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ललित सुरजन की कलम से: 'नक्सली हिंसा : लोकतंत्र पर हमला'

एक समय प्राण, जीवन, कन्हैयालाल जैसे खलनायक होते थे जिन्हें देखकर समझ आ जाता था कि वे क्या करने वाले हैं।

देशबन्धु 26 Nov 2025 2:30 am

संविधान दिवस पर विशेष: संविधान में लिखे शब्द नहीं, उसके भाव और नैतिकता महत्वपूर्ण

भारतीय संविधान विविधता और अनेकता में एकता का अनुकरणीय उदाहरण है,

देशबन्धु 26 Nov 2025 2:20 am

भक्ति-मार्ग के 272 पथिकों की प्रतिमाओं का अनावरण

संसदीय समितियों में विचार और परीक्षण के लिए भेजे जाने वाले विधेयकों की सुस्थापित परंपरा पिछले लगभग एक दशक में शनै: शनै: खत्म कर दी गई है।

देशबन्धु 26 Nov 2025 2:10 am

उच्च शिक्षण संस्थानों में नफरत का विस्तार

भाजपा शासन में नफरत का विस्तार किस हद तक किया जा रहा है, इसका ताजा उदाहरण जम्मू-कश्मीर से आया है, जहां कटरा के श्री माता वैष्णो देवी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में मुस्लिम छात्रों का दाखिला रद्द करने की भाजपा ने की और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस मांग को स्वीकार भी कर लिया। यह सरासर छात्रों के साथ अन्याय है और उस संविधान का भी अपमान है, जिसकी शपथ उपराज्यपाल ने पद ग्रहण करते वक्त ली थी। भाजपा की तो राजनीति ही धर्मांधता और नफरत की है, लेकिन क्या मनोज सिन्हा अब भी खुद को भाजपा की राजनीति से बांध कर चल रहे हैं। जबकि उनका पद उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संविधान की मर्यादा के अनुरूप फैसले लेने की मांग करता है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा की अगुवाई में पांच सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार 22 नवंबर को एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात की और मांग की कि प्रतिनिधिमंडल ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के नियमों में संशोधन कर विश्वविद्यालय में केवल हिंदू छात्रों के लिए सीटें आरक्षित की जाएं। इसके साथ ही इस साल मुस्लिम छात्रों का दाखिला रद्द करने की मांग की। सुनील शर्मा का कहना है कि 'इस साल प्रवेश सूची में ज़्यादातर छात्र एक ही समुदाय से हैं। यह विश्वविद्यालय एक धार्मिक संस्था है। हर श्रद्धालु अपनी भक्ति भावना से इस धार्मिक संस्था को दान देता है और चाहता है कि उसकी आस्था को बढ़ावा मिले। लेकिन बोर्ड और विश्वविद्यालय दोनों ने इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया। हमने एलजी से साफ कहा है कि केवल वही छात्र प्रवेश पा सकें जिन्हें माता वैष्णो देवी में आस्था हो।उच्च शिक्षण संस्थानों में नफरत का विस्तार भाजपा शासन में नफरत का विस्तार किस हद तक किया जा रहा है, इसका ताजा उदाहरण जम्मू-कश्मीर से आया है, जहां कटरा के श्री माता वैष्णो देवी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में मुस्लिम छात्रों का दाखिला रद्द करने की भाजपा ने की और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस मांग को स्वीकार भी कर लिया। यह सरासर छात्रों के साथ अन्याय है और उस संविधान का भी अपमान है, जिसकी शपथ उपराज्यपाल ने पद ग्रहण करते वक्त ली थी। भाजपा की तो राजनीति ही धर्मांधता और नफरत की है, लेकिन क्या मनोज सिन्हा अब भी खुद को भाजपा की राजनीति से बांध कर चल रहे हैं। जबकि उनका पद उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संविधान की मर्यादा के अनुरूप फैसले लेने की मांग करता है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा की अगुवाई में पांच सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार 22 नवंबर को एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात की और मांग की कि प्रतिनिधिमंडल ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के नियमों में संशोधन कर विश्वविद्यालय में केवल हिंदू छात्रों के लिए सीटें आरक्षित की जाएं। इसके साथ ही इस साल मुस्लिम छात्रों का दाखिला रद्द करने की मांग की। सुनील शर्मा का कहना है कि 'इस साल प्रवेश सूची में ज़्यादातर छात्र एक ही समुदाय से हैं। यह विश्वविद्यालय एक धार्मिक संस्था है। हर श्रद्धालु अपनी भक्ति भावना से इस धार्मिक संस्था को दान देता है और चाहता है कि उसकी आस्था को बढ़ावा मिले। लेकिन बोर्ड और विश्वविद्यालय दोनों ने इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया। हमने एलजी से साफ कहा है कि केवल वही छात्र प्रवेश पा सकें जिन्हें माता वैष्णो देवी में आस्था हो।उच्च शिक्षण संस्थानों में नफरत का विस्तार भाजपा शासन में नफरत का विस्तार किस हद तक किया जा रहा है, इसका ताजा उदाहरण जम्मू-कश्मीर से आया है, जहां कटरा के श्री माता वैष्णो देवी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में मुस्लिम छात्रों का दाखिला रद्द करने की भाजपा ने की और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस मांग को स्वीकार भी कर लिया। यह सरासर छात्रों के साथ अन्याय है और उस संविधान का भी अपमान है, जिसकी शपथ उपराज्यपाल ने पद ग्रहण करते वक्त ली थी। भाजपा की तो राजनीति ही धर्मांधता और नफरत की है, लेकिन क्या मनोज सिन्हा अब भी खुद को भाजपा की राजनीति से बांध कर चल रहे हैं। जबकि उनका पद उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संविधान की मर्यादा के अनुरूप फैसले लेने की मांग करता है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा की अगुवाई में पांच सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार 22 