सऊदी अरब हादसा: किरेन रिजिजू ने शेयर किए हेल्पलाइन नंबर, बोले-मैं स्तब्ध और दुखी हूं
सऊदी अरब में हुए बस हादसे में भारतीय नागरिकों की मौत पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की
सऊदी अरब हादसे में मारे गए लोगों की पहचान कर पाना मुश्किल, ईरानी दूतावास ने जताया शोक
सऊदी अरब के मदीना में हुई बस दुर्घटना में भारतीय यात्रियों की मौत पर नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास ने सोमवार को दुख जाहिर किया
राजस्थान के रेगिस्तान में भारत और ब्रिटेन की सेना के अभ्यास के लिए डमी शहर बनाया गया। यहां दोनों देशों की थल सेनाओं के 120-120 जवानों ने सिटी टेरर अटैक से निपटने का अभ्यास किया। ईंटों से एक शहर का काल्पनिक क्षेत्र तैयार किया गया। सेनाओं ने शहरी इलाके में आतंकवादियों से निपटने की प्रैक्टिस की और अपने-अपने तरीके और अनुभव शेयर किए। दोनों सेना के जवानों ने को-ऑर्डिनेशन के साथ शहरी इलाके में छुपे आतंकियों को ढूंढा और उनको ढेर किया। दरअसल, भारत-ब्रिटेन के संयुक्त सैन्य अभ्यास अजेय वॉरियर-25 का आठवां संस्करण सोमवार से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में शुरू हुआ। यह 14 दिवसीय द्विपक्षीय अभ्यास 30 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के हथियारों की ट्रेनिंग लेंगी और विपरीत हालात में युद्ध लड़ने का अभ्यास करेंगी। शहरी इलाकों में आतंक विरोधी ऑपरेशनजानकारी के अनुसार, अभ्यास में भारत और ब्रिटेन की थल सेना का समान प्रतिनिधित्व है। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व सिख रेजिमेंट के सैनिक कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अंतर्गत आयोजित यह अभ्यास शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित है। आगामी 2 सप्ताह के दौरान प्रशिक्षण में ब्रिगेड स्तर पर संयुक्त मिशन योजना, एकीकृत सामरिक अभ्यास, सिमुलेशन-आधारित परिस्थितियां और वास्तविक आतंकवाद-रोधी हालात को दर्शाने वाले कंपनी-स्तरीय फील्ड प्रशिक्षण शामिल होंगे। हर हालात में लड़ने की क्षमता डवलप करना टारगेटअभ्यास का उद्देश्य सबसे अच्छी टेक्नीक का आदान-प्रदान, सामरिक दक्षता को बढ़ाना और जटिल परिस्थितियों में समन्वित प्रतिक्रिया क्षमता विकसित करना है। साल 2011 से द्विवार्षिक रूप से अजेय वॉरियर अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय सेना और ब्रिटेन की सेना के बीच यह प्रमुख संयुक्त सैन्य सहभागिता के रूप में विकसित हुआ है। 2025 का संस्करण प्रोफेशनलिज्म, सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता के साथ ही वैश्विक शांति के प्रति साझा प्रतिबद्धता को और अधिक सुदृढ़ करता है। अब तस्वीरों में देखिए कैसे किया अभ्यास... ये खबर भी पढ़ें जैसलमेर-बॉर्डर पर सेना ने दुश्मन के ठिकानों पर मचाई तबाही:हेलिकॉप्टर से उतरे जवान,एआई से टारगेट पर हमला; तीनों सेनाओं का 'ऑपरेशन त्रिशूल' जैसलमेर के रेगिस्तान में बने दुश्मन के ठिकानों पर बुधवार को भारतीय सेना के जवानों ने हेलिकॉप्टर से उतरकर तबाही मचाई। ध्रुव, रूद्र, चेतक और चीता हेलिकॉप्टर ने जवानों को कवर दिया। जवानों ने अचूक निशाना लगाया और दुश्मन का खात्मा कर दिया। (पूरी खबर पढ़ें)
सऊदी अरब में दर्दनाक हादसे का शिकार हुए 44 हज यात्री, परिजनों ने भारत सरकार से लगाई शव लाने की गुहार
Hyderabad Haj pilgrims: पीड़ित परिजनों ने भारत सरकार से मृतकों के शव हैदराबाद लाने की बात कही है और अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो मदीना में ही उनको दफन करने की व्यवस्था की जाए. हैदराबाद की अल मक्का टूर्स एंड ट्रैवल्स के जरिए 20 और फ्लाई जोन टूर्स एंड ट्रैवल्स के जरिए 24 लोग 9 नवंबर को जहाज से मक्का के लिए रवाना हुए थे.
सऊदी अरब बस हादसे पर PM मोदी ने जताया दुख
Prime Minister Narendra Modi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मक्का से मदीना जा रही एक बस में आग लगने से उसमें सवार 42 लोगों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख प्रगट किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट कर कहा, मदीना में भारतीय नागरिकों से जुड़ी दुर्घटना से मैं बेहद दुखी हूं, मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। हमारे अधिकारी सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ भी निरंतर संपर्क में हैं। खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मक्का से मदीना जा रही एक बस में आग लगने से उसमें सवार 42 लोगों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख प्रगट किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट कर कहा, मदीना में भारतीय नागरिकों से जुड़ी दुर्घटना से मैं बेहद दुखी हूं, मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। ALSO READ: पाकिस्तान से समझौते को लेकर भारत की सऊदी अरब को नसीहत प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। हमारे अधिकारी सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ भी निरंतर संपर्क में हैं। खबरों के अनुसार, बस में सवार सभी लोग हैदराबाद के रहने वाले थे। मरने वालों में 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल हैं। हादसे में हैदराबाद के रहने वाले एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई। इस बीच पीड़ित परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। हादसे का शिकार हुए लोग भारत से उमराह करने के लिए सऊदी अरब गए थे। घटना में शामिल बस में 46 लोग यात्रा कर रहे थे। ALSO READ: तेलंगाना में बस और ट्रक की भीषण भिड़ंत, 20 लोगों की मौत, कई घायल यह बस मदीना से लगभग 25 किलोमीटर दूर एक तेल टैंकर से टकरा गई। इस दुर्घटना में केवल एक व्यक्ति जीवित बचा है और उसका अस्पताल में इलाज हो रहा है। घटना के बाद जेद्दा और रियाद के महावाणिज्य दूतावास और एंबेसी ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। Edited By : Chetan Gour
यूक्रेन में युद्ध ने उत्पन्न किया विशालकाय आवासीय संकट
यूक्रेन पर लगभग साढ़े 3 वर्ष पहले शुरू हुए रूस के पूर्ण स्तरीय आक्रमण के कारण इस स्तर का आवासीय संकट उत्पन्न हो गया जैसा अतीत में पहले कभी नहीं देखा गया। यूएन एजेंसियों का आकलन बताया है कि युद्ध के दौरान दो लाख 36 हज़ार से अधिक इमारतें ध्वस्त हो गई ...
सऊदी अरब में दर्दनाक सड़क हादसा, उमराह के लिए गए 42 भारतीयों की मौत, मक्का से मदीना जा रही थी बस
Saudi Arabia Bus Accident:सऊदी अरब में हुए एक भीषण हादसे में 42 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हो गई. हादसे का शिकार हुई बस मक्का से मदीना जा रही थी.
