उत्तर प्रदेश में तेज सर्दी के असर के चलते राज्य सरकार ने कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूलों की 1 जनवरी तक की छुट्टी की है। इसमें यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के स्कूल शामिल हैं। रविवार को भी आगरा, गोरखपुर, कानपुर समेत 45 जिले घने कोहरे की चपेट में रहे। 18 जिलों में सुबह के वक्त विजिबिलिटी 0 रही। झारखंड के 7 जिलों में आज कोल्ड वेव का यलो अलर्ट है। इनमें लातेहार, लोहरदगा, गुमला, खूंटी, रांची, रामगढ़ और बोकारो शामिल हैं। राज्य के ज्यादातर जिलों में मिनिमम टेम्परेचर 10C से नीचे रह रहा है। रविवार को रांची के कांके का तापमान 2.5C दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में जेट स्ट्रीम का असर है। ये जमीन से 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर चलने वाली हवाएं हैं। इस बार इनकी रफ्तार 262kmph तक पहुंच गई है। इसके कारण जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश के तापमान में 2 जनवरी तक गिरावट दर्ज की जाएगी। DGCA ने भी 10 दिसंबर से 10 फरवरी तक को फॉग विंडो घोषित किया है। राज्यों से मौसम की तस्वीरें... अगले 3 दिन के मौसम का हाल... 30 दिसंबर: कोहरे में हल्की कमी, ठंड बरकरार 31 दिसंबर: मौसम में बदलाव के संकेत 1 जनवरी: बारिश-बर्फबारी के आसार
शीतलहर व कोहरे ने पूरे दिन गलन वाली सर्दी का एहसास कराया। रविवार को सुबह घना कोहरा छाया रहा। पूरे दिन धूप नहीं निकली और धुंध छाई रही। ऐसे में पूरे दिन गलन रही। सर्दी से बचाव के लिए लोग दिन में भी अलाव तापते दिखे। तेज बर्फीली हवाओं से लोग बेहाल रहे। बीते 24 घंटे में दिन का तापमान 4.4 डिग्री गिरने से दिन में भी ठंडक बढ़ी है। सीएसए की ओर से जारी वेदर रिपोर्ट के अनुसार अधिकतम तापमान 14.3 डिग्री दर्ज किया गया जो कि सामान्य से 7.5 डिग्री कम है। जबकि शनिवार को अधिकतम तापमान 18.7 डिग्री दर्ज किया गया था। सुबह गिरी ओस की बूंदें सुबह से ही कोहरे के साथ ओस की बूंदे भी गिरती रही। सुबह घने कोहरे के चलते विजिबिलिटी शून्य दर्ज की गई। छुट्टी वाले दिन लोगों को भीषण ठंड का एहसास हुआ। न्यूनतम तापमान में भी एक दिन में 1.4 डिग्री गिरकर 8.2 डिग्री दर्ज किया गया जो कि सामान्य से 0.3 डिग्री कम है। दिन में भी बर्फीली हवाएं चलती रहीं। देर शाम से ही सड़कों पर धुंध छाने लगी। जो कि देर रात होते होते घने कोहरे में तब्दील हो गई। छाए रहेंगे बादल मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि कानपुर मंडल में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। दिन में धूप निकल सकती है, लेकिन सुबह शाम का धुंध और कोहरा बना रहेगा। आने वाले दिनों में उत्तर पश्चिमी हवाओं की गति बढ़ेगी, जिससे दोपहर में धुंध व कोहरा कम हो सकता है। भू-मध्य रेखा व बंगाल की खाड़ी में उठी हलचल के चलते बादल छा सकते हैं। हालांकि आने वाले 24 घंटों में बारिश की संभावना नहीं है। 41 ट्रेनें रही लेट बीते कई दिनों से कोहरे के चलते ट्रेनें भी देरी से कानपुर सेंट्रल पहुंच रही हैं। रविवार को 41 ट्रेनें तय समय से घंटों देरी से स्टेशन पहुंची। अयोध्या कैंट से चलकर आनंद विहार टर्मिनल जाने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस (22425) 2.56 घंटे, बनारस से नई दिल्ली जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (22435) 04.09 घंटे, वाराणसी से आगरा कैंट जाने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस (20175) 04.28 घंटे, नई दिल्ली से बनारस जाने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस (22416) 06.29 घंटे देरी से आई। नई दिल्ली से लखनऊ जाने वाली तेजस एक्सप्रेस (82502) 05.11 घंटे लेट रही। लखनऊ से चलकर नई दिल्ली जाने वाली स्वर्ण शताब्दी (12003) 5.13 घंटे देरी से सेंट्रल पहुंची। इनके अलावा राजधानी व अन्य ट्रेनें भी लेट रहीं।
नमस्कार लखनऊ, मुस्कुराइए, आज 29 दिसंबर, दिन सोमवार है... हम आपके लिए आज के इवेंट और आपसे जुड़ी काम की बातों को लेकर आए हैं। इसमें बता रहे हैं कि शहर में कहां और क्या-क्या हो रहा है। बिजली किन इलाकों में कटेगी, पानी किन इलाकों में नहीं आएगा। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट्स कहां हो रहे हैं। शहर का मौसम, सिटी का ट्रैफिक, सिनेमा, स्कूल-कॉलेज से जुड़ी जानकारियां भी हैं। पढ़िए क्या कुछ हैं, आपके काम की बातें... शहर में आपसे जुड़ी सुविधाएं और इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर- दैनिक भास्कर लखनऊ रिपोर्टिंग टीम से संपर्क करें-
साइबर अपराधियों ने ग्रेटर नोएडा में रहने वाले एक व्यक्ति को शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर 33 लाख रुपए ठग लिए। पीड़ित को 28 अक्टूबर को ई-एक्सीलेंट मार्केट स्ट्रैटजी इन्फॉर्मेशन नाम के वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल कर लिया गया। जिसमें नादिर वर्मा नाम का ठग ने खुद को भारतीय और अमेरिकी शेयर मार्केट एक्सपर्ट के रूप में पहचान बताई। साथ ही पीड़ित को ग्रुप में ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें पजेना इन्वेस्टमेंट नामक एक एप्लिकेशन पर रजिस्ट्रेशन करा लिया। झांसे में आने के बाद व्यक्ति ने खुद और पत्नी के नाम पर दो अकाउंट शुरू कर 9 से अधिक बार में 33 लाख रुपए ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिया। वहीं पीड़ित ने रुपए निकालने की कोशिश की तो ठगों ने संपर्क तोड़ लिया। वाट्सऐप ग्रुप से जोड़ा पुलिस को अतुल कुमार जैन ने बताया कि वह ग्रेटर नोएडा सेक्टर 16बी राधा स्काई गार्डन्स में रहते हैं। उनके पिता रेलवे से रिटायर्ड अधिकारी हैं। इसी साल 28 अक्टूबर को एक व्यक्ति ने उन्हें वॉट्सऐप पर मैसेज किया। जिसने खुद का नाम नादिर वर्मा बताया और भारतीय और अमेरिकी शेयर मार्केट का एक्सपर्ट होने की बात कही। इसके बाद पीड़ित को ठग ने 200 सदस्य वाले वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल कर लिया। झांसे में लेकर 45 मेंबर वाले ग्रुप में शामिल कुछ दिन बाद ठग ने दावा किया कि वह लगभग 40 बड़े निवेशकों का एक विशेष निवेश क्लब चलाता है। जिसमें भारतीय और अमेरिकी का शेयर बाजार खुलने से पहले के घंटों के दौरान निवेश किए जाते हैं। झांसे में लेने के बाद ठग ने उन्हें 45 मेंबर वाले क्लब में शामिल कर लिया और एक पनेजा एप्लिकेशन पर रजिस्ट्रेशन भी करा लिया। पीड़ित ने खुद के नाम और अपनी पत्नी के नाम पर दो अकाउंट शुरू किए थे। जिसमें 25 नवंबर से 9 दिसंबर तक 33 लाख रुपए निवेश किए। एक लाख रुपए निकाले 12 दिसंबर को मुनाफे की रकम 1 लाख रुपए निकाले। जिसे ठगों ने आसानी से विड्राल करने दिया। इसके बाद पीड़ित ने 14 दिसंबर को और रकम निकालने की पेशकश तो ठगों ने कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही ठगों ने संपर्क तोड़ लिया। पीड़ित ने तुरंत एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। मामले में साइबर थाने की पुलिस केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आईआईटी कानपुर के बैच ऑफ़ 2000 ने अपने सिल्वर जुबली रीयूनियन के दौरान अपने अल्मा मेटर (आईआईटी कानपुर) के लिए 100 करोड़ रुपए के योगदान की घोषणा की। यह भारत के सभी शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी बैच द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक योगदान है। अपने अल्मा मेटर के लिए इस ऐतिहासिक 100 करोड़ के योगदान के माध्यम से, मिलेनियम क्लास आईआईटी कानपुर में ‘मिलेनियम स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड सोसाइटी (MSTAS) की स्थापना को समर्थन देने की बात कही। यह घोषणा सिल्वर जुबली रीयूनियन समारोह का प्रमुख आकर्षण रही, जिसमें दुनिया भर से आए एलुमिनाई अपने कैंपस में एकत्र हुए और संस्थान के लिए एक बड़ा योगदान दिया। आईआईटी और पूर्व छात्रों के बीच अटूट संबंध आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रो. मणिंद्र अग्रवाल ने कहा कि क्लास ऑफ़ 2000 द्वारा दिया गया 100 करोड़ रुपए का यह योगदान आईआईटी कानपुर और उसके पूर्व छात्रों के बीच के अटूट संबंध का सशक्त प्रमाण है। इस प्रकार का सहयोग न केवल हमारे शैक्षणिक और शोध पारितंत्र को मजबूत करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी उस संस्थान को कुछ लौटाने के लिए प्रेरित करता है जिसने उनके जीवन को आकार दिया हैI डीन बोले हम आभारी आईआईटी कानपुर के डीन ऑफ रिसोर्स एंड एलुमनाई, प्रो. अमेय करकरे ने कहा यह योगदान आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र समुदाय को परिभाषित करने वाली साझेदारी की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है। क्लास ऑफ़ 2000 ने यह दर्शाया है कि पूर्व छात्रों की सक्रिय भागीदारी कैसे छात्रों, संकाय और समाज के लिए परिवर्तनकारी प्रभाव में बदल सकती है। उनके नेतृत्व और दूरदृष्टि के लिए हम अत्यंत आभारी हैं। आने वाली पीढ़ियों को सीखने के बेहतर अवसर मिलें बैच की ओर से क्लास ऑफ़ 2000 के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र नवीन तिवारी ने कहा कि आईआईटी कानपुर ने हमें सिर्फ़ एक डिग्री नहीं दी,उसने हमें बड़े सपने देखने, धारणाओं पर प्रश्न उठाने और उद्देश्य के साथ निर्माण करने का साहस दिया। यह योगदान हमारी सामूहिक कृतज्ञता का प्रतीक है और यह सुनिश्चित करने का हमारा प्रयास है कि आने वाली पीढ़ियों को सीखने और नेतृत्व करने के समान, बल्कि उससे भी बेहतर अवसर मिलें। हमारे स्थायी जुड़ाव का प्रमाण बैच ऑफ़ 2000 के बैच समन्वयक तमाल दास ने कहा कि सिल्वर जुबली रीयूनियन हम सभी के लिए गहरी यादों और आत्ममंथन का क्षण था। 100 करोड़ की सामूहिक प्रतिबद्धता हमारे साझा मूल्यों और आईआईटी कानपुर के साथ हमारे स्थायी जुड़ाव का प्रमाण है। हम अपने अल्मा मेटर के साथ मिलकर भविष्य के संस्थान-निर्माताओं को आकार देने की आशा करते हैं। रीयूनियन के दौरान एलुमिनाई ने कैंपस में अपनी कालेज लाइफ की यादों को ताजा किया। इसके अलावा जमकर जश्न मनाया।
भोपाल के पॉलिटेक्निक चौराहा स्थित मानस भवन के पीछे बसे 27 झुग्गी परिवारों को सोमवार सुबह हटाया जाएगा। भारी-भरकम पुलिस अमले के साथ जिला प्रशासन परिवारों को मालीखेड़ी में शिफ्ट करेगा। 4 एसडीएम, 4 तहसीलदार, 10 नायब तहसीलदार, 11 राजस्व निरीक्षक और 72 पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई है। चार दिन पहले 25 दिसंबर को इन्हें एसडीएम ने बेदखली के आदेश जारी किए थे। इस मुद्दे पर कांग्रेस भी मैदान में उतर गई हैं। रविवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी बस्ती में पहुंचे और उन्हें कार्रवाई का विरोध जताया था। दूसरी ओर, अपर कलेक्टर अंकुर मेश्राम ने सभी को सोमवार सुबह मानस भवन के पीछे आमद देने को कहा है। कुल 101 एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई है। यहां पर खसरा नंबर-1413/1 रकबा 31.5130 हेक्टेयर नोईयत वन अंशभाग 5613 वर्ग फीट के अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई होगी। यह साल की आखिरी बड़ी कार्रवाई होगी। इससे पहले हथाईखेड़ा में बेशकीमती सरकारी जमीन से सालों पुराना कब्जा हटाया जा चुका है। कांग्रेस का विरोध-कार्रवाई को लेकर गोलमटोल जवाबमानस भवन के पीछे झुग्गी में रहने वाले परिवारों की शिफ्टिंग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष पटवारी, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा समेत कांग्रेस सवाल खड़े कर चुकी हैं। कांग्रेस ने कार्रवाई का विरोध जताया है। रविवार को प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने एडीएम को खरी-खोटी सुनाई थी। अफसरों को डर है कि कहीं कार्रवाई के दौरान कोई हंगामा न हो जाए। इसलिए पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखा जा रहा है। एडीएम के आदेश अनुसार, 29 दिसंबर की सुबह 6 बजे से अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। समझा जा रहा है कि इसके बाद कार्रवाई हो सकती है। दूसरी ओर, एसडीएम दीपक पांडे का कहना है कि परिवारों को बेहतर जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। कार्रवाई सोमवार को ही होगी? इस सवाल को लेकर भी अफसर गोलमटोल जवाब दे रहे हैं। कार्रवाई के दौरान 4 एसडीएम रविशंकर राय, दीपक पांडे, लक्ष्मीकांत खरे, अर्चना शर्मा, 4 तहसीलदार हर्षवर्धन सिंह, अनुराग त्रिपाठी, करुणा दंडोतिया, सौरभ वर्मा, नायब तहसीलदार राजेश गौतम, अतुल शर्मा, सुनीता देहलवार, प्रेमप्रकाश गोस्वामी, योगेश श्रीवास्तव, दिनकर चतुर्वेदी, मो. इदरीश खान, प्रतिनेश तिवारी, शुभम जैन और अंकिता यदुवंशी की ड्यूटी लगाई गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बोले- कलेक्टर को बता देना, एक भी ईंट हटाओगे तो मैं यहां खड़ा मिलूंगापीसीसी चीफ पटवारी रविवार को मानस भवन में सामाजिक न्याय सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे। यहां मानस भवन से लगी आदिवासियों की झुग्गी बस्ती की महिलाएं नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी के साथ पटवारी से मिलने पहुंचीं। आदिवासी बस्ती की महिलाओं ने जीतू पटवारी से कहा कि करीब 60-70 साल से हम लोग यहीं पीछे झुग्गी बस्ती में रहते आए हैं। प्रशासन ने हमारे घर तोड़ने का नोटिस दिया है। आप हमारी स्थिति देख लीजिए, तंग गलियों में हमने कर्ज लेकर जैसे तैसे छोटे-छोटे घर बनाए अब प्रशासन इन्हें मानस भवन के लिए तोड़ना चाहता है। इसके बाद जीतू पटवारी आदिवासी बस्ती में खुद गए और स्थिति को देखा। मौके से ही पटवारी ने पहले स्थानीय एसडीएम दीपक पांडे को फोन किया और कहा कि मैंने कलेक्टर साहब को फोन लगाया था, उनका फोन बंद आ रहा है। मैं चीफ सेक्रेटरी से भी बात कर रहा हूं। ये मानस भवन वाले मकान अगर आप तोड़ोंगे तो हम आपके खिलाफ खड़े रहेंगे। मैं खुद भी आऊंगा और हमारी पूरी कांग्रेस रहेगी। ये बता देना। पटवारी ने एडीएम मेश्राम को भी कॉल किया और कहा कि पुरानी आदिवासी बस्ती है अगर इसे तोड़ोंगे तो बता देना प्रशासन को, मैं और पूरी कांग्रेस यहां खड़ी मिलेंगी। तीन जगहों पर शिफ्टिंग का अनुमानइन परिवारों को भौंरी, कलखेड़ा, और मालीखेड़ी में बने आवासों में शिफ्ट किया जाएगा। यहां पर लोगों को निशुल्क, यानी बिना राशि लिए, ये आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। आवास की राशि 2 लाख प्रति परिवार मानस भवन प्रबंधन उठाएगा। मालीखेड़ी को लेकर राशि भी नगर निगम को जमा करवा दी गई है। 70 साल पुरानी है ये बस्ती यह बस्ती लगभग 70 साल पुरानी है। यहां 27 से अधिक आदिवासी और कुछ गैर-आदिवासी परिवार रहते हैं। शासन ने 25 अगस्त को नोटिस जारी किया और कहा गया कि सात दिन में जगह खाली करें। यहां 27 परिवारों के 200 से ज्यादा लोग रहते हैं। दीवाली के दौरान शिफ्टिंग का विरोध भी हुआ था।
भोपाल में अमन कॉलोनी स्थित ईरानी डेरे में रविवार को पुलिस पर हमला हो गया। निशातपुरा के इस इलाके में रहने वाले अधिकतर लोग देशभर में लूट, चोरी और ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए बदनाम हैं। इनमें से दो बदमाशों का इसी साल दिल्ली में एनकाउंटर हो चुका है। रविवार को पुलिस ईरानी डेरे के प्रमुख राजू ईरानी को पकड़ने अमन कॉलोनी पहुंची थी। उसने सागर जिले के एक सर्राफा कारोबारी को सीबीआई अधिकारी बनकर ठगा था। पुलिस पर हमले के बाद गिरफ्तार किए गए काला ईरानी ने भोपाल पुलिस की पूछताछ में सीबीआई अधिकारी और पत्रकार बनकर ठगी की वारदातें करने की बात स्वीकार की है। छापेमारी के दौरान उसके घर से पुलिस को एक न्यूज चैनल की माइक आईडी भी मिली है। दुबई तक बेचते हैं झपटमारी के मोबाइल फोन20 दिसंबर 2025 को हबीबगंज थाना इलाके में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास बाइक सवार दो लुटेरों ने एक वेटरनरी डॉक्टर से मोबाइल फोन लूटा था। फरियादी डॉ. मोहित सिंह बघेल मूल रूप से भिंड के निवासी हैं। भागते समय लुटेरों की बाइक आगे जाकर एक वाहन से टकरा गई। दोनों लुटेरे घायल हो गए। राहगीरों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार दोनों लुटेरे- अली हसन (19) और मो. अली (19) ईरानी डेरे में ही रहते हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे महंगे मोबाइल फोन लूटकर मुंबई भेजते हैं, जहां से उन्हें दुबई पहुंचा दिया जाता है। फिलहाल, पुलिस उनके नेटवर्क की जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दो बदमाशों को किया था गिरफ्तारइसी साल जुलाई महीने में दिल्ली पुलिस ने अमन कॉलोनी निवासी ईरानी गैंग के दो सदस्यों- मुर्तजा अली उर्फ दमार (38) और सिराज अली (40) को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। पुलिस को उनके दिल्ली में छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर इंद्रप्रस्थ पार्क के पास रात में घेराबंदी की गई। पुलिस को देखते ही आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों आरोपी गोली लगने से घायल हो गए थे। जांच में सामने आया कि दोनों के खिलाफ देश के कई राज्यों में हत्या के प्रयास, लूट, चोरी और ठगी जैसे संगीन अपराध दर्ज हैं। वे कई मामलों में फरार चल रहे थे। दिल्ली पुलिस ने दोनों के खिलाफ नया केस दर्ज किया था। सागर पुलिस पर मिर्च पाउडर फेंका, पथराव किया थाईरानी डेरे के 4 कुख्यात बदमाश साल 2020 में 9-10 नवंबर को वे सागर जिले के खुरई पहुंचे थे। यहां एक ज्वेलर्स शॉप में खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर रेड की बात कही और जरूरी दस्तावेज मांगे। दुकानदार को शक होने पर आरोपियों ने गन पॉइंट पर जेवरात से भरा बैग लूटा और फरार हो गए। सीसीटीवी फुटेज से उनकी पहचान- रिजवान हुसैन, गुलाम उर्फ काकड़ी, तकबीर अली और खैबर अली के रूप में गई। जांच में सामने आया कि वे भोपाल के ईरानी डेरे के निवासी हैं और राजू की गैंग के सदस्य हैं। इसके बाद खुरई पुलिस उनकी तलाश में भोपाल पहुंची। छोला और निशातपुरा पुलिस के साथ अमन कॉलोनी में तड़के दबिश दी और दोनों संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। लेकिन बदमाशों को ले जाते समय ईरानी डेरे के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। इनमें से कुछ लोगों ने पुलिस पर मिर्च पाउडर फेंक दिया, फिर पथराव होने लगा। हालात बिगड़ने पर पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। पत्थर लगने से 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार किए बिना ही भागना पड़ा था। मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... भोपाल के ईरानी डेरे में पुलिस से झूमाझटकी-पत्थर फेंके भोपाल में हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने पहुंची पुलिस पर हमला हो गया। पहले स्थानीय महिलाओं ने पुलिस का रास्ता रोका, फिर पुरुषों के साथ मिलकर जवानों से झूमाझटकी की। पुलिस ने लाठी चार्ज कर हंगामाइयों को खदेड़ा। बलवा करने के आरोप में 24 पुरुष और 10 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। पढ़ें पूरी खबर...
मैनपुरी में रविवार रात नकाबपोश बदमाशों ने एक घर में घुसकर किशोरी पर स्प्रे कर दिया और करीब 20 लाख रुपए के जेवरात व नकदी लूटकर फरार हो गए। वारदात किशनी नगर पंचायत के गांव पृथ्वीपुर की है, जो थाने से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव पृथ्वीपुर निवासी कमलेश प्रजापति ट्रक चालक हैं। रविवार रात करीब आठ बजे उनकी 10 वर्षीय बेटी आस्था घर की दूसरी मंजिल पर टीवी देख रही थी। इसी दौरान उसकी मां राखी और भाई घर के बाहर अहाते में भैंस के बच्चा देने के कारण मौजूद थे। घर में आस्था को अकेला पाकर दो नकाबपोश बदमाश अंदर घुस आए। किशोरी के अनुसार, बदमाशों ने उसके चेहरे पर स्प्रे कर दिया, जिससे वह अर्धबेहोशी की हालत में चली गई। इसके बाद बदमाशों ने कमरे में रखी अलमारी खोलकर उसमें रखे कीमती जेवरात और नकदी समेट ली। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों बदमाश छत के रास्ते फरार हो गए। कुछ देर बाद होश में आने पर आस्था ने किसी तरह सीढ़ियों की कुंडी खोली और बाहर निकलकर शोर मचाया। आवाज सुनकर उसकी मां मौके पर पहुंची। ग्रामीणों के पहुंचने पर देखा गया कि अलमारी खुली थी और जेवरात गायब थे। पीड़िता की मां राखी ने बताया कि बदमाश दो अंगूठी, एक जंजीर, करधनी, पायलें, नेकलेस, तोड़ियां और नकदी लूट ले गए हैं। लूटे गए सामान की अनुमानित कीमत करीब 20 लाख रुपये बताई जा रही है। सूचना मिलने पर पीआरवी पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। आंखों में स्प्रे पड़ने से बदहवास किशोरी का उपचार कराया गया। घटना की जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष छत्रपाल सिंह ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। फिलहाल पीड़ित परिवार की ओर से तहरीर नहीं दी गई है, लेकिन पुलिस बदमाशों की तलाश में जुटी हुई है।
नमस्कार, कानपुर में कल (रविवार) की बड़ी खबर हैलट में जिंदा मरीज को मरा घोषित करने की रही। डॉक्टर ने जिंदा आदमी को मरा बता दिया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने 3 को सस्पेंड कर दिया। बीते 24 घंटे में दिन का तापमान 4.4 डिग्री गिरने से दिन में भी ठंडक बढ़ी है। मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 14.3 डिग्री दर्ज किया गया जो कि सामान्य से 7.5 डिग्री कम है। कानपुर-सागर हाईवे पर 50 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। भाजपा पार्षद ने कहा कि नगर निगम में महापौर का बेटा मालिक बन कर बैठा हुआ है। चेन्नई एक्सप्रेस के एक्टर ‘थंगाबली’ जू में शेर और चीते को देख कर बोले-WOW। फैंस ने उनके साथ सेल्फी ली। कानपुर की ऐसी ही 10 बड़ी खबरों से गुजरने के लिए ऊपर वीडियो पर क्लिक करें…।
नव वर्ष एवं त्योहारी सीजन में बढ़े हुए यात्री यातायात को देखते हुए रेलवे की ओर से यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। जोधपुर मंडल से चलने एवं गुजरने वाली 10 जोड़ी ट्रेनों में 1 से 31 जनवरी 2026 तक अस्थाई रूप से अतिरिक्त डिब्बे लगाए जाएंगे। इस व्यवस्था से रणकपुर, इंटरसिटी, इंदौर, रणथंबोर, मरुधर, दादर, साबरमती, जैसलमेर एवं हमसफर सहित विभिन्न ट्रेनों में एसी थ्री टियर, स्लीपर तथा जनरल श्रेणी के अतिरिक्त कोच जोड़े जाएंगे, जिससे प्रतीक्षा सूची व जनरल टिकट वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। रणकपुर और इंटरसिटी में एसी डिब्बों की बढ़ोतरी मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि ट्रेन संख्या 14707/14708 हनुमानगढ़-दादर-हनुमानगढ़ रणकपुर एक्सप्रेस में एक एसी थ्री टियर डिब्बे की अस्थाई बढ़ोतरी की जा रही है। ट्रेन संख्या 22977/22978 जयपुर-जोधपुर-जयपुर इंटरसिटी सुपरफास्ट में एक फर्स्ट सह सेकंड एसी क्लास व एक एसी थ्री टियर डिब्बा जोड़ा जाएगा। ट्रेन संख्या 14801/14802 जोधपुर-इंदौर-जोधपुर एक्सप्रेस में एक स्लीपर और तीन जनरल डिब्बों की अस्थाई बढ़ोतरी की जा रही है। इसी प्रकार ट्रेन संख्या 12465/12466 इंदौर-भगत की कोठी-इंदौर रणथंबोर सुपरफास्ट में एक स्लीपर और तीन जनरल डिब्बे जोड़े जाएंगे। मरुधर एक्सप्रेस में भी मिलेगी सुविधा ट्रेन संख्या 14854/14864/14866 व 14853/14863/14865 जोधपुर-वाराणसी सिटी-जोधपुर मरुधर एक्सप्रेस में एक एसी थ्री टियर डिब्बे की अस्थाई बढ़ोतरी से प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। दादर और साबरमती रूट पर भी अतिरिक्त कोच ट्रेन संख्या 14807/14808 जोधपुर-दादर-जोधपुर एक्सप्रेस, ट्रेन संख्या 20483/20484 भगत की कोठी-दादर-भगत की कोठी सुपरफास्ट, ट्रेन संख्या 20485/20486 जोधपुर-साबरमती-जोधपुर सुपरफास्ट और ट्रेन संख्या 20492/20491 साबरमती-जैसलमेर-साबरमती सुपरफास्ट प्रत्येक में एक-एक थ्री टियर एसी तथा दो-दो स्लीपर क्लास के डिब्बे अस्थाई तौर पर जोड़े जा रहे हैं। वहीं ट्रेन संख्या 20481/20482 भगत की कोठी-तिरुचिरापल्ली-भगत की कोठी हमसफर साप्ताहिक सुपरफास्ट में एक स्लीपर डिब्बे की अस्थाई बढ़ोतरी की जा रही है।
गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी और प्रो कबड्डी लीग में यू मुंबा के कप्तान सुनील कुमार का आगमन हुआ। उनके गोरखपुर पहुंचने पर खेल प्रेमियों में खासा उत्साह देखने को मिला। सुनील कुमार न सिर्फ प्रो-कबड्डी लीग में अपनी कप्तानी के लिए जाने जाते हैं, बल्कि वे पूर्वोत्तर रेलवे और भारतीय रेलवे कबड्डी टीम के भी कप्तान हैं। प्रो कबड्डी लीग में सबसे सफल कप्तान की उपलब्धि भी सुनील के पास है। इस मौके पर भास्कर रिपोर्टर ने उनसे उनकी खेल यात्रा, डाइट प्लान और युवाओं के लिए संदेश को लेकर खास बातचीत की। पढिए पूरा इंटरव्यूरिपोर्टर : गोरखपुर में आपका स्वागत हैखिलाड़ी : जी धन्यवाद!सवाल : आप अपनी जर्नी बताएजवाब : हमारी जर्नी तो बहुत पहले स्टार्ट हो चुकी थी मैं 6 साल से प्रो कबड्डी लीग का कप्तान हूं, 4 साल से NER का कप्तान हूं। लंबे समय से कप्तानी करना मेरे लिए गर्व की बात है, लेकिन इसके पीछे कड़ी मेहनत और अनुशासन सबसे बड़ा कारण है।सवाल : अपना डायट प्लान बताइएजवाब : डायट प्लान तो अलग-अलग होता है। कैंप और कंपटीशन होता है तो हमारा अलग-अलग डाइट प्लान होता है। हमारा डाइट प्लान न्यूट्रिशन बनाते हैं कि हमें कब-कब क्या लेना चाहिए।सवाल : चीन में हुए एशियन गेम में गोल्ड मैडल जीतकर कितना मोटिवेट हुए ?जवाब : 2023 में चीन में एशियन गेम में वहा पर मैं इंडियन टीम का वाइस कैप्टन था, और टीम ने गोल्ड मैडल जीता था। एशियन गेम्स में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना मेरे करियर का यादगार पल रहा। पूरी टीम के शानदार प्रदर्शन से यह सफलता मिली।सवाल : जो युवा खिलाड़ी कबड्डी के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं उनको आप क्या संदेश देंगे ?जवाब : उनके लिए तो मैं कहूंगा, अच्छी प्रैक्टिस करो, अच्छी डाइट लो, कभी भी शॉर्टकट का रास्ता मत चुनो, हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए साथ ही कोच और माता-पिता का आशीर्वाद लेकर आगे बढ़ो।मैं मानता हूँ कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता और कोच व माता-पिता का सहयोग हमेशा साथ होना चाहिए।रिपोर्टर : बहुत- बहुत धन्यवाद अपना समय देने के लिए खिलाड़ी : थैंक्यू सो मच
गोरखपुर के वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज में रविवार को विधायक खेल स्पर्धा के अंतर्गत विधानसभा गोरखपुर की प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर सांसद रवि किशन शुक्ल मौजूद रहे। उन्होंने उद्घाटन की घोषणा के बाद गुब्बारे छोड़ा, उसके बाद खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर परिचय प्राप्त कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। विधायक खेल स्पर्धा में एथलेटिक्स, कुश्ती, वॉलीबॉल, कबड्डी और जूडो का आयोजन किया गया। सभी तरह के खेलों के लिए खिलाड़ियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। सभी ने प्रतियोगिता जीतने के लिए अपना जोर लगाया। इन रोमांचक मुकाबले ने दर्शकों में उत्साह भर दिया। रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम ने मारी बाजी कबड्डी सब जूनियर और जूनियर बालिका वर्ग में रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम, सब जूनियर बालक वर्ग में नीना थापा इंटर कॉलेज, जूनियर बालक वर्ग में रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम गोरखपुर की टीम विजेता रही। वहीं एथलेटिक्स के 100 मीटर दौड़ बालक, सब जूनियर वर्ग में प्रवेश यादव प्रथम। जबकि बालिका वर्ग में रागिनी प्रथम रहीं। इसके अलावा सीनियर बालक वर्ग में 1500 मीटर दौड़ में स्वप्निल, सीनियर बालिका वर्ग में 800 मीटर में रौनक यादव प्रथम रहे। जबकि लंबी कूद जूनियर बालक वर्ग ने इंद्रजीत और बालिका वर्ग में रागिनी प्रथम रहे। इस अवसर पर खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन के लिए मुख्य अतिथि सांसद रवि किशन के साथ डॉ० आर०पी० सिंह, महेन्द्र पाल सिंह, विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ला, आले हैदर क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी, शाश्वत त्रिपुरारी, बृजेश यादव, अजय त्रिवेदी, दिनेश सिंह, समरेन्द्र विक्रम सिंह, आदित्य प्रताप सिंह आगू, जय यदुवंशी,अमित सिंह और खेल विभाग के अधिकारी, प्रशिक्षक उपस्थित थे।
रेवाड़ी में 35 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (BDPO) सौरभ उपाध्याय अभी प्रोबेशन पर था। छह महीने पहले रेवाड़ी में पहली पोस्टिंग मिली थी। अब बीडीपीओ बेटे के पक्ष में पिता विपिन उपाध्याय सामने आए हैं। वो खुद रिटायर्ड अधिकारी हैं। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि उनके बेटे को साजिशन फंसाया गया है। पिता ने कहा कि पिछले साल सौरभ ने UPSC का प्रीलिम्स पास कर लिया था, लेकिन इंटरव्यू में चूक गया। अब दोबारा तैयारी के लिए 6 माह की छुट्टी लेनी थी। कुछ लोगों को उनके बेटे की ईमानदारी पंसद नहीं थी। उन्होंने साजिश के तहत उसे फंसा दिया। सौरभ मूलरूप से यूपी के हैं। पिता बोले-पुलिस ने बेटे की पिटाई कीविपिन उपाध्याय ने कहा कि उनका बेटा HCS स्तर का अधिकारी है। जिसकी पुलिस वालों ने पिटाई की। सरकार को चाहिए कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करें। जिससे इस साजिश के पीछे छुपे चेहरों के नकाब उतर सके। छह माह पहले मिली रेवाड़ी में पोस्टिंगपिता विपिन उपाध्याय ने बताया कि सौरभ को छह माह पहले ही रेवाड़ी में बीडीपीओ की पोस्टिंग मिली थी। सौरव ने ईओ की परीक्षा में देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। उसका आईएएस अधिकारी बनने का सपना था। पिछले साल UPSC प्री परीक्षा पास कर इंटरव्यू में रहने के बाद इस बार फिर तैयारी करनी थी। छह माह की छुट्टी लेने के लिए डीसी से बात भी की थी। मैं क्या कहूं, सरपंचों और कर्मचारियों से पूछाबेटे सौरभ के रिश्वत लेने के सवाल पर पिता विपिन ने कहा- बंद कमरे में क्या हुआ मैं कैसे बता सकता हूं। जहां तक ईमानदारी की बात है तो उसके साथ काम करने वाले कर्मचारियों और सरपंचों से पूछना चाहिए। उसके छुट्टी लेने की तैयारी के बीच अचानक 50 लाख के बिल कहां से आ गए। पिता ने उठाए 3 अहम सवाल 26 दिसंबर को किया था गिरफ्ताररेवाड़ी के बीडीपीओ सौरभ उपाध्याय को नूंह एसीबी ने 26 दिसंबर को 35 हजार रुपए की रिश्वत के साथ पकड़ा था। सौरभ के खिलाफ ब्लॉक समिति चेयरपर्सन ममता यादव के पति रविंद्र खोला ने शिकायत की थी। बीडीपीओ की गिरफ्तारी से ज्यादा इस मामले में नूंह एसीबी की एंट्री और चेयरपर्सन के पति रविंद्र खोला की शिकायत की अधिक चर्चा थी। गिरफ्तारी का हुआ था विरोध26 दिसंबर को बीडीपीओ सौरभ उपाध्याय को गिरफ्तार का कुछ लोगों ने विरोध हुआ था। नूंह एसीबी की टीम को सामने गाड़ी खड़ी कर रोका गया था। जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। रास्ता खुलवाने के लिए एसीबी के इंजार्च इंस्पेक्टर जाकिर हुसैन को स्वयं गाड़ी से नीचे उतरना पड़ा था
