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संडे जज्बात- मेरी तो सुहागरात भी नहीं हुई:पति विकास दुबे का साथी था, पुलिस ने मार दिया; सोचने पर नाक से खून आता है

कानपुर का चर्चित बिकरू कांड आप सबने सुना होगा। इसमें गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने रात में पुलिस पर हमला किया था, जिसमें 8 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी। उसके बाद हुए एनकाउंटर में पुलिस ने विकास दुबे और उसके साथियों को मार दिया था। उन्हीं मरने वालों में मेरे पति अमर दुबे भी थे। मैं उन्हीं की पत्नी खुशी दुबे हूं। मेरी जिंदगी वहीं थम गई। वहीं कहीं बिखर गई। आज भी वो रात मेरे जेहन से जाती नहीं। बंद कमरे में बैठी हूं, लेकिन कानों में वही गोलियों की आवाजें अक्सर गूंजने लगती हैं। ज्यादा सोचती हूं, तो नाक से खून बहने लगता है। मोबाइल की घंटी बजते ही दिल की धड़कन बढ़ जाती है, लगता जैसे कोई बुरी खबर आने वाली हो। पटाखों की आवाज से डरकर कांपने लगती हूं। रात को नींद नहीं आती। किसी भी काम में मन नहीं लगता। पढ़ना चाहती हूं, लेकिन शब्द आंखों के सामने से गुजरते हैं, दिमाग पकड़ नहीं पाता। मैं डिप्रेशन से जूझ रही हूं, लेकिन इलाज तक नहीं करवा पा रही। कोर्ट-कचहरी के चक्करों में सारा समय, सारा पैसा खत्म हो जाता है। जो शरीर कभी दौड़ लगाता था, वह अब चलने में भी कांपता है। दरअसल, मैंने 5 साल पहले 10वीं की परीक्षा दी थी। तब मैं 16 साल की थी। पापा की तबीयत बहुत खराब रहने लगी थी, इसलिए घर के लोग मेरी शादी के रिश्ते खोजने लगे। इसी बीच विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे से रिश्ते की बात चली। पापा उन्हें देखने गए, लेकिन निराश लौटे। पापा ने शादी का वादा नहीं किया था। बस इतना ही कहा था, 'बाद में बताएंगे।' दो दिन बाद अमर दुबे मेरे घर आए। उनके साथ कुछ गुंडे थे। सभी के हाथ में बंदूकें थीं। उन्होंने मुझसे शादी के लिए मां से बात शुरू की, लेकिन मां ने मना कर दिया। काफी जिद की लेकिन मां नहीं मानी। इस पर वे लोग भड़के उठे। वे सभी मेरे कमरे में आए और मेरा हाथ-पैर पकड़कर अपनी गाड़ी में ठूंस दिया और घर से उठा ले गए। मैं रास्ते भर चीखीती-चिल्लाती रही। उनसे मिन्नतें करती रही कि मुझे छोड़ दो, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। वे मुझे कानपुर के बिकरू गांव ले गए और एक कमरे में बंद कर दिया। वहां सारे लोग मुझे अजीब लग रहे थे। कोई किसी से बात नहीं कर रहा था। इसके 2-3 घंटे बाद ही मेरी अमर दुबे से शादी करा दी गई। उसी दिन मैंने पहली बार विकास दुबे को देखा था। मेरा बचपन छिन गया। शादी के बाद मैं वहां रुकना नहीं चाहती थी। बार-बार कह रही थी मुझे घर जाने दो, घर जाने दो। अमर दुबे से भी कहा कि मुझे मेरे घर जाने दो, इस पर उन्होंने कहा था ‘चूल्हा-चौका’ की रस्म हो जाने दो फिर चली जाना। चूल्हा-चौका’ की रस्म यानी ससुराल में जब दुल्हन पहली बार खाना बनाती है। अभी तक मेरी अमर दुबे के साथ सुहागरात भी नहीं हुई थी। 2 जुलाई 2020 की रात थी। बिकरू गांव में मेरे घर के बाहर अचानक गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं। लगा कोई बारात निकल रही होगी, लोग पटाखे फोड़ रहे होंगे, लेकिन फिर चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगीं। ऐसा लगा जैसे कोई बुरा सपना आंखों के सामने सच हो उठा हो। घर में अफरा-तफरी मच गई। मैं कांपते हाथों से अपना कमरा बंद कर रोने लगी। काफी देर तक गोलियां चलीं। इसके बाद घर में अफरा-तफरी मची हुई थी। मैंने अपना दरवाजा नहीं खोला। सुबह 3 जुलाई को पता चला कि इस दौरान 8 पुलिसकर्मी मारे गए हैं। मैं घर जाना चाहती थी, लेकिन पुलिस ने मुझे पूछताछ के लिए रोक लिया और रात में मुझे, मेरी सास और देवर को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस हमें थाने ले गई और चार दिन तक वहां रखा। इस दौरान कोर्ट में पेशी हुई और फिर 8 जुलाई को हमें जेल भेज दिया गया। पुलिस ने मुझे 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में अमर दुबे के साथ आरोपी बनाया था। आरोप लगाया था कि मैं भी इस घटना में शामिल हूं। जेल में पहला दिन किसी डरावने सपने से कम नहीं था। मुझे 40 महिलाओं के बीच एक बैरक में रखा गया, जहां बस पैर फैलाने भर की जगह थी। एक थाली, एक मग। उसी मग में चाय और दाल मिलती थी। उस खाने की महक मुझे परेशान कर देती थी। मां के हाथों का खाना बहुत याद आता था। मेरी मां खुद खाना नहीं खाती थीं, यह सोचकर कि शायद मैंने भी कुछ नहीं खाया होगा। वहां साफ-सफाई की हालत यह थी कि दो घंटे पानी आता था। नहाने, पीने और बर्तन धोने के लिए उसी पानी का इस्तेमाल करना होता था। 40 महिलाओं के लिए बस तीन बाथरूम थे और सभी खुले थे। लंबी लाइन लगती थी। कपड़े पहने हुए नहाना पड़ता था। नहाने के बाद खुले बाथरूम में कपड़े बदलना बहुत मुश्किल होता था। जेल में कोई किसी से बात नहीं करता था। सब चुप बैठे रहते थे। कुछ लोग टीवी देखते थे, कुछ चुपचाप अखबार पढ़ते थे। और मैं? बस अकेले बैठकर रोती रहती थी। जब कोई मिलने आता, आंखें सूखने का नाम नहीं लेती थीं। जेल का तीसरा दिन था, जब मैंने टीवी पर देखा कि अमर दुबे, मेरे पति, हिमाचल के हमीरपुर में एनकाउंटर में मारे गए। शादी के 5 दिन बाद ही मेरा सुहाग उजड़ गया। मैं अमर के बारे में सोचने लगी। हां, उन्होंने मुझसे जबरदस्ती शादी की थी, लेकिन जब वह मेरे पति बन गए, तो मैंने उन्हें स्वीकार कर लिया था। यह सोचकर कि शादी एक बार होती है, उसे अब निभाना चाहिए। मैं अब 5 दिन की सुहागन और फिर विधवा हो गई थी। मेरे आंसू नहीं रुक रहे थे। जेल में रहने के दौरान मेरे मम्मी-पापा ने मेरे लिए बहुत कुछ सहा। मुझे जेल से निकालने के लिए दिन-रात दौड़-भाग करते रहे। ढाई साल तक लखनऊ से दिल्ली के चक्कर लगाते रहे, तब जाकर सुप्रीम कोर्ट से मुझे जमानत मिल सकी। मैं ढाई साल जेल में रही। उस जुर्म के लिए जो मैंने किया ही नहीं था। इस वक्त मैं कानपुर के पनकी इलाके में रहती हूं। जेल से बाहर आने के बाद भी हालात नहीं बदले हैं। समाज ने जैसे हमें छोड़ ही दिया है। वह मुझे स्वीकार ही नहीं कर रहा। मैं जब भी घर से बाहर निकलती और लोगों से बात करना चाहती, तो वे मुझे नजरें फेर लेते थे। रास्ता बदलने लगे। अब मैंने बाहर निकलना ही बंद कर दिया है। मेरे दोस्त भी अब मुझसे बात नहीं करते। उन्हें डर लगता है कहीं वे मुझसे बात करके किसी झंझट में न पड़ जाएं। लोग हमारे घर आना-जाना बंद कर चुके हैं। शादी-ब्याह के कार्ड तक देना छोड़ दिया है। कई बार तो घर पर खाना बना रह जाता है, कोई खाता ही नहीं है। कोई एक दूसरे से बात नहीं करता है। घर में सन्नाटा पसरा रहता है। मम्मी-पापा के लिए यह सब देखकर मुझे बहुत बुरा लगता है। आखिर मेरे साथ उन्हें भी कितना कुछ झेलना पड़ रहा है। हर पेशी पर 35 किलोमीटर दूर चौबेपुर जाना पड़ता है। एक बार आने-जाने के लिए 500 रुपए खर्च होते हैं। कई बार पैसे नहीं होते। पापा ही कमाते हैं, जो अब बूढ़े हो गए हैं और बीमार रहते हैं। पेंटर हैं, बारिश में काम नहीं मिलता। कई बार किसी तरह उधार लेकर पैसे देते हैं। उनके बाद कोई और कमाने वाला नहीं है। यह सोचकर डर लगता है कि उन्हें कुछ हो गया तो हमारी जिंदगी कैसे चलेगी। हाल ही में पैर में फ्रैक्चर हुआ था, लेकिन फिर भी पेशी पर जाना पड़ा। मोबाइल तक नहीं है मेरे पास। रास्ते में कुछ हो जाए, तो किसी को बताने का भी जरिया नहीं है। आप लोगों की भी बेटियां हैं, जो कॉलेज जाती हैं। सपने बुनती हैं और करियर बना रही हैं। लेकिन मैं? जो लड़की कभी हाई स्कूल की छात्रा थी, आज कोर्ट-कचहरी, थानों और वकीलों के बीच भटक रही है। नौकरी की बहुत कोशिश की, लेकिन लोग नाम सुनते ही मना कर देते हैं। कहते हैं, ‘आपको नौकरी नहीं दे पाएंगे। आपका नाम बिकरू कांड से जुड़ा है।’ मेरे वकील, शिवाकांत दीक्षित जी हैं। उन्होंने मुझे अपनी बेटी मानकर केस लड़ा। एक रुपया फीस नहीं ली। मैं भी उन्हीं की तरह वकील बनना चाहती हूं, ताकि अपने जैसे बेकसूरों को न्याय दिला सकूं। शायद उसी से मेरी आत्मा को सुकून मिलेगा। मैं सिर्फ इतना चाहती हूं कि मेरे जैसे किसी और की दुनिया यूं न उजड़े। (खुशी दुबे ने ये सारी बातें भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला से साझा की हैं।) ------------------------------------- 1- संडे जज्बात- संडे जज्बात- मैं सुब्रह्मण्यम स्वामी 2 साल में बनूंगा PM: मां राजी हुईं तो पारसी प्रेमिका से कहा-आई लव यू, बेटी ने मुस्लिम से शादी नहीं की पिता मुझे आईएएस बनाना चाहते थे, लेकिन उनकी बात कभी नहीं मानी। उनसे उपद्रव का रिश्ता रहा। एक बार उन्होंने कहा कि तुम्हें पुणे के खड़कवासला मिलिट्री स्कूल जाना चाहिए, ताकि जिंदगी में अनुशासन आ सके। उन दिनों मैं क्रिकेट बहुत खेलता था। मैंने वहां भी जाने से इनकार कर दिया। पूरी खबर पढ़िए... 2- संडे जज्बात- 13 साल की रेप विक्टिम को बेटी बनाया: वो पूछती-मुझे उल्टी-दर्द क्यों हो रहा; मैं कैसे बताती कि उसे दरिंदों ने प्रेग्नेंट कर दिया। पंजाब के मोहाली का ‘प्रभु आसरा’ शेल्टर होम मशहूर है। यहां लोग अपने बच्चे, बूढ़े मां-बाप को छोड़कर चले जाते हैं। मैं इस शेल्टर होम की सेवादार राजिंदर कौर हूं। पूरी खबर पढ़िए...

दैनिक भास्कर 6 Jul 2025 5:20 am

पत्नी-बच्चों को मारकर टीचर की लाश से रेप करने लगा:वेब सीरीज पाताल लोक देखकर कत्ल करना सीखा, जज बोले-दरिंदे को फांसी हो; जमशेदपुर मर्डर-3

11 अप्रैल 2021, रात के 9 बजे, झारखंड के जमशेदपुर की TATA कॉलोनी के मकान नंबर 99 में पार्टी चल रही थी। कुछ देर बाद आनंद साहू नाम के एक शख्स ने दीपक से कहा- ‘जीजाजी, मटन अच्छा बना है। कल से नवरात्रि शुरू हो रही है, फिर नॉनवेज तो खा नहीं पाएंगे।’ खाना खाकर आनंद घर चला गया। दीपक, उसकी पत्नी वीना, दोनों बेटियां- श्रावणी और शाणवी, सभी अपने-अपने कमरे में सो गए। रात 3 बजे दीपक उठा। हॉल से एक हथौड़ा ले आया और वीना के सिर पर दे मारा। चारों तरफ खून फैल गया। वीना ने दम तोड़ दिया। खून से सना हथौड़ा लिए दीपक बेटियों के कमरे में पहुंचा। दोनों का माथा चूमा और हथौड़े से उनका सिर भी हथौड़े से कुचल दिया। तीन कत्ल के बाद दीपक ने खून से सने कपड़े धोए, नहाया और पूजा पाठ करने लगा। सुबह 9 बजे दीपक ने अपने दोस्त रोशन को फोन किया और लंच के लिए घर बुलाया। तभी श्रावणी और शाणवी की ट्यूशन टीचर रिया घोष आ गई, उसने देखा पूरे घर में खून फैला हुआ था। दीपक, रिया को चाकू दिखाते हुए धमकाया। फिर कमरे में ले गया और गला दबाकर मार दिया। उसकी लाश को पैरों से घसीटकर कमरे से बाहर ले जाने लगा। तभी लाश के निचले हिस्से के कपड़े हट गए। दीपक की नीयत खराब हो गई। उसने अलमारी से पावर टैबलेट निकालकर खाई और लाश के साथ कई बार रेप किया। फिर लाश को बेड-बॉक्स में ठूंस दिया। दोपहर एक बजे रोशन अपनी पत्नी मोनी, बेटी अराध्या और साले अंकित के साथ दीपक के घर पहुंचा। दीपक ने मुस्कुराते हुए दरवाजा खोला, लेकिन जैसे ही अंकित को देखा, उसका चेहरा सख्त पड़ गया। मौका देखकर दीपक ने अंकित पर हथौड़े से हमला कर दिया। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही दीपक ने रोशन पर भी हथौड़ा चला दिया। मोनी चीखती हुई बाहर भागी। चीखें सुनकर घर के बाहर भीड़ लग गई। खून से लथपथ रोशन और अंकित भी बाहर निकले। तभी दीपक भागता हुआ आया और बोला- ‘मैंने गुस्से में मार दिया, अस्पताल ले चलो दोनों को, मैं भी पीछे-पीछे आता हूं।’ सब THS हॉस्पिटल पहुंचे, लेकिन दीपक बीच रास्ते से ही गायब हो गया। चारों तरफ हल्ला हो गया। तभी वीना का भाई आनंद भी दीपक के घर पहुंचा। उधर, पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। घर के अंदर जाकर देखा तो एक कमरे में खून से सनी दो बच्चियों की लाश पड़ी थी। दूसरे कमरे में सिर कुचली हुई वीना की लाश पड़ी थी। कुछ देर में फोरेंसिक टीम भी आ गई। पुलिस ने तीसरे कमरे का लॉक तोड़ा तो बेडशीट जमीन पर पड़ी थी। दीवान का गद्दा एक कोने से उठा हुआ था। जब गद्दा हटाकर देखा तो बेड-बॉक्स में रिया की अर्धनग्न लाश ठूंसी हुई थी। टीम को बेडशीट, पास पड़े गमछे और रिया के शरीर पर सीमन मिला। दैनिक भास्कर की सीरीज ‘मृत्युदंड’ में जमशेदपुर मर्डर केस के पार्ट-1 और पार्ट-2 में इतनी कहानी तो आप जान ही चुके हैं। आज पार्ट-3 में आगे की कहानी… पुलिस ने चारों लाश को फोरेंसिक टेस्ट और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इंस्पेक्टर मनोज ठाकुर वीना के भाई आनंद साहू से बोले- ‘थाने चलिए, दीपक के खिलाफ FIR दर्ज करनी होगी।’ पुलिस ने धारा 302 यानी हत्या, 376(1) यानी रेप समेत 6 धाराओं मे केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। थाने में अपने केबिन में जाते हुए इंस्पेक्टर ठाकुर सोच रहे थे- ‘आखिर कोई इंसान अपने ही परिवार को कैसे खत्म कर सकता है। उसने रिया घोष को क्यों मारा? कहीं इसके पीछे कोई और तो नहीं?’ रात के 11 बजे इंस्पेक्टर ठाकुर जीप में सवार होकर जमशेदपुर के THS हॉस्पिटल पहुंच गए। सिर पर पट्टी बांधे हॉस्पिटल के बेड पर पड़े रोशन से पूछताछ शुरू की। ‘सच-सच बताओ दिन में दीपक के घर क्या हुआ था। कहीं तुम दोनों की दुश्मनी तो नहीं थी? तुम भी इस मर्डर में शामिल तो?’, शक की निगाह से पुलिस ने रोशन से पूछा। रोशन धीमी आवाज में बोला- ‘नहीं सर हमारी कोई दुश्मनी नहीं थी। दीपक का हाइवा ट्रक मेरे ही अंडर चलता था। पैसे को लेकर भी कभी कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं हुआ। दीपक ने आज सुबह साढ़े 9 बजे फोन किया और हमें लंच पर बुलाया। दोपहर 2 बजे हम उनके घर पहुंच गए। कुछ देर बैठे ही थे कि अचानक उन्होंने मेरे साले अंकित के सिर पर हथौड़ा दे मारा, फिर मुझे भी मारा। मेरी पत्नी साथ थी, ये सब देखते ही उसने शोर मचा दिया। वर्ना तो हम जान से जाते।’ बयान दर्ज करने के बाद इंस्पेक्टर ठाकुर वापस थाने चले आए। दीपक का अब तक कुछ पता नहीं चला था, मोबाइल भी बंद था। तभी ठाकुर के दिमाग में एक बात कौंधी- ‘दीपक ने ज्वेलरी शॉप वाले को HDFC बैंक का अकाउंट नंबर दिया है। कभी-न-कभी वह इसका इस्तेमाल जरूर करेगा।’ अगली सुबह इंस्पेक्टर ठाकुर अपनी टीम के साथ HDFC बैंक के जोनल मैनेजर के पास पहुंच गए। उनसे से कहा दीपक का अकाउंट नंबर देते हुए कहा- ‘इसके खाते को लेकर HDFC के हर एक ब्रांच में नोटिफिकेशन जारी कर दो। कोई भी अकाउंट में पैसा जमा करने या निकालने आए तो फौरन हमें खबर करना।’ चार दिन बाद, धनबाद की HDFC ब्रांच में एक आदमी डेढ़ लाख रुपए लेकर पहुंचा। पहले उसने एक लाख रुपए का डिपॉजिट फॉर्म भरा और कैश काउंटर पर जाकर पैसे दिए। सामने बैठे कैशियर ने कंप्यूटर में जैसे ही डेटा एंट्री की, दीपक कुमार का नाम आ गया। कैशियर ने फौरन जमशेदपुर जोनल मैनेजर को जानकारी दी, ‘सर, एक व्यक्ति, दीपक कुमार के अकाउंट में एक लाख रुपए जमा करने आया है।’ सुनते ही जोनल मैनेजर ने कहा- ‘उसे रोक कर रखो’ कैशियर ने उस शख्स को वहीं रोकने के लिए कहा- ‘डिपॉजिट फॉर्म में कुछ गलती है, दोबारा भरकर दे दो।’ वो दूसरे कोने में जाकर डिपॉजिट फॉर्म भरने लगा। जोनल मैनेजर ने कदमा पुलिस को सूचना दी। फिर इंस्पेक्टर मनोज ठाकुर ने धनबाद पुलिस को फोन मिलाया और HDFC ब्रांच को घेरने के लिए कहा। फौरन धनबाद पुलिस ने ब्रांच की नाकाबंदी कर दी। बाहर से शटर को गिरा दिया गया और दीपक को वहीं से गिरफ्तार कर लिया गया। दीपक को जमशेदपुर लाया गया और पूछताछ शुरू हुई। इंस्पेक्टर ठाकुर ने सख्ती दिखाते हुए दीपक से पूछा- ‘तुमने अपनी पत्नी और बच्चों को क्यों मारा?’ ‘साहब मैंने नहीं मारा, रोशन ने मारा है।’, दीपक नजरें चुराते हुए बोला। सुनते ही इंस्पेक्टर मनोज ठाकुर चीखते हुए बोले- ‘झूठ बोलता है। सच-सच बता दे, वर्ना मुझे सच उगलवाने की दूसरी भाषा भी आती है।’ ये कहते हुए इंस्पेक्टर ने दीपक की कॉलर पकड़ ली। आखिर कुछ देर बाद दीपक टूट गया। बिलखते हुए बोला, ‘हां, मैंने ही सभी को मारा है। अफसोस बस इस बात का है कि मेरा परिवार खत्म हो गया और रोशन बच गया।’ ये सुनते ही इंस्पेक्टर मनोज सकते में आ गए, दीपक को आंखें दिखाते हुए बोले ‘साफ-साफ बताओ पूरी बात।’ ‘साहब मैं अपने परिवार से बहुत प्यार करता था। रोशन का मामा प्रभु मेरा बचपन का दोस्त है। कोरोना से पहले मैंने प्रभु के साथ पार्टनरशिप में 17 लाख की एक हाइवा गाड़ी खरीदी थी। धीरे-धीरे वो बिजनेस में बेइमानी करने लगा, तब मैंने वो ट्रक रोशन के यहां लगा दिया। कुछ समय बाद रोशन भी पैसे देने में आनाकानी करने लगा। हर बार यही कहता कि बिजनेस नहीं चल रहा है, कहां से पैसे दूं। मेरे सिर पर 10 लाख रुपए का कर्ज था। इसलिए मैंने रोशन और प्रभु को मारने का सोचा?’, दीपक बोला। ‘फिर अपनी पत्नी और बच्चों को क्यों मारा?’, इंस्पेक्टर मनोज ने फिर पूछा। ‘मुझे पता था कि रोशन और प्रभु को मारने के बाद मैं गिरफ्तार हो जाऊंगा और उम्रकैद या फांसी की सजा मिलेगी। मेरे बीवी-बच्चे सड़क पर आ जाते। लोग उन्हें हत्यारे का परिवार कहते, उनकी जिंदगी तबाह हो जाती इसीलिए मैंने उन्हें भी मार दिया। ताकि वे किसी दूसरे के सामने हाथ न फैलाएं।’, ये कहते ही दीपक फूट-फूट कर रोने लगा। तभी पुलिस के पास फोरेंसिक रिपोर्ट आ गई। पता चला कि दीपक ने रिया का मर्डर करने के बाद उसकी लाश से रेप किया था। वीना और दोनों बच्चों का मर्डर सुबह के 3-4 बजे के करीब हुआ था। इंस्पेक्टर मनोज ठाकुर ने डंडा घुमाते हुए पूछा-‘उस रात क्या हुआ था?’ दीपक ठहरते हुए बोला- ‘उस रात मेरे घर पार्टी थी। पार्टी खत्म होने के बाद पत्नी और बच्चे सो गए। मेरे मन में हफ्तेभर से मर्डर का प्लान चल रहा था। मर्डर करने के तरीके को जानने के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पाताल लोक और असुर जैसी थ्रिलर सीरीज देखी। फिर रात के 3 बजे उठकर पत्नी और बेटियों को मार दिया।’ ‘फिर क्या किया?’ ‘सुबह अपने ससुराल शास्त्री नगर गया। वहां मेरी पत्नी के गहने रखे थे। वो लेकर कदमा बाजार पहुंचा और एक ज्वेलरी शॉप में साढ़े चार लाख रुपए में बेच दिया। वापस घर आ गया और रोशन को फोन करके खाने के लिए घर बुलाया।’ दीपक ने जवाब दिया। इंस्पेक्टर ने फिर सख्ती दिखाते हुए पूछा- ‘ट्यूशन टीचर को क्यों मारा?’ दीपक ने फिर बोलना शुरू किया- ‘मैं घर पर ही था, वो अचानक ट्यूशन पढ़ाने आ गई। बाहर से ही बच्चों को आवाज लगाने लगी। मैं कमरे की तरफ भागा और पत्नी की लाश चादर में लपेटने लगा। मेनगेट खुला रह गया था तो वो अंदर आ गई। उसने मुझे लाश के साथ देख लिया।’ ‘तो मार दिया?’ दीपक खीझते हुए बोला- ‘मारता नहीं तो क्या करता? जैसे ही उसने मुझे लाश के साथ देखा चीखने लगी। मुझे लगा कि सबको बता देगी, फिर रोशन को मारने का प्लान अधूरा रह जाएगा। इसलिए डराकर दूसरे कमरे में ले गया, फिर गला दबाकर मार दिया।’ इंस्पेक्टर ठाकुर ने शर्ट की बाहें चढ़ाते हुए पूछा- ‘उसे मारकर लाश के साथ रेप किया?’ ‘मारने के बाद लाश को पैरों से खींचकर ले जा रहा था। तभी उसके निचले हिस्से के कपड़े हट गए। मेरी नीयत खराब हो गई। पावर टैबलेट खाकर कई बार उसका रेप किया। फिर लाश को बेड-बॉक्स में डाल दिया।’ गर्दन झुकाए दीपक बोला 'चार कत्ल के बाद पांचवा कत्ल भी करने वाला था?' दांत पीसते हुए इंस्पेक्टर ने पूछा 'रोशन अगर अकेले आता तो मेरा मकसद पूरा हो जाता, लेकिन वो पूरे परिवार के साथ आ गया। रोशन को मारने के चक्कर में मैंने अपना पूरा परिवार खत्म कर दिया, लेकिन…।’, बोलते-बोलते दीपक फूट-फूटकर रोने लगा। पुलिस ने घटना के तीन महीने बाद 16 अगस्त 2021 को जमशेदपुर सेशन कोर्ट में दीपक के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी। करीब दो साल मुकदमा चला। कोर्ट में दीपक के खिलाफ दलील देते हुए सरकारी वकील राजीव रंजन बोले- ‘जज साहब, इसने हथौड़े से अपने पूरे परिवार को कुचल दिया। ट्यूशन टीचर रिया घोष को मारकर लाश के साथ रेप किया। यदि रोशन अकेले गया होता तो आज चार नहीं, पांच हत्याओं के खिलाफ सुनवाई होती। इन लाशों की तस्वीरों को देखने के बाद मैं कई रात सो नहीं पाया। बार-बार मेरी आंखें ये सोचकर भर आती हैं कि आखिर एक बाप अपनी बच्चियों को इतनी निर्ममता से कैसे मार सकता है।’ जज को तस्वीरें दिखाते हुए वकील रंजन आगे कहते हैं- ‘सुकून की नींद सो रहे लोगों को क्या पता था कि सुबह का सूरज नहीं देख पाएंगे। आरोपी ने खुद स्वीकार किया है कि उसने कत्ल से पहले तरीके जानने के लिए वेब सीरीज देखी। आरोपी ने अपने बिजनेस पार्टनर से बदला लेने के लिए अपनी पत्नी और बच्चियों को मार दिया। यह डरावना है। ऐसी मानसिकता के व्यक्ति को समाज में जीने का कोई अधिकार नहीं है।’ बचाव पक्ष के एडवोकेट ने बीच में टोकते हुए कहा- ‘जज साहब, मेरे मित्र तो ऐसे कहानी सुना रहे हैं, जैसे ये सब होते हुए उन्होंने खुद अपनी आंखों से देखा है। जहां तक बात रही मेरे मुव्वकिल के स्टेटमेंट की तो वो भी झूठा है। पुलिस के दबाव में उसने ये बयान दिया है।’ ये सुनते ही वकील रंजन बोले- ‘मैं मौका-ए-वारदात पर तो नहीं था, लेकिन जो फोरेंसिक रिपोर्ट आई है, उससे ये साफ है कि पत्नी और दोनों बच्चियों का मर्डर आरोपी ने किया है। कत्ल के बाद इसने खून से सने कपड़े धोए, नहाया। फिर पूजा करके अपने ससुराल गया। वहां झूठ बोलकर पत्नी के गहने लिए और उन्हें बाजार में बेच दिया और पैसे लेकर घर आ गया। फोरेंसिक रिपोर्ट ये भी साबित हुआ कि रिया के कत्ल के बाद लाश से रेप किया गया। लाश के प्राइवेट पार्ट पर दीपक का सीमन मिला है। यही सीमन पास पड़े गमछे और बेडशीट पर भी मिला है। इस अपराधी को फांसी की सजा ही मिलनी चाहिए।' बचाव पक्ष में एडवोकेट ने फिर तर्क दिया- ‘कोई चश्मदीद गवाह नहीं है, जो यह बता सके कि मर्डर दीपक ने ही किया है। अगर रोशन और उसके साले अंकित पर मेरे मुव्वकिल ने हमला किया और जिंदा हैं तो 302 का केस बनता ही नहीं है।’ टोकते हुए एडवोकेट राजीव रंजन ने कहा- ‘हुजूर, लास्ट सीन थ्योरी पुलिस ने कोर्ट के सामने रखी है। 11 अप्रैल की रात को आनंद साहू, दीपक के घर से डिनर करके निकला। उसके बाद से उस घर में किसी की भी एंट्री नहीं हुई। आखिरी बार दीपक को बाकियों के साथ आनंद ने देखा था। सुबह से लेकर शाम के 4 बजे तक उस घर में दीपक के अलावा रिया घोष और बाद में रोशन की फैमिली गई। इसके अलावा कोई नहीं गया। यदि दीपक ने इन सभी का मर्डर नहीं किया है, तो वह चार दिनों तक गायब क्यों रहा? पुलिस जांच में पता चला है कि वह बुलेट लेकर जमशेदपुर से राउरकेला गया। वहां पार्किंग में बुलेट खड़ी कर दी और कपड़े खरीदे। फिर धनबाद गया। बैंक ट्रांजैक्शन के दौरान दीपक की गिरफ्तारी हुई। सारे साइंटिफिक एविडेंस, 25 गवाहों के बयान दीपक के खिलाफ हैं। इसलिए दीपक को फांसी की सजा मिलनी ही चाहिए।’ दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एक अप्रैल 2023 को जमशेदपुर सेशन कोर्ट के स्पेशल जज राजेंद्र कुमार सिन्हा ने आरोपी दीपक कुमार को दोषी करार दिया। स्पेशल जज सिन्हा ने अपना फैसला पढ़ा- ‘आरोपी की टाटा के फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट में अच्छी नौकरी थी। फिर भी उसने खतरनाक साजिश रचकर बीवी और दोनों बेटियों को बेरहमी से मार दिया। ऐसा कोई जानवर ही कर सकता है। जिस घर के मुखिया पर पूरे परिवार को संभालने की जिम्मेदारी थी, उसी ने सबको मौत के घाट उतार दिया। इससे भयावह क्या हो सकता है। एक तरफ बच्चियों और पत्नी की लाश पड़ी थी। दूसरी तरफ दीपक पावर टैबलेट खाकर रिया की लाश का रेप कर रहा था। यह कृत्य शैतानी प्रवृत्ति वाला है।’ जज ने आगे कहा- ‘आरोपी घर में चार लाशें रखकर रोशन का इंतजार कर रहा था। यदि रोशन अकेले आता तो पांचवीं हत्या होती। ऐसे अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को जिंदा नहीं छोड़ा जा सकता है। जेल में भी आरोपी ने किसी को सिलेंडर फेंककर मारने की कोशिश की थी। आरोपी ने जहर खाकर आत्महत्या करने की भी कोशिश की। ऐसी मानसिकता का व्यक्ति जिंदा रहने के लायक नहीं है। यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर है। आरोपी दीपक कुमार को मौत की सजा सुनाई जाती है। कन्फर्मेशन के लिए इसे झारखंड हाईकोर्ट भेजा जाता है।’ स्पेशल जज राजेंद्र सिन्हा ने फैसला पढ़कर पेन की निब तोड़ दी और फौरन कुर्सी से उठकर अपने चैंबर में चले गए। कठघरे में खड़ा दीपक एकटक सभी को निहार रहा था। पुलिस उसे लेकर जमशेदपुर जेल चली गई। 28 अप्रैल 2025 को झारखंड हाईकोर्ट ने भी जमशेदपुर सेशन कोर्ट के फैसले पर मोहर लगाते हुए दीपक की फांसी की सजा को बरकरार रखा। फिलहाल, दीपक जमशेदपुर जेल में है। 'मृत्युदंड' सीरीज में अगले हफ्ते पढ़िए एक और सच्ची कहानी... (नोट- यह पूरी कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, एडवोकेट राजीव रंजन, डीएसपी मुकुंद ठाकुर और मृतक वीना के भाई आनंद साहू से बातचीत पर आधारित है। सीनियर रिपोर्टर नीरज झा ने क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा है।) -------------------------------------------------- जमशेदपुर मर्डर केस की पहली और दूसरी कड़ी पढ़िए 1.पावर टैबलेट खाकर ट्यूशन टीचर की लाश से रेप:पत्नी और 2 बेटियों का सिर भी हथौड़े से कुचला, नहाकर पूजा की; जमशेदपुर मर्डर केस पार्ट-1 झारखंड के जमशेदपुर की तीस्ता रोड। तारीख 11 अप्रैल 2021 और वक्त रात के 9 बजे। TATA कॉलोनी के मकान नंबर 99 में पार्टी चल रही थी। प्लेट में मटन परोसा हुआ था।खाना खाते हुए आनंद साहू नाम का एक शख्स बोला- ‘जीजाजी पार्टी के लिए अच्छा दिन चुना है। कल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है, फिर नॉनवेज नहीं खा पाएंगे।’ पढ़िए पूरी कहानी 2. पत्नी और बेटियों को मारकर दोस्त को दावत पर बुलाया:ट्यूशन टीचर की लाश छुपाई, कमरे में खून और सीमन के धब्बे मिले; जमशेदपुर मर्डर पार्ट-2 तारीख- 12 अप्रैल 2021, रोशन कुमार साहू, पत्नी मोनी से बोला- ‘दीपक मामा ने लंच पर बुलाया है, अपने भाई अंकित को भी साथ ले चलो, वो खुश हो जाएंगे।’ सुनते ही मोनी ने हामी भर दी। मोनी का भाई अंकित दो दिन पहले ही जमशेदपुर घूमने आया था। पूरी कहानी पढ़िए

