India Bahrain Friendship: पिछली एचजेसी बैठक का हवाला देते हुए रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और वाणिज्य के साथ-साथ स्वास्थ्य के अलावा संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की बात कही है. इसके अलावा भारत ने अंतरिक्ष, वित्तीय प्रौद्योगिकी जैसे नए क्षेत्रों में आशाजनक साझेदारी की उम्मीद जताई है.
Israel-Hamas War:2024 में वीडियो लीक होने के बाद से पांच रिजर्व सैनिकों पर औपचारिक रूप से आरोप लगाए गए थे. उन पर जो आरोप लगे थे, उनमें से एक ये था कि उन्होंने एक बंदी के मलाशय के पास 'नुकीली चीज' से वार किया था.
Who is Mehul Choksi: पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में भगोड़े बिजनेसमैन मेहुल चोकसी ने भारत प्रत्यर्पण करने के एंटवर्प कोर्ट के आदेश को बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. 17 अक्टूबर को एंटवर्प कोर्ट ने आदेश दिया था कि मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने को लेकर कोई कानूनी रुकावट नहीं है.
Donald Trump: अमेरिकी मीडिया आउटलेट सीबीएस न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने दावा किया है कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान जैसे देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं. पाकिस्तान तो नॉर्थ कोरिया ऐसा बरताव कर रहा है.
जब 'शी' से मिले 'ली' तो थमा दिए Xiaomi के दो फोन फिर ऐसा क्या कहा, खिलखिला उठे लोग
China South Korea ties: दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली ने ग्योंगजू में APEC नेताओं की बैठक के बाद राजकीय शिखर सम्मेलन के दौरान डिनर के समय चीनी राष्ट्रपति शी की मेजबानी की थी. जहां गिफ्ट के आदान-प्रदान के दौरान हंसी-मजाक के हल्के-फुल्के पल देखने को मिले.
Mumbai Fake Scientist: भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में फर्जी साइंटिस्ट बनकर घूमने वाले अख्तर हुसैनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसपर जासूसी का आरोप लगा है.
नेतन्याहू ने हमास को खत्म करने का संकल्प दोहराया, लेबनान से हिज्बुल्लाह पर लगाम लगाने को कहा
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को हमास को निहत्था करने और गाजा पट्टी को पूरी तरह से असैन्य क्षेत्र बनाने का संकल्प दोहराया
बांग्लादेश: डेंगू से पांच और मौत, 2025 में मृतकों की संख्या 280 के पार
बांग्लादेश में डेंगू पीड़ितों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। मौत के आंकड़ों में भी इजाफा उसी गति से हो रहा है
एक कदम और आगे बढ़े भारत-अफगानिस्तान, नई दिल्ली में इस महीने होगा बड़ा काम; चिढ़ जाएंगे मुनीर-शहबाज
Afghanistan Diplomat In India: भारत और अफगानिस्तान के तालिबान सरकार के बीच संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. वहीं अब जल्द इस महीने तालिबान शासन की ओर से भारत में एक राजनयिक की नियुक्ति होने वाली है.
मेरे वाले को छेड़ा तो छोड़ेंगे नहीं... चीन से डील तो हो गई, फिर जिनपिंग पर क्यों बमके ट्रंप?
अमेरिकीटैरिफ के 'चाबुक' को यमराज का 'पाश' समझकर सबको 'दंड' देने का भरम पाले ट्रंप की बेचैनी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही. रविवार दोपहर तक वो सूडान को धमका रहे थे- 'सुधर जाओ वरना मैंने रक्षा सचिव और सेना को एक्टीवेट कर दिया है'.
दो बच्चों समेत छह की मौत, 58 हजार घरों की बिजली गुल, रूस का यूक्रेन पर हमला
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव जारी है। रूस ने फिर से यूक्रेन पर हमला किया
विमेंस वर्ल्ड कप को नया चैम्पियन मिल गया है। रविवार को टीम इंडिया ने ट्रॉफी उठाई तो इतिहास लिख दिया गया। इस वर्ल्ड कप में हमने जेमिमा की जिद देखी तो लौरा का बैट स्विंग भी। स्मृति की क्लास देखी तो अलाना की स्पिन भी। मंडे मेगा स्टोरी में जानिए ऐसी ही 11 खिलाड़ियों के पर्सनल किस्से, जिन्होंने विमेंस वर्ल्ड कप को यादगार बना दिया... **** ग्राफिक्स: द्रगचंद्र भुर्जी और अजीत सिंह ------ ये स्टोरी भी पढ़िए.. प्रशांत किशोर पर छापे क्यों नहीं पड़ते:मोदी के एक फोन पर UN की नौकरी छोड़ी, 6 साल में 6 सीएम बनवाए; PK की पॉलिटिक्स क्या है 6 साल में 6 सीएम बनवाने वाला ये शख्स अब खुद बिहार जीतने निकला है। कहता है- इस बार अर्श पर रहूंगा या फर्श पर। विरोधी कहते हैं वो बीजेपी की ‘B-टीम' हैं, इसलिए इतने पैसे खर्च करने के बावजूद उन पर छापे नहीं पड़ते। पूरी खबर पढ़िए...
चंडीगढ़ में अमेरिकन पिटबुल, बुलडॉग, बुल टेरियर, केन कोर्सो, डोगो अर्जेंटीनो और रोटवीलर डॉग बैन हो गए है. लेकिन क्यों? आखिर डॉग्स की ये नस्ल कितनी खतरनाक है, जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
6.3 तीव्रता के भूकंप से दहला अफगानिस्तान, सैकड़ो लोगों की मौत की आशंका
Afghanistan News: अफगानिस्तान में एक बार फिर जलजला आया है. इस बार भूकंप की तीव्रता 6.3 आंकी गई, कई लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है.
Dengue News: भारत के पड़ोसी देश में डेंगू का कहर, 70 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित; अब तक 283 मौतें
Dengue havoc in Bangladesh News: बांग्लादेश में लोगों पर डेंगू का कहर टूटा हुआ है. देश में करीब 70 हजार से ज्यादा लोग डेंगू की गिरफ्त में हैं. देश में डेंगू से अब तक 283 लोग इस बीमारी से मर चुके हैं.
खूबसूरत पहाड़ पर ट्रैकिंग करना पड़ा महंगा, अचानक आया एवलांच, बर्फ में समा गए इतने पर्वतारोही
माउंटेन क्लाइंबिंग अक्सर खतरनाक होती है, क्योंकि आप कई बार मौसम के भरोसे होते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ इटैलियन आल्प्स में जहां हिमस्खलन के कारण 5 क्लाइंबर्स की मौत हो गई.
Gaza CENTCOM: हमास की तरफ से जारी एक बयान में कहा 'गाजा में एक सहायता काफिले को लूटने के अमेरिकी आरोप झूठे हैं'. हमास की तरफ से चलाए जाने वाले गाजा सरकार के मीडिया ऑफिस की तरफ से ये बयान सामने आया है.
सिगरेट के खिलाफ 'जेहाद', इस मुस्लिम देश ने रचा इतिहास रचा; अब Gen-Z नहीं कर पाएंगे 'फू-फू'
Anti Smoking Law News in Hindi: भारत के पड़ोसी एक कट्टर मुस्लिम देश ने युवाओं की सेहत सुधारने के लिए बड़ा कदम उठाया है. उसने अपने देश में Gen-Z यानी 2007 के बाद जन्मे युवाओं के सिगरेट पीने, बेचने और रखने पर पूरी तरह बैन लगा दिया है.
2027-28 में पूरा होगा सपना? होश उड़ाने के लिए काफी है सुपरसोनिक X 59 की स्पीड
X-59 Fetures: सुपरसोनिक विमान जिसकी पहली तस्वीरों ने दुनिया में रोमांच और कौतूहल का नया तूफान ला दिया है. आवाज़ की रफ्तार से भी तेज उड़ने वाले एक्स-59 सुपरसोनिक विमान की पहली सफल उड़ान से लोग हक्के-बक्के रह गए हैं.
ऊंट से आए रोड किनारे खड़ा किया और 200 लोगों को मार दी गोली, कौन है RSF; जिसपर नरसंहार का इल्जाम
Sudan: सूडान में ऊंट से आए लोग चंद मिनटों में सैकड़ों लोगों को गोलियों से भून देते हैं. नरसंहार में बचे हुए लोग हों या मृतकों के परिजन, उनकी पीड़ा और अवसाद को बयां करना आसान नहीं होता. नरसंहार की खबर लिखने में शब्द कम पड़ जाते हैं. RSF के लड़ाकों के हाथ हजारों लोगों के खून से रंगे हैं. इस केस ने मानवीय संवेदनाओं को स्तब्ध कर दिया है.
ट्रंप के एक ऑर्डर पर एक्टीवेट हुई फौज, पाकिस्तान जितनी आबादी वाले इस देश का क्या है कसूर
Nigeria News:पश्चिम अफ्रीका में बेहद घनी आबादी वाले देश नाइजीरिया में इस्लाम और ईसाई धर्म को मानने वालों की तादाद सबसे ज्यादा है. इसकी भौगोलिक सीमा कई देशों से मिलती हैं. 1960 में ब्रिटिश उपनिवेशवाद यानी अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद कई उतार-चढाव देख चुके नाइजीरिया से खफा ट्रंप उसके नेताओं पर बुरी तरह भड़के हैं.
Curtis Sliwa Vs Zohran Mamdani:दुनिया के सबसे अमीर शहर न्यूयॉर्क में 4 नवंबर को होने जा रहे चुनाव(New York Mayor elections) में कांटे का मुकाबला है. डेमोक्रेट्स का कैंपेन फुस्स करने के लिए रिपब्लिकंस ने चक्रव्यूह बुना है. ट्रंप की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा एक चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है. एक्सपर्ट्स ने इसका विश्लेषण किया है.
लाशों को अंदर से खोखला करके भेज रहा इजरायल, खाली जगहों में भर देता है रूई; क्या है दावा?
Hamas Accused Israel Of Organ Theft:हमास ने गाजा पर युद्धविराम समझौते के तहत की गई कैदियों की अदला-बदली में इजरायल पर शवों के अंग चुराने का आरोप लगाया है.
