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दिल्ली ब्लास्ट की साजिश का अड्डा अल-फलाह का रूम नंबर-13:उमर-शाहीन ने लैब से केमिकल चुराया-विस्फोटक जुटाए, 200 बम बनाने का प्लान

दिल्ली कार ब्लास्ट में डॉक्टर टेटर मॉड्यूल के बाद अगर सबसे ज्यादा चर्चा में है, तो वो फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी है। यहीं बिल्डिंग नंबर-17 का रूम नंबर-13 वो जगह है, जहां बड़े हमले को अंजाम देने की साजिश रची जा रही थी। डॉ. उमर और मुजम्मिल ने यहीं बैठकर फंडिंग से लेकर विस्फोटक जुटाने तक का प्लान बनाया और उस पर काम किया। हालांकि विस्फोटक जुटाने के बाद इसे कहां और कैसे इस्तेमाल करना है, ये बात फाइनल हो पाती कि उसके पहले ही साजिश का पर्दाफाश हो गया। टेरर मॉड्यूल में अब तक यूनिवर्सिटी के चार डॉक्टरों के लिंक मिले हैं। इनमें मुजम्मिल, आदिल, शाहीन और उमर शामिल हैं। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर डॉ निसार अल हसन भी शक के घेरे में है। सोर्स से ये भी पता चला है कि डॉ मुजम्मिल और आदिल बम बनाने के लिए पिछले 4 महीने से फर्टिलाइजर और केमिकल स्टोर करके रख रहे थे। वहीं उमर और शाहीन ने यूनिवर्सिटी के लैब से केमिकल चुराया था। इनकी प्लानिंग करीब 200 बम बनाने की थी। जांच एजेंसियों से जुड़े सोर्स से पता चला है कि थ्रीमा एप के जरिए ही लालकिला ब्लास्ट की प्लानिंग हुई थी। हमने अल-फलाह यूनिवर्सिटी का भी दौरा किया। जांच में शामिल पुलिस और एजेंसियों के सोर्सेज से बात की। साथ ही यूनिवर्सिटी स्टाफ और स्टूडेंट्स से भी बात की। उनके लगाए आरोपों पर यूनिवर्सिटी से सवाल भी पूछे हैं। हमने 4 सवालों के जरिए ब्लास्ट के आइडिया, प्लानिंग, और एग्जीक्यूशन की पड़ताल की। 1- सफेदपोश संदिग्ध आतंकी डॉक्टरों को फंडिंग कहां से मिली?2- संदिग्ध डॉक्टरों की मीटिंग कहां होती थी और कैसे प्लानिंग हुई?3- लैब से केमिकल की चोरी किसने की और ब्लास्ट की क्या तैयारी थी?4- कहां चूक हुई और क्या ये ब्लास्ट हड़बड़ी में करना पड़ा? अब आइए सिलसिलेवार जानते हैं इन सवालों के जवाब…सवाल 1. डॉक्टरों की मीटिंग कहां होती थी और प्लानिंग कैसे हुई?पुलिस ने जांच के दौरान अल-फलाह यूनिवर्सिटी से एक डायरी बरामद की है। इससे दिल्ली बम ब्लास्ट की साजिश के सबूत मिले हैं। सोर्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग नंबर-17 सफेदपोश डॉक्टरों के टेरर नेटवर्क की मीटिंग का अड्डा थी। संदिग्ध डॉक्टरों की मुलाकात इसी बिल्डिंग के रूम नंबर-13 में होती थी। ये दिल्ली ब्लास्ट से लिंक में पकड़े गए डॉ. मुजम्मिल का कमरा था। वो अपनी नेटवर्क के दूसरे डॉक्टर्स से यहीं मिला करता था और यहीं ब्लास्ट की प्लानिंग को अंजाम दिया गया था। पुलिस में हमारे सोर्स के मुताबिक, डॉ उमर और डॉ मुजम्मिल इस मॉड्यूल के मास्टरमाइंड हैं। दोनों किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे। हालांकि अभी तक इनका टारगेट तय नहीं हुआ था। इसे तय करने को लेकर बातचीत ही चल रही थी। सवाल 2. सफेदपोश आतंकी डॉक्टरों को फंडिंग कहां से मिली?सोर्स बताते हैं कि संदिग्ध आतंकी डॉ. मुजम्मिल, उमर और शाहीन अपने नेटवर्क के जरिए बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में थे। इसके लिए उन्होंने करीब 26 लाख रुपए कैश भी जुटा लिया था। ये कैश डॉ उमर के पास रखा गया था। बाद में डॉ. मुजम्मिल और उमर ने इसी रकम से कई किस्तों में गुरुग्राम, नूंह और फरीदाबाद की मार्केट से एनपीके फर्टिलाइजर खरीदना शुरू किया। ये फर्टिलाइजर किस्तों में करीब 4 महीने में खरीदा गया। डॉ. मुजम्मिल ने इसे घर पर स्टोर किया। उसका प्लान था कि पहले बड़ी मात्रा में फर्टिलाइजर स्टोर कर लिया जाए और फिर इससे IED बम बनाया जाए। जांच एजेंसियों को शक है कि इतनी मात्रा में खरीदा गया फर्टिलाइजर ही बम ब्लास्ट कॉन्सपिरेसी में इस्तेमाल किया जाना था। अब जांच एजेंसियां एक तरफ इसके लिए हुई फंडिंग को ट्रैक कर रही हैं। तीनों डॉक्टर्स के बैंक अकाउंट की डिटेलिंग ट्रैक कर रही हैं। वहीं फंडिंग का सोर्स भी तलाश रही हैं। दूसरी तरफ जांच एजेंसियों की एक टीम गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूंह में लोकल फर्टिलाइजर मार्केट से की गई खरीदारी की तफ्तीश कर रही हैं। अलग-अलग दुकानों पर सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं और फर्टिलाइजर खरीदने के सबूत जुटाए जा रहे हैं। सवाल 3. लैब से केमिकल की चोरी और ब्लास्ट की क्या तैयारी थी।इसकी प्लानिंग भी हॉस्टल के रूम नंबर-13 में ही हुई थी। बम बनाने के लिए फर्टिलाइजर के अलावा दूसरे सामान जुटाने थे। तय हुआ कि पहले लैब से केमिकल चुराकर उसे डॉ मुजम्मिल के कमरे में रखा जाएगा। फिर वहां से उसे मुजम्मिल के धौज गांव वाले कमरे में शिफ्ट किया जाएगा। दरअसल हॉस्टल में मुजम्मिल का रूम लैब से चंद कदम की दूरी पर है। इसलिए वहां केमिकल शिफ्ट करना सबसे आसान था। डॉ उमर और डॉ शाहीन ने लैब से केमिकल निकाला और मुजम्मिल के कमरे में रख दिया। सोर्स के मुताबिक, करीब 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट डॉ मुजम्मिल के किराए वाले घर से बरामद किया गया था। पुलिस को यहां से कई पेन ड्राइव, 3 डायरी और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी मिली है। पुलिस ने कमरा जांच पड़ताल के बाद सील कर दिया है। वहीं फरीदाबाद में मौलवी इश्तियाक के घर से भी विस्फोटक मिला था। सोर्स के मुताबिक, पुलिस ने मुजम्मिल के कमरे और लैबोरेटरी के केमिकल के सैंपल भी लिए हैं। उन्हें जांच के लिए भेजा गया है। जांच एजेंसियों को शक है कि लैब से चुराया गया केमिकल अमोनियम नाइट्रेट और ऑक्सीडाइजर का इस्तेमाल एक्सप्लोसिव बनाने के लिए किया गया। सवाल 4. कहां चूक हुई और क्या दिल्ली का ब्लास्ट हड़बड़ी में करना पड़ा?जांच एजेंसियों का मानना है कि उमर और मुजम्मिल दोनों एक दूसरे को 2018 से ही जानते थे। ब्लास्ट के लिए फंडिंग से लेकर सामान जुटाने तक की तैयारी की सारी जिम्मेदारी डॉ उमर और मुजम्मिल के पास थी। दोनों ने प्लानिंग के तहत कई महीनों में विस्फोटक, टाइमर और डेटोनेटिव जुटाए। सोर्स ने बताया कि ब्लास्ट की प्लानिंग पूरी हो पाती, इसके पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद पुलिस के साथ इस टेरर मॉड्यूल पर रेड कर दी। डॉ मुजम्मिल शुरू में ही गिरफ्तार हो गया, जिससे डॉ उमर घबरा गया था। इसके बाद हड़बड़ी में उसने लालकिला के पास ब्लास्ट का प्लान बनाया और खुद ही इसे अंजाम दे दिया। उमर ने रेड से घबराकर हड़बड़ी में किया ब्लास्टउत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व DGP विक्रम सिंह इस केस की जांच को लेकर कहते हैं, ‘दिल्ली ब्लास्ट केस में जांच की अब तक की दिशा और दशा दोनों ही एकदम सही है। इससे बेहतर तरीके से जांच नहीं हो सकती थी।’ ’28 अक्टूबर को जब से कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद का पोस्टर पकड़ा गया। कश्मीर पुलिस ने गहराई में जाकर इसे आइडेंटिफाई किया और जिस तरह वे केस की तह तक पहुंची वो काबिल-ए-तारीफ है। डॉ उमर और शाहीन की कार से AK-47 रिकवर की और करीब 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया। दरअसल डॉ. उमर इन्हीं सब कार्रवाइयों से घबरा गया और उसने हड़बड़ी में विस्फोट को अंजाम दिया।’ ’जांच में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उससे पता चलता है कि इनकी प्लानिंग करीब 200 बम बनाने की थी। ये या तो 26/11 की सालगिरह, 6 दिसंबर (बाबरी मस्जिद गिराए जाने की बरसी) या फिर 13 दिसंबर ( संसद अटैक की सालगिरह) जैसे दिन कुछ बड़ा करने की प्लानिंग कर रहे थे।’ विक्रम सिंह आगे कहते हैं, ‘जो AK-47 और AK-56 के साथ बड़े पैमाने पर कारतूस बरामद हुए हैं, इससे साफ है कि इनकी प्लानिंग पहले बम विस्फोट की थी और फिर गोलियां बरसाने की।’ थ्रीमा एप के जरिए करते खुफिया कम्युनिकेशनसोर्स के मुताबिक, अल-फलाह यूनिवर्सिटी के ये तीनों डॉक्टर उमर, मुजम्मिल और आदिल Theerma App के जरिए कॉन्टैक्ट में रहते थे। ये एक एनक्रिप्टेड प्लेटफॉर्म है। आतंकी गतिविधियों से जुड़ी बातचीत करने के लिए तीनों इसी एप पर चर्चा करते थे। तीनों ने एप पर अपना प्राइवेट सर्वर बना रखा था ताकि सीक्रेट बातचीत कर सकें। सोर्स के मुताबिक, डिटेल प्लानिंग और लोकेशन शेयर करने का काम इसी एप के जरिए होता था। तीनों डॉक्टर एनक्रिप्टेड चैट, फाइल शेयरिंग, वॉयस कम्युनिकेशन और लोकेशन शेयरिंग के लिए इसी का इस्तेमाल करते थे। इससे इनको स्टैंडर्ड मोबाइल नेटवर्क का भी इस्तेमाल नहीं करना पड़ा। जांच एजेंसियों से जुड़े सोर्स से पता चला है कि थ्रीमा एप के जरिए ही लालकिला ब्लास्ट की प्लानिंग हुई थी। अब एजेंसियां ये पता करने की कोशिश कर रही हैं कि इनका एप जिस सर्वर पर ऑपरेट हो रहा था क्या उसे भारत में ही होस्ट किया गया था या फिर किसी दूसरे देश से किया गया। अरब मुल्कों से अल-फलाह यूनिवर्सिटी को फंडिंगहमने अल-फलाह यूनिवर्सिटी का भी दौरा किया। फंडिंग के बारे में पूछने पर यूनिवर्सिटी स्टाफ के कुछ लोगों ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर बताया कि यूनिवर्सिटी को अरब मुल्कों से फंडिंग मिला करती थी। वहां के इन्वेस्टर साल में एक बार यूनिवर्सिटी का दौरा करने भी आते थे। भले ही कॉलेज को ट्रस्ट चलाता है लेकिन इन्हें दूसरे देशों से भी फंड मिलता है।’ यूनिवर्सिटी की पिछले 10 सालों की फाइनेंशियल फाइलिंग्स और FCRA रिकॉर्ड्स सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं। हमने ट्रस्ट को मिलने वाली फॉरेन फंडिंग को लेकर अल-फलाह यूनिवर्सिटी को डिटेल में मेल करके जानकारी मांगी है। रिपोर्ट लिखे जाने तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का जवाब आने पर रिपोर्ट में अपडेट किया जाएगा। यूनिवर्सिटी को लेकर पूर्व DGP विक्रम सिंह कहते हैं, ‘अल फलाह यूनिवर्सिटी ने इन आतंकियों को सेफ हाउस दिया। उन्होंने इसे एक ऐसा टापू बना लिया, जहां बाहरी तत्व आसानी से आ जा नहीं सकते थे। इनके चांसलर जवाद अहमद सिद्धिकी चिटफंड केस में तिहाड़ जेल में रह चुके हैं। 2000 में इनके खिलाफ मुकदमा लिखा गया था। हैरानी की बात ये है कि ऐसे सजायाफ्ता मुल्जिम को मंजूरी पर मंजूरी कैसे मिलती चली गईं?‘ ‘अल-फलाह को UGC से मान्यता कैसे मिल गई? 4-5 कमरे में चलने वाले इंजीनियरिंग कॉलेज को इतनी अच्छी रेटिंग कैसे मिल गई? इस यूनिवर्सिटी में तब्लीगी जमात ने एक मस्जिद भी बना रखी है। पहले मस्जिद छोटी थी, अब ये बड़ी हो गई है। कश्मीरी छात्र यहां बड़े पैमाने पर दाखिला कैसे ले रहे हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए।’ फ्री चेकअप और मेडिकल कैंप लगाती थी अल-फलाह यूनिवर्सिटीलोकल लोगों को खुश करने के लिए यूनिवर्सिटी में समय-समय पर फ्री चेकअप, मेडिकल कैंप और निशुल्क इलाज किया जाता था। इसलिए आसपास रहने वाले गांव के लोगों में यूनिवर्सिटी को लेकर एक सहानुभूति भी थी। हमने पास के रहने वाले धौज और फतेहपुर तगा गांव के लोगों से बात की। वहां के लोगों ने भी बताया कि वो यूनिवर्सिटी में इलाज कराने के लिए आते रहे हैं। यहां उनका फ्री में इलाज किया जाता था। यूनिवर्सिटी में करीब 40% स्टूडेंट कश्मीर के पढ़ते थे। इसके साथ ही हरियाणा के मेवात और बिहार के भी कई स्टूडेंट यहां पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन यूनिवर्सिटी में स्टाफ भर्ती की प्रक्रिया ट्रस्ट के ओखला वाले दफ्तर से की जाती थी, जिसमें चांसलर सिद्धिकी ही आखिरी फैसला करते थे। दिल्ली ब्लास्ट मामले में 12 नवंबर को यूनिवर्सिटी ने पहली बार बयान जारी किया है। वाइस चांसलर प्रो. भूपिंदर कौर आनंद ने कहा कि हमारे दो डॉक्टर पुलिस की हिरासत में हैं। उनकी ड्यूटी के अलावा यूनिवर्सिटी का इनसे कोई संबंध नहीं है। यूनिवर्सिटी के अंदर किसी भी तरह का केमिकल या विस्फोटक स्टोर नहीं हुआ। हमारी लैब का इस्तेमाल सिर्फ MBBS स्टूडेंट्स को पढ़ाने और ट्रेनिंग देने के लिए होता है। हर काम कानून के हिसाब से किया जाता है। 70 एकड़ कैंपस का चप्पा-चप्पा तलाश रही जांच एजेंसियांपिछले लगातार 4 दिन से अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पुलिस और एजेंसियां जांच कर रही हैं। यूनिवर्सिटी के चप्पे-चप्पे की जांच की जा रही है। आरोपी डॉक्टरों के करीबी दोस्तों, स्टूडेंट और सहकर्मियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने अभी आधिकारिक तौर पर ये नहीं बताया है कि कितने लोगों को हिरासत में लिया गया है। यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने नाम ना लिखने की शर्त पर बताया कि कैंपस में पुलिस का तलाशी अभियान लगातार जारी है। कई लोगों से पूछताछ भी की गई है। हमारे लिए ये चौंकाने वाली बात है कि हम यहीं पढ़ते रहे और हमें भनक ही नहीं लगी कि यहां इतनी बड़ी साजिश चल रही थी।.............. ये खबर भी पढ़ें... दिल्ली ब्लास्ट-कौन है डॉक्टरों का ब्रेनवॉश करने वाला मौलवी इरफान दिल्ली में लाल किले के पास कार में हुए ब्लास्ट के तार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तक पहुंच रहे हैं। भारत में आतंकी हमलों के लिए 3-4 महीनों से साजिश रची जा रही थी। इसके पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा शामिल थे। खुफिया एजेंसियों को इसके संकेत PoK में आतंकियों के इंटरसेप्ट कम्युनिकेशन से मिले हैं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 14 Nov 2025 4:00 am

बांग्लादेश में थम नहीं रहा डेंगू से मौत का कहर, क्या है आंकड़े बढ़ने की असल वजह?

बांदलादेश में पिछले साल की तरह इस साल भी डेंगू के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है, सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद राहत की कमी नजर आ रही है.

ज़ी न्यूज़ 14 Nov 2025 2:17 am

फिलीपींस में मार्शल लॉ के वास्तुकार जुआन पोंस एनरिले का निधन

101 वर्ष की आयु में फिलीपींस के दिग्गज राजनेता और पूर्व सीनेट अध्यक्ष जुआन पोंस एनरिल का निधन हो गया

देशबन्धु 13 Nov 2025 11:24 pm

दिल्ली आतंकी धमाके के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत-अफगानिस्तान को दी धमकी

आतंक को पनाह देने वाला पाकिस्तान इन दिनों खुद परेशान है। दिल्ली में आतंकी धमाके के बाद इस्लामाबाद के कोर्ट परिसर में धमाका हुआ। इसे लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री दोनों की बौखलाहट देखने को मिल रही है

देशबन्धु 13 Nov 2025 2:52 pm

900 उड़ानें रद्द, सरकारी विभाग ठप! आखिरकार ट्रंप ने साइन कर खत्म किया अमेरिका का सबसे बड़ा शटडाउन

अमेरिकी सीनेट और सदन दोनों ने इस पर सहमति जताते हुए फेडरल फंडिंग बिल को मंजूरी दे दी, जिसके बाद इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास भेजा गया. ट्रंप ने बुधवार को इस बिल पर हस्ताक्षर कर दिए, जिससे अब देश की सभी सरकारी एजेंसियों का कामकाज दोबारा शुरू हो जाएगा.

ज़ी न्यूज़ 13 Nov 2025 2:30 pm

'ट्रंप ने यौन पीड़िता के साथ घंटों बिताए...' एक Email से व्हाइट हाउस में मचा हड़कंप, जानिए पूरा मामला

डेमोक्रेटिक पार्टी ने एपस्टीन के पुराने ईमेल्स जारी किए हैं, जिनमें यह दावा किया गया है कि ट्रंप और एपस्टीन के बीच नजदीकी रिश्ते थे और ट्रंप ने उसके घर पर एक यौन पीड़िता के साथ घंटों समय बिताया था.

ज़ी न्यूज़ 13 Nov 2025 2:17 pm

ट्रंप-एपस्टीन घंटों रहे साथ, डेमोक्रेट्स ने जारी किए ईमेल, व्हाइट हाउस ने आरोपों का किया खंडन

जेफरी एपस्टीन से दोस्ती अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारी पड़ रही है। बुधवार को एपस्टीन फाइल से जुड़े दस्तावेज को सार्वजनिक किया गया, जिसे लेकर अमेरिका के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है

देशबन्धु 13 Nov 2025 12:56 pm

US shutdown: 'हमने भैंसें बचाई थी, अब बच्चों के भूख के लिए मार रहे हैं...', अमेरिका में ऐसी क्यों मची त्रासदी?

Tribes restored buffalo killing because shutdown:वुल्फ पॉइंट, मोंटाना, ट्रक रुका, खिड़की से रॉबर्ट मैग्नन झुके, राइफल तानी और पॉप! एक भैंस गिर पड़ी. दो और गोली चलीं. तीन भैंसें मारी गईं. मांस काटा गया, ग्राइंड किया, पैक किया और सीधे गरीब परिवारों के घर पहुंचा दिया गया. ये कोई शिकार नहीं, मजबूरी है. अमेरिका के रिकॉर्ड शटडाउन ने लाखों लोगों को मरने के कगार पर छोड़ा है, जिसमें सबसे अधिक जनजातियों के लोगों को परेशानी उठानी पड़ी है. जो अपने प्यारे भैंसों के झुंड को मारकर भूख मिटा रही हैं. जानें पूरी कहानी.

ज़ी न्यूज़ 13 Nov 2025 12:03 pm

कनाडा ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की घोषणा की

कनाडा ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र, सैन्य क्षमताओं और साइबर बुनियादी ढांचे से जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है

देशबन्धु 13 Nov 2025 10:48 am

अमेरिका का सबसे लंबा शटडाउन खत्म, ट्रंप ने फंडिंग बिल पर किए हस्ताक्षर

अमेरिका में चल रहा अब तक का सबसे लंबा शटडाउन खत्म हो गया है। अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे शटडाउन को खत्म करने के लिए सीनेट समर्थित विधेयक को सदन ने मंजूरी दी

देशबन्धु 13 Nov 2025 10:08 am

अमेरिका : शटडाउन खत्म करने के लिए सीनेट समर्थित विधेयक को सदन ने दी मंजूरी, ट्रंप ने किया हस्ताक्षर

अमेरिका में चल रहा अब तक का सबसे लंबा शटडाउन खत्म हो गया है। अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे शटडाउन को खत्म करने के लिए सीनेट समर्थित विधेयक को सदन ने मंजूरी दी, जिसके बाद इसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया। ट्रंप ने इस बिल पर हस्ताक्षर कर दिया

देशबन्धु 13 Nov 2025 10:04 am

भारत और कंबोडिया के बीच शुरू होगी डायरेक्ट फ्लाइट, इंडिगो ने किया ऐलान

भारत और कंबोडिया के सिएम रीप के बीच डायरेक्ट फ्लाइट की शुरुआत होने जा रही है

देशबन्धु 13 Nov 2025 8:58 am

बांग्लादेश में सड़क से सफर 'खतरनाक', सिर्फ अक्टूबर में दुर्घटनाओं में 500 से अधिक लोगों की मौत

बांग्लादेश में इन दिनों हालात काफी खराब नजर आ रहे हैं। यूनुस की सरकार में देश में अराजकता की स्थिति बनी हुई है

देशबन्धु 13 Nov 2025 8:56 am

'ढाका लॉकडाउन' से पहले धोलाईपार में यात्री बस को उपद्रवियों ने लगाई आग, पुलिस के दावों की खुली पोल

गुरुवार को अवामी लीग ने ढाका लॉकडाउन का ऐलान किया, तो वहीं सिटी पुलिस ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है

देशबन्धु 13 Nov 2025 8:47 am

स्पॉटलाइट-दिल्ली और इस्लामाबाद हमले पर अमेरिका का दोगलापन:पाकिस्तान में हुआ हमला आतंकी बताया, सोशल मीडिया पर छिड़ा कैसा विवाद; देखें वीडियो

दिल्ली और इस्लामाबाद ब्लास्ट के बाद दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आईं, लेकिन अमेरिकी एंबेसी का बयान सबसे ज्यादा चर्चा में रहा. इसी बयान के बाद अमेरिका पर भारत के खिलाफ दोहरा रवैया अपनाने के आरोप क्यों लगे. पूरी कहानी जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक करें.

