SpaceX Starlink Satellite: नए साल के लिए खराब खबर है. स्पेसएक्स का स्टारलिंक सैटेलाइट अपना कंट्रोल खो बैठा है. उसके बाद से यह सैटेलाइट बेकाबू होकर तेजी से घूम रहा है. जिससे केसरल सिंड्रोम का खतरा बढ़ गया है.
1 January 1863 History News: पूरी दुनिया में नया साल 2026 आ चुका है. अमेरिका के लिए नए साल के लिए ज्यादा ही महत्व है. इसकी वजह ये है कि 1 जनवरी को उसके इतिहास में एक ऐसी घटना हुई थी, जिसने पूरी दुनिया को बदलकर रख दिया था.
बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री एवं देश की राजनीति की दिग्गज शख्सियत बेगम खालिदा जिया को बुधवार को प्रशंसकों एवं समर्थकों के भारी भीड़ के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया गया
नए साल की शुरुआत के साथ ही बुल्गारिया में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. बुल्गारिया 1 जनवरी से आधिकारिक तौर पर यूरो करेंसी यूनियन में शामिल होकर 21वां यूरोजोन सदस्य बन जाएगा. आइए जानते हैं आखिर इससे आम आदमी की जिंदगी में क्या बदलाव आएगा.
इस देश में सबसे पहले आता है नया साल, 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है जश्न
Happy New Year 2026: कुछ ही घंटों बाद घड़ी की सुई 12 नंबर को टच करेगी और हम 2026 में पहुंच जाएगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूरी दुनिया का कैलेंडर एक साथ नहीं बदलता है. हर देश का अपना टाइम जोन होता है. चलिए जानते हैं सबसे पहले नया साल किस देश में आएगा.
भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद के सीजफायर को लेकर विश्व स्तर पर राजनीति चल रही है। पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह कह रहे थे कि उनकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुका। वहीं अब क्रेडिट की इस लड़ाई में चीन ने एंट्री ले ली है। हालांकि, भारत ने शुरुआत से ही किसी भी तीसरे पक्ष की ओर से ऐसी किसी भी मध्यस्थता से इनकार किया है
बांग्लादेश में एक और हिन्दू युवक की हत्या, हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार बढ़ रही हिंसा
बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक की हत्या का मामला सामने आया है. पुलिस के मुताबिक, मयमनसिंह जिले में नोमान मियां नाम के व्यक्ति ने 40 साल के बिजेंद्र बिश्वास की हत्या कर दी. पुलिस ने 22 साल के नोमान को गिरफ्तार कर लिया है. यह घटना 29 दिसंबर की शाम को हुई
Bangladesh mob violence: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के बाद भीड़ हिंसा, हिरासत में मौत, राजनीतिक संघर्ष और अल्पसंख्यकों पर हमलों में तेज इजाफा हुआ है, जिससे देश में डर और असुरक्षा बढ़ी गई है. मानवाधिकार संगठनों ने हालात को गंभीर बताते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई और कानून व्यवस्था बहाल करने की मांग की है.
1990 में एकजुट हुआ यमन 5 धड़ों में कैसे बंटा? सऊदी अरब-UAE से लेकर ईरान तक के लिए बना जंग का मैदान
सऊदी अरब के हमले के बाद यमन दुनियाभर में चर्चा विषय बना हुआ है. इस मौके पर हम आपको यमन के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं, कैसे एक 'खुशकिस्मत' देश जंग के मैदान में बदला?
सऊदी अरब की रेत क्यों फिसल रही? विदेश से खरीदने को मजबूर हुआ मुस्लिम देश
सऊदी अरब आप गए हैं, या आप जानते हैं तो 95 प्रतिशत इलाका रेत से पटा है. फिर भी इसdesert country की अपनी मजबूरियां है. यहां की रेत ऐसे फिसल रही है कि इसका इस्तेमाल निर्माण में नहीं हो सकता है.
Russia support china on taiwan: रूस ने जोरदार अंदाज में ताइवान को चीन का अटूट हिस्सा बताया और उसकी स्वतंत्रता का कड़ा विरोध किया है. रूसी विदेश मंत्रालय का बयान आया ऐसे वक्त जब अमेरिकी रिपोर्ट चेता रही है कि चीन 2027 तक ताइवान पर कब्जे की तैयारी कर रहा है. रूस-चीन की दोस्ती से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है. क्या ये तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत है?
ईरान में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन, कई विश्वविद्यालयों तक फैला आंदोलन, तेहरान की सड़कों पर उतरी आवाम
पश्चिमी प्रतिबंधों के दबाव में ईरानी मुद्रा रियाल 2025 में डॉलर के मुकाबले लगभग आधी रह गई है, जबकि दिसंबर में महंगाई दर 42.5 प्रतिशत तक पहुंच गई। इस आर्थिक संकट ने एक बार फिर देश में असंतोष की आग भड़का दी है।
Faisal Karim Masud Video:बांग्लादेश में छात्र राजनीति के बड़े चेहरे और एंटी-इंडिया नेता रहे शरीफ उस्मान हादी की हत्या को लेकर बड़ा मोड़ आ गया है. इस हाई-प्रोफाइल केस के मुख्य आरोपी बताए जा रहे फैसल करीम मसूद ने दुबई से एक वीडियो जारी कर हत्या में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार करते हुए जमात पर बड़ा आरोप लगा दिया है. देखें वीडियो.
अमेरिका का कड़ा रुख, ईरान-वेनेजुएला हथियार व्यापार को लेकर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की
अमेरिका ने ईरान और वेनेजुएला के बीच कथित तौर पर हो रहे हथियारों के व्यापार को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए दोनों देशों की 10 संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। अमेरिका का आरोप है कि तेहरान, वेनेजुएला को पारंपरिक हथियारों की आपूर्ति कर रहा है, जिससे अमेरिकी सुरक्षा हितों को खतरा पैदा हो गया है
1907 की सर्द रात में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में पहली बार बॉल ड्रॉप हुआ, जो आज दुनिया का सबसे बड़ा न्यू ईयर जश्न बन गया. आइए साल के आखिरी दिन और नए साल के पहले दिन जानते हैं नए साल मनाए जाने की पूरी कहानी.
निवेश के जादूगर वॉरेन बफेट आज 95 की उम्र में रिटायर हो रहे हैं। 60 साल पहले जब उन्होंने बर्कशायर हैथवे की कमान संभाली, तो कंपनी के एक शेयर की कीमत 18 डॉलर थी। आज एक शेयर की कीमत 8 लाख डॉलर से भी ज्यादा है। यानी 60 साल में 45,000 गुना की बढ़ोतरी। इस दौरान अमेरिका ने 11 राष्ट्रपति देखे, दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियां डूबी-उभरीं, बाजारों ने कई बार सांस रोकी, लेकिन बफेट नहीं बदले। न उनका तरीका, न उनकी फिलॉसफी। उनकी बर्कशायर हैथवे 34 लाख करोड़ कैश के साथ आज दुनिया की सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट कंपनी है और बफेट दुनिया के 10वें सबसे अमीर शख्स। वॉरेन बफेट को सिर्फ आंकड़ों में नहीं मापा जा सकता। हमने 5 चैप्टर्स में उनकी जिंदगी के अहम पहलुओं को पिरोया है... साल 1929 और अमेरिका का ओमाहा शहर। स्टॉक ब्रोकर हॉवर्ड बफेट अपनी पत्नी लैला और बेटी डोरिस के साथ अच्छी जिंदगी जी रहे थे। तभी अमेरिका में महामंदी का दौर शुरू हुआ और स्टॉक मार्केट क्रैश हो गया। हॉवर्ड का काफी नुकसान हुआ और परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया। इसी बीच 30 अगस्त 1930 को उनके घर वॉरेन बफेट का जन्म हुआ। पिता के कारण कम उम्र से ही बफेट बिजनेस और इन्वेस्टमेंट में दिलचस्पी लेने लगे। लाइब्रेरी में उन्हें अमेरिकी बिजनेस राइटर फ्रांसेस मिनकर की किताब 'वन थाउसैंड वेस टू मेक 1000 डॉलर' मिली, जिससे उन्होंने पैसे कमाने के तरीके सीखे और अपनाए। 6 साल की उम्र में च्विंगम बेची, 13 साल में टैक्स भरा महज 6 साल की उम्र में वॉरेन ने दादा की किराने की दुकान से खरीदे च्विंगम पड़ोसियों को बेचकर मुनाफा कमाया। फिर वे कोका-कोला की बोतलें बेचने लगे। 6 बोतल के एक सेट से वे 5 सेंट कमाते। बाद में उन्होंने अखबार, गोल्फ बॉल, पॉपकॉर्न और मूंगफली बेची। जब 11 साल के हुए तो वॉरेन न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज घूमने गए। 1942 में पिता हॉवर्ड अमेरिकी कांग्रेस के मेंबर चुने गए। हालांकि वॉरेन ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ अखबार बेचते रहे, जिससे उन्हें हर महीने 175 डॉलर की कमाई होती। इसी साल उन्होंने बड़ी बहन डोरिस के साथ 120 डॉलर के 3 शेयर खरीदे। ये शेयर अमेरिकी पेट्रोलियम कंपनी सिटीज सर्विस के थे। 3 महीने बाद शेयर का भाव गिरने लगा तो बहन इन्हें बेचने को कहने लगी, लेकिन वॉरेन ने इंतजार करने का फैसला किया। 4 महीने बाद इन शेयरों से 5 डॉलर का मुनाफा हुआ। 13 साल की उम्र में उन्होंने पहला इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया। हाई स्कूल के दौरान 14 साल के वॉरेन ने करीब 40 एकड़ खेती की जमीन खरीदी, जिसे किराए पर चढ़ा दिया। 17 साल के वॉरेन से अपनी सेविंग्स से कुछ पिनबॉल मशीनें खरीदीं और नाई की दुकानों पर लगवा दी। छोटी बहन की रूममेट से पहली नजर में प्यार, फिर शादी किस्सा 1950 की गर्मियों का है। वॉरेन छोटी बहन बर्टी से मिलने कोलंबिया गए थे। वहीं बर्टी ने अपनी रूममेट सुसैन थॉम्पसन से उनकी मुलाकात कराई। उन्हें पहली नजर में प्यार हो गया, लेकिन सुसैन को कोई दिलचस्पी नहीं थी। फिर भी वॉरेन सुसैन से दोस्ती बढ़ाने की कोशिश करते रहे। जल्द ही वॉरेन सुसैन के पिता और साइकोलॉजी के प्रोफेसर विलियम डॉक थॉम्पसन के करीबी बन गए। धीरे-धीरे सुसैन को भी वॉरेन का साथ पसंद आने लगा। 2 साल की मशक्कत के बाद सुसैन ने वॉरेन से शादी के लिए हामी भरी। 19 अप्रैल 1952 को वॉरेन बफेट और सुसैन ने शादी कर ली। 1956 में वॉरेन ने एक इन्वेस्टमेंट पार्टनरशिप शुरू की। नाम रखा- बफेट एसोसिएट्स लिमिटेड। इसमें उन्होंने दोस्तों और परिवारवालों को जोड़ा। वॉरेन को कम उम्र से ही भरोसा था कि वैल्यू-इन्वेस्टमेंट का तरीका बहुत ज्यादा रिटर्न देगा। वॉरेन बताते हैं, ‘प्रो. ग्राहम ने मुझे ‘निवेश के दो नियम’ सिखाए, जिन्हें मैं हमेशा से अपना रहा हूं। पहला नियम- कभी पैसा मत गंवाओ और दूसरा नियम- पहले नियम को कभी मत भूलो।’ प्रो. ग्राहम वैल्यू इन्वेस्टिंग के जनक हैं। उनकी इसी थ्योरी और सीख से वॉरेन आज दुनिया के सबसे बड़े निवेशक हैं। भरोसा टूटने पर खरीदी डूबती टेक्सटाइल कंपनी बात दिसंबर 1962 की है। अमेरिकी टेक्सटाइल कंपनी बर्कशायर हैथवे घाटे में चल रही थी। दिन-ब-दिन क्लॉथ मिलें बंद हो रही थीं। तभी नौजवान इन्वेस्टर वॉरेन बफेट ने डूब रही कंपनी के शेयर प्राइस में एक पैटर्न देखा और उन्हें खरीदने लगे। धीरे-धीरे उनके पास बर्कशायर हैथवे के 7% शेयर हो गए, लेकिन कंपनी को घाटे में जाता देख वॉरेन को लगा कि पैसा डूब जाएगा। 1964 में बर्कशायर हैथवे के CEO स्टैंटन ने वॉरेन से 11.5 डॉलर पर कंपनी के शेयर खरीदने की पेशकश की। ये फायदे का सौदा था। वॉरेन राजी हो गए, लेकिन कुछ दिन बाद जब दस्तावेज मिले, तो उन पर शेयर का दाम 11.375 डॉलर लिखा था। पैसों का फर्क छोटा था, लेकिन वॉरेन को भरोसा टूटने पर गुस्सा आया। उन्होंने शेयर बेचने की बजाय और खरीदना शुरू किया और कंपनी के नए मालिक बन गए। वहीं स्टैंटन और उनके बेटे ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। डूबती कंपनी को बचाने के लिए वॉरेन ने कई कोशिशें की, लेकिन नाकामी हाथ लगी। फिर उन्होंने बर्कशायर हैथवे को टेक्सटाइल कंपनी के बजाय होल्डिंग कंपनी बना दिया। इसके बाद कंपनी इंश्योरेंस, एनर्जी, रेल, डेयरी जैसे तमाम सेक्टर में काम करने लगी। आज कंपनी के 189 बिजनेस हैं। वॉरेन के सीईओ रहते बर्कशायर हैथवे ने एपल, कोका-कोला और बैंक ऑफ अमेरिका समेत 41 कंपनियों में 25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश किए। अगस्त 2024 में बर्कशायर हैथवे एक ट्रिलियन डॉलर यानी 90 लाख करोड़ रुपए की मार्केट कैप वाली अमेरिका की पहली नॉन-टेक कंपनी बनी। बर्कशायर हैथवे के पास करीब 34 लाख करोड़ रुपए नकद हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। बर्कशायर हैथवे के पास 381 बिलियन डॉलर यानी करीब 34 लाख करोड़ रुपए कैश है। उन्होंने यह रकम न कहीं निवेश की है, न उससे सोना खरीदा है, न फिक्स्ड डिपॉजिट किया है और न ही बैंक में जमा किया है। इस रकम का एक बड़ा हिस्सा अमेरिकी ट्रेजरी बिल के रूप में हैं। अमेरिकी ट्रेजरी बिल, करेंसी नोट की तरह कैश ही माना जाता है। महंगाई के चलते हर साल इस मोटी रकम की वैल्यू 2% से 4% कम हो जाती है, फिर भी वॉरेन ऐसा करते क्यों हैं? दरअसल, वॉरेन दशक में एक बार मिलने वाले मौके का इंतजार करते हैं। जैसे- 2020 की कोरोना महामारी, 2008 का लेमन ब्रदर्स क्राइसिस और 2000 का Dot.com Bubble क्राइसिस। ऐसे मौकों पर जब ज्यादातर कंपनियां कंगाल होने लगती हैं तब वॉरेन 40% से 50% डिस्काउंट पर स्टॉक खरीदते हैं। इसके लिए वे कैश का इस्तेमाल करते हैं। 2020 में शेयरहोल्डर्स की एक मीटिंग में उन्होंने कहा था, ‘अगले 20-30 सालों में ऐसा दो या तीन बार होगा, जब सोने की बारिश हो रही होगी। तब हमें सिर्फ उसे समेटने के लिए बाहर जाना होगा, लेकिन यह कोई नहीं जानता कि ऐसा कब होगा।’ वॉरेन शेयर बाजार को Overvalued मानते हैं। यानी शेयर बाजारों में होने वाली उछाल असली नहीं। वे मानते हैं कि कभी न कभी शेयर बाजार क्रैश हो सकते हैं। इसलिए भी बफेट की कंपनी ने इतनी बड़ी रकम शेयर बाजार में निवेश करने के बजाय कैश रखी है। ये ट्रेंड अमेरिका की अन्य कई बड़ी कंपनियों में भी दिखता है, जिन्होंने दूसरी कंपनियों के शेयर के बजाय सरकारी बॉन्ड्स में इन्वेस्ट कर रखा है। 50 साल की उम्र के बाद कंपाउंडिंग से कमाई 99% संपत्ति 11 साल की उम्र से इन्वेस्टमेंट करने वाले वॉरेन बफेट ने अपनी 99% संपत्ति 50 साल की उम्र के बाद कमाई है, खासकर 60-70 की उम्र के बाद। दरअसल, वॉरेन ने पैसा कमाने के लिए दो तरकीब अपनाई… 1. वैल्यू इन्वेस्टिंग: वॉरेन ने अपने गुरु प्रो. बेंजामिन ग्राहम की वैल्यू इन्वेस्टिंग की थ्योरी अपनाई। इसके मुताबिक, केवल वही स्टॉक या कंपनी खरीदनी चाहिए, जो अपनी एक्चुअल वैल्यू यानी असली कीमत से सस्ती हो। वॉरेन का फोकस हमेशा कंपनी की इंटरनल वैल्यू, कैश फ्लो और लॉन्ग टर्म बिजनेस क्वालिटी पर रहा, न कि शॉर्ट टर्म मार्केट प्राइस पर। 2. कंपाउंडिंग: वॉरेन ने न सिर्फ पैसे से पैसा कमाया, बल्कि कमाए हुए पैसे से भी पैसा बनाया। इसे ही कंपाउंडिंग कहते हैं। मान लीजिए कि वॉरेन ने किसी कंपनी में 10 साल के लिए 10 हजार रुपए लगाए। हर साल उन्हें 10% रिटर्न मिला, जो उसी कंपनी में इन्वेस्ट होता रहा तो 10 साल बाद उन्हें कुल 25,937 रुपए मिले। यानी हर साल मिलने वाले 10% रिटर्न ने भी पैसा कमाया। भले ही इन थ्योरीज से ज्यादा पैसा कमाने में ज्यादा वक्त लगता है, लेकिन ये जरूर है कि कम पैसे से भी ज्यादा मुनाफा बनाया जा सकता है। शुरुआती 20-30 साल में कमाई धीरे-धीरे बढ़ती है, लेकिन इसके बाद के 10-20 साल में कमाई का ग्राफ तेजी से ऊपर गया। वॉरेन के साथ यही इफेक्ट 50 की उम्र के बाद हुआ। वॉरेन बफेट पैसा बनाने के लिए ये 4 वेल्थ मंत्र बताते हैं… 1. जब लोग सतर्क हों, तब लालची बन जाओ 2. बुरी खबर ही निवेशक की अच्छी दोस्त 3. वही चीज खरीदें, जिसकी समझ हो 4. लंबे समय के लिए निवेश करो और छोड़ दो बर्कशायर हैथवे कंपनी की सालाना बैठक में 3 मई 2025 को वॉरेन बफेट ने कहा, '2025 के अंत में मैं CEO के पद से रिटायरमेंट ले लूंगा और मेरे बाद कंपनी की जिम्मेदारी ग्रेग एबेल संभालेंगे।' वॉरेन चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें शांति और सुकून भरा जीवन बिताने का समय मिले। वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में कम दिखेंगे। वे ओमाहा के उसी घर में रहेंगे, जहां वे 67 साल से रह रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी नई जगह रहने या जाने की बात नहीं की है। दरअसल, 1958 में वॉरेन ने ओमाहा शहर में एक घर खरीदा। तब इसकी कीमत 31,500 डॉलर थी, आज के हिसाब से 3.2 करोड़ रुपए। 6280 वर्ग फीट में बने इस घर में 5 बेडरूम और 2 बाथरूम हैं। वॉरेन बर्कशायर हैथवे के शेयर होल्डर्स के लिए सालाना खत लिखते थे, लेकिन रिटायरमेंट के बाद वे ऐसे खत नहीं लिखेंगे। हालांकि थैंक्सगिविंग मैसेज देना जारी रखेंगे। क्रिसमस पर दोस्तों, करीबियों और परिवारवालों को गिफ्ट और लेटर देते रहेंगे। 99% संपत्ति और बर्कशायर हैथवे के सभी शेयर करेंगे दान वॉरेन बफेट के पास करीब 15 हजार करोड़ डॉलर यानी करीब 13 लाख करोड़ रुपए की कुल संपत्ति है। 2006 में उन्होंने एक ‘गिविंग प्लेज’ यानी परोपकारी शपथ ली थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे अपनी 99% संपत्ति दान कर देंगे। उन्होंने कहा, 'बर्कशायर हैथवे के अपने सभी शेयर धीरे-धीरे परोपकारी संस्थाओं को दान कर दूंगा। मेरी संपत्ति का 99% से ज्यादा हिस्सा मेरे रहते या न रहते दान कर दिया जाएगा। पैसों के हिसाब से ये नंबर तो बहुत बड़ा दिख रहा होगा, लेकिन लोग हर रोज इससे कहीं ज्यादा दान कर देते हैं। वॉरेन ने ये भी बताया कि इससे उनके 3 बच्चों की जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्हें पहले ही पर्सनल यूज के लिए अच्छी-खासी रकम मिल चुकी है और भविष्य में भी मिलती रहेगी। वॉरेन ने मृत्यु के 10 साल बाद पूरी संपत्ति दान करने के लिए बनाया ट्रस्ट पिछले दो दशकों में वॉरेन 60 अरब डॉलर दान कर चुके हैं। वॉरेन चाहते थे कि उनका किया ज्यादातर दान बिल गेट्स के ‘गेट्स फाउंडेशन’ में जाए। इसमें उन्होंने 40 अरब डॉलर दिए भी हैं, लेकिन हाल ही में उन्हें लगा कि कुछ नया किया जाना चाहिए। वे बिल गेट्स के खर्चीले रवैए से भी काफी असहज थे। ऐसे में वॉरेन ने अपनी संपत्ति दान करने के लिए एक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया है, जिसका मैनेजमेंट उनके 3 बच्चे सुसैन, हॉवर्ड और पीटर करेंगे। यह ट्रस्ट वॉरेन की मृत्यु के बाद अगले 10 साल में उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा अलग-अलग संस्थाओं को दान कर देगा। इसमें एक शर्त है कि तीनों भाई-बहनों को रजामंदी से तय करना होगा कि पैसा किसे दिया जाए। वे हर साल करीब 50 करोड़ डॉलर दान करेंगे। इसका ज्यादातर हिस्सा बच्चों से जुड़ी संस्थाओं को जाएगा। वॉरेन तीनों बच्चे लोगों की मदद करते हैं। सुसैन सोशल जस्टिस, एजुकेशन और हेल्थ पर, हॉवर्ड फूड, क्राइम और इंटरनेशनल हेल्प को लेकर और पीटर आदिवासियों की बेहतरी और भुखमरी रोकने के लिए काम करते हैं। वॉरेन ने कहा, 'मुझे भरोसा है कि मेरे बच्चे मेरे जाने के बाद ढंग से काम करेंगे। तीनों मिलकर काम करेंगे और सही फैसला लेंगे।' ग्राफिक्स- दृगचंद्र भुर्जी **** References- 1. द स्नोबॉल: वॉरेन बफेटट एंड द बिजनेस ऑफ लाइफ - एलिस श्रोएडर 2. बफेटट: द मेकिंग ऑफ एन अमेरिकन कैपटलिस्ट - रोजर लोवेनस्टीन 3. बफेटटोलॉजी - मैरी बफेटट एंड डेविड क्लार्क 4. फोर्ब्स, न्यूयॉर्क टाइम्स, ब्लूमबर्ग, बिजनेस इंसाइडर जैसे न्यूजआउटलेट्स की रिपोर्ट
Thieves drill into German bank vault:नए साल से ठीक पहले जर्मनी में ऐसी बैंक डकैती सामने आई है, जिसे देखकर लोग कह रहे हैं इसके आगे तो हॉलीवुड फिल्म भी फेल है. पश्चिमी जर्मनी के गेलसेनकिर्शेन शहर में चोरों ने बैंक की सुरक्षा को धता बताते हुए सुरंग जैसे रास्ते से दीवार काट डाली और करीब 300 करोड़ रुपये (30 मिलियन यूरो) की संपत्ति लेकर फरार हो गए. जानें पूरी रिपोर्ट.