Human Trafficking:त्रेतायुग में भगवान राम ने कहा था- 'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी' यानी मां और मातृभूमि स्वर्ग से बढ़कर हैं. दुनिया घूमना अलग बात लेकिन पैसे के लिए देश छोड़ विदेश में बस जाना अच्छा नहीं माना जाता. कलियुग में तो बहुत से धोखेबाज लोगों को बिना बताए लालच देकर लोगों को हमेशा के लिए विदेश में रुकने के लिए फंसा देते हैं.
बांग्लादेश चुनाव से पहले यूनुस और जमात में पड़ी फूट, फिर भड़क सकती है हिंसा
शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में अगले साल चुनाव होने जा रहा है
'मैंने दो साल से अपने बेटे राजीव को नहीं देखा। वो सऊदी में काम करने गया था, लेकिन वहां धोखाधड़ी का फर्जी केस लगाकर उसे जेल में बंद कर दिया गया। बोलकर गया था कि टैंकर चलाने का काम है, हर महीने 30 हजार रुपए मिलेंगे, लेकिन वहां उसके मालिक ने उससे कचरा उठवाया। बेटे ने काम करने से मना किया तो उसका पासपोर्ट छीनकर उसे कई दिनों तक भूखा रखा गया।' 'राजीव को न सैलरी मिल रही थी, न खाना। इन्हीं बातों से परेशान होकर एक दिन वो भारत आने के लिए बॉर्डर पार करने लगा तभी वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड्स ने उसे पकड़ लिया और जेल में बंद कर दिया। उसका कफील (काम पर रखने वाला) चाहता तो उसे छुड़ा सकता था, लेकिन उसने उल्टा धोखाधड़ी का केस लगा दिया। 2023 से मेरा बेटा सऊदी में बंद है। उसकी फोटो देखकर खुद को कोसती हूं कि आखिर उसे कमाने के लिए परदेस क्यों भेजा।' 59 साल की सूरजकली बेटे राजीव की फोटो देखकर भावुक हो जाती हैं। राजीव मई 2023 में सऊदी अरब में ड्राइवर की नौकरी करने गए थे, लेकिन वहां वो कफाला सिस्टम का शिकार हो गए। उन पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। वे रियाद में 3 साल कैद की सजा काट रहे। उन पर 18 लाख रुपए जुर्माना भी लगा है। राजीव की भारत वापसी के लिए ये रकम जुटाना उनके परिवार के लिए मुमकिन नहीं है। हालांकि सऊदी सरकार ने 70 साल पुराने कफाला सिस्टम को खत्म करने की घोषणा की है, लेकिन इसे लागू होने में अभी वक्त लगेगा। ये कहानी सिर्फ राजीव की ही नहीं है। सऊदी में बीते 10 साल में 26 लाख भारतीय मजदूर काम करने के लिए गए, जिनमें से कई लोग कफाला सिस्टम के शिकार बन चुके हैं। इनकी दुखभरी कहानियां हैं। लोगों को सजा के तौर पर सुनसान रेगिस्तान में ऊंट-बकरी चराने भेजा गया तो किसी को झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल में डाल दिया गया। कुछ ऐसे भी हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। दैनिक भास्कर ने सऊदी में कफाला सिस्टम में फंस चुके भारतीयों और उनके परिवारों से बात की। केस-1ड्राइवर की नौकरी करने गए, अब 36 महीने की कैद हुई राजीव के भाई अर्जुन बताते हैं, ‘2023 में राजीव को फेसबुक के जरिए एक एजेंट के बारे में पता चला, जो सऊदी में काम दिलवाता था। भाई ने उससे संपर्क किया और नौकरी की बात की। एजेंट ने 1 लाख 20 हजार रुपए कमीशन लेकर भाई को सऊदी में पानी का टैंकर चलाने का काम दिला दिया। पापा ने खेत गिरवी रखकर इन पैसों का इंतजाम किया और राजीव को विदेश भेज दिया।‘ ‘भाई सऊदी पहुंचा तो उन्हें टैंकर की जगह कूड़े-कचरे की गाड़ी चलाने के लिए दी गई। उन्होंने ये बात हम सब से छिपाकर रखी और काम के लिए तैयार हो गए। उन्होंने 4 महीने तक गाड़ी चलाई, लेकिन उनके कफील ने सैलरी नहीं दी। यहां तक कि उन्हें खाने के लिए भी पैसे नहीं मिलते थे।‘ बॉर्डर क्रॉस करते वक्त राजीव पकड़े गए, अब रियाद जेल में बंदअर्जुन के मुताबिक राजीव कर्ज ही लेकर विदेश काम करने गए थे, इसलिए उन्होंने घरवालों से और पैसे मांगना ठीक नहीं समझा। उन्होंने घर लौटने का मन बना लिया, लेकिन उनका कफील पासपोर्ट नहीं दे रहा था। थक-हारकर उन्होंने वापस लौटने के लिए वहां एक-दो लोगों से बात की तो पता चला कि यमन के रास्ते बॉर्डर क्रॉस करके यहां से बाहर निकला जा सकता है। अर्जुन आगे बताते हैं, ‘भाई ने ठान लिया था कि उसे अब घर लौटना है। वो रोज की तरह काम पर निकले और एक सुनसान जगह पर गाड़ी छोड़कर वहां से निकल गए। जब वो बॉर्डर क्रॉस कर रहे थे, तब उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। उनके पास पासपोर्ट नहीं था इसलिए पुलिस ने उन्हें जेल में बंद कर दिया। बाद में राजीव के मालिक ने उन पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया। तब से वो सऊदी में ही 3 साल जेल और 18 लाख जुर्माने की सजा काट रहे हैं।‘ पिता बोले- राजीव परिवार में इकलौता कमाने वाला, अब खाने के पैसे नहींराजीव 21 महीने से रियाद जेल में बंद हैं। उनका परिवार उन्हें वापस लाने के लिए सांसद-विधायक से लेकर और विदेश मंत्रालय तक गुहार लगा चुका है। अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। राजीव को भारत वापस लाने की उम्मीद कहीं से नजर नहीं आ रही। राजीव के पिता कहते हैं, ‘वो सात भाइयों में सबसे बड़ा था। उसी पर परिवार की जिम्मेदारी थी। जब वो यहां रहता था तो लखनऊ से दिल्ली तक ट्रांसपोर्ट में गाड़ी चलाता था। उसे जो भी पैसे मिलते, उससे घर चलता था। बच्चों की पढ़ाई होती थी। उसके न रहने से हमें बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। घर में दो टाइम खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं।‘ ‘राजीव की वापसी के लिए हमने रिश्तेदारों से पैसे मांगकर एजेंट को दिए। नेताओं और अधिकारियों के चक्कर काटे। बहुत खर्च किया, लेकिन कहीं से कुछ भला नहीं हुआ। हर दिन सोने से पहले राजीव की याद आती है। बस यही सोचता हूं कि किसी तरह मेरा बेटा मुझे वापस मिल जाए।‘ ‘हमारी मोदी और योगी भइया से यही गुजारिश है कि वो मेरे बेटे को किसी तरह सऊदी से छुड़ाकर वापस ले आएं, ताकि हम चैन से जिंदगी जी सकें।‘ केस-2पैसा मांगने पर कफील ने बुरी तरह पीटा, मौत झारखंड में लोहरदगा जिले के तिगरा गांव के रहने वाले जाकिर अंसारी सऊदी के रियाद शहर में ड्राइवर की नौकरी करने गए थे। वहां उनके कफील ने उन्हें बकरी चराने का काम दे दिया। जाकिर ने तीन महीने तक नौकरी की, लेकिन जब उन्हें पैसे नहीं मिले तो उन्होंने काम करने से मना कर दिया और मालिक से भारत लौटने के लिए बोला। ये बात सुन उनका कफील नाराज हो गया। परिवार का आरोप है कि जाकिर को वहां छोटी-छोटी गलतियों पर जानवरों की तरह पीटा गया, जिससे उनकी मौत हो गई। जाकिर की बेटी रुकइया परवीन कहती हैं, ‘अब्बू इसी साल सऊदी काम करने गए थे। उन्होंने आखिरी बार हमसे 13 जून को बात की थी। उस वक्त वो घबराए हुए थे। बस इतना कह रहे थे कि यहां पैसा नहीं मिल रहा है।’ रुकइया बताती हैं, ’अब्बू अपने काम से परेशान थे। उन्होंने बताया था कि कफील से पैसा मांगने पर उन्हें पीटा जाता और खाना भी नहीं मिलता था। हमारे चाचा ने अब्बू की डेडबॉडी भारत भेजने की गुजारिश की, लेकिन हमें बताया गया कि उनकी लाश जंगल में सड़ी हालत में मिली थी इसलिए उसे यहां भेजना मुश्किल है।’ ’मेरा भाई दिव्यांग है, उसके इलाज के लिए हमें पैसों की सख्त जरूरत है। अब्बू के जाने से हमारा सहारा छिन गया है। मेरी सरकार से गुजारिश है कि वो हमारी मदद करे।’ केस- 3नौकरी के नाम पर ऊंट चराने भेजा, सऊदी पुलिस ने बताया फेक राजीव और जाकिर की तरह ही प्रयागराज के शेखपुर छतौना गांव के रहने वाले अंकित भारती भी 1 अक्टूबर को सऊदी अरब काम करने गए थे। उन्हें हर महीने 1000 रियाल देने का वादा किया था, लेकिन वहां पहुंचकर अंकित ने अपने साथ हो रही ज्यादती का वीडियो बनाकर वायरल किया। 