नमस्कार लखनऊ, मुस्कुराइए, आज -18 दिसंबर, दिन गुरुवार है... हम आपके लिए आज के इवेंट और आपसे जुड़ी काम की बातों को लेकर आए हैं। इसमें बता रहे हैं कि शहर में कहां और क्या-क्या हो रहा है। बिजली किन इलाकों में कटेगी, पानी किन इलाकों में नहीं आएगा। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट्स कहां हो रहे हैं। शहर का मौसम, सिटी का ट्रैफिक, सिनेमा, स्कूल-कॉलेज से जुड़ी जानकारियां भी हैं। पढ़िए क्या कुछ हैं, आपके काम की बातें... शहर में आपसे जुड़ी सुविधाएं और इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर- दैनिक भास्कर लखनऊ रिपोर्टिंग टीम से संपर्क करें-
कोहरे के कारण भारत और साउथ अफ्रीका के बीच चौथा टी-20 रद्द कर दिया गया है। मुकाबला लखनऊ के इकाना क्रिकेट स्टेडियम में शाम 7 बजे से शुरू होना था, लेकिन घने कोहरे की वजह से टॉस भी नहीं हो पाया। अंपायर्स ने 6 बार ग्राउंड कंडीशन का मुआयना किया। लेकिन, रात 9:30 बजे तक स्थिति में सुधार नहीं होने पर मैच रद्द कर दिया गया। इससे बड़ी संख्या में मैच देखने पहुंचे फैंस को मायूसी हाथ लगी। सचिन तेंदुलकर के फैन सुधीर शंख लेकर आए थे। उन्होंने टीम इंडिया की जीत के लिए शंखनाद भी किया था। साधु-संत भी मैच देखने पहुंचे थे, लेकिन मैच रद्द होने से सारा मजा किरकिरा हो गया। मैच देखने नेपाल से आए शशांक मिश्रा ने कहा- बहुत दूर से मैच देखने आया था, लेकिन मैच रद्द हो गया। बहुत बुरा लगा। आशीष जायसवाल- कुलदीप सिंह ने कहा- मैच नहीं हुआ। मजा नहीं आया है। अब हमारा पैसा वापस होना चाहिए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा- दिल्ली का प्रदूषण अब लखनऊ तक पहुंच गया है। इसकी वजह कोहरा या फॉग नहीं, स्मॉग है। VIDEO में देखिए मोमेंट्स... ---------------------------- कल का LIVE पढ़िए... लखनऊ में कोहरे ने IND-SA का खेल बिगाड़ा:चौथा T-20 मैच रद्द होने से फैंस मायूस, अखिलेश बोले- यह फॉग नहीं; स्मॉग है कोहरे के कारण भारत और साउथ अफ्रीका के बीच चौथा टी-20 रद्द कर दिया गया है। मुकाबला लखनऊ के इकाना क्रिकेट स्टेडियम में शाम 7 बजे से शुरू होना था, लेकिन घने कोहरे की वजह से टॉस भी नहीं हो पाया। अंपायर्स ने 6 बार ग्राउंड कंडीशन का मुआयना किया। लेकिन, रात 9:30 बजे तक स्थिति में सुधार नहीं होने पर मैच रद्द कर दिया गया। (पूरी LIVE खबर पढ़िए)
प्रयागराज में हिस्ट्रीशीटर अफसर अहमद को सड़क घेरकर पांच गोली मारी गई। शूटरों ने दो गोली सिर, दो पेट और एक पैर में मारी। गैंगस्टर हत्याकांड के बाद पुलिस टीमों ने सीसीटीवी खंगाले तो अफसर के पीछे लगे शूटर नजर आए हैं। इतना तो साफ है कि हिस्ट्रीशीटर की हत्या के लिए रेकी और प्लानिंग की गई। हत्या से पहले अफसर के दो सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। 4 मिनट 26 सेकेंड और 1.7 सेकेंड की इस फुटेज में अफसर अपने दोस्त रिटायर्ड पुलिसकर्मी वसी के साथ नजर आता है। अफसर और उसका दोस्त नहर ददौली पर रुकते हैं। यहां रसगुल्लों की कई दुकानें हैं। नमकीन भी बिकता है। अफसर रसगुल्ला खाता है और घर के लिए पैक कराता है। इसी दुकान के सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध शूटर भी नजर आए हैं। पुलिस ने दो संदिग्धों को निकाला है, जो अफसर का पीछा करते हुए वहां तक पहुंचे थे। एक के कंधे पर बैग है। दोनों संदिग्ध अफसर के पीछे-पीछे वहां तक पहुंचते हैं और हत्या करने के बाद फिर निकल जाते हैं। 2 तस्वीरें देखिए... पत्नी ने दर्ज कराई FIRशक तो यहां तक है कि अफसर की हत्या उसी दुकान पर होनी थी, लेकिन दुकान पर काफी भीड़, महिलाएं और बच्चों की वजह से शूटरों को इरादा बदलना पड़ा। हालांकि अफसर की पत्नी शकीला बनो की तरफ से की गई एफआईआर ने तस्वीर साफ कर दी है। 6 नामजद और चार अज्ञात पर केस दर्ज कराया गया है। दोस्त से दुश्मन बने थे दोनों गैंगस्टरअफसर की सनसनीखेज हत्या फिल्मी स्टोरी जैसी है। अपने गैंग में दोस्त को शामिल करना। फिर दोस्ती में दरार के बाद नया गैंग तैयार होना। इसके बाद वर्चस्व की जंग। फिर समझौते की साजिश और दोस्त से दुश्मन बने दूसरे गैंगस्टर को गोलियों से छलनी कर देना। जनवरी 2024 की हत्या का बदला दिसंबर 2025 को लिया। क्योंकि मारे गए गैंगस्टर नसीम की पत्नी के सामने उसके गैंग मेंबरों ने कसम खाई थी कि अफसर को मार कर ही रहेंगे। पहले जानिए कैसे हुई थी दुश्मनीमूलरुप से प्रतापगढ़ के देल्हूपुर थाना क्षेत्र के जद्दोपुर का रहने वाले अफसर का ससुराल प्रयागराज में है। प्रतापगढ़ में क्राइम करने के बाद अफसर ससुराल मऊआइमा थाना क्षेत्र के मऊआइमा आकर रहने लगा। बीच बाजार दो थप्पड़ मारे थे, यहीं से हो गई दुश्मनी यहां से उसने गैंग संचालन शुरू किया। गैंग बनाकर वर्चस्व कायम किया। लूट, रंगदारी, जमीन कब्जा आदि में जुट गया। इसी बीच इसकी दोस्ती उसी गांव के रहने वाले नसीम उर्फ बाबा से हुई। नसीब बाबा भी अफसर के गैंग में शामिल हो गया। 12 जनवरी 2024 को दुश्मनी के बीज पड़े। नसीम उर्फ बाबा के करीबी मुश्ताक को अफसर ने बीच बाजार दो थप्पड़ मार दिए। नसीम ने बाद में विरोध किया तो अफसर ने उसे भी धमका दिया। इसके बाद नसीम ने अपना अलग गैंग बना लिया। दोनों गिरोह के बीच वर्चस्व की लड़ाई चलने लगी। कई बार दोनों गिरोह में फायरिंग आदि हुई। 19 जनवरी 2024 को हुई थी हत्याइसके बाद 19 जनवरी को किसी ने बीच में पड़ दोनों में समझौता कराने की तैयारी की। 19 जनवरी 2024 की रात आठ बजे अफसर और नसीम अपने गैंग मेंबरों के साथ पहुंचे। यहां बात बिगड़ गई और नसीम को गोलियों से छलनी कर दिया गया। नसीम की हत्या के बाद जमकर बवाल हुआ। फायरिंग और आगजनी हुई। इस मामले में अफसर, उसका बेटा रुस्तम, साथी जुनैद आदि जेल गए। इसी हत्या का बदला लेने के लिए नसीम गैंग के मेंबर लगे रहे। अब जानिए क्या था मामलाप्रतापगढ़ जिले के जगदलपुर थाना क्षेत्र के देहलूपुर गांव निवासी अफसर अहमद पुत्र रईसुल जमा हिस्ट्रीशीटर था। इस समय वह प्रयागराज के मारखा मऊ में अपनी ससुराल में रहता था। अफसर के चाचा मो. हद्दीर जद्दोपुर प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। वह कस्टम इंस्पेक्टर रहे हैं। अफसर के पिता रईसुल जमा पुलिस में सिपाही थे। परिवार के अन्य लोग ठेकेदार हैं। अफसर सोरांव से अपने घर मारखा मऊ लौट रहा था। जानकारी के मुताबिक, अफसर आमतौर पर सफारी गाड़ी से चलता था, लेकिन आज वह बाइक से आ रहा था। रात 9 बजे के करीब कंचनपुरा चौराहे से पहले घात लगाए बैठे 2-3 बदमाशों ने उसे रोक लिया। इसके बाद उसके सिर में गोली मार दी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस को शक है कि बदमाश कई दिनों से अफसर अहमद की रेकी कर रहे थे। आज जब उन्हें अफसर के बाइक से आने की सूचना कन्फर्म मिली तो मारने के लिए घात लगाकर बैठ गए। आरोपियों की तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं। इलाके में दहशत का माहौल है। 2 तस्वीरें देखिए... बड़े भाई की पुलिस मुठभेड़ हुई थी मौतअफसर के पिता रईसुल जमा पुलिस विभाग में ड्राइवर थे। 2012 में जगदीशपुर में तैनाती के दौरान एक्सीडेंट में दिव्यांग हो गए थे। रईसुल जमा के चार लड़के थे। नसीम अहमद, अफसर अहमद , इजहार अहमद और जावेद अहमद। नसीम अहमद की 1996 में पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी। वह भी शातिर अपराधी था। अफसर पर 18 मुकदमे दर्जअफसर अहमद ने अपना खुद का गैंग बनाया था। इसकी गैंग के मेंबर ट्रकों पर फर्जी नेम प्लेट लगाकर माल लोड कर बेचने का काम करते हैं। छिनैती-लूट में भी इसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। प्रतापगढ़ और प्रयागराज में इसके खिलाफ 18 मुकदमे दर्ज हैं। दो साल पुराने नसीम हत्याकांड में मुख्य आरोपी थापुलिस अफसर अहमद की हत्या को दो साल पुराने नसीम हत्याकांड से जोड़कर देख रही है। 9 जनवरी, 2024 को मारखा मऊ निवासी नसीम अहमद और अफसर अहमद के बीच गैंगवार हुआ था। दोनों पक्षों के बीच मारपीट और गोली बारी हुई थी। जिसमें नसीम अहमद की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार नसीम और अफसर के बीच क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर लंबे समय से तनातनी चल रही थी। नसीम की मौत के बाद उसके गैंग के लोगों ने अफसर को मारने की कसम खाई थी। जमानत पर बाहर आया था अफसरनसीम अहमद हत्याकांड में अफसर अहमद मुख्य आरोपी था। वह जेल भी गया। अभी कुछ दिन पहले जमानत पर बाहर आया था। पुलिस मान रही है कि उसी हत्याकांड की रंजिश में अफसर अहमद की हत्या को अंजाम दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में 19 जनवरी 2024 को मुकदमा संख्या 13/24 दर्ज किया था। तब से अफसर जेल में था। एक और हत्या में था आरोपीप्रयागराज के लवकुश की हत्या 2007 में की गई थी। जब वह बाजार से अपने घर जा रहे थे, तो पालगढ़ में उन्हें रोक कर गोली मारी गई थी। उसमें अफसर और उसके साथियों के नाम आया था। जेल भी गया था। ये हुए नामजद अफसर की पत्नी शकीला बानों ने 6 नामजद और दो मोटर साइकिल सवार चार अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया है। नामजद आरोपियों में आसिफ उर्फ दुर्रानी, वाजिद अली उर्फ बचऊ, मंसूर उर्फ झल्लू, अतीक, गुलफान, अकबर हैं। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें.... एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां अब 60 की स्पीड में चलेंगी:योगी मथुरा हादसे के बाद सख्त; बोले-अफसर फील्ड में उतरें मथुरा हादसे के बाद सीएम योगी एक्शन में हैं। यूपी में एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट तय कर दी गई है। अभी तक एक्सप्रेस-वे पर बस और ट्रक ड्राइवरों को अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने की परमिशन थी। अब इसे घटाकर 60 किमी तक कर दी गई है। पढ़ें पूरी खबर...
दिल्ली में GRAP स्टेज-4 के तहत गुरुवार से 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम लागू हो गया है। इसके तहत बिना वैध प्रदूषण प्रमाणपत्र वाले वाहनों को पेट्रोल, डीजल या सीएनजी नहीं मिलेगा। दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड बीएस-VI से कम श्रेणी वाले वाहनों की एंट्री पूरी तरह बंद रहेगी। ये आदेश पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत जारी किया गया है और GRAP IV लागू रहने तक इसे लागू रखा जाएगा। सरकार के मुताबिक इस वक्त स्मॉग के कारण प्रदेश की हवा की क्वालिटी काफी खराब है इसलिए इसे लागू करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की इजाजत दे दी थी। दिल्ली सरकार ने BS III से कम श्रेणी वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति मांगी थी। जांच के लिए 126 चेकप्वाइंट्स बनाए गए दिल्ली में इस सख्ती को लागू करने के लिए 580 पुलिसकर्मी 126 चेकपॉइंट्स पर तैनात रहेंगे। पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे, वाहन डेटाबेस और पुलिस जांच करेंगे। ट्रांसपोर्ट अधिकारी भी पंपों पर रहेंगे। निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर पूर्ण बैन है। सीएनजी, इलेक्ट्रिक वाहन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और जरूरी सेवाओं को छूट है। ट्रैफिक जाम रोकने के लिए 100 हॉटस्पॉट्स पर गूगल मैप मदद लेगा। नियम तोड़ने पर वाहन जब्ती, जुर्माना और कानूनी कार्रवाई होगी। पर्यावरण अधिनियम 1986 के तहत सजा मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट के 4 प्रमुख कमेंट्स... 7 हजार मजदूरों का वेरिफिकेशन पूरा दिल्ली सरकार की ओर से पेश ASG ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि 2.5 लाख पंजीकृत मजदूरों में से 7 हजार का वेरिफिकेशन हो चुका है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सहायता राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी। कोर्ट ने प्रक्रिया में गड़बड़ी पर सख्त चेतावनी दी। बेंच ने पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका को आगे की सुनवाई के लिए 6 जनवरी को लिस्ट किया है। बेंच ने कहा कि इस याचिका पर साल में कम से कम दो बार सुनवाई होनी चाहिए। BS-IV वाहन मानक स्तर के बारे जानें... BS-IV (भारत स्टेज-4) वाहन मानक सरकार द्वारा तय किए गए ऐसे नियम हैं, जिनका मकसद वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करना है। ये नियम BS-III से ज्यादा सख्त थे और 1 अप्रैल 2017 से पूरे देश में नए वाहनों पर लागू हुए। इसके तहत पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से निकलने वाले धुएं, जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर, की सीमा तय की गई और सल्फर कम वाला ईंधन इस्तेमाल किया गया। इससे प्रदूषण घटाने में मदद मिली, हालांकि अब BS-VI इससे भी नए और सख्त मानक हैं। सरकार-प्राइवेट 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण के चलते भाजपा सरकार ने बुधवार को सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम नियम लागू कर दिया है। यानी अब सभी दफ्तरों में सिर्फ आधे कर्मचारी जाएंगे। आधे कर्मचारी घर से काम करेंगे। कपिल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में 16 दिनों तक ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का तीसरा फेज, (GRAP-3) लागू रहा। इस दौरान निर्माण कार्य बंद थे। इससे दिहाड़ी मजदूर प्रभावित हुए हैं। दिल्ली सरकार सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के खातों में मुआवजे के तौर पर ₹10,000 ट्रांसफर करेगी। पूरी खबर पढ़ें... ............................... दिल्ली-NCR प्रदूषण से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... दिल्ली में प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा: केवल BS-6 गाड़ियों को ही एंट्री दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने 16 दिसंबर को कहा था कि गाड़ी की वैध PUC (Pollution Under Control Certificate) यानी प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना 18 दिसंबर से डीजल-पेट्रोल नहीं मिलेगा। दिल्ली में दूसरे राज्यों के BS-6 गाड़ियों के अलावा सभी गाड़ियों की एंट्री बंद कर दी गई है। कंस्ट्रक्शन पर पूरी तरह रोक लगाई है, कंस्ट्रक्शन का समान ले जा रहे वाहनों के चालान किए जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें...
पश्चिमी यूपी में जनता को सस्ता, सुलभ न्याय दिलाने की मांग पिछले 60 सालों से उठ रही है। 60 साल पहले पूर्व CM संपूर्णानंद ने इसकी मांग उठाई थी। वकील सड़कों पर उतरे, हड़ताल की, ट्रेन रोकी यहां तक की अनशन भी किया, लेकिन पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच नहीं ला सके। 6 दशकों पुराने आंदोलन के बाद भी वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच नहीं मिल रही। इसके पीछे क्या कारण हैं। मेरठ से प्रयागराज की दूरी करीब 700 किलोमीटर होने और 60 सालों के आंदोलन के बावजूद बेंच नहीं मिल रही। पश्चिमी यूपी में 22 जिले लगते हैं, और इन जिलों से इलाहाबाद हाइकोर्ट की दूरी पाकिस्तान के लाहौर से भी ज्यादा है। इसकी वजह क्या है? दैनिक भास्कर ने ग्राउंड पर जाकर एक्सपर्ट से बात करके बेंच आखिर क्यों नहीं मिल रही। उन कारणों को समझा, पढ़िए पूरी रिपोर्ट... संघर्ष के बावजूद बेंच क्यों नहीं मिल रही वो कारण पढ़िए.. 1. सांसद, नेता दिल से इस मांग में साथ नहीं हैयूपी बार कांउसिल के पूर्व चेयरमैन और मेरठ बार एसो. के पूर्व अध्यक्ष रोहिताश कुमार अग्रवाल ने कहा कि सबसे पहला कारण नेता प्रतिपक्ष के रूप में पूर्व पीएम स्व. माननीय अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्समय सरकार कानून मंत्री से सवाल कि बेंच क्यों नहीं मिल रही। जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट आ चुकी है। 1992 से हम लोग आंदोलनरत हैं। जगह-जगह चक्काजाम है, डॉ. संपूर्णानंद के समय से हम आंदोलनरत हैं। उस वक्त कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज ने कहा हमें वेस्ट में बेंच देने में कोई आपत्ति नहीं है, तब हमने अटल जी से संसद से इसकी प्रमाणित कॉपी ली। जब अटल जी पीएम बने तो वेस्ट यूपी के हम सारे वकीलों का डेलिगेशन वीरेंद्र वर्मा की अगुआई में अटल जी से मिलने गया। हमने उन्हें वेस्ट यूपी में बेंच की मांग उठाने के सवाल की वो सर्टिफाइड कॉपी दिखाई, जो उन्होंने नेता प्रतिपक्ष रहते हुए कहा था। तब हमने उनसे कहा कि अब तो आप पीएम हैं, अब बेंच दे दीजिए। नेता प्रतिपक्ष के रूप में आपने ये सवाल उठाया था, अब तो आप पीएम हैं। तब उन्होंने कहा कि कभी-कभी गवाह भी होस्टाइल होता है। ये बेंच राजनीतिक लड़ाई के कारण नहीं मिल रही। राजनीतिक उदासीनता में जनता पिस रही है। हमने सारे सांसदों से कहा कि पार्लियामेंट में आकर खड़े हों, बेल में आकर खड़े हो जाएं, लेकिन कोई सांसद सामने नहीं आया। अगर ये सारे सांसद एकजुट होकर संसद में खड़े हों और पीएम के सामने जाकर बेंच की मांग उठाएं तो निश्चित तौर पर ये बेंच मिल जाएगी। राजनीतिक कारणों और इलाहाबाद के दबाव में बेंच नहीं मिल रही। 2. पूर्वांचल के वकीलों की नाराजगी का खौफ, कहीं वोट न कट जाएमेरठ बार एसो. के पूर्व अध्यक्ष गजेंद्र सिंह धामा ने बताया- 50 सालों के भी अधिक समय से मैं यहां प्रैक्टिस कर रहा हूं, लेकिन बेंच की मांग उससे भी पुरानी है। ये मांग नहीं बल्कि आवश्यकता है। ये दुर्भाग्य है वेस्ट यूपी का कि कोई भी नेता आए वो बेंच के लिए आश्वस्त करते हैं मगर इमदाद नहीं करते। अब वो समय आ गया है कि हर अति का अंत है। आजादी के आंदोलन के बाद ये सबसे बड़ा आंदोलन है। हमलोग वेस्ट यूपी की जनता के लिए संघर्ष करते हैं। जब तक बेंच नहीं आएगी, हम संघर्षरत रहेंगे। जितना शोषण वहां इलाहाबाद में जनता का होता है। यूपी में केवल एक बेंच है, महाराष्ट्र में हमसे आधी जनता है इसके बावजूद वहां यूपी से ज्यादा बेंच हैं। यूपी इतना बड़ा राज्य है यहां 4 बेंच की जरूरत है। मेरठ, आगरा, वाराणसी और गोरखपुर में बेंच दे दें। बेंच आगरा, मेरठ कहीं भी बने हमें दिक्कत नहीं है। लेकिन वेस्ट यूपी को बेंच मिलना चाहिए। देश के 53वें चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच को एक बड़ा मुद्दा माना है। पूर्वांचल के 100-200 वकील है इससे इफेक्टिव हो रहे हैं। अगर बेंच बन जाती है तो 22 लाख से अधिक की पेंडेंसी खत्म होगी। इस बेंच से पूर्वांचल ही नहीं पूरे यूपी की जनता को सस्ता, सुलभ और जल्दी न्याय मिलेगा। अभी लोगों के नंबर ही नहीं आते। तब जल्दी न्याय मिलेगा। उन चंद लोंगों की नाराजगी उनके वोट बैंक के चक्कर में पश्चिमी यूपी में बेंच नहीं आ रही। 3. सदन में केवल शून्यकाल में मुद्दा उठाते हैंमेरठ बार एसो. के पूर्व अध्यक्ष अजय त्यागी ने कहा कि बेंच न मिलने का कारण राजनीतिक उदासीनता है। लगातार मुद्दा उठ रहा है, बेंच के लिए जसवंत सिंह कमीशन बना था। वाजपेयी जी ने अपोजीशन लीडर रहते हुए यह मुद्दा उठाया था। तब ये मान लिया गया कि पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच बननी चाहिए। इसके बाद लगातार ये मुद्दा चल रहा है। राजनीति के नेता वेस्ट यूपी के इस मुद्दे को वोटों के रूप में देख रहे हैं, उन्हें जनता का दर्द नहीं दिख रहा। सांसद सदन में शून्यकाल में बेंच का मुद्दा उठाते हैं। अगर ये सवाल सदन में मजबूती से उठेगा तो इसका असर दिखेगा। राजनीतिक नेताओं की कमजोरी के कारण हमारी मेहनत सफल नहीं हो रही और जनता को हाईकोर्ट बेंच नहीं मिल रही है। 4. इलाहाबाद का राजनीतिक वर्ग एकजुट है वेस्ट यूपी का नहींपूर्व डीजीसी सीनियर एडवो. अनिल तोमर कहते हैं कि बेंच न मिलने का मुख्य कारण राजनीतिक कमजोरी है। हमारे सांसद, विधायक, नेता कोई इसमें हमारी मदद नहीं करना चाहते। आज जनता से हमें पूरे पश्चिमी यूपी का सहयोग मिल रहा है लेकिन जनप्रतिनिधि इसमें हमारा सहयोग नहीं देना चाहते। एक गरीब आदमी अपने लिए न्याय की मांग करने को 700 किमी दूर जाता है। वहां होटल में रुकने से लेकर तमाम खर्च करता है लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। जितने भी सांसद, विधायक हैं। उनको एकजुट होकर ये मामला उठाना चाहिए, तभी उनका सहयोग हमें मिलेगा। इलाहाबाद का राजनीतिक वर्ग एकजुट होकर खड़ा होता है लेकिन हमारे नेता उस वक्त चुप हो जाते हैं। महाराष्ट्र में चार–चार खंडपीठ, यूपी में सिर्फ दोपश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रमुख रूप से मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़, आगरा मंडल के जिले आते हैं। इन सभी जिलों से इलाहाबाद हाईकोर्ट की दूरी करीब–करीब 700 किलोमीटर है। इतनी लंबी दूरी के कारण मुवक्किलों और वकीलों को ज्यादा समय, ज्यादा पैसा खर्च करना होता है। गरीबी और कम संसाधन वाले लोगों के लिए ये समस्या और ज्यादा हो जाती है। यूपी में हाईकोर्ट के अलावा उसकी एक और खंडपीठ है, वो लखनऊ में है। लखनऊ भी वेस्ट यूपी से करीब 450 किलोमीटर दूर है। हालांकि वेस्ट के मुकदमों की सुनवाई सीधे इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही होती है। महाराष्ट्र में हाल ही में हाईकोर्ट की चौथी बेंच स्थापित करने की अधिसूचना जारी हुई है। वकील कहते हैं कि जब महाराष्ट्र में चौथी बेंच बन सकती है तो वेस्ट यूपी में क्यों नहीं? मेरठ में उच्च न्यायालय में सबसे अधिक मामले (लगभग 45 लाख) दर्ज हैं, इसलिए यहाँ उच्च न्यायालय की बेंच स्थापित करना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के वकीलों के हितों की पूर्ति के लिए सबसे उपयुक्त होगा? पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए मेरठ में उच्च न्यायालय की बेंच क्यों नहीं स्थापित की जा सकती, जबकि केवल 12 जिलों के लिए लखनऊ में और इसी तरह कर्नाटक के धारवाड़ और गुलबर्गा में क्रमश: 4 और 8 जिलों के लिए उच्च न्यायालय की बेंच स्थापित की जा सकती है। जहां पहले से ही हुबली में बेंच मौजूद है? जंतर-मंतर व संसद भवन पर अनेको बार धरने हुए, गिरफ्तारी हुई, जेल भरो आंदोलन हुए फिर भी बेंच नहीं आई और संघर्ष जारी रहा। लाहौर से भी दूर है इलाहाबाद हाईकोर्टपश्चिमी यूपी में 22 जिले लगते हैं, और इन जिलों से इलाहाबाद हाइकोर्ट की दूरी पाकिस्तान के लाहौर से भी ज्यादा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में वेस्ट यूपी के 2008 के आंकड़ों के हिसाब से सिविल के 6 से ज्यादा मुकदमे, क्राइम के करीब 3 लाख और बाकी के साढ़े पांच लाख मुकदमे लंबित हैं। हाई कोर्ट में 50% से ज्यादा काम वेस्ट यूपी का होता है और ऐसे में वेस्ट यूपी में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना होगी तो मुकदमों के फैसले जल्दी आएंगे और लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा। हाईकोर्ट में हर महीने साढ़े 5 हजार नए केसवकीलों की केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन संजय शर्मा का कहना है कि, 700 किमी की दूरी पर न्याय कैसे सुलभ होगा। 20–25 साल में भी अपील पर सुनवाई नहीं’ होती। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों की पेंडेंसी काफी है। वहां हर महीने साढ़े पांच हजार नए केस दर्ज हो रहे हैं, जबकि पुरानी पेंडेंसी खत्म नहीं हो रही। 20–25 साल हो गए, लोगों की अपीलों का नंबर नहीं आ रहा। जो केस लिस्टेड हो जाते हैं, उनमें भी कई–कई साल तक सुनवाई नहीं हो पाती। जनता को न्याय नहीं मिलने से कानून व्यवस्था भी प्रभावित है। पूर्व सीएम ने भी उठाया मुद्दाइस मांग को सबसे पहले 1951 में प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे संर्पूणानंद ने उठाया था। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी, रामनरेश यादव, बाबू बनारसी दास, मायावती ने भी इस पर सहमति जताई थी। मेरठ के भाजपा से तीसरी बार सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने वेस्ट यूपी में हाई कोर्ट बेंच के मुद्दे को अब तक तीन बार लोकसभा में उठाया है। उन्होंने खुद भी प्राइवेट मेंबर बिल के जरिए हाई कोर्ट बेंच की बात रखी है। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... पश्चिमी यूपी के 22 जिलों में बंद, वकील सड़क पर:मेरठ में स्कूल-कॉलेज नहीं खुले, बोले- हाईकोर्ट बेंच मिलने तक रुकेंगे नहीं पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर मेरठ समेत पश्चिमी यूपी के 22 जिलों में बंद का आह्वान किया गया है। यह बंद हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति ने किया है। 22 जिलों के अधिवक्ताओं और 1200 से अधिक संगठन भी हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अपना समर्थन दे रहे हैं। पढ़ें 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यूपी की बड़ी खबरें:7994 पदों पर लेखपाल की होगी भर्ती, 29 दिसंबर से आवेदन; नोटिफिकेशन जारी
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) ने राजस्व विभाग में 7994 लेखपाल पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया है। यह भर्ती प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (PET) 2025 के आधार पर निकलने वाली पहली भर्ती है, जिससे लाखों अभ्यर्थियों को सीधा फायदा मिलेगा। आयोग के अनुसार इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन 29 दिसंबर से 28 जनवरी तक स्वीकार किए जाएंगे। आवेदन शुल्क जमा करने और आवेदन में संशोधन की सुविधा 4 फरवरी तक उपलब्ध रहेगी। अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट upsssc.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। (वैकेंसी की पूरी डिटेल पढ़िए) अयोध्या में युवक की चाकू गोदकर हत्या, तमंचा छोड़कर हमलावर भागा अयोध्या में मंगलवार शाम अज्ञात हमलावरों ने एक युवक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए और घटनास्थल पर एक तमंचा छोड़ गए। घटना हैदरगंज थाना के रखौना गांव की है। गांव निवासी विजय श्याम विश्वकर्मा (35) की हत्या हुई है। बताया गया कि वह शाम करीब 7:30 बजे किसी काम से हैदरगंज की ओर जा रहे थे, तभी सीहीपुर कसिया डाडे गंगानगर मार्ग पर तीन महुआ के पेड़ों के पास पहले से घात लगाए बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायल युवक को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगंज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। विजय श्याम अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे और गांव में फर्नीचर की दुकान चलाते थे। परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। बीकापुर सीओ पीयूष कुमार ने बताया- हमलावरों की पहचान व गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर... बैच के आधार पर कॉन्स्टेबल लाभ से वंचित नहीं होंगे:हाईकोर्ट ने कहा-चयन प्रक्रिया एक, फिर प्रोटेक्शन लाभ से वंचित कैसे करेंगे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2018 की उत्तर प्रदेश पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती से जुड़े मामले में कहा है कि केवल प्रशिक्षण की तिथियों या बैच के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों के वेतन में अंतर नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई उस नीति को असंवैधानिक और मनमाना करार दिया, जिसके तहत एक ही चयन प्रक्रिया से नियुक्त कांस्टेबलों को अलग-अलग प्रशिक्षण बैचों में भेजने के आधार पर वेतन संरक्षण (पे प्रोटेक्शन) के लाभ से वंचित किया गया था। पढ़ें पूरी खबर...
मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार की भोर हुए दर्दनाक हादसे की कसक अभी खत्म नहीं हुई है। बुधवार को भी ऐसे लोग उन अपनों के लिए इधर-उधर भटकते दिखे, जिनकी अभी तक कोई जानकारी नहीं हो सकी है। मंगलवार से शुरू हुई उनकी तलाश बुधवार को भी जारी रही। कहीं से कोई सटीक जानकारी नहीं मिलने से मायूस दिखे। मंगलवार को मृतकों की संख्या 13 थी, जो बुधवार की शाम होते-होते बढ़कर 19 हो गई। इनमें 18 वह हैं, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। 19वीं मौत उस घायल यात्री की हुई, जिसे गंभीर हालत में आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जिन 19 यात्रियों की मौत हुई है, उनमें से अब तक सिर्फ 3 की ही पहचान हो सकी है। पोस्टमॉर्टम के बाद उनके शव को उनके परिवार के हवाले कर दिया गया। 3 ऐसे भी हैं, जिनकी मौत की पुष्टि तो हो चुकी है, लेकिन शव की पहचान नहीं हाे सकी है। बाकी के 13 मृतकों की पहचान सामने नहीं सकी है। इनकी शिनाख्त डीएनए टेस्ट से होगी। उनमें से 11 लोगों ने टेस्ट के लिए अपना ब्लड सैंपल दिया है। अपनों की तलाश में जुटे परिवार के सदस्य अनहोनी को लेकर आशंकित हैं। फिर भी ब्लड सैंपल इसी उम्मीद और भारी मन से दिया है कि कुछ तो पता चले। जिन 11 लोगों ने सैंपल दिया है, उसमें से एक 6 वर्ष का बच्चा भी है। उसका परिवार उसके पिता की तलाश में राजस्थान के धौलपुर से यहां पहुंचा था। लापता युवक के बेटे और बहन ने डीएनए टेस्ट के लिए अपना ब्लड सैंपल दिया है। अब वह डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट आने से पहले उनके मन में कई तरह की आशंकाएं उमड़-घुमड़ रही हैं। दैनिक भास्कर ने उनसे बात की। उनकी परेशानी समझी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... पहले यह 3 तस्वीर देखिए... जिस बस में आग लगी, उसका हेल्पर लापता, तलाश में परिवार राजस्थान से आया मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर जिन बसों में आग लगी, उसी में से एक बस में भाेलू भी सवार था। वह उस बस में हेल्पर था। राजस्थान के धौलपुर के बाड़ी का रहने वाला भाेलू (32) कानपुर की एक ट्रैवल एजेंसी में काम करता था। वह बस सोमवार की रात कानपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। रास्ते में मथुरा के पास हादसे में उसमें आग लग गई। उसके बाद से भाेलू का पता नहीं लग सका है। धौलपुर से आए भाेलू के भाई आजाद खान ने बताया कि मंगलवार की सुबह जानकारी मिली की भोलू जिस बस पर ड्यूटी के लिए सवार था, उसमें आग लग गई है। इसी जानकारी के बाद भाेलू का पूरा परिवार उसकी तलाश में मथुरा आ गया। मंगलवार की दोपहर से ही उसकी तलाश में हर उस अस्पताल का चक्कर लगाया, जहां घायलों काे भर्ती कराया गया है। भोलू कहीं नहीं मिला। आजाद खान ने बताया कि वह कभी जिला अस्पताल, कभी बलदेव थाना तो कभी पोस्टमॉर्टम हाउस के चक्कर लगा रहे हैं। कहीं से जानकारी नहीं मिल रही है। प्रशासन ने जो घायलों की लिस्ट जारी की है, उसमें भी उसका नाम नहीं है। आजाद अनहोनी की आशंका से आशंकित दिखे। DNA टेस्ट के लिए बेटे और बहन ने ब्लड सैंपल दिया भोलू की तलाश में भटक रहे परिवार को जब कहीं से कोई जानकारी नहीं मिली तो उन्होंने भारी मन से ब्लड सैंपल दिया। बहन सितारा ने अपने भाई भोलू की पहचान के लिए DNA सैंपल दिया है। डॉक्टर ने कहा कि बहन के सैंपल से काम नहीं चलेगा। तब भोलू के 6 साल के बेटे का भी ब्लड सैंपल दिया गया है। बहन सितारा ने बताया कि भोलू के 2 छोटे बच्चे हैं। हमीरपुर की लापता पार्वती के लिए बेटे ने ब्लड सैंपल दिया यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे में सबसे बड़ी समस्या उनकी है, जिनके अपने नहीं मिल रहे। अपनों की तलाश में लोग अस्पताल से लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस तक के चक्कर लगा रहे हैं। इन्हीं में से एक मिले हमीरपुर के राठ के रहने वाले गुलज़ारी लाल। गुलज़ारी लाल 45 वर्षीय भाभी पार्वती की तलाश में चक्कर काट रहे हैं। पार्वती सोमवार शाम को राठ से 2 बच्चों के साथ बस में सवार हुई थीं। बेटा को निकाला...मां फंस गईं गुलज़ारी लाल ने बताया कि हादसे के बाद भाभी पार्वती ने शीशे तोड़े और दो बच्चों को बाहर निकाला। जब पार्वती ने निकलने का प्रयास किया तो वह नहीं निकल नहीं पाईं उनके गर्दन में शीशा लग गया। जिसके बाद उनका कहीं पता नहीं चला है। वह अस्पताल से लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस तक के चक्कर लगा चुके हैं। DNA जांच के लिए पार्वती के बेटे आकाश ने ब्लड सैंपल दिया है। मजदूरी के लिए निकले अब नहीं मिल रहे भाेलू और पार्वती के परिजनों की तरह देवेंद्र के परिवार वाले भी परेशान हैं। देवेंद्र हमीरपुर के सरीला तहसील के रहने वाले थे। वह दिल्ली में मजदूरी करते थे। हादसे के बाद देवेंद्र का कुछ पता नहीं चल रहा। देवेंद्र के बाबा ने बताया कि वह तलाश कर रहे हैं, लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा। प्रशासन ने देवेंद्र के पिता ब्रगभान का DNA सैंपल लिया है। जांच टीम एक्सप्रेसवे पहुंची हादसे के बाद DM कीओर से गठित जांच टीम कारणों की जांच के लिए एक्सप्रेस वे पहुंची। जहां ADM प्रशासन अमरेश कुमार के नेतृत्व में टीम ने घटना स्थल को देखा और उसकी फोटोग्राफी कराई। इसके बाद सबसे पहले पहुंचे ग्रामीणों से जानकारी ली। इसके अलावा रोड की बनावट देखी। इसके अलावा टीम ने यह भी जानने का प्रयास किया कि ऐसे क्या कारण बने कि वहां कोहरा अचानक आया। यहां पता चला कि यहां यमुना कर्व है। इसके अलावा एक्सप्रेस वे के साइड में नगर पंचायतों ने ढलाव घर बनाया हुआ है। रोड सेफ्टी टीम ने की जांच DM की ओर से गठित टीम के अलावा हादसे के कारणों की जांच के लिए IIRT की टीम भी पहुंची। IIRT की HOD डॉ. श्रुति के नेतृत्व में पहुंची 11 सदस्यीय टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। डॉ. श्रुति ने बताया कि यहां आए हैं इनवेस्टीगेशन कर पाएं देख पाएं समझ पाएं कि चैन रिएक्शन क्यों हुआ। एक्सीडेंट होते आए हैं एक्सप्रेसवे पर, लेकिन यहां पर चैन जलने की बात है। अभी कहना जल्दबाजी होगी। फिलहाल यहां पर फोटोग्राफी की है। स्टेटमेंट लिए हैं, कुछ डॉक्यूमेंट लिए हैं। उनको जांचेंगे उसके बाद हम अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे,अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। है ये एक्सीडेंट ही है लेकिन अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा हादसा मंगलवार सुबह मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के चलते 8 बसें और 3 कारें भिड़ गईं। टक्कर होते ही गाड़ियों में आग लग गई। भाजपा नेता समेत 13 लोगों की जलकर मौत हो गई। 70 लोग घायल हैं। मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि बसों में कटे हुए अंग मिले हैं। पुलिस इन्हें 17 पॉलिथीन बैग में भरकर ले गई है। अब डीएनए टेस्ट से इनकी पहचान की जाएगी। हादसा थाना बलदेव क्षेत्र में माइलस्टोन 127 पर हुआ। पुलिस, फायर ब्रिगेड और SDRF के 50 जवानों और 9 थानों की पुलिस ने 6 घंटे में रेस्क्यू किया। हादसे के चलते एक्सप्रेस-वे पर 3 किमी लंबा जाम लग गया था। हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ADM प्रशासन अमरेश जांच का नेतृत्व करेंगे। मजिस्ट्रेट जांच में 2 सदस्यों को जोड़ा गया है। टक्कर के बाद राहगीर ने पुलिस को फोन कर सूचना दी। पुलिस के पहुंचने से पहले आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शी भगवान दास ने बताया कि टक्कर के बाद ऐसा लगा जैसे बम फटा हो। लोग बसों के शीशे तोड़कर बाहर कूद रहे थे। थोड़ी देर में बसें जलकर राख हो गईं। हमने बस से 8-9 लाशें निकालीं। आरोप है कि रेस्क्यू करीब एक घंटे बाद शुरू हुआ। घायलों को 11 एम्बुलेंस से मथुरा जिला अस्पताल और वृंदावन संयुक्त जिला अस्पताल भेजा गया। गंभीर घायलों को आगरा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बसों से पुलिस ने खुरच-खुरच कर शवों को उठाया। वहीं, सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया। हादसे की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम बनाई गई। इन 3 के शव परिवार के हवाले किए गए -इलाहाबाद के रहने वाले भाजपा नेता अखिलेंद्र यादव अपने 3 और साथियों के साथ जौनपुर में मंत्री गिरीश यादव के यहां उनके पिताजी की मृत्यु पर हुए कार्यक्रम में शिरकत करने मंत्री सुरेश खन्ना से मिलने ब्रिजा गाड़ी से जा रहे थे। मथुरा में हुए हादसे में अखिलेंद्र की भी मौत हुई। मंगलवार देर रात इनके शव का पोस्टमार्टम करने के बाद प्रशासन ने परिवार वालों को सौंप दिया। इनके शव को परिजन और दोस्त प्रयागराज के लिए ले गए। -75 वर्षीय रामपाल बस में सवार होकर आजमगढ़ से दिल्ली जा रहे थे। रोडवेज बस में सवार रामपाल भी हादसे का शिकार हो गए। रामपाल के शव की शिनाख्त के बाद नाती इनके शव को पोस्टमार्टम कराकर दिल्ली ले गया।-गोंडा के छवियां निवासी 64 वर्षीय सुल्तान की भी हादसे में मौत हुई है। सुल्तान की पहचान के बाद परिजन उनके शव को दिल्ली ले गए। कोहरा सामने आने पर ड्राइवर ने ब्रेक लगाया, पीछे से आ रही गाड़ियां भिड़ींएक्सप्रेस-वे पर घना कोहरा था। माइलस्टोन 127 पर अचानक स्लीपर बस के सामने धुंध आ गई। इसके चलते ड्राइवर ने ब्रेक मारकर स्पीड धीमी की। इसके बाद पीछे चल रही 6 बसें और 4 कारें टकरा गईं। टक्कर से एसी बस में आग लग गई। लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला।
साइबर अपराधियों ने स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त निदेशक पद से रिटायर्ड अधिकारी से आईजीएल गैस कनेक्शन काटने के नाम पर 1.97 लाख रुपए की ठगी कर ली। ठग ने पहले कॉल कर उन्हें फर्जी आईजीएल अधिकारी से बात करने के लिए दबाव बनाए। इसी दौरान उन्हें एक नंबर से कॉल आई कि वह आईजीएल गैस का बिल जमा नहीं किया है। जिससे उनका कनेक्शन अगले दो घंटे में काट दिया जाएगा। साथ ही उन्हें बिल जमा करने के लिए वॉट्सऐप नंबर पर डेबिट कार्ड की डिटेल मांग ली। ठगों ने उनके बैंक खाते से 1.97 लाख रुपए निकाल लिए। मामले में सेक्टर 113 थाने की साइबर सेल ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को सेक्टर 76 आम्रपाली सिलिकॉन सिटी सोसाइटी में रहने वाले डॉ राजेश्वर कुमार वत्स ने बताया कि वह लखनऊ स्वास्थ्य भवन से अतिरिक्त निदेशक चिकित्सा पद से रिटायर्ड हूं। पीड़ित के मोबाइल पर इसी महीने 6 दिसंबर को अनजान नंबर से उन्हें कॉल आई। कॉलर ने खुद को आईजीएल कर्मचारी के रूप में जानकारी दी। कनेक्शन काटने की धमकी दीसाथ ही उसने एक नंबर देकर उन्हें कॉल कर बात करने के लिए कहा। पीड़ित ने उसी दिन शाम 6 बजे दिए हुए नंबर पर बात करने की कोशिश को तो वह नंबर व्यस्त बता रहा था। तभी पीड़ित को एक अन्य नंबर से कॉल आई और कॉलर ने बिल नहीं जमा होने पर कनेक्शन काटने की धमकी देने लगा और पीड़ित से एक वॉट्सऐप नंबर पर डेबिट कॉर्ड की जानकारी मांग ली। इसके कुछ घंटे बाद पीड़ित के बैंक अकाउंट से 1 लाख 245 रुपए निकाल लिए। मैसेज आने पर पता चलाइसके बाद पीड़ित के मोबाइल पर बैंक से मैसेज गया तो उन्हें ठगी की जानकारी हुई। हालांकि इसके बाद बैंक की तरफ से बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है। जिससे ठग बाकी की रकम निकाल नहीं पाए। वहीं पुलिस जांच में सामने आया है कि यह रुपए अहमदाबाद के बैंक अकाउंट में गए हैं। सेक्टर 113 थाने की साइबर सेल की टीम मामले में रकम ट्रांसफर खातों के आधार पर जांच कर रही है।
प्रयागराज में एक कोचिंग (सुपर क्लाइमेक्स एकेडेमी) संस्थान ने अपने यूट्यूब चैनल पर 5 लाख सब्सक्राइबर होने के उपलक्ष्य में छात्रों के लिए भव्य भंडारे का आयोजन कर दिया। 5 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी इस भंडारे में पूड़ी-सब्जी खाने के लिए पहुंच गए थे। छात्रों की इतनी ज्यादा संख्या एक साथ पहुंचने पर हेलिकॉप्टर चौराहे तक करीब डेढ़ किलोमीटर की लंबी लाइन दिखी। एक नहीं बल्कि चार कतार लगवाए गए। कोचिंग के बाउंसर व स्टाफ हाथों में डंडे लेकर इन छात्रों को नियंत्रित करने में जूझते रहे। कई बार खाना खत्म होने के बावजूद यह छात्र लाइन छोड़कर नहीं हटे। माइक से अनाउंस किया जा रहा था कि खाना खत्म हो चुका है अब सभी छात्र अपने अपने रूम पर जाएं और दाल-चावल बनाकर खाएं।…देखें पूरा वीडियो
पिछले कुछ दिन से स्थिर चल रहे मेरठ के मौसम में बुधवार से अचानक बदलाव आ गया जिसका असर ये रहा कि दिन भर जहां ठंडी हवाओं से लोग ठिठुरे तो शाम को पूरा शहर कोहरे की मोटी चादर से ढका नजर आया। दिसंबर में पहली बार दिन का तापमान 20 डिग्री के आसपास पहुंच गया। पहली बार दिन में नहीं दिखी धूप इस साल दिसंबर में बंधवार पहला ऐसा दिन रहा जिसमें लोगों को धूप नहीं दिखी। जिस कारण लोगों को कड़ाके की ठंड का अहसास हुआ।दिन के तापमान में 3.7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। शहर में बंदी और ठंड के कारण लोग सुबह से शाम तक घरों में ही कैद नजर आए। कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही ने बताया कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट संभव है और मौसम इसी तरह बने रहने की संभावना है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की मौसम वेधशाला के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 20.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा की रफ्तार आठ किलोमीटर प्रति घंटा रही। प्रदूषण ने बढ़ाई परेशानी सुबह के समय कोहरे के साथ स्मॉग की चादर भी शहर पर छाई रही। शहर का एक्यूआई 302 दर्ज किया गया, जो लाल श्रेणी में आता है। गंगानगर में 226, जयभीम नगर में 334, पल्लवपुरम में 347, बेगमपुल में 338 और दिल्ली रोड क्षेत्र में 341 एक्यूआई दर्ज किया गया। एनसीआर के अन्य जिलों में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता नजर आया। एनजीटी के निर्देशों के तहत जिन क्षेत्रों में एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है, वहां 24 घंटे छिड़काव के निर्देश हैं।
गोरखपुर के कैंट इलाके में सड़क पर मां के साथ सो रही 5 साल की बच्ची को एक युवक उठा ले गया था। धर्मशाला पुल के पास रेप की घटना को अंजाम दिया था। ऑपरेशन कनविक्शन के तहत पुलिस की तेज पैरवी से आरोपी को सजा दिलाई गई है। इस घटना के 18 महीने बाद सिविल कोर्ट ने बुधवार को महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र के बासपार ढेकही निवासी आरोपी शमशाद उर्फ राजा को 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। फैसला सुनकर बच्ची की गूंगी मां के आंसू निकल आए। हाथ जोड़कर महिला ने सबकाे धन्यवाद कहा। इस घटना का पर्दाफाश करने में तत्कालिन कैंट थाना के इंस्पेक्टर क्राइम रविंद्र सिंह की अहम भूमिका थी। वर्तमान में वह प्रयागराज में डीवाईएसपी पद पर तैनात हैं। इंस्पेक्टर क्राइम ने इस घटना की विवेचना कर मजबूत साक्ष्य एकत्रित किए थे। जिससे कोर्ट में पीड़ित पक्ष को मजबूती से रखा गया। एडीजीसी राघवेंद्र राम त्रिपाठी और एडीजीसी अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने साक्ष्य के आधार पर पीड़ित का पक्ष कोर्ट के सामने रखा। जिसके आधार पर केवल 18 माह में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है। अब जानें पूरा मामला पुलिस के मुताबिक, 18 अप्रैल 2024 की देर रात करीब 2 से 4 के बीच की यह घटना है। धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे बिहार सिवान की महिला अपनी 5 साल की बेटी को पकड़ सोई थी। महिला दिन भर सड़कों पर घूमकर गुब्बार बेचती थी। देर रात साेते समय आरोपी शमशाद उर्फ राजा कहीं से आया। उसकी नजर मासूम बच्ची पर पड़ी। जिसे देखकर उसकी नीयत खराब हो गई। शमशाद ने महिला से लिपटकर सोई बच्ची को खींचकर उठा लिया। बच्ची को उठाकर ओवरब्रिज के दूसरे छोर पर लेकर गया। जहां पर सन्नाटा छाया रहता था। वहां पहुंचकर बच्ची के कपड़े उतारकर गलत हरकत करने लगा। जिसके बाद बच्ची चीखने चिल्लाने लगी। बच्ची का शोर सुनकर देर रात सड़क से गुजर रहे कुछ लोग ठहरकर इधर-उधर देखने लगे। तभी अंधेरे में बच्ची के साथ गलत हरकत करते हुए आरोपी पर राहगीरों की नजर गई। लोग आरोपी की तरफ बढ़े ही थे, वह बच्ची को उसी हाल में छोड़कर भाग गया। राहगीरों की सूचना पर पुलिस पहुंची। बच्ची को पुलिस जिला अस्पताल लेकर गई। जहां उसका मेडिकल कराया गया। गूंगी मां नहीं दे पा रही थी बयान बच्ची की मां के आने के बाद पुलिस की परेशानी और बढ़ गई। इस केस में जब पुलिस ने बच्ची की मां का बयान लेना चाहा, तब वह कुछ बोल नहीं पाई। बाद में पता चला कि बच्ची की मां गूंगी है। उसके पति की काफी पहले मौत हो चुकी है। इसके बाद बिहार से उसकी बहन को बुलाया गया। बहन ने तहरीर लिखवाकर कैंट पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से आरोपी की पहचान की। फिर महराजगंज से उसे गिरफ्तार कर जेल भेजवाया। जेल के अंदर जाने पर आरोपी छूटने के लिए काफी प्रयास किया। लेकिन पुलिस की पैरवी की वजह से उसे बेल नहीं मिली।
राजस्थान हाईकोर्ट ने 31 साल पुराने एक मामले में फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि दो व्यक्तियों के बीच निजी या व्यावसायिक लेन-देन के विवाद को SC-ST एक्ट का रूप देना कानून का सरासर गलत प्रयोग है। जस्टिस फरजद अली की कोर्ट ने अपने रिपोर्टेबल जजमेंट में कहा कि अगर कोई घटना बंद दुकान या घर की चारदीवारी के भीतर होती है, तो उसे 'पब्लिक व्यू' में नहीं माना जा सकता, जो इस एक्ट के लिए अनिवार्य शर्त है। कोर्ट ने वर्ष 1994 में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को रद्द करते हुए आरोपी शोरूम मालिक को बरी कर दिया है। निजी व्यावसायिक विवाद को दिया आपराधिक रंग कोर्ट ने अपने फैसले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले के तथ्यों को देखने से साफ है कि यह विवाद पूरी तरह से 'व्यावसायिक और अनुबंधित' प्रकृति का था। यह विवाद एक विक्रेता और ग्राहक के बीच पैसे के लेन-देन का था, न कि जातिगत अपमान का। कोर्ट ने कहा कि आरोपी (दुकानदार) द्वारा बकाया राशि की मांग करना कानूनी रूप से जायज था। निचली अदालत ने एक निजी विवाद में SC/ST Act के कड़े प्रावधान लागू करके कानून का गलत प्रयोग किया है। 'चारदीवारी' के भीतर अपमान SC-ST एक्ट के दायरे में नहीं फैसले का सबसे अहम कानूनी पहलू 'पब्लिक व्यू' की व्याख्या है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक्ट की धारा 3(1)(x) तभी लागू होती है, जब अपमानजनक घटना सार्वजनिक स्थान पर या जनता की नजरों के सामने हुई हो। कोर्ट ने नक्शा मौका का हवाला देते हुए कहा कि कथित घटना शोरूम के अंदर 'चारदीवारी के भीतर' हुई थी। यह एक बंद जगह थी जहां आम जनता की सीधी पहुंच या दृश्यता नहीं थी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि चूंकि घटना सार्वजनिक दृष्टि में नहीं थी, इसलिए SC/ST एक्ट के तहत अपराध नहीं बनता। विवाद बाइक फाइनेंस, किश्त और रिपेयरिंग के रुपयों का दरअसल, जोधपुर निवासी शिकायतकर्ता राजन सोलंकी ने 22 अगस्त 1991 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि जोधपुर के ही पुंगलपाड़ा आरोपी बृजमोहन उर्फ राजा ने उन्हें जानबूझकर जाति का हवाला देते हुए अपमानित, धमकाया और शारीरिक रूप से हमला किया। शिकायत में आरोप लगाया गया कि यह आचरण SC/ST Act की धारा 3(1)(x) और IPC की धारा 323 के तहत अपराध है। विवाद की असली वजह व्यावसायिक थी। राजन सोलंकी ने अप्रैल 1990 में बृज मोहन के शोरूम से बजाज मोटरसाइकिल लोन पर खरीदी थी, जो बजाज ऑटो फाइनेंस कंपनी लिमिटेड से लोन पर ली थी। सोलंकी ने मासिक किस्तों का भुगतान नहीं किया और उनके कई चेक बाउंस हो गए, जो ट्रायल के दौरान स्वीकृत तथ्य है। इस दौरान मोटरसाइकिल का एक्सीडेंट हो गया और उसे बृज मोहन के शोरूम में मरम्मत के लिए लाया गया। मरम्मत का खर्च लगभग 10 हजार रुपए आया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, जब सोलंकी वाहन लेने गए तो उन्होंने डिमांड ड्राफ्ट से भुगतान की पेशकश की, जिसे बृज मोहन ने मना कर दिया और नकद या चेक में भुगतान की मांग की। आरोप है कि इसी बातचीत के दौरान बृज मोहन ने सोलंकी को उनकी जाति का हवाला देकर अपमानित किया और शोरूम से बाहर धक्का दे दिया। ट्रायल कोर्ट का फैसला जांच के बाद IPC की धारा 323 और SC/ST Act की धारा 3(1)(x) के तहत चार्जशीट दायर की गई। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने सात गवाह पेश किए और दस्तावेजी साक्ष्य दिए, जबकि बचाव पक्ष ने तीन गवाह और 12 दस्तावेज पेश किए। 19 सितंबर 1994 को स्पेशल जज ने बृज मोहन को दोनों धाराओं के तहत दोषी ठहराया और छह महीने की साधारण कैद और एक हजार पांच सौ रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई। इसी फैसले के खिलाफ बृज मोहान ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। हाईकोर्ट ने कहा- विशेष कानून का गलत इस्तेमाल हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के रवैये पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि – कोर्ट ने माना कि यह मामला दीवानी (Civil) प्रकृति का था जिसे आपराधिक रंग दिया गया। परिणामस्वरूप, हाईकोर्ट ने 1994 के फैसले को रद्द करते हुए आरोपी बृज मोहन को सभी आरोपों से बरी कर दिया और उसकी जमानत मुचलके खारिज कर दिए।
मध्य प्रदेश की राजनीति, नौकरशाही और अन्य घटनाओं पर चुटीली और खरी बात का वीडियो (VIDEO) देखने के लिए ऊपर क्लिक करें। इन खबरों को आप पढ़ भी सकते हैं। 'बात खरी है' मंगलवार से रविवार तक हर सुबह 6 बजे दैनिक भास्कर ऐप पर मिलेगा। मजाक-मजाक में छलका मंत्री विजयवर्गीय का दर्दकभी सीएम पद की दौड़ में शामिल रहे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का दर्द मजाक में ही सही, एक बार फिर छलक पड़ा। विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में सदन में उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव और खुद अपने लिए जो बोला, उस पर जमकर ठहाके गूंजे। हुआ यूं कि अक्सर कुर्ता-पजामा या फिर धोती कुर्ता में नजर आने वाले सीएम डॉ. मोहन यादव सूट पहनकर विधानसभा पहुंचे थे। ऐसे में मंत्री विजयवर्गीय जब सदन में बोल रहे थे तो उन्होंने कहा- हमारे सीएम तो सूट-बूट में आए हैं और हम मंत्री-विधायक गरीबों जैसी वेशभूषा में हैं। कांग्रेस ने मंत्री के इस बयान को अलग ही रंग दे दिया। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि विजयवर्गीय की दिल की बात जुबां पर आ गई। सीएम, मंत्री और विधायकों का ध्यान नहीं रखते। ऐसे में ये उनकी पीड़ा है। खरी बात ये है कि जब 2023 के चुनावी नतीजे आए थे तो विजयवर्गीय समेत भाजपा के कई सीनियर नेता सीएम पद की दौड़ में शामिल थे। हो सकता है उन्होंने सूट भी सिलवा लिए होंगे, जो रखे रह गए। दर्द तो होगा ही न। भरी ठंड में पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को नहला दियाभोपाल में भाजपा दफ्तर घेरने जा रहे कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कड़ाके की ठंड के बीच ठंडे पानी से नहला दिया। पानी में भीगे कार्यकर्ता ठंड से कांपते नजर आए। दरअसल, नेशनल हेराल्ड केस को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में भाजपा दफ्तर घेरने के लिए निकले थे। लेकिन पहले से पूरी तैयारी के साथ खड़ी पुलिस ने उन्हें काफी दूर पहले ही रोक लिया। कार्यकर्ताओं ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल कर उन्हें खदेड़ा। इस दौरान कई नेता और कार्यकर्ता वाटर कैनन का प्रेशर नहीं झेल पाए। सड़क पर गिर गए। पानी के प्रेशर से एक नेता जी का तो पजामा ही खिसक गया। मौके पर जीतू पटवारी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से बहस भी हुई। बाद में पुलिस जीतू पटवारी समेत प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को बस में बैठकर ले गई। अब लोग कह रहे हैं। कांग्रेस का प्रदर्शन तो ऐसा हो गया कि खाया पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा बारह आना। नशे में धुत टीचर ने म्यूजिकल अंदाज में ली क्लासशराब जब हलक में जाती है तो अच्छे-अच्छे बहक जाते हैं। होश ही नहीं रहता। मंडला के एक स्कूल में एक टीचर का भी कुछ ऐसा ही हाल दिखा। वह नशे की हालत में ही बच्चों को पढ़ा रहा था। बच्चों को अ से अनार और ए से एप्पल नहीं, बल्कि 'तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे' गाना सिखा रहा था। बीच-बीच में अंग्रेजी भी बोली। कभी बच्चों को सीट डाउन कहा तो कभी स्टैंडअप। तो कभी रामधुन भी गाई। टीचर की इस हरकत का किसी ने वीडियो बना लिया। टीचर महेश कुमार से पूछा तो उसने बेधड़क कहा- हां मैंने शराब पी है। बीना पीए मेरा दिमाग गोल हो जाता है। खरी बात ये है कि आप इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे दूरस्थ अंचलों में शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है। जो टीचर शराब के नशे में धुत है, वह बच्चों को क्या पढ़ाएगा। भई ये तो सरासर नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। गायक ने भजन के जरिए बयां किया किसानों का दर्दप्रदेश में किसानों को मक्का से सही दाम नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में बैतूल के रतनपुर में गुरू साहब बाबा मेले में एक भजन गायक ने किसानों का दर्द भजन के जरिए गाकर बयां किया। महावीर भजन मंडल सोयत जिला सीहोर के कलाकार शंभू चौबे ने गाया- दद्दा से कह रहे कक्का, कितनी सस्ती कर दी मक्का, लगा है सबको धक्का, कितनी सस्ती कर दी मक्का। किसानों के दर्द पर म्यूजिकल व्यंग्य सुनकर पूरा पंडाल ठहाकों और तालियों से गूंज उठा। भजन के बोल में किसानों की लाचारी झलक रही थी। बोल कुछ ऐसे थे- भैया मक्का पर भरोसा था पक्का, पर कितनी सस्ती कर दी मक्का... बच्ची की शादी टूट गई है, धोखा दे गई मक्का... खरी बता ये है कि मक्का का समर्थन मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल तय है, लेकिन बाजार में औसतन 1300 रुपए में ही मक्का बिक रही है। इनपुट सहयोग - बृजेंद्र मिश्रा (भोपाल), विजय सिंह बघेल (भोपाल), इरशाद हिंदुस्तानी (बैतूल), विवेक अग्निहोत्री (मंडला) ये भी पढ़ें -विधायक का बेटा.. तो क्या मंदिर के गर्भगृह में वरमाला: आगे टाइगर, पीछे टाइगर.. बीच में फंसे कलेक्टर टाइगर... नाम सुनते ही सिट्टी पिट्टी गुम हो जाए। सोचो, अगर सामने ही आ जाए तो...। पन्ना टाइगर रिजर्व में कलेक्टर उषा परमार और उनके मातहत अधिकारियों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। जिप्सी के आगे टाइगर, जिप्सी के पीछे टाइगर और बीच में कलेक्टर समेत अन्य अधिकारी..। पूरी खबर पढ़ें..
गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र में रहने वाले पति (30) ने अपनी पत्नी (25) पर गंभीर आरोप लगाया है। आरोप है कि पत्नी मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रही है। बात-बात पर बोलती है कि नीले ड्रम में भर कर जान से मार दूंगी। ये बता दें कि महिला ने जेठ और ननदोई के खिलाफ चिलुआताल थाने में छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया है। इसको लेकर महिला के पति ने गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता की। इस दौरान पत्नी पर कई गंभीर आरोप लगाए। पीड़ित पति ने कहा मेरे भाई और बहनोई पर पत्नी ने गलत आरोप लगाए हैं। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। वह चाहती है कि मैं नौकर की तरह उसके मायके में रहूं। इसलिए वो ऐसा कर रही है। पीड़ित के अनुसार, उसका विवाह दो मार्च 2025 को गोला थाना क्षेत्र की युवती से हुआ था। शादी के बाद लगभग एक सप्ताह तक दांपत्य जीवन सामान्य रहा, लेकिन इसके बाद पत्नी का व्यवहार अचानक बदल गया। आरोप है कि वह छोटी छोटी बातों पर पति और उसके परिवार के सदस्यों से दुर्व्यवहार करने लगी। मना करने पर गाली-गलौज और मारपीट पर उतारू हो जाती थी। युवक का आरोप है कि पत्नी उस पर परिवार छोड़कर अलग रहने का दबाव बना रही थी। जब उसने ऐसा करने से इन्कार किया तो पत्नी ने अपने जीजा के साथ मिलकर उसके बड़े भाई और बहनोई पर छेड़छाड़ की प्राथमिकी दर्ज करा दी। पति ने दावा किया है कि घर में सीसीटीवी कैमरा लगवाया है। घटना वाले दिन का सीसीटीवी फुटेज पुलिस चेक कर सकती है। पत्नी की वजह से भाभी को आया हार्ट अटैक मेरी पत्नी दो बहनें हैं। वह चाहती है कि मैं उसके साथ मायके में नौकर की तरह रहूं। पत्नी के जीजा ने मुझसे कहा था कि तुम यहां आकर रहो, हर महीने पैसे दिए जाएंगे। मुझे घर से अलग करने के लिए शादी के बाद से ही मेरी भाभी से आए दिन लड़ाई करती थी। मैं बाहर रहकर कमाता था। इसी बीच 7 जून को वह घर छोड़कर भाग गई। 17 अगस्त को पंचायत हुई, मेरी पत्नी फिर घर आई। उसकी वजह से ही घर में सीसीटीवी कैमरा लगवाया गया। लेकिन आते ही वह फिर भाभी से लड़ने लगी। इसकी वजह से 13 सितंबर को मेरी भाभी हार्ट अटैक से मर गई। उनके मरने के बाद रिश्तेदार घर पर आ जा रहे थे, मैं भी यहीं था। 28 सितंबर को ब्रह्मभोज था। इस बीच में मेरी पत्नी ने मेरे बड़े भाई और बहनोई के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करा दिया। मुझे चौकी पर बुलाया गया। वहां पर पूछताछ हुई। इसके बाद पत्नी के जीजा मिले। वह धमकी देते हुए बोले कि जैसा कहा जा रहा, वही करो, वरना ड्रम में भर दिया जाएगा। पति बोला कि मैं और मेरे पिता बाहर रहकर पेंट पालिश का काम करते हैं। भाभी के मरने पर सभी लोग घर आए थे। घर में ऊपर के कमरे में पत्नी रहती है। उसने झूठा आरोप लगाया है। पति ने कहा कि वह किसी भी निष्पक्ष जांच से पीछे नहीं हटेगा। यदि उसकी गलती पाई जाती है तो वह दंड स्वीकार करने को तैयार है। लेकिन यदि आरोप झूठे हैं तो पत्नी और उसके सहयोगियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इस संबंध में चिलुआताल थाना प्रभारी सूरज सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। महिला बोली- ननदोई ने किस किया, जेठ ने बैड टच उधर दूसरी तरफ महिला ने कहा- जेठ-ननदोई काफी दिनाें से छेड़छाड़ कर रहे थे। अकेला देखकर दोनों की नीयत खराब हाे गई। कमरे में घुसकर ननदोई ने मेरा दोनों हाथ कसकर पकड़ लिया और होंठ पर किस करने लगा। तभी जेठ वहां आ गया। वह बेड पर पटक कर गंदी हरकत करने लगा। मैं जोर से चिल्लाने लगी, तब भी दोनों जबरदस्ती करते रहे। किसी तरह मैं लड़कर दोनों से खुद को बचा पाई। महिला ने कहा कि जेठानी की मौत हो चुकी है। मुझे दहेज के लिए भी प्रताड़ित किया जाता है। अभी 9 माह पहले मेरी शादी हुई थी। पति बाहर रहते हैं। पति मेरी बात सुनते भी नहीं हैं। चिलुआताल थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला की शिकायत पर पुलिस ने जेठ और ननदोई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जेठानी की मौत के बाद जेठ की नीयत खराब हो गईमहिला ने आरोप लगाया कि जेठानी की मौत के बाद से मेरे जेठ की नीयत खराब रहने लगी। जेठानी की मौत के 12 दिन ही बीते थे। 25 सितंबर को सुबह करीब 5 बजे अपने कमरे में झाड़ू लगा रही थी। तभी मेरे जेठ ने पीछे से आकर मुझे पकड़ लिया। इसके बाद मैं उनसे छूटने का प्रयास करने लगी। लेकिन, उन्होंने मुझे बेड पर पटक दिया। मैंने विरोध करते हुए बोला कि चिल्लाकर सबको बुलाउंगी। इतना सुनते ही जेठ मुझे छोड़कर हाथ-पैर जोड़ने लगे। गिड़गिड़ाते हुए बोले कि प्लीज किसी से मत कहना, बहुत बदनामी होगी। परिवार की मान मर्यादा के कारण मैंने भी उस समय किसी को कुछ नहीं बताया। जेठ-ननदोई ने मिलकर रेप की कोशिश कीइस घटना के बाद मैं काफी सतर्क रहने लगी। हमेशा अपना कमरा बंद करके रहती थी। 14 नवंबर को मेरे ननदोई घर आए थे। जेठ के साथ बैठकर वो बातें कर रहे थे। सुबह करीब 9 बजे अचानक जेठ और ननदोई मेरे कमरे घुस गए। मैं अभी कुछ समझ पाती, ननदोई ने मेरे दोनों हाथों को कसकर पकड़ लिया। इसके बाद मेरे होंठ पर किस करने लगे। उन्होंने अपने मुंह से मेरे होंठ को इतने तेजी से पकड़ा था कि मैं छुड़ा भी नहीं पा रही थी। तभी अचानक जेठ कमरे में आ गए। जेठ ने मुझे उठाकर बेड पर पटक दिया। पेट पर चढ़कर बैडटच करने लगे। मैं बिल्कुल असहाय हो गई, हिल भी नहीं पा रही थी। काफी संघर्ष के बाद मैंने जोर लगाया, तब जाकर दोनों के चंगुल से छूट पाई। इस घटना के बाद से ही मैं बहुत भयभीत हूं। मुझे आशंका थी कि अब मेरी हत्या भी हो सकती है। ननदोई और जेठ अपनी गलती छिपाने के लिए मुझे जान से मार सकते हैं। इसके बाद मैंने अपने मायके में सारी बात बताई। मायके वालों से बात होने पर थाने पर शिकायत दी।
संगमनगरी प्रयागराज में आज गुरुवार को लगातार दूसरे दिन गलन से लोग ठिठुरते दिख रहे हैं। कड़ाके की ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बीते कुछ दिनों से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। सुबह और रात के समय सर्द हवाओं के चलते ठिठुरन बढ़ गई है। ठंड के असर से आम जनजीवन के साथ-साथ कारोबार और यातायात भी प्रभावित हो रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी प्रो. शैलेंद्र रॉय बताते हैं कि 18 से 22 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में घने कोहरे बने रहने की संभावना है। इसके साथ ही तापमान में और गिरावट भी बनी रहेगी। उन्होंने कहा, पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर पूरे प्रदेश में दिख रहा है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण बढ़ रही गलन उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण ठंड में इजाफा हुआ है। न्यूनतम तापमान 12 से 13 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। सुबह के समय हल्का कोहरा छाए रहने से दृश्यता कम हो रही है, जिससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर गाडियों व रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की रफ्तार थम गई है। इससे ट्रेनें घंटों देरी से अपने गंतव्य स्टेशनों तक पहुंच रही हैं। गर्म कपड़ों की डिमांड, हीटर व ब्लोवर सहारा ठंड बढ़ने के साथ ही लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं। मॉल व दुकानों में लोग गर्म कपड़े खरीदते दिख रहे हैं। जबकि ठंड से बचने के लिए लोग हीटर व ब्लोवर भी ले रहे हैं। शहर के चौराहों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशन पर लोग अलाव तापते नजर आ रहे हैं। ठंड का असर स्वास्थ्य पर भी दिखने लगा है। सर्दी, खांसी, बुखार और सांस संबंधी मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ने की उम्मीद है। डॉक्टरों ने बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। चिकित्सकों का कहना है कि ठंड में गर्म कपड़े पहनें, गर्म भोजन करें और ठंडी हवा से बचाव करें।
