आतंकवाद पाकिस्तान की युद्ध नीति का हिस्सा, उसका उसी तरह दिया जाएगा जवाब : मोदी
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद के जरिए कोई परोक्ष युद्ध (प्राॅक्सी वार) नहीं कर रहा है, बल्कि यह उसकी युद्ध की सोची-समझी रणनीति है और इसका जवाब युद्ध की ही तरह दिया जाएगा। मोदी ने भारत के खिलाफ सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद की तुलना चुभते कांटे से […] The post आतंकवाद पाकिस्तान की युद्ध नीति का हिस्सा, उसका उसी तरह दिया जाएगा जवाब : मोदी appeared first on Sabguru News .
उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित का मंगलवार को उन्नाव में स्वागत किया गया। पद्मभूषण सम्मान मिलने के बाद यह उनका पहला गृह जनपद आगमन था। स्वागत में शहर के प्रमुख नागरिक, राजनीतिक कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे। शहर के एक प्रमुख होटल में आयोजित सम्मान समारोह में जिले के वरिष्ठ अधिकारी, समाजसेवी और राजनेता शामिल हुए। वक्ताओं ने दीक्षित के राजनीतिक और सामाजिक योगदान को याद किया। उन्होंने पद्मभूषण पुरस्कार को पूरे जिले का गौरव बताया। समारोह में दीक्षित ने ऑपरेशन सिंदूर पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि यह युद्ध विराम में है, समाप्त नहीं हुआ है। यह राष्ट्र की सुरक्षा और भविष्य का विषय है। इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को राष्ट्रहित में एकजुट होना चाहिए। दीक्षित ने कहा कि विपक्ष को सवाल उठाने का अधिकार है। लेकिन राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए। उन्होंने विपक्ष से एकजुटता की अपील की। उनका कहना था कि सत्ता पक्ष हमेशा विपक्ष को साथ लेकर चलता है। कार्यक्रम के अंत में दीक्षित को शॉल और स्मृति चिह्न भेंट किए गए। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार लोकतंत्र की उस सोच के लिए है, जो संवाद और सहमति पर आधारित है। कार्यक्रम से यह संदेश गया कि राष्ट्रहित में सभी को एकजुट होना चाहिए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’पर बोले उपराष्ट्रपति, शांति तब सुनिश्चित होती है जब आप युद्ध के लिए सदा तैयार हों
नई दिल्ली, 27 मई . उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को राज्यसभा इंटर्नशिप कार्यक्रम चरण 7 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हमें स्वदेशी शक्ति की आवश्यकता है. युद्ध से सबसे अच्छा बचाव तब होता है जब हम शक्ति की ... Read more
डोनाल्ड ट्रंप को लुटेरा कहते कतर के अमीर का वीडियो डीपफेक है
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो को कतर के अमीर शेख तमीम अल थानी के 2017 के एक इंटरव्यू की फुटेज के साथ छेड़छाड़ कर एआई द्वारा बनाया गया है.
कतर, 27 मई . कतर में भारतीय प्रवासियों ने भारत सरकार की तरफ से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कदम की तारीफ की. भारतीय मूल के लोगों ने से बातचीत में कहा कि ऐसी संवेदनशील स्थिति में भी भारत ने बहुत संयम से काम लिया. भारत सरकार ने एक तीर ... Read more
गाजा युद्ध पर विरोध के बीच चेन्नई में इजरायली फिल्म फेस्टिवल स्थगित
चेन्नई, 27 मई . लेखकों के समूहों, कलाकारों और राजनीतिक नेताओं के बढ़ते विरोध को देखते हुए इंडो सिने एप्रिसिएशन फाउंडेशन (आईसीएएफ) ने इस हफ्ते चेन्नई में होने वाले इजरायली फिल्म फेस्टिवल 2025 को फिलहाल टाल दिया है. गाजा में चल रहे युद्ध के कारण बड़े पैमाने पर आम नागरिक मारे जा रहे हैं, ऐसे ... Read more
करनाल में एकतरफा के घर के अंदर आत्मदाह का प्रयास करने के मामले में युवक की रात को इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। सोमवार दोपहर करीब 3 बजे वह जुंडला गेट क्षेत्र में युवती के घर पहुंचा और सबके सामने खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली। करीब 60 फीसदी जल चुके युवक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। रात को पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। परिजन बोले- लड़की पक्ष के लोगों ने जलाकर की हत्या मृतक संदीप के परिजनों ने लड़की के परिजनों पर संदीप पर तेल छिड़ककर आग लगाने का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि लड़की ने लड़के को अपने घर बुलाया, जिसके बाद लड़की के पिता और वहां मौजूद अन्य लोगों ने वारदात को अंजाम दिया। आज पुलिस परिजनों के बयान दर्ज करेगी और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी। अबतक पुलिस जांच में ये आया सामने सिटी थाना के जांच अधिकारी नरेंद्र कुमार ने बताया कि संदीप युवती से शादी करना चाहता था, लेकिन लड़की के परिजन इसके लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने युवक के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत भी दर्ज करवाई थी। माना जा रहा है इसी बात से आहत होकर युवक ने यह कदम उठाया। लड़की से करता था बार-बार संपर्क पुलिस के अनुसार, संदीप एक युवती के साथ पढ़ाई करता था। पढ़ाई पूरी होने के बाद भी वह लगातार लड़की से संपर्क में रहता था। संदीप करनाल में एक ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी में बतौर डिलीवरी बॉय काम करता था। वह लड़की को बार-बार कॉल करता था, जिससे परेशान होकर युवती ने यह बात अपने परिजनों को बताई। करीब 15 दिन पहले युवती के परिवार ने महिला थाना करनाल में संदीप के खिलाफ शिकायत दी थी। महिला थाना में हुआ था समझौता, फिर भी शांत नहीं हुआ युवक शिकायत के बाद दोनों पक्षों को महिला थाने में बुलाया गया था, जहां संदीप और उसके परिजनों ने अपनी गलती मानी थी और समझौता कर लिया गया था। लेकिन युवक इस शिकायत से नाराज था। सोमवार को वह सीधे पेट्रोल की बोतल लेकर लड़की के घर पहुंच गया। मृतक के परिजनों ने लगाए लड़की वालो पर आरोप संदीप की मौत के बाद उसके परिजनों ने लड़की वालों पर ही संगीन आरोप लगा दिए हैं। पिता महेंद्र का आरोप है कि मैं कल्पना चावला में गया था, तो वहां पर मेरे लड़के ने मुझे बताया कि लड़की ने कॉल करके मुझे बुलाया था, मुझे लगा था कि लड़की घर पर अकेली होगी और वह मिलकर आ जाएगा, लेकिन वहां पर लड़की का बाप और अन्य लोग थे, जिन्होंने मेरे ऊपर तेल छिड़ककर आग लगा दी। जैसे ही आग लगी और मैं बाहर गली में आ गया। लोग कह रहे हैं कि एक तरफा प्यार था, लेकिन दोनों स्कूल टाइम से ही एक दूसरे से प्यार करते थे। उनके घर वाले शादी के लिए तैयार नहीं था। पहले जब शिकायत दी थी कि परिवार वालों ने धमकी दी थी कि अगर यह दोबारा हमारे घर के आसपास दिखा तो हम अपने आप देख लेंगे। मां के साथ रहता था संदीप, पिता अलग रहते हैंमृतक संदीप अपने परिवार में मां, पिता और बड़े भाई के साथ था। लेकिन उसके पिता बड़े बेटे के साथ अलग रहते थे और संदीप अपनी मां के साथ रह रहा था। सूत्रों के मुताबिक, संदीप लड़की से एक तरफा प्रेम करता था और उसे लगातार परेशान कर रहा था। इसीलिए युवती के परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई थी। हालांकि, बाद में मामला थाने में निपट गया था। घटना के बाद लड़की के परिजनों ने दी जानकारीपुलिस ने जब घटना के बाद लड़की के परिजनों से बात की तो उन्होंने बताया कि संदीप अचानक घर आया और आते ही पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगा ली। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि घटना से पहले लड़की और संदीप के बीच कोई बातचीत हुई थी या नहीं।
युद्ध नशे के विरुद्ध मुहिम के तहत हिंदू सुरक्षा सेना निकालेगी नशे खिलाफ रैली
अमृतसर| हिंदू सुरक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलिल बिल्ला की अध्यक्षता में रविवार को बैठक हुई। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पंजाब सरकार की ओर से युद्ध नशे के विरुद्ध के तहत चलाई जा रही मुहिम की सराहना की। सलिल बिल्ला ने कहा आने वाले दिनों में हिंदू सुरक्षा सेना भी नशे के खिलाफ एक बड़ी रैली निकलेगी। सेना के पंडित संदीप त्रिवेदी ने कहा कि पंजाब सरकार की इस मुहिम के साथ हिंदू सुरक्षा सेना डटकर खड़ी है। सरकार कि यह मूवी पंजाब में नसों के खिलाफ जो महिमा चलाई गई है वह सराहनीय है और इसकी हर कोई सराहना कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस मुहिम के तहत हिंदू सुरक्षा सेना भी एक बड़ी रैली निकालेगी, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस अवसर पर जिम्मी महाजन, कृष्ण कुमार लाडी, मनीष मेहरा, अजय कुमार, सचिन कुमार, नरेश कुमार मोनू, मनमीत सिंह, हरमन, अजय मौजूद रहे।
Why Alcohol was banned in Saudi:कुरान के सूरह-ए-बकरा की आयत संख्या 219 में शराब को हराम बताया गया है. मक्का और मदीना जैसे पवित्र शहरों वाला सऊदी अरब इस्लामिक रीति-रिवाजों और सख्त शरीयत कानूनों के लिए जाना जाता है.