दैनिक भास्कर 13 Nov 2025 6:00 am

ब्लैकबोर्ड-रात में लड़कों ने पीट-पीटकर कपड़े फाड़े, सेक्सुअल हैरेसमेंट किया:नाचने पर पापा ने घर से निकाला; भारत के फेमस बेली डांसरों की कहानी

रात का अंधेरा था। सड़क सुनसान थी। 8 लड़कों ने उसे घेर लिया, खूब पीटा और उसके सारे कपड़े फाड़कर निर्वस्त्र कर दिया। उसके साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट किया गया। केवल इसलिए कि वह बेली डांसर है- और वह भी एक लड़का होकर। कुछ सालों बाद, आज जब वही लड़का मंच पर आता है, तो तालियां बजाते हैं। लेकिन उसका मन अब भी उन रातों में लौट जाता है, जब उसे तरह-तरह के ताने मिले, पीटा गया और उसके कपड़े फाड़े गए। जो कि उसकी पहचान मिटाने कोशिश थी। आज जब वह लड़का नाचता है, तो केवल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि अपने वजूद और अपनी पहचान के लिए भी। यही नहीं उसने एमबीए भी किया और डांसर होने के साथ-साथ इंफोसिस कंपनी में फाइनेंशियल एडवाइजर भी है। ब्लैकबोर्ड में इस बार पुरुष बेली डांसरों की स्याह कहानी। औरत कहकर इन डांसरों का मजाक उड़ाया गया। इनके साथ मारपीट की गई और इन्हें घर छोड़ना पड़ा। आज ये देश के चर्चित बेली डांसर हैं। मुंबई के रहने वाले राहुल गुप्ता इस समय हरियाणा के गुरुग्राम में रहते हैं। वह एक बेली डांसर हैं। यह डांस आमतौर पर महिलाएं करती हैं। इसमें डांसर्स अपनी कमर और पैरों की खास मूव करता है, जिससे दर्शक तालियां बजाने को मजबूर होते हैं। राहुल बताते हैं- ‘हां मैं बचपन से ही डांसर बनना चाहता था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि बेली डांसर ही बनूंगा।' वह कहते हैं- ‘मैं जब पांच साल का था, तब कथक डांस शुरू किया। मेरी मां ने ही इसके लिए प्रेरित किया था। कथक सीखने के दौरान कई अलग-अलग डांस सीखे, लेकिन किसी में भी मजा नहीं आ रहा था। ऐसा महसूस होता कि मैं खुद से मिल नहीं पा रहा हूं। अपनी आत्मा नहीं ढूंढ़ पा रहा। मतलब डांस तो कर रहा था, लेकिन उससे दिल से कनेक्ट नहीं हो पा रहा था।’ ‘एक दिन टीवी पर पहली बार बेली डांस देखा। उसके बाद तो सब कुछ बदल गया। लगा कि इस डांस में कुछ अलग बात है। फिर इस डांस को आजमाना शुरू किया। इसको करते हुए ऐसा महसूस होता कि इसमें खास ग्रेस यानी खूबसूरती है। सच कहूं तो यही डांस मेरे अंदर की महिला वाली खूबसूरती को सामने लेकर आया। यह खूबसूरती और किसी डांस में नहीं आ पा रही थी।’ ‘लेकिन इसे सीखने के लिए मुझे कोई टीचर नहीं मिल रहा था। मैंने यूट्यूब और टीवी पर देख-देखकर इसे करना शुरू किया। इस दौरान मुझे एक टीचर मिल गए। उनके यहां एडमिशन लेने गया। मेरी मां भी साथ गईं। मैं खुशनसीब था कि मां साथ थीं। मां ने इस डांस को लेकर महिला-पुरुष की मानसिकता से ऊपर उठकर मेरा साथ दिया।’ राहुल आगे जोड़ते हैं- पापा को जब पता चला कि मैं बेली डांस करता हूं तो वो हैरान थे। उन्हें लगा कि लड़का होकर मैं लड़कियों की तरह कमर मटकाता हूं। हालांकि, अपने टीचर के पास मैंने लंबी ट्रेनिंग ली और एक प्रोफेशनल बेली डांसर बन गया। वह कहते हैं कि इस डांस की ट्रेनिंग दौरान लोग बहुत चिढ़ाते थे। कहते- तुम हिजड़े की तरह नाचते हो। 'गे', 'छक्का' हो। 'इम्पोस्टर' यानी 'बहुरूपिया' हो। तब उनसे कहता- आप लोग जिनका नाम ले रहे हों, क्या वे इंसान नहीं हैं? 'इस तरह मेरा बहुत मजाक उड़ाया जाता। कई बार तो ऐसा लगा कि जो कुछ कर रहा हूं वो पाप है। बहुत गंदा काम है। लोग मुझे स्वीकार ही नहीं कर रहे थे। एक बार तो मन बना लिया कि अब से बेली डांस नहीं करूंगा। कुछ दिन के लिए इसे बंद कर दिया। उस दौरान सोचा... अगर इसी तरह लोगों के कहने पर चीजों को छोड़ता रहा, तो अपनी जिंदगी में कुछ भी हासिल नहीं कर पाऊंगा। बहुत सोचने के बाद मैंने ठान लिया- अपनी पहचान से समझौता नहीं करूंगा।' उसके बाद इस डांस को फिर से शुरू किया। इसे एक प्रमाणिक आर्ट और इजिप्शियन यानि मिस्र के क्लासिक डांस के तौर पर देखने लगा। दरअसल, यह डांस कैबरे आर्ट फॉर्म- यानी संगीत, नृत्य, गीत, हास्य और थिएटर की मिली-जुली कला वाला डांस नहीं है। इसको कोई भी ट्राई कर सकता है। राहुल के इस सफर में एक किस्सा घटा। उसने उन्हें घर छोड़ने को मजबूर कर दिया। वह बताते हैं, 'एक बार मैंने एक रियलिटी शो में डांस किया। वहां पापा भी साथ गए थे। मेरे जान-पहचान के भी लोग थे। शो के बाद कुछ लोगों ने मेरे पापा से कहा- आप अपने बेटे से ये क्या करवा रहे हो। इस डांस को तो लड़कियां करती हैं। उस दिन पापा बहुत दुखी हुए थे। वह नाराज होकर घर लौट आए थे।' 'वो दिन मेरे लिए सबसे मुश्किल साबित हुआ। घर आया तो पापा ने मुझे बहुत डांटा और इस डांस को छोड़ने को कहा। बात इतनी बढ़ी कि उन्होंने मुझे मारा और घर से निकाल दिया। उस दिन चेहरे पर मायूसी लेकर घर से निकल गया। उस दिन ठान लिया कि किसी भी कीमत पर रुकूंगा नहीं। लोगों को एक अच्छा बेली डांसर बनकर दिखाऊंगा।’ राहुल कहते हैं कि उस वक्त मेरी मां ने कहा था- मैं जो कर रहा हूं, वो गलत नहीं है। हालांकि पापा को गलत नहीं मानता। उन्हें लगता था कि कुछ चीजें लड़कों के लिए बनीं हैं और कुछ लड़कियों के लिए। वह नहीं समझ रहे थे कि समय बदल गया है। आज अगर लड़कियां माइकल जैक्सन से प्रेरित हो सकती हैं, तो लड़के माधुरी दीक्षित की तरह डांस क्यों नहीं कर सकते? घर से निकाले जाने के बाद राहुल हरियाणा के गुरुग्राम में आकर रहने लगे। यहां जमकर बेली डांस की प्रैक्टिस की। वह कहते हैं कि यहां रहते हुए कई छात्र उनसे बेली डांस सीखने आने लगे। गुरुग्राम में अक्सर मंच पर प्रोग्राम करने जाता। लेकिन यहां भी सुकून नहीं था। लोगों ने तरह-तरह की गालियां दीं। वह कहते हैं, ‘गुरुग्राम जैसे शहर में, रास्ते से गुजरते वक्त कहते- देखो, छक्का जा रहा है। मुझे रां@#’, भां@#, नचनिया कहकर बुलाया। इस डांस की वजह से मुझे बहुत दिक्कतें झेलनी पड़ी। राहुल की आवाज में यह कहते हुए बड़ा दर्द था- ‘आखिर आज जब लड़कियां गाड़ी चलाती हैं या पायलट बनती हैं, तो उन्हें खूब सराहा जाता है। लेकिन अगर कोई लड़का शेफ बन जाए, डांसर बन जाए, डिजाइनर बन जाए तो उस पर तंज कसे जाते हैं। उसे 'गे', 'छक्का', 'हिजड़ा', 'मामू'- और न जाने क्या-क्या कहा जाता है।’ यही नहीं, जब मैंने अपने डांस के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर डाले, तो मुझे उम्मीद थी कि लोग सराहेंगे। लेकिन हुआ उल्टा। लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया। कहा- 'तू मर्द के नाम पर कलंक है, मर क्यों नहीं जाता।' कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर मेरा एक वीडियो वायरल हुआ। उसके बाद तो मेरा खाना-पीना और सोना हराम हो गया। लोग उस वीडियो की मीम बनाने लगे। उसमें वे मुझे गलत तरीके से दिखाते। 'मैं बहुत डर गया था। खुद को कमरे में बंद कर लिया। कई दिनों तक बाहर नहीं निकला। आस-पास रहने वाले लोगों से डर लगने लगा था। डिप्रेशन में चला गया। डेढ़ साल तक डिप्रेशन में रहा। कई बार लगा कि सुसाइड कर लूं।’ ‘आखिरकार मैं एक मनोचिकित्सक के पास गया। उन्होंने मेरी काउंसलिंग की। कहा कि अगर तुम्हें ठीक होना है, तो दोबारा डांस शुरू कर दो। ऐसा नाचो कि पीछे मुड़कर मत देखो। उस दिन तो मेरे जैसे नया जन्म हुआ था। उसके बाद फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो पाया।’ यह कहते हुए उनकी आंखों में अब डर नहीं, चमक है। वो मुस्कुराते हैं। कहते हैं कि कला का औरत-मर्द से कोई लेना-देना नहीं। अगर लड़कियां आज मर्दों वाले काम कर सकती हैं, तो लड़के भी अपनी कमर की लचक से समाज की सोच हिला सकते हैं। आज तो मैं दूसरे देशों के लोगों को भी बेली डांस सिखा रहा हूं। वह कहते हैं- ‘मैं चाहता हूं कि जो मेरे साथ हुआ, वो किसी और के साथ न हो। अगर मेरी तरह कोई दिक्कत में हो तो, वो मुझसे मिल सकता है। मुझे उसकी मदद करके बहुत खुश मिलेगी।’ आखिर में कहूंगा- ‘मैंने बहुत संघर्ष किया है। नहीं चाहूंगा कि अगले जन्म में फिर से ‘राहुल द बेली डांसर’ बनूं। लेकिन इन 15 सालों में आज भारत के सबसे बेहतरीन बेली डांसरों में से एक बन गया हूं।’ राहुल की तरह अभिषेक भी एक बेली डांसर हैं। हिमाचल प्रदेश के रहने वाले अभिषेक इस समय महाराष्ट्र के पुणे में रहते हैं। वो बताते हैं कि 14-15 साल का था। कुछ महिलाओं सज-धज कर एक डांस कर रही थीं। उस डांस में हिप्स और कमर के मूवमेंट बहुत लुभावने थे। उनका डांस बहुत पसंद आया। इतना कि उसी पल तय कर लिया कि अब यही करूंगा, यही मेरी पहचान होगी। वह बेली डांस था। वह कहते हैं उससे पहले फ्रीस्टाइल और हाउस डांस करता था। लेकिन उस बेली डांस ने एक नई दिशा में खींच लिया। ‘अब मुझे लगता है कि इस डांस को मैंने नहीं, इसने मुझे चुना है। जब भी दरबुका म्यूजिक यानि मध्य-पूर्वी, तुर्की, मिस्री और अरबी की पारंपरिक ताल बजती है तो मेरी शरीर अपने आप उस धुन पर थिरकने लगती है।’ अभिषेक कहते हैं, उसके बाद मैंने इसकी ट्रेनिंग लेनी शुरू की। इसके लिए दिन-रात मेहनत किया। आज इस मुकाम पर पहुंच गया हूं कि अपनी मेहनत से खुश हूं। अभिषेक की आवाज अचानक धीमी पड़ जाती है। वह कुछ पल रुककर बताते हैं- ‘एक बार रात में घर से टहलने निकला। उस रात 8 लड़कों ने मुझे घेर लिया और पीटना शुरू कर दिया। उन्हें पता था कि मैं बेली डांसर हूं। उस दिन उन्होंने मेरे सारे कपड़े फाड़ दिए। वे लोग उस दिन मुझे लगभग एक किलोमीटर तक घसीट कर ले गए। उनसे रहम की भीख मांग रहा था, गिड़गिड़ा रहा था, लेकिन वो मेरी एक नहीं सुन रहे थे। उन्होंने मुझे निर्वस्त्र कर दिया। मेरा सेक्सुअल हैरेसमेंट किया। मुझे लात-घूंसे मारे और कहते रहे कि तुम जैसे लोग सोसाइटी के लिए गंदगी हो। वो हालत मेरे लिए बहुत ही खराब थी। जैसे-तैसे मैं उस दिन बचकर आया था।’ वह कहते हैं कि आखिर सोसाइटी ने नियम बनाकर रखा है। लोग तय करते हैं कि फलां काम लड़कों का है और फलां लड़कियों का। हमारे देश में तो रंग का भी जेंडर तय कर दिया गया है। जैसे- पिंक कलर को लड़कियों का कलर माना जाता है। अगर कोई लड़का पिंक कलर के कपड़े भी पहन ले तो उसका मजाक उड़ाया जाता है। वह अफसोस जाहिर करते हुए कहते हैं, ‘इस कला के लोग गलत नजरिये से देखते हैं। जब सीख रहा था तब मेरी जान-पहचान के लोग अक्सर मजाक बनाते। कहते- इस डांस को तो औरतें, मर्दों को रिझाने के लिए करती हैं।’ ‘इसी तरह आज जब इस डांस के वीडियो इंस्टाग्राम पर डालता हूं, तो लोग मेरे शरीर पर कमेंट करते हैं। कहते हैं- ‘तुम पर ये डांस सूट नहीं करता।’ 'तू बहुत मोटा, भद्दा लगता है।’ यह सब सुनते-सुनते एक समय ऐसा भी आया कि सोशल मीडिया पर वीडियो डालने में डर लगने लगा। कहीं भी परफॉर्म करने से पहले बहुत सोच-विचार करने लगा। वह कहते हैं कि आज उन लोगों की सोसाइटी में रहता हूं, जिन्होंने मेरी तरह नफरत झेली। उनके साथ रहते हुए अब अकेला नहीं महसूस करता। लगता है हम सभी एक ही जंग लड़ रहे हैं। खुद को स्वीकारने की जंग। अब हम मिलकर बेली डांस की वर्कशॉप करते हैं। अभिषेक मुस्कुराते हैं। कहते हैं- मैंने अपनी लड़ाई खुद लड़ी। अब मुझे डर नहीं लगता है। मैंने बेली डांस में इतनी मेहनत की है कि अब लोग मेरा डांस देखकर तालियां बजाते हैं। मैंने साथ में पढ़ाई भी जारी रखी। फाइनेंस में एमबीए किया और आज इंफोसिस कंपनी में फाइनेंशियल एडवाइजर हूं। साथ में यह डांस मेरा पैशन है। मैं इसे जिम्मेदारी से निभाता हूं। कोलकाता के रहने वाले 23 साल के तुषार रॉय की कहानी भी राहुल की तरह है। वो कहते हैं कि बचपन से ही मुझे डांस करना पसंद था। मैं जिस सोसाइटी में पला-बढ़ा, वहां बच्चों को शुरुआत से ही डॉक्टर या इंजीनियर बनने का दबाव था, लेकिन मेरा मन सिर्फ डांस में लगता था। जब भी कोई नया गाना आता तो उस पर डांस करता था। तुषार बताते हैं कि एक बार डांस रिहर्सल के दौरान उन्होंने बेली डांस के कुछ मूव करने की कोशिश की। वहां मौजूद कुछ लोगों ने मुझे रोक दिया। उन्होंने कहा कि यह डांस स्टेप तुम्हारे लिए नहीं, यह लड़कियों के लिए है। उनकी बातें बहुत बुरी लगीं और मेरे अंदर घर कर गईं, लेकिन बेली डांस के स्टेप्स को आजमाने लगा था। तुषार बेली डांस में मन लगने का किस्सा बताते हैं। वह कहते हैं- ‘जब मैंने 10वीं पास की, तो उस समय अभिनेत्री रानी मुखर्जी का एक गाना आया था ‘अगा बाई’, जिसकी शुरुआत वो बेली डांस से करती हैं। उनके स्टेप्स को सीखने लगा। कुछ लोगों के उनके स्टेप को कॉपी करके दिखाया तो वे मुझे देखकर हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि तुमने बहुत शानदार बेली डांस किया है। उस दिन मुझे पहली बार लगा कि मैं कुछ अलग कर सकता हूं। मुझे बहुत अटेंशन मिलने लगा और तब से मैंने अपना पूरा फोकस बेली डांस पर लगा दिया। तुषार ने उसके बाद खुद को और बेहतर करने की ठानी। वह बताते हैं- मैंने टीचर ढूंढ़ा। उनसे ट्रेनिंग लेना शुरू किया और बेली डांस के सफर आगे बढ़ाता गया। अब तो यह मेरे लिए सिर्फ एक आर्ट नहीं, बल्कि मेरी जिंदगी बन गया है। जब भी मैं बेली डांस करता हूं, तो ऐसा लगता है जैसे मैं खुद को पा रहा हूं। अपनी एक अलग पहचान बनता पाता हूं। ‘मैं मानता हूं कि बेली डांसर बनने लिए औरत या मर्द मसला नहीं है, बस डांस के लिए जुनून होना चाहिए।’ तुषार बताते हैं कि लोगों ने मुझ पर गंदे कमेंट किए। मेरे कपड़ों पर कहते- ‘कुछ पहनने की जरूरत ही क्या है, सारे कपड़े उतार कर डांस कर।’ जब मैंने डांस के दौरान ब्रा पहननी शुरू की तो लोगों ने कहा- 'लड़की क्यों नहीं बन जाते', 'सेक्स चेंज करवा लो'। ये सब सुनकर पहले बहुत तकलीफ होती थी। वहीं, इस दौरान मेरे घर वाले हमेशा मेरे साथ खड़े रहे। यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। (नोट- बेली डांस मध्य-पूर्व एशिया का प्रमुख डांस है। यह अरब देशों का क्लासिकल डांस है। बॉलीवुड फिल्मों- ‘तीस मार खा’ में- ‘शीला की जवानी’, एक था टाइगर में- माशाअल्ला और दिलबर..दिलबर गाने पर अभिनेत्री व डांसर नोरा फतेही ने इस डांस को किया है।) ------------------------------------------ 1- ब्लैकबोर्ड-बेटी ने मारा तो घर छोड़ा:बस के नीचे मरने पहुंचे, भाई ने फर्जी साइन से पैसे हड़पे, वृद्धाश्रम में रोज सुबह सोचते हैं- कोई लेने आएगा मेरे बच्चे नहीं हैं। पत्नी की मौत के बाद अकेला हो गया था। मुझे आंख से दिखाई नहीं देता। एक रिश्तेदार के यहां रहने चला गया। वहां बहुत जलील हुआ तो एक दूसरे रिश्तेदार के यहां रहने पहुंचा, लेकिन उन्होंने अपने यहां रखने से साफ मना करा दिया। उस दिन मन में विचार आया कि सब खत्म कर दूं। सोचा कि यमुना में कूद जाऊं। फिर मरने के लिए एक बस डिपो पर गया। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड-पत्नी को लोग कोठेवाली समझते हैं:जीबी रोड का पता देख बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता; दोस्त कहते हैं चलो तुम्हारे घर मौज करते हैं हलचल भरी दिल्ली में शाम ढलने लगी थी। मैं शहर के जीबी रोड पहुंची। इसे रेड लाइट एरिया भी कहा जाता है। यह इलाका सेक्स वर्क के लिए बदनाम है। दूर से ही सेक्स वर्कर्स के कोठे नजर आ रहे थे, जिनकी खिड़कियों से सजी-संवरी महिलाएं झांक रही थीं। एक-एक करके ग्राहक बाहर बनी सीढ़ियों से उन कोठों पर जा रहे थे। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें

दैनिक भास्कर 13 Nov 2025 5:54 am

भारत–पाक बॉर्डर पर निगरानी आधी हुई:जहां 30 जवान थे, अब आधे भी नहीं; बॉर्डर की आंखों देखी

