Valentine's Day Special: कब देना चाहिए कौन से रंग का गुलाब, यहां जानें Rose Day का महत्व और इतिहास
वैलेंटाइन डे वीक सात फरवरी से शुरू हो जाएगा। 7 से 14 फरवरी को अलग-अलग थीम के अनुरूप मनाया जाएगा। इस वीक की शुरुआत रोज डे के साथ होगी। यहां पढ़िये किस रंग का गुलाब, क्या देता है संदेश...
हर किसी की आवाज की नक़ल करता है ये पक्षी, वीडियो देख हर कोई हुआ हैरान
प्रकृति कई तरह से आकर्षक हो सकती है. और अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो वन्यजीवों के वीडियो देखना पसंद भी कर रहे है, तो यहां एक क्लिप है जो आपको बहुत खुश करने का काम भी कर देते है. यह एक लायरबर्ड का वीडियो है जो वायरल हो चुका है और कई लोग इससे मंत्रमुग्ध हैं. यह पक्षी किसी भी आवाज की आसानी से नकल भी कर रही है. पक्षी का आवाज नकल करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो को लोग खूब पसंद भी कर रहे है. खबरों का कहना है कि यह वीडियो ट्विटर पेज @fasc1nate द्वारा शेयर किया गया था और मूल रूप से वर्ल्ड बर्ड्स द्वारा अपलोड भी किया जा चुका है. पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने लिखते हुए कहा है कि, ‘लायरबर्ड जमीन पर रहने वाले ऑस्ट्रेलियाई पक्षियों की एक प्रजाति है. वे अपने पर्यावरण से प्राकृतिक और कृत्रिम ध्वनियों की नकल करने की क्षमता और नर पक्षी की विशाल पूंछ की आकर्षक सुंदरता के लिए जाने जाते हैं.’ A lyrebird is a species of ground-dwelling Australian birds. They are notable for their ability to mimic natural and artificial sounds from their environment, and the striking beauty of the male bird's huge tail pic.twitter.com/TRH5BWgARG — Fascinating (@fasc1nate) February 3, 2023 योजना और पर्यावरण के एनएसडब्ल्यू विभाग मुताबिक, लायरबर्ड्स द्वारा लगभग किसी भी ध्वनि की नकल भी करता है. आप आम तौर पर उन्हें अन्य पक्षियों, स्तनधारियों और यहां तक कि लोगों द्वारा भी की तेज की जा चुकी है, विशिष्ट ध्वनियों की नकल करते हुए सुनेंगे. यह पक्षी ट्रेन की सीटी, हॉर्न, सायरन और चेनसॉ जैसी आवाज़ों की नकल भी करने लग जाता है. यह वीडियो एक दिन पहले साझा किया गया था. शेयर किए जाने के बाद से इसे आठ लाख से अधिक बार देखा जा चुका है और 5000 से अधिक लाइक्स भी दिए जा रहे है. इस वीडियो क्लिप पर कई प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘ब्लू माउंटेंस में चलते हुए मैंने इसे सुना, फिर झाड़ी के माध्यम से मैंने इसके पंखों को एंटेना की तरह हिलते हुए देखा और मेरा शुरुआती विचार था कि क्या यह एक एलियन है?’ एक दूसरे यूजर ने लिखा, ‘अद्भुत प्रकृति.’ तीसरे यूजर ने कहा, ‘क्या यह पक्षी टेक्नो प्ले कर रहा है?’ शख्स के पीछे ऐसे पड़ा मगरमच्छ, उड़ गए हर किसी के होश 20 सालों से बंद था युवक का मुंह, बिना कुछ खाए ऐसे रहा जिंदा मुस्लिम माँ की संपत्ति में हिन्दू बेटियों को कोई अधिकार नहीं - गुजरात कोर्ट ने किस आधार पर दिया फैसला ?
जानिए क्यों आते है हमें सपने, गहरी है इसके पीछे की वजह
सपने वास्तव में निद्रावस्था में मस्तिष्क में होने वाली क्रियाओं का परिणाम भी कहा जाता है। कुछ लोगों का इस बारें में कहना है कि उन्हें सपने नहीं दिखाई देते, लेकिन कुछ दूसरे लोगों का कहना है कि उन्हें बहुत सपने दिखाई देते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार निद्रावस्था में हर व्यक्ति को रोजाना दो-तीन बार सपने आ ही जाते है। सपने की घटनाएँ कुछ लोगों को याद रहती है, तो कुछ लोग सपने की घटनाओं को भूल जाते हैं। सपनों के विषय में लोगों के कई मत हैं। एक मत के अनुसार सोते वक़्त व्यक्ति की जो मानसिक स्थिति होती हैं, उसी से संबंधित स्वप्न उसे दिखाई देने लग जाते है। उदाहरण के लिए यदि व्यक्ति सोते वक़्त भूखा है या प्यासा है, तो उसे भोजन और पानी के विषय में सपने दिखाई दे सकते है। बता दें कि एक दूसरे विचार के अनुसार जो इच्छाएँ हमारे जीवन में पूरी नहीं हो पाती हैं, वे सपनों में पूरी होने लग जाती है। हमारे मन की दबी भावनाएँ अक्सर सपनों में पूरी हो जाती हैं। सपनों के द्वारा मानसिक तनाव भी कम होने लग जाता है। जब हमें सपने दिखाई देते हैं, तब हमारी आँखों की गति तेज होने लग जाती है। मस्तिष्क से पैदा होने वाली तरंगों की बनावट में अंतर आ जाता है। शरीर में कुछ रासायनिक परिवर्तन होते है। खबरों का कहना है कि इन सब परिवर्तनों के अध्ययन से निश्चित है कि सपने दिखाई देने का अपना महत्व है। 20 सालों से बंद था युवक का मुंह, बिना कुछ खाए ऐसे रहा जिंदा मुस्लिम माँ की संपत्ति में हिन्दू बेटियों को कोई अधिकार नहीं - गुजरात कोर्ट ने किस आधार पर दिया फैसला ? शौक की हद पार हो गई! पहले सर्जरी कर बढवाया सीना, कुछ दिन बाद गया फट और फिर
शख्स के पीछे ऐसे पड़ा मगरमच्छ, उड़ गए हर किसी के होश
हर जानवर की अपनी एक पहचान और खासियत देखने के लिए मिलती है. उसी के मुताबिक वो जानवर हमेशा हरकतें करता हुआ दिखाई दे रहा है. मगर जब कुछ ऐसा अनोखा दिखे जो फितरत का भाग ना हो, तो लोग अचरज में पड़ ही जाते हैं. ठीक वैसे ही जैसे एक मगरमच्छ का वीडियो तेजी से वायरल हो चुका है. पानी का राजा यूं तो खतरनाक शिकारी भी कहा जाता है, मगर जमीन पर रह सकने में सक्षम होने के बावजूद उसकी ताकत पानी की तुलना में थोड़ी कम हो जाती है. ऐसे में थल पर उसकी सुपर स्पीड आपके होश उड़ा देगी. ट्विटर के @TheFigen_ पर शेयर एक वीडियो में पानी का राजा मगरमच्छ चीते, तेंदुए जैसी रफ्तार में दौड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. असल में वो बाड़े में घुसे एक शख्स को देखकर गुस्सा उठा और उसे दौड़ाने लग गया. इस बीच उसकी रफ्तार हैरानी भरी थी. क्योंकि पानी का यह राजा जमीन पर इतना फुर्तिला शायद ही कभी दिखा होगा. वीडियो को 10 लाख से अधिक व्यूज़ भी मिल चुके है. I had never seen a crocodile galloping! Whoa! pic.twitter.com/a9DbQsc1f5 — The Figen (@TheFigen_) February 2, 2023 चीते सी रफ्तार में दौड़ता दिखा मगरमच्छ: खबरों कहना है कि वायरल वीडियो में एक विशाल मगरमच्छ आपको बाघ और तेंदुए जैसी ज़बरदस्त स्पीड में उछल उछल कर भागता हुआ नजर आ रहा है. जो कि हैरानी भरा है. असल में मगरमच्छ एक खतरनाक और खूंखार शिकारी हो ही जाता है, जिसे पानी का राजा भी बोला जाता है. इसका कारण यह है कि पानी में मगरमच्छ की ताकत और रफ्तार ऐसी होती है कि पल भर में बड़े से बड़े शिकार को मार डालता है. हालांकि जमीन पर भी बेहद आराम से रह लेता है पानी का ये राजा .लेकिन उसकी रफ्तार पानी की तुलना में कम ही रहेगी यहां. ऐसे में जब एक मगरमच्छ जमीन पर हाई स्पीड में दौड़ता दिखा तो लोग अचरज में पड़ चुके है. नाइट पार्टी में अजय की लाडली ने गिराई हुस्न की बिजलियाँ शादी के बाद हनीमून पर नहीं जाएंगे सिद्धार्थ और कियारा भारतीय सिनेमा की पहली 'महिला सुपरस्टार' के साथ काम करने से आमिर ने क्यों कर दिया था मना
20 सालों से बंद था युवक का मुंह, बिना कुछ खाए ऐसे रहा जिंदा
दुमका: झारखंड के दुमका से एक चौंकाने वाली घटना सामने आ रही है यहाँ एक युवक जन्म से लेकर अब तक मुंह खोलने में पूरी तरह से असमर्थ था. मगर चिकित्सकों ने युवक की सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया. जहां पहले वह 20 वर्षों से कुछ भी खाने में असमर्थ था. अब वह आराम से खाना खा सकता है. दरअसल, 19 वर्षीय रहम-उल-अंसारी जन्म से ही टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट एंकिलोसिस (Temporomandibular Joint Ankylosis) नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित था. इस बीमारी की वजह से जन्म से लेकर अब तक वो मुंह खोलने में पूरी तरह से असमर्थ था. मुंह पूरी तरह से बंद होने की वजह से वो बीते 20 सालों से अब तक केवल पेय पदार्थ पर जीवित था. अब तक रहम-उल-अंसारी ने अनाज का एक दाना तक नहीं खाया था. न केवल खाने में बल्कि, बोलने में भी मरीज को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. साथ ही रहम-उल का चेहरा भी विकृत हो गया था. उपचार को लेकर मरीज के परिजन कई दिनों तक चिकित्सालयों के चक्कर काटते रहे, मगर बीमारी की गंभीरता और सर्जरी की जटिलता को देखते हुए मरीज का उपचार नहीं हो पाया था. वहीं, पिछले बृहस्पतिवार को हेल्थ पॉइंट हॉस्पिटल में रहम-उल की सर्जरी हुई, जिसके पश्चात् 20 वर्षों के बाद मरीज अपना मुंह को खोल पाने में सक्षम हुआ. वही इस मामले में रहम-उल की सर्जरी करने वाले डॉ. अनुज ने बताया की टेम्पोरोमंडिबुलर जॉइंट ऐंकलोसिस की न केवल सर्जरी मुश्किल होती है. बल्कि ऐसे मामलों में मुंह बंद होने की वजह से एनेस्थीसिया देना भी काफी मुश्किल का काम होता है. डॉ. अनुज ने बताया की ऐंकलोसिस की वजह से मरीज का नीचे का जबड़ा दोनों ओर उसके खोपड़ी के हड्डी से पूरी तरह से जुड़ी हुई थी. डॉ. अनुज ने बताया की ऐसे कई मरीज हैं जो उचित जानकारी के अभाव में ऐसे रोगों के कारण अभिशप्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं. वहीं, एनेस्थेटिस्ट डॉ. ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा की इस मरीज के लिए खास रूप से फाइबर ऑप्टिक लैरिंगोस्कोप मंगवाया गया, जिसके पश्चात् मरीज को एनेस्थीसिया दिया गया. लगभग 5 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में नीचे के जबड़े को दोनों ओर खोपड़ी की हड्डी से अलग किया गया तथा उसके पश्चात चेहरे की विकृति को भी ठीक किया गया. टीम में डॉ. अनुज, डॉ. ओपी श्रीवास्तव, डॉ. राजेश रौशन एवं प्राइवेट हॉस्पिटल के ओटी टीम के सदस्य सम्मिलित थे. बाप ने किया 13 साल की बेटी का बलात्कार, अब कोर्ट ने सुनाई ये सजा मध्य प्रदेश से PFI के 3 सदस्य गिरफ्तार, जानिए क्या है इस संगठन का मकसद ? सामूहिक धर्मान्तरण मामले में शिक्षक आशीष इमैनुअल पर एक्शन, घर कुर्क करेगी पुलिस
क्लोनिंग के जरिये चीन ने बनाई सुपर काऊ, प्रति दिन देगी 140 लीटर दूध!
लोकल मीडिया समाचारों के मुताबिक, तीनों गायों की ब्रीडिंग नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने कराई है। ये बछड़े पिछले दो महीने में निंगशिया इलाके में पैदा हुए हैं। ये सभी नीदरलैंड्स से आने वाली होलस्टीन फ्रीसियन गाय के क्लोन हैं......