लुधियाना नगर निगम की सेवाओं की सभी सेवाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। नगर निगम ने दफ्तर के सिस्टम को लगभग ऑनलाइन कर दिया है। अब निगम पार्षदों के जरिए होने वाले कार्यों को भी ऑनलाइन करने जा रहा है। पार्षदों को हाईटेक कर दिया जाएगा इसके लिए उन्हें बाकायदा iPad दिए जाएंगे। डिजिटल ई-निगम सेवाओं को और मजबूत करने के लिए 132 टैबलेट खरीदने का प्रस्ताव नगर निगम हाउस की बैठक में पास हो गया है। नगर निगम ने iPad या एंड्रॉयड टैबलेट खरीदने का ऑप्शन रखा है लेकिन अफसरों व पार्षदों ने iPad को प्राथमिकता दी है। हालांकि इसका फैसला आखिर में पर्चेज कमेटी ही करेगी। नगर निगम ई-निगम पोर्टल और ऐप के जरिए जनरल हाउस की कार्यवाही से लेकर अन्य सभी कार्यों को पूरी तरह पेपरलेस बनाने की दिशा में काम कर रहा है। सभी पार्षदों को आईपैड उपलब्ध कराने के बाद उन्हें ई-निगम पोर्टल से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा निगम हाउस की बैठक का एजेंडा, प्रस्ताव और वोटिंग प्रक्रिया भी आईपैड के जरिए ही हो सकेगी। पार्षदों के बनेंगे लॉगइन नगर निगम सभी पार्षदों के लॉगइन आईडी बनाएगा और पासवर्ड जनरेट करेगा। पार्षद अपनी लॉगइन आईडी से ही निगम से संबंधित सभी काम कर सकेंगे। इसमें शिकायत से लेकर निगम की सुविधाओं और आने वाले प्रोजेक्टों व अलग अलग बैठकों की कार्रवाई की जानकारी भी मिलेगी। अफसर बोले, iPad ज्यादा बेहतर मेयर व कमिश्नर ने अफसरों से आईपैड व एंड्रॉयड टैबलेट में तुलना करके रिपोर्ट देने को कहा था। अफसरों की रिपोर्ट के मुताबिक iOS (Apple iPad) को सीमित डिवाइस रेंज, बेहतर सुरक्षा, नियमित और लंबे समय तक मिलने वाले सॉफ्टवेयर अपडेट तथा सेंट्रलाइज्ड सर्विस सपोर्ट के कारण तकनीकी रूप से अधिक स्थिर माना गया है। वहीं, Android टैबलेट में विभिन्न निर्माताओं के कारण हार्डवेयर विकल्प ज्यादा हैं और शुरुआती लागत कम है, लेकिन डिवाइस फ्रैगमेंटेशन और अपडेट असमानता को चुनौती बताया गया है। 132 टैबलेट की कुल लागत: iPad मिलने से पार्षदों को मिलेंगी ये सुविधाएं जनरल हाउस पूरी तरह पेपरलेस: एजेंडा, प्रस्ताव, नोटिस और कार्यवाही अब कागज़ पर नहीं बल्कि iPad पर मिलेगी। इससे समय और कागज दोनों की बचत होगी। ई-निगम पोर्टल का सीधा उपयोग: पार्षद सीधे iPad के माध्यम से प्रस्ताव देख सकेंगे, सवाल व सुझाव दर्ज कर सकेंगे तथा प्रस्तावों पर वोटिंग या समर्थन कर सकेंगे। पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी: सभी रिकॉर्ड डिजिटल होने से फैसलों की ट्रैकिंग आसान होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। तेजी से निर्णय प्रक्रिया: फाइलें इधर-उधर घूमने के बजाय एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी, जिससे निर्णय लेने में देरी कम होगी। फील्ड से सीधे काम: पार्षद अपने वार्ड से ही नगर निगम में शिकायतें दर्ज कर सकेंगे। फोटो और जानकारी अपलोड करके अफसरों को समस्या से अवगत करा सकेंगे। इसके अलावा अफसरों के साथ सीधा संपर्क हो जाएगा। पार्षद ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा सकेंगे: वार्ड में सीवरेज जाम, पानी व सफाई से संबंधित समस्याओं को दर्ज करवाने के लिए लोग पार्षद के पास जाते हैं। पार्षद उन शिकायतों को अपने रजिस्टर में दर्ज करते हैं और उसके बाद नगर निगम की संबंधित ब्रांच को फोन करते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। जब पब्लिक उनके पास शिकायत दर्ज करवाने जाएगी तो पार्षद आईपैड के जरिए सीधे पोर्टल पर शिकायत अपलोड कर देगा और उसके बाद पार्षद उस शिकायत को भी ट्रैक कर सकेगा। जो कर्मचारी शिकायत को अटकाएगा उसका रिकार्ड भी पार्षद के पास होगा। ऐसे में वो सीनियर अधिकारी को संबंधित कर्मचारी के बारे में बता सकेगा। दस्तावेज वेरिफिकेशन: पंजाब सरकार व केंद्र सरकार के ई-सेवा पोर्टल के जरिए कई पार्षदों को कई दस्तावेजों की वेरिफिकेशन ऑनलाइन ही करनी पड़ती है। पब्लिक को अपने दस्तावेजों की वेरिफिकेशन के लिए अब पार्षदों के पास चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जैसे ही सेवा केंद्र से दस्तावेज पार्षद की आईडी में आएगा वैसे ही वो आईपैड के जरिए उसे अप्रूव कर सकेगा। ई-निगम सेवाओं के जरूरी है हाईटेक होना नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल ने कहा ई निगम सेवाओं के लिए पार्षदों का हाईटेक सिस्टम से जुड़ना जरूरी है। उन्होंने बताया कि पार्षदों को निगम स्टाफ व अधिकारियों के साथ कम्युनिकेशन में आसानी रहेगी और पब्लिक की शिकायतें भी जल्दी एड्रेस हो जाएंगी।
राजस्थान में 3 विधायकों का कमीशन लेकर MLA फंड से काम करवाने का मामला ठंडा नहीं हो रहा है। खींवसर से बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा, हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और बयाना से निर्दलीय विधायक डॉ. ऋतु बनावत अपने कमीशन की डील करते हुए भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन के तहत कैमरे में कैद हुए थे। अब सभी की निगाहें इस मामले में राजस्थान विधानसभा की सदाचार समिति के रिपोर्ट और उसके बाद होने वाले एक्शन पर टिकी हैं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मामले की जांच राजस्थान विधानसभा की सदाचार समिति को जांच सौंप दी थी। अब सदाचार समिति की रिपोर्ट का इंतजार है। इसी के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष कोई फैसला करेंगे। सवाल यह है कि यदि सदाचार समिति की रिपोर्ट में तीनों विधायक दोषी पाए जाते हैं, तो विधायकी जा सकती है? विधानसभा अध्यक्ष किस तरह की कार्रवाई कर सकते हैं? क्या पेंशन से भी हाथ धोना पड़ सकता है? क्या विधायक कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं? भास्कर ने विधायी कार्यों के एक्सपर्ट शांतिलाल चपलोट (पूर्व विधानसभा अध्यक्ष) से ऐसे ही कई सवालों के जवाब जाने... भास्कर : कमीशन लेते-मांगते वीडियो में रिकॉर्ड हुए 3 एमएलए से जुड़ा मामला आपने देखा?एक्सपर्ट : हां देखा। मामला बहुत गंभीर लग रहा है। रंगे हाथों पकड़े जाने जैसा। नोटों की गड्डियां लेते दिख रहे हैं। एमएलए कमीशन लेने के लिए या भ्रष्ट आचरण के लिए थोड़े ही चुने गए हैं। नेता खुद ऐसे काम करे, तो दूसरों को क्या रास्ता बताएगा। समाज में जनप्रतिनिधियों का मान-सम्मान इसी कारण कम हो रहा है, क्योंकि जनप्रतिनिधियों को जो काम नहीं करने चाहिए, वे करते जा रहे हैं। जनता के लिए जो ईमानदारी के साथ काम करने चाहिए, वह वे कर नहीं रहे। या फिर, ये लोग जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे। भास्कर : सदाचार समिति कैसे इस मामले की पड़ताल करेगी? इसके क्या अधिकार हैं?एक्सपर्ट : राजस्थान विधानसभा की याचिका एवं सदाचार समिति जनता की शिकायतों और विधायकों के आचरण से जुड़े मामलों की जांच करती है। जैसे विधानसभा सदस्यों के कदाचार, आचार संहिता के उल्लंघन या नैतिक दुर्व्यवहार की जांच करना। यदि किसी विधायक का आचरण गड़बड़ है, तो विधानसभा अध्यक्ष अपने स्तर पर कोई फैसला लेने से पहले मामले को जांच के लिए सदाचार समिति को सौंप देता है। समिति नोटिस जारी कर संबंधित विधायकों को सफाई या बयान देने का मौका देती है। उनसे उनके पक्ष के सबूत भी लिए जाते हैं। मतलब, कोर्ट के जैसे ही संबंधित विधायकों को बचाव का पूरा मौका दिया जाता है। समिति मामले से जुड़े बाहरी व्यक्तियों को भी तलब करती है। समिति सबूत जुटाती है और गवाहों से पूछताछ करती है। सबूत और विधायकों की सफाई के आधार पर समिति अपने स्तर पर जांच करने के बाद सभी पहलुओं को देखते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार करती है। रिपोर्ट में बताया जाता है कि मामला बनता भी है या नहीं। रिपोर्ट में आगे की कार्रवाई के लिए सिफारिशें भी होती हैं। फिर, रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी जाती है। इसके बाद सदाचार समिति की रिपोर्ट पर विधानसभा अध्यक्ष निर्णय करता है। भास्कर : यदि सदाचार समिति की जांच में ये MLA दोषी पाए जाते हैं तो विधानसभा अध्यक्ष को किस तरह के एक्शन लेने का अधिकार है?एक्सपर्ट्स : सबूत पुख्ता हों और सदाचार समिति संबंधित विधायक की सफाई से संतुष्ट नहीं होती, तो वह अपनी रिपोर्ट में तथ्यों का हवाला देते हुए दोष सिद्ध होने की बात अपनी रिपोर्ट में लिखती है। विधानसभा अध्यक्ष उस रिपोर्ट के आधार पर फैसला करता है। यदि छोटे-मोटे कदाचार हों तो सदन में संबंधित विधायकों के लिए निंदा प्रस्ताव भी लाया जा सकता है। कुछ बड़ा मामला हो तो संबंधित दोषी विधायक को निलंबित किया जा सकता है। लेकिन अपराध संगीन हो, तो संबंधित विधायक के कदाचार की भर्त्सना या निलंबन जैसी दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकता है। विधानसभा अध्यक्ष का फैसला ही अंतिम फैसला होता है। भास्कर : क्या विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से उनकी विधायकी भी जा सकती है?एक्सपर्ट : हां, जा सकती है। यदि सदाचार समिति की रिपोर्ट में अपराध सिद्ध होने की बात होती है, तो विधानसभा अध्यक्ष संबंधित विधायक की विधायकी तक छीन सकता है। मतलब, विधायक को पद से हटा सकता है। अध्यक्ष का पद से हटाए जाने का फैसला आते ही, संबंधित विधायक की विधायकी चली जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष संबंधित एजेंसी (सीआईडी-सीबी) को एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच के लिए भी निर्देश दे सकता है। भास्कर : पहली बार के एमएलए हैं, क्या उनकी पेंशन भी विधानसभा अध्यक्ष अपने फैसले से रोक सकते हैं?एक्सपर्ट : बिलकुल। संविधान में विधानसभा अध्यक्ष को काफी बड़े अधिकार दिए गए हैं। विधानसभा में वह सुप्रीम पावर होता है और वह पद से हटाने के साथ पेंशन तक रोके जाने का सख्त फैसला भी सुना सकता है। डांगा, जाटव या बनावत पहली बार विधायक बने हैं। विधानसभा अध्यक्ष यदि इन्हें पद से हटाते हुए इनकी पेंशन रद्द करने के आदेश दे देता है, तो संबंधित विधायकों को पेंशन तक से हाथ धोना पड़ सकता है। भास्कर : क्या MLA विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं?एक्सपर्ट : विधानसभा अध्यक्ष सदन में सर्वेसर्वा होता है। आम तौर पर देखें, तो अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ कोई भी एमएलए हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। लेकिन ये कमीशन लेने और मांगने वाला संगीन मामला है, जो वीडियो में रिकॉर्ड हो चुका है। ऐसे मामलों के लिए कोर्ट की राह भी आसान नहीं होती। यदि विधानसभा अध्यक्ष इन तीनों एमएलए के खिलाफ विधायक पद से हटाए जाने जैसा कोई सख्त फैसला दे देते हैं, तो सदस्यता तो तत्काल चली जाएगी। मामले को लंबा खींचने के मंशा से एमएलए अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ अपनी याचिका हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लगा सकते हैं। कोर्ट संबंधित एमएलए की याचिका की जांच करेगा। जब सबूत पुख्ता हों, तो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट अपने विवेक से सुनवाई नहीं करने का फैसला कर सकते हैं। एमएलए का संगीन अपराध, जिसके पुख्ता सबूत हों, ऐसे मामलों में अदालतों के सुनवाई करने से मना करने के चांसेस ज्यादा रहते हैं। कुल मिलाकर विधायक कोर्ट जा तो सकते हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल सकती। भास्कर : आमतौर पर सदाचार समिति की जांच रफ्तार काफी धीमी रहती है और आरोपी MLA अपना कार्यकाल पूरा कर लेते हैं?एक्सपर्ट : हां। आमजन के बीच ये यह परसेप्शन बना हुआ है कि दोषी प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ जांच की रफ्तार काफी धीमी होती है। इसमें एमएलए भी शामिल हैं। कानून ही ऐसा है कि जिसके आरोप कैमरे में कैद हो गए हों, उसे भी अपने बचाव का भरपूर समय मिलता है। सदाचार समिति को मामले को जल्दी निपटाने के लिए गंभीरता से सोचना चाहिए। यदि ऐसे विधायकों की विधायकी जाती हो तो जाए। यदि ऐसे मामलों का निपटारा महीने भर में हो जाए, तो बेहतर रहेगा। वीडियो सहयोग- मुकेश हिंगड़, उदयपुर --- विधायकों के कमीशन मांगने वाली यह खबर भी पढ़िए... राजस्थान- 3 विधायक कमीशन की डील करते कैमरे में कैद:कांग्रेस की अनीता ने 50,000 लिए, बीजेपी के डांगा बोले-40% दो; निर्दलीय ऋतु से 40 लाख की डील विधायक निधि में भ्रष्टाचार पर भास्कर पहली बार अब तक का सबसे बड़ा खुलासा कर रहा है। इसमें विकास कार्यों की अनुशंसा करने के नाम पर विधायक 40% कमीशन ले रहे हैं। इसे उजागर करने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने एक डमी फर्म का प्रोपराइटर बनकर विधायकों से संपर्क किया...(CLICK कर पढ़ें)
गोरखपुर में न्यू ईयर को लेकर बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है। गिफ्ट्स की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी है। हर कोई अपने पसंदीदा लोगों के लिए यूनिक गिफ्ट की तलाश में है। न्यू ईयर पर वर्षों से ग्रीटिंग कार्ड देने की जो परंपरा चली आ रही है उसमें थोड़ा बदलाव देखने को मिला है। मार्केट में इस बार ग्रीटिंग कार्ड के बजाय बॉक्स उपलब्ध हैं। जिसमें कोटेशन के रूप में प्यारे संदेश लिखे रह रहे। इसके अलावा कस्टमाइज्ड ग्रीटिंग कार्ड की डिमांड भी काफी ज्यादा है। जिसमें लोग फोटो लगवाते हैं। साथ ही म्यूजिकल फोटो फ्रेम को भी लोग काफी ज्यादा पसंद कर रहे हैं। ग्रीटिंग बॉक्स में होता स्पेशल मैसेज न्यू ईयर पर ग्रीटिंग कार्ड देने का ट्रेंड अब थोड़ा बदल गया है। मार्केट में अब ग्रीटिंग बॉक्स में काफी ज्यादा डिमांडिंग है। इसकी खासियत यह है कि इसमें बहुत से अच्छे- अच्छे कोटेशन लिखे होते हैं। अंदर और बाहर दोनों तरफ से देखने में बेहद खूबसूरत नजर आता है। बॉक्स के अंदर कोई गिफ्ट रखने की जगह भी होती है। इसके इस्तेमाल से गिफ्ट और ग्रीटिंग कार्ड देने का एक साथ दो काम हो जाता है। कस्टमाइज्ड ग्रीटिंग कार्ड करता अट्रैक्ट इसके अलावा कस्टमाइज्ड ग्रीटिंग कार्ड की डिमांड भी काफी ज्यादा देखी जा रही है। इसमें लोग जिनको ग्रीटिंग देना होता है या तो उनकी फोटो लगवाते हैं या फिर अपने साथ वाली फोटो लगवाना पसंद करते हैं। बैंक रोड स्थित आर्चिज गिफ्ट शॉप के शॉप कीपर नवाज ने बताया- आजकल लोग नॉर्मल गिफ्ट कार्ड से ज्यादा ग्रीटिंग बॉक्स को पसंद कर रहे हैं। या तो फिर ग्रीटिंग कार्ड में फोटो लगवा कर कस्टमाइज्ड करवाते हैं। अंब्रेला कपल गिफ्ट है नया नवाज ने बताया- ग्रीटिंग के अलावा नई तरह के गिफ्ट्स का डिमांड भी काफी ज्यादा है। जिसमें इस समय एक नया आइटम अंब्रेला कपल को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। उन्होंने बताया- इसमें लाइट के साथ म्युजिक भी बजता है। अंदर लगे कपल का स्टैचू काफी ज्यादा अट्रैक्ट करता है। म्यूजिकल फोटो फ्रेम को काफी पसंद कर रहे लोग वहीं म्यूजिकल फोटो फ्रेम को भी काफी ज्यादा पसंद किया जा रहा है। मनीष श्रीवास्तव ने बताया- इसमें चार साइड चार फोटो लगे रहते हैं और चाभी भरने पर चारो ओर घूमता है। साथ में म्युजिक भी बजता है। इस वजह से यह लोगों का ध्यान खींच रहा है। बुरी नजर से बचाएगा 'इविल आई शोपीस' इसके साथी ही 'इविल आई शोपीस' को भी लोग काफी ज्यादा खरीद रहे हैं। न्यू ईयर पर अपने पसंदीदा लोगों को बुरी नजर से बचाने के लिए इसे गिफ्ट के तौर पर दे रहे हैं। नवाज ने बताया- इसके अलावा मार्बल डस्क शो पीस, डूम लाइटिंग शो पीस, म्युजिकल फोटो फ्रेम, मैनुअल फ्रेम, लैम्प फोटो फ्रेम और अन्य गिफ्ट को पसंद किया जा रहा है। गिफ्ट्स और उसके रेट ग्रीटिंग कार्ड कस्टमाइज्ड 125- 3000 रुपए LED शोपीस- 299- 599 रुपएगिफ्ट हैंपर- 799 रुपएकैलेंडर- 450 रुपएपेन स्टैंड- 295-1000 रुपए इविल आई शोपीस- 599-1299 रुपएलाइटिंग लैंप फोटो फ्रेम- 899-1200 रुपएम्युजिकल फोटो फ्रेम- 499 रुपएश्रीराम चरण पादुका- 799 रुपए डूम लाइटिंग शो पीस- 599 रुपए टेड्डी- 399- 2500 रुपएसेंटेड कैंडल- 799 रुपएशॉर्ट ग्लास- 599 रुपए
नमस्कार, कल की बड़ी खबर कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर के उस बयान की रही जिसमें उन्होंने RSS की तुलना अलकायदा से की। वहीं, दूसरी खबर रेपिस्ट कुलदीप सेंगर से जुड़ी है जिसके समर्थन में पोस्टर लहराए गए। ⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... कल की बड़ी खबरें... 1. कांग्रेस सांसद बोले- RSS-अलकायदा एक जैसे, खेड़ा ने कहा- गोडसे के संगठन से क्यों सीखें तमिलनाडु से कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा- RSS नफरत फैलाने वाला संगठन है, यह अलकायदा की तरह काम करता है। मणिकम ने यह कमेंट दिग्विजय सिंह के RSS-BJP की तारीफ वाले पोस्ट को लेकर किया। दिग्विजय सिंह ने क्या पोस्ट किया था: दरअसल शनिवार को दिग्विजय ने आडवाणी के पैरों में बैठे मोदी की एक पुरानी तस्वीर शेयर की थी। उन्होंने लिखा था कि यह संगठन की शक्ति है कि RSS का जमीनी स्वयंसेवक नेताओं की चरणों में फर्श पर बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना। पोस्ट पर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी पूरी खबर पढ़ें... 2. उन्नाव रेप केस- दोषी कुलदीप सेंगर के सपोर्ट में पहुंचे लोग; जंतर-मंतर पर झड़प उन्नाव रेप केस में दोषी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के समर्थन में पुरुष आयोग नाम के संगठन के लोग रविवार को जंतर-मंतर पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। उनके हाथ में आई सपोर्ट कुलदीप सेंगर का बैनर था। पीड़ित के पक्ष में प्रदर्शन कर रहीं योगिता भयाना ने विरोध किया तो दोनों पक्षों में झड़प हो गई। सजा सस्पेंड होने पर SC में आज सुनवाई: कुलदीप सेंगर की सजा सस्पेंड करने के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। CBI ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी। अब जानिए उन्नाव रेप केस के बारे में: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग को अगवा कर रेप किया था। मामले की जांच सीबीआई ने की थी। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी सेंगर को 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसे मृत्यु तक जेल में रखने के आदेश दिए थे। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर 2025 को जमानत दे दी। पूरी खबर पढ़ें... 3. 'उन्हें पुनर्जन्म लेना पड़ेगा' कहने पर पंकज चौधरी ट्रोल, विपक्ष के प्रदेश अध्यक्षों को बताया 'परिवारवादी' यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के एक बयान पर फिर विवाद खड़ा हो गया। गाजियाबाद में पंकज चौधरी ने कहा- भाजपा ने जैसे मुझे प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया, वह पद इंडी गठबंधन के लोग नहीं दे सकते। वह चाहे अखिलेश यादव हों, आरजेडी हो, कांग्रेस हो या फिर ममता बनर्जी। इसके लिए उनके परिवार में पुनर्जन्म लेना पड़ेगा। पंकज चौधरी के इसी बयान को विपक्ष ने लपक लिया। दरअसल, चौधरी यह भूल बैठे कि किसी भी विपक्षी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष पार्टी प्रमुखों के परिवार से नहीं है। सपा के प्रवक्ता मनोज काका ने पंकज चौधरी का वीडियो X पर पोस्ट किया। लिखा- बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष या तो विवेकहीनता के शिकार हैं या फिर बीजेपी के आईटी सेल के वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से जो आ रहा है, वही पढ़ रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें... 4. बिलावल भुट्टो ने कहा- मोदी मुनीर से डरते हैं, जरदारी बोले- युद्ध 'बच्चों का खेल' नहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की तारीफ की। उन्होंने कहा- हमारे फील्ड मार्शल (आसिम मुनीर) का नाम सुनते ही मोदी छिप जाते हैं। अब विदेश में पाकिस्तान को लेकर कुछ नहीं कहते। जरदारी बोले- युद्ध 'बच्चों का खेल' नहीं: उधर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा कि मई में हुए युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने भारत के आक्रमण का मजबूती से जवाब दिया। इसके बाद भारत सरकार को समझ आ गया कि युद्ध 'बच्चों का खेल' नहीं है। राष्ट्रपति बोले- पाकिस्तान दोबारा युद्ध को तैयार: जरदारी ने आगे कहा कि मोदी अब समझ चुके हैं कि पाकिस्तान अपनी रक्षा करना जानता है। अगर दोबारा युद्ध थोपा गया तो पाकिस्तान पूरी तरह तैयार है। दरअसल मई 2025 में भाारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन जंग चली थी। भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह किए थे।पूरी खबर पढ़ें... 5. लंदन में भारतीयों के प्रोटेस्ट में खालिस्तानियों का हुड़दंग: भारत विरोधी नारे लगाए लंदन स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर हिंदू समुदाय के एक प्रदर्शन में खालिस्तानी समर्थकों ने हुड़दंग मचाया। ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन SFJ से जुड़े खालिस्तानी कार्यकर्ताओं ने भारत विरोधी नारे लगाए और खालिस्तानी झंडे लहराए। भारत से बॉर्डर खोलने की मांग: भारतीय और बांग्लादेशी हिंदू बांग्लादेश में बढ़ रहे हिंदुओं की मौत और हिंसा से जुड़े मामलों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की रक्षा की मांग की। भारत से बॉर्डर खोलने की अपील की ताकि बांग्लादेशी हिंदू हिंसा से बचकर भारत आ सकें। 7 दिन के भीतर दो हिंदुओं की हत्या: बांग्लादेश में भीड़ ने 18 दिसंबर को 25 साल के दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। 6 दिन बाद एक और हिंदू युवक की लिंचिग हुई। पूरी खबर पढ़ें... 6. दावा- हादी के हत्यारे मेघालय बॉर्डर के रास्ते भारत भागे, भारत ने खंडन किया बांग्लादेशी नेता उस्मान हादी की हत्या को लेकर वहां की मीडिया ने बड़ा दावा किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हादी की हत्या के पीछे जिम्मेदार संदिग्ध भारत में छिपे हो सकते है। हत्यारे मेघालय बॉर्डर के रास्ते भारत भागे। BSF ने खबरों का खंडन किया: इन खबरों को BSF और मेघालय पुलिस ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। BSF मेघालय फ्रंटियर के आईजी ओपी उपाध्याय ने कहा, हलुआघाट सेक्टर से अपराधियों के सीमा पार करने का कोई सबूत नहीं है। ये दावे आधारहीन और गुमराह करने वाले हैं। 12 दिसंबर को हुई थी हादी की हत्या: उस्मान हादी को राजधानी ढाका में 12 दिसंबर को गोली मारी गई थी। हादी को तुरंत ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, बाद में इलाज के लिए उन्हें सिंगापुर रेफर किया गया था। 18 दिसंबर को मौत हो गई थी। पूरी खबर पढ़ें... आज का कार्टून ⚡ कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… 1. नेशनल: बरेली में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम छात्रों को पीटा: लव जिहाद का आरोप लगाकर नर्सिंग स्टूडेंट की बर्थडे पार्टी में घुसे, VIDEO वायरल (पढ़ें पूरी खबर) 2. नेशनल: हुमायूं कबीर का बेटा मारपीट के आरोप में गिरफ्तार: विधायक बोले- TMC के इशारे पर सब हो रहा; PSO ने मारपीट के आरोप लगाए हैं (पढ़ें पूरी खबर) 3. नेशनल: मन की बात में PM ने 2025 की उपलब्धियां गिनाईं: कहा- ऑपरेशन सिंदूर देश का गर्व बना, अब हम नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ने को तैयार (पढ़ें पूरी खबर) 4. नेशनल: जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड में भी सेना एक्शन में: बर्फीले और दुर्गम पहाड़ों में गश्त बढ़ाई; 30-35 पाकिस्तानी आतंकियों की तलाश (पढ़ें पूरी खबर) 5. नेशनल: मराठी नहीं बोलने पर मां ने बेटी का गला घोंटा: मुंबई में 6 साल की बेटी की हत्या करने वाली महिला बेटा चाहती थी (पढ़ें पूरी खबर) 6. इंटरनेशनल: पाकिस्तान बोला-नूरखान एयरबेस में भारत ने 80 ड्रोन दागे थे: इससे कई सैनिक घायल हुए; ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने 11 एयरबेस तबाह किए थे (पढ़ें पूरी खबर) 7. एंटरटेनमेंट: विक्रम भट्ट-पत्नी की दूसरी जमानत याचिका खारिज: 7 दिसंबर से हिरासत में हैं, इंदिरा IVF के फाउंडर ने लगाए 30 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप (पढ़ें पूरी खबर) 8. स्पोर्ट्स: कार्लसन ने गुस्से में कैमरामैन को धक्का दिया, VIDEO: 5 बार के चेस चैंपियन वर्ल्ड रैपिड में रूस के आर्टेमिएव से हारे (पढ़ें पूरी खबर) ️ बयान जो चर्चा में है... खबर हटके... राजस्थान में युवक के पेट से निकले 9 टूथब्रश और औजार राजस्थान के जयपुर में एक युवक के पेट का ऑपरेशन कर 2 लोहे के पाने और 7 टूथब्रश निकाले गए। ये सर्जरी 2 घंटे से ज्यादा समय तक चली। डॉक्टर के मुताबिक युवक मानसिक रूप से बीमार है। जिसके चलते उसने इन वस्तुओं को निगल लिया था। पूरी खबर पढ़ें... फोटो जो खुद में खबर है भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… 1. आज का एक्सप्लेनर- 3 करोड़ के लिए पिता को सांप से कटवाया, मरे लोगों को जिंदा दिखाया; कैसे होता है लाइफ इंश्योरेंस का फ्रॉड 2. वेलकम 2026- अगले साल के 12 महीने में 15 लॉन्ग वीकेंड: कुल 50 दिन की छुटि्टयां; 2026 का पूरा हॉलीडे कैलेंडर देखिए 3. ग्राउंड रिपोर्ट- ‘प्रेग्नेंट पत्नी के पेट पर रॉड, सिर पर कुल्हाड़ी मारी’: शादी के 6 महीने बाद मर्डर, पति बोला- मैं दलित, इसलिए ससुर ने जान ली 4. संडे जज्बात-दोस्त की प्रेमिका प्रेग्नेंट हुई, रेप केस मुझपर चला: पंचायत ने 6 लाख में सौदा किया- 5 साल जेल रहा, अब बाइज्जत बरी 5. साइबर लिटरेसी- 2 साल में 3 गुना डिजिटल अरेस्ट केसेज: 1 साल में 2000 करोड़ की ठगी, कैसे बचें- जानकारी और बचाव के 10 कदम 6. वेलकम 2026- सोने में इस साल 1 लाख पर 80 हजार मुनाफा: 2026 में गोल्ड, शेयर, प्रॉपर्टी में 15% तक रिटर्न की उम्मीद; कहां करें निवेश करेंट अफेयर्स ⏳आज के दिन का इतिहास ️ मौसम का मिजाज तुला राशि वालों के ऑफिस में प्रोजेक्ट पूरे होंगे। सिंह राशि वालों को शेयर मार्केट से दोगुना फायदा मिल सकता है। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
झांसी में होटल कारोबारी ने मोटी कमाई के लालच में अपने आलीशान होटल द क्राउन को लग्जरी जुआ घर में तब्दील कर दिया था। जो लोग यहां जुआ खेलने आते थे, उनको लग्जरी सुविधाएं मुहैया कराई जाती थी। इसी वहज से यहां झांसी, दतिया, जालौन, भांडेर समेत शहर के कारोबारी एवं नौकरीपेशा लोग जुआ खेलने के लिए जुटते थे। बदले में होटल कारोबारी प्रति जुआरी से 1500 से 2000 रुपए वसूलता था। यहां रोजाना 25 से 30 लोगों को जुआ खिलवाया जाता था। इस हिसाब से होटल कारोबारी उनसे 40 से 45 हजार रुपए की उगाही कर लेता था। मगर शनिवार को किसी ने फोन कर आईजी को जुआ की सूचना दे दी। आईजी के आदेश पर सीपरी बाजार पुलिस ने होटल में दबिश देकर होटल मालिक विजय यादव समेत 17 जुआरियों को अरेस्ट कर लिया था। उनसे 7.11 लाख रुपए और 18 मोबाइल बरामद हुए थे। अभी विजय का भाई अजय यादव फरार है। नेताओं के साथ फोटो लगा रखी थी होटल कारोबारी विजय और अजय ने होटल के अंदर कई नेताओं एवं अफसरों के साथ अपनी फोटो लगा रखी थी। उसके बढ़ते दबदबे की सूचना गुपचुप तरीके से किसी ने आईजी आकाश कुलहरि तक पहुंचा दी। इसके बाद उसके खेल का भंडाफोड़ हो गया। होटल की तलाशी लेने के दौरान पुलिस को कई कमरे खाली मिले। आरोपी विजय ने बताया कि इन कमरों का इस्तेमाल भी जुआरी करते थे। उसने बताया कि जुआ में मोटी रकम आने के बाद विजय ने होटल संचालन बंद कर दिया था। अब उसकी पूरी दिलचस्पी जुआ घर चलाने में थी। सीपरी बाजार थाना प्रभारी विनोद मिश्रा ने बताया कि आरोपी होटल कारोबारी अजय यादव की तलाश में छापेमारी कर रहे हैं। अढ़ाती एवं सराफा कारोबारी थे जुआ खेलने वाले होटल द क्राउन में छापे के दौरान पकड़े गए 17 जुआरियों में आधा दर्जन से अधिक दतिया के अढ़ाती जबकि एक सराफा कारोबारी है। पूछताछ के दौरान मालूम चला कि जुआ खेलते पकड़ा गया धीरेंद्र शर्मा, पवन चौरसिया, संतोष कुशवाहा, पवन यादव, हरदेश यादव, अरुन यादव, अंकित शर्मा की दतिया में प्याज की आढ़त है जबकि हरिदास सोनी सराफा कारोबारी है। यह लोग अक्सर ही यहां जुआ खेलने पहुंचते थे। रविवार को इन सभी आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश किया गया। वहां से इनको जेल भेज दिया गया। दांव पर लगे थे 6.88 लाख रुपए एसपी सिटी प्रीति सिंह ने बताया- शनिवार रात को मुखबिर ने सूचना दी कि सीपरी बाजार स्थित होटल द क्राउन के अंदर कमरा नंबर 103 में जुआ खेला जा रहा है। इस पर सीपरी बाजार पुलिस ने होटल में दबिश दी। कमरा नंबर 103 से 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जो ताश के पत्तों पर हार-जीत की बाजी लगा रहे थे। दांव पर 6 लाख 88,500 रुपए लगे थे। वहीं, तलाशी में आरोपियों के पास से 22720 रुपए, 18 मोबाइल और ताश की 7 गड्डी बरामद हुई। पूछताछ में आरोपियों ने बताया- होटल द क्राउन का मालिक अजय यादव अपने होटल में बाहरी जुआरियों को कमरा देता है व उनको पैसा देकर जुआ खिलवाता है। अजय यादव कोतवाली थाना क्षेत्र के नई बस्ती का रहने वाला है। अभी वो फरार है। सभी के खिलाफ सीपरी बाजार थाने में केस दर्ज किया गया है। इन 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया 1. विजय यादव पुत्र लाल सिंह यादव उम्र करीब 31 वर्ष, निवासी- 1165 नई बस्ती, थाना- कोतवाली,जनपद- झाँसी 2. सचिन शर्मा पुत्र जगदीश शर्मा उम्र करीब 30 वर्ष, निवासी- बडोनकला, थाना- गोराघांट, जिला- दतिया(म0प्र0) 3. शेर सिंह पुत्र स्व० रोशन सिंह उम्र करीब 44 वर्ष, निवासी- महेबा, थाना- सोनागिर, जिला- दतिया (म0प्र0) 4. जबर यादव पुत्र श्री रामकुमार यादव उम्र करीब 38 वर्ष, निवासी- मारूती नगर कालोनी, थाना- कोतवाली, जिला- दतिया(म0प्र0) 5. धीरेन्द्र शर्मा पुत्र रामवीर शर्मा उम्र करीब 32 वर्ष, निवासी- चू नगर फाटक, म0न0-78, थाना- कोतवाली, जिला- दतिया(म0प्र0) 6. पवन चौरसिया पुत्र श्रीनिवास चौरसिया उम्र करीब 35 वर्ष, निवासी बुन्देला कालोनी थाना कोतवाली दतिया (म0प्र0) 7. संतोष कुशवाहा पुत्र रामसेवक कुशवाहा उम्र करीब 34 वर्ष,निवासी- मोहल्ला पठाईपुरा, उन्नाव रोड़, थाना- सि०ला०, जिला- दतिया(म0प्र0) 8. पवन यादव पुत्र कल्याण यादव उम्र करीब 30 वर्ष, निवासी- हाउसिंग बोर्ड, थाना- कोतवाली, जिला- दतिया(म0प्र0) 9. हरदेश यादव पुत्र कप्तान सिंह यादव उम्र 22 वर्ष, निवासी- मंमजू कालोनी, उन्नाव रोड़, थाना- कोतवाली जिला- दतिया(म0प्र0) 10. अरून यादव पुत्र कमलेश यादव उम्र करीब 32 वर्ष, निवासी- बालाजी नगर, थाना- सि०ला०,जिला दतिया(म0प्र0) 11. अंकित शर्मा पुत्र बृजेश शर्मा उम्र करीब 24 वर्ष, निवासी- बडोनकला, थाना- गोराघांट, जिला- दतिया(म0प्र0) 12. राजेन्द्र पाल पुत्र सुन्दर पाल उम्र करीब 30 वर्ष, निवासी- होलीपुरा रिंगरोड़, थाना- कोतवाली, जिला- दतिया (म0प्र0) 13. हरिदास सोनी पुत्र बाबूराम सोनी उम्र करीब 49 वर्ष, निवासी- तहसील के पीछे, अकबरपुर, थाना- भाण्डेर, जिला- दतिया(म0प्र0) 14. सौरभ यादव पुत्र भगत सिंह यादव उम्र करीब 32 वर्ष, निवासी- बालाजी रोड बूढा, थाना- सीपरी बाजार,जनपद- झाँसी 15. शैलेन्द्र यादव पुत्र मैथली शरण यादव उम्र करीब 38 वर्ष, निवासी- ग्राम पिसनारी, थाना- सि०ला०, जिला- दतिया (म0प्र0) 16. सुरेन्द्र यादव पुत्र पर्वत यादव उम्र करीब 35 वर्ष, निवासी- लक्ष्मनपुरा, थाना- इन्दरगढ़, जिला- दतिया(म0प्र0) 17. जफर पुत्र अब्दुल रेहमान उम्र करीब 35 वर्ष, निवासी- लाजपत नगर, कस्बा व थाना- कोच, जनपद- जालौन
यूपी में भाजपा के ब्राह्मण विधायकों को चेतावनी देने वाले प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के खिलाफ पार्टी में भी विरोध के सुर उठने लगे हैं। पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बाद अब डिप्टी सीएम केशव ने कहा- विधायक मिलते हैं, मिलना भी चाहिए। वहीं, ब्राह्मण संगठन भाजपा से नाराज हो गए हैं। पूछा- जब भाजपा जाति की राजनीति नहीं करती है तो पिछड़ा-अल्पसंख्यक मोर्चा क्यों बनाए गए हैं। क्या ब्राह्मण विधायक किसी को गाली देने के लिए साथ बैठे थे। VIDEO में समझिए पूरी कन्ट्रोवर्सी...
