गा॒ल्हि बो॒लि में बूइ (नंढी कहाणी)
लेखिका : देवी नागरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी रामजी ऐं राजेशु जुवानीअ खां वठी उमिरि में ईंदड़ घणनि ई मोड़नि ताईं सुठा पाड़ेसिरी हुआ। हिक ई हंधि पलिजिया,वडा॒ थिया, शादी कयाऊं ऐं हाणे पंहिंजे सजे॒ कुटुंब जा अबा थिया आहिनि। उन अङण जे विच में हिक नंढी भिति हुननि जे घरनि जे विच में ... Read more
तव्हांखे छा घुरिजे! (नंढी कहाणी)
लेखिका : देवी नागरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी घर जी चाउंठि खां बा॒हिरि जीअं ई रस्ते ते पेरु रखियो, साम्हूं खां ईंदड़ हिक जा॒तलि सुञातलि वड॒घराणी मिली, जेका गा॒ल्हियुनि जो सहारो वठंदे मूं साण गडो॒गडि॒ रस्ते ते हलंदी रही। मूं साणु हलंदरि मुंहिंजो मेहमानु प्रोफेसर दीक्षित सर मर्यादा जी चादर ओढ़े असां बि॒न्ही जे ... Read more
कमला हैरिस के माता-पिता के गलत दावे के साथ पुरानी तस्वीर फिर से वायरल
बूम ने पाया कि हैरिस के साथ तस्वीर में दिख रहे लोग एनजीओ 'प्रथम यूएसए' के चैरिटी इवेंट में शामिल सुनील पारुलेकर और रोहिणी पारुलेकर हैं.
अलीगढ़ में पानी में थूक मिलाने का पुराना वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि आरोपी का नाम विकास गुप्ता था. घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल शामिल नहीं था.
प्रभात झा पत्रकारिता एवं राष्ट्रवादी सोच के पुरोधा-पुरुष
पत्रकारिता के एक महान् पुरोधा पुरुष, मजबूत कलम एवं निर्भीक वैचारिक क्रांति के सूत्रधार, उत्कृष्ट राष्ट्रवादी, भाजपा के नेता और भाजपा मुखपत्र ‘कमल’ के मुख्य सम्पादक प्रभात झा अब हमारे बीच नहीं रहे। वे 67 वर्ष की उम्र में 26 जुलाई, 2024 को प्रातः 5 बजे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में जिन्दगी एवं मौत के ... Read more
लेखिका : देवी नागरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी हिकु जुवानु जोड़ो नईं जग॒ह ते अची रहण लगो॒ हुओ। बि॒एं डीं॒हुं सुबुह जो नौजवान ज़ाल पंहिंजी पाड़े वारीअ खे कपिड़ा सुकाईंदो डि॒सी घोट खे चयो ” हुन जा कपड़ा ख़ास अछा न था लग॒नि. शायदि हुन खे धुअणु नथा अचनि या हुन खे सुठे साबुण ... Read more
बांग्लादेश में बिल्डिंग से कूदते छात्रों का वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल, जानें सच
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो बांग्लादेश के चटगांव के मुरादपुर का है, जब कोटा में सुधार की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और छात्र लीग के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी.
मणिपुर में महिला के साथ मारपीट का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम को मणिपुर पुलिस ने बताया कि इस घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक एंगल नहीं है. पुलिस के अनुसार, वह पीड़ित महिला कथित तौर पर एक ड्रग डीलर है.
लेखिका : देवी नगरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी दरीअ जी श़ीखुनि मां डि॒ठो, ज़मीन ते मेरनि फाटलि चिथिड़युनि में वेढ़ियलु उहो पिंडि, निहायत ही कमज़ोर शरीर, खडूं॒ पियल अखियूं, पंहिंजो पाण खे ख़ेस सां लिकाइण जी कोशिश कंदो रहियो। उहो झूनो पुराणो ख़ेसु ओढ़ण खां पोइ बि खेस जे नंढे वडे॒ टूंगड़नि मां पंहिंजे ... Read more
*केंद्रीय बजट में बिहार और आंध्रप्रदेश को 75 हजार करोड़,पूर्ण बहुमत नहीं होने का दबाव* ———————————– *■ ओम माथुर ■* *पूर्ण सत्ता और किसी की मदद से मिली सत्ता में यही अंतर होता है। तेलुगु देशम और जनता दल यूनाइटेड की बैसाखियों पर टिकी केंद्र सरकार ने इसका सबूत केंद्रीय बजट में दे दिया है। ... Read more
मिठाणु में कौड़ाणि (नंढी कहाणी)
लेखिका : देवी नागरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी “अरे साईं दीनानाथ कीअं आहियो?” फोन जो रिसीवर खणंदे ई दीनानाथ आवाज़ु बु॒धी। “मां मज़े में आहियां, तव्हां कीअं आहियो? बाकी काल्ह तव्हां जेका मिठाई आंदी हुई, उन जो कौड़ो सवादु मुंह में अञा ताईं आहे…” चई दीनानाथ चुपु थी वियो। “उहो कीअं? मिठाई ऐं कौड़ी, ... Read more
वैचारिकी-अपने मनुष्य होने को जाने
जब कोई व्यक्ति या संघठन धर्म, जाति, नाम की आड़ में पहचान या गौरव की बात कर रहा होता है, तब वह किसी अन्य के प्रति लघुता या नफरत का भाव भी भर रहा होता है। ठीक वैसे ही जैसे अ से अनार, आ से आम सिखाते हुए ना फल दिखाया जाता है और ना ... Read more
लेखिका : देवी नागरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी रमा सोचींदी रही, पंहिंजो पाण सां खफ़े थींदी रही। कशमकशि जे समुंड में गोता खाइण लगी॒ हुई, फैसिलो करणु मुश्किल थी वियो हुअसि। घर जी चाऊंठि लछिमण रेखा वांगुर हुअसि। हिन पासे जी दुनिया में संबं॒धनि जी घुट हुई, हुन पासे जी दुनिया में पंहिंजे ढंग ... Read more
बढ़ती आबादी के बीच गंभीर होती पर्यावरण चुनौतियां
संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की आबादी 2060 के दशक में 1 अरब 70 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है, जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है, पर्यावरण से जुड़ी समस्याएं गंभीर चुनौती बनती जा रही है। हमें संसाधनों के विस्तार एवं विकास की योजनाओं के बीच पर्यावरण ... Read more
भारत में वंदे भारत के दुर्घटनाग्रस्त होने के गलत दावे से वायरल है चिली का वीडियो
बूम ने पाया कि यह दुर्घटना चिली के सैन बर्नार्डो इलाके में हुई थी, जहां एक पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ीसेटकरागईथी.
मध्य प्रदेश में महिलाओं को जिंदा दफनाने की कोशिश का वीडियो भ्रामक दावे से वायरल
बूम ने पाया कि घटना से जुड़े सभी आरोपी पीड़िता के संबंधी हैं. इसमें तरह किसी भी तरह का जातिगत अपराध शामिल नहीं है.
आपको सबसे ज़्यादा डर कब लगा था तब जब एकाएक कोई डरावना सपना देखकर जाग गए थे या तब जब नाइट शो में होरर फ़िल्म देखकर लौटे थे या तब जब आपने घर के सामने किसी मरे हुए जानवर की लाश देखी थी या तब जब पहली बार शमशान में मुर्दे को जलता हुआ देखा ... Read more
ज़िन्दगी एक खुली किताब है कितना पढें इस किताब को, थक चुका हूं अब पढ़ते-पढ़ते फिर से खोल देती है अगली पृष्ठ । मजबूरन ही पढ़ना पड़ता है ज़िन्दगी तुझे संवारने की खातिर, ऐ ज़िन्दगी तू संवरती तो नही है पर हां उम्र पल-पल ढ़़ल जाती है । ज़िन्दगी की किताब पढ़ पाना मुमकिन ही ... Read more
बेड पर बीमारी की अवस्था में पड़े मिस्टर बीन की वायरल तस्वीर फेक है
बूम ने पाया कि तस्वीर कोएडिट कर उसमें रोवन एटकिंसन का चेहरा जोड़ा गयाहै. मूल तस्वीर पार्किसंस नाम की बीमारी से जूझ रहे शख्स बैरी बाल्डरस्टोन की है.
वाराणसी कोर्टरूम में पेशकार की पिटाई का वीडियो SDM के गलत दावे से वायरल
बूम ने पाया कि वीडियो वाराणसी में 9 जुलाई 2024 की एक घटना का है जब एसडीएम कोर्ट में अधिवक्ताओं ने पेशकार की पिटाई कर दी थी.