भारत-पाक बॉर्डर पर जवानों की संख्या आधी रह गई है। जिन बॉर्डर आउट पोस्ट, यानी BOP पर 30 से 40 जवान पहरेदारी करते थे, वो अभी 10 से 12 पर पहुंच गया हैं। पेट्रोलिंग की फ्रीक्वेंसी भी पहले से आधी रह गई है। जवान कम होने से निगरानी का इलाका बढ़ गया है। पहले जहां दो जवान 500 से 600 मीटर का एरिया देखते थे, वो अब डेढ़ से दो किमी हो गया है। इससे घुसपैठ का खतरा बढ़ गया है। मैं भारत-पाक बॉर्डर के राजस्थान से साझा होने वाले हिस्से में हूं। शाम के 4 बजे हैं। यहां आकर पता चला कि BSF की 375 कंपनियां बिहार चुनाव में भेजी गई हैं। बॉर्डर पर जवानों की संख्या कम होने की बड़ी वजह यही है। अक्टूबर के पहले हफ्ते से जवानों का मोबलाइजेशन शुरू हुआ था। वापसी नवंबर के तीसरे हफ्ते तक होगी। जहां 500 जवान होते थे, वहां से 360 हट गए BSF की स्ट्रेंथ को ऐसे समझिए-कुल जवान- 2.65 लाख, ये जवान 193 बटालियन में बंटे हैं। एक बटालियन में 7 कंपनियां होती हैं। इस तरह BSF में करीब 1351 कंपनियां हुईं। हर 7 में से 1 कंपनी मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स, यानी MHA, यानी गृह मंत्रालय के लिए रिजर्व होती है। ऐसे में हर बटालियन से 6 कंपनियों पर ही बॉर्डर संभालने की जिम्मेदारी होती है। इन्हीं में से 375 कंपनियों को चुनावी ड्यूटी के लिए भेजा गया है। एक कंपनी 2 से 3 BOP संभालती है। इसी तरह 6 कंपनियां 16 से 18 BOP संभालती हैं। एक कंपनी में एवरेज 80 का मैदानी मैनपावर होता है, यानी 6 कंपनियों में 500 का मैनपावर हुआ। 6 में से कहीं से 3 तो कहीं से 4 कंपनियां हटाई गई हैं। यानी 500 में से 360 के आसपास जवान हट गए हैं। क्योंकि ये भी नियम है कि जब कोई कंपनी बाहर मोबलाइज करेगी तो कम से कम उसमें 90 जवान होना ही चाहिए। इसे और बारीकी से समझते हैं। BSF की एक बटालियन में औसत 1100 का मैनपावर है। 25 फीसदी छुट्‌टी वालो जवानों को हटा दें तो 825 मैनपावर बचा। इसमें 360 इलेक्शन वाले हटा दें तो 465 जवान बचे। करीब 10 फीसदी बीमारी वाले निकल जाएंगे, ऐसे करीब 400 जवान बचे। इनमें 50 से 60 अटैचमेंट पर होते हैं, कुछ दिल्ली में, कुछ कमांड, सेक्टर या फ्रंटियर में अटैच हैं। इसके बाद करीब 350 जवान बचे। अब इन 350 जवानों को बॉर्डर और बटालियन का हेडक्वार्टर दोनों चलाना है। इसमें 50 से 60 ड्राइवर होंगे। 35 से 40 क्लेरिकल स्टाफ, कम्युनिकेशन सिग्नल वाले, कैमल हैंडलर, सीएमएचओ, कुक हैं। इन सबको हटा दें तो बॉर्डर के लिए करीब 200 जवान बचेंगे। अब इन 200 जवानों को 16 से 18 BOP संभालना है। यानी BOP पर एवरेज 10 से 12 जवान रह गए। ये भी दो शिफ्ट में काम करेंगे। यानी एक शिफ्ट में हर दो से तीन BOP पर 6 से 8 जवान ही सुरक्षा के लिए बचे। एक कंपनी में 140 जवान होना चाहिए। लेकिन छुटि्टयों, ट्रेनिंग कोर्स, टेंपरेरी ड्यूटी, मेडिकल लीव को हटा दें तो एक बार में 80 से 90 जवान ही मैदान में होते हैं। 375 कंपनियों के बिहार जाने का मतलब है कि, BSF की 193 बटालियन में से करीब 53 बटालियन चुनावी ड्यूटी में लगी हैं। यानी बॉर्डर की सुरक्षा में लगे करीब 34 हजार जवान इलेक्शन में ड्यूटी कर रहे हैं। नक्सल और कश्मीर से जवान नहीं हटाए जा सकते कुछ जगहों से जवानों को नहीं हटाया जाता। जैसे, एंटी नक्सल ऑपरेशन यानी NO। इसमें दो फ्रंटियर हैं, करीब 16 बटालियन हैं, 112 कंपनी हैं, इन्हें हटाया नहीं जाता। इसी तरह कश्मीर में BSF की करीब 15 बटालियन हैं, जो भारतीय सेना के साथ मिलकर काम करती हैं, यहां से भी जवान हटाए नहीं जाते। करीब 3 बटालियन दिल्ली में हैं, जो VVIP की सुरक्षा और दूसरे कामों के लिए नियुक्त हैं, इन्हें भी नहीं हटाया जाता। इन सबको मिला लें तो करीब 35 बटालियन ऐसी हैं, जिनका मैनपावर कहीं नहीं जाता। इसके अलावा ट्रेनिंग सेंटर, सेक्टर, फ्रंटियर, आईजी, डीआईजी हेडक्वार्टर वाला मैनपावर भी नहीं हटाया जाता। BSF के एक अफसर कहते हैं, ‘जवान सिर्फ बॉर्डर वाले हटाए जाते हैं।’ 25 फीसदी जवान छुट्‌टी पर होते हैं। नियम है कि, कम से कम 25 फीसदी जवान छुट्‌टी पर रहना चाहिए ताकि सभी को छुटि्टयां मिल सकें। एक जवान को एक साल में ढाई से तीन महीने की छुट्‌टी दी जाती है। कुछ डिफिशिएंसी चल रही है, यानी जितने पद खाली हुए, उसके अगेंस्ट में अभी भर्ती नहीं हुई है, या चल रही है। करीब 10 फीसदी जवान मेडिकल लीव पर होते हैं। बिहार इलेक्शन में BSF का करीब 30 फीसदी मैनपावर लगा है। 15 से 20 फीसदी मैनपावर अलग–अलग ड्यूटीज में कमिटेड है। 25 फीसदी जवान छुटि्टयों पर होते हैं। करीब 10 फीसदी लो मेडिकल कैटेगरी यानी MLC वाले होते हैं। यानी बॉर्डर की सिक्योरिटी के लिए अभी 25 से 30 फीसदी मैनपावर ही है। अब चलिए बॉर्डर पर… शाम के 5 बज रहे हैं। बॉर्डर आउट पोस्ट यानी BOP से जवान बॉर्डर पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। बॉर्डर पर जाने से पहले जवान कम से कम आधा घंटे BOP में साफ–सफाई और दूसरे मेंटेनेन्स से जुड़े काम करते हैं। बॉर्डर पर पहुंचने के बाद गश्त शुरू हो जाती है। कुछ जवान पैदल गश्त कर रहे हैं। कुछ व्हीकल पेट्रोलिंग कर रहे हैं तो कोई ऊंट पर भी सवार है। वॉच टॉवर के ऊपर एक जवान खड़ा है। हाथ में दूरबीन है, जो आंखों से सटा हुआ है। रात हो चुकी है, इसलिए बड़े–बड़े पोल्स पर लगे फ्लड लाइट्स ऑन हो चुके हैं। इनका मुंह पाकिस्तान की तरफ है, ताकि वहां से कोई भी मूवमेंट हो तो साफ नजर आ सके। एक जवान ने कहा कि, ‘हमने तो फेंसिंग लगाई है, लाइट्स भी हैं, लेकिन पाकिस्तान ने कुछ इंतजाम नहीं किया। फेंसिंग तक नहीं लगाई। उनके जवान पहरा भी नहीं देते क्योंकि उन्हें पता है कि, भारत से तो कोई घुसपैठ होना नहीं है। वो बेफिक्र हैं, और हमारी निगाहें 24 घंटे उन पर टिकी रहती हैं।’ हर रोज फुटप्रिंट्स की जांच की जाती है एक अफसर कहते हैं, ‘बॉर्डर पर हम रोजाना पैरों के निशान यानी फुटप्रिंट्स और अन्य रिकॉर्ड्स की जांच करते हैं इससे पता चलता है कि उस पार से कोई इंसान या जानवर हमारे एरिया में तो नहीं आया। रात में तारों में करंट भी छोड़ते हैं।’ खैर, जो जवान अभी गश्त कर रहे हैं, वे रात 12 बजे तक बॉर्डर रहेंगे। फिर दूसरी शिफ्ट वाले जवान आएंगे जो सुबह 6 बजे तक रहेंगे, और उनके जान के बाद यही जवान फिर बॉर्डर पर आ जाएंगे। इसी तरीके से 24 घंटे निगरानी चलती रहती है। BSF में एक जवान को एक दिन में 2 शिफ्ट करनी होती है। यदि सुबह 6 बजे वाली शिफ्ट में कोई जवान जाता है तो उसकी शिफ्ट दोपहर 12 बजे खत्म होती है। कैंप में आते-आते 12.30 बज जाते हैं। फिर जवान नहाने, कपड़े साफ करने, कैंप मेंटेनेन्स करने जैसे छोटे-मोटे काम करते हैं। इसके बाद लंच करते हैं और सोते-सोते 2.30 बज जाते हैं। शाम को 6 बजे से फिर दूसरी शिफ्ट पर जाना होता है इसलिए 5 बजे तक उठ जाते हैं और तैयार होकर बॉर्डर पर चले जाते हैं। फिर रात में 12 बजे शिफ्ट ओवर होती है। आते-आते 12.30 बज जाते हैं। रात में फिर एक-डेढ़ घंटा डेली रूटीन एक्टिविटी में लगता है। इस तरह सोना 2 बजे तक हो पाता है और सुबह 5 बजे फिर उठना पड़ता है। ऐसे में जवानों की दोनों शिफ्ट में मिलने वाले गैप को मिलाकर भी 6 घंटे की नींद बमुश्किल हो पाती है। भारत–पाक बॉर्डर पर निगरानी होती कैसे है 3323 किमी लंबी भारत–पाक बॉर्डर की सुरक्षा की मुख्य जिम्मेदारी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी BSF की है। मोटेतौर पर BSF चार तरीकों ह्युमन सिक्योरिटी यानी हथियार लैस जवान, फिजिकल बैरियर्स जैसे कंटीले तारों की बाड़, टेक्नोलॉजिकल सर्विलांस जैसे सेंसर, कैमरा, ड्रोन और इंटेलीजेंस कोर्डिनेशन जैसे, एजेंसी के बीच शेयरिंग से बॉर्डर की सुरक्षा करता है। इनमें सबसे अहम हथियार लैस जवानों की गश्त होती है। जवान 24 घंटे बॉर्डर पर पहरा देते हैं। यही घुसपैठ रोकते हैं। यही तस्करी रोकते हैं। यही बॉर्डर के पास होने वाले क्राइम को रोकते हैं। BSF में 6 से 12 और 12 से 6 की शिफ्ट लगती है। यानी जवानों को सुबह 6 से दोपहर के 12 बजे तक, दोपहर 12 से शाम के 6 बजे तक, शाम 6 से रात 12 बजे तक और रात 12 से सुबह 6 बजे तक बॉर्डर पर ड्यूटी करनी होती है। एक जवान की एक दिन में दो शिफ्ट लगती हैं। शिफ्ट के दौरान जवान एक BOP से दूसरी BOP के बीच पहरेदारी करते हैं। कहीं यह दूरी 2 से 3 किमी होती है। कहीं 3 से 5 किमी तक होती है। संवेदनशील इलाकों में दूरी कम है, जहां रिस्क ज्यादा नहीं है, वहां दूरी ज्यादा है। जवान कम होने से निगरानी का एरिया दोगुना होता है BSF के रिटायर्ड एडिशनल डीजी एसके सूद कहते हैं, ‘BSF के जवान मणिपुर, कश्मीर और माओवादी इलाकों में भी तैनात हैं, जहां से उन्हें हटाया नहीं जा सकता।’ ‘ऐसे में चुनाव के लिए बची हुई कंपनियों में से ही कुछ को भेजा जाता है। इससे सिक्योरिटी कमजोर होती है। क्योंकि लंबे समय के लिए जवान सीमा से दूर हो जाते हैं। वहीं जो मौजूदा जवान होते हैं, उन पर एक्स्ट्रा बर्डन आता है। जवान पहले ही 12 से 14 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं।’ सूद के मुताबिक, ‘जवान कम होने से जो जवान पहले 10 किमी को देख रहा होगा, अब उसे 20 किमी का एरिया कवर करना होगा। ऐसे में जवान का फिजिकल, मेंटल स्ट्रेस तो बढ़ेगा ही साथ ही निगरानी कमजोर होना लाजिमी है, क्योंकि गश्त की फ्रिक्वेंसी कम होगी।’ वे कहते हैं, ‘1999 के बाद करगिल रिव्यू कमेटी ने कहा था वन फोर्स एक टास्क। यानी जो जवान बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे हैं, वो वही करेंगे। जो अंदरूनी काम में है, वो वहीं देखेंगे। लेकिन कमेटी की सिफारिशें आज तक लागू नहीं हो पाईं।’ कुछ कंपनियां भी कम हो जाएं तो पूरे एरिया पर असर BSF के रिटायर्ड आईजी बीएन शर्मा कहते हैं, ‘बॉर्डर से कुछ कंपनियों को भी निकाला जाए तो उसका असर पूरे एरिया में पड़ता है। बॉर्डर से मिनिमम रिक्वायरमेंट किसी भी हाल में कम नहीं होना चाहिए।’ ‘इलेक्शन में जहां हाइपर सेंसेटिव एरिया हैं, वहां जवानों को भेजा जा सकता है, लेकिन हर जगह ही BSF को लगा दिया जाएगा तो बॉर्डर कौन संभालेगा। BSF की पहली ड्यूटी सीमा सुरक्षा है।’ जून में एक पाकिस्तानी युवक–युवती अंदर घुस आए थे इसी साल जून में राजस्थान के जैसलमेर में एक पाकिस्तानी युवक–युवती बॉर्डर क्रॉस कर भारत में घुस आए थे। भेड़–बकरी पालने वालों ने इनकी लाश देखकर तनोट पुलिस को सूचना दी थी। दोनों भारतीय सीमा में करीब 15 किमी अंदर तक घुस आए थे। दोनों के पास से पाकिस्तानी पहचान पत्र मिले। बाद में पता चला कि, प्यास और डिहाइड्रेशन के चलते दोनों की मौत हुई। इस घटना के बाद बॉर्डर की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए थे। हम उन गांव वालों से मिले, जिन्होंने दोनों पाकिस्तानियों की लाश देखकर पुलिस को सूचना दी थी। भेड़–बकरी पालने वाले पर्वत सिंह ने बताया कि, हम बॉर्डर के नजदीक तक भेड़ें लेकर जाते हैं। हमारे ही एक साथी ने दोनों लाशें देखी थीं। पर्वत सिंह कहते हैं, बाद में पुलिस–BSF सब ने हमसे पूछताछ की। लेकिन वे अंदर कैसे आए ये किसी को पता नहीं चला। बॉर्डर के नीचे से सुरंग करके आए होंगे या ऊपर कई बार रेत आ जाती है, उसे पार करके आए होंगे। इसी गांव में रहने वाले भगवानदास कहते हैं, जब बाड़ नहीं लगी थी तब पाकिस्तानी हथियार लेकर गांव में घुस जाते थे और हमारे मवेशी ले जाते थे। वे कई लोग एकसाथ आते थे, लेकिन जब से बाड़ लगी है, तब से कम से कम जैसलमेर में तो घुसपैठ नहीं होती। कई सालों बाद पाकिस्तानी युवक–युवती कैसे घुस आए ये पता नहीं। BSF में 10 हजार वैकेंसी : पिछले साल गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में बताया था कि, BSF में 10 हजार 145 वैकेंसी हैं। वहीं पिछले 5 साल में 7372 नई पोस्ट क्रिएट की गई हैं। उन्होंने जानकारी दी थी कि, बीते 5 सालों में 54 हजार 760 पर्सनेल BSF में रिक्रूट किए गए हैं। हमने इस मामले में मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के बॉर्डर मैनेजमेंट डिवीजन में सेक्रेटरी डॉ राजेंद्र कुमार से बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई। हमने उन्हें सवाल आधिकारिक वेबसाइट पर ईमेल किए हैं। मिनिस्ट्री से जैसे ही रिप्लाई आएगा, खबर में अपडेट किया जाएगा। नोट : सुरक्षा के नजरिए से इस खबर में लोकेशन, BOP के नाम, जवानों के चेहरे उजागर नहीं किए जा रहे। ................................................. आप ये इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट भी पढ़ सकते हैं विदेशी लड़कियों को हाथ–पैर बांध, पीटकर बना रहे सेक्स वर्कर:बॉस के चंगुल में फंसाते हैं; उज्बेक, तुर्कमेनिस्तान की लड़कियां टारगेट पर ‘मैं उज्बेकिस्तान की रहने वाली हूं। नौकरी की तलाश में थी। इंस्टाग्राम पर एक लड़की से दोस्ती हुई। उसने दुबई आने को कहा। बोली– एक गर्भवती महिला है, उसके बच्चे को संभालने का काम है।’ ‘मैं उस पर यकीन कर दुबई पहुंची। फिर कहा गया कि, आपको किसी दूसरे शहर में रहना होगा। यह बोलकर मुझे नेपाल ले गए। फिर एक आदमी नेपाल से भारत ले आया।’ पूरी खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...।

दैनिक भास्कर 13 Nov 2025 5:49 am

एग्जिट पोल में NDA को बहुमत, क्या नीतीश होंगे CM:5 में से 4 पैरामीटर फेवर में, पोस्टर भी लग गए; पर बढ़ी हुई वोटिंग ने बढ़ाई चिंता

बिहार चुनाव से जुड़े 2 बड़े अपडेट हैं। पहला- इस बार आजादी के बाद सबसे ज्यादा 66.9% वोटिंग हुई है। यानी पिछले चुनाव से करीब 9.6% ज्यादा। दूसरा- 17 एग्जिट पोल में NDA मजबूती के साथ सरकार बना रही है। सिर्फ 2 एग्जिट पोल महागठबंधन के फेवर में हैं। इन दोनों सिनेरियो में सरकार किसकी बन रही और मुख्यमंत्री कौन बनने जा रहा है? हमने 5 अलग-अलग पैरामीटर पर इसका एनालिसिस किया। पता चला कि 4 पैरामीटर्स NDA के फेवर में हैं और नीतीश मुख्यमंत्री बने रहेंगे। चलिए अब एक-एक करके पांचों पैरामीटर जान लेते हैं… 1. पोल ऑफ पोल्स : 17 एजेंसियों के सर्वे में NDA सरकार 17 एजेंसियों के एग्जिट पोल ऑफ पोल्स में NDA को साफ बहुमत मिल रहा है। कुल 243 सीटों में से NDA को 154 और महागठबंधन को 83 सीटें मिलने का अनुमान है। अन्य के खाते में 5 सीटें जा सकती हैं। गठबंधन के हिसाब से बीजेपी को सबसे ज्यादा 75, जदयू को 67 और 12 सीटें बाकी सहयोगियों को। महागठबंधन में राजद को 58, कांग्रेस को 13 और अन्य को 12 सीटें मिल सकती हैं। यानी, NDA की सरकार बन रही और बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी। अब सवाल है कि मुख्यमंत्री कौन होगा…. दरअसल, 16 अक्टूबर को अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा कि चुनाव बाद विधायक दल तय करेगा कि कौन अगला मुख्यमंत्री होगा? इससे पहले उन्होंने जून 2025 में भी कहा था- ‘चुनाव बाद NDA के विधायक दल की बैठक होगी, उसमें तय हो जाएगा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा।’ शाह के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी कि बीजेपी बहुमत मिलने पर नीतीश को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बनाया। इसके बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय और सांसद राजीव प्रताप रुड़ी जैसे कई नेताओं ने साफ किया कि नीतीश ही सीएम बनेंगे। आखिरकार 1 नवंबर को गृहमंत्री ने भी साफ कर दिया कि नीतीश ही सीएम होंगे। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा-‘इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है। मैं फिर से एक बार स्पष्ट करता हूं कि नीतीश ही मुख्यमंत्री हैं और चुनाव जीतने के बाद भी वही रहेंगे।’ आंकड़े भी नीतीश के ही साथ हैं। नीतीश के बिना बीजेपी बाकी सहयोगियों के साथ मिलकर भी 75+12=87 तक ही पहुंच पा रही। जबकि सरकार बनाने के लिए कम से कम 122 विधायक चाहिए। यानी एनडीए की सरकार आती है, तो नीतीश का सीएम बनना तय है। निष्कर्ष : नीतीश का सीएम बनना तय 2. भास्कर रिपोर्टर्स पोल : 145-160 सीटों के साथ फिर से NDA सरकार दैनिक भास्कर ने बिहार चुनाव में 400 से ज्यादा रिपोर्टरों को ग्राउंड से मिले इनपुट, 5 सीनियर जर्नलिस्ट, 4 पॉलिटिकल एक्सपर्ट और 2 सेफोलॉजिस्ट से डिस्कशन और पॉलिटिकल पार्टियों के इंटरनल सर्वे से मिले इनपुट के आधार पर सर्वे रिजल्ट तैयार किया है। भास्कर रिपोर्टर्स पोल के मुताबिक NDA को 145-160, महागठबंधन को 73-91 और अन्य को 5-10 सीटें मिल सकती हैं। गठबंधन के हिसाब से देखें तो NDA में बीजेपी को 72-82, जदयू को 59-68 और अन्य को 10-12 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, महागठबंधन में राजद को 51-63, कांग्रेस को 12-15 अन्य को 10-13 सीटें मिल सकती हैं। NDA की सरकार बनी, तो मुख्यमंत्री कौन होगा…. भास्कर रिपोर्टर्स पोल के मुताबिक भी आंकड़े नीतीश के साथ ही हैं। नीतीश के बिना NDA अधिकतम 94 सीटें मिल सकती हैं। यानी बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से 28 कम। निष्कर्ष : नीतीश का सीएम बनना तय 3. वोटर टर्नआउट : 5% से ज्यादा वोटिंग घटने-बढ़ने पर बदलाव, अबकी बार 10% ज्यादा आजादी के बाद के 16 विधानसभा चुनाव के वोटिंग पैटर्न को देखें, तो बिहार में जब भी 5% से ज्यादा मतदान बढ़ा या घटा है, तब-तब सरकार बदली है। अब तक ऐसा 4 बार हो चुका है। इसमें से 3 बार 5% से ज्यादा वोट बढ़ने पर बदलाव हुआ है और एक बार 16% कम वोटिंग होने पर। इस बार के चुनाव में रिकार्ड 66.9% वोटिंग हुई है, जो 2020 की तुलना में 9.61% ज्यादा है। यानी अगर वोटिंग बढ़ने-घटने का पुराना रिकॉर्ड कायम रहा, तो नीतीश सरकार बदल सकती है। इससे जुड़ा एक और आंकड़ा भी है। दरअसल, 2025 से पहले बिहार में अब तक सिर्फ तीन बार 60% से ज्यादा वोटिंग हुई है और तीनों बार राजद सरकार बनी है या वापसी हुई है। अब ये ग्राफिक देखिए... निष्कर्ष : नीतीश मुख्यमंत्री नहीं बन रहे। 4. माहौल और पोस्टर : नीतीश को CM बनाने वाले पोस्टर लगे, तेजस्वी का दावा- 18 को शपथ लूंगा पहले फेज की वोटिंग के बाद पटना में कम से कम दो जगह नीतीश के समर्थन में पोस्टर लगे। जिस पर लिखा था- ‘25 से 30 फिर से नीतीश।’ ये पोस्टर जदयू की तरफ से लगवा गया था। हालांकि, बाद में चुनाव आयोग ने इसे हटवा दिया। जानकार इस पोस्टर को प्रेशर पॉलिटिक्स का संकेत मानते हैं। मतलब ये कि जदयू और नीतीश ने एनडीए के भीतर खास करके बीजेपी को यह मैसेज दिया है कि सरकार बनी तो नीतीश ही सीएम होंगे। हाल ही में बीजेपी दफ्तर में लगे पोस्टरों ने भी सबका ध्यान खींचा। जिस पर मोदी और नीतीश की तस्वीर के साथ लिखा था- ‘सोच दमदार, काम असरदार, फिर एक बार NDA सरकार।’ कहा जा रहा है कि पहली बार बीजेपी के दफ्तर में नीतीश की तस्वीर लगी है। इधर, भाजपा कार्यकर्ता पटना में 500 किलो लड्डू बना रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि NDA की सरकार बनेगी। धीरे-धीरे भाजपा कार्यालय में नेताओं और कार्यकर्ताओं के जुटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। तेजस्वी खेमे में कोई हलचल नहीं 12 नवंबर को महागठबंधन के CM पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- ‘नीतीश सरकार जा रही है। हमारी सरकार आ रही है। 18 नवंबर को मैं मुख्यमंत्री पद की शपथ लूंगा।’ हालांकि, एग्जिट पोल के बाद RJD दफ्तर में कोई चहल-पहल नहीं दिख रही। कांग्रेस और मुकेश सहनी की पार्टी में भी कोई हलचल नहीं है। निष्कर्ष : NDA सरकार बना सकती है, सीएम नीतीश ही होंगे 5. सट्टा बाजार : NDA को 140 से ज्यादा सीट, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी दिल्ली सट्टा बाजार के मुताबिक NDA को 142-45 और महागठबंधन को 88-91 सीटें मिल सकती हैं। NDA में बीजेपी को 69-71 और जदयू को 59-61 सीट मिल सकती हैं। जबकि राजद को 67-69 सीटें। फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक NDA को 145-148 और महागठबंधन को 86-89 सीटें मिल सकती हैं। बीजेपी को सबसे ज्यादा 70-72, जदयू को 57-59 और राजद को 66 से 68 सीटें मिल रही हैं। मुंबई सट्टा बाजार का आंकड़ा भी NDA के फेवर में है। उसके मुताबिक NDA को 147-150 और महागठबंधन को 86-89 सीटें मिल सकती हैं। इसमें बीजेपी को 70 और जदयू को 62 सीटें मिल रहीं। इस तरह तीनों NDA की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। तीनों के आंकड़ों में बीजेपी को अधिकतम 72 सीटें मिल रहीं और जदयू को 62 सीट। यानी सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़े तक पहुंचने के लिए बीजेपी को नीतीश का साथ चाहिए ही होगा। निष्कर्ष : NDA को साफ बहुमत, नीतीश मुख्यमंत्री बन सकते हैं।