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राम मंदिर से मायावती के कमबैक तक:विवाद, बगावत और डैमेज कंट्रोल ने पूरे साल खूब सुर्खियां बटोरीं
साल 2025 विदा ले रहा है और 2026 दस्तक देने को तैयार है। 2025 यूपी की राजनीति में विवाद, बगावत और बड़े संदेशों का साल साबित हुआ। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक दिखे। मिल्कीपुर उपचुनाव ने भाजपा को यह कहने का मौका दिया कि लोकसभा चुनाव में अयोध्या की हार सिर्फ एक झटका थी, स्थायी नुकसान नहीं। पूरे साल सहयोगी दलों की नाराजगी सामने आती रही। कहीं बयानबाजी हुई, तो कहीं खुली बगावत। समाजवादी पार्टी ने बागियों पर सख्ती दिखाई, तो मुख्यमंत्री योगी की तारीफ करने पर विधायक पूजा पाल को बर्खास्त कर दिया। राजा भैया का पारिवारिक विवाद, चंद्रशेखर आजाद और रोहिणी घावरी का सोशल वार, आजम खान की जेल से रिहाई और फिर वापसी हर महीने सियासत गरमाती रही। साल का सबसे बड़ा राजनीतिक कमबैक मायावती का रहा। कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में लाखों की भीड़ जुटाकर उन्होंने न सिर्फ विरोधियों, बल्कि अपने समर्थकों को भी चौंकाया। कोडीन कफ सिरप मामला विधानसभा से लोकसभा तक में गूंजा। ठाकुर विधायकों की ‘कुटुंब परिवार’ बैठक और ब्राह्मण सहभोज ने भाजपा को डैमेज कंट्रोल मोड में ला दिया। ये यूपी की बड़ी राजनीतिक कहानियां हैं। इनसे 2025 का पूरा साल आपके सामने से पन्नों की तरह गुजर जाएगा... अपना दल ने अपनी ही सरकार को घेरा, लगाए आरोपसाल की शुरुआत में ही अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और उनके पति, तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल, अपनी ही सरकार के खिलाफ आमने-सामने आ गए थे। विवाद तब बढ़ा, जब अनुप्रिया की बहन और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने विधानसभा पर धरना दिया था। इस दौरान पल्लवी ने आशीष पटेल पर नियमों के खिलाफ लेक्चरर्स को पदोन्नत कर विभागाध्यक्ष बनाने के आरोप लगाए थे। साथ ही शिकायत राज्यपाल को सौंपी थी। आशीष पटेल ने इसे सरकार के इशारे पर रची गई साजिश बताया और सीधे STF को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा था कि अगर उनके खिलाफ षड्यंत्र हुआ तो वे डरेंगे नहीं, लड़ेंगे। आशीष ने आरोप लगाया था कि 1700 करोड़ रुपए खर्च कर उनकी छवि खराब की जा रही। सूचना विभाग का दुरुपयोग हो रहा। उन्होंने दो टूक कहा था- आपके पास तंत्र है, मेरे पास जनतंत्र। लड़ाई में जनतंत्र ही जीतेगा। सपा सांसद के बेटे को हराया, भाजपा की वापसी का संदेशलोकसभा चुनाव- 2024 में अयोध्या लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को शिकस्त का सामना करना पड़ा था। अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद भी भाजपा की हार को सपा, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने मुद्दा बनाया था। लेकिन, अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के चंद्रभानु प्रसाद ने अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को हरा दिया था। यह सीट जीतने के बाद भाजपा ने एक बार फिर संदेश दिया कि अयोध्या में उसकी पकड़ बरकरार है। निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने की आत्महत्याफरवरी-2025 में महराजगंज में रहने वाले निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि फर्जी मामलों ने उनका और उनके अपनों का जीवन बर्बाद कर दिया। पोस्ट में उन्होंने मंत्री संजय निषाद, उनके दोनों बेटे और सांसद प्रतिनिधि जेपी निषाद पर गंभीर आरोप लगाए थे। पुलिस ने मामले में जेपी निषाद समेत 3 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। घटना ने प्रदेश सियासत में हलचल मचा दी थी। हेट स्पीच में अब्बास अंसारी की सदस्यता छिनी, फिर वापस मिलीमऊ MP/MLA कोर्ट ने 31 मई को भड़काऊ भाषण मामले में अब्बास अंसारी को 2 साल कैद और जुर्माने की सजा सुनाई। इसके अगले दिन 1 जून को उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। अब्बास की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 20 अगस्त को सजा पर रोक लगा दी। फिर 8 सितंबर को विधानसभा सचिवालय ने अब्बास की सदस्यता बहाल कर दी। सपा ने पहले 3 बागी, फिर योगी की तारीफ पर पूजा पाल को निकालासपा ने अनुशासनहीनता पर कड़ा रुख अपनाया। जून में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी लाइन के खिलाफ वोटिंग करने के आरोप में तीन विधायकों को पार्टी से बाहर कर दिया। इनमें अयोध्या की गोसाईंगंज सीट से विधायक अभय सिंह, अमेठी की गौरीगंज सीट से राकेश सिंह और रायबरेली की ऊंचाहार सीट से मनोज पांडेय शामिल थे। इन पर आरोप था कि फरवरी- 2024 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। इससे सपा का तीसरा उम्मीदवार हार गया था। इसके बाद अगस्त में ‘विकसित यूपी’ पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी की प्रशंसा करने पर कौशांबी की चायल सीट से विधायक पूजा पाल को भी पार्टी से निकाल दिया गया। पूजा पाल के पति राजू पाल की हत्या अतीक अहमद ने कराई थी। वहीं, क्रॉस वोटिंग के आरोपी विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष मौर्य और राकेश पांडेय अभी भी सपा में बने हुए हैं। अपना दल पर मंडराया टूट का संकटअपना दल से जुड़े बागी नेताओं ने साल के बीच में अलग मोर्चा खोल दिया। अपना दल बलिहारी के अध्यक्ष धर्मराज पटेल, जनसरदार पार्टी प्रमुख हेमंत चौधरी, अपना दल यूनाइटेड के अध्यक्ष बच्चा सिंह पटेल समेत कई नेता इसमें शामिल रहे। संयोजक ब्रजेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने 1 जुलाई को लखनऊ प्रेस क्लब में ‘अपना मोर्चा’ संगठन का ऐलान करते हुए दावा किया कि अपना दल (एस) के 9 विधायक उनके संपर्क में हैं। हालांकि, अगले ही दिन पार्टी संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती पर अनुप्रिया पटेल और आशीष पटेल ने 13 विधायकों को अपने मंच पर बुला लिया। इससे साफ संदेश गया कि संगठन पर उनकी पकड़ मजबूत है। इसके बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष आरपी गौतम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बागियों पर कार्रवाई की मांग की। जिसमें ब्रजेंद्र प्रताप सिंह की पत्नी मोनिका आर्या और पूर्वांचल विकास बोर्ड सदस्य अरविंद बौद्ध के नाम भी शामिल थे। आजम खान : एक केस में रिहा, लेकिन फिर जाना पड़ा जेल72 मामलों में जमानत मिलने के बाद सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान सितंबर में सीतापुर जेल से रिहा हुए थे। लेकिन, नए केस और पुरानी सजाओं के चलते नवंबर में उन्हें फिर जेल जाना पड़ा। रिहाई के बाद आजम के तीखे और चुटीले बयानों ने सियासी माहौल गरमा दिया था। रामपुर सांसद को लेकर दिए गए उनके बयान भी खूब सुर्खियों में रहे। इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद रामपुर पहुंचे और आजम खान से मुलाकात की थी। दोनों के बीच बंद कमरे में करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान आजम खान ने अपनी पत्नी और बेटे को भी बाहर कर दिया। इस बातचीत ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को और तेज कर दिया। नगीना सांसद पर गंभीर आरोप, चर्चा में रहीं रोहिणीआजाद पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर व इंदौर की डॉ. रोहिणी घावरी के बीच चला सोशल वार साल का सबसे चर्चित राजनीतिक-निजी विवाद रहा। रोहिणी का दावा है कि 2020 में उनकी चंद्रशेखर से मुलाकात हुई थी। तीन साल तक दोनों रिश्ते में रहे। आरोप है, चंद्रशेखर ने खुद को अविवाहित बताकर शादी का झांसा दिया और यौन शोषण किया। रोहिणी ने मानसिक उत्पीड़न, करियर बर्बाद करने की कोशिश और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर चैट, फोटो और कथित ऑडियो क्लिप्स साझा कीं। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में शिकायत भी दर्ज कराई। नवंबर में मुजफ्फरनगर रैली से पहले रोहिणी ने मंच पर आने की चुनौती दी, लेकिन वीजा अड़चन के चलते नहीं पहुंच सकीं। उन्होंने चंद्रशेखर पर भाजपा से साठगांठ और बसपा में विलय कर सुप्रीमो बनने की महत्वाकांक्षा के आरोप भी लगाए। चंद्रशेखर की ओर से सार्वजनिक प्रतिक्रिया सीमित रही। उन्होंने कहा कि वे अदालत में जवाब देंगे और रोहिणी के खिलाफ छवि धूमिल करने का मुकदमा भी दर्ज कराया। राजा भैया का पारिवारिक विवाद सड़क परकुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच चल रहा विवाद इस साल सुर्खियों में रहा। दोनों के बीच तलाक का मामला अदालत में है। पहली बार इस टकराव में राजा भैया के बेटे-बेटियां भी सोशल मीडिया पर आमने-सामने आ गए। राजा भैया के बेटे शिवराज और बृजराज उनके साथ रहते हैं, जबकि बेटियां राघवी और बृजेश्वरी मां भानवी के साथ हैं। विवाद की शुरुआत तब हुई, जब भानवी सिंह ने पीएमओ को पत्र लिखकर राजा भैया पर अवैध हथियार रखने और शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए। साथ ही सीबीआई जांच की मांग की। जवाब में एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए भानवी पर संपत्ति के लालच और परिवार को बदनाम करने का आरोप लगाया। इसके बाद बेटों ने भानवी से जुड़े कुछ वीडियो साझा कर आरोप लगाए, तो भानवी ने अपने पिता का वीडियो जारी कर सफाई दी। फिर बेटी राघवी ने वीडियो पोस्ट कर यूपी पुलिस और पिता के करीबियों पर उत्पीड़न, धमकी और फर्जी मुकदमे दर्ज कराने के आरोप लगाए। साथ ही मुख्यमंत्री योगी से हस्तक्षेप की अपील की। इसके जवाब में राजा भैया के बेटों ने बहन राघवी के आरोपों का पलटवार किया। उन्होंने कथित ऑडियो और पिता के साथ राजस्थान दौरे की बहनों की पुरानी तस्वीरें पोस्ट कर व्यंग्य किया कि वे पिता से कितनी ‘प्रताड़ित’ हैं। विज्ञापन में नाम नहीं छपा तो दीपोत्सव में शामिल नहीं हुए दोनों डिप्टी CMअयोध्या दीपोत्सव में योगी सरकार के डिप्टी CM केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक शामिल नहीं हुए। नाराजगी का कारण विज्ञापन में उनके नाम का न छपना बताया गया। दोनों ने पार्टी के प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व को भी बताया। वहीं, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी अपना दौरा रद्द कर दिया। इससे सरकार में गुटबाजी और खींचतान उजागर हो गई थी। कानपुर सांसद और राज्यमंत्री के पति मीटिंग में भिड़ गएयूपी की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, उनके पति पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी का कानपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले सिंह के साथ विवाद पूरे साल सुर्खियों में रहा। विवाद तब शुरू हुआ, जब कानपुर देहात के अकबरपुर थाने में कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। इस पर मंत्री प्रतिभा शुक्ला पति के साथ धरने पर बैठ गईं। इसी दौरान अनिल शुक्ला और सांसद भोले के बीच फोन पर तीखी बहस हुई। दो महीने पहले कानपुर देहात में दिशा की बैठक में ये खींचतान हाथापाई में बदल गई। पूर्व सांसद अनिल शुक्ला और सांसद देवेंद्र सिंह भोले में पहले बहस हुई थी। सांसद ने गुस्से में कहा कि अगर गुंडों की बात की जाएगी, तो मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं। मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं। मौके पर मौजूद डीएम कपिल सिंह और एसपी श्रद्धांजलि पांडे ने स्थिति को काबू में किया। विवाद के कारण दिशा की बैठक रद्द करनी पड़ी। अयोध्या श्रीराम मंदिर में फहराई धर्मध्वजाअयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बने राममंदिर का शास्त्रीय शैली में निर्माण पूरा हो गया है। 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर पर धर्मध्वजा फहराकर औपचारिक उद्घाटन किया। इस मौके पर आरएसएस और भाजपा ने यह संदेश भी दिया कि ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’ का संकल्प पूरा हो गया। पीएम मोदी इतने विह्वल दिखे के धर्मध्वजा फहराते समय उनके हाथ कांप रहे थे। राम मंदिर हमेशा से राजनीति का सेंटर पॉइंट रहा है। लोकसभा में झटका खाने के बाद भाजपा ने बनाया कुर्मी प्रदेश अध्यक्षभाजपा ने 11 महीने के इंतजार के बाद 14 दिसंबर को केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री एवं महराजगंज से 7वीं बार सांसद पंकज चौधरी को यूपी का नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। कुर्मी जाति से संबंध रखने वाले पंकज चौधरी के नेतृत्व में पार्टी को लोकसभा चुनाव 2024 में खिसके कुर्मी वोट बैंक को फिर से मजबूत करने की उम्मीद है। इससे पहले मार्च और नवंबर में भाजपा ने 84 जिलों में नए जिलाध्यक्ष भी नियुक्त किए थे। बिहार चुनाव में डिप्टी सीएम केशव की मेहनत रंग लाईयूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का भाजपा में प्रभाव इस साल और बढ़ा। उन्हें बिहार चुनाव में पार्टी का सह-प्रभारी बनाया गया, जहां एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला। इसके बाद भाजपा विधायक दल की बैठकों के लिए उन्हें पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया। केशव के साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और पूर्व मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को सह-पर्यवेक्षक बनाया गया था। चर्चा में रहे राजभर, बिहार में NDA के खिलाफ लड़ी चुनावी जंगयोगी सरकार में पंचायतीराज मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर चर्चा में रहे। एबीवीपी के खिलाफ दिए बयानों से नाराज कुछ कार्यकर्ताओं ने राजभर के घर घेराव और पथराव किया। शुरुआत में राजभर ने नाराजगी जताई, लेकिन सरकार के दखल के बाद हालात शांत हो गए। राजभर बिहार चुनाव के दौरान भी सुर्खियों में रहे। यूपी के एनडीए सहयोगी सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने बिहार में अपनी पार्टी को गठबंधन के खिलाफ मैदान में उतारा। चुनाव प्रचार के दौरान उनके भाजपा पर वादाखिलाफी के आरोप चर्चा में रहे। हालांकि परिणाम सुभासपा के लिए बेहद नकारात्मक रहे, सभी उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बच सकी। संजय निषाद ने दी गठबंधन तोड़ने की चेतावनी, बयानों की भी रही चर्चायोगी सरकार में मत्स्य मंत्री और निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद ने भाजपा के निषाद नेताओं की बयानबाजी पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने गठबंधन तोड़ने की चेतावनी दी। इसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया। संजय निषाद के विवादित बयानों की भी चर्चा रही। संजय निषाद ने 30 नवंबर को बलिया में कहा था- बलिया के लोग अंग्रेजों की दलाली करते थे, आज भी दलाली का सिस्टम है, इसलिए बलिया बर्बाद है। इसके अलावा बिहार में मुस्लिम युवती के हिजाब हटाने पर उन्होंने विवादित टिप्पणी की थी। जिससे चारों तरफ उनकी आलोचना हुई और बाद में उन्होंने माफी मांगी थी। मार्च में संवैधानिक अधिकार यात्रा के दौरान सुल्तानपुर में उन्होंने सात दरोगाओं के हाथ-पैर तुड़वाकर गहरे गड्ढे में फिंकवाने का बयान दिया था, वह भी विवादित रहा था। मायावती का कमबैक, आकाश फिर पार्टी में नंबर-2 बने2025 बसपा के लिए राजनीतिक संजीवनी लेकर आया। लगातार हार से निराश कार्यकर्ताओं को मायावती ने 9 अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में जुटाई लाखों की भीड़ से नया जोश दिया। संगठनात्मक फेरबदल में उन्होंने विश्वनाथ पाल को लगातार दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बनाया। मुस्लिम भाईचारा कमेटी की बैठक लेकर सीधे मुस्लिम वोटरों से भाजपा को हराने की अपील की। भतीजे आकाश आनंद भी सालभर चर्चा में रहे। फरवरी में उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाला गया। फिर 3 मार्च को आकाश को भी निष्कासित किया गया। 13 अप्रैल को आकाश ने मायावती से माफी मांगी। 18 मई को उन्हें नेशनल चीफ कोऑर्डिनेटर बनाया गया। 28 अगस्त को आकाश को राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया। उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ की भी वापसी हुई और उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर का दायित्व मिला। कांग्रेस ने एमएलसी चुनाव में प्रत्याशी घोषित किए सपा के साथ महागठबंधन कर यूपी लोकसभा चुनाव में भाजपा को पछाड़ने वाली कांग्रेस ने अब त्रिस्तरीय पंचायत और एमएलसी चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। पार्टी ने एमएलसी चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने संगठन सृजन अभियान के जरिए बूथ स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति शुरू कर दी है। कफ सिरप मुद्दे पर वार-पलटवारयूपी में कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार को लेकर 28 जिलों में 107 एफआईआर दर्ज हुईं। इस मामले में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबी आलोक सिंह और अमित सिंह ‘टाटा’ की गिरफ्तारी से सियासत गरमा गई। धनंजय के राजनीतिक विरोधी अभय सिंह ने उन्हें ‘कोडीन भैया’ और पूर्वांचल का बाहुबली कहकर तंज कसा। इसके बाद सपा ने इसे मुद्दा बनाकर योगी सरकार पर हमला बोला। सपा सांसदों ने लोकसभा में मामला उठाया और विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी विधायकों ने सीधे धनंजय सिंह पर आरोप लगाए। जवाब में मुख्यमंत्री योगी ने मोर्चा संभालते हुए कोडीन कफ सिरप के आरोपियों से जुड़े सपा नेताओं के नाम सार्वजनिक किए। उन्होंने कहा कि कार्रवाई होगी तो चिल्लाना नहीं चाहिए। साफ संकेत दिए कि बुलडोजर एक्शन से सरकार पीछे नहीं हटेगी। कुटुंब परिवार VS सहभोज बना भाजपा की गले की फांसमानसून सत्र के दौरान क्षत्रिय विधायकों ने ‘कुटुंब परिवार’ के नाम से अलग बैठक की, जिसमें करीब 40 ठाकुर विधायक शामिल हुए। अलग-अलग दलों के विधायकों की मौजूदगी वाली इस बैठक की खबर सामने आते ही सियासी हलकों में हलचल मच गई थी। तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे थे। इसके बाद साल के अंत में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद कुशीनगर में भाजपा विधायक पंचानंद पाठक के आवास पर 40-50 ब्राह्मण विधायकों और एमएलसी का सहभोज हुआ। इसकी खबर बाहर आते ही भाजपा में हड़कंप मच गया। प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने नाराजगी जताई। अब केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर ठाकुर-ब्राह्मण का संयुक्त सहभोज और गेट-टू-गेदर कराया जाएगा, जिसमें अन्य समाजों के विधायक भी शामिल होंगे। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें- उन्नाव रेप पीड़ित का मां-चाचा से भी झगड़ा हुआ, कुलदीप सेंगर के खिलाफ 9 साल कानूनी लड़ाई लड़ी उन्नाव के बहुचर्चित रेप केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सेंगर की सजा सस्पेंड कर दी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि कुलदीप ने अपनी पावर और पैसे का इस्तेमाल करके यह सब कराया है। सबको पैसे खिलाए हैं। दूसरी तरफ कुलदीप के पक्ष के लोग कहते हैं कि कोर्ट का फैसला तथ्यों के साथ आया है। तथ्यों को झुठलाया नहीं जा सकता। पढ़ें पूरी खबर
उन्नाव रेप केस में भाजपा नेता और बांगरमऊ से तत्कालीन विधायक कुलदीप सेंगर की सजा सस्पेंड कर दी गई। हालांकि, इसके बाद भी वो जेल से बाहर नहीं आ पाया। क्योंकि, रेप पीड़ित के पिता की हत्या के मामले में सेंगर उम्रकैद की सजा काट रहा। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कुलदीप सेंगर 2027 का विधानसभा चुनाव लड़ सकता है? दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिलने का क्या मतलब है? सीबीआई अब क्या करेगी? दूसरे कौन-कौन से मामले चल रहे हैं, उनमें क्या सजा हो सकती है? सीबीआई के पास ऐसे क्या सबूत थे, जिससे सजा हुई थी? पहले जानिए, क्या कुलदीप सेंगर चुनाव लड़ सकता है? इसका जवाब है 'नहीं'। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील शारिक अब्बासी कहते हैं- कुलदीप सेंगर की रेप के मामले में मिली सजा को निलंबित रखा गया है। इसके आधार पर उस केस में जमानत मिली है। अपील दोषसिद्ध पर रोक लगाने की भी की गई थी, लेकिन उसमें राहत नहीं मिली। ऐसे में वह अदालत की निगाह में अभी तक दोषी है। इसके अलावा भी सेंगर रेप पीड़ित के पिता की कस्टोडियल डेथ के मामले में 10 साल की कैद की सजा काट रहा है। इसलिए फिलहाल जेल से बाहर भी नहीं आ सकता। अगर हत्या के मामले में भी कुलदीप को किसी तरह की राहत मिलती है, तभी रिहाई का रास्ता साफ हो सकता है। भारत के रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट के तहत, 2 साल से अधिक सजा होने पर चुनाव लड़ने की अयोग्यता लागू रहती है। ऐसे में कुलदीप सेंगर न तो अभी जेल से बाहर आ सकता है और न ही 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट से राहत का क्या असर पड़ेगा?हाईकोर्ट से मिली राहत के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। एक वर्ग का अब भी मानना है कि कुलदीप सेंगर बेगुनाह है। वह साजिशों का शिकार हुआ है। इन्हीं में से एक हैं गोंडा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह। बृजभूषण कहते हैं- कुलदीप सेंगर के साथ अन्याय हुआ था। साजिश हुई थी। जैसे मेरे खिलाफ विश्व व्यापी षडयंत्र हुआ था। लेकिन मेरे साथ मेरी जनता खड़ी हो गई थी, जिससे मैं उस केस से बाहर निकल गया। लेकिन सेंगर उस षडयंत्र से बाहर नहीं निकल पाए। बृजभूषण ने दावा किया कि षडयंत्रकारी आज भी षडयंत्र कर रहे हैं। वे कहीं से प्रेरित हैं, उनके पीछे कोई है। उन्होंने पीड़िता के धरने पर भी सवाल उठाया। कहा कि न्यायालय के फैसले का सम्मान सबको करना चाहिए। धरना-प्रदर्शन से कुछ होने वाला नहीं। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की एसएलपीदिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि कुलदीप सिंह सेंगर को दिसंबर, 2019 में उम्रकैद की सजा और 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। इसके बाद सेंगर ने सीबीआई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ जनवरी, 2020 में दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। फिर मार्च, 2022 में सजा सस्पेंड करने की याचिका दाखिल की थी। सीबीआई और पीड़ित ने इस याचिका का कड़ा विरोध किया था। इसके बाद भी दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर, 2025 को अपील के निपटारे तक सजा निलंबित कर सेंगर को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी थी। अब जानिए CBI के पास ऐसे क्या सबूत थे, जिन पर सजा हुई थी?जांच करने वाले सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया- रेप केस में कुलदीप सेंगर के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे। जिसके आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई थी। इसी चार्जशीट के आधार पर अदालत ने कुलदीप को सजा सुनाई थी। नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि कुलदीप सेंगर के खिलाफ क्लियर-कट सबूत थे, जो काफी स्ट्रॉन्ग थे। कुलदीप सेंगर की ओर से भी ट्रायल के दौरान बड़े-बड़े वकील खड़े किए गए थे। लेकिन, अदालत ने सबूतों के आधार पर फैसला सुनाया। 1-पीड़िता का बयान ही सबसे अहम सबूतपीड़िता का क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की धारा- 161 और 164 के तहत दर्ज बयान सबसे मजबूत सबूत था। ट्रायल कोर्ट ने इसे अनब्लेमिश्ड, ट्रुथफुल और स्टरलिंग क्वालिटी का बताया। इससे साबित हुआ कि 4 जून, 2017 को सेंगर ने उसे अपने घर पर अगवा कर बलात्कार किया। पीड़िता ने नौकरी मांगने के बहाने शशि सिंह के साथ सेंगर के घर जाने की बात कही थी। 2- क्यों बंद हुआ मोबाइल, नहीं बता सका सेंगरसीबीआई ने जांच के दौरान सेंगर के मोबाइल की पूरे एक साल की सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) निकाली। पूरे साल में केवल 1 घंटे के लिए सेंगर का मोबाइल स्विच ऑफ हुआ था। वह समय वही था, जिस समय का जिक्र रेप पीड़िता ने अपनी एफआईआर में किया था। इसी अवधि में मोबाइल क्यों बंद रहा, इसका जवाब सेंगर नहीं दे सका था। 3- नहीं काम आया शादी में होने के तर्कसेंगर ने सीबीआई को बताया कि घटना का समय जो बताया गया है, उस समय वह माखी गांव के नजदीक ही एक शादी में गया हुआ था। जांच में सीबीआई ने पाया कि घटनास्थल और शादी समारोह स्थल की दूरी इतनी नहीं थी कि सेंगर घटना को अंजाम देकर शादी में न पहुंच सके। इसलिए कुलदीप का शादी में होने का तर्क भी काम नहीं आया। 4- पीड़िता की उम्र का प्रमाणसीबीआई ने स्कूल रिकॉर्ड के आधार पर साबित किया कि घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी। इसलिए POCSO एक्ट लगाया गया। पीड़िता की जन्मतिथि 17 अगस्त, 2001 थी। 4 जून, 2017 को हुई घटना के समय उसकी उम्र 16 साल से भी कम थी। अदालत ने दिसंबर- 2019 में सुनाई थी सजाइस मामले में सीबीआई ने जुलाई, 2018 में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट का संज्ञान लेने के बाद अदालत ने पूरी सुनवाई की। सबूतों के आधार पर 20 दिसंबर, 2019 को दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को IPC की धारा 376 (बलात्कार), 363/366 (अगवा) और POCSO एक्ट के तहत दोषी ठहराया। कोर्ट ने कहा कि सबूत मजबूत हैं। सेंगर ने अपनी ताकत का दुरुपयोग किया। सेंगर को उम्रकैद के साथ साथ 25 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। दूसरे कौन-कौन से मामले चल रहे, उनमें क्या सजा हो सकती है?सेंगर के खिलाफ मुख्य रूप से दो मामले चल रहे या जुड़े हैं। इसमें एक मामला रेप से जुड़ा हुआ है, दूसरा रेप पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत का मामला है। रेप के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सजा को निलंबित कर दिया है और कुलदीप सेंगर को जमानत दे दी। वहीं, उम्रकैद के मामले में उसको 10 साल की उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा, पीड़ित पर हमले (कार एक्सीडेंट) से जुड़े मामले भी थे, लेकिन इस मामले में वह बरी हो चुका है। ---------------------------- ये खबर भी पढ़ें... उन्नाव रेप पीड़ित का मां-चाचा से भी झगड़ा हुआ, कुलदीप सेंगर के खिलाफ 9 साल कानूनी लड़ाई लड़ी उन्नाव के बहुचर्चित रेप केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सेंगर की सजा सस्पेंड कर दी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि कुलदीप ने अपनी पावर और पैसे का इस्तेमाल करके यह सब कराया है। सबको पैसे खिलाए हैं। पढ़ें पूरी खबर
राजस्थान में नए साल (2026) पर बारिश की संभावना जताई जा रही है। प्रदेश में कड़ाके की सर्दी का दौर जारी है। रविवार को बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर और फलोदी को छोड़कर बाकी सभी जिलों में न्यूनतम तापमान सिंगल डिजिट में दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने 1 जनवरी को 12 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट भी जारी किया है। जोधपुर, बीकानेर और अजमेर संभाग के कुछ हिस्सों में शनिवार को दिन में हल्के बादल भी छाए रहे। शनिवार को जयपुर, दौसा, उदयपुर, करौली सहित 6 शहरों में सीजन का सबसे कम तापमान दर्ज हुआ। मौसम विभाग ने राज्य में आज (सोमवार) और कल (मंगलवार) मौसम इसी तरह रहने का अनुमान जताया है। इन जिलों में छा सकते हैं बादलमौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया- एक नए मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से 31 दिसंबर और 1 जनवरी को बीकानेर संभाग और शेखावाटी क्षेत्र के जिलों के कुछ भागों में बादल छा सकते हैं। साथ ही कहीं-कहीं हल्की बारिश या मावठ होने की संभावना है। इस दौरान 31 दिसंबर को बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं और सीकर जिलों में बादल छा सकते हैं। 1 जनवरी को श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं और अलवर में बादल छाने की संभावना है। कहीं-कहीं हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है। सीकर का फतेहपुर और करौली सबसे ज्यादा ठंडाप्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान जयपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा और अजमेर संभाग के जिलों में कड़ाके की सर्दी रही। सबसे ठंडे इलाके फतेहपुर (सीकर) और करौली रहे। यहां का न्यूनतम तापमान क्रमशः 2.1 और 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रविवार को पाली में न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 3.5, दौसा में 3.9, लूणकरणसर में 4.6, अलवर में 5, पिलानी में 5.8, बारां में 5.1, सिरोही में 5.5, चूरू में 5.4, जालोर में 5.9, झुंझुनूं, उदयपुर में 6.8, चित्तौड़गढ़ में 6.2, भीलवाड़ा में 6.4, अजमेर में 6.8, कोटा में 7.6, श्रीगंगानगर में 7.5, जयपुर में 8.5, जोधपुर में 9.2, प्रतापगढ़ में 9.5 और बीकानेर में 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सर्दी के कारण ओस की बूंदें जम गईंहनुमानगढ़, फतेहपुर (सीकर) और सीकर के आसपास कड़ाके की सर्दी के कारण ओस की बूंदें जम गईं। इन इलाकों में पाला पड़ना शुरू हो गया है। शनिवार को दौसा, भीलवाड़ा, जयपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और करौली में सीजन का सबसे कम तापमान दर्ज हुआ। बादल छाए, लेकिन सर्द हवाएं तेजरविवार को पश्चिमी विक्षोभ का असर रहा। इसकी वजह से जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, बीकानेर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, चूरू समेत कुछ हिस्सों में हल्के बादल छाए, लेकिन सर्द हवाओं का प्रभाव तेज रहा। इस कारण अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ।
आज विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत करेंगे सीएम:विधायक खेल स्पर्धा के समापन अवसर पर रहेंगे उपस्थित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को विधायक खेल स्पर्धा - 2025 के विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे। पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन दोपहर बाद 2 बजे से वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में होगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सांसद खेल स्पर्धा की तर्ज पर विधायक खेल स्पर्धाओं का आयोजन भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री गोरखपुर शहर से विधायक हैं।ऐसे में गोरखपुर शहर स्थित वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज में विधायक खेल स्पर्धा 28 दिसंबर से शुरू हुई है। इस दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता के समापन अवसर पर सीएम उपस्थित रहेंगे और विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत करेंगे। इन खेलों का हो रहा आयोजन गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधायक खेल स्पर्धा 2025 में एथलेटिक्स, कबड्डी, वॉलीबाल, जूडो और कुश्ती प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। प्रतियोगिता का समापन और पुरस्कार वितरण समारोह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में होगा। पहले दिन खिलाड़ियों ने विभिन्न स्पर्धाओं में अपनी खेल प्रतिभा का परिचय दिया।सांसद रविकिशन ने रविवार को इस स्पर्धा का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को नई दिशा एवं प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने कुश्ती प्रतियोगिता में पहलवानों का हाथ मिलवाकर स्पर्धा शुरू कराई। उद्घाटन अवसर पर सहजनवा के विधायक प्रदीप शुक्ला एवं पिपराइच के विधायक महेंद्र पाल सिंह उपस्थित रहे। कबड्डी खिलाड़ी के घर जाकर जताएंगे शोक संवेदना खेल स्पर्धा में शामिल होने से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ दोपहर 12 बजे जंगल कौड़िया ब्लॉक के बुढ़ियाबारी गांव में पूर्व प्रमुख स्वर्गीय रामपति यादव के घर भी जाएंगे। यहां वह स्वर्गीय यादव के परिवार के सदस्य और सेवानिवृत रेलकर्मी एवं खेल प्रमोटर सुशील यादव को श्रद्धांजलि देंगे। कबड्डी के खिलाड़ी रहे सुशील यादव का गत दिनों निधन हो गया था।
मैं पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड अंतर्गत के अंतिम छोर पर पहाड़ी के ऊपर बसे बारुनिया गांव का 50 वर्षीय किसान हूं। मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद आर्थिक संकट के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर सका। परिवार चलाने की जिम्मेदारी भी मेरे कंधे पर थी। ज्यादा जमीन नहीं रहने के कारण ठीक से खेती भी परिवार नहीं कर पाता था। आर्थिक तंगी के कारण आगे की पढ़ाई छोड़ कर आज नींबू की खेती से सालाना लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहा हूं। जिससे न केवल मेरा परिवार खुशहाल हुआ है, बल्कि पूरे गांव के किसानों मुझसे सलाह लेकर खेती करते हैं। बंजर जमीन उगा रही सोना मेहनत तथा लगन ने साबित कर दिया है कि बंजर जमीन भी सोना उगल सकती है। मेरे पास अधिकांश खेत पथरीला और बंजर था। पहाड़ी पर गांव होने के कारण सब्जी और अन्य फसलों के लिए पानी की भारी कमी थी। मैंने पथरीली जमीन पर नींबू की खेती शुरू की। क्योंकि नींबू के पौधों को बहुत कम पानी और विशेष रखरखाव की जरूरत होती है। लगभग दो एकड़ जमीन को समतल बनाकर सौ से अधिक नींबू के पौधे लगाए। आज, 25 वर्षों से वे नींबू की खेती कर रहे हैं और हर साल इन पौधों से दो लाख रुपए तक की आमदनी हो जाती है। नींबू भी पारंपरिक सामान्य प्रजाति का है। बंजर पहाड़ी जमीन पर सामान्य प्रजाति का पौधा से बेहतर उत्पादन होता है।राज कपूर नींबू के अलावा धान की खेती भी करते हैं। धान वर्ष में एकबार बरसात के मौसम में किया जाता है। जिससे अपने घर की अनाज आवश्यकता पूरी होती है।सबसे खास बात यह है कि इसमें अलग से बीज या खाद खरीदने का कोई खर्च नहीं होता है। पिछले पांच वर्षों से पीएम कुसुम योजना का लाभ उठाकर अपने खेत पर सोलर पंप लगाया है। सोलर पंप से नियमित सिंचाई करने से नींबू का फल अधिक प्राप्त होने लगा है, जिससे उनकी आय में और वृद्धि हुई है। नींबू खरीदने ओडिशा से आते हैं खरीदार मेरी सफलता से प्रेरित होकर बारुनिया गांव के अन्य किसान भी अब नींबू की खेती कर रहे हैं। शत्रुघ्न महतो ने 80 पौधे, राम प्रसाद महतो ने 90 पौधे लगाए हैं। हरिपदो महतो के बगीचे में भी 60 नींबू के पौधे हैं। बाले बोयपाई, लोसो दिग्गी और राम महतो गांव के अन्य बड़े नींबू किसान हैं। सीजन में ओडिशा के खरीदार गांव से ही थोक भाव से नींबू खरीद कर ले जाते हैं, जिससे उन्हें बेचने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। जानिए... कौन हैं राजकपूर महतो राजकुमार महतो स्वर्गीय बुधू महतो के बेटे है। उनके पिता भी किसान थे। 25 वर्ष पहले नींबू की खेती करने की प्रेरणा मिली। इसके बाद नींबू की खेती शुरू की। मेरी दो बेटियां और पत्नी निर्मला महतो खेती के काम में पूरा सहयोग देती हैं। एक बेटी की शादी कर चुके हैं। दूसरी बेटी केजीवीबी जमशेदपुर में पढ़ रही है। वे अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेती के भी गुर सिखाते हैं जिससे की भविष्य में वे उन्नत खेती कर सकें। आसपास के किसान अपनी जमीन जब भी खेती से जुड़ी सलाह लेने आते हैं तो उन्हें वे पूरी जानकारी देते हैं।
करनाल में इन्द्री थाना क्षेत्र के गांव गुढा में एक एनआरआई बुजुर्ग की करीब 9 एकड़ पुश्तैनी जमीन हड़पने का गंभीर मामला सामने आया है। अमेरिका की नागरिकता प्राप्त 74 वर्षीय सीनियर सिटीजन ने अपने ही भाई, भतीजे और उनके साथियों पर साजिश रचकर धोखे से जमीन अपने नाम कराने, नकद रकम हड़पने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए हैं। शिकायत के आधार पर थाना इन्द्री में मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अमेरिका में रह रहे एनआरआई ने लगाया जमीन हड़पने का आरोपगांव गुढा निवासी जसपाल सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह पिछले करीब 40–45 वर्षों से कनाडा और अमेरिका में रह रहे हैं। वर्तमान में उन्हें अमेरिका की नागरिकता प्राप्त है और वह एनआरआई हैं। उनकी उम्र करीब 74 वर्ष है और वह सीनियर सिटीजन हैं। जसपाल सिंह के अनुसार उनके परिवार में तीन भाई और चार बहनें हैं। वह, शिवरतन सिंह और तीन बहनें पहली माता तेजिन्द्र कौर से हैं, जबकि बलजीत सिंह और एक बहन पिता की दूसरी पत्नी राजिन्द्र कौर से हैं। पिता की वसीयत से मिली थी संयुक्त कृषि भूमिशिकायतकर्ता ने बताया कि उनके पिता उनके नाम वसीयत कर गए थे। पिता की मृत्यु के बाद गांव गुढा में लगभग 9-9 एकड़ कृषि भूमि तीनों भाइयों के संयुक्त खाते में दर्ज थी। वसीयत और इंतकाल की प्रतियां उनके पास मौजूद हैं। इसी भूमि को लेकर बाद में विवाद और कथित धोखाधड़ी की कहानी शुरू हुई। पंचायत के बहाने समझौता और फिर टालमटोलजसपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले भी शिकायत दी थी। इसके बाद भाई बलजीत सिंह और भतीजे मन्दीप सिंह ने पंचायती तौर पर 9 एकड़ जमीन वापस देने की बात कही। मध्यस्थ के रूप में भांजा गुरसेवक सिंह रखा गया। 28 जून 2025 को गुरसेवक सिंह के घर बातचीत हुई। इसी दौरान यह सामने आया कि 2 जुलाई 2018 को उनके नाम से बनाए गए कागजातों में गुरसेवक सिंह का नाम उपयोग किया गया, जबकि गुरसेवक सिंह उस दिन करनाल गया ही नहीं था। 12 जुलाई और 23 जुलाई 2025 को भी पंचायतें हुईं, जिनमें 9 एकड़ जमीन जसपाल सिंह के नाम वापस करने का फैसला हुआ। जमीन का बंटवारा और बिक्री को लेकर भी सहमति बनी, लेकिन बाद में जमीन उनके नाम ट्रांसफर नहीं की गई। वीजा खत्म होने का फायदा उठाने का आरोपशिकायतकर्ता के अनुसार आरोपियों को पता था कि उनका वीजा खत्म होने वाला है। इसी कारण वे जानबूझकर जमीन वापसी में टालमटोल करते रहे ताकि वह विदेश लौट जाएं और जमीन उनके नाम न हो सके। पत्नी द्वारा मृत घोषित कराने का मामला भी जुड़ाजसपाल सिंह ने बताया कि वह नौकरी के चलते लंबे समय तक अमेरिका में रहे, जिससे पत्नी सुखजिन्द्र कौर शाहिद और बेटी भवनदीप कौर शाहिद से दूरी बढ़ गई। इसी दौरान पत्नी ने दीवानी अदालत में उन्हें मृत घोषित कराकर जमीन अपने और बेटी के नाम कराने का दावा किया, जो बाद में खारिज हो गया। इस दौरान भतीजा मन्दीप सिंह वकील होने के नाते बीच में आया और विश्वास जीत लिया। 2018 में रची गई साजिश का आरोपजसपाल सिंह के अनुसार 2018 में भारत आने पर वह गांव गुढा में भाई बलजीत सिंह और भतीजे मन्दीप सिंह के पास रुके। उन्होंने बताया कि माता के हिस्से की चंडीगढ़ बुडैल स्थित जमीन बेचकर पैसा दिलवाएंगे। इस दौरान पैन कार्ड, आधार कार्ड बनवाए गए, जिनमें आरोपियों का मोबाइल नंबर डलवाया गया। बुडैल की जमीन से मिले 35 लाख रुपये में से 26 लाख नकद और 9 लाख चेक मिले। आरोप है कि 27 लाख रुपये अलग-अलग बहानों से हड़प लिए गए। नशीला पदार्थ पिलाकर दस्तावेजों पर साइन कराने का आरोपशिकायत में आरोप है कि 2 जुलाई 2018 को, जिस दिन उन्हें अमेरिका लौटना था, उन्हें करनाल कचहरी ले जाकर कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया। उसी दिन कई टाइपशुदा और खाली कागजातों पर उनसे हस्ताक्षर करवा लिए गए। बाद में इन्हीं कागजातों का उपयोग कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। पांच साल के पट्टे के नाम पर ट्रांसफर डीडजसपाल सिंह ने बताया कि 6 जनवरी 2020 को इन्द्री तहसील में उनकी 9 एकड़ जमीन की ट्रांसफर डीड भाई बलजीत सिंह के नाम करवा ली गई। आरोप है कि यह डीड पांच साल के पट्टे के नाम पर करवाई गई, जबकि वास्तव में जमीन अपने नाम कर ली गई। इसके बदले उन्हें कुछ रकम डॉलर में भेजी गई। एनआरआई नियमों के उल्लंघन का आरोपशिकायतकर्ता ने बताया कि वह अमेरिका के नागरिक हैं। एनआरआई की भूमि के लिए अलग प्रक्रिया और टोकन होता है, लेकिन आरोपियों ने उन्हें भारतीय नागरिक दिखाकर रजिस्ट्री करवाई। इससे साफ होता है कि धोखे से ट्रांसफर डीड करवाई गई। 2025 में सच्चाई सामने आई15 मार्च 2025 को भारत लौटने पर जसपाल सिंह ने जमीन और बकाया ठेका राशि की मांग की। तब उन्हें बताया गया कि जमीन पहले ही बलजीत सिंह के नाम ट्रांसफर हो चुकी है और अब उनका कोई हक नहीं है। धमकी भी दी गई कि जमीन की तरफ आंख उठाकर भी देखा तो जान से मार देंगे। इसके बाद तहसील जाकर रिकॉर्ड निकलवाने पर पूरी धोखाधड़ी सामने आई। पुलिस जुटी जांच मेंजब इस सम्बन्ध में इंद्री थाना के SHO विपिन कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जसपाल की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। पूरे मामले की गहनता से जांच की जाएगी। सभी पहलुओं और सबूतों को चेक किया जाएगा। जाँच के बाद अगर आरोपी दोषी पाए जाते है तो आरोपियों पर एक्शन लिया जाएगा और गिरफ्तारी की जाएगी।
फतेहाबाद जिले के गांव ढांड के प्रगतिशील किसान मुकेश ने रेतीली जमीन पर अंजीर की खेती कर नई मिसाल कायम की है। तीन एकड़ में अंजीर का बाग लगाकर उन्होंने न केवल अपनी आय बढ़ाई, बल्कि गांव के युवाओं को भी नई दिशा दी। अब उनके साथ कई किसान जुड़ चुके हैं और अंजीर के साथ अन्य फलों की बागवानी भी कर रहे हैं। मुकेश अंजीर से जूस, चटनी, अचार और मुरब्बा तैयार कर दिल्ली तक भेज रहे हैं। उनका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपए तक पहुंच चुका है। मुकेश ने किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाया है, जिसमें 91 किसान सदस्य हैं। ढांड और आसपास के गांवों में चार स्थानों पर करीब 15 एकड़ में अंजीर के बाग लगाए गए हैं। किसान मुकेश से बागवानी की ट्रेनिंग लेकर यह खेती कर रहे हैं। हाल ही में 23 दिसंबर को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित किसान दिवस समारोह में मुकेश को सम्मानित किया गया। रेतीली जमीन पर शुरू की थी खेती, अब बना उदाहरणमुकेश बताते हैं कि गांव की जमीन रेतीली थी, जहां पारंपरिक खेती से ज्यादा आमदनी नहीं होती थी। 2007 में बीए करने के बाद उन्होंने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से अंजीर की खेती की ट्रेनिंग ली और अपनी तीन एकड़ जमीन पर बाग लगाया। अंजीर का पौधा एक साल में फल देना शुरू कर देता है, जिससे किसानों को जल्दी लाभ मिलता है। न्यू कृषिधन फूड एंड बेवरेज के नाम से बना ब्रांडमुकेश ने एनएच-9 पर स्थित गांव खाराखेड़ी में “न्यू कृषिधन फूड एंड बेवरेज” नाम से फैक्ट्री लगाई है, जहां अंजीर के साथ अश्वगंधा और अर्जुन की छाल के अर्क से जूस तैयार किया जाता है। उनका कहना है कि यह जूस दिल की बीमारियों, नसों की ब्लॉकेज, बीपी और इम्यूनिटी बढ़ाने में लाभकारी है। प्रोसेसिंग से बढ़ाई आय, मंडी पर निर्भरता खत्ममुकेश का कहना है कि हरियाणा में अंजीर का बाजार सीमित है, इसलिए उन्होंने प्रोसेसिंग पर ध्यान दिया। अंजीर को जूस, अचार, चटनी और मुरब्बा के रूप में तैयार कर बेचने से उत्पाद की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है और वेल्यू एडिशन से कीमत भी अधिक मिलती है। सूचना: यदि आप भी खेती में ऐसा नवाचार कर रहे हैं जो अन्य किसानों के लिए प्रेरणादायक हो, तो अपनी जानकारी, फोटो और वीडियो अपने नाम-पते के साथ 8708786373 पर केवल व्हाट्सएप करें। ध्यान रखें, यह नवाचार किसी अन्य मीडिया में प्रकाशित न हुआ हो। सूचना: प्रगतिशील किसान मुकेश से संपर्क करें – 9992230645.