ईश्वर-तुल्य गुरु जीवन को नया घाट देते हैं
गुरु पूर्णिमा- 21 जुलाई 2024 पर विशेष गुरु पूर्णिमा का भारतीय संस्कृति सर्वोपरि महत्व है, यह गुरु-पूजन का पर्व है। सन्मार्ग एवं सत-मार्ग पर ले जाने वाले महापुरुषों के पूजन का पर्व, जिन्होंने अपने त्याग, तपस्या, ज्ञान एवं साधना से न केवल व्यक्ति को बल्कि समाज, देश और दुनिया को भवसागर से पार उतारने की ... Read more
महानगरों में बढ़ता जानलेवा प्रदूषण गंभीर चुनौती
चिकित्सा विज्ञान से जुड़ी चर्चित अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका लासेंट के हाल के अध्ययन में वायु प्रदूषण की बढ़ती विनाशकारी स्थितियों के आंकड़े न केवल चौंकाने वाले है बल्कि अत्यंत चिन्तातनक है। भारत के दस बड़े शहरों में हर दिन होने वाली मौतों में सात फीसदी से अधिक का मुख्य कारण हवा में व्याप्त प्रदूषण है। वहीं ... Read more
डोनाल्ड ट्रंप को 'Man Of The EAR' बताने वाला TIME मैगजीन का कवर पेज फर्जी है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि TIME मैगजीन का वायरल कवर ऑनलाइन मॉकअप जेनरेटर की मदद से बनाया गया है.
मदरसे में बच्चे को उल्टा लटकाकर प्रताड़ित करने का वीडियो भारत नहीं, पाकिस्तान का है
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो पाकिस्तान के एक मदरसे में हुई घटना का है. जून 2019 में घटना का वीडियो सामने आने के बाद मामला रावलपिंडी पुलिस के संज्ञान में आया था.
जेल में केजरीवाल का वजन गिरने पर संजय सिंह का अधूरा बयान भ्रामक दावे से वायरल
प्रेस कॉन्फ्रेंस के पूरे वीडियो में संजय सिंह को पहले 81.5 किलो बताते फिर तुरंत सुधार कर 61.5 किलो बोलते सुनाजासकताहै.
ट्रंप को गोली लगने के बाद सीक्रेट सर्विस एजेंट की मुस्कुराने वाली तस्वीरें AI एडिटेड हैं
वायरल तस्वीर में दावा किया गया कि ट्रंप को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के दौरान सीक्रेट सर्विस के एजेंट मुस्कुरा रहे हैं. बूम ने पाया कि तस्वीर को फेस ऐप की मदद से एडिट किया गया है.
लेखिका : देवी नागरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी “अरे हाणे आवाज़ु डि॒यणु बंदि बि कयो ऐं हरकतूं त बिल्कुल बंदि कयो।” चवंदे सुधा पंहिंजी बालकनीअ जी चाउंठ जे छेड़े ते लटिकियल सोनहरी पिञिरो लाथो ऐं रंधणे डां॒हुं वेई। मां रंधणे में लग॒ल डाइनिंग टेबल ते वेठे हुन जे हथां ठहियल चांहि जो मज़ो वठंदी ... Read more
फिर आतंकी हमलें, सैनिकों का बलिदान व्यर्थ न जाये
लगातार जम्मू-कश्मीर में बढ़ रही आतंकी घटनाएं चिन्ता का कारण बन रही है। डोडा जिले में एक आतंकी हमले में कैप्टन समेत सेना के चार जवानों और जम्मू कश्मीर के एक पुलिसकर्मी का बलिदान अब यही दर्शा रहा है कि शांति एवं अमन की ओर लौटा जम्मू-कश्मीर एक बार फिर आतंकवादी आघातकारी घटनाओं की भेंट ... Read more
लेखिका : देवी नगरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी जड॒हिं जड॒हिं इल्म ऐं बेइल्मीअ में जंगु छिड़ंदी आहे, उन हर हिक मौके ते हिक नओं सितारो रौशनु थींदो आहे। अजु॒ बि कुझु अहिड़ो ई थियो। पिकिनिक जूं तैयारियूं गर्मजोशीअ सां पूरियूं थी चुकियूं हुयूं। इहा जा॒ण हुई त शहर जा नामी ग्रामी माण्हूं शामिलि थींदा ... Read more
खोटे सिक्के चलते देखे सच्चे हाथ मलते देखे। भ्रष्टाचार की छांव में गुनाहों को पलते देखे। शर्म बेच दी जिसने चांदी में उसको तुलते देखे। दो रोटी की खातिर इन्सां को कड़ी धूप में सारा दिन जलते देखे। दूध पिलाया जिनको हमने सांप बनकर डंसते देखे । हैं इन्सानियत से कोसों दूर ‘श्याम’ कसमें ईमान ... Read more
असली नहीं है समुद्री गाय का वायरल वीडियो, इसे AI की मदद से बनाया गया है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो फेक है. वायरल वीडियो में दिख रहा जीव समुद्री गाय नहीं है.
निर्मला सीतारमण के मेट्रो से ऑफिस जाने के भ्रामक दावे से पुराना वीडियो वायरल
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो लोकसभा चुनाव के दौरान मई 2024 का है, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्वी दिल्ली का दौरा करते हुए मेट्रो से लक्ष्मी नगर पहुंची थीं.
लेखिका : देवी नागरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी वक़्त जो मुल्हु उहे ई जा॒णनि जेके वक़्त जे पाबं॒धियुनि में रहंदा आहिनि ऐं उन दरिमियानु पंहिंजो सोचियलु कमु पूरो बि कंदा आहिनि। वक़्त जे वहिकिरे में वहंदे असां कड॒हिं ब॒ घड़ियूं शांतीअ सां वेही करे इहो कोन सोचींदा आहियूं त हीउ वक़्तु बि वारीअ जियां ... Read more
सिगरेट लिए सोनिया गांधी की वायरल तस्वीर एआई एडिटिंग टूल की मदद से बनाई गई है
बूम को इसकी मूल तस्वीर मिली. हमने पाया कि रीमेकर नामक एआई टूल की मदद से इस तस्वीर के चेहरे को सोनिया गांधी के चेहरे से बदल दिया गया है.
पंहिंजी पंहिंजी फ़ितरत (नंढी कहाणी)
लेखिका : देवी नागरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी “अम्मा, तव्हां पंहिंजा किताब ऐं काग॒र थाईंंका करे हिक हंधु छो न था रखो, हिते हुते पखिड़िया पिया हूंदा आहिनि।” “जिते डि॒सो सामानु ई सामानु, हेडां॒ होडां॒ पट ते पखिड़ियलु। ऐं घर में जेडी॒ महिल डि॒सो, गोड़ु मचियो पियो आहे, कंहिं महिल बा॒रनि जो त कंहिं ... Read more
‘‘इज्जत‘‘ के नाम पर भेंट चढ़ती जिंदगियां
राजस्थान के झालावाड़ जिले के जावर थाना क्षेत्र में 4 जुलाई 2024 को ऑनर किलिंग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। प्रेम विवाह से नाराज लड़की के परिजनों ने पहले उसका अपहरण किया। बाद में उसके साथ मारपीट की और मौत के घाट उतार दिया। मृतका के पति की शिकायत के बाद बारां जिले ... Read more
मैं भी परिश्रम करता हूं तुम भी परिश्रम करते हो, बस फर्क इतनी सी है मैं कम तुम अधिक कमाते हो। मैं रूखा-सुखा खाना खाता हूं तुम स्वादिष्ट व्यंजन खाते हो, बस फर्क इतनी सी है मैं कमजोर तुम बलवान हो। मैं झोपड़ी में रहता हूं तुम महल में रहते हो, बस फर्क इतनी सी ... Read more
बाप की डांट तथा झिड़की, मां का अपार प्यार-दुलार गर गूगल पर मिले तो मुझे बताना यार दोस्तों की सलाह-मशवरा और उनके साथ लगाए ठहाके- कहकहे गर गूगल पर मिले तो बताना यार बड़े-बुजुर्गों के दिल से निकली दुआ, आशीर्वाद उनके बेशकीमती तजुरबात और नि:स्वार्थ बेइंतहा मोहब्त गर मिले गूगल पर तो जरूर बताना यार। ... Read more
मजदूर की गोली मारकर हत्या का वीडियो यूपी का नहीं, ब्राजील का है
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो ब्राजील के नोवो एलेक्सो का है, जहां 28 जून 2024 को लुकास फिगुएरेडो नाम के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्याकरदीगईथी.