सऊदी अरब में बड़ा हादसा, मक्का से मदीना जा रहे 42 भारतीयों की मौत
सऊदी अरब में एक बड़े सड़क हादसे में कम से कम 42 भारतीयों की मौत हो गई
उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के बिगुल को GI (जीओ ग्राफिकल इंडिकेटर) टैग मिला है। बिगुल एक वाद्ययंत्र है, जो किसी भी आंदोलन/कार्यक्रम की शुरुआत के लिए बजाया (फूंका) जाता है। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध का बिगुल फूंकना हो या RSS के पहले स्थापना दिवस पर बिगुल बजाना। मेरठ का बिगुल ही हर जगह इस्तेमाल हुआ। देश की ज्यादातर आर्म्ड फोर्सेज के बैंड में आज मेरठ का बिगुल शामिल है। GI टैग मिलने के बाद इसे बनाने वालों को अब क्या संभावनाएं नजर आती हैं? बिगुल का इतिहास क्या है? ये समझने के लिए दैनिक भास्कर मेरठ की जली कोठी में पहुंचा। यहां से दुनियाभर के लिए वाद्य यंत्र बनाए और सप्लाई किए जाते हैं। पूरी रिपोर्ट पढ़िए... मेरठ में 140 साल पुरानी पहली फैक्ट्रीमेरठ के जली कोठी एरिया में नादिर अली एंड कंपनी है। इसी कंपनी ने सबसे पहले वाद्य यंत्र बनाना शुरू किया था। बिगुल का इतिहास समझने के लिए हम इसी कंपनी में पहुंचे। कंपनी के डायरेक्टर फैज आफताब बताते हैं- अंग्रेजों के वक्त से बिगुल इस्तेमाल होता रहा है। जब भी किसी वॉर में जाते हैं, मेहमान आते हैं तो उनके लिए बजाया जाता था। एक तरह से ये बिगुल पूरे बैंड को लीड करता था। इसका इतिहास वैसे तो अंग्रेजों के समय का है। लेकिन, 1885 में मेरठ में हमारे दादा नादिर अली ने एक छोटी यूनिट लगाकर बिगुल बनाना शुरू किया था। बिगुल और ट्रम्पेट (तुरही) से इसकी शुरुआत हुई थी। देश की आजादी के वक्त भी स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ यही बिगुल बजाया था। 1971 में भारत-पाक वॉर हुआ, तब सेना के फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ मेरठ आए। उनके साथ आर्मी के सब एरिया कमांडर और मेरठ जिला प्रशासन के अधिकारी भी थे। उस वक्त उन्होंने हमारी फर्म पर आकर सेना के लिए बिगुल खरीदे थे। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के पहले स्थापना दिवस पर जो बिगुल बजाया गया था, वो भी मेरठ की इसी फर्म से गया था। कैसे बनता है बिगुल, समझिएब्रास शीट को काटकर उसे हाथ से पीटा जाता है और बिगुल का आकार दिया जाता है। बिगुल की स्पेशल डाई होती है। उसी डाई के ऊपर ब्रास सीट को मोल्ड किया जाता है। इसके कई प्रोसेस हैं, तब ये फिनिशिंग लेवल तक जाता है। उसके बाद माउथ पीस को उस बिगुल में एड-ऑन किया जाता है, तब जाकर वो बज पाता है। फिलहाल तीन तरह के बिगुल बन रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा डिमांड कॉपर के बिगुल की है, जो पूरे हिंदुस्तान में हॉट सेलिंग है। दूसरा गोल्ड लेकर बिगुल है। मतलब उसके ऊपर पूरी फिनिशिंग गोल्ड जैसी है। तीसरा सिल्वर लेकर बिगुल है, जो ऑन डिमांड बनता है। निर्माता बोले- GI टैग से बाहरी मार्केट को मेरठ का इजी एक्सेस मिलेगाबिगुल निर्माता फैज आफताब ने बताया- अब हिंदुस्तान में कहीं भी कोई भी व्यक्ति अगर गूगल पर बिगुल टाइप करेगा तो स्क्रीन पर मैन्युफैक्चरिंग हब मेरठ आएगा। वहां बिगुल की ए-टू-जेड सारी जानकारी उपलब्ध होगी। इसलिए GI टैग से हमारे लिए बाहर की मार्केट अब इजी एक्सेस हो गई हैं। किसी को बिगुल लेना है, तो सीधा गूगल सर्च करके हम तक पहुंच सकता है। फिलहाल बिगुल का मार्केट आर्म्ड फोर्सेज, पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्सेज में है। इसके अलावा अब स्कूल-कॉलेज से भी इसकी डिमांड आना शुरू हो गई है। हर स्कूल में एक बैंड बन गया है। उस बैंड में बिगुल भी शामिल है। क्या होता है GI टैग? किसी भी रीजन का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है, उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। जब उस उत्पाद की ख्याति दुनियाभर में फैलती है, तब उसे प्रमाणित करने की एक प्रक्रिया होती है। इसे GI यानी जीओ ग्राफिकल इंडिकेटर कहते हैं। हिंदी में इसे भौगोलिक संकेतक भी कहा जाता है। संसद में उत्पाद के रजिस्ट्रीकरण और संरक्षण को लेकर दिसंबर-1999 में अधिनियम पारित हुआ था। इस अधिनियम का नाम जीओ ग्राफिकल इंडिकेशन ऑफ गुड्स एक्ट-1999 रखा गया था। इसे 2003 में लागू किया गया। इसके तहत भारत में पाए जाने वाले प्रोडक्ट के लिए GI टैग देने का सिलसिला शुरू हुआ। GI टैग हासिल करने के लिए उस उत्पाद को बनाने वाली एसोसिएशन अप्लाई करती है। इसे अप्लाई करते वक्त ये बताना होता है कि उस उत्पाद को GI टैग क्यों दिया जाए? मतलब प्रोडक्ट की यूनीकनेस, ऐतिहासिक विरासत के बारे में प्रूफ देना होता है। दुनियाभर में बजते हैं मेरठ के वाद्ययंत्रमेरठ का वाद्य यंत्र उद्योग, खासकर ब्रास बैंड और हवा वाले यंत्र विश्व प्रसिद्ध है। ये करीब 200 साल पुराना है। यहां के कारीगर उच्च गुणवत्ता वाले ट्रम्पेट (तुरही), बिगुल, ड्रम और अन्य पीतल और तांबे के वाद्ययंत्र बनाते हैं। ये भारत के साथ दुनियाभर के कई देशों में निर्यात होते हैं। देश-विदेश की सेना भी इन्हें उपयोग करती है। ट्रम्पेट, बिगुल, ड्रम, यूफोनियम, सूसाफोन जैसे कई तरह के वाद्ययंत्र यहां बनते हैं, जिनमें से 90% बड़े आयोजनों में इस्तेमाल होने वाले वायु वाद्ययंत्र मेरठ में ही बनते हैं। यहां के वाद्ययंत्र न केवल पूरे भारत में, बल्कि सऊदी अरब, कतर, जर्मनी और अमेरिका जैसे देशों में भी निर्यात होते हैं और ब्रिटिश सेना व बकिंघम पैलेस में भी इस्तेमाल हुए हैं। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में मायावती के साथ आ सकते हैं ओवैसी, बिहार में जीते बसपा विधायक ने AIMIM का पोस्टर लगाया बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत के बीच भी बसपा खाता खोलने में सफल रही। चुनाव जीतने के बाद पिंटू यादव मीडिया से बात कर रहे थे। उनके पीछे दो तस्वीर लगी थीं। पहली बसपा की और दूसरी AIMIM की। इस तस्वीर ने चर्चा तेज कर दी है कि क्या यूपी में बसपा-AIMIM साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है? पढ़ें पूरी खबर
इंदौर की प्राचीन पहाड़ी देवगुराड़िया को रालामंडल अभयारण्य की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। जल्द ही यहां पहाड़ी पर चढ़ने के लिए ट्रैक के साथ ही सीमेंट के पैगाड़ा (मिनार जैसी संरचना), बगीचा, बच्चों के लिए झूले, ओपन जिम व आराम करने के लिए हट जैसी सुविधाएं नजर आएंगी। इनका काम अंतिम चरण में है। न्यू ईयर से यहां इन सुविधाओं की शुरुआत हो सकती है। आमजन को प्रोत्साहित करने के लिए यहां एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। वहीं देवगुराड़िया में पार्किंग की समस्या दूर करने के लिए सनावदिया रोड तरफ एंट्री-एग्जिट के साथ ही 50 कारों की पार्किंग जितनी व्यवस्था भी की जा रही है। रालामंडल की बात करें तो वीकेंड पर यहां 20 हजार से ज्यादा लोग पहुंचते हैं। 360 डिग्री व्यू देखने के लिए शिकारगाह जैसा निर्माण 1. रेंजर संगीता ठाकुर के मुताबिक देवगुराड़िया की पहाड़ी भी संरक्षित है। इस पथरीली पहाड़ी में पूर्व में 10 हजार कंटूर किए गए थे। इस वजह से बारिश का पानी पहाड़ी में उतर जाता है। यहां भी सालभर हरियाली रहती है। पहाड़ी की चोटी पर एक तालाब भी है, जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहा है। पहाड़ी के शीर्ष पर 21 हजार पौधे लगाए गए थे, जो अब पेड़ बन चुके हैं। पहाड़ी पर ट्रैकिंग के लिए कई जगह पक्का तो कई जगह मुरम, गिट्टी से ट्रैक बना दिया है। रालामंडल की तरह देवगुराड़िया की चोटी पर भी सिटी का 360 डिग्री व्यू देखने के लिए शिकारगाह जैसा निर्माण किया है। 2. देवगुराड़िया पहाड़ी पर सुबह और शाम के समय बड़ी संख्या में मोर नजर आते हैं। शाम को जंगली खरगोश भी झाड़ियों से सरपट भागते दिख जाते हैं। वहीं दर्जनों तरह की चिड़िया भी यहां सुबह के वक्त दिख जाती हैं। शहर में फिलहाल ट्रैकिंग, हरियाली के लिए पूरा लोड रालामंडल पर है। बारिश के चार महीनों में यहां इतनी भीड़ हाे जाती है कि गाड़ियां तिल्लौर रोड पर लगाना पड़ती है। देवगुराड़िया पहाड़ी को इसलिए विकल्प के रूप में तैयार किया जा रहा है।3. देवगुराड़िया की पहाड़ी व रालामंडल एक तरह से ग्रीन कॉरिडोर हैं। दोनों पहाड़ियों के बीच बड़ी संख्या में खेत, जंगल जैसा आवरण है। देवगुराड़िया के आसपास की कॉलोनी में भी दो महीने पहले तेंदुआ नजर आया था।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सऊदी अरब में बस हादसे में भारतीय नागरिकों की मौत पर दुख जताया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सऊदी अरब में एक बस दुर्घटना में 45 भारतीय नागिरकों की मौत पर...
