India sends 2.7 tonnes life-saving vaccines to Venezuela:वो देश जिसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों बिल्कुल पसंद नहीं कर रहे. जहां की सत्ता उखाड़ने के लिए जंग की बात हो रही है. ऐसे तनाव के दौर में उस देश के लिए भारत उसका सबसे बड़ा भाई बनकर खड़ा है. जी हां, बात हो रही है वेनेजुएला की. जहां ट्रंप ने प्रतिबंधों की बौछार कर दी है, ड्रग्स के आरोप में जंग हो रही है, वहीं भारत ने अपनी 60 सालों की दोस्ती निभाते हुए वेनेजुएला को2.7 टन जान बचाने वाली वैक्सीन भेज है.
ये है समुद्र पर दौड़ने वाली दुनिया की इकलौती ट्रेन! वीडियो देखकर आंखें मसलते रह जाएंगे आप
Bird Flight Line Video: जर्मनी से डेनमार्क जाने वाली 'बर्ड फलाइट लाइन' की ट्रेन का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. यूजर्स वीडियो को देखकर काफी हैरान हैं क्योंकि आज तक ट्रेन सिर्फ जमीन पर चलती देखी थी, लेकिन आज पानी के अंदर भी देख ली..
5 Indians Kidnapped In Mali: माली के पश्चिमी इलाके कोबरी के पास 6 नवंबर को अल-कायदा से जुड़े जिहादी समूह ने 5 भारतीय मजदूरों का अपहरण कर लिया. ये बिजली प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. भारतीय दूतावास और MEA फोन पर माली अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं. बाकी भारतीयों को बामाको शिफ्ट किया गया है. जानें भारत इस मामले में क्या कर रही है.
अमेरिका में पिछले 40 दिनों से चल रहा शटडाउन अब समाप्त होने की दिशा में बढ़ रहा है। अमेरिकी सीनेट ने एक दलीय सहमति वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो अब प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में विचार के लिए भेजा गया है
अगर पिघल जाए धरती की सारी बर्फ? पानी में समा जाएगा इन राज्यों का वजूद!
Climate Change Impact: धरती पर सबसे ज्यादा बर्फ साउथ पोल यानी अंटार्कटिका पर है. यहां पृथ्वी का 70% ताजा पानी और 90% बर्फ मौजूद है. इसके अलावा नॉर्थ पोल और ग्रीनलैंड भी पूरी तरह बर्फ से ढके हैं. ऐसे में कभी आपने सोचा है कि यदि अचानक धरती की सारी बर्फ पिघल जाए तो क्या होगा. दुनिया के कौन से शहर या राज्य डूब जाएंगे. चलिए जानते हैं.
Finland Wife Carrying Championship: यहां दिलबहलाने के लिए भी लोग बॉन्डिंग और रोमांस का तड़का लगाते हैं. जरूरी नहीं कि आप अपनी ही पत्नी के साथ इस रोमांचकारी रेस में पार्टिसिपेट करें. अगर आपकी शादी नहीं हुई है तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि गर्लफ्रेंड, मंगेतर यहां तक की पड़ोसी की बीबी के साथ भी इस खूबसूरत खेल में हिस्सा लेने की आजादी है.
सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा अमेरिकी दौरे पर पहुंचे हैं। राष्ट्रपति शरा का यह दौरा कई मायनों में खास माना जा रहा है
हम लड़ना नहीं चाहते... तालिबान ने धमकाया तो नर्म पड़ा पाकिस्तान; अब तुर्की के मंत्री करेंगे दौरा
Pakistan Vs Afghanistan: पाकिस्तान और तालिबान के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. तुर्की में हुई तीसरे दौर की बातचीत भी नाकाम हो गई है. इसके बाद फिर से पाकिस्तान तालिबान को धमका रहा है, हालांकि तालिबान भी कह रहा है कि वो पीछे नहीं हटेगा.
क्वांटास एयरलाइंस ने प्रोजेक्ट सनराइज के तहत एयरबस A350-1000ULR जेट की पहली तस्वीरें जारी कीं है. ये प्लेन सिडनी से लंदन या न्यूयॉर्क तक 22 घंटे बिना रुके उड़ेगा. 2027 से शुरू होने वाली फ्लाइट्स 4 घंटे समय बचाएंगी. कम सीट्स, वेलबीइंग जोन और जेटलैग कम करने का खास डिजाइन हुआ है. कोविड ने इस प्रोजेक्ट डिले कर दिया था. आप भी देखें तस्वीरें और वीडियो.
What Is Airport Divorce:आप सबने तलाक की ढेर सारीकहानियां सुनी होंगी. जिसमें कोर्ट, वकील, पुलिस, मायका-ससुराल का ड्रामा, महीनों का तनाव. यह सब देखा, सुना और पढ़ा होगा, लेकिन आज हम आपको एयरपोर्ट डिवोर्स के बारे में बताएंगे. नाम सुनकर दिमाग ठनका होगा, लगा होगा कोई नया कानूनी तरीका है? अरे नहीं भाई! ये दुनिया का सबसे आसान, सबसे मजेदार और सबसे सस्ता 'तलाक' है. जो असल में तलाक है ही नहीं! न कागज, न साइन, न गवाह. बस एक मुस्कान और मौज ही मौज.
शी चिनफिंग ने कंबोडिया की स्वतंत्रता की 72वीं वर्षगांठ पर बधाई संदेश भेजा
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को कंबोडिया किंगडम की स्वतंत्रता की 72वीं वर्षगाठ पर कंबोडिया के नरेश नोरोडोम सिहामोनी को बधाई संदेश भेजा
बांग्लादेश में प्राथमिक शिक्षकों का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन, पुलिस ने बरसाई लाठी; 100 से अधिक घायल
बांग्लादेश में यूनुस सरकार के नेतृत्व में अराजकता की स्थिति बरकरार है। ढाका में सरकारी स्कूल के शिक्षक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं
चीनी प्रधानमंत्री ने अलेक्जेंड्रू मुंटेनू को मोल्डोवा का पीएम बनने पर बधाई दी
चीनी प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने हाल ही में अलेक्जेंड्रू मुंटेनु को संदेश भेजकर उन्हें मोल्डोवा का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी
पीएम किसान निधि के मॉडल को अपनाएंगे ट्रंप, टैरिफ का फायदा बताकर अमेरिकी लोगों को देंगे 2000 डॉलर
Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकियों को 2000 डॉलर टैरिफ डिविडेंट देने का ऐलान किया है. हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए यह बात कही है. उनके इस फैसले को भारत में चल रही इसी तरह की योजनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है.
Donald Trmp VS BBC: डोनाल्ड ट्रंप के भाषण को गलत तरीके से पब्लिश करने के बाद अब BCC के 2 टॉप लीडर्स ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसपर ट्रंप का भी रिएक्शन आया है.
चाकू हमले के बाद सलमान रुश्दी को 'शांति पुरुस्कार', इस किताब के लिए मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
Salman Rushdie: विवादित लेखक सलमान रुश्दी को ओहायो मेंडेटन लिटरेरी पीस प्राइज' प्रोग्राम में रविवार को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया है. यह पहली बार है जब रुश्दी ने चाकू हमले के बाद वापसी की है.
Trump Hooting Video: इतिहास बनाने स्टेडियम पहुंचे ट्रंप, NFL मैच के दौरान हुई जबरदस्त हूटिंग
डोनाल्ड ट्रंप, 1978 में जिमी कार्टर के बाद किसी रेगुलर सीजन के एनएफएल मैच को अटेंड करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने, लेकिन उन्हें हूटिंग का सामना करना पड़ा.
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर वंदे मातरम के ओरिजिनल वर्जन से छेड़छाड़ के आरोप क्यों लगाए, वंदे मातरम का ओरिजिनल वर्जन है क्या, इस पर कांग्रेस ने RSS को क्यों लिया निशाने पर, पूरी कंट्रोवर्सी जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो
‘मैं घर में कम ही रहता था। उस दौरान कोठी में कभी मेरा भतीजा और कभी दोस्त का बेटा रहा। उसी वक्त कोठी में मर्डर होते रहे। डेडबॉडी नौकर सुरेंद्र कोली के बाथरूम में पड़ी रहती थीं। ये बाथरूम ऊपर फर्स्ट फ्लोर पर है, इसलिए कोई नहीं जान पाया। सुरेंद्र कोली मौका देखकर डेडबॉडी डिस्पोज कर देता था। कैसे करता था, ये कभी पता नहीं चला।’ ये मोनिंदर सिंह पंढेर का कबूलनामा है। पंढेर देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री में शामिल निठारी कांड के अहम किरदार थे। अभी चंडीगढ़ में रहते हैं। मीडिया से दूर ही रहने वाले पंढेर ने अपना पहला इंटरव्यू दैनिक भास्कर को दिया है। 2006 में नोएडा के सेक्टर-31 में उनकी कोठी D-5 से सटे नाले में 19 कंकाल मिले थे। 16 को लेकर निठारी केस चला, जिनमें 13 बच्चे और तीन बालिग लड़कियां थीं। उनसे रेप और मर्डर का आरोप पंढेर और नौकर सुरेंद्र कोली पर लगा। हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2023 पंढेर को बरी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जुलाई, 2025 को हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया। सुरेंद्र 12 केस में बरी हो चुका है, एक केस पेंडिंग है। दैनिक भास्कर ने मोनिंदर सिंह पंढेर से निठारी केस, D-5 कोठी में हुए मर्डर और इनमें सुरेंद्र कोली की भूमिका, जांच में पुलिस के रवैये पर बात की। उन्होंने माना कि वे कोठी में कॉलगर्ल बुलाते थे। साथ ही सुरेंद्र कोली और आरुषि मर्डर केस में आरोपी डॉ. राजेश तलवार से जेल में मुलाकात के किस्से भी सुनाए। पंढेर ने बताया कि सारे मर्डर मेरी गैरमौजूदगी में हुए। मैंने तो केस की जांच के लिए प्राइवेट जासूस भी हायर किया था। आखिर में बोले कि बरी भले हो गया, लेकिन पूरी जिंदगी इसी कलंक के साथ गुजारनी है। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: निठारी में आपकी कोठी के पास से दो साल तक बच्चे गायब हुए। आपको क्या पता था?जवाब: इसका काफी शोर मच रहा था। मैं उस वक्त शामिल हुआ, जब एक लड़की कोमल (बदला हुआ नाम) गायब हो गई। वो मेरे पास आती थी। मेरे एक दोस्त प्रॉपर्टी डीलर थे। उन्होंने मुझे कोमल से मिलवाया था। वो एस्कॉर्ट का काम करती थी। उसका थोड़ा संदिग्ध बैकग्राउंड भी था। उस वक्त मेरी पत्नी चंडीगढ़ शिफ्ट हो चुकी थीं। उसने देखा कि मेरे घर में सिर्फ नौकर रहता है। मैं कभी-कभार ही घर में आता था। बिजनेस के सिलसिले में ज्यादातर टूर पर रहता था या फैमिली बिजनेस की वजह से चंडीगढ़ चला जाता था। देहरादून, हल्द्वानी जैसी जगहों पर हमारे 5-6 ऑफिस थे। इसलिए वहां भी आना-जाना लगा रहता था। कोमल ने पर्सनली कहा था कि आप मुझसे डायरेक्ट कॉन्टैक्ट करें। मैं आपसे मिलती रहूंगी। मेरा उससे अरेंजमेंट था। मैं इससे इनकार नहीं कर रहा हूं। मैंने जांच के दौरान भी ये बात बताई थी। अचानक वो लड़की गायब हो गई। तभी मेरे पिता का निधन हो गया था। इसलिए मैं चंडीगढ़ आ गया था। उस लड़की के परिवार ने कहा था कि मैं नोएडा वाली कोठी में नहीं था, तब वो लड़की वहां गई थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वो किससे मिलने गई होगी। इसलिए खुलकर बताया कि उस लड़की से मेरी मुलाकात नहीं हुई थी। यही सच था। पुलिस को पूरी जानकारी दी। पुलिस ने वेरिफाई भी किया। पुलिस को भरोसा हो गया कि लड़की मेरे पास नहीं आई। इस केस की जांच के लिए बनी पुलिस टीम ही लापता बच्चों की भी जांच कर रही थी। तब ये पता चला कि कई बच्चे गायब हुए हैं। सवाल: लड़की के पिता ने कहा था कि उनकी FIR दर्ज नहीं हो रही है। आपने पुलिस को पैसे खिला दिए हैं, इसलिए पुलिस आपका सपोर्ट कर रही है?जवाब: उनकी FIR क्यों नहीं हुई, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। पुलिस को पता चला होगा कि मैं तब नोएडा में नहीं था। वे कह रहे थे कि लड़की मेरे पास आई थी, जबकि मेरा फोन पर भी उससे संपर्क नहीं हुआ था। कॉल रिकॉर्ड में भी कुछ नहीं था। इसलिए हो सकता है कि FIR दर्ज होने में देरी हुई। मुझे ये भी लग रहा था कि कहीं ब्लैकमेलिंग वाला एंगल न हो। हो सकता है कि पिता ने ही लड़की गायब कर दी हो। सच पता नहीं चल रहा था। सच जानने के लिए मैंने प्राइवेट जासूस हायर किया। उस समय कुछ समझ नहीं आ रहा था। सुरेंद्र कोली से भी कई बार पूछताछ हुई। 3-4 बार तो काफी सख्ती से पूछताछ की गई। पुलिस उसे ले गई थी। मैंने कभी जांच में रुकावट नहीं डाली। कई बार लुधियाना से नोएडा आया। बाद में एक बार लड़की के पिता से बात हुई। उन्होंने कहा था कि मैंने पुलिस को बेटी का प्रोफेशन नहीं बताया है। मैंने भी उसकी और अपनी इज्जत को ध्यान में रखते हुए शुरुआत में उसका प्रोफेशन नहीं बताया था। काफी समय बाद हमने देखा कि जांच में तेजी नहीं आ रही है। तब मैंने पुलिस को बताया कि इस लड़की का बैकग्राउंड एस्कॉर्ट का था। उसके बाद ही जांच को प्रॉपर दिशा मिली थी। पुलिस ने उस लड़की के कई कॉन्टैक्ट की जांच की। एक टीम मुंबई भी भेजी गई। हमने जांच में सपोर्ट किया। पुलिस से यहां तक कहा कि अगर आपको तलाश करने के लिए गाड़ी चाहिए या कोई दूसरा सपोर्ट, तो वो भी करूंगा। मैंने गाड़ियां दिलवाईं। मेरे ऑफिस ने सब कुछ प्रोवाइड कराया। मैं झूठ नहीं बोलूंगा। मेरे ऑफिस के जरिए ही पुलिस को गाड़ियां दी जाती थीं। ये सब छिपा नहीं है। सवाल: सुरेंद्र कोली आपके घर में काम करने कैसे आया, उससे कैसे मुलाकात हुई?जवाब: मेरे एक दोस्त आर्मी में ब्रिगेडियर थे। सुरेंद्र कोली उनके घर में काम करता था। सुरेंद्र कुछ वक्त के लिए छुट्टी पर गया था। तभी मेरे दोस्त ने दूसरा नौकर रख लिया। उन्होंने सुरेंद्र को मेरे पास भेज दिया। मेरा नौकर भी उस समय छुट्टी पर गया था। मैंने सुरेंद्र को अपने पास रख लिया। वेरिफिकेशन के लिए उसके डॉक्यूमेंट भी दिए थे, लेकिन पुलिस इन्वेस्टिगेटिव वेरिफेकशन तो करती नहीं है। सवाल: कभी सुरेंद्र कोली पर शक हुआ कि उसने कत्ल किए हैं?जवाब: हैरानी की बात है। आप लोग इस बात को क्यों नहीं समझते। पुलिसवाले भी उसे नहीं समझ सके। लड़की के केस में दो महीने तक पूछताछ की। सख्ती भी की गई, लेकिन पुलिसवाले सच नहीं उगलवा सके। उसका चेहरा देखकर कोई बता ही नहीं सकता कि वो कुछ छुपा रहा है। कोई एक्सप्रेशन ही नहीं। अगर सारे सिस्टम सही होते, तो ये बच्चे गायब न होते। अगर गायब होते ही तुरंत एक्शन हो जाता, तो इतना बड़ा केस नहीं होता, न मैं दुखी होता। मेरे घर में जो भी आता था, इसकी तारीफ करता था। कहते थे कि नौकर बहुत अच्छा मिला है। खाना बढ़िया बनाता है। घर की सफाई रखता है। घर में और भी नौकर थे। झाड़ू-पोछे वाली, कपड़े धोने वाली आती थी। कुछ दिनों पर माली आता था। मेरे साथ 24 घंटे ड्राइवर रहता था। उनकी कोई बात नहीं करता था। जांच में सब शामिल हुए थे। उनके बयान भी लिए गए, लेकिन कभी कोर्ट में नहीं लाया गया। उनके बयान गायब कर दिए गए। मेरा ड्राइवर पान सिंह कई बार मेरे साथ घर पर रुकता था। सवाल: आपने इलाहाबाद कोर्ट जाने के लिए पुलिसवालों का टिकट भी कराया था?जवाब: हां, बुकिंग हुई थी। ये मामला कोर्ट तक पहुंचा था। इसमें कोई शक नहीं है। मेरे स्टाफ के भी लोग कोर्ट गए थे। कोर्ट ने मेरे अलावा पुलिसवालों को भी समन भेजा था। इसलिए सभी लोगों को एक साथ ही जाना था। मैं पुलिसवालों से कभी दूर नहीं भागा। इसलिए वे हमसे मिलते थे। मेरी गाड़ी वहां जा रही थी। हमारे ऑफिस का रेलवे टिकट एजेंट भी था। उससे एक साथ टिकट कराने के लिए बोला था, लेकिन पेमेंट मेरे दफ्तर से नहीं हुआ। उन्होंने पैसे दिए थे। मैंने कभी गुमराह नहीं किया। फिर पुलिस ने बताया कि गायब लड़की का फोन मिल गया है। उसमें सुरेंद्र कोली का सिमकार्ड भी चल गया है। ये सुनते ही मैं हैरान रह गया। इससे पहले पुलिस ने कई बार कड़ाई से पूछताछ की थी, लेकिन वो मान नहीं रहा था। लड़की का फोन उसके पास ही मिला। ये भी पता चला कि लड़की को घर के पास वाले पीसीओ बूथ से फोन करके बुलाया गया था। ये सब ट्रेस हुआ, तब सुरेंद्र कोली अपने गांव गया हुआ था। उसे गांव भेजा था, तब भी मैंने थाने में बताया था। कहा था कि जांच चल रही है, नौकर गांव जा रहा है। तब पुलिस ने हमें परमिशन दे दी थी। बाद में मैंने गाड़ी भेजकर सुरेंद्र कोली को गांव से नोएडा बुलाया। उसे पुलिस के सामने पेश किया। अगर मेरा इरादा गलत होता, तो ऐसा क्यों करता। सवाल: कोमल लापता हुई, बच्चे लापता हो रहे थे। कभी बात नहीं हुई कि दोनों केस एक ही हैं। पुलिसवालों ने कभी इस सिलसिले में पूछताछ नहीं की?