नर्मदापुरम के चीलाचौन गांव के किसान दीपक गाैर ने चने की खेती में पानी बचत की नई तकनीक स्थापित की। ड्रिप सिंचाई और मलचिंग से चने की पैदावार डेढ़ गुना बढ़ गई। दीपक ने चने की खेती के लिए ड्रिप सिंचाई का उपयोग किया है। यह उदाहरण न केवल प्रदेश के लिए बल्कि देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। जिले में इस बार करीब 60 हजार हेक्टेयर में चने की खेती की जा रही है। दीपक ने चने की खेती में टपक सिंचाई की एक ऐसी मिसाल कायम कर दी है जो अब जिले में किसानों के साथ-साथ विशेषज्ञों के लिए भी उदाहरण है। इस प्रणाली को काबुली चना में प्रमुख रूप से इस्तेमाल किया। किसान दीपक गाैर ने स्वंय पानी की बचत करने की साेची। 40 से 50 प्रतिशत पानी की बचतकिसान दीपक गाैर ने बताया पहली बार चने की खेती ड्रिप सिंचाई से करने की कवायद की। इसमें बेड मलचिंग पद्धति को अपनाया गया। इसे स्थानीय स्तर पर मेड़ मलचिंग प्रणाली भी कहा जाता है। इससे करीब 40 से 50 प्रतिशत पानी कम लगता है। 40 प्रतिशत बीज भी कम लगता है। इससे किसानों को पानी के साथ बीज के मामले में भी बचत होती है। इस पद्धति से चने की पैदावार डेढ़ गुना उत्पादन ज्यादा हाेता है। वहीं अनावश्यक खाद और कीटनाशक के उपयोग से भी बचा जा सकता है। भूजल विशेषज्ञ एके केसरे बोले- जितना पानी मानसून सत्र में बरसता है उससे ज्यादा पानी हम धरती की गहराई से निकाल रहे हैं। ऐसे में बरसों पहले जो पानी धरती की गहराई में पहुंचा था वह पानी हम उपयोग कर रहे हैं। एक तरह से हम भंडारण खत्म कर रहे हैं। ऐसे में किसानों को भी इस बात का एहसास था कि उनके पास जो पानी है उसका यदि तेजी से दोहन किया गया तो एक या दो बार पानी दे पाना भी संभव नहीं हो पाएगा। इस तरह से इस संकट को किसानों ने भांपा और खेती को कम पानी में भी लाभकारी बनाने के लिए आगे आए। जिले में तीन क्लायमेट जाेनउल्लेखनीय है कि नर्मदापुरम जिला पूरे देश के लिए एक विविधता भरा क्षेत्र है। इसकी वजह यह है कि यहां पर तीन अलग-अलग तरह के क्लायमैटिक जाेन है। इसमें मुख्य रूप से चने की खेती में ड्रिप सिंचाई अाैर बेड मलचिंग पद्धति से चना लगाने के साथ ही किसान ने ड्रिप सिंचाई से पैदावार की है। विषम हालात में भी इसका उपयोग किया है। यह पद्धति और इस तरह की तरकीब की जानकारी आने वाले समय में और भी किसानों तक पहुंचती है तो निश्चित रूप से खेती को लाभकारी धंधा और उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए एक मिल का पत्थर साबित किया जा सकता है।
न्यू ईयर में परिवार के साथ घूमने जाना है। समय और पैसे की कमी है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में एक ऐसा स्थान है जो आपको बांधवगढ़, कान्हा और पन्ना टाइगर रिजर्व की फील कराएगा। इस वन का नाम डुमना नेचर पार्क है। यह एशिया का दूसरा और देश का सबसे बड़ा शहरी वन है। करीब 2 हजार एकड़ में फैले इस वन में कई तरह के जंगली जानवर और सुंदर-सुंदर पक्षी हैं। न्यू ईयर में इस शहरी वन में ना सिर्फ जबलपुर बल्कि प्रदेश और देश से सैलानी घूमने आते हैं। इस पार्क में प्रवेश की टिकट 20 से 50 रुपए है। एयरपोर्ट से सिर्फ 15 KM दूरडुमना एयरपोर्ट रोड पर जबलपुर शहर से सिर्फ 15 किलोमीटर की दूरी में स्थित डुमना नेचर पार्क में जो भी प्रवेश करता, बस उसके मुंह से एक ही शब्द निकलते कि क्या यह शहर का जंगल है। डुमना नेचर पार्क में वन्य प्राणी के साथ-साथ एक विशाल खंडारी जलाशय है, जहां पर कि पत्थरों में अक्सर बड़े-बड़े मगरमच्छ दिखाई देते हैं। इसके साथ ही लेपर्ड से लेकर हिरण,चीतल और जंगली सूअर सहित कई जानवर घूमते हुए नजर आएंगे। साल भर खुले रहने वाले नेचर पार्क यूं तो हमेशा ही भरा रहता है, पर न्यू ईयर में यहां आने वाले पर्यटकों में अच्छा खासा इजाफा हो जाता है। जो परिवार छुट्टियों में कान्हा,बांधवगढ़ नहीं जा पाते है, वो परिवार के साथ डुमना नेचर पार्क आते हैं। 600 एकड़ में फैला है खंदारी जलाशयडुमना नेचर पार्क की सुंदरता में चार चांद लगाता हुआ खंदारी जलाशय 600 एकड़ में फैला है। चारों तरफ हरे-हरे वृक्षों से घिरा यह विशाल जलाशय लोगों के आकर्षण का विशेष केंद्र है। इसमें बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं। इस कारण यहां नौका विहार नहीं होती है। इसके आसपास घूमा जा सकता है। जलाशय के आसपास टापू भी बने हैं, जिसमें पर्यटक ठंड के समय धूप सेंक सकते हैं। लेपर्ड, हिरण, मोर समेत हजारों जंगली जानवरदेश के सबसे बड़ी शहरी वन में हजारों जंगली जानवर हैं। यहां पर घूमने के दौरान लेपर्ड, जंगली सूअर, हिरण, मोर, बारहसिंगा सहित विभिन्न प्रकार के जानवरों सहित विशेष पक्षी है। जिन्हें देखकर अहसास होता है कि हम किसी बड़े रिजर्व पार्क में घूमने आ गए हैं। टाइगर रिजर्व या फिर दूसरे पार्कों में भले ही आपको जंगली जानवरों के दीदार ना हो पर, डुमना नेचर पार्क में बिल्कुल करीब से हिरण, जंगली सूअर और अन्य जानवरों को देख सकते हैं। रिटायर्ड सैनिकों के हाथों में सुरक्षा2 हजार एकड़ में फैले डुमना नेचर पार्क में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पर्यटकों की सेफ्टी के लिए नगर निगम ने रिटायर्ड सैनिकों को तैनात किया है। ये 24 घंटे पार्क के अलग-अलग स्थानों में मौजूद रहते हैं। इसका उद्देश्य यह है कि किसी भी तरह से यहां आने वाले सैलानियों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो। पार्क में वाइल्ड लाइफ के शौकीन फोटोशूट भी कर सकते हैं। हालांकि पार्क में खाद्य सामग्री ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। डुमना नेचर पार्क रोजाना सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक आम नागरिकों के लिए खुला रहता है। 12 किलोमीटर का साइकिल ट्रैकडुमना नेचर पार्क के सुरक्षा अधिकारी आर राजन बताते हैं कि इस पार्क में मध्यप्रदेश के अलावा देश के कई राज्यों सहित विदेश से भी पर्यटक आते हैं। जो भी व्यक्ति इस रोड से होते हुए डुमना एयरपोर्ट जाता है, वह कुछ देर के लिए इस पार्क में जरूर रुकता है। वजह यह है कि यहां पर जो फील आता है, बिल्कुल जंगल से होता है। उन्होंने बताया कि नेचर पार्क में लैपर्ड जोन, पिकॉक जोन, डीयर जोन बनाए गए हैं। यहां पर घूमने के दौरान जंगली जानवर दिखते हैं। इसके अलावा पार्क के अंदर ही 12 किलोमीटर का साइकिल ट्रैक बनाया है। 50 रुपए देकर ट्रैक का मजा लिया जा सकता है। सुरक्षा अधिकारी आर राजन ने बताया- जो लोग बांधवगढ़, कान्हा या फिर पन्ना नहीं जा पाते हैं, वे यहां बिल्कुल उसी तरह का नजारा इस पार्क में देख सकते हैं। पार्क में जंगल के बीच में कच्ची सड़क बनाई गई है। दोनों तरफ ऊंचे-ऊंचे पेड़ हैं। बीच में जलाशय है, जिसमें मगरमच्छ हैं। ऑक्सीजन का भंडार हैपर्यटक आकांक्षा बतातीं हैं कि पार्क में आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर कई तरह के पक्षी, जानवर तो दिखते ही हैं, सुबह-सुबह यह पार्क ऑक्सीजन से भरा होता है। यह वजह है कि शहर से भी बड़ी संख्या में लोग पार्क आते हैं। अब यह पर्यटक हब भी बन चुका है। घने जंगल के बीच आकर ऐसा लगता है, जैसे कि किसी बड़े नेशनल पार्क में आ गए हो। महापौर बोले- आइए हमारे पार्कजबलपुर महापौर जगत बहादुर अन्नू का कहना है कि यह शहरी पार्क नहीं बल्कि एक मिनी एनिमल रिजर्व है, जहां विभिन्न प्रजाति के जंगली जानवर हैं, मगरमच्छ हैं। ऊंचाई से मगरमच्छ के दीदार कर सकते हैं। यहां आने पर शांति का अहसास होता है, जो कि शहर के शोर शराबे के बीच आपके मन को भी आराम देगा। ऐसे पहुंचा जा सकता है पार्कअगर आप फ्लाइट से जबलपुर आ रहे हैं तो डुमना एयरपोर्ट से सिर्फ 7 किलोमीटर की दूरी पर नेचर पार्क है। शहर आते समय रास्ते में रुककर इस पार्क में घूमा जा सकता है। अगर रेलवे स्टेशन से आना चाहते हैं तो ऑटो या फिर टैक्सी लेकर आ सकते हैं। दूरी करीब 9 किलोमीटर की है। शहर के आईएसबीटी बस स्टैंड से करीब 14 से 15 किलोमीटर की दूरी है। यहां से भी ऑटो या फिर टैक्सी लेकर पहुंच सकते हैं।
पंजाब के लुधियाना में फव्वारा चौक नजदीक पेट्रोल पंप पर देर रात हंगामा हो गया। एक युवक बाइक में तेल भरवा रहा था। पंप कर्मी ने उससे पैसे मांगे तो उसने पैसे देने से मना कर दिया। दोनों में धक्का मुक्की हुई। जिसके बाद पंप के कुछ करिंदों ने उस युवक के साथ मारपीट की। उसके सिर पर धारदार हथियारों से हमला किया। खून से लथपथ युवक को पंप पर छोड़ कर कर्मचारी फरार हो गए। घायल युवक ने अपने परिजनों और दोस्तों को सूचित किया। मौके पर पहुंच परिजनों ने पुलिस कंट्रोल रुम पर सूचना दी। घटना स्थल पर पंप के मैनेजर पंकज मिश्रा भी पहुंचे। पैसे ना देने पर हुआ विवाद जानकारी देते हुए पंकज मिश्रा ने कहा कि ग्राहक तेल भरवाने के लिए पंप पर आया था। वह युवक नशे में था। उससे जब हमारे कर्मचारी ने 100 रुपए तेल के मांगे तो उसने पैसे देने से मना कर दिया और उलटा सीधा बोलने लगा। पंप पर लगे कैमरों में ये घटना कैद हो गई। उस ग्राहक ने कर्मचारी को गाली दी थी जिस कारण ये विवाद हुआ। दोस्त बोला सिर पर मारे कड़े खून से लथपथ घायल युवक ने अपना नाम मीडिया को नहीं बताया। नशे में धुत होने के कारण वह मीडिया के साथ भी बदतमीजी करने लगा। उसके एक दोस्त ने उसे संभाला। दोस्त ने बताया कि पंप कर्मचारी को उनका दोस्त पैसे दे रहा था लेकिन उसने पहले धक्का मारा जिसके बाद उसने अपने कुछ साथियों को मौके पर बुलाया। हमला करने वाले कुछ युवक बाइक पर सवार होकर आए थे। उन लोगों ने उसके घायल दोस्त के सिर पर धारदार हथियार और कड़े मारे है। पुलिस दर्ज करेगी केस-ASI वरिंदर घटना स्थल पर पहुंचे थाना डिवीजन नंबर 5 से वरिंदर सिंह ने कहा कि कंट्रोल रुम से शिकायत मिलने पर वह मौका देखने पहुंचे है। 100 रुपए का तेल भरवाने के बाद पैसों को लेकर विवाद हुआ है। युवक के धारदार हथियारों से हमला किया गया है। पुलिस मामले की जांच भी कर रही है। घायल को अस्पताल भेज दिया है। पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच के बाद बनती कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने हेमंत खंडेलवाल को 6 महीने पूरे होने जा रहे हैं। इस दौरान संगठन से सरकार तक कई बड़े संदेश दिए गए। जिनमें अनुशासन, बयानबाजी पर लगाम, गुटबाजी पर ‘सीजफायर’ और बोर्ड-निगम नियुक्तियां शामिल हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में हेमंत खंडेलवाल ने साफ कहा कि बीजेपी में अब ‘दाएं-बाएं’ चलने की गुंजाइश नहीं है। पढ़िए.. भास्कर के सवाल, खंडेलवाल के जवाब भास्कर : आपने पहली बैठक में कहा था कि जो दाएं-बाएं चलेगा, उसे दिक्कत होगी। क्या ऐसे लोग चिह्नित हुए?हेमंत खंडेलवाल: किसी भी संगठन की सबसे बड़ी ताकत अनुशासन होता है। चाहे वह परिवार हो, दल हो या संगठन अनुशासन के बिना कोई भी व्यवस्था लंबे समय तक नहीं चल सकती। हम चाहे नेता हों या कार्यकर्ता सब पार्टी के अनुशासन के अधीन हैं। हालांकि, इसका यह अर्थ नहीं कि छोटी-सी गलती पर बड़ी कार्रवाई की जाए। कई बार कार्यकर्ता से अनजाने में त्रुटि हो जाती है। ऐसे मामलों में समझाइश दी जाती है, चेतावनी दी जाती है लेकिन यदि कोई लगातार अनुशासन तोड़ता है और स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती है तो फिर पार्टी को कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं। भास्कर: पिछले कुछ समय में बयानबाजियों ने पार्टी को असहज किया। क्या अब इस पर सख्ती होगी?हेमंत खंडेलवाल : यह मानव स्वभाव है कि कभी-कभी परिस्थितियों या विषय की सही समझ न होने के कारण व्यक्ति गलती कर बैठता है। हमारा प्रयास यही रहता है कि ऐसी स्थितियां न बनें लेकिन अगर कोई बयान पार्टी या संगठन को नुकसान पहुंचाने वाला है तो उसकी गंभीरता के अनुसार संज्ञान लिया जाता है और कार्रवाई की जाती है। भास्कर: बोर्ड, निगम और मंडलों में नियुक्तियों को लेकर लंबे समय से इंतजार है। अब स्थिति कहां तक पहुंची?हेमंत खंडेलवाल : इन विषयों पर विस्तृत चर्चा हो चुकी है। संगठनात्मक नियुक्तियां हमारी प्राथमिकता में थीं, जिन्हें पहले पूरा किया गया। अब बोर्ड, निगम और मंडलों में भी शीघ्र नियुक्तियां की जाएंगी। मेरा स्पष्ट मत है कि हर उस पद पर ऐसा व्यक्ति बैठे, जो योग्य हो, सक्रिय हो और उस दायित्व को ईमानदारी से निभा सके। भास्कर : कांग्रेस से आए नेताओं और पुराने कार्यकर्ताओं को कैसे संतुलित करेंगे?हेमंत खंडेलवाल : यह सवाल सरल दिखता है, लेकिन बेहद चुनौतीपूर्ण है। एक समय था जब पार्टी में कार्यकर्ताओं की कमी थी। आज हमारे पास बड़ी संख्या में समर्पित कार्यकर्ता हैं।हर कार्यकर्ता को उसकी क्षमता के अनुसार जिम्मेदारी देना, उसे संतुष्ट रखना संगठन की परीक्षा होती है लेकिन बीजेपी का संस्कार ऐसा है कि जो जिम्मेदारी मिलती है, कार्यकर्ता उसे पूरे मनोयोग से निभाता है। भास्कर : सागर में भूपेंद्र–गोविंद सिंह के बीच लंबे समय से तनाव रहा। आपने दोनों को एक फ्रेम में लाने की कोशिश की?हेमंत खंडेलवाल : कार्यकर्ताओं के बीच मनमुटाव सिर्फ व्यक्तिगत नुकसान नहीं करता, बल्कि पार्टी, विचारधारा और उस क्षेत्र के विकास को भी प्रभावित करता है। मेरा प्रयास सिर्फ सागर ही नहीं, बल्कि हर जिले में यही है कि जहां दूरी दिखे, वहां संवाद हो, मतभेद कम हों और एकजुटता बने क्योंकि जब हम चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो संगठन की एकता सबसे बड़ी ताकत होती है। भास्कर: आप टोल पर खुद पैसे देते हैं, जबकि आपकी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं के टोल पर विवाद होते हैं। उन्हें यह संदेश क्यों नहीं देते?हेमंत खंडेलवाल: विधायक और जनप्रतिनिधि के नाते टोल की छूट होना एक परंपरा है और यह सम्मान की बात भी है। जजों, राष्ट्रपति से लेकर सेना अधिकारियों और तमाम विशिष्ट व्यक्तियों को यह सुविधा रहती है। उसमें मैं कुछ नहीं कहूंगा। मैं टोल इसलिए देता हूं क्योंकि जब मैं सांसद बना था, तब मेरे सामने एक घटना हुई। यह 2008 की बात है। मेरे साथ एक जनप्रतिनिधि बैठे थे, उनसे टोल कर्मचारी ने दस मिनट तक बहस की। मैंने कहा आप अपना कार्ड दिखाइए। तब मैंने कहा कि हम जनप्रतिनिधि अपनी ऊर्जा का उपयोग किसी और काम में करें। टोल कर्मचारी से 10 मिनट तक बहस करना मुझे ठीक नहीं लगा। उसी दिन से मैं टोल दे रहा हूं। अब किसी ने यह बात सोशल मीडिया पर डाल दी, तो लोगों को पता लग गया। मुझे तो यह भी अंदाजा नहीं था कि एक गांव का आदमी प्रदेश अध्यक्ष बनेगा। मेरा शुरू से स्वभाव है कि जो ठीक नहीं लगता, वह नहीं करता। भास्कर : अब तक जो अध्यक्ष रहे, वे पार्टी की गाड़ी का उपयोग करते थे। आप पार्टी के वाहन से क्यों नहीं चलते?हेमंत खंडेलवाल : अभी तक जो अध्यक्ष रहे हैं, कई बार ऐसे लोग प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं, जो अपना पूरा समय पार्टी के लिए देते हैं। उनके लिए अगर वे पार्टी के संसाधनों का उपयोग नहीं करेंगे, तो कहीं न कहीं वे अपनी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पाएंगे। हर वह कार्यकर्ता, जो पार्टी को समय दे रहा है और जिसके पास संसाधन नहीं हैं, वह पार्टी के संसाधनों का उपयोग करेगा लेकिन मैं आर्थिक रूप से भी सक्षम हूं। पार्टी ने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है, तो मैं क्यों पार्टी के संसाधनों का उपयोग करूं। जिस कार्यकर्ता को जरूरत है, उसे साधन उपलब्ध कराए जाएं। मेरे पास अपने साधन हैं यह मेरी सोच है। भास्कर : बैतूल के बीमार व्यक्ति के लिए लिखे पत्र के लेटरहेड में प्रदेश अध्यक्ष के पदनाम का जिक्र क्यों नहीं था?हेमंत खंडेलवाल : प्रदेश अध्यक्ष एक दायित्व है। क्षेत्र के काम और लोगों की मदद करना विधायक के नाते मेरी जिम्मेदारी है। विकास या बीमारी सहायता के लिए पत्र लिखते समय प्रदेश अध्यक्ष का लेटर हेड लगाना उचित नहीं है। जहां संगठन से जुड़ा निर्णय होगा, वहां मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं; और बैतूल के काम में मैं विधायक हूं। पदनाम का उपयोग जरूरत के अनुसार ही करूंगा।
मथुरा में साल के अंतिम दिनों में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। वृंदावन और बरसाना में अब हालात खराब होने लगे हैं। यहां की सड़कों, गलियों और मंदिरों में सिर्फ श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं। अत्यधिक भीड़ के दबाव को कम करने के लिए बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन ने 29 दिसंबर से 5 जनवरी तक श्रद्धालुओं से वृंदावन आने से परहेज करने की अपील की है। साल 2025 के अंतिम दिन और साल 2026 के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु वृंदावन, बरसाना सहित ब्रज के अन्य धार्मिक स्थलों पर पहुंचते हैं। लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के कारण यहां स्थिति बिगड़ती जा रही है। हर तरफ भीड़ ही भीड़ दिखाई दे रही है। यह स्थिति तब है, जब प्रशासन ने वृंदावन और बरसाना में बाहरी वाहनों की एंट्री प्रतिबंधित कर रखी है। सबसे पहले देखिए 2 तस्वीरें... बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से ना आने की अपील कीप्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से विशेष अपील जारी की है। मंदिर प्रबंधन की तरफ से कहा गया है कि नए साल के मौके पर मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में दर्शनार्थियों की भीड़ बढ़ रही है। इससे असुविधा हो सकती है। इसी को देखते हुए 29 दिसंबर से 5 जनवरी 2026 तक यदि संभव हो तो वृंदावन आने से परहेज करें। मंदिर प्रबंधन ने यह भी कहा है कि यदि आने की आवश्यकता अत्यधिक जरूरी हो तो यात्रा का कार्यक्रम पहले से व्यवस्थित करें और भीड़भाड़ से बचने का प्रयास करें। बांके बिहारी मंदिर समेत पूरे वृंदावन में भीड़ का सैलाबभक्तों की भीड़ का सैलाब केवल बांके बिहारी मंदिर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वृंदावन के अन्य मंदिरों पर भी देखने को मिल रहा है। बांके बिहारी जी की प्रकट स्थली निधिवन के आसपास स्थिति यह है कि वहां पैर रखने तक की जगह नहीं बची है। मंदिर की तरफ जाने वाले हर रास्ते पर भक्तों की भारी भीड़ नजर आ रही है। हर कोई भीड़ के बीच से होकर मंदिर पहुंचने के लिए उत्सुक था। आपस में झगड़ते नजर आए श्रद्धालुभीड़ बढ़ने के कारण फंसे श्रद्धालु जल्दबाजी में आपस में झगड़ने लगे हैं। पिछले दिनों राधा बल्लभ मंदिर में श्रद्धालुओं के दो गुट आपस में भिड़ गए थे, जिसमें जमकर लात-घूंसे चले थे। अब ऐसा ही नजारा निधिवन के बाहर देखने को मिला। यहां भी श्रद्धालु आपस में झगड़ते नजर आए। इस दौरान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो भीड़ और तनाव की स्थिति को दर्शाता है। बरसाना में हर तरफ भीड़ ही भीड़श्रद्धालुओं की भीड़ केवल वृंदावन में ही नहीं, बल्कि राधारानी की नगरी बरसाना में भी उमड़ रही है। यहां की गलियां और मंदिर जाने वाले रास्ते श्रद्धालुओं से भरे नजर आए। पहाड़ी पर बने राधारानी मंदिर तक जाने वाली सीढ़ियां श्रद्धालुओं से पूरी तरह भरी हुई थीं। भारी भीड़ के कारण भक्तों को कई घंटे तक दर्शनों के लिए इंतजार करना पड़ रहा था। भीड़ का यह आलम न केवल रास्तों पर, बल्कि मंदिर के अंदर भी दिखाई दे रहा था। मंदिर परिसर पूरी तरह भक्तों से भर गया। स्थानीय निवासी घरों में कैद होने को मजबूरवृंदावन और बरसाना में उमड़ रही भारी भीड़ के कारण स्थानीय निवासी घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं। शहर के एंट्री पॉइंट से वाहनों का प्रवेश बंद होने और शहर के अंदर भक्तों की भीड़ के चलते लोग अपने घरों से बाहर निकलने में असमर्थ हैं। बांके बिहारी मंदिर के आसपास रहने वाले लोग सब्जी, दूध और अन्य जरूरी सामान लेने के लिए परेशान हैं। --------------- ये भी पढ़ें- वाराणसी में जापानी पर्यटकों से बदसलूकी, VIDEO:पेशाब करने की अफवाह पर गंगा स्नान से रोका, तो हाथ जोड़कर माफी मांगते रहे वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर जापान से आए पर्यटकों के साथ बदसलूकी की गई। दरअसल, जापानी पर्यटक गंगा में स्नान करने जा रहे थे। तभी किसी ने उनपर गंगा में पेशाब करने का आरोप लगाया। हालांकि इस आरोप का कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है। घटना का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें कुछ स्थानीय लोग जापानी पर्यटकों के साथ अभद्र व्यवहार करते नजर आ रहे हैं। जापानी पर्यटक हाथ जोड़कर माफी मांगते रहे, इसके बाद भी उन्हें अपमानित किया जाता रहा। पढ़िए पूरी खबर...
