चीन की विजय दिवस परेड में शामिल होंगे किम जोंग उन और पुतिन
- चीन की विजय दिवस परेड में शामिल होंगे किम जोंग उन और पुतिन,-ट्रंप के टैरिफ से टूटा शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ खुले,- ट्रंप प्रशासन ने छात्रों और पत्रकारों के लिए नए वीजा प्रतिबंधों का प्रस्ताव रखा
शी जिनपिंग के निमंत्रण पर किम जोंग 3 सितंबर को चीन की सैन्य परेड में होंगे शामिल
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन जल्द ही चीन की यात्रा करेंगे। वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर द्वितीय विश्व युद्ध समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ मनाने के लिए चीन जाएंगे। सरकारी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी
तो क्या US टैरिफ की काट बनेगा QUAD? पीएम मोदी के दौरे से पहले भारतीय राजदूत का ये बयान
भारत केराजदूत सिबी जॉर्ज ने अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच क्वाड के महत्व पर जोर दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष, शिगेरू इशिबा, के बीच टोक्यो यात्रा के दौरान इस पर चर्चा होने की संभावना है.
US School Shooting: अमेरिका केमिनियापोलिस के एक कैथोलिक चर्च में हुई गोलीबारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. अब इस मामले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.
अमेरिकी डिप्लोमैट ने रूस-यूक्रेन वॉर को बताया 'PM Modi का युद्ध', चीन से दोस्ती को लेकर दी चेतावनी
Russia Ukraine War: अमेरिकी व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन युद्ध को 'PM Modi का युद्ध कहा है'. साथ ही उन्होंने रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत की आलोचना भी की है.
दक्षिण कोरिया: पूर्व राष्ट्रपति यून एक बार फिर नहीं पहुंचे कोर्ट
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक योल गुरुवार को सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे की सुनवाई में लगातार छठी बार अनुपस्थित रहे
अमेरिकी के चर्च में गोलीबारी, हमलावर ने हथियार पर लिखा था भारत विरोधी संदेश
मिनियापोलिस के एक कैथोलिक चर्च पर हमला करने वाले ट्रांसजेंडर हमलावर के हथियार पर भारत के लिए एक नफरत भरा संदेश भी था
कमेटी के सदस्यों ने यह भी कहा कि वैश्विक नेतृत्व का दावा करने वाला अमेरिका अगर अपने सहयोगियों के साथ भी टकराव का रवैया अपनाता है, तो इससे उसकी विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लग सकता है. कई विश्लेषकों ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना कर उन्हें चेतावनी भी दी है.
संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना UNIFIL जो 46 साल से दक्षिणी लेबनान में तैनात है वह दिसंबर 2026 तक हट सकती है.जानें इससे किसको होगा फायदा, क्या है इसकी वजह, UNIFIL का क्या है काम, क्यों गया था इसे बनाया. जानें पूरी खबर.
South Korea: गोद लेने में 'खेल', 41 साल बाद महिला को पता चली सच्चाई; सरकार भी शर्मिंदा
एक 52 वर्षीय महिला ने साउथ कोरिया के इस चाइल्ड एडेप्टिंग बिजनेस को जोरदार झटका दिया है. दरअसल इस महिला को 1984 में एक फ्रांसीसी परिवार ने उसके पैरेंट्स की अनुमति के बिना गोद लिया था.
Punatsangchhu-II Hydroelectric Project Complete: भारत और भूटान ने एक बार फिर अपनी गहरी दोस्ती को साबित कर दिखाया है. भूटान में 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछु-II जलविद्युत परियोजना पूरी हो गई है, जिसके साथ भूटान की बिजली उत्पादन क्षमता 40% बढ़कर 3500 मेगावाट से अधिक हो गई है.
पीएम मोदी और फिनलैंड के राष्ट्रपति के बीच फोन पर बातचीत, यूक्रेन संघर्ष को लेकर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिनलैंड गणराज्य के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने फोन किया और दोनों देशों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की
‘जब मैं 11 साल का था तो दादाजी ने जन्मदिन की पार्टी में डांस करने पर मुझे थप्पड़ मार दिया। दादाजी ने कहा- ‘राजपूतों के खानदान में हिजड़ा पैदा हो गया है। उस थप्पड़ की गूंज आज भी मेरे कानों में सुनाई देती है।’ आशीष सिंह यह कहते हुए गाल पर हाथ फेरते हैं। आशीष, जो 25 साल से कथक डांस कर रहे हैं, अब वृंदावन की गलियों में कृष्ण की सेवा करते हैं, लेकिन इस सफर की कीमत रही है- घर-परिवार से दूरी, भूखे बिताए दिन, मंदिरों और आयोजनों में तिरस्कार, बड़े कलाकारों के मंच पर अपमान और यहां तक कि शादी के रिश्तों से भी इनकार। वहीं, बलराम दास याद करते हैं जब बचपन में डांस पर तंज कसा गया- ‘लड़का होकर लड़कियों की तरह नाचते हो, नचनिया बनोगे?’ परिवार से कटकर वह आठ साल की उम्र में वृंदावन आ गए और 35 साल से ठाकुरजी की सेवा कर रहे हैं। कहते हैं- ‘लोग आज भी मुझे छक्का कहते हैं। मेरी शादी में मेरे परिवार से कोई नहीं आया। अब उम्र ढल रही है, आगे जीवन कैसे चलेगा, समझ में नहीं आता।’ चेतन शर्मा की दास्तान और भारी है। बचपन में मां खो दी, सौतेली मां के ताने सुने और कथक डांस में सुकून खोजा। वह कभी कृष्ण बनकर, कभी शिव बनकर डांस करते हैं। लोग उन्हें कार्टून, जोकर बुलाते हैं और ‘कमर मटकाने वाला’ कहकर मजाक उड़ाते हैं। पैसों की ऐसी किल्लत कि उन्हें मोबाइल रिचार्ज के लिए भी सोचना पड़ता है। प्रोग्राम की पेमेंट अटक जाती है और शादी के बाद गर्भवती पत्नी और आने वाले बच्चे की जिम्मेदारी सिर पर है। घुंघरुओं की गूंज के बीच इन पुरुष डांसरों की जिंदगी लगातार संघर्ष की ताल पर थिरक रही है। समाज उन्हें सम्मान नहीं, ताने देता है। परिवार उन्हें अपनाने से झिझकता है। यही वजह है कि मंच पर तालियों के बीच भी वे भीतर से खालीपन और अकेलेपन की चुभन महसूस करते हैं। ब्लैकबोर्ड में इस बार कथक जैसे क्लासिकल डांस करने वाले पुरुषों की स्याह कहानी, जिसके कारण उनका परिवार छूट गया। खाने के लाले पड़ गए और उन्हें अक्सर अपमान झेलना पड़ता है। शाम के 6 बजे हैं और वृंदावन में आशीष कथक डांस के अभ्यास के लिए तैयार हो रहे हैं। वह अपने पैरों में घुंघरू बांधते हैं। जैसे ही घुंघरू की आवाज सुनते हैं, उनके चेहरे पर एक गहरी मुस्कान आ जाती है। उनके लिए डांस महज एक कला नहीं, धड़कन है। वह नाचना शुरू करते हैं। जब वह पूरे रंग में आते हैं तो उनके पैर जमीन पर नहीं, पानी में तैरते हुए लगते हैं। वह इस दौरान आंखें बंद कर लेते हैं और डांस में इतना खो जाते हैं कि उन्हें अपने आस-पास कुछ पता नहीं चलता। आशीष बातचीत शुरू करते हैं। वह बताते हैं कि बनारस में मैंने कथक सीखा, लेकिन संगीत के उस शहर में हमें वो हौसला नहीं मिला, जिसकी उम्मीद थी। वहां पुराने कलाकार नए कलाकारों को उभरने का मौका नहीं देते। एक बार बनारस में बहुत बड़ा डांस का आयोजन होने जा रहा था, लेकिन मेरे अपने ही लोगों ने मेरा नाम उस आयोजन से हटवा दिया। उनका कहना था कि मैं वहां का हूं ही नहीं। आखिर देखिए मैं जिनके साथ काम कर रहा था, उन्हीं लोगों ने मुझे उस आयोजन से बाहर करा दिया। मेरे ही शहर में मुझे अनजान कर दिया गया। एक बार तो लगा कि कहीं मेरी तालीम में तो कोई कमी नहीं रह गई है। फिर मैंने वृंदावन आने की योजना बनाई। अब यहां