रितिक रोशन की एक्स वाइफ सुजैन की मां जरीन कतरक का निधन, कार्डियक अरेस्ट से गई जान
बॉलीवुड के वेटरन एक्टर संजय खान की पत्नी जरीन कतरक का निधन हो गया है। उन्होंने 81 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। खबरों के अनुसार उन्हें 7 नवंबर की सुबह कार्डियक अरेस्ट आया, जिसके चलते उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। जरीन कतरक सुपरस्टार रितिक रोशन की एक्स वाइफ सुजैन खान, सिमोन अरोड़ा, फराह अली खान और जायेद खान की मां थीं। जरीन के अचानक चले जाने से पूरा परिवार सदमे में हैं। जरीन के निधन की खबर सामने आते ही कई सेलेब्स उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंच रहे हैं। 1944 में बेंगलुरु के पारसी परिवार में जन्मीं जरीन कतरक भारतीय एक्ट्रेस, इंटीरियर डिजाइनर और कुकबुक की राइटर थीं। उन्होंने 1963 में फिल्म 'तेरे घर के सामने' से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। अपनी खूबसूरती और शांत स्वभाव के लिए जानी जाने वाली जरीन ने भारत को फैशन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान दिलाई। जरीन कतरक अपने ऑन-स्क्रीन काम के अलावा एक्टर-डायरेक्टर संजय खान से शादी के बाद भी खूब चर्चा में रही हैं। एक्टिंग डेब्यू के तीन साल बाद 1966 में उन्होंने संजय खान संग शादी रचा ली थी।
हिज्बुल्लाह ने लेबनान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद के अध्यक्ष को संबोधित एक खुला पत्र जारी किया है, जिसमें उसने सरकार से आग्रह किया है कि वह उसके निरस्त्रीकरण पर ध्यान देने के बजाय इजरायल को युद्धविराम समझौते का पालन करने के लिए मजबूर करे
नक्सलियों के पूर्वी रीजनल ब्यूरो के लीडर्स का कहना है कि, लगातार हो रहे सरेंडर से पार्टी कमजोर हो रही है। CRB (सेंट्रल रीजनल ब्यूरो) इलाके में ज्यादातर नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है। तेलंगाना स्टेट कमेटी ने युद्धविराम की घोषणा की है। ये एक अप्रत्याशित आत्मसमर्पण है। जिसकी पूर्वी रीजनल ब्यूरो निंदा कर रही है। नक्सलियों के पूर्वी रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता संकेत ने 2 पेज का एक प्रेस नोट जारी किया है। जिसमें लिखा है कि केंद्र और राज्य सरकार के लगातार हमलों से संगठन को गंभीर नुकसान हुआ है। CRB जिसमें छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भारी संख्या में नक्सल संगठन के बड़े कैडर्स ने आत्मसमर्पण किया है। ये हमारे लिए सबसे बड़ा नुकसान है। शांतिवार्ता का कोई भी परिणाम नहीं निकला नक्सलियों के प्रेस नोट में लिखा है कि, लगातार हो रहे हमले से CRB को बड़ा नुकसान हुआ। कई साथी मारे गए। जिससे नक्सल संगठन के साथियों ने शांति वार्ता का आह्वान किया था। ये अपने जीवन के भय से आत्मसमर्पण का कदम उठा रहे हैं। क्योंकि इनके शांतिवार्ता का कोई भी परिणाम नहीं निकला। क्रांति में उतार-चढ़ाव होता है। क्रांतिकारी आंदोलन में उतार-चढ़ाव बहुत स्वाभाविक है। हमारी पार्टी अनेक उतार-चढ़ावों का सामना करते हुए इस स्तर तक पहुंची है। वर्तमान में हो रहे गंभीर नुकसान को देखते हुए CRB क्षेत्र के कुछ नेता और कार्यकर्ता पलायनवाद का प्रदर्शन करते हुए आत्मसमर्पण कर रहे हैं। CRB स्पष्ट कर रहा है कि, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में हमारी पार्टी के पोलित ब्यूरो मेंबर सोनू के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के जगदलपुर और कांकेर जिलों में हमारी पार्टी के CCM सतीश के नेतृत्व में और तेलंगाना में चंद्रन्ना सीसीएम, एसजेडसी और राज्य कमेटी स्तर के नेतृत्व में आत्मसमर्पण हुआ है। ये सभी पलायनवाद के परिणाम ही हैं। तेलंगाना सरकार के साथ अप्रत्याशित समझौता तेलंगाना राज्य कमेटी पहले ही तेलंगाना सरकार के साथ अप्रत्याशित समझौता कर चुकी है। पिछले 6 महीने से एकतरफा युद्धविराम का पालन कर रही है। तेलंगाना राज्य कमेटी के प्रवक्ता जगन ने एक बयान जारी कर कहा है कि, अब आने वाले 6 महीनों तक एकतरफा युद्धविराम का पालन किया जाएगा। पूर्वी रीजनल ब्यूरो ने कहा कि, तेलंगाना राज्य कमेटी ने बिना किसी सूचना के अनौपचारिक और अघोषित रूप से तेलंगाना सरकार के सामने सरेंडर कर दिया है। उन्होंने हमें वहां के घटनाक्रमों की जानकारी नहीं दी। हमारी राय भी नहीं ली। जिसकी हम निंदा करते हैं। शाह की डेडलाइन, 2026 तक करेंगे नक्सलवाद का खात्मा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंचों से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दें। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे। वहीं उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की है कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह के डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं। महासचिव समेत कई बड़े कैडर के नक्सली मारे जा चुके हैं। बड़ी संख्या में माओवादी हथियार छोड़ कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। 20 महीने में 1,876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया था कि पिछले 20 महीनों में अब तक 1,876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ ले रहे हैं। हमें पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में और भी माओवादी इस सकारात्मक रास्ते को अपनाएंगे। ...................................... इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए छत्तीसगढ़ में रूपेश समेत 140 नक्सलियों ने किया सरेंडर:शाह बोले- 2 दिनों में 258 ने छोड़ी हिंसा, अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली प्रवक्ता रूपेश समेत 140 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) सतीश उर्फ टी वासुदेव राव उर्फ रूपेश माड़ डिवीजन और इंद्रावती एरिया कमेटी इलाके में एक्टिव था। राव पर 1 करोड़ रुपए का इनाम था, जबकि कुछ पर 5 लाख से 25 लाख तक का इनाम था। एके-47, इंसास राइफलें, SLR और 303 राइफलें बरामद की गई है। पढ़ें पूरी खबर...
