हरियाणा के पंचकूला में कार की टक्कर से बाइक सवार की मौत हो गई। बाइक सवार को टक्कर मारकर कार सवार युवक मौके से फरार हो गया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर ड्राइवर की तलाश शुरू कर दी है। पिंजौर के मग्नीवाला निवाीस अब्दुल हमीद ने बताया कि वह अपने मामा के लड़के अख्तर अली के साथ बाइक पर शादी में जा रहा था। उनके साथ सलामू व ताज मोहम्मद निवासी बख्शीवाला पतन भी पंचकूला के सकेतड़ी की एक शादी में गया था। जो कि उनके रिश्तेदारी में शादी थी। वहां से वापस लौटते समय जब हम अमरावती पुल के नीचे एक कार ड्राइवर ने सलामू की बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर में सलामू व ताज मोहम्मद को काफी चोटें आई। दोनों को लेकर अस्पताल गया, जहां डॉक्टरों ने सलामू को मृत घोषित कर दिया व ताज मोहम्मद को चोटों के कारण भर्ती कर लिया। कर लिया है मामला दर्ज : ASI कश्मीरी सिंह पिंजौर थाना के जांच अधिकारी ASI कश्मीरी सिंह ने बताया कि अख्तर अली के शिकायत पर कार ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। कार का नंबर मिल गया है, उसके आधार पर ड्राइवर की तलाश चल रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सहारनपुर के नागल थाना क्षेत्र के गांव बोहडूपुर में घुड़चढ़ी के दौरान डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। देखते ही देखते कहासुनी मारपीट में बदल गई, जिसमें दोनों पक्षों के चार लोग घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह स्थिति को शांत कराया और घायलों को उपचार के लिए सीएचसी में भर्ती कराया। जिसका वीडियो सामने आया है। घटना शनिवार की बताई जा रही है। थाना नागल क्षेत्र के बोहडूपुर निवासी राजेश सैनी के बेटे नितिन सैनी की घुड़चढ़ी की रस्म शनिवार देर रात निकाली जा रही थी। बारातियों और ग्रामीण युवकों द्वारा डीजे पर नाच-गाना चल रहा था। जैसे ही घुड़चढ़ी गांव की मुस्लिम बस्ती से होकर निकला, तभी वहां के कुछ युवकों ने शोर-शराबे और डीजे की तेज आवाज पर आपत्ति जताई। आरोप है कि मुस्लिम पक्ष के युवकों ने डीजे बंद करने और घुड़चढ़ी को आगे न बढ़ाने की बात कही, जिस पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। थोड़ी ही देर में मामला बढ़ गया और लाठी-डंडे चल गए। राजेश सैनी की तहरीर के अनुसार, विरोध करने पर दूसरे पक्ष के युवकों ने उनके परिवार के लोगों पर हमला कर दिया, जिसमें शेखर और निखिल घायल हो गए। वहीं, दूसरे पक्ष के मोहम्मद अजीम मलिक का कहना है कि उस समय मस्जिद में नमाज चल रही थी, इसलिए उन्होंने केवल डीजे बंद करने को कहा था, लेकिन सामने वाले पक्ष के युवकों ने गाली-गलौज शुरू कर दी और एक दर्जन लोग मिलकर उन पर हमला कर बैठे। इस दौरान अजीम और फईम को भी चोटें आईं। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत कराया। सभी घायलों को उपचार के लिए सीएचसी नागल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, वीडियो भी खंगाले जा रहे हैं।
सोनीपत में एक महिला के साथ मारपीट और जान से मारने की धमकी का मामला सामने आया है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि पड़ोसियों ने झगड़े के दौरान उसका रास्ता रोककर उस पर हमला किया। पुलिस ने मामले की जांच के बाद संबंधित आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं महिला को घायल हालात में खरखौदा हॉस्पिटल लाया गया। पड़ोसी परिवार से हुआ झगड़ा, महिला पर हमला पीड़िता सोनिया पत्नी मुकेश निवासी गांव पिपली ने थाना खरखौदा में दी शिकायत में बताया कि वह गांव में घरों की सफाई का काम करके करीब 11:30 बजे अपने घर लौटी थी। उसी दौरान पड़ोस में रहने वाला 10 वर्षीय हितेश ने अपने परिवार वालों से कहा कि उसके 500 रुपए सोनिया को दिए हैं। गली में रास्ता रोककर की मारपीट सोनिया के अनुसार, इस बात को लेकर अशोक और उसकी पत्नी मूर्ति और दो अन्य महिलाएं (जिनके नाम अज्ञात हैं) हितेश को लेकर उनके घर के बाहर गली में आ गए। उन्होंने आवाज लगाई तो सोनिया करीब 11:40 बजे घर से बाहर आई। उसी दौरान चारों लोगों ने उससे झगड़ा शुरू कर दिया। जब वह गली से अपने घर की ओर जाने लगी, तो चारों ने उसका रास्ता रोक लिया और मारपीट शुरू कर दी। अशोक ने गली से ईंट उठाकर उसके बाएं हाथ पर मार दी, जिससे वह घायल हो गई। शोर मचाने पर आरोपी फरार, अस्पताल में भर्ती पीड़िता ने शोर मचाया तो चारों आरोपी उसे जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग गए। इसके बाद जब उसका पति घर लौटा, तो उसने सोनिया को उपचार के लिए सामुदायिक हेल्थ केंद्र (CHC) खरखौदा पहुंचाया। डॉक्टरों ने सोनिया के शरीर पर दो चोटें बताईं और उसे आगे के इलाज के लिए जनरल अस्पताल सोनीपत रेफर कर दिया। पुलिस को सूचना मिली कि सोनिया गांव पिपली सड़क झगड़े में घायल हुई है। सूचना मिलने पर हेड कॉन्स्टेबल विकास और टीम मौके पर पहुंची। एफआईआर दर्ज जहां महिला सोनिया थाना खरखौदा पहुंची और अपनी लिखित शिकायत दी। जांच और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। थाना खरखौदा पुलिस ने धारा 115, 126, 351(3), 3(5) भारतीय दंड संहिता (BNS) के तहत दर्ज किया है।मामले की जांच हेड कॉन्स्टेबल विकास के हवाले की गई है।
RO/ARO की अंतिम उत्तर कुंजी जारी नहीं किए जाने से लाखों अभ्यर्थी आयोग की कार्यप्रणाली से नाराज हैं। यही कारण है कि वह अब सड़क पर उतरकर बड़े आंदाेलन की रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं। संयुक्त प्रतियोगी छात्र हुंकार मंच के पंकज पांडेय व आशुतोष पांडेय की अगुवाई में इसे लेकर रविवार की देर शाम मम्फोर्डगंज स्थित शिवाजी पार्क में प्रतियोगी छात्रों बैठक की। पंकज पांडेय ने कहा, आयोग से बार बार मांग किए जाने के बावजूद कट ऑफ व अंतिम उत्तर कुंजी और अंक पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। अब अभ्यर्थी बड़े आंदोलन करने के लिए आगे बढ़ेंगे। ‘अभ्यर्थियों के प्रति तानाशाही रवैया अपना रहा आयोग’ आशुतोष पांडेय ने कि आयोग हमारी मांगे नहीं मान रहा है जबकि कई बार ज्ञापन देने का बाद भी आयोग जवाब तक नहीं देता है। ऐसे में इस तानाशाही रैवए को अभ्यर्थी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आयोग लगातार अपनी प्रतिष्ठा खोता जा रहा है ऐसे में छात्रों में आयु के प्रति गुस्सा और शक भी बढ़ता जा रहा है अगर आयोग अपनी कार्यप्रणाली और नीतिगत मुद्दों में बदलाव नहीं करता है तो छात्र फिर से बड़े आंदोलन की तैयारी में खड़े दिखेंगे। दरअसल, अभ्यर्थी प्री परीक्षा के संदर्भ में रिवाइज आंसर की जारी करने, कटऑफ जारी करने, स्कोरकार्ड जारी किए जाने की मांग कर रहे हैं। 5 को कैंडल मार्च निकालकर एकजुटता का देंगे संदेश 5 नवंबर को सभी अभ्यर्थी एक कैंडल मार्च निकालेंगे। इसके माध्यम से सभी छात्रों को एकजुट करने का संदेश दिया जाएगा, जिससे सभी छात्रों में एक संदेश पहुंचे की अब समय आ गया है कि हम एक बड़े आंदोलन की तैयारी में अपने तैयारी को और मजबूत करें। साथ ही सभी छात्र कल से डोर टू डोर कम्पेन भी निकालेंगे जिसमें उन्होंने डेलिगेशन, विश्वविद्यालय के छात्रावासों, पुस्तकालयों,मार्केट इत्यादि में नुक्कड़ संवाद करके सभी को इस आंदोलन के प्रति तैयार करने का भी संदेश देंगे। पंकज पाण्डेय, आशुतोष पांडेय, आशीष, संदीप, शेर सिंह आदि इसमें शामिल हैं।
सहारनपुर के नागल थाना क्षेत्र में एक नाबालिग किशोरी से रेप के आरोपी को पुलिस ने रविवार शाम को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने किशोरी को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर रेप किया था। उसने वारदात के दौरान किशोरी की अश्लील फोटो और वीडियो भी बना ली थीं, जिनका इस्तेमाल बाद में ब्लैकमेलिंग के लिए किया गया। यह घटना 25 अक्टूबर 2025 की है। पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर नागल थाने में शिकायत दर्ज कराई। अपनी तहरीर में उसने बताया कि गांव उनाली, थाना कुतुबशेर क्षेत्र निवासी आसू उर्फ फौजी पुत्र कृष्णपाल उर्फ किशनपाल ने उसे बहला-फुसलाकर एक ढाबे पर बुलाया था। ढाबे पर आरोपी ने उसे नशीला पदार्थ मिली कोल्ड ड्रिंक पिलाई। बेहोशी की हालत में उसने किशोरी से रेप किया। होश आने पर जब किशोरी ने विरोध किया, तो आरोपी ने उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो वायरल करने की धमकी दी। इसके बाद उसने पीड़िता से कई बार पैसे भी वसूले। पीड़िता ने यह भी बताया कि आरोपी के कुछ साथी भी उसे डराते-धमकाते थे, जिसके कारण वह कई दिनों तक चुप रही। मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी राजकुमार चौहान के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तुरंत जांच शुरू की। रविवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी आसू उर्फ फौजी को मुजफ्फरनगर-देहरादून हाईवे पर गांव खजूरवाला स्थित एमएलडी स्कूल के पास से गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी राजकुमार चौहान ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और रेप की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़िता की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और पुलिस अन्य संभावित आरोपियों की तलाश में भी जुटी हुई है।
जवाहर कला केंद्र, जयपुर की ओर से आयोजित ‘म्यूजिकल सिम्फनी’ कार्यक्रम की रविवार को सुमधुर शुरुआत हुई। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम के पहले दिन सुरों, गजलों और शास्त्रीय संगीत की जुगलबंदी ने शाम को खास बना दिया। इस दौरान जयपुर कलेक्टर जितेन्द्र सोनी, केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका राठौड़ व बड़ी संख्या में कलाकार मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत गायिका अलीना भारती ने ओल्ड मेलोडी गीतों से की। उन्होंने मेरी आवाज ही मेरी पहचान है गीत से माहौल में सुरीले रंग घोले। इसके बाद तू जहां जहां रहेगा मेरा साया साथ होगा, पिया तोसे नैना लागे रे और दिल चीज क्या है आप मेरी जान लीजिए जैसी लोकप्रिय रचनाओं ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने रंजिश ही सही और आज जाने की जिद न करो जैसी गजलों से सुरमयी माहौल को भावनाओं से भर दिया। तबले पर मोहित चौहान, गिटार पर नदीम अली, की-बोर्ड पर ईशान खान, हारमोनियम पर शेर खान ने संगत की। इसके बाद जुगलबंदी की वो मनमोहक प्रस्तुति हुई, जिसके लिए बड़े जज्बा से श्रोता इंतजार कर रहे थे। बांसुरी वादक अश्विन श्रीनिवासन और तबला वादक ओजस अढ़िया की जबरदस्त जुगलबंदी ने महफिल में जान भर दी। उन्होंने सबसे पहले राग पूरियाधनश्री को अपनी प्रस्तुति का आधार बनाया। विलंबित एक ताल में बड़ा ख्याल की प्रस्तुति दी गयी। इसके बाद मध्यलय तीन ताल में बंदिश 'पायलिया की झंकार' से श्रोताओं के मन में सुरीली झंकार उठी। द्रुत तीन ताल में छोटा ख्याल की अश्विन श्रीनिवासन की बंदिश 'चैन ना आवे' के साथ महफिल आगे बढ़ी। राग भूपाली की बंदिश 'प्रभु मोरी अरज सुनों' की प्रस्तुति ने माहौल को आध्यात्मिक बना दिया। गौरतलब है कि अश्विन श्रीनिवासन ऑल इंडिया रेडियो के ए-ग्रेड कलाकार, सुर-मणि पुरस्कार से सम्मानित और ए.आर. रहमान के बैंड के प्रमुख सदस्य हैं। वहीं देश के सुप्रसिद्ध तबला वादक ओजस अढ़िया, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से सम्मानित हैं और उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भारत के सबसे युवा तबला वादक के रूप में दर्ज है। वहीं अलीना भारती ‘सुपर सिंगर प्लस राजस्थान’ की विजेता और ‘सा रे गा मा पा’ की टॉप 30 फाइनलिस्ट रहीं है। इधर म्यूजिकल सिम्फनी के दूसरे दिन सोमवार की शाम रंगायन के मंच पर लोक कलाकार समंदर खान मांगणियार एवं समूह लोक और सूफी संगीत की मधुर धुनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में आज आवारा कुत्तों के मामले में मामले में सुनवाई होगी। इस दौरान पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया गया है। इससे पहले 31 अक्टूबर को जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने की याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस नाथ ने कहा था, जब हम मुख्य सचिवों से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहते हैं, तो वे इस पर चुप्पी साधे रहते हैं। हमारे आदेश का कोई सम्मान नहीं है। तो ठीक है, उन्हें आने दीजिए। हम उनसे निपट लेंगे। 27 अक्टूबर- कोर्ट ने राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया था। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने कहा कि केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही अनुपालन हलफनामा (कार्रवाई की रिपोर्ट) दिया है। कोर्ट ने कहा- बाकी राज्यों ने अब तक यह बताने वाली रिपोर्ट दाखिल नहीं की है कि उन्होंने एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों के तहत क्या कदम उठाए हैं। 22 अगस्त- कोर्ट ने बढ़ाकर पूरे देश में कर दिया था 22 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े केस का दायरा दिल्ली-एनसीआर से बढ़ाकर पूरे देश में कर दिया था और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसमें पार्टी बनाने का निर्देश दिया था। वहीं, कोर्ट ने कहा था, जिन कुत्तों को पकड़ा जाता है, उनकी नसबंदी और टीकाकरण कर जहां से उठाया है, वहीं वापिस छोड़ दिया जाए। हालांकि, रेबीज से संक्रमित और आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाए। कोर्ट ने 11 अगस्त के 2 जजों की बेंच के उस आदेश को बेहद कठोर बताया था, जिसमें सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में दिल्ली-NCR के आवासीय क्षेत्रों से हटाकर हमेशा के लिए शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया था। SC ने कहा था- नेशनल लेवल पर पॉलिसी जरूरी ---------------------------------------------------- मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... कुत्तों के हमले से बच्ची की मौत, हर 5 डॉग बाइट विक्टिम में 1 बच्चा; समझें आवारा कुत्तों का बिहेवियर उत्तर प्रदेश के बिजनौर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 6 साल की मासूम बच्ची पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कुत्ते बच्ची को मुंह में दबाकर एक किनारे ले गए और नोच-नोच कर मार डाला। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि आवारा कुत्तों से हमलों के पीछे की वजहें क्या हैं? पूरी खबर पढ़ें...
इंदौर नगर निगम से जुड़े लंबित मामलों और शहर के प्रमुख विकास कामों की समीक्षा के लिए आज (सोमवार) सिटी बस कार्यालय सभागार में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। जिसमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मेयर पुष्यमित्र भार्गव के साथ विभाग के एसीएस संजय दुबे भी मौजूद रहेंगे। बैठक में इंदौर विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और मेट्रो रेल प्रोजेक्ट से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। इस बैठक में लंबित प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ शहर में निर्माणाधीन फ्लाई ओवरों के आसपास यातायात और नागरिकों को हो रही परेशानियों पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी। मेयर इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाएंगे, ताकि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान निकाला जा सके। बैठक से शहर के विकास कामों में गति लाने और विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है।
लो प्रेशर एरिया (निग्न दबाव क्षेत्र) और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) के असर से मध्यप्रदेश में अगले 2 दिन भी बारिश होने के आसार है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में बूंदाबांदी और बादल छाएंगे तो पश्चिमी हिस्से में हल्की बारिश भी हो सकती है। इससे पहले रविवार को कई जिलों में धूप खिली। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, रविवार को उत्तर-पूर्वी हिस्से में एक निम्न दाब का क्षेत्र और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी देखने को मिली। जिसका असर अगले दो दिन यानी, सोमवार और मंगलवार को बना रहेगा। यहां दिखेगा सिस्टम का असरअगले दो दिन तक भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर, सागर और जबलपुर संभाग के 30 से अधिक जिलों में सिस्टम का असर देखने को मिलेगा। यहां पर बादल, आंधी, गरज-चमक और बारिश वाला मौसम रहेगा। दिन के पारे में 2.9 डिग्री तक बढ़ोतरीरविवार को ज्यादातर शहरों में धूप खिली रही। इस वजह से दिन के तापमान में 1 से 2.9 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई। भोपाल में पारा 31.1 डिग्री पहुंच गया। इंदौर में 30.1 डिग्री, ग्वालियर में 31 डिग्री, उज्जैन में 30 डिग्री और जबलपुर में 29.8 डिग्री रहा। वहीं, दतिया, गुना, नर्मदापुरम, खंडवा, रतलाम, श्योपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, खजुराहो, मंडला, नौगांव, सतना, उमरिया में पारा 30 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया। कल से वेस्टर्न डिस्टरबेंस, प्रदेश में ठंड बढ़ेगी4 नवंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने का अनुमान है। एमपी में इसका 48 घंटे के बाद असर देखने को मिलेगा। उत्तरी हवाएं चलने से दिन में भी पारा लुढ़क सकता है। अक्टूबर में 121% बारिश ज्यादा, नवंबर में तेज ठंड का ट्रेंडप्रदेश में नवंबर महीने में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीदों पर खरा उतरा है। औसत 2.8 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य 1.3 इंच से 121% ज्यादा है। वहीं, भोपाल में दिन ठंडे रहे। 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 25 साल में अक्टूबर का यह सबसे ठंडा दिन रहा। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में पारा 24 डिग्री के नीचे ही रहा। इंदौर में 10 साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा बारिशअक्टूबर में बारिश के रिकॉर्ड की बात करें तो दो साल बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा पानी गिरा। भोपाल में 2.8 इंच, जबलपुर में 3.3 इंच, ग्वालियर में 4.2 इंच और उज्जैन में 2.1 इंच बारिश दर्ज की गई। साल 2022 में इससे ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, इंदौर में 3.4 इंच पानी गिरा। यहां 10 साल में दूसरी बार अक्टूबर में इतनी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले में श्योपुर नंबर-1 पर है। यहां 6.52 इंच, झाबुआ में 5.52 इंच, सिंगरौली में 5.35 इंच, सीधी में 5 इंच, उमरिया में 4.14 इंच, अनूपपुर में 4.82 इंच, बड़वानी में 4.21 इंच और भिंड में 4.36 इंच बारिश हो गई। प्रदेश का खंडवा ही एक मात्र ऐसा जिला रहा, जहां सामान्य से कम पानी गिरा। बाकी 53 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। इस बार मानसून भी बेहतर रहाइस बार प्रदेश में मानसून की भी 'हैप्पी एंडिंग' रही। भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिले ऐसे रहे, जहां 'बहुत ज्यादा' बारिश दर्ज की गई। ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला गुना है। जहां पूरे सीजन 65.7 इंच पानी गिर गया, जबकि श्योपुर में 216.3% बारिश हुई। एक्सपर्ट की माने तो अच्छी बारिश होने से न सिर्फ पेयजल बल्कि सिंचाई के लिए भी भरपूर पानी है। भू-जल स्तर भी बढ़ा रहेगा। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला रहा, जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) ही बारिश हुई है। अब जानिए नवंबर में कैसा रहेगा मौसममौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर बढ़ेगा। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधी आती हैं, वहां पारा लुढ़केगा। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। उज्जैन में 52 साल पहले न्यूनतम पारा रिकॉर्ड 2.3 डिग्री तक जा चुका है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में इस महीने बारिश का ट्रेंड है। इस बार नवंबर के पहले सप्ताह में ही बारिश होने के आसार है। तीसरे और चौथे सप्ताह में सिस्टम एक्टिव होने से भी बारिश हो सकती है। एमपी में अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम जानिए, नवंबर में 5 बड़े शहरों का मौसम... भोपाल: 10 साल में 3 बार बारिश हो चुकीनवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़केगा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में तीन बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। इंदौर: 5.6 डिग्री तक जा चुका न्यूनतम पाराइंदौर में ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। हालांकि, 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। ग्वालियर: 1927 में 3 इंच पानी गिरा थापिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 8 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है, जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है। जबलपुर: 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिशपिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। उज्जैन: न्यूनतम तापमान 10-11 के बीच रहता हैयहां 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है, जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री के बीच पहुंच चुका है।
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह 'अभ्युदय मध्यप्रदेश' का तीसरा और अंतिम दिन आज राजधानी भोपाल में सांस्कृतिक उल्लास और तकनीकी भव्यता का संगम पेश करेगा। लाल परेड ग्राउंड में सोमवार शाम को जहां सुप्रसिद्ध सिंगर स्नेहा शंकर अपनी सुरीली प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी, वहीं 2000 ड्रोन का शो एक बार फिर भोपाल के आसमान को रोशन करेगा। इस ड्रोन शो को विशेष रूप से उन दर्शकों के लिए दोबारा आयोजित किया जा रहा है, जो 1 नवंबर को इसे देखने से चूक गए थे। ड्रोन शो में दिखेगी ‘विरासत से विकास’ की झलकराज्य सरकार की पहल पर “अभ्युदय मध्यप्रदेश 2047” की थीम पर होने वाले इस भव्य ड्रोन शो में 2000 ड्रोन समन्वित रूप से आकाश में मध्यप्रदेश की गौरवशाली विरासत, संस्कृति और विकास यात्रा को जीवंत करेंगे। यह शो “कन्सेप्ट कम्युनिकेशन्स लिमिटेड” द्वारा तैयार किया गया है और सेंट्रल इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट अर्पित गोयल के निर्देशन में आयोजित हो रहा है। 15 मिनट के इस शो में मध्यप्रदेश की उपलब्धियों और नवाचारों को 3D फॉर्मेशन के रूप में दिखाया जाएगा। जैसे भारत का मानचित्र, मध्यप्रदेश के जिले, महाकाल मंदिर, सिंहस्थ-2028, छलांग लगाता बाघ, उद्योग और इन्वेस्ट एमपी का लोगो, कृषि दृश्य, हाईवे, मेट्रो, हवाई जहाज के प्रतीक और अंत में “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान” का दृश्य। स्नेहा शंकर के सुरों से गूंजेगा राज्योत्सवशाम 6:30 बजे से शुरू होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य की भव्य प्रस्तुति से होगी। इसके बाद मंच पर आएंगी बॉलीवुड की लोकप्रिय गायिका स्नेहा शंकर, जो अपनी मधुर आवाज और ऊर्जावान प्रस्तुतियों के लिए जानी जाती हैं। स्नेहा शंकर “चांद के टुकड़े”, “मेरा महबूब”, “हकूना मटाटा” जैसे गानों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर करेंगी। उनकी प्रस्तुति के दौरान लाल परेड ग्राउंड में संगीत, रोशनी और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। महानाट्य में दिखेगा सम्राट विक्रमादित्य का गौरव तीसरे दिन भी महानाट्य “सम्राट विक्रमादित्य” का मंचन मुख्य आकर्षण रहेगा। उज्जैन की संस्था विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति द्वारा प्रस्तुत इस महानाट्य का निर्देशन संजीव मालवीय कर रहे हैं। 150 कलाकारों के दल और 50 तकनीकी सहयोगियों के साथ प्रस्तुत किए जा रहे इस नाट्य में अश्व, रथ, पालकी, ऊंट और एलईडी ग्राफिक्स का प्रयोग कर इसे जीवंत बनाया गया है। यह नाट्य सम्राट विक्रमादित्य के जन्म से लेकर उनके वीरतापूर्ण अभियानों तक की कहानी दर्शाएगा। वह दौर जब विक्रमादित्य ने शकों और यवनों से भारत को मुक्त कराया था और न्याय, कला, साहित्य व जनकल्याण की नींव रखी थी। प्रदर्शनी, लोकनृत्य और अंचलों के स्वाद से सजेगा उत्सव लाल परेड ग्राउंड में दोपहर 12 बजे से रात्रि 10 बजे तक प्रदर्शनियां, शिल्प मेला और व्यंजन मेला आम नागरिकों के लिए खुले रहेंगे। ‘विकसित मध्यप्रदेश 2047’, ‘विक्रमादित्य और अयोध्या’, ‘मध्यप्रदेश के मंदिर’, ‘भारत विक्रम’ जैसी प्रदर्शनियां प्रदेश के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करेंगी। ‘एक जिला–एक उत्पाद’ योजना के तहत शिल्प मेला में चंदेरी साड़ी, बुरहानपुर के केले से बने उत्पाद, मुरैना की गजक, रायसेन का बासमती चावल जैसे उत्पाद प्रदर्शित होंगे। वहीं व्यंजन मेले में बुंदेली, बघेली, मालवा, निमाड़, चंबल और जनजातीय व्यंजनों का स्वाद प्रदेशवासी ले सकेंगे। इसके अलावा दोपहर 3 बजे से जनजातीय एवं लोक नृत्य प्रस्तुतियां होंगी। जिनमें करमा, परधौनी, भगोरिया, बधाई, गणगौर, और अहिराई जैसे पारंपरिक नृत्य शामिल हैं।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बॉटनी डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तूलिका मिश्रा ने विश्व स्तर पर यूनिवर्सिटी का नाम बढ़ाया है। डॉ. तूलिका शिलांग के नॉर्थ इंडियन हिल यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पार्टिसिपेट कर सभी को गौरवांवित किया। यह कॉन्फ्रेंस इंडियन बॉटेनिकल सोसाइटी यानि आईबीएस की ओर से 29 से 31 अक्तूबर तक आयोजित की गई थी। जिसमें डॉ. तूलिका मिश्रा ने एक विशेष सत्र की अध्यक्षता भी की। बंबू एंड फाइटोरेमेडिएशन पर दिया व्याख्यान उन्होंने (बंबू एंड फाइटोरेमेडिएशन) बांस के माध्यम से प्रदूषण और क्षरण के समाधान पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि बांस की विभिन्न प्रजातियों की ओर से मृदा प्रदूषण को कम किया जा सकता है।यह कार्बन अवशोषण में भी मदद कर सकता है। भारी धातु मरकरी, लेड कॉपर जैसे भारी धातु मिट्टी में मिल जाने पर खतरनाक होते हैं। सब्जियों, चावल, गेहूं की जड़ों से वे पहुंचते हैं। यह हमारे लिए हानिकारक होते हैं। बांस की विभिन्न प्रजातियों का प्रयोग करके उन धातुओं को मिट्टी से निकालकर मिट्टी को साफ किया जा सकता है। पूर्व कुलपति भी रहे शामिल इस कॉन्फ्रेंस में डीडीयू के पूर्व कुलपति प्रो. पीसी त्रिवेदी, पद्मश्री प्रो. प्रमोद टंडन और प्रो. एसके बरीक जैसे भारत के वैज्ञानिकों ने भी पार्टिसिपेट किया। इतना ही नहीं जापान, चीन, ऑस्ट्रेलिया और इस्राइल के साथ अन्य देशों से भी वैज्ञानिक पहुंचे थे।