आकर नृत्य साधना कर रहा हूं। दरअसल, बचपन से ही मुझे कथक डांस पसंद था, लेकिन मेरे दादाजी को डांस से दिक्कत थी। वह मुझ पर बहुत गुस्सा करते थे। जब मैं 11 साल का था तो अपने जन्मदिन की पार्टी में डांस कर रहा था। घर में खुशी का माहौल था। दादाजी पास के कमरे में थे। जब उनके कानों में नाच और गाने की आवाज आई तो उन्होंने मुझे अपने कमरे में बुलाया और एक जोरदार थप्पड़ जड़ा और कहा- पता नहीं राजपूतों के खानदान में कहां से हिजड़ा पैदा हो गया है। उस दिन मैं रातभर रोता रहा। गाल पर हाथ रखकर आशीष कहते हैं कि आज भी वह थप्पड़ भूला नहीं हूं। हालांकि मेरी दादी को मेरा डांस बहुत अच्छा लगता था। उन्होंने मेरा साथ दिया और अच्छे टीचर से तालीम दिलवाई। मेरे परिवार में सभी लोग बिजनेस करते हैं। मेरे परिवार में कभी भी कोई इस कला से नहीं जुड़ा था। इसलिए परिवार और रिश्तेदारों को मेरे नाचने पर एतराज था। कुछ तो मुझे अपना रिश्तेदार बताने में शर्माते थे। बनारस के बालाजी मंदिर में, जहां उस्ताद बिस्मिल्ला खां रियाज करते थे, वहां मैं हमेशा नृत्य सेवा दिया करता था। एक बार वहां एक शख्स आए। उन्होंने वहां बैठे ब्राह्मणों से कहा- ‘क्या यहां मंदिर में रंडी का नाच करवाते हो?’ आखिर में वहां मुझे नृत्य करने से मना कर दिया गया। मैंने उस समय सुना था कि वृंदावन में हर किसी को स्वीकार किया जाता है। उसके बाद वृंदावन आ गया। अब बाकी का जीवन भी यहीं गुजारूंगा। वृंदावन आने के बाद मुझे यहां बीच-बीच में काम मिल जाता है। छोटे-छोटे कार्यक्रम करके कुछ पैसे कमा लेता हूं। कभी भजन संध्या, तो कभी सांस्कृतिक मंच पर डांस, जिससे जिंदगी चल रही है। कोई भी लड़की मुझसे शादी करने को तैयार नहीं है। एक रिश्ता आया था। उसके परिवार वालों ने कहा कि कथक से जीवन तो नहीं चलेगा। अगर आप कुछ और करेंगे तभी हम रिश्ता पक्का कर पाएंगे, लेकिन मेरे लिए कथक छोड़ना अब नामुमकिन है। इसलिए अभी तक कुंवारा हूं। अब कथक ही मेरा प्रेम है और कृष्ण ही मेरा जीवन। एक बार स्टेज पर एक बड़े कथक कलाकार के साथ डांस कर रहा था। उन्होंने हजारों लोगों की भीड़ में मुझसे कह दिया- ‘तुम अपना सेक्स चेंज करवा लो।’ उस दिन मैं बहुत दुखी हुआ और तय किया कि अब ऐसे किसी कलाकार के साथ डांस नहीं करूंगा। ठान लिया कि जीवन में कुछ ऐसा करूंगा, एक दिन बड़े आयोजनों में मेरा नाम जुड़ेगा। बनारस भी किसी बड़े आयोजन का हिस्सा बनाकर वापस जाऊंगा। डांस के पेशे में होने से मेरी बॉडी लैंग्वेज भी लचक वाली हो गई है। इस पर लोग मेरा श्री देवी कहकर मजाक उड़ाते हैं। कुछ लोग तो हिजड़ा और किन्नर कहकर पुकारते हैं। उन बातों से बहुत परेशान हो जाता हूं, लेकिन अब चाह कर भी खुद को नहीं बदल सकता। वृंदावन में ही मेरी मुलाकात डांस करने वाले बलराम दास से हुई। उन्होंने अपने ललाट पर पीला टीका लगा रखा था। एक हंसमुख चेहरे वाले, लेकिन अंदर पीड़ा से भरे हुए। वो मुस्कुराकर बताते हैं- मेरा जन्म ओडिशा में हुआ। शुरू से ही डांस पसंद था, लेकिन लोग तंज कसते थे- ‘अरे यह क्या कर रहे हो। पढ़ने-लिखने की उम्र में डांस कर रहे हो। जिंदगी में कुछ करना है या नचनिया बनना है। तुम आखिर लड़का होकर लड़कियों की तरह नाचते हो। शर्म नहीं आती।’ यह कहते हुए उनका गला भर आता है और आंखों से आंसू गिरने लगते हैं। भारी गले से वे कहते हैं- मैं 8 साल की उम्र में ही ओडिशा से बृज आ गया और यहां ठाकुरजी की सेवा करते हुए अब 35 साल हो गए हैं। उस वक्त मेरे घर ने भी मेरा साथ नहीं दिया। पापा ने तो साफ मना कर दिया था कि डांस नहीं सीखना है। इसलिए वृंदावन अपनी दीदी के पास आ गया। लिहाजा परिवार से अब कुछ खास रिश्ता रहा नहीं। फोन पर पापा और बड़े भाई से कभी-कभार हाल-चाल पूछने के लिए बात हो जाती है बस। घर बहुत कम जाता हूं। बचपन में घर छोड़ने से वहां मेरे साथ बाहरी जैसा व्यवहार होता है। वे बताते हैं कि मेरी शादी में भी बहुत दिक्कतें आईं। परिवार साथ नहीं था। पैसे भी नहीं थे, जिसके कारण लोग मेरे साथ रिश्ता करने से कतरा रहे थे, लेकिन हाल ही में चार महीने पहले मेरी शादी हुई है। मेरी शादी में केवल पापा आए थे और घर से कोई नहीं। डांस से बस दो वक्त की रोटी खा सकता हूं, इतना पैसा नहीं मिलता कि जिंदगी चल सके। अब शादी होने के बाद यह सोचकर परेशान रहता हूं कि आगे की जिंदगी कैसे चलाऊंगा। उम्र भी एक फैक्टर है। एक उम्र के बाद डांस भी नहीं हो पाएगा। फिर क्या करूंगा। लोग अक्सर मुझे नचनिया कहते हैं। कुछ लोग कहते हैं- ‘देखो छक्का जा रहा है।’ उन लोगों के लिए मैं एक तरह से मजाक का पात्र हूं।' वृंदावन आने के बाद बहुत तकलीफ उठानी पड़ी। यहां कई बार खाने के लिए कुछ नहीं होता था। एक ही कपड़े को धो-धोकर पहनता था और महीना निकाल देता था। इतना कहते ही फिर से उनका गला भर आता है। खुद को संभालते हुए वे कहते हैं- किराए के घर में रहते-रहते अब तक जीवन कटा है। यहां श्री जी की सेवा के लिए डांस करता हूं। यह मेरा उनसे प्यार जताने का तरीका है। एक घटना को याद करते हुए वो कहते हैं- एक बार मेरा हाथ टूट गया। मैं अकेले किराए के मकान में रहता था। उस दौरान मेरा साथ देने वाला कोई नहीं था। तब तीन साल तक एक ही हाथ से खाना बनाया, कपड़ा धोया। यहां चेतन शर्मा ने भी डांस को अपना पेशा बनाया है। वह कभी कृष्ण, तो कभी भगवान शंकर के वेश में डांस करते हैं। इन रूपों में वह खुद को ईश्वर से जुड़ा महसूस करते हैं। वह बताते हैं- मेरा जीवन संघर्ष से भरा रहा है। बचपन में जब मैं डांस करता था तो पिताजी मना करते थे। कहते थे- यह क्या कर रहे हो, पढ़-लिख लो, काम आएगा, लेकिन मेरा मन पढ़ने में नहीं लगता था। जब मैं तीन साल का था तो मेरी मां को कैंसर हुआ और वह बचपन में हमें छोड़कर चली गईं। मां के जाने के बाद पापा ने दूसरी शादी कर ली। उसके बाद तो मेरी दीदी ने मुझे पाला-पोसा। वह कहते हैं आज पूरे परिवार की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर है। किराए के कमरे में रहता हूं। पिछले कुछ महीनों से काम भी बहुत मंदा चल रहा है। मोबाइल की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं- ‘मोबाइल का रिचार्ज खत्म हो गया है। अब सोच रहा हूं कि पहले फोन रिचार्ज करूं या बाकी जरूरतें पूरी करूं। एक घटना के बारे में बताते हुए चेतन कहते हैं- 'एक बार मैं मुंबई एक प्रोग्राम करने गया था। वहां मुझे पता चला कि मेरी दादी नहीं रहीं। उस दिन चाहकर भी उन्हें आखिरी बार देखने नहीं आ पाया। अगर उस दिन वापस लौटता तो उस प्रोग्राम के पैसे नहीं मिलते। बात सिर्फ मेरे पैसे की नहीं थी। मेरी टीम को भी पेमेंट ना मिलता।’ ‘हम कलाकारों की जिंदगी ऐसी ही होती है, कई बार तो पार्टी पेमेंट रोक लेती है। ऐसे में टीम को अपनी जेब से पैसे देने पड़ते हैं। आखिर वे मेरे ही भरोसे प्रोग्राम करने जाते हैं।’ जब मुझे काम नहीं मिलता तो लोग कहते हैं- 'कुछ और कर लो। आखिर कमर मटकाकर, मेकअप पोतकर डांस करना भी कोई काम है!' आखिर मैंने जिंदगी भर यही काम किया है, तो अब इसे छोड़ भी नहीं सकता। जब स्टेज पर जाता हूं तो कोई कार्टून कहता है, तो कोई जोकर। कोई नचकइया कहकर बुलाता है। कुछ लोग कमेंट करते हैं- ‘आ गया कमर मटकाने।’ मेरे काम में सम्मान नहीं है, इसलिए शादी नहीं करना चाहता था, लेकिन लोगों के दबाव में इसी साल कर ली है। मेरी पत्नी को मुझ पर भरोसा है। वह मेरा सपोर्ट करती हैं। वह इस समय प्रेग्नेंट है और मुझे इस बात की चिंता होती है- कैसे आने वाले बच्चे को पालूंगा। मेरे पास जमीन है, लेकिन इतने पैसे नहीं हैं कि मकान बनवा सकूं। दो वक्त की रोटी के पैसे पूरे हो जाएं, उसी में लगा रहता हूं। ---------------------------------------------------- 1-ब्लैकबोर्ड-बेटा मर गया, फिर भी रील बना रही:लोग समझते नहीं कि सोशल मीडिया रोजी-रोटी है, वीडियो बनाकर गम भुलाती हूं ‘सोशल मीडिया पर हमारे वीडियो पर कोई कमेंट करता है कि अरे इसका बच्चा चला गया और ये लाइव बैठकर गाने गा रही है। कुछ लोग कमेंट करते हैं- देखो, बेटे के जाने की खुशी मना रही है। हद तो तब हो गई जब कुछ लोगों ने लिखा कि इसने अपने बेटे को खुद ही मार दिया लाइक्स और व्यूज के लिए।’ पूरी खबर यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड-प्लस साइज पर शरीर को ज्यादा ढकने वाले कपड़े पहने:लोग कहते- देखो भैंस जा रही, हाथी का बच्चा, मोटी, पिग बोलते थे ‘मुझे गाहोरी कहा गया। मतलब, सूअर की तरह दिखने वाली। लोग कहते कि देखो भैंस जा रही है। हाथी का बच्चा, पिग बोलते थे। स्कूल में हेल्थ चेकअप के दौरान बच्चे मेरा वजन देखने के लिए इकट्ठा हो जाते थे, जैसे मेरा वजन कोई तमाशा हो। मार्केट में कपड़े खरीदने जाती हूं तो अक्सर मेरी साइज के नहीं मिलते,परेशान होकर घर लौट आती हूं। मेरा एक लड़के पर क्रश था, जब उससे पहली बार मिलने गई तो उसने मुझे मोटी देखकर रिजेक्ट कर दिया था, उस समय बहुत बुरा लगा था। रिश्तेदार मेरे पेरेंट्स से कहते कि एक कुत्ता खरीदो और उसके साथ इसे रोज बगीचे में दौड़ाया करो वर्ना इसकी शादी नहीं होगी। यह सब सुन कर बहुत परेशानी होती थी। एंग्जाइटी, डिप्रेशन झेला।' पूरी खबर यहां पढ़ें
साल 2021 की एक स्टडी के मुताबिक भारत में 90 प्रतिशत लड़के और 60 प्रतिशत लड़कियां 18 साल से पहले ही पोर्न देख लेते हैं. जबकि IPC की धारा 292 और 293 खासकर नाबालिगों तक अश्लील सामग्री के वितरण और बिक्री को बैन करती है. तो फिर बच्चों तक पोर्न पहुंच कैसे रही है. ब्रिटेन में लागू हुआ एज वेरिफिकेशन कानून क्या इसको रोक पाने का सही तरीका है. इसे लेकर दुनिया भर में बहस क्यों छिड़ गई, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
रूस-यूक्रेन की अगली वार्ता की तारीख तय नहीं: क्रेमलिन
रूस और यूक्रेन के वार्ता दलों के प्रमुख लगातार संपर्क में हैं, लेकिन अगली दौर की बातचीत की तारीख अभी तय नहीं हुई है
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चेतावनी दी है कि अगर कोई व्यक्ति आने वाले आम चुनावों का विरोध करता है, तो उसे देश की भविष्य की राजनीति से बाहर कर दिया जाएगा
Donald Trump onGeorge Soros: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के उस 'दुश्मन' पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है जो हमेशा बेतुकी बयानबाजी करता रहता था. ट्रंप ने जॉर्ज सोरोस और उसके बेटे पर एक्शन की बात कही है.
तड़ातड़ गोलियों से गूंजा US का प्राइमरी स्कूल, हमलावर समेत दो लोगों की मौत; 20 लोग घायल
Minneapolis massive School shooting: अमेरिका के मिनियापोलिस के एक कैथोलिक स्कूल में भारी गोलीबारी हुई है. इसकी जानकारी मिनेसोटा के गवर्नर और अफसरों ने दी है. एक अधिकारी ने बताया है गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई है और संदिग्ध बंदूकधारी भी मारा गया है और 20 अन्य घायल बताए जा रहे हैं.
OpenAI: कैलिफोर्निया के रैंचो सांता मार्घरीटा शहर में 11 साल के एडम रेन खुदकुशी कर ली थी. आरोप है कि उसने खुदकशी करने से पहले छह महीने तक ChatGPT से बातें की थीं. अब मृतक के माता पिता ने OpenAI के सीईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
America News: अमेरिका में उड़ान भरने से पहले एक चीनी डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है. उस पर अमेरिका के कैंसर अनुसंधान के गोपनीय दस्तावेज को चीन भेजने का आरोप लगा है. जानिए क्या है पूरा मामला.
फिर जागी ट्रंप की पुरानी तमन्ना? इस देश को हथियाने के लिए खेल रहा 'डर्टी गेम', रूस से भी कनेक्शन
डेनमार्क की खुफिया एजेंसी ने कुछ ऐसी गतिविधियों की पहचान की है, जो अमेरिका के इरादों पर सवाल उठाती हैं. इन घटनाओं ने फिर से यह चर्चा तेज कर दी है कि क्या वाकई अमेरिका ग्रीनलैंड को डेनमार्क से अलग करने की कोशिश कर रहा है.
Smartphone Ban in Schools: आजकल कई स्कूलों में बच्चों को स्मार्टफोन लाने की अनुमति भी दे दी गई है. इसी बीच एक देश ने ऐसा कानून पास किया है जहां अब बच्चे स्कूलों में फोन का इस्तेमाल कर ही नहीं पाएंगे. आइए जानते हैं इस फैसले और पीछे के कारणों के बारे में....
Afghanistan: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पलटी बस, हादसे में 25 लोगों की मौत; 27 घायल
मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन कानी ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि यह घटना दक्षिणी कंधार को काबुल से जोड़ने वाले राजमार्ग पर अरघांडी इलाके में हुई और लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण हुई.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ नियमों ने पूरी दुनिया में हंगामा मचा रखा है. इसको लेकर रूस भी भड़का हुआ है. अब रूस ने डंके की चोट पर अमेरिका की नस काट दी है. जानें पूरी खबर.
आपके दांत साफ नहीं है... ब्रिटिश ऑर्मी ने ये कहकर 173 जवानों को नौकरी से निकाला!
नौकरी से रिजेक्ट किए गए 173 जवानों के लिएब्रिटिश ऑर्मी ने कहा कि जो लोग अपने दांतों की ठीक से देखभाल नहीं कर पाते हैं वो ऑर्मी के जरूरी अभियानों की जिम्मेदारी कैसे निभा पाएंगे?
गाजा में इन दिनों जो हालात हैं, उसके लिए पूरी दुनिया में कई देशों ने मदद की अपील की और मदद भी कर रहे हैं. लेकिन मलेशिया के लिए यह मदद करना जी का जंजाल बन गया है. जानें कैसे उनका देश ही तबाह हो रहा हैं. अब सवाल यह उठ रहा है कि मलेशिया गाजा की मदद कैसे करेगा.
H1B वीजा को स्कैम कहने लगे अमेरिका के गवर्नर, भारत पर जमकर निकाली भड़ास
America Immigration Policy: फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने अमेरिका के H1B वीजा प्रोग्राम को आलोचना कर इसे घोटाला बताया है. इसको लेकर उन्होंने भारतीयों पर निशाना साधा है.
Lisa Cookto sue Trump:अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप औरफेडरल रिजर्व गवर्नर लिसा कुक के बीच जमकर ठन गई है. लिसा ट्रंप के बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. जानें पूरी बात.
'कुछ लोग आपसे बिल्कुल भी खुश नहीं है...,' पीएम मोदी से ये क्या बोल पड़े फिजी के प्रधानमंत्री?
Fiji PM In India: भारत दौरे पर पहुंचे फिजी के प्रधानमंत्री सितवेनी लिगामामादा राबुका ने पीएम मोदी को लेकर एक बयान दिया है. उनका यह बयान काफी चर्चाओं में है.
पूर्व विदेश सचिव और राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला ने वर्जीनिया में एक कार्यक्रम के दौरान अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाया गया टैरिफ चिंता का विषय है, लेकिन यह स्थिति स्थायी नहीं है.