दैनिक भास्कर 6 Jul 2025 5:13 am

पंजाब में टीचर की मौत, एक्सीडेंट या पुलिस का टॉर्चर:पत्नी बोलीं- शरीर पर चोट के 16 निशान, प्राइवेट पार्ट तक नहीं छोड़ा

‘पति की मौत को डेढ़ महीने से ज्यादा हो गए। पुलिस से हजार बार पूछ चुकी हूं कि मेरे पति को पकड़ा क्यों था। उनके शरीर पर चोट के 16 निशान थे, बिल्कुल एक जैसे। लग रहा था जैसे उन्हें करंट लगाया गया है। प्राइवेट पार्ट तक नहीं छोड़ा। और ये सब मनगढ़ंत नहीं है। एम्स की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में लिखा है।’ बठिंडा में रहने वाली नैंसी अब भी पति के बारे में बताते हुए रोने लगती हैं। 23 मई को उनके पति 32 साल के नरिंदर दीप की डेडबॉडी एक हॉस्पिटल में मिली थी। पता चला कि नरिंदर को पुलिस ने उठाया था। क्यों, इसके जवाब के लिए नैंसी पुलिस से लेकर सरकार की हर अथॉरिटी का दरवाजा खटखटा चुकी हैं, लेकिन उन्हें अपने सवालों के जवाब नहीं मिले। नरिंदर की तरह ही भिंडर सिंह की भी मौत हो गई थी। तारीख 17 अक्टूबर, 2024 थी। पुलिस ने कहा कि भिंडर सिंह की मौत पानी में डूबने से हुई थी। कोर्ट ने जांच कमेटी बनाई तो पता चला कि मौत नाक और मुंह में लगातार पानी डालने की वजह से हुई थी। यानी ये डूबने से मौत नहीं थी। नरिंदर और भिंडर की मौत के बाद पंजाब पुलिस पर फेक एनकाउंटर के आरोप लगने लगे। पहले नरिंदर दीप की कहानीनरिंदर दीप टीचर थे। एक इंस्टीट्यूट में पढ़ाते थे। एक दिन पढ़ाने के लिए निकले, लेकिन घर नहीं लौटे। उनकी पत्नी नैंसी कहती हैं, ‘वे सुबह 8.15 बजे घर से गए थे। शाम 5.30 बजे तक वापस आ जाते थे। उस दिन 6 बजे तक नहीं आए।' 'मैंने 6:05 बजे उन्हें फोन किया। फोन स्विच ऑफ आया। मुझे लगा फोन डिस्चार्ज हो गया होगा। रात 8 बजे तक मैं उन्हें फोन करती रही। 8.30 बजे मेरे ससुर घर आए। उन्होंने पूछा नरिंदर नहीं आया। फिर वे भी उन्हें कॉल करने लगे।' 'रात 8.33 बजे पापा (ससुर) के पास फोन आया। उधर जो बंदा था, उसने कहा कि मैं नरिंदर का दोस्त बोल रहा हूं। उसका एक्सीडेंट हो गया है। आप सिविल हॉस्पिटल आ जाओ। पापा घबरा गए। फिर खुद को संभाला और पूछा कितनी चोट आई है। जवाब मिला-चोट ज्यादा नहीं है, पर नरिंदर बेहोश है।’ ‘हम लोग हॉस्पिटल पहुंचे। वहां पता चला कि नरिंदर अब जिंदा नहीं है। जिस शख्स ने फोन किया था, वो भी वहां नहीं था। डॉक्टर ने बताया कि शाम 7.30 बजे नरिंदर की डेथ हो गई थी। हॉस्पिटल उनकी डेड बॉडी लाई गई थी।' ‘पूरे शरीर पर गोल निशान, जैसे करंट लगाया हो’ नैंसी आगे कहती हैं, 'नरिंदर के कान के पीछे, माथे पर दोनों तरफ, बाजू पर, कोहनी, जांघ, घुटने यहां तक कि प्राइवेट पार्ट पर भी लाल-नीले गोल निशान बने थे, जैसे किसी ने करंट लगाया हो। हम समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हुआ है। हमने नरिंदर को हॉस्पिटल लाने वाले दोस्त की पहचान के लिए हॉस्पिटल की CCTV फुटेज देखी।’ ‘हमने उसे पहले कभी नहीं देखा था। डॉक्टरों को भी उसके बारे में पता नहीं था। हमने नरिंदर की कार देखी। कार पर एक खरोंच नहीं थी। बंपर, बोनट सब ठीक था। बस कार के आगे वाले मिरर पर एक छेद था। हमें शक होने लगा। अगर ये एक्सीडेंट था, तो नरिंदर को चोटें कैसे लगीं। कार में एक भी खरोंच क्यों नहीं है।’ एक वीडियो जिससे नरिंदर की मौत का क्लू मिलानैंसी आगे कहती हैं, ‘अगले दिन गगनदीप नाम के एक शख्स का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में गगनदीप बोल रहा है कि नरिंदर दीप मेरा दोस्त था। हम दोनों फिरोजपुर से आ रहे थे। पुलिसवालों ने हमें पकड़ा और पीटा, करंट लगाया। फिर हम दोनों को अलग-अलग ले गए।’ ‘गगनदीप ने एक पुलिसवाले अवतार सिंह का नाम लिया। बाकी लोग सादे कपड़ों में थे। उसने बताया हम आईटी चौक पहुंचे थे। तभी तीन कारों ने हमें घेर लिया। हमारी चेकिंग की। गाड़ी की सीटें चाकू से काट दीं। हमें क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के ऑफिस ले गए।’ नैंसी बताती हैं, ‘हमें गगनदीप के वीडियो से पता चला कि नरिंदर की मौत में पुलिस शामिल है। गगनदीप हमें मिला नहीं क्योंकि पुलिस ने उसे उठा लिया था। गगनदीप ने वीडियो में ये भी कहा कि पुलिसवाले हमसे कुछ उगलवाना चाहते थे।’ ‘पहले हमने गगनदीप के वीडियो पर बहुत ध्यान नहीं दिया। फिर नरिंदर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई, तब लगा कि गगनदीप सच कह रहा है। रिपोर्ट में लिखा था कि नरिंदर दीप के शरीर पर 16 जगह निशान हैं। ये निशान मैंने भी देखे थे।’ 5 सवाल जिनके जवाब अब तक नहीं मिले- 1. नरिंदर दीप को पुलिस ने क्यों उठाया? 2. शरीर पर चोट के एक जैसे 16 निशान कैसे आए? 3. पुलिस नरिंदर से क्या उगलवाना चाहती थी? 4. नरिंदर की डेडबॉडी हॉस्पिटल लाने वाला कौन था? 5. नरिंदर की कार में कांच के अलावा कहीं निशान नहीं हैं। फिर नरिंदर की मौत एक्सीडेंट में कैसे हुई? आरोपी पुलिसवाले फरार, SSP बोलीं- मिलेंगे तब पता चलेगा क्या हुआ थाकेस पर हमने बठिंडा SSP अमनीत कोंडल से बात की। वे कहती हैं, ‘आरोपी पुलिसवाले अभी फरार हैं। वे मिलेंगे, तभी पता चलेगा कि उस दिन क्या हुआ था। हमने जांच के लिए SIT बना दी है। हमने शुरुआत से पीड़ित परिवार का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि एम्स में पोस्टमॉर्टम कराना है, तो हमने वहां करवाने दिया।’ हमने पूछा डेढ़ महीने बाद भी पुलिस आरोपियों को नहीं खोज पाई, इस पर सवाल तो खड़े होते हैं? SSP ने जवाब दिया, ‘आरोपी पुलिस हो या अपराधी। हम तो उसे तलाश ही सकते हैं। हमने गगनदीप से भी पूछताछ की है। इस मामले में 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पहले दिन ही आरोपियों को सस्पेंड कर दिया था।‘ नरिंदर की पत्नी का सवाल है कि उन्हें पकड़ा क्यों गया था। इस पर SSP कहती हैं- सारे जवाब आरोपियों के मिलने के बाद ही मिलेंगे। अभी विसरा रिपोर्ट और आरोपी पुलिस वालों के मिलने का इंतजार है। सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे। रिपोर्ट से मौत की वजह पता चलेगी। दूसरी कहानी भिंडर सिंह कीबठिंडा के लखी जंगल में रहने वाले भिंडर सिंह की मौत से भी पुलिस पर सवाल उठे। भिंडर सिंह की मौत 17 अक्टूबर, 2024 को हुई थी। पुलिस ने दावा किया कि भिंडर सिंह ने पुलिस को देखकर झील में छलांग लगा दी थी। मामला कोर्ट में गया तो पुलिस की कहानी झूठी निकली। इसके बाद 5 पुलिसवालों पर केस दर्ज किया गया। फिलहाल केस हाईकोर्ट में है। भिंडर सिंह की मौत पर पुलिस की थ्योरी पुलिस की क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के मुताबिक, इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह को पता चला था कि बठिंडा का हिस्ट्रीशीटर बलजिंदर सिंह उर्फ बिल्ला अपने साथी सतनाम सिंह के घर है। सतनाम भिंडर सिंह का भाई है। इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह ने हेड कॉन्स्टेबल राजविंदर सिंह, हरजीत सिंह, होम गार्ड महिंदर सिंह और गुरविंदर सिंह के साथ सतनाम सिंह के घर पर छापा मारा। बलजिंदर सिंह वहां नहीं मिला। पुलिस ने मुखबिर से बात की। उसने बताया कि सतनाम सिंह का भाई भिंडर सिंह, बलजिंदर सिंह के साथ बठिंडा की ओर जा रहा है। उसके खिलाफ भी नेहियांवाला पुलिस स्टेशन में मामले दर्ज हैं। पुलिस को उसकी भी तलाश है। इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह अपनी टीम के साथ बलजिंदर का पीछा करते हुए थर्मल प्लांट की झीलों के पास पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि सतनाम सिंह सड़क किनारे बाइक पर बैठा है। भिंडर सिंह उसके पास खड़ा बात कर रहा है। इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह ने सतनाम को पहचान लिया। पुलिस को देखकर सतनाम भाग गया, जबकि भिंडर सिंह झील में कूद गया। पुलिस ने उसे निकाला और सिविल हॉस्पिटल ले गए। वहां उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और डॉक्टर के बयान पुलिस की थ्योरी से अलग निकलेजांच रिपोर्ट, CCTV फुटेज और दूसरे सबूतों ने पुलिस की थ्योरी का गलत साबित कर दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक मौत की वजह दम घुटना है। पोस्टमॉर्टम करने वाली टीम के डॉ. रजत शर्मा ने 12 दिसंबर 2024 को कोर्ट की बनाई जांच टीम के सामने बयान दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि मरने वाले की सांस नली में झाग मौजूद था। इस संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता कि मौत उसके सिर, मुंह और नाक को पानी में डुबोने से हुई हो। इस दौरान शरीर का निचला हिस्सा पानी से बाहर था। पुलिस ने 3 दिन बाद पोस्टमॉर्टम क्यों कराया, इस सवाल का जवाब भी जांच रिपोर्ट में है। मेडिकल ऑफिसर डॉ. गुरमेल सिंह ने 7 जनवरी, 2025 को जांच टीम के सामने बयान दिया कि 20 अक्टूबर 2024 को पुलिस अफसरों ने उनसे कहा कि पुलिस पर लगे आरोपों की वजह से पोस्टमॉर्टम के लिए कागजात तैयार नहीं किए जा रहे हैं। डेडबॉडी 18 अक्टूबर से मुर्दाघर में थी। डॉ. गुरमेल सिंह ने बताया, पुलिस अधिकारियों ने बाद में कहा कि अब भिंडर सिंह के परिवार के साथ मामला सुलझ गया है। पुलिस डेडबॉडी का पोस्टमॉर्टम कराने के लिए तैयार है। रिपोर्ट में मेडिकल ऑफिसर के बयान को पुलिस की साजिश बताया गया है। इसमें लिखा है, 'बयान से साफ है कि पुलिस जानबूझकर अपने अफसरों के खिलाफ लगे आरोपों को रिकॉर्ड पर नहीं लाई। पोस्टमॉर्टम में 3 दिन की देरी जानबूझकर करवाई ताकि पुलिस मरने वाले के परिवार को अपने पक्ष में बयान देने के लिए तैयार कर ले। उन्होंने मरने वाले के पिता को बयान देने के लिए मजबूर किया कि उनका बेटा डूबने से मरा है। पिता ने पहले कहा, बेटा पुलिस हिरासत में मरा, फिर बोले- झील में डूबाASI गुरप्रीत सिंह ने 18 अक्टूबर, 2024 को पुलिस स्टेशन थर्मल में लिखित में कहा कि भिंडर के पिता दर्शन सिंह सिविल हॉस्पिटल में मौजूद थे। उन्होंने बयान दर्ज करने से इनकार कर दिया। दर्शन सिंह ने कहा कि वे जेल में बंद दूसरे बेटे सतनाम से बात करने के बाद ही बयान देंगे। 19 अक्टूबर को भिंडर सिंह के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भिंडर सिंह को अवैध हथियार रखने के आरोप में 17 अक्टूबर को लखी जंगल के पास से उठाया था। 20 अक्टूबर को पुलिस को दिए बयान में पिता दर्शन सिंह ने बेटे की मौत की वजह झील में डूबना बताया। इससे पहले उन्होंने पुलिस कस्टडी में बेटे की मौत होना बताया था। सेशन कोर्ट के आदेश पर बनी जांच टीम ने भिंडर सिंह की मौत की जांच की। जांच में निकला कि भिंडर सिंह को 17 अक्टूबर को अवैध हिरासत में रखा गया। तभी उसकी वाटर बोर्डिंग यानी पानी में दम घुटने से मौत हो गई। पुलिस अपराधी को टॉर्चर करने के लिए ये तरीका इस्तेमाल करती है। इसमें नाक-मुंह में लगातार पानी डाला जाता है, जिससे एसफिक्सिया यानी ऑक्सीजन न मिलने से मौत हो जाती है। हमने भिंडर सिंह के पिता दर्शन सिंह से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की। वे बात नहीं करना चाहते। दरअसल उनके ऊपर आरोप लग रहे हैं कि पुलिस के दबाव में उन्होंने बयान बदला था। उनका दूसरा बेटा सतनाम जेल में है। उसने इस केस में FIR दर्ज करवाई है। इस मामले में इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। वहीं, बठिंडा SSP अमनीत कोंडल ने कहा कि मामला हाईकोर्ट में है। इस पर मैं कुछ नहीं बोल सकती। पुलिस पर बार-बार लगे आरोप 1. रिटायर्ड कर्नल और बेटे की पिटाई13 मार्च को पटियाला के एक ढाबे के बाहर पार्किंग में रिटायर्ड कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ और उनके बेटे को बुरी तरह पीटा गया। पिटाई का CCTV फुटेज भी सामने आया। इस केस में चार इंस्पेक्टर रॉनी सिंह सल्ह, हरजिंदर ढिल्लों, हैरी बोपाराय और शामिंदर सिंह आरोपी हैं। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने आरोपी इंस्पेक्टर रॉनी सिंह सल्ह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह घटना पुलिस के ताकत के गलत इस्तेमाल का उदाहरण है। 2. 22 साल के युवक के फेक एनकाउंटर का आरोप13 मार्च को पुलिस ने पटियाला के मढ़ोर गांव में 22 साल के जसप्रीत का एनकाउंटर किया था। उस पर किडनैपिंग का आरोप लगाया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके सिर, सीने, जांघ, कलाई में मल्टीपल गनशॉट पाए गए। जसप्रीत की फैमिली ने कहा कि जसप्रीत निहत्था था। उसने पुलिस के सामने सरेंडर किया था। इसके बावजूद उसे गोली मार दी गई। ये केस हाईकोर्ट में है। 3. 25 साल के युवक की पुलिस कस्टडी में मौतरोपड़ सिटी थाने में 20 अप्रैल को 25 साल के प्रिंस की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसी नुकीली चीज से उसे मारा, जिससे उसकी मौत हो गई। प्रिंस किसी व्यक्ति की मौत के मामले में पुलिस रिमांड पर था। ................................................. पंजाब में फेक एनकाउंटर से जुड़ी ये स्टोरी भी पढ़ें 2000 मौतों का पता लगाने वाले जसवंत सिंह खालड़ा की कहानी पंजाब में 1990 के दशक में जब आतंक चरम पर था, पुलिस ने करीब 2000 लाशों को लावारिस बताकर अंतिम संस्कार कर दिया या उन्हें नदी-नहर में फेंक दिया। इसका खुलासा करने वाले जसवंत सिंह खालड़ा को भी घर से उठाकर मार दिया गया। जसवंत सिंह खालड़ा की पूरी कहानी, पढ़िए ये रिपोर्ट...