राजस्थान के 11 जिलों में बारिश का अलर्ट:कल भी रहेगा असर, रात में पारा गिरने से बढ़ने लगी सर्दी
राजस्थान में एक्टिव हुए वेस्टर्न डिस्टरबेंस से आज (सोमवार) 11 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। 4 नवंबर को इस सिस्टम का असर और अधिक होने की संभावना है। दोनों ही दिन बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के सभी शहरों का मौसम ड्राय रहा। जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा, जोधपुर, बीकानेर समेत तमाम शहरों में रविवार दिनभर आसमान साफ रहा, धूप निकली। इन शहरों के तापमान में उतार-चढ़ाव रहा। सबसे अधिक तापमान जैसलमेर में 36.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। बाड़मेर में अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 35.2, चूरू में 34.1, गंगानगर में 34.4, फलोदी में 34.8, जोधपुर में 34.5, जालोर में 33.9, हनुमानगढ़ में 33, पिलानी में 33.1, नागौर में 33.3, फतेहपुर में 32.1, झुंझुनूं में 32.2, चित्तौड़गढ़ में 31.4, अलवर में 31.45, कोटा में 31.1, अजमेर में 31.8 और जयपुर में 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। जयपुर, दौसा, उदयपुर, कोटा समेत कई शहरों में दिन में हल्की उमस भी रही। रात में पारा गिरने से बढ़ी सर्दीआसमान साफ रहने के कारण दिन में थोड़ी गर्मी रही। रात में सर्दी का असर भी बढ़ने लगा है। रविवार को अधिकांश शहरों में रात के न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री तक की गिरावट रही। सबसे ठंडी रात नागौर में रही, जहां का न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। फतेहपुर (सीकर) में न्यूनतम तापमान 12.9, सिरोही में 14.5, जालोर में 14.9, सीकर में 14, अजमेर में 14.7, चूरू में 15.4, झुंझुनूं में 15.6, जोधपुर, टोंक में 16.2-16.2,अलवर में 17.2, जयपुर में 19.7, बीकानेर में 18.5, श्रीगंगानगर में 17.1 और उदयपुर में 22.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
शादी के बाद लम्बे समय तक घर की चहारदीवारी तक सीमित रही। जब महिला समूह से जुड़ी तो जीवन में एक नया रास्ता मिला। महिला समूह से जुड़ने से न केवल विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी मिली, बल्कि प्रखंड स्तर पर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने वाली योजनाओं से भी लाभान्वित होने का अवसर प्राप्त हुआ। इसी क्रम में वर्ष 2021 में मनरेगा योजना के तहत रोजगार सेवक कमलेश सिंह ने मुझे नर्सरी लगाने की सलाह दी। मैंने अपनी एक एकड़ जमीन पर नर्सरी की शुरुआत की। प्रारंभ में यह एक छोटा प्रयास था, लेकिन धीरे-धीरे यह बड़ा रूप लेता गया। वर्ष 2022-23 में मेरे नर्सरी में तैयार किए गए आम के पौधों की आपूर्ति मनरेगा के आम बागवानी योजना के तहत की जाने लगी। पहली बार वर्ष, 2023 में न केवल अपने प्रखंड क्षेत्र में, बल्कि कई अन्य प्रखंडों में भी आम के पौधों की आपूर्ति की। हर साल 5 लाख रुपए की कर रही कमाई आज अपनी नर्सरी से हर साल लगभग ₹5 लाख की आय होती है। जबकि, पहले पूरे परिवार के लिए ₹5,000 कमाना भी मुश्किल था। वर्तमान में मेरे नर्सरी में न केवल आम के पौधों, बल्कि कीमती लकड़ी, फलदार और छायादार वृक्षों की भी बिक्री बड़े पैमाने पर होती है। मेरे और मेरे परिवार के जीवन स्तर में सुधार लाने में पंचायत के रोजगार सेवक कमलेश सिंह, मुखिया बुद्धेश्वर सिंह, जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर और बीडीओ रेखा रेशमा मिंज का मार्गदर्शन बेहद अहम रहा है। कंचनपुर गांव की रीना देवी, सैदप की कौशिला देवी, बभंडी गांव की मंजू सिंह समेत आधा दर्जन से अधिक लोग नीलम देवी से प्रेरित होकर नर्सरी तैयार कर पौधे बेचकर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। खेती में इस नए प्रयोग में मेरी सफलता में मेरे पति का बराबर का साथ रहा। पति प्रमोद सिंह हर कदम पर मेरा साथ देते हैं। आज जो भी सफलता मिली है, उसमें पति का योगदान अहम है। मुझे देखकर कई किसानों ने यह काम किया। महिला समूह ने जीवन की दिशा बदली, आत्मनिर्भर बनीं महिला समूह से जुड़ने के बाद जेएसएलपीएस और मनरेगा के तहत भरपूर सहयोग मिला, जिसने मेरे जीवन की दिशा बदल दी। आज मैं न केवल आत्मनिर्भर हुं, बल्कि अन्य महिला समूहों से जुड़ी ‘दीदियों’ को प्रेरित और प्रशिक्षित भी करती हुं। आज पूरे जिले की दर्जनों महिलाएं उनके प्रयासों से प्रेरित होकर कृषि और नर्सरी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। जो मेरे जीवन काल की सबसे बड़ी उपलब्धि है। जानिए... कौन हैं नीलम देवी नीलम देवी मैट्रिक पास हैं और वर्तमान में लगभग 2 एकड़ जमीन पर खेती कर रही हैं। आज मेहनत और तकनीक के सहारे सालाना ₹5 लाख रुपए की आमदनी कर लेती हैं। गांव और आसपास के लोग भी इनकी खेती को देखकर प्रेरित होते हैं। कुछ लोग जानकारी लेते आते हैं जिन्हें स्वेच्छा से वे पूरी जानकारी देते हैं। इससे भी बढ़िया खेती कर सकें। नीलम की एक बेटी और दो बेटा हैं। बेटी बीए कर रही है और घर के समीप प्रज्ञा केंद्र भी चला रही है। एक बेटा मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी कर रहा है। जबकि, दूसरा 8वीं कक्षा में है।
गोरखपुर पुस्तक महोत्सव के अंतर्गत रविवार की शाम को डीडीयू कैंपस में फ्यूजन म्यूजिक और भजन संध्या का आयोजन किया गया। जहां सैकड़ों की संख्या में ऑडियंस मौजूद रहें। फ्यूजन बैंड और भजन गायन के मिश्रण ने लोगों को बेहद आकर्षित किया। युवा कलाकारों की दमदार प्रस्तुति ने अंत तक वहां मौजूद लोगों को अपने सीट से हिलने नहीं दिया। सभी उनकी ओर से गाए गए भजनों को सुनकर झूम उठे। वहीं बॉलीवुड गानों की शानदार प्रस्तुति ने इस प्रोग्राम को ग्रांड बना दिया। सभी दर्शकों ने एक साथ इन गानों को गुनगुनाया और एंजॉय किया। इसके अलावा प्रोफेशनल कलाकारों की ओर नृत्य प्रस्तुति भी लोगों को खूब पसंद आई। गणेश वंदना से भक्तिमय हुआ कैंपस इस प्रोग्राम की शुरुआत गणेश वंदना के साथ किया गया। जिसकी मनमोहक प्रस्तुति ईश्वर आनंद पांडेय ने की। साथ-साथ दर्शकों ने भी मधुर स्वर में गणेश वंदना गुनगुनाया। भव्य नजारा देखने लायक था। वहीं राजन भारती भजन गायन ने दर्शकों को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। बॉलीवुड गानों ने दी अलग एनर्जी इसके बाद शुरू हुआ मोस्ट अवेटेड मूवमेंट। प्रोफेसर ऊषा सिंह के निर्देशन में बनी स्वर टीम की ओर से एक फ्यूजन बैंड, इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक को परफॉर्म किया गया। विभिन्न सिंगर्स ने बॉलीवुड गाने गा कर स्टूडेंट्स और बाकी दर्शकों आकर्षित किया। गाने ऐसे कि वहां मौजूद सभी लोग चाहे छोटा हो या बड़ा, अपने आप गाने गुनगुनाने से रोक नहीं पाए। एक बाद एक बॉलीवुड गाने जैसे- 'ले जाएं जाने कहा हवाएं', 'राबता', 'बचना ऐ हसीनों लो मैं आ गया गए' और अन्य गाकर माहौल को एकदम बदल दिया। चेहरे पर झलका अलग सुकून दर्शकों ने इस पल को अपने फोन में फोटो और वीडियो के माध्यम से कैप्चर किया। ऐसा लग रहा था कि मानों किसी को कोई टेंशन या दुःख नहीं है। सभी ने इस पल को खूब एंजॉय किया। एक अलग ही सुकून उनके चेहरे पर झलक रही थी। देखिए तस्वीरें... स्टूडेंट्स का अनोखा प्रयोग वहीं इस कार्यक्रम के बारे में बताते हुए डॉ. अमोद कुमार राय ने बताया -इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें संगीत की सभी विधाओं-नृत्य, वाद्य और गायन को साथ मिलाकर बनाया गया है। उन्होंने कहा- एक साथ इसमें सभी को भक्ति की शक्ति, अनुभूति की तरंग और आध्यात्मिकता की महक घुली हुई मिलती है। यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स की ओर से किया गया यह एक अनोखा प्रयोग है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर कुलपति प्रो पूनम टंडन, प्रोफेसर अनुभूति दुबे और प्रोफेसर कीर्ति पांडे उपस्थित रहीं। इनके अलावा प्रमुख कलाकारों में प्रज्ञा, अंतरा, कृतिका, अनुष्का, रुचिका, शांतनु प्रताप, हर्ष मौर्य, उत्कर्ष, अमन, रंजन, शुभम, मोहम्मद अरमान, सुमंत और विशाल भी मौजूद रहें। वहीं यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. प्रदीप साहनी, डॉ. प्रदीप राजौरिया, डॉ. गौरी शंकर चौहान, प्रो दिव्या रानी सिंह, डॉ. अनुपमा कौशिक, डॉ. टीएन मिश्र और अन्य के सहयोग से यह कार्यक्रम सकुशल संपन्न हुआ।
लुधियाना पुलिस के अफसरों ने एक नाबालिगा के घर से गायब होने के बाद उसे न तो ढूंढना और न ही इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई। यही नहीं पुलिस अफसरों ने इस केस में लापरवाही भी बरती। पुलिस अधिकारियों को ऐसा करना महंगा पड़ गया। कोर्ट ने लापरवाही बरतने पर पुलिस के चार अफसरों की सेलरी अटैच करने के आदेश दे दिए। एडवोकेट राहुल ने माता पिता की तरफ से कोर्ट में याचिका दायर की। एडवोकेट राहुल ने बताया कि आईओ, एसएचओ टिब्बा, एसएचओ साइबर सेल और एसीपी लुधियाना ईस्ट की महीने की एक तिहाई सेलरी अटैच करने को कहा है। पुलिस कमिश्नर को इस मामले की जांच किसी सक्षम अधिकारी से करवाने और खुद सारे मामले पर नजर रखने को कहा है। उन्होंने बताया कि अफसरों ने कोर्ट में सही तरीके से जवाब नहीं दिया। जिस पर कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। कोर्ट ने अब अफसरों को अगली तारीख छह नवंबर से पहले अपने अपने स्तर पर डिटेल रिपोर्ट देने को कहा है। क्या था मामला 10 जुलाई को थाना टिब्बा में एक एफआईआर दर्ज हुई जिसमें न्यू शक्ति नगर की रहने वाली नाबालिगा के पिता ने कहा था कि उसकी बेटी को किसी अज्ञात व्यक्ति ने अपने निजी स्वार्थ के लिए अपनी हिरासत में रखा हे। नाबालिगा 6 जुलाई को गायब हो गई थी और उसके बाद पुलिस ने चार दिन बाद एफआईआर दर्ज की थी। कोर्ट ने अफसरों से मांगी हैं ये रिपोर्ट -दर्ज एफआईआर व उसमें लगी धाराएं -एफआईआर दर्ज होने के बाद लिए गए बयानों की कॉपी -नाबालिगा को ढूंढने के लिए की गई रेड, सर्च और अन्य प्रयासों की रिपोर्ट -साइबर सेल की तरफ से उठाए टेक्निकल स्टेप और उसकी रिपोर्ट -केस का प्रेजेंट स्टेटस और जांच के लिए तैयार किया गया प्लान नााबलिगा के परिजनों ने बताई पूरी कहानी: छह जुलाई को घर से गई थी नाबालिगा नाबालिगा की मां ने बताया कि न्यू शक्ति नगर की रहने वाली नाबालिगा छह जुलाई को अपने घर से निकली। घर से जाते हुए वह अपना आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज व एक बैग में कपड़े लेकर निकली। माता-पिता उसे तीन दिन तक ढूंढते रहे और इसी दौरान उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने 10 जुलाई को थाना टिब्बा में केस दर्ज किया। माता पिता ने बच्ची के जाते हुए के फुटेज दिए नाबालिगा की मां ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद वो अपनी बच्ची को ढूंढने का प्रयास करते रहे। इस दौरान उनके हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लगी जिसमें वह गली में पैदल जाती हुई दिखी। उन्होंने यह फुटेज भी पुलिस को दी। पुलिस ने उसके बाद भी कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ाया। मां मोबाइल में चला रही थी छह इंस्टाग्राम की आईडी नाबालिगा की मां ने बताया कि वो और उनके पति ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। उन्हें नहीं पता था कि बेटी मोबाइल पर क्या कर रही है। उन्हें बाद में पता चला कि उसके मोबाइल में इंस्टाग्राम की छह आईडी बनी हैं। मोबाइल लेकर वो पुलिस के पास गए और पुलिस से इसकी जांच करवाने को कहा। पुलिस ने उसकी जांच भी नहीं की और न ही साइबर सेल को जांच भेजी। साइबर सेल को दी शिकायत उन्होंने भी नहीं की कार्रवाई लड़की की मां ने बताया कि उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दी कि उनकी बेटी के नाम से छह इंस्टाग्राम की आईडी बनी हैं। उसे आईडी बनानी नहीं आती थी। उन्हें शक है किसी व्यक्ति ने ऑनलाइन संपर्क करके उसकी आईडी बनाई हैं। उन्हें शक है कि उन्हीं लोगों ने बेटी को छुपाकर रखा है। साइबर सेल ने भी इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। सीपी व डीजीपी को भी दी शिकायत एडवोकेट राहुल ने बताया कि थाना टिब्बा व साइबर सेल ने कार्रवाई नहीं की तो वो सीपी के पास पेश हुए और डीजीपी को भी शिकायत दी। सभी दस्तावेज शिकायत के साथ दिए फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो अपना कोर्ट का रास्ता पुलिस ने नाबालिगा के गायब होने के चार दिन बाद उसके पिता की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ नाबालिगा को अवैध हिरासत में रखने का पर्चा दर्ज किया। माता-पिता थाने के चक्कर लगाने के बाद साइबर सेल में भी पेश हुए। सीपी के पास गए। डीजीपी को शिकायत भेजी। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने कोर्ट का रास्ता अपनाया। कोर्ट में भी जवाब देने में कर रहे थे लीपापोती एडवोकेट राहुल ने बताया कि जब कहीं कार्रवाई नहीं हुई तो कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जांच अधिकारी सुरजन सिंह, थाना टिब्बा के एसएचओ को तलब किया लेकिन वो जवाब देने में लीपापोती करते रहे। साइबर सेल ने भी समय पर जवाब नहीं दिया। इस पर कोर्ट ने उनकी महीने की एक तिहाई सेलरी अटैच करने के आदेश दिए हैं।
मप्र सरकार ने गेहूं और धान की सरकारी खरीदी करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। नागरिक आपूर्ति निगम (नान) पर चढ़े 77,000 करोड़ रुपए के भारी-भरकम कर्ज का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से सीधे धान और गेहूं खरीदने की अपील की है। इसके लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा है। दरअसल, मप्र में धान-गेहूं खरीदी की विकेंद्रीकृत व्यवस्था है यानी प्रदेश सरकार किसानों से ये अनाज खरीदती है और केंद्र सरकार का भारतीय खाद्य निगम प्रदेश सरकार से अनाज लेता है। यदि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को मान लेती है, तो ये व्यवस्था खत्म होगी और नागरिक आपूर्ति निगम की कोई भूमिका नहीं होगी। अगले सत्र से गेहूं-धान की खरीदी सीधे भारतीय खाद्य निगम (FCI) ही करेगा। सरकार का दावा है कि व्यवस्था में बदलाव से किसानों या आम जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन जानकारों का कहना है कि FCI के गुणवत्ता मानक बेहद सख्त होते हैं, जिससे बड़ी संख्या में किसानों की उपज रिजेक्ट हो सकती है और उन्हें अपनी मेहनत की कमाई औने-पौने दामों पर निजी व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। पढ़िए रिपोर्ट... सरकार ने केंद्र से क्या मांग कीमुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 1 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को एक पत्र लिखकर कहा है कि गेहूं और धान की खरीदी की व्यवस्था केंद्रीकृत तरीके से की जाए। पत्र में लिखा है कि प्रदेश में उपार्जन पिछले सालों में बढ़कर गेहूं में 77.74 लाख मीट्रिक टन एवं धान में 43.49 लाख मीट्रिक टन हो गया है। स्टॉक के निराकरण में बहुत ज्यादा समय लग रहा है, साथ ही राज्य सरकार की जो लागत आती है उसका समय पर भुगतान न होने से राज्य सरकार को विकेंद्रीकृत उपार्जन योजना संचालन में काफी वित्तीय हानियां हो रही हैं। यह उल्लेखनीय है कि उक्त उपार्जन योजना में बैंकों से ली गई उधार राशि ₹72,177 करोड़ है। इसके पुनर्भुगतान में काफी समस्या हो रही है। अतः अनुरोध है कि प्रदेश को समर्थन मूल्य विकेंद्रीकृत उपार्जन योजना के स्थान पर केंद्रीकृत उपार्जन योजना संचालन की अनुमति प्रदान करने का कष्ट करें। 3 पॉइंट्स से समझिए सरकार ने क्यों लिया फैसला भास्कर ने नागरिक आपूर्ति निगम के सूत्रों से बात की तो उन्होंने इसके तीन प्रमुख कारण गिनाएं… 1. खरीदी ज्यादा, खपत कम: इस साल प्रदेश ने 78 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा, जिसमें से केवल 20 हजार मीट्रिक टन ही प्रदेश के राशन वितरण में इस्तेमाल होगा। लगभग 58 लाख मीट्रिक टन अनाज अतिरिक्त है। कुल खरीदी का 70-75% हिस्सा बाद में FCI को ही जाता है। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया का खर्च, जिसमें ट्रांसपोर्ट, भंडारण, रखरखाव और ब्याज शामिल है उसे राज्य सरकार को उठाना पड़ता है। 2. देरी से और अधूरी प्रतिपूर्ति( रीइंबर्समेंट): राज्य सरकार बैंकों से हजारों करोड़ का कर्ज लेकर खरीदी करती है। केंद्र से इस खर्च की प्रतिपूर्ति तब होती है, जब अनाज FCI उठा लेता है या राशन में बंट जाता है। इस प्रक्रिया में 2 से 3 साल लग जाते हैं। इतने लंबे इंतजार के बाद भी पूरी राशि नहीं मिलती। केवल 90-95% राशि ही वापस आती है, क्योंकि कई खर्चों पर केंद्र और राज्य के बीच सहमति नहीं बन पाती, जिस पर सालों तक खींचतान चलती रहती है। 3. कर्ज का बढ़ता बोझ: इस साल गेहूं खरीदी पर ही राज्य ने 20,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया। पिछले साल धान पर 10,000 करोड़ रुपए का कर्ज था। इस साल भी धान पर इतनी ही राशि खर्च होने का अनुमान है। यानी एक फसल चक्र में ही ₹30,000 करोड़ का कर्ज, जिसकी वापसी 2-3 साल बाद होगी, वह भी कटौती के साथ। अधिकारी बोले- व्यवस्था बदलेगीनागरिक आपूर्ति निगम के एमडी अनुराग वर्मा का कहना है, मध्यप्रदेश ने सेंट्रल परचेसिंग शुरू करने के लिए पत्र लिखा है। पहले भी केंद्र से सीधी खरीदी होती थी, अब फिर ऐसा होगा तो बस व्यवस्था बदलेगी, इससे आम आदमी या किसान पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बल्कि इससे प्रदेश के रुपए बचेंगे। रिटायर्ड कर्मचारी बोले- किसान बर्बाद होंगेरिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी संघ सरकार के इस तर्क से सहमत नहीं हैं। मध्यप्रदेश राज्य निगम मंडल अधिकारी कर्मचारी संघ के संयोजक अनिल वाजपेयी के अनुसार, नान की बर्बादी के लिए कुप्रबंधन जिम्मेदार है। वे कहते हैं, नागरिक आपूर्ति निगम में कभी सेकेंड लाइन लीडरशिप तैयार ही नहीं की गई। अधिकारी रिटायर होते गए और काम संविदा या निजी कर्मचारियों के भरोसे चलता रहा। आज निगम की हालत परिवहन निगम और तिलहन संघ जैसी हो गई है। निगम प्रतिदिन ₹11 करोड़ से अधिक का तो सिर्फ ब्याज चुका रहा है। एक्सपर्ट बोले- केंद्र को तय करना है क्या होगी व्यवस्थानिगम मंडल समन्वय अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधि श्याम सुंदर शर्मा भी इसके लिए राज्य सरकार को ही जिम्मेदार ठहराते हैं। वे कहते हैं, 'यह स्थिति अधिकारियों की अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश है। केंद्रीय एजेंसी गुणवत्ता को लेकर बहुत सख्त रहती है। अभी तक निगम राज्य का था, तो अधिकारियों का झुकाव किसानों के प्रति रहता था। FCI को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि किसान का अनाज बिक रहा है या नहीं। ऐसे में किसानों को मजबूरी में अपनी उपज निजी क्षेत्र में बेचनी पड़ेगी, जहां उनका शोषण तय है। फिलहाल राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर केंद्र को तय करना है कि मप्र में धान और गेहूं की खरीदी की व्यवस्था क्या होगी।
वाराणसी में 5 नवंबर को देव दीपावली है। इस साल देव दिवाली 'ऑपरेशन सिंदूर' को समर्पित होगी। पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। गंगा आरती देखने के लिए 2 लाख लोग काशी पहुंचेंगे। करीब एक लाख लोग गंगा आरती करेंगे, जो घाट और गंगा नदी में नाव पर मौजूद रहेंगे। 21 अर्चक महाआरती करेंगे। पहली बार संस्था अपने यूट्यूब चैनल से महाआरती का लाइव टेलीकास्ट करेगी। जिसे देश-दुनिया के लोग देख सकेंगे। PM मोदी भी ऑनलाइन देव दिवाली देखेंगे करीब एक घंटे तक आतिशबाजी होगी। 8 मिनट का लेजर शो होगा। गंगा आरती की शुरुआत कब और कहां से हुई? सबसे पहली बार इस परंपरा को किसने शुरू किया? इस बार आरती में क्या खास रहेगा? यह समझने के लिए 'दैनिक भास्कर' ने गंगा सेवा निधि के पदाधिकारियों से बात की। रिपोर्ट पढ़िए... एक अर्चना से शुरू हुई थी गंगा आरतीदशाश्वमेध घाट पर हमें गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा मिले। उन्होंने बताया- काशी में बाबा विश्वनाथ की सप्तऋषि आरती होती है। इसके अलावा सिर्फ गंगा जी की सप्तऋषि आरती होती है। हमारा घर घाट से ऊपर ही है। 1989 की बात है। मेरे पापा स्व. सत्येंद्र मिश्रा और उनके दोस्तों ने घाट की सफाई शुरू की। इसमें राजेंद्र प्रसाद घाट और दशाश्वमेध घाट शामिल थे। उस समय दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती नहीं होती थी। टूरिस्ट काशी आते, काशी विश्वनाथ का दर्शन, गंगा स्नान करते और वापस लौट जाते। शाम को इन घाटों पर सन्नाटा पसर जाता था। ऐसे में हमारे पिताजी और उनके दोस्त को विचार आया कि शाम को यहां गंगा आरती करनी चाहिए। तब 1 अर्चक यानी सत्येंद्र मिश्रा ही आरती करते थे। फिर समय के साथ 3 अर्चक, 5 अर्चक और अब 7 अर्चक यह आरती करते हैं। सुशांत मिश्रा ने कहा- देव दीपावली पर सबसे भव्य गंगा आरती होती है। आम दिनों में 7 अर्चक आरती करते हैं। मगर देव दीपावली पर 21 अर्चक महाआरती करते हैं। इसमें 42 देव कन्याएं रिद्धि–सिद्धि के रूप में मौजूद रहती है। जो चंवर डोलाती हैं। इस दौरान घाट और गंगा नदी में नाव पर करीब 1 लाख भक्त मौजूद रहते हैं। 1.5 महीने पहले शुरू होती है तैयारी सुशांत ने बताया, हमारे पास 35 लोगों का स्टाफ है। रोजाना गंगा आरती के प्रबंधन किए जाते हैं। हर दिन करीब ढाई घंटे का समय लगता है। 1 घंटे में आरती संपन्न हो जाती है। देव दीपावली पर होने वाली आरती के लिए 1.5 महीने पहले से तैयारियां शुरू होती हैं। पूरा घाट फूलों से सजाया जाता है। महाआरती के बाद सांस्कृति आयोजन होते हैं। सेवा निधि कार्तिक के पूरे महीने में आकाशदीप जलाती है। साल 1999 में कारगिल पर भारत की विजय के बाद आकाशदीप जलाने की परंपरा शुरू हुई। सुशांत ने कहा- इस वर्ष हम शौर्य के 25 साल में पहुंच गए हैं। ये आकाशदीप सेना के शहीद जवानों के नाम होते हैं। जिन्हें नमन करने के लिए हम इंडिया गेट की पहले रिप्लिका बनाते थे, लेकिन अमर जवान ज्योति वहां से हटने के बाद अब सिर्फ अमर जवान ज्योति की रिप्लिका बनती है। अमर जवानों को दी जाएगी श्रद्धांजलि सुशांत ने बताया, इस बार अमरवीर योद्धाओं की स्मृति में कार्यक्रम होगा। इसमें अमर बलिदानी अरविन्द कुमार यादव, अमर बलिदानी शुनिल कुमार पाण्डेय, अमर बलिदानी रितश कुमार सिंह अमर बलिदानी इन्द्रभुषण सिह, 11 BN NDRF के अमर बलिदानी राम बहादुर सिंह को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके साथ ही पहलगाम हमले में मरने वालों को भी श्रद्धांजलि दी जाएगी। घर बैठे देख पाएंगे काशी की देव दीपावली की भव्य आरती संस्था द्वारा भव्य देव-दीपावली महोत्सव की महाआरती व आयोजन संस्था के यू-ट्यूब चैनल पर लाइव देखा जा सकता है। इसके लिए लिंक https://www.youtube.com@gangaaartigangasevanidhi2261 जारी किया गया है। घर बैठे भी श्रद्धालु देव-दीपावली महोत्सव में होने वाली महा आरती के दर्शन कर सेकेगें। आयोजकों ने बताया भगवती मां गंगा की आरती के दौरान देश-विदेश आए लाखों श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए सुरक्षा की दृष्टि से संस्था द्वारा 24 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। भारत सेवा श्रम संघ के 100 स्वयं सेवक व सुरक्षा उपकरणों के साथ गंगा सेवा निधि के 150 वॉलंटियर रहेंगे। साथ ही राजकीय चिकित्सालय द्वारा चिकित्सकों की टीम व एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई हैं। 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ की तरफ से वाटर एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है। 10 लाख से अधिक दीप जगमगाएंगे, लेजर शो होगादेव दिवाली के लिए पर्यटन विभाग और महोत्सव समिति वाराणसी ने 10 लाख से अधिक मिट्टी के दीपकों की व्यवस्था की है। कुल 20 सेक्टर बनाए गए हैं। इनमें प्रत्येक के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत शंखनाद और डमरू की गूंज से होगी। देव दीपावली की शाम 25 मिनट का काशी-कथा 3-डी प्रोजेक्शन मैपिंग व लेजर शो का आयोजन किया जाएगा। काशी के गौरव, गंगा की महिमा और भगवान विश्वनाथ की नगरी की आस्था को दिखाया जाएगा। इसके अलावा 8 मिनट का विशेष लेजर शो भी होगा। इसी के साथ ही श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के सामने रात आठ बजे से ग्रीन आतिशबाजी भी की जाएगी। गंगा सेवा निधि द्वारा राष्ट्रपति को देव दीपावली के भव्य आरती में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था, जिस पर उनके कार्यालय से इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं भेजी गई हैं। ....................................... ये खबर भी पढ़िए- काशी में ब्राजीलियन कलाकारों ने पढ़ा शिवमंत्र:रघुपति राघव राजा राम गाया; पीएम मोदी भी तारीफ कर चुके हैं काशी में सुबह-ए बनारस में रविवार को अनोखा नजारा देखने को मिला। इसी वर्ष पद्मश्री से सम्मानित हाे चुके ब्राजील के आचार्य जोनास मसेट्टी ने अपने ग्रुप के साथ पहली बार रघुपति राघव राजा राम गाया। शिव मंत्र पढ़ा। मंच पर इनके ग्रुप ने जब हिंदी और अंग्रेजी में भक्ति गीतों काे गुनगुनाया, तो हर कोई मुग्ध हो गया। गंगा घाट पर हुए कार्यक्रम में विदेशी कलाकारों के मुंह से भजन सुनकर वहां मौजूद दर्शक और श्रद्धालु झूम उठे। पढ़ें पूरी खबर