मां डि॒यारी आहियां (नंढी कहाणी)
लेखिका : देवी नागरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी “डि॒यारीअ जूं वाधायूं” फ़ोन जी घिंटी वजं॒दे ई खणण ते इहो आवाज़ु बु॒धण आयो। सोचींदी रहियसि केरि आहे, जेका मूंखे जा॒णे, सुञाणे ऐं गा॒ल्हाइण में पंहिंजपाई बि आहे, पर पंहिंजी सुञाणप डि॒यण बिना इएं ई गा॒ल्हाइणि….!” “अरे तव्हां खे बि डि॒यारीअ जूं वाधायूं” मुंदल लहिज़े में ... Read more
पोषणयुक्त आहार एवं कुपोषण मुक्त भारत के संकल्प के उजाले
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा भारत सहित पूरे विश्व में भूख, कुपोषण एवं बाल स्वास्थ्य पर समय-समय पर चिंता व्यक्त की गई है। यह चिन्ताजनक स्थिति विश्व का कड़वा सच है लेकिन एक शर्मनाक सच भी है और इस शर्म से उबरना जरूरी है। कुपोषण और भुखमरी से जुड़ी वैश्विक रिपोर्टें ... Read more
सच्चा दोस्त वो हे जो जीवन में बने सुख दुःख का साथी
दोस्ती का शाब्दिक अर्थ है “ दो+हस्ति” यानि दो हस्तियों का मिलन | सच्चाई तो यही है कि सच्चा दोस्त तो वही है जो उस समय हमारे साथ खड़ा रहता है जब सारी दुनियाँ यहाँ तक हमारे स्वजन भी हमारा साथ छोड़ देते हैं | सच्चा दोस्त वही है जो हमारे अंदर की अच्छाइयों को ... Read more
वे पीढ़ियों की पहचान समेटे अपना पैतृक मकान बेचकर नए फ़्लैट में रहने लगे हैं घर को फ़्लैट का नाम देकर पहचान के नाम पर नेम प्लेट के नीचे कुत्ते से सावधान लिखा हुआ है ऊपर बालकनी से नीचे झाँकते हुए रेंगते चेहरों में कुछ खोजते हैं जबकि हर चेहरा उनका अपना चेहरा है *रास ... Read more
बड़ा शोर होता है कि कविता यह है, वह है, चेतना है, बकवास है, विलास है,आदि आदि। कविता क्या है या नहीं है ..? यह विषय अकादमिक हो सकता है लेकिन अगर इसे भाषा और संवेदना के स्तर पर समझा जाए तो यह लिखने वाले और पढ़ने-सुनने वाले को जीवित होने का बोध देती है ... Read more
केरल में हाइवे पर पाइपलाइन फटने का वीडियो उत्तर प्रदेश के दावे से हो रहा शेयर
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो फरवरी 2024 का है, जब केरल के कोझिकोड में एक नेशनल हाइवे पर वाटर पाइपलाइन फट गई थी.
सादगी ही जिन्दगी का वास्तविक सौन्दर्य है
राष्ट्रीय सादगी दिवस, 12 जुलाई 2024 पर विशेषः कहते हैं ना लाइफ जितनी सिंपल होगी उतनी ही अच्छी एवं आनन्दमय होगी। हर इंसान सुन्दर एवं आकर्षक दिखना चाहता है, दीखने में बनावटीपन है, प्रदर्शन है, अनुकरण है, जबकि वास्तविक सौन्दर्य सादगी में है। सबसे सुन्दर दिखने की चाह में एक इंसान दूसरे इंसान तक को ... Read more
लेखिका : देवी नागरानी अनुवाद : पदमा गोविंद मोटवानी विसिरियल-भुलायल, पाण ते गुज़िरियल गा॒ल्हियूं पंहिंजी उमिरि सां गडो॒गडि॒ पंहिंजी समुझ में पंहिंजो मतिलबु बदलींदियूं आहिनि। यादिगिरियुनि जे बाग़ खे कुझु इएं बि महिकाईंदियूं आहिनि- उन्हनि यादिगिरियुनि जो हिकु उज़िवो ही बि आहे भेण खां मोकिलाईंदे शशिकाॅंत जड॒हिं पंहिंजे घरु वञण लगो॒ त माटेली वडी॒ भेण ... Read more
लेखिका: देवी नागरानी अनुवाद: पदमा मोटवानी “मां खिली कोन सघियस ऐं चवंदे चवंदे मां रोई पियसि।” नंढपुणि जा डींं॒हं बि छा त डींं॒हं हुआ। उन्हंनि डींं॒हंनि जूं यादिगिरियूं ज़हन में रंग-बिरंगी गुलनि जी सुगं॒धु जियां एतिरियूं त समायल हूंदियूं आहिनि जो यादि ईंदे ई मुरिझायल मुंहांडो बि मुर्कण लगं॒दो आहे। गा॒ल्हि नंढी आहे पर मतिलबु ... Read more
जनसंख्या नियंत्रण के लिये क्रांति का शंखनाद हो
विश्व जनसंख्या दिवस-11 जुलाई, 2024 प्रतिवर्ष विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाता है, यह दिवस 11 जुलाई, 1987 से मनाया जाता है, जब दुनिया की आबादी 5 अरब हो गयी थी। यह दिवस जनसंख्या वृद्धि, इसके विकास एवं स्थिरता पर प्रभाव के जटिल मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समूची दुनिया ... Read more
मुस्लिम धर्मगुरु के स्वागत का वीडियो ब्राइटन के मेयर के गलत दावे से वायरल
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स मुस्लिम धर्मगुरु शेख सूफी मोहम्मद असगर हैं.
*भ्रष्टाचार की नींव पर बने पुल ढहेंगे ही*
*▶️बिहार सरकार ने गरमाए मामले पर ठंडे छींटे मारने के लिए 11 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया* *▶️बिहार में भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की चलती है दादागिरी* *▶️अधिकारियों और कर्मचारियों को केवल कमीशन चाहिए, चाहे निर्माण कार्य घटिया हो* *✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।* 8302612247 * भ्रष्टाचार की बुनियाद पर बने पुल ढहेंगे नहीं ... Read more
खुलकर हंसने दो मुस्कुराने दो बुजुर्गो को एक दिन खामोश हो जाना है बुजुर्गो को, झिलमिलाते तारों की तरह सजाकर रखना भुल से भी अवहेलना ना करना बुजुर्गो को। उनके डांट-फटकार को दिल में ना लिया करो उनके पद चिन्हों पर चलना सीख लिया करो, उनकी बोली के कड़वाहट में प्यार छिपी होती है हो ... Read more
2041 तक भारत की जनसंख्या में मुसलमानों की संख्या 84 प्रतिशत होने का झूठा दावा वायरल
प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुमान के अनुसार, 2050 तक भारत की कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी लगभग 18% होगी.
सड़क धंसने से महिला के गड्ढे में गिरने का वीडियो अयोध्या नहीं, ब्राजील का है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो ब्राजील का है. अयोध्या पुलिस ने भी एक्स पर पोस्ट कर वायरल दावे का खंडन किया है.
सचिन तेंदुलकर की गिरफ्तारी को लेकर वायरल तस्वीर AI तकनीक से बनाई गई है
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा गलत है. वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाई गई है.
मित्र अपने घनिष्ठ मित्र से कहता है यार तुम बड़े ही भोले, सीधे-सादे हो, इसी कारण फायदा उठा लेते हैं लोग वो जमाना नहीं रहा,क्यों भोले बनते हो ? मित्र को समझते हुए जवाब देकर कहता है यार तुम अपने जगह बिल्कुल ही सही हो, मैं समझता हूं कि, अपनी जगह मैं भी सही हूं ... Read more
कोलेस्ट्रॉल का बढ़ रहा खतरा स्वास्थ्य को चौपट कर देगा
स्वास्थ्य के मोर्चे पर भारत का अनेक खतरों से रू-ब-रू होना चिन्ता में डाल रहा है। बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता के साथ मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप जैसे रोग दबे पांव इंसानों को घेर कर बड़ी चुनौतियां बन रहे हैं, जिन्हें बड़े खतरों के रूप में देखा जाना चाहिए। इन्हीं बढ़ते खतरों के बीच देश में कोलेस्ट्रॉल ... Read more
फरीदाबाद की जनता कॉलोनी स्थित काली मंदिर के पुजारी युवक रवि भगत पर शुक्रवार देर रात दो युवकों ने चाकुओं से जानलेवा हमला किया है। युवक का गला रेतने से पहले हमलावरों ने धार्मिक उन्माद वाला एक नारा भी लगाया था।
वीडियो में जानें राजस्थान के उस मंदिर के बारे में, जहां तंत्र सिद्धि से उपजे थे मंशापूर्ण हनुमान
श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी ज्ञान, बुद्धि, विद्या और बल का प्रतीक माने जाते हैं. बजरंगबली के जन्मोत्सव के खास मौके पर अपने दोस्तों और करीबियों को हनुमान जी की भक्ति से भरे शुभकामना संदेश भेज सकते हैं.....
औरैया जिले में सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव ताल्हेपुर समीप सेंगुर नदी में बेरहम मां प्रियंका ने जिस तरह से अपने तीन बच्चों को मारा डाला, उसे जानकर हर कोई आश्चर्य में है।
श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी ज्ञान, बुद्धि, विद्या और बल का प्रतीक माने जाते हैं. बजरंगबली के जन्मोत्सव के खास मौके पर अपने दोस्तों और करीबियों को हनुमान जी की भक्ति से भरे शुभकामना संदेश भेज सकते हैं.....
मिलावट : खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए कंपनियां है जिम्मेदार, किसानों को दोषी न ठहराएं
खाद्य पदार्थों में मिलावट की घटनाएं देश की साख के लिए अच्छी नहीं हैं, लेकिन इसके जिम्मेदार किसान नहीं, कंपनियां हैं।
श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी ज्ञान, बुद्धि, विद्या और बल का प्रतीक माने जाते हैं. बजरंगबली के जन्मोत्सव के खास मौके पर अपने दोस्तों और करीबियों को हनुमान जी की भक्ति से भरे शुभकामना संदेश भेज सकते हैं.....