अपने अलग अंदाज से पढ़ाने के लिए मशहूर शिक्षक खान सर ने अपनी निजी जिंदगी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक लाइव क्लास के दौरान इस बात का खुलासा किया कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान वो शादी कर चुके हैं। वीडियो में वे 2 जून को पटना में रिसेप्शन की बात कह रहे हैं। इसके साथ ही छात्रों के लिए 6 जून को भोज देने की बात है। वीडियो में खान सर कह रहे हैं 'मैंने शादी भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के दौरान की थी। जब पूरा देश युद्ध की खबरों पर नजरें गड़ाए बैठा था, तब मैं शादी कर रहा था।' हालांकि वीडियो में वे मजाकिए लहजे में अपनी बात कह रहे हैं। इस दौरान वे स्टूडेंट्स से कहते हैं 'आप मेरे सबसे करीब हैं, मेरा वजूद आप से है, इसलिए सबसे पहले आपको ये बता रहा हूं।' यह सुनते ही उनके छात्र पहले तो चौंक गए, लेकिन इसके बाद पूरे सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। कौन हैं खान सर की पत्नी शादी की खबर सामने आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि खान सर की पत्नी कौन हैं। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने A S Khan नाम की एक युवती से निकाह किया है। हालांकि इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और न ही खान सर ने अपनी पत्नी का नाम सार्वजनिक रूप से बताया है। खान सर की रिसेप्शन कार्ड भी बेहद साधारण और निजी रखा गया है, जिसमें न तो उन्होंने अपना असली नाम बताया और न ही अपनी पत्नी का पूरा नाम। इससे यह साफ होता है कि खान सर अपनी निजी जिंदगी को लेकर अब भी सतर्क हैं। पटना में GS रिसर्च सेंटर चलाते हैं खान सर खान सर का यूट्यूब चैनल और खान GS रिसर्च सेंटर देशभर में छात्रों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं। वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सरल भाषा में विषयों को समझाने के लिए जाने जाते हैं। उनके अनोखे पढ़ाने के तरीके, हास्य से भरपूर अंदाज और गहरी सामाजिक समझ ने उन्हें देश के सबसे प्रिय शिक्षकों की सूची में ला खड़ा किया है। -------------------------- खान सर से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... खान सर को जदयू जॉइन करने का ऑफर:CM नीतीश के बाद मनीष वर्मा से मुलाकात; विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में आने की चर्चा जीएस रिसर्च सेंटर के संस्थापक फैजल खान 'खान सर' को लेकर ये चर्चा तेज हो गई है कि वो जदयू में शामिल हो सकते हैं। ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में होने वाले विधानसभा से पहले वो नीतीश की पार्टी का दामन थाम सकते हैं। पहले सीएम नीतीश और उसके बाद जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा से खान सर की मुलाकात ने इस चर्चा को और बल दे दिया है। पूरी खबर पढ़िए
कतर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का किया समर्थन
दोहा, 26 मई . कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल अजीज बिन सालेह अल खुलैफी ने सोमवार को एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में यहां पहुंचे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. इस दौरान पश्चिम एशियाई देश ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की. सर्वदलीय ... Read more
All party delegation reached Qatar: भारत द्वारा भेजे गए एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल (All party parliamentary) ने सोमवार को कतर के एक कनिष्ठ मंत्री को पहलगाम आतंकवादी हमले, ऑपरेशन सिंदूर पर नई दिल्ली के रुख तथा आतंकवाद को 'कतई बर्दाश्त नहीं' ...
तुर्की सरकार के भारतीय पर्यटकों से यात्रा रद्द न करने के आग्रह से फर्जी नोटिस वायरल
बूम ने जांच में पाया कि वायरल नोटिस फर्जी है और इसे तुर्की सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है.