गया: बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रत्याशी विश्वनाथ यादव ने गुरुवार को गया स्थित अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। यादव ने कहा कि बेलागंज में चुनावी माहौल पक्षपातपूर्ण हो गया है, जहां सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर राजद प्रत्याशियों को परेशान किया जा रहा है। राजद उम्मीदवार विश्वनाथ यादव ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार चुनाव के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों का खुलकर दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने विशेष रूप से बेलागंज के लाइन ऑर्डर डीएसपी रवि प्रकाश पर निशाना साधते हुए कहा कि वे एकतरफा कार्रवाई कर रहे हैं और सत्तारूढ़ दल के पक्ष में काम कर रहे हैं। यादव ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में पुख्ता सबूतों के साथ चुनाव आयोग को आवेदन दिया है, जिसमें प्रशासनिक पक्षपात और आचार संहिता उल्लंघन के प्रमाण शामिल हैं। हालांकि, आयोग की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पैसे बांटने और मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप यादव ने यह भी आरोप लगाया कि बेलागंज की वर्तमान विधायक मनोरमा देवी और उनके पुत्र रॉकी यादव खुलेआम पैसे बांटकर मतदाताओं को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इस बारे में कई बार प्रशासन को सूचित किया गया, लेकिन न तो कोई जांच की गई और न ही कोई कार्रवाई हुई। डीएसपी की लिट्टी पार्टी में भागीदारी पर विवाद राजद प्रत्याशी विश्वनाथ यादव ने एक सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि बेलागंज के डीएसपी रवि प्रकाश मनोरमा देवी के आवास पर आयोजित लिट्टी पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने इसे चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन बताया। यादव ने कहा कि ऐसे में यह स्पष्ट है कि प्रशासन निष्पक्ष नहीं है और बेलागंज में सरकारी संरक्षण में सत्ता पक्ष का प्रचार हो रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि बेलागंज के डीएसपी सहित सभी विवादित अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित किया जा सके। जनता से मतदान के लिए अपील उन्होंने जनता से अपील की कि वे डर और दबाव में आए बिना अपने मताधिकार का प्रयोग करें। राजद प्रत्याशी विश्वनाथ यादव ने कहा कि राजद गरीबों, किसानों और आम जनता की आवाज है, और जनता इस बार सच को पहचानकर बदलाव का फैसला करेगी। राजद प्रत्याशी की इस प्रेस वार्ता ने बेलागंज के राजनीतिक माहौल में नई हलचल पैदा कर दी है। प्रशासन और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं हालांकि, इस मामले पर अब तक प्रशासन या सत्तारूढ़ दल की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। चुनाव आयोग की निष्पक्षता और प्रशासन की भूमिका को लेकर उठे इस सवाल ने एक बार फिर बिहार की चुनावी राजनीति में “पक्षपात बनाम निष्पक्षता” की बहस को गर्म कर दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि आयोग इन गंभीर आरोपों पर क्या कदम उठाता है। वही इस संबंध में बेलागंज के डीएसपी रवि प्रकाश का कहना है कि आचार संहिता अभी लागू है. जिस तरह से आरोप लगाया है ऐसी कोई बात नहीं है. हम अधिकारी हैं और आचार संहिता में एक पक्षीय कार्रवाई नहीं करते हैं।
khawaja asif on Pakistan Afghanistan peace talks: तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता होनी है. इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बड़ी धमकी दी है. उन्होंने इस बार तालिबान को सीधे जंग की धमकी दी है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...
जैसलमेर से सटे भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर पहली बार ड्रोन आर्मी उतारी गई है। त्रिशूल युद्धाभ्यास के दौरान ड्रोन ने आसमान से बम दागे और दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया। दरअसल, सेना ने एक ऐसा प्रोग्राम शुरू किया है जिसका नारा है: “हर फौजी के पास 'चील' (ईगल) जैसी नजर होगी।” इसका मतलब है कि अब सेना खुद ही ऐसे ड्रोन बना रही है जो जंग के मैदान में कमाल दिखा सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार भारतीय सेना ने त्रिशूल अभ्यास के दौरान अपनी आसमानी सेना को भी अभ्यास में उतारा है और सेना अभ्यास ड्रोन के साथ दुश्मन को हर मोर्चे पर हराने के सफल प्रयोग कर रही है। खुद ही डिजाइन, खुद ही प्रोडक्शन यह पहल पूरी तरह से 'आत्मनिर्भर भारत' की सोच पर आधारित है। दक्षिणी कमान ने इन ड्रोन को बनाने के लिए किसी और पर निर्भर न रहते हुए, अपने अंदर ही एक पूरा सिस्टम तैयार कर लिया है। इसमें ड्रोन का डिजाइन बनाना, उसे विकसित करना और फिर बड़ी तादाद में बनाना (लार्ज-स्केल प्रोडक्शन) शामिल है। सेना का मकसद साफ है: जंग के लिए तैयार ड्रोन को सीधे सैनिकों के हाथ में देना। तकनीकी हुनर और छोटे उद्योगों का साथ इस काम को सफल बनाने के लिए, सेना की ईएमई कोर (कोर ऑफ ईएमई), जो तकनीकी काम संभालती है, और भारत के छोटे व मध्यम उद्योगों (MSME) को साथ लाया गया है। दक्षिणी कमान ने कई 'ड्रोन हब' बनाए हैं। ये हब नई पीढ़ी के ऐसे मानव रहित हवाई सिस्टम (UAS), यानी बिना इंसान वाले छोटे हवाई जहाज (ड्रोन) तैयार कर रहे हैं, जो तीन बड़े काम कर सकते हैं: सेना के अधिकारियों के मुताबिक, यह सहयोग दिखाता है कि भारतीय सेना सिर्फ देश की रक्षा ही नहीं कर रही, बल्कि देश के छोटे-छोटे उद्योगों को भी मजबूत कर रही है। 