Aaj Ka Panchang 6 May 2024 : हिन्दू पंचांग का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। पंचांग शब्द का अर्थ है , पांच अंगो वाला। पंचांग में समय गणना के पांच अंग हैं- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण।
दिल्ली हाईकोर्ट बोला- अभिभावक AC का खर्च उठाएं, स्कूल को एसी शुल्क लेने से रोकने की अर्जी खारिज
अदालत ने कहा कि स्कूल का चयन करते समय माता-पिता को स्कूल में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं और लागत का ध्यान रखना होगा। ऐसी सुविधाएं प्रदान करने का वित्तीय बोझ अकेले स्कूल पर नहीं डाला जा सकता।
S Jaishankar News: सिखों की मौत पर भारत को ही क्यों घेरता है कनाडा, एस जयशंकर ने खोली ट्रूडो की पोल
पिछले साल सर्दियों में ओटावा व नई दिल्ली के बीच राजनयिक संबंधों को बिगाड़ दिया था। कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि इस अपराध में भारतीय खुफिया एजेंसी के जुड़े होने के सुबूत हैं।
दिल्ली में 41.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा अधिकतम तापमान, कल से राजस्थान में लू चलने का अनुमान
मौसम विभाग ने सोमवार को दिल्ली में आसमान के साफ रहने का अनुमान जताया है. वहीं, अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 41 और 24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
Horoscope 6 May 2024 rashifal: ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकलन किया जाता है। 6 मई को सोमवार है। सोमवार का दिन कुछ राशि वालों के लिए शुभ तो कुछ राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा।
‘मैं हमेशा राइटर बनना चाहता था। साइंस पर लिखने वाला, कार्ल सेगन की तरह। आखिर में सिर्फ ये लेटर लिख पा रहा हूं। आखिरी लेटर लिखने का ये मेरा पहला एक्सपीरियंस है। अगर ये कदम सार्थक न हो पाए, तो मुझे माफ कर देना। कुछ लोगों के लिए जिंदगी अभिशाप है। मेरा जन्म हादसा है।’ हैदराबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले रोहित वेमुला ने ये लेटर 8 साल पहले लिखा था। तारीख थी 17 जनवरी 2016, इसके बाद यूनिवर्सिटी हॉस्टल के एक कमरे में रोहित की डेडबॉडी फंदे से लटकी मिली। 26 साल के रोहित PHD कर रहे थे। आरोप लगे कि रोहित दलित थे, इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा था। BJP के बड़े नेताओं के खिलाफ शिकायत हुई। एक तारीख 3 मई, 2024 भी है। केस की जांच 2016 से लेकर 2024 तक चली। 3 दिन पहले 3 मई को तेलंगाना पुलिस ने हाईकोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट सौंपी, जिसमें सभी आरोपियों को क्लीनचिट दे दी गई। इनमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सिकंदराबाद के पूर्व सांसद बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन. रामचंद्र राव और हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व VC अप्पा राव शामिल थे। पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट में लिखा है कि रोहित को पता था उनकी मां ने फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट बनवाया था। रोहित को डर था कि उनकी असली जाति सामने आ जाएगी, क्योंकि वो SC कैटेगरी से नहीं आते थे। रिपोर्ट के मुताबिक, रोहित वड्डेरा जाति से हैं, जो SC में नहीं OBC में आती है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि पुलिस ने रोहित वेमुला के मामले में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर अप्पा राव पिंदिले, पूर्व केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और स्मृति इरानी के रोल की जांच नहीं की है। तेलंगाना में 13 मई को लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। इससे 10 दिन पहले पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट की वजह से रोहित वेमुला की सुसाइड का मामला फिर सुर्खियों में है। BJP और सत्तारूढ़ कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं, रोहित के परिवार ने CM रेवंत रेड्डी से मिलकर केस दोबारा खुलवाने की मांग की है। दैनिक भास्कर ने हैदराबाद में रोहित के घर वालों और दोस्तों के अलावा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से बात की। लोकसभा चुनाव से पहले कैसे ये मामला सियासी हो गया है, ये जानने के लिए कांग्रेस और BJP नेताओं से भी मिले। शुरुआत बॉयज हॉस्टल के कमरे से जहां रोहित की डेडबॉडी मिली थी... हैदराबाद यूनिवर्सिटी का बॉयज हॉस्टल, विंग-I, रूम नंबर-207, इस कमरे के गेट पर 2016 से ताला लगा है। गेट पर लिखा है ASA, यानी अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन। इसी कमरे में रोहित वेमुला ने सुसाइड की थी। रोहित ने सुसाइड नोट में लिखा भी था- उमा अन्ना, ये काम आपके कमरे में करने के लिए माफी चाहता हूं। SFI प्रेसिडेंट अतीक अहमद बताते हैं, ’रोहित सोशल साइंस में PhD कर रहे थे। वे ASA के मेंबर थे। नवंबर, 2015 में रोहित और उनके 4 दोस्तों पर आरोप लगा कि उन्होंने ABVP के एक मेंबर पर अटैक किया है। इसके बाद उन्हें हॉस्टल से निकाल दिया गया।’ ‘शुरुआती जांच के बाद पांचों को क्लीनचिट मिल गई। इससे नाराज होकर ABVP के प्रेसिडेंट सुशील कुमार सिकंदराबाद के सांसद बंडारू दत्तात्रेय से मिले। ABVP का कहना था कि मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी तुरंत ASA पर प्रतिबंध लगाएं। बात स्मृति ईरानी तक पहुंची। उन्होंने वाइस चांसलर को लेटर लिखकर ASA पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा।’ ‘इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने रोहित सहित ASA के 5 मेंबर्स की स्कॉलरशिप रोक दी। पांचों को फिर हॉस्टल से निकाल दिया गया। रोहित और उनके दोस्त कॉलेज की कैंटीन के पास टेंट लगाकर रहने लगे। इस बीच रोहित ने कई बार भूख हड़ताल भी की।’ ‘18 दिसंबर, 2015 को उन्होंने वाइस चांसलर अप्पा राव को लेटर लिखकर दलित छात्रों पर हो रहे अत्याचार रोकने की मांग की। इससे भी कुछ नहीं हुआ। आखिरकार, उन्होंने 17 जनवरी, 2016 को सुसाइड कर लिया।’ सुसाइड केस की जांच में 8 साल लगे, आरोपी कोई नहींरोहित की आत्महत्या के बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में उनके दोस्त डोंथा प्रशांत ने साइबराबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। प्रशांत की शिकायत पर IPC की धारा 306 और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। तेलंगाना पुलिस ने एक जांच कमेटी बनाई। इसमें साइबराबाद कमिश्नरेट में आने वाले माधापुर डिवीजन के ASP रहे एम. रमन्ना, ACP श्याम प्रसाद राव और श्राकांत शामिल थे। इस कमेटी ने 8 साल तक जांच की। 21 मार्च, 2024 को 60 पेज की क्लोजर रिपोर्ट पेश की गई। तेलंगाना पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट में 5 लोगों को आरोपी बताया है। इनमें ABVP प्रेसिडेंट नंदनम सुशील, ABVP मेंबर कृष्णा चैतन्या, BJP रंगारेड्डी जिले के उपाध्यक्ष नंदनम दिवाकर, वाइस चांसलर पोदिली अप्पाराव और MLC रामचंद्र राव शामिल हैं। इसकी समरी में 2 बातों पर फोकस किया गया। पहली: रोहित वेमुला दलित नहीं थे।दूसरा: आत्महत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ सबूतों की कमी पाई गई, इसलिए किसी भी अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं की गई। क्लोजर रिपोर्ट 3 मई, 2024 को सामने आई। इसके बाद से हैदराबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स कैंपस के मेन गेट पर रोहित के फेवर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने केस में अप्पा राव, बंडारू दत्तात्रेय और स्मृति ईरानी के रोल की जांच नहीं की है। अब रोहित के परिवार से बात... भाई बोले- हमने अदालतों के चक्कर काटे, आरोपी खुले घूम रहेरोहित के भाई राजा और उनकी मां राधिका 8 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ते रहे। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से हाईकोर्ट तक 100 से ज्यादा चक्कर लगाए, लेकिन पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट से उन्हें सब बर्बाद होता दिख रहा है। दैनिक भास्कर ने रोहित के भाई राजा वेमुला से बात की। वे कहते हैं, ‘रोहित के साथ यूनिवर्सिटी में क्या हुआ, उसकी मौत से पहले हमें पता नहीं था। अब पुलिस जांच रिपोर्ट में सच बताने के बजाय मेरे भाई की 'कास्ट' बता रही है। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि चुनाव के वक्त बड़े नेताओं पर SC/ST एक्ट में केस दर्ज न हो। क्लोजर रिपोर्ट उन्हें बचाने के लिए लाए हैं।’ रोहित की मां राधिका कहती हैं, ‘रिपोर्ट में लिखा है कि मेरा बेटा पढ़ाई में खराब था, इसी तनाव में उसने आत्महत्या की। ये बिल्कुल गलत है। रोहित हमेशा से पढ़ाई में अच्छा था। यूनिवर्सिटी की परीक्षा में उसके नंबर जनरल कैटेगरी के बच्चों से ज्यादा थे। उसके पास सोशल साइंस में JRF की डिग्री थी।’ हमने पूछा- रिपोर्ट में लिखा है कि रोहित दलित नहीं था? राधिका जवाब देती हैं, ’पुलिस सुसाइड जैसे मामले की जांच के बीच किसी की जाति को कैसे ला सकती है। मैं दलित हूं। मेरा बच्चा दलित कैसे नहीं हो सकता।’ स्टूडेंट्स बोले- BJP नेताओं की वजह से हमने रोहित को खोयाSFI प्रेसिडेंट अतीक अहमद बताते हैं, ‘ABVP और ASA मेंबर्स के बीच हुई लड़ाई के बाद यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर ने रोहित और उनके दोस्तों को क्लीनचिट दी थी। बाद में स्मृति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय ने ये मैटर फिर से उठा दिया। उनके प्रभाव में आकर प्रॉक्टर ने जांच रिपोर्ट बदल दी।’ अतीक आगे बताते हैं, ‘पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट में स्मृति ईरानी, बंडारू दत्तात्रेय और ABVP के अध्यक्ष सुशील कुमार को क्लीनचिट दे दी कि उनके खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं।’ हैदराबाद यूनिवर्सिटी से MA इकोनॉमिक्स की पढ़ाई कर रहीं रचना रेड्डी NSUI से जुड़ी हैं। वे कहती हैं, ‘रोहित की डेडबॉडी के पास मिले सुसाइड नोट पर लिखा था- MY BIRTH IS MY FATAL ACCIDENT. वे कहना चाहते थे कि उनका जन्म से दलित होना लाइफ का सबसे दर्दनाक हादसा था। यूनिवर्सिटी में उनके जैसे बाकी दलित छात्रों के साथ भेदभाव हो रहा था। इससे हताश होकर उन्होंने सुसाइड कर लिया।’ हमने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के मौजूदा VC प्रो. बसुथकर जगदीश्वर राव से फोन पर बात की। उन्होंने बताया कि मैं 2021 में यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर बना था। इसलिए इस केस के बारे में ज्यादा नहीं जानता। अखबारों में खबरें छपती हैं, उन्हें पढ़कर जानकारी लेता रहता हूं। फिलहाल, स्टूडेंट्स को शांति से प्रदर्शन करने की सलाह दी गई है। सुसाइड केस पर राजनीति, BJP और कांग्रेस आमने-सामने BJP: नरसिम्हा राव के पोते MV सुभाष बोले- चुनाव में फायदा उठाना चाहती है कांग्रेस तेलंगाना BJP के सीनियर लीडर और पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के पोते एमवी सुभाष कहते हैं, ‘हाईकोर्ट में पुलिस ने जांच रिपोर्ट सौंपकर बता दिया है कि रोहित वेमुला दलित नहीं थे। फिर क्यों कांग्रेस हमारे नेताओं पर फर्जी आरोप लगा रही है। इससे तो यही साबित होता है कि कांग्रेस हाईकोर्ट की इज्जत नहीं करती। उसका काम रोहित की आत्महत्या का राजनीतिकरण करना है। उससे चुनावी फायदा उठाना है।’ हमने पूछा कि कांग्रेस फिर से केस की फाइल खुलवाना चाहती है, सुभाष कहते हैं, ‘अगर वे फिर से कोर्ट जाना चाहते हैं, तो हम उनके रास्ते में रुकावट नहीं डालेंगे।’ कांग्रेस: क्लोजर रिपोर्ट BJP-BRS की मिलीभगत क्लोजर रिपोर्ट आने के एक दिन बाद रोहित की मां और भाई तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी से मिले थे। CM ने उनसे कहा कि सरकार दोबारा केस की जांच शुरू करवाएगी। कांग्रेस पार्टी के स्पोक्सपर्सन डॉ. लिंगम यादव कहते हैं, ‘रोहित ने सुसाइड की थी, तब मैं हैदराबाद यूनिवर्सिटी का छात्र था। हम उसे न्याय दिलवाने के लिए दिल्ली तक गए। राहुल गांधी ने ही 2 बार हैदराबाद आकर स्टूडेंट्स का सपोर्ट किया। केस में आई क्लोजर रिपोर्ट BJP और BRS ने मिलकर तैयार की है। इसका मकसद सिर्फ स्मृति ईरानी और इस केस में शामिल BJP-RSS नेताओं को बचाना है।’ 'कांग्रेस हमेशा से रोहित को न्याय दिलाने के लिए लड़ती रही है। हमने अपने मैनिफेस्टो में कहा है कि सरकार आने पर हम दलित छात्रों की सुरक्षा के लिए 'रोहित वेमुला' एक्ट लेकर आएंगे।' DGP बोले- हाईकोर्ट में नई याचिका लगाएंगे4 मई को रोहित वेमुला की मां और उनके भाई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर नाराजगी जताई। मां और बेटे की बातें सुनने के बाद तेलंगाना के DGP रवि गुप्ता ने लेटर जारी किया है। रवि गुप्ता ने लिखा कि क्लोजर रिपोर्ट नवंबर, 2023 से पहले तैयार की गई थी। मार्च 2024 में हाईकोर्ट के सामने पेश की गई। इस मामले में आगे की जांच की जाएगी क्योंकि रोहित वेमुला की मां और दूसरे रिश्तेदारों ने जांच पर सवाल उठाए हैं। इसलिए हम फिर इस केस को लेकर नई याचिका हाईकोर्ट में दायर करेंगे।
Aaj Ka Panchang 06 May 2024: 06 मई का सूर्योदय-चंद्रोदय का समय, शुभ मुहूर्त और राहुकाल, पढ़ें यहां
आज कई शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं। सोमवार की दिशा शूल पूर्व है। अतः इस दिशा में यात्रा करना वर्जित है।
‘2019 की बात है। अचानक से मेरी तबीयत ज्यादा खराब रहने लगी। डॉक्टर के पास गई तो उन्होंने UTI यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने की बात कही। मैं सोचने लगी- ये तो महिलाओं में आम बीमारी है। मेडिकल डेटा कहता है कि हर 3 में से एक महिला को UTI इन्फेक्शन होता है। इससे पहले भी एक बार और मुझे यह हुआ था। मुझे लगा कि इस बार भी यह ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। डॉक्टर ने सलाह दी कि सैनिटरी पैड के इस्तेमाल की वजह से ऐसा हुआ है। मुझे एक बार मेंस्ट्रुअल कप यूज करना चाहिए। मैं और मेरे हसबैंड दोनों मेंस्ट्रुअल कप को लेकर सर्च करने लगे। पूरा इंटरनेट छान मारा, लेकिन जिस तरह का प्रोडक्ट हमें चाहिए था वह नहीं मिला। आखिर में स्विट्जरलैंड से मंगवाना पड़ा। इसी के बाद मैंने अपनी मेंस्ट्रुअल कप बनाने और बेचने की कंपनी शुरू की।’ दिल्ली बेस्ड मेंस्ट्रुअल कप बेचने वाली कंपनी ‘माइल्डकेयर्स’ की को-फाउंडर रचना व्यास आपबीती सुना रही हैं। रचना के साथ उनके पति संदीप व्यास मौजूद हैं, जो इस कंपनी के को-फाउंडर और डायरेक्टर हैं। रचना बताती हैं, ‘अपने देश में एक तो 60 प्रतिशत महिलाएं आज भी माहवारी के दौरान सैनिटरी पैड का इस्तेमाल नहीं करती हैं। वह पुराने जमाने की तरह कपड़ा ही इस्तेमाल करती हैं। उन्हें सैनिटरी पैड के बारे में तो पता है, लेकिन मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल के बारे में नहीं पता। पैड्स से UTI क्यों होता है? 'दरअसल पैड्स बनाने में 80-90% प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। इससे हर साल 33 लाख टन कचरा पैदा होता है। अब आप भी समझ सकते हैं कि ये एन्वायर्नमेंट के लिहाज से कितना बड़ा खतरा है। यही कारण महिलाओं को भी बीमार करता है। मेंस्ट्रुअल कप डॉक्टर की सलाह से हर एक महिला माहवारी के दौरान इस्तेमाल कर सकती है। महिलाओं में, लोगों में इसको लेकर कई सारी भ्रांतियां हैं, झूठी अवधारणा है।’ रचना मुझे मेंस्ट्रुअल कप दिखा रही हैं। यह दिखने में रबर जैसा लग रहा है। वह कहती हैं, ‘यह सिलिकॉन से बना होता है। बच्चों के दूध पीने की बॉटल का निपल भी इसी मटेरियल का होता है। यह हेल्थ के लिए नुकसानदेह नहीं है। जब हमने मेंस्ट्रुअल कप बनाना शुरू किया, तो उस वक्त तक ये चीन से ही इम्पोर्ट होकर आता था। एक ही साइज में मार्केट में बिकता था। हमने इसके साइज को कस्टमाइज किया। अलग-अलग उम्र की महिलाओं के मुताबिक हमने इसे बनाया है।’ रचना का दावा है कि उन्होंने इंडिया में बनने वाला पहला मेंस्ट्रुअल कप बनाया है। इससे पहले तक इंडिया में कप की मैन्युफैक्चरिंग नहीं होती थी। आपने माइक्रो बायोलॉजी या मेडिकल रिलेटेड स्टडी की है? ‘मैंने MBA किया है।' घर परिवार में कोई मेडिकल फील्ड में? 'नहीं। मैं झारखंड के टाटानगर से हूं। पापा डिफेंस में थे। बाद में मैं पढ़ने के लिए दिल्ली आ गई, उसके बाद कुछ सालों तक जॉब किया, फिर शादी हो गई। सब पिछले 3 सालों की मेहनत और सीख का नतीजा है।’ संदीप इस कंपनी के डायरेक्टर हैं। तकरीबन 10 साल डिजिटल मार्केटिंग में जॉब करने के बाद उन्होंने पत्नी रचना के साथ इस बिजनेस को शुरू किया था। वह कहते हैं, ‘मैं तो प्योर रिमोट एरिया से आता हूं। झांसी का रहने वाला हूं। घर में हम 10 भाई-बहन। अमूमन जैसा हर इंडियन फैमिली में होता है, मुझे नहीं याद कि कभी मैंने अपने घर में इस सब्जेक्ट पर बात करते हुए किसी को सुना होगा। गांव में तो आज भी महिलाएं छुप-छुपाकर ही सैनिटरी पैड भी खरीदती हैं। जब रचना को प्रॉब्लम हुई, हमने स्विट्जरलैंड से एक मेंस्ट्रुअल कप मंगवाया। आप यकीन नहीं करेंगे, इसे आने में ढाई महीने लग गए। 4 हजार का खर्च आया था। अब बताइए कि किसी को प्रॉब्लम आज होगी और वह ढाई महीने बाद इसका इस्तेमाल करेगा, तब तक कितनी दिक्कतें बढ़ चुकी होंगी। मुझे लगा कि इसमें मार्केट गैप तो है। पिछले कई दशकों से इंडियन महिलाएं सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करती आ रही हैं, लेकिन अब कुछ सालों से मेंस्ट्रुअल कप का भी इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि अभी सिर्फ 1 प्रतिशत के आसपास ही महिलाएं इसका यूज कर रही हैं।’ दिल्ली के जिस ऑफिस में हम बैठे हुए हैं, वहां संदीप की कंपनी का पूरा ऑपरेशन सिस्टम सेट है। पूछने पर कहते हैं, ‘इसकी मैन्युफैक्चरिंग मुंबई में होती है। शुरुआत में हमने करीब 20 लाख इन्वेस्ट किया था। अब इतने पैसे भी नहीं थे कि खुद का प्लांट सेट करता। कई महीने तक मैन्युफैक्चरर को ढूंढने के बाद हमने एक कंपनी के साथ टाइ-अप किया, जो पहले से मेडिकल एक्सेसरीज बनाती आ रही है। हम मेंस्ट्रुअल कप को तीन कैटेगरी में बना रहे हैं। स्मॉल, मीडियम और लार्ज। अपनी जरूरत के मुताबिक महिलाएं इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। जैसा कि आप भी जानते हैं, हम अपनी फैमिली में जब इस पर खुलकर बात नहीं कर सकते हैं, तो फिर बिजनेस शुरू करना तो दूर की बात है। शुरुआत के करीब एक-डेढ़ साल तक तो हमने कभी किसी को बताया ही नहीं कि क्या कर रहे हैं। आज भी हम यही कहते हैं कि मेडिकल सेक्टर में काम कर रहे हैं।’ घरवालों ने रोका नहीं? ‘जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था, उसी वक्त पापा की डेथ हो गई थी। कुछ साल बाद मां भी गुजर गईं। मैं घर में छोटा हूं इसलिए बहनों ने बहुत सपोर्ट किया। कभी पापा की कमी महसूस नहीं होने दी। IIM इंदौर से मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद मैं अलग-अलग कंपनियों के साथ काम करने लगा। रचना से मुलाकात भी जॉब के दौरान ही हुई थी। बाद में हमने शादी कर ली।’ जहां पर मेरी संदीप और रचना से बात हो रही है, उसके एक हिस्से में प्रोडक्ट की पैकेजिंग चल रही है। संदीप कहते हैं, ‘हमने कोरोना के दौरान इसे शुरू किया था, जब कई बिजनेस बंद हो रहे थे। खुद से पैक करना, खुद से डिलिवर करना। पहले कुछ हफ्ते तक तो हर रोज बमुश्किल दो-चार ऑर्डर आते थे। धीरे-धीरे जब सोशल मीडिया पर मार्केटिंग करनी शुरू की, तो हमारा बिजनेस बढ़ने लगा। पहले साल 24 हजार ऑर्डर हमने डिलिवर किया था। आज हर साल डेढ़-दो लाख ऑर्डर सेल कर रहे हैं। हर महीने 10-12 हजार ऑर्डर आते हैं। पहले साल हमने 56 लाख का बिजनेस किया था। पिछले साल तक की कमाई 2 करोड़ थी और इस साल करीब 3-5 करोड़ के बिजनेस का प्रोजेक्शन है। हम मेंस्ट्रुअल कप के अलावा पीरियड क्रैंप रिलीफ प्रोडक्ट, स्टैंड पी किट, वुमन हाइजीन किट… ये सब बना रहे हैं।’ संदीप की कंपनी उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों को मेंस्ट्रुअल कप और सैनिटरी पैड्स फ्री में देती है। वह कहते हैं, ‘हमारा मकसद है कि गांव-गांव में मेंस्ट्रुअल कप को लेकर अवेयरनेस फैले। मेरठ का एक गांव है, जहां की सभी महिलाएं आज की तारीख में मेंस्ट्रुअल कप यूज करती हैं। अब वे सैनिटरी पैड के इस्तेमाल के बारे में सोचती भी नहीं।’ जब ये इतना यूजफुल है, फिर सभी महिलाएं इसका इस्तेमाल क्यों नहीं करती हैं? ‘दरअसल महिलाओं को पता ही नहीं है कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है। इसे इंसर्ट कैसे करना है। हम गांव-गांव में इसकी ट्रेनिंग देते हैं। हमारे साथ गायनेकोलॉजिस्ट और माइक्रो बायोलॉजिस्ट भी काम कर रहे हैं।’ संदीप की कंपनी की सोशल इम्पैक्ट एडवाइजर हैं डॉ. शिखा धवन। वह भी हमारी बातचीत को सुन रही हैं। कहती हैं, ‘मैं तो लंबे अरसे से गांव की महिलाओं के साथ काम करती आ रही हूं। जब मेंस्ट्रुअल कप को लेकर काम करना शुरू किया, तो महिलाओं के बड़े अजीबोगरीब सवाल होते थे कि कहीं ये शरीर के भीतर चला गया तो या इसे बाहर निकालने में दिक्कत तो नहीं होगी। हमारी बेटी अविवाहित है। उसकी वर्जिनिटी तो नहीं चली जाएगी। इस-इस तरह के तो लोग सवाल करते हैं जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। हम जिस मेंस्ट्रुअल कप की बात कर रहे हैं, उसमें एक सॉफ्ट पूंछ जैसा भी डिजाइन किया गया है, ताकि इसे निकालने में आसानी हो। कप को इस्तेमाल कर महिलाएं हर तरह की एक्टिविटी कर सकती हैं, चाहे वो स्विमिंग ही क्यों न हो। एक बात समझिए कि किसी महिला को अपनी पूरी लाइफ में 7-10 हजार सैनिटरी पैड्स की जरूरत पड़ती है, जबकि मेंस्ट्रुअल कप वो सिर्फ 5-7 इस्तेमाल कर सकती है। एक कप की ड्यूरेशन 5 साल तक है। गर्म पानी में खौलाकर धोकर इसे बार-बार, हर माहवारी के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है। समझ सकते हैं कि इससे पैसों की भी कितनी बचत है।’ अब इस ग्राफिक्स को भी पढ़ लीजिए... नोट- मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