कौन थे बुंदेलखंड के महान योद्धा वीर आल्हा- ऊदल: 52 युद्ध लड़ने वाले शूरवीरों की कहानी
alha udal history: भारत का इतिहास वीरता, साहस और बलिदान की उन गाथाओं से भरा है, जिन्हें सुनकर हर हिंदुस्तानी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी और रानी लक्ष्मीबाई जैसे नाम तो सभी की जुबान पर हैं, लेकिन बुंदेलखंड की धरती पर जन्मे दो ऐसे शूरवीर भाइयों की कहानी भी कम गौरवशाली नहीं, जिन्हें इतिहास में उतना स्थान नहीं मिला, जितना उनकी वीरता को मिलना चाहिए था। ये हैं आल्हा और ऊदल, जिनकी वीरगाथा आज भी बुंदेलखंड के गांव-गांव में गूंजती है। उनकी कहानी सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं और मन में देशभक्ति का जज्बा जाग उठता है। आइए, इन महान योद्धाओं की कहानी को जानते हैं। जन्म और प्रारंभिक जीवन: 12वीं सदी में बुंदेलखंड के महोबा के दशरथपुरवा गांव में दो भाइयों, आल्हा और ऊदल, का जन्म हुआ। इनके पिता दसराज (या देशराज) और माता देवला थीं। दोनों भाई चंद्रवंशी क्षत्रिय बनाफर राजपूत वंश से थे और बचपन से ही शास्त्रों के ज्ञान और युद्ध कौशल में निपुण थे। कहा जाता है कि आल्हा को युधिष्ठिर और ऊदल को भीम या अर्जुन का अवतार माना जाता था, क्योंकि उनकी वीरता और नैतिकता महाभारत के इन पात्रों से मिलती थी। आल्हा धीर-गंभीर, न्यायप्रिय और शांत स्वभाव के थे, जबकि ऊदल उग्र, दृढ़ निश्चयी और अत्यंत सुंदर थे। ऊदल की तलवारबाजी इतनी कुशल थी कि वह युद्ध में दुश्मनों के लिए काल बन जाता था। दोनों भाइयों का पालन-पोषण चंदेल राजा परमाल (परमर्दिदेव) के संरक्षण में हुआ, क्योंकि उनके पिता दसराज की मांडवगढ़ के राजा करिंगा ने छल से हत्या कर दी थी। इस घटना ने आल्हा और ऊदल के जीवन को बदला और उन्होंने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने का प्रण लिया। आल्हा-ऊदल की वीरता और 52 युद्ध : आल्हा और ऊदल की वीरता की कहानी कवि जगनिक द्वारा रचित आल्हखंड में वर्णित है, जिसमें उनके 52 युद्धों का रोमांचकारी वर्णन है। आल्हा चंदेल सेना के सेनापति बने और ऊदल उनकी वीरता में उनसे एक कदम आगे थे। दोनों भाइयों ने चंदेल राज्य का विस्तार किया और अनेक युद्धों में विजय प्राप्त की। उनकी सबसे प्रसिद्ध लड़ाई दिल्ली के शासक पृथ्वीराज चौहान के साथ हुई, जो 11वीं सदी में बुंदेलखंड को जीतने के इरादे से महोबा पर आक्रमण करने आए। उस समय महोबा चंदेलों की राजधानी थी। बैरागढ़ में हुए इस भयंकर युद्ध में ऊदल ने अद्भुत पराक्रम दिखाया, लेकिन पृथ्वीराज के सेनापति चामुंडा राय ने पीछे से वार कर ऊदल को वीरगति प्रदान की। ऊदल की मृत्यु की खबर सुनकर आल्हा क्रोध में आग बबूला हो गए। वह पृथ्वीराज की सेना पर बिजली की तरह टूट पड़े। लगभग एक घंटे के भीषण युद्ध के बाद आल्हा और पृथ्वीराज आमने-सामने आए। आल्हा ने अपने पराक्रम से पृथ्वीराज को बुरी तरह घायल कर दिया और युद्ध में परास्त किया। लेकिन, अपने गुरु गोरखनाथ के आदेश पर आल्हा ने पृथ्वीराज को जीवनदान दे दिया। इसके बाद आल्हा ने संन्यास ले लिया और मां शारदा की भक्ति में लीन हो गए। मां शारदा के परम भक्त : आल्हा मां दुर्गा और शारदा के परम भक्त थे। कहा जाता है कि उन्हें मां शारदा से अमरता का वरदान प्राप्त था। मैहर में मां शारदा के मंदिर में आज भी यह मान्यता है कि हर सुबह मंदिर खुलने से पहले आल्हा और ऊदल मां की पूजा करते हैं। रात में मंदिर बंद होने के बाद भी सुबह पूजा के सबूत मिलते हैं, जिसे लोग आल्हा की अमरता से जोड़ते हैं। मंदिर में आल्हा की तलवार के अवशेष आज भी मौजूद हैं, जिसे कोई सीधा नहीं कर पाया। आल्हा-ऊदल की प्रेमकथा : ऊदल न केवल वीर योद्धा थे, बल्कि अत्यंत सुंदर भी थे। उनकी प्रेमकथा भी उतनी ही रोचक है। एक बार नरवर में घूमते हुए ऊदल ने राजा मकरंदी की बहन राजकुमारी फुलवा को देखा और दोनों में प्रेम हो गया। इस प्रेमकथा ने उनकी वीरता की गाथा को और भी रोमांचक बना दिया। बुंदेलखंड की संस्कृति में आल्हा-ऊदल : आल्हा और ऊदल की वीरता आज भी बुंदेलखंड की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। सावन के महीने में हर गांव-गली में आल्हखंड के गीत गाए जाते हैं। पंक्तियाँ जैसे, “बड़े लड़इया महोबे वाले, खनक-खनक बाजी तलवार” और “पानीदार यहां का पानी, आग यहां के पानी में” आज भी लोगों की जुबान पर हैं। महोबा में सामाजिक संस्कार इनके बिना अधूरे माने जाते हैं। लोग अपने बच्चों के नाम भी आल्हखंड से प्रेरित होकर रखते हैं। आल्हा की सेना में सभी वर्गों के लोग शामिल थे, जैसे लला तमोली, धनुवा तेली और रूपन बारी, जो उनकी समावेशी नीति को दर्शाता है। उनकी वीरता ने न केवल युद्ध के मैदान में, बल्कि सामाजिक न्याय और एकता के क्षेत्र में भी मिसाल कायम की। आल्हा और ऊदल की कहानी केवल वीरता की नहीं, बल्कि देशभक्ति, भाईचारे और बलिदान की भी है। उन्होंने अपने स्वामी और मातृभूमि के लिए सब कुछ समर्पित कर दिया। उनकी गाथा हमें सिखाती है कि सच्चा योद्धा वही है, जो अपने कर्तव्य और नैतिकता के प्रति अडिग रहता है। आल्हा का संन्यास लेना और पृथ्वीराज को जीवनदान देना उनके उच्च चरित्र को दर्शाता है। आज भी महोबा में ऊदल चौक पर लोग घोड़े पर सवार होकर नहीं गुजरते, क्योंकि यह उनके सम्मान का प्रतीक है। उनकी कहानी हमें यह भी सिखाती है कि आपसी एकता के बिना कोई भी देश विदेशी आक्रमणों का सामना नहीं कर सकता। यदि पृथ्वीराज चौहान, जयचंद और आल्हा-ऊदल जैसे योद्धा एकजुट होते, तो शायद भारत का इतिहास कुछ और होता। आल्हा और ऊदल की वीरगाथा बुंदेलखंड की मिट्टी में बसी है। उनकी कहानी साहस, बलिदान और भक्ति का अनुपम उदाहरण है। आल्हखंड के गीत आज भी हमें प्रेरित करते हैं कि सच्चा योद्धा वही है, जो न केवल युद्ध में विजयी हो, बल्कि अपने नैतिक मूल्यों और देशभक्ति के प्रति भी सच्चा हो। इन शूरवीरों की कहानी सुनकर न केवल रोंगटे खड़े हो जाते हैं, बल्कि यह भी प्रेरणा मिलती है कि हमें अपनी मातृभूमि के लिए हर संभव बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए। जय मां शारदा! जय आल्हा-ऊदल!
किम जोंग उन की शान में गुस्ताखी की सजा सिर्फ मौत! युद्धपोत ढहने पर चार बड़े अफसरों पर लटकी तलवार
KIm Jong Un News: उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन की शान में गुस्ताखी की सजा क्या होती है, ये सब जानते हैं. नार्थ कोरिया के तानाशाह के सामने लॉन्च करते वक्त नए युद्धपोत का एक हिस्सा ढह जाने का मामला अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है.
भारत ने निकाली कचूमर, ऑपरेशन सिंदूर का 'घाव' सीने में लिए तुर्की क्यों भागे PM शहबाज-असीम मुनीर?
PM Shehbaz Sharif and Munir meets Turkish President: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुए अभी 15 दिन ही हुए हैं कि पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ औरपाकिस्तानी सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर तुर्की की चौखट पर सिर झुकाने पहुंच गए हैं. आइए जानते हैं आखिर क्यों तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन को धन्यवाद ये दोनों दे रहे हैं.
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कतर के मंत्री को पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के रुख से अवगत कराया
भारत द्वारा भेजे गए एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को कतर के एक कनिष्ठ मंत्री को पहलगाम...