लखनऊ में ट्रैफिक अवेयरनेस के लिए विंटेज कार-बाइक की रैली निकाली गई। हजरतगंज चौराहे से शुरू हुई रैली रूमी गेट, 1090 चौराहा होते हुए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में समाप्त हुई। करीब 20 किलोमीटर निकली रैली को देखने के लिए जगह-जगह लोगों की भीड़ जुटी। ट्रैफिक पुलिस और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की तरफ से रैली निकाली गई। इसमें 40 विंटेज कार और 5 विंटेज बाइक शामिल हुईं। इनमें एक्टर आशा पारेख की कार और विश्व युद्ध के पहले की बाइक भी शामिल हुई। 1923 की बेबी ऑस्टिन और 1927 की फोर्ड का जलवा दिखा। लोगों में इन कारों और बाइकों के साथ सेल्फी लेने का क्रेज दिखा। गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने हरी झंडी दिखाकर रैली की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि विंटेज कार रैली का यह एडिशन काफी शानदार है। यह कम्युनिटी काफी वाइब्रेट है। इन गाड़ियों को काफी अच्छी तरीके से बनाया गया है। इनके मेंटेनेंस में पैसा और मेहनत लगती है। बावजूद इसके यह गाड़ियां आज अच्छी कंडीशन में हैं। इन लोगों ने अपने पैशन को लोगों के सामने रखा है। इस रैली के माध्यम से रोड सेफ्टी के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। देखिए 3 तस्वीरें... पल-पल के अपडेट के लिए लाइव ब्लाग से गुजर जाइए...
अजमेर मंडल के अंतर्गत 15 स्टेशनों पर अमृत स्टेशन योजना के तहत विकास कार्य किए जा रहे हैं। चित्तौड़गढ़-उदयपुर खंड पर स्थित मावली जंक्शन स्टेशन पर भी व्यापक विकास कार्य प्रगति पर हैं। इन कार्यों पर लगभग 21 करोड़ रुपए की लागत आएगी और इन्हें इस साल के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राजस्थानी थीम पर आकर्षक पेंट वर्क मावली स्टेशन पर 1428 वर्ग मीटर क्षेत्र में लगभग 14 करोड़ रुपए की लागत से एक नई स्टेशन बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। इस बिल्डिंग का ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो चुका है, जिसमें पंखे और ट्यूबलाइट जैसी लाइटिंग का कार्य भी शामिल है। यह बिल्डिंग धौलपुर के पत्थरों से निर्मित हो रही है और इसमें राजस्थानी थीम पर आकर्षक पेंट वर्क किया गया है। श्रीनाथ जी और हल्दीघाटी के युद्ध का सुंदर चित्रण बिल्डिंग में श्रीनाथ जी और हल्दीघाटी के युद्ध का सुंदर चित्रण किया गया है, जो मेवाड़ के शौर्य को दर्शाता है और सभी का ध्यान आकर्षित करेगा। यात्रियों की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में स्टील बेंच लगाई गई हैं। आधुनिक शौचालय का कार्य भी पूर्ण हो गया है, जिसमें महिला एवं दिव्यांगजनों के लिए विशेष शौचालय शामिल हैं। बुकिंग और पूछताछ कार्यालय में भी काम शुरू हो चुका है। स्टेशन बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर भी पंखे और लाइटिंग का काम पूरा कर लिया गया है, और इसका अधिकांश कार्य संपन्न हो चुका है। मुख्य स्टेशन बिल्डिंग, प्लेटफॉर्म शेल्टर और बुकिंग काउंटर का कार्य भी पूर्ण हो गया है। हालांकि, सर्कुलेटिंग एरिया का कार्य अभी जारी है। ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य तेज अमृत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य चल रहा है और सर्कुलेटिंग एरिया के अंतर्गत मुख्य प्रवेश द्वार के सामने का कार्य शेष है। प्लेटफॉर्म नंबर 1, 2 और 3 पर 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है, जिसका लोहे का ढांचा तैयार हो चुका है। दूसरी एंट्री की तरफ बुकिंग कार्यालय और वेटिंग हॉल का कार्य पूर्ण हो गया है। लगभग 9 हजार वर्ग मीटर सर्कुलेटिंग एरिया और 1315 वर्ग मीटर पार्किंग एरिया का कार्य भी जारी है।
बरेली में पुलिस ने ऐसे शातिर जेबकतरों को गिरफ्तार किया है। जो पलक झपकते ही जेब काट लेते थे। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर ये जेबकतरे अपना शिकार तलाशते थे। जिस वजह से आए दिन लोगों की जेब कट जाती थी। बरेली की बारादरी पुलिस की कार्यवाही के बाद अब लोगों को राहत मिलेगी। 13 नवंबर को बहेड़ी के युवक की कटी थी जेब13 नवंबर को बहेड़ी निवासी शादाब ने बारादरी थाने में तहरीर दी कि सुरेश शर्मा नगर चौराहे पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी जेब काटकर पैसे निकाल लिए। इसी शिकायत पुलिस एक्शन में आई और शातिर जेबकतरों को गिरफ्तार किया। मुखबिर की सूचना पर दबिश, दो बदमाश दबोचे13/14 नवंबर की रात चौकी जोगीनवादा प्रभारी उपनिरीक्षक मुनेन्द्र पाल, उपनिरीक्षक सत्येन्द्र सिंह और चीता मोबाइल पर तैनात सुमित कुमार व पवन कुमार गश्त पर थे। तभी मुखबिर ने सूचना दी कि जेबकटी करने वाले दो आरोपी आज फिर किसी वारदात की फिराक में डोहरा रोड पर खड़े हैं और उनके पास अवैध असलहे भी हैं। पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घेराबंदी की और दोनों को पकड़ लिया। इनके कब्जे से 315 बोर का एक तमंचा, एक जिंदा कारतूस, एक नाजायज चाकू, अपाचे मोटरसाइकिल (UP25 DM 0401) और 8,000 रुपये नकद बरामद हुए। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों, रोडवेज, रेलवे स्टेशन, टैम्पो और मैरिज लॉन में जेब काटते हैं और बैग भी चाकू से काटकर पैसे निकाल लेते हैं। आरोपी जनपद बदलकर करते थे वारदातगिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि यह जेबकटी इनके परिवार का पुराना धंधा है। उनके गैंग के सदस्य टैम्पो और बसों में सवारी बनकर बैठते हैं और वहीं लोगों की जेब व बैग काट लेते हैं। वारदात के बाद वे तुरंत नया जनपद बदल लेते थे, ताकि पहचान न हो सके। असलहे इसलिए रखते थे कि पकड़ में आने पर पुलिस से बचकर भाग सकें। बरामद 8,000 रुपये उन्होंने दो दिन पहले सैटेलाइट के पास एक व्यक्ति की जेब काटकर निकाले थे। शातिरों का लंबा आपराधिक इतिहासगिरफ्तार अजीत कुमार (36 वर्ष) और आकाश उर्फ मनी (30 वर्ष), दोनों फर्रुखाबाद जिले के रहने वाले हैं। पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि अजीत के खिलाफ भोजीपुरा, कोतवाली, प्रेमनगर और लखनऊ कमिश्नरेट में हत्या प्रयास, चोरी, धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट के कई केस दर्ज हैं। वही आकाश भी पुराना क्रिमिनल है और उस पर कोतवाली, इज्जतनगर और बारादरी में जेबकटी व अवैध असलहे रखने के कई मुकदमे दर्ज हैं। दोनों ने पुलिस को बताया कि उनके गांव के कई अन्य लोग भी इसी गैंग का हिस्सा हैं और अलग-अलग जिलों में जेबकटी करते हैं। यह लोग अक्सर यात्रियों को निशाना बनाते हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग सफर में शिकायत नहीं करते। गिरफ्तारी करने वाली टीमइस पूरी कार्रवाई में प्रभारी बारादरी थाने के इंस्पेक्टर प्रभारी निरीक्षक धनंजय पांडे, उपनिरीक्षक मुनेन्द्र पाल सिंह, उपनिरीक्षक सत्येन्द्र सिंह, हेड कांस्टेबल सुमित कुमार और कांस्टेबल पवन कुमार की संयुक्त टीम ने अहम भूमिका निभाई। यही टीम पिछले कई दिनों से जेबकतरों के गैंग की मूवमेंट पर लगातार नजर बनाए हुए थी।