उत्तर प्रदेश में Special Intensive Revision यानी SIR अभियान तेजी से चल रहा है, लेकिन इसके नतीजों ने सियासी हलकों में बेचैनी बढ़ा दी है। SIR के दौरान प्रदेशभर में करीब 4 करोड़ वोटर अपात्र पाए जाने की बात सामने आई है। इसे लेकर बीजेपी के भीतर हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि शहरी इलाकों में बड़ी संख्या में वोटर कम होने से आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। बरेली की बात करें तो यहां करीब 7 लाख 30 हजार वोटर अपात्र मिले हैं। इस आंकड़े के सामने आने के बाद प्रशासन ने SIR के काम में एक बार फिर तेजी ला दी है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि 11 दिसंबर तक शत प्रतिशत काम पूरा हो चुका था, लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। कटरा चांद खां से जमीनी तस्वीर, 24 BLO संभाल रहे SIR की जिम्मेदारीबरेली के कटरा चांद खां मोहल्ले में स्थित बलजाती प्राथमिक विद्यालय को SIR अभियान का केंद्र बनाया गया है। यहां 24 BLO लगातार वोटर वेरिफिकेशन के काम में जुटे हुए हैं। BLO का कहना है कि ज्यादातर वही वोट कटे हैं, जिनके नाम एक से ज्यादा जगहों पर दर्ज थे। BLO के मुताबिक कई लोगों के नाम दो-दो और कुछ मामलों में तीन-तीन जगह वोटर लिस्ट में पाए गए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसे वोटर भी हैं जिनकी मौत हो चुकी है या जो शहर छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो गए हैं। फोन तक नहीं उठा रही जनता, वेरिफिकेशन में सबसे बड़ी परेशानीBLO का कहना है कि अब वोटर लिस्ट देखकर लोगों को फोन किया जा रहा है और उनसे जरूरी डिटेल मांगी जा रही है, लेकिन जनता का सहयोग नहीं मिल रहा। कई लोग तो फोन तक नहीं उठा रहे हैं, जिससे वेरिफिकेशन का काम बेहद मुश्किल हो गया है। एक BLO ने बताया कि कई मामलों में एक ही व्यक्ति के नाम तीन अलग-अलग बूथों पर दर्ज मिले हैं। ऐसे में नियमों के तहत अतिरिक्त नाम हटाए जा रहे हैं, लेकिन लोगों को समझाना आसान नहीं है। पंचायत चुनाव का असरBLO मीना रानी ने बताया कि कुछ महीने बाद पंचायत चुनाव है। जिस वजह से गांव से शहर आकर बसे लोगों ने गांव और शहर दोनों जगहों पर वोट बनवा रखे थे। अब जब SIR का काम चल रहा है तो लोग शहर से अपना नाम कटवा ले रहे है। लोगो का कहना है कि उनके गांव में चुनाव होगा इसलिए वो अपने गांव में ही अपना वोट रखेंगे।उन्होंने बताया कि बूथ लेवल एजेंट यानी BLA का पूरा सपोर्ट मिल रहा है, लेकिन आम जनता सहयोग नहीं कर रही है। इससे न सिर्फ काम की रफ्तार प्रभावित हो रही है, बल्कि BLO पर अतिरिक्त दबाव भी बढ़ गया है। SIR में उलझी पढ़ाई, स्कूलों से हटे शिक्षक, बच्चे हो रहे प्रभावितSIR अभियान का असर स्कूलों की पढ़ाई पर भी साफ दिख रहा है। BLO मीना रानी ने बताया कि SIR की वजह से अधिकांश शिक्षकों की ड्यूटी इसी काम में लगी हुई है। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि लगातार चुनावी और प्रशासनिक ड्यूटी के चलते स्कूलों में पढ़ाई का माहौल प्रभावित हो रहा है, लेकिन जिम्मेदारी निभाना मजबूरी है। बीजेपी के लिए क्यों अहम है ये आंकड़ा, शहरी वोट बैंक पर सीधा असरराजनीतिक जानकारों की मानें तो बरेली जैसे शहरी जिले में 7 लाख से ज्यादा वोटर कम होना बीजेपी के लिए चिंता की बड़ी वजह है। शहरी वोटर को बीजेपी का मजबूत आधार माना जाता रहा है। ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर वोटर अपात्र मिलने से आगामी चुनावों में सियासी समीकरण बदल सकते हैं। फिलहाल SIR अभियान जारी है और प्रशासन का दावा है कि पारदर्शी तरीके से वोटर लिस्ट को दुरुस्त किया जा रहा है, लेकिन इसके राजनीतिक असर पर नजरें टिकी हुई हैं।
रेवाड़ी नगर परिषद के वार्ड 4 में शामिल गांव नया दौलतपुर के ग्रामीण प्रवेश द्वार की मांग पर दो फाड़ होते दिखाई दे रहे हैं। एक गुट ने प्रवेश द्वार का नाम पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव वीरेंद्र सिंह के नाम पर करने की मांग कर रहा है। वहीं दूसरा गुट प्रवेश द्वार का नाम संत कबीर दास के नाम पर रखने की मांग कर रहा है। मंगलवार को एक ही दिन एक गुट ने रेवाड़ी अपना मांगपत्र नगर परिषद की चेयरपर्सन पूनम यादव को सौंपा तो दूसरे गुट ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अपना मांगपत्र दिया। रेवाड़ी से आवागम का है मुख्य रास्ताकेंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने 12 दिसंबर को नगर परिषद में आयोजित एक कार्यक्रम में बाइपास पर संत कबीर चौक का उद्घाटन किया था। बाइपास पर बने इस चौक से नया गांव दौलतपुर व रेवाड़ी आने जाने का मुख्य रास्ता है। इसी मार्ग पर गांव के लिए एक प्रवेश द्वार बनाने की मांग की जा रही है। निर्माण का खर्च खुद उठाएंगे ग्रामीणचेयरपर्सन पूनम यादव को सौंपे ज्ञापन में एक गुट ने कहा कि मुख्य मार्ग पर यदि पूर्व मुख्यमंत्री राव वीरेंद्र सिंह के नाम से प्रवेश द्वार बनाती है तो ग्रामीण निर्माण का पूरा खर्च खुद उठाएंगे। ज्ञापन में कहा कि राव वीरेंद्र सिंह न केवल दक्षिणी हरियाणा, बल्कि देश व प्रदेश की राजनीति का एक बड़ा चेहरा थे। गांव के प्रवेश द्वार का नाम उनके नाम पर होना क्षेत्र के लिए गर्व की बात होगी और आने वाली पीढ़ियों को उनसे प्रेरणा मिलेगी। ज्ञापन में नप की अगली मीटिंग में राव वीरेंद्र सिंह के नाम से प्रवेश द्वार बनाने का प्रस्ताव पास करने की मांग की गई। ज्ञापन सौंपने वाले में छत्रपाल, एडवोकेट पंकज, विशंभर दयाल, हरिराम,सुल्तान,लाला राम, हंसराज, ओंकार, सतबीर, सतीश, भूपेंद्र, होशियार, रामकिशन, राम अवतार, राजेश, सुमित, कपिल, दीपक , अमित, बलराम, ललित, अन्नी, रवि, प्रशांत और पंकज यादव शामिल रहे।सीएम के नाम सौपा ज्ञापनगांव के दूसरे गुट ने मंगलवार को ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नाम एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें रेवाड़ी में बने संत कबीर चौ से गांव में आवागमन के मुख्य मार्ग पर संत कबीर दास के नाम से प्रवेश द्वार बनाने की मांग की गई। ज्ञापन में बताया कि नगर परिषद द्वारा गांव में संत कबीर कम्यूनिटी सेंटर बनाना पहले से ही प्रस्तावित है और नया गांव दौलतपुर की मुख्य सड़क पर संत कबीर चौक का निर्माण किया जाए। सरकार का फैसला होगा मान्यवार्ड पार्षद सरिता सैनी ने कहा कि गांव में दो गुट बने हुए है। एक गुट संत कबीर तो दूसरा राव वीरेंद्र सिंह के नाम पर प्रवेश द्वार बनाने की मांग कर रहा है। मेरे पास दोनों गुट अपना-अपना प्रस्ताव लेकर आए थे। मैने एक राय बनाने की सलाह दी थी परतु सहमत नहीं हुए। मैने तो दोनों के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी है। अब सरकार जो फैसला करेगी वह मुझे भी मान्य होगा। वार्ड पार्षद आगे आएं, हाऊस करेगा फैसलानगर परिषद की चेयरपर्सन पूनम यादव ने कहा कि गांव के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा था। जिसमें राव वीरेंद्र सिंह के नाम पर प्रवेश द्वार बनाने की मांग की थी। संत कबीर के नाम पर स्वागत बनाने की मांग की उन्हें अभी कोई जानकारी नहीं है। हाउस जैसा चाहेगा, वैसा ही किया जाएगा। वार्ड पार्षद को चाहिए कि दोनों पक्षों से बातचीत कर प्रवेश द्वार की मांग का सर्वमान्य समाधान करें।
पंजाब के लुधियाना में देर शाम गोली चलने का मामला सामने आया है। यह घटना स्वतंत्र नगर की है। इससे पहले इन्हीं बदमाशों ने ग्रेवाल कालोनी में एक डॉक्टर की दुकान पर हमला किया है। इन बदमाशों ने डॉक्टर की दुकान पर जमकर तोड़फोड़ की है। दुकान के अंदर और बाहर ईंटों से हमला किया गया है। दुकान के शीशे पूरी तरह से बदमाशों ने तोड़ दिए है। जानकारी देते हुए कांग्रेसी नेता नरेश उप्पल ने कहा कि ग्रेवाल कालोनी में डॉक्टर पाल की क्लिनिक है। वहां 3 बाइकों में करीब 8 से 9 युवक पहुंचे। जिन्होंने इलाके में शोर-शराबा मचाया। घायल युवक का उपचार करवाने आए थे बदमाश डॉक्टर पाल मुताबिक इन युवकों में कुछ युवक घायल थे। कभी वह यहां उपचार करवाने की बात कह रहे थे तो कभी सिविल अस्पताल जाने की बात कर रहे थे। डॉक्टर पाल मुताबिक उन्होंने उसने कहा कि वह चाहे सिविल अस्पताल चले जाए या उनसे उपचार करवा ले। यह बात सुनकर गुस्से में आए बदमाशों ने उनकी क्लिनिक पर धावा बोल दिया। बदमाशों ने ईंटें मार कर दुकान तोड़ी और उनके होंठ पर पत्थर मारा। मारपीट करने के बाद ये बदमाश मौके से फरार हो गए। दो गलियां छोड़ बदमाशों ने की फायरिंग कुछ ही देर बाद पता चला कि दो गलियां छोड़ कर इन बदमाशों ने फायरिंग की है। फायरिंग की घटना में कोई मरा नहीं है। लोगों ने तुरंत थाना बस्ती जोधेवाल की पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और जांच शुरू कर दी है। घटना स्थल पर पहुंचे ASI कश्मीर सिंह ने कहा कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और आरोपियों की पहचान कर जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। अभी एक व्यक्ति को काबू किया है। हमले का कारण अभी पता नहीं चल सका है।
गोरखपुर में क्रिसमस की बढ़ी रौनक...VIDEO:सजने लगे शहर के चर्च, मेलों के लिए झूलों भी लगने शुरू
गोरखपुर में प्रभु यीशु के जन्मोत्सव यानी क्रिसमस को लेकर उत्साह चरम पर है। जैसे-जैसे 25 दिसंबर की तारीख नजदीक आ रही है, शहर के गिरजाघरों(चर्चों ) में रौनक बढ़ती जा रही है। शहर के लगभग सभी चर्चों पर तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। झालर, लाइट और गुब्बारे से चर्चों को सजाना शुरू कर दिया गया है। साथ ही पारम्परिक मेले में उत्साह भरने के लिए झूले भी लगने शुरू हो गए हैं। क्रिसमस के रंग में रंगा सेंट एंड्रयूज कचहरी चौराहा स्थित सेंट एंड्रयूज कॉलेज इन दिनों क्रिसमस के रंग में पूरी तरह रंग गया है। गेट से ही झालर और लाइटे लग चुकी हैं। साथ ही अंदर भव्य झांकी सजाई गई है। सुंदरता देखते बन रही हैं। कॉलेज के स्टूडेंट्स से लेकर आम लोगों यह झांकी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। ऐसा लग रहा है, प्रभु यीशु उस झांकी में विराजमान हैं। लोग वहां रूककर सेल्फी और फोटो ले रहे हैं। साथ ही वीडियो के माध्यम से इस सुंदर नजारे को फोन में हमेशा के लिए कैद कर रहे हैं। रंग-बिरंगी रोशनी से नहाएंगे गिरजाघरइसी तरह शास्त्री चौक स्थित क्राइस्ट चर्च में सजावट के साथ-साथ पारंपरिक मेले की रूपरेखा भी तैयार होने लगी है। चर्च में बिजली की झालरें और आकर्षक लाइटें लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। कारीगरों का कहना है कि 20 दिसंबर तक सजावट का पूरा काम संपन्न कर लिया जाएगा, ताकि प्रार्थना सभाओं से पहले पूरा परिसर दूधिया रोशनी और रंगीन झालरों से जगमगा उठे। मेले का आकर्षण लगने लगे झूले क्रिसमस के अवसर पर लगने वाला मेला शहरवासियों के लिए मुख्य आकर्षण होता है। इस वर्ष भी शास्त्री चौक स्थित क्राइस्ट चर्च में मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बाहर से आए कारीगरों ने परिसर में झूले स्थापित करना शुरू कर दिया है। जिसमें ट्रेन और ब्रेक डांस जैसे कई झूले मौजूद रहेंगे। विभिन्न प्रकार के होंगे स्टॉल्सक्राइस्ट चर्च के सेक्रेटरी का कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी क्रिसमस पर चर्च सजाने की तैयारी कर रहे हैं। प्रभु यीशु की झांकी के साथ मनोरंजन के लिए झूले, फूड और खिलौने के स्टॉल लगाए जाएंगे। बाजारों में भी बढ़ने लगी रौनक सिर्फ चर्च ही नहीं, बल्कि शहर के गोलघर, टाउनहॉल और असुरन जैसे प्रमुख बाजारों में भी क्रिसमस ट्री, सांता क्लॉज की ड्रेस और गिफ्ट आइटम्स की मांग बढ़ गई है। बेकरी शॉप्स पर भी केक और पेस्ट्री के ऑर्डर बुक होने शुरू हो गए हैं।
पंजाब की लुधियाना सेंट्रल जेल में कैदी दंगा भड़काकर भागने की फिराक में थे। इसके लिए कैदी लंबे समय से योजना बना रहे थे और उन्होंने जेल में अवैध तरीके से तेजधार हथियार भी एकत्रित कर लिए थे और अब वो दंगा भड़काना चाहते थे। मंगलवार रात को कैदियों ने जमकर हंगामा किया और जेल अधिकारियों पर तेजधार हथियारों से हमला किया। जेल के स्टाफ ने कमिश्नरेट पुलिस को समय रहते सूचना दे दी जिसकी वजह से कैदी भागने में कामयाब नहीं हो सके। जेल प्रशासन ने कैदियों के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज करवाई है उसमें भी साफ लिखा है कि कैदी जेल से भागने की कोशिश कर रहे थे। कैदियों ने हंगामा करते करते जेल से भागना था केंद्रीय जेल में कैदियों ने दो बैरेकों में तो हंगामा करके दिया था और उन्होंने जेल की बैरेकों के सरिए भी तोड़ लिए थे। कैदी अन्य बैरेकों में भी कैदियों को भड़काकर बाहर निकालने की फिराक में थे ताकि ज्यादा से ज्यादा भीड़ हो और वो मौका देखकर वहां से खिसक सकें। जेल में कैसे पहुंचे तेजधार हथियार कैदियों के पास कुल्हाड़ी समेत अलग-अलग तरह के तेजधार हथियार थे। उन्हीं हथियारों से कैदियों ने जेल सुपरिंटेंडेंट समेत अन्य अधिकारियों पर हमला किया। जेल प्रशासन ने भी हमले के बाद माना है कि कैदियों ने पहले से हथियार एकत्रित करके छुपाए थे। अब सवाल यह उठता है कि कैदियों के पास ये अवैध हथियार कहां से पहुंचे? बिना चेकिंग के अंदर कोई चीज नहीं जाती लुधियाना केंद्रीय जेल में अवैध सामान को अंदर जाने से रोकने के लिए स्कैनर लगे हैं। इसके बावजूद अंदर तेजधार हथियार तक पहुंच गए। इससे जेल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जेल प्रशासन इस मामले में भी जांच करने में जुट गया। फेंकों के जरिए भी पहुंचता हैं अंदर सामान कैदी मुलाकात या पेशियों के दौरान अपने लोगों को मिलते हैं और उनसे अलग अलग तरह के सामान की डिमांड करते हैं। उनके रिश्तेदार उन्हें सामने से कुछ दे नहीं सकते तो कैदी उन्हें फेंकों के बारे में बताते हैं। फेंके फिर पैसे लेकर जेल के पिछले हिस्से से सामान अंदर फेंकते हैं। पुलिस को शक है कि ये हथियार भी फेंकों के जरिए ही अंदर पहुंचाए गए हैं। जेल से भागने का प्रयास, FIR में दर्ज: असिस्टेंट जेल सुपरिंटेंडेंट विजय कुमार ने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस को जो बयान दिया उसमें कहा है कि कैदियों ने जेल अधिकारियों और कर्मचारियों पर जान से मारने की मंशा से ईंटें, लकड़ी के डंडे, कुल्हाड़ी और अन्य धारदार हथियार पहले एक एकत्रित करके छुपाए थे। उन्होंने हथियारो का इस्तेमाल करके जेल से भागने का प्रयास किया। 2019 में भी जेल में हंगामा कर भागने की बनाई थी योजना साल 2019 में लुधियाना सेंट्रल जेल में कैदियों के बीच हुए हिंसक हंगामे ने गंभीर रूप ले लिया। इस घटना में एक कैदी की मौत, कई कैदियों और पुलिसकर्मियों के घायल होने के साथ-साथ जेल संपत्ति को भारी नुकसान हुआ था। हालात इतने बेकाबू हो गए कि पुलिस को हवा में फायरिंग तक करनी पड़ी। उस दौरान भी कैदियों ने जेल से भागने के लिए हंगामा किया था। कैदी की मौत पर हुआ था हंगामा 27 जून 2019 को जेल में बंद ड्रग केस के एक आरोपी सन्नी को तबीयत खराब होने पर पहले लुधियाना और फिर पटियाला के राजेंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। जैसे ही यह खबर जेल के अंदर पहुंची तो कैदियों ने हंगामा शुरू कर दिया। कैदियों ने बैरेकों में जाने से किया था इनकार लुधियाना जेल में तब तीन हजार से अधिक कैदी थे और उन्होंने बैरकों में वापस जाने से इनकार कर दिया। देखते ही देखते कैदी दो गुटों में बंट गए और आपस में भिड़ंत शुरू हो गई। जेल परिसर में पड़े ईंट-पत्थर और लोहे की छड़ों से हमला किया गया। काबू पाने के लिए पुलिस को फायरिंग तक करनी पड़ी और एक कैदी को गोली लग गई थी। भागने की कोशिश और सोशल मीडिया लाइव हंगामे के दौरान कुछ कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश भी की, हालांकि सभी को पकड़ लिया गया। हैरान करने वाली बात यह रही कि उस समय कुछ कैदियों ने मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित तक कर दी थी। पुलिस ने तब 22 से अधिक कैदियों के खिलाफ हत्या एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसी साल जेल की दीवार फांदकर भाग गया था कैदी इस साल अक्तूबर माह में राहुल कुमार नाम का एक कैदी जेल के अंदर से दीवार फांदकर भाग गया था। जेल अधिकारी उसे सीवरेज लाइन में ढूंढते रहे और वह 1200 किलोमीटर दूर बिहार के दरभंगा पहुंच गया था जिसे दस दिन बाद लुधियाना पुलिस ने गिरफ्तार किया।
राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन, जोधपुर की ओर से वकीलों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। राजस्थान उच्च न्यायालय के ऑडिटोरियम में A Rendezvous for Mindful Lawyering शीर्षक से आयोजित इस कार्यशाला में जस्टिस डॉ. नुपूर भाटी ने मुख्य वक्ता के रूप में वकीलों को मेडिटेशन और माइंडफुलनेस के महत्व पर मार्गदर्शन दिया। एसोसिएशन के महासचिव मनीष टाक ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जस्टिस भाटी का स्वागत एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष आनन्द पुरोहित व नवनिर्वाचित अध्यक्ष दिलीप सिंह उदावत ने किया। जस्टिस भाटी ने कहा कि अधिवक्ताओं में बढ़ते कार्यभार, मामलों की अधिकता और व्यस्त दिनचर्या के कारण उत्पन्न तनाव को दूर करने के लिए इस तरह की विशेष कार्यशाला का आयोजन अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि ध्यान (मेडिटेशन) न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि वकीलों को सकारात्मक, संतुलित और आत्मनियंत्रित बनाए रखने में भी सहायक होता है। मानसिक शांति से बेहतर न्यायिक योगदान जस्टिस डॉ. भाटी ने जोर देकर कहा कि जब वकील मानसिक रूप से शांत और सकारात्मक होता है, तभी वह न्याय के हित में अधिक प्रभावी, निष्पक्ष और संवेदनशील योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि मेडिटेशन व माइंडफुलनेस के अभ्यास से वकील अपने दायित्वों को शांति और स्पष्टता के साथ निभा सकते हैं तथा कार्यस्थल पर उत्पन्न तनाव को सफलतापूर्वक दूर कर सकते हैं। वकीलों के लिए महत्वपूर्ण पहल महासचिव मनीष टाक ने बताया कि यह कार्यशाला वकीलों के मानसिक स्वास्थ्य, सकारात्मक सोच और न्यायिक प्रक्रिया में संतुलित योगदान की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ। इस कार्यशाला में एसोसिएशन के समस्त वर्तमान एवं नवनिर्वाचित पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्यगण, राजकीय अधिवक्ता, बार कौंसिल सदस्य सहित भारी संख्या में अधिवक्तागण एवं विधि छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कार्यकारिणी सदस्य गोपाल सान्दु ने किया।
नमस्कार, कल की बड़ी खबर नीतीश कुमार को मिली पाकिस्तानी डॉन की धमकी को लेकर रही। वहीं, दूसरी बड़ी खबर यूपी में हत्यारे इंजीनियर बेटे से जुड़ी रही। जिसने पत्नी के लिए मां-बाप के टुकड़े कर दिए। ⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... कल की बड़ी खबरें... 1. पाकिस्तानी डॉन ने बिहार CM को धमकाया, मुस्लिम महिला का हिजाब उतारने पर भड़का, बोला- माफी मांगो बिहार CM नीतीश कुमार के मुस्लिम महिला के चेहरे से हिजाब हटाने पर पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी भड़क गया है। उसने चेतावनी देते हुए CM से माफी मांगने की बात कही है। भट्टी ने कहा कि अभी भी समय है कि नीतीश कुमार उस महिला से माफी मांगे। बाद में यह मत कहना कि चेतावनी नहीं दी गई थी। शहजाद भट्टी दुबई में रहता है: वह पाकिस्तान का कुख्यात अपराधी है। भट्टी पर हथियार और ड्रग्स तस्करी के आरोप हैं। भारतीय एजेंसियों के मुताबिक, उसका ISI और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी कनेक्शन रहा है। नुसरत बोलीं- नौकरी जॉइन नहीं करूंगी: हिजाब हटाने की घटना के बाद महिला डॉक्टर नुसरत परवीन बिहार छोड़कर कोलकाता चली गईं। उन्होंने कहा कि घटना से उन्हें मानसिक पीड़ा हुई है, इसलिए फिलहाल बिहार सरकार की नौकरी जॉइन नहीं करेंगी। मंगलवार को एक इवेंट में नियुक्ति पत्र देते हुए CM नीतीश कुमार ने नुसरत परवीन का हिजाब खींच दिया था। पढ़ें पूरी खबर... 2. PM मोदी को इथियोपिया में सर्वोच्च सम्मान मिला, कहा- गुजरात की तरह इथियोपिया भी शेरों की धरती इथियोपिया ने PM मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया, जिसे पाने वाले वे पहले ग्लोबल लीडर बने। इसके बाद संसद को संबोधित करते हुए PM मोदी ने इथियोपिया को शेरों की धरती बताया। उन्होंने कहा कि मुझे यहां आकर घर जैसा लगा। मेरे गृहराज्य गुजरात की तरह यह भी शेरों की धरती है। इथियोपिया के राष्ट्रगीत की भारत के राष्ट्रगान से तुलना: मोदी ने भारत के ‘वंदे मातरम’ और इथियोपिया के राष्ट्रगान की तुलना करते हुए कहा कि दोनों में मातृभूमि को मां माना गया है, जो विरासत, संस्कृति और देश रक्षा का भाव जगाते हैं। पढ़ें पूरी खबर... 3. एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां अब 60 की स्पीड में चलेंगी, मथुरा हादसे के बाद सख्त हुए योगी मथुरा हादसे में 19 मौतों के बाद सीएम योगी एक्शन में हैं। सरकार ने आगरा और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट तय कर दी है। दोनों एक्सप्रेस-वे पर अभी तक छोटे वाहन (कार/जीप) ड्राइवरों की अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड को घटाकर 80 कर दिया गया है। वहीं, बड़े वाहन (बस/ट्रक) की स्पीड लिमिट 100 से घटाकर 60 किमी प्रति घंटे की गई है। इससे अधिक स्पीड में चलने पर 2 से 4 हजार रुपए तक जुर्माना लग सकता है। वाहनों की स्पीड लिमिट अगले 2 महीने तक लागू रहेगी। विजिबिलिटी न होने पर रोकी जाएंगी गाड़ियां: यमुना विकास प्राधिकरण के जारी निर्देश के मुताबिक, विजिबिलिटी जीरो से 50 मीटर होने पर गाड़ियां आगे नहीं जाने दी जाएंगी। इन्हें एक्सप्रेस वे पर बने फैसिलिटी सेंटर पर ही रोक लिया जाएगा। विजिबिलिटी होने पर ही गाड़ियों को आगे रवाना किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर... 4. मुस्लिम पत्नी के लिए मां-बाप को 6 टुकड़ों में काटा, जौनपुर में इंजीनियर बेटे ने नदी में बहाया जौनपुर में मुस्लिम पत्नी के लिए इकलौते इंजीनियर बेटे ने मां-बाप की हत्या कर दी। माता-पिता का सिर खलबट्टे (इमाम दस्ता) से कूच दिया। आरी से काटकर दोनों शवों के 6 टुकड़े किए। इन्हें 7 बोरियों में भरकर कार से गोमती नदी के किनारे पहुंचा। फिर बारी-बारी से सभी बोरियां नदी में फेंक दीं। दरअसल, इंजीनियर बेटे ने एक मुस्लिम युवती से लव मैरिज की थी, जिससे माता-पिता नाखुश थे। पुलिस को आरोपी इंजीनियर ने बताया- माता-पिता मेरी शादी तुड़वाना चाहते थे। 3 दिन से शव तलाशने में लगे 15 गोताखोर: पुलिस के मुताबिक, 3 दिनों से 15 गोताखोर शवों को तलाश रहे हैं। पिता के शरीर का अभी तक आधा हिस्सा मिल पाया है। आरोपी इंजीनियर ने 8 दिसंबर को हत्या की थी। उसे 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी अम्बेश कुमार ने 6 साल पहले पश्चिम बंगाल की मुस्लिम युवती से लव मैरिज की थी। दंपती के दो बेटे हैं। पढ़ें पूरी खबर... 5. चांदी पहली बार ₹2 लाख प्रति किलो के पार पहुंची, एक दिन में ₹7,664 बढ़ी चांदी पहली बार 2 लाख रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई। बुधवार की सुबह 8,773 रुपए बढ़कर 2,00,750 रुपए पर खुली। फिर हल्की गिरावट के साथ 1,99,641 रुपए पर बंद हुई। साल 2011 में चांदी की कीमत 50 हजार रुपए थी, जो 14 साल में बढ़कर 18 मार्च 2025 को 1 लाख रुपए पहुंची। लेकिन अगले सिर्फ 9 महीने में ही इसकी कीमत 1 लाख से 2 लाख रुपए प्रति किलो हो गई। चांदी में तेजी के 4 बड़े कारण सोना ₹1.32 लाख पहुंचा: सोना भी 540 रुपए बढ़कर 1,32,317 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। इस साल अब तक सोने की कीमत 56,155 रुपए बढ़ी है। पढ़ें पूरी खबर... 6. राजस्थान-बंगाल में 1 करोड़ वोटर के नाम कटे, 5 राज्यों की SIR की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी चुनाव आयोग ने 5 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हुए SIR की वोटर लिस्ट जारी कर दी है। पश्चिम बंगाल में 58 लाख और राजस्थान में 44 लाख मतदाताओं के नाम कटे। वहीं, गोवा-पुडुचेरी में 1-1 लाख और लक्षद्वीप में 1616 नाम हटे। 27 अक्टूबर को SIR घोषणा के समय 13.35 करोड़ मतदाता थे, जो ड्राफ्ट सूची में घटकर 12.33 करोड़ रह गए हैं। सेकंड फेज फरवरी तक चलेगा: चुनाव आयोग ने कहा कि जिन वोटर्स के नाम हटाए हैं, उन्हें अब कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। अगर उन्हें आपत्ति है तो वे दस्तावेज देकर दावा पेश कर सकते हैं। SIR का दूसरा चरण फरवरी 2026 तक चलेगा और अंतिम वोटर लिस्ट 14 फरवरी 2026 को जारी होगी। पढ़ें पूरी खबर... 7. कलाम की जगह भाजपा वाजपेयी को राष्ट्रपति बनाना चाहती थी, दावा- आडवाणी को PM बनाना था 2002 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा था। वाजपेयी के करीबी अशोक टंडन की किताब ‘अटल संस्मरण’ में दावा है कि पार्टी चाहती थी वाजपेयी राष्ट्रपति बनें और आडवाणी प्रधानमंत्री। हालांकि, वाजपेयी ने साफ तौर पर प्रस्ताव ठुकरा दिया। बाद में NDA ने सर्वसम्मति से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया। वाजपेयी ने सोनिया-मनमोहन के साथ बैठक की: टंडन की किताब के मुताबिक, वाजपेयी ने राष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति बनाने को सोनिया गांधी, प्रणब मुखर्जी और मनमोहन सिंह से बैठक की। इसमें उन्होंने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम की घोषणा की। सोनिया ने कहा कि नाम चौंकाने वाला है, लेकिन कांग्रेस इस पर विचार करेगी। किताब के 2 अहम पॉइंट्स... पढ़ें पूरी खबर... आज का कार्टून ⚡ कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… ️ बयान जो चर्चा में है... खबर हटके... अमेरिका में रुपए बराबर सिक्का ₹150 करोड़ में बिका अमेरिका ने 1 सेंट का सिक्का बनाना बंद कर दिया। आखिरी 232 खास सेट नीलामी में रखे गए। 24 कैरेट सोने से बने ये सिक्के करीब 150 करोड़ रुपए में बिके। लोग इसे अब ऐतिहासिक याद के तौर पर खरीद रहे हैं। फोटो जो खुद में खबर है भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… करेंट अफेयर्स ⏳आज के दिन का इतिहास बाजार का हाल ️ मौसम का मिजाज वृष राशि के लोगों को उम्मीद से ज्यादा फायदा मिल सकता है। मिथुन राशि वालों के इनकम सोर्स बढ़ेंगे। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
गोरखपुर के जिला अस्पताल में महिला ने 15 दिसंबर (सोमवार) को एक बच्चे को जन्म दिया। लेकिन, मां ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया। वो जिद पर अड़ी रही कि मैं इस बच्चे को अपने साथ नहीं रखूंगी। मां ने बच्चे को अपना दूध तक नहीं पिलाया। मां का कहना था कि पति जब बच्चे की परवाह किए बिना दूसरी लड़की के साथ भाग गया, तो मैं उसकी अमानत क्यों संभालूं? क्यों उसकी वजह से अपनी जिंदगी कुर्बान करूं? मुझे मां बनाकर छोड़ गया। इस बच्चे को मुझे अपने पास नहीं रखना। जहां मन करे छोड़ दो, मन करे तो कूड़े में फेंक दो। मां की ये बातें सुनकर अस्पताल प्रशासन परेशान हो गया। हर तरफ इसकी चर्चा होने लगी। वहीं, यह खबर सुनते ही कई लोग बच्चे को गोद लेने हॉस्पिटल पहुंचने लगे। यह सब देखकर एसआईसी जय कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन को पूरी बात बताई। दूसरी तरफ, हॉस्पिटल स्टाफ महिला को समझाने की कोशिश में जुटा रहा। करीब 48 घंटे की जिद के बाद जब मां ने देखा कि बच्चा उससे सच में दूर हो जाएगा, तब जाकर वह मानी। पढ़िए एक मां की कहानी, जिसने बच्चे को तो जन्म दिया लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा कि पालेगी कैसे? 5 महीने पहले छोड़ गया था पतिदैनिक भास्कर से बात करते हुए फरजाना कहती है- मेरी शादी एक साल पहले परिवारवालों की मर्जी से हुई थी। पति ड्राइवर था। हम लोग खुशी-खुशी दरभंगा (बिहार) में रहते थे। शादी के कुछ महीने बाद पति मुझे दिल्ली लेकर गया। शुरुआत में सब ठीक था। मुझे बहुत मानता था। कहता था कि रानी बनाकर रखूंगा। करीब 5 महीने पहले वो मुझे अचानक छोड़कर चला गया। मैंने उससे कॉन्टैक्ट करने की बहुत कोशिश की, लेकिन फोन ही नहीं उठाता था। फोन कर बोला- मैं नहीं आऊंगा, तुम अपना देख लोफिर एक दिन उसका फोन आया। उसने ऐसी बात बोली कि मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। फोन उठाते ही वो बोला कि मैं वापस नहीं आऊंगा, तुम अपना देख लो। मुझे पता चला कि वह किसी लड़की के साथ भाग गया है। मैं उस समय 4 महीने की प्रेग्नेंट थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं? ऐसा लगा, मेरी दुनिया ही उजड़ गई। मैं बिल्कुल अकेली पड़ गई। मेरे मां-बाप भी इस दुनिया में नहीं हैं। मायके का सहारा भी नहीं ले सकती। पति ने हर जगह से ब्लॉक कर दिया। किसी नए नंबर से फोन करने पर भी नहीं उठाता है। ससुराल में केवल सास हैं। उनसे भी किसी तरह कोई संपर्क नहीं। मेड का काम करके करती है गुजाराफरजाना ने बताया- मैंने खुद जीने-खाने के लिए लोगों के घरों में खाना बनाने का काम शुरू किया। हम दिल्ली में छोटे से किराए के मकान में रहते थे। अब काम करके जो थोड़े-बहुत पैसे कमाती थी, उससे घर का किराया देती थी। जिनके घर में काम करती, वहीं खाना खाती थी। जब डिलीवरी का समय नजदीक आया, तो मैंने अपने गांव जाने का सोची। दिल्ली से दरभंगा के लिए निकली थी। लेकिन रास्ते में ही दर्द शुरू हो गया। गोरखपुर स्टेशन पर जीआरपी की मदद से मुझे जिला अस्पताल में ही भर्ती करा दिया गया। मेरे साथ कोई नहीं था। सोमवार की सुबह मेरी नॉर्मल डिलीवरी हुई, बेटा हुआ। इसके बाद फरजाना रोने लगी। डॉक्टर ने बताया डिलीवरी के बाद फरजाना का हाल… डिलीवरी करने वाले डॉक्टर ने बताया कि ताज्जुब की बात है, फरजाना ने अपने बेटे को जन्म देने के बाद से साथ रखने से मना कर दिया। वजह पूछने पर उसने बताया कि मेरा पति मुझे छोड़ कर चला गया है, अकेले कैसे बच्चे को पालूंगी? बच्चे को देखना नहीं चाहती थी मांडॉक्टर ने बताया- मां अपने बच्चे को दूध तक पिलाने को तैयार नहीं थी। अपने पति की करतूतों को याद करके खूब रोती थी। गुस्सा इतना था कि बच्चे को देखना भी नहीं चाहती थी। मजबूरी में बच्चे को दूसरी औरतों से फीडिंग करानी पड़ी। इलाज के लिए बच्चे को ऑब्जर्वेशन में रखा गया। ट्रीटमेंट के बाद वह थोड़ा नार्मल हुआ है। 16 दिसंबर की रात फिर उसे यही दिक्कत हुई थी, लेकिन अभी ठीक है। उसे देख-रेख की काफी जरूरत है। बच्चे की क्रिटिकल कंडीशन थीडॉक्टर बताते हैं- हमने बच्चे की हालत गंभीर होने की वजह से उसे स्पेशल न्यू बॉर्न यूनिट (SNU) में एडमिट किया। उसे सांस लेने में दिक्कत थी। बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा था। तब भी फरजाना ने बच्चे को गले से नहीं लगाया, न ही दूध पिलाया। डॉक्टर ने बताया- दो दिन तक हॉस्पिटल स्टाफ ने फरजाना को बहुत समझाया, तब जाकर वह मानी। तब उसने बच्चे को दूध पिलाया। अब वो बच्चे को साथ लेकर दिल्ली जाएगी। अकेले पालने के डर से साथ नहीं रखना चाहती थीफरजाना ने कहा- जब मेरा बेटा पैदा हुआ तो मुझे बहुत डर लग गया कि मैं खुद दूसरों के घर खाती हूं। बेटे को कैसे पालूंगी? इसीलिए मैंने उसे अपने पास रखने से मना दिया। मुझे मेरे पति की करतूत याद आने लगी और गुस्से में मैंने बेटे को अपने पास नहीं आने दिया। मदद के लिए बढ़े कई हाथ, तब जागी ममताफरजाना ने बताया कि दिल्ली में मैं जिन घरों में काम करती थी, उन लोगों को जब पता चला तो उन्होंने मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उन लोगों ने कहा कि तुम बच्चे को लेकर दिल्ली आओ। हम सब मिल कर उसे बड़ा करेंगे। उसकी हर जरूरत का ध्यान रखेंगे। तब मुझे एहसास हुआ कि मेरे बच्चे के साथ कितना गलत हो रहा? बाप नहीं है तो क्या हुआ, मां तो है। फिर मैंने यह तय किया है कि बच्चे को लेकर दिल्ली जाऊंगी। वहां काम करके उसकी परवरिश करूंगी। अस्पताल प्रशासन से मिल रही मददफिलहाल फरजाना जिला महिला अस्पताल में अपने बच्चे के साथ एडमिट है। अस्पताल प्रशासन और हॉस्पिटल के अन्य जो लोग एडमिट हैं, उनके परिजन उसकी हरसंभव मदद करते हैं। आशा वर्कर उसका खास ख्याल रखती हैं। मां और बच्चे की मदद के लिए तमाम लोग तैयार हैं। बच्चा अभी अंडर ऑब्जर्वेशन में है। स्थिति ठीक होने पर दोनों को डिस्चार्ज किया जाएगा। एसआईसी जय कुमार ने कहा- महिला को काफी मुश्किल से समझाया जा सका है। अब वह बच्चे को अपने साथ रखने को तैयार है। बच्चे की हालत अभी थोड़ी नाजुक है। जैसे ही ठीक हो जाएगा, डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। तब तक हॉस्पिटल का स्टाफ मां और बच्चे का पूरा ध्यान रख रहा है। हरसंभव मदद की जाएगी। --------------------------- यह खबर भी पढ़ें- घर बेचा, सरकारी नौकरी छोड़ी, अब बेटा धोनी संग खेलेगा, आगरा के कार्तिक 14.20 करोड़ में बिके तो रोने लगे IPL ऑक्शन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने आगरा के कार्तिक शर्मा को 14.20 करोड़ रुपए में खरीदा। कार्तिक का बेस प्राइस महज 30 लाख रुपए था। उम्मीद से ज्यादा बोली लगते ही कार्तिक भावुक हो गए और अपनी मां के गले लगकर रो पड़े। इस दौरान पूरे परिवार की आंखों में खुशी के आंसू थे। पढ़िए पूरी खबर...