नवंबर को एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात की और मांग की कि प्रतिनिधिमंडल ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के नियमों में संशोधन कर विश्वविद्यालय में केवल हिंदू छात्रों के लिए सीटें आरक्षित की जाएं। इसके साथ ही इस साल मुस्लिम छात्रों का दाखिला रद्द करने की मांग की। सुनील शर्मा का कहना है कि 'इस साल प्रवेश सूची में ज़्यादातर छात्र एक ही समुदाय से हैं। यह विश्वविद्यालय एक धार्मिक संस्था है। हर श्रद्धालु अपनी भक्ति भावना से इस धार्मिक संस्था को दान देता है और चाहता है कि उसकी आस्था को बढ़ावा मिले। लेकिन बोर्ड और विश्वविद्यालय दोनों ने इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया। हमने एलजी से साफ कहा है कि केवल वही छात्र प्रवेश पा सकें जिन्हें माता वैष्णो देवी में आस्था हो।' दरअसल जम्मू कश्मीर बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेकेबीओपीईई) ने श्री माता वैष्णोदेवी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में दाखिले के लिए 50 छात्रों की सूची जारी की थी, जिसमें 42 कश्मीर के और 8 जम्मू के छात्रों का नाम था। इसके बाद विहिप और बजरंग दल ने कटरा में संस्थान के बाहर प्रदर्शन किया और वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पुतला जलाया। वहीं विहिप के जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि 2025-26 सत्र के दाखिले रोके जाएं और प्रबंधन अपनी 'गलतीÓ सुधारते हुए सुनिश्चित करे कि अगली बार चुने जाने वाले छात्रों में बहुमत हिंदू हों। उन्होंने इस बार तैयार की गई 50 छात्रों की सूची को 'मेडिकल कॉलेज का इस्लामीकरण करने की साजिशÓ बताया। वहीं अधिकारियों ने कहा था कि सभी दाखिले नियमों के अनुसार किए गए हैं और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हैं। विश्वविद्यालय में धर्म के आधार पर दाखिला देने की इस बेतुकी मांग को लेकर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार से जुड़े संगठन जम्मू में लगातार विरोध प्रदर्शन और बैठकें भी कर रहे हैं, जिससे अनावश्यक धार्मिक तनाव बढ़ रहा है और जम्मू बनाम घाटी का मसला फिर खड़ा होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि विरोध अनावश्यक है और प्रवेश पूरी तरह मेरिट पर आधारित है। वहीं विपक्षी पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भाजपा के इस कदम को शर्मनाक बताते हुए कहा, 'नए कश्मीर में अब मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव शिक्षा तक फैल चुका है। विडंबना यह है कि इस मुस्लिम विरोधी भेदभाव को भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य में लागू किया जा रहा है.. एकमात्र ऐसे राज्य में जिसका मुख्यमंत्री मुसलमान है।' भाजपा की मांग और उपराज्यपाल के रुख की आलोचना तो हो रही है, लेकिन क्या यह फैसला पलट पाएगा, यह देखना होगा। क्योंकि मनोज सिन्हा ने एक विभाजनकारी और सांप्रदायिक ज्ञापन स्वीकार कर बता दिया कि भाजपा अपनी सत्ता में केवल हिंदुत्व को बढ़ावा नहीं दे रही, वह अल्पसंख्यकों के हक पर आघात भी कर रही है। देश में मंदिर-मस्जिद विवाद बरसों से हो रहे हैं। अब त्योहारों पर भी खुशी से पहले तनाव पसरने लगा है। लेकिन शिक्षण संस्थान जो राजनीति का शिकार तो थे, लेकिन धर्मांधता से काफी हद तक बचे हुए थे, वहां भी अब नफरत का यह कैरोसिन उंड़ेला जा चुका है। देश में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे धार्मिक पहचान वाले उच्च शिक्षण संस्थान हैं, लेकिन इनमें सभी धर्मों के छात्र पढ़ते आए हैं। कभी किसी ने ऐसा सवाल नहीं उठाया कि इस धर्म के इतने छात्र यहां क्यों हैं। यह चिंताजनक सवाल है कि अगर अस्पताल, स्कूल, विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेजों में धर्म के आधार पर दाखिला दिया जाए, तो फिर हम किस किस्म का भारत बना रहे हैं या बना चुके हैं। आज मुस्लिम छात्रों के उस मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पर आपत्ति हो रही है, जिसमें हिंदू भक्त दान देते हैं, तो कल को मरीजों का इलाज भी धर्म के आधार करने की बात की जाएगी। वैसे भी दिल्ली हमले के बाद से पढ़े-लिखे मुसलमानों पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जो निहायत बेवकूफी है। श्री माता वैष्णो देवी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में मुसलमानों के प्रवेश को रोकने पर भाजपा का रुख न केवल गुमराह करने वाला है बल्कि खतरनाक भी है। यह सही है कि इस संस्थान का वित्त पोषण धार्मिक चंदे से होता है, लेकिन इससे यह धर्म आधारित संस्था नहीं बन जाता। अकेले वैष्णो देवी में ही नहीं तिरुपति बालाजी से लेकर शिरडी तक देश भर में न जाने कितनी ऐसी संस्थाएं हैं, जिन्होंने दान की राशि से उच्च शिक्षण संस्थान, अस्पताल, वाचनालय, धर्मशालाएं बनवाईं और अनेक समाजोपयोगी कार्यों को बढ़ावा दिया। रायपुर में ही 1958 में दूधाधारी मठ के राजेश्री वैष्णवदास जी महंत ने तीन लाख एक सौ एक रुपये की राशि के साथ-साथ तीन सौ एक एकड़ भूमि स्त्री शिक्षा के लिए दान दी थी। यहां सभी धर्मों की लड़कियों को पढ़ने का मौका मिला, कहीं कोई शर्त नहीं थी कि केवल हिंदू या मुस्लिम या ईसाई या आदिवासी ही यहां प्रवेश ले सकती हैं। भाजपा को यह बात समझना चाहिए कि श्रद्धा से दी गई दान राशि को भेदभाव का औजार नहीं बनाया जा सकता। तात्कालिक लाभ के लिए शिक्षण संस्थाओं को सियासी अखाड़े में बदलने के परिणाम घातक हो सकते हैं। देश में इससे ऐसा विभाजन पैदा हो जाएगा, जिसे भरने में सदियां गुजर जाएंगी।