दैनिक भास्कर 13 Nov 2025 5:09 am

43 दिन के शटडाउन को खत्म करने की कवायद, यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में होगी वोटिंग

US Shutdown: अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे गवर्नमेंट शटडाउन को खत्म करने के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में वोटिंग करने की कवायद शुरू हो गई है.

ज़ी न्यूज़ 13 Nov 2025 4:49 am

ट्रंप को तगड़ा झटका, जिन्हें घुसपैठिये बताकर कराया था गिरफ्तार, कोर्ट ने दिया उन 615 लोगों को रिहा करने का आदेश

Immigrants in US: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप घुसपैठियों के मुद्दों को लेकर अक्सर मुखर और कार्रवाई के मूड में रहते हैं, लेकिन अब उनके प्रशासन को एक जिला अदालत से तगड़ा झटका लगा है.

ज़ी न्यूज़ 13 Nov 2025 4:06 am

टेरर मॉड्यूल से कैसे जुड़ा डॉ. निसार का नाम:आतंकी कनेक्शन में नौकरी गई, दिल्ली ब्लास्ट के बाद से गायब; पत्नी बोली- NIA की कस्टडी में

फरीदाबाद और कश्मीर के डॉक्टर टेरर मॉड्यूल से अब एक नाम और जुड़ रहा है। वो है डॉ. निसार उल हसन का। फरीदाबाद की अल-फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डॉ. निसार दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद से गायब है। ऐसे में जांच एजेंसियों को शक है कि वो भी आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है और गिरफ्तारी के डर से फरार है। हालांकि डॉ. निसार का परिवार फरार होने की बात खारिज कर रहा है। पत्नी डॉ. सुरइया का कहना है कि निसार के बारे में गलत खबरें फैलाई जा रही हैं। उनका ये भी दावा है कि NIA ने यूनिवर्सिटी के बाकी फैकल्टी और स्टाफ की तरह निसार को भी कस्टडी में ले रखा है और पूछताछ कर रही है। डॉ. निसार श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन का असिस्टेंट प्रोफेसर था। उसे 2023 में आतंकियों से कथित कनेक्शन के आधार पर सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। इस आरोप के बावजूद 2024 में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने उसे प्रोफेसर के तौर पर काम दिया। इधर, दिल्ली बम ब्लास्ट और डॉक्टर टेरर मॉड्यूल से जुड़े डॉ. मुजम्मिल के फोन की जांच के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं। सोर्स के मुताबिक, इस टेरर मॉड्यूल का पहला बड़ा टारगेट इस साल दिवाली पर किसी बड़ा घटना को अंजाम देने का था। हालांकि कामयाबी नहीं मिली। डॉ. मुजम्मिल ने सिर्फ लालकिला ही नहीं कई और जगहों की भी रेकी की थी। दिल्ली कार ब्लास्ट केस में अब तक यूपी, कश्मीर और हरियाणा से 6 डॉक्टर अरेस्ट किए गए हैं। अब पुलिस को डॉ निसार की तलाश है। दैनिक भास्कर ने डॉ निसार का बैकग्राउंड खंगाला और उसके परिवार के दावे जाने। साथ ही डॉ. मुजम्मिल और कश्मीर में अरेस्ट हुए डॉ. तजामुल अहमद को लेकर अब तक क्या जानकारी सामने आई है, वो भी जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले डॉ. निसार के बारे में जानिए15 साल श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज में तैनात रहाडॉ. निसार उल हसन कश्मीर में बारामूला के सोपोर का रहने वाला है। वो करीब 15 साल तक श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग में तैनात रहा। कश्मीर डॉक्टर एसोसिएशन से जुड़े एक सीनियर डॉक्टर ने बताया, ‘निसार की गिनती अच्छे डॉक्टरों में रही है। काफी समय तक वो डॉक्टर एसोसिएशन का प्रेसिडेंट भी रहा। 2023 में आतंकियों के साथ संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।‘ ‘डॉ. निसार के बारे में बोला गया था कि डॉक्टर होकर वो आतंकवादी विचारधारा को बढ़ावा दे रहा है। इसके अलावा आतंकियों की मदद करने का भी आरोप लगा था।‘ 21 नवंबर 2023 को जम्मू कश्मीर सरकार ने उसे हटाने का नोटिस जारी किया था। इसके बाद डॉ निसार को 2024 में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग में नियुक्ति मिल गई। सोर्सेज के मुताबिक, जांच एजेंसियों को शक है कि डॉ. निसार को पहले से डॉक्टर टेरर नेटवर्क की पूरी जानकारी थी। वो पहले भी इस नेटवर्क का हिस्सा था। 2023 में जम्मू-कश्मीर सरकार ने जब उसे बर्खास्त किया था, तभी से वो डॉ. उमर, डॉ. आदिल और डॉ. मुजम्मिल से संपर्क में था। पत्नी बोलीं- फरार नहीं, NIA की हिरासत में डॉ निसारदिल्ली बम ब्लास्ट के बाद से डॉ. निसार गायब है। जांच एजेंसियों को शक है कि वो भी डॉक्टर टेरर मॉड्यूल का हिस्सा है और आतंकी नेटवर्क से कनेक्टेड है। हालांकि परिवार इन दावों को सिरे से खारिज कर रहा है। पत्नी सुरइया का कहना है, ‘डॉ निसार फरार नहीं हैं बल्कि NIA की हिरासत में हैं। उनके बारे में झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। वो पूछताछ में जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग कर रहे हैं।‘ ‘अल-फलाह यूनिवर्सिटी की बाकी फैकल्टी और स्टाफ को हिरासत में लेकर जैसे पूछताछ की जा रही है। उसी तरह डॉ निसार को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। स्टाफ ही नहीं यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स से भी पूछताछ की जा रही है।‘ डॉ. निसार की बेटी भी अल-फलह यूनिवर्सिटी में MBBS की स्टूडेंट है। जानकारी मिली है कि निसार के फरार होने के बाद जांच एजेंसियों ने बेटी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की है। नकली दवाओं के स्कैंडल में भी आ चुका है डॉ. निसार का नाम2014 में कश्मीर में नकली दवाओं के घोटाले में भी डॉ. निसार का नाम आया था। उस वक्त वो श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर था। नकली दवाओं की वजह से कश्मीर में कई लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद निसार को सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि 4 साल बाद 13 अगस्त 2018 को उसकी बहाली भी हो गई। इसके बाद डॉ. निसार ने दावा किया था कि उसी ने नकली दवाओं के रैकेट का पर्दाफाश किया है। उसने ये भी दावा किया कि इस रैकेट में उसके सीनियर अधिकारी भी शामिल थे। इन्हीं अफसरों को बचाने के लिए उसे सस्पेंड कर दिया गया था। अब बात टेरर मॉड्यूल से जुड़े डॉ. मुजम्मिल कीपहले दिवाली पर बड़े हमले की थी साजिश, फोन की जांच में खुलासाफरीदाबाद का डॉक्टर टेरर मॉड्यूल देश में कई जगहों पर बड़े धमाके की साजिश रच रहा था। इनका पहला बड़ा टारगेट इस साल दिवाली पर बड़ा हमले को अंजाम देना था। इसका खुलासा फरीदाबाद से पकड़े गए संदिग्ध आतंकी डॉ. मुजम्मिल शकील के फोन की जांच से हुआ है। फोन के लोकेशन लॉग से और भी कई खुलासे हुए हैं। पता चला है कि डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल दोनों कुछ महीने पहले दिल्ली के लालकिला गए थे। इन्होंने पहले से रेकी करनी शुरू कर दी थी। फोन की लोकेशन हिस्ट्री और गैलरी की जांच से ये भी पता चला है कि लालकिला के अलावा इन्होंने और भी कई जगहों की रेकी की थी। दिवाली पर साजिश क्यों फेल हुई? इसे लेकर सबसे बड़ी वजह विस्फोटक का पूरी तरह तैयार न होना बताया जा रहा है। जांच से जुड़े सूत्रों बताते हैं कि ब्लास्ट कराने वाले मैटीरियल में कुछ खामियां आ रहीं थीं। इसलिए उस समय हमले की साजिश को अंजाम नहीं दिया जा सका। अब इनकी तैयारी 26 जनवरी या इसके आसपास धमाके करने की थी। इसलिए ये विस्फोटक इक्ट्ठा करके उसे तैयार करने में जुटे थे। दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट को जांच एजेंसियां शुरू से ही प्री-मैच्योर ब्लास्ट बता रही हैं क्योंकि इनका विस्फोटक अभी पूरी तरह से तैयार नहीं था। जांच एजेंसियों का मानना है कि अगर विस्फोटक पूरी तरह से तैयार होता तो ये धमाका और खतरनाक होता। साथ ही नुकसान भी ज्यादा होता। 2013 से कट्टरपंथ की राह पर डॉ. मुज्जमिलफरीदाबाद से अरेस्ट हुए डॉ. मुजम्मिल की सोशल मीडिया प्रोफाइल की हमने पड़ताल की। उससे पता चलता है कि वो 2013 से ही कट्टरपंथी विचारधारा अपनाने लगा था। उसने 3 मई 2013 को एक न्यूज लिंक पोस्ट की थी। उसमें लिखा था कि अगर सरबजीत शहीद है तो अफजल आतंकवादी कैसे था? हालांकि वेबासाइट ने ये न्यूज लिंक रिमूव कर दिया था लेकिन इस तरह की पोस्ट से उसके कट्टरपंथ की राह पर जाने के सबूत मिलते हैं। मुजम्मिल ने अपने सोशल मीडिया पर आखिरी पोस्ट 20 मई 2014 को की थी, जिसमें उसने कश्मीरी में लिखा है। भारत के खिलाफ भड़काऊ स्पीच देने वाले पाकिस्तानी मौलाना का फॉलोअरडॉ. मुजम्मिल पाकिस्तानी मौलाना तारिक जमील को फॉलो करता है। ताकिर जमील अक्सर भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देता रहता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी उसने भारत के खिलाफ कार्रवाई करने के कई बार दावे किए हैं। मौलाना तारिक जमील को कई वीडियो और इंटरव्यू में गजवा-ए-हिंद की बात करते देखा गया है। कश्मीर में गिरफ्तार डॉ. तजामुल अहमद को छोड़ा गयाजम्मू-कश्मीर के कुलगाम में रहने वाले डॉ. तजामुल मलिक को पुलिस ने 12 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया था। वो दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी डॉ. उमर के करीबी दोस्त हैं। बताया गया कि इसी वजह से गिरफ्तारी हुई थी। हालांकि डॉ. तजामुल के पिता मोहम्मद अयूब मलिक ने हमारे साथ बातचीत में दावा किया है कि बेटे को श्रीनगर में चल रही एक जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। बाद में पुलिस ने छोड़ दिया। वो आगे बताते हैं, ‘उसने GMC श्रीनगर से MBBS की पढ़ाई की है और श्रीनगर में ही रहता है। दिल्ली ब्लास्ट मामले में GMC श्रीनगर के 50 से ज्यादा स्टूडेंट से पुलिस ने पूछताछ की है। उसी कड़ी में मेरे बेटे को भी बुलाया था लेकिन पूछताछ के बाद रात करीब 12 बजे छोड़ दिया गया। हालांकि उसे अभी श्रीनगर में ही रहने की हिदायत मिली है। अभी उसका मोबाइल भी बंद करा दिया है।‘ यूनिवर्सिटी ने कहा- ड्यूटी के अलावा डॉक्टरों से कोई संबंध नहींदिल्ली ब्लास्ट मामले में 12 नवंबर को यूनिवर्सिटी ने पहली बार बयान जारी किया है। वाइस चांसलर प्रो. भूपिंदर कौर आनंद ने कहा कि हमारे 2 डॉक्टर, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन सईद हिरासत में हैं। उनकी ड्यूटी के अलावा यूनिवर्सिटी का इनसे कोई संबंध नहीं है। यूनिवर्सिटी के अंदर किसी भी तरह का केमिकल या विस्फोटक स्टोर नहीं हुआ। हमारी लैब का इस्तेमाल सिर्फ MBBS स्टूडेंट्स को पढ़ाने और ट्रेनिंग देने के लिए होता है। हर काम कानून के हिसाब से किया जाता है। उधर, फरीदाबाद क्राइम ब्रांच के ACP वरुण दहिया के नेतृत्व में टीमें बुधवार को फिर अल-फलाह यूनिवर्सिटी और डॉ. मुजम्मिल के ठिकानों पर पहुंची। टीम ने धौज गांव में मुजम्मिल के मकान मालिक से भी पूछताछ की। दिल्ली से भी केंद्रीय जांच टीमें यूनिवर्सिटी पहुंचीं। दिल्ली ब्लास्ट केस से जुड़ी दूसरी गाड़ी भी मिली​​​​​​​केंद्र सरकार ने दिल्ली कार ब्लास्ट को आतंकी हमला माना है। साथ ही जांच एजेंसियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दिल्ली पुलिस को इस मामले में एक लाल रंग की ईको स्पोर्ट्स कार के शामिल होने की भी जानकारी मिली है। फरीदाबाद पुलिस ने इसे राउंड अप भी कर लिया है। फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कार खंदावली गांव के पास खड़ी मिली। गांव वालों के मुताबिक, कार मंगलवार शाम से यहां खड़ी थी। पुलिस ने कार वाले इलाके को सील कर दिया है। मौके पर पहुंचकर NIA और NSG समेत केंद्रीय एजेंसियां ने इसकी जांच की। गांव से एक व्यक्ति को हिरासत में भी लिया गया है। ये गाड़ी दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए आतंकी डॉ. उमर उन नबी के नाम पर रजिस्टर्ड है।.................. ये खबर भी पढ़ें... दिल्ली ब्लास्ट-कौन है डॉक्टरों का ब्रेनवॉश करने वाला मौलवी इरफान​​​​​​​ दिल्ली में लाल किले के पास कार में हुए ब्लास्ट के तार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तक पहुंच रहे हैं। भारत में आतंकी हमलों के लिए 3-4 महीनों से साजिश रची जा रही थी। इसके पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा शामिल थे। खुफिया एजेंसियों को इसके संकेत PoK में आतंकियों के इंटरसेप्ट कम्युनिकेशन से मिले हैं।​​​​​​​ पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 13 Nov 2025 4:00 am

‘जमीन बेची-55 लाख खर्च किए, जंगल में भूखे रहे’:3 महीने में अमेरिका पहुंचे, लेकिन बेड़ियां डालकर लौटाया, बोले- ऐसे कभी मत जाना