23 अक्टूबर को अंकित वीडियो में रोते हुए कहते हैं, ’मुझे सऊदी में बंधक बनाकर रखा गया। मेरा पासपोर्ट छीन लिया गया है और मुझे सुनसान इलाके में ऊंट चराने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मुझे मां के पास जाना है। ये वीडियो प्रधानमंत्री तक पहुंचना चाहिए, ताकि मुझे वापस परिवार के पास भेजा जा सके।’ अंकित का वीडियो वायरल होने के बाद सऊदी अरब की पूर्वी प्रांत पुलिस हरकत में आई और उसे बुलाकर पूछताछ की गई। पुलिस ने उसका दावा खारिज करते हुए कहा कि उसने ये वीडियो सोशल मीडिया पर व्यूज बढ़ाने के लिए बनाया था। जांच के बाद अब उस पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। मां रंजू देवी ने बताया, ’अंकित विदेश में पहली बार नौकरी करने गया था। नए माहौल में घबरा गया और इसीलिए उसने ऐसा वीडियो बनाया। अंकित ने बताया है कि पुलिस ने उसके कफील से बात की है। इसके बाद अब सब कुछ ठीक हो गया है।’ काम की तलाश में हर साल भारत से हजारों मजदूर सऊदी अरब जाते हैं। हालांकि हाल के सालों में ये संख्या घटती-बढ़ती रही है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में 1.61 लाख भारतीय कामगार सऊदी अरब में नौकरी के लिए गए। जबकि 2023-24 के दौरान सऊदी गए भारतीय कामगारों की संख्या में 2 लाख से ऊपर थी। अभी सऊदी में भारतीयों की संख्या 26 लाख के करीब है। दैनिक भास्कर ने कफाला सिस्टम में फंस चुके लोगों के हालात जानने के लिए सऊदी अरब में इंडियन एम्बेसी से कॉन्टैक्ट किया। वहां के एक अफसर ने बताया कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के 'विजन 2030' में इस क्रूर सिस्टम को खत्म करने का फैसला लिया गया है। इसी साल जून से यहां की पुलिस ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई कर रही है। कफाला या कफील टेंडेंसी को खत्म करने के पीछे का मकसद सऊदी अरब की वैश्विक छवि सुधारना है। अधिकारी के बताया कि सऊदी में बीते 70 साल से लागू 'कफाला' सिस्टम ने लाखों भारतीय मजदूरों की जिंदगी प्रभावित की है। इस सिस्टम के शिकार हुए भारतीयों का वैसे तो कोई सटीक आंकड़ा नहीं है, लेकिन इस पर रोक लगने के बाद यहां काम करने वाले 1.3 करोड़ विदेशी मजदूरों को जरूर राहत मिलेगी, जिनमें अकेले 25 लाख भारतीय कामगार शामिल हैं। तीन फैक्टर जिनकी वजह से गल्फ कंट्रीज में बढ़े कफाला सिस्टम के मामले सऊदी अरब में लगातार सामने आ रहे 'कफाला' मामलों पर हमने साउथ एशियन (SAARC) यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन्स के डीन प्रोफेसर डॉ. धनंजय त्रिपाठी से बात की। वो इसके पीछे 3 बड़े फैक्टर बताते हैं। 1. कफील और लोकल एजेंट्स के बीच मिलीभगतभारतीय एजेंटों को खाड़ी देशों में नौकरी देने वाले कफील या वहां की लोकल एजेंसियों के साथ मिलीभगत होती है। वे लोगों की मजबूरी और उनकी कमजोरियों की जानकारी साझा करते हैं, जिससे कफील के लिए उनका शोषण करना आसान हो जाता है। भारत सरकार ने मजदूरों की सुरक्षा के लिए Emigration Act, 1983 बनाया है, जिसके तहत भर्ती एजेंट्स को विदेश मंत्रालय से रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होता है। हजारों की संख्या में भारतीय एजेंट बिना किसी लाइसेंस के काम करते हैं, जो सोशल मीडिया, फेसबुक, वॉट्सएप और लुभावने विज्ञापनों के जरिए मजदूरों को निशाना बनाते हैं। 2. टूरिस्ट वीजा का गलत इस्तेमाल एजेंट अक्सर लोगों को काम दिलाने के लिए उन्हें टूरिस्ट वीजा पर खाड़ी देश भेजते हैं, ये वादा करते हुए कि इसे वो कुछ दिनों में वर्क वीजा में बदलवा देंगे। एक बार व्यक्ति विदेश पहुंच गया तो वे उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। टूरिस्ट वीजा पर गए लोग वहां काम करने के लिए अवैध माने जाते हैं और उनके पास कोई कानूनी सुरक्षा भी नहीं होती, जिससे वे कफाला जैसे सिस्टम में फंस जाते हैं। जब कोई मजदूर विदेश में फंस जाता है तो ये एजेंट अक्सर अपना फोन नंबर बदल लेते हैं या ऑफिस बंद कर देते हैं। इससे उन्हें ट्रैक कर पाना लगभग असंभव हो जाता है। 3. डॉक्यूमेंट्स में हेरफेर लोगों को विदेश भेजने वाले एजेंट कई बार क्लाइंट्स के दस्तावेजों में हेरफेर करते हैं। जैसे सहमति के बिना बायोडेटा या CV में नकली अनुभव या स्किल्स जोड़ देते हैं ताकि उन्हें विदेश में आसानी से काम मिल जाए। जब मजदूर विदेश पहुंचता है तो कफील उससे उन स्किल्स की अपेक्षा करता है। ऐसा न होने पर लोगों को बुरे व्यवहार या नौकरी से निकालने की धमकी का सामना करना पड़ता है। ये उनके दबाव में काम करने की वजह बन जाता है। डॉ. धनंजय कहते हैं, 'कफाला सिस्टम में बर्बरता के कई मामले सामने चुके हैं। कुछ में तो काम करते हुए लोगों का मेंटल बैलेंस तक खत्म हो गया। ऐसी भी घटनाएं देखने को मिलीं, जिसमें लोग अपनी जमा पूंजी लेकर सऊदी गए। फिर वहां उससे ऐसे काम करवाए गए, जिसने उनका सपना तोड़ दिया। यहां तक कि भारत में उनके परिवारों को इस वजह से आर्थिक तंगी झेलनी पड़ी।' विदेश में 'कफाला' सिस्टम में फंसने पर कैसे बच सकते हैं? इस सवाल का जवाब हमें उत्तर प्रदेश से रिटायर्ड IPS एसआर दारापुरी से मिला। दारापुरी खालिस्तान मॉड्यूल से जुड़े फॉरेन एजेंट्स और विदेशों में फंसे लोगों की वापसी जुड़े कई मामलों पर कार्रवाई कर चुके हैं। दारापुरी कहते हैं, ‘विदेशों में नौकरी का झांसा देने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसमें शामिल लोग इतने शातिर तरीके से ऑपरेट करते हैं कि पढ़े-लिखे लोग भी इस ट्रैप में फंस जाते हैं। हालांकि अगर समझदारी से काम लिया जाए तो लोग कफील का शिकार होने से बच सकते हैं।‘ ‘बचने का सबसे आसान तरीका है कि सऊदी में भारतीय दूतावास या जेद्दाह कॉन्सुलेट से संपर्क करना। इनके फोन नंबर और ईमेल हर शहर के पुलिस स्टेशन और सरकारी दफ्तरों में लिखे रहते हैं। अगर आपका कफील परेशान करता है तो सीधे यहां कॉल करके अधिकारी को अपनी स्थिति बताएं।‘ दारापुरी के मुताबिक, कफील का पासपोर्ट जब्त करना, वेतन रोकना या हिंसा करने की शिकायत आप ह्यूमन राइट्स कमीशन ऑफ सऊदी अरब या फिर लेबर ऑफिस में भी दर्ज करवा सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपका वीजा सर्टिफाइड होना चाहिए। अगर आप टूरिस्ट वीजा पर आए हैं और काम के सिलसिले में शिकायत करेंगे तो उल्टा आप पर कार्रवाई हो सकती है।.............ये खबर भी पढ़ें... 50 महीने जेल-600 करोड़ खत्म, चुनाव लड़ने पर बैन यूपी सरकार में कभी कैबिनेट मंत्री रहे आजम ने बीते 5 सालों में अपनी जिंदगी के 50 महीने जेल में काटे। योगी सरकार आने के बाद वो 2 बार जेल गए। पहली बार फरवरी 2020 से मई 2022 तक और फिर अक्टूबर 2023 से सितंबर 2025 तक जेल में रहे। कैद में रहते हुए आजम की करोड़ों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चला और स्कूल बंद कर दिए गए। पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
इंग्लैंड की ट्रेन में खूनी खेल, कई लोगों पर चाकुओं से हमला, इतने आरोपी गिरफ्तार
England News: इंग्लैंड के कैम्ब्रिजशायर के हंटिंगडन स्टेशन में कुछ लोगों ने ट्रेन में मौजूद मुसाफिरों पर चाकू से हमला किया. इस दिल दहला देने वाली खबर के बाद वहां के सुरक्षा इंतेजामों पर सवाल उठ रहे हैं.