देशबन्धु 26 Nov 2025 2:00 am

3 महीने के फ्री रिचार्ज की घोषणा करते पीएम मोदी का वीडियो एडिटेड है

बिहार में चुनावी जनसभा में पीएम मोदी के भाषण के एक वीडियो के साथ एआई के जरिए छेड़छाड़ करते हुए फर्जी वीडियो बनाया गया है.

बूमलाइव 25 Nov 2025 5:33 pm

ललित सुरजन की कलम से- वंशवाद चिरजीवी हो ! - 2

'इतिहास के अध्येता जानते हैं कि कांग्रेस के 1950 के नासिक अधिवेशन के दौरान पंडित नेहरू के नेतृत्व को चुनौती देने की पूरी तैयारी कर ली गई थी।

देशबन्धु 25 Nov 2025 2:50 am

बिहार चुनाव नतीजे : अर्थ और अनर्थ

राजेन्द्र शर्मा लालू-राबड़ी का कथित जंगल राज, वंचित जातियों की, जिसमें मुस्लिम और महिला भी आते थे, एकजुटता के एसर्शन की ही कहानी थी। और भाजपा द्वारा लालू प्रसाद के यादव से तोड़कर, नीतीश कुमार को अपने पाले में खींचे जाने से, इस एकजुटता के तोड़े जाने की शुरूआत हुई थी। संघ-भाजपा ने तभी यह पहचान लिया था कि विशेषाधिकार-प्राप्त तबकों के हाथ में सामाजिक सत्ता बनाए रखने के लिए, वंचितों की संभव एकजुटता को नेतृत्वविहीन करना। जीता वो सिकंदर! इसलिए, हैरानी की बात नहीं है कि अपने रामनाथ गोयनका स्मृति व्याख्यान में प्रधानमंत्री मोदी को अपनी बिहार की जीत पर खूब गाल बजाना नहीं भूला। यहां तक कि इस जीत को प्रधानमंत्री ने इसका प्रमाण और उदाहरण बनाकर भी पेश कर दिया कि उनके नेतृत्व में चल रही राजनीतिक ताकत की 'सबसे बड़ी प्राथमिकता सिर्फ एक' है, 'विकास, विकास और सिर्फ विकास।' लेकिन, इस लफ्फाजी के पर्दे से क्या प्रधानमंत्री इस नतीजे के उस महत्वपूर्ण अर्थ को ढांपने की ही कोशिश नहीं कर रहे थे, जिसे उनकी पार्टी की असम सरकार के मंत्री, अशोक सिंघल ने इस चुनावी जीत पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में उजागर कर दिया था। भाजपायी मंत्री का ट्वीट जितना संक्षिप्त था, उससे ज्यादा मारक था। उसने फूल गोभी की खेती की तस्वीर लगाकर, बिहार में भागलपुर के अस्सी के दशक के आखिर के दंगों और उसमें खासतौर पर लोगाई गांव की दरिंदगी की याद दिलायी थी, जहां एक सौ अठारह मुसलमानों को मारकर, खेतों में गाढ़ दिया गया था और उसके ऊपर से फूल गोभी बो दी गयी थी। इस तस्वीर के साथ भाजपायी मंत्री की टिप्पणी थी—बिहार ने अनुमोदन किया! यानी बिहार चुनाव का नतीजा, मुस्लिम-विरोधी नरसंहार की ओर ले जाने वाले विचार का अनुमोदन है। इसके बावजूद भाजपा के नेतृत्व वाले गठजोड़ की जीत के सांप्रदायिक तत्व को ही पूरी तरह से दबा दिया गया है। यह इसके बावजूद था कि मुख्यमंत्री के रूप में नीतिश कुमार के नेतृत्व और खुल्लमखुल्ला मुस्लिम-विरोधी रुख अपनाने से बचने वाली पार्टियों के साथ गठजोड़ की मजबूरी भी, भाजपा को गिरिराज सिंह से लेकर, योगी आदित्यनाथ तक, मुख्यत: सांप्रदायिक बोली के लिए कुख्यात अपने नेताओं को, स्टार प्रचारकों के रूप में चुनाव प्रचार में उतारने से रोक नहीं पायी थी। यहां तक कि पहले चरण के मतदान के बाद, खासतौर पर सीमांचल क्षेत्र में अपनी चुनाव सभाओं में खुद प्रधानमंत्री मोदी और उनके नंबर दो अमित शाह, 'घुसपैठियों के खतरे' के बहाने से, मुस्लिम-विरोधी संदेश देने में जुट गए थे। लेकिन, बिहार के नतीजे का सांप्रदायिक पहलू ही नहीं है, जिसे पूरी तरह से छुपाया गया है, छुपाया जा रहा है। इस चुनाव नतीजे का दूसरा इसी तरह से छुपाया गया पहलू है, इसका सामाजिक पहलू। यह हैरानी की बात नहीं है कि भाजपा के नेतृत्व वाले सत्ताधारी गठजोड़ ने इस चुनाव में केंद्रीय नैरेटिव के तौर पर लालू-राबड़ी के 'जंगल राज' बनाम नीतीश कुमार के 'सुशासन' को स्थापित करने की जो कोशिश की थी, उसके केंद्र में यादवों का दानवीकरण था। इसी को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद 'कनपटी पर कट्टïा' लगाए जाने का डर दिखाने में लगे रहे थे। बाद में तो उन्होंने अहीरों के 'सिक्सर से छ: गोली सीने में उतारनेÓ का भोजपुरी गीत भी गाना शुरू कर दिया! इस दानवीकरण का मकसद, सत्ताधारी गठजोड़ द्वारा गढ़े गए उस सामाजिक/जातिगत गठजोड़ के वास्तविक चरित्र को छुपाना था, जो ऊंची जातियों की लगभग मुकम्मल एकजुटता के गिर्द, गैर-यादव पिछड़ों, अति-पिछड़ों और दलितों के बड़े हिस्से को जुटाने के जरिए गढ़ा गया था। 'जंगल राज' का मिथक और दो जाति-गठजोड़ों के बीच झूठी-बराबरी की गढ़ंत, ये दोनों इस सच्चाई को छुपाने के सबसे मोटे पर्दे थे कि सत्ताधारी गठजोड़ का सामाजिक सार क्या था? मीडिया के विश्लेषणों में एक तथ्य कथन के रूप में इसके बखानों ने इस पर्दे को और मोटा कर दिया था कि किस तरह सत्ताधारी गठजोड़, विपक्षी गठबंधन के मुकाबले कहीं व्यापक तथा संख्याबल में बड़े सामाजिक गठबंधन का प्रतिनिधित्व करता था। इसके जरिए कई बार अनजाने में, हालांकि अक्सर समझ-बूझकर, इस सच्चाई को छुपाया जा रहा था कि यह जाति-गठबंधनों के बीच होड़ भर नहीं थी, बल्कि सवर्ण जातियों पर केंद्रित कतारबंदी द्वारा, वंचित तबकों की एकजुटता में, वह चाहे वास्तविक हो या संभावित, सेंध लगाए जाने की कहानी थी। वास्तव में लालू-राबड़ी का कथित जंगल राज, वंचित जातियों की, जिसमें मुस्लिम और महिला भी आते थे, एकजुटता के एसर्शन की ही कहानी थी। और भाजपा द्वारा लालू प्रसाद के यादव से तोड़कर, नीतीश कुमार को अपने पाले में खींचे जाने से, इस एकजुटता के तोड़े जाने की शुरूआत हुई थी। संघ-भाजपा ने तभी यह पहचान लिया था कि विशेषाधिकार-प्राप्त तबकों के हाथ में सामाजिक सत्ता बनाए रखने के लिए, वंचितों की संभव एकजुटता को नेतृत्वविहीन करना और इसके लिए उसको