'त्रिशूल' अभ्यास में दिखा दम इन स्वदेशी ड्रोनों का असली टेस्ट हाल ही में चल रहे 'अभ्यास त्रिशूल' (Exercise Trishul) में लिया जा रहा है। यह टेस्ट ऐसी मुश्किल जगहों पर किया जा रहा हैं जहां दुश्मन का खतरा ज्यादा था। रिजल्ट चौंकाने वाले रहे ये मेक-इन-इंडिया ड्रोन हर कसौटी पर खरे उतरे। उन्होंने दिखाया कि वे कितने सही तरीके से टारगेट पर वार कर सकते हैं (सटीकता), कितनी देर तक उड़ सकते हैं (एंड्योरेंस), और जरूरत के हिसाब से कितनी जल्दी अपना मिशन बदल सकते हैं (फ्लेक्सिबिलिटी)। इन ड्रोनों का सफल होना एक बड़ी कामयाबी है। इसका मतलब है कि अब हमारी अपनी बनाई हुई तकनीक सीधे जंग के मैदान में इस्तेमाल की जा रही है। फ्यूचर-रेडी फोर्स दक्षिणी कमान इस बदलाव में सबसे आगे खड़ी है। वे लगातार नई खोजों को सेना में शामिल कर रहे हैं, भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, और इन ड्रोन तकनीकों को सीधे लड़ाई के तरीकों में फिट कर रहे हैं। सेना का लक्ष्य स्पष्ट है: एक ऐसी ताकत बनाना जो टेक्नोलॉजी से लैस हो, भविष्य के लिए तैयार हो, और दुश्मनों से हर तरह की लड़ाई में हावी रह सके। इस 'ड्रोन पावर' से, सीमा पर तैनात हर जवान को एक अतिरिक्त आँख मिल जाएगी, जिससे देश की सुरक्षा कई गुना बढ़ जाएगी। यह सिर्फ सेना की ताकत नहीं, बल्कि पूरे देश के हुनर की जीत है।
कोर्ट में जेबकतरा पकड़ा गया, पर्चा
लुधियाना| मंगलवार को कोर्ट कॉम्प्लेक्स में एक जेबकतरा लोगों के हत्थे चढ़ गया। शिकायतकर्ता बूटा सिंह निवासी किला मोहल्ला अपने बेटे की जमानत करवाने कोर्ट कॉम्प्लेक्स आए थे। जब वे लिफ्ट से पांचवीं मंज़िल की ओर जा रहे थे, तभी भीड़ का फायदा उठाकर एक युवक ने उनकी जेब से पर्स निकाल लिया। एहसास होते ही उन्होंने शोर मचाया और लोगों की मदद से आरोपी को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपी की पहचान सुरिंदर सिंह, निवासी बरेटा रोड, शिमलापुरी के रूप में हुई है। आरोपी सुरिंदर पर पहले से ही 3 से 4 मामले दर्ज हैं और वह हर 20-25 दिन बाद कोर्ट परिसर में पहुंचकर वारदातों को अंजाम देता था। पुलिस ने आरोपी के पास से 9,620 नकद बरामद किए हैं। उसे अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। अब यह जांच की जा रही है कि आरोपी ने कचहरी परिसर में अब तक कितनी वारदातों को अंजाम दिया है।
छ्त्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में स्टेट कमेटी मेंबर और नक्सली लीडर्स ने एक प्रेस नोट जारी किया है। जिसमें उन्होंने अगले 6 महीने तक तेलंगाना में युद्ध विराम करने की बात कही है। तेलुगु भाषा में जारी किए गए इस प्रेस नोट में लिखा है कि पिछले 6 महीने तक राज्य में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए सरकार ने साथ दिया है। लेकिन केंद्र सरकार माहौल बिगाड़ रही है। दरअसल, नक्सलियों के तेलंगाना स्टेट कमेटी के प्रवक्ता जगन ने प्रेस नोट जारी किया है। जगह का कहना है कि, अप्रैल, मई और जून 2025 के महीने में तेलंगाना के सभी दल, सामाजिक समूहों और जन संगठनों ने शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाया था। तेलंगाना राज्य सरकार ने भी जन आकांक्षाओं के अनुरूप अपनी प्रतिक्रिया दी थी। 'शांतिपूर्ण माहौल बना रहे इसलिए युद्ध विराम' प्रेस नोट में आगे लिखा है कि पिछले मई के महीने में हमने युद्धविराम का ऐलान किया था। इन 6 महीनों में हमने योजनाबद्ध तरीकों को लागू किया। साथ ही यह सुनिश्चित किया कि शांतिपूर्ण माहौल बना रहे। इसलिए अब जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप आने वाले 6 महीनों के लिए युद्ध विराम की घोषणा कर रहे हैं। नक्सल संगठन की ओर से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा। जगन का कहना है कि तेलंगाना सरकार से भी अपील है कि वे भी पहले की तरह कार्य करती रहे। नक्सलियों ने कहा कि, केंद्र सरकार तेलंगाना के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ में बढ़ा दबाव छत्तीसगढ़ में लगातार चल रहे एनकाउंटर के चलते नक्सलियों पर दबाव बढ़ा है। वहीं महीने भर के अंदर करीब 283 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है। इनमें CCM से लेकर DKSZCM, DVCM, ACM जैसे कैडर्स के नक्सली शामिल हैं। यहां फोर्स का नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है। 6 महीने पहले भी की थी घोषणा 6 महीने पहले भी नक्सलियों के तेलंगाना स्टेट कमेटी के प्रवक्ता जगन ने प्रेस नोट जारी कर युद्ध विराम की बात कही थी। जिसमें उन्होंने लिखा था कि राज्य के कई बुद्धिजीवी वर्ग और मशहूर हस्तियां इसी मुद्दे पर अभियान चला रहे हैं। वार्ता प्रक्रिया को राज्य और देश में लोकतांत्रिक माहौल लाने के प्रयास के रूप में समझा जाना चाहिए। इन प्रयासों को सकारात्मक प्रभाव देने के लिए 6 महीने तक युद्धविराम की घोषणा कर रहे हैं। .............................. इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें... नक्सली लीडर ने 6 महीने तक युद्धविराम की घोषणा की:तेलंगाना के CM, पूर्व CM के शांति वार्ता पहल पर कहा- ये गर्व की बात छत्तीसगढ़-तेलंगाना राज्य में नक्सलियों ने 6 महीने तक युद्धविराम की घोषणा कर दी है। तेलुगु कैडर के नक्सली और नक्सल संगठन के प्रवक्ता जगन ने प्रेस नोट जारी कर युद्धविराम का ऐलान किया है। पढ़ें पूरी खबर...