सुल्तानपुर में एक घर के बरामदे में बहुत सारे बच्चे बैठे हैं। इनमें कुछ बच्चे एक टेस्ट पेपर लेकर ओएमआर शीट भर रहे हैं। सामने एक टीचर बच्चों को लगातार गाइड कर रहे हैं। आने वाले कुछ दिनों में बच्चे सरकार की अलग-अलग स्कॉलरशिप वाली परीक्षा में बैठेंगे। अगर वहां पास होते हैं, तो इन्हें आगे की पढ़ाई के लिए सलाना 12-12 हजार रुपए की स्कॉलरशिप मिलेगी। इस स्कॉलरशिप से कमजोर आर्थिक स्थिति वाले इन बच्चों की आगे की पढ़ाई आसान हो जाएगी। जो टीचर इन बच्चों को गाइड कर रहे हैं, उनका नाम अरुण कुमार प्रजापति है। उनके पास ये बच्चे इसलिए आते हैं, क्योंकि उनके पढ़ाने से सैकड़ों बच्चे स्कॉलरशिप प्रोग्राम में सिलेक्ट हुए। नवोदय और एकीकृत परीक्षा में पास हुए। यही वजह है कि अब 8-8 किलोमीटर दूर से बच्चे साइकिल के जरिए अरुण प्रजापति से पढ़ने आ रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम उनकी इस कोचिंग पहुंची। वहां की व्यवस्था को देखा। अरुण प्रजापति और उनके इन बच्चों से बात की। बच्चों की सफलताओं के बारे में जाना। पढ़िए सब कुछ... स्कॉलरशिप के लिए पढ़ाई कर रहे गरीब छात्रसुल्तानपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर पांडे बाबा स्थान है। यहीं एक घर में बहुत सारे बच्चे जमीन पर चटाई बिछाकर बैठे पढ़ाई कर रहे थे। ज्यादातर बच्चे 6वीं से लेकर 8वीं क्लास के बीच के हैं। 9 नवंबर को राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा है। इसलिए 8वीं के सभी बच्चे इसकी तैयारियों में जुटे नजर आए। परीक्षा के बारे में 8वीं क्लास के शुभम कहते हैं- जो बच्चा इसमें पास हो जाएगा, उसे 9वीं से 12वीं क्लास तक हर साल 12-12 हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिलेगी। हम इसी की तैयारी में जुटे हैं। अगर मैं परीक्षा पास कर लूंगा, तो आगे की पढ़ाई आसान हो जाएगी। हमने शुभम से कहा कि प्राइवेट स्कूल में क्यों नहीं गए? वह कहते हैं- घर में गरीबी है, पापा दिल्ली में बैग सिलते हैं। साल में एक-दो बार आ जाते हैं। पैसा ज्यादा है नहीं, इसलिए हम सरकारी स्कूल में पढ़ रहे। यहां फ्री में कोचिंग हो जाती है। हमारे लिए बहुत राहत की बात है। शुभम के बगल बैठे आयुष गुप्ता की कहानी भी शुभम की तरह ही है। आयुष 4 किलोमीटर दूर से अरुण प्रजापति से पढ़ने के लिए आते हैं। वह कहते हैं- घर में पैसा नहीं है। मम्मी-पापा ने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ लो। हमने कहा कि ठीक है। अपने दोस्तों के जरिए अरुण सर के बारे में पता चला। इसके बाद हम यहां आ गए। 9 नवंबर को राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित परीक्षा है। अगर उसमें सिलेक्शन हो जाता है, तो अच्छा रहेगा। 2022 में ज्यादा सिलेक्शन हुए, तब आइडिया आयाअरुण सर से हमने पूछा कि बच्चों को फ्री में पढ़ाने का यह आइडिया कहां से आया? वह कहते हैं- 2022 में सुल्तानपुर जिले से राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा में 29 बच्चों का सिलेक्शन हुआ। इसमें 8 बच्चे हमारे उच्च प्राथमिक विद्यालय कैथाना से पास हुए थे। पास होने के बाद वो बच्चे बहुत खुश थे। उनकी इसी खुशी ने मुझे प्रभावित किया। मन में आया कि क्यों न और बच्चों को इस तरह से खुशी दी जाए। अरुण सर कहते हैं- पहले तो हमने मुदिगरपुर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाना शुरू किया। वहां 4-5 स्कूलों के बच्चे आते थे। इसके बाद हमारी मुलाकात अरविंद जी से हुई। उन्होंने पढ़ाई के लिए अपना यह घर दे दिया। कहा कि आप यहीं शुरू कर दीजिए। हमने यहां शुरू किया, यहां बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी, करीब 15 स्कूलों के बच्चे आने लगे। इनकी संख्या 150 के पास पहुंच गई। आप समझिए पिछले 3 साल में करीब 150 बच्चे अलग-अलग परीक्षाओं में सफल हुए। एनटीए जो परीक्षा करवाती है, उसमें 25-30 बच्चे सफल हुए। पिछले दिनों एक बच्चा नवोदय में सिलेक्ट हुआ, एकीकृत परीक्षा में 2 बच्चे सफल हुए। इसी तरह से कुछ और परीक्षाओं में भी बच्चे सफल हुए हैं। लड़कियां 8-8 किलोमीटर दूर से आ रहींइस कोचिंग की खास बात यह है कि यहां लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या ज्यादा है। ये सभी सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। पहले कभी कहीं कोचिंग नहीं की, क्योंकि आर्थिक रूप से सभी का परिवार कमजोर है। उन्हें अरुण सर के पास एक उम्मीद दिखी। ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) भर रही शेजल बताती हैं- 6-7 किलोमीटर दूर से आती हूं। पापा सब्जी बेचते हैं, भइया भी उनके साथ दिल्ली में ही रहता है। अभी टेस्ट में 150 सवाल सही हो जा रहे। ऐसा ही रहा, तो सिलेक्शन हो जाएगा। आगे चलकर मुझे पुलिस अफसर बनना है। 8वीं में पढ़ने वाली रेशमा निषाद 8 किलोमीटर दूर से आती हैं। सुबह स्कूल में पढ़ाई करती हैं और 2 बजे कोचिंग आती हैं। रेशमा कहती हैं- साथ में पढ़ने वाली सहेलियों ने यहां के बारे में बताया। हमने अपने पापा से कहा तो उन्होंने आने की इजाजत दे दी। अब पूरा फोकस है कि स्कॉलरशिप परीक्षा पास कर लूं, जिससे सहायता मिल जाए। आगे चलकर डॉक्टर बनना है, जिससे जनता की सेवा कर सकूं। साथ बैठी रिया वर्मा, साक्षी विश्वकर्मा भी रेशमा की ही तरह दूर से आती हैं। उन्हें यह कोचिंग संस्थान एक उम्मीद लगती है। अदिति यादव 5वीं क्लास में पढ़ती हैं। पिता की मौत हो चुकी है। पहले कहीं कोचिंग नहीं करती थीं। कहती हैं- यहां पैसा नहीं लगता, इसलिए आती हूं। वह पिता की मौत के बारे में बताते हुए थोड़ा भावुक हो जाती हैं। इसी तरह से 6वीं क्लास में पढ़ने वाली महक कनौजिया कहती हैं- नवोदय का फॉर्म डाला था, लेकिन नहीं निकल पाया। अब आगे की तैयारी कर रही हूं। सर सब कुछ अच्छा पढ़ाते हैं। मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। अपने पैसे से किताब-कापियां खरीदकर देते हैं अरुणजिस जगह अरुण कोचिंग पढ़ाते हैं, वहीं एक कमरे में उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी तमाम किताबें रखी हैं। वह ये किताबें बीच-बीच में बच्चों को देते हैं। इसके अलावा ओएमआर शीट, कॉपी जैसी चीजें वह खुद ही मार्केट से खरीदते हैं और बच्चों को देते हैं। इसके लिए वह बच्चों से कोई पैसा नहीं लेते। जो टेस्ट कॉपी होती है, उसे जांचने के लिए वह अपने घर ले जाते हैं। कई बार बच्चे वॉट्सऐप पर सवाल पूछ लेते हैं, वह उसे भी हल करके भेज देते हैं। हमने अरुण से उनके बारे में पूछा। पूछा कि आखिर कैसे यह सब मैनेज कर रहे? अरुण अपने बारे में बताते हैं- मेरा घर इसी सुल्तानपुर के पाकरपुर गांव में है। शुरुआत में प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई की। फिर प्रयागराज में पढ़ाई की। नौकरी नहीं मिली। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना शुरू किया। 2004 में विशिष्ट बीटीसी के जरिए नौकरी लग गई। पहले अमेठी में नौकरी की। वहीं प्रमोशन हुआ और जूनियर हाईस्कूल में टीचर हो गया। 2015 से कैथाना के उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पढ़ा रहा हूं। 1 लाख से ज्यादा सैलरी, खर्च उतना है नहींअरुण कहते हैं- मेरे परिवार में पत्नी, 2 बेटे और 1 बेटी है। बड़ा बेटा ताइवान में पढ़ रहा, छोटा लखनऊ में यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। बेटी 12वीं कर चुकी है। वह भी सेमी कंडक्टर में इंजीनियरिंग करने के लिए भाई के पास ताइवान जाना चाहती है। मेरी सैलरी इस वक्त 1 लाख रुपए के ऊपर है। खर्च के रूप में दोनों बेटों को पैसा भेज दिया, कुछ पैसा घर के खर्च में लगता है। बाकी इन्हीं बच्चों के लिए खर्च करता हूं। अरुण कहते हैं- मैंने बच्चों की समस्याओं को बहुत करीब से देखा है। स्कूल में किसी बच्चे का चप्पल टूट जाता है, तो वह रोने लगता है। उसे डर होता है कि पापा मारेंगे। सरकार ने इन लोगों के लिए बहुत चीजें की हैं, लेकिन अभी भी बहुत सारी चीजें करने की जरूरत है। फिलहाल इस वक्त अरुण प्रजापति की यह कोचिंग आसपास के इलाकों में किसी वरदान से कम नहीं। प्राइमरी में पढ़ने वाले इन बच्चों के लिए एक अवसर तैयार किया है। न सिर्फ पढ़ाई के लिए, बल्कि कॉन्फिडेंस बढ़ाने का भी काम किया जा रहा है। इसमें जितने भी बच्चे पढ़ने आते हैं, वो सभी आर्थिक रूप से कमजोर हैं। कई तो ऐसे हैं जिनके पिता नहीं हैं। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... बहराइच में डूबे 8 लोग नहीं मिले, मगरमच्छ खा गए?, गांव जाने के लिए कोई सड़क नहीं 29 अक्टूबर को बहराइच के भरथापुर में 22 लोग नाव पर सवार हुए। गांव पहुंचने से पहले नाव डगमगाई और डूब गई। 13 लोग जैसे-तैसे बच गए। 9 लापता हो गए। 3 घंटे बाद एक महिला की लाश मिल गई। बाकी के 8 लोग जिसमें 5 बच्चे थे, नहीं मिल रहे। NDRF, SDRF, PAC सर्च अभियान में जुड़े। 5 किलोमीटर तक के एरिया में खोजा गया। 48 घंटे बीत गए लेकिन कोई नहीं मिला। आशंका है कि इस नदी में मगरमच्छ और घड़ियाल की भरमार है, वह सबको खा गए। पढ़ें पूरी खबर
सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। रोड एक्सीडेंट में होने वाली मौतों में एमपी देश में चौथे नंबर का राज्य है। MORTH(सड़क परिवहन मंत्रालय) की ताजा रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि देश में होने वाले सड़क हादसों में मरने वालों में एमपी चौथे नंबर पर है।मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (Morth) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में सबसे ज्यादा 34652 मौतें यूपी में हुई हैं। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु में 18347 महाराष्ट्र में 15366 और चौथे नंबर पर एमपी में 13798 मौतें रोड एक्सीडेंट में हुई हैं। नितिन गडकरी ने परफॉरमेंस ऑडिट के निर्देश दिएदरअसल, हाल ही में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बैतूल-भोपाल हाईवे की जर्जर हालत पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इसकी खराब हालत के लिए प्रोजेक्ट डायरेक्टर (PD) और रीजनल ऑफिसर (RO) की जवाबदेही तय होनी चाहिए। बयान 28 अक्टूबर को औद्योगिक संगठन CII के एक कार्यक्रम में दिया, जिसका वीडियो शुक्रवार (31 अक्टूबर) को सामने आया। गडकरी ने कहा कि खराब सड़क पर अगर हादसों की संख्या बढ़ रही है तो अधिकारी के परफॉर्मेंस का ऑडिट करो। देखो उसने कैसा काम किया। ऐसे अधिकारी का प्रमोशन मत करो। जो काम किया गया है उसका परफॉर्मेंस ऑडिट जरूरी है। अच्छी सड़कों की जरूरत है। बैतूल-भोपाल सड़क को लेकर मैंने मंत्रालय के सचिव को पत्र भी भेजा है। एमपी में होने वाली मौतों में 53% टू व्हीलर सवाररोड एक्सीडेंट में होने वाली मौतों में एमपी में आधे से ज्यादा 53% टू-व्हीलर चालक हैं। चिंताजनक बात ये है कि रोड एक्सीडेंट में मरने वालों में 87% लोग वर्किंग एज ग्रुप के हैं। एमपी में 1041 ब्लैक स्पॉटपूरे एमपी में करीब 1041 ब्लैक स्पॉट हैं यहां पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं रोड एक्सीडेंट के कारण इन ब्लैक स्पॉट्स पर बोर्ड, साइनेज लगाकर मौतें रोकने पर काम किया जा रहा है। मरने वालों में 84.4% यानी 11633 पुरुष और 15.6% यानी 2165 महिलाएं शामिल थीं। मरने वालों में 87% वर्किंग एज ग्रुप के लोग थे।WHO के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं के कारण अधिकांश देशों को अपने GDP का 3% नुकसान होता है। एमपी में दुर्घटनाओं के कारण 14308 करोड से 38055 करोड़ के नुकसान होने का अनुमान है। लोकल रोड पर गई सबसे ज्यादा जानेंसड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि एमपी में हुए सड़क हादसों में जितनी मौतें हुई उनमें सबसे ज्यादा 46% लोकल रोड पर हुई हैं। नेशनल हाईवे पर 32% यानी 4476 मौतें हुईं। स्टेट हाईवे पर 22% यानी 2960 और अन्य रोड पर 46% यानी 6362 मौतें हुई हैं। IIT मद्रास ने तैयार किए टूल्स, मदद मिलेगीIIT मद्रास के प्रोफेसर बालासुब्रमण्यम ने बताया- हम डेटा ड्रिवन हाइपर लोकल इंटरवेंशन(DDHI) से डेटा लेकर लोकल इंटरवेंशन के जरिए इम्प्रूवमेंट के लिए काम करते हैं। एक्सीडेंट को कम करने के लिए जन आंदोलन बनाना जरूरी है। प्रशासन और जनता के साथ हम सबको मिलकर इन एक्सीडेंट को कम करना पड़ेगा। एमपी मध्य भारत में होने के कारण यहां से ईस्ट से वेस्ट हो या साउथ से नॉर्थ के बहुत सारे लोग मध्य प्रदेश होकर गुजरते हैं। आंकड़ों के आधार पर सुधार करेंगे। रोड सुधारना, इन्फोर्समेंट इम्प्रूवमेंट करना या ट्रॉमा केयर फेसिलिटी बढ़ाना तो प्रशासन से साथ मिलकर काम करेंगे। ब्लैक स्पॉट एक हाई फ्रीक्वेंसी, एक्सीडेंट जोन है। वहां इंटरवेंशन कर सकते हैं। ब्लैक स्पॉट न बने इसके लिए काम किया जाएगा। IIT मद्रास ने टूल्स डेवलप किया है। हम प्रशासन को कैपेसिटी बिल्डिंग, डैश बोर्ड एनालिसिस जैसे काम में मदद करेंगे। हम सपोर्ट में होंगे क्रियान्वयन सरकार करेगी जमीन पर अमल में जनता लाएगी। हम सिर्फ टूल्स दे रहे हैं। एप बताएगा कहां, कब और क्यों एक्सीडेंट हो रहेसेंटर ऑफ एक्सीलेंस रोड सेफ्टी IIT मद्रास के कर्नल संजीव शर्मा ने भास्कर को बताया- डेटा ड्रिवन हाइपर लोकल इंटरवेंशन की बात करें तो रोड सेफ्टी से संबंधित विभाग जैसे हेल्थ, हाईवे, रोड, ट्रांसपोर्ट और पुलिस इनमें कुछ विभाग सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए काम करते हैं। और कुछ विभाग चिकित्सा या इमरजेंसी केयर इसमें किसी व्यक्ति को चोट लग जाए तो इमरजेंसी केयर को तैयार करना जरूरी है। हमने जो एप तैयार किए हैं वो यह बताता है हमें किस जगह पर, किस समय पर, किस प्रकार के वाहनों में किस तरह के एक्सीडेंट हो रहे हैं उसका डेटा देता है। एक्सीडेंट के डेटा से ब्लैक स्पॉट या जहां पर ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं उसे चिह्नित करके ऐसी लोकेशन पर एम्बुलेंस तैनात कर सकते हैं। ताकि जो एक घंटे का जो गोल्डन ऑवर होता है। जिसमें घायल व्यक्ति को सही समय पर उपचार सुविधा देकर मृत्यु को कम किया जा सकता है। संजया एप से मिलती है एक्सीडेंट की सटीक जानकारीसंजय एप एक लोकेशन इंटेलिजेंस देता है। एक्सीडेंट कहां पर हुआ है उसकी सटीक लोकेशन, टाइम और किस वाहन के बीच में एक्सीडेंट हुआ इसका पूरा क्लासिफिकेशन बताता है। एक्सीडेंट की वजह भी बताता है कि गलत ड्राइविंग थी, ओवर स्पीडिंग थी, इन्फ्लुएंस ड्राइविंग थी या रॉन्ग साइड ड्राइविंग थी। ये डेटा हमारे पास ईडार (इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट) के जरिए कलेक्ट किया जाता है। पूरा डाटा एनालाइज करने के बाद एक विजुअल डैश बोर्ड पर जिला स्तर के अधिकारियों को दिया जाता है। जिससे वो संसाधनों का जरूरत के मुताबिक एलोकेशन कर सकते हैं। इससे मौतों और एक्सीडेंट को कम कर सकते हैं। ये खबर भी पढ़ें... रिपोर्ट में खुलासा...गलत डिजाइन-लापरवाही से धंसी थी सड़क भोपाल बायपास की सड़क का 100 मीटर का हिस्सा फेल सिस्टम, गलत डिजाइन और जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से धंसा था। जांच टीम की रिपोर्ट के बाद मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) की जीएम सोनल सिन्हा और एजीएम संजीव जैन को नोटिस थमाए गए हैं। पूरी खबर पढ़ें
किसान के घर से लाखों के जेवर चोरी, पुलिस ने कम आंकी कीमत
भास्कर संवाददाता | सागर राहतगढ़ थानांतर्गत मोहासा गांव के किसान के घर से चोर जेवर व नगदी ले गए। पुलिस ने चोरी गए जेवर की कीमत कम आंकी है। जिस पर आपत्ति दर्ज कराई गई है। जानकारी के अनुसार किसान राजेंद्र राय ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 28 अक्टूबर की रात 8.30 बजे हम लोग अपने घर के दरवाजे बंद करके सो गए थे। सुबह 7 बजे उठे तो देखा कि लोहे के दरवाजे की कुंडी अंदर से खुली थी और बाहर से बंद थी। कमरे में रखी लोहे की अल्मारी का भी दरवाजा खुला था। उसमें रखे जेवरात का बैग नहीं मिला। बैग में 60 हजार नगद, एक जोड़ी सोने की झुमकी, एक सोने की माला, चार सोने की चूड़ी थी जो कि चोर ले गए। जेवर करीब 18 साल पहले खरीदा था। पुलिस ने जेवर की कीमत 95 हजार रुपए आंकी है।
दिवारी नृत्य बुंदेली धरा के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक : विधायक लारिया
भास्कर संवाददाता | सागर नरयावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मोठी में 17वें बुंदेली वार्षिक दिवारी नृत्य समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में क्षेत्रभर से दिवारी दलों ने हिस्सा लिया और ढोल नगाड़ों की थाप पर नृत्य करते हुए अनोखी छाप बिखेरी। नरयावली विधायक प्रदीप लारिया ने समारोह में उपस्थित होकर न सिर्फ दिवारी गाई, बल्कि ढोल-नगाड़ों पर थिरके और इस अभिन्न परंपरा का आनंद लिया। विधायक ने कहा कि बुंदेलखंड का दिवारी नृत्य अनूठी विधा है। यह परंपरा न केवल अद्भुत शारीरिक कौशल दिखाती है बल्कि आपसी एकता और भाईचारे का संदेश भी देती है। यह बुंदेली धरा के शौर्य एवं पराक्रम का प्रतीक है। विधायक ने ग्वाल समाज मंगल भवन के लिए 50 लाख रुपए एवं मोठी में सामुदायिक भवन के लिए 5 लाख रुपए देने की घोषणा की। गयागंज में बन रहे ग्वाल समाज के 38 लाख रुपए के मंगल भवन लोकार्पण के लिए लोगों ने आमंत्रण दिया। कार्यक्रम में यादव महासभा अध्यक्ष शिवशंकर यादव, राजेंद्र यादव, शारदा खटीक, सरबजीत सिंह लोधी, चंदन यादव, सोहन लोधी, ऑफिसर यादव, राम सिंह यादव सहित समाजजन मौजूद थे।
अगर आप किसी मुसीबत में हैं और पुलिस से मदद मांगते हैं, तो लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे कि वो आप तक कितने समय में पहुंचेंगे? आपको अपना पता बताने की भी जरूरत नहीं होगी। बस यूपी 112 पर डायल करना होगा। जी हां, यूपी 112 सर्विस देश की पहली ऐसी सर्विस बनने जा रही, जो एंड्रॉयड इमरजेंसी लोकेशन सर्विस (ELS) पर काम करेगी। इसका ट्रायल चल रहा है और नवंबर में ही ये सेवा पूरे यूपी में शुरू हो जाएगी। ELS के जरिए जिस हैंडसेट से काल की गई है, उसकी लाइव लोकेशन यूपी 112 के कंट्रोल रूम को दिखने लगेगी। इससे मदद मांगने वाले को अपनी लोकेशन नहीं बतानी पड़ेगी। साथ ही आप पुलिस को लाइव ट्रैक कर पाएंगे। 112 सर्विस को और पावरफुल बनाने व रिस्पॉन्स टाइम कम करने के लिए ये कवायद की जा रही। इसके लिए पुलिस गाड़ियों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। यूपी 112 पर अभी कितनी काल आती हैं? कितनी जल्द पुलिस को पहुंचना होता है? कितनी गाड़ियां पुलिस के पास हैं? कितने पुलिसकर्मी यूपी 112 में काम कर रहे? आने वाले दिनों में और कितनी गाड़ियां इसकी फ्लीट में शामिल होंगी? ELS कैसे काम करेगी, पूरी प्रक्रिया जानिए… हर दिन 40 हजार लोग मांगते हैं यूपी पुलिस की मदद यूपी में हर दिन 40 हजार से ज्यादा फोन कॉल ‘यूपी 112’ पर आती हैं। इनमें पुलिस को क्विक रिस्पॉन्स करना होता है, मतलब मौके पर पहुंचना होता है। बड़े त्योहारों के समय पर ये संख्या डेढ़ गुना तक बढ़ जाती है। जैसे ,इस बार दीपावली के मौके पर यूपी 112 पर 59 हजार ऐसी कॉल आईं, जिनमें पुलिस काे मौके पर पहुंचना पड़ा। यूपी 112 के एक अधिकारी ने बताया कि आम दिनों में 112 पर 75 से 80 हजार कॉल आती हैं। इनमें से आधी कॉल ऐसी होती हैं, जिन पर पुलिस को मौके पर पहुंचने की जरूरत होती है। 7 मिनट में पहुंचती है पुलिसउत्तर प्रदेश में हाइटेक यूपी 100 की शुरुआत नवंबर, 2016 में हुई थी। उस समय रिस्पॉन्स टाइम 25 मिनट तक का था। यानी शिकायत मिलने या सूचना मिलने के 25 मिनट के अंदर गाड़ी मौके पर पहुंच जाती थी। धीरे-धीरे इसमें बदलाव हुआ, गाड़ियों की संख्या बढ़ाई गई। रिस्पॉन्स टाइम घटकर अब 7 मिनट पर आ चुका है। इसे और कम करने के लिए गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। पुलिस की फ्लीट में कितनी गाड़ियां हैं?पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया- यूपी 112 के सुधार का ये दूसरा चरण है। पहले चरण में 4800 गाड़ियां यूपी 112 के पास थीं। दूसरा चरण दिसंबर 2023 से शुरू हुआ। मौजूदा समय में इसके पास 6,278 गाड़ियां हैं। इसमें टू व्हीलर गाड़ियों की संख्या करीब 2000 हजार है। बाकी फोर व्हीलर गाड़ियां हैं। 30 करोड़ की लागत से 284 और गाड़ियां यूपी 112 को दी जा रही हैं। इनमें 31 इनोवा क्रिस्टा, 166 महिंद्रा स्कॉर्पियो और 87 पल्सर गाड़ियों की खरीद की जा रही है। इन गाड़ियों के यूपी 112 के बेड़े में शामिल होने के बाद रिस्पॉन्स टाइम और बेहतर होने की उम्मीद है। पीआरवी पर यूज होता है एपल का टैबलेटपीआरवी (पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल) पर त्वरित और बाधा रहित सर्विस देने के लिए एपल के टैबलेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। टैबलेट के जरिए पीआरवी पर मौजूद पुलिसकर्मी को डिटेल मिलने और उस पर कार्रवाई करने में आसानी होती है। मौजूदा समय में यूपी 112 में एआई तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा मोबाइल डेटा टर्मिनल, नंबर मास्किंग, कॉलर द्वारा पीआरवी की लोकेशन ट्रैकिंग, लाइव जीपीएस मैप और सभी गाड़ियों पर बॉडी वार्न कैमरे लगाए गए हैं। 688 गाड़ियां ऐसी हैं, जहां PTZ कैमरे लगाए गए हैं। PTZ का फुल फॉर्म होता है- पैन यानी दाएं से बाएं या बाएं से दाएं देखना। टिल्ट यानी ऊपर और नीचे देखना और जूम यानी कैमरा जूम करके किसी को देखना। 3 शिफ्ट में 60 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटीयूपी 112 पर 3 शिफ्ट में 60 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। हर शिफ्ट में 20 हजार पुलिसकर्मी होते हैं। इसमें ड्राइवर के अलावा हर गाड़ी पर एक सबइंस्पेक्टर और दीवान या सिपाही की ड्यूटी होती है। यूपी के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश सिंह कहते हैं- यूपी की 112 सर्विस देश में ही नहीं, दुनियाभर में बेहतर इमरजेंसी सर्विस में से एक है। जब मैं डीजीपी था, उस समय ही सभी महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे फायर सर्विस, एम्बुलेंस सर्विस, महिला हेल्पलाइन, चाइल्ड हेल्पलाइन, साइबर क्राइम सेल, जीआरपी, ट्रैफिक जैसी सेवाओं को एक नंबर से जोड़ा गया था। 2019 में शारजाह में इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम के तहत यूपी 112 को दुनिया भर में तीसरा स्थान मिला था। --------------------- ये खबर भी पढ़ें... रामपुर CRPF कैंप पर आतंकी हमला किसने किया?, 18 साल से जेल में बंद सभी दोषी बरी यूपी के रामपुर में CRPF कैंप पर 31 दिसंबर, 2007 की रात आतंकी हमला हुआ। 29 अक्टूबर, 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट (HC) ने 4 दोषियों की फांसी की सजा और एक की उम्रकैद की सजा रद कर दी। इन लोगों को सिर्फ आर्म्स एक्ट में दोषी पाते हुए 10 साल की सजा दी है। ये सभी 18 साल से जेलों में बंद हैं। ऐसे में ये माना जा रहा है कि सभी जल्द ही जेलों से बाहर आ सकते हैं। हाईकोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा। पुलिस ने इस केस में जो गवाह बनाए, वो न तो इन लोगों को पहले से जानते थे। न ही इनकी कभी शिनाख्त परेड करवाई। ऐसे में वो कैसे जानते थे कि यही आरोपी हैं? या फिर इन्होंने ही जुर्म किया है। पढ़ें पूरी खबर...
