सहारनपुर में PET परीक्षा का दूसरा दिन है। दूसरे दिन में 43 सेंटरों पर 37,792 परीक्षा देंगे। कुल 79,584 अभ्यर्थी रजिस्टर्ड हैं। दूसरे दिन भी प्रत्येक पाली में 19,896 अभ्यर्थी शामिल होंगे। परीक्षा सुबह 10 बजे से 12 बजे तक और दूसरी पाली 3 बजे से 5 बजे तक होगी। पहले दिन की दोनों पाली में 71.35% अभ्यर्थियों ने एग्जाम दिया। जबकि 28.65% अभ्यार्थियों ने एग्जाम से किनारा किया है। पहली पाली में 19896 अभ्यर्थियों ने पंजीकृत थे। जिसमें से 14223 (71.49%) एग्जाम दिया। जबकि 5673 (28.51%) अभ्यर्थी एग्जाम देने नहीं पहुंचे। वहीं, दूसरी शिफ्ट में 19896 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। जिसमें से 14168 (71.21%) अभ्यर्थी एग्जाम देने पहुंचे। जबकि 5728 (28.78%) अभ्यर्थियों ने एग्जाम नहीं दिया। पहली पाली की परीक्षा सुबह दस बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी। मोबाइल समेत तमाम प्रतिबंधित चीजें बाहर ही रखवा ली गई। पहले दिन दूसरी पाली की परीक्षा तीन बजे से शाम पांच बजे तक चली। चूंकि ज्यादातर अभ्यर्थी दूसरे जिलों से सुबह ही सहारनपुर आ चुके थे। ऐसे में वह भी पहली पाली की परीक्षा के दौरान ही केंद्रों के बाहर जमा हुए। इन सेंटरों पर होंगे एग्जाम
स्कूलों में टैब लैब की स्थापना के नाम पर गड़बड़ी, तीन गुना ज्यादा पैसे दिए
डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफटी) के फंड से बोकारो जिले में हुई खरीदारी व आपूर्ति के लिए हुए टेंडर में गड़बड़ी सामने आई है। नया मामला स्कूलों में टैब लैब बनाने का है। रांची की संमस्कारा एजेंसी को बोकारो जिले के 260 स्कूलों में टैब लैब की स्थापना के लिए 24,72,33,600 रुपए का भुगतान किया गया। लेकिन स्कूलों में लैब बनी ही नहीं, सिर्फ टैब की आपूर्ति कर कई गुना ज्यादा पैसे आवंटित कर दिए गए। उक्त एजेंसी ने ट्रेनिंग और दो वर्ष के मेनटनेंस की बात कही थी, लेकिन अब तक कहीं ट्रेनिंग नहीं कराई गई है। आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. राजकुमार को सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक 23 मई 2025 को सरकारी स्कूलों में टैब लैब की आपूर्ति एवं स्थापना के लिए दो टेंडर किए गए। पहले टेंडर में 60 सरकारी स्कूलों में टैब लैब की आपूर्ति एवं स्थापना के लिए प्रत्येक टैब लैब यूनिट के लिए 8,30,130 रुपए की दर से कुल 4,98,07,800 रुपए का कार्यादेश आवंटित किया गया। वहीं दूसरे टेंडर में 20 सरकारी स्कूलों में टैब लैब की आपूर्ति एवं स्थापना के लिए प्रत्येक टैब लैब यूनिट की आपूर्ति एवं स्थापना के लिए पहले टेंडर से तीन गुना ज्यादा दर पर 24,95,700 रुपए की दर से कुल 4,99,14,000 रुपए का कार्यादेश आवंटित किया गया। जबकि जिले में कुछ स्कूलों में 30 तो किसी किसी स्कूलों में 60 टैब की आपूर्ति हुई है। सप्लाई किए गए टैब की कीमत प्रति टैब लगभग 10 हजार रुपए है। अगर एक स्कूल में 30 टैब की आपूर्ति हुई, तो तीन लाख, अगर किसी स्कूल में 60 टैब की आपूर्ति हुई, तो 06 लाख लगेंगे। पुराने बिल का भुगतान हुआ : वर्ष 2021-22 में 60 सरकारी स्कूलों में टैब की प्रत्येक यूनिट की आपूर्ति एवं स्थापना के लिए 07,98,270/- रुपए की दर से कुल 4,99,14,000 रुपए का दो कार्यादेश आवंटित किया गया था। दर को लेकर हुए अंतर के कारण पूर्व के उपायुक्तों ने एजेंसी का भुगतान नहीं किया था। उसका भुगतान तत्कालीन उपायुक्त विजया जाधव ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में कर दिया। एजेंसी के जिला को-ऑर्डिनेटनर ने बताया िक सिर्फ टैब की सप्लाई हुई है, समस्कारा एजेंसी को टैब लैब की आपूर्ति और स्थापित करने का काम मिला है। कई स्कूलों में सिर्फ टैब की आपूर्ति, लैब नहीं बनाई गई सच्चाई जानने भास्कर की टीम कुछ स्कूलों में पहुंची, जहां टैब लैब है। 260 स्कूलों में ही डीएमएफटी फंड से टैब लैब की आपूर्ति व स्थापना की गई है। टीम चास प्रखंड के नारायणपुर मध्य विद्यालय गई। जहां पता चला लैब नहीं है, 30 टैब मिले हैं। इसके बाद टीम उत्क्रमित मध्य विद्यालय विशुनपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय जयतारा, चंदनकियारी प्रखंड के बोगुला, गोसाईडीह मध्य विद्यालय में जानकारी ली, तो पता चला कि सिर्फ टैब की आपूर्ति की गई है। वहां कोई लैब नहीं बनी है।
आईआईटी जोधपुर ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने फैकल्टी मेम्बर्स को शिक्षण उत्कृष्टता और विशिष्ट शिक्षक पुरस्कारों से सम्मानित किया है। समारोह की शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। IIT जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने अपने भाषण में कहा कि शिक्षण केवल पाठ्यक्रम समाप्त करना नहीं, बल्कि जीवन गढ़ना और राष्ट्र निर्माण करना है। जब हम पढ़ाते हैं, तो विकसित भारत का पोषण करते हैं। शनिवार को आयोजित इस समारोह में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को भी श्रद्धांजलि दी गई। टीचर्स को दो श्रेणियों में बांटे गए पुरस्कार टीचिंग एक्सीलेंस अवार्ड: शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में छात्रों के फीडबैक के आधार पर निम्नलिखित फैकल्टी मेम्बर्स को दिया गया: श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार: वर्तमान एवं पूर्व छात्रों के नामांकन के आधार पर निम्नलिखित को प्रदान किया गया: हिंदी में B.Tech पढ़ाने की अनूठी पहल समारोह में IIT जोधपुर की विशेष पहल को दिखाते हुए एक वीडियो प्रदर्शित किया गया, जिसमें B.Tech प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम हिंदी में पढ़ाए जाने को दिखाया गया। यह प्रयास मातृभाषा पहल और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है। मुख्य अतिथि गहलोत ने कहा –आईआईटी जोधपुर पर गर्व मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत ने कहा, राजस्थान में हमें IIT जोधपुर पर गर्व है। विकसित भारत का निर्माण हम सभी की साझा जिम्मेदारी है, और हमारे युवाओं के कंधों पर राष्ट्र निर्माण का उत्तरदायित्व है। विशिष्ट अतिथि ले. जनरल ए.वी.एस. राठी, जीओसी कोणार्क कोर ने अपने संबोधन में कहा कि IIT जोधपुर एक आधुनिक गुरुकुल की भांति कार्य करता है, जहां अनुसंधान और नवाचार अनुशासन के साथ मिलकर ऐसी तकनीकों का निर्माण करते हैं जो राष्ट्र को सशक्त और सुरक्षित बनाते हैं। मानेक शॉ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तारीफ ले. जनरल राठी ने IIT जोधपुर में स्थित मानेकशॉ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की विशेष सराहना की, जो एआई, साइबर सुरक्षा, मानवरहित प्रणालियों और सूचना प्रभुत्व जैसे क्षेत्रों में अकादमिक और रक्षा सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। समारोह का समापन राष्ट्रगान और छात्रों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसने गुरु-शिष्य परंपरा की भावना को और मजबूत बनाया।
एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2025 में माहे ने विश्वविद्यालय श्रेणी में शीर्ष-3 में जगह बनाई
रांची| 1953 में स्थापित मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (माहे) को जून 1993 में भारत सरकार द्वारा एक डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी घोषित किया गया। अपने उत्कृष्ट शैक्षणिक रिकॉर्ड, बुनियादी ढांचे और अनुसंधान योगदान के कारण अक्टूबर 2020 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा इसे इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (IoE) घोषित किया गया। पहली बार माहे ने एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2025 में विश्वविद्यालय’ श्रेणी में शीर्ष तीन में जगह बनाई है। माहे में 60 से अधिक देशों के 35,000 से अधिक छात्र रहते हैं और अध्ययन करते हैं। साथ ही लगभग 3000 से अधिक संकाय और 10,000 से अधिक अन्य सहायक कर्मचारी भी हैं। माहे के भारत में मैंगलोर, बेंगलुरु, और जमशेदपुर में ऑफ-कैंपस है और दुबई में एक ऑफ-शोर कैंपस है। जमशेदपुर कैंपस में मेडिकल और एलाइड और हेल्थकेयर प्रोफेशन प्रोग्राम उपलब्ध है। माहे भारत और विदेशों में अपने 31 से अधिक शैक्षणिक क्षेत्रों में लगभग 300 कार्यक्रम करता है।
रांची गोशाला में अन्नपूर्णा सेवा शुरू, 10 रुपए में रोटी, सब्जी और अचार
रांची गोशाला परिसर में शनिवार को शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी स्व. प्रेम कुमार पोद्दार की स्मृति में अन्नपूर्णा की शुरुआत हुई। अन्नपूर्णा सेवा के तहत जरूरतमंद आम लोगों को मात्र 10 रुपए में 6 रोटी सब्जी और अचार के रूप में भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ शुद्ध और स्वच्छ जल भी मिलेगा। प्रेम कुमार पुनीत कुमार प्रेमसंस ट्रस्ट द्वारा शुरू की गई अन्नपूर्णा सेवा का उद्घाटन पुष्पा देवी पोद्दार द्वारा किया गया। रांची गोशाला न्यास के अध्यक्ष पुनीत कुमार पोद्दार ने स्वागत भाषण में सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारियों सदस्यों से कहा कि नर सेवा नारायण सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है। रांची गोशाला न्यास द्वारा समाज के वंचित वर्गों के लिए अन्नपूर्णा सेवा की शुरुआत की गई है। इस सेवा के तहत जरूरतमंदों लोगों को सस्ते दर पर पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है। रांची गोशाला न्यास का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों की मदद करना और गो सेवा के साथ मानव सेवा को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में पहुंचे सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारियों और सदस्यों को अंगवस्त्र और प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। संचालन मंत्री प्रदीप राजगढ़िया ने किया। उन्होंने कहा कि यह सेवा सभी के सहयोग से निरंतर चलती रहेगी। कार्यक्रम को सफल बनाने में न्यासी अध्यक्ष ट्रस्टी रतन जालान, ट्रस्टी शत्रुघ्न लाल गुप्ता, किशोरी लाल चौधरी, उपाध्यक्ष एसएन राजगढ़िया, कोषाध्यक्ष दीपक पोद्दार, मंत्री प्रदीप राजगढ़िया, काशी कनोई, प्रेम मित्तल, बासुदेव भाला, मनीष लोधा, अमित चौधरी, घनश्याम शर्मा, भरत बगड़िया ने सहयोग दिया।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (PET) 2025 के दूसरे व अंतिम दिन 46 हजार 512 अभ्यर्थी शामिल होंगे। 49 केंद्रों पर दो पालियों में होने वाली इस परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रथम पाली की परीक्षा सुबह 10 से 12 बजे तक और दूसरे पाली की परीक्षा दोपहर बाद 3 से शाम 5 बजे तक आयोजित होगी। परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश मिलेगा। हर पाली में 23 हजार 256 अभ्यर्थी परीक्षा के लिए पंजीकृत हैं।प्रथम पाली की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को सुबह 8 बजे से 9:30 बजे तक प्रवेश दिया जाएगा। दूसरी पाली की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए प्रवेश का समय दोपहर 1 से 2:30 बजे तक होगा।परीक्षा के नोडल व एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि दोनों पालियों की परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले तक प्रवेश लेना अनिवार्य होगा। इसके बाद प्रवेश नहीं दिया जाएगा। दोनों पालियों की परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले की गेट बंद कर दिया जाएगा।3 कटेगरी के हैं परीक्षा केंद्रजिले में तीन तरह के परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन्हें ए, बी व सी कटेगरी में रखा गया है। ए कटेगरी में राजकीय विद्यालयों को रखा गया है। ऐसे 7 केंद्र हैं। जबकि बी कटेगरी में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को शामिल किया गया है। इस श्रेणी के 32 परीक्षा केंद्र हैं। इसी तरह सी श्रेणी के परीक्षा केंद्रों में सीबीएसई व आईसीएसई के स्कूलों को शामिल किया गया है। इनकी संख्या 10 है। परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए 49 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 49 स्टैटिक मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं। सी श्रेणी के केंद्रों पर एसडीएम एवं तहसीलदार स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगी परीक्षायह परीक्षा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगी। हर परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वार और हर परीक्षा कक्ष में कैमरे लगाए जाएंगे। एआई कैमरों की मदद से हरकतों पर भी ध्यान रखा जाएगा। किसी ने अनावश्यक सिर हिलाया या इधर-उधर ताक-झांक की तो कैमरा उसे आइडेंटिफाई कर लेगा।पहले दिन 20 प्रतिशत अभ्यर्थी रहे अनुपस्थितपहले दिन दोनों पालियों में मिलाकर लगभग 20 प्रतिशत अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। 46 हजार 512 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। जिनमें से 37 हजार 397 छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल रहे। 9115 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। दूसरे दिन भी अच्छी-खासी उपस्थिति होने की संभावना है।
ओ आई लव यू दादू... ये हैं हमारी खुशी
दादा-दादी, यानी हमारे जीवन के सबसे क्यूट और कूल लोग। ये वो हैं जिनके पास कहानियों का खजाना होता है, पॉकेट में टॉफियों का भंडार और चेहरे पर कभी न खत्म होने वाली मुस्कान। ग्रैंड पेरेंट्स डे उन्हीं सुपरहीरोज के लिए है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि भले ही हम बड़े हो जाएं, लेकिन उनके साथ की गई शरारतें और मस्ती कभी पुरानी नहीं होती। दादा के साथ तो पोते-पोतियों की टोली ऐसी जमती है, जैसे क्रिकेट मैच में सचिन और सहवाग की जोड़ी। कभी दादा की छड़ी को घोड़ा बनाकर रेस लगाना, तो कभी उनके चश्मे को पहनकर हीरो बनना! ये सब मस्ती और धमाल ही तो है जो हमें उनके और करीब लाता है। तो चलिए, इस ग्रैंड पेरेंट्स डे पर उन्हें एक बड़ा-सा जादू की झप्पी देते हैं और उनके साथ मिलकर खूब मजे करते हैं, क्योंकि वो हैं तो हमारी दुनिया पूरी है। उनसे ही हमारी खुशी है। पोते-पोतियों से जिदंगी हो गई खुशनुमा मेरे तीन पोते-पोतियां हैं। बड़े बेटे के दो बच्चे वाणी और विपुल टोप्पो और छोटे बेटे की वर्णाली टोप्पो। साथ में भतीजी की बेटी रेहांसी भी है। चारों के साथ मेरी सुबह खुशनुमा हो जाती है। उनके साथ घूमता हूं, खेलता हूं और मस्ती करता हूं। अभी करम पर्व में हम अखरा गए। उन्हें करम कथा सुनाई। पोती के संग फिर जी लिया बचपन... प्रवीण राजगढ़िया (स्कूल ओनर) और अविका महादेव टोप्पो (वरिष्ठ साहित्यकार) और वाणी, विपुल व वर्णाली सच कहूं तो पोती अविका के कारण मेरा बचपन जैसे लौट आया है। साढ़े तीन साल की उम्र में ही वह इतनी समझदार और संवेदनशील है कि अब वह मेरी मम्मी-दादी से भी ज़्यादा मेरा ध्यान रखती है। ‘दादू, पानी लाऊं, दादू, दवा ले ली, चलिए दादू- एक्सरसाइज का टाइम हो गया है, अब कहानी सुनाइए न...’।? हर दिन उसके साथ कुछ नया होता है, और हर पल में एक नई ऊर्जा भर जाती है मुझमें।
रिम्स में 30 वेंटिलेटर खराब, 10 दिन में 15 ऑपरेशन टले, लौटाए जा रहे मरीज
खराब पड़े वेंटिलेटर झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में मरीजों की आस टूटने लगी है। हर जगह से परेशान होकर लोग इलाज के लिए रिम्स पहुंचते हैं। लेकिन यहां वेंटिलेटर खराब होने का हवाला देकर उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया जाता है। यहां अभी 30 से ज्यादा वेंटिलेटर खराब पड़े हैं। यही नहीं, ऑपरेशन भी लगातार टाले जा रहे हैं। न्यूरोसर्जरी और सीटीवीएस विभाग में वेंटिलेटर के आभाव में पिछले 10 दिनों में 15 से ज्यादा सर्जरी री-शेड्यूल की गई है। जबकि पीडियाट्रिक विभाग, मेडिसिन विभाग, कार्डियोलॉजी, सर्जरी समेत अन्य विभागों में भी मशीन खराब पड़ी है। सबसे गंभीर मरीजों का इलाज जिस क्रिटिकल केयर विभाग में होता है, वहां भी 10 वेंटिलेटर खराब पड़े हैं। नतीजा यह है कि जिस मरीज की स्थिति बेहद नाजुक है और वेंटिलेटर की तत्काल जरूरत है, उन्हें समय पर मशीन नही मिल पा रहा। एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन शनिवार को रिम्स के क्रिटिकल केयर आईसीयू वेंटिलेटर सपोर्टेड बेड के लिए आए थे। लेकिन उन्हें बेड नही मिल सका। उन्हें बताया गया कि बेड तो है, लेकिन वेंटिलेटर नही है। इस कारण मरीज को भर्ती नही लिया जा सकेगा। परिजनों से इंतजार करने को कहा गया। मरीज की स्थिति गंभीर है। अगर रिम्स जैसे अस्पताल भी भर्ती नहीं लेंगे तो वे कहां जाएं। दर्जनों पत्राचार, पर अबतक वेंटिलेटर नहीं मिला डॉक्टरों ने दैनिक भास्कर को बताया कि वेंटिलेटर की कमी के बारे में प्रबंधन को कई बार पत्राचार किया गया। लेकिन न तो खराब वेंटिलेटर की मरम्मत हुई और न ही नए वेंटिलेटर की खरीद। सीटीवीएस विभाग में कोेविड के दौरान 10 वेंटिलेटर थे, जिनमें से 8 वेंटिलेटर दूसरे विभागों को दिए गए थे। कई बार प्रबंधन से मांग करने के बाद भी अबतक सीटीवीएस के वेंटिलेटर सीसीवीएस विभाग नही पहुंचे। नतीजन, विभाग में बचे 2 वेंटिलेटर में केवल 1 ही वेंटिलेटर फंक्शनल है। न्यूरोसर्जरी में दो-तीन दिन पहले 2 खराब वेंटिलेटर की मरम्मत हुई है। वहीं, पीडियाट्रिक आईसीयू व नियोनेटोलॉजी में भी 5 वेंटिलेटर की मरम्मत हो चुकी है। किस विभाग में हैं कितने वेंटिलेटर... इनमें कितने खराब विभाग वेंटिलेटर खराब न्यूरोसर्जरी 14 6 सीटीवीएस 2 1 क्रिटिकल केयर आईसीयू 45 10 पीडियाट्रिक आईसीयू 10 8 नियोनेटोलॉजी 5 2 मेडिसिन आईसीयू 10 4 आंकोलॉजी 2 2 (इन 7 विभागों की बात करें तो इनमें कुल 88 वेंटिलेटर हैं, इनमें 33 खराब पड़े हैं।) इधर, 44 घंटे में इमरजेंसी में 24 मरीजों की मौत {वेंटिलेटर की कमी से हालत यह है कि मरीज इंतजार करते हैं कि बेड खाली हो। सर्जरी के बाद तत्काल वेंटिलेटर की जरूरत, इसलिए टल रही सर्जरी वेंटिलेटर खरीद की प्रक्रिया जारी है। चूंकि सरकारी प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है और कुछ कमियां रह जाने पर उसे दोबारा से शुरू करना होता है। जल्दी ही नई वेंटिलेटर विभिन्न विभागों को मांग अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा। जहां तक खराब वेंटिलेटर की मरम्मत की बात है तो वह भी प्रक्रिया में है। कुछ विभागों के वेंटिलेटर की कुछ दिन पहले मरम्मत की गई थी। -डॉ. राजीव रंजन, जनसंपर्क अधिकारी, रिम्स रिम्स के इमरजेंसी में पिछले 44 घंटों में 24 रोगियों की मौत हो चुकी है। इनमें आधा दर्जन से ज्यादा की बीमारी रेस्पिरेट्री प्रॉब्लम, निमोनिया, सेप्टिक शॉक बताया गया है। जबकि कुछ सीकेडी, कुछ कार्डियक फेलियर, आरटीए शामिल है। 44 घंटें में जिनकी जान गई, उनमें सूरज कुमार, मो. गुलाम रसूल, चंपू गोप, जवाहर महतो, अरविंद कुमार, निसार हुसैन, रौशन कुमार सिंह, जुली हैंब्रम, देवकी देवी, शिल्पी देवी, शिला देवी, निर्मल चंद मुंडा, अमीना खातून, शिशिर कुमार उरांव, संबारी सारोन, बैजनाथ शर्मा, सोमा उरांव, राजेश दास, मो. फारुख, लखिमणि देवी, साकिब अहमद, कला देवी, बेर्नादेत सोरेंग और सुकरा उरांव शामिल हैं। वेंटिलेटर के आभाव में लगातार विभिन्न विभागों में सर्जरियां टल रही है। मरीज को सर्जरी की नई तारीख दी जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि ब्रेन व लंग्स की सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति काफी नाजुक होती है। ऐसे में उन्हें सर्जरी के तुरंत बाद वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है। चूंकि वेंटिलेटर की संख्या सीमित है और उनमें भी अधिकांश खराब है, इसलिए मरीज की सर्जरी री-शेड्यूल करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नही रह जाता है। क्रिटिकल केयर यूनिट में भी 10 वेंटिलेटर हैं खराब
होल्डिंग टैक्स के बकाएदारों के घरों से कूड़े का उठाव बंद होगा
रांची नगर निगम ने होल्डिंग टैक्स के बड़े बकाएदारों पर सख्ती शुरू कर दी है। 500 से अधिक ऐसे बकाएदारों को चिह्नित किया गया है, जिनपर 80 हजार से 17 लाख रुपए तक बकाया है। इन्हें 48 घंटे के भीतर नोटिस भेजा जाएगा। एक सप्ताह में भुगतान नहीं करने पर इनके घर और प्रतिष्ठान से कूड़े का उठाव बंद कर दिया जाएगा। पानी-बिजली का कनेक्शन भी काटा जाएगा। इसके बाद भी टैक्स नहीं भरा तो उनका बैंक खाता फ्रीज कर दिया जाएगा। फिर वारंट जारी होगा। निगम के अपर प्रशासक संजय कुमार ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिया। अपर प्रशासक ने अधिकारियों से कहा कि राजस्व संग्रह में हर हाल में तेजी लाएं, ताकि निगम की आय में बढ़ोतरी हो। जब आय बढ़ेगी, तभी शहरवासियों को नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती है। इसलिए राजस्व वसूली में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बीआईटी लालपुर, कुमार गर्ल्स हॉस्टल सहित दर्जनों संस्थान जो टैक्स देने में अभी तक रूचि नहीं दिखा रहे हैं, उन्हें विशेष रूप से नोटिस जारी करें। नोटिस का जवाब नहीं देने पर उनका बैंक खाता फ्रीज किया जाएगा। हालांकि, निगम का यह फरमान सिर्फ निजी बकायेदारों के लिए है। दूसरी आेर सरकारी कार्यालयों पर 100 करोड़ से अधिक बकाया है, लेकिन ऐसे कार्यालयों को निगम सिर्फ बकाये का पत्र भेजता है। सवाल... सरकारी भवनों पर चुप्पी क्यों अपर प्रशासक ने निजी बकायेदारों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। लेकिन 200 से अधिक सरकारी भवनों पर 100 करोड़ से अधिक टैक्स बकाया है।लेकिन उन्हें सिर्फ पत्र लिखकर खानापूर्ति करता है। एचईसी मुख्यालय पर करीब 40 करोड़, कृषि उत्पादन बाजार समिति पर 5 करोड़, रेलवे पर करीब 4 करोड़, भवन निर्माण विभाग पर 1.25 करोड़, रांची कलेक्ट्रेट पर करीब 2 करोड़ रुपए बकाया है। जानिए... रांची नगर निगम की कार्यप्रणाली व शहर के हालात शहर के 53 वार्डों में सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। घरों से रोज कूड़े का उठाव नहीं। ट्रैक्टर चालकों को 14 माह से किराए नहीं दिया। 176 ट्रैक्टर चालक हड़ताल पर। छह दिन से सड़क किनारे फैले कूड़े का उठाव बंद है। रांची के 53 वार्डों में 10 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट बंद पड़े हैं। शाम ढलते ही इन क्षेत्रों में अंधेरा पसर जाता है। निगम को शिकायत करने के बाद भी लाइट की मरम्मत नहीं हो रही। शहर के सभी गली-मुहल्लों की सड़कें टूटी हैं। हाईकोर्ट ने भी जर्जर सड़कों को बनाने का सख्त निर्देश दिया है, लेकिन निगम के अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार को सड़क बनाने के लिए फंड देने का आग्रह किया गया है। निगम के नोटिस पर आपत्ति है तो 9 सितंबर तक रखें पक्ष अपर प्रशासक ने कहा कि किसी व्यक्ति या संस्थान को बकाया राशि पर पक्ष रखना हो तो वह 9 सितंबर तक अपर प्रशासक के न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकता है। संबंधित व्यक्ति को पक्ष रखने के साथ जरुरी कागजात भी जमा करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद कोई सुनवाई नहीं होगी। फिर भी नहीं दिए तो बैंक खाता फ्रीज, वारंट भी निकलेगा इसके बाद बिजली-पानी का कनेक्शन काटा जाएगा रांची नगर निगम के अपर प्रशासक का निर्देश
राजस्थान का देवस्थान विभाग अब केवल दान-दक्षिणा और चढ़ावे तक सीमित नहीं है। विभाग अपनी खदानों और संपत्तियों से भी मोटा राजस्व कमा रहा है। वार्षिक प्रगति रिपोर्ट (2024–25) के अनुसार उदयपुर के श्री ऋषभदेव मंदिर, ठाकुर श्याम सुंदरजी मंदिर और कोटा के झालरापाटन स्थित द्वारिकाधीश मंदिर की जमीनों को खनन लीज पर देकर 55 खदानों से कुल 36,67,026 रुपए की सालाना आमदनी हुई। इसी तरह विभाग की 2136 आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों में से 1940 संपत्तियां किराये पर दी गई हैं। इनसे विभाग को 8.10 करोड़ रुपए से अधिक किराया प्राप्त हुआ। राजस्थान समेत उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड की जमीनों से भी आय जोड़ें तो कुल किराया 8.39 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। बता दें कि देवस्थान विभाग राज्य में लगभग 59,413 मंदिरों का रखरखाव करता है, जिनमें से 390 राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी मंदिर हैं। ठाकुर श्याम सुंदरजी की 24 खदानें, आय 22.53 लाख उदयपुर जिले के ऋषभदेव मंदिर की जमीन पर सबसे ज्यादा 25 खदानें आवंटित हैं, जिनसे 2024-25 में 10.69 लाख रुपए की कमाई हुई। यहां से निकलने वाला विश्व प्रसिद्ध ग्रीन मार्बल कभी भारी डिमांड में था, लेकिन ग्रेनाइट और टाइल्स के बाजार में आने से इसकी मांग घटी है। वहीं, राजस्व कमाई में उदयपुर का ठाकुर श्याम सुंदरजी मंदिर आगे रहा। इसकी 24 खदानों से 22.53 लाख की आय हुई। कोटा के झालरापाटन स्थित द्वारिकाधीश मंदिर की जमीन पर 6 खदानें हैं, जिनसे 3.43 लाख रुपए राजस्व मिला। उत्तराखंड-यूपी में भी जमीनें...राजस्थान के अलावा देवस्थान विभाग की जमीनें मथुरा, वाराणसी, हरिद्वार, उत्तरकाशी और द्वारिका जैसे धार्मिक शहरों में भी हैं। यहां 191 संपत्तियों में से 186 को किराये पर दिया गया है। इससे विभाग को ₹28.06 लाख का किराया मिला। विभाग की जमीनों से वार्षिक किराया मिलता है। इसमें हर तीन साल में किराये में बढ़ोतरी होती है। हेक्टेयर के हिसाब से जमीन किराये पर दी है। इसमें मिनरल्स के हिसाब से किराया कम-ज्यादा है। आखिरी बार वर्ष 2011 में खदानो की नीलामी की गई। -जतिन गांधी, सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग
होटवासी में जमीन को लेकर दो पक्षों में विवाद, एक पक्ष ने एसयूवी में लगाई आग
विधानसभा थाना क्षेत्र में होटवासी में स्थित एक जमीन को लेकर दो पक्षों में शनिवार को जमकर विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ गया कि स्थिति हाथापाई पर बन आई। दोनों पक्षों की ओर से काफी संख्या में लोग जुट गए। काफी देर तक विवाद चला। जिसके बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष की एक एसयूवी में आग लगा दी। देखते ही देखते एसयूवी जल गया। घटना की सूचना पर विधानसभा थाना प्रभारी गणेश यादव भी वहां पहुंच गए। मामला को शांत कराया गया। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। एक पक्ष की ओर से निर्मला देवी ने सत्यम श्रीवास्तव व अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। वहीं दूसरी पक्ष की ओर से सत्यम श्रीवास्तव ने निर्मला देवी व अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराया है। जिसमें उनके वाहन में आग लगाने का भी आरोप है। दोनों पक्ष का कहना है कि उक्त जमीन उनकी है। दोनों ने एक दूसरे पर जबरन कब्जा का आरोप लगाया है। फिलहाल विधानसभा थाना की पुलिस ने उक्त जमीन पर कोई भी कार्य करने पर रोक लगा दी है।
एचईसी की जमीन पर बने 100 अवैध घरों पर चला बुलडोजर,कल भी हटेगा अतिक्रमण
बिरसा चौक के पास एचईसी की जमीन पर अवैध रूप से बने मकानों पर प्रशासन ने शनिवार को बुलडोजर चलाया। शाम पांच बजे तक करीब 100 मकानों को तोड़ा गया। इस दौरान एक महिला ने आक्रोश में एक महिला सिपाही को दांत काट लिया। जिसे पकड़ कर जगन्नाथपुर थाना लाया गया। हालांकि बाद में उसे पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया गया। इससे पहले सुबह 10.30 बजे अतिक्रमण हटाने के लिए मजिस्ट्रेट के साथ 100 की संख्या में पुलिस बल के साथ पूरी टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। दिन के 12.30 बजे तक स्थानीय लोगों ने पहले इसका विरोध किया। इसके बाद सड़क जाम कर दिया। इससे पूरा बाइलेन जाम हो गया। उन लोगों ने घरों को नहीं तोड़े जाने की गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन की टीम ने उनकी एक न सुनी। दो बुलडोजर लगाकर प्रशासन ने अवैध रूप से बने मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया। हालांकि प्रशासन की ओर से लोगों को घरों से सामान निकालने का मौका दिया गया। अतिक्रमण हटाओ अभियान शनिवार को शाम 5 बजे तक चला। रविवार को छुट्टी का दिन होने की वजह से अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा। सोमवार को एक बार फिर उन मकानों को तोड़ा जाएगा जो एचईसी की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए हैं। जब अतिक्रमण हो रहा था, तभी इसे रोकना था अपने घरों को टूटता देख आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि हमने पैसे देकर बिजली का कनेक्शन लिया। पानी का कनेक्शन लिया। नगर निगम से होल्डिंग भी कराया। अब हमारे घरों को अतिक्रमण कह तोड़ा जा रहा है। ऐसे में हम लोग जाए तो कहा जाए। अगर अतिक्रमण हो रहा था तो प्रशासन को उसी दिन रोकना चाहिए था। जब हम इतने वर्षों से यहां रह रहे है तो अचानक प्रशासन को अतिक्रमण की याद आ गई। महिलाएं थी आक्रोशित, बोलीं- हम कहां जाएंगे एचईसी की जमीन से जब अतिक्रमण हटाया जा रहा था उस दौरान वहां रहने वाली महिलाएं सबसे ज्यादा आक्रोशित थी। उनका कहना था कि हम लोग गरीब है। 2 हजार तीन हजार रुपए में दूसरों के घरों में जाकर घरेलू नौकर का काम करते है। उसी से हमारा घर चलता है। कभी रेलवे हमें यह कह हटा देता है कि हम उनकी जमीन पर अतिक्रमण कर घर बनाए हुए है। तो कभी एचईसी यह कह कर बुलडोजर चलवा देता है कि उनकी जमीन को हमने अतिक्रमण कर लिया है। इसमें हमारी क्या गलती है। सड़क पर बच्चों के साथ रात गुजारेंगे लोग अतिक्रमण हटाओ अभियान के कारण बिरसा चौक पर लग गया भारी जाम। लोग बोले- बिजली व पानी का कनेक्शन पहले देती है सरकार, फिर मकान गिरा देता है प्रशासन अतिक्रमण हटाने के बाद सैकड़ों लोग सड़क पर आ गए। उनके पास रहने की कोई व्यवस्था नहीं है। जिनका घर टूटा उनका कहना था कि वे सड़क पर सामान व बच्चों के साथ आसमान के नीचे रात गुजारेंगे। उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वे कही मकान किराए पर ले सकते है। लोगों ने कहा कि सरकार सिर्फ वोट लेने के समय आती है। उसके बाद कोई पूछने तक नहीं आता। इधर, कार्रवाई से बेखबर खाने की तैयारी करता बच्चा। पुलिस की कारंवाई का विरोध करती महिला। अतिक्रमण हटाओ अभियान... बुलडोजर से अवैध बने घरों को गिराती प्रशासन की टीम, वहीं अपने टूटे घरों को बेबसी भरी निगाहों से देखते लोग। फोटो : वसीम
