शुक्रादित्य योग से चमकेगा इन राशियों का भाग्य, जागेगी सोई हुई किस्मत, धन-संपदा में होगी वृद्धि
shukra aditya yoga: 14 मई को सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 19 मई को शुक्र भी वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य और शुक्र के वृषभ राशि में आ जाने से शुक्रादित्य योग का निर्माण हो जाएगा।
ओडिशा में चुनावी सभाएं करेंगे PM मोदी, जानिए अन्य इवेंट्स
पीएम मोदी 6 मई को ओडिशा में चुनावी सभाएं करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा 6 मई को तेलंगाना में सार्वजनिक सभाएं करेंगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी 6 मई को झारखंड दौरे पर रहेंगे.
पीओके के लोग खुद भारत में शामिल होना चाहेंगे : राजनाथ
नयी दिल्ली, 5 मई (एजेंसी) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर कब्जा करने के लिए हमें बल प्रयोग नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि वहां के लोग ही कहेंगे कि उन्हें भारत में विलय करना है। उन्होंने कहा कि ऐसी मांगें अब उठ रही हैं। रक्षा मंत्री ने [...] The post पीओके के लोग खुद भारत में शामिल होना चाहेंगे : राजनाथ appeared first on dainiktribuneonline.com .
दलितों का आरक्षण मुस्लिमों को देना चाहती है कांग्रेस : नड्डा
सूरजपुर, 5 मई (एजेंसी) भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसका एजेंडा दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना है। उन्होंने कांग्रेस पर वोट बैंक, धर्म व जाति की राजनीति करने, भगवान राम एवं सनातन धर्म विरोधी होने और राष्ट्र विरोधियों का साथ देने का भी [...] The post दलितों का आरक्षण मुस्लिमों को देना चाहती है कांग्रेस : नड्डा appeared first on dainiktribuneonline.com .
Adani Group की कंपनी अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड की नजर फिलीपींस में महत्वपूर्ण विस्तार पर
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने कहा कि कंपनी की योजना 25 मीटर गहरा बंदरगाह विकसित करने की है, जिसमें पैनामैक्स जहाजों को रखा जा सके.
'चुनावी फाइटर्स' एक-दूसरे पर दाग रहे मुद्दों की 'मिसाइलें', देखें So Sorry
देश में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. दो चरण के मतदान के बाद सरकार और विपक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं. बीजेपी ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो को बड़ा मुद्दा बनाया है तो कांग्रेस भी सत्ता में आने पर जातिगत जनगणना कराने की गारंटी दे रही है. इसी पर देखें 'सो सॉरी'.
यहां रोल नंबर डालकर चेक कर सकेंगे CISCE बोर्ड 10वीं-12वीं का परिणाम
CISCE Result LIVE: CISCE बोर्ड से जिन छात्रों ने इस साल ICSE (कक्षा 10) और ISC (कक्षा 12) की परीक्षाएं दी हैं, उनके परिणाम आज जारी किए जाएंगे. बोर्ड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट cisce.org पर एक ऑफिशियल नोटिस जारी कर रिजल्ट जारी करने की तारीख और समय की जानकारी दी है. रिजल्ट से जुड़ी हर अपडेट जानने के लिए इस लाइव ब्लॉग के साथ बने रहें.
राहुल बोले- आरक्षण छीनना चाहते हैं मोदी
हैदराबाद, 5 मई (एजेंसी) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरक्षण के खिलाफ हैं और वह आरक्षण छीनना चाहते हैं। तेलंगाना के आदिलाबाद (एसटी) लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्मल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने दावा किया कि मौजूदा आम चुनाव दो विचारधाराओं के [...] The post राहुल बोले- आरक्षण छीनना चाहते हैं मोदी appeared first on dainiktribuneonline.com .
3rd Phase Polls: तीसरे चरण का चुनाव प्रचार रविवार शाम छह बजे थम गया. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पीएम मोदी ने यूपी में ताबड़तोड़ रैलियां और रोड शो किए. इस चरण में गृह मंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होगा. नई दिल्ली: 3rd Phase Polls:लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार रविवार शाम छह बजे थम गया. अब मंगलवार (7 मई) को तीसरे चरण के लिए वोट डाले जाएगें. इस चरण में देश के 11 राज्यों की 92 लोकसभा सीटों के लिए मतदान… The post नई दिल्ली: तीसरे चरण का चुनाव प्रचार थमा, 11 राज्यों की 92 सीटों पर मंगलवार को वोटिंग, इन दिग्गजों की किस्मत का होगा फैसला appeared first on 20 Years-IdeaTV News | For Breaking News, Hindi News, live News at ideatvnews.com .
चाय वाले ने तोड़ी शाही परिवार की कुप्रथा
अयोध्या, 5 मई (एजेंसी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश में इटावा और धौरहरा में चुनावी जनसभाओं के बाद शाम को अयोध्या में रामलला के दर्शन किये। इसके बाद फूलों और बैनरों से सजे एक रथ (खुले वाहन) पर सवार होकर रोड शो किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ थे। [...] The post चाय वाले ने तोड़ी शाही परिवार की कुप्रथा appeared first on dainiktribuneonline.com .
आप जानते हैं क्या है एग फ्रीजिंग? कौन करवा सकता है अंडों को फ्रीज, यहां जानें सबकुछ
Egg freezing: करियर, मेडिकल कंडीशन या फिर कुछ और वजहों से कई बार कुछ महिलाएं देर से शादी करना चाहती हैं या फिर शादी के बाद जल्दी मां बनना नहीं चाहती हैं. ऐसी महिलाओं के लिए एग फ्रीजिंग करवाना बेहतर ऑप्शन हो सकता है.
PM Modi आज ओडिशा में करेंगे चुनावी रैलियां, यहां जानें पूरा शेड्यूल
PM Modi Odisha Visit: आज पीएम मोदी ओडिशा में चुनावी रैलियां करेंगे. कल रात मोदी बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां भाजपा की प्रदेश इकाई ने उनका स्वागत किया. नई दिल्ली : PM Modi in Odisha:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने दो दिवसीय ओडिशा दौरे का आगाज करेंगे. पीएम मोदी सोमवार को दो चुनावी रैलियों को संबोधित कर राज्य में अपने लोकसभा उम्मीदवारों (Lok Sabha Election 2024) के लिए भाजपा के चुनावी अभियान का नेतृत्व करेंगे. मिली जानकारी के मुताबिक, मोदी रविवार रात ओडिशा पहुंचे, जहां बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय… The post PM Modi आज ओडिशा में करेंगे चुनावी रैलियां, यहां जानें पूरा शेड्यूल appeared first on 20 Years-IdeaTV News | For Breaking News, Hindi News, live News at ideatvnews.com .
लेख: इस बार लोकसभा चुनाव में कम वोटिंग की वजह क्या है?
पहले और दूसरे दौर में कम मतदान के मद्देनजर यह प्रश्न उठने लगा है कि क्या राजनीति और राजनीतिक तंत्र को लेकर हमारा समाज उदासीन होता जा रहा है। क्या यह सोच गहरी हो रही है कि राजनीति चाहे इधर की हो या उधर की, लगभग एक जैसी ही है?
सीआईएससीई की 10वीं, 12वीं कक्षा के नतीजे आज
नयी दिल्ली (एजेंसी) काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) सोमवार को 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित करेगा। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सचिव जोसेफ इमैनुएल ने रविवार को बताया परिणामों की घोषणा दिन में 11 बजे की जाएगी। परिणाम बोर्ड की वेबसाइट, करियर्स पोर्टल और डिजीलॉकर पर उपलब्ध [...] The post सीआईएससीई की 10वीं, 12वीं कक्षा के नतीजे आज appeared first on dainiktribuneonline.com .
खाद्य शृंखला और दीर्घकालीन विकास की रक्षा
प्रकृति प्रेमी बनें दुनिया के किसी कोने में कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो हमें इस बात का अहसास होने लगता है कि धरती का बढ़ता तापमान एक वैश्विक चिंता का सबब है। जनसंख्या का दबाव और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन ही ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण है। आकंठ भौतिकता में डूबा मनुष्य प्रकृति [...] The post खाद्य शृंखला और दीर्घकालीन विकास की रक्षा appeared first on dainiktribuneonline.com .
आश्रम सीरिज से लेकर ब्लॉकबस्टर फिल्म 'एनिमल' में अपने काम से हर तरफ से प्रशंसा पाने वाले बॉलीवुड एक्टर बॉबी देओल हाल ही में कपिल शर्मा के नेटफ्लिक्स शो द ग्रेट इंडियन कपिल शो में भाई सनी देओल के साथ नजर आए.
सृजन विरोधी सफलता के सपनों का कारोबार
जैसा कि होता है, यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम मीडिया और लोगों का ध्यान खींचते हैं, ‘टॉपर्स’ के दमकते चेहरों की फोटो चहुंओर दिखने लगती है– ब्रांड बन चुके कोचिंग सेंटरों की ओर से जारी विज्ञापनों से शहरों में बिल बोर्ड्स से लेकर अग्रणी अखबारों के मुखपृष्ठ तक पट जाते हैं। यही कुछ [...] The post सृजन विरोधी सफलता के सपनों का कारोबार appeared first on dainiktribuneonline.com .
क्रोध की आंधी में बुझ जाता है विवेक का दीप
डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ आजकल समाज में प्रायः देखा जा रहा है कि लोगों की सहन-शक्ति कम हो रही है और जरा-जरा सी बात पर क्रोध भड़कने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। ‘रोड-रेज़’ की घटनाएं इन दिनों आपको प्रतिदिन जहां-तहां सुनने को मिलती रहती हैं। क्रोध मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा शत्रु [...] The post क्रोध की आंधी में बुझ जाता है विवेक का दीप appeared first on dainiktribuneonline.com .
कुंभ राशि वालों को होगा धन लाभ, जानें कैसा रहेगा अन्य राशियों का हाल
संपर्क संवाद बढ़ेगा. पारिवारिक मामलों में रुचि लेंगे. सदव्यवहार रखेंगे. वाद संवाद पर जोर रहेगा. आलस्य का त्याग करेंगे. व्यर्थ चर्चाओं से बचेंगे. संकोच दूर होगा. कामकाजी स्थिति संवरेगी. तेजी रखेंगे.
नई स्डटी से पता चलता है कि रात के भोजन में बहुत अधिक कैल्शियम लेने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है. आमतौर पर बहुत अधिक कैल्शियम खासकर फूड सप्लिमेंट्स से हृदय से जुड़ी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं.
कंचन जायसवाल रास्ते कब गर्द हो जाते हैं और मंज़िल सराब। हर मुसाफ़िर पर तिलिस्म-ए-रहगुज़र खुलता नहीं। शहर फ़ैज़ाबाद में गुलज़ार एक रोज़ जब आते हैं तो धूल-मिट्टी, तोड़-फोड़ से गुज़र रहे शहर को, एक पल के लिए ही सही, थोड़ा क़रार आ जाता है। गुलज़ार अज़ीम फनकार, शायर, उम्दा इंसान, दिलकश आवाज़ के मालिक। [...] The post हर दौर में गुलज़ार appeared first on dainiktribuneonline.com .
यदि राहु की वजह से आपके काम बिगड़ रहे हैं तो क्या उपाय करें? जानिए
राहु के खराब होने से व्यक्ति के जीवन में काफी परेशानी होती है. काम बिगड़ने लगते हैं. आज ज्योतिषी प्रवीण मिश्र से जानिए राहु को शांत करने के कुछ खास उपाय. सोमवार के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें, गंगाजल, दूध, दही, शहद, गन्ने के रस से अभिषेक करें, भस्म, बेलपत्र, शमी पत्र अर्पित करें, भगवान शिव की आरती करें, 3 गरीबों को भोजन दान करें. देंखें ये वीडियो.
