तिया ने काट लिया था।
कोहरे के मौसम में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए झज्जर जिला ट्रैफिक पुलिस ने एक विशेष अभियान चलाया है। पुलिस आयुक्त डॉ. राजश्री सिंह के निर्देशानुसार शुरू किए गए अभियान में, ट्रैफिक पुलिस ने बसों, ट्रकों, ऑटो, ट्रैक्टर-ट्रालियों और अन्य वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाए। गुरुवार को यातायात प्रबंधक निरीक्षक महेश कुमार और उनकी टीम ने इस अभियान का नेतृत्व किया। रिफ्लेक्टर टेप लगाने का उद्देश्य कोहरे के दौरान वाहनों की दृश्यता को बढ़ाना है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम हो सके। कई वाहन चालकों ने स्वयं आगे आकर अपने वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगवाए और पुलिस के इस प्रयास की सराहना की। धुंध में सुरक्षित ड्राइविंग के दिए सुझाव इस अवसर पर, यातायात प्रबंधक महेश कुमार ने वाहन चालकों को धुंध और सर्दी के मौसम में सुरक्षित ड्राइविंग के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि वाहनों की हेडलाइट, इंडिकेटर और ब्रेक-लाइट सही होनी चाहिए। उन्होंने वाहन ड्राइवरों को नियंत्रित गति में वाहन चलाने और सामने चल रहे वाहन से पर्याप्त दूरी बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने फॉग लाइट का सही समय पर उपयोग करने, अनावश्यक ओवरटेकिंग से बचने और शराब पीकर वाहन न चलाने की सलाह दी। वाहन ड्राइवर बरतें सावधानी निरीक्षक महेश कुमार ने रिफ्लेक्टर टेप और रेडिएटर ग्रिल के महत्व पर भी प्रकाश डाला, ताकि कम रोशनी में भी वाहन आसानी से दिखाई दे सकें। झज्जर ट्रैफिक पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम के अनुसार सावधानी बरतें, सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें। पुलिस का मानना है कि नागरिकों के सहयोग से सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है और सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है।
राजस्व विभाग में पदस्थ रहे पटवारी रंजीत मार्को को जबलपुर जिला कोर्ट ने पत्नी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। रंजीत वही आरोपी है जिसने पहले अपनी पत्नी का गला घोंटकर हत्या की, फिर शव को छिपाने के लिए बाइक में बांधकर 5 किलोमीटर दूर ले जाकर बांध में फेंक दिया। यह वारदात 22 अप्रैल 2024 की है। उसके खिलाफ धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जघन्य अपराध मानते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई और 19 महीने बाद उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। रंजीत डिंडौरी जिले की शहपुरा तहसील में पटवारी पद पर पदस्थ था। इंदौर में साथ पढ़े, प्यार हुआ और शादी की रंजीत मार्को मूलतः जबलपुर की कुंडम तहसील के ग्राम चौरई का निवासी है। उसके पिता रामसिंह चौरई गांव में सचिव हैं। सरला मार्को (29) से उसकी पहली मुलाकात 2019 में एक शादी समारोह के दौरान हुई। सरला सिवनी जिले के घंसौर की रहने वाली थी। दोनों एक ही समाज से थे और इंदौर में पढ़ाई कर रहे थे, रंजीत बीए और सरला बीकॉम। इंदौर में मुलाकातें बढ़ीं और कोविड के दौरान 2021 में परिवार की मौजूदगी में दोनों ने शादी कर ली। कुछ समय बाद रंजीत की पटवारी पद पर नौकरी लग गई। वह पहले डिंडौरी मुख्यालय पर था, बाद में शहपुरा तहसील में ट्रांसफर हो गया। शादी के बाद बिगड़ते रिश्ते शुरुआत में रंजीत किसी सरकारी काम या घूमने जाता तो सरला को साथ ले जाता था। 2023 में सरला ने बेटे को जन्म दिया। इसके बाद रंजीत ने उसे साथ लेकर जाना बंद कर दिया, जिससे सरला नाराज रहती थी। रंजीत के पिता ने भी बेटे को समझाया था, लेकिन उसने बात अनसुनी कर दी। घटना से एक हफ्ते पहले भी पति-पत्नी में झगड़ा हुआ था। रंजीत ने सरला पर हाथ भी उठाया था। बेटे के सामने पत्नी की हत्या की 16 अप्रैल 2024 को रंजीत किसी कार्यक्रम में जा रहा था। सरला ने कहा कि वह और बेटा भी साथ जाना चाहते हैं। इसी बात पर विवाद शुरू हुआ, जो बढ़ता चला गया। 22 अप्रैल की रात दोनों में फिर झगड़ा हुआ और रंजीत ने डेढ़ साल के बेटे के सामने ही सरला का गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद वह देर रात शव को बाइक में बांधकर 5 किलोमीटर दूर सीतापुर बांध ले गया और पानी में फेंक दिया। इसके बाद कुंडम थाने जाकर बोला कि “पत्नी लापता हो गई है, तलाश कीजिए” और ऐसे व्यवहार करता रहा मानो कुछ हुआ ही न हो। पुलिस की पड़ताल में खुला झूठ रंजीत अगले दिनों अपनी नौकरी पर सामान्य रूप से जाता रहा। पुलिस को उसका यह व्यवहार संदिग्ध लगा। उसे हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई। वह कई बार बयान बदलता रहा और अंततः सच उगल दिया। महिला का शव 26 अप्रैल को बांध से बरामद हुआ। एएसपी प्रदीप शेंडे ने बताया कि आरोपी ने गुमराह करने की हर कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। अभियोजन की सशक्त पैरवी लोक अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े के निर्देशन में विशेष लोक अभियोजक अभिषेक दीक्षित ने प्रभावी पैरवी की। अपर सत्र न्यायाधीश मातादीन रजक की कोर्ट ने आरोपी रंजीत मार्को (31), निवासी ग्राम चौरई कला, थाना कुंडम को धारा 302 में आजीवन कारावास और 5000 रुपए अर्थदंड, धारा 201 में 5 साल सश्रम कारावास और 5000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया।
सवाई माधोपुर नगर परिषद की ओर से आज पुराने शहर के नेहरू पार्क में संचालित सब्जी मंडी को स्थाई रूप से बंद करवा दिया गया। जिसके बाद अब सवाई माधोपुर शहर की करीब 60 हजार आबादी सब्जी खरीदने के लिए परेशानी होती दिखेंगी। हालांकि नगर परिषद की ओर से फिलहाल अस्थाई सब्जी मंडी के लिए जगह तलाश की जा रही है। कोर्ट के आदेश की पालना में हुई कार्रवाई नगर परिषद के सेनेटरी इंस्पेक्टर शिवराम मीणा ने बताया कि हाई कोर्ट की ओर से नेहरू पार्क की जमीन पर संचालित सब्जी मंडी को खाली कराने के आदेश दिए गए थे। आदेश की पालना में नगर परिषद की टीम ने महिला और पुरुष कॉन्स्टेबल के जाब्ते की मदद से यहां लगे थड़ी और ठेले हटवाया गया। जिसके बाद नेहरू पार्क की जमीन पर गेट लगाकर बंद कर दिया गया। करीब 250 लोगों के रोजगार पर आया संकट सब्जी व्यवसायियों ने बताया कि वह यहां करीब 35 साल से इस जगह पर सब्जियों का ठेला व थड़ी लगाकर अपना परिवार का पालन कर रहे हैं। कुछ दबंग और प्रभावशाली लोगों ने अपनी कार पार्क करने के लिए इस सब्जी मंडी के एक गेट बंद करवा दिया। जिसके बाद व्यापारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया था। मामले में लोगों ने कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा से भी न्याय की गुहार लगाई थी। जिसपर नगर परिषद की ओर से पुरानी तहसील में सब्जी मंडी संचालित करवाने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन यहां की जमीन जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है। जिससे यहां हादसे की आशंका बनी रहेगी। वहीं बाहर की तरफ जगह कम है। जिससे चलते सभी लोग परेशान हो रहे हैं।