कतर की शूरा परिषद के साथ सार्थक बैठक, आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस : वी मुरलीधरन
दोहा, 25 मई . पाकिस्तान को बेनकाब करने और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की अनिवार्यता की जानकारी देने के लिए भारत के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को कतर की राजधानी दोहा पहुंचा. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने किया. प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ... Read more
जमुई में सड़क निर्माण प्लांट में रात करीब 9 बजे अलकतरा से भरे ड्रम में अचानक आग लग गई। घटना के समय प्लांट में काम चल रहा था। वहां करीब दो दर्जन से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। गिट्टी और अलकतरा के परिवहन के लिए दर्जन भर ट्रक भी मौजूद थे। आग की लपटें देखते ही मजदूरों ने तुरंत स्थिति को संभालने की कोशिश की। साथ ही, फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। घटना मलयपुर बाईपास स्थित राजीव रंजन भालोटिया की है। फायर ब्रिगेड की एक बड़ी और एक छोटी गाड़ी मौके पर पहुंची। इससे पहले ही मजदूरों ने मोटर पंप की मदद से आग पर काफी हद तक काबू पा लिया था। समय पर की गई कार्रवाई से आग को फैलने से रोक लिया गया। इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ। प्रशासन ने जांच के दिए निर्देश प्रशासन ने घटना का संज्ञान लिया है। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। साथ ही, सुरक्षा मानकों के पालन को लेकर जांच के निर्देश दिए गए हैं।
दोहा, 25 मई . रविवार को भारत के सभी प्रमुख दलों के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल कतर की राजधानी दोहा पहुंचा. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने किया. उन्होंने कतर की शूरा काउंसिल से मुलाकात की, जिसमें पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का ... Read more
तुर्की का नहीं, हिमाचल का सेब खाएं भारत के लोग : गिरिराज सिंह
पालमपुर, 25 मई . केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने पालमपुर में पंचरुखी के ब्याडा में बॉब आर्गेनिक्स खाद उत्पादन इकाई का उद्घाटन किया. मंत्री ने आईएचबीटी के छात्रों से भी वार्तालाप किया और इस प्लांट के बारे में जानकारी हासिल की इसके उपरांत वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने आंद्रेटा में मिट्टी के बर्तन बनाने ... Read more
हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने आज पुंडरी में एक महत्वपूर्ण घोषणा की। पलवल के गांव मुहम्मदपुर का नाम बदलकर दिनेशपुर कर दिया गया है। यह नाम भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए गांव के वीर सपूत दिनेश शर्मा के सम्मान में रखा गया है। विधायक सतपाल जांबा और चेयरमैन कर्मबीर कौल ने भी गांव के नाम परिवर्तन के निर्णय का समर्थन किया। मंत्री पंवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम को सुनने के लिए विधायक सतपाल जांबा के आवास पर पहुंचे थे। इस दौरान चेयरमैन कर्मबीर कौल भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा कि वे स्थानीय लोगों की समस्याएं भी सुन रहे हैं। मंत्री ने प्रदेश की सड़कों की स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि 3 जून तक पूरे प्रदेश की सड़कों का पुनर्निर्माण कर दिया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं। हरियाणा रोडवेज की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मंत्री ने बताया कि यह देश में नंबर एक है। प्रदेश में बसों को सात लाख किलोमीटर चलने के बाद बदल दिया जाता है।
सौ साल पहले प्रथम विश्व युद्ध के दौरान तहलका मचाने वाली अमेरिकी पनडुब्बी कैसे हादसे का शिकार हुई और गहरे समुद्र में डूबने के बाद उसका क्या हुआ, इस राज से अब पर्दा उठ गया है.
बिलासपुर में ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सैनिकों के सम्मान में शौर्य यात्रा का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्वाभिमान मंच के आह्वान पर शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों, पूर्व सैनिकों और महिला संगठनों ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया। केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, विधायक धरमलाल कौशिक, मेयर पूजा विधानी और जिलाध्यक्ष दीपक सिंह के नेतृत्व में यात्रा शास्त्री हाई स्कूल से शुरू हुई। यात्रा युद्ध स्मारक अमर जवान चौक तक पहुंची। यहां पूर्व सैनिक महेंद्र प्रताप राणा और ग्रुप कैप्टन संजय पांडेय का विशेष सम्मान किया गया। शहीदों को दी श्रद्धांजलि, 1100 दीए जलाए शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए युद्ध स्मारक पर 1100 दीए जलाए गए। महिला समाजिक संगठन की सदस्यों ने स्मारक को फूल मालाओं से सजाया। कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सैनिकों के परिवार से सुनीता साहू, सोनिया साहू, अनिता कौशिक और अन्नू साहू विशेष रूप से मौजूद रहीं। यात्रा की शुरुआत सैनिकों के माथे पर तिलक लगाकर की गई। कार्यक्रम में पूर्व मेयर किशोर राय, पूनम सिंह बघेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा, राजकुमार सचदेवा और सुनीता मानिकपुरी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
तीसरे विश्व युद्ध की आहट! ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले को तैयार इजरायल, बज गई खतरे की घंटी
US Iran Nuclear Talks: ईरान और अमेरिका में परमाणु वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ रही है. ऐसा ईरान के विदेश मंत्री का दावा है, लेकिन इस बीच एक रिपोर्ट ने सनसनी मचा दी है, जिसमें कहा गया है कि इजरायल ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला कर सकता है.
ओएसडी के स्वागत में जेबकतरों का कारनामा:तीन लोगों के मोबाइल और नकदी चोरी, थाने में शिकायत दर्ज