अमेठी, जहां से संजय गांधी ने अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत की और पहला ही चुनाव हार गए। इसी सीट की वजह से इंदिरा गांधी ने अपनी बहू मेनका को घर से निकाल दिया। ये सीट 5 दशक तक गांधी परिवार के सदस्यों का लॉन्चिंग पैड रही। 2019 में राहुल गांधी यहां से चुनाव हार गए। 25 साल में पहली बार अमेठी सीट पर गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है। रायबरेली, जहां से जवाहर लाल नेहरू ने आजादी के बाद अपने दामाद फिरोज गांधी को चुनाव लड़वाया। इसी सीट पर इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द होने के बाद उन्होंने देश में इमरजेंसी लगा दी थी। सोनिया गांधी यहां से लगातार 20 साल सांसद रहीं। अब रायबरेली सीट से राहुल गांधी ने नामांकन किया है। मंडे मेगा स्टोरी में अमेठी और रायबरेली की चुनावी राजनीति से जुड़े गांधी परिवार के सुने-अनसुने किस्से… 1857 की क्रांति को कुचलने के लिए जब अंग्रेज सेना दिल्ली में घुसी तो उस वक्त मोतीलाल नेहरू के पिता गंगाधर नेहरू शहर के कोतवाल थे। अंग्रेजों के खौफ से गंगाधर नेहरू परिवार समेत दिल्ली छोड़ आगरा जाकर बस गए। मार्च 1861 में महज 34 साल की उम्र में गंगाधार नेहरू का निधन हो गया। उसके तीन महीने बाद 6 मई 1861 को मोतीलाल नेहरू पैदा हुए। मोतीलाल की परवरिश उनके बड़े भाई नंदलाल नेहरू ने की। नंदलाल पहले राजस्थान की खेतड़ी रियासत में दीवान थे और बाद में आगरा हाईकोर्ट में वकालत करने लगे। अंग्रेजों ने हाईकोर्ट आगरा से इलाहाबाद शिफ्ट की तो नेहरू परिवार भी इलाहाबाद में बस गया। यहीं पर मोतीलाल नेहरू ने भी वकालत शुरू कर दी। नेहरू-गांधी परिवार के अमेठी से रिश्ते की नींव इसी दौर में पड़ी। अमेठी की वरिष्ठ पत्रकार और वकील शीतला मिश्रा बताती हैं कि गांधी परिवार का अमेठी से रिश्ता तब से है जब अमेठी के राजा रणंजय सिंह का राज्य ब्रिटिश सरकार द्वारा जब्त किया जा रहा था और उन्होंने मोतीलाल नेहरू से उनके लिए मुकदमा लड़ने को कहा था। लेखक अनंत विजय अपनी किताब ‘डायनेस्टी टू डेमोक्रेसी’ में जिक्र करते हैं कि पंडित मोतीलाल नेहरू उस दौर के चर्चित वकीलों में एक थे। मोतीलाल नेहरू ने 1910 के केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषद चुनाव भी लड़ा था। मोतीलाल नेहरू की तरह ही 1926 में जवाहर लाल नेहरू ने फैजाबाद-मछलीशहर संयुक्त सीट से चुनाव लड़ा। इसके बाद नेहरू ने अमेठी रियासत को ही अपनी राजनीति का केंद्र बनाया। यहीं से चुनावों का संचालन किया। कहा जाता है कि वो राजा रणंजय सिंह के पारिवारिक वकील भी थे। 1947 में देश आजाद हुआ तो 543 रियासतों की तरह अमेठी रियासत का भी देश में विलय हो गया। नेहरू ने उस समय रियासत के राजा रणंजय सिंह को मंत्री बनने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हालांकि बाद में वो अमेठी की राजनीति में सक्रिय रहे और नेहरू-गांधी परिवार से उनके रिश्ते मजबूत होते चले गए। अमेठी में हार से शुरू हुआ गांधी परिवार की जीत का सिलसिला अमेठी लोकसभा सीट 1967 में अस्तिव में आई। शुरुआत के दो चुनाव यानी 1967 और 1971 में यहां से कांग्रेस के विद्याधर बाजपेयी ने जीत दर्ज की। इमरजेंसी के बाद संजय गांधी की लॉन्चिंग के लिए कांग्रेस को सुरक्षित सीट की तलाश थी। 1977 में संजय गांधी ने पहली बार अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा। इमरजेंसी के दौरान जबरन नसबंदी कराने में उनकी भूमिका होने के कारण उनका स्थानीय लोगों ने विरोध किया। इसी वजह से जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि तीन साल बाद 1980 में हुए चुनाव में संजय गांधी ने करीब एक लाख 87 हजार वोट से रवींद्र प्रताप सिंह को हराकर हिसाब बराबर कर दिया। अमेठी और गांधी परिवार के लंबे रिश्ते की ये शुरुआत थी। हालांकि संजय गांधी का अमेठी में कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं रहा। संजय की मृत्यु के बाद इंदिरा ने राजीव गांधी को अमेठी भेजा 23 जून 1980 को एक विमान दुर्घटना में संजय गांधी के निधन की खबर आई। उस समय उनके बड़े भाई राजीव गांधी लंदन में थे। खबर पहुंचते ही राजीव भारत वापस लौटे और एक सप्ताह के भीतर ही राजनीतिक में शामिल होने का फैसला लिया। 4 मई 1981 को इंदिरा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में राजीव का नाम अमेठी से कैंडिडेट के तौर पर प्रस्तावित किया। बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। इसके बाद राजीव गांधी ने अमेठी से उपचुनाव लड़ा और अपने प्रतिद्वंद्वी लोक दल प्रमुख शरद यादव को 2.5 लाख वोटों से हराया। अमेठी से राजीव को उतारने पर भड़क गईं संजय की पत्नी मेनका गांधी राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई अपनी किताब '24 अकबर रोड: ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द पीपुल बिहाइंड द फॉल एंड राइज ऑफ द कांग्रेस' में लिखते हैं कि 1981 में अमेठी उपचुनाव में जब राजीव गांधी ने नामांकन दाखिल किया तो मेनका गांधी ने उन्हें हराने की कोशिश की थी। किदवई की किताब के मुताबिक, गांधी परिवार के करीबी रहे एक पूर्व राजनयिक मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि उस समय मेनका की उम्र 25 साल भी नहीं थी। वो चुनाव नहीं लड़ सकती थीं। ऐसे में मेनका चाहती थीं कि इंदिरा संविधान में संशोधन कर चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र कम करें, लेकिन इंदिरा गांधी ने इससे साफ इनकार कर दिया। मेनका को लगा कि उनके दिवंगत पति की राजनीतिक विरासत अमेठी पर कब्जा किया जा रहा है। इस घटनाक्रम के बीच 28 मार्च, 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अचानक लंदन से भारत पहुंचीं। स्पेन के लेखक जेवियर मोरो अपनी किताब 'द रेड साड़ी' में लिखते हैं कि वो संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी को सबक सिखाने के इरादे से भारत लौटी थीं। दरअसल, इंदिरा गांधी अकबर अहमद द्वारा आयोजित लखनऊ कन्वेंशन में मेनका के शिरकत करने से नाराज थीं। मोरो की किताब के अनुसार, इंदिरा के घर पहुंचते ही मेनका ने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद मेनका ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। उनका खाना भी हाउसहेल्प ने उनके कमरे में ही पहुंचा दिया। मेनका अपने कमरे से बाहर आकर सिटिंग रूम में बैठ गईं, वहां वो इंदिरा गांधी का इंतजार कर रही थीं। इंदिरा ने मेनका से कहा- यह तुम्हारा नहीं, देश की प्रधानमंत्री का घर है मोरो अपनी किताब में लिखते हैं, ‘कुछ देर बार इंदिरा वहां पहुंचीं, तो वो बहुत गुस्से में थीं। उनके साथ उनके गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी और सेक्रेटरी धवन भी थे। तभी इंदिरा ने मेनका की तरफ उंगली उठाते हुए कहा, इस घर से तुरंत निकल जाओ। इंदिरा चिल्लाते हुए कहती हैं, मैंने तुमसे कहा था कि लखनऊ कन्वेंशन में नहीं जाना, लेकिन तुम्हें वही करना होता है जो तुम चाहती हो। तुम्हें क्या लगता है मुझे कुछ समझ नहीं आता। यहां से तुरंत निकल जाओ।’ मेनका ने अपनी बहन अंबिका को बुलाया और सामान समेटने लगीं। तभी एक बार फिर से इंदिरा का गुस्सा फूटा और कहा, कोई कुछ नहीं लेकर जाएगा। जवाब में अंबिका ने कहा कि वो कहीं नहीं जाएगी। ये उसका भी घर है। गुस्से में इंदिरा ने चिल्लाते हुए कहा, ये उसका नहीं बल्कि भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का घर है। मोरो लिखते हैं कि मेनका रात के करीब 11 बजे कच्ची नींद में सोए 2 साल के वरुण गांधी के साथ सफदरजंग रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास से बाहर निकलने लगीं। घर के बाहर पैर रखा ही था कि कैमरों की फ्लैश लाइट आने लगी। बाहर मीडिया खड़ी थी और अगले दिन अखबारों में मेनका की कार में बैठी फोटो फ्रंट पेज पर छपी थी। उपचुनाव में राजीव की जीत के बाद मेनका गांधी ने लगातार अमेठी का दौरा किया। 1984 में राजीव गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा। हालांकि 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा की हत्या के बाद चीजें बदल गईं। दिसंबर में हुए चुनाव में कांग्रेस को सहानुभूति मिली। राजीव गांधी ने मेनका को अमेठी से 3.14 लाख वोटों से हरा दिया। उसके बाद मेनका कभी भी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ीं, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने गांधी परिवार में दरार पैदा कर दी जो आज तक बनी हुई है। राजीव के शासन में अमेठी में शुरू हुईं बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां और प्रोजेक्ट्स राजीव गांधी ने अमेठी से 1989 और 1991 का चुनाव भी जीता था। उनके कार्यकाल में अमेठी में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और इंस्टीट्यूशन स्थापित किए गए। राजीव गांधी ने 1980 के दशक में जगदीशपुर इंडस्ट्रियल एस्टेट बनाया। 1982 में संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल, 1983 में कोरवा में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का एवियोनिक्स डिवीजन और 1984 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विमानन अकादमी स्थापित किया गया। अमेठी की लखनऊ और वाराणसी से सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर किया। साथ ही बंजर और क्षारीय भूमि को खेती के लिए रिवाइव किया गया। 