नेतृत्व मुहैया कराने वाले अपेक्षाकृत संख्या बल वाले तबकों को अलग-थलग करना, जरूरी है। बिहार में यादवों, उत्तर प्रदेश में यादवों तथा जाटवों, हरियाणा में जाटों और अन्यत्र इसी प्रकार महत्वपूर्ण खेतिहर जातियों को निशाना बनाकर, विशेषाधिकार-प्राप्त तबकों के हाथ में सत्ता बनाए रखने की यह रणनीति, चुनावी पहलू से काफी कामयाब भी रही है। विपक्षी महागठबंधन की सामाजिक न्याय के प्रति निर्विवाद प्रतिबद्घता के बावजूद, बिहार में एक बार फिर वंचितों को एकजुट करने की कोशिशों को विफल कर, विशेषाधिकार-प्राप्त तबकों का सत्ता पर नियंत्रण बनाए रखा गया है। इस सच्चाई को, जिसे अक्सर छुपा ही लिया जाता है, नयी गठित विधानसभा में और सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों में, जातिवार अनुपात में आसानी से देखा जा सकता है। जाहिर है कि सवर्णों की संख्या, अनुपात से कहीं बहुत ज्यादा है। जो जीता वो सिकंदर के शोर में जिस एक और बुनियादी सच्चाई को दबा ही दिया गया है, वह यह है कि 14 नवंबर को जिसका नतीजा निकला, वह चुनाव बस कहने-गिनाने के लिए ही चुनाव था। जनता के बहुमत की स्वतंत्र इच्छा की अभिव्यक्ति होने से यह चुनाव कोसों दूर ही नहीं था बल्कि व्यवहार में बहुत दूर तक उसका निषेध भी था। और जनमत की अभिव्यक्ति के निषेध का यह सिलसिला शुरू तो मोदी की भाजपा के देश में और बिहार में भी सत्ता में आने के बाद से ही हो गया था, जब संसाधनों में भाजपा की अनुपातहीन बढ़त और अंधाधुंध संसाधन झोंकने की उसकी तत्परता के जरिए, चुनावी मुकाबले को पूरी तरह से नाबराबरी का बना दिया गया। चुनाव मुकाबले की इस असमानता को, मोदी राज की विपक्ष के खिलाफ सत्ता के दमनकारी औजारों का सहारा लेने की उत्सुकता ने विपक्ष के लिए, योगेंद्र यादव के शब्दों में कहें तो एक कठिन 'बाधा दौड़Ó ही बना दिया था। और अन्य तमाम संवैधानिक संस्थाओं की तरह, चुनाव आयोग पर सत्ताधारी पार्टी के कब्जे ने, इस बाधा दौड़ को भी एक लगभग असंभव दौड़ बना दिया था। लेकिन, 2024 के आम चुनाव के बाद से, चुनाव आयोग की मिलीभगत से, सत्ताधारी पार्टी ने चुनाव से पहले ही अपनी जीत का ऐलान कराने के इतने पक्के इंतजाम कर लिए हैं कि, जनतंत्र की वास्तव में चिंता करने वालों ने गंभीरता से यह सवाल भी पूछना शुरू कर दिया है कि विपक्ष को ऐसे चुनाव में हिस्सा लेना भी चाहिए या नहीं? बिहार के हाल के चुनाव में, चुनाव आयोग के जरिए चुनावी नौकरशाही को सत्ताधारी गठजोड़ के पक्ष में सैट करने के अलावा, कम से कम तीन स्तर पर अनुकूल नतीज के ये पक्के इंतजाम काम कर रहे थे। पहला, एसआईआर के जरिए मतदाता सूचियों से नामों की टार्गेटेड छंटाई और टार्गेटेड जुड़ाई भी। यह कोई संयोग ही नहीं है कि पिछले चुनाव में विपक्ष द्वारा कम अंतर से जीती गयी कई सीटों पर, वहां काटे गए वोटों से कम अंतर से, इस बार सत्ता पक्ष के उम्मीदवार जीत गए हैं। मतदाता सूचियों के कथित रूप से स्वच्छ किए जाने के बाद, हजारों लोगों को इस बार मतदान केंद्रों से निराश लौटना पड़ा क्योंकि उनके वोट काट दिए गए थे। दूसरी ओर, वोटों की टार्गेटेड जुड़ाई के साक्ष्य के तौर पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मुंबई आदि के दर्जनों जाने-पहचाने भाजपा नेताओं के, अपने-अपने राज्यों में मतदान करने के बाद, बिहार में भी मतदान करने वीडियो सामने आए हैं। यह मानने का कोई कारण नहीं है कि यह संख्या दर्जनों में ही होगी, जबकि एक खोजी रिपोर्ट से एक विधानसभाई क्षेत्र में ही मतदाता सूची में, उत्तर प्रदेश के पांच हजार मतदाताओं के नाम शामिल होने की सच्चाई सामने आयी थी। और कथित रूप से शुद्घ की गयी मतदाता सूचियों में फर्जी पते, अधूरे नाम, न पहचानने वाली तस्वीरों वाले लाखों मतदाता मौजूद थे। दूसरे, चुनाव आयोग की मिलीभगत से एक करोड़ बीस लाख महिलाओं के खातों में दस-दस हजार रुपए चुनाव के बीच में डाले जाने समेत, सरकारी खजाने से अनुमानत: 30,000 करोड़ रुपए की खैरात टार्गेटेड मतदाता समूहों में बांटी ही नहीं, यह पैसा पाने वाली करीब एक-एक लाख जीविका दीदियों से, चुनाव आयोग द्वारा दोनों चरणों में मतदान के काम में मदद भी ली गयी! तीसरे, चुनाव आयोग ने मतदाताओं की कुल संख्या से लेकर मत फीसद तक और वोटों की गिनती में भी, संदेहजनक आचरण की पराकाष्ठïा कर दी। न सिर्फ एक बार फिर मत फीसद बाद तक बढ़ाया जाता रहा, आयोग के अनुसार ही जितने वोट पड़े, उससे करीब पौने दो लाख वोट ज्यादा गिने गए; कम से कम छ: सीटों पर कैंसिल किए गए डाक मतों से कम अंतर से हार-जीत हुई; कम से कम आठ सीटों पर जीतने वाले सत्ताधारी गठजोड़ के उम्मीदवारों के वोट की संख्या संदेहजनक तरीके से एक जैसी निकली, आदि। हैरानी की बात नहीं है कि ऐसे चुनाव में अकेले सबसे ज्यादा, 23 फीसद वोट हासिल कर, राजद 25 सीटों पर रुक गयी है और 38 फीसद वोट लेकर भी महागठबंधन 34 सीटों पर ही सिमट गया है, जबकि लगभग 44 फीसद वोट हासिल कर, सत्ता पक्ष ने 243 में से 202 सीटें हासिल कर ली हैं। नतीजों का यह असंतुलन एक बार फिर आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अपरिहार्य होने को सामने लाता है। याद रहे कि अनुपातिक प्रणाली ही टार्गेटेड 'वोट चोरीÓ के जरिए नतीजों को बदलने की कोशिशों का रास्ता रोक सकती है। वोट चोरी रोकने और चुनाव आयोग की स्वतंत्रता की मांग के साथ, आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली की मांग को विपक्ष को अर्जेंसी के साथ अपने एजेंडे पर लाना होगा। (लेखक साप्ताहिक पत्रिका लोक लहर के संपादक हैं।)