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के ओएसडी राजीव दत्ता के नमाना दौरे के दौरान जेबकतरों ने तीन लोगों को निशाना बनाया। स्वागत में जुटी भीड़ का फायदा उठाकर जेबकतरों ने वारदात को अंजाम दिया। सरपंच प्रतिनिधि दुर्गा लाल मीणा की जेब से 10 हजार रुपए का मोबाइल चोरी हो गया। भाजपा कार्यकर्ता गिरिराज प्रसाद शर्मा की पीछे की जेब से 5 हजार रुपए गायब हो गए। बाबूलाल नारानिया के सामने की जेब से 1700 रुपए की चोरी हुई। तीनों पीड़ितों ने शुक्रवार को नमाना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पीड़ितों का कहना है कि राजीव दत्ता के दौरे के कारण यह घटना हुई। स्थानीय प्रशासन ने इस घटना के बाद भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। कंटेंट: शिवराज राठौर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार बीकानेर आए। जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर देशनोक के विश्वप्रसिद्ध करणी माता मंदिर में पीएम ने विशेष पूजा-अर्चना की। ऐसा पहली बार है, जब देश का कोई प्रधानमंत्री इस मंदिर में पहुंचा हो। इतिहासकारों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस मंदिर में धोक लगाई। ऐसी मान्यता रही है कि बीकानेर रियासत में जब भी कोई राजा या नरेश युद्ध में सफल होता था, मां करणी के दरबार में आशीर्वाद लेने जरूर पहुंचता था। देशनोक मंदिर की क्या परंपरा रही है? पढ़िए इस रिपोर्ट में... बीकानेर राज्य की स्थापना से भी जुड़ा है मंदिर का इतिहासबीकानेर रियासत के इतिहास पर शोध करने वाले डॉ. शिव कुमार भनोत ने बताया कि करणी माता के मंदिर का यहां बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। 15वीं शताब्दी में नरेश राव बीका नए राज्य को बसाने की दृष्टि से जोधपुर से देशनोक पहुंचे थे। उनके देशनोक पहुंचने का कारण यह था कि जोधपुर की कुलदेवी मां करणी माता यहां सशरीर विराजमान थी। मां करणी को दुर्गा का अवतार माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि देशनोक पहुंचने पर मां करणी ने राव बीका को यह आशीर्वाद दिया था कि मैं तुम्हारा नया राज्य बसाऊंगी। जो तुम्हारे पिता राव जोधा से सवाया यानी उनसे भी बड़ा होगा। राव बीका ने अपना कैंप देशनोक में किया और मां करणी के आशीर्वाद से सारी कार्ययोजना बनाई थी। राव बीका ने विक्रम संवत 1545 में बीकानेर राज्य की स्थापना की थी। मां करणी बीकानेर की कुलदेवी बनी थीं। कालांतर में महाराजा गंगासिंह ने देशनोक में करणी माता का भव्य मंदिर बनवाया था। इसी के साथ ही यहां एक परंपरा भी चली थी। बीकानेर के जितने भी नरेश हुए, वे किसी भी महत्वपूर्ण कार्य या युद्ध पर जाने से पहले मां करणी के दर्शन करने आते थे। ऐसी मान्यता है कि मां करणी के आशीर्वाद के बाद ही किसी कार्य की शुरुआत करते थे। कार्य पूरा होने पर वापस मां करणी के दरबार में धोक लगाते थे। इतिहासकार बोले- पीएम ने निभाई पुरानी परंपराइतिहासकार डॉ. शिव कुमार भनोत का मानना है कि पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद देशनोक मंदिर में धोक लगाई। पहले भी यहां के राजा युद्ध में जीतने पर ऐसा करते थे। मोदी ने मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। देश की नाक यानी देशनोक से ही देशभर के रेलवे स्टेशनों का लोकार्पण और शिलान्यास एक साथ किया। करणी माता मंदिर के ट्रस्टी अशोक चारण ने भास्कर को बताया कि करणी मां के मंदिर में बीकानेर राज्य के समय तो हर राजा किसी भी मिशन की सफलता के बाद आता था। मगर आजाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि आतंक के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पीएम मोदी ने मां करणी के दरबार में आशीर्वाद लिया है। महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था मंदिर का निर्माणकरणी माता मंदिर का निर्माण 20वीं शताब्दी की शुरुआत में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था। मंदिर की पूरी संरचना संगमरमर से बनी है और इसकी वास्तुकला मुगल शैली से मिलती जुलती है। बीकानेर की करणी माता की मूर्ति मंदिर के अंदर गर्भगृह के भीतर विराजमान हैं, जिसमें वह एक हाथ में त्रिशूल धारण किए हुए हैं। देवी की मूर्ति के साथ उनकी बहनों की मूर्ति भी दोनों तरफ है। देशनोक के नामकरण का भी इतिहासइतिहासकार डॉ. शिव कुमार भनोत ने भास्कर को बताया कि देशनोक का नामकरण भी ऐतिहासिक है। यह बीकानेर राजघराने की कुलदेवी का स्थान तो था ही, लेकिन इसे देश की नाक भी कहा जाता रहा है। चूहों के मंदिर के नाम से यह पूरे विश्व में प्रख्यात है और यहां दुनियाभर से लोग आते हैं। यह धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र है। 10 मिनट रुके मंदिर, विशेष भोग लगायापीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह 10.35 बजे मंदिर पहुंचे थे। गर्भगृह में करीब दस मिनट रुके थे। इस दौरान उन्होंने मंदिर में शीश झुकाते हुए पूजा-अर्चना की थी। मंदिर में पीएम की ओर से विशेष भोग भी चढ़ाया गया था। यह भोग मंदिर में ही बनाया जाता है। यजमान की ओर से भोग के प्रसाद का भुगतान किया जाता है। इसके बाद मंदिर कमेटी ने करणी माता की चांदी की मूर्ति पीएम को भेंट की थी। ......................................... मोदी के बीकानेर दौरे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- PM बोले- हमारी सेना PAK को घुटनों पर लाई:अब मोदी की नसों में खून नहीं, गर्म सिंदूर बह रहा; ऑपरेशन सिंदूर पर सुनाई कविता ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार बीकानेर आए। जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर देशनोक के पलाना में हुई सभा में मोदी करीब 40 मिनट बोले। उन्होंने साफ कर दिया कि पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया जाएगा...(CLICK कर पढ़ें)
पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही मुहिम को और तेज करते हुए अमृतसर देहाती पुलिस ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। अमृतसर में थाना जंडियाला के अधीन आते गांव धरड़ में दो कुख्यात नशा तस्करों जगप्रीत सिंह उर्फ जगा और सतनाम सिंह उर्फ सत्ते द्वारा सरकारी छप्पड़ पर कब्जा कर बनाई गई अवैध कोठियों को पुलिस ने ढहा दिया। एसएसपी देहाती मनिंदर सिंह की जानकारी के अनुसार, जग्गा और सत्ते ने गांव धरड़ में सरकारी जमीन (छप्पड़) पर गैरकानूनी कब्जा कर कोठियां खड़ी की थीं। दोनों के खिलाफ कई एनडीपीएस एक्ट के गंभीर मामले दर्ज हैं। जगप्रीत सिंह पर नशा तस्करी के कई केस दर्ज हैं, जबकि सतनाम सिंह के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत चार मामले लंबित हैं। अभी ये दोनों आरोपी इस समय जेल में बंद हैं। लगातार हो रही हैं कार्रवाईयां एसएसपी ने बताया कि यह अमृतसर देहाती पुलिस की पांचवीं ऐसी कार्रवाई है जिसमें नशा तस्करों की नाजायज़ संपत्तियों को गिराया गया है। पुलिस अब केवल गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि नशे के धंधे से अर्जित संपत्ति को भी चिन्हित कर जब्त किया जा रहा है। संपत्तियों की होगी जांच पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इन तस्करों ने नशे के कारोबार से जो और संपत्तियां बनाई हैं, वे कहां हैं और उन पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने बताया कि अब नौजवान नशे के खिलाफ खुद जागरूक हो रहे हैं। बहुत से युवा जो पहले नशे की लत में थे, अब स्वेच्छा से नशा छुड़ाओ केंद्रों में भर्ती हो रहे हैं, जो एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। अब तक एक्साइज एक्ट के तहत 50 से ज्यादा मुकदमे अमृतसर देहाती पुलिस द्वारा दर्ज किए जा चुके हैं, जो नशे के खिलाफ उनकी सख्ती को दर्शाते हैं।