आपने सौ, पांच सौ हजार और अब दो हजार तक के नोट देखे हैं, पुराने जमाने के नोट भी देखें होंगे जो कि रिजर्व बैंक की तरफ से छपते थे। लेकिन क्या आपने कभी एक रूपए का वो नोट देखा हैं जो सबसे पहले भारत में छपा था। देश में पहले अलग अलग करेंसी का उपयोग लेन देन के लिए किया जाता था। अलग अलग धातुओं की मुद्राएं चलन में थी। बाद में चांदी के सिक्कों का चलन हुआ और फिर उसके बाद साल 1917 में आया पहला एक रूपए का नोट। जिसके बाद नोट छापने की प्रक्रिया शुरू हुई। कोटा में आयोजित हो रहे दुर्लभ करेंसी प्रदर्शनी में इसी तरह के पुराने और दुर्लभ करेंसी और स्टांप के बारे में लोगों को बताया जा रहा है। इनका कलेक्शन रखने वाले अलग अलग राज्यों से कोटा पहुंचे है। इनमें से ही एक उज्जेन के शिवम वर्मा के पास पुराने और एंटीक नोटों का कलेक्शन है। पहले विश्वव युद्ध के समय आया एक रूपए का नोटशिवम बताते हैं कि देश में एक रूपए के पहले नोट की छपाई अंग्रेजों के समय हुई थी। वह समय विश्व युद्ध का था। इस दौरान देश में चांदी के सिक्के का चलन था। पहले विश्वयुद्ध के दौरान चांदी के सिक्कों की ढ़लाई नहीं हो पाने की वजह से एक रूपए के नोट की छपाई का रास्ता साफ हुआ। साल 1917 को एक रूपए के नोट की छपाई हुई। इस नोट पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी थी। नौ साल तक एक रूपए का नोट छपता रहा। हालांकि इसे 1926 में बंद कर दिया गया लेकिन बाद में इसे 1940 में फिर से छापना शुरु कर दिया गया जो 1994 तक जारी रहा। बाद में इस नोट की छपाई 2015 में फिर शुरु की गई। हालांकि इसकी डिजाइन में चेंज होता रहा लेकिन इसे भारतीय रिजर्व बैंक जारी नहीं करता बल्कि भारत सरकार ही इसकी छपाई करती है। कानूनी आधार पर यह एक मात्र वास्तविक करेंसी नोट है बाकी सब नोट धारीय नोट (प्रोमिसरी नोट) होते हैं जिस पर धारक को उतनी राशि अदा करने का वचन दिया गया होता है। जीरो नंबर का नोट, कीमत लाख तकआज जो नोट छपते हैं उनमें सौ रूपए के नोट भी शामिल है। नोट छापने से पहले उसका सैंपल छापकर तैयार किया जाता है। इस प्रदर्शनी में यह सैंपल नोट भी देखने को मिला। इस नोट की कीमत अलग अलग नोट कलेक्टर अलग अलग तय करते है और उसकी अनुसार इसे कलेक्टर कर अपने संग्रह में रखते है। दस हजार से लेकर दो लाख तक में नोट मिल जाता है। शिवम बताते हैं कि नोट की कीमत कलेक्टर के लिए अहम नहीं होती, नोट कितना पुराना होता है, कंडीशन क्या है उस पर निर्भर करता है। स्पेसमैन नोट, छपाई से पहले छपने वाला सैंपल होता है जिसमें नोट के क्रमांक नंबर भी जीरो जीरो ही होते है। 1996 से 2002 के बीच छपे सौ के नोट का सैंपल नोट कलेक्शन में शामिल है। 1880 में चार आने का स्टांप, गत्ते की करेंसीआज के समय हर लिखापढ़ी के लिए स्टांप जरूरी होता है। ऐसा अंग्रेजो के समय से चला आ रहा है। उस समय एक आने से लेकर चार आने तक के स्टांप आते थे। जिन पर रानी विक्टोरिया की टिकट होती थी। प्रदर्शनी में बीकानेर के किशन सोनी ने बताया कि ब्रिटिश राज में 1840 से स्टांप आना शुरू हुए थे। इन स्टांप में छपाई में सैकडों बाद इंडिया छोटे छोटे अक्षरों में छपा रहता था। पहले विक्टोरिया, फिर एडवर्ड और फिर जॉर्ज पंचम के टिकट के स्टांप आते थे। इसके बाद स्टेट के भी आते थे। बाद में स्टेट के भी स्टेंप बंद हो गए थे। इसके अलावा बीकानेर रियासत में चली गत्ते की करेंसी भी प्रदर्शनी में शामिल हुई है। इन्हें इमरजेंसी करेंसी भी कहा जाता है जो कि अस्थाई करेंसी थी। दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान और उसके बाद धातुओं की कमी के चलते सिक्के ढालने में परेशानियां आने लगी थी। जिसके बाद कई रियासतों ने गत्ते की करेंसी शुरू की। इन करेंसी का उपयोग चीजों के लेनदेन में किया जाने लगा था। इसमें गत्ते पर अलग अलग आने की छपाई होती थी। प्रदर्शनी में अलग अलग रियासतों के दौर के स्टांप भी है। वहीं इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का एक चैक भी है जो कि लाहौर ब्रांच का है जो पहले भारत में ही शामिल था। इनके नोटों के कलेक्शन में एक नोट एक हजार का भी है, जिसमें सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर है। यह नोट बैंक ऑफ गुडलक अनलिमिटेड नाम से छपा हुआ है। जिसमें एक तरफ चरखा तो दूसरी तरफ सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर शामिल है।
फरीदाबाद जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार ऊपर-नीचे हो रहा है, लेकिन इसमें कमी नहीं आ रही। गुरुवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 202 था, जबकि शुक्रवार सुबह यह बढ़कर 264 हो गया। रात में हल्की हवा चलने के बाद भी प्रदूषण कम नहीं हुआ। पिछले कुछ दिनों के आंकड़े देखें तो सोमवार को AQI 233, मंगलवार को 220, बुधवार को 210 और गुरुवार को 202 दर्ज किया गया था। लोगों को उम्मीद थी कि प्रदूषण धीरे-धीरे कम होगा, लेकिन शुक्रवार को यह फिर बढ़ गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी रिपोर्ट में एनआईटी क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया, जहां AQI 232 रहा। इसके विपरीत सेक्टर-11 में वायु गुणवत्ता सामान्य स्तर पर रही। निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई फरीदाबाद के जिला उपायुक्त विक्रम सिंह यादव ने कहा कि शहर में प्रदूषण रोकने के लिए GRAP के नियम लागू हैं और सभी विभाग अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि खुले में कूड़ा जलाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है और फिलहाल निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई गई है। उपायुक्त ने लोगों से अपील की कि वे प्रदूषण को कम करने में प्रशासन का सहयोग करें और खुद भी नियमों का पालन करें। आने वाले दिनों में कोहरा बढ़ने की संभावना वहीं डीसी विक्रम सिंह यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में कोहरा बढ़ने की संभावना है, इसलिए लोग गाड़ी सावधानी से चलाएं। बड़े वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टर लगाने की सलाह दी गई है, ताकि कम दृश्यता में दुर्घटनाओं से बचा जा सके। नगर निगम सड़कों पर घूम रहे पशुओं को गौशालाओं में भेजने का काम कर रहा है। इसके अलावा डिवाइडरों और सड़कों पर रिफ्लेक्टर लगाने का काम भी किया जा रहा है, ताकि धूल और धुंध के कारण रास्ता साफ दिखाई दे सके।