बिहार से पशुओं को ला रहे व्यापारियों से वसूली का केस ईडी के पास पहुंचा
झारखंड राज्य पशु विक्रेता संघ ने ईडी को लिखित आवेदन में शिकायत की है कि दुधारू पशुओं को लाने के दौरान एक से डेढ़ लाख रुपए की वसूली की जा रही है। ईडी को दी गई शिकायत में बताया गया है कि बिहार के विभिन्न पशु हाट से दुधारू पशुओं की खरीदारी की जाती है। जिसे एनएच से होते हुए झारखंड लाया जाता है। लेकिन इन दिनों पशुओं को लाने के दौरान रास्ते में अनावश्यक रूप से पुलिस और असामाजिक तत्वों द्वारा पशु व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। पशु व्यापारियों का वाहन जबरन रोका जाता है। इसके बाद झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जाती है। थाना की पुलिस भी ऐसे माफियाओं का सहयोग करती है। केस से बचने के लिए पशु व्यापारियों पर एक से डेढ़ लाख रुपए देने का दबाव बनाया जाता है। पैसा नहीं देने पर व्यापारियों को पशु तस्करी सहित विभिन्न केस में जेल भेज दिया जा रहा है। पशुओं को भी खुले में छोड़ दिया जाता है या गौशाला में बिना खाना-पानी के रखा जाता है। संघ ने ईडी से पूरे मामले में कोलकाता, यूपी-बिहार आैर झारखंड के करीब छह पशु तस्करों के शामिल होने की सूचना दी है। असामाजिक तत्व जबरन वाहन रोक कर रहे उगाही
मूक-बधिर बच्चों को कॉकलियर इंप्लांट लगेंगे
रांची| कटहल मोड़ स्थित स्वास्तिक ईएनटी सेंटर एवं अस्पताल में पश्चिम बंगाल के बैरकपुर निवासी एक मूक-बधिर बच्चे मासुद मडल को कॉकलियर इंप्लांट लगाया जाएगा। यह सर्जरी डॉ. राजेश विश्वकर्मा, अभिषेक श्रीवास्तव, पियूष कुमार, दिशा कौल, राकेश रंजन एवं उनकी टीम द्वारा की जाएगी। मासुद मडल नामक बच्चा जन्म से सुन और बोल पाने में असमर्थ है। डॉक्टरों के अनुसार, कॉकलियर इंप्लांट एक उन्नत तकनीकी उपकरण है, जिसकी मदद से मूक-बधिर बच्चे सामान्य लोगों की तरह सुनने और बोलने की क्षमता प्राप्त कर सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह इंप्लांट मासुद के जीवन में एक नई उम्मीद की किरण बनेगा और उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद करेगा।
साइकिल ट्रैक पर चल रही बाइक, बोलार्ड चोरी और बस स्टॉपेज हो गए कंडम
रांची | यह है रांची की पहली स्मार्ट रोड। फोर लेन रोड के मेडियन में लगे पौधे, दोनों ओर बने साइकिल स्टैंड और डेकोरेटिव लाइट और यात्रियों के बैठने के लिए बने बस स्टॉपेज लोगों का ध्यान खींच रहे थे। इस रोड से गुजरने वाला हरेक वाहन सवार के मन में रांची की बेहतरीन छवि बन रही थी। लेकिन यहां के लोगों को यह खूबसूरती रास नहीं आई, इसलिए कुछ लोगों ने इसमें दाग लगाना शुरू कर दिया। साइकिल ट्रैक पर बाइक-स्कूटी चलाने लगे। शालीमार बाजार के पास दुकानें सजने लगीं और वाहनों की पार्किंग होने लगी। साइकिल ट्रैक के किनारे लगाए गए ग्रिल और बोलार्ड की चोरी होने लगी। असामाजिक तत्वों ने बोलार्ड के ऊपर बने गोलाकार शेप को नष्ट कर दिया। सड़क के किनारे लगे ग्रिल की भी चोरी हो रही है। कई पौधे नष्ट किए, बस स्टॉप से ग्रिल चोरी कई पौधों को नष्ट कर दिया गया है। यात्रियों के बैठने के लिए बनाए गए बस स्टॉपेज का ग्रिल काटकर चोरी कर लिया गया। बोर्ड काट लिया गया। इस वजह से स्टॉपेज पूरी तरह कंडम हो गया है। इसके बावजूद जिम्मेदारों को इसकी फ्रिक नहीं है। शहर की खूबसूरती में दाग लगाने वाले चिह्नित तक नहीं हो रहे हैं, कार्रवाई तो दूर की बात है। ऐसी ही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब स्मार्ट रोड का नामों निशान मिट जाएगा। ऐसे लगाए गए थे खूबसूरत बोलार्ड
हरमू व पुंदाग में दो महिलाओं से छीनी चेन
राजधानी में एक बार फिर चेन छिनतई की घटनाएं बढ़ गई हैं। लगातार कई दिनों से चेन छिनतई की घटना किसी न किसी इलाके में हो रही है। दो महिलाओं के साथ छिनतई की घटना हरमू और पुंदाग में हुई है। शनिवार को पॉश इलाका कहे जाने वाले हरमू में दो बाइक सवार स्नैचरों ने पहले महिला की रेकी की। फिर आराम से उसके पास गए। बाइक पर पीछे बैठे स्नैचर ने उनके गले से चेन छीन ली। महिला ने उसको पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। हरमू में चेन छिनतई की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले हरमू में हाल के दिनों में चेन छिनतई की 4 घटनाएं हो चुकी हैं। वहीं दूसरी चेन छिनतई की घटना पुंदाग में 5 सितंबर को हुई। एक महिला सुमित्रा देवी बाजार से सामान खरीद कर शाम 5 बजे अपने घर शालीमार बाग जा रही थी। बाइक सवार दो स्नैचरों ने पहले सुमित्रा देवी की रेकी की। फिर उन्हें सुनसान जगह पर ट्रैप किया। पीछे बैठे स्नैचर ने महिला की चेन खींच ली। महिला ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की। लेकिन पकड़ने की जगह सुमित्रा देवी खुद गिर पड़ीं। यह घटना भी सीसीटीवी में कैद हो गई है। दोनों सीसीटीवी फुटेज अरगोड़ा और पुंदाग ओपी को उपलब्ध कराई गई है। जिसके आधार पर पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी है। हालांकि स्नैचरों के बारे में कोई सुराग पुलिस को नहीं मिल सका है। दोनों घटनाओं को अपराधियों ने शाम में 5 बजे के बाद अंजाम दिया है।
अनंत चतुर्दशी की देर शाम गोवर्धन परिक्रमा की तलहटी में गिर्राज जी को अर्पित किये गए 56 भोग के दर्शनों के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। भगवान श्री कृष्ण की लीलास्थली गिर्राज जी में आस्था और भक्ति का संगम देखने को मिला। यहां गिर्राज जी को 21 हजार किलो के व्यंजन अर्पित किये गए। सप्त रत्नों से जड़े हिंडोले में विराजमान हुए गिर्राज जी मथुरा के गोवर्धन में परिक्रमा के रास्ते में तलहटी में शनिवार की शाम भक्ति और आस्था देखने को मिली। यहां गिर्राज सेवा समिति द्वारा छप्पन भोग महोत्सव का आयोजन किया गया। गिर्राज जी को सप्त रत्नों ,सोने और चांदी से बने भव्य हिंडोले में विराजमान किया गया। भगवान के इस अलौकिक दर्शन की आभा देखते ही बन रही थी। श्रद्धालु सुध बुध खो कर प्रभु को निहारते रहे। प्रभु के प्रेम में सराबोर भक्त नाचते रहे,गाते रहे। शहनाई की मधुर धुन और रासलीला ने माहौल को भक्तिमय बनाकर रखा। दर्शन खुलने के साथ ही उमड़ पड़े श्रद्धालु इस अलौकिक 56 भोग के अनंत चतुर्दशी की शाम को तलहटी में दर्शन खुले तो सबसे पहले समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने आरती की। इसके बाद भक्त भगवान की एक झलक पाने को आतुर नजर आये। क्या आम क्या खास सभी प्रभु के इस दिव्य दर्शन के लिए लालायित था। इस दौरान कई भक्तों ने गिर्राज जी को भजन गाकर भी रिझाया। इस अवसर पर समिति के पदाधिकारियों ने साधु संतों को प्रसाद भी खिलाया। बेशकीमती रत्नों से किया शृंगार गिरिराज प्रभु का श्रंगार राजाधिराज रूप में पंडित शरद मुखिया ने किया। गिर्राज जी का असली हीरे, मोती, नीलम, पन्ना, पुखराज, गोमिद जैसे नवरत्नों से श्रृंगार किया गया। प्रभू ने हीरा जड़ित बाँसुरी धारण की ! स्थान -स्थान पर शास्त्रीय संगीत की स्वर-लहरियों से गायन हुआ। गिरिराज सेवा समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने बताया कि इस आयोजन को समिति पिछले कई वर्षों से अनंत चतुर्दशी के दिन करती है। इस बार गिर्राज जी को शुद्ध गाय के घी से बने 21 हजार किलो व्यंजन छप्पन भोग अर्पित किये गए हैं ! इसके साथ ही हजारों लोगों को प्रसाद ग्रहण कराया गया है।
15 थानों में कैमरे ही नहीं : 23 थानेदारों ने अपने कक्ष में नहीं लगवाए सीसीटीवी
भास्कर एक्सपर्ट सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय ने 4 साल पहले ही सभी थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश दिया था। थानेदार के चैंबर में भी कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि थानेदार को तीसरी आंख से निगरानी बिल्कुल भी पसंद नहीं है। यही वजह है कि पुलिस मुख्यालय से आदेश दिए जाने के बाद भी शहर के 26 थाने व टीओपी परिसर में कैमरे तो लगाए गए, लेकिन किसी थानेदार ने अपने चैंबर में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगवाया। दैनिक भास्कर ने शनिवार को राजधानी के 26 थानों की पड़ताल की तो सिर्फ तीन थानेदारों के चैंबर में कैमरे लगे हुए मिले, 23 थानेदारों ने अपने चैंबर में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए हैं। इनमें एक-दो थानों के परिसर में कैमरे तो लगे हैं, लेकिन वे बंद पड़े हैं। जहां सीसीटीवी कैमरा सही तरीके से काम कर भी रहा है, वहां चेहरा स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा। ऐसे में अगर थाना परिसर या थानेदार के चैंबर में कोई बड़ी घटना हुई तो निष्पक्ष तरीके से पूरे मामले की जांच करने में मुश्किल आएगी। थानों में कैमरे लगाने का उद्देश्य थाना पहुंचने वाले लोगों द्वारा या उनके साथ पुलिस कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत के बाद निष्पक्ष तरीके से जांच में मदद लेना था। थाना परिसर के साथ थानेदार के चैंबर में विभिन्न जगहों पर कैमरे लगाने थे। इसका लाभ यह होता कि दुर्व्यवहार की शिकायत के बाद पुलिस कर्मी को खुद को निर्दोष साबित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे का फुटेज दिखा सकते। थानेदार के चैंबर में ही सबसे ज्यादा आरोप- प्रत्यारोप की संभावना होती है। हालांकि इसके बाद भी थानेदार वहां सीसीटीवी कैमरा लगवाना अनिवार्य नहीं समझते। इन 3 थानों में कैमरे दुरुस्त हैं लोअर बाजार, लालपुर और नगड़ी थाने में कैमरे पूरे परिसर में लगे हुए हैं और चालू हालत में हैं। इन तीनों थानों में थानेदार के चैंबर में भी कैमरा लगा हुआ है और पूरी तरह काम कर रहा है। इन थानों वओपी में नहीं हैं कैमरे... हिंदपीढ़ी, पिठोरिया थाना, चान्हो, ठाकुरगांव, मांडर, रातू, मैक्लुस्कीगंज, बुढ़मू, सिल्ली, सोनाहातु, खलारी, बेड़ो, पुंदाग ओपी, राहे और मुरी आेपी में कहीं भी कैमरे नहीं लगे हुए हैं। थानों में सीसीटीवी कैमरे का हाल... {बरियातू थाना : परिसर में लगे कैमरे 4 साल से बंद हैं। थानेदार के चैंबर में कैमरा नहीं लगा है। हाजत का कैमरा खराब है। कोतवाली थाना : परिसर में आठ जगहों पर कैमरे लगे हुए हैं और सभी चालू हालत में हैं। लेकिन थानेदार के चैंबर में कैमरा नहीं लगा हुआ है। सुखदेवनगर थाना : थाना परिसर में 4 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। सभी कैमरे काम कर रहे हैं, लेकिन थानेदार के चैंबर में ही कैमरा नहीं लगा है। चुटिया थाना : यहां कैमरा तो लगा है, लेकिन डीवीआर के अभाव में सब बंद पड़ा है। थानेदार के चैंबर में भी कैमरा नहीं लगा है। 4 कारण... थानेदार नहीं लगाते कैमरे 1. गोपनीय बातचीत : थानेदार चैंबर में पहुंचने वाले लोगों के अलावा मोबाइल पर कई गुप्त बातें करते हैं। कैमरा होने पर सबकुछ रिकॉर्ड होता रहेगा। सीसीटीवी बंद रहने के 4 कारण तकनीकी खराबी {मेंटेनेंस की कमी पुराना या जर्जर उपकरण {फंड की कमी मुख्यालय को मॉनिटरिंग की पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए भास्कर एक्सपर्ट सह मध्यप्रदेश के रिटायर्ड डीजीपी अन्वेष मंगलम ने कहा कि थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 4 साल पहले ही दिया गया है। पुलिस मुख्यालय को थानों में सीसीटीवी लगवाने आैर उसे मेंटेन करने की फुलप्रूफ स्कीम बनाकर गहराई से मॉनिटरिंग की व्यवस्था करनी चाहिए। थाने में किस जगह कैमरा लगना है, यह पुलिस मुख्यालय स्तर से ही कंपनी को जारी वर्क अॉर्डर में लिखा होना चाहिए, ताकि कैमरे का लोकेशन थाना प्रभारी की मर्जी पर तय न किया जाए। फंड मिलते ही सभी थानों में कैमरे लगा दिए जाएंगे 4. नियंत्रण का डर : कुछ थानेदारों को लगता है कि चैंबर में कैमरा लगने से उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। स्वतंत्र रूप से निर्णय नहीं ले पाएंगे। 2. गोपनीयता : चैंबर को थानेदार सुरक्षित मानते हैं। यहां बैठ वह परिचित व परिवार के लोगों से व्यक्तिगत बातचीत करते हैं। कैमरे में यह भी रिकार्ड होगा। 3. अनौपचारिक समझौते : कई मामले थानेदार सख्ती से निपटाते हैं। चैंबर में कैमरा रहेगा तो बातें सार्वजनिक हो जाएंगी, विवाद बढ़ सकता है। कोतवाली थाना : थानेदार के चैंबर में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। अन्वेष मंगलम, रिटायर्ड डीजीपी, मध्यप्रदेश 26 थानों की पड़ताल... 11 में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, तीन थानों में ही चालू
महेंद्रगढ़ के नारनौल में बरसात के कारण पुरानी हवेलियां गिरने के कगार पर हैं। जिससे कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। बीते कल भी बाजार में एक हवेली का हिस्सा भरभराकर गिर गया। वहीं, एक हवेली की दीवार के साथ सड़क पर गहरा गड्ढ़ा हो गया तथा दरार पड़ गई। शहर में करीब दस मोहल्लों में कई पुरानी हवेलियां ऐसी हैं, जो गिरने की कगार पर हैं। जिनमें कई हवेली बाजार के पास भी लगती हैं। इनमें पुरानी सराय, बजाजा बाजार, सब्जी मंडी, गांधी बाजार के पास इन हवेलियों के गिरने से बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन नगर परिषद तथा पीडब्ल्यूडी इस ओर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही। बीते एक साल में करीब 30 हवेलियों के मालिकों को नोटिस दिया गया है। बरसात के मौसम में ज्यादा समस्या जब भी बरसात का मौसम शुरू होता है तो कहीं ना कहीं ये हवेलियां जरूर गिरती हैं। शहर के अंदर आज भी 500 के करीब हवेलियां हैं। इनमें करीब 300 हवेलियां तो ऐसी हैं जो बंद हैं। इन हवेलियों में करीब 200 हवेलियां ऐसी हैं जो बरसात के मौसम में कभी भी गिर सकती हैं। वहीं 200 के करीब हवेलियां ऐसी हैं, जिनमें आज भी लोग रह रहें हैं। इससे अगर बारिश में कोई हवेली गिर गई तो बड़ा हादसा हो सकता है। पहले कराया गया था सर्वे नगर परिषद की तरफ से लगभग 10 साल पहले इन भवनों का सर्वे कराया गया था। उस समय भी खतरनाक श्रेणी में आने वाली लगभग 30-35 हवेली थीं। नगर परिषद के रिकाॅर्ड में भी यही संख्या है। अभी भी नगर परिषद की कार्रवाई उन मामलों तक सीमित है, जिनमें जिला प्रशासन अथवा समाधान शिविरों में शिकायत पहुंचती है। उनमें भी नोटिस की कार्रवाई अधिक है। अब नगर परिषद ने एक बार फिर से नोटिस देने की कार्रवाई शुरू कर रही है। किन मोहल्लों में हैं पुरानी हवेलियां शहर के प्राचीन मोहल्ला पुरानी सराय, पुरानी मंडी, रावका, नलापुर, चांदूवाड़ा, संघीवाड़ा, खड़खड़ी, मिश्रवाड़ा, काबिला संघीवाड़ा, फ्रांसखाना, फलसा, देवस्थान तथा पनीगंज आदि मोहल्लों में पुरानी हवेलियां हैं। कई को जारी किए गए नोटिस इस बारे में नगर परिषद के जेई पवन ने बताया कि कुछ हवेलियों को नोटिस जारी किए गए हैं। इस बारे में कृष्ण जेई ही सही बता पाएंगे कि कितनी हवेलियों को नोटिस जारी किए गए। जब जेई कृष्ण के पास फोन किया गया तो कई बार जेई फोन करने पर भी फोन नहीं उठाया।
'पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था। भाजपा के एक नेता चंद्रशेखर के गले लगते हुए कह रहे थे कि ये हमारा हनुमान है। क्या ये जनता नहीं समझ रही कि किस हनुमान को लोग तैयार कर रहे हैं, हमारी लंका जलाने के लिए। एक बार भी आवाज नहीं आई कि मैं आपका हनुमान नहीं, रावण हूं।' बसपा के लगातार दूसरी बार अध्यक्ष मनोनीत किए गए विश्वनाथ पाल ने यह बात कही। दैनिक भास्कर डिजिटल से खास बातचीत में उन्होंने आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं नगीना लोकसभा से सांसद चंद्रशेखर, सपा से निष्कासित पूजा पाल, सपा के PDA नारे और आकाश आनंद को लेकर हर मुद्दे पर खुलकर बात की। पढ़िए हूबहू पूरी बातचीत... सवाल : नगीना से सांसद चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी बसपा के लिए कितनी बड़ी चुनौती है?विश्वनाथ पाल : 2007 में जब हमारी यूपी में बहुमत से सरकार बनी, तो हमारे कार्यकर्ताओं ने नारा दिया कि यूपी हुई हमारी है, अब दिल्ली की बारी है। इसी के बाद बसपा को कमजोर करने की साजिश शुरू हुई। एससी, ओबीसी समाज में कई दल तैयार किए गए। अब समाज इस बात को समझ चुका है कि इन लोगों को कहां से प्रायोजित कर भेजा गया है। पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें भाजपा के नेता चंद्रशेखर के गले लग रहे थे। कह रहे थे, ये हमारा हनुमान है। ये जनता नहीं समझ रही है कि किस हनुमान को लोग तैयार कर रहे है, हमारी लंका जलाने के लिए। एक बार भी आवाज नहीं आई कि मैं हनुमान नहीं, रावण हूं। बोलना चाहिए था कि मैं आपका हनुमान नहीं, मैं रावण हूं। नहीं बोले, ये जनता देख रही है। चाहे जितने दल बना लिए जाए, जनता सभी को पहचान गई है। सवाल: सपा के पीडीए में डी का मतलब दलित है। क्या दलित समाज बसपा से दूर हो रहा?विश्वनाथ पाल: सपा ने पीडीए का नारा 2024 लोकसभा चुनाव से देना शुरू किया। तब से अभी तक सरकार तो बनी नहीं। लेकिन, सपा के पास एक पद लोकसभा में नेता विरोधी दल का था। अगर पी का मतलब पिछड़ा, डी का मतलब दलित और ए का मतलब अल्पसंख्यक है, तो क्यों नहीं किसी पिछड़े, ओबीसी या अल्पसंख्यक को नेता विरोधी दल बनाया। तमाम पीडीए के लोग आशा लगाए बैठे थे। क्या सिर्फ पीडीए का नारा देने से विकास होगा? क्या लोकसभा में परिवार से बाहर किसी यादव को टिकट मिला? आजमगढ़ जो पूर्वांचल में पड़ता है, वहां कोई स्थानीय यादव नहीं मिला। घर से वहां यादव प्रत्याशी भेजना पड़ा। पहले मुलायम सिंह, फिर अखिलेश यादव, अब भाई को भेज दिया। कल को भतीजे या बेटे को वहां से प्रत्याशी बना देंगे। बसपा ने 1989 में आजमगढ़ से सबसे पहले रामकृष्ण यादव को सांसद बनाया था। सपा ने पाल, चौहान, प्रजापति, चौरसिया जैसे पिछड़े समाज में किसी को लोकसभा नहीं लड़ाया। सपा का पीडीए मतलब परिवार दल अलायंस है। सवाल : सपा ने प्रदेश अध्यक्ष पाल समाज से बनाया तो है?विश्वनाथ पाल : कब बनाया? जब वोटिंग की तारीख में तीन-चार दिन बचे थे और उनके परिवार की लोकसभा की सीटें फंसी थीं। बसपा ने तो बहुत पहले भागवत पाल, दयाराम पाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। 3 साल मैं विश्वनाथ पाल अध्यक्ष हूं। दोबारा फिर मौका दिया है। पर सपा ने क्या किया? पाल समाज के एक बेटे राजाराम पाल को अकबरपुर लोकसभा सीट से लड़ाया था। सपा तो लोकसभा में 28 दलों के गठबंधन के साथ लड़ रही थी, तो राजराम पाल कैसे हार गए? इसका जवाब सपा को देना होगा। जबकि, वह बसपा और कांग्रेस से दो बार सांसद रह चुके हैं। सवाल : पूजा पाल को सपा ने योगी की तारीफ करने पर निकाल दिया?विश्वनाथ पाल : जब बसपा से राजू पाल विधायक बने थे, तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। 11 सीटों पर चुनाव हो रहे थे। 2 सीटें बसपा जीती थी। 9 सीटें सपा जीती थी। बसपा से राजू पाल के अलावा दूसरी सीट से मुकुल उपाध्याय जीते थे। लेकिन, ये सपा को बर्दाश्त नहीं हुई कि गड़रिया पाल कैसे जीत गया? उनकी सरकार में उनके ही नेताओं के द्वारा राजू पाल की दिनदहाड़े हत्या हो गई। हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती तुरंत इलाहाबाद पहुंचीं। पहली बार उनकी आंखों में आंसू देखे। पूजा पाल को गले से लगाते हुए उन्होंने कहा कि बेटी तुम चिंता मत करो। फिर उपचुनाव लड़ाया, लेकिन सपा की सरकार में वो हार गईं। फिर चुनाव आया, तो पूजा पाल को लड़ाया और पैसा भी दिया। 2 बार विधायक का चुनाव लड़ी। लेकिन, पूजा पाल के मन में क्या विचार आया कि वो सपा में गईं। वहां तो उनकी जगह थी ही नहीं। क्यों गईं, वो जानें और ये पूजा पाल बताएं। क्यों निकाली गईं, ये पूजा पाल या अखिलेश यादव बताएं। लेकिन, सच ये है कि बसपा नहीं होती, तो राजू पाल न तो विधायक बनते और न ही आज पूजा पाल विधायक होतीं। खासकर जितने भी नेता पाल समाज या पिछड़े समाज के विभिन्न दलों में दिख रहे हैं, उसमें 90% लीडर इसी बहुजन समाज पार्टी रूपी नर्सरी से तैयार होकर निकले हैं। जब इस नर्सरी से तैयार होकर गए हैं, तो वे चाहे जहां भटकें, पर जनता देख रही है कि वो बेटी-बेटा के चक्कर में दूसरे दलों में गए हैं। आज वो समाज फिर बसपा की कमजोर हुई नर्सरी को मजबूत करने में जुटा है। फिर इसी बहुजन समाज पार्टी की नर्सरी में हर समाज के लीडर तैयार होंगे। आपके सामने मैं विश्वनाथ पाल उसका उदाहरण हूं। हमारे समाज में जो भी लीडर तैयार हुए थे, वो आज दूसरे दलों में हैं। सवाल : बिहार में एसआईआर को लेकर कांग्रेस और राजद आवाज उठा रहे हैं। क्या मानते हैं?विश्वनाथ पाल : देखिए, ये तो बहुत पहले से हो रहा है। पहली बार बाबा साहेब चुनाव लड़े थे, तो इन कांग्रेसियों ने नारायण सादोबा काजरोलकर को चुनाव लड़ाया था। बाबा साहेब चुनाव जीत रहे थे। करीब 78 हजार वोटों की बेईमानी कर उन्हें 15 हजार वोटों से हरा दिया गया। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया तो हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सबसे पहले दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ईवीएम से बड़ी धांधली हुई है। पूरे देश में ईवीएम के खिलाफ जिला मुख्यालयों पर आंदोलन किया था। लेकिन, उस समय यही सपा-कांग्रेस के लोग बगल में खड़े होकर मजा ले रहे थे। साथ नहीं खड़े हुए। बहनजी अकेले लड़ाई लड़ रही थीं। पिछले साल जब यूपी में उपचुनाव हुआ और 9 सीटों का रिजल्ट आया तो उन्होंने एक बार फिर कहा चुनाव आयोग ईवीएम की बेईमानी को रोक सकता। अगर सरकार और उसके अधिकारियों की बेईमानी को चुनाव आयोग संज्ञान नहीं लेता है, तो मैं अब कोई उपचुनाव नहीं लड़ूंगी। ये बात उन्होंने कोई शौक से नहीं कही थी। यूपी के मिल्कीपुर में फिर एक उपचुनाव हुआ। बहनजी ने चुनाव का बहिष्कार किया। तब भी सारे विपक्षी दलों ने मिलकर विरोध किया होता और ये मांग की होती कि ये उपचुनाव बैलेट पेपर से कराया जाए। नहीं तो हम चुनाव नहीं लड़ेंगे। तो हम भी देखते कि चुनाव आयोग क्या निर्णय लेता है? बहनजी अपनी हर लड़ाई अपने तरीके से लड़ती हैं, किसी की नकल नहीं करतीं। सवाल: बसपा को पहले सपा, भाजपा, कांग्रेस समेत दूसरे दलों से गठबंधन से कितना फायदा हुआ?विश्वनाथ पाल : 1992 में सपा से गठबंधन पर 67 सीटें मिलीं। 96 में कांग्रेस से गठबंधन में चुनाव लड़ा, तो फिर 67 मिलीं। 2002 में अकेले लड़े तो 100 सीटें मिलीं। 2007 में अकेले लड़े तो 206 सीटें मिलीं। इससे साफ है कि जब भी हम लोग बिना गठबंधन के चुनाव लड़े, तो बेहतर रिजल्ट मिला। बहुजन समाज के हित में जब उन्हें लगता है कि गठबंधन जरूरी है, तो करती हैं। लेकिन, जब-जब उन्हें लगा है कि गठबंधन से बहुजन समाज का नुकसान हो रहा है, तो बिना किसी देरी के गठबंधन तोड़ने का काम किया। 2027 में हमारी तैयारी है कि बिना किसी गठबंधन के जनता के गठबंधन से हम चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। सवाल : बसपा की 2027 को लेकर किस तरह की तैयारियां चल रही हैं?विश्वनाथ पाल : बसपा अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर हम लोग 2 मार्च से बूथ सेक्टर कमेटियों का गठन कर रहे थे। ये पूरा हो चुका है। इस बार बसपा बिना किसी दल के गठबंधन किए यूपी में चुनाव लड़ेगी। 2007 की तर्ज पर हम भाईचारा बनाकर जनता का गठबंधन तैयार करेंगे। इसमें एससी, एसटी, ओबीसी मुस्लिम और न्याय पसंद ब्राह्मण-क्षत्रीय-वैश्य समाज के लोग होंगे। सवाल : 2007 में सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला बाद के चुनाव में बीएसपी क्यों नहीं दोहरा पाई?विश्वनाथ पाल : 2007 के पहले बसपा का कैडर नारा लगाता था कि यूपी की मजबूरी है, बहन मायावती जरूरी हैं। 4 बार बसपा की सरकार बनी। 3 बार गठबंधन में सरकार तो चल रही थी। अच्छा काम भी हो रहा था, लेकिन सरकार गिरा दी जाती थी। 2007 में जनता ने बहुमत से सरकार बनाई। हमारे वर्कर जो नारा लगाते थे, वो बदल दिया। कहा कि यूपी हुई हमारी है, अब दिल्ली की बारी है। इस नारे के बाद दिल्ली में बैठे लोग चिंता में आ गए। जनता के गठबंधन में बसपा का मूलमंत्र था कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। इसी सिद्धांत के तहत अलग-अलग समाज के लीडर तैयार किया गया था। पर बसपा की ये मजबूती दूसरे दलों को पसंद नहीं आया। उन्होंने साजिश करके बसपा की नर्सरी से सर्वसमाज के जो लीडर तैयार हुए थे। उन लोगों के माध्यम से फूट पैदा कर अलग-अलग समाज की पार्टी तैयार कराई गई। उसी का नतीजा है कि आज एससी, एसटी, ओबीसी समाज के कई दल बन चुके हैं। लेकिन, जनता अब समझ चुकी है। वह देख रही है कि जो लोग जाति के नाम पर दल बनाकर बसपा से अलग हुए थे, वो हमें कुछ नहीं दे पा रहे। वे वहीं जाकर सेट हो गए, जहां से हमें खतरा था। सवाल : बसपा क्या एमएलसी और पंचायत चुनाव भी लड़ेगी?विश्वनाथ पाल : बसपा 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है। ये सारे चुनाव भी उसी तैयारी से लड़े जाएंगे। हालांकि कौन-सा चुनाव बसपा लड़ेगी और कौन-सा नहीं, ये निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जी करेंगी। पर जो समाज को गुमराह कर लोगों ने अलग-अलग दिनों में सरकार बनाई थी, उसकी सच्चाई सामने आ चुकी है। आज आम जनता सपा, बसपा और भाजपा की सरकारों की तुलना कर रही है। चर्चा कर रही कि बसपा के समय में जो कानून व्यवस्था था, शिक्षा, किसानों के गन्ने के दाम और नौजवानों को रोजगार मिला था, आज वो नहीं हो रहा है। आज नौजवान फॉर्म भरते हैं, परीक्षा देते हैं। फिर पता चलता है कि पेपर लीक हो गया। 2027 में एक बार फिर जनता ने बहन मायावती को सीएम बनाने का मन बना लिया है। सवाल : बसपा ने आकाश को नेशनल संयोजक बनाया है। इसको कैसे देखते हैं?विश्वनाथ पाल : निश्चित रूप से आकाश को नेशनल संयोजक बनाए जाने से आज पूरे देश के नौजवानों में एक उत्साह आया है। आकाश नौजवानों के लीडर बनकर उभरे हैं। बाकी तो देश में 55 और 53 साल वाले भी खुद को नौजवान बता रहे हैं। अब देश देख रहा है कि 29 साल वाला नौजवान है या 55-53 वाला। आकाश को नेशनल संयोजक बनाने से हमारी पार्टी को फायदा मिलेगा। सवाल: आकाश आनंद में क्या भविष्य दिख रहा?विश्वनाथ पाल : आकाश आनंद बहुत योग्य है। उनके अंदर राजनीति करने की क्षमता बहुत अच्छी है। हर समाज को जोड़ने की क्षमता है। नौजवानों और सर्वसमाज को साथ लेकर चलने की क्षमता है। बहुत ही व्यवहार कुशल हैं। नेतृत्वकर्ता के रूप में जो काबिलियत होनी चाहिए, वो आकाश में है। सवाल : बसपा हर चुनाव से बहुत पहले प्रत्याशी घोषित कर देती है। इस बार भी ऐसा होगा?विश्वनाथ पाल : प्रत्याशी घोषित करने का निर्णय हमारी अध्यक्ष मायावती करेंगी। चुनाव जीतने के लिए जो भी बेहतर रणनीति होगी, वो मायावती करेंगी। सवाल : बसपा से निकले कई नेता फिर से वापसी करना चाहते हैं?विश्वनाथ पाल : वो निर्णय तो मायावती जी करेंगी। कौन नेता वापस लिया जाएगा और किसके लिए बसपा के द्वार बंद रहेंगे। सवाल : क्या विश्वनाथ पाल 2027 में चुनाव लड़ेंगे?विश्वनाथ पाल : मेरी तो इच्छा ये है कि मैं पूरे प्रदेश में रात-दिन मेहनत कर कार्यकर्ताओं को साथ लेकर मायावती को सीएम बनाऊं। यही मेरा लक्ष्य भी है। सवाल : सत्ता पक्ष के विधायकों का रोना रहता है कि नौकरशाही उनकी बात नहीं सुन रही है?विश्वनाथ पाल : अगर प्रदेश की आम जनता से वो चाहे किसी भी दल से जुड़ा हो, अकेले से पूछेंगे कि सबसे अच्छा सीएम कौन हो सकता है? तो वे सब दबी जुबान से कहेंगे कि बहनजी को आना चाहिए। बहनजी की सरकार के समय नौकरशाही पर अंकुश था। वे टाइम पर दफ्तर पहुंच जाते थे। नौकरशाही अपने काम को काम समझती थी। उसे लगता था कि कोई हमारा सीएम है। आज दिनदहाड़े हत्या और बेटियों से रेप हो रहा है। अभी मैं गोंडा गया था। वहां दिन के 11 बजे एक बिटिया का अपहरण कर रेप किया गया और फिर हत्या कर दी गई। फिरोजाबाद में सुबह 8 बजे बकरी चरा रही बेटी की लाश मिली। आखिर यूपी में कैसी सरकार चल रही है? बांदा में निषाद समाज की 3 साल बेटी के साथ रेप कर हत्या कर दी गई। बलिया में चौहान की बेटी के साथ रेप कर पेड़ से लटका दिया गया। उसके दोनों हाथ पीछे से बंधे थे। पूरे प्रदेश में खासकर गरीबों के साथ अत्याचार हो रहा है। एससी, एसटी, ओबीसी, मुस्लिम समाज के लोग न्याय के लिए तरस रहे हैं। --------------------- ये खबर भी पढ़ें- रामभद्राचार्य बोले- बगैर पढ़े सब वेदव्यास-वाल्मीकि बनना चाहते हैं, मोदी एक बार और PM बनेंगे संत प्रेमानंदजी के संस्कृत ज्ञान पर सवाल उठाने वाले जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य की लोगों ने काफी आलोचना की। इस पर 'दैनिक भास्कर' ने रामभद्राचार्य जी से उनके चित्रकूट आश्रम में खास बातचीत की। उन्होंने संस्कृत से लेकर अहंकारी होने जैसे सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। पढ़िए पूरी खबर...