दैनिक भास्कर 6 Jul 2025 4:00 am

टेकऑफ से पहले विमान में बजा फायर अलार्म; विंग पर चढ़ कर कूदने लगे पैसेंजर, वीडियो देख दंग रह गए लोग

Plane Video: स्पेन के पाल्मा डी मल्लोर्का एयरपोर्ट पर एक फ्लाइट के उड़ान भरने से पहले आग लगने की चेतावनी दी गई. जैसे ही फायर अलार्म बजा यात्रियों में खलबली मच गई. यात्री विमान से कूदने लगे, इस दौरान कई यात्रियों को चोटें भी आई.

ज़ी न्यूज़ 5 Jul 2025 9:27 pm

क्या आज भारत के इस दोस्त के लिए कयामत की रात? बाबा वेंगा की भविष्यवाणी सच हुई तो नक्शे से मिट जाएगा वजूद

Baba Venga Prediction: बाबा वेंगा का नाम सुनते ही लोगों के मन में हलचल मच जाती है. उनकी भविष्यवाणियों से लोग किसी अनहोनी की आशंका जताने लगते हैं. एक बार फिर बाबा वेंगा की एक भविष्यवाणी ने लोगों के अंदर डर पैदा कर दिया है. जिसमें उन्होंने बताया है कि दुनिया के नक्शे से एक मुल्क मिट जाएगा.

ज़ी न्यूज़ 5 Jul 2025 7:52 pm

हाथों में बेड़ियां, खाने के लाले, जानवरों जैसा बर्ताव...नई नवेली दुल्हन ने सुनाई दर्दनाक दास्तां, अमेरिकी हिरासत में क्या- क्या हुआ?

America News: सत्ता की कुर्सी दोबारा संभालने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों को लेकर कड़ा रूख अपनाया है. जिसके तहत बड़ी संख्या में लोगों को डिपोर्ट किया गया. अब आव्रजन हिरासत में रहने वाली एक नई नवेली दुल्हन ने अपनी आपबीती सुनाई है.

ज़ी न्यूज़ 5 Jul 2025 7:41 pm

यूक्रेन पर रूस का अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला, 550 टारगेट्स पर हमले : जेलेंस्की

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने बताया कि रूस ने यूक्रेन पर अब तक के सबसे बड़े हवाई हमलों में से एक को अंजाम दिया है

देशबन्धु 5 Jul 2025 9:50 am

त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद में ऐसा क्या हुआ? PM मोदी को स्पीच के बीच में 23 बार रुकना पड़ा

Trinidad Parliament: पीएम मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया गया. अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि इस सम्मान को उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों की ओर से स्वीकार किया है.

ज़ी न्यूज़ 5 Jul 2025 9:31 am

इस देश में 47 साल बाद PM मोदी रचेंगे इतिहास, व्यापार से आतंकवाद तक.. तय होगा एजेंडा

PM Modi Argentina visit: अर्जेंटीना ने भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की इच्छा जताई है. अर्जेंटीना भारत के तेजस लड़ाकू विमान और रक्षा तकनीक में भी रुचि दिखा रहा है.

ज़ी न्यूज़ 5 Jul 2025 7:39 am

वादे किए गए, वादे पूरे हुए... डोनाल्ड ट्रंप ने वन बिग ब्यूटीफुल बिल पर साइन कर कानून बनाया; अब क्या बदल जाएगा

Trump sign One Big Beautiful Bill: व्हाइट हाउस में एक इवेंट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' विधेयक पर हस्ताक्षर कर कानून बनाया. बिल साइन करने के बाद ट्रंप ने कहा कि यह वास्तव में किए गए वादे हैं, वादे पूरे किए गए हैं.

ज़ी न्यूज़ 5 Jul 2025 6:22 am

पत्नी और बेटियों को मारकर दोस्त को दावत पर बुलाया:ट्यूशन टीचर की लाश छुपाई, कमरे में खून और सीमन के धब्बे मिले; जमशेदपुर मर्डर पार्ट-2

झारखंड के जमशेदपुर का तीस्ता रोड। तारीख- 11 अप्रैल 2021, वक्त- रात 9 बजे। TATA कॉलोनी के मकान नंबर 99 में पार्टी चल रही थी। मटन खाते हुए आनंद साहू नाम के एक शख्स ने दीपक से कहा- ‘जीजाजी, पार्टी के लिए अच्छा दिन चुना है, कल से तो चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाएगी।’ दीपक बोला-‘और मटन लो… अच्छे से खाओ।’ दीपक की पत्नी वीना और उसकी दोनों बेटियां भी पास बैठी खाना खा रही थीं। कुछ ही देर बाद आनंद अपने घर चला गया। दीपक, उसकी पत्नी वीना, दोनों बेटियां- श्रावणी और शाणवी, सभी अपने-अपने कमरे में सो गए। रात 3 बजे दीपक अचानक उठा और हॉल से एक हथौड़ा ले आया। हथौड़े को तीन बार प्रणाम किया फिर पूरी ताकत से वीना के सिर पर 3-4 बार दे मारा। चारों तरफ खून फैल गया। वीना ने दम तोड़ दिया। इसके बाद दीपक बेटियों के कमरे में पहुंचा। दोनों का माथा चूमा और बारी-बारी से उनका सिर भी हथौड़े से कुचल दिया। तीन कत्ल के बाद दीपक नहाया और पूजा पाठ करने लगा। तब तक सुबह हो चुकी थी। दीपक ने अपने दोस्त रोशन को फोन किया और उसे लंच के लिए घर बुलाया। इसी बीच ट्यूशन टीचर रिया घोष ने आवाज दी- 'श्रावणी और शाणवी ट्यूशन का टाइम हो गया है।’ रिया दरवाजे से अंदर आई तो देखा पूरे घर में खून फैला हुआ था। रिया को देखते ही दीपक हड़बड़ाकर उठा और चाकू दिखाते हुए बोला- ‘शोर मचाई, तो काटकर रख दूंगा। चल कमरे में और चुपचाप पलंग पर बैठ जा।’ दीपक ने उसके हाथ बांध दिए और पूरी ताकत से उसका गला दबा दिया। कुछ देर बाद रिया ने दम तोड़ दिया। दीपक उसकी लाश को पैरों से घसीटकर कमरे से बाहर ले जाने लगा। लाश के निचले हिस्से के कपड़े हट गए। दीपक की नीयत खराब हो गई। उसने अलमारी से पावर टैबलेट निकालकर खाया और रिया की लाश के साथ कई बार रेप किया। फिर लाश के हाथ-पैर मोड़कर बेड-बॉक्स में ठूंस दिया। दैनिक भास्कर की सीरीज ‘मृत्युदंड’ में जमशेदपुर मर्डर केस के पार्ट-1 में इतनी कहानी तो आप जान ही चुके हैं। आज पार्ट-2 में आगे की कहानी… तारीख- 12 अप्रैल 2021, रोशन कुमार साहू, पत्नी मोनी से बोला- ‘दीपक मामा ने लंच पर बुलाया है, अपने भाई अंकित को भी साथ ले चलो, वो खुश हो जाएंगे।’ सुनते ही मोनी ने हामी भर दी। मोनी का भाई अंकित दो दिन पहले ही जमशेदपुर घूमने आया था। दोपहर करीब एक बजे रोशन, मोनी, एक साल की बेटी अराध्या और अंकित स्विफ्ट कार से दीपक के घर के लिए निकल पड़े। इधर, दीपक सोफे पर बैठा इंतजार कर रहा था। करीब दो बजे रोशन परिवार के साथ दीपक के घर पहुंचा। मामा-मामा कहते हुए आवाज लगाई। दीपक ने हंसते हुए दरवाजा खोला और बोल पड़ा- ‘बड़ी देर कर दी आने में रोशन।’ जैसे ही उसकी नजर कार से उतरते अंकित और मोनी पर पड़ी वो सकपका गया। चेहरे का भाव बदलते हुए बोला- ‘अरे, तुम लोग भी साथ में आए हो। मुझे लगा सिर्फ रोशन आएगा। वैसे अच्छा किया तुम लोग भी आ गए।’ दीपक ने अंदर आने का इशारा किया और सभी हॉल में रखे सोफे पर बैठ गए। इधर-उधर नजरें दौड़ाकर रोशन बोला- ‘मामी और बच्चे दिखाई नहीं दे रहे, कहीं बाहर गए हैं क्या?’ ‘हां, आज सुबह ही सब रांची गए हैं।’, गंभीर आवाज में दीपक बोला। कुछ देर बैठने के बाद मोनी पति रोशन से बोली- ‘अराध्या का डायपर बदलना है।’ दोनों उठकर वॉशरूम की तरफ चले गए। अंकित सोफे पर बैठा मोबाइल में गेम खेल रहा था। तभी दीपक ने धीरे से सोफे के नीचे पड़ा हथौड़ा निकाला और तेजी से अंकित की तरफ बढ़ा। दांत पीसते हुए उसके सिर पर हथौड़ा दे मारा। अंकित चीख पड़ा- ‘बचाओ। बचाओ। मार दिया। मामा ने मार दिया।’ अंकित के सिर से तेज खून बहने लगा। आवाज सुनते ही रोशन और मोनी वॉशरूम से निकलकर हॉल की तरफ भागे। दीपक ने फौरन अंकित को छोड़कर रोशन के सिर पर हथौड़ा दे मारा। बेटी को गोद में लिए मोनी चीखती हुई घर के बाहर की तरफ भागी और चीखने लगी… ‘देखो रे, दीपक ने मेरे भाई और पति को मार दिया। बचाओ, बचाओ। इसने खाने पर बुलाया था और हमें हथौड़े से मार रहा है।’, ये सुनते ही मकान के बाहर भीड़ जुट गई। खून से लथपथ रोशन और अंकित भी घर से बाहर आ गए। तभी दीपक भी घर से निकला और बोला- ‘अरे! हमारे बीच बिजनेस की कुछ बात चल रही थी। मैंने गुस्से में मार दिया। अभी अस्पताल ले जाकर सबका इलाज करवा देता हूं। चलो जल्दी गाड़ी में बैठो। मैं बुलेट से पीछे-पीछे चलता हूं। अंकित और रोशन के सिर पर गमछा बांधो।’ दीपक घर के अंदर गया और एक गमछा लेकर आया। वहां मौजूद लोगों ने गमछा फाड़कर दोनों के सिर पर बांधा और उन्हें कार में बिठा दिया। इधर, दीपक ने दरवाजा बंद किया, ताला लगाया और बुलेट से कार के पीछे-पीछे चल दिया। जब सभी THS हॉस्पिटल पहुंचे, तो देखा- ‘दीपक नहीं था।’ अंदर जाते ही दोनों का इलाज शुरू हुआ। अंकित को डॉक्टर ने आईसीयू में भर्ती कर लिया। रोशन की हालत ज्यादा गंभीर नहीं थी, उसने कुछ देर बाद दीपक के साले आनंद साहू को फोन किया और रोते हुए बोला- ‘दीपक मामा ने मुझे और मेरे साले को हथौड़े से मारा। आज लंच पर बुलाया था और अचानक मारपीट करने लगे। अंकित को डॉक्टर ने जवाब दे दिया है, पता नहीं बचेगा कि नहीं। मैं भी एडमिट हूं।’ सुनते ही आनंद के हाथ से मोबाइल गिर गया। वह हक्का-बक्का रह गया। सोचने लगा- ‘आज सुबह ही तो दीपक घर आया था। कह रहा था वीना और बच्चों को रांची भेज दिया है। लॉकर में रखने के लिए वीना के गहने भी ले गया था। फिर ये सब कैसे हुआ?’ आनंद फौरन दीपक के घर की ओर निकल पड़ा। घर पहुंचा तो देखा बाहर भीड़ जुटी थी। रिया घोष के भाई, मम्मी-पापा चीख रहे थे- ‘मेरी बेटी कहां चली गई…सुबह से घर नहीं लौटी है।’ आनंद ने पूछा- ‘कहां है आपकी बेटी?’ ‘मेरी बेटी रिया आज सुबह 10 बजे दीपक के दोनों बच्चियों को ट्यूशन पढ़ाने आई थी। दोपहर के 3 बज गए, वो अब तक लौटी नहीं। पता नहीं कहां चली गई।’ रोते हुए रिया की मां बोली। आनंद की भौंहे तन गईं। वह सोचने लगा- ‘जब दीपक ने बच्चों को रांची भेज दिया था, फिर रिया ट्यूशन पढ़ाने क्यों आई?’ तुरंत आनंद कुछ लोगों के साथ मकान के नजदीक गया। मेन गेट पर ताला लटक रहा था, लेकिन घर के एक हिस्से में लाइट, पंखा, AC सब कुछ चल रहा था। भीड़ में से किसी ने कहा- ‘तुरंत किसी को बुलाकर ताला तुड़वाओ।’ करीब आधे घंटे बाद ताला तोड़ने वाला आदमी आया। ताला टूटते ही सभी घर के अंदर घुसे। देखा हॉल से सटे कमरे की फर्श पर खून फैला था। थोड़ा और बढ़ने पर आनंद की आंखें फटी की फटी रह गईं। सामने उसकी 15 साल की भांजी श्रावणी और 8 साल की भांजी शाणवी की लाश पड़ी हुई थी। सिर कुचली हुआ, पूरा शरीर खून से सना। पहचान पाना मुश्किल हो रहा था। देखते ही आनंद चीखने लगा- ‘ये दोनों बच्चे यहां हैं, तो फिर वीना कहां है?’ सभी दूसरे कमरे की तरफ भागे, देखा सामने बेड पर वीना की सिर कुचली हुई लाश पड़ी है। चादर खून से सनी हुई है। आनंद फूट-फूटकर रोने लगा। इधर, बाकी लोग घर के बाकी हिस्सों में ट्यूशन टीचर रिया को ढूंढने लगे। तभी एक की नजर हॉल के कोने में खड़े स्कूटर पर पड़ी। रिया की मां चीखते हुए बोली- ‘ये स्कूटर मेरी बेटी का है।’ सामने वाले तीसरे कमरे के दरवाजा भी लॉक था। फौरन उसका लॉक तोड़ा गया। दरवाजे खुलते ही देखा कि बेड की चादर जमीन पर पड़ी थी। वहीं पास में एक गमछा भी पड़ा था। एक कोने में रिया का पर्स पड़ा हुआ था। सभी लोग कमरे में पलंग के नीचे, कबर्ड के अंदर रिया को ढूंढने लगे, लेकिन वो नहीं मिली। तभी आनंद की नजर पलंग के गद्दे पर पड़ी। एक कोने से गद्दा थोड़ा उठा हुआ था। आनंद ने फौरन गद्दा उठाया और बेड बॉक्स खोलकर देखा, तो नीचे रिया की अर्धनग्न लाश पड़ी थी। हाथ-मुंह सब बंधा हुआ था। उसी वक्त कदमा थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। आनंद पुलिस को देखते ही रोने लगा। इंस्पेक्टर मनोज ठाकुर ने पूरे कमरे में नजरें घुमाते हुए पूछा- ‘इस परिवार का कोई रिश्तेदार है क्या यहां?' बिलखते हुए आनंद बोला- ‘साहब, दीपक ने मेरी बहन और दोनों भांजी को मार दिया। ट्यूशन टीचर को भी मार दिया।’ ‘ये सब करते हुए किसी को देखा क्या?’- इंस्पेक्टर ठाकुर ने पूछा। ‘नहीं साहब, देखा तो किसी ने नहीं, लेकिन थोड़ी देर पहले दीपक का दोस्त रोशन आया था। दीपक ने हथौड़े से उसका और उसके साले अंकित का सिर फोड़ दिया। रोशन की पत्नी उन्हें अस्पताल ले गई। पीछे-पीछे दीपक भी गया था।’, भीड़ से आवाज आई। ‘साहब दीपक हॉस्पिटल नहीं पहुंचा। रोशन ने मुझे फोन किया था। कह रहा था कि दीपक ने उसे और उसके साले को मारा। जब वे लोग अस्पताल आ रहे थे तो कुछ दूर पीछे-पीछे आया भी, फिर गायब हो गया’, आनंद साहू रुंधे गले से बोला और जमीन पर बैठ गया। इंस्पेक्टर ठाकुर कुछ सोचते हुए घर से बाहर निकले। दीपक के पड़ोसी से पूछा- ‘तुमलोगों ने कोई तो आवाज सुनी होगी।’ ‘नहीं साहब, कल रात मेरे यहां बर्थडे पार्टी थी। दीपक अपनी फैमिली के साथ केक खाने आया था। उसके बाद वो चले गए। उसके बाद तो पता नहीं, रोशन जब चीखते हुए बाहर निकला है, तब हम लोगों को पता चला। वह बुलेट लेकर उनलोगों की कार के पीछे-पीछे गया है।’, पड़ोसी बोला। ‘आनंद, तुम्हें कुछ पता है दीपक के बारे में?, इंस्पेक्टर ठाकुर ने सख्त आवाज में पूछा। ‘नहीं साहब, कल रात ही तो हम लोगों ने पार्टी की थी। दीपक, मेरी बहन, बच्चे सभी लोगों ने साथ में मटन खाया था। सुबह-सुबह नहा-धोकर दीपक मेरे घर आया था। मां से बोला कि वह ज्वेलरी लेकर लॉकर में रखने के लिए जा रहा है। बच्चों और पत्नी को रांची भेज दिया है। पता नहीं ये सब कैसे…।’ बोलते हुए आनंद फूट-फूटकर रोने लगे। तब तक ये बात पूरे शहर में फैल गई कि तीस्ता रोड में 4 लोगों का मर्डर हो गया है। सुनते ही कदमा बाजार से एक ज्वेलरी शॉप वाला भागा-भागा दीपक के घर पहुंचा। सामने 50 लोगों की भीड़ जुटी हुई थी। पुलिस टीम कमरे के कोने-कोने की तलाशी ले रही थी। ज्वेलरी वाला इंस्पेक्टर ठाकुर के पास गया और बोला- ‘साहब, सुबह में दीपक मेरी दुकान पर आया था। उसके पास सोने-चांदी के 300 ग्राम गहने थे। मैंने पूछा कि इतनी सुबह-सुबह गहनें बेचने क्यों आ गए। दीपक बोला कि एक जमीन खरीदी है। उसके पैसे चुकाने है। मैंने तीन लाख रुपए उसी वक्त दे दिए थे। डेढ़ लाख रुपए बकाया है। बोला बचे पैसे अकाउंट में डाल देना। अकाउंट नंबर भी दे गया है।' ये सुनते ही इंस्पेक्टर ठाकुर फौरन बोले- ‘अब उस अकाउंट में एक रुपए नहीं डालोगे। कुछ खबर मिलती है, तो बताना। अकाउंट नंबर लाओ।’ यह HDFC बैंक का अकाउंट नंबर था। अब तक आनंद साहू और इंस्पेक्टर मनोज ठाकुर को शक हो गया था कि इस मास किलिंग के पीछे दीपक कुमार ही है। तब तक रांची से फोरेंसिक टीम भी आ चुकी थी। दीवार, फर्श, कपड़े और लाश का ब्लड सैंपल लेने के बाद, टीम उस कमरे में पहुंची जहां रिया की लाश पड़ी थी। टीम को बेडशीट और रिया के शरीर और बेड के बगल में पड़े गमछे पर सीमन मिला। टीम ने हथौड़ा समेत सभी चीजों को सीज कर लिया और चारों लाश पोस्टमार्टम के लिए जमशेदपुर भेज दी। अब पुलिस के सामने सवाल था कि सभी को मारने के बाद दीपक आखिर कहां गया? आखिर उसने अपने बच्चों और पत्नी को क्यों मारा? रिया के साथ रेप क्यों किया? लंच पर बुलाकर रोशन और उसकी फैमिली पर हमला क्यों किया? पूरी कहानी जमशेदपुर मर्डर केस पार्ट-3 में… पुलिस ने चारों लाश को फोरेंसिक टेस्ट और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इंस्पेक्टर मनोज ठाकुर वीना के भाई आनंद साहू से बोले, ‘थाने चलिए, दीपक के खिलाफ FIR दर्ज करनी होगी।’ पुलिस ने 6 धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। रोशन से पूछताछ करने के लिए रात के 11 बजे इंस्पेक्टर ठाकुर जमशेदपुर के THS हॉस्पिटल पहुंचे। पूरी कहानी पढ़िए जमशेदपुर मर्डर केस पार्ट-3 में (नोट- यह पूरी कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, एडवोकेट राजीव रंजन, डीएसपी मुकुंद ठाकुर और मृतक वीना के भाई आनंद साहू से बातचीत पर आधारित है। रेप पीड़िता का नाम बदला हुआ है। सीनियर रिपोर्टर नीरज झा ने क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा है।)

दैनिक भास्कर 5 Jul 2025 5:18 am

स्पॉटलाइट-हिमालय में दिखे लाल रोशनी के 105 खंभे:3 साल बाद सुलझी गुत्थी, धरती से करीब 80 किमी ऊपर कैसे बनते हैं रेड स्प्राइट, देखें वीडियो

19 मई 2022 की रात तिब्बत की पुमोयोंगकुओ झील के पास अचानक से आसमानी लाइट एंड कलर शो चालू हो गया। दक्षिणी पठार के हिमालयों के ऊपर लाल रंग की लाइट के 105 ऊंचे खंबे चमक रहे थे। ये कोई सामान्य घटना नहीं थी। अब तीन साल बाद रिसर्चस ने रेड लाइट बीम्स की ये गुत्थी सुलझा ली है। आखिर ये रहस्यमयी रोशनी क्या थी, इन्हें किसने देखा और अब वैज्ञानिकों को इनके बारे में क्या पता चला जानने के लिए इमेज पर क्लिक करें वीडियो देखें।

दैनिक भास्कर 5 Jul 2025 4:30 am

ईसाई मिशनरीज को सिख-हिंदू संतों के जरिए कंट्रोल करेगा RSS:दिल्ली मीटिंग के दो मुद्दे- 75 साल के PM मोदी का भविष्य, अगला BJP अध्यक्ष कौन