जालौन के उरई कोतवाली क्षेत्र के कालिदास महाविद्यालय के पास रहने वाले सेवानिवृत्त वायुसेना कर्मी और उनकी पत्नी इन दिनों अपनी ही बहू की प्रताड़ना से परेशान हैं। दंपत्ति का आरोप है कि उनकी बहू न केवल उन्हें मारपीट कर घर से निकाल देती है, बल्कि झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी भी देती है। इतना ही नहीं, पीड़ित दंपत्ति ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया। 8 मई को हुई थी शादी पीड़ित राधेश्याम तिवारी, जो भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त हैं और वर्तमान में औरैया जनपद के बिधूना में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं, ने बताया कि उनके बेटे की शादी 8 मई 2025 को राधा कुरचनिया पुत्री शैलेंद्र कुरचनिया निवासी बिधूना से हुई थी। शादी के कुछ ही समय बाद से ही घर में विवाद शुरू हो गया।राधेश्याम तिवारी और उनकी पत्नी अर्चना तिवारी का कहना है कि बहू लगातार उनके बेटे पर अलग रहने का दबाव बना रही थी। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो बहू ने उन पर हमला कर दिया। सीसीटीवी में कैद हुई मारपीट की घटना दंपत्ति के अनुसार, 17/18 अक्टूबर की रात बहू घर की लोहे की ग्रिल काट रही थी, जब उन्होंने रोकने की कोशिश की तो उसने उन पर हमला कर दिया।यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। राधेश्याम तिवारी का कहना है कि उन्होंने यह फुटेज पुलिस को दिखाया, लेकिन पुलिस ने इसे “पारिवारिक मामला” बताते हुए कोई कार्रवाई नहीं की।उन्होंने आरोप लगाया कि जब उनकी बहू पुलिस से शिकायत करती है, तो पूरा पुलिस बल उनके घर पहुंचकर उन्हें और उनके बेटे को धमकाने लगता है। दहेज व घरेलू हिंसा के आरोपों फंसाने की धमकी पीड़ित दंपत्ति ने बताया कि बहू ने उन पर और उनके बेटे पर दहेज प्रथा व घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज कर रखे हैं।साथ ही वह झूठे बलात्कार के मुकदमे में फंसाने की धमकी भी देती है। इन परिस्थितियों के कारण राधेश्याम तिवारी और उनकी पत्नी पिछले दो महीनों से अपने ही घर में नहीं रह पा रहे हैं और इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। राधेश्याम तिवारी ने कहा, मैं भारतीय वायुसेना का सेवानिवृत्त सैनिक और एक शिक्षक हूं। मैंने हमेशा ईमानदारी से देश और समाज की सेवा की, लेकिन आज मैं और मेरी पत्नी अपनी ही बहू की प्रताड़ना से त्रस्त हैं। पुलिस हमारी बात नहीं सुन रही है। उन्होंने उच्चाधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर जल्द न्याय नहीं मिला, तो वे प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय के बाहर धरना देने को मजबूर होंगे। वहीं इस मामले में बहू राधा का कहना है कि ससुराल वाले प्रताड़ित करते हैं। पहले से ही ससुराल के लोग कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा रखा है। ससुराल वाले उसे घर में रखना नहीं चाहते हैं।बल्कि वह घर पर ही रहना चाहती है। ससुराल वालों के आरोप बेबुनियाद है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में हरियाणा के 6 युवक फंसे हुए हैं। इनमें फतेहाबाद के 2, कैथल, हिसार, रोहतक और जींद का एक-एक युवक शामिल है। महीनों से इन युवकों का परिवार से संपर्क नहीं हो पाया है। सभी युवक स्टडी वीजा या कमाने के लिए रूस गए थे। इनके परिवार का आरोप है कि एजेंटों और वहां के लोकल लोगों ने धोखे से इन्हें सेना में भर्ती करा यूक्रेन से युद्ध करने के लिए भेज दिया। इन युवकों के परिवार के सदस्य आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन में हरियाणा के अलावा राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, महाराष्ट्र और हैदराबाद के परिवार भी शामिल होंगे। यह प्रदर्शन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। जींद और कैथल के लापता युवक कौन हैं, अभी इनका पता नहीं लग पाया है। हिसार के मदनहेड़ी गांव के सोनू (28) और कैथल के कर्मचंद (22) की वहां मौत हो चुकी है। सोनू की मौत यूक्रेन में ड्रोन हमले के कारण हुई। रोहतक के जयभगवान के नेतृत्व में होगा प्रदर्शनरोहतक के मदीना गिंधरान गांव के सामाजिक कार्यकर्ता जयभगवान डांगी ने इन परिवारों की मदद करने का फैसला किया है। उन्होंने यूक्रेन में फंसे युवकों के परिवारों को मिलाकर एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना के 27 परिवारों को जोड़ा गया है। विदेश राज्यमंत्री से भी मिलेंगेजयभगवान ने बताया कि हरियाणा के 6, राजस्थान के 4 और पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर के भी कुछ युवक यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति ली है। प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाई जाएगी, ताकि केंद्र सरकार और गंभीरता से प्रयास करे। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन के ऑफिस भी जाएंगे। उनसे मिलकर उन्हें पूरी स्थिति बताई जाएगी। अब रूस में फंसे हरियाणा के युवकों के बारे में जानिए.... फतेहाबाद का विजय 2024 और अंकित 2025 में रूस गयाफतेहाबाद जिले के कुम्हारिया गांव के 2 युवक अंकित जांगड़ा और विजय पूनिया जबरन रशियन आर्मी में भर्ती कर यूक्रेन युद्ध में धकेल दिए गए। इन युवकों का पिछले करीब डेढ़ महीने से ज्यादा समय से परिवार से कोई संपर्क नहीं हुआ है। आखिरी बार 11 सितंबर को अंकित का अपने भाई रघुवीर के पास मैसेज आया था। अंकित जांगड़ा के परिवार में उसके पिता रामप्रसाद जांगड़ा, मां सुशीला देवी और बड़ा भाई रघुवीर जांगड़ा है। अंकित के पिता रामप्रसाद राजमिस्त्री हैं, जबकि मां गृहिणी है। वहीं, इसी गांव के विजय पूनिया के पिता का निधन हाे चुका है। अब परिवार में मां सुमन देवी और छोटा भाई सुनील कुमार है। अंकित के भाई रघुवीर बताते हैं कि अंकित स्टडी वीजा पर 15 फरवरी 2025 को रूस गया था। परिवार ने कर्ज लेकर उसे वहां पढ़ने भेजा था। वहां उसने लेंग्वेज कोर्स में एडमिशन लिया था। पढ़ाई के साथ ही वह रेस्टोरेंट में काम करने लगा था। इसी तरह विजय पूनिया जुलाई 2024 में स्टडी वीजा पर गया। मगर मार्च 2025 में वापस आ गया। इसके बाद बिजनेस वीजा पर जुलाई 2025 को वापस चला गया था। वह भी रेस्टोरेंट में काम कर रहा था। विजय को वहां एक रूसी महिला मिली थी, जिसने कंप्यूटर ऑपरेटर या सिक्योरिटी गार्ड लगवाने का झांसा देकर रशियन आर्मी में भर्ती करवा दिया। 