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में इस शांति का मतलब
श्रीलंकाई इस दुखद सचाई के आदी हो चुके हैं: कम भोजन, सिकुड़ती आय और घटती उम्मीदें। अनेक युवा बेताबी के साथ देश से बाहर जाने के रास्ते तलाश रहे हैं।
Kashi: कॉस्मिक काशी के कॉस्मेटिक कौतूहल
बाहर से दिखने वाली कॉस्मेटिक काशी इस क्षेत्र का मन है और इसका आंतरिक तत्व कॉस्मिक (वैश्विक) काशी यहां का हृदय। कॉस्मेटिक काशी में परिवर्तन संभव है, इसलिए होता रहता है। कॉस्मिक काशी अनादि, अनंत और अपरिवर्तनीय है।
बजट 2023: पाठ में संदर्भ की उपेक्षा, जानिए क्या सवाल उठा रहे हैं चिदंबरम
मंत्रालयों (जैसे, रेलवे और सड़क) की बाधाओं और अवशोषण क्षमता को अनदेखा करते हुए, वित्तमंत्री ने 10,00,961 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं! यहां तक कि पूंजीगत व्यय के पैरोकार भी बौखलाए हुए हैं।
झलकारी बाई यह एक महान दलित महिला योद्धा रही जो की इतिहास के पन्नो में कही ग़ुम हो चुकी है
संपादकों के संपादक धर्मवीर भारती
डॉक्टर शिव मंगल सिंह सुमन, डॉक्टर भगवतशरण उपाध्याय, वी श्री वाकणकर, बालकवि बैरागी और प्रभाकर श्रोत्रिय जैसे प्यारे नाम उनके आस पास थे
घुमंतू पशुचारकों के साथ घटिया मज़ाक
यदि हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को तनिक भी समझते तो इन घुमंतू पशुचारकों के साथ ऐसा भद्दा मजाक नहीं करते
चुनाव आता है। सरकार आती है। बजट आता है। इसमें नया क्या है? रही बात अमृतकाल की तो यह सरकार की साजिश है। वह इसी बहाने अमृत पीकर अमर होना चाहती है। मैं तो देख रहा हूं कि आगे चुनाव ही नहीं होंगे।
अतिवादी तत्वों की सक्रियता, देश के किसी एक हिस्से तक सीमित नहीं हैं इनकी गतिविधियां
केंद्रीय एजेंसियों के साथ राज्य सरकारों और उनकी पुलिस को पीएफआइ को लेकर इसलिए सतर्क रहना होगा क्योंकि वह केवल आतंकी समूहों से मिलकर विध्वंसक गतिविधियों को ही अंजाम नहीं दे रहा था बल्कि देश को इस्लामी राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र भी रच रहा था।
पूरे विश्व में बढ़ रही है आज तिव्रता से यह बिमारी, इम्यून सिस्टम कम कर देती कोशिकाओं में सारी। बन जाती फिर कैंसर जैसी वही लाइलाज़ बिमारी, इसलिए वक़्त से उपचार ले लेवें नर चाहें हो नारी।। रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाके रखें जो है हितकारी, लापरवाही नही कोई बरतें पड़ सकता है वो भारी। अनगिनत ... Read more
नहीं, यह वीडियो उदयपुर का नहीं बल्कि नेपाल में 2020 में हुई ओलावृष्टि का है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो 2020 में नेपाल के चितवन जिले में हुई ओलावृष्टि का है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शनिवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान वित्त मंत्री से बजट पर कई सवाल पूछे गए। साथ ही पत्रकारों ने अडानी ग्रुप पर मंडराए संकट को लेकर भी सवाल पूछे। पढ़िये वित्त मंत्री ने क्या कहा...
जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में जोशीमठ की तरह कई मकानों में दरारें, GSI की टीम मौके पर पहुंची
अब जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले से भी डरावनी खबर सामने आ रही है। यहां जोशीमठ की तरह कई घरों में दरारें आ गई हैं। यही नहीं, कई घर तो ढह गए हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं।
शौक की हद पार हो गई! पहले सर्जरी कर बढवाया सीना, कुछ दिन बाद गया फट और फिर
अब खूबसूरती का पैमाना पहले से बहुत बदल चुका है कुदरत की दी गई देह दशा और खाया लोगों को रास नहीं आ रही इसीलिए उसे मनमुताबिक बदलने और उसके साथ ढेरों छेड़छाड़ करने की कुछ लोगों ने इसे अपनी आदत बना ली है. या यूं भी बोल सकते हैं की कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें सुंदर देह दशा रास नहीं आ रही. अलग और अनोखा बनने के चक्कर में वह खुद को इंसान से कुछ और ही दिखाना चाह रहे है. तभी तो ढेरों सर्जरी के बाद एलियन जैसी दिखने वाली मॉडल की हालत ऐसी हो गई क्यों उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ गया है. सर्जरी की शौकीन मॉडल Mary Magdalene ने खुद के साथ इतना अत्याचार किया कि आखिर में उसे अस्पताल जाना पड़ गया. शरीर के हर अंग को नेचुरल से बदलकर प्लास्टिक सर्जरी से बदलवाने की कड़ी में उसने ब्रेस्ट इम्प्लांट करवाकर उसका वजन 10 किलो कर डाला है. लेकिन जब प्रकृति से छेड़छाड़ कुछ अधिक हो गई तो आखिर में फट गई छाती. View this post on Instagram A post shared by Mary Sebastian Pickles Magdalene (@1800leavemaryalone) ये शौक बुरी चीज़ है!: मैरी मैग्डलीन एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्हें सर्जरी वाली मॉडल के तौर पर भी पहचाना जाता है. क्योंकि इन्होंने अब तक शरीर के हर अंगों पर इतनी सर्जरी करा ली है कि कुछ भी नैचुरल नहीं रहा. पहले बिल्ली जैसी आंख, बार्बी जैसी नाक के लिए कराई सर्जरी, फिर होठों को फूलाकर बना दिया गुब्बारे की तरह ही है. कमर को चौड़ा कराया और सीने को इंप्लांट के उपरांत 10 किलो का करवाया तो, हद से अधिक होने के चलते एक का इंप्लांट फट गया. जिससे वो एलियन जैसी दिखाई देने लग गई है. एक एक कर इनकी प्लास्टिक सर्जरी पर अब तक 81 लाख से अधिक रुपये खर्च हो चुके हैं. लेकिन अब हालत यह हो चुकी है कि इनकी कमर और टखने इनके खुद के मॉडिफाइड बदन का भार नहीं झेल पा रहे हैं. लिहाजा ये 30 की आयु में ही बुजुर्गों सा जीवन जीने को मजबूर हो रही है. अब खुद का शरीर हिलाना मुश्किल हो गया तो व्हीलचेर का लेना पड़ रहा है सहारा. मालिक के साथ उछलकर कुत्ते ने उड़ाए हर किसी के होश, बना डाला दुनिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड औरत नहीं बल्कि मर्द हुआ प्रेग्नेंट...इसी मार्च को देगा अपने बच्चे को जन्म ये है दुनिया का सबसे उम्रदराज कुत्ता, आज भी है एकदम गबरू
मालिक के साथ उछलकर कुत्ते ने उड़ाए हर किसी के होश, बना डाला दुनिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड
लंबे समय से लोग अपने हुनर के दम पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए दिखाई देते है। आपने भी कई ऐसे लोगों को देखा होगा जो टैलेंट से वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) में अपना स्थान बना लेते है पर कम ही बार आपने किसी जानवर को वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए देखा जा चुका है। ऐसा नहीं है कि जानवरों के नाम विश्व कीर्तिमान नहीं हैं, पर उनके वीडियोज कम ही देखने के लिए मिल रहा है। इन दिनों एक अनोखा वीडियो वायरल होने लगा है जिसमें एक कुत्ता (Most skips by a dog) अपने मालिक के साथ उछलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाता हुआ दिखाई दे रहा है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने हाल ही में जर्मनी के एक कुत्ते, बालू (Balu dog world record) और उसके मालिक वुल्फगैंग लौएनबर्गर (Wolfgang Lauenburger) का वीडियो को भी पोस्ट कर दिया है। बालू ने पिछले दो पैरों पर सबसे ज्यादा बार किसी कुत्ते के द्वारा रस्सी कूदने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। ये रिकॉर्ड 12 जुलाई 2022 को जर्मनी के नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया में स्टकनब्रॉक में बनाया जा चुका है। आपको बता दें कि बालू ने सिर्फ 30 सेकेंड में 32 बार पिछले पैरों पर रस्सी कूदकर इस कीर्तिमान को अपने नाम कर लिया है। View this post on Instagram A post shared by Guinness World Records (@guinnessworldrecords) रस्सी कूदकर बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड: वीडियो में आप देख सकते हैं कि कुत्ता कैसे अपने मालिक के साथ कूद रहा है। दोनों के मध्य समन्वय को देख आपको समझ आ ही गया होगा कि इसके लिए उन्होंने काफी प्रैक्टिस भी कर चुके है। कुत्ते ने अपने अगले दोनों पैरों को आगे की ओर किया हुआ है जबकि बीते दोनों पैरों पर उछल-उछलकर वो दोबारा से खड़ा हो जा रहा है। उसका मालिक भी उसे काफी सपोर्ट कर रहा है। औरत नहीं बल्कि मर्द हुआ प्रेग्नेंट...इसी मार्च को देगा अपने बच्चे को जन्म ये है दुनिया का सबसे उम्रदराज कुत्ता, आज भी है एकदम गबरू आधी रात में लोगों के घर की बेल बजाती दिखाई दी नग्न महिला....लोगों के बीच बढ़ी दशहत
औरत नहीं बल्कि मर्द हुआ प्रेग्नेंट...इसी मार्च को देगा अपने बच्चे को जन्म
इंसानों की भी अजीबोगरीब हरकतें भी देखने के लिए मिलती है. ऐसा ही एक केस केरल का है जहां एक पुरुष ट्रांसप्लांट के माध्यम से पहले महिला बनता है. जिसके उपरांत अब वह प्रेग्नेंट है. वह बच्चे को इसी मार्च के महीने में जन्म देने वाला है. बच्चे के जन्म होने के उपरांत वह उसे ब्रेस्ट मिल्क बैंक के जरिए दूध पिलाने की योजना बना रहा है. यह ट्रांसजेंडर कपल केरल के कोझिकोड का निवासी है. केरल के कोझीकोड के सहद और जिया पावल एक ट्रांसजेंडर कपल हैं. और अब वे एक नई यात्रा शुरू करने के लिए तैयार हो चुके है. ट्रांसजेंडर व्यक्ति ने गर्भवती होने के लिए अपनी ट्राजिसनिंग प्रोसेस को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. दंपति अब मार्च में अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं. जिया ने सोशल मीडिया पर इसका एलान किया है. कथित तौर पर भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के बीच यह एक पहला मामला है. कोझिकोड में एक शास्त्रीय नृत्य शिक्षिका जिया का इस बारें में बोलना है कि, ‘जब हमने 3 वर्ष पहले एक साथ रहना शुरू किया, तो हमने सोचा कि हमारा जीवन अन्य ट्रांसजेंडरों से अलग होना जरुरी है. अधिकांश जोड़ों का समाज के साथ-साथ उनके परिवारों द्वारा भी बहिष्कार भी किया जा रहा है. हम एक बच्चा चाहते थे ताकि इस दुनिया में हमारे दिनों के उपरांत भी एक व्यक्ति हो’ जिया ने इस बारें में बोला है कि वे बहुत सोच-विचार और विचार-विमर्श के बाद बच्चा पैदा करने के निर्णय पर पहुंचे हैं. 23 साल की सहद और 21 वर्ष की ट्रांस महिला जिया बीते तीन वर्षों से साथ रह रहे हैं. तब से, दोनों ने अपनी संक्रमण प्रक्रिया के भाग के रूप में हार्मोन थेरेपी की है. जिया ने इस बारें में बोला है कि बदलाव की प्रक्रिया के तहत सहद के स्तन हटा दिए गए थे, वह अगले महीने बच्चे को जन्म देने के उपरांत पुरुष बनने की अपनी यात्रा जारी रखने वाली है. जिया ने इस बारें में बोला है कि, ‘ट्रांस पुरुष और ट्रांस महिला बनने की हमारी यात्रा जारी रहने वाली है. मैं अपना हार्मोन उपचार जारी रख रहा हूं. डिलीवरी के 6 माह या एक वर्ष बाद सहद भी ट्रांस मैन बनने के लिए इलाज फिर से शुरू करने वाला है.’ View this post on Instagram A post shared by Ziya Paval (@paval19) जिया का कहना है कि उन्हें कोझीकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों से सहायता भी मिलने वाली है, जहां सहद अगले महीने बच्चे को जन्म देने वाले हैं. जिया ने इस बारें में बोला है कि, ‘चूंकि सहद ने दोनों स्तन हटा दिए हैं, इसलिए हमें मेडिकल कॉलेज में ब्रेस्ट मिल्क बैंक से बच्चे को दूध पिलाने की उम्मीद है’ तिरुवनंतपुरम के मूल निवासी सहद अकाउंटेंट के रूप में कार्य करते थे और अब छुट्टी पर हैं. सहद और जिया ने अपनी ट्रांसजेंडर पहचान के बारे में जागरूक होने के उपरांत अपने शुरुआती वयस्कता के दौरान अपने परिवारों को छोड़ दिया. यह कपल अब कोझिकोड में रहते हैं. ये है दुनिया का सबसे उम्रदराज कुत्ता, आज भी है एकदम गबरू आधी रात में लोगों के घर की बेल बजाती दिखाई दी नग्न महिला....लोगों के बीच बढ़ी दशहत सड़क पर खिलौने वाली बाइक लेकर निकला बच्चा तो पीछे पड़ गई पुलिस
World Cancer Day 2023: कैंसर की जंग में दवाओं के साथ लें अध्यात्म का सहारा
कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनकर ही लोग जीने की इच्छा छोड़ देते हैं या इस बीमारी की जंग में अपनी हिम्मत हार बैठते हैं। कैंसर का असर जितना व्यक्ति के शरीर को कमजोर बनाता है उससे ज्यादा उसे मानसिक रूप से भी कमजोर बना देता है।
तुलसी को बख्शिए: जातिवादी, दलित और स्त्री विरोधी बताकर चौतरफा हमला
उनके जीवन का सबसे बड़ा संकट तब आया, जब पत्नी रत्नावली ने तुलसी को दुत्कार, अपनी देहयष्टि से ध्यान हटा भगवान में ध्यान लगाने का फरमान सुना दिया।
बजट में स्वास्थ्य के लिए अल्प आबंटन के गंभीर प्रभाव होंगे
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट 2023-24 से बहुत उम्मीदें थीं, क्योंकि अगले साल संसद के आगामी चुनाव से पहले यह मौजूदा सरकार का आखिरी बजट था
खाद्य सुरक्षा : घोषणाओं की समग्र पड़ताल जरूरी
किसी भी सरकार की घोषणाओं के साथ कई अनकही बातें होती हैं। उन्हें समग्र रूप से समझने की जरूरत होती है
जब सुशासन बिगड़ा हो तो अर्थव्यवस्था अच्छी नहीं हो सकती
केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण उनके स्वयं के मानकों के हिसाब से सबसे छोटा था लेकिन खासकर मोदी सरकार के सत्ता में रहने के नौ वर्षों को देखते हुए यह अर्थव्यवस्था की प्रशंसा में कुछ कम नहीं था
जब मनुस्मृति के निंदकों से पूछा जाता है कि क्या उन्होंने ‘मनुस्मृति’ पढ़ी है? तो अधिकांश का उत्तर ‘नहीं’ में होता है। वे केवल यही कहते हैं कि उसमें शूद्रों या स्त्रियों के बारे में कुछ आपत्तिजनक सुना है।
अमृतकाल में सहकारिता की अहम भूमिका, देश के विकास इंजन की महत्वपूर्ण कड़ी साबित होंगी सहकारी समितियां
शहर-गांव के विभाजन को पाटने और आय सृजन के अवसर पैदा करने में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी कम करके नहीं आंका जा सकता। वे बड़े उद्योगों को महत्वपूर्ण कच्चे माल और मध्यवर्ती सामान उपलब्ध कराने के कारण अर्थव्यवस्था की चालक भी हैं।
सक्रियता दिखाए सेबी, उठाए गए सवालों का समुचित जवाब तो सामने आना ही चाहिए
इससे इन्कार नहीं कि हिंडनबर्ग ने अप्रत्याशित तरीके से आगे बढ़े अदाणी समूह का एफपीओ आने के ठीक पहले उसे जिस तरह निशाना बनाया उससे उसके इरादे संदिग्ध जान पड़ते हैं लेकिन उसने जो सवाल उठाए हैं उनका समुचित जवाब तो सामने आना ही चाहिए।
युवाओं की भागीदारी के बिना नया भारत कैसे बनेगा?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवावस्था में अपनी डायरी के पन्नों पर ‘न्यू इंडिया’ और ‘युवा भारत’ का जो सपना शब्दों में पिरोया था, वह आज साकार होता नजर आ रहा है। भारत मजबूती से लगातार नई पहल के साथ आगे बढ़ रहा है। जिस तरह से भारत ने मोदी के नेतृत्व में चुनौतियों का सामना ... Read more
आपकी बात, क्या दो जगह से चुनाव लडऩे पर रोक लगनी चाहिए?