पंजाब के न्यूनतम तापमान में गिरावट जारी है। गुरुवार भी अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 0.3 डिग्री की गिरावट देखने को मिली। वहीं, राज्य के अधिकतर शहरों का न्यूनतम तापमान 10C के करीब रहा। मौसम में बदलाव के बीच राज्य में पराली जलाने के मामले में बढ़ रहे हैं और प्रदूषण भी सांसें घोंट रहा है। सख्ती के बाद भी सीएम मान के गृह जिले में पराली जलाने के मामले सबसे अधिक सामने आए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार राज्य का तापमान 0.3 डिग्री गिरा है। गुरुवार सभी शहरों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री के करीब रहा। अमृतसर का तापमान 25.7 डिग्री, लुधियाना का 26.5 डिग्री, पटियाला का 27 डिग्री, पठानकोट का 26.5 डिग्री, बठिंडा का 29.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। वहीं, पंजाब का न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री बना हुआ है, जो फरीदकोट में दर्ज किया गया। पंजाब में पराली जलाने के मामले 4662 दर्ज वहीं प्रदेश में 15 सितंबर से 12 नवंबर तक इस सीजन में पराली जलाने के 4 हजार 662 मामले सामने आए हैं। हैरानी की बात है कि इनमें से 3 हजार 20 मामले नवंबर महीने में ही सामने आए। इनमें भी सबसे अधिक 402 संगरूर जिले से हैं, जो सीएम भगवंत मान का गृह जिला है। वहीं, फिरोजपुर से 327, तरनतारन से 288, मोगा से 280, मुक्तसर से 278, मानसा से 294 और फाजिल्का से 178 मामले पराली जलाने के सामने आए हैं।
राजस्थान की पश्चिमी सीमा इन दिनों युद्ध का मैदान बनी हुई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने युद्धाभ्यास का तरीका भी बदला है। अब सेना सीमावर्ती गांवों में युद्धाभ्यास कर रही है। इसी कड़ी में एक गांव में छिपे दुश्मन को मारने के लिए हेलिबोर्न ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। सूत्रों के अनुसार पश्चिमी सीमा के जैसलमेर से लेकर बीकानेर और श्रीगंगानगर तक सेना युद्धाभ्यास के जरिए अपनी ताकत और कौशल को परख रही है। पाकिस्तान से सटे बीकानेर के सीमावर्ती गांवों में इन दिनों सेना का अभ्यास ग्रामीणों के लिए कौतूहल का केंद्र बना हुआ है। हेलिबोर्न ऑपरेशन के दौरान हेलीकॉप्टर से रस्सी के सहारे गांव के बीच उतरते सेना के कमांडोज़ को गन पोज़िशन लेते देख ग्रामीणों में जोश भर रहा है। दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने रात के समय युद्धाभ्यास की तकनीक शुरू कर दी है। किसी भी तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सेना ने केवल चार महीने में रुद्र और भैरव ब्रिगेड तैयार की है, जिसमें 83 फीसदी सैनिक राजस्थान मूल के रहने वाले हैं। यह ब्रिगेड इन्फैंट्री, आर्मर्ड, आर्टिलरी, इंजीनियरिंग, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री, एयर डिफेंस आर्टिलरी का बड़ा संगम है। इन दोनों ब्रिगेड ने हाल ही में जैसलमेर में युद्धाभ्यास ‘अखंड प्रहार’ में अद्भुत कौशल दिखाया है। सैन्य अधिकारियों का कहना है कि टैक्टिकल लेवल पर मल्टी-डोमेन टास्क को अंजाम देने के लिए यह ब्रिगेड हर प्रकार के ऑपरेशन के लिए सक्षम है। सीमा पार पाकिस्तान में युद्धाभ्यास की तैयारी राजस्थान की पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना के युद्धाभ्यास को देखते हुए सीमा पार पाकिस्तान में भी युद्धाभ्यास होने जा रहा है। बॉर्डर से 50 से 100 किमी की दूरी पर पाकिस्तानी फौज का जमावड़ा होने के संकेत खुफिया तंत्र को मिले हैं। खास बात यह है कि पाक सेना के जमावड़े और भारत में चल रहे युद्धाभ्यास के कारण पिछले काफी दिनों से ड्रोन से मादक पदार्थों की तस्करी भी बंद है। दिल्ली में कार में बम विस्फोट की घटना के बाद बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। सीमावर्ती क्षेत्र में तीन किलोमीटर तक शाम को छह बजे के बाद आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
कतरास थाना क्षेत्र के नवागढ़ में एक व्यक्ति का शव पेड़ से लटका मिला, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान नवागढ़ निवासी जीतन रवानी (50) के रूप में हुई है। उन्होंने अपने घर के पीछे स्थित जंगल में रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचित किया। स्थानीय निवासी गुड्डू रवानी ने बताया कि उन्हें अचानक सूचना मिली थी कि जंगल में किसी ने फांसी लगा ली है। मौके पर पहुंचने पर उन्होंने जीतन रवानी का शव पेड़ से लटका देखा। गुस्से में घर छोड़कर दो-तीन दिन तक बाहर रहते थे गुड्डू रवानी के अनुसार, जीतन पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन में थे। वह कई बार गुस्से में घर छोड़कर दो-तीन दिन तक बाहर रहते थे। बताया जा रहा है कि आत्महत्या करने से पहले भी वह एक दिन से घर नहीं लौटे थे। मृतक जीतन रवानी शादीशुदा थे और उनके तीन बच्चे हैं। सूचना मिलने के बाद कतरास थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस फिलहाल पूरे मामले की जांच कर रही है।
भारत-पाक युद्ध एवं बाढ़ के बाद व्यापार में मंदी की लहर : अनेजा
भास्कर न्यूज | अमृतसर भारतीय व्यापार मंडल की अगुवाई में शिष्टमंडल ने आबकारी व कराधान विभाग की सहायक आयुक्त राजविंदर कौर से मुलाकात की। व्यापार मंडल के साथ अग्रवाल सभा के प्रदेश प्रधान डा. अजय कांसल भी थे। इस मौके पर एटीसी प्रगति सेठी भी मौजूद थीं। भारतीय व्यापार मंडल के पंजाब प्रधान राजीव अनेजा की अगुवाई में कारोबारियों ने राजविंदर कौर को व्यापारियों को जीएसटी टैक्स संबंधी समस्याओं से अवगत करवाया। अनेजा ने कहा कि भारत पाक के बीच हुए युद्ध और बाद में प्रदेश में आई बाढ़ के कारण कारोबारियों के लिए मौजूदा दौर में कारोबार करना बहुत मुश्किल हो गया है। अनेजा ने बताया कि केंद्रीय सरकार द्वारा संशोधित जीएसटी दरों के चलते भी व्यापारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 22 सितंबर को जीएसटी की दरों में हुई कटौती से पहले व्यापारियों ने उच्च जीएमसी स्लैब पर वस्तुओं की खरीद की हुई थी यानि कई वस्तुओं पर जीएसटी 18 प्रतिशत थी लेकिन सरकार द्वारा 22 सितंबर से इसी टैक्सटाइल की कई आइटमों पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई। जबकि व्यापारियों के पास 18 प्रतिशत की दर पर खरीदा गया माल का स्टाक अभी भी मौजूद है। नतीजन अब इन वस्तुओं को घाटे पर बेचना पड़ रहा है। अनेजा ने कहा कि विभाग के अधिकारियों से बाजार में मंदी की लहर के चलते भी कारोबारियों से टैक्स वसूली प्रति नरम रुख अपनाने की गुहार भी लगाई है। राजविंदर एवं प्रगति सेठी ने आश्वासन दिया कि कारोबारियों से कोई धक्केशाही नहीं की जाएगी। इस समस्या को जल्द से जल्द हल करवाने के लिए कहा। उन्होंने अनेजा व अन्य कारोबारियों को आश्वासन दिया कि व्यापारियों का उक्त संदेश आप सरकार तक भी पहुंचाया जाएगा। इस संबंधी आप सरकार के संबंधित विभाग से बातचीत भी की जाएगी।