20 अगस्त को उन्हें रूस से यूक्रेन में ले गए। जहां मात्र 10 दिन की ट्रेनिंग देकर बंकरों में भेज दिया। रोहतक के संदीप ने वीडियो भेज कहा था- मेरी जान को खतरारोहतक के तैमूरपुर गांव का संदीप सितंबर 2024 में चरखी दादरी के एक एजेंट के माध्यम से रूस गया था। संदीप के पिता बख्शी राम का आरोप है कि एजेंट ने उन्हें लालच दिया था कि वहां वह पढ़ाई के साथ कुक का काम कर पाएगा। इससे उसे पैसे भी मिलेंगे और पढ़ाई का खर्चा भी निकल जाएगा, लेकिन वहां एजेंटों ने उसके हाथ में बंदूक थमा दी और 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद उसे सेना में भर्ती करा दिया। संदीप के दोस्त मयंक ने बताया था कि उसके पास संदीप का वॉट्सऐप पर मैसेज आया था। संदीप ने उसे बताया कि कुक की नौकरी का वादा कर उसे सेना में भर्ती करा दिया गया है। अब उसे यूक्रेन के साथ युद्ध में भेज दिया गया है। हाल ही में संदीप ने परिवार को वीडियो भेजकर कहा था कि उसकी जान को खतरा है। उसे दिन में एक बार खाना दिया जाता है और वे बंकर से बाहर नहीं निकल सकते। हिसार का अमन पिछले साल स्टडी वीजा पर गयाहिसार के मदनहेड़ी गांव निवासी अमन भी रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसा हुआ है। उसके परिवार ने उसे सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगाई है। अमन की मां सुमन का आरोप है कि वह 2024 में वैध स्टडी वीजा पर रूस गया था। वहां धोखे से एजेंटों ने उसे रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में धकेल दिया गया है, जिससे उनकी जान को खतरा है। अमन से संपर्क नहीं हो पा रहा है। सरकार से मांग है कि अमन को भारत लाया जाए। अमन ने आखिरी बार वीडियो जारी कर कहा था कि वहां के हालात बहुत खराब हैं, कभी भी मौत हो सकती है। उसके सामने कई लोग मारे जा चुके हैं। अब कैथल और हिसार के 2 युवकों के बारे में जानिए जिनकी मौत हो चुकी... परिवार के पास सोनू की मौत का लेटर आयाहिसार के मदनहेड़ी गांव के सोनू की मौत हो चुकी है। वह मई 2024 में फॉरेन लैंग्वेज का कोर्स करने गया था। सोनू के भाई अनिल ने बताया था कि सोनू ने 3 सितंबर को आखिरी बार फोन कर बताया था कि उसे जबरन रशियन आर्मी में भर्ती किया जा रहा है और जल्द युद्ध में भेजा जाएगा। 6 अक्टूबर को भी परिवार के पास रूस की सेना के एक अधिकारी ने पत्र भेजकर जानकारी दी कि सोनू की युद्ध में मौत हो चुकी है। कर्मचंद की 6 सितंबर को मौत हुई, 18 अक्टूबर भारत आया शवकैथल जिले के जनेदपुर गांव का कर्मचंद (22) जर्मनी जाना चाहता था। एजेंट ने यही भरोसा दिलाया था, लेकिन जर्मनी के बजाय रूस भेज दिया। जहां उसे सेना में भर्ती कर दिया गया। फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया। युद्ध के दौरान 6 सितंबर को बम गिरने से कर्मचंद की मौत हो गई। करीब डेढ़ महीने बाद 17 अक्तूबर को उसका पार्थिव शरीर भारत लौटा और 18 अक्टूबर को गांव में अंतिम संस्कार किया गया। ---------------------------------- ये खबर भी पढ़ें :- रूस-यूक्रेन युद्ध में एक और हरियाणवी की मौत: एक का VIDEO मैसेज- कभी भी मौत आएगी; धोखे से आर्मी में जॉइनिंग करवाई रूस-युक्रेन युद्ध में हरियाणा के एक और युवक की मौत हो गई है। इस बार हिसार के गांव मदनहेड़ी के 28 वर्षीय सोनू की मौत की पुष्टि हुई है। सोनू के बड़े भाई अनिल ने बताया कि सोनू को जबरन रशियन आर्मी में भर्ती कर युद्ध में भेजा गया था। पढ़ें पूरी खबर...
भारत ने पश्चिमी मोर्चे पर दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर ‘अभ्यास त्रिशूल’ के ज़रिए अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया है। थलसेना, वायुसेना और नौसेना की यह संयुक्त कवायद देश की सबसे बड़ी त्रि-सेवा युद्ध तैयारी मानी जा रही है।यह अभ्यास 10 नवंबर तक चलेगा, जिसमें तीनों सेनाएं एक साथ अलग-अलग इलाकों में हमले और बचाव की रणनीति पर काम कर रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद तीनों सेनाओं की ये सबसे बड़ी एक्सरसाइज है। इस त्रिशूल युद्धाभ्यास में आर्मी के पैरा कमांडो, एयरफोर्स के गरुड़ और नेवी के मार्कोस अपना दम दिखा रहे हैं। सेना ने हाला ही में इसका वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी है। तीनों सेनाओं का जॉइंट एक्सरसाइजअभ्यास त्रिशूल में 28 हजार फीट की ऊंचाई तक वायुसेना के लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर मिशन चला रहे हैं। जमीन पर थलसेना के टी-90 टैंक, तोपखाने और रॉकेट सिस्टम ने मोर्चा संभाला है, जबकि नौसेना ने समुद्री इलाकों और तटीय सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत किया है। रेतीले टीलों और कच्छ के क्रीक इलाकों में तीनों सेनाओं के विशेष बल- आर्मी के पैरा कमांडो, एयरफोर्स के गरुड़ और नेवी के मार्कोस कमांडो- मिलकर एक साथ आक्रमण और बचाव की रणनीतियों का अभ्यास कर रहे हैं। यह पहली बार है जब तीनों के कमांडो बल एकीकृत रूप में इतने बड़े पैमाने पर अभ्यास कर रहे हैं। इन फोटोज में देखिए तीनों सेनाओं की जॉइंट एक्सरसाइज कच्छ के क्रीक और सर क्रीक पर फोकसइस बार ‘त्रिशूल’ का एक अहम हिस्सा गुजरात के कच्छ क्षेत्र और विवादित सर क्रीक बॉर्डर के पास केंद्रित है। पाकिस्तान ने हाल के महीनों में यहां अवैध निर्माण और सैन्य ढांचा खड़ा करने की कोशिशें की हैं। इस अभ्यास के जरिए भारत ने यह साफ संदेश दिया है कि वह हर हाल में अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सर क्रीक बॉर्डर की लंबाई करीब 68 किमी है, जबकि इसके आगे लगभग 36.4 किमी का दलदली इलाका भारत-पाकिस्तान के बीच विवादित माना जाता है। यह इलाका निगरानी और सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। सुखाई, मिराज, तेजस ने किया प्रदर्शनथलसेना ने रेगिस्तानी इलाकों में आक्रमण और जवाबी कार्रवाई की प्रैक्टिस की, वहीं वायुसेना के सुखोई-30, मिराज-2000 और तेजस लड़ाकू विमानों ने हवाई हमलों की सटीकता का प्रदर्शन किया।नौसेना के युद्धपोतों और हवाई निगरानी प्रणालियों ने समुद्री सुरक्षा और तटीय क्षेत्रों में हमले की स्थिति से निपटने की तैयारी दिखाई। सैन्य अधिकारियों के अनुसार, इस तरह के संयुक्त अभ्यासों का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और त्वरित कार्रवाई की क्षमता को और मजबूत बनाना है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी आपात स्थिति में एक साथ समन्वित रूप से प्रतिक्रिया दी जा सके। भविष्य की युद्ध रणनीति का मॉडल‘त्रिशूल’ न केवल एक अभ्यास है, बल्कि यह भारत की नई युद्ध अवधारणा – JAI (Jointness, Atmanirbharta, Innovation) का प्रतीक भी है। इसका लक्ष्य एक टेक्नोलॉजी-आधारित और भविष्य के लिए तैयार सेना (FutureReadyForce) तैयार करना है, जो एकीकृत बहु-क्षेत्रीय (Integrated Multi-Domain) वातावरण में युद्ध को रोकने और जीतने दोनों में सक्षम हो।
बिहार में एनडीए की लहर, चुनाव होगा एकतरफा : रोहन गुप्ता
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तापमान चरम पर है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि बिहार में चुनाव अब एकतरफा होता जा रहा है और एनडीए के पक्ष में स्पष्ट लहर दिखाई दे रही है