झज्जर जिले के बहादुरगढ़-दिल्ली बार्डर पर बह रही मुंगेशपुर ड्रेन इन दिनों इलाके की किस्मत तय कर रही है। करीब एक किलोमीटर तक टूटा ड्रेन का किनारा न सिर्फ बहादुरगढ़ के करीब 500 एकड़ खेतों और एमआईई पार्ट बी इंडस्ट्रियल एरिया की कई फैक्ट्रियों को डुबो चुका है, बल्कि दिल्ली की गीतांजलि कॉलोनी और झाड़ौदा गांव तक में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर चुका है। स्थिति इतनी गंभीर हुई कि एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के बूते हालात काबू में नहीं आए और सेना की एक कंपनी बुलानी पड़ी। शुक्रवार दोपहर को पहुंचे 80 जवानों ने शनिवार से पूरे दिन पसीना बहाकर ड्रेन को बचाने की जंग शुरू की। सब्जी और फसलों समेत पशुबाड़े जलमग्न बहादुरगढ़ बॉर्डर पर ड्रेन का लगभग एक किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह टूट चुका है। इस टूटे किनारे से पानी बेकाबू होकर बहादुरगढ़ के खेतों और एमआईई औद्योगिक क्षेत्र की ओर घुस आया। करीब 500 एकड़ जमीन पूरी तरह डूब गई। दिल्ली की गीतांजलि कॉलोनी और झाड़ौदा गांव का भी बड़ा इलाका पानी से भर गया। किसानों की सब्जी की फसलें और पशुबाड़े जलमग्न हो गए। गांव जटवाड़ा के किसान नरसिंह राठी ने बताया कि ड्रेन के साथ लगती जटवाड़ा गांव की लगभग 80 एकड़ जमीन पर सब्जी की फसल बो रखी थी, सब पानी में डूब गई। अब गेहूं की फसल बोना भी मुश्किल है। प्रशासन को बार-बार ड्रेन की सफाई की गुहार लगाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आज हमारी सालभर की मेहनत डूब गई। चार नावों की मदद से पहुंचाए मिट्टी के बोरे रेस्क्यू में जुटे सेना और प्रशासन शनिवार सुबह से लेकर देर शाम तक 100 से ज्यादा कर्मचारी, एसडीआरएफ की टीमें और सेना के 80 जवान ड्रेन को दुरुस्त करने के काम में जुटे रहे। किनारे पर मिट्टी के कट्टे डाले जा रहे हैं। पानी 3 से 10 फीट तक गहरा है, इसलिए चार नावों की मदद से मिट्टी के बोरे टूटे हिस्सों तक पहुंचाए जा रहे हैं। मिट्टी 5 किलोमीटर दूर से लाई जा रही है, ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर एमआईई इंडस्ट्रियल एरिया तक लाई जाती है। यहां से कट्टों को नाव में लादा जाता है और फिर टूटे हिस्से तक ले जाकर डंप किया जाता है। सेना ने बेस कैंप बनाया है और साथ में एक मेडिकल टीम भी तैनात की गई है। जवान और कर्मचारी लगातार भीगे हुए हालात में काम कर रहे हैं। जहरीले जानवर और थकान जैसी मुश्किलें ड्रेन के पानी में जहरीले जानवरों का खतरा सबसे बड़ा रोड़ा है। कर्मचारियों और जवानों को लगातार सतर्क रहकर काम करना पड़ रहा है। सफाई कर्मचारी अजय बताते हैं कि “सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक लगातार काम करते हैं। मिट्टी के कट्टे भरना, नाव में लादना सब कुछ पानी में भीग कर करना पड़ता है। थक जाते हैं, तो पास की फैक्ट्रियों की छत पर थोड़ा आराम कर लेते हैं।सफाई कर्मचारी सन्नी कहते हैं कि पिछले पांच दिन से 10-12 घंटे लगातार काम कर रहे हैं। पानी में भीगे हैं या पसीने में, अब फर्क ही नहीं समझ आता। बस आदेश है कि काम करना है। एसडीएम ने ट्रैक्टर पर किया निरीक्षण दैनिक भास्कर एप की टीम ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया। एमआईई औद्योगिक क्षेत्र पार्ट बी में सबसे पहले मजदूर मिट्टी के कट्टों में भराई करते मिले। यहां 50 से ज्यादा कर्मचारी, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, कट्टों को भरने में लगे हुए थे। पास ही एसडीएम नसीब फोगाट भी मौजूद थे। उन्होंने भी अपनी गाड़ी छोड़ दी और ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर टूटे हिस्से तक निरीक्षण करने निकले। रास्ते में 3 से 4 फीट पानी था। एमआईई के आखिरी छोर पर पहुंचकर मिट्टी कट्टों को नावों में लादते देखा। वहां से नजर उठाई तो 500 एकड़ खेतों पर फैला पानी दिखा, मानो पूरा इलाका किसी तालाब में बदल गया हो। सेना के जवान वहीं पर तंबू लगाकर अपना बेस बनाकर तैनात थे। प्रशासन का दावा.. रविवार तक ठीक हो जाएगी ड्रेन एसडीएम नसीब फोगाट ने बताया कि मुंगेशपुर ड्रेन का एक किलोमीटर किनारा दिल्ली बार्डर की तरफ टूट गया था। हमने हरियाणा की तरफ तो सफाई की थी, लेकिन दिल्ली प्रशासन ने हमारे दो बार पत्र लिखने के बावजूद ड्रेन साफ नहीं की। पीछे से ज्यादा पानी आने के कारण किनारा टूट गया। अब सेना और कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि रविवार शाम तक किनारा ठीक हो जाएगा और जलभराव पंप सेट से निकालकर ड्रेन में डाल दिया जाएगा। किसानों का दर्द और आने वाला खतरा किसानों का कहना है कि इस बार तो सेना की मदद से स्थिति काबू में आ गई, लेकिन अगर ड्रेन की सफाई और पक्के निर्माण पर ध्यान न दिया गया, तो हर साल यही हाल होगा। किसान नरसिंह राठी कहते हैं कि “हमारे जैसे किसानों के लिए यह सिर्फ फसल का नुकसान नहीं, बल्कि परिवार की रोजी-रोटी का संकट है। सब्जी की फसल गई तो सालभर का खर्चा कैसे चलेगा। ड्रेन का टूटना प्राकृतिक आपदा नहीं मुंगेशपुर ड्रेन का यह टूटना केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी परिणाम है। सेना और स्थानीय कर्मचारियों की मेहनत से फिलहाल स्थिति काबू में आती दिख रही है, लेकिन यह अस्थायी समाधान है। जब तक ड्रेन का स्थायी पक्का निर्माण और समय-समय पर दोनों राज्यों की ओर से सफाई नहीं होगी, तब तक बहादुरगढ़ और दिल्ली बॉर्डर का यह इलाका हर बरसात में डूबता रहेगा।
सोनीपत स्थित ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में आयोजित मॉडर्न खेल अकादमी के उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय ऊर्जा, आवास और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने खेलों में हुनर और बुद्धिमत्ता के महत्व पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने मंच पर मौजूद सांसद नवीन जिंदल को मजाकिया अंदाज में संबोधित करते हुए कहा कि वे अर्जुन अवॉर्ड मिलने की बात तो करते हैं, लेकिन उन्हें अब तक यह अवॉर्ड नहीं मिला है। मनोहर लाल ने एक पहलवान की कहानी का जिक्र करते हुए समझाया कि खेलों में केवल ताकत ही नहीं, बल्कि दांव-पेंच और बुद्धिमत्ता भी उतनी ही जरूरी होती है। खिलाड़ी दांव-पेंच से खेल का रुख बदल देता हैओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि खेल में खिलाड़ी की प्रतिभा और हुनर जितने महत्वपूर्ण हैं, उतनी ही अहम उसकी बुद्धि भी होती है। कई बार खिलाड़ी अपनी समझदारी और दांव-पेंच से खेल का रुख बदल देता है। उन्होंने कहा कि हर खेल के अपने नियम और नीतियां होती हैं, लेकिन कभी-कभी इनसे हटकर दांव लगाना जरूरी हो जाता है, क्योंकि बिना दांव के जीतना मुश्किल है। खट्टर ने उदाहरण के तौर पर एक गांव के पहलवान की कहानी सुनाई, जिसमें एक दुबले-पतले युवक ने ताकतवर पहलवान को चुनौती दी। इसी संदर्भ में उन्होंने मजाकिया लहजे में सांसद नवीन जिंदल का जिक्र करते हुए कहा कि वे भी उस दुबले-पतले युवक की तरह कहते हैं कि मेडल लूंगा, अवॉर्ड लूंगा, अर्जुन अवॉर्ड बनूंगा, लेकिन अब तक मिला कुछ नहीं है। पहलवान की कहानी: दांव का खेलमुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी कहानी को आगे बढ़ाते हुए बताया कि जब मुकाबला अगले दिन के लिए टल गया तो दुबले-पतले पहलवान ने ताकतवर पहलवान से पूछा कि वह क्यों लड़ रहा है। पहलवान ने जवाब दिया कि जीतने पर उसे 1000 रुपए और अवॉर्ड मिलेगा। इस पर दुबले-पतले युवक ने 2000 रुपए देने की पेशकश की और कहा कि वह जानबूझकर हार जाए। पहलवान मान गया। अगले दिन कुश्ती हुई और थोड़ी देर की नोकझोंक के बाद ताकतवर पहलवान हार गया। जीत के बाद जब उसने 2000 रुपए मांगे तो दुबले-पतले व्यक्ति ने मुस्कराते हुए कहा, कौन से 2000 रुपए? वो तो तेरे अपने दांव थे और ये मेरा अपना दांव था। इस किस्से पर पूरा ऑडिटोरियम ठहाकों से गूंज उठा। खट्टर ने हंसते हुए कहा कि गांवों में नियम नहीं चलते और अब यदि नवीन जिंदल कभी दांव लगाएंगे तो उन्हें भी कुछ हासिल होगा। इस पर नवीन जिंदल ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि वे दांव लगाने के लिए तैयार हैं। संविधान संग्रहालय विषय पर जनता की 'क्लास'ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में बने संविधान संग्रहालय का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंच से छात्रों और लोगों की एक तरह से ‘क्लास’ ली। उन्होंने कहा कि देश में ऐसा संग्रहालय शायद ही कहीं और होगा, जहां संविधान और उसके संशोधनों की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मिलती है। इसे बेहद ज्ञानवर्धक बताते हुए खट्टर ने मंच से सवाल किया, “क्या राइट टू प्रॉपर्टी (संपत्ति का अधिकार) एक मौलिक अधिकार है?” कुछ लोगों ने हाथ उठाए, लेकिन एक शख्स ने सही जवाब दिया कि यह मौलिक अधिकार नहीं, बल्कि कानूनी अधिकार है। खट्टर ने इस उत्तर की पुष्टि करते हुए कहा कि बिल्कुल सही, राइट टू प्रॉपर्टी अब लीगल राइट है, फंडामेंटल राइट नहीं। टू कॉन्टेस्ट द इलेक्शन पर पूछे सवालटू कॉन्टेस्ट द इलेक्शन (चुनाव लड़ने का अधिकार) क्या है? इस पर एक शख्स ने जवाब देते हुए कहा कि यह फंडामेंटल राइट है। बुजुर्ग ने कहा कि कांस्टीट्यूशन राइट है। इस पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि इस पर मेरा यह कहना है कि यह एक फंडामेंटल राइट है। दोबारा मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि फंडामेंटल राइट क्या है। इस पर एक शख्स ने दोबारा फिर जवाब देते हुए कहा राइट टू वोट है। मनोहर लाल ने कहा राइट टू वोट फंडामेंटल राइट है। राइट टू कॉन्टैक्ट फंडामेंटल राइट नहीं है और उन्होंने कहा है कि इस पर 45 दिन की सुप्रीम कोर्ट पर बहस होनी है। उन्होंने कहा है कि संविधान से संबंधित उसमें बहुत बारीकियां है, खास तौर हमारे पॉलिटिकल लोगों, स्टूडेंट और एकेडमिक लोगों को समझनी चाहिए।
इंदौर जिले में अगले 7 दिन अच्छी बारिश के आसार है। इससे पहले बुधवार से शुक्रवार तक तेज बारिश का दौर चला था। हालांकि, शनिवार को पूरे दिन मौसम साफ रहा। जिले की बारिश का औसत 38 इंच है। अब तक 31 इंच बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। इंदौर शहर में 34.28 इंच बारिश हो चुकी है। जिले में सबसे ज्यादा देपालपुर में 40 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जबकि सबसे कम गौतमपुरा में 22.44 इंच हुई है। इंदौर जिले को अब 7 इंच और शहर को 3.5 इंच बारिश की जरूरत है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार इंदौर में औसत से अधिक बारिश हो सकती है। अभी भी मप्र के ऊपर एक स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 7 दिन तक मप्र में और अच्छी बारिश होने का अनुमान है। लोगों को नदियों, तालाबों से दूर रहने और सावधान रहने का कहा है। बुधवार रात से गुरुवार तक लगभग 7 इंच बारिश दर्ज की गई थी। जबकि सितंबर का औसत कोटा 6 इंच का होता है। यानी केवल चार दिनों में ही सितंबर महीने का औसत कोटा पूरा हो गया है।
राजधानी में गिरने वाला भवन एकमात्र नहीं है, ऐसे सैकड़ों जर्जन भवन हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। हेरिटेज में निगम ने मात्र 179 जर्जर इमारतें चिह्नित की हैं, जबकि हकीकत में 1,783 हैं। इनमें एक भवन में 5 से 10 परिवार रहते हैं। वहीं 5 से 8 हजार रुपए तक किराया ले रहे हैं। ऐसे में हर माह करीब 8 करोड़ रुपए किराया वसूला जा रहा है। किराए के लालच में मकान मालिक जर्जर भवन को नहीं गिरा रहे हैं। वहीं मरम्मत भी नहीं कराते हैं। लगातार बारिश के बीच परकोटे में जर्जर इमारतें किरायेदारों के लिए मौत का सौदा बन गई हैं। मकान मालिक खुद सुरक्षित जगह शिफ्ट हो चुके हैं, लेकिन जर्जर मकानों को किराए पर देकर गरीब परिवारों की जान खतरे में डाल रहे हैं। वहीं नगर निगम और हेरिटेज निगम कागजी कार्रवाई और नोटिस-नोटिस खेल रहे हैं। दरवाजे की मरम्मत के लिए एक साल पहले हेरिटेज नगर निगम और पुरातात्विक विभाग को लिखित में शिकायत दी थी, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन हादसे के बाद ही सुनवाई करेगा। निगम द्वारा चिह्नित जर्जर भवन
मेरठ से 25 Km दूर 2 गांव में न्यूड लड़कों की दहशत 12 दिन बाद भी बनी हुई है। परेशान महिलाएं अब घर के दरवाजे पर लाठी लेकर पहरा दे रही हैं। लड़के मुहल्लों में टार्च और लाठी लेकर न्यूड लड़कों की तलाश करते हैं। लोगों में इतना गुस्सा है कि न्यूड लड़के दिखे तो मार ही दिए जाएंगे। एहतियातन खेतों पर बड़ी-बड़ी लाइटें लगा दी गई हैं। ताकि रोशनी रहे, अंधेरा होने पर फिर हमला होने की आशंका बनी हुई है। खेतों में 9 CCTV लगाए गए हैं। पुलिस गांवों में सर्च आपरेशन चला रही है। जो महिलाएं दरवाजे पर लाठी लेकर खड़ी मिलीं, उनका कहना है– जो न्यूड लड़के खेतों में हमला कर सकते हैं, वो घर के अंदर भी आ सकते हैं। हमें तो खुद ही अलर्ट रहना है। क्या पता हमला हो जाए, तो तैयारी रख रहे हैं। ताकि घर की जवान बहू-बेटियां सुरक्षित रहें। दिखे तो मार ही देंगे। गांव के लोगों से बात करके समझ आया कि ये न्यूड लड़के खेतों में छिपकर बैठे रहते हैं। खेत के पास से निकलने वाली लड़कियों पर हमला कर देते हैं। उन्हें खेत में खींचने का प्रयास करते हैं। पिटाई भी कर देते हैं। ऐसी दो घटनाएं 2 गांवों में हो चुकी हैं। क्या किसी लड़की ने इन न्यूड लड़कों का चेहरा देखा? इन्हें पकड़ने के लिए क्या किया जा रहा? क्या किसी पुरुष पर भी हमला हुआ है? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम इन गांवों में पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… अब लोगों की बात पढ़िए गांवों में देर रात तक घर के बाहर पहरा दे रहे जेंट्समेरठ NH-58 हाईवे की मेन सड़क से लगभग 2Km अंदर भराला गांव पड़ता है। हम गांव के अंदर पहुंचे। गांव के बाहर ही जेंट्स झुंडों में जगह-जगह बैठे मिले। हमने पूछा- कैसे बैठे हैं? उन्होंने बताया- गांव में बिना कपड़े वाले लड़के का आतंक है। वो कहीं से कभी भी सामने आकर बहन-बेटियों को खींच ले जाते हैं, इसलिए पहरा दे रहे। पुलिस भी अपना काम कर रही है, लेकिन हमें तो अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद लेनी पड़ेगी। महिलाएं बोलीं- मजबूरी में ही बाहर जा रहेगांव में एंट्री करते ही हमें विनीत भराला मिले। वह कहते हैं- इन घटनाओं में कुछ तो सच्चाई है, तभी तो पुलिस भी इतनी मेहनत कर रही। दिन-रात ड्यूटी कर रही है। गांव की महिलाओं में दहशत है। शाम के बाद महिलाओं ने बाहर निकलना बंद कर दिया है। बहुत मजबूरी में ही जाती हैं। रास्ते में आगे चलते ही हमें वेद इंटरनेशनल स्कूल के चौकीदार श्याम सिंह मिले। उन्होंने कहा- मैं तो नाइट ड्यूटी में आता हूं। दिन में उस दिन क्या हुआ था, मैंने नहीं देखा। मगर लोगों में बस इसी बात की चर्चा है। बिना कपड़ों के लड़के लड़कियों और महिलाओं पर हमला करते हैं, उनको छेड़ते हैं और मारते-पीटते हैं। जब से ये मामले सामने आए हैं, दिनरात पुलिस चौकसी कर रही। गांवों की औरतें भी ग्रुप बनाकर ही बाहर निकल रही हैं। जिसको खेत में खींचा, उसके घर पर ताला सास बोलीं- वो 2 दिन से बाहर गईं, मुझे रोते हुए पूरी घटना बताई अब हम गांव में और अंदर पहुंचे। गांव के लोगों से पूछा कि जिस महिला पर हमला हुआ, उसका घर कहां पर है? कुछ बच्चे हमें उस घर तक लेकर पहुंचे। मगर पीड़िता के घर पर ताला पड़ा था। घर के बाहर लाठी लेकर एक बुजुर्ग महिला दिखी। महिला ने बताया– मेरा नाम संतोष है और जिस महिला पर हमला हुआ था, वो मेरी बहू है। हमने पूछा- आपकी बहू कहां गईं हैं? उन्होंने बताया- वो दो दिन से कहीं गई है। हमें पता नहीं है, लेकिन घर में ताला पड़ा है। हमने पूछा- कहीं शोहदे से डरकर ताला तो नहीं डाल दिया। संतोष ने जवाब दिया- कुछ कह नहीं सकते। आपको ये बता भी नहीं सकते हैं। बहू ने बताया छेड़छाड़ का पूरा वाकयासंतोष ने बताया- मेरी बहू के साथ छेड़छाड़ हुई है। वह रोजाना गांव से मेरठ शहर के आबूलेन में जॉब करने जाती थी। 27 अगस्त की सुबह वो जॉब के लिए निकली थी, तभी एक पूरी तरह से नंगे आदमी ने उसे खेत में खींचा। उसने जब विरोध किया, तो उसकी पिटाई भी की। जब बहू चीखने लगी, तो खेतों में काम करने वाले मजदूर उस तरफ भागकर पहुंचे। लेकिन तब तक वो आदमी खेतों में अंदर ही अंदर भाग निकला। हमें पता चला है कि उसने और भी महिलाओं-लड़कियों के साथ गलत काम किया है। मगर महिलाएं बहुत खुलकर कुछ बोल नहीं रहीं। इसलिए यहां इतनी पुलिस लगी हुई है। रंग काला, शरीर पर तेल लगाता है…संतोष आगे कहती हैं- मेरी बहू बहुत घबरा गई थी। उस दिन वो रोते हुए घर आई। बहुत घबराई हुई थी, कपड़ों पर मिट्टी लगी हुई थी। उसने मुझे बताया, वो काला आदमी था। उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। बहुत तेल लगाया हुआ था। इसलिए जब गांव के लोग उसे पकड़ने भागे तो कोई उसको पकड़ ही नहीं पा रहा था। बहू ने केवल उसकी पीठ ही देखी। हमारे घर में और भी बहन, बेटियां हैं, सबकी सुरक्षा जरुरी है। वो आदमी पता नहीं कब कहां आ जाए, घर में घुस जाए। इसलिए मैं लाठी लेकर खुद यहां खड़ी हो जाती हूं। फिर आधी रात के बाद ही सोती हूं। पहरा दे रही दूसरी महिला सुनीता मिली। वो कहती हैं- हमें भी गांव की औरतों से पता चला है। उन महिलाओं ने खेतों में जाते वक्त उस बिना कपड़ों वाले आदमी को देखा था। क्योंकि, हम तो घर में रहते है। हमें यही बताया कि उस आदमी ने कपड़े नहीं पहने थे, उसने मुंह पर कपड़ा बांधा था। हमारी पड़ोस की महिला को छेड़ा है। हमने देखा नहीं लेकिन गांव में डर का माहौल है। भले हम घर में रहते हैं, लेकिन डर लगा रहता है। जागते रहते हैं, सोते नहीं हैं। अपनी सेफ्टी जरुरी है, इसलिए लाठी लेकर निकलते हैं। अकेले जाने में डर लगता हैगांव में आगे हमें पूजा चौधरी मिलीं। वह कहती हैं, ड्यूटी जाने में प्रॉब्लम हो रही है। महिलाएं आने-जाने से कतरा रहीं। डर लग रहा है तो काम में परेशानी आ रही है। जो महिलाएं अकेले जाती हैं, उनको बहुत परेशानी हो रही। खेतों पर काम के लिए महिलाएं नहीं जा रहीं। मैं तो अपने पति के साथ जाती हूं, लेकिन बाकी महिलाओं को दिक्कत है। वो अब तक पकड़ा नहीं गया इसलिए और भी डर है। गांव पहुंचने के बाद सबसे पहले हमने पुलिस का इंतजाम समझा… एंट्री पॉइंट से अंदर तक सादी वर्दी में पुलिस वाले घूमते मिले पुलिस के मुताबिक, न्यूड लड़कों के हमले की 2 लिखित शिकायतें मिल चुकी हैं। बाकी लोगों ने मौखिक ही अपनी बात थाने तक पहुंचाई है। अब पुलिस एक्टिव है, खेतों के ऊपर ड्रोन से शोहदे की तलाश की जा रही है। गांव में सीसीटीवी लगवा दिए गए हैं। सादी वर्दी में पुरुष-महिला पुलिस कर्मी गांव में मौजूद हैं। LIU भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है। ये न्यूड लड़के सिर्फ महिलाओं पर हमले करते हैं। जहां हमले हो सकते हैं, वहां पर लाइटें लगवा दी गई हैं। इसके लिए अलग से केबिल खींचकर व्यवस्था करवाई गई है। गांव के एंट्री प्वाइंट से अंदर तक लगातार पुलिस टीमें सुबह, दोपहर और फिर रात में गश्त कर रही हैं। पुलिस की QRT गाड़ियां हर वक्त गांव में पहरा दे रही हैं। पुलिस वालों को गांव के लोगों का भी पूरा सपोर्ट मिल रहा है। अब 12 दिन में हुईं 2 घटनाएं पढ़िए- घटना 1: 25 अगस्त इकलौता गांव - साइकिल पर जा रही छात्रा को खींच लिया दोपहर को स्कूल से 3 छात्राएं लौट रही थीं। 2 छात्राएं साइकिल पर थीं और एक पैदल चल रही थी। एक छात्रा साइकिल चला रही थी, दूसरी पीछे बैठी थी। छात्रा ने बताया अचानक खेत से एक लड़का निकला। उसने कपड़े नहीं पहने थे। साइकिल पर पीछे बैठी छात्रा को खींच लिया। छात्रा चीखी, उसकी चीख सुनकर दूसरी छात्राएं भी चिल्लाने लगीं, लेकिन तब तक शोहदा भाग गया। इसके बाद घबराई छात्राएं घर पहुंची। छात्रा ने घर वालों को सारा किस्सा बताया। छात्राएं इतनी घबरा गईं थीं कि किसी ने लड़के का चेहरा नहीं देखा। बस उसको पीछे से ही देख पाईं। घटना 2: 28 अगस्त भराला गांव - जॉब पर जा रही महिला को पकड़ा एक महिला सुबह घर से काम के लिए निकली थी। वह आबूलेन स्थित एक शोरूम पर ड्यूटी करने जा रही थी। महिला का आरोप है कि रास्ते में गन्ने के खेत से अचानक एक युवक बिना कपड़ों के सामने आ गया और उसे खेत में खींचने लगा। महिला चीखने लगी बचाओ… बचाओ। खेतों में काम कर रहे मजदूर दौड़कर उस तरफ आ गए। महिला के मुताबिक, वो केवल उस आरोपी का शरीर देख पाईं। उसने कपड़े नहीं पहने थे, वो चेहरा नहीं देख सकी। ......................... यह भी पढ़ें :BJP के पूर्व सांसद बोले- राजभर और उनके बेटे बदतमीज:ये असली राजभर भी नहीं, भाजपा इस्तीफा ले...वरना माहौल खराब करेंगे 'ओम प्रकाश राजभर और उनके बेटे बदतमीज हैं। अपनी हरकतों से भाजपा की मर्यादा को धूमिल कर रहे। ओमप्रकाश राजभर, राजभर हैं नहीं, वे बियार जाति से आते हैं। पूर्वांचल में आकर रसड़ा में उन्होंने खुद को राजभर बताकर शोर मचाया। पूरा राजभर समाज यह मान बैठा कि वे राजभर हैं। राजभर से मंत्री पद से इस्तीफा ले लेना चाहिए।' ये बातें बीजेपी के पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर ने बलिया में कहीं। वह जिला अस्पताल में ABVP कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने पहुंचे थे। पढ़िए पूरी खबर...
यूपी का मिनी स्विटजरलैंड कहे जाने वाले सोनभद्र जिले की कैमूर की पहाड़ियों में है मुक्खा फॉल। बेलन नदी के इस प्राकृतिक जलप्रपात की खूबसूरती पहली ही नजर में किसी को भी मोहित कर सकती है। 100 मीटर की ऊंचाई से गिरता यह झरना टूरिस्टों को रोमांचित कर देता है। रास्ते का नजारा, हरे भरे पेड़-पौधों के बीच चट्टानों की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाते हैं। मॉनसून के मौसम में यह वॉटरफॉल और ज्यादा रोमांचक हो जाता है। यहां आने वाले टूरिस्ट जगह-जगह चट्टानों के बीच बहते पानी में नहाते और मस्ती करने के साथ पेड़ की छांव में पिकनिक मनाते दिखेंगे। झरने के पास ही अथाह कुंड की अपनी भव्यता है। कुंड में पानी की कितनी गहराई है, यह आज तक पता नहीं चल सका है। VIDEO में देखिए मुक्खा फॉल के खूबसूरत नजारे...