बांग्लादेश में बीएनपी चीफ खालिदा जिया का आज अंतिम संस्कार होगा. भारत से विदेश मंत्री जयशंकर जनाजे में शामिल होंगे. इससे पहले पीएम मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया. फरवरी में बेगम खालिदा के बेटे पीएम बन सकते हैं. क्या आप जानते हैं बेगम जिया हमेशा भारत विरोधी क्यों रहीं?
यमन में सऊदी अरब के हमले के बाद दो दोस्तों में फिर दुश्मनी जगजाहिर हो गई है. जिसके बाद UAE ने यमन से अपनी फौज वापस बुलाने का फैसला किया है. चलिए जातने हैं कि यह पूरा विवाद क्या है?
Tatiana Schlossberg death: टाटियाना श्लॉसबर्ग के 35 वर्ष की उम्र में कैंसर से निधन ने जॉन एफ. कैनेडी परिवार के लंबे समय से चले आ रहे दुर्भाग्य और दुखद घटनाओं की कड़ी को और गहरा कर दिया है. उनका जाना परिवार के लिए एक नई त्रासदी और विश्वभर के लोगों के लिए सदमा साबित हुआ है.
‘ये मेरा आज का 28वां ऑर्डर है। लिफ्ट से कस्टमर को ऑर्डर देने जा रहा हूं। देखो भाई, यहां के 15 रुपए मिले। मेरे 15 घंटे होने वाले है और अब तक 762 रुपए की कमाई हुई है। ब्लिंकिट बहुत कम पैसे दे रहा है। मैं घर जा रहा हूं, अब काम नहीं करना है।’ ब्लिंकिट के डिलीवरी पार्टनर हिमांशु थपलियाल ने 29 सितंबर को ये वीडियो बनाया और इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया। वीडियो वायरल हो गया और आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने हिमांशु का जिक्र संसद में किया। हिमांशु ने ब्लिंकिट का काम छोड़ दिया, लेकिन उनके जैसे गिग वर्कर्स की परेशानियां अब भी बची हुई हैं। कम कमाई और 10 मिनट में डिलीवरी के प्रेशर से परेशान गिग वर्कर्स आज यानी 31 दिसंबर को हड़ताल पर हैं। यानी अगर आप न्यू ईयर की पार्टी के लिए कुछ ऑर्डर करें, तो हो सकता है कि वो आपको 10 मिनट में न मिले। इससे पहले गिग वर्कर्स 25 दिसंबर को क्रिसमस पर हड़ताल पर चले गए थे। दैनिक भास्कर ने गिग वर्कर्स की परेशानियों और हड़ताल पर कुछ डिलीवरी पार्टनर से बात की। सबसे पहले हिमांशु की बातहिमांशु उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले हैं, लेकिन बचपन से परिवार के साथ दिल्ली में रह रहे हैं। किदवई नगर के एक कमरे के मकान में हिमांशु मम्मी-पापा के साथ रहते हैं। इंस्टाग्राम पर उनके वीडियो को 75 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। 19 साल के हिमांशु बताते हैं, ‘मैंने ब्लिंकिट में 5-6 महीने काम किया। मेरा वीडियो बनाने के पीछे मकसद था कि लोगों को सच्चाई पता चले कि कंपनी कैसे लोगों को पागल बनाती है।’ ‘5 किमी तक के ऑर्डर के लिए ब्लिंकिट से पहले 80 रुपए तक मिलते थे, फिर इसे घटाकर 50 रुपए कर दिया। मैं डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल किराए पर लेता था। इसके लिए 200 से 250 रुपए रोज देना होता है। इसी से आप कमाई का अंदाजा लगा लीजिए।’ हिमांशु आगे कहते हैं, ‘मुझे नहीं पता था कि मेरा वीडियो वायरल हो जाएगा। मैं बस चाह रहा था कि लोगों तक ये वीडियो पहुंचे। कंपनी कहती है कि एक हफ्ते में आपकी इतनी या उतनी कमाई हो जाएगी, लेकिन ये नहीं बताती है कि आपको कितने घंटे काम करना होगा। कितने समय तक लॉग-इन रहना पड़ेगा। अगर आप लॉग-इन नहीं रहेंगे, तो इंसेंटिव नहीं मिलेगा।’ हिमांशु के पिता अरविंद थपलियाल भी पहले गिग वर्कर थे। तीन साल पहले तक वे फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के लिए काम करते थे। अरविंद कहते हैं, ‘कभी-कभी ऐसा भी होता था कि पूरे दिन काम करने के बाद 200-250 रुपए की कमाई होती थी। इस काम से कोई फायदा नहीं होता।’ ‘2 किमी की डिलीवरी पर 20 रुपए, कंपनी से कोई सुविधा नहीं’हमने फूड डिलीवरी और क्विक सर्विस का काम कर रहे कुछ और वर्कर्स से मुलाकात की। वे पहचान जाहिर नहीं करना चाहते, इसलिए उनके नाम बदल दिए हैं। 56 साल के सुरेंद्र ढाई साल से जोमैटो के लिए काम कर रहे हैं। हम उनसे दिल्ली के लक्ष्मीनगर में मिले। सुरेंद्र कहते हैं, ‘चाहे ट्रैफिक जाम हो या लोकेशन की दिक्कत हो, लेकिन डिलीवरी लेट होने पर आपकी रेटिंग कम कर दी जाती है। कभी-कभी तो आईडी भी बंद कर देते हैं। 2 किलोमीटर तक की डिलीवरी के लिए मिनिमम 20 रुपए मिलते हैं। इसके अलावा दूरी और समय के हिसाब से हर किलोमीटर के पैसे मिलते हैं। इसके अलावा कोई सुविधा नहीं मिलती।’ सुरेंद्र बताते हैं कि हम लोगों को सिर्फ एक लाख तक दुर्घटना बीमा मिलता है। पिछले साल मेरा एक्सीडेंट हो गया था। कंपनी ने एक लाख रुपए का खर्च उठाया। बाकी के 75 हजार रुपए मुझे खुद देने पड़े। इसके लिए कर्ज लिया था। आज तक ब्याज चुका रहा हूं।’ क्या होना चाहिए: सुरेंद्र कहते हैं कि डिलीवरी के लिए रेट फिक्स होना चाहिए। इंश्योरेंस दिया जाए। अगर रिटायर हो रहे हों, तो पेंशन देना चाहिए। ‘महिलाओं के लिए अलग दिक्कतें, वॉशरूम तक नहीं मिलता’शाहदरा की रहने वाली नेहा (बदला हुआ नाम) डेढ़ साल से स्विगी में काम कर रही हैं। नेहा बताती हैं, ‘एक ऑर्डर पर सिर्फ 15 रुपए मिल रहे हैं। 15-16 घंटे काम करने के बाद 700-800 रुपए तक कमाई होती है। एक्सीडेंट हो गया तो कोई पूछने वाला नहीं होता। एक बार डिलीवरी के दौरान एक्सीडेंट हो गया, तो कंपनी की तरफ से कहा गया था कि आप ही गाड़ी तेज चला रहे होगे।’ इस पेशे में महिलाओं को ज्यादा दिक्कतें होती हैं। वॉशरूम नहीं होते, पीरियड्स में ज्यादा देर बाहर रहने पर दिक्कत होती है, इसलिए छुट्टी लेनी पड़ती है। कस्टमर से होने वाली समस्याओं पर नेहा कहती हैं, ‘कस्टमर अगर बिल्डिंग में ऊपर के फ्लोर पर रह रहे हैं, तो सामान लेने नीचे नहीं आते। आटे का पैकेट हो या कुछ और सामान, हमें ही ऊपर बुलाते हैं। हम नहीं जाते हैं तो कंपनी से शिकायत कर देते हैं। फिर दो-दो दिन तक हमारी आईडी बंद रहती है। कस्टमर कुछ भी लिखकर डाल देते हैं और हमारी रेटिंग डाउन कर दी जाती है।’ क्या होना चाहिए: नेहा कहती हैं, ‘हम जैसे वर्कर्स को सैलरी के आधार पर रखना चाहिए। कंपनियां मेहनत बहुत करवा रही हैं, लेकिन उस हिसाब से पैसे नहीं दे रहीं। छुट्टी लेने का मतलब है उस दिन की कमाई बंद। सरकार को इसके लिए कोई नियम लाना चाहिए।’ ‘10 मिनट में डिलीवरी का सिस्टम खत्म होना चाहिए’डिलीवरी पार्टनर अमित (बदला हुआ नाम) कहते हैं, ‘मैं सुबह 10 बजे आईडी ऑन करता हूं। रात के 11 बजे तक काम करते हैं। अगर आपको 1 हजार रुपए कमाना है, तो कम से कम 14-15 घंटे काम करना पड़ेगा। शुरुआत में कंपनियां ठीक पैसे देती थीं, आज घर चला पाना भी बहुत बड़ी बात है।' अमित आगे कहते हैं, ‘10 मिनट में डिलीवरी का सिस्टम खत्म करना चाहिए। अगर टाइम से डिलीवरी नहीं हुई, तो रेटिंग कम कर दी जाती है। फिर हमें ऑर्डर कम दिए जाते हैं। सड़क पर गिर गए या गाड़ी खराब हो गई, तब भी कंपनी को कोई मतलब नहीं है। मैं रोज 12-13 घंटे काम करता हूं, तब 1 हजार रुपए का काम होता है। इसमें भी 200 रुपए पेट्रोल पर खर्च हो जाते हैं।’ डिलीवरी बॉय वर्कर नहीं, पार्टनर, इसलिए सैलरी की जगह इंसेंटिवगिग इकोनॉमी में कंपनियां संस्थान-कर्मचारी वाले मॉडल को छोड़कर टास्क के आधार पर काम देती हैं। कंपनियां उन्हें वर्कर न मानकर पार्टनर बनाती हैं। अगर कोई पार्टनर उनके तय किए गए नियमों से काम करता है, तो उसे इंसेंटिव दिया जाता है। अगर शिकायत आती है तो उनकी आईडी ब्लॉक कर दी जाती है। नीति आयोग ने 2022 में एक रिपोर्ट में बताया था कि भारत में करीब 77 लाख गिग वर्कर्स हैं। इनमें एप बेस्ड कैब ड्राइवर से लेकर डिलीवरी एजेंट तक शामिल हैं। आयोग का अनुमान है कि 2030 तक इन वर्कर्स की संख्या 2.5 करोड़ तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट में दावा: 25% ड्राइवर 14-16 घंटे काम कर रहेयूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया ने 2024 में पीपुल्स एसोसिएशन इन ग्रासरूट्स एक्शन एंड मूवमेंट और इंडियन फेडरेशन ऑफ एप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के साथ मिलकर भारत में गिग वर्कर्स पर रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट का नाम था- 'Prisoners on Wheels' यानी पहियों पर कैदी। इसमें 8 शहरों में 10 हजार से ज्यादा वर्कर्स (5302 कैब ड्राइवर और 5082 डिलीवरी एजेंट) से बात कर उनके हालात समझने की कोशिश की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 31% एप बेस्ड कैब ड्राइवर 14 घंटे से ज्यादा काम कर रहे हैं। 60% ड्राइवर दिन में 12 घंटे और 83% ड्राइवर 10 घंटे से ज्यादा काम कर रहे हैं। 25% ड्राइवर 14-16 घंटे तक काम करते हैं। सर्वे में शामिल 40.7% ड्राइवर ने बताया कि वे हफ्ते में एक भी छुट्टी नहीं लेते। 43% ने बताया कि रोज के खर्चों (पेट्रोल-डीजल, खाना) के बाद 500 रुपए तक ही कमा पाते हैं। 