अयोध्या से मात्र 100 किलोमीटर दूर हैं भगवान हनुमान का ये चमत्कारी मंदिर, जहां हर मुराद होती हैं पूरी
श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी ज्ञान, बुद्धि, विद्या और बल का प्रतीक माने जाते हैं. बजरंगबली के जन्मोत्सव के खास मौके पर अपने दोस्तों और करीबियों को हनुमान जी की भक्ति से भरे शुभकामना संदेश भेज सकते हैं.....
अमरनाथ गुफा में कितने महीनों तक दिखाई देता है बाबा बर्फानी?
बहुप्रतीक्षित बाबा अमरनाथ यात्रा शनिवार, 29 जून को जम्मू और कश्मीर में शुरू होने वाली है। यह तीर्थयात्रा, जिसका पूरे साल लाखों भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं, आषाढ़ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर शुरू होती है। भगवान शिव के सबसे पूजनीय तीर्थ स्थलों में से एक अमरनाथ में प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग, बाबा बर्फानी की दिव्य उपस्थिति को देखने के लिए भक्त पवित्र स्थल पर उमड़ पड़ते हैं। बाबा बर्फानी के दर्शन या दर्शन की अवधि आषाढ़ पूर्णिमा से लेकर श्रावण पूर्णिमा तक होती है, जिससे भक्तों को अपनी श्रद्धा प्रकट करने के लिए पूरे दो महीने मिलते हैं। शिव पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल अमरनाथ की पवित्र गुफा एक दुर्लभ और प्राकृतिक दृश्य प्रस्तुत करती है। भगवान शिव ने इस गुफा में कब निवास करना शुरू किया या भक्तों ने पहली बार कब आना शुरू किया, इसका कोई दस्तावेज नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि कुछ समय के लिए भूल जाने के बाद लगभग 150 साल पहले इस गुफा को फिर से खोजा गया था। अमरनाथ गुफा तक पहुँचने के लिए तीर्थयात्रियों को कई चरणों से गुजरना पड़ता है, जहाँ प्राकृतिक रूप से बनने वाले बर्फ के शिवलिंग को चमत्कार से कम नहीं माना जाता है। इस घटना को देखने के लिए हर साल हज़ारों भक्त आते हैं। तीर्थयात्रियों के लिए श्राइन बोर्ड व्यापक तैयारियाँ करता है, जिसमें मार्ग के विभिन्न बिंदुओं पर सामुदायिक रसोई (लंगर) का आयोजन करना शामिल है। हालाँकि, यात्रा चुनौतियों से भरी होती है, जिसमें अत्यधिक ठंड और कठिन भूभाग शामिल हैं, जिसके लिए रास्ते साफ करने और तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए काफी प्रयासों की आवश्यकता होती है। अमरनाथ गुफा में बर्फ का शिवलिंग बनना एक क्रमिक प्रक्रिया है, जो एक छोटी बर्फ की आकृति के रूप में शुरू होता है और 15 दिनों में लगातार बढ़ता हुआ 2 गज से अधिक की ऊंचाई तक पहुँच जाता है। जैसे-जैसे चाँद ढलता है, शिवलिंग भी छोटा होने लगता है, और अंततः चाँद के पूरी तरह से छिप जाने के साथ ही पूरी तरह से गायब हो जाता है। अमरनाथ गुफा तक पहुँचने के लिए दो मुख्य मार्ग हैं। एक मार्ग पहलगाम से होकर जाता है, जबकि दूसरा सोनमर्ग से होकर बालटाल तक जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस गुफा की खोज 15वीं शताब्दी में बूटा मलिक नामक एक मुस्लिम चरवाहे ने की थी। मिथुन राशि के जातकों के लिए दिन कुछ ऐसा रहने वाला है, जानिए अपना राशिफल वृषभ राशि के जातकों के लिए दिन कुछ ऐसा रहने वाला है, जानिए अपना राशिफल इस राशि के लोगों को आज अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए, जानें अपना राशिफल
जुलाई में मिलिए मां वैष्णो देवी से, जानें ट्रेन, बस या प्लेन से कैसे जाएं और कैसे न जाएं
हर साल दूर-दूर से श्रद्धालु वैष्णो देवी मंदिर में आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। जो लोग अभी तक इस आध्यात्मिक यात्रा पर नहीं निकले हैं, उनके लिए यात्रा की योजना बनाना अब प्राथमिकता बन गई है। यहाँ एक विशेष रिपोर्ट है कि आप विभिन्न साधनों के माध्यम से दिल्ली से वैष्णो देवी कैसे जा सकते हैं: दिल्ली से वैष्णो देवी पहुंचने के चार रास्ते यदि आप दिल्ली से वैष्णो देवी जाने की योजना बना रहे हैं, तो आपके पास परिवहन के चार मुख्य विकल्प हैं: दिल्ली से जम्मू के लिए उड़ान: आप दिल्ली से जम्मू के लिए उड़ान ले सकते हैं, उसके बाद बस या स्थानीय टैक्सी से कटरा पहुंच सकते हैं। दिल्ली से श्रीनगर के लिए उड़ान: दूसरा विकल्प यह है कि दिल्ली से श्रीनगर के लिए उड़ान भरें, फिर स्थानीय टैक्सी या बस लेकर कटरा पहुंचें। सीधी बस: दिल्ली से कटरा के लिए बसें सीधे चलती हैं, जो सुविधाजनक स्थलीय विकल्प प्रदान करती हैं। ट्रेन: दिल्ली से कटरा रेलवे स्टेशन तक कई ट्रेनें उपलब्ध हैं, जो आरामदायक रेल यात्रा प्रदान करती हैं। जम्मू से उड़ान भरने की लागत अगर आप वैष्णो देवी की यात्रा के लिए दिल्ली से जम्मू के लिए हवाई जहाज़ से यात्रा करना चुनते हैं, तो आपको लगभग 4,000 रुपये खर्च करने होंगे। जम्मू से, आपको कटरा के लिए बस या निजी टैक्सी लेनी होगी, जिसका किराया लगभग 200 रुपये प्रति व्यक्ति होगा और कटरा पहुँचने में लगभग दो घंटे लगेंगे। इस मार्ग का कुल किराया लगभग 5,000 रुपये है, और यात्रा का समय लगभग चार घंटे है, जो इसे तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाता है। श्रीनगर से उड़ान भरने की लागत तीर्थयात्रा के लिए दिल्ली से श्रीनगर तक हवाई यात्रा का किराया एक तरफ़ से लगभग 6,000 रुपये होगा। यह दूरी लगभग ढाई घंटे में पूरी की जा सकती है, लेकिन श्रीनगर से कटरा तक की यात्रा में लगभग छह घंटे लगते हैं क्योंकि दोनों के बीच की दूरी 225 किलोमीटर है। यह मार्ग अन्य मार्गों की तुलना में अधिक महंगा और समय लेने वाला है। बस द्वारा किफायती यात्रा अगर आप दिल्ली से कटरा के लिए बस यात्रा का विकल्प चुनते हैं, तो बस के प्रकार के आधार पर लागत और समय अलग-अलग होता है। एक वातानुकूलित (एसी) बस आम तौर पर प्रति सीट 500 से 600 रुपये के बीच चार्ज करती है, जबकि एक एसी स्लीपर बस का किराया 1,100 से 1,500 रुपये तक होता है। दिल्ली से कटरा पहुँचने में बसों को लगभग 14 घंटे लगते हैं, जो कि बजट के अनुकूल यात्रा विकल्प प्रदान करता है। रेल यात्रा की लागत दिल्ली से कटरा तक ट्रेन से यात्रा करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिसमें वंदे भारत एक्सप्रेस भी शामिल है, जिसकी कीमत 1,700 से 3,100 रुपये के बीच है और यह दूरी लगभग आठ घंटे में पूरी होती है। वैकल्पिक रूप से, एक सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन स्लीपर टिकट की कीमत लगभग 400 रुपये है, जो लगभग 11 घंटे में कटरा पहुँचती है। थर्ड एसी टिकट की कीमत लगभग 1,100 रुपये है। ट्रेन यात्रा को इसके आराम और लचीलेपन के लिए पसंद किया जाता है, खासकर तीर्थयात्रा के चरम मौसम के दौरान। निष्कर्ष रूप में, चाहे हवाई, बस या ट्रेन से, दिल्ली से वैष्णो देवी की अपनी यात्रा की योजना बनाना आपके बजट और आराम की प्राथमिकताओं के अनुरूप कई विकल्प प्रदान करता है। परिवहन का प्रत्येक तरीका एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है, यह सुनिश्चित करता है कि तीर्थयात्री अपनी आध्यात्मिक खोज को निर्बाध रूप से शुरू कर सकें। मिथुन राशि के जातकों के लिए दिन कुछ ऐसा रहने वाला है, जानिए अपना राशिफल वृषभ राशि के जातकों के लिए दिन कुछ ऐसा रहने वाला है, जानिए अपना राशिफल इस राशि के लोगों को आज अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए, जानें अपना राशिफल
महामारी जैसा बनता अकेलापन: तकनीक हमें आकर्षित कर सकती है, लेकिन मानवीय संबंधों का रूप नहीं ले सकती
आज पश्चिम के लोग परिवार-परिवार चिल्ला रहे हैं। यह अफसोस की बात है कि भारत में अकेलेपन को किसी वरदान की तरह समझा जा रहा है। अकेलेपन की विशेषता के रूप में यह बताया जाता है कि हम जो चाहें वह सब कर सकते हैं। पहले संयुक्त परिवार को तोड़कर एकल परिवार बने। बहुत से युवा जिनमें लड़के-लड़कियां दोनों शामिल हैं परिवार नाम की संस्था से ही दूर भागते हैं।
हमारी सीमा से जुड़े म्यांमार के ईसाई क्षेत्रों पर उनकी सत्ता का कमजोर होना हमारे लिए एक बहुत बड़ा संकट खड़ा कर रहा है। चिंता का सबसे बड़ा कारण यह है कि इस बिंदु पर आकर पश्चिमी लाबी और ईसाई मिशनरियों के हित तो सध रहे हैं लेकिन इसकी तपिश हमें झेलनी पड़ेगी। मणिपुर में हिंदू-ईसाई विभेद पहले ही बढ़ा हुआ है।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता: केंद्र के साथ राज्य सरकारों को भी देना होगा ध्यान
देश भर में सड़कों पुलों रेल-बस स्टेशनों हवाई अड्डों आदि का निर्माण तो तेजी से हो रहा है लेकिन क्या उनके निर्माण मानकों पर खतरे उतर पा रहे हैं? उचित यह होगा कि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी यह देखें कि उनकी ओर से जिस भी आधारभूत ढांचे का निर्माण कराया जा रहा है उसकी गुणवत्ता से कोई समझौता तो नहीं हो रहा है?