क्या इस साल 75 साल के होने जा रहे PM नरेंद्र मोदी एक्टिव पॉलिटिक्स में रहेंगे, BJP का अगला अध्यक्ष कौन हो, देशभर में चल रहे ईसाई धर्मांतरण के खिलाफ क्या रणनीति हो, खासकर पंजाब में मिशनरीज के फैलाव को कैसे रोका जाए, इन मुद्दों पर बात करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS के बड़े पदाधिकारी दिल्ली में जुटे हैं। हर साल होने वाली प्रांत प्रचारक बैठक 4 जुलाई, शुक्रवार से दिल्ली में शुरू हो गई है। दिल्ली प्रांत के कार्यालय ‘केशवकुंज‘ में हो रही ये बैठक तीन दिन यानी 6 जुलाई तक चलेगी। RSS प्रमुख मोहन भागवत तीनों दिन मौजूद रहेंगे। बैठक में प्रांत प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक और संगठन के सभी 6 सहकार्यवाह भी पहुंचे हैं। RSS की वेबसाइट पर बताया गया है कि इस बैठक में सिर्फ रणनीति तय होगी। कोई फैसला नहीं होगा। दैनिक भास्कर ने बैठक में मौजूद दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के सोर्स से बात की। उन्होंने बताया कि बातचीत के लिए 4 अहम मुद्दे हैं। 1. 75 साल के होंगे PM मोदी, एक्टिव पॉलिटिक्स पर स्टैंड क्लियर करेगा RSS 17 सितंबर को PM नरेंद्र मोदी 75 साल के हो जाएंगे। BJP ने 75 साल की उम्र को एक्टिव पॉलिटिक्स से विदाई का मानक बनाया था। इसी मानक के तहत लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा जैसे बड़े नेता एक्टिव पॉलिटिक्स से बाहर हो गए थे। हालांकि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के वक्त राज्य में 80 साल के बीएस येदियुरप्पा को चुनाव की कमान दी गई थी। PM मोदी पर ये नियम लागू होगा या नहीं, इस पर भी चर्चा होगी। अगर ये नियम लागू नहीं होगा, तो इसका जवाब RSS को भी तैयार रखना होगा। हालांकि, महाराष्ट्र BJP के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले कह चुके हैं कि पार्टी में 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट का कोई नियम नहीं है। 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी PM मोदी के रिटायरमेंट पर विपक्ष की तरफ से बयान दिए गए थे। मई, 2024 में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कहा था, ‘अगर BJP चुनाव जीत गई तो मोदी अगले साल तक ही प्रधानमंत्री रहेंगे। उन्होंने खुद 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट का नियम बनाया है।’ इसके जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, 'मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि BJP के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। मोदी जी 2029 तक देश का नेतृत्व करेंगे।' पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कहा था कि BJP के संविधान में कहीं भी उम्र को लेकर प्रावधान नहीं है। सूत्र बताते हैं, 'फिलहाल PM मोदी के कार्यकाल को बीच में खत्म करने की कोई योजना नहीं है। लिहाजा RSS पहले से जवाब तैयार रखेगा। 75 साल में रिटायरमेंट वाली पॉलिसी BJP की है। इसलिए जवाबदेही भी उनकी होगी। फिर भी BJP से जुड़े हर मुद्दे पर RSS से सवाल तो होते ही हैं।’ क्या इस पर अब तक बात नहीं हुई? सोर्स जवाब देते हैं, ‘RSS के अपने मुद्दे हैं। हम उन पर बात करते हैं। उम्र RSS के लिए कभी बाधा नहीं रही। ये पार्टी की पॉलिसी है, वही तय करे।’ मतलब मोदी PM बने रहेंगे? सोर्स ने कहा- ‘हां, अभी उनकी जरूरत भी है।’ 2. BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, दो नाम तयइस महीने BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है। पार्टी ने 22 राज्यों में संगठन के चुनाव करा लिए हैं। इसके बाद जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए 19 राज्यों में चुनाव होना जरूरी हैं। जून 2019 से जेपी नड्‌डा पार्टी के अध्यक्ष हैं। पार्टी के संविधान के मुताबिक, एक व्यक्ति 3-3 साल के दो कार्यकाल यानी 6 साल ही अध्यक्ष रह सकता है। नड्डा को जनवरी 2023 से लगातार एक्सटेंशन मिल रहा है। क्या BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऐलान की घड़ी आ गई है? सोर्स ने इस सवाल पर मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘घड़ी तो कई बार आई, पर घोषणा नहीं हुई। अब लगता है घोषणा और घड़ी दोनों का मिलन हो ही जाएगा।’ नाम तो तय हो गया है न? जवाब देने से पहले सोर्स फिर मुस्कुराए और कहा, 'नाम तो कई बार तय हो गया, बस बात नहीं बन पाई। हालांकि अब भी दो नाम हैं। ये तो घोषणा के वक्त ही पता चलेगा, किस नाम पर मुहर लगी।' 3. पंजाब में मिशनरीज के सामने सिख-हिंदू धर्म प्रचारक तैयार करने का प्लानसोर्स बताते हैं, ‘इस बार मीटिंग के एजेंडे में पंजाब सबसे अहम है। इसमें मिशनरीज के फैलते जाल और सिख से ईसाई बन रहे लोगों पर बात होगी। इस पर पंजाब में भी बैठक हो चुकी है। तब धर्म-मत परिवर्तन के संकट से निपटने के लिए शुरुआती रणनीति बनाई गई थी।’ ‘मिशनरीज के काम करने के तरीके में चमत्कार से बीमारियों के ठीक होने के दावे और विदेशों में बच्चों को बसने का लालच सबसे खास हैं। मिशनरीज धर्म प्रचारकों के सामने सिख-हिंदू धर्म प्रचारकों का नेटवर्क तैयार किया जाएगा।’ ‘धर्म बदल चुके लोगों को वापस लाने के लिए उनसे बात की जाएगी। दलित समाज के बीच सिख-हिंदू आदर्शों के बारे में बताया जाएगा। गांव-गांव में कार्यक्रम किए जाएंगे, जिनमें इस समाज की गौरवशाली संस्कृति के किस्से सुनाए जाएंगे। गुरुद्वारों और मंदिरों में पाठ और सत्संग किए जाएंगे।’ ‘पंजाब में गरीब और दलित तबके के बीच मिशनरी धर्म प्रचारकों का सबसे बड़ा हथियार आस्था है। ये लोग चमत्कारों का प्रचार और भ्रामक किस्से सधी रणनीति के साथ फैलाते हैं। मिशनरीज की इस मोडस ऑपरेंडी के सामने सिख और हिंदुओं के बड़े संतों को खड़ा किया जाएगा।’ ‘महान गुरुओं के जीवन की कहानियों को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। धर्म प्रचारकों के जत्थे गांव-कस्बों में रुकेंगे। घरों, चौपालों और पंचायतों में इस पर बातें होंगी। पंजाब के छोटे-बड़े डेरों से संपर्क किया जाएगा। देशभर के साधु-संतों के कार्यक्रम कराएंगे।’ ‘सरकारी योजनाओं को लोगों के बीच पहुंचाएंगे, ताकि लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें। सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स और सैकड़ों एकड़ जमीनों के मालिक पादरियों के खिलाफ लड़ाई दूसरी तरह से लड़ी जाएगी। इसमें समाज के साथ सरकार की अहम जिम्मेदारी होगी। इन सब पर बैठक में चर्चा होगी।’ 4. संघ के 100 साल पूरे, कौन से लक्ष्य पूरे, कौन से अधूरेबैठक में शामिल प्रांत प्रचारक स्तर के सोर्स ने बताया, ‘बैठक में सभी सहयोगी संगठनों के कामकाज की समीक्षा के साथ ही आगे की रणनीति पर तैयार होगी। देश में कई ऐसी ताकतें हैं, जो देश को तोड़ने और विदेशी एजेंडे पर काम कर रही हैं। हमारी एक टीम है, जो ऐसी ताकतों के खिलाफ और देश हित में नरेशन बनाने का काम कर रही है। ये टीमें कश्मीर से कन्याकुमारी तक काम कर रही हैं।’ देश विरोधी एजेंडे के खिलाफ बॉर्डर वाले स्टेट में टीमें तैनात एक और सोर्स ने बताया, ‘इस वक्त दूसरे देश की सीमाओं से लगने वाले राज्यों के खिलाफ कई तरह के अभियान चल रहे हैं। नशा, हथियार तस्करी के साथ हिंदुत्व के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। देश की संस्कृति के खिलाफ अभियान चल रहे हैं।’ ‘नॉर्थ ईस्ट, लेह-लद्दाख, उत्तराखंड और पंजाब हमारे फोकस एरिया हैं। इन राज्यों में लोगों के बीच हमारी टीम नरेशन बिल्डिंग का काम और तेज करेगी। हिंदू राष्ट्र के इतिहास और संस्कृति के लिए अभियान चलाए जाएंगे। ‘सीमा पर विदेशों के एजेंडे को तोड़ने के लिए कुछ टीमें अलग से काम कर रही हैं। इनका काम सीमा पर चल रहे देश विरोधी एजेंडे के बारे में जानना और उसके खिलाफ अभियान चलाना है। ये अभियान सोशल मीडिया से लेकर जमीन पर चल रहे हैं। इनके लिए संगठित प्रयास करने की रणनीति पर काम होगा।’ सेक्युलर और सोशलिस्ट पर भी चर्चाइंदिरा गांधी सरकार ने संविधान की प्रस्तावना में बदलाव कर सेक्युलर और समाजवादी शब्द जुड़वाए थे। RSS इन्हें हटाने की मांग कर रहा है। इस मांग को देशव्यापी कैसे बनाया जाए, इस पर भी चर्चा होगी। आपातकाल के 50वें साल में इसे बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा। RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले लगातार इस पर बयान दे रहे हैं। उन्होंने 26 जून को दिल्ली में कहा था कि मूल संविधान में सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द नहीं थे। इमरजेंसी के समय इन्हें जोड़ दिया गया था। मीटिंग में सभी 6 सरकार्यवाह, 233 प्रचारक शामिलबैठक में 233 RSS कार्यकर्ता, जिनमें प्रांत प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक और क्षेत्र प्रचारक, सह क्षेत्र प्रचारक शामिल हैं। RSS के संगठन में 11 क्षेत्र और 46 प्रांत हैं। RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ सभी 6 सहकार्यवाह जुटे हैं। बैठक में BJP से कोई शामिल नहींबैठक में BJP की तरफ से कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हो रहा। बैठक को पूरी तरह से संगठन के कामकाज पर फोकस रखने का फैसला लिया गया है। सोर्स बताते हैं कि इस बैठक में संगठन की रणनीति और एजेंडे पर चर्चा होनी है। अगर किसी तय एजेंडे पर सरकार के प्रतिनिधि से चर्चा की जरूरत होगी, तो अलग से बात होगी। खासतौर पर पंजाब के मुद्दे पर सरकार के प्रतिनिधि के लिए कुछ पॉइंट्स पर चर्चा के लिए बैठक के आखिर में प्रस्ताव भेजा जा सकता है। विजयादशमी से शताब्दी वर्ष की शुरुआत करेगा RSS27 सितंबर को RSS की स्थापना के 100 साल पूरे होंगे। RSS इसकी तैयारियों पर भी चर्चा करेगा। शताब्दी वर्ष के लिए देशभर में हिंदू सम्मेलन और डोर टू डोर अभियान जैसे कार्यक्रम किए जाएंगे। RSS के शताब्दी वर्ष की शुरुआत नागपुर में 2 अक्टूबर को विजयादशमी से होगी। इसके तहत अगली विजयादशमी यानी 2026 तक कार्यक्रम होंगे। देशभर में शाखा, मंडल, बस्ती लेवल पर उत्सव होगा। स्वयंसेवक घर-घर जाकर लोगों से मिलेंगे। चार बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु में RSS चीफ मोहन भागवत के कार्यक्रम होंगे। इसमें समाज के प्रमुख लोगों को बुलाया जाएगा। ......................................... ये खबर भी पढ़ें राज-उद्धव का साथ आना मजबूरी या BJP का सीक्रेट प्लान 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली डोम में राज और उद्धव ठाकरे एक साथ दिखाई देंगे। 'मराठी विजय दिवस' पर दोनों नेता दो दशक की सियासी दुश्मनी भुलाकर एक मंच पर होंगे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि BJP मुंबई में एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पैर जमने नहीं देना चाहती है। इसलिए CM देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद राज ठाकरे का सियासी रुख बदला है। पढ़ें पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 5 Jul 2025 4:00 am

‘हिंदू महिला से घर में घुसकर मुस्लिमों ने किया रेप’:उधार पैसे वजह या धार्मिक एंगल, क्या है बांग्लादेश से वायरल वीडियो का सच

'उस रात मम्मी-पापा एक धार्मिक कार्यक्रम में गए थे। भाई भी काम से लौटा नहीं था। घर पर सिर्फ मैं और मेरे बच्चे थे। किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने डर की वजह से नहीं खोला। थोड़ी देर बाद फजोर (फजर) दरवाजा तोड़कर घर में घुस आया। मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा। मैं चिल्ला रही थी, लेकिन उसने मुझे नहीं छोड़ा। मेरी आवाज सुनकर पड़ोसी आए। उन्होंने मुझे फजोर से छुड़ाया।' बांग्लादेश के कुमिल्ला जिले के रामचंद्रपुर पंचकीत्ता गांव में रहने वाली रीता (बदला हुआ नाम) 29 जून की घटना याद कर सिहर उठती हैं। उस रात आरोपी फजोर ने न सिर्फ उनके साथ रेप किया, बल्कि आरोपी के भाई शाह पोरन और उसके 4 साथियों ने मिलकर वीडियो भी बनाया। फिर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पहले इसे हिंदू महिला के शोषण की तरह देखा गया। हिंदू समुदाय का गुस्सा भड़का और बांग्लादेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए। बांग्लादेश पुलिस ने इसे एक्सट्रा मैरिटल अफेयर बताने की कोशिश की। प्रदर्शन तेज हुए, तो पुलिस ने विक्टिम की FIR पर 6 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। जानकारी के मुताबिक रेप का आरोपी फजोर लोकल ड्रग डीलर है। वो खुद को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) का सदस्य बताता है। उस पर डरा-धमकाकर वसूली के केस दर्ज हैं। विक्टिम रीता के परिवार का कहना है कि उन्होंने फजोर से 50,000 टका (35 हजार रुपए) उधार लिए थे, जिसे वो लौटा नहीं सके। आरोपी ने इसी का बदला लिया। पूरे मामले को समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने बांग्लादेश में विक्टिम और उसकी फैमिली से बात की। साथ ही आरोपी और पुलिस का पक्ष जाना। सबसे पहले रेप विक्टिम की आपबीती…हम बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 60 किमी दूर कुमिल्ला पहुंचे। यहां मुरादनगर उपजिला के रामचंद्रपुर पंचकीत्ता गांव में 25 साल की विक्टिम रीता का परिवार रहता है। उनके पति दुबई में काम करते हैं। रीता लोकल फेस्टिवल हरि सेवा में शामिल होने के लिए बच्चों के साथ माता-पिता के घर आई हैं। 29 जून की घटना के बारे में रीता बताती हैं, 'रात के करीब 11 बजे थे। मेरे दोनों बच्चे अंदर के रूम में सो रहे थे। रथ यात्रा के दिन पास ही धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था। मम्मी-पापा उसी में गए थे। तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया।' ’पहले मुझे लगा मम्मी-पापा या भाई में से कोई है। पूछा तो पता चला दरवाजे पर फजोर अली है। वो बार-बार दरवाजा पीट रहा था, लेकिन मैंने डर से नहीं खोला। थोड़ी देर बाद वो और उसके साथी दरवाजा तोड़कर घर में घुस आए। मैंने बचाने के लिए आवाज लगाई। उससे छोड़ने की भी गुहार लगाती रही, लेकिन मेरी एक नहीं सुनी।’ ’फजोर ने मेरे साथ रेप किया और उसके साथी वीडियो बनाते रहे। उन्होंने मुझे मारा-पीटा। मेरी आवाज सुनकर आए पड़ोसियों ने फजोर की जमकर पिटाई की। फिर वही फजोर और उसके साथियों को घर से बाहर ले गए।’ रीता ने बताया कि इस घटना के बाद मेरे पति ने मुझसे रिश्ता तोड़ दिया है। घटना को 5-6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन वो न मुझसे मिलने आए और न ही फोन करके हाल पूछा। वे कहती हैं, ‘मेरा परिवार टूट चुका है। मैंने मान-सम्मान भी खो दिया है।’ उधार लिए 50,000 टका वापस लेने आया था आरोपी फजोर रीता के भाई रमेश मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया, 'मैंने फजोर से पैसे उधार लिए थे। मुझे 4 हजार टका ब्याज देना था। फजोर ने उधार की रकम चुकाने के लिए जो तारीख दी थी वो निकल गई थी। मैं पैसे नहीं दे पाया। फजोर मुझे और मेरे परिवार को कई दिनों से धमका रहा था।' '29 जुलाई की रात वो पैसे वसूलने घर आया था। उसने मेरी बहन को मारा-पीटा और उसके कपड़े फाड़ दिए। उससे रेप किया। पड़ोसियों ने फजोर को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।' रीता के पिता विनोद (बदला हुआ नाम) कहते हैं, 'मैं फजोर अली को पहले से नहीं जानता। मेरे बेटे की शादी थी। उसके लिए मैंने उससे उधार लिया था। मैं मजदूरी करता हूं। बस गलती इतनी है कि पैसे नहीं चुका सका।' पड़ोसी बोले- फजोर के भाई ने बदला लेने के लिए वीडियो वायरल कियाविक्टिम के पड़ोसी आलम भी रकम उधार लेने की बात बताते हैं। वे कहते हैं, 'परिवार ने फजोर से पैसे उधार लिए थे। वहीं, फजोर का भाई शाह पोरन उससे बदला लेने का मौका तलाश रहा था। उसे पता चल गया था कि फजोर अपने पैसे मांगने रीता के घर जा रहा है।' शाह ने भी अपने साथियों को बुलाया और फजोर के पीछे उसके घर पहुंच गया। फजोर घर में गया, तब शाह भी अंदर घुस गया। शाह और उसके साथियों ने रीता के कपड़े फाड़े। फिर उसी ने रेप का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर फैला दिया। आरोपी की मां बोली- उधार के पैसे न देने पड़े, इसलिए फजोर को फंसायाआरोपी फजोर अली लोकल ड्रग डीलर है। वो खुद को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अगुआई वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी का मेंबर बताता है। लोगों को डरा-धमकाकर जबरन वसूली करता था। लोग फजोर की दादागीरी से परेशान थे। उनका ये भी कहना है कि फजोर विक्टिम के घर आता-जाता रहता था। हालांकि आरोपी फजोर की मां उसे बेगुनाह बता रही हैं। वे कहती हैं, ‘मेरे बेटे ने कुछ नहीं किया। ये बात सच है कि वो उधार पर पैसे देता था। उस दिन भी वो सिर्फ अपने पैसे वापस लेने गया था। उसने महिला के साथ कुछ नहीं किया। उलटा कुछ लोगों ने ही उसे पकड़कर बहुत पीटा। पड़ोसियों ने महिला के कपड़े उतारे और वीडियो बनाया। फिर सारा इल्जाम फजोर पर डाल दिया ताकि उन्हें उधार के पैसे न देना पड़े।‘ आपसी सहमति से रिलेशन की थ्योरी से पुलिस का इनकारइस रेप केस को लेकर कई थ्योरी सामने आईं। सोशल मीडिया पर पहले इसे हिंदू महिला से अत्याचार की तरह वायरल किया गया। इसके बाद ये आरोप लगाए गए कि विक्टिम और फजोर के बीच पहले से रिश्ता था। 29 जून को गांव वालों ने उसे रीता के साथ देखा, तो वे दरवाजा तोड़कर अंदर चले गए और वीडियो बनाया। हालांकि, पुलिस ने इस बात से इनकार किया है। वहीं ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटी ने आरोप लगाया कि कुछ मीडिया संस्थाएं मुख्य अभियुक्त को बचाने और इस घटना को आपसी सहमति वाला मामला बताने की कोशिश कर रही हैं। कोर्ट ने 14 जुलाई तक पुलिस से मांगी जांच रिपोर्टपुलिस के मुताबिक, फजोर कुमिल्ला से भाग गया था। उसे ढाका से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में फजोर के छोटे भाई शाह पोरन समेत 5 अन्य को भी अरेस्ट किया गया है। इन पर वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर फैलाने का आरोप है। वीडियो प्रसारण के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा के तहत 5 अन्य आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। साथ ही कोर्ट ने 14 जुलाई तक मामले की जांच रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया है। मुरादनगर सर्कल के ASP केएम कमरुज़्ज़मां बताते हैं, 'घटना के बाद कई लोगों ने इसे एक अवैध संबंध का मामला बताया। हमारी शुरुआती जांच में ये कंफर्म नहीं हो पाया है। सच ये है कि महिला बर्बर हिंसा की शिकार हुई है। हम मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं।' फजोर के भाई ने भीड़ का हिस्सा बनकर वीडियो बनाया, वायरल कियारेप केस में 3 जुलाई को केस के छठे आरोपी शाह पोरन को बुरीचांग इलाके से गिरफ्तार किया गया। अरेस्ट के बाद रैपिड एक्शन बटालियन ने उसे घटना का मास्टरमाइंड बताया। हालांकि इससे पहले फजोर को केस में मुख्य आरोपी बताया जा रहा था। पुलिस के मुताबिक, 'शाह पोरन ने भीड़ को उकसाया, जिसने पीड़िता पर हमला किया और घटना का वीडियो बनाया। बताया जा रहा है कि उसने ये सब अपने बड़े भाई को सबक सिखाने के इरादे से किया। साजिश के तहत वो महिला के घर में घुसे और उसे मारते-पीटते हुए वीडियो बनाया।' RAB-11 के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल एचएम सज्जाद हुसैन बताते हैं, इस पूरी घटना का मुख्य साजिशकर्ता शाह पोरन अब तक फरार था। इन्होंने भीड़ का हिस्सा बनकर वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर फैलाया। इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 'शाह पोरन और फजोर दोनों लंबे समय से विक्टिम को परेशान कर रहे थे। इस मुद्दे को लेकर दोनों भाइयों के बीच तनाव बढ़ गया, जो करीब दो महीने पहले ग्राम पंचायत की बैठक में पहुंचा। उस दौरान फजोर ने शाह पोरन को सबके सामने अपमानित किया और पीटा। इसी के बाद शाह ने बड़े भाई से बदला लेने की साजिश शुरू की।' कोर्ट ने घटना का वीडियो हटाने के आदेश दिएढाका हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए पीड़ित की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया। जस्टिस फहमिदा कादर और जस्टिस सैयद जाहिद मंसूर की बेंच ने रविवार को एक रिट याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह निर्देश जारी किया। कोर्ट ने सभी सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से पीड़ित के वीडियो और तस्वीरें 24 घंटे के भीतर हटाने का आदेश दिया। पीड़िता का इलाज कराने और सुरक्षा देने का निर्देश दिया। रेप केस को लेकर गुस्सा, सड़कों पर ढाका यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्समामला सामने आते ही ढाका यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं ने घटना के विरोध में रैली निकाली। छात्रों ने न्याय की मांग की और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की चिंता जताई। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले पर गहरी चिंता जताते हुए बांग्लादेशी सरकार से अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा की अपील की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 27 जून को मीडिया ब्रीफिंग में इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाएं सामान्य घटना नहीं मानी जा सकतीं। इस मामले में कार्रवाई की जरूरत है। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'ये बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है कि वो हिंदुओं, उनकी संपत्तियों और धार्मिक संस्थाओं की सुरक्षा करे। वीडियो प्रसार, उत्पीड़न और हिंसा की घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई बेहद जरूरी है। भारत पूरे मामले पर बांग्लादेश की गई इस पहल पर निगरानी रखेगा।' ................. ये खबर भी पढ़ें... कोलकाता कॉलेज गैंगरेप- शादी का प्रपोजल, मना करने पर रेप 25 जून को कोलकाता के लॉ कॉलेज की स्टूडेंट 24 साल की कीर्ति (बदला हुआ नाम) रेप की शिकायत लेकर कस्बा थाना पहुंचीं। आरोप है कि कॉलेज के पूर्व छात्र मनोजीत मिश्रा, छात्र जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय ने उससे गैंगरेप किया है। कीर्ति ने ये भी बताया कि मनोजीत ने उसे शादी का प्रपोजल दिया था। मना करने पर रेप किया। वो रोती और गिड़गिड़ाती रही, लेकिन उन सबने नहीं छोड़ा। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 5 Jul 2025 4:00 am

पुतिन ने दिया सहारा... क्या बदल जाएगा तालिबान? रूस के बाद भारत भी दे सकता है मान्यता?

DNA: पुतिन ने तालिबान को मान्यता देकर एक मास्टर स्ट्रोक खेला है. जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप बहुत ज्यादा बेचैन होंगे. अमेरिका के प्रभाव के कारण अब तक किसी भी देश ने तालिबान को औपचारिक मान्यता नहीं दी थी. लेकिन तालिबान ने कई देशों के साथ उच्च स्तरीय बातचीत की है.

ज़ी न्यूज़ 5 Jul 2025 12:39 am

दुनिया के 'ठेकेदार' बन रहे थे ट्रंप... क्या अपनी ही पत्नी को नियम से बचा पाएंगे सुपरपावर राष्ट्रपति

US News: अब हम आपके लिए जिस खबर का विश्लेषण करने वाले हैं. उसके केंद्रबिंदु हैं मिस्टर एंड मिसेज ट्रंप यानी अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप.

ज़ी न्यूज़ 5 Jul 2025 12:34 am

कौन है अमेरिका की 'Lady Bomb', जिसने बनाया बंकर बस्टर बम? इसी हथियार से तबाह किया था ईरान का 'कोहिनूर'

Bunker Buster Bomb: इजरायल और ईरान के बीच भीषण जंग हुई थी, इस जंग में अमेरिका ने भी ईरान पर हमला किया था, अमेरिका, ईरान के परमाणु ढांचों पर कई बंकर बस्टर बम गिराए. इस बंकर बस्टर बम को विकसित करने में एक महिला ने अहम योगदान दिया था.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 9:25 pm

जब मोदी ने सुबह 5 बजे उठकर सबके लिए बनाई चाय, त्रिनिदाद का रोचक किस्सा

PM Modi in Trinidad and Tobago: प्रधानमंत्री मोदी की बतौर प्राइम मिनिस्टर त्रिनिदाद और टोबैगो की ये पहली यात्रा है. लेकिन, उनका इस धरती से पुराना संबंध है. उन्होंने 25 साल पहले 1999 में बीजेपी के महासचिव के तौर पर राष्ट्र की यात्रा की थी. तब उन्होंने अगस्त 2000 में विश्व हिंदू सम्मेलन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया था.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 7:12 pm

अमेरिका में ईरान के सुप्रीम लीडर का बैनर फहराने वाली वीडियो एडिटेड है

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में खामेनेई के बैनर को अलग से एडिट करते हुए जोड़ा गया है.

बूमलाइव 4 Jul 2025 6:02 pm

AI ने किया अनोखा काम; 18 साल बाद प्रेग्नेंट हुई महिला, कैसे हुआ चमत्कार?

AI Pregnancy Success:AI ने काफी हद तक लोगों का काम आसान कर दिया है. अब कोलंबिया यूनिवर्सिटी में डॉक्टरों ने AI तकनीक का उपयोग एक ऐसा चमत्कार किया है कि लोग जमकर चर्चा कर रहे हैं. इस तकनीक ने एक महिला के सपनों को सच कर दिया है.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 5:06 pm

2 हफ्ते में 900 बार कांपी धरती, हर झटके से पहले समुद्र से आती हैं खौफनाक आवाजें, लगातार हल रही धरती

Japan Earthquake: जापान के लोग इस समय हद से ज्यादा भूकंप का सामना कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि पिछले 2 हफ्तों में 900 से ज्यादा भूकंप के झटके आए हैं, जिसके चलते लोगों में खौफ देखने को मिल रहा है.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 4:34 pm

नहीं थम रही जंग! रूस ने यूक्रेन पर रातभर बरसाए 539 ड्रोन्स, 11 मिसाइलें, राजधानी समेत कई इलाकों में तबाही

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले किए. इस हमले की वजह से कई इमारतों, कारों और गैर आवासीय इमारतों में आग लग गई. इसके अलावा रेलवे ढांचों को भी नुकसान पहुंचा है.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 3:57 pm

प्रधानमंत्री, 38 मंत्री और 4 सांसद... PM मोदी के स्वागत के लिए इस देश की पूरी कैबिनेट एयरपोर्ट पहुंची, रच गया इतिहास?