देशबन्धु 25 Nov 2025 2:10 am

केवल ही मैन नहीं थे धर्मेन्द्र

लाखों सितारे हो सकते हैं, लेकिन धर्मेंद्र सिफ़र् एक ही हो सकता है। राजीव विजयकर की किताब 'धर्मेंद्र- नॉट जस्ट ए ही-मैन' के पुस्तक विवरण की यह पंक्ति धर्मेन्द्र के निजी और फिल्मी करियर पर बिलकुल सटीक बैठती है। विजयकर की किताब का शीर्षक 'धर्मेंद्र- नॉट जस्ट ए ही-मैन' भी सर्वथा उचित ही है। 24 नवंबर को 89 बरस की उम्र में धर्मेन्द्र ने आखिरी सांस ली, तो देश भर में दुख की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर तमाम क्षेत्रों के दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मीडिया में हिंदी फिल्मों के ही मैन के तौर पर धर्मेन्द्र को याद किया जा रहा है। हालांकि आज जिस तरह का एक्शन और स्टंट कई फिल्म कलाकार करते हैं, वैसा धर्मेन्द्र ने कभी नहीं किया। लेकिन 1966 में आई फूल और पत्थर फिल्म के एक दृश्य में जब गुंडे, शराबी के रोल में धर्मेंद्र एक भिखारी और विधवा पर अपनी शर्ट उतार कर पहना देते हैं, तो लोगों ने उनकी कसरती काया को पसंद किया और एक्शन करने के कारण ही मैन का तमगा उनके साथ ताजिंदगी चस्पां हो गया। हालांकि कसरती कद-काठी वाले धर्मेन्द्र के चेहरे पर ऐसी सादगी, भोलापन और रूमानियत थी कि लोग उनकी सुंदरता के भी कायल रहे। करीब 60 सालों के फिल्मी करियर में धर्मेन्द्र ने बंदिनी, सत्यकाम, अनुपमा जैसी आदर्शवादी फिल्में कीं तो चुपके-चुपके और शोले में अपने अभिनय की छाप ऐसे छोड़ी कि उनका दोहराव कोई और कलाकार कर ही नहीं पाया। धर्मेन्द्र से पहले राजकपूर, दिलीप कुमार, देवानंद, अशोक कुमार जैसे सितारों की तूती बोलती थी, तो उनके साथ-साथ राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार बने। बाद में शाहरुख खान, सलमान खान के दीवाने फैंस तैयार हुए, लेकिन धर्मेन्द्र का जलवा शुरु से लेकर आखिर तक कायम ही रहा। हालांकि हकीकत, ममता, शोले, चुपके-चुपके, ड्रीमगर्ल, सीता और गीता जैसी फिल्में करने के बाद धर्मेन्द्र ने बी ग्रेड की भी कई फिल्में कीं, जिनमें न अच्छी कहानी थी, न ढंग का अभिनय था और दर्शक धर्मेन्द्र से निराश भी हुए, लेकिन फिर भी दिलों में वे ऐसी पैठ बना चुके थे, जो वक्त के साथ कमजोर नहीं पड़ी। लुधियाना के नरसाली गांव में एक गणित शिक्षक के घर जन्मे धर्मेन्द्र का मुंबई तक का सफर किसी फिल्मी कहानी जैसा ही है, जिसमें ख्वाब, शोहरत, प्रेम प्रसंग, दिल टूटना, जिंदगी की दिशा बदल जाना जैसे सारे मसाले हैं। मां-बाप के घर पर धर्मेन्द्र की पहचान धरम सिंह देओल के रूप में थी। 10वीं कक्षा में धर्मेन्द्र ने 1948 में आई दिलीप कुमार की फ़िल्म शहीद देखी। उस फ़िल्म और दिलीप कुमार ने उनके दिल पर ऐसा जादू किया कि उन्होंने अभिनेता बनने की ठान ली। दस साल बाद 1958 में फ़िल्मफ़ेयर मैगज़ीन ने एक टैलेंट हंट की घोषणा की जिसमें बिमल रॉय और गुरुदत्त जैसे दिग्गज शामिल थे। धर्मेन्द्र ने इसमें हिस्सा लिया, और यहीं से मुंबई और उनके अटूट रिश्ते की शुरुआत हो गई। धर्मेन्द्र ने बंदिनी फिल्म में काम शुरु किया, लेकिन अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे' के लिए भी उन्हें इस बीच लिया गया। पैसों की तंगी के बीच धर्मेन्द्र ने इस फिल्म को पूरा किया और उसके बाद उनका फिल्मी सफर अनवरत जारी रहा, जो अब उनकी मौत के बाद भी कायम रहेगा। अगले महीने की 25 तारीख को धर्मेन्द्र की फिल्म इक्कीस रिलीज़ हो रही है। यानी दर्शक अपने चहेते अभिनेता को मौत के एक महीने बाद पर्दे पर सक्रिय देखेंगे। जिंदगी कभी-कभी फिल्मों की तरह ही जादुई हो जाती है। यूं तो धर्मेन्द्र ने एक से बढ़कर एक यादगार किरदार निभाए हैं, लेकिन शोले में टंकी पर चढ़ जाने वाला दृश्य और धर्मेन्द्र का कहना कि- 'वैन आई डेड, पुलिस कमिंग..पुलिस कमिंग, बुढ़िया गोइंग जेल.. इन जेल बुढ़िया चक्की पीसिंग एंड पीसिंग एंड पीसिंग' ऐसा है कि उसे जितनी बार देखो, चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाएगी। इसी तरह चुपके-चुपके में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर परिमल जब अपने साढ़ू भाई बने ओमप्रकाश को ड्राइवर बनकर तंग करते हैं, वह भी लाजवाब किरदार है। बिमल रॉय, हृषिकेश मुखर्जी, चेतन आनंद जैसे निर्देशकों ने धर्मेन्द्र के अंदर के कलाकार को खुल कर अभिव्यक्त होने का मौका दिया। 1971 में हृषिकेश मुखर्जी ने फिल्म गुड्डी बनाई थी, इसमें धर्मेन्द्र बतौर धर्मेन्द्र ही आए थे। सहज हास्य से भरपूर इस फिल्म में किशोर-किशोरियों पर ग्लैमर के प्रभाव जैसे गंभीर विषय को बेहद सधे हुए तरीके से दर्शाया गया है। धर्मेन्द्र ने उम्र के 9वें दशक में आकर भी जो सक्रियता बनाए रखी, वह काबिले तारीफ है। उम्र को वे महज संख्या मानते थे। शायद उनकी ग्रामीण जड़ों का असर था कि वे लोकप्रियता की बुलंदियों को छूने के बावजूद जमीन से जुड़े ही रहे। फिल्मी दुनिया के बहुत से लोगों की तरह उनके जीवन में भी कई विवाद खड़े हुए। 19 बरस की उम्र में प्रकाश कौर से शादी और चार बच्चे होने के बावजूद उन्होंने अपनी सहयोगी कलाकार हेमा मालिनी से प्रेम किया और फिर उनसे शादी करने के लिए इस्लाम अपनाया, क्योंकि प्रकाश कौर ने उन्हें तलाक देने से इन्कार कर दिया था। दूसरी शादी से धर्मेन्द्र को दो बेटियां हुईं। उनके दोनों बेटे सनी और बॉबी देओल के बाद उनके पोते ने भी फिल्मी दुनिया में कदम रखा। ईशा देओल भी फिल्मों में आईं, हालांकि धर्मेन्द्र अपनी बेटियों को फिल्म जगत में नहीं आने देना चाहते थे। शायद वे इसके स्याह पक्ष से उन्हें दूर रखना चाहते थे। धर्मेन्द्र ने एक बार राजनीति में भी हाथ आजमाया। अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर उन्होंने बीकानेर से लोक सभा चुनाव लड़ा और जीता भी। हालांकि सफल राजनेता की कसौटी पर वे खरे नहीं उतर सके। इसलिए राजनीति में आने को वे बड़ी भूल मानते थे। दरअसल अभिनय के अलावा उर्दू और शायरी से प्यार करने वाले धर्मेंद्र राजनीति के गणित में कमजोर रह गए। एक सफल जीवन, शानदार करियर, शोहरत, पैसा और अच्छी उम्र लेकर धर्मेन्द्र ने इस दुनिया को अलविदा कहा है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।

देशबन्धु 25 Nov 2025 2:00 am

बिहार चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी के मंदिर जाने के दावे से वायरल वीडियो पुराना है

बूम पाया कि वीडियो मार्च 2024 में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान महाराष्ट्र के नासिक में राहुल गांधी के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में पूजा अर्चना का है.

बूमलाइव 24 Nov 2025 3:21 pm

वोट चोरी को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दावे से बार एसोसिएशन चुनाव का वीडियो वायरल

बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जुलाई 2025 में संपन्न बार एसोसिएशन चुनाव के प्रचार से जुड़ा हुआ है.

बूमलाइव 24 Nov 2025 3:08 pm

अगर बिहार नहीं जीतते तो क्या दूसरे राज्यों में एसआईआर होता?

एसआईआर ( मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण) से अगर बिहार में सफलता नहीं मिलती तो क्या उसे दूसरे राज्यों में लागू किया जाता

देशबन्धु 24 Nov 2025 3:24 am

इंडिया ब्लॉक को निष्पक्ष चुनाव के लिए संघर्ष करते हुए आत्मनिरीक्षण करना होगा

बिहार विधानसभा चुनाव हमारे देश के चुनावी इतिहास में एक अहम मोड़ है। 25 जून को घोषित मतदाता सूची का विशेष गहन पुरनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिवरिविज़न) (एसआईआर) की पृष्ठभूमि में हुए इस चुनाव में, वयस्क मताधिकार के लिए नए बुनियादी नियम बनाए गए

देशबन्धु 24 Nov 2025 3:20 am

ललित सुरजन की कलम से - यात्रा वृत्तांत :दक्षिण अफ्रीका में भारतवंशी

दक्षिण अफ्रीका में इस तरह भारतवंशियों की सात-आठ पीढ़ियां बीत चुकी हैं

देशबन्धु 24 Nov 2025 3:15 am

श्रम संहिताएं शोषण का नया औजार

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर चार श्रम संहिताएं लागू कर दी हैं

देशबन्धु 24 Nov 2025 3:12 am

बिहार चुनाव: सवाल तो जीतने वालों पर भी हैं

बिहार चुनाव पर देश क्या, पूरी दुनिया की निगाहें टिकी थीं। जिनकी भी लोकतंत्र में आस्था है उन्हें यह आशा थी कि बिहार भारत में लोकतंत्र के हरण के धारावाहिक सिलसिले को पलट देगा

देशबन्धु 22 Nov 2025 3:23 am

सिर्फ संत नहीं, विचार के लिए समर्पित थे

देश के प्रख्यात समाजवादी विचारक सच्चिदानंद सिन्हा का दो दिन पहले 19 नवंबर को निधन हो गया

देशबन्धु 22 Nov 2025 3:09 am

बिहार : महागठबंधन की हार की वजह वोट चोरी को बताते खान सर का फर्जी वीडियो वायरल

एआई डिटेक्टर टूल ने बिहार चुनाव के नतीजों पर बोलते खान सर के वीडियो को एआई जनरेटेड बताया है.