भारत के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और जम्मू राज्यों के 16 युवकों के परिजन ने केंद्र सरकार से उन्हें रूस से सुरक्षित वापस लाने की अपील की है। इन युवकों को 2024 में वैध स्टडी वीजा पर रूस भेजा गया था, लेकिन परिजनों का आरोप है कि एजेंटों ने उन्हें धोखे से युद्ध क्षेत्र में धकेल दिया है, जिससे उनकी जान को खतरा है। इन 16 युवकों में हरियाणा (हिसार, फतेहाबाद, रोहतक, जींद), पंजाब, राजस्थान और जम्मू के युवा शामिल हैं। इसमें हिसार के एक युवक की मौत भी हो चुकी है। परिजनों के अनुसार, रूस पहुंचने के बाद एजेंटों ने इन युवकों को सेना प्रशिक्षण लेने और युद्ध में तैनात होने के लिए मजबूर किया। अब अधिकांश परिवारों का अपने बच्चों से संपर्क टूट गया है। इन में हरियाणा के हिसार के सोनू (मदनहेड़ी) और अमन, फतेहाबाद के विजय सिंह और अंकित, रोहतक के संदीप, जींद के अनूप कुमार, जयपुर के मनोज सिंह शेखावत, बीकानेर के अजय कुमार, सीकर के संदीप सुंडा, डीडवाना के महावीर प्रसाद, कुचामन के सुरेंद्र दहिया, जम्मू के सचिन खजूरिया और सुमीत शर्मा जैसे नाम शामिल हैं। दुखद है कि मदनहेड़ी के सोनू की मौत हो चुकी है। शिक्षा के बहाने ले गए और जबर्दस्ती सेना में भर्ती किया परिवारों का कहना है कि उनके बच्चे सैनिक नहीं, बल्कि निर्दोष छात्र हैं जो शिक्षा के लिए विदेश गए थे। उन्हें आशंका है कि इन युवकों को युद्ध में ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। परिजनों ने भारत सरकार से राजनयिक हस्तक्षेप कर सभी युवकों की सुरक्षित और शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने की मांग की है। जंतर मंतर पर धरना देंगे युवकों के परिजन इस मामले में प्रभावित परिवारों ने 3 नवंबर को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक जंतर-मंतर, नई दिल्ली पर धरना देने की घोषणा की है। उन्हें इसकी अनुमति मिल चुकी है। परिजनों ने स्पष्ट किया है कि जब तक सरकार इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई नहीं करती, वे अपनी आवाज उठाते रहेंगे।
सऊदी अरब की राजधानी रियाद में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित तीसरे ‘प्रवासी परिचय’ सांस्कृतिक उत्सव में राजस्थानियों ने अपनी परम्पराओं और संस्कृति का शानदार प्रदर्शन किया।अपनी समृद्ध संस्कृति, अटूट एकता और असाधारण सामुदायिक समर्पण के साथ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। यह प्रोग्राम राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर) को रियाद स्थित भारतीय दूतावास में आयोजित ।यह प्रोग्राम 28 अक्टूबर से 3 नवंबर, 2025 तक चलेंगे। इस सप्ताहव्यापी आयोजन में राजस्थान की टीम ने न केवल शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, बल्कि बेहतरीन प्रबंधन और निस्वार्थ सेवा की मिसाल भी पेश की। इस पूरे कार्यक्रम में राजस्थान टीम का नेतृत्व गुलाम खां सोती ने किया। राजस्थान ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि उनका प्रदेश केवल अपनी सदियों पुरानी 'मरुधरा' संस्कृति का प्रतीक ही नहीं है, बल्कि यह विदेशों में रहने वाले अपने नागरिकों के बीच गहन सहयोग और भाईचारे का भी केंद्र है। कार्यक्रम स्थल पर राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले बैनरों और सूचना पट्ट भी लगाए गए। डॉ. इदरीस गोड के सहयोग से प्रोग्राम और पूरा आयोजन किया गया। भारतीय राजदूत सुहेल एजाज खान ने भी सभी राज्यों, विशेष रूप से राजस्थान की भागीदारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उत्सव भारत की 'विविधता में एकता' के सिद्धांत को सऊदी अरब की धरती पर मजबूती से स्थापित करता है। सांस्कृतिक विविधता का जीवंत प्रदर्शन मंच पर, राजस्थानी कलाकारों ने अपनी जीवंत कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुतियों में रंगीन और ऊर्जा से भरपूर लोक नृत्य, भावपूर्ण लोक गीत, और एक हास्य स्किट (Comedy Skit) शामिल थे। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने विशेष रूप से कालबेलिया नृत्य और प्रसिद्ध लोक धुन 'पधारो म्हारे देस' की प्रस्तुति की सराहना की, जो राजस्थान के समृद्ध सांस्कृतिक परिदृश्य को प्रस्तुत करती हैं। अटूट सामुदायिक बंधन की मिसाल इस आयोजन की सफलता केवल रियाद के प्रवासियों तक सीमित नहीं रही। दम्माम और जुबैल जैसे दूरस्थ क्षेत्रों से भी राजस्थानी प्रवासियों का बड़ी संख्या में विशेष रूप से शामिल हुए।यह भागीदारी 'प्रवासी परिचय' को सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम तक सीमित न रखकर, इसे सामुदायिक एकता और गर्व के उत्सव में बदल दिया।
भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शनिवार को सतना में हैं। वे 53 साल बाद अपने बचपन के स्कूल सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे। आर्मी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा - यह एक धर्म युद्ध था और आगे भी जारी रहेगा। हमने किसी भी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया, न ही नमाज या प्रार्थना के समय हमला किया। आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी जैसे ही स्कूल पहुंचे, छात्रों और शिक्षकों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने बताया कि 1971-72 में चौथी क्लास में इस स्कूल में पढ़े हैं। इतने सालों बाद अपने स्कूल लौटकर आर्मी चीफ भावुक हो गए। आर्मी चीफ बोले- ऑपरेशन सिंदूर ने देश को बांधाआर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा, इस अभियान ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा। सिद्धांत और तकनीक के संयोजन से मिशन सफल हुआ। पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि हम धर्म युद्ध के अनुयायी हैं और आगे भी यही नीति अपनाएंगे। 'स्कूल से मिली निर्णय लेने की क्षमता'उन्होंने कहा कि स्कूल के दिनों में सीखी निर्णय क्षमता ने उन्हें सेना में कई सफलताएं दिलाईं। चौथी कक्षा में यहीं से निर्णय लेने की क्षमता मिली, इसी ने ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक सफलता दिलाई। उन्होंने आगे बताया कि यह वही स्कूल है, जिसने उनके व्यक्तित्व और राष्ट्र सेवा के संकल्प को मजबूत किया। आर्मी चीफ ने छात्रों को सफलता का मंत्र दियाजनरल द्विवेदी ने छात्रों से कहा, सफलता की नींव विद्यार्थी जीवन में ही रखी जाती है। उन्होंने सफलता का मंत्र Three-A (Attitude, Adaptibility, Ability) बताया। उन्होंने कहा कि Attitude से सकारात्मक दृष्टिकोण और पॉजिटिविटी आती है। Adaptibility से आप अपने अंदर समय के साथ बदलाव ला सकते हैं और Ability आपको हर क्षेत्र में सफलता दिलाएगी। उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम करने वाला ही भविष्य में देश का निर्माण करता है। आप वर्दी में हों या सिविल ड्रेस में, राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दें। यह देश हमारा है। जब हम सब मिलकर काम करेंगे तभी 2047 का विकसित भारत बनेगा।
युद्ध और शांति के खेल में नोबेल
वैश्विक राजनीति में किस तरह नोबेल पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान की आड़ में नए खेल रचे जा रहे हैं
असहिष्णुता है, 'टैरिफ युद्ध' की वजह
भारत पर अधिकतम 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अलावा अमेरिका ने दुनिया के लगभग 67 देशों पर 'व्यापार टैरिफ' लगाया है
War 2 रिव्यू: लचर स्क्रिप्ट और निर्देशन के कारण रितिक और एनटीआर हारे युद्ध, पढ़ें पूरी समीक्षा
रितिक रोशन और एनटीआर स्टारर War 2 ‘स्पाई यूनिवर्स’ की बड़ी पेशकश मानी जा रही थी, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट और औसत निर्देशन ने इसे निराशाजनक बना दिया। शानदार एक्शन सीक्वेंस और एनटीआर के दमदार परफॉर्मेंस के बावजूद फिल्म का सेकंड हाफ बिखर गया। कहानी में ...