’अमेरिका पहुंचने में मुझे पूरे तीन महीने लग गए। इस दौरान डेढ़ महीने जंगल में रहा। वहां खाने-पीने के लिए कुछ नहीं था, भूखे पेट रातें गुजारीं। घरवालों ने अमेरिका भेजने के लिए जमीन बेची और 55 लाख रुपए खर्च कर दिए। बॉर्डर तक पहुंचने के बाद हमें लौटा दिया गया।’ अमेरिका से डिपोर्ट होकर 25 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचे करनाल के रिदम ने 11 महीने कैद में गुजारे। ऐसे ही करनाल के गुरप्रीत (बदला हुआ नाम) अमेरिका में एक साल से ज्यादा समय तक जेल में रहे। फिर हाथ-पैर में बेड़ियां डालकर भारत डिपोर्ट कर दिए गए। वे भी डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे थे। गुरप्रीत का कहना है कि वो किसी को सलाह नहीं देंगे कि ऐसे अमेरिका या कहीं भी जाए।’ अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा प्रेसिडेंट बनने के बाद अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक्शन जारी है। तब से अब तक ढाई हजार से ज्यादा भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा जा चुका है। अमेरिका से डिपोर्ट हो रहे ज्यादातर लोग हरियाणा, पंजाब और गुजरात के हैं। पिछले महीने हरियाणा के 54 लोगों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है। ये सभी अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे थे। इनमें ज्यादातर कैथल और करनाल के हैं। हमने डिपोर्ट हुए इनमें से कुछ लोगों से बात की। हालांकि पहचान जाहिर होने के डर से लोग बात करने से बचते दिखे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले डिपोर्ट हुए परिवारों की बात...डेढ़ महीने जंगल में रहा, 3 महीने बाद अमेरिका पहुंचासबसे पहले हम करनाल के रिदम के घर पहुंचे। उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई और एक साल का कंप्यूटर कोर्स किया है। अमेरिका जाने से पहले ITI से एक कोर्स कर रहे थे। इसी बीच एजेंट के संपर्क में आए और अमेरिका जाने का फैसला किया। एजेंट रिदम का रिश्तेदार है और घटना के बाद से फरार है। तीन महीने की मुश्किल यात्रा के बाद वो अमेरिकी बॉर्डर पहुंचे, लेकिन वहीं गिरफ्तार कर लिए गए। अब भारत लौटने के बाद रिदम और उनके पिता सुरेश ने एसपी ऑफिस में एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। रिदम ने मीडिया से बताया, मैं 6 अगस्त 2024 को दिल्ली से अमेरिका के लिए निकला था। वहां तक जाने में मुझे पूरे तीन महीने लग गए। इस दौरान डेढ़ महीने जंगल में रहा। वहां खाने-पीने के लिए कुछ नहीं था, न एजेंट ने प्रोवाइड कराया। घर से पैसे मंगवाकर दिन काटे। ‘एजेंट ने बोला था कि लीगल रास्ते से भेजेगा, कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन डंकी रूट से भेज दिया। आधे रास्ते बाद जब पता चला तो बीच में रुक भी नहीं सकते थे।‘ रिदम 2 अक्टूबर को अमेरिका से डिपोर्ट होकर भारत लौटे। इस दौरान उनके साढ़े 55 लाख रुपए खर्च हो गए। रिदम और उनका परिवार इंसाफ की मांग कर रहा है। जमीन बेचकर 55 लाख रुपए दिए, फ्रॉड बाजी कर डंकी रूट से भेजाकरनाल के कतलाहेरी गांव में घर पर मिले रिदम के पिता सुरेश कुमार इन सबके लिए एजेंट को जिम्मेदार ठहराते हैं। पेशे से सुरेश किसान हैं। वे बताते हैं, ‘उसकी (रिदम) यहां से पहले इथोपिया के लिए फ्लाइट थी। वहां से वो बोलिविया, पेरू, पनामा, कोस्टा रिका होते हुए मेक्सिको तक पहुंचा था। आधे रास्ते में ही उसे डंकी रूट में डाल दिया गया था। कहीं टैक्सी, कहीं बस, कहीं नाव और जंगलों के बीच होते हुए तीन महीने बाद 2 नवंबर 2024 को वो अमेरिकी सीमा पर पहुंचा, लेकिन गिरफ्तार कर लिया गया।’ ’इसके बाद करीब 6 महीने उसे मिसीसिपी के डिटेंशन सेंटर में रखा गया। फिर लुइसियाना के डिटेंशन सेंटर भेज दिया। यानी पिछले महीने डिपोर्ट होने से पहले वो 11 महीने तक हिरासत में रहा।’ एजेंट को कितने पैसे दिए थे। इस पर सुरेश बताते हैं, ’वहां मेरे बेटे को स्टोर, पेट्रोल पंप या रेस्टोरेंट वगैरह में काम मिलता। शुरू में हमने पासपोर्ट के साथ 2 लाख रुपए दिए थे। इसके बाद इथोपिया पहुंचने पर हमने एजेंट को 14 लाख रुपए दिया। फिर आगे बढ़ने पर 14 लाख रुपए और दिए। इस तरीके से बारी-बारी से हमने कुल साढ़े 55 लाख रुपए दिए थे।’ ’हमने डेढ़ एकड़ जमीन बेच दी। सिर्फ इसलिए कि वहां जाकर बेटे का भविष्य बन जाएगा, लेकिन हमारे साथ फ्रॉड बाजी हो गई।’ सुरेश ने तीन एजेंट - विनोद कुमार, प्रवीण कुमार और कुलदीप कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। हालांकि सुरेश खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि उनका बेटा कम से कम सही सलामत वापस आ गया। वे लोगों से अपील भी करते हैं कि कोई डंकी रूट के जरिए अमेरिका या कहीं और न जाएं। इसका अंजाम जो हुआ, वो सबके सामने हैं। डंकी रूट जानकर गए, एजेंट के फंसाने की बातें बेबुनियाद25 अक्टूबर को भी अमेरिका से डिपोर्ट होकर कई लोग भारत आए। इनमें 54 लोग हरियाणा के थे। ये सभी डंकी रूट से अमेरिका गए थे। ज्यादातर करनाल और कैथल जिले के रहने वाले हैं। हमने करनाल के 16 और कैथल के 14 लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई कैमरे पर आने को राजी नहीं हुआ। हम कई लोगों के घर भी गए, लेकिन किसी ने बात नहीं की। करनाल में लोकल जर्नलिस्ट बताते हैं, ‘लोग बदनामी के कारण अब खुलकर नहीं बोलते हैं। दूसरा फैक्टर ये भी है कि उन्हें एजेंट कुछ रकम लौटाने का भरोसा दे देते हैं। इस वजह से भी वो कैमरे पर नहीं आना चाहते। ये कहना कि एजेंट ने फंसा दिया, ये पूरी तरह से गलत है।‘ ‘उन्हें पहले से पता होता है कि उन्हें किस रास्ते भेजा जा रहा है। उन्हें वीजा मिल नहीं पाता या वो वीजा के लिए क्वालिफाइड नहीं होते हैं इसलिए डंकी रूट का ही विकल्प चुनते हैं। एजेंट बस ये काम करते हैं कि लोगों को इन्हीं अवैध रास्तों के जरिए अमेरिका भेजने का भरोसा दिला देते हैं। फिर इन्हें इनके हाल पर छोड़ देते हैं। डंकी रूट से गया और डिपोर्ट हो गया, दोबारा अमेरिका जाऊंगा इसके बाद हम डिपोर्ट हुए करनाल के 16 लोगों में शामिल एक युवक के गांव पहुंचे। 24 साल के जसमीत (बदला हुआ नाम) ने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया। ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत में जसमीत कहते हैं, ‘ये बहुत सामान्य बात है। वहां हम डंकी रूट से गए और डिपोर्ट कर दिए गए। ये मीडिया के लिए मसाला है। कोई इन चीजों के बारे में सच्चाई नहीं बताएगा। यहां से लोग जाते ही रहते हैं। मैं 2020 में भी डंकी लगाकर ही अमेरिका गया था। फिर अमेरिका जाऊंगा। जब जिंदगी में कामयाब हो जाऊंगा, तब मेरी स्टोरी करना। बिना कामयाब हुए कोई स्टोरी नहीं है।‘ जसमीत के एक फैमिली मेंबर बताते हैं, परिवार ने उसे अमेरिका भेजने के लिए 60 लाख रुपए खर्च किए थे। करीब 5 महीने की जर्नी के बाद वो वहां पहुंचा था, वहां उसे बेड़ियों में रखा गया। वो करीब 4 महीने डिटेंशन सेंटर में रहा। करनाल के गुरप्रीत (बदला हुआ नाम) ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि वो डिपोर्ट होने से पहले 14 महीने अमेरिकी डिटेंशन सेंटर में रहे। वो बताते हैं, ‘मैंने अमेरिका जाने के लिए जमीन बेच दी और करीब 57 लाख रुपए खर्च किए। पिछले साल जनवरी में अमेरिका के लिए निकला था, लेकिन डंकी रूट से दो महीने से भी ज्यादा समय में पहुंचा। मैं एक साल से भी ज्यादा समय तक जेल में रहा। डिपोर्ट होने के दौरान हम सबके हाथों में बेड़ियां लगाई गई थीं। मैं किसी को नहीं बोलूंगा कि कोई इस तरह अमेरिका जाए।’ ग्वाटेमाला में बेटे का मर्डर हुआ, एजेंट्स को फांसी होकैथल जिले के रहने वाले 18 साल के युवराज भी पिछले साल डंकी रूट से अमेरिका जा रहे थे, लेकिन पहुंच नहीं सके। परिवार वालों को अब पता चला है कि डॉनकरों ने लैटिन अमेरिकी देश ग्वाटेमाला में युवराज की हत्या कर दी है। पिता कुलदीप सिंह बेटे की मौत की खबर मिलने के बाद से हताश हैं और आरोपी एजेंट्स के लिए फांसी की मांग कर रहे हैं। युवराज ने 2023 में 12वीं पास की थी। पिता चाहते थे कि वो अमेरिका जाकर अच्छा कमाए। युवराज ने 13 अक्टूबर 2024 को देश छोड़ा था। एजेंट ने परिवार को भरोसा दिलाया था कि वो हर महीने वहां 4-5 लाख रुपए कमा लेगा। कैथल के मोहना गांव में हम युवराज के पिता कुलदीप सिंह से मिले। वे बताते हैं, ‘एजेंट ने बोला था कि बेटे को लीगल तरीके से अमेरिका भेजेंगे, लेकिन आधे रास्ते में उन्होंने डंकी रूट पर शिफ्ट कर दिया। यहां से उसे गुयाना ले जाया गया, लेकिन ब्राजील से डंकी रूट शुरू हो गया था। कभी टैक्सी, कभी जंगल और कभी नाव के सहारे वो आगे बढ़ा। एजेंट जैसा बोलता गया, हम वैसा कर रहे थे।‘ ‘19 दिसंबर 2024 को ग्वाटेमाला में मेरे बेटे को किडनैप कर लिया गया। उसे मारा-पीटा गया और 20 हजार डॉलर (करीब साढ़े 17 लाख रुपए) की डिमांड की गई। उन्होंने हमें बेटे का एक वीडियो भी भेजा था। हालांकि एजेंट ने हमसे तब भी कहा कि उसकी डॉनकर से बात हो गई है, आगे कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।‘ एजेंट्स ने पैसे दे दिए होते तो बेटा आज जिंदा होताकुलदीप बताते हैं, ‘पिछले सात-आठ महीने से बेटे का कुछ पता नहीं चल रहा था। फिर अभी कुछ दिन पहले मेरे पास डॉनकर्स का फोन आया। कहा कि 5 हजार डॉलर भेज दो तो बच्चे का पता लगा देंगे। हमने 1500 डॉलर में डील फाइनल की।‘ ‘तब उसने बताया कि मेरे बेटे युवराज की मौत हो गई है। जब हमने 1000 डॉलर और भेजा तो उन्होंने बेटे की डेड बॉडी की फोटो और डेथ सर्टिफिकेट भेजा।‘ कुलदीप कहते हैं कि अगर एजेंट ने पैसे दे दिए होते तो युवराज आज जिंदा होता। एजेंट ने अमेरिका भेजने के नाम पर कितनी रकम ली। इस पर कुलदीप बताते हैं कि एजेंट ने कहा था कि कुल 41 लाख रुपए लगेंगे और अमेरिका पहुंचने के बाद ही पूरे पैसे देने होंगे। बेटा अभी रास्ते में ही था तभी एजेंट ने परेशान करना शुरू कर दिया। पहले 16 लाख रुपए लिए और जब बेटा किडनैप हुआ तो 8 लाख रुपए और मांग लिए। युवराज को भेजने में तीन एजेंट शामिल थे। कुलदीप कहते हैं कि पुलिस को अगर किडनैपिंग की बात पहले बताते तो ये एजेंट पकड़े जाते और उनका बेटा भी नहीं मिलता। इसलिए वे रुक गए। अब जब कई महीनों तक बेटे के बारे में पता नहीं चला, तब मार्च में उन्होंने एजेंट के खिलाफ केस दर्ज करवाया। वे एजेंट्स के लिए फांसी की सजा की मांग करते हैं ताकि किसी और मां-बाप के साथ ऐसा न हो। भारतीय को ईरान में किडनैप करके पीटा गयाइसके बाद हम करनाल के जांबा गांव पहुंचे। यहां रह रहा ऋतिक का परिवार पुलिस और अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। ऋतिक पास के एक गांव दादुपुर के रहने वाले पवन के साथ 22 अक्टूबर को स्पेन के लिए निकला था। ईरान में डॉनकर ने उसे बंधक बना लिया। वो 20 लाख रुपए की मांग कर रहे हैं। दोनों का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उन्हें नंगा करके पीटा जा रहा है। जांबा गांव में हम ऋतिक के घर पहुंचे। तब पता चला कि उनकी मां, भाई और घर के बाकी सदस्य करनाल एसपी ऑफिस गए हुए थे। ऋतिक के पिता ने बताया कि बेटे ऋतिक मामले में पत्नी ज्यादा बता पाएंगी। हमने फोन पर ऋतिक के भाई से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। बस इतना कहा कि अभी पुलिस मामला देख रही है। जॉब के लिए कोई खास स्किल नहीं, लेकिन ज्यादा कमाने की चाहतपंजाब यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र के पूर्व प्रोफेसर मनजीत सिंह बताते हैं कि आज की तारीख में खेती घाटे का सौदा हो गई है। पंजाब और हरियाणा पहले इसी पर टिका हुआ था। इसलिए अब किसानों के आंदोलन भी बढ़े हैं। वहां के बच्चे मौजूदा स्थिति से आगे बढ़ना चाहते हैं। मनजीत कहते हैं, ‘जो लोग जा रहे हैं, उनमें न तो कोई खास स्किल है, न ही उन्होंने कोई ऐसी एजुकेशन ली है। यहां उनकी स्किल के हिसाब से कोई खास रोजगार के मौके नहीं हैं। इसलिए वे यहां से निकलना चाहते हैं ताकि बेहतर जिंदगी जी सकें। वे बाहर जाकर मजदूरी, ट्रक ड्राइवर या दूसरे काम करने को तैयार हैं ताकि यहां के मुकाबले ज्यादा पैसे कमा सकें और इसीलिए जोखिम भी उठा रहे हैं।‘ चंडीगढ़ के इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशन (IDC) में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुची कपूरिया माइग्रेशन के मुद्दे पर काम कर चुकी हैं। माइग्रेशन के लिए अवैध रास्ता चुनने पर वे कहती हैं, ‘यहां के ग्रामीण इलाकों में युवाओं की एजुकेशन सीमित है। वे अंग्रेजी में काम या बात नहीं कर सकते हैं। वे खुद फॉर्म तक नहीं भर सकते हैं। इसलिए अवैध रास्ता चुनते हैं।‘ ‘उनकी इच्छा अच्छी लाइफस्टाइल जीने की है, लेकिन उस हिसाब से यहां काम नहीं है। उन्हें लगता है कि अगर मजदूरी ही करनी है तो बाहर जाकर क्यों न की जाए, जहां वे डॉलर में कमा सकेंगे।‘ लाखों रुपए खर्च करने वाले ये लोग खुद का काम क्यों नहीं कर सकते? इस पर डॉ. कपूरिया कहती हैं, ‘बिजनेस हर किसी के बस की बात नहीं है। हर कोई किराने की दुकान नहीं खोल सकता। वो आसान काम नहीं है। एक चीज ये भी है कि इन लोगों ने अपने रिश्तेदारों, जानकारों को ऐसे ही आगे बढ़ते देखा है।‘ पुलिस ने कहा- एजेंट्स के खिलाफ एक भी शिकायत नहींकैथल की एसपी उपासना बताती हैं कि अभी तक डिपोर्ट हुए लोगों में किसी ने एजेंट के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। अगर शिकायत आएगी तो पुलिस इसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। ग्वाटेमाला में युवराज की मौत के मामले में एसपी का कहना है, ‘इस मामले में पहले ही तीन लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हरियाणा पुलिस इंटरपोल के जरिए वेरिफाई करने की कोशिश कर रही है कि डेथ सर्टिफिकेट सही है या नहीं। अगर वो सही है तो हम बॉडी वापस लाने की कार्रवाई करेंगे क्योंकि वहां की सरकार की तरफ से कोई जवाब अभी नहीं आया है। इसके लिए एंबेसी की मदद ली जा रही है।‘ करनाल एसपी गंगाराम पुनिया ने बताया कि अवैध तरीके से विदेश भेजने को लेकर जो भी शिकायतें मिली हैं, उन मामलों में तुरंत केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। ईरान में बंधक बनाए गए युवकों के मामले में विदेश मंत्रालय के साथ पत्राचार किया गया है। इंटरपोल से भी मदद मांगी गई है। अवैध गतिविधियों में शामिल वीजा एजेंट्स के खिलाफ भी सबूत जुटाए जा रहे हैं। आगे केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।.................. ये खबर भी पढ़ें... सऊदी में ड्राइवर की नौकरी देकर कचरा उठवाया-बकरी चरवाई 59 साल की सूरजकली बेटे राजीव की फोटो देखकर भावुक हो जाती हैं। राजीव मई 2023 में सऊदी अरब में ड्राइवर की नौकरी करने गए थे, लेकिन वहां वो कफाला सिस्टम का शिकार हो गए। उन पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। वे रियाद में 3 साल कैद की सजा काट रहे। उन पर 18 लाख रुपए जुर्माना भी लगा है। ये कहानी सिर्फ राजीव की ही नहीं है। सऊदी में कफाला सिस्टम के शिकार बन चुके तमाम भारतीयों की है। पढ़िए पूरी खबर..

दैनिक भास्कर 13 Nov 2025 4:00 am

क्रूज शिप का खुशनुमा सफर बन गया आखिरी, 18 साल की लड़की की रहस्यमयी हालात में मौत

नवंबर 2025 के पहले हफ्ते में 18 साल की यंग स्टूडेंट की क्रूज शिप में रहस्यमयी हालात में मौत हो गई, जिसकी जांच अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने अपने हाथों में ले ली है.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 10:59 pm

चलती ट्रेन में ड्राइवर को आ गई नींद! बाल-बाल बचे यात्री, महिला पायलट बोलीं - 'रिलैक्स, रिलैक्स!'

Train Accident News in Hindi: जरा आंख बंद करके कल्पना कीजिए कि आप जिस ट्रेन में सफर कर रहे हों, उसका ड्राइवर ट्रेन को रामभरोसे छोड़कर सो जाए. कुछ ऐसा 24 सितंबर को अमेरिका में यात्रियों के साथ हुआ तो यात्रियों के होश फाख्ता हो गए.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 10:52 pm

सऊदी अरब में मूसलाधार बारिश और तूफान, सड़कों पर भरा पानी, रेंगती दिखी गाड़ियां

सऊदी अरब एक सूखा इलाका है, लेकिन यहां पर आई तूफानी बारिश ने अचानक माहौल बदल दिया. सड़कों पर बारिश का पानी भर गया, जिससे ट्रैफिक की आवाजाही पर असर पड़ा.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 10:11 pm

Israel US News: 'बीबी' को माफ कर दें... 'ट्रंप ने इजरायली राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, बदले में मिला ये जवाब

Benjamin Netanyahu Latest News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को भ्रष्टाचार केस में माफ कर देने का आग्रह किया है.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 9:56 pm

एपस्टीन के लीक ईमेल से US में मचा हंगामा, डेमोक्रेट्स का दावा लड़कियों के बारे में सब जानते है ट्रंप

USA: डेमोक्रेट्स ने कुछ ईमेल जारी किए हैं जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दोषी ठहराए गए यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन के बीच संबंधों को लेकर नए सवाल खड़े करते हैं. द न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन संदेशों में एपस्टीन ने दावा किया है कि ट्रंप ने अपनी एक पीड़िता के साथ मेरे घर पर घंटों बिताए और लड़कियों के बारे में जानते थे.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 9:47 pm

Peru Holes: पहाड़ पर कहां से आए 5200 रहस्यमयी गड्ढे? 100 साल पुरानी मिस्ट्री पर हैरतअंगेज खुलासा

Peru Holes:रिसर्चर्स ने स्टडी में बताया है कि ये गड्ढे इंका से पहले के मार्केटप्लेस का हिस्सा थे, और बाद में यह टैक्स वसूलने के एक अकाउंटिंग सिस्टम में बदल गया. यह जगह 'छेदों का समूह' के नाम से भी मशहूर है.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 5:25 pm

इस मुस्लिम बहुल देश में किया LGBTQ का प्रचार तो लगेगा तगड़ा जुर्माना, खानी पड़ेगी जेल की हवा

Kazakhstan LGBTQ: कजाख राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव ने हाल के महीनों में बार-बार 'पारंपरिक मूल्यों' को बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया है. ये बिल कानून का रूप तभी लेगा जब इस पर उनके दस्तखत होंगे. सांसदों ने सर्वसम्मति से बैन के पक्ष में वोट किया.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 3:55 pm

रूस-यूक्रेन के बाद अब जंग में कूदेंगे वेनेजुएला और अमेरिका? अलर्ट में रखी सेना; US ने तैनात किए एयरक्राफ्ट कैरियर

America- Venezuela Conflict: अमेरिका और वेनेजुएला के बीच लगातार तनाव बढ़ते जा रहा है. इसको लेकर दोनों देशों ने अपनी सेना को एक्टिव कर दिया है.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 2:40 pm

ट्रंप ने एच-1बी वीजा में किया बड़ा बदलाव, कहा- अमेरिका को विदेशी प्रतिभाओं की जरूरत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम का बचाव करते हुए कहा कि अमेरिका को कुछ खास उद्योगों के लिए विदेशी प्रतिभा की जरूरत है

देशबन्धु 12 Nov 2025 11:54 am

बोट में छिपकर यूरोप पहुंच रहे थे प्रवासी, अचानक पलटी नाव; 3 लोगों की मौत

Greece Migrant Boat Capsize: ग्रीस में एक प्रवासी बोट पलटने से 3 लोगों की मौत हो गई. हादसे को लेकर लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 11:51 am

ऑस्ट्रेलिया : केबिन में धुआं निकलने के कारण क्वांटास विमान की करानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग

दक्षिण ऑस्ट्रेलिया से राष्ट्रीय राजधानी कैनबरा जा रहे क्वांटास के एक विमान को बुधवार सुबह उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद केबिन में धुआं निकलने के कारण आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी

देशबन्धु 12 Nov 2025 11:22 am

अवामी लीग ने किया 'ढाका लॉकडाउन' का ऐलान, पुलिस बोली 'नियंत्रण में सब कुछ'

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग (एएल) ने ढाका लॉकडाउन का ऐलान किया है। गुरुवार को होने वाले संभावित बंद पर पुलिस प्रशासन की कड़ी नजर है

देशबन्धु 12 Nov 2025 7:40 am

Droupadi Murmu Botswana Visit: नृत्‍य से जागती हैं आत्‍माएं, गाय की होती है पूजा; कालाहारी के 'दिल' की कहानी

Droupadi Murmu Botswana Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोत्सवाना पहुंच गई हैं.राजधानी गाबोरोन में औपचारिक स्वागत समारोह के साथ अपने ऐतिहासिक राजकीय दौरे की शुरुआत की.बोत्सवाना अफ्रीका के सबसे खुशहाल देशों में से है. बोत्सवाना का लगभग 70 फीसद हिस्सा कालाहारी रेगिस्तान से ढका हुआ है. चलिए जानते हैं यहां के इतिहास के बारे में.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 6:59 am

भूटान के राजा वांगचुक ने दिल्ली धमाके में हुई जान-माल की हानि पर संवेदना व्यक्त की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय भूटान यात्रा पर हैं। इसी क्रम में पीएम मोदी ने थिम्पू में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ बातचीत की

देशबन्धु 12 Nov 2025 6:40 am

स्पॉटलाइट-महिला की पलकों पर 250 से ज्यादा जिंदा जूं:आंखों तक कैसे पहुंची जूं, क्यों और कितना मुश्किल है इसका इलाज, देखें वीडियो

ढाई महीने से आंखों में खुजली झेल रही महिला की पलकों पर 250 से ज्यादा जूं और 85 अंडे मिले. डॉक्टर्स ने इसे रेयर बीमारी ‘फ़्थिरियासिस पैल्पेब्रारम’ बताया. लेकिन जुएं पलकों तक कैसे पहुंचीं और इसका इलाज क्या है, जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...

