जकार्ता की 7 मंजिला इमारत में भीषण आग, 17 लोगों की दर्दनाक मौत से हड़कंप
Jakarta massive fire: आग की चपेट में आई बिल्डिंग के बीच में टेरा ड्रोन इंडोनेशिया का ऑफिस भी है. दरअसल, टेरा वो कंपनी है जो इंडोनेशिया में खनन से लेकर कृषि के क्षेत्र में ग्राहकों के साथ हवाई सर्वेक्षण गतिविधियों के लिए ड्रोन बनाती है.
बांग्लादेश की सियासत में फिर उथल-पुथल मचने वाली है. एक साल पहले अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन से शेख हसीना की 15 साल पुरानी सरकार को धक्का लगाकर गिराने वाली बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) अब मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की कट्टर विरोधी बन चुकी है. बीएनपी के कार्यवाहक चेयरमैन तारिक रहमान ने बहुत कुछ आगे के बारे में बता दिया है. समझें पूरी कहानी.
Ireland Sex Change Case: आयरलैंड में एक दंपति का तलाक हुआ क्योंकि पत्नी ने पति से कहा कि वह पुरुष बनना चाहती है. पति ने कोर्ट में कहा कि उसे पत्नी के ट्रांसजेंडर होने के इरादे के बारे में विवाह के दौरान जानकारी नहीं थी. आइए जानते है कि क्या है ये पूरा मामला...
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर एक महिला पत्रकार को अपमानित किया, एक सवाल पर भड़कते हुए ट्रंप ने कहा कि तुम तुम सबसे घटिया रिपोर्टर हो, असल में तुम बहुत खराब हो.
Thailand Cambodia Border Dispute: थाईलैंड और कंबोडिया दो ऐसे देश हैं, जिनके बीच एक हिंदू मंदिर को लेकर सालों से विवाद चल रहा है. दोनों देश इस शिव मंदिर पर अपना अधिकार बताते हैं. इस खबर में हम आपको इस मंदिर के बारे में डीटेल में बताएंगे..
Japan Megaquake Warning: जापान की मौसम एजेंसी ने इस सप्ताह 8.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले 'मेगाक्वेक' और बड़ी सुनामी की आशंका पर सबसे हाई लेवल का अलर्ट जारी किया है, जो 7.5 तीव्रता के भूकंप के बाद आया है.
world clearest lakeRotomairewhenua:न्यूजीलैंड की ब्लू लेक जिसे दुनिया की सबसे साफ झील कहा जाता है, स्थानीय माओरी जनजाति और संरक्षण अधिकारी पर्यटकों से जूते साफ करने और पानी न छूने की अपील कर रहे हैं, जानें इसकी क्या है वजह. क्या सच में यहांमरे हुए लोगों की हड्डियों होती थी साफ. जानें पूरी सच्चाई.
सऊदी अरब में बिक सकेगी शराब? इन लोगों को मिली छूट; बस एक शर्त करनी होगी पूरी
Saudi Arabia Ban Lift On Liquor: इस्लाम का केंद्र माने जाने वाले सऊदी अरब ने रियाद में शराब से जुड़े नियमों पर लगाई पाबंदी को अब धीरे-धीरे खोलना शुरु कर दिया है.
टेक्सास में किसानों को हो रहे नुक्सान पर भड़के ट्रंप, मेक्सिको को 5% टैरिफ लगाने की दी धमकी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को मेक्सिको को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह 1944 में हस्ताक्षरित द्विपक्षीय संधि के आधार पर पानी की आपूर्ति नहीं करता है, तो उसके सामानों पर अतिरिक्त पाँच फीसदी आयात शुल्क लगाए जाएँगे
ट्रंप ने अमेरिकी किसानों के लिए राहत योजना का किया ऐलान, लेकिन भारत को दी नई टैरिफ लगाने की धमकी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किसानों के लिए कई अरब डॉलर की राहत योजना का ऐलान किया और भारत सहित एशियाई देशों से आने वाली कृषि आयात पर अपनी नाराजगी भी जताई। व्हाइट हाउस में किसानों और अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि अमेरिकी किसानों की सुरक्षा के लिए शुल्क (टैरिफ) का कड़ा इस्तेमाल किया जाएगा
ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया बैन, 16 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं कर पाएंगे यूज, कल से होगा लागू
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया का 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर दुनिया का पहला बैन यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चों को उनका बचपन मिले
What Is Chroming: आजकल सोशल मीडिया पर ऐसे ट्रेंड्स तेजी से फैलते हैं, जो मजेदार तो बहुत ही लगते हैं लेकिन इन्हीं ट्रेंड से लोगों की जान भी जा रही है. यही हुआ13 साल की बेटी टिएगन जार्मन के साथ. जिसकी दर्दनाक मौत हो गई.परिवार का कहना है कि यह घटना सोशल मीडिया का खतरनाक ट्रेंड 'क्रोमिंग' की वजह से हुई है. आइए जानते हैं पिता ने क्या बताया सच. क्या हैसोशल मीडिया का खतरनाक ट्रेंड 'क्रोमिंग'.
India US Relations: ट्रंप के टैरिफ लगाने के बाद भारत-अमेरिका के रिश्तों में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. जिसे लेकर विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि अगर दोनों देश बढ़ते राजनीतिक तनावों को समय रहते नहीं सुलझाते तो सालों की मेहनत से बनी प्रगति खतरे में पड़ सकती है.
जापान में आए 7.5 तीव्रता वाले भूकंप की वजह से 30 लोगों के घायल होने की खबर है। इसकी जानकारी स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को दी
भारत से चावल निर्यात पर टैरिफ लगाने के संकेत, ट्रंप का बड़ा बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत से चावल निर्यात पर टैरिफ लगाने के संकेत दिए हैं
बांग्लादेश: बीएनपी ने जमात-ए-इस्लामी पर 'धर्म का कार्ड' खेलने का आरोप लगाया
अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले बांग्लादेश की राजनीति में तनाव बढ़ता जा रहा है
कर्मचारी घर पर तो बॉस नहीं करेंगे 'ट्रिंग-ट्रिंग', थाईलैंड-केन्या समेत 25 देशों में पहले से है कानून
घर पर कर्मचारी है तो बॉस का फोन न उठाने पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. काम के तय समय से बाहर कर्मचारी पर काम का दबाव नहीं होगा. इसी तरह के नियमों वाला प्राइवेट मेंबर बिल पेश हुआ है. क्या आप जानते हैं कई देशों में पहले से यह कानून है.
1824 का अयाकूचो... एक जंग जिसने साम्राज्य चकनाचूर कर दिए और नए सिरे से लिख दी महाद्वीप की किस्मत
9 दिसंबर 1824 को पेरू के अंडियन मैदानों में लड़ी गईअयाकूचो की जंग दक्षिण अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम का वह मोड़ था, जहां उपनिवेशवादी स्पेनिश शासन की आखिरी पकड़ भी कमजोर होने लगी.
दुनिया का पहला शहर... आज वहां पसरा है सन्नाटा! जानें 6000 साल पुराने उरुक की चौंकाने वाली कहानी!
First City of Human Civilization: आज हम दुनिया के पहले शहर उरुक के बारे में जानेंगे. जो लगभग 4000 ईसा पूर्व में इराक में यूफ्रेट्स नदी के किनारे विकसित हुआ और क्यूनिफॉर्म नामक दुनिया की पहली ज्ञात लेखन प्रणाली और शहरी जीवन का जन्मस्थान बना.
पहले ही भाषण में 'सीडीएफ' आसिम मुनीर को याद आए 'पड़ोसी', पाकिस्तान की काबिलियत का किया बखान
आसिम मुनीर ने बतौर सीडीएफ अपने पहले ही भाषण में 'अटैक इज द बेस्ट डिफेंस' की नजीर पेश करने से बाज नहीं आए
us mexico water treaty 1944:अमेरिका के टेक्सास में किसान पानी को तरस रहे हैं और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मैक्सिको को खुली धमकी दे दी है कि पानी दो, वरना 5% अतिरिक्त टैरिफ तुरंत लगेगा. मामला 81 साल पुराने समझौते का है, जिसे तोड़ने पर अब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है.उधर मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबॉम ने सूखे का हवाला देकर समझौते की कोशिश की बात कही है. जानें पूरा मामला.
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने रवैये के लिए दुनियाभर में फेमस हैं, इसी बीच US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को संकेत दिया कि वह कनाडा से खेती के इंपोर्ट, खासकर भारतीय चावल और फर्टिलाइजर पर नए टैरिफ लगा सकते हैं.
'मैं फिल्म का प्रोमो शूट करने जा रही थी। तभी 5 लोगों ने मेरी कार रोकी और जबरदस्ती अंदर बैठ गए। चलती कार में मुझे छूने लगे। मेरा वीडियो बनाने लगे। ये सब करीब 2 घंटे तक चलता रहा। इसके बाद वो मुझे एक डायरेक्टर के घर छोड़कर चले गए।' 17 फरवरी 2017 को हुई इस घटना की शिकायत मलयालम फिल्मों की एक्ट्रेस देवकी ने दर्ज कराई थी। आरोप इंडस्ट्री के सुपरस्टार एक्टर दिलीप पर लगा था। दिलीप को अरेस्ट किया गया, लेकिन महज दो महीने में उसे बेल मिल गई। मामले की जांच की गई और अप्रैल 2017 में पहली चार्जशीट दायर की गई। अब करीब 9 साल बाद केरल के एर्नाकुलम सेशन कोर्ट ने एक्टर दिलीप को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। बरी होने के बाद दिलीप ने कहा कि ये साजिश तब शुरू हुई जब उनकी पूर्व पत्नी मंजू वारियर ने 'क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी' की बात उठाई। 8 नवंबर को कोर्ट ने मुख्य आरोपी 'पल्सर सुनी' सहित छह लोगों को आपराधिक साजिश, अपहरण, हमले और गैंगरेप के आरोपों में दोषी ठहराया है। ट्रायल में 261 गवाहों ने बयान दर्ज कराए। कोर्ट में 109 दिनों तक बहस चली। दिलीप के खिलाफ बयान देने वाले ज्यादातर गवाह बाद में पलट गए। अब 12 दिसंबर को कोर्ट सजा का ऐलान करेगा। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के ऐसे ही मामलों की जांच के लिए जुलाई 2017 में हेमा कमेटी बनाई गई थी। अगस्त 2024 में इसकी रिपोर्ट सामने आई, जिसमें देवकी की ही तरह 30 एक्ट्रेस और आर्टिस्ट ने अपने बुरे अनुभव दर्ज कराए थे। इसके बाद दैनिक भास्कर ने देवकी के करीबियों और दोस्तों से बात की और कोर्ट में फाइल डॉक्यूमेंट की पड़ताल कर पूरा मामला समझा था। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले देवकी की कहानी...रास्ते से एक्ट्रेस की किडनैपिंग, चलती कार में सेक्शुअल असॉल्टकोर्ट में सब्मिट देवकी के केस से जुड़े डॉक्यूमेंट्स में घटना की पूरी प्लानिंग के बारे में लिखा है। इसके मुताबिक, 17 फरवरी, 2017 को शाम 7 बजे देवकी त्रिशूर में घर से कोचीन जाने के लिए निकली थीं। उन्हें सेट पर पहुंचने के लिए प्रोडक्शन यूनिट वालों ने कार भेजी थी। ड्राइवर का नाम मार्टिन अंटोनी था। रात 9 बजे देवकी की कार एक वैन से टकरा गई। ड्राइवर ने जैसे ही कार रोकी, वैन से उतरे दो लोग देवकी की कार में बैठ गए। इनका नाम मणि और विजेश था। ये उन पांच लोगों में से थे, जो देवकी की कार का पीछा कर रहे थे। देवकी की कार का ड्राइवर इनसे मिला हुआ था और उसी ने खबर देकर इन्हें बुलाया था। कुछ दूर गुंडों ने कार रोकी और मणि ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। यहां प्रदीप, सलीम और सुनील नाम के तीन और लोग कार में आ गए। सुनील पीछे की सीट पर देवकी के बगल में बैठा। गाड़ी लॉक कर दी। सुनील ने मास्क पहन रखा था, इसलिए चेहरा साफ नहीं दिखा। मणि ने कार चलाते हुए जब सुनील का नाम लिया, तब देवकी ने उसे पहचाना। सुनील को ही एक महीने पहले गोवा में शूटिंग के दौरान उसके लिए अपॉइंट किया गया था। सुनील चलती कार में देवकी को सेक्शुअली असॉल्ट करने लगा। उसने पूरी घटना का वीडियो भी बनाया। देवकी लगातार खुद को बचाने की कोशिश करती रही और सुनील कहता रहा कि उसे 'कोटेशन' पर भेजा गया है। मलयालम इंडस्ट्री में सुपारी क्राइम को 'कोटेशन' कहते हैं। हालांकि उसने किसी का नाम नहीं बताया। एक्ट्रेस ने छोड़ने की गुहार लगाई तो गैंगरेप की धमकी मिलीपुलिस को दिए गए बयान में देवकी ने बताया था कि उसने सुनील से छोड़ने की गुहार लगाई तो उसे धमकाया गया। सुनील ने कहा कि ज्यादा हंगामा किया, तो तुम्हें एक अपार्टमेंट में ले जाएंगे। वहां लोग तुम्हारे साथ गैंगरेप करने के लिए तैयार बैठे हैं। रात 11 बजे तक टॉर्चर और असॉल्ट चलता रहा। इसके बाद सुनील गाड़ी से उतर गया। मणि देवकी को डायरेक्टर लाल के घर ड्रॉप करके निकल गया। डायरेक्टर बोले- देवकी घर आई, तब बहुत डरी हुई थीदेवकी के साथ हुई घटना के सिलसिले में हम डायरेक्टर लाल से भी मिले थे। बिना कैमरे पर आए उन्होंने बताया, 'देवकी मेरे घर आई थी तो बहुत डरी हुई थी। वो रो रही थी। कुछ समय तक मैं समझ नहीं पाया कि उसे क्या हुआ है।' 