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक अर्हता परीक्षा आज दूसरे दिन भी 66 केंद्रों पर संपन्न होगी। परीक्षा की दो पालियों में 47520 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। प्रशासन की ओर से परीक्षा केंद्रों पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। सबसे बड़ी चुनौती शाम को परीक्षा छूटने के बाद लगने वाला जाम रहेगा। हालांकि अफसर अतिरिक्त इंतजाम किए जाने का दावा कर रहे हैं। शहर में 57, देहात में 9 केंद्रपरीक्षा के लिए कुल 66 केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 57 परीक्षा केंद्र शहरी क्षेत्र और 9 परीक्षा केंद्र देहात क्षेत्र में हैं। पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 बजे शुरु हो जाएगी। परीक्षार्थी साढ़े आठ बजे से केंद्र में प्रवेश कर सकेंगे। ठीक 9:30 बजे मुख्य दरवाजा बंद कर दिया जाएगा। दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर तीन बजे शुरु होगी। दोपहर 2:30 बजे मुख्य दरवाजा बंद कर दिया जाएगा और किसी को प्रवेश नहीं मिलेगा। नोडल अधिकारी राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट परीक्षा केंद्र में नहीं जाएगा। ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों के फोन भी जमा करा लिए जाएंगे। परीक्षा केंद्र पर प्रत्येक स्टाफ बायोमेट्रिक अटेंडेंस और डिजिटल हस्ताक्षर के बाद ही प्रवेश करेगा। केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामपरीक्षा केंद्रों की सुरक्षा पहले से भी ज्यादा मजबूत रहेगी । एक केंद्र पर सामान्य तौर पर पांच पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इनमें एक सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल, एक कांस्टेबल के अलावा दो महिला पुलिसकर्मी शामिल रहेंगे। संवेदनशील केंद्र पर एक इंस्पेक्टर मौजूद रहकर सुरक्षा का दायित्व संभालेंगे। जाम से निपटने की अतिरिक्त तैयारीपहले दिन जाम को लेकर बनाई गई तमाम व्यवस्था ध्वस्त हो गई। सबसे ज्यादा दिक्कत दूसरी पाली की परीक्षा छूटने के बाद झेलनी पड़ी। इन हालातों को देखते हुए आज अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। प्रभारी ट्रैफिक विनय कुमार शाही ने बताया कि सभी रूटों पर ड्यूटी बढ़ा दी गई है। जिन रास्तों पर ज्यादा दबाव रहता है, वहां अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है।
22 अगस्त को यूपी के आगरा में ड्रग विभाग और STF की जॉइंट टीम ने दवाओं से भरा एक टेंपो पकड़ा। टीम जांच करते-करते हे मां मेडिकल फर्म के गोदाम तक पहुंच गई। जांच चल ही रही थी कि आगरा के मशहूर दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल 2 बैग में एक करोड़ कैश लेकर पहुंचा। अफसरों के सामने 500-500 के नोट की गड्डी रखकर कार्रवाई रोकने के लिए कहा। बोला- एक करोड़ और दे दूंगा। यहीं से जॉइंट टीम को शक हो गया। एक कार्रवाई रुकवाने के लिए 2 करोड़ का ऑफर है, तो यह अवैध कारोबार कितना बड़ा होगा? इस बार संडे बिग स्टोरी में पढ़िए ताज नगरी के उस काले कारोबार की कहानी, जहां दवा दर्द की दी जाती है, लेकिन खाने पर दर्द कम नहीं होता। दवा नींद की बेची जाती है, लेकिन खाने वाले को नींद नहीं आती। यह कारोबार किन राज्यों में फैला है? यूपी में कितनी नकली दवाएं बेच दी गईं? 500 करोड़ की दवाएं कैसे खपा दीं… सबसे पहले उस छापे की कहानी, जिससे यह मामला खुलासनोफी नाम की दवा कंपनी ने शिकायत की थी कि आगरा में हे मां और बंसल मेडिकल स्टोर में उनके ब्रांड की नकली दवाओं को बेचा जा रहा है। इस पर STF इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा और संयुक्त ड्रग आयुक्त नरेश मोहन दीपक की टीम छापा मारा। टीम को टेंपो से 2 लाख 90 हजार ऐलेग्रा टैबलेट (बैच नंबर–5NG009) जब्त कीं। जांच में इन सभी टैबलेट का QR कोड एक जैसा मिला, जो हर स्ट्रिप पर अलग-अलग होना चाहिए था। लंबी जांच-पड़ताल में खुलासा हुआ कि AI से असली जैसा QR कोड जेनरेट करके नकली दवाइयों की स्ट्रिप पर चिपकाया जा रहा है। इन दवाओं का निर्माण चेन्नई और पुडुचेरी की फैक्ट्रियों में होता है। वहां से रेलमार्ग के जरिए ये दवाएं उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार सहित कई राज्यों में पहुंचाकर बेची जा रही हैं। 70 करोड़ की नकली दवा जब्त, 500 करोड़ की खपा चुकेपिछले करीब 15 दिन से चल रही कार्रवाई में आगरा के 4 दवा विक्रेता पकड़े गए हैं। करीब 70 करोड़ रुपए की नकली दवाएं जब्त हुई हैं। 40 ऐसे दवा विक्रेताओं के नाम सामने आए हैं, जो ज्यादा मुनाफे के लिए नकली दवा बेचते हैं। आगरा के एक-एक कारोबारी का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ रुपए तक है। करीब 5 साल से ये सिंडिकेट एक्टिव था। ऐसे में अनुमान है कि ये सिंडिकेट अब तक 500 करोड़ से ज्यादा की नकली दवाएं मार्केट में खपा चुका है। उदाहरण के तौर पर अगर दवा विक्रेता ने अधिकृत कंपनी से किसी दवाई के 100 ओरिजिनल डिब्बे मंगवाए, तो पुडुचेरी से हूबहू वैसे ही एक हजार डिब्बे तैयार करवाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश में ऐलेग्रा की 8 लाख नकली टैबलेट बेचींजांच टीम का नेतृत्व कर रहे बस्ती मंडल के सहायक आयुक्त (औषधि) नरेश मोहन दीपक ने बताया- निर्माता कंपनी सनोफी ने ऐलेग्रा (Allegra) टैबलेट 120MG, बैच नंबर-5NG001 को यूपी में नकली घोषित किया हुआ है। हमें आगरा की 3 दवा फर्मों पर ये दवाई मौजूद मिली। 1 अप्रैल से लेकर 28 अगस्त, 2025 तक तीनों फर्मों द्वारा इस दवाई के 80,133 पत्ते खरीदे गए और 79,998 पत्ते बेच दिए गए। स्टॉक में सिर्फ 40 पत्ते मौजूद मिले। औषधि विभाग ने इन टैबलेट के बारे में सनोफी कंपनी से लिखित जवाब मांगा। 29 अगस्त, 2025 को सनोफी कंपनी ने ई-मेल भेजकर बताया है कि उन्होंने इस बैच नंबर की बिक्री उत्तर प्रदेश में ही नहीं की। इस बैच नंबर के 2 लाख 35 हजार 575 पत्ते अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, गुरुग्राम, गुवाहाटी, पटना, पुणे में बेचे गए हैं। इससे साफ है कि यूपी में उक्त बैच नंबर-5NG001 की बिक रही ऐलेग्रा टैबलेट नकली है। छापा पड़ते ही पुडुचेरी की फैक्ट्री बंद, एक आरोपी की लोकेशन गोवा मेंइस मसले पर हमने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की अपर आयुक्त रेखा एस चौहान से बात की। उन्होंने बताया- पुडुचेरी और चेन्नई से अगर 10 लाख की दवाओं का बिल जेनरेट होता था, तो उस पर इससे 10 गुनी ज्यादा यानी एक करोड़ रुपए तक की दवाएं लाई जाती थीं। ऐसा इसलिए किया जाता था, ताकि रास्ते में चेकिंग होने पर असली बिल दिखाया जा सके। एक-एक बिल को कई-कई बार दवा बिक्री में दिखाया जाता था। ये पूरा गैंग ऑर्गेनाइज्ड तरीके से नकली मेडिसिन बेच रहा था। अपर आयुक्त ने बताया- आगरा में छापा पड़ते ही पुडुचेरी में नकली दवा बनाने वाली फर्म बंद हो गई। हम उसके मालिक राजा सिंह तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इस पूरे केस की इन्क्वायरी के लिए एक स्पेशल कमेटी बनाई जा रही है। ये कमेटी पुडुचेरी, चेन्नई, महाराष्ट्र सहित सभी ठिकानों पर जाएगी। एक आरोपी की लोकेशन गोवा पाई गई है। वहां भी टीम भेजी जा रही है। नकली दवाओं की बड़ी मंडी बना आगरानकली दवा बेचने के मामले में यूपी में आगरा बड़ी मंडी साबित हो रहा है। 22 अक्टूबर, 2024 को आगरा में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने सिकंदरा थाना क्षेत्र के महर्षिपुरम में एक मकान पर छापा मारा था। इस बिल्डिंग के बेसमेंट में नकली दवा बनाने का काम चल रहा था। 10 आरोपी पकड़े गए थे। 8 करोड़ रुपए की दवाएं सील की गई थीं। कुल 14 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट में पता चला कि VK लाइफ संस कंपनी की नींद की टैबलेट अल्जोसेल 0.5 MG और क्योर एंड क्योर कंपनी ब्रांड से की अल्प्रासेफ 0.5 MG में एल्प्राजोलम सॉल्ट नहीं मिला। ये दवाएं नींद आने के लिए ली जाती हैं। लेकिन, एल्प्राजोलम सॉल्ट नहीं होने से इसे खाने पर भी नींद नहीं आएगी। इसी तरह दर्द निवारक टैबलेट स्पासमोवेल में ट्रेमाडोल मिला ही नहीं है। इसलिए ये दवा भी दर्द बंद करने में खास काम नहीं आएगी। कई दवाओं में चावल का पानी मिलाया जा रहा था। इससे पहले भी आगरा में कई बार नकली दवाएं पकड़ी जा चुकी हैं। ---------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में सबसे ज्यादा कानपुर वाले देते हैं गाली, टॉप 10 शहरों में लखनऊ और प्रयागराज यूपी में गाली कितनी आम है। किसी बात पर गुस्सा निकालना है तो गाली और फेमस होना है तो गाली...। रिसर्च भी यही कहती है कि रोजमर्रा की जिंदगी में लोग गाली का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। 11 साल तक चले सर्वे में यह निकलकर आया है कि यूपी में गंदी–गंदी गालियां चौथी क्लास के बच्चे भी दे रहे हैं। गाली देने में कौन सा राज्य सबसे आगे? क्या है गाली देने की वजह? यूपी में कितने प्रतिशत लोग देते हैं गाली? यूपी के टॉप 5 जिले कौन से हैं, जहां ज्यादा गाली दी जाती है? किस शहर में दी जाती है सबसे ज्यादा गाली? कब हुई थी गाली की शुरुआत? गाली देने पर क्या है कानून? पढ़िए पूरी खबर...
1992 में प्राइमरी स्कूल के शिक्षक अब्दुल मजीद की मौत हो गई। उनके बेटे अब्दुल राशिद को मृतक आश्रित पर नौकरी मिली। 20 साल के अब्दुल 12वीं पास थे। उस वक्त शिक्षक बनने के लिए 12वीं पास ही न्यूनतम अर्हता थी। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है कि सभी सरकारी शिक्षकों को 2 साल में टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना होगा। अगर 2 साल में पास नहीं कर पाते, तो नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा। 53 साल के अब्दुल राशिद ने ग्रेजुएशन भी नहीं किया है। बिना ग्रेजुएशन TET परीक्षा नहीं दी सकती। ऐसे में वह दुविधा में हैं कि क्या किया जाए? अब्दुल राशिद की ही तरह पूरे यूपी में हजारों शिक्षक हैं, जो उस वक्त भर्ती हुए जब भर्ती में न्यूनतम अर्हता 12वीं पास थी। बाद में ग्रेजुएशन हुई। विशिष्ट बीटीसी हुआ। 2011 में तय हुआ कि अब TET पास करना अनिवार्य होगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि जो पहले से नौकरी कर रहे, उन्हें भी अगले दो साल में TET पास करना होगा। वरना नौकरी से बाहर जाएं। आखिर पूरा मामला क्या है? टीचर्स के सामने चुनौती क्या है? कोर्ट में मांग क्या रखी गई? आगे क्या कुछ हो सकता है? इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं... जो टेट पास नहीं कर पाएंगे उन्हें नौकरी छोड़नी होगीसुप्रीम कोर्ट 1 सितंबर, 2025 को तमिलनाडु और महाराष्ट्र में टीचिंग के लिए TET की अनिवार्यता से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। मामले को जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह सुन रहे थे। इसके बाद उन्होंने फैसला दिया- जिन टीचर्स की नौकरी को 5 साल से ज्यादा बचे हैं, उन्हें टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट क्वॉलिफाई करना जरूरी होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो उन्हें इस्तीफा देना होगा या फिर कंपल्सरी रिटायरमेंट लेना होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पूरे देश में करीब 10 लाख टीचर प्रभावित होंगे। अकेले यूपी में करीब 2 लाख शिक्षकों पर असर पड़ेगा। कोर्ट ने अपने इस निर्देश में कहा है कि माइनॉरिटी इंस्टीट्यूशंस पर यह फैसला लागू होगा या नहीं, इसका फैसला बड़ी बेंच करेगी। अब सवाल है, यूपी में कैसे लोग प्रभावित होंगे। इसे लेकर हमने दो लोगों से बात की। मैं 12वीं पास हूं, मुझे 5 साल का वक्त चाहिएअमेठी जिले के कंपोजिट विद्यालय वारसाबाद में 53 साल के अब्दुल राशिद सहायक टीचर के पद पर तैनात हैं। राशिद अमेठी जिला शिक्षक संघ के अध्यक्ष भी हैं। वह कहते हैं- 1992 में मेरे पिता अब्दुल मजीद की 51 साल की उम्र में मौत हो गई। उस वक्त मेरी उम्र 20 साल थी और मैं 12वीं पास था। मृतक आश्रित के रूप में मुझे नौकरी मिल गई। उस वक्त 12वीं पास ही प्राइमरी टीचर की नौकरी के लिए न्यूनतम अर्हता थी। 1995 में जो भर्ती हुई, उसमें भी 12वीं पास लोगों को नौकरी मिली। इसके बाद भर्ती में ग्रेजुएशन की डिग्री मांगी जाने लगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर राशिद कहते हैं- शिक्षकों का पक्ष केंद्र के वकील ने कोर्ट में नहीं रखा। शिक्षकों की तरफ से कोई बात करने वाला ही नहीं था। कोर्ट के सामने जो कागज रखा गया, उसके हिसाब से फैसला हो गया। जबकि, यह फैसला बहुत अव्यावहारिक है। 2017 में केंद्र ने जो संशोधन किया था, वह प्रशिक्षण के लिए था। कहा गया कि जो अनट्रेंड हैं, वो 31 मार्च, 2019 तक ट्रेंड हो जाएं। इसकी कॉपी राज्य सरकारों को भी भेजी गई। लेकिन, राज्य सरकारों ने इसे हल्के में लिया और किसी एजुकेशन अथॉरिटी को दिया ही नहीं। फिर कैसे किसी को पता चलता? अब्दुल कहते हैं- TET पास करना कठिन नहीं है, लेकिन हमें ग्रेजुएशन का भी मौका दिया जाना चाहिए। क्योंकि, उस वक्त 12वीं के आधार पर ही नौकरी मिली थी। उसके बाद हम लगातार पढ़ाते रहे। टीचर जैसे-जैसे पुराना होता है, उसकी एक विषय में दक्षता बढ़ती चली जाती है। लेकिन, बाकी विषयों में वह पिछड़ जाता है। जिसने 30 साल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी छोड़ दी हो, उसके लिए फिर से तैयारी करना और परीक्षा देना आसान नहीं होगा। भर्ती की जो अर्हता थी पूरा किया, अब जो आदेश वह सही नहींसीतापुर में सहायक अध्यापक पद पर तैनात संदीप यादव से भी हमने कोर्ट के फैसले पर बात की। वह कहते हैं- कोर्ट के बहुत सारे जजमेंट ऐसे होते हैं, जब कहा जाता है कि खेल का नियम खेल के बीच में नहीं बदला जा सकता। लेकिन, यहां खेल खत्म होने के बाद नियम बदलने की बात हो रही है। मैं 2004 विशिष्ट बीटीसी बैच का हूं। 2007 में मैं सारी अर्हताओं को पूरा करते हुए सहायक अध्यापक बना। अब अगर 18 साल बाद किसी परीक्षा को पास करने के लिए कहा जाएगा, तो गलत होगा। क्योंकि, हम सबकी ही क्षमताओं पर असर पड़ा। सिलेबस बदल गया। ऐसी परिस्थिति में हमारे लिए मुकाबला करना आसान नहीं होगा। संदीप कहते हैं- 2017 में केंद्र सरकार ने नियम बदले, लेकिन टीचर्स को कोई नोटिस नहीं दिय गया। यह बात 2025 में जाकर खुल रही है। अगर पहले बता दिया जाता तो सभी 1-2 बार में पास हो जाते। अब 2 साल का प्रेशर बांध दिया। इस प्रेशर में टीचर जब बच्चों को पढ़ाने के लिए किताब खोलेगा, तो उसके दिमाग में खुद भी पास होने की चिंता होगी। ऐसे में वह बच्चों को ढंग से नहीं पढ़ा पाएगा। सरकार को कोर्ट में शिक्षकों का पक्ष रखना चाहिए। क्या कोई जज, अधिकारी जिस परीक्षा को पास करके चयनित हुआ है, अब वह परीक्षा देकर पास हो सकता है। शायद नहीं, इसलिए ऐसे फैसलों पर विचार करने की जरूरत है। जो फैसला आया, उसकी मांग लेकर कोई कोर्ट नहीं गयासुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, उसका क्या असर पड़ेगा और निदान क्या है? इसे लेकर हमने मेरठ में प्राइमरी स्कूल में तैनात सहायक अध्यापक हिमांशु राणा से बात की। हिमांशु शिक्षकों से जुड़े मामलों को लेकर हमेशा से आवाज उठाते रहे हैं। वह इस फैसले को लेकर कहते हैं- सुप्रीम कोर्ट में जो मैटर गया था, उसमें यह था कि महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कुछ अल्पसंख्यक संस्थान थे। जहां उन्हें TET पास करने के लिए बाध्य किया जा रहा था। वहां ये मांग थी ही नहीं कि पूरे देश के शिक्षकों को TET पास करना है या नहीं। लेकिन, कोर्ट ने पूरे देश में TET को अनिवार्य कर दिया। हिमांशु बताते हैं- 2 अगस्त, 2010 को एनसीटीई की गाइडलाइन आई। इसके मुताबिक, जो लोग शिक्षक हैं या फिर कोई भर्ती प्रक्रिया चल रही है तो उसमें TET परीक्षा नहीं होगी। वह 2001 के नियमों के मुताबिक ही होगी। लेकिन, 3 अगस्त, 2017 में केंद्र सरकार ने नियम बदल दिया। सभी राज्यों को एक नोटिस भेजा, लेकिन राज्य की सरकारों ने इस नोटिस का ध्यान नहीं दिया। इस नोटिस में सभी को 2019 तक टीईटी पास करना था। राज्य सरकारों ने ध्यान नहीं दिया, इसलिए टीचर्स का भी इस पर फोकस नहीं रहा। प्रमोशन में टीईटी अनिवार्य हो, याचिका पेंडिंगहिमांशु कहते हैं- हमने लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका डाली है। इसमें बिना TET पास शिक्षकों को प्रमोशन नहीं देने की मांग की है। लेकिन, राज्य सरकार लगातार प्रमोशन कर रही है। जबकि, उन्हें केंद्र का आदेश पहले से पता था। लेकिन उस पर कोई बात नहीं की। बाद में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस पूरे मामले पर स्टे लगा दिया। इससे बचाव के लिए क्या करना होगाहमने हिमांशु से पूछा कि इस पूरे मामले में अब क्या विकल्प है? वह कहते हैं- अब तो ऑर्डर हो गया, इसलिए समाधान पर ही बात करनी होगी। कोई टीचर अगर कोर्ट जाएगा तो वह उतना प्रभावी नहीं होगा, जितना केंद्र और राज्य की सरकारें कोर्ट में टीचर के पक्ष से उनकी बात रखें। केंद्र सरकार सेक्शन 23/2 में सुधार करे। जो टीचर 2011 से पहले नियुक्त हैं, उन्हें टीईटी में छूट दिया जाए। उनकी नौकरी न ली जाए। हालांकि, अगर उन्हें प्रमोशन चाहिए तो इसके लिए TET अनिवार्य किया जाए। हिमांशु के मुताबिक, यूपी में इस फैसले से करीब 2 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे। पूरे देश में यह संख्या 10 लाख के आसपास है। इन सबने अपनी पढ़ाई छोड़कर बच्चों को उनके सिलेबस के आधार पर पढ़ाया है। नए सिलेबस के आधार पर वह परीक्षा पास कर पाएं, यह उनके लिए आसान नहीं होगा। --------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... ब्रेनवॉश, फिर मुस्लिम लड़की से निकाह और खतना, बरेली में हिंदुओं के धर्मांतरण का सिंडिकेट यूपी की बरेली पुलिस ने 26 अगस्त को छांगुर बाबा जैसा धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा किया। इस मामले में मदरसा संचालक समेत कुल 4 आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। ये गैंग ऐसे लोगों को टारगेट करता था, जो आर्थिक या पारिवारिक रूप से कमजोर हों। पहले इनका ब्रेनवॉश किया जाता था। फिर मुस्लिम लड़कियों से शादी कराई जाती थी। पढ़िए पूरी खबर...
भारत-चीन सांस्कृतिक यात्रा से लौटे प्रतिनिधि
सिटी रिपोर्टर }फ्रेंड्स ऑफ चाइना सोसाइटी इंडिया का नौ सदस्यीय दल चीन की सांस्कृतिक यात्रा से लौटा है। यह यात्रा 26 अगस्त से 1 सितंबर तक हुई, जिसमें दल ने यान’आन, शी’आन, शिजियाझुआंग और बीजिंग शहर देखे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और चीन के पुराने सांस्कृतिक संबंधों को समझना था। राजस्थान से दो लोग इस दल में शामिल हुए मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर के छात्र सार्थक शर्मा और कोटा के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. कौशल गौतम। जयपुर लौटने पर सोसाइटी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. माधुकुर डोरिया, सचिव अरुण जोशी, सीईओ प्रदीप कुलश्रेष्ठ और डॉ. पवन सिंघल ने उनका स्वागत किया। प्रतिनिधियों ने बताया कि चीन ने अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को बहुत सहेज कर रखा है। वहां एआई की मदद से इन्हें डिजिटाइज भी किया गया है।
शिप्रापथ से बाइक-स्कूटी चुराने वाले तीन बदमाश पकड़े
शिप्रापथ इलाके से बाइक व स्कूटी चुराने वाली गैंग के तीन बदमाशों को करधनी पुलिस ने पकड़ा है। गिरफ्तार आरोपी बादल सोनी गोपी नगर कालवाड़ रोड, विशाल वर्मा मोती विहार गोकुलपुरा व संजय तिवाडी गोविन्दपुरा करधनी के रहने वाले है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चोरी की बाइक और स्कूटी बरामद की है। थानाधिकारी सवाई सिंह ने बताया कि स्पेशल टीम सदस्य अमित सिंह, बाबूलाल व गजानंद इलाके में संदिग्धों की निगरानी के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे थे। तभी तीनों बदमाश टीम के राडार पर आ गए और तीनों को पकड़ लिया। आरोपियों से अन्य वारदातों के संबंध में पूछताछ कर तस्दीक की जा रही है। तीनों आरोपियों के खिलाफ करणी विहार, चित्रकूट, सिंधी कैंप, वैशाली नगर व कालवाड़ थाने में 5 आपराधिक प्रकरण दर्ज है।
ट्रांसपोर्ट : जीएसटी में 10% की कटौती से ट्रांसपोर्टर्स में खुशी
जयपुर | केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसपोर्ट सेक्टर में जीएसटी की दर 28 से घटाकर 18 फीसदी करने से खुशी की लहर है। ट्रक यूनियन के अध्यक्ष मुकेश बड़बड़वाल ने बताया कि जीएसटी में 10 फीसदी की कटौती से ट्रक, टायर, ऑटो पार्ट्स सस्ते होंगे। वहीं, ट्रक के भाड़े में 18 फीसदी जीएसटी लगने से भाड़े में बढ़ोतरी होगी। इससे ट्रांसपोर्ट में चल रही मंदी का असर कम होगा। इससे ट्रांसपोर्ट व्यापार में भी वृद्धि की उम्मीद रहेगी।
डॉ. शेख मोहम्मद खान ने रचा कीर्तिमान, एक ही दिन में किए 10 जॉइंट रिप्लेसमेंट ऑपरेशन
जयपुर | सीकर रोड स्थित सीकेएस हॉस्पिटल के वरिष्ठ जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. शेख मोहम्मद खान ने चिकित्सा क्षेत्र में नया रिकॉर्ड बनाते हुए एक ही दिन में 10 जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए। इनमें घुटना, कूल्हा रिप्लेसमेंट और एसीएल लिगामेंट सर्जरी शामिल थीं। हॉस्पिटल के ग्रुप सीईओ डॉ. शरीफ ने इसे आधुनिक सुविधाओं और टीमवर्क की मिसाल बताया। निदेशक डॉ. प्रकाश चांदवानी ने कहा कि यह उपलब्धि चिकित्सा जगत के लिए प्रेरणादायी है। गरीब व जरूरतमंद मरीजों का निशुल्क इलाज कर चुके डॉ. शेख पूर्व में एसएमएस अस्पताल में भी सेवाएं दे चुके हैं।
दस धर्म विधान मंडल पूजा का हुआ विसर्जन, कल क्षमावाणी मनाएंगे
जयपुर | आमेर रोड स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर नसिया श्री बी.जे. लाल जी पांड्या में चल रहा दस धर्म विधान मंडल पूजा का रविवार को विसर्जन हुआ। यह पूजा जैन धर्म के पावन पर्युषण पर्व के अंतर्गत 26 अगस्त से प्रारंभ हुई थी। समाज के वरिष्ठ श्रावक रमेश गुड़गांवा वाले ने मूल नायक भगवान 1008 नेमीनाथ का प्रथम अभिषेक एवं शांतिधारा की। शिखरचंद जी कासलीवाल परिवार ने मुनिसुव्रत भगवान और पद्म जी जैन ने संभवनाथ भगवान का अभिषेक किया। दस दिन उपवास करने वाली तपस्विनी अनीता जैन, हीना जैन और मानसी जैन बैराठी परिवार द्वारा प्रथम आरती की गई। बसंत जैन बैराठी ने बताया कि पूजा के बाद अनंत चतुर्दशी के कलश निकाले गए। सोमवार को मंदिर प्रांगण में उपवासियों का सामूहिक पारणा उत्सव होगा। सुधीर बिलाला ने बताया कि सोमवार को क्षमावाणी पर्व के अवसर पर श्री जी का पंचामृत अभिषेक कर सामूहिक क्षमावाणी मनाई जाएगी।
एक्सीडेंट में चालक की लापरवाही व उपेक्षा साबित नहीं, कोर्ट से 1.23 करोड़ रुपए की याचिका खारिज
जयपुर | जयपुर मेट्रो-प्रथम की एमएसीटी मामलों की विशेष कोर्ट ने कहा है कि मोटरयान अधिनियम की धारा 166 के तहत वाहन चालक की लापरवाही व उपेक्षा को साबित किए बिना प्रार्थीगण क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने के अधिकारी नहीं हैं। वहीं कोर्ट ने संबंधित मामले में चालक की उपेक्षा का तथ्य साबित नहीं होने पर बीमा कंपनी न्यू इंडिया इंश्योरेंस के खिलाफ दायर 1.23 करोड़ रुपए की क्लेम याचिका खारिज कर दी। मामले से जुड़े अधिवक्ता राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने माना कि प्रार्थियों ने 10 दिन देरी से एफआईआर दर्ज करवाने का कोई उचित कारण नहीं दिया है। इसके अलावा प्रार्थीगण यह भी साबित नहीं कर पाए कि 16 सितंबर 2016 को जीप के वाहन चालक की लापरवाही से ही एक्सीडेंट हुआ, जिसमें देवीशंकर की मृत्यु हुई। प्रार्थियों ने क्लेम याचिका में कहा कि हादसे के दिन देवीशंकर व भागीरथ मोटरसाइकिल से अपने गांव से लौट रहे थे। इस दौरान दोपहर 1.30 बजे वे टोंक रोड पर हमजापुर गांव के पास पहुंचे तो सामने से एक जीप ने गफलत व गलत दिशा से और लापरवाही से चलाकर उन्हें टक्कर मार दी।
उत्सव हॉल व बिड़ला ऑडिटोरियम में ओनली ब्रांड सेल, ग्राहकों की बम्पर भीड़
जयपुर | विद्याधर नगर के उत्सव हॉल व बिड़ला ऑडिटोरियम फ्रंट हॉल में पहली बार आयोजित ओनली ब्रांड सेल में जयपुरवासियों की भारी भीड़ उमड़ी। सेल में ग्राहक बास्केट भर-भरकर शॉपिंग कर रहे हैं। आयोजकों के अनुसार महंगे गारमेंट्स, फुटवियर और होम डेकोर आइटम्स लागत से कई गुना कम दामों पर मिलने से जबरदस्त खरीदारी हो रही है। यहां Pepe जींस, Reliance लेडीज कुर्ती, HRX, Puma, Adidas, Reebok व Lee Cooper के शूज़ सहित कई ब्रांडेड आइटम्स 70% तक की छूट पर उपलब्ध हैं। सेल 6 व 7 सितंबर को सुबह 10 से रात 10 बजे तक चलेगी। एंट्री व पार्किंग फ्री है।
मध्यप्रदेश में अगले 4 दिन हल्की बारिश का दौर रहेगा। स्ट्रॉन्ग सिस्टम के कमजोर होने से रविवार को कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। इस दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में रिमझिम पानी ही बरसेगा। इससे पहले प्रदेश के कई जिलों में नदी-नाले उफान पर रहे और डैम ओवरफ्लो हो गए। कैचमेंट एरिया और सीहोर जिले में बारिश होने के बाद भोपाल के बड़ा तालाब में पानी का लेवल 1666.80 फीट तक पहुंच गया। इसके चलते भदभदा डैम के गेट सीजन में पहली बार खुले हैं। रायसेन में हलाली बांध के 3 गेट 2-2 मीटर तक खोले गए। रतलाम में खाचरौद रोड पर कुछ परिवार बच्चों के साथ पानी के बीच फंस गए। एसडीईआरएफ की टीम ने देर रात सभी लोगों को रेस्क्यू किया। गुना में सुबह धूप खिली, लेकिन दोपहर में बारिश का दौर शुरू हो गया। शनिवार को हल्की बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल, बैतूल, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन, सागर, बालाघाट समेत कई जिलों में बूंदाबांदी हुई। शनिवार को बारिश की तस्वीरें... कई जिलों में बारिश का दौर बना रहासीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, प्रदेश में शनिवार को बारिश के दो स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। इनमें एक मानसून समेत दो टर्फ शामिल हैं। इस वजह से कई जिलों में बारिश का दौर रहा, लेकिन रविवार को कहीं भी तेज बारिश का अलर्ट नहीं है। एमपी में 41 इंच बारिश, सामान्य की 110 प्रतिशतमौसम विभाग के अनुसार, एमपी में अब तक 40.6 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 111 प्रतिशत है। वहीं, अब तक 32.8 इंच बारिश होनी थी। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी। गुना में 63.8 इंच बारिश, श्योपुर-मंडला भी आगेइस बार बारिश के मामले में गुना सबसे बेहतर है। यहां 63.8 इंच बारिश हो चुकी है। गुना में सामान्य से 30.6 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। श्योपुर में 56 इंच, मंडला में 55.9 इंच, अशोकनगर में 53.9 इंच और रायसेन में 55.8 इंच बारिश हुई है। वहीं, सबसे कम बारिश वाले 5 जिले इंदौर और उज्जैन संभाग के हैं। खरगोन में सबसे कम 25.6 इंच, बुरहानपुर में 25.8 इंच, शाजापुर में 26.2 इंच, खंडवा में 26.4 इंच और बड़वानी में 26.5 इंच बारिश हो चुकी है। एमपी में अब तक इतनी बारिश... ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतरएमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। इसके अलावा ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। प्रदेश के 22 जिलों में बारिश का कोटा फुल हो गया है। अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम... अब जानिए, एमपी के 5 बड़े शहरों में बारिश का रिकॉर्ड... भोपाल में 4 साल से कोटे से ज्यादा बारिशभोपाल में सितंबर महीने की औसत बारिश 7 इंच है, लेकिन पिछले 4 साल से कोटे से ज्यादा पानी बरस रहा है। ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1961 में पूरे सितंबर माह में 30 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक 9.2 इंच बारिश का रिकॉर्ड 2 सितंबर 1947 को बना था। इस महीने औसत 8 से 10 दिन बारिश होती है। वहीं, दिन में तापमान 31.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। इंदौर में सितंबर में रिकॉर्ड 30 इंच बारिशइंदौर में सितंबर महीने में रिकॉर्ड 30 इंच बारिश हो चुकी है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है, जो साल 1954 में बना था। वहीं, 20 सितंबर 1987 को 24 घंटे में पौने 7 इंच पानी गिर चुका है। इस महीने इंदौर में औसत 8 दिन बारिश होती है, लेकिन इस बार 15 या इससे अधिक दिनों तक बारिश हो सकती है। सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून की वापसी होने लगेगी। ग्वालियर में वर्ष 1990 में गिरा था 25 इंच पानीग्वालियर में सितंबर 1990 में 647 मिमी यानी, साढ़े 25 इंच बारिश हुई थी। यह सितंबर में मासिक बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 24 घंटे में 7 सितंबर 1988 को साढ़े 12 इंच बारिश हुई थी। सितंबर में ग्वालियर की औसत बारिश करीब 6 इंच है, लेकिन पिछले तीन साल से इससे अधिक बारिश हो रही है। ग्वालियर में इस बार अगस्त में ही बारिश का कोटा पूरा हो गया। ऐसे में सितंबर में जितनी भी बारिश होगी, वह बोनस की तरह ही रहेगी। जबलपुर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्डसितंबर महीने में जबलपुर में भी मानसून जमकर बरसता है। 20 सितंबर 1926 को जबलपुर में 24 घंटे के अंदर साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्ड है। वहीं, पूरे महीने में 32 इंच बारिश साल 1926 को हो चुकी है। यहां महीने में औसत 10 दिन बारिश होती है। वहीं, सामान्य बारिश साढ़े 8 इंच है। पिछले 3 साल से सामान्य से ज्यादा पानी गिर रहा है। उज्जैन में 1981 में पूरे मानसून का कोटा हो गया था फुलउज्जैन की सामान्य बारिश 34.81 इंच है, लेकिन वर्ष 1961 में सितंबर की बारिश ने ही पूरे सीजन की बारिश का कोटा फुल कर दिया था। इस महीने 1089 मिमी यानी, करीब 43 इंच पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक साढ़े 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 27 सितंबर 1961 में ही बना था। सितंबर महीने में उज्जैन की सामान्य बारिश पौने 7 इंच है, लेकिन पिछले दो साल से 12 इंच से ज्यादा बारिश हो रही है। इस महीने औसत 7 दिन बारिश होती है।