पर्यटकों के लिए बनेगा आकर्षण:फूलों की घाटी चीरवा की तरह संवारेंगे जयसमंद झील की पाल
वन विभाग जयसमंद झील की पाल और रोड को चीरवा की फूलों की घाटी की तर्ज पर विकसित करेगा। इसके लिए बस स्टैंड से लेकर पाल तक रोड के दोनों तरफ फूलों के पौधे लगाए जाएंगे। इससे यह रोड पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके साथ ही पाल पर सेल्फी प्वाइंट भी तैयार किए जाएंगे। प्रोजेक्ट के लिए जिला प्रशासन की ओर से डीएमएफटी से 1 करोड़ रुपए बजट आवंटित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में करीब 3 किमी का इको ट्रेल भी बनाया जाएगा। यह पाल से लेकर रूठी रानी महल तक बनेगा। इससे वाहन आसानी से महल तक आ-जा सकेंगे। हवा महल के लिए भी रास्ते की मरम्मत की जाएगी। शौचालय की मरम्मत होगी। छतरियों पर रंग-रोगन किया जाएगा। थीम बेस्ड लाइटें लगाई जाएंगी। रूठी रानी महल तक जाने के लिए चौड़ा होगा रास्ता रूठी रानी महल तक रास्ता तो बना हुआ है, लेकिन यह बीच-बीच में संकरा है। इससे वाहनों को घाट सेक्शन में घुमाने में दिक्कत होती है। महल से झील और सेंचुरी का विहंगम नजारा दिखाई देता है। इससे पर्यटक सफारी की जगह इस रूट पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं। दूसरी ओर, रूठी रानी और हवा महल हेरिटेज भवन होने से इनकी मरम्मत एएसआई करवाएगा।
मध्यप्रदेश सरकार ने साल 2026 के लिए सरकारी छुट्टियों का कैलेंडर फाइनल कर दिया है, जिसमें कर्मचारियों के लिए काम और छुट्टियों का पूरा खाका तैयार किया गया है। नए कैलेंडर के मुताबिक साल 2026 में सरकारी कार्यालय कुल 238 दिन ही खुलेंगे, जबकि कर्मचारियों को 127 दिनों का अवकाश मिलेगा। इन छुट्टियों में 52 शनिवार, 52 रविवार और 23 सार्वजनिक अवकाश शामिल हैं। वहीं कर्मचारियों के लिए 5 डेज वर्किंग की व्यवस्था पहले जैसे ही लागू रहेगी। इस बार सरकार ने ड्यूटी आवर बढ़ना तय किया था, लेकिन इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन सकी। पढ़िए कितने दिन सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे और कितनी छुट्टियां रहेंगी। 2025 की तुलना में एक छुट्टी का इजाफासाल 2025 की तुलना में 2026 में कर्मचारियों को एक सार्वजनिक अवकाश अधिक मिलेगा। सरकार ने इस बार गणेश चतुर्थी (14 सितंबर) को भी सार्वजनिक अवकाश की सूची में शामिल किया है, जिससे कुल सार्वजनिक छुट्टियों की संख्या 23 हो गई है। इसके अलावा, कर्मचारियों को 62 ऐच्छिक अवकाशों की एक लंबी सूची भी दी गई है, जिसमें से वे अपनी सुविधानुसार किन्हीं तीन छुट्टियों का चुनाव कर सकते हैं। शनिवार-रविवार ने 'खाई' 6 छुट्टियां, कर्मचारियों को नुकसानहालांकि 2026 में 6 महत्वपूर्ण त्योहार और जयंतियां शनिवार या रविवार को पड़ रही हैं, जिससे कर्मचारियों को अलग से छुट्टी का लाभ नहीं मिल पाएगा। इन प्रमुख त्योहारों के वीकेंड पर पड़ने से कर्मचारियों को लगातार मिलने वाली छुट्टियों के अवसर कम हो गए हैं, जिसका असर उनके घूमने-फिरने या लंबे अवकाश की योजनाओं पर पड़ सकता है। कर्मचारियों के लिए 62 ऐच्छिक अवकाशों का विकल्पसार्वजनिक अवकाशों के अलावा, कर्मचारी दिए गए 62 ऐच्छिक अवकाशों में से कोई भी तीन चुन सकते हैं: प्रशासनिक निर्णय और अवकाश नियमों में बड़े बदलाव अवकाश नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन (1 जनवरी 2026 से लागू)सरकार ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1977 में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं, जो 1 जनवरी, 2026 से लागू होंगे। इन बदलावों का सीधा असर कर्मचारियों पर पड़ेगा। 5-डे वर्किंग सिस्टम रहेगा जारीप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर यह है कि सप्ताह में पांच दिन (सोमवार से शुक्रवार) काम करने की व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी। कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण को रोकने के लिए इस व्यवस्था को लागू किया गया था। लंबे समय से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार पुरानी व्यवस्था (पहले और तीसरे शनिवार को कार्य दिवस) को फिर से बहाल कर सकती है, लेकिन फिलहाल इसे यथावत रखने का निर्णय लिया गया है। साथ ही काम के घंटे बढ़ाए जाने को लेकर भी प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन इस पर भी सहमति नहीं बनी। दशहरा से पहले अतिरिक्त छुट्टी का प्रस्ताव खारिजभोपाल के जिला प्रशासन ने दशहरा के एक दिन पहले स्थानीय अवकाश का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा था। विभाग ने इसे आगे भी बढ़ाया, लेकिन मुख्य सचिव कार्यालय से इसे हरी झंडी नहीं मिली। इसका कारण यह बताया गया कि अक्टूबर महीने में पहले से ही कई छुट्टियां थीं और एक और अवकाश देने से शासकीय कार्य प्रभावित हो सकते थे।
काया-देबारी-अंबेरी ग्रेड सेपरेटर शुरू होने के बावजूद शहर के इनर रिंग रोड को भारी वाहनों से मुक्ति नहीं मिली है। इसकी बड़ी वजह यह है कि भारी वाहन टोल बचाने के चक्कर में अब भी बलीचा बाइपास, प्रतापनगर, सुखेर होकर गुजर रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए पुलिस अब नया प्रयोग करने जा रही है। दो-तीन दिन में प्रतापनगर चौराहे से पहले हाईवे पर सीमेंटेड हाइट गेज लगाए जाएंगे। ताकि, भारी वाहन प्रतापनगर से आगे न जा सके। हालांकि, काया हाईवे से अभी भी भारी वाहन प्रतापनगर तक पहुंच सकेंगे। इन्हें वापस घूमकर निकलना होगा। एएसपी उमेश ओझा ने बताया कि सोमवार को यूडीए आयुक्त राहुल जैन से बात की। उन्होंने जल्द ही नया गेज लगवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि काया हाईवे पर हाइट गेज नहीं लगाए जा सकते हैं। रात 9 से सुबह 7 बजे तक भारी वाहन इस मार्ग से निकलते हैं। जिनके ट्रांसपोर्ट इन हाईवे क्षेत्र में हैं, उन्हें वहां जाने से भी नहीं रोका जा सकता है। बता दें कि भास्कर ने 9 नवंबर के अंक में खबर प्रकाशित कर यह मुद्दा उठाया था। पहले भी लगाई थी पाबंदी, ज्यादा दिन नहीं चलीग्रेड सेपरेटर बनाने का उद्देश्य ही शहर में ट्रैफिक दबाव को कम करना था। इसके शुरू होने के बाद जिला प्रशासन ने पिछले साल काया से अंबेरी तक वाया बलीचा चौराहा, गीतांजली वाली रोड, प्रताप नगर चौराहा, आरटीओ होते हुए भुवाणा चौराहा तक तथा देबारी चौराहा से प्रतापनगर चौराहा तक भारी वाहनों के आवागमन पर पाबंदी के लिए नई व्यवस्था की थी। इसके बावजूद वाहन चालक पुराने रास्तों से ही गुजर रहे हैं। इन मार्गों के आसपास शहरी आबादी बसी है। ऐसे में सड़क हादसे होने का खतरा बना रहता है।
लक्ष्य टीम के निरीक्षण से पहले अस्पताल में हुई सुपर सफाई
सोमवार को जिला अस्पताल के निरीक्षण के लिए लक्ष्य की टीम पहुंचेगी। उसके आने से पहले अस्पताल की सफाई व्यवस्था को बेहतर करने की तैयारी में प्रबंधन जुटा रहा। सुबह से ही अस्पताल के सभी वार्डों के कक्षों, हाल एवं गैलरी की सफाई करते हुए कर्मचारी दिखाई दिए। पूरे अस्पताल परिसर की सफाई सुपरवाइजर ने अपनी निगरानी में कराई। सुबह से ही अस्पताल परिसर में माहौल बदला हुआ नजर आया। कर्मचारी सफाई व्यवस्था को चाक-चौबंद करने में जुट गए। अस्पताल के सभी वार्डों के कक्षों, हॉल और गैलरी में गहन सफाई अभियान चलाया गया। पूरे अस्पताल परिसर की सफाई सुपरवाइजर ने अपनी निगरानी में कराई। कर्मचारियों को हर कोने को चमकाने के निर्देश दिए ताकि निरीक्षण टीम के सामने किसी भी प्रकार की कमी उजागर न हो सके। वहीं छुट्टी के दिन भी ऑफिस का स्टाफ भी अस्पताल पहुंचा।
दुर्गा कालोनी में सैर पर गए परिजन, घर में हो गई चोरी
गुना| दुर्गा कालोनी में सनाढ्य धर्मशाला रोड स्थित सरस्वती स्कूल के सामने एक मकान में चोरी हो गई। घर में रह रहे व्यक्ति सुबह करीब 7 बजे रोज की तरह सैर पर निकले थे। इसी दौरान चोर बाहर के कमरे का ताला तोड़कर अंदर घुस गए। वे कमरे में रखे एक बैग, घड़ी व मोबाइल का चार्जर ले गए। आरोपियों ने घर के मुख्य हिस्से के चैनल गेट का ताला भी तोड़ने की कोशिश की। हालांकि वे सफल नहीं हो पाए। यह घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। इसमें दो नकाबपोश आरोपी दिखाई दे रहे हैं। यह घटना 27 दिसंबर की है। यही आरोपी सदर बाजार में व्यास की पुलिया के पास एक घर में चोरी करने की कोशिश करते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए। हालांकि वे सफल नहीं हो पाए।
दूसरा जैविक बाजार : डेढ़ लाख के बिके फल, सब्जी, मसाले व अनाज
सागर| जिला प्रशासन सागर, कृषि विभाग एवं आत्मा परियोजना सागर की पहल पर लगाए गए जैविक/प्राकृतिक हाट बाज़ार के दूसरे रविवार का हाट बाज़ार पीटीसी ग्राउंड के पास लगाया। इसमें डेढ़ लाख रुपए की बिक्री हुई। इसे प्रशासन के साथ ही किसानों में उत्साह है। संभावना जताई जा रही है कि भविष्य में बाजार तैयार हो जाएगा। हाट बाज़ार में किसानों और उपभोक्ताओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिल रही है। बाजार लोकप्रिय हो रहा है। किसानों ने बताया कि बताया कि उनके पूरे खाद्य उत्पाद बहुत कम समय में बिक गए। हॉट बाजार में आए उपभोक्ताओं ने बताया कि लोग रसायन मुक्त खाद्य उत्पाद के उपयोग लिए धीरे-धीरे जागृत हो रहे हैं समय के साथ और बदलाव आएगा। हाट बाज़ार में जैविक अनाज, दालें, सब्ज़ियां, फल, मसाले एवं अन्य प्राकृतिक खाद्य उत्पाद किसानों द्वारा विक्रय हेतु रखे गए। उपभोक्ताओं ने उत्पादों की गुणवत्ता, शुद्धता और उचित मूल्य को लेकर संतोष व्यक्त किया। वहीं किसानों ने भी बताया कि इस व्यवस्था से उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य मिल रहा है। 40 से ज्यादा किसानों ने बेचे फल सब्जी : आयोजित हाट बाज़ार में करीब 40 से अधिक जैविक एवं प्राकृतिक उत्पाद विक्रेता शामिल हुए, जबकि लगभग 250- 300 उपभोक्ताओं ने सीधे किसानों से खरीदारी की। बाजार में कुल मिलाकर लगभग 1 लाख 50 हजार रुपये के जैविक एवं रसायन-मुक्त खाद्य उत्पादों की बिक्री दर्ज की गई। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को स्थाई बाज़ार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह हाट बाज़ार आगे भी निरंतर जारी रहेगा।
जिला कौशल प्रतियोगिता आईटीआई में आज और कल
सागर| वर्ल्ड स्किल प्रतियोगिता–2026 एवं इंडिया स्किल प्रतियोगिता के लिए राज्य कौशल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रतियोगिता के प्रथम चरण के रूप में जिला स्तरीय कौशल प्रतियोगिता शासकीय संभागीय आईटीआई में 29 व 30 दिसंबर को है। उद्देश्य युवाओं में कौशल विकास को प्रोत्साहित करना, उनकी प्रतिभा को पहचान देना है। भविष्य की राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कौशल प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना है। प्रतियोगिता में सागर जिले वे सभी प्रतिभागी सम्मिलित होंगे, जिन्होंने जुलाई से सितंबर तक एनएसडीसी के पोर्टल या स्किल इंडिया डिजिटल हब से पंजीयन कराया था।
बीटीआईई कॉलेज छात्रा का दिल्ली परेड में चयन
सागर | बीटी इन्स्टीट्यूट ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज मकरोनिया की बीएबीएड तृतीय सेमेस्टर की छात्रा सविता का चयन रिपब्लिक डे के की परेड के लिए हुआ है। उनका चयन आरडीसी-2026 नई दिल्ली के लिए एडीशनल डायरेक्टर जनरल स्तर पर हुआ। यह चयन एनसीसी में सर्वोच्च और अत्यंत प्रतिस्पर्धात्मक उपलब्धि है। कैडेट सविता 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होगी। 7 एमपी गर्ल्स एनसीसी बटालियन, सागर का प्रतिनिधित्व करेंगी। कैडेट सविता का यह चयन बीटीईई कॉलेज की शैक्षणिक एवं सहपाठ्य गतिविधियों में उत्कृष्टता तथा एनसीसी प्रशिक्षण की बेहतरी के चलते हुआ है।
ड्रिप सिंचाई और मलचिंग से बढ़ी पैदावार:चने का दाना सिकुड़ता नहीं, पानी की भी बचत
चीलाचौन गांव के किसान दीपक गौर ने चने की खेती में पानी बचत की नई तकनीक स्थापित की। ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग से चने की पैदावार डेढ़ गुना बढ़ी। दीपक ने चने की खेती के लिए ड्रिप सिंचाई का उपयोग किया है। यह उदाहरण न केवल प्रदेश के लिए बल्कि देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। जिले में इस बार करीब 60 हजार हेक्टेयर में चने की खेती की जा रही है। दीपक ने चने की खेती में टपक सिंचाई की एक ऐसी मिसाल कायम कर दी है जो अब जिले में किसानों के साथ-साथ विशेषज्ञों के लिए भी उदाहरण है। इस प्रणाली को काबुली चना में प्रमुख रूप से इस्तेमाल किया गया। किसान दीपक गौर ने स्वयं पानी की बचत करने की सोची। खेती को कम पानी में लाभकारी बनाने की तकनीक: जितना पानी मानसून सत्र में बरसता है उससे ज्यादा पानी हम धरती की गहराई से निकाल रहे हैं। ऐसे में बरसों पहले जो पानी धरती की गहराई में पहुंचा था वह पानी हम उपयोग कर रहे हैं। एक तरह से हम भंडारण खत्म कर रहे हैं। ऐसे में किसानों को भी इस बात का एहसास था कि उनके पास जो पानी है उसका यदि तेजी से दोहन किया गया तो एक या दो बार पानी दे पाना भी संभव नहीं हो पाएगा। इस तरह से इस संकट को किसानों ने भांपा और खेती को कम पानी में भी लाभकारी बनाने के लिए आगे आए। 40 से 50 प्रतिशत पानी की बचत: किसान दीपक गौर ने बताया पहली बार चने की खेती ड्रिप सिंचाई से करने की कवायद की। इसमें बेड मल्चिंग पद्धति को अपनाया गया। इसे स्थानीय स्तर पर मेड़ मल्चिंग प्रणाली भी कहा जाता है। इससे करीब 40 से 50 प्रतिशत पानी कम लगता है। 40 प्रतिशत बीज भी कम लगता है। इससे किसानों को पानी के साथ बीज के मामले में भी बचत होती है। इस पद्धति से चने की पैदावार डेढ़ गुना उत्पादन ज्यादा होता है। वहीं अनावश्यक खाद और कीटनाशक के उपयोग से भी बचा जा सकता है। चने का दाना सिकुड़ता नहीं: किसान दीपक गौर ने बताया कि इस व्यवस्था से पानी दिए जाने के कारण चने का दाना सिकुड़ता नहीं है। इस कारण से किसानों को मंडी में उसका मूल्य भी बेहतर मिलता है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि मंडी में यदि अच्छे दाने वाला चना पहुंचता है तो उसके औसत रूप से 200 रुपए क्विंटल तक अधिक मिलते है। वहीं चने की बीमारियां भी कम लगती हैं। जिले में तीन क्लाइमेट जोन: उल्लेखनीय है कि नर्मदापुरम जिला पूरे देश के लिए एक विविधता भरा क्षेत्र है। इसकी वजह यह है कि यहां पर तीन अलग-अलग तरह के क्लाइमेटिक जोन है। इसमें मुख्य रूप से चने की खेती में ड्रिप सिंचाई और बेड मल्चिंग पद्धति से चना लगाने के साथ ही किसान ने ड्रिप सिंचाई से पैदावार की है। विषम हालात में भी इसका उपयोग किया है। यह पद्धति और इस तरह की तरकीब की जानकारी आने वाले समय में और भी किसानों तक पहुंचती है तो निश्चित रूप से खेती को लाभकारी धंधा और उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए एक मील का पत्थर साबित किया जा सकता है।
सरकार की पहल का उलटा असर:शिवराज सरकार ने 2016 में की घोषणा, 2021-22 में अमल
अवैध कॉलोनियों को वैध करने का शिवराज सरकार की पहल का शहर में उलटा असर पड़ा। सरकार की घोषणा के तहत 2020 तक की चिह्नित 43 अवैध कॉलोनियों को 2021-2022 में वैध कर दिया गया। इस प्रक्रिया के बाद शहर व समीप के ग्रामीण सर्वे नंबरों में 4 गुना ज्यादा स्पीड से अवैध कॉलोनी कट गई। पिछले 4 सालों में इस तरह की 141 नई अवैध कॉलोनियां खड़ी हो गई। पिछले 4 सालों में शहर में इतनी तेजी से बढ़ी अवैध कॉलोनियों का आंकड़ा देख अफसर भी पसोपेश में पड़ गए, क्योंकि सभी कॉलोनियों को वैध करते हुए उन्हें एक जैसी सुविधा मुहैया का नगर निगम की मंशा पर अवैध कॉलोनाजरों ने पानी फेर दिया। पिछले दो साल की ही बात करें तो इस समय में ही 20 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां कटी है। खास बात यह है कि खुलेआम अवैध कॉलोनियां काटने वालों पर अफसर रोक लगाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं। राजनीतिक उलझन में पड़े, इसलिए निगम के अफसरों ने भी अवैध कॉलोनियों की फाइल ही अलग रख दी। प्रतिबंधित क्षेत्र में काट दी कॉलोनी स्थाई निर्माण प्रतिबंधित रहने के बावजूद सिंहस्थ मेला क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर अवैध कॉलोनी बसा दी गई। साडू माता के सामने भदेड़ मय चक तहसील घट्टिया सर्वे 91/2 में अवैध कॉलोनी काट दी गई। सर्वे क्र. 128/2 के 0.200 हेक्टेयर में उज्जवलनगर के नाम से कॉलोनी काट दी। इनके अलावा 139 अवैध कॉलोनी की सूची है। फैक्ट फाइल अफसरों की अनदेखी का नतीजा काटी जा रही अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई अफसरों को करना है, लेकिन अधिकारी ध्यान देने को ही तैयार नहीं है। हमारे प्रभारी सदस्यों ने कई बार लिखित अफसरों को अवैध कॉलोनी की जानकारी दी। मैंने निर्देश दिए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अवैध कॉलोनियां अफसरों की अनदेखी का नतीजा है। - मुकेश टटवाल, महापौर
झुंझुनूं: कोट गांव में लहलहा रहे चंदन के 500 पेड़, 5 साल में 15 फीट ऊंचे हुए झुंझुनूं | अरावली की वादियों में चंदन के पेड़ लगाना किसी कल्पना से कम नहीं है। क्योंकि अरावली पर्वतमाला मुख्य रूप से पथरीली और शुष्क पहाड़ियों के लिए जानी जाती है, जबकि चंदन के पेड़ गर्म व आर्द्र जलवायु क्षेत्र में उगते हैं। इसके बावजूद कोट गांव में एलआईसी से सेवानिवृत्त विकास अधिकारी महेश कुमार पारिक ने चंदन की खेती कर इसे संभव कर दिखाया है। उन्होंने 5 साल पहले दो हेक्टेयर भूमि में 500 पौधे लगाए थे, जो अब 15 फीट के पेड़ बनकर लहलहा रहे हैं। उनकी मेहनत के कारण चंदन के पौधे पांच साल में करीब 15 फीट ऊंचे हो गए हैं। पहली बार 2019 में भी चंदन के पौधे लगाए गए थे। अजमेर: सर्दियों में कर रहे ऑफ-सीजन सब्जियों की खेती सर्दी में उत्तर प्रदेश के किसान अजमेर हाइवे से सटे खेतों को किराए पर लेकर आधुनिक तकनीक से लौकी, खीरा, खरबूजा, तरबूज और करेले की खेती कर रहे हैं। फसलों को ठंड, धूल-मिट्टी और कीट-पतंगों से बचाने के लिए पॉलीथिन शीट से ढककर पाइपनुमा लो-टनल (क्यारियां) बनाई गई हैं। इन टनलों में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से पानी और पोषक तत्वों की सप्लाई की जा रही है। इस तकनीक से मात्र 3 माह में फसल तैयार हो जाती है। किसान सद्दाम हुसैन बताते हैं कि पॉलीथिन कवर से तापमान नियंत्रित रहता है। सर्दी में भी गर्मी वाली सब्जियां उगाई जा सकती हैं। उदयपुर: स्ट्रॉबेरी की खेती, सवा लाख पौधों से एक करोड़ कमाई की आस उदयपुर | मावली के नारायण सिंह राव ने उदयपुर-राजसमंद बॉर्डर पर पिछले साल स्ट्रॉबेरी की खेती की थी। चार महीने में 6 लाख रुपए की कमाई की थी। इस बार नारायण सिंह ने रकबा बढ़ाकर सवा लाख पौधे लगाए हैं। इनसे करीब सवा करोड़ रुपए की बिक्री होगी। खर्च 26 लाख रुपए निकालने के बाद करीब एक करोड़ कमाई की आस है। अक्टूबर में बुवाई के बाद तीन महीने तक स्ट्रॉबेरी के फल आते हैं। पिछले साल डॉ. महेश दवे के 5 बीघा में खेती की थी। इस बार 12 बीघा में स्ट्रॉबेरी बोई है। डॉ. महेश दवे का खेत राजसमंद सीमा में आता है, वहीं शेष 7 बीघा उदयपुर की ईसवाल पंचायत में आता है। बाड़मेर: नेपियर घास से रोज बनेगी 6.50 टन बायो-सीएनजी बाड़मेर | बायो-सीएनजी गैस उत्पादन के लिए नेपियर घास पर आधारित प्रदेश का पहला ऐसा बायो-सीएनजी प्लांट बाड़मेर जिले में लग रहा है। यह रोज 6.50 टन उत्पादन करेगा। बायो-सीएनजी निकलने के बाद लिक्विड और सूखा जो वेस्ट निकलेगा, वह फसलों के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली जैविक खाद के रूप में काम आएगा। सांचौर की एक निजी कंपनी द्वारा चौहटन क्षेत्र के कोनरा व ईटादा के बीच बायो-सीएनजी का प्लांट विकसित किया जा रहा है।
पीएमजीएस योजना में ऐसी सड़क बनाई कि ग्रामीणों ने हाथ से ही उखाड़ दी परत
बड़नगर क्षेत्र की एक सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों ने हाथों से इस सड़क की डामर की परत उखाड़ते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ श्रेयांस कुमट ने सड़क की जाँच के लिए कमेटी गठित कर दी। ये सड़क बड़नगर क्षेत्र के केसूर मार्ग से दोतरू तक की है, जो कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत आती है। ग्रामीणों का आरोप है कि हाल ही में इसकी रिपेयरिंग की गई, जो कि गुणवत्तापूर्ण नहीं है। वायरल वीडियो में नज़र आ रहा है कि कुछ ग्रामीण युवा सड़क की ताज़ा डामर-कंक्रीट की परत को हाथों से उखाड़कर पलट रहे हैं। वीडियो में सड़क की गुणवत्ता देखकर सांसद अनिल फिरोजिया ने भी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा, ऐसे घटिया काम करने वाले अधिकारी व ठेकेदार बिल्कुल नहीं चलेंगे। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वे बोले कि मामला कलेक्टर के संज्ञान में लाकर इसकी जाँच करवाने के लिए कहा है। सीएम आने वाले थे, इसलिए छुट्टी वाले दिन बनाई कमेटी सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उज्जैन का दौरा प्रस्तावित था। ऐसे में अधिकारियों ने सड़क के मामले में गंभीरता बरती। कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ कुमट ने अवकाश के दिन रात में ही तीन सदस्यीय जाँच कमेटी का गठन किया है। इसमें ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की कार्यपालन यंत्री अंजलि धाकड़, एमपीआरडीसी के प्रबंधक नितिन करोड़े और लोनिवि के प्रफुल्ल जैन शामिल हैं। टीम को तीन दिन में जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इधर, पूरे मामले में पीएमजीएसवाई के जीएम ऋषि बडेरिया ने तर्क दिया कि ये पूरी सड़क 4.7 किमी है। इसकी रिपेयरिंग 10 वर्ष पश्चात संधारण अवधि के तहत की जा रही है। अभी तो 4.7 किमी में से केवल 500 मीटर में ही पूर्व से निर्मित सड़क पर सील कोट का काम शुरू किया है, लेयर तो बाद में बिछाई जाएगी। अधूरे व शुरुआती काम के बीच ही ग्रामीणों ने सील कोट की डामर उखाड़ दी। उन्हें गलतफहमी हुई कि काम पूरा हो गया है।
चक्रतीर्थ में 1 करोड़ से ज्यादा के काम, 3 पीएनजी शवदाह, 80 मीटर का डोम, 18 ओटलों को सुधारा
शहर के चक्रतीर्थ मुक्तिधाम पर न सिर्फ उज्जैन, बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी अंतिम संस्कार के लिए लोग पहुंचते हैं। यहां शेड टूटा हुआ था। शव दाह के ओटले जर्जर थे। बैठक की सही व्यवस्था भी नहीं थी। इलेक्ट्रिक शवदाह भट्टियां दो साल से खराब थीं। नगर निगम इसे आदर्श मुक्तिधाम के रूप में विकसित कर रहा है। डेढ़ साल में चक्रतीर्थ पर अब तक करीब एक करोड़ रुपए के कार्य पूरे हो चुके हैं। मुक्तिधाम परिसर में 76 लाख से 80 मीटर लंबा स्पेशल डोम टेंसाइल फैब्रिक शेड लगवाया है। 25 लाख रुपए खर्च कर पुराने पतरे के शेड हटाकर नए शेड लगाए गए। बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सियां और बेंच, पूरे परिसर में रंगाई-पुताई, टॉयलेट निर्माण, ओटलों का निर्माण, उनकी रंगाई-पुताई और मार्किंग जैसे कई जरूरी कार्य कराए गए हैं। 60 फीट ऊंचा सुदर्शन चक्र स्टैच्यू चक्रतीर्थ मुक्तिधाम में अब देश का पहला 60 फीट ऊंचा सुदर्शन चक्र स्टैच्यू स्थापित करने की तैयारी है। महापौर मुकेश टटवाल ने बताया इसके लिए 80 लाख रुपए स्वीकृत हाे चुके हैं। ड्राइंग-डिजाइन तैयार है और जल्द ही कार्य शुरू होगा। यह स्टैच्यू शिप्रा नदी के बड़े पुल, दत्त अखाड़ा, कार्तिक मेला प्रांगण और बड़नगर रोड से भी नजर आएगा। ये प्रमुख बदलाव : ⦁ परिसर की रंगाई-पुताई व सौंदर्यीकरण किया। ⦁ पर्यावरण हितैषी चार नए पीएनजी गैस आधारित शवदाह शुरू किए हैं। इनकी सेवा निगम द्वारा मात्र 1 रुपए में दी जा रही है। ⦁ टेंसाइल शेड लगाया, ताकि बारिश-धूप में परिजन सुरक्षित बैठ सकें। करीब 50 बेंच लगाई, शोकसभा हॉल का नवीनीकरण किया। ⦁ 18 शवदाह ओटलों का सुधार कर यहां नए शेड लगाए। अतिरिक्त सुलभ गृह भी बनाते हुए सफाई व्यवस्था पर सख्ती कर दी गई।
2 दुर्लभ सांपों की खोज:प्रदेश में पहली बार दर्ज हुई नई प्रजातियां
जिले से राजस्थान के वन्यजीव इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आई है। जिले के शुष्क पर्णपाती वनों से दो अत्यंत दुर्लभ सांपों इंडियन स्मूथ स्नेक (वालोफिस ब्राकियुरा) और स्लेंडर कोरल स्नेक (कैलियोफिस मिलेनुरस) की पहली बार पहचान दर्ज की गई है। इस खोज के साथ ही राजस्थान में सांपों की ज्ञात प्रजातियों की संख्या बढ़कर 45 हो गई है। यह उपलब्धि स्थानीय सर्पमित्रों, वन्यजीव प्रेमियों और शोधकर्ताओं के समन्वित प्रयासों का परिणाम है, जिसे अब भारत के प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ थ्रेटंड टैक्सा में प्रकाशित भी किया जा चुका है। संपूर्ण विश्व में केवल भारत में पाए जाने वाले इंडियन स्मूथ स्नेक की खोज प्रतापगढ़ जिले में होना अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है। यह सांप मार्च 2024 में प्रतापगढ़ के सर्पमित्र बीएल मेघवाल को एक घर से रेस्क्यू के दौरान मिला।
विलुप्त प्राय औषधीय व देशी पौधों के संरक्षण को लेकर इंदौर में शुरू हुआ मॉडल अब पौधारोपण तक सीमित नहीं रहा। यह शहरी व्यवस्था, शिक्षा प्रणाली और नीति-निर्माण तक प्रभाव डालने लगा है। इसके तहत स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और सरकारी परिसरों में आरईटी प्रजातियों का पौधारोपण किया गया। इसका सबसे बड़ा उदाहरण होलकर साइंस कॉलेज में देखने को मिला, जहां पांच हजार आरईटी पौधों का डेमो प्लांटेशन विकसित किया गया। सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय-वन विभाग के बीच एमओयू साइन किया जाना है। इसके तहत छात्रों के लिए 15 घंटे का विशेष अकादमिक कोर्स विभाग तैयार करेगा, जिसमें छात्रों को बताया जाएगा कि किस तरह से खत्म हो रही प्रजातियों का संरक्षण किया जा सकता है। डीएफओ प्रदीप मिश्रा के मुताबिक फील्ड आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी ने कोर्स डिजाइन में तकनीकी मार्गदर्शन के लिए वन विभाग से सहयोग मांगा है। 22 दिसंबर को मिली सैद्धांतिक मंजूरी राज्य शासन द्वारा गठित एग्जीक्यूटिव समिति ने 22 दिसंबर को इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। अब इंदौर वन मंडल द्वारा 15 घंटे का विशेष पाठ्यक्रम डिजाइन कर डीएवीवी को प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद विश्वविद्यालय और इंदौर वन मंडल के बीच औपचारिक एमओयू साइन किया जाएगा। जंगलों में तेजी से घट रही प्रजातियां : इंदौर वन मंडल के जंगलों में दहीमन, बिजा, हल्दू, कुल्लू सहित 58 प्रजातियां मात्र एक प्रतिशत ही शेष रह गई हैं। विभाग ने अब तक इंदौर वन मंडल में 58 आरईटी प्रजातियों की पहचान की है, जिनमें दहीमन, बिजा, हल्दू, हर्रा, बेहड़ा, मेंदा, तिनसा, अंजन, अर्जुन, सलई, काला तेंदू और मांडू की इमली जैसी प्रजातियां शामिल हैं। माइक्रो-फॉरेस्ट विकसित कर रहे जून में होलकर साइंस कॉलेज में 5,000 आरईटी पौधे लगाए गए हैं। इसमें विद्यार्थियों ने नर्सरी प्रबंधन की तकनीक सीखते हुए पौधारोपण किया। वन समितियों, ग्राम वन समितियों और कॉलेज-स्कूलों के जरिए व्यापक स्तर पर जनभागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। हर समिति को 2,000 से 5,000 आरईटी पौधे तैयार करने का लक्ष्य दिया है। शहर में छोटे-छोटे सरकारी भूखंडों, शैक्षणिक परिसरों और कॉलोनियों को केएमएल मैपिंग के जरिए चिह्नित कर वहां आरईटी आधारित माइक्रो-फॉरेस्ट विकसित किए जा रहे।
हिमालय में बर्फबारी होने और वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी ने मध्यप्रदेश में सर्दी बढ़ा दी है। यहां पारा 2.5 डिग्री पहुंच गया है, जो बीती रात मंदसौर में दर्ज हुआ। यहां ओंस की बूंदें भी जमी नजर आईं। उत्तरी हिस्से में कोहरा भी है, जिससे ट्रेनें लेट हो रही हैं। जेट स्ट्रीम की रफ्तार 213Km/ph पहुंच गई है। मौसम विभाग के अनुसार, बर्फीली हवाओं से एमपी भी कांप उठा है। भोपाल, इंदौर, रीवा, मऊगंज, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, सीहोर और सिवनी में कोल्ड वेव यानी, शीतलहर चल रही है तो ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग में घना कोहरा है। इस वजह से दिल्ली से आ रही ट्रेनें 4 से 5 घंटे तक लेट आ रही है। आज, सोमवार को भी सुबह से ही कोहरा और ठंड दोनों का असर देखा जा रहा है। ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, सीधी और सिंगरौली में घना कोहरा छा रहा है। वहीं, भोपाल, इंदौर, शाजापुर, रायसेन, विदिशा, सीहोर समेत कई जिलों में मध्यम कोहरा है। मौसम विभाग ने भोपाल, शाजापुर, सीहोर और राजगढ़ में कोल्ड वेव चलने का अलर्ट जारी किया है। एमपी में कड़ाके की ठंड...भोपाल में 4.8 डिग्रीमौसम विभाग के अनुसार, शनिवार-रविवार की रात में भी प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ी। कई शहरों में पारा 5 डिग्री से नीचे रहा। मंदसौर सबसे ठंडा रहा। वहीं, दूसरा सबसे ठंडा शहर शहडोल का कल्याणपुर रहा। यहां पारा 2.8 डिग्री दर्ज किया गया। शाजापुर और रीवा में पारा 3.2 डिग्री रहा। भोपाल में 4.8 डिग्री पहुंच गया। इंदौर से ज्यादा ठंडा ग्वालियर रहा। इंदौर में 6.6 डिग्री, ग्वालियर में 6.2 डिग्री, उज्जैन में 8.5 डिग्री और जबलपुर में 7.2 डिग्री रहा। रीवा के बाद प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा शहर राजगढ़ रहा। यहां तापमान 3.5 डिग्री, पचमढ़ी में 3.8 डिग्री, नौगांव में 4.2 डिग्री, उमरिया में 4.5 डिग्री, खजुराहो में 4.8 डिग्री, मलाजखंड में 5.1 डिग्री, रायसेन में 5.6 डिग्री, शिवपुरी-मंडला में 6 डिग्री, दतिया में 6.3 डिग्री, दमोह में 6.8 डिग्री, सतना में 7.1 डिग्री, छिंदवाड़ा में 7.8 डिग्री, टीकमगढ़ में 8 डिग्री, गुना, सीधी-श्योपुर में 8.2 डिग्री, बैतूल में 8.5 डिग्री, रतलाम में 8.6 डिग्री, सागर-खंडवा में 9 डिग्री, खरगोन में 9.2 डिग्री, धार में 9.5 डिग्री और सिवनी में पारा 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन भी सर्द...सीधी, पचमढ़ी-मलाजखंड सबसे ठंडेमध्यप्रदेश के दिन में भी कड़ाके की ठंड का दौर है। रविवार को सीधी में 20.6 डिग्री, पचमढ़ी-मलाजखंड में 20.8 डिग्री रहा। इसी तरह रीवा में 21.6 डिग्री, दतिया में 22 डिग्री, टीकमगढ़ में 22.2 डिग्री, नरसिंहपुर में 22.6 डिग्री, ग्वालियर में 22.9 डिग्री, सतना-नौगांव में 23.3 डिग्री, श्योपुर में 23.6 डिग्री, शिवपुरी में 24 डिग्री, खजुराहो में 24.2 डिग्री, दमोह में 24.5 डिग्री, जबलपुर में 24.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कोहरे से इन ट्रेनों पर असरप्रदेश में सोमवार को भी कोहरे का असर है। इस वजह से दिल्ली से भोपाल, इंदौर आने वाली मालवा एक्सप्रेस 4 घंटे की देरी से चल रही है। इसके अलावा शताब्दी, झेलम, सचखंड जैसी एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों की टाइमिंग पर भी असर पड़ा है। हिमालयी क्षेत्र में सिस्टम, बढ़ेगी ठंडमौसम विभाग के अनुसार, 30 दिसंबर को एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। इसका असर एमपी में भी देखने को मिलेगा। सर्द हवाओं की वजह से ठंड का मिजाज और भी बढ़ सकता है। जेट स्ट्रीम की रफ्तार 222 किमी प्रतिघंटावर्तमान में जेट स्ट्रीम भी चल रही है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में जेट स्ट्रीम का असर है। रविवार को यह जमीन से 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 213 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बही। सोमवार को भी इतनी ही रफ्तार रहने का अनुमान है। क्या होती है जेट स्ट्रीम?मौसम एक्सपर्ट की माने तो प्रदेश में ठंड बढ़ने की वजह खास वजह जेट स्ट्रीम भी है। यह जमीन से लगभग 12 किमी ऊंचाई पर चलने वाली तेज हवा है। इस बार रफ्तार 262 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई है। यह देश के उत्तरी हिस्से में सक्रिय है। पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवा के अलावा ये ऊंची हवा सर्दी बढ़ा रही है। उत्तर के मैदानी इलाकों से जब ठंडी हवा और पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवा हमारे यहां आती है, तब तेज ठंड पड़ती है। यह सब उत्तर भारत में पहुंचने वाले मौसमी सिस्टम वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण होता है। ऐसे में यदि जेट स्ट्रीम भी बन जाए तो सर्दी दोगुनी हो जाती है। इस बार यही हो रहा है। लोगों के लिए यह अलर्ट.... नवंबर-दिसंबर में रिकॉर्ड तोड़ चुकी है सर्दीइस बार नवंबर के बाद दिसंबर में भी सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। नवंबर में भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली। रिकॉर्ड के अनुसार, साल 1931 के बाद शीतलहर के यह सबसे ज्यादा दिन है। दूसरी ओर, 17 नवंबर की रात में पारा 5.2 डिग्री तक पहुंच गया, जो ओवरऑल रिकॉर्ड भी रहा। इससे पहले 30 नवंबर 1941 में तापमान 6.1 डिग्री रहा था। इंदौर में भी पारा 6.4 डिग्री ही रहा। यहां भी सीजन की सबसे सर्द रात रही। 25 साल में पहली बार पारा इतना लुढ़का। दूसरी ओर, दिसंबर में इंदौर में पारा सबसे कम रहा। भोपाल में भी यह 5 डिग्री से नीचे पहुंच चुका है। ठंड के लिए दिसंबर-जनवरी खासमौसम विभाग के अनुसार, जिस तरह मानसून के चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर) में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं और इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है, ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं। इसलिए टेम्प्रेचर में अच्छी-खासी गिरावट आती है। सर्द हवाएं भी चलती हैं। पिछले 10 साल के आंकड़े यही ट्रेंड बताते हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से दिसंबर में मावठा भी गिरता है। इससे दिन में भी सर्दी का असर बढ़ जाता है। अब जानिए दिसंबर में कैसी रहती है ठंड? मौसम का ट्रेंड देखें तो दिसंबर में स्ट्रॉन्ग वेस्टर्न डिस्टरबेंस आते हैं। वहीं, उत्तरी हवाएं आने से दिन-रात के तापमान में गिरावट होती है। इस बार भी यही हो रहा है। शुरुआत से अब तक कई वेस्टर्न डिस्टरबेंस उत्तर भारत को प्रभावित कर चुके हैं। इस वजह से एमपी में कड़ाके की ठंड के साथ शीतलहर का असर है। इन जिलों में सबसे ज्यादा सर्दी MP के 5 बड़े शहरों में दिसंबर में ऐसा ट्रेंड भोपाल में 3.1 डिग्री रिकॉर्ड हो चुका टेम्प्रेचरभोपाल में दिन-रात ठंड और बारिश का ट्रेंड रहा है। 10 में से पिछले 5 साल से भोपाल दिसंबर में भीग रहा है। आधा से पौन इंच तक बारिश हो गई। हालांकि, इस बार अब तक बारिश नहीं हुई है। दिसंबर में ठंड की बात करें तो 11 दिसंबर 1966 की रात में पारा 3.1 डिग्री पहुंच गया था। यह अब तक का ओवरऑल रिकॉर्ड है। 3 साल पहले 2021 में पारा 3.4 डिग्री पहुंच चुका है। इंदौर में 5 से 8 डिग्री के बीच रहा है पाराइंदौर में दिसंबर में रात का तापमान 5 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। पिछले साल तापमान 8.6 डिग्री तक पहुंच गया था। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिन में पारा 28 से 31 डिग्री के बीच ही रहता है। इस महीने इंदौर में बारिश भी होती है। पिछले 4 साल से बारिश हो रही है। हालांकि, इस बार अब तक बारिश नहीं हुई है। 31 दिसंबर 2015 को दिन का सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। 27 दिसंबर 1936 की रात में टेम्प्रेचर 1.1 डिग्री रहा था। सर्वाधिक कुल मासिक बारिश वर्ष 1967 को 108.5 मिमी यानी 4.2 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 53 मिमी यानी 2.1 इंच बारिश 17 दिसंबर 2009 को हुई थी। ग्वालियर में सबसे ज्यादा सर्दी, इस बार कोहरे का असरग्वालियर में दिन में गर्मी तो रात में ठंड रहती है। पिछले 10 साल में यहां अधिकतम तापमान 26.2 से 31.6 डिग्री तक रह चुका है। वहीं, रात में पारा 1.8 से 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। इस बार तेज ठंड है। साथ ही घना कोहरा भी छा रहा है। 6 दिसंबर 2006 को दिन का तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। 26 दिसंबर 1961 को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री पहुंचा था। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 106.6 मिमी यानी 4.1 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 13 दिसंबर 2013 को 32.1 मिमी यानी 1.2 इंच हुई थी। जबलपुर में तेज रहता है सर्दी का असरजबलपुर में 28 दिसंबर 1960 को दिन का तापमान 33.2 डिग्री पहुंच चुका है। 28 दिसंबर 1902 की रात में तापमान 0.6 डिग्री रहा था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वर्ष 1885 में सर्वाधिक मासिक बारिश 125 मिमी यानी 4.9 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 68.1 मिमी यानी 2.6 इंच 16 दिसंबर 1885 का है। इस बार भी कड़ाके की ठंड का दौर है। बारिश नहीं हुई है। उज्जैन में भी कड़ाके की ठंडउज्जैन में दिन का औसत तापमान 28.2 डिग्री और रात में 9.4 डिग्री सेल्सियस है। इस महीने औसत 4.6 मिमी बारिश होती है। पिछले पांच साल से उज्जैन में दिसंबर में बारिश हो रही है, लेकिन अबकी बार एक भी दिन बारिश नहीं हुई है। 18 दिसंबर 2002 को दिन में टेम्प्रेचर 34.9 डिग्री पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 28 दिसंबर 1968 और 29 दिसंबर 1983 को रात में पारा 0.5 डिग्री पहुंच चुका है। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 119.4 मिमी यानी 4.7 इंच बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश की बात करें तो 11 दिसंबर 1967 को 35.3 मिमी यानी 1.3 इंच बारिश हुई थी। मौसम के पल-पल के अपडेट के लिए नीचे लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए...