बूमलाइव 21 Nov 2025 5:40 pm

महिला विकास उद्देश्य या वोट पाना

चुनाव घोषणा से ठीक पहले बिहार की डेढ़ करोड़ महिलाओं के खाते में दस-दस हजार रुपए भेजने को इस बार के अपूर्व जनादेश का बड़ा कारण माना जा रहा है

देशबन्धु 21 Nov 2025 3:50 am

डिजिटल गार्ड हो गये फेल, साइबर सुरक्षा की कमजोरी हुई उजागर

साइबर-सिक्योरिटी फर्म और वेब-इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता कंपनी द्वारा की गई रुकावट एक गंभीर याद दिलाती है कि किस प्रकार रक्षक भी कमजोर हैं

देशबन्धु 21 Nov 2025 3:39 am

ललित सुरजन की कलम से - पत्रकारिता की मिशनरी परंपरा और पतन

मुझे दो मुख्य कारण समझ में आते हैं जिन्होंने 1975 के आसपास, शायद कुछ पहले से, पत्रकारिता को प्रभावित करना प्रारंभ किया

देशबन्धु 21 Nov 2025 3:33 am

देश सेवा- नौकरी के साथ भी, नौकरी के बाद भी

सात अगस्त 2025 को भारतीय राजनीति में एक अभूतपूर्व घटना हुई थी

देशबन्धु 21 Nov 2025 3:27 am

बिहार चुनाव में एक निर्दलीय प्रत्याशी को जीरो वोट मिलने का दावा गलत है

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो बिहार की लालगंज सीट से आरजेडी की प्रत्याशी रहीं शिवानी शुक्ला का है. उनको 95483 वोट मिले थे. इसके साथ ही किसी भी सीट पर ऐसा कोई प्रत्याशी नहीं है, जिसे जीरो वोट मिले हों.

बूमलाइव 20 Nov 2025 5:31 pm

कांग्रेस के भविष्य पर मोदी की चिंता

बिहार में जीत दर्ज करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय में जब जीत का जश्न मनाया तो उसमें फिर उसी प्रतीकात्मक राजनीति को बढ़ावा दिया

देशबन्धु 20 Nov 2025 3:06 am

शेख हसीना को न्यायाधिकरण द्वारा मृत्युदंड दिए जाने के बाद बांग्लादेश में नई उथल-पुथल

मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा गठित आईसीटी ने शेख हसीना पर दो अन्य मामलों में भी अभियोग लगाया

देशबन्धु 20 Nov 2025 3:02 am

सड़क पर उतरने की तैयारी में कांग्रेस

बिहार चुनाव में हार के बाद एक बार फिर कांग्रेस के पतन की भविष्यवाणी होने लगी है। कई स्वनामधन्य पत्रकारों ने विश्लेषण करना शुरु कर दिया है कि राहुल गांधी जिन राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए जाते हैं

देशबन्धु 20 Nov 2025 2:54 am

ललित सुरजन की कलम से सोनिया, कांग्रेस और सोशल मीडिया

'कांग्रेस के लिए 1997-98 एवं 2014-15 की स्थितियों में काफी समानताएं हैं।

देशबन्धु 19 Nov 2025 2:40 am

डिजिटल जीवन को व्यक्तिगत गोपनीयता कायम रखकर नियंत्रित किया जाना चाहिए

दुनिया पहले से ही यह समझने की कोशिश कर रही है कि भारत क्या संकेत दे रहा है।

देशबन्धु 19 Nov 2025 2:30 am

भाजपा को अब वाकई संघ की जरूरत नहीं रही

बिहार में भाजपा और उसके गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने में चुनाव आयोग ने खुल्लमखुल्ला काम किया, जिसके चलते भाजपा और उसके गठबंधन के लिए आदर्श आचार संहिता का कोई मतलब नहीं रह गया था।

देशबन्धु 19 Nov 2025 2:10 am

पी के की उलझन भरी राजनीति

बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त खाने के बाद इंतजार था कि अब प्रशांत किशोर राजनीति में किस दिशा में बढ़ते हैं।

देशबन्धु 19 Nov 2025 2:00 am

बिहार के नतीजों पर चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन के दावे से राजस्थान का वीडियो वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो अगस्त 2025 में राजस्थान के बालोतरा में एनएसयूआई द्वारा वोट चोरी के मुद्दे पर बीजेपी और चुनाव आयोग के खिलाफ निकाले गए मशाल जुलूस का है.

बूमलाइव 18 Nov 2025 5:22 pm

अमित शाह के सामने नतमस्तक होते मुख्य चुनाव आयुक्त का वीडियो AI Generated है

एआई डिटेक्टर टूल्स ने वीडियो के एआई से बने होने की पुष्टि की है.

बूमलाइव 18 Nov 2025 3:20 pm

ललित सुरजन की कलम से - कांग्रेस के शुभचिंतक (!)

'भारतीय जनता पार्टी व संघ परिवार कांग्रेस को नीचा दिखाने, उसकी हंसी उड़ाने और उस पर वार करने का कोई मौका न छोड़े, यह उससे अनपेक्षित नहीं था

देशबन्धु 18 Nov 2025 2:52 am

'डिनर प्लेट प्लांट' : कनकचंपा

मेरी कॉलोनी के बगीचे में कुछ वर्ष पूर्व वृक्षारोपण किया गया था। बड़े पैमाने पर नगर निगम से आए तरह-तरह के लगभग 50 पेड़-पौधे लगाए गए थे

देशबन्धु 18 Nov 2025 2:49 am

बिहार चुनावों में लगे झटके से इंडिया को उचित सबक लेना चाहिए

भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल की है और 243 सदस्यीय राज्य विधानसभा में एनडीए के घटकों की जीत ने राजद और इंडिया ब्लॉक के अन्य घटकों को चौंका दिया है

देशबन्धु 18 Nov 2025 2:46 am

SIR के चलते बंगाल छोड़कर जाते अप्रवासियों के दावे से बांग्लादेश का वीडियो वायरल

बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो बांग्लादेश के मोंगला घाट का है. जहां नागरिक बड़ी संख्या में रोजाना नदी पार करते हुए आवागमन करते हैं.

बूमलाइव 17 Nov 2025 3:34 pm

विपक्ष को जीतने से रोकने की कोशिश

बिहार में मतदान के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने जब बाहर मीडिया के सामने अपने परिवार के साथ तस्वीरें खिंचवाई तो पहले अपने दाएं हाथ की तर्जनी उन्होंने दिखाई, फिर अपने पिता और जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी के टोकने पर बाएं हाथ की तर्जनी दिखाई, और इन तस्वीरों और वीडियो में शांभवी चौधरी के दोनों हाथों की तर्जनी उंगलियों पर स्याही के निशान साफ दिख रहे हैं

देशबन्धु 17 Nov 2025 4:10 am

ललित सुरजन की कलम से - कांग्रेस का नेहरू को याद करना

'मैं 17 तारीख को सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उपस्थित था। विदेश से आए विशिष्ट अतिथियों ने पंडित नेहरू को जिस भावुकता के साथ स्मरण किया उससे मैं प्रभावित हुआ

देशबन्धु 17 Nov 2025 3:50 am

कॉरिडोर में कृष्ण: 'कुंज गलियों' का पर्यटन

15 मई 2025 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तरप्रदेश सरकार को मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के आसपास 5 एकड़ भूमि अधिग्रहित करने की अनुमति दी थी

देशबन्धु 17 Nov 2025 3:40 am

डिजिटल हमलों से डरती महिलाएं

दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ डिजिटल साधनों का दुरुपयोग एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है

देशबन्धु 15 Nov 2025 3:30 am

बांग्लादेश में आम चुनाव और जनमत संग्रह एक ही दिन होंगे

बांग्लादेश में फरवरी 2026 में राष्ट्रीय चुनाव होने हैं और उसी मतदान के दिन जुलाई चार्टर के लिए जनमत संग्रह भी होगा

देशबन्धु 15 Nov 2025 3:26 am

जमीनी स्तर से कटे हुए हैं विशेषाधिकार प्राप्त लोग

कर्नाटक में राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा किए जा रहे सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण ने रूढ़िवादी आख्यानों के एक सेट को सामने लाया है जो सकारात्मक कार्रवाई में बाधा डालने या उसे कम करने की कोशिश करते हैं

देशबन्धु 15 Nov 2025 3:21 am

धीरेंद्र शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा के दावे से असंबंधित वीडियो वायरल

वायरल वीडियो मई 2025 में बाबा जय गुरुदेव के मथुरा स्थित आश्रम में आयोजित वार्षिक भंडारा कार्यक्रम का है.