'मैंने प्रोड्यूसर एंटो जोसफ को कॉल किया। ये सब हुआ, तब तक एंटो जोसफ और MLA पीटी थॉमस मेरे घर आ गए थे। अगले ही दिन मजिस्ट्रेट के सामने CrPC की धारा 164 के तहत उसका बयान भी दर्ज किया गया था।' लाल ने बताया था, 'सबसे पहले ड्राइवर मार्टिन, सलीम और प्रदीप को गिरफ्तार किया गया। इसके तुरंत बाद मणि, सुनील और विजेश को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया गया। एक हफ्ते के अंदर सभी अपराधी अरेस्ट कर लिए गए थे।' दिलीप को अफेयर सामने आने का डर थामलयालम फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी एक एक्ट्रेस ने बताया था, '2014 में दिलीप अपनी पत्नी मंजू वारियर से तलाक ले रहा था। बेटी पैदा होने के बाद से दोनों का रिश्ता ठीक नहीं चल रहा था। देवकी और मंजू दोस्त थे। दिलीप और एक्ट्रेस काव्या के बीच बढ़ती नजदीकियों के बारे में देवकी को पता था।' 'देवकी एक शो के लिए अमेरिका गई थी। तब दिलीप और काव्या भी वहीं थे। देवकी ने इन्हें बहुत करीब से देखा था। दिलीप को शक था कि देवकी ने मंजू को इस बारे में बताया है।' 2015 में देवकी को इंडस्ट्री से बैन कर दिया गया। साथ मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन, यानी AMMA से भी वो बैन की जा रही थी। देवकी को शक था कि ये सब दिलीप करवा रहा है। पूर्व पत्नी मंजू ने दिलीप के खिलाफ दी थी गवाहीइस केस में 21 जून, 2017 को दिलीप की पूर्व पत्नी मंजू वारियर ने पुलिस के सामने गवाही दी थी, जिसमें कहा गया कि देवकी ने उसे दिलीप और काव्या माधवन के बीच के रिश्ते के बारे में बताया था। यही दिलीप के लिए दिक्कत की वजह बनी। दूसरे आरोपियों के बयानों के साथ, मंजू की गवाही ने दिलीप को इस मामले में 8वें नंबर का आरोपी बना दिया। हालांकि इंडस्ट्री में कई लोगों ने बाद में कोर्ट में अपने बयान वापस ले लिए, लेकिन मंजू टिकी रहीं। तब दिलीप ने आरोपों पर जवाब नहीं दिया 10 जुलाई, 2017 को घंटों पूछताछ के बाद एक्टर दिलीप को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कहा था कि उनके पास देवकी के अपहरण और यौन उत्पीड़न की साजिश में शामिल होने के सबूत हैं। एक्टर पर केस दर्ज हुआ और उसे अरेस्ट भी किया गया। गिरफ्तारी के एक दिन बाद AMMA ने भी उसे एसोसिएशन से हटा दिया। जांच में बताया गया कि दिलीप ने ही पूरा प्लान बनाया था। वो मुख्य आरोपी सुनील से होटल में पांच अलग-अलग जगहों पर मिला था। जब हमने दिलीप से इस बारे में बात करने की कोशिश की, तब उनका कोई जवाब नहीं आया। ऐसे शुरू हुआ मलयालम इंडस्ट्री में मी-टू मूवमेंटजनवरी, 2020 में देवकी के केस का ट्रायल शुरू हुआ। उनकी दोस्त और WCC की को-फाउंडर रीमा कलिंगल ने बताया, 'तब इंडस्ट्री के लोग या मीडिया, कोई भी देवकी के सपोर्ट में नहीं था। मुझे लगा कि अब समय है कि महिलाएं एक साथ आएं और इस शोषण के खिलाफ आवाज उठाएं।’ 'पहले भी कुछ एक्ट्रेसेस ने अपने अनुभव शेयर किए, लेकिन देखा गया कि खुलकर सामने आ जाने के बाद उनका करियर खत्म कर दिया गया। देवकी मेरी करीबी दोस्त है। ये घटना हुई, तब उसे मीडिया ट्रायल के जरिए मेंटली परेशान किया जा रहा था।' 'एक दिन देवकी हमारी दोस्त और एक्ट्रेस रम्या नबीसन के घर पर बैठी थी। मैंने स्क्रीन राइटर डीडी दामोदरन और अर्चना को कॉल कर मिलने बुलाया। इसके बाद हमने 14 महिलाओं का एक ग्रुप बनाया। ये वो महिलाएं थीं, जो देवकी को जानती थीं। कुछ वो महिलाएं थीं, जो मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कई साल से काम कर रही हैं। इनमें आशा जोसफ, वीना पॉल, सजीथा मदगिल थीं।' 'हमने मिलकर वुमन इन सिनेमा कलेक्टिव, यानी WCC बनाया, जो अपनी तरह का पहला संगठन है। इसका मकसद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की बेहतरी और सेफ्टी से जुड़ी बातों पर ध्यान दिलाना है।' हमने WCC की मेंबर और देवकी की दोस्त एक्ट्रेस पूजा (बदला गया नाम) से भी मुलाकात की थी। उन्होंने बताया, 'जब केस की इन्वेस्टिगेशन शुरू हुई, तब देवकी को 15 दिन तक स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने के लिए बुलाया गया। उसे सब कुछ याद था और उसने सब बताया भी।' 'जब मामला मीडिया में सामने आया, तब मलयालम मीडिया चैनलों में देवकी की फोटोज वायरल होने लगीं। उसकी पहचान का ख्याल नहीं किया गया।' केस की जांच होती रही और दिलीप आजाद रहाहमने देवकी की वकील टीबी मिनी से भी बात की थी। मिनी ने बताया था, '2022 में फिल्म डायरेक्टर बालचंद्र कुमार ने दावा किया कि 2017 में एक्ट्रेस के सेक्शुअल असॉल्ट और अपहरण से लगभग दो महीने पहले दिलीप के घर पर उनकी मुलाकात सुनील से हुई थी। इसके बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया।' 'हालांकि दिलीप ने 22 जनवरी, 2022 में एक याचिका के जरिए तर्क दिया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। बालचंद्र कुमार और पुलिस ने मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं। सुनील ने भी इसे मानने से इनकार कर दिया था।' 'फर्स्ट लेवल की इन्वेस्टिगेशन में दिलीप का नाम सामने आया। उसने DGP केरल को लेटर लिखकर कहा कि सुनील उसे ब्लैकमेल कर रहा है। दिलीप ने इन्फॉर्म किया था कि सुनील के लोगों ने उसके करीबी नादिर शाह को कॉन्टैक्ट कर 1.5 करोड़ रुपए की डिमांड की है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो सुनील इस केस में उनका नाम घसीटेगा।' 'उस याचिका को इन्वेस्टिगेशन के लिए फॉरवर्ड कर दिया गया। सुनील से पूछताछ हुई तो दिलीप का इन्वॉल्वमेंट समझ आया और उसे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद दिलीप सुप्रीम कोर्ट तक गए और सबूत न होने के आधार पर उन्हें बेल मिल गई। फैसले पर एक्टर दिलीप बोले- 9 साल तक चली साजिश बेनकाब हुईइस केस में एक्टर दिलीप आरोपी नंबर 8 बनाए गए थे। उन्हें जुलाई 2017 में गिरफ्तार किया गया था। अब फैसला आने के बाद एक्टर दिलीप ने कहा कि उनके खिलाफ 9 साल तक चलाई गई साजिश आखिरकार बेनकाब हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये साजिश तब शुरू हुई जब उनकी पूर्व पत्नी मंजू वारियर ने 'क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी' की बात उठाई। दिलीप के मुताबिक, इसके बाद एक सीनियर पुलिस अफसर और उनकी टीम ने जेल में आरोपियों को मिलाकर एक झूठी कहानी गढ़ी और मीडिया के जरिए फैलाया। पुलिस की ये कहानी कोर्ट में टिक नहीं सकी और उनका मकसद एक्टर की छवि खराब करना था। केस के दो गवाहों की मौत हुईट्रायल में 261 लोगों की गवाही हुई, जिनमें कई फिल्मी हस्तियां भी शामिल थीं। मामले से संबंधित 834 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए। जांच अधिकारी की जिरह ही 109 दिनों तक चली। इस दौरान दो अहम गवाह पूर्व विधायक पीटी थॉमस और निर्देशक बालचंद्र का निधन हो गया। मामले में जिन लोगों को दोषी पाया गया है, उनकी सजा का ऐलान 12 दिसंबर को किया जाएगा।.........................ये खबर भी पढ़ें... प्रेमी की लाश से शादी, बोली-जयभीम वाला था, इसलिए मारा ‘मैं और सक्षम 3 साल से रिश्ते में थे। सक्षम दूसरी जाति का था, इसलिए मेरे पापा को हमारा रिश्ता पसंद नहीं था। वे मुझसे कहते थे, कोई भी दूसरा लड़का बताओ, उससे तुम्हारी शादी करवा दूंगा, लेकिन इससे नहीं होने दूंगा। पापा और मेरे भाइयों ने सक्षम को कई बार धमकी दी थी। आखिरकार उसे मार डाला।’ 19 साल की आंचल मामीडकर ये बात बताते हुए रोने लगती हैं। महाराष्ट्र के नांदेड़ में रहने वाली आंचल अनुसूचित जाति से आने वाले सक्षम से प्यार करती थी। पढ़िए पूरी खबर...
'उस दिन लगा मैं जिंदा नहीं लौट पाऊंगी। मैं रायबरेली के पाल्हीपुर गांव में SIR फॉर्म भरवाने गई थी। गांव के प्रधान दीपक यादव और उनके पिता कृष्णा यादव आए और फॉर्म छीन लिए। बोले कि तुम लोग गांव के वोट काट रहे हो।' 'प्रधान ने फॉर्म फाड़ दिया, गालियां दीं और मुझे मारने के लिए दौड़े। गांव वाले मुझे बचाने लगे। इससे प्रधान और भड़क गया। घर से बंदूक लाया और मेरे ऊपर तान दी। मैं डर से कांप रही थी। लोगों की मदद से जान बचाकर निकल पाई।' 35 साल की बूथ लेवल ऑफिसर यानी बीएलओ आरती यादव खुद को खुशकिस्मत मानती हैं कि जान बच गई। राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 4 नवंबर से SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन चल रहा है। लगातार फील्ड वर्क, देर रात तक डेटा अपलोड करना और प्रेशर की वजह से देशभर में 8 दिसंबर तक 30 बीएलओ की मौत हो चुकी है। इनमें 9 सुसाइड हैं। सबसे ज्यादा 9 बीएलओ की मौत मध्यप्रदेश में हुई है। यूपी में 7, गुजरात में 6, बंगाल में 4, राजस्थान में 2 और तमिलनाडु-केरल में एक-एक मौत हुई है। मौत की वजह सुसाइड, ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक सामने आई हैं। आरती यादव के मामले ने सिक्योरिटी का मसला उजागर कर दिया। दैनिक भास्कर ने SIR के दौरान मरने वाले बीएलओ के परिवारों से बात की। उनसे जाना कि वे किस तरह का प्रेशर झेल रहे थे। परिवार के लोग इससे भी नाराज हैं कि बीएलओ प्रेशर में सुसाइड कर रहे हैं और चुनाव आयोग डांस के वीडियो पोस्ट कर रहा है। सर्वेश सिंह भगतपुर टांडा इलाके के गांव जाहिदपुर-सिकंदरपुर कंपोजिट स्कूल में सहायक अध्यापक थे। बहेड़ी गांव में पत्नी बबली और चार बेटियों कनिष्का, नैंसी, माही और रूही के साथ रहते थे। सर्वेश 7 अक्टूबर को BLO बनाए गए थे। 29 नवंबर की रात सर्वेश ने परिवार के साथ खाना खाया और सोने चले गए। सुबह पत्नी बबली की आंख खुली, तो सर्वेश घर पर नहीं थे। उनकी डेडबॉडी भूसे की कोठरी में फंदे से लटकती मिली। एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें लिखा था, 'मैं जीना तो चाहता हूं, पर क्या करता, मुझे बहुत बेचैनी और घुटन हो रही है। डरा महसूस कर रहा हूं। मेरी बेटियां बहुत मासूम हैं, उनका ख्याल रखना। मैं पहली बार BLO बना था। अगर समय ज्यादा होता तो शायद इस काम को पूरा कर देता।' सर्वेश की पत्नी बबली कहती हैं, ‘मेरे पति स्कूल के हेड मास्टर थे, लेकिन उन्हें BLO बना दिया गया। उन पर SIR के काम का बहुत लोड था। वे देर रात तक काम करते थे। फिर भी अधिकारी लगातार प्रेशर बना रहे थे।’ 4 नवंबर से SIR की प्रक्रिया शुरू होने के बाद यूपी में अब तक 7 BLO की मौत हो चुकी है। इनमें 3 सुसाइड, तीन हार्ट अटैक और एक ब्रेन हेमरेज की वजह से हुई है। जाहिदा बेगम 19 नवंबर की शाम दिनभर डोर-टु-डोर SIR वेरिफिकेशन का काम करके घर लौटीं। पति मुबारक के साथ खाना खाया। थोड़ी देर बाद फॉर्म अपलोडिंग का काम शुरू किया। इसी बीच मुबारक काम से बाहर चले गए। लौटे तो जाहिदा की डेडबॉडी छत से लटकी थी। कमरे में SIR फॉर्म बिखरे पड़े थे। मुबारक बताते हैं, ‘जाहिदा को फंदे पर लटका देख मैंने रिश्तेदारों और पुलिस को खबर दी। जाहिदा नवंबर की शुरुआत से SIR वेरिफिकेशन का काम कर रही थी। उसे 4 दिसंबर तक 800 फॉर्म अपलोड करने का टारगेट मिला था। घर पर स्लो इंटरनेट की वजह से सिर्फ 80 फॉर्म जमा कर पाई थी।’ मुबारक के मुताबिक, जाहिदा ने बताया था कि वो इस काम से परेशान हो चुकी है। उस पर इतना प्रेशर था कि वो न ठीक से खाना खा पा रही थी, न सो पा रही थी। दो से तीन घंटे ही सो पाती थी। अधिकारी काम में तेजी लाने का दबाव बना रहे थे। इससे परेशान होकर उसने सुसाइड कर लिया। पश्चिम बंगाल में SIR प्रोसेस शुरू होने के बाद रिंकू तरफदार को BLO का काम दिया गया था। परिवार का आरोप है कि रिंकू पर काम समय से पूरा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इससे वे परेशान रहने लगी थीं। इसी दबाव के कारण उन्होंने फांसी लगा ली। सुसाइड नोट में रिंकू ने मौत के लिए इलेक्शन कमीशन को जिम्मेदार बताया है। रिंकू के बेटे अरिक्तो कहते हैं, ‘मम्मी 2 महीने पहले ही बीएलओ बनी थीं। ये काम पढ़ने-पढ़ाने से एकदम अलग था। वे परेशान रहती थीं। इलेक्शन कमीशन की ओर से कोई भी नया नोटिफिकेशन आने पर घबरा जाती थीं। मम्मी ने इतने साल एक सेट पैटर्न में बच्चों को पढ़ाया था। इस उम्र में आकर कुछ नया सीखना थोड़ा मुश्किल था। उन्होंने फील्ड का सारा काम लगभग कर लिया था। उन्हें बस डेटा अपलोड करने में परेशानी हो रही थी।' ‘SIR के काम के लिए मम्मी को रोज 18 किमी दूर जाना पड़ता था। उन्होंने ऑनलाइन फॉर्म अपलोडिंग में आ रही दिक्कत के बारे में BDO से शिकायत की थी, ताकि उन्हें काम से हटा दिया जाए। वे नहीं माने और नौकरी छोड़ने के लिए कहने लगे।' 'मम्मी इतना थक चुकी थीं कि उन्होंने तुरंत नौकरी छोड़ने के लिए हामी भर दी, लेकिन उन्हें कहा गया कि नौकरी छोड़ने से पहले काम पूरा करके देना पड़ेगा।’ अनीश जॉर्ज केरल के 25 हजार से ज्यादा BLO में से थे, जिन पर SIR के फॉर्म भरवाने और उनका डेटा फीड करने की जिम्मेदारी थी। कन्नूर जिले के एट्टुकुडुक्का गांव में रहने वाले 41 साल के अनीश जॉर्ज पय्यान्नूर के एक स्कूल में हेल्पर थे। 16 नवंबर को घर में उनकी डेडबॉडी मिली थी। अनीश के पिता जॉर्ज बताते हैं, ‘मेरे बेटे ने BLO का काम अच्छी तरह से किया। वो सुबह-सुबह फॉर्म भरवाने के लिए निकल जाता और देर शाम तक घर आता। उसे हर दिन 100 फॉर्म भरवाने के लिए कहा गया था। इसके लिए दूर-दूर गांवों में जाकर लोगों को ढूंढने में दिक्कत हो रही थी। इसी तनाव में उसने खुद को खत्म कर लिया।’ अनीश की मौत के अगले दिन 17 नवंबर को केरल के सभी BLO ने काम बंद कर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के ऑफिस के सामने धरना दिया। उनकी मांग थी कि डेली टारगेट 100 फॉर्म से घटाया जाए, ताकि काम का बोझ कम हो। SIR प्रक्रिया के दौरान BLO की मौत का पहला मामला मध्यप्रदेश में हुआ था। 6 नवंबर को BLO श्याम सुंदर शर्मा फील्ड विजिट पर निकले थे। सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। अब तक राज्य में 9 मौतें हो चुकी हैं। श्याम सुंदर शर्मा की मौत के कुछ दिन बाद 23 नवंबर को नर्मदापुरम जिले के पिपरिया में गर्ल्स स्कूल में सहायक अध्यापक सुजान सिंह रघुवंशी ट्रेन की चपेट में आ गए। वे SIR सर्वे करके घर लौट रहे थे। उनके दोनों पैर जख्मी हो गए। घायल हालत में उन्हें भोपाल के बंसल हॉस्पिटल ले जाया गया। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। सुजान सिंह के परिवार का आरोप है कि SIR का काम करते हुए सुजान काफी परेशान रहते थे। हर दिन टारगेट पूरा करने का दबाव रहता था। काम अधूरा रह जाता था तो BDO और सीनियर अधिकारी सस्पेंड करने की धमकी देते थे। चुनाव आयोग मौतों और मुआवजे पर चुप, डांस करते BLO के वीडियो पोस्ट किए नवंबर के पहले हफ्ते से 12 राज्यों में चल रही SIR प्रक्रिया में देशभर से 5,32,828 BLO और 12,43,201 BLA यानी बूथ लेवल एजेंट काम कर रहे हैं। 30 BLO की मौत और राज्यों में हो रहे विरोध-प्रदर्शन पर अब तक चुनाव आयोग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आयोग ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो जारी किए हैं, जिसमें BLO अपने बिजी शेड्यूल में डांस ब्रेक लेते दिख रहे हैं। केरल का एक वीडियो 30 नवंबर को शेयर किया गया था। इस वीडियो पर बीएलओ आरती यादव के पति दीप सिंह यादव कहते हैं, ‘चुनाव आयोग SIR में लगे बीएलओ के मौज-मस्ती वाले वीडियो डाल रहा है। ये अच्छी बात है, लेकिन उसे दूसरे पक्ष को भी समझना होगा।' बीएलओ किस तरह डिप्रेशन से गुजर रहे हैं। लोगों से फॉर्म भरवाने के लिए घरों से लेकर खेतों तक जाना पड़ता है। इतना ज्यादा काम है कि घर लौटते-लौटते रात के 11 बज जाते हैं। 2 अगस्त 2025 को चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी किया कि BLO का वेतन 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 12 हजार रुपए कर दिया है। सुपरवाइजर का मेहनताना 12 हजार रुपए से बढ़ाकर 18 हजार रुपए कर दिया है। हालांकि BLO की मौत और उनके परिवार की दी जा रही मदद पर आयोग ने कुछ नहीं कहा है। SIR प्रक्रिया के दौरान BLO-BLA की मौत पर हमने 5 और 6 दिसंबर को चीफ इलेक्शन कमिश्नर के ऑफिस में कॉन्टैक्ट किया। हमें बताया गया कि आप सवाल ईमेल कर दीजिए। दैनिक भास्कर ने 5 सवाल चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार को मेल के जरिए भेजे हैं। फिलहाल, उनकी तरफ से जवाब नहीं आया है। जवाब आते ही खबर में अपडेट किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल 1. SIR प्रक्रिया के दौरान 30 BLO-BLA कर्मचारियों की मौत हुई है, क्या आयोग पीड़ित परिवारों को मुआवजा देगा?2. वर्कलोड को देखते हुए क्या BLO-BLA का वेतन और बढ़ाया जाना चाहिए?3. BLO दूरदराज के इलाकों में अकेले फॉर्म भरवा रहे हैं, इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है?4. आगे ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए चुनाव आयोग क्या कर रहा है, क्या वर्कलोड मैनेजमेंट के लिए कोशिश की जा रही है?5. SIR पर विपक्ष हमलावर है, कई राज्यों में इसका बहिष्कार भी हो रहा है। क्या आने वाले समय में आयोग SIR को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर सकता है? एक्सपर्ट बोले- जल्दबाजी ठीक नहीं, हर 10 साल पर SIR करवाए आयोगदेशभर में चल रही SIR प्रक्रिया पर पॉलिटिकल एनालिस्ट कुमार भवेश चंद्र कहते हैं, ‘चुनाव से पहले SIR करवाने का कोई मतलब नजर नहीं आता। इसे हर 10 साल में करवाना चाहिए। इस प्रोसेस को जितना टाइम दिया जाएगा, उतनी ही इसकी विश्वसनीयता बढ़ेगी। इसके दो फायदे होंगे।’ पहला: पूरी पारदर्शिता के साथ बिना जल्दबाजी किए वोटर वैरिफिकेशन हो सकेगा।दूसरा: BLO और ग्राउंड पर काम कर रहे कर्मचारियों पर दबाव कम होगा। ‘चुनाव आयोग ये जानता है कि उसके पास ऐसी प्रक्रिया करवाने के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं है। इसे देखते हुए वो सरकारी कर्मचारियों खासकर टीचरों को ये काम सौंपता है। इससे स्कूलों पर भी असर पड़ता है। पढ़ाई रुक जाती है। ये सब ध्यान में रखकर ऐसी प्रक्रिया लागू करनी चाहिए।’ तनाव बढ़ाने वाले काम के लिए 2 घंटे की ट्रेनिंग काफी नहींसीनियर जर्नलिस्ट शरत प्रधान कहते हैं, ‘राज्यों में फिलहाल SIR की कोई खास जरूरत नहीं दिखती। यूपी में 2027 में चुनाव है, लेकिन यहां अभी से SIR प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। BLO पर इतना दबाव है कि देशभर से सुसाइड के मामले सामने आ रहे हैं। उन पर बेवजह प्रेशर डालने के लिए FIR तक दर्ज हो रही हैं। ये एक तरह से शोषण है।’ SIR पर पॉलिटिकल पार्टियां क्या कह रहीं…कांग्रेस: SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया जुल्मSIR को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग ने ऐसा सिस्टम बनाया है, जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हजारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें। मकसद साफ है, सही मतदाता थककर हार जाए और वोट चोरी बिना रोक-टोक जारी रहे। SIR के नाम पर देशभर में अफरा-तफरी मचा रखी है। SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया जुल्म है। सपा: BLO पर जानलेवा दबाव हटाए चुनाव आयोगसपा प्रमुख अखिलेश यादव कहते हैं, ‘यूपी में कितने प्रतिशत SIR हुआ है, इसका आंकड़ा पब्लिश किया जाए। BLO पर जानलेवा दबाव हटाकर अतिरिक्त लोगों को डेडलाइन देकर इस काम में लगाया जाए। यूपी में SIR फॉर्म भरवाने के दौरान हर विधानसभा में PDA समाज के कितने लोगों को वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश की जा रही है, हर हाल में इसकी जांच-पड़ताल होनी चाहिए। BJP: SIR ने गलत वोटिंग नेटवर्क खत्म कियाBJP के नेशनल स्पोक्सपर्सन राजीव चंद्रशेखर कहते हैं, ‘बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जबरदस्त जीत से साफ हो गया है कि SIR ने फर्जी वोटर्स हटाने में बड़ा काम किया है। SIR की वजह से गलत वोटिंग नेटवर्क खत्म हुआ है, पहले जिन फेक वोटरों की मदद से कांग्रेस और दूसरे दल चुनाव जीतते थे। उनका इस प्रक्रिया ने पर्दाफाश किया है।’ SIR से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें...पश्चिम बंगाल SIR में 39 मौतों की वजह क्या पश्चिम बंगाल में मार्च-अप्रैल में चुनाव होने हैं। इसलिए यहां SIR की वजह से ज्यादा कंट्रोवर्सी है। सरकार चला रही TMC का दावा है कि SIR के दौरान राज्य में 39 मौतें हो चुकी हैं। इनमें 4 बीएलओ हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने SIR पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। कोलकाता के धर्मतल्ला में पार्टी की रैली में ममता ने कहा कि SIR के डर से लोग जान न दें, किसी का भी नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटेगा। पढ़िए पूरी खबर...
DNA: ट्रंप के 'सीजफायर' पर एयर स्ट्राइक हो गई, बस 2 महीने में Expire हो गया
डीएनए के इस विश्लेषण की शुरुआत हम एक सवाल से करना चाहते हैं और ये सवाल है आजकल दुनिया में सबसे अस्थिर चीज क्या है? सवाल हमने पूछा है तो जवाब भी हम ही देंगे. इस समय दुनिया में सबसे अस्थिर चीज है- अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा करवाया गया सीजफायर. कैसे आइए बताते हैं.
Radar Lock: रडार लॉक को लेकर भड़का जापान, चीनी राजदूत को किया तलब, क्या और बिगड़ेंगे दोनों के संबंध?
China-Japan Radar Lock:उपविदेश मंत्री ताकेहिरो फुनाकोशी ने चीनी राजदूत वू जियांगहाओ को बुलाया और इस बात पर कड़ा एतराज जताया कि ऐसे खतरनाक काम बहुत अफसोसजनक हैं. ताकाइची ने कहा कि जापान शांति से और मजबूत इरादे से जवाब देगा.
जापान में 7.2 तीव्रता के भूकंप से हाहाकार... सुनामी की चेतावनी, सैकड़ों इमरजेंसी टीमें मौके पर
Japan earthquake updates: जापान में समुद्री तटों पर खास एहतियात बरती जा रही है. भारी भूकंप के बाद सुनामी आने की चेतावनी जारी की गई है.
Corona Virus News:ली-मेंग यान तब सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने दावा किया था कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि यह जानलेवा वायरस वुहान लैब में बनाया गया था. कहा जाता है कि 2020 में इस मामले में व्हिसलब्लोअर बनने के बाद वह चीन से भाग गई थीं.
भूकंप से कांपा जापान, सुनामी का खतरा मंडराया
जापान के उत्तरी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये
कभी रूस ने बचाई थी जान, सीरिया के उस पूर्व राष्ट्रपति ने पुतिन पर कर दी अभद्र टिप्पणी, वीडियो वायरल
Bashar al Assad: वायरल हो रहा वीडियो इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि, एक साल पहले असद सीरिया छोड़कर रूस भाग गया था. उस वक्त सीरिया के नए राष्ट्रपति अहमद अल शरा की अगुवाई में विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर असद के शासन को उखाड़ फेंका था.