बागपत के एक निजी स्कूल में 11वीं कक्षा के एक छात्र ने जहरीला पदार्थ खा लिया। तबीयत बिगड़ने पर स्कूल प्रशासन और परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से डॉक्टरों ने उसे मेरठ रेफर कर दिया। छात्र की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। यह घटना शहर कोतवाली क्षेत्र के एक निजी स्कूल में हुई। छात्र ने स्कूल में होने वाली पेरेंट्स मीटिंग के डर से घर से आकर स्कूल में जहरीला पदार्थ निगल लिया। जब छात्र की हालत बिगड़ने लगी, तो इसकी सूचना परिजनों को दी गई। स्कूल प्रशासन और परिजनों ने छात्र को अस्पताल पहुंचाया। छात्र के पिता ने बताया कि स्कूल में शिकायत होने के डर से उनके बेटे ने यह कदम उठाया। प्रारंभिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने छात्र को मेरठ रेफर कर दिया था। उसकी हालत अब ठीक बताई जा रही है, लेकिन उसे आगे के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती रखा जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में फिलहाल कोई जानकारी देने से इनकार किया है।
जयपुर में 75 वर्षीय महिला से गुरुवार रात लूट की घटना सामने आई है। बाइक पर सवार दो बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया। बदमाश बुजुर्ग महिला के हाथ से बैग छीनकर फरार हो गए। जवाहर सर्किल थाना पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बाइक सवार लुटेरों की तलाश कर रही है। पुलिस के अनुसार, लूट की यह घटना मालवीय नगर के सेक्टर-12 निवासी सुमन माथुर (75) के साथ हुई। वह देर शाम अपनी कॉलोनी में स्थित एक किराना दुकान पर खरीदारी करने गई थीं। बुजुर्ग होने के कारण उन्होंने दुकान के कर्मचारियों से खरीदा हुआ सामान घर भिजवा दिया। रात करीब 7:50 बजे वह पैदल घर लौट रही थीं, तभी घर की गली के कोने पर बाइक सवार दो बदमाश पीछे से आए और झपट्टा मारकर उनके हाथ से बैग छीन लिया। पीड़िता के शोर मचाकर पीछा करने पर दोनों बदमाश तेजी से बाइक लेकर फरार हो गए। लूट की सूचना मिलने पर जवाहर सर्किल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि लूटे गए बैग में नकदी और आईफोन-12 (प्रो) रखा हुआ था। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले, जिसमें बाइक सवार लुटेरों की करतूत कैद हो गई। पुलिस फुटेज के आधार पर बदमाशों की तलाश में जुटी है।
बांसवाड़ा में शहर में लगातार बढ़ते अतिक्रमण पर लगाम लगाने के लिए नगर परिषद ने शुक्रवार को विशेष अभियान चलाया। इसके तहत शहर के पुराना बस स्टैंड, गांधीमूर्ति चौराहा सहित कई प्रमुख मार्गों पर कार्रवाई की गई। लंबे समय से सड़क किनारे लग रही लारियों, फुटपाथ पर कब्जा जमाई दुकानों और अवैध निर्माणों को नगर परिषद की टीम ने हटाया। नगर परिषद के अतिक्रमण प्रभारी सुरेश डामोर ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर शहर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मुख्य बाजारों और व्यस्त मार्गों पर दुकानदारों द्वारा किए गए अवैध कब्जों के कारण लगातार ट्रैफिक समस्या बढ़ रही थी। इसी को देखते हुए सख्ती बरतते हुए कार्रवाई की गई है। डामोर ने कहा कि अभियान केवल एक दिन का नहीं है बल्कि आने वाले दिनों में भी इसी प्रकार सख्ती से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रहेगी। अभियान के दौरान नगर परिषद की टीम और राजतालाब थाना पुलिस मौके पर मौजूद रही। अधिकारियों ने दुकानदारों और राहगीरों से शहर की साफ-सफाई और यातायात सुगमता के लिए अतिक्रमण से दूर रहने की अपील की। नगर परिषद का यह कदम शहर में यातायात सुधारने और स्वच्छता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
झुंझुनूं स्थित अजमेर डिस्कॉम के सहायक अभियंता कार्यालय में शुक्रवार को निगम के सभी मंत्रालयिक कर्मचारियों ने अपनी लंबित प्रमुख मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप अपने हाथों पर काली पट्टी बांधकर कार्य किया। मंत्रालयिक कर्मचारी खंड उपाध्यक्ष अभिलाषा गोरा ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार जल्द से जल्द उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है, तो कर्मचारी अपना आंदोलन तेज करेंगे। 4 दिसंबर को जिले के समस्त मंत्रालयिक कर्मचारियों की ओर से अधीक्षण अभियंता को एक ज्ञापन दिया जाएगा। प्रमुख मांगों पर अडिग कर्मचारीविरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण मंत्रालयिक कर्मचारियों के पदों के पुनर्गठन एवं संस्थापन अधिकारी के पद को सृजित करने की उनकी वर्षों पुरानी प्रमुख मांगे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार और निगम प्रशासन लगातार इन महत्त्वपूर्ण मांगों को अनसुना कर रहा है, जिससे उन्हें विरोध का यह कदम उठाना पड़ा है। ये रहे प्रदर्शन में शामिलविरोध प्रदर्शन में मंत्रालयिक कर्मचारियों के विभिन्न पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख रूप से जिला लेखा संगठन के सचिव पंकज शर्मा, मंत्रालयिक कर्मचारी खंड उपाध्यक्ष अभिलाषा गोरा, संयुक्त महामंत्री अनिल मीणा एवं सुनील शर्मा, अजय जांगिड़ और सुनीता कुमारी सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
गोरखपुर जोन के एडीजी ने बलरामपुर की घटना में एक्शन लिया है। बिना सहमति के महिला आरक्षी को होली के दिन रंग लगाने के मामले में चल रही जांच में बलरामपुर जिले के तीन पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। बलरामपुर एसपी ने तीनों पुलिस कर्मियों को निलम्बित करने के साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी है। एडीजी जोन मुथा अशोक जैन ने कहा कि महिला अपराध से जुड़े प्रकरण में जीरो टालरेंस की नीति अपनाई जा रही है। 15 मार्च की घटना, विशाखा कमेटी की जांच पर कार्रवाईबलरामपुर कोतवाली में 15 मार्च 2025 को होली खेलने के दौरान पुलिस कर्मियों ने एक महिला सिपाही को रंग लगा दिया था। आरोप है कि महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें रंग लगाने से रोका था। इसके बाद भी उन्होंने यह हरकत की थी। महिला आरक्षी ने इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की थी। मामले की जांच विशाखा कमेटी को सौंपी गई थी। जांच रिपोर्ट में तीनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। जांच में सामने आया कि महिला आरक्षी की सहमति के बिना ही उसे जबरन रंग लगाया गया और अभद्रता की गई। कमेटी ने आचरण का दोषी पाया और इनके खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट दी। बलरामपुर एसपी विकास कुमार ने मुख्य आरक्षी अमित कुमार, आरक्षी पन्नेलाल और आरक्षी शैलेंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए तीनों को निलम्बित करने के साथ ही इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के तहत धारा 14(1) की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। इस कार्रवाई से पुलिस कर्मियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। एडीजी जोन मुथा अशोक जैन ने कहा कि महिला संबंधी प्रत्येक प्रकरण में जीरो टालरेंस नीति का सख्ती से पालन किया जा रहा है।