बढ़ता चुनाव खर्च देश में हर पात्र व्यक्ति को चुनाव लडऩे का अधिकार है, लेकिन दो स्थानों से विधानसभा या लोकसभा चुनाव लडऩा ठीक नहीं है। इससे चुनाव खर्च बढ़ता है। इसलिए कानून बनाकर इस प्रवृत्ति को रोका जाना चाहिए। -नवीन कुमार फलवाडिय़ा, सुजानगढ़ ............ लोकतंत्र के साथ मजाक एक उम्मीदवार के दो स्थानों से चुनाव लडऩे पर रोक लगनी चाहिए। मतदाता दो जगह से वोट तो नहीं दे सकता, तो नेता दो जगहों से क्यों लड़े? दो जगह से चुनाव लडऩा जनता और लोकतंत्र के साथ मजाक है। -रोहित सोलंकी पिपरिया, नर्मदापुरम, मप्र ...................... सख्ती से रोक लगाई जाए किसी भी नेता के दो जगह से चुनाव लडऩे की रोक लगानी चाहिए। दो जगह से चुनाव लडऩे से खर्च बढ़ता है। सुरेंद्र बिंदल, जयपुर ............... सरकारी खजाने पर बढ़ता है बोझ दो सीटों पर चुनाव लडऩे में कोई कानूनी अड़चन नहीं है, लेकिन दोनों सीटों पर चुनाव जीतने की स्थिति में एक सीट छोडऩी पड़ती है। एक सीट पर फिर चुनाव होता है, जिसके कारण सरकारी खजाने पर बोझ पड़ता है। अत: दो जगह से चुनाव लडऩे पर रोक लगानी चाहिए। -सुभाष धायल, बीकानेर .............. बढ़ता है चुनाव का खर्चा जी हां, दो सीटों से चुनाव लडऩे की छूट नहीं होनी चाहिए। एक प्रत्याशी दो सीट से चुनाव लड़ता है, दोनों जगह से जीतने पर वह दूसरी सीट से इस्तीफा दे देता है, जिसकी वजह से वहां पर उपचुनाव होता है। उपचुनाव में मनमाना खर्च होता है। उपचुनाव के खर्चे को उठाने की जिम्मेदारी सीट छोडऩे वाले प्रत्याशी पर डाल देनी चाहिए। अगर ऐसा किया जाएगा तो प्रत्याशी अपने आप एक सीट से ही चुनाव लड़ेगा और अन्य प्रत्याशी को मौका मिलेगा और चुनावी खर्च भी कम आएगा। -लहर सनाढ्य, उदयपुर ............. मतदाता भी होते हैं परेशान दो जगह से एक ही प्रत्याशी का चुनाव लडऩा पूर्णतया प्रतिबंधित होना चाहिए क्योंकि इससे आर्थिक नुकसान तो होता ही है, जनता को भी बार-बार वोट डालने जाने से परेशानी भी उठानी पड़ती है। यदि प्रत्याशी दोनों स्थानों से जीत जाता है, तो उसे एक स्थान तो छोडऩा ही पड़ता है और वहां पर पुन: चुनाव करवाया जाता है। -कैलाश चन्द्र मोदी, सादुलपुर, चूरू ............... साफ सुथरे हों चुनाव चुनाव एक जगह से लड़ा जाए या दो जगह से लड़ा जाए, कोई बड़ा मुद्दा नहीं है बल्कि मुद्दा तो यह होना चाहिए कि चुनाव साफ सुथरे होने चाहिए। चुनाव घोटाले और गड़बड़ी से मुक्त हों। देश को अच्छा जनप्रतिनिधि मिले। -सरिता प्रसाद, पटना ............. कानून की जरूरत दो जगह से चुनाव लडऩा और फिर 1 सीट को छोड़ देना मतदाताओं के साथ अन्याय है। उपचुनाव में अतिरिक्त धन और संसाधन खर्च होते हैं। दो जगह से चुनाव लडऩा ठीक नहीं है। संसद को इस पर रोक लगाने के लिए कानून बनाना चाहिए। -रिदम जोशी, बेगू , चितौडग़ढ़ ............ संसाधनों का दुरुपयोग दो जगह से चुनाव जीतने पर सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग, अनावश्यक खर्चों के साथ इस्तीफा देने वाले निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के साथ विश्वासघात भी होता है। दो जगह से चुनाव लडऩे पर रोक लगनी ही चाहिए। बाल कृष्ण जाजू, जयपुर ..................... अनावश्यक खर्च राजनीतिक दल प्राय: अपने लोकप्रिय नेताओं को दो स्थानों पर चुनाव लड़वाते हैं। चुनाव जीतने के बाद उन्हें एक स्थान छोडऩा ही पड़ता है। ऐसे मे पैसा और मतदाता का वोट बेकार हो जाता है। ऐसे निरर्थक चुनाव को बंद करना ही चाहिए।। एक नेता को एक ही स्थान से चुनाव लडऩा चाहिए, ताकि अनावश्यक खर्च से बचा जा सके। -आजाद पूरण सिंह राजावत, जयपुर । ...... दोहरा भार दो जगह से चुनाव लडऩे से चुनाव आयोग पर दोहरा भार पड़ता है। समय एवं पैसा भी व्यर्थ खर्च होता है। एक जगह से चुनाव लडऩे का प्रावधान आवश्यक है। -करीम मंगलिया, पाटोदी, बाड़मेर
Sant Ravidas Jayanti 2023: मानवतावादी संत थे रविदास, कबीर से था खास नाता
Swami Ravidas Biography: संत रविदास का जन्म 1376 ईं. माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) रविवार को वाराणसी के गोवर्धनपुर गांव में हुआ था। कहते हैं रविवार को जन्म के कारण ही इनका नाम रविदास पड़ा था। इनके पिता का नाम संतोख दास और माता का नाम कर्मा देवी था। ये कबीरदास के गुरु भाई और रामानंद के शिष्य थे। चर्मकार कुल से होने के कारण जूते बनाने का कार्य करते थे। मानवतावादी संत थे रविदासः कई जगहों पर संत रविदास का नाम रैदास भी मिलता है। उनका जन्म ऐसे समय में हुआ था, जब भारत में धर्मांतरण जोर पर था। लेकिन लालच और दबाव के बाद भी उन्होंने धर्मांतरण करने की जगह मानवता की सेवा पर ही ध्यान दिया। इनके भक्तों में हर जाति के अनुयायी हैं। कहा जाता है कि एक बार सदना पीर उनका धर्मांतरण कराने पहुंचा था। लेकिन वह उसके दबाव के आगे नहीं झुके। कबीरदास ने संतन में रविदास कहकर उनका उल्लेख किया है। चित्तौड़ में संत रविदास की छतरी बनी हुई है, वहीं 1540 ईं. में उन्होंने देह त्याग दिया। ये भी पढ़ेंः Falgun Mah Vrat Tyohar: कब से शुरू हो रहा है फाल्गुन, देखिए फरवरी-मार्च में पड़ने वाले इस महीने के व्रत-त्योहार की लिस्ट संत रविदास के अनमोल विचार संत रविदास भक्त कवि थे, उन्होंने भी अपने गुरुभाई और समकालीन कवि कबीरदास के समान आडंबरों पर प्रहार किए हैं। आइये जानते हैं संत रैदास के अनमोल विचार जो आगे बढ़ने की राह दिखाते हैं। 1. भगवान उस हृदय में निवास करते हैं जिसके मन में किसी के मन में बैर भाव नहीं है, कोई लालच या द्वेष भाव नहीं है। 2. ब्राह्मण मत पूजिए होवे गुणहीन, पूजिए चरण चंडाल के जो होवे गुण प्रवीन कहकर उन्होंने जन्म की जगह कर्म कीश्रेष्ठता पर जोर दिया। स्वामी रविदास ने कहा कि कोई भी व्यक्ति छोटा या बड़ा अपने जन्म के कारण नहीं अपने कर्म के कारण होता है। व्यक्ति के कर्म ही उसे ऊंचा या नीचा बनाते हैं। 3. हमें कर्म करते रहना चाहिए और फल की आशा छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि कर्म हमारा धर्म है और फल हमारा सौभाग्य। 4. कभी भी अपने अंदर अभिमान को जन्म लेने न दें, छोटी सी चींटी शक्कर के दानों को बीन सकती है, लेकिन विशालकाय हाथी ऐसा नहीं कर सकता। 5. मोह माया में फंसा व्यक्ति भटकता रहता है, इस माया को बनानेवाला ही मुक्तिदाता है। 6. जौ मन चंगा त कठौती में गंग, अगर मन पवित्र है तो व्यक्ति के आसपास पवित्रता ही रहेगी।
हैप्पी प्रॉमिस डे: वादा है तुझे दिल से जुदा कभी होने नहीं देंगे
1- हैप्पी प्रॉमिस डे 2- वादा है तुझे दिल से जुदा कभी होने नहीं देंगे, हाथ हमारा कभी छोड़ने नहीं देंगे, तेरी मुस्कान ही इतनी प्यारी है कि हम मर भी जायें पर तुझे रोने नहीं देंगे। 3- अपने से कभी जुदा, नहीं होने दूंगा हर दिन प्यार से भरा होगा, प्यार ही प्यार होगा सुबह से शाम तक, शाम से सुबह तक 4- प्रॉमिस है वादा, वादा है इरादा इरादा है तेरे संग प्यार का दिल है बच्चा प्यार है मेरा सच्चा रखूँगा मलिका बनाकर ये प्रॉमिस है तुमसे 5- वादा है तुझसे कभी रुलायेंगे नहीं, हालात जो भी हो तुझे भुलायेंगे नहीं, छुपा के अपनी आँखों में रखेंगे तुझको दुनिया में किसी और को दिखाएंगे नहीं। हैप्पी प्रॉमिस डे 6- लम्हें ये सुहाने साथ हो ना हो, कल मे आज जैसी बात हो ना हो, दोस्ती रहेगी हमेशा दिल में, चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो ना हो. हैप्पी प्रॉमिस डे दोस्त 7- अपने दिल में तुझे बिठाएंगे हम , अपनी हर खुशी तुझ पर लुटाएंगे हम, कसम से तेरे साथ तेरी परछाई बन के रहे गए, ओर आखरी सांस तक तेरा साथ निभायेंगे हम। 8- कोई नही आऐगा मेरी जिदंगी मे तुम्हारे सिवा, एक मौत ही है जिसका मैं वादा नही करता ।। 9- अगर आपने मुझे लाखो में चुना है. तो मेरा भी वादा है आप से.. करोड़ों की भीड़ में खोने नहीं दूंगा आपको..!! 10- जब कभी खुद को तन्हा पाओगे साथ अपने देखना हमको पाओगे, वादा है लाएँगे हम इतनी खुशियाँ तुम अपनी जिंदगी की हर लम्हे में मुस्कुरायोगे। हैप्पी टेडी बियर डे: तुम हमेशा मेरे भीतर रहते हैप्पी प्रपोज डे: मुझे इन राहो में तेरा साथ चाहिए... हैप्पी चॉकलेट डे: चॉकलेट प्यार से भरी ला दो मुझको... हैप्पी रोज डे: जिसे पाया ना जा सके वो जनाब हो तुम...