दैनिक भास्कर 12 Nov 2025 4:54 am

एक पोस्टर से हुआ डॉक्टर्स के आतंकी मॉड्यूल का खुलासा:एक महीने में 7 ठिकानों से आतंकी पकड़े गए, फिर दिल्ली में कैसे हुई चूक

पिछले 30 दिनों में भारत की एजेंसियों ने आतंकी मॉड्यूल पर 7 बड़े वार किए। कोई इंजीनियर था, कोई मौलवी, तो कोई डॉक्टर। जम्मू-कश्मीर के एक पोस्टर से शुरू हुई यह कहानी फरीदाबाद के क्लिनिक तक पहुंची। करीब 2900 किलो विस्फोटक भी जब्त किया गया, लेकिन आखिरी अहम कड़ी तक पहुंचते, उससे पहले ही दिल्ली के लालकिले के करीब ब्लास्ट हो गया। भास्कर एक्सप्लेनर में इससे जुड़े 5 जरूरी सवालों के जवाब… सवाल-1: जांच एजेंसियों ने 1 महीने में कैसे रोके 7 बड़े आतंकी हमले? जवाब: बीते ठीक 1 महीने के अंदर सुरक्षा एजेंसियों ने देश भर में अलग-अलग 7 ठिकानों से संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया। इनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद हुए… 1. 15 सितंबर: सहारनपुर से आतंकी गिरफ्तार 2. 9 अक्टूबर: पंजाब से दो आतंकी पकड़े गए 3. 17 अक्टूबर: जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े दो संदिग्ध गिरफ्तार 4. 24 अक्टूबर: दिल्ली से ISIS के 2 आतंकी पकड़े गए 5. 28 अक्टूबर: अल-कायदा से जुड़ा इंजीनियर 6. 7 नवंबर: टीटीपी से संबंध में एक मौलवी गिरफ्तार 7. 9 नवंबर: अहमदाबाद से ISIS के 3 आतंकी गिरफ्तार इनके अलावा जम्मू-कश्मीर में एक पोस्टर से सुरक्षा एजेंसियों को क्लू मिला, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के लखनऊ तक तीन प्रमुख आतंकी पकड़े गए, जो पेशे से डॉक्टर्स थे। डॉक्टर्स का ये आतंकी मॉड्यूल पूरे देश में अमोनियम नाइट्रेट के बम से हमले को अंजाम देने की फिराक में था। सवाल-2: एक पोस्टर से कैसे पकड़ा गया डॉक्टर्स का आतंकी मॉड्यूल? जवाब: 10 नवंबर को दिल्ली में धमाके से पहले हरियाणा के फरीदाबाद में 360 किलो विस्फोटक मिलने से पहले जम्मू-कश्मीर के नौगांव में एक पोस्टर दिखाई दिया था, जिससे पूरी साजिश का खुलासा हुआ… जांच के मुताबिक ये मॉड्यूल 2021-22 में बनना शुरू हुआ था। शुरुआत में एक हाशिम नाम का व्यक्ति लोगों को इकट्‌ठा कर रहा था। उसके बाद कश्मीर घाटी में डॉ. उमर ने मॉड्यूल को लीड किया। इस मॉड्यूल का मकसद IED बनाना और देश भर में आतंकी हमले करना था। ये लोग लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजवात-उल-हिंद (AGuH) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़कर अपनी खुद की एक तंजीम यानी आतंकी संगठन भी बनाना चाह रहे थे। आदिल की गिरफ्तारी के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से उत्तर प्रदेश के लखनऊ तक 15 दिन अभियान चलाकर 2900 किलो विस्फोटक (संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट) जब्त किया। सवाल-3: अगर 2900 किलो विस्फोटक फटता तो कितनी तबाही होती? जवाब: 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट का बम 2.3 टन के TNT बम के बराबर धमाका करेगा। अगर आतंकी इतने बारूद को एक साथ किसी जगह पर ब्लास्ट कर देते, तो 50 मीटर का इलाका पूरी तरह नष्ट हो जाता। अगर भीड़-भाड़ वाले इलाके में धमाका होता, तो सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी। इतने दायरे में 14,400 किमी/घंटा की स्पीड वाली तरंगें लोगों के फेफड़े फाड़ देतीं। इतने विस्फोटक से 150 मीटर तक के दायरे में इमारतों की दीवारें ढह सकती हैं। करीब 400 मीटर इमारतों में लगे कांच टूट सकते हैं और करीब 800 मीटर तक तेज कंपन महसूस हो सकता है। 1995 में अमेरिका के ओक्लाहोमा सिटी में करीब 1800 किलो अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। इसमें 168 लोगों की जान गई थी और 600 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। अगर आतंकियों के इकट्‌ठा किए हुए 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट में एक साथ विस्फोट होता, तो ओक्लाहोमा बॉम्बिंग से दोगुना बड़ा हादसा होता। सवाल-4: दिल्ली ब्लास्ट रोकने में चूक कैसे हो गई? जवाब: अभी तक इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विपक्षी नेता और जानकार कई लेवल की चूक बता रहे हैं… 1. कई बार बिकी ब्लास्ट वाली कार, चालान भी कटा लाल किले के पास जिस कार में ब्लास्ट हुआ, वह हरियाणा नंबर की i20 थी। कार हरियाणा के गुरुग्राम में सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक ये कार बार-बार बेची गई। इसकी RC पर नाम मोहम्मद सलमान और तारीख 18 मार्च 2014 लिखी है। इससे पहले ये कार साउथ कश्मीर के पुलवामा के समबोरा गांव में रहने वाले तारिक को बेची गई थी। एक फोटो सामने आई है, जिसमें कार के साथ एक शख्स दिखाई दे रहा है। इसके तारिक होने का दावा किया जा रहा है। फरीदाबाद के तिकोना पार्क में 20 सितंबर, 2025 को गलत जगह पार्किंग करने पर इस कार का 1500 रुपए का चालान कटा था। ये जगह डॉ. मुजम्मिल शकील के घर से सिर्फ 25 किमी दूर है। इस बीच कार सवार पकड़े जाने से बचते रहे और विस्फोटक दिल्ली तक पहुंच गया। 2. भारी मात्रा में विस्फोटक इकट्ठा होता रहा हरियाणा में मौलवी के घर से 2500 किलो विस्फोटक बरामद हुआ। कुल विस्फोटक कितना था और किन रास्तों से इकट्‌ठा किया गया, इसकी पूरी छानबीन नहीं हो पाई है। अमोनियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक केमिकल को बिना लाइसेंस नहीं खरीदा जा सकता। इसके बावजूद आतंकी भारी मात्रा में इसे इकट्‌ठा करते रहे। हाई अलर्ट के बावजूद विस्फोटक की पूरी खेप पकड़ी नहीं जा सकी और दिल्ली तक विस्फोटक पहुंच गया। हालांकि अभी साफ नहीं है कि दिल्ली जैसे हाई-सिक्योरिटी वाले इलाके में जो विस्फोटक पहुंचा, उसका सोर्स फरीदाबाद मॉड्यूल से है या नहीं, जहां से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया था। 3. तीन घंटे कार पार्किंग में रही, कार चला रहा उमर नहीं पकड़ा गया पुलिस के मुताबिक कार में बैठे शख्स का नाम डॉ. मोहम्मद उमर नबी है। वह पुलवामा का रहने वाला है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उमर ने विस्फोटकों के साथ खुद को उड़ा लिया। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, कार लाल किले के पास सुनहरी मस्जिद पार्किंग में तीन घंटे रुकी। कई फुटेज खंगाले गए, लेकिन अभी तक चेकिंग से जुड़ा कोई सुराग नहीं मिला है। कहा जा रहा है कि उमर ही धमाके के समय मास्क पहने कार में सवार था। जिसे समय रहते पकड़ा नहीं जा सका। सवाल-5: अभी किन सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं? जवाब: दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े 6 सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी हैं… 1. कौन सा और कितना विस्फोटक इस्तेमाल हुआ: शुरुआती फोरेंसिक जांच से पता चला है कि अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) के विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ, इसका फरीदाबाद में पकड़े गए विस्फोटक से कनेक्शन बताया जा रहा है, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 2. क्या कार में डॉ. उमर के साथ कोई और भी था: माना जा रहा है कि फरीदाबाद मॉड्यूल खुलासे के बाद उमर ने पकड़े जाने के डर से घबरा कर विस्फोट कर दिया। हालांकि अभी डीएनए टेस्ट से इसकी पुष्टि होनी बाकी है। उसके परिवार के 6 सदस्यों को पुलवामा से हिरासत में लिया गया है। 3. हाई-सिक्योरिटी जोन में कार कैसे पहुंची: कार बदरपुर बॉर्डर से फरीदाबाद होते हुए दिल्ली में घुसी, लाल किले तक दो-तीन घंटे रुक-रुक कर चली, लेकिन बिना किसी चेकिंग के कार हाई-सिक्योरिटी चेकपॉइंट्स को पार करते हुए पार्किंग तक पहुंच गई। 4. पार्किंग में तीन घंटे गाड़ी क्यों खड़ी रही: सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कहा जा रहा है कि धमाके से पहले डॉ. उमर पार्किंग में कार के अंदर ही बैठा रहा। संदिग्ध या तो किसी का इंतजार कर रहा था या किसी के ऑर्डर का इंतजार कर रहा था। 5. धमाके के पीछे की वजह क्या: लाल किला सोमवार को बंद रहता है, इसलिए भीड़ कम होने पर अंदर घुसना मुश्किल था, लेकिन नेहरू सुभाष मार्ग की रेड लाइट के पास का इलाका चुनने से आतंकियों का मकसद साफ है कि वह ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना चाहते थे। हालांकि अभी ये पुष्टि नहीं हुई है कि लाल किले जैसी ऐतिहासिक जगह को निशाना बनाने का मकसद कोई विदेशी साजिश है या दिल्ली में दहशत फैलाकर कोई राजनीतिक संदेश देने की कोशिश है। 6. क्या यह आतंकी हमला था: अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ माना जा रहा है। हालांकि जैश का लिंक संदिग्ध है, क्योंकि जैश पुलवामा जैसे IED हमलों का पैटर्न फॉलो करता है, जिनमें ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए विस्फोटक में छर्रे और कीलें मिलाई जाती हैं। जबकि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा के मुताबिक, घायलों के शरीर पर पैलेट या छेद के निशान नहीं मिले हैं। ये बम धमाकों में असामान्य है। सभी एंगल से जांच की जा रही है। **** रिसर्च सहयोग: किशन कुमार ---- ये खबर भी पढ़िए... क्या खाद बनाने वाले केमिकल से किया दिल्ली ब्लास्ट:क्या होता है अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल, ये आसानी से पकड़ में क्यों नहीं आता 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास हुए 'बम धमाके' में ANFO यानी अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल का इस्तेमाल किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूत्रों ने जांच की शुरुआती रिपोर्ट के हवाले से ये जानकारी दी है। ANFO में विस्फोट करने के लिए डेटोनेटर को मैन्युअली ट्रिगर किया गया। पूरी खबर पढ़िए...

दैनिक भास्कर 12 Nov 2025 4:50 am

1400 हत्याएं, अपहरण-टॉर्चर, क्या शेख हसीना को होगी सजा-ए-मौत:छात्र बोले- हमें इंसाफ चाहिए, बदला नहीं; बांग्लादेश तख्तापलट के बाद फैसले का इंतजार

‘शेख हसीना ने हम छात्रों पर जो जुल्म किए, साथियों की हत्याएं कराईं। इसके बदले में उन्हें भी सजा-ए-मौत मिलनी चाहिए। 2024 के जुलाई-अगस्त में सरकार ने बांग्लादेश के इतिहास में सबसे क्रूरतम हत्याएं कराईं। हमारे कई साथी सिर्फ इसलिए मार दिए गए क्योंकि वो सरकार के कोटा सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। ये सब शेख हसीना के इशारे पर साजिश के तहत किया गया।‘ ढाका यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे मोहम्मद महीन सरकार बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना पर चल रहे केस की जांच का हिस्सा रहे हैं। हसीना पर जुलाई-अगस्त 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हिंसा और हत्याएं कराने का आरोप है। इस मामले में महीन ने कोर्ट में गवाही भी दी है। बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने हसीना के खिलाफ इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली है। दैनिक भास्कर को सोर्सेज से पता चला है कि सरकार अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में है। इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक अगर माहौल सही रहा तो कोर्ट 13 नवंबर को मामले में फैसला सुना सकता है। हिंसा की आशंका होने पर फैसले की तारीख आगे भी बढ़ाई जा सकती है। 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में हुए स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट के बाद शेख हसीना ने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया था। तब से उन्होंने भारत में शरण ले रखी है। दैनिक भास्कर की टीम ने फैसले के पहले केस की डिटेल्ड स्टडी की। इसमें शामिल गवाहों, आंदोलनकारी स्टूडेंट्स, शेख हसीना के करीबियों और केस से जुड़े वकीलों से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले केस के बारे में जानिए…हसीना के लिए मौत की सजा की मांग5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में हसीना सरकार का तख्तापलट हुआ। इससे पहले और बाद में हसीना के खिलाफ हुए प्रदर्शन में आगजनी और हिंसक घटनाएं हुईं। हसीना सरकार पर आरोप लगा कि प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स को टॉर्चर किया गया और उन पर फायरिंग की गई। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2024 के जुलाई-अगस्त में बांग्लादेश में 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इन सबके बीच शेख हसीना ने देश छोड़ दिया और भारत में शरण ली। बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल में हसीना पर ‘मानवता के खिलाफ अपराध‘ के आरोप में केस शुरू हुआ। कोर्ट ने शेख हसीना को बांग्लादेश लौटकर केस में शामिल होने के लिए कहा। हालांकि उन्होंने कोर्ट का आदेश नहीं माना। केस की सुनवाई 1 जून को शुरू हुई और अब फैसले का इंतजार है। सोर्स बताते हैं, शेख हसीना के खिलाफ केस में प्रॉसिक्यूटर की तरफ से 5 आरोप लगाए गए थे, जिसमें हत्या, अपराध रोकने में नाकामी और मानवता के खिलाफ अपराध सबसे अहम हैं। प्रॉसिक्यूटर ने हसीना के लिए मौत की सजा की मांग की है। वहीं शेख हसीना की तरफ से पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए और सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया कर दिया गया। वहीं, बांग्लादेश इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के प्रॉसिक्यूटर गाजी मुनव्वर हुसैन तमीम ने बताया, ‘13 नवंबर को फैसले की तारीख का ऐलान किया जाएगा। हमारे पुराने अनुभव के हिसाब से कोर्ट फैसला सुनाने में करीब एक हफ्ते का वक्त और लगाएगा। हम साफ करना चाहते हैं कि 13 नवंबर को कोर्ट सिर्फ फैसले की तारीख का ऐलान करेगा।’ अब केस के गवाह की बात…हसीना के खिलाफ ईमानदारी से जांच हुई, हम न्याय चाहते हैं, बदला नहींढाका यूनिवर्सिटी से बांग्ला भाषा में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे मोहम्मद महीन हसीना सरकार के खिलाफ हुए स्टूडेंट प्रोटेस्ट का हिस्सा थे। इसकी वजह से उन्हें काफी दिनों तक अंडरग्राउंड रहना पड़ा था। अब महीन छात्रों की बनाई नेशनल सिटिजन पार्टी के मेंबर हैं। साथ ही वो स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन, स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन बैनर के भी ढाका यूनिवर्सिटी के संयोजक हैं। आंदोलन को लेकर महीन बताते हैं, ‘जुलाई 2024 में कोटा के खिलाफ आंदोलन में अंडरग्राउंड होने की नौबत आ गई थी। मैं ढाका केंटोनमेंट इलाके में अपने दोस्त इफ्तिकार आलम के घर कई दिनों तक छिपा रहा। इसी दौरान इफ्तिकार एक दिन घर से निकला और गायब हो गया। वो 6 जुलाई को मीरपुर के पास मिला।‘ महीन सरकार और फोर्सेज पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि इफ्तिकार को काफी टॉर्चर करने के बाद छोड़ा गया था। उसका पैर भी टूट गया था। बांग्लादेश की एजेंसियों ने उसे बहुत परेशान किया। मोहम्मद महीन, शेख हसीना के खिलाफ चल रहे केस की जांच का हिस्सा हैं और उन्होंने कोर्ट में गवाही भी दी है। महीन बताते हैं, ‘शेख हसीना के खिलाफ जांच पूरी ईमानदारी और तथ्यों के साथ की गई है। हमने कोटा आंदोलन किया और शेख हसीना को झुकने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान हमारे कई साथियों की मौत भी हुई। हमारे दिमाग में एक बात साफ थी कि हम न्याय चाहते हैं, बदला नहीं।‘ डेढ़ साल से न्याय का इंतजार था, अब फैसले की घड़ीबांग्लादेश में छात्रों के आंदोलन से जुड़े स्टूडेंट अलाउद्दीन मोहम्मद कहते हैं, ‘प्रदर्शन के दौरान हमारे जिन साथियों की मौत हुई, हम सब डेढ़ साल से उनके लिए न्याय का इंतजार कर रहे थे। हमने केस की सुनवाई को करीब से देखा और अब फैसले की घड़ी आ गई है। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से अब शेख हसीना के खिलाफ पहले केस में फैसला आना है। ये आंदोलन करने वाले हम स्टूडेंट्स के लिए बहुत अहम वक्त है।‘ केस की सुनवाई को लेकर अलाउद्दीन बताते हैं, ‘केस का पूरा ट्रायल बांग्लादेश में टीवी पर प्रसारित किया गया। केस में दी गईं दलीलें लोगों ने घर बैठकर लाइव देखीं औऱ सुनीं। केस की सुनवाई ट्रांसपेरेंसी के साथ हुई है ताकि लोगों की मन में कोई संशय ना रहे। शेख हसीना पर क्या आरोप थे, उनके समर्थन में गवाह और सबूत क्या पेश किए गए, केस के दौरान किसने क्या दलील रखी ये सबने देखा।’ वे आगे कहते हैं, ’हमने आंखों के सामने अपने जानने वालों और दोस्तों को फायरिंग में मरते देखा है। हालांकि ये किसी दोस्त या रिश्तेदार के मारे जाने की बात नहीं है। बल्कि ये मानवता के खिलाफ पूरे सरकारी सिस्टम के अपराध की बात है। अब शहीद छात्रों और उनके परिवारों के लिए न्याय का दिन आ चुका है।’ अलाउद्दीन मोहम्मद छात्रों की बनाई नेशनल सिटिजन पार्टी में जॉइंट मेंबर सेक्रेटरी हैं और इंटरनेशनल सेल का भी हिस्सा हैं। वे आगे कहते हैं कि हमारी लड़ाई सिर्फ यहीं तक खत्म नहीं होती कि शेख हसीना को सजा हो जाए। बल्कि अब हम एक ऐसा सिस्टम बना रहे हैं कि कोई भी सरकार इतनी ताकतवर ना हो पाए कि इतने बड़े पैमाने पर हत्याएं करवाा सके। जांच एजेंसी और वकीलों ने साथ मिलकर मजबूत केस बनाया प्रॉसिक्यूशन की तरफ से केस देख रही वकीलों की टीम के मेंबर ने नाम ना लिखने की शर्त पर हमें पूरी प्रक्रिया बताई, जिसके तहत केस की जांच और कार्रवाई आगे बढ़ी। डॉ यूनुस ने सरकार में आते ही एक टास्क फोर्स बनाई थी और उसे शेख हसीना के खिलाफ जांच का जिम्मा सौंपा था। तब से प्रॉसिक्यूशन और जांच टीम मिलकर इस केस पर काम कर रही थीं ताकि कोर्ट में केस कमजोर ना पड़े। वकील ने बताया कि हमने हर वो जरूरी सबूत और गवाह शामिल किया है, जिससे केस मजबूत हो। प्रॉसिक्यूशन ने कोर्ट में क्या मुख्य दलीलें रखीं-- छात्र आंदोलन के दौरान हुई सरकारी कार्रवाई एक संगठित और योजनाबद्ध हमला था। ये सब अचानक नहीं हुआ बल्कि तय फैसले के तहत किया गया था।- छात्रों पर हमला सिर्फ कुछ लोकल स्तर पर हुई कुछ घटनाएं भर नहीं थीं। बल्कि ये राज्य शासन, सरकारी एजेंसियों, इंटेलिजेंस और फोर्स के जरिए लिया गया फैसला था। प्रॉसिक्यूशन ने 5 मुख्य आरोप तय किए हैं:1. हत्या2. अपराध की साजिश3. अपराध के लिए छूट देना4. कार्रवाई में मदद करना5. अपराध रोकने में नाकामी अवामी लीग फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगीकोर्ट का फैसला शेख हसीना के खिलाफ आने की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है तो बांग्लादेश अवामी लीग का क्या रुख होगा। इसे लेकर हमने शेख हसीना की पार्टी के टॉप लीडर सुजीत रॉय नंदी से बात की। नंदी कहते हैं, ‘केस की जांच और ट्रायल राजनीतिक से प्रेरित है। सब बदले की भावना से हुआ है। न्यायिक प्रक्रिया शुरू से ही गैर-कानूनी रही है, इसलिए हम इसे वैध केस नहीं मानते। अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण मूल रूप से युद्ध अपराधियों की सुनवाई के लिए बनाया गया था, राजनीतिक उत्पीड़न के लिए नहीं।‘ ‘पिछले 16 महीनों में बांग्लादेश के लोगों ने समझ लिया है कि अवामी लीग सरकार को प्लानिंग के साथ उग्रवादी हमलों और साजिशों के जरिए कैसे उखाड़ फेंका गया। इसलिए हमें डर है कि ये फैसला न्यायसंगत नहीं होगा बल्कि बदले की भावना से लिया गया होगा और हम इसका खुलकर विरोध करेंगे।‘ नंदी आगे कहते हैं, ‘अवामी लीग हमेशा लोकतांत्रिक और संवैधानिक प्रक्रिया में भरोसा रखती है। हमें जनता की शक्ति पर पूरा भरोसा है। फैसले के दिन हम स्थिति को शांतिपूर्वक देखेंगे। अगर कोई अन्यायपूर्ण फैसला लोगों की आशाओं और लोकतंत्र की भावना को कमजोर करता है तो अवामी लीग जनता के साथ मिलकर शासन के खिलाफ जन आंदोलन चलाने के लिए मजबूर होगी।’ फैसला आने के पहले दो धड़ों में बंटे लोग, हिंसक घटनाएं शुरूइस मामले में फैसला आने से पहले ही राजधानी ढाका में छिटपुट हिंसा की घटनाएं शुरू हो गई हैं। हिंसा की घटनाएं लोकल लेवल की रही हैं और इनमें किसी की मौत की खबर नहीं है। हालांकि आशंका जताई जा रही है कि अवामी लीग का कैडर फिर एक्टिव हो रहा है। यूनुस सरकार ने सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। साथ ही हिंसा की छोटी-बड़ी घटनाओं पर कंट्रोल करने के निर्देश दिए हैं। बांग्लादेश के लोकल जर्नलिस्ट और हमारे कॉन्ट्रिब्यूटर अमानुर रहमान बताते हैं, ‘पूर्व PM शेख हसीना पर कोर्ट का फैसला आने वाला है। सूत्र बता रहे हैं कि माहौल को देखते हुए कोर्ट अपना फैसला आगे के लिए टाल भी सकता है।‘ ‘शेख हसीना पर फैसले से पहले बांग्लादेश में माहौल बंटा हुआ है। कुछ लोग कह रहे हैं कि ये ‘जस्टिस डे’ होगा, वो इस पूरे केस और सुनवाई को गंभीरता से ले रहे हैं। ऐसा मानने वाले ज्यादातर लोग स्टूडेंट आंदोलन से जुड़े और मौजूदा सरकार के लोग हैं। वहीं दूसरी तरफ अवामी लीग के नेता और समर्थक फैसले का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं।‘ ‘वहीं बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी भी जानती है कि मौजूदा सरकार इस फैसले को प्रचार के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है। इसलिए वो भी इस फैसले को लेकर ज्यादा उत्सुक नहीं दिख रही है।’ रहमान आगे कहते हैं, ‘छात्र आंदोलन और तख्तापलट के डेढ़ साल बाद बांग्लादेश के लोग अब पूरी तरह बंटे हुए दिख रहे हैं। अवामी लीग के नेता और कैडर फैसले के खिलाफ बड़े प्रदर्शन की तैयारी में है। बांग्लादेश में जब भी बड़े प्रदर्शन की तैयारी होती तो अक्सर ये प्रदर्शन हिंसक हो जाते हैं।‘..................... ये खबर भी पढ़ें... सऊदी में ड्राइवर की नौकरी देकर कचरा उठवाया-बकरी चरवाई 59 साल की सूरजकली बेटे राजीव की फोटो देखकर भावुक हो जाती हैं। राजीव मई 2023 में सऊदी अरब में ड्राइवर की नौकरी करने गए थे, लेकिन वहां वो कफाला सिस्टम का शिकार हो गए। उन पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। वे रियाद में 3 साल कैद की सजा काट रहे। उन पर 18 लाख रुपए जुर्माना भी लगा है। ये कहानी सिर्फ राजीव की ही नहीं है। सऊदी में कफाला सिस्टम के शिकार बन चुके तमाम भारतीयों की है। पढ़िए पूरी खबर..