PM Modi historical welcome in Trinidad Tobago:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का त्रिनिदाद और टोबैगो के दौरे पर हैं. उनका जिस तरह से वहां स्वागत हुआ है. उसकी तस्वीरें और वीडियो देख हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा जाएगा. पीएम मोदी के स्वागत के लिए सिर्फत्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ही नहीं आई हुई थीं बल्कि उनकी पूरी कैबिनेट जिसमें38 मंत्रियों समेत 4 सांसद भी शमिल थे. देखे ऐतिहासिक स्वागत का वीडियो.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 1:56 pm

पुतिन के पास किसका आया फोन? सारा कार्यक्रम बीच में छोड़ तुरंत बात करने को भागे, पूरी दुनिया हक्का-बक्का, देखें वीडियो

Putin leaves stage for Trump Phone: आप सबके जीवन में कई बार ऐसे मौके आए होंगे जब आप बहुत जरूरी काम कर रहे होते हैं, तभी आपके फोन की घंटी बज जाती है, फिर आप सोच में पड़ जाते हैं कि फोन उठाएं या जो काम कर रहे हैं उसे पूरा करें. यह सिर्फ आपके साथ ही नहीं होता है ऐसा रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ भी हुआ है. जिसके बाद उनका वीडियो वायरल है. जानें पूरी खबर.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 12:59 pm

कौन हैं त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री? गीता पर हाथ रखकर लिया था शपथ, पीएम मोदी ने क्यों बताया ‘बिहार की बेटी’? जानें भारत से रिश्ता

Who is Kamla Persad Bissessar Trinidad:प्रधानमंत्री नेत्रिनिदाद और टोबैगो में लोगों को जब संबोधित किया तोत्रिनिदाद और टोबैगो की पीएमकमला प्रसाद-बिसेसर को बिहार की बेटी बताया है. जानें कौन हैंकमला प्रसाद-बिसेसर? क्या है उनका भारत से रिश्ता.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 11:18 am

त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को दिए जाएंगे ओसीआई कार्ड : पीएम मोदी

घाना की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा ऐलान किया

देशबन्धु 4 Jul 2025 10:51 am

रूस ने 'आतंकवादी हमले' की योजना बना रही महिला को हिरासत में लिया

रूसी संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने गुरुवार को सेंट पीटर्सबर्ग में 23 वर्षीय रूसी महिला को हिरासत में लिया है

देशबन्धु 4 Jul 2025 9:32 am

'मैं भारत वापस आ जाऊं क्या...' 16 लाख की अच्छी खासी नौकरी छोड़ गई थीं कनाडा, पाई-पाई की हुईं मोहताज

बड़े बुजुर्ग कह गए हैं कि जिंदगी में जो बड़े फैसले लेने हो उसके पहले आपको खूब सोच समझ लेना चाहिए. अगर आपने बिना सोचे समझें कोई जिंदगी में कदम उठा लिया तो आपको परेशानी ही उठानी पड़ेगी. यही हाल हुआ एक एनआरआई महिला के साथ जो भारत में रहते हुए अच्छा खासा सलाना का 16 लाख कमा रही थी, लेकिन और बेहतर जिंदगी की चाहत में वह कनाडा कमाने चली गई, जहां अब वह पछता रही है. जानें पूरी खबर.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 8:06 am

रूस ने तालिबान के लिए वो कर दिया जो दुनिया का कोई देश नहीं कर पाया, पाकिस्तान भी रह गया पीछे

Taliban government: अभी तक पाकिस्तान भी ऐसा नहीं कर पाया जबकि तालिबान ने जब सत्ता अपने हाथ में ली थी तो सबसे ज्यादा खुश पाकिस्तान ही हुआ था. हाल ही में तालिबान ने मीडिया पर सख्त नियंत्रण के नए नियम लागू किए हैं.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 8:05 am

'25 साल पहले लारा का वो कवर ड्राइव..' PM मोदी ने पोर्ट ऑफ स्पेन में क्या कहा, पूरन-नरेन का जिक्र

Brian Lara: पीएम मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भारतीय मूल के लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ा. क्रिकेट से लेकर आध्यात्म तक की बातों से सबका दिल जीत लिया. इस बीच उन्होंने 25 साल पहले ब्रायन लारा के एक शॉट का जिक्र कर दिया.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 7:35 am

पावर टैबलेट खाकर ट्यूशन टीचर की लाश से रेप:पत्नी और 2 बेटियों का सिर भी हथौड़े से कुचला, नहाकर पूजा की; जमशेदपुर मर्डर केस पार्ट-1

झारखंड के जमशेदपुर की तीस्ता रोड। तारीख 11 अप्रैल 2021 और वक्त रात के 9 बजे। TATA कॉलोनी के मकान नंबर 99 में पार्टी चल रही थी। प्लेट में मटन परोसा हुआ था। खाना खाते हुए आनंद साहू नाम का एक शख्स बोला- ‘जीजाजी पार्टी के लिए अच्छा दिन चुना है। कल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है, फिर नॉनवेज नहीं खा पाएंगे।’ हंसते हुए दीपक बोला- ‘और मटन लो… अच्छे से खाओ।’ दीपक की पत्नी वीना और दोनों बेटियां भी पास बैठकर खाना खा रही थीं। पार्टी के बाद आनंद अपने घर के लिए निकल गया। वीना ने दोनों बेटी, श्रावणी और शाणवी से कहा- ‘तुम दोनों अपने कमरे में जाकर सो जाओ, सुबह स्कूल भी जाना है।’ श्रावणी और शाणवी अपने कमरे में चली गईं। वीना और दीपक भी उठकर अपने कमरे में चले गए। वीना थकी थी, बेड पर जाते ही उसकी आंख लग गई, लेकिन दीपक वेब सीरीज देखने लगा। सुबह के 3 बजे दीपक बेड से उठा और दबे पांव कमरे से बाहर आ गया। सोफे के पास गया और कोने में रखे झोले से हथौड़ा निकाला। मन ही मन बुदबुदाया- ‘इससे काम हो जाएगा।’ हाथ में हथौड़ा लिए दीपक वापस कमरे में गया। वीना गहरी नींद में थी। दीपक उसके सिर के पास जाकर खड़ा हो गया। हथौड़े को तीन बार प्रणाम किया। कुछ सोचा फिर पूरी ताकत से पत्नी के सिर पर हथौड़ा दे मारा। उसका सिर फट गया। वह चीख पड़ी। दीपक झट से बेड पर गया और वीना के पेट के ऊपर बैठ गया। तकिया उठाया और उसका मुंह दबा दिया। वीना का दम घुटने लगा, हाथ-पैर पीटते हुए वह दीपक को धक्का देने लगी। तभी दीपक ने हथौड़ा उठाया और उसके सिर पर तीन-चार बार दे मारा। वीना शांत पड़ गई। खून के छींटे दीवारों पर पड़े। दीपक के मुंह और शर्ट पर भी खून के धब्बे लग गए। पूरा बेड खून से सन गया। दीपक खून से रंगा हथौड़ा लिए कमरे से निकला और हॉल में आकर सोफे पर बैठ गया। कुछ देर सुस्ताने के बाद बच्चों के कमरे की तरफ बढ़ा। उसके हाथ में अभी भी हथौड़ा था। दोनों बेटियां गहरी नींद में थीं। पास गया, दोनों को ध्यान से देखा फिर लौट आया। हॉल में इधर-उधर टहलने लगा। फिर एक लंबी सांस ली और तेजी से बच्चों के कमरे में घुसा। श्रावणी के पास गया। उसका माथा चूमा। उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। कुछ सोचते हुए आंसू पोंछा, हथौड़ा उठाया और बेटी के सिर पर दे मारा। श्रावणी चीख पड़ी- 'मम्मी…।’ तभी दीपक ने उसके मुंह पर तकिया रखकर दबा दिया। वह कुछ देर तड़पती रही, फिर उसकी सांसें रुक गईं। ‘पता नहीं मरी की नहीं मरी’। ये बुदबुदाते हुए दीपक ने तीन-चार बार हथौड़ा उसके सिर पर फिर से दे मारा। चारों तरफ खून फैल गया। दीपक गहरी सांस लेते हुए बेड पर लेट गया। कुछ देर बाद उठा। शाणवी के सिर पर हाथ फेरते हुए बोला- ‘तुम अकेली जिंदा रहकर क्या करोगी।’ उसने शावणी का माथा चूमा और गले से लगा लिया। फिर अचानक हथौड़ा उठाया और पूरी ताकत से उसके सिर पर दनादन हथौड़ा मारने लगा। कमरे की दीवारों पर खून के धब्बे जम गए। पूरे बेड पर खून ही खून था। लंबी सांस लेते हुए दीपक कमरे से बाहर निकला और सोफे पर आकर बैठ गया। उसकी नजर घड़ी पर पड़ी। सुबह के 5 बज चुके थे। वो वॉशरूम में गया। खून से सने कपड़े उतारकर वॉशिंग मशीन में डाला और शीशे के सामने खड़ा हो गया। उसका चेहरा खून से लाल था। फिर वो नहाने चला गया। नहाकर नए कपड़े पहना, चंदन-टीका लगाया और पूजा करने बैठ गया। करीब 7 बजे वो पूजा करके उठा। ‘अभी तो बहुत वक्त है। इतने में तो आनंद के घर से लौट आऊंगा।’ ये सोचते हुए दीपक ने घर का दरवाजा लॉक किया और बरामदे में खड़ी बुलेट लेकर निकल गया। 2 घंटे बाद वापस लौटा। बरामदे में खड़े होकर एक नंबर डायल किया। यह नंबर उसके दोस्त रोशन साहू का था। रोशन, दीपक को मामा कहा करता था। दीपक हंसते हुए बोला- ‘रोशन भांजा, बहुत दिन हो गए तुमसे मिले हुए। आज घर आओ साथ में लंच करते हैं।’ उधर से आवाज आई- ‘ठीक है मामा, आता हूं दोपहर में’, फोन कट गया। दीपक दरवाजा खोलकर घर में घुसा और सोफे पर जाकर बैठ गया। इसी बीच किसी ने दरवाजा खटखटाया। एक लड़की ने आवाज दी, ‘श्रावणी बेटा, शाणवी बेटा, दरवाजा खोलो।’ ये सुनते ही दीपक कमरे की तरफ भागा। तभी लड़की ने दरवाजे को धक्का दे दिया। दरवाजा खुल गया। ये लड़की दीपक की बेटियों की ट्यूशन टीचर रिया घोष थी। जिसकी उम्र करीब 21 साल रही होगी। रिया जैसे ही हॉल में आकर खड़ी हुई, देखा दीपक पत्नी की लाश को चादर में लपेट रहा था। चारों तरफ खून देखकर रिया सकपका गई। दीपक हड़बड़ाते हुए मेन गेट की तरफ भागा और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया। फिर भागता हुआ किचन में गया और चाकू लेकर आया। रिया की ओर चाकू दिखाते हुए बोला- ‘जरा भी हल्ला नहीं। थोड़ी भी आवाज की, तो यहीं पर काटकर रख दूंगा। चल कमरे में।’ रिया कमरे में चली गई। दीपक बोला- ‘चुपचाप पलंग पर बैठ जा।’ कांपती हुई रिया पलंग पर बैठ गई। दीपक ने बगल में रखा भूरे रंग का टेप उठाया। रिया चिल्लाने लगी। दीपक ने रिया की गर्दन पर चाकू लगा दिया। रिया चुप हो गई। फिर उसके दोनों हाथ पीछे की तरफ करके टेप लपेटना शुरू कर दिया। हाथ बांधने के बाद दीपक ने तकिया उठाया और रिया के मुंह पर रखकर दबा दिया। वो छटपटाने लगी। दीपक ने तकिया हटाया और उसके मुंह पर टेप लपेट दिया। रिया जोर-जोर से पैर पटकने लगी। अब दीपक, रिया का गला दबाने लगा। कुछ देर बाद रिया की छटपटाहट रुक गई। शरीर ठंडा पड़ गया। दीपक ने लाश खींचकर जमीन पर पटक दी। फिर उसके दोनों पैर पकड़कर घसीटते हुए कमरे से बाहर ले जाने लगा। लाश के निचले हिस्से के कपड़े हट गए। दीपक ने लाश वहीं छोड़ दी। दौड़कर पत्नी के कमरे में गया। अलमारी से पावर टैबलेट निकालकर खाई और फिर रिया की लाश के पास चला गया। लाश को खींचकर बेडरूम में ले गया और उठाकर पलंग पर पटक दिया। उसने लाश के साथ कई बार रेप किया। फिर सोचने लगा-‘अब इसका क्या करूं। रोशन आएगा, तो देख लेगा..…।’ उसने लाश जमीन पर पटक दी। पलंग का बॉक्स खोला और लाश के हाथ-पैर मोड़कर ठूंस दिया। ‘मारना तो 2 को था, पर मैंने सारे मार दिए। अब उसको भी निपटा देना है।’ ये कहते हुए दीपक वॉशरूम की तरफ चला गया। तब तक दोपहर के 12 बज चुके थे। दीपक ने पत्नी और दोनों बेटियों का कत्ल क्यों किया? कत्ल से पहले दीपक ने घर पर पार्टी क्यों रखी? रिया की लाश के साथ रेप क्यों किया? तीन मर्डर करने के बाद दीपक बुलेट मोटर साइकिल लेकर कहां गया था? सभी को मारने के बाद रोशन को लंच पर क्यों बुलाया? पूरी कहानी जमशेदपुर मर्डर केस के पार्ट-2 में… 12 अप्रैल 2021, रोशन कुमार साहू अपनी पत्नी मोनी से बोला, ‘दीपक मामा ने लंच पर बुलाया है, अपने भाई अंकित को भी साथ ले चलो, वो खुश हो जाएंगे।’ सुनते ही मोनी ने हामी भर दी। मोनी का भाई अंकित दो दिन पहले ही जमशेदपुर घूमने आया था। सभी कार में बैठकर दीपक के घर के लिए निकल गए। इधर, दीपक सोफे पर बैठा रोशन का इंतजार कर रहा था। पूरी कहानी पढ़िए जमशेदपुर मर्डर केस पार्ट-2 में (नोट- यह पूरी कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, एडवोकेट राजीव रंजन, डीएसपी मुकुंद ठाकुर और मृतक वीना के भाई आनंद साहू से बातचीत पर आधारित है। रेप पीड़िता का नाम बदला हुआ है। सीनियर रिपोर्टर नीरज झा ने क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा है।)

दैनिक भास्कर 4 Jul 2025 4:54 am

स्पॉटलाइट-बैगनी रंग का खून कैसे बचाएगा करोड़ो की जान:चूहों पर ट्रायल पूरा, इंसानों पर जारी, जानिए अस्पतालों में कब तक पहुंचेगा

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में हर 2 सेकेंड में किसी को खून की जरूरत होती है. हर दिन खून न मिल पाने की वजह से करीब 12,000 लोग अपनी जान गंवा देते हैं. ऐसे में बैगनी रंग का आर्टिफिशियल ब्लड किसी जीवन दान से कम नहीं होगा, लेकिन ये है क्या ? इसके फायदे क्या है? पुराने खून से कैसे बनेगा आर्टिफिशियल ब्लड? पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो

दैनिक भास्कर 4 Jul 2025 4:30 am

अहमदाबाद प्लेन क्रैश- फ्यूल में गड़बड़ी या दोनों इंजन फेल:क्या पायलट ने गलत इंजन बंद किया, 4 केस स्टडी से समझिए हादसे की थ्योरी