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने पारा मेडिकल स्टाफ के 53 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसमें महिला नर्स, पुरुष नर्स, फार्मासिस्ट, फीमेल व मेल हेल्थ वर्कर, कंपाउंडर और एक्स-रे टेक्नीशियन के पद शामिल हैं। आवेदन प्रक्रिया 8 जनवरी से शुरू होगी। अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट के माध्यम से 7 फरवरी तक आवेदन कर सकते हैं। शुल्क का भुगतान की अंतिम तिथि 9 फरवरी निर्धारित की गई है। वहीं, आवेदन में किसी तरह की त्रुटि सुधार के लिए करेक्शन विंडो 10 से 13 फरवरी तक खुली रहेगी। शैक्षणिक योग्यता और वेतनमानपद के अनुसार न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक या इंटर (साइंस) के साथ संबंधित डिप्लोमा अथवा प्रशिक्षण निर्धारित किया गया है। चयनित अभ्यर्थियों को लेवल-1 से लेवल-5 तक के वेतनमान में नियुक्ति दी जाएगी। इसके अलावा, नर्सिंग से जुड़े पदों के लिए झारखंड नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। जानिए किस पैटर्न पर होगी परीक्षापरीक्षा कंप्यूटर आधारित (सीबीटी) होगी {दो पेपर आयोजित किए जाएंगेपेपर-1: सामान्य ज्ञान एवं भाषापेपर-2: तकनीकी / ट्रेड आधारितजरूरी क्वालिफाइंग मार्क्स रिक्त रेगुलर पदों का ब्योरामहिला नर्स :2पुरुष नर्स : 26फार्मासिस्ट : 2मिश्रण कंपाउंडर : 10ड्रेसर : 8बैकलॉग रिक्त पदों का ब्योरापुरुष नर्स :2एक्स-रे टेक्नीशियन : 1
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) में बड़ी वित्तीय अनियमतितताएं सामने आई हैं। ऑडिट रिपोर्ट में पता चला है कि कंपनी के पास उपभोक्ताओं से ली गई सिक्याेरिटी राशि और उस पर ब्याज का स्पष्ट ब्योरा ही नहीं है। वित्त वर्ष 2024-25 की यह रिपोर्ट विद्युत नियामक आयोग को सौंपी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में जेबीवीएनएल को 36.23 करोड़ रुपए की राशि मिली थी। लेकिन इनमें सिर्फ 14.72 करोड़ रुपए का ही रिकॉर्ड है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 21.51 करोड़ रुपए का हिसाब न होना पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज के भुगतान में भी विसंगति मिली है। कुल 15.25 करोड़ रुपए का ब्याज औसत आधार पर भुगतान किया गया। वास्तविक तिथि के आधार पर गणना नहीं की गई। ऐसे में पूर्ण विवरण के बिना वे इन मदों के वित्तीय विवरणों पर सटीक राय देने की स्थिति में नहीं हैं। रिपोर्ट में कंपनी की आंतरिक लेखा प्रणाली और नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने की अनुशंसा की गई है। ऑडिट रिपोर्ट में बिजली खरीद से जुड़े खर्चों पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। कंपनी ने बिजली खरीद पर 9,189.28 करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन इसमें से 2,217.43 करोड़ रुपये के खर्च का कोई स्पष्ट दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध नहीं है। बिजली बिल में ब्याज समायोजन में भी गड़बड़ी की आशंका जताईरिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी ने उपभोक्ताओं के बिलों में ब्याज समायोजित किया, लेकिन यह सिर्फ 42.55 करोड़ तक सीमित रहा। शेष राशि का हिसाब नहीं है। डिस्कनेक्ट किए गए उपभोक्ताओं को उस दौरान दौरान 3.64 करोड़ की राशि रिफंड की गई। हालांकि, इन भुगतानों से जुड़े उपभोक्ता-वार विवरण और प्रामाणिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, जिससे इन लेन-देन की सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई।
जौनपुर में मुस्लिम पत्नी के लिए इकलौते इंजीनियर बेटे ने मां-बाप की हत्या कर दी। माता-पिता का सिर खलबट्टे (इमाम दस्ता) से कूच दिया। फिर आरी से काटकर दोनों शवों के 6 टुकड़े किए। शव के टुकड़ों और अवशेष 7 बोरियों में भरकर कार से गोमती नदी के किनारे पहुंचा। उसने बारी-बारी से सभी बोरियां नदी में फेंक दी। दरअसल, इंजीनियर बेटे ने एक मुस्लिम युवती से लव मैरिज की थी, जिससे माता-पिता नाखुश थे। पुलिस को आरोपी इंजीनियर ने बताया- मां और पिता मेरी शादी तुड़वाना चाहते थे। पुलिस 4 दिन से शवों को 15 गोताखोरों से तलाश करवा रही है। अभी तक सिर्फ पिता के शरीर का आधा हिस्सा मिला है। आरोपी इंजीनियर अम्बेश ने 8 दिसंबर को हत्या की थी। उसे 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। उसने करीब 6 साल पहले पश्चिम बंगाल की एक मुस्लिम युवती से लव मैरिज की थी। उसके दो बेटे हैं। गांव के लोगों के मुताबिक, इंजीनियर नमाज भी पढ़ने लगा था। अब पढ़िए हत्या की पूरी कहानी... रिटायरमेंट के बाद पत्नी के साथ गांव में रहते थे श्याम बहादुरजफराबाद क्षेत्र में अहमदपुर गांव के पुरानी गोदाम निवासी श्याम बहादुर मूल रूप से केराकत के खरगसेनपुर गांव के रहने वाले थे। उन्हें उनके ससुर रामनारायण ने अहमदपुर गांव में संपत्ति दी थी। श्याम बहादुर जमशेदपुर में रेलवे में लोको पायलट के पद पर तैनात थे। कुछ माह पूर्व ही वे रिटायर्ड हुए थे और अहमदपुर गांव में घर बनवाकर पत्नी बबीता के साथ रहने लगे थे। श्यामबहादुर के तीन बेटियां थीं। वंदना कुमारी, अर्चना और सपना। उनका एक बेटा अम्बेश कुमार है। अम्बेश दूसरे नंबर का था। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। बीटेक की डिग्री लेने के बाद वह कोलकाता की एक कंपनी में बतौर क्वालिटी इंजीनियर कार्यरत है। उसे 25 हजार रुपए सैलरी मिलती थी। आरोपी ने बताया, कोलकाता में जॉब के दौरान उसकी मुलाकात सहजिया से हुई। दोनों की नजदीकियां बढ़ी और 2019 में लव मैरिज कर ली। दंपत्ति के दो बेटे हैं। एक की उम्र 5 साल तो दूसरे की उम्र 11 महीने है। हालांकि, इस लव मैरिज से उसके परिजन खुश नहीं थे। आए दिन इसको लेकर पिता श्याम बहादुर और मां बबीता से अम्बेश की कहासुनी होती थी। अम्बेश भी अपने मां-बाप से नाराज रहता था। उसने बताया- 8 दिसंबर की रात इसी बात को लेकर घर में झगड़ा हुआ और उसने दोनों की हत्या कर दी थी। बहन ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराईडबल मर्डर के बाद अम्बेश ने अपनी बहनों और रिश्तेदारों को फोन किया। कहा- मां-पिता कहीं चले गए हैं। इसके बाद वह खोजबीन का नाटक करता रहा। फिर खुद अचानक 12 दिसंबर को लापता हो गया। बड़ी बहन वंदना ने उसे फोन मिलाया। जब उसका भी पता नहीं चला तो उसने गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई। उसने बताया, चार दिन से उसके माता-पिता लापता हैं। अब भाई भी हो गया है। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। पुलिस की तीन टीमें तलाश करने के लिए बनाई गईं। 15 दिसंबर की शाम अम्बेश पुलिस को मिल गया। पुलिस ने उससे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान पुलिस को शक हुआ। कड़ाई करने पर उसने सच बता दिया। अब पढ़िए पूरा कबूलनामा... ASP (सिटी) आयुष श्रीवास्तव के अनुसार, अम्बेश ने पूछताछ में घटना का सिलसिलेवार ब्योरा दिया है। उसने बताया कि माता-पिता हर हाल में मेरी शादी तुड़वाना चाहते थे। वे चाहते थे कि दूसरी शादी कर ले। वह पहले तैयार भी हो गया, लेकिन गुजारा भत्ता उसे देना होता। माता-पिता गुजारा भत्ता देने को तैयार नहीं थे। इस पर उसने तलाक देने से इनकार कर दिया था। इसी बात पर कहासुनी हुई। मां ने कहा, तुम घर से निकल जाओ। इस पर मैंने कहा, यह घर मेरी नानी ने मुझे नेवासा में दिया है। आप लोग ही घर छोड़कर चले जाइये। इस पर मेरी मम्मी ने मुझे धक्का देकर घर से बाहर करने लगी तो मुझे गुस्सा आ गया। पास में टेबल पर लोहे का खल बट्टा रखा थी। उसका मूसल उठाया और मम्मी के सिर में मार दिया। इससे वह फर्श पर गिर कर छटपटाने लगीं, तब तक मेरे पापा भी वहां आ गए। वे कहने लगे मैं पुलिस को फोन करके बुला रहा हूं और मोबाइल लेकर पुलिस को फोन करने लगे तो मैंने उसी लोहे के मूसल से पापा के सिर पर मार दिया। पापा चिल्लाए और फर्श पर गिर गए तो एक बार और उनके सिर में जोर से मार दिया। तब भी वह चिल्लाने का प्रयास कर रहे थे तो मैं रस्सी से उनके गले को कस दिया। उसके बाद मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं। फिर इलेक्ट्रिक आरी से 6 टुकड़े किएमैंने देखा कि मेरे मम्मी-पापा के सांसें बंद हो चुकी थीं। शव को छिपाने के बारे में सोचने लगा, फिर मैंने घर के बेसमेंट से लोहे की सरिया काटने वाली इलेक्ट्रिक आरी लाकर अपने मम्मी-पापा के शव को तीन–तीन टुकड़ों में काट दिया। फिर छह प्लास्टिक के बोरों में भरा। शरीर काटते समय निकले अवशेष को अलग एक बोरी में भरा। फिर स्विफ्ट डिजायर कार (UP62BV6304) के डिग्गी में लाद लिया। घर में फर्श पर लगे खून को पानी से साफ करके शव को सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच बेलाव पुल से गोमती नदी मे फेंक दिया। उसके बाद मैं घर पर आकर घर के फर्श व गाड़ी के डिग्गी को अच्छी तरह से सर्फ से साफ कर दिया था। घर में देखा कि मेरी मम्मी का कटा एक पैर घर में छूट गया था तो मैं उसी दिन कटा हुआ पैर को एक झोले मे लेकर अपनी स्विफ्ट डिजायर कार से जलालपुर में पुल से सई नदी में फेंक दिया था। बहनों से कहा– दोनों कहीं चले गए हैंअम्बेश ने बताया, जब मेरी बहनों का फोन आया तो मैंने बता दिया कि मम्मी-पापा रात में कही चले गए हैं। मैं तलाश कर रहा हूं, जब मेरी बहनें मुझ पर दबाव बनाने लगीं कि तुम पुलिस में जाकर शिकायत करो तो डर गया। इधर-उधर टाल मटोल करने लगा। जब मेरी बहनों का दबाव ज्यादा बढ़ गया तो मैंने अपना मोबाइल बन्द करके पहले जौनपुर रेलवे स्टेशन, फिर वाराणसी में गंगा किनारे घाटों पर घूमने लगा। मेरा मन काफी घबरा रहा था। मुझे शान्ति नहीं मिल रही थी तो 15 दिसंबर को मैं वाराणसी से अपने घर अहमदपुर आया तो देखा कि मेरे घर में अलग से ताला लगा हुआ था, तो मैंने अपनी बहन को फोन करके घर की चाबी के बारे में पूछा। बहन, मम्मी-पापा के बारे मे पूछने लगी। मेरी बहनें आईं तो मैंने उन्हें सारी घटना बता दी। पिता का आधा हिस्सा मिला पुलिस गोताखोरों की मदद से गाेमती नदी में तीन दिन से सर्चिंग कर रही है। बुधवार को दो प्लास्टिक की बोरी मिली हैं, जिसमें पिता का सीने से लेकर जांघ तक का हिस्सा है। सिर अब भी नहीं मिला है। वहीं मां के शरीर का कोई हिस्सा नहीं मिल रहा है। पुलिस ने सीन रिक्रिएट भी करायापुलिस ने आरोपी अम्बेश कुमार को घर ले जाकर घटना का सीन रीक्रिएट भी कराया। परिवार के एक सदस्य के मुताबिक, अम्बेश की पत्नी पहले 10 लाख रुपए की मांग कर रही थी। बाद में उसने यह राशि कम कर दी और सिर्फ 5 लाख रुपए में तैयार हो गई। अम्बेश यह रकम अपने पिता से मांग रहा था, लेकिन पिता ने रुपए देने से इनकार कर दिया। यही विवाद दंपती की हत्या का कारण बन गया। अम्बेश के चाचा संदीप कुमार ने बताया कि वह हमेशा पैसों को लेकर विवाद करता था। जब-जब उसे पैसों की जरूरत पड़ती थी, वह कोलकाता से गांव आता और माता-पिता से रुपए लेकर चला जाता था। पिता के पैसों से खरीदी कार, उसी से शव नदी में फेंकेतीन साल पहले अम्बेश कुमार ने पिता के पैसों से एक स्विफ्ट डिजायर कार खरीदी थी। उसी कार में उसने माता-पिता के शव रखकर गोमती नदी में फेंक दिया। पुलिस 15 गोताखोरों की टीम बनाकर सोमवार रात से शव तलाश करा रही है। तीसरे दिन भी शव नहीं मिले। --------------------ये खबर भी पढ़ें... '1.14 करोड़ दो, वरना दिल्ली ब्लास्ट में फंसा देंगे':लखनऊ में डरी-सहमी महिला 12 FD तुड़वाने बैंक पहुंची, मैनेजर ने ऐसे बचाया लखनऊ में एक पूर्व अफसर की पत्नी डिजिटल अरेस्ट गिरोह का शिकार होने से बाल-बाल बच गईं। जालसाजों ने विकास नगर निवासी उषा शुक्ला (74) को फोन कर दिल्ली ब्लॉस्ट में फंसाने की धमकी दी। बचने के लिए 1.14 करोड़ रुपए मांगे। डरी-सहमी उषा डेढ़ करोड़ की 12 एफडी तोड़वाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक की विकासनगर शाखा पहुंच गईं। पढ़ें पूरी खबर...
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को जांच के दौरान अहम जानकारी मिली है। निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता ने वर्ष 2019 में रांची के मेन रोड में एक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी महज 26 लाख रुपए में खरीदी थी, जबकि संपत्ति का अनुमानित बाजार मूल्य करीब 1 करोड़ रुपए है। यह संपत्ति जतिन सहाय नामक व्यक्ति से खरीदी गई थी। जांच में पता चला है कि रजिस्ट्री में संपत्ति का मूल्य सर्कल रेट से भी कम दर्शाया गया है। एसीबी अब यह पता लगा रहा है कि खरीद के समय संपत्ति का बाजार मूल्य क्या था और इसे इतनी कम कीमत पर क्यों बेचा गया। अशोक नगर जमीन मामले में साले से पूछताछ, कल भी होगीएसीबी ने बुधवार को विनय चौबे के साले शिपिज त्रिवेदी से पूछताछ की। उनसे अशोक नगर स्थित जमीन की खरीद और उससे जुड़े वित्तीय लेन-देन को लेकर सवाल किए गए। यह जमीन विनय चौबे के ससुर एस.एन. त्रिवेदी के नाम पर निबंधित है। जमीन की रजिस्ट्री के लिए करीब 3 करोड़ रुपए का भुगतान विनय चौबे की पत्नी स्वप्ना ने किया गया था। पूछताछ में शिपिज त्रिवेदी एसीबी के कई सवालों का जवाब नहीं दे सके। एसीबी ने उन्हें शुक्रवार को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है।
मौसम विभाग ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश में कोहरे और कोल्ड डे का रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य में लगातार घना कोहरा छा रहा है। कई जिलों में विजिविलिटी 10 मीटर या 0 रह रही है। कल भी लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज समेत 50 जिले कोहरे की चपेट में रहे। राज्य में कोहरे के कारण हुए बीते 4 दिनों में हुए सड़क हादसों में 150 वाहनों की टक्कर हुई और अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवा र को लखनऊ एयरपोर्ट से 10 उड़ानें भी रद्द रहीं। ट्रेनें भी देरी से चल रही हैं। मध्य प्रदेश में भी कोहरे का असर बना हुआ है। दिल्ली से भोपाल, इंदौर आने वाली ट्रेनें 1 से 2 घंटा तक लेट रहीं। राज्य के मिनिमम टेम्परेचर में बीते 5 दिन में 14C की कमी रिकॉर्ड हुई है। उत्तराखंड के चमोली में 15 हजार फीट की ऊंचाई में स्थित हेमकुंड साहिब का सरोवर बुधवार को पूरी तरह से जम गया। तापमान -20C डिग्री दर्ज हुआ। हालांकि यहां नवंबर में बाद से बर्फबारी नहीं हुई है। राज्यों से मौमस की तस्वीरें...
13 अक्टूबर, 2024, बहराइच में रामनवमी के जुलूस को लेकर विवाद हुआ। उपद्रव भड़का और मामला हिंदू-मुस्लिम हो गया। रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के अगले दिन पूरे इलाके में दंगा भड़क गया। जमकर हिंसा और आगजनी हुई। जैसे-तैसे स्थिति को कंट्रोल किया गया। घटना के 14 महीने बाद बहराइच सेशन कोर्ट का फैसला आया। कोर्ट ने गोली मारने वाले को फांसी और बाकी 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले पर रामगोपाल की पत्नी रोली मिश्रा ने संतुष्टि जताई। पूर्व सपा विधायक केके ओझा ने सवाल उठाए। कहा- जिन 9 लोगों को उम्रकैद हुई है, उनमें कई निर्दोष हैं। उन्होंने मौजूदा भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह को आरोपी बताया। वहीं, सुरेश्वर सिंह ने कहा- उनको जनता जवाब दे रही है। फैसला आने के बाद दैनिक भास्कर की टीम ने रामगोपाल की पत्नी से बात की। पति के नहीं रहने के बाद उनके जीवन में आए बदलाव और ससुराल के जीवन को जाना। नौकरी के वादों पर बात की। वह जो कुछ बताती हैं, हैरान करता है। फैसले से संतुष्ट, छूट मिली तो सुसाइड कर लूंगीरामगोपाल मिश्रा और रोली ने 20 जुलाई, 2024 को बहराइच में ही कोर्ट मैरिज की थी। दोनों एक दूसरे को पिछले 2 साल से जानते थे। उनके घरवाले पहले तो शादी को तैयार नहीं हुए, लेकिन बाद में दोनों की जिद के आगे झुक गए और शादी के लिए तैयार हो गए। रामगोपाल के पिता कैलाश नाथ ने बेटे को 10 हजार रुपए दिए। कहा कि जाओ शादी करके रोली को घर लाओ। शादी हो गई, रोली घर चली आई। 13 अक्टूबर को रामगोपाल की हत्या हुई। इस तरह से 85 दिन में ही रोली विधवा हो गईं। रोली कहती हैं- हमने न्याय के लिए संघर्ष किया। पुलिस ने भी हमारा साथ दिया। लेकिन, अब कुछ लोगों को यह फैसला हजम नहीं हो रहा। वो उन लोगों को निर्दोष बता रहे हैं, अगर वो निर्दोष हैं तो क्या मेरा पति ही दोषी था? अगर कभी इन लोगों को छूट मिली तो मैं जी नहीं पाऊंगी। सुसाइड कर लूंगी। पूर्व विधायक ने कहा था कि सभी दोषी नहींअसल में कोर्ट ने 11 दिसंबर को जब आरोपियों को सजा सुनाई, तब महसी के ही सपा के पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ओझा ने उम्रकैद की सजा पाए लोगों को निर्दोष बता दिया। हमने केके ओझा से बात की। ओझा कहते हैं- इस मामले में तो मौजूदा भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह और उनके बेटे आरोपी हैं। रामगोपाल की लाश तो पोस्टमॉर्टम के बाद घर पहुंच गई थी। उसका तो वहीं अंतिम संस्कार करना चाहिए था। फिर कैसे वह अगली सुबह महाराजगंज कस्बे में लाई गई और दंगा हुआ। ये सब मौजूदा विधायक के चलते हुआ। उनके खिलाफ तो कोई केस ही नहीं लिखा गया। इन आरोपों को लेकर हमने मौजूदा विधायक सुरेश्वर सिंह से बात की। सुरेश्वर कहते हैं- जहां तक केके ओझा की बात है, तो उन्हें यहां की जनता सोशल मीडिया पर जवाब दे रही। आलोचना कर रही है। बाकी 3 बार जनता हरा चुकी है, चौथी बार भी स्थिति नहीं बदलेगी। फैसला ठीक, लेकिन जीवन दुखों से भर गयारामगोपाल की पत्नी रोली फैसले पर संतुष्ट हैं। लेकिन, जीवन में अकेलेपन को लेकर बेहद दुखी भी हैं। रोली जो कुछ बताती हैं, वो बहुत हैरान करता है। कहती हैं- रामगोपाल पहले तो शादी नहीं करना चाहते थे। लेकिन, जब मैं मिली तो उन्होंने साफ कह दिया कि शादी करूंगा तो सिर्फ रोली से ही। हमारी शादी जब हुई थी, तो सब खुश थे। हम रामगोपाल के घर पर ही रहते थे। उस वक्त हमारे जीवन में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन जैसे ही उनकी मौत हुई, सब बदल गया। रोली कहती हैं- पति की मौत के 1 महीने तक चारों तरफ उथल-पुथल ही चली, लेकिन इसके बाद चीजें बदलने लगी। लोग मुझसे बात करने से बचते। जिस कमरे में रामगोपाल की यादें थीं, हम उसी में सिमट गए। उसी में रहने लगे। मुझे यह सुनने को मिलने लगा कि आते ही रामगोपाल को खा गई। कई बार तो घर में ही यह बात सामने आई। मैं मानती हूं कि हो सकता है मेरी गलती हो, लेकिन आप ये भी तो देखिए, हमारी तो पूरी दुनिया ही समाप्त हो गई। हमारा तो सब कुछ रामगोपाल ही थे। गांव में घर बनवाया, नौकरी नानपारा में मिलीरामगोपाल की मौत के बाद परिवार की सीएम योगी से मुलाकात हुई थी। परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिली थी। 5 लाख माता-पिता को मिलना था और बाकी के 5 लाख रोली को। इसके अलावा रोली को एक पीएम आवास योजना के तहत मकान मिला। रोली कहती हैं- हमने तय किया था कि हम रामगोपाल के ही घर पर रहेंगे। इसीलिए हमने यहीं घर बनवाने का फैसला किया। सारा पैसा घर बनवाने में लगा दिया। रोली को पहले गड़वा के कस्तूरबा गांधी स्कूल में नौकरी मिलने की बात कही गई, लेकिन वहां नहीं हो सका। इसके बाद नानपारा की चीनी मील में संविदा पर नौकरी मिली। रोली को हर महीने साढ़े 8 हजार रुपए सैलरी मिलती है। रोली कहती हैं- हमारा मन गांव में घर बनवाने का नहीं था। लेकिन, मेरे मन में यह भी था कि अगर यहां नहीं बनेगा तो फिर लोग क्या कहेंगे? बन जाएगा तो लोग गर्व से कह पाएंगे कि ये रामगोपाल का घर है। हमारा सारा पैसा घर में खर्च हो गया, घर पूरा नहीं हो सकारोली कहती हैं- हमने अपने ससुर से कहा कि राम गोपाल का स्मारक जैसा कुछ बनवा लेते हैं। सरकार से भी हमने बात की थी। तब उन्होंने कहा था कि आप बनवा सकती हैं। हमने ससुर से पैसा मांगा था, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। उनका भी बेटा है, लेकिन वह नहीं बनवाना चाहते। हो सकता है कि उन्हें कुछ लोग ऐसा न करने के लिए भड़का रहे हों। हिंदू संगठनों ने 1 करोड़ रुपए तक दिए, लेकिन मुझे नहीं मिलेजिस वक्त रामगोपाल की मौत हुई थी, उस वक्त यूपी की राजनीति में यह बड़ा मुद्दा बना था। हिंदूवादी दल बहराइच पहुंचे थे और परिवार को आर्थिक मदद की थी। रोली कहती हैं- उस वक्त परिवार को 90 लाख से 1 करोड़ रुपए मिला था, लेकिन हमें उसमें कुछ भी नहीं मिला। हमने पूछा कि यह कैसे पता चला? वह कहती हैं- कई नेता मेरा नंबर लेकर गए थे, बाद में उन्होंने फोन किया और मदद की बात बताई। हमने कभी कुछ नहीं कहा, क्योंकि हमें लगा कि यहां भी तो सब अपने ही लोग हैं। रोली परिवार को लेकर कहती हैं- पति की मौत के एक महीने बाद ही हमारे साथ भेदभाव शुरू हो गया। लेकिन, हमने कभी किसी से नहीं कहा। मेरे ससुर जी अपने बड़े बेटे और बहू के लिए ही सब कुछ कर रहे हैं, उन्हीं के साथ हैं। खेत वगैरह भी उन्हीं को दिया है। मैं अकेले हूं। इस वक्त नानपारा में ही रहती हूं। सच यही है कि रामगोपाल की मौत के बाद मेरी पूरी दुनिया उजड़ गई। रोली कहती हैं- जिन्होंने मेरे पति को मुझसे छीना है, उन्हें सजा मिली। मैं कोर्ट को धन्यवाद देती हूं। अगर वह आगे जाते हैं तो हम भी कोर्ट में जाएंगे। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि कोई भी दोषी बचने नहीं पाए। 14 महीने के अंदर आया फैसला13 अक्टूबर को बहराइच के महराजगंज इलाके में अब्दुल हमीद के घर की छत पर राम गोपाल की हत्या हुई थी। गोली अब्दुल हमीद के बेटे सरफराज ने मारी थी। कुल 13 आरोपी बनाए गए थे। बहराइच के अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा ने सरफराज को फांसी की सजा सुनाई। सरफराज के पिता अब्दुल हमीद, सरफराज के भाई तालिब और फहीम समेत 9 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अफजल, शकील और खुर्शीद को बरी कर दिया। यह पूरा फैसला 13 महीने 28 दिन में सुनाया गया है। दोषसिद्धि और सजा के फैसले के बाद दोषी को अपील दायर करने का अधिकार होता है। अपील 30-90 दिनों के भीतर की जा सकती है, जिसमें सजा को कम या रद्द करने की मांग की जा सकती है। अगर फांसी की सजा हो तो पुष्टि आवश्यक है। पीड़ित पक्ष फांसी की मांग कर सकता है, अगर आजीवन कारावास मिला हो। ---------------------- ये खबर भी पढ़े... मथुरा हादसा- अचानक बस में धमाके हुए, शीशा तोड़कर कूदे, युवती बोली- फायर ब्रिगेड टाइम पर आती तो जानें बच जातीं मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के चलते 8 बसें और 3 कारें भिड़ गईं। टक्कर होते ही गाड़ियों में आग लग गई। अब तक 13 की मौत हो चुकी है, 66 घायल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर होते ही बम जैसा धमाका हुआ। बसों में लोग चीखते रहे। कई शीशा तोड़कर खिड़की से कूदे। पढ़िए पूरी खबर...
भाजपा ने यूपी में महराजगंज सांसद पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कुर्मी कार्ड खेला है। ओबीसी में यादवों के बाद कुर्मी वोटबैंक सबसे बड़ा माना जाता है। पंकज चौधरी पर दांव लगाना भाजपा के लिए कितना फायदेमंद होगा? मौजूदा समय में किस पार्टी के कितने विधायक-सांसद कुर्मी हैं? कुर्मी/पटेल समाज की राजनीति के लिए बना अपना दल (एस) पर इसका क्या असर पड़ेगा? 2024 में कुर्मी वोटबैंक के बलबूते भाजपा को बहुमत से रोकने वाली सपा पर क्या प्रभाव पड़ेगा? पढ़िए पूरी स्टोरी… यूपी की कितनी सीटों पर कुर्मी जाति का असरदेश में 1931 के बाद जाति-आधारित जनगणना नहीं हुई है। इसलिए कुर्मी जाति की आबादी के आंकड़े अनुमानित हैं। 2001 में यूपी सरकार की बनाई हुकुम सिंह कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, कुर्मी (और पटेल) की आबादी राज्य की कुल जनसंख्या का करीब 7.4% है। यह रिपोर्ट ग्रामीण परिवार रजिस्टरों पर आधारित थी। इसमें ओबीसी की कुल आबादी 50% से अधिक बताई गई थी। 2011 की जनगणना में यूपी की कुल आबादी करीब 20 करोड़ थी। 2025 में अनुमानित आबादी करीब 25 करोड़ मानी जा रही है। इस हिसाब से प्रदेश में कुर्मी आबादी 1.75 से 2 करोड़ के बीच बैठती है। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य की बात करें, तो प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में कुर्मी/पटेल समाज के 40 विधायक हैं। इनमें भाजपा से 27, सपा से 12 और कांग्रेस से 1 विधायक हैं। 100 एमएलसी में 5 कुर्मी समाज से हैं। यूपी की 80 लोकसभा सीटों में 11 सांसद कुर्मी समाज से आते हैं। इनमें सपा के 7, भाजपा के 3 और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल शामिल हैं। विधायकों की संख्या के लिहाज से ब्राह्मण-ठाकुर के बाद कुर्मी तीसरे नंबर पर हैं, जबकि सांसदों में इनकी संख्या ब्राह्मणों के बराबर है। प्रदेश में पूर्वांचल, अवध, मध्य यूपी और बुंदेलखंड की 128 विधानसभा सीटों पर कुर्मी वोटर प्रभावी भूमिका निभाते हैं। इनमें 48 से 50 सीटों पर वे निर्णायक असर डालते हैं। इसी तरह लोकसभा की 27 सीटों पर उनका प्रभाव है, लेकिन 11 सीटों पर जीत-हार तय करने की स्थिति में रहते हैं। अपना दल (एस) की घटेगी बारगेनिंग पावर2014 से भाजपा का यूपी में अपना दल (एस) के साथ गठबंधन चल रहा। इस गठजोड़ से दोनों दलों को फायदा मिला। मौजूदा समय में अपना दल (एस) प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। बसपा और कांग्रेस भी इससे पीछे हैं। विधानसभा में इसके 12 विधायक, एक एमएलसी और एक लोकसभा सांसद हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 17 सीटों पर लड़ी थी और 12 पर जीत दर्ज की थी। इससे पहले 2017 में 11 सीटों पर लड़कर 9 सीटें जीती थीं। अपना दल की स्थापना बसपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे सोनेलाल पटेल ने की थी। उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। अपना दल (एस) की पूरी राजनीति कुर्मी/पटेल समाज के इर्द-गिर्द ही केंद्रित रही है। अब सवाल यह है कि भाजपा ने कुर्मी समाज से आने वाले पंकज चौधरी को प्रदेश संगठन की कमान सौंपकर अपना दल (एस) को क्या सियासी संदेश दिया है? राजनीतिक विश्लेषक अरविंद जय तिलक कहते हैं- यूपी में जातीय समीकरण हमेशा एक अहम फैक्टर रहा है। अपना दल (एस) के गठन का जातीय आधार ही कुर्मी वोटबैंक है। यूपी सरकार में अपना दल (एस) से मंत्री आशीष पटेल और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल कई मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए नजर आती रही हैं। ऐसे में पंकज चौधरी के बहाने भाजपा उन्हें कंट्रोल करने की स्थिति में रहेगी। दूसरा बड़ा असर यह होगा कि कुर्मी वोटबैंक में खुद भाजपा बड़ी सेंधमारी करेगी। भाजपा की रणनीति शुरू से रही है कि वह अलग-अलग जातियों के बड़े चेहरों को पार्टी के भीतर ही खड़ा करे। केशव प्रसाद मौर्य इसका उदाहरण हैं। कभी स्वामी प्रसाद मौर्य ही कुशवाहा/मौर्य समाज के सबसे बड़े नेता थे। लेकिन, भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य का कद बढ़ाकर उन्हें पीछे छोड़ दिया। इसी तरह सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के मुकाबले भाजपा ने अनिल राजभर को आगे बढ़ाने की कोशिश की थी। हालांकि, वह प्रयोग सफल नहीं हुआ। अब भाजपा ने अपने वरिष्ठ कुर्मी नेता पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर उनका कद बढ़ाया है। भाजपा का यह प्रयोग कितना सफल होगा, इसका पता पंचायत चुनावों के नतीजों से मिलेगा। इसके बाद ही भाजपा यह तय करेगी कि वह अपना दल (एस) के साथ भविष्य में किस तरह का व्यवहार करती है। 2022 में अपना दल (एस) को 17 सीटें मिली थीं। उस समय सुभासपा और रालोद सपा गठबंधन में थे। मौजूदा समय में दोनों दल एनडीए के घटक हैं। ऐसे में साफ है कि इन दलों को मिलने वाली सीटों में भाजपा के साथ अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को भी कुछ सीटों की कुर्बानी देनी पड़ सकती है। पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष रहते अपना दल (एस) शायद भाजपा पर ज्यादा दबाव न बना पाए। सपा का PDA फॉर्मूला बिगड़ेगा, कुछ कुर्मी नेता साथ भी छोड़ सकते हैंसपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। लेकिन, 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी। कांग्रेस के साथ मिलकर सपा ने 43 सीटें जीतीं, जिनमें 37 सीटें सपा के खाते में गईं। इस दौरान सपा ने PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) का नारा दिया और रणनीतिक रूप से कुर्मी बहुल संसदीय सीटों पर इसी समाज के उम्मीदवार उतारे। संविधान पर खतरे का नरेटिव भी गढ़ा गया, जिसका उसे फायदा मिला। सपा संसद में भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उसकी इस सफलता में ओबीसी मतदाताओं का सबसे बड़ा योगदान रहा। सपा के 37 सांसदों में 20 ओबीसी हैं, जिनमें 7 कुर्मी सांसद शामिल हैं। दरअसल, 2014 और 2019 में भाजपा की सफलता में कुर्मी जाति का बड़ा योगदान रहा था। 2024 में सपा ने भी इसी समीकरण पर दांव लगाया। खासतौर पर उन सीटों पर कुर्मी उम्मीदवार उतारे गए, जहां भाजपा ने गैर-ओबीसी प्रत्याशी खड़े किए थे। लखीमपुर खीरी में अजय कुमार मिश्र टेनी के मुकाबले उत्कर्ष वर्मा, बस्ती में हरीश द्विवेदी के सामने रामप्रसाद चौधरी को उतारा गया- दोनों जीतने में सफल रहे। बांदा से कृष्णा देवी पटेल, फतेहपुर से नरेश उत्तम पटेल, प्रतापगढ़ से एपी सिंह पटेल, अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा और श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा भी जीत दर्ज करने में सफल रहे। उधर, भाजपा के कुर्मी प्रत्याशी महराजगंज से पंकज चौधरी, बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार और फूलपुर से प्रवीण पटेल जीते, जबकि मिर्जापुर से अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल संसद पहुंचीं। यही फैक्टर दोनों गठबंधनों के बीच सीटों के अंतर की बड़ी वजह बना। सपा के इसी पीडीए फॉर्मूले की काट के लिए भाजपा ने गैर-यादव ओबीसी समाज से आने वाले पंकज चौधरी पर दांव लगाया। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने सपा की कुर्मी रणनीति को चुनौती दी है। मुलायम सिंह यादव ने कभी ओबीसी समाज के अलग-अलग नेताओं को साथ लेकर एक राजनीतिक ‘अंब्रेला’ तैयार किया था। अब भाजपा भी अलग-अलग ओबीसी जातियों के प्रभावशाली चेहरे खड़े करने में जुटी है। पंकज चौधरी के जरिए वह कुर्मी वोटबैंक में बड़ी सेंधमारी की रणनीति पर काम कर रही है। कुर्मी वोटबैंक में भाजपा की यह सेंधमारी सीधे तौर पर सपा को नुकसान पहुंचाएगी। हर जाति में 15-20% फ्लोटिंग वोटर होते हैं। पंकज चौधरी के नेतृत्व में यह फ्लोटिंग वोट भाजपा की ओर शिफ्ट हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषक अरविंद जय तिलक के मुताबिक, अगर भाजपा पंकज चौधरी के जरिए कुर्मी वोटबैंक में 50% तक सेंध लगाने में सफल होती है, तो यह उसकी बड़ी रणनीतिक कामयाबी होगी। जातीय अस्मिता के सहारे कुर्मी समाज भाजपा के साथ जुड़ सकता है। पंचायत चुनावों के बाद सपा के कुछ बड़े कुर्मी चेहरे भी पाला बदल सकते हैं। यह सपा के लिए चिंता का विषय हो सकता है। ---------------------- ये खबर भी पढ़ें- खेती करने वाले कुर्मी समाज के किंगमेकर बनने की कहानी, यूपी की सियासत में क्यों जरूरी बना कुर्मी वोटबैंक उत्तर प्रदेश की सियासत में कुर्मी, यादवों के बाद OBC की दूसरी सबसे बड़ी जाति है। यही कुर्मी समाज अब भाजपा की नई रणनीति का केंद्र बनी है। केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी को यूपी भाजपा अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने कुर्मी कार्ड खेला, जो 2027 विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा संदेश है। पढ़िए सिलसिलेवार...
यूपी के जिला शामली में पत्नी और दो बेटियों की बेदर्दी से हत्या करने वाला फारुख साइको जैसा था। वो पत्नी और बच्चों को घर में कैद रखता था। बच्चे बाहर न जाएं, इसलिए उन्हें कभी स्कूल तक नहीं भेजा। परिवार के किसी भी सदस्य के आधार कार्ड भी नहीं बनवाए थे। 15 दिन पहले पति से लड़ाई करके पत्नी घर से निकल गई और वो भी बुर्का पहने बिना। इसी सनक में फारुख ने पत्नी को मार डाला। बेटियां चिल्लाई, तो उनका भी कत्ल कर दिया। तीनों की लाशें सेप्टिक टैंक में दफना दीं। फिलहाल फारुख गिरफ्तार है, लेकिन उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर फारुख के फैमिली मेंबर्स से अलग-अलग बात की। हमने चश्मदीद बच्ची से भी घटना के बारे में जाना। फारुख के व्यवहार को लेकर गांव के लोगों की राय एक जैसी थी। पूरी रिपोर्ट पढ़िए... पहले पूरा घटनाक्रम जानिए तीनों की लाश गड्ढे में डालकर ऊपर से बनाया फर्शकांधला थाना क्षेत्र के गांव गढ़ी दौलत में रहने वाला फारुख शादी कार्यक्रमों में खाना बनाने का काम करता है। 10 दिसंबर की रात करीब 12 बजे फारुख ने पत्नी ताहिरा (32) की गोली मारकर हत्या कर दी। ऐसा करते हुए उसकी दो बेटियों ने देख लिया। इस पर फारुख ने बड़ी बेटी आफरीन (14) की गोली मारकर और छोटी बेटी सहरीन (7) की गला दबाकर हत्या कर दी। फिर तीनों की लाश घर के अंदर 10 दिन पहले खुदवाए गए 9 फीट गहरे सेप्टिक टैंक में डाल दी। इसके बाद उसके ऊपर पक्का फर्श कर दिया। वारदात से 10 दिन पहले खुदवाया था सेप्टिक टैंककांधला कस्बे से करीब 5 किलोमीटर गढ़ी दौलत गांव है। ये गांव हरियाणा के पानीपत बॉर्डर के ठीक नजदीक है। एक तंग गली से होते हुए हम सीधे फारुख के घर पहुंचे। घर के बाहर भीड़ लगी हुई थी। कई पुलिसवाले कुर्सियों पर बैठकर पहरा दे रहे थे। 100 गज में बने मकान पर प्लास्टर भी नहीं था। गेट के अंदर घुसते ही वो 9 फीट का वो गड्ढा खुदा दिखा, जिसके अंदर तीनों लाशें दफनाई गई थीं। इस गड्ढे के ठीक बगल में दो नए बाथरूम बने थे, जिन पर सीमेंटेड प्लास्टर भी कुछ दिनों पहले हुआ है। आसपास के लोगों ने बताया कि ये गड्ढा करीब 10 दिन पहले खोदा गया था। तब फारुख ने बताया था कि वो घर में कुछ निर्माण कार्य करवा रहा था। लेकिन उसके शातिर दिमाग के पीछे क्या चल रहा, ये कोई नहीं भांप सका। घर के अंदर दो कमरे बने हैं। इनमें सामान अस्त-व्यस्त पड़ा है। रसोई में बर्तन बिखरे हुए हैं। पत्नी-बेटियों को दूसरे घर भेजा और कपड़े जलाए…इन दो बातों से फंसा फारुखहमने फारुख की बूढ़ी मां असगरी से बात की। उन्होंने बताया- इस मकान में फारुख अपनी पत्नी और 5 बच्चों के साथ रहता था। परिवार के बाकी लोग अलग-अलग घरों में रहते हैं। 6 दिन पहले फारुख पूरे परिवार के साथ एक ही कमरे में सोया था। सुबह जब सब उठे, तो बहू ताहिरा और उसकी दो बेटियां आफरीन व सहरीन कमरे में नहीं थीं। घर में जब तलाश शुरू हुई तो पिता दाउद ने बेटे फारुख से इस बारे में पूछा। इस पर फारुख ने कहा कि घर में काम चल रहा है। इसलिए उसने पत्नी और दोनों बेटियों को शामली में किराए के मकान में शिफ्ट कर दिया है। वो मकान कहां है, ये बात फारुख ने नहीं बताई। तीनों की तलाश जारी थी। इसी बीच फारुख की जिंदा बची दूसरी बेटी ने अपनी दादी असगरी को बताया कि अब्बू ने अम्मी के कपड़े जला दिए हैं। असगरी ने बताया- हमें इन्हीं दो बातों से बेटे फारुख पर शक गहराया। फिर हमने ये दोनों बातें पुलिस को बताईं। पुलिस ने फारुख को कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू की तो वो टूट गया और पूरा घटनाक्रम कबूल लिया। वो बुर्का पहने बिना मायके गई, इसी पर भड़का बेटाताहिरा की सास असगरी ने आगे बताया- करीब दो महीने पहले बेटे-बहू के बीच कुछ झगड़ा हुआ था। फारुख ने बहू को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद फारुख काम पर चला गया। उसके पीछे ताहिरा भी किसी को बताए बिना अपने मायके चली गई। वो बुर्का घर पर ही छोड़ गई। फारुख जब घर वापस आया तो उसने देखा कि बुर्का घर पर ही रखा है। ताहिरा के पास एक ही बुर्का था। जब हम उसे मायके से वापस लेकर आए, तब भी ताहिरा बिना बुर्के में थी। हमने पूछा- बुर्का न पहनने को लेकर गांव में क्या कुछ चर्चाएं हुई थीं? इस पर असगरी ने कहा- हमें नहीं पता। न ही मेरे सामने बुर्के को लेकर कोई झगड़ा हुआ था। बेटी बोली- अम्मी चाय बनाने रसोई में गई, अब्बा ने गोली मारीइस हत्याकांड के बाद अब फारुख के दो बेटे और एक बेटी जीवित बची है। ये भी इसलिए जीवित रह गए, क्योंकि वारदात के वक्त ये गहरी नींद में सो रहे थे। 7 साल की आसमीन बताती है- उस रात हम एक कमरे में सो गए थे। रात में मेरे अब्बा ने अम्मी से कहा कि एक कप चाय बना दो। अम्मी रसोई में चाय बना रही थी, तभी अब्बा ने उनकी कनपटी पर गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर मेरी दो बहनें जाग गईं। बड़ी बहन आफरीन की आवाज आई तो अब्बा ने उसको भी गोली मार दी। फिर छोटी बहन का गला घोंट दिया। मैं सोती रही, इसलिए मुझे नहीं मारा। अगली सुबह जब मैं उठी तो अम्मी और बहनें नहीं थीं। अब्बा ने कहा कि हमने शामली में प्लॉट लिया है, इसलिए वो वहां गए हैं। पुलिस ने जब गड्ढा खुदवाया, तब हमें पता चला कि अब्बा ने तीनों को मार दिया है। बच्चों के न एडमिशन, न आधार कार्ड…आखिर क्या सोचता था फारुखइस घर का माहौल कैसा था, ये समझने के लिए हमने यहां अक्सर आने वाली दाई कलसुम से बात की। उन्होंने बताया- मैं जब भी घर आई, तब एक ही बात महसूस हुई कि फारुख घर चलाने के लिए कोई खर्च नहीं देता था। खूब लड़ाई होती थी। ताहिरा जब गर्भवती होती थी, तब भी उसकी पिटाई करता था। हमने पूछा- बुर्का न पहनने का विवाद क्या था? इस पर उन्होंने बताया– ताहिरा अपने मायके गई थी। वो बुर्का ओढ़कर नहीं गई। जब इंसान तंग होता है तो वो इन सब चीजों को नहीं देखता। हो सकता है कि ताहिरा भी उसी मानसिक हालत में बुर्का पहने बिना ही अपने मायके चली गई हो। ताहिरा बहुत नेकदिल थी। घर पर मौजूद कुनबे की अन्य महिलाओं ने बताया- फारुख अपने बीवी-बच्चों को घर से बाहर तक नहीं निकलने देता था। उसने आज तक किसी के भी आधार कार्ड नहीं बनवाए। उसे लगता था कि अगर पत्नी का आधार कार्ड बनवाएगा तो फोटो खिंचवाने के लिए बुर्का चेहरे से हटाना पड़ेगा। फारुख के कुल 5 बच्चे हैं। बड़ी बेटी की उम्र 14 साल थी। इसके बावजूद उसने आज तक किसी का भी एडमिशन नहीं कराया था। घर के सदस्य आज तक ये नहीं समझ पाए कि इस तरह का व्यवहार करने के पीछे फारुख की मंशा आखिर क्या थी? क्या वो पत्नी पर शक करता था? अगर ऐसा था, तो बच्चों को पढ़ाई से क्यों रोका था? इसी तरह के कई और सवाल हैं, जिनका जवाब बाकी है। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... शामली में बुर्का न पहनने पर पत्नी-दो बेटियों की हत्या, आंगन में दफनाया, बोला- दो को गोली मारी, एक का गला घोंटा यूपी के शामली में सनसनीखेज वारदात हुई है। बुर्का न पहनने पर एक व्यक्ति ने पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की हत्या कर दी। फिर तीनों शवों को घर के आंगन में सेप्टिक टैंक में दफना दिया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल किया है। पढ़िए पूरी खबर...