Nepal Biggest Corruption Case:कमीशन फॉर द इन्वेस्टिगेशन ऑफ अब्यूज ऑफ अथॉरिटी (CIAA) ने रविवार को नेपाल की स्पेशल कोर्ट में केस फाइल किया. इसमें 55 लोगों के नाम हैं, जिनमें पांच पूर्व मंत्री और 10 पूर्व सेक्रेटरी शामिल हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दक्षिण कोरिया में 26 अक्टूबर 2025 को सीजफायर समझौता करवाया था, जो फिर से टूट गया है। थाईलैंड ने कंबोडिया पर भीषण एयरस्ट्राइक कर दी है। एयरस्ट्राइक के बाद दोनों देश एक-दूसरे पर हमला करने का आरोप लगा रहे हैं
बांग्लादेश में आम चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस हफ्ते किसी भी दिन बांग्लादेश चुनाव को लेकर शेड्यूल जारी हो जाएगा। इस बीच अवामी लीग पर चुनाव में बैन लगाए जाने को लेकर एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने चिंता जताई है
Who is Sunny Reddy?अमेरिका के मिशिगन राज्य में भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन और कम्युनिटी लीडर सनी रेड्डी को मिशिगन रिपब्लिकन पार्टी का सह-अध्यक्ष (को-चेयरमैन) चुना गया है. वे मिशिगन में रिपब्लिकन पार्टी की किसी भी बड़ी पोस्ट पर चुने गए पहले भारतीय-अमेरिकी हैं. पार्टी चेयरमैन ने उनकी मेहनत, ईमानदारी और भारतीय समुदाय में लोकप्रियता की जमकर तारीफ की है.
'दुनिया को भारत से बहुत कुछ सीखना है...', हिंदुस्तान का कायल हुआ 'सबसे खुशहाल देश'; जमकर की तारीफ
Jan Christian Westre: दुनियाभर में भारत देश की चर्चा होती रहती है. इसी बीच नॉर्वे ने कहा है कि दुनिया को भारत से बहुत कुछ सीखना है. उनके हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि हम भारत को डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के साथ जोड़ने के लिए उत्सुक है.
कौन है सनी रेड्डी ! जिसे मिशिगन रिपब्लिकन पार्टी का सह अध्यक्ष चुना गया
भारतीय अमेरिकी उद्यमी और कम्युनिटी लीडर सनी रेड्डी को मिशिगन रिपब्लिकन पार्टी का सह अध्यक्ष चुना गया है। यह अमेरिका की कड़ी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बीच भारतीय समुदाय के लिए एक बड़ी कामयाबी है
चुनाव से पहले ही दो-फाड़ हुई बांग्लादेश की ये पार्टी, नामांकन भरने के दौरान हुआ विवाद
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) में गुटीय संघर्ष के चलते गाजीपुर जिले में गंभीर हिंसा की घटना सामने आई है. रविवार शाम कालियाकैर उपजिला में BNP के उम्मीदवार मुजीबुर रहमान के समर्थकों और पूर्व स्थायी समिति सदस्य चौधरी तनवीर अहमद सिद्दीकी के बेटे इशराक सिद्दीकी के समर्थकों के बीच झड़प हुई, जिसमें कम से कम 10 लोग घायल हुए.
ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया द्वीप राज्य में लगी भीषण आग से 30 से अधिक घर जल गए या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। जिन लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा था, उन्हें अभी लौटने की अनुमति नहीं दी गई है, क्योंकि हालात सुरक्षित नहीं हैं
अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं ने वित्त वर्ष 2026 के नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) का समझौता मसौदा जारी किया। जिससे इस सप्ताह होने वाले महत्वपूर्ण वोट का रास्ता साफ हो गया है। यह वार्षिक विधेयक पिछले छह दशकों से अमेरिकी रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का मजबूत आधार रहा है।
50 साल बाद कंक्रीट के तहखाने से निकली 'बदनाम वेगा'! 1975 में क्यों छिपा दी गईं थी 5000+ चीजें
Chevrolet Vega Time Capsule: नेब्रास्का के सेवार्ड शहर में 4 जुलाई 2025 को दुनिया का सबसे बड़ा टाइम कैप्सूल खोला गया, जिसमें 50 साल बाद एक बदनाम 1975 शेवरले वेगा कार जीरो माइलेज के साथ हैरान कर देने वाली बेहतरीन हालत में निकाली गई है.
कैंसर की सर्जरी के बाद, कंधे का टैटू सीधे जुबान पर! 21 साल की लड़की के साथ हुआ 'असंभव' चमत्कार
Tattoo Transferred to Tongue: कैंसर के इलाज के लिए हुई रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के दौरान हैरियट ट्रेविट की बांह का टैटू ज़ुबान पर ट्रांसफर हो गया था. जिसको देखकर लोग हैरान हो रहे हैं.
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जिमी किमेल के बीच तकरार बढ़ती ही जा रही है. अब ट्रंप ने शो होस्ट जिमी किमेल का मजाक उड़ाया और उन्हें काफी खराब बताया, इसके अलावा क्या कुछ कहा जानते हैं.
Thailand Cambodia Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति जिन दो देशों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्ध खत्म कराने के लिए बार-बार अपनी पीठ थपथपा रहे हैं अब उनके बीच एक बार जंग हो सकती है. 8 दिसंबर को एक खबर आई है कि थाईलैंड- कंबोडिया के बीच सीमा पर फिर तनाव बढ़ गया है. सेनाओं के बीच फायरिंग भी हुई है. आइए जानते हैं पूरा मामला..
Donald Trump Jr Ukraine Warning: डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन शांति की दिशा में कदम नहीं उठाता, तो अमेरिका अपनी मदद वापस ले सकता है. उनके मुताबिक युद्ध अब सत्ता और पैसे का खेल बन गया है, और अमेरिका में भी यूक्रेन को मिल रही मदद पर सवाल बढ़ते जा रहे हैं.
Ukraine Peace Talks: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मैं थोड़ा निराश हूं क्योंकि जेलेंस्की ने अभी तक उनका शांति प्रस्ताव नहीं पढ़ा. उन्होंने हाल ही में कीव की कूटनीतिक पहल पर भी अपनी निराशा व्यक्त की.
ढाका में व्यापारियों और छात्रों का विरोध प्रदर्शन, राजधानी में यातायात जाम
बांग्लादेश के मोबाइल फोन व्यापारियों और छात्रों ने रविवार को राजधानी ढाका में विरोध प्रदर्शन किया
कई घरेलू मोर्चों पर पिछड़ने के बावजूद बीते कई दशकों से अमेरिका दो चीजों के दमपर सुपरपावर बना हुआ है. अमेरिकी 'ईगल' की ताकत का पहला मजबूत हथियार ये है कि दुनिया का आधा व्यापार आज भी उसकी करेंसी 'डॉलर' में होता है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास सैन्य कार्रवाई करने की शक्ति है : पीट हेगसेथ
कैरेबियन सागर में अमेरिका का ऑपरेशन जारी है। अमेरिका वेनेजुएला पर लगातार आरोप लगाता रहा है कि कैरेबियन के रास्ते से ड्रग्स यूएस में लाया जा रहा है
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई, 12 की मौत का दावा
बलूचिस्तान से आए दिन लोगों की हत्या की खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना का ऑपरेशन भी लगातार जारी है
‘पश्चिम बंगाल में जब लेफ्ट की सरकार थी और बुद्धदेव भट्टाचार्य मुख्यमंत्री थे, तब उस मकान को लाइब्रेरी बना दिया गया। तभी उसकी मरम्मत भी की गई थी और लाइब्रेरी भी रेगुलर चलती थी। ममता सरकार के आने के बाद से हालत बदतर हो गई है। लाइब्रेरी बंद पड़ी है। हम आज तक वहां जब भी गए, बंद ही मिली। इस सरकार में न हमें कोई पूछने वाला है और न हमारी विरासत को।‘ राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम‘ लिखने वाले बंकिम चंद्र चटोपाध्याय की पांचवी पीढ़ी से आने वाले सजल चट्टोपाध्याय सरकार की बेरुखी से नाराज हैं। वो कोलकाता में मौजूद बंकिम चंद्र के घर की जर्जर हालत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि जिस मकान को धरोहर मानकर लिया, उसे ही उसके हाल पर छोड़ दिया गया। 7 नवंबर को वंदे मातरम् गीत को 150 साल पूरे होने पर BJP ने देश भर में प्रोग्राम किए थे। इसी दौरान कोलकाता में बंकिम चंद्र के लाइब्रेरी बन चुके मकान के रखरखाव के मामले ने भी तूल पकड़ा। अब 8 दिसंबर यानी आज संसद के दोनों सदनों में वंदे मातरम् पर विशेष चर्चा होनी है। इससे पहले दैनिक भास्कर कोलकाता में 5-प्रताप चटर्जी स्ट्रीट पर मौजूद बंकिम चंद्र के घर पर पहुंचा। हमने घर का हाल देखा। साथ ही उनके वंशजों और आस-पास रहने वालों से बात कर पूरा मामला समझा। पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट… मकान को धरोहर बनाया लेकिन मरम्मत और साफ-सफाई भूलेसबसे पहले हम कोलकाता में बंकिम चंद्र के मकान पहुंचे, जिसके रखरखाव को लेकर सारा विवाद है। सड़क के एक तरफ मेडिकल कॉलेज और दूसरी ओर गली है। पश्चिम बंगाल में रही लेफ्ट की सरकार ने मकान का अधिग्रहण कर लिया था। इसे लाइब्रेरी में तब्दील कर 2006 में शुभारंभ भी कर दिया गया था। इसके बाहर लगे बोर्ड में लिखा है- ‘साहित्य सम्राट स्मृति लाइब्रेरी’ पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित। रविवार होने के कारण हमें लाइब्रेरी बंद मिली। साफ-सफाई भी नहीं दिखी। गेट के बाहर कचरे का ढेर लगा था। गेट पर ही हमारी मुलाकात पास में रहने वाले धर्मेंद्र यादव से हुई। वे बताते हैं कि इस गली में बंगाली और बिहारी दोनों रहते हैं। लाइब्रेरी के साथ ही आसपास की बिल्डिंग काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी है। लाइब्रेरी की हालत के बारे में पूछने पर धर्मेंद्र कहते हैं, ‘यहां साफ-सफाई का हाल आप खुद ही देख लीजिए। सोमवार से शनिवार तक एक शख्स आकर लाइब्रेरी खोल देता है। हालांकि ज्यादा कोई आता-जाता नहीं है। बाहर की हालात देखकर ही समझ आता है कि अंदर क्या हाल होगा। सरकार की तरफ से तो कोई नहीं आता, लेकिन आसपास के लोग इसे मौका पड़ने पर साफ कर देते हैं।‘ इसे लेकर हो रही सियासत के बारे में पूछने पर धर्मेंद्र कहते हैं, ‘हां, ‘वंदे मातरम्’ को 150 साल पूरे होने पर कुछ दिन पहले BJP ने यहां प्रोग्राम रखा था। उसमें नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी आए थे। उस दिन उन्हें लाइब्रेरी का गेट नहीं खोलने दिया गया था।’ हम आगे बढ़े गली में हमें कार्यक्रम के लिए लगाए गए BJP के झंडे अब भी लगे दिखे। मकान को लेकर हो रही सियासत पर एक लोकल शख्स नाम न लिखने की शर्त पर बताते हैं, ‘यहां आस-पास ज्यादातर TMC समर्थक रहते हैं। ये ज्यादातर बंगाली हैं। जिस दिन शुभेंदु अधिकारी को आना था, उससे एक रात पहले जानबूझकर ये सड़क तोड़ दी गई। उसके बाद से ये अभी एक रात पहले ही बनी है।‘ BJP को चुनाव के वक्त बंकिम बाबू याद आएइसी गली में नरेंद्र बारिक दुकान चलाते हैं। बंकिम चंद्र के मकान को लेकर हो रही सियासत पर वे कहते हैं, ‘बंकिम बाबू का पैतृक घर नैहाटी में था। यहां प्रताप चटर्जी रोड में वो पढ़ने आते थे। मैं यहां लंबे समय से रह रहा हूं। 2005 में लेफ्ट की सरकार के वक्त इसे रेनोवेट किया गया।‘ ‘तब मोहम्मद सलीम सांसद थे। उन्होंने सांसद निधि से खर्च कर इसकी मरम्मत कराई थी। मुझे आज भी याद है, तब मुख्यमंत्री रहे बुद्धदेव भट्टाचार्य यहां बनी लाइब्रेरी का उद्घाटन करने आए थे। उसके बाद से इस भवन में कोई काम नहीं हुआ। भवन की हालत देखकर भी इसका अंदाजा आप भी लगा सकते हैं। आस-पास के लोग ही थोड़ी बहुत साफ-सफाई करते हैं। इस लाइब्रेरी में भी कोई आता-जाता नहीं है।‘ नरेंद्र आगे बताते हैं, ‘लेफ्ट की सरकार के दौरान इसमें दो लाइब्रेरियन आते थे। तब कुछ लोग पढ़ने भी आते थे। कुछ विदेशी भी आते थे, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है। कहने को लाइब्रेरी है और सोमवार से शुक्रवार तक खुलती भी है लेकिन कोई आता-जाता नहीं दिखता है। एक लाइब्रेरियन है वो भी मनमर्जी का मालिक है।‘ बंकिम के वंशज बोले- जब भी मकान देखने गए ताला लगा मिलाहमने इस मामले में बंकिम चंद्र की पांचवी पीढ़ी से आने वाले सजल चट्टोपध्याय से भी मुलाकात की। उनके वंशज कोलकाता के शोभा बाजार में रहते हैं। वे पिछले कई सालों से बंकिम चंद्र की धरोहर के रख-रखाव को लेकर सवाल उठा रहे हैं। सजल बताते हैं, ‘बंकिम बाबू की ज्यादातर संपत्ति आजादी के बाद से ही देश की धरोहर में शामिल कर ली गई। लेकिन आज ये स्थिति है कि उनके वंशजों को कोई पूछने वाला नहीं है।