अहमदाबाद से 12 जून को लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ने के तुरंत बाद एक हॉस्टल के ऊपर क्रैश हो गई। कुल 260 लोग मारे गए। इनमें 230 पैसेंजर और 12 क्रू मेंबर्स शामिल हैं। टेकऑफ के दो मिनट बाद ही जिस तरह प्लेन गिरा, उसकी वजह समझने के लिए दैनिक भास्कर ने बड़े विमान हादसों की पड़ताल की। इनकी जांच रिपोर्ट पढ़ी। एक्सपर्ट से मिले और 4 हादसों की वजहों का अहमदाबाद क्रैश से मिलान किया। इस पड़ताल से ये बात साफ हुई कि प्लेन को रनवे तक आने और टेकऑफ करने में कोई दिक्कत नहीं हुई। यहां तक सब नॉर्मल था। टेकऑफ के करीब 12 से 14 सेकेंड बाद गड़बड़ी हुई। एक्सपर्ट्स को इस बात की ज्यादा आशंका है कि किसी गड़बड़ी से पहले प्लेन का एक इंजन फेल हुआ। कुछ सेकेंड बाद ही दूसरा इंजन भी फेल हो गया। CCTV फुटेज देखने के बाद हमारे एक्सपर्ट ने आशंका जताई है कि पहले लेफ्ट साइड, फिर राइट साइड के इंजन में गड़बड़ी आई होगी। हालांकि इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट से ही होगी। एविएशन हिस्ट्री में बहुत कम ऐसा हुआ है, जब किसी प्लेन के दोनों इंजन एक साथ फेल हो गए हों। एविएशन से जुड़ी वेबसाइट Aeropeep के मुताबिक, दोनों इंजन साथ फेल होने का खतरा उड़ान के 10 लाख घंटों में सिर्फ एक बार होता है। पूर्व एयर वाइस मार्शल डॉ. देवेश वत्स भी कहते हैं कि दोनों इंजन का काम नहीं करना रेयर ऑफ रेयरेस्ट है। इसलिए सभी पहलुओं के साथ साजिश के एंगल से भी जांच जरूरी है। इंजन फेल होने की 7 वजहें1. खराब मौसम 2. पक्षियों से टकराना 3. फ्यूल में मिलावट 4. मानवीय भूल 5. इलेक्ट्रिकल सिस्टम फॉल्ट और रॉन्ग टेक ऑफ कॉन्फिगरेशन 6. फायर, स्मोक, ओवरहीट ट्रिगर 7. साइबर अटैक या GPS स्पूफिंग खराब मौसम या प्लेन के पक्षियों से टकराने के सबूत नहींअहमदाबाद में हादसे के वक्त मौसम अच्छा था यानी पहली वजह खत्म हो जाती है। हादसे के वीडियो में पक्षियों से टकराने की बात भी सामने नहीं आई। इसलिए अब 5 बड़े पॉइंट बचते हैं- फ्यूल में मिलावट, मानवीय भूल, इलेक्ट्रिकल सिस्टम फॉल्ट, फायर-स्मोक-ओवरहीट ट्रिगर और साइबर अटैक। हादसे में जिंदा बचे इकलौते पैसेंजर रमेश विश्वास ने प्लेन में आग या धुएं के बारे में नहीं बताया है। उन्होंने इलेक्ट्रिक सिस्टम फॉल्ट के बारे में जरूर बताया यानी ये हादसे की वजह हो सकती है। इसे समझने के लिए हमने पुराने विमान हादसों की रिपोर्ट पढ़ी। इसके जरिए समझा कि क्या पहले हुए हादसे में सामने आई वजह अहमदाबाद क्रैश में भी हो सकती हैं। अब पहले हुए हादसे और उनकी वजह पढ़िए 1. फ्यूल में आइस पार्टिकल मिले, लैंडिंग से 57 सेकेंड पहले दोनों इंजन बंदजगह: लंदन का हीथ्रो एयरपोर्टपड़ताल के दौरान एविएशन सेफ्टी नेटवर्क की वेबसाइट पर 17 जनवरी, 2008 को हुए हादसे के बारे में पता चला। बोइंग कंपनी का प्लेन चीन की राजधानी बीजिंग से लंदन जा रहा था। प्लेन रूस की राजधानी मॉस्को के 38 हजार फीट ऊपर से गुजरा। यहां कई जगह माइनस 38 तक ठंड थी। विमान 10 घंटे से ज्यादा का सफर करके सेंट्रल लंदन पहुंचा। करीब 3 हजार फीट की ऊंचाई पर था, तब पायलट लैंडिंग की तैयारी करने लगे। विमान एक हजार फुट की ऊंचाई पर आया। लैंडिंग के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल से परमिशन मिल गई। लैंडिंग में सिर्फ 57 सेकेंड बचे थे, तभी राइट साइड के इंजन में दिक्कत आ गई। इंजन की स्पीड कम होने लगी। 6-7 सेकेंड बाद ही लेफ्ट साइड के इंजन की पावर भी तेजी से कम होने लगी। दोनों इंजन से जरूरी थ्रस्ट नहीं मिल रहा था। पायलट ने खतरे की स्थिति में दिया जाने वाला मे-डे कॉल किया। रनवे पर रेस्क्यू टीमें पहुंच गईं। पायलट और को-पायलट ने प्लेन को घास वाले मैदान में सुरक्षित लैंड करा लिया। हादसे में किसी को गंभीर चोट नहीं आई। जांच में पता चला कि फ्यूल में पानी की जो कुछ मात्रा होती है, कम तापमान की वजह से उससे आइस पार्टिकल बन गए। ये इंजन में गए, तो महज 7 सेकेंड में दोनों इंजन एक तरह से फेल हो गए। एक्सपर्ट की रायवॉल्व में खराबी से फ्यूल सप्लाई रुकी, तो इंजन बंद हो सकता हैक्या लंदन की तरह अहमदाबाद विमान हादसे की वजह फ्यूल में मिलावट हो सकती है? इस पर हमने दो एक्सपर्ट से बात की। उनका मानना है कि अगर साजिशन फ्यूल में मिलावट की जाए, तो ऐसा हो सकता है। हालांकि फ्यूल में कुछ मिलाना और विमान में डालने से पहले जांच में नहीं पाया जाना मुश्किल है। हमारे एक्सपर्ट डॉ. देवेश वत्स एयर वाइस मार्शल रहे हैं। उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक भी किया है। वे बताते हैं, ‘मुझे नहीं लगता कि फ्यूल में मिलावट हो सकती है। ये जरूर है कि इंजन में फ्यूल नहीं जाएगा, तो वो बंद हो जाएगा या काम नहीं करेगा। वॉल्व में खराबी आ जाए, तो ये दिक्कत हो सकती है।’ दूसरे एक्सपर्ट- फ्यूल में मिलावट साजिश से ही मुमकिन, वरना कोई चांस नहीं हमारे दूसरे एक्सपर्ट प्रशांत ढल्ला DGCA के पायलट इंस्पेक्टर रहे हैं। 12 साल से ज्यादा वक्त तक सीनियर पायलट रह चुके हैं। वे कहते हैं, ‘फ्लाइट में फ्यूल डालने से पहले उसकी जांच होती है। कौन फ्यूल सप्लायर ट्रक लेकर फ्लाइट तक पहुंचेगा, इसका भी पैरामीटर होता है। ग्राउंड इंजीनियर होते हैं।' 'फ्यूल लेकर टैंकर विमान के पास पहुंचता है, तो उसकी जांच होती है। ग्राउंड इंजीनियर के पास एक टैबलेट और ग्लास होता है। ग्लास में फ्यूल डालकर टैबलेट मिलाई जाती है। इससे क्वॉलिटी चेक होती है।’ ‘चेकिंग के बाद ग्राउंड इंजीनियर ग्रीन सिग्नल देता है। इसके बाद विमान में फ्यूल डाला जाता है। इसकी फ्यूल शीट बनती है। इस पर इंजीनियर साइन करके एक कॉपी पायलट को देते हैं। पायलट उसे चेक करते हैं। एक कॉपी फ्यूल सप्लायर को भी दी जाती है।’ अगर फ्यूल में गड़बड़ी कर दी जाए, तो दोनों इंजन काम करना बंद कर देंगे। फ्यूल में मिलावट तभी संभव है, जब इसके पीछे साजिश हो। ये जांच में ही पता चल सकेगा। इसमें हम कुछ नहीं कह सकते। दूसरी बड़ी वजह: मानवीय भूलपायलट की गलती से खतरे में आए थे 156 पैसेंजरहमने कुछ हादसों की पड़ताल की, जिसमें विमान के इंजन में दिक्कत आई हो और मानवीय भूल भी रही हो। ऐसा एक मामला 21 जून 2017 में हुआ था। गो-एयर की फ्लाइट दिल्ली से मुंबई जा रही थी। इसमें 156 पैसेंजर थे। दिल्ली से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही इंजन-2 से पक्षी टकरा गया। फरवरी 2019 में DGCA ने इसकी रिपोर्ट दी। इसमें लिखा कि इंजन-2 में खराबी आने के बाद दोनों पायलट को चेकलिस्ट और स्टैंडर्ड प्रोसिजर के मुताबिक उसे शटडाउन करना था। कुछ देर बाद उसे फिर ऑन करके चेक करना था। गलती से पायलट ने इंजन-1 ऑफ कर दिया। उस वक्त विमान करीब 3100 फीट ऊंचाई पर था। पायलट को गलती का एहसास हुआ। उसने तुरंत इंजन-1 स्टार्ट कर दिया। विमान ऊंचाई पर था, इसलिए गलती सुधारने का वक्त मिल गया। क्या अहमदाबाद हादसे की वजह भी मानवीय भूलइस सवाल पर प्रशांत ढल्ला कहते हैं, ‘कॉकपिट में दो पायलट होते हैं। दोनों मर्जी से काम नहीं करते। इसका प्रोटोकॉल और प्रोसीजर होता है। चेकलिस्ट होती है। इसलिए मानवीय भूल की आशंका बहुत कम होती है। अहमदाबाद हादसे की बात करें, तो अगर किसी वजह से पहले इंजन में गड़बड़ी हुई और थ्रस्ट कम हो गया। ऐसे में उसे बंद करके री-स्टार्ट करने का प्रोसीजर भी है।’ ‘अगर गलती से या हड़बड़ाहट में इंजन बंद कर दिया जाए, तो हो सकता है कि दोनों इंजन बंद हो गए और हादसा हो गया। हालांकि हर पायलट को ऐसी स्थिति के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। ऐसी गड़बड़ी होना बहुत मुश्किल है। इसके बाद भी अगर ह्यमून एरर हुआ है, तो कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में सब रिकॉर्ड हुआ होगा। ये जांच रिपोर्ट से ही सामने आएगा।’ वहीं, पूर्व एयर वाइस मार्शल डॉ. देवेश वत्स कहते हैं, ‘अहमदाबाद हादसे में दोनों इंजन में दिक्कत आई है। जांच से ही इसकी सच्चाई बाहर आ सकती है। इसके लिए जांच एजेंसी को फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से अहम जानकारी मिल सकती है। अभी कुछ भी अंदाजा लगाकर कहना सही नहीं होगा।’ तीसरी बड़ी वजह: साइबर अटैक या GPS स्पूफिंग हर विमान नेविगेशन सिस्टम के जरिए उड़ान भरता है। GPS से हवा में रास्ते की जानकारी मिलती है। अगर GPS से गड़बड़ी हो जाए, तो सही लोकेशन की जानकारी मिलना मुश्किल हो जाता है। खासकर अगर GPS पर साइबर अटैक हो जाए। इसे GPS स्पूफिंग कहते हैं। इसी साल जून में दिल्ली से जम्मू जा रहे एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान में ऐसी आशंका जताई गई थी। ये विमान दिल्ली से सुबह 11:05 बजे जम्मू के लिए उड़ा था। पाकिस्तान बॉर्डर के करीब GPS में गड़बड़ी आ गई। इस वजह से विमान को दिल्ली लौटना पड़ा। ये विमान दोपहर करीब 1:30 बजे दिल्ली लौटा था। एक्सपर्ट की राय- अहमदाबाद हादसे में साइबर अटैक की आशंका कमइंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 से 2024 तक GPS स्पूफिंग के मामले 500% बढ़े हैं। इसी तरह सिग्नल जैमिंग के केस भी 175% बढ़ गए। क्या इससे किसी फ्लाइट के साथ इतना बड़ा हादसा हो सकता है? इसका जवाब पूर्व एयर वाइस मार्शल डॉ. देवेश वत्स देते हैं। वे खुद भी साइबर एक्सपर्ट हैं और डेटा सिक्योरिटी सेंटर से जुड़े हैं। डॉ. वत्स कहते हैं, ‘बेशक GPS स्पूफिंग विमान को धोखा देने की लेटेस्ट तकनीक है। इससे विमान को लोकेशन का पता लगाने में दिक्कत होती है। हालांकि पायलट को ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है और विमान में भी ऐसी तकनीक है, जिससे उसे सुरक्षित कहीं भी लैंड कराया जा सकता है। इसलिए अहमदाबाद हादसे में साइबर अटैक की आशंका कम लगती है। चौथी बड़ी वजह: इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल सिस्टम फाल्ट और रॉन्ग टेकऑफ कॉन्फिगरेशनहमने एविएशन सेफ्टी नेटवर्क पर 1937 से लेकर 27 सितंबर 2024 तक के डेटा की स्टडी की। ये देखा कि रॉन्ग टेकऑफ कॉन्फिगरेशन की वजह से कितने हादसे हुए हैं। कुल 76 विमान हादसों का पता चला। इनमें 870 मौतें हुई हैं। टेक्निकल और मैकेनिकल वजहों से 2018 और 2019 में हुए बोइंग के दो बड़े हादसों की जानकारी मिली। पहले बात रॉन्ग टेकऑफ कॉन्फिगरेशन की। ये हादसा 14 अक्टूबर 2004 को कनाडा में बोइंग 747-244B (SF) विमान के साथ हुआ। ये कार्गो प्लेन था। एयरपोर्ट पर कार्गो प्लेन में कुल 53 हजार किलो का सामान लोड हुआ। साथ में 89,400 किलो फ्यूल भरा गया। टेकऑफ से पहले विमान का वजन 3.53 लाख किलो था। बोइंग के लैपटॉप टूल ने इसे 2.4 लाख किलो के हिसाब से कैलकुलेट किया। इससे विमान की स्पीड और थ्रस्ट का कैलकुलेशन गलत हो गया। जांच में पता चला कि ये विमान कनाडा पहुंचा था, तब उसका वजन 2.40 लाख किलो था। यहां सामान लोड होने बाद भी कैलकुलेशन के वक्त उतना ही वजन डिस्प्ले हुआ। इससे थ्रस्ट और स्पीड का कैलकुलेशन गलत हो गया। इस वजह से ये हादसा हुआ। इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल टूल्स में दिक्कत से कई हादसे हुए हैं, लेकिन इससे दोनों इंजन में एक साथ गड़बड़ होने की रिपोर्ट हमें नहीं मिली। एक्सपर्ट की राय: विमान में एडवांस सिस्टम, गड़बड़ी मुमकिन नहींपूर्व पायलट इंस्पेक्टर प्रशांत ढल्ला कहते हैं, ‘लगेज के कैलकुलेशन पर कई बार विमान में दिक्कत होती है। आपने सुना होगा कि वजन ज्यादा होने पर यात्रियों का सामान रोक दिया जाता है। 2004 के जिस हादसे की बात हो रही है, अब किसी विमान में वैसा होने की संभावना खत्म हो चुकी है। सवाल-जवाब में जानिए हादसे के वक्त क्या हुआहमने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर लगे CCTV कैमरे और मोबाइल से बनाए हादसे के वीडियो की पड़ताल की। एक्सपर्ट से पूछा कि हादसे के वक्त लैंडिंग गियर क्यों बंद नहीं हुआ, क्यों इमरजेंसी में इस्तेमाल होने वाला रैम एयर टरबाइन बाहर आया। टेकऑफ के बाद विमान के साथ क्या हुआ होगा? एक्सपर्ट्स ने इन सवालों के जवाब दिए, लेकिन इसकी पुष्टि जांच एजेंसी की रिपोर्ट से होगी। सवाल: विमान का लैंडिंग गियर क्यों बंद नहीं हुआ? प्रशांत ढल्ला का जवाब: हर विमान के टेकऑफ से पहले और लैंडिंग का पूरा प्रोसेस होता है। एक चेकलिस्ट होती है। स्टैंडर्ड प्रोसिजर भी सेट होता है। विमान में दो पायलट होते हैं। एक सीनियर और दूसरा को-पायलट। चेकलिस्ट की पूरी प्रोसेस चैलेंज और रिस्पॉन्स पर चलती है। मेन पायलट चेक लिस्ट पढ़कर को-पायलट से पूछते हैं कि आपने ये चेक किया। को-पायलट उसे पूरा करते हैं और कहते हैं- यस चेक्ड। टेकऑफ के बाद गियर अप करना होता है। रूल बुक के मुताबिक, विमान के हवा में करीब 50 से 100 फुट ऊपर जाते ही पायलट की कॉल पर को-पायलट गियर अप करता है। अहमदाबाद हादसे में गियर बाहर ही था। इसकी वजह कुछ भी हो सकती है। या तो विमान के 50 से 100 फुट ऊपर जाते ही टेक्निकल प्रॉब्लम शुरू हो गई। इससे लैंडिंग गियर पोजिशन में आकर रुक गया होगा। या उसे वहीं रोककर दूसरे अहम टास्क पर ध्यान दिया जाने लगा क्योंकि दोनों पायलट का ध्यान विमान में आई प्रॉब्लम को दूर करने पर था। ये टास्क भी प्रोटोकाल यानी पहले से बनाई गई SOP का ही हिस्सा है। इसलिए पहली वजह में लैंडिंग गियर का बाहर होना तकनीकी प्रॉब्लम भी हो सकती है और दूसरी वजह बड़ी गड़बड़ी को रोकने के लिए इसे स्टॉप रखना भी हो सकता है। इसलिए लैंडिंग गियर को क्लोज नहीं किया। सवाल: रैम एयर टरबाइन का बाहर आना क्या संकेत देता है?जवाब: इस टर्बाइन का काम तब होता है, जब कोई इंजन काम करना बंद कर दे। फिर पावर सप्लाई में दिक्कत आने लगे। पायलट के सामने लगे डिस्प्ले बोर्ड में इलेक्ट्रिक सप्लाई की कमी से दिक्कत आने लगे। फ्यूल पंप ऑपरेट करने के लिए इलेक्ट्रिकल सपोर्ट होता है। पावर लॉस होने की स्थिति में भी ये एयर टरबाइन ऑटोमेटिक ओपन हो जाता है। ये टरबाइन बेसिक इलेक्ट्रिक इनपुट देता है, जिससे पायलट के सामने वाला डिस्प्ले ऑन रहे। फ्यूल पंप चलता रहे। एयर टरबाइन की मदद सेफ लैंडिंग के लिए होती है। मेरा मानना है कि एक के बाद एक दोनों इंजन फेल हुए, इस वजह से रैम एयर टरबाइन बाहर आया, लेकिन अफसोस विमान क्रैश हो गया। सवाल: हादसे के वीडियो देखकर क्या समझ आता है?जवाब: विमान ने टेकऑफ किया, तब बिल्कुल सीधे उड़ान भर रहा था। यानी उसके दोनों इंजन काम कर रहे थे। थ्रस्ट और लिफ्ट नॉर्मल था। कुछ देर (करीब 12 से 14 सेकेंड) बाद ही विमान ने हल्का लेफ्ट की तरफ टर्न लिया यानी उसके लेफ्ट इंजन में खराबी आई होगी। तब राइट साइड का इंजन ठीक होगा। कुछ सेकेंड बाद विमान फिर सीधा हुआ और नीचे की तरफ गया। मतलब दोनों इंजन से थ्रस्ट नहीं मिल रहा होगा। इसके कुछ सेकेंड बाद ही विमान क्रैश हो गया। कुछ मीडिया रिपोर्ट में आया कि विमान को थ्रस्ट और लिफ्ट मिलना बंद हो गया, तभी पायलट ने मे-डे कॉल किया था। उसने कहा-नो पावर, नो थ्रस्ट, गोइंग डाउन। हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। अगर ये सही है, तो साफ है कि विमान में अपनी कोई क्षमता नहीं बची थी। इसलिए वो नीचे जा रहा है। सवाल: थ्रस्ट और लिफ्ट नहीं मिलने का क्या मतलब है?जवाब: एयरक्राफ्ट में 4 तरह की फोर्स काम करती हैं। सबसे ऊपर की तरफ लिफ्ट, सामने नोज की तरफ थ्रस्ट, नीचे की तरफ वेट यानी ग्रेविटी और पीछे की तरफ ड्रैग। अब मेडे कॉल को याद कीजिए। कैप्टन ने कहा- नो थ्रस्ट, नो लिफ्ट, गोइंग डाउन। विमान को लिफ्ट नहीं मिल रही यानी जहाज ऊपर नहीं जा सकता। नो थ्रस्ट यानी जहाज आगे नहीं बढ़ सकता है। अब दो ही पावर रह गईं- ड्रैग और वेट। यानी अब जहाज नीचे की तरफ चला गया। इसलिए विमान क्रैश हो गया। इससे भी अंदाजा है कि विमान के दोनों इंजन काम नहीं कर रहे थे। हालांकि इसकी असल वजह CVR और FDR से काफी हद तक साफ हो जाएगी। ................................... विमान हादसों पर ये खबरें भी पढ़ें 1. अहमदाबाद विमान हादसे का फोटो-वीडियो इन्वेस्टिगेशन अहमदाबाद विमान हादसे के कारणों का सही ब्योरा आने में अभी समय लगेगा। इस बीच न्यूयॉर्क टाइम्स ने हादसे के फोटो-वीडियो और ऑडियो का एनालिसिस किया है। एविएशन सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट, पूर्व पायलटों, जांचकर्ताओं और ऑडियो एक्सपर्ट की मदद से किया गया यह एनालिसिस संकेत देता है कि विमान का टेकऑफ नॉर्मल था। विमान में खराबी हवा में शुरू हुई। पढ़िए पूरी खबर... 2. 40 दिन 13 मौतें, चारधाम यात्रा में क्यों गिर रहे हेलिकॉप्टर इस साल चारधाम यात्रा में शुरुआती 40 दिनों में 5 हेलिकॉप्टर हादसे हो चुके हैं। इनमें 13 लोगों की मौत हुई। इनमें से 3 हादसे सिर्फ केदार घाटी में हुए हैं। चारधाम यात्रा में सबसे ज्यादा एयर ट्रैफिक का लोड केदारनाथ धाम की यात्रा में होता है। यहां गुप्तकाशी, फाटा, सिरसी और सहस्त्रधारा जैसी जगहों से 9 एविएशन कंपनियां हेली सर्विस देती हैं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 4 Jul 2025 4:00 am

राज-उद्धव का साथ आना मजबूरी या BJP का सीक्रेट प्लान:फडणवीस से मीटिंग के बाद राज का रुख बदला, क्या निशाने पर शिंदे की शिवसेना

तारीख: 5 जुलाईजगह: मुंबई का वर्ली डोम ये तारीख और जगह महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है। 'मराठी विजय दिवस' का मौका है, जब दो दशक की सियासी दुश्मनी के बाद उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे एक ही मंच पर साथ होंगे। महाराष्ट्र सरकार को हिंदी अनिवार्यता के मुद्दे पर पीछे धकेलने के बाद ये विजय रैली निकाली जानी है। इसके लिए 'आवाज मराठी का' नाम से न्योता छपा है। इसमें न किसी पार्टी का झंडा है और न सिंबल। बालासाहेब ठाकरे की शैली में मराठियों को संबोधित किया गया है। न्योते में लिखा है- ‘क्या आपने सरकार को झुकाया? हां, आपने झुकाया। हम तो सिर्फ आपकी तरफ से संघर्ष कर रहे थे। नाचते-गाते हुए आइए, हम आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।‘ अभी ये साफ नहीं है कि रैली के लिए पुलिस की परमिशन मिली है या नहीं। हालांकि इसे लेकर कई अटकलें जरूर जोर पकड़ रही हैं। क्या ये सिर्फ एक दिन का जश्न है या BMC समेत निकाय चुनावों के लिए नए गठबंधन की शुरुआत है, महाराष्ट्र में दोनों भाइयों के साथ आने से क्या एक नए सियासी समीकरण बनेंगे, साथ आने के पीछे असल वजह क्या है? हालांकि एक्सपर्ट्स इसे BJP का सीक्रेट प्लान बता रहे हैं। उनका मानना है कि देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद ही राज ठाकरे का सियासी रुख बदला है। BJP मुंबई में एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पैर जमने नहीं देना चाहती है।‘ अब पूरे महाराष्ट्र की निगाहें 5 जुलाई पर टिकी हैं। लिहाजा तमाम सवालों के जवाब तलाशते हुए हम मुंबई पहुंचे और हमने दोनों पार्टी के बड़े नेताओं और पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स से बात करने की कोशिश की। दोनों भाइयों के साथ आने पर बोलने से बच रही पार्टीसबसे पहले हमने शिवसेना उद्धव गुट की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी से कॉन्टैक्ट किया, लेकिन उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। इसके बाद हमने पार्टी के दूसरे प्रवक्ता आनंद दुबे से संपर्क किया। उन्होंने भी व्यस्तता का हवाला देते हुए बात करने से मना कर दिया। मनसे के लीडर्स से भी हमें ऐसे ही जवाब मिले। कई नेताओं ने ऑफ कैमरा हमें बताया कि राज ठाकरे ने इस मुद्दे पर अभी कुछ भी बोलने से मना किया है। ये पहली बार नहीं है कि दोनों भाइयों के साथ आने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं। 2005 में शिवसेना छोड़कर नई पार्टी बनाने के बाद भी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को कई पारिवारिक और सार्वजनिक मौकों पर साथ देखा गया। हर मुलाकात के वक्त दोनों के सियासी मिलन के कयास लगाए गए, लेकिन हर बार ये गलत साबित हुए। राज और उद्धव के सामने सियासी अस्तित्व का संकट इस बार दोनों के साथ आने की अटकलें पहले से क्यों अलग हैं और इस बार ऐसा क्या बदला है? इस सवाल पर सीनियर जर्नलिस्ट जितेंद्र दीक्षित कहते हैं, ‘इसका जवाब दोनों भाइयों के राजनीतिक अस्तित्व के संकट में छिपा है। इस अलगाव को 20 साल हो गए हैं। 2005 में राज ठाकरे शिवसेना से अलग हुए और अगले साल 2006 में अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बना ली।’ ‘2009 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा, तो 13 सीटें जीतीं। विधानसभा की 288 सीटों में 13 जीत पाना कोई बड़ी बात नहीं मानी जा सकती, फिर भी ये आंकड़ा अहमियत रखता है। 2009 में कई सीटों पर राज ठाकरे के उम्मीदवारों ने शिवसेना उम्मीदवारों को हराने में बड़ी भूमिका निभाई। पार्टी ने पारंपरिक मराठी वोट काटे थे। नतीजा ये हुआ कि 2009 में महाराष्ट्र की सत्ता में एक बार फिर कांग्रेस और NCP का गठबंधन वापस आ गया। क्या सियासी फायदे के लिए भुलाए जाएंगे पुराने झगड़े जितेंद्र आगे कहते हैं, ‘उस वक्त ये कहा जाने लगा था कि MNS ही अगली शिवसेना है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा था क्योंकि राज ठाकरे न सिर्फ बालासाहेब ठाकरे जैसे दिखते थे, बल्कि उन्हीं की तरह आक्रामक भी थे। उनके भाषण की शैली भी वैसी ही थी। हालांकि लोगों के अनुमान गलत निकले।‘ ‘2014 के विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे की पार्टी 13 से सीधे एक सीट पर सिमट गई। 2019 में भी एक सीट ही जीती। फिर 2024 के चुनाव में शून्य पर आ गई। आज की तारीख में राज ठाकरे की पार्टी एक शून्य पार्टी है। महाराष्ट्र में शून्य सांसद, शून्य विधायक और शून्य पार्षद। अब राज ठाकरे के सामने अपना सियासी अस्तित्व बचाने का संकट खड़ा हो गया है।‘ जितेंद्र आगे कहते हैं, ‘दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। उनकी स्थिति राज से बेहतर है, लेकिन उनका भी ग्राफ लगातार गिरता गया। 2022 में उनकी पार्टी में जो बगावत हुई, उसने उनके सियासी करियर को गहरी चोट पहुंचाई। न सिर्फ पार्टी के पुराने वफादार नेता और पदाधिकारी उनका साथ छोड़कर चले गए, बल्कि पार्टी का ऑफिशियल नाम और चुनाव चिह्न भी उनसे छिन गया।‘ ‘अब इन दोनों भाइयों के सामने अस्तित्व का संकट है। दोनों को अपनी पार्टी चलानी है, दोनों को अपना सियासी करियर ठीक करना है। जब बात अस्तित्व की आती है तो लोग अपने पुराने झगड़े भूल जाते हैं और आगे का फायदा देखते हैं। अब राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों के लिए महाराष्ट्र की राजनीति में सर्वाइवल का सवाल है।‘ असली निशाना BMC का किला और एकनाथ शिंदेइस पूरे सियासी खेल का सेंटर पॉइंट मुंबई महानगर पालिका यानी BMC के चुनाव हैं। सीनियर जर्नलिस्ट संदीप सोनवलकर इसे एक डूबती नाव को बचाने की कोशिश के तौर पर देखते हैं। वे कहते हैं, ‘असल में राज और उद्धव को लगा कि उनकी नाव डूब रही है। ऐसे में तिनके का सहारा ही काफी है, इसलिए वो साथ आ रहे हैं। मुद्दा मराठी का मिला है इसलिए बात यहीं नहीं थमेगी, आगे भी बढ़ेगी। मुमकिन है कि BMC के चुनाव में दोनों मिलकर लड़ें।‘ सोनवलकर के मुताबिक, ‘ये सिर्फ एक गठबंधन नहीं, बल्कि विरासत को बचाने की लड़ाई है, क्योंकि शिवसेना का चुनाव चिह्न जा चुका है। ऐसे में उन्हें लगा कि ठाकरे नाम को बचाना ज्यादा जरूरी है क्योंकि उसी के नाम पर उनकी पूरी राजनीति चलती है। तो राजनीति भी बचेगी और विरासत भी, इसलिए ठाकरे बंधु एक साथ हैं।‘ इस गठबंधन का सीधा निशाना मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं। सोनवलकर बताते हैं, ‘इस मराठी राजनीति का असल मकसद तो एकनाथ शिंदे को निशाना बनाना है, क्योंकि उद्धव ठाकरे को लगता है कि उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान एकनाथ शिंदे ने पहुंचाया। शिवसेना को तोड़ा और उनका वोट बैंक लेकर चले गए।‘ ‘ठाकरे परिवार के ज्यादातर पूर्व पार्षद एकनाथ शिंदे के साथ चले गए। अब उनसे मुकाबला करना है तो दोनों को मिलकर आना पड़ेगा। इसलिए BMC चुनाव ही सबसे बड़ा मकसद है।‘ क्या राज-उद्धव का साथ BJP का सीक्रेट प्लानदिलचस्प बात ये है कि इस कहानी में एक किरदार BJP का भी बताया जा रहा है। संदीप सोनवलकर एक और परत खोलते हुए कहते हैं, ‘इस कहानी के पीछे का असली किरदार असल में BJP है। उसी की तरफ से देवेंद्र फडणवीस ने ये चाल चली है कि इस बार मुंबई में एकनाथ शिंदे की शिवसेना पैर न जमा सके।‘ ‘कहा जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे की जब मुलाकात हुई, तो फडणवीस ने ही कहा कि मराठी भाषा का मुद्दा उठाओ और आगे बढ़ो। सरकार आगे जाकर उन्हें सहयोग करेगी और यही हुआ भी।' 'सरकार ने पहले हिंदी की अनिवार्यता खत्म करने की राज और उद्धव की मांग का विरोध किया। बाद में जब दोनों ने मोर्चा निकालने की बात की तो उसे मान लिया। इस तरह ठाकरे परिवार की राजनीति को एक नई जमीन मिल गई।‘ दोनों भाइयों के मिलन में क्या पार्टियों की विचारधारा बनेगी अड़ंगा एक बड़ा सवाल ये भी है कि क्या दो ऐसी पार्टियों के कार्यकर्ता एक साथ काम कर पाएंगे, जिनकी विचारधाराएं समय-समय पर अलग देखी गईं? राज ठाकरे की राजनीति कभी हिंदुत्व तो कभी प्रखर मराठी वाद के इर्द-गिर्द घूमती रही है, जिसमें गैर-मराठियों खासकर उत्तर भारतीयों का विरोध प्रमुख एजेंडा रहा है। वहीं, उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व का दामन कभी नहीं छोड़ा, लेकिन उन्होंने कांग्रेस और NCP जैसी सेक्युलर पार्टियों के साथ मिलकर सरकार भी चलाई। जितेंद्र दीक्षित मानते हैं कि विचारधारा कोई बड़ी बाधा नहीं बनेगी। वे कहते हैं, ‘राज ठाकरे की आइडियोलॉजी कभी एक जैसी रही ही नहीं है। 2005 तक जब तक वो शिवसेना में थे तो उनकी आइडियोलॉजी हिंदुत्व की थी। उसके बाद 2009 में उन्होंने मराठी वाद पर चुनाव लड़ा। 2020 में वो फिर से खुद को हिंदुत्व वादी बताने लगे।‘ ‘दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे पर भले ही आरोप लगते हों कि उन्होंने कांग्रेस-NCP के साथ हाथ मिला लिया, लेकिन अब भी उद्धव ठाकरे खुद को हिंदुत्व वादी बताते हैं।‘ अगर गठबंधन हुआ तो BMC चुनाव तक हर हाल में चलेगाअगर गठबंधन हुआ तो कितना लंबा चलेगा, ये कहना अभी जल्दबाजी होगी। हालांकि संदीप सोनवलकर कहते हैं, ‘जब आपको ये लगता है कि घर बचाना है तो दोनों तरफ से कुछ न कुछ खोने की तैयारी करनी पड़ती है।‘ BMC चुनाव तक तो कम से कम ये गठबंधन चलेगा और यदि सफलता मिलती है तो उसके बाद दोनों भाई आगे भी इसी तरह साथ रहेंगे। ‘पार्टियों का विलय होगा या नहीं, ये भी कहना जल्दबाजी है, लेकिन मिलकर चलेंगे क्योंकि दोनों को अपने-अपने बेटों आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे को राजनीति में स्टैब्लिश करना है। मराठी एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर दोनों के बेटे खेती कर सकते हैं और राजनीति को आगे बढ़ा सकते हैं।‘ गठबंधन के कयास के बीच रैली को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साहगठबंधन की खबरों को लेकर जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। MNS के शाखा प्रमुख नीलेश इंदप बताते हैं, ‘राज साहब ने हमें तैयारियों के निर्देश दिए हैं। ये एक ऐसी रैली होगी, जो न पहले कभी हुई और न आगे कभी होगी।' लालबाग को मराठियों का गढ़ माना जाता है। वहां से पूरा समर्थन मिलेगा। हमने शाखा-शाखा और बिल्डिंग वाइज मीटिंग की है। स्कूल, कॉलेज के छात्रों को भी जोड़ा है। ये रैली दिवाली की तरह होगी।‘ राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात पर वे कहते हैं, राज साहब के सभी पार्टियों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। CM के साथ उनकी मीटिंग पर्सनल भी हो सकती है या पार्टी के काम से भी। राज साहब जो आदेश देंगे, हम कार्यकर्ता उसका पालन करेंगे। उद्धव के पार्षद बोले-शिवसेना और MNS के साथ आने से ताकत बढ़ी, सुरक्षा मिली5 जुलाई को होने वाली ठाकरे बंधुओं की 'विजय सभा' की काफी चर्चा है। इस मिलन के मायने समझने के लिए हमने शिवसेना (UBT) के पार्षद अनिल कोकिल से बात की। वो इस पूरी सियासी हलचल को करीब से देख रहे हैं। अनिल कोकिल इस कहानी की शुरुआत सरकार के एक फैसले से करते हैं। वे बताते हैं, ‘देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं। उसी के तहत उन्होंने पहली से 5वीं कक्षा तक हिंदी थोपने की कोशिश की। इसके खिलाफ उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने आवाज उठाई। एक बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई।‘ कोकिल के अनुसार, ‘जैसे ही दोनों भाइयों के एक साथ आने की खबर फैली, पूरे महाराष्ट्र के मराठी लोग एकजुट हो गए हैं। इस बढ़ती ताकत को देखकर सरकार घबरा गई है।‘ इस गठबंधन का असर सिर्फ राजनीतिक गलियारों तक सीमित नहीं है, बल्कि आम लोगों में इसका गहरा भावनात्मक जुड़ाव देखने को मिल रहा है। कोकिल उत्साह से बताते हैं, ‘हर घर में मराठी बोलने वाले हमें फोन करके बता रहे हैं कि वे विजय उत्सव में जाने वाले हैं। ये सब बहुत अच्छा हो रहा है। ये हमारी बहुत दिनों से इच्छा थी जो आज पूरी होने जा रही है।‘ जब हमने सवाल किया कि क्या ये गठबंधन सिर्फ BMC चुनावों के लिए है, तो कोकिल इसे सिरे से खारिज करते हैं। वे जोर देकर कहते हैं, ‘इलेक्शन तो 5 साल में एक बार आता है, लेकिन मराठी आदमी को तो पूरी जिंदगी यहीं मुंबई और महाराष्ट्र में रहना है। उनके लिए ये गठबंधन चुनावी गणित से कहीं बढ़कर है। ये मराठी मानुष के सम्मान और सुरक्षा का सवाल है।‘ ‘मराठी जनता को जो सुरक्षा चाहिए, वो शिवसेना और MNS के साथ आने से मिल रही है। इसी वजह से हमारी ताकत बढ़ी है और बाकी सब लोग शांत हो गए हैं।‘ ...................................... स्टोरी में सहयोग: अजित रेडेकर, कैमरापर्सन...................................... ये खबर भी पढ़ें... उद्धव बोले-विपक्ष की वजह से हिंदी पर फैसला वापस हुआ उद्धव ठाकरे ने सोमवार को दावा किया कि विपक्षी पार्टियों के विरोध की वजह से महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी को अनिवार्य करने का फैसला वापस ले लिया। ठाकरे ने कहा कि सरकार फैसला वापस नहीं लेती तो भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और NCP के मराठी समर्थक भी विरोध मार्च में शामिल होते। दरअसल, उद्धव और राज ठाकरे ने 5 जुलाई को मुंबई में संयुक्त विरोध रैली निकालने की बात कही थी। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 4 Jul 2025 4:00 am

इस देश के पासपोर्ट में गजब की टेक्‍नोलॉजी, UV लाइट जलाते ही दिखेगा चौंकाने वाला सीन

DNA: आपको एक पासपोर्ट कीकहानीपढ़ाएंगे जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. भला हो भी क्यों न, ये है ही इतना सुंदर और पावरफुल, जो हर किसी के नसीब में नहीं है.