मैं अपने दल से कतई अलग नहीं रह सकता
संविधान के अंतर्गत निर्वाचित भारतीय गणतंत्र की पहली संसद का अध्यक्ष चुनकर माननीय सदस्यों ने जो मेरा सम्मान किया है, उसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। इस पद के कर्तव्यों, उत्तरदायित्वों तथा...
उपग्रह पृथ्वी पर कहीं भी क्यों नहीं गिरता है? कहां जाता है इसका कचरा
आपने अक्सर अपने आस-पास कूड़ा-कचरा देखा होगा। धरती पर इंसान जहाँ भी रहता है, वहाँ कूड़ा-कचरा मिलना आम बात है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष में कितना मलबा है? सैटेलाइट खराब होने के बाद कितना कचरा छोड़ जाते हैं? आज हम आपको अंतरिक्ष में कितना मलबा है और उसे कैसे साफ किया जाता है, इसके बारे में बताएंगे। अंतरिक्ष में कई उपग्रह मौजूद हैं। एक आम सवाल उठता है: मिशन खत्म होने के बाद ये उपग्रह कहां जाते हैं? रिपोर्टों के अनुसार, अब तक लगभग 6,500 सफल रॉकेट लॉन्च हुए हैं। अधिकांश देशों ने अपने उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे हैं। हालांकि, हर उपग्रह अंततः खराब हो जाता है। जब कोई उपग्रह निष्क्रिय हो जाता है, तो दो विकल्प होते हैं। खराब उपग्रह के साथ क्या करना है, इसका निर्णय पृथ्वी से उसकी दूरी पर निर्भर करता है। यदि उपग्रह बहुत ऊंची कक्षा में है, तो उसे वापस पृथ्वी पर लाने के लिए काफी मात्रा में ईंधन की आवश्यकता होती है। ऐसे मामलों में, वैज्ञानिक इसे अंतरिक्ष में और आगे भेजते हैं। दूसरा विकल्प उपग्रह को वापस धरती पर लाना है। अंतरिक्ष मलबे को कम करने के लिए ज़्यादातर देश अपने खराब उपग्रहों को वापस धरती पर लाते हैं। एक बार उपग्रह वापस आने के बाद, उसे एक खास जगह पर स्टोर करना होता है। इस निर्दिष्ट जगह को पॉइंट निमो कहा जाता है। 'निमो' शब्द लैटिन से आया है, जिसका अर्थ है 'कोई नहीं।' जब किसी जगह को पॉइंट निमो कहा जाता है, तो इसका मतलब है कि वहाँ कोई नहीं रहता है। यह बिंदु किसी भी भूमि से सबसे दूर की जगह है, जो समुद्र के बीच में स्थित है। इसे महासागर का केंद्र माना जाता है और यह दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच स्थित है। इसके अतिरिक्त, संयुक्त बल अंतरिक्ष घटक कमान अंतरिक्ष में मानवीय गतिविधियों पर नज़र रखती है। उन्होंने एक सूची बनाई है जिसमें विभिन्न प्रकार के अंतरिक्ष कबाड़ शामिल हैं। अंतरिक्ष में मलबे को कम करने के लिए संधियाँ बनाई गई हैं। नासा ने आर्टेमिस समझौते तैयार किए हैं, जो अंतरिक्ष को स्वच्छ और शांतिपूर्ण बनाए रखने पर ज़ोर देते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, 28 देशों ने इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। हालाँकि, रूस और चीन जैसे प्रमुख देश अभी तक इसका हिस्सा नहीं हैं। साथ ही, निजी कंपनियों को इस संधि में शामिल नहीं किया गया है। Jio के बाद अब Airtel ने बढ़ाई कीमतें, अब इतना करना होगा खर्च Pixel 9 सीरीज और Pixel Watch 3 को लेकर Google ने किया ये बड़ा ऐलान टाइम आउट क्या है? बच्चों को डांटने की बजाय आजमाएं ये टोटका
निसान की बहुप्रतीक्षित शानदार एसयूवी, एक्स-ट्रेल, जल्द ही लॉन्च होने वाली है। इस वाहन को हवाई मार्ग से लाया जा रहा है, जिससे यात्रा का समय घंटों से घटकर मात्र कुछ पल रह जाएगा। जहाँ ट्रेन से यात्रा करके अपने गंतव्य तक पहुँचने में घंटों लग जाते थे, वहीं हवाई मार्ग से उसी दूरी को कुछ ही समय में पूरा किया जा सकता है। विशालकाय हवाई जहाज़ एक साथ कई यात्रियों को ले जा सकते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि इन विशालकाय मशीनों को बनाने में कितना समय लगता है? यह ध्यान देने योग्य बात है कि अगर किसी हवाई जहाज़ बनाने वाली कंपनी को ऑर्डर मिलता है और उसके पास पूरा स्टाफ़ कुशलता से काम कर रहा है, तो वह सिर्फ़ 2 महीने में हवाई जहाज़ का निर्माण पूरा कर सकती है। हालाँकि, आम तौर पर, बड़े हवाई जहाज़ बनाने में लगभग 6 महीने लगते हैं। यह समय-सीमा सुनिश्चित करती है कि सभी सुविधाएँ और सुरक्षा उपाय सावधानी से शामिल किए गए हैं। हवाई जहाज़ बनाने के लिए इंजन से लेकर विभिन्न घटकों तक हर चीज़ के लिए ज़िम्मेदार एक बड़े कर्मचारी की ज़रूरत होती है। नतीजतन, निर्माण कंपनी इन हवाई जहाजों को बिना किसी त्रुटि के बनाने के लिए ज़रूरी समय लेती है, क्योंकि इनमें यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा भी उनकी ज़िम्मेदारी होती है। Jio के बाद अब Airtel ने बढ़ाई कीमतें, अब इतना करना होगा खर्च Pixel 9 सीरीज और Pixel Watch 3 को लेकर Google ने किया ये बड़ा ऐलान टाइम आउट क्या है? बच्चों को डांटने की बजाय आजमाएं ये टोटका
पेंशन अंत समय तक का बहुमूल्य योगदान है पेंशन बुजुर्गो की इज्जत ढांकने वाली चादर है, पेंशन सिर्फ चंद हजार रुपये की कागज़ नहीं पेंशन लम्बी ज़िन्दगी देने वाली चमत्कार है। पेंशन बुजुर्गो के लिए एक अनमोल वरदान है पेंशन के ही कारण सभी प्यार से पेश आते हैं, पेंशन बच्चों के आगे हाथ फ़ैलाने ... Read more
ग़म को देखते ही मार दो गोली दुख को कहकहों से डराकर दूर भगा दो फिर करीब आने से वो घबराए, कतराए। सुनना तो दूर कोई देखेगा भी नहीं तुम्हारी ओर, गर …. तुम हरदम अपने ही गम का राग अलापोगे। कोई ये न समझे कि दुख, मुसीबतें, परेशानी तुम्हारे हिस्से ही आया है अरे ... Read more
सर, गोविन्दा और मैडम सुनिता की जोड़ी का क्या कहना
सर, गोविन्दा और मैडम सुनिता की जोड़ी का क्या कहना, ऊपर से नेपाली वेशभूषा में तो चार चांद लगा दिया। इसी पर मेरी चार पंक्ति। **************** ईश्वर पति-पत्नी के रूप में उन्हें मिलाती है जब उनकी मेहरबानियां, कृपा दृष्टि होती है, जाति-धर्म,और संस्कृति से भी ऊपर वहीं है जिन इंसानों में अच्छी इंसानियत होती है। ... Read more
Sensex Opening Bell: शेयर बाजार में मजबूत शुरुआत, सेंसेक्स 200 अंक चढ़कर नए हाई पर, निफ्टी 24100 के करीब
Monsoon 2024: यूपी में मानसून कई जिलों में पहुंच चुका है। आने वाले पांच दिनों में यह पूरे प्रदेश में छा जाएगा। मौसम विभाग ने भारी बारिश वाले जिलों में अलर्ट जारी किया है।
शोध : मरुस्थल की तपती रेत के नीचे एक जीवमंडल... यानी पृथ्वी में छिपी एक नई दुनिया
वैज्ञानिकों ने दक्षिण अमेरिका के अटाकामा मरुस्थल की तपती रेत के नीचे छिपे हुए जीवमंडल को उजागर किया है।
शेयर बाजार की समृद्धि कैसे हो साझा
शेयर बाजार के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने से निवेशक खुश हैं। गुरुवार को भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 79,000 के ऊपर चला गया था, जो इसके इतिहास में पहली बार हुआ है। निफ्टी भी कमोबेश इसी गति से...