27% ड्राइवर 500 से 1000 रुपए के बीच कमाते हैं। सर्वे से एक और दिलचस्प जानकारी निकली कि करीब 62% दलित और 60% आदिवासी ड्राइवर दिन में 14 घंटे से ज्यादा काम करते हैं। इनके मुकाबले जनरल कैटेगरी के 16% और OBC कैटेगरी के 26% ड्राइवर ही इतनी देर काम करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इससे जाहिर होता है कि दलित और आदिवासी कम्युनिटी से आने वाले लोगों पर जिम्मेदारियां या कर्ज ज्यादा है। इसलिए उन्हें ओवरवर्क करना पड़ रहा है। सर्वे में करीब 37% ड्राइवर ने बताया कि वे रोज 150 से 200 किलोमीटर ड्राइव करते हैं। 72% ड्राइवर ने बताया कि महीने की कमाई से परिवार का खर्च चलाना मुश्किल होता है। करीब 67% ड्राइवर ने कहा कि वे परिवार के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। 86.5% ड्राइवर पीठ, घुटने, पैर या सिर दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं। एक्सपर्ट बोले- कर्मचारी का दर्जा देने पर ही फायदा होगागिग वर्कर्स एसोसिएशन से जुड़े नीतेश दास कहते हैं कि सरकार और इस तरह की कंपनियों को वर्कर्स के लिए बेहतर माहौल बनाना चाहिए। डिलीवरी पार्टनर को कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। नवंबर में लागू वेज कोड में गिग वर्कर्स का जिक्र जरूर है, लेकिन ये लोग किसी संस्थान के कर्मचारी नहीं हैं। आप इन्हें वर्कर्स नहीं मानेंगे, तब तक कोई फायदा नहीं है क्योंकि सारे कानून संगठित मजदूरों के लिए लागू होते हैं।’ गिग एंड प्लेटफॉर्म सर्विस वर्कर्स यूनियन के राष्ट्रीय संयोजक निर्मल गोराना अग्नि कहते हैं कि इंसेंटिव के नाम पर ये कंपनियां वर्कर्स से जबरिया मजदूरी करवा रही हैं। कंपनियों को रेटिंग का धंधा बंद करना चाहिए क्योंकि ये पारदर्शी नहीं है। राजस्थान और कर्नाटक में गिग वर्कर्स को लेकर कानून बने हैं। हालांकि ये कानून सिर्फ उनकी सामाजिक सुरक्षा से जुड़े हैं। इन कानूनों में भी उनकी मांगों का समाधान नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार ने भी उनके मिनिमम वेज, काम के घंटे और दूसरी मांगों पर अब तक पहल नहीं की है। हमने गिग वर्कर्स के मुद्दों पर केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया से संपर्क करने की कोशिश की। जवाब नहीं मिलने पर श्रम मंत्रालय को गिग वर्कर्स के मुद्दों और सरकार की तरफ से हो रही कोशिशों पर कुछ सवाल भेजे हैं। ब्लिंकिट और जोमैटो को भी मेल भेजा है। उनकी तरफ से रिप्लाई नहीं आया है। जवाब आने पर रिपोर्ट अपडेट की जाएगी। ...................................ये रिपोर्ट भी पढ़ें दिल्ली दंगे के 5 आरोपी बरी, कोर्ट ने कहा- पुलिस के पास सबूत नहीं दिल्ली के चांद बाग में रहने वाले मोहम्मद खालिद को पुलिस ने फरवरी 2020 में अरेस्ट किया था। उन्हें दिल्ली दंगों के दौरान भजनपुरा में पेट्रोल पंप जलाने के मामले में आरोपी बनाया गया। फिर एक के बाद एक 19 केस में उनका नाम शामिल हो गया। 11 दिसंबर को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने खालिद समेत 5 आरोपियों को इस केस में बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पुलिस इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं दे पाई। पढ़िए पूरी खबर...
बांग्लादेश में एक और हिंदू की हत्या: न बहस हुई न हाथापाई, बस बैठे-बैठे चला दी गोली
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के जीवन की कोई खास कीमत नहीं है; ये एक बार फिर जाहिर हो गया। एक और हिंदू शख्स को गोली मार दी गई, जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई
DNA: खालिदा जिया की मौत से कैसे दफन हो गए मुनीर के मंसूबे? बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल
DNA: नए साल पर बांग्लादेश में एक तरफ यूनुस की सत्ता जाना तय है. तो दूसरी ओर खालिदा जिया की मौत ने यूनुस के साथ-साथ आसिम मुनीर और जमात-ए-इस्लामी यानी तीनों के ढाका वाले मंसूबे को मिट्टी में मिला दिया है. ख़ालिदा ज़िया का निधन पाकिस्तान के लिए किस तरह झटका है, ये जानने से पहले आपको बांग्लादेश की राजनीति पर ख़ालिदा के निधन से पड़ने वाले असर के बारे में जानना चाहिए.
Boy Forgets Mother Tongue Sfter Knee Surgery: नीदरलैंड्स में एक शख्स घुटने की सर्जरी के बाद अपनी मातृभाषा ही भूल गया. मेडिकल साइंस में यह बड़ा ही दुर्लभ मामला है.
रूस के पूर्व बैंकिंग टाइकून ओलेग टिंकोव ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध की आलोचना करने वाली एक इंस्टाग्राम पोस्ट की वजह से उन्हें अपनी पर्सनल दौलत का करीब $9 बिलियन (करीब 80,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है.
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बर्बरता जारी, एक और हिंदू को गोली मारकर उतारा मौत के घाट
Bangladeshi Hindu: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामले में एक हिंदू युवक की उसके साथी ने ही गोली मारकर हत्या कर दी. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी अंसार सदस्य नोमान मिया को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस की तरफ से जारी बयान में इस घटना को गलती से गोली चलने के कारण हुआ बताया जा रहा है.
बांग्लादेश: ‘पुतुल’ से बेगम जिया तक का उतार-चढ़ाव भरा सफर
अविभाजित भारत के जलपाईगुड़ी में पैदा होने वाली पुतुल उर्फ खालिदा के बांग्लादेश की 'फर्स्ट लेडी' और पहली महिला पीएम बेगम जिया बनने का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. किसी दौर में राजनीति में उनको पसंद नहीं थी
Sheikh Hasina condolences Khaleda Zia:खालिदा जिया और शेख हसीना की दुश्मनी को “बेगमों की जंग” कहा जाता था. तीन दशकों तक दोनों ने बारी-बारी से सत्ता संभाली और एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हसीना के शासन में जिया को भ्रष्टाचार के मामलों में जेल हुई, जबकि हसीना की सत्ता गिरने के बाद जिया रिहा हुईं. ऐसे में हसीना का इस तरह संदेश लिखना बहुत मायने माने जा रहे हैं.
ढाका में हुआ था ये बड़ा बवाल! जान के खतरे के चलते प्रणब मुखर्जी और खालिदा जिया की मुलाकात हुई कैंसल
Khaleda Zia security threat: साल 2013 में सुरक्षा कारणों से खालिदा जिया ने भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने वाली बैठक रद्द कर दी थी. 80 साल की उम्र में उनका निधन हो गया, वे लंबे समय से बीमार थीं और ढाका के एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं.
जापान में बर्ड फ्लू का कहर, सामने कई मामले; 2.40 लाख मुर्गियां की जाएंगी नष्ट
Bird Flu: जापान के ग्रेटर टोक्यो इलाके के साइतामा प्रांत में एवियन इन्फ्लूएंजा का 12वां मामला सामने आया है. कृषि मंत्रालय ने पुष्टि की कि एक पोल्ट्री फार्म में संक्रमण फैला है, जिसमें 2 लाख 40 हजार मुर्गियां थीं. सभी मुर्गियों को नष्ट कर सैनिटाइजेशन अभियान चलाया जाएगा.
ढाका में कल होगा खालिदा जिया का अंतिम संस्कार
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को राजधानी के मानिक मियां एवेन्यू में होने का अनुमान है
आज तकनीक बहुत आगे बढ़ गई है लेकिन हाल ही में आई खबर ने सदियों पुरानी यात्रा अनुभवों की याद दिला दी है. चीन 5 क्रेन की डिलीवरी के लिए 90 दिनों 37000 किलोमीटर का सफर तय किया है.
खालिदा जिया की मौत के बीच बांग्लादेश सरकार ने अचानक भारत से अपने हाई कमिश्नर को क्यों किया तलब?
M Riyaz Hamidullah: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच अपने उच्चायुक्त एम रियाज हामिदुल्लाह को ढाका वापस बुला लिया है. बता दें, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.
साथ-साथ गुजरा बचपन, फिर पढ़ाई के लिए गईं US; सड़के हादसे में दो दोस्तों ने छोड़ दी दुनिया
Telangana News: कैलिफोर्निया में दो बचपन की दोस्तों की एक साथ साथ मौत हो गई, ये दोनों एक साथ पढ़ाई करने के लिए US गईं हुई थीं. दोनों तेलंगाना की रहने वाली थीं.
Iran warns US:ईरान के टॉप एडवाइजर अली शमखानी ने ट्रंप के उस बयान पर बहुत करारा जवाब दिया है. जिसमें ट्रंप ने कहा था कि अगर ईरान अपना बैलिस्टिक मिसाइल या न्यूक्लियर प्रोग्राम दोबारा बनाएगा, तो उसे हमला करके खत्म कर दिया जाएगा. जानें पूरी रिपोर्ट.
Vladimir Putin: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें बताया कि यूक्रेनी ड्रोन ने उनके आवास पर हमले की कोशिश की थी. हालांकि, यूक्रेनी अधिकारियों ने इस दावे का खंडन करते हुए इसे झूठ बताया.
Military-backed party to win in Myanmar:म्यांमार में 28 दिसंबर को पहले चरण के चुनाव हुए, सेना समर्थक USDP ने 102 में से 82 सीटें जीतने का दावा किया. गृहयुद्ध जारी है. कई इलाकों में वोटिंग नहीं हुई है. नोबेल विजेता आंग सान सू अभी भी लापता हैं. जानें पूरी खबर.