ललित सुरजन की कलम से - युद्ध की तारीफ में
'नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं, यह उनका एक व्यक्तित्व है
बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला अपनी खूबसूरती से हर किसी का दिल जीत लेती हैं। उर्वशी ने बेहद ही कम समय में एक अलग मुकाम हासिल किया है। वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों के साथ 'मिलने और अभिवादन' के क्षणों में संलग्न रहती है। ऐसा ही एक क्षण था जब ...
सलमान खान की सिकंदर के आखिरी गाने में दिखेगा जबरदस्त जलवा, तुर्की से बुलाए गए 500 डांसर्स!
बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की 'सिकंदर' इस साल की सबसे बड़ी फिल्म मानी जा रही है, जिसका दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इसके एक्शन-पैक्ड टीजर ने इसकी भव्य एंट्री के लिए एकदम परफेक्ट माहौल तैयार कर दिया है। भव्य पैमाने पर बनाई गई इस फिल्म में ...
केसरी वीर के लिए सूरज पंचोली ने की कड़ी ट्रेनिंग, ऐसे सीखा युद्ध कौशल
बॉलीवुड एक्टर सूरज पंचोली अपनी पहली बायोपिक में वीर हामीरजी गोहिल के ऐतिहासिक किरदार को जीवंत करने जा रहे हैं। सुनील शेट्टी, विवेक ओबेरॉय और सूरज पंचोली अभिनीत फिल्म 'केसरी वीर : लीजेंड्स ऑफ सोमनाथ' का टीजर हाल ही में रिलीज हुआ है। सोमनाथ मंदिर की ...
Adil Hussain: दुनियाभर में इन दिनों पेरिस ओलंपिक 2024 की धूम मची हुई है। पेरिस ओलंपिक में दुनियाभर के खिलाड़ियों ने भाग लिया है। भारत के कई खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं। हाल ही में तुर्की के शूटर यूसुफ डिकेक ने सिल्वर मेडल जीता।
बॉर्डर की 27वीं सालगिरह पर, अभिनेता सनी देओल ने एक घोषणा वीडियो के ज़रिए फ़्रैंचाइज़ी के दूसरे संस्करण की पुष्टि की है। अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर सनी ने बॉर्डर 2 में अपनी वापसी की आधिकारिक घोषणा करते हुए एक वीडियो शेयर किया और इसे 'भारत की सबसे बड़ी युद्ध फिल्म' बताया। उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ''एक फौजी अपने 27 साल पुराने वादे को पूरा करने के बाद, आ रहा है फिर से। भारत की सबसे बड़ी युद्ध फिल्म, बॉर्डर 2।'' इस फिल्म का निर्माण भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, जेपी दत्ता और निधि दत्ता करेंगे। आगामी युद्ध फिल्म का निर्देशन अनुराग सिंह करेंगे। इसे भी पढ़ें: Bollywood Wrap Up | पति से तकरार के बीच केन्या लौट गई हैं Dalljiet Kaur? शादी को बचाने की कर रही कोशिश सनी द्वारा घोषणा वीडियो शेयर किए जाने के तुरंत बाद, सोशल मीडिया यूज़र्स ने अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए कमेंट सेक्शन में बाढ़ ला दी। एक यूज़र ने लिखा, ''वाह, यह बहुत बढ़िया घोषणा है सर जी, जय हिंद।'' दूसरे ने लिखा, ''बहुत उत्साहित हूँ।'' तीसरे यूजर ने टिप्पणी की, ''बॉर्डर 2 के लिए बहुत उत्साहित हूं।'' इसे भी पढ़ें: NDA पर इमोशनल बयान, काले सूट में ली मंत्री पद की शपथ और शर्मिला अंदाज, Tripti Dimri की तरह रातों रात भारत के Sensation बन गये Chirag Paswan सनी देओल की अन्य परियोजनाएं उन्हें आखिरी बार अमीषा पटेल के साथ गदर 2 में देखा गया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत सफल रही और इसे ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर घोषित किया गया। गदर 2 की सफलता के बाद, सनी ने लाहौर 1947 सहित कई फिल्में साइन कीं, जिसे आमिर खान के प्रोडक्शन बैनर के तहत बनाया जा रहा है। फिल्म का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया है, जिन्होंने आमिर को कल्ट क्लासिक अंदाज़ अपना अपना (1994) में निर्देशित किया था। View this post on Instagram A post shared by Sunny Deol (@iamsunnydeol)
Kalki 2898 AD: शुरू हो गया नया युद्ध, पूरे ट्रेलर की अहम कड़ी हैं अमिताभ, प्रभास करेंगे इम्प्रेस
Kalki 2898 AD के ट्रेलर को देखें तो, फिल्म कल्कि 2898 एडी के मेकर्स ने विश्वास दिलाया है कि ये फिल्म लोगों को बांधने में कामयाब होगी. टफ सीक्वेंस, क्लियर एडिटिंग और बैकग्राउंड स्कोर आपका ध्यान खींचते हैं. वीएफएक्स पर भी अच्छा काम किया गया है.
आशुतोष राणा ने डीपफेक वीडियो को बताया 'माया युद्ध', बोले- ये सालों से चल रहा
आशुतोष ने कहा कि ऐसी बातों में खुद को डिफेंड करने का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा कि जो लोग आपको जानते हैं वो सवाल करेंगे ही नहीं. और जो नहीं जानते, उन्हें किसी रिस्पॉन्स से फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि वो दिमाग में आपकी एक छवि बना चुके होते हैं.