आज पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है कि जिंदगी कब और कैसे करवट बदलती है, पता ही नहीं चलता। यूरोप, अमेरिका, साउथ-ईस्ट एशिया के बड़े-बड़े कॉर्पोरेट ऑफिसेज में काम करने वाला एक लड़का गाय चरा रहा है। नमस्कार, मैं असीम रावत, पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। अब मैं गाजियाबाद के सिकंदपुर में रहता हूं। मेरा बचपन और पढ़ाई-लिखाई लखनऊ में हुई। सेंट पॉल्स स्कूल और लॉ मार्टिनियर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ा। फिर आगरा में आरबीएस कॉलेज से इंजीनियरिंग की और IIIT हैदराबाद से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 2001 में मेरी पहली नौकरी कोलकाता में लगी। इसके बाद बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद जैसे शहरों में काम करता रहा। करीब 14 साल सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर अलग-अलग कंपनियों में काम किया। इस दौरान यूरोप, अमेरिका और साउथ ईस्ट एशिया के कई शहरों में रहा। नई टेक्नोलॉजी, नए लोग और ग्लोबल एक्सपोजर मिला। सब बढ़िया था। अच्छी जॉब, अच्छा पैकेज और मैं अपने काम से बहुत खुश था। ऐसा कुछ नहीं था, जिसकी शिकायत करूं। लेकिन, जिंदगी कभी-कभी एक छोटी-सी बात से करवट बदल लेती है। 2015 की बात है, अगस्त या सितंबर का महीना था। ऑफिस से लौटकर टीवी डिबेट देखना मेरा रूटीन था। उन दिनों OTT इतना पॉपुलर नहीं था। इसलिए यही मेरा टाइमपास भी था और दिमाग को एक्टिव रखने का तरीका भी। उस दिन देसी नस्ल की गाय और डेयरी बिजनेस पर डिबेट हो रही थी। बातों में कुछ नया नहीं लग रहा था, लेकिन तभी एक सवाल आया। “क्या देसी नस्ल की गायों से सक्सेसफुल डेयरी बिजनेस किया जा सकता है?” जवाब दे रहे एक एक्सपर्ट ने पहले तो हां कहा, फिर हल्की मुस्कान के साथ जोड़ दिया- “लेकिन आज के दौर में बहुत ज्यादा सक्सेसफुल नहीं होती।” फिर उन्होंने वो बात कही, जिसने मेरे अंदर एक टीस पैदा कर दी। वो बोले- “देसी गाय दूध कम देती हैं। वो पूजा-पाठ के लिए ही ठीक है, बिजनेस के लिए नहीं।” पता नहीं क्यों, वो हंसी मुझे चुभ गई। मुझे वो सिर्फ एक कमेंट नहीं लगा। मुझे लगा, ये एक सोच है- ऐसी सोच, जिसने देसी गाय को सिर्फ आस्था और भावना तक सीमित कर दिया है। पहली बार मुझे एहसास हुआ कि हमने देसी गाय की असली ताकत को जानने-समझने की कोशिश ही नहीं की। मेरे मन में एक सवाल साफतौर पर उठ चुका था। “अगर ये सोच गलत है, तो इसे गलत साबित कौन करेगा?” उस वक्त मैं पुणे जैसे महानगर में अच्छी जॉब कर रहा था। सब कुछ ठीक-ठाक था, सेटल था। लेकिन, मेरी जड़ें अब भी कहीं न कहीं गांव से जुड़ी थीं। गाय के लिए हमेशा से लगाव था। अखबारों में घायल पड़ी गायों की तस्वीरें, कटने की खबरें मुझे बहुत टीस पहुंचाती थीं। लेकिन, उस टीवी डिबेट ने जैसे भीतर कहीं बुझ चुकी आग को फिर से कुरेद दिया था। उसके बाद करीब एक हफ्ते तक मैं रोज ऑफिस जाता रहा। मीटिंग्स में बैठा, प्रेजेंटेशन दीं, लेकिन मन कहीं और अटका रहता था। जो काम कभी मुझे सुकून देता था, वही अब बोझ लगने लगा था। अंदर एक टीस थी, जो हर दिन और गहरी होती जा रही थी। मुझे समझ आ रहा था कि ये बेचैनी यूं ही खत्म होने वाली नहीं है। मैंने कुछ दिन की छुट्टी लेने का फैसला किया। कोई प्लान नहीं था। बस एक जिज्ञासा थी और एक बेचैनी, जो मुझे चैन से बैठने नहीं दे रही थी। मैं जानता था, मेरे सवालों के जवाब पुणे में बैठकर नहीं मिलेंगे। इसके लिए मुझे गांव जाना होगा। मैं यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा के कई अलग-अलग हिस्सों और गांवों में गया। किसानों के साथ घंटों बातें कीं, बुजुर्गों का अनुभव सुना। करीब 1 महीने देसी नस्ल की गायों को देखा। उनके रखरखाव को समझकर, उनके साथ जुड़ी पूरी लाइफस्टाइल को महसूस किया। जितना देखा, मेरी सोच उतनी ही खुलती गई। उन्हीं गांवों में मुझे पहली बार साफतौर पर समझ आया कि देसी गाय सिर्फ दूध देने वाला पशु नहीं। उसका पंचगव्य यानी गोमूत्र, गोबर, दूध, दही और घी अपने आप में एक पूरी अर्थव्यवस्था है। ये सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि अनुभव, विज्ञान और सस्टेनेबल डेवलपमेंट का ऐसा मॉडल है, जिसे हम नजरअंदाज कर रहे हैं। इसी सफर में मैंने पक्का कर लिया कि मैं देसी गाय के पंचगव्य पर बेस्ड काम शुरू करूंगा। साथ ही ये साबित करूंगा कि देसी गाय सिर्फ से एक मुनाफे वाला बिजनेस खड़ा किया जा सकता है। लेकिन ये फैसला मेरे लिए जितना साफ था, उतना ही मुश्किल इसे जिंदगी में उतारना था। इसके लिए नौकरी छोड़ने का साहस चाहिए था। मुझे पता था कि बिना पूरी समझ और रिसर्च के इस रास्ते पर उतरना सही नहीं होगा। हालांकि, सबसे बड़ी चुनौती बिजनेस प्लान नहीं था, बल्कि घरवालों को मनाना था। ये समझाना था कि मैं कोई सनक में नहीं, बल्कि सोच-समझकर गोशाला और पंचगव्य का काम शुरू करना चाहता हूं। जब मैंने पहली बार ये बात अपने माता-पिता को बताई, तो वे एक पल के लिए सन्न रह गए। उन्हें लगा कि मैं क्या बोल रहा हूं। मेरे पापा हमेशा यही चाहते थे कि मैं बड़े शहर में रहूं। अच्छा करियर बनाऊं या फिर विदेश जाकर बस जाऊं। जब उन्होंने सुना कि मैं नौकरी छोड़कर गोशाला खोलना चाहता हूं, तो उन्हें ये बात बिल्कुल समझ नहीं आई। उनके सवाल वाजिब थे। मेरी शादी हो चुकी थी, दो बच्चे थे, वेल सेटेल्ड था। खर्च बढ़ने वाले थे, जिम्मेदारियां सामने थीं। मुझसे बार-बार कहा गया- “तुम ये सब सोच भी कैसे सकते हो, पागल तो नहीं हो गए?“ मैंने सबको शांति से समझाने की कोशिश की। कहा- गाजियाबाद में हमारी पुश्तैनी जमीन पड़ी है। मैं कोई बड़ा जोखिम नहीं लेना चाहता। बस वहीं, छोटी-सी जगह में कुछ देसी गाय बांधकर शुरुआत करना चाहता हूं। इसमें बहुत ज्यादा खर्च नहीं लगेगा। ये कोई छलांग नहीं, बल्कि सोच-समझकर उठाया गया कदम है। धीरे-धीरे घरवालों को समझ आने लगा कि मैं ये फैसला यूं ही नहीं ले रहा हूं। या शायद उन्हें दिखने लगा था कि मैं अब रुकने वाला नहीं। आखिरकार मैंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अपना पूरा समय गायों और देसी नस्लों को समझने में लगाया। पढ़ना शुरू किया, उनके व्यवहार, रखरखाव और पंचगव्य से जुड़े हर पहलू पर रिसर्च करने लगा। धीरे-धीरे ये साफ होने लगा कि आइडिया को जमीन पर कैसे उतारा जा सकता है। कुछ समय बाद मैं पुणे से गाजियाबाद लौट आया। अपनी पुश्तैनी जमीन पर सबसे पहले दो देसी गायें बांधीं। कोई बड़ी गौशाला नहीं थी, कोई बोर्ड नहीं था। बस छोटा-सा भरोसा था कि यहीं से कुछ नया शुरू होगा। अगर आज कोई मुझे देखकर कहे कि ये सब बहुत सोच-समझकर, पूरी प्लानिंग के साथ हुआ होगा, तो मैं बस हल्की-सी मुस्कान के साथ सिर हिला देता हूं। क्योंकि सच ये है कि मेरी शुरुआत जितनी साधारण थी, उतने ही डर और अनसर्टिनिटी से भरी थी। पहले ही दिन जो हुआ, उससे ही हिम्मत टूट सकती थी। मैं दो गायें खरीदकर फॉर्म ले जा रहा था। रात हो गई थी, रास्ते में एक गाय लोडर के अंदर अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी। मेरी सांस जैसे अटक गई। लगा क्या ये कोई इशारा है- “क्या इतनी जल्दी सब कुछ गलत होने वाला है? क्या मैंने कोई बहुत बड़ी गलती कर दी है?” गांव में चारों तरफ सन्नाटा, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। हम उसे जानवरों के डॉक्टर के पास ले गए। घड़ी देखी तो रात के करीब 2 बज चुके थे। हम क्लिनिक पहुंचे, तो डॉक्टर खुद चौंक गया। खैर इलाज शुरू हुआ। इंजेक्शन लगे, दवाइयां दी गईं। मैं पास खड़ा, सब देखता रहा। हर मिनट भारी लग रहा था। भगवान से बस यही मना रहा था कि गाय ठीक हो जाए। कुछ देर बाद गाय ने हल्की-सी हरकत हुई, वो ठीक हो रही थी। उस रात मुझे समझ आया कि ये रास्ता आसान नहीं होने वाला है। लेकिन ये भरोसा भी पैदा हुआ कि नीयत सही है, तो हर मुश्किल का रास्ता निकल ही आता है। गाय लाने के बाद अब असली चुनौती सामने आने वाली थी। गाय की देखभाल के लिए एक आदमी रखा। सुबह-शाम दूध निकालना, साफ-सफाई रखना धीरे-धीरे एक रूटीन में ढलने लगा। मैं खुद दूध लेकर आसपास के इलाकों में निकलता। घर-घर जाता, लोगों से बात करता, उन्हें देसी गाय के दूध के फायदे समझाता। बताता कि ये दूध कैसे अलग है, कैसे सेहत के लिए बेहतर है। लोग मेरी बात ध्यान से सुनते जरूर थे, पर खरीदने पर बात आकर अटक जाती थी। उनका सवाल सीधा होता था- “भाई साब, दूधिया 25-30 रुपए में घर तक दूध पहुंचा जाता है, आप 70 रुपए में क्यों बेच रहे हैं?” उनकी बात गलत नहीं थी। कई बार ऐसा हुआ कि पूरा का पूरा दूध लेकर वापस लौटना पड़ा। तब समझ आया कि सिर्फ प्रोडक्ट अच्छा होना काफी नहीं, भरोसा जीतना पड़ता है और यह एक दिन में नहीं जीता जा सकता। मैंने तय किया, कुछ समय तक मुनाफे के बारे में नहीं सोचूंगा। पहले लोगों का भरोसा जीतूंगा। हमने दूध से दही और घी बनाना शुरू किया। लोगों से कहा कि वे चखकर देखें, फर्क खुद महसूस करें। कहीं फ्री में दिया, कहीं लागत पर। धीरे-धीरे लोग लौटकर आए। लोगों को समझ में आया कि दही का स्वाद अलग है। किसी ने कहा- “घी की खुशबू बचपन की याद दिला रही है।” ये छोटी-छोटी बातें मेरे लिए बहुत बड़ी थीं। मुझे समझ आ गया था कि रास्ता सही है, बस रफ्तार धीमी है। धीरे-धीरे पंचगव्य से प्रोडक्ट्स बनाने शुरू किए। हमारा काम सिर्फ प्रोडक्शन नहीं, बल्कि रिसर्च से जुड़ा है। हम आयुर्वेदिक और पंचगव्य दवाएं बनाते हैं। हर दवा में देसी गाय से जुड़ा कोई न कोई तत्व जरूर होता है। चाहे गोमूत्र हो, गोबर हो, दूध या घी। गोमूत्र के नाम पर लोग हंसते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि गोमूत्र पर कई अमेरिकी पेटेंट मौजूद हैं। इसे बायो-एन्हांसर, एंटी-कैंसर, एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल एजेंट के तौर पर मान्यता मिली हुई है। समय बीतने के साथ-साथ जब पंचगव्य का काम धीरे-धीरे पटरी पर आने लगा, तो देसी गायों की संख्या भी बढ़ने लगी। दो गायों से शुरू हुआ ये सफर अब सिर्फ प्रयोग नहीं रहा था, बल्कि जिम्मेदारी बन चुका था। साथ ही ये एहसास और गहरा होता गया कि ये काम सिर्फ कारोबार नहीं, बल्कि परंपरा और विरासत को आगे बढ़ाने का जरिया है। इसी सोच के बीच एक सवाल मेरे मन में बार-बार आता था- इस पहल को नाम क्या दूं? मैं चाहता था कि इसका नाम ऐसा हो, जो आज ही नहीं अतीत और भविष्य दोनों को जोड़ दे। मुझे अपनी पांचवीं पीढ़ी के पूर्वज का नाम याद आया- ‘हेतराम’। उन्हीं के नाम पर डेयरी फॉर्म का नाम ‘हेता ऑर्गेनिक’ रखा। ‘हेता’ सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश है। आज हमारे पास साहीवाल, गिर, थारपारकर, हरियाणा, बद्री जैसी देसी नस्लों की 1 हजार से ज्यादा गाय और सांड हैं। मॉडर्न मिल्किंग फैसिलिटी है, ताकि गायों को किसी तरह की तकलीफ न हो। उम्रदराज और असहाय गाय, बैल, सांडों के लिए हॉस्पिटल है। ये सब देखकर कभी-कभी खुद यकीन नहीं होता कि दो गाय से शुरू हुआ सफर आज पूरा इकोसिस्टम बन चुका है। आज ‘हेता’ का टर्नओवर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा है और 80 से ज्यादा लोग इस सफर का हिस्सा हैं। इनमें सिर्फ कर्मचारी नहीं, डॉक्टर, इंजीनियर और रिसर्च एक्सपर्ट भी शामिल हैं। ये लगातार देसी गाय और पंचगव्य से जुड़े इनोवेशन पर काम कर रहे हैं। जब हमने ये काम शुरू किया था, तब किसी पहचान की चाह नहीं थी। पूरा ध्यान बस इस पर था कि जो कर रहे, वो सही हो। लेकिन जब काम ईमानदारी से किया जाता है, तो पहचान खुद चलकर आती है। एक दिन तमिलनाडु से एक टीम हमारे फॉर्म आई। बिना किसी फोन या इन्फॉर्मेशन के, उन्होंने कहा कि वे हमारे काम को करीब से देखना चाहते हैं। कई दिन तक उन्होंने हर चीज को बहुत बारीकी से परखा। रिसर्च और हमारे काम का तरीका देखा। हम नहीं जानते थे कि ये इंस्पेक्शन किस दिशा में जाएगा? हमने वही दिखाया, जो हम रोज करते हैं। कुछ दिनों बाद खबर मिली, हमें राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है। ये डेयरी क्षेत्र का सबसे बड़ा अवॉर्ड माना जाता है। उस पल मुझे लगा कि हमारे काम को सिर्फ देखा ही नहीं, समझा भी गया है। इसके बाद 2019 में मथुरा में ऐसा सीन देखने को मिला, जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘हेता’ की गाय का गौ-पूजन किया। उस पल मुझे लगा, शायद हमारी मेहनत सही दिशा में जा रही है। इसके बाद भी अवॉर्ड मिले। 2022 में स्टार्टअप ऑफ द ईयर से नवाजा गया। उत्तराखंड की बदरी नस्ल पर हमारे काम के लिए हमें ‘उत्तराखंड शक्ति अवॉर्ड’ मिला। देसी नस्लों की पहचान, टैगिंग और जेनेटिक रिकॉर्डिंग करने वाली संस्था नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्सेज (NBAGR) से एप्रिसिएशन लेटर मिला। ये पुरस्कार हमारी मंजिल नहीं हैं, बल्कि इस बात की गवाही हैं कि देसी गाय और पंचगव्य पर किया गया काम सिर्फ इमोशनल नहीं, साइंटिफिक और नेशनल इंट्रेस्ट का है। आज ज्यादातर डेयरी फॉर्म दूध और मांस के इर्द-गिर्द घूमते हैं। लेकिन हमने तय किया कि हमारी गौशाला में आई हर गाय और सांड, आखिरी सांस तक हमारी जिम्मेदारी रहेंगे। वे प्रोडक्शन का साधन नहीं, जीवित प्राणी हैं। इस विजन को जमीन पर टिकाए रखने के लिए सिर्फ भावना काफी नहीं थी। इसके लिए एक ऐसा सिस्टम चाहिए था, जो आर्थिक रूप से भी मजबूत हो। तभी हमने देसी गाय पर आधारित तीन वर्टिकल्स खड़े किए। पहला: डेयरी प्रोडक्ट देसी गाय के दूध के अलावा घी, खोया, मठा (छाछ), मक्खन ट्रेडिशनल मैथल से तैयार करते हैं। बिलौना विधि से बने घी की खुशबू और स्वाद लोगों को उनके बचपन की याद दिला देता है। दूसरा: आयुर्वेद और पंचगव्य मेडिसिन हमारे आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स और दवाओं में देसी गाय से जुड़ा कोई न कोई तत्व जरूर होता है। हेता च्यवनप्राश इसी सोच का उदाहरण है। ये 55 से ज्यादा जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है। इसके लिए हिमालयन रीजन में मिलने वाली बद्री नस्ल की गाय का घी इस्तेमाल किया जाता है। तीसरा: ऑर्गेनिक फार्मिंग देसी गाय पूरी फॉर्मिंग सिस्टम की रीढ़ है। ये मिट्टी को भी जिंदा रखती है और इंसान को भी। हमारा तीसरा मजबूत स्तंभ है, ऑर्गेनिक खेती। हमारे सर्टिफाइड ऑर्गेनिक फॉर्म्स में गोबर और गोमूत्र की खाद इस्तेमाल होती है। कोई केमिकल या शॉर्टकट नहीं। आज पीछे मुड़कर देखता हूं, तो समझ आता है कि हेता तीन वर्टिकल्स वाला बिजनेस नहीं। ये ऐसा मॉडल है जहां एथिक्स, साइंस, परंपरा और मुनाफा चारों एक साथ चलते हैं। शायद यही वजह है कि हम कह पाते हैं, “हमारी सबसे बड़ी पूंजी हमारी गाय हैं और हमारी सबसे बड़ी पहचान, उनके प्रति हमारी जिम्मेदारी।” *** स्टोरी एडिट- कृष्ण गोपाल ग्राफिक्स- सौरभ कुमार *** कहानी को रोचक बनाने के लिए क्रिएटिव लिबर्टी ली गई है। ----------------------------------------------------------- सीरीज की ये स्टोरी भी पढ़ें... दिल्ली की लड़की पहुंची बिना टॉयलेट वाली ससुराल; लोग बोले- जहां खाते हो वहीं हगोगे, मॉडर्न बहू पूरे गांव को बिगाड़ देगी शादी के बाद लड़कियों कि जिंदगी बदल ही जाती है। यही वजह है, हम लड़कियों को बचपन से ही ‘एडजस्ट’ करने की ट्रेनिंग दी जाती है। नमस्ते… मैं कोमल, दिल्ली के मदनगीर में जन्मी, शहरी चमक-दमक में पली, लेकिन शादी ने जैसे पूरी दुनिया ही बदल दी। पूरी स्टोरी पढ़ें...
जयपुर भूकंप के लिहाज से हाई रिस्क जोन में है। जयपुर के अलावा अलवर-भिवाड़ी भी हाई रिस्क जोन में हैं। हाई रिस्क जोन का मतलब 5 से 6 रिक्टर स्केल के झटके आ सकते हैं। जो पुरानी बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हाल ही में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडड्र्स ने देश का नया भूकंप जोखिम नक्शा जारी किया है। इसमें जयपुर, भिवाड़ी और अलवर को ज्यादा खतरे वाले जोन 4 में डाला गया है। इससे पहले साल 2016 तक जयपुर माइल्ड डैमेज रिस्क जोन 2 में शामिल था। स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए क्या है हाई रिस्क जोन में आने के मायने… जयपुर, भिवाड़ी और अलवर को क्यों माना हाई रिस्क जोन नए मैप में इस बार कई शहरों के जोन को अपग्रेड किया गया है। इससे पहले कई ऐसे शहर जो कम जोखिम में समझे जाते थे, अब अधिक संवेदनशील क्षेत्रों की सूची में आ गए हैं। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडडर्स ने इस मैप को PSHA यानी प्रोबैबिलिस्टिक सीस्मिक हैज़र्ड असेसमेंट मॉडल के आधार पर तैयार किया है। साल 2016 तक बीकानेर जोन 3, अजमेर, जयपुर, जोधपुर और उदयपुर जोन 2 में थे। एक्सपर्ट व्यू : नई बिल्डिंगों की बसावटों में रखना होगा ख्याल स्ट्रक्चरल इंजिनियर सुनील गोयल ने बताया कि पुरानी बिल्डिंगों को भूकंप के झटकों को झेलने के लिए डिजाइन ही नहीं किया जाता था। अब नए सिरे से तैयारी करनी होगी। फिलहाल सिर्फ एक सर्टिफिकेट से बिल्डिंग को सेफ-अनसेफ बता दिया जाता है, जबकि जेडीए और अन्य एजेंसियों को सभी प्रोजेक्ट की ड्राइंग और डिजाइन फाइल की जांच करनी चाहिए। आर्किटेक्ट्स को भी अपनी प्लानिंग में स्ट्रक्चरल सिस्टम को फॉलो करना होगा। इसके अलावा फ्लैट खरीदने वालों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि कार खरीदते वक्त हम उसके लुक के बजाय सेफ्टी फीचर्स को ज्यादा महत्व दें। नए मैप का मतलब भूकंप आने की आशंका बढ़ना नहीं भू वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज पंडित का कहना है कि नए मैप का मतलब ये नहीं है कि अचानक खतरा बढ़ गया है या भूकंप आने की आशंका बढ़ गई है। इसका मतलब है कि किस क्षेत्र में कितना भूकंप आ सकता है। भूकंप आने पर त्रासदी या विनाश को कितना कम किया जा सकता है। पुराना मैप पूर्व में आए भूकंप के आधार पर बनाया गया था। अब वैज्ञानिक तरीके से नया मैप तैयार किया गया है। ऐसे में ये नया कोड भूकंप की तैयारी को लेकर है। प्रोफेसर एचएस शर्मा ने बताया कि जयपुर पहले जोन 2 में आता था। अब दिल्ली एनसीआर और जयपुर को एक ही जोन में शामिल कर लिया गया है। जोन 4 में भूकंप की इंटेसिटी बढ़ती है। ऐसे में आने वाले समय में बिल्डिंग के स्ट्रक्चर में ध्यान रखने की जरूरत है। ताकि तीव्र भूकंप आने पर जनधन की हानि कम से कम की जा सके। क्या है नया भूकंप नक्शा? BIS ने नया नक्शा IS 1893 (Part 1): 2025 कोड के तहत जारी किया है, जो जनवरी 2025 से लागू है। अब देश में बिल्डिंग्स, ब्रिज, हाईवे और बड़े प्रोजेक्ट इसी नए भूकंप नियमों के अनुसार बनाए जाएंगे। यह नक्शा पुराने 2002 के नक्शे की जगह ले रहा है। यह नक्शा कितना भरोसेमंद है? यह अब तक का सबसे वैज्ञानिक और सटीक नक्शा कहा जा रहा है। इसमें GPS डेटा, सैटेलाइट स्टडी, फॉल्ट लाइन, भूकंप इतिहास, लाखों सिमुलेशन शामिल हैं जापान और न्यूजीलैंड जैसे देशों की तकनीक अपनाई गई है। क्या इससे भूकंप में जान बच सकेगी? विशेषज्ञों का कहना है कि नए नियमों से भूकंप में 80-90% नुकसान कम किया जा सकता है। नई बिल्डिंग्स गिरेंगी नहीं, झटके सहने लायक होंगी। पुरानी बिल्डिंग्स को भी अपडेट करना जरूरी है।
बाइक सवार को ट्रक ने मारी टक्कर, 1 की मौत, दो गंभीर
भास्कर संवाददाता | हरदा हरदा- नर्मदापुरम स्टेट हाईवे पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी। इससे एक की मौत हो गई। वहीं दो गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा उड़ा के पास हुआ। प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को इंदौर रेफर किया है। तीनों कृषि उपज मंडी चना से भरी ट्रैक्टर- ट्रॉली खड़ी करने के बाद एक ही बाइक से घर लौट रहे थे, तभी हादसा हो गया। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। जानकारी के अनुसार ऊंद्राकच्छ निवासी राजेश सिंह मौर्य, अपने दो दोस्तों बसंत दोगने और सचिन राजपूत के साथ हरदा कृषि उपज मंडी में चना लेकर आया। शाम को चना ट्रॉली शेड में खड़ी करने के बाद तीनों बाइक से घर लौटने लगे। इसी दौरान रात 8.30 बजे हरदा- नर्मदापुरम स्टेट हाईवे उड़ा के पास तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर से तीनों गिर गए। हादसे में ऊंद्राकच्छ निवासी राजेश सिंह मौर्य (40) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं धौलपुर के बसंत पिता सूरज दोगने और सचिन पिता रेवाराम राजपूत गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर आए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर रेफर किया। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
अंडर-19 क्रिकेट मुकाबलों में रोमांच, जूनियर-171 फाइनल में
भास्कर संवाददाता | सागर नगर निगम स्टेडियम में आयोजित सांसद खेल महोत्सव के अंतर्गत चल रही क्रिकेट प्रतियोगिता के दूसरे दिन अंडर-19 वर्ग के मुकाबले बेहद रोमांचक रहे। विभिन्न स्कूलों की टीमों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की और दर्शकों को रोमांच से भर दिया। प्रतियोगिता में युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा और प्रतिस्पर्धात्मक खेल देखने को मिला। अंडर-19 वर्ग के एक अहम मुकाबले में अंबेडकर वार्ड की टीम ने एसएसपीएस स्कूल को 62 रनों से पराजित कर प्रभावशाली जीत हासिल की। वहीं रॉयल किंग स्कूल के खिलाफ खेले गए मैच में जॉय कैंपियन स्कूल की टीम ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 3 ओवर शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया। अन्य मुकाबले में गौर नगर मकरोनिया की टीम ने मोराजी किंग्स स्कूल को 7 विकेट से हराकर अपनी मजबूत दावेदारी पेश की। स्वामी विवेकानंद स्कूल और जूनियर-171 के बीच हुए मुकाबले में जूनियर-171 की टीम ने 19 रनों से जीत दर्ज कर सभी को प्रभावित किया। इसके बाद फर्स्ट सेमीफाइनल में भी जूनियर-171 का दबदबा देखने को मिला, जहां टीम ने जॉय कैंपियन स्कूल को 7 विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। दूसरे दिन प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष हरिराम सिंह ठाकुर, उमेश सिंह केवलारी, मनीष नेमा, रवि ठाकुर एवं क्रिकेट प्रतियोगिता प्रभारी आदित्य पांडे स्टेडियम पहुंचे। अतिथियों ने खिलाड़ियों से परिचय लेकर उनका उत्साहवर्धन किया और खेल भावना से आगे बढ़ने का संदेश दिया।
जनवरी में मंदिर स्थापना दिवस व गहोई दिवस मनाएगा गहोई वैश्य समाज
सागर | श्री गहोई वैश्य समाज के संचालक मंडल की बैठक समाज अध्यक्ष सुरेंद्र सुहाने की अध्यक्षता में हुई। बैठक में समाज के आगामी कार्यक्रमों को लेकर चर्चा की गई तथा सर्वसम्मति से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में समाज के संरक्षक ओमप्रकाश रूसिया, ट्रस्ट कमेटी अध्यक्ष मनोज डेंगरे, सचिव डॉ. संजीव कठल, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र सुहाने, सहसचिव सचिन सिपोलिया सहित सदस्य उपस्थित थे। मीडिया प्रभारी शरद गुप्ता ने बताया कि बैठक में मंदिर स्थापना दिवस के अवसर पर 24 जनवरी को श्री जगमोहन सरकार का प्रातःकालीन अभिषेक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके अगले दिन 25 जनवरी रविवार को गहोई दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर शोभायात्रा का आयोजन होगा, जो श्री गेंडाजी उत्सव भवन से प्रारंभ होकर गेंडाजी धर्मशाला गुजराती बाजार में संपन्न होगी। बैठक में तय किया गया कि आगामी माह मई में सामूहिक विवाह एवं परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। बैठक में आनंद ददरया, रमेश इटोरिया, मोहन रूसिया, सुधीर झुडेले, महेश इटोरिया, शरद गुप्ता (विश्ववारी), अतुल सरावगी एवं सृजन सुहाने उपस्थित थे।
ट्रक चढ़ने से वाल्व टूटा, आज शहर में नहीं होगी सप्लाई
सागर | राजघाट बांध से शहर में होने वाली जलापूर्ति की मुख्य पाइपलाइन की वाल्व पर ट्रक चढ़ जाने के कारण वाल्व क्षतिग्रस्त हो गई। यह घटना बुधवार को कालीचरण चौराहे पर वीसी बंगला के सामने हुई। इसके कारण इंदिरा नगर वार्ड की सप्लाई प्रभावित हो गई। हालांकि यहां से लगातार बहते पानी को रोकने राजघाट बांध से जलापूर्ति ही रोक दी गई। नगर निगम के जलप्रदाय विभाग के मुताबिक वाल्व का सुधार कार्य किए जाने के कारण गुरुवार को राजघाट बांध से टंकियों में जलापूर्ति पूरी से तरह से बंद रहेगी। इस कारण गुरुवार को तय शेड्यूल की सप्लाई पूरे शहर में ही नहीं हो सकेगी। 18 दिसंबर की पेयजल सप्लाई 19 दिसंबर को होगी। जबकि 19 दिसंबर के शेड्यूल की सप्लाई 20 दिसंबर को की जाएगी।
SIR : 33685 वोटर को फॉर्म जमा करने आज अंतिम मौका
भास्कर संवाददाता| सागर विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत मतदाता सूची के सत्यापन कार्य का गुरुवार को अंतिम दिन है। पूर्व में दो बार अंतिम तारीख बढ़ाई जा चुकी है, ऐसे में अब तारीख बढ़ना भी मुश्किल है। जिले में 18 लाख 14 हजार 792 मतदाताओं में से 16 लाख 53 हजार 160 मतदाताओं का मिलान पूरा कर लिया गया है। फिलहाल जिले में 1 लाख 61 हजार 460 मतदाताओं के फॉर्म अब तक वापस नहीं आए हैं। जिससे उनके नामों का मिलान नहीं हो सका है। 81158 मतदाता ऐसे हैं जो स्थाई रूप से अन्य जगह शिफ्ट हो चुके हैं। 36469 की मौत हो चुकी है। 10148 डुप्लीकेट मतदाता भी शामिल हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो 1 लाख 27 हजार 775 मतदाताओं के नाम हटना तय है। ये मृतक, स्थायी शिफ्ट और डुप्लीकेट यानी दो जगह दर्ज मतदाताओं की श्रेणी मंे शामिल हैं। 33685 ने अब तक अपने फॉर्म वापस नहीं किए हैैं। ऐसे में इन्हें अपने फॉर्म जमा करने का अंतिम मौका गुरुवार को ही है। इनमें भी 27676 अब भी ऐसे हैं, जिनके माता-पिता या दादा-दादी का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं मिला है। ऐसे में अंतिम दिन भी कम ही फॉर्म वापस लौटने की संभावना है। मतदाता सूची ड्राफ्ट का प्रकाशन 23 दिसंबर को होगा। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मतदाता का नाम बिना पूर्व सूचना के सूची से नहीं हटाया जाएगा। नाम काटने से पहले संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजा जाएगा और जवाब देने पर्याप्त समय दिया जाएगा। नोटिस मिलने के 7 दिन के भीतर ही संबंधित को जवाब देने उपस्थित होना होगा। आयोग द्वारा निर्धारित किए गए दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज दिखाना होगा।
एलिवेटेड कॉरिडोर : पेचवर्क से हुई है यह दुर्दशा
सागर| शहर की लाखा बंजारा झील पर बने एलिवेटेड कॉरिडोर की क्षतिग्रस्त सड़क पर नगर निगम द्वारा हाल ही में कराया गया पेचवर्क अब खुद ही सवालों के घेरे में आ गया है। मरम्मत के नाम पर किए गए इस कार्य की दुर्दशा साफ दिख रही है। यह एलिवेटेड कॉरिडोर शहर का महत्वपूर्ण मार्ग है, जो बस स्टैंड से बड़ा बाजार सहित शहर के कई वार्डों को जोड़ता है। दिनभर इस मार्ग से हजारों वाहन गुजरते हैं। किनारे से निकल रहे दोपहिया वाहन : सुबह और शाम के समय बड़ी संख्या में लोग यहां टहलने आते हैं। हाल ही में किए गए पेचवर्क के बाद सड़क की स्थिति और भी बदतर हो गई है। जगह-जगह गड्ढे और उभरे हुए पेच साफ नजर आ रहे हैं। सड़क की सतह असमान हो गई है, जिससे वाहन चालकों को संभलकर चलना पड़ रहा है। दोपहिया चालक आजू-बाजू से गुजर रहे हैं।
पार्वती नगर में दंत चिकित्सा शिविर लगाया, 50 बच्चों का परीक्षण किया
उज्जैन | जीवनदीप महिला विंग एवं जीवनदीप परिवार के संयुक्त तत्वावधान में सेंट पॉल स्कूल के पास स्थित बस्ती पार्वती नगर में जरूरतमंद बच्चों के लिए नि:शुल्क दंत चिकित्सा शिविर लगाया गया। इसमें 50 बच्चों का दंत परीक्षण कर उन्हें दांतों की स्वच्छता और मौखिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर जीवनदीप संस्था की दंत चिकित्सक डॉ. श्रद्धा जैन ने बच्चों की जांच की तथा उन्हें सही तरीके से दांत साफ करने की जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए ब्रश, टूथपेस्ट, कॉपी, पेन फ्रूट्स एवं बिस्किट जैसी उपयोगी सामग्री भी वितरित की गई। इस अवसर पर जीवनदीप महिला विंग की सदस्य उपस्थित थीं।
श्रीमद भागवत कथा महोत्सव के शुभारंभ पर निकाली शोभायात्रा
उज्जैन | क्षीरसागर स्थित नीमा समाज धर्मशाला में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा महोत्सव अंतरराष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद और सीताबाई बापूलाल नीमा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार से प्रारंभ हुआ। कथा शुभारंभ से पूर्व गोस्वामी गोवर्धनेश महाराज के सान्निध्य में शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा मदनमोहनजी मंदिर से शुरू हुई जो कथा स्थल क्षीरसागर पहुंची। यात्रा से पहले मदनमोहनजी मंदिर में गिरिराज जी का 51 लीटर दूध से दुग्धाभिषेक किया गया। दोपहर 2 बजे से महाराजश्री ने श्रीमदभागवत कथा का संगीतमय रसपान कराया। आयोजन में वैष्णव परिषद के प्रमुख सदस्य और श्रद्धालु शामिल हुए।
पेंशनर डे पर किया 75 वर्ष से अधिक आयु के सदस्यों का सम्मान
उज्जैन | प्रोग्रेसिव पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश जिला शाखा उज्जैन ने बुधवार को पेंशनर डे मनाया। मंगल नाथ रोड पर आयोजित कार्यक्रम के अरविंद जैन अध्यक्ष भारत रक्षा मंच उज्जैन, सुभाष चंद्र दुबे सेवानिवृत्त डीएएसपी, डॉ. अनिल दुबे फिजिशियन एवं एनएस राठौड़ सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर थे। की अध्यक्षता सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीपीएस रघुवंशी ने की। आयोजन में विभिन्न तहसील के अध्यक्षों सहित करीब 200 वरिष्ठ पेंशनर सदस्य शामिल हुए। 75 वर्ष से अधिक आयु के सदस्यों का शाल, श्रीफल और दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया गया। स्वागत भाषण जिलाध्यक्ष अशोक जैन ने दिया।
27 विद्यार्थियों को साइकिल वितरित
उज्जैन | शासकीय हाईस्कूल नलवा में साइकिल वितरण और सम्मान समारोह हुआ। कक्षा नौंवी के 27 विद्यार्थियों को साइकिल वितरण किया गया। साथ ही कक्षा 10वीं की परीक्षा में उच्चांक प्राप्त विद्यार्थियों का सम्मान किया। इसके अलावा शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले विषय शिक्षकों को भी पुरस्कृत किया गया। अतिथि निगम सभापति कलावती यादव, दीपक चौधरी, शैलेंद्र शर्मा, अनिल मालवीय थे।
कालिदास कॉलेज में छात्राओं की आंखें जांची, देखभाल के उपाय बताए
उज्जैन | शासकीय कालिदास कन्या महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने निःशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया। इसका उद्देश्य छात्राओं और स्टाफ को नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और समय रहते आंखों की समस्याओं की पहचान करना था। मीडिया प्रभारी डॉ. रूपा भावसार के अनुसार मुख्य अतिथि नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चिता सिंह बग्गा ने छात्राओं को आंखों की देखभाल के उपाय बताए। उन्होंने संतुलित आहार, नियमित जांच और डिजिटल उपकरणों के सीमित उपयोग पर जोर दिया। प्राचार्य डॉ. वंदना गुप्ता ने छात्राओं को दृष्टिहीनता की कल्पना कराते हुए नेत्र स्वास्थ्य का महत्व समझाया।
सीजन की सबसे सर्द रात, पारा 8 डिग्री
भास्कर संवाददाता | उज्जैन मंगलवार-बुधवार की रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात रही, जब न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। बर्फीली उत्तरी हवा और बादल छंटने के कारण ठंड का प्रभाव बढ़ गया। दिसंबर में 10 दिन तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा। पिछले कुछ दिनों से बादल के कारण दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन बादल छंटते ही उत्तरी भारत से आ रही ठंडी हवाओं ने मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ा दी है। मंगलवार रात न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जबकि एक दिन पहले यह 10 डिग्री था, जो 2 डिग्री की गिरावट दर्शाता है। ठंड का असर लोगों की दिनचर्या पर भी दिखाई दे रहा है। सुबह घना कोहरा छाए रहने से दृश्यता कम हो गई, जिससे हाईवे पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही। शाम ढलते ही बाजार में सन्नाटा पसर जाता है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत में जारी शीतलहर का असर अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा। 19 से नया पश्चिमी विक्षोभ होगा सक्रिय मौसम विभाग के अनुसार 19 दिसंबर से कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है। इससे रात के साथ दिन के तापमान में भी एक से दो डिग्री की गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है।
रांची हवाई अड्डे पर बुधवार को घने कोहरे के कारण यात्री काफी परेशान रहे। कोलकाता जाने वाली तीन उड़ानें रद्द कर दी गईं। इनमें से दो पहले ही 31 दिसंबर तक के लिए स्थगित की गई थीं। इसके अलावा, कई अन्य फ्लाइट भी देर से उड़ान भर सकीं। सुबह 8.55 बजे बेंगलुरू जाने वाला इंडिगो का विमान तीन घंटे की देरी के बाद 12.08 बजे रवाना हुआ। इसी तरह सुबह 9.05 बजे दिल्ली जाने वाला इंडिगो का विमान 11.42 बजे, सुबह 9.30 बजे हैदराबाद जाने वाला विमान 11.38 बजे और सुबह 10 बजे दिल्ली जाने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान 12 बजे रवाना हुआ। दिनभर में कई अन्य उड़ानें भी प्रभावित रहीं। सुबह 11.10 बजे मुंबई जाने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान 12.14 बजे, दोपहर 2.05 बजे दिल्ली जाने वाला विमान 4.13 बजे, शाम 4.10 बजे कोलकाता जाने वाला इंडिगो विमान 4.16 बजे और शाम 5.45 बजे दिल्ली जाने वाला विमान 7.11 बजे गया। शाम 6.20 बजे अहमदाबाद जाने वाला विमान 7.07 बजे, 6.50 बजे मुंबई जाने वाला विमान 7.45 बजे और 7.10 बजे दिल्ली जाने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान 7.57 बजे उड़ान भर पाया। कोहरे की स्थिति अगले कुछ दिनों तक बनी रह सकती है, जिससे उड़ानों में और देरी की संभावना है।