मैं दुलारी देवी हूं। बिहार के मधुबनी के गांव रांटी की रहने वाली हूं। मुझे मधुबनी पेंटिंग में पद्मश्री सम्मान मिला है। इस समय 80 बच्चों को मिथिला इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग दे रही हूं। जिस अस्पताल में मेरी बेटी ने आखिरी सांस ली- उसी की दीवार पर मैंने पेंटिंग बनाई। लोग पूछते हैं- दुलारी, ये सब कैसे कर लेती हो? बस कहती हूं- दर्द को रंग बना लिया, नहीं तो जी नहीं पाती। हर पेंटिंग में एक बच्चा बनाती हूं। वो बच्चा दरअसल मेरी बेटी होती है। इस तरह उसे रंगों में जिंदा रखती हूं। एक बार मैं चेन्नई गई। वहां अपनी जिंदगी की कहानी पेंट की। वो पेंटिग किताब के रूप में आई, जिस पर 14 साल से रॉयल्टी मिल रही है। बचपन से शुरू करती हूं। हमारा स्कूल, कॉपी किताब से कोई नाता नहीं रहा। ज्यादातर जीवन गरीबी और कष्ट में बीता। हम मल्लाह समुदाय से हैं। हम चार बहनें, एक भाई थे और माता-पिता थे। दो जून की रोटी के लिए माता-पिता के साथ मजदूरी करते थे। छोटी थी तो पिता के साथ तालाब में मछली पकड़ने और मखाना निकालने जाती थी। सर्दी, बारिश, गर्मी कुछ भी हो, हमें तालाब या नदी पर काम के लिए जाना ही पड़ता। जब मेरे भाई, बहन काफी छोटे थे, तभी पिता जी गुजर गए। उसके बाद तो हमारी मुश्किलें और बढ़ गईं। अकेली मां सब कुछ संभाल बहुत नहीं पा रही थीं। कई बार तो भूखे रहने की नौबत आई। जब 12 साल की हुई तो मेरी शादी कर दी गई। उस समय एक तरह से बच्ची ही थी। ससुराल में बड़ा परिवार था। छह ननद, एक देवर और सास ससुर। वहां भी घर चलाने के लिए सभी मजदूरी करते थे। ससुराल में मछलियां, घास बेचने जाती थी। पति बहुत गुस्सैल स्वभाव के थे। वह मुझ पर बहुत चिल्लाते थे। इतना बुरा सहन नहीं होता था, लेकिन पति को परमेश्वर मानकर सब सहती थी। लेकिन जब वह मुझे आधी रात को घर से निकाल देते तो बहुत खराब लगता। ससुर भी उनका ही साथ देते। उस वक्त पड़ोसी के घर जाकर रहती। एक दिन जब उन्होंने घर से निकाला तो मायके आ गई। तब शादी के सात साल हुए थे। उसके बाद मैं कभी वापस नहीं गई। मायके आई तो बेटी पैदा हुई। उसके पैदा होने पर घर में बहुत खुशी थी। एक तरह से वह मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी खुश बन गई। उसका नाम शकुंतला रखा। ससुर जी बेटी को देखने आए थे, लेकिन पति का व्यवहार बिल्कुल भी नहीं बदला था। इसलिए ठान लिया कि अब ससुराल नहीं लौटूंगी। बाकी की जिंदगी बेटी के साथ काट लूंगी। जब बेटी थोड़ी बड़ी हुई तो मां दूसरी शादी के लिए जोर देने लगीं, लेकिन मैंने हर बार मना कर दिया। सोच रही थी कि एक शादी में कुछ भी अच्छा नहीं रहा। बहुत ठोकरें लगीं। दूसरी भी वैसी निकली तो क्या होगा। इस तरह दोबारा शादी का मन ही नहीं हुआ। इस बीच, बेटी बीमार हो गई। उसे अस्पताल दिखाने ले गए। वहां पता चला कि उसे टायफाइड है। डॉक्टरों ने दवा दी, लेकिन उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई। एक हफ्ते बाद उसकी मौत हो गई। बेटी की लाश सामने पड़ी थी। लगा कि सब कुछ बिखर गया। सोच रही थी कि पति अच्छा न निकले तो एक औरत अपनी औलाद के सहारे रह लेती है, लेकिन अब बेटी भी साथ छोड़ गई थी। बाद में मेरी बेटी की जिस अस्पताल में मौत हुई, उसी की दीवार पर जाकर पेंटिंग बनाई थी। बेटी के जाने के बाद बहुत परेशान थी। सोच रही थी कि अब जिंदगी कैसे गुजारूंगी। फिर गांव में कर्पूरी माझी के घर गई। वह मधुबनी पेंटिंग बनाते थे। उनके घर खाना बनाती और साफ-सफाई का काम करने लगी। उस वक्त मेरे दादा भी उनके ही घर काम करते थे। मेरी हालत देखकर एक दिन कर्पूरी ने कहा कि तुम मेरे ही यहां रहा करो। मेरी मां ने इजाजत दी, फिर उनके यहां ही रहने लगी। माझी ने मुझे अपने घर पर रहने के लिए एक बिस्तर और लालटेन दिया था। समय बिताने के लिए पेंट और ब्रश। वह काम करने का मुझे रोज 6 रुपए और 4 रोटी देते थे। इस तरह उनके घर काम करते हुए पेंटिंग सीखने लगी। माझी गणेश भगवान की पेंटिंग बहुत अच्छी बनाते थे। वह मुझे पेपर, पेंट और ब्रश देकर कहते- इस पर अपना नाम लिखो और फूल वगैरह बनाओ। मधुबनी पेंटिंग सीख लो, यह अपने मिथिला की ही कला है। उसके बाद रोज माझी और चाची दाई जब पेंटिंग बनाते तो उनके पास खड़ी होकर देखती। धीरे-धीरे बनाने लगी। सबसे पहले ग्रीटिंग कार्ड पर काम शुरू किया। उसका पैसा मिलता था। इस तरह उनके साथ काम करते हुए पेंटिंग में मन लगने लगा। कर्पूरी माझी मेरी लगन देखकर बहुत खुश हुए। गांव में सरकार की तरफ से पेंटिंग सिखाने के लिए कुछ लोग आए थे। माझी ने उनके रजिस्टर में मेरा भी नाम लिखवा दिया। वहां पहला दिन था। पेंटिंग करने के लिए मुझे एक साटन का कपड़ा दिया गया। वह बहुत चमकीला और सुंदर था। उससे पहले मैंने उतना चमकीला कपड़ा नहीं देखा था। घबराकर उस पर पेंटिंग बनाने से इनकार कर दिया और वापस लौट आई। कर्पूरी को जब पता चला तो उन्होंने मुझे डांटा। कहा- ऐसा कैसे चलेगा। दूसरे दिन उन्होंने फिर जाने को कहा। वहां गई, इस बार सूती कपड़ा दिया गया। उस पर मैंने एक फूल बनाया। फिर साड़ी पर काम करना सीखने लगी। इस तरह वहां पेंटिंग करती और आकर माझी के घर रहती। उसके बाद तो पेटिंग में खोने लगी। बाद में वहीं इंस्टीट्यूट खुला और वहां मैंने कुल 16 साल तक पेंटिंग का काम किया। उस दौरान कर्पूरी माझी ने बहुत सहारा दिया। एक दिन घर पर खाना बना रही थी। वह आए और कहा कि अकेली हो, आगे की जिंदगी कैसे गुजारोगी? शादी कर लो, लेकिन मैंने दूसरी शादी से मना कर दिया। कहा कि अब मधुबनी पेंटिंग ही मेरी पूजा है। ये रंग ही मेरी जिंदगी हैं। फिर उन्होंने पूछा कि कि बेटी की याद नहीं आती? मैंने कहा कि बेटी की याद तो आती है, लेकिन उसे ही याद करती रहूंगी तो पेंटिंग कैसे बनेगी। यह सब करते हुए कर्पूरी माझी के पास 25 साल रही और पेंटिंग बनाती रही। हर पेंटिंग में एक बच्चा बनाती हूं। वो मेरी बेटी होती है। दरअसल, मुझे बच्चे बहुत अच्छे लगते हैं। कहीं भी आते-जाते बच्चों का कपड़ा दिखे तो खरीद लेती हूं। जब लोग अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने, लाने जाते हैं। किसी बेटी की शादी हो रही होती है तो अपनी बेटी शकुंतला की बहुत याद आती है। यही सारी वजहें हैं कि मेरी हर पेंटिंग में एक छोटा बच्चा जरूर होता है। एक बार बिहार सरकार की तरफ से हम चेन्नई में एक पेंटिंग के आयोजन में गए। वहां मुझे पेंटिंग में अपनी जिंदगी की कहानी पेंट करने को कहा गया। मैंने काम शुरू किया। उसमें दिखाया कि कैसे चौका-बर्तन करती थी। धान रोपती थी, घास बेचने, मछली बेचने जाती थी। जब चार दिन बीत गए तो आयोजकों ने कहा कि अब रहने दो। उस पर मैंने उनसे कहा था कि अभी मेरी कहानी पूरी नहीं हुई है। फिर उन मोटे कागजों को अपने घर लेकर आई और एक-एक करके सारी कहानी पेंट की। बाद में वो पेंटिंग एक किताब के रूप में आई। उस किताब पर मुझे 14 साल से रॉयल्टी मिल रही है। आप यहां मेरे घर की दीवारों पर देखिए। इन पर मधुबनी की पेंटिंग बनी है। इस पेंटिंग में मल्लाह, मछली, मखाना, मखाने का पत्ता, बांस, नाव बनाए हैं। लोग मेरे घर जब मुझसे मिलने आते हैं तो वे भी इसमें रंग भरते हैं। दरअसल, मेरे जीवन में बहुत कुछ खाली था। इन्हीं रंगों ने भरा। रंग ही सब कुछ हैं दुनिया में। रंग के बिना जीवन रूखा हो जाएगा। अंत में कहूंगी कि जीवन में बहुत दुख था। बहुत ठोकरें लगीं, लेकिन उनसे उबर गई। 