जयपुर के टूर ऑपरेटर्स ने तुर्की और अजरबैजान की ओर से पाकिस्तान को समर्थन के चलते दोनों देशों की यात्रा का बहिष्कार कर दिया है। इसके साथ ही तुर्की और अजरबैजान जाने वाले पर्यटकों की बुकिंग कैंसिल कर दी है। टूर ऑपरेटर्स ने मित्र देशों की डेस्टिनेशन को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी है। पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भी यह निर्णय लिया गया है। जयपुर रॉयल डेजर्ट टूर के डॉयरेक्टर अजय भटनागर ने बताया- तुर्की और अजरबैजान ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ दिया। ऐसे में भारतीय पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रैवल पैकेज और बुकिंग कैंसिल करना शुरू कर दी है। वहीं, मित्र देशों जैसे रशिया, ग्रीस, साइप्रेस, आर्मेनिया में टूरिज्म की संभावनाएं तलाशते हुए पर्यटकों के लिए बुकिंग शुरू कर दी है। इन देशों ने तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ भारत का साथ दिया है। मित्र देश होने के कारण यहां टूरिस्ट सुरक्षित भी रहेंगे। टूरिज्म से इनकम का स्त्रोत बढ़ने से मित्र देशों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। टूरिस्ट हर साल तुर्की और अजरबैजान घूमने जाते हैं उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में तुर्की में तीन लाख भारतीय पर्यटक पहुंचे थे। भारतीय पर्यटकों के कारण तुर्की को 24.85 अरब रुपए से अधिक का प्रत्यक्ष पर्यटन राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह अजरबैजान में भारत से कुल 2.5 लाख पर्यटक घूमने गए थे। पर्यटकों से अजरबैजान को 26 अरब रुपए की कमाई हुई थी। बड़ी संख्या में टूरिस्ट हर साल तुर्की और अजरबैजान घूमने जाते हैं। भारतीय टूरिस्ट अगर इसका बॉयकॉट करते हैं तो दोनों देशों की कमाई में कमी आएगी। दोनों देशों की जगह बेहतर ऑप्शन के रूप में ग्रीस, साइप्रस और आर्मेनिया उभरे हैं। भटनागर ने बताया- बड़ी संख्या में बुकिंग कैंसिल करने से तुर्की और अजरबैजान की टूरिज्म की अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ेगा। होटल, रेस्टोरेंट, टूर ऑपरेटर और आयोजक जैसे सेक्टर बुरी तरह प्रभावित होंगे। देश की संप्रभुता के खिलाफ सहयोग करने वाले देशों को ऐसी आर्थिक चोट देंगे कि वह दोबारा भारत के खिलाफ खड़े होने की सोच न सकें। इसके लिए हमें बॉयकाट टर्की और अजरबैजान फॉलो करना होगा।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद गुरुवार (आज) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार राजस्थान आएंगे। बीकानेर स्थित नाल एयरफोर्स स्टेशन पर वायुसेना के जवानों से मुलाकात करेंगे। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान ने नाल एयरफोर्स स्टेशन को भी निशाना बनाया था। भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए उसके सभी हमलों को नाकाम कर दिया था। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नाल एयरबेस का प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध से भी नाता रहा है। इंडियन एयरफोर्स को यह एयरबेस 1950 में मिला था। आजादी से पहले यहां की कच्ची हवाई पट्टी से ब्रिटिश सेना के फाइटर जेट उड़ा करते थे। आज पाकिस्तान के 6 बड़े शहर नाल एयरबेस की रेंज में आते हैं। पढ़िए यह रिपोर्ट…. नाल पर विफल हुआ था दुश्मन का हमलाबीकानेर जिले की 168 किलोमीटर लंबी सीमा इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान से लगती है। इसकी वजह से बीकानेर शहर से महज 15 किलोमीटर और पाकिस्तान बॉर्डर से करीब 150 किलोमीटर दूर नाल एयरबेस सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच जब तनाव बढ़ा तो पाकिस्तान ने 7 व 8 मई 2025 को भारत के 15 एयरबेस स्टेशन पर ड्रोन व मिसाइल से हमला बोला था। उनमें फलोदी, बाड़मेर स्थित उत्तरलाई एयरबेस, बीकानेर का नाल एयरबेस शामिल था। पाकिस्तान के इस हमले का भारतीय वायुसेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। पाकिस्तान की सीमा के बेहद नजदीक होने के कारण इस एयरफोर्स स्टेशन पर दुश्मन देश की पैनी निगाह रहती है। नाल एयरबेस में वायुसेना के पायलटों और अन्य कर्मियों को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ कई प्रकार के सैन्य ऑपरेशन भी किए जाते हैं। दोनों विश्व युद्ध से भी नाल एयरबेस का नातानाल एयरबेस की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी यहां बनी स्ट्रिप पर जंगी विमान उतारे गए थे। आजादी से पहले बीकानेर स्टेट ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना की यहां से मदद की थी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने इस रनवे का उपयोग किया था। बाद में ब्रिटिश सेना ने इस एयरस्ट्रिप को पूर्व बीकानेर राजपरिवार के सुपुर्द कर दिया था। पूर्व बीकानेर रियासत के महाराजा गंगासिंह ने नाल में वर्ष 1942 में खुद का एक नया कच्चा रनवे बनाया था। भविष्य में एयरफोर्स की जरूरतों को देखते हुए यहां पर फ्लाइंग क्लब की स्थापना की थी। इस फ्लाइंग क्लब में बीकानेर राजघराने से जुड़े सदस्यों को ब्रिटिश एयरफोर्स के अफसर विमान उड़ाने का अभ्यास करवाते थे। पूर्व राजपरिवार ने साल 1942 से लेकर 1950 के बीच यहां फ्लाइंग क्लब चलाया। उस दौर में सिंगल इंजन वाले विदेशी हवाई जहाज उपयोग में लिए जाते थे। उनमें से एक हेरिटेज विमान डीएच-9 बीकानेर के जूनागढ़ फोर्ट के म्यूजियम में रखा हुआ है। इसे पर्यटक देखकर इतिहास की यादें ताजा करते हैं। 1920 में ब्रिटेन ने भारत को 'इंपीरियल गिफ्ट स्कीम' के तहत 60 डीएच-9 विमान दिए थे। ये विमान ब्रिटेन ने अपने उपनिवेश देशों को खुद की वायुसेना तैयार करने के लिए दिए थे, ताकि जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि बीकानेर में कितने डीएच-9 विमान आए थे। आजादी के बाद भारतीय वायुसेना के सुपुर्द कियाआजादी के बाद राजस्थान राज्य का गठन होने पर 1950 में यह एयरस्ट्रिप भारतीय वायुसेना के सुपुर्द कर दी गई थी। करीब 13 साल की लंबी प्लानिंग के बाद साल 1963 में वायुसेना ने कच्चा रनवे हटाकर खुद का रनवे तैयार किया। बॉर्डर से लगे होने के कारण वायुसेना ने यहां पर अपना एयरबेस स्टेशन स्थापित किया। फिर फाइटर जेट की स्क्वॉड्रन तैनात की। तब इसका नाम 9 केयर एंड मेंटेनेंस यूनिट्स (C MU) रखा। जुलाई 1972 में, नाम बदलकर नंबर 3 फॉरवर्ड बेस सपोर्ट यूनिट्स कर दिया गया। करीब 17 साल बाद, 17 अप्रैल 1989 को इस हवाई क्षेत्र का नाम 46 विंग रखा गया। पाकिस्तान के 6 बड़े शहर नाल एयरबेस की रेंज मेंनाल एयरबेस से पाकिस्तान सीमा करीब 150 किलोमीटर दूर है। यह सामरिक लिहाज से इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दुश्मन देश के 6 बड़े शहर इसकी रेंज में आते हैं। जैसे- मुल्तान 294 किमी, लाहौर 402 किमी, इस्लामाबाद 630 किमी, पेशावर 687 किमी, मुजफ्फराबाद 704 किमी और कराची 719 किमी की रेंज में हैं। यहां जंगी जहाजों की तैनाती दुश्मन देश में घबराहट पैदा करती है। जानकारी के मुताबिक, स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमानों का पहला स्क्वॉड्रन यहीं तैनात है, जिसे 'कोबरा' भी कहा जाता है। इस एयरबेस पर पिछले साल ही फरवरी 2024 में भारतीय वायुसेना की सूर्य किरण एयरोबेटिक टीम ने एयर शो किया था। सिविल एयर टर्मिनल भी, नियमित फ्लाइट का भी हो रहा संचालनइस एयरफोर्स स्टेशन के भीतर एक एन्क्लेव के रूप में सिविल एयर टर्मिनल का उद्घाटन 29 जून 2014 को किया गया था। 26 सितंबर 2017 को एयर इंडिया की ओर से दिल्ली के लिए नियमित उड़ान की शुरुआत की गई थी। यहां दिल्ली के लिए नियमित फ्लाइट संचालित हो रही है। जयपुर के लिए सप्ताह में दो दिन (सोमवार और शुक्रवार) यहां से फ्लाइट है। पीएम नाल एयरपोर्ट पर आएंगे...पीएम नरेंद्र मोदी 22 मई को सुबह करीब 11 बजे एक विशेष विमान से बीकानेर के नाल एयरपोर्ट आएंगे। इस दौरान वे ऑपरेशन सिंदूर की सक्सेस पर एयरफोर्स के अफसरों-सैनिकों को बधाई देंगे। पीएम मोदी के पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा यहां पढ़ें