ज़ी न्यूज़ 4 Jul 2025 12:37 am

10 दिन में ही विधवा हो गई इस दिग्गज खिलाड़ी की पत्नी, ये तस्वीरें देखकर रो रहा पूरा खेल जगत

Diogo Jota: लिवरपूल के मशहूर पुर्तगाली फॉरवर्ड डिओगो जोटा की एक दर्दनाक कार हादसे में मौत हो गई. उनकी 10 दिन पहले ही शादी हुई थी. यह हदासा गुरुवार सुबह स्पेन के ज़मोरा के पास हुआ है. जोटा के परिवार में उनकी पत्नी रूटे कार्डोस और तीन बच्चे हैं.

ज़ी न्यूज़ 3 Jul 2025 8:42 pm

फॉन डेय लाएन के यूरोपीय आयोग के विरुद्ध अविश्वास मत

कोविड महामारी के दौरान वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर के प्रमुख और यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट के बीच पर्सनल टेक्स्ट मैसेज हुए. इसके बाद अरबों डॉलर की डील हुई. अब इसी मामले में आयोग को अविश्वास मत का सामना करना है

देशबन्धु 3 Jul 2025 6:21 pm

कहां लापता हो गया 2 हजार करोड़ का अमेरिकी लड़ाकू विमान, बाहुबली B-2 बॉम्बर्स पर उठे सवाल

अमेरिकी वायुसेना का लड़ाकू विमान B-2 बॉम्बर्स सबसे ताकतवर फाइटर जेट माना जाता है.इन लड़ाकू विमानों की बेड़े ने पिछले महीने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर 14 हजार टन वजनी बम गिराए गए थे. B-2 बॉम्बर्स के एक विमान की कीमत 2 हजार करोड़ रुपये के करीब है.

ज़ी न्यूज़ 3 Jul 2025 2:41 pm

रूस को यूक्रेन के साथ तीसरे दौर की वार्ता जल्द होने की उम्मीद : क्रेमलिन

रूस और यूक्रेन लंबी लड़ाई के बाद अब शांति की दिशा में कदम उठा रहे हैं। दो दौर की बातचीत लगभग सफल रही

देशबन्धु 3 Jul 2025 10:19 am

लाखों कोरोना वैक्सीन देकर बचाई जिस गरीब देश की जान, उसने पीएम मोदी को दिया सर्वोच्च सम्मान

PM Modi Ghana Visit: पीएम मोदी को उस अफ्रीकी देश ने अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है, जिसे कोरोना महामारी के दौरान भारत ने लाखों कोविड वैक्सीन देकर मदद की थी. पीएम मोदी अपने विदेश दौरे के पहले चरण में यहां पहुंचे हैं.

ज़ी न्यूज़ 3 Jul 2025 9:30 am

ब्रिक्स देशों के नेताओं की 17वीं बैठक में भाग लेंगे ली छ्यांग

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 2 जुलाई को घोषणा की कि चीनी प्रधान मंत्री ली छ्यांग निमंत्रण पर 5 से 8 जुलाई तक ब्राजील के रियो डी जेनेरियो जाकर ब्रिक्स देशों के नेताओं की 17वीं बैठक में भाग लेंगे

देशबन्धु 3 Jul 2025 9:22 am

वर्ष 2025 विश्व मानव रूपी रोबोट खेल समारोह पेइचिंग में आयोजित होगा

वर्ष 2025 विश्व मानव रूपी रोबोट खेल समारोह 14 से 17 अक्टूबर को चीन की राजधानी पेइचिंग में आयोजित होगा

देशबन्धु 3 Jul 2025 9:20 am

'प्राइवेट पार्ट में मशीन घुसाना,शरीर पर थूकना-पेशाब करना...', दुबई का घिनौना सच आया सामने, पोर्टा-पॉटी पार्टीज; जहां रईसजादे खूबसूरत लड़कियों की जिंदगी बनाते हैं नर्क

Porta Potty parties Sexual extremities of ultrarich: 'एक लड़की को बांध दिया गया, उसके प्राइवेट पार्ट में मशीन गन घुसा दी गई और उसके शरीर के अंगों को तोड़ दिया गया जबकि वह दर्द से चीख रही थी. बूढ़े अरब पुरुषों में से एक ने टूटे हुए अंग पर तब तक हाथ-पैर मारे जब तक वह टूट नहीं गया'. येघिनौना सच है पोर्टा-पॉटी पार्टीज का.आइए जानते हैं क्या है पोर्टा-पॉटी पार्टीज; जहां रईसजादे खूबसूरत लड़कियों की जिंदगी बनाते हैं नर्क. कैसे खुली इसकी पोल.

ज़ी न्यूज़ 3 Jul 2025 7:53 am

एयर इंडिया के बाद एक और विमान हादसा, एयरपोर्ट की दीवार तोड़ निकल गया बेकाबू प्लेन, यात्रियों की निकली चीखें

Plane Crash in New Jersey: एयर इंडिया के बाद दुनिया में कई विमान हादसे सामने आए हैं. ताजा प्लेन क्रैश अमेरिका में हुआ है, जहां प्लेन ओवरशूट कर एयरपोर्ट की दीवार तोड़कर बाहर निकल गया.

ज़ी न्यूज़ 3 Jul 2025 6:56 am

ब्लैकबोर्ड- 26 साल से गांव जाने को तरस रहे दलित:बोले- द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बन गईं, लेकिन हम मंदिर की सीढ़ियां भी नहीं चढ़ पाते

27 साल पहले की बात है। हम लोग ओडिशा के बलिचाई गांव में रहते थे। एक दिन पापा ये कहकर घर से निकले कि मंदिर में दर्शन करके आता हूं। जिद करने पर मुझे भी साथ ले गए। उस वक्त मैं 15 साल की थी। हम दोनों गांव के मंदिर पहुंचे और नीचे खड़े होकर ही दर्शन करने लगे। हम लोग दलित हैं इसलिए मंदिर के अंदर तो क्या, सीढ़ियां भी नहीं चढ़ सकते थे। अचानक पापा को किसी ने धक्का दिया और वो मंदिर की सीढ़ियों पर गिर पड़े। ये देखते ही मंदिर के पुजारी और आस-पास के लोग पापा को भद्दी गालियां देने लगे। फिर एक आदमी लाठी लेकर आया और सबने मिलकर पापा को पीटना शुरू कर दिया। मारते-मारते अधमरा कर दिया। वो सबके पैर पकड़कर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन ऊंची जाति वालों ने उनकी एक न सुनी। उस दिन तो पापा जैसे-तैसे जिंदा घर लौट आए, लेकिन तबसे हम लोगों ने मंदिर जाना छोड़ दिया। आंसू पोंछते हुए छबि कहती हैं कि हम दलितों के लिए भगवान के भी दर्शन दुर्लभ हैं, ये हमारी जिंदगी का सबसे बड़ा स्याह पहलू है। ब्लैकबोर्ड में इस बार कहानी ओडिशा के गांव बलिचाई से जहां करीब 26 साल पहले छुआछूत के चलते दलितों को गांव से निकाला गया और लोग आज तक लौट नहीं पाए ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से लगभग 250 किलोमीटर दूर गंजाम जिले में स्थित बलिचाई गांव हरियाली से भरपूर और एकदम शांत है। खेत और बाग-बगीचे से घिरे इस गांव के ज्यादातर मकान मिट्टी के हैं। कच्ची-पक्की सड़कों से होकर मैं बलिचाई गांव में उस जगह पहुंची जहां आज से 26 साल पहले कथित सवर्णों ने हाड़ी जाति के दलितों को गांव छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था। जहां दलितों के मकान थे अब वहां केवल घास नजर आती है। ये दलित गंजाम जिले के दूसरे गांव जैसे बालीपादर, केंदूपादर, मामूदीहा, बावनपुर में रहते हैं। सभी बलिचाई गांव से 10 किलोमीटर की रेंज में ही बसे हैं। मैं सबसे पहले बावनपुर गांव पहुंची यहां मेरी मुलाकात छबि नायक से हुई। छबि नायक भी इस घटना की शिकार हैं। साड़ी के पल्लू में चेहरा छिपाए छबि घर के बाहर ही जमीन पर बैठी हैं। माथे पर सफेद टीका और हाथों में छाले के निशान साफ नजर आ रहे हैं। मैंने जैसे ही बालिचाई गांव का नाम लिया छबि तपाक से टूटी-फूटी हिंदी में बोल पड़ीं, उस गांव में तो हम दलितों को कुएं से पानी निकालकर पीने की भी इजाजत नहीं थी। एक बार मैं खेत से काम करके लौट रही थी। प्यास के मारे गला सूखने लगा तो कुएं के पास जाकर बैठ गई। इंतजार कर रही थी कि कोई पानी निकलने आएगा तो उससे मांग कर पी लूंगी। सवर्णों ने मुझे कुएं के पास बैठे देखा तो गाली देते हुए बोले- हिम्मत कैसे हुई इस कुएं के पास बैठने की। दोबारा यहां दिखी तो गांव से निकाल देंगे। मैंने बहुत मिन्नतें कीं, लेकिन उन लोगों ने पानी नहीं पिलाया। मैं बेहोश हो गई। तभी कुछ दलित वहां पहुंच गए, उन्होंने मुझे पानी पिलाया और घर ले गए। ये कहानी सिर्फ मेरी नहीं बल्कि मेरे गांव के हर दलित की थी। गहरी सांस लेकर छबि कहती हैं, ‘हमारे साथ जो हुआ उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। गांव की किसी दुकान पर सामान लेने जाते थे तो दूर से ही इशारा करके बताना पड़ता था कि वो सामान दे दो। जबकि हम सामान के पूरे पैसे भी देते थे, फिर भी किसी चीज को हाथ नहीं लगा सकते थे। दुकानदार हमें सामान फेंक कर देता था जैसे लोग कुत्ते को रोटी फेंकते हैं। सन 2000 की बात है। सर्दियों का मौसम था, हमारी जाति का एक बच्चा दुकान पर सामान लेने गया। उसने गलती से किसी सामान को हाथ लगा दिया। ऊंची जाति वालों ने बच्चे के साथ-साथ उसके बाप को भी पीटा। फिर बारी-बारी से गांव के सभी दलितों को पीटने लगे। अचानक माहौल इतना खराब हो गया कि हम दलितों को रातों-रात गांव छोड़कर भागना पड़ा।’ छबि खीझते हुए कहती हैं कि ‘ऊंची जाति के लोग जानवरों को भी हमसे ज्यादा प्यार करते हैं। जब उन लोगों ने मार-पीट शुरू की तो जान बचाने के लिए सबकुछ छोड़कर भागना पड़ा। तन पर जो कपड़ा था, उसके अलावा सबकुछ छोड़कर भागना पड़ा। उस रात का मंजर याद करके आज भी रूह कांपने लगती है। वो सर्द रात जब हम पर अंधेरे में हमला बोला गया, हर तरफ चीखने-चिल्लाने की आवाजें थीं। मैंने जल्दी से अपनी छोटी को गले से चिपकाया और नंगे पांव बिना पीछे देखे भागती रही। हमें इतना समय भी नहीं मिला कि घर में रखे पैसे और जवाहरात उठा पाते। गांव में हमारे पास 3 एकड़ जमीन थी, जिस पर अब ऊंची जाति वालों का कब्जा है।’ भावुक होकर छबि कहती हैं, ‘मेरे पति को गांव से निकलने का बहुत दुख था। वो अंदर ही अंदर टूटते चले गए। नई जगह आकर वो बिल्कुल भी खुश नहीं थे। वो दिन-रात मजदूरी करते थे, फिर भी घर नहीं चलता था। धीरे-धीरे वो बहुत बीमार रहने लगे। अपने घर लौटना चाहते थे, आए दिन सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते थे। आखिर एक रात सोते- सोते चल बसे। मुझे और मेरी तीन बेटियों को छोड़ गए। बच्चों के साथ-साथ सास-ससुर की जिम्मेदारी भी मेरे कंधों पर आ गई। कई बार मन में आत्महत्या करने का ख्याल आया, लेकिन बच्चों के बारे मे सोचकर रुक गई। कई बार ऐसा लगता कि दलित होने की सजा मिल रही है।’ छबि आगे कहती हैं- ‘कुछ दिन धक्के खाने के बाद मुझे सात हजार महीने की पगार पर मुर्गी फॉर्म में नौकरी मिली। सोचिए कि सात हजार रुपए में 6 लोगों का पेट कैसे पलता होगा। इसके अलावा मेरे पास कोई उपाय भी नहीं है। दिनभर मुर्गियों के बीच में रहकर बदबू से मेरी तबीयत खराब होने लगी है। मालिक मुझसे दो लोगों जितना काम करवाता है। अगर छुट्टी कर लूं तो पैसे भी काट लेता है। अब मुझसे काम नहीं होता, लेकिन बेटियों की शादी भी करनी है। इसलिए अब एक बेटी को काम पर साथ ले आती हूं। पति के जाने के बाद मैं कैसे घर चला रही हूं, ये सिर्फ मेरा दिल जानता है।’ छबि ही नहीं बल्कि उनके जैसे जाने कितने लोग अपना घर और जमीनें छोड़कर दूसरी जगह बसने को मजबूर हो गए। 45 साल की सावित्री को भी 26 साल पहले अपना गांव छोड़ना पड़ा। वो गांव क्यों छोड़ना पड़ा, इस पर वो तपाक से कहती हैं कि ऊंची जाति के लोग हम दलितों को हर दिन तंग करते थे। उस दिन भी यही हुआ, हमारी जाति के बच्चे ने गलती से दुकान का सामान छू लिया। जिसका खामियाजा पूरे गांव के दलितों को उठाना पड़ा। सावित्री वो दिन याद करते हुए कहती हैं, इस छोटी सी बात पर गांव में अचानक माहौल इतना खराब हो गया कि हम लोग घर के भीतर भी सुरक्षित नहीं थे। एक रात ऊंची जाति के लोग हथियार लेकर आए। बारी-बारी से सभी को घर से निकालकर पीटने लगे। पुलिस ने भी कुछ नहीं किया। उस रात गांव के सारे दलित अपनी जान बचाकर भागे। जिसे जहां जगह मिली वो चला गया, लेकिन कोई वापस गांव लौटकर नहीं आया। घर और जमीन सब छूट गई। हमारे घर से सामान लूट लिया, घर जला दिए गए। सावित्री के पति मुथू घर के बाहर बैठकर झाड़ू बना रहे थे। उनकी उम्र करीब 50 साल होगी। मिट्टी से बना उनका घर मुश्किल से 6 फुट चौड़ा और 10 फुट लंबा है। घर को देखकर ऐसा लगा कि ज्यादा पुराना नहीं है। मैंने मुथू से पूछा कि आपका घर तो पुराना नहीं लग रहा है। इस पर वो बोले- ओडिशा कोस्टल एरिया है और यहां हर साल साइक्लोन अपने साथ तबाही लेकर आता है। बाढ़ में हमारे घर डूब जाते हैं। अगर बाढ़ आई तो घर बह जाता है जैसे दो साल पहले मेरा घर बह गया था, काश उसमें हम भी खत्म हो गए होते। ये कहते ही मुथु की आंखों से आंसू बहने लगते हैं। कुछ देर रुककर वो कहते हैं, ये घर सरकारी जमीन पर है, जिसे कभी भी खाली करवाया जा सकता है। जमीन का ये टुकड़ा पहले किसी और के कब्जे में था। 10 हजार देकर मैंने घर बनाया है। बारिश में मिट्टी और लकड़ी से बने घर की छत टपकती है। जब बारिश आती है, हम लोग पूरी रात एक कोने में बैठकर ठिठुरते रहते हैं। पूरी उम्र निकल गई, धक्के खाते-खाते, इतना कहते ही मुथू अपने आंसू पोछते हैं। कड़क आवाज में मुथु कहते हैं- देश के राष्ट्रपति का हमारी जाति से होने का क्या फायदा। हम लोग तो आज भी छुआछूत के शिकार हैं। गांव छोड़ने के बाद मैं और गरीब हो गया। दो साल पहले मेरी मां की मौत हो गई, उसके अंतिम संस्कार के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे, मुझे उधार लेना पड़ा। मां अपने आखिरी समय तक बलिचाई गांव में उस घर को याद करती रही जहां वो दुल्हन बनकर आई थी। मुथु कहते हैं बेटियों की शादी भी कर्ज लेकर की है, अब वो कैसे लौटा पाऊंगा, इसी चिंता में नींद नहीं आती है। एक झाड़ू बेचने पर 20 रुपए मिलते हैं। कई दिन तो झाड़ू भी नहीं बिकते, फिर पेट पालने के लिए मजदूरी करता हूं। अपने पैरों की तरफ इशारा करके वो कहते हैं- ठीक से खाना ना मिलने की वजह से शरीर कमजोर हो गया, पैरों में दर्द होता है और अब मजदूरी करना भी मुश्किल लगता है। अपनी जमीन और घर होते हुए भी, आज हमारे पास कुछ नहीं बचा। अब तो मरकर ही आजादी मिलेगी। यहीं पास में 60 साल के जलंधर नायक भी रहते हैं। उनका शरीर अब सूखकर कंकाल हो चुका है। धीमी आवाज में वो कहते हैं कि उस रात हम लोगों पर तलवार से हमला किया गया। हम लोग डरकर भाग आए। गांव में हमारा अच्छा घर था और 2 एकड़ जमीन भी थी। मैंने सब कुछ खो दिया। वो लोग घर से 2 लाख रुपए और सोना भी चुराकर ले गए। मेरा भाई इस घटना के कुछ साल बाद अपनी जमीन मांगने वापस गांव गया था। दबंगों ने उस पर तलवार से हमला कर दिया। उसे जान से मार दिया। जलंधर हाथों से इशारा करते हुए कहते हैं कि खाना भी नहीं मिलता है। लड़के बाहर रहते हैं और लड़कियों की शादी हो गई है। मुझे टीबी है। अस्पताल में दवाई तो मिल जाती है पर खाना नहीं मिलता। मुश्किल से घर चल रहा है। जब पत्नी मजदूरी करने जाती है तब खाना मिलता है, वरना भूखे ही रहते हैं। अब तो ये भी याद नहीं कि आखिरी बार पेट भर खाना कब खाया था। जब भूख से पेट दुखता है तो पानी पी लेता हूं। अभी तक हमारी मुलाकात जिनसे भी हुई वो लोग या तो टूटी-फूटी हिंदी या फिर उड़िया में बात कर रहे थे। 47 साल के गणपति नायक हिंदी में कहते हैं कि गांव के सवर्णों ने हमें मंदिर नहीं जाने दिया। किसी होटल में रुकने की इजाजत नहीं दी, गांव में शादी की शोभायात्रा निकालने पर भी मनाही थी। यहां तक की तालाब में नहाने का अधिकार नहीं था। उन्हें हमें गांव से निकालने का बहाना चाहिए था। गणपति नायक कहते हैं कि ‘एक बच्चे की गलती पर उसके पिताजी को मारकर गांव के रास्ते पर फेंक दिया। फिर कुछ दिनों बाद गांव के सवर्ण लोगों ने मिलकर हमारे घर का सामान लूट लिया और गांव से भी भगा दिया। बलिचाई गांव में दलितों के करीब 50 घर थे। घटना के चार दिन के अंदर ऐसा माहौल बना दिया गया कि हमें सब कुछ छोड़कर भागना पड़ा। हमारे भागने पर हमारे घरों को जला दिया गया ताकि हम वापस ना जा पाएं। उस वक्त मेरा बच्चा दो साल का था। उसे लेकर यहां-वहां भटकते थे। कभी पेड़ के नीचे सोते तो कभी किसी के बरामदे में रात बिताते। कई बार तो सड़क किनारे भी सोए हैं। जैसे-तैसे कुछ काम करके परिवार का पेट पाला। गांव से निकाले गए दलितों में कई बुजुर्ग भी थे, उन्हें तो हमसे भी ज्यादा दिक्कत हुई। कई लोगों की मौत हो गई।’ चेहरे पर उदासी लिए गणपति नायक कहते हैं कि हमें तो आज भी धमकी मिलती है कि अगर दोबारा गांव में घुसने की कोशिश की तो फिर मारकर भगा दिया जाएगा। पुलिस भी कोई मदद नहीं करेगी। हम लोगों ने ओडिशा सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक को लेटर भेजा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब तो केवल राष्ट्रपति से उम्मीदें हैं। अगर वो मिलने का समय देती हैं तो शायद हमारे दुखों का अंत हो जाएगा। ----------------------------------- ब्लैकबोर्ड सीरीज की ये खबरें भी पढ़िए... 1.ब्लैकबोर्ड-हमारी बेटी का रेप हुआ और हमें ही कैद मिली:जानवरों से बदतर जिंदगी जी रहे हैं, हमारे बच्चे स्कूल तक नहीं जा सकते हाथरस रेप कांड में मारी गई लड़की के घर के बाहर पिछले पांच साल से सीआरपीएफ का पहरा है। परिवार को अस्पताल जाने के लिए इजाजत लेनी पड़ती है। पीड़िता की भाभी सीमा टूटी-फूटी हिंदी में कहती हैं- ‘इन पांच सालों में हम 15 साल पीछे चले गए हैं। बाहर की दुनिया ही भूल चुके हैं। हमारी जिंदगी इस चारदीवारी के भीतर ही सिमट कर रह गई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें 2. ब्लैकबोर्ड- मोबाइल का लालच देकर चाचा करते थे गलत काम:प्राइवेट पार्ट टच करना कॉमन था, आज भी कोई छुए तो घिन आती है उस रोज मेरे साथ जो हुआ उसने मर्दों के लिए मेरी सोच को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। हर मर्द की शक्ल में मुझे वही दिखता है। मुझे लड़कों से नफरत हो गई है। कोई मर्द मेरी तरफ देख भी ले तो सहम जाती हूं। पूरी खबर पढ़ें...

