राय और ब्लॉग्स / बूमलाइव
बूम ने जांच में पाया कि सार्वजनिक स्थान पर पेशाब करने वाले व्यक्ति पर पानी की बौछार करने का यह वीडियो पेरू की राजधानी लीमा से है.
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीरें 2024 में इंग्लैंड के एजबेस्टन स्टेडियम में खेले गए वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) के एक मैच के दौरान की हैं.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले में 24 जून 2025 को शराब ठेकेदार की हत्या करने वाले आरोपियों का है.
बूम ने पाया कि पीएम मोदी का यह वीडियो अप्रैल 2024 का है. मूल वीडियो में वह राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव पर निशाना साध रहे थे.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि मूल वीडियो में उद्धव ठाकरे मुगल शासक औरगंजेब का नहीं बल्कि भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगजेब का जिक्र कर रहे थे.
बूम ने जांच में पाया कि वीडियो 2 साल पुराना है, अपने भाषण में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं और खुद को
बूम ने जांच में पाया कि पप्पू यादव की वायरल तस्वीर 22 दिसंबर 2020 को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पटना में विरोध प्रदर्शन की है.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि यह घटना जुलाई 2017 की है, नोएडा पुलिस ने भी बूम से बातचीत में इसकी पुष्टि की है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल तस्वीर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित सीएम आवास की है.
बूम ने पाया कि यह वीडियो साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान का है. जब पप्पू यादव ने एक इंटरव्यू में तेजस्वी यादव पर निशाना साधा था.
देवरिया पुलिस ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे का खंडन करते हुए बताया कि जुलूस में 'फाइव स्टार जिंदाबाद' के नारे लगे थे.
बूम ने पाया कि पहली तस्वीर ओडिशा में करीब 10 साल पहले हुए एक विमान हादसे से जुड़ी है. वहीं दो अन्य तस्वीरें साल 2023 की अलग-अलग घटनाओं की हैं.
बूम ने पाया कि वीडियो अगस्त 2024 का बिहार के पटना का है. तब सुप्रीम कोर्ट के SC-ST आरक्षण के उप वर्गीकरण के फैसले के विरोध में 'भारत बंद' का आह्वान कि
बूम ने पाया कि मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का है, जहां ग्रामीणों ने मई 2025 में ठगी के आरोप में दो फर्जी पुलिसकर्मियों को पकड़ा था.
प्रवासी मजदूरों से लेकर नेपाल सीमा पार से शादी करके आईं महिलाएं, बिहार वोटर लिस्ट संशोधन से किन लोगों पर है जोखिम और क्यों, इस एक्सप्लेनर में जानिए.
बूम ने जांच में पाया कि बाघों के बाजार के दावे से वायरल वीडियो AI जनरेटेड है. इसे गूगल के एआई टूल VEO की मदद से बनाया गया है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल तस्वीर एडिटेड है. मूल तस्वीर में शिक्षक छात्रों को संस्कृत पढ़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं.
बूम ने पाया कि मूल तस्वीर सूरत की रहने वाली व्लॉगर शिल्पा राठौड़ लिम्बानी की है, जिसमें वह अपने भाई के साथ खड़ी नजर आ रही हैं.
बूम ने पाया कि रेनू तिवारी की वायरल क्लिप ओरिजिनल है. कई एआई डिटेक्टर टूल ने इसके वास्तविक होने की पुष्टि की है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला वोमिका सोनी (हिंदू) है. साइबराबाद पुलिस ने भी वायरल दावे का खंडन किया है.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वीडियो तजाकिस्तान के खुजंद शहर का है जहां एक रेस्टोरेंट में 19 जून 2025 को आग लगने की घटना सामने आई थी.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि यह वीडियो मई 2018 का है जब अमेरिका के परमाणु समझौते से खुद को अलग करने पर ईरानी सांसदों ने अमेरिकी झंडे को जलाया था.
बूम को News24 के एग्जिक्यूटिव एडिटर मानक गुप्ता ने बताया कि वायरल ग्राफिक फेक है.
बूम ने पाया कि यह वीडियो लेबनान के टॉल शहर में स्थित शेख राघेब हार्ब यूनिवर्सिटी अस्पताल में इस साल फरवरी में हुए विस्फोट का है.
बूम ने पाया कि जॉन योंगफूक Apple के कर्मचारी नहीं हैं. उन्होंने बाद में स्पष्ट किया कि iOS 26 के Liquid Glass डिजाइन को लेकर Apple द्वारा उन्हें निकाल
बूम ने पाया कि तेज प्रताप यादव का यह वीडियो दो साल पुराना है. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर 11 जून 2023 को यह वीडियो शेयर किया था.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल तस्वीर केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट के नजदीक 7 अगस्त 2020 को हुए विमान हादसे की है.