शनि साढ़ेसाती और ढैय्या वाले आज कर लें ये खास उपाय, शिवजी की कृपा से दूर होगा शनिदोष
Shani : आज वैसाख मास कीमासिक शिवरात्रि है।इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर और माता पार्वतीकी पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान शंकर और माता पार्वतीकी कृपा से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
राम मंदिर बनाने वाले को फिर से बनाएंगे देश का प्रधानमंत्री - डॉ. राजीव बिंदल
हिमाचल प्रदेश के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने शिलाई विधानसभा क्षेत्र के पन्ना प्रमुख
उत्तराखंड के चकराता में ईछड़ी मोटर मार्ग पर ट्राला खाई में गिरा, 3 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल
यहां रविवार देर रात एक ट्राला अनियंत्रित होकर डेढ़ सौ मीटर गहरी खाई में गिर गया। इस ट्राले में
उत्तराखंड में धधकते जंगलों को अब इंद्र देव से आस, 7 मई से राज्य में बारिश की उम्मीद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंडवासियों से सहयोग की अपील करते हुए कहा, 'वन संपदा हमारी विरासत है, जिसे हमें हर कीमत पर सुरक्षित रखना है.' पिछले साल 1 नवंबर से अब तक राज्य में जंगल में आग लगने की 910 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे करीब 1145 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है.
महिलाओं को हजार रुपये महीना न मिले, इसलिए सीएम को जेल में डाला - सुनीता केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने रविवार को दक्षिणी दिल्ली में
Masik Shivratri 6 May 2024 Shiv Ji Puja :हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।इस समय वैशाखमास चल रहा है। वैशाख मास की मासिक शिवरात्रि आज यानी 6मईको है।
संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में बनी हीरामंडी नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है. इस सीरीज में तवायफों की कहानी दिखाई गई है. कैसे वो ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ती हैं.
तेलंगाना सरकार वसूल रही राहुल रेवंत टैक्स - अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यहां रविवार को आरोप लगाया कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार देश में
आग को आतंकी हमला बता मचा दिया हड़कंप, DTU के छात्र की शरारत से उड़े दिल्ली पुलिस के होश
डीटीयू के बीटेक के एक छात्र ने शरारत करते हुए अग्निकांड का एक वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए डीटीयू में आतंकीहमला होने की बात लिख डाली। इससे पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया।
पीएम मोदी के अयोध्या में रोड शो से फिर छिड़ी राम मंदिर पर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या में रोड शो एक शानदार नजारा था, जो प्राचीन शहर के गहरे
Good Morning: सोमवार की सुबह गुड मॉर्निंग विश करने के लिए बेहतरीन हैं ये मैसेज
Good Morning Monday Message: सुबह का समय सबसे अच्छा होता है एक नई शुरुआत करने के लिए। ऐसे में अपनों को मोटिवेशन देने और खुद को प्रोत्साहित करने के लिए ये मैसेज पढ़ें और अपनों के साथ भी शेयर करें।
ओवैसी-आंबेडकर ने बिगाड़ा गणित, BJP के लिए सोलापुर मुश्किल, जानें समीकरण
महाराष्ट्र में 11 सीटों पर 7 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार रविवार को खत्म हो गया और मतदान की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सोलापुर लोकसभा सीट पर भी वोटिंग 7 मई को होगी। इससे पहले आपको यहां का समीकरण बताते हैं।
अब नहीं रहेगा मौसम कूल-कूल, दिल्ली में पड़ने वाली है भीषण गर्मी, लू भी चलेगी, IMD का ताजा अपडेट
Delhi Weather News Today: दिल्ली की गर्मी अब परेशान करने लगी है। तापमान बढ़ने से न बाहर चैन है न अंदर। हालांकि अभी लू शुरू नहीं हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी गर्मी का प्रकोप और बढ़ेगा। रविवार को अधिकतम तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस रहा। राहत की संभवना कम है।
रश्मि खत्री, देहरादून: उत्तराखंड में उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ और देहरादून जिले के कुछ इलाकों में आज तेज गर्जना के साथ हल्की बारिश होने के आसार हैं। देहरादून का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया है। बारिश होने से इस प्रचंड गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। देहरादून …
वृश्चिक राशिफल 6 मई : शानदार दिन, खूब मनाएंगे जश्न, शाम होते-होते खूब कमा लेंगे धन-दौलत
Scorpio Horoscope today vrishchik Rashi ka Rashifal Today: राशि चक्र की यह आठवीं राशि है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा वृश्चिक राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि वृश्चिक मानी जाती है।
Weather : आज से लोगों को और सताएगी सूरज की तपिश, अधिकतम तापमान 42 डिग्री तक पहुंचने के आसार
राजधानी में सोमवार से गर्मी का सितम और बढ़ेगा।
IPL 2024 points Table Updated List- श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली कोलकाता नाइट राइडर्स ने रविवार रात लखनऊ सुपर जाएंट्स पर 98 रनों की बड़ी जीत दर्ज करते हुए पॉइंट्स टेबल में नंबर-1 का स्थान हासिल किया।
दिल्लीवालों को हर दिन के ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) राजधानी में 10 नए फ्लाईओवर, एलिविटेड रोड और अंडरपास बनाने की योजना बना रहा है।
कन्या राशिफल 6 मई : आज जीवन में होंगे बड़े बदलाव, धन का आवक बढ़ेगा, प्रॉब्लम्स होंगी दूर
Virgo Horoscope today Kanya Rashi Ka Rashifal Horoscope : राशि चक्र की यह छठी राशि है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा कन्या राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि कन्या मानी जाती है।
प्रज्वल रेवन्ना कांड: सेक्स वीडियो वायरल होने का बाद नर्क हुआ महिलाओं का जीवन, पति ही उठा रहे सवाल
वीडियो वायरल होने के बाद कई महिलाओं की पहचान सामने आ गई है, जिसके चलते कई महिलाएं हासन छोड़कर जा चुकी हैं। प्रज्वल के खिलाफ रेप केस करने वाली एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य के गांव में भी हाल ऐसे ही हैं।
Delhi Weather Forecast : दिल्ली में रविवार का दिन इस सीजन में अब तक का सबसे गर्म दिन रहा। सफदरजंग का अधिकतम तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री ज्यादा है।
कतर में रह रहे हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह ने कहा कि इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू संघर्ष के दायरे का विस्तार करना चाहते हैं और और विभिन्न मध्यस्थयों और पक्षों के जरिए किए गए प्रयासों को नाकाम करना चाहते हैं।
Leo Horoscope today Singh Rashi ka Rashifal Horoscope : राशि चक्र की यह पांचवीं राशि है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा सिंह राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि सिंह मानी जाती है।
विपक्षी गठबंधन के अध्यक्ष के ताज में भरे कांटे निकालने की चुनौतियों से जूझ रहे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की प्रतिष्ठा गृहनगर में भी दांव पर है।
Aaj Ka Rashifal 06 May 2024: व्यापार में नुकसान उठाना पड़ सकता है, पैतृक संपत्ति से लाभ होगा
Aaj Ka Rashifal 06 May 2024: कर्क राशि वालों के लिए आज का दिन आपके लिए महत्वपूर्ण है। कोई बड़ा निर्णय कार्य क्षेत्र में आज आप ले सकते हैं।
Aaj Ka Panchang 6 May 2024 : हिन्दू पंचांग का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। पंचांग शब्द का अर्थ है , पांच अंगो वाला। पंचांग में समय गणना के पांच अंग हैं- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण।
दिल्ली हाईकोर्ट बोला- अभिभावक AC का खर्च उठाएं, स्कूल को एसी शुल्क लेने से रोकने की अर्जी खारिज
अदालत ने कहा कि स्कूल का चयन करते समय माता-पिता को स्कूल में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं और लागत का ध्यान रखना होगा। ऐसी सुविधाएं प्रदान करने का वित्तीय बोझ अकेले स्कूल पर नहीं डाला जा सकता।
यूपी में अगले तीन दिनों तक छिटपुट बारिश हो सकती है। इससे आम जनता को बड़ी राहत मिल सकती है। बीते काफी समय से तेज तापमान की वजह से लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दोपहर के समय भीषण धूप से जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।
S Jaishankar News: सिखों की मौत पर भारत को ही क्यों घेरता है कनाडा, एस जयशंकर ने खोली ट्रूडो की पोल
पिछले साल सर्दियों में ओटावा व नई दिल्ली के बीच राजनयिक संबंधों को बिगाड़ दिया था। कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि इस अपराध में भारतीय खुफिया एजेंसी के जुड़े होने के सुबूत हैं।
दिल्ली में 41.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा अधिकतम तापमान, कल से राजस्थान में लू चलने का अनुमान
मौसम विभाग ने सोमवार को दिल्ली में आसमान के साफ रहने का अनुमान जताया है. वहीं, अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 41 और 24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
जो नहीं काम का, वह नहीं राम का, महाराष्ट्र की रैली में बोले उद्धव ठाकरे
Uddhav Thackeray Rally: उद्धव ठाकरे ने कहा कि भले ही बीजेपी उनके लिए दरवाजा खोले, लेकिन वह अपने पूर्व सहयोगी के पास वापस नहीं जाएंगे। उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया। वह महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।
Horoscope 6 May 2024 rashifal: ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकलन किया जाता है। 6 मई को सोमवार है। सोमवार का दिन कुछ राशि वालों के लिए शुभ तो कुछ राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा।