दैनिक भास्कर 3 Jul 2025 4:58 am

स्पॉटलाइट-लड़कियों से रेप, हाथ-पैर तोड़ना और चेहरे पर पॉटी:दुबई में शेखों की बदनाम ‘पोर्टा पॉटी’ में क्या-क्या होता है, जिसमें अधमरी हुई मॉडल

कुछ दिन पहले 20 साल की ये यूक्रेनियन मॉडल दुबई में एक सड़क किनारे पड़ी मिलीं। हाथ, पैर और स्पाइन टूटा हुआ था। शरीर खून से लथपथ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये दुबई की पोर्टा पॉटी पार्टी में शामिल हुई थीं। जहां इनके साथ कई बार रेप, मारपीट और इससे भी बदतर अमानवीय हरकते हुईं। दुबई अल्ट्रा लग्जूरियस शहर है लेकिन यहां की सीक्रेट पार्टियों के ट्रेंड ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। आखिर पोर्टा पॉटी पार्टीज क्या हैं, और इसमें विदेशी महिलाओं को किस तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती हैं जानने के लिए इमेज पर क्लिक कर वीडियो देखें।

दैनिक भास्कर 3 Jul 2025 4:30 am

40 दिन-13 मौतें, चारधाम यात्रा में क्यों गिर रहे हेलिकॉप्टर:दिन में 200 चक्कर, पायलट पर प्रेशर; अफसर बोले- जानलेवा बने सिंगल इंजन हेलिकॉप्टर

15 जून, 2025 की सुबह यूपी के रामप्रकाश श्रीवास्तव के लिए किसी आम दिन की तरह नहीं थी। वो आस्था और उत्साह से भरे केदारनाथ धाम की ओर उड़ान भरने वाले थे। उनका नाम उस हेलिकॉप्टर की लिस्ट में था, जो तीर्थयात्रियों को घाटी ले जाने वाला था। वो बेसब्री से अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। तभी पता चला कि गुप्तकाशी में मौसम खराब हो गया है। उन्हें जिस हेलिकॉप्टर से जाना था, वो केदार घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। चारधाम यात्रा पर गए रामप्रकाश उस दिन बच गए, लेकिन उस हेलिकॉप्टर में सवार 7 लोगों की किस्मत उतनी मेहरबान नहीं थी। हादसे में पायलट और एक बच्चे सहित 7 लोगों की मौत हो गई। इस साल चारधाम यात्रा में अब तक कुल 5 हेलिकॉप्टर हादसे सामने आ चुके हैं। इनमें से 3 सिर्फ केदार घाटी में हुए हैं। हेलिकॉप्टर क्रैश की बढ़ती घटनाओं ने उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ा दी है। चारधाम यात्रा के शुरुआती 40 दिनों में एक के बाद एक हवाई हादसों ने हेलिकॉप्टर सर्विसेज को सवालों के घेरे में ला दिया है। इन हादसों की असल वजह क्या है? क्या हेली उड़ानों का मैनेजमेंट DGCA की गाइडलाइन और सभी मानकों के मुताबिक हो रहा है? हेलिकॉप्टर से तीर्थ यात्राएं आखिर कितनी सुरक्षित हैं? हमने ये सवाल एविएशन एक्सपर्ट्स, उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों और पर्यावरण वैज्ञानिकों से पूछे। 5 मिनट में बदलता मौसम, केदार घाटी में उड़ान सबसे रिस्कीकेदारनाथ की हेलिकॉप्टर उड़ानें देश की सबसे जोखिम भरी एविएशन सेवाओं में गिनी जाती हैं। इसके पीछे कई वजहें हैं। सबसे बड़ी वजह यहां का तेजी से बदलता मौसम है। समुद्र तल से 3,500 मीटर की ऊंचाई वाले इस इलाके में हर कुछ मिनट में मौसम बदलता रहता है। कभी तेज धूप, तो कुछ ही पल में घना कोहरा और अचानक तेज बारिश होने लगती है। इन हालात में उड़ान भरना खतरनाक साबित होता है। 15 जून को आर्यन एविएशन का जो हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, वो केदारनाथ से गुप्तकाशी सेक्टर के आर्यन हेलीपैड की ओर उड़ान भर रहा था। हादसे में पायलट समेत 7 लोगों की जान चली गई। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो AAIB हादसे की जांच कर रहा है। शुरुआती इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि हादसे के वक्त हेलिकॉप्टर पायलट के कंट्रोल में होने के बावजूद किसी चीज से टकरा गया। एविएशन टर्म्स में इसे CFIT यानी कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन कहा जाता है। AAIB से जुड़े सोर्स के मुताबिक, हादसे के वक्त घाटी में बहुत ज्यादा बादल और लो विजिबिलिटी थी। ऐसे वक्त में किसी भी हवाई उड़ान की मनाही होती है, लेकिन उस दिन खराब मौसम के बावजूद हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी। यही बात हादसे की सबसे बड़ी वजह बनी। हादसे की दूसरी वजहों की जांच अभी चल रही है। हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने आर्यन एविएशन की चारधाम यात्रा से जुड़ी सभी सर्विसेज सस्पेंड कर दी हैं। साथ ही खराब मौसम में उड़ान भरने की वजह से ट्रांस भारत एविएशन कंपनी के दो पायलट कैप्टन योगेश ग्रेवाल और कैप्टन जितेंद्र हरजाई के लाइसेंस 6 छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिए गए हैं। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यात्रा में लोगों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। किसी भी ऑपरेटर को मौसम संबंधी और दूसरे प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए उड़ानें नहीं भरनी चाहिए। DGCA की गाइडलाइन से खिलवाड़, अंधाधुंध उड़ाए जा रहे हेलिकॉप्टर चारधाम यात्रा में सबसे ज्यादा एयर ट्रैफिक का लोड केदारनाथ धाम की यात्रा में होता है। यहां गुप्तकाशी, फाटा, सिरसी और सहस्त्रधारा जैसी जगहों से 9 एविएशन कंपनियां हेली सर्विस देती हैं। इन सभी कंपनियों के हेलिकॉप्टर की उड़ानों के लिए तय रूट हैं, लेकिन ज्यादातर हेलिकॉप्टर ईधन और समय बचाने के लिए निर्धारित ऊंचाई से नीचे उड़ान भरते हैं। रुद्रप्रयाग रीजन के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार हवाई हादसों की वजह हेली ऑपरेटरों की मनमानी को मानते हैं। वो कहते हैं, ‘केदारनाथ-बद्रीनाथ जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मिनटों के अंदर मौसम बदल सकता है। ये घाटियां ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरी हुई हैं। यहां टेकऑफ और लैंडिंग के लिए जगह बहुत सीमित होती है। ’ जरा सी चूक किसी बड़े हादसे की वजह बन सकती है। ऐसे हालात में उड़ान भरना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है, खासकर तब जब हेलिकॉप्टर सिंगल इंजन वाले हों। ‘चारधाम यात्रा में ज्यादातर हेली कंपनियां सिंगल इंजन वाले हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही हैं। ये हल्के होते हैं और तेज रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम होते हैं। आम तौर पर गुप्तकाशी या फाटा से केदारनाथ हेलीपैड तक जाने में 15 से 20 मिनट लगते हैं। सिंगल इंजन वाले हेलिकॉप्टर ये दूरी महज 7 मिनट में पूरी कर लेते हैं। जबकि ऐसा करना DGCA के मानकों का उल्लंघन है।’ DGCA की गाइडलाइन के अनुसार, केदार घाटी में मंदाकिनी नदी के तट से 600 मीटर ऊपर ही हेलिकॉप्टर उड़ाने की परमिशन है। मंदिर तक जाने वाला एयर रूट बेहद संकरा है। यहां एक बार में सिर्फ 2 हेलिकॉप्टर ही आ-जा सकते हैं। ये भी तय किया गया कि शाम के वक्त हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भरेंगे, लेकिन ये गाइडलाइन महज कागजों तक ही सीमित हैं। 2022 में इन मानकों के उल्लंघन पर 3 हेली कंपनियों को नोटिस जारी किए गए थे। कोई एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम नहीं, पायलट्स पर उड़ानों का प्रेशर अक्टूबर 2022 में केदारनाथ में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में 7 लोगों की मौत हुई थी। इसकी जांच के बाद AAIB ने UCADA यानी उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को ATC एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम और एक एविएशन वेदर स्टेशन स्थापित करने की सिफारिश की थी। इससे पायलट्स को उड़ान से पहले मौसम संबंधी जानकारी मिलती, लेकिन 3 साल बाद भी AAIB की सिफारिश पर अमल नहीं किया गया। एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन मोहन रंगनाथ कहते हैं, ’उत्तराखंड की ज्यादातर घाटियों में बादल बहुत नीचे आ जाते हैं, जो सिर्फ हेलिकॉप्टर ही नहीं, किसी भी तरह की उड़ान के लिए खतरनाक हैं। ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए ATC और हाईटेक नेविगेशन सिस्टम का होना बहुत जरूरी है, लेकिन उत्तराखंड में इसकी कमी है।’ ’VFR यानी विजुअल फ्लाइंग रूल के मुताबिक, अगर इलाके में घने बादल छाए हैं और पायलट को 5 किमी तक साफ नहीं दिख रहा है, तो उस कंडीशन में उड़ान की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।’ 7 जून को सिरसी से केदारनाथ जाते वक्त एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें सभी यात्री तो बच गए, लेकिन पायलट घायल हो गया। हादसे के बाद DGCA ने उत्तराखंड में नए नियम लागू करते हुए कुछ पायलट्स के लाइसेंस सस्पेंड किए। साथ ही पायलट्स पर उड़ान का प्रेशर कम करने के लिए चार धाम रूट पर प्रति घंटे सिर्फ 9 उड़ानों की सीमा तय कर दी। इसमें सिरसी हेलीपैड से 4, फाटा से 3 और गुप्तकाशी से 2 उड़ानें रखीं। इससे रोज की कुल उड़ानें 250 से घटकर 150 रह गई हैं। नियम तो बने, लेकिन केवल कागजों पर DGCA उन सभी निजी हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स को उड़ान लाइसेंस जारी करता है, जो देशभर में शटल सेवाएं देते हैं। इनमें माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से लेकर बद्री-केदार मंदिर समिति की शटल सेवाएं शामिल हैं। एविएशन रूल 1936-37 के मुताबिक किसी भी पायलट को उड़ान लाइसेंस जारी करने से पहले DGCA उसके बारे में अपनी वेबसाइट पर जानकारी देता है। नियम के अनुसार पायलट की उम्र कम से कम 17 साल और उसे 10वीं पास करना जरूरी है। 40 घंटे की उड़ान का अनुभव भी होना चाहिए, जिसमें 16 घंटे की सोलो उड़ान शामिल है। साथ ही सिलेक्शन के लिए लिखित परीक्षा में 60% से ज्यादा अंक होने चाहिए। कैप्टन मोहन रंगनाथ कहते हैं, ’हेलिकॉप्टर हादसों को रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है पायलट्स की अच्छी ट्रेनिंग। DGCA ने नियम तो बनाए हैं, लेकिन ये सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। इन्हें अमल में लाया जा रहा है या नहीं? इसकी किसी को चिंता नहीं है। DGCA भी हादसा होने के बाद एक्शन लेता है। सिर्फ लाइसेंस रद्द करने भर से चीजें नहीं बदलेंगी। हादसों का कारण बन रहे हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स और जिम्मेदार लोगों को जेल भेजना चाहिए।’ ऑटो-रिक्शे की तरह बेहिसाब सवारी ढो रहे हेलिकॉप्टर उत्तराखंड के सोशल एक्टिविस्ट और सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल कहते हैं, ’2013 के बाद से इस बार चारधाम यात्रा के दौरान आसमान में इतनी ज्यादा मौतें हुईं हैं। इसकी बड़ी वजह एयर ट्रैफिक लोड है। उत्तराखंड में हेलिकॉप्टर्स का संचालन अब ऑटो और रिक्शे की तरह किया जा रहा है। मुनाफे के चक्कर में ज्यादा सवारियां बैठाई जा रही हैं और बिना सुरक्षा जांच के उड़ानें बढ़ा दी गई हैं।’ DGCA कहता कि हेलिकॉप्टर राइड के दौरान एक बार में पायलट को मिलाकर 3-4 से ज्यादा यात्री सवारी नहीं कर सकते। फिर 15 जून वाली घटना में क्यों 7 लोगों के साथ उड़ान भरी गई। क्या ये एविएशन रूल्स का उल्लंघन नहीं है। ’सरकार का फोकस यात्रियों की संख्या का रिकॉर्ड बनाने पर है। अकेले केदारनाथ को ही देखें तो यहां सिरसी, फाटा और गुप्तकाशी हेलीपैड से रोजाना 300 से 400 बार हेलिकॉप्टर मंदिर तक चक्कर लगाता है। इससे न सिर्फ पायलट्स पर उड़ान का लोड बढ़ता है बल्कि वहां का बायोस्फियर भी प्रभावित होता है। लिहाजा सरकार का फोकस लोगों का रिकॉर्ड बनने पर नहीं बल्कि उन्हें सीमित संख्या में सुरक्षित यात्रा करवाने पर होना चाहिए।’ उत्तराखंड सरकार और विपक्ष क्या कह रहा…CM बोले- पायलटों की योग्यता की जांच होगी, नया कंट्रोल-कमांड सेंटर बनेगा15 जून को केदारनाथ में हुए हेलिकॉप्टर हादसे के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई। इसमें राज्य सरकार के सीनियर अफसर, UCADA नागर विमानन सचिव, DGCA और हेलिकॉप्टर सर्विसेज से जुड़ी एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में CM धामी ने हेली सेवाएं फिर से शुरू करने से पहले सभी ऑपरेटरों और पायलटों की मॉनिटरिंग करने के सख्त निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, ’चारधाम यात्रा में आने वाले हर एक श्रद्धालु की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स को DGCA की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लोगों को दर्शन के लिए ले जाने वाले पायलटों के एक्सपीरियंस और उनकी योग्यता की दोबारा जांच की जाएगी। हादसों के पीछे जो भी व्यक्ति जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।’ कांग्रेस: प्रदेश सरकार ने खुद के मुनाफे के लिए हेली एजेंसियों को टेंडर बांटाकांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल कहते हैं, 'चारधाम यात्रा में सामने आ रहे हेलिकॉप्टर हादसे उत्तराखंड सरकार के भ्रष्टाचार का नतीजा हैं। हेलिकॉप्टर एजेंसियों को अपने फायदे के हिसाब से टेंडर बांटना, उड़ान नियमों के उल्लंघन की खुली छूट देना और एक के बाद एक हो रहे हादसों से सबक न लेना। इन्हीं सब कारणों से बीते 40 दिनों में 5 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।' ‘तीर्थ यात्रियों को एकतरफ हेलिकॉप्टर यात्राओं से खतरा बना हुआ है, तो दूसरी ओर ऑल वेदर रोड पर चलने में भी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। कच्चे पहाड़ों को जिस तरह ऑल वेदर रोड के नाम पर तोड़ा गया, पैसों की बंदरबांट हुई। आज उसी का नतीजा है कि उत्तराखंड की जनता और बेकसूर यात्रियों को जान से हाथ धोना पड़ रहा है।’ पर्यावरण वैज्ञानिक बोले- हेलिकॉप्टरों के शोर से पहाड़ों पर दबाव बढ़ा चारधाम यात्रा में हेलिकॉप्टर सेवा आखिर कितनी सेफ है? इसे लेकर हमने उत्तराखंड के पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. रवि चोपड़ा से बात की। रवि 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी हाईपावर कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। वे कहते हैं, ’चारधाम यात्रा के दरमियान घने जंगलों के ऊपर हेलिकॉप्टरों के आने-जाने से पहाड़ों पर दबाव बढ़ रहा है। खासकर केदारनाथ में इसके शोर से घाटी का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। ये ग्लेशियर पिघलने का कारण बन रहा है।’ ’वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट भी उत्तराखंड सरकार को आगाह कर चुका है कि केदारनाथ के जंगलों के ऊपर उड़ रहे हेलिकॉप्टर्स की तेज आवाज यहां पाए जाने वाले कस्तूरी हिरण के लिए नुकसानदेह साबित हो रही है। इसे तुरंत रोक देना चाहिए।’ ............................ ये खबर भी पढ़ें... अमरनाथ यात्रा पर कैसे जाएं, जानिए सबकुछ अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है। 38 दिन की यात्रा 9 अगस्त यानी रक्षाबंधन तक चलेगी। अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के लिए दो रूट हैं। एक पहलगाम बेस कैंप से और दूसरा बालटाल बेस कैंप से जाता है। जम्मू से पहला जत्था 2 जुलाई को निकल गया है। 3 जुलाई को जत्थे पहलगाम और बालटाल से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए यात्रा शुरू कर रहे हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लोग अपनी सेफ्टी को लेकर डरे हुए हैं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 3 Jul 2025 4:00 am

Bangladesh News: बांग्लादेश में एक साल में उतर गया 'क्रांति' का नशा, गद्दी पाने के लिए अब राष्ट्रपति के पीछे पड़े नाहिद इस्लाम!

Bangladesh News in Hindi: बांग्लादेश में 'क्रांति' का नशा एक साल के अंदर ही कथित छात्रों के दिमाग से उतर गया है. इस क्रांति में शामिल लोग अब स्थाई सत्ता पाने की जंग में शामिल हो गए हैं. ऐसे ही एक नेता नाहिद इस्लाम अब बांग्लादेशी राष्ट्रपति के खिलाफ हिंसक रैली की योजना बना रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 3 Jul 2025 3:12 am

पाकिस्तान अब इजरायल को मान्यता देगा? ख्वाजा आसिफ के बयान के मायने भी समझिए

Pakistan News:भारत के दोस्त इज़रायल से पाकिस्तान की नफरत के बारे में सारी दुनिया जानती है. ईरान और इजरायल के युद्ध में भी पाकिस्तान के नेताओं ने इज़रायल के खिलाफ बयान दिया था. लेकिन इजरायल के मान्यता देने के सवाल के जवाब में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने इससे इनकार नहीं किया और अपना अपना फायदा देखने की ही बात कही.

ज़ी न्यूज़ 3 Jul 2025 1:22 am

दंगे जैसे हालातों के बीच किस देश के राष्ट्रपति बेच रहे परफ्यूम, कम लोगों को मालूम होगा सही आन्सर

Donald Trump:अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के अंदर ​मौजूद एक डीलर के नए कारनामे का विश्लेषण करेंगे. ट्रंप को सोते जागते, उठते बैठते हर जगह मुनाफा दिखता है, वहीं मुनाफा कमाने के लिए वो किसी भी तरह की डील करने को तैयार रहते हैं. सुपरपावर नेता की इनकम के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.

ज़ी न्यूज़ 3 Jul 2025 12:19 am

आधा पेट खाना खाया, पाई-पाई जोड़ खरीदी सेंकेंड हैंड कार, 'अक्खड़' बॉस ने चोरी का इल्जाम लगाकर JOB से निकाल दिया

Trending: 'कबीरा इस संसार में भांति भांति के लोग'... ये दोहा दक्षिण अफ्रीका में हुए एक अजीबोगरीब वाकये पर एकदम सही बैठता है. जहां तुगलकी फरमान जारी करते हुए बॉस ने अपनी कैशियर को बिना किसी गलती के नोटिस दिए बगैर नोटिस दिए नौकरी से निकाल दिया. पीड़िता ने आपबीती सुनाई तोसोशल मीडिया परउसके बॉस की थू-थू हो रही है.

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 11:30 pm

कौन हैं सिंडी रोड्रिगेज सिंह? बेटे की हत्या के आरोप में अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI की मोस्ट वांटेड, भारत से जुड़ रहे तार

Who is Cindy Rodriguez Singh:इससे पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने सिंडी के बारे में कोई भी जानकारी देने वाले को 25,000 डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी. अब FBI ने पुष्टि की है कि उसके ऊपर सबसे बड़ा इनाम है, जिसे आखिरी बार भारत जाने वाले एक प्लेन में जाते हुए देखा गया था.

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 8:01 pm

बांग्लादेश : शेख हसीना को मिली छह महीने जेल की सजा

भारत में निर्वासन में रह रहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अदालत की अवमानना ​​के लिए बुधवार को छह महीने जेल की सजा सुनाई

देशबन्धु 2 Jul 2025 5:46 pm

Xi Jinping: बीमारी है या कुछ और... चीन में खत्म हो गया शी जिनपिंग का दौर? विदेश मंत्रालय ने कर दिया 'खुलासा'

End of Xi Jinping Regime: चीन में अंदरखाने कुछ न कुछ ऐसा चल रहा जो पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है. बीते कुछ दिनों से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सार्वजनिक मंचों से अदृश्य हो गए हैं. न कोई भाषण, ना रैली और ना ही किसी देश का दौरा. अब चीन ने साफ कर दिया है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी जिनपिंग नहीं जा रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 5:14 pm

शेख हसीना को 6 महीने की जेल लेकिन कैद कहां करेंगे कट्टरपंथी? भारत पर कितना बढ़ेगा दबाव

Shiekh Hasina: बांग्लादेश की एक अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को एक मामले में मुजरिम करार दिया है. उन्हें छह महीने जेल की सजा सुनाई गई है. ये फैसला ICT ने सुनाया है. शेख हसीना पिछले ग्यारह महीने से भारत में रह रहीं हैं.

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 4:04 pm

टैरिफ रोक को 09 जुलाई के बाद बढ़ाने की योजना नहीं-ट्रम्प

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि उनका पारस्परिक व्यापार शुल्कों के निलंबन को आगे बढ़ाने का इरादा नहीं है, जो 09 जुलाई को समाप्त होने वाला है

देशबन्धु 2 Jul 2025 12:55 pm

रूस को बड़ा झटका देने की तैयारी में अमेरिका, भारत-चीन में भी होगा इस धमाके का असर

Russia Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के बीच दोस्ती जल्द ही दुश्मनी में बदल सकती है. दरअसल, पुतिन की जिद से खिसियाए ट्रंप अब रूस पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी में हैं.

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 12:13 pm

इज़रायल के रक्षा मंत्री ने हूती मिसाइल हमले का जवाब देने की खाई कसम, कहा, ''यमन के साथ तेहरान जैसा किया जाएगा व्यवहार

इज़रायल के रक्षा मंत्री इज़राइल कैट्ज़ ने बुधवार को यमन की हूती सेना के खिलाफ़ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई। यमन से दागी गई मिसाइल को हालांकि इज़रायल ने रोक दिया

देशबन्धु 2 Jul 2025 11:35 am

'हम सिर्फ जिंदा हैं' कर्ज में डूबी मां ने AI से मांगी मदद, 10 लाख का कर्जा एक महीने में उतर गया, जानें तरीका

US woman paid off credit card debt using ChatGPT:आप सबने अपने AI का खूब प्रयोग किया होगा, लेकिन अगर हम आपसे कहें कि एक महिला ने इसी AIके दमपर अपने उधार चुकता कर रही है तो आप हैरान हो जाएंगे. लेकिन यह सच है. जानते हैं पूरी खबर कैसे जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही महिला नेAI के मदद से अपने कर्जउतार रही.

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 11:11 am

Baba Vanga: 5 जुलाई को कहां आएगी प्रलय! बाबा वेंगा की भविष्यवाणी के बाद हजारों फ्लाइट कैंसल, घरों से भागे लोग

Baba Vanga Tsunami Prediction: बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से इस मुल्क में दहशत साफ देखी जा रही है, लोग संवेदनशील इलाकों में अपने घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं. कर्फ्यू जैसा माहौल है.

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 9:44 am

60 दिन के गाजा युद्ध विराम की शर्तों को मानने के लिए सहमत हुआ इजरायल: डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास से 60 दिन के संघर्ष विराम प्रस्ताव को स्वीकार करने की अपील की है

देशबन्धु 2 Jul 2025 9:37 am

जहां 180 साल पहले समुद्र के रास्ते पहली बार पहुंचे थे भारतीय, उस देश की यात्रा पर निकले PM मोदी, क्या है इसका महत्व?

PM Modi 5 Nation Visit: पीएम मोदी आज से 5 देशों की यात्रा पर निकले हैं. इस दौरान वह ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनने वाले हैं. इस यात्रा के जरिए पीएम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेंगे.

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 9:08 am

चीन-पाकिस्तान के मुंह पर करारा तमाचा... दुनिया के 4 दिग्गज देशों ने पहलगाम हमले पर दिया ऐसा पैगाम, याद रखेंगे शहबाज-जिनपिंग

Quad Foreign Ministers Meeting: चीन और पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर क्वॉड देशों ने परोक्ष रूप से बड़ा संदेश दिया है. क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों के साझा बयान में आतंकवाद फैलाने वाले और उसके मददगार देशों के खिलाफ एकजुटता दिखाई है.

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 8:38 am

अमेरिका के ISKCON मंदिर पर 20-30 राउंड चली गोलियां, रात के समय हुआ हमला, आग बबूला हुआ भारत

ISKCON Temple Attack: अमेरिका के स्पेनिश फोर्क में स्थित इस्कॉन श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर पर गोलीबारी की गई. इस दौरान मंदिर के अंदर 20-30 भक्त मौजूद थे. भारतीय वाणिज्य दूतावास ने हमले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 8:14 am

TOBB: जिसके चलते ट्रंप-मस्क में हुई दुश्मनी..अमेरिका में पास हो गया वो बिल, मचेगा संग्राम?

America News: अमेरिका की संसद में ट्रंप के वन बिग ब्यूटिफुल बिल एक्ट विधेयक को पारित कर दिया गया है. इस बिल के कारण ही एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच दुश्मनी बढ़ी थी.

ज़ी न्यूज़ 2 Jul 2025 7:32 am