जिले का मोगली दल राज्य स्तरीय मोगली बाल महोत्सव में शामिल हुआ
सागर| राज्य स्तरीय मोगली बाल महोत्सव 2025 पेच अभयारण्य सिवनी में हुआ। इसमें सागर जिले का मोगली दल राजेंद्र अग्निहोत्री जिला विज्ञान अधिकारी सागर के मार्गदर्शन में शामिल हुआ। कनिष्ठ वर्ग से मानसी कुर्मी शासकीय हाई स्कूल भीष्म नगर भैंसा, शिवकुमार कुशवाहा शासकीय सांदीपनि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राहतगढ़, वरिष्ठ वर्ग से खुशी दांगी एवं कार्तिक पटेल शासकीय हाई स्कूल पिपरिया चमारी ने पुष्पा लोधी मार्गदर्शी शिक्षक के साथ सहभागिता की। पेंच अभयारण्य में जंगल हंटिंग, जंगल सफारी एवं नेचुरल ट्रेल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पर्यावरण एवं जंगली वातावरण को समझा। जंगली जानवरों के आवास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। राज्य स्तरीय प्रश्न मंच प्रतियोगिता में शामिल हुए।
नागरिक संघर्ष मोर्चा की बैठक में राहतगढ़ बस स्टैंड की डिजाइन बदलने पर चर्चा की गई
सागर| नागरिक संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में सरस्वती वाचनालय में बैठक का आयोजन किया गया। राहतगढ़ रेलवे फ्लाई ओवर की विसंगतियां समाप्त करने और उसकी खामियां दूर करने बैठक में चर्चा की गई। बैठक का नेतृत्व कर रहे समाजसेवी रघु ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में मानवीय संवेदनाएं समाप्त हो रही हैं। राजनीति में आज लोग पीड़ा के साथ नहीं अवसर के साथ खड़े हो रहे हैं। जब जनता अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीख जाएगी उसी दिन राजनेता जनता के साथ खड़े होना सीख जाएंगे। उन्होंने कहा कि राहतगढ़ बस स्टैंड ओवरब्रिज अब हत्यारा बन चुका है, इसकी डिजाइन बदलने का समय आ गया है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 और 2 के बाहर यथावत ऑटो स्टैंड बनाने के लिए संघर्ष करने हम सभी कमर कस लें। बैठक में गांधीवादी नेता सुखदेव तिवारी, पूर्व विधायक सुनील जैन, रविन्द्र सिलाकारी, पुरुषोत्तम सेन, शिवराज सिंह, सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे, सुरेंद्र सुहाने, भैयन पटेल, बालकृष्ण अग्रवाल, राजेन्द्र सिंह, प्रकाश सोनी, पप्पू तिवारी, हीरालाल चौधरी, पंकज सिंघई, रेखा सोनी, राजेन्द्र सिलाकारी, पवन पटेल आदि ने अपने सुझाव रखे।
सागर अंडर-22 क्रिकेट टीम का ट्रायल आज चंदू सरवटे क्रिकेट स्टेडियम में
सागर | सागर डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित अंडर-22 मल्टी डे इंटर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए सागर जिले की टीम का चयन 3 नवंबर को किया जाएगा। ट्रायल बम्होरी रेंगुआ स्थित चंदू सरवटे क्रिकेट स्टेडियम में दोपहर 2 बजे से शुरू होगा। एसोसिएशन के सचिव पुष्पेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि वे खिलाड़ी, जिनकी जन्म तिथि 1 सितंबर 2003 के बाद की है, इस ट्रायल में भाग ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि ट्रायल से पहले खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन सुबह 11 बजे से किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के समय खिलाड़ियों को डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र, पिछले तीन वर्षों की अंकसूची की मूल प्रति तथा पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, पैन कार्ड या पासपोर्ट अनिवार्य रूप से साथ लाना होगा। चयनित खिलाड़ियों को सागर जिला अंडर-22 टीम में शामिल किया जाएगा, जो आगामी इंटर डिस्ट्रिक्ट टूर्नामेंट में सागर का प्रतिनिधित्व करेगी।
शहर में आज नहीं होगी जलापूर्ति, कल मिलेगा पानी
सागर | सोमवार को राजघाट जल शोधन संयंत्र पर ट्रांसफार्मर बदलने, बीपी टैंक की बाल्व मरम्मत एवं अन्य मेंटेनेंस कार्यों के कारण शहर में पेयजल की सप्लाई नहीं की जाएगी। सोमवार को होने वाली पूरे दिन की सप्लाई 4 नवंबर को होगी। जबकि 4 नवंबर की सप्लाई 5 नवंबर को होगी। नगर निगम के जलप्रदाय विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक परकोटा चौराहे पर पाइपलाइन इंटरकनेक्शन का काम भी किया जा रहा है। जिस कारण सोमवार की रात में भी 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक नाव मंदिर से लेकर तीनबत्ती तक का मार्ग बंद रहेगा। सुबह मार्ग फिर से चालू कर दिया जाएगा। रेन बसेरा चौराहे से एचडीएफसी बैंक परकोटा तक पुरानी 350 एमएम की लाइन बंद हो गई है।
रानी अवंतीबाई वीरता पुरस्कार के आवेदन 15 तक
सागर| महिला एवं बाल विकास विभाग ने 2025 के लिए राज्य एवं जिला स्तरीय विभागीय पुरस्कारों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। रानी अवंती बाई राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए आवेदन 15 नवंबर तक होंगे। यह पुरस्कार उन महिलाओं या बालिकाओं को दिया जाएगा जिन्होंने महिलाओं या बच्चों को उत्पीड़न से बचाने, पुनर्वास में योगदान देने या बाल विवाह एवं दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ साहसिक कार्य किया हो। विजेता को सम्मान राशि के रूप में 1 लाख रुपए एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
श्री नागेश्वर महादेव मंदिर में 151 व्यंजनों का भोग लगाया
उज्जैन | ऋषि नगर एक्सटेंशन स्थित नागेश्वर महादेव मंदिर पर शनिवार को नागेश्वर महादेव भक्त मंडली ने अन्नकूट का आयोजन किया। आचार्य पं. वैभव शर्मा गुरुजी ने भगवान को 151 व्यंजनों का भोग लगाया। साथ ही आकर्षक शृंगार कर आतिशबाजी की गई। महाआरती के साथ अन्नकूट महोत्सव का समापन हुआ। इसमें ऋषि नगर एक्सटेंशन के नागरिक शामिल हुए। रविवार को अन्नकूट का प्रसाद वितरण किया गया।
समाज के लोगों को दे रहे प्रशिक्षण ताकि हवन व पूजन करवा सकें
उज्जैन | कुर्मी क्षत्रिय समाज द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पुरोहित प्रशिक्षण 2025 का शुभारंभ चिंतामण रोड स्थित श्रीराम वाटिका पाटीदार धर्मशाला में उज्जैन में राष्ट्रीय संरक्षक एलपी पटेल के मुख्य आतिथ्य एवं कुर्मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व राज्य मंत्री राम खेलावन पटेल की अध्यक्षता में हुआ। अभा कुर्मी क्षत्रिय महासभा, छत्तीसगढ़ कुर्मी क्षत्रिय चेतना मंच के तत्वाधान में आयाेजित प्रशिक्षण में शिविर के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. हेमंत कौशिक, प्रभारी बीआर कौशिक, राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष इंद्रभान पटेल, प्रदेश कोषाध्यक्ष राधेश्याम पटेल, महासचिव जीएल पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश चौधरी, कमल किशोर गौर, संभाग अध्यक्ष महेश पटेल, उज्जैन शहर अध्यक्ष जितेंद्र कटियार, कोषाध्यक्ष अजीत कटिहार, राधेश्याम वर्मा, कुंजबिहारी देवास आदि मौजूद थे। महेंद्र कटियार के अनुसार समाज का प्रयास है कि प्रशिक्षण में हिस्सा लेने वाले समाजजनों को पंडित पुरोहित के रूप में प्रशिक्षित किया जाए ताकि समाज में हवन, पूजन करने का कार्य कुर्मी समाज के लोग ही करें। समाज के ब्याह शादी का कार्यक्रम भी इनके माध्यम से हो। उज्जैन में प्रशिक्षण का आठवां स्थान है। इसके पहले जबलपुर, भोपाल, होशंगाबाद सहित कई जगह पर यह प्रशिक्षण हो चुका है। आभार दीपेश पाटीदार और प्रभु पाटीदार ने व्यक्त किया।
युवा समाज के विकास में भूमिका निभाएं -आंजना
उज्जैन | समाज की प्रगति के लिए हमें नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना होगा। समाज के युवा समाज के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। आगामी सिंहस्थ में समाज द्वारा आयोजित किए जाने वाले भंडारे में बढ़चढ़ कर सहयोग करें। यह बात मध्य प्रदेश युवा आंजना समाज और आंंजना समाज रिश्ते जोड़ो, समाज जोड़ो द्वारा आंजना मैरिज गार्डन, सोडंग सारीबारी में आयोजित दीपावली मिलन समारोह में समारोह संयोजक और प्रदेश अध्यक्ष विजय आंजना ने कही। कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश युवा आंजना समाज की नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई और पदाधिकारियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए गए। प्रदेश उपाध्यक्ष जसवंत आंजना और हटेसिंह आंजना ने कहा कि समाज की एकता और संगठन की शक्ति को मजबूत करने के लिए हमें निरंतर प्रयासरत रहना होगा। जिलाध्यक्ष जसवंत आंजना ने कहा समाज के विकास के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। प्रदेश महामंत्री हर्ष आंजना ने कहा समाज की एकता और संगठन की शक्ति को मजबूत करने के लिए हमें निरंतर प्रयासरत रहना होगा। मिलन समारोह में सिंहस्थ-2028 को लेकर भी चर्चा हुई। समाज ने निर्णय लिया कि आगामी सिंहस्थ में आंजना समाज अपनी सेवाएं देगा और भंडारे का आयोजन करेगा, जिसमें समाजजन सहित अन्य समाज को भोजन कराया जाएगा।
हिंद केसरी के लिए मप्र की टीम का चयन 5 को
सागर | देश के सबसे बड़े कुश्ती दंगल हिंद केसरी 2024-25 में भाग लेने के लिए मध्यप्रदेश टीम का चयन 5 नवंबर को छत्रसाल अखाड़ा में सुबह 10 बजे से किया जाएगा। चयन प्रक्रिया के लिए भारतीय शैली कुश्ती संघ के प्रांतीय महासचिव अर्जुन यादव ने राकेश यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। सतारा (महाराष्ट्र) में आयोजित होने वाले इस प्रतिष्ठित दंगल में 27 राज्यों के महिला व पुरुष पहलवान शिरकत करेंगे।
छोटी रपट पर रेलिंग लगाई, 3 शिफ्ट में 2-2 वालंटियर और होमगार्ड जवान होंगे तैनात
शहर में लगने वाले परंपरागत कार्तिक मेले का शुभारंभ 4 नवंबर से होने जा रहा है। इसके लिए नगर निगम की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। रविवार को रामघाट से दत्त अखाड़ा घाट वाली छोटी रपट को निगम द्वारा वैकल्पिक मार्ग बनाया गया, वहीं मेले के लिए समिति का गठन हुआ। मुख्य छोटी रपट पर पुल निर्माण कार्य के चलते खुदाई चल रही है, जिसके कारण इस मार्ग को बंद कर दिया गया है। ऐसे में नदी का जलस्तर कम कर वैकल्पिक मार्ग को साफ़-सफ़ाई कर चालू किया गया है। रविवार से यहाँ रेलिंग लगना शुरू हो गई। निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने बताया कि घाट पर सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की जा रही है। रेलिंग लगाने के बाद तीन शिफ्ट में मार्ग के दोनों तरफ़ दो-दो वालंटियर मौजूद रहेंगे। साथ ही घाट पर पूरे समय होमगार्ड जवान तैनात रहेंगे। स्ट्रीट लाइट सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर निरीक्षण किए जा रहे हैं। वहीं इस बार समिति का गठन थोड़ा देरी से हुआ है, इसके चलते मेले के आयोजनों की तिथि एक से दो में स्पष्ट हो पाएगी। मेले के सुचारू संचालन एवं व्यवस्था के लिए निगम अध्यक्ष कलावती यादव ने केंद्रीय समिति एवं विभिन्न समितियाँ का गठन करते हुए संयोजक एवं सहसंयोजक मनोनीत किए हैं। सोमवार दोपहर 1 बजे नगर निगम मुख्यालय स्थित सभागृह में केंद्रीय समिति की बैठक रहेगी। फिलहाल मेला परिसर में पिछले एक सप्ताह से झूले और दुकानें लगना शुरू हो चुकी हैं। इसी बीच कुछ लोगों द्वारा अवैध दुकानें और झूले लगाना शुरू कर दिए गए थे। इसके चलते अधिकारियों द्वारा रोजाना भ्रमण कर ले-आउट को जाँचते हुए अब तक 40 से ज़्यादा अतिक्रमण हटाए गए हैं। 4 वाटर एटीएम, दुकानों के बाहर डस्टबिन रखना ज़रूरी मेले में 25 झूलों के साथ-साथ फिश टनल, जलपरी, अमरनाथ गुफ़ा आकर्षण का केंद्र रहेंगे। मेला क्षेत्र में आने वाले लोगों के लिए नि:शुल्क रूप से 4 स्थानों पर वाटर एटीएम रहेंगे, 6 अलग-अलग स्थान पर शौचालय एवं मूत्रालय की व्यवस्था रहेगी। मेला क्षेत्र में घूमने वालों के लिए प्रत्येक ब्लॉक पर सूचना पटल के माध्यम से जानकारी रहेगी। मेले में आने वाले लोगों के लिए 3 करोड़ का बीमा भी किया है। स्वच्छता अभियान को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र की सफ़ाई का विशेष ध्यान, प्रत्येक दुकानों के बाहर डस्टबिन रखना अनिवार्य होगा। पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने की समझाइश देने का कार्य भी किया जाएगा। विभिन्न समितियाँ बनाई कार्तिक मेले में होने वाले विभिन्न आयोजन के लिए अलग-अलग समितियाँ बनाई हैं। इसके एक संयोजक, सहसंयोजक सहित सदस्य मनोनीत किए गए हैं।
'उड़ान भरते ही मेरा हेलिकॉप्टर हवा में दो बार घूम गया। यह देख सब नर्वस हो गए, पर मेरा हौसला मजबूत था। हनुमानजी को याद कर रहा था।' ये बातें यूपी के बाहुबली और भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में कही। उन्होंने बिहार में हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार और बेटी शालिनी सिंह के पहली बार मंच से कविता पढ़ने समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। क्या बेटी शालिनी राजनीति में आएंगी? जवाब में पूर्व सांसद ने कहा- बेटी की शादी राजनीतिक परिवार में हुई है। राजनीति में आना, न आना उनका निर्णय है। बृजभूषण ने कहा, बिहार चुनाव प्रशांत किशोर को लोग गंभीरता से नहीं ले रहे। राहुल गांधी तो चुनाव में जहर घोलने का काम करते हैं। मैं तो यह कहता हूं कि वह भाजपा के स्टार प्रचारक हैं, क्योंकि वे सेल्फ गोल करते हैं। अब पढ़िए बृजभूषण शरण सिंह से पूरी बातचीत... सवाल: जब हेलिकॉप्टर हवा में डगमगाया, उस वक्त आपके मन में क्या आ रहा था? जवाब: मेरा स्वभाव है कि मैं आपात स्थिति में भी बहुत धैर्य रखता हूं। उस समय मैं सिर्फ पायलट और इंजीनियर की गतिविधियों पर नजर रख रहा था। पायलट को आगे दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए हम दोनों को बता रहे थे कि कहां तार हैं और कहां नहीं। जब हवा में दो बार हेलिकॉप्टर घूम गया, तब थोड़ी चिंता हुई, लेकिन ध्यान सिर्फ सुरक्षित लैंडिंग पर था। जब नीचे उतरे तो सबसे पहले हमारे इष्टदेव हनुमानजी की याद आई। संघर्ष के समय बस यही ध्यान था कि हम सब सुरक्षित उतरें। सवाल: ऐसे वक्त में परिवार का चेहरा याद आता है, आपको किसकी याद आई? जवाब: सच कहूं तो मुझे पूरा भरोसा था कि सब ठीक रहेगा। घबराने वाला मैं नहीं हूं, इससे भी खराब समय देखा है। लैंडिंग के बाद गांव वाले जुटे, उन्होंने “बजरंगबली की जय” और स्थानीय देवी के जयकारे लगाए। उसी बीच मेरे मन में सुबह की एक बात आई एयरपोर्ट पर एक मुस्लिम बच्चा मिला था, उसने फोटो खिंचवाई थी। मैंने साथियों से कहा भी कि उसकी दुआ हमारे काम आई। सवाल: गांव के लोगों ने पहली बार हेलिकॉप्टर देखा, माहौल कैसा था? जवाब: जहां लैंडिंग हुई, वहां से करीब 200 मीटर तक सड़क नहीं थी। पहले दो-चार लोग पहुंचे, बाद में भीड़ बढ़ी। खेत में ही लैंडिंग इसलिए कराई गई, क्योंकि वहां बिजली के तार नहीं थे। गांव वाले थोड़ी देर से पहुंचे, लेकिन जब पहुंचे तो बहुत खुश थे। उनकी खुशी देखकर सारा तनाव खत्म हो गया। सवाल: क्या पहले कभी ऐसा अनुभव हुआ है? जवाब: एक बार इटावा में ऐसा हुआ था, लेकिन उतना खतरनाक नहीं था। इस बार बादल चारों ओर से घिर गए थे, दो बार हेलिकॉप्टर घूमा। पायलट और इंजीनियर थोड़ा नर्वस थे, पर मेरा हौसला मजबूत था। मुझे विश्वास था कि हम सुरक्षित निकलेंगे। सवाल: यानी आपको बजरंगबली पर पूरा भरोसा था? जवाब: बिल्कुल। बजरंगबली हमेशा मेरे साथ रहते हैं। मैं सामान्य समय में भले घबरा जाऊं, लेकिन कठिन वक्त में कभी नहीं डरता। सवाल: आपकी बेटी ने पहली बार मंच से कविता पढ़ी और कहा कि उसके “दो बाहुबली टाइप भाई” हैं। इस पर आपकी प्रतिक्रिया? जवाब: “बाहुबली” शब्द मैंने अपनी आंखों से देखा है। 1990 के दशक में गोंडा-बलरामपुर में सत्ता और शासन का दुरुपयोग करके जो लोग बाहुबली बने, हमने उनमें से एक बड़े बाहुबली को समाप्त किया। जब कोई बाहुबली को समाप्त करता है तो खुद भी बाहुबली कहलाता है। जहां सम्मान मिलना चाहिए था, वहां मीडिया और कुछ अधिकारियों ने माफिया कह दिया। अक्सर मैं यह शेर पढ़ता हूं… “किसी सोते को गफलत से जगा देना बगावत है, किसी कमजोरी के हक को दिला देना बगावत है, अगर सच्चाइयों का गीत गाना ही बगावत है, तो हम भी एक बागी हैं, मेरा मजहब बगावत है।” सवाल: क्या आपकी बेटी शालिनी सिंह राजनीति में आएंगी? जवाब: शालिनी दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी की पहली महिला अध्यक्ष रही हैं। उसने मुझे पत्र लिखा था कि वह सिर्फ इसलिए चुनाव लड़ना चाहती है, क्योंकि आज तक कोई महिला अध्यक्ष नहीं बनी। उसने बिना किसी सहयोग के खुद चुनाव जीता। उसकी शादी एक राजनीतिक परिवार में हुई है। उसके ससुर, सास और दादा तीनों सांसद रह चुके हैं। हमारे दामाद वर्तमान में नेफेड और बिस्कोमान के अध्यक्ष हैं। अब शालिनी राजनीति में आएंगी या नहीं, यह उनका और उनके परिवार का निर्णय होगा। सवाल: आपने बिहार चुनाव में एनडीए के लिए प्रचार किया, वहां का माहौल कैसा लगा? जवाब: शुरुआत में लगा था कि मुकाबला कड़ा होगा, लेकिन अब तस्वीर साफ है। प्रशांत किशोर को लोग गंभीरता से नहीं ले रहे। भाजपा का प्राकृतिक मतदाता भाजपा के साथ और तेजस्वी यादव का मतदाता उनके साथ है। आडवाणी जी के रथ यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, अब वही पुराना माहौल लौट आया है, लेकिन यह भी सच है कि नीतीश कुमार ने बेहतर सरकार चलाई है। यह दुर्भाग्य है कि जिस परिवार के तीन-तीन प्रधानमंत्री रहे, वही हर चुनाव में जहर घोल देता है। राहुल गांधी भाजपा के स्टार प्रचारक हैं, क्योंकि वे खुद ही सेल्फ गोल करते हैं। सवाल: राहुल गांधी बार-बार अंतरराष्ट्रीय लेवल पर मोदी सरकार और भारत की स्थिति पर बयान देते हैं, आप क्या सोचते हैं? जवाब: अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति पर सवाल उठाने के बजाय अब राहुल गांधी ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल हल्का हो जाता है। अब मोदी जी नाच भी सकते हैं, यह कहना चुनाव को हल्का करने जैसा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर टिप्पणी करना क्या ‘सेल्फ गोल’ नहीं था? और अब ‘मोदी जी नाच भी सकते हैं’ यह क्या है। क्या हम तालिबान में बैठे हैं? क्या हमारी सभ्यता और संस्कार यही कहते हैं कि हम इस तरह की बातें करें? राहुल गांधी के इन बयानों से जनता में गलत संदेश जाता है। विपक्ष कमजोर पड़ जाता है। सवाल: बिहार में मुख्यमंत्री कौन बनेगा? जवाब: मंच से गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहेंगे। इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। सवाल: तेजस्वी यादव ने कहा कि वे पांच लाख नौकरियां देंगे, आपने कहा “क्या रंगदारी वसूल कर देंगे'' इसका मतलब? जवाब: देखिए, कोई कहे कि वह लाखों नौकरियां देगा, यह व्यावहारिक नहीं है। आप कहिए कि प्रति परिवार आर्थिक सहायता देंगे, यह समझ में आता है। लेकिन इतनी नौकरियां कहां से लाएंगे? यही बात मैंने मजाक में कही थी कि क्या रंगदारी वसूल कर देंगे? सवाल: आपने कहा था कि एक बाहुबली को समाप्त किया, क्या आप नाम बताना चाहेंगे? जवाब: सब जानते हैं गोंडा में कौन बाहुबली था। कौन दिनदहाड़े एनकाउंटर करवाता था, कौन बूथ लूटता था, कौन प्रशासन का दुरुपयोग करता था। नाम बताने की जरूरत नहीं। सवाल: कुश्ती लीग और भारतीय कुश्ती संघ के हालात पर आपका क्या कहना है? जवाब: छह साल से कुश्ती लीग पर विराम था, पहले कोरोना, फिर विवादों के कारण। अब भारतीय कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह ने प्रो कुश्ती लीग के लिए एग्रीमेंट किया है। इससे बच्चों को बहुत फायदा होगा। सवाल: नंदनी महाविद्यालय (गोंडा) में खेल का माहौल कैसा है? जवाब: नंदनी महाविद्यालय में अभी करीब 3000 खिलाड़ी ट्रेनिंग कर रहे हैं। म्यांमार के 11 खिलाड़ी यहां हैं और मिजोरम-मणिपुर की टीमें भी आने वाली हैं। उनके रहने-खाने की पूरी व्यवस्था मुफ्त में की गई है। नंदनी महाविद्यालय हमेशा खेल की ऊर्जा से भरा रहता है। ------------------ ये खबर भी पढ़िए... पीलीभीत टाइगर रिजर्व में नियम तोड़कर घुसे भाजपाई:वन मंत्री ने एंट्री के लिए जारी की थी नई गाइडलाइन, 15 दिन पहले खोला गया बिग साइज कैट यानी बाघों और अन्य वन्य जीवों को करीब से देखने वाले वाइल्ड लाइफ लवर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व (PTR) को इस बार पर्यटन प्रेमियों के लिए सामान्य से 15 दिन पहले ही खोल दिया गया है। पढ़िए पूरी खबर...
56 विभागों की 1700 सेवाएं अब एक पोर्टल पर
मप्र स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘एमपी ई-सेवा पोर्टल और मोबाइल एप’ का शुभारंभ कर डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में नई क्रांति का आगाज कर दिया। यह एकीकृत नागरिक सेवा मंच अब 56 विभागों की 1700 से अधिक सरकारी सेवाओं और योजनाओं को एक ही डिजिटल विंडो पर उपलब्ध कराएगा। एमपी ई-सेवा के माध्यम से वर्ष 2026 तक 100% ई-सेवा डिलीवरी का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रदेश को देश के डिजिटल गवर्नेंस एनेबल्ड राज्यों में अग्रणी बनाने वाले इस पोर्टल को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) के सेंटर फॉर एक्सीलेंस ने विकसित किया है। इससे नागरिकों, विभागों और सेवाओं को एक डिजिटल ईको-सिस्टम में जोड़कर मप्र ने यह सिद्ध किया है कि डिजिटल गवर्नेंस ही गुड गवर्नेंस है।
महाकुंभ में दातून बेचकर फेमस हुए 'दातून बॉय' आकाश यादव शनिवार को मुसीबत में फंस गए। उन्हें एक कॉमेडी REEL बनाने पर हिरासत में लिया गया। पूछताछ हुई तो पता चला कि आकाश ने नकली पिस्टल के साथ REEL बनाई थी। 5 मिनट सलाखों के पीछे रहने के बाद छोड़ दिए गए। बाहर आए तो आकाश ने कहा, जेल का ताला टूट गया, आकाश दातून वाला छूट गया। असली माफिया असली असलहा लेकर सड़कों पर खुलेआम घूम रहे। मैंने नकली पिस्टल के साथ वीडियो बनाया तो जेल भेज दिया गया। आकाश यादव के फेमस होने से जेल तक के सफर की पूरी स्टोरी VIDEO में देखिए...