जवाब: नहीं, किसी को शक नहीं हुआ। वो लड़की तो काफी बड़ी थी। उसकी उम्र करीब 26-27 साल थी। सुरेंद्र कोली इस केस में पकड़ा गया, तब आगे जाकर लिंक खुलने लगे। लड़की का मोबाइल फोन मिलने के बाद ये केस खुला। ये 27 दिसंबर, 2006 की बात है। पुलिस ने पूछा, तब सुरेंद्र कोली ने पहली बार बताया था कि उस लड़की को मार दिया। इसके बाद पुलिस ने मुझे बताया कि सुरेंद्र कोली ने मर्डर की बात कबूल कर ली है। मैं ये सुनकर चौंक गया। मैंने पूछा कि मर्डर की वजह क्या है। पुलिस ने कहा कि मोटिव तो अभी नहीं बताया है। ये जरूर बताया कि उसकी चप्पल कोठी के पीछे पड़ी है। बॉडी उसने आगे नाले में डिस्पोज कर दी है। मैं हैरान था। पुलिस मौके पर गई। उन्हें चप्पल मिली। पुलिस वहां पहुंची थी, तब पब्लिक ने देख लिया। तब रात का वक्त था। पुलिस ने 28 दिसंबर की रात मुझे भी थाने बुला लिया। सुरेंद्र और मुझे अलग-अलग थाने में रखा गया था। मैं बार-बार सोच रहा था कि आखिर उसने मर्डर क्यों किया। सुरेंद्र कोली अलग-अलग कहानियां बता रहा था। पुलिस ने चप्पल रिकवर कर ली। फिर हम लोगों को अलग थाने में शिफ्ट किया गया। उधर लोग कोठी के पीछे कूद पड़े। ये देखने के लिए आखिर वहां से क्या मिला। उन्हें खोपड़ियां मिलीं। जैसे ही ये सब मिला, शोर मच गया। इसके बाद पुलिस ने बच्चों के केस में जांच शुरू की। तब पहली बार लापता बच्चों के मारे जाने का पता चला था। जब बड़ी लड़की के मर्डर केस की वजह समझ नहीं आई, तब मुझे शक होने लगा कि कहीं न कहीं गायब बच्चों से इसका लिंक है। ये बात कुछ पुलिस अधिकारियों को बताई भी। अगले दिन बच्चों वाले मामले का लिंक मिल भी गया। सवाल: सुरेंद्र कोली ने पुलिस को पहला बयान दिया था कि आपके कहने पर वो बच्ची को लाया था। इसके बाद आपने बच्ची के साथ गलत काम किया। फिर उसे दे दिया। उसने भी गलत काम किया। फिर हत्या कर ठिकाने लगा दिया। इस पर आपका क्या कहना है?जवाब: पुलिस को तो बयान लेना था। मुझे रिमांड पर लेना था। उसने क्या कहा, उससे क्या कहलवाया गया, मुझे नहीं पता, लेकिन इसमें एक पर्सेंट की सच नहीं है। जब मर्डर हुए, मैं वहां नहीं रहा। मैं टूर पर होता था, तभी मर्डर होते थे। मैं नोएडा में था, तब सिर्फ एक घटना हुई थी। उस दिन मैं घर आया, सामान लिया, फिर नोएडा से आउट ऑफ स्टेशन चला गया। बाकी केस में या तो मैं विदेश में था या बेटे के पास कनाडा में रहा। मुझे लगता है कि या तो उससे कहलवाया गया क्योंकि उससे मेरे सामने पूछताछ हुई थी तब उसने ऐसा कुछ नहीं बताया था। पुलिस वाले मुझसे खुद कहते थे कि तुम्हारा इसमें कोई लेना-देना नहीं है। असल में ये बयान पुलिस ने उस दिन लिखा, जब मुझे रिमांड पर लेना था। मुझे किस आधार पर रिमांड पर लेते। मेरा तो केस ही नहीं बनता था। पुलिस को कुछ तो बनाना था। उस दिन मेरे सामने एसपी बैठे थे। उनके सामने फोटो दिखाई गई। फिर मुझे कहा गया था कि इसने कुछ नहीं किया है। सवाल: आप नहीं थे, लेकिन कोठी में आपके एक करीबी दोस्त के बेटे भी काफी वक्त तक रहे। और भी लोग रहे। तब कैसे मर्डर हुए और उन्हें क्या पता चला?जवाब: मेरे घर पर नहीं रहने पर, मेरा भतीजा भी रहा। मेरे दोस्त का बेटा रहा। इस दौरान भी मर्डर हुए। बॉडी ऊपर पड़ी रहीं। घर में रिपेयरिंग हो रही थी। तब भी बॉडी बॉथरूम में थीं। नौकर का बाथरूम कोठी के ऊपर फर्स्ट फ्लोर पर है। उसे सिर्फ नौकर इस्तेमाल करता था। बाकी नीचे के हर कमरे में अटैच बाथरूम था। इसलिए कोई ऊपर जाता ही नहीं था। आप खुद बताएं, आप कभी नौकर के बाथरूम में जाएंगे। अगर घर में कोई लेडी होती, तो शायद कभी देखने चली भी जाती। मेरे घर में ऐसा नहीं था। हां, घर में रोज झाड़ू-पोछे वाली आती थी। वो नीचे सफाई कर देती थी। उसे भी कभी शक नहीं हुआ। मेरे दोस्त का बेटा तो 3-4 महीने रहा। उस दौरान कोई मर्डर नहीं हुआ। इसलिए कई बार कुछ मर्डर में इस तरह का गैप आता था। अगर कोई आ गया, तो उसे भी पता नहीं चला कि ऊपर बॉडी पड़ी है। उसके बाद वो (सुरेंद्र कोली) अगले दिन मौका देखकर डिस्पोज कर देता था। कैसे करता था, ये सब हमें कभी पता नहीं चला। सवाल: आपके यहां एक हाउस हेल्प माया सरकार थी। उन्होंने बयान दिया था कि जो कपड़े धोए थे, उनमें खून के निशान देखे थे?जवाब: नहीं। ऐसा कभी नहीं हुआ। ऐसा बयान होता, तब तो हमें सजा हो जाती। वो भी जेल में होती क्योंकि वो भी साजिश में शामिल होती। अगर उसे पता था, तो पहले क्यों नहीं बताया। ये बहुत बड़ा आरोप है, लेकिन हवा में बात है। उसका बयान ये था कि मैं कपड़े धोती थी। सुरेंद्र कोली अपने कपड़े मुझसे नहीं धुलवाता था। एक बार सुरेंद्र कोली बीमार था। तब उसने अपने कपड़े धोने के लिए दिए थे। उसे कभी घर में या कहीं खून के धब्बे नहीं मिले। कपड़ों में खून के धब्बे नहीं मिले। उसके बयान से सजा दिलाने में मदद नहीं मिलती। इसलिए जांच एजेंसी ने इस बयान को शामिल नहीं किया। मैंने कोर्ट में ये बात कही थी कि जो नौकरानी घर आकर सफाई कर रही है, तो उसे ज्यादा पता होना चाहिए या मुझे पता होना चाहिए। सवाल: पीड़ित परिवारों का दावा है कि कोठी के सामने एम्बुलेंस आकर खड़ी होती थी। नर्स और डॉक्टर आते थे। ये मानव अंगों के कारोबार से जुड़ा केस है?जवाब: क्या मोनिंदर सिंह पंढेर जेब में एम्बुलेंस रखकर लाता था। कोई उसका मालिक होगा, उसके कर्मचारी होंगे। वे लोग कहां गायब हो गए। उनके बयान क्यों नहीं आए। हां, हमारे घर के पास डॉक्टर का घर है। उनके घर कभी एम्बुलेंस आ गई हो तो इस पर मैं कुछ कह नहीं सकता। क्या CBI को इसकी जांच नहीं करनी चाहिए थी। ये छोटा आरोप नहीं है, जिस तरह से मोनिंदर सिंह पर आरोप लगा कि नौकर से बच्चियों को बुलवाता था। ये उससे भी बड़ा आरोप है। सवाल: क्या निठारी कांड में ऑर्गन ट्रेड का मामला है। एक रिपोर्ट में इस एंगल से जांच करने की बात कही गई थी। क्या कभी कोर्ट में या बहस करते हुए अंगों की तस्करी की चर्चा हुई?जवाब: मैं तो लॉजिकल बात कर सकता हूं। कोर्ट में तो इसकी चर्चा नहीं हुई। उस दौरान तो मीडिया में भी काफी कुछ आया था। पहले ह्यूमन ट्रैफिकिंग कहा गया। फिर ऑर्गन ट्रेड का हुआ। हर एंगल पर इन्वेस्टिगेशन हुआ। सारे सवाल हमसे भी पूछे गए। नार्को टेस्ट में भी ऑर्गन ट्रेड से जुड़े सवाल पूछे गए। हमने बताया था कि इसमें ऑर्गन ट्रेड से क्या लेना-देना। बिना ऑपरेशन थिएटर के ऑर्गन ट्रेड कैसे हो सकता है। बिना एक्सपर्ट डॉक्टर के ये कैसे हो सकता है। ये भी समझ में नहीं आया। ऐसा नहीं है कि जेब से ऑर्गन निकाला और दूसरे में डाल दिया। इसके लिए पूरा सेटअप होना चाहिए। लोग कहते थे कि मोनिंदर सिंह पंढेर अंगों को बाहर भेजता था। कोई हमें बता दे कि कैसे और किस रूट से ऑर्गन दूसरे देशों में भेजा जा सकता है। सवाल: CBI के सामने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में सुरेंद्र कोली ने कबूल किया था कि उसने कई बच्चों की हत्या के बाद उनका मांस खा लिया था?जवाब: मैं तो सुनकर हैरान हो जाता हूं। मजिस्ट्रेट के सामने उसने बयान दिया। पुलिस तो मारपीट करके कहेगी नहीं कि तुम्हें खाने की बात कबूल करनी है। मांस खाने की कोई अलग सजा तो नहीं है। उसने ऐसा क्या किया, क्यों किया, मुझे नहीं पता। मैंने कभी नहीं सुना कि उसने इंसानी मांस खाया या नहीं। मैं कमेंट नहीं कर सकता। हां, बाद में जरूर पता चला कि दुनिया में ऐसे लोग होते हैं, जो इंसानों का मांस खा लेते थे। इससे ज्यादा कोई घृणा वाली बात नहीं हो सकती है। वो भी जहां बच्चों से जुड़ा मामला हो। सवाल: पीड़ित परिवार कहते हैं कि पंढेर करोड़पति हैं। पैसों के दम पर सारा आरोप नौकर पर मढ़ दिया। खुद बच गया?जवाब: ये कहना सबसे आसान है। वैसे भी ये ट्रेंड बन चुका है। करप्शन ने हमारे सिस्टम को तोड़ दिया है। लोग सच्चाई को मानते नहीं हैं। क्या पैसे वाले ही सिर्फ क्राइम करते हैं। मैंने तो सब कुछ खो दिया। मेरा पैसा क्या कर लेगा। अगर मैंने सारे लोगों को खरीद लिया, तो कैसे इतने साल जेल में रहा। ऐसे तो हम भी कह सकते हैं कि दूसरे लोगों ने पैसे देकर हमें इतने साल रखा। सवाल: निठारी से 17 या इससे ज्यादा बच्चे गायब हुए। इनके कंकाल मिले। ये तो सच है। अब आरोपी बरी हो रहे हैं। ये क्यों हो रहा है?जवाब: इससे सिर्फ दुख होता है। सिस्टम पर गुस्सा आ रहा है। हमारा समाज क्यों इसे स्वीकार कर रहा है। हमने अपने बच्चों की क्यों नहीं अच्छे से देखरेख की। सवाल: पीड़ित परिवार तो कहते हैं कि हम गरीब हैं, इसलिए पुलिस कार्रवाई नहीं करती थी। 5 साल की बच्ची के गायब होने पर भी कहते थे कि किसी के साथ भाग गई होगी। तो इसमें लोगों की क्या गलती है?जवाब: ये तो सिस्टम की बात है। सिस्टम तो मेरे कंट्रोल में नहीं है। उन्हें तो मैं कोस ही सकता हूं, जैसे पीड़ित परिवार के लोग कोस रहे हैं। जितना वे पीड़ित हैं, उतना ही पीड़ित मैं भी हूं। अगर ये सारे सिस्टम सही होते, तो बच्चे गायब न होते। अगर होते तो तुरंत एक्शन हो जाता। इतना बड़ा केस नहीं होता। मैं भी दुखी नहीं होता। मुझे क्या मिला इससे। अब तो सारी जिंदगी इसी कलंक से गुजारनी है। किस-किस को हम समझाते रहेंगे। आप बताओ ऐसा कौन आदमी है, जो अपने घर जाने से पहले नाले चेक करता है। फिर ये मेरे साथ क्यों। आज भी कई घर मिल जाएंगे, जो नौकरों के सहारे हैं। इस घटना से सिर्फ जिंदगी उजड़ी हैं। उनके बच्चे कभी वापस नहीं आएंगे। मेरी खोई जिंदगी वापस नहीं आएगी। मैं जिंदगी भर रोता रहूंगा। वे (पीड़ित परिवार) भले ही मुझे कितना भी कोसते रहें, मैं जिंदगी भर उसे स्वीकार करता रहूंगा। मैं तो यही कहूंगा कि जितना उन्हें दुख है, भगवान वो मुझे दे दे। और ज्यादा मुझे दे दे। यही मैं कर सकता हूं। वो जी भरकर मुझे गालियां दें। मैं प्रार्थना करूंगा। बस एक बार सोच लें कि मेरा भी परिवार है। सवाल: पूरे केस को दो ही पहलू हैं। सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर। बच्चे लापता हुए। कंकाल मिले। कई के DNA भी मैच हुए। आखिर में क्या हुआ?जवाब: कानूनी तौर पर बात करूं, तो कुछ नहीं हुआ। ये बात तो कोर्ट ने भी मान ली। कोर्ट ने माना कि जांच पूरी तरह से बकवास है। इसकी मुख्य वजह ये है कि पब्लिक ने मुख्य इन्वेस्टिगेशन तो होने ही नहीं दी। इसी तरह से नोएडा के आरुषि मर्डर केस में हुआ था। आप क्राइम सीन पर प्रॉपर तरीके से जांच नहीं करने देंगे या फिर खुद नहीं करेंगे। पब्लिक पुलिस पर दबाव डालेगी। किसी न किसी को अंदर करना ही है। इसलिए मुझे अरेस्ट कर लिया गया। सुरेंद्र कोली पर तो 2-3 हफ्ते में ही साफ हो गया था। सवाल मेरा फंसा था। बड़ा सवाल ये था कि मोनिंदर सिंह पंढेर कैसे भी बाहर न निकल पाए। मेरा हर मूवमेंट रिकॉर्ड होता था। एक ड्राइवर होता था। मैं अकेले गाड़ी में कभी गया ही नहीं। मैं होटल में रुकता था, सभी की बुकिंग मेरे नोएडा ऑफिस से कराई जाती थी। इस तरह मेरे हर मूवमेंट का रिकॉर्ड मेरे ऑफिस में होता था। मेरे टोल टैक्स का रिकॉर्ड दफ्तर में होता था। कब और कहां रुके, कहां गए। सवाल: इस केस में कई लड़कियों (कॉल गर्ल) ने भी बयान दिए थे, जो आपके पास आती थीं?जवाब: एक भी लड़की ने मेरे खिलाफ नहीं बोला। सारी लड़कियों ने कहा कि मेरी दोस्ती थी। हम इनके पास जाते थे। उनके लिए ये रिलैक्सिंग पॉइंट था। घर खाली पड़ा हुआ है। हफ्ते में एक बार आ गए। कोई फोन करके आ गया। रिलैक्स होकर चले गए। मेरे साथ सभी का दोस्ताना था। लड़कियां मुझसे खुलकर बातें करतीं थीं। सुख-दुख भी बतातीं थीं। मैं झूठ नहीं बोलूंगा। सिर्फ सेक्स का एंगल नहीं था। मैं ये बात क्लियर कर सकता हूं। उनमें से एक-दो लड़कियां वाकई बहुत नजदीकी दोस्त थीं। कई बार उनके घरवाले भी आते थे। किसी ने कभी कोई ऐसी हरकत वाली बात नोटिस नहीं की। यहां आने वाले सभी मैच्योर थे। सवाल: कुछ लड़कियों ने कहा था कि सुरेंद्र कोली उनसे डायरेक्ट कॉन्टैक्ट करने की कोशिश करता था। अगर वो अकेले चली जातीं, तो शायद मारी जातीं। आपको किसी ने ऐसा बताया था?जवाब: मुझे पहले ये बात नहीं पता थी। केस खुला तब उन्होंने बताया। एक-दो लड़कियों ने गवाही देते हुए इसका खुलासा किया। ये बताया कि सुरेंद्र कोली ने उन्हें बुलाया था। वो उसे अकेले देखकर घर के अंदर नहीं गईं। शायद यही वजह है कि बच गईं। इस पूरे केस में मैंने सुरेंद्र कोली को कुछ करते हुए आंखों से नहीं देखा। इसलिए इस पर कमेंट करना सही नहीं है। सवाल: आप जेल में आरुषि मर्डर केस के आरोपी रहे डॉ. राजेश तलवार के साथ रहे। उनके मेडिकल कैंप में काफी समय साथ रहे। कभी बात होती थी केस के बारे में?जवाब: हम काफी मेडिकल कैंप में साथ रहे हैं, लगभग रोज ही। हालांकि केस पर ज्यादा बात नहीं होती थी। वे अक्सर रोने लगते थे। वे जेल में आए थे, तो जेलर ने मुझे उनके पास भेजा था। ये कहकर कि तुम भी पढ़े-लिखे हो। शायद उसकी हेल्प हो जाए। मेरा मानना है कि पर्सनली ये डॉ. तलवार के लिए बहुत बड़ी चोट थी। इस चीज को उन्होंने बहुत गहराई से लिया। मुझे नहीं लगता कि वो कभी इस सदमे से बाहर आ सकेंगे।
कॉलेज के दिनों में लालू प्रसाद यादव के लिए पोस्टर चिपकाने वाले इंजीनियर 'मुन्ना', जेपी आंदोलन में पुलिस की गोली से बाल-बाल बचे एक जिद्दी आंदोलनकारी और अब तक 9 बार मुख्यमंत्री बन चुके एक राजनेता। कभी बिहार में मोदी की एंट्री रोक दी, तो कभी उन्हीं के सामने झुक कर कहा- अब कहीं नहीं जाऊंगा। जिनके बारे में लालू ने कहा था- इस आदमी के पेट में भी दांत हैं। मंडे मेगा स्टोरी में नीतीश कुमार की पूरी कहानी; वो BJP के साथ ही रहकर 10वीं बार सीएम बनेंगे या बिहार चुनाव के बाद एक आखिरी पलटी मारेंगे... **** ग्राफिक्स: द्रगचंद्र भुर्जी, अजीत सिंह, और अंकुर बंसल ------ ये स्टोरी भी पढ़िए... प्रशांत किशोर पर छापे क्यों नहीं पड़ते: मोदी के एक फोन पर UN की नौकरी छोड़ी, 6 साल में 6 सीएम बनवाए; PK की पॉलिटिक्स क्या है 12वीं करने के बाद 3 साल पढ़ाई छोड़ दी। नरेंद्र मोदी की कॉल पर यूनाइटेड नेशंस की नौकरी छोड़ दी। मोदी के पीएम बनने के बाद नीतीश के साथ गए। 6 साल में 6 सीएम बनवाने वाला ये शख्स अब खुद बिहार जीतने निकला है। कहता है- इस बार अर्श पर रहूंगा या फर्श पर। विरोधी कहते हैं वो बीजेपी की ‘B-टीम' हैं। पूरी खबर पढ़िए...
रूसी ड्रोन घुसपैठ का मुकाबला करने के लिए ब्रिटेन ने बेल्जियम को सैन्य सहायता भेजी है. इसके अलवा जर्मनी ने भी इस देश को समर्थन का भरोसा दिलाया है.
ट्रंप के भाषण को एडिट करना पड़ा महंगा, बीबीसी के बॉस टिम डेवी का इस्तीफा, क्या था पूरा मामला?
बीबीसी मीडिया ऑर्गेनाइजेशन में उथल-पुथल मच चुकी है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण को एडिट करने के विवाद में इस संस्थान के बॉस टिम डेवी ने इस्तीफा दे दिया है.
बांग्लादेश में डेंगू के डंक से मरने वालों की संख्या 313 पहुंची लेकिन जल्द मिल सकती है राहत !
Bangladesh: स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के महानिदेशक अबू जाफर ने बताया कि 2025 में डेंगू संक्रमण के मामले पिछले साल की तुलना में ज्यादा हैं, लेकिन मृत्यु दर कम रही है. उन्होंने टाइफाइड टीकाकरण अभियान 2025 पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि संक्रमण के अनुपात में मौतें कम हुई हैं.
'आखिर ये हो क्या रहा है?' टैरिफ को लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की किस बात पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप?
US tariff: दूसरे देशों पर हाई टैरिफ लगाने का मामना फिलहाल अमेरिक के सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिसको लेकर वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भड़के हुए नजर आ रहे हैं.