ऑपरेशन क्लीन स्वीप : सीएसटी ने मादक पदार्थ तस्कर को पकड़ा
जयपुर | कमिश्नरेट द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत सीएसटी ने मालपुरा गेट इलाके में दबिश देकर एक मादक पदार्थ तस्कर को पकड़ लिया। प्रदीप सांसी भीलवाड़ा के सुभाष नगर का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 11.90 ग्राम स्मैक बरामद कर ली। डीसीपी क्राइम अभिजीत सिंह ने बताया कि इस संबंध में सीएसटी सदस्य भंवरलाल व ललित को मिली सूचना के आधार पर मालपुरा गेट इलाके में दबिश देकर आरोपी को पकड़ लिया। आरोपी मूलत: भीलवाड़ा का रहने वाला है। आरोपी ने जैन नसियां रोड पर किसी तस्कर से खरीदी है। आरोपी ने स्मैक सप्लायर और खरीददार के संबंध में पूछताछ कर तस्दीक की जा रही है।
हाउसिंग सोसायटी जयपुर में पहली बार आयोजित हुए गणपति महोत्सव में दिखा भक्ति और उत्साह का रंग
जयपुर | जयपुर की अर्बाना ज्वेल्स हाउसिंग सोसायटी में पहली बार गणपति स्थापना की गई थी। इस पांच दिवसीय आयोजन में रोजाना सोसायटी के लोग शाम को आरती कर सांस्कृतिक आयोजन करते थे। गणेश मंडल और ऋद्धि-सिद्धि ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव ने न केवल सोसाइटीवासियों को बल्कि आसपास के स्थानीय लोगों को भी आकर्षित किया। इस आयोजन को सफल बनाने में प्रकाश खंडेलवाल, कलावती, नरेंद्र, निधि गुप्ता, निशांत श्रीवास्तव, अनुराधा श्रीवास्तव, कुमार रजनीश, हेमलता वर्मा, संजय सोनी, मनीष भार्गव, मनीष शर्मा, ओमवीर सिंह, प्रदीप कुमार, मनीष साहनी, सविता, दीपक इनानी, संदीप चतुर्वेदी, दीपक गोयल, हिमांशु खंडेलवाल और निशांत गुप्ता ने विशेष योगदान दिया।
डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ ने ट्रॉमा सेंटर में आने वाले मरीजों का जीवन बचाने के गुर सीखे
जयपुर | एसएमएस मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर स्थित स्किल लैब में न्यूरो सर्जरी एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन शनिवार को डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने गंभीर मरीजों को बचाने के गुर सीखे। आयोजन अध्यक्ष व अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. मनीष अग्रवाल ने कहा कि ट्रोमा सेन्टर में आने वाले हर गंभीर मरीज को निर्धारित मापदंडों के अनुसार इलाज करके जीवन को बचाना चाहिए। प्रशिक्षण आयोजक डॉ. अरविंद शर्मा व डॉ. गौरव जैन के अनुसार केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार 30 डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डॉ. रसीम कटारिया (न्यूरो सर्जन) ने सिर की गंभीर चोट की पहचान और मरीज को उच्च केंद्र पर कब रैफर करना चाहिए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ट्रोमा पीड़ित को समय पर शिफ्ट करना जीवनरक्षक सिद्ध हो सकता है। अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि ट्रोमा वाले मरीजों में सुरक्षित हैंडलिंग बेहद जरूरी है। ताकि मौके पर दी गई फर्स्ट एड दर्द और गंभीरता को कम कर सकती है। प्रशिक्षण लेने वालों को हैंड्स-ऑन डिमॉन्स्ट्रेशन कराए गए, जिनमें आपातकालीन प्रक्रियाओं जैसे सीटी स्कैन की जानकारी, इंटुबेशन, शॉक मैनेजमेंट आदि का अभ्यास कराया गया।
प्रेम भागवत जन सेवा ट्रस्ट ने किया गो भक्तों का सम्मान
जयपुर | राजस्थान गो सेवा संघ गौशाला दुर्गापुरा में आयोजित 108 कुंडीय सर्वार्थ सिद्धि महायज्ञ में प्रेम भागवत जन सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पीयूष दुबे, कोषाध्यक्ष विक्रम सिंह ने महंत दीपक वल्लभ गोस्वामी, गौमाता सेवार्थ ग्रुप के अशोक जैन व अन्य गौ भक्तों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस दौरान समारोह में उपमहापौर पुनीत कर्णावट, पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा, साध्वी प्रभा भारती, गोपालशरण महाराज, जयपाल सिंह, चरण सिंह, सुरेश महाराज सहित बड़ी संख्या में गौ सेवक मौजूद रहे।
प्रताप नगर; मिट्टी से बनाए गए भगवान गणपति का किया विसर्जन
जयपुर | भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी शनिवार को प्रताप नगर सेक्टर-26 के पार्क में मिट्टी से बनाए गए भगवान गणपति का सामूहिक विसर्जन कार्यक्रम रखा गया। ठाकुर लक्ष्मी नारायण सिंह व कृष्णा चौहान के सानिध्य में दस दिवसीय गणपति उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम में नरेंद्रसिंह, दीपिका चौहान, आयुषी, नोमितसिंह व रौनक ने भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक किया। दोपहर में विशेष पुष्प श्रृंगार का कार्यक्रम रखा गया, जिसमें रघुवीर सिंह कमलेश राठौड़, छुटका व मुमल शामिल हुए। इन व औषधीय जल से अभिषेक के बाद तिलक वितरण कार्यक्रम हुआ, जिसमें अभिषेकसिंह, रीतिका, विक्रम, छवि, हर्षाली व विराट ने भाग लिया।
2 साल में पुलिस कस्टडी में 20 की मौत; 5 की हार्ट अटैक व एक की कुएं में कूदने से,14 मामले पेंडिंग
प्रदेश में पिछले दो साल (अगस्त 2023 से अगस्त 2025) में प्रदेश में पुलिस कस्टडी के दौरान 20 लोगों की मौत हुई है। इनमें 5 लोगों की मौत हार्ट अटैक से और एक ने कुएं में कूदकर सुसाइड किया है। बाकी 14 केसों की जांच चल रही है। यह जानकारी राजस्थान विधानसभा में विधायक रफीक खान के अगस्त 2023 से अगस्त 2025 तक पुलिस कस्टडी में मौत के संबंध में प्रश्न पर दी गई है। पुलिस हिरासत में मौत को लेकर जांच के चलते किसी भी पुलिसकर्मी को दोषी नहीं माना गया। हालांकि एक मामले में ड्यूटी ऑफिसर को जरूर लापरवाह मान लाइन हाजिर किया है। इधर, मृतकों के परिजनों ने मामलों में पुलिस पर मारपीट या हत्या के आरोप भी लगाए हैं। वहीं, पुलिस ने अधिकतर मौतें बीमारी या आत्महत्या से होना बताई हैं। }टोंक (देवली थाना) : चोरी के आरोपी उमराव मीणा (28) की फरवरी 2025 में हार्ट अटैक से मौत हुई। }जैतारण थाना (ब्यावर) : गैंगरेप आरोपी राकेश (34) ने फांसी लगाकर आत्महत्या की। }पाली (औद्योगिक क्षेत्र) : परिवाद में पकड़े गए विक्रम सिंह की हार्ट अटैक से मौत। }फलोदी (देचू) : आरोपी फूलसिंह ने रिकॉर्ड रूम में फंदा लगाया। }तनोट थाना (जैसलमेर) : बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद दुलाल मिआह (58) की हार्ट अटैक से मौत। }राजसमंद (कांकरोली) : आरोपी खूबचंद्र सोनी की पूछताछ में हार्ट अटैक से मौत। }ऋषभदेव थाना (उदयपुर) : हिरासत में सुरेश पांचाल की तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। }चित्तौड़गढ़ (राशमी) : दबिश के दौरान ओंकारलाल की मौत कार्डियो पल्मोनरी अरेस्ट से हुई। }उद्योग नगर थाना (भरतपुर) : पॉक्सो आरोपी गब्बर उर्फ बंटी (22) ने थाने में आत्महत्या कर ली। परिजनों ने मारपीट या हत्या के आरोप लगाए हैं, 6 मामले आत्महत्या के } जयपुर (सदर थाना, पश्चिम) : आरोपी मनीष पांडे (28) ने थाने में फंदा लगाकर आत्महत्या की। थानाधिकारी सहित छह पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया। }सांगानेर सदर थाना (जयपुर साउथ) : किशन प्रजापत (22) की मौत इलाज के दौरान हुई। मामला मानवाधिकार आयोग भेजा गया। }लालसोट थाना (दौसा) : हत्या आरोपी मनोज उर्फ गिल्या ने हवालात में आत्महत्या की। }बसवा थाना (दौसा) : आरोपी गुड्डू मीणा मौके से भागा और सूखे कुएं में कूदने से मौत। }झुंझुनूं (कोतवाली थाना) : रेप आरोपी कुमार गौरव शर्मा (34) की मई 2024 में हीट स्ट्रोक से मौत हुई। }खेतड़ी थाना (झुंझुनूं) : चोरी के आरोपी पप्पूराम मीणा उर्फ पपला (31) की पूछताछ के दौरान मौत हो गई। }सूरतगढ़ थाना (श्रीगंगानगर) : आरोपी नरेश उर्फ नरसी (27) ने हवालात में फंदा लगाकर जान दी। }राजियासर थाना (श्रीगंगानगर) मोहनसिंह की जून 2025 में इलाज के दौरान मौत हुई। }छीपा बड़ौद थाना (बारां) : हिरासत में आए हरीश की पेट दर्द के बाद मौत हो गई। }किशनगंज थाना (बारां) : आरोपी लोकेश सुमन की हवालात में हालत बिगड़ने से मौत। }मांडल थाना (भीलवाड़ा) : युवक मुकेश की मौत हार्ट अटैक से बताई गई।
भास्कर खास इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने श्रद्धालुओं की मांग पर पुरी, गंगासागर, अयोध्या तीर्थ यात्रा के लिए भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। यह ट्रेन 4 अक्टूबर को सुबह उदयपुर से रवाना होकर चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, अजमेर होते हुए देर शाम जयपुर पहुंचेगी। यहां से सवाई माधोपुर होते हुए रवाना होगी। 12 दिवसीय तीर्थयात्रा के तहत श्रद्धालुओं को पुरी में जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर, गंगासागर तीर्थ, कोलकाता का काली घाट मंदिर, जसडीह में बैधनाथ धाम, गया में महाबोधी मंदिर, विष्णुपद मंदिर, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा आरती, अयोध्या में रामलला मंदिर व हनुमानगढ़ी तीर्थ जैसे विभिन्न धार्मिक स्थलों के दर्शन करवाए जाएंगे। आईआरसीटीसी के रीजनल चीफ आईआरटीएस मुकेश सैनी ने बताया कि ट्रेन में इकोनॉमी एसी और नॉन एसी कोच, आधुनिक किचन-कार, बायो-टॉयलेट्स सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। सुविधा के हिसाब से तीन कैटेगरी तय ऑनलाइन व ऑफलाइन बुकिंग की सुविधा एजीएम पर्यटन योगेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि इंश्योरेंस के साथ सरकार/पीएसयू के कर्मचारी एलटीसी सुविधा का भी फायदा उठा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आईआरसीटीसी ने वाट्सएप नंबर 9001094705, 8595930998 जारी किए हैं। बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट www.irctctourism.com पर उपलब्ध है। ऑफलाइन बुकिंग जयपुर बनीपार्क स्थित रीजनल ऑफिस से करवा सकेंगे। इकोनॉमी कैटेगरी में 24,560 शुल्क रखा है, जिसमें नॉन-एसी ट्रेन यात्रा, नॉन-एसी आवास तथा नॉन- एसी बसों की व्यवस्था रहेगी। स्टैंडर्ड कैटेगरी में 34,500 शुल्क और एसी ट्रेन यात्रा, नॉन-एसी आवास तथा नॉन-एसी बस व्यवस्था रहेगी। वहीं कंफर्ट कैटेगरी में 45,275 शुल्क, एसी ट्रेन के साथ एसी आवास एवं एसी बस की सुविधा मिलेगी।
वैशाली नगर कांग्रेस ब्लॉक की कार्यकारिणी को नियुक्ति पत्र दिए
झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के वैशाली नगर ब्लॉक की कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। ब्लॉक अध्यक्ष उमराव यादव ने बताया कि कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए और पार्टी की रीति-नीतियों का प्रचार के लिए शपथ दिलाई। इस अवसर पर झोटवाड़ा क्षेत्र के कांग्रेस पार्टी के अभिषेक चौधरी, खेल बोर्ड के पूर्व सदस्य हरीश यादव, रामनिवास कटारिया, संगठन महामंत्री अमरचंद मंडावरा सहित ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष, वार्ड अध्यक्ष एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
तपस्वी बाबा आश्रम के लिए भांकरोटा से पदयात्रा रवाना
डिग्गी मालपुरा मेगा हाईवे स्थित रातल्या के गुरु महाराज मंदिर से शनिवार को मुकंदपुरा(भांकरोटा) स्थित तपस्वी बाबा आश्रम के लिए 24वीं पदयात्रा रवाना हुई| स्थानीय निवासी दिनेश बागड़ा व कृष्ण शर्मा ने बताया कि संत तपस्वी बाबा ने ध्वज पूजन कर पदयात्रा को रवाना किया। भक्त हाथों मेंं दादूदयाल महाराज के ध्वज लिए जयकारों के साथ रवाना हुए। एकदिवसीय पदयात्रा रिंग रोड़, मुहाना, भाकरोटा होते हुए मुकंदपुरा स्थित तपस्वी बाबा आश्रम पहुंचेगी। वहां सत्संग के साथ भंडारा होगा। महंत मोरसिंह, लालचंद शर्मा, रोशन बागड़ा, राजूलाल अचरावाला, शंकर बागड़ा, अर्जुन राणा, मास्टर घासीराम आदि मौजूद रहे।
कांग्रेस : वोट चोरी पर एक माह का हस्ताक्षर अभियान
जयपुर । कांग्रेस 2 अभियान चलाने जा रही है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ‘वोट चोरी’ के खिलाफ राज्य में एक महीने का हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। पार्टी नेताओं के अनुसार राजस्थान में 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत सभी जिला, ब्लॉक, मण्डल एवं बूथ कांग्रेस कमेटियां अपने-अपने इलाके में जनता के बीच जाकर निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही इस धांधली के विरोध में कांग्रेस पार्टी द्वारा तैयार ज्ञापन पर आम लोगों के हस्ताक्षर लेंगी। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सभी जिला प्रभारियों एवं जिला अध्यक्षों को सात दिन में जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक कर इस अभियान की तैयारी करने के निर्देश दिए है। दूसरा अभियान- संगठन सृजन : आगामी पंचायती राज और नगर निकाय चुनावों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने संगठन सृजन अभियान चला रखा है। अपने सबसे पुराने संगठन, कांग्रेस सेवा दल को मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसके तहत पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले में तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में दिल्ली और जयपुर से आए वरिष्ठ कांग्रेस नेता कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं, ताकि संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत किया जा सके। अभियान के तहत नए कार्यकर्ताओं को जोड़ा जा रहा है और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
अतिवृष्टि प्रभावित पंजाब कोराजस्थान से भेजी राहत सामग्री
जयपुर | पंजाब में आई आपदा के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आह्वान पर प्रदेश से राहत सामग्री व नगद राशि भेजी गई है। गंगानगर जिला मुख्यालय से दानदाताओं एवं अन्य ट्रस्टों के माध्यम से 4 हजार राशन किट, 2 हजार 500 तिरपाल, 2 हजार पानी की बोतलें, 1 हजार मेडिकल किट, पशुओं के लिए 1 हजार चारा बैग, 40 ट्रॉली चारा, सेना के समन्वय से 4 नावें तथा सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र से 15 लाख रुपए एवं आर्मी कैंप से 11 लाख रुपए की राशि पंजाब भिजवाई गई है। पिछले दिनों अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री शर्मा ने सीमावर्ती क्षेत्र के जिला कलेक्टर्स को सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों तथा लोगों की मदद से पड़ोसी राज्य पंजाब में भारी बारिश से आई आपदा में मदद भिजवाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद यह एक्शन लिया गया है। इसके अतिरिक्त गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन की ओर गुरुवार को राहत सामग्री भिजवाई गई। मुख्यमंत्री के आह्वान पर गंगानगर जिले के पदमपुर उपखण्ड क्षेत्र से 2.27 लाख रुपए की खाद्य सामग्री, 1.05 लाख रुपए की पानी की बोतलें, 186 बैग खलचूरी, 1 लाख 50 हजार रुपए का चारा तथा 1.46 लाख रुपए की राशि भेजी गई।
मंत्री शेखावत बोले- गहलोत ने मेरी मां पर अपमानजनक टिप्पणी की थी
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पीएम नरेंद्र मोदी की मां को गाली देने पर उठे सियासी विवाद को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने साथ ही पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा। शेखावत ने कहा कि मां एक संस्था है, उनके लिए ओछी टिप्पणी करना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे लगता है कि यह भी कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा है, क्योंकि गहलोत जो कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं, थोड़ा सा राजनीतिक विचलन में चले गए वरना अभी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होते। सत्ता के मोह में कुर्सी के मोह में शायद अपने भविष्य के लिए सही या गलत फैसला नहीं कर पाए। गहलोत ने इस तरह की टिप्पणियां मेरी मां के लिए की थीं। शेखावत ने कहा- मां किसी की भी हो, उसके लिए इस तरह की टिप्पणी की जाए तो यह दुर्गाभाग्यपूर्ण, अनुचित और निंदनीय है। शेखावत ने जयपुर में यह बात कही। विपक्ष के पेट में दर्द क्यों? शेखावत ने कहा कि देशहित में कोई भी फैसला हो, विपक्ष के नेताओं के पेट में दर्द होता है। प्रधानमंत्री की लोकप्रियता बढ़ने से उनके पेट में दर्द होना स्वाभाविक है। राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह की टिप्पणियां करना, हर विषय में अपना राजनीतिक लाभ खोजना, यह इनका चाल और चरित्र का हिस्सा है। जीएसटी पर विपक्ष का यू-टर्न शेखावत ने कहा- जो लोग जीएसटी लागू होने से लेकर 2024 तक के चुनाव तक इसे गब्बर सिंह टैक्स की संज्ञा देते थे, वे लोग अब यू टर्न करके यह कहने लगे कि ये तो हमारे राहुल गांधी ने सुझाया था। पर्यटन मंत्री होने के नाते अगर मैं बात करूं तो इस सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। आम आदमी की जेब में टैक्स बचेगा। अर्थव्यवस्था का सिद्धांत है कि जब कभी भी लोगों के जेब में पैसा बचता है, इनकम होती है तो टूरिज्म बढ़ता है।
कांग्रेस राज की 119 रियायतें हटाईं,20 काम कम किए, नया नाम दिया
भास्कर खास निकाय चुनाव नजदीक होने के कारण जल्दबाजी में राज्य सरकार 312 शहरी निकायों में ‘शहर चलो अभियान’ चलाने जा रही है। लेकिन यह केवल पिछली सरकार के ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान की कापी है। इस अभियान में होने वाले 50 तरह के काम पिछली सरकार के कार्यों की कापी हैं। पिछली सरकार में अभियान में 70 तरह के काम प्रस्तावित थे। इस बार 20 कम कर दिए और केंद्र की 5 योजनाओं के काम जोड़ कर 55 कार्यों के साथ नया नाम रख दिया ‘शहर चलो अभियान’। हालांकि इसका दायरा बढ़ाया गया है। फिर भी सबसे बड़ी खामी यह है कि अभियान में दी जाने वाली रियायतें इस बार तय ही नहीं है। गहलोत सरकार के प्रशासन शहरों के संग अभियान में 119 तरह की रियायतें दी गई। 10 लाख से अधिक पट्टे पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के नेतृत्व में बांटे गए। लेकिन भाजपा राज में सारी रियायतें बंद कर दी। नया अभियान फिलहाल बिना रियायतें तय किए ही घोषित कर दिया। सारे जनप्रतिनिधि आशंकित हैं कि बिना रियायतों, शुल्क में कमी के चलाए जा रहे अभियान में 55 तरह के काम के लिए लोग कैंपों में आएंगे या नहीं? गौरतलब है कि 15 सितंबर से वार्डों में शहर चलो अभियान प्रस्तावित है। पट्टा अभियान के कार्य कृषि भूमि की कालोनियों का नियमन, स्टेट ग्रांट एक्ट के पट्टे, कच्ची बस्तियों का नियमन, भूखंडों के पुनर्गठन उपविभाजन की स्वीकृति, नाम हस्तांतरण, अनधिकृत निर्माणों का नियमन, लीज मुक्ति प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु पंजीकरण, 60 वर्ग मी. से छोटे आवासों का आवंटन बहाली, विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र, घरेलू इकाई और सामुदायिक शौचालय स्थल का चिह्नीकरण, सीवरेज कनेक्शन के लिए आवेदन पर स्वीकृति और कनेक्शन। स्वयं सहायता समूहों का गठन करना। कमजोर वर्ग को आय प्रमाण पत्र और योजनाएं तैयार करना। सड़क मार्ग अधिकार, भवन रेखा निर्धारण करना, पार्कों और अन्य सुविधा क्षेत्रों का सीमांकन करना, पार्किंग स्थलों का चिह्नीकरण करना। श्मशान/कब्रिस्तान के लिए भूमि चिह्नीकरण और आरक्षित करना। -रवि जैन, सचिव, स्वायत्त शासन विभाग ‘शहर चलो’ के कार्य स्टेट ग्रांट, कच्ची बस्ती, 69ए, कृषि भूमि के पट्टे, भू उपयोग परिवर्तन, नामांतरण व भवन निर्माण मंजूरी, ट्रेड लाइसेंस, फायर एनओसी, स्ट्रीट वेंडर रजिस्ट्रेशन, जन्म मृत्यु व विवाह पंजीयन, सीएम व पीएम स्वनिधि योजना, पीएम आवास योजना, एसबीएम 2.0 के आवेदन, स्ट्रीट लाइटों को ठीक करना, सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें लगाना, चौराहे, डिवाइडर, पार्क का सौंदर्यकरण, नालियों की मरम्मत, फेरोकवर, मैन होल्स की मरम्मत और सीवर लाइन ठीक करना, आवारा पशुओं को पकड़ना, ईडब्लुएस प्रमाण पत्र जारी करना, लीज होल्ड से फ्रीहोल्ड पट्टे जारी करना, यूडी टैक्स जमा करना, फ्लैगशिप योजनाओं में आवेदन की मंजूरी, अटल पेंशन योजना, विधवा, वृद्धावस्था, विकलांग पेंशन के आवेदन लेना, पट्टों पर शहर चलो अभियान आदि। पहले 70 कार्य, अब कैंप में 55 होंगे : प्रशासन शहरों के संग अभियान 2 अक्टूबर 2021 से शुरू किया था। 3 साल चला। इस बार शहर चलो अभियान 15 सितंबर से शुरू होगा और 2 अक्टूबर तक प्रस्तावित है।
मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक 5 लाख घरों पर रूफटॉप सोलर संभव
जयपुर | नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी दर को 12 से घटाकर 5 फीसदी करने से सोलर फोटोवोल्टेइक सेल और पावर जेनरेटर, सोलर कूकर, वॉटर हीटर, लालटेन, बायोगैस प्लांट, विंड मिल, पवन ऊर्जा जनरेटर, वेस्ट टू एनर्जी सिस्टम, समुद्री ऊर्जा उपकरण, हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहन सस्ते होंगे। इससे प्रदेश में मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक पांच लाख मकानों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगने की उम्मीद है। राजस्थान सोलर एसोसिएशन के सीईओ नितिन अग्रवाल का कहना है कि अक्षय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी में कमी से प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना के तहत लगने वाले रूफटॉप सोलर प्लांट में 30 फीसदी तक वृद्धि संभव है। इससे पहले राज्य सरकार ने भी 1.1 किलोवाट के सोलर प्लांट पर सब्सिडी की घोषणा की थी। इससे प्रदेश में सोलर आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
सोना 900, चांदी 1100 रु. महंगी
जयपुर | अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी के चलते शनिवार को जयपुर सर्राफा बाजार में स्टैंडर्ड तथा 22 कैरेट जेवराती सोना 900 रुपए प्रति दस ग्राम महंगा होकर नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वहीं, चांदी भी 1,00 रुपए प्रति किलोग्राम महंगी हो गई। दूसरी तरफ, शुक्रवार को कारोबार समाप्ति पर अमेरिकी वायदा एक्सचेंज कॉमेक्स में दिसंबर डिलीवरी डिलीवरी सोना 33.10 डॉलर बढ़कर 3,639.80 डॉलर तथा नवंबर डिलीवरी चांदी 0.093 डॉलर की तेजी से 41.510 डॉलर प्रति आउंस पर बंद हुई। सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी, जयपुर के भाव : चांदी (999) 128 चांदी रिफाइनरी 127.5 रुपए प्रति ग्राम। सोना स्टैंडर्ड 10,120 रुपए, सोना जेवराती 10,280 तथा वापसी 9,980 रुपए प्रति ग्राम। जीएसटी में कमी से आभूषण बॉक्स सस्ते जीएसटी प्रणाली में सुधार से हीरे और आभूषण क्षेत्र को भी राहत मिली है। नई व्यवस्था के तहत आभूषण बक्सों पर जीएसटी को 12 से घटाकर पांच फीसदी करने से खुदरा विक्रेताओं की लागत कम होगी। जबकि, ‘हीरा अग्रिम प्राधिकार योजना’ के तहत 25 सेंट तक के प्राकृतिक तराशे और पॉलिश किए हीरों के आयात को 18% आईजीएसटी से छूट देने से हीरा व आभूषण निर्यातकों पर कार्यशील पूंजी का दबाव कम होगा। छोटे हीरे के प्रसंस्करण में लगे निर्माता-निर्यातकों को मदद मिलेगी। उधर, र| एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष किरीट भंसाली का कहना है कि जीएसटी बदलाव से आभूषण विक्रेताओं और निर्यातकों की लागत कम होगी।
जीएसटी : टैक्स विसंगति होने से कोरोगेटेड उद्योग की परेशानी बढ़ी
जीएसटी स्लैब में बदलाव से कोरोगेटेड बॉक्स में काम आने वाले कागज पर टैक्स बढ़कर 12 से 18 फीसदी हो गया है। हालांकि, तैयार कोरोगेटेड बॉक्स पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 फीसदी किया गया है। लेकिन, जीएसटी की इस विसंगति से कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग को नुकसान की आशंका है। वहीं, तैयार कोरोगेटेड बॉक्स पर टैक्स में कमी का लाभ भी उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगा, क्योंकि कच्चा माल महंगा होने से लागत बढ़ जाएगी। इसके साथ उत्पादन इकाइयों को अधिक कार्यशील पूंजी की जरूरत होगी। इसके चलते कोरोगेटेड उद्योग ने सरकार से इस टैक्स विसंगति को दूर करने की मांग की है। बता दें, प्रदेश में करीब 250 कोरोगेटेड इकाइयां सालाना 5 हजार करोड़ रुपए का कारोबार करने के साथ प्रत्यक्ष रूप से 15 हजार और परोक्ष रूप से 50 हजार लोगों को रोजगार दे रही है। जीएसटी में विसंगति से ऐसे होगा नुकसान सीए शैलेंद्र अग्रवाल के मुताबिक, मान लीजिए किसी इकाई ने कोरोगेटेड बॉक्स के लिए 4 करोड़ रुपए के पेपर की खरीद पर 18 फीसदी के हिसाब से 72 लाख रुपए का टैक्स भरा, जबकि तैयार माल को बेचने पर 5 फीसदी के हिसाब से 22 लाख रुपए का जीएसटी लगेगा। इसका मतलब है कि रिफंड के तौर पर लगभग 50 लाख रुपए की वर्किंग कैपिटल कम से कम 90 दिन के लिए अटक जाएगी। इतना ही नहीं, प्लांट और मशीनरी पर निवेश पर इनपुट टैक्स क्रेडिट और रिफंड का फायदा नहीं मिलेगा।
राजप्लास्ट 19 से 21 तक, मुख्यमंत्री को शुभारंभ के लिए दिया आमंत्रण
जयपुर | प्लास्टिक मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन राजस्थान (पीएमएआर) और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से सीतापुरा स्थित जेईसीसी में 19 से 21 सितंबर तक राजप्लास्ट प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। इसके शुभारंभ के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को आमंत्रित किया गया है। इस सिलसिले में पीएमएआर के अध्यक्ष श्रवण शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन के लिए सरकार से पूरा सहयोग का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में राजप्लास्ट के सह-संयोजक राधेश्याम शर्मा के साथ अन्य पदाधिकारी शामिल रहे। प्रदर्शनी में एमएसएमई मंत्रालय, भारतीय मानक ब्यूरो, रीको, सीपेट, डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल एवं पेट्रोकेमिकल, रसायन एवं खाद मंत्रालय आैर प्लास्टिक एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की भागीदारी रहेगी। वहीं, पीएमएआर की ओर से इंडस्ट्री मीट भी आयोजित की गई। श्रवण शर्मा ने बताया कि राजप्लास्ट ऐसे समय पर हो रहा है, जब सरकार दिसंबर में राइजिंग राजस्थान समिट का दूसरा संस्करण आयोजित करने जा रही है। वहीं, मुख्यमंत्री और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के पचपदरा विजिट से तय हो गया कि जल्द ही रिफाइनरी में उत्पादन शुरु होगा। इससे पेट्रो केमिकल कॉम्पलेक्स के जरिए प्रदेश में प्लास्टिक इंडस्ट्री के नए युग का सूत्रपात होगा। प्रदर्शनी में 20 हजार से ज्यादा ट्रेड बायर और विजिटर आने की संभावना है। इसमें एग्जीबिटर्स को केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय से पीएमएस स्कीम के तहत सब्सिडी मिलेगी। राज्य की एमएसएमई पॉलिसी के तहत प्रोत्साहन दिया जाएगा।
भगवान अनंत की पूजा कर धारण किए डोरे, गोविंददेवजी ने दिए लप्पा जामा पोशाक में दर्शन
जयपुर | भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी शनिवार को घरों और मंदिरों में भगवान अनंत का पूजन और व्रत किया गया। भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप का पूजन कर घर और परिवार में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की कामना की। घरों में महिला-पुरुषों ने 14 गांठों वाले डोरे का पंचामृत, हल्दी, चंदन, पुष्प, नेवैद्य, फल आदि से पूजन किया। रोट, घी और दही का भोग लगाया गया। ब्राह्मण और परिजनों को रोट खिलाए गए। पूजन के बाद महिलाओं ने लाल रंग का और पुरुषों ने पीले रंग का अनंत डोरा धारण किया। गोविंददेवजी मंदिर में उत्सव अनंत चतुर्दशी मनाया गया। राजभोग आरती से पहले भगवान शालिग्राम का वेद मंत्रोच्चार से पंचामृत अभिषेक कराया गया। चंदन शृंगार किया गया। इसके बाद राजभोग आरती और भोग अर्पण किया गया। श्रीजी को केसरिया रंग का लप्पा जामा पोशाक धारण करवाई गई।
अनंत चतुर्दशी; चौबीस तीर्थंकरों की मंडल विधान पूजा, कल मनाएंगे क्षमावाणी पर्व
3 से 32 दिन उपवास करने वालों का होगा महापारणा : जैन समाज प्रचार संयोजक विनोद कोटखावदा ने बताया कि सोमवार को षोडशकारण समापन कलश एवं पड़वा ढोक क्षमा वाणी पर्व मनाया जाएगा। मंदिरों में श्रीजी के कलशों के बाद पड़वा ढोक कार्यक्रम होगा, जिसमें एक-दूसरे को खोपरा मिश्री खिलाकर पिछले एक साल में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करेंगे। दशलक्षण पर्व के दौरान तीन दिवसीय कर्म निर्झर तेला एवं दशलक्षण महापर्व में दस दिन का उपवास करने वालों का रविवार को, र|त्रय व्रत व तेला करने वाले त्यागी व्रतियों का सोमवार और षोडशकारण के एक माह के उपवास करने वाले तपस्वियों का मंगलवार को महापारणा करवाया जाएगा। जयपुर | अनंत चतुर्दशी पर शनिवार को दिगंबर जैन मंदिरों में चौबीस तीर्थंकरों की मंडल विधान पूजा की गई। पिछले दस दिनों से चल रहे दशलक्षण महापर्व का समापन हुआ। श्रद्धालुओं ने निराहार रहकर उपवास किए। सुबह भगवान की पूजा-अर्चना के बाद बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया। पूजा के दौरान निर्वाण लाडू चढ़ाया। शाम को जयकारों के बीच श्रीजी के अनंत चतुर्दशी एवं दशलक्षण समापन कलश चढ़ाए गए। जयपुर शहर के 250 से अधिक दिगम्बर जैन मंदिरों से जुड़े करीब एक लाख लोगों ने उपवास रखा। कई लोगों ने तीन दिवसीय कर्म निर्झर तेला एवं र|त्रय व्रत व तेला की आराधना की। गोपालपुरा बायपास स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर त्रिवेणी नगर में अनंत चतुर्दशी पर्व मनाया गया। महेंद्र काला व नरेश कासलीवाल ने बताया कि चौबीस भगवान की सामूहिक पूजन हुई।रात्रि में 48 दीपकों से भक्तांबर पाठ हुआ ।