'मोदी वर्ल्ड लीडर हैं। हर हिंदू भगवान गणेश की पूजा करता है। क्या कोई भी किसी को ऐसा करने से रोक सकता है। मोदी मेरे रोल मॉडल हैं और मेरे दिल में हैं। मोदी की आइडियोलॉजी को मैं चुनाव के बाद भी लोगों के बीच पहुंचाता रहूंगा।' ये कर्नाटक के पूर्व डिप्टी CM केएस ईश्वरप्पा हैं। बेटे के लिए BJP से टिकट मांग रहे थे, नहीं मिला तो खुद BJP के गढ़ शिवमोगा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। एक तरफ वे BJP के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा पर हमलावर हैं, तो दूसरी तरफ PM मोदी की तारीफ भी कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि बीएस येदियुरप्पा के कारण उनके बेटे को टिकट नहीं मिला। ईश्वरप्पा के चुनावी मैदान में उतरने से इस बार शिवमोगा की लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। कांग्रेस ने यहां से कर्नाटक के पूर्व CM एस बंगरप्पा की बेटी गीता शिवराजकुमार को मैदान में उतारा है। BJP से पूर्व CM बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र चुनाव लड़ रहे हैं। राघवेंद्र यहां से 2009, 2018 और 2019 में चुनाव जीत चुके हैं। शिवमोगा येदियुरप्पा का गढ़, लिंगायत उनके साथशिवमोगा के सीनियर जर्नलिस्ट रवि कुमार कहते हैं, ‘कर्नाटक में शिवमोगा हाई प्रोफाइल सीट है। यहां से कई बड़े नेता चुनाव लड़ते रहे हैं। फिलहाल BJP कैंडिडेट बीवाई राघवेंद्र सबसे मजबूत नजर आ रहे हैं। राघवेंद्र की शिवमोगा में अच्छी इमेज है। BJP कार्यकर्ताओं की नजर में भी वे अच्छे नेता हैं।' 'वे चुनाव में लगातार डेवलपमेंट की बात कर रहे हैं, हिंदुत्व जैसा कोई मुद्दा नहीं उठा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह कि सबसे मजबूत कास्ट लिंगायत उनके सपोर्ट में है। इस सीट पर उनकी संख्या सबसे ज्यादा है।’ रवि आगे कहते हैं, ‘कांग्रेस कैंडिडेट गीता शिवराजकुमार भी पूर्व CM बंगरप्पा की बेटी हैं। एक वक्त पर बंगरप्पा भी येदियुरप्पा के बराबर के नेता थे। गीता फेमस कन्नड़ एक्टर शिवराजकुमार की पत्नी हैं। 2014 में उन्होंने JDS के टिकट पर येदियुरप्पा के खिलाफ चुनाव लड़ा था और तीसरे नंबर पर रही थीं।' 'उनकी सबसे बड़ी कमजोरी है कि वे लोकल नहीं हैं। आम लोग उनसे मिल नहीं सकते इसलिए उन्हें सेलिब्रिटी कैंडिडेट की तरह देखा जा रहा है।’ शिवमोगा येदियुरप्पा परिवार का गढ़ रहा है। इस सीट पर 4.1 लाख आबादी वाली इडिगा कम्युनिटी सबसे बड़ी है। इसका सपोर्ट BJP से ज्यादा कांग्रेस को माना जाता है। इडिगा के बाद 2.5 लाख लिंगायत कम्युनिटी है। इसी कम्युनिटी से येदियुरप्पा आते हैं और माना जाता है कि पूरे कर्नाटक में लिंगायत कम्युनिटी येदियुरप्पा को ही सपोर्ट करती है। तीसरे नंबर पर 2 लाख पॉपुलेशन वाली मुस्लिम कम्युनिटी है, जो कांग्रेस को सपोर्ट करती है। 1.5 लाख पॉपुलेशन वाली ब्राह्मण कम्युनिटी BJP की तरफ नजर आती है। हालांकि इस इक्वेशन के बाद भी शिवमोगा को कई साल से येदियुरप्पा परिवार ही जीतता आया है। येदियुरप्पा हार्ड हिंदुत्व की राजनीति नहीं करते, इसलिए मुस्लिम भी उन्हें वोट करते हैं। इन चार बड़ी कम्युनिटी के अलावा वोक्कालिग्गा, OBC, ST, SC के थोड़े वोट हैं, जो इन्हें अपनी तरफ कर लेता है, वो सीट जीत जाता है। BJP का एक गुट ईश्वरप्पा को सपोर्ट कर रहासीनियर जर्नलिस्ट रवि कुमार के मुताबिक, ’BJP के बागी ईश्वरप्पा पार्टी के वफादार रहे हैं। वे उग्र हिंदुत्व के समर्थक रहे हैं। वे बेटे के लिए हावेरी सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन नहीं मिला तो अब BJP के खिलाफ हो गए हैं। वे कितना नुकसान कर पाएंगे, ये कह नहीं सकते। इतना अंदाजा है कि उनके इलाके के 1.5 लाख वोट काट लेंगे।’ शिवमोगा में हमने लोगों से बात की तो पता चलता है कि ईश्वरप्पा को BJP की एक लॉबी का भी सपोर्ट है। इसी वजह से ईश्वरप्पा सिर्फ राघवेंद्र को टारगेट कर रहे हैं। मोदी-शाह की हर रैली में तारीफ कर रहे हैं। कह रहे हैं कि उनसे कोई दिक्कत नहीं है। BJP पहले भी येदियुरप्पा को कंट्रोल करने के लिए ईश्वरप्पा का इस्तेमाल कर चुकी है। येदियुरप्पा CM थे, तब भी ईश्वरप्पा ने राज्यपाल से CM की शिकायत की थी। दोनों के बीच ये अनबन 2009 से चल रही है। येदियुरप्पा और ईश्वरप्पा के बीच तकरार पुरानी एक घटना 2011 की है। तब येदियुरप्पा को करप्शन के आरोप में जेल जाना पड़ा, तो उन्होंने सदानंद गौड़ा को CM बनाया। तभी से ईश्वरप्पा बेहद नाराज हैं। ये दोनों नेता क्लोज माने जाते थे, लेकिन तब से आमने-सामने हैं। जर्नलिस्ट कुमार कहते हैं, ‘ये भी सच है कि येदियुरप्पा फैमिली को काउंटर करने के लिए RSS हमेशा से ईश्वरप्पा का इस्तेमाल करती रही है। आप ये देखिए कि ईश्वरप्पा लगातार येदियुरप्पा और उनके परिवार को निशाना बना रहे हैं, लेकिन BJP सेंट्रल लीडरशिप ने उनके खिलाफ एक बयान तक नहीं दिया। इसी से सब साफ हो जा रहा है।’ राघवेंद्र सिर्फ डेवलपमेंट की बात कर रहे, कांग्रेस गारंटी के मुद्दे पर लड़ रहीफरवरी, 2023 में PM मोदी ने शिवमोगा में 3600 करोड़ के प्रोजेक्ट्स की नींव रखी थी। इसमें शिवमोगा के लिए दो रेलवे प्रोजेक्ट, मल्टीपल रोड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, मल्टी विलेज स्कीम्स के साथ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शामिल थे। शिवमोगा घूमने पर भी पता चलता है कि यहां बड़े लेवल पर डेवलपमेंट हुआ है। पिछले साल ही एयरपोर्ट भी ऑपरेशनल हो चुका है। ऐसे में BJP ने यहां डेवलपमेंट को ही मुख्य मुद्दा बनाया है। हालांकि रोजगार पैदा न होना एंटी इनकम्बेंसी का एक बड़ा फैक्टर है। वहीं, कांग्रेस को अपनी 5 गारंटी से उम्मीदें हैं। सिर्फ इस सीट पर 10 लाख लाभार्थी हैं। कांग्रेस का दांव इन पर ही है। कांग्रेस को लगता है कि हर महीने महिलाओं को 2000 रुपए, फ्री बस राइड जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, उससे महिलाओं के वोट उसे ही मिलेंगे। कांग्रेस को एक उम्मीद ईश्वरप्पा से भी है। उसे लगता है कि ईश्वरप्पा BJP में थे और कट्टर हिंदूवादी नेता हैं। ऐसे में वे BJP के ही वोट काटेंगे, जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा। BJP: हमारी लड़ाई कांग्रेस से, ईश्वरप्पा का ज्यादा असर नहींनॉर्थ कर्नाटक में BJP के चार जिलों के क्लस्टर हेड भानुप्रकाश कहते हैं, ‘शिवमोगा में त्रिकोणीय मुकाबला नहीं है। हम तो सभी 23 उम्मीदवारों को अपना राइवल मानकर चुनाव लड़ रहे हैं। सिर्फ ईश्वरप्पा की बात नहीं करनी चाहिए, वे भी बस एक कैंडिडेट हैं। सीधी लड़ाई कांग्रेस और BJP के बीच ही है। आप ईश्वरप्पा की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे पहले BJP में ही थे।’ ‘जहां तक ईश्वरप्पा के हिंदुत्व की बात है तो मैं आपको बता दूं, BJP ने ही हम सबको हिंदुत्व सिखाया है। आप कांग्रेस में जाकर हिंदुत्व फॉलो नहीं कर सकते, कांग्रेस एंटी-हिंदू है। आप ही सोचिए कि जिस पार्टी ने पाल-पोसकर बड़ा किया, उसी की पीठ पर हमला करना कहां तक ठीक है।’ वे कहते हैं, ‘हम सिर्फ डेवलपमेंट और मोदी जी की क्लीन छवि और शासन के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। राघवेंद्र की छवि यहां काफी अच्छी है। पहले यहां से सिर्फ 2 ट्रेन बेंगलुरु जाती थीं, अब 27 जाती हैं। एयरपोर्ट बना है, फ्लाइओवर बने हैं, सड़कें बनी हैं।’ ‘कांग्रेस की 5 गारंटी का थोड़ा असर ग्राउंड पर है, लेकिन हम लोगों से जब बात करते हैं तो उन्हें समझ आ जाता है कि ये चुनाव प्रधानमंत्री चुनने के लिए है। ये गारंटी राज्य से संबंधित है। आप वोट बैंक के हिसाब से भी देखेंगे तो हम लीड कर रहे हैं, इस बार भी हम ही जीतेंगे।’ कांग्रेस: 10 साल में लोग मोदी सरकार से परेशानकर्नाटक कांग्रेस की प्रदेश कमेटी के जनरल सेक्रेटरी एन. रमेश कहते हैं, ‘लोग 10 साल में मोदी सरकार से परेशान हो गए हैं। 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था, 15 लाख रुपए हर किसी के अकाउंट में देने का बोला था, किसी को कुछ मिला क्या। पुलवामा जैसी घटना का इस्तेमाल चुनाव में किया। इस बार राम मंदिर के भरोसे थे, लेकिन शंकराचार्य ने ही विरोध कर दिया।’ ‘हमने लोगों को 5 किलो चावल दिए और 170 रुपए अकाउंट में डालने शुरू कर दिए। ईश्वरप्पा भी BJP को ही नुकसान करने वाले हैं, लेकिन इस सीट पर सीधी लड़ाई BJP-कांग्रेस में ही है। लिंगायत उनके साथ है तो OBC, माइनॉरिटी और SC-ST हमें सपोर्ट कर रहे हैं।’ राघवेंद्र शिवमोगा में पॉपुलर, लोग बोले- वही जीतेंगेशिवमोगा में लोगों से बात करने पर पता चलता है कि बीवाई राघवेंद्र यहां काफी पॉपुलर हैं। ऑटो ड्राइवर श्रीधर कहते हैं, ‘30 साल से यहां ऑटो चला रहा हूं। BJP-कांग्रेस दोनों पार्टी एक जैसी हैं, लेकिन राघवेंद्र हमें पसंद हैं। उन्होंने यहां रोड बनवाई और विकास किया। हमें तो कांग्रेस की 5 गारंटी नहीं पसंद आई।’ यहीं मिली नागलक्ष्मी कहती हैं, ‘BJP और राघवेंद्र ही जीतेंगे। वे धर्म बचा रहे हैं, इसलिए हमें पसंद है। येदियुरप्पा तो ठीक हैं, हमें मोदी पसंद हैं। लोग कांग्रेस से 2 हजार रुपए ले रहे हैं, मैं भी ले रही हूं, लेकिन वोट उन्हें नहीं देंगे। हम धर्म और BJP के विकास पर वोट देंगे।’ हालांकि कांग्रेस का भी यहां बड़ा वोट बैंक है। बिजनेसमैन एसए बाबू उन्हीं में शामिल हैं। वो कहते हैं, ‘शिवमोगा में इस बार कांग्रेस काफी मजबूत नजर आ रही है। लोग 5 गारंटी से काफी खुश हैं। महिलाओं में कांग्रेस की गारंटी काफी पॉपुलर है। यहां पहले BJP मजबूत थी, लेकिन इस बार लग रहा है कि कांग्रेस कम से कम डेढ़ लाख वोटों से जीतेगी।’ ......................................................... इन VIP सीट के बारे में भी पढ़िए
Aaj Ka Panchang 06 May 2024: 06 मई का सूर्योदय-चंद्रोदय का समय, शुभ मुहूर्त और राहुकाल, पढ़ें यहां
आज कई शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं। सोमवार की दिशा शूल पूर्व है। अतः इस दिशा में यात्रा करना वर्जित है।
‘2019 की बात है। अचानक से मेरी तबीयत ज्यादा खराब रहने लगी। डॉक्टर के पास गई तो उन्होंने UTI यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने की बात कही। मैं सोचने लगी- ये तो महिलाओं में आम बीमारी है। मेडिकल डेटा कहता है कि हर 3 में से एक महिला को UTI इन्फेक्शन होता है। इससे पहले भी एक बार और मुझे यह हुआ था। मुझे लगा कि इस बार भी यह ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। डॉक्टर ने सलाह दी कि सैनिटरी पैड के इस्तेमाल की वजह से ऐसा हुआ है। मुझे एक बार मेंस्ट्रुअल कप यूज करना चाहिए। मैं और मेरे हसबैंड दोनों मेंस्ट्रुअल कप को लेकर सर्च करने लगे। पूरा इंटरनेट छान मारा, लेकिन जिस तरह का प्रोडक्ट हमें चाहिए था वह नहीं मिला। आखिर में स्विट्जरलैंड से मंगवाना पड़ा। इसी के बाद मैंने अपनी मेंस्ट्रुअल कप बनाने और बेचने की कंपनी शुरू की।’ दिल्ली बेस्ड मेंस्ट्रुअल कप बेचने वाली कंपनी ‘माइल्डकेयर्स’ की को-फाउंडर रचना व्यास आपबीती सुना रही हैं। रचना के साथ उनके पति संदीप व्यास मौजूद हैं, जो इस कंपनी के को-फाउंडर और डायरेक्टर हैं। रचना बताती हैं, ‘अपने देश में एक तो 60 प्रतिशत महिलाएं आज भी माहवारी के दौरान सैनिटरी पैड का इस्तेमाल नहीं करती हैं। वह पुराने जमाने की तरह कपड़ा ही इस्तेमाल करती हैं। उन्हें सैनिटरी पैड के बारे में तो पता है, लेकिन मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल के बारे में नहीं पता। पैड्स से UTI क्यों होता है? 