ये है दुनिया का सबसे उम्रदराज कुत्ता, आज भी है एकदम गबरू
यदि आपसे पूछा जाए कि विश्व का सबसे बुजुर्ग कुत्ता देखा है आपने, जवाब शायद नहीं ही सुनने के लिए मिलेगा. तो आइए आज मिलाते हैं सबसे उम्रदराज डॉगी से. इसका नाम है बोबी bobi.गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की मानें तो जिसकी आयु 30 वर्ष और 266 दिन है. आप यह जानकर हैरान होंगे कि यह अभी भी जिंदा है और 30 वर्ष के गबरू जवान की तरह ही दिखाई देता है. आमतौर पर कुत्तों की उम्र 15 या 16 वर्ष ही होती है. अधिकतर कुत्ते इतनी आयु तक ही जी पाते हैं. पर Bobi 1 फरवरी 2023 तक 30 वर्ष 266 दिन का हो चुका है. वह पुर्तगाल के लेइरिया के ग्रामीण क्षेत्र में कोस्टा परिवार का सदस्य है और उसने उम्रदराज कुत्तों के केस में सभी रिकॉर्ड भी तोड़ चुके है. ब्लू का रिकॉर्ड तोड़ा: गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness World Records ) का कहना है कि, Bobi एक शुद्ध नस्ल Rafeiro do Alentejo ब्रीड का कुत्ता है. इस ब्रीड के कुत्ते भी औसतन 12 से 14 वर्ष तक ही जी पाते है. पर इतनी उम्र होने के बावजूद BOBI पूरी तरह से स्वस्थ है. अब तक का सबसे पुराना कुत्ता ऑस्ट्रेलिया का ब्लू था, जिसकी 1939 में 29 वर्ष और पांच महीने की उम्र में मृत्यु हो गई थी. New record: Oldest dog EVER - Bobi at 30 years and 266 days The secrets to a long life, according to human Leonel Costa, is free roaming, human food and socialising with other animals pic.twitter.com/Ur5c2Gh8yb — Guinness World Records (@GWR) February 2, 2023 कभी बांधा नहीं गया: गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने बोबी का एक वीडियो साझा करते हुए नए रिकॉर्ड का एलान किया है. उन्होंने लिखा, नया रिकॉर्ड: अब तक का सबसे पुराना कुत्ता, बोबी 30 वर्ष और 266 दिनों का हो चुका है. मानव लियोनेल कोस्टा के अनुसार लंबे जीवन का रहस्य मुक्त घूमना, मानव भोजन और अन्य जानवरों के साथ सामाजिकता है.रिपोर्ट के मुताबीक, बॉबी को कभी भी बांधा नहीं गया. न ही किसी पट्टे से जोड़ा गया. वो हमेशा जंगलों और घर के आस-पास के खेतों में घूमता रहता है. इसे मेरे पिता ने पाला और आज वे इस दुनिया में नहीं हैं पर बॉबी की मौजूदगी हमें उनके होने का एहसास कराती है. सड़क पर खिलौने वाली बाइक लेकर निकला बच्चा तो पीछे पड़ गई पुलिस मराठी और राजस्थानी भाषा में इन लड़कियों ने गाया ऐसा गाना खुश हो गया हर कोई लड़की को प्रपोज करना पड़ गया भारी, लड़कियों ने किया हमला और फिर
आधी रात में लोगों के घर की बेल बजाती दिखाई दी नग्न महिला....लोगों के बीच बढ़ी दशहत
यूपी के रामपुर से हैरान करने वाला केस भी सुनने के लिए मिला है। कड़ाके की ठंड में देर रात को एक नग्न महिला के घूमने की बातें हो रही है। इससे दहशत का माहौल है। पुलिस इस महिला को ढूंढ रही है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से निर्वस्त्र महिला को देखते ही तुरंत सूचना देने की अपील भी कर दी है। पुलिस को एक वीडियो भी मिला है। यह 29-30 जनवरी, 2023 का कहा जा रहा है। पुलिस का इस बारें में बोलना है कि कोई भी सामान्य महिला इस तरह की हरकत नहीं करेगी। नग्न अवस्था में घूम रही महिला का वीडियो मिलक क्षेत्र का कहा जा रहा है। इस संबंध में मिलक व पास के केमरी थाने की पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है। ऑपइंडिया ने पूरे प्रकरण को लेकर दोनों थानों से संपर्क किया। CO मिलक रवि खोखर ने कहा कि उन्हें 1 घंटे का CCTV फुटेज मिला है। उसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने अंदेशा जताया है कि महिला बाहरी भी हो सकती है। धुँध की वजह से वह साफ नजर नहीं आ रही है। फिर भी उसे तलाशने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या इसे पैरानॉर्मल एक्टिविटी के तौर पर देखा जा रहा है CO खोखर ने बोला है कि, “हम ऐसा नहीं कह सकते। सच्चाई तो महिला के मिलने के बाद ही सामने आ चुकी है। लेकिन सामान्यतः ऐसी हरकत कोई करता नहीं है। कोई ठीक-ठाक युवक या युवती इस तरह की हरकत नहीं करेगा।” खोखर ने कहा कि महिला का दूसरा वीडियो या CCTV फुटेज नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से उसकी तलाश मुश्किल भी होने लगी है। केमरी के सीओ कीर्ति निधि आनंद ने ऑपइंडिया से कहा कि हमलोगों ने वीडियो देखा है। वीडियो वायरल होने के उपरांत केमरी और मिलक थाने की पुलिस महिला की तलाश करने में लगी हुई है। वीडियो में महिला एक घर के दरवाजे के पास खड़ी नजर आ रही है। वह घर का बेल बजाती है। वीडियो देखकर ऐसा लग रहा है महिला लगातार बेल बजा रही है। उन्होंने महिला के मानसिक रूप से बीमार होने की आशंका जताई है। बुलडोजर पर निकली अनोखी बारात, देखकर हैरान हुए लोग देवर के प्यार में पागल हुई भाभी, फिर जो किया वो जानकर पुलिस भी रह गई दंग मराठी और राजस्थानी भाषा में इन लड़कियों ने गाया ऐसा गाना खुश हो गया हर कोई
भीम आर्मी की रैली की भीड़ के फ़र्ज़ी दावे से अर्जेंटीना का वीडियो वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो दिसंबर 2022 में फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप जीतने के बाद अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में ज़श्न मनाने के लिए इकठ्ठा हुए लोगो का है.
सड़क पर खिलौने वाली बाइक लेकर निकला बच्चा तो पीछे पड़ गई पुलिस
सोशल मीडिया अजबगजब वीडियोज का भंडार देखने के लिए मिलता हुई. आपको यहां कई ऐसे वीडियोज देखने को मिल जाएंगे जो आपको हंसाएंगे, रुलाएंगे, गुस्सा दिलाएंगे और हैरान करने वाले है. इन दिनों ऐसा ही एक वीडियो चर्चा में है जिसे देखकर आपको दुख के साथ खुशी भी मेहसूस होने लग जाएगी. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में एक छोटे बच्चे का पीछा पुलिस (Boy lead police patrol team viral video) करती दिखाई देगी. पर घबराने की बात नहीं है, जैसा दिख रहा है, असल में वैसा बिल्कुल भी नहीं है. इंस्टाग्राम अकाउंट गुड न्यूज मूवमेंट अपने सकारात्मक वीडियोज के लिए भी जाने जाते है. हाल ही में इस अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है जिसमें एक बच्चा अपनी खिलौने वाली बाइक (Police riding bike behind kid video) रोड पर चलाता दिख रहा है पर उसके पीछे असल के पुलिसवाले चलते हुए दिखाई दे रहे है. वीडियो देखकर आपको लगेगा जैसे वो पुलिसवाले उसका पीछा कर रहे हैं. पर ऐसा है नहीं, वो पुलिसवाले बच्चे को खुशी के कुछ पल देने के लिए वहां पहुंच गए है. पुलिस ने बच्चे को दिए खुशी के पल: वीडियो के कैप्शन में लिखा है- “इंग्लैंड के डुरहैम में पुलिस ने एक 5 वर्ष के बच्चे हैरी फेरेल के सपने को भी पूरा कर लिया है. पुलिस ने उसे मौका दिया कि वो अपनी खिलौने वाली इलेक्ट्रिक बाइक से असली की पुलिस पेट्रोल टीम का नेतृत्व भी करें. बच्चे के पिता पिछले साल गुजर गए थे. उसकी मां ने उसे बीते क्रिसमस पर खुश करने के लिए एक पुलिस बाइक दिलवा दी थी. जब पुलिस को इस बारे में पता चला तो वो उसके खुश करने के लिए पहुंच गए और उसके पीछे-पीछे बाइक चलाते हुए दिखाई दिए.” बुलडोजर पर निकली अनोखी बारात, देखकर हैरान हुए लोग देवर के प्यार में पागल हुई भाभी, फिर जो किया वो जानकर पुलिस भी रह गई दंग मराठी और राजस्थानी भाषा में इन लड़कियों ने गाया ऐसा गाना खुश हो गया हर कोई
सर्वसमावेशी बजट में सप्तऋर्षि के मायने को ऐसे समझिए
अमृतकाल का पहला आम बजट 2023-24 संसद में पेश हो चुका है। इसको आप सर्वसमावेशी बजट भी समझ सकते हैं, जिससे समावेशी विकास को पंख लगेंगे। इससे सबको थोड़ा-बहुत लाभ मिलेगा। वहीं, देश में कामकाज को एक नया माहौल मिलेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। देखा जाए तो अपने दिलचस्प बजटीय प्रावधानों के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आमलोगों से लेकर खासलोगों तक को यह एहसास दिला चुकी हैं कि उनकी सरकार को सबकी चिंता है और उससे भी बढ़कर पूरे देश की आर्थिक सेहत की फिक्र भी है। इसलिए उन्होंने मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के बजाय देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने हेतु विभिन्न तर्कसंगत उपायों को तरजीह देने की कोशिशें की हैं, जिसमें को सफल दिखाई दे रही हैं। कहने का तात्पर्य यह कि आम बजट 2023-24 के माध्यम से उन्होंने विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने का बिल्कुल एक नया आधार दिया है। वहीं, जिस तरह से उन्होंने आम बजट को सात प्राथमिकताओं में बांटकर उन्हें सप्तऋषि (सप्तर्षि) बताया है, उसके विशेष आर्थिक और सियासी मायने हैं, जिसे समझने की जरूरत है। देखा जाए तो नए बजट प्रावधानों के तहत पूंजीगत व्यय में 33 फीसदी की वृद्धि किये जाने और राजकोषीय घाटे को 5.9 प्रतिशत रखे जाने के लक्ष्य से सरकार की मंशा स्पष्ट है। इससे यह तय हो जाता है कि केंद्र सरकार सशक्त बुनियादी ढांचा वाला और मजबूत अर्थव्यवस्था वाला नया भारत बनाने के लिए दूरदर्शितापूर्ण निर्णय ले रही है, जो सराहनीय कहा जा सकता है। आपको पता है कि अगले साल 2024 में आम चुनाव होने हैं। इसलिए यदि इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बीते दो आम चुनावों यानी 2014 और 2019 की तरह व्यापक जनसमर्थन मिलता है तो एक प्रधानमंत्री के रूप में विभिन्न प्रधानमंत्रियों द्वारा स्थापित रिकॉर्ड को तोड़ने का मौका उन्हें मिलेगा, जिससे उनकी यशकीर्ति पताका और अधिक लहराएगी। इसलिए आम बजट 2023-24 को अमृतकाल के बहाने वह तेवर और कलेवर देने की कोशिश की गई है, जिससे देश की जनता तीसरी बार भी उन पर ही फिदा रहे और बजट प्रतिक्रिया में यह बात दिख भी रही है। इसे भी पढ़ें: यह मात्र बजट नहीं बल्कि समृद्ध और सशक्त भारत की आधारशिला है इस बात में कोई दो राय नहीं कि नए बजटीय प्रावधानों से देश में विकास का नया माहौल बनेगा, जिससे सभी लोग अपने-अपने सुमधुर भविष्य के प्रति आश्वस्त दिखेंगे। फिर यही लोग मिल-जुलकर पीएम मोदी के मिशन 2024 को पूरा कर देंगे। हालांकि, इसका टेलर इस साल होने वाले लगभग 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी दिख जाने की उम्मीद है। इसलिए सबसे पहले बजटीय सप्तर्षियों की स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं, क्योंकि पहली बार इनका प्रयोग आर्थिक उपमा देने के लिए किया गया है, जबकि आध्यात्मिक उपमा तो