21 मई 1991 को आतंकी समूह लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) द्वारा राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। सोनिया का पॉलिटिक्स में आने से इनकार, गैर-गांधी बने सांसद राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी ने चुनावी राजनीति में आने से इनकार कर दिया। 1991 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने गैर-गांधी संतीश शर्मा को उतारा और जीते। उन्होंने 1996 में भी सीट बचाई, लेकिन दो साल बाद 1998 में बीजेपी के संजय सिंह से चुनाव हार गए। माना जाता है कि 1988 से ही कांग्रेस केंद्र और उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर थी। इसकी वजह से अमेठी में परियोजनाएं रुक गईं। इस वजह से राजीव गांधी और सोनिया गांधी के कार्यकाल के दौरान उद्योगों और अन्य काम-काज में गिरावट आई। हालांकि 1997 में सोनिया गांधी कांग्रेस में शामिल हुईं और अगले ही साल 1998 में पार्टी अध्यक्ष बन गईं। सोनिया 1999 में अमेठी से पहली बार चुनावी मैदान में उतरीं और 4.18 लाख वोटों के साथ चुनाव जीता। बेटे राहुल को लॉन्च करने के लिए सोनिया अमेठी से रायबरेली शिफ्ट हुईं 2004 में यूपीए गठबंधन आने से कांग्रेस की केंद्र में वापसी हुई। तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी से पहली बार चुनाव लड़ा और 2,90,853 वोटों के साथ जीत हासिल की। उनका सीधा मुकाबला बीजेपी और बीएसपी कैंडिडेट से था। इसके अगले दो चुनाव में भी राहुल गांधी ने आसानी से जीत हासिल की। 2009 में राहुल गांधी 3 लाख वोटों के अंतर से जीते। 2014 में राहुल के खिलाफ स्मृति ईरानी ने चुनाव लड़ा और राहुल की जीत का अंतर घटकर 1.07 लाख रह गया। राहुल गांधी के कार्यकाल के पहले 10 वर्षों के दौरान केंद्र में यूपीए की सरकार थी। वहीं इस दौरान उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (BSP) और कांग्रेस की सहयोगी समाजवादी पार्टी सत्ता में रही थी। इस दौरान अमेठी में राहुल ने कई परियोजनाओं की घोषणा की, लेकिन मंजूरी में देरी के कारण कई पूरी नहीं हो पाईं। गांधी परिवार की पारंपरिक सीट पर 2019 में हारे राहुल गांधी कांग्रेस को बड़ा झटका 2014 में लगा जब बीजेपी की कैंडिडेट स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी। ईरानी करीब एक लाख वोटों से हारी थीं। हार का यह अंतर 2009 की 3.70 लाख वोटों की तुलना में काफी कम था। 2014 की हार के बाद भी स्मृति ने अमेठी का लगातार दौरा किया और काफी एक्टिव रहीं। यही वजह रही कि स्मृति ने 2019 में राहुल गांधी को उनके ही गढ़ अमेठी में करीब 55 हजार वोटों से हरा दिया। हार के बाद राहुल गांधी ने अमेठी सीट छोड़ दी और इस बार रायबरेली से नामांकन किया है। नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान कांग्रेस ने बीजेपी पर अमेठी में परियोजनाओं को बंद करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने जानकारी दी कि अमेठी में राजीव गांधी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन की ब्रांच, फूड पार्क प्रोजेक्ट और डिस्कवरी पार्क 2014 से रुका हुआ था, जबकि हिंदुस्तान पेपर मिल को 2015 में अमेठी से बाहर शिफ्ट कर दिया गया था। हालांकि 2017 में यूपी चुनाव से पहले अमेठी को केंद्र से 702 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात मिली। इसमें फूड प्रोसेसिंग यूनिट, कोल्ड चेन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT), होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट और फुटवियर डिजाइन और डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (FDDI) और पेपर मिल शामिल थे। ***** रायबरेली के वकील विजय विद्रोही के मुताबिक, रायबरेली ने ही कांग्रेस को पहली बार किसान, मजदूर और गरीबों की पार्टी बनाया था। दरअसल 7 जनवरी 1921 को मुंशीगंज गोलीकांड हुआ, जिसमें रायबरेली कूच कर रहे किसानों पर मुंशीगंज सई नदी तट के पास अंग्रेजों ने फायरिंग कर दी। नेहरू उसी समय रायबरेली आए थे और इस घटना के बाद उन्होंने रायबरेली को अपनी कर्मभूमि बना लिया। आजादी के बाद नेहरू ने इलाहाबाद से जुड़ी फूलपुर सीट को चुनावी राजनीति के लिए चुना और रायबरेली से अपने दामाद फिरोज गांधी को चुनाव में उतारा। रायबरेली को इंदिरा का ससुराल तक कहा जाता है। इंदिरा ने पति फिरोज के लिए रायबरेली में किया जमकर प्रचार-प्रसार कांग्रेस के दिग्गज नेता रफी अहमद किदवई ने फिरोज गांधी से रायबरेली से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। स्वीडिश राइटर बर्टिल फाल्क ने अपनी किताब फिरोज: द फॉरगॉटन गांधी में लिखा है कि इंदिरा गांधी ने अपने पति फिरोज गांधी के लिए खूब प्रचार-प्रसार किया। इससे फिरोज गांधी को रायबरेली की जनता के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिली। वोटर्स के बीच उत्साह का माहौल था। फिरोज गांधी चुनाव जीत गए। फाल्क के मुताबिक, फिरोज गांधी के कार्यकाल के दौरान रायबरेली में सड़कों, जल-नहरों, मिल्क फैक्ट्रीज, स्कूल और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स का विकास हुआ। 1957 में रायबरेली की जनता ने फिरोज गांधी को 1.62 लाख वोटों से दोबारा चुना। 1960 में उनके निधन के बाद कांग्रेस के आरपी सिंह ने 1960 उपचुनाव और बैजनाथ कुरील ने 1962 के आम चुनाव में सीट बरकरार रखी। इंदिरा पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप और इमरजेंसी की नींव पड़ी 1967 में इंदिरा गांधी ने अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत करने के लिए रायबरेली सीट को चुना और 1.43 लाख वोटों से जीत दर्ज की। 1971 के चुनाव में भी इंदिरा करीब 2 लाख वोटों के साथ जीतीं। हालांकि उनके प्रतिद्वंद्वी और समाजवादी नेता राज नारायण ने इंदिरा गांधी पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाया। 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनाव अभियान के दौरान राज्य की मशीनरी का उपयोग करने का दोषी ठहराया और 1971 का चुनाव अमान्य घोषित कर दिया। उनके अगले छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी। उधर इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बाद नेशनल सिक्योरिटी का हवाला देते हुए 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगा दी। इसके बाद उन्होंने संसद का सत्र बुलाया और चुनावी कानूनों में संशोधन करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। साथ ही मामले को सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से भी हटा दिया। दिसंबर 1975 में सुप्रीम कोर्ट ने संसद के 1971 चुनाव को वैध घोषित किए जाने के फैसले पर असहमति जताई, लेकिन इसके बाद भी चुनाव कानूनों में बदलाव को बरकरार रखा। इसकी बदौलत इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री पद पर बरकरार रहीं। इमरजेंसी हटने के बाद इंदिरा गांधी की लोकप्रियता काफी कम हो गई। नतीजतन केंद्र में 30 सालों से चल रहा कांग्रेस का शासन समाप्त हो गया। इंदिरा गांधी खुद अपनी सीट रायबरेली करीब 55 हजार वोटों से हार गईं। यह इंदिरा की पहली और एकमात्र चुनावी हार थी। हालांकि बाद में 1978 के उपचुनाव में चिकमंगलूर सीट से वो फिर से लोकसभा के लिए चुनी गईं। इंदिरा गांधी ने छोड़ी रायबरेली, अरुण नेहरू को मिली सीट 1979 में जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद इंदिरा रायबरेली और मेडक दोनों सीटों से जीतीं। चूंकि एक ही सीट से सांसद रह सकते हैं इसलिए उन्होंने रायबरेली सीट को छोड़ दिया। इसके बाद गांधी-नेहरू परिवार के एक और सदस्य अरुण नेहरू (मोतीलाल नेहरू के बड़े भाई नंदलाल नेहरू के परपोते) के राजनीतिक करियर की शुरुआत रायबरेली से हुई। राजीव गांधी के करीबी अरुण नेहरू रायबरेली सीट से 1980 और 1984 में सांसद रहे। 1989 और 1991 के चुनाव में कांग्रेस की शीला कौल रायबरेली से जीतीं। जबकि बीजेपी के अशोक सिंह ने 1996 और 1998 में ये सीट जीती। इन दोनों ही चुनाव में गांधी परिवार का कोई भी सदस्य चुनावी मैदान में नहीं था। 1999 में कांग्रेस के सतीश शर्मा ने बीजेपी में शामिल हो चुके अरुण नेहरू को हराकर सीट जीती। राहुल के लिए अमेठी सीट छोड़ रायबरेली से लड़ीं सोनिया अमेठी को गांधी परिवार की पॉलिटिकल डेब्यू सीट भी कहा जाता है। संजय गांधी और राजीव गांधी की तरह राहुल गांधी के पॉलिटिकल करियर की शुरुआत भी अमेठी से ही हुई। 2004 में सोनिया गांधी ने राहुल गांधी के लिए अमेठी सीट छोड़ते हुए रायबरेली से लड़ने का फैसला लिया। सोनिया गांधी करीब ढाई लाख वोट से विजयी हुईं। हालांकि उन पर लाभ के पद पर रहने के आरोप लगने के बाद उन्होंने सांसद और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उसी वर्ष हुए उपचुनाव में सोनिया 4.17 लाख वोटों के भारी अंतर से दोबारा चुनी गईं। अगले तीन चुनाव में भी सोनिया गांधी रायबरेली सीट से जीतीं। अब उन्होंने राज्यसभा जाने का फैसला लिया है। रायबरेली जीतने के लिए राहुल गांधी के सामने चुनौतियां भी कम नहीं पिछले तीन लोकसभा चुनाव से रायबरेली सीट पर कांग्रेस का वोटिंग प्रतिशत लगातार कम हो रहा है… रायबरेली की कुल जनसंख्या करीब 18 लाख है, जिसमें 34% दलित हैं। हाल ही में चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने पासी दलित बुद्धिलाल पासी को रायबरेली जिला अध्यक्ष बनाया। उन्होंने कहा था, 'मैं पासी समुदाय से आता हूं और यह भरोसा दिला सकता हूं कि अकेले यह समुदाय ही भाजपा को इस सीट पर जीत दिलाने के लिए पर्याप्त होगा।' इसके अलावा सपा विधायक मनोज पांडे ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग की। इससे बीजेपी को ब्राह्मण वोटर्स के साधने की उम्मीद है। रायबरेली सीट से कांग्रेस विधायक और बाहुबली नेता अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह ने भी 2021 में बीजेपी का दामन थाम लिया। हालांकि इन सब चुनौतियों के बावजूद राहुल गांधी को अपनी लेगसी के सहारे जीत की पूरी उम्मीद है।