आज राजस्व कॉलोनी समेत कई जगह दो घंटे बिजली बंद रहेगी
उज्जैन | नए शहर फ्रीगंज की राजस्व कॉलोनी, लोक मित्र कॉलोनी, पोस्ट ऑफिस क्षेत्र, रघुकुल अपार्टमेंट, कियोस्क जोन, माधवनगर क्षेत्र, प्रियदर्शनी चौराहा, ग्रांड होटल, क्षपणक मार्ग आदि क्षेत्र में बिजली सप्लाय बंद रहेगी। सहायक यंत्री पूर्व शहर सुरेश यादव ने बताया कि आसपास के क्षेत्र में सिंहस्थ 2028 के चलते लाइन कार्य के लिए विद्युत प्रदाय सुबह 9 से 11 बजे के बीच बंद रहेगा।
बिजली सप्लाई में ब्रेक ही ब्रेक:कम लोड में भी ट्रिपिंग, बार-बार फॉल्ट से बढ़ी कटौती
पूरे साल मेंटेनेंस के बाद भी बिजली कंपनी के फीडरों पर ट्रिपिंग थमने का नाम नहीं ले रही। अक्टूबर महीने के दौरान ग्वालियर शहर में 33 केवी के फीडरों पर 203 बार ट्रिपिंग हुई है। जो कि अक्टूबर 2024 की तुलना में ज्यादा है, पिछले वर्ष अक्टूबर में ये ट्रिपिंग 182 थी। ज्यादा ट्रिपिंग की ये स्थिति तब है जबकि पूरे वर्ष रोजाना 8 से 10 फीडरों को बंद रख उनका मेंटेनेंस होता है। कई फीडरों पर अनेक बार मेंटेनेंस का काम हो चुका है। इसके बाद भी फीडर ट्रिपिंग रुक नहीं रही। हालांकि, राहत की बात ये है कि सितंबर की तुलना में अक्टूबर में ट्रिपिंग कम रही। सितंबर 2025 में 323 बार ट्रिपिंग हुई थी। जबकि बिजली कंपनी के अधिकारी लगातार दावा करते हैं कि बिजली सप्लाई की बेहतरी के लिए लगातार मेंटनेंस किया जा रहा है। वर्षभर मेंटेनेंस फिर भी बिजली गुल, कई फीडरों में हर माह होता है मेंटेनेंस लोगों को दोहरी मार: पहले कटौती, फिर ट्रिपिंग बिजली अफसरों की विफलता के कारण शहरवासियों को कटौती की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। पहले तो फीडरों को मेंटेनेंस के लिए 4 से 6 घंटे तक अलग-अलग दिन बंद किया जाता है। फिर ट्रिपिंग के कारण भी कटौती झेलनी पड़ती है। इसके अलावा फॉल्ट भी लोगों की मुसीबत बढ़ाए हुए हैं और फॉल्ट के सुधार में लगने वाला समय सबसे बड़ी परेशानी है। क्योंकि तमाम दावों के बाद भी बिजली कंपनी की टीमें फॉल्ट को निर्धारित अवधि तक नहीं ढूढ़ पाते। जिस कारण फॉल्ट सुधार में कई-कई घंटे का समय लग जाता है। मुरार फीडर पर 228, मेला फीडर पर 214 बार, गिरवाई पर 213, गोल पहाडिया न्यू पर 208 बार हुई ट्रिपिंग। सबसे ज्यादा ट्रिपिंग ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र में अक्टूबर के दौरान शहरी क्षेत्र के फीडरों पर जो 203 बार ट्रिपिंग हुई है। उसमें सबसे ज्यादा ट्रिपिंग ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के क्षेत्र में 33 केवी लधेड़ी फीडर पर दर्ज हुई है, यहां 258 बार बिजली सप्लाई ट्रिप हुई। इसके बाद मुरार फीडर पर 228, मेला फीडर पर 214 बार, गिरवाई पर 213, गोल पहाडिया न्यू पर 208 बार ट्रिपिंग हुई। वहीं इस ट्रिपिंग से एक सवाल और खड़ा हो गया है कि मेला फीडर जो अभी ट्रिपिंग के मामले में में तीसरे नंबर पर है। वहां मेला के दौरान सप्लाई लोड बढ़ेगी। ऐसे में सप्लाई व्यवस्था को लेकर संशय है।
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अमेरिका की टीम आएगी आज, आपदा प्रबंधन पर करेगी चर्चा
आपदा प्रबंधन पर चर्चा के लिए अमेरिका की टीम सोमवार को ग्वालियर में मौजूद रहेगी। यह टीम होमगार्ड, जिला प्रशासन व अन्य के साथ सोमवार को दोपहर 2 बजे बैठक करेगी। साथ ही ग्वालियर में तैयारियों की स्थिति देखेगी। बैठक में कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में एडीएम सीबी प्रसाद मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि टीम के साथ आपदा प्रबंधन पर चर्चा होनी है। अमेरिकन सिटीजन सर्विस के सहायक पांचाल के साथ विदेश सेवा अधिकारी लीना बर्गेस भी मौजूद रहेंगी।
SIR:आज बंटेंगे गणना पत्रक,कल से बीएलओ करेंगे सर्वे
वर्ष 2003 से मौजूदा वोटर लिस्ट की मैपिंग का काम जिले में 20.8% तक हो चुका है। इस हिसाब से कुल 3.43 लाख वोटरों का पुरानी लिस्ट से मिलान हो गया है। घर-घर सर्वे 4 नवंबर से होना है। वहीं गणना पत्रक का वितरण 3 नवंबर को होगा। अफसरों को डर है कि जिन 1679 बीएलओ को घर-घर जाकर एसआईआर का काम पूरा करना है, उनमें कई ऐसे हैं जिनके पास एंड्रायड फोन नहीं है या वे मोबाइल पर ज्यादा सर्च नहीं कर पाते हैं। इसीलिए संभाग आयुक्त खत्री ने गूगल मीट के जरिए निगमायुक्त से कहा कि वे शहरी क्षेत्र की 3 विधानसभा में हर बीएलओ के साथ 2-2 निगम कर्मचारी भेजें। ग्रामीण क्षेत्र में बीएलओ की मदद के लिए आंगनबाड़ी, पंचायत सचिव व ग्राम सहायक जैसे कर्मचारी ड्यूटी करेंगे। वहीं कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि बीएलओ 3 नवंबर को संबंधित क्षेत्र से मैपिंग के काम को 10 से 15% तक बढ़ाएं। अब बहानेबाजी, गैर हाजिरी मतलब दंड एसआईआर के काम में जो भी स्टाफ लगेगा वह निर्वाचन आयोग के अधीन रहेगा। इससे साफ है कि कोई भी कर्मचारी 7 फरवरी तक एसआईआर के काम के लिए ना नुकर नहीं कर सकेगा। इस तरह के आदेश निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी जारी भी कर चुके हैं। इसमें विभागीय अधिकारियों से कहा है कि वे बीएलओ व ड्यूटी करने वाले अन्य कर्मचारियों को दूसरे काम पर न लगाएं। ये करेंगे मदद: ग्वालियर विस के रजिस्ट्रीकरण अधिकारी प्रदीप शर्मा का सहयोग अपर आयुक्त प्रदीप तोमर, ग्वालियर पूर्व के रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अतुल सिंह के सहयोग अपर आयुक्त टी.प्रतीक राव, ग्वालियर दक्षिण के रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नरेन्द्र बाबू यादव की मदद अपर आयुक्त मुनीष सिंह सिकरवार करेंगे।
मेले की 818 दुकानों की होगी ऑल इंडिया टेंडरिंग, झूलों पर सख्ती
ग्वालियर व्यापार मेले में 7 नवंबर से नए व्यापारियों के लिए पोर्टल खुलेगा, झूला सेक्टर में नहीं लगेंगे फूड स्टॉल ग्वालियर व्यापार मेले में इस साल दुकानों का आवंटन ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत हो रहा है। 2 नवंबर तक मेले के विभिन्न सेक्टरों की कुल 845 दुकानें पुराने दुकानदारों को आवंटित कर दी गई हैं। कई दुकानों का आवंटन अभी प्रक्रिया में है। वहीं, इस साल मेले की करीब 818 दुकानों की ऑल इंडिया टेंडरिंग होगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, नए व्यापारियों के लिए आवेदन की प्रक्रिया 7 नवंबर से शुरू हो सकती है, जिसके लिए नया पोर्टल पुन: जारी किया जा सकता है। ऐसे में देशभर के व्यापारी मेले में दुकान लगाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। ऑक्सन (बोली) के आधार पर दुकानें नए व्यापारियों को दी जाएंगी। झूला सेक्टर में होते हैं हादसे, इसलिए होगी जांच: मेले के झूला सेक्टर में हर साल प्रशासन के नियमों का पालन नहीं किया जाता है। इसलिए इस साल झूलों की स्पेशल जांच होगी। इस जांच के बाद ही झूले चल सकेंगे। 2 साल पहले झूले से एक महिला गिरकर घायल हो गई थी, जबकि पिछले साल झूला सेक्टर में जरूरी खाली जगह नहीं छोड़ी थी। साथ ही पुराने डीजल जनरेटर का उपयोग किया गया था। आरटीओ: रोड टैक्स छूट को लेकर संशय मेले में ऑटोमोबाइल कारोबारियों ने 116 दुकानें आवंटित करा ली हैं, लेकिन अभी मेले में बिकने वाले वाहनों पर मिलने वाली 50% आरटीओ छूट पर संशय बना है। कारण, प्राधिकरण ने परिवहन विभाग को छूट के संबंध में प्रस्ताव भेज दिया है, लेकिन गजट नोटिफिकेशन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पुरानों को पहले दुकानें दें, बची दुकानों को ऑनलाइन दें जो दुकानदार सालों से मेले में दुकानें लगाते रहे हैं, उन्हें दुकानें मिलनी ही चाहिए। जो दुकानें बचती हैं, उन्हें मेला प्राधिकरण देशभर के व्यापारियों के लिए ऑनलाइन देने में हमारी सहमति है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में बाहरी डीलर्स का दखल नहीं होना चाहिए।- भूपेंद्र जैन, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, कैट खाली दुकानों की ई-टेंडरिंग से देशभर के आ सकेंगे व्यापारी जो स्थापित दुकानदार हैं और वर्षों से मेले में दुकानें चला रहे हैं, इन्हें दुकानें मिलनी चाहिए। उनका अहित नहीं होना चाहिए। बची दुकानों के लिए देशभर के व्यापारियों के लिए ई-टेंडरिंग की जा सकती है।- डॉ. प्रवीण अग्रवाल, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ कॉमर्स पुरानी व्यापारी की परेशानी दूर होगी, व्यवस्थाएं सुधरेंगी ग्वालियर व्यापार मेले को भव्य स्वरूप देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मेले में पुराने व्यापारी को परेशानी न आए और पहले की तुलना में बेहतर व्यवस्थाएं हों, इस बात का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। - मनोज खत्री, संभागायुक्त
पीथड़ावास हत्याकांड . वारदात का खुलासा:दो आरोपी पकड़े, पहले से दर्ज हैं आपराधिक मुकदमे
भास्कर न्यूज | रेवाड़ी रेवाड़ी- नारनौल- जैसलमेर एनएच-11 पर पीथड़ावास गांव में एक लग्न समारोह के दौरान बधराना निवासी 30 वर्षीय इंद्रजीत की हत्या करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रामपुरा थाना पुलिस व सीआईए ने आरोपियों को पकड़ा। आरोपियों की पहचान मनेठी निवासी तरुण उर्फ मोनी और जड़थल निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू के रूप में हुई है। डीएसपी पवन कुमार ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए वारदात का खुलाया किया। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। उनसे हत्या में इस्तेमाल हथियार, खोल और वाहन बरामद करने के लिए पूछताछ की जाएगी। पुलिस को 31 अक्टूबर की रात करीब 10:30 बजे सूचना मिली थी कि पीथड़ावास गांव में लगन समारोह में झगड़ा हुआ है। पुलिस टीम और सीआईए मौके पर पहुंची। पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपियों ने घर की छत पर बैठकर शराब पी थी। नशे में होने के कारण उनका बधराना निवासी इंद्रजीत से किसी बात को लेकर छोटा-मोटा झगड़ा हो गया। झगड़े के दौरान आरोपी जितेंद्र उर्फ जीतू ने इंद्रजीत से पूछा कि आप कौन हो? और तुरंत उसकी छाती व गले के पास सीधी गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल इंद्रजीत को तुरंत ट्रॉमा सेंटर भिजवाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अगले दिन डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा इंद्रजीत का पोस्टमार्टम करवाया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया। आरोपियों से पूछताछ जारी : डीएसपी ^डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि आरोपियों को पूछताछ के लिए रिमांंड पर लिया गया है। पूछताछ में यह पता लगाया जाएगा कि आरोपियों के पास यह हथियार कहां से आया।
गुरु तेग बहादुर प्रतियोगिता आज होगी हर स्कूल से चार विजेता चयनित होंगे
भास्कर न्यूज | रेवाड़ी श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में जिले के राजकीय विद्यालयों में 3 नवंबर को निबंध लेखन प्रतियोगिता होगी। प्रतियोगिताएं गुरु तेग बहादुर के जीवन के बारे में होगी। इसमें बलिदान एवं शिक्षाओं के प्रति जागरूकता में वृद्धि करने, न्याय, साहस एवं विविधता के प्रति सम्मान जैसे सांस्कृतिक एवं रचनात्मक क्षमताओं का विकास करने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान 9 से 12 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना है। इस आयोजन में दो प्रमुख प्रतियोगिताएं शामिल की जाएंगी। इनमें निबंध लेखन प्रतियोगिता 90 मिनट की होगी। यह प्रतियोगिता हिंदी, पंजाबी, संस्कृत एवं अंग्रेजी में होगी। इसके अलावा विद्यालय में शिक्षक की देखरेख में ऑफलाइन होगी। इसमें अधिकतम 600 शब्दों में लिखना होगा। प्रत्येक विद्यार्थी अपनी चुनी हुई भाषा में व्यक्तिगत रूप से निबंध लिखेगा। वहीं निबंध हस्तलिखित होना अनिवार्य है। स्पष्ट, साफ-सुथरी लिखावट एवं शब्द सीमा का पालन आवश्यक है। निबंध के विषय श्री गुरु तेग बहादुर से संबंधित 10 विषयों में से दिए जाएंगे। निबंध लेखन प्रतियोगिताओं के लिए अधिकतम अंक 100 होंगे। रेवाड़ी बीईओ राजेश वर्मा और बावल बीईओ राजबाला ने बताया कि प्रत्येक स्कूल से 4 भाषाओं में 4 विद्यार्थी चयनित किए जाएंगे, जो विजेता रहेंगे और फिर वे खंड स्तर पर प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। स्कूल स्तर के बाद प्रतियोगिता अगले सप्ताह तक खंड स्तर पर आयोजित होगी।
सप्ताह में 1 दिन ‘खीर' और 1 दिन ‘पिन्नी' मिलेगी...
भास्कर न्यूज | रेवाड़ी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बाल वाटिका-3 से कक्षा 8 तक के हजारों विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। हरियाणा सरकार ने बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने और मिड-डे मील को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब सप्ताह में एक दिन छात्रों को इंस्टेंट खीर और एक दिन पिन्नी वितरित की जाएंगी। मौलिक शिक्षा निदेशालय, हरियाणा की तरफ से इस संबंध में सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने भी जिले के 640 स्कूलों में इन नए आदेशों को तुरंत लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे बच्चों को जल्द ही इस योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। दरअसल, यह नई योजना बच्चों को पारंपरिक पौष्टिक आहार प्रदान करने पर केंद्रित है। पिन्नी की आपूर्ति का जिम्मा हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पंचकूला को सौंपा गया है। निदेशालय द्वारा जारी पत्र के अनुसार, एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन के साथ यह अनुबंध किया गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह कदम बच्चों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने, उनके शारीरिक विकास को बढ़ावा देने और स्कूल में उनकी उपस्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस योजना के तहत, बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह योजना जिले के प्राथमिक स्कूल, मिडिल स्कूल और 12वीं तक के वह स्कूल, जहां 8वीं तक कक्षाएं संचालित की जाती हैं, ऐसे सभी स्कूलों में लागू होगी, जो विद्यार्थियों के शारीरिक व मानकिस विकास के लिए सही साबित होगी। अधिकारियों के मुताबिक, अब पिन्नी के वितरण वाले दिन ही, बच्चों को आयरन फोलिक एसिड टैबलेट्स भी दी जाएंगी। यह कदम बच्चों को दोहरी पोषण सुरक्षा प्रदान करने के लिए उठाया गया है। यह टैबलेट्स भारत में बच्चों और किशोरों में सामान्य रूप से पाई जाने वाली समस्या रक्त की कमी (एनीमिया) को दूर करने में सहायक होंगी। एनीमिया के कारण बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास धीमा हो जाता है। इन टैबलेट्स से रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सुधरेगा, जिससे बच्चों के शारीरिक विकास को गति मिलेगी और उनकी सीखने की क्षमता बेहतर होगी। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी स्वस्थ रहें और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। सरकारी स्कूलों को निर्देश दे चुके : कार्यकारी डीईओ
ऑनलाइन पंजीकरण के बाद मिलेगा विवाह शगुन योजना का लाभ
कुरुक्षेत्र | मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ अब विवाह का ऑनलाइन पंजीकरण करवाने के बाद ही मिलेगा। इसके लिए लाभ पात्र विवाहिता की शादी का ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण होना जरूरी है। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ लेने वाले परिवार को अपनी बेटी की शादी के 6 महीने पूरे होने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण करने के बाद ही विवाहित कन्या के माता-पिता को उक्त योजना का अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अनुसूचित एवं विमुक्त जाति के परिवार का नाम बीपीएल सूची में है तो उसको कन्या विवाह शगुन योजना के तहत 71 हजार रुपए का लाभ दिया जाएगा। सभी वर्गों की विधवाओं, बेसहारा महिला, अनाथ बच्चे, बीपीएल सूची में है या उनकी आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है तो उनको इस योजना में 51 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। वहीं बीपीएल सूची में सामान्य या पिछड़े वर्ग के परिवार को 31 हजार रुपए का लाभ दिया जाएगा।
सेक्टर्स की ग्रीन बेल्ट, पेड़ों की ट्रीमिंग के लिए एचएसवीपी ने भी प्रक्रिया की शुरू
भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र शहर के कई पार्क लंबे समय से बदहाल हैं, हालांकि शहर के अधिकतर पार्कों का रखरखाव वाह संस्था देख रही है, लेकिन कुछ पार्क बदहाल हैं, जिन्हें लंबे से रिपेयर व सौंदर्यीकरण की दरकार है। इनकी सुध अब नगर परिषद थानेसर ने ली है। पार्कों की रिपेयर व सौंदर्यीकरण पर नगर परिषद थानेसर 30 लाख से अधिक का बजट खर्च करेगी। इसे लेकर नगर परिषद की तरफ से टेंडर भी लगा हैं। इसके अलावा सेक्टरों की ग्रीन बेल्ट जो एचएसवीपी के अंतर्गत आती हैं, उनकी मेंटेनेंस की लंबे समय से जरूरत है। उसे लेकर भी एचएसवीपी अधिकारी जागे हैं। वहीं लंबे समय से बदहाल एचएसवीपी के अंतर्गत सेक्टर-2 में देवीलाल पार्क में घास आदि कटाई के लिए एचएसवीपी ने टेंडर लगाया है। इसके अलावा सेक्टर-2, 5, 7, 10 और सेक्टर-13 में सड़कों पर खड़े पेड़ों व ग्रीन बेल्ट आदि की मेंटेनेंस पर एचएसवीपी 1.87 लाख खर्च करेगा। 2 महीने के लिए फर्म को यह टेंडर एचएसवीपी देगा। वार्ड- 20 में पार्कों के रखरखाव व कई जगह टूटी पुलिया निर्माण पर 7.22 लाख खर्च हांेगे। वार्ड-19 में अनुपम पब्लिक स्कूल के नजदीक पार्क की के सौंदर्यीकरण पर 3.34 लाख खर्च होगा। वार्ड-22 में ज्ञानी मेहर सिंह मार्केट नजदीक पुरानी तहसील में तिकोना पार्क की 4.33 लाख से रिपेयर व सौंदर्यीकरण होगा। वार्ड-19 में न्यू कॉलोनी पार्क की रिपेयर व ब्यूटीफिकेशन पर 6.36 लाख खर्च होंगे। इसके अलावा वार्ड-14 सेक्टर-4 में कम्युनिटी सेंटर के नजदीक स्टॉर्म वाटर लाइन डालने पर 7.91 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। बदहाल पार्कों के सौंदर्यीकरण का किया जाएगा कार्य : ईओ राजेश शहर के विभिन्न वार्डों में कुछ पार्कों की रिपेयर व सौंदर्यीकरण की जरूरत थी। इसके लिए टेंडर लगाया है। सप्ताहभर में टेंडर अलॉट के साथ ही पार्कों में काम शुरू हो जाएगा। अन्य जिन वार्डों में भी विकास कार्यों की जरूरत है, हाउस की बैठक में एजेंडे के हिसाब से उन कामों को भी तेजी से किया जाएगा। -राजेश कुमार, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद।
राजमिस्त्री के बेटे को लक्जमबर्ग भेजने का झांसा देकर एजेंटों ने
भास्कर न्यूज | अम्बाला रूपो माजरा निवासी राजमिस्त्री धर्मपाल के बेटे को लक्जमबर्ग भेजने का झांसा देकर एजेंटों ने धोखाधड़ी से 7 लाख रुपए हड़प लिए। सेक्टर-9 पुलिस ने एजेंट पंजोखरा के हरभजन सिंह, जंडली गांव के हरप्रीत सिंह व रूपो माजरा के सतीश सैनी के खिलाफ केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसने जलबेहड़ा रोड स्थित सन स्काई ओवरसीज में बेटे गुरविंद्र सिंह को विदेश भेजने को लेकर फाइल लगाई थी। एजेंटों ने उसके बेटे को लक्जमबर्ग भेजने के नाम पर 14 लाख रुपए में बात की थी। उसने हरप्रीत सिंह के खाते में 3,06,500 रुपए व हरभजन सिंह के खाते में 3.50 लाख रुपए आरटीजीएस किए थे। सतीश सैनी को 35 हजार रुपए व 8500 रुपए ऑनलाइन दिए थे। आरोपियों ने न तो बेटे को विदेश भेजा, न पैसा वापस किया। उन्होंने एसपी को शिकायत दी तो आरोपियों ने समझौता करते हुए समय मांग लिया। समझौते के एक माह बाद भी उसके बेटे को विदेश नहीं भेजा। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसने एजेंटों को मकान बेच कर पैसा दिया था। अब वह किराये के मकान में रह रहा है। उसके लड़के का एक साल खराब हो गया और 2 बार फैसला होने के बावजूद आरोपियों ने न तो उसके बेटे को विदेश भेजा और न पैसा वापस किया।
40 करोड़ का बजट मंजूर, 6 महीने बाद भी रेलवे स्टेशन के पास चोर रास्ते नहीं हुए बंद
भास्कर न्यूज | अम्बाला रेल हादसों की रोकथाम और स्टेशनों की सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए अम्बाला रेल मंडल ने कैंट रेलवे स्टेशन के लिए 40 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। इस पैसे से स्टेशन के आसपास बने चोर रास्ते और बेसहारा पशुओं को रेलवे ट्रैक पर आने से रोकने के लिए इंतजाम करना था। मगर, अब तक कैंट रेलवे स्टेशन के लिए काम शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में चोर रास्तों के जरिए लोग रेलवे लाइन के पास पहुंच जाते हैं और चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। गौरतलब है कि इस काम के लिए अम्बाला रेल मंडल ने उत्तर रेलवे को 180 करोड़ रुपए का बजट प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव के तहत फिलहाल पहले चरण के लिए 40 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया है। इस राशि से स्टेशनों के आसपास की टूटी दीवारों की मरम्मत और नई कंकरीट की दीवारें खड़ी की जानी हैं। स्टेशन के चोर रास्ते बंद होने के बाद प्लेटफार्म पर होने वाली चोरी की वारदात में कमी आएगी। रेलवे स्टेशनों के दोनों ओर लगभग 200 मीटर के दायरे में ऊंची और मोटी कंकरीट की दीवारें बननी हैं, ताकि किसी भी तरह की अनधिकृत एंट्री को रोका जा सके। जहां रेलवे ट्रैक के आसपास आवारा पशुओं की गतिविधियां ज्यादा होती हैं। इसके अलावा हर स्टेशन के एंट्री और एग्जिट प्वॉइंट पर कैटल ग्रिल लगाई जानी है, जिससे पशु स्टेशन परिसर में प्रवेश न कर सकें। - - - - - - रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इन उपायों से ट्रैक पर अचानक आने वाले पशुओं की घटनाओं में कमी आएगी। न सिर्फ ट्रेनों का संचालन सुचारू होगा, बल्कि रेल हादसों की आशंका भी काफी हद तक कम होगी। बता दें कि अम्बाला रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले 140 रेलवे स्टेशनों में से 9 रेलवे स्टेशन क्लास-वन श्रेणी में शामिल हैं। इनमें अम्बाला कैंट जंक्शन, चंडीगढ़, बठिंडा जंक्शन, जगाधरी, कालका, पटियाला, राजपुरा जंक्शन, सहारनपुर जंक्शन, सरहिंद व जाखल जंक्शन शामिल हैं। जल्द काम शुरू होगा ^रेलवे की ओर से इस कार्य को लेकर कार्रवाई जारी है, जल्द ही काम को शुरू करवा दिया जाएगा। -नवीन कुमार, सीनियर डीसीएम अम्बाला रेल मंडल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक के पास स्थित रेलवे लाइन के पास की दीवार टूटी है। इससे स्थानीय कॉलोनी के लोग आना जाना करते हैं। साथ ही शरारती तत्व रेलवे लाइन के क्लैंप भी चोरी कर रहे हैं। प्लेटफार्म नंबर एक की पटरियों पर कई जगह से क्लैंप गायब मिले तो वहीं कई जगहों से क्लैंप निकालने का प्रयास भी किया जा रहा है। कुछ क्लैंप रेलवे लाइन के आसपास ही पड़े रहते हैं। इससे रेलवे लाइन की मजबूती भी कम होती है। माह जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई कुल
गलियों से सीवर के ढक्कन चोरी, हादसों का अंदेशा
अम्बाला | अम्बाला के कैंट क्षेत्र स्थित रामबाग रोड के पंजाबी बाग और गुरुनानक नगर की गलियां इन दिनों स्थानीय निवासियों के लिए खतरों से भरी हो गई हैं। यहां पर सीवर के मैनहोल के ढक्कन गायब होने के कारण हर चौक और मोड़ पर गहरे गड्ढे दिखाई देते हैं, जो सड़क पर चलने वालों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। पिछले एक साल से इन ढक्कनों का गायब होना स्थानीय लोगों के लिए बड़ी समस्या बन चुका है। विस्तृत समाचार पेज-4 पर
रिटायर्ड कर्मी 22 व 23 फरवरी को सम्मेलन करेंगे
करनाल | रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा की नीलोखेड़ी ब्लॉक की मीटिंग खंड प्रधान हरपाल सिंह राणा की अध्यक्षता में गोल मार्केट पार्क नीलोखेड़ी में हुई। इसका संचालन खंड सचिव बाबूराम ने किया। इस मौके पर सूबे सिंह, मुल्कराज, रामकुमार वर्मा, सुरेंद्र पाल सिंह, साहब सिंह व बलराज सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे। बलराज सिंह, साहब सिंह व सुरेंद्र सिंह पाल ने 22, 23 फरवरी को सभी सरकारी विभागों, बोर्ड, निगम, कारपोरेशन, मान्यता प्राप्त संस्थाओं के रिटायर्ड कर्मचारियों के होने वाले दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन सैनी धर्मशाला कुरुक्षेत्र की तैयारी के लिए चर्चा की। संगठन मजबूती के लिए सदस्यता बढ़ाने, साथियों के पेंडिंग काम लिखित में लाने बारे विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर ओम प्रकाश, रामकुमार, देशराज, रत्नचंद, रमेश, सतपाल, बल सिंह, कांशीराम, मुख्तियार सिंह, सोमनाथ, बाबूराम मंचूरी, रतनचंद, वेदप्रकाश, लक्ष्मण, रायसिंह, नन्हा राम, केवल कृष्ण, लेखराज, अजायब सिंह, रामपाल व रण सिंह मौजूद रहे।
राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार के लिए 6 दिसंबर तक होंगे आवेदन
करनाल | नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग हरियाणा एवं हरेडा द्वारा राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2024-25 के लिए विभिन्न श्रेणियों के पात्र उपभोक्ताओं से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। अतिरिक्त उपायुक्त व मुख्य परियोजना अधिकारी सोनू भट्ट ने बताया कि आवेदन करने की अंतिम तिथि 6 दिसंबर है। एडीसी ने बताया कि हरियाणा राज्य में स्थित औद्योगिक, वाणिज्यिक, राजकीय संस्थागत, समूह आवासीय भवनों को ऊर्जा संरक्षण क्षेत्र में श्रेष्ठ उपाय करने, तकनीक अपनाने, ऊर्जा दक्षता हासिल करने के लिए राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों से अलंकृत किया जाता है। इसके अलावा इनोवेशन, नई प्रौद्योगिकियां, अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं जिनमें नवीन प्रचार परियोजनाएं शामिल हों, ऊर्जा संरक्षण में अनुसंधान और नवाचार, ऊर्जा दक्षता, अपशिष्ट से ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र, कुशल प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में श्रेष्ठ कार्य करने वाली संस्थाएं भी राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकती हंै।
डेंगू के आए दो नए केस, पिछले महीने में आ चुके हैं 92 मरीज
भास्कर न्यूज | करनाल रविवार को डेंगू के दो नए केस आए है। जिले में डेंगू के अभी तक कुल 166 केस आ चुके हैं। सबसे ज्यादा डेंगू केस करनाल शहर से आए हैं। स्वास्थ्य विभाग को 32 घरों में लार्वा मिला है, जबकि 18 लोगों को नोटिस दिए गए हैं। बदलते मौसम में 175 बुखार के मरीजों का सैंपल लिया गया है जिसकी रिपोर्ट सोमवार को आएगी। जबकि पिछले माह में डेंगू के 92 केस आ चुके हैं। घर-घर जाकर टीमें कर रही लार्वा की जांच : डेंगू केसों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की 166 टीमें लोगों को जागरूक करने के लिए डोर-टू-डोर कैंपेन कर रही है। इसके साथ ही विभाग की टीम लोगों के घर जाकर जांच भी कर रहे हैं। जिससे लोगों को डेंगू को लेकर जागरुक कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों को घर के आसपास गड्ढों और खाली डिब्बों में पानी एकत्र न होने को लेकर जागरुक कर रही हैं। इसके साथ ही बेकार प्लास्टिक, कप, बोतल या पॉलीथीन खुले में न फेंके। डेंगू से बचाव के उपाय : उप सिविल सर्जन डॉ. अनु शर्मा ने बताया कि लोग हर रविवार ड्राई डे मनाएं, कूलर, टंकी, गमले और फ्रिज की ट्रे का पानी निकालें। पानी की टंकियों को ढककर रखें। पूरी बाजू के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का प्रयोग करें। बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