‘ ‘हम जिस राज्य में हम रहते हैं, वहां की सरकार न हमें जानती है और न ही हमें कभी याद किया जाता है। अगर बंकिम चंद्र के परिवार में कोई जिंदा है तो कौन है, कहां रहता है, इस सरकार ने कभी ये भी जानने की कोशिश नहीं की। ममता बनर्जी ने भी कभी हमें याद नहीं किया। हमें इस बात का बहुत दुख है।‘ घर के रख रखाव पर बात करते हुए वे कहते हैं, ‘जब लेफ्ट की सरकार थी और बुद्धदेव भट्टाचार्य मुख्यमंत्री थे, तब लाइब्रेरी भी रेगुलर चलती थी और मरम्मत भी होती थी। ममता सरकार के आने के बाद से हालात बिगड़ गए। लाइब्रेरी बंद पड़ी है। जब जाओ तब बंद ही मिलती है। साफ-सफाई भी नहीं होती है। हमने कई बार इसके रख-रखाव के लिए सरकारी विभागों में चक्कर लगाए लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ।‘ हमें आस-पास के लोगों ने बताया कि हफ्ते में कुछ दिन लाइब्रेरी खुलती है। इस पर सजल कहते हैं, ‘पिछले महीने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी वहां गए थे और लाइब्रेरी खुलवाने के लिए कहा था आखिर तब क्यों नहीं खोली गई। बंकिम चंद्र देश की विरासत हैं लेकिन फिर भी नहीं खोली। हो सकता है कि इस विवाद के बाद खोली जाने लगी होगी।‘ संसद में वंदे मातरम् गाया जाए, बंकिम दादा के नाम पर विश्वविद्यालय खुले अपनी मांगों को लेकर सजल कहते हैं, ‘BJP कई सालों से वंदे मातरम् का मुद्दा उठा रही है, लेकिन अब ये हाईलाइट हुआ है। इस गीत का इस्तेमाल हर कोई कर रहा है। हालांकि हो सकता है कि आने वाली पीढ़ी बंकिम बाबू को न जाने। इसलिए इस पर आज ही बात होनी चाहिए।‘ ‘हमारी मांग है कि जिस तरह देश के अलग-अलग हिस्सों में रवींद्र भवन बने हैं, उसी तरह से बंकिम भवन बनाए जाएं। देश में जैसे विद्यासागर के नाम पर विश्वविद्यालय है, वैसे ही बंकिम चंद्र के नाम पर विश्वविद्यालय क्यों नहीं, जबकि वो देश के पहले ग्रेजुएट थे। इसलिए अब मेरी केंद्र सरकार से गुजारिश है। उनके नाम पर एक विश्वविद्यालय जरूर बनाया जाए।‘ अब जान लीजिए इस विवाद पर पॉलिटिकल पार्टियों की राययहां मजदूर सोते और आसपास के लोग कपड़े सुखातेBJP के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र भट्टाचार्य इस मुद्दे को लेकर कहते हैं, ‘फिलहाल ये मकान कोलकाता कॉर्पोरेशन की देख-रेख में है। जहां एक लाइब्रेरी है लेकिन वहां कोई नहीं आता है। हां, बाहर कुछ मजदूर सोए मिलते हैं और आसपास के लोग कपड़े सुखाते हैं। मकान बहुत ही खराब हालात में है। वंदे मातरम् को लेकर हो रहे विवाद पर वे कहते हैं, ‘BJP वंदे मातरम् की 150वीं सालगिरह के दौरान राज्य के अलग-अलग हिस्सों में गई। उन इलाकों में भी गए, जहां बंकिम बाबू रहे थे। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी उनके घर जाने लगे तो पहले रास्ते तोड़ दिए गए। फिर वहां पहुंचने पर गेट में ताला लगा मिला। इन सब से साफ नजर आता है कि TMC बांग्ला के इतने बड़े उपन्यासकार के साथ कैसा व्यवहार कर रही है। इस आरोपों को लेकर हमने TMC लीडर्स से भी बात करने की कोशिश की लेकिन ऑन रिकॉर्ड कोई सामने नहीं आया। एक लीडर ने नाम न लिखने की शर्त पर कहा कि BJP वंदे मातरम् पर सिर्फ राजनीति कर रही है। जहां तक घर की बात है, वो हमारी धरोहर है, जिसकी देखरेख हो रही है। वहीं पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने मीडिया से कहा, ‘BJP विभाजनकारी सियासत करती है। हिंदुओं और मुसलमानों, ब्राह्मणों और दलितों के बीच विभाजन पैदा करती है। अब वो दो महान बंगालियों रवींद्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही है।‘ बंकिम चंद्र ने 1870 के दशक में लिखा था वंदे मातरम्'वंदे मातरम' को 1950 में भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था। इसे 1870 के दशक में बंकिम चंद्र ने संस्कृत निष्ठ बंगाली में लिखा था। ये उनके बंगाली उपन्यास आनंदमठ का ही हिस्सा है, जिसे पहली बार 1882 में प्रकाशित किया गया था। इसके 150 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार ने विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया था। ........................ये खबर भी पढ़ें... '24 साल टीचर रहीं, BLO बनाकर मां को मार डाला' ‘मां के मरने के बाद लोगों ने तरह-तरह की बातें कहीं। बहुत बुरा लगा, जब उन्हें फाकीबाज (कामचोर) कहा गया। वे स्कूल में बायोलॉजी पढ़ाती थीं। उम्र 53 साल थी। कुछ साल में रिटायर हो जातीं। दो महीने पहले ही उन्हें बीएलओ बनाया गया था। 24 साल की नौकरी में पहली बार ये काम कर रही थीं। SIR के काम की वजह से प्रेशर में थीं। 22 नवंबर की रात उन्होंने सुसाइड कर लिया।’ पश्चिम बंगाल में नादिया जिले के कृष्णानगर में रहने वाले अरिक्तो रिंकू तरफदार के बेटे हैं। पढ़िए पूरी खबर...
अगले हफ्ते किसी भी दिन बांग्लादेश चुनाव की तारीखों का हो सकता है ऐलान
शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है
बांग्लादेश : शेख हसीना के खिलाफ एक और मामले में 9 दिसंबर को आईसीटी करेगा सुनवाई
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दो फैसले कोर्ट ने सुना दिए हैं
Mossad: दुनिया के सबसे खतरनाक सीक्रेट ग्रुप मोसाद को नया कमांडर मिल गया है. मोसाद के भावी चीफ को नेतन्याहू का करीबी बताया जाता है. मोसाद के कमांडरों का इतिहास शानदार रहा है. मोसाद के नए चीफ को लेकर बड़ी खबर ये है कि वो हमास के लिए किसी डरावने सपने से कम नहीं है. कौन है मोसाद का नया चीफ आइए आपको भी बताते हैं.
Russia Ukraine war: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध अब पूरे यूरोप को अपनी चपेट में लेने वाला है. दरअसल बीते चार दिनों से कुछ ऐसे संकेत मिल रहे हैं जो नए विनाश की आहट का इशारा कर रहे हैं.
'ये अपनी तबाही के लिए तैयार होने जैसा', अलग फिलिस्तीनी मुल्क पर क्या बोले नेतन्याहू?
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जर्मन चांसलर मर्ज से स्पष्ट कहा कि वो फिलिस्तीनी स्टेट के पक्ष में नहीं हैं. यरुशलम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मर्ज के साथ नेतन्याहू ने कहा, 'जाहिर है, हमारा नजरिया अलग है, क्योंकि फिलिस्तीनी देश का मकसद सिर्फ और सिर्फ यहूदी देश को खत्म करना है.'
Pakistan 27th Constitutional Amendment: पाकिस्तान में 13 नवंबर को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के बाद 27वें संशोधन पर साइन किए थे. इसमें राष्ट्रपति, एयर फोर्स के मार्शल और फ्लीट के एडमिरल को आपराधिक मामलों और गिरफ्तारी से जिंदगी भर की छूट मिलने की बात कही जा रही है.
पूर्वी अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में पिछले युद्धों से बचे एक डिवाइस के फटने से तीन मजदूरों की मौत हो गई। प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता सईद तैयब हमाद ने रविवार को यह जानकारी दी
मैक्सिको में पुलिस स्टेशन के बाहर हुआ जोरदार धमाका, 3 की मौत, 6 घायल
मैक्सिको में पुलिस स्टेशन के बाहर जोरदार धमाके की खबर सामने आई है। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए। घायलों को आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया
चांसलर मैर्त्स की पहली इस्राएल यात्रा, दो-राष्ट्र समाधान भी एजेंडा में
जर्मनी के चांसलर मैर्त्स पद संभालने के बाद पहली बार इस्राएल गए हैं. दो-राष्ट्र समाधान को बढ़ावा देना भी उनके प्रमुख एजेंडा में शामिल है
Heathrow Airport: घटना की जानकारी मिलने पर लंदन एम्बुलेंस सर्विस मौके पर पहुंची और पीड़ितों को अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, हमले में घायल हुए लोगों की चोट जानलेवा नहीं मानी जा रही है. हमले की वजह से अभी भी इलाके में ट्रैफिक की कुछ रुकावट है लेकिन टर्मिनल 3 खुला हुआ है.
Love Affair News in Hindi: कहते हैं कि रोमांस का अपना ही मजा होता है. इसके लिए इंसान कई बार खतरनाक कदम भी उठा लेता है. ऐसी ही एक घटना में पति अपनी गर्भवती पत्नी को 'बिजनेस ट्रिप' बताकर गर्लफ्रेंड को थाईलैंड लेकर पहुंच गया. हालांकि एक चूक से 4 दिनों बाद उसका भंडा फूट गया.
जंग के हालात के बीच चीन ने किया जापानी फाइटर प्लेन को रडार लॉक, रक्षा मंत्री ने दे दी खुली चेतावनी
China Japan Tension: टोक्यो में ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ जापानी रक्षा मंत्री की बैठक हुई, जिसके दौरान उन्होंने कहा कि जापान में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए वो चीन के बर्ताव का पूरी मजबूती के साथ जवाब देंगे.
शनिवार रात गोवा के नाइट क्लब में ब्लास्ट हुआ और आग लग गई। हादसे में 25 लोग मरे और 6 घायल हुए। चौंकाने वाली बात ये है कि ज्यादातर मौतें जलने से नहीं, बल्कि दम घुटने के कारण हुई। आखिर क्लब में इतनी बड़ी आग कैसे लगी, लोग बाहर क्यों नहीं निकल पाए, जलने के बजाय दम घुटने से कैसे होती है मौत और ऐसे में क्या करें; जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में... सवाल-1: गोवा के नाइट क्लब में आग कैसे लगी? जवाब: पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, सिलेंडर ब्लास्ट की वजह से आग लगी। सिलसिलेवार पूरा घटनाक्रम समझिए… सवाल-2: क्लब में फंसे लोग आग से बच क्यों नहीं पाए? जवाब: इसके 3 बड़े कारण हैं… सवाल-3: आग पर समय पर काबू क्यों नहीं पाया जा सका? जवाब: 'बिर्च बाय रोमियो लेन' अरपोरा नदी के बैकवाटर यानी शांत इलाके पर बना हुआ है। यह नाइट क्लब खुद को एक ‘आइलैंड क्लब’ बताता है। मेन रोड से इस क्लब तक आने का रास्ता बहुत संकरा है। इस वजह से आग लगने के बाद 100-150 लोगों की भीड़ को निकलने में परेशानी हुई। वहीं संकरे रास्ते की वजह से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी क्लब तक नहीं आ पाईं। उन्हें क्लब से 400 मीटर दूर ही खड़ा करना पड़ा। एक फायर ब्रिगेड अफसर ने बताया कि संकरे रास्ते के कारण क्लब तक पहुंचना मुश्किल हो गया, जिससे आग बुझाने में देरी हुई। उन्होंने कहा कि कई मौतें धुंए में फंसने के बाद दम घुटने से हुईं। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि नाइट क्लब ने फायर सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया था। अरपोरा-नगुआ गांव के सरपंच के बताया कि क्लब गैरकानूनी था। पंचायत ने कंस्ट्रक्शन लाइसेंस न होने के चलते इसे गिराने का नोटिस भी जारी किया था, लेकिन बाद में इस पर स्टे लगा दिया गया। सवाल-4: आग लगने पर जलने से ज्यादा मौतें दम घुटने से क्यों होती हैं? जवाब: भीड़-भाड़ वाली जगहों में आग लगने पर अक्सर पाया गया है कि आग से जलने के बजाय दम घुटने से ज्यादातर मौतें होती हैं। इसके 4 बड़े कारण होते हैं… 1. ऑक्सीजन की मात्रा का कम होना 2. जहरीली गैसों से फेफड़े और कोशिकाओं को नुकसान 3. गर्म हवा से फेफड़े में जलन 4. जलने से ही पहले बेहोशी, फिर मौत सवाल-5: बंद जगह में आग में फंसने पर कैसे बचना चाहिए? जवाब: रूम, ऑफिस, कॉरिडोर, स्टोरेज जैसी बंद जगहों में आग लगने पर सबसे जरूरी है कि धुएं से बचें, शांत रहें और बाहर निकलने की सही कोशिश करें, जिसके लिए ये स्टेप्स फॉलो करें… सबसे पहले… दरवाजे खोलने से पहले… अगर धुएं में फंस जाएं तो… सवाल-6: अगर बाहर निकलने का रास्ता बंद हो जाए तो क्या करना चाहिए? जवाब: आग वाली जगह से बाहर निकलने के अगर रास्ते बंद हो जाएं तो ये करना चाहिए... सवाल-7: अगर बंद जगह में आग में फंस जाएं, तो क्या नहीं करना चाहिए? जवाब: अगर रूम, ऑफिस, फ्लैट जैसी बंद जगह में आग में फंस जाएं तो ये काम बिल्कुल नहीं करना चाहिए… ****** गोवा क्लब से जुड़ी ये भी खबर पढ़िए... गोवा हादसा-बेली डांसर के डांस के दौरान आग लगी, VIDEO: संकरे रास्ते ने फायर ब्रिगेड रोकी; सरपंच बोले- क्लब अवैध, तोड़ने का नोटिस दिया था गोवा के अरपोरा इलाके में स्थित नाइट क्लब ‘Birch By Romeo Lane’ में शनिवार रात आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई और 6 लोग घायल हो गए। शुरुआती जांच में पता चला है कि आग डांस फ्लोर से शुरू हुई। पूरी खबर पढ़ें...