अक्सर दी जाती रही है। यहां बजट सप्तर्षि का मतलब समावेशी विकास, अंतिम छोर-अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमताओं का विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र जैसे सर्वाधिक महत्व वाले मुद्दों से है। बता दें कि सप्तर्षि तारामंडल पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध के आकाश में रात्रि में दिखने वाला एक तारामंडल है, जिसे फाल्गुन-चैत महीने से श्रावण-भाद्रपद महीने तक आकाश में सात तारों के समूह के रूप में देखा जा सकता है। इसमें चार तारे चौकोर तथा तीन तिरछी रेखा में रहते हैं। अमूमन कश्यप, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और भारद्वाज को यानी इन सात ऋषियों को सप्तर्षि कहा जाता है। खास बात यह कि हर काल में अलग-अलग सप्तर्षि होते हैं। इसलिए ये सप्तर्षि मौजूदा काल के हैं। इसी तरह से केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती सीतारमण ने समावेशी विकास, अंतिम छोर-अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमताओं का विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र को जिस अंदाज में अमृत काल के पहले आम बजट का सप्तर्षि बताया है, उससे देश का आर्थिक और कारोबारी माहौल अवश्य बदलेगा। यदि किसी अन्य कारण वश नहीं बदला तो शाश्वत देश-काल-पात्र के सिद्धांत के अनुरूप जरूरत के मुताबिक इन सप्तर्षि मुद्दों को बदला भी जा सकता है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि यह बजट आकांक्षाओं से भरे समाज यानी किसानों, मजदूरों, कारीगरों, गरीबों, मध्यम वर्ग के लोगों, युवाओं-युवतियों, पुरुषों-महिलाओं, बुजुर्गों, उद्यमियों-कारोबारियों, धनाढ्य तबकों यानी सबके सपनों को पूरा करेगा। प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास जैसे आह्वान का आशय भी यही है, जिससे भारतीय लोकतंत्र और अर्थतंत्र को विश्वव्यापी मजबूती मिल रही है। आम तौर पर अमृत काल के बजटीय प्रावधान जैसे-जैसे अपना असर दिखाना शुरू करेंगे, उससे और अधिक मजबूती इसे मिलती जाएगी। निःसंदेह यह बजट अमृत काल में लंबी छलांग के संकल्प की तस्वीर पेश करता है, जिसमें सरकार ने लोक लुभावन ऐलान से बचते हुए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने को प्राथमिकता दी है। सरकार की कोशिश है कि वह लोगों के हाथ में खर्च करने योग्य धनराशि अधिक से अधिक दे सके। वहीं, आर्थिक गतिविधियों को तेज गति देने के लिए पूंजीगत खर्च बढ़ाया गया है। बजट में विभिन्न योजनाओं का जिस तरह से खाका खींचा गया है, उससे सबको लाभ मिलना तय है। ऐसा इसलिए कि वर्षों बाद देश को सियासी स्थायित्व देने वाली मोदी सरकार के खिलाफ जिस तरह के जातीय, सांप्रदायिक और उन्मादी षड्यंत्र रचे जा रहे हैं, उसके मुकाबले राजनीतिक मैदान में टिके रहने के लिए विकास, तीव्र विकास, समावेशी विकास को गति दिया जाना बेहद जरूरी है। शायद सरकार ने यही किया भी है, ताकि प्रतिपक्ष की बोलती बंद हो जाए। हालांकि वह अपनी थेथरई से बाज नहीं आएगा। इस बजट में कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को प्रोत्साहन, हरित विकास पर जोर, रेलवे बजट में बढ़ोतरी, रक्षा क्षेत्र के लिए सबसे अधिक आवंटन, तकनीकी विकास पर बल, रोजगार सृजन पर ध्यान, आयकर में छूट, शैक्षणिक उन्न्यन जैसे नानाविध उपाय किये गए हैं। जिससे यह प्रतीत होता है कि यह बजट सर्वसमावेशी और दूरदर्शी है, जो आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और अधिक गति देगा। इससे दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने में भी मदद मिलेगी। - कमलेश पांडेय वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
खतरे की घंटी: रेगिस्तान के भूगोल से खिलवाड़
जैसलमेर में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पैराग्लाइडिंग और पैरासेलिंग जैसी गतिविधियां चल रही हैं, जो सुरक्षा और पर्यावरण के लिए जोखिम से भरा हुआ है।
केन्द्रीय बजट 2023-24 से उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
केन्द्रीय बजट 2023-24 में प्रस्तावित बुनियादी ढांचे के खर्च में भारी वृद्धि भारत की अर्थव्यवस्था के विकास का सबसे बड़ा कारक बनेगा
देखने हम भी गए मगर तमाशा न हुआ
भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से चलकर कश्मीर तक पहुंच गई। यात्रा एक सीधी रेखा में की गई थी लेकिन इसके संदेश जैसे चारों दिशाओं में फैल गए
एक फरवरी की तारीख भारत में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह बनी
सुविधाओं के साथ सुधारों की सौगात, बजट विकास दर को बल देने का भी काम करेगा
इस बजट में खेती और किसानों के हितों को भी प्राथमिकता दी गई है। 20 लाख करोड़ रुपये के सरल कृषि ऋण फंड की व्यवस्था इसीलिए सुनिश्चित की गई है। प्राकृतिक खेती के लिए एक करोड़ किसानों के लिए पीएम प्रणाम योजना शुरू की जाएगी।
नाम परिवर्तन से जुड़ा राष्ट्रपति का फैसला मोदी सरकार के उस एजेंडे के अनुरूप ही है जिसमें आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान औपनिवेशिक प्रतीकों से मुक्ति पाने का संकल्प लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 25 वर्षों की अवधि को भी ‘अमृत काल’ का नाम दिया है।
शहरों की सुध, लेकिन राज्य सरकारों को भी निभानी होगी अपने हिस्से की जिम्मेदारी
भले ही शहरीकरण की बातें खूब होती हों लेकिन हमारे छोटे-बड़े शहर दुर्दशाग्रस्त ही अधिक हैं। जिन सुविधाओं की आस में लोग शहरों में बसना पसंद करते हैं वे कठिनाई से ही उपलब्ध हो पाती हैं। इसका कारण है शहरों का अनियोजित और अनियंत्रित विकास।
कई सारी ऐसी जातिया है जो यह जाती ही नही, खुशियों के पलों को ये कभी आनें देती ही नही। काश्मीर से लेकर घूम लो चाहें तुम कन्याकुमारी, मंज़िल पर हमको अपनी पहुंचने देती ही नही।। सबसे पहले पूछते है कौन जाती के हो मेरे भाई, चाहें ले विद्यालय में प्रवेश चाहें शादी या सगाई। ... Read more
शोध : शहरी क्षेत्रों में गर्मी से होने वाली मौतों को कम सकते हैं पेड़
एक शोध में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में अधिक पेड़ लगाने से सीधे तौर पर गर्म मौसम और गर्म थपेड़ों से जुड़ी मौतों को एक तिहाई तक कम किया जा सकता है.
हैप्पी टेडी बियर डे: तुम हमेशा मेरे भीतर रहते
1- चॉकलेट की खुशबू, आइसक्रीम की मिठास, प्यार की मस्ती और हाथों का स्वाद हसी के गुब्बारे और तुम्हारा साथ, मुबारक हो आपको टेडी डे का त्यौहार। 2- तुम हमेशा मेरे भीतर रहते हो, तुम हमेशा मेरे भीतर हंसते हो, और मुझे खुश रखते और मुस्कुराते हो, तुम हमेशा मुझे एक प्यारे से टेडी की तरह एक कोमल और मार्मिक एहसास देते हो। हैप्पी टेडी डे! 3- काश इस दुनिया पर मेरा थोड़ा बस चलता मैं तुझे टेडी बेयर बनाकर अपने पास रख लेता। 4- जब भी तेरी याद सताती है, मैं तुम्हारे दिये Teddy को गले लगा लेती हुँ। 5- तुम टेडी की तरह हमेशा सबसे प्यारी बनी रहो यही मेरी कामना है मेरी तरफ से तुम्हें टेडी डे की ढेर सारी शुभकामना है। 6- जब मिलो तो ख्वाहिशें काबू में कर लेना टेडी बियर बीच में रखकर पर्दा कर लेना जितना भी मिलो हमसे, मन नहीं भरता कल फिर मिलने का तुम वादा कर लेना। 7- टेडी लगते कितने प्यारे हैं, और दिल में भी उतर जाते हैं, देख कर उन्हें लड़कियों के मन, ना जाने किधर खो जाते हैं। 8- उन्हें ख्वाइश कि रोने की, तो देखो बरसात आ गयी, हमारी तमन्ना थी उन्हें Teddy देकर मनाने की लो Teddy की वो रात आ गयी। 9- Teddy Teddy जा जल्दी से उनके पास कहना मेरी दिल की बात आ जाये जल्दी से मेरे पास। 10- आज Teddy Bear के दिन तुम से वादा करता हूँ। हमेशा मैं तुम्हारे पास रहूँगा कभी दुख ना दूंगा कभी तंग ना करूंगा। हैप्पी चॉकलेट डे: चॉकलेट प्यार से भरी ला दो मुझको... हैप्पी प्रपोज डे: मुझे इन राहो में तेरा साथ चाहिए... हैप्पी रोज डे: जिसे पाया ना जा सके वो जनाब हो तुम...
Haryana Budget 2023 : 20 फरवरी से शुरू होगा हरियाणा का बजट सत्र
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बात की जानकारी मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रेसवार्ता में दी।
मुश्किल घड़ी में डूबती नैया को पार लगा सकती है ये एक चीज़, पढ़ें आज की चाणक्य नीति
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आसमान की यात्राओं के अराजक होने की त्रासदी
आज देश ही नहीं, दुनिया में व्यक्ति हिंसक एवं अराजक होता जा रहा है। हिंसा का बढ़ता प्रभाव मानवीय चेतना से खिलवाड़ करता है और व्यक्ति स्वयं को निरीह अनुभव करता है। इन स्थितियों में संवेदनहीनता बढ़ जाती है और जिन्दगी सिसकती हुई प्रतीत होती है। ऐसी स्थितियों का बढ़ना गहन चिन्ता का विषय है। ... Read more
महिला का कहना है कि थैले में उसका पर्स था, जिसमें उसका मोबाइल और एक हजार रुपए से ज्यादा की नकदी थी।महिला की शिकायज पर थाना शिवाजी कॉलोनी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
कप्तान हार्दिक के नेतृत्व में टीम इंडिया की लगातार चौथी टी20 सीरीज जीत है। मैच में कई दिलचस्प पल भी देखने को मिले। आइए तस्वीरों में मैच के रोमांचक पल देखते हैं।
अमूल्य संस्कृति के वाहक है राजस्थानी, दक्षिण में लिख रहे विकास कि कहानी : एन सुगालचंद जैन
एक कहावत है कि जहां न पहुंचे बैलगाड़ी वहां पहुंचे मारवाड़ी। इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए मारवाडिय़ों ने अपनी काबिलियत का डंका बजाते हुए न केवल बुलंदियों को छुआ बल्कि देश-विदेश में राजस्थानियों का नाम ऊंचा किया। राजस्थान के लोग जहां भी जाते हैं अपनी मेहनत व लगन से अपना मुकाम हासिल कर लेते ... Read more
Budget 2023: राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रमुखता दी, बढ़ती जा रहीं चुनौतियां
2022-23 का बजट 5,25,166 करोड़ रुपये (70.6 अरब डॉलर) था, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 1.6 फीसदी था।
Budget 2023: लोकलुभावन नहीं, भविष्योन्मुखी बजट
बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में आवास पर तवज्जो दी गई है, शहरी आधारभूत परियोजनाओं पर भी जोर दिया गया है। लेकिन सबसे ज्यादा जोर विकास को गति देने पर है
आर्थिक सर्वे से अपेक्षा रहती है कि वह चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था का जो हाल रहा, में उसकी ठोस तस्वीर पेश की जाएगी। The post आइडिया चाहिए, एकाउंटिंग नहीं appeared first on Naya India .