हजारीबाग टाउन रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को एक वृद्ध व्यक्ति ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 65-70 वर्षीय विनय कुमार सिंह के रूप में हुई है, जो पेयजल विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और कटकमदाग थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। मानसिक अस्वस्थता से पीड़ित थे: परिजन विनय कुमार सिंह मूल रूप से बिहार के पटना जिले के पुनाडीह गांव के रहने वाले थे। वे पिछले कई वर्षों से हजारीबाग के कनहरी में पत्नी, बहू और बेटे के साथ रह रहे थे। परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे पिछले 5-6 वर्षों से मानसिक अस्वस्थता से पीड़ित थे और उनका इलाज भी चल रहा था। हालांकि, हाल के दिनों में उनकी तबीयत सामान्य लग रही थी और वे अपनी नियमित दिनचर्या का पालन कर रहे थे। सुसाइड नोट में लिखा-अपनी इच्छा से आत्महत्या कर रहा हूं शुक्रवार सुबह विनय कुमार सिंह घर से बाल और दाढ़ी बनवाने की बात कहकर निकले थे। परिवार को इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वे ऐसा कदम उठा लेंगे। पुलिस ने शव की तलाशी ली, जिसमें उनके पास से कुछ नगदी और एक सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में विनय कुमार सिंह ने लिखा है कि वे अपनी इच्छा से आत्महत्या कर रहे हैं और इस कदम के लिए परिवार से माफी मांगी है। उन्होंने परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबर भी लिखे थे, ताकि उन्हें सूचना दी जा सके। घटना की सूचना मिलते ही कटकमदाग पुलिस और आरपीएफ के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की और पोस्टमॉर्टम के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने इस प्रक्रिया में सहयोग के लिए मुक्तिधाम सेवा संस्थान के नीरज कुमार को भी बुलाया। नीरज कुमार ने बताया कि उन्हें कटकमदाग थाने से सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर सहयोग किया।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के नक्सली प्रवक्ता विकल्प के नाम से एक पर्चा जारी किया है। पर्चे में नक्सलियों ने ये कहा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि नक्सल संगठन के लीडर देवजी को आंध्रप्रदेश में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके साथ अन्य 50 साथी भी पकड़े गए हैं। इसके साथ ही नक्सली प्रवक्ता ने छ्त्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सितारामा राजू जिले में 18 और 19 नवंबर को हुई मुठभेड़ को फर्जी बताया है और मांग की है कि पुलिस जल्द ही देवजी समेत अन्य साथियों को कोर्ट में पेश करें। नक्सल संगठन का कहना है कि पुलिस ने मुठभेड़ की कहानी बनाई है, जबकि हिड़मा समेत उनके अन्य 13 साथियों को पकड़कर मारा गया है। 13 नक्सलियों के एनकाउंटर के बाद माओवादियों ने 30 नवंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। 30 नवंबर को बंद का आह्वान नक्सली प्रवक्ता विकल्प ने कहा है कि हिड़मा समेत उनके 13 साथियों के एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से करवाई जाए। नक्सलियों ने अपने पर्चे में यह भी कहा है कि, 30 नवंबर को उनके बंद में अस्पताल, एंबुलेंस और दूध गाड़ियों को छूट रहेगी। नक्सलियों ने कहा है कि, कोसा दादा और राजू दादा की भी हत्या हुई है। पर्चे के मुताबिक, पुलिस ने मुठभेड़ में मारा जाना बताया था। जबकि मुठभेड़ की कहानी झूठी थी। इधर, बस्तर के IG सुंदरराज पी लगातार नक्सलियों से हिंसा छोड़कर हथियार डालने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि माओवादियों के पास अब एक ही रास्ता है समय रहते सरेंडर कर दें।
पोल लगाते समय मजदूर की मौत:खंभे से गिरकर हुआ घायल, हॉस्पिटल में दम तोड़ा
चूरू के तारानगर थाना क्षेत्र में पोल लगाते समय मजदूर की मौत हो गई। गुरुवार देर रात उसे गंभीर चोट लगने के बाद डीबी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान बिहार के कटिहार निवासी सूरज (24) के रूप में हुई है। उसके साथी मजदूरों ने बताया कि हादसा तारानगर तहसील के एक गांव में कंपनी के कार्य के दौरान हुआ। सूरज ऊंचाई पर लगे पोल से नीचे गिर गया, जिससे उसके सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। घायल सूरज को साथियों ने तुरंत डीबी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया, लेकिन उपचार शुरू होने से पहले ही उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर अस्पताल चौकी से एएसआई सुरेश कुमार मौके पर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी ली। पुलिस ने शव को अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवाया है। एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार दोपहर रिपोर्ट मिलने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मौत के वास्तविक कारण स्पष्ट होंगे। मृतक के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गई है। पुलिस के अनुसार, परिजनों की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी, मामला दर्ज किया जाएगा और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
लखनऊ के दुबग्गा स्थित त्रिलोकी सिंह इंटर कॉलेज के बाहर गुरुवार दोपहर एक छात्र पर हमला किया गया। कॉलेज से बाहर निकलते ही कुछ युवकों ने छात्र को सड़क पर रोककर बेल्ट और लात-घूंसों से पीटा। यह घटना पास की एक दुकान पर लगे CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसका फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावर युवकों ने छात्र को घेरकर पीटा। सीसीटीवी फुटेज में कई युवक छात्र पर बेल्ट से बार-बार हमला करते दिख रहे हैं, जबकि पीड़ित खुद को बचाने की कोशिश कर रहा था। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने मारने वाले लड़कों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा- उन्हें बख्शेंगे नहीं। 3 तस्वीरें... पुलिस बोली- मारने वाले लड़कों की तलाश कर रहे इंस्पेक्टर अभिनव वर्मा ने बताया कि त्रिलोकी सिंह इंटर कॉलेज के बाहर छात्रों की मारपीट का वायरल वीडियो पुलिस के संज्ञान में है। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे युवकों की पहचान के लिए विद्यालय प्रबंधन से संपर्क किया गया है। इंस्पेक्टर वर्मा ने यह भी बताया कि आरोपितों की पहचान होने के बाद उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस टीम फुटेज के आधार पर हमलावरों की तलाश कर रही है। स्थानीय अभिभावकों और नागरिकों ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। लोगों का कहना है कि शैक्षणिक संस्थान के बाहर ऐसी हिंसक घटनाएं छात्रों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करती हैं। उन्होंने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि फुटेज का विश्लेषण पूरा होने के बाद आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना के बाद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल आज जोधपुर पहुंचे। एयरपोर्ट पर भाजपा पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने SIR ( मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण) को जरूरी बताया। कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रक्रिया शुरू होते ही बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी भारत छोड़कर भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को शुद्ध, पारदर्शी और पवित्र बनाए रखने के लिए मतदाता सूची का शुद्धिकरण अनिवार्य है। 