दरभंगा में पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता डॉ शकील अहमद देर शाम पहुंचे। डॉ इंतखाब आलम को उन्होंने मुबारकबाद दिया। डॉक्टरी के क्षेत्र में बढ़िया से काम करने, गरीब लोगों का ख्याल रखते हुए इलाज करने की सलाह दी। डॉ शकील अहमद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक छोटी जंग थी। भारतीय सेना पाकिस्तान से पूरा बदला लेने को तैयार थी। लेकिन अमेरिका के दबाव में पीएम मोदी ने युद्ध रोक दिया। यह फैसला गलत था। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद पांच बार कहा कि उन्होंने युद्ध रुकवाया। यह शिमला समझौते का उल्लंघन है। शकील अहमद ने कहा कि शिमला समझौते में साफ लिखा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी विवाद में कोई तीसरा देश दखल नहीं देगा। अमेरिका ने पंचायती की, भारत सरकार ने उसे मान लिया। इससे भारत को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने 1971 में तब तक युद्ध नहीं रोका जब तक पाकिस्तान ने घुटने नहीं टेक दिए। 95 हजार पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। आज मोदी सरकार अमेरिका के दबाव में झुक गई। पर्यटकों को सरकार ने नहीं रोका कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान का समर्थन करते हुए शकील अहमद ने कहा कि अगर 17 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में खतरे की आशंका थी, तो पीएम मोदी वहां क्यों नहीं गए। अगर सरकार को जानकारी थी, तो पर्यटकों को क्यों नहीं रोका गया। पहलगाम में रोजाना पांच हजार लोग आते हैं। वहां सुरक्षा क्यों नहीं थी। राहुल गांधी दरभंगा आए तो पूरी फोर्स तैनात कर दी गई। लेकिन कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाके में लचर व्यवस्था क्यों रही। पहलगाम में एक जवान युवक की शादी के पांच दिन बाद ही मौत हो गई। डेढ़ घंटे तक कोई सुरक्षा बल नहीं पहुंचा। आतंकवादी बाहर से आए। बॉर्डर से करीब 100 किलोमीटर अंदर आकर हमला किया। 28 से ज्यादा लोगों को गोली मारी। फिर लौटकर चले गए। कोई पकड़ नहीं पाया। यह गंभीर चूक है। पहलगाम में नहीं थी कोई सुरक्षा शकील अहमद ने कहा कि राहुल गांधी दरभंगा आए थे। छात्रों से मिलना था। वहां भारी पुलिस बल तैनात था। लेकिन पहलगाम में कोई सुरक्षा नहीं थी। यह सरकार की नाकामी है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने डर के कारण राहुल गांधी के कार्यक्रम को डिस्टर्ब करने की कोशिश की। वह छात्रों से मिलने आए थे। सरकार ने रोकने की कोशिश की। कुछ लोगों पर सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर केस दर्ज किया गया। यह डरी हुई सरकार का काम है। राहुल गांधी ने खुद कहा कि ऐसे केस उनके लिए मेडल हैं। लेकिन राज्य सरकार की मंशा गलत है। इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में जरूर दिखेगा। उन्होंने कहा कि भागलपुर के एक जवान की शहादत की खबर दुखद है। उन्हें श्रद्धांजलि दी। सरकार से मांग की कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं। शकील अहमद ने कहा कि पाकिस्तान से बदला लेने का मौका था। लेकिन मोदी सरकार ने ट्रंप को मध्यस्थ बना लिया। यह भारत की नीति के खिलाफ है। उन्होंने एक शेर पढ़ा - ना तो इधर-उधर की बात कर, ये बता काफिला क्यों लूटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है।
पिशाच योग, खप्पर योग, षडाष्टक योग और गुरु के अतिचारी होने से होगा महायुद्ध?
India Pak War 2025: वर्ष 2025 में ग्रहों की बहुत खतरनाक स्थिति बनी हुई है। ऐसी स्थिति महाभारत काल में, प्रथम और दूसरे युद्ध में भी बनी थी। कहते हैं कि जब भी ग्रहों की ऐसी स्थिति बनती है तो धरती पर प्राकृतिक आपदा और अग्निकांड के साथ ही भयानक युद्ध ...
युद्ध में विजयी होने के लिए करते हैं मां बगलामुखी का पूजन, भगवान श्रीकृष्ण ने भी की थी पूजा
हिंदू धर्म में माता काली सहित सभी दस महाविद्याओं को युद्ध की देवी माना जाता है। इनकी कथाओं के अनुसार इन्होंने धरती पर से राक्षसों, असरों और दावनों के अत्याचार को खत्म करने के लिए युद्ध लड़ा था। यह सभी माता सती और उनकी बहनों के रूप हैं। हिन्दू ...
क्या खप्पर योग के चलते भारत करने वाला है पाकिस्तान से युद्ध, कब तक करेगा हमला?
India and Pakistan War: वर्ष 2025 में 4 बड़े ग्रहों के राशि परिवर्तन ने पहले से ही संकेत दे दिए हैं कि आम जनता आतंक, युद्ध, प्राकृतिक आपदा, जन आंदोलन और महंगाई से त्रस्त रहेगी। 29 मार्च को शनि के राशि परिवर्तन ने यह सिद्ध भी कर दिया है। अब 14 मई को ...
सलमान खान की सिकंदर के आखिरी गाने में दिखेगा जबरदस्त जलवा, तुर्की से बुलाए गए 500 डांसर्स!
बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की 'सिकंदर' इस साल की सबसे बड़ी फिल्म मानी जा रही है, जिसका दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इसके एक्शन-पैक्ड टीजर ने इसकी भव्य एंट्री के लिए एकदम परफेक्ट माहौल तैयार कर दिया है। भव्य पैमाने पर बनाई गई इस फिल्म में ...
केसरी वीर के लिए सूरज पंचोली ने की कड़ी ट्रेनिंग, ऐसे सीखा युद्ध कौशल
बॉलीवुड एक्टर सूरज पंचोली अपनी पहली बायोपिक में वीर हामीरजी गोहिल के ऐतिहासिक किरदार को जीवंत करने जा रहे हैं। सुनील शेट्टी, विवेक ओबेरॉय और सूरज पंचोली अभिनीत फिल्म 'केसरी वीर : लीजेंड्स ऑफ सोमनाथ' का टीजर हाल ही में रिलीज हुआ है। सोमनाथ मंदिर की ...
फरहान अख्तर लेकर आ रहे भारत-चीन युद्ध पर आधारित फिल्म 120 बहादुर, निभाएंगे मेजर शैतान सिंह का रोल
Movie 120 Bahadur : रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर की एक्सेल एंटरटेनमेंट, ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज के साथ मिलकर '120 बहादुर' को पेश करने के लिए उत्साहित हैं। यह फिल्म मेजर शैतान सिंह (पीवीसी) और चार्ली कंपनी, 13 कुमाऊं रेजिमेंट के सैनिकों की कहानी कहती ...