म्यूजिक कंपनी के दफ्तर पर फायरिंग के मामले में एक आरोपी गिरफ्तार
भास्कर न्यूज | करनाल अल्फा सिटी में म्यूजिक कंपनी के कार्यालय पर फायरिंग करने के मामले में पुलिस ने एक आरोपी प्रोड्यूसर मोहाली वासी फतेह सिंह चहल को मोहाली से गिरफ्तार कर लिया है। वह 2 दिन के रिमांड पर है। जबकि जिन चार शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी उनमें से एक शूटर को गुड़गांव एसटीएफ ने अन्य मामले में गिरफ्तार कर 7 दिन के पुलिस रिमांड पर ले रखा है। जिसे करनाल पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आएगी। मामले के अनुसार 29 अक्टूबर को सुबह साढ़े 4 बजे अ ल्फा सिटी में यूनिसिस इन्फो सॉल्यूशन एवं सागा म्यूजिक कंपनी के ऑफिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग का मामला सामने आया था। दो मोटरसाइकिलों पर आए चार बदमाश फायरिंग के बाद भाग निकले थे। गैंगस्टर दीपक नांदल ने फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी। पुलिस ने सीटीटीवी फुटेज कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी थी। इसके लिए 8 जिलों और तीन राज्यों में दबिश दी गई। सिटी डीएसपी राजीव कुमार के बताया कि फायरिंग के बाद इंटरनेट मीडिया पर साढ़े तीन करोड़ रुपए लेनदेन का एक एग्रीमेंट वायरल हुआ था। जिसमें अक्टूबर 22 में दीपक नांदल ने मोहाली के फतेह सिंह चहल के साथ दो प्रोजेक्ट में समझौता किया था। एक समझौते में एक फिल्म का निर्माण किया गया था। यह फिल्म यूनिसिस इन्फो सॉल्यूशन एवं सागा म्यूजिक को बेचने की बात सामने आ रही है। इसकी पेमेंट होनी थी, जिसमें कुछ हो भी चुकी है। उसी पेमेंट को लेकर फायरिंग की गई थी। इस मामले में मोहाली वासी फतेह सिंह चहल का नाम आया था जिसे मोहाली से गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि चार शूटरों में से एक को गुड़गांव एसटीएफ ने एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर 7 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाया जाएगा। आरोपी रोहतक का रहने वाला है।
खाद्य पदार्थों के 24 में से 7 सैंपल फेल, एडीसी कोर्ट में चलेंगे केस, हो सकता है
भास्कर न्यूज | करनाल त्योहारी सीजन में सब स्टैंडर्ड (घटिया) खाद्य पदार्थ बेचने के मामले सामने आए हैं। खाद्य पदार्थों की चंडीगढ़ से आई सैंपल रिपोर्ट से इसका खुलासा होता है। खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से त्योहारी सीजन पर खाद्य पदार्थों के 42 सैंपल लेकर चंडीगढ़ लैब में भेजे गए हैं। जिनमें से 24 सैंपलों की रिपोर्ट आ चुकी है। 24 सैंपलों की रिपोर्ट में 7 फेल आए हैं, जिनकी रिपोर्ट सब स्टैंडर्ड मिली है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा के तय मानकों का पालन नहीं किया गया है। सैंपल रिपोर्ट के अनुसार कई दुकानदार अधिक लाभ कमाने के लिए घटिया स्तर के कम गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री करते मिले हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से जल्द ही उक्त दुकानदारों को नोटिस जारी किए जाएंगे। इस नोटिस के बाद उनको अपील के लिए 30 दिनों का समय दिया जाएगा। अगर दुकानदार अपील डालता है तो फिर रेफरल लैब की टेस्टिंग रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा। अगर अपील नहीं डालता है तो इन 7 मामलों में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर (एडीसी) कोर्ट में केस चलाए जाएंगे, जहां पर घटिया खाद्य पदार्थों की बिक्री के आरोप सिद्ध होने की स्थिति में 5 से 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। क्योंकि एक्ट के अनुसार ऐसे मामलों में घटिया सामग्री बेचने पर 5 लाख रुपए और बिना लाइसेंस खाद्य पदार्थ बनाने-बेचने पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। सब स्टैंडर्ड : ऐसे खाद्य पदार्थ जो गुणवत्ता के निर्धारित मानकों पूरा नहीं करता सजा का प्रावधान : आरोप सिद्ध होने पर जुर्माना 5 लाख रुपए तक मिस ब्रांडेड : ऐसे खाद्य पदार्थ जो गलत लेबल, भ्रामक-झूठी जानकारी के साथ बेचे जाते हैं सजा का प्रावधान : जुर्माना 3 लाख रुपए अधिकतम अनसेफ: ऐसा खाद्य पदार्थ जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। सजा का प्रावधान : कारावास व 10 लाख रुपए तक जुर्माना बिना लाइसेंस कारोबार बिना एफएसएसएआई से लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के बिना खाद्य पदार्थ बनाने व बेचने का कारोबार सजा: 10 लाख तक जुर्माने का प्रावधान
बीएस 6 मॉडल बसों की कमी, दिल्ली गुरुग्राम रूट पर 4-5 फेरे हो रहे मिस
भास्कर न्यूज | हिसार रोडवेज में बसों की कमी का असर अब यात्रियों की सुविधा पर पड़ने लगा है। दिल्ली और गुरुग्राम रूट पर बसों की संख्या कम होने से यात्रियों को रोज परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्थिति यह है कि जहां पहले बसें मिस नहीं होती थी, लेकिन अब वहीं दिनभर में चार-पांच फेरे मिस करने पड़ रहे हैं। रोडवेज ने ऐसे में बीएस-6 मॉडल की 20 नई बसों की डिमांड मुख्यालय भेजी है। रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में हिसार डिपो में अधिकांश बसें पुराने बीएस-4 मॉडल और बीएस 3 मॉडल की हैं। दिल्ली और गुड़गांव में बीएस 6 मॉडल की ही बसें जाती हैं। पुरानी मॉडल की बसें लगातार खराब हो रही हैं, जिससे ट्रिप प्रभावित हो रही हैं। ऐसे में यात्रियों की संख्या बढ़ने के बावजूद फेरे घट गए हैं। रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही नई बीएस-6 बसें मिलेंगी, दिल्ली और गुरुग्राम सहित प्रमुख रूटों पर फेरे बढ़ाए जाएंगे। इधर, रोडवेज में लीज के तहत चल रही बसों को भी बीएस-6 मॉडल में बदलने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल हिसार डिपो में किलोमीटर स्कीम के तहत चल रही 34 बसें इस बदलाव में शामिल की जाएंगी। बताया जा रहा है कि इन बसों में से अधिकांश पुरानी हैं और प्रदूषण मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं। बीएस-6 मॉडल में अपग्रेड करने से ईंधन दक्षता के साथ प्रदूषण नियंत्रण में भी सुधार होगा। किलोमीटर स्कीम के तहत चल रही बसें में 10 बसें बीएस 6 मॉडल की बदली है। धीरे-धीरे सारी बसें बदल दी जाएंगी। हिसार रोडवेज महाप्रबंधक राहुल मित्तल ने बताया कि रोडवेज बेड़े में बीएस 6 मॉडल की नई बसें कम हैं। इसकी वजह से कुछ रूटांे पर बसों की कमी है। इसलिए मुख्यालय से बीएस 6 मॉडल की 20 नई बसें मांगी गई हैं। जल्द ही मिलने की उम्मीद है। रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल डिपो में 225 बसों का संचालन हो रहा है। 259 बसें होनी चाहिए। इन बसों में 51 बसें बीएस-6 मॉडल की हैं, जबकि 80 बसें बीएस-4 और पुराने मॉडल की हैं। इनमें से कई बसें मरम्मत के कारण लंबे समय से खड़ी हैं। नई बसें मिलने के बाद न केवल फेरे बढ़ेंगे, बल्कि यात्रियों को आरामदायक सफर भी मिलेगा। बस स्टैंड कर्मशाला में लीज की बीएस 6 मॉडल की नई बसें लगीं।
पेंशनभोगी जमा करवाएं जीवन प्रमाण पत्र : डीसी
रोहतक | डीसी सचिन गुप्ता ने बताया कि खजाना कार्यालय रोहतक व उप-खजाना कार्यालयों से पेंशन प्राप्त करने वाले सभी पेंशनभोगी 3 नवंबर से अपना जीवन प्रमाण पत्र संबंधित खजाना कार्यालय, नजदीकी सीएससी सेंटर या ऑनलाइन माध्यम से जमा करवा सकते हैं। डीसी ने बताया कि ऑनलाइन प्रमाण पत्र स्मार्टफोन के जरिए भी बनाया जा सकता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है, किसी भी प्रकार की कोई फीस नहीं है। उन्होंने बताया कि परिवार का कोई भी सदस्य अपने मोबाइल से यह कार्य कर सकता है। इसके लिए जीवन प्रमाण फेस एप और आधार फेस आरडी ऐप दोनों सॉफ्टवेयर प्ले स्टोर से इंस्टॉल करने होंगे। इसके बाद किसी भी पेंशनर का जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा किया जा सकता है।
ओटीपी आए, नहीं बताए फिर भी खाते से निकले 5.63 लाख रुपए
भास्कर न्यूज | हिसार साइबर अपराधी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। साइबर ठग रोज ठगी के लिए नया तरीका अपना रहे हैं। राजली गांव में किसान अशोक कुमार को अपना शिकार बना लिया। साइबर ठगों ने किसान के खाते से 5 लाख 63 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिये। किसान की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है। किसान अशोक कुमार ने पुलिस को शिकायत में कहा कि वह खेतीबाड़ी करता है। एचडीएफसी बैंक में उसने खाता खुलवाया हुआ है। 26 अक्टूबर को सुबह मेरे पास ओटीपी आए और मैंने किसी के साथ ओटीपी शेयर नहीं किए। मुझे नहीं पता मेरे साथ अपने आप फ्रॉड कैसे हो गया, लेकिन मेरे खाते से पैसे काटने के 5 मैसेज आए जिसमें की 75 हजार 925 रुपए, 1 लाख रुपए, 1 लाख 2 हजार 872 रुपए, 1 लाख 15 हजार रुपए, 1 लाख 70 हजार रुपए कट गए। अशोक कुमार ने बताया कि उसके खाते से पैसे कटकर किसी व्यक्ति के आईसीआईसी बैंक के खाते में ट्रांसफर हुए हैं। खाते से 563797 रुपए कट गए। मुझे लगा कि मेरे साथ साइबर फ्रॉड हो गया। इसके बाद मैंने 26 अक्टूबर को साइबर पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने धारा 318(4), 61 बीएनएस के तहत केस दर्ज कर लिया है।
समस्या... एक्यूआई बढ़ने से सांस और दमा के रोगियों को िदक्कत, आंखों में हो सकती है जलन
शहर का औसत एक्यूआई अभी पूअर कैटेगिरी में है। इस तरह की िस्थति में रोगियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। दमा व एलर्जी के रोगियों को परेशानी हो सकती है। इससे ज्यादा एक्यूआई बढ़ता है तो आंखों में जलन, खांसी, जुकाम की िशकायत भी बढ़ सकती है। वहीं हिसार में रविवार को अधिकतम तापमान 30.8 िडग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 2 िडग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 14.2 िडग्री दर्ज िकया गया, यह सामान्य से 1 िडग्री कम है। अभी न्यूनतम तापमान में िगरावट संभावित है। एचएयू कृषि मौसम िवज्ञान िवभाग के अनुसार अभी उत्तर व उत्तर पश्चिमी हवाएं हल्की से मध्यम गति से चलने की संभावना है। ईंट-भट्ठों पर ईंधन के रूप में ज्यादातर कोयला और फसलों के तूड़े का इस्तेमाल होता है। कहीं पर रबड़ वेस्ट भी जलाया जाता है। इनसे प्रदूषण ज्यादा होता है। इनके जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड, मोनोऑक्साइड, सल्फरडाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी विषैली गैसें उत्पन्न होती हैं। पराली से पिलेटस बनाने के बाद इसे टोरिफाइड करते हैं तो इनमें सल्फरडाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसंे कम उत्पन्न होती हैं। इसलिए कोयले की बजाय िपलेटस के इस्तेमाल से कुछ पार्टिकल्स कम होंगे। तकनीक का इस्तेमाल करके भी प्रदूषण को कम कर सकते हैं। भट्ठों को जिगजैग करने से पार्टिकल्स वातावरण में कम जाते हैं, यह िचमनी में ही घूमते रहते हैं। इसी तरह वाहनों के इंजन में सुधार, फैक्ट्रियों में आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल करके प्रदूषण को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। यशपाल िसंह | हिसार शहर में स्मॉग की चादर छाये रहने और एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बढ़ने के कारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनसीआर में ग्रेप टू लागू करने के बाद हिसार में भी एहतियात बरतनी शुरू कर दी है। रविवार को सुबह शहर का अधिकतम एक्यूआई स्तर 460 पहुंच गया। वहीं शाम 4 बजे यह न्यूनतम 174 रहा। शहर का औसत एक्यूआई 246 रहा। प्रदूषण िनयंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के साइंटिस्ट कपिल बताते हैं कि पीसीबी ने जिले के सभी 210 ईंट-भट्ठा संचालकों को ईंधन के रूप में 20 प्रतिशत पराली से बने िपलेटस इस्तेमाल करने के िनर्देश िदए हैं। यह पिलेटस भी टोरिफाइड होने चाहिए, ताकि जलने के बाद प्रदूषण कम हो सके। पीसीबी ने भट्ठा संचालकों की बैठक भी ली है। भट्ठा एसो. को एक्यूआई बढ़ने पर अपनी चिमनी में पिलेटस इस्तेमाल की राय दी है। भट्ठा संचालकों को नोटिस भी भेजे जा रहे हैं सूर्य नगर आरओबी पर स्मॉग के बीच से गुजरते वाहन चालक। प्रो. जितेंद्रपाल, पर्यावरण िवभाग, जीजेयू
देवउठनी एकादशी पर शहर में शादियों का आगाज, हर ओर रहा खुशी का माहौल
भास्कर न्यूज | रोहतक रविवार को शहर में शादी का उत्सव पूरे शहर में देखने को मिला। देवउठनी एकादशी के शुभ मुहूर्त पर दूल्हा-दुल्हन के परिवार और रिश्तेदारों ने हॉलों और धर्मशालाओं में शादी की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। सुबह से ही शहर में शादी का माहौल दिखाई दे रहा था। शहर के प्रमुख बैंक्वेट हॉलों और धर्मशालाओं में रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों और सजावट ने माहौल को खास बना दिया। ढोल-नगाड़ों की थाप और बैंड-बाजों की आवाज ने उत्सव में चार चांद लगा दिए। इस बार देवउठनी एकादशी पर विवाह का शुभ मुहूर्त पड़ने से शादी समारोहों में विशेष रौनक देखने को मिली। व्यापारी विजेंद्र राठी ने बताया कि इस दिन मिठाइयों, कपड़ों और आभूषणों की बिक्री में भी इजाफा हुआ। शहर में शादी और उत्सव का माहौल पूरे दिन और देर रात तक कायम रहा। लोकगीत, बैंड-बाजे और ढोल-नगाड़ों की धुन ने इस अवसर को और यादगार बना दिया।
रवि दलाल | रोहतक जीवन जब हर ओर से परीक्षा ले रहा था, तब भी बालंद गांव की 61 वर्षीय बालवंती ने हिम्मत नहीं हारी। आज वे गांव की सैकड़ों महिलाओं के लिए मिसाल बन चुकी हैं। उनके सिलाई सेंटर से हर दिन नई उम्मीदें, नए सपने और आत्मनिर्भरता की डोर बुनी जा रही है। उन्होंने बताया कि 18 साल की उम्र में उनकी शादी कर दी गई। शादी के एक साल बाद ही किस्मत ने ऐसा दर्द दिया, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। पति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। उनकी शादी पांच साल छोटे देवर से कर दी गई, जो उस समय आठवीं कक्षा में पढ़ रहा था, लेकिन उन्होंने हालात से समझौता नहीं किया, बल्कि जिम्मेदारियों को चुनौती मानकर आगे बढ़ती रही। घर का खर्च, पति की पढ़ाई और परिवार की देखभाल सब कुछ उन्होंने खुद संभाला। सास के साथ मिलकर सिलाई का काम शुरू किया और दिन-रात मेहनत की। बालवंती ने ठान लिया कि गांव की कोई भी बेटी या बहू मजबूरी में किसी पर निर्भर न रहे, इसी सोच के साथ उन्होंने पुश्तैनी घर को सिलाई सेंटर में बदल दिया। उन्होंने निशुल्क सिलाई सिखाना शुरू किया। शुरुआत में कुछ महिलाएं ही प्रशिक्षण के लिए आईं, लेकिन धीरे-धीरे सेंटर गांव की आत्मनिर्भरता का केंद्र बन गया। आज तक 400 से अधिक महिलाएं सिलाई सीख चुकी हैं। कई महिलाएं अब घरों से कपड़े सिलकर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। उन्होंने पति की पढ़ाई पूरी करवाने की जिम्मेदारी स्वयं अपने कंधों पर उठाई। 8वीं कक्षा में पढ़ रहे पति की पढ़ाई 12 तक पढ़ाई करवाई। इसके बाद वो रुकी नहीं बल्कि सिलाई करती रहीं, बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया। उनकी मेहनत रंग लाई और 2018 में बेटा सचिन सेना में भर्ती हुआ, तो घर की आर्थिक स्थिति सुधर गई। पुश्तैनी घर को सिलाई सेंटर में बदल दिया
भास्कर न्यूज | रोहतक वादे इरादे बीत गए। मोटी रकम खर्च हो गई। शुद्ध आबो हवा के लिए कुदरत के लिए पेड़ भी गंवा दिए। सारा नुकसान खेलने के बावजूद फायदा कुछ नहीं हुआ। शहर की लाइफ लाइन के लिए जरूरी आधुनिक सुविधाओं से लैस इलेक्ट्रिक एसी बसों का संचालन नहीं हो पाया। इसके लिए कुछ बसें चला कर महज खानापूर्ति की गई है। प्रदेश सरकार ने 2 साल पहले शहर में 50 इलेक्ट्रिक एसी बसें चलाने की घोषणा की थी। यह वातानुकूलित बसें सभी सुविधाओं से लैस बताई गई थी। इन बसों का चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए रोडवेज डिपो में 70 पेड़ों को काटा गया। साथ ही, चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली की जरूरत पूरी करने की योजना बनाई गई। जिसमे डिपो की तरफ से 1 करोड रुपए की धनराशि खर्च की गई। जिसमें सेक्टर-2 से बिजली की लाइन बनाई गई, यह काम पूरा हो चुका है। इसके बाद जनवरी से लेकर अब तक केवल 5 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो पाया। जबकि 45 बसों के संचालन के लिए मुख्यालय से प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। ग्रामीण क्षेत्रों तक कम हो रही कनेक्टिविटी . इलेक्ट्रिक बस चलाने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र से शहर तक कनेक्टिविटी बढ़ाना था। बस नहीं आने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में बस सेवा लगभग बंद है, अगर इलेक्ट्रिक मशीन चला दी जाए तो लोगों को वाहनों में सफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ^इस मामले में हमारा कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। मुख्यालय से बस चलाने का आदेश दिया जाएगा तभी बस चलेंगी। मुख्यालय से अनुमति मिलते ही बस चला दी जाएंगी। -नवीन, ट्रैफिक मैनेजर, रोडवेज डिपो
धोखे से बुलाकर नाबालिग की चाकू घोंपकर हत्या, दोस्तों ने की तोड़फोड़
देवउठनी ग्यारस पर एमआईजी क्षेत्र में शनिवार रात 10.30 बजे सरेराह नाबालिग की चाकू घोंपकर हत्या कर दी। बदमाशों ने 8-10 वार किए। हत्या के दो घंटे बाद मृतक के दोस्तों ने उपद्रव मचाया और क्षेत्र में जमकर तोड़फोड़ कर दी। दोनों ही घटना के समय पुलिस कहीं नजर नहीं आई। उधर, पुलिस ने कुछ संदेहियों को पकड़ने का दावा किया है। जोन-2 एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह के अनुसार एमआईजी थाना क्षेत्र में 17 वर्षीय अमन उर्फ खेड़ा कुशवाह निवासी सेठी नगर भमोरी की हत्या कर दी गई। इस घटनाक्रम में दो नाबालिगों को हिरासत में लिया है। वहीं एक बालिग का नाम भी सामने आया है। उसे भी ट्रेस किया जा चुका है। अमन का 11 दिन पहले दीपावली पर आरोपियों से विवाद हुआ था। मृतक के दोस्तों ने बताया कि अमन गैराज पर काम करता था। उसके परिवार में सिर्फ मां है। घटना के वक्त वह रात में मां की दवाई लेने जा रहा था। वह घर से सौ मीटर दूर ही पहुंचा था कि तभी उसे एक आरोपी ने धोखे से बुलाया। फिर उसके साथी आ गए। उन्होंने अमन पर 7-8 वार कर दिए। फिर बदमाश भाग गए। आसपास के लोगों ने अमन को अस्पताल पहुंचाया। उधर, अमन पर हमले की सूचना मिलते ही उसके दोस्त भी निजी अस्पताल पहुंच गए थे। यहां से उसे एमवायएच रैफर किया था। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अमन के दोस्त आरोपियों के इलाके में पहुंचे और पथराव कर दिया। हत्या तो दूर, तोड़फोड़ भी नहीं रोक सकी पुलिस महज 13 दिन के भीतर एमआईजी थाना क्षेत्र में दो हत्याएं हो गई हैं। पहली हत्या 22 अक्टूबर को दीपावली के दूसरे दिन हुई थी। तब भी दो दिन पुरानी रंजिश में मंगलवार दोपहर स्वर्णबाग कॉलोनी में 21 साल के क्षितिज खेमने की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। अब शनिवार रात अमन की हत्या हो गई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि हत्या होने के बाद रात 11.30 बजे अमन के दोस्त अस्पताल से लौटे। उन्होंने क्षेत्र में जमकर पथराव कर दिया। घरों के बाहर खड़ी कार और बाइकों में भी तोड़फोड़ कर दी। इतना होने के बाद भी पुलिस को खबर नहीं थी।
भिवानी के बवानीखेड़ा विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि ने विपक्षियों द्वारा रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरने के सवाल पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष का काम है। विपक्ष तो है ही नहीं, विपक्ष की तो खुद की लड़ाई जो चली हुई है वह ही सिमटने में नहीं आ रही। जनता देख रही है कि स्टेजों पर धक्का-मुक्की हो रही है। ये लोगों का भला नहीं कर सकते। कांग्रेस का 50-60 साल प्रदेश व देश में राज रहा है। 60 साल में हरियाणा प्रदेश नंबर वन पर मिलना था। लेकिन इन्होंने अपने घर भरने का काम किया है। इन्होंने धक्का-मुक्की व लोगों को भिड़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में व्यापारी व कर्मचारी दुखी थे। गरीब आदमी का तो कोई लेना देना नहीं था। आज लोग कांग्रेस को समझ चुके हैं, लोगों ने सरकार सोच-समझकर बनाई है। यह इनका काम है, अब इन्हें टाइम पास भी तो करना है। 10 साल पहले कर गए और 5 साल अब टाइम पास करना है। ये अब लोगों के बीच में जाकर गुमराह करने का प्रयास करते हैं, लेकिन लोग गुमराह नहीं होते। लोगों को समझ आ चुकी है। लोगों का विकास हो रहा है। 4 व्यक्ति कहीं खड़े होकर कुछ कह दें तो कुछ नहीं होता। विपक्ष का काम है और इनकी घर की लड़ाई है, वहीं खत्म नहीं हो रही तो लोगों का भला क्या करेंगे। सीएम को डम्मी कहने पर पलटवारविपक्ष द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को डम्मी सीएम कहने व दिल्ली से सरकार चलने के बयानों पर विधायक कपूर वाल्मीकि ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कौन कहता है, जनता का आम आदमी नहीं कह रहा। मैं कितनी बार सीएम से मिलता हूं, तो सैकड़ों की संख्या में लोग सीएम हाउस के आगे मुख्यमंत्री से मिलते रहते हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी विधायक व मंत्रियों को कहते हैं, बैठो मैं बाहर जनता खड़ी है, पहले उनसे मिलूंगा। वहीं लोगों का काम करते हैं और वहीं अधिकारियों की जिम्मेदारी लगाते हैं। जनता कोई डम्मी नहीं कह रही। कांग्रेस में 50 मुख्यमंत्री के दावेदार हैं, बना एक भी नहीं। जनता ने उन्हें बनाया नहीं। जनता देख लेती है और जनता दूध का दूध व पानी का पानी करती है। जल्द मिलेगा मुआवजापिछले दिनों बरसात के कारण भिवानी के बवानीखेड़ा हल्के में सबसे ज्यादा जलभराव होने, पानी निकासी व मुआवजा दिलाने के सवाल पर विधायक कपूर वाल्मीकि ने कहा कि उन्होंने सीएम से मुलाकात की थी। वे अपनी विधानसभा में पिछले 2 महीने से लगे हुए हैं। तकरीबन पानी निकल चुका है। थोड़ा बहुत बचा हुआ है उसको भी जल्दी ही निकासी करवाकर गेहूं की फसल की बिजाई करवाएंगे। मशीनें व मोटरें लगी हुई है। जल्द ही मुआवजा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने गिरदावरी के आदेश किए हुए हैं। गिरदावरी चल रही है। जहां मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके सर्वे के लिए भी आदेश कर दिए हैं। उनकी भी भरपाई की जाएगी। विपक्ष को दिया जवाबबवानीखेड़ा के विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि ने भाजपा के एक साल के कार्यकाल व विपक्ष द्वारा साधे जा रहे निशाने को लेकर कहा कि केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार तीसरी बार जनता ने बड़े लाड़-चाव में बनाई है। सरकार लोगों के बीच जाकर उनका काम कर रही है और विकास कर रही है। सीएम नायब सैनी लोगों के बीच रहते हैं और आधी रात को भी लोगों से मिलते हैं। सरकार द्वारा महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना के तहत 2100 रुपए दिए है, जो महिलाओं के काम आएंगे। वहीं बुढ़ापा पेंशन भी सरकार ने 200 रुपए बढ़ाई है। सरकार ने बिना पर्ची-बिना खर्ची नौकरी दी है। जिससे युवाओं में पढ़कर नौकरी लगने की आस जगी है।
महिला वन डे क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल में देश की बेटियों ने शानदार प्रदर्शन कर साउथ अफ्रीका पर जीत हासिल की। बेटियों की जीत का जश्न मनाने के लिए देर रात राजबाड़ा पर बड़ी संख्या में शहरवासी पहुंचे। फोटो : संदीप जैन
लखनऊ–नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस से रेलवे ने अचानक लग्जरी ‘अनुभूति कोच’ हटा दिया है। इस फैसले से नियमित यात्रियों में नाराज़गी बढ़ गई है। रेलवे सूत्रों के सूत्रों ने बताया कि, कोच में आई लगातार तकनीकी दिक्कतों और यात्रियों की शिकायतों के चलते इसे अस्थायी रूप से हटाया गया है। छह साल पहले शुरू हुई थी लग्जरी यात्रा उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की वीआईपी ट्रेन 12003 शताब्दी एक्सप्रेस में करीब छह साल पहले अनुभूति श्रेणी का कोच जोड़ा गया था। इसका मकसद हवाई यात्रियों जैसी सुविधा रेल में उपलब्ध कराना था। इस कोच में बेहतर सीटिंग, उत्कृष्ट खानपान और व्यक्तिगत सेवा की सुविधा दी जाती थी। यही वजह थी कि अनुभूति कोच का किराया 2500 रूपये से ज्यादा था, फिर भी टिकटें अक्सर फुल रहती थीं। यात्रियों ने जताई असंतुष्टि नियमित यात्रियों का कहना है कि अनुभूति कोच हटने से यात्रा का अनुभव प्रभावित हुआ है। एग्जीक्यूटिव और चेयरकार कोच की तुलना में उसमें सफर कहीं ज्यादा आरामदायक था। यात्रियों ने रेलवे से कोच को जल्द दोबारा शुरू करने की मांग की है। लखनऊ अफसर भी अनभिज्ञ, दिल्ली में होता मेंटेनेंस रेलवे सूत्रों के कहना है कि, चूंकि शताब्दी एक्सप्रेस का प्राइमरी मेंटेनेंस नई दिल्ली में होता है, इसलिए लखनऊ मंडल के अफसर कोच हटाए जाने के कारणों पर स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। माना जा रहा है कि कोच की मरम्मत या अपग्रेडेशन दिल्ली में चल रहा है। वही उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) कुलदीप तिवारी ने बताया कि अनुभूति कोच फिलहाल सेवा से बाहर है, लेकिन यात्रियों की सुविधा को देखते हुए इसे जल्द ही फिर से ट्रेन में जोड़ा जाएगा।
मेरठ में नवंबर के दूसरे दिन भी प्रदूषण के स्तर में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई , अक्टूबर के आखिरी दिन के मुकाबले दो नवंबर को मेरठ के AQI में लगभग 180 की बढ़ोतरी दर्ज की गई जिसके बाद रविवार का AQI 370 दर्ज किया गया। इस कारण सुबह आसमान में धुंध की चादर के साथ के बीच से सूरज भी लगभग 11 बजे दिखाई दिया। दीपावली के बाद से प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। रविवार की सुबह मोदीपुरम और आसपास के क्षेत्रों में स्मॉग की मोटी चादर छाई रही। हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों के कारण लोगों की आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें सामने आईं। आसमान में छाई रही धुंध प्रदूषण का स्तर बढ़ने से जहां शहर की हवा तो खराब हो ही रही है उसी के साथ धुंध होने के कारण द्वश्यता भी प्रभावित हो रही है। सुबह के समय आसमान में छाई धुंध का असर लगभग आधे दिन तक बना रहता है । इसके बाद ही मौसम साफ होता है और रात में फिर से वही स्थिति बन जाती है। तापमान में भी आई गिरावट मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर-पश्चिमी हवाएं धीमी होने और तापमान में गिरावट की वजह से प्रदूषण जमीन के पास ही जमा हो गया है। फिलहाल राहत के कोई आसार नहीं हैं। आने वाले दो से तीन दिनों में रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे सर्दी का असर और बढ़ेगा। प्रदेश में NCR के जिलों का AQI आंख और गले में इंफेक्शन बढ़ रहा मेरठ के सीएमओ डॉ अशोक कटारिया ने बताया कि प्रदूषण के कारण अस्पतालों में गले, सांस और आंखों के मरीजों में इजाफा देखा जा रहा है। डॉ लगातार मरीजों को इस मौसम में बचाव की सलाह भी दे रहे हैं। अभी कुछ दिन सभी को सेहत का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। ऐसे मौसम के लिए कुछ विशेष सावधानियां
45 करोड़ की गड़बड़ी:जिनसे गलती हुई, उन्हीं को जांचकर्ता बना दिया!