2003-04 के बाद से अब तक 11-12 बार SIR हो चुका है, जो ज्यादातर कांग्रेस शासनकाल में हुआ। फर्जी नाम होंगे बाहर उन्होंने कहा कि अगर SIR लोकतंत्र के लिए गलत था, तो कांग्रेस ने इसे बार-बार क्यों करवाया? आज विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि 20 सालों में मतदाता सूची में जो फर्जी नाम जोड़े गए थे, बीएलओ के सत्यापन में बाहर होने लगेंगे। उन्होंने उदाहरण दिया कि बिहार में 20 लाख मृत व्यक्तियों और 23 लाख बाहर जा चुके लोगों के नाम मतदाता सूची में बने हुए थे और उनके नाम से वोट पड़ते रहते थे। करीब 22 लाख नाम डुप्लीकेट थे। सत्यापन के बाद चुनाव शांति से सम्पन्न हुए, इसी प्रकार बंगाल में भी परिणाम दिखने लगे हैं। SIR का विरोध राजनीतिक सनक अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस का विरोध तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि दूसरी ओर वह अपने BLA नियुक्त कर रही है और प्रशिक्षण भी करा रही है। एक ओर SIR प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं और दूसरी ओर विरोध कर रहे हैं। यह विरोध सिर्फ राजनीतिक सनक है, जनता समझ रही है। उन्होंने कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही तय कर चुका है कि मतदाता सूची का परीक्षण चुनाव आयोग का अधिकार है, इसलिए विरोध का कोई आधार नहीं है। सिंघवी व गहलोत पर साधा निशाना अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा शिक्षकों को SIR प्रक्रिया में लगाए जाने पर सवाल उठाए जाने पर कहा कि सिंघवी के बारे में आप लोग मुझसे बेहतर जानते हैं, मुझे कहने की आवश्यकता नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजस्थान में सरकार नाम की कोई चीज नहीं होने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में पांच साल सरकार अपनी ही आंतरिक खींचतान में उलझी रही। कटाक्ष करते हुए बोले कि अगर सरकार इतनी अच्छी चल रही थी तो जनता ने हमें क्यों चुना? लोग सब समझते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार पर नहीं दिया जवाब मंत्रिमंडल विस्तार पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, कहा कि यह उनका विषय नहीं है। वहीं, संगठन में जोधपुर के बड़े नेताओं को स्थान नहीं मिलने पर बोले कि अभी कई पद और मोर्चे शेष हैं। अध्यक्ष ने सूझबूझ से टीम बनाई है, जिनके नाम रह गए हैं, उनका आगे समायोजन होगा।
टैक्स चोरी के मामले में परिवहन विभाग ने जबलपुर में बड़ी कार्रवाई की है। मध्यप्रदेश परिवहन आयुक्त के निर्देश पर जबलपुर संभागीय उड़नदस्ता की टीम ने चोरी छिपे एमपी से गुजरात जा रहे तीन ट्रकों को जब्त किया है। तीनों ही ट्रकों के चक्के निकालकर उन्हें ट्रेलर में लोड कर ले जाया जा रहा था। उड़नदस्ता की टीम ने शहर के बाइपास से तीनों ट्रेलर को पकड़ने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों ट्रेलर को 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाने के बाद छोड़ दिया गया, जबकि ट्रकों को ट्रेलर से उतरवाकर आरटीओ ऑफिस में रखा गया है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर विवेक शर्मा को लगातार सूचना मिल रही थी कि चेकपोस्ट बंद होने के बाद प्रदेश की सीमा पर चोरी-छिपे अवैध वाहनों का संचालन बढ़ गया है। सभी उड़नदस्ता प्रभारियों को निर्देश दिए गए कि सघन चैकिंग करते रहें। इस आदेश पर जबलपुर संभाग के प्रमुख मार्गों नेशनल हाईवे, इंटर-डिस्ट्रिक्ट रूट, औद्योगिक क्षेत्रों और शहर की सीमाओं पर वाहनों की सघन जांच की गई। शुक्रवार को उड़नदस्ता प्रभारी राजेंद्र साहू को सूचना मिली कि जबलपुर के रास्ते गुजरात के लिए तीन ट्रक कबाड़ में कटवाने के लिए ले जाए जा रहे हैं। जिन पर लाखों रुपए का टैक्स बाकी है। शहर के बाइपास पर ट्रेलर में लोड तीनों ट्रकों को चेक किया तो पता चला कि तीन बगैर मोटरयान टैक्स जमा किए पिछले तीन साल से मध्य प्रदेश में अवैध रूप से संचालित थे। ट्रकों का मध्यप्रदेश मोटरयान टैक्स प्रति वाहन का 102300 रुपए एवं पैनाल्टी 409200 रुपए बकाया था। तीनों ट्रकों का करीब 15 लाख 34 हजार रुपए टैक्स बन रहा है। ट्रक मालिक टैक्स चोरी करते हुए ट्रकों को जबलपुर से भोपाल के रास्ते गुजरात ले जा रहा था। तीनों ट्रकों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के बाद जब्त कर लिया गया है। ट्रकों को विवरण प्रभारी बोले-सख्त निगरानी रखी जा रही उड़नदस्ता प्रभारी राजेंद्र साहू ने बताया कि चेकपोस्ट हटने के बाद भी कर चोरी की संभावना पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। वाहनों की जांच मोबाइल फ्लाइंग स्क्वॉड द्वारा निरंतर की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की कर चोरी, अवैध परिवहन या नियम उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। परिवहन आयुक्त ने सभी वाहन मालिकों से अपील की है कि परिवहन संबंधी सभी दस्तावेज साथ रखें और निर्धारित समय पर टैक्स का भुगतान करें। किसी भी प्रकार की कर चोरी या नियमों के उल्लंघन पर मोटरयान अधिनियम 1988 एवं मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 एवं संबंधित नियमों के अंतर्गत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने धर्मांतरण विरोधी कानून को लेकर राज्य सरकार को एक बार फिर नोटिस जारी किए हैं। जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इसके साथ ही बैंच ने यूपी, एमपी, उत्तराखंड, हिमाचल, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा और झारखंड के समान कानूनों वाली लंबित याचिकाओं के साथ इस याचिका को भी टैग करने निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट अब सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा। व्यक्तिगत आस्था पर अत्यधिक नियंत्रण याचिका में कहा गया कि यह कानून व्यक्तिगत आस्था पर अत्यधिक सरकारी नियंत्रण लगाता है। अंतर-धार्मिक (इंटरकास्ट) संबंधों को अनुपातहीन रूप से अपराध की श्रेणी में रखता है। अधिकारियों को पूर्व-नोटिस देने को अनिवार्य बनाता है। पुलिस को अनावश्यक रूप से दखल देने वाले अधिकार प्रदान करता है। धर्मांतरण विरोधी कानून सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और मानकों से परे है। इस बिल को बनाते समय विधायिका ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर काम किया है। यह कानून संवैधानिक सीमाओं का भी उल्लंघन करता है। पहले से तीन याचिकाओं में दी जा चुकी चुनौती इससे पहले इस कानून को तीन अन्य याचिकाओं में भी चुनौती दी जा चुकी है। इसमें दशरथ कुमार हिनुनिया व अन्य, एम. हुजैफा व अन्य और जयपुर कैथोलिक वेलफेयर सोसायटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांग चुका है। आज राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने पेश होते हुए देशभर में लंबित सभी संबंधित याचिकाओं, ट्रांसफर याचिकाओं, एसएलपीज और विभिन्न राज्यों के फ्रीडम ऑफ रिलीजन/एंटी-कन्वर्जन कानूनों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं की विस्तृत सूची कोर्ट को सौंपी। धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्था के खिलाफ कड़े प्रावधान राजस्थान विधानसभा ने 9 सितंबर 2025 को धर्मांतरण विरोधी बिल (राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025) को पास किया था। राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद 29 अक्टूबर को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई थी। इसके बाद कानून के प्रावधान पूरे प्रदेश में लागू हो गए हैं। सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्थाओं पर चलेगा बुलडोजर नए कानून में धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं पर बुलडोजर चलाने का भी प्रावधान है। गलत तरीके से धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्थाओं के भवनों को सील करने और तोड़ने का प्रावधान किया गया है। बुलडोजर एक्शन तभी होगा, जब उनमें नियमों का उल्लंघन हुआ हो या अतिक्रमण करके बनाई गई हो। स्थानीय निकाय और प्रशासन जांच के बाद ही बुलडोजर चलाएंगे। अगर किसी जगह पर सामूहिक धर्म परिवर्तन होता है तो वहां उस संपत्ति को तोड़ा जा सकेगा। जिस भवन में सामूहिक धर्म परिवर्तन हुआ है, उसे प्रशासन जब्त करेगा। लव जिहाद के मामलों में 20 साल की सजा का प्रावधान लव जिहाद के मामलों में 20 साल की सजा होगी। केवल धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से की गई शादी को भी रद्द करवाया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्म बदलना चाहता है तो प्रशासन की मंजूरी लेना जरूरी होगा। धर्म परिवर्तन से कम से कम 90 दिन पहले कलेक्टर या एडीएम को सूचना देनी होगी। घोषणा पत्र देना होगा कि वह अपनी सहमति से धर्म परिवर्तन करना चाहता है। धर्म परिवर्तन कराने वाले धर्माचार्य को भी दो महीने पहले मजिस्ट्रेट के यहां नोटिस देना होगा। इसके बाद धर्म परिवर्तन की सूचना कलेक्टर, एडीएम के दफ्तर के नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी। 2 महीने में आपत्तियां मांगी जाएंगी। कोई आपत्ति आने पर उसकी सुनवाई और निपटारे के बाद ही धर्म परिवर्तन हो सकेगा। ये भी पढ़ें... अब नए कानून में दर्ज होंगे जबरन धर्मांतरण के मामले:लव जिहाद करने पर 20 साल की सजा; धर्म परिवर्तन के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी प्रदेश में अब बहला-फुसलाकर और लोभ-लालच देकर धर्म परिवर्तन करने से जुड़े मुकदमे नए कानून में दर्ज होंगे। धर्म परिवर्तन से जुड़े सभी मामलों में जमानत भी नहीं होगी। अलग-अलग कैटेगरी में सजा का प्रावधान भी है। (पूरी खबर पढ़ें)
पीथमपुर में घर पर युवक ने लगाई फांसी:परिवार का इकलौता कमाने वाला था; परिजनों बोले-नशे का आदी भी था
पीथमपुर के बगदून में युवक शाहरुख (28) पिता जुगनू खां ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना पीथमपुर थाना क्षेत्र में हुई। परिजनों ने गुरुवार रात पुलिस को सूचना दी कि बगदून तालाब के पास निवासी शाहरुख ने घर में लगे बल्ली पर रस्सी से फांसी लगा ली है। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव का पंचनामा बनाया और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया, जहां आज उसका पोस्टमॉर्टम किया गया। परिवार का अकेला कमाने वाला सदस्य था युवक मृतक शाहरुख मजदूरी का काम करता था। उसके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं, जिनमें एक लड़की और एक लड़का शामिल हैं। वह परिवार का अकेला कमाने वाला सदस्य था। परिजनों के अनुसार, शाहरुख शराब का आदी था। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर फरकान मुल्तानी ने बताया कि फांसी लगाने से दम घुटने के कारण मौत हुई है। विस्तृत जानकारी पोस्टमॉर्टम की पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगी। फिलहाल, पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया है। घटना के बाद से ही पूरा परिवार सदमे में है और पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है।
एसपी ने किया सैंपऊ थाने का निरीक्षण:हवालात, सीसीटीवी कंट्रोल रूम समेत व्यवस्थाओं को देखा
धौलपुर SP विकास सांगवान ने गुरुवार देर रात सैंपऊ पुलिस थाने का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने थानाधिकारी और उपस्थित पुलिस स्टाफ को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और थाने की सुरक्षा व्यवस्था तथा प्रशासनिक कार्यों का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान एसपी सांगवान ने थाना परिसर में हवालात, अभिलेख, सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष, मालखाना और विभिन्न शाखाओं की स्थिति का विस्तार से निरीक्षण किया। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और पुलिस कर्मियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं की जानकारी भी ली। एसपी ने रात्रि गश्त में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरतने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए सक्रिय पेट्रोलिंग, संवेदनशील इलाकों पर विशेष निगरानी, वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने और पेट्रोलिंग रूट्स को मजबूत करने के निर्देश जारी किए। इसके साथ ही, एसपी सांगवान ने लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण, आमजन से बेहतर संवाद स्थापित करने और पुलिस प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया। निरीक्षण के दौरान थानाधिकारी सैंपऊ, पुलिस निरीक्षक प्रमेन्द्र रावत और पुलिस स्टाफ मौजूद रहा।
UP सरकार का बड़ा फैसला:अब आधार कार्ड से जन्म तिथि साबित नहीं होगी
आधार कार्ड अब जन्म तिथि के प्रमाण पत्र के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने सभी विभागों को इसके स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं। नियोजन विभाग के विशेष सचिव अमित सिंह बंसल ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि आधार कार्ड में जन्म तिथि का कोई प्रमाणित दस्तावेज संलग्न नहीं होता। इस लिए इसे जन्म तिथि प्रमाण पत्र के रूप में नहीं माना जा सकता है। इस संबंध में यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ के उप निदेशक ने सरकार को पत्र लिखा था। इस पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि आधार कार्ड जन्म तिथि का अनुमन्य प्रमाण नहीं है। आधार सिर्फ पहचान व सत्यापन का साधन है। जन्म तिथि सत्यापन का यह प्रमाण नहीं है। नियोजन विभाग ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि आधार कार्ड को जन्म तिथि के सत्यापन के लिए अन्य वैध दस्तावेजों को ही मान्य करें। सरकारी भर्तियों, पेंशन, छात्रवृत्ति, प्रमाणीकरण और अन्य कामों में अभी तक कई विभाग आधार कार्ड को उम्र साबित करने के लिए स्वीकार कर रहे थे, जो अब नियमों के खिलाफ माना जाएगा। पूरे प्रदेश में लागू, कोई भी विभाग आधार को DOB प्रूफ न माने UIDAI के 31 अक्टूबर 2025 के पत्र को आधार बनाते हुए यूपी सरकार ने 24 नवंबर 2025 को आदेश जारी किया है। यह आदेश सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, और सचिव स्तर तक भेजा गया है। मतलब यह निर्देश पूरे शासन के सभी विभागों में लागू है। यहां आधार कार्ड दिखाकर जन्म तिथि साबित नहीं कर पाएंगे जन्म तिथि प्रमाणित करने के लिए अब इन दस्तावेजों की जरूरत होगी