Adil Hussain: दुनियाभर में इन दिनों पेरिस ओलंपिक 2024 की धूम मची हुई है। पेरिस ओलंपिक में दुनियाभर के खिलाड़ियों ने भाग लिया है। भारत के कई खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं। हाल ही में तुर्की के शूटर यूसुफ डिकेक ने सिल्वर मेडल जीता।
Kalki 2898 AD: शुरू हो गया नया युद्ध, पूरे ट्रेलर की अहम कड़ी हैं अमिताभ, प्रभास करेंगे इम्प्रेस
Kalki 2898 AD के ट्रेलर को देखें तो, फिल्म कल्कि 2898 एडी के मेकर्स ने विश्वास दिलाया है कि ये फिल्म लोगों को बांधने में कामयाब होगी. टफ सीक्वेंस, क्लियर एडिटिंग और बैकग्राउंड स्कोर आपका ध्यान खींचते हैं. वीएफएक्स पर भी अच्छा काम किया गया है.
आशुतोष राणा ने डीपफेक वीडियो को बताया 'माया युद्ध', बोले- ये सालों से चल रहा
आशुतोष ने कहा कि ऐसी बातों में खुद को डिफेंड करने का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा कि जो लोग आपको जानते हैं वो सवाल करेंगे ही नहीं. और जो नहीं जानते, उन्हें किसी रिस्पॉन्स से फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि वो दिमाग में आपकी एक छवि बना चुके होते हैं.
रानीति बालाकोट एंड बियॉन्ड: जिमी शेरगिल की नई सीरीज भारत की आधुनिक युद्ध की ऐतिहासिक कहानी को प्रदर्शित करेगी। जिमी शेरगिल दो मिनट के ट्रेलर की शुरुआत पुलवामा हमले की झलक से होती है। एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाने वाले आशीष कहते हैं, ये एक नया रण है या इसे जीतने के लिए एक नई रणनीति की जरूरत है। इसे भी पढ़ें: नक्सलियों के खिलाफ 'ऑपरेशन प्रहार', कमांडर शंकर राव समेत अब तक 79 हुए ढेर, हिट लिस्ट में और भी कई नाम शामिल आगामी वेब शो आधुनिक युद्ध को डिकोड करता है जो केवल भौतिक सीमाओं पर नहीं लड़ा जाता है बल्कि सोशल मीडिया, डिजिटल रणनीति और गुप्त राजनीतिक चालों के क्षेत्र से परे है जो भू-राजनीति को नया आकार देने की शक्ति रखता है। वेब श्रृंखला उन वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है जिन्होंने 2019 में देश को हिलाकर रख दिया था। शो में कुछ हवाई दृश्य, शानदार प्रदर्शन और एक शक्तिशाली कथा है जो युद्ध के मैदान के अंदर और बाहर हर पहलू को चतुराई से पकड़ती है। इसे भी पढ़ें: Biden को सोचना पड़ेगा फिर एक बार, Iran पर प्रहार तो रूस करेगा पलटवार, रक्षा मंत्रायल ने चिट्ठी लिखकर जता दी मंशा आगामी वेब श्रृंखला के बारे में बात करते हुए, जिमी ने कहा: यह मेरे द्वारा अतीत में की गई किसी भी भूमिका से भिन्न है। कम से कम यह कहना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन भारत की पहली वॉर-रूम केंद्रित वेब-श्रृंखला का हिस्सा बनना बेहद संतोषजनक भी है। वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित जिसने देश को हिलाकर रख दिया। एनएसए प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए, आशीष ने कहा, एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन रक्षा बलों के कुछ सदस्यों के साथ बैठकों ने मुझे अपने चरित्र की बारीकियों को समझने में मदद की। तैयारी कार्य और कार्यशालाएं मुझे वापस ले गईं मेरे एनएसडी के दिनों में। संतोष सिंह द्वारा निर्देशित, श्रृंखला का निर्माण स्फीयरओरिजिन्स मल्टीविजन प्राइवेट लिमिटेड के सुंजॉय वाधवा और कॉमल सुंजय डब्ल्यू द्वारा किया गया है। इसमें प्रसन्ना भी हैं। शो का प्रीमियर 25 अप्रैल को JioCinema पर होगा।
दर्शक काफी समय से रैपर बादशाह और हनी सिंह के बीच जुबानी जंग देख रहे हैं। दोनों का रिश्ता सालों से विवादों से भरा रहा है। हालांकि करियर के शुरुआती दिनों में बादशाह और हनी सिंह के बीच अच्छी दोस्ती हुआ करती थी। हालाँकि, ऐसा लगता है कि सफलता और पैसे ने धीरे-धीरे इस दोस्ती को पूरी तरह से खत्म कर दिया। अब दोनों अक्सर एक दूसरे पर तंज कसते नजर आते हैं। हाल ही में हनी सिंह एक होली पार्टी में शामिल हुए, जहां उन्होंने बादशाह के 'पापा कमबैक' वाले कमेंट का करारा जवाब दिया। रैपर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसे भी पढ़ें: Punjab Kings के खिलाफ जीत के बाद इंटरनेट पर Virat Kohli का Anushka Sharma के साथ वीडियो कॉल, FLY KISS देते नजर आये खिलाड़ी हनी सिंह ने बादशाह पर किया पलटवार बादशाह कुछ दिनों पहले हनी सिंह पर अपनी टिप्पणी को लेकर चर्चा में थे, जिसमें उन्होंने हनी सिंह की वापसी पर कटाक्ष किया था। अब सिंगर और रैपर हनी सिंह ने एक कमेंट के जरिए बादशाह को करारा जवाब दिया है और कहा है कि उन्हें बादशाह को जवाब देने के लिए मुंह खोलने की जरूरत नहीं है। उनके फैन ही काफी हैं जो हर चीज पर बात कर सकते हैं। उन्होंने अपने गाली वाले अंदाज में अपने फैंस से बात करते हुए बादशाह का जवाब दिया। हनी सिंह को सोमवार को मुंबई में एक होली पार्टी में परफॉर्म करते देखा गया और यहीं उन्होंने बादशाह पर कटाक्ष किया। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा, हर कोई कहता है, रिप्लाई करो, रिप्लाई करो... मैं क्या रिप्लाई करूं... आप लोग तो उनके सारे कमेंट्स का बहुत अच्छे से रिप्लाई कर चुके हैं। मुझे मुंह खोलने की जरूरत है। ऐसा नहीं होता है। जैसे ही भीड़ ने उनके लिए तालियां बजाईं, गायक ने कहा, मुझे बोलने की जरूरत नहीं है। आप लोग खुद पागल हैं। हनी सिंह पागल हैं और उनके प्रशंसक भी पागल हैं। इसे भी पढ़ें: Taapsee Pannu के पति Mathias Boe आखिर कौन है? जब सफल भी नहीं थी एक्ट्रेस तब से उन्हें प्यार करते थे बैडमिंटन खिलाड़ी रैपर बादशाह ने क्या कहा? आपको बता दें कि हाल ही में बादशाह ने हनी सिंह पर कमेंट करते हुए कहा था, ''मुझे एक पेन और कागज दो। मैं तुम्हारे लिए एक गिफ्ट लाया हूं। मैं कुछ गाने लिखूंगा और तुम्हें दूंगा। पापा की वापसी तुम्हारे साथ होगी।'' Kalesh Controversy B/w Honey Singh and Badshah (Honey Singh Replied to Badshah) pic.twitter.com/o74t423bgS — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 25, 2024 Kalesh Between Badshah & Honey Singh Fans on Stage during Live Concert pic.twitter.com/M4VqSqLSc3 — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 19, 2024
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'सावरकर' रिव्यू: खोखली, एकतरफा फिल्म में एकमात्र अच्छी चीज है रणदीप हुड्डा का काम
आज के दौर में 'गुमनाम' हो चुके एक स्वतंत्रता नायक की कहानी कहने निकली ये फिल्म, एक अनजान कहानी बताने से ज्यादा अपने हीरो विनायक दामोदर सावरकर को बाकियों के मुकाबले अधिक 'वीर' बताने पर फोकस करने लगती है.
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