बूमलाइव 14 Nov 2025 3:01 pm

जवाहर लाल नेहरू और भारतीय संसद

आजाद भारत के राजनीतिक इतिहास में 1948 से मई 1964 तक का कालखंड नेहरू युग कहा जाता है

देशबन्धु 14 Nov 2025 3:06 am

जवाहरलाल नेहरू के 137 वें जन्मदिन : जवाहर की ज्योति

जोहरान क्वामे ममदानी ने न्यूयार्क के मेयर चुने जाने के बाद के अपने पहले भाषण की शुरुआत पं. जवाहरलाल नेहरू के उस विश्वविख्यात भाषण के एक अंश से की थी जिसे पं. नेहरू ने 1947 की 14 अगस्त की आधीरात को लालकिले से 'संविधान सभा' और भारतवासियों को संबोधित करते हुए दिया था

देशबन्धु 14 Nov 2025 3:01 am

ललित सुरजन की कलम से - तेजस्वी बिहार

उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद तेजस्वी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर जो आलोचना हुई उसके जवाब में तेजस्वी ने ट्विटर पर यह टिप्पणी की कि-''किसी को भी पुस्तक का सिर्फ आवरण देखकर उसके बारे में राय नहीं बनाना चाहिए

देशबन्धु 14 Nov 2025 2:53 am

आतंकी हमले पर सरकार का ढीला रवैया

बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लाल किला के पास हुए आतंकी हमले पर प्रस्ताव पारित किया गया

देशबन्धु 14 Nov 2025 2:46 am

'पेसा' की पहल से बढ़ेगा जनजातियों का गौरव

वर्ष 2021 में घोषित 15 नवंबर के 'जनजातीय गौरव दिवस' को इस वर्ष एक से 15 नवंबर के बीच 'जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा' के रूप में मनाने की घोषणा की गई है

देशबन्धु 13 Nov 2025 7:46 am

ललित सुरजन की कलम से - विधानसभा नतीजों के संकेत

'नरेन्द्र मोदी की एक विराट छवि इस बीच गढ़ने की निरंतर कोशिशें हुईं जिसमें कारपोरेट घरानों व पूंजीमुखी मीडिया ने भी बढ़-चढ़ कर भूमिका निभाई

देशबन्धु 13 Nov 2025 3:14 am

विस्फोट के बाद बेतुकी बयानबाजी

10 नवंबर को हुए दिल्ली बम धमाके के बाद देश में फिर डर और संदेह का माहौल बन गया है

देशबन्धु 13 Nov 2025 3:10 am

नोटबंदी का जश्न क्यों नहीं मनाती उत्सवप्रेमी सरकार?

पिछले 11 वर्षों से केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ दल की ओर से कैलेंडर देखकर हर मौके पर कोई न कोई इवेंट होता रहता है

देशबन्धु 12 Nov 2025 3:48 am

भारत को घरेलू रासायनिक उर्वरक उत्पादन बढ़ाने के उपाय करने ही होंगे

भारत के लिए अपने कृषि उत्पादन को आयातित उर्वरक पर अत्यधिक निर्भर बनाना कोई अच्छी बात नहीं है। देश को रासायनिक उर्वरकों का घरेलू उत्पादन बढ़ाना होगा

देशबन्धु 12 Nov 2025 3:44 am

ललित सुरजन की कलम से - प्रायोजित पत्रकारिता की चुनौतियां- 2

'इन दिनों नीरा राडिया के टेपों के संदर्भ से मीडिया की नैतिकता पर मीडिया के भीतर ही खूब बहस छिड़ी हुई है

देशबन्धु 12 Nov 2025 3:42 am

देश में धमाका, मोदी जन्मदिन के जश्न में

सोमवार को दिल्ली के व्यस्ततम इलाकों में से एक लालकिले के पास एक कार बम धमाका हुआ

देशबन्धु 12 Nov 2025 3:36 am

बिहार चुनाव: NDA का साथ छोड़ने के दावे से नीतीश कुमार का पुराना वीडियो वायरल

बूम ने पाया कि सीएम नीतीश कुमार का यह वीडियो 2022 का है, जब उन्होंने बीजेपी का दामन छोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया था.

बूमलाइव 11 Nov 2025 1:37 pm

भविष्य निधि : कर्मचारी हित बनाम प्रशासनिक सुविधा

स्वतंत्रता के पश्चात भारत सरकार ने अपने आर्थिक नियोजन की दिशा तय करने के साथ-साथ कामगार वर्ग को सुरक्षित भविष्य देने के उद्देश्य से सन् 1952 में 'कर्मचारी भविष्य निधि संगठन' (ईपीएफओ) की स्थापना की थी

देशबन्धु 11 Nov 2025 3:02 am

ललित सुरजन की कलम से - बिहार चुनाव : कुछ अन्य बातें

'बिहार में महागठबंधन की अभूतपूर्व जीत के बारे में टीकाकारों के अपने-अपने विश्लेषण हैं

देशबन्धु 11 Nov 2025 2:57 am

प्रदूषण पर विरोध और गिरफ्तारी

देश की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट तरह-तरह के प्रदर्शनों का गवाह रहा है, लेकिन ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि सांस लेने के अधिकार को लेकर यहां लोगों ने अपनी आवाज़ बुलंद की

देशबन्धु 11 Nov 2025 2:52 am

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में शख्स पर बाघ के हमले का वायरल वीडियो AI जनरेटेड है

एआई डिटेक्टर टूल हाइव मॉडरेशन ने वीडियो के एआई से बने होने की पुष्टि की है.

बूमलाइव 10 Nov 2025 3:35 pm

भारत-अमेरिका विवाद में क्वाड का भविष्य दांव पर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पसंदीदा समूह क्वाड की सुरक्षा वार्ता हेतु नई दिल्ली में इस साल के अन्त तक प्रस्तावित क्वाड शिखर सम्मेलन-2025 अब भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव, जिसमें व्यापार और राजनीतिक दोनों मुद्दे शामिल हैं

देशबन्धु 10 Nov 2025 6:48 am

इतिहास में सिर्फ वोट कटुआ के नाम से ही जाने जाएंगे ओवैसी!

असदुद्दीन ओवैसी की कामयाबी बस इतिहास में इसी तरह दर्ज होगी कि वोट काटने के मामले में वे मायावती, केजरीवाल और प्रशांत किशोर से ऊपर थे

देशबन्धु 10 Nov 2025 6:44 am

वंदे मातरम पर अनावश्यक विवाद

जब देश भीतरी और बाहरी मोर्चों पर कई समस्याओं से गुजर रहा है और लोग इस उम्मीद में हैं कि लगभग हर रोज़ चुनावी मंचों से बड़ी-बड़ी बातें करने वाले प्रधानमंत्री मोदी इनका समाधान करेंगे

देशबन्धु 10 Nov 2025 6:41 am

Fact check: क्या कन्हैया कुमार ने दिल्ली और बिहार में 'डबल वोटिंग' की? नहीं

बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर कन्हैया कुमार के दिल्ली में एक मतदान केंद्र विजिट करने की है. वह 2024 में उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे जबकि उन्होंने अपना मतदान अपने होम टाउन बेगूसराय में ही किया था.

बूमलाइव 8 Nov 2025 1:07 pm

सर्वोच्च न्यायालय में फिर से मंडरा रहा है बेंच हंटिंग का डर

मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई द्वारा केंद्र सरकार को 'बेंच हंटिंग' के प्रयास के लिए कड़ी फटकार लगाने से न्यायिक स्वतंत्रता और भारत के शीर्ष न्यायालय पर कार्यपालिका के प्रभाव को लेकर एक पुरानी और असहज बहस फिर से शुरू हो गई है

देशबन्धु 8 Nov 2025 8:16 am

रचनात्मकता की मिसाल है लायब्रेरी

इस पूरी पहल से बच्चे एक-दूसरे से सीख रहे हैं, किताबों की दुनिया से परिचित हो रहे हैं, चित्र बनाना सीख रहे हैं

देशबन्धु 8 Nov 2025 8:14 am

बच्चे को सांड के हमले से बचाती गाय का वीडियो AI Generated है

बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो वास्तविक घटना का नहीं है, इसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग करते हुए बनाया गया है.