'दरअसल पैड्स बनाने में 80-90% प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। इससे हर साल 33 लाख टन कचरा पैदा होता है। अब आप भी समझ सकते हैं कि ये एन्वायर्नमेंट के लिहाज से कितना बड़ा खतरा है। यही कारण महिलाओं को भी बीमार करता है। मेंस्ट्रुअल कप डॉक्टर की सलाह से हर एक महिला माहवारी के दौरान इस्तेमाल कर सकती है। महिलाओं में, लोगों में इसको लेकर कई सारी भ्रांतियां हैं, झूठी अवधारणा है।’ रचना मुझे मेंस्ट्रुअल कप दिखा रही हैं। यह दिखने में रबर जैसा लग रहा है। वह कहती हैं, ‘यह सिलिकॉन से बना होता है। बच्चों के दूध पीने की बॉटल का निपल भी इसी मटेरियल का होता है। यह हेल्थ के लिए नुकसानदेह नहीं है। जब हमने मेंस्ट्रुअल कप बनाना शुरू किया, तो उस वक्त तक ये चीन से ही इम्पोर्ट होकर आता था। एक ही साइज में मार्केट में बिकता था। हमने इसके साइज को कस्टमाइज किया। अलग-अलग उम्र की महिलाओं के मुताबिक हमने इसे बनाया है।’ रचना का दावा है कि उन्होंने इंडिया में बनने वाला पहला मेंस्ट्रुअल कप बनाया है। इससे पहले तक इंडिया में कप की मैन्युफैक्चरिंग नहीं होती थी। आपने माइक्रो बायोलॉजी या मेडिकल रिलेटेड स्टडी की है? ‘मैंने MBA किया है।' घर परिवार में कोई मेडिकल फील्ड में? 'नहीं। मैं झारखंड के टाटानगर से हूं। पापा डिफेंस में थे। बाद में मैं पढ़ने के लिए दिल्ली आ गई, उसके बाद कुछ सालों तक जॉब किया, फिर शादी हो गई। सब पिछले 3 सालों की मेहनत और सीख का नतीजा है।’ संदीप इस कंपनी के डायरेक्टर हैं। तकरीबन 10 साल डिजिटल मार्केटिंग में जॉब करने के बाद उन्होंने पत्नी रचना के साथ इस बिजनेस को शुरू किया था। वह कहते हैं, ‘मैं तो प्योर रिमोट एरिया से आता हूं। झांसी का रहने वाला हूं। घर में हम 10 भाई-बहन। अमूमन जैसा हर इंडियन फैमिली में होता है, मुझे नहीं याद कि कभी मैंने अपने घर में इस सब्जेक्ट पर बात करते हुए किसी को सुना होगा। गांव में तो आज भी महिलाएं छुप-छुपाकर ही सैनिटरी पैड भी खरीदती हैं। जब रचना को प्रॉब्लम हुई, हमने स्विट्जरलैंड से एक मेंस्ट्रुअल कप मंगवाया। आप यकीन नहीं करेंगे, इसे आने में ढाई महीने लग गए। 4 हजार का खर्च आया था। अब बताइए कि किसी को प्रॉब्लम आज होगी और वह ढाई महीने बाद इसका इस्तेमाल करेगा, तब तक कितनी दिक्कतें बढ़ चुकी होंगी। मुझे लगा कि इसमें मार्केट गैप तो है। पिछले कई दशकों से इंडियन महिलाएं सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करती आ रही हैं, लेकिन अब कुछ सालों से मेंस्ट्रुअल कप का भी इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि अभी सिर्फ 1 प्रतिशत के आसपास ही महिलाएं इसका यूज कर रही हैं।’ दिल्ली के जिस ऑफिस में हम बैठे हुए हैं, वहां संदीप की कंपनी का पूरा ऑपरेशन सिस्टम सेट है। पूछने पर कहते हैं, ‘इसकी मैन्युफैक्चरिंग मुंबई में होती है। शुरुआत में हमने करीब 20 लाख इन्वेस्ट किया था। अब इतने पैसे भी नहीं थे कि खुद का प्लांट सेट करता। कई महीने तक मैन्युफैक्चरर को ढूंढने के बाद हमने एक कंपनी के साथ टाइ-अप किया, जो पहले से मेडिकल एक्सेसरीज बनाती आ रही है। हम मेंस्ट्रुअल कप को तीन कैटेगरी में बना रहे हैं। स्मॉल, मीडियम और लार्ज। अपनी जरूरत के मुताबिक महिलाएं इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। जैसा कि आप भी जानते हैं, हम अपनी फैमिली में जब इस पर खुलकर बात नहीं कर सकते हैं, तो फिर बिजनेस शुरू करना तो दूर की बात है। शुरुआत के करीब एक-डेढ़ साल तक तो हमने कभी किसी को बताया ही नहीं कि क्या कर रहे हैं। आज भी हम यही कहते हैं कि मेडिकल सेक्टर में काम कर रहे हैं।’ घरवालों ने रोका नहीं? ‘जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था, उसी वक्त पापा की डेथ हो गई थी। कुछ साल बाद मां भी गुजर गईं। मैं घर में छोटा हूं इसलिए बहनों ने बहुत सपोर्ट किया। कभी पापा की कमी महसूस नहीं होने दी। IIM इंदौर से मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद मैं अलग-अलग कंपनियों के साथ काम करने लगा। रचना से मुलाकात भी जॉब के दौरान ही हुई थी। बाद में हमने शादी कर ली।’ जहां पर मेरी संदीप और रचना से बात हो रही है, उसके एक हिस्से में प्रोडक्ट की पैकेजिंग चल रही है। संदीप कहते हैं, ‘हमने कोरोना के दौरान इसे शुरू किया था, जब कई बिजनेस बंद हो रहे थे। खुद से पैक करना, खुद से डिलिवर करना। पहले कुछ हफ्ते तक तो हर रोज बमुश्किल दो-चार ऑर्डर आते थे। धीरे-धीरे जब सोशल मीडिया पर मार्केटिंग करनी शुरू की, तो हमारा बिजनेस बढ़ने लगा। पहले साल 24 हजार ऑर्डर हमने डिलिवर किया था। आज हर साल डेढ़-दो लाख ऑर्डर सेल कर रहे हैं। हर महीने 10-12 हजार ऑर्डर आते हैं। पहले साल हमने 56 लाख का बिजनेस किया था। पिछले साल तक की कमाई 2 करोड़ थी और इस साल करीब 3-5 करोड़ के बिजनेस का प्रोजेक्शन है। हम मेंस्ट्रुअल कप के अलावा पीरियड क्रैंप रिलीफ प्रोडक्ट, स्टैंड पी किट, वुमन हाइजीन किट… ये सब बना रहे हैं।’ संदीप की कंपनी उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों को मेंस्ट्रुअल कप और सैनिटरी पैड्स फ्री में देती है। वह कहते हैं, ‘हमारा मकसद है कि गांव-गांव में मेंस्ट्रुअल कप को लेकर अवेयरनेस फैले। मेरठ का एक गांव है, जहां की सभी महिलाएं आज की तारीख में मेंस्ट्रुअल कप यूज करती हैं। अब वे सैनिटरी पैड के इस्तेमाल के बारे में सोचती भी नहीं।’ जब ये इतना यूजफुल है, फिर सभी महिलाएं इसका इस्तेमाल क्यों नहीं करती हैं? ‘दरअसल महिलाओं को पता ही नहीं है कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है। इसे इंसर्ट कैसे करना है। हम गांव-गांव में इसकी ट्रेनिंग देते हैं। हमारे साथ गायनेकोलॉजिस्ट और माइक्रो बायोलॉजिस्ट भी काम कर रहे हैं।’ संदीप की कंपनी की सोशल इम्पैक्ट एडवाइजर हैं डॉ. शिखा धवन। वह भी हमारी बातचीत को सुन रही हैं। कहती हैं, ‘मैं तो लंबे अरसे से गांव की महिलाओं के साथ काम करती आ रही हूं। जब मेंस्ट्रुअल कप को लेकर काम करना शुरू किया, तो महिलाओं के बड़े अजीबोगरीब सवाल होते थे कि कहीं ये शरीर के भीतर चला गया तो या इसे बाहर निकालने में दिक्कत तो नहीं होगी। हमारी बेटी अविवाहित है। उसकी वर्जिनिटी तो नहीं चली जाएगी। इस-इस तरह के तो लोग सवाल करते हैं जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। हम जिस मेंस्ट्रुअल कप की बात कर रहे हैं, उसमें एक सॉफ्ट पूंछ जैसा भी डिजाइन किया गया है, ताकि इसे निकालने में आसानी हो। कप को इस्तेमाल कर महिलाएं हर तरह की एक्टिविटी कर सकती हैं, चाहे वो स्विमिंग ही क्यों न हो। एक बात समझिए कि किसी महिला को अपनी पूरी लाइफ में 7-10 हजार सैनिटरी पैड्स की जरूरत पड़ती है, जबकि मेंस्ट्रुअल कप वो सिर्फ 5-7 इस्तेमाल कर सकती है। एक कप की ड्यूरेशन 5 साल तक है। गर्म पानी में खौलाकर धोकर इसे बार-बार, हर माहवारी के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है। समझ सकते हैं कि इससे पैसों की भी कितनी बचत है।’ अब इस ग्राफिक्स को भी पढ़ लीजिए... नोट- मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
अमेठी, जहां से संजय गांधी ने अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत की और पहला ही चुनाव हार गए। इसी सीट की वजह से इंदिरा गांधी ने अपनी बहू मेनका को घर से निकाल दिया। ये सीट 5 दशक तक गांधी परिवार के सदस्यों का लॉन्चिंग पैड रही। 2019 में राहुल गांधी यहां से चुनाव हार गए। 25 साल में पहली बार अमेठी सीट पर गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है। रायबरेली, जहां से जवाहर लाल नेहरू ने आजादी के बाद अपने दामाद फिरोज गांधी को चुनाव लड़वाया। इसी सीट पर इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द होने के बाद उन्होंने देश में इमरजेंसी लगा दी थी। सोनिया गांधी यहां से लगातार 20 साल सांसद रहीं। अब रायबरेली सीट से राहुल गांधी ने नामांकन किया है। मंडे मेगा स्टोरी में अमेठी और रायबरेली की चुनावी राजनीति से जुड़े गांधी परिवार के सुने-अनसुने किस्से… 1857 की क्रांति को कुचलने के लिए जब अंग्रेज सेना दिल्ली में घुसी तो उस वक्त मोतीलाल नेहरू के पिता गंगाधर नेहरू शहर के कोतवाल थे। अंग्रेजों के खौफ से गंगाधर नेहरू परिवार समेत दिल्ली छोड़ आगरा जाकर बस गए। मार्च 1861 में महज 34 साल की उम्र में गंगाधार नेहरू का निधन हो गया। उसके तीन महीने बाद 6 मई 1861 को मोतीलाल नेहरू पैदा हुए। मोतीलाल की परवरिश उनके बड़े भाई नंदलाल नेहरू ने की। नंदलाल पहले राजस्थान की खेतड़ी रियासत में दीवान थे और बाद में आगरा हाईकोर्ट में वकालत करने लगे। अंग्रेजों ने हाईकोर्ट आगरा से इलाहाबाद शिफ्ट की तो नेहरू परिवार भी इलाहाबाद में बस गया। यहीं पर मोतीलाल नेहरू ने भी वकालत शुरू कर दी। नेहरू-गांधी परिवार के अमेठी से रिश्ते की नींव इसी दौर में पड़ी। अमेठी की वरिष्ठ पत्रकार और वकील शीतला मिश्रा बताती हैं कि गांधी परिवार का अमेठी से रिश्ता तब से है जब अमेठी के राजा रणंजय सिंह का राज्य ब्रिटिश सरकार द्वारा जब्त किया जा रहा था और उन्होंने मोतीलाल नेहरू से उनके लिए मुकदमा लड़ने को कहा था। लेखक अनंत विजय अपनी किताब ‘डायनेस्टी टू डेमोक्रेसी’ में जिक्र करते हैं कि पंडित मोतीलाल नेहरू उस दौर के चर्चित वकीलों में एक थे। मोतीलाल नेहरू ने 1910 के केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषद चुनाव भी लड़ा था। मोतीलाल नेहरू की तरह ही 1926 में जवाहर लाल नेहरू ने फैजाबाद-मछलीशहर संयुक्त सीट से चुनाव लड़ा। इसके बाद नेहरू ने अमेठी रियासत को ही अपनी राजनीति का केंद्र बनाया। यहीं से चुनावों का संचालन किया। कहा जाता है कि वो राजा रणंजय सिंह के पारिवारिक वकील भी थे। 1947 में देश आजाद हुआ तो 543 रियासतों की तरह अमेठी रियासत का भी देश में विलय हो गया। नेहरू ने उस समय रियासत के राजा रणंजय सिंह को मंत्री बनने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हालांकि बाद में वो अमेठी की राजनीति में सक्रिय रहे और नेहरू-गांधी परिवार से उनके रिश्ते मजबूत होते चले गए। अमेठी में हार से शुरू हुआ गांधी परिवार की जीत का सिलसिला अमेठी लोकसभा सीट 1967 में अस्तिव में आई। शुरुआत के दो चुनाव यानी 1967 और 1971 में यहां से कांग्रेस के विद्याधर बाजपेयी ने जीत दर्ज की। इमरजेंसी के बाद संजय गांधी की लॉन्चिंग के लिए कांग्रेस को सुरक्षित सीट की तलाश थी। 