नगर के अधिकतर बैंकों की एटीएम में सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात नहीं
भास्कर न्यूज| सीतामढ़ी बैंकों के एटीएम में लगातार चोरी की घटनाएं होती रहती है। बाबजूद बैंक, एजेंसी एवं पुलिस एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं। एटीएम में रखे रुपए की सुरक्षा की जिम्मेवारी कोई लेने को तैयार नहीं होता है। वही कई ऐसे बैंकों के एटीएम हैं, जहां 24 घंटों गार्ड की प्रतिनियुक्ति की गई है। तो वही कई ऐसे बैंक हैं, जहां गार्ड की प्रतिनियुक्ति ही नहीं है। जैसे तैसे एटीएम में रखे पैसे एवं उस मशीन की सुरक्षा होती है। खास बात यह है कि ज्यादातर राष्ट्रीयकृत बैंकों में गार्ड की मौजूदगी ही नहीं है। जैसे तैसे एटीएम का संचालन हो रहा है। शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक राष्ट्रीयकृत बैंकों के एटीएम के साथ निजी बैंकों के एटीएम लगाए गया है, जहां न तो सुरक्षा के कोई इंतजाम किए गए है, न ही उसका कोई देखभाल करने वाला है। ग्रामीण इलाके को छोड़ दिया जाए तो शहरी क्षेत्रों में भी स्थिति ठीक नहीं है। अधिकतर ऐसे एटीएम मिलते है, जहां गार्ड ही नजर नहीं आते है। किसी एटीएम में आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है, तो किसी एटीएम में मशीन पर धूल की परत तक जमी होती है। 24 घंटे उस कमरे की लाइट उसमें लगे एसी चलते रहते है। न तो उसका कोई मेंटेनेंस करने वाला होता है। स्थानीय रंजन कुमार बताते हैं कि शहरी क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों में सुरक्षा गार्ड है ही नहीं। इससे समस्या यह होती है कि कभी कभी पैसे निकालने के दौरान बिजली कट जाती है, वही मशीन में लगा कार्ड फंस जाता है, तब मदद करने वाला कोई नहीं होता है। कभी कभी ऐसा होता है कि पैसा निकालने के दौरान पैसा फंस जाता है। स्थिति ऐसी होती है कि बिजली आने का इंतजार करते रहिए। गार्ड की प्रतिनियुक्ति नहीं होने से समस्या होती है। गार्ड के रहने पर मदद मिल जाती है। ग्राहक सुरक्षित महसूस करते हैं। ^एटीएम की सुरक्षा की जिम्मेवारी बैंकों एवं स्थानीय थानों की है। कुछ एटीएम में सुरक्षा गार्ड की प्रतिनियुक्ति की गई है। वही कुछ बैंकों के एटीएम में गार्ड की प्रतिनियुक्ति नहीं है। वरीय अधिकारी के निर्देशानुसार बैंकों के द्वारा सुरक्षा को लेकर निर्णय लिया जाता है। - अनिल कुमार, एलडीएम, सीतामढ़ी।
राजस्थान के रेगिस्तान में बने दुश्मन के ठिकानों पर बुधवार को भारतीय सेना के जवानों ने हेलिकॉप्टर से उतरकर तबाही मचाई। ध्रुव, रुद्र, चेतक और चीता हेलिकॉप्टर ने जवानों को कवर दिया। इसके बाद जवानों ने अचूक निशाना लगाया और दुश्मन का खात्मा कर दिया। देश की पश्चिमी बॉर्डर पर तीनों सेनाओं का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास 'ऑपरेशन त्रिशूल' बुधवार को अखंड प्रहार के तहत ‘हेलिबोर्न ऑपरेशन’ के साथ पूरा हुआ। इस दौरान वायु सेना और थल सेना ने जैसलमेर में अभ्यास किया, वहीं गुजरात के कच्छ में नौसेना ने युद्धाभ्यास किया। 13 दिनों तक चले युद्धाभ्यास में करीब 30 हजार सैनिक शामिल हुए। युद्धाभ्यास में DRDO और निजी भारतीय कंपनियों की बनाई मशीनरी और ड्रोन्स का उपयोग किया गया, जिनसे आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखाई दी। इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ (जीओसी-इन-सी, सदर्न कमांड) ने कहा- भारतीय सेना फ्यूचर के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमने एक रूद्र ब्रिगेड तैयार की हैं। इसमें इंजीनियर, साइबर एक्सपर्ट, ड्रोन एक्सपर्ट सभी तरह से वैल मेकेनाइज्ड है। यह दुश्मन से अकेले ही निपटने में सक्षम होगी। पहले देखिए ‘हेलिबोर्न ऑपरेशन’ की तस्वीरें सैटेलाइट की रियल टाइम तस्वीरों के आधार पर अटैककमांड पोस्ट से हर यूनिट पर नजर रखी गई। ड्रोन और सैटेलाइट से रियल-टाइम तस्वीरें स्क्रीन पर रही। सेना के अधिकारियों ने कहा- सभी कुछ एकदम सटीक किया गया, एक गलती की भी गुंजाइश नहीं रखी गई। नेटवर्क, सेंसर और सटीक समन्वय से हमला किया गया। पहली बार नेक्स्ट लेवल की टेक्नोलॉजी का उपयोग टैंक में आगे बढ़ी सुदर्शन चक्र और कोणार्क कोर की यूनिट्सऑपरेशन के तहत धोरों में टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों में ‘सुदर्शन चक्र’ और ‘कोणार्क कोर’ की यूनिट्स तेजी से आगे बढ़ी। ऊपर से हेलिकॉप्टर्स ने उन्हें कवरेज दी। कौन-सा टैंक कहां जाएगा, हेलिकॉप्टर किस ऊंचाई पर रहेगा, और कब सैनिकों को उतरना है। सब कुछ घड़ी की सुई की तरह तय समय पर सटीकता के साथ किया गया। सेना के अधिकारियों के अनुसार- जमीन, हवा, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबर जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में एक साथ तालमेल बिठाते हुए दुश्मन को किसी भी दिशा से जवाब देने की तैयारी को परखा गया। सीमा पार से संभावित घुसपैठ, ड्रोन और मिसाइल हमले, साइबर रुकावटें, और त्वरित जवाबी कार्रवाई को टारगेट पर रखकर जवाबी कार्रवाई की गई। मेड इन इंडिया टेक्नोलॉजी का उपयोगइस अभ्यास में मेड इन इंडिया तकनीक का उपयोग किया गया। इनमें स्वदेशी ड्रोन, रडार, काउंटर-ड्रोन सिस्टम और कम्युनिकेशन उपकरणों का उपयोग किया। DRDO और निजी भारतीय कंपनियों द्वारा बनाए गए इन उपकरणों ने दिखाया कि भारत अब विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं है। सेना ने बताया- इन उपकरणों में कई ऐसे सिस्टम शामिल थे जो AI और मशीन लर्निंग पर आधारित हैं। ये न सिर्फ निगरानी और हमले में मददगार हैं, बल्कि दुश्मन के ड्रोन को निष्क्रिय करने की क्षमता भी रखते हैं। मल्टी-डोमेन कैटेगरी में शामिल हुई इंडियन फोर्ससेना के अनुसार- ‘अखंड प्रहार’ ने भारतीय सेना को अमेरिका, रूस और चीन जैसी वैश्विक सेनाओं की श्रेणी में ला खड़ा किया है, जो पहले से ही मल्टी-डोमेन ऑपरेशन पर काम कर रही हैं। इसमें भूमि, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबर पांचों क्षेत्रों में एक साथ लड़ाई की रणनीति अपनाई जाती है। ................................. ये खबर भी पढ़ें....पाकिस्तान बॉर्डर पर टैंक-फाइटर जेट एक साथ गरजे:युद्धाभ्यास मरू ज्वाला में आर्मी और एयरफोर्स ने दिखाई ताकत, आतंकवादियों के ठिकानों को किया ध्वस्त पाक बॉर्डर पर जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में 12 दिन चलने वाले ऑपरेशन त्रिशूल के 11वें दिन मरू ज्वाला का युद्धाभ्यास हुआ। आर्मी और एयरफोर्स के जवानों ने आतंकवादियों के ठिकानों और दुश्मन की अग्रिम चौकियों पर साथ मिलकर अटैक किए।(ये खबर पढ़ें)