बूमलाइव 7 Nov 2025 5:25 pm

अब असली सवाल है 'वोट चोरी' की जांच कौन करेगा?

जब कथित तौर पर 'वोट चोरी' की गई थी, तब वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पद पर नहीं थे।

देशबन्धु 7 Nov 2025 2:50 am

बिहार में सूखा तो यूपी में बहार है

एक दौर में नीतीश कुमार देश भर में शराबबंदी की बात करते थे। उनके महिला समर्थन के मिथ में शराबबंदी को भी कारण माना जाता है लेकिन इसे साबित करना आसान नहीं है।

देशबन्धु 7 Nov 2025 2:30 am

धीमी मौत मिल रही है, कोई जिम्मेदार नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति देकर हिंदू धर्म की लाज रख ली, अब वही लोग हांफ रहे हैं, सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहे हैं, नज़ला-जुकाम का शिकार हो रहे हैं।

देशबन्धु 7 Nov 2025 2:10 am

ललित सुरजन की कलम से- रायपुर में रंगशाला?

राजधानी में स्वाभाविक ही प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज और सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है

देशबन्धु 7 Nov 2025 2:00 am

'त्रिशूल अभ्यास' को नौटंकी बताने वाला सोफिया कुरैशी का वीडियो एडिटेड है

बूम ने पाया कि इस वीडियो में एक फर्जी वॉइस ओवर जोड़ा गया है. चाणक्य डिफेंस डायलॉग कार्यक्रम के इस मूल भाषण में कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था.

बूमलाइव 6 Nov 2025 5:22 pm

अमेरिका को दुनिया को परमाणु संकट की ओर धकेलने की इजाज़त नहीं दी जा सकती

29 अक्टूबर को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की कि 'अन्य देशों के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण, मैंने युद्ध विभाग (पेंटागन) को समान आधार पर हमारे परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करने का निर्देश दिया है

देशबन्धु 6 Nov 2025 3:05 am

जोहरान ममदानी ने नेहरू को याद किया

दुनिया भर में इस समय दक्षिणपंथी, पूंजीवादी और धार्मिक कट्टरता वाली सोच राजनीति पर हावी हो चुकी है

देशबन्धु 6 Nov 2025 3:00 am

वोट चोरी के सबूतों का हाइड्रोजन बम

बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकालने के बाद 1 सितम्बर को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ऐलान कर दिया था कि वे अब हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे

देशबन्धु 6 Nov 2025 2:55 am

बिहार : समर्थक का हाथ पकड़कर धकेलते तेजस्वी यादव का वीडियो 5 साल पुराना है

बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान आयोजित महागठबंधन की एक रैली का है.

बूमलाइव 5 Nov 2025 5:47 pm

गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह का सूटकेस उठाती दिखी पुलिस? नहीं, वीडियो पुराना है

बूम ने पाया कि अनंत सिंह का यह वीडियो वर्तमान का नहीं बल्कि इसी साल के अगस्त महीने का है, तब वह मोकामा में हुई गोलीबारी के एक मामले में पटना के बेऊर जेल से रिहा हुए थे.

बूमलाइव 5 Nov 2025 4:56 pm

ललित सुरजन की कलम से - स्वच्छ प्रशासन की चिंता

'यूं देश में ऐसे अफसरों की कमी नहीं है, जिन्होंने अपने सरकारी कार्यकाल के अनुभव लिखे हैं

देशबन्धु 5 Nov 2025 3:28 am

तेजस्वी के खिलाफ धारणा की लड़ाई हार रहे हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

आगामी 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में कड़ी प्रतिस्पर्धा होने की उम्मीद है, जिसका सभी संबंधित दलों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा

देशबन्धु 5 Nov 2025 3:24 am

आसान नहीं बिहार का मैदान भाजपा के लिए

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार खत्म हो गया है और गुरुवार, 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान होगा

देशबन्धु 5 Nov 2025 3:20 am

बिहार चुनाव: कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में नहीं किया गोमांस वैध करने का वादा

बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. बिहार चुनाव के संदर्भ में महागठबंधन द्वारा जारी घोषणापत्र में इस तरह का कोई वादा नहीं किया गया है.

बूमलाइव 4 Nov 2025 5:51 pm

ललित सुरजन की कलम से - वंशवाद चिरजीवी हो!

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे भले ही चुनाव हार गए हों

देशबन्धु 4 Nov 2025 9:16 am

भाजपा ने चुनावों से पहले सांस्कृतिक अंधभक्ति की नींव रखी

बांग्लादेश की बात करें तो यह बहुत बाद में आया। समस्या यह थी कि श्री सरमा और उनके जैसे लोग स्वतंत्रता आंदोलन या बंगाल या अन्य जगहों पर कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे ब्रिटिश-विरोधी संघर्षों से वाकिफ नहीं थे

देशबन्धु 4 Nov 2025 9:10 am

महिला टीम को बधाई और सलाम

भारतीय खेल जगत के लिए रविवार 2 नवंबर एक बड़ी और ऐतिहासिक उपलब्धि का दिन था

देशबन्धु 4 Nov 2025 8:59 am

PM मोदी पर ब्लैकमेल कर राफेल में बिठाने का आरोप लगातीं राष्ट्रपति का वीडियो डीपफेक है

एआई डिटेक्टर टूल DeepFake-O-Meter ने इस वीडियो के एआई से बने होने की पुष्टि की है.

बूमलाइव 3 Nov 2025 5:04 pm

भारत का डिजिटल विस्तार और ई-वेस्ट की चुनौती

ईवेस्ट यानी इलेक्ट्रॉनिक कचरा आज दुनिया के सामने एक बढ़ता हुआ पर्यावरणीय खतरा बन चुका है

देशबन्धु 3 Nov 2025 6:15 am

ललित सुरजन की कलम से - केजरीवाल सरकार का सही फैसला

'लास ऐंजिल्स में एकल सवारी के बजाय पूरी भरी कार को सड़क पर प्राथमिकता दी जाती है

देशबन्धु 3 Nov 2025 6:11 am

लालू का समय जंगल राज नहीं गरीब का जागृति काल था

बिहार में सुशासन की पोल खुल गई है। जिस दौर को जंगल राज कह रहे थे उसमें कभी इस तरह चुनाव के बीच में नेताओं की हत्या नहीं हुई थी

देशबन्धु 3 Nov 2025 6:04 am

विकास का केरल मॉडल, द रियल केरल स्टोरी

दो दिन पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बड़े ऐलान के साथ पूरे पन्ने के विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित हुए

देशबन्धु 3 Nov 2025 6:01 am

आज नदी बिल्कुल उदास थी

हमें अपने खुद के विकास से ज्यादा समूचे देश के विकास को आगे बढ़ाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी चाहिए

देशबन्धु 2 Nov 2025 3:49 am

करोड़ों भारतीय फंसे थे रियल-मनी गेमिंग के जाल में

रियल-मनी गेमिंग (आरएमजी) पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर इस नवम्बर में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की उम्मीद है

देशबन्धु 1 Nov 2025 2:41 am

क्या एक द्विधु्रवीय विश्व के लिए काम कर रहे हैं शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बहुप्रतीक्षित बैठक गुरुवार 30 अक्टूबर 2025 की सुबह दक्षिण कोरिया के बुसान में समाप्त हुई और दोनों ने वार्ता के परिणामों पर गहरी आशा व्यक्त की

देशबन्धु 1 Nov 2025 2:36 am