अफगानिस्तान के पंजशीर में बड़ी कार्रवाई, अवैध हथियार-गोलाबारूद बरामद, तस्कर गिरफ्तार
अफ़ग़ान पुलिस ने पूर्वी पंजशीर प्रांत में अवैध हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप बरामद की है और एक तस्कर को गिरफ्तार किया है
एक दिन पहले हटा आतंकी लिस्ट से नाम, डोनाल्ड ट्रंप से मिलने यूएस पहुंचे इस देश के राष्ट्रपति
Syrian President: 1946 के बाद पहली बार कोई सीरिया का राष्ट्रपति अमेरिका पहुंचा है. इससे पहले राष्ट्रपति शरा का नाम अमेरिका की आतंकवादियों की सूची में शामिल था, जिसको अमेरिकी सरकार ने दौरे से एक दिन पहले ही इस सूची से हटाया है.
1234 गज का आलीशान महल...न्यूयॉर्क मेयर चुनाव जीतने के बाद अब कहां रहेंगे ममदानी?
Zohran Mamdani: ममदानी अपनी पत्नी रमा दुहाजी के साथ क्वींस के एस्टोरिया इलाके में 800 वर्ग फुट के किराए के अपार्टमेंट में रहते हैं. इस फ्लैट में गर्म पानी और हीट किराए में शामिल हैं और इमारत में साझा लॉन्ड्री रूम भी है.
Rohingya Muslim Crisis News: म्यांमार से रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर मलेशिया जा रही एक नाव मलेशिया के तट के पास डूब गई. इस घटना में 3 की मौत हो गई, जबकि 11 लोग बचा लिए गए. करीब 200 लोगों को लेकर दूसरी नावें अब तक लापता हैं.
Ka 226 helicopter crash: रूस में का-226 हेलीकॉप्टर क्रैश का वीडियो सामने आया है. जिसमें किजलयार इलेक्ट्रोमैकेनिकल प्लांट के कर्मचारी सवार थे. विमान हादसे के वक्त पहाड़ी से टकराया, जिसके बाद पायलट ने हेलीकॉप्टर को क्रैश होने से बचाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं पाया.
CNSA contact NASA: यह पहली बार था जब नासा नहीं बल्कि चीन की तरफ से पहले कदम उठाया गया हो. अब इसे अंतरिक्ष सुरक्षा और सहयोग की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है.हाल के वर्षों में उपग्रहों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
अमेरिका और जॉर्जिया से दबोचे गए लॉरेंस गैंग के दो मोस्ट वांटेड गैंगस्टर, जानिए कब आएंगे भारत
Crime news: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हरियाणा पुलिस सहित सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने वेंकटेश गर्ग को जॉर्जिया और भानु राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया.
तेल, ताकत और ट्रस्ट की तिकड़ी! सऊदी-अमेरिका के बीच क्या पक रहा जिससे बेचैन है इजरायल
सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को लेकर खबरें आ रही हैं कि वो आने वाले दिनों में अमेरिका का दौरा करेंगे और इस दौरान कई अहम समझौतों पर दस्तखत की उम्मीद है. जिसमें F35 की खरीद भी शामिल है.
सत्ता और सलामी की सौदेबाजी... पाकिस्तान में फिर संविधान पर चला जनरल का कलम! क्या हार गया लोकतंत्र?
Pakistan27th Constitutional Amendment:पाकिस्तान अपने संविधान में 27वीं बार संशोधन करने जा रही है, जिसको केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इस संशोधन की बदौलत एक बार फिर पाकिस्तान सत्ता की सेना को सलामी के आरोप लगते आ रहे हैं.
ट्रंप को उन्हीं की चाल से शह और मात देंगे पुतिन? अमेरिका की नाक के नीचे रच दिया चक्रव्यूह!
US Vs Venezuela: जिस वेनेजुएला पर अमेरिकी हमले का खतरा मंडरा रहा था वो वेनेजुएला अब महाशक्ति से आर-पार की तैयारी में जुट गया है. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि दुनिया अब मादुरो का इंतकाम देखेगी. जानते हैं क्यों, दरअसल मादुरो की मदद करने के लिए पुतिन ने अपना बारूदी गोदाम जो खोल दिया है. पढ़िए कैसे
40 एयरपोर्ट्स में 5000 फ्लाइट्स कैंसिल, खाने-पीने के पड़े लाले; शटडाउन पर टस से मस नहीं हो रहे ट्रंप
America Shutdown Six Week: अमेरिका में लगातार बढ़ते शटडाउन के कारण अब स्थिति और खराब हो गई है. इसके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप टस से मस नहीं हो रहे हैं.
245 police officers resign in New York City:न्यूयॉर्क केनए मेयर चुने गए जोहरान ममदानी का अभी शपथ समारोह नहीं हुआ है, इससे पहले ही शहर में एक नया बवाल मचा हुआ है. पुलिस अधिकारी लगातार नौकरी छोड़ रहे हैं. पिछले एक महीने में 245 पुलिसकर्मियों ने रिजाइन कर दिया है.
पहले मैं घर की चारदीवारी में गुनगुनाती थी, किस्मत ने मुझे दुनिया के सबसे बड़े मंच तक पहुंचा दिया। गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म में 'वुमनिया' गीत से मेरी आवाज को रातों-रात पहचान मिली। शोहरत की चमक के बीच मेरे पति पंकज झा की दोनों किडनियां फेल हो गईं। 10 साल तक इलाज चला। उस वक्त पति ने कहा- 'गाना मत छोड़ना'। जब उनकी मौत हुई तो मेरे पास अर्थी तक के पैसे नहीं थे। दो साल मैंने डिप्रेशन झेला। घर चलाने के लिए बेटी के ऑफिस का बचा नाश्ता खाना पड़ा। छोटे कार्यक्रमों से दोबारा वापसी की। सबसे बड़ा अफसोस- पति अब मेरी सफलता देखने के लिए जिंदा नहीं हैं। मेरा नाम रेखा झा है। बिहार के मिथिला की बेटी हूं। समस्तीपुर जिला मेरी जन्मभूमि और पटना कर्मभूमि है। मिडिल क्लास परिवार में पैदा हुई। मेरे पिताजी संगीत के टीचर थे। तीन भाइयों के बीच मैं अकेली बेटी थी। जब मेरी इंटरमीडिएट की पढ़ाई खत्म हुई, तो मेरी उम्र 17 साल थी। तभी घर वालों ने मेरी शादी कर दी। मेरे पति भी 17 साल के थे। उस उम्र में हम दोनों को घर-गृहस्थी की समझ ठीक से नहीं थी। उस वक्त मेरा संगीत से दूर-दूर का कोई नाता नहीं था। हां, घर का काम करते हुए गुनगुनाती रहती थी। मुझे गुनगुनाता देख अक्सर मेरे पति कहते- चलो तुम्हें संगीत की ट्रेनिंग दिला दूं, लेकिन मना कर देती थी। घर में काम इतना ज्यादा होता था कि उससे फुरसत ही नहीं थी। लेकिन मेरे पति नहीं मानते। वह अक्सर जिद कर बैठते। एक दिन मैंने यह बात अपने पिताजी को बताई। वह तो सुनते ही खुशी से पागल हो गए क्योंकि वह संगीत टीचर थे। मेरे तीनों भाइयों को संगीत में कोई दिलचस्पी नहीं थी। उसके बाद मेरे पति मुझे एक संगीत टीचर के पास ले गए और उनसे ट्रेनिंग दिलानी शुरू कर दी। इस तरह मेरे पति ट्रैवल एजेंसी चलाते थे और मैं घर संभालने के साथ-साथ संगीत सीखने लगी। संगीत टीचर से सीखकर आती तो घर पर रियाज न कर पाती क्योंकि घर पर काम बहुत होता था। खाना बनाते, बच्चों को संभालते, कपड़े धोते, साफ-सफाई करते हुए बंदिशें और राग गुनगुनाते हुए रियाज करती थी इस तरह जब थोड़ा सीख गई तो मेरे पिताजी ने एक गुरु की तलाश की और उन्हें संगीत सिखाने के लिए मेरे घर भेजने लगे। उनसे मैंने भोजपुरी, मैथिली और शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया। गुरु जी से सीखते हुए कुछ ही महीने हुए थे कि उन्होंने बताया कि पटना में एक ऑडिशन है। वहां जाकर ऑडिशन दे आओ। मैं एक घरेलू औरत थी। उल्टे पल्लू वाली साड़ी नहीं पहनती थी कि मॉडर्न लगूं। समझ नहीं आ रहा था कि वहां कैसे जाऊं और बड़े-बड़े लोगों से जाकर कैसे बात करूंगी। गुरु जी से कहा- आप भी साथ चलो। वह तैयार हो गए और मुझे वहां लेकर गए। वहां गई तो देखा बहुत सारे लोग ऑडिशन देने के लिए आए थे। सब एक से बढ़कर एक थे। उन्हें ऑडिशन देते हुए देखकर मैं तो घबरा गई। लगा कि इनके आगे मैं क्या हूं। हालांकि मेरी बारी आई। मैंने गाना गाया। सब रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे। आखिर में सभी को घर जाने के लिए बोल दिया गया, लेकिन मुझे रोक लिया गया। जब मुझे रोका गया तो लगा कि शायद मुझसे कुछ गलती हो गई है। समझाने के लिए रोका गया है, लेकिन जब रिजल्ट आया तो मुझे सिलेक्ट कर लिया गया था। वो दृश्य आज भी भूलता नहीं। आखिर कैसे स्नेहा वालेकर मैम ने जेब में हाथ डालकर मेरी तरफ देखा था और मुझे गले लगा लिया था। उसके बाद मुझे बताया गया कि आपका यह सिलेक्शन अनुराग कश्यप की फिल्म के लिए हुआ है। वह गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म बना रहे हैं। आप उसमें वुमनिया टाइटल का गीत गाएंगी। उसके बाद इस गीत की रिकॉर्डिंग बनारस और मुंबई में की गई। मैंने गाया। गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म रिलीज हुई। यह गीत इतना हिट हुआ कि इसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसने देश-विदेश में धूम मचा दी। आखिर मेरी जैसी एक घरेलू औरत की शोहरत रातों-रात आसमान छूने लगी। बिहार से लेकर मुंबई की संगीत की दुनिया में मेरे चर्चे होने लगे। इस गाने के हिट होने के बाद तो मुझे कई जगह से बुलावा आने लगा। बड़े-बड़े स्टेज शो के ऑफर मिलने लगे। लेकिन इस दौरान भगवान को कुछ और मंजूर था। एक तरफ मेरी जिंदगी में इतनी बड़ी खुशी, चकाचौंध, संगीत, शोहरत, बुलावे पर बुलावे आ रहे थे तो दूसरी तरफ मेरे पति की दोनों किडनियां फेल हो गईं। मेरी सारी खुशी गम में बदल गई। वो 2012 का साल था। हम इतने साधारण परिवार से थे कि हमारे पास किडनी के इलाज के लिए पैसे नहीं थे। 2013 में मेरे पति का इलाज शुरू हुआ। जितना भी पैसा मेरे पास था सब उनके इलाज पर खर्च होता गया। एक तरह से जीवन पटरी से उतर गया, लेकिन इस दौरान मेरे पति ने मुझे कसम दी। कहा- मैं भले ही बेड पर पड़ा हूं, लेकिन तुम गाना मत बंद करना। वह इसलिए कह रहे थे ताकि घर की दो जून की रोटी चलती रहे क्योंकि घर चलाने का और कोई रास्ता नहीं था। उनकी जिद पर मैंने गाने का फैसला किया। मन मार कर स्टेज पर जाने लगी। मंच पर जाती तो दिल रो रहा होता था, लेकिन जबर्दस्ती चेहरे पर मुस्कान लाती। सोचती कि अगर मेरा सुर इधर से उधर हुआ तो कोई गाने के लिए नहीं बुलाएगा। फिलहाल, अच्छा गाती ताकि प्रोग्राम मिलता रहे और घर चलता रहे। सोचिए, जब घर के हालात इतने बुरे हों तो मंच पर मुस्कुराकर गाना कैसा लगता होगा। यह अपने ऊपर जुल्म जैसा था। इस तरह गाने से जो भी पैसे मिलते, पति के इलाज पर लगा देती। उस दौरान मेरे पांच छोटे बच्चे थे, लेकिन वुमनिया गीत के कारण मुझे इतनी चर्चा मिली कि लोग संपर्क कर-करके मेरी मदद रहे थे। आखिरी दिनों में पति का सप्ताह में दो बार डायलिसिस होने लगा। वह आईसीयू में भी एडमिट हुए। आखिरकार डॉक्टरों ने बोल दिया कि अब कुछ नहीं हो सकता। इस तरह 10 साल तक पति का इलाज कराया। साल 2022 में पति की मौत हो गई। जिंदगी बिखर गई। जिस दिन पति की मौत हुई है उस दिन मेरे पास अर्थी तक के लिए पैसे नहीं थे। डॉक्टरों ने इलाज के लिए बहुत पैसे ले लिए थे। उस दिन मेरे भाई ने कहीं से अर्थी के पैसे का इंतजाम किया। बड़ी मुश्किल से उनका अंतिम संस्कार और बाकी का क्रिया-कर्म किया। पति के जाने के बाद कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करूं। पटना में रहने का हर महीने किराया देना। बच्चे छोटे थे, उनकी देखभाल, पढ़ाई-लिखाई का खर्च सब मुश्किल हो रहा था। बच्चों के साथ सारी-सारी रात बैठी रहती। हम एक-दूसरे की शक्लें देखते और रोते। इस तरह डेढ़ से दो साल तक कुछ नहीं किया। एक तरह से डिप्रेशन में रही। किसी से बात नहीं करती। भगवान से कहती कि यह क्या हो रहा मेरे साथ। उस वक्त बड़ी बेटी की शादी हो चुकी थी। वह फोन करके पूछती- मां सब ठीक है? उसे कोई दुख न पहुंचे, कह देती- हां सब ठीक है। उस समय अक्सर खाना नहीं खाई होती थी। इस तरह घर के हालात बहुत खराब थे। मेरे एक जानकार ने मेरी मदद की। मेरी छोटी बेटी को एक प्राइवेट नौकरी दिलाई, लेकिन सैलरी बहुत कम थी। फिर कुछ मदद होने लगी। उस समय मेरी एक और बेटी गुरुग्राम में नौकरी करती थी, वह भी कुछ पैसे देने लगी। इस तरह जिंदगी की गाड़ी किसी तरह चल रही थी। छोटी बेटी को ऑफिस में जो नाश्ता मिलता, वह घर लेकर आती। हम वही खाते थे। इस तरह से हमने किसी तरह दो साल बिताए। इस दौरान पति की बात दिमाग में गूंजती- तुम्हें गाना बंद नहीं करना है। फिर धीरे-धीरे हिम्मत जुटानी शुरू की। छोटे-मोटे कार्यक्रम में गाने के लिए जाने लगी। जहां भी जाती, चाहे वह धार्मिक कार्यक्रम ही क्यों न हो। छठ का कार्यक्रम हो, लोग वहां गैंग्स ऑफ वासेपुर का वुमनिया गीत जरूर गवाते हैं। एक तरह से इस गीत ने मेरी जिंदगी बदल दी थी। कहूंगी आज भी इसी गीत से मेरे घर की रोजी-रोटी चल रही है। इस तरह सालों बाद अब जाकर हालात थोड़े ठीक हुए हैं। इस समय मेरे पास संगीत सीखने के लिए काफी बच्चे आते हैं। हाल में इंस्टाग्राम पर एक पेज बनाया है। उस पर कुछ वीडियोज डालती हूं। उन्हीं पैसों से मेरा गुजारा चल रहा है। पति के जाने के बाद अपने लिए एक साड़ी तक नहीं खरीदी। मेरे शिष्य जो लाकर दे देते हैं, वही पहनती हूं। वुमनिया गीत को बनाने वाली स्नेहा वालेकर भी मुझसे जुड़ी हैं। उस फिल्म की एकमात्र ऐसी इंसान हैं, जो आज भी मुझसे बात करती हैं और मेरा हाल-चाल लेती रहती हैं। जब उनका फोन आता है तो मेरे अंदर जैसे एक नई ऊर्जा आ जाती है। वह मुझे बहुत सम्मान देती हैं। अब मेरे बच्चे बड़े हो गए हैं। अब संगीत को पूरा वक्त दे सकती हूं। बस भगवान से यही चाहती हूं कि गाने के मौके मिलें। जिन दस वर्षों में संगीत को समय नहीं दे पाई, अब उसकी भरपाई करना चाहती हूं। चाहती हूं कि एक-एक पल संगीत को दूं। आखिर में जिंदगी का सबसे बड़ा अफसोस यही है कि जिस पति के कहने पर मैंने संगीत सीखना शुरू किया, आज वही मेरी सफलता देखने के लिए जिंदा नहीं हैं। कहीं गाने जाती हूं और जब वहां मंच पर मुझे सम्मान मिलता है तो मन अंदर ही अंदर रोता है कि- काश यह सब देखने के लिए मेरे पति जिंदा होते। ------------------------------------ (रेखा झा ने अपने ये जज्बात भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला से साझा किए हैं।) 1-संडे जज्बात-मैं मुर्दा बनकर अर्थी पर भीतर-ही-भीतर मुस्कुरा रहा था:लोग ‘राम नाम सत्य है’ बोले तो सोचा- सत्य तो मैं ही हूं, थोड़ी देर में उठकर साबित करूंगा मेरा नाम मोहनलाल है। बिहार के गयाजी के गांव पोची का रहने वाला हूं। विश्व में शायद अकेला ऐसा इंसान हूं, जिसने जिंदा रहते अपनी शव यात्रा देखी। यह बात चंद करीबी लोगों को ही पता थी। मरने का यह सारा नाटक किसी खास वजह से किया गया था। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2- संडे जज्बात-फौजी विधवा की 8 साल के देवर से शादी:मैं मेजर जनरल थी, उसकी बात सुनकर कांप गई; मन करता है कैसे भी उससे मिल लूं अस्पताल में इलाज के दौरान एक युवा सिपाही की मौत हो गई। वह शादीशुदा था और उसकी विधवा पत्नी की उम्र लगभग 22 साल थी। सिपाही की मौत के बाद एक दिन उसकी पत्नी रोते हुए मेरे पास आई। कहने लगी कि मुझे बचा लीजिए। मेरे ससुराल वाले और मायके के लोग मेरी शादी देवर से कराने जा रहे हैं। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच नहीं बनी बात, तीसरे राउंड की बैठक में नहीं निकला कोई हल
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तीसरे राउंड की वार्ता का कोई निष्कर्ष नहीं निकला