ताइवान पर हमले की तैयारी कर रहा चीन? द्वीप के आसपास सेना तैनात, बड़े सैन्य अभ्यास से इलाके में तनाव
ताइवान को लेकर चीन और जापान समेत इस क्षेत्र में तनाव फिर से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची की टिप्पणी के बाद से चीन ने अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है
सन 81 की वो हत्या जिसने खालिदा जिया के मुस्तकबिल को बदला, सियासत ने दिया 'बैटल ऑफ बेगम्स' का नाम
Khalida vs Hasina Rivalry: शेख मुजीबुर रहमान की बेटी और अवामी लीग की नेता शेख हसीना वाजेद और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख रहीं बेगम खालिदा जिया के बीच काफी लंबी राजनीतिक लड़ाई चली, यह संघर्ष तब शुरू हुआ जब 1975 में हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान को मार दिया गया. आइए जानते है इस संघर्ष की पूरी कहानी...
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का 80 वर्ष की उम्र में निधन
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का मंगलवार सुबह लंबी बीमारी के बाद 80 साल की उम्र में निधन हो गया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नेतन्याहू को लेकर कहा कि उनकी माफी रास्ते मे है. हालांकि इस बयान पर इजरायली राष्ट्रपति का खंडन ट्रंप को पसंद नहीं आएगा, क्योंकि उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति को चुभ सकती है.
2026 का पूरी दुनिया को इंतजार है. कुछ जगहों पर 24 घंटे बाद नया साल शुरू हो जाएगा. ऐसे में बीतते साल 2025 पर एक नजर दौड़ाने की जरूरत है. दुनिया में सियासी नजरिए से देखें तो कुछ बयान काफी चर्चा में रहे. इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप, पुतिन, इटली की पीएम मेलोनी के बयान प्रमुख थे.
खालिदा जिया ने कहा दुनिया को अलविदा, कैसे तय किया जलपाईगुड़ी से पीएम तक का सफर?
Khaleda Zia: बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का निधन हो गया. खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला पीएम थीं, इनके पति जियाउर रहमान बांग्लादेश के राष्ट्रपति भी रह चुके थे. जानिए इनका राजनीतिक सफर कैसा था.
बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया का इंतकाल, 1 दिन पहले भरा था चुनावी पर्चा
Khalida Zia: बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया का 80 साल की उम्र में इंतकाल हो गया है. मौत से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अस्पताल से ही चुनावी पर्चा भरा था.
ट्रंप को मिलेगा एक और 'पीस प्राइज', फीफा के बाद अब नेतन्याहू देंगे इजरायल का सर्वोच्च सम्मान
IsraelPeacePrize:इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इजरायल का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की घोषणा की है. यह पुरस्कार 80 वर्षों में पहली बार किसी गैर-इजरायली नागरिक को और शांति श्रेणी में पहली बार प्रदान किया जा रहा है.
हमने ड्रग्स की नर्सरी को तबाह कर दिया... अमेरिका ने एक और बोट पर किया हमला; अब तक 107 की मौत
US Strike on Drugs Boat: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने एक ड्रग्स की एक और बोट पर हमला कर दिया है. इस हमले में 2 लोगों की मौत हुई है.
Trump Netanyahu Meeting: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है, गाजा शांति योजना का दूसरा चरण जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा. फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की. इस दौरान ट्रंप ने साफ किया कि गाजा में शांति के लिए हमास का हथियार डालना जरूरी है. साथ ही उन्होंने गाजा के पुनर्निर्माण की बात भी कह दी.
‘जब नीतीश कुमार ने नकाब खींचा, तो समझ नहीं आया कौन, कहां से मुझे खींच लेगा। वहां सब हंसने लगे थे। इतना कुछ पहले हो गया था, न जाने और क्या करते। मैं जल्दी-जल्दी वहां से निकली, ताकि मुझे कोई देख न ले। थोड़ी देर बाद दोबारा वहां गई अपॉइंटमेंट लेटर फाड़कर फेंकने, लेकिन तब तक सब जा चुके थे।’ नुसरत परवीन ने ये आपबीती भाई बबलू को सुनाई थी। वही नुसरत, जिनका हिजाब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जॉइनिंग लेटर देते वक्त खींच दिया था। तारीख 15 दिसंबर थी। इसके बाद से नुसरत सामने नहीं आई हैं। अब तक कुछ कहा भी नहीं है। बिहार सरकार की ओर से जॉइनिंग की तारीख बढ़ाने के बाद भी उन्होंने नौकरी जॉइन नहीं की है। नुसरत और उनका परिवार पटना से कोलकाता चला गया। भाई का दावा है कि पति ने नुसरत को मीडिया से बात करने और बाहर निकलने से मना किया है। परिवार भी इसका विरोध नहीं कर रहा, क्योंकि हम नहीं चाहते कि पति-पत्नी का रिश्ता बिगड़े। पहले पटना में तलाशतारीख: 23 और 24 दिसंबरदो पते, पहला घर खाली और दूसरा बंद, परिवार गायब नुसरत और उनका परिवार पटना में रह रहा था। हमें घर का पता चला। न्यू पाटलिपुत्र के कमर प्लाजा में मकान नंबर-102 में किराए पर पूरा परिवार रहता है। परिवार में नुसरत के पति डॉ. आसिफ अली खान, 14 साल का बड़ा और 9 साल का छोटा बेटा है। हम उस पते पर पहुंचे, लेकिन वे इस घर को छोड़कर कुछ दूर किसी और मकान में रहने लगे हैं। बदला पता है- मोहिदिन इन्क्लेव, न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी। यहां पहुंचे, तो गेट पर ताला मिला। सिक्योरिटी गार्ड शंभू ने बताया कि परिवार 17 दिसंबर को कहीं चला गया है। नुसरत तिब्बी कॉलेज में पीजी कर रही हैं। पति डॉ. आसिफ साइकियाट्रिस्ट हैं। वे हाजीपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाते हैं और पटना के चांद मेमोरियल अस्पताल में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। नुसरत के घर के पास रहने वाले रफीक बताते हैं कि नुसरत का परिवार यहीं रहता था, लेकिन उनसे बहुत मेलजोल नहीं था। रफीक आगे कहते हैं, ‘मेरी पत्नी भी कुवैत में सरकारी नौकरी करती हैं। वहां भी जॉब करने वालों को फेस खुला रखना पड़ता है, लेकिन चेहरे से नकाब महिला पुलिस ही हटाती है।’ नुसरत के इस घर के सामने मस्जिद है। पता चला कि नुसरत के पति डॉ. आसिफ वहां नमाज पढ़ने जाते थे। वहां के इमाम मोहम्मद फारूक ने बताया कि डॉ. आसिफ से बहुत ताल्लुक नहीं है। बस कभी सलाम-कलाम करते थे। चार महीने पहले ही उमरा करके आए थे। उस दौरान दिन में 2-3 दफा नमाज पढ़ने आ जाया करते थे। इससे ज्यादा पता नहीं।’ इसी कड़ी में इमाम साहब की पत्नी हुस्ना खातून बताती हैं, नुसरत बालकनी में कपड़े डालने आती थीं, तब नकाब नहीं पहनती थी। वहीं से दुआ-सलाम हो जाती थी। वो किसी के घर नहीं आती-जाती थीं। नुसरत के पति ने अस्पताल आना बंद किया, पटना भी छोड़ामोहल्ले से निकलकर हम चांद मेमोरियल अस्पताल पहुंचे। नुसरत के पति डॉ. आसिफ यहां रोज शाम 6 बजे मरीजों को देखते थे। उस दिन डॉ. आसिफ अस्पताल नहीं पहुंचे। उन्हें कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। अस्पताल के मैनेजर ने फोन मिलाया, तो उन्होंने आने से मना कर दिया। हम अगली सुबह, यानी 24 दिसंबर को फिर अस्पताल पहुंचे। मैनेजर ने बताया कि डॉ. आसिफ शहर में ही नहीं हैं। नकाब वाले मामले के बाद मीडिया से बच रहे हैं। शायद कोलकाता गए हैं।’ अब पटना से कोलकाता तक तलाश तारीख: 25-26 दिसंबरनुसरत का पता लगाने हम पटना से कोलकाता रवाना हुए। पता चला कि नुसरत और उनका परिवार कोलकाता के तोपसिया के कोहिनूर बाजार में रहता है। हम वहां घंटों तक उनके घर का पता खोजते रहे। आखिरकार नुसरत के बडे़ भाई सरफराज का पता मिला। वहां पहुंचे, तो घर में कोई नहीं था। पता चला कि नुसरत के छोटे भाई बबलू का प्रॉपर्टी का काम है। हम उनके ऑफिस SK ट्रेडर्स 77/2 तोपसिया पहुंचे। पहचान छिपाते हुए उनके घर का पता पूछा। बताया गया कि अभी सब नुसरत की बहन के घर गए हैं। साथ ही सरफराज का फोन नंबर दे दिया। बहन का घर भी उसी बाजार में है। करीब घंटेभर की मशक्कत के बाद उनका पता मिल गया। हम उनके अपार्टमेंट जेनटेक्स प्लाजा पहुंचे। सिक्योरिटी गार्ड ने हमें रोक लिया। कुछ ही देर में बबलू भी स्कूटी से वहां आ गया। हमें देखकर हमारी सही पहचान पूछने लगा। इस बार हमने बता दिया कि दैनिक भास्कर से हैं। बहुत समझाने और भरोसा दिलाने पर वो हमें अपने घर ले जाने को राजी हो गया। नुसरत की बहन देखते ही भड़कीं, बोलीं- यहां से चले जाइएहम बबलू के साथ बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर पहुंचे। सामने गेट पर एक महिला खड़ी थीं। ये नुसरत की छोटी बहन हैं। उन्होंने गुस्से से पूछा- आप लोग कौन हैं? मीडिया से होने की वजह से उन्होंने हम पर चिल्लाना शुरू कर दिया। कुछ देर में घर से और लोग बाहर आने लगे। ये वही घर है, जिसमें नुसरत और उनके पति डॉ. आसिफ मौजूद थे। परिवार के लोगों ने धमकी दी कि गार्ड से कहकर, धक्के मारकर बाहर करवा देंगे। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। इसके बाद हम बाहर आ गए। भाई बोले- हम नहीं चाहते कि पति-पत्नी अलग हो जाएंबाहर जाने पर बबलू ने हमें अपने भतीजे वकार से मिलवाया। वकार सरफराज के बेटे हैं। वे वकालत करते हैं। उन्होंने ऑफिस चलने के लिए कहा। ऑफिस पहुंचकर बताया कि नुसरत के पति ने उसे मीडिया से दूर रखा है। सोशल मीडिया पर भी कुछ लिखने से मना किया है। इसी वजह से नुसरत घर में बंद है। हम कुछ नहीं कर सकते, हम नहीं चाहते कि मियां-बीवी अलग हो जाएं। इसलिए हम चुप हैं।’ ‘भाई परमिशन दें तो नीतीश समेत सभी मंत्रियों पर FIR करा दूं’बबलू आगे कहते हैं, ‘मौजूदा हुकूमत से कौन उलझेगा। हम लोगों को बहुत तकलीफ है। अगर आज मेरा बड़ा भाई परमिशन दे दे, तो अभी तोपसिया थाना जाकर नीतीश कुमार समेत वहां मौजूद सभी मंत्रियों के नाम FIR करवा दूं।’ हमने पूछा कि नुसरत क्या चाहती हैं? भाई जवाब देते हैं, ‘पति के बोलने पर ही वो कुछ करेंगी।’ नुसरत, पढ़ी-लिखी, समझदार हैं, फिर ऐसा कैसे? इस पर वकार ने कहा, ‘मुस्लिम परिवार है। यही सबसे बड़ी वजह है।’ आखिरकार नुसरत के घरवालों ने हमें उनसे नहीं मिलने दिया। भाई सरफराज ने कहा, ‘नुसरत इस माहौल में मीडिया से बात नहीं करना चाहतीं। एक महीने बाद वे मीडिया से बात करेंगी। उसने कॉलेज जाना बंद कर दिया है। मुख्यमंत्री ने जॉइनिंग लेटर दिया है, लेकिन जॉइन नहीं किया।’ हालांकि बिहार के आयुष विभाग की तरफ से जॉइनिंग की तारीख 20 दिसंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गई है। अब देखना यही है कि नुसरत के पति, नुसरत के लिए क्या फैसला करते हैं। हिजाब विवाद की शुरुआत15 दिसंबर को बिहार के CM नीतीश कुमार पटना में आयुष डॉक्टरों को जॉइनिंग लेटर दे रहे थे। डॉ. नुसरत लेटर लेने मंच पर आईं। नीतीश कुमार उन्हें लेटर देने लगे। नीतीश कुमार ने नुसरत के हिजाब की ओर इशारा करते हुए पूछा कि ये क्या है जी। नुसरत ने जवाब दिया, हिजाब है सर। CM ने कहा कि हटाइए इसे। इसके बाद नीतीश कुमार ने नुसरत का हिजाब खींच दिया। इस दौरान डिप्टी CM सम्राट चौधरी नीतीश कुमार को रोकने की कोशिश करते दिखे। हिजाब हटाने से नुसरत थोड़ी देर के लिए असहज हो गईं। आसपास मौजूद लोग हंसने लगे। अधिकारियों ने नुसरत को जॉइनिंग लेटर देकर जाने का इशारा किया। इसके बाद नुसरत वहां से चली गईं। 32 हजार सैलरी, आयुष डॉक्टर की नौकरी, लेकिन नुसरत नहीं पहुंचींडॉ. नुसरत पटना के राजकीय तिब्बी कॉलेज अस्पताल से पढ़ाई कर रही हैं। यहां बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी की पढ़ाई होती है। नुसरत की नियुक्ति 32 हजार रुपए सैलरी पर आयुष डॉक्टर के पद पर हुई है। उन्हें 20 दिसंबर 2025 को पटना सिटी के पीएचसी सदर में जॉइन करना था। हिजाब विवाद के बाद नुसरत ने नौकरी जॉइन नहीं की। इस दौरान इस जॉइनिंग की तारीख 31 दिसंबर कर दी गई। अगर वे इस तारीख तक जॉइन नहीं करती हैं, तो उनका अपॉइंटमेंट रद्द हो सकता है। यूपी, झारखंड और कश्मीर में नीतीश के खिलाफ शिकायतइस विवाद के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लखनऊ, रांची और श्रीनगर में शिकायत दर्ज कराई गई। सपा की प्रदेश प्रवक्ता सुमैया राणा ने लखनऊ के कैसरबाग थाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ तहरीर दी। सुमैया मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी हैं। झारखंड की राजधानी रांची के इटकी थाने में सोशल वर्कर मो. मुर्तजा आलम ने शिकायत देकर जांच और कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि धार्मिक पोशाक के साथ सार्वजनिक मंच पर किया गया ऐसा व्यवहार आपत्तिजनक है। जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दल पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने श्रीनगर पुलिस में नीतीश कुमार के खिलाफ शिकायत दी है।
हिंदुओं की आबादी 'मिटाने वाला' पाकिस्तान, क्रिसमस में तोड़फोड़ और मुस्लिमों पर भारत को दे रहा ज्ञान
भारत में क्रिसमस का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। वैसे तो यह ईसाईयों का त्योहार है, लेकिन इसे लेकर हर भारतीयों के दिल में उत्साह और सम्मान की भावना होती है
पुतिन के घर 91 ड्रोन से हमला, रूस ने लगाया यूक्रेन पर आरोप, कीव बोला- हमने नहीं किया अटैक
Drone Attack on Russia: नोवगोरोड क्षेत्र में कथित हमले के बाद सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेन पर मॉस्को के हमले को खत्म करने के लिए चल रही शांति वार्ता में 'रूस की बातचीत की स्थिति में बदलाव किया जाएगा.' लावरोव ने कहा कि इस घटना में कोई नुकसान या जानमाल का नुकसान नहीं हुआ.
Iran-America War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की बैठक के बीच अमेरिका और ईरान के बीच जंग छिड़ने की संभावना जताई जा रही है
Putin Christmas gifts:क्रिसमस बीत गया लेकिन एक दूसरे को तोहफे देने का दौर जारी है. 25 दिसंबर की रात से शुरू हुआ जश्न एक जनवरी के बाद तक चलेगा. दुनियाभर के हाट-बाजार क्रिसमस की सजावट और गिफ्ट्स की रौनक से पटे पड़े हैं. इस बीच सैंटा बनकर तोहफे बांट रहे रूसी राष्ट्रपति पुतिन का वीडियो वायरल हो रहा है. क्या है खास आइए जानते हैं.
बौखलाया पाकिस्तान ! भारत ने चिनाब नदी पर दुलहस्ती-2 परियोजना को दी मंजूरी
भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया। भारत का ये फैसला पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका था। हालांकि, पाकिस्तान अभी तक इस झटके से उबर भी नहीं पाया था कि भारत ने उसे एक और झटका दे दिया
उस्मान हादी के हत्यारों को लेकर भारत-बांग्लादेश में कड़वाहट
बांग्लादेशी युवा नेता उस्मान हादी के हत्यारों के भारत में छिपने के दावे ने दोनों देशों के बीच संबंधों में कड़वाहट को और बढ़ाया. हादी के संगठन इंकलाब मंच ने वहां काम करने वाले भारतीयों के वर्क परमिट रद्द करने की मांग की
बांग्लादेश में निर्दलीय उम्मीदवार शरीफ उस्मान हादी की हत्या के मामले में अब तक इंसाफ नहीं मिला है। हादी के समर्थक और इंकलाब मंच के कार्यकर्ता यूनुस के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं। इंकलाब मंच और उससे जुड़े समूहों ने बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन किया
1,79,87,650 रुपये की घूस! बुरी फंसी इस देश के पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी, भ्रष्टाचार से हिला मुल्क
अभियोजन पक्ष ने किम केओन-ही के खिलाफ गंभीर आरोपों के चलते कड़ी सजा की मांग की है. अभियोजन ने अदालत से अनुरोध किया है कि किम केओन-ही को 15 साल की जेल की सजा दी जाए. उन पर बिचौलिया बनकर विभिन्न सौदे कराने, घूस लेने और सरकारी नियुक्तियों में अवैध रूप से हस्तक्षेप करने जैसे आरोप लगाए गए हैं.
बलूचिस्तान के सरकारी कर्मचारियों ने सोमवार को पेन-डाउन स्ट्राइक का ऐलान किया। ये लंबे समय से अपनी मांगों को अनसुना करने की आदत को लेकर सरकार से खफा हैं
Bangladeshi Hindu under attack: उपद्रवियों ने घटना को उस समय अंजाम दिया जब हिंदू परिवार घर में सुबह के वक्त सो रहा था. इससे पहले चट्टोग्राम रावजान में भी जिहादियों ने सुबह के वक्त इसी तरह हिंदुओं के घर में आग लगा दी थी.
भारत के सबसे बड़े भगोड़े... वीडियो के बाद ललित मोदी की माफी, नेटिजन्स बोले– सामने आकर कहो
Lalit Modi: भगोड़े ललित मोदी ने सोमवार को X पर पोस्ट करते हुए माफी मांगी है और कहा कि मेरा इरादा किसी को ठेस पहंचाने का नहीं था. ललित मोदी ने यह माफी हाल ही में विजय माल्या के साथ शेयर किए फोटो विवाद के बाद आई है.
BNP files Tarique Rahman's Dhaka-17 nomination:बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान ने 17 साल के निर्वासन के बाद ढाका-17 सीट से नामांकन दाखिल कर सनसनी मचा दी है. BNP में खुशी की लहर है, क्योंकि यह कदम पूर्व PM शेख हसीना के पतन के बाद की राजनीति को पलट सकता है. चुनाव फरवरी 2026 में होंगे.जानें पूरी खबर.
What Is robo-grandma dolls: हम सब आजकल इतने व्यस्त हैं कि माता-पिता या दादा-दादी का ध्यान नहीं रख पाते. अधिकतर लोगों के साथ यह समस्या है. साउथ कोरिया में तो हालात इतने बदतर हो गए कि लोग सुसाइड कर रहे हैं. इन सबको रोकने के लिए एक कंपनी ने छोटे-छोटे AI रोबोट बनाए हैं जो बच्चे जैसे दिखते हैं. ये बुजुर्गों से बात करते हैं, गले लगाते हैं, दवा याद दिलाते हैं। इससे उनका अकेलापन कम होता है और मन खुश रहता है. हजारों बुजुर्गों की जिंदगी बेहतर हुई है. जानें पूरी कहानी.
Turkiye News: आतंकवाद को पालने वाले देश पाकिस्तान का समर्थक देश तुर्की अब खुद आतंकवाद को लेकर डरा-सहमा है, इसी बीच उत्तर-पश्चिमी तुर्की के यालोवा प्रांत में इस्लामिक स्टेट (IS) के संदिग्ध मिलिटेंट्स के साथ झड़प हुई, जिसमें तुर्की पुलिस के 7 ऑफिसर घायल हो गए है.
'सोमालीलैंड' विवाद पर नेतन्याहू को मुस्लिम देशों की चुनौती, खूंखार आतंकी संगठन ने दी हमले की धमकी
Netanyahu: सोमालीलैंड को स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने के बाद इजरायल को धमकियां मिल रही हैं. आतंकी संगठन हूती ने भी नेतन्याहू को खुली चुनौती थी है और मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की है.
इंडोनेशिया में भयानक आग से मचा हाहाकार, 16 लोगों की हुई मौत, मरने वालों को पहचानने में लगी टीम
Indonesia Fire: इंडोनेशिया के एक नर्सिंग में भयानक आग लग गई, इस आग की चपेट में आने की वजह से 16 लोगों की जान चली गई. हादसे के बाद पुलिस मामले की जांच शुरू कर दी है.
Teacher arrested insulting Tarique Rahman:ढाका की एक अदालत ने रविवार को उस टीचर एकेम शाहिदुल इस्लाम को जमानत दे दी, जिन्हें बीएनपी के कार्यकारी चेयरमैन तारिक रहमान को अपमानजनक नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. टीचर ने उन्हें 'पैसे का लालची' और 'आतंकवादी' कहा था. जानें पूरी रिपोर्ट.
Donald Trump Russia Wants Ukraine Success: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रूस भी चाहता है कि यूक्रेन एक सफल देश बने और पुतिन यूक्रेन के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं. उनकी इस टिप्पणी पर जेलेंस्की मुस्कुराए और इसी पल का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो गया.
इंडोनेशिया के नर्सिंग होम में भीषण आग, 16 लोगों की मौत
इंडोनेशिया में एक नर्सिंग होम में भीषण आग लगने की घटना सामने आई है। इस घटना में 16 लोगों की मौत हो गई है। आग लगने की वजह क्या थी, इसके बारे में अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई
बांग्लादेश: इस्लामी कट्टरपंथियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी एनसीपी
बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी कट्ट्ररपंथी पार्टी ने ऐलान किया है कि वह पिछले साल आंदोलन करने वाले छात्रों की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. हालांकि कुछ छात्र नेताओं ने इसका विरोध किया है
चार साल से यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को खत्म कराने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। रविवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने फ्लोरिडा के पाम बीच स्थित मार-ए-लागो क्लब में डोनाल्ड ट्रंप से मुकालात की। इसके बाद ट्रंप ने संकेत दिए कि यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में बड़ा समझौता पूरा होने के बहुत करीब है
Suriname News: सूरीनाम में भयानक चाकूबाजी हुई है, जिसकी वजह से 9 लोगों की जान चली गई, वारदात के पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है, इस हमले की वजह से लोगों में दहशत का माहौल है.