अप्रैल 1997… एचडी देवगौड़ा पीएम पद से इस्तीफा दे चुके थे। सालभर के भीतर तीसरी बार सवाल उठा- अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? नए प्रधानमंत्री का नाम तय करने के लिए 19 अप्रैल को दिल्ली स्थित आंध्र भवन में यूनाइटेड फ्रंट की एक बैठक बुलाई गई। 13 दलों को मिलाकर बने इस फ्रंट का नेतृत्व चंद्रबाबू नायडू कर रहे थे। वामपंथी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत ने अपना प्रस्ताव रखते हुए कहा, ‘मेरी नजर में अगला प्रधानमंत्री उत्तर भारत से होना चाहिए। जो सांप्रदायिक ताकतों को रोक सके।' सुरजीत का इशारा मुलायम सिंह यादव की ओर था। लेखक और पत्रकार फ्रैंक हुजूर के मुताबिक मुलायम सिंह यादव के नाम पर आम राय बन गई। राष्ट्रपति भवन को भी इसकी जानकारी देने की तैयारी हो गई थी कि मुलायम के नाम पर संयुक्त मोर्चे में सहमति है। इसी बीच सुरजीत को कम्युनिस्ट पार्टी की एक मीटिंग में शामिल होने के लिए मॉस्को जाना पड़ा। वहीं देर रात 1 बजे दिल्ली से फोन पहुंचा। सुरजीत को बताया गया कि फ्रंट के सभी दलों ने पीएम पद के लिए आईके गुजराल को अपना नेता चुना है। इस तरह 324 दिनों के भीतर यह दूसरा मौका था, जब मुलायम सिंह यादव पीएम बनते-बनते रह गए। आखिर ये खेल कैसे पलटा और मुलायम को पीएम बनने का पहला मौका कब मिला था? ‘पीएम इन वेटिंग’ सीरीज के सातवें एपिसोड में मुलायम सिंह यादव की कहानी… 13 दिन की अटल सरकार गिरने के बाद शुरू हुई कहानी… 1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हार गई। BJP को 161 सीटें, कांग्रेस को 140 और यूनाइटेड फ्रंट के करीब 8 दलों को 165 सीटें मिली थीं। उस समय के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने सबसे बड़े दल BJP के नेता होने के नाते अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार बनाने का न्योता दिया। ये बात संयुक्त मोर्चे को पसंद नहीं आई। वरिष्ठ पत्रकार सुगत श्रीनिवासराजू लिखते हैं, 'वाम नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि राष्ट्रपति और संयुक्त मोर्चा के डेलीगेशन के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मैं भी वहां मौजूद था।’ इन सबके बावजूद 16 मई 1996 को अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला। हालांकि वो बहुमत नहीं जुटा पाए और 13 दिन में ही इस्तीफा देना पड़ा। अब सवाल ये था कि सरकार कौन बनाएगा? कांग्रेस के पास 141 सीटें थीं। कांग्रेस मिली-जुली सरकार बनाने के मूड में नहीं थी, लेकिन वो यूनाइटेड फ्रंट को बाहर से समर्थन करने को तैयार थी। यूनाइटेड फ्रंट के नेताओं को पीएम पद के लिए सबसे सही उम्मीदवार वीपी सिंह लगे। आंध्रप्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू, द्रमुक नेता करुणानिधि और मुरासोली मारन जैसे नेता वीपी सिंह के आवास 1, राजाजी मार्ग पहुंचे। इन नेताओं को लॉन में बैठाया गया और चाय-कॉफी व बिस्कुट परोसे गए। वीपी आए और सभी से मिलकर वापस अंदर चले गए। लगभग दो घंटे बाद वीपी की पत्नी सीता कुमारी सिंह आकर बोलीं, ‘उन्होंने (वीपी) कहा है कि आप लोग इंतजार न करें। PM के प्रस्ताव पर मैं राजी नहीं हूं।’ दरअसल, वीपी पिछले दरवाजे से कहीं चले गए थे। वीपी सिंह के इनकार के बाद ज्योति बसु का नाम आगे आयावीपी सिंह के बाद वामपंथी नेता और बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु का नाम आगे आने लगा। कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो ने बसु को पीएम बनाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। ज्योति बसु चाहते थे कि वो PM बनें, लेकिन उनकी पार्टी में ही इस पर सहमति नहीं थी। सीनियर जर्नलिस्ट उल्लेख एनपी अपनी किताब ‘वाजपेयी’ में लिखते हैं, ‘1977 से पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जमे हुए ज्योति की दोस्ती बड़े-बड़े लोगों से थी। उनके दोस्त कांग्रेस में भी थे, लेकिन उनकी ही पार्टी CPM के युवा और विचारधारा के पक्के प्रकाश करात और सीताराम येचुरी जैसे सदस्यों ने उन्हें PM बनाने के प्रस्ताव के खिलाफ बगावत कर दी।’ बसु के बाद पीएम पद के लिए दो नाम तेजी से उठने लगे। ये नाम थे- लालू यादव और मुलायम सिंह यादव। चारा घोटाले में नाम आने की वजह से लालू यादव का नाम जल्द ही साइड लाइन कर दिया गया। अब सुई मुलायम पर आकर टिक गई। जब लालू बोले- ‘मुलायम पीएम बने तो मैं जहर खा लूंगा’यूनाइटेड फ्रंट के नेताओं ने प्रधानमंत्री चुनने की जिम्मेदारी वामपंथी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत को दी। उस वक्त हरकिशन का कद तीसरे मोर्चे में काफी बड़ा था। हर कोई उनका सम्मान करता था। हरकिशन सिंह सुरजीत ने मुलायम को पीएम बनाए जाने पर सहमति जताई। मुलायम की बायोग्राफी 'मुलायम सिंह यादव- द सोशलिस्ट' के लेखक फ्रैंक हुजूर बताते हैं कि शपथ ग्रहण की तारीख और समय तय होने से पहले ही लालू यादव और शरद यादव ने विरोध कर दिया। लालू ने तो यहां तक कह दिया कि मुलायम पीएम बने तो मैं जहर खा लूंगा। इसके बाद एचडी देवगौड़ा के नाम पर सबकी सहमति थी और 1 जून 1996 को उन्होंने पीएम पद की शपथ ली। 1997 में मुलायम को मिला प्रधानमंत्री बनने का दूसरा मौकाअप्रैल 1997 को कांग्रेस ने देवगौड़ा सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद एचडी देवगौड़ा ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया। देवगौड़ा की सरकार सिर्फ 324 दिन चल पाई। उनके सत्ता से हटते ही नई सरकार चुनने की प्रक्रिया तेज हो गई। एक बार फिर से वामपंथी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत ने मुलायम सिंह यादव के नाम को पीएम पद के लिए आगे बढ़ाया। उस वक्त संयुक्त मोर्चे के 13 दलों में कुल 179 सांसद थे। देवगौड़ा समेत 110 से ज्यादा सांसद मुलायम के समर्थन में थे। शेखर गुप्ता को दिए इंटरव्यू में वामपंथी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत ने भी कहा कि यूनाइटेड फ्रंट के 120 सांसदों ने मुलायम को जबकि 20 ने मूपनार को प्रधानमंत्री बनाने का समर्थन किया था। बाकी सांसद अन्य नामों पर सहमति जाहिर कर रहे थे। हरकिशन सिंह सुरजीत आगे बताते हैं, ‘यूनाइटेड फ्रंट में मुलायम का नाम तय होने के बाद मैं मॉस्को चला गया। 21 अप्रैल को मॉस्को के समय अनुसार सुबह करीब 5 बजे मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी देने ही वाला था। इससे पहले एम्बेसी के अधिकारियों ने मुझे थोड़ी देर इंतजार करने के लिए कहा। दरअसल, उस समय दिल्ली में यूनाइटेड फ्रंट के नेता अगले पीएम के नाम पर बैठक कर रहे थे।’ हरकिशन सिंह सुरजीत के मुताबिक, उन्होंने तुरंत दिल्ली फोन लगाकर इसकी जानकारी लेने की कोशिश की। उन्हें बताया गया कि उनके मॉस्को जाने के बाद दिल्ली में शरद यादव के घर पर लालू यादव समेत यूनाइटेड फ्रंट के कई नेताओं की बैठक हुई। अपनी किताब 'बंधु बिहारी' में संकर्षण ठाकुर बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव के नाम पर चंद्रबाबू नायडू व वाम दल सहमत थे, लेकिन लालू प्रसाद यादव अड़ गए कि एक यादव को ही प्रधानमंत्री बनना है तो वे खुद क्यों नहीं हो सकते? जब उनके खिलाफ चारा घोटाला में जांच चल रही थी तो मुलायम सिंह यादव पर भी तो भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। लालू ने फिर चंद्रबाबू नायडू और वाम दलों के सामने साफ छवि वाले इंद्र कुमार गुजराल का नाम आगे किया। उनके नाम पर सहमति बन गई। चंद्रबाबू नायडू ने बिना देरी किए दिल्ली स्थित बंग भवन में ज्योति बसु से मुलाकात कर उन्हें इस बात की जानकारी दी। सुरजीत के मुताबिक पीएम पद के लिए नाम तय होने से पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि आईके गुजराल कभी प्रधानमंत्री भी बन पाएंगे। आईके गुजराल के प्रेस अधिकारी रहे पवन कुमार वर्मा अपनी किताब 'द ग्रेट इंडियन मिडिल क्लास' में पूर्व पीएम गुजराल के बेटे नरेश गुजराल के हवाले से लिखते हैं कि 20 अप्रैल की देर रात आईके गुजराल अपने बिस्तर पर चले गए थे। तभी उनके पास मॉस्को से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता और यूनाइटेड फ्रंट सरकार के 'चाणक्य' हरकिशन सिंह सुरजीत का फोन आया। उन्होंने ही गुजराल से कहा था कि एचडी देवेगौड़ा के इस्तीफे के बाद पीएम पद के लिए फ्रंट के नेताओं ने आपके नाम पर मुहर लगाई है। इस तरह मुलायम, लालू यादव की वजह से दूसरी बार पीएम बनते-बनते रह गए। बाद में द टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में मुलायम सिंह यादव ने कहा, ‘जिन चार लोगों ने मुझे पीएम नहीं बनने दिया, वो हैं लालू प्रसाद, शरद यादव, चंद्रबाबू नायडू और वीपी सिंह।’ इस आरोप पर 26 फरवरी 2014 को लालू ने पहली बार खुलकर अपनी बात रखी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'मुलायम सिंह यादव सीनियर लीडर हैं और कहते हैं कि लालू ने हमें प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया। कौन मुलायम सिंह को पीएम बना रहा था। तब मैंने नहीं बनने दिया तो अब बन जाओ।' जैसे लालू यादव ने पीएम बनाने के लिए मुलायम का साथ नहीं दिया, वैसे ही मुलायम सिंह यादव भी राजनीति में कभी भी भरोसेमंद सहयोगी नहीं रहे। वो 5 किस्से, जब उन्होंने ऐन वक्त पर पलटी मारी... 1. चंद्रशेखर का साथ छोड़ वीपी सिंह के साथ गएसाल 1989 की बात है। लोकसभा चुनाव में 198 सीटें जीत कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से बहुत पीछे रह गई। बोफोर्स के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक गठबंधन ‘नेशनल फ्रंट’ को बहुमत मिला। वामपंथी दलों और भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से सरकार बनाने का फैसला किया गया। हालांकि जनता दल ने वोट विश्वनाथ प्रताप सिंह के नाम पर मांगे थे, लेकिन पार्टी ने चुनाव से पहले औपचारिक ऐलान नहीं किया था कि जीत के बाद वो ही प्रधानमंत्री होंगे। चुनाव परिणाम के बाद ओडिशा भवन में हुई बैठक में वीपी सिंह के अलावा चंद्रशेखर, मुलायम सिंह यादव, अरुण नेहरू, बीजू पटनायक और देवीलाल मौजूद थे। वहीं पर चंद्रशेखर ने वीपी सिंह के मुंह पर उनसे कहा था, 'विश्वनाथ अगर आप नेता का चुनाव लड़ रहे हैं, तो मैं भी लड़ूंगा।' मुलायम सिंह हमेशा चंद्रशेखर को अपना नेता मानते थे, लेकिन जब पीएम चुनने की बारी आई तो उन्होंने चंद्रशेखर के बजाय वीपी सिंह को चुना। नवंबर 1990 में वीपी सिंह की सरकार गिर गई। 64 सांसदों के साथ चंद्रशेखर जनता दल से अलग हो गए। चंद्रशेखर ने समाजवादी जनता पार्टी बनाई तो मुलायम सिंह यादव भी उनके साथ सजपा में शामिल हो गए। 2 नवंबर 1990 को जब कारसेवक बाबरी मस्जिद गिराने जा रहे थे तो मुलायम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। पुलिस ने कारसेवकों पर लाठी और गोलियां चलाई थीं, जिसमें एक दर्जन कारसेवक मारे गए थे। इसके बाद मुलायम सिंह यादव को ‘मुल्ला मुलायम’ कहा जाने लगा था। इस घटना के बाद मुलायम सिंह यादव की सरकार गिर गई। यह वह समय था, जब मुलायम को अपनी अलग पार्टी की जरूरत महसूस होने लगी थी। 