धर्म / जागरण
आषाढ़ अमावस्या पर लोग पवित्र नदियों में स्नान दान पितरों का तर्पण और कई प्रकार की धार्मिक गतिविधियां करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पूर्वज पितृ
आसाढ़ गुप्त नवरात्र का व्रत बहुत फलदायी माना जाता है। इस दौरान साधक मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि माता रानी की पूजा
हिंदू धर्म में अन्य देवी-देवताओं की तरह सूर्य देव की भी पूजा का विधान है। रोजाना सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
भगवान शनि 30 जून मध्य रात्रि 12 बजकर 35 मिनट पर अपनी प्रिय राशि कुंभ में उल्टी चाल चलेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि भगवान शनि 139 दिनों तक वक्री रहेंगे। ऐ
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस तिथि पर कान्हा जी की खास पूजा करते हैं उनका जीवन सदैव खुशि
लड्डू गोपाल भगवान कृष्ण का ही बाल स्वरूप हैं जिनकी सेवा भक्तों द्वारा घर के एक सदस्य की तरह ही की जाती है। ऐसा माना जाता है कि लड्डू गोपाल जी को घर मे
सूर्य पूरे साल एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। उनके इस गोचर को संक्रांति कहा जाता है। वर्तमान में वह मिथुन राशि में विराजमान हैं और जल्द ही क
मासिक कालाष्टमी का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन साधक व्रत रखने के साथ भैरव बाबा की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पूजा से सभी
कालाष्टमी का पर्व भगवान काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। आषाढ़ माह की कालाष्टमी 28 जून यानी आज मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन भ
प्रदोष व्रत का दिन बहुत पुण्यदायी माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस मौके पर शिव परिवार की पूजा करने से सभी का
गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से जीवन की सभी मुश्किलों का अंत होता है। इसके साथ ही कभी न समाप्त होने
सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि पूर्वक पूजा की जाती है। धार्मिक मत है