सबसे पहले ये 2 बयान पढ़िए…’मुसलमान का मतलब कांग्रेस, कांग्रेस का मतलब मुसलमान। आज कांग्रेस और तेलंगाना सरकार की ताकत हमारे मुसलमान भाई-बहन हैं। हमने BJP के जी किशन रेड्डी की जायदाद नहीं मांगी, न ही नरेंद्र मोदी के गुजरात में जमीन मांगी। हम तो तेलंगाना में मुसलमान भाइयों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। उपचुनाव में BJP-BRS' एक टीम में हैं, लेकिन वो अपनी जमानत नहीं बचा पाएंगे।’- जुबली हिल्स में कांग्रेस-AIMIM की चुनाव प्रचार रैली में CM रेवंत ने कहा। 'जुबली हिल्स का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी AIMIM के हाथों बिक गई है। उनके नेता AIMIM के लीडर्स के आगे झुक-झुककर सलाम कर रहे हैं। आजादी से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी हर चुनाव में हिंदू-मुस्लिम करती है। वो अंग्रेजों की डिवाइड-एंड-रूल पॉलिसी पर चलती है।' -CM रेवंत रेड्डी के बयान पर पलटवार करते हुए BJP नेता और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा। 11 नवंबर को तेलंगाना की जुबली हिल्स सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है। उससे पहले सियासी पारा गर्म है। इस सीट पर 4 लाख वोटर्स में से 1.2 लाख मुस्लिम वोटर हैं, जो हार-जीत तय करने में बड़ा फैक्टर माने जा रहे हैं। लिहाजा सभी पार्टियां इन्हें साधने में जुटी हुई हैं। इस चुनाव में कुल 58 कैंडिडेट्स एकदूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। मेन मुकाबला BRS की मगंती सुनीता, कांग्रेस के वी नवीन यादव और BJP के लंकला दीपक रेड्डी के बीच है। मुस्लिम बहुल जुबली हिल्स सीट पर सबसे चौंकाने वाली बात यहां से AIMIM का चुनाव न लड़ना है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने कांग्रेस को खुला सपोर्ट दिया है। दूसरी तरफ BJP-BRS भले ही अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन दोनों के बीच साइलेंट गठबंधन की सुगबुगाहट है। जुबली हिल्स चुनाव में कौन से बड़े मुद्दे हैं, यहां के वोटर्स क्या सोचते हैं। कौन सी पार्टी कितनी मजबूत है, पढ़िए पूरी रिपोर्ट... पहले जान लीजिए जुबली हिल्स सीट पर कौन सी पार्टी कितनी मजबूत…BRS: 9 साल से मंगती परिवार का वर्चस्व, सिंपैथी वोट से BRS मजबूत तेलंगाना की जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर 2009 से अब तक 4 विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें 2 बार भारत राष्ट्र समिति (BRS) को जीत मिली। इस सीट पर BRS MLA मगंती गोपीनाथ को 2018 और 2023 में एकतरफा जीत मिली। हर बार उनकी जीत का अंतर पिछली बार से ज्यादा रहा है। 2018 में उन्होंने कांग्रेस कैंडिडेट पी. विष्णुवर्धन रेड्डी को 16 हजार वोट से हराया। वहीं 2023 में उन्होंने कांग्रेस नेता और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को 16337 वोटों से मात दी थी। मगंती गोपीनाथ ने 2014 जुबली हिल्स विधानसभा चुनाव TDP के टिकट पर जीता था। जून 2014 में तेलंगाना नया राज्य बन गया। इसके बाद वे BRS में शामिल हो गए। मगंती 9 साल तक लगातार जुबली हिल्स से विधायक रहे, लेकिन इसी साल 8 जून 2025 को उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनके निधन के बाद ये सीट खाली हुई है, जिस पर उपचुनाव हो रहा है। जुबली हिल्स सीट पर BRS की पकड़ सबसे मजबूत जुबली हिल्स को 11 साल बाद जीतना चाहती है कांग्रेस, BJP कमजोर कड़ी इस सीट पर पहला चुनाव 2009 में हुआ। तेलंगाना तब आंध्रप्रदेश का हिस्सा था। कांग्रेस के विष्णुवर्धन रेड्डी ने TDP के मोहम्मद सलीम को हरा दिया था। 2014 तक ये सीट कांग्रेस के पास रही, लेकिन इसके बाद मंगती गोपीनाथ यहां से लगातार MLA बने रहे। इस सीट पर कांग्रेस ही गोपीनाथ परिवार की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी रही है। अब 11 साल बाद पार्टी ये सीट जीतना चाहती है। कांग्रेस ने यहां के लोकल कैंडिडेट वी नवीन यादव को उतारा है। स्थानीय लोगों के बीच उनकी ग्राउंड प्रेजेंस ज्यादा है। इस सीट पर BJP सबसे कमजोर कड़ी है। जुबली हिल्स में अब तक पार्टी का खाता नहीं खुल सका है। हालांकि ये इलाका यूनियन मिनिस्टर जी किशन रेड्डी के संसदीय क्षेत्र में आता है। उन्होंने अपने भरोसेमंद लंकला दीपक रेड्डी को यहां से टिकट दिया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, उपचुनाव में कांग्रेस ही BRS को कड़ी टक्कर दे सकती है। वे इसके पीछे 3 बड़ी वजह बताते हैं... 1. जुबली हिल्स में शहरी और शिक्षित वर्ग के 80% से ज्यादा वोटर्स हैं, लिहाजा वे परिवारवाद या किसी भावनात्मक राजनीति से प्रभावित नहीं होंगे। 2. कांग्रेस 22 महीने से तेलंगाना की सत्ता चला रही है। CM रेवंत का प्रशासनिक कंट्रोल और सरकारी स्कीम्स (महालक्ष्मी योजना, इंदिरम्मा हाउसिंग) लोगों के बीच लोकप्रिय रही हैं। 3. जुबली हिल्स में 1.4 लाख मुस्लिम वोटर्स हैं और AIMIM का कांग्रेस को फुल सपोर्ट है। लिहाजा, माइनॉरिटी वोट अगर कांग्रेस की ओर शिफ्ट हुआ तो पार्टी आसानी से चुनाव जीत सकती है। एक्सपर्ट बोले- AIMIM कांग्रेस की माइनॉरिटी सेल की तरह काम कर रहीहैदराबाद और जुबली हिल्स के सबसे बड़े मुस्लिम संगठन ‘तहरीक मुस्लिम शब्बान’ के अध्यक्ष और पॉलिटिकल एक्सपर्ट मुश्ताक मलिक उपचुनाव में खास दिलचस्पी रखते हैं। वे कहते हैं, ‘जुबली हिल्स में ऐसा लग रहा है कि इलेक्शन कांग्रेस नहीं AIMIM लड़ रही है। AIMIM के MP-MLA कांग्रेस का चुनाव चिन्ह लेकर गली-मोहल्लों में घूम रहे हैं। मस्जिदों में उनके लीडर नवीन यादव की जीत के लिए नमाज पढ़ी जा रही है। ऐसा लग रहा है कि AIMIM अब कांग्रेस की माइनॉरिटी सेल बन गई है।‘ ‘जुबली हिल्स में तेलंगाना सरकार की एंटी इनकम्बेंसी साफ नजर आ रही है। यहां BJP के लिए कुछ भी नहीं है, असल मुकाबला BRS-कांग्रेस के बीच ही है क्योंकि इस सीट पर 1 लाख 20 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं और वही डिसाइडिंग फैक्टर बनेंगे, इसलिए दोनों पार्टियां मुस्लिम बिरादरी के हक की बात कर रही हैं।‘ कोट: BRS अगर BJP के साथ मिलकर कोई अंदरूनी पॉलिटिकल गेम खेलेगी तो उसका अंत होना तय है। इसके बाद तेलंगाना भी कांग्रेस वर्सेज BJP स्टेट बन जाएगा। आखिर BJP कमजोर कड़ी क्यों? उपचुनाव में BRS और कांग्रेस के अलावा BJP भी मैदान में है। जुबली हिल्स सीट पर BJP के सामने अच्छा प्रदर्शन करने की चुनौती है, क्योंकि ये सीट साउथ में पार्टी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी के संसदीय क्षेत्र में आती है। वे न केवल PM मोदी के खास मंत्रियों में शामिल हैं बल्कि तेलंगाना BJP के प्रमुख भी रह चुके हैं। हालांकि तेलंगाना के अब तक के चुनावी इतिहास को देखें तो पार्टी जुबली हिल्स सीट नहीं जीत सकी है। तेलंगाना के सीनियर जर्नलिस्ट सूर्यप्रकाश तिवारी के मुताबिक, उपचुनाव जीतना BJP के नए प्रमुख एन रामचंदर राव के लिए भी पहला टेस्ट होगा। अगर जुबली हिल्स में पार्टी का प्रदर्शन फीका रहा, तो गोशामहल सीट से पूर्व BJP MLA टी राजा सिंह जैसे फायरब्रांड नेता फिर से राव पर हमलावर हो जाएंगे। राव को BJP प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर राजा सिंह ने पार्टी छोड़ दी थी। ऐसे में ये चुनाव कई मायने में BJP का पॉलिटिकल टेस्ट होगा। सूर्यप्रकाश तिवारी कहते हैं, ‘जुबली हिल्स सीट पर अब तक के समीकरणों को देखें तो BRS सबसे मजबूत नजर आ रही है। पार्टी ने दिवंगत पूर्व विधायक मगंती गोपीनाथ की पत्नी मगंती सुनीता को उतारा है। वो मान रही है कि उपचुनाव में लोगों का सेंटिमेंट काम करेगा। दूसरी तरफ कांग्रेस अपनी योजनाओं को सामने रखकर ये चुनाव लड़ रही है। उसने जीत के लिए CM से लेकर पार्टी के सभी बड़े लीडर्स को चुनावी मैदान में उतार दिया है।‘ MLC अजहरुद्दीन को मंत्री बनाकर मुस्लिम वोटरों को लुभाने की कोशिशतेलंगाना सरकार की कैबिनेट में एक भी मुस्लिम नेता को मंत्री पद नहीं दिया गया। इससे मुस्लिम वोटरों में नाराजगी थी, जिसे खत्म करने के लिए CM रेवंत रेड्डी ने वोटिंग से पहले पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन को MLC के बाद मंत्री बनाकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग सौंप दिया है। वहीं अब AIMIM भी कांग्रेस का समर्थन कर रही है। कांग्रेस के प्रचार में AIMIM नेताओं की मौजूदगी पर KCR के बेटे और BRS के कार्यकारी अध्यक्ष KTR ने बिहार चुनावों का जिक्र करते हुए पूछा- ‘ओवैसी पहले रेवंत रेड्डी को RSS का अन्ना कहते थे। चुनाव में सबकुछ बदल गया। आखिर उनकी कौन सी मजबूरी है, जो हैदराबाद में वो कांग्रेस को सपोर्ट कर रहे हैं जबकि बिहार में विरोध कर रहे हैं। AIMIM का कांग्रेस अपमान कर रही है, लेकिन इसके बाद भी ओवैसी कांग्रेस का सपोर्ट कर रहे हैं।‘ ‘बिहार में कांग्रेस नेता शब्बीर अली बोलते हैं कि AIMIM BJP की बी-टीम है। जबकि यहां ओवैसी की पार्टी उनके लिए वोट मांग रही है। इससे तो यही लगता है कि कांग्रेस असल में BJP की सी-टीम है।’ BJP से साइलेंट दोस्ती BRS के लिए घातक क्यों हैदराबाद के मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के स्टूडेंट शाहिद उमैर के लिए जुबली हिल्स में शिक्षा और रोजगार सबसे बड़े मुद्दे हैं। शाहिद के मुताबिक, हैदराबाद विश्वविद्यालय और मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी में हर साल हजारों की संख्या में छात्र ग्रेजुएट होते हैं, लेकिन हैदराबाद में सिर्फ कुछ ही प्रतिशत को नौकरियां मिलती हैं। सरकार को जुबली हिल्स के साथ-साथ शहर में और ज्यादा कंपनियां लानी चाहिए ताकि यहां के युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में नौकरी मिल सके। शाहिद कहते हैं, ‘2023 विधानसभा चुनाव में AIMIM ने जुबली हिल्स से कैंडिडेट उतारा था, लेकिन पार्टी चुनाव नहीं जीत सकी। इस बार उपचुनाव में AIMIM कांग्रेस के साथ दिख रही है। क्योंकि उसे पता है कि BRS के पास पहले से मुस्लिम सपोर्ट मौजूद है, लेकिन कांग्रेस को सत्ता में रहते हुए भी माइनॉरिटी वोटर्स की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए उनसे अपना फायदा देखते हुए ये गठबंधन किया।‘ ‘पिछले लोकसभा चुनाव में ऐसी खबरें सामने आई थीं कि BRS ने BJP को साइलेंट सपोर्ट किया, जिसकी वजह से उसे नुकसान उठाना पड़ा और पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। BRS एक रीजनल पार्टी है और कभी नहीं चाहेगी कि वो BJP से सपोर्ट लें। अगर वो BJP से सपोर्ट लेती है तो एक खास तबका उससे कट जाएगा।‘ ‘रेवंत सरकार के काम को देखते हुए नवीन यादव का जीतना मुश्किल लग रहा है। लोग सरकार के काम से न तो बहुत खुश हैं न दुखी। महिलाओं के लिए बस फ्री हुई, लेकिन ज्यादा बसें नहीं चलाई गईं । लिहाजा बस में भीड़ से लोग परेशान हैं।‘ उपचुनाव पर पॉलिटिकल पार्टियां क्या कह रहीं...BJP: वोट की लालच में CM ने टोपी पहनी, मैं होता तो सिर कटवा लेताकेंद्रीय मंत्री बंडी संजय कुमार ने CM रेवंत रेड्डी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री वोटों की लालच में सिर पर टोपी पहनकर मुस्लिम समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अगर मुझे टोपी पहनने का दिन आया तो मैं अपना सिर कटवा लूंगा।’ ’ओवैसी 2047 तक देश को इस्लामिक राष्ट्र में बदलने का सपना देख रहे हैं और रेवंत रेड्डी तेलंगाना को इस्लामी राज्य में बदलने का षड्यंत्र रच रहे हैं।’ BRS: कांग्रेस ने जुबली हिल्स के नौजवानों और मुसलमानों को धोखा दियाजुबली हिल्स उपचुनाव में BRS की जीत का दावा करते हुए पार्टी के सीनियर लीडर नवीद इकबाल कहते हैं, ‘जुबली हिल्स में BRS की बंपर वोटों से जीत होने वाली है क्योंकि अपने कार्यकाल के दौरान CM रेवंत ने नौजवानों, किसानों और यहां के मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कॉलेज की बच्चियों को स्कूटी, 2 लाख स्टूडेंट्स को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने बमुश्किल 6 से 7 हजार नौकरियां ही दीं।‘ कांग्रेस सरकार में बच्चों की ग्रुप-1 एग्जाम में जो गड़बड़ियां हुईं, उस पर राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए हाईकोर्ट ने दोबारा एग्जाम कराने के लिए बोल दिया। जब लोग कांग्रेस सरकार के काम को पसंद नहीं कर रहे हैं, तो भला उनके कैंडिडेट नवीन यादव को कैसे जिताएंगे। जुबली हिल्स के लोग गोपीनाथ जी के साथ हमेशा खड़े थे और अब उनकी पत्नी के लिए खड़े रहेंगे।‘ कांग्रेस: BRS की कार का टायर पंचर हुआ, हमारी जीत पक्कीतेलंगाना कांग्रेस की महिला विंग की लीडर उज्मा शाकिर कहती हैं, ‘AIMIM जुबली हिल्स इलेक्शन में कांग्रेस को खुलकर सपोर्ट कर रही है। BRS की कार का टायर पंचर हो चुका है। KCR ने रात के वक्त अपने फार्महाउस में बैठकर जो वादे किए थे, वो सुबह होते-होते भूल चुके हैं। BRS ने अपने कार्यकाल में KG-टू-PG की पढ़ाई फ्री नहीं की। इस्लामिक सेंटर नहीं बनवाया। नया हज हाउस नहीं बना। KCR ने मुसलमानों को 12% आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं कर सके। उनके सभी वादे झूठे हैं।‘ ‘CM रेवंत ने दो साल के अंदर जुबली हिल्स के डेवलपमेंट के लिए 200 करोड़ का बजट सेंक्शन किया। उन्होंने यहां के 30 हजार लोगों को राशन कार्ड बांटे हैं। गरीब लोगों के इलाज के लिए 'आरोग्य श्री' स्कीम और 500 रुपए में गैस सिलेंडर और 200 यूनिट बिजली फ्री करना कांग्रेस की ही देन है। ये सब काम जनता देख रही है और वो हमें फिर से जिताएगी।‘ ..................... ये खबर भी पढ़ें... JDU बागी ने फंसाई नीतीश की करीबी मंत्री की सीट ‘जनता को हमसे-आपसे ज्यादा पता है कि कहां वोट डालना है। सोशल मीडिया के जमाने में किसी को कुछ बताने की जरूरत नहीं है। एक बात जनता के दिमाग में हमेशा रहती है कि कोई नेता चुनाव लड़ता है, तो लोग चाहते हैं कि वो उनके बीच आए।’ ये बात कह रहे अमित कुमार चौधरी दुधौली गांव के मुखिया हैं। ये गांव पूर्णिया जिले की धमदाहा विधानसभा सीट में आता है। नीतीश सरकार में मंत्री लेसी सिंह यहां से लगातार तीन बार से विधायक हैं। पढ़िए पूरी खबर...
कमान संभालने से पहले ही खतरे में आई न्यूयॉर्क मेयर ममदानी की कुर्सी! ट्रंप ने तैयार किया पूरा प्लान
DNA Analysis: कश्मीर में पाकिस्तानी आतंक के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा है तो अमेरिका में ट्रंप ने ममदानी के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन शुरू कर दिया है. ट्रंप और ममदानी के बीच दुश्मनी नेक्स्ट लेवल पर पहुंच गई है. ट्रंप ने ममदानी के विरूद्ध अब नए व्यूह की रचना शुरू कर दी है. ये ऐसा चक्रव्यूह है जिसमें ममदानी के मेयर पद की कुर्सी दांव पर है. इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी ट्रंप ने अपने सबसे विश्वस्त सहयोगी को दी है. जिसका लक्ष्य एक साल पूरा होते-होते ममदानी को मेयर के पद से हटाना है. आज हम ट्रंप के इस नए प्लान को डिकोड करेंगे.
DNA: शांति वार्ता टूटने से भड़का अफगानिस्तान, बोला - रूस- US को हराया, अब पाकिस्तान की बारी
Pakistan Afghanistan News: पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तीसरे दौर की शांति वार्ता आज पटरी से उतर गई. इसके साथ ही दोनों मुल्कों में अब सीधे टकराव की आशंका बढ़ गई है.
DNA: G-20 से अलग होंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, वो गोरे हैं लेकिन उनके मन में काला है
DNA: डोनाल्डट्रंप जिस G-20 बैठक का ट्रंप बहिष्कार कर रहे है उस G-20 को खड़ा करने में अमेरिका का बड़ा योगदान था. वर्ष 1999 में जब G-20 की बैठक हुई थी तब अमेरिकी प्रतिनिधि लैरी समर्स ने ही बैठक का पहला एजेंडा पेश किया था.
अब छिड़ेगी बड़ी जंग? क्यों फेल हो गई पाकिस्तान और अफगानिस्तान की बैठक, ये हैं 4 बड़ी वजह
Pakistan Afghanistan peace talk: पाकिस्तान चाहता है कि टीपीपी और उससे जुड़े नेटवर्क को खत्म करने के लिए अफगानिस्तान लिखित समझौते पर साइन करें ताकि सीमापार आंतकवादी हमलों को रोका जा सके. इस पर तालिबान सरकार ने रूख साफ करते हुए किसी भी आतंकवादी संगठन के खिलाफ कार्रवाई को अफगानिस्तान के कानूनों के तहत बताया.
गीजा के पिरामिड के नीचे दिखे दो खुफिया कमरे, क्या मिल गया सम्राट के 'अकूत खजाने' का असली दरवाजा?
Menkaure Pyramid: रिसर्च में शोधकर्ताओं का ध्यान पिरामिड के पूर्वी हिस्से पर बने एक रहस्यमयी भाग की ओर गया, जहां पर लगभग 13 फीट ऊंचे और 20 फीट चौड़े चिकने ग्रेनाइट पत्थरों की एक दीवार बनी हुई है. ऐसे पत्थर केवल उत्तरी हिस्से में पाए जाते हैं.
Nepal News: नेपाल के त्रिभुवन एयरपोर्ट पर अचानक रोकी गई उड़ानों की आवाजाही, यात्रियों में अफरा-तफरी
Tribhuvan International Airport News: नेपाल के त्रिभुवन इंटरनेशल एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही अचानक रोक दी गई है. जो फ्लाइट उड़ानें भरने वाली थीं, उन्हें होल्ड पर कर दिया गया है.
अमेरिका ने बदल डाली वीजा नियमों की ABCD, रिजेक्शन नहीं चाहिए तो जान लें आवेदन का सही तरीका
America changes H1 visa rules: अमेरिका में हेल्थ सुरक्षा और मेडिकल खर्च के चलते बढ़ रही चिंताओं को कम करने के लिए उड्डयन विभाग की तरफ से आदेश जारी किया गया है. इस आदेश में वीजा प्रक्रिया के तहत मेडिकल रिपोर्ट को अहम हिस्सा बनाया गया है.
Vivek Ramaswamy: अमेरिका के ओहियो में गवर्नर पद के लिए चुनाव होने वाला है. इस चुनाव में भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी भी मेयर पद की रेस में है. उन्हें ट्रंप का समर्थन मिल रहा है.