आज रात 9:57 बजे लगेगा चंद्रग्रहण; सूतक दोपहर 12:57 बजे से, इससे पहले निकलेगा पूर्णिमा का श्राद्ध
जयपुर | भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा रविवार को जयपुर सहित पूरे देश में खग्रास चंद्रग्रहण दिखाई देगा। यह एशिया महाद्वीप, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका, हिंद महासागर में भी दिखाई देगा। ग्रहण का सूतक दोपहर 12:57 बजे प्रारंभ होगा। ज्योतिषाचार्य पं. दिनेश मिश्रा ने बताया कि रविवार से ही श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो रही है। ग्रहण के चलते पूर्णिमा का श्राद्ध सूतक से पहले निकालना होगा। पितृपक्ष आश्विन मास की अमावस्या 21 सितंबर को समाप्त होंगे। जिन लोगों के निधन की तिथि ज्ञात नहीं होती है या फिर किसी कारणवश उनका श्राद्ध छूट जाता है, ऐसे सभी लोगों का श्राद्ध इस दिन हो सकता है। ग्रहण प्रारंभ : रात 9:57 बजे खग्रास प्रारंभ : रात 11:01 बजे ग्रहण मध्य : रात 11 बजकर 42 बजे खग्रास समाप्त : रात 12:23 बजे ग्रहण समाप्त : रात 1:27 बजे पर्व काल : 3 घंटे 30 मिनट सभी राशियों पर पड़ेगा असर मेष : आर्थिक संकट, कार्य में उन्नति। वृषभ : सुख वृद्धि, व्यापार से लाभ। मिथुन : धन लाभ, लेकिन छवि गिरेगी। कर्क : स्वास्थ्य में गिरावट। सिंह : जीवन साथी से परेशानी, धन हानि। कन्या : शत्रु प्रबल, सेहत खराब। तुला : प्रवार में परेशानी, उतार-चढाव ज्यादा। वृश्चिक : धन की कमी, कर्ज बढ़ेगा। धनु : मेहनत के हिसाब से फल नहीं । मकर : धन हानि, लेन-देन में सावधानी बरतें। कुंभ : स्वास्थ्य में गिरावट, निर्णय से नुकसान। मीन : खर्च ज्यादा, कर्ज लेना नुकसानदायक । चंद्रग्रहण का समय
33 कुंडीय महागणपति महायज्ञ में दी आहुतियां
जयपुर | वैदिक कायाकल्प संस्थान के तत्वावधान में मालवीय नगर औद्योगिक क्षेत्र में मानव कल्याण के लिए यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन हो रहा है। वैदिक कायाकल्प संस्थान के सचिव सुमित गुप्ता ने बताया कि आचार्य दिवाकर वशिष्ठ के सान्निध्य में 33 कुंडीय श्री महागणपति महायज्ञ किया जा रहा है। 70 वैदिक विद्वानों द्वारा 11 लाख आहुतियां व प्रतिदिन सवा लाख पदार्थों से गणेशजी के सहस्रनामों का अर्चन किया जा रहा है। इस मौके पर डॉ. गुण प्रकाश चैतन्य महाराज ने कहा कि यज्ञ शिक्षा के लिए एक अलग से विश्वविद्यालय बनाया जाए।
450 को आधी फीस, 50 को निशुल्क IAS-RAS की कोचिंग, 14 से एडमिशन
विप्र फाउंडेशन की ओर से मानसरोवर शिप्रा पथ में नव निर्मित श्री परशुराम ज्ञानपीठ (सेंटर फॉर एक्सीलेंस एंड रिसर्च) का शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उद्घाटन किया। संचालन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने बताया कि यहां इसमें 500 बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे। आरएएस व आईएएस की कोचिंग क्लासेस चलाई जाएंगी। एक कोचिंग संस्थान के साथ एमओयू हो गया है। 14 सितंबर से एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उसके अनुसार भवन उपलब्ध करवाया जाएगा आैर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों से केवल 50 प्रतिशत फीस ली जाएगी। प्रदेशभर से 50 ऐसे बच्चों का चयन किया जाएगा जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर है। उनको निशुल्क कोचिंग करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री बोले- ज्ञान और संस्कार का केन्द्र बनेगा श्री परशुराम ज्ञानपीठ नीरजा मोदी स्कूल ग्राउंड में हुए उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भगवान परशुरामजी सत्य व ज्ञान के प्रतीक हैं, इनके आदर्शों को अपनाते हुए श्री परशुराम ज्ञान पीठ में अध्ययन करने वाले बच्चों को ज्ञान, विज्ञान के साथ सनातन संस्कार की भी सीख दें। समाज के हर वंचित को अच्छा ज्ञान मिले इसलिए समाज की जिम्मेदारी है कि ऐसे केंद्र गांवों तक खोले। तभी वंचित वर्ग के युवा आगे बढ़ेंगे। इससे पहले विप्र के राष्ट्रीय युवा समन्वयक मनोज पांडे, ग्रामीण जिलाध्यक्ष रमेश मावावाले, शहर जिलाध्यक्ष महेंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री को दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। युवा अध्यक्ष मुकेश काका व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नरेन्द्र हर्ष ने परशुराम की प्रतिमा भेंट की। राष्ट्रीय संयोजक सुशील आेझा व शशिकांत पाराशर ने साफा पहनाया। प्रकाशदास महाराज ने भजनों की प्रस्तुति दी। इस दौरान वन मंत्री संजय शर्मा, राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, विधायक शत्रुघ्न गौतम, गोपाल शर्मा, बालमुकुंदाचार्य, विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधेश्याम गुरुजी आदि मौजूद रहे। 100 कन्याओं के लिए छात्रावास व मेस ये सुविधा रहेंगी {फाइव जी गार्डन होगा {पार्किंग {बड़ा हॉल {ऑडिटोरियम {सेमिनार हॉल {कार्यालय {अतिथि कक्ष {श्री परशुराम मंदिर {सामाजिक, सांस्कृतिक एवं प्रशिक्षण गतिविधियों हेतु कार्यक्षेत्र {प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग {वैदिक अनुसंधान केंद्र {स्टार्टअप इनक्यूबेशन और कौशल विकास केन्द्र।
33वां वार्षिकोत्सव 19 से, प्रथम पूज्य को निमंत्रण जयपुर | श्री श्याम भजन संध्या परिवार सेवा समिति ने 19 सितंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय 33वें वार्षिक उत्सव का रणथंभौर और मोतीडूंगरी गणेशजी को निमंत्रण दिया। संस्था संरक्षक रामबाबू झालानी ने बताया कि गणेश निमंत्रण के बाद साईं बाबा, ताड़केश्वर महादेव, काले हनुमान मंदिर, गोविंददेवजी, सीतारामजी छोटी चौपड़ बिहारी मंदिर, चांदपोल हनुमान मंदिर और रामचंद्रजी चांदपोल मंदिर में कुमकुम पत्रिका भेंट की गई। प्रवक्ता सतीश शर्मा ने बताया उत्सव का शुभारंभ 19 सितंबर को कलशयात्रा के साथ होगा।
AI-सक्षम सीआरटी लॉन्च, 1400 स्टूडेंट्स लेंगे ट्रेनिंग
जयपुर | राज्य के युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए जेएसएच सिस्टम्स ने एआई-सक्षम करियर रेडीनेस ट्रेनिंग (सीआरटी) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। इसके तहत 1400 स्टूडेंट्स को आधुनिक डिजिटल माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। यह परियोजना सीएसआर कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका मकसद युवाओं को रोजगार के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना है। जेएसएच सिस्टम्स एलएलपी के प्रमोटर सौरभ मीणा ने बताया कि कार्यक्रम में अभिक्षमता और व्यक्तित्व मूल्यांकन, एआई आधारित मॉक इंटरव्यू, कार्यस्थल पर संचार और व्यवहार से जुड़े सत्र के साथ रिज्यूमे तैयार करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ये सभी सामग्री हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी।
मधुबनी चित्रकला; पद्मश्री चित्रकारों का अभिनंदन
मैथिली महिला मंच जयपुर | मधुबनी चित्रकला के लिए पद्मश्री से सम्मानित सात चित्रकारों का जयपुर में अभिनंदन किया गया। समारोह मैथिली महिला मंच ने आयोजित किया था। इसमें पद्मश्री बौआ देवी ने कहा कि मिथिलांचल क्षेत्र में इस चित्रकला की शुरुआत हुई थी, इसलिए मधुबनी चित्रकला को मिथिला चित्रकला या मिथिला पेंटिंग के नाम से भी जाना जाता है। मंच की अध्यक्ष बबीता झा ने सम्मान स्वरूप कलाकारों को गोविंददेवजी की पेंटिंग दी। इस अवसर पर राजस्थान मैथिल परिषद के अध्यक्ष दिलीप कुमार झा, कोषाध्यक्ष कैलाश झा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
प्रतीक्षा का नाबाद शतक, रेखा ने लिए सात गेंद में चार विकेट
जयपुर }राजस्थान राज्य स्तरीय गर्ल्स टी20 चैम्पियंस ट्रॉफी के 24 मैचों में पहला शतक प्रतीक्षा सिंह (121 नाबाद) के बल्ले से निकला। प्रतीक्षा ने छक्का लगाकर शतक पूरा किया। शनिवार को दो खिलाड़ियों रेखा और हरमनदीप कौर ने 4-4 विकेट लिए। खास बात यह है कि रेखा ने 7 गेंद पर 4 विकेट लिए। सुरभि और पर्ल बानावत ने अर्धशतकीय पारियां खेलीं। आरती ने 3 विकेट लिए। बारिश के कारण कुछ मैच शनिवार को भी पूरे नहीं हो सके और वीजेडी मैथड से फैसला हुआ। राज्य स्तरीय अंडर-19 T20 Girls Cricket पर्ल सुरभि हरमनदीप प्रतीक्षा रेखा आरती प्रतीक्षा सिंह }121 रन }67 गेंद }16 चौके }3 छक्के रेखा }2 ओवर }1 मेडन }4 रन }4 विकेट पहला मैच : टीम-बी 1 रन से जीती टीम-बी : 133/2 (पर्ल बानावत 50*, धृति माथुर 40)। टीम-सी : 131/5 (सुरभि परिहार 60, सिद्धि कुमारी 38)। दूसरा : टीम-ए 96 रन से जीती। टीम-ए : 160/6 (मैना सियोल 43, दृष्टि 22)। टीम-डी : 64 (दृष्टि 5/2, मैना 10/2)। तीसरा : टीम-के 8 रन से जीती। टीम-के : 87/5। टीम-जे : 79/8 (आरती 20/3)। चौथा : टीम-आई 1 रन से जीती। टीम-आई : 88/6 (सरिता 41)। टीम-एल : 87 (हरमनदीप कौर 12/4)। पांचवां : टीम-एफ 47 रन वीजेडी से जीती। टीम-एफ : 107/6 (नीतू 43)। टीम-जी : 63/6। छठा : टीम-एच 34 रन से वीजेडी से जीती। टीम-एच : 159/2 (प्रतीक्षा 121)। टीम-ई : 8/2। सातवां : टीम-ओ 8 विकेट से जीती। टीम-एन : 55/8 (रेखा 4/4)। टीम-ओ : 56/2। आठवां : टीम-पी 4 विकेट से जीती। टीम-एम : 67/7। टीम-पी : 70/6।
साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण आज रात 10.58 बजे से शुरू होगा। चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटे 28 मिनट की रहेगी। रात 1.26 मिनट पर ग्रहण समाप्त होगा। इससे पहले इसी साल 14 मार्च को चंद्रग्रहण लगा था। लेकिन, यह भारत में दिखाई नहीं दिया था। आज ग्रहण के दौरान प्रदेश के मंदिरों में आरती और दर्शन की व्यवस्थाओं में बदलाव किए गए हैं। उज्जैन के महाकाल मंदिर में एक दिन के लिए शयन आरती का समय बदला गया है। यह आरती अपने समय रात 10.30 से एक घंटा पहले होगी। वहीं, मंगलनाथ में भात पूजन नहीं की जाएगी। जबकि हरसिद्धि मंदिर में मूर्ति स्पर्श नहीं होंगे। इसी तरह नलखेड़ा में मां बगलामुखी के दर्शन और पूजा-अर्चना पूरी तरह बंद रहेगी। सभी धार्मिक अनुष्ठान 8 सितंबर को प्रातः मंगला आरती के बाद शुरू होंगे। सलकनपुर के विजासन माता मंदिर में भी पट बंद कर दिए जाएंगे। इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में दोपहर 12.57 बजे से दर्शन के लिए भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। लेकिन, दतिया के पीतांबरा मंदिर में ग्रहण के दौरान कोई परिवर्तन नहीं हाेगा। यहां पहले की तरह सभी कार्य सुचारू रहेंगे। वहीं, मां शारदा मंदिर मैहर में भोग नहीं लगेगा लेकिन दर्शन होते रहेंगे। उज्जैन की जीवाजी वैधशाला के अधीक्षक राजेंद्र गुप्त ने बताया पूर्ण चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना हो रही है। भारतीय समय के अनुसार ग्रहण का प्रारंभ रात्रि 9:56:08 बजे से शुरू होगा। मध्य की स्थिति मध्यरात्रि 11:41:08 बजे पर होगी। इस समय चंद्रमा का 136.8 प्रतिशत भाग पृथ्वी की छाया से ढका हुआ दिखेगा। यानी पूरा चंद्रग्रहण दिखाई देगा। रात्रि 1:26:08 बजे ग्रहण खत्म होगा। उज्जैन के यहां भी बदली रहेगी व्यवस्था गोपाल मंदिर-सांदीपनि आश्रम में पट बंद रहेंगेउज्जैन के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर के पुजारी पवन शर्मा ने बताया कि रविवार को दोपहर में ग्रहण का सूतक लगने के पहले पूजन आरती होगी। सूतक के बाद मंदिर का चांदी द्वार 12:58 पर बंद हो जाएगा। इस दौरान मंदिरों में भगवान के दर्शन नहीं होंगे। इसी तरह श्री सांदीपनि आश्रम सहित अन्य वैष्णव मंदिरों में सूतक काल शुरू होने के पहले ही पूजन आरती हो जाएगी। अगले दिन सोमवार को अलसुबह मंदिर को स्वच्छ पानी से धोकर शुद्धिकरण किया जाएगा। फिर भगवान की प्रतिमा को स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कराए जाएंगे। इसके बाद पूजन अभिषेक और आरती का क्रम शुरू होगा। मंगलनाथ में 11 बजे के बाद भात पूजन बंदउज्जैन के श्री मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक केके पाठक ने बताया चंद्र ग्रहण होने से मंदिर में होने वाली भात पूजन रविवार को सुबह 11 बजे तक ही होगी। इसके बाद भात पूजन नहीं होगी। गर्भगृह में किसी का भी प्रवेश नहीं होगा। बाहर से दर्शनार्थी भगवान के दर्शन कर सकेंगे। रात्रि में पट बंद होने के बाद अगले दिन मंदिर का शुद्धिकरण कर पूजन आरती का क्रम प्रारंभ होगा। हरसिद्धि मंदिर में मूर्ति स्पर्श नहीं होंगेउज्जैन के श्री हरसिद्धि माता मंदिर के पुजारी राजू गिरी गोस्वामी ने बताया कि चंद्र ग्रहण का सूतक प्रारंभ होने के पहले ही माता जी की पूजन आरती होगी। सूतक लगने के बाद माता जी को स्पर्श नहीं करेंगे। गर्भगृह में प्रवेश नहीं होगा। सूतक काल में दर्शनार्थियों को बाहर से ही माता के दर्शन करने होंगे। रात्रि में ग्रहण प्रारंभ होने पर मंदिर के पट बंद होंगे। सोमवार को सुबह 5 बजे मंदिर को धोकर माता जी का शुद्धि स्नान, वस्त्र धारण कराने व श्रृंगार करने के बाद पूजन आरती का क्रम शुरू होगा। मैहर में मां शारदा को नहीं लगेगा भोगचंद्रग्रहण के दौरान दोपहर और शाम को होने वाली आरती एवं भोग प्रसाद नहीं लगाया जाएगा। मैहर मां शारदा मंदिर के प्रधान पुजारी पवन महाराज ने बताया किमंदिर के पट समयानुसार ही बंद होंगे। यानी दर्शनार्थियों को दर्शन मिलते रहेंगे। दूसरे दिन सुबह स्नान के बाद पूजा अर्चना कर भोग प्रसाद माता को लगाया जाएगा। तीन प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण
पिछले 11 साल से हिसार जेल में बंद सतलोक आश्रम संचालक रामपाल फिर सुर्खियों में है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा पर रोक लगा दी। जिसके बाद अचानक रामपाल के आश्रमों में हलचल बढ़ गई है। अनुयायी कह रहे हैं कि ‘संत महाराज’ बाहर आने वाले हैं। जेल में बंद होने के बावजूद रामपाल का साम्राज्य फैल गया है। सतलोक आश्रम के कॉल सेंटर चल रहे हैं। जगत गुरु के नाम से एक वेबसाइट बनी है। कॉल सेंटर पर विश्वासपात्र लोगों के नंबर दिए गए हैं, जो भारत में कहीं भी रामपाल से नाम दीक्षा दिलाने का दावा करते हैं। इन कॉल सेंटर के नंबर पर ऑप्शन दिए जाते हैं, जिसको जैसी जानकारी रामपाल व उसके कामों के बारे में चाहिए वो सब बताई जाती है। नाम दीक्षा भी रामपाल के सामने दिलवाने का दावा किया जाता है। रामपाल की नाम दीक्षा की रिकॉर्डिंग इन कॉल सेंटरों के एजेंटों के पास मौजूद है। इनके पास हर जिले व उसके आसपास के संगतों की एक सूची है। इनके पास एक सीरीज के नंबर हैं। यह नाम दीक्षा लेने वाले व्यक्ति को एक निश्चित जगह पर ले जाते हैं और रामपाल महाराज की वीडियो चलाकर उसे नाम दीक्षा दिलवा देते हैं। दावा है कि हजारों लोग नाम दीक्षा ले चुके हैं। 11 साल में 11 आश्रम बना चुका रामपालरामपाल साल 2014 से देशद्रोह के मामले में हिसार की सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है। रामपाल के 2014 में हरियाणा में रोहतक के करौंथा और हिसार के बरवाला में 2 आश्रम थे। तीसरा मध्यप्रदेश में बन रहा था। अब आश्रमों की संख्या 11 हो गई है। करौंथा और बरवाला आश्रम सरकार के अधीन हैं। रामपाल के हिसाब में ही 5 आश्रम बन गए। सोनीपत के धनाना, भिवानी और कुरुक्षेत्र में भी बड़े आश्रम खड़े कर लिए हैं। इनके संचालन को तीन स्तरीय कमेटियां बनी हैं। राष्ट्रीय कमेटी सीधे रामपाल के अधीन काम करती है और संपर्क में रहती है। आगे राज्य व जिला स्तरीय कमेटियां हैं। 2 बड़ी वजह…अनुयायियों में क्यों कह रहे कि संत महाराज जल्द आएंगे… अब जानिए…कैसे सिंचाई विभाग का जेई ‘संत’ बना, फिर जेल की नौबत आई सोनीपत के धनाना में जन्म, सिंचाई विभाग में नौकरी कीरामपाल का जन्म 8 सितम्बर 1951 को सोनीपत के गांव धनाना में एक किसान परिवार में हुआ था। पिता नंदराम और माता इंद्रादेवी थी। रामपाल ने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और हरियाणा सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर (JE) की नौकरी मिली। तारा देवी से शादी की और पांच बच्चों का पिता बना। इसी दौरान कबीरपंथी संत स्वामी रामदेवानंद महाराज से मुलाकात हुई। साल 1995 में सरकारी नौकरी छोड़कर धार्मिक प्रवचन- सत्संग शुरू कर दिए। 1999 में दान की जमीन पर करौंथा में आश्रमकहा जाता है कि साल 1999 में रोहतक के करौंथा गांव में दान में मिली जमीन पर रामपाल ने आश्रम बनाया। हालांकि करीब 4 एकड़ जमीन दान में फर्जीवाड़ा करने को लेकर विवाद शुरू हो गया। विवादों के बीच धीरे-धीरे प्रसिद्धि और अनुयायी बढ़ते गए। साल 2006 में आर्य समाज की प्रमुख पुस्तक 'सत्यार्थ प्रकाश' पर टिप्पणी की, जिससे रामपाल आर्य समाजियों के निशाने पर आ गया। विवाद इतना बढ़ा कि टकराव की नौबत आ गई। करौंथा आश्रम के बाहर रामपाल अनुयायियों और आर्य समाज समर्थकों के बीच हिंसा हुई, जिसमें आर्य समाजी की मौत हो गई और 59 से अधिक घायल हुए। 2006 में हत्या में नामजद, 2 साल जेल काटीसाल 2006 में डेरा खाली करवाने को लेकर विवाद हुआ था। आर्य समाज के लोगों से टकराव हुआ था। उस दौरान रामपाल पर धारा 302 के तहत केस दर्ज हुआ था। गिरफ्तार होने पर दो साल तक जेल में रहा। अदालत से जमानत पर रिहा होकर बरवाला आया था। दौलतपुर रोड पर एक एकड़ जमीन पर आश्रम बनाया। फिर चंडीगढ़ रोड पर साढ़े 12 एकड़ जमीन का सौदा किया। करौंथा आश्रम सील हुआ तो बरवाला में जमाया डेरासाल 2006 में आर्य समाजियों से हुई झड़प के बाद पुलिस ने करौंथा आश्रम सील कर दिया। इसके बाद रामपाल ने हिसार जिले के बरवाला कस्बे के पास एक नया और बड़ा आश्रम बनवाना शुरू किया। यह आश्रम 2008-2009 के आसपास पूरी तरह सक्रिय हो गया। यहीं से प्रवचन-सत्संग शुरू हुए। बरवाला आश्रम को सतलोक आश्रम नाम दिया। रामपाल समर्थकों ने हिसार कोर्ट में भी हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस ने बाबा और उनके समर्थकों पर केस दर्ज कर लिया। हाईकोर्ट के बार-बार बुलाने पर भी नहीं गया रामपालमामला हाईकोर्ट पहुंचा। कोर्ट के बार-बार बुलाने के बाद भी रामपाल कोई न कोई बहाना बनाकर पेश होने से बचता रहा। इसके बाद 2013 में फिर करौंथा गांव में आश्रम पर कब्जे को लेकर काफी संख्या में उनके समर्थक आश्रम के अंदर घुस गए। यहां हुई झड़प में दो लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। हाईकोर्ट से फटकार लगने के बाद सरकार सख्त हुईनवंबर 2014 में हाईकोर्ट ने करौंथा में युवक की मौत मामले में रामपाल को पेश होने के आदेश दिए थे। 5 नवंबर, 2014 को हाईकोर्ट ने रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए। 10 नवंबर को पुलिस के पास रामपाल को कोर्ट में पेश करने का समय था। रामपाल को समर्थकों ने अस्वस्थ बताकर पेश नहीं होने दिया था। रामपाल के हाईकोर्ट में पेश नहीं होने पर सरकार और प्रशासन को फटकार लगी। पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के लिए ऑपरेशन शुरू किया, जो 10 दिन चला था। 18 नवंबर, 2014 को पुलिस ने रामपाल की गिरफ्तारी के लिए आश्रम में प्रवेश करना चाहा तो समर्थकों से टकराव हुआ था। पुलिस और रामपाल समर्थकों के बीच टकराव के बाद गिरफ्तारी19 नवंबर तक रामपाल समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव रहा। इस दौरान छह लोगों की मौत हो गई। दोनों तरफ से कई घायल हुए थे। 20 नवंबर, 2014 को रामपाल की गिरफ्तारी के बाद आश्रम खाली करवाकर पुलिस ने कब्जे में लिया। 11 अक्टूबर, 2018 को हत्या के दो मुकदमों में रामपाल समेत 29 को दोषी करार दिया गया था। इन्हें आजीवन कारावास की कैद हो चुकी है, जबकि देशद्रोह के मामले में अभी सुनवाई जारी है। 11 साल में रामपाल को फरलो नहीं मिली, राम रहीम 14 बार बाहर आयासतलोक आश्रम संचालक रामपाल साल 2014 में हुई गिरफ्तारी के बाद से कभी पैरोल-फरलो पर जेल से बाहर नहीं आया है। जुलाई 2020 में रामपाल ने पोती की शादी में शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट से परोल मांगी थी। कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी। दूसरी तरफ डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 7 साल में 14 बार पैरोल-फरलो पर जेल से बाहर आ चुका है। चार वर्षों में कुल 366 दिन तक जेल से बाहर रहने की अनुमति मिली है। अब सतलोक आश्रम भी डेरा सच्चा सौदा की तरह सेवा कार्य में जुटारामपाल डेरा सच्चा सौदा की तरह ही अपना पूरा नेटवर्क खड़ा कर रहा है। मेंबरी कमेटियों के बाद अब उसने सेवा काम भी डेरे की तरफ शुरू कर दिए हैं। हाल ही में रामपाल ने जेल से ही अन्नपूर्णा मुहिम चलाने का आदेश संगत को दिया है। इस मुहीम का मकसद यह देखना है कि गांव या शहर में कोई भूखा ना सोए। ऐसा परिवार अगर मिलता है तो रामपाल की टीम उस परिवार को गोद ले लेती है। वह गोद लिए परिवार का मकान बनवाने, बच्चों की शिक्षा और राशन तक का खर्च उठाती है। हाल ही में हिसार के गांव गुराना और कौथ कलां में मकान ढहने की घटना के बाद रामपाल के शिष्य वहां गए थे और परिवार को मदद करने का आश्वासन देकर आए हैं। पंजाब में बाढ़ पीड़ितों की मदद का काम भी सतलोक आश्रम कर रहा है। रामपाल का अवतरण दिवस मनाया जा रहाभले ही रामपाल जेल में हो मगर संगत रामपाल का अवतरण दिवस मना रही है। देशभर में रामपाल के आश्रम में 6, 7 और 8 सितंबर को अवतरण दिवस मनाया जा रहा है। इसमें 3 दिन गुरु का अखंड पाठ होगा। इसके अलावा रक्तदान शिविर, देह दान, दहेज और नशा उन्मूलन की शपथ संगतों को दिलाई जाएगी। साल में 6 बार रामपाल के आदेश पर इसी यह कार्यक्रम होते हैं। सितंबर, दिसंबर, जनवरी और फरवरी में यह कार्यक्रम होते हैं।
हरियाणा और पंजाब के कई गांवों की चिंता घग्गर नदी ने बढ़ा दी है। खासकर कैथल में शनिवार को घग्गर का जलस्तर 24 फीट दर्ज हुआ जबकि खतरे का निशान 23 फीट है। हरियाणा के गुहला-चीका क्षेत्र के कई गांव घग्गर पार पंजाब की तरफ हैं। हरियाणा सरकार ने इन गांवों में घग्गर का पानी आने से रोकने के लिए गांव टटियाणा के पास करीब 2 किलोमीटर तक पत्थर के जाल लगाकर बंध मजबूत किए गए, जबकि पंजाब सरकार की ओर से ऐसे इंतजाम नहीं किए गए। हालांकि, पानी हरियाणा के गांवों के खेतों में भी पहुंचा, लेकिन यह अभी करीब एक फीट के आसपास ही है। जबकि सटे पंजाब के पटियाला जिले के गांवों में दो से ढाई फीट तक है। इससे पंजाब के धर्महेड़ी, थेह ब्राह्मणा, हरिपुर, शशि गुजरान गांवों के लोग इतने परेशान हैं कि उन्होंने हरियाणा में शामिल करने की मांग कर डाली। इन गांवों लोगों को कहना है कि करीब 13 वर्ष पहले हरियाणा की सरकार ने गांव टटियाणा में हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर घग्गर के दोनों तरफ पत्थर लगाकर तटबंधों को मजबूत कर दिया था, ताकि घग्गर के टूटने से किसी प्रकार की दिक्कतें आमजन को न झेलनी पड़ें। मगर, पंजाब सरकारों की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया। पहले जानिए हरियाणा से लगते पंजाब के गांवों के हालात... अब जानिये…पंजाब के गांवों के लोग क्यों हरियाणा में शामिल होने की मांग कर रहे सिरसा के गांवों को घग्गर से खतरा बढ़ासिरसा में दो-तीन दिन से घग्घर नदी और घग्घर ड्रेन के ओवरफ्लो होने और बांध में कटाव के कारण हालात लगातार खराब बने हैं। शनिवार को अहमदपुर, पनिहारी गांव में घग्घर नदी के बांध में कटाव हो गया। अभी भी बांध को ठीक नहीं किया गया। इससे पानी लगातार खेतों में बह रहा है। गांव रंगा और फरवाई में भी घग्घर नदी के बांध में कटाव हुआ, जिसे ग्रामीणों ने कुछ देर बाद काबू पर लिया। शुक्रवार को नेजाडेला कलां व केलनिया-झोरड़नाली में घग्घर नदी का बांध टूट गया था। इसके चलते करीब 12000 एकड़ फसलें पानी में डूब चुकी हैं। नदी का पानी खेतों में बह रहा है। अहमदपुर गांव सिरसा शहर से बिल्कुल सटा हुआ है। झोरडनाली गांव का सिरसा से कनेक्शन टूट गया है। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें :- पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे PM मोदी:9 सितंबर को आने की संभावना; 2 हजार गांव चपेट में; लुधियाना में बाढ़ का खतरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही पंजाब में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं। यह दौरान 9 सितंबर को हो सकता है। जिसमें मोदी पंजाब के अलावा हिमाचल और उत्तराखंड भी जा सकते हैं। पंजाब में वे गुरदासपुर जा सकते हैं। इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान पंजाब का दौरा कर चुके हैं। (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणवी अपने अजब-गजब कारनामों के लिए मशहूर होते हैं। ऐसे ही हैं अंबाला के तेजेंद्र चौहान। उन्हें रावण के ऊंचे से ऊंचे पुतले बनाने की गजब धुन सवार है। पिछले 39 साल में 7 रिकॉर्ड बना चुके हैं। जिनमें से 5 लिम्का बुक तो 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में दर्ज हैं। ऊंचे कद का रावण बनाने के फेर में अपनी साढ़े 12 एकड़ जमीन बेच चुके हैं। पिछले 10 साल में ही 4 से 5 करोड़ खर्च हो चुके हैं। हालांकि इस बार वो देश का सबसे ऊंचा 215 फीट का रावण राजस्थान के कोटा में बना रहे हैं। इससे पहले चौहान अंबाला, पंचकूला, चंडीगढ़, देहरादून और दिल्ली में ऊंचे रावण बनाने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। हां, 39 साल बाद रावण के चेहरे में पहली बार बदलाव कर रहे हैं। रावण की राजस्थानी स्टाइल की घुमावदार मूछें होंगी। यही नहीं वो पहली बार रावण के 10 सिर लगाने जा रहे हैं। अभी तक ऊंचे पुतले पर एक ही सिर होता था। कोटा में जहां चौहान पुतला तैयार रहे हैं, वहां 131 साल से राष्ट्रीय दशहरा मेला होता है। मेला प्रबंधन के आग्रह पर ही चौहान ने रावण के 10 सिर लगाने मंजूर किए हैं। प्रबंधन का कहना था कि यह उनका परंपरा है। राजस्थान में बन रहे पुतले की खासियत… 215 फीट कद, राजपूती स्टाइल की मूंछें जानिए तेजेंद्र चौहान की कहानी…खुद को रावण का आशिक बताते हैं, सारी पैतृक जमीन कुर्बान की शौक में पहली बार 1986 में पुतला बनाया, फिर जुनून बनामूलरूप से बराड़ा क्षेत्र के रहने वाला तेजेंद्र चौहान की गिनती अच्छे-खासे जमीन मालिकों में होती थी। शौक-शौक में पहली बार 1986 में बराड़ा में रावण का 20 फीट ऊंचा पुतला बनाया। लोगों ने सराहना की। इस पर इठला रहे चौहान के सिर पर धुन सवार हो गई। अगले साल पुतले की ऊंचाई बढ़ाई। बोले-दुनिया में बुराइयां बढ़ रही हैं, तो बुराई का प्रतीक पुतला भी बढ़ना चाहिए। पुतला बनाने का खर्च खुद वहन किया, सारी पूंजी खत्म-जमीन बिक गईतेजेंद्र चौहान हर साल पुतले की ऊंचाई बढ़ाते रहे और बनाने का खर्च बढ़ता गया। धीरे-धीरे करके अगले 20 साल में उनकी खुद की जमा पूंजी तो खत्म हुई ही, पैतृक साढ़े 12 एकड़ जमीन भी बिक गई। लेकिन पुतले की ऊंचाई के साथ-साथ जुनून बढ़ता ही गया। एक दिन ऐसा भी आया जब उनके पुतले को देखने के लिए 50 हजार से ज्यादा लोग पहुंचने लगे। हर हाथ सराहना में ताली बजाता गया, लेकिन चौहान के हाथ खाली हो गए। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में 5 बार दर्ज, 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड भीसाल 2011, 2013, 2014, 2015 और 2016 में 5 बार उनके नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ। बराड़ा के जिस मैदान में पुतला जलाते थे, वहां जगह कम पड़ने लगी। लोग पुतले के साथ सेल्फी लेते तो चौहान का सीना गर्व से तन जाता। साल 2009 में बराड़ा में 175 फीट तो 2012 में 195 फीट ऊंचा रावण बना। साल 2014 में पहली बार रावण का कद 200 फीट पर पहुंचा। 2016 में यह 210 फीट हो गया। जलते पुतले की अस्थियां लेने की होड़ में हुआ हादसाबात बराड़ा की ही है। पुतला जलते ही लोगों में अस्थियां यानी पुतले की लकड़ियां सहेजने की होड़ मच गई। उस हादसे को याद करते हुए चौहान बताते हैं कि पुतले को थामने वाला एक रस्सा गलती से सुरक्षा के लिए बनाए बेरिकेड के बाहर लग गया था। पुतला अभी जल ही रहा था, इसके बीच लोगों ने वो रस्सा हिलाना शुरू कर दिया, जिससे अचानक पुतला गिर गया…। उसी दिन समझ गए कि अब मैदान छोटा पड़ रहा है और आगे खतरा बड़ा है। फिर पंचकूला की तरफ रुख किया, 2019 में सबसे ऊंचा पुतलाहादसे और तंगहाली से सबक लेकर चौहान ने 2018 में पंचकूला की तरफ रुख गया। जहां कुछ संगठनों ने उन्हें पुतला बनाने के लिए आमंत्रित किया। 2018 में उन्होंने पंचकूला में 210 फीट ऊंचा रावण बनाया। फिर अगले साल चंडीगढ़ के धनास में 221 फीट ऊंचा रावण बनाया, जो दुनिया में मानव निर्मित सबसे ऊंचा पुतला बना। यह पुतला 40 कारीगरों ने 6 महीने में तैयार किया। उसमें 70 क्विंटल लोहे का स्ट्रक्चर और 3000 मीटर कपड़ा लगा। पंचकूला-चंडीगढ़ में पुतला देखने 4 से 5 लाख लोग पहुंचे। पुतले की ऊंचाई देख पीएम मोदी का कार्यक्रम टालना पड़ासाल 2014 में तेजेंद्र चौहान ने दिल्ली में द्वारका सेक्टर-10 के ग्राउंड में 211 फीट ऊंचा रावण बनाया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहुंचना था। चौहान बताते हैं कि कार्यक्रम से तीन दिन पहले पीएम सुरक्षा में लगी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की टीम पहुंची। उन्होंने देखा की बेरिकेड की दूरी कम थी। स्टेज और पुतले के बीच दूरी सिर्फ 175 फीट थी। सुरक्षा कारणों की वजह से पीएम का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद पहुंचे, रिमोट का बटन दबाने से मना कियापीएम का कार्यक्रम रद्द होने के बाद दशहरा कमेटी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बुलाया। कोविंद परिवार समेत पहुंचे और पुतला देखकर परिवार खुश हुआ। पुतला दहन के लिए रिमोट का बटन दबाने की बारी आई तो कोविंद भी मना कर गए। चौहान बताते हैं कि उन्होंने दशहरा कमेटी के प्रधान को रिमोट दिया तो उन्होंने भी मना कर दिया। आखिर चौहान ने ही रिमोट के बटन दबाया। यह पहला मौका था जब खुद का बनाया पुतला खुद ही दहन किया। रावण का पुतला बनाने से जुड़ी PHOTOS...