इंदौर के बेतरतीब ट्रैफिक को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस एक नवाचार करने की तैयारी में है। इसे लेकर प्लान तैयार किया गया है, जिस पर बुधवार को फाइनल निर्णय लिया जा सकता है। इस नवाचार में ई-रिक्शा को सेक्टर में बांटने की तैयारी की जा रही है। कलर कोड के हिसाब से रिक्शा तय सेक्टर में ही चलेंगी। हालांकि, इस प्लान को लेकर बुधवार को भी चर्चा की गई है। इसके बाद संभवत: रविवार को रिक्शा संचालक अपनी बैठक करेंगे और इस प्लान को लेकर चर्चा करेंगे। इसके बाद एक फाइनल मीटिंग पुलिस अधिकारियों के साथ होगी, जिसमें प्लान फाइनल होगा। फाइनल प्लान तैयार होने के बाद ही इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। अलग-अलग सेक्टर में बांट रहेडीसीपी आनंद कलादगी ने बताया कि ई-रिक्शाओं को लेकर दो मीटिंग हो चुकी है। बुधवार को हुई मीटिंग में सेक्टर को लेकर प्लानिंग की गई है। शहर बढ़ा है, और ई-रिक्शाओं की संख्या साढ़े 10 हजार के करीब हैं। ऐसे में सेक्टर की संख्या को 6 से बढ़ाकर 10 किया गया है। इसमें सेक्टर के नाम के साथ ही रोड भी तय की गई है। रविवार को फिर मीटिंग होगीट्रैफिक पुलिस द्वारा तैयार किए गए प्लान को रिक्शा संचालकों द्वारा रविवार को मीटिंग की जाएगी। जिसमें ये प्लान को बताया जाएगा। वे लोग भी इसे लेकर डिस्कशन करेंगे। इसके बाद आगामी बुधवार को एक मीटिंग की जाएगी, जिसमें सेक्टर सहित अन्य बातों को फाइनल किया जाएगा। प्लान फाइनल होने के बाद इसका प्रोसिजर शुरू किया जाएगा। हालांकि ये प्रोसेस काफी बड़ी है, धीरे-धीरे ये प्रोसेस आगे बढ़ेगी। सेक्टर में कलर कोडिंग के अनुसार चलेगी बताया जा रहा है कि ई-रिक्शाओं को कलर कोडिंग के आधार पर सेक्टर बांटे जाएंगे। अलग-अलग कलर की रिक्शाओं को अलग-अलग सेक्टर दिए जाएंगे। ये ई-रिक्शा उसे सेक्टर में चलेंगी। ई-रिक्शाओं पर सेक्टर क्रमांक, ई-रिक्शाओं की नंबरिंग सहित अन्य जानकारी रहेंगी। ये भी बताया जा रहा है कि सेक्टर तय होने के बाद अगर कोई ई-रिक्शा दूसरे सेक्टर में चलता मिलेगा तो उस पर ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करेंगी। ट्रैफिक सुधार को लेकर ये नवाचार किया जा रहा है।
भोपाल की वोटर्स लिस्ट से 4 लाख 40 हजार से ज्यादा वोटर्स हटेंगे। बुधवार को ये तस्वीर साफ हो गई। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) में ये वोटर्स या तो अपने पत्ते पर नहीं मिले, या फिर और कहीं शिफ्ट हो गए हैं। इनमें से 33 हजार से ज्यादा मतदाता मृत भी हो चुके हैं। दूसरी ओर, 'नो मैपिंग' वाले 1 लाख 21 हजार वोटर्स को नोटिस दिए जाएंगे। उन्हें 50 दिन के अंदर जरूरी सभी दस्तावेज पेश करने का मौका दिया जाएगा। बता दें कि भोपाल में एसआईआर के डिजिटलाइजेशन का काम पूरा हो चुका है। कुल 16 लाख 83 हजार 414 वोटर्स के फॉर्म डिजिटलाइज किए गए। दूसरी ओर, 1 लाख 21 हजार 21 वोटर्स ऐसे मिले हैं, जिनका 2003 की वोटर्स लिस्ट के अनुसार डेटा नहीं मिला। कुल 5.69 प्रतिशत वोटर्स को 'नो मेपिंग' के दायरे में रखा गया है। इनका रिकॉर्ड 50 दिन के अंदर जिला प्रशासन ढूंढेंगा। यदि रिकॉर्ड नहीं मिलता है तो नाम भी काटे जाएंगे। 3 स्लाइड के जरिए समझिए भोपाल में SIR का काम... दो दिन तक कलेक्टर से लेकर प्राचार्य तक ने क्रॉस चेक कियाASDR यानी, मृत, एबसेंट, शिफ्टेड, डबल और अन्य कैटेगरी के वोटर्स को कलेक्टर से लेकर प्राचार्य तक ने क्रॉस चेक किया। दो दिन तक यह काम चला। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने खुद 92 वोटर्स के वेरिफिकेशन का जिम्मा लिया था। जानकारी के अनुसार, अनकलेक्टेबल कैटेगिरी में शामिल मतदाताओं की जांच के लिए कुल 551 अधिकारी, बीएलओ और सुपरवाइजर की जिम्मेदारी तय की गई थी। हर अधिकारी और कर्मचारी को बूथ का जिम्मा सौंपा गया। वे 15-16 दिसंबर को वोटर्स के घरों में पहुंचे और जांच की। इसके बाद बुधवार को आंकड़े सामने आए। 7 विधानसभा- चारों कैटेगिरी में गोविंदपुरा आगे, बैरसिया में सबसे कम 1 लाख से ज्यादा वोटर्स मिले ही नहीं'नो मेपिंग' के साथ ASDR का डेटा भी सामने आया, जिसमें मृत, गायब, शिफ्ट हो चुके मतदाता शामिल हैं। इसमें 3020 ऐसे मतदाता भी मिले, जिनके नाम पहले से वोटर लिस्ट में दर्ज हैं। इन चारों कैटेगरी को मिलाकर कुल 4 लाख 42 हजार से अधिक मतदाता शामिल हैं। अब इन्हें हटाने की कार्रवाई की गई है। सबसे ज्यादा 98 हजार 390 वोटर गोविंदपुरा विधानसभा के हैं। दूसरे नंबर पर नरेला, तीसरे पर मध्य, चाथे पर हुजूर, पांचवें पर दक्षिण-पश्चिम, छठवें पर उत्तर और सातवें पर बैरसिया विधानसभा शामिल हैं।
रात में तापमान सामान्य से दो डिग्री कम, अब अलाव ही सहारा
रहली | दो दिन तक धुंध और कोहरा रहने के बाद बुधवार को मौसम पूरी तरह साफ रहा। दिन का अधिकतम तापमान 26 डिग्री रहा जो सामान्य है जिस कारण दिन में ठंड से राहत रही। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 11 डिग्री रहा, जिससे रात में लोग ठंड से कांपते नजर आए। दोपहर की धूप चुभन भरी रही, जिस कारण दिन में लोग धूप से बचते नजर आए तो रात की ठंड के कारण कांपते नजर आए। हालांकि दिन की ठंड नदारद रहने को किसान फसलों के लिए अच्छा नहीं मान रहे हैं। किसानों का कहना है कि वर्तमान में फसलों को दिन व रात में कड़ाके की ठंड की जरूरत है। कड़ाके की ठंड से ही फसल संवरेगी, उत्पादन अच्छा होगा। किसान जगदीश सिंह ने बताया कि जितनी अधिक ठंड गेहूं की फसल पर रहेगी उतरा ही उत्पादन अच्छा होगा।
हटिया रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने मानव तस्करी के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन ‘आहट’ चलाकर मानव तस्करी के एक संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया। 16 दिसंबर को प्लेटफॉर्म संख्या-01 के वीआईपी गेट के पास आरपीएफ पोस्ट हटिया की एएचटीयू टीम और डीएनएफटी टीम ने कार्रवाई की। दो नाबालिग लड़कियों से टीम ने पूछताछ की तो पता चला कि उन्हें काम दिलाने के बहाने चेन्नई ले जाया जा रहा था, दोनों की उम्र 12 और 13 वर्ष है। आरोपी मुस्तफा अंसारी ने उन्हें घरेलू काम के बदले प्रति माह 10,000 रुपए का लालच दिया। आरोपी ने बच्चियों की तस्वीरें व्हाट्सएप पर भेजी और उनके लिए चेन्नई जाने के टिकट भी खरीदे थे। टीम की त्वरित कार्रवाई से दोनों नाबालिगों को सुरक्षित बचा लिया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर एएचटीयू/ कोतवाली, रांची में कानूनी कार्रवाई हेतु सौंपा गया। बच्चियों को संरक्षण के लिए प्रेमाश्रय, रांची भेजा गया है। इस अभियान में आरपीएफ के रूपेश कुमार, महिला निरीक्षक एसआर. कुजूर, उपनिरीक्षक सूरज राजबंशी सहित कई अधिकारी और स्टाफ शामिल थे।
मेरठ का कोट पहनेंगे अखिलेश यादव:सपा नेता सम्राट मलिक ने दिया ऑर्डर बोले हमारे नेता की यही खूबी है
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव अब मेरठ का कोट पहनेंगे। मेरठ में सपा नेता और जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक ने अखिलेश यादव के लिए कोट का ऑर्डर दिया है। सम्राट मलिक वही कार्यकर्ता हैं जिसके कोट की तारीफ खुद अखिलेश यादव ने संसद के बाहर की थी। उन्होंने कहा था कि मुझे भी ऐसा कोट मंगा दो। इस तारीफ के बाद अब सम्राट मलिक अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए वही कोट तैयार करा रहे हैं। सम्राट मलिक ने दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान इस कोट से जुड़े अपने अनुभव बताए..पढ़िए... सबसे पहले अखिलेश यादव ने जो तारीफ की वो पढ़िए.... अखिलेश यादव दिल्ली में लोकसभा के बाहर अपनी गाड़ी में बैठने जा रहे थे। तभी उनके पास जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक आ गए। सम्राट- नमस्ते भैया... अखिलेश- नमस्ते, तुम्हारा कोट बहुत अच्छा है। सम्राट- जी भैया। अखिलेश- हमको भी सिलवा दो एक। सम्राट- जी भैया, जरूर। अखिलेश- कहां से सिलवाते हो ये। सम्राट- मेरठ के विद्यार्थी खादी भंडार से। इसके बाद अखिलेश मुस्कराते हुए अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए। अब सम्राट मलिक का इंटरव्यू पढ़िए... सवाल- अखिलेश यादव ने आपकी तारीफ की इस पर क्या कहना चाहेंगे?जवाब- दरअसल हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष इतने सरल स्वभाव के हैं वो जब भी अपने कार्यकर्ताओं से मिलते हैं तो उनके मुंह से ऐसी बात निकलती है जो उनके कार्यकर्ताओं के दिल को छू लेती है। आज हर दल का कार्यकर्ता यही कहता है कि नेता हो तो अखिलेश यादव जैसा हो। मैं संसद गया था अचानक पता चला कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जी आ रहे हैं तो मैं उनसे मिलने की इच्छा से वहां खड़ा हो गया। उनकी मुझ पर नजर पड़ी तो उन्होंने मुझसे पूछा कि कहां से बनवाया मैंने बताया कि मेरठ के विद्यार्थी खादी भंडार से मैंने ये कोट बनवाया है। सवाल- क्या आप अखिलेश जी के लिए कोट ले जाएंगे?जवाब- उन्होंने कहा कि मेरे लिए भी लेकर आना। अब मैं उनके लिए ये कोट लेकर जाऊंगा। विद्यार्थी खादी की दुकान से ही उनके लिए ये कोट तैयार कराऊंगा। अखिलेश जी का आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है। मैं उनके लिए एक लांट कोट तैयार करा रहा हूं, 7 दिनों के अंदर वो बन जाएगा फिर मैं उन्हें वो कोट दूंगा। सवाल- जिस तरह उन्होंने आपको रिकगनाइज किया उस पर क्या कहेंगे?जवाब- आप समझिए कि अखिलेश यादव जैसा व्यक्तित्व सिर्फ एक कोट के लिए मुझसे बात कर रहा है। वो हजारों कोट ले सकते हैं, लाखों कोट वो लोगों को बांट सकते हैं। लेकिन उनका अपने कार्यकर्ता के प्रति ये लगाव देखिए कि वो मुझसे इस कोट को मांग रहे हैं। सवाल- लेकिन अखिलेश यादव जैकेट पहनते हैं यहां कोट कैसे देंगे?जवाब- मैंने उनको एकाध बार कोट में देखा था। अब ठंड का सीजन भी है इस सीजन में अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष जी कोट पहनेंगे तो वो और स्मार्ट दिखेंगे। इसलिए मैं उनके लिए ये कोट जरुर लेकर जाऊंगा। 2014 में पहली बार मैं माननीय अखिलेश जी से मिला हूं। इसके बाद से अब तक लगभग 200 बार उनसे मिल चुका हूं। हम जब तक जिएंगे तब तक सपा के लिए काम करेंगे। सवाल- आपकी इस कोट के पीछे क्या कहानी है?जवाब- मैं जबसे छात्रसंघ का नेता बना हूं तभी से इस लांग कोट को पहन रहा हूं। मेरे पिताजी की यहीं कचहरी में ऑफिस है वो वकील हैं तो वो हमेशा विद्यार्थी खादी से ही अपने कपड़े लेते हैं।सबसे पहले मैंने वहां से नेहरु जैकेट लिया, अब तो अपने कुर्ते,जैकेट, कोट सब वहीं से लेता हूं। पिछले 2014 से यहीं से कपड़े ले रहा हूं। पिताजी वो वीडियो देखकर बहुत खुश भी हुए हैं। सवाल- कभी गुड़, गन्ना और अब कोट आप ये तोहफे क्यों देते हैं?जवाब- दीवाली पर जब मैं अध्यक्ष जी से मिला तो उनको मैंने गन्ने दिए है। तब उन्होंने मुझसे कहा कि किसानों से कहना कि सपा की सरकार बनी तो गन्ने का दोगुना रेट देंगे। इस वीडियो से मेरे सभी साथी भी खुश हैं। सपा किसानों की पार्टी है। ये समतामूलक समाज है सपा सबको समान समझती है। पीडीए में यहां सबको आगे बढ़ाने का काम किया जाता है। हम जमीन से जुड़कर रहना चाहते हैं इसलिए गुड़, गन्ना ये लेकर जाते हैं। अब पढ़िए कौन हैं सम्राट मलिक ? 2014 में छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीता था साल-2020 में सम्राट मलिक ने 25 साल की उम्र में सपा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था। वह वार्ड नंबर- 14 के जिला पंचायत सदस्य हैं। सम्राट 2014 में डीएन डिग्री कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे थे। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, सम्राट की जन्मतिथि 10 जुलाई, 1996 है। ऐसे में सम्राट जिले में सबसे कम उम्र में चुनाव जीतने वाले जिला पंचायत सदस्य बन गए थे। सम्राट पर 14 आपराधिक मामले दर्ज सम्राट मलिक की सपा के विरोधी पार्टी के कार्यक्रमों में कभी काले झंडे दिखाने, तो कभी बखेड़ा करने के मामले में पुलिस लगातार गिरफ्तारी करती रही है। कभी घर में नजरबंद किया, तो कभी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से एक दिन पहले ही हिरासत में लेकर 24-24 घंटे थाने में रखा। उन पर 14 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। 15 से ज्यादा बार गिरफ्तारी हो चुकी है।
मनरेगा का नाम बदलना महात्मा गांधी का अपमान
भिंड| महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर केंद्र सरकार ने विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) कर दिया है। मनरेगा का नाम बदलकर भाजपा सरकार ने महात्मा गांधी का अपमान करने का काम किया है। यह बात बुधवार को कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट डॉ. अनिल भारद्वाज ने कही। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज की अवधारणा और राम राज्य का आदर्श कभी एक-दूसरे के विरोधी नहीं थे, बल्कि वे गांधी जी की चेतना के दो जुड़वां स्तंभ थे, ग्रामीण गरीबों के लिए एक योजना में महात्मा का नाम बदलना इस गहन सहजीवन को नजरअंदाज करता है।
किसान फसलों का बीमा 31 दिसंबर तक कराएं
भिंड| प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत रबी 2025-26 की बीमा इकाईवार, तहसीलवार एवं जिलावार अधिसूचित की जाने वाली फसलों का राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर भारत सरकार द्वारा डिजिटाइज्ड किया जा चुका है। योजना अंतर्गत बैंकों द्वारा किसानों का प्रीमियम नामे कर बीमांकन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। ऋणी किसानों का बीमा संबंधित बैंकों द्वारा स्वतः ही हो जाता है। अऋणी किसान सीएससी केंद्रों तथा पंचायत स्तर पर पदस्थ व्हीएलई के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। रबी मौसम की फसलों की प्रीमियम दर फसलवार बीमित राशि की 1.5 प्रतिशत निर्धारित है।
ई-केवाईसी नहीं कराने पर लोगों को राशन से रहना पड़ेगा वंचित
भिंड| भविष्य में राशन के लाभ से हो सकते हैं वंचित खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल द्वारा वर्तमान में पात्रता पर्ची धारियों की ई-केवाईसी का कार्य कराया जा रहा है। भिंड जिले में माह दिसंबर में कुल 922454 हितग्राही पंजीकृत हैं। जिसमें से 844027 हितग्राहियों द्वारा ई-केवाईसी कराया जा चुका है, वर्तमान में 78427 हितग्राही ई-केवाईसी के लिए शेष हैं, जिनकी ई-केवाईसी का कार्य पीओएस मशीन के माध्यम से जिले में पंजीकृत 576 शासकीय उचित मूल्य दुकानों के विक्रेताओं के द्वारा पीओएस मशीन के माध्यम से प्रतिदिन किया जा रहा है। यह जानकारी जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा दी गई। नवीन परिवार एवं नवीन सदस्य जिनके आवेदन पोर्टल पर फीड हैं, ई-केवाईसी कराए जाने के पश्चात नवीन पात्रता पर्ची जारी होगी। इसी प्रकार परिवार में जोड़े गए सदस्यों की ई-केवाईसी कराने के पश्चात ही परिवार में सदस्य वृद्धि होगी। इस के लिए प्रत्येक सदस्य को अपने आधार कार्ड के साथ शासकीय उचित मूल्य दुकान पर जाना है। जहां पर विक्रेता पीओएस मशीन के माध्यम से ई-केवाईसी करेगा। ई-केवाईसी नहीं कराने पर भविष्य में परिवार के सदस्य को राशन के लाभ से वंचित किया जा सकता है। ई-केवाईसी संबंधित दुकान के विक्रेता द्वारा नि:शुल्क की जा रही है।
हाईस्कूल शिक्षक प्रिंसिपल बनने से प्रबंधन और परीक्षा की तैयारियों में होगा सुधाररांची जिले में दो दर्जन से अधिक मिडिल स्कूलों को हाईस्कूलों का दर्जा दे दिया गया था। ऐसे 27 मिडिल स्कूलों में लंबे समय से मिडिल स्कूल के शिक्षक ही प्रभारी बने हुए थे। इनको हटाते हुए इन स्कूलों का प्रभार अब हाईस्कूल के शिक्षकों को दे दिया गया है। इससे संबंधित नोटिफिकेशन भी जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार ने जारी कर दिया है। झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष जसवंत विजय ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग थी और इससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। दो मामलों में समझिए स्थिति1. उत्क्रमित उच्च विद्यालय, अनगड़ासमस्या : बानपुर स्कूल में शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्यों में असंतुलन था।फैसला: कुंदन कुमार (टीजीटी) को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया गया, पूर्व प्रभारी आनंद कुमार साहु मुक्त किए गए।प्रभाव : हाईस्कूल स्तर के शिक्षक को प्रभार मिलने से शिक्षण, परीक्षा प्रबंधन व बोर्ड स्तर की तैयारियों में सुधार होगा। 2. उत्क्रमित उच्च विद्यालय, नामकुमसमस्या: राजडेरा स्कूल में भी प्रभारी पद पर मिडिल स्कूल शिक्षक थे, जिससे व्यवस्था के नियमों पर सवाल उठ रहे थे।फैसला: यहां श्वेता नायक को प्रभारी प्रधानाध्यापक नियुक्त किया गया और रोशन सिंह मुंडा को प्रभार मुक्त किया गया।प्रभाव : प्रशासनिक निर्णयों में स्पष्टता आएगी, हाईस्कूल का वातावरण बनेगा। बदलाव करने का यह उद्देश्य: जिला प्रशासन की यह पहल हाईस्कूल स्तर की शिक्षा को नियम सम्मत और गुणवत्ता आधारित बनाने की दिशा में पहल है। इसलिए ऐसे स्कूलों को चिह्नित कर हाईस्कूल के योग्य शिक्षकों को प्रभार सौंपा गया है।
सामूहिक विवाह सम्मेलन 25 दिसंबर को
भिंड| निव्या बंधन सर्वजातीय शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति द्वारा जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम में 25 दिसंबर को सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी समिति द्वारा दी गई। जानकारी के अनुसार सामूहिक विवाह सम्मेलन में समाज के गरीब परिवारों के बेटे-बेटियों के विवाह संपन्न कराए जाएंगे। इसके लिए वर एवं वधु पक्ष की पंजीयन प्रक्रिया जारी है। इस मौके पर मुख्य रूप से दंदरौआ धाम महंत रामदास महाराज, समिति अध्यक्ष प्रदीप राणा मौजूद रहेंगे।
राजस्थान में कोहरे के साथ ही अब हल्की ठंडी हवाएं भी चलनी शुरू हो गई हैं। ठंडी हवाओं के प्रभाव से शेखावाटी के अलावा जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर संभाग के इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज हुई। फतेहपुर, डूंगरपुर, लूणकरणसर और नागौर में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य में अगले एक-दो दिन मौसम साफ रहेगा। 18-19 दिसंबर से उत्तर भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसके असर से राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी जिलों में 19 से 22 दिसंबर के बीच कहीं-कहीं हल्के बादल छा सकते हैं। बुधवार को सबसे कम न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस नागौर में दर्ज किया गया। फतेहपुर में न्यूनतम तापमान 3.8, लूणकरणसर में 4.3, डूंगरपुर में 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। शेखावाटी के सीकर, फतेहपुर, चूरू, पिलानी क्षेत्र के अलावा नागौर और बीकानेर के आसपास हल्की ठंडी हवाओं का प्रभाव रहा। इन इलाकों में सुबह-शाम कड़ाके की सर्दी का दौर एक बार फिर शुरू हो गया। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर में बुधवार को भी कोहरा छाया रहा। धूप तेज होने से अधिकतम तापमान चढ़ा उत्तर भारत को छोड़कर शेष राजस्थान में बुधवार को आसमान बिल्कुल साफ रहा और सुबह से तेज धूप रही। इस कारण कुछ शहरों में अधिकतम तापमान में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी दर्ज हुई। बाड़मेर में बुधवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस, जोधपुर में 30.9 डिग्री सेल्सियस डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ।
एमपी में एक नए तरह का स्कैम हो रहा है। ‘एक्सक्लूसिव हाउस पार्टी’ के नाम पर युवाओं को फंसाकर उनसे मोटी रकम वसूली जा रही है। इसके लिए सोशल मीडिया पर आकर्षक वीडियो पोस्ट किए जाते हैं। पार्टी में स्ट्रेंजर मीट जैसे लुभावने वादे किए जाते हैं, हकीकत में ऐसी कोई पार्टी ही आयोजित नहीं होती। भास्कर रिपोर्टर ने भोपाल में होने वाली एक ऐसी ही हाऊस पार्टी के टिकट खरीदे। 14 दिसंबर को ये पार्टी भोपाल के एक रिसॉर्ट में होने वाली थी। तयशुदा समय पर भास्कर रिपोर्टर और 50 से ज्यादा युवक:युवतियां वेन्यू पर पहुंचे, लेकिन वहां पार्टी का कोई नामोनिशान नहीं था। सारांश पटेल नाम के जिस शख्स ने सोशल मीडिया पर हाउस पार्टी का पेज बनाया था वो भी डिलीट कर दिया था। खास बात ये है कि जो युवक युवती ठगी का शिकार हुए भास्कर रिपोर्टर ने उन्हें पुलिस ने शिकायत करने के लिए कहा, तो वे बोले: कौन खुद की बदनामी कराएगा? किस तरह से हाऊस पार्टी के नाम पर युवाओं से ठगी हो रही है और कैसे उन्हें अपने जाल में फंसाया जा रहा है। पढ़िए रिपोर्ट…. जानिए भास्कर ने कैसे किया इन्वेस्टिगेशन सोशल मीडिया के जरिए मिला क्लूभास्कर रिपोर्टर को सोशल मीडिया पर ‘भोपाल हाउस पार्टी’ नाम की आईडी का पता चला। इस आईडी से 14 दिसंबर को होने वाली पार्टी का जोर शोर से प्रमोशन किया जा रहा था। इस आईडी पर दो तीन वीडियो भी अपलोड किए गए थे। इनमें लड़कियां शॉर्ट ड्रेस पहने थीं। साथी नशे में झूमते कपल्स, पूल किनारे मस्ती करते और हुक्का लाउंज का माहौल दिखाया गया था। 'स्ट्रेंजर मीट' का लालचइसका सबसे बड़ा आकर्षण 'स्ट्रेंजर मीट' का कॉन्सेप्ट था। युवाओं को बताया गया था कि यह एक ऐसी पार्टी होगी, जहां 50 लड़के और 50 लड़कियों के जोड़े बनाए जाएंगे। अनजान लोगों से दोस्ती कराने के लिए खास गेम्स आयोजित करने का भी वादा किया गया। साथ ही पेज पर लिखा था कि पार्टी पूरी तरह से गोपनीय रहेगी। वीडियो लाइक किया तो एडमिन का मैसेज मिलाभास्कर रिपोर्टर ने इन वीडियो को लाइक किया और पेज पर मैसेज भेजा तो एडमिन सारांश पटेल ने सीधे रिपोर्टर से कॉन्टैक्ट किया। भास्कर रिपोर्टर और सारांश पटेल के बीच इस पार्टी को लेकर बातचीत हुई सारांश पटेल: क्या मदद कर सकते हैं? रिपोर्टर: हाऊस पार्टी जॉइन करना है। सारांश पटेल: आपकी एज(उम्र) क्या है? रिपोर्टर: उम्र क्यों चाहिए? सारांश पटेल: हमारी पार्टी में शामिल होने वाले लोगों की उम्र 21 से 35 साल है। रिपोर्टर: मेरी उम्र भी 35 साल है। सारांश पटेल: ठीक है वेरिफिकेशन के लिए मेरे वॉट्सएप नंबर पर आधार आईडी और लोकेशन भेज दो। रिपोर्टर: लोकेशन क्यों? सारांश पटेल: आप जिस लोकेशन पर रहते हैं वहीं एक आदमी पार्टी के पास देकर जाएगा। मेरे इंस्टा के बायो में एक फॉर्म है उसे भरकर सब्मिट कर दें। भास्कर रिपोर्टर ने सारांश के कहने पर फॉर्म भर दिया। पटेल ने वॉट्सएप पर इसे कन्फर्म किया। इसके बाद उसने रिपोर्टर के वॉट्सएप नंबर पर पेमेंट के लिए एक बार कोड भेजा। रिपोर्टर: कितना पेमेंट करना है? सारांश पटेल: 2 हजार रुपए रिपोर्टर: पार्टी में क्या सुविधा मिलेगी? सारांश पटेल ने इसका जवाब देने के बजाय एक पार्टी का ब्रोशर भेजा। ब्रोशर के मुताबिक ये पार्टी 7 दिसंबर को हो चुकी थी। ब्रोशर में लिखा था कि भोपाल के प्राइवेट एलिट सर्किल में आपका स्वागत है। इस पार्टी में केवल अप्रूव गेस्ट ही मौजूद रह सकते हैं। साथ ही ब्रोशर में पार्टी में परोसे जाने वाले फूड और ड्रिंक्स का भी जिक्र था। जिसमें खुद की शराब की बोतल लाने की भी सुविधा दी गई थी। हुक्का और पूल साइड पार्टी का भी जिक्र था। ये पार्टी भोपाल के एक लग्जरी फॉर्म हाउस में रखी गई थी। जिसका पूरा पता नहीं दिया गया था। पेमेंट कन्फर्म होने के बाद लिखा- स्लॉट बुकसारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सारांश पटेल ने एक नया वॉट्सएप ग्रुप हाउस पार्टी भोपाल के नाम से बनाया। उस ग्रुप में भास्कर रिपोर्टर को भी ऐड किया और लिखा कि अब पार्टी से जुड़े सारे अपडेट इसी ग्रुप में दिए जाएंगे। ग्रुप का स्टेटस था ओनली एडमिन यानी ग्रुप के बाकी मेंबर्स इस पर अपने कमेंट नहीं भेज सकते थे। भास्कर रिपोर्टर ने ग्रुप को देखा तो इसमें करीब 50 से 100 नंबर एड किए गए थे। इसमें लड़कियां और लड़के दोनों ही शामिल थे। कुछ देर बाद ग्रुप पर मैसेज आया- स्लॉट बुक। 14 दिसंबर से एक दिन पहले यानी 13 दिसंबर की शाम को ग्रुप पर एक और मैसेज आया। जिसमें पार्टी का वेन्यू दिया गया था। ये हलालपुरा बस स्टैंड के सामने स्थित एक रिसॉर्ट था। सारांश पटेल ने लिखा- ये रहेगी कल की लोकेशन और एंट्री 3 बजे से शुरू हो जाएगी। पार्टी का दिन, युवा पहुंचे और ठगे गए14 दिसंबर यानी पार्टी वाले दिन भास्कर रिपोर्टर भोपाल के हलालपुर बस स्टैंड के पास स्थित रिसॉर्ट पर पहुंचा। यहां युवक-युवतियों की भीड़ जुटने लगी थी। ये सभी हाउस पार्टी के लिए यहां पहुंचे थे। मगर, यहां पहुंचने पर पार्टी जैसा कोई माहौल नजर नहीं आया। एक पार्टी हो जरूर रही थी, मगर वो फैमिली फंक्शन था। युवा सारांश पटेल को ढूंढ रहे थे। मगर, यहां कोई मौजूद नहीं था। कुछ युवकों ने जब रिसॉर्ट के मालिक से संपर्क किया, तो उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा कि उनके यहां इस तरह की कोई पार्टी बुक नहीं की गई है और न ही उन्हें इस बारे में कोई जानकारी है। यह सुनते ही युवाओं के होश उड़ गए। उन्होंने विरोध करने के बजाय यहां से निकलना बेहतर समझा। भास्कर रिपोर्टर ने युवाओं से कहा कि हमें पुलिस में रिपोर्ट करना चाहिए, तो उनमें से एक युवा बोला- अरे कौन पंगा लेगा, मैं तो पेरेंट्स से छिपकर पार्टी में शामिल होने आया था। भास्कर रिपोर्टर ने एक दो युवाओं से और बात की तो पता चला कि वो इटारसी, होशंगाबाद और बैतूल से इस पार्टी को जॉइन करने आए हैं। किसी ने भी अपने घर में इस पार्टी के बारे में नहीं बताया था। रिसॉर्ट संचालक बोला- हमारे नाम का दुरुपयोग हुआबैरागढ़ स्थित जिस रिसॉर्ट का नाम वेन्यू के तौर पर इस्तेमाल किया गया, उसके संचालक ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि 14 दिसंबर को दिनभर उनके पास कई फोन आए और कई युवा सीधे रिसॉर्ट पहुंच गए। वे सभी एक हाउस पार्टी के बारे में पूछ रहे थे। उन्होंने कहा, हमारे यहां उस दिन कोई बुकिंग नहीं थी। ठगों ने बिना हमारी अनुमति के हमारे रिसॉर्ट का नाम इस्तेमाल किया, जिससे हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। जानिए कैसे काम करता है यह गिरोहयह स्कैम एक सुनियोजित तरीके से चलाया जाता है, जिसके हर कदम पर युवाओं को फंसाने की पूरी तैयारी होती है। 1. वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ना: सबसे पहले, पार्टी में रुचि दिखाने वाले युवाओं को एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा जाता है। इस ग्रुप में माहौल बनाने के लिए कुछ फर्जी सदस्य भी होते हैं, जो पार्टी को लेकर उत्साह दिखाते हैं। 'लिमिटेड एंट्री,' 'जल्दी बुक करें,' और 'एक्सक्लूसिव क्राउड' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर एक तरह की अर्जेंसी पैदा की जाती है। 2. फॉर्म, फीस और फर्जी वेरिफिकेशनइंस्टाग्राम पेज के बायो में एक गूगल फॉर्म का लिंक दिया जाता है, जिसे भरना अनिवार्य बताया जाता है। इस फॉर्म में नाम, नंबर और उम्र जैसी जानकारी मांगी जाती है। ताकि यह लगे कि पार्टी केवल परिपक्व लोगों के लिए है। सबसे खतरनाक बात यह है कि उम्र के सत्यापन के नाम पर युवाओं से उनके आधार कार्ड की फोटो या डिटेल मांगी जाती है। इससे न सिर्फ उनके पैसे ठगे जाते हैं, बल्कि उनकी पहचान से जुड़ी संवेदनशील जानकारी भी चोरी हो जाती है, जिसका भविष्य में गलत इस्तेमाल हो सकता है। 3. पेमेंट और वेन्यू का खुलासाफॉर्म भरने के बाद युवाओं को एक QR कोड या UPI आईडी भेजी जाती है, जिस पर पेमेंट करने के लिए कहा जाता है। पेमेंट का स्क्रीनशॉट भेजने के बाद उन्हें बताया जाता है कि पार्टी का वेन्यू इवेंट के दिन ही बताया जाएगा ताकि गोपनीयता बनी रहे। 4. धोखा और गायबपार्टी वाले दिन पीड़ितों को एक लोकेशन भेजी जाती है। जब वे वहां पहुंचते हैं, तो उन्हें सच्चाई का पता चलता है। इस बीच, ठग अपना फोन बंद कर देते हैं, वॉट्सऐप पर मैसेज का जवाब देना बंद कर देते हैं और कुछ ही घंटों में इंस्टाग्राम अकाउंट को डिलीट या इनएक्टिव कर दिया जाता है। पैटर्न वही, बस शहर और चेहरे बदलते हैंजांच में यह भी सामने आया है कि यह कोई स्थानीय गिरोह नहीं है, बल्कि एक ऐसा नेटवर्क है जो देश के अलग-अलग शहरों में इसी पैटर्न पर काम करता है। भोपाल से पहले इंदौर, जयपुर और चंडीगढ़ जैसे शहरों में भी इसी तरह की ठगी की खबरें आ चुकी हैं। पैटर्न हमेशा एक ही रहता है-एक नई इंस्टाग्राम आईडी बनाना, आकर्षक वीडियो डालना, युवाओं को ग्रुप में जोड़ना, फॉर्म भरवाना, पेमेंट लेना और फिर गायब हो जाना।
झालसा के सुझाव पर हाईकोर्ट ने दिया निर्देश:महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने के लिए कमेटी बनाएगी सरकार
झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार काे महिला और छात्राओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर राेक लगाने की मांग काे लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलाेक सिंह चाैहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार काे झालसा के सुझाव पर कमेटी बनाने का निर्देश दिया। इस दाैरान सरकार की ओर से अदालत काे बताया गया कि झालसा के सुझाव पर बनाई जाने वाली कमेटी की निगरानी के लिए झालसा के सदस्य सचिव काे कमेटी में शामिल करना उचित नहीं हाेगा। क्याेंकि, इससे हिताें का टकराव हाे सकता है। अदालत ने भी इस पर सहमति जताई। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार कमेटी के सदस्याें का नाम तय करे। अदालत ने कमेटी के सदस्याें का नाम तय करके इसकी जानकारी काेर्ट काे देने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर काे निर्धारित की है।
उज्जैन में 20 दिसंबर को 1.51 लाख हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम सुबह 9 बजे से इंदौर रोड स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान में आयोजित होगा। जिसमें बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद अनिल फिरोजिया, अभिनेत्री एवं सांसद हेमा मालिनी सहित अनेक संत, महंत, महामंडलेश्वर, शिक्षाविद, चिकित्सक और विभिन्न समाजों के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। मंदिरों के ध्वजों की महाआरती होगीसोशल वेलफेयर सोसाइटी ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष दुर्गेश नंदिनी शर्मा एवं आयोजन समिति अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चावड़ा ने बताया कि इस अवसर पर 1008 हनुमान मंदिरों के ध्वजों की महाआरती भी की जाएगी। कार्यक्रम की शुरुआत श्रीराम धुन से होगी, जिसके बाद सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ संपन्न कराया जाएगा। आयोजन में प्रमुख मार्गदर्शन पूर्व राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के प्रदेश सचिव राजेश अग्रवाल, वरिष्ठ समाजसेवी भावना जोशी तथा पुणे (महाराष्ट्र) से श्रीराम धुन प्रस्तुति दल का रहेगा। कार्यक्रम स्थल पर विशाल डोम का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। आयोजकों के अनुसार, यह आयोजन धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक एकता का भी संदेश देगा।
मेरठ में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में किसानों का अनिश्चितकालीन धरना लगभग 65 घंटों से जारी है अभी तक इसमें कोई वार्ता ऐसी नहीं हुई है जिस से यह धरना समाप्त हो सके। इसके बाद भी किसानों के मन में कोई निराशा नहीं है, वे अपने धरने के बीच लगातार अलग अलग तरीकों से मनोरंजन कर रहे हैं। 3 तस्वीरों में देखिए किसानों का मनोरंजन मनोरंजन से मिलती है हिम्मत किसानों ने बताया कि रागनी, बीन बजवाना , डांस जैसे आयोजनों से हमे हिम्मत मिलती है और हम अपनी इस लड़ाई को और मजबूती से लड़ते हैं। इतना ही नहीं यह हमारी पीडा को भी कम करने मे ंसहायक के रूप में काम करता है। धैर्य की परीक्षा ले रहे अधिकारी- अनुराग चौधरी संगठन के जिला अध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि जिस प्रकार अधिकारियों द्वारा किसानों को अनदेखा करा जा रहा है , वह साफ रूप से दिखाता है कि हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। इस प्रकरण में वह ये बात भूल रहे हैं कि हमारा इतिहास है कि हम अपने हक को लेकर रहते हैं और यहां भी ऐसा ही होगा। पैदल लखनऊ करेंगे कूच- मेजर चिंदोडी भाकियू के पुराने कार्यकर्ता मेजर चिंदोडी ने कहा कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती तो हम पैदल लखनऊ कूच करेंगे। इस दौरान अगर हम या हमारा कोई साथी शहीद होता है तो हम उसकी समाधि भी वहीं बनवा देंगे लेकिन लड़ाई आखिरी दम तक लडे़ंगे।