पिता का अपनी बेटी से जबरन शादी करने का स्क्रिप्टेड वीडियो वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो स्क्रिप्टेड है. इसमें दिख रहे शख्स को एक दूसरे वीडियो में भी देखा जा सकता है.
संभल जा अब भी ऐ इंसान, क्यूं करता है नाहक यूं अभिमान प्यार से आया तू जग में, प्यार लुटाता जा दुखियों के दर्दो गम तू मिटाता जा इतना तो कर ही सकता है अरे ऐ नादान क्यूं करता है नाहक यूं अभिमान …। कंकड़-पत्थर जमा कर ले तू जितने भी साथ न ले जा ... Read more
*डोटासरा जी, कांग्रेस राज में इतना दहाड़ लेते तो तस्वीर अलग होती*
कोटा के भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल -जो विपक्ष में होते हैं, वे इसी तरह दहाड़ते हैं, सत्ता में रहने पर चुप्पी साध लेते हैं -जो काम अब कांग्रेस और कांग्रेसी कर रहे हैं, वही काम कुछ माह पहले तक भाजपा और भाजपाइयों ने खूब किए -यह सब सत्ता और राजनीति का खेल ... Read more
राहुल गांधी का कद भी बढ़ा एवं राजनीतिक कौशल भी
राहुल गांधी लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता बन गये हैं, यह उनका पहला संवैधानिक पद है, इससे पहले वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। इस बड़े पद के साथ उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जायेंगी। दस वर्षों बाद लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता का पद मिला है। वैसे इस बार के चुनाव एवं चुनाव में ... Read more
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने नहीं किया हिंदुओं के खिलाफ पोस्ट, पढ़ें फैक्ट चेक
बूम से बातचीत में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दावे का खंडन करते हुए कहा कि उनका सिर्फ एक ही आधिकारिक अकाउंट है.
पेपर लीक: शिक्षा और राजनीति का नया धंधा (व्यंग्य)
अखबारों और टीवी न्यूज़ में आजकल एक खबर बहुत ज्यादा लीक कर रही है- पेपर लीक का मामला। यूं तो आए दिन कोई न कोई परीक्षा का पेपर लीक होता रहती है। जब लोकतंत्र की गाडी के पहियों पर चढ़े टायर ही लीक हो रहे हैं तो पेपर लीक होना कोई बड़ी बात तो है नहीं। अब ये लीक के मामले ही हैं जो अखवारो की हैडलाइन बनती है,सरकार को भी दो चार जांच आयोग बिठाने का अवसर मिलता है, सत्ता पार्टी और विपक्ष पार्टियों को एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने का अवसर मिलता है, विरोधी पार्टियों पर दो चार सीबीआई के छापे और ईडी के छापे पडवाकर उन्हें हडकाने का मौका मिलता है, कुल मिलकर आने वाले चुनावों के लिए मुद्दों की फसल बुआई हो जाती है. नेता लोग कहते हैं, लोकतंत्र की चुनरी में ये लीक के दाग अच्छे हैं, इन्हें छुडाना नहीं है, लीक के दागों की चुनरी एक अभूतपूर्व एंटीक लुक दे रही है! लीक कोई एक जगह तो है नहीं ,सारा सिस्टम ही लीक कर रहा है, जैसे कहीं बागी विधायकों की संख्या लीक हो जाती है तो तख्तापलट हो जाते हैं। कही किसी विधायक और सांसद की अश्लील सी डी लीक हो जाती है तो मनोरंजन जगत को तीखा मसाला मिल जाता है! कहीं कोई अधिकारी रिश्वत लेता है और कोई सरफिरा विडियो बनाकर लीक कर देता है !सब जगह लीक करने का बुखार है तो भला ये पेपर की क्या बिसात, ये तो तो बनाए ही लीक होने के लिए हैं। अब पेपर लीक न होगा तो बेचारे इतने लोग जिनका धंधा ही परीक्षा में धांधली करके रोजी रोटी का जुगाड़ करने का है, उनका धंधा कैसे चलेगा? कितनी जिम्मेदारी से वो घर-घर में डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी नौकर खड़े कर रहे हैं। डिग्रियाँ ऐसे बाँटी जा रही हैं जैसे सरकारी रेवड़ियाँ। अब सरकार, रेवड़ियों में नौकरी तो नहीं बाँट रही ना, इसका इंतजाम तो आदमी को खुद ही करना पड़ेगा। नौकरी लगे या न लगे, अलबत्ता कम से कम डिग्री तो हासिल कर लें ताकि कल अगर नेता भी बने तो विपक्षी पार्टियों को ये कहने का मौका न मिले कि डिग्री नहीं है, अनपढ़ है। इसे भी पढ़ें: ऐसी होती है ख़ास ख़बर (व्यंग्य) वैसे आजकल की प्रतिस्पर्धा में सीधे रास्ते से डिग्रियाँ हासिल करना या प्रोफेशनल डिग्री कॉलेजों में डॉक्टर, इंजीनियर बनना कितना मुश्किल है, आरक्षण ने वैसे ही कमर तोड़ रखी हैं। आधी कमर जो बची हुई है वो कोचिंग संस्थानों की महंगी फीस ने। अब बेचारा आम आदमी क्या करे, प्राइवेट कॉलेजों में सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती फीस ने उसका वैसे ही दिमाग खराब कर रखा है। तो अगर कहीं से लीक पेपर का इंतजाम हो जाए, दो-पाँच लाख खर्च करके किसी सरकारी कॉलेज में दाखिला हो जाए, बस फिर क्या, डॉक्टर, इंजीनियर तो बन के निकल ही लेगा। कॉलेज वालों की छाती पर मूंग दलेगा तो वो वैसे ही उसे डिग्री देकर विदा कर देंगे। पेपर लीक का यह धंधा अब बड़े-बड़े राजनैतिक घरानों के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने का एक नया जरिया बन गया है। पोलिटिकल बांड पर वैसे भी, अब कोर्ट ने रोक लगा दी। अब बेचारे पार्टी के आला कमान क्या करें, पार्टी चलानी है, चुनाव लड़ने हैं, विधायकों-सांसदों की खरीद फरोख्त करनी हैं, सब में पैसा तो चाहिए न। बिजनेस घराने सभी तो भाव देते नहीं है, बिज़नेस घराने भी जिस एक पार्टी की गोदी में जाकर बैठ गए बस वहीँ चिपके रहते हैं, ईडी, सीबीआई वाले वैसे ही पीछे पड़े हुए हैं। एक यह पेपर लीक का धंधा ही बचा था, इस पर भी सबकी निगाहें हैं। पार्टी अगर जोड़ तोड़ न करे तो भला कैसे चुनाव जीतेंगे, कैसे सरकार बनायेंगे, और जोड़ तोड़ दोनों में ही धन लगता है साहब, करोड़ों रुपये रेवड़ियों को बांटने, रैलियों में वोट के बदले नोट बांटने में लगेंगे, यह सब कहां से आएगा? सप्लाई भी डिमांड के ऊपर टिकी है। अब पब्लिक की डिमांड है तो बाजार भी सजेगा। वह दिन दूर नहीं जब बाकायदा पेपर लीक को एक लीगल धंधा घोषित कर दिया जाएगा, संविधान में संशोधन करके एक अनुच्छेद जोड़ दिया जाए कि एक निश्चित राशि सरकारी खजाने में जमा करके और उसकी दस गुना रकम जेब में भरकर पपेर लीक धंदे के लाइसेंस दिए जाएं। फिर प्रतिस्पर्धा होगी, मार्केट में पेपर लीक कराने वाले अपनी-अपनी तरफ से डिस्काउंटेड रेट में ऑफर लेकर आएंगे। कोचिंग वालों की मनमानी रुक जाएगी। यह समाजवाद का असली रूप होगा जहां सभी गधे-घोड़े बराबर होंगे। क्या मेरिट और क्या इंटेलिजेंसी, बस बाजार जाओ, अच्छे से मोल-भाव करो और एक बढ़िया सी डिग्री गले में टांगकर ले आओ, घंटों का काम चुटकियों में। जब सबके पास डिग्रियां होंगी तो कोई अफसर और नौकर का भेद नहीं रहेगा, सब ही डॉक्टर हो जाएंगे, इंजीनियर हो जाएंगे। एक बंदा दस-दस डिग्रियां भी टांग सकता है। संस्थाओं में भी स्वागत में माला पहानाने के बजाय डिग्रियां पहनाई जाएंगी। वैसे इस तरफ का काम पहले ही शुरू हो गया है, डॉक्टरेट की डिग्रियां देने वाली यूनिवर्सिटियां कुकुरमुत्तों की तरह उग आई हैं। फॉरेन यूनिवर्सिटी भी आपको डॉक्टरेट की डिग्रियों से नवाज रही हैं, बस जेब से दाम खर्च करने की जरूरत है। डिग्रियों की होम डिलीवरी भी हो जाएगी। कोई भी नया प्रयोग शुरू-शुरू में परेशानी पैदा करता है। पेपर लीक का मामला जिस तरह से अब हर प्रतियोगी परीक्षा का अभिन्न अंग बन गया है, तो परीक्षाओं के प्रति लोगों और अभिभावकों का मोह भी भंग