पंजाब में 10 सितंबर तक बारिश को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। अगले 3 दिन राज्य में मौसम सामान्य रहने वाला है। इसी बीच राहत है कि भाखड़ा का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। वहीं, पंजाब के अलावा हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी बारिश को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया। लुधियाना का ससराली बांध टूटने का खतरा बना हुआ है। शुक्रवार आधी रात को यहां सतलुज नदी पर गांव ससराली में बना बांध कमजोर हो गया था। जिसके बाद पानी खेतों में पहुंच गया। आबादी की तरफ जाते पानी का बहाव को रोकने के लिए प्रशासन ने सेना और NDRF की मदद से रिंग बांध बनाया था लेकिन शनिवार को उसपर भी कटाव होना शुरू हो गया, जिसे देखते हुए तीसरा बांध बनाना शुरू कर दिया गया है। वहीं, अमृतसर में भी बांध को बांधने के काम तेज कर दिए गए हैं। अगले 4 दिन बारिश का अलर्ट नहीं है, जिसके चलते रावी का जलस्तर बढ़ने के आसार काफी कम हैं। अमृतसर प्रशासन ने इस कार्य में आर्मी की मदद भी ली है। वहीं, आज पंजाब कांग्रेस प्रभारी भूपेश बघेल अमृतसर और गुरदासपुर के दौरे पर आ रहे हैं। बीते दिन वह फिरोजपुर, फाजिल्का व तरनतारन में दौरे पर थे। 190 गांव प्रभावित, 5 लोगों की मौत, 134 घर तबाह अमृतसर के ADC रोहित गुप्ता ने बताया कि अब तक की रिपोर्टों के अनुसार जिले में 190 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। इनमें रहने वाली करीब 1.35 लाख आबादी प्रभावित हुई है। इस दौरान 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2 लोग घायल हैं और उनका इलाज जारी है। बाढ़ से 134 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 18 पशुओं की मौत हुई है। पंजाब में बाढ़ की मौजूदा स्थिति... 23 जिलों में बाढ़ का असर: 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, फाजिल्का, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, पठानकोट, पटियाला, रूपनगर, संगरूर, एसएएस नगर, श्री मुक्तसर साहिब, एसबीएस नगर और तरनतारन शामिल हैं। 1996 गांव डूबे: राज्य के 1996 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। अमृतसर के 195, गुरदासपुर के 329, बरनाला के 121, बठिंडा के 21, फिरोजपुर के 108, होशियारपुर के 173, कपूरथला के 145, पठानकोट के 88, मोगा के 52, जालंधर के 93, फाजिल्का के 80, फरीदकोट के 15, लुधियाना के 77, मुक्तसर के 23, एसबीएस नगर के 28, एसएएस नगर के 15, संगरूर के 107 और मानसा के 95 गांव ज्यादा प्रभावित हैं। इसके अलावा मलेरकोटला के 12, पटियाला में 105, रूपनगर में 44 और तरनतारन में 70 गांव पानी में घिरे हुए हैं। 3.84 लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित: कुल 3,87,013 से अधिक लोग अब तक प्रभावित हो चुके हैं। सबसे ज्यादा असर अमृतसर (1,36,105), गुरदासपुर (1,45,000) और फाजिल्का (24,930) में देखने को मिला है। इसके अलावा फिरोजपुर, कपूरथला, मोगा, संगरूर और मोहाली में भी हजारों लोग संकट में हैं। 46 लोगों की अब तक मौत हुई: अब तक 12 जिलों में 46 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें अमृतसर (7), बरनाला (5), बठिंडा (4), होशियारपुर (7), लुधियाना (4), मानसा (3), पठानकोट (6), गुरदासपुर (2), एसएएस नगर (2), फिरोजपुर (1), फाजिल्का (1), रूपनगर (1), पटियाला (1) और संगरूर (1) शामिल हैं। पठानकोट जिले से 3 लोग लापता हैं। वहीं, पशुधन हानि का सटीक आंकड़ा अभी सामने नहीं आया है, लेकिन बड़ी संख्या में पशु बाढ़ की चपेट में आए हैं। 22,854 लोगों को सुरक्षित निकाला: कुल 21,854 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया है। इनमें फिरोजपुर में 3888, अमृतसर से 3260, बरनाला से 627, होशियारपुर से 1616, कपूरथला से 1428, जालंधर से 511, मोगा से 155, रूपनगर से 248, पठानकोट से 1139 और तरनतारन से 21 लोग शामिल हैं। 219 राहत शिविर सक्रिय: राज्यभर में 219 राहत शिविर सक्रिय हैं, जिनमें अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मोगा, मोहाली, पठानकोट, पटियाला, रूपनगर, संगरूर और एसएएस नगर शामिल हैं। इन शिविरों में 7377 लोग रह रहे हैं। बाढ़ से अब तक 1,74,454 हेक्टेयर फसल प्रभावित: पंजाब में बाढ़ से अब तक 1,74,454 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान गुरदासपुर (40,169) में हुआ।
परकोटे में सुभाष चौक थाना इलाके में शुक्रवार रात फिर एक सौ साल पुराना मकान गिर गया। इस बार दो की मौत भी हो गई। सवाल ये है कि इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? जवाब है- नगर निगम और मकान मालिक। नगर निगम मॉनसून सीजन में हर साल मकान को जर्जर घोषित कर नोटिस देता है, लेकिन कार्रवाई नहीं करता। मकान मालिक खुद इन मकानों में नहीं रहते। किराए पर दे देते हैं। इसलिए न मरम्मत करवाते हैं और ना ही खाली करवाते हैं। कानूनविदों का कहना है कि हेरिटेज निगम केवल जर्जर भवन के मालिक को नोटिस देकर अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकता, नोटिस की क्रियांविति करवाना भी जरूरी है। शहर के अन्य जर्जर भवनों के हालातों पर हाई कोर्ट स्वप्रेरित प्रसंज्ञान ले सकता है। वहीं कोई भी निजी पक्षकार पीआईएल दायर कर सकता है। भास्कर कॉल संविधान में हर नागरिक को जीने का अधिकार... सरकार, निगम, मकान मालिक पर हो सकता है केस ये हैं नियम - कानून में प्रावधान है कि यदि भवन मालिक जर्जर भवन की मरम्मत या उसे ध्वस्त नहीं करे तो निगम अपने खर्च पर मरम्मत या ध्वस्त की कार्रवाई करे और खर्च मकान मालिक से वसूले। धारा-105 में हो सकता केस- बीएनएस की धारा 105 में भवन मालिक के खिलाफ आपराधिक लापरवाही का केस दर्ज हो सकता है। सरकार व निगम के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ भी केस दर्ज करा सकते हैं। भास्कर एक्सपर्ट- संवैधानिक मामलों के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल, आपराधिक मामलों के अधिवक्ता दीपक चौहान, डॉ. योगेश गुप्ता, अधिवक्ता अभिषेक पाराशर व सिद्दार्थ जैन मूथा।
सुभाष चौक स्थित पानों का दरीबा में गिरा चार मंजिला जर्जर भवन जिम्मेदारों पर कई सवाल खड़े कर गया। मकान मालिक, हेरिटेज निगम जानकर भी अनजान बने रहे। इसका खामियाजा दो जिंदगियों को चुकाना पड़ा। किराएदार पीड़ित नमिता बताती हैं कि हमारे मकान की छत से दो माह से पानी टपक रहा था। बार-बार मकान मालिक साहाबुद्दीन से मरम्मत की मांग की, लेकिन वह 5 हजार रुपए किराया लेता और चला जाता। मरम्मत की बात करने पर उल्टा धमकी देता कि घर खाली कर दो। बच्चे बीमार हो रहे हैं, लेकिन जाएं कहां? मकान मालिक सुरक्षित जगह शिफ्ट हो चुके हैं, लेकिन किराएदारों की जिंदगी दांव पर लगाकर हर माह करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। हेरिटेज निगम की ओर से जर्जर इमारतों को चिह्नित किया गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। पानों का दरीबा इलाके में जर्जर मकान को 13 अगस्त और 4 सितंबर को नोटिस दिया गया। इसके बाद न तो मकान खाली कराया गया और न तो तोड़ा गया। किशनपोल जोन के उपायुक्त दिलीप भंभानी ने भी केवल नोटिस जारी कर फाइल बंद कर दी। सिटी हीरो- किशन ने बचाईं 4 जिंदगी पड़ोसी किशन वर्मा ने बताया कि मैं रात करीब 12:30 बजे घर पहुंचा। हाथ-मुंह धोकर खाने बैठा ही था कि अचानक 1 बजे जोरदार धमाका हुआ। कमरे से बाहर निकला, देखा सामने लोग खड़े थे। नीचे गया तो मेरी नजर मलबे में दबे लोगों पर पड़ी। पट्टियां और मलबा हाथों से हटाते हुए धीरे-धीरे दबे लोगों तक पहुंचा। इस दौरान एक के बाद एक मलबे से 4 लोगों को निकाला और एंबुलेंस तक पहुंचाया। उनके मुंह, नाक और कान से खून बह रहा था। आई विटनेश- गोद में बेटी को कसकर थामे थे पिता…, यह देखा तो आंखों में आंसू आ गए मौत पर जिम्मेदारों के जवाब...नोटिस दिए थे, गिराने जैसी स्थिति नहीं थी, सीलन से गिरा बिल्डिंग को जर्जर मानकर मालिक को दो बार नोटिस दे चुके हैं। उस दौरान इसकी स्थिति ऐसी नहीं थी कि इसे गिराना पड़े। लगातार तेज बारिश के कारण सीलन से यह भवन गिर गया। -दिलीप भंभानी, जोन उपायुक्त,किशनपोल जर्जर भवन चिह्नित हैं। फिर से सर्वे कराया जा रहा है। वहीं जर्जर भवनों में नहीं रहने के लिए मुनादी की जा रही है। पड़ोसियों से भी आग्रह किया है कि पास में कोई जर्जर भवन है तो निगम में शिकायत करें। -डॉ. निधि पटेल, आयुक्त हेरिटेज निगम
दुनिया का एक ऐसा शहर है, जहां हर साल बरसात के मौसम में मछलियों की बारिश होती है। वहीं अमेरिका और साउथ कोरिया के वैज्ञानिकों ने एक रोबोटिक कीड़ा बनाया है, जो पानी में डूबने से बचाएगा। तो ये थी आज की रोचक खबरें, कल फिर मिलेंगे कुछ और दिलचस्प और हटकर खबरों के साथ… खबर हटके को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
पानी ने अपना हक लिया, जद में जो आया, सबकुछ डुबोता रहा
उदयपुर| आयड़ नदी के उफान में मछली पकड़ना दो युवकों को भारी पड़ गया। एक तो संयोग से ही बच पाया। इसके लिए सुबह से शाम तक सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीमें लगी रहीं। सफल नहीं हुई। सेना के मोर्चा संभालने के बाद दो घंटे में युवक को सुरक्षित निकाल लिया गया। बहे युवक की तलाश है। इस ऑपरेशन में एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस के पास संसाधनों की कमी दिखाई दी। सुबह 10 बजे सेक्टर-3 निवासी संजय वाल्मीकि (24) और रवि वाल्मीक (36) आकाशवाणी कॉलोनी से सेक्टर-3 जाने वाली एफसीआई पुलिया के पास आयड़ नदी में मछली पकड़ने उतरे थे। एकाएक नदी उफन आई। दोनों नदी के बीच चट्टान पर चढ़ गए। इसी बीच पांव फिसलते ही रवि बह गया। संजय बहाव में चट्टान के एक हिस्से को पकड़ कर लेट गया। उसे इस हालत में देखकर लोगों ने थाने और कंट्रोल रूम को सूचना दी। फिर सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और पुलिस पहुंची। तेज बहाव के कारण रेस्क्यू टीमें पानी में नहीं उतर पाईं। इस बीच पुलिया के आस-पास भारी भीड़ लग गई। शाम 4 बजे तक टीमें बेबस रही। फिर सेना को बुलाया गया। जवानों ने बड़े ड्रोन से एक रस्सी संजय तक पहुंचाई। उसने चट्टान के बीच रस्सी को बांध दिया। फिर दूसरी रस्सी के जरिए लाइफ जैकेट और ट्यूब उस तक पहुंचाया गया। संजय ने लाइफ जैकेट और ट्यूब पहनने के बाद खुद को रस्सी से बांधा। फिर शाम 6:51 बजे उसे 10 सेकंड में बाहर खींच लिया गया। सरस डेयरी : दूध की सप्लाई घटी शहर में तेज बरसात के चलते सरस डेयरी में दूध की सप्लाई घटी है। एक दिन पहले 1.10 लाख लीटर आवक थी। शनिवार को यह 10 हजार लीटर घटकर 1 लाख लीटर रह गई है। जबकि रविवार को पूर्णिमा श्राद्ध होने के कारण मांग ज्यादा रही। करजाली कॉम्पलेक्स के घरों से होकर गुजरा आयड़ का पानी। तीन बार रस्सी व एक बार लाइफ जैकेट छूटी, 5वीं कोशिश में बचा चांदी आयड़ ने साल 2006 की याद दिला दी... तब भी ऐसा ही था दृश्य तापमान / मौसम लोकल सोना चांदी भाव शहर में आज बेदला-साइफन रोड पर आयड़ का पानी घुसने के बाद बने हालात। शनिवार को आयड़ नदी ने 19 साल बाद फिर से 2006 की याद दिला दी। तब उफनती आयड़ नदी का पानी पुलिया को छूकर गुजरा था। अमले के साथ पूरा शहर बेचैन हो गया था। इस बार भी ऐसा ही हुआ। यातायात घंटों तक रेंगता रहा। आयड़ का यह उफान सोचने पर मजबूर करता है कि आबादी पानी की हद में क्यों आ बसी है? सौंदर्यीकरण के नाम पर किया गया खिलवाड़ भी कहीं न कहीं इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। ये हालात भविष्य के लिए गंभीर चेतावनी है। सेना ने शाम 5 बजे रेस्क्यू शुरू किया। एक रस्सी से लाइफ जैकेट और ट्यूब बांध कर संजय तक पहुंचाने का प्रयास किया। तीन बार उसने रस्सी पकड़ी, लेकिन तेज बहाव के कारण छूट गई। चौथी बार में उसने लाइफ जैकेट और ट्यूब को पकड़ लिया। लेकिन रस्सी पेड़ में अटक गई। टयूब-जैकेट वापस छोड़ने पड़े। पांचवीं बार में साधन उस तक पहुंचे। फिर खुद को रस्सी बांध और टीमों ने खींच कर उसे बाहर निकाला। दिन 26.40 अधिकतम | रात 24.50 न्यूनतम बादल छाए रहेंगे। तेज बारिश होने का अनुमान। दिन और रात के तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव होगा। रेट प्रति 10 ग्राम में, जीएसटी समेत प्रति किलो 127850 (+450) 22 कैरेट 101200 (+460) 24 कैरेट 110000 (+500) सोना भागवत कथा कहां : सेक्टर-9, दोपहर 1 बजे समी सांजे सूरज उग्यो नाटक मंचन कहां : लोक कला मंडल, दोपहर 1 बजे मने मृग जल मीठा लागे नाटक मंचन कहां : लोक कला मंडल, दोपहर 2:30 बजे निशुल्क योग शिविर कहां : योग केंद्र, सुविवि, सुबह 6 बजे आयड़ नदी ने 2006 के बाद शनिवार को फिर अपना रौद्र रूप दिखाया। उफनते पानी ने अपनी राह पकड़ी तो इंसानों को अपनी हद दिखा दी। बेदला और पुलां पुलिया से लेकर डाउन स्ट्रीम में आयड़ क्षेत्र में नदी के दोनों छोर पर बस्तियों तक दस्तक दे दी। पूरा शहर देखने के अलावा कुछ नहीं कर पाया। पानी के रास्ते में बनती इमारतों को देखने वाला अमला भी बेबस नजर आया। दोपहर 1:45 बजे बेदला नदी/आयड़ नदी बेदला पुलिया पर उफान पर थी। पुलिया के ऊपर साढ़े 3 फीट से ज्यादा पानी तेज बहाव के साथ बह रहा था। मार्ग अवरुद्ध रहा। साइफन से बेदला पुलिया होते हुए भीलों का बेदला तक जाने-आने वाले लोगों की राह भी रुक गई। बेदला पुलिया से साइफन तक पूरे मार्ग पर 2 फीट पानी तेज रफ्तार से बहता हुआ इधर-उधर कॉलोनियां में भी जमा हो गया। बेदला पुलिया से भीलों का बेदला मार्ग के बीच आने वाले समता नगर, प्रियदर्शनी नगर, बेदला, बेदला खुर्द, साईं विहार की 10 हजार से ज्यादा आबादी का बेदला पुलिया से साइफन की तरफ फतहपुरा सर्कल-बड़गांव की तरफ आवागमन पूरी तरह बंद हो गया। ऐसे ही बेदला पुलिया से 100 मीटर पहले स्थित टेक्नोक्रेट सोसाइटी कॉलोनी में 2 फीट पानी भर गया। टेक्नोक्रेट के बाद श्रीनिकेतन, बेदला-बड़गांव लिंक रोड, महावीर कॉलोनी, अहिंसापुरी, पंचर| कॉम्पलेक्स, पानेरी उपवन, खारोल कॉलोनी, चुंगीनाका तक 1 से 2 फीट पानी मुख्य सड़क मार्ग व कॉलोनियों की सड़कों पर बहा। इससे इन क्षेत्रों की 25 हजार से ज्यादा आबादी को परेशानी हुई। इस तरह बेदला पुलिया पर पानी के उफान के कारण 35 हजार से ज्यादा लोग जलभराव से तंग हुए हैं। महावीर कॉलोनी, अहिंसापुरी, पंचर| कॉम्पलेक्स, पानेरी उपवन, खारोल कॉलोनी, चुंगीनाका मार्ग पर 1 से डेढ़ फीट पानी बहने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। बता दें, साल 2006 में भी अतिवृष्टि से आयड़ नदी ऐसी ही विकराल हुई थी। श्मशान घाटों में 3 फीट पानी बेदला पुलिया के पास संयुक्त निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग संभागीय कार्यालय भवन में दोपहर 1:22 बजे तक साढ़े 3 फीट पानी भर गया। सुबह 11 बजे से कार्यालय भवन में पानी भरना शुरू हुआ, जो दोपहर 1:22 बजे तक चारों तरफ से पानी से घिर गया। विभाग के 12 से ज्यादा कर्मचारी कार्यालय छोड़कर सड़क पर आ गए, जो दोपहर 2 बजे लगातार बढ़ते जल स्तर के चलते कार्यालय से भागकर बाहर खान कॉम्प्लेक्स के सामने आ गए। दोपहर 2 बजे बाद घरों या कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय जाना बताकर निकल गए। बस्तियों में पहुंचे शहर विधायक : शहर विधायक ताराचंद जैन ने कई कॉलोनियों में जायजा लिया। अधिकारियों को निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान सामने आया कि नदी पेटे में कई जगह पर अतिक्रमण हैं। इसलिए नदी का पानी कॉलोनियों में घुसा है। जैन ने अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए ताक नदी मूल रूप आ सके। दिनभर जूझती रही सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ, आखिर सेना ने निकाला
साड़ी फेस्टिवल 19 को, पोस्टर लॉन्च
प्रतिभागियों को 9 तरह के टाइटल दिए जाएंगे उदयपुर| शी सर्कल इंडिया का लेकसिटी में 5वां साड़ी फेस्टिवल 19 सितंबर को सेंट्रल पब्लिक स्कूल में होगा। इसको लेकर शनिवार को स्कूल परिसर में पोस्टर की लॉन्चिंग हुई। उद्देश्य अधिक से अधिक महिलाओं को साड़ी अपनाने के लिए प्रेरित करना है। ताकि भारतीय परम्परा से जुड़ी साड़ी को प्रमोट किया जा सके। प्रतियोगिता के लिए रजिस्ट्रेशन अभी खुले हैं। प्रतिभागियों को बेस्ट रीजनल साड़ी, बेस्ट पेयर इन साड़ी, बेस्ट ग्रुप इन साड़ी, बेस्ट ड्रेप्ड साड़ी, रेट्रो सारी क्वीन, बेस्ट मैचिंग एक्सेसरीज, बेस्ट हेयर स्टाइल और मेकअप उदयपुर साड़ी क्वीन सहित 9 तरह के टाइटल दिए जाएंगे। संस्थापक तारिका भानुप्रताप ने बताया कि पोस्टर लॉन्चिंग में अलका शर्मा, पूनम राठौड़, गुनीत मोंगा, बलदीप शर्मा, शिखा बहल, रुखसाना, शालिनी भटनागर, डॉ. अंजू गिरि, आंचल शर्मा आदि मौजूद रहीं।
स्कूलों में हर्बल गार्डन लगाने का प्रस्ताव देंगे
उदयपुर | ग्रीन पीपल सोसायटी की बैठक अरण्य कुटीर में हुई। अध्यक्ष राहुल भटनागर सहित वीएस राणा, पीएस चुंडावत, अरुण सोनी, सुहेल मजबूर और डॉ. सतीश शर्मा मौजूद रहे। बैठक में नीदरलैंड के पीटर के साथ मोरवानिया पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में संरक्षण और वनीकरण प्रोजेक्ट पर सहमति बनी। श्री पीटर सोसायटी के तहत इंटर्नशिप पूरी कर रहे हैं। बैठक में विद्यालय परिसरों और सार्वजनिक स्थलों पर हर्बल गार्डन विकसित करने का प्रस्ताव आयुष मंत्रालय को भेजना तय किया गया। वन्यजीव सप्ताह में वन विभाग और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के साथ जागरूकता कार्यक्रम होंगे। यह निर्णय भी हुआ कि ऐसे पेड़ न लगाने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे, जो बारिश में गिर जाते हैं।
जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन धीरज आज शहर में
उदयपुर | अहमदाबाद के वरिष्ठ जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन डॉ धीरज मरोठी टीम के वरिष्ठ चिकित्सक रविवार को उदयपुर में रहेंगे। वे न्यू अशोक विहार में सुबह 9 से 1 बजे तक अपनी सेवाएं देंगे। उन्होंने बताया कि शाम 4 से 7 बजे ए टू जेड रिहैब और फिजियोथेरेपी क्लीनिक ज्ञाननगर में अपनी सेवाएं देंगे। डॉक्टर ने बताया कि आर टू आर तकनीक से जोड़ प्रत्यारोपण का इलाज किया जाता है। तेज रिकवरी वाली सर्जरी के नाम से मशहूर R2R तकनीक से सर्जरी के दौरान दर्द नहीं के बराबर होता है। इस तकनीक से सर्जरी के 3 घंटे बाद मरीज चल सकता है।
शहर के लोगों ने किया इको फ्रेंडली गणपति का उत्थापन
संकेश्वर एनक्लेव उदयपुर सेक्टर 5 हिरण मगरी में 10 दिवसीय गणपति का शनिवार को इको फ्रेंडली तरीके से समिति परिसर में ही उत्थापन किया। इस दौरान पूरी सोसाइटी के सदस्यों ने गणपति की विदाई की। गणपति की मिट्टी को हर घर में वितरित किया गया एवं परिसर के पौधों में विस्तृत किया गया।
ढोल-नगाड़ों के साथ बप्पा विदा हुए
वॉलसिटी से लेकर शहर के विभिन्न इलाकों में ढोल-ताशे, डीजे झांझ-मंजीरे, शंख ओर घंटे-घड़ियाल की गूंज के साथ शोभायात्राएं निकलीं। रास्तेभर हर चेहरे पर श्रद्धा के गुलाल की रंगत छाई रही। जय महाराष्ट्र गणेश मंडल के उदयपुर चा राजा की सवारी बड़ा बाजार, देहली गेट, हाथीपोल होते हुए घंटाघर होते हुए गणगौर घाट पहुंची। इस मौके पर पुरुष और महिलाएं मराठी परिधान पहने हुए नजर आए। बता दें कि गत 27 अगस्त से गणेश चतुर्थी से गणेशोत्सव शुरू हो गए थे। शहर में इस मौके पर विभिन्न जगह पर पांडाल बनाकर बप्पा का हर रोज नया-नया शृंगार किया गया। करोड़ों की आंगी धराई गई। नगर निगम ने इस मौके पर 280 कार्मिक और 15 वाहन लगाए गए।
स्वर्णकार समाज 12 अक्टू. को मनाएगा अजमीढ़ जयंती समारोह
सलूंबर | सलूंबर जिला स्वर्णकार समाज की जिला स्तरीय बैठक मंदिर परिसर में हुई। अध्यक्षता जिला अध्यक्ष विष्णु कड़ेल ने की, मुख्य अतिथि पुष्पेंद्र सोनी वेवार एवं समाजसेवी ललित प्रसाद सोनी थे। बैठक में नवीन जिला कार्यकारिणी का विस्तार जल्द करने का निर्णय लिया। इस दौरान जिला संगठन चुनाव 2025 के आय-व्यय का ब्यौरा जिला प्रभारी पुष्पेंद्र सोनी ने प्रस्तुत कर नवीन जिला पदाधिकारियों को सौंपा। बैठक में यह भी तय किया गया कि आगामी अजमीढ़ जयंती समारोह इस वर्ष भी शरद पूर्णिमा के बाद पहले रविवार 12 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। सभी पदाधिकारियों और समाजजनों ने बद्रीविशाल भगवान के चरणों में पीले चावल रखकर इस आयोजन का शुभारंभ किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी 30 सितंबर 2024 से 30 सितंबर 2025 तक शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक क्षेत्र, खेलकूद, सरकारी सेवा और अन्य क्षेत्रों में चयनित तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं और समाजजनों को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर जिला प्रभारी पुष्पेंद्र सोनी वेवार, जिलाध्यक्ष विष्णु कड़ेल सोनी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अजय सोनी सुरजनवाल, जिला महामंत्री नंदलाल सोनी सुरजनवाल, जिला कोषाध्यक्ष मनोज सोनी सहित समाजजन मौजूद रहे। भास्कर टीम |जिले भर से खेरवाड़ा| कस्बे सहित आसपास क्षेत्र में शनिवार को दस दिवसीय गणेश महोत्सव के समापन के पश्चात गणेश विसर्जन किया गया। इस दौरान भक्तों ने अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे के साथ गणपति बप्पा को विदाई दी। कस्बे के रोडवेज बस स्टैंड स्थित बस स्टैंड के राजा, मोचीवाड़ा के भगवान गणेश, बासोड़ बस्ती, निचला खेरवाड़ा, भूत बंगला, मोगिया बस्ती, श्री नाथ कॉलोनी, गणेश कॉलोनी के पांडालों में बिराजमान भगवान गणेश का विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना कर वाहनों में बिठाए गए। इसके बाद बैंड बाजे के साथ सामूहिक रूप से कस्बे में शोभायात्रा निकाली गई, जो कस्बे के विभिन्न मार्गों से होती हुई महुदरा पुलिये पर पहुंची। इस दौरान भक्तगण नाचते-गाते अगले बरस तू जल्दी के जयकारे लगाते हुए नजर आए, नम आखों से गणपति बप्पा को विदाई दी। भारी सुरक्षा के बीच गणपति विसर्जन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारी व जवान मौजूद थे। गोगुंदा| कुम्हारवाड़ा मित्र मंडल की ओर से कुम्हारवाड़ा में धूमधाम से गणपति विसर्जन किया गया। विनोद प्रजापत ने बताया कि शोभायात्रा में महिलाओं एवं बालिकाओं ने गरबा नृत्य किया, युवाओं ने गणपति बप्पा के जयकारों लगाए। गोगुंदा तालाब पर पूजा-अर्चना एवं आरती के बाद गणपति विसर्जन किया गया। इस दौरान ख्याली प्रजापत, बाबूलाल प्रजापत, हिम्मत प्रजापत, प्रभु लाल प्रजापत, नितेश प्रजापत व भरत प्रजापत सहित सैकड़ों महिला पुरुष मौजूद थे। भींडर| नगर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित गणपति प्रतिमाओं का गंभीर सागर तालाब व दवेला तालाब पर विसर्जन किया गया। सभी प्रतिमाओं की शोभायात्रा निकाली गई। डीजे व बैण्डबाजों की धुन पर युवा थिरकते हुए अबीर-गुलाल उड़ाते हुए चल रहे थे। सूरजपोल स्थित कैलाश धर्मशाला के बाहर स्थित सनातन धर्मोत्सव सेवा समिति, मुरलीधर मन्दिर युवा मित्र मण्डल ब्रह्मपुत्र, रावलीपोल चौक युवा मित्र मण्डल, नृसिंह मन्दिर पर नृसिंह युवा मित्र मण्डल, सोनारों की गली, रामपोल सहित करीब 100 से अधिक गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। क्षेत्र के जेतुपरा, हींता, बड़गांव, वरणी, चारगदिया, निमड़ी, कुंथवास, कुण्डई, सवना, धारता, सालेड़ा, कलवल, तेलनखेड़ी, सारंगपुरा (भीण्डर), डाबियों का खेड़ा, बोरतलाई, मोतिदा, पाणुंद सहित विभिन्न गांवों में भी गणपति महोत्सव की धूम रही। गंभीर सागर तालाब पर गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग उमड़े। इस दौरान भीण्डेश्वर महादेव मन्दिर परिसर, गंभीर सागर पाल एवं सूरजपोल रोड स्थित पाल पर सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे सहित नागरिक उपस्थित थे। कानोड़| नगर पालिका क्षेत्र में प्रताप चौक, ब्रह्मपुरी, रेगर मोहल्ला, शिवगंज बाजार, सूरजपोल, नया बाजार सहित विभिन्न मोहल्लों में विराजित गणपति का विसर्जन किया गया। दोपहर सवा दो बजे शुभ मुहूर्त में शोभायात्रा के साथ नाहर सागर पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने अगले बरस आने के न्यौते के साथ गणपति को विदा किया। खेताखेड़ा, पीथलपुरा, आकोला, समेल, सुरखण्ड, तलावा, सारंगपुरा सहित कई गावों में गणपति विसर्जन हुआ। फतहनगर| चतुर्दशी पर नगर के विभिन्न पांडालों से विराजित जुलूस के रूप में गणेश भगवान की प्रतिमाओं का शोभायात्रा के साथ विसर्जन किया गया। विनायक नगर स्थित गणेश मंदिर, पुराना बाजार स्थित फतहनगर के राजा, विजय हाइट॰स, प्रताप चौराहा स्थित सेतुबन्ध रामेश्वर मंदिर, नेहरू बाल उद्यान स्थित महाकालेश्वर मंदिर, स्टेशन के पीछे आजाद चौक, चंगेड़ी रोड़ स्थित गणेशजी, पिपली चैक, इंटाली चौराहे के समीप हनुमान मंदिर सहित अनेक देवालयों व मंडलों की गणेश मूर्तियों को आर्कषक सजाया गया। सभी मण्डल गुलाल उड़ाते हुए डीजे की धुन पर नाचते हुए नगर के मैन चैराहे पर पहुंचे। जहां सामूहिक महाआरती कर बड़ी प्रतिमाएं बड़गांव बांध तथा छोटी प्रतिमाओं को आस-पास के तालाबों पर ले जाकर विसर्जित किया। कुराबड़| कुराबड़ ब्लॉक के बंबोरा और सोमखेड़ा में गणपति विसर्जन पर सुबह से ही भक्तों में उत्साह देखने को मिला। बंबोरा में प्रताप चौक से शुरू हुई शोभायात्रा सर्राफा बाजार व मुख्य बाजार से होते हुए गुड़ली स्थित जूनापानी तालाब तक पहुंची, जहां बप्पा का विसर्जन किया। सोमखेड़ा में भी शोभायात्रा के साथ गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। केदारिया | केदारिया में शोभायात्रा के साथ गणपति विसर्जन हुआ। श्रद्धालु सुबह से ही बप्पा की विदाई की तैयारियों में जुटे रहे। गणेश प्रतिमाओं को रंग-बिरंगे फूलों, मोतियों, झालरों और रोशनी से सजाया गया। भक्तगण “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के जयकारों के साथ विसर्जन यात्रा में शामिल हुए। विसर्जन यात्रा में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हुए। महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में डीजे की धुन पर नृत्य किए। शोभा यात्रा केदारेश्वर महादेव पहुंचने पर गणपति विसर्जन किया। अनन्त चतुर्दशी व्रत वालों की तरफ से सामूहिक प्रसादी का आयोजन रखा गया। कोटड़ा | मुख्यालय पर तेज बरसात में गणेश प्रतिमाओ की सवारी निकली, बड़ी संख्या में भक्तजन जुलूस में शामिल हुए। मुख्य बाजार से जुलूस रवाना रवाना होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए गुजरे। जुलूस में वाहनों की कतारें शामिल रही, जिनमें गणेशजी विराजे हुए थे। प्रतिमाओं को पामरी नदी में विसर्जित किया गया। एहतियात के तौर पर थानाधिकारी मुगलाराम गरासिया जाप्ते के साथ मौजूद रहे। कोटड़ा तहसील के माताजी मंदिर पर मां अम्बे नवयुवक मंडल द्वारा स्थापति कोटड़ा चा महाराजा को अंतिम रात्रि को 1 एक लाख इक्यावन हजार रूपये के नोटों से सजा कर 56 भोग धराया। महाआरती व विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम किए। चतुर्दशी के दिन कोटड़ा गांव की विभिन्न स्थानों माताजी मंदिर, शीतला माता मंदिर, कंडी, गणेश चौराहा, विजया आप्टे स्कूल व उदयपुर मार्ग 3 रास्ता की मूर्तियों को विसर्जित किया गया। ऋषभदेव| वैष्णव नवयुवक मंडल की ओर से ऋषभदेव मन्दिर के बाहर कस्बे के अलग-अलग मोहल्ले में स्थापित गणपति की सामूहिक शोभायात्रा निकाली। यह शोभायात्रा ऋषभदेव मंदिर से रवाना हुई, जो गांव के विभिन्न मोहल्लों से होकर कुवारीया नदी के कृष्णघाट पहुंची। पूजा-अर्चना आरती कर मूर्ति पूजन के बाद नवीन जल में विसर्जन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु व ग्रामीण मौजूद थे। इधर भूधर गांव मे भी एकदंता नवयुवक मण्डल की ओर से गणोशोत्सव का समापन हुआ, इस दौरान शोभायात्रा भी निकाली गई। उदयपुर| पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से अनंत चतुर्दशी पर मिट्टी से बनी गणपति प्रतिमा को एकलिंगजी तालाब में िवदाई दी। ऋषभदेव खेरवाड़ा कोटड़ा सराड़ी| दिगंबर जैन मंदिर गींगला में 10 लक्षण महापर्व कके आखिरी दिन मुनि अपूर्व सागर ने कहा कि जैसे शिला तल पर बड़ा बीज प्रतिभूत नहीं होता है, वैसे ही शील रहित मनुष्य को प्रभाव की सिद्धि प्राप्त नहीं होती है। विश्व में समस्त धर्म में ब्रह्मचर्य को पावन और पवित्र धर्म माना गया है, यह समस्त साधनाओं का मूल आधार है। भोग ही रोग का कारण है। भगवान की शांति धारा पंचामृत अभिषेक, वासुपूज्य भगवान का निर्वाण महोत्सव और गुरु का पद पक्षालन, शास्त्र भेंट, रात्रि में शास्त्र स्वाध्याय, आरती, सांस्कृतिक कार्यक्रम पं. सुरेंद्र सलूंबर, बाल ब्रह्मचारी नमन भैया के निर्देशन में हुए। उदयपुर| शिक्षक दिवस के अवसर पर जिला आदिवासी समाज सुधार सेवा संस्था की ओर से पहली बार भील समाज के शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों का सम्मान किया गया। समारोह फतहसागर की पाल पर आयोजित किया गया । कार्यक्रम में संस्था के जिला अध्यक्ष देवीलाल दाणा, महासचिव बंशीलाल, वेणीराम डामोर आदि मौजूद रहे।