तो इसलिए इजरायल ने सोमालिलैंड को दी मान्यता? अरब देशों की नाराजगी की वजह है गाजा, समझें पूरा विवाद
Somaliland Controversy:सोमालीलैंड को एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने के बाद इजरायल का कई देश विरोध भी कर रहे हैं. इसमें कई मुस्लिम देश भी शामिल हैं. इस खबर में हम जानेंगे कि सोमालीलैंड विवाद क्या है, इजरायल ने क्यों मान्याता दी और अरब देश इसका विरोध क्यों कर रहे हैं.
अरब के बाद अब यूरोप में हमास पर इजराइल तगड़ा एक्शन, कर दी ये बड़ी कार्रवाई
Hamas Leader Muhammad Hanoun: इजराइल सरकार ने बताया कि इटली में हमास के एक वरिष्ठ नेता मुहम्मद हनून समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे यूरोप में हमास के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है. यह कार्रवाई इजराइली सुरक्षा एजेंसियों द्वारा साझा की गई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई है.
Sharif Osman Bin Hadi murder Updates:बांग्लादेश के इंकलाब मोंचो ने अपने नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की हत्या का ट्रायल 24 दिनों में पूरा करने का अंतरिम सरकार को अल्टीमेटम दिया है. इसके साथ ही तीन मांगों यूनुस सरकार से किया है. जिससे भारत के साथ रिश्ते बहुत खराब हो सकते हैं. जानें पूरी रिपोर्ट.
अमेरिका के फ्लोरिडा में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी प्रेसिडेंट वोलोडिमीर जेलेंस्की की मुलाकात होने वाली है
कौन हैं नेपाल में नए 'किंग' की कुर्सी के दावेदार बालेंद्र शाह, आखिर कैसे बने GEN-Z की पहली पसंद?
Who is Balendra Shah: काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह को रविवार को नेपाल में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है. बता दें, बालेंद्र शाह 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में काठमांडू के मेयर चुने गए थे. महज 32 वर्ष की उम्र में उनकी जीत को नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव माना गया था.
Video: हवा में हादसा, न्यू जर्सी में उड़ते-उड़ते टकराए दो हेलीकॉप्टर; खतरनाक मंजर देख उड़े होश
Helicopter Crash Video: न्यू जर्सी में में उड़ते-उड़ते दो हेलीकॉप्टर हवा में टकरा गए, जिसकी वजह से एक पायलट की मौत हो गई है, जबकि दूसरा घायल हो गया है, इस हादसे का खतरनाक वीडियो भी सामने आया है.
मेक्सिको में पटरी से उतरी ट्रेन, पहाड़ी से नीचे गिरे डिब्बे, 13 की मौत, कई घायल
Train Derails in Mexico: मेक्सिको में एक बड़ा रेल हादसा हो गया है जिसकी वजह से हाहाकार मचा हुआ है. यहां पर ट्रेन पटरी से उतर गई और डिब्बे पहाड़ी के नीचे गिर गए, हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई.
Donald Trump: रूस और यूक्रेन में कई साल से जंग छिड़ी है, एक बार फिर इस जंग को खत्म करने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने फ्लोरिडा में मुलाकात की.
‘जस्टिस स्वामीनाथन ब्राह्मणिक इकोसिस्टम के बड़े समर्थक हैं। कोर्ट प्रोसिडिंग में साफ दिखता है कि वे खास कम्युनिटी के वकीलों के साथ सांठगांठ में काम करते हैं। कई वकीलों ने उनके आदेशों के खिलाफ शिकायत की है। आम लोग आदेशों को गहराई से नहीं देखते, लेकिन वकील जानते हैं कि कैसे यह पैटर्न चल रहा है।’ तमिलनाडु के मद्रास हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट सारनाथन मदुरै बेंच के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन पर जाति के आधार पर भेदभाव के गंभीर आरोप लगाते हैं। वे कहते हैं कि जस्टिस स्वामीनाथन का RSS की विचारधारा की ओर झुकाव है और वे ब्राह्मण वकीलों को तरजीह देते हैं। ये व्यवहार कानूनी निष्पक्षता के खिलाफ है। जस्टिस स्वामीनाथन का विरोध करने वालों में एडवोकेट सारनाथन अकेले नहीं हैं। मद्रास हाईकोर्ट के 8 से ज्यादा पूर्व जस्टिस और कई वकील भी उनका विरोध कर रहे हैं। DMK और इंडिया ब्लॉक के 120 सांसदों ने स्वामीनाथन को हटाने के लिए लोकसभा में महाभियोग का नोटिस दिया है। 9 दिसंबर 2024 को दिए गए महाभियोग नोटिस पर फिलहाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने 19 दिसंबर को कहा कि वे नियमों और प्रक्रिया के मुताबिक, इसकी जांच कर रहे हैं। जस्टिस स्वामीनाथन पर लगे आरोपों के पीछे वजह क्या है, कोर्ट में उनके व्यवहार और फैसलों पर सवाल क्यों उठ रहे हैं? ये समझने के लिए हमने मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस, वकीलों और सीनियर जर्नलिस्ट से बात की। पूरा मामला शुरू कहां से हुआ9 दिसंबर को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी, सपा सांसद अखिलेश यादव, DMK सांसद कनिमोझी के साथ विपक्ष के 120 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को महाभियोग का नोटिस सौंपा। इसमें जस्टिस स्वामीनाथन पर आरोप लगाया है कि वे खास समुदाय के वकीलों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाते हैं। साथ ही वे फैसले खास राजनीतिक विचारधारा के आधार पर लेते हैं, जो भारतीय संविधान के सेकुलर सिद्धांतों के खिलाफ है। यह नोटिस जस्टिस स्वामीनाथन के 2 दिसंबर के एक फैसले के बाद आया। उन्होंने मदुरै के तिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर दरगाह के पास एक पत्थर के खंभे पर दीया जलाने की इजाजत दी थी। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद और दूसरे हिंदू संगठनों ने याचिका दाखिल की थी। जस्टिस स्वामीनाथन के फैसले पर तमिलनाडु की DMK सरकार ने आरोप लगाया कि VHP और जस्टिस स्वामीनाथन सांप्रदायिक तनाव भड़का रहे हैं। सरकार ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हालांकि, 50 से ज्यादा पूर्व जजों ने जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग का विरोध किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी 10 दिसंबर को सदन में कहा कि विपक्षी सांसद अपने वोट बैंक को ध्यान में रखकर महाभियोग प्रस्ताव लाए हैं। उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद इतने साल में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई जज फैसला सुनाएं, तो उन्हें इस तरह से महाभियोग का सामना करना पड़ रहा हो।’ जस्टिस स्वामीनाथन पर ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देने के आरोप क्यों लगे 11 अगस्त को भी INDIA ब्लॉक के लगभग 50 सांसदों ने CJI और राष्ट्रपति को लेटर लिखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंगल जज बेंच के दौरान जस्टिस ने खास वकीलों के केसों को लिस्टिंग में तवज्जो दी और टाइम स्लॉट अलॉट किया। खासतौर पर ब्राह्मण समुदाय के वकीलों और दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े वकीलों को ये राहत दी गई। इसके अलावा इसी साल 14 जून को मद्रास हाईकोर्ट के वकील एस. वंचिनाथन ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के सामने जस्टिस स्वामीनाथन पर जातिगत पक्षपात जैसे गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद 25 जुलाई को एक अलग केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस स्वामीनाथन ने एडवोकेट वंचिनाथन को कोर्ट में बुलाया। 28 जुलाई को जस्टिस स्वामीनाथन और के. राजशेखर की बेंच ने सुनवाई में कहा कि वकील के आरोप आपराधिक अवमानना के दायरे में आते हैं। इस फैसले के बाद वकीलों ने कोर्ट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। जस्टिस के. चंद्रू समेत 8 रिटायर्ड जजों ने जॉइंट लेटर जारी कर वंचिनाथन का सपोर्ट किया। उन्होंने जस्टिस स्वामीनाथन से अपील की थी कि वे इस मामले से खुद को अलग रखें। कोर्ट में वकीलों से पक्षपात का आरोप मदुरै बैंच में प्रैक्टिस करने वाले सीनियर एडवोकेट सारनाथन जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। वे अभी जस्टिस स्वामीनाथन की कोर्ट में ही प्रैक्टिस कर रहे हैं। वे आरोप लगाते हैं कि जस्टिस कोर्ट में खास समुदाय के वकीलों का फेवर करते हैं। उनसे असहमत वकीलों पर कोर्ट में अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं। सारनाथन एडवोकेट वंचिनाथन केस की सुनवाई का जिक्र करते हुए बताते हैं, ‘मैंने उनके कोर्ट में सीधे कोई केस नहीं लड़ा, लेकिन एडवोकेट वंचिनाथन को 'कावर्ड' (कायर, डरपोक) कहा गया, तब मैं कोर्ट में मौजूद था।’ ‘CJI से शिकायत पर जस्टिस को आधिकारिक तरीके से जवाब देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने गुस्से में वंचिनाथन को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा। ये सही नहीं था। वंचिनाथन ब्राह्मण समुदाय से नहीं आते और दलितों के लिए काफी एक्टिव रहे हैं।’ वकील अवमानना के डर से बोलने से बच रहेमद्रास हाईकोर्ट एक वकील कहते हैं कि सिटिंग जज के खिलाफ वकील खुलकर नहीं बोलते क्योंकि अवमानना का डर रहता है। जस्टिस स्वामीनाथन तो अपने खिलाफ केस में खुद सुनवाई के लिए बैठ जाते हैं। ये वकील आरोप लगाते हैं कि जस्टिस स्वामीनाथन काफी चतुराई के साथ अपनी छवि पर काम कर रहे हैं। उन्होंने दलित विरोधी न दिखने की भी कोशिश की है। उन्होंने सभी यूनिवर्सिटी चांसलर ऑफिस में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की फोटो लगाने का आदेश दिया। ऐसे एक-दो ही उदाहरण हैं, उनके ज्यादातर फैसले संविधान विरोधी ही रहे हैं।’ आरोप: जज बनने के बाद RSS के कार्यक्रम में गए थे जस्टिस स्वामीनाथनएडवोकेट सारनाथन जस्टिस स्वामीनाथन के जज बनने को ही गलत मानते हैं। वे कहते हैं कि वकालत के दौरान जस्टिस RSS विचारधारा के समर्थक थे। तब ये उनकी निजी राय हो सकती है, लेकिन जज बनना पूरी प्रक्रिया के विरुद्ध था। जज बनने के बाद भी वे निष्पक्ष नहीं रहे। सोर्स बताते हैं कि 1994 में जस्टिस स्वामीनाथन ने तमिलनाडु से डेलिगेट के तौर पर RSS की लॉयर विंग अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की बैठक में हिस्सा लिया था। 