रानीति बालाकोट एंड बियॉन्ड: जिमी शेरगिल की नई सीरीज भारत की आधुनिक युद्ध की ऐतिहासिक कहानी को प्रदर्शित करेगी। जिमी शेरगिल दो मिनट के ट्रेलर की शुरुआत पुलवामा हमले की झलक से होती है। एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाने वाले आशीष कहते हैं, ये एक नया रण है या इसे जीतने के लिए एक नई रणनीति की जरूरत है। इसे भी पढ़ें: नक्सलियों के खिलाफ 'ऑपरेशन प्रहार', कमांडर शंकर राव समेत अब तक 79 हुए ढेर, हिट लिस्ट में और भी कई नाम शामिल आगामी वेब शो आधुनिक युद्ध को डिकोड करता है जो केवल भौतिक सीमाओं पर नहीं लड़ा जाता है बल्कि सोशल मीडिया, डिजिटल रणनीति और गुप्त राजनीतिक चालों के क्षेत्र से परे है जो भू-राजनीति को नया आकार देने की शक्ति रखता है। वेब श्रृंखला उन वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है जिन्होंने 2019 में देश को हिलाकर रख दिया था। शो में कुछ हवाई दृश्य, शानदार प्रदर्शन और एक शक्तिशाली कथा है जो युद्ध के मैदान के अंदर और बाहर हर पहलू को चतुराई से पकड़ती है। इसे भी पढ़ें: Biden को सोचना पड़ेगा फिर एक बार, Iran पर प्रहार तो रूस करेगा पलटवार, रक्षा मंत्रायल ने चिट्ठी लिखकर जता दी मंशा आगामी वेब श्रृंखला के बारे में बात करते हुए, जिमी ने कहा: यह मेरे द्वारा अतीत में की गई किसी भी भूमिका से भिन्न है। कम से कम यह कहना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन भारत की पहली वॉर-रूम केंद्रित वेब-श्रृंखला का हिस्सा बनना बेहद संतोषजनक भी है। वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित जिसने देश को हिलाकर रख दिया। एनएसए प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए, आशीष ने कहा, एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन रक्षा बलों के कुछ सदस्यों के साथ बैठकों ने मुझे अपने चरित्र की बारीकियों को समझने में मदद की। तैयारी कार्य और कार्यशालाएं मुझे वापस ले गईं मेरे एनएसडी के दिनों में। संतोष सिंह द्वारा निर्देशित, श्रृंखला का निर्माण स्फीयरओरिजिन्स मल्टीविजन प्राइवेट लिमिटेड के सुंजॉय वाधवा और कॉमल सुंजय डब्ल्यू द्वारा किया गया है। इसमें प्रसन्ना भी हैं। शो का प्रीमियर 25 अप्रैल को JioCinema पर होगा।
दर्शक काफी समय से रैपर बादशाह और हनी सिंह के बीच जुबानी जंग देख रहे हैं। दोनों का रिश्ता सालों से विवादों से भरा रहा है। हालांकि करियर के शुरुआती दिनों में बादशाह और हनी सिंह के बीच अच्छी दोस्ती हुआ करती थी। हालाँकि, ऐसा लगता है कि सफलता और पैसे ने धीरे-धीरे इस दोस्ती को पूरी तरह से खत्म कर दिया। अब दोनों अक्सर एक दूसरे पर तंज कसते नजर आते हैं। हाल ही में हनी सिंह एक होली पार्टी में शामिल हुए, जहां उन्होंने बादशाह के 'पापा कमबैक' वाले कमेंट का करारा जवाब दिया। रैपर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसे भी पढ़ें: Punjab Kings के खिलाफ जीत के बाद इंटरनेट पर Virat Kohli का Anushka Sharma के साथ वीडियो कॉल, FLY KISS देते नजर आये खिलाड़ी हनी सिंह ने बादशाह पर किया पलटवार बादशाह कुछ दिनों पहले हनी सिंह पर अपनी टिप्पणी को लेकर चर्चा में थे, जिसमें उन्होंने हनी सिंह की वापसी पर कटाक्ष किया था। अब सिंगर और रैपर हनी सिंह ने एक कमेंट के जरिए बादशाह को करारा जवाब दिया है और कहा है कि उन्हें बादशाह को जवाब देने के लिए मुंह खोलने की जरूरत नहीं है। उनके फैन ही काफी हैं जो हर चीज पर बात कर सकते हैं। उन्होंने अपने गाली वाले अंदाज में अपने फैंस से बात करते हुए बादशाह का जवाब दिया। हनी सिंह को सोमवार को मुंबई में एक होली पार्टी में परफॉर्म करते देखा गया और यहीं उन्होंने बादशाह पर कटाक्ष किया। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा, हर कोई कहता है, रिप्लाई करो, रिप्लाई करो... मैं क्या रिप्लाई करूं... आप लोग तो उनके सारे कमेंट्स का बहुत अच्छे से रिप्लाई कर चुके हैं। मुझे मुंह खोलने की जरूरत है। ऐसा नहीं होता है। जैसे ही भीड़ ने उनके लिए तालियां बजाईं, गायक ने कहा, मुझे बोलने की जरूरत नहीं है। आप लोग खुद पागल हैं। हनी सिंह पागल हैं और उनके प्रशंसक भी पागल हैं। इसे भी पढ़ें: Taapsee Pannu के पति Mathias Boe आखिर कौन है? जब सफल भी नहीं थी एक्ट्रेस तब से उन्हें प्यार करते थे बैडमिंटन खिलाड़ी रैपर बादशाह ने क्या कहा? आपको बता दें कि हाल ही में बादशाह ने हनी सिंह पर कमेंट करते हुए कहा था, ''मुझे एक पेन और कागज दो। मैं तुम्हारे लिए एक गिफ्ट लाया हूं। मैं कुछ गाने लिखूंगा और तुम्हें दूंगा। पापा की वापसी तुम्हारे साथ होगी।'' Kalesh Controversy B/w Honey Singh and Badshah (Honey Singh Replied to Badshah) pic.twitter.com/o74t423bgS — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 25, 2024 Kalesh Between Badshah & Honey Singh Fans on Stage during Live Concert pic.twitter.com/M4VqSqLSc3 — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 19, 2024
आखिर क्यों Indira Gandhi ने Aandhi मूवी पर लगा दिया था प्रतिबन्ध, आज भी देखने से कतराते हैं लोग
आखिर क्यों Indira Gandhi नेAandhi मूवी पर लगा दिया था प्रतिबन्ध,आज भी देखने से कतराते हैं लोग
'सावरकर' रिव्यू: खोखली, एकतरफा फिल्म में एकमात्र अच्छी चीज है रणदीप हुड्डा का काम
आज के दौर में 'गुमनाम' हो चुके एक स्वतंत्रता नायक की कहानी कहने निकली ये फिल्म, एक अनजान कहानी बताने से ज्यादा अपने हीरो विनायक दामोदर सावरकर को बाकियों के मुकाबले अधिक 'वीर' बताने पर फोकस करने लगती है.