हो गया है। अब कौन कोचिंग संस्थानों के फ्रंट पोर्शन में टंगे-टॉपर्स की बड़ी सूची को देखकर आकर्षित होगा? अब तो हर टॉपर के पीछे कुछ पेपर लीक की बू लोगों को नजर आती है। जिसने मेहनत करके टॉप रैंक लाए हैं, वो भले ही चीख चीख कर सफाई देता रहे, अपनी बेगुनाही का सबूत देता रहे, लेकिन कौन तवज्जो देगा? अभिभावक भी इसे लोकतंत्र की नई कसौटी के तर्ज पर स्वीकार कर लेंगे। जो आज़ादी हमें मिली है, जो लोकतंत्र हमने गर्व करके स्वीकार किया है, उस लोकतंत्र को ढोने के लिए इसके लीकेज सिस्टम को भी इसका अभिन्न बायप्रोडक्ट मानकर ढोना पड़ेगा। जैसे बचपन में बच्चा जब बिस्तर पर लीक करता है तो शुरू-शुरू में अभिभावक परेशान होते हैं, बाद में उसके साथ एडजस्ट हो जाते हैं। बस ऐसा ही हाल होगा लोकतंत्र का। टायर लीक होने के कारण फ्लैट हो गया है, लेकिन इस फ्लैट टायर के साथ भी लोकतंत्र की गाड़ी घसीटी जा रही है। नेताओं को भी धैर्य रखना पड़ता है। उन्हें पता है जनता की मेमोरी शॉर्ट है। अभी थोड़े दिन हल्ला करेगी, बाद में शांत हो जाएगी। नहीं शांत होगी तो कोई और धर्म के नाम का मुद्दा उछाल देंगे, दंगों में लोगों को व्यस्त कर देंगे। बस, लोगों को तो मनोरंजन चाहिए, उसे आप किसी भी रूप में देते रहो। जो बच्चे मेहनत कर रहे है, जिनके सपने छीन लिए गए हैं, उनके अभिभावक भले कितने ही पापड़ बेलें, कोर्टों के चक्कर लगाएं, रिट लगाएं, सरकार को क्या फर्क पड़ेगा, कोर्ट में एफिडेविट लगा देगी की मी लार्ड अब पेपर को लीक प्रूफ बनाया जाएगा, इनको कागज की जगह खादी कपडे पर छपवाया जाएगा शायद तब लीक नहीं करें और इसके साथ ही सरकार के गांधीवादी विचारधारा के होने का ठप्पा भी लग जाएगा ! हो सकता है सरकार इसके लिए भी कोई आयोग गठित कर दे। जैसे ही ऐसे किसी आयोग की सूचना मुझ तक लीक होती है तो में आपको ब्रेकिंग न्यूज़ जरूर दूंगा ! - डॉ. मुकेश 'असीमित' गंगापुर सिटी, राजस्थान पिन कोड-323301
सोनिया गांधी पर आपत्तिजनक बयान वाला सुप्रिया श्रीनेत के पोस्ट का वायरल स्क्रीनशॉट फर्जी है
सुप्रिया श्रीनेत ने अपने बयान में वायरल दावे का खंडन करते हुए इसे फर्जी बताया.
Public Provident Fund की क्या है खासियत, सिर्फ 500 रुपये निवेश कर बन सकते हैं करोड़पति
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) लाखों भारतीयों के लिए वित्तीय नियोजन की आधारशिला के रूप में खड़ा है। 1968 में स्थापित, यह भारत सरकार द्वारा पेश किए गए सबसे पुराने और सबसे भरोसेमंद बचत उपकरणों में से एक है। वित्त मंत्रालय की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 40 करोड़ (400 मिलियन) से अधिक पीपीएफ खाते हैं, जो इसकी व्यापक लोकप्रियता को उजागर करता है। यह स्थायी योजना दीर्घकालिक लक्ष्यों, विशेष रूप से सेवानिवृत्ति के लिए धन संचय करने का सुरक्षित और कर-कुशल तरीका चाहने वाले व्यक्तियों को पूरा करती है। फ़ायदे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) सरकार द्वारा निर्धारित रिटर्न की गारंटीकृत दर प्रदान करता है, जो आपके निवेश को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाता है और स्थिर वृद्धि सुनिश्चित करता है। पीपीएफ भी एक टैक्स हेवन है। आपके पीपीएफ खाते में योगदान को आपकी कर योग्य आय से काटा जा सकता है, जिससे आपके कर का बोझ कम हो जाएगा। अर्जित ब्याज और परिपक्वता पर आपको मिलने वाली अंतिम राशि कर-मुक्त है, जिससे पीपीएफ एक अत्यधिक कर-कुशल विकल्प बन जाता है। केवल बचत से परे देखते हुए, पीपीएफ दीर्घकालिक अनुशासन को बढ़ावा देता है। 15 साल की परिपक्वता अवधि और 5 साल की वेतन वृद्धि बढ़ाने का विकल्प लगातार बचत की आदतों को प्रोत्साहित करता है। आप अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्रभावित किए बिना विशिष्ट वर्षों के दौरान अप्रत्याशित जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ शर्तों के तहत पांचवें वर्ष के बाद आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है, जिससे आपात स्थिति उत्पन्न होने पर आपकी बचत तक नियंत्रित पहुंच प्रदान की जाती है। कौन ले सकता है लाफ सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजना को कई भारतीय नागरिकों के लिए समावेशी और सुलभ बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। वित्तीय समावेशन पर यह फोकस पात्रता मानदंड में स्पष्ट है। केवल भारतीय निवासी ही नए पीपीएफ खाते खोल सकते हैं, हालांकि एनआरआई (अनिवासी भारतीयों) द्वारा रखे गए मौजूदा खाते परिपक्वता तक वैध रहते हैं। कोई न्यूनतम आयु प्रतिबंध माता-पिता या कानूनी अभिभावकों को अपने नाबालिग बच्चों के लिए खाते खोलने की अनुमति नहीं देता है। यह दृष्टिकोण छोटी उम्र से ही बचत और वित्तीय नियोजन की संस्कृति को प्रोत्साहित करता है। हालाँकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि पीपीएफ व्यक्तिगत जिम्मेदारी पर जोर देता है। यह योजना प्रति व्यक्ति केवल एक खाते की अनुमति देती है, इसलिए आप संयुक्त खाते नहीं रख सकते हैं या अपने नाम पर एकाधिक खाते नहीं खोल सकते हैं। इसे भी पढ़ें: क्या है Atal Pension Yojana, कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ, हर महीने मिल सकती है पांच हजार रुपये तक पेंशन आवश्यक दस्तावेज पीपीएफ खाते के लिए साइन अप करते समय, आपको आमतौर पर शुरुआत के लिए केवल कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। पहला कदम अधिकांश डाकघरों या अधिकृत बैंकों से पीपीएफ खाता खोलने का फॉर्म प्राप्त करना है। इसके बाद, आपको अपनी पहचान साबित करनी होगी। आधार कार्ड सबसे आसान विकल्प है, लेकिन एक अन्य वैध सरकारी आईडी भी काम करेगी। अपने खाते के रिकॉर्ड के लिए हालिया पासपोर्ट आकार की तस्वीर लाना न भूलें। अंत में, अपने पते का प्रमाण दिखाने के लिए तैयार रहें। इसमें उपयोगिता बिल जैसे बिजली विवरण या कोई अन्य दस्तावेज़ शामिल हो सकता है जो आपके निवास की पुष्टि करता है (आवश्यकताएं आपके स्थान के आधार पर भिन्न हो सकती हैं)। आवेदन प्रक्रिया टूर खाता खोलने का स्थान चुनें डाकघर: कई लोगों के लिए एक सुविधाजनक विकल्प, कई डाकघर पीपीएफ खाता खोलने की सेवाएं प्रदान करते हैं। अधिकृत बैंक: सभी बैंक पीपीएफ खाते की पेशकश नहीं करते हैं। यह देखने के लिए अपने पसंदीदा बैंक से संपर्क करें कि क्या वे यह सेवा प्रदान करते हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी करें फॉर्म सावधानी से भरें: पीपीएफ खाता खोलने का फॉर्म सावधानीपूर्वक भरें, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी विवरण सटीक और त्रुटि रहित हैं। आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें: पहले बताए गए सभी दस्तावेजों को संकलित करें और उन्हें तैयार आवेदन पत्र में सुरक्षित रूप से संलग्न करें। अपनी प्रारंभिक जमा राशि बनाएं: काउंटर पर जाएं और अपने खाते को सक्रिय करने के लिए न्यूनतम राशि ₹500 (या अधिक) जमा करें। आपको अपनी जमा राशि की पुष्टि के रूप में एक पासबुक या खाता विवरण प्राप्त होगा। खाता सक्रियण और सत्यापन सत्यापन और प्रसंस्करण: एक बार जब आप अपना आवेदन और दस्तावेज जमा कर देते हैं, तो डाकघर या बैंक