धरी रह गई शांति की उम्मीद, जेलेंस्की को रूस का तगड़ा झटका; रात भर बरसाए बम और उजाड़ दिया शहर
Russia attack Ukraine: यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शनिवार को अमेरिका के शांति दूत स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर से बात की थी, जिसके बाद उन्होंने अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की दृढ़ इच्छा जताई थी. इस बातचीत के दौरान जेलेंस्की ने रूस के साथ युद्ध खत्म करने के संभावित पहलुओं पर भी चर्चा की थी.
Vladimir Putin India Visit: एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट पर पुतिन के स्वागत के साथ ही उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया. इसके बाद अगली सुबह राष्ट्रपति भवन में अगली सुबह औपचारिक भव्य स्वागत.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को उच्च स्तरीय इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाने की योजना बनाई जा रही थी। हालांकि, मेडिकल बोर्ड की तरफ से अपडेट आया है कि अभी वह इतनी फिट नहीं हैं कि उन्हें इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया जा सके। वहीं, बांग्लादेशी मीडिया ने बताया कि उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर है
ग्रीक के क्रीट द्वीप से एक बार फिर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। क्रीट द्वीप के पास शनिवार को प्रवासियों को ले जा रही एक नाव पलट गई, जिसमें कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, नाव पर सवार दो लोग जिंदा थे और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया
बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया की हालत नहीं हो रही बेहतर, लंदन एयरलिफ्ट करने की तैयारी फिर टली
Khaleda Zia Health Update: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाने की योजना बनी थी, लेकिन मेडिकल बोर्ड ने उन्हें लंबी फ्लाइट के लिए फिट नहीं बताया. बीएनपी की बैठक में उनके स्वास्थ्य का आकलन किया गया. हालांकि उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर है, लेकिन एयरलिफ्ट के लिए 48 घंटे का ऑब्जर्वेशन पूरा होने के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा.
कैसा है ईरान और भारत का संबंध? किन-किन चीजों का होता है व्यापार?
भारत और ईरान के बीच हजारों साल पुराना संबंध माना जाता है। दोनों ही देशों की सभ्यता काफी पुरानी है
दक्षिणी यूनान में प्रवासी नाव डूबने से 18 की मौत, बचाव अभियान जारी
यूनान में क्रेते के दक्षिणी तट पर प्रवासियों से भरी एक नाव के पलट जाने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। यूनान के सार्वजनिक प्रसारक ईआरटी ने शनिवार को यह जानकारी दी
मैं टुम्पा दास- पश्चिम बंगाल में डोम समुदाय की पहली महिला हूं, जो पिछले कई सालों से कोलकाता के बड़िपुर गांव के श्मशान में लाशें जला रही हूं। पता नहीं भारत में कोई और महिला यह काम करती है या नहीं, पर मैंने यही रास्ता चुना… और यह रास्ता आसान नहीं था। हर दिन यहां छह-सात लाशें आती हैं। कई चेहरे भूल जाती हूं, लेकिन कुछ चेहरे दिमाग में घर कर जाते हैं। एक दिन एक छोटी-सी बच्ची की लाश मेरे सामने लाई गई, उस पल को याद कर आज भी कांप जाती हूं। उस दिन चिता जलाते वक्त मेरा हाथ थरथरा गया था। यहां कई बार मेरे साथ बदतमीजी हुई। एक शख्स ने मेरा फोन नंबर मांगा और बेहिचक कहा- ‘मेरे साथ चलो… बिस्तर पर।’ दूसरे ने बिना इजाजत मेरा गाल छू लिया। उस दिन श्मशान की आग से ज्यादा, मेरे अंदर की आग भड़क उठी- और बवाल इतना कि सब देखते रह गए। इसी तरह इस काम की कालिख मैंने चेहरे पर नहीं, किस्मत पर भी झेली। लाशें जलाने के कारण मेरी शादी नहीं हो पाई। लोग कहते- ‘ऐसी औरत को हम बहू नहीं बनाएंगे।’ मैंने दुनिया की तिरछी नजरें, गंदी बातें और अकेलापन सब झेला… लेकिन इस काम को नहीं छोड़ा। दरअसल, पिता की चिता बुझी भी नहीं थी कि जीवन ने मेरे सामने एक और आग रख दी- श्मशान में डोम का खाली पड़ा काम। 2014 था वह साल, जब घर में रोटी के लिए भी जद्दोजहद थी। श्मशान की देखभाल करने वाले लोग हमारी हालत जानते थे। उन्होंने एक दिन कहा- ‘टुम्पा, यह काम संभाल ले… वर्ना घर कैसे चलेगा?’ उनकी बात सुनकर मेरे अंदर कुछ टूट भी गया और कुछ जाग भी उठा। मैंने बिना सोचे ‘हां’ कह दिया। तब नहीं जानती थी कि यह ‘हां’ मेरे खिलाफ पूरे गांव की दीवार बना देगी। लोगों ने मुझे ताने मारे, आंखें तरेरीं, बातें उड़ाई- ‘लड़की होकर डोम का काम करेगी? श्मशान का काम करेगी?’ मैं खुद से पूछती- अगर लड़के ये काम कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं? आखिर सोचिए जरा, मौत की राख में औरत-मर्द का फर्क बचता ही कहां है? मैंने तय कर लिया कि लाश जलाऊंगी। जब मां को बताया, तो वह डर गईं। कहने लगीं- ‘लोग तुझे इस काम के लिए कभी स्वीकार नहीं करेंगे। तू भारी लकड़ियां भला कैसे उठाएगी? चिता कैसे सजा पाएगी?’ उनका डर जायज था, लेकिन मेरी मजबूरी उससे भी बड़ी। मैंने मां का हाथ पकड़ा और कहा- ‘एक बार यह काम करने दो, मां… हमारे पास जिंदा रहने का कोई और रास्ता नहीं है।’ दरअसल, उस वक्त बतौर नर्स मुझे सिर्फ 4,000 रुपए मिलते थे। उसमें से आधा रास्ते में खत्म हो जाता था। चार लोगों का गुजारा 2,000 रुपए में कैसे होता? बहुत समझाने के बाद मां का चेहरा पिघला, और उसी दिन मैंने तय कर लिया कि चाहे कितनी ही बातें बनें, मैं पीछे नहीं हटूंगी। जिस दिन पहली बार चिता के सामने खड़ी हुई, उस दिन मुझे शव से नहीं, दुनिया की नजरों से डर लग रहा था। मेरी उम्र तब सिर्फ 22 साल थी- एक ऐसी उम्र, जब ज्यादातर लड़कियां कॉलेज, सपनों या किसी नई नौकरी में होती हैं, लेकिन मैं उस सुबह श्मशान में खड़ी थी, हाथों में लकड़ियां और सिर पर दुनिया की अनगिनत निगाहों का बोझ लिए। सुबह के ठीक 10 बजे पहला शव आया। दिल में एक अजीब सी कंपकंपी थी। डर शव का नहीं था… लोगों की उस फुसफुसाहट का था, जो मेरे पीछे लगातार दौड़ रही थी- ‘लड़की है… कैसे करेगी चिता का काम?’ शुरुआत में मां भी साथ आती थीं। उन्होंने पिता को यह काम करते देखा था- हर रस्म, हर तकनीक, लकड़ी रखने का सही तरीका। चिता सजाते वक्त वह धीरे से समझातीं- ‘चिता सजाना आसान नहीं है…' मैं सीख रही थी। हाथों पर छाले पड़ते, धुएं से आंखें जलतीं, पर दिल में बस एक ही बात थी- घर चलाना है… हार नहीं माननी। लेकिन असली आग तो लोग लगाते थे। जब भी कोई शव लेकर आता और देखता कि चिता एक लड़की सजा रही है- वे हाथ के इशारे से मुझे रोक देते। ‘न-न… तुमसे नहीं होगा। हम खुद कर लेंगे।’ कुछ लोग तो यह मानते थे कि औरत के हाथों से जली चिता से आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। हर बार ऐसा होता, और हर बार मैं घर लौटकर फूट-फूटकर रोती। ‘अगर ये यूं ही चलता रहा… तो नौकरी भी चली जाएगी… और इज्जत भी,’ यही सोचकर रातें कटीं। गांव की गलियों में तो लोग मुझे देखकर रास्ता बदलने लगे। औरतें अपने बच्चे खींचकर पास से हटा लेतीं। कहतीं- ‘वो डोम का काम करती है… अब अछूत हो गई है।’ कुछ गांव वाले समझाने भी आते- ‘तू लड़की है, कैसे करेगी ये काम? रात-रात भर ड्यूटी लगती है… अगर कोई शराब पी कर आ गया, या किसी की नीयत खराब हो गई, तब?’ उनकी बातों से दिल रोता था… पर हाथ नहीं रुके। धीरे-धीरे, साल बीते…लकड़ियों का बोझ उठाते-उठाते मेरे कंधे मजबूत हो गए। और लोगों का अपमान सहते-सहते दिल भी। फिर एक दिन अचानक कुछ बदल गया- लोग पूछने लगे, ‘बिटिया, आज कौन-सी लकड़ी बढ़िया रहेगी?’ ‘चिता कैसे जमानी है?’ मुझे स्वीकार कर लिया गया। जब इस काम में हाथ जमने लगा, तभी असली डर सामने आया- वही जिसकी सालों से लोग फुसफुसाकर चेतावनी देते थे। एक दिन मैं चिता सजा रही थी। एक आदमी मदद के बहाने मेरे पास आया। कुछ क्षण बाद- धीरे से वह मेरा गाल छूने लगा। उसके स्पर्श ने जैसे मेरे भीतर आग भड़का दी। मैंने उसका हाथ झटके से पकड़ा और पूरी ताकत से चिल्लाई। ‘बाहर निकलो यहां से!’ श्मशान की दीवारें भी जैसे मेरी आवाज से कांप उठीं। वह लड़खड़ाता हुआ श्मशान से बाहर चला गया। लाश जल जाने के बाद मैंने उसे दोबारा बुलाया और खूब खरी-खोटी सुनाई। उस दिन उसके रिश्तेदारों ने भी उसे खूब डांटा। लेकिन यह अकेली घटना नहीं थी। कुछ लोग शराब पीकर आते हैं- और नशे में उनका असली चेहरा दिख जाता है। एक दिन लाश के साथ एक शराबी आया था। वह मुझसे मेरा फोन नंबर मांगने लगा। बहुत बुरा लगा। मैंने कहा- ‘क्या समझते हो खुद को? मैं लड़की हूं, गरीब हूं, लेकिन मेहनत करके खाती हूं… किसी की रहम पर नहीं जिंदा हूं।’ लेकिन सबसे गंदी घटना तो वह थी, जिसे आज भी सोचकर गुस्सा आता है। एक शव आया था और उसके साथ आने वालों में एक आदमी ने उस दिन मेरी तरफ पैसे आगे बढ़ाए और इशारे में कहा- ‘आज मेरे साथ चलो… ज्यादा पैसे दूंगा। यहां कितना मिलता होगा?’ उस पल मेरा खून उबला। गुस्से में चिल्लाई- ‘मेरी मजबूरी का फायदा उठाना चाहते हो? यहां से दफा हो जाओ!’ श्मशान में ऐसे लोग अक्सर आते हैं। हर लाश के साथ एक नई कहानी, एक नया इम्तिहान। लेकिन आज… मैं वैसी लड़की नहीं हूं जो चुपचाप सब सह लूं। बदतमीजी, अब एक सेकेंड बर्दाश्त नहीं करती। उसी वक्त श्मशान से बाहर करती हूं। कई बार यह देखकर बड़ा अफसोस होता है कि कुछ लोग पिता की लाश लेकर आते हैं और उनकी प्रॉपर्टी में हिस्से के लिए श्मशान पर ही झगड़ने लगते हैं। वह सब देखकर कई बार तो इस दुनिया से नफरत हुई। सोचती हूं कि आखिर सबको एक दिन यहीं आना है। लेकिन कुछ लाशें भारी लगती हैं… जो बिना उम्र की सांसें पूरी किए आ जाती हैं। उस वक्त श्मशान में आने वाले हर चेहरे पर एक अलग ही टूटन होती है- किसी की आंखें पथराई होती हैं, तो किसी का गला सूख जाता है। मैं रोज यह सब देखती हूं। कुछ शव ऐसे आते हैं, जिन्हें देखते ही दिल बैठ जाता है। लगता है- ‘इसकी उम्र ही क्या थी। ऐसे परिवारों से मैं आज भी बख्शीश नहीं ले पाती। हाथ अपने-आप रुक जाते हैं। लेकिन एक दिन…एक लाश ने मुझे बिल्कुल तोड़ दिया। वह एक छोटी बच्ची थी। इतनी प्यारी, इतनी सुंदर- जैसे नींद में हो और किसी भी पल आंखें खोल देगी। जब मैं उसकी चिता सजाने लगी, तो मेरे हाथ कांपने लगे। 10 साल के काम में ऐसा कभी नहीं हुआ था। मुझे लग रहा था- ‘अभी उठ जाएगी…’ उस दिन मैं चिता के पास खड़ी-खड़ी रो रही थी। अगर उस रात भगवान सचमुच सामने खड़े होकर मुझसे एक वरदान मांगने को कहते, तो मैं बिना सोचे कह देती- ‘इस बच्ची की जिंदगी लौटा दो…’ वह दिन, वह चेहरा… वह नन्हा सा शरीर- आज भी मेरे भीतर कहीं जलता रहता है। यही मेरा रोज की जिंदगी है- लाशें आती हैं, और मैं उन्हें विदा करती हूं। सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक वही आग, वही राख, वही आखिरी यात्रा। इस तरह श्मशान में आग तो हर दिन जलती है, पर कुछ लाशें…सालों बाद भी नहीं बुझती। यही नहीं, लाशों की आग ने मेरी जिन्दगी को मोड़ दिया। इस आग की वजह से मेरी शादी नहीं हुई। मां ने कितनी कोशिशें कीं- रिश्ते देखे, समझाया, मनाया। लोग आते, मुस्कुराते, फिर जैसे ही पता चलता कि मैं महिला होकर लाश जलाती हूं तो वे शादी से पलट जाते। मां जब कारण पूछतीं, तो वही सुनतीं- ‘श्मशान में काम करने वाली लड़की को हम बहू नहीं बनाएंगे।’ हर बार यह बातें सुनकर मैं चौंक जाती। सोचती- आखिर लोग डोम के साथ रात बिता सकते हैं, लेकिन उसे जीवन साथी नहीं बना सकते। वर्षों तक यह सिलसिला चलता रहा। आखिरकार मेरा शादी से मोह ही खत्म हो गया। मैंने कसम खा ली- डोम का काम नहीं छोड़ूंगी। चाहे शादी हो या न हो। आखिर, यही वह काम था, जिसने मुझे और मेरे परिवार को संभाला, बुरे वक्त में सहारा दिया। किसी आदमी के लिए तो मैं इसे नहीं छोड़ सकती। अब यह काम मेरा जीवन बन गया है। लाशों के साथ काम करते हुए मुझे सुकून मिलता है। तय कर लिया है- पति के बिना जिंदगी बिता लूंगी, लेकिन लाशों के बिना नहीं। लाशें शिकायत नहीं करतीं। जैसे भी जलाओ, पलटकर जवाब नहीं देतीं। उन्हें पता नहीं होता कि उनके साथ क्या हो रहा है। हां, अब जब अपने काम से मशहूर हो गई हूं तो शादी के रिश्ते आने लगे हैं, लेकिन साफ मना कर देती हूं- 'जब जरूरत थी तब तो किसी ने साथ नहीं दिया, अब शादी नहीं करूंगी।' और मैं… जमाने की शिकायतों से इतना थक चुकी हूं कि कई बार मन करता है- जिस आग को इतने सालों से जलाती आई हूं, एक दिन उसी में समा जाऊं। दरअसल, इस कहानी की शुरुआत 2014 से हुई थी। मेरे पापा इसी श्मशान में लाश जलाते थे। वो दिन आज भी आंखों के सामने है। उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और वह हमारे बीच नहीं रहे। उस वक्त मैं बड़िपुर से बाहर एक नर्सिंग होम में काम कर रही थी। जितने पैसे मिलते, उनमें से आधा तो बस आने-जाने में ही खर्च हो जाते। पापा के गुजरने के बाद तो घर मेरे लिए हर दिन एक नई लड़ाई बन गया। हमारे पास खाने के लिए सिर्फ दो किलो चावल बचा था। दो महीने के भीतर मां भी बिस्तर पर पड़ गईं- बीपी और डायबिटीज ने उन्हें जकड़ लिया। बड़ी बहन, जो तलाकशुदा और प्रेग्नेंट थी, घर में ही रहती थीं। और मैं… मैं अचानक पूरे घर की जिम्मेदारी अपने कंधों पर महसूस कर रही थी। पापा थे तो कोई मुश्किल नहीं आती थी। उनके बिना हर चीज अधूरी लगती है। वे जितना कमाते, हमारे खाने-पीने और खुशियों में लगा देते। भात, चिकन, मछली, फल- लगभग हर दूसरे-तीसरे दिन। कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी। लेकिन, लाश जलाने के कारण गांव में पापा को सम्मान नहीं मिलता था। इस वजह से उन्होंने मुझसे एक दिन कहा- ‘बेटी, नर्स बनो। पढ़ाई में मन लगाओ, इससे तुम्हारी और हमारे परिवार की इज्जत बढ़ेगी।’ मैंने उनकी बात मानी, दिन-रात मेहनत की और आखिरकार नर्स बन गई। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मैं कभी नहीं सोच सकती थी कि एक दिन मुझे अपने पापा का ही काम करना पड़ेगा। वही श्मशान, वही आग, वही चिता… और उन्हीं की राह पर चलने को मजबूर। (टुम्पा दास ने अपने ये जज्बात भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला से साझा किए हैं।) ------------------------------------------------ 1-संडे जज्बात-मैं मुर्दा बनकर अर्थी पर भीतर-ही-भीतर मुस्कुरा रहा था:लोग ‘राम नाम सत्य है’ बोले तो सोचा- सत्य तो मैं ही हूं, थोड़ी देर में उठकर साबित करूंगा मेरा नाम मोहनलाल है। बिहार के गयाजी के गांव पोची का रहने वाला हूं। विश्व में शायद अकेला ऐसा इंसान हूं, जिसने जिंदा रहते अपनी शव यात्रा देखी। यह बात चंद करीबी लोगों को ही पता थी। मरने का यह सारा नाटक किसी खास वजह से किया गया था। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2- संडे जज्बात-फौजी विधवा की 8 साल के देवर से शादी:मैं मेजर जनरल थी, उसकी बात सुनकर कांप गई; मन करता है कैसे भी उससे मिल लूं अस्पताल में इलाज के दौरान एक युवा सिपाही की मौत हो गई। वह शादीशुदा था और उसकी विधवा पत्नी की उम्र लगभग 22 साल थी। सिपाही की मौत के बाद एक दिन उसकी पत्नी रोते हुए मेरे पास आई। कहने लगी कि मुझे बचा लीजिए। मेरे ससुराल वाले और मायके के लोग मेरी शादी देवर से कराने जा रहे हैं। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें
‘मैं करीब 10 साल से एयरलाइन इंडस्ट्री में काम कर रहा हूं। आज तक इतना बड़ा संकट नहीं देखा। मुझे लगता है कि इंडिगो की दिक्कत किसी दूसरे की नहीं, बल्कि कंपनी की खुद की बनाई हुई है। मैंने अपने कई साथी पायलट से भी बात की, तब इस नतीजे पर पहुंचा हूं।’ 34 साल के पायलट कैप्टन रोहित सक्सेना (बदला हुआ नाम) एयरलाइन कंपनी इंडिगो में 3 साल से काम कर रहे हैं। रोहित को 5 हजार फ्लाइंग ऑवर्स का अनुभव है। वे अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहते क्योंकि नौकरी जाने का खतरा है। पहचान छिपाकर उन्होंने हमें वो सब बताया, जो इंडिगो क्राइसिस की जड़ में है। 2 दिसंबर को इस क्राइसिस की शुरुआत हुई। 6 दिसंबर तक इंडिगो की 2000 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ीं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता समेत देश भर में लाखों पैसेंजर परेशान होते रहे। उन्हें कई-कई घंटे एयरपोर्ट पर रहना पड़ा। इसके कई वीडियो-फोटो सामने आ चुके हैं। आखिर इंडिगो क्राइसिस की वजह क्या है, इसके लिए इंडिगो के अलावा और कौन जिम्मेदार है, इस पर हमने इंडिगो के दो पायलट और चार एविएशन एक्सपर्ट्स से बात की। इससे समझ आया कि इस क्राइसिस के दो जिम्मेदार हैं। 1. इंडिगो: DGCA की गाइडलाइन के हिसाब से तैयारी नहीं कीDGCA की तरफ से जारी फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन यानी FDTL रेगुलेशन पहली बार जनवरी 2024 में नोटिफाई किए गए थे। इंडिगो के पास इन गाइडलाइंस के हिसाब से तैयारी के लिए काफी समय था। हालात बिगड़े तो उसने 5 दिन में 4 हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दीं। इससे अलग-अलग रूट पर यात्री फंस गए और एयरपोर्ट पर अव्यवस्था फैल गई। 2. DGCA: नियमों का पालन करवाना था, इंडिगो के मामले में अनदेखी कीफ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन के नियमों का पालन करवाने की जिम्मेदारी DGCA की थी। कांग्रेस ने इस पर सवाल किया है कि DGCA क्या कर रहा था। पार्टी के सांसद शशिकांत सेंथिल ने कहा कि DGCA को पता था देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इसके लिए तैयार नहीं है। ये नियम 1 नवंबर 2025 से पूरी तरह लागू किए गए। DGCA ने इंडिगो से इनका पालन क्यों नहीं करवाया। एक पायलट के नजरिए से समझिए सिस्टम अचानक स्लो हो गया, आधे घंटे की प्रोसेस में एक-सवा घंटा लगाइंडिगो के पायलट रोहित बताते हैं, ‘2 दिसंबर को मैं दिल्ली एयरपोर्ट पर था। एयरपोर्ट पर उड़ान करने से पहले प्री-फ्लाइट तैयारियों में एवरेज से ज्यादा वक्त लगा। ग्राउंड स्टाफ क्लियरेंस से लेकर बाकी प्रोसेस जिनमें आधा घंटा लगता है, उसमें एक-सवा घंटा लगा।’ ‘3 और 4 दिसंबर को भी ऐसा ही हुआ। लगा कि इंडिगो का सिस्टम अचानक स्लो हो गया है। इसके पीछे क्या टेक्निकल या मैनेजीरियल कारण हैं, ये पायलट्स को नहीं पता। हमें तो प्लेन उड़ाने के लिए रोस्टर मिलता है। हम उसके मुताबिक उड़ान के लिए निकल पड़ते हैं।’ क्या हाल में अचानक ज्यादा फ्लाइट उड़ाने और ज्यादा देर तक ड्यूटी करने का प्रेशर बना है? रोहित जवाब देते हैं, ‘ज्यादा उड़ान का दबाव नहीं है। हां, फ्लाइंग टाइम के अलावा दूसरे अप्रूवल्स जैसे टैक्सी, पार्किंग, एटीसी क्लियरेंस, सिक्योरिटी क्लियरेंस, चेकलिस्ट क्लियरेंस, ग्राउंड क्लियरेंस में ज्यादा वक्त लगा है।’ इस क्राइसिस के पीछे FDTL के नए नियम बताए जा रहे हैं, ये तो 1 नवंबर से लागू हो चुके थे। ये संकट एक महीने बाद क्यों आया? क्या एक महीने से पायलट ज्यादा उड़ान भर रहे थे और अचानक कम करने लगे? रोहित बताते हैं, ‘1 नवंबर से नियम लागू हुए, तब से नियमों के मुताबिक ही रोस्टर बनाए जा रहे थे। हफ्ते में 36 की जगह 48 घंटे का आराम दिया गया। हम पहले के बराबर ही उड़ान भर रहे थे। समझ नहीं आ रहा कि अचानक 3 दिसंबर से क्या हो गया।’ ‘पायलट कम, नई भर्ती की प्रोसेस धीमी’हमने इंडिगो में काम करने वाले एक ट्रेनी पायलट से भी बात की। वे नाम जाहिर नहीं करना चाहते। पायलट बताते हैं, ‘ऐसा नहीं है कि नए नियम अचानक आ गए। कंपनी को पहले से पता था। ऐसा नहीं है कि भर्तियां नहीं हो रही हैं, लेकिन प्रोसेस बहुत धीमी है। काफी पायलट छुट्टी पर गए हुए हैं। साल का आखिरी महीना चल रहा है और उनकी छुट्टियां पेंडिंग थीं।’ ‘बहुत सारे पायलट नौकरी छोड़ रहे हैं क्योंकि अनुभव लेने के बाद मिडिल ईस्ट या दूसरे देशों में अच्छी सैलरी मिलती है। पिछले कुछ साल से भारत में पायलट की सैलरी ग्रोथ रुकी हुई है। जाहिर सी बात है कि FDTL नियम सही हैं। पायलट्स को आराम चाहिए। इंडिगो बहुत ज्यादा उड़ान भरवाती है। कंपनी में नए नियमों के हिसाब से पायलट की कमी तो है।’ ‘एयरलाइन सेक्टर में इंडिगो की हिस्सेदारी 60% से ज्यादा है। एक तरीके से उसका एकाधिकार है। कंपनी हर चीज को बहुत टाइट कॉस्टिंग करके रखती है, तभी प्रॉफिट में रहती है। अंदरखाने लोग यही बोल रहे हैं कि इंडिगो ने दबाव बनाने के लिए ये सब किया है क्योंकि कंपनी ने DGCA के सामने जो मांगें रखी थीं, वे मान ली गई हैं।’ इंडिगो की 100 में से सिर्फ 3 फ्लाइट वक्त पर उड़ींइंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है। उसकी रोजाना करीब 2300 डोमेस्टिक और इंटरनेशनल उड़ानें हैं। क्राइसिस के दौरान इंडिगो की ऑनटाइम परफॉर्मेंस 5 दिसंबर को 3.7% पर आ गई। यानी 100 फ्लाइट में सिर्फ 3.7 ही वक्त पर उड़ान भर पाईं। 5 दिसंबर को ही अकासा एयर की ऑनटाइम परफॉर्मेंस 79%, एलायंस एयर की 73%, एयर इंडिया एक्सप्रेस की 66.3%, स्पाइसजेट की 62.3% रही। 4 दिसंबर को इंडिगो की सिर्फ 8.5% और 3 दिसंबर को 19.7% फ्लाइट ही सही समय पर उड़ान भर पाई थीं। इंडिगो ने नियम क्यों नहीं माने, सरकार पर भी सवालएयरलाइंस पायलट एसोसिएशन के कैप्टन अनिल राव पायलट और यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे उठाते रहे हैं। राव कहते हैैं, ‘हमने DGCA और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री से यही सवाल किया है कि ये संकट अचानक क्यों आया। FDTL का नियम 2 साल से लागू किया जा रहा है। एयरलाइन कंपनी के पास इसे लागू करने के लिए काफी वक्त था। फिर भी ऐसा नहीं किया गया।’ ‘DGCA और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को पता था कि नए नियमों के हिसाब से एयरलाइंस काम नहीं कर रही हैं।' सरकार कैसे कह सकती है कि ये अचानक हो गया। सरकार चाहे तो खुद जांच कर सकती है कि ये पायलट और क्रू की कमी की वजह से हुआ या फिर कोई और वजह थी। नियम लागू होने के 35 दिन बाद कैसे आया क्राइसिसकैप्टन अनिल राव कहते हैं, ‘ये कहना गलत है कि सब कुछ अचानक हो गया है। FDTL 1 नवंबर से लागू है और ये संकट करीब 35 दिन बाद आया। एटीसी और क्रू के रिकॉर्ड देखें तो पता चलेगा कि सारे पायलट और क्रू टाइम पर जा रहे थे, फिर फ्लाइट आने-जाने में देरी क्यों हुई। ये पूरी व्यवस्था पारदर्शी नहीं है। इससे नहीं पता चल रहा कि क्राइसिस की असली वजह क्या है।’ ‘इंडिगो ने सरकार पर दबाव डालने के लिए ये संकट खुद खड़ा किया है। कंपनी नियमों में राहत चाहती थी। राहत नहीं मिली, तो उसने सिस्टम ही पलट दिया। ये दिक्कत क्यों खड़ी हुई, इसका साफ-साफ कोई जवाब नहीं दिया गया है।’ एक्सपर्ट बोले- इस स्थिति के लिए सिर्फ इंडिगो जिम्मेदारएविएशन एक्सपर्ट जीतेंद्र भार्गव कहते हैं, ‘इस पूरी अफरातफरी के लिए सिर्फ इंडिगो जिम्मेदार है। एयरलाइन कंपनियों के अनुरोध पर ही DGCA ने दो फेज में नियम लागू करवाए थे। शायद इंडिगो के मैनेजमेंट को बहुत ज्यादा भरोसा था कि नियम लागू करवाने में थोड़ा और वक्त ले लेंगे। कंपनी को पता चल गया कि DGCA ने उसका अनुरोध नहीं माना। उसके पास इतने पायलट नहीं हैं कि सारा ऑपरेशन नॉर्मल तरीके से हो।’ भार्गव आगे कहते हैं, ‘नियमों में बदलाव के हिसाब से ज्यादा स्टाफ की जरूरत थी। DGCA का सामान्य नियम है कि एक पायलट एक साल में 1000 घंटे से ज्यादा उड़ान नहीं भर सकता है। अभी दिसंबर है। मुमकिन है कि नवंबर तक कई पायलट ने अपनी लिमिट पूरी कर ली हो और वे उपलब्ध न हों। इसमें कई सारे फैक्टर एक साथ जुड़े हैं।’ ‘इंडिगो के पास दो ही विकल्प थे। पहला, जो अभी हुआ है। उन्होंने सारी फ्लाइट्स का शेड्यूल वैसा ही रखा। बाद में उन्हें कैंसिल करना पड़ा और यात्रियों को दिक्कतें हुईं। दूसरा, जो फ्लाइट ऑपरेट नहीं हो सकती थीं, उन्हें पहले ही कैंसिल कर देते। पायलट की तादाद के हिसाब से फ्लाइट ऑपरेट करना चाहिए था।’ ‘DGCA ने समस्या को अनदेखा किया, हालात हाथ से निकल गए’जीतेंद्र भार्गव कहते हैं, ‘ये सब DGCA को भी पता होगा। इसके बावजूद स्थिति को हाथ से निकलने दिया। नवंबर में भी इंडिगो की 1200 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हुई थीं। ऐसे में DGCA को कारण बताओ नोटिस जारी करना चाहिए था।’ ‘अभी DGCA के सामने चुनौती थी कि कैसे हालात काबू में लाए। एक ऑप्शन था कि वो इंडिगो को ही समाधान करने देता। ये मुमकिन नहीं था क्योंकि पायलट पहले से तैयार नहीं मिलते। अचानक पायलट की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता था इसलिए DGCA ने नियमों में फिर से ढील दी।’ एविएशन एक्सपर्ट डॉ. सुभाष गोयल भी इस क्राइसिस के लिए इंडिगो को जिम्मेदार मानते हैं। वे कहते हैं, ‘अगर दूसरी एयरलाइंस नियमों के हिसाब से अपने क्रू मेंबर्स की संख्या बढ़ा सकती हैं, तो इंडिगो क्यों नहीं। उनके पास 60% मार्केट शेयर है, तो उन्होंने सोचा कि वे ब्लैकमेल करके पुराने नियमों पर ही चलेंगे।’ ‘एयरलाइन कंपनियों पर तगड़ा फाइन लगाना चाहिए’फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के प्रेसिडेंट चरणवीर सिंह रंधावा बताते हैं, ‘इंडिगो कोशिश कर रही थी कि नए नियम लागू न हो पाएं। पिछले साल भी उन्होंने देरी की थी। हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद कंपनी DGCA के पास गई। पहले फेज में 60-70% नियम जुलाई में ही लागू हो गए हैं। तब इंडिगो की एक भी फ्लाइट में देरी नहीं हुई।' '1 नवंबर को दूसरे फेज के नियम लागू किए गए, लेकिन कंपनियां फिर DGCA के पास गईं और नियम में राहत मांगी। एयरलाइन कंपनियों की इन नियमों को लागू करने की कोई मंशा नहीं थी।’ इंडिगो मनमानी करती रही, तो DGCA कहां चूकाचरणवीर सिंह रंधावा DGCA में फ्लाइट इंस्पेक्टर और CFO रह चुके हैं। वे कहते हैं, ‘DGCA में मैकेनिज्म काम करता है। इसके तहत वक्त पर स्पॉट चेकिंग होती है। साल में एक बार रेगुलेटरी ऑडिट करते हैं। रेगुलेटरी चेक के लिए एनुअल सर्विलांस प्लान साल की शुरुआत में जारी होता है। इसमें हर एयरलाइन कंपनी के बारे में रिपोर्ट होती है।’ ‘पिछले कुछ साल में जिस तरह से एविएशन इंडस्ट्री बढ़ी है, उसके मुकाबले DGCA के पास मैनपावर नहीं बढ़ा है। इस वजह से ऑडिट ठीक तरीके से नहीं हो पा रहा है। एक एयरलाइन के ऑडिट के लिए 3 दिन का समय मिलता है। इंडिगो की दिन की 2200 फ्लाइट उड़ रही हैं।' 'अभी जितना मैनपावर है, उसके हिसाब से तो एक महीने तक ऑडिट करना होगा। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के पास DGCA के अलावा रेगुलेशन के लिए दूसरी कोई संस्था नहीं है।’ टिकट के मनमाने रेट पर रोक, सरकार ने किराया तय कियाइंडिगो क्राइसिस के बीच सरकार ने 6 दिसंबर को एयरफेयर कैप लागू कर दिया। इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से कई रूट्स पर टिकट की कीमतें 60 हजार तक पहुंच गई थीं। इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि हमने सभी प्रभावित रूट्स पर ‘उचित और वाजिब किराया’ सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया है। एयरफेयर कैप हालात सामान्य होने तक लागू रहेगा। सभी एयरलाइन कंपनियों को निर्देश जारी किया गया है कि वे इसका सख्ती से पालन करें। सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने कहा कि नए FDTL नियम 1 नवंबर से लागू हैं, लेकिन किसी और एयरलाइन को दिक्कत नहीं आई। साफ है कि गलती इंडिगो की है। एयरलाइन की लापरवाही की जांच होगी और एक्शन होना तय है। सरकार इंडिगो के कारण हुई दिक्कत की हाईलेवल इन्क्वायरी कराएगी। इसके अलावा मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि वो बिना देरी किए यात्रियों को रिफंड दे। सभी कैंसिल या प्रभावित हुई फ्लाइट्स के लिए रिफंड प्रोसेस 7 दिसंबर 2025 को रात 8 बजे तक पूरी होनी चाहिए। किसी से रीशेड्यूलिंग चार्ज नहीं लिया जाएगा। अगर रिफंड देने में देरी होती है, तो एयरलाइन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।....................................इंडिगो संकट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें एयरपोर्ट पर यात्रियों में मारपीट, लात-घूंसे चले, इंडिगो संकट की 18 PHOTOS क्रू मेंबर की कमी का सामना कर रही इंडिगो एयरलाइन की फ्लाइट्स कैंसिल होने से एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी रही। कई जगह पैसेंजर्स ने हंगामा किया। एयरपोर्ट पर सूटकेस के ढेर पड़े हैं। 3 से 4 दिनों से लोगों को सामान नहीं मिला है। फ्लाइट का इंतजार कर रहे लोगों ने जमीन पर रात गुजारी। फ्लाइट कैंसिल होने से बेंगलुरु एयरपोर्ट पर यात्री रोते नजर आए। पढ़िए पूरी खबर...
हॉर्नबिल फेस्टिवल नागालैंड के दिल में दुनिया का स्वागत कर रहा : सिंधिया
केंद्रीय संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने कहा कि हॉर्नबिल महोत्सव सिर्फ दुनिया के सामने नागालैंड को प्रदर्शित नहीं कर रहा है
वेनेजुएला के 2 रक्षक टूटेगा ट्रंप का 'सुरक्षा कवच'! क्या हो गया अमेरिका के साथ 'खेला'?
South America news: ट्रंप की सनक, प्रतिशोध और जंगी तेवर हर किसी को सन्न कर रहा है. दावा किया जा रहा है कि ट्रंप अपने मकसद में कामयाब हो पाते, वेनेजुएला पर पहला विध्वंसक अटैक कर पाते उससे पहले ही US-वेनेजुएला क्राइसिस में पुतिन-जिनपिंग की एंट्री ने व्हाइट हाउस से पेंटागन तक सनसनी मचा दी है.
हजारों साल की दोस्ती से लेकर युद्धों की खाई तक, भारत-ईरान के रिश्तों की पूरी ABCD
India Iran agreements: 2001 और 2003 में भारत और ईरान ने रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए तेहरान और नई दिल्ली में कई घोषणाओं पर हस्ताक्षर भी किए. जिसके बाद भारत ने अमेरिका साथ परमाणु समझौते को लेकर बातचीत शुरू की लेकिन यूएस की तरफ से ईरान पर प्रतिबंध लगा होने के कारण दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई.
खूबसूरत ही नहीं, किस्मत की भी हैं 'मल्लिका'; कौन हैं सऊदी अरब की ‘ब्यूटी क्वीन’ प्रिंसेस अमीरा?
Forbes Magazine Beautiful Princess: सऊदी अरब को कट्टरपंथी इस्लामिक देश माना जाता है. जहां पर महिलाओं को सख्त इस्लामिक कायदों में रहना पड़ता है. लेकिन वहां की एक शहजादी ने इस मिथक को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे खूबसूरत राजकुमारी का खिताब हासिल किया है.
तुर्की : बस दुर्घटना में सात लोगों की मौत, 11 घायल
तुर्की के दक्षिण-पूर्वी ओस्मानिये प्रांत में शनिवार को एक पैसेंजर बस ने खड़े ट्रक को पीछे से टक्कर मार दी
फुटपाथ से टकराने के बाद 'फुटबॉल' की तरह उछली मर्सिडीज कार, CCTV में कैद खौफनाक नजारा
Mercedes Accident: अक्सर आपने भीषण सड़क हादसे देखें होंगे, लेकिन इस वक्त इंटरनेट पर वायरल हो रहे सड़क हादसे जैसा नजारा आपने शायद ही कभी पहले देखा होगा. रोमानिया की वायरल वीडियो देखने के बाद हर किसी के होश उड़े हुए हैं, क्योंकि नजारा ही कुछ ऐसा है. दरअसल, रोमानिया के एक पेट्रोल पंप के पास हुए हादसे में लग्जरी मर्सिडीज कार हवा में फुटबाल की तरह उछलते हुए रोड क्रॉस करती दिखाई दे रही है.
चीन-ताइवान विवाद में कूदा जापान, ड्रैगन ने दी खामियाजा भुगतने की खुली चेतावनी
China Taiwan dispute: जापानी प्रधानमंत्री ने चीन की तरफ से ताइवान पर हमला करने की स्थिति में सेना भेजकर मदद करने की बात कही थी. जिस पर पलटवार करते हुए चीन ने इसे उकसाने वाला बताया और उनके एक काउंसल जनरल ने ताइवान-चीन मामले पर दखल देने वाले की गर्दन काट देने की धमकी दी थी.
महिला पत्रकार कर रही थी रिपोर्टिंग, अचानक हो गया भयावह हादसा, कैमरे में कैद हो गई घटना
Female journalist: घटना उस वक्त हुई जब न्यूजीलैंड के ते आओ विद मोआना की 32 वर्षीय महिला जेसिका टायसन रिपोर्टिंग कर रही थी. फास्ट फैशन पर एक सेगमेंट की शूटिंग के दौरान सीगल के अचानक हमले में वो घायल हो गई. लेकिन अचानक हुए इस हादसे से जेसिका काफी घबराई हुई दिखाई दी.
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए थे। उन्होंने नई दिल्ली में 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान भारत और रूस के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और तकनीकी समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
International North-South Transport Corridor: इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) भारत को स्वेज नहर के मुकाबले कम समय और कम लागत पर रूस और मध्य एशिया से जोड़ने वाला एक बहु-माध्यम व्यापार मार्ग है, जो भारत की आर्थिक स्थिती को और मजबूत करने का काम करता है.