ओपीडी पेशेंट्स को बड़ी राहत देने की तैयारी...रिम्स में इलाज के लिए आने वाले ओपीडी मरीजों को जल्द बड़ी राहत मिलने वाली है। अब तक जिस परेशानी से रोजाना हजारों मरीज जूझ रहे थे, उसे दूर करने की दिशा में रिम्स प्रबंधन ने ठोस पहल शुरू कर दी है। प्रबंधन ने तय किया है कि ओपीडी में डॉक्टर जो दवाएं लिखेंगे, वही दवाएं रिम्स की फार्मेसी में उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि मरीजों को बाहर से महंगी दवाएं खरीदने के लिए विवश न होना पड़े। वर्तमान में रिम्स में कैंसर विभाग के लिए 36 करोड़ से अधिक के अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्रबंधन अब ओपीडी पेशेंट्स की मूलभूत जरूरतों पर भी फोकस कर रहा है। ओपीडी में दवाओं की अनुपलब्धता को लेकर लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं, जिसे देखते हुए अब व्यवस्था सुधारने की तैयारी है। दवाओं की सूची तैयार करने का निर्देशरिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिरेन बिरूआ ने बताया कि ओपीडी में आए मरीजों से लगातार यह फीडबैक मिल रहा था कि डॉक्टर जो दवाएं लिखते हैं, वे अस्पताल की फार्मेसी में उपलब्ध ही नहीं रहतीं। ऐसे में मरीजों को बाहर की दुकानों से दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। डॉ. बिरूआ के अनुसार, डॉक्टरों के साथ बैठक कर यह तय किया गया है कि ओपीडी में अधिकतर प्रेस्क्राइब की जाने वाली दवाओं की सूची तैयार की जाए। सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने विभाग से दवाओं की सूची बनाकर विभागाध्यक्ष के माध्यम से सौंपेंगे। इसके बाद उन दवाओं को फार्मेसी के स्टॉक में शामिल किया जाएगा, जिनकी जरूरत सबसे ज्यादा है। ओपीडी में रोज आते हैं 2000 मरीज, दवाएं नाम मात्र की रहती हैंफिलहाल रिम्स की ओपीडी फार्मेसी की स्थिति काफी चिंताजनक है। अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 2000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन फार्मेसी में दवाओं की उपलब्धता बेहद सीमित है। ओपीडी डिस्पेंसरी में मरीजों के लिए 62 दवाओं की सूची बोर्ड पर लिखी गई है, लेकिन इनमें से 51 दवाएं स्टॉक में उपलब्ध ही नहीं हैं। मरीजों की मजबूरी...गैस, दर्द, उल्टी जैसी सामान्य दवाएं भी बाहर से ही खरीदनी पड़ रही हैदवाओं की अनुपलब्धता के कारण मरीजों और उनके परिजनों को रोजाना भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ओपीडी में डॉक्टर द्वारा लिखी गई अधिकांश दवाएं मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। स्थिति यह है कि गैस, दर्द, उल्टी जैसी सामान्य बीमारियों की सस्ती दवाएं भी मरीजों को बाहर से लानी पड़ रही हैं। यहां तक कि पैन-40, ट्रामाडोल, ओंडम जैसे इंजेक्शन भी मरीजों के परिजन बाहर से खरीद कर ला रहे हैं। इससे न सिर्फ इलाज में देरी हो रही है, बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है।सूची में 36 टैबलेट, उपलब्ध सिर्फ 718 सिरप, सैशे और ड्रॉप्स में से केवल 3 सिरप उपलब्ध हैं।8 आइंटमेंट, आई व इयर ड्रॉप में से एक भी दवा उपलब्ध नहीं है।यानी वर्तमान में फार्मेसी में केवल 7 टैबलेट, 3 सिरप और एक माउथवॉश ही मरीजों को मिल पा रही है। आईपीडी मरीजों को मिल रहीं दवाएंरिम्स प्रबंधन का दावा है कि अस्पताल में 700 से अधिक प्रकार की दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यह सुविधा मुख्य रूप से आईपीडी मरीजों तक सीमित है। ओपीडी मरीज इस दायरे से लगभग बाहर हैं, जबकि सबसे ज्यादा मरीज रोजाना ओपीडी के जरिए ही इलाज के लिए पहुंचते हैं। ये होगा लाभ : ओपीडी में आते हैं सबसे अधिक मरीज, बढ़ेगा भरोसाअब प्रबंधन की नई पहल से उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में ओपीडी मरीजों को भी राहत मिलेगी। यदि डॉक्टरों द्वारा लिखी जाने वाली जरूरी दवाएं फार्मेसी में उपलब्ध होने लगेंगी, तो इससे मरीजों का इलाज सस्ता होगा। बाहर की दवा दुकानों पर निर्भरता घटेगी, इलाज में देरी कम होगी और रिम्स की ओपीडी व्यवस्था पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा। रिम्स प्रबंधन की यह पहल अगर जमीन पर पूरी तरह लागू होती है तो यह ओपीडी मरीजों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगी।
वन मेले में चखें दाल-पानिये का टेस्ट:30 इलाकों में बिजली गुल रहेगी; जानिए भोपाल में आज कहां-क्या खास
आपको हम बता रहे हैं, भोपाल शहर में आज कहां-क्या हो रहा है। यहां हर वो जानकारी होगी, जो आपके काम आएगी। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट से लेकर मौसम, सिटी ट्रैफिक, बिजली-पानी की सप्लाई से जुड़ा हर अपडेट मिलेगा। काम की जरूरी लिंक्स
तंबाकू को अब तक आमतौर पर कैंसर, हृदय और फेफड़ों की बीमारियों का कारण माना जाता रहा है, लेकिन अब इसके दुष्परिणामों की सूची में एक गंभीर और अक्सर अनदेखा किया जाने वाला खतरा भी जुड़ गया है- पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर सीधा असर। यह कोई अनुमान या चेतावनी नहीं, बल्कि ठोस वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित सच्चाई है। एम्स भोपाल में किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन ने स्पष्ट कर दिया है कि तंबाकू का सेवन पुरुषों के शुकाणुओं को सीधे तौर पर कमजोर करता है। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि जितना अधिक तंबाकू का सेवन, उतनी ही अधिक क्षति और यह असर गहराता जाता है। इस शोध में 57 मृत पुरुषों पर पोस्टमॉर्टम आधारित अध्ययन किया गया, जिसमें तंबाकू सेवन करने वाले और न करने वाले पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता की वैज्ञानिक तुलना की गई। नतीजे बेहद चिंताजनक सामने आए। अध्ययन न केवल पुरुष बांझपन के बढ़ते मामलों पर रोशनी डालता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि समय रहते तंबाकू छोड़कर इस गंभीर खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है। शोध को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी मिली है, जिससे इसके निष्कर्षों की विश्वसनीयता और गंभीरता और बढ़ जाती है। पुरुष बांझपन: एक अनदेखी लेकिन बढ़ती समस्याआज विश्व स्तर पर लगभग 15 प्रतिशत दंपत्ति बांझपन की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें से करीब 50 प्रतिशत मामलों में समस्या का कारण पुरुष होते हैं। बावजूद इसके, समाज में अब भी बांझपन को अधिकतर महिला से जोड़कर देखा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, जीवनशैली से जुड़े कारण- जैसे तंबाकू, शराब और तना- पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य को तेजी से प्रभावित कर रहे हैं। तंबाकू सेवन एक ऐसा जोखिम कारक है, जिसे बदला जा सकता है और समय रहते छोड़ा जाए तो भविष्य में गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। एम्स का अनोखा पोस्टमॉर्टम आधारित अध्ययनएम्स भोपाल में किया गया यह अध्ययन इसलिए खास है क्योंकि यह पोस्टमॉर्टम यानी शव-परीक्षा पर आधारित है। इसमें 18 से 55 वर्ष आयु वर्ग के 57 मृत पुरुषों को शामिल किया गया। इनमें 28 तंबाकू उपभोक्ता थे, जबकि 29 ऐसे पुरुष थे जिन्होंने कभी तंबाकू का सेवन नहीं किया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO, 2021) के दिशानिर्देशों के अनुसार शुक्राणुओं की जीवितता (वाइटैलिटी) और गतिशीलता (मोटिलिटी) का वैज्ञानिक मूल्यांकन किया गया। तंबाकू से शुक्राणुओं की जीवितता पर सीधा असरअध्ययन के सबसे अहम निष्कर्ष यह बताते हैं कि तंबाकू सेवन करने वाले पुरुषों में शुक्राणुओं की जीवितता गैर-उपभोक्ताओं की तुलना में काफी कम पाई गई। यह अंतर सांख्यिकीय रूप से भी महत्वपूर्ण था, यानी यह महज संयोग नहीं बल्कि तंबाकू का सीधा प्रभाव है। शुक्राणुओं की गतिशीलता भी तंबाकू उपभोक्ताओं में कम पाई गई। हालांकि यह अंतर सांख्यिकीय रूप से उतना मजबूत नहीं था, लेकिन जैसे-जैसे तंबाकू सेवन की अवधि और मात्रा बढ़ती गई, शुक्राणुओं की गुणवत्ता में गिरावट का रुझान साफ दिखाई दिया। यह डोज-डिपेंडेंट प्रभाव की ओर इशारा करता है-मतलब जितना ज्यादा तंबाकू, उतना ज्यादा नुकसान। पोस्टमॉर्टम अध्ययन क्यों है ज्यादा भरोसेमंदशोध की सबसे बड़ी ताकत इसका पोस्टमॉर्टम आधारित होना है। जीवनकाल में किए गए अध्ययनों में हाल की बीमारी, दवाइयों का असर या सैंपल देने में हुई गलतियों जैसे भ्रमकारी कारक परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। पोस्टमॉर्टम अध्ययन में ऐसे कारकों का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है, जिससे तंबाकू के दीर्घकालिक प्रभावों का अधिक सटीक आकलन संभव हो पाता है। राष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च को मिली पहचानशोध के लिए एम्स भोपाल के फॉरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राघवेंद्र कुमार विदुआ को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में आयोजित इंडियन सोसाइटी ऑफ टॉक्सिकोलॉजी के 21वें राष्ट्रीय सम्मेलन ‘टॉक्सोकॉन-21’ में उन्हें प्रतिष्ठित डॉ. आंद्रे बेस्ट फैकल्टी प्रेजेंटेशन अवॉर्ड से नवाजा गया। यह सम्मान इंडियन सोसाइटी ऑफ टॉक्सिकोलॉजी के संस्थापक अध्यक्ष और देश के जाने-माने फॉरेंसिक टॉक्सिकोलॉजिस्ट प्रो. वी. वी. पिल्लै द्वारा प्रदान किया गया। आईसीएमआर प्रोजेक्ट का हिस्सा रहा अध्ययनयह शोध इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा वित्तपोषित पोस्टमॉर्टम स्पर्म रिट्रीवल परियोजना का हिस्सा है। इसमें तंबाकू से होने वाले ऊतक-स्तरीय रोगात्मक परिवर्तनों का भी विश्लेषण किया गया है। इस अध्ययन में एम्स भोपाल की डॉ. संगीता मोइरंगथेम, सुश्री लीना लोखंडे और डॉ. अश्वनी टंडन का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा संदेशअध्ययन का निष्कर्ष साफ है कि तंबाकू सेवन पुरुष प्रजनन क्षमता के लिए गंभीर खतरा है, खासकर शुक्राणुओं की जीवितता के लिए। भारत जैसे देश में, जहां धूम्रपान और चबाने वाला तंबाकू दोनों ही व्यापक हैं, यह रिसर्च एक मजबूत चेतावनी के रूप में सामने आया है। डॉक्टरों के अनुसार, आज तंबाकू छोड़ना, कल स्वस्थ संतान की संभावना बढ़ाना। यह फैसला न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी सुरक्षित कर सकता है। ये खबर भी पढ़ें... एम्स भोपाल में बढ़े प्रोस्टेट का इलाज अब बिना सर्जरी एम्स भोपाल ने मध्य प्रदेश के मरीजों के लिए नई चिकित्सा तकनीक की शुरुआत की है। डॉक्टरों ने प्रोस्टेट आर्टरी एम्बोलाइजेशन (PAE) तकनीक से बिना चीरा लगाए, बिना भर्ती किए और बिना यौन क्षमता पर असर डाले बढ़े हुए प्रोस्टेट (Benign Prostatic Hyperplasia - BPH) का इलाज करती है। पूरी खबर पढ़ें
'19 मिनट 34 सेकेंड वायरल वीडियो’ पिछले दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा ट्रेंड होने वाला की-वर्ड था। ये की-वर्ड हाल ही में वायरल हुए एक बंग्ला कपल के वीडियो से जुड़ा हुआ है। कपल के एक करीबी दोस्त ने सोशल मीडिया पर उनका इंटिमेट वीडियो पोस्ट किया था। इसके ही कुछ ही मिनटों बाद खुद के मोबाइल से सेल्फ प्लेजर के लिए कपल ने जो अपना प्राइवेट मूमेंट रिकॉर्ड किया था, वो करोड़ों लोगों की मोबाइल की स्क्रीन तक पहुंच गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से फिलहाल ये वीडियो रिमूव हो गया है, लेकिन भास्कर की पड़ताल में पता चला ये वायरल वीडियो सिर्फ बानगी है। टेलीग्राम पर सिर्फ 100 रुपए में सैकड़ों कपल के इंटिमेट और प्राइवेट मोमेंट्स बेचे जा रहे हैं। कस्टमर की डिमांड के हिसाब से ग्रुप के लिंक शेयर होते हैं। दलालों के पास छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बंगाल, दिल्ली, पंजाब, यूपी, बिहार जैसे अलग-अलग राज्यों के कपल के प्राइवेट वीडियो मौजूद हैं। सिर्फ कपल के ही नहीं 14 साल की बच्चियों से लेकर 40 साल तक की महिलाओं के न्यूड वीडियो इनके पास हैं। हैरानी की बात है सारे वीडियो प्राइवेट मोबाइल से लीक हुए हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने इसकी पड़ताल की। दलाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कपल्स और लड़कियों के वीडियो के रेट हाई हैं। इस रिपोर्ट में पढ़िए कैसे काम करता है पूरा नेटवर्क ? पहले डर्टी बिजनेस से जुड़ी ये 3 तस्वीरें देखिए... सोर्स की मदद से दलाल तक पहुंचा भास्कर डिजिटल बंग्ला कपल का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से तो रिमूव हो गया था। बावजूद लोगों के मोबाइल पर तेजी से पहुंच रहा था। एक सोर्स ने बताया कि, ये वीडियो टेलीग्राम पर बिक रहा है। हमने सोर्स के जरिए, एक दलाल से संपर्क किया। इस दलाल ने अपना नाम उज्जवल बताया, कॉलेज स्टूडेंट है। इससे हमने बंग्ला कपल के वीडियो के बारे में पूछा। उज्जवल ने QR कोड भेजकर कहा कि 100 रुपए डालिए, वीडियो मिल जाएगा। हमने पेमेंट किया, दूसरी ओर से एक लिंक आई और वीडियो मिल गया। एज ग्रुप और लोकेशन के हिसाब से रेट इसके बाद हमने उज्जवल से बातचीत आगे बढ़ाई। इसने हमें बताया एज ग्रुप और लोकेशन के हिसाब से रेट तय है। वीडियो कई मिल जाएंगे। 14 से 25 साल की लड़कियों के वीडियो का 200 से 400 के बीच है। वहीं बाकी एज ग्रुप का 100 से 200 रुपए का रेट बताया। हमने उज्जवल से पूछा छत्तीसगढ़ के कपल या लड़कियों के वीडियो भी हैं क्या? उज्जवल ने बोला- मुश्किल है, लेकिन जुगाड़ हो जाएगा। बस रेट ज्यादा लगेगा। इसके बाद हमने अलग–अलग एज ग्रुप और लोकेशन के हिसाब से कुछ और पेमेंट उज्ज्वल को किए। इसके बदले में उसने हमें कुछ ग्रुप्स के लिंक भेजे और ज्वाइन होने को कहा। हमने ग्रुप ज्वाइन किया। एक ग्रुप में हजारों वीडियो, सब प्राइवेट मोबाइल से रिकार्ड हुए उज्ज्वल ने लगभग चार से पांच ग्रुप से हमें जोड़ा। हर ग्रुप में हजारों वीडियो मिले। हैरानी की बात थी कि, 90% वीडियो प्राइवेट मोबाइल से रिकॉर्ड किए थे। यानी कपल ने अपने प्राइवेट मोबाइल से अपना इंटिमेट और सेक्शुअल इंटर-कोर्स का वीडियो शूट किया है। यही पैटर्न 14 से 20 साल की लड़कियों के बीच भी दिखा। इन लड़कियों ने भी बंद कमरे के भीतर खुद ही अपना न्यूड वीडियो अपने ही प्राइवेट मोबाइल से शूट किया है। ऐसे में बड़ा सवाल ये था कि, वीडियो दलालों तक कैसे पहुंच रहे ? दलाल ने बताया- लड़के अपने दोस्तों को भेजते हैं वीडियो, फिर हो जाता है वायरल इस सवाल के जवाब में उज्जवल ने बताया कि, उसके ही जैसे कई और लोग है, जो लीक वीडियो बेचते हैं। जिनका ग्रुप बना हुआ है। इसके अलावा भी दूसरे भी कई सोर्स हैं। इन सोर्स के जरिए ही वीडियो पहुंचता है। उज्जवल की माने तो ज्यादातर मामलों में लड़कों की ओर से ही वीडियो लीक किए जाते हैं। उज्जवल ने बताया कि कई बार तो लड़के वीडियो इंटेंशनली ही वायरल करने के लिए शूट करते हैं। वहीं कुछ लड़के अपने इंटर-कोर्स का वीडियो दोस्त के साथ शेयर करते हैं। इसके बाद वीडियो दोस्त के एंड से वायरल हो जाता है। बंग्ला कपल वाले केस में भी लड़के के दोस्त ने वीडियो चोरी कर वायरल किया। वहीं प्राइवेट वीडियो लीक करना रिवेंज पोर्न का हिस्सा भी होता है। इसके अलावा साइबर क्रिमिनल भी थर्ड पार्टी एप्स या लिंक के जरिए प्राइवेट डेटा चोरी करते हैं। चाइल्ड पोर्न का बड़ा डेटा सर्वर पर सेव इन सबके अलावा उज्जवल ने हमें एक सर्वर का लिंक भी शेयर किया। इस सर्वर में एक्सेस करते ही हमारे सामने 5000 से अधिक वीडियो दिखे। ये सब बच्चों के पोर्न वीडियो थे। इन बच्चों की उम्र 8 साल से 14 साल के बीच है। यानी बड़े पैमाने पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी टेलीग्राम के जरिए सेल और शेयर किए जा रहे हैं। सेल्फ प्लेजर के लिए इंटर-कोर्स का वीडियो शूट कर रहे लोग डिफरेंट मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों कई बड़े सोशल मीडिया के इन्फ्लूएंसर के प्राइवेट वीडियो तेजी से वायरल हुए हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि, कोई व्यक्ति विशेष या कपल सेल्फ प्लेजर के लिए इंटर-कोर्स का वीडियो शूट करते हैं। मनोविज्ञान की भाषा में इसे कटोप्ट्रोनोफिलिया कहा जाता है। यानी एक ऐसी मनोवैज्ञानिक प्रवृत्ति जिसमें व्यक्ति को खुद को संभोग या यौन गतिविधि करते हुए देखने से यौन उत्तेजना और आनंद मिलता है। इसमें व्यक्ति मिरर, कैमरा, मोबाइल रिकॉर्डिंग या वीडियो के जरिए खुद को देखना पसंद करता है। इसके पीछे पोर्नोग्राफी और सोशल मीडिया बड़ी वजह इस तरह के सेक्स की चाहत रखने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे खुद के शरीर को लेकर अत्यधिक सेल्फ फोकस होना, सेक्शुअल लाइफ में नयापन या उत्तेजना की तलाश। पोर्नोग्राफी और सोशल मीडिया का प्रभाव या रिश्तों में भावनात्मक दूरी भी इसका बड़ा कारण हो सकता है। ये बीमारी नहीं, लेकिन फोर्स करना गलत है डॉक्टर कहते हैं कि, अगर यह आपसी सहमति, निजी दायरे और किसी को नुकसान पहुंचाए बिना हो, तो इसे मानसिक रोग नहीं माना जाता। लेकिन अगर यह किसी पर जबरदस्ती थोपी जाए। ब्लैकमेल, धमकी या दबाव से जुड़ जाए या रिश्ते में डर और असुरक्षा पैदा करे, तो यह मानसिक और कानूनी समस्या बन जाती है। एक्सपर्ट बोले- मोबाइल प्राइवेट, लेकिन डेटा नहीं मामले में साइबर एक्सपर्ट अक्षय बाजपेयी का कहना है कि, आज के दिन में किसी व्यक्ति के हाथ में रखा मोबाइल प्राइवेट हो सकता है, लेकिन उस मोबाइल के भीतर जो डेटा है, वो प्राइवेट होगा इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता। एक छोटी गलती और आपके मोबाइल का पूरा डेटा थर्ड पार्टी के पास चला जाता है। ऐसे में सेल्फ प्लेजर के लिए अपना या अपने पार्टनर के साथ प्राइवेट वीडियो शूट कर रहे हैं तो प्राइवेसी ब्रीच का खतरा बना रहता है। वीडियो/फोटो किसी के हाथ लगा तो ब्लैकमेलिंग की जा सकती है। सिर्फ एक पार्टनर के कहने पर किया जा रहा है, तो दूसरे के भीतर ये मानसिक तनाव, अवसाद और भय पैदा कर सकता है। रिश्तों में अविश्वास और हिंसा भी बढ़ सकती है। भारत में अश्लील वीडियो पर 3 कानून इंटरनेट की काली दुनिया से ऐसे बचें प्राइवेसी सेटिंग्सः इंस्टाग्राम, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया अकाउंट को पब्लिक न रखें। सेटिंग्स में जाकर अपने अकाउंट को प्राइवेट करें। किसी पोस्ट पर लोकेशन शेयरिंग का ऑप्शन ऑफ रखें। फ्रेंड रिक्वेस्टः जिन्हें आप जानते हैं उनके ही फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करें। कभी भी पर्सनल सूचनाएं जैसै अपना फोन नंबर, एड्रेस या लाइव लोकेशन शेयर न करें। विज्ञापनों से सावधानः सामान्य काम के बदले अच्छी सैलेरी देने के विज्ञापनों के झांसे में न आएं। कंपनी की विश्वसनीयता और उसके टर्म एंड कंडीशंस को जांच लें। एक्शन लेंः सोशल मीडिया पर आपके अकाउंट से छेड़छाड़ होने पर तुरंत अनफ्रेंड या ब्लॉक करें। बिना देरी किए इसकी रिपोर्ट करें। ऐसे किसी पोस्ट का स्क्रीनशॉट भी करें।
हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ने 8 भर्तियों के लिए एग्जामिनेशन शेड्यूल जारी कर दिया है। शेड्यूल के अनुसार जनवरी में 6 प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की जाएगी। वहीं फरवरी व मार्च में भी एक-एक प्रतियोगी परीक्षा होगी। HPSC की ओर से जारी शेड्यूल के अनुसार 1 फरवरी को पीजीटी इंग्लिश का सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट होगा। वहीं 15 मार्च को पर्यावरण विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर का स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित होगा। इसके अलावा सिविल इंजीनियरिंग ओर कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के लेक्चरर पोस्ट के लिए 19 जनवरी को एग्जाम होगा। इंजीनियरिंग पदों के लिए 20 व 21 को एग्जाम मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लेक्चरर पद के लिए 20 जनवरी को पूर्व दोपहर में तथा फोरमैन इंस्ट्रक्टर के लिए 20 जनवरी को दोपहर बाद परीक्षा आयोजित होगी। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का सब्जेक्टर नॉलेज टेस्ट 21 जनवरी को तथा लेक्चरर इन फार्मेसी के लिए भी 21 जनवरी को सब्जेक्टर नॉलेज टेस्ट आयोजित किया जाएगा। हालांकि अभी परीक्षा शेड्यूल ही जारी किया गया है, परीक्षा केंद्रों की डिटेल अभी जारी नहीं हुई है। परीक्षा केंद्रों की डिटेल एडमिट कार्ड के साथ ही जारी की जाएगी। आयोग मुख्यालय होता है केंद्र आयोग के द्वारा जिन परीक्षाओं में कैंडिडेट कम होते हैं, उनके लिए आयोग मुख्यालय ही केंद्र बनाया जाता है। वहीं कैंडिडेट की संख्या बढ़ने पर पंचकूला के निजी स्कूलों में केंद्र बनाए जाते हैं। हालांकि अभी इसकी डिटेल आयोग के द्वारा शेयर नहीं की गई है।
कोहरे की वजह से दिल्ली से मध्यप्रदेश आने वाली 15 से ज्यादा ट्रेनें हर रोज 20 मिनट से 5 घंटा तक लेट है। मौसम विभाग ने गुरुवार को भी घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में ट्रेनों के देरी से आने का दौर आज भी जारी रहेगा। गुरुवार को एमपी के 12 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट है। इनमें ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज और सीधी शामिल हैं। वहीं, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर और इंदौर में कोल्ड वेव यानी, शीतलहर चलेगी। कोहरे की वजह से ये ट्रेनें हो रही लेटकोहरे की वजह से दिल्ली से आने वाली ट्रेनें ज्यादा लेट हो रही है। इनमें शताब्दी, छत्तीसगढ़, राप्ती सागर, पातालकोटा, कुशीनगर, सचखंड, अमृतसर-नांदेड़, मदुरई-चंडीगढ़, तमिलनाडु, केरल, भोपाल एक्सप्रेस, कर्नाटक संपर्क क्रांति आदि शामिल हैं। इसके अलावा भोपाल रेलवे स्टेशन पर मालवा एक्सप्रेस भी देरी से आ रही है। दिल्ली में खराब मौसम और कोहरे का असर यहां भी देखा जा रहा है। कई ट्रेनें अन्य रूट से इंदौर-उज्जैन पहुंचती हैं। इन पर भी कोहरे का असर पड़ा है। शाजापुर में 50 मीटर बाद कुछ नहीं दिखा, भोपाल-ग्वालियर में भी कोहराइससे पहले बुधवार सुबह भोपाल, ग्वालियर समेत 22 जिलों में कोहरा छाया रहा। कोहरे की वजह से ट्रेनें-फ्लाइट भी डिले हुई। भोपाल, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, दमोह, सागर और विदिशा में घना कोहरा छाया रहा। ग्वालियर, नर्मदापुरम, उज्जैन, मंडला, रीवा, सतना में 1 से 2 किलोमीटर तक विजिबिलिटी रही। वहीं, भोपाल, जबलपुर, खजुराहो, नौगांव, मलाजखंड, दतिया, गुना, इंदौर, रतलाम में 2 किमी के बाद कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। कोहरा छाने के दौरान वाहनों को सावधानी से चलाने की समझाइश भी दी गई। शाजापुर में इतना कोहरा था कि 50 मीटर के बाद कुछ भी नहीं दिख रहा था। मंदसौर-शाजापुर सबसे ठंडे, पारा 4 डिग्री से नीचेमौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार-बुधवार की रात प्रदेश के कई शहरों में पारे में खासी गिरावट देखी गई। 5 बड़े शहरों की माने तो इंदौर में सबसे कम 4.9 डिग्री रहा। भोपाल में 5.1 डिग्री, ग्वालियर में 9.8 डिग्री, उज्जैन में 8 डिग्री और जबलपुर में 8.6 डिग्री रहा। मंदसौर प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा। यहां न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री पहुंच गया। शाजापुर में पारा 3.8 डिग्री रहा। वहीं, राजगढ़ में 4.4 डिग्री, पचमढ़ी-नौगांव में 5.4 डिग्री, उमरिया-मलाजखंड में 5.6 डिग्री, रायसेन में 6.6 डिग्री, छिंदवाड़ा में 6.8 डिग्री, रीवा में 7 डिग्री, मंडला में 8.1 डिग्री, खंडवा-सतना में 8.4 डिग्री, दमोह-बैतूल में 8.5 डिग्री, नरसिंहपुर में 8.6 डिग्री, खजुराहो, रतलाम-गुना में 9.6 डिग्री और दतिया में 9.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह कोहरा...इसलिए गाड़ी संभलकर चलाने की सलाहप्रदेश में कोहरा छा रहा है। ऐसे में एक्सपर्ट ने लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग करने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने हेल्थ और फसलों को लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। 19 दिसंबर से फिर नया सिस्टम, ठंड बढ़ेगीमौसम विभाग के अनुसार, नए नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) 19 दिसंबर से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है। जिसका असर एमपी में अगले दो-तीन दिन में दिखाई देने लगेगा। इसके पीछे ही एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ रहा है। इससे ठंड का असर और भी बढ़ेगा। जेट स्ट्रीम की रफ्तार 185 किमी प्रतिघंटावर्तमान में जेट स्ट्रीम भी चल रही है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में जेट स्ट्रीम का असर है। बुधवार को यह जमीन से 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 185 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही है। बीते दिनों रफ्तार 222 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच चुकी है। क्या होती है जेट स्ट्रीम?मौसम एक्सपर्ट की माने तो प्रदेश में ठंड बढ़ने की वजह खास वजह जेट स्ट्रीम भी है। यह जमीन से लगभग 12 किमी ऊंचाई पर चलने वाली तेज हवा है। इस बार रफ्तार 222 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई है। यह देश के उत्तरी हिस्से में सक्रिय है। पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवा के अलावा ये ऊंची हवा सर्दी बढ़ा रही है। उत्तर के मैदानी इलाकों से जब ठंडी हवा और पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवा हमारे यहां आती है, तब तेज ठंड पड़ती है। यह सब उत्तर भारत में पहुंचने वाले मौसमी सिस्टम वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण होता है। ऐसे में यदि जेट स्ट्रीम भी बन जाए तो सर्दी दोगुनी हो जाती है। इस बार यही हो रहा है। नवंबर में रिकॉर्ड तोड़ चुकी है सर्दीइस बार नवंबर में सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली। रिकॉर्ड के अनुसार, साल 1931 के बाद शीतलहर के यह सबसे ज्यादा दिन है। दूसरी ओर, 17 नवंबर की रात में पारा 5.2 डिग्री तक पहुंच गया, जो ओवरऑल रिकॉर्ड भी रहा। इससे पहले 30 नवंबर 1941 में तापमान 6.1 डिग्री रहा था। इंदौर में भी पारा 6.4 डिग्री ही रहा। यहां भी सीजन की सबसे सर्द रात रही। 25 साल में पहली बार पारा इतना लुढ़का। ठंड के लिए दिसंबर-जनवरी खासमौसम विभाग के अनुसार, जिस तरह मानसून के चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर) में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं और इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है, ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं। इसलिए टेम्परेचर में अच्छी-खासी गिरावट आती है। सर्द हवाएं भी चलती हैं। पिछले 10 साल के आंकड़े यही ट्रेंड बताते हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से दिसंबर में मावठा भी गिरता है। इससे दिन में भी सर्दी का असर बढ़ जाता है। अब जानिए दिसंबर में कैसी रहेगी ठंड? मौसम का ट्रेंड देखें तो दिसंबर में स्ट्रॉन्ग वेस्टर्न डिस्टरबेंस आते हैं। वहीं, उत्तरी हवाएं आने से दिन-रात के तापमान में गिरावट होती है। इस बार भी यही अनुमान है। इन जिलों में सबसे ज्यादा सर्दी रहेगी 20-22 दिन चल सकती है कोल्ड वेवमौसम एक्सपर्ट की मानें तो दिसंबर में प्रदेश के कई शहरों में कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं चलेंगी। जनवरी में यह 20 से 22 दिन तक चल सकती है। इसलिए रहेगा कड़ाके की ठंड का दौर ला नीना ने दिया ठंड को लंबा धक्का पहाड़ों पर जल्दी बर्फबारी, ठिठुरन बढ़ाई ठंडी हवाएं 25% ज्यादा अंदर तक घुसी पश्चिमी विक्षोभ का लगातार सक्रिय रहना MP के 5 बड़े शहरों में दिसंबर में ऐसा ट्रेंड भोपाल में 3.1 डिग्री रिकॉर्ड हो चुका टेम्प्रेचरभोपाल में दिन-रात ठंड और बारिश का ट्रेंड रहा है। 10 में से पिछले 5 साल से भोपाल दिसंबर में भीग रहा है। आधा से पौन इंच तक बारिश हो गई। इस बार भी बारिश होने के आसार हैं। दिसंबर में ठंड की बात करें तो 11 दिसंबर 1966 की रात में पारा 3.1 डिग्री पहुंच गया था। यह अब तक का ओवरऑल रिकॉर्ड है। 3 साल पहले 2021 में पारा 3.4 डिग्री पहुंच चुका है। इंदौर में 5 से 8 डिग्री के बीच रहा है पाराइंदौर में दिसंबर में रात का तापमान 5 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। पिछले साल तापमान 8.6 डिग्री तक पहुंच गया था। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिन में पारा 28 से 31 डिग्री के बीच ही रहता है। इस महीने इंदौर में बारिश भी होती है। पिछले 4 साल से बारिश हो रही है। 31 दिसंबर 2015 को दिन का सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। 27 दिसंबर 1936 की रात में टेम्प्रेचर 1.1 डिग्री रहा था। सर्वाधिक कुल मासिक बारिश वर्ष 1967 को 108.5 मिमी यानी 4.2 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 53 मिमी यानी 2.1 इंच बारिश 17 दिसंबर 2009 को हुई थी। ग्वालियर में सबसे ज्यादा सर्दीग्वालियर में दिन में गर्मी तो रात में ठंड रहती है। पिछले 10 साल में यहां अधिकतम तापमान 26.2 से 31.6 डिग्री तक रह चुका है। वहीं, रात में पारा 1.8 से 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। 6 दिसंबर 2006 को दिन का तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। 26 दिसंबर 1961 को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री पहुंचा था। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 106.6 मिमी यानी 4.1 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 13 दिसंबर 2013 को 32.1 मिमी यानी 1.2 इंच हुई थी। जबलपुर में तेज रहता है सर्दी का असरजबलपुर में दिसंबर में बारिश होने का भी ट्रेंड है। 28 दिसंबर 1960 को दिन का तापमान 33.2 डिग्री पहुंच चुका है। 28 दिसंबर 1902 की रात में तापमान 0.6 डिग्री रहा था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वर्ष 1885 में सर्वाधिक मासिक बारिश 125 मिमी यानी 4.9 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 68.1 मिमी यानी 2.6 इंच 16 दिसंबर 1885 का है। उज्जैन में भी कड़ाके की ठंडउज्जैन में दिन का औसत तापमान 28.2 डिग्री और रात में 9.4 डिग्री सेल्सियस है। इस महीने औसत 4.6 मिमी बारिश होती है। पिछले पांच साल से उज्जैन में दिसंबर में बारिश हो रही है। 18 दिसंबर 2002 को दिन में टेम्प्रेचर 34.9 डिग्री पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 28 दिसंबर 1968 और 29 दिसंबर 1983 को रात में पारा 0.5 डिग्री पहुंच चुका है। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 119.4 मिमी यानी 4.7 इंच बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश की बात करें तो 11 दिसंबर 1967 को 35.3 मिमी यानी 1.3 इंच बारिश हुई थी।
हरियाणा में हांसी 23वां जिला घोषित किया गया है। जिला घोषित होने के बाद करीब एक सप्ताह में नोटिफिकेशन जारी करने की बात CM नायब सैनी ने कही है। सियासी इतिहास देखा जाए प्रदेश में 5 सीएम ने 15 जिले बनवाए। चौ. देवीलाल ने तो एक ही दिन में 4 जिले बनाने की घोषणा की थी। जबकि उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला जो 5 बार में कुल 6 साल सीएम रहे, उन्होंने एक भी जिला नहीं बनाया। वे इकलौते फुल टाइमर सीएम हैं, जिन्होंने जिला नहीं बनाया। एक और दिलचस्प फैक्ट यह है कि जिस भी सीएम ने नया जिला बनाया, उसे अगली बार बहुमत नहीं मिला। भूपेंद्र हुड्डा ने पहले कार्यकाल में 2005 में मेवात और 2008 में पलवल जिला बनाया। 2009 में सरकार बनाने के लिए उन्हें हजकां के विधायक तोड़ने पड़े। इसी तरह मनोहरलाल खट्टर ने 2016 में दादरी जिला बनाया। 2019 में बहुमत जुटाने के लिए JJP का सहारा लेना पड़ा। हालांकि जिस पार्टी की सरकार में जिला बनाया, उस नए जिले में उस पार्टी का लंबे समय तक दबदबा रहा। अब हांसी को जिला बनाने के पीछे भी भाजपा के इसी मास्टर स्ट्रोक को देखा जा रहा है। हांसी जिले के साथ लगती सीटें नारनौंद, हिसार, बरवाला, बवानीखेड़ा और नलवा में फायदा मिलने की उम्मीद है। नारनौंद को छोड़ दें तो बाकी सभी विधानसभा में भाजपा के ही विधायक हैं। हरियाणा में नए जिले बनाने के पीछे हमेशा दो मुख्य तर्क रहे हैं इसमें पहला प्रशासनिक सुविधा और दूसरा राजनीतिक लाभ। आइए जानते हैं किस मुख्यमंत्री ने कौन से जिले बनाएं... उधर, हांसी के नया जिला बनने के बाद हलचल तेजवहीं, नए जिले की घोषणा के बाद हांसी में हलचल तेज हो गई है। DC व अन्य अधिकारियों के बैठने व उनके कार्यालय को लेकर मंथन चलता रहा। विधायक विनोद भयाना के अनुसार उपायुक्त उपमंडल कार्यालय में ही बैठेंगे और जल्द ही उनके लिए एक स्थायी कार्यालय तैयार किया जाएगा। डीसी कार्यालय के साथ-साथ आने वाले समय में अन्य आवश्यक विभागों के कार्यालय भी हांसी में स्थापित किए जाएंगे। यह कहां बनेंगे इसके लिए मंथन जारी है। 8 साल बाद हिसार रेंज में 5 जिले शामिलदूसरी ओर हांसी जिले का स्वरूप तय कर लिया गया है। हरियाणा कैबिनेट ने हांसी को 23वां जिला बनाने की मंजूरी दे दी है। हांसी जिले में हांसी और नारनौंद विधानसभा क्षेत्रों के 110 गांव शामिल होंगे। नए जिले में 2 उप मंडल, 3 तहसील, 1 उप-तहसील और 3 ब्लॉक होंगे। सरकार ने जिला बनाने के लिए 4 मंत्रियों की एक कमेटी बनाई हुई है। कमेटी को बवानीखेड़ा के 22 गांवों का रेज्युलेशन मिल चुका है। इन पंचायतों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से भिवानी की जगह हांसी में शामिल होने का मांग पत्र सौंपा था। इसके अलावा हांसी को जिला बनाने से 8 साल बाद हिसार रेंज में फिर से 5 जिले हो जाएंगे। 2017 में भिवानी रोहतक रेंज में शामिल हो गया था। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें... हरियाणा के 23वें जिले को कैबिनेट की मंजूरी:हांसी में 110 गांव शामिल होंगे, लिस्ट जारी; 2 उपमंडल और 3 तहसीलें बनाईं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में हांसी को नया जिला बनाने की मंजूरी मिल गई है। इस निर्णय के साथ ही हांसी हरियाणा राज्य का 23वां जिला होगा। विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में गठित राज्य पुनर्गठन समिति ने 9 दिसंबर, 2025 को अपनी बैठक में जिला हांसी के गठन को स्वीकृति देते हुए इसकी सिफारिश की थी। इसे बाद में मुख्यमंत्री की मंजूरी मिली। पूरी खबर पढ़ें...