4 अक्टूबर 1992 को मुलायम सिंह यादव ने चंद्रशेखर से विवाद के बाद ‘समाजवादी पार्टी’ के नाम से अपनी एक अलग पार्टी बनाई। 2. 1998 में सोनिया को समर्थन का भरोसा दिया, फिर मुकर गएमार्च 1998 में हुए चुनाव में बीजेपी को 182 सीटें मिलीं। बहुमत न होने के बावजूद अटल ने फिर से गठबंधन की सरकार बनाई। ये सरकार पहले दिन से ही संघर्ष कर रही थी। 13 महीने सरकार चलाने के बाद 17 अप्रैल 1999 को संसद में विश्वास मत जांचा गया। अटल सरकार के समर्थन में 269 और विपक्ष में 270 वोट पड़े थे। AIADMK की अध्यक्ष जयललिता की जिद की वजह ये सरकार एक वोट से गिर गई। पॉलिटिकल एक्सपर्ट रशीद किदवई बताते हैं कि केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के पतन के बाद मुलायम सिंह ने सोनिया गांधी को यह विश्वास दिलवा दिया कि केंद्र में वैकल्पिक सरकार के गठन में वे उनका साथ देंगे। मुलायम के आश्वासन के बाद सोनिया ने टीवी चैनलों के कैमरों के सामने बहुत ही खुशी-खुशी इस बात का ऐलान भी कर दिया था कि लोकसभा में उनके पास 272 सांसदों का समर्थन हासिल है। वे केंद्र में सरकार बनाने जा रही हैं। यहीं पर कभी अखाड़े के पहलवान रह चुके मुलायम सिंह ने राजनीति के अखाड़े में ऐसा दांव मारा कि सोनिया अपने ही पाले में चित्त नजर आईं। मुलायम के मुकरने से सोनिया गांधी की काफी फजीहत हुई। लालकृष्ण आडवाणी अपनी किताब 'माई कंट्री, माई लाइफ' में लिखते हैं कि सोनिया को समर्थन नहीं देने पर फैसला जया जेटली के घर पहुंचा तो वहां मैंने मुलायम सिंह यादव और जॉर्ज फर्नांडिस को बैठे हुए पाया। फर्नांडिस ने मुझसे कहा कि मेरे दोस्त मुलायम ने मुझे आश्वस्त किया है कि उनके 20 सांसद किसी भी हालत में सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने के प्रयास को समर्थन नहीं देंगे। ऐसा ही हुआ भी। 3. 2002 में लेफ्ट दलों का साथ छोड़ अचानक कलाम के राष्ट्रपति बनने का समर्थनसाल 2002 की बात है। राष्ट्रपति पद के चुनाव में BJP ने एपीजे अब्दुल कलाम का नाम आगे किया तो वामपंथी दलों ने उनके खिलाफ कैप्टन लक्ष्मी सहगल को उतारा। हालांकि BJP के पास अब्दुल कलाम को जिताने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं था। ऐसे में विपक्षी खेमा काफी मजबूत स्थिति में था। यह तय माना जा रहा था कि लेफ्ट की उम्मीदवार लक्ष्मी सहगल ही राष्ट्रपति बनेंगी, लेकिन आखिरी वक्त में मुलायम सिंह यादव ने वामपंथियों का साथ छोड़ते हुए कलाम की उम्मीदवारी पर अपनी मोहर लगा दी। इस तरह मुलायम की वजह से लक्ष्मी सहगल राष्ट्रपति नहीं बन पाईं और एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति बन गए। 4. 2008 में लेफ्ट दलों का साथ छोड़कर मनमोहन सरकार का समर्थन कियासाल 2008 की बात है। अमेरिका से न्यूक्लियर डील के चलते मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार संकट में आ गई थी। इस वक्त वामपंथी दलों ने मनमोहन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। ऐसे वक्त पर सरकार को बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव आगे आए। मनमोहन सरकार को बचाने के लिए अमर सिंह ने दूसरे दलों के सांसदों को समर्थन के लिए राजी किया था। मुलायम सिंह के इस कदम से वामपंथी दलों के साथ उनके रिश्ते खराब हो गए थे, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। 5. PM मोदी से बोले- मैं चाहता हूं आप फिर से प्रधानमंत्री बनें फरवरी 2019 की बात है। 16वीं लोकसभा के बजट सत्र का आखिरी दिन था। मुलायम ने कहा, ’हम प्रधानमंत्री जी को बधाई देना चाहते हैं कि आपने सबसे मिल-जुलकर और सबका काम किया। यह सच है कि हमने जब-जब आपसे किसी काम के लिए कहा तो आपने उसी वक्त ऑर्डर किया। इसके लिए मैं आपका आदर और सम्मान करता हूं कि आपने सबको साथ लेकर चलने का पूरा प्रयास किया।' मुलायम ने आगे कहा, 'मेरी कामना है कि सारे सदस्य फिर से जीतकर आएं। मैं कहना चाहता हूं कि हम लोग तो इतना बहुमत नहीं ला सकते तो आप फिर से प्रधानमंत्री बनें।' इस पर PM मोदी ने हाथ जोड़कर आभार व्यक्त किया और सदन ने मेज थप-थपाकर मुलायम सिंह यादव की बात का समर्थन किया था। मुलायम सिंह के इस बयान ने हर किसी को चौंका दिया था। **** पीएम इन वेटिंग सीरीज के अगले एपिसोड में एक ऐसे नेता की कहानी, जिनकी वजह से ‘पीएम इन वेटिंग’ का मुहावरा इतना पॉपुलर हुआ… **** ‘पीएम इन वेटिंग’ सीरीज के अन्य एपिसोड यहां पढ़िए... एपिसोड-1: तो क्या नेहरू की जगह सुभाष चंद्र बोस होते पीएम: पौत्र बोले- वो जिन्ना को भी मंजूर थे; 1943 में ही बनाई थी सरकार एपिसोड-2: मुसलमानों से पटेल बोले- दो घोड़ों की सवारी मत करिए:सरदार पटेल को PM बनाने से क्यों डरते थे गांधी; 4 बार रोका एपिसोड-3: मां पीएम थी, सरकार संजय गांधी चलाते थे:टारगेट के लिए कुंवारों तक की नसबंदी, झुग्गियों के सफाए में 400 मारे गए एपिसोड-4: देवीलाल ने PM पद ठुकराया, बोले- ताऊ ही रहने दो:बाद में उप-प्रधानमंत्री बनने के लिए अड़े; राज्यपाल को जड़ा था थप्पड़ एपिसोड-5: जगजीवन राम के बेटे की न्यूड तस्वीरें छपीं:पिता के हाथ से फिसली PM कुर्सी; क्या इंदिरा गांधी ने रची थी साजिश एपिसोड-6: कम्युनिस्ट नेता को पीएम बनाना चाहते थे राजीव गांधी:ज्योति बसु के खिलाफ हुई उनकी ही पार्टी; 3 बार पीएम बनने से रोका
दिल्ली: जामिया के नर्सिंग छात्र ने फ्लाईओवर से छलांग लगाई, अस्पताल में भर्ती
पुलिस ने बताया कि बिहार का मूल निवासी चांद पटेल नगर इलाके में रहता है. उसने शनिवार को एक परीक्षा दी थी और सोमवार को उसे दूसरी परीक्षा देनी थी.
पीडीपी अध्यक्ष एवं राजोरी अनंतनाग संसदीय सीट से पीडीपी की प्रत्याशी महबूबा मुफ्ती को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है।
हिमाचल उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने घोषित किए 2 और उम्मीदवार, 6 सीटों पर 1 जून को होनी है वोटिंग
कांग्रेस ने अनुराधा राणा को लाहौल और स्पीति सीट से और सुभाष चंद को बड़सर निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है. राणा और चंद का मुकाबला क्रमश: भाजपा के रवि ठाकुर और इंद्रदत्त लखनपाल से होगा.
मुख्य चुनावआयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि भारतीय चुनाव क्षेत्र अद्वितीय है, क्योंकि न तो चुनावी पंजीकरण अनिवार्य है और न ही मतदान अनिवार्य है. इसलिए चुनाव आयोग के लिए यह जरूरी है कि वह लोगों को स्वेच्छा से मतदाता सूची का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करे.
MP Lok Sabha Chunav 2024: ग्वालियर-मुरैना में टक्कर कांटे की हुई, अगले 24 घंटे निर्णायक
मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव : स्थिति अपने पक्ष में करने विधायक, महापौर सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसियों को भाजपा ज्वाइन करवाई, कई दिग्गजों ने डाला डेरा।
मध्य प्रदेश का बड़ा मुद्दा : सिंचाई का रकबा तो बढ़ा, पर नहीं बढ़ रही प्रदेश के किसानों की आय
एनएसओ की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के किसानों की मासिक आय आठ हजार 339 रुपये, देश में 26 वें नंबर पर।
एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र डमी अभ्यर्थी बन भाई की जगह नीट की परीक्षा देने पहुंचा, दोनों गिरफ्तार Dainik Bhaskar मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG का पेपर लीक होने की आशंका, पटना पुलिस की हिरासत में 5 संदिग्ध Aaj Tak NEET-UG में पेपर लीक कराने की थी तैयारी, पटना पुलिस 5 लोगों से कर रही है पूछताछ प्रभात खबर - Prabhat Khabar NEET-UG परीक्षा प्रश्नपत्र लीक! 4 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही पटना पुलिस; FIR दर्ज.. दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
छत्तीसगढ़ में पहले-दूसरे चरण चुनाव के बाद तीसरे चरण के प्रचार में राजनीतिक आक्रामकता इस कदर बढ़ी कि आमजन के मुद्दे गौण हो गए। कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी मुद्दों से अधिक प्रधानमंत्री मोदी पर शब्दवाण छोड़े। भाजपा इन मुद्दों को चुनावी तरकश में सजाकर इन्हें 'रामबाण' मानकर चल रही है।
हेमंत करकरे 26/11 आतंकी हमले के समय मुंबई एटीएस के प्रमुख थे. उनके साथ एसीपी अशोक काम्टे, पुलिस इंस्पेक्टर विजय सालस्कर और दो अन्य पुलिसकर्मी आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. करकरे ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखा था, जो घटिया गुणवत्ता का था. यह काम नहीं कर रहा था.
कार व ट्रक में टक्करमारूति कार जेएच 03एसी 6762 में टक्कर हो गई।इस टक्कर से मारूति कार क्षतिग्रस्त हो गई। जिसके कारण दोनो के चालक आपस में भिड...
थाना से दो सौ मीटर की दुरी पर बंद घर का ताला तोड लाखो की चोरी
थाना क्षेत्र के विंध्यावासनीनगर निवासी मीरा कुमारी पति तुलसी महतो के बंद घर से शनिवार रात चोरों ने 40,000 नकदी सहित पांच लाख रूपया के जेवरात पर हाथ...
गर्मी पड़ते ही सुखने लगे जलाशय पसंद नही कर रहे।क्षेत्र में पड रही गर्मी के कारण पुरियो पंचायत में बना जलाशय पुरी तरह सुख गया है। पानी के लिए पशुओ को...
विकसित भारत बनाने के लिए भाजपा को जिताएं: अर्जुन मुंडा
केंद्रीय मंत्री व खूंटी संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा ने रविवार को तोरपा प्रखंड के विभिन्न गांवों में सघन जनसंपर्क अभियान चला कर...
जिला स्तरीय सामूहिक सरहुल मिलन समारोह की हुई समीक्षा
जिला स्तरीय मनाए गये सामुहिक सरहुल मिलन समारोह की समीक्षा बैठक रविवार को किया गया। मौके पर बताया गया कि इस वर्ष की सामूहिक सरहुल मिलन समारोह को बड़े...
बीरबांकी में हुआ भाजपा के चुनाव कार्यलय का उद्घाटन
अड़की प्रखंड अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी के अड़की मंडल बिरबांकी में चुनाव कार्यालय का रविवार को अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिला अध्यक्ष संजय मुंडा, मंडल...
खेसारीबड़ा में सरहुल मिलन समारोह का हुआ आयोजन
अड़की में मुंडा समाज के तत्वाधान में रविवार को आयोजित सरहुल मिलन समारोह सह सामाजिक परिचर्चा खेसारीबड़ा के ग्राम प्रधान सुरेन्दर मुंडा की अध्यक्षता...
बान्दू गांव में शराब भट्टी को ध्वस्त किया गया
लोक सभा चुनाव को देखते हुए अड़की थाना अंतर्गत बान्दू गांव में रविवार को अड़की पुलिस द्वारा एक शराब भट्टी को ध्वस्त किया गया। साथ ही शराब बनाने के लिए...