भारत के न्यौते पर दिल्ली आने वाले थे तालिबानी मंत्री, UNSC के खेल ने बर्बाद किया पूरा प्लान
Amir Khan Muttaqi: हाल ही में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत आने वाले थे, लेकिन UNSC से यात्रा प्रतिबंध के कारण उन्हें इसकी मंजूरी नहीं मिली.
Russia-Ukraine War: ट्रंप की पुतिन को खुली धमकी- यदि युद्ध नहीं रुका तो समझ लो...
Trump Threats Putin: अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि उनके यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमिर जेलेंस्की भी पूरी तरह से निर्दोष नहीं हैं. यह उन सबसे भयानक युद्धों से अलग नहीं है जो मैंने देखे हैं और मैं इसे रोक सकता हूं क्योंकि मेरे पास एक निश्चित शक्ति या एक निश्चित रिश्ता है मेरा राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत अच्छा रिश्ता था
Trump says US colleges would go to hell without Chinese students:डोनाल्ड ट्रंप अपनी जुबान पर कभी नहीं रहते, ताजा मामला चीन को लेकर है. पहले कहा कि हम चीन को बर्बाद कर देंगे, अगर मेरी बात नहीं मानी, एक दिन बाद अब कह रहे हैं कि चीनी छात्रों के बिना अमेरिकी कॉलेज बर्बाद हो जाएंगे. उसके एक दिन पहले 200% टैरिफ की धमकी दी थी, अब दोस्ती को क्यों हैं बेताब?
Luang Phor Alongkot Arrested: थाईलैंड में एक प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु लुआंग फोर अलोंगकोट को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनपर है मंदिर के फंड में घोटाले का आरोप लगा है.
दुनिया के सबसे बड़े वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सेंटर वनतारा में 2 हजार से ज्यादा अलग - अलग प्रजातियों के दुर्लभ और विलुप्त होने वाले जानवर हैं। अनंत अंबानी का यह प्राइवेट जू आए दिन तस्करी के आरोपों को लेकर विवादों में रहता है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसकी जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) बना दी है। बड़ा सवाल यह है कि ये जानवर भारत कैसे पहुंचे और कानून इसके बारे में क्या कहता है, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
‘शादी के बाद से ही दिक्कत चल रही थी। पैसे और गाड़ी दोनों की डिमांड की जा रही थी। निक्की का पति (विपिन) ज्यादा परेशान कर रहा था। कंचन का पति (रोहित) भी मारपीट करता था। 16 अगस्त की रात दोनों बहनों को मारा-पीटा गया था। मैं बस यही चाहती हूं कि दोनों भाइयों को आग लगाई जानी चाहिए, दोनों को उम्रकैद हो। हमारी बच्चियों को हक मिलना चाहिए।‘ संजू देवी बेटी निक्की को याद करते ही रो पड़ती हैं। वो अब भी बदहवास हालत में हैं। 21 अगस्त को ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में रहने वाली निक्की की आग से झुलसकर मौत हो गई। परिवार वालों का आरोप है कि पति विपिन ने दहेज के लिए उसे जलाकर मार डाला। इसमें ससुराल वालों ने भी साथ दिया। विपिन पर दूसरे आरोप भी हैं। निक्की के परिवार का कहना है कि वो नशे का आदी है और कोई काम नहीं करता। निक्की से पैसे न मिलने पर उससे मारपीट करता था। उसके दूसरी लड़कियों से भी संबंध हैं। निक्की उसकी अय्याशियों का विरोध करती थी इसलिए दोनों में झगड़े होते थे। विपिन उसे रास्ते से हटाना चाहता था। परिवार की शिकायत पर पुलिस ने निक्की के पति विपिन भाटी, सास-ससुर और जेठ के खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। वहीं विपिन के चचेरे भाई देवेंद्र का कहना है कि दहेज के आरोप झूठे हैं। अब घटना के बाद बेवजह ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। सबसे पहले निक्की के परिवार की बात…कुछ दिन पहले भी हुआ था झगड़ा, पैसा-गाड़ी दोनों मांग रहेदिल्ली से करीब 40 किलोमीटर दूर दादरी के रूपवास गांव में निक्की के पिता का घर है। निक्की और उसकी बड़ी बहन कंचन की शादी 9 साल पहले एक ही दिन और एक ही घर में दो सगे भाइयों से हुई थी। दोनों बहनों ने सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ाई की थी। हम निक्की के घर पहुंचे तो हर तरफ मातम का माहौल मिला। मां संजू देवी पांच दिन बाद भी बदहवास हालत में हैं। लोगों के आने पर बार-बार रो पड़ती हैं और बेटी के लिए इंसाफ मांगने लगती हैं। 21 तारीख की घटना के बारे में पूछने पर वे बताती हैं कि निक्की ने उन्हें कुछ नहीं बताया था। निक्की घर में तीसरे फ्लोर पर रहती थी, घटना भी वहीं हुई थी। हमने पूछा उस दिन क्या हुआ था? इस पर वो बताती हैं, ‘कंचन की तबीयत खराब थी। निक्की ने उसे पानी दिया और कहकर गई कि 5 मिनट में ऊपर से आ रही है। ऊपर से विपिन उसे आवाज दे रहा था। इसके बाद मुश्किल से 5 मिनट में ही सारा खेल हो गया। वो ऊपर से आग में लिपटी हुई नीचे की ओर भागी। वो बुरी तरह चिल्ला रही थी कि मुझे बचा लो। कंचन उसकी आवाज सुनकर कमरे से बाहर आई, तब उसने आग में झुलसती निक्की को सीढ़ी से नीचे आते देखा। कंचन ने पानी डाला और तौलिए से लपेटकर आग बुझाने की कोशिश की। मदद के लिए विपिन और सास-ससुर को भी आवाज दी, लेकिन कोई नहीं आया। मेरे पास शाम 7 बजे सीधे फोन आया कि निक्की हॉस्पिटल में है। क्या दोनों के बीच कोई झगड़ा हुआ था? इस पर संजू देवी बताती हैं, कुछ दिन पहले ही दोनों (निक्की और विपिन) में झगड़ा हुआ था। घर के बड़े-बुजुर्गों ने सुलह करवाई थी। तब विपिन ने कहा था कि आगे ऐसा कुछ नहीं होगा। वे आगे कहती हैं, ‘परेशानी तो शादी के बाद से ही चल रही थी। हमसे पैसे और गाड़ी दोनों मांगे जा रहे थे। विपिन ज्यादा परेशान कर रहा था। कंचन का पति (रोहित) भी उसके साथ मारपीट करता था। वो लोग बार-बार पैसे मांग रहे थे। हम सब बस यही चाहते हैं कि इंसाफ हो।‘ समाज के डर के चलते आज बहन हमारे बीच नहीं निक्की और कंचन ने ब्यूटीशियन का कोर्स किया था। दोनों बहनें अपने ससुराल में घर की टॉप फ्लोर पर एक ब्यूटी पार्लर भी चलाती थीं। परिवार के मुताबिक, उनका काम अच्छा चल रहा था। अच्छी कमाई भी हो रही थी, लेकिन कुछ महीने पहले पति से लगातार झगड़े के कारण पार्लर बंद करना पड़ा था। पार्लर के प्रमोशन के लिए दोनों बहनें इंस्टाग्राम पर 'कंचन मेक ओवर्स' नाम का एक अकाउंट भी चला रही थीं। इस पर निक्की और कंचन के कई वीडियो और रील भी हैं। छोटे भाई अतुल बताते हैं कि दीदी (निक्की) अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थी, इसलिए उसने करीब दो साल पहले अपना पार्लर शुरू किया था। इस काम में काफी फायदा भी हो रहा था। सोशल मीडिया पर प्रमोशन के कारण कस्टमर पार्लर पहुंच रहे थे। रील बनाने पर ससुराल वालों को एतराज था क्या? इस पर अतुल कहते हैं, ‘दीदी का अकाउंट तो प्राइवेट है, उससे किसी को क्यों दिक्कत होगी। वे लोग (ससुराल वाले) तो गाड़ी मांग रहे थे। कहते थे कि शादी में एक गाड़ी दी थी। हम दो भाई हैं, तो दो गाड़ी चाहिए।‘ विपिन को फांसी दी जाए, दरिंदों के मकान पर बुलडोजर चलेनिक्की के पिता भिखारी सिंह बेटी की मौत को लेकर गुस्से से भरे हैं। वे कहते हैं, ‘दोनों बहनों का इतना अच्छा काम चल रहा था। इन दरिंदों ने सब मिट्टी में मिला दिया। शादी के बाद वे लोग लगातार डिमांड करते रहे। उन्होंने बुलेट मांगी, हमने दे दी। अब मैं कोर्ट से मांग करता हूं उसे फांसी दी जाए।‘ वे यूपी के CM से अपील करते हुए कहते हैं, ‘घटना के बाद सास पोते को लेकर भाग गई और मेरी बेटी वहीं तड़पती रही। पड़ोसियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन जान नहीं बच सकी। ऐसे दरिंदों के मकान पर बुलडोजर चलना चाहिए।‘ बार-बार मारपीट होने पर पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की? जवाब में भिखारी सिंह कहते हैं, ‘हमारे यहां कानूनी कार्रवाई तब होती है, जब कोई समाज-बिरादरी से नहीं समझता है। जब इन लोगों की बदतमीजी बढ़ गई तो हम फरवरी में बेटी को अपने घर ले आए थे। फिर समाज (पंचायत) ने सुलह करवाई और बोला गया कि अब ऐसी गलती नहीं होगी। लड़के ने भी माफी मांग ली।‘ ‘अप्रैल में बेटी फिर ससुराल चली गई, लेकिन फिर वहां उन लोगों ने पार्लर का काम बंद करा दिया।