2021 में मुझे पद्मश्री सम्मान मिला। उसके बाद मुझे बिहार म्यूजियम में सम्मानित किया गया। उस दिन बहुत रोई थी। मुझे पल-पल ठोकर खाना याद आ रहा था। इस समय मिथिला आर्ट इंस्टीट्यूट में बच्चों को मिथिला की कला, गीत सिखा रही हूं। इसमें 80 बच्चे हैं। इन बच्चों के साथ बहुत अच्छा लगता है। तमन्ना है कि बच्चे इस कला को आगे भी बचाकर रखें। (पद्मश्री से सम्मानित दुलारी देवी ने अपने ये जज्बात भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला से साझा किए हैं।) -------------------------------------------------- 1-संडे जज्बात-मैं मुर्दा बनकर अर्थी पर भीतर-ही-भीतर मुस्कुरा रहा था:लोग ‘राम नाम सत्य है’ बोले तो सोचा- सत्य तो मैं ही हूं, थोड़ी देर में उठकर साबित करूंगा मेरा नाम मोहनलाल है। बिहार के गयाजी के गांव पोची का रहने वाला हूं। विश्व में शायद अकेला ऐसा इंसान हूं, जिसने जिंदा रहते अपनी शव यात्रा देखी। यह बात चंद करीबी लोगों को ही पता थी। मरने का यह सारा नाटक किसी खास वजह से किया गया था। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2- संडे जज्बात-फौजी विधवा की 8 साल के देवर से शादी:मैं मेजर जनरल थी, उसकी बात सुनकर कांप गई; मन करता है कैसे भी उससे मिल लूं अस्पताल में इलाज के दौरान एक युवा सिपाही की मौत हो गई। वह शादीशुदा था और उसकी विधवा पत्नी की उम्र लगभग 22 साल थी। सिपाही की मौत के बाद एक दिन उसकी पत्नी रोते हुए मेरे पास आई। कहने लगी कि मुझे बचा लीजिए। मेरे ससुराल वाले और मायके के लोग मेरी शादी देवर से कराने जा रहे हैं। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें
पाकिस्तान की 34 फीसदी आबादी मानसिक रूप से बीमार
अपने पड़ोसी मुल्कों से लड़ने को तैयार और वर्ल्ड बैंक के सम्मुख हाथ फैलाने वाले पाकिस्तान की बड़ी आबादी मानसिक बीमारी से जूझ रही है
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ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची का कहना है कि तेहरान अपने न्यूक्लियर या मिसाइल प्रोग्राम को लेकर अमेरिका के साथ सीधी बातचीत नहीं करना चाहता
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‘मैं उज्बेकिस्तान की रहने वाली हूं। नौकरी की तलाश में थी। इंस्टाग्राम पर एक लड़की से दोस्ती हुई। उसने दुबई आने को कहा। बोली– एक गर्भवती महिला है, उसके बच्चे को संभालने का काम है।’ ‘मैं उस पर यकीन कर दुबई पहुंची। फिर कहा गया कि, आपको किसी दूसरे शहर में रहना होगा। यह बोलकर मुझे नेपाल ले गए। फिर एक आदमी नेपाल से भारत ले आया।’ ‘मुझे ये अंदाजा भी नहीं था कि, बिना किसी वैध दस्तावेज के मैं भारत आ चुकी हूं। फिर मुझे ‘बॉस’ से मिलवाया गया। उन्होंने कहा तुम्हे धंधा करना होगा’ ‘मेरे इंकार करने पर उस अधेड़ उम्र की महिला ने मारपीट की। मेरे हाथ काटे, प्रेस से मेरे शरीर को जलाया।' 'कहा बात नहीं मानी तो उज्बेकिस्तान में तुम्हारी मां को मरवा देंगे। मेरा पासपोर्ट भी छीन लिया था। इस तरह मैं प्रॉस्टिट्यूट बन गई।’ ये कहानी उज्बेकिस्तान की एक महिला ने हमारे साथ साझा की है। महिला बड़ी मुश्किल से सैक्स रैकेट के चंगुल से निकली है। कानूनी प्रक्रिया के चलते अभी दिल्ली में है। ये मामला सिर्फ एक उज्बेकी महिला का नहीं है, बल्कि बीते कुछ सालों की घटनाओं को खंगालने पर पता चलता है कि, देश में विदेशी महिलाओं के जरिए सेक्स इंडस्ट्री चलाने की पूरी इंडस्ट्री चल रही है। विदेशी एजेंट्स ही लड़कियों को भारत लाने का काम कर रहे हैं। बीते कुछ महीनों में थाइलैंड, रसिया, इंडोनेशिया, उज्बेकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, केन्या, युगांडा, तंजानिया, तुर्कमेनिस्तान की महिलाएं पुलिस के छापों में पकड़ी गईं। इन महिलाओं को दलाल फंसाते हैं, फिर सेक्स रैकेट चलाने वाले बॉस से मिलवाते हैं। पकड़े न जाएं इसलिए लगातार ठिकाने बदलते हैं। हमने देहरादून, पश्चिम बंगाल और नईदिल्ली में पड़ताल कर यह पता किया कि सेक्स रैकेट का नेक्सस काम कैसे करता है, कौन–कौन इसका हिस्सा है, दिल्ली पुलिस की उस चार्जशीट को भी खंगाला जिसमें विदेशी एजेंट्स के भारत में काम करने का जिक्र है। रैकेट चलाने वाले कौन विदेशी, लोकल दलाल : महिलाओं को क्लाइंट तक पहुंचाते हैं होटल, लॉज, स्पा मालिक : जगह प्रोवाइड करवाते हैं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म : ग्राहक जोड़ने और विज्ञापन में मदद लड़की को फंसाने से भारत लाने तक क्या होता है, 7 पॉइंट खबर में आगे बढ़ने से पहले उज्बेकी लड़की पूरी कहानी जान लीजिए… पीरियड्स में भी सर्विस देना पड़ता है, ड्रग्स की लत लग जाती है मैं खुशकिस्त हूं कि, किसी ने मुझे इस नर्क से बाहर निकालने में मदद की। कई मर्द हर रोज मेरा बलात्कार करते थे। मैं एक लड़की को जानती हूं जो तीन महीने के बच्चे को छोड़कर यहां नौकरी करने आई थी। उसे भी एक बॉस को बेच दिया गया था। वो नेपाल के रास्ते आई थी और वैध वीजा न होने के चलते भारत में जेल गई थी। उस पर मुकदमा चल रहा है। उसे हर महीने अदालत जाना पड़ता है और वकीलों को पैसे देने पड़ते हैं। जब तक वह इस केस से आजाद नहीं हो जाती जो कि नामुमकिन है, वह वापस नहीं जा सकती। वह अब अपने माता-पिता और नवजात बच्चे से नहीं मिल सकती क्योंकि वह अब अपने देश नहीं लौट सकती बहुत सी लड़कियां हैं। हमें यहां लाया जाता है और फिर हम अपने बॉस का झूठा कर्ज उतारते हैं, जो रोजाना हमारा शरीर बेचकर पैसा कमाते हैं। कई बार, हम प्रेग्नेंट भी हो जाती हैं। फिर अबॉर्सन करवा दिया जाता है। हमें ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए पीरियड्स के दौरान भी काम करना पड़ता है क्योंकि बॉस चाहता है कि हम काम करते रहें। हर दिन टारगेट पूरा करना होता है और बॉस को बताना होता है कि एक दिन में कितने ग्राहकों को एंटरटेन किया। कोकीन–MDMA जैसे ड्रग्स दिए जाते हैं जिनकी लत लग जाती है ताकि हम आसानी से भाग न सकें। बहुत सी उज्बेक लड़कियां ओवरडोज से मर चुकी हैं। कई शव परिवार तक वापस भी नहीं पहुंच पाते। भारत में कई बड़े बॉस हैं जो इस प्रॉस्टीट्यूशन और मानव तस्करी को चला रही हैं। जब मैं आई थी तब जुमायेवा अजीजा, अजीजा तुर्कमेन, शेरजोत अफगान, सबीना रेस्टोरेंट इस धंधे को चलाने वाली कुछ बड़ी बॉस थीं। ये सभी आपस में दोस्त हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। होटल ऑनर बनकर एजेंट से मुलाकात उज्बेकी लड़की की कहानी जानने के बाद हमें ऐसे एजेंट्स की तलाश थी, जो विदेशी लड़कियों को भारत लाने का काम कर रहे हैं। सोर्स ने देहरादून के एक ऐसे ही एजेंट के बारे में बताया। हम सोर्स के ही जरिए होटल ऑनर बनकर देहरादून के ही एक मसाज पार्लर में एजेंट से मिले। रिपोर्टर और एजेंट के बीच हुई बातचीत रिपोर्टर : हम काम करना चाहते हैं, क्या सिस्टम है हर्ष : स्टाफ मैं अरेंज कर दूंगा रिपोर्टर : स्टाफ इंडिया की नहीं चाहिए हर्ष : नेपाल की रिपोर्टर : हां हर्ष : नेपाल का स्टाफ रखते हैं तो वर्क वीजा नहीं लगता लेकिन थाई, बांग्लादेशी या किसी दूसरी कंट्री का स्टाफ रखते हैं तो वर्क वीजा जरूरी हो जाता है। गुजरात में मेरे तीन स्पा थे, मैंने एजुकेशन वीजा पर थाई रखा था बाद में वर्क वीजा बनवाना पड़ा। रिपोर्टर : पैसे का क्या हिसाब किताब रहेगा हर्ष : सर से जो बात हुई है वही रिपोर्टर : सर ने मुझे कुछ खास नहीं बताया हर्ष : सर से मेरी बात हुई थी one thirty तक रिपोर्टर : मतलब कि एक लाख तीस हजार हर्ष : हां रिपोर्टर : एक स्टाफ का हर्ष : हां रिपोर्टर : तो एक लाख तीस हजार किस चीज का चार्ज है हर्ष : सब चीज मिला कर आप को