अमृत 2.0:1 लाख 45 हजार घरों तक पहुंचेगी नर्मदा, 400 एमएलडी पानी लेंगे
नगर निगम ने अमृत योजना के दूसरे चरण (अमृत 2.0) के तहत जल आपूर्ति व्यवस्था सुधारने के लिए तीन नए टेंडर जारी किए हैं। करीब 1300 करोड़ रुपए की लागत वाले ये टेंडर जनवरी के पहले सप्ताह में खोले जाएंगे। इस चरण में शहर को सबसे बड़ी राहत 1 लाख 45 हजार नए नल कनेक्शन के रूप में मिलने जा रही है। इससे अब तक नर्मदा जल से वंचित इलाकों को सीधा लाभ मिलेगा। निगम इससे पहले चार टेंडर जारी कर चुका था, लेकिन तकनीकी आपत्तियों और ऊंची दरों के कारण तीन टेंडर निरस्त करने पड़े। एक टेंडर ब्लैकलिस्टेड कंपनी को मिलने के बाद रद्द किया गया। इसके बाद निगम ने पूरी प्रक्रिया नए सिरे से शुरू करते हुए तीन नए टेंडर जारी किए हैं। इस योजना के लिए निगम बैंक से लोन ले रहा है और कुल खर्च करीब 2 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। निगम के मुताबिक अमृत 2.0 पूरा होने के बाद शहर के हर घर तक नर्मदा का पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। फिलहाल इंदौर की करीब 20 प्रतिशत आबादी तक नर्मदा जल आपूर्ति नहीं पहुंच पा रही है। जल कार्य विभाग प्रभारी और एमआईसी सदस्य अभिषेक शर्मा ने बताया कि तीन टेंडर दोबारा किए गए हैं। जनवरी के पहले सप्ताह में टेंडर खोले जाएंगे। इसके लिए नर्मदा नदी से 400 एमएलडी अतिरिक्त पानी लेने की सरकारी मंजूरी मिल चुकी है। इनमें नई टंकियों के साथ पुरानी टंकियों के मरम्मत का काम भी शामिल है। करीब 800 किमी वितरण लाइनें डाली जाएंगी। अमृत सेकंड फेज लीकेज में बेशकीमती पानी बह रहा जलूद से इंदौर तक आने वाली पुरानी पाइपलाइनों में 10 से 15 प्रतिशत तक पानी लीकेज में बह जाता है। भारी निवेश की जरूरत के चलते यह काम वर्षों से अटका रहा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इंदौर देश का एकमात्र ऐसा शहर है जो सबसे महंगा पानी पीता है। हर साल 300 से 350 करोड़ का खर्च सिर्फ पानी को इंदौर तक लाने पर होने वाले बिजली के खर्च पर आता है। नर्मदा के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के तहत 400 एमएलडी से ज्यादा पानी लिया जाता है। अब अमृत 2.0 के तहत पुरानी लाइनों के समानांतर नई पाइपलाइन बिछाई जाएंगी, जिससे लीकेज और गंदे पानी की शिकायतें खत्म करने का दावा किया जा रहा है।
धर्म-समाज:बच्चों को गुरुवाणी सिखाते हैं सलमान अली, गुरुद्वारों में शबद कीर्तन भी करते हैं
धार्मिक कट्टरता के माहौल के बीच सलमान अली जैसे अभी भी कुछ लोग हैं, जो दीपक बनकर सद्भाव की लौ को जलाए हैं। सलमान अली संगीत से जुड़े हैं और बच्चों को गुरुवाणी सिखा रहे हैं। अब तक करीब 28 से ज्यादा बच्चों को उन्होंने गुरुवाणी सिखाई है। इनमें से 8 से ज्यादा बच्चे गैर-सिख हैं। इनमें एक मुस्लिम भी है। करीब 9 बालिकाएं हैं। बच्चे भले ही कच्ची उम्र के हैं, लेकिन सभी पक्के रागों में अभ्यस्त हैं और अब गुरुद्वारों में शबद कीर्तन करने जाते हैं। बच्चों के साथ सलमान अली भी संगत करते हैं। सत्ताईस वर्षीय सलमान अली खानदानी गवैये हैं। उनके बाप-दादा भी शास्त्रीय संगीत गायन और वादन से जुड़े रहे हैं। मूलत: राया, जिला मथुरा के निवासी सलमान काफी समय से भरतपुर में रह रहे हैं और बच्चों को गुरुवाणी सहित शास्त्रीय संगीत सिखा रहे हैं। नतीजा सकारात्मक है। श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष एवं पूर्व डिप्टी मेयर इंद्रपाल सिंह कहते हैं कि इन बच्चों का अपना अलग रागी जत्था है, जो पाई बाग स्थित मुख्य गुरुद्वारे सहित शहर के अन्य गुरुद्वारों में शबद कीर्तन करने आते हैं। ये बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ धार्मिक आस्था से जुड़कर गुरुवाणी सीख रहे हैं। प्रमुख पर्वों पर सजने वाले दीवानों में इस बाल रागी जत्थे को भी शबद कीर्तन का मौका मुहैया होता है। इन बच्चों ने काफी मेहनत से रागों को पकड़ा है और शब्दों की शुद्धता बताती है कि बच्चे मेहनत और आस्था से गुरुवाणी सीख रहे हैं।
सुपर कॉरिडोर यानी बगैर रुके 11 किमी का सफर। जिस मूल उद्देश्य के साथ सुपर कॉरिडोर का निर्माण किया गया था, वह अब बदल गया है। लगातार हो रहे हादसों के बाद सुपर कॉरिडोर की स्पीड पर अब ब्रेक लगाने की तैयारी है। इसी कड़ी में टीसीएस चौराहे पर स्पीड ब्रेकर बना दिया है। अब अलग-अलग चौराहों पर सिग्नल के साथ स्पीड ब्रेकर बनाने की योजना है। एक साल में यहां 10 से अधिक बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 5 मौत के साथ कई लोग गंभीर घायल हुए हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा उपाय करना जरूरी हो गया है। वहीं, कॉरिडोर पर एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक का निर्माण होने, आईटी कंपनियों के दफ्तर और आवासीय बसाहट होने से यहां ट्रैफिक दबाव भी काफी बढ़ गया है। पिछले दिनों टीसीएस व अन्य ने प्रशासन व आईडीए को पत्र लिखकर कहा था, ट्रैफिक सुरक्षा उपाय पर्याप्त नहीं हैं। वाहनों की स्पीड व ट्रैफिक कंट्रोल जरूरी है। इन सभी के आधार पर आईडीए व ट्रैफिक पुलिस के अफसरों ने निरीक्षण कर सुरक्षा उपाय करने का निर्णय लिया और सुधार शुरू किए हैं। सुपर कॉरिडोर सुरक्षा मानकों की कमी : वार्निंग साइन, लेन मार्किंग और रोड इंडिकेटर नहीं, क्रॉसिंग में परेशानी बड़े हादसे... इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने भी गंवाई जान इसलिए सुरक्षा उपाय जरूरी
नए साल की दस्तक के साथ ही मध्यप्रदेश के धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर आस्था और उत्साह का सैलाब उमड़ने लगा है। MP में श्रद्धालु सबसे ज्यादा भगवान महाकाल में आस्था दिखा रहे हैं। उज्जैन के महाकाल लोक और इंदौर के खजराना गणेश से लेकर मैहर माता मंदिर तक श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही रही है। धार्मिक व पर्यटन शहरों में होटल्स की बुकिंग बहुत तेजी से चल रही है, जबकि बड़ी संख्या में लोग अभी से यात्रा की तैयारी में जुट गए हैं। नए साल का उत्साह ऐसा दिखाई दे रहा है कि अकेले महाकाल के दरबार में 10 से 12 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। महाकाल मंदिर समेत, खजराना गणेश मंदिर, काल भैरव मंदिर, मैहर माता मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों में दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया गया है। धार्मिक स्थलों के साथ ही पर्यटन केंद्रों पर भी भीड़ बढ़ रही है। कान्हा-बांधवगढ़ और खजुराहो जैसे डेस्टिनेशन पर होटल बुकिंग चरम पर है और पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। प्रदेश के प्रमुख मंदिरों और पर्यटन स्थलों पर प्रशासन ने व्यवस्थाएं कर रखी हैं। जानते हैं MP के प्रमुख मंदिरों और पर्यटन स्थलों की व्यवस्थाओं पर नजर महाकाल मंदिर, उज्जैन: 12 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक आशीष फलवाड़िया ने बताया कि- अब तक पूरे सालभर लाखों भक्त महाकाल दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। 25 दिसंबर से 31 जनवरी तक करीब 6 लाख श्रद्धालुओं के मंदिर में पहुंचने की संभावना है। नए साल में संख्या 12 लाख तक जा सकती है। काल भैरव मंदिर, उज्जैन: महाकाल मंदिर के चलते यहां भी उमड़ रहे भक्त कालभैरव मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि- मंदिर में आने वाले सभी दर्शनार्थियों को सुविधा मिले। मंदिर में शासन-प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को दर्शन सहज हो इसके लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। नए साल पर भीड़ बढ़ने की उम्मीद है। व्यवस्थाएं बढ़िया हैं। खजराना गणेश मंदिर, इंदौर: 31 दिसंबर रात 11 बजे से भक्तों की इंट्री बंद आगर–मालवा: बगलामुखी मंदिर में 4 लाख लोगों के आने का अनुमान बगलामुखी मंदिर के सचिव और नलखेड़ा तहसीलदार प्रियंक श्रीवास्तव ने बताया कि- अब तक पूरे सालभर लाखों भक्त मंदिर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। 28 दिसंबर से 31 जनवरी तक करीब 2 लाख श्रद्धालुओं के मंदिर में पहुंचने की संभावना है। नए साल में संख्या 4 लाख तक जा सकती है। मैहर: सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बल मांगा मंडला का कान्हा टाइगर रिजर्व: 150 होटल्स बुक, टिकट भी फुल उमरिया के बांधवगढ़ में पहुंचे पर्यटक, कोर और बफर सफारी की टिकट फुल खजुराहाे मेंं जमकर उत्साह, विदेशी पर्यटक भी पहुंच रहे नर्मदापुरम, पचमढ़ी की ज्यादातर होटल्स बुक इनपुट: उज्जैन से एलएन यादव, इंदौर से अमित सालगट, उमरिया से शैलेंद्र चतुर्वेदी, मंडला से विवेक अग्निहोत्री, मैहर से सनी जायसवाल, आगर-मालवा से मनीष कुमार मारू, खजुराहो से गौरव मिश्रा, पिपरिया से शकील नियाजी।
लघु उद्योग भारती महिला इकाई। 25 सितंबर 1994 को स्थापित इस इकाई का उद्देश्य था कि देश के आज यह संगठन देशभर में 52 हजार से अधिक सदस्यों के साथ हर जिले में सक्रिय है। ब्यावर इकाई में 340 सक्रिय सदस्य उद्योगों के विकास में योगदान दे रहे हैं। स्वयंसिद्धा प्रदर्शनी और संगठन से मिले मार्गदर्शन ने अनेक महिलाओं को व्यवसाय, आत्मविश्वास और नेतृत्व की नई दिशा दी है। कोविड के बाद 22 अगस्त 2022 को महिला इकाई का गठन किया गया। महिलाओं ने तेल, मसाले, क्रेशर प्लांट, हर्बल क्रीम जैसे उत्पाद तैयार किए। लाेकल उत्पादों काे ब्रांड बनाकर आत्मनिर्भर बनीं। आज ब्यावर में 86 और देशभर में 1600 से अधिक महिलाएं इस अभियान से जुड़ आत्मनिर्भर बनी हैं। 1. डॉ. रीना राठौड़ :वर्ष 2006 में डॉ. रीना राठौड़ ने पति के साथ मिलकर मेवाड़ा हाईटेक की स्थापना की जहां क्रेशर प्लांट का निर्माण होता है। वर्ष 2002 में 35 लाख रुपए के शुरुआती टर्नओवर से यह समूह 2015 तक 50 करोड़ और आज करीब 100 करोड़ रुपए के टर्नओवर तक पहुंच चुका है। समूह में करीब 500 कर्मचारी हैं। उन्होंने महिलाओं को स्किल डेवलपमेंट, स्वरोजगार व सेवा कार्यों को आगे बढ़ाया। 2. अर्पिता शर्मा : कोविड के बाद अर्पिता शर्मा ने शत-शोधित धृत (हर्बल क्रीम) बनाना सीखा। लघु उद्योग भारती से जुड़ी तो बादाम तेल को उत्पाद शृंखला में जोड़ते हुए अपने ब्रांड एयूएसएम (अर्पिता, उर्मिला, शशि, मनीषा) की शुरुआत की। इनका आज 40 करोड़ रुपए का टर्नओवर है जिनसे आज 110 कर्मचारी जुड़े हैं। 3. संध्या अग्रवाल : संध्या अग्रवाल ने जीबीआर मसालों में प्रोडक्शन, पैकिंग और गुणवत्ता नियंत्रण की जिम्मेदारी संभाली, अपने 12 वर्कर की टीम की बदौलत आज उनका सालाना 3 करोड़ का टर्नओवर है। 4. नीतू शाह : स्वयंसिद्धा प्रदर्शनी में महिला उद्यमियों की आत्मनिर्भरता से प्रेरित होकर नीतू शाह ने लघु उद्योग भारती की महिला इकाई से जुड़ने का निर्णय लिया। आज वे अपने व्यवसाय से शुद्ध एवं घरेलू मिठाइयां तैयार कर रही हैं। आज उनका टर्नओवर 1 करोड़ को पार कर चुका है।
हरियाणा के 5 जिलों में कोहरे का ऑरेंज अलर्ट:10 में चलेगी शीतलहर, 31 से मौसम में बदलाव की संभावना
हरियाणा में सोमवार को 5 जिलों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं अन्य जिलों के लिए विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया। मौसम विभाग ने प्रदेश में शीत लहर चलने की भी चेतावनी जारी की है। दिन के समय धूप खिलने का अनुमान है। प्रदेश में कोहरे का असर सोमवार को उत्तरी हरियाणा और जीटी रोड बेल्ट के हिस्सों में ही ज्यादा दिखाई देगा। हालांकि अन्य जिलों में भी कोहरा पड़ सकता है, मगर यहां पर इसका असर कम रहेगा। मौसम विभाग ने उत्तरी हरियाणा के 5 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल और कैथल शामिल हैं। अन्य में यलो अलर्ट इसके अलावा मौसम विभाग ने पंचकूला, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, भिवानी और चरखी दादरी के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें हलका कोहरा पड़ सकता है। 10 जिलों में चलेगी शीतलहर मौसम विभाग ने प्रदेश के 10 जिलों में शीत लहर चलने की चेतावनी भी जारी की है। इन जिलों में महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, हिसार, जींद, भिवानी, और चरखी दादरी जिले शामिल हैं। भिवानी का रहा सबसे ज्यादा तापमान रविवार को भिवानी का तापमान सबसे अधिक रहा। यहां पर दिन के समय अधिकतम तापमान 23.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं हिसार का तापमान सबसे कम रहा। हिसार का न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 31 दिसंबर से बदलेगा मौसम मौसम के जानकारों की माने तो हरियाणा में 31 दिसम्बर से 2 जनवरी के दौरान हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी होगी। वहीं उत्तरी जिलों में एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि की भी संभावना है। 31 दिसम्बर को रात्रि से ही मौसम में बदलाव और 1 जनवरी अलसुबह से हरियाणा एनसीआर में 60-70 प्रतिशत एरिया में कहीं हल्की कहीं मध्यम तो कहीं बूंदाबांदी देखने को मिलेगी।
हरियाणा के सिरसा में झाड़े की आड़ में महिला के निजी अंग से छेड़छाड़ के वीडियो से विवादों में घिरा हांडी खेड़ा बाबा यानी संजय भगत फिर सुर्खियों में है। इस बार उसकी चर्चा पत्नी के वीडियो को लेकर है। इस वीडियो में संजय की पत्नी पूजा मोबाइल आगे रखकर किसी को ऑनलाइन झाड़ा लगा रही है। वह झाड़े से नशा छुड़वाने और ग्रह दोष दूर करने का दावा कर रही है। इससे पहले सिरसा के हांडी खेड़ा गांव के लोगों ने संजय भगत का विरोध किया था। ग्रामीणों ने घेरेबंदी करके उसके दरबार में आने से लोगों को रोका। उसके बाद संजय भगत अपना टीन-टप्पर उठाकर बीकानेर के अर्जुनसर में नया डेरा बनाने पहुंच गया। इससे पहले उसे डेरा जमता वहां के लोगों को उसके वायरल वीडियो के बारे में पता चल गया। यहां भी उसका विरोध शुरू हो गया। पुलिस पहुंची और बाबा को वहां से खदेड़ दिया गया। उसके बाद से संजय भगत अपने गांव हांडी खेड़ा लौट आया। यहां अभी वह दरबार व झाड़ा लगाने से दूर है। इसी बीच उसकी पत्नी के झाड़ा लगाने का वीडियो सामने आ गया। इस मामले में संजय भगत का कहना है कि बाबा की कृपा किसी पर भी हो सकती है। मोबाइल सामने रख वीडियो कॉल पर नशेड़ी को झाड़ावीडियो में दिख रहा है कि पूजा गद्दी पर बैठी है। सामने मोबाइल रखा है, जिसमें किसी नशेड़ी से वीडियो कॉल चल रही है। इस दौरान पूजा लगातार मोबाइल पर मोर पंख से झाड़ा दे रही है। बताया जा रहा है कि धाम में भीड़ में लोगों को और ऑनलाइन दोनों तरह से झाड़ा लगा रही है। यह वीडियो दिल्ली के राधिका धाम का बताया जा रहा है। यह जगह दिल्ली में राजधानी पार्क मेट्रो स्टेशन के पास बताई जा रही है। हांडी खेड़ा के ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले इस महिला काे झाड़ा लगाते नहीं देखा। राजस्थान से खदेड़ने के बाद कभी-कभार दिख रहा संजय भगतग्रामीणों ने बताया कि संजय भगत राजस्थान से आने के बाद करीब एक महीने गांव हांडी खेड़ा में रहा। जब संजय भगत ने गांव में दोबारा दरबार लगाने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने फिर विरोध शुरू कर दिया। इसके चलते संजय अपने घर पर ही झाड़े लगाने लगा। इस बीच कभी-कभार वह गांव से बाहर रहने लगा। कई-कई दिन तक बाहर रहा। अब अचानक संजय की पत्नी पूजा झाड़े लगाने लगी। कम पढ़ी-लिखी, अभी तक घर ही संभाल रही थीग्रामीणों का कहना है कि संजय की पत्नी पूजा ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है। जब संजय गांव में दरबार लगाता था, तब भी वो कम ही नजर आती थी। वो अक्सर घर ही संभालती थी। दरबार में संजय की मां अवश्य नजर आती थी। जब संजय घर पर झाड़े लगाता है तो उसकी पत्नी वहां मौजूद रहती थी। अब सिलसिलेवार पढ़ें…कभी हेयर ड्रेसर-कबाड़ी रहे संजय की बाबा बनने की कहानी गांव में कई कामों हाथ आजमाया, फिर बाबा बना30 वर्षीय संजय तीन भाइयों में मंझला है। करीब 10 साल पहले खेतीबाड़ी करता था। कभी हेयर ड्रेसर बना तो कभी किरयाणा की दुकान की। कुछ दिन कबाड़ी का भी काम किया। भाई की बच्ची को गोद लिया हुआ है। अचानक गांव से बाहर चला गया और वापस लौटने पर बाबा बन गया और झाड़े लगाने शुरू कर दिए। पहले घर में झाड़े लगाए, फिर दरबार शुरू कियाशुरू में संजय ने करीब दो साल पहले घर पर झाड़े लगाने शुरू किए थे। उसके वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के लिए टीम रखी। धीरे-धीरे प्रचार होता गया और भीड़ बढ़ने लगी। घर में जगह कम पड़ने लगी तो गांव के बाहर तीन कनाल भूमि ठेके पर लेकर अस्थायी शेड लगाकर दरबार बना लिया। वहां पर बाहर से लोग आने लगे। महिला के निजी अंग दबाने का वीडियो वायरल हुआकरीब चार माह पहले संजय भगत का हांडी खेड़ा दरबार में झाड़े के नाम पर महिला के निजी अंग दबाने का वीडियो वायरल हुआ। इसके बाद ग्रामीणों का विरोध बढ़ गया। ग्रामीण गांव में पहरा देने लगे और बाहर से आने वाले अनुयायियों को वापस भेजना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने एतराज जताया और आरोप लगाया कि गांव में माहौल खराब हो रहा है। पाखंडवाद फैलने से गांव की बदनामी हो रही है। बीकानेर में डेरा बनाने की कोशिश कीग्रामीणों का विरोध देख संजय भगत ने कुछ दिन दरबार बंद रखा। लोगों को लगा सुधर गया है। इसी बीच एक वीडियो सामने आया। जिसमें बाबा ने कहा कि अब राजस्थान के बीकानेर में अर्जुनसर शहर के पास नया डेरा बन रहा है।यहां रिश्तेदार की जमीन लीज पर लेकर वहां नया हांडी खेड़ा धाम बनाना शुरू कर दिया। वहां भी ऐसे ही झाड़े के नाम नशा छुड़वाने एवं शादी करवाने के दावे वाले वीडियो बनवाकर वायरल करवाने शुरू कर दिए। बाबा की हरकतों का पता चला तो वहां भी विरोधवहां बाबा की हरकतों का पता चला। ग्रामीणों ने राजस्थान पुलिस को शिकायत दे दी। जिस पर पुलिस ने संजय को पूछताछ को लेकर गई और दरबार बंद करने व ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने को कहा। इस पर संजय वापस हांडी खेड़ा आ गया। यहां आने पर घर ही रहा। संजय ने वीडियो जारी कर माफी मांगी थी और दावों से पलटासंजय भगत ने राजस्थान से आने पर नया वीडियो जारी किया और कहा कि उससे कोई गलती हो गई है या किसी का बुरा हो गया है तो इसके लिए सभी से माफी मांगी थी। मैं घमंडी हूं। घमंड तो रावण का भी नहीं रहा था। संजय अपने झाड़ों से ठीक करने के दावों से भी पीछे हट गया। वीडियो में कहा कि पहले डॉक्टर से चेक कराएं और बाद में झाड़ा लगवाएं। ऐसी गारंटी नहीं है कि झाड़े से ठीक हो जाएंगे। जबकि पहले संजय भगत वीडियो में दावे करता था कि झाड़े से सब कुछ ठीक हो जाता है। जैसे शादी, औलाद हो जाती है, नशे से मुक्ति मिल जाती है। ग्रामीण बोले- गांव में पाखंड नहीं फैलाने देंगेहांडी खेड़ा गांव के रघुबीर, सुरेश, नानूराम, सोनू, महेंद्र, जय सिंह, विजय ने कहा कि राजस्थान से लौटने के बाद संजय भगत ने फिर गांव में डेरा जमाने की कोशिश की थी। ग्रामीणों ने विरोध किया। सभी एकमत हैं कि बाबा या उसकी पत्नी बाहर चाहे कुछ भी करें, गांव में पाखंड नहीं करने देंगे। बाबा बोला- बाबा की कृपा चाहिए, पत्नी पहले भी लगाती थी झाड़ेअब पत्नी द्वारा झाड़े लगाने का वीडियो सामने आने के बाद दैनिक भास्कर एप ने इस बारे में बाबा संजय भगत से बातचीत की। संजय ने कहा कि वह घर पर ही झाड़े लगा रहा है। पत्नी भी झाड़े लगाती है। पहले भी लगाती थी। बाबा की कृपा चाहिए। कोई भी लगा सकता है। इन दिनों वह बाहर है, आकर पूरी जानकारी देगा। --------------------------------- ये खबर भी पढ़ें :- हांडीखेड़ा बाबा की महिला की छाती दबाने पर सफाई:सिरसा में बोला- उसके स्तन में दर्द था, जो किया, खुलेआम किया, कमरे में नहीं हरियाणा के सिरसा में हांडी खेड़ा में दरबार लगाने वाले बाबा संजय भगत का आपत्तिजनक वीडियो सामने आने के बाद लगातार विरोध हुआ। दैनिक भास्कर एप से बातचीत में संजय भगत ने सफाई देते हुए कहा था कि महिला की छाती में गांठ की वजह से दर्द था। मैंने दरबार में सबके सामने इलाज किया। गलत तब होता जब हम कमरे के अंदर होते। महिला भी ठीक हो गई है। पढ़ें पूरी खबर...
पंजाब, चंडीगढ़ व हरियाणा समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से हिमाचल प्रदेश में न्यू ईयर सेलिब्रेट जाने वालों के लिए खुशखबरी है। इस बार उन्हें न्यू ईयर पर बर्फबारी का आनंद मिलेगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि मौसम विभाग ने शिमला, लाहौल स्पीति, चंबा, किन्नौर, कुल्लू, कांगड़ा समेत ज्यादा टूरिस्ट प्लेसों में 31 दिसंबर को बर्फबारी का अनुमान जताया है। मौसम वैज्ञानिक केंद्र शिमला के वैज्ञानिक डॉ. संदीप शर्मा के मुताबिक प्रदेश में 30 दिसंबर से वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। इसके बाद ऊंचे इलाकों में तो 30 दिसंबर की रात से ही बर्फबारी होने लगेगी। 31 दिसंबर को हैवी स्नोफॉल होगा। न्यू ईयर पर किस टूरिस्ट प्लेस में कैसा मौसम... न्यू ईयर सेलिब्रेट करने हिमाचल आ रहे तो क्या-क्या करें... हिमाचल आ रहे तो ट्रैफिक से जुड़ी बातें भी जानिए...
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में 25 से 27 दिसंबर तक चले शहीदी समागम में आए श्रद्धालुओं के सिर से निहंग लड़कों ने जबरन टोपियां उतार दीं। फिर उन्हें बरछे पर टांगकर कंधे पर लटका लिया और पूरे समागम में घूमने लगे। इसी दौरान समागम में पहुंचे कुछ सिखों ने ही इसका विरोध किया तो इसे लेकर बहस हो गई। इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो सामने आने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की इस पर प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कमेटी मेंबर ने भी इसको सिख मर्यादा के उलट करार दिया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि गुरुद्वारे के भीतर टोपी पहनकर नहीं जा सकते। जबरन टोपियां उतारने की जगह संगत को प्रेरित करना चाहिए था। सबसे पहले जानिए, वीडियो में क्या दिख रहा वीडियो में निहंग के बाणे में 2 लड़के हैं। इनमें एक लड़के ने अपने कंधे पर बरछा रखा हुआ है। बरछे में लोगों के सिर से जबरन निकाली गई टोपियां टांगी गई हैं। इससे बरछा पूरा भर गया है। दूसरे लड़के के हाथ में भी बरछा है, उसने भी टोपी टांग रखी है। जब वहीं सिख समुदाय के दूसरे लोगों ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो निहंग लड़के उनसे बहस करते हुए दिखाई दिए। निहंग और सिख व्यक्ति के बीच क्या बहस हुई.. सिख व्यक्ति: ओ बेटा कहां से पढ़कर आया है मुझे बताना जरा, क्या पढ़कर आया? ये टोपियां क्यों उतारी तुमने लोगों की।निहंग लड़का: ये शहीदों की धरती है। टोपियां पहनकर थोड़े आएंगे। सिख व्यक्ति: शहीदों की धरती है तो फिर लोगों को यहां आने के लिए मना कर दो।निहंग लड़का: टोपियां लेकर क्यों आए फिर। सिख व्यक्ति: गलत बात है ये बिल्कुल गलत। ये हमारे लिए बहुत गलत बात है।निहंग लड़का: बाबा जी, आप खुद सरदार हो। आप सोचो। सिर पर रूमाल बांधो। सिख व्यक्ति: जबरदस्ती नहीं करनी होती है किसी के साथ।निहंग लड़का: जबरदस्ती नहीं है जी। सिख व्यक्ति: जबरदस्ती नहीं है तो और क्या है?निहंग लड़का: आप खुद सरदार हो, देख लो। सिख व्यक्ति:: सरदार हैं चाहे जो हैं, पर लोगों के साथ जबरदस्ती क्यों कर रहे हो। (इसके बाद दोनों निहंग लड़के वहां से चले जाते हैं और मामला शांत हो जाता है।) लड़की ने लोगों को टोपी न पहने के लिए किया प्रेरितनिंहग के बाणे में सजी तरनतारन की रोजप्रीत कौर शहीदी समागम के दौरान फतेहगढ़ साहिब आई संगत को सिख मर्यादाओं के बारे में प्रेरित करती रही। रोजप्रीत कौर लोगों को प्रेरित कर रही थी कि वो टोपी पहनकर गुरुद्वारा साहिब में न जाएं तो लोग उसके कहने पर अपनी टोपियां भी उतार रहे थे। रोजप्रीत कौर ने लोगों को कहा कि वो गुरुद्वारा साहिब में पटका या रुमाल बांधकर ही जाएं। रोजप्रीत की विनम्रता देखकर लोग अपने आप टोपियां उतारते हुए दिखे। लोग उसकी प्रशंसा भी कर रहे थे। इस पूरे मामले पर SGPC मेंबर की 3 अहम बातें...
नया रोडवेज:AICTSL को सौंपेंगे दोनों आईएसबीटी यहीं से अप्रैल से चलेंगी नई सरकारी बसें
अप्रैल से शुरू होने वाली नई सरकारी बस सेवाओं के लिए तैयारी तेज हो गई है। इंदौर में एआईसीटीएसएल (अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड) क्षेत्रीय सहायक कंपनी की तरह काम करेगी। यहां 130 लोगों की टीम काम शुरू कर रही है। सबसे अहम बात ये है कि कंपनी को चलाने के लिए उसकी संपत्ति, आय का मॉडल भी तैयार किया गया है, ताकि किसी तरह की परेशानी न आए। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी संपत्तियां, जिसमें स्थानीय निकाय या प्राधिकरणों का पैसा नहीं लगा है, वह इस कंपनी के स्वामित्व में रहेगी। कंपनी के उपयोग की ऐसी संपत्तियां, जिनमें नगर निगम, प्राधिकरण ने राशि खर्च की है, उनका मूल्यांकन करके परिवहन विभाग संबंधित एजेंसी को राशि देगा। फिर इनकी आय होल्डिंग कंपनी के अधीन रहेगी। इसके तहत कंपनी डिपो, आधुनिक बस टर्मिनल व सब टर्मिनल का निर्माण भी करेगी। इस नए सिस्टम से इंदौर में दोनों आईएसबीटी (कुमेड़ी व नायता मुंडला) परिवहन विभाग के पास चले जाएंगे। इसके अलावा बस संचालन के लिए बाकी सरकारी बस स्टैंड को भी परिवहन विभाग अपने स्वामित्व में लेगा, लेकिन उसके लिए प्रक्रिया पूरी करना होगी। इंदौर से पहले चरण में इन रूटों पर मिलेगी बसें 32 रूट पर इंदौर से चलेंगी 310 बसें। 11 हजार बसें प्रदेशभर में चलेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुछ दिन पहले सतना में ये सेवा जल्द शुरू करने के संकेत दिए थे, लिहाजा परिवहन विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। ये सेवा इंदौर-उज्जैन संभाग से शुरू होगी। यहां करीब 1700 बसें चलाने के लिए रूट तैयार किए हैं। इंदौर से पहले चरण में भोपाल, उज्जैन, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, धार, देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच, शाजापुर, नर्मदापुरम, सागर, जबलपुर रूट पर बसें शुरू करने की योजना है। कोशिश ये भी की जा रही है कि महाराष्ट्र और गुजरात के प्राइम रूट पर भी पहले दौर में ही कुछ बसें चलाई जा सकें। इंदौर, उज्जैन के अलावा भोपाल-नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, रीवा-शहडोल, ग्वालियर-चंबल में अलग-अलग कंपनियां बनेंगी, जिन पर बस संचालन की जिम्मेदारी होगी। इन्फार्मेशन व फीडबैक व्यवस्था भी ऑनलाइनबसों की जानकारी, किराया व बुकिंग सब कुछ ऑनलाइन किया जा सकेगा। इसके लिए एप बनाया जा रहा है। बस यात्री को किसी भी तरह की परेशानी होने पर तत्काल शिकायत कर सकेंगे। यात्रा के अनुभव पर फीडबैक दे सकेंगे। निगरानी के लिए एआई आधारित सिस्टम से होगी। किराए पर मंथन जारी, सरकार का नियंत्रण होगाइस बस सेवा में सुरक्षा, यात्री सुगमता के साथ कम किराए पर भी सरकार का फोकस है। हर रूट पर बसों के किराए की पूरी लिस्ट तैयार की जा रही है। पीपीपी मॉडल पर सेवा होने के बावजूद सरकार किराए के मामले में कोई गुंजाइश नहीं रखना चाहती, न ही ऑपरेटर को किसी तरह की ऐसी छूट देगी, जिससे उसका नियंत्रण कम हो।
अखंड पूजा का संकल्प:रामेश्वर गिरि बोले - बसंत पंचमी पर इस बार भोजशाला नहीं होगी खाली
भोजशाला में रविवार को जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव रामेश्वर गिरि महाराज दर्शन करने पहुँचे। उन्होंने धारेश्वर मंदिर के सामने महाराजा भोज स्मृति बसंतोत्सव समिति के संवाद केंद्र कार्यालय का शुभारंभ किया। फिर बसंत पंचमी पर होने वाले पाँच दिवसीय कार्यक्रम की घोषणा की। साथ ही संकल्प लिया कि इस बार बसंत पंचमी पर माँ की अखंड पूजा होगी। वहीं, संरक्षक अशोक जैन ने कहा कि बसंत पंचमी पर इस बार भोजशाला को किसी भी स्थिति में खाली नहीं किया जाएगा। बता दें, बसंत पंचमी 23 जनवरी, शुक्रवार को आ रही है। उत्सव में ये कार्यक्रम होंगे भोजशाला में बसंत उत्सव के तहत पाँच दिवसीय कार्यक्रम में 23 जनवरी को सुबह 7 बजे सरस्वती यज्ञ की शुरुआत होगी। इसके बाद सुबह 10 बजे घोड़ा चौपाटी से माँ वाग्देवी की शोभायात्रा की शुरुआत होगी। दोपहर 12:15 बजे धर्मसभा होगी। इसमें मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष विहिप आलोक कुमार व संयोजक सनातनी अखाड़ा स्वामी स्वदेशानंद गिरि महाराज होंगे। 24 जनवरी को मातृशक्ति सम्मेलन होगा। 25 जनवरी को खाटू श्याम भजन संध्या होगी। 26 जनवरी को कवि सम्मेलन होगा। 27 जनवरी को कन्या भोज के साथ समापन होगा।
नया साल आने वाला है और जश्न की प्लानिंग भी तेज हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में हर साल न्यू ईयर पर वही जानी-पहचानी जगहों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। होटल फुल, सड़कें जाम और सेलिब्रेशन के नाम पर सिर्फ शोर-शराबा। लेकिन इस बार ट्रेंड कुछ अलग है। लोग भीड़ से दूर, शांत, प्राकृतिक और कम भीड़ वाली जगहों पर नया साल मनाने का मन बना रहे हैं, जहां प्रकृति के बीच सुकून मिले और साल की शुरुआत यादगार बने। इसी ट्रेंड के चलते छत्तीसगढ़ की कुछ कम चर्चित, लेकिन बेहद खूबसूरत डेस्टिनेशन्स सोशल मीडिया और ट्रैवलर्स के बीच तेजी से पॉपुलर हो रही हैं। कहीं झरनों की आवाज है, कहीं बैकवॉटर का सुकून, तो कहीं पहाड़ियों और जंगलों के बीच बसे डैम और पिकनिक स्पॉट। न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए अब लोग रील्स और पार्टी नहीं, बल्कि शांति, नेचर और एडवेंचर चुन रहे हैं। अगर आप भी इस बार भीड़ से हटकर कुछ अलग और खास प्लान करना चाहते हैं, तो ये ट्रेंडिंग 10 जगहें आपके लिए परफेक्ट ऑप्शन बन सकती हैं... पहले कुछ ये तस्वीरें देखिए... बोइर पड़ाव (खोंद्रा) बिलासपुर: घने जंगलों के बीच छिपा बिलासपुर का नेचर कैंप और पिकनिक स्पॉट बिलासपुर जिले से करीब 35-40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बोइर पड़ाव नेचर कैंप, जिसे स्थानीय लोग खोंद्रा के नाम से भी जानते हैं, प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शांत और अनएक्सप्लोर्ड डेस्टिनेशन है। घने जंगलों के बीच बना यह पिकनिक स्पॉट उन लोगों को खास तौर पर पसंद आता है, जो भीड़-भाड़ से दूर सुकून के पल बिताना चाहते हैं। कहां स्थित है बोइर पड़ाव (खोंद्रा)? बोइर पड़ाव पर्यटन स्थल बिलासपुर से करीब 35 किमी दूर जंगल क्षेत्र में स्थित है। आसपास कोई बड़ा गांव या कस्बा नहीं होने की वजह से यह जगह अब तक ज्यादा विकसित नहीं हो पाई है, लेकिन यही इसकी सबसे बड़ी खासियत भी मानी जाती है। क्या है इस जगह की खासियत? इस नेचर कैंप के बीचों-बीच एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत जलप्रपात बनता है, जो चारों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। चारों तरफ हरियाली, पेड़-पौधों की घनी छाया और जंगल का शांत माहौल इसे एक परफेक्ट नेचर पिकनिक स्पॉट बनाता है। झरना भले ही बड़ा न हो, लेकिन इसका प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को अपनी ओर खींच लेता है। पिकनिक और आउटिंग के लिए क्यों पसंद की जाती है यह जगह? बोइर पड़ाव पर लोग दोस्तों और परिवार के साथ पिकनिक मनाने आते हैं। खुली जगह, जंगल का वातावरण और पानी की मौजूदगी इसे वीकेंड आउटिंग के लिए बेहतर विकल्प बनाती है। खासकर बारिश के बाद के महीनों में यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। जंगल होने की वजह से इन बातों का रखें ध्यान यह इलाका घने जंगल में स्थित है, इसलिए यहां जंगली जीव-जंतुओं की मौजूदगी से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि अब तक किसी तरह के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय लोग यहां कई तरह के जीव-जंतुओं को देखने का दावा करते हैं। पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि समूह में रहें और सुरक्षा को लेकर लापरवाही न बरतें। देवरी-चिचोली जांजगीर: हसदेव किनारे बसा जांजगीर का सुकून भरा पिकनिक स्पॉट छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में स्थित देवरी गांव इन दिनों एक शांत और प्राकृतिक पिकनिक डेस्टिनेशन के तौर पर पहचान बना रहा है। यह जगह देवरी-चिचोली पिकनिक स्पॉट के नाम से जानी जाती है, जो हसदेव नदी के किनारे फैली हरियाली और खुले माहौल के लिए मशहूर है। रोजमर्रा की भागदौड़ और शहर की भीड़ से दूर यहां लोग सुकून और थोड़ा वक्त प्रकृति के साथ बिताने पहुंचते हैं। कहां स्थित है देवरी-चिचोली? देवरी-चिचोली पिकनिक स्पॉट जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा ब्लॉक के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय जांजगीर से करीब 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे यह डे-ट्रिप या वीकेंड आउटिंग के लिए एक आसान विकल्प बन जाता है। क्या है इस जगह की खासियत? हसदेव नदी के किनारे बसे इस इलाके में हरे-भरे रास्ते, रंग-बिरंगे फूल और खुला शांत वातावरण मिलता है। न तो ज्यादा शोर, न भारी भीड़ यही वजह है कि यह जगह खासकर परिवार, कपल्स और नेचर लवर्स के बीच पसंद की जा रही है। यहां पहुंचते ही शहर का तनाव खुद-ब-खुद कम होता महसूस होता है। पिकनिक के लिए क्या सुविधाएं मिलती हैं? स्थानीय लोगों और ट्रैवल व्लॉग्स के मुताबिक, यहां पिकनिक मनाने वालों के लिए बैठने और आराम करने के लिए शेड्स की व्यवस्था मौजूद है। नदी किनारे खुली जगह होने के कारण लोग खाना बनाने, बच्चों के साथ समय बिताने और फोटो खिंचवाने के लिए इसे बेहतर मानते हैं। गंगरेल बैक वॉटर एरिया: प्रवासी पक्षियों के बीच सुकून का ठिकाना छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में