Budget 2023: उम्मीदों के अनुरूप परिवर्तनकारी बजट
बजट विशेष रूप से 7.5 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) लक्ष्य को पूरा करने तथा 6.4 फीसदी के राजकोषीय घाटे पर टिके रहने और सब्सिडी व अन्य पर बढ़े हुए खर्च को पूरा करने के लिए खर्च की बहुत बढ़ी हुई गुणवत्ता को दर्शाता है।
Budget 2023: विकास के राजमार्ग पर, मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश
चुनावी मजबूरियां- वर्ष 2024 के चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी के सत्ता में बने रहने की खातिर अपने 400-दिवसीय अभियान की शुरुआत करने के लिए यह बजट एक महत्वपूर्ण आधार होगा।
इस साल मोदी सरकार और आरएसएस/ भाजपा जो भी करेंगे, 2024 में होने जा रहे आम चुनाव को ही नजर में रखकर करेंगे
महंगाई, मंदी एवं चुनाव से मजबूर बजट
अलबत्ता बजट की रियायतों के खुमार में शेयर मार्केट के आज की तरह कुछ दिन सुर्खरू रहने के आसार हैं मगर बीती तिमाही और साल के वित्तीय आंकड़े नमूदार होते ही फिर से भंवर आना तय है
जब कोई अपनी योग्यता अपने काम के जरिए साबित न कर पाए, तो फिर वह झूठी प्रशस्तियों और भारी-भरकम शब्दों का इस्तेमाल करता है
सबका साथ-सबका विकास, बजट घोषणाओं को जमीन पर उतारने के लिए अतिरिक्त ध्यान दिया जाए
यह बजट इस ओर केवल संकेत ही नहीं कर रहा बल्कि आने वाले 25 वर्षों में देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को रेखांकित भी करता है। बजट के माध्यम से यह साफ संदेश दिया गया है कि सरकार विकास दर के साथ खपत बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बजट में खर्च की उच्च गुणवत्ता बेहतरीन राजकोषीय नीति के अहम पहलुओं में से एक है। राजस्व के मोर्चे पर कुछ तंगी के बावजूद सरकार पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की रफ्तार बरकरार रखने में कामयाब हुई है। बजट में कैपेक्स कुल 27.7 प्रतिशत बढ़ा है।
फतेहाबाद के हुडा सेक्टर में बाईपास के समीप मंगलवार शाम को एक वैन चालक का अपहरण करने के मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर केस दर्ज किया है।
उप मुख्यमंत्री ने कैथल में जाट शिक्षण संस्थान के वार्षिक उत्सव में की शिरकत, कई बड़ी घोषणाएं
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने डिजिटल लाईब्रेरी व कोचिंग सैंटर के लिए अपने कोटे से 51 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके साथ-साथ उन्होंने जाट शिक्षण संस्थान को नियमित एनओसी दिलवाने तथा शिक्षण परिसर में हरियाणवी लोक संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन हेतु बनाए जाने वाले केंद्र के लिए 5 लाख रुपये देने की की घोषणा।
हैप्पी चॉकलेट डे: चॉकलेट प्यार से भरी ला दो मुझको...
1- हैप्पी चॉकलेट डे 2- चॉकलेट प्यार से भरी ला दो मुझको, आज अपने ही हाथों से तुम खिला दो मुझको, रिश्ता जो अपना है मोहब्बत का आज मीठा और बना दो उसको 3- चॉकलेट हो जाए प्यारी-प्यारी हो जो दोनों की हमारी, जिसे शेयर करके खाना है जिंदगी भर साथ निभाना है। ए जान-ऐ-तम्मना तुझे मनाने के लिए, Chocolate Day का पूरा सबब मंगवाया है. 4- मीठा तो होना चाहिए मीठे से ज्यादा मीठा प्यार होना चाहिए, दुनिया में कुछ ना हो इतना मीठा जितना मीठा अपना साथ होना चाहिए 5- मीठी इंतजार और इंतजार से भी यार मीठा मीठा यार और यार से भी प्यार मीठा मीठा प्यार और प्यार से मीठी अपनी यारी हैप्पी चॉकलेट डे 6- प्यार का त्यौहार है आया, संग अपने है खुशिया लाया. आओ मिल कर मनाये इसे, कोई भी रंग ना रहे फीका, पर सबसे पहले करलो कुछ मुह मीठा. 7- सनम तेरा ये मीठा सा प्यार लाया है मेरे जीवन में बहार.. इस प्यार की मिठास है एक बार… चॉकलेट डे पर करती हूँ प्यार का इज़हार। 8- मिठाई से ज्यादा मीठे हो तुम, हो इतने तुम स्वीट तुम को क्या लाकर दूँ चॉकलेट तुम तो चॉकलेट से ज्यादा स्वीट 9- रब करे आपका प्यार ऐसे ही बना रहे मेरे लिए, जिसमें मुझे लाइफ का हर वो टेस्ट मिला है, जो अलग-अलग चॉकलेट में होता है। 10- तुम्हारे लिए बेस्ट चॉकलेट खरीदना था कई दुकानों के चक्कर लगाए लेकिन ऐसी कोई चॉकलेट मिली ही नहीं जो तुम्हारी स्माइल से ज्यादा मीठी हो हैप्पी चॉकलेट डे हैप्पी प्रपोज डे: मुझे इन राहो में तेरा साथ चाहिए... हैप्पी रोज डे: जिसे पाया ना जा सके वो जनाब हो तुम...
मराठी और राजस्थानी भाषा में इन लड़कियों ने गाया ऐसा गाना खुश हो गया हर कोई
सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिभा दिखाने वाले लोगों के वीडियो भी देखने के लिए मिल रहे है. लोग अपना टैलेंट दिखाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे है. हमेशा देखा गया है कि लोग गाना गाते या डांस करते हुए वीडियो साझा करते हैं. ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो चुका है जिसमें महिलाओं को उनकी स्थानीय मराठी और राजस्थानी भाषाओं में दो अलग-अलग गाने गाते हुए भी दिखाया जा रहा है. यह वीडियो नेटिज़न्स को बहुत पसंद आ रहा है. इस वीडियो को इंस्टाग्राम यूजर @songbirdtunes ने साझा किया है. वीडियो में महिलाओं को उनके पारंपरिक ड्रेस में भी दिखाई दे रही है. उनमें से एक को रेशमच्या रेगानी गाते हुए सुना जा सकता है जबकि दूसरे को बन्ना रे गाते हुए सुना जा सकता है. दोनों की आवाज बहुत बेहद ही सुरीली है. यह वीडियो 15 जनवरी को शेयर किया गया था. अपलोड होने के बाद से यह वायरल हो चुका है. अब तक, वीडियो को 1.8 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और इसकी संख्या बढ़ती ही जा रही है. वीडियो पर कई कमेंट्स भी आ चुके है. View this post on Instagram A post shared by Shubhra Agnihotri (@songbirdtunes) इंस्टाग्राम कमेंट सेक्शन में एक यूजर ने लिखते हुए कहा है कि, ‘शानदार और बहुत दिलचस्प.’ एक दूसरे यूजर ने लिखा, ‘शानदार. गानों का अद्भुत संयोजन.’ एक तीसरे इंस्टाग्राम यूजर ने यह भी बोला है कि, ‘खूबसूरत फ्यूज़न. यह मेरा भारत है. विविध लेकिन एक… इसे बनाए रखें लड़कियों. ढेर सारा प्यार.’ एक चौथे यूजर ने लिखा, ‘जब मैंने इसे पहली बार सुना तो हैरत में पड़ गया.’ कई अन्य लोगों ने दिल और आग वाले इमोजी का उपयोग करते हुए वीडियो पर प्रतिक्रिया दी है. आसाराम को मिली पापों की सजा, कोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला मोरबी पुल हादसा: आरोपी ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण बड़ी बहन से आसाराम करता था रेप, छोटी से बेटे साईं ने की दरिंदगी
लड़की को प्रपोज करना पड़ गया भारी, लड़कियों ने किया हमला और फिर
प्यार का इजहार करना और किसी को प्रेम संबंध के लिए प्रपोज करना आवश्यक नहीं कि अपराध ही हो. हालांकि, प्रपोज करने का सही तरीका जानना भी अहम है. कॉलेज जाने वाले छात्रों में इस तरह की घटनाएं बहुत ही ज्यादा आम हैं. सफल रिलेशन के लिए लड़के और लड़की दोनों को एक दूसरे के प्रति समान भावना रखने की जरुरत भी होती है. यदि दोनों में से कोई भी ऐसा महसूस नहीं करता है, तो यह एक बहुत ही बेकार मोड़ भी ले सकती है. ऐसे ही एक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है, इसमें लड़का कॉलेज की एक लड़की को प्रपोज कर देता है, तभी लड़कियों के ग्रुप को गुस्सा आ जाता है और लड़के को पटक-पटक कर मारने लग जाती है. हाल ही में ट्विटर पर एक वीडियो सामने आया जिसमें कॉलेज की लड़कियों का एक ग्रुप एक लड़के को बेरहमी से पीटता हुआ दिखाई दे रहा है. कई अन्य लोग भी मौके पर नजर आ रहे हैं और लड़के को भागने से रोककर लड़कियों की सहायता कर रहा है. पहले तो एक शख्स लड़के को जोर से पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है और नाराज लड़कियों के हवाले कर देता है. लड़कियों की पिटाई से लड़का जोर-जोर से रोने लगता है. लेकिन, लड़कियां उसे माफ करने के मूड में नहीं दिख रही हैं. जब लड़का उनसे दूर जाने का प्रयास भी कर रहे है, तो उनमें से एक लड़की ने उसे जमीन पर पटक कर बालों से पीछे खींच लिया. @gharkekalesh kalesh over Valtentine pic.twitter.com/h9VBdrM6K3 — Arhant Shelby (@Arhantt_pvt) January 25, 2023 इस बीच, भीड़ लड़कियों के ग्रुप को भी उसे पीटने के लिए उकसाने का काम भी कर रही है, जबकि कुछ अन्य लोग इस घटना को अपने मोबाइल कैमरों में रिकॉर्ड भी करने लगे है. वीडियो को अरहंत शेल्बी द्वारा साझा किया गया था और यूजर द्वारा बताया गया है कि लड़के ने एक लड़की को प्रपोज भी कर दिया है जिससे लड़कियों का ग्रुप भड़क गया. वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई अन्य लोगों द्वारा कई बार साझा किया जा चुका है. फोटो क्लिक कर रहे टूरिस्ट के पीछे पड़ा जिराफ, फिर जो हुआ.. एक ऐसी प्रथा जहां लोग अंतिम संस्कार की राख तक नहीं छोड़ते, बनाकर पी जाते है सूप आखिर इंसान क्यों होता है बूढ़ा...बड़ा अच्छा है इसका लॉजिक
वीडियो में दिख रहे इस भालू ने उड़ाए हर किसी के होश
भालुओं को आपने कार्टून मूवीज में देखा ही होगा। जिसमें उन्हें बेहद प्यारा, केयरिंग और दोस्ताना रवैये वाला दिखाते हैं। पर सच तो कुछ और ही होता है । भालू बहुत खूंखार जीव होते हैं और उनका स्वभाव बहुत अप्रत्याशित होता है। सोचिए कि जब ये जीव शहरों में घुस जाए तो क्या हो सकता है? बेशक लोगों की जान पर खतरा भी होने वाला है। हाल ही में ऐसा ही देखने को मिला एक वायरल वीडियो (Bear running on road video) में, इसमें एक भालू शहर के अंदर घूमता हुआ दिखाई दे रहा है। इंस्टाग्राम अकाउंट वायरल हॉग पर अक्सर हैरान करने वाले वीडियोज (weird videos) पोस्ट भी कर दिया है। हाल ही में इस अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है इसमें एक भालू शहर (Police chase bear in city video) के अंदर घूमता हुआ दिखाई दे रहा है। वीडियो के कैप्शन में कहा गया है कि वीडियो रोमानिया का है। शहरों में जानवर घूमना आम बात कही जा रही है। अपने ही देश के कई शहरों में आपको आवारा पशु घूमते नजर आ जाएंगे पर जब इतना खतरनाक जानवर घूमता दिख जाए तो किसी के लिए भी मुसीबत बढ़ जाती है और ऐसे में पुलिस को ही आगे बढ़कर सहायता के लिए आना पड़ता है। View this post on Instagram A post shared by ViralHog (@viralhog) रोड पर भागता दिखा भालू: खबरों का कहना है कि इस वीडियो में भी ऐसा ही देखने के लिए मिल रहे है। भालू सड़क पर आगे-आगे दौड़ रहा है और उसके पीछे पुलिस की गाड़ी सायरन बजाते हुए चलती हुई नजर आ रही है। भालू को देखकर ये भी लग रहा है कि वो सायरन से डर रहा है। वीडियो बना रहे शख्स के घर में ही एक छोटा कुत्ता है जो इस दृश्य को बड़े ही आश्चर्य के भाव से देखता हुआ दिखाई दे रहा है। वो कोने से भालू की ओर झांकता हुआ दिखाई दे रहा है। फोटो क्लिक कर रहे टूरिस्ट के पीछे पड़ा जिराफ, फिर जो हुआ.. एक ऐसी प्रथा जहां लोग अंतिम संस्कार की राख तक नहीं छोड़ते, बनाकर पी जाते है सूप आखिर इंसान क्यों होता है बूढ़ा...बड़ा अच्छा है इसका लॉजिक
मैनिट के पीएचडी स्कॉलर्स ने मैनिट प्रशासन से अकादमिक और परीक्षा विभाग के 30 जनवरी के उस नोटिस को रद्द करने की मांग की है जिसमें प्रोटेस्ट ना करने की अंडरटेकिंग देने को कहा गया है। उन्होंने शोधार्थी उद्घोष महाआंदोलन की 11 सूत्रीय मांगों को स्कॉलर्स के हित में पूरा करने की गुहार लगाई है। पीएचडी स्कॉलर्स लगातार तीन-चार वर्षों से मैनिट प्रशासन के असंगत, दबावपूर्ण, अलोकतांत्रिक, शोषण युक्त एवं रिसर्च स्कॉलर्स के अहितकारी रवैये से पीड़ित एवं तनाव में हैं।
रेवाड़ी : चोरों ने बनाया अस्पताल को निशाना, तीन लैपटॉप और कैश ले गए
डॉक्टर ने इसकी सूचना मॉडल टाउन थाना पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
दो माह में 2 लाख से अधिक पर्यटकों से गुलजार रहा मध्यप्रदेश का हनुवंतिया, जल महोत्सव का हुआ समापन