कांग्रेस ने तपकरा में खोला चुनाव कार्यालय
कांग्रेस पार्टी ने रविवार को खूंटी लोकसभा क्षेत्र के तोरपा प्रखंड अंतर्गत तपकरा में अपना चुनाव कार्यालय खोला है। उदघाटन समारोह की अध्यक्षता...
चुनाव को लेकर प्रशासन की तैयारी जोरों पर
आसन्न लोक सभा चुनाव को लेकर प्रशासन की तैयारियां जोरों पर है। वहीं शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने को लेकर जिला पुलिस मुख्यालय भी व्यापक तैयारी में...
खूंटी एवं तोरपा विधान सभा क्षेत्र के लिए प्रतिनियुक्त मतदान अधिकारी द्वितीय का प्रशिक्ष
प्रशिक्षण कोषांग द्वारा खूंटी एवं तोरपा विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रतिनियुक्त मतदान अधिकारी द्वितीय के लिए शनिवार को बिरसा काॅलेज एवं लोयला इंटर...
कांग्रेस के पक्ष में विभिन्न नेताओं ने चलाया जन संपर्क अभियान
अड़की प्रखंड के नौढ़ी पंचायत अंतर्गत कुजियाम्बा गांव में कांग्रेस जिलाध्यक्ष रवि मिश्रा के नेतृत्व में जनसंपर्क अभियान चलाया गया। इस मौके पर रवि...
खूंटी के 11 चयनित कराटेकार देहरादून में करेंगे झारखंड का प्रतिनिधित्व
देहरादून में कराटे इंडिया आर्गेनाइजेशन के द्वारा 9 से 12 मई तक आयोजित होने वाले कैडेट, जूनियर एवं सीनियर नेशनल कराटे चैंपियनशिप में खूंटी के 11...
विधायक ने चलाया जन संपर्क अभियान
कर्रा प्रखंड के जुरदाग गांव में स्थानीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने पार्टीप्रत्याशी अर्जुन मुंडा के समर्थन में चुनाव प्रचार अभियान चलाया। इस मौके पर...
कर्रा में विधायक नीलकंठ ने किया भाजपा चुनाव कार्यालय का उद़्घाटन
कर्रा के कटहलटोली में भाजपा के प्रखंड स्तरीय चुनाव कार्यालय का उदघाटन स्थानीय भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने फीता काटकर...
सड़क दुर्घटना में दो युवक घायल
खूंटी-तमाड़ पथ स्थित बिरसा मुंडा जिला पुस्तकालय के समीप एक बाइक दुर्घटना में दो युवक घायल हो गए। घायल युवकों की पहचान खूंटी थाना अंतर्गत सिंबुकेल...
नारियल पानी, जूस व तरबूज से लोग तर कर रहे गला
खूंटी शहर में इन दिनों कोल्ड ड्रिंक्स की जगह नारियल पानी, गन्ने का जूस, तरबूज, खीरा, नींबू पानी, आईसक्रीम, फुचका आदि की मांग इस गर्मी में कुछ...
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में इस बार दोनों ही राजनीतिक दलों ने साहू- कुर्मी को मैदान में उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। ऐसे में प्रदेश की हाट लोकसभा सीटों में शुमार दुर्ग में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई की स्थिति है। यहां भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल का मुकाबला कांग्रेस के राजेंद्र साहू से है।
वन विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में प्रदेश के जंगलों में आग लगने की 24 घटनाएं सामने आयीं जिनसे 23.75 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ.
सेहत संबंधी कारणों से शरद पवार के सोमवार के सभी कार्यक्रम रद्द
राकांपा (एपसी) की पुणे ईकाई के अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने बताया कि सुप्रिया सुले के समर्थन में बारामती में एक रैली को संबोधित करते वक्त शरद पवार को गले में कुछ परेशानी हुई थी.
सात मई को 94 सीटों पर मतदान होगा। दो राज्यों गुजरात और कर्नाटक की सभी सीटों पर मतदान निपेटगा। The post तीसरे चरण का प्रचार समाप्त appeared first on Naya India .
कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से भाजपा उम्मीदवार बने गंगोपाध्याय के खिलाफ एफआईआर दर्ज
कोलकाता, 6 मई . पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में तमलुक लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय और कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ रविवार को धरना दे रहे बर्खास्त स्कूल कर्मचारियों पर हमला करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ... Read more
पटना भारत का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर, जानिए पहले नंबर पर है कौन
बिहार के अन्य चार शहरों में 'खराब' एक्यूआई दर्ज किया गया जिसमें सीवान (282), मुजफ्फरपुर (233), हाजीपुर (232) और बेतिया (221) शामिल हैं.
अधीर ने एलायंस नहीं होने दिया।
ममता के भतीजे अभिषेक ने तृणमूल व कांग्रेस में एलायंस नहीं होने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को जिम्मेवार ठहराया। The post अधीर ने एलायंस नहीं होने दिया। appeared first on Naya India .
पीएम मोदी सोमवार को ओडिशा में दो रैलियों को संबोधित करने भुवनेश्वर पहुंचे
भुवनेश्वर, 6 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम ओडिशा के एक दिवसीय दौरे पर भुवनेश्वर पहुंचे. प्रधानमंत्री के यहां के बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचने पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पार्टी के राज्य प्रमुख मनमोहन सामल सहित कई भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया. एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री मोदी कारकेड में राजभवन गए. वह ... Read more
Ambikapur News : ग्रामीणों को लेकर जा रही स्कूल बस पलटी, 15 घायल
Ambikapur News :सूरजपुर जिले में आयोजित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के चुनावी सभा में पहाड़ी कोरवा ग्रामीणों को लेकर जा रही एक स्कूल बस अनियंत्रित होकर पलट गई। बस पलटने से कोहराम मच गया। बस में सवार 15 ग्रामीण घायल हो गए जिन्हें आसपास के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
CSK को नीचा दिखाना बंद कर, टीम से बाहर हो जाइए धोनी जी! - The Lallantop
CSK को नीचा दिखाना बंद कर, टीम से बाहर हो जाइए धोनी जी! The Lallantop धोनी के साथ इस IPL में पहली बार हुआ ऐसा... हर्षल ने किया चारों खाने चित, VIDEO Aaj Tak PBSK vs CSK: धोनी ऐसा क्यों कर रहे..., आउट होने से ज्यादा इस वजह से ज्यादा निराश हुए धर्मशाला के फैंस NDTV India
हिंदू नेता की हत्या की साजिश रचने के आरोप में मौलवी गिरफ्तार
अहमदाबाद, एजेंसियां। गुजरात के मंत्री हर्ष सांघवी ने पाकिस्तान और नेपाल में अपने...
प्रज्वल के खिलाफ बोलीं महिला कांग्रेस अध्यक्ष पुष्पा, हमें न्याय मिलेगा
बेलगावी (कर्नाटक) एजेंसियां। जेडीएस नेता एचडी रेवन्ना की गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक महिला कांग्रेस...
Ambikapur crime News : आइपीएल में आनलाइन सट्टे का राजफाश, पुणे गिरोह से तार जुड़े होने की आशंका
Ambikapur crime News : अंबिकापुर : इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) मैच के दौरान लाखों की सट्टा पट्टी का राजफाश सरगुजा पुलिस ने किया है। पुलिस ने एक कुरियर बाय को गिरफ्तार किया है। सट्टा में शामिल एक महिला को नोटिस देकर जांच के दायरे में रखा गया है।
गृहमंत्री अमित शाह का आरोप : तेलंगाना सरकार वसूल रही ‘राहुल रेवंत’ टैक्स
हैदराबाद, 6 मई . केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यहां रविवार को आरोप लगाया कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार देश में पार्टी के चुनाव अभियान के लिए ‘राहुल रेवंत’ टैक्स वसूल रही है. सिकंदराबाद में भाजपा की एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री अनुमूला रेवंत रेड्डी पर तेलंगाना को कांग्रेस का ... Read more The post गृहमंत्री अमित शाह का आरोप : तेलंगाना सरकार वसूल रही ‘राहुल रेवंत’ टैक्स first appeared on indias.news .
POK हमेशा से भारत का अभिन्न अंग, अब राष्ट्रीय चेतना में वापस आ गया है : विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आज पीओके लोगों की चेतना में लौट आया है. हम इसके बारे में भूल गये थे, हमारी स्मृति से इसे हटा दिया गया था.
Ambikapur crime News : गोवा ले जाकर युवती से सामूहिक दुष्कर्म, दो रिश्तेदार सहित चार गिरफ्तार
Ambikapur crime News : परिचित के यहां छोड़ देने का झांसा देकर रिश्तेदार ने दो अन्य साथियों के साथ युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपितों द्वारा पीड़िता को अपने साथ गोवा भी ले जाया गया था। वहां भी आरोपितों ने युवती से दुष्कर्म किया। वापस लौटने के बाद मानसिक रूप से परेशान युवती ने गांधीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी।
गृहमंत्री अमित शाह का आरोप : तेलंगाना सरकार वसूल रही ‘राहुल रेवंत’टैक्स
हैदराबाद, 6 मई . केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यहां रविवार को आरोप लगाया कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार देश में पार्टी के चुनाव अभियान के लिए ‘राहुल रेवंत’ टैक्स वसूल रही है. सिकंदराबाद में भाजपा की एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री अनुमूला रेवंत रेड्डी पर तेलंगाना को कांग्रेस का ... Read more
52 दरवाजों से जलील की सवारी या खैरे या भुमरे की?
बावन दरवाजे वाले संभाजीनगर में इस बार 37 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लेकिन वास्तविक लड़ाई तीन धड़ों और दो उम्मीदवारों के बीच है। The post 52 दरवाजों से जलील की सवारी या खैरे या भुमरे की? appeared first on Naya India .
Ambikapur News : मोदी ने आदिवासियों की तस्वीर व तकदीर बदलने का काम किया: नड्डा
Ambikapur News : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों की तस्वीर और तकदीर बदलने का काम किया है। देश में कभी गौरव दिवस नहीं मनाया जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री की पहल पर आदिवासियों के सम्मान के लिए प्रतिवर्ष 15 नवंबर को देशभर में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है।
दक्षिणी लेबनान में इजरायली हमले में चार नागरिकों की मौत: मीडिया
बेरूत, एजेंसियां। दक्षिण लेबनान के माएस अल जबल शहर में रविवार को इजरायली...
नीट : जयपुर में दूसरे की जगह परीक्षा देते छह लोग हिरासत में
जयपुर, एजेंसियां। राजस्थान पुलिस ने भरतपुर जिले में रविवार को राष्ट्रीय पात्रता सह...
Korba News : मालगाड़ी हुई बेपटरी, छह घंटे कोयला परिवहन रहा बाधित
Korba News : जूनाडीह साइडिंग से गेवरारोड रेलवे स्टेशन के मध्य एक कोयला लोड मालगाड़ी बेपटरी हो गई। घटना के बाद रेलवे व एसईसीएल प्रबंधन में हडक़ंप मच गया। इससे छह घंटे रेल लाइन पर कोयला परिवहन बाधित रहा। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को जुनाडीह साइडिंग से मालगाड़ी के वैगनों में कोयला ढलान के बाद गाड़ी को आगे बढ़ाया गया।
Korba News : नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपित को 20 वर्ष का कारावास
Korba News : घूमाने के बहाने अपने साथ ले जाकर 14 वर्ष की नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपित को 20 वर्ष के कठोर कारावास अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पाक्सो) कटघोरा ने सुनाया। साथ ही एक हजार रूपये अर्थदंड से भी दंडित किया।
आईपीएल 2024 : हरफनमौला नरेन और चक्रवर्ती की मदद से कोलकाता ने लखनऊ को 98 रन से हराया
लखनऊ, 6 मई . यहां के इकाना क्रिकेट स्टेडियम में रविवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 54वें मैच में वेस्टइंडीज के अनुभवी सलामी बल्लेबाज सुनील नरेन ने 39 गेंदों में 81 रनों की पारी खेली और 1-22 का स्कोर किया, जिससे कोलकाता नाइट राइडर्स ने लखनऊ सुपर जाइंट्स को 98 रनों से हरा दिया. ... Read more
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जनता दल (सेक्युलर) के नेता प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े कर्नाटक के सेक्स स्कैंडल पर रविवार को अपनी ‘चुप्पी’ तोड़ने की मांग करते हुए कहा कि उसकी महिला शाखा तब तक आवाज उठाती रहेगी जब तक कि प्रज्वल को कानून का सामना करने के लिए …
Korba crime News : काम करते समय लड़खड़ाकर गिरा राजमिस्त्री, अस्पताल में मौत
Korba crime News : जिले में घर से निर्माणाधीन मकान में काम करने पहुंचा एक राजमिस्त्री अचानक लड़खड़ाकर गिर गया। उसे मौके पर मौजूद मजदूरों ने आनन-फानन में इलाज के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल दाखिल कराया, जहां थोड़ी ही देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। मृतक पूरी तरह से स्वस्थ था। वह बीते एक माह से लगातार धूप में काम कर रहा था। आशंका जताई जा रही है कि लू
भाजपा ने संदेशखाली वीडियो पर टीएमसी के दावों का खंडन किया
वीडियो को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करने का ऐलान वीडियो में भाजपाई...