दैनिक भास्कर 12 Nov 2025 4:49 am

तुर्की वायुसेना का कार्गो विमान जॉर्जिया में क्रैश

तुर्की वायुसेना का मालवाहक विमान जॉर्जिया में दुर्घटना का शिकार हो गया। राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि अजरबैजान से वापस तुर्की लौट रहा एयर फोर्स का सी-130 मिलिट्री कार्गो विमान जॉर्जिया में दुर्घटना का शिकार हो गया

देशबन्धु 12 Nov 2025 4:30 am

क्या बांग्लादेश में फिर भड़केगी हिंसा? शेख हसीना की पार्टी ने किया 'Dhaka Lockdown' का ऐलान

Dhaka Lockdown:बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग ने ढाका में लॉकडाउन का ऐलान किया है. पुलिस और सुरक्षा बलों ने गश्ती बढ़ा दी है और महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि अंतरिम सरकार को एएल के कार्यक्रम को लेकर कोई डर नहीं है.

ज़ी न्यूज़ 12 Nov 2025 12:16 am

Tukriye Plane Crash Video: गोल-गोल घूमा, तेजी से नीचे गिरा और बना आग का गोला ...जॉर्जिया में तुर्किये एयरफोर्स का प्लेन क्रैश

Turkiye Plane Crash:मंत्रालय ने बताया कि जॉर्जियाई अधिकारियों के साथ मिलकर जांच और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिए गए हैं. यह साफ नहीं है कि एयरक्राफ्ट में कितने क्रू मेंबर सवार थे. हालांकि कुछ स्थानीय मीडिया क्रू मेंबर्स की संख्या 20 बता रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 11 Nov 2025 9:49 pm

Monarch Rule: मुंह से निकला हर शब्द पत्थर की लकीर, हर फरमान ही कानून...इन देशों में अब भी चलता है राजाओं का राज

Countries Which have Monarch Rule:कई देशों में आज भी राजाओं का राज है. सऊदी अरब के किंग से लेकर वेटिकन सिटी के पोप तक ये लोग ही तमाम बड़े फैसले लेते हैं. चलिए आपको उन देशों के बारे में बताते हैं, जहां आज भी राजाओं का ही राज है.

ज़ी न्यूज़ 11 Nov 2025 8:03 pm

दुनिया का वो इकलौता देश, जहां सेलिब्रेट नहीं होता बर्थडे! ज्यादातर को याद नहीं जन्म की तारीख

Shocking News: क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसा भी देश है जहां के लोग अपना जन्मदिन ही नहीं जानते हैं. चलिए जानते हैं ऐसा क्यों है और यहां के लोग बर्थडे सेलिब्रेट कैसे करते हैं.

ज़ी न्यूज़ 11 Nov 2025 5:43 pm

नाटो से तनाव के बीच रूस के पक्के दोस्त का अजीब दांव! पुतिन की मिसाइल लेने से क्यों किया इनकार

Burevestnik nuclear missiles: अलेक्जेंडर ने साफ किया कि बेलारूस को दूसरे परमाणु हथियार ओरेशनिक तो मिल गए हैं लेकिन उसे परमाणु से चलने वाले शक्तिशाली बुरेवेस्टेनिक या पोसाइडन की जरूरत नहीं है.

ज़ी न्यूज़ 11 Nov 2025 5:39 pm

US Shutdown पर ब्रेक की उम्मीद, सीनेट से मिली हरी झंडी; बुधवार को होगा फुल एंड फाइनल

US Shutdown:अमेरिका की सीनेट ने सोमवार को देश में अब तक के सबसे लंबे सरकारी शटडाउन को समाप्त करने के लिए एक समझौते को मंजूरी दे दी. सीनेट में हुए मतदान में 60 सांसदों ने समर्थन और 40 ने विरोध में वोट दिया. इस समझौते के तहत संघीय एजेंसियों के लिए धनराशि बहाल की जाएगी, जिससे लाखों अमेरिकियों को राहत मिलने की उम्मीद है.

ज़ी न्यूज़ 11 Nov 2025 4:33 pm

पीएम मोदी को पूरा समर्थन, आतंकियों की जड़ों को खोद डालें...शेख हसीना ने भरी हुंकार, पाकिस्तान का सीधे लिया नाम

Sheikh Hasina condemns Delhi Red Fort blast:बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दिल्ली में हुए भयानक ब्लास्ट पर गुस्सा जताया है. पूर्व पीएम शेख हसीना ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे मानवता पर हमला बताया है. उन्होंने पीएम मोदी को समर्थन दिया और आतंकवाद की जड़ें मिटाने की अपील की है.

ज़ी न्यूज़ 11 Nov 2025 3:11 pm

'दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल हुआ अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल-ऑयल':खाद बनाने वाले अमोनियम नाइट्रेट से कैसे बनता है ANFO विस्फोटक, दिल्ली में डेटोनेटर से किया धमाका

10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास हुए 'बम धमाके' में ANFO यानी अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल का इस्तेमाल किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों ने जांच की शुरुआती रिपोर्ट के हवाले से ये जानकारी दी है। ANFO में विस्फोट करने के लिए डेटोनेटर को मैन्युअली ट्रिगर किया गया। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इस धमाके में 9 लोग मारे गए और 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। क्या है ANFO, इससे भयंकर विस्फोट कैसे होता है, दिल्ली में कितना ANFO इस्तेमाल हुआ, जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में... सवाल-1: अमोनियम नाइट्रेट से खतरनाक ANFO कैसे बनता है? जवाब: अमोनियम नाइट्रेट यानी AN का केमिकल फॉर्मूला NH4NO3 है। ये एक गंधहीन, सफेद दानेदार केमिकल होता है। जर्मन केमिस्ट जोहन रुडॉल्फ ग्लॉबर ने 17वीं सदी में इसे सबसे पहले तैयार किया था। सिंथेटिक अमोनियम नाइट्रेट बनाने के लिए अमोनिया और नाइट्रिक एसिड का रिएक्शन करवाया जाता है। 20वीं सदी में इसका औद्योगिक स्तर पर उत्पादन होने लगा। आज दुनियाभर के कई देशों में इंडस्ट्रियल यूज के लिए इसे बनाया जाता है। चोट वगैरह लगने पर सिंकाई के काम में आने वाले इंस्टेंट आइस पैक, केमिकल इंडस्ट्री और सबसे ज्यादा फर्टिलाइजर यानी खाद बनाने में इसका यूज होता है। दुनिया भर में नाइट्रेट बेस्ड फर्टिलाइजर का इस्तेमाल सबसे आम है। AN खुद में कोई विस्फोटक नहीं है, लेकिन अगर इसे डीजल या किसी दूसरे फ्यूल से मिला दिया जाए, तो ये खतरनाक बम में बदल जाता है... इंडस्ट्रियल यूज के तहत ANFO का इस्तेमाल खदानों में ब्लास्ट करने, कोई इमारत गिराने यानी सिविल डिमोलिशन जैसे कामों में इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके विस्फोट से बड़ा गड्ढा हो जाता है। विस्फोट की स्पीड 14 हजार किमी प्रति घंटा तक होती है। इससे जो वेव्स पैदा होती हैं, वो साउंड वेव से करीब 5 गुना ज्यादा तेज होती हैं। सवाल-2: ANFO कितना खतरनाक, ये कितनी तबाही मचा सकता है? जवाब: ANFO के विस्फोट से बड़ा गड्ढा हो जाता है। विस्फोट की स्पीड 14 हजार किमी प्रति घंटा तक होती है। इससे जो वेव्स पैदा होती हैं, वो साउंड वेव से करीब 5 गुना ज्यादा तेज होती हैं। इससे कान और फेफड़े तुरंत खराब हो सकते हैं। साथ ही ये विस्फोट शीशे, लोहे और ईंटें टुकड़ों में उड़कर लोगों को चीर-फाड़ सकता है। विस्फोट के बाद आग, इमारतों का टूटना और जहरीली गैसें भी हवा में फैल सकती हैं। अमोनियम नाइट्रेट के विस्फोट और आग से नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और अमोनिया जैसी जहरीली गैसें निकलती हैं, जो सांस की तकलीफ और जलन पैदा कर सकती हैं। 1 किलो ANFO को 0.8 किलो TNT के बराबर विस्फोटक क्षमता का माना जाता है। इससे 5-7 मीटर व्यास का गड्ढा हो सकता है। विस्फोट का दायरा करीब 30 मीटर तक होता है। अगर भीड़ के बीच धमाका हो, तो दर्जनों लोगों की जान जा सकती है। सिर्फ 150 किलो अमोनियम नाइट्रेट 1 किलोमीटर तक असर कर सकता है। ये धमाका इतना तेज होता है कि 50-70 मीटर तक सब कुछ तबाह हो जाता है। विस्फोटक की मात्रा और जहां धमाका हुआ, वहां मौजूद लोगों की संख्या के अनुसार तबाही बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए 1995 में अमेरिका के ओक्लाहोमा सिटी में करीब 1800 किलो यानी 1 टन के ANFO विस्फोटक से धमाका हुआ, इसमें बिल्डिंग में मौजूद 168 लोगों की मौत हो गई। लगभग 3000 किलो अमोनियम नाइट्रेट का धमाका एक पूरी बड़ी इमारत या पूरा मोहल्ला उड़ा सकता है। 50–70 मीटर के अंदर सब कुछ समतल हो जाएगा। 500–600 मीटर तक खिड़कियां चकनाचूर हो सकती हैं। लोग 200–300 मीटर दूर तक उड़ते कांच और मलबे से घायल या मारे जा सकते हैं। धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी जाएगी। सवाल-3: दिल्ली धमाके में ANFO की कितनी मात्रा इस्तेमाल की गई? जवाब: सुरक्षा एजेंसियां अभी इसकी जांच कर रही हैं। अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ANFO बेस्ड IED ब्लास्ट हुआ या कोई दूसरा विस्फोटक इस्तेमाल किया गया। हालांकि ब्लास्ट के बाद सामने आए वीडियो में कार में लगी आग से एक जगह नारंगी धुआं निकलता दिख रहा है। जानकारों के मुताबिक, अमोनियम नाइट्रेट में धमाका होने पर नारंगी रंग का धुआं निकलता है क्योंकि इस धमाके से नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया जैसी गैस निकलती हैं। हवा में मिलने के बाद नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड की वजह से धुआं नारंगी रंग का दिखता है। हालांकि, मौके पर लिए गए सैंपल की फोरेंसिक जांच के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी। वहीं धमाके की इंटेंसिटी देखते हुए ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर ये ANFO का ही धमाका था, तो इसकी कम से कम 100 किलो मात्रा का इस्तेमाल किया गया है। करीब 100 मीटर दूरी तक धमाके की वेव महसूस की गईं। कई दुकानों के शीशे चिटक गए, धमाके के समय मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि आवाज इतनी तेज थी कि लोगों के कान सुन्न हो गए। सवाल-4: अमोनियम नाइट्रेट खरीदना कितना आसान, इस रखने के क्या नियम? जवाब: AN मुख्य रूप से नाइट्रोजन खाद है, जो किसानों के लिए जरूरी है। 2024 में भारत का AN मार्केट 822 हजार टन का था, जो 2030 तक 997 हजार टन पहुंचेगा। यह कृषि मंत्रालय की सब्सिडी पर 20-30 रूपए प्रति किलो बिकता है। इसका इंडस्ट्रियल यूज ही है, इसलिए खाद की दुकानों से लेकर इंडस्ट्रियल पर आसानी उपलब्ध हो जाता है। हालांकि 2012 में बने कुछ नियमों के मुताबिक, अगर किसी दूसरे केमिकल में अमोनियम नाइट्रेट को मिलाया गया है, तो इस पर कुछ सख्त प्रावधान हैं। इसके तहत वजन के हिसाब से इमल्शन, पेंट या किसी जेल में अगर 45% से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट मिलाया गया है, तो इसे विस्फोटक की कैटेगरी में रखा जाएगा। चूंकि इस विस्फोटक का भी इस्तेमाल माइनिंग वगैरह में किया जाता है, इसलिए इसमें पेट्रोलियम, विस्फोटक सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन वगैरह से लाइसेंस लेना पड़ता है। किसी के पास लाइसेंस नहीं है, तो वह ANFO नहीं खरीद सकता। सवाल-5: इससे पहले अमोनियम नाइट्रेट के बम से कितने आतंकी हमले हुए? जवाब: ANFO बम से सबसे पहला बड़ा धमाका साल 1995 में अमेरिका के ओक्लाहोमा सिटी में हुआ। बम में 1800 किलो AN इस्तेमाल किया गया था। धमाके में आधी बिल्डिंग उड़ गई थी और 168 लोग मारे गए थे। इसके अलावा साल 2020 में बेरूत में करीब 3 हजार किलो अमोनियम नाइट्रेट के फटने से भारी तबाही हुई थी। शहर का बड़ा इलाका तबाह हो गया था और करीब 200 लोग मारे गए थे। भारत में अमोनियम नाइट्रेट (AN) से जुड़े धमाके और घटनाएं **** ये खबर भी पढ़ें... क्या है दिल्ली ब्लास्ट का अमोनियम नाइट्रेट और फरीदाबाद कनेक्शन:20 सितंबर को 25km दूर कटा चालान, क्या छापेमारी के डर से विस्फोटक लेकर भागे दिल्ली के लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और 24 लोग घायल हैं। ब्लास्ट की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, इस धमाके के कई तार फरीदाबाद से जुड़ रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें... ---------

दैनिक भास्कर 11 Nov 2025 2:45 pm

पाकिस्तान : इस्लामाबाद में कोर्ट के बाहर जोरदार धमाका, 6 लोग घायल

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के बाहर जोरदार धमाका हुआ है। स्थानीय मीडिया के अनुसार इस हादसे में करीब 6 लोग घायल हो गए हैं

देशबन्धु 11 Nov 2025 2:37 pm

भूटान दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मायने में बेहद खास दौरा

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर भूटान पहुंचने वाले हैं। उनका दौरा 11 से 12 नवंबर तक होगा

देशबन्धु 11 Nov 2025 7:55 am

2020 चुनावी साजिश! ट्रंप ने भारतीय मूल के शख्स को दी माफी; महाराष्ट्र से है गहरा कनेक्शन

2020 अमेरिकी चुनाव में के नतीजे पलटने की कोशिश से जुड़े मामले में ट्रंप ने अपने वफादार भारतीय मूल के सीबी चंद्र यादव को माफी दे दी है. सीबी चंद्र यादव का भारत के साथ गहरा रिश्ता है.

ज़ी न्यूज़ 11 Nov 2025 7:15 am

भारत पर टैरिफ कम करने जा रहे ट्रंप! कहा- वे मुझे पसंद नहीं करते लेकिन जल्द करने लगेंगे; ट्रेड डील भी नजदीक

Trump on Indian Tariff: डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को भारत पर टैरिफ कम करने को लेकर बड़ी बात कही है. साथ ही कहा है कि वो जल्द भारत के साथ एक ऐसी ट्रेड डील करने जा रहे हैं जिससे सभी को फायदा होने वाला है.

ज़ी न्यूज़ 11 Nov 2025 6:41 am

6.52 बजे रेड लाइट जली, चलती i20 कार में ब्लास्ट:3D मैप, वीडियो और Ai के जरिए देखिए दिल्ली ब्लास्ट की मिनट-टू-मिनट पूरी कहानी

दिल्ली के लाल किले से करीब 300 मीटर दूर मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 का इलाका। एक ह्यूंडई i20 कार धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही थी। इसमें 3 लोग सवार थे। शाम 6.52 बजे रेड रेड लाइट के पास कार के पिछले हिस्से में अचानक ब्लास्ट होता है और गाड़ी के परखच्चे उड़ जाते हैं। 3D मैप, वीडियो और AI के जरिए देखिए दिल्ली ब्लास्ट की मिनट-टू-मिनट पूरी कहानी, वीडियो देखने के लिए ऊपर तस्वीर पर क्लिक कीजिए…

दैनिक भास्कर 11 Nov 2025 5:46 am

दिल्ली में लाल किले के पास हुआ विस्फोट वाकई दिल दहला देने वाला है: आदित्य ठाकरे

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए धमाके में 10 लोगों की जान चली गई

देशबन्धु 11 Nov 2025 5:30 am

क्या है दिल्ली ब्लास्ट का अमोनियम नाइट्रेट और फरीदाबाद कनेक्शन:20 सितंबर को 25km दूर कटा चालान, क्या छापेमारी के डर से विस्फोटक लेकर भागे