मध्यप्रदेश के हनुवंतिया में 28 नवंबर 2022 से आयोजित किए जल महोत्सव का का समापन हो गया है। पर्यटन विभाग द्वारा चलाए गए महोत्सव में दो माह में रिकॉर्ड 2 लाख पर्यटक पहुंचे। टेंट सिटी में भी 5 हजार से अधिक परिवारों ने ठहर कर क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं रोमांचक गतिविधियों का आनंद लिया। उल्लेखनीय है कि 28 नवम्बर को महोत्सव का शुभारंभ पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री सुश्री उषा ठाकुर द्वारा किया गया था।
सोशल मीडिया पर छत्तीसगढ़ के स्कूल का एक वीडियो वायरल हो रहा है।इस वीडियो में टीचर नशे में धुत होकर कुत्ते के साथ अजीब हरकत करते हुए दिख रहा है।
Budget 2023: अक्षय ऊर्जा पर बजट में विशेष प्रावधान हो
सबसे पहले, राष्ट्रीय स्तर पर एक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि उपभोक्ताओं को स्वच्छ ऊर्जा बदलावों का ध्वजवाहक बनने के लिए प्रेरित किया जा सके।
भारत सरकार के इंकार करने के बाद बिहार सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने का निर्णय वास्तव में बिहार एवं देश की राजनीति के लिहाज़ से एक बड़ा कदम है
जम्हूरियत के फ़लक पर राहुल ने टांके शांति और प्रेम के चमकीले तारे
29 जनवरी, 2023 देश की एक महत्वपूर्ण तिथि मानी जायेगी जिस दिन राहुल गांधी ने देश में जारी नफरती व हिंसक मनोवृत्ति वाली राजनीति को समाप्त करने के लिये एक ऐतिहासिक यात्रा की पूर्णाहुति की
राष्ट्रपति का निराशाजनक अभिभाषण
देश में इस वक्त आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक हर स्तर पर उथल-पुथल देखी जा रही है
पाकिस्तानी स्टेट बैंक के पास केवल एक महीने के निर्यात की वित्तीय व्यवस्था बची है और वह भी संयुक्त अरब अमीरात की हालिया मदद की बदौलत हासिल हुई है। उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से सहायता की तत्काल आवश्यकता है ताकि पाकिस्तानी रुपये को कुछ सहारा मिल सके।
सबक सीखने का समय, भारत को पाकिस्तान की बिगड़ती स्थितियों से सतर्क रहना होगा
पाकिस्तान की अस्थिरता से भारत अप्रभावित रहे इसके लिए समय रहते आवश्यक कदम उठाने होंगे। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि एक अस्थिर और अराजक पाकिस्तान अपने पड़ोसी देशों के लिए कहीं अधिक खतरनाक सिद्ध होगा। इसलिए और भी क्योंकि वह एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र है ।
चिकित्सा क्षेत्र पर खास ध्यान देने का समय
डॉ. ए.के. अरुण राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त जनस्वास्थ्य वैज्ञानिक वित्तीय वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट एक फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा। इस बजट में देश के विभिन्न तबकों और क्षेत्रों को कई उम्मीदें हैं, लेकिन मौजूदा दौर में स्वास्थ्य का क्षेत्र सबसे अहम है। यह समय का तकाजा भी है कि बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए। स्वास्थ्य पर सरकारी बजट बढ़ाने की लंबे समय से मांग की जा रही है। नवीनतम राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा रिपोर्ट के अनुसार यह लगभग 1.2-1.3 प्रतिशत पर स्थिर है। इसे 2025 तक 2.5-3.0 प्रतिशत तक बढ़ाने की आवश्यकता है, जैसा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 में वादा किया गया था। विगत दो वर्षों से देश में कोरोना वायरस के आतंक के दौरान सबने देखा कि सबसे बुरी हालत मेहनतकश गरीब लोगों की थी। सरकारी अस्पताल करीब-करीब नाकारा ही साबित हुए। कुछ अपवादों को छोड़ दें, तो देश के 85 फीसदी अस्पताल धन के अभाव में अब भी महज ढांचे के रूप में खड़े हैं। कई प्रदेशों में जिला स्तर के अस्पताल भी उजड़े हुए दिखते हैं। वहां न तो पर्याप्त चिकित्सक हैं और न ही दवा। यदि देश के 748 जिले के अस्पताल ठीक होते, तो महामारी के दौरान ऐसी अफरा-तफरी नहीं मचती। महामारी के संकटकाल में देश ने बहुत ही बुरे मंजर देखे। आगामी बजट में यह उम्मीद और अपेक्षा है कि सरकार आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर सक्षम अस्पतालों की व्यवस्था करेगी। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य ढांचागत निर्माण मिशन (पीएमएबीएचआइएम) उन योजनाओं में से एक है, जिसे देश भर में प्राथमिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए शुरू किया गया था। 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 64,180 करोड़ रुपए के प्रावधान की बात थी, लेकिन पिछले दो बजट में कुल मिलाकर लगभग 8000 करोड़ रुपए का ही आवंटन किया गया है। इसे बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि पीएमजेएवाइ और पीएमएसएसवाइ में विस्तार के साथ तृतीयक देखभाल का ध्यान रखा गया है। पीएमएबीएचआइएम के शेष हिस्से को अगर अगले तीन वित्त वर्ष के लिए तीन समान अनुपात में विभाजित किया जाता है, तो 2023-24 के बजट में इसके लिए लगभग 18,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाने चाहिए। स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र की क्षमता बढ़ाने पर प्राथमिकता से ध्यान देना होगा। आजादी के 75 वर्ष बाद भी सरकारी अस्पतालों का ढांचा और संरचना न तो पर्याप्त है और न ही आज की आवश्यकताओं के अनुरूप। अस्पतालों को आकस्मिक हालात से निपटने के लायक बनाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। प्रत्येक अस्पताल को मेडिकल इमरजेंसी की जरूरतों के मुताबिक सक्षम बनाना, ऑक्सीजन प्लांट, सर्जरी की समुचित व्यवस्था, आवश्यक व जीवनरक्षक दवाओं की हर समय उपलब्धता, प्रत्येक अस्पताल में एम्बुलेंस, बायोमेडिकल वेस्ट, डिस्पोजल व्यवस्था, साफ-सफाई आदि को सुनिश्चित करना एवं सुदृढ़ बनाना बेहद जरूरी है। कोरोनाकाल में हालांकि पूरी दुनिया में स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियां दिखीं, लेकिन हमारे देश में तो स्थिति बहुत ही विस्फोटक और डरावनी थी। बजट 2023-24 में यदि इन तथ्यों को ध्यान में रखा गया, तो शायद कुछ सार्थक हो पाएगा। यह भी ध्यान रखना होगा कि बजट बढ़ाने मात्र से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं होता। अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए अच्छी स्वास्थ्य नीति और उसका सफल क्रियान्वयन जरूरी है। सरकारी अस्पतालों की क्षमता को बढ़ाना, डॉक्टरों की संख्या को बढ़ाना, मुफ्त टीकाकरण उपलब्ध कराना, जेनेरिक दवाओं की दुकानों की संख्या बढ़ाना, सरकार द्वारा सभी नागरिकों का स्वास्थ्य बीमा, अस्पतालों को चैरिटेबल संस्था के दायरे में लाने आदि प्रावधान करके सरकार देश की स्वास्थ्य व चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत कर सकती है। हमारे देश में आयुष चिकित्सा पद्धतियां चिकित्सा के 50 फीसदी मामलों को सफलतापूर्वक देख सकती हंै। उच्च अध्ययन के बाद गम्भीर रोगों के इलाज के लिए भी आयुष चिकित्सक आगे आ रहे हैं। इसलिए सरकार बजट में आयुष चिकित्सा पद्धतियों के लिए भी विशेष बजट का प्रावधान कर देश की आधी से ज्यादा आबादी के सहज इलाज का रास्ता आसान कर सकती है।
परीक्षा से जुड़े मुद्दों पर हो विद्यार्थियों से गंभीर चर्चा
डॉ. डेजी शर्मा असिस्टेंट प्रोफेसर, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर परीक्षा और इससे संबंधित तनाव विद्यार्थियों के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण मुद्दा है। आज का विद्यार्थी कल के भारत का भविष्य है। वह भारत का भाग्य विधाता है। इसलिए हम सब की यह नैतिक एवं आवश्यक जिम्मेदारी बनती है कि हम उसे ऐसा माहौल उपलब्ध कराएं, जिसमें वह हर्षित, उल्लासित, पुष्पित और पल्लवित रहे, जिसमें निराशा, हताशा, परेशानी का कोई स्थान न हो। इसलिए हमें न केवल परीक्षा के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा, बल्कि एक ऐसा माहौल पैदा करना होगा, जिसमें परीक्षा प्रतिभा प्रदर्शन का नहीं, बल्कि प्रतिभा पहचानने का मंच बन सके। परीक्षा यह जानने का साधन है कि विद्यार्थी किस विषय में रुचि रखता है और उसमें बेहतर कर सकता है। परीक्षा निश्चित समय में कार्य करने के लिए विद्यार्थी को प्रशिक्षित करने का पहला अवसर है। इसमें सफलता या विफलता से उसकी योग्यता को मापना सही नहीं है। परीक्षा के तनाव का मुख्य कारण है यह है कि माता-पिता अपने बच्चों की तुलना रिश्तेदारों एवं पड़ोसियों के बच्चों से करते हैं। उन्हें सदैव दूसरों से प्रतिस्पर्धा कर, उनसे ज्यादा अंक लाने के लिए प्रेरित करते हैं। कम अंक आने पर उन्हें डांटते हैं, फटकारते हैं। उन्हें यह अहसास करवाते हैं कि वे विफल हो गए हैं या वे अयोग्य हैं। जाने-अनजाने वे अपने इस व्यवहार से बच्चों के कोमल मन पर दबाव बनाते चले जाते हैं। इससे बच्चे तनाव का शिकार हो जाते हैं। इस कारण परीक्षा बच्चों के लिए बड़ा बोझ बन जाती है। कभी न खत्म होने वाली इस दौड़ में शामिल होकर वे अपनी स्वतंत्र और गरिमामय पहचान तक खो बैठते हैं। इसलिए सबसे पहले हमें परीक्षा के प्रति इस संकीर्ण रवैये को बदलने की जरूरत है। बच्चों को दूसरों से प्रतिस्पर्धा करना न सिखाएं, दूसरों से बेहतर बनने के लिए न कहें, बल्कि उसे बताएं कि उनका मुकाबला ख़ुद से है। उन्हें अपने भविष्य को बेहतर करना है। अगर देश का प्रत्येक विद्यार्थी अपने ख़ुद के भविष्य को बेहतर बनाने में जुट जाएगा, तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। इसके लिए विद्यार्थियों को प्रतिदिन आत्म परीक्षण करना होगा, ख़ुद का आकलन स्वत: करना होगा। जब विद्यार्थी आत्म परीक्षण करेंगे, तो परीक्षा का डर स्वत: दूर हो जाएगा। बच्चों को समझाना होगा कि एक परीक्षा उनका भविष्य तय नहीं कर सकती। उन्हें महान लोगों के उदाहरणों से यह बात समझाई जा सकती है। चुनौतियों से जूझने का हौसला हमें हर विद्यार्थी के मन में भरना होगा। आमतौर पर तनाव तब पैदा होता है, जब विद्यार्थी में पूर्ण आत्मविश्वास न हो। इसके लिए विद्यार्थियों को छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर आगे बढऩा चाहिए। जब विद्यार्थी प्रतिदिन अपने स्वयं के निर्धारित लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध और समर्पित होकर मेहनत करेंगे, तो परीक्षा के दिनों में अनावश्यक तनाव से बच सकेंगे। तनाव से मुक्ति पाने का सबसे अच्छा साधन है अनुशासित जीवन। जिसके जीवन में अनुशासन होता है, वह कई समस्याओं से बच जाता है। समय पर उठना, समय पर सोना, अच्छी नींद लेना और प्रात: जल्दी उठकर कठिन विषय की पढ़ाई करना, लिखने का नियमित अभ्यास करना जैसे उपाय तनाव से दूर रखते हंै। शारीरिक व्यायाम भी तनाव कम करने में मददगार है। तनाव को रोकने के लिए सकारात्मक विचार महत्त्वपूर्ण ढाल का काम करते हैं। परीक्षा के तनाव को कम करने का एक और सबसे महत्त्वपूर्ण साधन है कि इसके बारे में खुल कर चर्चा की जाए। इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम वर्ष 2018 में आरंभ किया गया है। इस प्रकार के कार्यक्रम नियमित रूप से विभिन्न स्तरों पर आयोजित किए जाने चाहिए। अधिकतर छात्रों की समस्याएं लगभग एक जैसी होती हैं। जब उन विषयों पर खुलकर चर्चा होती है, तो छात्रों के कोमल मन को कहीं न कहीं मार्गदर्शन मिलता है और वे अपने आपको तनाव रहित महसूस करते हैं। अत: जब हम सब तनाव के कारणों को समझ जाएंगे और बच्चों को यह समझा पाएंगे के जीवन एक अनवरत चलने वाली परीक्षा है, तो हालात भी बदल जाएंगे। जब यह बात मन में अच्छी तरह बैठ जाएगी कि किसी एक पड़ाव की परीक्षा हमारी सफलता या विफलता निर्धारित नहीं कर सकती, तो हम अपने बच्चों के हौसलों को नई उड़ान दे पाएंगे।
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हैप्पी प्रपोज डे: मुझे इन राहो में तेरा साथ चाहिए...