सब कुछ सत्यापित करेगा और आपके खाते के निर्माण की प्रक्रिया करेगा। खाता सक्रियण अधिसूचना: आपको एक एसएमएस या ईमेल अलर्ट प्राप्त हो सकता है जो आपको सूचित करेगा कि आपका पीपीएफ खाता अब सक्रिय है और उपयोग के लिए तैयार है। भविष्य में योगदान करना: सक्रियण के बाद, आप काउंटर पर नकद जमा, चेक भुगतान, या यहां तक कि ऑनलाइन स्थानांतरण (यदि विशिष्ट डाकघर या बैंक वह विकल्प प्रदान करता है) जैसे विभिन्न तरीकों से अपने खाते में धनराशि जोड़ सकते हैं। इसे भी पढ़ें: बजरंग पुनिया को मिली राहत, NADA द्वारा लगाए गए बैन को ADDP ने हटाया अंशदान सीमा और ब्याज दरें लचीले योगदान विकल्प: पीपीएफ प्रति वर्ष न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख सालाना योगदान की अनुमति देकर आय स्तरों की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा करता है। यह लचीलापन आपको अपने बजट के आधार पर अपना योगदान समायोजित करने देता है। प्रतिस्पर्धी ब्याज दरें: सरकार पीपीएफ के लिए ब्याज दरें तिमाही आधार पर निर्धारित करती है। ये दरें आम तौर पर पारंपरिक बचत खातों में मिलने वाली दरों से अधिक होती हैं। यह पीपीएफ को उन लोगों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है जो लंबी अवधि में अपनी संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं।
पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जिसका उद्देश्य व्यक्तियों को उनकी सेवानिवृत्ति के वर्षों के दौरान एक स्थिर आय प्रदान करना है। भारत सरकार द्वारा 2015 में शुरू की गई यह योजना विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर लक्षित है, जिनके पास अक्सर औपचारिक पेंशन योजनाओं तक पहुंच की कमी होती है। एपीवाई श्रमिकों को उनकी सेवानिवृत्ति के लिए स्वेच्छा से बचत करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे एक सुरक्षित वित्तीय भविष्य सुनिश्चित होता है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस साल की शुरुआत में एपीवाई ग्राहकों में 28 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई और 1 करोड़ से अधिक नए ग्राहक जुड़े। यहां आपको योजना के बारे में जानने की जरूरत है। इसे भी पढ़ें: भारत में चुना जा रहा था स्पीकर, इस देश में टैक्स में छूट नहीं मिलने पर लोगों ने संसद ही फूंक दिया क्या होंगे लाभ पेंशन की गारंटी: अंशदान राशि के आधार पर, ग्राहक 60 वर्ष की आयु के बाद ₹1,000 से ₹5,000 की निश्चित मासिक पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। सरकारी सह-योगदान: पात्र ग्राहकों के लिए, सरकार कुल योगदान का 50% या ₹1,000 प्रति वर्ष, जो भी कम हो, पांच वर्षों के लिए योगदान देती है। कर लाभ: एपीवाई में योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीडी के तहत कर लाभ के लिए पात्र हैं। वित्तीय सुरक्षा: एपीवाई व्यक्तियों, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के लोगों को उनके बुढ़ापे के दौरान वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करता है। योगदान में लचीलापन: अभिदाता वांछित पेंशन राशि के आधार पर अपनी योगदान राशि चुन सकते हैं और इसे वर्ष में एक बार बदल सकते हैं। पात्रता आयु: आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। बैंक खाता: आवेदक के पास एक बचत बैंक खाता होना चाहिए, जो एपीवाई खाते से जुड़ा होगा। योगदान: आवेदक को 60 वर्ष की आयु तक योजना में नियमित योगदान करने के लिए सहमत होना चाहिए। आवश्यक दस्तावेज़ आधार कार्ड: पहचान और पते का प्रमाण सुनिश्चित करने के लिए। बैंक खाता: योगदान के ऑटो-डेबिट के लिए एक बचत खाता संख्या। मोबाइल नंबर: योजना के संबंध में संचार और अपडेट के लिए। अतिरिक्त केवाईसी दस्तावेज़: यदि बैंक द्वारा आवश्यक हो, जैसे पैन कार्ड या मतदाता पहचान पत्र अटल पेंशन योजना: आवेदन प्रक्रिया कैसे ले सकते हैं लाभ ऑफ़लाइन: उस बैंक शाखा से संपर्क करें जहां आपका बचत खाता है। अधिकांश सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक APY नामांकन की सुविधा प्रदान करते हैं। बैंक से एपीवाई पंजीकरण फॉर्म प्राप्त करें या भाग लेने वाले बैंकों की आधिकारिक वेबसाइटों से इसे डाउनलोड करें। फॉर्म भरें। आवश्यक विवरण प्रदान करें, जैसे नाम, आयु, आधार संख्या, बैंक खाता विवरण और पेंशन राशि का विकल्प। पूरा फॉर्म, अपने यूआईडी कार्ड की एक फोटोकॉपी और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करें। पहले योगदान राशि के लिए अपने बचत खाते में पर्याप्त शेष राशि सुनिश्चित करें, जो स्वचालित रूप से डेबिट हो जाएगी। सफल प्रसंस्करण पर, आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक पुष्टिकरण संदेश और एक अद्वितीय APY खाता नंबर प्राप्त होगा। इसे भी पढ़ें: General Budget: श्रमिक संगठनों ने वेतनभोगी वर्ग के लिए ओपीएस की बहाली, कर छूट बढ़ाने की मांग की ऑनलाइन: आधिकारिक बैंक पोर्टल या मोबाइल बैंकिंग ऐप पर जाएं। बैंक के ऑनलाइन बैंकिंग पोर्टल या मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन तक पहुंचें, जहां आपका बचत खाता है। भारत में अधिकांश प्रमुख बैंक अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से एपीवाई में नामांकन की सुविधा प्रदान करते हैं। लॉग इन करें: अपने इंटरनेट बैंकिंग खाते या मोबाइल बैंकिंग ऐप में लॉग इन करने के लिए अपने क्रेडेंशियल्स का उपयोग करें। नेविगेट करें: मेनू में, 'सामाजिक सुरक्षा योजना अनुभाग देखें या पोर्टल या ऐप के भीतर दिए गए खोज बार में सीधे 'अटल पेंशन योजना' (एपीवाई) खोजें। आवेदन पत्र भरें। एक बार जब आपको एपीवाई अनुभाग मिल जाए, तो आपको ऑनलाइन आवेदन पत्र के लिए निर्देशित किया जाएगा। ऑटो-डेबिट के लिए सहमति: किसी को अपने बचत खाते से मासिक योगदान राशि के ऑटो-डेबिट के लिए सहमति प्रदान करने की आवश्यकता होगी। यह APY अंशदान की नियमित कटौती के लिए महत्वपूर्ण है। सत्यापन और पुष्टि: आपके द्वारा दर्ज किए गए सभी विवरणों की समीक्षा करें। एक बार पुष्टि हो जाने पर, आवेदन पत्र जमा करें। सत्यापन के लिए आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त हो सकता है। आवेदन करें: अपने आवेदन को सत्यापित करने के लिए ओटीपी दर्ज करें। सफल सत्यापन के बाद, आपका आवेदन संसाधित किया जाएगा। सफल नामांकन पर, आपको अपने अद्वितीय एपीवाई खाता नंबर के साथ, अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक पुष्टिकरण संदेश प्राप्त होगा।
नेता प्रतिपक्ष बने राहुल गांधी के लिए अगले 60 महीने बड़ा अवसर, पर बेहद चुनौतियों भरी है राह
वर्ष 2013 में राहुल गांधी को जयपुर में कांग्रेस पार्टी के अधिवेशन में उपाध्यक्ष चुना गया था।
*अभी तक तो फ्रंटफुट पर ही खेल रहे हैं मोदी*
*पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बाद भी सरकार का चेहरा पहले जैसा ही, तरीका और तेवर भी बरकरार* *नेता विपक्ष के रूप में राहुल गांधी पर नई जिम्मेदारी* *तो,ओम बिरला लोकसभा के अध्यक्ष बन गए। लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनने वाले वो दूसरे नेता हो गए हैं। इसके पहले कांग्रेस के बलराम जाखड़ ने यह ... Read more