1000 कट्टे खाद आते ही किसानों की लगी कतारें:डूंगरपुर में पुलिस बुलानी पड़ी, 3 दिन से कर रहे इंतजार
डूंगरपुर में क्रय विक्रय सहकारी समिति में 1000 कट्टे खाद पहुंचने की खबर मिलते ही किसानों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोतवाली थाने से पुलिस बुलानी पड़ी। किसान सुबह 6 बजे से ही लाइन में लगना शुरू हो गए थे। सुबह 10 बजे जब गेट खुले तो हजारों की संख्या में किसान वहां मौजूद थे। भीड़ को देखते हुए पुलिस को बुलाया गया, जिसके बाद किसानों को व्यवस्थित रूप से कतारों में खड़ा किया गया।हालांकि, खाद का वितरण उन किसानों को प्राथमिकता के आधार पर किया गया, जिनके आधार कार्ड एक दिन पहले ही जमा कर लिए गए थे। कई किसानों ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से खाद के लिए चक्कर काट रहे हैं। वर्तमान में प्रत्येक किसान को दो-दो कट्टे खाद दिया जा रहा है।रबी की फसलों की बुवाई के बाद से खाद की मांग में काफी वृद्धि हुई है, खासकर गेहूं की फसल के लिए। डूंगरपुर में लगभग 5000 कट्टे खाद की आवश्यकता है, लेकिन अब तक केवल तीन ट्रकों से 2600 कट्टे खाद की आपूर्ति हुई है। गुरुवार शाम को 1000 कट्टे खाद पहुंचा था। शाम 5 बजे तक इसमें से 450 कट्टे बिक गए थे। शेष 550 कट्टों की बिक्री शुक्रवार को की जा रही है। इन कट्टों के लिए गुरुवार देर शाम तक लाइन में लगे किसानों के आधार कार्ड ले लिए गए थे। क्रय विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष रतनलाल पाटीदार ने बताया कि अभी सभी किसानों को दो-दो कट्टे खाद दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि लगभग ढाई हजार कट्टे खाद की और मांग है और जल्द ही इसकी आपूर्ति होने की उम्मीद है।
वायडी नगर पुलिस ने 3 नाबालिग बालिकाएं बरामद कीं:ऑपरेशन मुस्कान के तहत परिजनों को सकुशल सौंपा
मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन मुस्कान के तहत मंदसौर की वायडी नगर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन गुमशुदा नाबालिग बालिकाओं को सुरक्षित ढूंढकर उनके परिवारों को सौंप दिया। एसपी विनोद कुमार मीना के मार्गदर्शन में जिलेभर में अभियान तेज किया गया था। इसी क्रम में एडिशनल एसपी टी.एस. बघेल, सीएसपी जितेंद्र सिंह भास्कर और वायडी नगर थाना प्रभारी शिवांशु मालवीय द्वारा लगातार तलाश की जा रही थी। तीनों बालिकाओं की गायब होने की घटनाये तीनों बालिकाएं अलग-अलग तारीखों में लापता हुई थीं। पहला मामला 10 मई 2024 का है, जिसमें मनोज जेरिया ने बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और थाना वायडी नगर में धारा 363 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था। दूसरा मामला 24 नवंबर 2025 का है, जिसमें नवीन कुरील ने बेटी के लापता होने की शिकायत की, जिस पर धारा 137(2) बीएनएस के तहत केस दर्ज हुआ। तीसरी शिकायत भी 24 नवंबर 2025 को सुनीता पढियार द्वारा दर्ज कराई गई, जिसमें नाबालिग के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज हुई और इस मामले में भी धारा 137(2) बीएनएस लागू की गई। खोजबीन के लिए विशेष टीम गठित की गई थीथाना प्रभारी शिवांशु मालवीय ने उप निरीक्षक विनय बुंदेला और कपिल सौराष्ट्रीय की एक विशेष टीम गठित की। टीम ने विभिन्न संभावित स्थानों पर दबिश दी, मुखबिरों से जानकारी जुटाई और सायबर सेल की तकनीकी सहायता ली। लगातार प्रयासों के बाद पुलिस ने तीनों बालिकाओं को सकुशल बरामद कर उनके माता-पिता के हवाले कर दिया। पुलिस की इस कार्रवाई की जिले में सराहना की जा रही है।
महेंद्रगढ़ जिले के कनीना में स्थित DAV कॉलेज में चोरी की वारदात सामने आई है। घटना 26 नवंबर की रात को हुई है। इस बारे में कॉलेज के चौकीदार ने पुलिस में शिकायत की है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी गई शिकायत में चौकीदार संदीप ने बताया कि वह कॉलेज में करीब ढाई साल से चौकीदार है। रात को जब वह नियमित रूप से कॉलेज के राउंड पर था तो उसे एक कमरे का दरवाजा टूटा हुआ मिला। जिस पर उसे चोरी का शक हुआ। इसके बाद उसने वहां पर कई जगह जांच की। खिड़की दरवाजे टूटे मिले राउंड के दौरान उन्हें कॉलेज के अंदर स्थित बॉयज हॉस्टल के मैस का एल्यूमीनियम दरवाजा टूटा हुआ मिला। इसके साथ ही मैस की खिड़की का पल्ला भी उखड़ा हुआ था। अंदर जांच करने पर पता चला कि कमरे में रखा कंप्यूटर का LCD मॉनिटर गायब है। संदीप ने तुरंत परिसर में तलाश की, लेकिन चोरी हुआ सामान कहीं नहीं मिला। जांच शुरू घटना की सूचना चौकीदार द्वारा थाना शहर कनीना में लिखित शिकायत के माध्यम से दी गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नवा रायपुर स्थित IIM कैंपस में DGP-IG कॉन्फ्रेंस का आज पहला दिन है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाई प्रोफाइल मीटिंग का शुभारंभ किया। मीटिंग में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल समेत 500 अधिकारी शामिल हुए हैं। वहीं PM नरेंद्र मोदी आज रात रायपुर पहुंचेंगे। DGP-IG कॉन्फ्रेंस में 6 सेशन में 36 DGP प्रेजेंटेशन देंगे। प्रेजेंटेशन में अपने-अपने राज्यों के क्राइम ग्राफ, क्राइम पैटर्न और उसे रोकने की जानकारी देंगे। हर राज्यों को प्रेजेंटेशन के लिए 1-1 घंटे का समय मिलेगा। प्रेजेंटेशन के बाद कॉमन क्राइम पैटर्न की लिस्ट तैयार होगी। इसके साथ ही सभी राज्यों के DGP संयुक्त चर्चा कर क्राइम खत्म करने की स्ट्रैटजी बनाएंगे। इसमें PM मोदी, गृहमंत्री शाह और NSA डोभाल, इंटेलिजेंस और रॉ चीफ समेत अन्य अधिकारी अपना तर्क रखेंगे। साथ ही इन्हीं तर्क के आधार पर मॉडल नीति बनेगी और मॉडल स्टेट का चयन किया जाएगा। हाई प्रोफाइल मीटिंग के 3 बड़े चेहरों के बारे में जानिए अजीत कुमार डोभाल, पराग जैन और तपन कुमार डेका ये तीनों भारत की प्रमुख सुरक्षा-और खुफिया व्यवस्थाओं के टॉप अफसर हैं। डोभाल 2014 से देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं। पराग जैन जुलाई 2025 में भारत की खुफिया एजेंसी RAW के चीफ हैं। वहीं तपन कुमार डेका वर्तमान में IB के प्रमुख हैं। सुरक्षा में 2 हजार जवानों के साथ स्पेशल टीम तैनात, ड्रोन से निगरानी DGP-IG कॉन्फ्रेंस में सुरक्षा के मद्देनजर 2000 से अधिक पुलिसकर्मी और स्पेशल यूनिट्स को लगाया गया है। इनमें 38 सीनियर अधिकारी शामिल हैं, जो IPS कैटेगरी के