बताया। मेन उन्हें लाने का है, भरोसे वाले के पास ही आती हैं रिपोर्टर : लड़कियों की उम्र क्या होगी हर्ष : 18–20 रिपोर्टर : लड़कियों को पैसे वहीं देना होगा या आपको देना होगा हर्ष : वो सारा मैं देख लूंगा दो सेठानी से मुलाकात, जो बांग्लादेशी लड़कियां लाती हैं एजेंट हर्ष से मिलने के बाद हमें किसी ऐसे एजेंट की तलाश थी, जो बांग्लादेश के रास्ते लड़कियों को भारत ला रहा है। हम पश्चिम बंगाल के हिजली पहुंचे, जहां दो एजेंट से बातचीत आगे बढ़ी… सोर्स ने दो सेठानी (सेक्स राकेट चलाने वाली महिला को सेठानी बोलते है) बुला रखा था… जिसे बताया गया था कि, हम गाजियाबाद में होटल ऑनर हैं, और बांग्लादेशी लड़कियों की तलाश में आए हैं। जिन दो महिलाओं से मुलाकात हुई, वे पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लड़कियों की सप्लाई करती हैं। एक बांग्लादेश से है, दूसरी नेपाल से है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश की लड़की का 1 लाख 20 हजार रुपए प्रति महीना लगेगा। मतलब इतना पैसा देकर आप लड़की को महीनेभर के लिए खरीद सकते हैं। रिपोर्टर : हमें बांग्लादेश की लड़की चाहिए एजेंट : मिल जाएगी रिपोर्टर : क्या सिस्टम है एजेंट : सिस्टम क्या है। 1 लाख 20 हजार लगेंगे। हो सकता है दिन में चार–पांच बार काम आए या एक बार भी नहीं, लेकिन तुम्हें पैसा तो देना ही पड़ेगा महीने के हिसाब से रिपोर्टर : लड़की का यहां का आईडी कैसे बनेगा एजेंट : वो बन जाएगा, मेरे दोस्त हैं रिपोर्टर : कितना खर्चा आएगा एजेंट : गांव में ही बन जाएगा चार–पांच हजार में रिपोर्टर : कब तक दे दोगे, टाइम बताओ एजेंट : एक महीना लगेगा एजेंट्स के स्टिंग के बाद ये पता चला कि, किस तरह से विदेशी महिलाओं को भारत लाकर प्रॉस्टीट्यूट बनाया जा रहा है। इसके बाद हमने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट खंगाली, जिसमें विदेशी एजेंट्स के भारत में काम करने का जिक्र है। भारत में एक्टिव बड़े तस्करों की कहानी पहले कॉल गर्ल थी, फिर बॉस बनी अख्मेदोवो गुलसुनोय : ये महिला 11 साल पहले उब्जेकिस्तान से भारत आई थी। ग्राहकों के सामने खुद को रसियन बताती थी। पहचान छुपाने के लिए सबीना नाम से आधार कार्ड बनवाया था। पहले खुद प्रॉस्टिट्यूशन करती थी, बाद में अपना रैकेट चलाने लगी। विदेशी लड़कियों की सप्लाई करने लगी और बॉस बन गई। दिल्ली पुलिस ने 2022 में 7 उज्बेकी लड़कियों को छुड़ाया था, ये कोर्ट में गवाही देने वाली थीं, तभी इनमें से 5 लड़कियों को अख्मेदोवो ने गायब करवा दिया था। ये अभी फरार है। द्वारका नॉर्थ दिल्ली में एफआईआर दर्ज है। अफगानी पति के साथ मिलकर चला रही रैकेट अजीज तनरीकुल्येवा : ये तुर्कमेनिस्तान की रहने वाली है। पति अफगानिस्तान का है, जो करीब 25 लड़कियों को भारत ला चुका है। इसके ऊपर दिल्ली में 5 एफआईआर दर्ज हैं। एक मामले में बंदूक की नोंक पर उज्बेकि लड़की का अपहरण किया था, क्योंकि लड़की दूतावास में इनकी शिकायत करने चली गई थी। ये भी बतौर सेक्स वर्कर भारत में आई थी और बाद में खुद रैकेट चलाने लगी। एजेंट्स का बड़ा नेटवर्क ऑपरेट करती है। अभी बेल पर बाहर चल रही है। उज्बेकिस्तान से गरीब परिवार की लड़कियों को भारत लाई जुमायेवा अजीजा : करीब 9 साल पहले तुर्कमेनिस्तान से मेडिकल वीजा पर भारत आई। कुछ लोकल एजेंट के संपर्क में आ कर वेश्यावृत्ति करने लगी। खुद को रसियन बताती थी। जब ग्राहक बढ़ गए तो दूसरी विदेशी लड़कियों को भी अपने साथ जोड़ा। गरीब परिवारों की उज्बेकिस्तानी लड़कियों को नौकरियों का लालच देकर भारत लाती थी। फिर उन्हें दो साथियों मोहम्मद अरुप और राजवीर के जरिए प्रॉस्टीट्यूशन में ढकेल देती थी। ये देश के तमाम राज्यों में लड़कियों की सप्लाई कर रही थी। काम बढ़ने पर पति मेरेदोव अहमद को भी गिरोह में शामिल किया। विदेशी महिला बाबायेवा गुंचा उर्फ गुंचा हैदर को मैनेजर बनाया। जब दिल्ली पुलिस ने इसके पति को दक्षिण दिल्ली के आश्रम स्थित सनलाइट कॉलोनी के घर से गिरफ्तार किया तो उनके पास से उज्बेकिस्तानी लड़कियों के 16 पासपोर्ट बरामद हुए। सभी 2022 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। फर्जी आधार–पैन कार्ड बनवाकर भारत में एक्टिव कुजबायेवा मराल: कुजबायेवा मराल उर्फ मरियम भी तुर्कमेनिस्तान की नागरिक है। ये भी नेपाल के रास्ते उज्बेकिस्तान से महिलाओं की अवैध तस्करी करती थी। भारत में अभय कुमार उर्फ पिंटू नाम के दलाल के साथ काम कर रही थी। साकेत जिला अदालत ने इसे 2022 में वांछित अपराधी घोषित (po) कर दिया। दिल्ली पुलिस ने जून 2023 में गुड़गांव से गिरफ्तार किया। इसके पास से नेपाल से तस्करी करके लाई गई एक उज्बेकिस्तानी महिला का पासपोर्ट भी बरामद हुआ, साथ ही एक टॉप मॉडल हुंडई क्रेटा कार भी बरामद हुई, जो कथित तौर पर उसके साथी अभय कुमार यादव उर्फ पिंटू ने उसे गिफ्ट में दी थी। चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ कि इसका असली नाम कुजबायेवा मराल है। भारत में फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाया था। फिलहाल तिहाड़ जेल मे बंद है। विदेशी लड़कियों के फर्जी डॉक्युमेंट्स बनाने का काम अनवर उमराव : ये उज्बेकिस्तानी नागरिक है। मानव तस्करी के अलावा विदेश से आने वाले लोगों का नकली भारतीय आइडी प्रूफ भी बनाने का भी काम करता है। नेपाल के रास्ते लड़कियों की घुसपैठ करवाता है। इसके साथ प्रदीप और राज नाम के एजेंट भी काम करते हैं। भारतीय एजेंसीज अनवर की तलाश में हैं। कोलकाता के पूर्णता NGO की सोनी थॉमस कहती हैं, ' लड़कियां नौकरी के लालच में भारत आती हैं। शुरुआत में बहुत कम लड़कियां इस काम के लिए राजी होती हैं, जब वे नहीं मानती तब उनका मनोबल तोड़ा जाता है। उन्हें छोटे कमरे में बंद कर दिया जाता है। खाना भी नहीं देते। रोज कई लोग उनका रेप करते हैं। कुछ दिन बाद लड़की इतना टूट जाती है कि, कुछ भी करने को राजी हो जाती है।' सीनियर एडवोकेट शैलेंद्र बब्बर के मुताबिक, ' मानव तस्करी एक गंभीर अपराध है अलग-अलग अपराधों के तहत दो साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। महिलाओं की ट्रैफिकिंग करना और उनसे जबर्दस्ती प्रॉस्टीट्यूशन करवाने के मामले में भी उम्रकैद संभव है।' ............................................... आप भास्कर की ये इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट भी पढ़ सकते हैं ‘2 घंटे में कैश कहीं भी पहुंचा देंगे’:कोडवर्ड जयश्री महाकाल; हवाला का अड्डा दिखाते हुए माफिया कैमरे में कैद टाइप 1 : फर्जी अकाउंट। डेली लिमिट 50 लाख से 2 करोड़ तक। कॉर्पोरेट अकाउंट होगा, 5 से 7 लाख खर्च करने पर हाथों–हाथ मिल जाएगा। फिर इनमें कितना भी हवाला का पैसा घुमा सकते हो। टाइप 2 : ऐसे अकाउंट होल्डर्स के अकाउंट मिल जाएंगे जिनकी डेली ट्रांजैक्शन लिमिट करोड़ों में होगी। लेकिन ये अकाउंट बेचे नहीं जाते, बल्कि हिस्सेदारी पर काम करते हैं। यानी आप अकाउंट किराये पर लेंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और पंजाब प्रांत को देश में पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक स्थान बताया गया है
क्या अमेरिका करेगा वेनेजुएला पर हमला? खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया जवाब
अमेरिका बार-बार दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला पर ड्रग ट्रैफिकिंग का आरोप लगाता रहा है. हाल ही में ऐसे कयास लगाए गए हैं कि यूएस इस मुल्क पर हमले की सोच रहा है.