2023 में जज बनने के बाद वे परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में दोबारा गए। यहां उन्होंने कहा कि मैं परिषद का कार्यकर्ता हूं। इसके अलावा मार्च, 2023 में हरियाणा में RSS के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसमें उन्होंने भारतीय संविधान को कॉपी किया हुआ दस्तावेज बताते हुए कहा कि यह 1935 के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट से लिया गया है और इसमें कोई मौलिकता नहीं है। सारनाथन महाभियोग को सही तरीका नहीं मानते, लेकिन वे फिर भी इसका समर्थन करते हैं। इसके पीछे कारण बताते हैं, ‘महाभियोग जजमेंट को चुनौती देने का सही रास्ता नहीं है क्योंकि डिवीजन बेंच और सुप्रीम कोर्ट में अपील का विकल्प मौजूद है। फिर भी जज के पक्षपात वाले फैसलों को सार्वजनिक रूप से उजागर करने के लिए यह जरूरी था।’ सारनाथन दावा करते हैं कि सभी बार एसोसिएशन जज के रवैये के खिलाफ हैं। मदुरै बेंच में भी उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। मद्रास हाईकोर्ट में विरोध हुआ। तिरुपरनकुंद्रम विवाद में असंवेदनशीलता का आरोप एडवोकेट सारनाथन तिरुपरनकुंद्रम विवाद में जस्टिस स्वामीनाथन पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हैं। वे कहते हैं कि उनके फैसले ने मंदिर में 100 से ज्यादा साल से चले आ रहे रिवाज को अचानक बदल दिया। ये फैसला सामाजिक संतुलन को बिगाड़ सकता है। पूर्व जस्टिस बोले- स्वामीनाथन कम उम्र से ही RSS से जुड़े जस्टिस स्वामीनाथन के विरोध में सबसे ज्यादा मुखर मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस के. चंद्रू हैं। वे दलितों के लिए काम करते रहे हैं। उनके ऊपर जय भीम नाम से फिल्म बन चुकी है। वे आरोप लगाते कि स्वामीनाथन कॉलेज में ABVP के सदस्य थे। उन्होंने यह कहकर छात्रों को लामबंद करना शुरू किया था कि लॉ स्कूल का सिलेबस बेकार है। ‘10 साल से ज्यादा वक्त तक उन्होंने चेन्नई में प्रैक्टिस की। 2004 में नए बने मदुरै बेंच में शिफ्ट हो गए। मदुरै में नेटवर्क बढ़ाया और RSS से जुड़े रहे भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के करीबी हो गए।’ पूर्व जस्टिस चंद्रू कहते हैं कि स्वामीनाथन ने भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल का पद हासिल करने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए। 2014 में उन्हें मदुरै बेंच के लिए असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। ये पद मद्रास हाईकोर्ट के मदुरै बेंच में एडिशनल जज बनने की सीढ़ी था। 2019 में स्वामीनाथन को स्थायी जज बना दिया गया। महाभियोग के लिए मिसबिहेवियर साबित होना जरूरीपूर्व जस्टिस चंद्रू महाभियोग नोटिस को सही मानते हैं। वे कहते हैं, ‘आर्टिकल 217 के तहत हाईकोर्ट जज पर महाभियोग के लिए मिसबिहेवियर साबित होना जरूरी है। इसमें कोर्ट के बाहर गलत बर्ताव या भ्रष्ट फैसले भी शामिल होते हैं।’ ‘स्वामीनाथन का कोर्ट के बाहर आचरण 1999 के ज्यूडिशियल स्टेटमेंट ऑफ वैल्यूज के विरुद्ध है। वे हिंदुवादी और RSS से जुड़े वकीलों की बैठकों में गए। यहां वे भारतीय संविधान और कानून की आलोचना करते हैं और शास्त्रों-पुराणों को मौजूदा कानूनी व्याख्या का विकल्प बनाने की वकालत करते हैं।’ हालांकि पूर्व जस्टिस चंद्रू मिसबिहेवियर साबित करने को चैलेंजिंग बताते हैं। वे समझाते हैं कि सिटिंग जज के आचरण पर चर्चा में ऑब्जेक्टिव स्टैंडर्ड बनाना मुश्किल है क्योंकि उन्हें ऑर्डर देने की गहराई से समझ है। 80% सिटिंग जज उनके व्यवहार और आचरण से नाराज हैं, लेकिन कुछ वकीलों का सपोर्ट उन्हें मिला हुआ है। सपोर्ट की वजह क्या है? पूर्व जस्टिस बताते हैं, ‘जस्टिस स्वामीनाथन वकीलों को चतुराई से प्रभावित करते हैं। वे उन्हें कई तरह की राहत देते हैं। कोर्ट में तय घंटों से ज्यादा काम करके ऑर्डर बांटते हैं।’ हालांकि कई वकील जस्टिस स्वामीनाथन का समर्थन करते हैं। मद्रास हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील रामास्वामी मयप्पन जस्टिस स्वामीनाथन पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित मानते हैं। वे कहते हैं, ‘जस्टिस स्वामीनाथन 2023 में जज रहते हुए ABAP के प्रोग्राम में गए थे। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक RSS के फंक्शन में गए हैं। RSS वैध संगठन है। उसकी अधिवक्ता परिषद रजिस्टर्ड सोसायटी है। उसके कार्यक्रम में जाना गलत नहीं है।’ ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देने के आरोपों को भी रामास्वामी खारिज करते हैं। वे कहते हैं, उनके केस की संख्या सार्वजनिक है। गैर-ब्राह्मण वकीलों को भी उनसे फायदा मिला है। जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग का नोटिस न्यायपालिका को कंट्रोल करने की कोशिश हैं। DMK को कोई फैसला पसंद नहीं आया तो ऐसा प्रस्ताव ले आए। जर्नलिस्ट बोले- जस्टिस का एक विचारधारा की ओर झुकाव दिखता हैतमिलनाडु में द रूसटर न्यूज के नाम से यूट्यूब चैनल चला रहे सीनियर जर्नलिस्ट राहुल मानते हैं कि जस्टिस एम. स्वामीनाथन पर लगे आरोपों में दम हैं। वे बताते हैं कि स्वामीनाथन 2014 से 2017 तक एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहते हुए BJP के कार्यक्रमों में स्पीकर बने और भाषण दिए। उन्होंने तमिलनाडु के BJP प्रदेश अध्यक्ष रहे अन्नामलाई की तारीफ की। यह उनके वैचारिक झुकाव को दिखाता है। जस्टिस स्वामीनाथन के विवादित फैसले और बयान1. बैन हो चुकी धार्मिक प्रथा को मंजूरी2024 में एक याचिकाकर्ता ने तमिलनाडु के करूर में एक मंदिर उत्सव में अन्नदान और अंगप्रदक्षिणम की अनुमति मांगी। अंगप्रदक्षिणम के तहत मडे स्नाना में ब्राह्मणों के खाने के बाद बचे केले के पत्तों पर लोटा जाता है। एक डिवीजन बेंच ने इसे अमानवीय बताते हुए बैन लगा दिया था। जस्टिस स्वामीनाथन की सिंगल बेंच ने इस प्रथा को मंजूरी दे दी। उन्होंने डिवीजन बेंच के पुराने फैसले को शून्य घोषित कर दिया, जो सिंगल बेंच जज का काम नहीं है। डिवीजन बेंच ने बाद में उनका फैसला पलट दिया और इसे न्यायिक अनुशासनहीनता कहा। 2. PM पर कमेंट करने वाले को क्रिप्टो-क्रिश्चियन कहा18 जुलाई 2021 को तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के दौरान एक विरोध प्रदर्शन में दिए भाषण के लिए 2022 में एक ईसाई प्रीस्ट पर मुकदमा चला। उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर अपमानजनक टिप्पणियां करने वाले बयानों का आरोप लगा था। इस पर जस्टिस स्वामीनाथन ने अपने फैसले में कन्याकुमारी की डेमोग्राफी पर टिप्पणी की और क्रिप्टो-क्रिश्चियंस शब्द का इस्तेमाल किया। ये उन हिंदुओं के लिए था, जो ईसाई बन गए, लेकिन कानूनी रूप से हिंदू ही रहते हैं। 3. लड़की की आत्महत्या में जबरन धर्मांतरण की जांच कराई2022 में 17 साल की लड़की की आत्महत्या का केस जस्टिस स्वामीनाथन के सामने आया था। उन्होंने लड़की के कैथोलिक स्कूल की तरफ से धर्मांतरण का दबाव बताकर जांच CBI को सौंप दी। उन्होंने तमिलनाडु पुलिस की आलोचना की। CBI को जबरन धर्मांतरण का कोई सबूत नहीं मिला।
रूस-यूक्रेन शांति योजना पर हलचल तेज, ट्रंप ने पुतिन से की बात, अब करेंगे जेलेंस्की के साथ बैठक
Russia Ukraine War in Hindi: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच शांति का रास्ता खुल सकता है. ट्रंप ने आज रूसी राष्ट्रपति से फोन पर बात की. अब वे इस मुद्दे पर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ आमने-सामने की बैठक करने जा रहे हैं.
फ्लोरिडा में नेतन्याहू-ट्रंप की मुलाकात, सीजफायर पर होगी चर्चा
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू फ्लोरिडा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं
ऑनलाइन सर्कुलेट हो रहे मैसेज में, हैकर्स ने दावा किया कि उनके पास डिवाइस से ली गई फाइलें, प्राइवेट चैट, ऑडियो रिकॉर्डिंग और वीडियो मटीरियल हैं, और उन्होंने कंटेंट को अलग-अलग हिस्सों में पब्लिश करने की धमकी दी. हंडाला हैकर्स का कहना है कि वे फिर नई जानकारी जारी करेंगे जो ब्रेवरमैन को कतरगेट स्कैंडल से जोड़ती है.
बीच पर मस्ती कर रहे थे टूरिस्ट, अचानक समंदर में आ गिरा हवाई जहाज; कैमरे में कैद हुआ भयानक मंजर
Brazil Plane Crash Video: ब्राजील के कोपाकबाना बीच (Copacabana Beach) पर समुद्र में विमान क्रैश हो गया. इस हादसे में पायलट की मौत हो गई और हादसे के कारणों की जांच की जा रही है. समुद्र में क्रैश होते विमान का वीडियो सामने आया है.
म्यांमार में रविवार को पांच वर्षों में पहली बार हो रहे मतदान को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं देखा गया। मतदान केन्द्र सूने पड़े रहे, और मतदान बूथों पर बेहद कमजोर व्यवस्था देखी गयी
म्यांमार में हो रहे चुनाव सिर्फ सियासी तमाशा हैं?
गृह युद्ध झेल रहे म्यांमार में रविवार को आम चुनावों के पहले चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं. आलोचकों का कहना है कि यह चुनाव सेना को सत्ता में बनाए रखने के लिए हो रहे राजनीतिक तमाशे से ज्यादा कुछ नहीं हैं
खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के युवा वजीर-ए-आला यानी मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी पाकिस्तानी हुकूमत के सामने बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। इन दिनों लाहौर में हैं और रविवार को वो मीनार-ए-पाकिस्तान में एक बड़ी पब्लिक रैली का नेतृत्व करेंगे। स्थानीय मीडिया के मुताबिक उनका पंजाब के लाहौर को चुनना मुल्क की सियासत में बड़े बदलाव की दस्तक है
IMF ने चुपके से फिर दिया लोन... $1.29 बिलियन लेकर भी नहीं सुधर सकता पाकिस्तान; देखें रिपोर्ट
IMF on Pakistan loans and corruption: IMF ने पाकिस्तान को 1.29 बिलियन डॉलर का ऋण मंजूर किया, जबकि अपनी रिपोर्ट में भ्रष्टाचार को गंभीर खतरा बताया गया है. इस ऋण से अस्थायी राहत तो मिलेगी, लेकिन स्थायी आर्थिक सुधार और विकास संभव नहीं है.
फरार हो हुए उस्मान हादी कत्ल के आरोपी... नाकाम ढाका पुलिस बोली- भारत चले गए
Bangladesh News: बांग्लादेश में स्टूडेंट लीडर उस्मान हादी की मौत के बाद देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुआ, आलम ऐसा है कि हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है. अब उस्मान हादी के संदिग्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है.