बरबांधा और हरफर गांव के बीच स्थित गंगरेल बैक वॉटर एरिया गंगरेल बांध (रविशंकर जलाशय) का डूबान क्षेत्र है। यह जगह धमतरी से करीब 40 किलोमीटर दूर, गंगरेल बांध के अंतिम छोर पर स्थित है और अब धीरे-धीरे एक शांत नेचर स्पॉट के तौर पर पहचान बना रही है। बैक वॉटर एरिया होने की वजह से यहां दूर-दूर तक फैला पानी, खुला आसमान और चारों तरफ शांति देखने को मिलती है। सर्दियों के मौसम में यहां प्रवासी पक्षी भी दिखाई देते हैं, जिससे यह जगह बर्ड वॉचिंग और फोटोग्राफी पसंद करने वालों के लिए खास बन जाती है। यह इलाका अभी ज्यादा विकसित नहीं है, इसलिए यहां भीड़ और कमर्शियल गतिविधियां नहीं मिलतीं। लोग यहां शांति से समय बिताने, सनसेट देखने और प्रकृति को करीब से महसूस करने पहुंचते हैं। निजी वाहन से यहां पहुंचना आसान है, हालांकि अंतिम हिस्से में कच्चा रास्ता भी मिल सकता है। खरखरा बांध: राजनांदगांव का सुकून भरा पिकनिक स्पॉट राजनांदगांव जिले में स्थित खरखरा बांध जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल और लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है। पानी, हरियाली और शांत माहौल की वजह से यह जगह खासकर गर्मी के मौसम में लोगों को राहत देती है। परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए लोग यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। खरखरा बांध चारों ओर से हरी-भरी पहाड़ियों और प्राकृतिक नजारों से घिरा हुआ है। मानसून के बाद यहां का दृश्य और भी आकर्षक हो जाता है। बांध से निकली नहर के ठंडे पानी के कारण यह जगह लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है। हालांकि पानी गहरा और बहाव तेज होने के कारण सावधानी बरतना जरूरी है। यहां लोग सैर-सपाटा, फोटो और वीडियो शूटिंग के लिए भी आते हैं। प्राकृतिक सुंदरता की वजह से यह स्पॉट फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी बेहतर माना जाता है। झोझा वॉटरफॉल जीपीएम: ट्रेकिंग के बाद मिलने वाला झरना गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में स्थित झोझा वॉटरफॉल प्रकृति और रोमांच पसंद करने वालों के लिए एक खास डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। हरे-भरे जंगलों के बीच, बम्हनी नदी पर बना यह झरना अपनी ऊंचाई और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। शहर की भीड़ और शोर से दूर यह जगह सुकून के साथ-साथ एडवेंचर का भी अनुभव देती है। कहां स्थित है झोझा वॉटरफॉल? झोझा वॉटरफॉल बस्तीबगरा ग्राम पंचायत से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह बिलासपुर जिले के अंदर आता है। घने जंगलों के बीच बसे होने की वजह से यह अब भी ज्यादा कमर्शियल नहीं हुआ है, जिससे इसकी प्राकृतिक खूबसूरती बनी हुई है। क्या है इस जगह की खासियत? झोझा वॉटरफॉल की सबसे बड़ी खासियत है करीब 100 फीट ऊंचाई से गिरता पानी, जो नीचे एक शानदार दृश्य बनाता है। बारिश और उसके बाद के महीनों में झरना पूरे वेग के साथ बहता है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। आसपास का जंगल, चट्टानें और बहती नदी इसे एक परफेक्ट नेचर स्पॉट बनाती हैं। यहां पहुंचने के लिए करनी होगी ट्रेकिंग झोझा वॉटरफॉल तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को करीब 1.5 से 2 किलोमीटर तक ट्रेकिंग करनी पड़ती है। यह ट्रेकिंग आसान नहीं है, लेकिन रोमांच पसंद करने वालों के लिए यह सफर खुद में एक अनुभव बन जाता है। रास्ते में जंगल और प्राकृतिक नजारे ट्रेक को और खास बना देते हैं। झरझरा माता वॉटरफॉल: न्यू ईयर पर आस्था और प्रकृति का संगम गरियाबंद जिले में मुरमुरा गांव के पास स्थित झरझरा माता वॉटरफॉल न्यू ईयर पर सुकून और शांति तलाशने वालों के लिए एक बेहतर पिकनिक स्पॉट है। झरने के ठीक सामने स्थित मां झरझरा का मंदिर इस जगह को धार्मिक के साथ-साथ प्राकृतिक पहचान भी देता है। यह एक छोटा लेकिन खूबसूरत झरना है, जो पहाड़ियों और हरियाली से घिरा हुआ है। पक्षियों की चहचहाहट और खुला माहौल इसे परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए उपयुक्त बनाता है। न्यू ईयर पर यहां भारी भीड़ नहीं होती, इसलिए शांति पसंद करने वालों के लिए यह जगह खास मानी जाती है। नवरात्रि में यहां ज्योति-ज्वारा प्रज्वलन और मेला लगता है, जबकि बारिश के मौसम में झरना पूरे वेग से बहता है। पास ही हनुमान मंदिर और अन्य प्राकृतिक स्थल भी मौजूद हैं। हालांकि आसपास कई बार हाथियों का खतरा भी होता है। इसलिए पहले से जानकारी लेकर ही पहुंचे। शिशुपाल माउंटेन महासमुंद: झरना, ट्रेकिंग और इतिहास का रोमांच महासमुंद जिले में सरायपाली के पास स्थित शिशुपाल माउंटेन एडवेंचर और नेचर लवर्स के लिए एक खास जगह मानी जाती है। घने जंगल, ऊंची चट्टानें और बारिश के मौसम में बनने वाला घोड़ाधार झरना इस इलाके को बेहद आकर्षक बना देता है। यही वजह है कि यह जगह धीरे-धीरे ट्रैकिंग और रोमांच पसंद करने वालों के बीच लोकप्रिय हो रही है। कहां स्थित है शिशुपाल माउंटेन? शिशुपाल माउंटेन सरायपाली से लगभग 26-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि रायपुर से दूरी करीब 157-180 किलोमीटर है। यह इलाका अंदरूनी होने के कारण अब भी ज्यादा कमर्शियल नहीं हुआ है। नंबी जलप्रपात: बस्तर का सबसे ऊंचा और रोमांच से भरा झरना बीजापुर जिले में स्थित नंबी जलप्रपात बस्तर संभाग का सबसे ऊंचा और सबसे खूबसूरत झरना माना जाता है। करीब 180 से 300 फीट (कुछ आकलन में इससे अधिक) ऊंचाई से गिरता पानी इसे एक सुंदर प्राकृतिक नजारा बना देता है। घने जंगल, ऊंची चट्टानें और दूर-दराज का इलाका सब मिलकर नंबी जलप्रपात को एडवेंचर डेस्टिनेशन बनाते हैं। कहां स्थित है नंबी जलप्रपात? नंबी जलप्रपात बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 64 किलोमीटर दूर, उसूर ब्लॉक के पास स्थित है। यह इलाका तेलंगाना सीमा से सटा हुआ है और बस्तर के अंदरूनी वन क्षेत्र में आता है, इसलिए अब तक यह जगह ज्यादा कमर्शियल नहीं हुई है। क्योंकि इलाके में ऑफ रोड और पैदल भी ट्रेक करना पड़ता है इसलिए ग्रुप में आएं। एडवेंचर पसंद लोगों के लिए नंबी बेस्ट ऑप्शन है। मांदाघाट जलप्रपात: जंगलों के बीच छिपा कवर्धा का शांत और रोमांचक झरना कबीरधाम (कवर्धा) जिले में स्थित मांदाघाट जलप्रपात प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर पसंद करने वालों के लिए एक खूबसूरत लेकिन अब भी कम-प्रचारित जगह है। घने जंगलों, पहाड़ियों और बरसाती नालों के बीच बना यह झरना बारिश के मौसम में पूरे वेग के साथ बहता है और एक शानदार प्राकृतिक नजारा पेश करता है। कहां स्थित है मांदाघाट जलप्रपात? मांदाघाट जलप्रपात कवर्धा जिले के वनांचल क्षेत्र में स्थित है। यह इलाका शहर से थोड़ा अंदर होने के कारण अब तक ज्यादा कमर्शियल टूरिज्म का हिस्सा नहीं बना है, जिससे इसकी प्राकृतिक शांति और सुंदरता बनी हुई है। डंगबोरा डैम: न्यू ईयर पर शांति और प्रकृति के बीच पिकनिक छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में डोंगरगढ़ के पास ढारा गांव स्थित डंगबोरा डैम (डंगोरा डैम) न्यू ईयर पर भीड़ से दूर समय बिताने के लिए एक बेहतर पिकनिक स्पॉट है। हरी-भरी पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा यह डैम शांत माहौल और खुले नजारों के लिए जाना जाता है। यह जगह बर्ड वॉचिंग, फिशिंग और नेचर वॉक पसंद करने वालों के बीच लोकप्रिय है। सर्दियों में यहां ठंडा मौसम और पक्षियों की मौजूदगी इसे खास बना देती है। आसपास भवानी माता मंदिर होने के कारण लोग दर्शन के लिए भी यहां रुकते हैं। ................................. छत्तीसगढ़ टूरिस्ट प्लेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... नए साल पर बस्तर के 13 बेस्ट टूरिस्ट स्पॉट:हसीन वादियों के बीच खूबसूरत वाटरफॉल, ट्रैकिंग की भी रोमांचक जगहें, मजे में बीतेंगी छुट्टियां नए साल और सर्दियों की छुट्टियों में यदि आप भी अपने परिवार, दोस्तों के साथ कहीं घूमने जाने प्लान बना रहे हैं, तो बस्तर सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। बस्तर की हसीन वादियों के बीच स्थित खूबसूरत झरने, मंदिर से लेकर ट्रैकिंग तक के लिए कई पर्यटन स्पॉट हैं। पढ़ें पूरी खबर
इंदौर में होने वाले वनडे मैच के लिए टिकटों की बुकिंग 31 दिसंबर से
होलकर स्टेडियम में 18 जनवरी को भारत-न्यूजीलैंड के बीच होने वाले वनडे मैच के लिए स्टूडेंट्स व दिव्यांगजनों के टिकट की बुकिंग 31 दिसंबर को सुबह 11 बजे से www.district.in/mpca पर शुरू होगी। टिकट का कोटा उपलब्ध रहने की स्थिति में यह प्रक्रिया एक जनवरी 2026 को शाम पांच बजे तक रहेगी। टिकट लेने के लिए जरूरी दस्तावेज भी अपलोड करना होंगे। दिव्यांगजन के लिए नार्थ-ईस्ट गैलरी के टिकट उपलब्ध होंगे, जिसकी कीमत 300 रुपए है। वहीं विद्यार्थियों के लिए ईस्ट स्टैंड (लोअर) का टिकट 750 रुपए जबकि ईस्ट स्टैंड (सेकंड फ्लोर) का टिकट 950 रुपए का होगा।
शिप्रा में सामूहिक विवाह:251 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में
शिप्रा में रविवार को श्रीमद भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव एवं 251 जोड़ों का सामूहिक विवाह हुआ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सामूहिक विवाह समाज में सादगी और सहयोग की भावना को मज़बूत करते हैं और अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाते हैं। आयोजन में विस अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित रहे। आयोजन प्रमुख दिलीप अग्रवाल द्वारा अब तक 750 से अधिक जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाए जाने की सराहना भी सीएम ने की।
कोटपूतली से किशनगढ़ तक प्रस्तावित फोर लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का काम नए साल में शुरू हो जाएगा। यह कोटपूतली-बहरोड़, सीकर, जयपुर, अजमेर जिले से होकर गुजरेगा। 6000 करोड़ से बनने वाले 208 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे का रोड मैप पहली बार दैनिक भास्कर बता रहा है। इस पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चल सकेंगे। यहां स्पीड वॉइलेंस मॉनिटरिंग और इंटेलीजेंस ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी होगा। कोटपूतली से किशनगढ़ पहुंचने में 6 घंटे की बजाय दो घंटे लगेंगे। एक्सप्रेस-वे पर 9 एंट्री-एग्जिट पाॅइंट होंगे। एंट्री-एग्जिट पाॅइंट की आपस में दूरी 25 से 30 किमी होगी। लैंड मार्किंग का काम शुरू हो चुका है। प्रोजेक्ट में 2200 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। 100 से ज्यादा अंडरपास और फ्लाईओवर बनाए जाएंगे किसानों के आवागमन की सुविधा के लिए एक से दो किमी के बीच एक अंडरपास बनाया जाएगा। नेशनल और स्टेट हाइवे पर फ्लाईओवर बनेंगे। 208 किमी लंबे रूट पर 100 से ज्यादा अंडरपास और फ्लाईओवर बनेंगे। एक्सीडेंट कंट्रोलिंग और सफर का समय कम करने के लिए एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर, थ्री व्हीलर और टू-व्हीलर की एंट्री नहीं होगी। एंट्री पॉइंट पर गाड़ी नंबर स्कैंन होगा। जिस प्वाइंट से एग्जिट होगी, उतनी दूरी का ही टोल कटेगा। किसानों के आवागमन की सुविधा के लिए एक से दो किमी के बीच एक अंडरपास बनाया जाएगा। नेशनल और स्टेट हाइवे पर फ्लाईओवर बनेंगे। 208 किमी लंबे रूट पर 100 से ज्यादा अंडरपास और फ्लाईओवर बनेंगे। एक्सीडेंट कंट्रोलिंग और सफर का समय कम करने के लिए एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर, थ्री व्हीलर और टू-व्हीलर की एंट्री नहीं होगी। एंट्री पॉइंट पर गाड़ी नंबर स्कैंन होगा। जिस प्वाइंट से एग्जिट होगी, उतनी दूरी का ही टोल कटेगा।
धूल से परेशान जनता:सिर्फ कागजों में डस्ट फ्री रोड - निगरानी शून्य, परिणाम-सड़क पर धूल ही धूल
वायु प्रदूषण से शहरवासियों को सुरक्षित रखने के नाम पर शहर के अंदर डस्ट फ्री रोड बनाने पर एक बार फिर से काम शुरू हो गया है। नगर निगम ने जिस ठेकेदार को डस्ट फ्री सड़क बनाने के लिए पे वर्क लगाने की जिम्मेदारी दी है। उस ठेकेदार के कर्मचारी काम कर सड़क पर मिट्टी छोड़कर जा रहे है। ऐसे हालात एजी पुल के बगल से निकलने वाली सड़क पर दिख जाएंगे। यहां पर पे वर्क लगाने का काम एक महीने पहले पूरा हो चुका है। इसके बाद भी मिट्टी जमा है। धूल के हालात विवेकानंद नीडम पुल, एजी पुल सहित शहर के अन्य डिवाइडरों के किनारे जमा होते दिखते है। शहरवासियों का कहना है कि काश... वीआईपी को शहर ऐसी सड़कों से और गुजार दिया जाता। इससे सड़कें भी ठीक और धूल भी गायब हो जाती। गौरतलब है कि पिछले दिनों शहर के अंदर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद थे। अफसरों ने उनके कार्यक्रम को देख सड़कों को ठीक करने का काम इतनी तेजी से किया कि सड़कों के किनारे की धूल तक गायब हो गई, जो पिछले तीन महीने से निगम के अफसर नहीं करा प रहे थे। देखिए... …नए आरओबी के हालात, जहां लंबे समय से नहीं लगी झाड़ू एजी पुल से बगल की रोड: यहां की रोड को डस्ट फ्री करने के लिए पे वर्क लगाए गए है। अब दो से तीन मीटर तक सड़क पर धूल पड़ी हुई है। रोड स्वीपिंग मशीन फिर नदारदवीआईपी मूवमेंट के दौरान जितनी तेजी से फोगर से छिड़काव और रोड स्वीपिंग मशीनें गलियों तक की सड़कों को साफ कर रही थीं। अब उन्हें फिर से विराम दे दिया है। शहरवासियों का कहना है कि यदि रोज निगम के स्वास्थ विभाग इसी तरह काम करें। तो शहर साफ दिखाई देने लगेगा। प्लानिंग कर ली, सड़क बनाएंगे डस्ट फ्री पिछले दिनों सभी संसाधन और टीम ने बेहतर काम किया है। इससे सीख लेकर शहर की अन्य सड़कों पर भी ऐसा ही काम करने की प्लानिंग तैयार की है। स्वास्थ्य विभाग को इसमें विशेष लगाया जाएगा। जल्द शहर की सड़कें डस्ट फ्री नजर आने लगेंगी। -संघ प्रिय, आयुक्त नगर निगम
एलिवेटेड रोड:सरकारी जमीन पर भाजपा नेता ने बनाया घर, गिराया
एलिवेटेड रोड के पहले चरण में बाधक अतिक्रमण को हटाने का काम प्रशासन ने रविवार से शुरू कर दिया। पहली कार्रवाई गंगापुर के पास बसी राधा विहार कॉलोनी में हुई। यहां जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग के सेतु संभाग, पुलिस बल ने 6 अतिक्रमण हटवाए। एसडीएम प्रदीप शर्मा ने बताया कि यहां शिवराम तोमर ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर एक मंजिला मकान बना रखा था। जिसे जमींदोज कर दिया गया है। ऐसे ही भगवानदास प्रजापति एवं बबीता तोमर ने सरकारी जमीन की बाउंड्री वॉल कराकर कब्जा कर रखा था। जिसे मुक्त करा लिया है। भगवानदास भाजपा से पूर्व पार्षद हैं। वहीं छविराम पवैया के मकान का अगला हिस्सा भी खाली होना था और उसके लिए पवैया को मुआवजा दिया जा चुका थ, लेकिन उन्होंने निर्माण नहीं हटाया था। जिसे रविवार को हटाया। राधा विहार कॉलोनी में सर्वे नंबर 93 व 105 की 4500 वर्गफीट सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटवाया। कार्रवाई के दौरान लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के कार्यपालन यंत्री जोगिंदर यादव व अन्य अधिकारी मौजूद थे। अतिक्रमण से पिलर और लूप नहीं हो पा रहे तैयार पहले चरण में तैयार हो रहे इस 6.5 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड में कई जगह पर अतिक्रमण हैं। इनमें बड़ा अतिक्रमण हजीरा पुल पर सिविल अस्पताल की लेन में बनी 21 दुकानें भी हैं। जिन्हें हटाया जाना है, लेकिन अधिकारी अब तक कार्रवाई नहीं कर सके हैं। ऐसे ही लक्ष्मीबाई समाधि स्थल के पिछले हिस्से में कई मकान हटाए जाने हैं। ये मकान उस जमीन पर हैं, जिसका मुआवजा लोग पहले ले चुके हैं।
जेयू:शैक्षणिक कैलेंडर के हिसाब से चलें सत्र, इसलिए जनवरी से घोषित होंगे रिजल्ट
जीवाजी यूनिवर्सिटी ने स्नातकोत्तर प्रथम और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं दिसंबर में करवाई गई थीं। परीक्षा के बाद मूल्यांकन का काम शुरू कर दिया गया। मूल्यांकन अब अंतिम दौर में है। उम्मीद है कि जनवरी में सभी परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएं। परीक्षा परिणाम घोषित करने का सिलसिला जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग के शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार स्नातकोत्तर प्रथम और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं दिसंबर में होनी थी और इनका परिणाम जनवरी तक हर हाल में आना आवश्यक होता है। पिछले कुछ सालों से जेयू शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर पा रहा था। इस बार सत्र शुरू होने के साथ ही इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। इसका नतीजा यह हुआ तक दिसंबर में समय पर परीक्षाएं हो सकी। अब परिणाम जनवरी में देने की तैयारी है। उधर स्नातकोत्तर प्रथम और तृतीय सेमेस्टर का मूल्यांकन परीक्षा समाप्त होने के बाद ही शुरू हो गया था। अब मूल्यांकन अंतिम दौर में पहुंच गया है। जनवरी के पहले सप्ताह में मूल्यांकन पूरा हो जाएगा। लेकिन अभी कुछ कॉलेजों ने प्रायोगिक परीक्षा नहीं करवाई है, वह प्रायोगिक परीक्षा करवाकर अंक जीवाजी यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन देंगे तक परीक्षा परिणाम घोषित हो सकेगा। इसके लिए संबंधित कॉलेजों से कहा गया है। इस मामले में रजिस्ट्रार डॉ.राजीव मिश्रा का कहना है कि शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार स्नातकोत्तर प्रथम और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं कराई थीं। इनका परिणाम तय समय पर दे दिया जाएगा।
विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम:वंचित वर्गों के लिए आज लगेंगे मतदाता पंजीकरण के शिविर
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बाड़मेर जिले में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत कोई भी पात्र मतदाता पंजीकरण से वंचित नहीं रहे, इसके लिए समावेशी लोकतंत्र की दिशा में कदम बढ़ाते हुए समाज के वंचित वर्गों, विशेष योग्यजनों और ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सोमवार को विभिन्न राजकीय छात्रावासों में कलस्टर कैंप आयोजित किए जाएंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक सुरेन्द्र प्रताप सिंह भाटी ने बताया कि 15 जनवरी 2026 तक चलने वाले दावों और आपत्तियों के चरण के दौरान 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके पात्र व्यक्तियों का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सोमवार को विशेष योग्यजन मतदाता पंजीकरण शिविर एवं 6 जनवरी 2026 को ट्रांसजेंडर एवं विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्ध-घुमंतू जनजातियों के लिए विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मतदाता अपने नजदीकी राजकीय अम्बेडकर छात्रावास में जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। सहायता के लिए संबंधित छात्रावास अधीक्षक से भी संपर्क किया जा सकता है।
संचालकों ने नियम नहीं मनमर्जी से लगाए झूले, अफसरों ने मुहर लगाकर दी NOC
बार-बार हादसे...फिर जांच और फिर सख्ती व नियमों का पालन कराने के दावे। लेकिन अंत में सब नियम कागजों में दफन कर इस बार भी मनमर्जी से ग्वालियर व्यापार मेले में झूले लगा दिए गए हैं। झूला संचालकों ने सैलानियों की सुरक्षा को दरकिनार करते हुए खुद की सुविधा से बिना किसी दूरी के झूले लगाए हैं। वहीं, जिम्मेदार अधिकारियों ने भी ऐसे नियम उल्लंघन के बीच ही झूले चलाने के लिए एनओसी दे दी है। स्थिति यह है कि हर झूले के तीनों तरफ जहां 15-15 फीट की खुली गैलरी होनी चाहिए। वहीं ग्वालियर मेले में ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ी गई। यानी कि किसी भी आपात स्थिति में बचाव दल, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड आदि के मूवमेंट में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। एक-दूसरे से सटे झूले, वो भी ओवरलोड मेले में अब तक 32 झूले लग चुके हैं। अधिकांश झूले वालों के पास 2-2 प्लॉट हैं, जिनमें वे झूले के तीनों तरफ खुली जगह छोड़ी जा सके। लेकिन झूला संचालक खुली जगह नहीं छोड़ते और एक-दूसरे से सटाकर झूले लगाते हैं। ऐसा इसलिए ताकि दूसरे छोटे झूले वालों को बाकी जगह किराए पर दी जा सके। मेला प्राधिकरण सचिव और अधीनस्थ स्टाफ वसूली के खेल में इन सब नियमों को खूंटी पर टांग देते हैं। अफसरों की मिलीभगत के कारण संचालक झूलों को ओवरलोड भी चलाते हैं। जैसे कि नाव वाले झूलों में अधिकतम 50-55 लोगों को बिठाया जा सकता है। लेकिन संचालक 80 से 85 लोगों को फंसा-फंसाकर बिठाते हैं। सीधी बात - भास्कर सक्सेना, कार्यपालन यंत्री/ भारी मशीनरी संभाग एनओसी देकर अफसर बोले- मैं अभी छुट्टी पर हूं सवाल-झूलों को संचालन के क्या आपने एनओसी दे दी गई हैं?जवाब-जिन लोगों ने नियमों का पालन किया, उन्हें एनओसी दी है। सवाल- झूलों के तीनों तरफ खुली जगह छोड़े जाने के नियम की क्या पूर्ति हो गई क्या?जवाब- मैं अभी छुट्टी पर हूं।
जीतो 1 करोड़ QUIZ:28 दिसंबर, 2025 की QUIZ में 'बोट वेव सिग्मा स्मार्ट वॉच' जीतने वाले 50 विनर्स
दैनिक भास्कर एप के 28 दिसंबर, 2025 के ‘जीतो 1 करोड़ QUIZ’ में सभी सवालों के सही जवाब देकर “बोट वेव सिग्मा स्मार्ट वॉच” जीतने वाले 50 विनर्स की लिस्ट सामने आ गई है। अभी खेलें>> रोज खेलें ‘जीतो 1 करोड़ QUIZ’ और डेली प्राइज जीतने के साथ ही बंपर प्राइज जीतने का चांस भी बढ़ाएं। अभी खेलें>>
बायो सीएनजी गैस उत्पादन के लिए नेपियर घास पर आधारित प्रदेश का पहला ऐसा बायो सीएनजी प्लांट बाड़मेर जिले में लग रहा है। यह रोज 6.50 टन उत्पादन करेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि यह पूरा प्रोजेक्ट ईको फ्रैंडली है। इससे बायो सीएनजी निकलने के बाद लिक्विड और सूखा जो वेस्ट निकलेगा, वह फसलों के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली जैविक खाद के रूप में काम आएगा। सांचौर की एक निजी कंपनी ने चौहटन क्षेत्र के कोनरा व ईटादा के बीच करीब 28 बीघा जमीन पर बायो सीएनजी का प्लांट विकसित किया जा रहा है। यह प्लांट करीब 32 करोड़ रुपए में तैयार होगा। दावा है कि इसका निर्माण करीब 8 माह में हो जाएगा। फाउंडेशन पूरा होने के बाद बड़े टैंक बनेंगे, जिसमें नेपियर घास का प्रोसेस करके बायो सीएनजी बनाई जाएगी। नेपियर घास के लिए कुछ किसानों से एग्रीमेंट किया है और उनके खेतों में घास के बिजाई और डंठल रोपाई करवाई है। कंपनी ने यहां पर नेपियर घास की गुणवत्ता की पहले जांच की, उसके बाद ही इस क्षेत्र में बायो सीएनजी प्लांट लगाने का निर्णय किया। 6 किसानों से 30 हेक्टेयर भूमि पर नेपियर घास उगाने का एग्रीमेंट धनाऊ तहसील में निजी कंपनी ने बायो नेपियर घास उगाने के लिए 6 किसानों से 10 साल के लिए एग्रीमेंट किया है। यह घास कुल 30 हेक्टेयर जमीन पर उगाई जा रही है। करीब आठ से दस माह में जब तक प्लांट तैयार होगा, तब तक घास भी परिपक्व हो जाएगी। इन किसानों को 75 टन प्रतिदिन नेपियर घास देनी होगी और 1 हजार रुपए प्रति टन की कीमत से उन्हें हर माह रुपए दिए जाएंगे। चौहटन क्षेत्र की प्रकृति और परिस्थिति देखने के बाद यहां पर नेपियर घास का टेस्ट करवाया गया। इसके बाद यहां पर बायो सीएनजी गैस का प्लांट लगाने की योजना बनाई। लिक्विड व सूखी खाद भी बनेगी,यह ज्यादा उपजाऊ नेपियर घास और इसके वेस्टेज के अलावा गोबर, सड़ी गली सब्जियों सहित अन्य वेस्ट फसलों से बायो सीएनजी का उत्पादन किया जाएगा। 6.50 टन रोज सीएनजी उत्पादन होने के बाद इसका जो वेस्ट निकलेगा, वह फसलों के लिए उपयोगी है। यह लिक्विड और सूखा दोनों फॉर्मेट में मिलेगा। इसे किसान खेतों में छिड़ककर अपनी फसलों का उत्पाद बढ़ा सकते हैं। यह खाद केंचुआ खाद से कई गुणा ज्यादा पौष्टिक होती है। नेपियर घास उगाने से आसपास के किसानों को अच्छी कीमत मिलने के साथ ही स्थायी रोजगार मिलने की भी संभावना बढ़ गई है। यह प्रोजेक्ट ग्रीन और ईको फ्रैंडली है। भास्कर एक्सपर्ट -डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक, जोधपुर नेपियर घास डेढ़ से दो माह में तैयार हो जाती है। एक साल में छह से सात बार कटाई कर सकते हैं। इसके लिए हरी, ताजी घास सबसे बेहतर मानी जाती है। घास के एक से दो सेमी. के टुकड़ों में काटते हैं ताकि गैस उत्पादन तेज हो सके। कटे हुए घास के टुकड़ों को पानी में घोल बनाते हैं, जिसका अनुपात डेढ़ गुना रहता है। यानि एक किलो घास के टुकड़े तो डेढ़ लीटर पानी होता है। यह घोल गाढ़ा, लेकिन बहने योग्य होता है। इस घोल को बायो गैस प्लांट (डाइजेस्टर) में डाला जाता है। इसमें ऑक्सीजन नहीं होती है। इसे बैक्टीरिया तीस से चालीस दिन में घास को तोड़ते हैं। इसमें मीथेन गैस 55 से 65 फीसदी पैदा होती है, इसके अलावा अन्य गैसों सहित नमी होती है। यह कच्ची बायोगैस होती है। इसे साफ करने के लिए कार्बन डाई ऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड व नमी को हटाया जाता है। इसके बाद शुद्ध मीथेन गैस बचती है। इसे 200-250 बार प्रेशर पर कम्प्रेस कर सिलेंडरों में भरा जाता है और यही बायो सीएनजी होती है। इसके बाद जो वेस्ट पदार्थ बचता है, वह जैविक खाद होती है।
धार्मिक कट्टरता के माहौल के बीच सलमान अली जैसे अभी भी कुछ लोग हैं, जो दीपक बनकर सद्भाव की लौ जलाए हैं। सलमान अली संगीत से जुड़े हैं और बच्चों को गुरुवाणी सिखा रहे हैं। अब तक करीब 28 से ज्यादा बच्चों को उन्होंने गुरुवाणी सिखाई है। इनमें से 8 से ज्यादा बच्चे गैर-सिख हैं। इनमें एक मुस्लिम भी है। करीब 9 बालिकाएं हैं। बच्चे भले ही कच्ची उम्र के हैं, लेकिन सभी पक्के रागों में अभ्यस्त हैं और अब गुरुद्वारों में शबद कीर्तन करने जाते हैं। बच्चों के साथ सलमान अली भी संगत करते हैं। सत्ताईस वर्षीय सलमान अली खानदानी गवैये हैं। उनके बाप-दादा भी शास्त्रीय संगीत गायन और वादन से जुड़े रहे हैं। मूलत: राया, जिला मथुरा के निवासी सलमान काफी समय से भरतपुर में रह रहे हैं और बच्चों को गुरुवाणी सहित शास्त्रीय संगीत सिखा रहे हैं। नतीजा सकारात्मक है। श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष एवं पूर्व डिप्टी मेयर इंद्रपाल सिंह कहते हैं कि इन बच्चों का अपना अलग रागी जत्था है, जो पाई बाग स्थित मुख्य गुरुद्वारे सहित शहर के अन्य गुरुद्वारों में शबद कीर्तन करने आते हैं। ये बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ धार्मिक आस्था से जुड़कर गुरुवाणी सीख रहे हैं। प्रमुख पर्वों पर सजने वाले दीवानों में इस बाल रागी जत्थे को भी शबद कीर्तन का मौका मुहैया होता है। इन बच्चों ने काफी मेहनत से रागों को पकड़ा है और शब्दों की शुद्धता बताती है कि बच्चे मेहनत और आस्था से गुरुवाणी सीख रहे हैं। हारमोनियम, तबला, गिटार, वायलिन से संगत करते हैं। तबला में तीन ताल, दादरा, दीपचंदी, कहरवा आदि का अभ्यास किया है। गैर-सिख बच्चे करते हैं लीड... गुरुवाणी सीख रहे 28 बच्चों में करीब 8 बच्चे गैर-सिख हैं। एक मुस्लिम भी है। करीब 9 बालिकाएं हैं। सदस्यों की उम्र 6 से 14 साल है। सबसे छोटी गायिका चीनत कौर 6 वर्ष की है। रागी जत्थे को लीड सिद्धार्थ गर्ग और गुरुसीरत कौर करती हैं। गैर-सिख बच्चों में टीया जैन, अहान गर्ग, तन्वी शांडिल्य, अहद वली, स्पर्श कुलश्रेष्ठ, अनुष्का सिंह जाट, नंदनी सैनी शामिल हैं। तबला पर अहान गर्ग और हारमोनियम पर स्पर्श कुलश्रेष्ठ संगत करते हैं। इन बच्चों को पारुल गुलाटी ने भी सिखाया है। छह रागों में सिद्धहस्त, कोई बोले राम-राम कोई खुदाए... बाल रागी जत्था ने पक्के राग भैरवी, चारुकेसी, नट भैरव, यमन कल्याण, असावरी, बिलावल आदि पर आधारित गुरुवाणी को याद किया है। खास तौर सेअव्वल अल्लाह नूर उपाया, कुदरत के सब बंदे, एक नूर ते सब जग उपजाया, कौन भले को मंदे...,तू मेरा पिता, तू है मेरा माता, तू मेरा बंधु, तू मेरा भ्राता...,भाई रे, गुरु बिन ज्ञान न होवे, पूछो ब्रह्म नारद वेद व्यास ऐ कोई...,कोई बोले राम-राम, कोई खुदाए, कोई सेवे गुसंईया, कोई अल्लाह...,विद्या विचारे ता परोपकारी, जा पंचरासी ता तीर्थवासी...। संगीतज्ञ सलमान अली भी सूफी अंदाज में कहते हैं कि ज्ञानियों ने कहा है कि एक नूर ते सब जग उपजाया... फिर धार्मिक कट्टरता और नफरत की बातें क्यों। इंसान और इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं है। संगीत में ही ब्रह्म है।
12वीं प्रायोगिक परीक्षाओं पर बोर्ड सख्त:ऑब्जर्वर की आवभगत पर रोक, अब सरकारी शिक्षक ही नियुक्त होंगे
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से 12वीं बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर सख्त रुख अपनाया गया है। प्रायोगिक परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के उद्देश्य से निदेशक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, बीकानेर ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनके तहत प्रायोगिक परीक्षाओं के दौरान बाह्रा-वीक्षकों (ऑब् जर्वरों) की आवभगत, स्वागत-सत्कार, होटल में ठहराने, भोजन व्यवस्था अथवा किसी भी प्रकार की भेंट देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की परंपराएं नियम विरुद्ध हैं। ये परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करती हैं। बोर्ड का यह निर्णय प्रायोगिक परीक्षाओं को औपचारिकता से निकालकर वास्तविक शैक्षणिक मूल्यांकन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। इसके दीर्घकालीन परिणाम सामने आएंगे। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आब्जर्वर के रूप में केवल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत सरकारी शिक्षकों की ही नियुक्ति की जाएगी। निजी विद्यालयों के शिक्षकों को बाह्य-वीक्षक नियुक्त करने पर पूर्ण मनाही रहेगी। बोर्ड ने संस्था प्रधानों को निर्देशित किया है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता, दबाव या अवांछित गतिविधि की सूचना तत्काल बोर्ड नियंत्रण कक्ष को दी जाए। आवश्यकता होने पर पुलिस एवं जिला शिक्षा अधिकारी से भी सहायता लेने के निर्देश दिए गए हैं।
निशातपुरा थाना क्षेत्र की अमन कॉलोनी स्थित ईरानी डेरे में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात जोन-4 की कॉम्बिंग गश्त के दौरान हालात तनावपूर्ण हो गए। तड़के 3 बजे पुलिस ने देश के कई राज्यों से फरार होकर यहां डेरा जमाए बदमाशों को पकड़ने के लिए दबिश दी। लेकिन आरोपियों को छुड़ाने की कोशिश में लोगों ने पथराव, मारपीट और गाली-गलौज शुरू कर दी। इसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि हालात काबू में आने के बाद पुलिस ने 22 पुरुष व 10 महिलाओं समेत कुल 32 आरोपियों को गिरफ्तार किया। सभी के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने, मारपीट, पथराव आदि का केस दर्ज किया गया। डीसीपी मयूर खंडेलवाल और एडि. डीसीपी मलकीत सिंह की मौजूदगी में कॉम्बिंग गश्त ने घर-घर तलाशी में वारंटियों को हिरासत में लिया। तभी 25 से 30 महिलाएं व पुरुष डंडे-पत्थर लेकर आ गए। अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा। किनकी तलाश में पहुंची थी पुलिस : पुलिस टीम बेमेतरा (छत्तीसगढ़) में पुलिस पर हमले के आरोपी नोबार ईरानी, शकीला, कुबरा ईरानी, राबू ईरानी, फिजा ईरानी, नाजी ईरानी, तरू ईरानी, शबाना ईरानी, नूरी ईरानी, नीतू ईरानी, कोपता ईरानी, समा ईरानी, मेहमूद ईरानी, रिजवान ईरानी, मुख्तार ईरानी और बिथिया ईरानी, साथ ही स्थायी वारंटी शाकिब अली उर्फ भूरा, मीसम अली, शब्बीर अली और तालिब अली की तलाश में ईरानी डेरा पहुंची थी। तड़के 3 बजे फरार वारंटी शाबिर अली उर्फ भूरा, मीसम अली, शब्बीर अली और तालिब अली पुलिस को मिले। इन्हें हिरासत में लेते ही डेरे में विरोध शुरू हो गया। गिरफ्तार आरोपियों में साबिर अली उर्फ भूरा, शब्बीर अली उर्फ एपी, तालिब उर्फ गाय, रिजवान हुसैन, मोहम्मद सादिक उर्फ बड़ी मुंडी, मिशम अली, सादिक हुसैन, जाफर अली, आबिद अली, मोहम्मद अली, रकीब खान, हजरत खान, अजीम खान, नबी हसन, हसीब अली, जीशान खान, अरबाज खान, हैदर जब्बार जाफरी, जुबेर अली उर्फ जुब्बी, सलमान खान, तौफिक हुसैन और अली फयस ईरानी शामिल हैं। गिरफ्तार महिलाओं में सकीना महमूद, नवबहार, अप्सरा अली, कुबरा महमूद, तनु गुलाम अब्बास, फातिमा गुलाम अली, सलमा शादप, मर्जिना खान, नूरजान गुलाम अब्बास और यासमीन अली शामिल हैं। 21 महंगी बाइक, 51 फोन और कई फर्जी नंबर प्लेट बरामद 4 जोन में 1082 गिरफ्तारियां... एक ही रात में कमिश्नरेट के चारों जोन में 1200 पुलिसकर्मियों ने 6 घंटे कॉम्बिंग गश्त की। इस दौरान 830 स्थायी वारंट व 252 गिरफ्तारी वारंट तामील किए। कुल 1082 फरार आरोपी व वारंटी गिरफ्तार किए गए। कुल 18 कॉम्बिंग गश्त में 11232 गिरफ्तारियां हो चुकीं। हर कार्रवाई में 1 पैटर्न, बदमाशों को पकड़ते ही महिलाओं को ढाल बनाते हैं, इसलिए पुलिस ने चुना रात का वक्त पुलिस ने ईरानी डेरा को तड़के 4 बजे डेरे को घेरा। तब तापमान 4 डिग्री के आसपास था। ऑपरेशन में करीब 400 पुलिसकर्मी लगाए गए। पुलिस अफसरों के मुताबिक, इतनी बड़ी फोर्स और सुबह का वक्त इसलिए चुना गया, क्योंकि दिन में डेरे में भीड़, बाहरी मूवमेंट और रेजिस्टेंस कई गुना बढ़ जाता है। पुलिस का आकलन था कि अगर यही कार्रवाई दोपहर में की जाती, तो इतनी बड़ी संख्या में बदमाशों को पकड़ना लगभग नामुमकिन होता। 1) 2025... छग पुलिस पर हमला : बेमेतरा जिले की पुलिस शातिर बदमाश सरताज अली उर्फ तरू ईरानी की तलाश में ईरानी डेरा पहुंची। तब भी हमला हुआ। 17 नामजद और अन्य के खिलाफ केस दर्ज। 2) 19 नवंबर 2020... हवाई फायर करने पड़े : धोखाधड़ी के एक केस में सागर जिले के खुरई थाने की पुलिस ने दबिश दी थी। तब महिला-पुरुषों ने पथराव किया। मिर्च पाउडर फेंका। इसमें 13 पुलिसकर्मियों समेत 16 लोग घायल हुए।