बालाघाट के रेंगाटोला में 7 नवंबर की रात रेत को लेकर हुए विवाद के मामले में ग्रामीणों ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर निष्पक्ष जांच की मांग की। इस विवाद में कंपनी एजेंट नरेंद्र राजपूत अभी भी गोंदिया के एक निजी अस्पताल में घायल अवस्था में भर्ती हैं। क्षेत्रीय युवा नेता मनोज टेंभरे के साथ एसपी कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि रेत ठेकेदार के लगभग 40 से 50 लोग चार फोर-व्हीलर और आठ से दस मोटरसाइकिलों पर आए थे। ये लोग शराब के नशे में थे और उनके पास धारदार हथियार थे। ग्रामीणों का आरोप है कि इन लोगों ने मेला समिति की बैठक से लौट रहे ग्रामीणों के साथ गाली-गलौज करते हुए हमला किया, जिसमें कई ग्रामीण घायल हुए। मनोज टेंभरे ने बताया कि घटना के दौरान गांव के लोग डरे हुए थे और उन्होंने 112 पर कॉल कर शिकायत की थी। पुलिस की गाड़ी गांव पहुंची भी थी, लेकिन जिन ग्रामीणों के साथ मारपीट हुई, जब वे वारासिवनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो उनकी शिकायत नहीं ली गई। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की है और उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उल्लेखनीय है कि 7 नवंबर की रात करीब 11 बजे वारासिवनी थाना क्षेत्र के रेंगाटोला चौक पर हुए इस विवाद में घायल नरेंद्र राजपूत की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। वारासिवनी पुलिस ने 24 घंटे के भीतर इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने शुभम बिसेन, शुभम टेंभरे, कुलदीप शरणागत, शरद बिसेन सहित लगभग आठ अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
युद्ध नशे के विरुद्ध:रूडसेट संस्था ने नशा विरोधी जागरूकता रैली निकाली
भास्कर न्यूज | जालंधर ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ के तहत रूडसेट संस्था की तरफ से जागरूकता रैली और सेमिनार का आयोजन किया। संस्था के छात्रों और स्टाफ सदस्यों द्वारा शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए रैली निकाली गई और समाज को नशा मुक्त बनाने का संदेश दिया गया। संस्था के निदेशक संजीव कुमार चौहान ने कहा कि नशों के खिलाफ लड़ाई में युवाओं की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्रों से समाज में रचनात्मक योगदान देने की शपथ भी दिलाई। जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ. सुरजीत लाल ने नशा विरोधी इस मुहिम को सफल बनाने के लिए पुलिस और जनता के आपसी सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान छात्रों ने लोगों को नशों के खिलाफ जागरूक करते नारों वाली तख्तियां थी। इस मौके पर वरिष्ठ फैकल्टी प्रगट सिंह ने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और अधिकारियों का धन्यवाद करते हुए इस महीने रूडसेट इंस्टीट्यूट जालंधर द्वारा शुरू किए जा रहे मुफ्त कोर्सों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इच्छुक उम्मीदवार जल्द से जल्द कार्यालय में आकर या ऑनलाइन www.rudsetitraining. org पर आवेदन कर सकते हैं। इस मौके पर लेखाकार रेड क्रॉस सोसाइटी नेक राम, एडवोकेट राकेश कुमार, मीनल, दीपिका, दविंदर कौर, पंकज दास, विशाल और छात्र उपस्थित थे।
पाक बॉर्डर पर जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में 12 दिन चलने वाले ऑपरेशन त्रिशूल के 11वें दिन मरू ज्वाला का युद्धाभ्यास हुआ। आर्मी और एयरफोर्स के जवानों ने आतंकवादियों के ठिकानों और दुश्मन की अग्रिम चौकियों पर साथ मिलकर अटैक किए। पहले ड्रोन से दुश्मन के ठिकानों का पता लगाया गया। इसके बाद ड्रोन के जरिए अनाउंसमेंट कर गांवों को खाली कराया गया। भारतीय सैनिक के घायल होते ही रोबोटिक डॉग फर्स्ट एड बॉक्स लेकर पहुंचे। थल सेना से मैकेनाइज्ड और आर्मर्ड कोर (टैंक रेजिमेंट) ने इसमें हिस्सा लिया। वहीं लड़ाकू हेलीकॉप्टरों और हवाई पेट्रोलिंग प्लेटफॉर्म बनाया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य यह साबित करना है कि भारतीय सेना रेगिस्तान में किसी भी परिस्थिति में तेजी से दुश्मन के खिलाफ एक्शन लेने में सक्षम है। इसका नेतृत्व दक्षिणी कमान (Southern Command) ने किया। दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ (PVSM, AVSM) ने खुद युद्ध क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने कोणार्क कोर और बैटल एक्स डिवीजन द्वारा किए गए संयुक्त युद्धाभ्यास की सराहना की। ले. जनरल सेठ ने कहा- यह अभ्यास भारतीय सेना के JAI मंत्र Jointness (संयुक्तता), Atmanirbharta (आत्मनिर्भरता) और Innovation (नवाचार) का सजीव उदाहरण है। सेना केवल सीमाओं की रक्षा नहीं करती, बल्कि वह तकनीक और नवाचार में आत्मनिर्भर भारत का नेतृत्व कर रही है। तस्वीरों में देखें युद्धाभ्यास ड्रोन ने पहुंचाए युद्ध में हथियार युद्धाभ्यास मरू ज्वाला में पाक बॉर्डर के पास भारतीय सेना ने दुश्मन पर आसमान और जमीन दोनों तरफ से हमला किया। सेना के हेलीकाप्टर ने टी-90 टैंक को कवर फायर देते हुए आगे बढ़ने में मदद की, वहीं थल सेना के जांबाज सिपाहियों को मॉडर्न ड्रोन ने हथियारों की आपूर्ति की। इस दौरान युद्ध के मैदान में घायल हुए सैनिकों को रोबोटिक म्यूल डॉग रेगिस्तान में तेज गति से चलते हुए फर्स्ट एड मुहैया करवाई। रेत के समंदर में टैंक, तोपें, हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट्स एक साथ समन्वित प्रहार करते नजर आए। यह सिर्फ शक्ति का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि आधुनिक युद्ध में ‘संयुक्तता’ की वास्तविक परीक्षा थी। सेना ने पुराने Tactics, Techniques and Procedures (TTPs) को आधुनिक परिस्थितियों में परखा और सुधार किया। AI और ड्रोन की ताकत “मरु ज्वाला” को एक ‘रीयल-टाइम टेस्टबेड’ के रूप में उपयोग किया गया, जहां सेना ने हाल ही में अपनाए गए स्वदेशी हथियारों, संचार प्रणालियों और वाहनों को कठोर रेतीली परिस्थितियों में परखा। दुश्मन की निगरानी और टारगेट पर सटीक प्रहार के लिए विभिन्न प्रकार के ड्रोन तैनात किए गए। साथ ही, भारतीय रक्षा उद्योग में विकसित काउंटर-ड्रोन सिस्टम ने दुश्मन के ड्रोन हमलों को निष्क्रिय करने की क्षमता प्रदर्शित की। AI-सक्षम क्वाड कॉप्टर और रोबोटिक म्यूल निगरानी के लिए AI-सक्षम क्वाड कॉप्टर का उपयोग किया गया, जो वास्तविक समय में डेटा ट्रांसफर कर सकते हैं। वहीं, रोबोटिक म्यूल ने दुर्गम इलाकों में सैनिकों के लिए भारी सामान ढोने की क्षमता दिखाई। भारत निर्मित उपकरणों और हथियारों को मैदान में आजमाया गया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वे वास्तविक युद्ध की परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से काम कर सकें। ‘मरु ज्वाला’ में तैनात रहे ये हथियार सेना के युद्धाभ्यास से जुड़ीं ये खबरें भी पढ़िए... 1. इंडो-पाक बॉर्डर पर भारतीय सेना का अखंड प्रहार:ऑपरेशन सिंदूर के बाद सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होगा; दुश्मन के इलाके में घुसकर ठिकाने उड़ाएगी ऑपरेशन सिंदूर के बाद इंडियन आर्मी का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होने जा रहा है। इसमें तीनों सेनाएं एक साथ दुश्मन के ठिकानों पर हमला करेगी। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की यूनिट आतंकी ठिकानों त्वरित कार्रवाई को अंजाम देने का प्रदर्शन करेगी। पढ़िए पूरी खबर 2. राजस्थान में बॉर्डर पर ड्रोन ने खोजे दुश्मनों के ठिकाने:रेत के धोरों पर दहाड़ रहे टैंक, आसमान से राफेल ने टारगेट हिट किया धूल का गुबार। हवा को चीरते हुए टी-90 भीष्म टैंकों की दहाड़... और उस शोर के बीच आसमान में राफेल की गड़गड़ाहट... यह कोई हॉलीवुड की फिल्म का सीन नहीं, बल्कि भारत की पश्चिमी इलाके की इंटरनेशनल बॉर्डर के पास चल रहा भारतीय सेना का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन है। इसका नाम 'ऑपरेशन त्रिशूल' है। पढ़िए पूरी खबर 3. राजस्थान में 28000 फीट की ऊंचाई से मिसाइलें दागीं:रेत के धोरों में गरज रहे टैंक, आर्मी-नेवी और एयरफोर्स ने दुश्मनों के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया रेत के धोरों में टैंक गरज रहे हैं। 28 हजार फीट तक की ऊंचाई से लड़ाकू विमानों ने मिसाइलें दागीं। सेना के जांबाज चुन-चुनकर दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद तीनों सेनाओं की ये सबसे बड़ी एक्सरसाइज है। पढ़िए पूरी खबर 4. पाकिस्तान बॉर्डर पर आज से गरजेगा 'त्रिशूल':भारत की तीनों सेनाओं का सबसे बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू, पाकिस्तान में नोटम पाकिस्तान से सटी भारत की पश्चिमी सीमा पर युद्ध जैसे हालात का अभ्यास करने के लिए भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने गुरुवार 30 अक्टूबर से 11 नवंबर तक 13 दिवसीय मेगा युद्धाभ्यास 'त्रिशूल' शुरू कर दिया है। पढ़ें पूरी खबर
युद्ध और शांति के खेल में नोबेल
वैश्विक राजनीति में किस तरह नोबेल पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान की आड़ में नए खेल रचे जा रहे हैं
असहिष्णुता है, 'टैरिफ युद्ध' की वजह
भारत पर अधिकतम 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अलावा अमेरिका ने दुनिया के लगभग 67 देशों पर 'व्यापार टैरिफ' लगाया है
War 2 रिव्यू: लचर स्क्रिप्ट और निर्देशन के कारण रितिक और एनटीआर हारे युद्ध, पढ़ें पूरी समीक्षा
रितिक रोशन और एनटीआर स्टारर War 2 ‘स्पाई यूनिवर्स’ की बड़ी पेशकश मानी जा रही थी, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट और औसत निर्देशन ने इसे निराशाजनक बना दिया। शानदार एक्शन सीक्वेंस और एनटीआर के दमदार परफॉर्मेंस के बावजूद फिल्म का सेकंड हाफ बिखर गया। कहानी में ...
ललित सुरजन की कलम से - युद्ध की तारीफ में
'नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं, यह उनका एक व्यक्तित्व है
बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला अपनी खूबसूरती से हर किसी का दिल जीत लेती हैं। उर्वशी ने बेहद ही कम समय में एक अलग मुकाम हासिल किया है। वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों के साथ 'मिलने और अभिवादन' के क्षणों में संलग्न रहती है। ऐसा ही एक क्षण था जब ...
सलमान खान की सिकंदर के आखिरी गाने में दिखेगा जबरदस्त जलवा, तुर्की से बुलाए गए 500 डांसर्स!
बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की 'सिकंदर' इस साल की सबसे बड़ी फिल्म मानी जा रही है, जिसका दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इसके एक्शन-पैक्ड टीजर ने इसकी भव्य एंट्री के लिए एकदम परफेक्ट माहौल तैयार कर दिया है। भव्य पैमाने पर बनाई गई इस फिल्म में ...
केसरी वीर के लिए सूरज पंचोली ने की कड़ी ट्रेनिंग, ऐसे सीखा युद्ध कौशल
बॉलीवुड एक्टर सूरज पंचोली अपनी पहली बायोपिक में वीर हामीरजी गोहिल के ऐतिहासिक किरदार को जीवंत करने जा रहे हैं। सुनील शेट्टी, विवेक ओबेरॉय और सूरज पंचोली अभिनीत फिल्म 'केसरी वीर : लीजेंड्स ऑफ सोमनाथ' का टीजर हाल ही में रिलीज हुआ है। सोमनाथ मंदिर की ...
Adil Hussain: दुनियाभर में इन दिनों पेरिस ओलंपिक 2024 की धूम मची हुई है। पेरिस ओलंपिक में दुनियाभर के खिलाड़ियों ने भाग लिया है। भारत के कई खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं। हाल ही में तुर्की के शूटर यूसुफ डिकेक ने सिल्वर मेडल जीता।
बॉर्डर की 27वीं सालगिरह पर, अभिनेता सनी देओल ने एक घोषणा वीडियो के ज़रिए फ़्रैंचाइज़ी के दूसरे संस्करण की पुष्टि की है। अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर सनी ने बॉर्डर 2 में अपनी वापसी की आधिकारिक घोषणा करते हुए एक वीडियो शेयर किया और इसे 'भारत की सबसे बड़ी युद्ध फिल्म' बताया। उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ''एक फौजी अपने 27 साल पुराने वादे को पूरा करने के बाद, आ रहा है फिर से। भारत की सबसे बड़ी युद्ध फिल्म, बॉर्डर 2।'' इस फिल्म का निर्माण भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, जेपी दत्ता और निधि दत्ता करेंगे। आगामी युद्ध फिल्म का निर्देशन अनुराग सिंह करेंगे। इसे भी पढ़ें: Bollywood Wrap Up | पति से तकरार के बीच केन्या लौट गई हैं Dalljiet Kaur? शादी को बचाने की कर रही कोशिश सनी द्वारा घोषणा वीडियो शेयर किए जाने के तुरंत बाद, सोशल मीडिया यूज़र्स ने अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए कमेंट सेक्शन में बाढ़ ला दी। एक यूज़र ने लिखा, ''वाह, यह बहुत बढ़िया घोषणा है सर जी, जय हिंद।'' दूसरे ने लिखा, ''बहुत उत्साहित हूँ।'' तीसरे यूजर ने टिप्पणी की, ''बॉर्डर 2 के लिए बहुत उत्साहित हूं।'' इसे भी पढ़ें: NDA पर इमोशनल बयान, काले सूट में ली मंत्री पद की शपथ और शर्मिला अंदाज, Tripti Dimri की तरह रातों रात भारत के Sensation बन गये Chirag Paswan सनी देओल की अन्य परियोजनाएं उन्हें आखिरी बार अमीषा पटेल के साथ गदर 2 में देखा गया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत सफल रही और इसे ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर घोषित किया गया। गदर 2 की सफलता के बाद, सनी ने लाहौर 1947 सहित कई फिल्में साइन कीं, जिसे आमिर खान के प्रोडक्शन बैनर के तहत बनाया जा रहा है। फिल्म का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया है, जिन्होंने आमिर को कल्ट क्लासिक अंदाज़ अपना अपना (1994) में निर्देशित किया था। View this post on Instagram A post shared by Sunny Deol (@iamsunnydeol)
Kalki 2898 AD: शुरू हो गया नया युद्ध, पूरे ट्रेलर की अहम कड़ी हैं अमिताभ, प्रभास करेंगे इम्प्रेस
Kalki 2898 AD के ट्रेलर को देखें तो, फिल्म कल्कि 2898 एडी के मेकर्स ने विश्वास दिलाया है कि ये फिल्म लोगों को बांधने में कामयाब होगी. टफ सीक्वेंस, क्लियर एडिटिंग और बैकग्राउंड स्कोर आपका ध्यान खींचते हैं. वीएफएक्स पर भी अच्छा काम किया गया है.