1977 में संजय गांधी ने पहली बार अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा। इमरजेंसी के दौरान जबरन नसबंदी कराने में उनकी भूमिका होने के कारण उनका स्थानीय लोगों ने विरोध किया। इसी वजह से जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि तीन साल बाद 1980 में हुए चुनाव में संजय गांधी ने करीब एक लाख 87 हजार वोट से रवींद्र प्रताप सिंह को हराकर हिसाब बराबर कर दिया। अमेठी और गांधी परिवार के लंबे रिश्ते की ये शुरुआत थी। हालांकि संजय गांधी का अमेठी में कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं रहा। संजय की मृत्यु के बाद इंदिरा ने राजीव गांधी को अमेठी भेजा 23 जून 1980 को एक विमान दुर्घटना में संजय गांधी के निधन की खबर आई। उस समय उनके बड़े भाई राजीव गांधी लंदन में थे। खबर पहुंचते ही राजीव भारत वापस लौटे और एक सप्ताह के भीतर ही राजनीतिक में शामिल होने का फैसला लिया। 4 मई 1981 को इंदिरा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में राजीव का नाम अमेठी से कैंडिडेट के तौर पर प्रस्तावित किया। बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। इसके बाद राजीव गांधी ने अमेठी से उपचुनाव लड़ा और अपने प्रतिद्वंद्वी लोक दल प्रमुख शरद यादव को 2.5 लाख वोटों से हराया। अमेठी से राजीव को उतारने पर भड़क गईं संजय की पत्नी मेनका गांधी राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई अपनी किताब '24 अकबर रोड: ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द पीपुल बिहाइंड द फॉल एंड राइज ऑफ द कांग्रेस' में लिखते हैं कि 1981 में अमेठी उपचुनाव में जब राजीव गांधी ने नामांकन दाखिल किया तो मेनका गांधी ने उन्हें हराने की कोशिश की थी। किदवई की किताब के मुताबिक, गांधी परिवार के करीबी रहे एक पूर्व राजनयिक मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि उस समय मेनका की उम्र 25 साल भी नहीं थी। वो चुनाव नहीं लड़ सकती थीं। ऐसे में मेनका चाहती थीं कि इंदिरा संविधान में संशोधन कर चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र कम करें, लेकिन इंदिरा गांधी ने इससे साफ इनकार कर दिया। मेनका को लगा कि उनके दिवंगत पति की राजनीतिक विरासत अमेठी पर कब्जा किया जा रहा है। इस घटनाक्रम के बीच 28 मार्च, 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अचानक लंदन से भारत पहुंचीं। स्पेन के लेखक जेवियर मोरो अपनी किताब 'द रेड साड़ी' में लिखते हैं कि वो संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी को सबक सिखाने के इरादे से भारत लौटी थीं। दरअसल, इंदिरा गांधी अकबर अहमद द्वारा आयोजित लखनऊ कन्वेंशन में मेनका के शिरकत करने से नाराज थीं। मोरो की किताब के अनुसार, इंदिरा के घर पहुंचते ही मेनका ने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद मेनका ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। उनका खाना भी हाउसहेल्प ने उनके कमरे में ही पहुंचा दिया। मेनका अपने कमरे से बाहर आकर सिटिंग रूम में बैठ गईं, वहां वो इंदिरा गांधी का इंतजार कर रही थीं। इंदिरा ने मेनका से कहा- यह तुम्हारा नहीं, देश की प्रधानमंत्री का घर है मोरो अपनी किताब में लिखते हैं, ‘कुछ देर बार इंदिरा वहां पहुंचीं, तो वो बहुत गुस्से में थीं। उनके साथ उनके गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी और सेक्रेटरी धवन भी थे। तभी इंदिरा ने मेनका की तरफ उंगली उठाते हुए कहा, इस घर से तुरंत निकल जाओ। इंदिरा चिल्लाते हुए कहती हैं, मैंने तुमसे कहा था कि लखनऊ कन्वेंशन में नहीं जाना, लेकिन तुम्हें वही करना होता है जो तुम चाहती हो। तुम्हें क्या लगता है मुझे कुछ समझ नहीं आता। यहां से तुरंत निकल जाओ।’ मेनका ने अपनी बहन अंबिका को बुलाया और सामान समेटने लगीं। तभी एक बार फिर से इंदिरा का गुस्सा फूटा और कहा, कोई कुछ नहीं लेकर जाएगा। जवाब में अंबिका ने कहा कि वो कहीं नहीं जाएगी। ये उसका भी घर है। गुस्से में इंदिरा ने चिल्लाते हुए कहा, ये उसका नहीं बल्कि भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का घर है। मोरो लिखते हैं कि मेनका रात के करीब 11 बजे कच्ची नींद में सोए 2 साल के वरुण गांधी के साथ सफदरजंग रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास से बाहर निकलने लगीं। घर के बाहर पैर रखा ही था कि कैमरों की फ्लैश लाइट आने लगी। बाहर मीडिया खड़ी थी और अगले दिन अखबारों में मेनका की कार में बैठी फोटो फ्रंट पेज पर छपी थी। उपचुनाव में राजीव की जीत के बाद मेनका गांधी ने लगातार अमेठी का दौरा किया। 1984 में राजीव गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा। हालांकि 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा की हत्या के बाद चीजें बदल गईं। दिसंबर में हुए चुनाव में कांग्रेस को सहानुभूति मिली। राजीव गांधी ने मेनका को अमेठी से 3.14 लाख वोटों से हरा दिया। उसके बाद मेनका कभी भी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ीं, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने गांधी परिवार में दरार पैदा कर दी जो आज तक बनी हुई है। राजीव के शासन में अमेठी में शुरू हुईं बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां और प्रोजेक्ट्स राजीव गांधी ने अमेठी से 1989 और 1991 का चुनाव भी जीता था। उनके कार्यकाल में अमेठी में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और इंस्टीट्यूशन स्थापित किए गए। राजीव गांधी ने 1980 के दशक में जगदीशपुर इंडस्ट्रियल एस्टेट बनाया। 1982 में संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल, 1983 में कोरवा में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का एवियोनिक्स डिवीजन और 1984 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विमानन अकादमी स्थापित किया गया। अमेठी की लखनऊ और वाराणसी से सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर किया। साथ ही बंजर और क्षारीय भूमि को खेती के लिए रिवाइव किया गया। 21 मई 1991 को आतंकी समूह लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) द्वारा राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। सोनिया का पॉलिटिक्स में आने से इनकार, गैर-गांधी बने सांसद राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी ने चुनावी राजनीति में आने से इनकार कर दिया। 1991 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने गैर-गांधी संतीश शर्मा को उतारा और जीते। उन्होंने 1996 में भी सीट बचाई, लेकिन दो साल बाद 1998 में बीजेपी के संजय सिंह से चुनाव हार गए। माना जाता है कि 1988 से ही कांग्रेस केंद्र और उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर थी। इसकी वजह से अमेठी में परियोजनाएं रुक गईं। इस वजह से राजीव गांधी और सोनिया गांधी के कार्यकाल के दौरान उद्योगों और अन्य काम-काज में गिरावट आई। हालांकि 1997 में सोनिया गांधी कांग्रेस में शामिल हुईं और अगले ही साल 1998 में पार्टी अध्यक्ष बन गईं। सोनिया 1999 में अमेठी से पहली बार चुनावी मैदान में उतरीं और 4.18 लाख वोटों के साथ चुनाव जीता। बेटे राहुल को लॉन्च करने के लिए सोनिया अमेठी से रायबरेली शिफ्ट हुईं 2004 में यूपीए गठबंधन आने से कांग्रेस की केंद्र में वापसी हुई। तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी से पहली बार चुनाव लड़ा और 2,90,853 वोटों के साथ जीत हासिल की। उनका सीधा मुकाबला बीजेपी और बीएसपी कैंडिडेट से था। इसके अगले दो चुनाव में भी राहुल गांधी ने आसानी से जीत हासिल की। 2009 में राहुल गांधी 3 लाख वोटों के अंतर से जीते। 2014 में राहुल के खिलाफ स्मृति ईरानी ने चुनाव लड़ा और राहुल की जीत का अंतर घटकर 1.07 लाख रह गया। राहुल गांधी के कार्यकाल के पहले 10 वर्षों के दौरान केंद्र में यूपीए की सरकार थी। वहीं इस दौरान उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (BSP) और कांग्रेस की सहयोगी समाजवादी पार्टी सत्ता में रही थी। इस दौरान अमेठी में राहुल ने कई परियोजनाओं की घोषणा की, लेकिन मंजूरी में देरी के कारण कई पूरी नहीं हो पाईं। गांधी परिवार की पारंपरिक सीट पर 2019 में हारे राहुल गांधी कांग्रेस को बड़ा झटका 2014 में लगा जब बीजेपी की कैंडिडेट स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी। ईरानी करीब एक लाख वोटों से हारी थीं। हार का यह अंतर 2009 की 3.70 लाख वोटों की तुलना में काफी कम था। 2014 की हार के बाद भी स्मृति ने अमेठी का लगातार दौरा किया और काफी एक्टिव रहीं। यही वजह रही कि स्मृति ने 2019 में राहुल गांधी को उनके ही गढ़ अमेठी में करीब 55 हजार वोटों से हरा दिया। हार के बाद राहुल गांधी ने अमेठी सीट छोड़ दी और इस बार रायबरेली से नामांकन किया है। नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान कांग्रेस ने बीजेपी पर अमेठी में परियोजनाओं को बंद करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने जानकारी दी कि अमेठी में राजीव गांधी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन की ब्रांच, फूड पार्क प्रोजेक्ट और डिस्कवरी पार्क 2014 से रुका हुआ था, जबकि हिंदुस्तान पेपर मिल को 2015 में अमेठी से बाहर शिफ्ट कर दिया गया था। हालांकि 2017 में यूपी चुनाव से पहले अमेठी को केंद्र से 702 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात मिली। इसमें फूड प्रोसेसिंग यूनिट, कोल्ड चेन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT), होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट और फुटवियर डिजाइन और डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (FDDI) और पेपर मिल शामिल थे। ***** रायबरेली के वकील विजय विद्रोही के मुताबिक, रायबरेली ने ही कांग्रेस को पहली बार किसान, मजदूर और गरीबों की पार्टी बनाया था। दरअसल 7 जनवरी 1921 को मुंशीगंज गोलीकांड हुआ, जिसमें रायबरेली कूच कर रहे किसानों पर मुंशीगंज सई नदी तट के पास अंग्रेजों ने फायरिंग कर दी। नेहरू उसी समय रायबरेली आए थे और इस घटना के बाद उन्होंने रायबरेली को अपनी कर्मभूमि बना लिया। आजादी के बाद नेहरू ने इलाहाबाद से जुड़ी फूलपुर सीट को चुनावी राजनीति के लिए चुना और रायबरेली से अपने दामाद फिरोज गांधी को चुनाव में उतारा। रायबरेली को इंदिरा का ससुराल तक कहा जाता है। इंदिरा ने पति फिरोज के लिए रायबरेली में किया जमकर प्रचार-प्रसार कांग्रेस के दिग्गज नेता रफी अहमद किदवई ने फिरोज गांधी से रायबरेली से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। स्वीडिश राइटर बर्टिल फाल्क ने अपनी किताब फिरोज: द फॉरगॉटन गांधी में लिखा है कि इंदिरा गांधी ने अपने पति फिरोज गांधी के लिए खूब प्रचार-प्रसार किया। इससे फिरोज गांधी को रायबरेली की जनता के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिली। वोटर्स के बीच उत्साह का माहौल था। फिरोज गांधी चुनाव जीत गए। फाल्क के मुताबिक, फिरोज गांधी के कार्यकाल के दौरान रायबरेली में सड़कों, जल-नहरों, मिल्क फैक्ट्रीज, स्कूल और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स का विकास हुआ। 