‘जितेंद्र ने अपने दो साथी इशान और अरमान के साथ मिलकर मुझ पर एसिड फेंका। मैंने अपना चेहरा बचाने की कोशिश की लेकिन दोनों हाथ झुलस गए। हमले के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। जितेंद्र काफी समय से मेरा पीछा कर रहा है। एक महीने पहले ही उससे बहस भी हुई थी। वो भी मुकुंदपुर का ही रहने वाला है।‘ दिल्ली के मुकुंदपुर की रहने वाली 20 साल की जेबा (बदला हुआ नाम) ने 26 अक्टूबर की सुबह अशोक विहार में खुद पर हुए एसिड अटैक की कहानी सुनाई। उसने बताया कि घटना को अंजाम देकर तीनों आरोपी फरार हो गए। जेबा दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज में सेकेंड ईयर की स्टूडेंट है। घटना के बाद उसे देशबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया और पुलिस ने मामला दर्ज किया। जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को कई ऐसे तथ्य मिले हैं, जो विक्टिम के बयान से मेल नहीं खा रहे थे। फिर अगले दिन 27 अक्टूबर को हुई FIR ने केस ही पलट दिया। ये FIR एसिड अटैक के आरोपी जितेंद्र की पत्नी नीलम (बदला हुआ नाम) में लिखवाई। उसने जेबा और उसके पिता अकील खान पर झूठी साजिश रचने का आरोप लगाया। नीलम ने बताया कि वो अकील की कंपनी में काम करती थी। इस दौरान उसने डरा-धमकाकर कई बार उसका रेप किया। मना करने पर पति को जान से मारने और अश्लील तस्वीरें वायरल करने की धमकी देता। लिहाजा पुलिस ने एसिड अटैक की झूठी साजिश रचने के आरोप में FIR दर्ज कर अकील खान और उसके भाई वकील खान को गिरफ्तार कर लिया है। इससे दो दिन पहले अकील को भलस्वा डेयरी थाना पुलिस ने रेप के आरोप में भी गिरफ्तार किया था। पूरा मामला समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम दिल्ली में ग्राउंड पर पहुंची। सबसे पहले जानिए 27 अक्टूबर को दर्ज FIR में क्या…नीलम अपने पति के साथ दिल्ली के मुकुंदपुर में रहती हैं। 24 अक्टूबर को उसने अकील खान के खिलाफ रेप की शिकायत की और 27 अक्टूबर को भलस्वा डेयरी थाने में रेप का मामला दर्ज हुआ। नीलम ने FIR में लिखवाया, ‘फरवरी 2021 से मैंने अकील खान की कंपनी में काम करना शुरू किया। एक-दो महीने बाद से ही अकील मुझ पर गलत नजर रखने लगा। एक दिन उसने सैलरी देने के नाम पर छुट्टी के दिन मुझे फैक्ट्री में बुलाया और जबरदस्ती मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए। उसने मेरे न्यूड वीडियो और फोटोज भी ले लीं। फिर उन्हें दिखाकर लगातार संबंध बनाने का दबाव डालने लगा।' 'अकील ने 2024 में उस पर अपने दोस्तों के साथ संबंध बनाने के लिए दबाव डाला। तब उसने परेशान होकर कंपनी छोड़ दी। हालांकि अकील ने तब भी उसका पीछा नहीं छोड़ा। वो लगातार न्यूड फोटोज वायरल करने की धमकी देता रहा। इतना ही नहीं वो ये भी धमकाता कि अगर उससे मिलने नहीं गई तो वो पति को जान से मार देगा। अब नीलम की आपबीती…अकील धमकाता- मेरे साथ तेरी गंदी तस्वीरें पति को दिखाऊंगाइसके बाद हम नीलम से मिले। वे बताती हैं, 'मैंने 2021 में अकील की फैक्ट्री जॉइन की। एक-दो महीने बाद से ही वो मुझ पर गंदी नजर रखने लगा। मुझे फोन करने लगा और गंदे मैसेज भेजने शुरू कर दिए। फिर फैक्ट्री में मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा। मेरे मना करने पर मुझे डराया धमकाया।' कितने बार जोर-जबरदस्ती की गई? जवाब मिला- इसकी कोई गिनती नहीं है। रोज ही काम पर जाते थे तो अक्सर करता था। जोर-जबरदस्ती नहीं तो रोज कुछ न कुछ तो करता ही था। कभी टॉर्चर, कभी गंदी बातें तो कभी अश्लील मैसेज करता। 'मैं मना करती तो कहता था कि तुम्हारे पति को जान से मार दूंगा। तुम्हारी न्यूड तस्वीरें वायरल कर दूंगा। पति को तुम्हारी न्यूड तस्वीरें भेज दूंगा। यहां तक कि अकील खान ने अपने दोस्तों को भी मेरा नंबर दे दिया। वो भी मुझे फोन करने लगे। मुझ पर संबंध बनाने का दबाव डालने लगे। परेशान होकर मैंने सबके नंबर ब्लॉक कर दिए।' एसिड अटैक के 2 दिन पहले थाने में की थी रेप की शिकायतनीलम ने बताया, 'एसिड अटैक से 2 दिन पहले यानी 24 अक्टूबर को मैंने अकील खान के खिलाफ थाने में शिकायत की थी। मैंने लिखवाया था कि वो मुझे धमकाता है और मेरे साथ जबरदस्ती करता है। मेरे पति को मारने की धमकी भी देता है लेकिन पुलिस ने समझौता करवा दिया था। कहा था कि अब वो परेशान नहीं करेगा। मेरी इसी शिकायत से डरकर उसने एसिड अटैक की झूठी कहानी बनाई।' नीलम बताती हैं, 'पहली बार नहीं बल्कि इससे पहले 19 सितंबर को भी मैंने अकील के खिलाफ शिकायत की थी। तब भी पुलिस ने समझौता करवा दिया था। तब भी यही कहा गया कि अकील अब मुझे परेशान नहीं करेगा लेकिन वो नहीं माना। इसलिए 24 अक्टूबर को मुझे फिर शिकायत करनी पड़ी। यही केस खत्म कराने के लिए उसने अपनी बेटी और भाई वकील खान के साथ मिलकर पति पर एसिड अटैक का झूठा केस लगाया।' कॉल रिकॉर्ड, गंदे मैसेज और गंदी तस्वीरें सब पुलिस को सौंपानीलम आगे बताती हैं, 'मैंने पुलिस को सबूत के तौर पर सारी कॉल रिकॉर्डिंग, गंदी तस्वीरें और मैसेज दे दिए हैं। इसी के बाद अकील खान और उसका भाई वकील खान गिरफ्तार हुआ।' रेप विक्टिम का पति बोला- जब एसिड अटैक हुआ तो ड्यूटी पर थानीलम के पति जितेंद्र ने बताया, 'जब एसिड अटैक हुआ, तब मैं ड्यूटी पर था। मैंने उस लड़की से कभी बात तक नहीं की। बस उसका नाम भर जानता था, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि अकील खान ने बेटी के नाम पर ही फैक्ट्री का नाम रखा था। अटैक सुबह 10 बजे हुआ। पत्नी ने शाम करीब 7 बजे बताया कि केस में मेरा नाम आ रहा है।' वे आगे कहते हैं, 'मेरे ऊपर झूठा केस करने के लिए इस बार अकील खान ने अपनी बेटी का इस्तेमाल किया। इससे पहले उसके भाई वकील खान ने भी मेरे खिलाफ झूठी शिकायत करने के लिए इसी का इस्तेमाल किया था।' पहले कैसे इस लड़की का इस्तेमाल किया था? जवाब मिला, '19 सितंबर, 2025 को अकील, उसकी पत्नी और बेटे में घर आकर पत्नी से झगड़ा किया था। तब मैं ड्यूटी पर था। जब मुझे पता चला तो मैं अकील के घर गया लेकिन वो मिला नहीं। वो भाई वकील के साथ रास्ते में टकराया और मुझसे झगड़ने लगा। हाथापाई हुई तो पुलिस आ गई। तब भी अकील ने मुझ पर बेटी से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।' तब क्या कोई FIR हुई थी? जवाब मिला- 'नहीं, तब सिर्फ शिकायत हुई थी। पुलिस ने समझौता करवा दिया था। हम भी लड़ना नहीं चाहते थे। अकील का परिवार आपकी पत्नी से लड़ने क्यों आया था? जवाब मिला- मुझे पूरी बात तो नहीं पता, वो बस हमें परेशान करता था।' रेप का आरोपी अकील भाई वकील के साथ गिरफ्तारअब रेप की FIR के बाद अकील खान और वकील खान को पुलिस ने 29 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने एसिड अटैक की झूठी कहानी रचने के आरोप में एक काउंटर FIR भी दर्ज की है। जितेंद्र और उनकी पत्नी नीलम की मांग है कि अकील की बेटी जेबा को भी गिरफ्तार किया जाए। वो साजिश की मुख्य आरोपी है। दिल्ली पुलिस में हमारे सोर्स की मानें तो पिता और चाचा की गिरफ्तारी के बाद से जेबा अस्पताल में भर्ती है, ताकि कार्रवाई से बची रहे। अभी जांच चल रही है। पुलिस अपनी क्लोजर रिपोर्ट एक-दो दिन में सौंप देगी। वहीं, इस केस में जितेंद्र को क्लीन चिट मिल चुकी है। उसके साथ ही ईशान और अरमान पर एसिड अटैक का झूठा आरोप लगाया गया था, वो भी अब तक की जांच में निर्दोष हैं। दरअसल ये दोनों लड़के भी साजिश का शिकार हुए। इन दोनों को फंसाने का आइडिया अकील के भाई वकील का बताया जा रहा है। एक साथ दो केस बंद करवाने के लिए एसिड अटैक की साजिश रचीअकील, ईशान और अरमान को क्यों फंसाना चाहता था? इस केस की जांच कर रहे IO राम किशोर ने बताया, '2018 में वकील ने प्रापर्टी विवाद की वजह से अपने साले शम्सुद्दीन से ईशान और अरमान की मां पर एसिड अटैक करवाया था। केस आज भी चल रहा है। अकील इस नई साजिश के जरिए महिला पर केस वापस लेने का दबाव बनाना चाहता था।' ‘इस केस में बेटी का इस्तेमाल करके अकील ने रेप विक्टिम के पति को निशाना बनाया। वहीं भतीजी का इस्तेमाल करके चाचा वकील ने अपने साले के पर दर्ज एसिड अटैक के मुकदमे को निपटाने की साजिश रची।‘ एसिड अटैक की साजिश में शामिल जेबा की गिरफ्तारी कब तक होगी? इस पर जांच कर रहे रामकिशोर ने बताया, 'अभी लड़की की इस साजिश में भूमिका को लेकर जांच चल रही है। उस पर क्या केस बनेगा ये जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा। हां वो साजिश का हिस्सा है। ये अब तक की जांच में सामने आ गया है।' आखिर पुलिस को साजिश का क्लू कैसे मिला ?पुलिस सोर्स ने बताया, 'जिस लड़की पर कथित तौर पर एसिड अटैक हुआ, उसकी हालत देखकर अंदाजा हो गया था कि कुछ तो गड़बड़ है। क्योंकि एसिड अटैक होता है तो शरीर ज्यादा झुलसता। इस मामले में तीन लड़कों के अटैक के बाद भी लड़की को मामूली जख्म आए हैं।’ ’बस ये पहला क्लू था, जिसने पुलिस को इस केस की तह तक जाने में मदद की। फिर तो एसिड अटैक के पहले आरोपी जितेंद्र की पत्नी की शिकायत भी आ गई। ईशान और अरमान की मां पर हुए एसिड अटैक का केस भी सामने आ गया। फिर एक के बाद एक कड़ी जुड़ती चली गई।' अकील खान का घर बंद, बेटी अस्पताल में बाकी परिवार फराररेप विक्टिम के घर के बाद वाली गली में एसिड अटैक के साजिशकर्ता अकील का घर है। हम उनके घर भी पहुंचे। इनका तीन मंजिला मकान खाली पड़ा है। हमने गेट खटखटाया तो मोहल्ले वालों ने बताया घर पर कोई नहीं है। बेटी अस्पताल में है। पूरा परिवार घटना वाले दिन से ही फरार है। अब तक पुलिस की जांच कहां तक पहुंची?नार्थ वेस्ट दिल्ली के DCP भीष्म सिंह ने बताया, ‘इस मामले में अब तक की जांच में एसिड अटैक की कहानी झूठी निकली। इस साजिश को रचने में अकील, उसका भाई वकील और उनकी बेटी शामिल हैं। इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल हैं।‘ अब तक की जांच में ये साफ हो गया है कि जितेंद्र ने एसिड अटैक नहीं किया। ये अटैक लड़की की फैमिली के लोगों में से ही किसी ने किया और जितेंद्र को फंसाने की झूठी साजिश रची गई। जिस दिन घटना हुई उस दिन जितेंद्र करोल बाग में अपनी कंपनी में था, जहां वो पेंटर का काम करता है। उसकी मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज से ये साफ हो गया है। जितेंद्र के अलावा बाकी के दो माइनर आरोपियों से भी पूछताछ हो चुकी है। इन दोनों पर भी लड़की ने झूठा आरोप लगाया था। एक लड़का 14 और दूसरा 17 साल का है। जिस लड़की पर एसिड अटैक हुआ, वो भी साजिश का हिस्सा। हालांकि उसकी भूमिका सिर्फ खुद पर अटैक करवाने की थी या फिर प्लानिंग में भी थी, उसकी भूमिका को लेकर अभी जांच चल रही है।..................... ये खबर भी पढ़ें... आदिवासी लीडर की हत्या या एनकाउंटर, CM सोरेन पर सवाल ’एनकाउंटर की झूठी कहानी रची गई। उन्हें तो थाने में ही थर्ड डिग्री टॉर्चर देकर मार दिया गया था। पूरे शरीर पर जलने के निशान थे। उनकी डेडबॉडी की तस्वीर में वो निशान साफ दिखते हैं। कमलडोरी पहाड़ी पर तो बस उनकी लाश रखी गई थी।' झारखंड के गोड्डा जिले के आदिवासी नेता सूर्यनारायण हांसदा की मौत के लिए पत्नी सुशीला सीधे सरकार पर आरोप लगाती हैं। पढ़िए पूरी खबर...