संबल योजना में एक माह में दो बार सिंगल क्लिक से 45 करोड़ रुपए गलत खातों में ट्रांसफर हो गए। चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों ही बार जिन अधिकारियों से गलती हुई, उन्हें जांच समिति में भी शामिल किया गया। जांच टीम में एमपीएसईडीसी के डिप्टी डायरेक्टर अभिषेक आनंद, प्रिंसिपल कंसल्टेंट और साइबर सिक्यूरिटी के हेड अंबर पांडे और डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर विक्रम सिंह शामिल रहे। पहली समिति में टेक्निकल प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज तिवारी भी रहे और उन्होंने ही दूसरी बार के पेमेंट के पहले कोड रिव्यू किया था। पहली समिति की रिपोर्ट के बावजूद अप्रैल में दोबारा गड़बड़ी हुई, लेकिन किसी अधिकारी पर अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया। भास्कर के खुलासे के बाद एडिशनल चीफ सेक्रेट्री, साइंस एंड टेक्नॉलॉजी संजय दुबे ने कहा है कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। एक माह में दो बार गड़बड़ी पर बड़े अफसरों की जिम्मेदारी तय नहींजांच समिति में शामिल रहे अंबर पांडे एमपीएसईडीसी के प्रिंसिपल कंसल्टेंट भी हैं। दूसरी जांच रिपोर्ट में भी स्पष्ट रूप से एप्लीकेशन का पर्याप्त ज्ञान न होना मूल कारण रहा। सवाल उठता है कि बड़े अफसरों की जिम्मेदारी तय क्यों नहीं की गई। भास्कर ने अंबर पांडे से सवाल किए तो उन्होंने कहा मैं मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हूं और न कोई जवाब देना चाहता हूं।
राजस्थान के फलोदी में रविवार शाम करीब 6.30 बजे भीषण सड़क हादसे में 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 2 महिलाएं घायल हैं। मरने वालों में एक ही परिवार के 7 लोग शामिल हैं। भारत माला हाईवे पर फलोदी के बापिणी उपखंड क्षेत्र के मतोड़ा में टेम्पो ट्रेवलर सड़क किनारे खड़े ट्रेलर में घुस गया। मरने वालों में 4 बच्चे, ड्राइवर और 10 महिलाएं शामिल हैं। सोमवार सुबह परिवार के सदस्यों को शव सौंपे जाएंगे। जानकारी के अनुसार, टेम्पो ट्रैवलर में सवार सभी लोग देवउठनी एकादशी पर जोधपुर के सूरसागर से कोलायत (बीकानेर) में कपिल मुनि के आश्रम में दर्शन करने के लिए गए थे। लौटते समय मतोड़ा (फलोदी) थाना क्षेत्र में हादसा हो गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि टेम्पो ट्रेवलर के आगे के हिस्से के परखच्चे उड़ गए। मतोड़ा थाना अधिकारी अमानाराम ने बताया- 2 घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद जोधपुर रेफर किया गया है। सभी शवों को ओसियां के सरकारी अस्पताल से जोधपुर भेजा गया है। हादसे के बाद टेम्पो ट्रेवलर में फंसे घायलों और शवों को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। उधर, सूचना मिलने पर हॉस्पिटल पहुंचे कई परिजन अपनों की लाशें देख बेहोश हो गए। टेम्पो ट्रेवलर में सवार सभी लोग जोधपुर के सूरसागर के रहने वाले हैं। ओवरटेक करने के दौरान हुआ हादसाप्रत्यक्षदर्शी महिपाल सारण ने बताया- भारत माला हाईवे पर साइड में लोगों ने छोटे ढाबे खोल रखे हैं। ट्रेलर ढाबे के आगे खड़ा था। पीछे से तेज रफ्तार टेंपो ट्रेवलर अपनी लेन में चल रहा था और तीसरी लेन से आगे चल रहे ट्रक को ओवरटेक कर रहा था। अचानक सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गया। जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया- एक्सीडेंट में 15 लोगों की मौत हुई है। उनकी बॉडी जोधपुर लाई गई है। 10 बॉडी महात्मा गांधी अस्पताल और 5 जोधपुर एम्स में रखी गई है। 2 घायल मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती हैं, जिनकी हालत स्थिर है। हादसे में इन 15 लोगों ने जान गंवाईहादसे में लता (50) पत्नी चंवर लाल, सज्जन कंवर (60) पत्नी ओमप्रकाश सांखला, टीना (40) पत्नी विनोद कुमार, दिशू (6) पुत्री उमेश सिंह, उर्मिला (55) पत्नी रामसिंह, पुंज उर्फ प्रणब (10) पुत्र जितेंद्र, दिव्या (23) पत्नी कार्तिक, मीना (53) पत्नी दीनदयाल, फतेह पुरी (32) पुत्र दौलत पुरी निवासी अमरावती नगर पाल रोड, मधु (45) पत्नी रविंद्र सिंह की मौत हो गई। इनकी बॉडी MGH मॉर्च्युरी में रखवाई गई। इनके शव एम्स मॉर्च्युरी में रखवाएइसके अलावा रुद्राक्ष पुत्र राजेंद्र सांखला, सानिया (32) पत्नी दिलीप सिंह सांखला, गीता (50) पत्नी गोविंद सिंह सांखला, कुश सांखला पुत्र रविंद्र सांखला, रामेश्वरी पत्नी मूलाराम की भी जान गई है। इनके शव एम्स मॉर्च्युरी में रखवाए गए हैं। मरने वालों में 1 परिवार के 7 लोग शामिलहादसे में जान गंवाने वाले सज्जन कंवर पत्नी ओमप्रकाश सांखला, गीता पत्नी गोविंद सिंह सांखला, उर्मिला पत्नी रामसिंह, टीना पत्नी विनोद कुमार, सानिया पत्नी दिलीप सिंह सांखला, दिशू पुत्री उमेश सिंह, पुंज पुत्र एक ही परिवार के हैं। एक ही मोहल्ले के हैं मृतकहादसे में मरने वाले लोग एक ही मोहल्ले के हैं। मोहल्ले में अन्नकूट कार्यक्रम के कारण कई महिलाओं ने तीर्थ यात्रा पर जाने से इनकार कर दिया था। इसके कारण उनकी जान बच गई। हादसे में जान गंवाने वाली सज्जन कंवर को पति ओमप्रकाश ने तीर्थ यात्रा पर जाने से मना किया था, लेकिन वह तीर्थ यात्रा पर गई थी। समाज के लोग धरने पर बैठेमाली समाज के लोग उचित मुआवजा देने और हादसे की जांच करने की मांग को लेकर रविवार देर रात धरने पर बैठ गए। उन्होंने मृतक आश्रित परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की। सीएम भजनलाल शर्मा ने हादसे पर जताया दुख --- फलोदी हादसे की यह खबर भी पढ़िए.. बीकानेर में खिंचवाई फोटो आखिरी बनी; अन्नकूट कार्यक्रम के कारण कई महिलाओं की जान बची राजस्थान के फलोदी में भीषण सड़क हादसे में 15 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 2 महिलाएं घायल है। बापिणी उपखंड क्षेत्र के मतोड़ा में टेंपो ट्रेवलर खड़े ट्रेलर में घुस गया। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। मरने वालों में 4 बच्चे, ड्राइवर और 10 महिलाएं शामिल है। (पूरी खबर पढ़ें)
बढ़ाई सख्ती:दवा बनाने वाले हाई रिस्क सॉल्वेंट की हर बूंद पर होगी अब सरकार की नजर
जहरीले कफ सिरप से 25 मासूमों की मौत के बाद दवा उत्पादन को लेकर केंद्र सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है। नए आदेश के चलते अब दवा उत्पादन में उपयोग होने वाले हाई रिस्क सॉल्वेंट की हर बूंद पर सरकार की नजर होगी। ग्लिसरीन, प्रोपीलीन ग्लाइकॉल, सॉर्बिटोल और इथेनॉल जैसे 10 सॉल्वेंट बनाने वाली कंपनियों और दवा उत्पादकों को इन हर बैच का डेटा ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इनकी हर बैच की डिजिटल ट्रैकिंग की जा सकेगी। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दवा कंपनियों को अब बिना ओएनडीएलएस (ऑनलाइन नेशनल ड्रग लाइसेंस सिस्टम) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और डेटा अपडेट किए सॉल्वेंट नहीं मिल सकेगा। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने हाल ही में यह आदेश दिया है। सॉल्वेंट निर्माता और दवा कंपनियों को पोर्टल पर हर बैच की मात्रा, गुणवत्ता रिपोर्ट और वेंडर्स की पूरी जानकारी भी अपलोड करना होगी। कफ सिरप से लेकर पेन किलर और इंजेक्शन बनते हैं इनसे सरकार ने 10 हाई रिस्क सॉल्वेंट की सूची जारी की है। जिसमें ग्लिसरीन, प्रोपाइलीन ग्लाइकॉल, सॉर्बिटोल सॉल्यूशन, हाइड्रोजेनेटेड स्टार्च हाइड्रोलायसेट, पॉलीथिलीन ग्लाइकॉल, डाइथिलीन ग्लाइकॉल स्टीएरेट्स, पॉलीऑक्सीएल ईथर और इथेनॉल को शामिल किया है। इनसे कफ सिरप, ओरल दवाएं, आई ड्रॉप, लिक्विड पेन किलर, इंजेक्टेबल, एंटीबायोटिक्स, विटामिन जैसी दवाएं बनाई जाती हैं।
प्रकाश पर्व:अनुशासन की मिसाल, एम्बुलेंस को दिया रास्ता
श्री गुरुनानक देव महाराज के प्रकाश पर्व पर निकले भव्य नगर कीर्तन में श्रद्धा के साथ अनुशासन की मिसाल देखने को मिली। नगर कीर्तन से पहले सिख सेवकों ने खुद सड़कों की सफाई की। रीगल तिराहे पर संगत ने एम्बुलेंस को पहले रास्ता देकर मानवता का परिचय दिया। पूरा मार्ग केसरिया और बसंती रंगों से सराबोर था। इस दौरान ‘वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह’ के जयघोष गूंजते रहे।
हरियाणा के 59वें स्थापना दिवस पर भारतीय नौसेना के दो जांबाज सैनिकों जयवीर यादव और संजय यादव ने एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया। दोनों जवानों ने प्रदेश के गौरव दिवस को 59 किलोमीटर लंबी दौड़ लगाकर मनाया और इसे हरियाणा के युवाओं को समर्पित किया। एक जवान ने मुंबई और दूसरे ने गोवा में दौड़ लगाई।रेवाड़ी जिले के कोसली के नठेरा गांव निवासी जयवीर यादव पुत्र स्व. कर्ण सिंह और नारनौल के ढाणी जाजमा निवासी संजय यादव पुत्र रतिराम वर्तमान में भारतीय नौसेना में मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। दोनों सैनिक न केवल समुद्री सुरक्षा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि पर्वतारोहण और फिटनेस क्षेत्र में भी अग्रणी हैं। नशे प्रति जागरूकता फैलाना उद्देश्य नारनौल के संजय यादव ने बताया कि इस विशेष दौड़ का उद्देश्य समाज में फैल रही बुराइयों, विशेष रूप से नशे की लत और युवाओं में बढ़ते अवसाद के प्रति जागरूकता फैलाना था। दोनों सैनिकों ने कहा कि उनकी यह दौड़ हरियाणा के नौजवानों को स्वस्थ जीवन, अनुशासन और सकारात्मक सोच अपनाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास है। संजय ने 5 घंटे 8 मिनट में पूरी की 59 KM की दौड़ संजय यादव ने अपनी दौड़ को रात में मुंबई के उरन स्टेडियम से शुरू किया और उन्होंने स्टेडियम के 225 मीटर के ट्रैक पर में अपनी 59.59 किलोमीटर की दौड़ को 5 घंटे 8 मिनट 59 सेकेंड में पूरा किया। वहीं जयवीर यादव ने गोवा में वास्को द गामा से पणजी और वापस पणजी से वास्को द गामा में समाप्त किया। अपनी दौड़ को उन्होंने 6 घंटे 19 मिनट में पूरा किया। देश सेवा में लगाएं युवा अपनी ऊर्जादोनों सैनिकों ने बताया कि हरियाणा के युवाओं में अपार ऊर्जा है, जिसे यदि सही दिशा दी जाए तो वे देश के विकास और समाज सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा हमारी यह दौड़ सिर्फ शरीर को मजबूत करने का प्रतीक नहीं, बल्कि यह संदेश है कि हरियाणा का युवा नशे और बुराइयों से दूर रहकर देश का गौरव बढ़ाए।
कर्मभूमि सेवा संस्थान पिछले तीन साल से घुमंतू और वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का कार्य कर रही है। संस्थापक बाबूलाल चौधरी ने तीन साल पहले केवल सात बच्चों के साथ आसमान तले यह मुहिम शुरू की थी, जो अब 40 से अधिक बच्चों का भविष्य संवार रही है। 14 जुलाई 2022 को पंजीकृत संस्था ने एक झोपड़ी से घुमंतू बच्चों काे शिक्षा देने की शुरूआत की। अब तक 250 से अधिक बच्चे शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। संस्था में 40 से अधिक सदस्य जुड़कर सहयोग राशि जुटाने का कार्य कर रहे है। संस्थान के संस्थापक बाबूलाल चौधरी एक निजी विद्यालय में शिक्षक हैं। चौधरी ने तीन साल पहले झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को देखा। ये बच्चे या तो भीख मांग रहे थे या कचरा बीन रहे थे। उनके मन में एक विचार आया कि क्यों न इन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। इसके बाद बच्चों काे शिक्षा से जोड़ने के प्रयास शुरू किए। इस छोटी सी शुरूआत ने आज बड़ा रूप लिया है। संस्था से 500 से अधिक भामाशाह व 40 से अधिक सदस्य नेक कार्य से जुड़े हुए हैं। स्कूल में कक्षा एक से आठ तक के 250 बच्चे पढ़ चुके हैं और 40 से अधिक बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। जन सहयोग से इन बच्चों को निशुल्क किताबें, यूनिफॉर्म और बैग उपलब्ध कराया जाता है। शिक्षक के साथ अन्य सुविधाएं भी निशुल्क प्रदान की जा रही हैं। भवन निर्माण कर स्कूल व हॉस्टल के संचालन के प्रयास जारी संस्थान के संस्थापक ने बताया कि घुमंतू परिवारों के बच्चे अपने माता-पिता के साथ महीनों तक आजीविका की तलाश में भटकते हैं। ये शिक्षा से वंचित हाे जाते हैं। हमारा लक्ष्य एक भवन निर्माण कर स्कूल और हॉस्टल बनाना है, ताकि इन बच्चों को स्थाई शिक्षा और बेहतर माहौल मिल सके। संस्था शीघ्र जमीन खरीदकर इन बच्चों को लगातार शिक्षा से जोड़े रखना चाहती है, ताकि वे देश के मजबूत नागरिक बन सके। इस अनूठी पहल से में भी जुड़ी हूं। सभी सदस्यों ने मिलकर मुझे अध्यक्ष का दायित्व दिया। हमने 2022 में कर्मभूमि सेवा संस्थान का पंजीकरण करवाया। वर्तमान में संस्था बच्चों के जीवन को बदलते हुए समाज में जागरूकता लाने के कार्य कर रही है। भामाशाहों के सहयोग से बच्चों का खर्च चल रहा है। -सीता चौधरी, अध्यक्ष कर्मभूमि सेवा संस्थान, गुड़ामालानी।
विदिशा में 30 अक्टूबर को आयोजित खेल महोत्सव का मंच। केंद्रीय कृषि मंत्री और विदिशा के सांसद शिवराज सिंह चौहान ने अपने क्षेत्र के विकास कार्यों की एक लंबी सूची मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने रखी। इस सूची में सबसे प्रमुख मांग थी- विदिशा को नगर निगम का दर्जा देना। मुख्यमंत्री ने भी बिना देर किए मंच से ऐलान करते हुए कहा- मैं शिवराज जी की बात मान लेता हूं। विदिशा में अगला चुनाव नगर पालिका का नहीं, बल्कि नगर निगम का होगा। हालांकि ये पहली बार नहीं है, इसी साल 15 जनवरी को भी सीएम मोहन यादव, शिवराज सिंह चौहान की मांग पर यही घोषणा कर चुके हैं। यहां सवाल ये है कि क्या ये घोषणा हकीकत में बदलेगी? नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के सूत्रों का कहना है कि 2027 में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव तक ये संभव नहीं है। न केवल विदिशा बल्कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाली गुना और शिवपुरी नगर पालिका भी नगर निगम नहीं बन सकेगी। मंडे स्टोरी में पढ़िए आखिर इस घोषणा के जमीन पर उतरने में सबसे बड़ी अड़चन क्या है? किसी नगर पालिका को नगर निगम में बदलने की प्रक्रिया कितनी जटिल है और जिन शहरों को यह दर्जा देने का वादा किया गया था, उनके प्रस्तावों की वर्तमान स्थिति क्या है? पढ़िए रिपोर्ट... 14 नवंबर 2023 को हुआ था ऐलानयह वादा दरअसल शिवराज सिंह चौहान के उस वादे की अगली कड़ी है, जो उन्होंने 14 नवंबर 2023 को शमशाबाद में एक चुनावी सभा में किया था। तब वे मुख्यमंत्री थे। भाजपा 163 सीटें जीतकर सत्ता में तो लौटी, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा बदल गया। अब शिवराज के वादे को पूरा करने का जिम्मा मोहन यादव के कंधों पर है। खेल महोत्सव के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को विदिशा के विकास कार्यों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें स्टेडियम निर्माण से लेकर विदिशा को नगर निगम बनाने जैसे महत्वपूर्ण काम शामिल थे। इस पर मुख्यमंत्री ने मंच से कहा कि सारे वादे पूरे होंगे। जानिए क्या होती है नगर निगम बनने की प्रक्रिया किसी नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा देने की एक लंबी और जटिल प्रशासनिक प्रक्रिया है, इसमें कई चरण होते हैं। विदिशा के प्रस्ताव की फाइल डायरेक्टोरेट में लंबितमंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, 15 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री की पहली घोषणा के बाद विदिशा कलेक्टर ने प्रस्ताव पर काम शुरू किया था। शहर की आबादी को 3 लाख तक पहुंचाने के लिए नगर निगम सीमा के आसपास की 24 ग्राम पंचायतों के 68 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया गया। इनमें से कई गांव शहर से 5 से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इसके साथ ही, वार्डों की संख्या 39 से बढ़ाकर 54 करना भी प्रस्तावित है। यह प्रस्ताव तैयार कर नगरीय प्रशासन व विकास विभाग को भेजा जा चुका है, लेकिन यह अभी तक शासन के उच्च स्तर तक नहीं पहुंचा है और डायरेक्टोरेट में ही लंबित है। सात साल, छह घोषणाएं, जो अब भी हैं अधूरीशिवराज सिंह चौहान ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में विदिशा के अलावा गुना, छतरपुर, सिवनी, भिंड, शिवपुरी और शहडोल को भी नगर निगम बनाने की घोषणा की थी। लेकिन ये सभी घोषणाएं आज तक जमीन पर नहीं उतर पाई हैं। मुख्य कारण यह है कि ये नगर पालिकाएं अपग्रेड होने के लिए आवश्यक जनसंख्या और अन्य पैरामीटर पूरे नहीं कर पा रही हैं। नोटिफिकेशन के बाद भी 2027 तक इंतजारभिंड नगर निगम का मामला सबसे अनूठा है। 2018 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिवराज कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी, लेकिन कमलनाथ सरकार आने के बाद प्रक्रिया ठप हो गई। 2020 में भाजपा की वापसी के बाद भी मामला ठंडे बस्ते में रहा। फिर 2023 चुनाव से पहले 2 अक्टूबर 2023 को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। बावजूद इसके, भिंड को नगर निगम के रूप में काम करने के लिए 2027 तक इंतजार करना होगा। इसका कारण नगर पालिका अधिनियम का एक पेंच है, जिसके अनुसार जिन ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है, उन्हें शहरी क्षेत्र में जबरन शामिल नहीं किया जा सकता। भिंड नगर निगम में 25 ग्राम पंचायतों के 38 गांव शामिल किए गए हैं, जिनका कार्यकाल 2027 में पूरा होगा। अव्यवहारिक प्रस्ताव हुआ रिजेक्ट, नया भेजा‘मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान’ के दौरान शिवपुरी को नगर निगम बनाने की घोषणा हुई थी। आनन-फानन में जो प्रस्ताव भेजा गया, वह बेहद अव्यवहारिक था। इसमें 42 ग्राम पंचायतों के 97 ऐसे गांव शामिल कर लिए गए थे, जिनकी जिला मुख्यालय से दूरी 20 किलोमीटर से भी अधिक थी। इस कारण प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया गया। अब पिछले महीने एक नया, अधिक व्यावहारिक प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें 18 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। इस नए प्रस्ताव के अनुसार, शहर की आबादी 2.36 लाख और शामिल गांवों की आबादी 39 हजार मिलाकर भी 3 लाख का आंकड़ा पार नहीं हो रहा है, जिससे इस पर भी संशय बना हुआ है। प्रस्ताव कलेक्ट्रेट में ही अटकाजन आशीर्वाद यात्रा के दौरान शिवराज सिंह ने गुना को नगर निगम बनाने की घोषणा की थी। नगरपालिका ने अपनी प्रक्रिया पूरी कर फाइल कलेक्टर को भेज दी, लेकिन वहां से प्रस्ताव राज्य शासन को नहीं भेजा जा सका है। नगरीय प्रशासन विभाग ने गांव की दूरी, जनसंख्या, सर्वे नंबर, गूगल मैप जैसी कई जानकारियां मांगी थीं, जो अब तक पूरी नहीं की जा सकी हैं। 28 गांवों को जोड़कर 3 लाख की आबादी का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन प्रक्रिया कलेक्ट्रेट स्तर पर ही रुकी हुई है। शहडोल संभागीय मुख्यालय लेकिन नगर निगम नहींविधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनदर्शन कार्यक्रम में शिवराज सिंह ने शहडोल को नगर निगम बनाने का ऐलान किया था। इससे पहले 2018 में 6 ग्राम पंचायतों के 11 गांवों को मर्ज कर नगर पालिका की आबादी 1 लाख तक पहुंचाई गई थी। सितंबर 2021 में, जैतपुर की तत्कालीन विधायक मनीषा सिंह की मांग पर, शहडोल के साथ-साथ बुढ़ार, बकहो और धनपुरी परिषदों को मिलाकर एक वृहद नगर निगम बनाने का प्रस्ताव तैयार कर भोपाल भेजा गया था। लेकिन डॉ. मोहन यादव सरकार में इस प्रस्ताव पर कोई प्रगति नहीं हुई है। छतरपुर गौरव दिवस पर हुआ था ऐलान2 जून 2023 को छतरपुर के गौरव दिवस पर शिवराज सिंह ने इसे नगर निगम बनाने का ऐलान किया था। प्रशासन ने 12 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 25 गांवों को शामिल कर 3.62 लाख की आबादी का प्रस्ताव तैयार किया। बाद में लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस वादे को पूरा करने की बात कही, लेकिन सालभर से यह फाइल नगरीय विकास एवं आवास विभाग में ही अटकी हुई है। कम आबादी बनी बाधकसिवनी में रोड शो के बाद शिवराज सिंह ने इसे नगर निगम बनाने की घोषणा की थी। नगर पालिका परिषद ने प्रस्ताव भी पास कर दिया। 52 गांवों को जोड़ने के लिए सर्वे भी हुआ, लेकिन इन गांवों को मिलाने के बावजूद नगर निगम के लिए आवश्यक 3 लाख की जनसंख्या पूरी नहीं हो पा रही थी। 2011 में सिवनी की आबादी सिर्फ 1.02 लाख थी, जो अब अनुमानतः डेढ़ लाख है। आबादी का मापदंड पूरा न होने के कारण यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। अब जानिए ये नगरपालिकाएं क्यों नहीं बन पाएंगी नगर निगम 31 दिसंबर 2025 को सीमाएं सील होंगीदरअसल, जनगणना का काम अगले साल अक्टूबर से शुरू होने वाला है। इसके चलते प्रदेश में इस साल के अंत, यानी 31 दिसंबर 2025 के बाद, किसी भी नए जिले, तहसील और उनकी सीमाओं में परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसके दिशा निर्देश भेज दिए है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जनगणना के दौरान यानी 1 जनवरी 2026 और 31 मार्च 2027 के बीच प्रशासनिक यूनिट की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।मौजूदा सीमाओं में किसी भी बदलाव की सूचना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जनगणना निदेशालयों और भारत के महापंजीयक को 31 दिसंबर 2025 तक देनी होगी। इसके बाद जनगणना 2027 के लिए, प्रशासनिक इकाइयों की सीमाएं फ्रीज कर दी जाएंगी। नियम के मुताबिक जिलों, उप-जिलों, तहसीलों, तालुकाओं और पुलिस स्टेशनों जैसी प्रशासनिक यूनिट की सीमाओं को निर्धारित करने के तीन महीने बाद ही जनगणना की जा सकती है।
यह सिस्टम की नाकामी, सिर्फ डॉक्टर कैसे जिम्मेदार, निलंबन वापस हो : संघ
चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में डॉक्टरों के निलंबन को लेकर रविवार को चिकित्सकों की आपात बैठक हुई। यह बैठक झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवाएं संघ की ओर से करमटोली स्थित आईएमए भवन, रांची में बुलाई गई थी। अध्यक्षता संगठन के पदाधिकारियों ने की, जिसमें कई जिलों के चिकित्सकों ने भाग लिया। इस दौरान सभी सदस्यों ने एचआईवी संक्रमित बच्चों के प्रति संवेदना व्यक्त की। डॉक्टरों ने कहा कि चाईबासा की घटना के बाद वहां के सिविल सर्जन और ब्लड बैंक इंचार्ज को तत्काल बिना किसी जांच के निलंबित कर दिया गया। यह बेहद गंभीर और चिंताजनक मामला है, जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह किसी व्यक्ति की नहीं, बल्कि सिस्टम की भी नाकामी है। चिकित्सकों ने स्पष्ट किया कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन से पहले रक्तदाता के सैंपल की एचआईवी समेत पांच संक्रामक रोगों के लिए स्क्रीनिंग होती है। लेकिन ‘विंडो पीरियड’ में संक्रमण की पहचान लैब टेस्ट से संभव नहीं होती। ऐसे में किसी सिविल सर्जन, ब्लड बैंक इंचार्ज या स्वास्थ्यकर्मी को दोषी ठहराना अनुचित है। बेकसूर चिकित्सकों का निलंबन वापस लिया जाना चाहिए। धनबाद उपायुक्त के आदेश पर भी डॉक्टरों ने जताया रोष इधर, धनबाद के उपायुक्त द्वारा चिकित्सा कर्मियों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस को वेतन से जोड़ने के आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए संघ ने सर्वसम्मति से खारिज कर दिया। चिकित्सकों ने कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से रोका जाए। बैठक में बोकारो, रांची, चाईबासा समेत कई जिलों के चिकित्सक, आईएमए झारखंड के राज्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह और चैंबर के डॉ. अभिषेक रामधीन उपस्थित थे। थैलेसीमिया मरीजों की हर 6 माह में अनिवार्य रूप से की जाए स्क्रीनिंग चिकित्सकों ने थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया के मरीजों के लिए हर छह माह के अंतराल में अनिवार्य स्क्रीनिंग टेस्ट कराने की भी अनुशंसा की। बैठक में संघ ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की, जो ब्लड बैंक सिस्टम को सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार वर्चुअल समीक्षा बैठक कर रहे हैं। सिस्टम दुरुस्त किया जाना चाहिए, डॉक्टर का निलंबन समाधान नहीं बैठक में बताया गया कि चाईबासा के अलावा भी पूर्व में रांची से छह और कोडरमा से एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चा एचआईवी संक्रमित पाया गया है। यह आशंका जताई गई कि जांच के बाद अन्य जिलों से भी मामले सामने आ सकते हैं। चिकित्सकों ने कहा कि क्या सभी जिलों के अधिकारियों व चिकित्सकों का निलंबन ही इसका समाधान है? सिस्टम को दुरुस्त करें। आईएमए भवन, रांची में झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवाएं संघ की बैठक में शामिल चिकित्सक।
31 मार्च से पहले ई-केवाईसी पूरा नहीं करने पर रुकेगी एलपीजी की सब्सिडी
रांची | देशभर के घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना-पीएमयूवाई के लाभार्थियों के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण (ई-केवाईसी) अनिवार्य कर दिया है। उपभोक्ता मोबाइल ऐप के माध्यम से स्वयं ई-केवाईसी कर सकते हैं या नजदीकी गैस एजेंसी अथवा वितरण केंद्र पर जाकर यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि 14.2 किलोग्राम सिलिंडर की आठवीं और नौवीं रिफिल पर 300 रुपए प्रति सिलिंडर सब्सिडी केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगी, जिन्होंने 31 मार्च 2026 तक ई-केवाईसी पूरा कर लिया होगा। निर्धारित समय सीमा तक प्रमाणीकरण नहीं कराने पर उपभोक्ताओं की रिफिलिंग और सब्सिडी अस्थायी रूप से रोक दी जाएगी। हालांकि, मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि ई-केवाईसी के अभाव में गैस आपूर्ति बाधित नहीं होगी, केवल डीबीटी सब्सिडी रोकी जाएगी। मालूम हो कि डीबीटी सब्सिडी एक वित्तीय वर्ष में केवल 9 रिफिल तक लागू होती है। आठवीं और नौवीं रिफिल की सब्सिडी तब तक रोककर रखी जाएगी जब तक उपभोक्ता 31 मार्च से पहले ई-केवाईसी पूरा नहीं कर लेते। वहीं, जिन उज्ज्वला योजना लाभार्थियों ने वित्तीय वर्ष में एक बार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण कर लिया है, उन्हें उसी वर्ष इसे दोबारा करने की आवश्यकता नहीं होगी। एलपीजी गैस डिस्ट्रीब्यूशन एसोसिएशन के अध्यक्ष जयंत चौहान और राजेंद्र जिबासिया ने कहा कि रांची में वर्तमान में करीब 8.5 लाख एलपीजी लाभार्थी हैं। इनमें से करीब 40 प्रतिशत लोगों ने ई-केवाईसी नहीं करवाया है। इन्होंने उनसे आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन करवा लें।
झारखंड जर्नलिज्म अवार्ड्स 2025 से सम्मानित किए गए कई पत्रकार
रांची | पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वरिष्ठ पत्रकारों और छायाकारों को रविवार को आयोजित झारखंड जर्नलिज्म अवार्ड्स-2025 में सम्मानित किया गया। रांची प्रेस क्लब और आरबीएस वैदिक ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह कार्यक्रम लालपुर के होटल रेनड्यू में हुआ, जिसमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, वरिष्ठ पत्रकार वैद्यनाथ मिश्र, पद्मश्री बलबीर दत्त, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो और वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम में वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट माणिक बोस को बेस्ट फोटो जर्नलिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनके अलावा राज सिंह को बेस्ट इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट, शकील अख्तर को बेस्ट प्रिंट जर्नलिस्ट, राकेश तिवारी को बेस्ट वीडियो जर्नलिस्ट और श्रीनिवास को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, श्याम किशोर चौबे, फैसल अनुराग, चंदन मिश्र, सोनाली दास और ब्रजेश राय को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए विशेष सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र सोरेन, सचिव अमरकांत और आरबीएस वैदिक ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी नित्यानंद शुक्ला भी शामिल रहे।