ब्रेकिंग न्यूज़ देशबंधु हिंदी दैनिक 8 नवंबर 2025
आज 8 नवंबर 2025 की देश-दुनिया-राजनीति, खेल, समाज, अर्थव्यवस्था की बड़ी खबरें, जो दिन भर लाइव अपडेट होंगी।
हूतियों के निशाने पर यूएई का बुर्ज खलीफा? क्या है सोशल मीडिया पर किए गए दावे की सच्चाई
UAE news: क्या यमन के गुस्से की चिंगारी अरब देशों तक पहुंच गई है. अफ्रीका की हिफाजत से क्या यमन के हूतियों का कोई वास्ता है. क्योंकि ऐसी अटकलों को लेकर दावा किया जा रहा था कि बुर्ज खलीफा को निशाना बनाया जा सकता है.
Worlds longest non stop flight:एक विदेशी एयरलाइंस ने जहाज बनाने वाली कंपनी 'एयरबस' को ऑर्डर देकर एक खास प्लेन बनवाया है जिससे दुनिया की सबसे लंबी फ्लाइट के सफर का आपका एक्सपीरियंस एकदम बदलकर अद्भुत हो जाएगा. जिसकी खासियतें जानकर आप भी इसमें कभी न कभी ट्रैवल करने का मन बना लेंगे.
Trump ने भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी को बताया 'कुछ खास', ओहियो के लिए चुना युवा और मजबूत चेहरा
Vivek Ramaswamy for Governer: अमेरिकी राष्ट्रपति Trump ने ओहियो को एक महान राज्य कहा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर विवेक रामास्वामी चुनाव जीतते हैं तो वह एक शानदार गवर्नर बनेंगे.
Trump Russia Oil Ban: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के साथ हुई बातचीत में हंगरी को रूसी तेल के प्रतिबंध से छूट दिलाने का संकेत दिया है.
जी-20 सम्मेलन का ट्रंप ने किया बहिष्कार, दक्षिण अफ्रीका पर भेदभाव का आरोप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि इस साल दक्षिण अफ्रीका में होने वाली जी-20 बैठक में अमेरिकी सरकार का कोई भी अधिकारी शामिल नहीं होगा
अमेरिका में नस्लीय तनाव की वापसी! ट्रंप के विवादित आदेश ने G20 को कैसे बनाया सियासी अखाड़ा?
G20 in South Africa: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका का कोई भी सरकारी अधिकारी दक्षिण अफ्रीका में होने वाली बैठक में हिस्सा नहीं लेगा.
आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का एक और सख्त आदेश आया है। तीन जजों की बेंच ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि वो सार्वजनिक जगहों से आवारा कुत्तों को हटा दें। इनमें अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, खेल परिसर और रेलवे स्टेशन शामिल हैं। कोर्ट ने कहा कि इसका सख्ती से पालन करना जरूरी है, लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। आखिर कब तक हट जाएंगे आवारा कुत्ते, गड़बड़ी पर कौन जिम्मेदार होगा और कोर्ट ने क्यों सुनाया इतना सख्त फैसला; भास्कर एक्सप्लेनर में 5 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे… सवाल-1: स्कूलों, अस्पतालों, सड़कों से कब तक हट जाएंगे आवारा कुत्ते? जवाबः जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एवी अंजारिया की बेंच ने आदेश में कहा कि इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए… अदालत ने कहा कि निर्देशों को पूरे भारत में समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। 8 हफ्ते बाद 13 जनवरी की सुनवाई में सभी मुख्य सचिव और NHAI के अध्यक्ष अनुपालन प्रमाण पत्र दाखिल करेंगे। जिसमें हाईवे से आवारा पशुओं को हटाने और शेल्टर होम, गश्ती दलों का गठन और हेल्पलाइन की स्टेटस रिपोर्ट होगी। सवाल-2: अगर 13 जनवरी के बाद भी कुत्ते दिख जाते हैं तो किसकी जिम्मेदारी होगी? जवाबः सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि स्कूल, अस्पताल, रेलवे स्टेशन जैसी हर चिह्नित जगह के प्रबंधक रखरखाव और सफाई के लिए जिम्मेदार एक नोडल अधिकारी को नॉमिनेट करें और यह सुनिश्चित करें कि आवारा कुत्ते कैम्पस में न प्रवेश करने पाएं और न वहां घूमते दिखें। नामित अधिकारी का नाम संस्थान के गेट पर लिखा जाएगा और उस इलाके के नगर निकाय या प्राधिकरण को भी सूचित किया जाएगा। स्थानीय नगरपालिका प्राधिकरण और पंचायतें ऐसे सभी कैम्पस का हर तीन में महीने में कम से कम एक बार नियमित निरीक्षण करेगी। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां कोई आवारा कुत्ता तो मौजूद नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि इसका सख्ती से पालन करना जरूरी है वरना अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव इन निर्देशों का कड़ाई से पालन कराएं। वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में बार-बार होने वाली घटनाओं के लिए संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह ठहराएंगे। सवाल-3: सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर क्यों कहा- जहां से पकड़ें, वहां न छोड़ें कुत्ते? जवाबः सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चिह्नित स्थानों से कुत्तों को उठाकर उनकी नसबंदी की जाए और फिर शेल्टर होम में भेजा जाए। आवारा कुत्तों को उसी स्थान पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था। अगर ऐसा करने की इजाजत दी गई तो इन जगहों से आवारा कुत्तों से मुक्त करवा पाने का मकसद पूरा नहीं हो पाएगा। अदालत ने कहा कि उठाए गए मवेशियों और अन्य आवारा पशुओं को उचित शेल्टर होम या गौशालाओं में रखा जाएगा। उन्हें सभी आवश्यक भोजन, पानी और पशु चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी। इससे पहले 22 अगस्त को इसी बेंच ने कहा था कि कुत्तों को कीड़े की दवाई देने, नसबंदी करने और एंटी-रेबीज वैक्सीन लगाने के बाद उसी इलाके में वापस छोड़ा जा सकता है। सिर्फ रेबीज से संक्रमित और आक्रामक स्वभाव वाले कुत्तों को वैक्सीन लगाकर अलग डॉग शेल्टर में ही रखा जाएगा। सवाल-4: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर इतना सख्त फैसला क्यों सुनाया? जवाबः वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO के मुताबिक दुनिया में हर साल 55 हजार से ज्यादा लोगों की मौत रेबीज से होती है। इनमें से हर तीसरा यानी करीब 18 से 20 हजार मौतें भारत में होती हैं। भारत में डॉग बाइट से मरने वाले आधे से ज्यादा 15 साल से कम उम्र के बच्चे हैं। केंद्रीय पशुपालन मंत्री एसपी सिंह बघेल ने 1 अप्रैल 2025 को लोकसभा में बताया था कि 2024 में देशभर में कुत्तों के काटने के करीब 37 लाख 15 हजार मामले दर्ज हुए। जबकि साल 2023 में ऐसे 30 लाख 52 हजार मामले सामने आए थे। इससे पहले 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कुत्ते के काटने और रेबीज की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा, 'छोटे बच्चे किसी भी कीमत पर रेबीज का शिकार नहीं होने चाहिए। कार्रवाई ऐसी हो, जिससे लोगों को भरोसा हो कि वे बिना डर के घूम सकते हैं और उन पर आवारा कुत्ते हमला नहीं करेंगे। इसमें कोई भावनात्मक पक्ष नहीं होना चाहिए।' सवाल-5: क्या होता है रैबीज और क्या इसका कोई इलाज नहीं? जवाबः बुलंदशहर जिले में फराना गांव के रहने वाले 22 साल के बृजेश कबड्डी के स्टेट लेवल के खिलाड़ी थे। करीब दो महीने पहले एक कुत्ते के बच्चे को नाले से निकालने के दौरान उसने बृजेश की उंगली में काट लिया। कुछ दिन बाद उन्हें ट्रेनिंग के दौरान उंगली में सुन्नपन महसूस हुआ। जल्द ही बृजेश को हाइड्रोफोबिया हो गया यानी पानी से डर लगने लगा। तब डॉक्टर्स को रेबीज का शक हुआ। इलाज शुरू हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बृजेश की मौत हो गई। रेबीज लीजावायरस (Lyssavirus) नाम के वायरस से होने वाली बीमारी है। WHO के मुताबिक, इंसानों में 99% मामलों में रेबीज का संक्रमण कुत्तों से होता है। ये वायरस इंसानों में तीन तरीके से आता है- रेबीज के वायरस की खासियत है कि ये इंसान के शरीर में घुसने के बाद खून के बजाय सीधे नर्वस सिस्टम पर हमला करता है। नर्वस सिस्टम का केंद्र हमारा दिमाग है। रेबीज संक्रमित को पहले पानी से डर लगना शुरू होता है। पानी पिलाने पर उसका गला चोक होने लगता है। इसके बाद हवा और रोशनी से डर लगने लगता है। इसके अलावा घबराहट, भ्रम, बहुत ज्यादा लार बनना और आखिर में पैरालिसिस यानी लकवा मार जाता है। एक बार लक्षण आने के बाद रेबीज से पीड़ित इंसान को पूरी तरह ठीक करना लगभग नामुमकिन है। यानी वायरस को खत्म करने का कोई तरीका नहीं है। व्यक्ति को जो लक्षण हैं, उनका इलाज किया जाता है। ----------------- ये खबर भी पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट का आदेश- स्कूल, अस्पताल से आवारा कुत्ते हटाएं:जहां से पकड़ें, नसबंदी के बाद वहीं न छोड़ें; हाईवे से आवारा जानवर भी हटाएं सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से दूर रखने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों में बाड़ लगाई जाए, ताकि कुत्ते वहां न पहुंच सकें। पढ़िए पूरी खबर...
बात 1995 की है। तब के मुख्यमंत्री लालू यादव बिहार के गोपालगंज में कोई चुनावी सभा करने वाले थे। उन्होंने पटना से गोपालगंज संदेश भिजवाया। यह संदेश रामचंद्र मांझी के लिए था। 2021 में पद्मश्री से सम्मानित हुए रामचंद्र मांझी तब पूर्वी बिहार में सेलिब्रेटी से जरा भी कम नहीं थे और भिखारी ठाकुर की चर्चित नाच मंडली के ‘लौंडा डांसर’ थे। संदेश यह था कि मांझी जी, तय तारीख को साड़ी पहनकर आ जाइएगा और स्टेज के पास ही रहिएगा। लालू जी ने संदेश भेजा है। रामचंद्र मांझी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो जरूर मगर चुपचाप जाकर दूसरी तरफ बैठ गए, जहां महिलाएं बैठी थीं। लालू यादव आए, स्टेज पर चढ़े और भीड़ के बीच से रामचंद्र मांझी को पहचान लिया। उनकी तरफ इशारा करके कहा, आप वहां कहां बैठे हैं, स्टेज पर आइए और इधर कुर्सी पर बैठिए। आप कलाकार हैं, आपका सम्मान अलग है। लौंडा नाच पर रिसर्च कर चुके और शिक्षा विभाग, बिहार से जुड़े जैनेंद्र दोस्त कहते हैं, 'रामचंद्र मांझी सफेद रंग की साड़ी पहनकर स्टेज पर आगे बैठे। लौटते वक्त लालू ने उनसे मुलाकात की जो मांझी जी को आखिर तक याद रही। यह किस्सा उन्होंने मुझे खुद ही सुनाया था। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि ऐसा क्यों किया गया होगा? दरअसल केवल रामचंद्र मांझी को स्टेज पर बिठा भर लेने से जो भीड़ लालू के भाषण नहीं भी सुन रही थी, वो भी बनी रही और लालू ने एक सफल कार्यक्रम कर लिया। सितंबर में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के मंच से हो रहा लौंडा नाच देखिए- बिहार में लौंडा नाच चुनाव से लेकर आम घटनाओं तक का हिस्सा है। बीते अगस्त महीने में पूर्व सीएम लालू, राजद नेता अरुण यादव के पिता के निधन पर उनके घर गए। वहां उन्होंने परिवार से मुलाकात तो की ही, साथ ही लौंडा नाच भी देखा। बीते जुलाई में विधानसभा के मानसून सत्र में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 2005 से पहले के दौर का जिक्र करते हुए कहा- '15 साल तक बिहार में कोई काम ही नहीं हुआ सिर्फ नाच गाना और लौंडा का नाच होता रहा। लालू के राज्य में विकास की कोई बात नहीं हो रही थी। इसके बाद लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को लौंडा कह दिया गया। जिसके जवाब में अगले ही दिन तेजस्वी यादव ने कहा, 'जब मेरे पिता जी लौंडा नाच कराते थे तब आप वहीं बैठ कर ताली पीटा करते थे। लौंडा नाच हमारी संस्कृति है, ये उसका मजाक बना रहे हैं।' लालू बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं। भोजपुरी भाषी बिहार के जिलों समेत यह इलाका लौंडा नाच के लिए काफी जाना गया। अपनी राजनीति रैलियों और कार्यक्रमों में लालू भीड़ जुटाने के लिए लौंडा नाच का खूब इस्तेमाल करते थे। लालू लौंडा नाच के उस्ताद यानी मैनेजरों से उनकी डायरी लेकर उनके कार्यक्रमों की तारीख नोट कर लेते थे। और तय तारीख को नाच के बीच में उस्ताद उन्हें कुछ मिनट समय लेकर अपनी बात कहने देते थे। भुअरा के नाच पार्टी के उस्ताद सुरेश कुमार कहते हैं,- लालू जी जितना लौंडा नाच कोई नेता नहीं देखा होगा। हमारे उस्ताद बताते थे कि लालू जी चुनाव में अपने साथ तीन-तीन मंडली लेकर चलते थे। उस जमाने में माइक नहीं होता था, तो भी भीड़ जुटती थी। मैं खुद ही दस बार से भी अधिक लालू जी के घर पर कार्यक्रम किया हूं। उनके जन्मदिन पर या होली-दीवाली पर वो हम लोगो को संदेश भेज कर बुला लेते थे। एक बार फोन करके कहे उन्होंने कहा कि अपनी मंडली के सब लोगों का नाम दो, आवास बनवा देंगे। लालू जी ने सबका आवास बनवा भी दिया।' लखदेव राम, भिखारी ठाकुर के दौर के ही एक और ‘लौंडा’ नाच पार्टी संयोजक थे। लालू ने इनकी नाच मंडली का इस्तेमाल करके दर्जनों बार भीड़ जुटाई। इसका जिक्र करते हुए जैनेंद्र दोस्त बताते हैं,- लखदेव राम के कार्यक्रमों में दोपहर से ही भीड़ लगती थी। लालू ऐसे मंचों पर जाते थे तो दो फायदे होते। एक ये कि उन्हें बिना किसी मेहनत के दो-चार हजार लोगों की ऑडियंस मिल जाती थी। दूसरा ये कि लालू लौंडा नाच के कलाकारों को याद रखते थे और जहां भी मौका मिलता था, उनका सम्मान करते थे। वे लौंडा नाच देखने के शौकीन थे या नहीं, लेकिन इतना पक्का है कि उन्हें इनका सियासी इस्तेमाल पता था। बाद में लालू के सीएम बनने के बाद तक लखदेव राम ने लालू पर गाना भी बनाया और उसका असर चुनाव पर भी पड़ा।' भोजपुरी भाषा के लिए लंबे समय से काम कर रहे पत्रकार निराला बिदेसिया कहते हैं- 'सबसे पहले समझने वाली बात ये है कि लौंडा नाच में ‘लौंडा’ शब्द ही अपमानित करने वाला है। लालू समाज के वंचित वर्ग और छुआछूत के शिकार जातियों के नेता रहे हैं। लौंडा नाच भी समाज के उसी वर्ग के एंटरटेनमेंट का जरिया था। उस समय तक गांवों में ‘बाई जी का नाच’ होता था, जिसमें लड़कियां डांस करती थीं। लेकिन समाज की ऊंची जातियां ही ये कार्यक्रम देख पाती थीं। इसलिए समाज के दूसरे वर्ग ने अपने एंटरटेनमेंट के लिए नाच पार्टी बनायी, जिसमें पुरुष कलाकार ही लड़की बनते थे। इन पुरुष कलाकारों को ‘लौंडा’ कहा जाने लगा। दरअसल ‘बाई जी के नाच’ में तवायफों के डांस इवेंट होते थे। बाई जी की मंडलियां चलती थीं जिसमें देश भर के कलाकार होते थे। इनमें खर्च बहुत लगता था जो अमीर और जमींदार ही दे पाते थे। निराला बिदेसिया आगे कहते हैं, 'बाई जी के नाच प्रोग्राम को समाज की ऊंची जातियां ही आयोजित करा पाती थीं। और इनमें सभी जातियों को शामिल होने की या तो इजाजत नहीं होती थी या फिर उनके साथ भेदभाव होता था। ऐसे में जब समाज के अन्य हिस्सों ने अपने लिए एंटरटेनमेंट का जरिया तलाशा तो जगह-जगह नाच मंडलियां बनीं। धीरे-धीरे ये सताए हुए लोगों के मनोरंजन का स्रोत बनता गया और नाच प्रोग्रामों में सामाजिक कुरीतियों पर बात की जाने लगी। इसलिए इन कार्यक्रमों की गरिमा कम करने के लिए इसे ‘लौंडा नाच’ कह दिया गया।’ बिहार में खासकर भोजपुरी भाषी इलाके में लौंडा शब्द अपने से छोटों के लिए उन्हें कमतर दिखाने के भाव से इस्तेमाल होता है। यह वही शब्द प्रयोग था जिसके सहारे ‘बाई जी के नाच’ से अलग बताने के लिए इन कार्यक्रमों को ‘लौंडा नाच’ कह दिया गया। जो बाद में उनपर पहाड़ की तरह टूटा, जो पुरुष थे मगर महिलाओं किरदार निभाते थे। जैनेंद्र अपनी रिसर्च के हवाले से कहते हैं,- 'पुरुषों के महिला बन कर नाचने का जिक्र नाट्य शास्त्र तक में मिलता है। 11वीं सदी से ही पुरुष कलाकार महिला बन कर नाचते आए हैं। बिहार और भोजपुरी भाषी इलाके में लौंडा नाच को 19वीं सदी में भिखारी ठाकुर ने नया आयम दिया जो आजतक जारी है। अंतर बस ये है कि भिखारी ठाकुर के दौर में यह सम्मानित नाच प्रोग्राम थे, जो अब कम बजट में भी आयोजित हो जाने वाले ‘लौंडा नाच’ की तरह रह गए हैं।' ऐसा नहीं है कि राजनीतिक रूप से लौंडा नाच का यूज सिर्फ लालू प्रसाद यादव ने अपनी राजनीति में किया। नीतीश जब पहली बार सीएम बनने की राह पर थे तो अपनी छवि लालू प्रसाद यादव से अलग बनाना चाहते थे। जैनेंद्र दोस्त कहते हैं,- '2005 आते-आते लालू प्रसाद यादव की छवि बहुत हद तक देसी नेता की बन चुकी थी। ऐसे में नीतीश कुमार की छवि एक साफ-सुथरे सेनेटाइज नेता की तरह बनायी जा रही थी। नीतीश कुमार की इस छवि को और मजबूत करने के लिए लालू प्रसाद के किये का ध्यान रखा गया। लालू प्रसाद के लौंडा नाच के एवज में नीतीश कुमार ने ऑर्केस्ट्रा को आगे किया। ऑन मौसमी म्यूजिकल ग्रुप नाम की नई ऑर्केस्ट्रा की टीम बनायी गई। नीतीश कुमार के प्रचार में भीड़ जुटाने के लिए इसका प्रयोग किया गया, जिसका असर लौंडा नाच पर भी पड़ा।' 20वीं सदी की शुरुआती सालों में लौंडा नाच, भोजपुरी समाज में पॉपुलर हो चुका था। भिखारी ठाकुर ने दर्जनों परंपराओं पर कटाक्ष किया। छुआछूत से लेकर बेटियों के बेच दिए जाने तक पर नाटक लिखा। साथ ही यह भी इंश्योर किया कि नाच मंडली से जुड़े लोग किसी भी तरह की कुरीति का हिस्सा न बनें। इन सब का बिहार की राजनीति और समाज पर जो असर पड़ा उस पर टिप्पणी करते हुए जैनेंद्र कहते हैं, 'राजनीति की लड़ाई में एक पारंपरिक कला की दशा-दिशा खराब होती चली गई। नीतीश कुमार ने लौंडा नाच के एवज में जब ऑर्केस्ट्रा खड़ा किया तभी सोचना चाहिए था कि इसका असर पूरी नाच परंपरा पर पड़ने वाला है। भिखारी ठाकुर ने बेटी बेचवा नाटक लिखा, जिसमें भोजपुरी समाज में पिता के बेटी बेचने पर टिप्पणी की गई। पिया निसइल नाटक के माध्यम से नशाखोरी पर टिप्पणी की। लेकिन आर्केस्ट्रा गीत-संगीत का एक बिगड़ा हुआ स्वरुप था जिसमें अश्लीलता, फूहड़ डांस स्टेप और गंदे बोल के गाने बजाए जाते थे। इसमें नाचने वालों का सम्मान समाज में कम ही रहा है और इसे कभी भी लौंडा नाच के सामने खड़ा नहीं किया जा सकता। लौंडा नाच से जुड़े कई कलाकार सरकारी नौकरियों में हैं, जो लालू यादव ने दिलवायीं। बिहार में सचिवालय में क्लर्क की नौकरी करने वाले भुटकुन कुमार खुद ही एक लौंडा नाच पार्टी चलाते हैं। भुटकुन के घर में लालू प्रसाद यादव की तस्वीर टंगी है। अपनी नौकरी का किस्सा बताते हुए भुटकुन कहते हैं, 'मेरे बाबा भिखारी ठाकुर की मंडली में रहते थे। धीरे-धीरे मेरा भी मन लगने लगा। एक बार वो होली मे लालू जी हमें घर बुलाए। तब मेरी शादी हो चुकी थी और घर में खाने तक की दिक्कत थी। मैंने लालू जी के सामने हाथ जोड़कर कहा कि मुझे नौकरी दिला दीजिए। लालू जी ने पूछा कहां तक पढ़े हो। फिर कागज मंगाया और सचिवालय में लगवा दिया। आज मेरी जिंदगी बदल गई है। मेरे घर में खाने को रोटी रहती है। मैंने कई कलाकारों को मजदूरी करते देखा है। जैनेंद्र कहते हैं- 'दस-बीस या पचास कलाकारों को भी नौकरी दे देने से जिम्मेदारी पूरी नहीं जाती। लालू जी सीएम रहते हुए काफी कुछ कर सकते थे। इन कलाकारों को स्थायी नौकरी का प्रबंध हो सकता था। इस परंपरा को बचाए रखने के लिए किसी यूनिवर्सिटी में थिएटर का कोर्स बनाया जा सकता था। हालत तो ये है कि मुझे थिएटर पढ़ना था तो दिल्ली जाना पड़ा, बिहार में एक संस्थान नहीं है जो थिएटर की डिग्री देता हो। इसके अलावा मैं निजी तौर पर कई ऐसे नेताओं को जानता हूं, जो सिर्फ लालू की नजर में आने के लिए लौंडा नाच का कार्यक्रम कराते रहे हैं। लालू जी भी केवल चुनावी सभा में लौंडा नाच कराते रहे। बहुत खुश हुए तो अपने आवास पर बुला लेते थे। ***** नाच सीरीज का पहला एपिसोड भी पढ़िए... 'लड़की बनकर नाचता हूं, लेकिन आपकी तरह ही मर्द हूं': लोग कपड़ों में हाथ डाल देते हैं, रैली में भीड़ जुटाने के लिए बुलाते हैं नेता छह फीट से जरा सी कम लंबाई। एक बार में तकरीबन डेढ़ फीट जमीन नाप ले, ऐसी चाल। बहुत ज्यादा पान मसाला खा लेने से बदरंग हो चुके दांत और फटे होंठ। जिसकी बात हो रही है, उनके लंबे बालों को छोड़ दें, तो सब कुछ मर्दाना है, लेकिन मन है कि लहंगा-चुन्नी पहनकर, चेहरे पर श्रृंगार करके नाचने को करता है। सो अब सल्टू लाठौर काजल लगाने वाले हैं। पूरी खबर पढ़िए...