1957 में रायबरेली की जनता ने फिरोज गांधी को 1.62 लाख वोटों से दोबारा चुना। 1960 में उनके निधन के बाद कांग्रेस के आरपी सिंह ने 1960 उपचुनाव और बैजनाथ कुरील ने 1962 के आम चुनाव में सीट बरकरार रखी। इंदिरा पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप और इमरजेंसी की नींव पड़ी 1967 में इंदिरा गांधी ने अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत करने के लिए रायबरेली सीट को चुना और 1.43 लाख वोटों से जीत दर्ज की। 1971 के चुनाव में भी इंदिरा करीब 2 लाख वोटों के साथ जीतीं। हालांकि उनके प्रतिद्वंद्वी और समाजवादी नेता राज नारायण ने इंदिरा गांधी पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाया। 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनाव अभियान के दौरान राज्य की मशीनरी का उपयोग करने का दोषी ठहराया और 1971 का चुनाव अमान्य घोषित कर दिया। उनके अगले छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी। उधर इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बाद नेशनल सिक्योरिटी का हवाला देते हुए 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगा दी। इसके बाद उन्होंने संसद का सत्र बुलाया और चुनावी कानूनों में संशोधन करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। साथ ही मामले को सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से भी हटा दिया। दिसंबर 1975 में सुप्रीम कोर्ट ने संसद के 1971 चुनाव को वैध घोषित किए जाने के फैसले पर असहमति जताई, लेकिन इसके बाद भी चुनाव कानूनों में बदलाव को बरकरार रखा। इसकी बदौलत इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री पद पर बरकरार रहीं। इमरजेंसी हटने के बाद इंदिरा गांधी की लोकप्रियता काफी कम हो गई। नतीजतन केंद्र में 30 सालों से चल रहा कांग्रेस का शासन समाप्त हो गया। इंदिरा गांधी खुद अपनी सीट रायबरेली करीब 55 हजार वोटों से हार गईं। यह इंदिरा की पहली और एकमात्र चुनावी हार थी। हालांकि बाद में 1978 के उपचुनाव में चिकमंगलूर सीट से वो फिर से लोकसभा के लिए चुनी गईं। इंदिरा गांधी ने छोड़ी रायबरेली, अरुण नेहरू को मिली सीट 1979 में जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद इंदिरा रायबरेली और मेडक दोनों सीटों से जीतीं। चूंकि एक ही सीट से सांसद रह सकते हैं इसलिए उन्होंने रायबरेली सीट को छोड़ दिया। इसके बाद गांधी-नेहरू परिवार के एक और सदस्य अरुण नेहरू (मोतीलाल नेहरू के बड़े भाई नंदलाल नेहरू के परपोते) के राजनीतिक करियर की शुरुआत रायबरेली से हुई। राजीव गांधी के करीबी अरुण नेहरू रायबरेली सीट से 1980 और 1984 में सांसद रहे। 1989 और 1991 के चुनाव में कांग्रेस की शीला कौल रायबरेली से जीतीं। जबकि बीजेपी के अशोक सिंह ने 1996 और 1998 में ये सीट जीती। इन दोनों ही चुनाव में गांधी परिवार का कोई भी सदस्य चुनावी मैदान में नहीं था। 1999 में कांग्रेस के सतीश शर्मा ने बीजेपी में शामिल हो चुके अरुण नेहरू को हराकर सीट जीती। राहुल के लिए अमेठी सीट छोड़ रायबरेली से लड़ीं सोनिया अमेठी को गांधी परिवार की पॉलिटिकल डेब्यू सीट भी कहा जाता है। संजय गांधी और राजीव गांधी की तरह राहुल गांधी के पॉलिटिकल करियर की शुरुआत भी अमेठी से ही हुई। 2004 में सोनिया गांधी ने राहुल गांधी के लिए अमेठी सीट छोड़ते हुए रायबरेली से लड़ने का फैसला लिया। सोनिया गांधी करीब ढाई लाख वोट से विजयी हुईं। हालांकि उन पर लाभ के पद पर रहने के आरोप लगने के बाद उन्होंने सांसद और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उसी वर्ष हुए उपचुनाव में सोनिया 4.17 लाख वोटों के भारी अंतर से दोबारा चुनी गईं। अगले तीन चुनाव में भी सोनिया गांधी रायबरेली सीट से जीतीं। अब उन्होंने राज्यसभा जाने का फैसला लिया है। रायबरेली जीतने के लिए राहुल गांधी के सामने चुनौतियां भी कम नहीं पिछले तीन लोकसभा चुनाव से रायबरेली सीट पर कांग्रेस का वोटिंग प्रतिशत लगातार कम हो रहा है… रायबरेली की कुल जनसंख्या करीब 18 लाख है, जिसमें 34% दलित हैं। हाल ही में चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने पासी दलित बुद्धिलाल पासी को रायबरेली जिला अध्यक्ष बनाया। उन्होंने कहा था, 'मैं पासी समुदाय से आता हूं और यह भरोसा दिला सकता हूं कि अकेले यह समुदाय ही भाजपा को इस सीट पर जीत दिलाने के लिए पर्याप्त होगा।' इसके अलावा सपा विधायक मनोज पांडे ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग की। इससे बीजेपी को ब्राह्मण वोटर्स के साधने की उम्मीद है। रायबरेली सीट से कांग्रेस विधायक और बाहुबली नेता अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह ने भी 2021 में बीजेपी का दामन थाम लिया। हालांकि इन सब चुनौतियों के बावजूद राहुल गांधी को अपनी लेगसी के सहारे जीत की पूरी उम्मीद है।
अप्रैल 1997… एचडी देवगौड़ा पीएम पद से इस्तीफा दे चुके थे। सालभर के भीतर तीसरी बार सवाल उठा- अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? नए प्रधानमंत्री का नाम तय करने के लिए 19 अप्रैल को दिल्ली स्थित आंध्र भवन में यूनाइटेड फ्रंट की एक बैठक बुलाई गई। 13 दलों को मिलाकर बने इस फ्रंट का नेतृत्व चंद्रबाबू नायडू कर रहे थे। वामपंथी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत ने अपना प्रस्ताव रखते हुए कहा, ‘मेरी नजर में अगला प्रधानमंत्री उत्तर भारत से होना चाहिए। जो सांप्रदायिक ताकतों को रोक सके।' सुरजीत का इशारा मुलायम सिंह यादव की ओर था। लेखक और पत्रकार फ्रैंक हुजूर के मुताबिक मुलायम सिंह यादव के नाम पर आम राय बन गई। राष्ट्रपति भवन को भी इसकी जानकारी देने की तैयारी हो गई थी कि मुलायम के नाम पर संयुक्त मोर्चे में सहमति है। इसी बीच सुरजीत को कम्युनिस्ट पार्टी की एक मीटिंग में शामिल होने के लिए मॉस्को जाना पड़ा। वहीं देर रात 1 बजे दिल्ली से फोन पहुंचा। सुरजीत को बताया गया कि फ्रंट के सभी दलों ने पीएम पद के लिए आईके गुजराल को अपना नेता चुना है। इस तरह 324 दिनों के भीतर यह दूसरा मौका था, जब मुलायम सिंह यादव पीएम बनते-बनते रह गए। आखिर ये खेल कैसे पलटा और मुलायम को पीएम बनने का पहला मौका कब मिला था? ‘पीएम इन वेटिंग’ सीरीज के सातवें एपिसोड में मुलायम सिंह यादव की कहानी… 13 दिन की अटल सरकार गिरने के बाद शुरू हुई कहानी… 1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हार गई। BJP को 161 सीटें, कांग्रेस को 140 और यूनाइटेड फ्रंट के करीब 8 दलों को 165 सीटें मिली थीं। उस समय के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने सबसे बड़े दल BJP के नेता होने के नाते अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार बनाने का न्योता दिया। ये बात संयुक्त मोर्चे को पसंद नहीं आई। वरिष्ठ पत्रकार सुगत श्रीनिवासराजू लिखते हैं, 'वाम नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि राष्ट्रपति और संयुक्त मोर्चा के डेलीगेशन के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मैं भी वहां मौजूद था।’ इन सबके बावजूद 16 मई 1996 को अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला। हालांकि वो बहुमत नहीं जुटा पाए और 13 दिन में ही इस्तीफा देना पड़ा। अब सवाल ये था कि सरकार कौन बनाएगा? कांग्रेस के पास 141 सीटें थीं। कांग्रेस मिली-जुली सरकार बनाने के मूड में नहीं थी, लेकिन वो यूनाइटेड फ्रंट को बाहर से समर्थन करने को तैयार थी। यूनाइटेड फ्रंट के नेताओं को पीएम पद के लिए सबसे सही उम्मीदवार वीपी सिंह लगे। आंध्रप्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू, द्रमुक नेता करुणानिधि और मुरासोली मारन जैसे नेता वीपी सिंह के आवास 1, राजाजी मार्ग पहुंचे। इन नेताओं को लॉन में बैठाया गया और चाय-कॉफी व बिस्कुट परोसे गए। वीपी आए और सभी से मिलकर वापस अंदर चले गए। लगभग दो घंटे बाद वीपी की पत्नी सीता कुमारी सिंह आकर बोलीं, ‘उन्होंने (वीपी) कहा है कि आप लोग इंतजार न करें। PM के प्रस्ताव पर मैं राजी नहीं हूं।’ दरअसल, वीपी पिछले दरवाजे से कहीं चले गए थे। वीपी सिंह के इनकार के बाद ज्योति बसु का नाम आगे आयावीपी सिंह के बाद वामपंथी नेता और बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु का नाम आगे आने लगा। कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो ने बसु को पीएम बनाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। ज्योति बसु चाहते थे कि वो PM बनें, लेकिन उनकी पार्टी में ही इस पर सहमति नहीं थी। सीनियर जर्नलिस्ट उल्लेख एनपी अपनी किताब ‘वाजपेयी’ में लिखते हैं, ‘1977 से पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जमे हुए ज्योति की दोस्ती बड़े-बड़े लोगों से थी। उनके दोस्त कांग्रेस में भी थे, लेकिन उनकी ही पार्टी CPM के युवा और विचारधारा के पक्के प्रकाश करात और सीताराम येचुरी जैसे सदस्यों ने उन्हें PM बनाने के प्रस्ताव के खिलाफ बगावत कर दी।’ बसु के बाद पीएम पद के लिए दो नाम तेजी से उठने लगे। ये नाम थे- लालू यादव और मुलायम सिंह यादव। चारा घोटाले में नाम आने की वजह से लालू यादव का नाम जल्द ही साइड लाइन कर दिया गया। अब सुई मुलायम पर आकर टिक गई। जब लालू बोले- ‘मुलायम पीएम बने तो मैं जहर खा लूंगा’यूनाइटेड फ्रंट के नेताओं ने प्रधानमंत्री चुनने की जिम्मेदारी वामपंथी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत को दी। उस वक्त हरकिशन का कद तीसरे मोर्चे में काफी बड़ा था। हर कोई उनका सम्मान करता था। हरकिशन सिंह सुरजीत ने मुलायम को पीएम बनाए जाने पर सहमति जताई। मुलायम की बायोग्राफी 'मुलायम सिंह यादव- द सोशलिस्ट' के लेखक फ्रैंक हुजूर बताते हैं कि शपथ ग्रहण की तारीख और समय तय होने से पहले ही लालू यादव और शरद यादव ने विरोध कर दिया। लालू ने तो यहां तक कह दिया कि मुलायम पीएम बने तो मैं जहर खा लूंगा। इसके बाद एचडी देवगौड़ा के नाम पर सबकी सहमति थी और 1 जून 1996 को उन्होंने पीएम पद की शपथ ली। 1997 में मुलायम को मिला प्रधानमंत्री बनने का दूसरा मौकाअप्रैल 1997 को कांग्रेस ने देवगौड़ा सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद एचडी देवगौड़ा ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया। देवगौड़ा की सरकार सिर्फ 324 दिन चल पाई। उनके सत्ता से हटते ही नई सरकार चुनने की प्रक्रिया तेज हो गई। एक बार फिर से वामपंथी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत ने मुलायम सिंह यादव के नाम को पीएम पद के लिए आगे बढ़ाया। उस वक्त संयुक्त मोर्चे के 13 दलों में कुल 179 सांसद थे। देवगौड़ा समेत 110 से ज्यादा सांसद मुलायम के समर्थन में थे। शेखर गुप्ता को दिए इंटरव्यू में वामपंथी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत ने भी कहा कि यूनाइटेड फ्रंट के 120 सांसदों ने मुलायम को जबकि 20 ने मूपनार को प्रधानमंत्री बनाने का समर्थन किया था। बाकी सांसद अन्य नामों पर सहमति जाहिर कर रहे थे। हरकिशन सिंह सुरजीत आगे बताते हैं, ‘यूनाइटेड फ्रंट में मुलायम का नाम तय होने के बाद मैं मॉस्को चला गया। 