वन विभाग की बड़ी कार्रवाई:सैंड स्टोन से भरी 5 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां जब्त, खनन माफिया में हड़कंप मचा
अवैध खनन परिवहन के खिलाफ वन विभाग ने बयाना में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। रविवार अलसुबह वन विभाग की टीम ने रेंज कार्यालय के सामने नाकाबंदी कर सैंड स्टोन के ब्लॉकों से भरी 5 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को जब्त किया है। अचानक हुई इस कार्रवाई से क्षेत्र में सक्रिय अवैध खनन माफिया में हड़कंप मच गया। वन विभाग के रेंजर हरभान सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) सुरेश चौधरी के नेतृत्व में की गई। कार्रवाई के दौरान बंशी पहाड़पुर और गढ़ी बाजना खनन क्षेत्र से सैंड स्टोन के ब्लॉक लेकर आ रही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को रोका गया। जब ट्रैक्टर चालकों से खनिज परिवहन से संबंधित दस्तावेज मांगे गए तो वे कोई भी वैध परमिट या रवन्ना प्रस्तुत नहीं कर सके। दस्तावेजों के अभाव में वन अधिनियम के उल्लंघन का मामला मानते हुए सभी ट्रॉलियों को मौके पर ही जब्त कर लिया गया। पूछताछ में ट्रैक्टर चालकों ने बताया कि वे सैंड स्टोन के ब्लॉकों को बयाना रीको क्षेत्र में स्थित स्टोन कटिंग इकाइयों तक पहुंचाने जा रहे थे। कार्रवाई गश्ती दल में भरतपुर डिवीजन स्टाफ व बयाना सदर स्टॉफ के फॉरेस्टर नरेश सैनी, सहायक वनपाल गोपाल शर्मा, वनरक्षक राहुल सिंह, प्रवीण धाकड़, महावीर, मोहित, विजयपाल, आदि शामिल रहे। भास्कर इनसाइट - बैठक में सीएम जता चुके अवैध खनन पर नाराजगी जानकारों के अनुसार, क्षेत्र में प्रतिदिन करीब 100 से 150 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के माध्यम से सैंड स्टोन ब्लॉकों का परिवहन किया जाता है। बीच में कुछ समय के लिए रॉयल्टी फर्म की सख्ती से अवैध खनन परिवहन पर प्रभावी रोकथाम लगी थी, लेकिन अब फिर से अवैध खनन परिवहन का गोरखधंधा शुरू हो गया है। इस पर प्रशासन की सख्ती साफ नजर आने लगी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही में खान विभाग की समीक्षा बैठक में अवैध खनन पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। वन विभाग की यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देशों की पालना में की गई मानी जा रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आगे भी अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
भोपाल के रुद्रादित्य खरे बने सबसे कम उम्र के डिप्टी एजी
राजधानी निवासी एडवोकेट रुद्रादित्य खरे ने लॉ के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 25 दिसंबर को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार उन्हें दिल्ली में मध्य प्रदेश का डिप्टी एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही हाल ही में उन्हें दिल्ली में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर भी नियुक्त किया गया है। 31 साल के रुद्रादित्य खरे डिप्टी एडवोकेट जनरल जैसे अहम पद पर नियुक्त होने वाले सबसे कम उम्र के लोगों में से एक हैं। रुद्रादित्य ने नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलयूआई) से वर्ष 2017 बैच में बीए-एलएलबी (ऑनर्स) की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज से 2022 बैच में एलएलएम किया, जहां वे फर्स्ट क्लास डिग्री के साथ ग्रेजुएट होने वाले एकमात्र भारतीय रहे। रुद्रादित्य की प|ी वकील और पिता मनोज कुमार खरे चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। रुद्रादित्य ने बताया कि स्कूल की पढ़ाई द संस्कार वैली स्कूल से की, जहां वे 2012 बैच के पूर्व छात्र हैं।
संभाग मुख्यालय होने की वजह से लोगों को घर से ऑफिस आने-जाने तक के लिए भी अब टोल चुकाना पड़ रहा है। वजह ये है कि भरतपुर शहर के आस-पास करीब 10-15 किमी की दूरी तक 3 टोल प्लाजा लुधावई, गिरधरपुर व गुंडवा पर हैं यहां लोगों को रोजाना 50 से 55 रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं। असल में पहले शहर की यूआईटी थी और 53 राजस्व गांव ही क्षेत्र में आते थे और दायरा भी 10-15 किमी भी नहीं था। अब 15 दिसंबर 2024 को सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर यूआईटी की जगह बीडीए (भरतपुर विकास प्राधिकरण) बना दिया। जिसके अंतर्गत भरतपुर शहर के साथ-साथ कुल 210 राजस्व गांवों को शामिल किया गया है, जिसमें डीग, कुम्हेर और नदबई तहसील के कई गांव शामिल हैं। जैसे अभोर्रा, तालफरा, पूंछरी, गगवाना, कौठेन और रारह आदि शामिल किए गए हैं, जिससे पूरे क्षेत्र का सुनियोजित विकास हो सके। वहीं दूसरी ओर भरतपुर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेवर से आगे लुधावई, भरतपुर से डीग मार्ग पर महाराजसर के पास गिरधरपुर पर, कंजौली पुल से सेवर-मथुरा बाईपास पर गुंडवा पर टोल प्लाजा शहर के बिल्कुल नजदीक 10 किमी दूरी भी नहीं है। जबकि बीडीए का क्षेत्र 20-22 किमी तक बढ़ गया है और ऐसे में लोगों को हर रोज आने-जाने में टोल देना पड़ रहा है। 1. गिरधरपुर टोल: बृज यूनिवर्सिटी जाने के लिए भी टोल टैक्स देकर जाना पड़ रहा महाराजसर गिरधरपुर टोल डीग रोड पर आरएसआरडीसी ने लगाया है। यह शहर के नजदीक है और उससे आगे तक शहर का विकास हो चुका है। यूनिवर्सिटी भी उससे आगे है। पढ़ने वाले व नौकरी करने वाले लोगों को रोज जाना पड़ता है। 5 हजार वाहन रोज निकलते हैं। 2. गुंडवा टोल: शहर के सबसे नजदीक टोल, इसके आस पास भी हैं कई गांव गुंडवा टोल शहर के नजदीक है बाईपास पर टोल है, जहां आस पास कई गांव हैं। ये सेवर से मथुरा जाने वाले रोड पर है और कंजौली रेलवे पुल से टर्न के बाद आस पास के गांवों के बीच है। ये सभी गांव बीडीए क्षेत्र में हैं और लोगों को शहर आने-जाने का भी टोल देना पड़ता है। 3. लुधावई टोल प्लाजा: 10 किमी आगे तक के गांव अब शहर में हो गए शामिल जयपुर रोड पर लुधावई टोल प्लाजा सेवर से मात्र 3 किमी दूरी पर है। वहीं लुधावई टोल प्लाजा से सिर्फ 10 किमी आगे बांसी तक बीडीए का एरिया हो गया है, जहां अब नई-नई कॉलोनियां भी बनने लगी हैं। हाईवे होने की वजह से यहां हर रोज 15 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। लोकल लीडरशिप बहुत कमजोर है टोल हमेशा वही वसूलता है जो एजेंसी रोड बनाती है। हम नौकरी करते थे, तब शहर का एरिया कम था। तब ज्यादातर पीडब्ल्यूडी ही सड़क बनाती थी और वही टोल लगाती थी, तब एनएचएआई नहीं थी। उसकी स्थापना तो मेरी सेवानिवृत्ति के बाद हुई है। अब शहर का एक्सटेंशन होते ही टोल भी दूर शिफ्ट करने चाहिए, लोकल लीडरशिप कमजोर है। यही वजह है लोगों को लोकल शहर के बीडीए क्षेत्र में ही रोजाना टोल देना पड़ता है। जयपुर रोड पर लुधावई से आगे बांसी और डीग रोड पर कुम्हेर तक तथा मथुरा रोड पर रारह तक शहर पहुंच गया है और हर रोज हजारों लोग टोल देकर शहर में आते हैं। -भास्कर एक्सपर्ट - राजेंद्र सिंह, पूर्व एईएन पीडब्ल्यूडी
किसानों ने छोड़ी जमीन तो 17 फीट चौड़ी सड़क का ‘रास्ता’ खुला
निशातपुरा के पास करारिया फार्म में प्रस्तावित वंदे भारत एक्सप्रेस के फुल मेंटेनेंस हब को लेकर किसानों और रेलवे के बीच चला आ रहा विवाद रविवार को खत्म हो गया। विकास के नाम पर किसानों ने बड़ा दिल दिखाया। उन्होंने रेलवे को दो-दो मीटर जमीन बिना मुआवजा देने सहमति जताई। इसके बाद रेलवे खेतों तक जाने के लिए 17 फीट चौड़ी सड़क बनाने के लिए राजी हो गया। यह सड़क किसानों और रेलवे दोनों की जमीन मिलाकर बनेगी। समझौते के तहत किसान 2 मीटर और रेलवे 3.2 मीटर जमीन देगा। इस तरह कुल 5.2 मीटर (करीब 17 फीट) चौड़ी सड़क का रास्ता बनेगा। रेलवे ने भरोसा दिलाया है कि सड़क के लिए जमीन समतल करने का काम रेलवे कराएगा। सड़क पक्की बनेगी या कच्ची, इसका फैसला बाद में किया जाएगा। यह सड़क 1 किमी से अधिक लंबाई में बनेगी और रेलवे की बाउंड्री वॉल के साथ-साथ किसानों की जमीन से होकर कोच फैक्ट्री की ओर निकलेगी। इससे किसान अपने खेतों तक आसानी से आ-जा सकेंगे। यहां वंदे भारत के फुल मेंटेनेंस का हब प्रस्तावित दरअसल, करारिया फार्म में वंदे भारत के फुल मेंटेनेंस हब के लिए रेलवे ने यहां 8 हजार से ज्यादा पेड़ काट दिए और जमीन समतलीकरण का काम शुरू कर दिया। इसके चलते रेलवे ने लंबी बाउंड्री वॉल खड़ी कर दी। एक तरफ नाला और दूसरी तरफ दीवार होने के कारण किसान खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे थे। इससे 100 किसानों की 150 एकड़ से ज्यादा जमीन फंस गई थी। किसानों ने बताया कि 1984 में रेलवे ने 7 गेट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक नहीं बने। अब सड़क निर्माण पर सहमति से किसानों को राहत मिली है। इस जमीन पर बनेगा मेंटेनेंस हब। पास में किसानों के खेतों के लिए बनेगा रास्ता। एल शेप में बनेगी कच्ची सड़क किसान पवन पवन कुशवाहा का कहना है कि रेलवे अपनी बाउंड्री बॉल को हटाएगा। इसका काम जल्दी शुरू होगा। सभी बातों पर रेलवे के अफसरों ने सहमति दे दी है। अभी यहां पर कच्ची सड़क बनाएगा। रेलवे ने यह स्वीकारकिया है कि वह अपनी दीवार को पीछे खिसकाकर सड़क के लिए 3.2 मीटर भूमि देने को तैयार है। 4 दिन से धरने पर थे किसान पिछले चार दिनों से रास्ते के लिए किसान अपने-अपने परिवार के साथ मौके पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों का कहना है कि कड़ाके की ठंड में पूरी रात किसानों ने अलाव जलाकर गुजारी। रेलवे के अफसरों ने हमारी बातों पर ध्यान दिया। ये ही बहुत है। सड़क बनने से किसानों को फायदा होगा ही आने वाले समय में एक नया रास्ता भी डेवलप हो जाएगा।
भोपाल को दो चरणों में मिलनी हैं 195 ई-बसें:जनवरी-फरवरी में चलने लगेंगी ई-बसें, डिपो भी लगभग तैयार
राजधानी में हाल ही में मेट्रो के संचालन के बाद अब नए साल में इलेक्ट्रिक बसों की सौगात मिल सकती है। जनवरी के अंत में या फ़रवरी तक कुछ बसों के मिलने पर सीमित मात्रा में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हो जायेगा। राजधानी को दो अलग-अलग चरणों में कुल 195 बसें मिलनी हैं। नगरीय प्रशासन के मुताबिक 2026 की शुरुआत में इनमें से कुछ बसें मिल सकती हैं। इन बसों के लिए भोपाल और इंदौर में 2 -2 डिपो बनने हैं, जिनका काफी काम हो चुका है। राजधानी में कस्तूरबा नगर (आईएसबीटी के सामने) और बैरागढ़ बस स्टैंड के पास दो बस डिपो बन रहे हैं। इनमें एचटी कनेक्शन का जिम्मा क्षत्र की विद्युत वितरण कंपनियों के पास है जबकि बाकी सिविल वर्क संबंधित निकाय कर रहा है। सतना-देवास में भी डिपो के लिए जमीन आवंटित है। नगरीय प्रशासन विभाग के मुताबिक बसों के लिए जनवरी के अंत तक या फरवरी की शुरुआत में कुछ बसें आ सकती हैं। जल्द इन बसों के संचालन के लिए टेंडर भी निकाले जाएंगे। शुरू में मौजूदा सिटी बस व्यवस्था से ही बसों का संचालन किया जाएगा। मप्र को मिलेंगी 972 ई बसेंकेन्द्रीय शहरी कार्य मंत्रालय की संशोधित सहमति के मुताबिक भोपाल में 195, इंदौर में 270, ग्वालियर में 100, जबलपुर में 200, उज्जैन में 100, सागर में 32, देवास में 55 और सतना में 20 ई-बसें मिलेंगी। पहले भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और उज्जैन में 582 ई बसें मिलनी थीं।
मथुरा के थाना जैंत क्षेत्र के गांव नगला नेता में रविवार की देर शाम दो पक्षों में झगड़ा हो गया। पुरानी रंजिश को लेकर हुए झगडे के दौरान एक पक्ष ने फायरिंग कर दी। जिसमें दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि उसका भाई गोली लगने से घायल हो गया। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की भले ही अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन गांवों में सत्ता की लड़ाई अब सड़कों पर उतर आई है। मथुरा के थाना जैत क्षेत्र के गांव नगला नेता में रविवार रात चुनावी रंजिश ने खूनी रूप ले लिया। फायरिंग की इस सनसनीखेज वारदात में एक युवक की मौत हो गई, जबकि उसका सगा भाई गंभीर रूप से घायल है। थाना जैत क्षेत्र का मामला रविवार देर रात गांव नगला नेता में उस समय हालात बेकाबू हो गए, जब दो गुट आमने-सामने आ गए। पहले कहासुनी हुई, फिर मारपीट शुरू हो गई और देखते ही देखते गोलियां चलने लगीं। फायरिंग में दो सगे भाई अनिल और राधाकृष्ण गोली लगने से लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां सिर में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल राधाकृष्ण ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीँ उसका भाई अनिल गंभीर रूप से घायल है। गांव में पसरा सन्नाटा घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है। मृतक के घर पर कोहराम मचा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत चुनाव को लेकर गांव में लंबे समय से गुटबाजी चल रही थी और दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा था। जांच में जुटी पुलिस एसपी सिटी राजीव कुमार सिंह ने बताया मामला चुनावी रंजिश से जुड़ा हुआ है। गांव में उदयवीर और नरेश के बीच पुराना विवाद चला आ रहा था। रविवार रात पहले दोनों पक्षों में मारपीट हुई, इसके बाद फायरिंग हुई, जिसमें राधाकृष्ण की मौत हो गई और उसका भाई अनिल घायल हुआ है। चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राधाकृष्ण की मौत के बाद पुलिस ने गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है।
एयरपोर्ट रोड की पॉश कॉलोनी सूरज नगर में डकैती की अलग तरह की वारदात सामने आई है। यहां बदमाशों ने सीनियर एडवोकेट अखिलेश श्रीवास्तव के घर को निशाना बनाया। वकील के घर दो खतरनाक कुत्ते हैं, ऐसे में बदमाशों ने पहले उन्हें कुछ खाने को दिया। कुत्तों ने भौंकना बंद किया तो हथियारों और औजारों से लैस नकाबपोश 8 डकैत दीवार एवं गेट फांदकर घर में घुसे और अंदर कमरों के ताले तोड़कर करीब 18 लाख रुपए नगद और लाखों रुपए कीमत के सोने-चांदी के जेवरात लेकर फरार हो गए। बदमाश लोडिंग वाहन से आए थे। घटना 25 और 26 दिसंबर की दरम्यानी रात की है। श्रीवास्तव के मुताबिक वह इलाज के लिए परिवार के साथ इंदौर गए थे। बदमाशों ने इसी का फायदा उठाया। रेकी कर पूरी वारदात, सुबह बाई आई तो जानकारी हुई वारदात के तरीके से साफ है कि बदमाशों ने पहले रेकी की। उन्हें सब कुछ मालूम था, इसीलिए कुत्तों के लिए खाना और सामान बटोरने के लिए लोडिंग वाहन लाए थे। पुलिस की गश्त नहीं थी, इसलिए रात करीब 1.15 से 3:45 तक बदमाश घर के आसपास घूमते रहे। वकील का कहना है कि 26 दिसंबर की सुबह काम वाली बाई घर आई तो उसने दरवाजा टूटा देखकर फोन पर जानकारी दी। इसके बाद वह इंदौर से आए तो देखा घर का सामान बिखरा पड़ा था। अलमारियों से नगदी और जेवर गायब थे। तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। कोहेफिजा पुलिस ने नकबजनी का केस दर्ज किया है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा का कहना है कि आरोपियों का सुराग लगाया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज से बदमाशों का पता लगाया जा रहा है। जल्द गिरफ्तारी होगी। कोई बात नहीं, इशारों में वारदातश्रीवास्तव ने घर की सुरक्षा-व्यवस्था के लिए वाइस रिकार्डिंग वाले हाई क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगा रहे हैं। कैमरों की नजर में मुख्य सड़क, मेन गेट, पोर्च आदि हिस्सा कवर होता है। इसमें सारी वारदात भी कैद हुई है। बदमाश अपने साथ एक इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स ले गए हैं। संभवत: वह इसे डीवीआर समझ रहे हैं। हैं। वारदात के दौरान बदमाशों ने किसी का नाम नहीं लिया। इशारों में ही पूरी वारदात को अंजाम दिया। डॉबरमैन : ये स्वभाव से वफादार, रक्षक और बुद्धिमान होते हैं। अपने परिवार के प्रति बेहद समर्पित और बेहतरीन गार्ड डॉग माने जाते हैं। अजनबियों पर आसानी से भरोसा नहीं करते और बेहद सतर्क रहते हैं। ये परिवार के किसी एक व्यक्ति को ही अपना मालिक मानते हैं। जर्मन शेफर्ड : बुद्धिमान और वफादार कुत्ता होता है। इसे स्मार्ट कुत्तों की श्रेणी में रखा जाता है। यह सीखने में बहुत तेज होते हैं। अपने परिवार से बहुत लगाव रखते हैं और उनकी रक्षा के लिए तैयार रहते हैं। ये अजनबियों से संकोच करते हैं और सतर्क रहते हैं, लेकिन आक्रामक नहीं होते हैं। मीट कुत्तों की कमजोरी, नींद की दवा से आक्रामकता भूल जाते हैंमीट कुत्ते की कमजोरी होता है। चोर कुत्तों के इस स्वभाव को जानते हैं और उनकी इसी कमजोरी का फायदा उठाते हैं। आशंका यही है कि इस मामले में भी मीट में नींद की दवा मिलाई गई। इससे कुत्ते आक्रामकता भूल जाते हैं। -डॉ. पीपी सिंह, पशु चिकित्सक
प्रगतिशील किसान:बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया, आंवले बो दिए, फार्म पौंड से कर रहे सिंचाई
उदयपुर जिले के गोगुंदा में सेमटाल गांव के किसान कपिलदेव पालीवाल पथरीली जमीन को उपजाऊ बनाकर आंवले की बागवानी कर रहे हैं। उनके 3 बीघा के बंजर खेत में अभी आंवले के 250 पेड़ भरपूर फल दे रहे हैं। कपिलदेव बताते हैं कि हमारी जमीन बरसों से बंजर पड़ी थी। बंजर होने तथा पानी की उपलब्धता कम होने से ज्यादा खेती नहीं हो पाती। एक बार गुजरात से रिश्तेदार आम का पौधा लेकर आए। शुरुआत में यहां आम का पौधा लगाया। यह चल निकला तो उन्होंने सोचा कि दूसरी खेती संभव है। इसके बाद यहां आंवले लगाने का आइडिया आया। आसपास कहीं आंवले नहीं होते हैं। बंजर जमीन को जेसीबी मशीन से कुछ समतल करवाई। पौधों तक पानी पहुंचाने के लिए पहाड़ीनुमा टीले पर फार्म पौंड बनवाया। बारिश से एक महीने पहले गड्ढे खोद दिए ताकि अच्छी धूप लगे। बारिश से पहले गड्ढे खोदने का फायदा यह हुआ कि धूप से कीड़े या दूसरे जीवाणु मर जाते हैं। बाद में देसी खाद के साथ आंवले के पेड़ बो दिए। आंवले की हाईब्रिड किस्म के पौधे उदयपुर की नर्सरी से मंगवाए। पालीवाल बताते हैं कि वैज्ञानिक तरीके से बंजर भूमि को तैयार करने का पौधों की बढ़वार में लाभ मिला। उन्होंने 3 फीट चौड़ा, 3 फीट गहरे गड्ढे खोदे। कई दिन तक धूप लगने के बाद इनमें पहली-दूसरी बारिश का पानी भरने दिया। इसका फायदा यह हुआ कि पौधों की बढ़वार ज्यादा हुई। हाईब्रिड किस्म होने से ये तेजी से बढ़े। वे अब अन्य किसानों के साथ मिलकर औषधीय गुण वाले पौधे लगा रहे हैं। इसका नाम बालिका वन मजावड़ी रखा है। आंवलों में कुछ सिंचाई बारिश के पानी से करते हैं तो कुछ सिंचाई फार्म पौंड से मिल जाती है। पालीवाल बोले कि पहाड़ी पर आंवले की बागवानी देखने आसपास के किसान आते हैं। आंवले के और पौधे उगाऊंगा। अभी इनकी सप्लाई के बारे में सोचा नहीं है। बागवानी की सफलता को देखकर आसपास के किसान अपने खेतों पर आंवले उगाने की तैयारी में है।
भोपाल के 90 साल के मौसम के इतिहास में यह सबसे सर्द दिसंबर रहा। बीते 28 दिन में से 27 दिन पारा 10 डिग्री से नीचे ही रहा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह लंबी और तीव्र शीतलहर शहर के लिए असामान्य थी। रविवार को भी न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री दर्ज किया गया। शनिवार को यह 4.6 डिग्री था। प्रदेश में सबसे सर्द शहर मंदसौर रहा, जहां पारा 2.5 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश के पांच जिलों में पाला भी पड़ा। इन जिलों में मंदसौर, शहडोल, शाजापुर, रीवा और नर्मदापुरम शामिल हैं। आगे क्या: 48 घंटे के भीतर ठंड से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है। इन 4 फैक्टर से सर्द हुआ मौसम
रास्ते में कीचड़ व गंदगी होने से ग्रामीण परेशान
करौली| मेले के पास शाक्यवार कॉलोनी के रास्ते में कीचड़ व गंदगी होने से लोगों के साथ वाहन चालकों को खासी परेशानी हो रही है। लोगों ने बताया कि रास्ते में गंदगी व कीचड़ के कारण मौसमी बीमारियों की आशंका बनी रहती है। अधिकारियों व कर्मचारियों को अवगत करा दिया गया। मगर कोई सुनवाई नहीं हुई है। -अमित कुमार, करौली
मुख्य सड़क पर कचरा होने से राहगीर हो रहे परेशान
करौली| शहर इन दिनों सफाई कर्मचारियों की ओर से नियमित सफाई नहीं करने के कारण जगह-जगह गंदगी के ढ़ेर लगे हैं। इसी प्रकार चौबे पाड़ा मोहल्ला के पास भगवान श्री सूर्य नारायण के मंदिर के पास मुख्य सड़क पर हमेशा कचरे का ढेर लगा रहता है। जिससे राहगीरों के साथ वाहन चालकों को दुर्गंध आने से खासी परेशानी होती है।- कान्हा शर्मा, करौली
जिला कलेक्ट्रेट के सामने सड़क पर गंदगी डालने से लोगों को परेशानी
करौली| जिला कलेक्ट्रेट के सामने आसपास के दुकानदारों व ठेले वालों की ओर से सड़क पर गंदगी डालने से वहां गंदगी का ढ़ेर लगा रहता है। गंदगी के ढ़ेर से राहगीरों व वाहन चालकों को दुर्गंध से परेशान होने के साथ मौसमी बीमारियों की आशंका बनी रहती है। इस संबंध में कई बार नगर परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों को अवगत करा दिया गया। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं इस रास्ते से दिनभर अधिकारी व कर्मचारियों का आना-जाना लगा रहता है। फिर भी उनकी नजर गंदगी के ढ़ेर पर नहीं पड़ती है। -सुरेश कुमार, करौली
कार्यालय संवाददाता | करौली केपीएल-3 लीग का दूसरा मुकाबला हिंडौन हेरिकेंस और कृष्णा सुपर स्टार के बीच खेला गया। मैच में टॉस के बॉस की भूमिका ब्रह्मानंद शर्मा ने निभाई। टॉस जीतकर हिंडौन हेरिकेंस के कप्तान अंकुर जोशी ने लगातार चौथी बार टॉस जीतते हुए पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए हिंडौन हेरिकेंस की टीम ने निर्धारित 18 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 159 रन बनाए। टीम की ओर से भरत शर्मा ने तूफानी बल्लेबाजी करते हुए 57 गेंदों में 12 चौके और 4 छक्कों की मदद से 103 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 180.7 रहा। इसके अलावा कृपाल दीपपुरा ने 23 गेंदों पर 20 रन बनाकर टीम के स्कोर को मजबूती दी। कृष्णा सुपर स्टार की ओर से गेंदबाजी में निरंजन शर्मा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 ओवर में 27 रन देकर 3 विकेट झटके और 6.75 की इकॉनमी से गेंदबाजी की। लक्ष्य का पीछा करने उतरी कृष्णा सुपर स्टार की शुरुआत अच्छी रही। टीम की ओर से शुभम पटवाल ने 48 गेंदों पर 2 छक्के और 8 चौकों की मदद से 75 रन बनाए, वहीं विकेटकीपर बल्लेबाज सचिन काकोरिया ने 22 गेंदों पर 31 रन (2 छक्के, 1 चौका) का योगदान दिया। हालांकि, मध्यक्रम में विकेट गिरने से टीम दबाव में आ गई। हिंडौन हेरिकेंस की ओर से गोपाल चाहर ने कसी हुई गेंदबाजी करते हुए 4 ओवर में 23 रन देकर 2 विकेट हासिल किए। कृष्णा सुपर स्टार की टीम 18 ओवर में 150 रन ही बना सकी और लक्ष्य से 9 रन पीछे रह गई। इस प्रकार हिंडौन हेरिकेंस ने यह मुकाबला 9 रन से जीत लिया। इससे पूर्व रविवार को खेले गए पहले मैच में जयपुर जैगुआर वर्सेज राज रॉयल के बीच खेला गया। राज रॉयल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। जयपुर जैगुआर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 18 ओवर में 9 विकेट पर 112 रन बनाएं। जयपुर की ओर से बेहतरीन बल्लेबाजी हर्ष यादव ने 23 बॉल खेलकर 38 रन बनाएं वहीं नवीन चौधरी ने 23 गेंद खेलकर 27 रन बनाएं। राज रॉयल की तरफ से गेंदबाजी करते हुए लखन भारती ने 4 ओवर डालकर 1 मेडन 20 रन देकर 3 विकेट झटके। निक्की चौहान ने 3 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट लिए। दूसरी पारी में राज रॉयल ने महज 15.4 ओवर में 6 विकेट से जीत अपने नाम कर ली। इस टीम में सबसे ज्यादा रन लखन भारती ने 38 बॉल खेलकर 6 छक्के, 1 चौका लगाकर 67 रन की बेहतरीन पारी खेली वहीं निक्की चौहान ने 18 गेंद खेलकर 21 रन नाबाद बनाएं। जयपुर जैगुआर की तरफ नवीन चौधरी ने गेंदबाजी करते हुए 3.4 ओवर में 16 रन देकर 2 विकेट लिए। इस मैच टॉस के बॉस मुकुट बिहारी शर्मा, रविन्द्र सिंह गुर्जर, तेजेंद्र सिंह रहे व मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड निर्मल के द्वारा लखन भारती को दिया गया।
श्री राजपूत सभा की 125 प्रतिभाओं को सम्मानित किया
कार्यालय संवाददाता | करौली श्री राजपूत सभा करौली के संरक्षण में श्रीराजपूत अधिकारी-कर्मचारी संघ की ओर से रविवार को शहर के महाराजा गोपाल सिंह श्री राजपूत छात्रावास परिसर में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन जिलाध्यक्ष अजय सिंह की अध्यक्षता में किया गया। श्री राजपूत सभा के जिला प्रवक्ता वेद प्रकाश सिंह लालाजी व कार्यक्रम के सहसंयोजक नरेंद्र सिंह टटवाई ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रांत अध्यक्ष राम सिंह चंदलाई ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिलाध्यक्ष अजय सिंह ने जिला करौली के राजपूत समाज को हमेशा संगठित करने के साथ एक जुट किया। यह एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि जो हम सब सपना देख रहें हैं कि हमारे बच्चे एक दिन देश का नाम रोशन करें वह सपना सच होता दिख दहा है। जो मुझे यहां प्रतिभाएं सम्मानित होने के बाद देखने को मिला। उन्होंने कहा कि यही वह प्रतिभाएं हैं जो हमारे सपनों को पूरा करेंगी। इस दौरान मुख्य रूप से उन्होंने समाज की प्रतिभाओं को राजपूत हॉस्टल जयपुर व एसएमएस इंस्टीट्यूट में विशेष सुविधाएं देने की घोषणा की। विशिष्ट अतिथि गिर्राज सिंह मलिंगा पूर्व विधायक बाड़ी ने प्रतिभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपका साथ भाजपा या कांग्रेस पार्टी सहित अन्य कोई पार्टी नहीं देंगी। आपका साथ केवल आपकी पढ़ाई, आपका हुनर ही आपका साथ देंगी। इसलिए अपना भविष्य बनाने के लिए पढ़ाई जरूरी है। वहीं समाज सेवा राजनीति से ऊपर है और सच्ची सेवा से ही जनप्रतिनिधि बनकर विधानसभा तक पहुंचा जा सकता है। पूर्वी राजस्थान क्षेत्रीय जागरूकता अभियान के प्रणेता शक्ति सिंह बांदीकुई ने कहा कि राजपूत समाज का गौरवशाली इतिहास नेतृत्व का इतिहास रहा है। समाज को आईएएस-आईपीएस के साथ-साथ स्वरोजगार की दिशा में भी प्रेरित करने की आवश्यकता है। पूर्व कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सभी युवाओं को केवल सरकारी सेवाओं के पीछे नहीं भागना चाहिए, बल्कि योग्यता अनुसार शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। जिलाध्यक्ष अजय सिंह ने समाज में एकता पर बल देते हुए कहा कि राजनीतिक दृष्टि से सशक्त होने के लिए संगठित रहना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान हमारी 125 प्रतिभाओं को अतिथियों की ओर से कार्यक्रम को संबोधित करने के साथ उनको मार्ग दर्शन मिला है वह अपने आप में अभूतपूर्व है। इसलिए ऐसे कार्यक्रम होने चाहिएं। जिससे सभी के हमें विचार सुनने को मिलें। उन्होंने कहा कि अगला प्रतिभा सम्मान समारोह हिंडौन सिटी में आयोजित किया जाएगा। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलित करने के साथ पुष्प अर्पण करने मां सरस्वती की वंदना व स्वागत गीत से हुई। मंच का संचालन रघुराज सिंह ने किया। इस अवसर पर जिले की कार्यकारिणी जिले भर से आए राजपूत समाज के तहसील कार्यकारिणी सहित समाज के प्रमुख लोग उपस्थित थे।
करौली में अग्रवाल समाज का नववर्ष मिलन समारोह व पौषबड़ा कार्यक्रम हुआ
करौली| अग्रवाल समाज करौली की ओर से नव वर्ष मिलन समारोह व पौषबड़ा सामूहिक भोज कार्यक्रम का आयोजन रविवार को एक निजी मैरिज होम में किया गया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में अग्रवाल समाज के लोगों ने भाग लिया। जीतेंद्र कुमार जिंदल ने बताया कि कार्यक्रम में सामाजिक कार्यों व समाज में चल रही कुरीतियों को जड़ से खत्म करने के लिए चर्चा की गई। वहीं लकी ड्रा की व्यवस्था भी की गई। जिसमें 30 लकी ड्रा खोले गए। वहीं महिला मंडल की ओर से रंगोली व तिलक लगाकर सभी का स्वागत सत्कार किया गया। वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति ने सम्पूर्ण भोजन व्यवस्था संभाली। अग्रवाल समाज करौली के अध्यक्ष व कार्यकारिणी ने सभी अतिथियों का माला, दुपट्टा व तस्वीर भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर अग्रवाल समाज के जिलाध्यक्ष मूलचंद गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र मित्तल, जयेश अग्रवाल, श्यामलाल बजाज, विनोद बजाज, योगेंद्र सिंघल, विक्की बजाज, अजय गुप्ता, लोकेश गुप्ता, सुनील मित्तल, ओमप्रकाश जिंदल, मुकेश, रवि बजाज, गोविंद लोहे वाले, गोविंद सर्राफ, बल्लभ पंसारी, महेंद्र सिंघल आदि उपस्थित थे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थापना दिवस पर वर्षों बाद जिला कार्यालय पर फहराया तिरंगा
कार्यालय संवाददाता | करौली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थापना दिवस के अवसर पर करौली जिला कांग्रेस कमेटी ने रविवार को ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की। वर्षों के लंबे अंतराल के बाद जिला कांग्रेस ने अपने स्वयं के कार्यालय पर ध्वजारोहण कर संगठन की मजबूती और एकजुटता का संदेश दिया। पुरानी जिला कलेक्ट्रेट के समीप स्थित कांग्रेस कार्यालय पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष घनश्याम महर के नेतृत्व में तिरंगा फहराया गया। इस अवसर को खास बनाने के लिए स्थापना दिवस से एक दिन पूर्व ही जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कार्यालय खोलकर विधिवत प्रवेश किया। रविवार सुबह कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर श्रमदान किया, परिसर की साफ-सफाई की और कार्यालय को उत्सव के लिए तैयार किया। पूरे माहौल में उत्साह और जोश देखने को मिला। ध्वजारोहण के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष घनश्याम महर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास बलिदान, संघर्ष और राष्ट्र निर्माण से जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से जिला स्तर पर कांग्रेस का स्वयं का कार्यालय बंद था, जिससे कार्यकर्ताओं को असुविधा होती थी। स्थापना दिवस पर अपने कार्यालय में ध्वजारोहण करना कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए गर्व और स्वाभिमान का विषय है। इस अवसर पर राष्ट्रीय संयोजक विशाल मीणा, पीसीसी सचिव भूपेन्द्र भारद्वाज, ब्लॉक अध्यक्ष रामगोपाल माली, नगर परिषद उपसभापति सुनील सैनी, युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष अखिलेश मामचारी सहित अनेक वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने संगठन को मजबूत करने और जनहित के मुद्दों को मजबूती से उठाने का संकल्प लिया। जिला कांग्रेस कार्यालय पर पुनः अधिकार मिलने के बाद अब पार्टी की सभी आगामी बैठकों, कार्यक्रमों और जनसुनवाई का संचालन यहीं से किया जाएगा। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है।
शिक्षक संघ का जिला स्तरीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग संपन्न
हिंडौन सिटी| सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान के तहत यातायात पुलिस ने रविवार को चौपड़ सर्किल पर सघन जांच अभियान चलाया। इस दौरान यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 100 वाहनों के चालान काटे गए। यातायात प्रभारी रामनिवास गुर्जर ने बताया कि सीओ मुनेश मीना के निर्देशन में चलाए जा रहे सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान के तहत चौपड़ सर्किल पर एएसआई बहादुर सिंह, एएसआई लीलाराम, घनश्याम सिंह और होशियार सिंह ने वाहनों की गहन जांच की। जांच के दौरान बिना हेलमेट बाइक चलाने, बिना सीट बेल्ट, नो पार्किंग में वाहन खड़ा करने, रिफ्लेक्टर नहीं होने, रॉन्ग साइड वाहन चलाने तथा आम रोड पर यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई। पुलिस ने नियमों का उल्लंघन करने वाले कुल 100 वाहनों के चालान काटे। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से वाहन चालकों, दोपहिया चालकों को हेलमेट पहनने और यातायात नियमों का पालन करने की समझाइश भी दी गई। करौली | राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का तीन दिवसीय जिला स्तरीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग कमला रानी रामप्रकाश खंडेलवाल महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, कैलादेवी में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण वर्ग 26 दिसंबर से 28 दिसंबर तक आयोजित किया गया, जिसमें जिलेभर से आए लगभग 100 दायित्ववान कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। संघ के जिला प्रवक्ता राजेन्द्र दीवान ने बताया कि प्रशिक्षण वर्ग में संगठन के इतिहास, उद्देश्य, कार्यप्रणाली, वैचारिक अधिष्ठान, कोष प्रबंधन, जनसंपर्क एवं समसामयिक राष्ट्रीय विषयों पर मार्गदर्शन दिया गया। वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा दिए गए व्याख्यानों ने कार्यकर्ताओं में संगठन के प्रति वैचारिक स्पष्टता और कर्तव्यबोध को सुदृढ़ किया।संघ के संरक्षक एवं पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने कहा कि संगठन का वैचारिक आधार तीन स्तंभों पर टिका है। राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा हित में शिक्षक और शिक्षक हित में समाज। राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों और राष्ट्र निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