‘ भिखारी सिंह कंस्ट्रक्शन के बिजनेस में हैं। वहीं उनके दोनों बेटों का गाड़ियों के कारोबार है। शादी या दूसरे मौकों पर ऑडी या मर्सिडीज जैसी महंगी गाड़ियां रेंट पर देते हैं। कुछ अपनी गाड़ियां भी हैं और कुछ रेंट पर लेकर चलवाते हैं। बड़ी बहन कंचन ने दर्ज कराई FIR, दहेज का आरोप नहीं परिवार की बातों से साफ है कि शादी के वक्त दहेज दिया गया था। जबकि बड़ी बहन कंचन ने पुलिस कम्प्लेन में ऐसा कोई जिक्र नहीं किया। ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में जिस घर में ये हादसा हुआ, वहां उस वक्त बड़ी बहन कंचन भी मौजूद थी। उसी ने ही 22 अगस्त को कासना थाने में FIR दर्ज करवाई। उसने शिकायत में कहा कि दोनों बहनों की शादी 9 दिसंबर 2016 को 'बिना दहेज' के हुई थी। हालांकि FIR में दहेज के खिलाफ अपराध की धारा नहीं लगाई गई है, ना ही शिकायत में ऐसी कोई बात लिखी है। शिकायत के मुताबिक, ‘21 अगस्त की शाम करीब 5:30 बजे ससुराल में सास दया ने ज्वलनशील पदार्थ विपिन के हाथों में पकड़ाया और विपिन ने उसे मेरी बहन पर डाल दिया। जब मैंने इसका विरोध किया तो मेरे साथ भी मारपीट की गई। इस दौरान मेरे पति रोहित और सास-ससुर वहीं मौजूद थे।‘ ‘मेरी बहन को गंभीर हालत में निजी अस्पताल ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई। इसलिए ससुराल वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।‘ स्कॉर्पियो, कैश, गोल्ड सब दिया, फिर भी टॉर्चर किया‘हमने कंचन से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन परिवार वालों ने बताया कि उसकी तबीयत सही नहीं है इसलिए उसे अस्पताल ले जाया गया है। हालांकि घटना के बाद कासना पुलिस स्टेशन के बाहर से कंचन का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वो कह रही हैं, ‘हमें ये कहकर काफी दिनों से टॉर्चर किया जा रहा था कि तुम्हारी शादी में ये नहीं मिला, वो नहीं मिला। अपने घर से 36 लाख रुपए लेकर आओ। सास ने घर में कुछ लिक्विड लाकर रखा था। छोटी बहन पर बहुत ज्यादा अत्याचार हुआ, उसके साथ मारपीट के बाद लिक्विड डाल दिया गया। बच्चों ने भी सब देखा। मैं कुछ नहीं कर पाई। मेरे साथ भी इन लोगों ने बहुत बदतमीजी की।‘ वहीं मीडिया से बात करते हुए कंचन ने ये भी कहा था, ‘उसका पति लड़कियों के साथ बाहर रहता था। फिर घर पर आकर मारपीट करता। मेरी बहन ये सब झेलते-झेलते चली गई। शादी में पापा ने स्कॉर्पियो, कैश, गोल्ड सब दिया था, लेकिन शादी के 6 महीने बाद से ही हमें प्रताड़ित किया जाने लगा। उस दिन मेरी बहन बुरी तरह झुलसकर नीचे आई, उसके पूरे कपड़े जल गए थे। मैंने उसे तौलिए से ढका और फिर मैं वहीं बेहोश हो गई।‘ थाने के सामने निक्की के 6 साल के बेटे ने भी मीडिया के सामने कहा है कि मम्मी के ऊपर पापा ने कुछ डाला। फिर मम्मा को थप्पड़ मारा और लाइटर से आग लगा दी थी। अय्याशियों' का विरोध करती थी निक्की, इसलिए होते झगड़ेनिक्की के ताऊ संजीव कुमार कहते हैं, ‘विपिन आवारा किस्म का है और नशे का भी आदी है। वो कुछ काम-धंधा नहीं करता। जब निक्की से उसे पैसे नहीं मिलते तो मारपीट करता था। निक्की के भाई ने अपने कारोबार के लिए एक सेकेंड हैंड ऑडी कार ले रखी है। विपिन बार-बार इस गाड़ी की या 35 लाख रुपए की डिमांड कर रहा था। बार-बार समझाने के बाद भी वो नहीं समझा और इस दर्दनाक घटना को अंजाम दिया।‘ इंस्टाग्राम और वीडियो बनाने से दिक्कत' की बात पर संजीव कहते हैं, ‘ये सब कहानी बनाई जा रही है। असली बात दहेज की थी। इसके अलावा निक्की उसकी अय्याशियों का विरोध करती थी इसलिए वो उसे रास्ते से हटाना चाहता था।‘ वे मांग करते हैं कि अगर फांसी से भी ऊपर कोई सजा हो तो उन्हें वो मिलनी चाहिए। निक्की के एक रिश्तेदार ऑफ द कैमरा बताते हैं, विपिन दूसरी लड़कियों से मिलता था। इसी को लेकर झगड़े होते थे। रोहित (निक्की का भाई) ने खुद उसे कई बार पकड़ा था। घटना के दिन भी विपिन किसी लड़की के साथ कहीं जा रहा था, निक्की ने मना किया था। इसी पर झगड़ा शुरू हुआ था। ‘2-3 महीने पहले भी दिल्ली में उसे किसी लड़की के साथ पकड़ा गया था। शिकायत नहीं की क्योंकि बहन का मामला था। उन्हें साथ नहीं रहना था तो तलाक दे देना चाहिए था। झगड़े के कारण निक्की के भाई ने उसके घर में CCTV कैमरे भी लगवा दिए थे। इसका एक्सेस रोहित के पास भी था। इस घटना से एक हफ्ते पहले ससुराल वालों ने कैमरे की हार्ड डिस्क निकलवा दी थी।‘ अब विपिन के परिवार की बात…जब निक्की ने आग लगाई तो दुकान के बाहर था विपिन इसके बाद हम ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में आरोपी विपिन के घर भी पहुंचे। उसके घर पर ताला लगा मिला। घर के ठीक बगल में उसके परिवार की किराने की दुकान भी बंद थी। निक्की की मौत के मामले में विपिन, उसके मां-बाप और भाई सभी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके बाद हमने उनके कुछ रिश्तेदारों से बात करने की कोशिश की। विपिन के चचेरे भाई देवेंद्र भी पास में दुकान चलाते हैं। वो हमें मौके पर नहीं मिले, लेकिन फोन पर हुई बातचीत में वो दहेज या दूसरे आरोपों को खारिज करते हैं। देवेंद्र दावा करते हैं, ‘जब ये हादसा हुआ, विपिन दुकान के बाहर घूम रहा था। अचानक घर से आवाज आई, तो सब भागकर अंदर गए।‘ ‘विपिन ने बाहर आकर बताया कि निक्की ने खुद को आग लगा ली। मैं भी अपनी दुकान बंद करके वहां गया। घर के अंदर सिर्फ दोनों बहनें ही थीं। अंकल (निक्की के ससुर) भी दुकान पर थे, आंटी (सास) भी नीचे थीं। निक्की को देखकर विपिन की हालत खराब थी। उससे गाड़ी भी नहीं स्टार्ट हो रही थी। फिर मैं ही गाड़ी चलाकर निक्की को अस्पताल ले गया। अंकल और आंटी भी साथ गए थे।‘ रील या वीडियो से दिक्कत के आरोप पर कहते हैं, ‘अगर दिक्कत होती या मना किया जाता तो वो दोनों वीडियो कैसे अपलोड करतीं।‘ हाफ एनकाउंटर कर आरोपी को पकड़ा, बोला- कोई पछतावा नहींपुलिस ने केस दर्ज कर अगले ही दिन 23 अगस्त को आरोपी विपिन को गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना के बाद 24 अगस्त को मुख्य आरोपी विपिन की पुलिस के साथ एक कथित मुठभेड़ भी हुई, जिसमें वो घायल हो गया। इस कथित मुठभेड़ के बाद ग्रेटर नोएडा के एडिशनल उपायुक्त सुधीर कुमार ने बताया, ‘आरोपी विपिन को पुलिस कासना थाना लेकर आई थी। जिस ज्वलनशील पदार्थ से पत्नी को जलाने का आरोप लगा, उसकी बोतल की रिकवरी के लिए उसे लाया गया था। रिकवरी के दौरान एक दारोगा से पिस्टल छीनकर वो भागने लगा और पुलिस को जान से मारने की नीयत से फायरिंग की। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लगी।‘ इसके बाद पुलिस के सामने मीडिया से बात करते हुए विपिन ने कहा था- ‘मुझे घटना को लेकर कोई पछतावा नहीं है। मैंने उसे नहीं मारा है। वो खुद मरी है। पति-पत्नी में हर जगह लड़ाई होती है, ये आम बात है। इसके अलावा मुझे कुछ नहीं बोलना है।‘ निक्की की मौत को लेकर सभी आरोप और दावे अब पुलिस की जांच के दायरे में हैं। केस की अपडेट के लिए हमने कासना पुलिस स्टेशन के SHO धर्मेंद्र कुमार से बात की। वो बताते हैं, ‘अभी चारों अभियुक्तों से पूछताछ के बाद ही आगे की बातें पता चलेंगी। अभी हम इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटा रहे हैं। पुलिस अभी किसी थ्योरी या निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।‘ उन्होंने आगे कहा कि पुलिस अब पीड़ित परिवार के बयान दर्ज करवाएगी। सभी पक्षों की बात सुनकर जांच आगे बढ़ेगी। .................... ये खबर भी पढ़ें... UP की कुसुम कैसे बनी दिल्ली की ड्रग क्वीन ‘इस घर से नशे का सामान बेचा जाता था। शहर के बाहर से भी लोग खरीदने आते थे। कई बार तो हमने यहां हरियाणा और UP के नंबर वाली गाड़ियां भी देखी हैं। ये सभी ड्रग्स लेने आते थे। यहां रहने वाले सभी इससे परेशान हैं।‘ दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में ड्रग डीलर कुसुम के आस-पास रहने वालों की यही शिकायत है। उसके खौफ की वजह से कोई कैमरे पर आने को राजी नहीं हुआ। उसके धंधे की वजह से बिगड़े माहौल से सब परेशान हैं। पढ़िए पूरी खबर...