उस्ताद लक्ष्मणसिंह की 44वीं पुण्यतिथि मनाई
उदयपुर| उस्ताद लक्ष्मण सिंह की 44 वी पुण्यतिथि शनिवार को अर्जुन उस्ताद अंतराष्ट्रीय कुश्ती हॉल में मनाई गई। इस अवसर पर जिला स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में पदक विजेता पहलवानों का सम्मान किया। डॉ. हरीश राजौरा ने बताया कि इस अवसर पर मांगीलाल कटारिया, दीपक राजौरा, यशवंत चौधरी आदि मौजूद रहे।
दो दिवसीय गुप्तेश्वर महादेव मेला आज से
उदयपुर| प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भाद्रपद पूर्णिमा पर गुप्तेश्वर महादेव मंदिर पर दो दिवसीय मेला रविवार व सोमवार को आयोजित होगा। मंदिर अधिष्ठाता महंत तन्मय वन महाराज ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी रविवार को ब्रह्म मुहूर्त में भगवान का रुद्राभिषेक शुरू होगा और सुबह 7.15 बजे आरती के साथ मेले की शुरुआत होगी। इसी के साथ प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गांव बिलिया, गुखर मगरी और अंबाफला के निवासी ध्वजा लाएंगे जो गुप्तेश्वर महादेव से फूल मांगकर शिखर पर चढ़ाई जाएगी। इस वर्ष पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण होने से दोपहर 12:15 बजे भगवान की आरती के साथ बालभोग और पूरी सेवा चढ़ाई जाएगी।
5 घंटे थमे बादल, बप्पा की विदाई में बरसी हजारों आंखें
उदयपुर | 10 दिन से जारी गणेश उत्सव की धूम शनिवार को थमी। बारिश चंद घंटों के लिए मानो बप्पा की विदाई का मौका देने के लिए ही रुकी। बप्पा विदा हुए तो श्रद्धालुओं की आंखें भीग गईं। इससे पहले शहर में बरसात का दौर तड़के शुरू हुआ। दोपहर में करीब 5 घंटे के अल्पविराम के बाद शाम 5 बजे वापस शुरू हो गया, जो देर रात तक रुक-रुक कर बना रहा। शहर के गली-मोहल्लों, चौराहों-बाजारों से लेकर घरों और अपार्टमेंट तक 500 से ज्यादा जगह गणेश चतुर्थी पर बप्पा विराजे थे। तभी से प्रतिमाओं के आगे रोज पूजन-आरती के साथ तरह-तरह के सांस्कृतिक आयोजन हो रहे थे। बीती रात शुरू हुई तेज बारिश को देखते हुए एकबारगी लगा था कि गणपति की विदाई में खलल पड़ेगा, लेकिन दोपहर 12 बजे बारिश थम गई। कुछेक इलाकों में फुहार गिरी। इसी बीच पांडालों से प्रतिमाएं उठाई गईं। शोभायात्राएं निकली। विशाल प्रतिमाओं को कहीं पिक-अप वाहनों में तो छोटी मूर्तियों को गोद में उठाकर पिछोला, फतहसागर, गोवर्धन विलास और आयड़ के गंगू कुंड ले जाया गया। वहां पानी के छींटे डालकर प्रतिमाएं वहीं छोड़ दीं। यही प्रतीकात्मक विसर्जन था, ताकि झील-तालाबों में आए नए पानी को किसी तरह से नुकसान न हो। इधर, कई श्रद्धालुओं ने मिट्टी के गणेश स्थापित किए थे। इन्हें घर-दफ्तरों के गमलों में पधराकर जल चढ़ाया।
अस्मिता महिला जूडो लीग : 28 खिलाड़ियों को नकद इनाम
राज्य जूडो संघ के तत्वाधान में उदयपुर में अस्मिता महिला जूडो लीग का आयोजन राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भीलू राणा कॉलोनी के हॉल में हुआ। इस प्रतियोगिता में 100 से अधिक जूडो खिलाड़ी छात्राओं ने भाग लिया। उद्घाटन समारोह में पन्नाधाय सेवा संस्थान संस्थापक भूपेंद्र धाभाई एवं समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि शहीद मेजर मुस्तफा की माता फातिमा बोहरा, हेमलता साहू, खुशबू सुराणा, जिला जूडो संघ सचिव डॉ.मोहिता पंचोली थे। फातिमा बोहरा ने बच्चों को राष्ट्र प्रेम का संदेश देते हुए मां बाप का सम्मान करने एवं बालिकाओं को अपने लक्ष्य से न भटकने का आहवान किया। फातिमा बोहरा ने स्वर्ण पदक प्राप्त सभी वर्गों की कुल 28 छात्राओं को नगद राशि प्रदान की। कोच सुशील सेन ने बताया कि खेलो इंडिया अस्मिता लीग खेलो भारत नीति का एक प्रमुख घटक है, जो राष्ट्र निर्माण और महिला सशक्तिकरण के लिए खेलों को बढ़ावा देती है।
डेंटल ओन्कोलॉजी एंड रिसर्च पर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस शुरू
उदयपुर| एशियन हेड एंड नेक कैंसर फाउंडेशन की ओर से शनिवार को पेसिफिक डेंटल कॉलेज देबारी में दो दिवसीय डेंटल ऑन्कोलॉजी एंड रिसर्च 2025 पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस शुरू हुई। उद्घाटन आरएनटी के पूर्व प्राचार्य डॉ. एके गुप्ता, डेंटल कौंसिंल ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव डॉ. अभिषेक सिंह व डॉ. जे.एस.बोलिया ने किया। डॉ. गुप्ता ने इस सम्मेलन को दंत चिकित्सा क्षेत्र में क्रान्ति बताया। आयोजन चेयरमैन डॉ. शक्तिसिंह देवड़ा ने बताया कि देश में कैंसर के तहत सबसे ज्यादा ओरल कैंसर से मौतें हो रही है। इससे बचाव या पहली ही स्टेज में इस कैंसर को पकड़ने के लिए डेन्टिस्ट की भूमिका अब महत्वपूर्ण हो गई है। इसके लिए देश के ही नहीं एशिया के लगभग सभी देशों में ओरल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए डेन्टिस्ट को ट्रेनिंग दी जा रही है। आयोजन सचिव डॉ. मोहित पालसिंह ने बताया कि ओरल कैंसर के लिए बचने का सही और एक मात्र उपाय यही है कि हम डेन्टिस्ट को इस सम्बन्ध में ट्रेनिंग दें। दो दिवसीय सम्मेलन में देशभर से 200 से अधिक डेलीगेट्स, शोधकर्ताओं और दंत चिकित्सा विद्यार्थी भाग लें रहे है।
ट्रांसफॉर्मर खराब रहने से आठ माह से अंधेरे में गांव, 25 घर प्रभावित
भास्कर न्यूज | कुरडेग कुरडेग प्रखंड के डुमरडीह पंचायत अंतर्गत कसडेगा कोल्हेनतोपा गांव पिछले आठ महीनों से अंधेरे में डूबा हुआ है। गांव में लगा ट्रांसफॉर्मर खराब होने के बावजूद बिजली विभाग अब तक मरम्मत नहीं कर पाया है। इससे पूरे गांव के 25 घरों के लोग फिर से िढबरी जलाकर जीवन बसर करने को मजबूर हैं। ग्रामीण बक्रम धराई, रंजीन राऊत, रुधर धराई, लक्ष्मण नाग, शीलधर धराई, ब्रह्मा सेरमा, बंजरंग धराई, लक्ष्मी देवी, अमृता देवी, ओमवती देवी, सरिता देवी, बालमती देवी, जसमती देवी, कमला देवी, खुटी देवी, सरस्वती देवी सहित अन्य लोगों ने बताया कि आठ माह से बिजली नहीं रहने से जीवन मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि अंधेरे में बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। वहीं, बरसात के मौसम में अंधेरे में विषैले जीव-जंतुओं का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, बिजली नहीं रहने से घरों में रखे कई विद्युत उपकरण खराब हो गए हैं। ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ट्रांसफॉर्मर नहीं बदला गया तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करने को बाध्य होंगे। भास्कर न्यूज | सिमडेगा भाजपा नेता श्रद्धानंद बेसरा ने केरसई प्रखंड की बासेन पंचायत अंतर्गत बखरी लटोली पहुंचकर ग्रामीणों से उनकी समस्याओं की जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि यहां अप्रैल माह से ही ट्रांसफार्मर खराब है और वे लंबे समय से यह परेशानी झेल रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि विद्युत विभाग को यह जानकारी देने के बाद दूसरा ट्रांसफार्मर लगाया गया था, लेकिन एक सप्ताह के बाद ही वह ट्रांसफार्मर भी खराब हो गया। यह जानकारी विभाग को दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता विजय साय ने बताया कि बिजली नहीं रहने के कारण पीएम श्री मध्य विद्यालय, बासेन में बच्चों की कंप्यूटर शिक्षा पूरी तरह से बंद है।ग्रामीण राजाराम मेहर ने कहा कि उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ जाने के कारण भी ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है। उन्होंने केबलीकरण की भी मांग की। संगीता देवी ने बताया कि चापाकल कई महीनों से खराब होने के कारण पेयजल के लिए बहुत अधिक परेशानी हो रही है। श्रद्धानंद बेसरा ने विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता से बात कर समस्या के जल्द समाधान पर जोर दिया। उन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता से बात आरके उन्हें समस्या की जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि दो-तीन दिनों के अंदर पेयजल की समस्या दूर कर दी जाएगी। इस अवसर पर घनश्याम साय, भुवनेश्वर साय, सतीश पंडा, जोगेंद्र बड़ाईक,राजेंद्र बढाईक, राजाराम मेहर, लहरु माँझी, कश्टी देवी, दुमकी देवी, उर्मिला देवी, दशमी देवी सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
छात्रों की सफलता ही शिक्षकों के लिए सच्ची गुरु दक्षिणा : समुद्र गुप्त
सिमडेगा | हिलव्यू पब्लिक स्कूल, सिमडेगा में शिक्षक दिवस बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। यह दिन महान दार्शनिक, शिक्षाविद् और भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को समर्पित था। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः प्रार्थना सभा से हुई। सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए छात्रों ने उनके जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया। इसके बाद विद्यार्थियों ने शिक्षकों का पुष्पगुच्छ और अभिनंदन कार्ड देकर स्वागत किया। रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुई। मंच पर गीत, नृत्य, नाटक और कविताओं की शानदार प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। हास्य-नाटकों ने शिक्षकों का मनोरंजन किया, वहीं कुछ छात्रों ने भावपूर्ण भाषणों के जरिए शिक्षकों के योगदान को शब्दों में पिरोया। प्रधानाचार्या पूनम मिलिंद ने कहा कि “शिक्षक समाज की रीढ़ हैं, जिनके मार्गदर्शन से राष्ट्र का भविष्य संवरता है।” उन्होंने छात्रों को शिक्षकों का आदर करने और उनके बताए मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। विद्यालय प्रबंधक समुद्र गुप्त ने अनुशासन की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि विद्यालय के नियमों की अवहेलना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हाल की सड़क दुर्घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि वाहन चलाते पाए जाने वाले छात्रों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों की सफलता ही शिक्षकों के लिए सच्ची गुरु दक्षिणा है। छात्रों ने दिखाया नेतृत्व कौशलकार्यक्रम को सफल बनाने में कक्षा 10 के छात्रों की भूमिका सराहनीय रही। छोटे छात्रों के कार्यक्रमों की पूरी जिम्मेदारी उन्होंने निभाई और अपनी नेतृत्व क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। पूरे विद्यालय परिसर में उत्सव जैसा माहौल रहा। शिक्षकों के चेहरे पर प्रसन्नता और विद्यार्थियों के हृदय में कृतज्ञता झलक रही थी। इस प्रकार अनुशासनात्मक संदेश और कौशलात्मक अभिव्यक्ति के साथ आयोजन का समापन हुआ।
शिक्षक समाज निर्माण की रीढ़ होते हैं : डीसी
सिमडेगा| शिक्षक दिवस के अवसर पर साइमन तिग्गा उच्च विद्यालय, में एक समारोह का आयोजन किया गया। विद्यालय प्रांगण इस मौके पर उत्सव और उमंग के रंगों से सराबोर नजर आया। छात्र-छात्राओं के द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समां बांध दिया और समस्त वातावरण तालियों की गूंज से गूंज उठा। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपायुक्त कंचन सिंह और पुलिस अधीक्षक एम.अर्शी विशेष रूप से उपस्थित रहे। बच्चों द्वारा प्रस्तुत गीत,नृत्य और नाटकों ने सभी अतिथियों और उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। इस अवसर पर उपायुक्त कंचन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक समाज निर्माण की रीढ़ होते हैं। वे न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन मूल्यों,अनुशासन और संस्कारों की शिक्षा देकर छात्रों को एक अच्छा नागरिक भी बनाते हैं। उन्होंने बच्चों को कड़ी मेहनत, अनुशासन और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वालों में विद्यालय निर्देशक सफीक खान,प्रबंधन समिति के अध्यक्ष शमीम फौजी, सचिव अमरनाथ बामलिया,समिति के सभी सदस्य,प्रधानाध्यापिक ा जय किंडो सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाएँ तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ एवं अभिभावक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधन समिति और शिक्षक वर्ग ने सभी आगंतुकों का हृदय से आभार प्रकट किया।
थाना प्रभारी से मिले जन प्रतिनिधि
बानो| बानो थाना के नए थाना प्रभारी मानव मयंक से प्रखंड के जनप्रतिधियों ने बुके देकर स्वागत कर स्वागत किया। इस मुलाकात में थाना प्रभारी मानव ने कहा कि लोगों की हर समस्या का समाधान एवं क्षेत्र में शांति बहाल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा उन्होंने कहा कि लोग अपनी किसी भी समस्या को लेकर मिल सकते है। मौके पर जिप सदस्य,मुखिया सोमारी कैथवार, कृपा हेमरोम, सीता बड़ाइक, एवं अन्य मुखिया उपस्थित रहे। जलडेगा| शुक्रवार को जलडेगा के पीएम श्री एस एस प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री सारथी योजना अंतर्गत एकदंता एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित प्रशिक्षण केंद्र में धूमधाम के साथ शिक्षक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं एवं मैनेजमेंट टीम द्वारा बहुत ही आकर्षक तरीके से सेंटर को सजाया गया था। सर्वप्रथम छात्र-छात्राओं ने सेंटर के सभी शिक्षकों को फूल का गुलदस्ता एवं उपहार भेंट कर उनका स्वागत किया। और कई छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आलोक कुमार ने डॉ एस० राधाकृष्णन की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके विचारों व आदर्शो पर चलने और उनके विचारों से प्रेरणा लेने की अपील की। जिसके बाद बारी बारी से सभी शिक्षकों ने कार्यक्रम को संबोधित कर बच्चों को शिक्षक दिवस के महत्व को बताया। इस दौरान शिक्षक इत्यानंद बड़ाइक, शुभम कुमार प्रसाद, बिलासी देवी, मालावती कुमारी, सुमित्रा देवी, नरेश बड़ाइक सहित कई छात्र - छात्राएं शामिल थे। सिमडेगा| शहर के सैंपुर स्थित ब्रिलिएंट्स हाई स्कूल में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। मां सरस्वती और पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक नृत्य, गीत, चुटकुले आदि की प्रस्तुति कर वाहवाही पाई। कार्यक्रम का संचालन सना और फलक ने किया। इस अवसर पर शिक्षकों के लिए रोचक प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ। जिनका विद्यार्थियों ने भरपूर आनंद लिया। विद्यार्थियों ने अपने भाषण में शिक्षक दिवस के महत्व पर भी प्रकाश डाला। प्रधानाचार्य गोरखनाथ सिंह,उप प्रधानाचार्य मदन कुमार सिंह, शिक्षिका परखलता कच्छप ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। सिमडेगा| बांसजोर प्रखंड अंतर्गत उरते पंचायत के टेंगराटूकु रोयामुंडा गांव के लोग पिछले करीब दो महीनों से बिजली की भारी समस्या से जूझ रहे थे। गांव में स्थापित 25 केवीए का ट्रांसफार्मर खराब हो जाने के कारण ग्रामीण अंधेरे में जीवन बिताने को मजबूर थे। इस समस्या को लेकर कई बार विभागीय स्तर पर प्रयास किए गए,लेकिन समाधान नहीं हुआ। थक-हारकर ग्रामीणों ने अपनी समस्या को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला अध्यक्ष अनिल कंडूलना के पास गुहार लगाई। जनसरोकारों के प्रति सजगता दिखाते हुए कंडूलना ने त्वरित पहल करते हुए बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता से संपर्क साधा और जल्द से जल्द नया ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। उनकी पहल पर नया 25 केवीए ट्रांसफार्मर गांव में स्थापित किया गया। उद्घाटन समारोह का आयोजन गांव में किया गया,जहां झामुमो जिला उपाध्यक्ष रितेश बड़ाईक ने विधिवत फीता काट कर ट्रांसफार्मर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गांव के प्रचारक,सक्रिय कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण पुरुष और महिलाएं उपस्थित रहे।
उर्वरकों की अधिक दर पर बिक्री कालाबाजारी पर रोक का निर्देश
सिमडेगा | उपायुक्त एवं विभागीय निर्देशानुसार जिला कृषि पदाधिकारी माधुरी टोप्पो एवं कृषि निरीक्षक शंकर प्रसाद ने अपनी टीम के साथ जलडेगा एवं बानो प्रखंड अंतर्गत संचालित उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में सभी अनुज्ञप्तिधारकों को निर्देश दिया गया कि किसी भी परिस्थिति में किसानों से सरकार द्वारा निर्धारित दर से अधिक दर पर उर्वरकों की बिक्री, कालाबाजारी, जमाखोरी, अनुदानित उर्वरकों के साथ गैर अनुदानित उत्पाद की बिक्री तथा बिना पॉस मशीन में एंट्री किए उर्वरकों की बिक्री नहीं की जाए, ऐसा करते पाए जाने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत अनुज्ञप्ति रद्द करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी को निर्देश दिया गया कि अपने प्रतिष्ठान का नाम, भंडार तालिका एवं दर तालिका को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें तथा किसानों को आवश्यकता अनुसार ही उर्वरकों का विक्रय करें ताकि सभी किसानों को सुगमता पूर्वक उर्वरक उपलब्ध कराया जा सके।
परमवीर अल्बर्ट एक्का मेमोरियल कॉलेज की टीम दो गोल से जीती
इन टीमों ने अपनी शानदार खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए अपने विरोधियों को हराया। फादर सिप्रियन एक्का मेमोरियल फुटबाल टूर्नामेंट का उद्देश्य बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस टूर्नामेंट के माध्यम से बालिकाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा और वे अपने कौशल को निखार सकेंगी। फादर सिप्रियन एक्का मेमोरियल फुटबाल टूर्नामेंट का शानदार आगाज हुआ है और इस टूर्नामेंट में भाग लेने वाली सभी टीमें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। हमें उम्मीद है कि यह टूर्नामेंट सफलतापूर्वक संपन्न होगा और बालिकाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। भास्कर न्यूज|चैनपुर चैनपुर अनुमंडल मुख्यालय स्थित परमवीर अल्बर्ट एक्का मेमोरियल कॉलेज चैनपुर में फादर सिप्रियन एक्का मेमोरियल फुटबाल टूर्नामेंट का शानदार आगाज हुआ। इस टूर्नामेंट में कुल 13 टीमें भाग ले रही हैं, जिनमें परमवीर अल्बर्ट एक्का मेमोरियल कॉलेज, संत अन्ना उच्च विद्यालय, संत अन्ना माध्यमिक विद्यालय, लूथरन उच्च विद्यालय, बरवे उच्च विद्यालय, संत बियानी उच्च विद्यालय नुकरुडीपा, संत पायस उच्च विद्यालय भीखमपुर, जनता उच्च विद्यालय नवाडीह, कस्तूरबा टांगरडीह, बलवीर उच्च विद्यालय कटकही और उच्च विद्यालय बरडीह की टीमें शामिल हैं। कॉलेज के प्राचार्य फादर अगस्तुस एक्का ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह फुटबाल टूर्नामेंट बालिकाओं को मंच देने और उनकी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि जीवन में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद का भी महत्वपूर्ण स्थान है। खेलकूद से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी मजबूत होता है। पहला मैच परमवीर अल्बर्ट एक्का मेमोरियल कॉलेज चैनपुर और संत अन्ना माध्यमिक विद्यालय चैनपुर के बीच खेला गया। इस मैच में परमवीर अल्बर्ट एक्का मेमोरियल कॉलेज ने 2 गोल से जीत हासिल की। पहला गोल नीती साक्षी टोप्पो ने किया और दूसरा गोल संध्या ने किया। लोहरदगा|शहर के हरमू स्थित जेएमएस इंग्लिश मीडियम स्कूल में शिक्षक दिवस पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। मौके पर छात्रों ने अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और वंदना से हुई। इसके बाद छात्रों ने शिक्षकों के सम्मान में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनमें नृत्य, गायन और नाटक शामिल थे। छात्रों ने अपने शिक्षकों को फूलों के गुलदस्ते और शॉल भेंट कर सम्मानित किया। विद्यालय की प्रबंधक सुषमा सिंह ने अपने संबोधन में शिक्षकों की भूमिका की सराहना की और कहा कि शिक्षक ही समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने छात्रों को अपने शिक्षकों से सीखने और उनके मार्गदर्शन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। शिक्षक समाज की रीढ़ हैं जो विधार्थी को न केवल शिक्षा देतें हैं बल्कि उन्हें जिम्मेदार नागरिक भी बनाते हैंl मौके पर प्रधानाध्यापक, उप प्रधानाध्यापिका, शिक्षक, शिक्षिका उपस्थित थे। मौके पर विद्यालय के सभी शिक्षकों को सम्मानित किया गया और उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया गया। कक्षा नवीं तथा दसवीं के बच्चों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
स्कूल में मना स्वर्णिम विजय का उत्सव ढोल-नगाड़ों से िखलाड़ियों का स्वागत
भास्कर न्यूज| सिमडेगा पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय की अंडर 14 हॉकी टीम ने लखनऊ में आयोजित 54वें केंद्रीय विद्यालय राष्ट्रीय स्तर हॉकी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक और अंडर 17 टीम ने कांस्य पदक जीतकर विद्यालय और जिले का नाम गर्व से ऊंचा किया। टीम के विजयी होकर लौटने पर विद्यालय परिसर में भव्य स्वागत किया गया। स्वागत समारोह में प्राचार्या प्रफुल्लित लकड़ा, समस्त शिक्षकगण, कर्मचारी और विद्यालय के छात्र-छात्राएं पूरे उत्साह और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ खिलाड़ियों के स्वागत हेतु उपस्थित थे। टीम को प्राचार्या द्वारा तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर और फूलों की माला पहनाकर ढोल-नगाड़ों की धुन पर विद्यालय के मुख्य द्वार से सभा मंच तक ले जाया गया। स्वागत समारोह का मुख्य आकर्षण विद्यालय के सभी बच्चों द्वारा झारखंड की लोकनृत्य के साथ विजयी टीम का जोरदार स्वागत करना रहा। टीम के खिलाड़ी प्रिंस ठाकुर ने कहा कि लखनऊ में खेलने के दौरान उन लोगों को काफी कुछ सीखने को मिला। सेंटर हाफ खिलाड़ी प्रिंस ने बताया कि हरियाणा की टीमों में ऐसे भी खिलाड़ी थे जो बड़ी एकेडमी में खेलते हैं। उनके शॉट काफी तेज तर्रार थे। लेकिन उनकी टीम ने एस्ट्रो टर्फ पर कड़ी मेहनत की थी जो काम आई। राम जानकी मंदिर मोहल्ला निवासी विक्रम ठाकुर के पुत्र प्रिंस ने गोल भी मारा। प्रिंस की उपलब्धि से मोहल्ले में भी हर्ष है। बताया गया कि अंडर 14 बालक हॉकी टीम ने क्वार्टरफाइनल में गुरुग्राम संभाग को 4-0 से, सेमीफाइनल में वाराणसी संभाग को 3-0 से और फाइनल में चंडीगढ़ संभाग को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। विद्यालय परिवार ने इस जीत के लिए समस्त सिमडेगावासियों, खेल विभाग, हॉकी सिमडेगा, केंद्रीय विद्यालय सिमडेगा की प्राचार्या और कोच चंद्रशेखर मुंडा को धन्यवाद दिया। साथ ही उन सभी अभिभावकों को भी धन्यवाद दिया गया जिनके बच्चों ने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर विद्यालय और जिले का नाम रोशन किया।