21 अप्रैल को मॉस्को के समय अनुसार सुबह करीब 5 बजे मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी देने ही वाला था। इससे पहले एम्बेसी के अधिकारियों ने मुझे थोड़ी देर इंतजार करने के लिए कहा। दरअसल, उस समय दिल्ली में यूनाइटेड फ्रंट के नेता अगले पीएम के नाम पर बैठक कर रहे थे।’ हरकिशन सिंह सुरजीत के मुताबिक, उन्होंने तुरंत दिल्ली फोन लगाकर इसकी जानकारी लेने की कोशिश की। उन्हें बताया गया कि उनके मॉस्को जाने के बाद दिल्ली में शरद यादव के घर पर लालू यादव समेत यूनाइटेड फ्रंट के कई नेताओं की बैठक हुई। अपनी किताब 'बंधु बिहारी' में संकर्षण ठाकुर बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव के नाम पर चंद्रबाबू नायडू व वाम दल सहमत थे, लेकिन लालू प्रसाद यादव अड़ गए कि एक यादव को ही प्रधानमंत्री बनना है तो वे खुद क्यों नहीं हो सकते? जब उनके खिलाफ चारा घोटाला में जांच चल रही थी तो मुलायम सिंह यादव पर भी तो भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। लालू ने फिर चंद्रबाबू नायडू और वाम दलों के सामने साफ छवि वाले इंद्र कुमार गुजराल का नाम आगे किया। उनके नाम पर सहमति बन गई। चंद्रबाबू नायडू ने बिना देरी किए दिल्ली स्थित बंग भवन में ज्योति बसु से मुलाकात कर उन्हें इस बात की जानकारी दी। सुरजीत के मुताबिक पीएम पद के लिए नाम तय होने से पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि आईके गुजराल कभी प्रधानमंत्री भी बन पाएंगे। आईके गुजराल के प्रेस अधिकारी रहे पवन कुमार वर्मा अपनी किताब 'द ग्रेट इंडियन मिडिल क्लास' में पूर्व पीएम गुजराल के बेटे नरेश गुजराल के हवाले से लिखते हैं कि 20 अप्रैल की देर रात आईके गुजराल अपने बिस्तर पर चले गए थे। तभी उनके पास मॉस्को से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता और यूनाइटेड फ्रंट सरकार के 'चाणक्य' हरकिशन सिंह सुरजीत का फोन आया। उन्होंने ही गुजराल से कहा था कि एचडी देवेगौड़ा के इस्तीफे के बाद पीएम पद के लिए फ्रंट के नेताओं ने आपके नाम पर मुहर लगाई है। इस तरह मुलायम, लालू यादव की वजह से दूसरी बार पीएम बनते-बनते रह गए। बाद में द टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में मुलायम सिंह यादव ने कहा, ‘जिन चार लोगों ने मुझे पीएम नहीं बनने दिया, वो हैं लालू प्रसाद, शरद यादव, चंद्रबाबू नायडू और वीपी सिंह।’ इस आरोप पर 26 फरवरी 2014 को लालू ने पहली बार खुलकर अपनी बात रखी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'मुलायम सिंह यादव सीनियर लीडर हैं और कहते हैं कि लालू ने हमें प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया। कौन मुलायम सिंह को पीएम बना रहा था। तब मैंने नहीं बनने दिया तो अब बन जाओ।' जैसे लालू यादव ने पीएम बनाने के लिए मुलायम का साथ नहीं दिया, वैसे ही मुलायम सिंह यादव भी राजनीति में कभी भी भरोसेमंद सहयोगी नहीं रहे। वो 5 किस्से, जब उन्होंने ऐन वक्त पर पलटी मारी... 1. चंद्रशेखर का साथ छोड़ वीपी सिंह के साथ गएसाल 1989 की बात है। लोकसभा चुनाव में 198 सीटें जीत कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से बहुत पीछे रह गई। बोफोर्स के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक गठबंधन ‘नेशनल फ्रंट’ को बहुमत मिला। वामपंथी दलों और भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से सरकार बनाने का फैसला किया गया। हालांकि जनता दल ने वोट विश्वनाथ प्रताप सिंह के नाम पर मांगे थे, लेकिन पार्टी ने चुनाव से पहले औपचारिक ऐलान नहीं किया था कि जीत के बाद वो ही प्रधानमंत्री होंगे। चुनाव परिणाम के बाद ओडिशा भवन में हुई बैठक में वीपी सिंह के अलावा चंद्रशेखर, मुलायम सिंह यादव, अरुण नेहरू, बीजू पटनायक और देवीलाल मौजूद थे। वहीं पर चंद्रशेखर ने वीपी सिंह के मुंह पर उनसे कहा था, 'विश्वनाथ अगर आप नेता का चुनाव लड़ रहे हैं, तो मैं भी लड़ूंगा।' मुलायम सिंह हमेशा चंद्रशेखर को अपना नेता मानते थे, लेकिन जब पीएम चुनने की बारी आई तो उन्होंने चंद्रशेखर के बजाय वीपी सिंह को चुना। नवंबर 1990 में वीपी सिंह की सरकार गिर गई। 64 सांसदों के साथ चंद्रशेखर जनता दल से अलग हो गए। चंद्रशेखर ने समाजवादी जनता पार्टी बनाई तो मुलायम सिंह यादव भी उनके साथ सजपा में शामिल हो गए। 2 नवंबर 1990 को जब कारसेवक बाबरी मस्जिद गिराने जा रहे थे तो मुलायम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। पुलिस ने कारसेवकों पर लाठी और गोलियां चलाई थीं, जिसमें एक दर्जन कारसेवक मारे गए थे। इसके बाद मुलायम सिंह यादव को ‘मुल्ला मुलायम’ कहा जाने लगा था। इस घटना के बाद मुलायम सिंह यादव की सरकार गिर गई। यह वह समय था, जब मुलायम को अपनी अलग पार्टी की जरूरत महसूस होने लगी थी। 4 अक्टूबर 1992 को मुलायम सिंह यादव ने चंद्रशेखर से विवाद के बाद ‘समाजवादी पार्टी’ के नाम से अपनी एक अलग पार्टी बनाई। 2. 1998 में सोनिया को समर्थन का भरोसा दिया, फिर मुकर गएमार्च 1998 में हुए चुनाव में बीजेपी को 182 सीटें मिलीं। बहुमत न होने के बावजूद अटल ने फिर से गठबंधन की सरकार बनाई। ये सरकार पहले दिन से ही संघर्ष कर रही थी। 13 महीने सरकार चलाने के बाद 17 अप्रैल 1999 को संसद में विश्वास मत जांचा गया। अटल सरकार के समर्थन में 269 और विपक्ष में 270 वोट पड़े थे। AIADMK की अध्यक्ष जयललिता की जिद की वजह ये सरकार एक वोट से गिर गई। पॉलिटिकल एक्सपर्ट रशीद किदवई बताते हैं कि केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के पतन के बाद मुलायम सिंह ने सोनिया गांधी को यह विश्वास दिलवा दिया कि केंद्र में वैकल्पिक सरकार के गठन में वे उनका साथ देंगे। मुलायम के आश्वासन के बाद सोनिया ने टीवी चैनलों के कैमरों के सामने बहुत ही खुशी-खुशी इस बात का ऐलान भी कर दिया था कि लोकसभा में उनके पास 272 सांसदों का समर्थन हासिल है। वे केंद्र में सरकार बनाने जा रही हैं। यहीं पर कभी अखाड़े के पहलवान रह चुके मुलायम सिंह ने राजनीति के अखाड़े में ऐसा दांव मारा कि सोनिया अपने ही पाले में चित्त नजर आईं। मुलायम के मुकरने से सोनिया गांधी की काफी फजीहत हुई। लालकृष्ण आडवाणी अपनी किताब 'माई कंट्री, माई लाइफ' में लिखते हैं कि सोनिया को समर्थन नहीं देने पर फैसला जया जेटली के घर पहुंचा तो वहां मैंने मुलायम सिंह यादव और जॉर्ज फर्नांडिस को बैठे हुए पाया। फर्नांडिस ने मुझसे कहा कि मेरे दोस्त मुलायम ने मुझे आश्वस्त किया है कि उनके 20 सांसद किसी भी हालत में सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने के प्रयास को समर्थन नहीं देंगे। ऐसा ही हुआ भी। 3. 2002 में लेफ्ट दलों का साथ छोड़ अचानक कलाम के राष्ट्रपति बनने का समर्थनसाल 2002 की बात है। राष्ट्रपति पद के चुनाव में BJP ने एपीजे अब्दुल कलाम का नाम आगे किया तो वामपंथी दलों ने उनके खिलाफ कैप्टन लक्ष्मी सहगल को उतारा। हालांकि BJP के पास अब्दुल कलाम को जिताने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं था। ऐसे में विपक्षी खेमा काफी मजबूत स्थिति में था। यह तय माना जा रहा था कि लेफ्ट की उम्मीदवार लक्ष्मी सहगल ही राष्ट्रपति बनेंगी, लेकिन आखिरी वक्त में मुलायम सिंह यादव ने वामपंथियों का साथ छोड़ते हुए कलाम की उम्मीदवारी पर अपनी मोहर लगा दी। इस तरह मुलायम की वजह से लक्ष्मी सहगल राष्ट्रपति नहीं बन पाईं और एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति बन गए। 4. 2008 में लेफ्ट दलों का साथ छोड़कर मनमोहन सरकार का समर्थन कियासाल 2008 की बात है। अमेरिका से न्यूक्लियर डील के चलते मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार संकट में आ गई थी। इस वक्त वामपंथी दलों ने मनमोहन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। ऐसे वक्त पर सरकार को बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव आगे आए। मनमोहन सरकार को बचाने के लिए अमर सिंह ने दूसरे दलों के सांसदों को समर्थन के लिए राजी किया था। मुलायम सिंह के इस कदम से वामपंथी दलों के साथ उनके रिश्ते खराब हो गए थे, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। 5. PM मोदी से बोले- मैं चाहता हूं आप फिर से प्रधानमंत्री बनें फरवरी 2019 की बात है। 16वीं लोकसभा के बजट सत्र का आखिरी दिन था। मुलायम ने कहा, ’हम प्रधानमंत्री जी को बधाई देना चाहते हैं कि आपने सबसे मिल-जुलकर और सबका काम किया। यह सच है कि हमने जब-जब आपसे किसी काम के लिए कहा तो आपने उसी वक्त ऑर्डर किया। इसके लिए मैं आपका आदर और सम्मान करता हूं कि आपने सबको साथ लेकर चलने का पूरा प्रयास किया।' मुलायम ने आगे कहा, 'मेरी कामना है कि सारे सदस्य फिर से जीतकर आएं। मैं कहना चाहता हूं कि हम लोग तो इतना बहुमत नहीं ला सकते तो आप फिर से प्रधानमंत्री बनें।' इस पर PM मोदी ने हाथ जोड़कर आभार व्यक्त किया और सदन ने मेज थप-थपाकर मुलायम सिंह यादव की बात का समर्थन किया था। मुलायम सिंह के इस बयान ने हर किसी को चौंका दिया था। **** पीएम इन वेटिंग सीरीज के अगले एपिसोड में एक ऐसे नेता की कहानी, जिनकी वजह से ‘पीएम इन वेटिंग’ का मुहावरा इतना पॉपुलर हुआ… **** ‘पीएम इन वेटिंग’ सीरीज के अन्य एपिसोड यहां पढ़िए... एपिसोड-1: तो क्या नेहरू की जगह सुभाष चंद्र बोस होते पीएम: पौत्र बोले- वो जिन्ना को भी मंजूर थे; 1943 में ही बनाई थी सरकार एपिसोड-2: मुसलमानों से पटेल बोले- दो घोड़ों की सवारी मत करिए:सरदार पटेल को PM बनाने से क्यों डरते थे गांधी; 4 बार रोका एपिसोड-3: मां पीएम थी, सरकार संजय गांधी चलाते थे:टारगेट के लिए कुंवारों तक की नसबंदी, झुग्गियों के सफाए में 400 मारे गए एपिसोड-4: देवीलाल ने PM पद ठुकराया, बोले- ताऊ ही रहने दो:बाद में उप-प्रधानमंत्री बनने के लिए अड़े; राज्यपाल को जड़ा था थप्पड़ एपिसोड-5: जगजीवन राम के बेटे की न्यूड तस्वीरें छपीं:पिता के हाथ से फिसली PM कुर्सी; क्या इंदिरा गांधी ने रची थी साजिश एपिसोड-6: कम्युनिस्ट नेता को पीएम बनाना चाहते थे राजीव गांधी:ज्योति बसु के खिलाफ हुई उनकी ही पार्टी; 3 बार पीएम बनने से रोका
दिल्ली: जामिया के नर्सिंग छात्र ने फ्लाईओवर से छलांग लगाई, अस्पताल में भर्ती
पुलिस ने बताया कि बिहार का मूल निवासी चांद पटेल नगर इलाके में रहता है. उसने शनिवार को एक परीक्षा दी थी और सोमवार को उसे दूसरी परीक्षा देनी थी.