8वीं झारखंड सब-जूनियर सेपक टकरा में रांची ओवरऑल चैंपियन
जयपाल सिंह स्टेडियम में आयोजित 8वीं झारखंड राज्य सब-जूनियर सेपक टकरा चैंपियनशिप का रविवार को समापन हुआ। प्रतियोगिता में राज्य के विभिन्न जिलों से करीब 120 खिलाड़ी और अधिकारी शामिल हुए। बालक और बालिका दोनों वर्गों में हुए मुकाबलों में खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। रांची जिला की टीम ने ओवरऑल चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया, जबकि देवघर जिला दूसरे स्थान पर रहा। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित समाजसेवी शंकर दुबे ने विजेता खिलाड़ियों को बधाई दी और कहा कि खिलाड़ी को सफलता पाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए, यही खेल भावना की असली पहचान है। सेपक टकरा एसोसिएशन ऑफ झारखंड के अध्यक्ष उदय साहू ने सभी प्रतिभागियों के उज्जवल भविष्य की कामना की और कहा कि राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करेंगे। बालक वर्ग में रांची प्रथम, धनबाद द्वितीय और चतरा तृतीय रहे, वहीं बालिका वर्ग में देवघर प्रथम, रांची द्वितीय और पूर्वी सिंहभूम तृतीय रही। डबल इवेंट में भी रांची ने शानदार प्रदर्शन करते हुए शीर्ष स्थान प्राप्त किया। देवघर जिला रहा दूसरे स्थान पर, विजेता हुए सम्मानित
राज्योत्सव:पर्यटकों को आकर्षित कर रहे बस्तर के वाटरफॉल खेल-खेल में पढ़ाई का तरीका बता रही उल्लास टीम
खूबसूरत वाटरफॉल, कुटुंबसर गुफा, जंगली जानवर, वन भैंसा और हरियाली, ये सभी राज्योत्सव पहुंचने वालों को बस्तर की ओर आकर्षित कर रहे हैं। वन विभाग के स्टॉल में प्रदेश के सुंदर वन, अभ्यारण्य, जंगल से मिलने वाली संजीवनी को प्रदर्शनी के जरिए दिखाया जा रहा है। इसी तरह पर्यटन विभाग के स्टॉल में प्रदेश के पर्यटन स्थलों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। यहां मुख्य फोकस बस्तर को किया गया है। शिक्षा विभाग के स्टॉल में उल्लास टीम मौजूद है। ये टीम बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई करने का तरीका सीखा रही है। छत्तीसगढ़ स्थापना के 25 साल पूरे होने पर नवा रायपुर के राज्योत्सव स्थल पर पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। राज्योत्सव मेला स्थल पर करीब 80 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें से 40 स्टॉल सरकारी विभागों के हैं। इन विभागों में प्रदेश के 25 साल के विकास को मॉडल के जरिए दिखाया गया है। यहां लगाई गई झांकियां जीवंत है, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। रविवार को भी यहां बड़ी संख्या में रायपुर सहित आसपास के लोग पहुंचे। सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक राज्योत्सव मेला स्थल का भ्रमण किया जा सकता है। यहां रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। राज्योत्सव के लिए रात में तीन बसेंआमजन को राज्योत्सव से वापस आने में कोई परेशानी न हो इसके लिए एनआरडीए 5 नवंबर तक तीन विशेष बस चला रही है। इसके साथ ही सीबीडी स्टेशन से राज्योत्सव ग्राउंड तक नियमित बस चल रही है। इसका किराया केवल पांच रुपए है। ट्रेन से नवा रायपुर पहुंचने वाले यात्री सीबीडी स्टेशन उतरकर सीधे राज्योत्सव ग्राउंड पहुंच सकेंगे। इसके अलावा रायपुर शहर से 28 बसों का संचालन भी नवा रायपुर के लिए नियमित रूप से किया जा रहा है। एयरोबेटिक शो का रिहर्सल 4 को राज्योत्सव में एयरफोर्स की सूर्य किरण एयरोबेटिक टीम की ओर से एयरोबेटिक शो का प्रदर्शन किया जाएगा। 4 नवंबर को सुबह 10 से 12 बजे तक टीम सेंध जलाशय के ऊपर इसकी रिहर्सल करेगी। 5 नवंबर को ठीक इसी समय इसका फाइनल शो होगा। इसकी तैयारी के लिए वायु सेना की टीम रायपुर पहुंच चुकी है। शो में शामिल होने वाले विमानों की लैंडिंग भी रायपुर एयरपोर्ट में हो चुकी है। रिहर्सल के पहले इन सभी विमानों की तकनीकी जांच की जा रही है।
बोरे में छिपाकर ला रहे थे प्रतिबंधित कफ सिरप, 13400 शीशी जब्त
मांडर थाना क्षेत्र के एनएच 39 स्थित टांगरबसली मोड़ पास शनिवार की देर रात पुलिस ने 13 हजार 400 बोतल कफ सिरप लदा एक ट्रक पकड़ा है। ट्रक एनएल-01 एएच 5510 के चालक वसीम निजाम शेख को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वसीम मूल रूप से मुंबई के प्रेम नगर स्थित जनता कॉलोनी का रहने वाला है। पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार चालक ने बताया है कि वह उत्तर प्रदेश से कफ सिरप लेकर रांची पहुंचा था। चान्हो इलाके में एक व्यक्ति पास सप्लाई करनी थी। उक्त व्यक्ति का नाम व पता उसे नहीं बताया गया था। चान्हो में संबंधित जगह पर पहुंचने के बाद उस व्यक्ति द्वारा खुद कफ सिरप लेने के लिए पहुंचने की बात कही गई थी। हालांकि इससे पहले ही यूपी क्राइम ब्रांच की सूचना के बाद रांची पुलिस ने चेकिंग लगाकर ट्रक को रोका। पुलिस ने जब ट्रक के चालक को रोकने के बाद लोड किए गए सामान के बारे में पूछा तो उसने कहा कि सड़ा हुआ चावल का बोरा लोड है। जांच की तो वास्तव में सड़े चावल का बोरा लोड किया हुआ मिला। हालांकि जब चावल का बोरा हटाकर देखा तो नीचे में सफेद रंग के प्लास्टिक का बोरा मिला। सफेद रंग का 134 बोरी लोड था। औषधि निरीक्षक की मौजूदगी में जब बंद बोरे को खोला गया तो 13 हजार 400 शीशी कफ सिरप बरामद हुआ। पुलिस के समक्ष चालक न तो कोई कागजात प्रस्तुत कर पाया आैर न ही संबंधित व्यक्ति के बारे में कुछ बता पाया, जिसके बाद कफ सिरप सप्लाई करनी थी। जांच की गई तो 134 बोरे में बंद कफ सिरप मिला मंगल सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है ट्रक का नंबर कफ सिरप लदा जिस ट्रक को पुलिस ने पकड़ा है, वह मंगल सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है। रजिस्टर्ड गाड़ी के ओनर का वर्तमान पता नगालैंड के कोहिमा स्थित एनएसटी कॉलोनी जबकि परमानेंट पता मध्य प्रदेश के मोरिना स्थित हेतम्पुर बताया गया है। हालांकि गाड़ी के रजिस्ट्रेशन में दिए गए नंबर का धारक खुद की गाड़ी होने से साफ इंकार किया है। दैनिक भास्कर ने जब रजिस्टर्ड मोबाइल पर संपर्क किया तो वह खुद का नाम सहजाद अनवर बताते हुए कहा कि वह हजारीबाग में रहता है। नगालैंड व मध्य प्रदेश में उसकी कोई गाड़ी नहीं है।
दो शिफ्ट में होगी नीड असेसमेंट परीक्षा, 60 प्रश्नों के देने होंगे जवाब
राज्य के 1.20 लाख सरकारी शिक्षकों का टीचर नीड असेसमेंट होगा। 18 से 20 नवंबर तक यह मूल्यांकन होगा। टीएनए का यह दूसरा चरण है। इसके पहले हुए टीएनए में 1.10 लाख शिक्षकों ने भाग लिया था। इसमें मात्र 2500 शिक्षकों को 60 प्रतिशत से अधिक नंबर मिल पाए थे। टीएनए -2 के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। राज्य के करीब चार हजार शिक्षकों ने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन शिक्षकों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनकी पहचान कर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। जिन जिलों के शिक्षकों का नहीं हुआ है, वहां के जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को इसके लिए दोषी माना जाएगा। टीचर नीड असेसमेंट की परीक्षा दो शिफ्ट में होगी। शिक्षकों को 60 प्रश्नों के जवाब देने होंगे। इसके लिए उन्हें दो घंटे का समय मिलेगा। झारखंड शिक्षा परियोजना ने इन शिक्षकों को सूचित करते हुए कहा है कि जिन शिक्षकों के मोबाइल से ऐप अन-इंस्टॉल हो गया है, या जो नए शिक्षक नियुक्त हुए हैं, या फिर जिनका तबादला दूसरे जिले में हुआ है, उन्होंने दोबारा रजिस्ट्रेशन करना होगा। मूल्यांकन के बाद शिक्षकों की कमियों की गणना होगी। फिर, उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मधुकम तालाब व धुर्वा डैम में नहाने उतरे दो लोग डूबे, मौत
राजधानी में सुखदेवनगर स्थित मधुकम तालाब एवं धुर्वा डैम में नहाने के लिए गहरे पानी में उतरे दो व्यक्ति रविवार को डूब गए। स्थानीय गोताखोरों की मदद से दोनों को बाहर निकाला गया, लेकिन उनकी मौत हो गई। मधुकम तालाब में डूबे व्यक्ति का नाम शंभु गुप्ता है आैर वह इरगू टोली का रहने वाला था। शंभु सुबह लगभग 9:30 बजे तालाब पहुंचा था, जहां नहाने के लिए गहरे पानी में उतर गया। हालांकि वह काफी नशे में था, जिसकी वजह से पानी की गहराई समझ नहीं पाया। पुलिस जांच में जानकारी मिली है कि आसपास में मौजूद महिलाओं ने शंभु को डूबते हुए देखा, उन लोगों ने बांस के सहारे उसे बाहर निकालने का प्रयास किया। लेकिन अत्यधिक नशे में होने की वजह से वह बांस का सहारा नहीं ले पाया आैर गहरे पानी में डूबता चला गया। लगभग 2 घंटे बाद उसके शव को बाहर निकाला जा सका। दूसरी घटना धुर्वा डैम में हुई, जहां नचियातु डूमर टोली निवासी चंदन कुमार अपने दोस्तों के साथ नहाने पहुंचा था। वह नहाने के दौरान अचानक गहरे पानी में चला गया। उसे डूबते देख दोस्तों ने जब शोर मचाया तो आसपास के लोग पहुंचे। हालांकि उसे बाहर नहीं निकाल पाए। सूचना मिलने पर पहुंची धुर्वा थाने की पुलिस ने स्थानीय गोताखोर की मदद से युवक को बाहर निकाला। तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चंदन डाक विभाग का कर्मी था। गोताखोरों की मदद से शवों को निकाला गया बाहर
चार बड़ी टेक्सटाइल कंपनियां झारखंड छोड़ ओडिशा शिफ्ट होने की तैयारी में
झारखंड की टेक्सटाइल इंडस्ट्री संकट के दौर से गुजर रही है। यहां पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। जबकि ओडिशा उद्योगपतियों को कई सुविधाएं दे रहा है। इसे देख चार बड़ी कंपनियों ने झारखंड छोड़कर ओडिशा शिफ्ट होने का मन बना लिया है। ओरमांझी स्थित कुल्ही इंडस्ट्रियल एरिया स्थित वेलेंसिया टेक्सटाइल, किशोर एक्सपोर्ट और गणपति क्रिएशन ने ओडिशा में उद्योग लगाने के लिए आवेदन दे दिया है। वहीं टाटा रोड स्थित अर्बन प्रा. लि. भी ओडिशा शिफ्ट होने को तैयार है। अगर इन चार कंपनियों ने झारखंड छोड़ दिया तो करीब 6000 लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इन कंपनियों के संचालकों का कहना है कि ओडिशा की टेक्सटाइल नीति अभी देश में सबसे अच्छी है। वहां रोजगार सब्सिडी, पूंजी सब्सिडी, पीएफ-ईएसआई और महिला कर्मचारियों के लिए हॉस्टल जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। लेकिन झारखंड में नहीं। दीपक अग्रवाल ने कहा: ओडिशा में मिल रही बेहतर सुविधाएं किशोर एक्सपोर्ट के मालिक दीपक अग्रवाल ने कहा कि हमें ओडिशा में बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। वहां की टेक्सटाइल पॉलिसी देश में सबसे बढ़िया है। मजदूरों को सब्सिडी देने की कोई समय-सीमा नहीं, जबकि झारखंड में 7 वर्ष है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय हम संकट के दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के 50% टैरिफ से स्थिति और खराब हो गई है। वर्कऑर्डर कम मिल रहे हैं। झारखंड की टेक्सटाइल नीति प्रति महिला कर्मचारी प्रतिमाह 6000 रुपए की रोजगार सब्सिडी। नए उद्योग स्थापित करने के लिए 25% पूंजी सब्सिडी। पीएफ-ईएसआई में 1000 रुपए राज्य सरकार वहन करती है। उद्योगों को भूमि पर छूट का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। झारखंड में पॉलिसी में सिर्फ यह लिखा हुआ है कि उद्योगों को इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जाएगा। अर्बन प्राइवेट लिमिटेड के संचालक वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि झारखंड में कोई पॉलिसी ही नहीं है। ओडिशा जाना हमारी मजबूरी हो जाएगी। हमें यहां सब्सिडी आदि नहीं मिल पा रही है। इस कंपनी में 2000 लोग काम कर रहे हैं। सैलरी वेजेज नहीं मिलने की समस्या लगातार आ रही है। ओडिशा में फैक्ट्री लगाना काफी आसान है। वहां से लोग भी हमारे यहां विजिट करने आए थे। ये कंपनियां दूसरे राज्यों में कर रही उद्योगों का विस्तार क्या कहते हैं उद्योगपति वीरेंद्र सिंह रावत बोले: झारखंड में तो कोई पॉलिसी ही नहीं है ओडिशा की टेक्सटाइल नीति प्रति महिला कर्मचारी प्रतिमाह 7000 रुपए की रोजगार सब्सिडी। नए उद्योग स्थापित करने के लिए 40% पूंजी सब्सिडी। पीएफ और ईएसआई का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। 1000 से ज्यादा कर्मचारी वाले उद्योगों को भूमि पर 75% छूट। महिला कर्मचारियों के लिए हॉस्टल, कॉमन ईटीपी प्लांट, सबस्टेशन और स्किल मिशन जैसी सुविधाएं। देश की अग्रणी गारमेंट कंपनी शाही एक्सपोर्ट को करीब आठ साल पहले झारखंड में जमीन आवंटित की गई थी। कंपनी ने आज तक इमारत नहीं बनवाई। जबकि ओडिशा और मध्यप्रदेश में कंपनी का विस्तार कर रही है। दिल्ली पर्ल ग्लोबल ने भी करीब 7 साल पहले झारखंड में गहरी रुचि दिखाई थी। लेकिन, वर्तमान में वह मध्य प्रदेश में अपनी फैक्ट्री स्थापित कर रही है।
हिट एंड रन:15 साल की नाबालिग चला रही थी कार, पिता भी गिरफ्त में
धरमजयगढ़ में पिछले दिनों कार की टक्कर से तीन लोगों की मौत हो गई थी। मामले में रविवार को पुलिस ने खुलासा किया है कि कार 15 साल की नाबालिग चला रही थी, जिसे गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने प्रकरण में आरोपी नाबालिग के पिता को भी आरोपी बनाया है। इस मामले में भास्कर ने पहले ही दिन से पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। घटना के बाद मामूली जमानती धारा में मामला दर्ज कर आरोपियों को बचाने की कोशिश की जाती रही। आखिरकार प्रकरण में बीएनएस की धारा 105 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। दरअसल 30 अक्टूबर को धरमजयगढ़ में रांग साइड में चल रही तेज रफ्तार कार से सड़क किनारे खड़ी महिला को रौंद दिया था। इसके बाद कार ने बाइक सवार दो युवकों को चपेट में लिया। हादसे में तीनों की जान चली गई। शुरुआती जांच में पुलिस ने साधारण धाराओं में केस दर्ज कर खानापूर्ति की थी। मामले में धारा 106(1) के तहत केस दर्ज हुआ, जो कि जमानती धारा है। वहीं तीन दिन तक मामले में किसी आरोपी का नाम तक सामने नहीं आया। पुलिस जांच जारी होने की बात कहकर किसी भी तरह की जानकारी देने से बचती रही। रविवार को पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि मामले में आरोपी नाबालिग किशोरी को पकड़ लिया गया है। उसके खिलाफ धारा 105 के तहत कार्रवाई की जा रही है। नाबालिग के साथ पिता घनश्याम महिलाने पर भी एमवी एक्ट की धारा 199 व अन्य गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। पिता ने बिना लाइसेंस नाबालिग को वाहन सौंपा था। इस साल नाबालिगों के वाहन चलाने के 20 मामले रायगढ़ जिले में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस समस्या में कमी नहीं आ रही है। ट्रैफिक डीएसपी उत्तम प्रताप सिंह ने बताया कि इस साल जिले में अब तक 20 नाबालिग चालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। इन मामलों में कुल 31,500 रुपए की पेनाल्टी भी वसूली जा चुकी है। डीएसपी के अनुसार कानून बेहद स्पष्ट है कि 16 वर्ष की उम्र वाले किशोर सिर्फ विदाउट गियर यानी बिना गियर वाले दोपहिया वाहन को ही चला सकते हैं, वह भी मान्य लर्निंग लाइसेंस के साथ। जबकि 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद ही कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का वाहन चला सकता है। इसके बावजूद शहर के कई इलाकों में स्कूल-कॉलेज जाने वाले नाबालिग बच्चे बिना लाइसेंस और बिना सुरक्षा के तेज़ रफ्तार में वाहनों को दौड़ाते दिख जाते हैं। वायरल सीसीटीवी फुटेज में दिखी संवेदनहीनता महिला व युवकों को ठोकर मारने के बाद कार थोड़ी दूर में जाकर रूक गई। हादसे में कार में सवार युवती की लापरवाही सामने आई थी। दरअसल कार रांग साइड से आ रही थी। वहीं टक्कर मारने के बाद कार से एक युवती और 2 युवक उतरते हुए दिखाई दिए। तीनों कार छोड़कर मौके से फरार हो गए। अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। नाबालिग दोस्तों संग पिकनिक से लौट रही थीधरमजयगढ़ हादसे की जांच में सामने आया है कि 15 साल की नाबालिग लड़की 30 अक्टूबर को मिरीगुड़ा से कापू पिकनिक मनाने गई थी। कार में उसके साथ दो और नाबालिग साथी मौजूद थे। सुबह वे घर से निकले थे और दोपहर करीब 12 बजे के आसपास जब वे चाल्हा मोड़ के पास पहुंचे, तभी हादसा हुआ। जानकारी के मुताबिक, पिकनिक से लौटते समय तीनों नशे में थे।
अदिम जनजाति समुदाय को मनरेगा से हर साल मिलेगा 150 दिन का रोजगार
ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने दी प्रस्ताव पर मंजूरी राज्य में आदिम जनजाति समूह के लोगों को मनरेगा में अब सालभर में 150 दिन का रोजगार मिलेगा। करीब 74 हजार परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। अभी सभी समुदायों के लोगों के लिए एक साल में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देने का प्रावधान है। पलायन को देखते हुए राज्य सरकार ने आदिम जनजाति समूह के लोगों को 100 दिन के अलावा 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार देने का फैसला लिया है। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने विभाग के इस प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी है। विभाग ने अब इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक आकलन के मुताबिक आदिम जनजाति परिवारों को 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार मुहैया कराने पर हर साल करीब 100 करोड़ रुपए अतिरिक्त भुगतान होगा। हर साल कम हो रही मनरेगा मजदूरों की संख्या वर्ष 2023-24 में झारखंड में करीब 35 लाख परिवारों ने मनरेगा में काम की मांग की थी, जिनमें से करीब 21.8 लाख मानव दिवस रोजगार मिले थे वर्ष 2024-25 में यह संख्या करीब 20.2 लाख थी। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के लिए उपयोगी सिद्ध हुई है। राज्य में अभी 74 हजार आदिम जनजाति परिवार झारखंड में सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने करीब 74 हजार आदिम जनजाति परिवार की पहचान की है। सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर और जंगल व पारंपरिक आजीविका पर निर्भर है । वर्तमान में इन्हें रोज 282 रुपए की मजदूरी मिलती है। 50 दिन अतिरिक्त रोजगार मिलने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। ये होगा लाभ... आदिम जनजाति समुदाय को अतिरिक्त रोजगार मिलने से पलायन की समस्या में कमी आएगी। पोषण स्तर में सुधार होगा एवं वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इन समुदायों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में स्थाई सुधार आएगा। मनरेगा में ग्रामीण परिवारों को हर वित्तीय वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है। मनरेगा केंद्रीय योजना है। छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरों को 100 दिन के अलावा 50 अतिरिक्त दिन रोजगार देने का प्रावधान हुआ है। इसी तरह आेडिशा में पलायन संभावित प्रखंडों में मनरेगा के तहत रोजगार चाहने वालों को 100 दिनों के अतिरिक्त 100 दिनों का और रोजगार देने का प्रावधान किया गया है। अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने पर होने वाले अतिरिक्त खर्च का वहन राज्य सरकार करती है। झारखंड सरकार अब उसी तर्ज पर आदिम जनजाति परिवारों के लिए 50 अतिरिक्त मानव दिवस के रोजगार का अवसर देने की व्यवस्था कर रही है।
लबालब तालाब-डैम हुए जानलेवा, सुरक्षा के इंतजाम नहीं
इस बार मानसून में जोरदार बारिश होने की वजह से रांची के सभी तालाब और डैम पानी से लबालब हैं। अच्छी बात यह है कि डैमों में जलस्तर इतना ज्यादा है कि गर्मी के दिन में इस बार जलापूर्ति के दौरान राशनिंग की समस्या नहीं आएगी। लेकिन इसका एक दुखद पहलू भी है। तालाब व डैम में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर होने की वजह से कई घटनाएं हो रही हैं। एक सप्ताह के दौरान इन तालाब व डैमों में डूबने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। मधुकम तालाब में छठ पर्व के दिन एक 20 साल के युवक की डूबने से मौत हो गई थी। वहीं रविवार को धुर्वा डैम में और मधुकम तालाब में डूबने से दो लोगो की फिर मौत हो गई। डूबकर मौत की लगातार हो रही घटनाओं से जहां लोग आक्रोशित हो गए हैं, वहीं इसके लिए नगर निगम को भी दोषी ठहरा रहे हैं। लोगो का कहना है कि छठ त्योहार को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। पानी खतरे के निशान से ऊपर है, इसके लिए बांस से बैरिकेडिंग की गई थी, ताकि लोग खतरे के निशान से आगे न बढ़ें। लेकिन छठ खत्म होते ही कई तालाबों से बैरिकेडिंग के लिए लगाए गए बांस को हटा लिया गया। अब पानी कहां कितना गहरा है, इसका पता तक नहीं चल रहा है। मौसम साफ होने की वजह से इन डैमों और तालाब के पास लोगों की भीड़ जुटने लगी है। पानी में लोग उतरने लगे हैं। लेकिन पानी के स्तर का पता नहीं होने की वजह से डूबने से उनकी जान जा रही है। खतरनाक डैम व तालाब {कांके डैम {धुर्वा डैम {बड़ा तालाब {मधुकम तालाब {बनस तालाब शहर के डैमों और तालाबों में लगाए जाएं खतरे के निशान के बोर्ड इन घटनाओं के बाद स्थानीय लोगो ने प्रशासन व निगम से आग्रह किया है कि इन डैम व तालाबों के पास खतरे के निशान का साइन बोर्ड लगाया जाए, जिसमें बताया जाए कि जलस्तर अधिक है। अगर तैरना नहीं जानते हैं तो पानी के अंदर प्रवेश न करें। वर्तमान में रांची के किसी भी डैम और तालाब के पास इस तरह का बोर्ड नहीं लगाया गया है, जिसका खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं। कई बार लोगो को लगता है कि पानी कम होगा। वे तैरना नहीं भी जानते हैं तो फिर भी पानी में उतर जाते हैं, लेकिन अचानक वहां पानी की स्तर ज्यादा होने की वजह से वे अंदर चले जाते हैं और डूबने से उनकी मौत हो जा रही है। अगर इन तालाब व डैमों के पास खतरे का साइन बोर्ड लगा दिया जाए तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। धुर्वा डैम : साइन बोर्ड लगाकर खतरे से आगाह करना है जरूरी। मधुकम तालाब में एक सप्ताह के अंदर डूबकर दो लोगों की हो चुकी है मौत।
नई नियमावली पर वित्त व विधि विभाग की आपत्ति, फिर भी कैबिनेट में भेजा प्रस्ताव
झारखंड में सहायक अभियंताओं की नियुक्ति और प्रोन्नति के लिए तैयार नियमावली पर झारखंड अभियंत्रण सेवा संघ ने कड़ी आपत्ति जताई है। संघ ने कहा है कि नई नियमावली पर वित्त और विधि विभाग की आपत्ति है। इसके बावजूद इस नियमावली को कैबिनेट की स्वीकृति कराने के भेज दिया गया है। संघ के प्रतिनिधिमंडल ने पांच मंत्रियों से मिलकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि पथ निर्माण विभाग ने 9 वर्ष पहले हाईकोर्ट द्वारा रोकी गई झारखंड अभियंत्रण सेवा नियुक्ति नियमावली- 2016 को एक बार फिर 2025 संस्करण के रूप में पेश किया है। जबकि, वित्त विभाग ने पथ निर्माण विभाग के उक्त प्रस्ताव पर आपत्ति की है। कहा गया है कि इससे अन्य सेवाओं में भी आरक्षण आधारित असमानता की मांग उठ सकती है। वहीं, विधि विभाग ने प्रस्ताव पर मंतव्य दिया है कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है। ऐसे में नए तरीके से विशेष आरक्षण का प्रावधान करना उचित नहीं है। कोर्ट के फैसले के बाद ही निर्णय हो संघ ने यह भी कहा है कि अगर प्रशासी विभाग का मत है कि विशेष आरक्षण निर्धारित करना जरुरी है तो इस संबंध में अदालत के अंतिम फैसले के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से रोशन लाल टंडन के मामले में पारित आदेश को भी ध्यान में रखना चाहिए।
हादसा या हत्या? बुड्ढा दरिया में मिला युवक का शव
शिवपुरी इलाके में रविवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब बुड्ढा दरिया में एक युवक की लाश तैरती हुई नजर आई। देखते ही देखते मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई और पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही चार नंबर डिवीजन की पुलिस और पीसीआर टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को बाहर निकलवाकर सिविल अस्पताल के शव गृह भेज दिया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि शव दरिया में बहकर आया था। हालांकि मृतक की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। अधिकारियों के अनुसार, शव काफी पुराना लग रहा है, लेकिन यह साफ नहीं हो सका कि वह कितने दिनों से पानी में था। पुलिस ने बताया कि मामला संदिग्ध लग रहा है। अब यह जांच की जा रही है कि युवक की मौत किसी हादसे में हुई या हत्या के बाद शव फेंका गया। इसके लिए पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि शव कहां से बहकर आया। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी का परिजन या परिचित पिछले कुछ दिनों से लापता है, तो वे चार नंबर डिवीजन थाना पुलिस से संपर्क करें।
किरायेदार के घर चोरी, मालिक का बेटा निकला चोर
गुरु अर्जन देव नगर में एक किरायेदार के घर में चोरी का मामला सामने आया है। पुलिस ने मकान मालिक के बेटे गगनदीप के खिलाफ केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता स्वापिन दत्ता, निवासी गली नंबर 6, ने बताया कि उन्होंने 1 सितंबर को मकान मालिक सर्बजीत कौर से ग्राउंड फ्लोर किराए पर लिया था। उसी फ्लोर पर सर्बजीत का बेटा गगनदीप भी रहता था और दोनों परिवारों का बाथरूम साझा था। स्वापिन के अनुसार, जब उनकी पत्नी बाजार जाती थीं, तो गगनदीप चोरी-छिपे कमरे का ताला खोलकर सामान निकाल लेता था। 11 अक्टूबर की रात उनकी पत्नी ने देखा कि अलमारी का हैंडल टूटा हुआ था और सोने-चांदी के गहने, नकदी और कपड़े गायब थे। शिकायत मिलने पर मकान मालिक ने बेटे को घर से निकाल दिया, लेकिन वह फरार हो गया। थाना डिवीजन नंबर 7 के एएसआई बलविंदर सिंह ने बताया कि गगनदीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है।
साहनेवाल में घर में घुसकर हमला, पति-पत्नी घायल, आरोपी साला फरार
लुधियाना| साहनेवाल थाना क्षेत्र के गांव नंदपुर में पारिवारिक रंजिश के चलते एक व्यक्ति ने अपने रिश्तेदार के घर में घुसकर हमला कर दिया। शिकायतकर्ता अनिल भाटिया ने बताया कि 30 अक्टूबर को दोपहर करीब 1:30 बजे वह घर में सो रहा था, तभी रजित जी.के. एस्टेट, जमालपुर निवासी अचानक कमरे में घुस आया और नुकीले औज़ार से हमला कर दिया। शोर सुनकर पत्नी सुनीता आई तो आरोपी ने उसके बाल पकड़कर पिटाई की और घर की खिड़कियां, दरवाजे और वॉटर फिल्टर तोड़ दिए। जाते-जाते आरोपी ने कार PB10 DF 6287) पर ईंट मारकर शीशा तोड़ दिया और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गया।
दोस्ती के बहाने युवती से दुष्कर्म
एक युवती से दुष्कर्म के बाद आत्महत्या की कोशिश करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी मोहम्मद गुलाम रसूल के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसकी मुलाकात गुलाम रसूल से हुई थी, जिसने दोस्ती का झांसा देकर उसका विश्वास जीता और फिर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। घटना 18 अक्टूबर की शाम करीब 7 बजे की है, जब आरोपी उसे भोलू पंच की मोटर पर ले गया और धमकाकर उसकी मर्ज़ी के खिलाफ दुष्कर्म किया। इसके बाद भी आरोपी उसे बार-बार मिलने और संबंध बनाने के लिए दबाव डालता रहा और जान से मारने की धमकी देता रहा। डरी और तनाव में आई युवती ने घर में रखी पुरानी दवाइयाँ खाकर आत्महत्या की कोशिश की। परिवार ने समय रहते उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने उसका इलाज किया। थाना कूमकला के जांच अधिकारी गुरमीत सिंह ने बताया कि आरोपी गुलाम रसूल फरार है ।