हरियाणा के गुरुग्राम में स्पोर्ट्स एकेडमी संचालक को रेप के झूठे केस में फंसाने वाली एयर इंडिया की पूर्व केबिन क्रू युवती ने पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि एयर इंडिया से नौकरी छूटने के बाद उसे पैसों की तंगी आ गई थी। लग्जरी लाइफ स्टाइल में रहने की आदत और जरूरतें पूरी करने के लिए पैसे चाहिए थे। इसी वजह से उसने जेल में बंद अपने लिव-इन पार्टनर अभिषेक के दोस्त जितेंद्र उर्फ बिट्टू के कहने पर झूठा रेप केस दर्जा कराने की सोची। जिस एकेडमी संचालक पर रेप का आरोप लगाया, उसकी पत्नी ने बिट्टू के खिलाफ रेप का केस दर्ज करवा रखा है। बिट्टू को बदला चाहिए था और युवती को पैसे। तय हुआ कि ब्लैकमेल करने से जो पैसे मिलेंगे, उसे युवती रखेगी। पुलिस के मुताबिक, यह युवती अभिषेक नाम के युवक के साथ लिव-इन रिलेशन में रहती थी। अभिषेक ने शादी से इनकार कर दिया तो युवती ने उसके खिलाफ सेक्टर-14 में रेप की FIR दर्ज करवा दी। जेल में रहते हुए अभिषेक ने शादी करने की हामी भर ली तो वह फिर से उससे मिलने जाने लगी। वह अभिषेक पर भी पैसे देने का दबाव बना रही थी। रेप की FIR कराने वाली युवती की कहानी... पुलिस को सुनाई झूठी कहानीयुवती ने 11 दिसंबर 2025 को DLF फेज-2 थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा कि उसने ऑनलाइन नौकरी के अप्लाई किया था। इंटरव्यू के बहाने 15 नवंबर को सोहना के एक शख्स ने उसे MG रोड मेट्रो स्टेशन पर बुलाया। वह उसे कार में बिठाकर MGF मेट्रोपोलिटन मॉल ले गया। कार को अजय नाम का युवक चला रहा था। कुछ मिनट बाद उसे वापस मेट्रो स्टेशन की तरफ लेकर निकले। इसी बीच चलती कार में उसके साथ रेप किया गया। पुलिस ने जांच की तो खुली पोलDLF-2 थाना SHO मनोज ने बताया कि पुलिस जांच में CCTV फुटेज, कॉल डिटेल्स और तकनीकी साक्ष्यों से पूरी कहानी झूठी साबित हुई। क्योंकि जिस इलाके में रेप होना बताया गया, वह पूरा इलाका CCTV सर्विलांस पर है। बताई गई तारीख को वह आरोपी के साथ दिखाई नहीं दी। 14 दिसंबर को युवती को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने सारी बात बता दी। पुलिस अब महिला के पुराने रिकॉर्ड की भी छानबीन कर रही है। 3 पॉइंट में समझिए रेप की उलझी हुई कहानी... ॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें... गुरुग्राम में रेप की FIR कराने वाली युवती अरेस्ट:अपनी ही बनाई कहानी में फंसी; बॉयफ्रेंड के दोस्त संग रची थी ब्लैकमेलिंग की साजिश हरियाणा के गुरुग्राम में रेप की FIR करवाकर ब्लैकमेल करने के आरोप में पुलिस ने एक युवती को अरेस्ट किया है। इस युवती ने अपने बॉयफ्रेंड के खिलाफ ही रेप का केस दर्ज करवाकर जेल भिजवाया था। जब उसे पैसे की जरूरत पड़ी तो उसने बॉयफ्रेंड के दोस्त की मदद ली। पूरी खबर पढ़ें...
बुधवार को पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल ने कानपुर कमिश्नरेट के थानेदारों संग क्राइम मीटिंग की। क्राइम मीटिंग में साफ कह दिया गया कि अब थाने और कमरों में रेस्ट करने वाले थानेदारों को थाने की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। उन्होंने गोविंद नगर इंस्पेक्टर से कहा कि थाना क्षेत्र से बोरे में भरकर मोबाइल लेकर चोर ऑटो में रखते हैं और फरार हो जाते हैं आप क्षेत्र में निकलते नहीं है… क्या करते रहते हैं? आराम इतना ही प्यारा है तो साइड पोस्टिंग करा लीजिए। वहीं उन्होंने कहा कि मौसम बदल रहा है, चोरी की घटनाएं किसी हालत में नहीं होनी चाहिए। अगर आप क्षेत्र में गश्त करेंगे तो निश्चित रूप से चोरी पर लगाम लगाई जा सकती है। थानों से खुद भी निकलिए और पेट्रोलिंग पार्टी को भी निकालिए। गलियों से लेकर सड़क और मुख्य बाजारों में पुलिस का मूवमेंट दिखना चाहिए। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि चौकीदारों के साथ बैठक कर उन्हें अलर्ट करें। थानाक्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों का डॉयरेक्शन लगातार चेक करते रहें, अगर फरफार्मेंस ठीक है तो ही थानों में तैनाती रहेगी। उन्होंने सीएम डेशबोर्ड और आईजीआरएस की गिरती रैंकिंग को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि हर हाल में आईजीआरएस की रैंकिंग अपने अपने थानों की ठीक करें। थाने में आने वाले फरियादी संतुष्ट होने चाहिए पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल ने कहा कि थाने में आने वाला फरियादी हर हाल में संतुष्ट होना चाहिए। पुलिस कर्मियों पर कोई आरोप न लगे, इस बात का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने बाबूपुरवा, कोहना, ग्वालटोली, जाजमऊ और कल्याणपुर इंस्पेक्टर को चेतावनी देते हुए कहा कि आप लोग रेड जोन में हैं, बहुत दिन इस तरह से काम नहीं चल पाएगा। आपके थाना क्षेत्र में कितने इनामी अपराधी है… संख्या बताने पर पूछा गया कि इनाम कब हुआ और कब बढ़ा है? इसका जवाब देने पर कहा गया कि अभी तक ये क्रिमिनल्स बाहर क्यों घूम रहे हैं? क्या चाहते हैं कि लगातार वारदातें होती रहें। रात में खुलने वाली दुकानों को चेक करें इस पर थानेदारों ने सिर नीचा कर लिया सभी थानेदारों को नाइट चेकिंग करने और संदिग्ध लोगों के मिलने पर टोकने के लिए कहा गया। थानाक्षेत्र में कहां–कहां रात के समय देर तक दुकानें खुल रही हैं, इनकी जांच करने के लिए कहा गया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दुकानें खुलने पर यहीं अपराधी रुकते हैं और शिकार की तलाश करते हैं। जिन थाना क्षेत्रों में रेलवे स्टेशन और बस अड्डे समेत सार्वजनिक स्थल हैं, वहां लगातार चेकिंग कर संदिग्धों की धरपकड़ के लिए कहा गया।
पंजाब के मोहाली में कत्ल किए गए कबड्डी प्लेयर के मर्डर की प्लानिंग रूस में हुई। इसके बाद मास्टरमाइंड भारत आया। शूटर्स को हथियार और दूसरा लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराया। जिसके बाद मोहाली में चलते टूर्नामेंट में राणा बलाचौरिया की हत्या कर दी गई। पुलिस की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है कि राणा बलाचौरिया ने बंबीहा गैंग के गैंगस्टरों का फोन नहीं उठाया था, यह फोन आर्मेनिया बैठे लक्की पटियाल या उसके साथी डोनी बल ने किया था, इसकी पुलिस जांच कर रही है। इसी से गुस्साए गैंगस्टरों ने उसकी हत्या की साजिश रच डाली। पुलिस जांच में यह भी पता चला कि मर्डर से लेकर हाइडआउट यानी कत्ल के बाद सबके छुपने के लिए परफेक्ट प्लानिंग की गई थी। अगर मास्टरमाइंड न पकड़ा जाता तो पुलिस को कातिलों को पकड़ने में समय लग सकता था। हालांकि मोहाली पुलिस ने विदेश फरार हो रहे मास्टरमाइंड को दबोच लिया तो सारा मामला खुलकर सामने आ गया। कबड्डी प्लेयर के प्लानिंग से कत्ल तक की कहानी *************************बलाचौरिया हत्याकांड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... कबड्डी प्लेयर मर्डर की परफेक्ट प्लानिंग:हर पल रेकी हुई, पॉइंट ब्लैंक से सिर में गोली मारी; राणा बलाचौरिया को साइड में ले जाने वाला कौन? कबड्डी प्लेयर को छोटे भाई ने दी मुखाग्नि:मोहाली में सिर के पीछे मारी गोली मुंह से निकली थी; पुलिस बोली- सिद्धू मूसेवाला मर्डर से लेना-देना नहीं कबड्डी प्लेयर हत्याकांड, 11 दिन पहले हुई थी शादी:हिमाचल के शाही परिवार से नाता; सिखों के दसवें गुरू ने इनके घर 100 साखियां लिखीं मोहाली में कबड्डी खिलाड़ी की गोलियां मारकर हत्या:फैंस बनकर आए हमलावर, बंबीहा गैंग बोला- सिद्धू मूसेवाला की हत्या का बदला लिया
भिवानी के गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी मनीषा की मौत मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की जांच जारी है। मनीषा के शव मिलने की घटना को बीते 128 दिन हो चुके हैं। लेकिन अभी भी मामला हत्या व आत्महत्या के बीच उलझा हुआ है। मनीषा के पिता गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी संजय ने बताया कि सीबीआई की जांच लंबी चलती जा रही है। लेकिन अभी तक सीबीआई ने कोई खुलासा नहीं किया है। जिसके कारण गांव में पंचायत की गई। इस पंचायत में गांव के मौजिज लोग शामिल हुए थे। जिसके बाद सभी ने मिलकर फैसला लिया और 31 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया। अगर सीबीआई 31 जनवरी तक खुलासा कर देती है तो ठीक है। अगर 31 जनवरी तक कोई खुलासा नहीं होता है तो वे फिर से महापंचायत करेंगे। जिसमें बड़ा निर्णय लिया जाएगा और आगे की रणनीति भी उसी महापंचायत में की जाएगी। सीबीआई से अंतिम उम्मीदसंजय ने कहा कि जितना समय बीतता जा रह है, उतनी ही आस टूटती जा रही है। क्योंकि लंबा समय लगने के बाद न्याय की उम्मीद भी कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि सीबीआई से ही अंतिम उम्मीद है। क्योंकि सीबीआई देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी है। जिससे न्याय की पूरी उम्मीद है। हालांकि सीबीआई इस मामले को हत्या मान रही है और उसकी के आधार पर जांच कर रही है। लेकिन अभी तक इस मामले में खुलासा नहीं किया गया है कि यह हत्या किसने व कैसे की। हत्या करने वालों का खुलासा किया जाए और उनको कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए। 11 अगस्त को लापता हुई, 13 अगस्त को शव मिलागांव ढाणी लक्ष्मण निवासी संजय ने बताया था कि उसकी बेटी मनीषा 11 अगस्त को प्ले स्कूल में ड्यूटी पर गई थी। इसके बार वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जाने की बात कहकर गई थी। जिसके बाद मनीषा घर नहीं लौटी। इसके बाद 13 अगस्त को मनीषा का शव गांव सिंघानी के खेतों में पड़ा हुआ मिला। इसके बाद परिवार ने हत्या का आरोप लगाया और पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। लोगों ने मनीषा को न्याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन किया। वहीं 18 अगस्त को पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया। इसके बाद लोगों का विरोध बढ़ गया। बढ़ते आंदोलन को देखते हुए मनीषा का तीसरी बार दिल्ली एम्स में पोस्टमॉर्टम करवाया और जांच CBI को सौंप दी। भिवानी 4 दफा जांच के लिए पहुंच चुकी CBIबता दें कि पुलिस द्वारा जांच के बाद हरियाणा सरकार ने इस मामले को CBI को सौंप दिया था। जिसके बाद 3 सितंबर को CBI की टीम भिवानी पहुंची। टीम जांच के लिए 4 बार भिवानी आ चुकी है और अपने स्तर पर जांच कर चुकी है। इसके बाद वह दिल्ली लौट गई। सीबीआई के भिवानी पहुंचने के बाद 107 दिन हो चुके हैं, लेकिन CBI की तरफ से अभी तक कोई ऑफिशियल जानकारी सांझा नहीं की है।
40 हजार किसानों को 426 करोड़ रुपए का भुगतान
मुंगेली | मुंगेली जिले के 66 समितियों के 105 खरीदी केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सुचारू रूप से जारी है। अब तक 17 लाख 94 हजार क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है, जिसमें मोटा 10 लाख 18 हजार 713 क्विंटल, पतला 135 क्विंटल और सरना 7 लाख 75 हजार 246 क्विंटल शामिल है। धान उठाव कार्य भी लगातार जारी है, अब तक 3 लाख 80 हजार क्विंटल से अधिक धान उठाया जा चुका है। धान खरीदी को पारदर्शी व सुव्यवस्थित बनाने के लिए किसानों को 3 दिन के भीतर भुगतान किया जा रहा है। अब तक 39 हजार 985 किसानों को 426 करोड़ 61 लाख से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है। जिले के 10 सहकारी बैंकों के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 2 हजार किसानों को 7 करोड़ रुपए से अधिक भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा 66 समितियों में माइक्रो एटीएम के माध्यम से प्रतिदिन 20 हजार रुपए तक का नगद भुगतान किया जा रहा है। अवैध धान भंडारण और परिवहन रोकने के लिए जिले की सीमाओं और चेक पोस्ट पर 24 घंटे निगरानी की जा रही है। संदिग्ध वाहनों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और सभी आंतरिक चेक पोस्ट पर टीम तैनात हैं।
किसानों ने किया चक्काजाम, यातायात ठप
भास्कर न्यूज | मरवाही/पेण्ड्रा धान खरीदी से जुड़ी समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश जिला जीपीएम के आह्वान पर किसानों ने मरवाही के सिवनी मोड़ पर एक दिवसीय चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में किसान सड़क पर बैठ गए, जिससे लंबे समय तक यातायात बाधित रहा। भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष रामनारायण राय ने बताया कि जिले के किसान लंबे समय से धान खरीदी, टोकन व्यवस्था और भुगतान से जुड़ी समस्याओं को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपते आ रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से किसान आंदोलन के लिए मजबूर हुए। किसानों ने कहा कि समितियों की धान खरीदी लिमिट आधी किए जाने से टोकन न कट पाने की समस्या, तुहर टोकन एप में आ रही दिक्कतों को देखते हुए ऑनलाइन टोकन 30% और ऑफलाइन 70% करने की मांग, समितियों द्वारा शासन के आदेश के विरुद्ध 40.700 के बजाय 40.800 व 40.900 तक तौल की शिकायत, बोरा तौल के नाम पर हमालों द्वारा अवैध वसूली, एग्रीस्टेक में किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होना, वारिसान पंजीयन अब तक शुरू न होना और बैंकों से धान भुगतान निकासी सीमा 30 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने की मांग की है। इस आंदोलन में जिला मंत्री सीताराम केंवट, जिला कोषाध्यक्ष गोविंद गुप्ता, तहसील अध्यक्ष चूड़ामन केंवट, सुशील चंद, सावन राय, माखन रजक, सुखदेव सिंह, अजय जायसवाल, शेरसिंह, संदीप राय, अमित तिवारी उपस्थित रहे। उग्र आंदोलन की चेतावनी आंदोलन की सूचना पर एसडीएम, जिला खाद्य अधिकारी एवं बैंक अधिकारी सुबह से ही आंदोलन स्थल पर मौजूद रहे। अधिकारियों ने किसानों को सोमवार तक सभी मांगों पर समाधान और व्यवस्था सुधारने का आश्वासन दिया, जिसके बाद चक्काजाम समाप्त किया गया। किसान नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि तय समय-सीमा में समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। भारतीय किसान संघ ने कहा कि किसानों को मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ा है और अब निर्णय सरकार व प्रशासन के हाथ में है।
अल्पसंख्यक मोर्चा: प्रदेश मीडिया प्रभारी बने सचिन
मुंगेली | भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ के प्रदेश कार्यालय से जारी सूचना के अनुसार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव की सहमति से भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा छत्तीसगढ़ की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित कर दी गई है। इस नई कार्यकारिणी में संगठनात्मक विस्तार और मजबूती को ध्यान में रखते हुए विभिन्न पदों पर नियुक्तियां की गई हैं। इस क्रम में सचिन मसीह को भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा छत्तीसगढ़ का प्रदेश मीडिया प्रभारी नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति को संगठन में संचार व्यवस्था को सशक्त बनाने और पार्टी की नीतियों, कार्यक्रमों एवं उपलब्धियों को जन-जन तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
नगर पंचायत कर्मियों को दो माह से वेतन नहीं मिला, हड़ताल पर बैठे
भास्कर न्यूज | कोटा कोटा नगर पंचायत में नियमित कार्यरत कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन का भुगतान नहीं किए जाने से कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए। नगर पंचायत कार्यालय परिसर के बाहर शुरू हुई हड़ताल के कारण कार्यालयीन कार्य प्रभावित हो गए हैं, जिससे आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन ही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है। घर-परिवार, बच्चों की पढ़ाई, किराया, बिजली-पानी और रोजमर्रा की जरूरतें वेतन पर निर्भर हैं। लगातार दो माह से वेतन न मिलने के कारण कई कर्मचारी आर्थिक संकट में हैं और कर्ज लेकर घर चलाने को मजबूर हैं। कर्मचारियों ने बताया कि उच्च अधिकारियों और नगर पंचायत प्रशासन को मौखिक व लिखित रूप से सूचित किया गया, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला। हड़ताल के कारण साफ-सफाई, जल आपूर्ति आदि तो प्रभावित नहीं हुई, लेकिन कार्यालयीन कार्य और अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं ठप हो गई हैं। हड़ताल पर बैठे कर्मचारी अरूण मानिकपुरी ने कहा, मुझे हर माह 25 हजार रुपए का लोन चुकाना पड़ता है, मैं वेतन पर ही आश्रित हूं। वेतन न मिलने से कर्ज लेकर ही घर चलाना पड़ रहा है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी राहुल यादव ने कहा कि वसूली कम होने के कारण कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं हो सका है और कल कर्मचारियों से मिलकर बातचीत की जाएगी। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक लंबित वेतन का भुगतान नहीं किया जाता, हड़ताल जारी रहेगी।
12 साल में जर्जर भवन में उप स्वास्थ्य केंद्र
लोहर्सी | मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के अंतिम छोर पर शिवनाथ नदी के किनारे स्थित ग्राम पंचायत अमलडीहा में करीब 12 वर्ष पूर्व निर्मित उप स्वास्थ्य केंद्र बदहाली का शिकार हो चुका है। जर्जर भवन और स्वास्थ्यकर्मियों की अनुपस्थिति के कारण यह केंद्र ग्रामीणों के लिए बेकार साबित हो रहा है। वर्तमान में यहां न डॉक्टर की पदस्थापना है और न ही नर्स, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हैं। छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी उन्हें कई किलोमीटर दूर जोंधरा या मस्तूरी जाना पड़ता है। इससे गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। बारिश के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। अमलडीहा में वर्षों पहले बना भवन अब भंडार में तब्दील हो गया है। ग्राम उदय अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कभी-कभार गांव आते हैं, लेकिन उनके ठहरने और कार्य करने की भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से जर्जर उप स्वास्थ्य केंद्र की मरम्मत या पुनर्निर्माण कराने तथा डॉक्टर व नर्स की नियमित नियुक्ति की मांग की है। -महेश राम
सेतगंगा व लालपुर में कार्यक्रम आज, सीएम शामिल होंगे
मुंगेली | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुंगेली विकासखण्ड के ग्राम सेतगंगा व लोरमी विकासखंड के लालपुर में 18 दिसंबर को गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे। निर्धारित दौरा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री साय 18 दिसंबर की सुबह 11.50 बजे साईंस कॉलेज ग्रांउड हेलीपेड रायपुर से हेलीकाप्टर द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 12.15 बजे सेतगंगा पहुंचेंगे और दोपहर 12.20 बजे से 01.20 बजे तक गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री साय दोपहर 1.25 बजे सेतगंगा से हेलीकाप्टर द्वारा प्रस्थान कर 1.40 बजे लालपुर धाम पहुंचेंगे और गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे।
समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया
दगोरी | छत्तीसगढ़ सन्नाडय कुर्मी क्षत्रिय समाज ने सामाजिक भवन चकरभाठा कैंप में सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती समारोह और प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह का आयोजन किया। समाज के अध्यक्ष परमेश्वर कौशिक ने कहा कि सामाजिक सहभागिता से ही समाज का विकास संभव है और पुरखों की विरासत को संजो कर रखना सभी का कर्तव्य है। कार्यक्रम का शुभारंभ सरदार पटेल और भारत माता की प्रतिमा के आरती-पूजन से हुआ। अतिथियों का स्वागत पुष्पहार और तिलक लगाकर किया गया। इसके बाद समाज के कोशाध्यक्ष गुरुजी संतोष कौशिक, महासचिव कृष्ण कुमार कौशिक और मनोज सन्नाडय ने छात्रों को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने छात्रों को सतत प्रयास और लक्ष्य निर्धारण के लिए प्रेरित किया। कक्षा पांचवीं, आठवीं, दसवीं, बारहवीं, स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी और तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त छात्रों को प्रतीक चिन्ह, श्रीफल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
खरीदी लिमिट बढ़ाने की मांग, समाधान का आश्वासन
सीपत | सीपत भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा ने भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्र के धान खरीदी केंद्रों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने धान खरीदी केंद्र धनिया, कुकदा, निरतु व उप केंद्र खम्हरिया का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान किसानों ने धान खरीदी केंद्रों में खरीदी लिमिट बढ़ाने और सर्वर में आ रही तकनीकी दिक्कतों से अवगत कराया। किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा ने तत्काल बिलासपुर डीएमओ अमित चंद्राकर से फोन पर चर्चा कर धान खरीदी केंद्रों की लिमिट बढ़ाने की मांग रखी। इस पर डीएमओ ने जल्द ही इस दिशा में पहल करने की बात कही। मंडल अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के धान का एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे किसान समृद्ध होंगे और आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वर व पोर्टल से जुड़ी तकनीकी समस्याएं जल्द ही दूर कर ली जाएंगी। इस मौके पर सतीश पाटनवार, ढोलाराम कैवर्त, नागेश्वर सिंह, देवेश शर्मा आदि मौजूद थे।
शराब और महुआ लाहन के साथ आरोपी गिरफ्तार
मुंगेली | जिले में अवैध शराब पर नियंत्रण के लिए आबकारी विभाग की कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में आबकारी वृत्त पथरिया द्वारा ग्राम गोइन्द्री में छापेमार कार्रवाई कर 8 लीटर कच्ची महुआ शराब व 40 किलो महुआ लाहन जब्त किया गया। जिला आबकारी अधिकारी रविशंकर साय ने बताया कि आरोपी कार्तिक राम यादव को मौके से पकड़कर उसके विरूद्ध छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1)(क), 34(2) तथा 59(क) के तहत वैधानिक प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में अवैध शराब व अपराधिक गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है। कार्रवाई की हुई टीम।
कर्मी गेट पर नंबर लेने से डरें नहीं, यह सिर्फ सर्वे है
सिटी रिपोर्टर | भिलाई भिलाई इस्पात संयंत्र में कर्मचारियों के आवश्यक कार्य से गेट से निकलने के दौरान पर्सनल विभाग द्वारा कर्मचारियों का पर्सनल नंबर नोट किए जा रहे हैं, जिससे कर्मचारी काफी भयभीत हो गए हैं। लगातार यूनियन पदाधिकारियों को इसकी शिकायत मिल रही है। कर्मचारियों के अनुसार गेट में जो पर्सनल नंबर नोट हो रहा है, उससे उन पर कार्रवाई होगी। मामले को लेकर भिलाई इस्पात मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने ईडी वर्क्स से मिलकर जानकारी ली। इस पर अफसर ने स्पष्ट कहा कि कर्मचारियों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। यह संयंत्र के भीतर ट्रैफिक का सर्वे मात्र है। संयंत्र के भीतर आए दिन दुर्घटना हो रही है, जिसमें कर्मचारियों को शारीरिक क्षति हो रही है। संयंत्र के भीतर बढ़े हुए भारी ट्रैफिक को कैसे नियंत्रित किया जाए, यह उसकी प्रक्रिया है। मौके पर यूनियन के उपाध्यक्ष आईपी मिश्रा, शारदा गुप्ता, वशिष्ठ वर्मा, हरिशंकर चतुर्वेदी ने कैंटीन रेस्ट रूम की व्यवस्था में सुधार, टॉयलेट संधारण आदि की भी मांग रखी।
प्रतिबंध के बावजूद चल रहे भारी वाहन
पाटन| पाटन से अभनपुर मार्ग पर इन दिनों भारी वाहनों का चलन बढ़ गया है। बाजार क्षेत्र में भारी वाहन चलाना प्रतिबंधित किया गया है। इसके बाद भी पुराना बाजार क्षेत्र में भारी वाहन फर्राटे से दौड़ रही है। इससे बाजार क्षेत्र के व्यापारियों के साथ-साथ खरीदी करने वाले लोगों को भी परेशानी होने लगी है। भारी वाहन के कारण कभी भी गंभीर दुर्घटना घट सकती है। पुराना बाजार चौक से लेकर पुराना बस स्टैंड के आसपास के व्यापारियों ने पुलिस अधीक्षक दुर्ग को पत्र लिखकर बाजार क्षेत्र वाले मार्ग पर भारी वाहनों के प्रतिबंध लगाने की मांग की है। वर्तमान में सिक्स लेन निर्माण का कार्य चल रहा है। जिसके वाहन भी चल रहे हैं।
जीजा के घर साले ने की चोरी, ढाई लाख के गहने बरामद
भिलाई| जामुल थाना अंतर्गत कैलाश नगर में प्रार्थी के घर से उसके साले ने अपने दोस्त की मदद से चोरी की थी। प्रकरण में पुलिस ने चोरी करने वाले दोनों युवकों समेत चोरी की संपत्ति को गिरवी रखने वाले ज्वेलरी संचालक को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से सोने-चांदी के जेवरात और नगदी सहित करीब ढाई लाख रुपए का सामान जब्त किया है। मामले में कैलाश नगर हाउसिंग बोर्ड भिलाई निवासी सन्नी साहू पिता शरद साहू ने 14 दिसंबर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रार्थी ने बताया कि था कि 6 दिसंबर को वह बाहर गया था। उसकी पत्नी घर में अकेली थी। उस दौरान उसकी पत्नी का छोटा भाई सुरेश साहू घर पहुंचा। उसे घर में छोड़कर पत्नी सामान लेने बाजार चली गई। उस दौरान उसकी अलमारी से 70 हजार की नकदी समेत सोने-चांदी ढाई लाख रुपए का सामान चोरी हो गया। इस पर संदेही सुरेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
सुपेला के बड़े संस्थानों में एक साथ बिजली गुल
भिलाई| सुपेला क्षेत्र में अनवरत बिजली की जरूरत वाले तीन-चार सेंटर संचालित है। इसमें सुपेला सरकारी अस्पताल, महेंद्रा शो-रूम, स्पर्श और बीएम शाह अस्पताल। परेशानी यह कि महेंद्रा शो-रूप में कोई फाल्ट होने पर वहां के साथ स्पर्श व बीएम शाह की भी बिजली गुल हो जाती है। ऐसा स्पर्श में होने पर दोनों बचे सेंटरों में होता है। कारण यह कि तीनों सेंटर एक ही आपूर्ति से जुड़े है। इससे दोनों प्रमुख अस्पतालों में अक्सर बिजली गुल हो जाती है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतान पड़ता है। -संजय मिश्रा, शास्त्री नगर
जिला अस्पताल के पीछे का गेट खोलने मांग
दुर्ग| जिला अस्पताल के स्टैंड से मोटरसाइकिल चोरी की बढ़ती घटनाओं के कारण आयुर्वेदिक अस्पताल के पास से पीछे गणेश मंदिर की ओर निकलने वाली गली बंद कर दी गई है। करीब 150 की संख्या में स्थानीय लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर गली में लगाए गए लोहे का गेट हटवाने की मांग भी की थी। दुर्ग शहर के अधिकतर लोग अस्पताल के पिछले रास्ते से ही इलाज के लिए आते-जाते रहे हैं। इसलिए पीछे का गेट भी खोला जाना चाहिए। -काशीराम साहू, दुर्ग
सिविक सेंटर की सड़क पर गड्ढों से परेशानी
भिलाई| टाउनशिप में सिविक सेंटर प्रमुख एरिया है। सुबह में वॉक करने और फ्री टाइम बिताने लोग यहां पहुंचते हैं। मौजूदा समय में नन्हें टी स्टॉल से बनारसी चाय वाले तक सड़क पर हुए गड्ढे की वजह से लोग परेशान हो रहे हैं। अधिकतम 200 मीटर सड़क को बीएसपी प्रबंधन ने हासिए पर रखा है। जबकि इस सड़क पर हजारों लोग रोज आना-जाना करते हैं। इसी वजह से सड़क और जर्जर होती जा रही है। निर्माण जल्द करना चाहिए। - चंद्रकांत श्रीवास, सिविक सेंटर
ग्रामीण क्षेत्रों में घर- घर कचरा कलेक्शन और यूजर चार्ज की होगी वसूली
दुर्ग| स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर कचरा कलेक्शन और यूजर चार्ज वसूली किया जाएगा। इसके लिए कलेक्टर अभिजीत सिंह ने बुधवार को निर्देश जारी किया है। जानकारी के मुताबिक समस्त 381 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया जा चुका है। सभी का सत्यापन भी पूरा हो चुका है। जनपद पंचायत के एक गांव में एमआईएस की तकनीकी समस्या के कारण इंट्री नहीं हो पाई है। कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि मॉडल गांवों का हर छह महीने में सत्यापन किया जाए। स्वच्छता ग्राही समूह को नियमित रूप से मानदेय का भुगतान किया जाए। अगले 15 दिन के अंदर जिन ग्राम पंचायतों में स्वच्छताग्राहियों को मानदेय नहीं मिला है, उन्हें भुगतान करना होगा। मेड़ेसरा गांव के महतारी सदन में निर्माणाधीन शौचालय निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया। पीएम आवास योजना के तहत निर्मित शौचालयों का नए सिरे से सत्यापन कराना होगा। बड़े कार्यक्रम और आयोजनों में बर्तन बैंक का उपयोग किया जाए,िजससे प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाई जा सके। ग्रामीण क्षेत्रों में डी-स्लज वाहनों के उपयोग को बढ़ाया जाए। इसके लिए जागरुकता अभियान चलाया जाए।
आधुनिक बस स्टॉप के सामने फिनीशिंग भूले
भिलाई| शहर की सुंदरता बढ़ाने व आम लोगों को सहूलियत देने के उद्देश्य से निगम ने शहर में कई जगह आधुनिक बस स्टॉप बनवाया है। इन बस स्टॉप में राहगीरों के बैठने के लिए एसी के साथ साइड में खाने-पीने की वस्तुओं की एक दुकान भी बनाई गई है। लेकिन सामने फिंनिशिंग नहीं है। बस स्टॉप के सामने कच्ची जमीन जस की तस पड़ी है। ऊंची नाले होते हुए वहां पहुंचना है, फिर भी सीढ़ी अब तक नहीं बनाई गई है। -अमित शर्मा, वैशालीनगर
वरिष्ठजनों की सेवा और सम्मान करना ही हमारी संस्कृति का हिस्सा: संजू देवी
भास्कर न्यूज | कोरबा जिला प्रशासन, समाज कल्याण विभाग व नगर निगम के सहयोग से मैत्री संघ भवन बालको में निःशुल्क जीवन सहायक उपकरण वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें महापौर संजू देवी राजपूत ने जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन आफ इंडिया के सीएसआर से 86 वरिष्ठ नागरिकों को उपकरण प्रदान किया। महापौर राजपूत ने कहा कि वरिष्ठ जनों की सेवा और सम्मान हमारी भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। उनके जीवन अनुभव और मार्गदर्शन हमारे जीवन यात्रा को सही दिशा देते हैं। हमारा दायित्व है कि हम समाज के वरिष्ठ जनों का सम्मान करें और उनकी सेवा करते हुए आशीर्वाद लें। उन्होंने कहा कि माता-पिता की पूजा करना ईश्वर की आराधना के समान है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, उनके स्वास्थ्य, सामाजिक सहभागिता सुनिश्चित कर रही है। वरिष्ठ नागरिकों को जीवन सहायक उपकरण वॉकिंग स्टिक, कमर बेल्ट, कमोड कुर्सी, श्रवण यंत्र, वॉकर का वितरण किया गया। कार्यक्रम में मेयर इन काउंसिल सदस्य हितानंद अग्रवाल व पार्षद सत्येन्द्र दुबे, पार्षद चेतन सिंह मैत्री, मंगलराम बंदे, रजत प्रसाद, रूकमणी नायर, रेणु प्रसाद, राकेश सोनी, चंदादेवी रत्नाकर, भगत विश्वकर्मा, समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक हरीश सक्सेना, निगम के उपायुक्त बीपी त्रिवेदी, मुकेश दिवाकर सहित अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।