पीडीपी अध्यक्ष एवं राजोरी अनंतनाग संसदीय सीट से पीडीपी की प्रत्याशी महबूबा मुफ्ती को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है।
हिमाचल उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने घोषित किए 2 और उम्मीदवार, 6 सीटों पर 1 जून को होनी है वोटिंग
कांग्रेस ने अनुराधा राणा को लाहौल और स्पीति सीट से और सुभाष चंद को बड़सर निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है. राणा और चंद का मुकाबला क्रमश: भाजपा के रवि ठाकुर और इंद्रदत्त लखनपाल से होगा.
बिलासपुर सीट में अन्य पिछड़ा वर्ग की बहुलता है। भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों के रणनीतिकारों और चुनाव प्रबंधकों को यह बात अच्छी तरह पता है। तभी तो पहले दिन से ही इसी रणनीति पर काम करते नजर आ रहे हैं।
MP Lok Sabha Chunav 2024: ग्वालियर-मुरैना में टक्कर कांटे की हुई, अगले 24 घंटे निर्णायक
मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव : स्थिति अपने पक्ष में करने विधायक, महापौर सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसियों को भाजपा ज्वाइन करवाई, कई दिग्गजों ने डाला डेरा।
मध्य प्रदेश का बड़ा मुद्दा : सिंचाई का रकबा तो बढ़ा, पर नहीं बढ़ रही प्रदेश के किसानों की आय
एनएसओ की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के किसानों की मासिक आय आठ हजार 339 रुपये, देश में 26 वें नंबर पर।
एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र डमी अभ्यर्थी बन भाई की जगह नीट की परीक्षा देने पहुंचा, दोनों गिरफ्तार Dainik Bhaskar मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG का पेपर लीक होने की आशंका, पटना पुलिस की हिरासत में 5 संदिग्ध Aaj Tak NEET-UG में पेपर लीक कराने की थी तैयारी, पटना पुलिस 5 लोगों से कर रही है पूछताछ प्रभात खबर - Prabhat Khabar NEET-UG परीक्षा प्रश्नपत्र लीक! 4 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही पटना पुलिस; FIR दर्ज.. दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
छत्तीसगढ़ में पहले-दूसरे चरण चुनाव के बाद तीसरे चरण के प्रचार में राजनीतिक आक्रामकता इस कदर बढ़ी कि आमजन के मुद्दे गौण हो गए। कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी मुद्दों से अधिक प्रधानमंत्री मोदी पर शब्दवाण छोड़े। भाजपा इन मुद्दों को चुनावी तरकश में सजाकर इन्हें 'रामबाण' मानकर चल रही है।
हेमंत करकरे 26/11 आतंकी हमले के समय मुंबई एटीएस के प्रमुख थे. उनके साथ एसीपी अशोक काम्टे, पुलिस इंस्पेक्टर विजय सालस्कर और दो अन्य पुलिसकर्मी आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. करकरे ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखा था, जो घटिया गुणवत्ता का था. यह काम नहीं कर रहा था.
कार व ट्रक में टक्करमारूति कार जेएच 03एसी 6762 में टक्कर हो गई।इस टक्कर से मारूति कार क्षतिग्रस्त हो गई। जिसके कारण दोनो के चालक आपस में भिड...
थाना से दो सौ मीटर की दुरी पर बंद घर का ताला तोड लाखो की चोरी
थाना क्षेत्र के विंध्यावासनीनगर निवासी मीरा कुमारी पति तुलसी महतो के बंद घर से शनिवार रात चोरों ने 40,000 नकदी सहित पांच लाख रूपया के जेवरात पर हाथ...
भाजपा लोगों के दिलों में बसती है: अर्जुन मुंडा
भाजपा देश में सरकार बनाने और विकसित भारत बनाने के लिए चुनाव लड़ रही है, जबकि अन्य दल सिर्फ सांसद बनने के लिए चुनाव मैैदान में हैं। ये बातें केंद्रीय...
विकसित भारत बनाने के लिए भाजपा को जिताएं: अर्जुन मुंडा
केंद्रीय मंत्री व खूंटी संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा ने रविवार को तोरपा प्रखंड के विभिन्न गांवों में सघन जनसंपर्क अभियान चला कर...
जिला स्तरीय सामूहिक सरहुल मिलन समारोह की हुई समीक्षा
जिला स्तरीय मनाए गये सामुहिक सरहुल मिलन समारोह की समीक्षा बैठक रविवार को किया गया। मौके पर बताया गया कि इस वर्ष की सामूहिक सरहुल मिलन समारोह को बड़े...
बीरबांकी में हुआ भाजपा के चुनाव कार्यलय का उद्घाटन
अड़की प्रखंड अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी के अड़की मंडल बिरबांकी में चुनाव कार्यालय का रविवार को अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिला अध्यक्ष संजय मुंडा, मंडल...
खेसारीबड़ा में सरहुल मिलन समारोह का हुआ आयोजन
अड़की में मुंडा समाज के तत्वाधान में रविवार को आयोजित सरहुल मिलन समारोह सह सामाजिक परिचर्चा खेसारीबड़ा के ग्राम प्रधान सुरेन्दर मुंडा की अध्यक्षता...
बान्दू गांव में शराब भट्टी को ध्वस्त किया गया
लोक सभा चुनाव को देखते हुए अड़की थाना अंतर्गत बान्दू गांव में रविवार को अड़की पुलिस द्वारा एक शराब भट्टी को ध्वस्त किया गया। साथ ही शराब बनाने के लिए...
कांग्रेस ने तपकरा में खोला चुनाव कार्यालय
कांग्रेस पार्टी ने रविवार को खूंटी लोकसभा क्षेत्र के तोरपा प्रखंड अंतर्गत तपकरा में अपना चुनाव कार्यालय खोला है। उदघाटन समारोह की अध्यक्षता...
चुनाव को लेकर प्रशासन की तैयारी जोरों पर
आसन्न लोक सभा चुनाव को लेकर प्रशासन की तैयारियां जोरों पर है। वहीं शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने को लेकर जिला पुलिस मुख्यालय भी व्यापक तैयारी में...
स्वीप के तहत स्कूटी रैली एवं रात्रि चौपाल का आयोजन
आगामी लोकसभा आम चुनाव में मतदान प्रतिशत में वृद्धि लाने के उद्देश्य से सदर प्रखंड के विकास पदाधिकारी ज्योति कुमारी के नेतृत्व में रविवार को मतदाता...
कांग्रेस के पक्ष में विभिन्न नेताओं ने चलाया जन संपर्क अभियान
अड़की प्रखंड के नौढ़ी पंचायत अंतर्गत कुजियाम्बा गांव में कांग्रेस जिलाध्यक्ष रवि मिश्रा के नेतृत्व में जनसंपर्क अभियान चलाया गया। इस मौके पर रवि...
खूंटी के 11 चयनित कराटेकार देहरादून में करेंगे झारखंड का प्रतिनिधित्व
देहरादून में कराटे इंडिया आर्गेनाइजेशन के द्वारा 9 से 12 मई तक आयोजित होने वाले कैडेट, जूनियर एवं सीनियर नेशनल कराटे चैंपियनशिप में खूंटी के 11...
विधायक ने चलाया जन संपर्क अभियान
कर्रा प्रखंड के जुरदाग गांव में स्थानीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने पार्टीप्रत्याशी अर्जुन मुंडा के समर्थन में चुनाव प्रचार अभियान चलाया। इस मौके पर...
कर्रा में विधायक नीलकंठ ने किया भाजपा चुनाव कार्यालय का उद़्घाटन
कर्रा के कटहलटोली में भाजपा के प्रखंड स्तरीय चुनाव कार्यालय का उदघाटन स्थानीय भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने फीता काटकर...
सड़क दुर्घटना में दो युवक घायल
खूंटी-तमाड़ पथ स्थित बिरसा मुंडा जिला पुस्तकालय के समीप एक बाइक दुर्घटना में दो युवक घायल हो गए। घायल युवकों की पहचान खूंटी थाना अंतर्गत सिंबुकेल...
नारियल पानी, जूस व तरबूज से लोग तर कर रहे गला
खूंटी शहर में इन दिनों कोल्ड ड्रिंक्स की जगह नारियल पानी, गन्ने का जूस, तरबूज, खीरा, नींबू पानी, आईसक्रीम, फुचका आदि की मांग इस गर्मी में कुछ...
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में इस बार दोनों ही राजनीतिक दलों ने साहू- कुर्मी को मैदान में उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। ऐसे में प्रदेश की हाट लोकसभा सीटों में शुमार दुर्ग में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई की स्थिति है। यहां भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल का मुकाबला कांग्रेस के राजेंद्र साहू से है।
वन विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में प्रदेश के जंगलों में आग लगने की 24 घटनाएं सामने आयीं जिनसे 23.75 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ.
उद्धव, खड़गे, स्टालिन प्रधानमंत्री बनें तो मोदी से कई गुना बेहतर पीएम होंगे!
जनसभाओं में नरेंद्र मोदी और अमित शाह का डर बोल रहा है। बिहार के झंझारपुर में अमित शाह बोल पड़े कि इंडी गठबंधन जीता तो इसका कौन होगा प्रधानमंत्री? The post उद्धव, खड़गे, स्टालिन प्रधानमंत्री बनें तो मोदी से कई गुना बेहतर पीएम होंगे! appeared first on Naya India .
सेहत संबंधी कारणों से शरद पवार के सोमवार के सभी कार्यक्रम रद्द
राकांपा (एपसी) की पुणे ईकाई के अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने बताया कि सुप्रिया सुले के समर्थन में बारामती में एक रैली को संबोधित करते वक्त शरद पवार को गले में कुछ परेशानी हुई थी.
सात मई को 94 सीटों पर मतदान होगा। दो राज्यों गुजरात और कर्नाटक की सभी सीटों पर मतदान निपेटगा। The post तीसरे चरण का प्रचार समाप्त appeared first on Naya India .