बूम ने पाया कि असम के गुवाहाटी में आई बाढ़ से जोड़कर वायरल हो रहा वीडियो हिमाचल स्थित सैंज वैली का है.
बूम ने पाया कि वायरल रील में दिख रही है महिला अनुष्का यादव नहीं बल्कि डिजिटल क्रिएटर 'संतूर मॉम रचना' हैं.
बूम ने पाया कि तस्वीर मेटा एआई से बनाई गई है. इसमें मेटा एआई का वॉटरमार्क है और तस्वीर में कई तरह की विसंगतियां भी हैं.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो साल 2020 का है. तब बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुजफ्फरपुर में नाराज महिलाओं ने बीजेपी विधायक केदार प्रसाद गुप्ता की प्रच
बूम ने पाया कि बीजेपी मेंबर के अश्लील वीडियो केस में शामिल महिला के दावे से वायरल तस्वीरें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई हैं.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर मोनिका राजपुरोहित हैं जिन्होंने एक दूसरे मामले में अगस्त 2024 में रोते हुए वीडियो
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो को AI आर्टिस्ट Jay Pirabakaran द्वारा बनाया गया है. एआई डिटेक्शन टूल ने भी वीडियो के एआई जनरेटेड होने की प्रबल सं
बूम ने पाया कि यह वीडियो मई 2024 में पीओके के मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी रेंजर्स और स्थानीय लोगों के बीच हुए संघर्ष का है.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि योगी आदित्यनाथ ने 2015 में शाहरुख खान की तुलना आतंकवादी हाफिज सईद से करते हुए यह बयान दिया था. तब वह गोरखपुर से बीजेपी सा
बूम ने जांच में पाया कि वायरल नोटिस फर्जी है और इसे तुर्की सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है.
बूम ने पाया कि राहुल गांधी के साथ पहली तस्वीर में दिख रही महिला बीजेपी विधायक अदिति सिंह हैं. वहीं दूसरी तस्वीर 2022 की है जिसमें उनके साथ एक अन्य महि
बूम ने पाया कि पीएम मोदी के साथ ग्रुप फोटो में दिख रही महिला ई-स्पोर्ट और गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़ी पायल धरे हैं. वहीं दूसरी तस्वीर एडिटेड है.
बूम ने पाया कि यह तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से बनाई गई है. हाइव मॉडरेशन के मुताबिक यह तस्वीर 99 फीसदी AI जनेरेटेड है.
बूम ने जांच में पाया कि ऑपरेशन केलर में मारे जाने के दावे से वायरल तस्वीर कश्मीर के उधमपुर में 8 माह पहले मारे गए दो आतंकवादियों की है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो 7 मई 2025 को पाकिस्तान के हैदराबाद में आयोजित भारत विरोधी प्रदर्शन का है.
बूम ने पाया कि भारतीय प्रधानमंत्री एवं अन्य मंत्रियों द्वारा हार स्वीकार करने और पाकिस्तान से माफी मांगने के वीडियो एआई जनरेटेड डीपफेक हैं.
सीएनएन के प्रवक्ता ने बूम को बताया कि वायरल ग्राफ़िक सीएनएन द्वारा नहीं बनाया गया है.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि भारतीय नौसेना महिला अधिकारी किरण शेखावत की मृत्यु 24 मार्च 2015 को डोर्नियर विमान दुर्घटना में हो गई थी जबकि वायरल वीडियो
पुंछ जिला पुलिस ने दावे का खंडन करते हुए बताया कि कारी मोहम्मद इकबाल एक मदरसा शिक्षक थे जो पाकिस्तान की तरफ से क्रॉस बॉर्डर गोलाबारी में मारे गए.
सोनू निगम ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में वायरल बयान को फर्जी बताते हुए ग्राफिक का खंडन किया है.
बूम ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक अधिकारी से संपर्क किया. उन्होंने पुष्टि की कि 29 अप्रैल से 2 जून के बीच IMD ने इस तरह की कोई चेतावनी जारी न
बूम ने पाया कि मूल वीडियो पहलगाम हमले से पहले का है. पूरे वीडियो में पाकिस्तानी सेना के जवान रोते नहीं बल्कि हंसते हुए नजर आते हैं.
बूम से बातचीत में जम्मू रक्षा विभाग के जन संपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट ने वायरल सूची को फेक बताया है.