तंजानिया में चुनावी नतीजों के बाद खूनी खेल, तीन दिन में 700 मौतें; सड़कों पर मौत का मौन मार्च
Tanzania News in Hindi: अफ्रीकी देश तंजानिया में चुनावी नतीजों के बाद खून का तांडव चल रहा है. चुनावी हिंसा में अब तक 700 लोगों की मौत हो चुकी है. नतीजों में धांधली का आरोप लगाने वाले लोगों पर सेना सख्ती से कार्रवाई कर रही है.
Crime News in Hindi: नेताओं को जनता का सेवक कहा जाता है. लेकिन जनता के चुने एक मंत्री ने ऐसा काम किया, जिसके बाद उस पर थू-थू हो रही है. आरोप है कि उसने अपने दफ्तर में बुलाकर 2 पुरुषों का यौन उत्पीड़न किया. अब 10 साल बाद उसकी करतूत उजागर हुई है.
जज और वकीलों को भी नहीं बख्श रही यूनुस सरकार, बांग्लादेशी सत्ता का हुआ पर्दाफाश
Muhammad Yunus: बांग्लादेश में वकीलों और जजों के खिलाफ सरकार द्वारा उत्पीड़न का सबसे बड़ा रिकॉर्ड जारी किया है. 849 वकीलों को प्रभावित करने वाली 268 सत्यापित घटनाओं के आधारित यह रिपोर्ट अगस्त 2024 और सितंबर 2025 के बीच पर तैयार की गई है.
तालिबान ने पकड़ा ISIS का आतंकी, बोला – PAK में ली थी ट्रेनिंग; क्या अब जिन्नालैंड पर टूटेगा कहर!
ISIS camps in Pakistan: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं. अफगानिस्तान ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान अपने यहां पर ISIS के ट्रेनिंग कैंप चला रहा है, जिसमें ट्रेंड आतंकी अफगानिस्तान में हमले कर रहे हैं.
भारत के पड़ोसी देश में जुल्म की इन्तेहा... त्राहिमाम कर रहे वकील और जज; आंकड़ों में खुली पोल
Bangladesh News:जस्टिस मेकर्स बांग्लादेश इन फ्रांस (जेएमबीएफ) नाम के इंटरनेशनल मानवाधिकार संगठन ने अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में वकीलों की स्वतंत्रता के खिलाफ कार्रवाई नाम के टाइटल के साथ रिपोर्ट जारी की है.
Jesus Christ Rapture: ना स्वर्ग मिला और ना घर-नौकरी बची, रैप्चर के चक्कर में सब कुछ गंवा बैठा कपल
Jesus Christ Rapture:रेडिट पर इस घटना के बारे में बेटी ने खुद बताया है. उसने कहा, उसके माता-पिता रैप्चर को लेकर पूरी तरह विश्वस्त थे. यह दुनिया खत्म होने का एक इवेंट है और कुछ ईसाइयों का मानना था कि यह 23 सितंबर को होगा. कई लोग जो इसके पूरी तरह से मानते थे, उन्होंने अपनी प्रॉपर्टीज और कार बेच दीं और नौकरियों से भी इस्तीफा दे दिया.
रूस-अमेरिका में बढ़ा दी दुश्मनी, टूट गई बरसों पुरानी संधि; आखिर क्या है ये '9M729 दैत्य'?
Russia Weapons:मिसाइल का नाम है 9M729. यह रूस का कोई नया हथियार नहीं है. बल्कि इसको बनाने का काम 2000 के दशक में शुरू हुआ था और इसकी टेस्टिंग 2008 में की गई. एक दशक बाद इसको रूसी सेना को इस्तेमाल के लिए सौंपा गया.
शी जिनपिंग ने अबतक नहीं दी जापानी पीएम ताकाइची को बधाई, दोनों आमने-सामने होंगे तो क्या होगा?
Japan China Tension: सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस मीटिंग में तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद जापान-चीन के रणनीतिक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर फोकस रहने की उम्मीद है. ये द्विपक्षीय बैठक ऐसे समय में हो रही है जब बीजिंग ताकाइची के प्रति एकदम सतर्क रवैया बनाए हुए है.
चीन की बढ़त रोकने के लिए भारत बढ़ाएगा आसियान संग जुगलबंदी, ड्रैगन को काउंटर करेगी नई 'संतुलन रणनीति'
India China News in Hindi: एशिया में चीन की बढ़त रोकने के लिए भारत अब आसियान संग अपनी जुगलबंदी को और मजबूत करेगा. इसके लिए उसने नई 'संतुलन रणनीति' तैयार की है, जिसे ड्रैगन के खिलाफ जोरदार पहल माना जा रहा है.
पाक-चीन की हर हरकत पर भारत की नजर, मालदीव में जहाज तो बांग्लादेश में पाकिस्तानी कमांडर भी रडार पर
Trishul exercise 2025: . त्रिशूल अभ्यास 13 नवंबर तक चलेगा इसमें नौसेना 20-25 युद्धपोतों और भारतीय वायुसेना 40 लड़ाकू विमानों के साथ भाग ले रही है. भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना की तरफ से यह बड़े स्तर पर किया जाने वाला युद्ध अभ्यास है.
कार हादसे के बाद कोमा में गया बॉयफ्रेंड, अचानक उठा और बोला- गर्लफ्रेंड ने किया एक्सीडेंट और फिर...
Boyfriend-Girlfriend ki Ladai: इस हादसे में मम्बी भी बुरी तरह घायल हो गई थी, लेकिन वह और उसका अजन्मा बच्चा दोनों बच गए. उसने जांचकर्ताओं को बताया कि उसे दुर्घटना का कारण नहीं पता था.
South Korea Vs North Korea: दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया की अदावत जगजाहिर है. दशकों की दुश्मनी में हुए भारी नुकसान और तानाशाह किम जोंग उन की अप्रत्याशित साजिशों का समय रहते पता लगाने के लिए साउथ कोरिया ने ये बड़ा फैसला किया है.
ट्रंप सरकार का शटडाउन बिगाड़ेगी अमेरिकी लोगों की सेहत? फौजियों की सैलरी के बाद 'राशन' के लाले!
US Shutdown: अमेरिका को फिर से महान बनाने का वादा करके सत्ता में आए डोनाल्ड ट्रंप अपने मिशन में फेल होते दिख रहे है. उनकी नाकामी का आलम ये है कि एक के बाद कई राज्यों में इमरजेंसी आदेश पर दस्तखत करके पैसे का इंतजाम हो रहा है.रिपब्लिकन सरकार के शटडाउन से अमेरिका को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
दक्षिण कोरिया इस सप्ताह के अंत में अमेरिका के अंतरिक्ष केंद्र से अपना पांचवां स्वदेशी सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च करेगा। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। माना जा रहा है कि ऐसा करके वह उत्तर कोरिया पर अपनी निगरानी क्षमता को और मजबूत कर सकेगा
Prince Andrew and Jeffrey Epstein scandal:ब्रिटिश शाही परिवार की साख पर गहरा धब्बा लग गया है.किंग चार्ल्स ने भाई प्रिंस एंड्रयू को एप्स्टीन सेक्स कांड की वजह से रॉयल लॉज से बाहर निकाल दिया है और सारी शाही उपाधियां छीन लीं है.41 साल के ब्रिटिश राजकुमार पर 17 साल की लड़की वर्जीनिया गिफ्रे का सालों तक जिस्म नोंचने का आरोप लगा है. जानते हैं पूरी कहानी.
मेरी हिंदू वाइफ एक दिन जरूर ईसाई बनेंगी... अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने ऐसा क्यों कहा?
Interfaith marriage: दावा किया जाता है कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस पहले नास्तिक थे. उनकी हिंदू पत्नी ऊषा ने उन्हें ईसाई धर्म के प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित किया. वही वेंस अब ये उम्मीद पाले बैठे हैं कि अक्सर संडे को उनके साथ चर्च जाने वाली पत्नी क्रिश्चियनिटी को सही से समझेंगी और हिंदू धर्म छोड़ ईसाई बन जाएंगी.