हैं। इनकी अलग-अलग सेक्टर्स में तैनाती की गई है। साथ ही रूट कंट्रोल और VVIP मूवमेंट की निगरानी की कमान सौंपी गई है। कॉन्फ्रेंस में सुरक्षा की दृष्टि से तीन लेयर में निगरानी की जा रही है। जमीनी तैनाती, आकाशीय निगरानी और रियल–टाइम रूट ऑब्जर्वेशन को इंटीग्रेटेड करके ऑफिसर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कॉन्फ्रेंस स्पॉट और आस पास के इलाकों में निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के लिहाज से 16 से ज्यादा एजेंडों पर होगी चर्चा छत्तीसगढ़ के लिए लिहाज से DGP-IG कॉन्फ्रेंस के लिए 16 से ज्यादा एजेंडे चुने गए हैं। इनमें ड्रग्स, साइबर फ्रॉड, नक्सलवाद और धर्म परिवर्तन शामिल हैं। कॉन्फ्रेंस में क्राइम ग्राफ और एक्शन डिटेल्स शामिल होंगे। ओडिशा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के अधिकारी भी छत्तीसगढ़ के इन मुद्दों पर अपने विचार रखेंगे। सभी राज्यों के DGP से प्रधानमंत्री-गृहमंत्री पूछेंगे सवाल छत्तीसगढ़ के पूर्व DGP डीएम अवस्थी ने बताया कि 3 दिनों का पूरा एजेंडा सेट रहता है। टाइम के हिसाब से उपस्थित होकर प्रेजेंटेशन दिया जाता है। 45 मिनट से 1 घंटे का प्रेजेंटेशन होता है। फिर इस पर सवाल जवाब होते है। अवस्थी ने बताया कि प्रधानमंत्री-गृहमंत्री सवाल पूछ लेते हैं। गृह राज्यमंत्री, NSA भी सवाल पूछते हैं। कॉन्फ्रेंस में नक्सलवाद, आतंकवाद, ड्रग नेटवर्क, सीमा सुरक्षा और सांप्रदायिक तनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक को देश की सुरक्षा नीति का अहम आधार माना जाता है। अब जानते हैं DGP-IG कॉन्फ्रेंस के बारे में देश की सबसे जरूरी इंटरनल सिक्योरिटी मीटिंग मानी जाने वाली DGP-IGP कॉन्फ्रेंस का इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है, जो 1920 के दशक से शुरू होता है। ब्रिटिश राज के दौरान, इंटेलिजेंस ब्यूरो इंटेलिजेंस अधिकारियों के लिए छोटे लेवल पर ब्रेन स्टॉर्मिंग मीटिंग्स ऑर्गनाइज करता था। इसका मकसद बस राज्य की इंटेलिजेंस को केंद्र सरकार से जोड़ना था। हालांकि, आजादी के बाद, जब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने होम मिनिस्ट्री संभाली, तो 12 जनवरी, 1950 को देश के सिक्योरिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर की नींव रखी गई। शुरू में यह हर दो साल में एक बार होता था, लेकिन 1973 के बाद यह एक सालाना इवेंट बन गया। पहले यह मीटिंग दिल्ली में होती थी, लेकिन 2014 से प्रधानमंत्री मोदी ने DGP कॉन्फ्रेंस में गहरी दिलचस्पी दिखाई। इसे अलग-अलग राज्यों में किया गया है। .................... इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें... DGP-IG कॉन्फ्रेंस...NSA, RAW-IB चीफ रायपुर पहुंचे: कॉन्फ्रेंस से पहले अफसरों की बैठक, पीएम मोदी रात में आएंगे; सम्मेलन में पहली बार SP रैंक के अफसर नवा रायपुर स्थित IIM कैंपस में आज, 28 नवंबर से 30 नवंबर तक DGP-IG कॉन्फ्रेंस शुरू हो रही है। थोड़ी देर में कार्यक्रम का उद्घाटन होगा। लेकिन इससे पहले NSA अजीत डोभाल, रॉ चीफ पराग जैन, आईबी चीफ तपन डेका अफसरों की बैठक ले रहे हैं। पहले दिन कॉन्फ्रेंस में दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक लगातार बैठकें चलेंगी। इन बैठकों में देश की आंतरिक सुरक्षा, खुफिया तंत्र और भविष्य की रणनीतियों पर उच्चस्तरीय चर्चा की जाएगी। पढ़ें पूरी खबर...
छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले की भरतपुर-सोनहत विधानसभा के पूर्व कांग्रेसी विधायक गुलाब कमरो ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर SIR (Special Integrated Revision) प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत की है। पूर्व विधायक का आरोप है कि उनका SIR फॉर्म ऑनलाइन नहीं हो रहा है, और जांच करने पर पता चला कि उनका नाम रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ में दर्ज हो गया है। विधायक कमरो ने बताया कि उन्होंने अपना SIR फॉर्म शुरुआत में ही अपने गांव के BLO (बूथ लेवल अधिकारी) के पास जमा कर दिया था। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी स्थिति में उनका नाम रायगढ़ जिले में कैसे दर्ज हो गया और रायगढ़ के BLO को उनके तथा उनके माता-पिता के EPIC नंबर कैसे मिले। उन्होंने इस मामले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष ने भी उठाया था मुद्दा इस मुद्दे पर इंडियन नेशनल कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के जगदलपुर प्रवास के दौरान, प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने एक प्रेसवार्ता में इस मामले को उठाया। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि जब एक पूर्व विधायक का नाम ही उनके अपने क्षेत्र की मतदाता सूची से काटा जा रहा है, तो आम नागरिक की मतदाता सूची में नाम की सुरक्षा पर सवाल उठना स्वाभाविक है। महंत बोले- 3 बार के विधायक को फॉर्म भरने में कठिनाई चरणदास महंत ने आगे कहा कि यह केवल एक तकनीकी गलती नहीं लगती, बल्कि मतदाता सूची की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि SIR के नाम पर लोगों के नाम काटे जा रहे हैं और उन्हें बार-बार निर्वाचन कार्यालयों के चक्कर लगाने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने जोर दिया कि जब तीन बार विधायक का चुनाव लड़ चुके जनप्रतिनिधि को ही अपना नाम दर्ज कराने में कठिनाई हो रही है, तो आम मतदाता की स्थिति समझी जा सकती है।
डीडवाना जिले में किसानों के लिए समर्थन मूल्य पर मूंग और मूंगफली की खरीद प्रक्रिया आरंभ हो गई है। जिला कलेक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत के निर्देश पर जिले में कुल पांच क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। सहकारी समिति के उप रजिस्ट्रार सुभाष चंद सिर्वा ने बताया कि राज्य सरकार ने मूंग का समर्थन मूल्य 8768 रुपए प्रति क्विंटल और मूंगफली का 7263 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। खरीद के लिए कुचामन, परबतसर, गच्छीपुरा, लाडनूं और डीडवाना स्थित क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को केंद्र बनाया गया है। राजफैड जयपुर द्वारा पंजीकृत किसानों को उनके निर्धारित दिवस पर कृषि जिन्स तुलवाने के लिए संदेश भेजे जा रहे हैं। किसानों को अपने उत्पाद को एफ.ए.क्यू. (फेयर एवरेज क्वालिटी) मानक के अनुसार निर्धारित तिथि पर खरीद केंद्र पर लाना होगा। यदि कोई किसान किसी कारणवश निर्धारित दिनांक को अपनी फसल नहीं तुलवा पाता है, तो उसे अगले 10 दिनों के भीतर किसी भी समय फसल तुलवाने की अनुमति होगी। हालांकि, 10 दिन की अवधि के बाद फसल की खरीद संभव नहीं होगी। किसान अपनी फसल की खरीद संबंधी किसी भी जानकारी के लिए राजफैड हेल्पलाइन 1800 180 6001 पर संपर्क कर सकते हैं। सरकार की इस पहल का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना और कृषि उत्पादों की सुचारू खरीद सुनिश्चित करना है।