1- हैप्पी प्रपोज डे 2- कुछ कहने को दिल करता है, जिसे कहते हुए डर लगता है, आज Propose Day है कह ही डालते हैं, हम तुम्हे दिल-ओ-जान से ज्यादा मोहब्बत करते हैं। 3- मुझे इन राहो में तेरा साथ चाहिए, तन्हाइयों में तेरा हाथ चाहिए, खुशियों से भरे इस संसार में तेरा प्यार चाहिए। 4- आंखों से आंखे मिलाकर तो देखो, हमारे दिल से दिल मिलाकर तो देखो, सारे जहां की खुशियां तेरे दामन में, रख देंगे हमसे प्यार का इज़हार करके तो देखो। 5- आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते, होंठों से हम कुछ कह नहीं सकते, कैसे बयां करे हम आपको ये दिल-ए-हाल, कि तुम्ही हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते। 6- कुछ दूर मेरे साथ चलो, हम सारी कहानी कह देंगे, समझे ना तुम जिसे आँखों से, वो बात मुंह जबानी कह देंगे। 7- आपकी मुस्कान हमारी कमजोरी है, कह ना पाना हमारी मजबूरी है, आप क्यों नहीं समझते इस जज़्बात को, क्या खामोशियों को ज़ुबान देना ज़रूरी है। 8- हम अपने प्यार का इजहार इसलिए नहीं करते हैं, क्योंकि हम उनकी हां या ना से डरते हैं, अगर उन्होंने कर दी है हाँ तो हम खुशी से मर जाएंगे, और अगर उन्होंने कर दी ना तो रो रो के मर जाएंगे। 9- प्यार क्या है ना पूछो तुम मुझसे, क्या बताने से मान जाओगे? यू बताने से फायदा भी नहीं, कर के देखो तो जान जाओगे। 10- तुम्हें चाहना हमारी कमजोरी है, तुम से कह न पाना हमारी मजबूरी है, तुम क्यू नही समझते हमारी खामोशी को, क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है। हैप्पी रोज डे: जिसे पाया ना जा सके वो जनाब हो तुम... लव शायरी: अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ...
नेता कहे व्यवस्था से, तू क्या चलाए मोय। एक दिन ऐसा आएगा, मैं चलाऊँ तोय॥ चमचा कबहुं ना फेंकिए, जो पास तोहरे होए। माखन लगावे काम आए, वह चमचा ही तो होए॥ नेता मास्टर दोऊं खड़े, काके पकड़ू पांय। साक्षात नेता आपकी, दुनिया दियो बताय॥ पब्लिक इतना दीजिए, जा मे हम समाय। मैं भी अति-अति रहूं, बिनामी ना खाली जाय॥ जल्दी-जल्दी ओ जना, अपना पैसा लेय। सिर पे चुनाव है खड़ी, वोट हमीं को देय॥ उरतृप्त ते मना अंध है, जो रुपया माने घूस। घूस-घूस पर दुनिया चले, चले न कोई मनूस॥ पद मरा न पैसा मरा, जर-जर हुए शरीर। एक पैर कब्र में रहे, तब भी नाचे शरीर॥ रात गंवाई मोबाइल पे, दिवस गंवाया सोय। सोशल मीडिया एप्प हैं, ले लेई लुत्फ उठाय॥ चुनाव में पैरन सब परे, बाकी दिन परे न कोय। जो बाकी दिन पैरन परे, तो ऑटोमेटिक नाम होय॥ पिज्जा खाए जग मुया, मुई न पिज्जा की भूख। रोटी सब्जी अब फेंक दे, यही आधुनिक सूख॥ झूठा हुआ तो क्या हुआ जैसे नेता हुजूर। माखी पास उड़े नहीं, सेवा करे सभी हुजूर॥ उड़ा पंछी द्वेष का, ऊँचे पहुँचे अकास। चुप न बैठे तब तक, हो जाए न नास॥ तीन लोक की संपदा जुटाए, नेता को जब देय। तब भी पेट भरे नहीं, कुंभकरण भी लगे हेय॥ - डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’, प्रसिद्ध नवयुवा व्यंग्यकार
फोटो क्लिक कर रहे टूरिस्ट के पीछे पड़ा जिराफ, फिर जो हुआ..
आपने कई बार हाथी के गुस्से वाले वीडियो तो देखी ही होगी, लेकिन किसी दूसरे जानवर के गुस्से वाले वीडियो शायद ही आपने कभी देखें ही हो। सोशल मीडिया में आज हमें एक ऐसा वीडियो मिला जिसे देखकर आप हैरान रह हो सकते है। इस वीडियो में आप एक जिराफ को गुस्से में देखें होंगे। इस वीडियो को ब्रिटिश अखबार द सन ने अपने ट्विटर हैंडल से साझा किया है। ये वीडियो केन्या का कहा जा रहा है। जहां जंगल सफारी के लिए गए पर्यटकों को देखकर एक जिराफ (Giraffe) को भयंकर गुस्सा आया। उसके बाद उसने पर्यटकों (Tourists) की जीप का पीछा भी करते हुए दिखाई दे रहा है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि गुस्साया हुआ जिराफ पर्यटकों की गाड़ी के पीछे-पीछे दौड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। जिसके उपरांत तो सैलानियों की हालत खराब हो गई और डर के मारे चीखने-चिल्लाने लग गया। इस वीडियो में भी कुछ ऐसा ही हुआ जब कुछ लोग जंगल सफाई के लिए एक जीप में पहुंचे हुए थे। तभी एक जिराफ ने उन्हें देख लिया और वह गुस्सा हो गया।आगे क्या हुआ ये जानने के लिए आप इस वीडियो को ही देख लीजिए। View this post on Instagram A post shared by Waow Africa (@waowafrica) सफारी जीप के पीछे दौड़ा जिराफ: वीडियो में देखा जा सकता है कि जब जिराफ को गुस्सा आया तो वह पर्यटकों की जीप के पीछे भागने लग गया । जिराफ को देखकर पर्यटक डर गए और उन्होंने अपनी जीप को तेजी से दौड़ाना भी शुरू कर चुके है, लेकिन जिराफ इतना गुस्से में था कि वह इतनी तेज दौड़ा कि कुछ ही सेकंड में जीप से आगे आ गया। जिराफ को जीप के पीछे भागता देख पर्यटक जोर-जोर से हंसने लगे। बता दें कि जिराफ शाकाहारी जानवर होते हैं और वह गुस्से में भी इंसानों को शेर, तेंदुआ या हाथी की तरह ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे। एक ऐसी प्रथा जहां लोग अंतिम संस्कार की राख तक नहीं छोड़ते, बनाकर पी जाते है सूप आखिर इंसान क्यों होता है बूढ़ा...बड़ा अच्छा है इसका लॉजिक टेडी बियर के प्यार में ऐसी पगलाई महिला की रचा लिया निकाह
एक ऐसी प्रथा जहां लोग अंतिम संस्कार की राख तक नहीं छोड़ते, बनाकर पी जाते है सूप
विश्व में अलग-अलग तरह के लोग रहते हैं और हर भाग से जुड़ी हुई अपनी परंपराएं भी मौजूद हो चुकी है। जिसमे से कुछ रीति-रिवाज़ तो भी फिर भी ठीक हैं, लेकिन कई स्थानों पर ऐसा सुनने के लिए मिल जाता है, जिसे सुनकर ही हम खौफ में आ जाएं। अंतिम संस्कार से जुड़ी हुई एक ऐसी ही परंपरा दक्षिण अमेरिकी जनजाति यानोमानी में भी निभाई जाती है, जो इतनी अजीब है कि लोगों को सदमे में डाल देगी। हालांकि इन लोगों के लिए ये बिल्कुल सामान्य है। जन्म और मृत्यु से जुड़े हुए रिवाज़ हर समाज और समुदाय में अलग-अलग होते हैं। हालांकि कुछ चीज़ें हर स्थान एक जैसा ही होता है, मसलन शव को सम्मान पूर्वक आखिरी यात्रा पर भेजना। वहीं, दक्षिण अमेरिका में पाई जाने वाली यानोमानी जनजाति के बारें में बात हम बात कर रहे है अंतिम संस्कार से जुड़ी हुई अजीबोगरीब परंपरा का पालन करते हैं, जिसमें मृतक को जलाने के उपरांत बची राख तक को सूप बनाकर पी जाते हैं। मृत शरीर को खाते हैं, राख का सूप बनाते हैं : आपने अंतिम संस्कार से जुड़ी हुई कुछ अजीबोगरीब परंपराएं तो सुनी ही होगी, इसमें शव को कब्र से निकालकर पार्टी के लिए ले जाते हैं या फिर जगह की कमी की वजह से ताबूतों की अदला-बदली कर दी जाती है। हालांकि यानोमानी जनजाति का रिवाज़ जिससे अलग है। याानम या सेनेमा के नाम से मशहूर इस ट्राइब में अंतिम संस्कार के लिए मृत शरीर को पत्तों और दूसरी चीज़ों से ढक दिया जाता है। 30-40 दिन बाद वे उसे वापस लाते हैं बच गए शरीर को जला देते है। शरीर को जलाने के उपरांत जो राख बचती है, ये लोग उसका सूप बनाकर पी जाते हैं। इस रिवाज़ का पालन यहां पारंपरिक तौर पर किया जा रहा है। आखिर इंसान क्यों होता है बूढ़ा...बड़ा अच्छा है इसका लॉजिक टेडी बियर के प्यार में ऐसी पगलाई महिला की रचा लिया निकाह स्टेज पर लग गया नोटों का पहाड़ फिर जो हुआ
आखिर इंसान क्यों होता है बूढ़ा...बड़ा अच्छा है इसका लॉजिक
हम जीवन में कई दौर देखते हुए आते है बचपन से लेकर जवानी, अधेड़ और बुढ़ापा भी. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर हम बूढ़े क्यों होने लग जाते है? तो जानिए कि इसको लेकर साइंस क्या बोलता है और वो कौन सी शारीरिक वजह से, जो हमें वक़्त के साथ या वक़्त के पहले बूढ़ा बनाते हैं. हम बूढ़े क्यों होते हैं इसकी सही सही परिभाषा देना तो कठिन है लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक जब इंसानी शरीर बाहरी तत्वों, धूल मिट्टी, प्रदूषण आदि से संपर्क में आता है तो शरीर की क्वालिटी में गिरावट देखने के लिए मिल रही है. वैज्ञानिकों ने बुढ़ापे को लेकर नौ ऐसे तथ्य निकाले हैं जो की इंसानी शरीर को बूढ़ा करने के कारक हैं. इनमें से कुछ इस प्रकार हैं. पहला कारण- माइटोकॉन्ड्रिया: माइटोकॉन्ड्रिया को शरीर का पावर हाउस भी बोला जात्ता है, वो अपने साथ-साथ बाकी कोशिकाओं की क्रिया को भी नियंत्रित भी कर रहा है. अगर इस माइटोकॉन्ड्रिया की प्रणाली में गिरावट आएगी तो शरीर के कई कार्यों में गिरावट देखने के लिए मिल रही है. दूसरा कारण- टेलीमियर में गिरावट: शरीर में नई कोशिकाएं बनने का क्रय भी चल रहा है, जिससे की शरीर नया सा रहता है. लेकिन इन कोशिकाओं को सुरक्षित तरह से अलग करने में क्रोमोसोम का बहुत बड़ा ही हाथ देखने के लिए मिल रहा है. कोशिका के डीएनए के अंदर पाए जाने वाले क्रोमोसोम के सिरों पर टेलिमियर नाम का सुरक्षा कवच मौजूद होता है. अब निरंतर कोशिका विभाजन से इस टेलीमियर की मात्रा कम होने लग जाती है. तो शरीर बूढ़ा होने लग जाता है. टेलीमियर के कम होने का नतीजा ये होता है की कोशिकाएं रेपलिकेट होकर नई तो बनती हैं, लेकिन हाल के हाल नष्ट हो जाती हैं. इसका नतीजा होता है, स्किन में झुर्रियां आना, बाल झड़ना, कम दिखाई या सुनाई देना. तीसरा कारण- स्टेम सेल के रेप्लिकेशन में गिरावट: स्टेम सेल, वह कोशिकाएं हैं जो कि कई तरह की कोशिकाओं में विभाजित होने के भी गुण रखते है. ये शरीर में रिपेयर सिस्टम की तरह काम करती हैं. मुख्यतः तो इनके दो प्रकार होते हैं, एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल और एडल्ट स्टेम सेल. स्टेम सेल शरीर के कई भागों में पाए जाते हैं, लेकिन धीरे धीरे समय के साथ इनका रेप्लिकेशन भी कम हो रहा है. इससे शरीर के अंग अपना काम पहले की तरह अच्छे से नहीं कर पाते हैं और समस्याएं होती हैं. जैसे घुटने में दर्द आदि. CANTONMENT BOARD ने इन पदों पर जारी किए आवेदन DRDO ने इस पद पर शुरू की आवेदन की प्रक्रिया 10वीं पास वालों के लिए बड़ी खबर, ये कंपनी दे रही 40000 पदों पर आवेदन करने का मौका