लोकसभा की लड़ाई...संविधान पर क्यों आई?
संविधान, जो देश के लिए एक ऐसा ग्रंथ है जिसके लिए अपना सब कुछ समर्पित करते हैं लोग. चुनावी मंचों से संविधान पर शोर क्यों सुनाई दे रहा है? क्यों एक पक्ष कहता है कि संविधान खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है? क्या ये केवल राजनीति साधने के लिए लोगों के मन में डर बिठाने की एक कोशिश है?
कर्नाटक की पीड़ित महिलाओं को मिलेगी सरकारी मदद
कर्नाटक सेक्स स्कैंडल की पीड़ित महिलाओं को कांग्रेस पार्टी की राज्य सरकार सरकारी मदद देगी। The post कर्नाटक की पीड़ित महिलाओं को मिलेगी सरकारी मदद appeared first on Naya India .
मंदिर को क्या अस्पताल बना देंगे : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर विपक्षी पार्टियों पर हमला किया है। The post मंदिर को क्या अस्पताल बना देंगे : मोदी appeared first on Naya India .
Bilaspur Crime News: दरगाह परिसर से दानपेटी चोरी कर भागने वाले गिरफ्तार
रतनपुर थाना प्रभारी व आइपीएस अजय कुमार ने बताया कि करैहापारा में रहने वाले मिर्जा अशरफ बेग हजरत मूसा शहीद दरगाह कमेटी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि गुरुवार की सुबह जब दरगाह के खादिम पहुंचे तो दानपेटी गायब थी। खादिम ने इसकी जानकारी दरगाह कमेटी के सदस्यों को दी।
Bilaspur News: केंद्रीय विवि की छवि धूमिल करने षडयंत्र, जांच में पता चलेगा सच
केंद्रीय विश्वविद्यालय की छवि दो वर्षों के भीतर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर बेहतर हुई है। सुविधा-संसाधन, अधोसंरचना के साथ अकादमिक व खेल गतिविधियों में सुधार हुआ है।
Koriya News : आनलाइन सट्टा खिलाते दो आरोपित गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक कोरिया द्वारा जिले में संचालित अवैध कारोबार पर अंकुश लगाकर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है। इसी कड़ी में मुखबिर की सूचना पर साइबर सेल बैकुंठपुर की टीम द्वारा थाना सोनहत क्षेत्र अंतर्गत कटगोड़ी मुख्य बाजार के पास अवैध रूप से सटोरियों को आईपीएल में आनलाइन सट्टा खेलते हुए कोरिया पुलिस ने पकड़ा है।
रामलला के दर्शन और मोदी का रोड शो
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार रविवार को अयोध्या पहुंचे। The post रामलला के दर्शन और मोदी का रोड शो appeared first on Naya India .
Koriya News : झूठ का सहारा ले रही कांग्रेस : साय
2023 में प्रदेश की कांग्रेस की सत्ता से हटाया। इसी तरह छत्तीसगढ़ की सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशी को जिताएं, जिससे केंद्र में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार बने। आज राज्य में भाजपा सरकार है और केंद्र में भी तीसरी बार भाजपा सरकार बनती है तो तेजी से विकास होगा। गंगा जल हाथ में लेकर कसम खाने वाली कांग्रेस ने एक भी वादा सरकार में रहते हुए पूरा नहीं किया।
वृद्ध महिला से 24 लाख लेकर वापस करने टालमटोल कर रहा एनएसयूआइ पदाधिकारी
रतनपुर के गोसाइपारा में रहने वाली शंकुतला रावत ने अमानत में खयानत की शिकायत की है। महिला ने बताया कि 2020 में अपनी जमीन को 24 लाख रुपये में बेचा था। खरीदार ने महिला को 16 लाख रुपये का चेक और आठ लाख रुपये कैश दिया।
Bilapur Crime News: हवलदार की मौत का मामला, एएसपी की निगरानी में सीएसपी करेंगे जांच
सरकंडा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक लखन सिंह मेश्राम दो मई को ड्यूटी पर थे। शाम को ड्यूटी के बाद वे घर गए। भोजन करने के बाद वे टहलकर आने की बात कहकर घर से निकले।
जानलेवा हमला और लूट की घटना के बाद शुभम रेशमा को सीधे अस्पताल ले जाने की बजाय ससुराल ले गया। यहीं से पुलिस का संदेह गहराया। पुलिस ने उसकी कॉल रिकॉर्ड डीटेल्स खंगाली, तो पता चला कि उसके एक युवती से सम्बंध है।
Koriya News : छह लाख का नकदी और सोना किया जब्त
कोरिया पुलिस एवं बाहर से निर्वाचन के लिए आये हुए सीआरपीएफ एवं आईटीबीपी की कम्पनी के द्वारा थाना पटना के आदर्श चौक पटना, टेंगनी, डुमरिया, जमगहना, थाना चरचा के सुभाष चौक, खरवत चौक, नगर बैरियर थाना बैकुंठपुर के सलका चौक, भाड़ी, कुमार चौक,थाना सोनहत के मजार चौक, भैसवार, नटवाही बैरियर, कटगोड़ी चौक, सेमरिया बारियर, चौकी बचरापोड़ी के मुख्य बाजार के पास, एमसीपी की निरंतर कार्रवाई कर रही है।
एक क्लिक में पढ़ें 6 मई, सोमवार की अहम खबरें
देश, दुनिया, राज्य, महानगर, खेल, आर्थिक और बॉलीवुड में क्या कुछ हुआ. जानने के लिए यहां पढ़ें समय के साथ-साथ खबरों का लाइव अपडेशन...
मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG का पेपर लीक होने की आशंका, पटना पुलिस की हिरासत में 5 संदिग्ध Aaj Tak NEET-UG में पेपर लीक कराने की थी तैयारी, पटना पुलिस 5 लोगों से कर रही है पूछताछ प्रभात खबर - Prabhat Khabar NEET UG Exam: दस लाख में सौदा कर परीक्षा देते पकड़ा गया डमी कैंडिडेट, सेंटर के बाहर से पांच साथी भी गिरफ्तार अमर उजाला भाई की जगह नीट एग्जाम देने आया अभ्यर्थी पकड़ा: दोनों को किया गिरफ्तार, डमी परीक्षार्थी जोधपुर SN मेडिकल कॉले... Dainik Bhaskar
मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG का पेपर लीक होने की आशंका, पटना पुलिस की हिरासत में 5 संदिग्ध
पटना एसएसपी राजीव मिश्रा के मुताबिक सिकंदर यादव समेत 4 अन्य पेपर लीक कराने में लगे हुए थे. आशंका जताई जा रही है कि आरोपियों ने पटना में कई सेंटरों पर पेपर सॉल्वर बिठाये थे और इनके पास पहले से ही प्रश्नपत्र मौजूद थे. पुलिस हर बिंदु की जांच कर रही है.
आंगनबाड़ी केन्द्र में जितने बच्चे नहीं उससे ज्यादा मिले सांप
जिले में आंगनबाड़ी जर्जर स्थिति में है। अधिकारियों के लिए नई बिल्डिंगे और भवन बन गए होंगे लेकिन बच्चों के आधार को मजबूत करने वाले केन्द्र सालों से जर्जर है। अब तो हालत गंभीर हो गई है ढेर सांप निकल रहे हैं।
अध्यापक संघ लड़ेगा कर्मचारियों के एनपीएस के 900 करोड़ रुपए वापस लेने की लड़ाई
प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ मांगों को हाउस में रखा और उसको पूरे सदन में ध्वनिमत से पास किया गया। जिसमें प्रमुखता से 26/4/2010 से पूर्व लगे टीजीटी को मुख्याध्यापक पद पर प्रमोशन की छूट देने और ट्रांसफर पॉलिसी में 30 किलोमीटर की दूरी के स्थान पर पुरानी पॉलिसी को ही हल करने या इस दूरी को कम करने की बात पर प्रस्ताव को पारित किया।
Janjgir-champa News :हाथी की चाल से होगा सह और मात का फैसला
जांजगीर चांपा लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस के बीच सह और मात का फैसला हाथी की चाल से तय होगा। विधानसभा चुनाव में इस बार बसपा का वोट शेयर इस लोकसभा में 10.7 फीसदी ही रहा। जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में 25.1 फीसदी वोटों के साथ बसपा ने दो सीटें भी हासिल की थी।
Bilapur News: सेंट्रल लाइब्रेरी में पहुंच रहे क्षमता से अधिक छात्र, सीट नहीं होने से पड़ रहा लौटना
शहर के अरविंद नगर के न्यू सरकंडा में निगम ने सेंट्रल लाइब्रेरी तो बना दिया है, लेकिन इसका लाभ छात्रों को मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। लाइब्रेरी में कुल सीट 275 उपलब्ध हैं।
पीएम मोदी के अयोध्या में रोड शो से फिर चहुंओर छिड़ी राम मंदिर पर चर्चा - Investing.com भारत
पीएम मोदी के अयोध्या में रोड शो से फिर चहुंओर छिड़ी राम मंदिर पर चर्चा Investing.com भारत अयोध्या में PM मोदी ने किए रामलला के दर्शन, रोडशो में उमड़ा समर्थकों का हुजूम Aaj Tak बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने क्यों की PM मोदी की तारीफ? बोले- चाहता हूं फिर... News18 हिंदी
रेलवे वेटिंग हॉल में आग लगने से मची भगदड़
रायपुर, एजेंसी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर रेलवे स्टेशन के फर्स्ट क्लास वेटिंग हॉल में...
सेहत संबंधी कारणों से शरद पवार के सोमवार के कार्यक्रम रद्द: एनसीपी (एसपी)
पुणे, एजेंसी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने स्वास्थ्य कारणों के...
देहरादून, एजेंसी। उत्तराखंड के पौड़ी जिले में वनाग्नि की चपेट में आकर एक महिला...
तेजस्वी के नाम को लेकर कंगना की फिसली जुबान
शिमला, एजेंसी। अभिनेत्री और मंडी लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार कंगना रनौत ने...
युवा सात मई को मतदान केंद्रों तक लगाएं दौड़ : बघेल
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के खेल गतिविधि खेलो भारत के माध्यम से मैराथन दौड़ आयोजित किया गया। महामाया चौक में लोकतंत्र के महापर्व पर दौड़ के माध्यम से शत प्रतिशत मतदान का संदेश दिया।
पीएम मोदी के अयोध्या में रोड शो से फिर चहुंओर छिड़ी राम मंदिर पर चर्चा
नई दिल्ली, 6 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या में रोड शो एक शानदार नजारा था, जो प्राचीन शहर के गहरे सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व को रेखांकित करता है. भगवान राम के प्रति उत्कट भक्ति की पृष्ठभूमि में रोड शो ने राजनीतिक संदेश के साथ धार्मिक भावना का मिश्रण करते हुए प्रतीकात्मक महत्व ले ... Read more
Janjgir-champa News : बरसात के समय टूटे तालाब के दीवार की दस माह बाद भी मरम्मत नहीं
बरसात के समय दस माह पहले भरभराकर गिरे दर्री तालाब के सड़क किनारे के दीवार की मरम्मत अब तक नगर पालिका के द्वारा नहीं कराई गई है और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान दिया है। इससे दुर्घटना की भी आशंका बनी हुई है। दर्री तालाब के रखरखाव और सुंदरीकरण के तरफ किसी के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।