इमरान खान ने मरियम नवाज पर जेल में सुविधाएं न देने का लगाया आरोप, केस दर्ज करने की मांग
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के संस्थापक इमरान खान ने रावलपिंडी सिटी पुलिस ऑफिसर (सीपीओ) को पत्र लिखकर पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ और आठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है
Trump Tariff on India News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सनकपन लगातार बढ़ता जा रहा है. ट्रंप ने पहले भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया था. जब अमेरिका इससे भी नहीं झुका तो अब ट्रंप ने फिर से ताजा धमकी दी है.
Aceh Sharia law: इंडोनेशिया के अचेह में मंगलवार को दो लोगों को शरिया कानून के तहत सार्वजनिक रूप से 76-76 कोड़े मारे गए. शरिया अदालत ने उन्हें समलैंगिक संबंध बनाने के लिए दोषी पाया. अचेह में इस्लामी कानून के तहत सख्त सजा दी जाती है.
PM Narendra Modi: जर्मन अखबार एफ.ए.जेड. ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को चार बार कॉल किए थे, लेकिन पीएम मोदी ने ट्रंप के सारे कॉल्स को नजरअंदाज कर दिया. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप की मीडिया स्टंटबाजी का हिस्सा नहीं बनना चाहते.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जो इन दिनों भारत पर खूब बयान दे रहे हैं, और चीन से दोस्ती का राग अलाप रहे हैं. उन्होंने एक और हैरान करने वाला बयान दिया है. जानें पूरी खबर.
ट्रंप औरवेनेजुएला के राष्ट्रपति के बीच तकरार की खबरें पूरी दुनिया जानती हैं. ट्रंप ने इस बार वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को झुकाने के लिए कई सारे आरोप और हथकंडे अपनाए, लेकिन मादुरो ने सीना ठोककर अमेरिका के सामने खड़े रहे. अब हाल यह हो गया है कि मादुरो की सेना सीमा पर तैनात होने जा रही है. जानें पूरी बात.
इस बेड़े को 'सी-मॉन्स्टर' के उपनाम से जाना जाएगा. हाइपरसोनिक मिसाइलों को ले जाने में सक्षम इस जहाजी बेड़े का नाम फ्रिगेट एडमिरल एमेल्को है. रूस का ये नया बेड़ा रूसी नौसेना के प्रोजेक्ट 22350 का हिस्सा है.
किम जोंग उन से चौथी बार मिलने को क्यों बेताब हुए ट्रंप? वजह बहुत खतरनाक, जानें अंदर की बात
Trump wants to meet North Korea Kim Jong Un: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अपनी सक्रियता को लेकर इन दिनों बेहद चर्चा में हैं. बीते 15 अगस्त को उन्होंने रूस के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. अब ट्रंप ने उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन से इस साल के अंत तक मिलने की उम्मीद जताई है.
Fact Check: मध्य प्रदेश में थर्माकोल के सहारे नदी पार करते हैं बच्चे? देखें VIDEO
Teen Fact Check Networking India की जांच में पाया गया कि वायरल वीडियो इंडोनेशिया के दक्षिण सुमात्रा प्रांत का है.
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ट्रंप प्रशासन का यह कदम फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता और राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर नई बहस को जन्म दे सकता है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका मुद्रास्फीति और आर्थिक मंदी जैसे मुद्दों से जूझ रहा है.
हिज़्बुल्लाह ने निरस्त्रीकरण को खारिज किया, लेबनान से इजरायल की वापसी की मांग की
हिजबुल्लाह के नेता शेख नईम कासिम ने उस मांग को खारिज कर दिया, जिसमें लेबनानी सशस्त्र समूह को हथियार छोड़ने के लिए कहा गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिजबुल्लाह के हथियार लेबनान की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए जरूरी हैं
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1971 युद्ध के दौरान हुए अत्याचारों के लिए माफी की मांग बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों के आड़े आएगी?
971 युद्ध के दौरान हुए अत्याचारों के लिए बांग्लादेश लंबे समय से पाकिस्तान से माफी मांगने की मांग करता आ रहा है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सेहत को लेकर एक बार फिर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. हाल ही में जब ट्रंप ओवल ऑफिस में कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर कर रहे थे, उस समय उनके दाहिने हाथ पर गहरा काला-नीला निशान देखा गया.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पीछे खड़े कुछ और अधिकारियों से इस बात पर राय मशविरा किया और फिर उनसे कहा,'अगर आप लोग, जो मेरे पीछे खड़े हैं, चाहें तो एक छोटा सा मतदान कर लें और अगर आप इसे वापस उसी नाम में बदलना चाहते हैं जब हम हमेशा युद्ध जीतते थे.
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह भी कहा कि हर वह निर्णय जो कूटनीति को मजबूती देता है, वह न केवल यूरोप की सुरक्षा को बेहतर बनाता है, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और उससे भी आगे के वैश्विक संतुलन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है.
फ्रांस के रोसपोर्डन में रविवार की शाम एक ऐसा हादसा हुआ है, जिसे देखकर आप सबके रोंगटे खड़े हो गए. आज तक शायद ही कोई इस तरह का विमान हादसा देखा हो.