अमेरिका का नया पैंतरा, आपको ये सारी बीमरियां हैं, तो वीजा मिलना होगा मुश्किल
अमेरिका डायबिटीज, हार्ट डिजीज और दूसरी पुरानी बीमारियों से परेशान लोगों को वीजा देने से इनकार कर सकता है. ऐसे में कई लोगों के लिए यूएस जाना मुश्किल हो सकता है.
‘अगवा किए जाने के बाद आदर्श का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें अपहरणकर्ता उससे शाहरुख खान के बारे में पूछ रहे हैं। बातचीत से वो उनके फैन लग रहे हैं। हम शाहरुख खान से अपील करना चाहते हैं कि वे आदर्श की रिहाई में हमारी मदद करें। अगर वो एक अपील कर देंगे तो शायद अपहरणकर्ता आदर्श को छोड़ दें।‘ सूडान में बंधक बनाए गए ओडिशा के आदर्श बेहरा की पत्नी सुष्मिता उनकी सकुशल रिहाई की कोशिश में लगी हैं। परिवार रेड क्रॉस से भी मामले में मदद की अपील कर रहा है। सूडान में 2023 से सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच जंग जारी है। 26 अक्टूबर को RSF ने देश के अल-फशर शहर पर कब्जा कर लिया। इसी दौरान आदर्श को भी बंधक बना लिया गया। आदर्श सूडान में एक प्लास्टिक फैक्ट्री में मशीन ऑपरेटर का काम कर रहे थे। परिवार को उनके बंधक बनाए जाने की जानकारी तब मिली, जब उनका वीडियो सामने आया। जिसमें वो RSF के सैनिकों के बीच हाथ जोड़कर रिहाई की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं। परिवार के मुताबिक, आदर्श को अभी दक्षिण दारफुर में RSF के गढ़ न्याला में रखा गया है। अब आदर्श का परिवार भारत सरकार, ओडिशा के CM मोहन चरण मांझी और एक्टर शाहरुख खान से मदद की अपील कर रहा है। दैनिक भास्कर की टीम ने ओडिशा के जगतसिंहपुर में आदर्श के गांव पहुंचकर परिवार वालों से मुलाकात की और पूरा मामला समझा। सबसे पहले आदर्श की मां की बात…परिवार का खर्च नहीं संभला तो ज्यादा कमाने के लिए बाहर गयाआदर्श ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के कोटकणा गांव के रहने वाले हैं। पिता खेत्रबासी बेहरा चूड़ा बेचकर और मजदूरी करके परिवार का खर्च उठा रहे हैं। परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी सुष्मिता और दो बेटे हैं। आदर्श की मां आरती बताती हैं, ‘हमने बहुत मुश्किलों का सामना करके आदर्श को पाल पोसकर बड़ा किया। पति घर-घर घूमकर चूड़ा बेचते थे और छोटे-मोटे काम किया करते थे। कई बार तो दो वक्त की रोटी मिलना भी मुश्किल हो जाता था। गरीबी के चलते बेटे को भी ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं सके।‘ ‘आदर्श ने सिर्फ 10वीं तक ही पढ़ाई की। इसके बाद वो मुंबई, आंध्र प्रदेश और फिर गुजरात के राजकोट कमाने चला गया। उसने प्लास्टिक फैक्ट्री में लगभग 8-10 साल काम किया। यहां सैलरी कम थी, सिर्फ 15-16 हजार रुपए ही मिलते थे। इसमें परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। इसलिए देश से बाहर जाना पड़ा।‘ कहकर गए सब सही कर दूंगा, अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंस गएपत्नी सुष्मिता बताती हैं, ‘पहले आदर्श के साथ मैं भी गुजरात की प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करती थी। जब से छोटा बेटा हुआ, तब से काम करना बंद कर दिया। आदर्श के लिए अकेले परिवार पालना मुश्किल हो रहा था। इसी बीच उन्हें सूडान की ‘सुक्रती प्लास्टिक फैक्ट्री‘ से 50-60 हजार रुपए सैलरी में काम करने का ऑफर मिला। आदर्श ने इसे अपने बच्चों का भविष्य संवारने का मौका माना और चले गए।‘ ‘आदर्श 2022 में सूडान गए। उन्होंने सोचा था ज्यादा कमाकर बच्चों को बेहतर जिंदगी दे सकेंगे। टूटे मकान की मरम्मत करा सकेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया था कि जल्द सब ठीक करके वो घर लौट आएंगे। उन्हें गए 3 साल हो चुके हैं लेकिन वो लौट नहीं सके। अब बस सरकार उन्हें अपहरणकर्ताओं के चंगुल से निकाल लाए।‘ हमने पूछा कि आदर्श के अपहरण की खबर कैसे मिली। इस पर सुष्मिता बताती हैं, ‘पहले फोन पर पता चला फिर उनका वीडियो मिला। उनके चारों तरफ लोग बंदूक लिए घूमते दिख रहे हैं। ये सब देखकर मैं बेचैन हो गई और मेरी तबीयत बिगड़ गई। चक्कर आने लगे और मैं बेहोश हो गई। हाथ-पैर में सूजन आ गई है। अभी बालासोर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।’ ’आखिरी बार जब आदर्श से बात हुई थी, तब मैंने बच्चों को दिखाने के लिए वीडियो कॉल करने को कहा लेकिन आदर्श ने खतरे की बात करते हुए मना कर दिया था।’ वहीं अपहरण का वीडियो देखकर आदर्श की मां आरती भी परेशान हैं। वे कहती हैं, ‘हमें अचानक एक वीडियो मिला, जिसमें बेचा अपनी रिहाई की भीख मांग रहा है। वीडियो देखने के बाद से हमारा खाना-पीना तक बंद हो गया है। पिछले करीब 12 दिनों से हमारी आदर्श से बातचीत पूरी तरह बंद हो गई है। हम सिर्फ उसके वीडियो ही देख पाते हैं।‘ सुष्मिता के लिए अब दोनों बच्चों के साथ काम करना मुमकिन नहीं रह गया है। वे बताती हैं , ’छोटा बेटा 3 साल का है इसीलिए अभी काम पर नहीं जा रही हूं। सास-ससुर भी बुजुर्ग हो गए हैं। अब परिवार का खर्च उठाना मुश्किल हो गया है। हम खाने-पीने के मोहताज हैं।’ रेड क्रॉस से मदद मिलने की आखिरी उम्मीद क्या आदर्श ने किसी से मदद लेने की बात कही है। इस पर सुष्मिता बताती हैं, ‘उनकी एकमात्र उम्मीद अब रेड क्रॉस ही है। बंधक बनाए जाने के बाद से अपहरणकर्ताओं ने जब भी बात कराई, वो बार-बार रेड क्रॉस का ही नाम लेते हैं। वे कहते हैं कि रेड क्रॉस वालों से कहो, वही मुझे बचा सकते हैं।‘ ‘आदर्श बता रहे हैं कि जिस जगह पर उन्हें अगवा करके रखा गया है, वहां सिर्फ रेड क्रॉस वाले ही मदद कर सकते हैं इसीलिए हम उनसे उम्मीद लगाए बैठे हैं। आदर्श ने ये भी बताया क्योंकि वो भारत से हैं इसीलिए अपहरणकर्ताओं ने उन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी है।’ आदर्श की कंपनी से कोई बात हुई क्या? इसके जवाब में सुष्मिता बताती हैं, ‘कंपनी के सेठ ने इतना ही बताया है कि जब वो आदर्श को अपने साथ लेकर शहर से निकल रहे थे। तभी रास्ते में उन्हें रोका गया और आदर्श को अगवा कर लिया गया। वो आदर्श को भारत वापस भेजने के लिए लेकर जा रहे थे।‘ क्या कंपनी मालिक ने किसी तरह की आर्थिक मदद का भरोसा दिलाया है। इस पर वे कहती हैं, ‘आदर्श को 8 महीने बाद से ही तनख्वाह मिलनी बंद हो गई थी। तब से कुछ नहीं हुआ। कंपनी के सेठ से जब शिकायत की तो उन्होंने कहा था कि उनके इलाके में बैंक बंद कर दिए गए हैं इसलिए दिक्कत आ रही है।‘ बेटे के अपहरण की खबर ने उम्मीदें तोड़ी, अब कैसे संभालें परिवारआदर्श के पिता खेत्रबासी कहते हैं कि बेटे के अपहरण की खबर ने उनकी उम्मीदें तोड़ दी हैं। आदर्श की सुरक्षा की भी चिंता है और आर्थिक तंगी ने भी परेशान कर दिया है। वे कहते हैं, ’हमें पता चला था कि हमारे बेटे और उसकी कंपनी के मालिक के भाई दोनों को बंधक बना लिया गया है। आदर्श से उसका मोबाइल, पासपोर्ट और बाकी डॉक्यूमेंट्स भी छीन लिए गए हैं। पिछले दो साल से बेटा पैसे भी नहीं भेज सका इसलिए माली हालत भी खराब है। अब 65 साल का हो गया हूं। इस उम्र में कमाने में असमर्थ हूं, भला परिवार का खर्च कैसे उठाऊं?’ ‘मुख्यमंत्री को ये सब बताते हुए हम रोने लगे। हालांकि उन्होंने बेटे की सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया है। हालांकि अब तक प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है। हम SP के पास गए थे लेकिन वहां से हमें कलेक्टर ऑफिस जाने को कहा गया। अगले दिन जब कलेक्टर के कार्यालय पहुंचे, तब तक कलेक्टर पारादीप चले गए थे। उसके बाद जब हम पारादीप में CM साहब से मिलने पहुंचे। वहीं हमारी मुलाकात SP और कलेक्टर से हुई थी।‘ मां आरती भी कहती हैं कि मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटे को जल्द वापस ले आएंगे। वो 2-3 दिन के अंदर दिल्ली जाएंगे और सारी व्यवस्थाएं करके उसे ले आएंगे। कंपनी मालिक ने बताया- अपहरणकर्ता पैसे मांग रहे आदर्श के अगवा होने से पहले उनके साले दीपक बेहरा लगातार उनके संपर्क में थे। वे बताते हैं, ‘बंधक बनाए जाने से पहले आखिरी बार आदर्श से मेरी बात 24 अक्टूबर को हुई थी। उसने कहा था कि वो ठीक है और अपने रूम में है। 26 अक्टूबर को जब बात हुई तो आदर्श ने बताया कि उसे बंधक बना लिया गया है और वो अल फशीर की मीना जेल में है। वो हमसे बार-बार मदद की गुहार लगा रहा है।‘ आदर्श सरकार से अपील करते हुए कहते हैं कि सरकार रेड क्रॉस से इसे लेकर बात करें क्योंकि वहां एक मात्र रेड क्रॉस ही है जो लोगों की मदद कर रहा है। अभी आदर्श को न्याला सिटी में रखा गया है और उसे कहीं दूर ले जाने की तैयारी की जा रही है। दीपक बताते हैं कि सूडान में इंडियन एंबेसी से लगभग 10 दिनों से बात हो रही है लेकिन कोई खास डेवलपमेंट नहीं दिख रहा। कंपनी मालिक के पिता और बहन से पता चला है कि RSF के अपहरणकर्ताओं ने पैसों की मांग की है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वो सारे पैसे देंगे और आदर्श को रिहा कराएंगे। परिवार की शाहरुख खान से मदद की अपीलदीपक बताते हैं कि अपहरणकर्ताओं ने एक वीडियो में एक्टर शाहरुख खान का भी जिक्र किया है। वो आदर्श से शाहरुख के बारे में पूछ रहे हैं, जिसके जवाब में आदर्श ने खुद को भारतीय बताया। परिवार का मानना है कि अपहरणकर्ता शाहरुख खान के फैन हो सकते हैं और सुपरस्टार की अपील पर वे आदर्श को छोड़ सकते हैं। दीपक ने बताया, ‘उन्होंने शाहरुख खान से मदद के लिए आदर्श को टैग करके कुछ ट्वीट किए हैं। अगर एक्टर छोड़ने की अपील कर दें तो उनकी मदद से शायद आदर्श छूट जाए।‘ आदर्श के परिवार की सारी उम्मीदें अब सरकार और प्रशासन पर टिकी हैं। पत्नी का कहना है कि अब तक SP और कलेक्टर से गुहार लगा चुके हैं। ओडिशा के CM मोहन माझी और PM मोदी से भी गुजारिश कर चुके हैं कि जल्द से जल्द हमारे आदर्श को वापस भारत ले आएं। आदर्श को लौटा लाए सरकार, गांव में खुशहाली लौट आएगीहम आदर्श के बचपन के दोस्त गौरांग से भी मिले। वे बताते हैं, ‘आदर्श को मैं बचपन से जानता हूं। हमनें साथ पढ़ाई की है। आदर्श विदेश जाकर पैसे कमाना चाहता था ताकि लौटकर अपना घर बनावा सके। उसने शादी के लिए भी लोन लिया था, उसे वो भी खत्म करना था। हालांकि वो ऐसी मुसीबत में फंस जाएगा, ये किसी ने नहीं सोचा था।‘ ‘गांव भी उसी खबर मिलने के बाद से सब दुखी हैं। हमारा पूरा गांव सरकार से गुहार लगा रहा है कि आदर्श को लौटा लाएं। उसकी वापसी से गांव में खुशहाली लौट आएगी। पूरा गांव दुखी है, किसी के चेहरे पर खुशी नहीं है।‘ विधायक बोले- केंद्र सरकार से दखल की मांग कीतिरतोल के विधायक रमाकांत भोई ने आदर्श के माता-पिता से मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया है। उन्होंने कहा, ‘ये सरकार की जिम्मेदारी है कि आदर्श को किसी तरह से छुड़ाए। हम अभी आदर्श के माता पिता के साथ हैं। मेरी भी सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द उसकी सकुशल वापसी हो। मैंने इस बारे में एसपी से भी बात की थी। एसपी ने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और मामले की जांच कर रहे हैं।‘ विधायक ने इस मामले में केंद्र सरकार से दखल की मांग की और कहा ‘मैं PM से भी इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह करूंगा क्योंकि ये सिर्फ हमारे तिरतोल ही नहीं बल्कि पूरे ओडिशा का मामला है। ये पार्टी की बात नहीं माटी की बात है, पार्टी लाइन को भूल कर हम काम करेंगे।‘.................... ये खबर भी पढ़ें... सऊदी में ड्राइवर की नौकरी देकर कचरा उठवाया-बकरी चरवाई 59 साल की सूरजकली बेटे राजीव की फोटो देखकर भावुक हो जाती हैं। राजीव मई 2023 में सऊदी अरब में ड्राइवर की नौकरी करने गए थे, लेकिन वहां वो कफाला सिस्टम का शिकार हो गए। उन पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। वे रियाद में 3 साल कैद की सजा काट रहे। उन पर 18 लाख रुपए जुर्माना भी लगा है। ये कहानी सिर्फ राजीव की ही नहीं है। सऊदी में कफाला सिस्टम के शिकार बन चुके तमाम भारतीयों की है। पढ़िए पूरी खबर..
Pakistan Afghanistan News: पाकिस्तान और अफगानिस्तान में खुले युद्ध के आसार बढ़ते जा रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान की कई चौकियों पर हमले किए, जिसके बाद तालिबान भड़क उठा है.
ममदानी के मुस्लिम मेयर बनते ही न्यूयॉर्क से पलायन और धर्मांतरण, सेना उतारने की तैयारी में ट्रंप !
DNA Analysis: आज हम ममदानी के राज में धर्मांतरण और पलायन का दोहरा विश्लेषण करेंगे. अमेरिका के न्यूयॉर्क में मुस्लिम मेयर बनते ही 48 घंटे के अंदर पहला धर्मांतरण हो गया और वहां से 7 लाख अरबपतियों के पलायन की तैयारी भी शुरू हो गई. मुस्लिम मेयर जोहरान ममदानी के राज में न्यूयॉर्क कैसे धर्मांतरण की राजधानी बन सकती है और क्यों अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप वहां सेना उतारने की तैयारी कर रहे हैं? इसका विश्लेषण करना आज जरूरी है.
DNA: इजरायल से दोस्ती के लिए मुस्लिम देशों में 'रेस', UAE कजाकिस्तान सहित ये देश कतार में
DNA: कजाकिस्तान से पहले UAE, मोरक्को, सूडान और बहरीन जैसे इस्लामिक मुल्क भी इस समझौते का हिस्सा बन चुके हैं. कजाकिस्तान का अब्राहम अकॉर्ड से जुड़ना क्या वाकई कोई बड़ी बात है या फिर ये ट्रंप के PR को बढ़ाने के लिए किया गया है.