आशुतोष राणा ने डीपफेक वीडियो को बताया 'माया युद्ध', बोले- ये सालों से चल रहा
आशुतोष ने कहा कि ऐसी बातों में खुद को डिफेंड करने का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा कि जो लोग आपको जानते हैं वो सवाल करेंगे ही नहीं. और जो नहीं जानते, उन्हें किसी रिस्पॉन्स से फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि वो दिमाग में आपकी एक छवि बना चुके होते हैं.
रानीति बालाकोट एंड बियॉन्ड: जिमी शेरगिल की नई सीरीज भारत की आधुनिक युद्ध की ऐतिहासिक कहानी को प्रदर्शित करेगी। जिमी शेरगिल दो मिनट के ट्रेलर की शुरुआत पुलवामा हमले की झलक से होती है। एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाने वाले आशीष कहते हैं, ये एक नया रण है या इसे जीतने के लिए एक नई रणनीति की जरूरत है। इसे भी पढ़ें: नक्सलियों के खिलाफ 'ऑपरेशन प्रहार', कमांडर शंकर राव समेत अब तक 79 हुए ढेर, हिट लिस्ट में और भी कई नाम शामिल आगामी वेब शो आधुनिक युद्ध को डिकोड करता है जो केवल भौतिक सीमाओं पर नहीं लड़ा जाता है बल्कि सोशल मीडिया, डिजिटल रणनीति और गुप्त राजनीतिक चालों के क्षेत्र से परे है जो भू-राजनीति को नया आकार देने की शक्ति रखता है। वेब श्रृंखला उन वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है जिन्होंने 2019 में देश को हिलाकर रख दिया था। शो में कुछ हवाई दृश्य, शानदार प्रदर्शन और एक शक्तिशाली कथा है जो युद्ध के मैदान के अंदर और बाहर हर पहलू को चतुराई से पकड़ती है। इसे भी पढ़ें: Biden को सोचना पड़ेगा फिर एक बार, Iran पर प्रहार तो रूस करेगा पलटवार, रक्षा मंत्रायल ने चिट्ठी लिखकर जता दी मंशा आगामी वेब श्रृंखला के बारे में बात करते हुए, जिमी ने कहा: यह मेरे द्वारा अतीत में की गई किसी भी भूमिका से भिन्न है। कम से कम यह कहना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन भारत की पहली वॉर-रूम केंद्रित वेब-श्रृंखला का हिस्सा बनना बेहद संतोषजनक भी है। वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित जिसने देश को हिलाकर रख दिया। एनएसए प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए, आशीष ने कहा, एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन रक्षा बलों के कुछ सदस्यों के साथ बैठकों ने मुझे अपने चरित्र की बारीकियों को समझने में मदद की। तैयारी कार्य और कार्यशालाएं मुझे वापस ले गईं मेरे एनएसडी के दिनों में। संतोष सिंह द्वारा निर्देशित, श्रृंखला का निर्माण स्फीयरओरिजिन्स मल्टीविजन प्राइवेट लिमिटेड के सुंजॉय वाधवा और कॉमल सुंजय डब्ल्यू द्वारा किया गया है। इसमें प्रसन्ना भी हैं। शो का प्रीमियर 25 अप्रैल को JioCinema पर होगा।
दर्शक काफी समय से रैपर बादशाह और हनी सिंह के बीच जुबानी जंग देख रहे हैं। दोनों का रिश्ता सालों से विवादों से भरा रहा है। हालांकि करियर के शुरुआती दिनों में बादशाह और हनी सिंह के बीच अच्छी दोस्ती हुआ करती थी। हालाँकि, ऐसा लगता है कि सफलता और पैसे ने धीरे-धीरे इस दोस्ती को पूरी तरह से खत्म कर दिया। अब दोनों अक्सर एक दूसरे पर तंज कसते नजर आते हैं। हाल ही में हनी सिंह एक होली पार्टी में शामिल हुए, जहां उन्होंने बादशाह के 'पापा कमबैक' वाले कमेंट का करारा जवाब दिया। रैपर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसे भी पढ़ें: Punjab Kings के खिलाफ जीत के बाद इंटरनेट पर Virat Kohli का Anushka Sharma के साथ वीडियो कॉल, FLY KISS देते नजर आये खिलाड़ी हनी सिंह ने बादशाह पर किया पलटवार बादशाह कुछ दिनों पहले हनी सिंह पर अपनी टिप्पणी को लेकर चर्चा में थे, जिसमें उन्होंने हनी सिंह की वापसी पर कटाक्ष किया था। अब सिंगर और रैपर हनी सिंह ने एक कमेंट के जरिए बादशाह को करारा जवाब दिया है और कहा है कि उन्हें बादशाह को जवाब देने के लिए मुंह खोलने की जरूरत नहीं है। उनके फैन ही काफी हैं जो हर चीज पर बात कर सकते हैं। उन्होंने अपने गाली वाले अंदाज में अपने फैंस से बात करते हुए बादशाह का जवाब दिया। हनी सिंह को सोमवार को मुंबई में एक होली पार्टी में परफॉर्म करते देखा गया और यहीं उन्होंने बादशाह पर कटाक्ष किया। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा, हर कोई कहता है, रिप्लाई करो, रिप्लाई करो... मैं क्या रिप्लाई करूं... आप लोग तो उनके सारे कमेंट्स का बहुत अच्छे से रिप्लाई कर चुके हैं। मुझे मुंह खोलने की जरूरत है। ऐसा नहीं होता है। जैसे ही भीड़ ने उनके लिए तालियां बजाईं, गायक ने कहा, मुझे बोलने की जरूरत नहीं है। आप लोग खुद पागल हैं। हनी सिंह पागल हैं और उनके प्रशंसक भी पागल हैं। इसे भी पढ़ें: Taapsee Pannu के पति Mathias Boe आखिर कौन है? जब सफल भी नहीं थी एक्ट्रेस तब से उन्हें प्यार करते थे बैडमिंटन खिलाड़ी रैपर बादशाह ने क्या कहा? आपको बता दें कि हाल ही में बादशाह ने हनी सिंह पर कमेंट करते हुए कहा था, ''मुझे एक पेन और कागज दो। मैं तुम्हारे लिए एक गिफ्ट लाया हूं। मैं कुछ गाने लिखूंगा और तुम्हें दूंगा। पापा की वापसी तुम्हारे साथ होगी।'' Kalesh Controversy B/w Honey Singh and Badshah (Honey Singh Replied to Badshah) pic.twitter.com/o74t423bgS — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 25, 2024 Kalesh Between Badshah & Honey Singh Fans on Stage during Live Concert pic.twitter.com/M4VqSqLSc3 — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 19, 2024
आखिर क्यों Indira Gandhi ने Aandhi मूवी पर लगा दिया था प्रतिबन्ध, आज भी देखने से कतराते हैं लोग
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'सावरकर' रिव्यू: खोखली, एकतरफा फिल्म में एकमात्र अच्छी चीज है रणदीप हुड्डा का काम
आज के दौर में 'गुमनाम' हो चुके एक स्वतंत्रता नायक की कहानी कहने निकली ये फिल्म, एक अनजान कहानी बताने से ज्यादा अपने हीरो विनायक दामोदर सावरकर को बाकियों के मुकाबले अधिक 'वीर' बताने पर फोकस करने लगती है.