23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे के मौके पर हिमाचल प्रदेश के ऊना में एक कार्यक्रम हुआ, जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर बच्चों से बातचीत कर रहे थे। सवाल-जवाब के दौरान जब बच्चों ने पहले अंतरिक्ष यात्री का नाम गलत बताया तो अनुराग ठाकुर ने उन्हें सही जवाब बताने के बजाय हनुमान जी को पहला अंतरिक्ष यात्री बता दिया। आखिर वैज्ञानिक तथ्यों और पौराणिक कथाओं को मिलाना क्यों गलत है? पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
‘हमने एक करोड़ रुपए से ज्यादा देकर फ्लैट खरीदा, लेकिन अब तक मालिकाना हक नहीं मिला। अपने ही घर में किराएदार की तरह रह रहे हैं। करीब डेढ़ साल पहले एक फ्लैट की छत टूटकर गिर गई थी। पुलिस में शिकायत करने पहुंचे तो हमें ही फटकार मिल गई। कहा कि बिना फ्लैट की रजिस्ट्री कराए एंट्री कैसे मिली। हमारे साथ बांग्लादेशियों की तरह बर्ताव किया जा रहा है।’ नोएडा के सेक्टर-79 में महागुन मीराबेला में रहने वाले अशोक वर्धन को जो सपने दिखाए गए, वो पूरे नहीं हुए। स्पोर्ट्स सिटी की जगह उन्हें जंगल में बसा दिया गया। 3 बीएचके फ्लैट के लिए सवा करोड़ रुपए दे चुके हैं। फिर भी मालिकाना हक के लिए कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। ये कहानी सिर्फ अशोक वर्धन की नहीं है। स्पोर्ट्स सिटी में फ्लैट लेने वाले 30 हजार से ज्यादा खरीदार इसी परेशानी से गुजर रहे हैं। नोएडा स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट का प्लान 2004 में नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी को भेजा गया और 2008 में मंजूर भी हो गया। 17 साल बाद भी यहां सिर्फ दो रिहायशी सोसाइटी ही खड़ी हैं। स्पोर्ट्स सिटी के नाम पर कुछ नहीं बना, सिर्फ एक बोर्ड लगा है। 2021 में आई कैग की रिपोर्ट में स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में 9000 करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आई। इसके बाद इसी साल मार्च में इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर CBI ने घोटाले को लेकर 3 केस दर्ज किए। इसमें 2011 से 2014 के बीच प्रोजेक्ट के अलॉटमेंट, डेवलपमेंट और अप्रूवल को लेकर कथित अनियमितता की शिकायतें हैं। मामला कोर्ट में है, लिहाजा कंस्ट्रक्शन से लेकर रजिस्ट्री तक सब पर रोक है। कोर्ट केस का हवाला देकर नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी भी मामले पर बोलने से बच रही है। दैनिक भास्कर की टीम नोएडा स्पोर्ट्स सिटी की साइट पर पहुंची और प्रोजेक्ट का स्टेटस जाना। हमने इस प्रोजेक्ट में फ्लैट लेने वालों से भी बात की। साथ ही प्रोजेक्ट को लंबे वक्त से फॉलो कर रहे जर्नलिस्ट से भी मिले। सबसे पहले स्पोर्ट्स सिटी में घर खरीदने वालों की तकलीफ…बिल्डर को रजिस्ट्री के पूरे पैसे दिए, फिर भी नहीं मिला मालिकाना हकसबसे पहले हम नोएडा के सेक्टर-79 पहुंचे और स्पोर्ट्स सिटी में फ्लैट खरीदकर रह रहे लोगों से मिले। यहां अभी सिर्फ दो सोसाइटी बनी हैं। एक महागुन मीराबेला और दूसरी गौर स्पोर्ट्सवुड। महागुन मीराबेला में करीब 500 फ्लैट हैं। सभी में लोग रह रहे हैं। यहां हम अशोक वर्धन से मिले। वे कहते हैं, ‘2014 में स्पोर्ट्स सिटी के नाम पर इसमें बुकिंग शुरू हुई थी। 2020 में हमें पजेशन मिला।‘ ‘बिल्डर ने हमसे कहा था कि नोएडा अथॉरिटी से हमें ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट यानी OC मिल चुका है। इसलिए बिल्डर को हमने रजिस्ट्री के लिए पूरे पैसे दे दिए। अगले ही साल 2021 में अथॉरिटी ने बोर्ड मीटिंग में पास कर दिया कि जब तक स्पोर्ट्स सिटी मामले का हल नहीं निकलता, तब तक रजिस्ट्री नहीं होगी।‘ ‘पहले एक बिल्डर को पूरी स्पोर्ट्स सिटी बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। बाद में उसने कई सारे छोटे बिल्डर्स को छोटे हिस्से डेवलप करने के लिए बेच दिया। ये सबकुछ अथॉरिटी के अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ।‘ हम लोगों ने हर तरीके से शिकायत की। रजिस्ट्री विभाग के मंत्री से मिले। CM योगी से भी मिले। सभी ने भरोसा दिलाया, लेकिन हमें फ्लैट का मालिकाना हक नहीं मिला। स्पोर्ट्स सिटी के सपने दिखाए, लेकिन मिला कुछ नहींयहीं रहने वाले जितेंद्र गोस्वामी बताते हैं, ‘दिसंबर 2013 की बात है। बिल्डर ने स्पोर्ट्स सिटी का लालच दिखाकर हमें मार्केट रेट से 1000 रुपए प्रति वर्ग मीटर से ज्यादा रेट पर फ्लैट दिया। बिल्डर ने हमसे कहा था कि सोसाइटी में भी जॉगिंग और साइकिलिंग ट्रैक होगा, लेकिन हमें जो सपने दिखाए गए, उनमें से कुछ भी नहीं मिला।‘ ‘यहां स्पोर्ट्स सिटी के नाम पर कुछ है ही नहीं, सिर्फ जंगल है। उस लैंड पर भी काफी लोगों ने कब्जा कर लिया है। अब वहां कचरा डंप कर रहे हैं। हम लोगों ने एक फ्लैट के लिए 1 करोड़ से डेढ़ करोड़ रुपए दिए हैं। फिर भी हमारे घरों की रजिस्ट्री नहीं हो रही है। हम AOA यानी अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन भी नहीं बना पा रहे हैं। इस वजह से बिल्डर मनमाना मेंटेनेंस ले रहा है।‘ संजय सिंह ने 2013 में फ्लैट की बुकिंग कराई थी। उनकी भी यही शिकायत है। वो बताते हैं, ‘उस वक्त ये फ्लैट 1 करोड़ से ज्यादा में मिला था। बिल्डर ने हमसे रजिस्ट्री का पेमेंट भी ले लिया, लेकिन अब तक रजिस्ट्री नहीं हुई। बिल्डर ने स्पोर्ट्स सिटी के नाम पर हमें घर बेचा, लेकिन स्पोर्ट्स सिटी डेवलप ही नहीं की। हम लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।‘ ‘बिल्डर ट्रांसफर चार्ज के नाम पर एक-एक फ्लैट से 10-10 लाख रुपए ले रहा है। मेरा मानना है कि इस गड़बड़ी में बिल्डर, बैंक और नोएडा अथॉरिटी तीनों शामिल हैं। अथॉरिटी के अफसरों की मिलीभगत के बिना गड़बड़ी नहीं हो सकती थी। इसलिए मेरी नजर में सबसे ज्यादा दोषी नोएडा अथॉरिटी है।‘ ‘दूसरे नंबर पर बिल्डर और तीसरे नंबर पर बैंक दोषी है। CAG रिपोर्ट में भी किसी बड़े आरोपी अधिकारी का नाम नहीं है, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा परेशान तो हम फ्लैट खरीदने वाले हो रहे हैं। अब हम लोगों को हाईकोर्ट से ही उम्मीद है। वहीं से न्याय मिल सकता है।‘ स्पोर्ट्स सिटी के नाम पर झाड़-जंगल के बीच एक बोर्ड लगा है स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में 70% ग्रीन एरिया था, जिसे स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए डेवलप करना था। बाकी 28% में रेजिडेंशियल और 2% कॉमर्शियल एक्टिविटी के लिए डेवलप किया जाना था। लिहाजा इसके बाद हमने आसपास के एरिया में उस जगह की तलाश की, जहां स्पोर्ट्स सिटी प्रस्तावित है, यानी जिस जगह को स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए डेवलप करना था। थोड़ा आगे बढ़ने पर हमें नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ से लगा एक बोर्ड मिला। उस पर लिखा है- ‘ये जगह स्पोर्ट्स सिटी के लिए प्रस्तावित है। ये जमीन थ्री-सी ग्रीन्स डेवलपर्स के नाम पर अलॉट कर दी गई है। अगर कोई इसकी खरीद-बिक्री करता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी। आदेशानुसार-नोएडा विकास प्राधिकरण।‘ हालांकि यहां हमें स्पोर्ट्स सिटी जैसा कुछ भी नहीं दिखा। ग्राउंड के दूसरी तरफ अंडर कंस्ट्रक्शन बहुमंजिला इमारत है। उसका काम भी पिछले काफी समय से रुका हुआ है। इसे लेकर हमने नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी के कई सीनियर अफसरों से बात करने की कोशिश की। मामला कोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से कोई बात करने को राजी नहीं हुआ। ऑफिशियल सोर्सेज से बात करने पर पता चला कि CAG रिपोर्ट आने और कोर्ट में मामला जाने के बाद से ही कंस्ट्रक्शन पर रोक लग गई है। फ्लैट्स की रजिस्ट्री भी रोक दी गई है। कोर्ट से जो फैसला आएगा, अथॉरिटी उसी के हिसाब से आगे फैसला लेगी। जगह-जगह कब्जा, पास में बन रहा प्राइवेट क्रिकेट ग्राउंडफिर सवाल ये आया कि स्पोर्ट्स सिटी के लिए अलॉट जगह पर क्या कुछ भी नहीं हुआ। इसका जवाब हमें थोड़ा आगे बढ़ते ही मिल गया। खाली पड़ी जमीन के कुछ हिस्से में झुग्गियां दिखीं। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग खेती भी कर रहे हैं। जमीन के एक बड़े हिस्से को ग्राउंड की तरह तैयार किया जा रहा था। हम जब इसे कैमरे में कैद करने लगे तो हमें रोक दिया गया। हमने मना करने पर शख्स से पूछा कि यहां तो नोएडा अथॉरिटी की स्पोर्ट्स सिटी प्रस्तावित है। मतलब ये नोएडा अथॉरिटी की जमीन है फिर आप क्यों रोक रहे। जवाब मिला, ‘हमने जमीन का मुआवजा नहीं लिया है। इसलिए अब उसी जमीन पर हम क्रिकेट ग्राउंड बना रहे हैं। इसे रेंट पर खेलने के लिए देंगे।‘ हमने पूछा- क्या अथॉरिटी ने अभी इस जमीन का अधिग्रहण नहीं किया है। फिर वही जवाब मिला- ‘हमने मुआवजा नहीं लिया। इसलिए हम इस पर कुछ भी कर सकते हैं। ये कृषि भूमि है।‘ जब हमने शख्स से कैमरे पर बात करने के लिए कहा तो जवाब मिला, ‘हम नहीं बात कर सकते। इससे हमारा काम रुक जाएगा।‘ इस बातचीत से हमें समझ आ गया था कि प्रस्तावित स्पोर्ट्स ग्राउंड पर अतिक्रमण किया जा रहा है। इसका जिक्र यहां फ्लैट खरीदने वाले कुछ खरीदार पहले ही कर चुके हैं। 2004 का प्लान- 2008 में मंजूरी, अब तक जमीन पर कुछ नहीं हुआदिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में हुए थे। उसे देखते हुए नोएडा में इसकी तैयारी पहले से शुरू कर दी गई थी। कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले ही 16 अगस्त 2004 को नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी बोर्ड के सामने स्पोर्ट्स सिटी का प्लान दे दिया गया था। इसमें नोएडा में स्पोर्ट्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की बात कही गई। 25 जून 2007 को नोएडा अथॉरिटी बोर्ड से पहले सेक्टर-101, 102 और 104 में इंटरनेशनल स्तर के स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को मंजूरी मिली। इसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 को देखते हुए 8 अप्रैल 2008 को बोर्ड की मीटिंग हुई। इसमें प्रोजेक्ट में तेजी लाने का फैसला लेते हुए कहा गया कि सेक्टर-76, 78, 79, 101, 102, 104 और 107 का लैंड यूज स्पोर्ट्स सिटी के निर्माण के लिए बदला जाए। पहली बार अगस्त 2008 में कुछ संशोधनों के साथ स्पोर्ट्स सिटी के अलॉटमेंट की योजना को मंजूरी मिली। इसे 3-4 साल में पूरा कर लिया जाना था, लेकिन बिल्डर्स ने सिर्फ रेजिडेंशियल एरिया ही डेवलप किया। स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। अथॉरिटी ने माना- फोकस खेलों पर नहीं, सिर्फ ग्रुप हाउसिंग पर थाइसके बाद हमने नोएडा स्पोर्ट्स सिटी को लेकर कैग की रिपोर्ट की पड़ताल की। CAG ने अपनी रिपोर्ट में सितंबर 2020 में नोएडा अथॉरिटी के एक ACEO रैंक के अधिकारी की जांच रिपोर्ट का जिक्र किया है। हालांकि उस अधिकारी का नाम नहीं लिखा है। CAG रिपोर्ट के पेज नंबर-182-183 पर लिखा है कि ACEO ने अपनी जांच में स्वीकार किया कि नोएडा अथॉरिटी के पास स्पोर्ट्स फैसिलिटी के कंस्ट्रक्शन के लिए क्लियर प्लान नहीं था। प्रोजेक्ट के काम का बिल्डर्स के बीच इस तरह से सबडिवीजन किया गया कि इनके बीच आपस में कोई को-ऑर्डिनेशन ही नहीं बन पा रहा था। CAG की रिपोर्ट में ये भी जिक्र है कि नोएडा अथॉरिटी का एक्शन कुछ इस तरह से रहा कि स्पोर्ट्स फैसिलिटी के बजाय सिर्फ ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के काम पर ही फोकस किया गया। इसमें स्पोर्ट्स के इंटरनेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सिर्फ नाममात्र के लिए ध्यान दिया गया। यही वजह है कि स्पोर्ट्स सिटी का काम अभी तक कुछ शुरू नहीं हो सका। बिल्डर के हिसाब तय हुआ प्रोजेक्ट का क्राइटेरिया, अफसर भी दोषीइस पूरे मामले को आसानी से समझने के लिए हमने दो दशक से ज्यादा समय से अथॉरिटी को कवर करने वाले सीनियर जर्नलिस्ट विनोद शर्मा से बात की। पढ़िए उनके जवाब… सवाल: नोएडा स्पोर्ट्स सिटी में हुई गड़बड़ी को कैसे देखते हैं। अधिकारियों से क्या चूक हुई और इसमें कौन-कौन शामिल हो सकता है?जवाब: दिल्ली में 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी चल रही थी। इसी को देखते हुए नोएडा अथॉरिटी ये स्कीम लाई। 145वीं बोर्ड बैठक में इसे शुरू किया गया था। इसमें बिल्डरों की सलाह पर ही प्रोजेक्ट का क्राइटेरिया तय किया गया था। ये बहुत बड़ा घोटाला है, जिसमें अधिकारी भी शामिल हैं। नोएडा अथॉरिटी की 145वीं और 149वीं बोर्ड मीटिंग में जो भी अधिकारी थे, वो सब दोषी होंगे क्योंकि इन्हीं बोर्ड मीटिंग्स में सारी मंजूरी मिली। इसमें जिस बिल्डर को पूरे प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी मिली थी, उसी ने काम पूरा नहीं किया। मुख्य बिल्डर ने छोटे-छोटे कई बिल्डरों को प्रोजेक्ट का काम टुकड़ों में बांट दिया। इसके एवज में ट्रांसफर चार्ज नोएडा अथारिटी को देने थे, लेकिन उन बिल्डर्स ने ट्रांसफर चार्ज भी नहीं दिए। इन छोटे बिल्डर्स की हैसियत ही नहीं थी कि वो इसे बना सकें। इसीलिए ये मामला 2007 से 2008 के बीच और 2011 से 2014 के बीच में चला। ये 2025 तक इसी हाल में है। सवाल: CAG ने रिपोर्ट में करीब 9000 करोड़ रुपए नुकसान का दावा किया है। आपको क्या लगता है।जवाब: नोएडा अथॉरिटी ने मेन बिल्डर को कई तरह की रियायतें दी थीं। जैसे- ट्रांसफर चार्ज में छूट और फ्री एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) ताकि वो बिना चार्ज दिए बिल्डिंग के फ्लोर बढ़ा सके। ये छूट इसलिए दी गई थी ताकि बिल्डर का पैसा बचे और वो इसका इस्तेमाल स्पोर्ट्स एक्टिविटी को डेवलप करने में कर सके। वहीं मेन बिल्डर ने ये फ्री एफएआर कई छोटे-छोटे बिल्डरों को दे दिया और उसके बदले करोड़ों रुपए ले लिए। इसके बावजूद ग्रीन एरिया को स्पोर्ट्स के लिए डेवलप नहीं किया गया। इस तरह ये नुकसान तो नोएडा अथॉरिटी को हुआ। सवाल: 30 हजार से ज्यादा फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री नहीं हो रही है। आखिर अड़ंगा क्या है।जवाब: जब तक बिल्डर्स पर बकाया रकम अथॉरिटी को नहीं मिल जाती, तब तक कंप्लीशन सर्टिफिकेट (CC) और ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट (OC) प्राधिकरण नहीं देता है। अगर ये सर्टिफिकेट किसी तरह से दे दिया तो फिर बिल्डर बकाया रकम भी नहीं देंगे। जबकि बायर्स ने बिल्डरों को पूरा पैसा दे दिया है। अथॉरिटी के सर्टिफिकेट ना देने की वजह से फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हो रही है। अब इस पर बड़े स्तर पर ही फैसला हो सकता है। सवाल: इस गड़बड़ी में मुख्य तौर पर कौन-कौन से बिल्डर शामिल हैं। रिपोर्ट में अब तक किसी अधिकारी का नाम क्यों नहीं आया।जवाब: इस पूरे प्रोजेक्ट में 3 मेन बिल्डर्स के नाम हैं। जानाडू, लोट्स ग्रीन और लॉजिक्स इन्फ्रा। इन तीनों ने आगे 84 कंपनियों को काम की जिम्मेदारी दे दी। मेरा मानना है कि इस पूरे घोटाले में अधिकारियों के नाम का खुलासा CAG को करना चाहिए था। आप अगर जांच कर रहे हैं तो उसमें पारदर्शिता लानी चाहिए। आप देखिए इससे पहले भी एक मामले में कोर्ट के आदेश पर सुपरटेक की एक बिल्डिंग ढहा दी गई। इसमें गड़बड़ी करने वाले बिल्डर और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ............................. ये खबर भी पढ़ें... धर्मस्थल में 100 लाशें दफन, दावे में कितना दम ‘धर्मस्थल में ही हमारा घर है। मैं यहां 13 साल की उम्र से काम कर रहा हूं। 2009 की बात है, तब मैं 23-24 साल का ही था। उसी दौरान मैंने जंगल में 5-6 बार अपनी आंखों के सामने लाशें दफन करते देखा था। इनमें ज्यादातर महिलाओं की लाशें होती थीं। शवों की हालत देखकर लगता था कि उनके साथ रेप हुआ है।‘ कर्नाटक के धर्मस्थल में रहने वाले तुकाराम ये दावा करने वाले दूसरे शख्स हैं। पहला दावा एक सफाईकर्मी ने किया था। पढ़िए पूरी खबर..
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