जलवायु परिवर्तन पर UN की बैठक में अमेरिका ने मढ़ा आरोप तो भड़का चीन, दिखाया आईना
Climate Security Council meeting: श्वांग ने चीन को वैश्विक जलवायु परिवर्तन कार्रवाई में सबसे आगे बताया है. जलवायु और सुरक्षा परिषद की बैठक ने श्वांग ने कहा कि चीन की जनसंख्या 1.4 अरब है और उसका जीडीपी दुनिया में दूसरे स्थान पर है.
Zohran Mamdani Latest News: अमेरिका में न्यूयार्क शहर के मेयर चुनाव में जोहरान ममदानी की जीत से अरब मुसलमानों में जबरदस्त खुशी का माहौल है. सीरिया के लोग तो उसे अपना जीजा साहब कह रहे हैं. आखिर वे जीजा क्यों पुकार रहे हैं?
अमेरिका के लॉस एंजेल्स में आसमानी आफत ने 'छक्के छुड़ाए'! धरी रह गई सारी तकनीक, जारी करना पड़ा अलर्ट
लॉस एंजेल्स से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. शहर में चमगादड़ों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों ने अलर्ट जारी किया है. अधिकारियों के अनुसार, अब तक 61 चमगादड़ों में रेबीज की पुष्टि हो चुकी है. लॉस एंजेल्स काउंटी के जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि चमगादड़ हमारे पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन ये रेबीज फैलाने में सक्षम हैं.
विमान की सीट पर छूटी सुई से HIV का खतरा, शख्स ने एयरलाइन पर ठोक दिया 50 लाख डॉलर का मुकदमा
Man Files 50 Lakh Dollar Fine on Airlines: एक वर्जीनिया निवासी को जान का खतरा महसूस हुआ जब मिस्र से वाशिंगटन जा रही एक उड़ान में सीटबैक पॉकेट में हाथ डालने पर उसे सुई चुभ गई. उसने इजिप्ट एयर पर 50 लाख डॉलर का मुकदमा किया है.
चांद की मिट्टी में छिपा भविष्य का ईंधन, NASA से लेकर चाइना तक में पाने की लगी होड़
Moon Mission:चंद्रमा पर हीलियम-3 की खोज ने अंतरिक्ष जगत में एक नई होड़ शुरू कर दी है. यह तत्व भविष्य की स्वच्छ और असीमित ऊर्जा का स्रोत बन सकता है, जो पृथ्वी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकता है.
Al-Sharaa to meet Trump at the White House next Monday:अहमद अल-शराआ पर कभी अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था, जो अल-कायदा से जुड़े हायात तहरीर अल-शाम के लीडर थे. 2011 से सीरिया पर सैंक्शंस ने जिंदगी नरक बना दी. लेकिन 2024 में असद को उखाड़ फेंकने के बाद सब बदल गया. अब राष्ट्रपति बनकर ट्रंप से व्हाइट हाउस में मिलेंगे. इसके लिए सयुंक्त राष्ट्र ने उनपर लगे सभी प्रतिबंध हटा दिए हैं.
ये किला है या शहर? 70,000 वर्ग मीटर में फैला दुनिया का सबसे बड़ा फोर्ट! हर साल आते हैं लाखों टूरिस्ट
Worlds Largest Castle or Fort: चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में दुनिया का सबसे बड़ा और पुराना किला मौजूद है, जिसका नाम है प्राग किला (Prague Castle). 70,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में फैला यह किला 9वीं शताब्दी जितना पुराना है. यह यूनेस्को की विश्व धरोहर भी है. आज भी यह किला चेक राष्ट्रपति का निवास है और अपनी ऐतिहासिक सुंदरता के कारण हर साल 30 लाख से ज्यादा पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है.
इंडोनेशिया: स्कूल की मस्जिद में जुमा की नमाज के दौरान धमाका, 54 लोग घायल
Indonesia Blast: इंडोनेशिया में आज एक स्कूल के अंदर मौजूद मस्जिद के में जुमा की नमाज के दौरान धमाका हुआ है. जिसमें 54 लोगों के जख्मी होने की खबर है. कहा जा रहा है कि धमाका उस समय हुआ जब मस्जिद भरी हुई थी.
Zohran Mamdani: न्यूयॉर्क के नए मेयर बने जोहरान ममदानी इन दिनों काफी ज्यादा सुर्खियां बटोर रहे हैं. इसी बीच उनकी पत्नी की सादगी और राजनीतिक दूरी चर्चाओं का विषय बनी है. आइए जानते हैं कौन हैं ममदानी की पत्नी रमा दुवाजी?
Most Electricity Producer: इलेक्ट्रिसिटी का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है. आज के समय में फ्रिज, कूलर यहां तक की गाड़ियां भी बिजली पर निर्भर हैं. ऐसे में बहुत कम लोगों को पता होगा कि दुनिया के ये 5 देश सबसे ज्यादा बिजली का उत्पादन करते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ देशबंधु हिंदी दैनिक 7 नवंबर 2025
आज 7 नवंबर 2025 की बड़ी खबरें, जो दिन भर लाइव अपडेट होंगी।
Nancy Pelosi Retirement News: नैंसी पेलोसी अमेरिकी इतिहास में पहली महिला स्पीकर बनीं और दो बार इस पद पर रहीं पहले 2007 से 2011 तक और फिर 2019 से 2023 तक. उन्होंने न केवल डेमोक्रेटिक पार्टी का चेहरा बनीं, बल्कि अमेरिकी विधायी व्यवस्था में शक्ति और नेतृत्व का प्रतीक भी रहीं.
Killer Nurse in Germany: नर्स है या हैवान... वर्क लोड कम करने के लिए 10 मरीजों को ही मार डाला
Germany Killer Nurse: जर्मनी केएक पैलिएटिव केयर नर्स को 10 मरीजों की हत्या और 27 अन्य की हत्या की कोशिश के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
1 ट्रिलियन डॉलर के पैकेज को मंजूरी, ऐसी खुशी कि रोबोट के साथ डांस करने लगे एलन मस्क
Elon Musk Dance Video: गुरुवार को अमेरिका की ऑस्टिन सिटी में हुई टेस्ला की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में कंपनी के शेयरधारकों ने एलन मस्क के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर (करीब 83 लाख करोड़ रुपये) के रिकॉर्ड तोड़ वेतन को मंजूरी दे दी. इसी के साथ आने वाले 10 सालों के लिए कंपनी ने टारगेट भी सेट किए हैं. इस दौरान एलन मस्क रोबोट के साथ डांस करते नजर आए.
मेल या फीमेल और कुछ नहीं, गायब हुआ थर्ड जेंडर! US में ट्रंप की जेंडर पालिसी को हरी झंडी
US Supreme Court on Third Gender: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप की जेंडर पॉलिसी को हरी झंडी दिखा दी है.अब अमेरिकी पासपोर्ट पर ट्रांसजेंडर का ऑप्शन नहीं होगा. इससे पहले सेना में थर्ड जेंडर्स की भर्ती पर पाबंदी लग चुकी है.
US-Russia:रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव ने ऐसा दावा किया है, जिसके बाद तो पुतिन और ट्रंप के बीच और मतभेद हो सकता है. अमेरिका और रूस के बीच अगर जंग हुई तो मंजर क्या होगा यह सोचकर ही हैरानी होती है, लेकिनरूसी रक्षा मंत्री के दावे ने बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
चीन की 'रेयर अर्थ बादशाहत' को ट्रंप की चुनौती! 5 देशों संग हाथ मिलाकर डिनर पर तय हुई डिप्लोमेसी
Donald Trump on Rare Earth: रेयर अर्थ मेटल्स को लेकर चीन और अमेरिका के बीच बादशाहत की होड़ में ट्रंप ने बड़ी चाल चली है. उन्होंने मध्य एशियाई देशों के साथ व्हाइट हाउस में डिनर पर बड़ी रणनीति बनाई है.
ट्रंप सरकार का बड़ा ऐलान, अब इतनी सस्ती मिलेंगी वजन कम करने वाली दवाएं, कंपनियों की भी बल्ले-बल्ले
Weight loss drugs Rate in US: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ऐलान किया कि उनकी सरकार ने कंपनियों के साथ समझौता कर लिया है, जिसके बाद मोटापा कम करने वाली मशहूर दवाओं Wegovy और Zepbound के दाम काफी कम हो जाएंगे. आइए जानते हैं वजन कम करने वाली इन दवाओं की कीमत अब कितनी होगी....
Abraham Accords: अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐलान किया है कि अब्राहम समझौते के तहत एक और देश आने वाला है. 2020 में इजरायल के साथ UAE, बहरीन के बीच हुए समझौतों के बाद यह एक और बड़ा कदम माना जा रहा है.
नए साल में भारत के दौरे पर आ रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप? पीएम मोदी के लिए कही बड़ी बात
India US Trade Talks:अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वो अगले साल भारत दौरे पर (Donald Trump India Visit) जाएंगे. इसी दौरे में उन्होंने एक बार फिर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांध दिए.
RS-28 Sarmat: जब 10 मुखी 'दानव' की एंट्री से कांप गए सातों महाद्वीप! ट्रंप भी देखते रह गए
Russia Vs US:यूक्रेन में पिछले चार साल से नाटो ने न्यूक्लियर भट्टी सुलगा रखी है. ट्रंप के न्यूक्लियर टेस्ट करने और मिनटमैन मिसाइल को दागकर उसमें बारूद डालने का काम किया है. यकीनन पुतिन ने भी अब ऑर्डर जारी कर दिया और यकीनन हालात इतने विस्फोटक हो गए हैं कि मामूली सी चिंगारी महाविनाश का कारण बन सकती है.
क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी IPL 2026 में भी खेलते नजर आएंगे. इसकी पुष्टि खुद चेन्नई सुपर किंग्स के CEO काशी विश्वनाथन ने की है. लेकिन पिछले दो सालों से टीम के खराब प्रदर्शन के बावजूद 44 साल के धोनी अब तक CSK से क्यों जुड़े हुए हैं? आखिर धोनी को CSK से और CSK को धोनी से कितना फायदा है, जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक करें और देखें वीडियो…
दैनिक भास्कर की इलेक्शन सीरीज नाच के पहले एपिसोड में कहानी उस लौंडा नाच की, जिसका इस्तेमाल चुनावों में भीड़ जुटाने के लिए किया जाता है... छह फीट से जरा सी कम लंबाई। एक बार में तकरीबन डेढ़ फीट जमीन नाप ले, ऐसी चाल। बहुत ज्यादा पान मसाला खा लेने से बदरंग हो चुके दांत और फटे होंठ। जिसकी बात हो रही है, उनके लंबे बालों को छोड़ दें, तो सब कुछ मर्दाना है, लेकिन मन है कि लहंगा-चुन्नी पहनकर, चेहरे पर श्रृंगार करके नाचने को करता है। सो अब सल्टू लाठौर काजल लगाने वाले हैं। कमाल ये कि काजल लगाने के लिए भी अगर हाथ उठे तो लगता है जैसे कोई डांस स्टेप हो। दाएं हाथ से आंखों को थोड़ा सा नीचे खींचकर दूसरे से काजल की गहरी लाइन खींचते वक्त ऐसा लगता है जैसे सच में ये बाएं हाथ का ही खेल हो। चेहरे के बाद अब बालों को पीछे की ओर रिबन से कसकर बांध लिया है। सिर पर मटमैले हो चुके लहंगे की चुनरी सेफ्टी पिन से फंसाने के बाद झुमके की बारी है। उंगलियां झुमके के पेंच कस रही हैं और अचानक थिरकने लगी हैं। यह श्रृंगार महिंद्रा की स्कॉर्पियो गाड़ी में उकड़ू बैठ कर किया जा रहा है। स्कॉर्पियो आरा के अगियाव बाजार में बने सरकारी हाईस्कूल मैदान के बाउंड्री से लगकर खड़ी है। यहां आज बीस मिनट की एक चुनावी सभा होनी है, जो RJD प्रत्याशी दीपू राणावत के समर्थन में होगी। यहां लौंडा नाच होना है, मंच से बार-बार लौंडा नाच का ऐलान हो रहा है, मानो वही आज का मेन इवेंट है। मैं लौंडा नाच की टीम से मिलने स्कॉर्पियो के पास पहुंचा हूं, जहां माइक टेस्टिंग की आवाज आ रही है। माइक से कभी किसी नेता का नाम लेकर जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं, कभी कोई फिल्मी गीत बजाकर आवाज जांची जा रही है। सल्टू स्पीकर में बज रहा गीत गुनगुनाते हुए लिपस्टिक लगाने लगे हैं। पान खाकर बदरंग हो चुके होठों पर लाल चटख लिपस्टिक तीन बार घिसने के बाद मेरी तरफ अचानक घूम कर कहते हैं, 'जब होठ फटा रहता है तो लिपस्टिक से जलन होने लगती है। हम पहले होंठों पर सरसों का तेल लगा लेते थे तो लिपस्टिक नहीं चढ़ती थी।' बिहार के भोजपुर जिले की मशहूर नाच पार्टी ‘भुअरा के नाच’ की आज बहार है। उसके सबसे ‘डिमांडिंग’ लौंडा सल्टू का आज नाच प्रोग्राम है। सल्टू इस नाच पार्टी के साथ बीते 15 साल से ‘लौंडा’ बनकर नाचते आ रहे हैं। आजादी के बाद से 20वीं सदी के खत्म होने-होने तक भोजपुरी भाषी बिहार के पहचान की तरह देखा जाने वाला लौंडा नाच अब किस स्थिति में है? ‘विमल’ नाम के गुटखा ब्रांड के झोले में से श्रृंगार का सामान निकालते सल्टू के पास चेहरा देखने के लिए हथेली भर का शीशा है। वो अपने साथी लौंडा अंबिका से बड़ा शीशा मांगते हैं, मगर उनके पास भी तो ही शीशा है वो भी छोटा ही है। मर्दों के लिए तय किए कपड़े उतार कर वो बारी-बारी से लहंगा, ब्लाउज, दुपट्टा पहन चुके हैं। वो तैयार तो हो रहे हैं, लेकिन मुझसे बात नहीं करना चाहते। मुझे बुरा भी न लगे इसलिए रह-रह कर एक-दो शब्द बोल देते हैं। लिपस्टिक के बाद बाल की बारी आती है। चूंकि शीशा छोटा है, तो उसे किसी के सहारे ईंट से टिकाकर वो मेरी तरफ देखते हैं। ‘एक रात पहले बाल धोना पड़ता है, नहीं तो बांधने नहीं बनता है। मेरे बाल मेरी औरत (पत्नी) के बाल से ज्यादा सुंदर हैं।’ पूरी तरह तैयार हो चुके सल्टू, बंधे हुए बालों में कंघी फेर रहे हैं। वो कभी शीशे से चेहरा हटाकर बाल देखने लगते हैं तो कभी बड़ा सा जूड़ा बांधने लगते हैं। मेरे पूछने पर कि, चेहरे पर अभी क्या-क्या करना होगा, लिपस्टिक के बाद? वो कहते हैं, अगर शाम को कार्यक्रम रहता है तो सुबह में दाढ़ी बनवाकर फिटकरी लगा लेते हैं, फिर पाउडर से ही काम चल जाता है। अगर दाढ़ी नहीं बनवाए हैं तो ज्यादा तैयार होना पड़ता है। लिपस्टिक के बाद मैं पाउडर लगाता हूं। उसके बाद एक क्रीम है जिससे पाउडर का सफेदी कम हो जाता है, उसको लगा कर सुखा लेता हूं। बस!' सल्टू ने बताया कि चुनावी रैली दिन में होती है इसलिए उन्हें आज थोड़ा भड़कीले रंग का कपड़ा पहना होगा। उन्हें खुद ही कभी भड़कीले तो कभी बहुत ही सहज रंग के लहंगे का ध्यान रखना पड़ता है, वैसे तो सबसे पहले कपड़ा ही बदलते हैं, यहीं भीड़ ज्यादा थी, तो सोचे कि कपड़ा बाद में बदल लेंगे। पहले चेहरा ही ठीक कर लेते हैं। यह मंडली आज ही तीन अलग-अलग जगहों पर लौंडा नाच करेगी। हर परफॉर्मेंस का उन्हें हजार रुपया दिए जाने का वादा हुआ है। चुनाव का यह समय सल्टू के लिए त्योहार से कम नहीं है। भीड़ बटोरने के लिए जब सल्टू नाचते हैं, तो उन्हें बाकी दिनों से अलग, हजार- पांच सौ रुपए ज्यादा मिलते हैं। कभी-कभी दोनों वक्त का खाना भी। बातचीत के बीच ही स्कूल के फिल्ड में माइक पर ‘लालू प्रसाद यादव-जिंदाबाद’ का नारा लगने लगता है। कुछ देवी-देवताओं के जयकारे के बाद एक उम्रदराज शख्स दीपू राणावत के लिए दो शब्द कहता है और वाद्ययंत्रो की आवाज धीरे-धीरे तेज होने लगती है। इधर, स्कॉर्पियो की पिछली सीट पर बैठे सल्टू पूरी तरह कैरेक्टर में आ चुके हैं। उनके हावभाव बदल चुके हैं और देखकर ही समझ आ जाता है कि उन्होंने इस नाच को मन से अपना लिया है। सल्टू माइक के पास आते हैं। पूरी टीम के साथ वाद्ययंत्र को हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं और फिर दर्शकों की तरफ मुड़ते हैं। कमर तक झुककर सबको प्रणाम करने के बाद नाचने आए साथी लौंडा नर्तक के साथ वो गोल-गोल घूमने लगते हैं । इसके बाद लालू यादव के नाम से बनाया गया एक गीत बजता है जिसके धुन में लालटेन चुनाव निशान का बार-बार जिक्र हो रहा है। उनके साथी अंबिका और बाकी के कलाकार यूं नाचते हैं जैसे उन्हें गाने के बोल से कोई मतलब ही नहीं है। वो बीट पकड़कर कमर थिरकाते हैं। बीच-बीच में लालू प्रसाद यादव की तारीफ से बात शुरू होती है और तेजस्वी की सरकार बनाने पर खत्म होती है। वोट चोरी, सांप्रदायिकता और महिला सुरक्षा पर बात होती है। तकरीबन 30 मिनट के बाद अब दूसरी जगह जाने की बारी है। सल्टू के उस्ताद, सुरेश ठाकुर मंच के पीछे पीकअप जीप लगाते हैं और सभी को उसमें बैठने का इशारा करते हैं। टीम के साथ लहंगा-चुन्नी में ही अंबिका, सल्टू और साथी नर्तक पीछे बैठ जाते हैं। पूछने पर कि कहां जा रहे हैं, कहते हैं- यहां से जाएंगे दरियागंज (भोजपुर) के पास। वहां एक गांव में जाकर नाचना है। कैसी व्यवस्था है, नहीं पता। वे मुझे भी अपनी स्कॉर्पियो में बैठा लेते हैं। अब मेरे पास सल्टू और उनके साथी हैं, जिनसे लौंडा नाच और चुनाव में उनके इस्तेमाल पर बात की जा सकती है। मैंने नाच प्रोग्राम के दौरान लोगों के रिएक्शन और उनके रोजमर्रा की दिक्कतों से बात शुरू की। इतने में सल्टू के सहयोगी नर्तक अंबिका बोल पड़ते हैं, 'हम लोगों का प्रोग्राम लगा झारखंड के धनबाद में। पहली बार मैं वहां नाचने गया था। शादी-ब्याह का माहौल था, इसलिए बारात लगने के बाद देर रात नाच शुरू हुआ। एक घंटे के बाद शामियाना खाली हो गया और बस गांव के लोग बचे। 14-15 साल का लड़का मेरी तरफ देखकर बुलाने का इशारा किया। मैं पास गया तो कहता है, गोद में बैठोगी तो पैसा देंगे। फिर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचकर कहा, तुमको क्या लगता है कि नहीं बैठोगी तो बच कर चली जाओगी? हम लोगों को सिखाया जाता है कि नाच तभी रुकेगा जब म्यूजिक बंद होगा। इसलिए हमको सिर्फ गाना सुनाई दे रहा था। मैं उसी में मगन था लेकिन समझ में आ रहा था कि बदतमीजी हो सकती है। इसलिए मैंने नाचते हुए ही कहा, मैं भी तुम्हारी तरह लड़का ही हूं, बस दो पैसे की मजबूरी में साड़ी पहन कर नाच रहा हूं। इसके बाद भी वो मेरा हाथ पकड़कर खींचता रहा। मुझे उसके गोद में बैठना ही पड़ा। जैसे-तैसे मेरी जान बची। मुझे उस पूरी रात डर लगता रहा, लेकिन मैं फिर भी नाचा। वो पहली बार था जब मेरा नाचने का मन नहीं कर रहा था।' इस बात के बाद पूरी गाड़ी में दस मिनट के लिए चुप्पी छायी रही। अंबिका बताते हैं, 'हम लोग इसी गाड़ी में बैठकर तैयार होते हैं, प्रोग्राम खत्म करके इसी में खाते हैं। यहीं सो जाते हैं। किसी भी कार्यक्रम में चाहे शादी हो या मरनी, हमें लोग घर पर नहीं बुलाते- बिठाते। केवल नाच देखकर खुश होते हैं और वापस भेज देते हैं। हां, छेड़खानी करते वक्त उनको नहीं याद रहता कि हमको छूना-पकड़ना नहीं चाहिए। सल्टू के लिए यह सब कुछ काम का हिस्सा है। उन्हें अब इस बात का भी फर्क नहीं पड़ता कि सामने बैठने वाला किस तरह के इशारे कर रहा है। वो कहते हैं, हम लोगों के कहने पर उतना तक कर देते हैं जितना देखने में भी अच्छा लगे। लौंडा नाच करने वाले और इस तरह की मंडलियों को चलाने वाले नट समाज के लोग होते हैं। इनके प्रेरणास्रोत लोक कलाकार भिखारी ठाकुर हैं। उन्होंने ही बिहार में ‘नाच प्रोग्राम पार्टी’ का कॉन्सेप्ट दिया। भिखारी ठाकुर (1887–1971) लोक कला के इतिहास में एक जरुरी नाम हैं। नाई समाज से थे। उनके चर्चित नाटक बिदेसिया, बेटी बेचवा, गबरघिचोर और राजा हरिश्चंद्र काफी मशहूर हैं। आज भी लौंडा नाच करने वाले अधिकतर लोग अनुसूचित जाति से आने वाले नट समुदाय के हैं। बिहार के जातिगत सर्वे के अनाधिकारिक रिपोर्ट की मानें तो यहां 1.5 लाख आबादी नट समाज की है, जिनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति किसी से छिपी नहीं है। बिहार में इमरजेंसी के बाद लौंडा नाच राजनीतिक रंग लेता गया। इमरजेंसी के बाद बिहार में लालू प्रसाद यादव, रामविलास पासवान और नीतीश कुमार जैसे नए नेताओं को नेशनल पॉलिटिक्स में जगह मिल चुकी थी। ये सभी नेता समाज के उन वर्गों की ही राजनीति करते थे जिनकी बात लौंडा नाच के कार्यक्रमों में पहले से होती आ रही थी। बिहार में लंबे समय से काम कर रहे जर्नलिस्ट विष्णु नारायण बताते हैं, 'लालू यादव ने चुनाव में लौंडा नाच का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया। बिहार और खासकर पूर्वी बिहार, जिस इलाके के लालू खुद रहने वाले थे, वहां मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन लौंडा नाच ही था। लालू जिस यादव समाज से आते थे, उसके लिए लौंडा नाच देखना सबसे आसान था। तब तक समाज की तथाकथित ऊंची जाति के लोगों के लिए लौंडा नाच कम सम्मानित चीज थी और उसकी जगह ‘बाई जी का नाच’ देखा-सुना जाता था। भिखारी ठाकुर का नाटक और उसके साथ ही लौंडा नाच इसलिए भी तेजी से फैलता गया। एक दौर था जब लालू प्रसाद यादव लौंडा नाच के माध्यम से चुनाव प्रचार करते थे। नाच के कार्यक्रमों से पहले पता लगाकर पहुंच जाते थे, रिक्वेस्ट करके दो-चार मिनट के लिए माइक लेते और अपना चुनाव प्रचार कर लेते थे। लालू ने तो भिखारी ठाकुर के नाच पार्टी वाले रामचंद्र मांझी को लड़की की ड्रेस में स्टेज पर बिठाया और सीएम बनने के बाद कलाकारों को नौकरियां दीं, जिन पर कोर्ट की जांच तक बैठ गई। वहीं, नीतीश कुमार ने आर्केस्ट्रा को ज्यादा तवज्जो दी।' इस सब में लौंडा नाच का क्या हुआ और इतिहास में लौंडा नाच मुगलों के दौर के ‘बाई जी के नाच’ के समाने कैसे जगह बना पाया, जानेंगे अगले एपिसोड में...