दिल्ली के लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और 24 लोग घायल हैं। ब्लास्ट की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, इस धमाके के कई तार फरीदाबाद से जुड़ रहे हैं। हरियाणा के फरीदाबाद के धौज गांव में 9 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा के रहने वाले डॉ. मुज्जमिल शकील के घर छापा मारा। उसके कमरे से 360 किलो विस्फोटक और एक असॉल्ट राइफल मिली। यहां से 4 किमी दूर फतेहपुर तगा गांव से एक मौलाना के घर से 2,563 किलो संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया। दिल्ली ब्लास्ट और इस छापामारी के बीच 4 कनेक्शन सामने आ रहे हैं- 1. IED नहीं, अमोनियम नाइट्रेट से ब्लास्ट की आशंका 2. जिस कार में ब्लास्ट हुआ उसका फरीदाबाद में कटा चालान 3. छापेमारी से घबराकर विस्फोटक छिपाने के लिए कार से ले जाने वाले एंगल की जांच 4. गुरुग्राम में रहने वाले सलमान की कार पुलवामा के तारिक को बेची गई क्या कार में ब्लास्ट की वजह अमोनियम नाइट्रेट दिल्ली में ब्लास्ट की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों के सोर्स के मुताबिक, जिस तरह से ब्लास्ट हुआ है, इसकी वजह अमोनियम नाइट्रेट हो सकता है। अमोनियम नाइट्रेट RDX की तरह विस्फोटक होता है। इसका इस्तेमाल खदानों में ब्लास्ट के लिए होता है। फरीदाबाद में मिला 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट करीब 100 मीटर एरिया में तबाही मचा सकता है। दिल्ली में जिस तरह ब्लास्ट के नुकसान हुआ, उससे सुरक्षा एजेंसियों अमोनियम नाइट्रेट के एंगल से जांच कर रही हैं। ब्लास्ट के बाद सामने आए वीडियो में कार में लगी आग से एक जगह नारंगी धुआं निकलता दिख रहा है। सोर्स बताते हैं कि अमोनियम नाइट्रेट में धमाका होने पर नारंगी रंग का धुआं निकलता है क्योंकि अमोनियम नाइट्रेट में धमाके से नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया जैसी गैस निकलती हैं। हवा में मिलने के बाद नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड की वजह से धुआं नारंगी रंग का दिखता है। हालांकि, मौके पर लिए गए सैंपल की फोरेंसिक जांच के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी। ब्लास्ट वाली कार का सितंबर में फरीदाबाद में कटा चालानलाल किले के पास जिस कार में ब्लास्ट हुआ, वह हरियाणा नंबर की i20 थी। पुलिस सोर्स के मुताबिक, कार हरियाणा के गुरुग्राम में सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी। पुलिस ने सलमान को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। कार का फरीदाबाद के तिकोना पार्क में 20 सितंबर, 2025 को गलत जगह पार्किंग करने पर 1500 रुपए का चालान कटा था। ये जगह डॉ. मुज्जमिल शकील के घर से सिर्फ 25 किमी दूर है। विस्फोटक छिपाने के लिए कार से ले जाने की कोशिशपुलिस और सेंट्रल एजेंसियां की जांच में सबसे खास एंगल फरीदाबाद में बड़ी मात्रा में मिला अमोनियम नाइट्रेट है। इसकी दो पॉइंट पर जांच की जा रही है। पहला: संदिग्ध लोग पकड़े जाने या छापेमारी के डर से विस्फोटक को दूसरे ठिकाने पर ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में कार में ब्लास्ट हो गया। दूसरा: संदिग्धों को पकड़े जाने का खतरा लगा हो। वे विस्फोटक को खत्म करने की कोशिश कर रहे हो। एक एंगल ये भी है कि जानबूझकर भीड़ वाली जगह पर ब्लास्ट किया गया यानी टारगेट करके धमाका कराया हो। हालांकि, इसकी संभावना कम मानी जा रही है। धमाके के वक्त कार की स्पीड बहुत कम थी। सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं कि क्या अमोनियम नाइट्रेट की वजह से एहतियातन कार की स्पीड कम रखी गई थी। गुरुग्राम में रहने वाले सलमान की कार पुलवामा के तारिक को बेची गईसुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक ब्लास्ट वाली कार बार-बार बेची गई। इसकी RC भी सामने आई है। इस पर नाम मोहम्मद सलमान और तारीख 18 मार्च 2014 लिखी है। एक बार ये कार साउथ कश्मीर के पुलवामा के समबोरा गांव में रहने वाले तारिक को बेची गई थी। एक फोटो सामने आई है, जिसमें कार के साथ एक शख्स दिखाई दे रहा है। इसके तारिक होने का दावा किया जा रहा है। जांच में शामिल अहम पॉइंट1. जिस तरह ब्लास्ट हुआ है, उसमें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस का एंगल भी हो सकता है। दोनों संगठन सुसाइड बॉम्बर पर फोकस करते हैं। ब्रेनवॉश कर आतंकी हमले कराते हैं। जांच एजेंसियां इस एंगल पर जांच करते हुए सबूत तलाश रही हैं। 2. इस बात की भी आशंका है कि धमाका पहले i20 कार में न होकर किसी और गाड़ी में हुआ हो। ऐसा इसलिए क्योंकि अमोनियम नाइट्रेट में तभी धमाका हो सकता है जब उसकी मात्रा कई टन में हो। या फिर उसमें आग लग जाए। इसलिए इस एंगल को भी ध्यान में रखा जा रहा है कि पहले किसी दूसरी गाड़ी में CNG ब्लास्ट की वजह से संदिग्ध गाड़ी में भी धमाका हुआ। 3. ब्लास्ट के बाद पीड़ित बुरी तरह जल गए। इससे आशंका है कि ब्लास्ट IED की वजह से नहीं हुआ है। इसमें भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हो सकता है। अमोनियम नाइट्रेट में धमाके से 50 से 100 मीटर तक भारी नुकसान हो सकता है। जैसा इस घटना में देखा गया है। 4. ब्लास्ट के बाद 10 मिनट में ही दिल्ली क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल और लोकल पुलिस मौके पर मौजूद थी। इसके बाद NIA, NSG के साथ फोरेंसिक टीम भी पहुंची। इस केस में फोरेंसिक सबूत सबसे अहम माने जा रहे हैं। इनसे धमाके की असली वजह का पता चल सकेगी। चश्मदीद बोले- ये सिलेंडर ब्लास्ट नहीं, डेडबॉडी के चिथड़े उड़ गएदिल्ली के यमुना पार्क में रहने वाले चंद्रशेखर 10 नवंबर की शाम करीब 6:50 बजे लाल किले के सामने चांदनी चौक गुरुद्वारे के पास थे। उसी वक्त एक चलती कार में ब्लास्ट हुआ। चंद्रशेखर बताते हैं, ‘मैं यहां लाजपतनगर मार्केट की सीढ़ियों से नीचे उतर रहा था। सामने गौरी शंकर मंदिर है। तभी दो बार धमाके की आवाज आई। कुछ समझ आता, तब तक सारे लोग भागने लगे। सारे लोग बोल रहे थे कि गाड़ियों का सिलेंडर फट गया। मैं बाहर आया, तो आग की बड़ी लपटें देखीं। छोटे-छोटे धमाके हुए। दूसरी गाड़ियों में भी आग लग गई।’ चंद्रशेखर के साथ खड़े अभिजीत सिंह गुरुद्वारे से मत्था टेककर बाहर आए थे। वे कहते हैं, ‘ये सिलेंडर का ब्लास्ट नहीं था। आपसे बात करते हुए सब नजर आ रहा है। गाड़ियों में आग लगी हुई थी।’ ट्रैफिक के बीच रेड सिग्नल पर चलती कार में ब्लास्ट जिस वक्त ब्लास्ट हुआ, ब्लास्ट वाली जगह काफी ट्रैफिक था। आसपास भीड़ थी। तभी हरियाणा नंबर की i20 कार में ब्लास्ट हुआ। ब्लास्ट होते ही आसपास मौजूद गाड़ियों में आग लग गई। करीब 24 लोग घायल हो गए। उन्हें दो किमी दूर LNJP हॉस्पिटल भर्ती कराया गया। चांदनी चौक ट्रेडर्स एसोसिएशन ने एक वीडियो शेयर किया है। इसमें डेडबॉडी गाड़ी पर पड़ी है। एक डेडबॉडी सड़क पर दिखाई दी। चश्मदीदों ने भी बताया कि मरने वालों के शरीर के टुकड़े इधर-उधर बिखरे पड़े थे। दिल्ली फायर सर्विस के मुताबिक, दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। धमाका इतना तेज था कि कई मीटर दूर खड़ी गाड़ियों के शीशे टूट गए और आवाज ITO तक सुनाई दी। शाम 7:29 बजे तक आग बुझा ली गई। पुलिस ने पूरा एरिया सील कर दिया। ब्लास्ट के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। बॉर्डर पोस्ट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। गाड़ियों की जांच शुरू कर दी गई। मौके पर दिल्ली पुलिस, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, NIA और NSG की टीमें पहुंच गईं। 50 मीटर दूर तक गिरे डेडबॉडी के टुकड़ेब्लास्ट वाली जगह से करीब 50 मीटर दूर एक जैन मंदिर है। यहां काम करने वाले गिरिजेश सिंह बताते हैं, ‘धमाके के बाद ऐसा लगा जैसे सब बेहोश हो जाएंगे।’ वे मंदिर में पड़ा गाड़ी का एक पार्ट दिखाते हैं। फिर कहते हैं, ‘देखिए, यहां डेड बॉडी के टुकड़े भी पड़े हैं।’ गिरिजेश बॉडी का जो टुकड़ा दिखाते हैं, वो सिर का हिस्सा था। लंबे बालों से अंदाजा हुआ कि ये किसी महिला को हो सकता है। गिरिजेश बताते हैं, ‘मंदिर में लगे शीशे टूटकर गिर गए। पुलिस आ गई थी, इसलिए हम मंदिर से बाहर नहीं गए।’ घायलों के शरीर में पैलेट्स नहीं, बम ब्लास्ट में ये नॉर्मल बात नहींब्लास्ट के बाद मौके पर पहुंचे दिल्ली के पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा ने बताया कि जिस कार में ब्लास्ट हुआ, उसमें कुछ लोग सवार थे। एक सीनियर अफसर के मुताबिक, ‘कार में तीन लोग बैठे थे। घायलों के शरीर पर पैलेट या छेद के निशान नहीं मिले हैं। ये बम धमाकों में असामान्य है। सभी एंगल से जांच की जा रही है।’ गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि हम सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए गहन जांच करेंगे। ब्लास्ट मामले में दिल्ली पुलिस ने UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) की धारा 16 और 18, विस्फोटक अधिनियम और BNS की धाराओं के तहत कोतवाली थाने में केस दर्ज किया है। हालांकि अब तक पुलिस और जांच एजेंसियों ने ब्लास्ट को आतंकी हमला नहीं बताया है, न ही किसी आतंकी संगठन ने ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली है। पुलिस सोर्स के मुताबिक, CCTV फुटेज खंगाली जा रही हैं ताकि धमाके से पहले वाहन की मूवमेंट का पता लगाया जा सके। आसपास के लोगों और चश्मदीदों से पूछताछ की जा रही है। मोबाइल डंप डेटा और संदिग्ध आतंकियों की फाइलें जांची जा रही हैं। धमाके के बाद दिल्ली समेत महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में गश्त बढ़ा दी गई है। आतंकी कनेक्शन में यूपी-हरियाणा से 3 डॉक्टर अरेस्टटेरर मॉड्यूल की धरपकड़ के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस बीते 15 दिन से हरियाणा पुलिस के साथ जॉइंट ऑपरेशन चला रही थी। इस दौरान फरीदाबाद से लखनऊ तक अभियान चलाकर 2900kg विस्फोटक जब्त किया गया। इसी दौरान फरीदाबाद से डॉ. मुजम्मिल शकील और लखनऊ से डॉ. शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया है। मुजम्मिल शकील के कमरे से 9 नवंबर को 360 किलो विस्फोटक और असाल्ट राइफल पकड़ी गई। अगले दिन 10 नवंबर को शाहीन की कार से AK-47 राइफल और कारतूस पकड़े गए। डॉ. मुजम्मिल फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। शाहीन उसकी गर्लफ्रेंड बताई जाती है। मुजम्मिल, डॉ. शाहीन की कार इस्तेमाल करता था। उसने फरीदाबाद के धौज गांव में 3 महीने पहले किराए पर कमरा लिया था। वह यहां रहता नहीं था, उसने सिर्फ सामान रखने के लिए कमरा लिया था। धौज से 4 किमी दूर फतेहपुर तगा गांव मौलाना इस्ताक को भी अरेस्ट किया गया। इससे पहले 7 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूपी के सहारनपुर से डॉ. आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था। वह अनंतनाग का रहने वाला है। आदिल अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रैक्टिस करता था। उसने 2024 में इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सहारनपुर में प्रैक्टिस करने लगा। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजवात-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा था।

दैनिक भास्कर 11 Nov 2025 5:20 am

पाकिस्तान एयरलाइंस इंजीनियरों का विरोध, उड़ानें प्रभावित

पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के इंजीनियरों ने लगभग एक वर्ष से वेतन असमानता और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर आवाज उठाई है

देशबन्धु 11 Nov 2025 5:00 am

उड्डयन मंत्री नायडू ने मालदीव में एयरपोर्ट का उद्घाटन किया, मुइज्जू ने पीएम मोदी और भारत का जताया आभार

भारत के केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की

देशबन्धु 11 Nov 2025 4:30 am

रूस में दो मालगाड़ी पटरी से उतरीं, रेल संचालन प्रभावित

रूस के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में दो अलग-अलग मालगाड़ी हादसे सामने आए। इससे रेल संचालन प्रभावित हुआ। हालांकि, किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली है

देशबन्धु 11 Nov 2025 4:10 am

क्या FBI डायरेक्टर काश पटेल ने चुपके से किया चीन का दौरा? दोनों देश क्यों छिपा रहे हैं डिटेल?

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के सूत्रों का कहना है कि भारतीय मूल के एफबीआई डायरेक्ट ने चुपके से चीन का दौरा किया है. उनका मकसद दोनों देशों के बीच कुछ मामलों पर चल रहे टेंशन को कम करना है.

ज़ी न्यूज़ 11 Nov 2025 3:31 am

20 दिनों बाद जेल से रिहा हुए फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी, जानिए किस मामले में हुई थी सजा

Nicolas Sarkozy: नकोलस सरकोजी करीब 20 दिनों तक जेल में रहे और आखिरकार वो रिहा हो गए. उन्हें भ्रष्टाचार और अन्य मामलों का दोषी पाया गया है.

ज़ी न्यूज़ 11 Nov 2025 2:54 am

6.52 बजे रेड लाइट जली, चलती i20 कार में ब्लास्ट:मैप, वीडियो और 3D के जरिए देखिए दिल्ली ब्लास्ट की मिनट-टू-मिनट पूरी कहानी

शाम 6.50 बजे का वक्त। दिल्ली के लाल किले से करीब 300 मीटर दूर मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर वन की पार्किंग का इलाका। एक ह्यूंडई i20 कार धीमी गति से आगे बढ़ रही थी। इसमें 3 लोग सवार थे। रेड लाइट के पास कार के पिछले हिस्से में अचानक ब्लास्ट होता है और गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। पूरी घटना का मैप, वीडियो और 3D से बना रीक्रिएशन देखने के लिए ऊपर वीडियो पर क्लिक कीजिए…

दैनिक भास्कर 10 Nov 2025 11:03 pm

लश्कर कमांडर ने कहा था- हाफिज सईद खाली नहीं बैठे:आज सुबह ही पकड़ा गया 2900kg विस्फोटक; क्या दिल्ली ब्लास्ट आतंकी साजिश हो सकती है

दिल्ली में सोमवार शाम हुए कार ब्लास्ट में अब तक 8 लोगों की मौत हो गई, 24 घायल हैं। ब्लास्ट की वजह अभी साफ नहीं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी साजिश की आशंका जताई जा रही थी। लश्कर कमांडर ने कहा था कि हाफिज सईद खाली नहीं बैठे हैं। 10 नवंबर को ही 2900 किलो विस्फोटक बरामद किए गए थे। भास्कर एक्सप्लेनर में हमने पिछले कुछ महीनों की गतिविधियों को ट्रैक किया है... सितंबर 2025: लश्कर आतंकी ने पीएम मोदी को अंजाम भुगतने की धमकी सितंबर 2025: बम ब्लास्ट की तैयारी कर रहा आतंकी गिरफ्तार अक्टूबर 2025: पीओके में हाईलेवल मीटिंग अक्टूबर 2025: जम्मू कश्मीर से पाकिस्तानी हथियार और विस्फोटक बरामद अक्टूबर 2025: ऑपरेशन सिंदूर के बदले की तैयारी में हाफिज सईद नवंबर 2025: हमले की प्लानिंग कर रहे आतंकी विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार नवंबर 2025: दिल्ली के पास से विस्फोटक बरामद ऑपरेशन सिंदूर क्या है और इसमें किन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था? कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। इसमें 26 पर्यटक मारे गए थे। पहलगाम हमले में परिवार के सामने लोगों की हत्या की गई, उनके सिर में गोली मारी गई। बचे हुए लोगों से कहा गया कि वे इस हमले का संदेश पहुंचाएं। भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के उन अड्डों को निशाना बनाया गया, जो भारत में हमलों की साजिशों और आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर थे। 1. सवाई नाला, मुजफ्फराबाद: LoC से 30 किमी. दूर इस जगह लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा था। 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हुए आतंकी हमले की ट्रेनिंग यहीं हुई थी। ये एक टेरर लॉन्चपैड की तरह काम करता था। 2. सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद: LoC से करीब 30 किमी ये जगह PoK में है, जहां जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा था। यहां आतंकियों को हथियार चलाने, विस्फोटकों के इस्तेमाल और जंगल में खुद को बचाए रखने की ट्रेनिंग दी जाती थी। ये एक आतंकी ट्रेनिंग सेंटर था। 3. गुलपुर, कोटली: LoC से करीब 30 किमी ये जगह PoK में मौजूद है, जहां लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा था। यहीं से राजौरी और पूंछ में आतंक की सप्लाई की जाती थी। 30 अप्रैल 2023 को पुंछ और 9 जून 2024 को तीर्थयात्रियों की बस पर हुए हमले की ट्रेनिंग और प्लानिंग यहीं हुई थी। ये इलाका हमेशा से भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर रहा है। 4. बरनाला कैंप, बिमभेर: PoK में मौजूद ये जगह LoC से महज 9 किमी है। यहां लश्कर- ए- तैयबा और जैश-ए- मोहम्मद का ठिकाना था। यहां आतंकियों को हथियार चलाने, IED इस्तेमाल करने, और जंगल में खुद को बचाए रखने की ट्रेनिंग दी जाती थी। ये एक ट्रेनिंग सेंटर था, जिसे आतंकवादियों को गढ़ माना जाता था। 5. अब्बास कैंप, कोटली: LoC से 13 किमी ये जगह PoK में है, जहां लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा था। यहां फिदायीन हमले की ट्रेनिंग दी जाती थी। यहां करीब 50 आतंकी रहते थे। ये एक टेरर लॉन्चपैड था, जहां से आतंकी भारत घुसते थे। 6. मरकज सुभानअल्लाह, बहावलपुर: इंटरनेशनल बॉर्डर से करीब 100 किमी दूर ये इलाका जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का घर है। यहां की जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह परिसर में जैश का हेडक्वार्टर था। यहीं नए लोगों को भर्ती कर आतंकी बनाया जाता और उन्हें ट्रेनिंग दी जाती थी। आएं दिन यहां आतंकियों के टॉप कमांडर देखे जाते थे। 7. मरकज तैय्यबा, मुरीदके: इंटरनेशनल बॉर्डर से 18-25 किमी दूर यहां लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर था। 200 एकड़ में फैली इस जगह से ही 2008 में आतंकवादी मुंबई आए थे, जिन्होंने हमला किया था।पाकिस्तान और कश्मीर से हजारों लड़ाकों को ट्रेनिंग देने और आतंकवादी अभियानों की योजना बनाने के लिए यहां लाया जाता है। अजमल कसाब और डेविड हेडली को यहीं ट्रेनिंग मिली। 8. सर्जल कैंप: इंटरनेशनल बॉर्डर से 6 किमी दूर इस जगह पर लश्कर-ए-तैयबा, जमात- उद- दावा जैसे आतंकी संगठनों के अड्डे थे। मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 4 जवानों की हत्या की साजिश यहीं रची गई थी और यहीं से आए आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। 9. महमूना जोया, सियालकोट: LoC से 12-18 किमी दूर यहां हिजबुल मुजाहिदीन का ठिकाना था। यहीं से कठुआ और जम्मू में आतंक की सप्लाई की जाती थी। इसी जगह पर पठानकोट एयरबेस हमले की साजिश रची गई थी और अंजाम दी गई थी। ------ ये खबर भी पढ़िए... दिल्ली में लाल किले के पास कार में धमाका:8 की मौत, 24 घायल, दिल्ली, मुंबई, यूपी और हरियाणा में हाई अलर्ट; पीएम मोदी ने शाह से बात की दिल्ली में लाल किले के पास कार में जोरदार धमाका हुआ है। ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत हो गई है और 24 लोग घायल हैं। धमाके की वजह साफ नहीं है, लेकिन इसके बाद दिल्ली समेत मुंबई, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। पूरी खबर पढ़िए...

दैनिक भास्कर 10 Nov 2025 8:58 pm

NFL मैच के दौरान ट्रंप का सरप्राइज, Air Force One ने स्टेडियम के ऊपर से भरी उड़ान

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एनएफएल के लायंस बनाम कमांडर्स मैच के दौरान अपने एयर फोर्स वन विमान को काफी नीचे से मैदान के ऊपर से निकाला. एयर फोर्स वन को जब ट्रंप ने स्टेडियम के ऊपर से फ्लाईओवर कराया तो इस नजारे ने दर्शकों में उत्साह और हैरानी दोनों पैदा कर दी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

ज़ी न्यूज़ 10 Nov 2025 7:26 pm

हमास ने 11 सालों के बाद क्यों सौंपा हैदर गोल्डिन का शव? शहीद के परिवार ने नेतन्याहू से जताई नाराजगी

शहीद का शव मिलने के बाद इजरायली सेना अब औपचारिक पहचान की प्रक्रिया पूरी करेगी. गोल्डिन की मौत के बाद से ही उनका परिवार सरकार से लगातार आग्रह कर रहा था कि बेटे का पार्थिव शरीर हर हाल में वापस लाया जाए.

ज़ी न्यूज़ 10 Nov 2025 7:10 pm

बीबीसी के दो टॉप अधिकारियों को आखिर क्यों देना पड़ा इस्तीफा, ट्रंप से जुड़ा मामला है इसकी वजह

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) में कुछ ऐसा हुआ, जिसकी वजह से पूरे संस्थान में हलचल शुरू हो गई। बीबीसी के दो बड़े अधिकारियों को इस्तीफा देना पड़ा, जिनमें डायरेक्टर जनरल टिम डेवी और हेड ऑफ न्यूज डेबोरा टर्नेस का नाम शामिल है

देशबन्धु 10 Nov 2025 5:01 pm

Japan: दुनिया भर में मंत्रियों की बढ़ती सैलरी के बीच जापान ने पेश की नजीर, प्रधानमंत्री का वेतन भी घटेगा

Japan PM Decrease Salary of Her Cabinet: जापान के मंत्री इस प्रस्ताव की जल्द से जल्द समीक्षा करेंगे और इस समीक्षा के बाद ये प्रस्ताव लागू करने के लिए संसद में पेश कर दिया जाएगा. जापानी पीएम ताकाइची की यह पहल प्रशासनिक और वित्तीय सुधार को आगे बढ़ाने की व्यापक योजना का हिस्सा है.

ज़ी न्यूज़ 10 Nov 2025 4:26 pm

5 साल की सजा पाने वाले निकोलस सरकोजी तीन हफ्ते बाद ही होंगे रिहा? अदालत के रुख पर फ्रांस की नजर

Former French President Nicolas Sarkozy: पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को 5 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. अब उनकी रिहाई को लेकर विचार किया जा रहा है.

ज़ी न्यूज़ 10 Nov 2025 1:57 pm

ट्रंप जिस देश को मानते हैं दुश्मन! भारत उसके लिए बना 'बड़ा भाई', 60 सालों की दोस्ती निभाते हुए भेजी 2.7 टन जान बचाने वाली वैक्सीन

India sends 2.7 tonnes life-saving vaccines to Venezuela:वो देश जिसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों बिल्कुल पसंद नहीं कर रहे. जहां की सत्ता उखाड़ने के लिए जंग की बात हो रही है. ऐसे तनाव के दौर में उस देश के लिए भारत उसका सबसे बड़ा भाई बनकर खड़ा है. जी हां, बात हो रही है वेनेजुएला की. जहां ट्रंप ने प्रतिबंधों की बौछार कर दी है, ड्रग्स के आरोप में जंग हो रही है, वहीं भारत ने अपनी 60 सालों की दोस्ती निभाते हुए वेनेजुएला को2.7 टन जान बचाने वाली वैक्सीन भेज है.

ज़ी न्यूज़ 10 Nov 2025 1:10 pm

ये है समुद्र पर दौड़ने वाली दुनिया की इकलौती ट्रेन! वीडियो देखकर आंखें मसलते रह जाएंगे आप

Bird Flight Line Video: जर्मनी से डेनमार्क जाने वाली 'बर्ड फलाइट लाइन' की ट्रेन का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. यूजर्स वीडियो को देखकर काफी हैरान हैं क्योंकि आज तक ट्रेन सिर्फ जमीन पर चलती देखी थी, लेकिन आज पानी के अंदर भी देख ली..

ज़ी न्यूज़ 10 Nov 2025 1:06 pm

जिहादियों के ग्रुप ने माली में 5 भारतीयों को दिनदहाड़े बनाया बंधक, सरकार हुई एक्टिव, घनघनाने लगे फोन, जानें भारत क्या कर रहा?

5 Indians Kidnapped In Mali: माली के पश्चिमी इलाके कोबरी के पास 6 नवंबर को अल-कायदा से जुड़े जिहादी समूह ने 5 भारतीय मजदूरों का अपहरण कर लिया. ये बिजली प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. भारतीय दूतावास और MEA फोन पर माली अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं. बाकी भारतीयों को बामाको शिफ्ट किया गया है. जानें भारत इस मामले में क्या कर रही है.

ज़ी न्यूज़ 10 Nov 2025 12:28 pm

अगर पिघल जाए धरती की सारी बर्फ? पानी में समा जाएगा इन राज्यों का वजूद!

Climate Change Impact: धरती पर सबसे ज्यादा बर्फ साउथ पोल यानी अंटार्कटिका पर है. यहां पृथ्वी का 70% ताजा पानी और 90% बर्फ मौजूद है. इसके अलावा नॉर्थ पोल और ग्रीनलैंड भी पूरी तरह बर्फ से ढके हैं. ऐसे में कभी आपने सोचा है कि यदि अचानक धरती की सारी बर्फ पिघल जाए तो क्या होगा. दुनिया के कौन से शहर या राज्य डूब जाएंगे. चलिए जानते हैं.

ज़ी न्यूज़ 10 Nov 2025 11:21 am