‘मुस्लिम लड़कियों को उठा ले जाओ। ऐसा बयान क्या कोई समझदार नेता देता है? वो कहते हैं कि हम मुसलमानों को उठवा लेंगे तो कभी गोली चलवा देंगे। हमें तो लगता है कि उन्हें सत्ता का नशा चढ़ गया है। इसलिए वो बार-बार ऐसे नाजायज बयान दे रहे हैं। अब लोग बता रहे हैं कि 10 तारीख को फिर उनकी जनसभा होगी। इसलिए गांव के लोग डरे हुए हैं।’ UP के सिद्धार्थनगर के धनखरपुर गांव के रहने वाले अख्तर हुसैन की ये नाराजगी BJP नेता राघवेंद्र सिंह के उस बयान पर है, जिसमें उन्होंने कहा था- 'अगर मुस्लिम लड़के दो हिंदू लड़कियां ले जाते हैं और उन्हें मुस्लिम बनाते हैं, तो तुम 10 मुस्लिम लड़कियां लाकर हिंदू बनाओ।' अख्तर के मुताबिक, पूर्व विधायक की बदजुबानी की वजह से गांव में नाराजगी और डर का माहौल है। महिलाएं और बेटियां खौफजदा हैं। 16 अक्टूबर 2025 को राघवेंद्र प्रताप सिंह ने धनखरपुर गांव में एक जनसभा में मुस्लिम लड़कियों को भगाने पर हिंदू लड़कों को खाना और नौकरी देने जैसी बातें कही थीं। उनके बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। सपा से लेकर बसपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने BJP नेता की बातों को आपत्तिजनक, भड़काऊ और महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला बताया और कानूनी कार्रवाई की मांग की। दूसरी तरफ राघवेंद्र दैनिक भास्कर से बात करते हुए अपने बयान को सही ठहराते हैं। उनका कहना है कि बयान 'कंडीशनल' था, उसमें कुछ भी गलत नहीं। UP की डुमरियागंज विधानसभा सीट से पूर्व विधायक राघवेंद्र आखिर क्यों विवादों में हैं? मामले में 20 दिन बीतने के बावजूद अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? जिन 2 हिंदू लकड़ियों के भागने पर पूरा विवाद शुरू हुआ, आखिर वो कहां हैं? इन सवालों के जवाब जानने हम सिद्धार्थनगर पहुंचे। मुस्लिम बहुल धनखरपुर गांव के लोग सहमेसिद्धार्थनगर से 54 किलोमीटर दूर डुमरियागंज पड़ता है। धनखरपुर गांव इसी विधानसभा में आता है। लगभग 4000 की आबादी वाले इस गांव में 70% लोग मुस्लिम बिरादरी से आते हैं। गांव में BJP नेता की जनसभा के बाद से ही लोगों में नाराजगी साफ दिखती है। महिलाएं सुरक्षा को देखते हुए इस पर बात नहीं करतीं। हालांकि अख्तर हुसैन विवाद पर बात करने से खुद को रोक नहीं पाते। अख्तर कहते हैं, ‘गांव के कोटेदार विकास गौतम उर्फ शब्लू ने ही राघवेंद्र प्रताप सिंह की जनसभा करवाई थी। हमने वीडियो में देखा है कि वो कैसे मुसलमानों के खिलाफ जहर उगल रहे थे। वो जिन लड़कियों को भगाने की बात कह रहे थे, असल में वो अपनी मर्जी से घरवालों को छोड़कर गई हैं।’ अख्तर से बात करने के बाद हम धनखरपुर में उस जगह पर गए जहां BJP नेता की जनसभा हुई थी। लोगों ने बताया कि सभा में बाकायदा BJP का बैनर लगाया गया, जिस पर पार्टी के सीनियर लीडर्स की तस्वीरें और पार्टी का सिम्बल ‘कमल’ का निशान था। राघवेंद्र प्रताप सिंह के बयान का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उसमें वो कह रहे हैं, ‘एक महीने के अंदर यहां से दो हिंदू लड़कियां मुस्लिम लड़कों के साथ भाग गईं। ये हमें पच नहीं रहा है। मुसलमानों सुन लो, दो का बदला भारी होने वाला है। मैं कह रहा हूं, कम से कम 10 मुस्लिम लड़कियां लाओ। 2 के बदले 10 से कम मंजूर नहीं।‘ धनखरपुर से सटे कादिराबाद गांव के इकबाल मलिक क्षेत्र के बड़े किसानों में आते हैं। वो इस मामले के बाद धनखरपुर में अपने करीबियों से मिलने गए थे। राघवेंद्र के बयान पर इकबाल कहते हैं, ‘BJP के एजेंडे में भले ही 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' हो, लेकिन पूर्व विधायक ने ऐसा बयान दिया जो उनकी पार्टी की सोच से ही विपरीत था। क्षेत्र में अपने बयानों से डर पैदा करना एक विधायक को शोभा नहीं देता है।‘ राघवेंद्र अपनी कही गई बातों पर कोई सफाई भी नहीं देना चाहते क्योंकि उन्हें इस बात का घमंड है कि वे योगी बाबा के भक्त हैं। उन्हें कुछ नहीं होगा। जिन दो हिंदू लड़कियों के भागने पर विवाद हुआ, वो कहां? राघवेंद्र जनसभा के दौरान बार-बार 2 हिंदू लड़कियों का बदला लेने की बात दोहरा रहे थे। हम उनका पता लगाने के लिए उनके घरवालों से मिले। एक बच्ची दलित और दूसरी सवर्ण परिवार से है। दोनों बालिग हैं। पीड़ितों ने हमें बताया कि दोनों लड़कियां 2 से 3 महीने पहले घर छोड़कर गांव के ही मुस्लिम बिरादरी के लड़कों आशिफ और अली के साथ भाग गई थीं। (गोपनीयता के कारण हम लड़कियों और उनके घरवालों की पहचान नहीं बता रहे।) पहली लड़की के भाई दिनेश (बदला हुआ नाम) ने हमसे बात की। वो कहते हैं, ‘मेरी बहन को गए 3 महीने बीत चुके हैं। वो गांव के पास ही एक स्कूल में पढ़ाती थी। जब वो गायब हुई, तब हमने लोकल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। हालांकि थाने में हमारी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। हम उसे एक बार वृंदावन से खोजकर घर लाए, लेकिन वो फिर उसी लड़के के साथ भाग गई।‘ दूसरी लड़की की मां कहती हैं, ‘मेरी बेटी 2 महीने पहले गांव के ही मुसलमान लड़के के साथ भाग गई थी, तब से लौटी नहीं है। हम लोगों ने पुलिस से बताया, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। बेटी घर लौट आए, इसके लिए हमने पूर्व विधायक राघवेंद्र सिंह से निवेदन किया है। वो उसे खोजकर ले आएंगे।’ पीड़ित परिवारों से मिलकर हम धनखरपुर में रहने वाले मुस्लिम लड़कों के घरवालों से भी मिले। हालांकि वे इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए। वजह पूछने पर उन्होंने बताया कि वो नहीं चाहते कि उन्हें और परेशान किया जाए। राघवेंद्र बोले- जो भी कहा, उसमें कुछ भी गलत नहींएक धर्म विशेष को लेकर राघवेंद्र प्रताप सिंह के बयान पर सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने निशाना साधा है। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राघवेंद्र के बयान को असंवैधानिक और नफरत फैलाने वाला बताया। वहीं सपा नेता और UP विधानसभा में नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा कि ऐसे बयान BJP नेता की खराब मानसिकता को दिखाते हैं। 2022 में उन्होंने अपनी विधायकी भी गंवा दी। वो अपनी हार से उबर नहीं पाए हैं और ऐसे बेतुके बयान दे रहे हैं। हालांकि राघवेंद्र अब तक अपने बयान पर कायम हैं। उनका कहना है कि वे विपक्ष के आरोपों और प्रतिक्रियाओं पर ध्यान नहीं देते। वे हमेशा हिंदुत्व के साथ खड़े रहे हैं और आगे भी खड़े रहेंगे। दैनिक भास्कर से बात करते हुए राघवेंद्र कहते हैं, ’बलरामपुर के उतरौला में छांगुर बाबा ने 1000 से ज्यादा हिंदू लड़कियों को मुसलमान बना दिया। सिद्धार्थनगर का धनखरपुर गांव भी बलरामपुर की सीमा से सटा हुआ है, जहां बीते कुछ सालों में 5 हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण करवाकर उन्हें मुस्लिम बना दिया गया। जब मुझे ये बात पता चली तो मैं उस गांव गया। ’ 16 अक्टूबर को जब मैं धनखरपुर पहुंचा तो वहां के लोगों ने बताया कि कुछ दिनों पहले यहां की 2 गरीब हिंदू लड़कियों को मुस्लिम लड़के भगा ले गए हैं। वहां लोग घबराए हुए थे। ’इसी डर को दूर करने के लिए मैंने कहा कि अगर वो दो को ले गए हैं, तो तुम लोग उनकी 10 लड़कियां ले जाओ। मेरा बयान कंडीशनल था, उस समय के संदर्भ को देखते हुए था।’ ’मैंने कुछ सोच विचार करके बयान नहीं दिया था, न ही मैं इसे अपनी गलती मानता हूं। रही बात बिगड़े बोल की तो अखिलेश यादव से भी ये पूछा जाना चाहिए कि उन्हें गाय के गोबर से बदबू क्यों आती है। जबकि उनके पूर्वजों का वही पेशा रहा है। वो अयोध्या के दीपोत्सव को पैसे की बर्बादी बताते हैं, जबकि 2014 में सैफेई महोत्सव में उन्होंने 350 करोड़ रुपए लुटा दिए थे।’ धनखरपुर गांव के मुसलमानों का कहना है कि अगर वो आपके खिलाफ बोलेंगे तो उनपर झूठे मुकदमे लगा दिए जाएंगे? इसके जवाब में राघवेंद्र कहते हैं, ’मेरे विधायक बनने से पहले डुमरियागंज की हिंदू बहन-बेटियों के साथ आए दिन रेप के मामले सामने आते थे। डर के कारण कोई हिंदू FIR कराने नहीं जाता था। चौराहों पर बहू-बेटियों को पकड़कर उनसे छेड़खानी की जाती थी। यहां न जाने कितने हिंदुओं की हत्याएं हुईं।’ ’आज योगी आदित्यनाथ के राज में रामराज्य चल रहा है। यहां के हिंदू-मुस्लिमों को लड़ाने का काम केवल यहां की विधायिका सैयदा खातून कराती हैं। मैंने आज तक किसी निर्दोष मुसलमान को न तो परेशान किया, न ही उसे छेड़ा है।” राघवेंद्र की पॉलिटिक्स में ‘हिंदू युवा वाहिनी’ की झलकसिद्धार्थनगर के सीनियर जर्नलिस्ट रविंद्रनाथ त्रिपाठी कहते हैं, ’राजनीति में आने से पहले राघवेंद्र गोरखनाथ मठ से जुड़े रहे। वहां वे योगी आदित्यनाथ के करीबियों में शामिल हो गए। इसका सबसे पहला प्रमाण 2012 में मिला, जब योगी के कहने पर राघवेंद्र को डुमरियागंज विधानसभा से BJP का टिकट मिला। हालांकि पहले चुनाव में उन्हें पीस पार्टी के प्रत्याशी कमाल यूसुफ मलिक ने हरा दिया था।’ ’राघवेंद्र सिंह हमेशा से एग्रेसिव नेचर के रहे हैं। वे शुरुआत से ही हिंदुत्व के मुद्दों को प्राथमिकता देते आए हैं। यही वजह है कि वे हिंदू युवा वाहिनी के गोरक्षा और सनातन संस्कृति की रक्षा जैसे मकसद को अपनी राजनीति की ढाल बनाकर चलते आए हैं। समय-समय पर इसकी झलक उनके बयानों में भी देखने को मिलती है।’ 2002 में योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी नाम का संगठन बनाया था, लेकिन यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इसे भंग कर दिया। सैयदा बोलीं- डुमरियागंज के हिंदू मेरे साथ, राघवेंद्र का डर नहींडुमरियागंज विधानसभा में राघवेंद्र सिंह की सबसे बड़ी सियासी दुश्मनी सैयदा खातून से रही है। 2017 में बतौर BSP कैंडिडेट सैयदा, राघवेंद्र से महज 171 वोटों से हार गई थीं, लेकिन 2022 में उन्होंने इस हार का बदला ले लिया। इस चुनाव में सपा के टिकट पर सैयदा ने राघवेंद्र सिंह को 700 से ज्यादा वोटों से हरा दिया। धनखरपुर मामले में भी सैयदा लगातार राघवेंद्र को घेर रही हैं। 31 अक्टूबर को सैयदा ने राघवेंद्र सिंह के खिलाफ बस्ती मंडल के DIG संजीव त्यागी और सिद्धार्थनगर के SP अभिषेक महाजन को लिखित शिकायत दी। हालांकि वो पुलिस पर अब तक कोई भी कार्रवाई न करने का आरोप लगाती हैं। सैयदा कहती हैं, ’डुमरियागंज हमेशा से अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन अब पूर्व विधायक अपने बयानों से यहां का माहौल बिगाड़ रहे हैं। मैं उन्हें इस मकसद में कभी कामयाब नहीं होने दूंगी।’ ‘राघवेंद्र सिंह ने 2017 से लेकर 2022 तक डुमरियागंज के निर्दोष लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए। हर जगह छोटे-छोटे मामले उठाकर हिंदू-मुस्लिम करने में लगे हुए हैं। हालांकि डुमरियागंज के लोगों ने हमेशा उसे ही पसंद किया, जिसने यहां के विकास की बात की, न कि उन्हें जिन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ भड़काया हो।’ सिद्धार्थनगर पुलिस बोली- BJP नेता के खिलाफ शिकायत मिली, जांच जारी सिद्धार्थनगर पुलिस के मुताबिक डुमरियागंज के धनखरपुर में 2 हिंदू लड़कियों के दूसरे धर्म के लड़कों के साथ भागने का मामले सामने आया था। इस पर अलग-अलग जगहों से लड़कियों को खोजकर वापस सिद्धार्थनगर लाया गया। हालांकि उन्होंने वापस घर जाने से इनकार कर दिया क्योंकि लड़कियां बालिग हैं, ऐसे में इस केस पर आगे कार्रवाई नहीं बढ़ी। BJP नेता राघवेंद्र के बयान पर कार्रवाई कहां अटकी? इस सवाल पर सिद्धार्थनगर के SP डॉक्टर अभिषेक महाजन ने बताया, ‘धनखरपुर में हुई जनसभा में दिए गए विवादित बयान के खिलाफ हमें शिकायत मिली है। इसकी जांच सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज CO बृजेश वर्मा कर रहे हैं। जो भी बातें सामने आएंगी, उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।’.................. ये खबर भी पढ़ें... 50 महीने जेल-600 करोड़ खत्म, चुनाव लड़ने पर बैन यूपी सरकार में कभी कैबिनेट मंत्री रहे आजम ने बीते 5 सालों में अपनी जिंदगी के 50 महीने जेल में काटे। योगी सरकार आने के बाद वो 2 बार जेल गए। पहली बार फरवरी 2020 से मई 2022 तक और फिर अक्टूबर 2023 से सितंबर 2025 तक जेल में रहे। कैद में रहते हुए आजम की करोड़ों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चला और स्कूल बंद कर दिए गए। पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
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